Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ

Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions

Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

जगरनाथ पाठ्य पुस्तक के प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
कवि को क्यों लगता है कि कहीं कुछ गड़बड़ जरूर है?
उत्तर-
कवि अपने बचपन के बीते दिनों की तुलना वर्तमान औद्योगिक क्रान्ति, बौद्धिक जागरण और वैश्विकता के प्रभाव से जो असमानता की खाई बन-सी गयी है, तत्सबन्धित परिवर्तनों से कवि को आशंका होती है कि कहीं-न-कहीं, कुछ-न-कुछ गड़बड़ी अवश्य है। जीवन-मूल्यों के क्षरण और मानवीय अस्तित्व और अस्मिता को संकट में घिरते हुए देखकर कवि व्यथित है।

इस संबंध में कवि जगरनाथ भाई से प्रश्नोत्तर की आकांक्षा लिए हुए पत्र शैली में कविता के माध्यम से संवाद स्थापित कर अपनी शंका-समाधान चाहता है। प्रश्नोत्तर की जगह जगरनाथ भाई की खामोशी उसे चिन्ता में डाल देता है और उसका ध्यान सामाजिक विषमता से होने वाली गड़बड़ियों पर आकृष्ट हो जाता है। बौद्धिक विकास के क्रम में मानवीय जीवन में। जो उतार-चढ़ाव प्रतिबिम्बित होता है, वह गड़बड़ी का स्पष्ट संकेत है।

प्रश्न 2.
“वह बनसुग्गों की पाँत थी
जो अभी-अभी उड़ गई हमारे उपर से
वह है तो है
नहीं है तो भी चलती रहती है जिंदगी”
-इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट करें और इसकी काव्य चेतना पर भी विचार रखें।
उत्तर-
प्रस्तुत व्याख्येय पंक्तियाँ ‘नई कविता’ आन्दोलन के ध्वजवाहक और अपनी पीढ़ी के प्रतिनिधि कवि श्री केदारनाथ सिंह द्वारा विरचित ‘जगरनाथ’ शीर्षक कविता से उद्धत है। पस्तुत पंक्तियों के माध्यम से कवि ने समाज में पल रहे परजीवी-ललबबुओं पर व्यंग-वाण चलाया है। समाज में रहने वाले इन सामाजिक भार बन चुके मनुष्य रूपी मृग से कवि को कोई आशा नहीं है।

पालतू सुग्गे की तुलना में बनसुग्गे केवल देखने और क्षति पहुँचाने के लिए है। समाज में पल रहे ललबुओं की फौज भी सामाजिक विद्रूपता फैलाती हैं, उनसे समाज किसी प्रकार लाभान्वित नहीं हो सकता। बनसुग्गों के समान ही ये कभी यहाँ और कभी वहाँ निरूद्देश्य भटकते हैं। इन सामाजिक बनसुग्गों के रहने और नहीं रहने से कोई तब्दिली नहीं आ सकती, ऐसा कवि का अभिमत है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

इन पंक्तियों में रूपकातिशयोक्ति अलंकार का कुशलता पूर्वक प्रयोग हुआ है। ‘बनसुग्गों’ सामाजिक ललबबुओं का, ‘पांत’ जमात का उपमान है। ‘बनसुग्गा’ भोजपुरी भाषा का शब्द है। ‘ललबबुओं के लिए यह सुन्दर व्यंगात्मक प्रयोग है। भाषा, शैली और शिल्प पर चौकन्नी सजगता के कारण गहरे यथार्थ बोध का स्वाभाविक संप्रेषण होता है। कवि ने जीवन के मूल्यों में हास की ओर संकेत किया है। साथ ही समाज में पल रहे ललबबुओं पर अपने व्यंगवाणों की वर्षा की है। कवि केदानाथ सिंह ने इन पंक्तियों में बनसुग्गों पर कटाक्ष; क्रान्तिकारी हथौड़े से नहीं बल्कि मृत्यु संशोधन, निपुण वैध की भाँति रोगी की नाजुक स्थिति की ठीक-ठाक जानकारी प्राप्त कर उसकी रूची के अनुसार उचित पथ्य की व्यवस्था की है, जिससे इन पंक्तियों की जीवंतता सहज की दृष्टिगोचर होता है।

प्रश्न 3.
कवि को आसमान में लाल-पीले डैने वाले पक्षियों को देखकर राहत मिलती है तो वह बनसुग्गों की पाँत की उपेक्षा क्यों करता है? आप इसका क्या कारण समझते हैं?
उत्तर-
कविवर केदार नाथ सिंह प्रगतिशील विचारधारा के कवि हैं। कवि आधुनिक परिवेश में जी रहा है। कवि की मुलाकात अपने बचपन के साथी भाई जगरनाथ से होती है। भाई जगरनाथ से अपना और उसका हाल-चाल लेते हुए कवि के माथे के ऊपर से बनसुग्गों की फौज गुजरती है। कवि उसे देखकर कहता है कि जिस प्रकार समाज में पल रहे परजीवियों के रहने या न रहने का कोई महत्व नहीं है ठीक उसी प्रकार बनसुग्गों को चले जाने का कोई महत्व नहीं है।

अचानक कवि को आकाश में उड़ते हुए लाल-पीले डैनेवाले पक्षियों अर्थात् मनुजता के पुजारी की ओर जाता है और उसे आशा की किरण स्पष्ट नजर आती है। निराशा का बादल छूटते ही मानव-मन आशा की सप्तरगिनी सपने देखकर सहज ही आत्मविभोर हो जाता है। वह पीछे घूमकर नहीं देखना चाहता अर्थात निराशा के अंधकूप में वह पुनः नहीं जाना चाहता है। मानव स्वभाववश कवि आसमान में लाल-पीले डैने वाली पक्षियों (आशा की किरण) को देखकर बनसुग्गों (निराशा की बदली) की उपेक्षा करता है।

प्रश्न 4.
कवि को अपने शब्दों से झूठ की गंध आने का संशय क्यों होता है?
उत्तर-
कवि अपनी मूल धरती-गाँवों और वहाँ की जिन्दगी को भूला नहीं है। आधुनिक समय में गँवई जीवन के बदलते स्वरूप को रेखांकित करते हुए कवि कहता है कि आजादी के पूर्व और आजादी के बाद का गाँव, दोनों में काफी असमानता है। कवि अपने बचपन के बीते दिनों की स्मृति के आधार पर तत्सम्बन्धित प्रश्न भाई जगरनाथ से करता है। सुख-सुविधाओं की आधुनिकतम वस्तुओं को निस्सार बताकर गवई जीवन को सरस, सहज और विनोदपूर्ण बताते हुए कवि प्रश्नोत्तर की आशा भाई जगरनाथ से करता है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

भाई जगरनाथ की ओर आशा पूर्ण निगाहों से देखते कवि को उनके चेहरे पर दुनिया भर की मूक बेबसी और लाचारी स्पष्टतः झलकती है। जगरनाथ भाई का मौन से उत्पन्न जबाब जिसमें आधुनिक जीवन के जड़ तक फैल चुके ईष्या, द्वेष, संकीर्णता, स्वार्थपरता, घृणा तथा सामाजिक विषमता के चिह्न का स्पष्ट छाप उभर आती है। जगरनाथ भाई को उत्तर न देकर खामोशी धारण कर लेने के कारण कवि को अपने शब्दों से झूठ की गंध आने का संशय उत्पन्न होता है।

प्रश्न 5.
जगरनाथ की चुप्पी और उसके होठों के फड़कने में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर-
कवि के अनुसार निश्चल ग्रामीण, बौद्धिक छल-बल वाले शहरी से आशंकित रहते है। कवि ग्रामीण जीवन और गाँव के निश्चल ग्रामीणों के प्रति अपना भावुकतापूर्ण विचार व्यक्त किया है। उन्होंने आधुनिकतम सुख-सुविधाओं की बनसुग्गा कहते हुए निस्सार किया है। कवि अपने आपको जगरनाथ भाई के स्तर में लाकर दूरी को पाटने का अथक प्रयास करता है। जगरनाथ भाई अपने गँवई स्वभाव से उबर नहीं पाते जिस कारण होठ तो फड़फड़ाता है परन्तु प्रस्फुटित नही हो पाते, जिसे देखकर कवि का हृदय फट पड़ता है।

प्रश्न 6.
कवि को अपनी दिनचर्या से असंतोष क्यों हैं?
उत्तर-
कवि वृति से प्राध्यापक हैं, इसका पता जगरनाथ भाई से वार्तालाप के क्रम में चलता है। अतीत की गवई स्मृतियाँ कवि के मनः मस्तिष्क-पटल पर चलचित्र की भाँति विचरण करने लगती है। कवि को गाँव-गबई के प्रति सहज और निश्चल प्रेम की अनुभूति होती है। शहरी वातावरण में फैले ईया, द्वेष, लकीर्णता, स्वार्थपरता, घृणा आदि के कारण कवि का मन उच्चाटपूर्ण संशय में पड़ जाता है। कवि प्राध्यापक होने के नाते केवल खानापूर्ति के लिए वर्ग में जाकर बक-बक कर आता है और अवसर हाथ आते ही एक-दो झपकियाँ भी मार लेता है।

इस प्रकार कवि व्यवस्था की गड़बड़ी के कारण उच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों की कर्तव्यहीनता पर चोट करता है। व्यवस्था की गड़बड़ी के कारण व्यक्ति कार्य-निष्पादन निष्ठा के साथ नहीं करता है। चूंकि लेखक भी इसी व्यवस्था का एक अंग है, जिसमें व्यक्ति अपने जिम्मेवारी को ढंग से नहीं निभा पाता। कवि चाहता है कि उच्च पदासीन लोग अपने आदर्शों से समाज में एक मिसाल कायम करना चाहिए परन्तु ऐसा संभव नहीं हो पाता है, यह कवि के लिए असंतोष का विषय है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

प्रश्न 7.
जगरनाथ को जाते हुए कवि को ऐसा क्यों लगता है कि वह उसे चीरता-फाड़ता हुआ जा रहा है?
उत्तर-
कविवर केदार नाथ सिंह ने गाँव-गवई की आँचल में पल रहे निश्छलता का यहाँ बिंबात्मक चित्र उपस्थित किया है। कवि अपने लंगोटिया मित्र जगरनाथ से उसका हाल-चाल पूछता है। ललाट पर गुम्मट, नीम के पेड़ और उसे नीचे बँधी बकरियों के संदर्भो में भी वह प्रश्न पूछता है। प्रत्युत्तर न पाकर वह असहज अवस्था में अपने सामान्य दिनचर्या की चर्चा करता है। कवि की वाणी मे दुनियाँ भर की बेबसी और लाचारी स्पष्टतः दृष्टिगोचर होता है। कवि अपने को जगरनाथ भाई के स्तर पर लाकर उससे संवाद स्थापित कर अपने संशय को दूर करना चाहता है। जगरनाथ भाई अपने गँवई स्वभाव से उबर नहीं पाते और नि:शब्द ही चले जाते हैं।

इस प्रकार गँवई जिन्दगी में शहरी जीवन की अपेक्षा हीन-भावना की बहुलता जगरनाथ भाई के मौन और कातर नेत्रों से सहज की दृष्टिगोचर होता है। जगरनाथ की खामोशी पूर्ण जाना शहर और गाँव के बीच की खाई को परिलक्षित करता है। भाई जगरनाथ जो कवि के बचपन का साथी है। समय के अन्तराल ने जहाँ एक को जीवन की बुलन्दी के शिखर पर पहुंचा दिया है, वहीं दूसरा दारूण-दशा झेलने को अभिशप्त मानवीय जीवन के बीच फैल चुके स्वार्थपरता, संकीर्णता, द्वेष, घृणा, अविश्वास का प्रतीक बनकर जगरनाथ भाई कवि को चीरता-फाड़ता जाता हुआ दिखाई पड़ता है।

प्रश्न 8.
कविता का नायक कौन है?
उत्तर-
कविवर केदार नाथ सिंह द्वारा विरचित ‘जगरनाथ’ शीर्षक कविता का नायक भाई जगरनाथ हैं।

प्रश्न 9.
कविता का शीर्षक ‘जगरनाथ’ क्यों है?
उत्तर-
शीर्षक किसी भी रचना-भवन का मुख्य द्वारा होता है। शीर्षक पढ़कर ही पाठक सर्वप्रथम उस रचना के मूल तथ्य और कव्य से परिचित होता हैं। शीर्षक की लघुता में ही रचना की गुरूता या विशालता-व्यापकता मुख्य बिंदु के रूप में केंद्रित रहती है। रचनाकार शीर्षक का चयन मुख्य पात्र, मुख्य घटना, घटना-स्थल मुख्य उद्देश्य या मुख्य बिन्दु के आधार पर करता है। शीर्षक की सफलता, औचित्य या सार्थकता के सम्बन्ध में सभी विद्वान एकमत हैं कि शीर्षक को लघु, सटीक, मुख्य विचार या भाव अभिव्यंजक तथा सार्थक होना चाहिए।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

प्रस्तुत व्यंगात्मक कविता का जगरनाथ का काल्पनिक पात्र है। सम्पूर्ण कविता पर जगरनाथ के जीवन का सारगर्भित तथ्य छाया हुआ है। वह कविता के कवि का लंगोटिया दोस्त है। भाई जगरनाथ कविता के मूल कथ्य का केन्द्र बिन्दु है जिसके माध्यम से कवि सामाजिक परिवर्तन और उसके प्रभाव को इंगित करता है। सम्पूर्ण कविता जगरनाथ के इर्द-गिर्द ताना-बाना बुनती दृष्टिगोचर होती है।

कवि ने जगरनाथ के माध्यम से ग्रामीण और शहरी वातावरण के बीच की खाई, व्यवस्था का दोष तथा ग्रामीण जीवन की संघर्षपूर्ण किन्तु निश्चल हृदय की संवेदनशीलता हमारे अंतस् पर रेखांकित किया है। साथ ही साथ शीर्षक ‘जगरनाथ’ गाँव की जिन्दगी की महत्ता को प्रदर्शित करता है और गवई भाषा के प्रति कवि की श्रद्धा को भी परिलक्षित करता है।

प्रश्न 10.
इस कविता में आपको प्रिय लगती पंक्तियाँ कौन-कौन-सी है और क्यों?
उत्तर-
कविवर केदार नाथ सिंह ने प्रस्तुत कविता ‘जगरनाथ’ में गवई किसान के जीवन और संस्कृति को प्रतिबिम्बित किया है। महानगर में रहने-जीने और वहाँ के विषयों-कथ्यों का इस म कविता में समावेश के साथ-साथ मूल धरती-गाँवों की जिन्दगी की सच्चाईयों का यथार्थ चित्रण कवि ने किया है।

कविता का शीर्षक जगन्नाथ के बदले ठेठ भोजपुरी गवई शब्द ‘जगरनाथ’ का प्रयोग कर कवि ने ग्रामीण भाषा के प्रति श्रद्धा को व्यक्त किया है। प्राध्यापक जैसे उच्च पद पर पदासीन और शहरी वातावरण में रहने वाला कवि गाँव-गवई के संगी-साथियों को नहीं भूला है। लम्बे अरसे के बाद भाई जगरनाथ से उसकी मुलाकात होती है तो वह आत्मीय भाव से पूछता है कैसे हो भाई जगरनाथ?

कितने बरस बाद तुम्हें देख रहा हूँ। कवि बाल्यावस्था में देखे गए नीम के पेड़ के नीचे बँधी बकरी जो कभी रहा करती थी उसको भी नहीं भूला है। जन्मभूमि के एक-एक वस्तु से कवि अपना प्यार और लगाव स्पष्ट करते हुए भाई जगरनाथ से पूछता है-

कैसा है वह नीम का पेड़
जहाँ बंधाती थी तुम्हारी बकरी?

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

कवि प्रकृति के प्रति प्रेम प्रदर्शित करते हुए उसके अनूठे उपहार ‘आम’ की चर्चा करता है। कवि कहता है कि आम का खुशबू और निराला स्वाद मन को आनंदातिरेक और वातावरण को सुवासित करता है। आम की महत्ता का चर्चा करते हुए कवि कहता है-

क्या शुरू हो गया आम का पकना?
यह एक अजब-सा फल है मेरे भाई
सोचो तो एक स्वाद और खुशबू से
भर जाती है दुनियाँ।

इस प्रकार प्रस्तुत कविता गँवई और कसबाई जिन्दगी की विस्मयजनक वास्तविकता का उत्कृष्ट मानवीय दस्तावेज है। यह कविता हमारे जातीय और सामाजिक जीवन का दर्पण भी है। यह हमारे संक्रमणशील समाज के अंत: सघंर्षों तथा उसकी जीजीविषा का साक्ष्य भी है।

प्रश्न 11.
कवि का पेशा क्या है?
उत्तर-
कविवर केदार नाथ सिंह वृत्ति से विश्वविद्यालय में प्राध्यापक हैं। उनकी वृत्ति का पताजगरनाथ भाई से उनके वार्तालाप के क्रम में चलता है।

प्रश्न 12.
कविता में जगरनाथ के ललाट पर उगे और गुम्मट का विवरण क्यों दिया है?
उत्तर-
बहुत दिनों बाद जगरनाथ भाई से कवि की मुलाकात होती है, जिसके ललाट पर गुम्मट-सा उग आया है जो उसे कर्मठता तथा दीनता का प्रतीक है। जगरनाथ भाई के ललाट पर उभरी-गुम्मट हमारे संक्रमणशील समाज के अंत: संघर्षों तथा उसकी जिजीविषा का साक्ष्य भी है यह गुम्मट सामाजिक विषमता का विद्रूप चित्र है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

गुम्मट के माध्यम से कवि का अभीष्ट है-दलित, शोषित और पीड़ित ग्रामीण कृषक-जीवन की संवेदनाओं को लोगों के सामने रखना तथा उसकी मार्मिकता के संबंध में कुछ करने और सोचने के लिए उन्हें बाध्य करना। कविता में जगरनाथ के ललाट पर उग आए गुम्मट का विवरण सारगर्भित और उद्देश्यपूर्ण है।

प्रश्न 13.
कविता में जगरनाथ का केवल चित्रण है और कवि का एकालापी वक्तव्य, जबकि कविता का शीर्षक ‘जगरनाथ’ है। यहाँ जगरनाथ का वक्तव्य क्यों नहीं आ सका?
उत्तर-
कविता में जगरनाथ का केवल चित्रण है और कवि का एकालापी वक्तव्य; जबकि कविता का शीर्षक ‘जगरनारथ’ है। वस्तुतः जगरनाथ इस कविता का काल्पनिक पात्र है जिसके माध्यम से कवि ने सामज ने व्याप्त साधनहीनता का सफल, सार्थक और मुख्य भावाभिव्यंजन चित्र खींचा है। कवि ने ग्रामीण जीवन के शोषण, उत्पीड़न तथा गरीबी के साये में घुट-घुटकर जी रहे एक गरीब किसान के जीवन की व्यथा-कथा का अंकन किया है। भाई जगरनाथ को मूक रखकर कवि ग्रामीण जीवन के दुःख दर्द का दस्तावेज पाठकों के सामने यथार्थ रूप में चित्रित किया है। इस कविता में समाज के दलित-शोषित जीवन का मूक प्रतिबिंब खींचा गया है।

प्रश्न 14.
कविता में प्रश्नवाचक चिन्हों के प्रयोग बहुत है। उसकी सार्थकता पर विचार कीजिए।
उत्तर-
कवि केदार नाथ सिंह रचित ‘जगरनाथ’ शीर्षक कविता ग्रामीण जीवन की एक यथार्थवादी कविता है। इस चर्चित कविता में कवि ने जगरनाथ भाई के माध्यम से जीवन-मूल्यों के क्षरण और मानवीय अस्तित्व और अस्मिता के संकट का सजीव चित्रण किया है। अपने बचपन के बीते दिनों को याद करते हुए वर्तमान से तुलना कर कवि जगरनाथ भाई से प्रश्नोत्तर की आकांक्षा लिए हुए पत्र-शैली में कविता के माध्यम से संवाद स्थापित करना चाहता है। प्रश्नोत्तर की आकांक्षा में जगरनाथ भाई से बराबर आग्रह कर अपने संशय को दूर करना चाहता है।

कवि प्रश्नों के माध्यम से बौद्धिक विकास के क्रम में मानवीय जीवन में उतार-चढ़ाव की जानकारी लेना चाहता है। भाई जगरनाथ के उत्तर से ही कवि को ग्राम-परिवेश का पूरा सामाजिक, आर्थिक तथा परिवारिक परिदृश्य हमारे सामने साकार करना चाहता है। प्रश्नों के प्रयोग से यह कविता काल्पनिक तथा अस्वाभाविक न होकर बिल्कुल स्वाभाविक तथा यथार्थवादी बन गया है। कवि के द्वारा प्रश्नवाचक चिन्हों के प्रयोग ने इस कविता पर कहीं भी आदर्श का रंग नहीं चढ़ने दिया है। साथ ही प्रश्नों का भरमार कर कवि ग्रामीण समस्याओं के प्रति अपनी खोजी सोच को परिलक्षित करने का सार्थक प्रयास किया है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

प्रश्न 15.
कविता का शीर्षक है ‘जगरनाथ’ जिसका शुद्ध रूप जगन्नाथ है। शीर्षक में इस तद्भव रूप का प्रयोग कवि ने क्यों किया है?
उत्तर-
रूप जगरनाथ का प्रयोग कर कविता के माध्यम से एक दृष्टांत प्रस्तुत करने का प्रयास किया है कि शहरी ललकों से ओत-प्रोत होने के बावजूद अपने गाँव-गवई की भावुकतापूर्ण स्मृति उनके भीतर संजो रखा है। उनकी जमीन, उनका परिवेश और उनके संबंधों का राग उनके भीतर बदस्तूर महफूज है। तद्भव रूप जगरनाथ का प्रयोग से दुनिया में अंतर्विभाजन की कोई फाँक इस कविता में कही नहीं दिखती है।

प्रस्तुत शीर्षक ‘जगरनाथ’ कवि के गाँव की जिन्दगी के प्रति लगाव तथा गाँवों में व्याप्त साधनहीनता को प्रतिबिंबित करता है। कवि ने जगन्नाथ के स्थान पर उसका तद्भव रूप जगरनाथ का प्रयोग कर ग्रामीण भाषा के प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त किया है। यहाँ प्रस्तुत कविता का शीर्षक ‘जगरनाथ’ ऊपर कही बातों की तस्दीक-सी करती है।

जगरनाथ भाषा की बात।

प्रश्न 1.
बक-बक, अभी-अभी में कौन-सा समास है?
उत्तर-
द्वन्द्व।

प्रश्न 2.
बक-बक करना, ठीक ही होना, इस तरह के कई मुहावरे कविता में हैं। आप उन मुहानवरों को छाँट कर लिखिए और उनका वाक्य-प्रयोग कीजिए।
उत्तर-
जगरनाथ शीर्षक कविता में निम्नलिखित मुहावरे आये हैं-

  • बक-बक करना-कुछ मेरी भी सुनोगे कि बक-बक करते रहोगे?
  • ठीक ही होना-आमदनी’ बस ठीक ही है, चल जाता है।
  • समय मिलना-क्या करू, काम का इतना बोझ है कि समय नहीं मिल पाता आने का।
  • मार लेना-तुम देखते रह जाओगे और कोई तुम्हारा पाकेट मार लेगा।
  • होंठ फड़कना-मरते समय वह कुछ कहना चाह रहा था, लेकिन बस होंठ फड़क कर रह गये।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

प्रश्न 3.
कविता में प्रयुक्त अव्ययों को चुन कर लिखें।
उत्तर-
जगरनाथ शीर्षक कविता में निम्नलिखित अव्यय प्रयुक्त हुए हैं
बक-बक, अभी-अभी, आजकल, जाओ-जाओ, चीड़ता-फड़ता, इस तरह आदि।
ललाट, पेड़, क्लास, पाँत, आसमान, राहत, बारिश, खुशबू, साथी।

प्रश्न 4.
इन शब्दों को पर्यायवाची लिखों?
उत्तर-
ललाट-कपाल, क्लास-वर्ग, पाँत-पंक्ति, आसमान-गगन, राहत-आराम, बारिश-वर्षा, खुशबू-सुगन्ध, साथी-मित्र।

प्रश्न 5.
कविता में कई सर्वनाम हैं। आप उन सर्वनामों को छाँटें और बताएं कि वे किस प्रकार के सर्वनाम हैं?
उत्तर-

  • मैं, तुम, वह – पुरुषवाचक सर्वनाम
  • मेरा, तुम्हारा – संबंधवाचक सर्वनाम
  • क्या, क्यों – प्रश्नवाचक सर्वनाम
  • यह, वह, जहाँ – निश्चयवाचक सर्वनाम
  • कोई, कौन – अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  • स्वयं, आप – निजवाचक सर्वनाम।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

प्रश्न 6.
कवि यहाँ उत्तम पुरुष की भूमिका में हैं। उत्तम पुरुष, मध्यम पुरुष और अन्य पुरुष का अंतर वाक्य प्रयोग द्वारा स्पष्ट करें।
उत्तर-
पुरुष (Person) सर्वनाम (जिन शब्दों का संज्ञा के स्थान पर प्रयोग होता है) के भेद हैं। इनकी संख्या तीन है-

उत्तम पुरुष-जिस सर्वनाम से वक्ता या लेखक का बोध हो। जैसे-मैं, हम। मैं खाता हूँ। हम टहलते हैं।
मध्यम पुरुष-जिस सर्वनाम से सुनने वाले का बोध हो। जैसे-तू, आप, तुम, तुमलोग। तू कहाँ गया था? आप बैठिये। तुम लोग जा रहे हो।
अन्य पुरुष-जिस सर्वनाम से वक्ता या श्रोता के अतिरिक्त किसी अन्य का बोध हो, अर्थात् जिसके बारे में वक्ता कहे और श्रोता सुने, वह अन्य पुरुष है। जैसे-वह, यह, जो, सो, कुछ, कौन, कोई, वे, वे लोग, वे सब आदि।

  • वह – वह चला गया।।
  • यह – यह टलेगा नहीं।
  • जो – जो करना हो, जल्दी करो।
  • सो – जो अच्छा लगे, सो करो।
  • कुछ – कुछ भूल गया है।
  • कौन – कौन पुकार रहा है?
  • कोई – कोई आने वाला है।
  • वे – वे बहुत अच्छे हैं।
  • वे लोग/वे सब – वे लोग/वे सब बस म के हैं, काम के नहीं

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

जगरनाथ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘जगरनाथ’ कविता में प्रकृति वर्णन का परिचय दें।
उत्तर-
जगरनाथ’ कविता में केदारनाथ सिंह ने जगरनाथ के माध्यम से प्रकृति को भी याद किया है। वह नीम के पेड़ के विषय में जगरनाथ से पूछता है जहाँ बकरी उसकी बँधती थी। फिर वह आम के विषय में पूछता है कि आम पकने लगे हैं या नहीं। वार्तालाप के बीच सिर पर से वनसुग्गों की एक टोली गुजर जाती है और मन में हरापन दौड़ जाता है। आसमान में पक्षियों को उड़ते देखने पर उसको बहुत राहत अनुभव होती है। प्रकृति-चित्र के इन चन्द टुकड़ों के सहारे कवि ने प्रकृति को याद किया है। इसमें सीधा वर्णन नहीं प्रकृति-चित्रों का स्मरण है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

प्रश्न 2.
कवि की जिज्ञासाएँ क्या हैं? स्पष्ट करें।
उत्तर-
लेखक हालचाल पूछने के क्रम में जगरनाथ से अनेक जिज्ञासाएँ करता है। इनमें कई तरह के प्रश्न हैं। प्रथमतः कवि उसका हालचाल पूछता है-कैसे हो जगरनाथ भाई? फिर बच्चों का समाचार पूछता है-बच्चे कैसे हैं? फिर उसके घर के सामने खड़े नीम के पेड़ के विषय में जिज्ञासा करता है। यह क्रम आगे बढ़ता है और उसके स्वास्थ्य के विषय में, वर्षा होने के विषय में, आमों के पकने के विषय में कवि जिज्ञासाएँ करता चला जाता है। इस तरह कवि ने जिज्ञासा के वृत्त में जगरनाथ, उसके घ र और गाँव की प्रकृति तथा मौसम को समेटा है।

जगरनाथ लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘जगरनाथ’ कविता में कवि की दिनचर्या का संक्षेप में विवेचन करें।
उत्तर-
‘जगरनाथ’ कविता में कवि जगरनाथ का हालचाल पूछता है और संवाद पैदा करने हेतु अपने विषय में बताता जाता है। इसी क्रम में वह अपनी दिनचर्या बतलाता है कि वह क्लास में बकझक कर आता है अर्थात् पेशे से वह अध्यापक है। पढ़ाने के काम से फुरसत मिलने पर दिन में भी एक झपकी मार लेता है। खाता-पीता है और सब मिलाकर ठीक-ठाक दिनचर्या के सहारे जीवन चल रहा है।

प्रश्न 2.
कवि अपनी ही बातों में झूठ की गन्ध की बात क्यों कहता है?
उत्तर-
कवि के मन में एक चोर बैठा है नकली आत्मीयता या दिखावेपन का उसे लगता है कि जगरनाथ उसके खोखले आत्मीयतापूर्ण शब्दों की सच्चाई अनुभव कर रहा है और इसीलिए चुप है। इसी की प्रतिक्रिया में उसका असली रूप बाहर आ जाता है।

जगरनाथ अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कवि की जिज्ञासाओं के उत्तर में जगरनाथ क्या कहता है?
उत्तर-
जगरनाथ कोई उत्तर नहीं देता है। उसके ओठ फड़फड़ा कर रह जाते हैं और वह अजीब दृष्टि से कवि को ताकता है जिसे कवि सह नहीं पाता है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

प्रश्न 2.
‘जगरनाथ’ कविता में कवि ने किस तत्त्व को केन्द्र में रखा है?
उत्तर-
‘जगरनाथ’ कविता में कवि ने जगरनाथ से आत्मीयता का सम्बन्ध स्थापित करने की चेष्टा को केन्द्र में रखा है।

प्रश्न 3.
जगरनाथ द्वारा कवि की भावना की प्रतिक्रिया में क्या उत्तर प्राप्त होता है?
उत्तर-
जगरनाथ कोई उत्तर नहीं देता है। उसके मन में यह स्नेह नहीं मात्र प्रदर्शन है। इसलिए यह अविश्वसनीय है। दोनों के धरातल दो हैं अत: बचपन की आत्मीयता का उल्लास उसके मन
में ही उमड़ता।

प्रश्न 4.
कविता के अन्त में जगरनाथ क्या करता है?
उत्तर-
वह कवि को ऐसी दृष्टि से ताकत हुआ चला जाता है जो दृष्टि कवि को भीतर तक . -काड़ देती है।

प्रश्न 5.
जगरनाथ शीर्षक कविता में किस परिवेश का चित्रण हुआ है?
उत्तर-
जगरनाथ शीर्षक कविता में गवई (ग्रामीण) परिवेश का चित्रण हुआ है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

प्रश्न 6.
जगरनाथर किसका प्रतीक है?
उत्तर-
जगरनाथ सामान्य आदमी का प्रतीक है।

प्रश्न 7.
जगरनाथ शीर्षक कविता में कौन-सा बोध है?
उत्तर-
जगरनाथ शीर्षक कविता में यथार्थबोध और सौन्दर्य बोध दोनों पाई जाती है।

जगरनाथ वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

I. निम्नलिखित प्रश्नों के बहुवैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर बताएँ

प्रश्न 1.
‘जगरनाथ’ कविता के कवि हैं
(क) विद्यापति
(ख) कबीर
(ग) केदारनाथ सिंह
(घ) सहजोबाई
उत्तर-
(ग)

प्रश्न 2.
केदारनाथ सिंह का जन्म कब हुआ था?
(क) 1932 ई०
(ख) 1936 ई०
(ग) 1942 ई०
(घ) 1937 ई०

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

प्रश्न 3.
केदारनाथ सिंह का जन्म स्थान है
(क) मध्यप्रदेश
(ख) अरुणाचल प्रदेश
(ग) झारखंड
(घ) उत्तर प्रदेश
उत्तर-
(घ)

प्रश्न 4.
केदारनाथ सिंह की शिक्षा हुई थी
(क) स्वतंत्र लेखन
(ख) गद्य-लेखन
(ग) कहानीकार
(घ) व्यंग्यकार
उत्तर.
(क)

प्रश्न 5.
केदारनाथ सिंह की कृतियाँ हैं
(क) जमीन पक रही है
(ख) यहाँ से देखो
(ग) अकाल में सारस
(घ) कल्पना और छायावाद
उत्तर-
(क)

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

प्रश्न 6.
केदारनाथ सिंह की प्रतिनिधि कविताएँ प्रकाशित हैं
(क) भारती भवन
(ख) राजकमल प्रकाशन
(ग) भारतीय प्रकाशन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ख)

प्रश्न 7.
केदारनाथ सिंह कार्यरत हैं
(क) भारतीय भाषा विभाग
(ख) कृषि विभाग
(ग) वाणिज्य विभाग
(घ) आयकर विभाग
उत्तर-
(क)

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

प्रश्न 1.
बीसवीं शदी के छठे दशक में ये …………….एक महत्वपूर्ण कवि हैं
उत्तर-
नई कविता।

प्रश्न 2.
कवि का अपनी खो चुकी जमीन के लिए ……………. उनके भीतर नहीं दिखती।
उत्तर-
हूक या तड़पा

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

प्रश्न 3.
उनकी कविताओं की दुनियाँ में …………… कोई फाँक नहीं दिखती।
उत्तर-
अंतर्विभाजन।

प्रश्न 4.
उनकी जमीन उनका परिवेश और उनके संबंधों का राग उनके भीतर ………….. रहा है।
उत्तर-
बदस्तूर महफूज।.

प्रश्न 5.
प्रस्तुत कविता जगरनाथ ऊपर कहीं बातों की ………….. करती है।
उत्तर-
तस्दीक सी।

प्रश्न 6.
कवि ने अपनी कविता में …………….. शैली का भरपूर उपयोग साधा है।
उत्तर-
नाटकीया

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

प्रश्न 7.
आठवीं शदी में वे अपनी पीढ़ी के …………… के रूप में प्रतिष्ठित हुए।
उत्तर-
प्रतिनिधि कवि।

प्रश्न 8.
बिम्बों के कारण कल्पना और मूर्ति विधान की उनकी कविता में एक ………….. भूमिका
उत्तर-
सक्रिय रचनात्मक।

प्रश्न 9.
वे एक ……………. कवि हैं।
उत्तर-
जन प्रतिनिधि।

जगरनाथ कवि परिचय – केदारनाथ सिंह (1932)

प्रश्न-
कवि केदारनाथ सिंह का कवि-परिचय दीजिए।
उत्तर-
हिन्दी साहित्य में प्रयोगवादी काव्य आन्दोलन के गर्भ से ही नयी कविता आन्दोलन उपजा, जिसके प्रमुख कवि के रूप में केदारनाथ सिंह का नाम लिया जाता है। नयी कविता को अति यथार्थवादी आन्दोलन कहा गया है। जिसके प्रवर्तक सच्चिदानन्द हीरानंदन वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ ने (1959 ई.) में तीसरे सप्तक का संपदान किया, जिसमें एक कवि के रूप में केदारनाथ सिंह और उनकी रचनाओं को स्थान प्राप्त हुआ।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

वस्तुत: नयी कविता आन्दोलन का पाठक वर्ग मिला ही नहीं। सही ढंग के आलोचक भी . नहीं मिले। तीनों ही सप्तकों के कवियों ने अपने तरीके से अपने आन्दोलन को सार्थक बताया और स्वयं को स्थापित, व्यख्यायित किया, दार्शनिक के रूप में प्रतिष्ठित किया। उन्होंने सबसे ज्यादा ध्यान बिम्बों के निर्माण और कविता में गतिशील नाटकीय रचना पर देते थे।

सौभाग्य से केदारनाथ सिंह की कविता में क्लिष्टत्व और संश्लेषण के बावजूद एक अपनापन मिलता है। इनके बिम्ब श्रम साध्य नहीं है। इनके प्रतीक सर्वथा अपरिचित नहीं है। इसका कारण है कि इनका सीधा सरोकर गाँव से है। ग्रामीण संस्कृति संस्कार से इनका नाभि-नाल का सम्बन्ध है। गाँव से सम्बद्ध परिचित, परन्तु अधूरे इनके विम्ब इनको सम्भावनाओं से सम्पन्न कवि बनाते हैं।

उनका उत्तरवर्ती जीवन तथा कथित बुद्धिजीवियों के बीच, दार्शनिकों, चिंतकों के बीच भले ही गुजरता रहा कि नागार्जुन की तरह इनके हृदय में, मन प्राण में इनका ‘बलिया’ (यू. पी.) बसा रहा है। “मांझी का पूल” कभी विस्तुत नहीं हो सका। जगरनाथ हो अथवा नूर मियां हो अथवा अपने गाँव-जवार का कोई हो, यदि वह हृदय की तंत्री को झकार चुका है, मन की बगिया को महका चुका है अथवा जिसने अपने चतुर्दिक वातावरण को अपनी उपस्थिति से प्रभावित प्रोत्साहित किया है तो उसे केदारनाथ सिंह ने अपनी कविता का विषय बना लिया है।

केदारनाथ सिंह में तीन बातें स्पष्ट होती हैं-(1) गहरा यथार्थबोध, (2) अनुभूति का वास्तविक धरातल और (3) बेजोड़ टटके बिम्बों के माध्यम से कविता को गतिशीलता प्रदान करना।

कवि ने एकालाप शैली अपनायी है। किन्तु यह विलाप की तरह नहीं है। मैं, तुम, वह तीनों या कोई दो अवश्य उपस्थित है। जगरनाथ शीर्षक कविता में कवि और गांव का जगरनाथ दोनों है। छोटी-सी कविता जिसमें हिमालय की दिशा तय होती है, वहाँ भी बच्चा (वह) के साथ ‘मैं’ उपस्थित है। नूर मियां कविता में नूर मियां के साथ एक ‘तुम’ भी उपस्थित हैं, जिसके साथ केदारनाथ, नूर मियां और उनके बहाने रामगढ़ बाजार, मदरसा, इमली का पेड़, भूली हुई स्लेट, उन्नीस का पहाड़ा सबकी याद ताजा करते हैं। किन्तु साथ ही वर्तमान से जुड़े भी रहते हैं। पाकिस्तान के हालात पर सटीक टिप्पणी करते हुए कहते हैं

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

“हर साल कितने पत्ते गिरते हैं पाकिस्तान में।”

यहाँ पत्ता गिरना सत्ता परिवर्तन का संकेत करता है, जिसके पीछे असंख्य बेकसूर लोग मारे जाते हैं।

“बच्चा तुम्हारा गणित कमजोर है” यह कहकर पड़ोस की सच्चाई से मुँह फेरने की भारत की नीति पर प्रहार है कि यह पाक का निजी मामला है।

केदारनाथ सिंह की कविता में एक ही साथ विरोधी प्रवृत्तियाँ नजर आती हैं। वे अतीत की स्मृति को जीवित भी रखना चाहते हैं और अपनी वर्तमान स्थिति से जुड़े भी रहना चाहते हैं। जगरनाथ के ललाट के गुम्मट से सहानुभूति भी है, और उससे पीछा भी छुड़ाना चाहते हैं। क्योंकि जगरनाथ की उपस्थिति मात्र से उनका व्यक्तिगत अस्तित्व खडित हो रहा है।

वस्तुतः हर जगह केदारनाथ सिंह परिवेश, चरित्र और सम्बन्धों का एक ही सच देखते हैं, जहाँ उनपर समय और यथार्थ की मार पड़ती रहती हैं और वे उसे झेलते-भुगतते अपने को सुरक्षित रखने की संघर्ष में लगे भिड़े हैं।

जगरनाथ कविता का सारांश

प्रश्न-
केदारनाथ सिंह द्वारा रचित ‘जगरनाथ’ नामक कविता का सारांश लिखें।
उत्तर-
प्रस्तुत कविता ‘जगरनाथ’ कवि के गाँवों की जिन्दगी के प्रति लगाव को प्रतिबिम्बित करता हैं जिसमें कवि ने जगन्नाथ के स्थान पर ग्रामीण भाषा के शब्द ‘जगरनाथ’ का प्रयोग कर ग्रामीण भाषा के प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त किया है। साथ ही इस कविता में प्रश्नों का भरमार कर कवि ग्रामीण समस्याओं के प्रति अपनी खोजी-सोच को परिलक्षित करने का प्रयास किया है। वस्तुतः ‘जगरनाथ’ कवि को इस कविता में काल्पनिक पात्र है जिसके माध्यम से पाठकों का ध्यान आकृष्ट करने का प्रभूत प्रयास किया गया है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

बहुत दिनों के बाद जगरनाथ भाई से कवि को भेंट हुई है जिसके ललाट पर गुम्मट-सा उग आया है जो जगरनाथ भाई के कठिन कर्मठता और दीनता का प्रतीक है। कवि बाल्यावस्था में देखे गए नीम के पेड़ के नीचे बंधी बकरी जो कभी रहा करती थी, उसको भी नहीं भूला है। इन प्रतीक चिह्नों के माध्यम से कवि का स्पष्ट करना चाहता है कि गाँव-गाँवई की चीजों को आज भी अपनी स्मृति-पटल में संजों कर रखा है। केदार नाथ सिंह वृति से प्राध्यापक है जो जगरनाथ भाई से वार्तालाप के क्रम में स्पष्ट होता है। इसी क्रम में वे आधुनिक सुख-सुविधा रूपी ‘बनसुग्गों की पांत’ को अनावश्कय बताते हुए समाज में अपने परिश्रम से प्राप्त वस्तुओं की जीवन के लिए आवश्यक बताया है। साथ ही दृष्टांत रूप में गाँव-गवई में उपजाए जाने वाले आमो की खुशबू एवं स्वाद का सुन्दर वर्णन किया है।

कवि-यद्यपि सुख-सुविधाओं की आधुनिकतम वस्तुओं को निस्सार बताकर गवई जीवन को सुस्वादु बताया है, तथापि जगरनाथ भाई अपनी गवई स्वभाव से उबर नहीं पाते जिस कारण होठ तो फड़फड़ाता है किन्तु शब्द प्रस्फुटित नहीं हो पाते। फलतः जगरनाथ भाई निःशब्द ही चले जाते हैं। जिसे देखकर कवि का हृदय फट पड़ता है क्योंकि कवि ने अपने-आप को जगरनाथ भाई के स्तर में लाकर बीच की दूरी को पाटने का जो अथक-प्रयास किया था वह हो न सका।

वस्तुत: इस कविता से यह शिक्षा मिलती है कि गवई जीवन में शहरी जीवन की अपेक्षा व्याप्त हीन-भावना बहुलता से दृष्टिगोचर होती है, जिसको दूर करने की चिन्ता विवेकियों को साथ-साथ सरकारी-व्यवस्था को भी होनी चाहिए। वास्तव में शहरी क्षेत्रों के विकास के साथ-साथ गाँव के क्षेत्रों का समुचित विकास करके ही भारत के विकास का सपना साकार हो सकता है।

कठिन शब्दों का अर्थ
गुम्मट-चोट लगने से उभर आने वाली गिल्टी। बनसुग्गा-वन में रहने वाला गैरपालतू तोता। पाँत-कतार। डैना-पंख। बकबक करना-व्यर्थ बोलना, फालतू बोलना। झपकी-ऊँघना। राहत-आराम, सुख। धार-तीक्ष्णता पैनापन।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

जगरनाथ काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. कैसे हो मेरे भाई जगरनाथ …………… बँधती थी तुम्हारी बकरी?
व्याख्या-
प्रस्तुत पंक्तियाँ आधुनिक युगीन कवियों में एक महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षर केदारनाथ सिंह की कविता ‘जगरनाथ’ से ली गयी है। इसमें कवि ने बचपन के ग्रामीण साथी जगरनाथ दुसाध को परोक्ष माध्यम बनाकर अपनी बात कहने की चेष्टा की है। जगरनाथ से कवि की अकस्मात भेंट हो जाती है बहुत दिनों पर। स्वभावतः वह उसे रोककर समाचार पूछता है कि तुम कैसे हो? बहुत दिनों के बाद भेंट हुई है। मिलन के लम्बे अन्तराल में जगरनाथ के शरीर में हुए परिवर्तन को लक्षित कर कवि पूछता है कि यह तुम्हारे ललाट पर यह गुम्मट सा क्या उग आया है?

फिर वह बच्चों के बारे में पूछता है, दरवाजे के नीम गाछ के बारे में पूछता है जहाँ जगरनाथ की बकरियाँ बँधी रहती थीं। इस पूरे कथन में कवि ने माथे के गुम्मट, बच्चों के समाचार तथा दरवाजे के नीम वृक्ष का हाल पूछकर स्वाभाविकता लाने का प्रयास किया है। वहीं भाई सम्बोध न के द्वारा आत्मीयता स्थापित कर सम्बन्ध का अनौपचारिक बनाया गया है। संवाद की आत्मीयता समय के लम्बे अन्तराल से उत्पन्न तथा स्तर-भेद से उत्पनन औपचारिकता को तोड़ती है।

2. मैं तो बस ठीक ही हूँ ………………. कहीं कुछ गड़बड़ जरूर है।
व्याख्या-
केदारनाथ सिंह रचित कविता ‘जगरनाथ’ उनके तथा उनके बचपन के ग्रामीण मित्र जगरनाथ दुसाध के बीच एकालापी संवाद के रूप में रचित है। इन पंक्तियों में सूच्य रूप में व्यक्त किया गया है कि कवि के द्वारा कुशल समाचार पूछे जाने के उत्तर में जगरनाथ कवि से समाचार पूछता है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

इन पंक्तियों में कवि अपना हाल बताते हुए कहता है कि मैं ठीक हूँ, खाता-पीता हूँ और क्लास में पढ़ा आता हूँ, अवसर मिलता है तो दिन में भी एकाध नींद सो लेता है। इन बाहरी बातों के अतिरिक्त वह अपनी बौद्धिक सामाजिक जागरूकता प्रदर्शित करने के लिए यह भी जोड़ देता है कि मुझे हमेशा लगता है कि कहीं कुछ गड़बड़ है। कवि का संकेत सामाजिक राष्ट्रीय जीवन में आ रही गिरावट, जीवन की भागदौड़ और आर्थिक रवैये से उत्पन्न विकलता और उनके कारण मूल्यहीनता की बाढ़ है।

3. पर छोड़ो तुम कैसे हो? ………………. चलती ही रहती है जिन्दगी।
व्याख्या-
‘जगरनाथ’ कविता की प्रस्तुत पंक्तियों में जगरनाथ से बातें करते हुए कवि अपना हाल बताने के बाद पुनः जगरनाथ की ओर मुड़ता है और उसके सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने की कड़ी को आगे बढ़ाता हुआ पूछता है कि तुम्हारा कामधाम कैसा चल रहा है? इसी बीच वनसुग्गों की एक पंक्ति उसके ऊपर से उड़ती निकल जाती है। वह उनकी ओर थोड़ा ध्यान देता है मगर शीघ्र ध्यान हटा लेता है, “वह है तो नहीं है तो भी चलती ही रहती है जिन्दगी” कहकर अपनी लापरवाही व्यक्त करता है। इस कथन से स्पष्ट है कि वन-सुग्गों को टें 2 करते उड़ना उसे अच्छा लगता है लेकिन उनके न होने से भी जिन्दगी की चाल में कोई व्यवधान नहीं आता है। उसके कहने के ढंग से स्पष्ट है कि अब की जिन्दगी में पशु-पक्षी, प्रकृति आदि जीने की अनिवार्य शर्त नहीं रह गये हैं।

4. पर यह भी सच है मेरे भाई ………………. बड़ी राहत मिलती है जी को।
व्याख्या-
‘जगरनाथ’ कविता की प्रस्तुत पंक्तियों में केदारनाथ सिंह कहना चाहते हैं कि जीवन की प्राथमिकताएँ और परिस्थितयाँ बदल जाने के कारण अनेक ऐसी चीजों से लगाव का आग्रह कम करना पड़ता है जो जीवन के लिए आवश्यक होते हैं। ऐसी ही एक उड़ते हुए वन-सुग्गों की उड़ती पंक्ति को देखना।

इसे स्वीकार करते हुए लेखक कहता है कि वन-सुग्गों को देखने का आग्रह दबा देने के बावजूद सच्चाई यही है कि जब कभी आसमान में लाल या पीले या किसी रंग का कोई पक्षी उड़ता हुआ दीख जाता है तो मन को राहत अनुभव होती है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

यहाँ लेखक यह बताना चाहता है कि मन की नैसर्गिक इच्छाओं की पूर्ति का अवसर न मिलने पर उनके प्रति आग्रह घट जाता है और एक उदासीन भाव आ जाता है। लेकिन उनके प्रति सम्मोहन कम नहीं होता। अवसर मिलने पर वे इच्छाएँ यदि पूर्ण होती हैं तो मन को जो आनन्द प्राप्त होता है वह जीवन में सन्तुष्टि और सन्तोष देता है।

5. पर यह तो बताओ ………………. भर जाती है दुनिया।
व्याख्या-
‘जगरनाथ’ शीर्षक कविता की प्रस्तुत पंक्तियाँ मे केदारनाथ सिंह पुनः जगरनाथ की ओर मुखातिब होकर उससे उसके स्वास्थ्य का हाल पूछते हैं कि तुम्हारा जी आजकल कैसा है? इससे लगता है कि जगरनाथ प्रायः अस्वस्थ रहता होगा लेकिन आत्मीयता का यह ज्वार एक क्षण भी नहीं टिकता। कवि तुरंत जगरनाथ को छोड़कर बारिश पर उतर आता है और जानना चाहता है कि क्या इधर बारिश हुई थी फिर जल्दी आमों की ओर चला जाता है और पूछता है कि क्या आमों का पकना शुरू हो गया? और फिर जगरनाथ को भूलकर आमों के स्वाद में खो जाता है। उसकी टिप्पणी के अनुसार यह एक अजीब-सा फल है जिसमें सुगन्ध और स्वाद दोनों का विरल संयोग है जिससे मन की दुनिया भर जाती है पूर्ण परितृप्ति प्राप्त होती है।

इन पंक्तियों में लक्ष्य करने की बात यह है कि कवि के मन में जगरनाथ के प्रति अभिरुचि और संवेदना कम है तथा वर्षा और आम की रस-गंध में ज्यादा रुचि है। यह बतलाता है कि कवि की दृष्टि जगरनाथ में जगरनाथ से ज्यादा महत्त्व वनसुग्गे, बारिश और आम का है। इनके बारे में कहने के लिए उसने जगरनाथ का बहाना बनाया है।

6. पर यह क्या? ………………. जाओ ………………. जाओ।
व्याख्या-
प्रस्तुत पंक्तियाँ पाठ्य पुस्तक की ‘जगरनाथ’ शीर्षक से पंक्तियाँ ली गयी है। इसके कवि केदारनाथ सिंह हैं। केदारनाथ सिंह जगरनाथ को रोककर ढेर-सारी जिज्ञासाएँ करते हैं जिनमें कुछ जगरनाथ से सम्बन्धित हैं और कुछ ग्राम-प्रसंग से। इन सबके उत्तर में जगरनाथ कुछ बोलता नहीं, केवल उसके ओठ फड़कते हैं बोलने के लिए। कवि इस पर आश्चर्य व्यक्त करता हुआ अनेक प्रश्न पूछ जाता है, जैसे-तुम्हारे होंठ क्यों फड़क रहे हैं? तुम अब तक चुप क्यों हो? इस तरह खड़े क्यों हो? इत्यादि। फिर वह जगरनाथ को पास बुलाता है क्योंकि उसे बहुत कुछ कहना है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

मगर जगरनाथ कुछ बोलता नहीं केवल एक विचित्र दृष्टि से देखता है। कवि को लगता है कि जगरनाथ को मेरी आत्मीयता भरी आतुरता पर विश्वास नहीं हो रहा है, उसे झूठ की गन्ध अनुभव हो रही है। यह कवि के सन्तुलन को गडबड़ा देता है। वह पूछता है क्या तुम्हें जल्दी है? क्या काम पर जाना है? और फिर बिना उसके मन्तव्य जाने अपनी ओर से अनुमति भी दे देता है जाओ मेरे भाई जाओ। मैं तुम्हें नहीं रोकूँगा।

इन पंक्तियों से यह धारणा बनती है कि कवि को स्वयं यह आत्मीयता-प्रदर्शन नकली लगता है। उसकी सारी जिज्ञासाओं में बनावटीपन और जगरनाथ के बहाने अपनी बात कहने की आतुरता है जो उसकी अभिजात वृद्धि और कृत्रिम सहानुभूति की पोल खोल रही है।

7. और इस तरह ………………. जगरनाथ दुसाध।
व्याख्या-
‘जगरनाथ’ कविता की ये अंतिम पंक्तियाँ हैं। इसमें कवि की सारी जिज्ञासाओं के उत्तर में जगरनाथ के चुपचाप चले जाने का वर्णन है। कवि कहता है कि जगरनाथ इस तरह चला जा रहा था मानो उसने मुझे देखा ही न हो। और उसके द्वारा अनदेखी किए जाने की मुद्रा इतनी तीखी और धारदार भी कि कवि को चीरता-फाड़ता चला जा रहा हो। इन पंक्तियों का निहितार्थ स्पष्ट है-कवि जगरनाथ का बचपन का साथी है लेकिन वह अब उससे भिन्न है, विशिष्ट है, अध्यापक है।

जगरनाथ इस भेद को समझता है कि दोनों दो धरातल के जीव हैं जिनके जीवन-स्तर और बोध में अन्तर है। इस विषमता के कारण जगरनाथ के मन में कवि के लिए कोई आत्मीयता नहीं है। वह प्रतिक्रिया तो व्यक्त नहीं करता लेकिन लगातार चुप रहकर और चुपचाप चले जाकर सारी बातें कह जाता है। उसकी न देखने वाली दृष्टि की धार से चीरा जाकर कवि आहत हो उठता है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 13 नाभिक

Bihar Board 12th Physics Objective Questions and Answers

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 13 नाभिक

प्रश्न 1.
आयरन के नाभिक की द्रव्यमान संख्या 55.854 है एवं A = 56 है, तो नाभिकीय घनत्व होगा –
(a) 2.29 × 1016 kg m-3
(b) 2.29 × 1017 kg m-3
(c) 2.29 × 1018 kg m-3
(d) 2.29 × 1015 kg m-3
उत्तर-
(b) 2.29 × 1017 kg m-3

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 13 नाभिक

प्रश्न 2.
दो नाभिकों की द्रव्यमान संख्याओं का अनुपात 1: 3 है। उनके नाभिकीय घनत्वों का अनुपात होना चाहिए
(a) (3)1/3 : 1
(b) 1:1
(c) 1 :3
(d) 3 : 1
उत्तर-
(b) 1:1

प्रश्न 3.
इलेक्ट्रॉन प्रकीर्णन के द्वारा मापे गये गोलीय नाभिक की त्रिज्या 3.6 fm है । नाभिक की सर्वाधिक संभावित द्रव्यमान संख्या क्या होगी?
(a) 27
(b) 40
(c) 56
(d) 120
उत्तर-
(a) 27
(a) नाभिकीय त्रिज्या, R = Ro (A)1/3
जहाँ A नाभिक की द्रव्यमान संख्या है।
दिया है, R = 3.6 fm ∴ 3.6 fm = (1.2 fm) (A1/3) . [∵ Ro = 1.2 fm]
या A = (3)3 = 27

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 13 नाभिक

प्रश्न 4.
1g पदार्थ के समतुल्य ऊर्जा होती है.
(a) 9 × 1013 J
(b) 6 × 1012 J
(c) 3 × 1013 J
(d) 6 × 1013 J
उत्तर-
(a) 9 × 1013 J

प्रश्न 5.
एक घण्टे के लिए 500 MW विद्युत शक्ति उत्पन्न करने के लिए कितना द्रव्यमान, ऊर्जा में परिवर्तित होगा?
(a) 2 × 10-5 kg
(b) 1 × 10-5 kg
(c) 3 × 10-5 kg
(d) 4 × 10-5 kg
उत्तर-
(a) 2 × 10-5 kg

प्रश्न 6.
यदि नाभिकीय संलयन अभिक्रिया में, द्रव्यमान क्षय 0.3% है, तो 1kg द्रव्यमान के संलयन में मुक्त ऊर्जा होगी -\
(a) 27 × 1010 J
(b) 27 × 1011 J
(c) 27 × 1012 J
(d) 27 × 1013 J
उत्तर-
(d) 27 × 1013 J
(d) यहाँ, ∆m = 1 kg का 0.3% = \(\frac{0.3}{100}\) kg = 0.3 kg = 3 × 10-3 kg.
∴ E (∆m)c2 = 3 × 10-3 × (3 × 108)2 = 27 × 1013 J

प्रश्न 7.
α-क्षय होने पर 92238U की अर्द्ध-आयु 4.5 × 109 वर्ष है। 92238U के 1g नमूने की सक्रियता होगी –
(a) 1.23 × 104 Bq
(b) 1.23 × 105 Bq
(c) 1.23 × 103 Bq
(d) 1.23 × 106 Bq
उत्तर-
(a) 1.23 × 104 Bq

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 13 नाभिक

प्रश्न 8.
बीटा विकिरण में उत्सर्जित होने वाले इलेक्ट्रॉन का उद्गम होता है
(a) परमाणु की आंतरिक कक्षा से
(b) नाभिकों में पाये जाने वाले मुक्त इलेक्ट्रॉन से
(c) किसी नाभिक में न्यूट्रॉन के क्षय से
(d) नाभिक से निकले हुए फोटॉन से .
उत्तर-
(c) किसी नाभिक में न्यूट्रॉन के क्षय से

प्रश्न 9.
रेडॉन में उसकी अर्द्ध-आयु 3.8 दिन है। 38 दिनों के पश्चात् 15 mg द्रव्यमान में से कितना रेडॉन शेष बचेगा ?
(a) 1.05 mg
(b) 0.015 mg
(c) 0.231 mg
(d) 0.50 mg
उत्तर-
(b) 0.015 mg

प्रश्न 10.
निम्न में से कौन रेडियो-सक्रिय पदार्थों के द्वारा अपने क्षय के दौरान उत्सर्जित नहीं हो सकता है ?
(a) न्यूट्रिनो
(b) प्रोटॉन
(c) इलेक्ट्रॉन
(d) हीलियम नाभिक
उत्तर-
(b) प्रोटॉन

प्रश्न 11.
पोलोनियम की अर्द्ध-आयु 140 दिन है। कितने समय में 15g पोलोनियम अपने प्रारंभिक द्रव्यमान 16g को विघटित करेगा?
(a) 230 दिन
(b) 560 दिन
(c) 730 दिन
(d) 160 दिन
उत्तर-
(b) 560 दिन

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 13 नाभिक

प्रश्न 12.
एक-280 दिन पुराना रेडियो-सक्रिय पदार्थ 6000 dps की सक्रियता दर्शाता है, 140 दिन बाद इसकी सक्रियता 3000 dps हो जाती है। इसकी प्रारंभिक सक्रियता क्या थी?
(a) 20000 dps
(b) 24000 dps
(c) 12000 dps
(d) 6000 dps
उत्तर-
(b) 24000 dps

प्रश्न 13.
दिये गये रेडियो-सक्रिय नमूने के लिए, क्षय नियतांक 0.3465 दिन- है । इस नमूने का कितना प्रतिशत 4 दिनों की अवधि में क्षय होगा?
(a) 100%
(b) 50%
(c) 75%
(d) 10%
उत्तर-
(c) 75%

प्रश्न 14.
श्रेणी 6He → e+ + 6Li+ को पूर्ण कीजिए –
(a) न्यूट्रिनो
(b) प्रतिन्यूट्रिनो
(c) प्रोटॉन
(d) न्यूट्रॉन
उत्तर-
(a) न्यूट्रिनो

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 13 नाभिक

प्रश्न 15.
कार्बन, निर्धारण, जीवाश्मों की आयु के निर्धारण के लिए तब सर्वाधिक उपयुक्त होता है, यदि वर्षों में उनकी आयु इस कोटि की होती है
(a) 103
(b) 104
(c) 105
(d) 106
उत्तर-
(b) 104

प्रश्न 16.
रेडियो-सक्रिय क्षेत्र किन कणों के उत्सर्जन के साथ मूल नाभिक का – एक समस्थानिक रूप बना सकता है ?
(a) एक α एवं चार β
(b) एक α एवं दो β
(c) एक α एवं एक β
(d) चार α एवं एक β
उत्तर-
(b) एक α एवं दो β

प्रश्न 17.
माना α एवं β कण तथा γ-किरणों में से प्रत्येक की ऊर्जा 0.5 Mev है । भेदन क्षमता के बढ़ते क्रम में, विकिरण क्रमशः होंगे
(a) α, β, γ
(b) α, γ, β
(c) β, γ, α
(d) γ, β, α
उत्तर-
(a) α, β, γ

प्रश्न 18.
एक रेडियो-सक्रिय पदार्थ के द्वारा उत्सर्जित बीटा कणों की संख्या इसके द्वारा उत्सर्जित एल्फा कणों की संख्या की दुगुनी है । परिणामी विघटन उत्पाद होगा
(a) उत्पादक का समावयवी
(b) उत्पादक का समन्यूट्रॉनिक
(c) उत्पादक का समस्थानिक
(d) उत्पादक का समभारिक
उत्तर-
(c) उत्पादक का समस्थानिक

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 13 नाभिक

प्रश्न 19.
प्लूटोनियम 24000 वर्षों की अर्द्ध-आयु के साथ क्षय होता है। यदि प्लूटोनियम को 72000 वर्षों के लिए संचित किया जाता है, . तो इसका वह अंश जो शेष रहता है, होगा –
(a) 1/8
(b) 1/3
(c) 1/4
(d) 1/2
उत्तर-
(a) 1/8
Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 13 नाभिक - 3

प्रश्न 20.
नाभिकीय रिएक्टरों में, नियंत्रक छड़ किसकी बनी होती है ?
(a) कैडमियम
(b) ग्रेफाइट
(c) क्रिप्टॉन
(d) प्लूटोनियम
उत्तर-
(a) कैडमियम

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 13 नाभिक

प्रश्न 21.
दी गई अभिक्रियाओं में, निम्न में से कौन-सी नाभिकीय संलयन अभिक्रिया संभव नहीं है ?
Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 13 नाभिक - 1
उत्तर-
(a)

प्रश्न 22.
तीव्र न्यूट्रॉनों को आसानी से निम्न के प्रयोग से धीमा किया जा सकता है –
(a) लैड के आवरण (Shielding) से
(b) उन्हें जल में से गुजारकर
(c) भारी नाभिकों के साथ प्रत्यास्थ संघट्ट से
(d) प्रबल विद्युत क्षेत्र लगाकर
उत्तर-
(b) उन्हें जल में से गुजारकर

प्रश्न 23.
समीकरण
Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 13 नाभिक - 2
प्रदर्शित करता –
(a) β-क्षय
(b) γ-क्षय
(c) संलयन
(d) विखण्डन
उत्तर-
(c) संलयन

प्रश्न 24.
तारे के द्वारा उत्सर्जित प्रकाश ऊर्जा किसके कारण होती है ?
(a) नाभिकों के टूटने के
(b) नाभिकों के जुड़ने के
(c) नाभिकों के जलने के
(d) सौर प्रकाश के परावर्तन के
उत्तर-
(b) नाभिकों के जुड़ने के

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 13 नाभिक

प्रश्न 25.
नाभिकीय प्रतिक्रिया में, संरक्षण होता है
(a) केवल द्रव्यमान का
(b) केवल ऊर्जा का
(c) केवल संवेग का
(d) द्रव्यमान, ऊर्जा एवं संवेग का
उत्तर-
(d) द्रव्यमान, ऊर्जा एवं संवेग का

प्रश्न 26.
न्यूट्रॉन की खोज किसने की थी?
(a) रदरफोर्ड ने
(b) चैडविक ने
(c) थॉमसन ने
(d) बेकुरल ने
उत्तर-
(b) चैडविक ने

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 12 परमाणु

Bihar Board 12th Physics Objective Questions and Answers

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 12 परमाणु

प्रश्न 1.
रदरफोर्ड का प्रयोग यह बताता है कि नाभिक का आकार लगभग होता है –
(a) 10-14 m से 10-12 m
(b) 10-15 m से 10-13 m
(c) 10-15 m से 10-14 m
(d) 10-15 m से 10-12 m
उत्तर-
(c) 10-15 m से 10-14 m

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 12 परमाणु

प्रश्न 2.
गीगर-मार्सडन प्रकीर्णन प्रयोग में संसूचित (Detected) प्रकीर्णित कणों की संख्या क्रमशः अधिकतम एवं न्यूनतम इन प्रकीर्णन कोणों पर होती है –
(a) 0° एवं 180°
(b) 180° एवं 0°
(c) 90° एवं 180°
(d) 45° एवं 90°
उत्तर-
(a) 0° एवं 180°

प्रश्न 3.
किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉन कक्षा की त्रिज्या एवं नाभिक की त्रिज्या का अनुपात होता है –
(a) 103
(b) 104
(c) 105
(d) 106
उत्तर-
(c) 105

प्रश्न 4.
किसी परमाणु के द्वारा घेरा गया आयतन, नाभिक के आयतन से लगभग निम्न गुणक बड़ा होता है –
(a) 101
(b) 105
(c) 1010
(d) 1015
उत्तर-
(d) 1015

प्रश्न 5.
जब किसी परमाण्विक गैस या वाष्प को निम्न दाब पर इसमें से विद्युत धारा प्रवाहित करके उत्तेजित किया जाता है, तब-
(a) उत्सर्जन वर्णक्रम दिखाई देता है।
(b) अवशोषण वर्णक्रम दिखाई देता है।
(c) बैण्ड वर्णक्रम दिखाई देता है।
(d) (b) एवं (c) दोनों।
उत्तर-
(a) उत्सर्जन वर्णक्रम दिखाई देता है।

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 12 परमाणु

प्रश्न 6.
प्रथम वर्णक्रम श्रेणी का आविष्कार किसने किया?
(a) बामर
(b) लाइमैन
(c) पाश्चन
(d) फुण्ड
उत्तर-
(a) बामर

प्रश्न 7.
हाइड्रोजन के उत्सर्जन वर्णक्रम की बामर श्रेणी में, विभिन्न तरंगदैर्घ्य Hα , Hβ, Hγ, एवं Hδ वाली प्रथम चार रेखाएँ प्राप्त होती हैं । इनमें से किस रेखा की आवृत्ति अधिकतम होती है ?
(a) Hα
(b) Hβ
(c)Hγ
(d) Hδ
उत्तर-
(d) Hδ

प्रश्न 8.
वर्णक्रम रेखाओं की पाश्चन श्रेणी में उपस्थित निम्नतम तरंगदैर्घ्य है –
(a) 720 nm
(b) 790 nm
(c) 800 nm
(d) 820 nm
उत्तर-
(d) 820 nm

प्रश्न 9.
फुण्ड श्रेणी में उपस्थित तरंगदैर्घ्य सीमा होती है-(R = 1.097 x 107 ms-1)
(a) 1572 nm
(b) 1898 nm
(c) 2278 nm
(d) 2535 nm
उत्तर-
(c) 2278 nm

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 12 परमाणु

प्रश्न 10.
लाइमैन श्रेणी की प्रथम रेखा की तरंगदैर्घ्य 1215 है, तो बामर
श्रेणी की प्रथम रेखा की तरंगदैर्घ्य क्या होगी?
(a) 4545Å
(b) 5295 Å
(c) 6561Å
(d) 6750Å
उत्तर-
(c) 6561Å

प्रश्न 11.
जब एक इलेक्ट्रॉन चौथी कक्षा से दूसरी कक्षा में कूदता है, तो प्राप्त होती है –
(a) पाश्चन श्रेणी की द्वितीय रेखा
(b) बामर श्रेणी की द्वितीय रेखा।
(c) फुण्ड श्रेणी की प्रथम रेखा
(d) लाइमैन श्रेणी की द्वितीय रेखा
उत्तर-
(b) बामर श्रेणी की द्वितीय रेखा।

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 12 परमाणु

प्रश्न 12.
बोर के सिद्धांत के अनुसार, बामर श्रेणी की अंतिम रेखा की तरंग संख्या होगी-(दिया है R = 1.1 x 107 m-1)
(a) 5.5 x 105m-1
(b) 4.4 x 107 m-1
(c) 2.75 x 106 m-1
(d) 2.75 x 108 m-1
उत्तर-
(c) 2.75 x 106 m-1

प्रश्न 13.
हाइड्रोजन वर्णक्रम में लाइमैन श्रेणी की प्रथम रेखा की तरंगदैर्घ्य 1210Å है। Z=11 के हाइड्रोजन के समान परमाणु की संगत रेखा बराबर होगी
(a) 4000 Å
(b) 100Å
(c) 40Å
(d) 10 Å
उत्तर-
(d) 10 Å

प्रश्न 14.
किसी हाइड्रोजन के समान परमाणु में अवस्था n = 3 से n=1 से संक्रमण पराबैंगनी विकिरण में परिणामित होता है। अवरक्त विकिरण कितने संक्रमण में प्राप्त होगा?
(a) 2 → 1
(b) 3 → 2
(c) 4 → 2
(d) 4 → 3
उत्तर-
(d) 4 → 3

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 12 परमाणु

प्रश्न 15.
हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन की कुल ऊर्जा होती है –
\((a) \frac{e^{2}}{4 \pi \varepsilon_{0} r}
(b) \frac{-e^{2}}{4 \pi \varepsilon_{0} r}
(c) \frac{-e^{2}}{8 \pi \varepsilon_{0} r}
(d) \frac{e^{2}}{8 \pi \varepsilon_{0} r}\)
उत्तर-
(c) \(\frac{-e^{2}}{8 \pi \varepsilon_{0} r}\)

प्रश्न 16.
बोर मॉडल के अनुसार हाइड्रोजन परमाणु की द्वितीय कक्षा में इलेक्ट्रॉन के लिए संवेग का आघूर्ण होगा –
\((a) \frac{h}{\pi}
(b) 2 \pi h
(c) \frac{2 h}{\pi}
(d) \frac{\pi}{h}\)
उत्तर-
\((a) \frac{h}{\pi}\)

प्रश्न 17.
बोर मॉडल के द्वितीयक अभिगृहीत के अनुसार, हाइड्रोजन परमाणु की nवीं संभव कक्षा का कोशीय संवेग (Ln) इस प्रकार व्यक्त किया जाता है –
\((a) \frac{h}{2 \pi n}
(b) \frac{n h}{2 \pi}
(c) \frac{2 \pi n}{h}
(d) \frac{2 \pi}{2 h}\)
उत्तर-
(b) \(\frac{n h}{2 \pi}\)

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 12 परमाणु

प्रश्न 18.
हाइड्रोजन परमाणु की nवीं कक्षा में स्थायी अवस्था में इलेक्ट्रॉन की कुल ऊर्जा (En) होगी(a) -13.6ev
\((a) \frac{-13.6}{n} \mathrm{eV}
(b) \frac{-13.6}{n^{2}} \mathrm{eV}
(c) \frac{-136}{n} \mathrm{eV}
(d) \frac{-136}{n^{2}} \mathrm{eV}\)
उत्तर-
(b) \(\frac{-13.6}{n^{2}} \mathrm{eV}\)

प्रश्न 19.
हाइड्रोजन परमाणु के बोर मॉडल में, निम्नतम कक्षा किसके संगत होती है ?
(a) अनन्त ऊर्जा
(b) अधिकतम ऊर्जा
(c) न्यूनतम ऊर्जा
(d) शून्य ऊर्जा
उत्तर-
(c) न्यूनतम ऊर्जा

प्रश्न 20.
हाइड्रोजन परमाणु की आयनन ऊर्जा का मान होता है –
(a) 3.4ev
(b) 10.4ev
(c) 12.09 ev
(d) 13.6ev
उत्तर-
(d) 13.6ev

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 12 परमाणु

प्रश्न 21.
हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन को उसकी प्रथम उत्तेजित अवस्था से उत्तेजित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा होगी
(a) 8.5ev
(b) 10.2eV
(c) 12.7eV
(d) 13.6eV
उत्तर-
(b) 10.2eV

प्रश्न 22.
एक त्रिआयनित बेरीलियम (Best) की कक्षीय त्रिज्या हाइड्रोजन की मूल अवस्था के समान है। तब Best की क्वाण्टम अवस्था n क्या होगी?
(a) n=1
(b) n = 2
(c) n=3
(d) n=4
उत्तर-
(b)n = 2
(b) हाइड्रोजन के समान परमाणु में nवीं कक्षा की त्रिज्या, \(r_{n}=\frac{a_{0} n^{2}}{Z}\)
जहाँ a0 बोर की त्रिज्या है
हाइड्रोजन परमाणु के लिए, Z = 1
r1 = a0 (∵ n= 1 मूल अवस्था के लिए)
Be3+ के लिए, Z = 4 ∴ \(r_{n}=\frac{a_{0} n^{2}}{4}\)
दिये गये प्रश्न के अनुसार, r1= rn, \(a_{0}=\frac{n^{2} a_{0}}{4} n=2\)

प्रश्न 23.
यदि किसी परमाणु में दो ऊर्जा स्तरों की दूरी 2.3 V है, जब परमाणु ऊपरी स्तर से निचले स्तर में संक्रमण करता है तो उत्सर्जित विकिरण की आवृत्ति होगी –
(a) 2.6 x 1013 Hz
(b) 5.6 x 1014 Hz
(c) 5.6 x 1018 Hz
(d) 2.6 x 1018 Hz
उत्तर-
(b) 5.6 x 1014 Hz
(b) यहाँ, EU – EL, = 2.3eV = 2.3 x 1.6 x 10-19 J
बोर के परमाणु मॉडल के तृतीय अभिगृहीत से, hv = EU – EL
या \(v=\frac{E_{U}-E_{L}}{h}=\frac{2.3 \times 1.6 \times 10^{-19}}{6.64 \times 10^{-34}}=5.6 \times 10^{14} \mathrm{Hz}\)

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 12 परमाणु

प्रश्न 24.
हाइड्रोजन परमाणु की सबसे अंदर वाली आणविक कक्षा की त्रिज्या 5.3 x 1011 m हो, तो n = 2 कक्षा की त्रिज्या क्या होगी?
(a) 1.12 A
(b) 2.12 A
(c) 3.22 A
(d) 4.54 A
उत्तर-
(b) 2.12 A
(b) चूँकि, rn, = n2a0
यहाँ, a0 = 5.3 x 10-11 m; n = 2
∴ r2 = (2)2a0 = 4a0 = 4 x 5.3 x 10-11 m
= 21.2 x 10-11 m = 2.12 Å

प्रश्न 25.
एक इलेक्ट्रॉन 4.2Å त्रिज्या की nवीं कक्षा में घूम रहा है, तो n का मान होगा- (r1 = 0.529 Å)
(a) 4
(b) 5
(c) 6
(d) 3
उत्तर-
(b) 5
Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 12 परमाणु - 1

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 12 परमाणु

प्रश्न 26.
हाइड्रोजन परमाणु की मूल अवस्था में एक इलेक्ट्रॉन R त्रिज्या की वृत्तीय कक्षा में वामावर्त दिशा में घूम रहा है । इलेक्ट्रॉन का कक्षीय चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण होगा
\((a) \frac{e h}{4 \pi m}
(b) \frac{e h}{2 \pi m}
(c) \frac{e h^{2}}{4 \pi m}
(d) \frac{e^{2} h}{4 \pi m}\)
उत्तर-
\((a) \frac{e h}{4 \pi m}\)

प्रश्न 27.
यदि E हाइड्रोजन परमाणु की nवीं कक्षा की ऊर्जा है तो He परमाणु की n वीं कक्षा की ऊर्जा होगी
(a) E
(b) 2E
(c) 3E
(d) 4E
उत्तर-
(d) 4E

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 12 परमाणु

प्रश्न 28.
जब एक इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न ऊर्जा स्तर में गिरता है तो ऊर्जाओं का अंतर किस रूप में दिखाई देता है ?
(a) केवल विद्युतचुम्बकीय विकिरण के रूप में
(b) केवल ऊष्मीय विकिरण के रूप में
(c) विद्युतचुम्बकीय एवं ऊष्मीय विकिरणों दोनों के रूप में
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(a) केवल विद्युतचुम्बकीय विकिरण के रूप में

प्रश्न 29.
बोर के परमाणु मॉडल के अनुसार निम्न में से कौन-सी हाइड्रोजन परमाणु के द्वारा उत्सर्जित होन वाले फोटॉन के लिए संभव ऊर्जा नहीं है ?
(a) 0.65 eV
(b) 1.9eV
(c) 11.1ev
(d) 13.6V
उत्तर-
(c) 11.1ev
Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 12 परमाणु - 2

प्रश्न 30.
हाइड्रोजन परमाणु की मूल अवस्था में इलेक्ट्रॉन की चाल तथा निर्वात में प्रकाश की चाल का अनुपात क्या होगा ?
\((a) \frac{1}{2}
(b) \frac{2}{237}
(c) \frac{1}{137}
(d) \frac{1}{237}\)
उत्तर-
(c) \(\frac{1}{137}\)

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 12 परमाणु

प्रश्न 31.
प्रथम बोर अवस्था में किसी इलेक्ट्रॉन की दे-ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य होती है
(a) प्रथम कक्षा की परिधि के एक चौथाई के बराबर
(b) प्रथम कक्षा की परिधि के आधे के बराबर
(c) प्रथम कक्षा की दुगुनी परिधि के बराबर
(d) प्रथम कक्षा की परिधि के बराबर
उत्तर-
(d) प्रथम कक्षा की परिधि के बराबर

प्रश्न 32.
संक्षिप्त शब्द LASER का पूरा नाम है –
(a) Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation
(b) Light Amplitude by Stimulated Emision of Radiation
(c) Light Amplification by Strong Emission of Radiation
(d) Light Amplification by Stimulated Emission of Radiowave
उत्तर-
(a) Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation

प्रश्न 33.
सरल बोर मॉडल He4 परमाणु में मान्य नहीं होता है क्योंकि
(a) He4 एक अक्रिय गैस है।
(b) He4 के नाभिक में न्यूट्रॉन होता है।
(c) He4 में एक से अधिक इलेक्ट्रॉन है।
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) He4 में एक से अधिक इलेक्ट्रॉन है।

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 12 परमाणु

प्रश्न 34.
बोर त्रिज्या a0 = 53 pm लेकर बोर मॉडल के आधार पर Li++ आयन की अपनी मूल अवस्था में त्रिज्या लगभग होगी
(a) 53 pm
(b) 27 pm
(c) 18 pm
(d) 13 pm
उत्तर-
(c) 18 pm
(c) यहाँ, a0 = 53 pm, n = 1 मूल अवस्था के लिए Li++ आयन के
लिए, Z = 3
Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 12 परमाणु - 3

Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब

Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions

Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

गालिब पाठ्य पुस्तक के प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
‘गालिब गैर नहीं हैं, अपनों से अपने हैं, के द्वारा कवि ने क्या कहना चाहता है?’
उत्तर-
प्रगतिशील काव्यधारा के प्रमुख कवि त्रिलोचन ने उर्दू के महान शायर ‘मिर्जा गालिब’ की गैर नहीं अपनों से अपने कहा है। कवि के अनुसार गालिब हिन्दी साहित्य के लेखकों से अलग नहीं है। गालिब अन्य हिन्दी कवि और साहित्यकारों के समान ही जीवन-दर्शन, सामाजिक दर्शन तथा प्रकृति के रहस्यों को जनहित में उद्घाटित करने का कार्य अपने शायरों के माध्यम से किया है। शायरी के हल्केपन से दूर गालिब और कथ्य का सारगर्भित चित्रण बड़े ही सहज, स्वाभाविक और ठेठपन में किया है जो कल्याणकारी और शिक्षाप्रद है। वस्तुत: गालिब ने जनहित में लेखक कार्य कर हिन्दी जनता के होताय कवि होने का गौरव प्राप्त कर लिया है।

प्रश्न 2.
‘नवीन आँखों में जो नवीन सपने हैं’ से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
प्रगतिशील काव्य धारा के कवि त्रिलोचन ने मिर्जा गालिब के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का चित्रण ‘गालिब’ शीर्षक सॉनेट में किया है। कवि के अनुसार आधुनिक भारत के नौनिहालों के सपने जिसमें एक स्वावलम्बी- स्वाभिमानी और शक्ति सम्पन्न भारत के उज्जवल भविष्य का जो सपना है वही सपना गालिब को भी थी। गालिब ने अपनी शायरी के माध्यम से जीवन के जटिल गाँठ को खोलकर भविष्य निर्माण के लिए आवश्यक क्रिया-कलापों के लिए सारगर्भित विवेचन प्रस्तुत किया है। नवीन भारत के नौनिहालों के नवीन सपनों को साकार करने के लिए उन्होंने अक्षर की महिमा का दिग्दर्शन ही कराया है। अपनी भाषा और लक्ष्य में एकरूपता के कारण ही गालिब की बोली ही आज हमारी बोली बन गई है।

प्रश्न 3.
‘सुख की आँखों ने दुःख देखा और ठिठोली की’ में किन दुखों की ओर संकेत है?
उत्तर-
पतंत्रता की बेड़ी में जकड़ी भारत की सामाजिक, आर्थिक तथा धार्मिक जीवन में व्याप्त दुखों का वर्णन गालिब की रचनाओं में उल्लेखित है। स्वतंत्रता प्राप्ति के सुख को देखनेवाली आँखें, भारत की दारुण-दशा से व्यथित है। मिर्जा गालिब के ‘अंटी में दाम’ नहीं है वे साधारण जीवन व्यतीत करते हैं। अपने जीवन की कठिनाइयों भरे मार्ग से उतना दुःख नहीं है, वे तो जीवन का साधक कवि है जिसकी आँखों में एक सबल, सजग, सुशिक्षित, स्वावलम्बी तथा सर्वशक्तिसम्पन्न भारत का सपना है। उन्हें अपने व्यक्तिगत जीवन के दुःखों से ठिठोली करने की आदत-सी पड़ गई है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

प्रश्न 4.
गालिब ने अक्षर से अक्षर की महिमा किस प्रकार जोड़ी?
उत्तर-
कविवर त्रिलोचन ने उर्दू के महान शायर मिर्जा गालिब के शायरों का भारतीय साहित्य, भारतीय जीवन तथा भारतीय दर्शन पर गहरा और व्यापक छाप को सहज ही परिलक्षित किया है। गालिब का व्यक्तित्व सहज, सादगीपूर्ण तथा शिक्षाप्रद था। उनकी रचनाओं में हिन्दी, उर्दू तथा फारसी का घालमेल है। गालिब ने जो कुछ लिखा है वह जीवन के सत्य के अत्यन्त करीब है। अन्य उर्दू शायरों की भाँति उनकी शायरी में फूहड़पन और हल्केपन का समावेश न होकर तथ्य और कथ्य पर आधारित है। उनकी रचनाओं में नैसर्गिक रूप से भारतीय परम्परा सहज ही दृष्टिगोचर होता है।

उनकी भाषा की सशक्ता सार एवं चित्रण दुनिया के लिए एक दुर्लभ उदाहरण है। शब्द से शब्द जोड़कर उसकी महिमा को व्यापक अर्थ में जनहित में उद्घाटित करनेवाले कवियों के श्रेणी में गालिब प्रतिष्ठित हैं। कवि के रूप में उन्होंने हिन्दी, उर्दू तथा फारसी शब्दों के समायोजन कर व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। महान उर्दू शायर गालिब के शब्द .का समुचित आधार बनाकर तथा शब्द से शब्द को जोड़कर तथ्य और कथ्य को सहजता से पाठक के सामने प्रस्तुत करने में महारत हासिल था।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-“अपना कहने को क्या था, धान-धान नहीं था, सत्य बोलता था, जब-जब मुँह खोल रहे थे।”
उत्तर-
प्रस्तुत व्याख्येन पंक्तियाँ प्रगतिवाद काव्यधारा के प्रमुख कवि त्रिलोचन द्वारा विरचित ‘गालिब’ शीर्षक सॉनेट से ली गई है। इस कविता में कवि ने उर्दू के महान शायर मिर्जा गालिब के व्यक्त्वि एवं कृतित्व को निखारने-सँवारने तथा गहराई से अनुशीलन किया है। गालिब की जिन्दगी का चित्रण करते हुए कवि कहता है कि भले ही गालिब के पास धन-धान नहीं था, अपना कहने के लिए कुछ भी नहीं था; परन्तु उन्होंने अपनी सत्यनिष्ठा के संबल को कभी नहीं छोड़ा।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

गालिब की शायरी सत्य और समयानुरूप थी, जहाँ से मानव-जीवन के तार सहज ही झंकृत होते हैं। उन्होंने जब भी मुँह खोला अर्थात् रचना की वह सत्य पर आधारित भारतीय जनजीवन का सारगर्भित तत्व थे। गालिब सरलता, सादगी तथा सत्यनिष्ठा के लिए प्रसिद्ध थे। उनके इन्हीं गुणों के कारण वे हिन्दी साहित्य के करीब उनकी रचना पहुँच सकी और हिन्दी कवि ने उन्हें ‘अपनों से अपना’ कहा है।

प्रश्न 6.
इस रचना के आधार पर गालिब के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभर कर सामने आती है।
उत्तर-
प्रस्तुत सॉनेट ‘गालिब’ त्रिलोचन की गालिब के प्रति श्रद्धा और निष्ठा का दर्पण है। मिर्जा गालिब उर्दू के महान शायर थे जिन्होंने उर्दू शायरी के माध्यम से अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व का महान छाप भारतीय सभ्यता-संस्कृति पर छोड़ी। मिर्जा गालिब सरल, सहज एवं सादगी के प्रतिमूर्ति थे। धनहीन होने के बाबजूद गालिब ने सत्यनिष्ठा से कभी मुँह नहीं मोड़ा। गालिब ने अपनी रचनाओं को जनहित में उद्घाटित कर एक नवीन चेतना, नवीन आशा एवं नवीन ध्येय से जन-मानस को जोड़ने का प्रयास किया है।

उन्होंने अपनी गरीबी से ठिठोली करते हुए निराले अंदाज में जीवन-पथ पर संघर्षरत होकर भावी भविष्य के लिए नवीन सपने संजोने का कार्य किया था। उनकी रचनाओं में भारतीय अस्मिता, भारतीय संस्कृति तथा भारतीय समाज का स्पष्ट छाप सहज ही प्रतिबिंबित होता है। उन्होंने सत्य पर आधारित भारतीय जीवन-दर्शन को दर्शाया है। वे पुरोधा शायर के रूप में अक्षर से अक्षर की महिमा को जोड़ने का कार्य किया था।

उनकी शायरी में पकृति तथा मानव-जीवन-संघर्षों में जूझते भारतीय समाज के अद्भुत चित्र प्रतिबिम्बत है। जीवन को प्रतिकूल दशाओं में भी परम्परागत नैतिकता का मूल्यबोध के सहारे आगे बढ़ते रहने की कला का गालिब दुर्लभ और अद्वितीय उदाहरण थे। गालिब को भारतीय जनमानस अक्षर में अक्षर की महिमा जोड़ने वाला जीवन का साधक कवि के रूप में चिरस्मृत करता रहेगा।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

प्रश्न 7.
‘गालिब होकर रहे’ से कवि का क्या आशय है?
उत्तर-
प्रगतिशील काव्यधारा के पुरोधा कवि त्रिलोचन में ‘गालिब’ शीर्षक सॉनेट में उर्दू के महान शायर मिर्जा गालिब के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला है। मिर्जा गालिब युग-पुरुष थे, जिन्होंने समाज की कुरीतियों पर ठोकर मारे, परन्तु उनका सामाजिक जीवन कैसा था; इसका वर्णन त्रिलोचन ने यथार्थ रूप में किया है। सामाजिक अन्धविश्वास तथा जड़ता से दु:खी गालिब को स्वयं की दीनता नजर नहीं आई। गालिब ने आधुनिक जीवन के नवीन सपने देखे। गालिब ने जीवन की जटिल गाँठ को जनहित में उद्घाटित कर मानवता की अकूत सेवा की।

भारतीय संस्कृति जोड़ने वाले साधक कवि थे, जिन्होंने अपनी सत्यनिष्ठा पर आधारित रचनाओं से भारतीय मानस को उद्वेलित एवं झंकृत किया। अपनी सरलता, सादगी तथा भारतीय जीवन दर्शन के उद्घोषक कवि के रूप में गालिब हिन्दी जनता का जातीय कवि के रूप में प्रतिष्ठित हैं। गालिब ने हिन्दी और उर्दू के बीच महासेतु बनकर इनके बीच की दूरी को पाटने का सार्थक प्रयास किया है।

गालिब के करिश्माई व्यक्तित्व और कृतित्व से प्रभावित कवि गालिब के समान अपने जीवन और चरित्र का निर्माण करने हेतु प्रेरित किया है ताकि महान उर्दू शायर के समान भारत का प्रत्येक नागरिक सत्य, निष्ठा और कर्तव्य-परायणता का मेरुदण्ड बन सके। इस प्रकार गालिब का सम्पूर्ण व्यक्तित्व शिक्षाप्रद और अनुकरणीय है।

प्रश्न 8.
अपना कहने को क्या था, धन-धान नहीं था। सत्य बोलत था, जब-जब मुँह खोल रहे थे। [B.M.2009 (A)]
उत्तर-
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारे पाठ्य-पुस्तक दिगंत भाग-1 में संकलित प्रयोगधर्मी कवि त्रिलोचन रचित ‘गालिब’ शीर्षक सॉनेट से उद्धत है। कवि ने उर्दू के महान शायर और शख्सियत मिर्जा गालिब की आर्थिक स्थिति, पारिवारिक स्थिति और आत्मिक स्थिति तीनों का सूत्रवत चित्रण किया है। गालिब जी ने जो लिखा है वह जीवन का कटु सत्य है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

गालिब के जीवन में निजी कहलाने वाला कुछ नहीं था। जीवन में धन आया भी तो ठहरा नहीं। कोई चल-अचल संपत्ति उनके पास नहीं थी। एक विचित्र बात थी कि जब-जब उनका मुँह खुलता, वे मुंह को खोलते, मुँह से सिर्फ सत्य ही बाहर आता। सत्य तो कटु था। बेधक था, मारक था। सत्य से व्यष्टि से लेकर समाष्टि दूर भागते थे। सत्य का मार्ग अपनाकर हम स्वयं और सृष्टि का कल्याण करने में सक्षम हैं।

सचमुच सत्यवादी वही है जो संबंधों से असंबद्ध हो। कवि ने गालिब के व्यक्तित्व की वह झलक दिखलाई है जो कम शब्दों में अपनी बात बेजोड़ ढंग से रखते हैं।

प्रश्न 9.
हमको उनसे है वफा की उम्मीद। जो नहीं जानते वफा क्या है। गालिब अपने फन के समुच गालिब थे। व्यारघ्या करें। [B.M.2009(A)]]
उत्तर-
प्रस्तुत पंक्तियाँ प्रगतिवाद काव्यधारा के प्रमुख कवि त्रिलोचन द्वारा विरचित गालिब शीर्षक सॉनेट से ली गई हैं।

कवि त्रिलोचन ने जो फारसी के अजीम शायर मिर्जा असद उल्लाह खाँ, ‘गालिब’ का शब्द चित्र अपने सॉनेट में प्रस्तुत किया है। उसके अनुसार मिलन सार हमदर्द, हरदिल अजीज इंसान थे। उन्होंने हमारी बोली को तराशा, हमारी जुदा-जुबानों को एक जगह लाने का गंगा-यमुना के पानी को एक करने जैसा कार्य किया। जिसका परिणाम है कि आज हिन्दी में उर्दू, फारसी, अरबी के शब्द के धुल-मिल गए हैं।

गालिब स्पष्ट करते हैं कि हमने उन लोगों से बफाई और मुहब्बत की उम्मीद की है जो वफा से परिचित ही नहीं है। शायर के मनोभाव को परखने वाले जौहरी का अभाव है। दुनियाँ वालों से उनकी जो उम्मीदें थीं वे साकार नहीं हो पाईं। एक तरह से उनका दर्द ही इन पंक्तियों में उभरकर सामने आया है।

गालिब भाषा की बात

प्रश्न 1.
प्रस्तुत सॉनेट में त्रिलोचन ने कई मुहावरों का प्रयोग किया है। जैसे-अपनों से अपना, अंटी में दाम न होना आदि। पाठ के आधार पर ऐसे मुहावरों की सूची बनाएँ और उनका वाक्य में प्रयोग करें।
उत्तर-
कवि त्रिलोचन रचित ‘गालिब’ शीर्षक सॉनेट में निम्नलिखित मुहावरे आये हैं अपनों से अपने-तुमसे क्या छिपाना, तुम तो अपनों से अपने हो। गाँठ जटिल-भागने में नहीं बहादुरी जीवन की जटिल गाँठ खोलने में है। दाम नहीं अंटी में-रिलायंस कम्पनी तुम खरीदगे? अंटी में दाम भी है या नहीं?

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

साँस-साँस पर तोलना-किस शब्द का क्या प्रभाव होगा बोलने से पहले साँस-साँस पर तौल लेना चाहिए।

अपना कहने को क्या-अपना कहने को क्या, तुम मेरी छोड़ो अपनी जरूरत कहो। मुँह खोलना- कीमत मुँह खोलने की भी होती है। गालिब होकर रहे-जीवन से हार कर नहीं, जीवन को गालिब होकर आनंद उठाओ।

प्रश्न 2.
महिमा, गरिमा शब्दों की तरह ‘इमा’ प्रत्यय लगाकर आठ अन्य शब्द बनाएं।
उत्तर-
पूर्णिमा, अरुणिमा, कालिमा, लालिमा, रक्तिमा, गरिमा, लघिया, महिमा।

प्रश्न 3.
‘धन-धान’ में कौन-सा समास है?
उत्तर-
धन-धान में द्वन्द्व समास है।

प्रश्न 4.
‘सत्य बोलता था जब-जब मुंह खोल रहे थे’-इस वाक्य में कर्ता कौन है।
उत्तर-
इस वाक्य में कर्ता ‘सत्य’ है जो बोलने का कार्य कर रहा है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

प्रश्न 5.
‘बेशक’ में ‘बे’ उपसर्ग है। ‘बे’ उपसर्ग लगाकर सात शब्द बनाएँ।
उत्तर-
बेकार, बेलगाम, बेमरौवत, बेमजा, बेसहारा, बेलौस और बेसुरा।

प्रश्न 6.
‘अक्षर’ शब्द के प्रयोग में श्लेष अलंकार है, कैसे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
एक ही शब्द के विभिन्न सन्दर्भो में जब अलग-अलग अर्थ (भले ही निरर्थक हो) मिलते हैं तब श्लेष अलंकार होता है। यहाँ अक्षर का पहला अर्थ वर्ण, दूसरा अर्थ भाषा (वाणी) और तीसरा अर्थ सर्वशक्तिमान कालपुरुष, जन्म-जरामरण से रहित ईश्वर, ब्रह्म परमेश्वर और अल्लाह है।

प्रश्न 7.
त्रिलोचन की काव्य भाषा में एक सादगी और सरलता दिखलाई पड़ती है चौड़ी गहरी नदी जैसी बताई जाती है। इस सॉनेट की सादगी और सरलता को आधार बनाकर उनकी काव्य भाषा पर एक टिप्पणी कीजिए।
उत्तर-
त्रिलोचन प्रगतिवादी आन्दोलन के प्रमुख हस्ताक्षर हैं। प्रगतिवाद की विशेषताओं में एक यह भी है कि सरल बोधगम्य शब्दों, बिम्बों के माध्यम से कवि अपनी बात रखता है किन्तु उसकी मारक क्षमता कहीं अधिक बढ़ी होती है। त्रिलोचन को प्रेमचंद, निराला और नागार्जुन जैसे वास्तविक संघर्षपूर्ण संसार मिला, जिसे देखने, जीने भोगने और उसमें कलात्मक सुधार करने का अवसर मिला।

संघर्षों से दो-दो हाथ करते रहने वालों की काव्य भाषा में सादगी और सरलता ही आयेगी। ‘गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है-“छुद्र नदि भरि चलि तोराई” अर्थात् जिन नदियें का पेटी उथला होता है, वे ही अधिक उफनती है। सौभाग्य से त्रिलोचन का वस्तु संसार जितना विस्तृत है उतना ही अनुभव सम्पृक्त भी है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

वे सॉनेट भले लिखते हों किन्तु सॉनेट रूपी गागर में वे सागर भर देते हैं। वह भी अपने आस-पास के प्रचलित शब्दों से लोकोक्तियों और मुहावरों के भरोसे। क्योंकि उन्हें यह सत्य पता है कि मुहावरे और लोकोक्तियों के पीछे कितने कड़े कटु अनुभव, मानस वृत्तियों का कितना लम्बा इतिवृत्त संबली के रूप में खड़ा है।

गालिब शीर्षक सॉनेट में भी यही सादगी और सरलता दृष्टिगोचर होती है। बोली गाँठ, ठिठोली-बहलाया, दाम, अंटी, साँस-तोल धान जैसे शब्दों के बदले त्रिलोचन शब्द कोश में अर्थ ढूँढने पर बाध्य कर देने वाले शब्दों का भी प्रयोग कर सकते थे किन्तु तब, गालिब का व्यक्तित्व इतना सहज नहीं होता। वे भी केशव की तरह कठिन काव्य के “प्रेत” की तरह दीखते। कवि भवानी प्रसाद मिश्र ने भी लिखा है-

“जैसा मैं कहता हूँ, वैसा तू लिख फिर भी मुझसे बड़ा तू दीख”

कवि का बड़प्पन इसी में है कि यह बारीक-से-बारीक बात जेहन में उतार दे बिना किसी ताम-झाम के। अलंकार यदि स्वाभाविक रूप से आ जाएँ तो ठोक वरना अतिरिक्त श्रम न करे। तुम मिल जाए तो ठीक। किन्तु तुक के लिए बेतुक अर्थहीन वर्ष.-विन्यास से बचे। हम समझते है कि आधुनिक होकर भी, उच्च शिक्षा प्राप्त करके भी त्रिलोचन आपादमस्तक सादगी की पूतिमूर्ति हैं और इसी के प्रक्षेप इनके सॉनेट हैं।

प्रश्न 8.
‘महिमा’ संज्ञा है या विशेषण? वाक्य में प्रयोग कर स्पष्ट करें।
उत्तर-
महिमा भाववाचक संज्ञा पद है, जिसका अर्थ है-बड़ाई, महातम, महात्म्य, गौरव आदि। उदाहरण-भगवान श्रीकृष्ण की महिमा अपरम्पार है। भगवान श्रीराम की महिमा जगजाहिर है।

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

गालिब दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सॉनेट के विषय में जानकारी दें।
उत्तर-
सॉनेट अंग्रेजी साहित्य का काव्यरूप है। हिन्दी में इसके लिए चतुर्दश पदी शब्द का प्रयोग होता है। इस काव्य रूप के विषय में निम्न बातें ध्यातव्य हैं।

  1. इसमें चौदह पंक्तियाँ होती है, कम या अधिक नहीं।
  2. दो-दो पंक्तियों का युग्म या जोड़ा होता हैं जिसे कप्लेट (Couplet) कहते हैं। ऐसे सात कप्लेट से एक सॉनेट बनता है।
  3. अंतिम कप्लेट में सॉनेट की विषयवस्तु से सम्बन्धित कोई महत्त्वपूर्ण तथ्य संदेश के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

प्रश्न 2.
शेर और गजल किसे कहते हैं?
उत्तर-
शेर और गजल दोनों उर्दू शायरी से सम्बन्धित काव्य रूप हैं। शेर में दो पंक्तियाँ होती हैं। इसका शाब्दिक अर्थ होता है एक लड़ी में पिरोना। गद्य को जब पद्य का रूप दिया जाता है तो वह बोध हो जाता है। इसमें दो चरण या पंक्तियाँ या मिसरे होते हैं।

गजल-इसका अर्थ होता है प्रेमिका से बातचीत। यह ऐसा काव्य रूप है जिसमें पाँच से ग्यारह शेर अर्थात् दस से बाईस पंक्तियाँ होती हैं। कुछ लोग इसमें सात से चौदह मिसरे या पंक्तियाँ मानते हैं। इसमें हर शेर दूसरे से स्वतंत्र होता है। उसका मजमून या विषय अलग-अलग होता है। दोनों पंक्तियों का एक प्रकार का तुक होता है। इसमें प्रेमिका के रूप, रंग, अदा तथा खूबियों का अधिकतर बढ़ा चढ़ा और प्रभावशाली वर्णन होता है। वास्तव में गजल में हुश्न और इश्क का वर्णन गजल गोई के दिलों की आवाज को प्रकट करता है।

गालिब उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गालिब का व्यक्तित्व कैसा था?
उत्तर-
त्रिलोचन के अनुसार गालिब का व्यक्तित्व दबंग था। वें वक्ता थे। वे दु:खों और कठिनाइयों से संघर्ष करते रहे। उन्हें दुनिया से कोई काम नहीं था, लेकिन वे दुनिया को अपनी अनुभवी आँखों से सदा तौलते रहे। वे मनमौजी स्वभाव के मस्त व्यक्ति थे। उनकी आँखों में सदैव नये सपने पलते थे जिन्हें वे अपनी रचनाओं में व्यक्त करते थे।

प्रश्न 2.
गालिब का कवि-कर्म का संक्षेप में विवेचन करें।
उत्तर-
शायरी के क्षेत्र में गालिब सदा कुछ नया और दूसरे शायरों से कुछ अलग कहने के अग्रणी थे। उनकी रचनाओं में जीवन की जटिल गाँठे खोलने का प्रयत्न है। इसी कारण उनकी अभिव्यक्ति में हल्कापन नहीं है उनकी भाषा भी सहज और सम्प्रेषणीय है, इसलिए वह प्रभाव उत्पन्न करती है। वे जीवन के अनुभवों के कवि हैं। अत: उनकी रचनाओं में सत्य मुखर और बेलौस होकर बोलता है। दूसरे शब्दों में, वे सत्यम् के कवि हैं।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

गालिब अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गालिब का जीवन कैसा था?
उत्तर-
कवि त्रिलोचन के अनुसार गालिब गरीब थे। उनके पास घर नहीं था। उनकी जेब में पैसे नहीं थे। परिवार के नाम पर अपना कहने के लिए भी कोई नहीं था। उन्होंने सुख की आँखों से दुख को देखा था।

प्रश्न 2.
गालिब गैर क्यों नहीं लगते हैं?।
उत्तर-
गालिब दो कारणों से गैर नहीं लगते हैं। प्रथम उनकी भाषा हमारी आज की भाषा की तरह आधुनिक है। द्वितीय, उनके सपने वे ही हैं जो आज की नयी पीढ़ी के नये सपने हैं।

प्रश्न 3.
गालिब द्वारा ‘दुनिया जोतने’ से कवि का क्या तात्पर्य है?।
उत्तर-
दुनिया जोतने से कवि का तात्पर्य यह है कि गालिब की रचनाओं में जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के यथार्थ अनुभवों का भंडार है।

प्रश्न 4.
‘गालिब ने जब भी मुँह खोला सत्य कहा’ का तात्पर्य क्या है?
उत्तर-
गालिब ने अपनी रचनाओं में जो भी लिखा है वे सभी बिना किसी लाग लपेट के सत्य की तल्ख अभिव्यक्ति हैं।

प्रश्न 5.
नवीन आँखों के नवीन सपने का क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
कवि का तात्पर्य है कि गालिब ने जो कुछ लिखा है वह आज की नयी पीढ़ी की भावनाओं से पूर्णत: मेल खाता है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

प्रश्न 6.
सुख की आँखों से दुःख देखा और ठिठोली की-इसका क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
गालिब गरीबी के बीच रहकर भी मस्त जीवन जीते रहे। दु:खों की कभी परवाह नहीं की। यही कारण है कि गजल के दृष्टिकोण से गालिब का अद्वितीय स्थान है।

प्रश्न 7.
गालिब शीर्षक कविता में कवि के द्वारा किस शायर का परिचय दिया गया है?
उत्तर-
गालिब शीर्षक कविता में कवि त्रिलोचन ने मिर्जा गालिब का परिचय दिया है।

प्रश्न 8.
गालिब कैसी प्रकृति के व्यक्ति थे?
उत्तर-
शायर गालिब आजाद प्रकृति के व्यक्ति थे।

प्रश्न 9.
असदुल्लाह खाँ किनका नाम था?
उत्तर-
असदुल्लाह खाँ प्रसिद्ध शायर और गजलगो मिर्चा गालिब नाम था।

गालिब वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

I. निम्नलिखित प्रश्नों के बहुवैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर बताएं

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

प्रश्न 1.
गालिब कविता के कवि हैं?
(क) मैथिलीशरण गुप्त
(ख) दिनकर
(ग) त्रिलोचन
(घ) मीरा
उत्तर-
(ग)

प्रश्न 2.
गालिब का जन्म कब हुआ था?
(क) 1971 ई०
(ख) 1885 ई०
(घ) 1910 ई०
उत्तर-
(क)

प्रश्न 3.
गालिब का जन्म स्थान था
(क) मध्य प्रदेश
(ख) दिल्ली
(ग) उत्तर प्रदेश
(घ) हिमाचल प्रदेश
उत्तर-
(ग)

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

प्रश्न 4.
कवि का मूल नाम था
(क) जगदेव सिंह
(ख) वासुदेव सिंह
(घ) नटवर सिंह
उत्तर-
(ख)

प्रश्न 5.
गालिब की कृतियाँ हैं
(क) दिगंत
(ख) शब्द
(ग) फूल नाम एक है
(घ) अमोला
उत्तर-
(क)

प्रश्न 6.
गालिब की गद्य रचनाएँ हैं
(क) देशकाल
(ख) रोजनामचा
(ग) काव्य और अर्थबोध
(घ) मुक्ति बोध की कविताएँ
उत्तर-
(ग)

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

प्रश्न 7.
त्रिलोचन की रचना है
(क) काव्य
(ख) सौनेट
(ग) गद्य लेखन
(घ) कहानी-संग्रह
उत्तर-
(ख)

प्रश्न 8.
त्रिलोचन हैं
(क) लेखक
(ख) काहनीकार
(ग) कवि
(घ) फकीर
उत्तर-
(ग)

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

प्रश्न 1.
त्रिलोचन …………….. काव्यधारा के प्रमुख कवि हैं।
उत्तर-
प्रगतिवाद या प्रगतिशील।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

प्रश्न 2.
त्रिलोचन हिन्दी कविता में …………… के तो पर्याय ही माने जाते हैं।
उत्तर-
सॉनेट।

प्रश्न 3.
त्रिलोचन ने मुख्य रूप से ……………. अपनी कविता का विषय बनाया है।
उत्तर-
ग्रामीण जीवन और किसानों-श्रमिकों की संस्कृति को।

प्रश्न 4.
त्रिलोचन ने संस्कृत, हिन्दी, उर्दू आदि भषाओं का …………….. किया है।
उत्तर-
अनुशीलन तथा आत्मसात।

प्रश्न 5.
अपने बाद की कविता पर त्रिलोचन का ……………. उनके विशेष महत्व का प्रमाण है।
उत्तर-
रचनात्मक प्रभाव।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

प्रश्न 6.
प्रस्तुत सॉनेट उनके प्रसिद्ध संकलन ……………… में संकलित है।
उत्तर-
दिगंत।

गालिब कवि परिचय – त्रिलोचन (1917)

प्रश्न-
कवि त्रिलोचन का जीवन-परिचय देते हुए उनकी काव्यगत विशेषताओं का विवेचन कीजिए।
उत्तर-
कवि त्रिलोचन का प्रगतिशील कविताओं के कवियों में प्रभावपूर्ण स्थान है। इनका मूल नाम वासुदेव सिंह था। इनका जन्म सन् 1917 में चिरानी पट्टी जिला सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। इन्होंने अनेक काव्य-रचनाएँ लिखीं। काव्य के साथ-साथ गद्य के क्षेत्र में भी इनकी लेखनी की प्रवीणता कुछ कम नहीं रही। साहित्य के अनुपम रचनाओं के लिए इन्हें साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत किया गया। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इन्हें गाँधी पुरस्कार से नवाजा गया। श्लाका सम्मान भी इनकी महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।

काव्य-रचनाएँ-धरती, शब्द, अरधान, चैती, मेरा घर, तुम्हें सौंपता हूँ, गुलाब और बुलबुल, ताप के मथ हुए दिन, उस जनपद का कवि हूँ, दिगंत अमाला आदि।

गद्य रचनाएँ-रोजनामचा, देशकाल, काव्य और अर्थ बोध, मुक्ति बोध की कविताएँ। हिन्दी के अनेक कोशों के निर्माण में त्रिलोचन जी ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

काव्यगत विशेषताएँ-त्रिलोचन जी बहुभाषी विज्ञ शास्त्री भी माने जाते हैं। इनके द्वारा रचित साहित्य में इनका अनेक भाषाओं का ज्ञान स्पष्ट झलकता है। इस ज्ञान से इनकी रचनाओं में

पर हावी नहीं होता। इनकी रचनाओं की भाषा छायावादी कल्पनाशीलता से दूर ग्राम्य जीवन की माटी से जुड़ी यथार्थ की भाषा है। हिन्दी में सॉनेट (अंग्रेजी छंद) को स्थापित करने का श्रेय भी त्रिलोचन जी को जाता है। सामान्य बोलचाल की भाषा को यह कवि पाठक के सम्मुख इस प्रकार से नए स्वरूप में प्रस्तुत करता है कि वह उसे अपने ही आस-पास के वातावरण की जान पड़ती है। इनकी भाषा हृदय को छू लेने वाली है। भाषा सरल और बोधगम्य है। वस्तुतः आधुनिक प्रगतिशील हिन्दी कवियों में त्रिलोचनजी का प्रभावपूर्ण स्थान है।

गालिब कविता का सारांश

प्रश्न-
कवि त्रिलोचन द्वारा लिखित सॉनेट ‘गालिब’ का सारांश लिखें।
उत्तर-
प्रस्तुत सॉनेट प्रसिद्ध कवि त्रिलोचन द्वारा रचित ‘गालिब’ एक प्रसिद्ध सॉनेट है। यहाँ का अंकन ऐसी सरलता और सादगी से किया गया है कि उनकी शबीह में नैसर्गिक अपनाने के साथ पूरी परम्परा का अक्सर दृश्य दिखाई पड़ता है।

एक कवि दूसरे कवि पर लिखे और वह भी सहृदयता के साथ पूरी तरह नतमस्तक होकर तो जरूर कोई बात होगी। और जब बात गालिब की हो तो वकौल गालिब-

“कुछ तो पठिए कि लोग कहते हैं।”
आज गालिब “गजल सरा” न हुआ।”

उसी गालिब पर चुष्पदी छंद विद्या के धुरंधर कवि त्रिलोचन ने सॉनेट रचा। इस सॉनेट के अनुसार गालिब, गैर नहीं है, विजातीय नहीं, बेगाने नहीं। वे किसी रक्त संबंधी की तरह ही स्वजन प्रिय है, प्रेमास्पद हैं क्योंकि उनकी सोच संकीर्ण नहीं है। गालिब ने फारसी के बाद उर्दू और उर्दू के साथ हिन्दी को मजबूती प्रदान की, अर्थवत्ता प्रदान की। आज जो हर किसी की आँखों मे चमकीले सपने तैरते हैं, वे गालिब के देखे गये तरक्की पसंद सपनों के ही हिस्से हैं। गालिब ने जीव-जगत के संबंध के रहस्य को, गांठ को खोलने का काम किया। वह भी नपी-तुली भाषा-शैली में कही भी उनकी भाषा में भटकाव, हल्कापन नहीं है। बचपन सुख से बीता पर व्यक्तिगत कारणों से (शराब और जुए की लत) वे बाकी जिन्दगी दुःख में काटी। खोखली ढिढोलियों के द्वारा ही मन बहलाया।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

“मुफ्त की ‘मय’ पीते है कि जाहिद
रंग लाएगी फाका मस्ती भी मेरी एक दिन”

पैसे का अभाव रहा फिर भी दुनिया से कोई ऐसा वास्ता नहीं रखा कि शर्मसार होना पड़े। हाँ गालिब मन मसोस कर दुनिया की दोरंगी नीति, चाल-ढाल को बड़े गौर से देखते रहे। उनके पास उनका अपना कहलाने वाला भी कोई नहीं था, कुछ भी नहीं था। फिर भी उनके पास अजीब-सी थाती थी। जब कभी कुछ बोलते, कहने के लिए मुँह खुलता तो लगता जैसे सत्य बोल रहे हैं। गालिब अपनी शर्तों पर जीते रहे और अपनी तरीके से कूच किया। किन्तु जो कर गये, जो छोड़कर गये, जो हमें दे गये, वह अमूल्य है, अतुल्य है। गालिब ने अलग-अलग भाषाओं के बीच भावात्मक रिश्ता कायम किया। अलग-अलग धर्म सम्प्रदायों के बीच “परमब्रह्म अनल हक” की एकरूपता का प्रतिपादन किया।

कवि त्रिलोचन ने भी अत्यन्त नपे-तुले ढंग से गालिब की जीवन रेखाओं को उभारा है। उनके व्यक्तित्व और अवदान दोनों को रेखांकित किया है। कविता में यमक, वीप्सा, अनुप्रास जैसे अलंकारों के साथ मुहावरों और लोकोक्तियों में भी अपनी जगह बनायी है।

गालिब कठिन शब्दों का अर्थ

गालिब-शक्तिशाली, जबर्दस्त, विजेता। गैर-पराया। ठिठोली-मजाक, दिल्लगी। अंटी-बटुवा, जेब। अक्षर-जिसका क्षरण न हो, जो नष्ट न हो। बेशक-निस्संदेह।

गालिब काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. गालिब गैर नहीं ……………….. गालिब के सपने हैं।
व्याख्या-
‘गालिब’ शीर्षक सॉनेट की प्रस्तुत पंक्तियों में कवि त्रिलोचन कहना चाहते हैं कि मात्र भाषा और धर्म की भिन्नता के कारण गालिब को भिन्न नहीं माना जा सकता। वे हमारे समानधर्मा हैं। वे जिस प्रकार की भाषा में अपने भावों का व्यक्त करते हैं वही हमारी भी भाषा है। उनकी रचनाओं में जो व्यक्त हुआ है वही हमारी आज की नयी पीढ़ी के सपने हैं। यहाँ बोली. का साधारण अर्थ नहीं है। यहाँ बोली से तात्पर्य कहने के ढंग और भाषा से है। सारांशत: कवि कहना चाहता है कि आधुनिक भाव-विचार का जो स्वरूप है वही गालिब में भी प्राप्त है। अत: वे हमारे समान धर्मा हैं, हमारे अपने हैं, अपने धर्म के लोगों और अपनी भाषा अर्थात् हिन्दी में लिखने वाले लोगों की तुलना में वे हमें ज्यादा अपने अनुभव होते हैं।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

2. गालिब ने खोली गाँठ ………………. नाम नहीं था।
व्याख्या-
‘गालिब’ शीर्षक कविता की प्रस्तुत पंक्तियों में त्रिलोचन जी ने गालिब की कविताओं की विशेषता बतलाई है। उनके अनुसार गालिब की कविताओं में जीवन की जटिलता को अंकित करने और उसका रहस्य समझाने की चेष्टा है। उसमें कही गयी बात अर्थात् तथ्य और बोली अर्थात् कहने का ढंग और कहने के लिए अपनायी गई शैली दोनों तुली हुई है अर्थात् सटीक है। अर्थात् कथ्य को इस तरह तोलकर कहा गया है कि सीधे प्रभाव उत्पन्न करती है। उसमें ऊपरी तौर पर सरलता लगती है, लेकिन कथ्य और भाषा दोनों प्रभावशाली होने के कारण हलकापन नहीं है। अभिप्राय यह है कि गालिब की कविता में बात वजनदार ढंग से कही गयी है।

3. सुख की आँखों ने दुःख देखा …………….. धन-धान नहीं था।
व्याख्या-
प्रस्तुत पंक्तियों में गालिब के विषय में त्रिलोचन बताना चाहते हैं कि उन्होंने पहले सुख के दिन देखे। फिर दुर्दिन ने घेरा तो उन्हीं सुख देखने वाली आँखों से दुःख देखना पड़ा। तब लापरवाही और मस्ती के सहारे उन्होंने दुख के साथ ठिठोली की। इस तरह दु:ख के साथ ठिठोली कर यानी उसे हल्केपन से लेकर हँसी-मजाक में उसके प्रभाव को नकार कर गालिब ने अपना जी बहलाया।

उनके पास पैसे नहीं थे। दुनिया से कोई मतलब नहीं था लेकिन सतत् हर साँस वे संसार के लोगों, व्यवहारों को तौल रहे थे। उनके पास धन-धान तो नहीं ही था अपना कहने के लिए भी कोई नहीं था। इसलिए वे बेखौफ होकर सत्य को अपनी शायरी में अभिव्यक्त करते रहे। जब मुँह खोला अर्थात् जब कविता लिखी तो जीवन के सत्य को ही वाणी दी, न समझौता किया, न चापलूसी की। कवि के कहने का आशय यह है कि समय के प्रभाव और दुःखों की मार से गालिब विचलित नहीं हुए तथा सदा सच को वाणी दी।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

4. गालिब हो कर रहे ………………. महिमा जोड़ी।
व्याख्या-
त्रिलोचन रचित ‘गालिब’ कविता से प्रस्तुत पंक्तियाँ ली गयी है। यह उस सॉनेट की अंतिम पंक्तियाँ हैं जिनसे गालिब की कविता के प्रभाव को सूझ–रूप में उपस्थित किया गया है। प्रथम पंक्ति में कवि ने यह बताया है कि गालिब ने परिस्थितियों से जूझकर अपनी साहित्यिक पहचान बनायी और सारी दुनिया को जीतकर रख दिया। अर्थात् जीवन के विविध क्षेत्रों के जटिल और गंभीर समस्या की व्याख्या अपने काव्य माध्यम से की। अत: उनकी कविता जीवन के सच की व्याख्या है।

दूसरी पंक्ति में यह कहा गया है कि वे कवि थे। कवि जो मनीषी होता है, द्रष्टा और स्रष्टा होता है। अक्षर जोड़ना अर्थात् कविता लिखना उनका कार्य था। उन्होंने इस अक्षर-कर्म के स्रष्टा होता है। अक्षर जोड़ना अर्थात् कविता लिखना उनका कार्य था। उन्होंने इस अक्षर-कर्म के सहारे अक्षरत्व अर्थात् अमरत्व प्राप्त किया। कवि की दृष्टि में वे एक अनश्वर कवि हैं, उनकी कृतियाँ समय के साथ और चमकदार और प्रासंगिक होती गयी। अत: अक्षर-साधन से उनको वह महिमा मिली है जो उन्हें अक्षर अर्थात् अनश्वर, अक्षर बनाती है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)

Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार

Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions

Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

झंकार पाठ्य पुस्तक के प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
कवि ने शरीर की सकल शिराओं को किस तंत्री के तार के रूप में देखना चाहा है?
उत्तर-
मैथिली शरणगुप्त जैसे राष्ट्रभक्त कवि ने अपने शरीर की सकल शिराओं को मातृभूमि की सर्वतोमुखी विकास रूपी तंत्री के तार रूप में देखना चाहा है। कवि सम्पूर्ण संचित ऊर्जा क्षमता को मातृभूमि के कायाकल्प प्रक्रिया में लगा देना चाहा है।

प्रश्न 2.
कवि को आघातों की चिन्ता क्यों नहीं है?
उत्तर-
कवि राष्ट्र-प्रेम की भावना लोकचित में जागृत करना चाहता है। स्वाधीनता की व्याकुलता में वह स्वाधीनता आन्दोलन को सम्पूर्ण राष्ट्र में अंतर्व्याप्त करना चाहता है। गुलामी से बढ़कर कोई दूसरी पीड़ा नहीं है। स्वाधीनता की उत्कट आकांक्षा कुछ विलक्षण ही होती है। स्वाधीनता की आकांक्षा ने कवि को आघातों की चिन्ता से विमुक्त कर दिया है।

प्रश्न 3.
कवि ने समूचे देश में किस गुंजार के गमक उठने की बात कही है?
उत्तर-
आधुनिक भारत के प्रथम राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त में गुलामी की जंजीर में जकड़ी भारत माता को स्वाधीन करने की गहरी व्याकुलता है। कवि गुलाम भारत में आजादी प्राप्ति हेतु शौर्य, पौरुष तथा पराक्रम का संचार करना चाहता है, जिसके बल पर सम्पूर्ण भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए संघर्ष का स्वर गुंजारित हो सके। कवि स्वाधीनता आंदोलन में देशवासियों की सक्रिया सहभागिता चाहता है। वह स्वतंत्रता प्राप्ति के गुंजार का गमक सम्पूर्ण देश में गुंजारित करना चाहता है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

प्रश्न 4.
“कर प्रहार, हाँ कर प्रहार तू,
भार नहीं, यह तो है प्यार।
यहाँ किससे प्रहार करने के लिए कहा गया है। यहाँ भार को प्यार कहा गया है। इसका क्या अर्थ है?
उत्तर-
प्रस्तुत व्याख्येय पंक्तियाँ हमारे पाठ्य पुस्तक दिगंत भाग-1 में संकलित राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त रचित झंकार शीर्षक कविता से ली गयी हैं।

सांगीतिक वातावरण में जब संगत करते कलाकार विभिन्न प्रकार के रागों स्वरो, लयों का, अपनी कलाकारिता का इस भाव से प्रदर्शन करे कि सामने वाला कलाकार निरुतर हो जाए। किन्तु समर्थ कलाकार उसकी तोड़ प्रस्तुत करता चलता है जिससे स्वस्थ प्रतियोगी वातावरण बनता है तब परमआनंद की अनुभूति होती है। यहाँ प्रहार का यही अर्थ है, यहाँ एक कलाकार कलावत अपने समकक्ष कलाकर को, ताल, राग के माध्यम से प्रहार करने और स्वयं को उसका प्रतिकार करने के लिए प्रस्तुत होने की बात करता है।

“विपरीत और विरोधी के बीच ही विकास है” के सूत्र को पकड़े हुए कवि इस प्रहार को प्यार की संज्ञा देता है। जब तक चुनौती नहीं हो निखार नहीं आता। जब तक धधकती आग नहीं गोल्डेन सीरिज पासपोर्ट हो सोने में कांति नहीं आती है। कवि चुनौतियों, जबावदेहियों, दायित्वों को भार स्वरूप नहीं प्यार स्वरूप स्वीकार करता है।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित पंक्तियां की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
(क) “मेरे तार तार से तेरी
तान-तान का हो विस्तार
अपनी अंगुली के धक्के से
खोल अखिल श्रुतियों के द्वार।”
सप्रसंग व्याख्या-
प्रस्तुत सारगर्भित पंक्तियाँ हमारे पाठ्य पुस्तक दिगंत भाग-1 में संकलित राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त रचित ‘झंकार’ शीर्षक कविता से उद्धत हैं। वीणा से राग स्वर तभी निःसृत होता है तब उसके ऊपर तार अपनी जीवनाहूति देते हैं, अपने को तनवाने (तन्य) के लिए प्रस्तुत होते। स्वर संधान के पूर्व तारों को साधित किया जाता है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

कवि स्वर संधान की पूर्व पीठिका बनने को प्रस्तुत है। अपनी शरीर की शिराओं को तार बनाने का सन्नद्ध है और वाँछा करता है, स्वर लहरी दूर-दूर तक गूंजे। प्रवीण अंगुलियों का तारों पर आघात इतना पुरजोर हो कि अखिल सृष्टि में यह कल निनाद सुना जा सके। कवि ठोस आधार पर मसृण कलाकृति का आकाक्षी है।

कवि शारीरिक भूख के ऊपर उठकर मानसिक हार्दिक क्षुधा की तृप्ति हेतु आहन करता है।

स्पष्ट है गुप्त जी का झुकाव छायावादी विचारधारा की ओर हो चुका है। तार-तार और तान-तान में वीप्सा अलंकार तथा अपनी अंगुली ……………….. अखिल में ‘अ’ वर्ण की आवृति से अनुप्रास अलंकार उपस्थित है।

(ख) ताल-ताल पर भाल झुकाकर
माकहत हों सब बारम्बार
लघ बँध जाए और क्रम-क्रम से
सभ में समा जाए संसार।
सप्रसंग व्याख्या-
प्रस्तुत सारगर्भित पंक्तियाँ हमारे पाठ्य पुस्तक दिगंत भाग-1 में संकलित मैथिलीशरण गुप्त रचित ‘झंकार शीर्षक कविता से उद्धृत हैं। इन पंक्तियों में कवि ने संगीत की चरम स्थिति की प्राप्ति और उसके प्रभाव की चर्चा की है। संगीत वह भाषा है जिसे अनपढ़ भी समझ लेते हैं। संगीत का जब समां बन्ध जाता है तो हर ताल पर, हर थाप पर प्रत्येक आरोह-अवरोह के साथ श्रोता अपने निजत्व को त्याग कर संगीत के सम्मोहन में बन्धे सिर झुकाते रहते हैं। आनन्द के सागर में डूबे रहते हैं। उन्हें मधुमती भूमिका प्राप्त होती है।

परिपक्व संगीत ‘ब्रह्मानन्द सहोदर’ आनंद की प्राप्ति करता है। संगीत गायन वादन के क्रम में वह चरम क्षण भी आता है जिस सम कहा जाता है जहाँ एक अलौकिक शांतिमय संसार का सृजन हो जाता है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

कविक अभीष्ट है कि हम कला को इस ऊँचाई तक ले जाएँ कि आलोचना का अवकाश न रहे बल्कि हमारी कला विश्व समुदाय को मोहित, आकर्षित करने, उन्हें मधुमती भूमिका में पहुँचाने, ब्रह्मानंद का क्षणिक ही सही साक्षात्कार कराने में सफल हो।

कवि भारत के सांस्कृतिक उत्थान का आकांक्षी है। लालित्य वर्द्धन का आकांक्षी है।

प्रस्तुत पंक्तियां में वीप्स और अनुप्रास अलंकार का वर्णन हुआ है।

प्रश्न 6.
कविता का केन्द्रीय भाव क्या है? अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर-
आधुनिक काल के द्वितीय उत्थान-द्विवेदी युग के प्रमुख कवि हैं मैथिलीशरण गुप्त। वे आधुनिक भारत के प्रथम राष्ट्रकवि तथा नए भारत में हिन्दी जनता के प्रतिनिधि कवि के रूप में सम्मानित हैं।

प्रस्तुत कविता में कवि कहता है कि स्वतंत्रता का स्वर इतना ऊचाँ हो कि सम्पूर्ण राष्ट्र एकीभूत होकर देश की आजादी का स्वर गुंजारित करे। प्रकृति आनन्दमय हो जाए, मनुष्य का भाग्य इठलाये। मुक्तिकामना की गमक देश और काल की सीमा का उल्लंघन कर जन-जन के मानस पटल पर गुजारित हो जाए। मुक्तिकामना की तान से स्वतंत्रता की ऐसी उत्कट कामना भारतवासियों में पैदा हो कि वे सदियों से गुलामी की दासता में छटपटा रही भारतमाता गुलामी के बन्धन से मुक्त हो जाए। सम्पूर्ण हिन्दीवासी अपनी अस्मिता की खोज की व्याकुलता राष्ट्रप्रेम का या राष्ट्र-मुक्ति के संग्राम में समाहित होकर गुलामी की बेड़ियां से आजाद हो जाए।

‘झंकार’ कविता में स्वाधीनता आन्दोलन की अंतर्व्याप्त राष्ट्र के कोने-कोने में हो चुकी है और स्वाधीनता तथा मुक्ति की प्यास एवं सम्पूर्ण राष्ट्र को हिन्दोलित होने की सच्चाई सहज ही दृष्टिगोचर होती है। कविता में सम्पूर्ण राष्ट्र की एकीभूत मुक्तिकामना की उत्कट और अपूर्व अभित्यक्ति हुई है। राष्ट्र के प्रति प्रणों से बढ़कर राष्ट्र प्रेम तथा कृतज्ञता की आत्मिक अनुभूति इस गीति-गमक रचना में स्वरित होती है। कवि की राष्ट्रीयता, देशप्रेम, यथार्थबोध, आजादी की कामना का उद्देश्य एवं चेतना कविता का मूल स्वर है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

प्रश्न 7.
कविता में सुरों की चर्चा करें। इनके सजीव-साकार होने का क्या अर्थ है?
उत्तर-
भारत राष्ट्र के गौरव गायक मैथिलीशरण गुप्त की झंकार शीर्षक कविता संगीत की पृष्ठभूमि में रचित है। संगीत के घटक सुर स्वर हैं। स्वरों का आरोह-अवरोह जब पक्के गायक के गले से नि:सृत होता है तो एक जीवन्त अवलोक का सृजन होता है। ऐसा लगता है कि स्वर केवल कान के माध्यम से ही नहीं सुन रहे बल्कि आँखों के सामने साकार रूप में उपस्थित हैं। स्वरों की सर्वोत्तम प्रेषणीयता ही सजीव-साकार का अर्थ ग्रहण करती है।

प्रश्न 8.
इस कविता का स्वाधीनता आन्दोलन से कोई सांकेतिक सम्बन्ध दिखायी पड़ता है। यदि हाँ! तो कैसा?
उत्तर-
राष्ट्रकवि मैथिलीशरधा गुप्त की प्रस्तुत कविता ‘झंकार’ में भारतीय स्वतंत्रता-संघर्ष का स्वर नि-संदेह गुंजारित है। इस कविता में कवि की देशभक्ति स्वतंत्रता प्राप्ति की उत्कृष्ट आकांक्षा तथा भारतीय स्वाधीनता आंदोलन की उत्प्रेरणा का स्वर अनुगुजित है। दिव्यभूमि की आजादी के लिए व्याकुल कवि का हृदय मुक्ति की युक्ति निकालने को तैयार है तथा सम्पूर्ण हिन्द को इस स्वाधीनता आन्दोलन में कूद पड़ने का आह्वान करता है जो उसके उत्कृष्ट देशभक्ति रेखांकित एवं विश्लेषित करता है।

कविता में गुलामी की बेड़ियों को काटकर भारतमाता को स्वाधीन बनाने की संवेदना-कल्पना का संस्पर्श का एकांत साक्ष्य पेश होता है। कविता में स्वाधीनता आन्दोलन की अंतर्व्याप्ति तथा मुक्ति की प्यास निःसंदेह निर्णायक स्थान प्राप्त कर चुका है। सम्पूर्ण राष्ट्र स्वाधीनता के लिए आन्दोलित होकर सदियों की गुलामी से मुक्ति पाने के लिए कृतसंकल्पित है। इस कविता में सम्पूर्ण राष्ट्र की एकीभूत मुक्तिकामना की गीति-गमक गुंजारित और झंकृत है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

प्रश्न 9.
वर्णनात्मक कविता लिखने के लिए “द्विवेदी युग” के कवि प्रसिद्ध थे। किन्तु इस कविता में छायावादी कवियों जैसी शब्द-योजना, भावाभिव्यक्ति एवं चेतना दिखलायी पड़ती है। कैसे? इस पर विचार करें।
उत्तर-
आदर्शवाद की प्रधानता के कारण “द्विवेदी युग’ के कवियों ने वर्णन प्रधान इतिवृत्तात्मक शैली को ग्रहण किया। यह शैली नैतिकता के प्रचार और आदर्शों की प्रतिष्ठा के लिए अत्यन्त उपयुक्त थी। विभिन्न पौराणिक एवं ऐतिहासिक आख्यानों को काव्यबद्ध करने के लिए इस युग में वर्णनात्मक काव्य को प्रधानता मिली। वर्णन-प्रधान शैली होने के कारण इस काव्य में नीरसता और शुष्कता आ गई तथा अनुभूति की गहराई का समावेश हो सका ! वर्णनात्मक काव्य में कोमलकांत पदावली और रसात्मकता का अभाव है।

‘द्विवेदी युग’ के कवि का ध्यान प्रकृति के यथातथ्य वर्णन तथा मानव प्रकृति का चित्रण इस समय की कविता का प्रधान विषय बन गई। इस काल के कवियों ने जहाँ प्रकृति के बड़े संवेदनात्मक एवं चित्रात्मक चित्र प्रस्तुत किये हैं, वहाँ प्रकृति वर्णन के द्वारा नैतिक उपदेश देने की चेष्टा भी की है।

द्विवेदी युग में खड़ी बोली परिमार्जित और परिष्कृत होकर भाषा में स्वच्छता और सजीवता का समावेश करने में समर्थ हुई। भाषा का अधिक सरस, माधुर्यपूर्ण तथा प्रौढ़ स्वरूप इस युग में परिलक्षित होता है। ‘द्विवेदी युग’ के काव्य विविधमुखी है। काव्य में विविध छन्दों को अपनाने की प्रवृत्ति दृष्टिगोचर होती है।

राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की प्रस्तुत कविता ‘झंकार’ में छायावादी कवियों जैसी शब्द योजना, भावभिव्यक्ति एवं चेतना दिखलाई पड़ती है। गुप्त जी की कविता में न संस्कृत के तत्सम शब्दों की भरमार तथा अरबी-फारसी के शब्दों का बाहुल्य और देशज शब्दों की प्रचुरता है। उन्होंने खड़ी बोली की प्रकृति और संरचना की रक्षा करते हुए, उसे काव्य भाषा के रूप में विकसित करने का सफल प्रयास किया है।

राष्ट्रकवि गुप्तजी ने खड़ी बोली हिन्दी के स्वरूप निर्धारण और विकास के साथ-साथ उसे काव्योपयुक्त रूप प्रदान करने वाले अन्यतम कवियों में अग्रणी भूमिका निभाई। निश्चय ही आज की काव्य भाषा के निर्माण में उनकी आधारभूत भूमिका परिलक्षित होती है। प्राचीन के प्रति पूज्यभावना और नवीन के प्रति उत्साहपूर्ण भाव की विशेषता, कालानुसरण की अद्भुत क्षमता एवं उत्तरोत्तर बदलती भावनाओं और काव्य प्रणालियों को ग्रहण कर चलने की शक्ति, काव्य में परम्परा और आधुनिकता का द्वंद्व तनाव और समन्वय का यथार्थ समायोजन करने की अद्भुत क्षमता की गीति-गमक ने उन्हें छायावादी कवियों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

झंकार भाषा की बात

प्रश्न 1.
गुप्तजी की कविता में तुकों का सफल विधान है। इस कविता में प्रयुक्त तुकों को छाँट कर लिखें।
उत्तर-
मैथिलीशरण गुप्तजी तुकान्त कविता रचने के लिए जितने विख्यात हैं उतने ही आलोचना के पात्र भी हैं। किन्तु यह भी सत्य है कि तुक के कारण ही कविता दीर्घजीवी हो पाती है। झंकार में निम्नलिखित तुकान्त शब्द आये हैं- तार-झंकार; साकार-गुजार; प्यार-तैयार; विस्तार-द्वार और बारंबर-संसार।

प्रश्न 2.
पूरी कविता में अनुप्रास अलंकार है। अनुप्रास अलंकार क्या है? कविता से इसके उदहरणों को चुनकर लिखें।
उत्तर-
अनु (बार-बार) + प्रास (रख्ना) = अनुप्रास अर्थात् जहाँ अक्षरों में समानता होती है, भी ही उनके स्वर मिले या न मिले वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। इसके चार भेद हैं-छेकनुप्रास (एक या अधिक वर्षों का केवल दो बार प्रयोग); वृत्यनुप्रास (एक या अधिक वर्णों का दो से अधिक बार प्रयोग); श्रुत्यानुप्रास (मुख के किसी एक ही उच्चारण स्थल से उच्चारित होने वाले वर्गों की आवृत्ति) और अन्त्यानुप्रास (चरण या पद के अन्त में एक से स्वर-व्यंजन के आगम से)।

प्रस्तुत झंकार कविता में निम्न पंक्तियों में अनुप्रास है-

  • प्रथम पंक्ति-स, श, र, क, की आवृत्ति
  • द्वितीय पंक्ति-‘त’ की तीन आवृत्ति
  • तृतीय पंक्ति-‘क’ की एक आवृत्ति
  • चतुर्थ पंक्ति-उ, ऊ की आवृत्ति
  • पंचम पंक्ति-न, स की आवृत्ति
  • षष्ठ पंक्ति-स, र की आवृत्ति
  • सप्तम पंक्ति-द, स, क, ल, म की आवृत्ति
  • अष्टम पंक्ति -क, र, प, ह की आवृत्ति
  • नवम पंक्ति -र, ट की आवृत्ति
  • दशम पंक्ति-त, ह की आवृत्ति
  • एकादश पंक्ति-त, ह की आवृत्ति
  • द्वादश पंक्ति-त, र आवृत्ति।
  • त्रयोदश पंक्ति-त, न की आवृत्ति
  • चतुर्दश पंक्ति-अ की आवृत्ति
  • पंचदश पंक्ति-ल की आवृत्ति
  • षोडस पंक्ति-त, ल, क, र की आवृत्ति
  • सप्तदश पंक्ति- ह, ब, र की आवृत्ति
  • अष्टादश पंक्ति-क, र, म की आवृत्ति
  • उनविंश पंक्ति-स, म की आवृत्ति

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों का वाक्य प्रयोग द्वारा लिंग निर्णय करें। शरीर, शिरा, झंकार, प्रकृति, नियति, गमक, तान, अंगुली, भाल, संसार।
उत्तर-
शरीर (पुं.) – राम का शरीर गंदा है।
शिरा (स्त्री.) – आपकी शिरा में झंकार है।
झंकार (स्त्री.) – पायल की झंकार मन मोहक होता है।
प्रकृति (स्त्री.) – प्रकृति बहुरंगी है।
नियति (स्त्री.) – आपकी नियति पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
गमक (पुं.) – जर्दा का गमक अच्छा है।
तान (स्त्री.) – मुरली की तान मधुर होती है।
अंगुली (स्त्री.) – मेरी अंगुली कट गई।
भाल ([.) – तुम्हारा भाल चमक रहा है।
संसार (पुं.) – यह संसार सनातन है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों से विशेषण बनाएँ शरीर, प्रकृति, संसार, नियति, काल,
उत्तर-

  • शरीर – शारीरिक
  • प्रकृति – प्राकृतिक
  • संसार – सांसारिक
  • नियति – नैतिक
  • काल – कालिक

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

झंकार लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘झंकार’ कविता का अभिप्राय क्या है?
उत्तर-
‘झंकार’ कविता ईश्वर और मानव के बीच संबंध को सूचित करती है। इसमें कवि बताना चाहता है कि ईश्वर कर्ता है और मनुष्य निमित्त। मनुष्य ईश्वर का वाद्य यन्त्र है। इसके द्वारा वह अपने सत्ता को झंकृत करना चाहता है। यह झंकार विश्वव्यापी लय के रूप में संसार के कण-कण में समायी हुई है। मानव अपने कर्म के द्वारा ईश्वर की सत्ता को व्यक्तर करे यही इस गीत का भाव है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

प्रश्न 2.
‘झंकार’ कविता का केन्द्रीय भाव बतायें।
उत्तर-
‘झंकार’ कविता आत्म-परमात्मा के बीच निहित सम्बन्ध की व्याख्या करती है। इसमें कवि यह कहना चाहता है कि उसे ईश्वर अपना वाद्य यन्त्र बनने का गौरव दें। वह सभी प्रकार के आघात सहकर भी ईश्वर के संगीत को विश्व संगीत के रूप में व्यक्त करने का माध्यम बनना चाहता है। उसकी इच्छा है कि उसके माध्यम से व्यक्त होने वाली ईश्वरीय सत्ता की झंकार गहरी और व्यापक हो तथा सारा संसार ईश्वरीय संगीत की लय पर सम्मोहित होकर उससे तदाकर या एकरूप हो जाय।

झंकार अति लघु उत्तरीय प्रश्न।

प्रश्न 1.
‘झंकार’ कविता में कवि ने अपने को किस रूप में प्रस्तुत किया है?
उत्तर-
‘झंकार’ कविता में कवि ने अपने को वाद्य यन्त्र के रूप में प्रस्तुत किया है और कहा है कि मेरे शरीर के स्नायु तंत्र की सभी नसें ही इस शरीर रूपी वाद्य यन्त्र या तंत्री के तार

प्रश्न 2.
कवि कैसी गुंजार की इच्छा व्यक्त करता है?
उत्तर-
कवि चाहता है कि वह गुंजर ऐसी हो कि सभी स्थानों तथा सभी समयों में उसकी सत्ता बनी रहे।

प्रश्न 3.
श्रुतियों के द्वार खोलने का क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
‘श्रुति’ शब्द के दो अर्थ हैं। पहला कान और दूसरा सुनकर प्राप्त होने वाला ज्ञान। जब ‘श्रुति’ शब्द का दूसरे अर्थ में लाक्षणिक प्रयोग होता है तो वह वेद-ज्ञान का अर्थ देता है। अतः श्रुतियों के द्वार खोलने का अर्थ है परमात्मा की कृपा से समस्त ज्ञान-विज्ञान का बोध प्राप्त हो जाने की क्षमता प्राप्त होना।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

प्रश्न 4.
परमात्मा के संगीत की झंकार से उत्पन्न प्रभाव का कवि ने किस रूप में वर्णन किया है?
उत्तर-
कवि के अनुसार परमात्मा के संगीत की झंकृत का प्रभाव गहरा हो। वह सकल श्रुतियों के द्वार खोल दें। उसके ताल-ताल पर संसार मोहित होकर तथा सिर नवाकर उसके प्रभाव का व्यक्त करें तथा सारा संसार उस संगीत के लय से तदाकार हो जाय।

प्रश्न 5.
झंकार शीर्षक कविता का केंद्रीय भाव क्या है?
उत्तर-
झंकार शीर्षक कविता का केन्द्रीय भाव देशवासियों को उनकी अस्मिता का बोध कराना है।

प्रश्न 6.
कवि मैथिलीशरण गुप्त के दृष्टिकोण में स्वाधीनता आन्दोलन में देश का उद्धार कैसे हुआ था?
उत्तर-
कवि मैथिलीशरण गुप्त के दृष्टिकाण से स्वाधीनता आन्दोलन में देश का उद्धार सुरों के तालमेल से हुआ था।

प्रश्न 7.
वीण की तान से कवि मैथिलीशरण गुप्त क्या कहना चाहते हैं?
उत्तर-
वीणा की तान से कवि मैथिलीशरणगुप्त तान का विस्तार करना चाहते हैं तथा जागरण का संदेश देना चाहते है।

झंकार वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

I. निम्नलिखित प्रश्नों के बहुवैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर बताएँ

प्रश्न 1.
‘झंकार’ कविता के कवि हैं
(क) जयशंकर प्रसाद
(ख) मैथिलीशरण गुप्त
(ग) दिनकर
(घ) त्रिलोचन
उत्तर-
(ख)

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

प्रश्न 2.
मैथिलीशरण गुप्त का जन्म हुआ था?
(क) 1886
(ख) 1876
(ग) 1883
(घ) 1884
उत्तर-
(क)

प्रश्न 3.
मैथिलीशरण गुप्त का जन्म सथान था
(ख) मध्य प्रदेश
(ग) हिमाचल प्रदेश
(घ) उत्तराखंड

प्रश्न 4.
मैथिलीशरण गुप्त प्रमुख हुई थी
(क) पंडित द्वारा
(ख) माता द्वारा
(ग) पिता द्वारा
(घ) स्वाध्याय द्वारा
उत्तर-
(घ)

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

प्रश्न 5.
मैथिलीशरण गुप्त प्रमुख कवि हैं?
(क) द्विवेदी युग
(ख) छायावादी युग
(ग) आदि युग
(घ) इनमें से सभी
उत्तर-
(क)

प्रश्न 6.
मैथिलीशरण गुप्त रचनाएँ है?
(क) साकेत
(ख) यशोधरा
(ग) पंचवटी
(घ) झंकार
उत्तर-
(सभी)

प्रश्न 7.
मैथिलीशरण गुप्त ने अनुवाद किया था?
(क) पलासी युद्ध का
(ख) मेघनाद वध
(ग) वृत्रसंसार
(घ) सभी
उत्तर-
(घ)

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।

प्रश्न 1.
आधुनिक काल के द्विवेदी युग में प्रमुख …………… है।
उत्तर-
मैथिलीशरण गुप्त।

प्रश्न 2.
झंकार शीर्षक कविता …………. द्वारा लिखित है।
उत्तर-
मैथिलीशरण गुप्त।

प्रश्न 3.
गुलामी की जंजीर में जकड़ी भारतमाता को गुलामी की दासता से मुक्त कराने का भार . …………….. पर है।
उत्तर-
देशवासियों।

प्रश्न 4.
आदर्शवाद की प्रधानता के कारण द्विवेदी युग के कवियों ने वर्णन प्रधान ….. शैली को ग्रहण किया।
उत्तर-
इति वृत्तात्मक।

प्रश्न 5.
भारत-भारती कृति द्वारा जो भावना भर दी थी तभी से वे ………………. के रूप में प्रसिद्ध
उत्तर-
राष्ट्रकवि।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

प्रश्न 6.
राष्ट्रीय आंदोलन में मैथिलीशरण गुप्त के काव्य का …………….. रहा है।
उत्तर-
गहरा संबंध।

प्रश्न 7.
गुप्त जी ने प्रबंध काव्य की लुप्त होती परंपरा को ……………… दिया
उत्तर-
समर्थ संरक्षण।

प्रश्न 8.
वेश वैष्णव ………………. थे।
उत्तर-
रामभक्त।

प्रश्न 9.
साकेत जिसका अर्थ आयोध्या है उनका है।
उत्तर-
उत्कृष्ट महाकाव्य।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

झंकार कवि परिचय – मैथिलीशरण गुप्त (1886-1964)

मैथिलीशरण गुन्त द्विवेदी युग के एक प्रमुख कवि थे। इनका जन्म 3 अगस्त, 1886 को मध्यप्रदेश के (झाँसी उत्तर प्रदेश) चिरगाँव में हुआ था। ‘सरस्वती’ पत्रिका के माध्यम से इनकी कविता परवान चढ़ी। फिर ‘भारत-भारती ‘ का स्वर तो ऐसा गूंजा कि स्वाधीनता-सेनानियों के ओठों पर इस काव्य की पंक्तियाँ सदा ‘सर्वदा विराजमान रहने लगीं। बासी पूरियों का नाश्ता पसन्द करने वाले गुप्तजी की जीवन-लीला 1964 ई. में समाप्त हुई। कविवर ‘सदा जीवन उच्च विचार’ के मूर्तिमन्त प्रतीक थे।

इनकी श्रेष्ठ काव्य-साधना में अनेक पुरस्कृत-अभिनंदित हुई तथा राष्ट्रभाषा-सालाहकार परिषद के अध्यक्ष भी बने। जब ये दिल्ली में राज्यसभा के मनोनीत सदस्य थे, तब इनके निवास पर गुणियों तथा ज्ञानियों की शानदार महफिलें सजा करती थीं। लेकिन इस अमर यशस्वी महाकवि को एक पर एक तीन-तीन शादियों के बावजूद बारम्बार संतानमृत्यु का दंश झेलना पड़ा कोई दर्जन पर सन्तानों में अन्ततः एक ही का सुख इन्हें नसीब हो सका। गुप्तजी संस्कारी रामभक्त परिवार के परम रामभक्त कवि थे। वे अपनी काव्य कुशलता को भी श्रीराम का ही प्रसाद मानते रहे

“राम ! तुम्हारा चरित स्वयं ही काव्य है,
कोई कवि बन जाय-सहज संभाव्य है।”

‘साकेत’ राष्ट्रकवि का श्रेष्ठतम महाकाव्य है। जीवन का अनन्त विविधता एवं बहुगिता उनकी कृतियों में मिलती है। इनके कुछ प्रमुख कृतियाँ निम्नलिखित प्रमुख हैं-साकेत, भारत-भारती, यशोधरा, रंग में भंग, किसान, जयद्रथ-वथ, पत्रावली, प्रदक्षिणा, कुणाल-गीत, सिद्धराज, पंचवटी, द्वापर, विष्णुप्रिय, त्रिपथगा, सैरिन्ध्री, जय भारत, चन्द्रहास, गुरुकुल, हिन्द आदि।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

गुप्तजी आदर्शवादी और राष्ट्रवादी थे। उनकी उदार धार्मिकता, स्वदेशभक्ति तथा सांस्कृतिक गौरव-गान के साथ शक्ति-पूजा, जयघोष तथा ग्रामीण सरलता की संगति खूब बैठी है। मानना होगा कि गुप्तजी खड़ी बोली काव्य-चटसार के सीधे-सादे प्राइमरी गुरु हैं। हिन्दी के अनगिनत आधुनिक कवियों ने निस्संदेह कविताई का ककहरा उन्हीं से सीखा। हिन्दी के संभवतः सरल कवि के रूप में भी शान से पढ़ा जा सकता है।

भारत की साधारण जनता की लालसाएँ, आदर्श, साधना, रुचियाँ तथा आवश्यकताएँ, कर्म एवं भावना गद्य में प्रेमचन्द ढाल रहे थे और पद्य में गुप्तजी। राष्ट्रीय जीवन में व्याप्त रुदन के स्वरों को हास्य की फुलझड़ियों में बदलने का पूरा-पूरा श्रेय गुप्त जी को ही है। कोई भी साहित्यिक धारा इनकी छुअन से नहीं बच पायी। एक ओर वे सांस्कृतिक उत्थान के पुरोधा हैं तो दूसरे ओर समन्वय के प्रहरी।

वास्तव में प्राचीन के प्रति पूज्यभावना औ: नवीन के प्रति उत्साहपूर्ण स्वागत भाव गुप्त जी की विशेषता है। उनमें कालानुसरण की अदुभुत क्षमता थी। उत्तरोत्तर बदलती भावनाओं और काव्य प्रणालियों को ग्रहण करते चलने की शक्ति ने उनके सुदीध रचना समय में बराबर उनका महत्त्व बनाए रखा।

झंकार पाठ का सारांश

स्वामी विवेकानन्द, स्वामी दयानंद, महात्मा गाँधी और महर्षि अरविन्द के चिन्तन से प्रभावित स्वतंत्र भारम के प्रथम अघोषित राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त रचित झंकार शीर्षक गीत राष्ट्रीय भावना का प्रक्षेपक है। . एक राष्ट्र का समस्त विकास तभी संभव है जब जन-जन में उसके लिए उत्सर्ग का भाव हो। प्रत्येक नागरकि चाहे वह जिस व्यवास से जुड़ा हो यदि वह राष्ट्र उन्नयन के भाव को अपने हृदय में धारण करते हुए कार्यरत है तो देश का कल्याण अवश्मम्भावी है।

कवि एक सत्यनिष्ठ, देशभक्त के रूप में घोषणा करता है मातृभूमि रूपी वीणा के तार बनने की अगर आवश्यकता है। तनाव सहन करने जरूरत है तो मै अपने शरीर की सम्पूर्ण शिराओं को तंत्री का तार बनाने के लिए दधीचि की तरह प्रस्तुत हूँ। मुझे आघातों, वारों, चोटों की चिन्ता किंचित भी नहीं है। मेरा एकमात्र लक्ष्य है कि विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़े ! उसकी झंकार विश्व के कोने-कोने तक सुनाई पड़े। मेरी महती कामना है कि मातृभूमि के उत्कर्ष में नियति नियामक न बनकर घटक बने, प्रकृति सहयोगिनी बने ताकि उन्नति, विकास के जितने भी सुर स्वर है वे साकार हो उठे। यह सुर-संधान देशकाल की सीमा के परे जा पहुंचे। ऐसी गुंजार, का मै आकांक्षी हूँ।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

मै सहर्ष हर प्रकार के प्रहार हेतु प्रस्तुत हूँ। मेरे शत्रुओं, तुम्हें जिस तरह से प्रहार करना हो, मुझे मार्ग से हटाने की इच्छा हो वह करों, मै इसे प्यार समझकर स्वीकार करूँगा। और क्या कहूँ। मै प्राणपण हूँ। तन-मन-धन से तुम्हारे प्रहार सहने के लिए प्रस्तुत हूँ।

कवि पुनः मातृभूमि को सम्बोधित करते हुए कहता है-मेरी शिराओं से बने हर तार से राष्ट्र का विकास रूपी तान विस्तारित हो। जो अब तक बेखबर हैं, जिनके कान उन्नति, कला संस्कृति की गमक धमक गुंजार से वचित हैं, या बन्द हैं। उन कानों के द्वारा खुल जाएँ। वे भी राष्ट्र यज्ञ में आहुति देने हेतु स्वयं को प्रस्तुत कर सकें। देश का स्वरूप इस तरह से बने कि सम्पूर्ण विश्व उस पर मोहित हो जाए। जैसे मधुर मोहक ताल सुनने का बार-बार मन करता है। मन, हृदय सभी मुक्त होते हैं। अवगुंठन के लिए अवकाश नहीं हो, स्थान नहीं हो। ऐसी समत्व भावभूमि तैयार हो कि वसुधैव कुटुम्बकम् की आर्ष कल्पना साकार हो उठे।

वस्तुत: प्रस्तुत गीत में गुप्तजी ने राष्ट्र प्रेमी का चोला बिना उतारे छायावादी रचना संसार में प्रवेश किया है। एक राष्ट्रभक्त विश्व मानव के रूप में कायान्तरित कैसे हो सकता है। एक उत्सर्ग प्रेमी, कला, संस्कृति के विकास के लिए स्वयं को बदली परिस्थिति में कैसे ढाल सकता. है। इन सब तथ्यों पर भी ध्यान जाता है। शत्रु के लिए प्यारे सम्बोधन हृदय की विस्तृत स्थिति का द्योतक कराता है। श्रुतियों के द्वार, साधारण जन के अचेतावस्था के साथ वैदिक ज्ञान के प्रति पुनः लगाव झुकाव को भी दर्शाता है। विकास, विस्तार केवल मेरा ही हो, कवि का यह अभीष्ट नहीं है, बल्कि वह औरों का भी विस्तार देखना चाहता है।

प्रस्तुत कविता ” तन समर्पित, मन समर्पित और यह जीवन समर्पित, चाहता हूँ देश की ध – रती तुझे कुछ और भी हूँ।” के सम्मिलन की भूमि में रची गयी गुप्तजी की एक उत्कृष्ट रचना है। अनुप्रास वीप्सा आदि अलंकारों की छटा विकीर्ण है।

झंकार कठिन शब्दों का अर्थ

शिरा-नस नाड़ी, धमनी। झंकार-संगीतमय ध्वनि। तंगी-वीणा, तार से बने हुए वाद्य ! आघात-चोट। नियति-भाग्य ! गमक-संगीत का पारिभाषिक शब्द जो कंपनपूर्ण रमणीक ध्वनि गोल्डेन सीरिज पासपोर्ट के अर्थ के हैं। गुंजार-गूंज। तार-तार-रेशा-रेशा। अखिल-संपूर्ण। श्रुतियों-ध्वनियों। भाल-माथा। सम-संगीत का शान्तिमय परम क्षण। सकल-सम्पूर्ण।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

झंकार काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. इस शरीर की सकल …………… ऊँची झंकार।
व्याख्या-
प्रस्तुत पंक्तियाँ राष्ट्रकवि मैथिलशरण गुप्त रचित ‘झंकार’ कविता से ली गयी हैं। झंकार में कवि का स्वर आध्यात्मिक है, यहाँ छायावादी रहस्य-चेतना मुखर है। इन पंक्तियों में कवि कहता है कि जिस तरह वीणा के तारों पर आघात करने से संगीत की सृष्टि होती है उसी तरह का मानव शरीर भी वीणा की तरह तारों वाल वाद्य यन्त्र है। इस शरीर में निहित शिराएँ अर्थात् नर्से ही तार है।

हे परमात्मा ! इस शरीर की सभी शिराएँ तुम्हारी तंत्री अर्थात् वाद्य यन्त्र के तार बनें। हमें आधात की चिन्ता नहीं है कि कितनी चोट लगती है या कितनी झंकार उठती है। बस केवल इसमें से झंकार निकलनी चाहिए। अर्थात् इस शरीर से कोई ऐसा महत्वपूर्ण काम संभव हो जो जगत के लिए सुखद और मेरे लिए यशवर्द्धक हो। यहाँ कवि ने अपने को परमात्मा का तंत्र भी कहा है। वही इसे बजाता है अर्थात् जैसा लक्ष्य निर्धारित करता है वैसा हम कार्य करते है।

2. नाचे नियति, प्रकृति सुर साधे ……………. गहरी गुंजार।
व्याख्या-
‘झंकार’ की गीत की इन पंक्तियों में इनके रचयिता कवि प्रस्तुत श्रेष्ठ मैथिलीशरण गुप्त परमात्मा से यह कहना चाहते हैं कि तुम इस तन रूपी तंत्री के सभी सुरों को सजीव-साकार करों। वे सुर इतने प्रभावशाली हों, प्रेरक हो कि नियति अर्थात् भाग्य जो सब को नचाता है वह स्वयं नाचने लगे और प्रकृति जो लय के माध्यम से साकार होती है वह स्यवयं सुर साधने लगे।

उस झंकार का प्रभाव देश देश में अर्थात् सभी स्थानों में व्याप्त हो जाय और वह इतनी स्थायी हो कि भूत, वर्तमान और भविष्य तीनों में व्याप्त रहकर कालातीत झंकार बन जाय। उस झंकार की गमक ऐसी हो कि उसका गहरा प्रभाव पड़े। यहाँ कवि ने तन के भीतर उठने वाली आत्मा की झंकार के विश्वव्यापी स्वरूप और गहरे प्रभाव की ओर संकेत किया है।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

3. कर प्रहार, हों, कर प्रहार …………….. मैं, हूँ तैयार
व्याख्या-
प्रस्तुत पंक्तियाँ मैथिलीशरण गुप्त जी की छायावादी-रहस्यवादी काव्यकृति ‘झंकार’ . से गृहीत हैं। इन पंक्तियों में कवि अपने नियन्ता परमात्मा से अनुरोध करना चाहता है तुम मुझको बजाने की कृपा अवश्य करो, यह मेरा सौभाग्य होगा कि तुमने मुझे उपयोग के लायक समझा। बजाने में चाहे जितने जोर से तुम आघात करो मुझे आपत्ति नहीं क्योंकि मै जानता हूँ कि वह प्रहार नहीं तुम्हारा प्यार होगा। हे प्यारों, मै तुमसे अधिक क्या कहूँ, मै हर तरफ से तुम्हारे द्वारा बजाये जाने के लिए तैयार हूँ। ये पंक्तियाँ प्रसन्नतापूर्वक दु:ख उठाने वाली मध्ययुगीन भक्ति-भावना तथा सम्पूर्ण समर्पण की प्रवृत्ति को सूचित करती हैं।

4. मेरे तार तार से ………………. श्रुतियों के द्वार।
व्याख्या-
प्रस्तुत पंक्तियाँ राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त रचित ‘झंकार’ कविता से ली गयी हैं। इसमें कवि यह भाव व्यक्त करता है कि परमात्मा के द्वारा यदि वह उसके संगीत का माध्यम बनाया जाता है तो यह उसका सौभाग्य होगा। अतः वह चाहता है कि उसके शरीर की सभी शिराओं से परमात्मा के संगीत का प्रकाशन हो, वह उनके विश्वव्यापी संगीत के प्रसार का निमित्त ‘बने। उसकी हार्दिक इच्छा है कि परमात्मा के अस्तित्व-बोध का भौतिक माध्यम बनकर जगत को उसकी सत्ता की सांगीतिक अनुभूति करा सकेगा।

5. ताल-ताल पर भाल ………………… समा जाय संसार :
व्याख्या-
प्रस्तुत पंक्तियाँ मैथिलीशरण गुप्त रचित ‘झंकार’ कविता से ली गयी हैं। हम जानते है कि संगीत में ताल का महत्त्व होता है। हर गीत अलग-अलग ताल में निबद्ध होता है। कवि चाहता है कि उसके माध्यम से परमात्मा का जो संगीत व्यक्त हो उसके प्रत्येक ताल पर संसार बार-बार मोहित होकर अपना सिर झुकाकर परमात्मा की महत्ता को नमन करे। भीतर से निकली झंकार में ऐसी अन्विति हो, ऐसी क्रम-व्यवस्था हो कि लय बँध जाय और उस लय के व्यापक प्रभाव में क्रम-क्रम से सम अर्थात् उद्वेग और तनाव से रहित ऐसी स्निग्ध और आन्नदपूर्ण शान्ति का विधान हो कि सारा संसार उसी में समाहित हो जाय। अर्थात् परमात्मा की सत्ता से तन्मय-तदाकार होकर अखंड आनन्द की प्राप्ति करे। इन पंक्तियों में ताल, लय तथा सम ये तीनों शब्द संगीतशास्त्र के पारिभाषिक शब्द हैं।

 Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)

Bihar Board 12th Chemistry Objective Answers Chapter 15 बहुलक

Bihar Board 12th Chemistry Objective Questions and Answers

Bihar Board 12th Chemistry Objective Answers Chapter 15 बहुलक

Question 1.
ब्यूना-S में S बताता है
(a) सल्फर
(b) स्टिरीन
(c) सोडियम
(d) सेलिसिलेट
Answer:
(b) स्टिरीन

Question 2.
निम्न में से कौन-से थर्मोप्लास्टिक, बहुलक हैं ?
(a) पॉलीथीन, यूरिया-फॉर्मेल्डिहाइड, पॉलीविनाइल
(b) बैकलाइट, पॉलीथीन, पॉलिस्टिरीन
(c) पॉलीथीन, पॉलिस्टिरीन, पॉलीविनाइल
(d) यूरिया-फॉर्मेल्डिहाइड, पॉलिस्टिरीन, बैकेलाइट
Answer:
(c) पॉलीथीन, पॉलिस्टिरीन, पॉलीविनाइल

Bihar Board 12th Chemistry Objective Answers Chapter 15 बहुलक

Question 3.
ग्लाइकोजन, प्राकृतिक रूप से प्राप्त एकबहुलक जो पशुओं में संचित होता है, है
(a) मोनोसैकेराइड
(b) डाइसैकेराइड
(c) ट्राइसैकेराइड
(d) पॉलीसैकेराइड
Answer:
(d) पॉलीसैकेराइड

Question 4.
टेरीलीन, एथिलीन ग्लाइकॉल एवं…………..का संघनन बहुलक होता है।
(a) बेंजॉइक अम्ल
(b) फ्थेलिक अम्ल
(c) टेरेफ्थेलिक अम्ल
(d) सेलिसिलिक अम्ल
Answer:
(c) टेरेफ्थेलिक अम्ल

Question 5.
प्राकृतिक रबड़ किसका बहुलक है ?
(a) 1, 1-डाइमेथिलब्यूटाडाइइन
(b) 2-मेथिल-1, 3-ब्यूटाडाइइन
(c) 2-क्लोरोब्यूटा-1, 3-डाइइन
(d) 2-क्लोरोब्यूट-2-इन
Answer:
(b) 2-मेथिल-1, 3-ब्यूटाडाइइन

Question 6.
सल्फर के साथ रबड़ को गर्म करना कहलाता है
(a) गैल्वेनीकरण
(b) बेसेमरीकरण
(c) वल्कनीकरण
(d) सल्फोनीकरण
Answer:
(c) वल्कनीकरण

Bihar Board 12th Chemistry Objective Answers Chapter 15 बहुलक

Question 7.
डेक्रॉन किसका उदाहरण है ?
(a) पॉलीएमाइड
(b) पॉलीप्रोपीन
(c) पॉलीएक्रिलोनाइट्राइल
(d) पॉलीएस्टर
Answer:
(d) पॉलीएस्टर

Question 8.
निम्न में से कौन-सा संघनन बहुलक है ?
(a) टेफ्लॉन.
(b) PVC
(c) पॉलिस्टर
(d) नियोप्रीन
Answer:
(c) पॉलिस्टर

Question 9.
निम्न में से कौन-सा बहुलक क्रॉस-जोड़ में शामिल नहीं होता है ?
(a) वल्कनीकृत रबड़
(b) बैकलाइट
(c) मेलामाइन
(d) टेफ्लॉन
Answer:
(d) टेफ्लॉन

Question 10.
जीगलर-नाटा उत्प्रेरक का संयोजन है
(a) (Et3)3Al. TiCl2
(b) (Me)3.Al.TiCl2
(c) (Et)3Al.TiCl4
(d) (Et)3 Al.PtCl4
Answer:
(c) (Et)3Al.TiCl4

Question 11.
निम्न में से कौन-सा योगात्मक बहुलक का उदाहरण नहीं है?
(a) पॉलीथीन
(b) पॉलीस्टिरीन
(c) नियोप्रीन
(d) नायलॉन 6,6
Answer:
(d) नायलॉन 6,6

Bihar Board 12th Chemistry Objective Answers Chapter 15 बहुलक

Question 12.
टेफ्लॉन एवं नियोप्रीन किसके उदाहरण हैं ?
(a) सहबहुलक
(b) एकलक
(c) समबहुलक
(d) संघनन बहुलक
Answer:
(c) समबहुलक

Question 13.
निम्न में से कौन-सा समबहुलक (Homopolymer) है ?
(a) बैकेलाइट
(b) नायलॉन 6,6
(c) नियोप्रीन
(d) ब्यूना-S
Answer:
(c) नियोप्रीन

Question 14.
निम्न में से किसमें क्रॉस-जोड़ बहुलक है ?
(a) पॉलीस्टर
(b) ग्लाइकोजन
(c) मेलामाइन फॉर्मेल्डिहाइड
(d) पॉलीविनाइल क्लोराइड
Answer:
(c) मेलामाइन फॉर्मेल्डिहाइड

Question 15.
केप्रोलेक्टम का प्रयोग करके बनाया गया संश्लेषित बहुलक कहलाता
(a) टेरीलीन
(b) टेफ्लॉन
(c) नायलॉन-6
(d) नियोप्रीन
Answer:
(c) नायलॉन-6

Question 16.
दी गई बहुलीकरण अभिक्रियाओं में X एवं Y को पहचानिए।
Bihar Board 12th Chemistry Objective Answers Chapter 15 बहुलक 1
(a) X = बैकेलाइट, Y = नोवेलेक
(b) X = नोवोलेक, Y = मेलामाइन
(c) X = बैकेलाइट, Y = मेलामाइन
(d) X = नोवोलेक, Y = बैकेलाइट
Answer:
(d) X = नोवोलेक, Y = बैकेलाइट

Bihar Board 12th Chemistry Objective Answers Chapter 15 बहुलक

Question 17.
वह बहुलक जिसमें एमाइड बंधन होता है, है
(a) नायलॉन-6,6
(b) टेरीलीन
(c) टेफ्लॉन
(d) बैकलाइट
Answer:
(a) नायलॉन-6,6

Question 18.
निम्न में से कौन-सा रबड़ का उदाहरण नहीं है ?
(a) पॉलीक्लोरोप्रोपीन
(b) ब्यूना-N
(c) ब्यूटाडाइइन-स्टिंरीन सहबहुलक
(d) पॉलीएक्रिलोनाइट्राइल
Answer:
(d) पॉलीएक्रिलोनाइट्राइल

Question 19.
निम्न में से कौन-सा बहुलक में विनायलिक एकलक इकाइयाँ नहीं होती हैं?
(a) एक्रिलन
(b) नायलॉन
(c) पॉलीस्टिरीन
(d) नियोप्रीन
Answer:
(b) नायलॉन

Question 20.
निम्न में से कौन-सा कथन गलत है ?
(a) PVC का अर्थ है पॉली विनाइल क्लोराइड
(b) PTFE का अर्थ है टेफ्लॉन
(c) PMMA का अर्थ है पॉलीमेथिल मेथिल एक्रिलेट
(d) ब्यूना-S का अर्थ है प्राकृतिक रबड़
Answer:
(d) ब्यूना-S का अर्थ है प्राकृतिक रबड़

Question 21.
निम्न में से कौन-सा उच्च घनत्व पॉलीथीन के बारे में सही नहीं है ?
(a) दृढ़
(b) कठोर
(c) अक्रिय
(d) उच्च शाखित
Answer:
(d) उच्च शाखित

Question 22.
निम्न में कौन-सा जैव-निम्नीकरणीय संश्लेषित बहुलक है ?
(a) एलिफेटिक पॉलिस्टर
(b) PHBV
(c) नायलॉन-2-नायलॉन-6
(d) इनमें से सभी
Answer:
(d) इनमें से सभी

Bihar Board 12th Chemistry Objective Answers Chapter 15 बहुलक

Question 23.
जैव-निम्नीकरणीय बहुलक, नायलॉन-2-नायलॉन-6 के एकलक हैं
(a) ग्लाइसीन + एडिपिक अम्ल
(b) ग्लाइकॉल + पथेलिक अम्ल
(c) फीनॉल + यूरिया
(d) ग्लाइसीन + एमिनो केप्रोइक अम्ल
Answer:
(d) ग्लाइसीन + एमिनो केप्रोइक अम्ल

Question 24.
निम्न में से ग्लूकोज का कौन-सा बहुलक जानवरों द्वारा संचित किया जाता है ?
(a) सेल्यूलोज
(b) एमाइलोज
(c) एमाइलोपेक्टिन
(d) ग्लाइकोजन
Answer:
(d) ग्लाइकोजन

Question 25.
निम्न में से कौन-सा अर्द्धसंश्लेषित बहुलक नहीं है ?
(a) cis-पॉलीआइसोप्रीन
(b) सेल्यूलोज नाइट्रेट
(c) सेल्यूलोज ऐसीटेट
(d) वल्कनीकृत रबड़
Answer:
(a) cis-पॉलीआइसोप्रीन

Question 26.
पॉलीएक्रिलोनाइट्राइल का व्यापारिक नाम है
(a) डेक्रॉन
(b) ओरलॉन (एक्रिलेन)
(c) PVC
(d) बैकलाइट
Answer:
(c) PVC

Bihar Board 12th Chemistry Objective Answers Chapter 15 बहुलक

Question 27.
निम्न में से कौन-सा कथन निम्न घनत्व पॉलीथीन के बारे में सही नहीं है?
(a) दृढ़
(b) कठोर
(c) विद्युत का बुरा चालक
(d) उच्च शाखित संरचना
Answer:
(b) कठोर

Question 28.
Bihar Board 12th Chemistry Objective Answers Chapter 15 बहुलक 2
Answer:
(a)

Question 29.
निम्न में से कौन-सा बहुलक, जिसे बनाने के लिए कम से कम एक डाइइन एकलक आवश्यक है ?
(a) डेक्रॉन
(b) नोवोलेक
(c) नियोप्रीन
(d) टेफ्लॉन
Answer:
(c) नियोप्रीन

Question 30.
निम्न में से किस बहुलक को फाइबर के रूप में प्रयुक्त किया जाता
(a) नायलॉन
(b) पॉलीटेट्राफ्लोरोइथेन
(c) टेफ्लॉन
(d) ब्यूना-S
Answer:
(a) नायलॉन

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

Bihar Board 12th Physics Objective Questions and Answers

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

प्रश्न 1.
प्रोटॉन का विशिष्ट आवेश 9.6x 107 Ckg-1 है । एक एल्फा कण
का विशिष्ट आवेश होगा –
(a) 9.6×107 Ckg-1
(b) 19.2×107 Ckg-1
(c) 4.8×10 7 Ckg-1
(d) 2.4×107 Ckg-1
उत्तर-
(c) 4.8×10 7 Ckg-1
(c) प्रोटॉन के लिए, विशिष्ट आवेश = \(\frac{e}{m}\) = 9.6 x 107ckg-1
एल्फा कण के लिए,
विशिष्ट आवेश = \(\frac{2 e}{4 m}=\frac{1}{2} \frac{e}{m}=\frac{1}{2} \times 9.6 \times 10^{7}\)
= 4.8 x 107 Ckg-1

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

प्रश्न 2.
किसने प्रमाणित किया कि विद्युत आवेश क्वाण्टीकृत होता है ?
(a) जे.जे. थॉमसन
(b) विलियम क्रुक्स
(c) आर.ए. मिलिकन
(d) विल्हेम रॉन्टजन
उत्तर-
(c) आर.ए. मिलिकन

प्रश्न 3.
कैथोड किरणों का अविष्कार किसने किया?
(a) मैक्सवेल क्लर्क जेम्स
(b) हेनरिच ह
(c) विलियम क्रुक्स
(d) जे.जे. थॉमसन
उत्तर-
(c) विलियम क्रुक्स

प्रश्न 4.
धातु की सतह से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन के लिए आवश्यक न्यूनतम ऊर्जा निम्न में से किस भौतिक प्रक्रम के द्वारा मुक्त इलेक्ट्रॉनों को प्रदान की जाती है ?
(a) तापायनिक उत्सर्जन
(b) क्षेत्र उत्सर्जन
(c) प्रकाशविद्युत उत्सर्जन
(d) इनमें से सभी
उत्तर-
(d) इनमें से सभी

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

प्रश्न 5.
किसी निश्चित प्रयोग से प्रकाशविद्युत संस्तब्ध वोल्टेज 1.5 v है। उत्सर्जित फोटोइलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा होगी –
(a) 2.4ev
(b) 1.5ev
(c) 3.1 ev
(d) 4.5 ev
उत्तर-
(b) 1.5ev

प्रश्न 6.
प्रकाशविद्युत उत्सर्जन की घटना को 1887 में किसके द्वारा खोजा गया ?
(a) एलबर्ट आइन्स्टीन
(b) हेनरिच हल
(c) विल्हेम हालवेक्स
(d) फिलिप लेनार्ड |
उत्तर-
(b) हेनरिच हल

प्रश्न 7.
दिया गया चित्र दो विभिन्न धात्विक सतहों A एवं B के लिए निरोधी विभव V एवं आवृत्ति υ को दर्शाता है । A का कार्य-फलन B की तुलना में होता है-,
Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति - 1
(a) कम
(b) अधिक
(c) बराबर
(d) कहा नहीं जा सकता
उत्तर-
(a) कम

प्रश्न 8.
प्रकाशविद्युत धारा का अधिकतम मान कहलाता है –
(a) आधार धारा
(b) सन्तुष्ट धारा
(c) संग्राहक धारा
(d) उत्सर्ज धारा
उत्तर-
(b) सन्तुष्ट धारा

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

प्रश्न 9.
प्रकाशविद्युत प्रभाव में, प्रकाशविद्युत धारा किस पर निर्भर नहीं करती है ?
(a) आपतित प्रकाश की तीव्रता
(b) दो इलेक्ट्रोडों के बीच आरोपित विभवान्तर
(c) उत्सर्ज पदार्थ की प्रकृति
(d) आपतित प्रकाश की आवृत्ति
उत्तर-
(d) आपतित प्रकाश की आवृत्ति

प्रश्न 10.
फोटॉन के टकराने के पश्चात्, फोटोइलेक्ट्रॉन को बाहर आने में लिया गया समय लगभग है –
(a) 10-1s
(b) 10-4s
(c) 10-10s
(d) 10-16s
उत्तर-
(c) 10-10s

प्रश्न 11.
प्रकाशविद्युत प्रभाव में, निरोधी विभव किस पर निर्भर करता है ?
(a) आपतित प्रकाश की आवृत्ति
(b) उत्सर्जक पदार्थ की प्रकृति ।
(c) आपतित प्रकाश की तीव्रता
(d) (a) एवं (b) दोनों
उत्तर-
(d) (a) एवं (b) दोनों

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

प्रश्न 12.
प्रकाशविद्युत प्रयोग में, यदि आपतित प्रकाश की तीव्रता एवं आवृत्ति दोनों दोगुनी हों, तो संतृप्त प्रकाशविद्युत धारा
(a) नियत रहती है।
(b) आधी हो जाती है।
(c) दोगुनी हो जाती है।
(d) चार गुनी हो जाती है।
उत्तर-
(c) दोगुनी हो जाती है।

प्रश्न 13.
λ तरंगदैर्घ्य का प्रकाश, \(\frac{h v}{\lambda_{0}}\) -कार्य-फलन वाली धातु पर गिरता है।
प्रकाशविद्युत प्रभाव केवल होगा,
(a) λ ≥ λ0
(b) λ ≤ λ0
(c) λ ≥ 2λ0
(d) λ = 4λ0
उत्तर-
(b) λ ≤ λ0

प्रश्न 14.
प्रकाशविद्युत उत्सर्जन केवल तब होता है जब आपतित प्रकाश में एक निश्चित न्यूनतम से अधिक हो।
(a) शक्ति
(b) तरंगदैर्घ्य
(c) तीव्रता :
(d) आवृत्ति
उत्तर-
(d) आवृत्ति

प्रश्न 15.
सीजियम का कार्य-फलन 2.14 ev है। सीजियम की देहली आवृत्ति होगी –
(a) 5.16 x 1019 Hz
(b) 5.16 x 1016Hz
(c) 5.16 x 1018Hz
(d) 5.16 x 1014Hz
उत्तर-
(d) 5.16 x 1014Hz

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

प्रश्न 16.
चाँदी के लिए प्रकाशविद्युत देहली तरंगदैर्घ्य λ0 है । एक आपतित तरंगदैर्घ्य λ(λ < λ0) के द्वारा चाँदी की सतह से उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा होगी –
Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति - 2
उत्तर-
(d)
(d) आइन्स्टीन के प्रकाशविद्युत समीकरण के अनुसार,
Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति - 4

प्रश्न 17.
फोटॉन के बारे में निम्न में से कौन-सा कथन गलत है ?
(a) फोटॉन दाब उत्पन्न नहीं करते हैं।
(b) फोटॉन का संवेग \(\frac{h v}{c}\) होता है।
(c) फोटॉन का विराम द्रव्यमान शून्य होता है।
(d) फोटॉन की ऊजा hυ होती है।
उत्तर-
(a) फोटॉन दाब उत्पन्न नहीं करते हैं।

प्रश्न 18.
यदि m एक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान है तथा c प्रकाश की चाल है, तो Eऊर्जा वाले फोटॉन की तरंगदैर्घ्य का समान ऊर्जा के इलेक्ट्रॉन से अनुपात होगा –
\((a) c \sqrt{\frac{2 m}{E}}
(b) \sqrt{\frac{2 m}{E}}
(c) \sqrt{\frac{2 m}{c E}}
(d) \sqrt{\frac{m}{E}}\)
उत्तर-
\((a) c \sqrt{\frac{2 m}{E}}\)
Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति - 5

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

प्रश्न 19.
फोटॉन-कण संघट्ट में (जैसे-फोटॉन-इलेक्ट्रॉन संघट्ट), निम्न में से कौन-सा संरक्षित नहीं हो सकता है ?
(a) कुल ऊर्जा
(b) फोटॉनों की संख्या
(c) कुल संवेग
(d) (a) एवं (b) दोनों
उत्तर-
(b) फोटॉनों की संख्या

प्रश्न 20.
इलेक्ट्रॉनों की तरंग प्रकृति के आविष्कार लिए वर्ष 1929 में भौतिकी में नोबल पुरस्कार किसे प्राप्त हुआ?
(a) एविन श्रोडिंजर
(b) आर. ए. मिलिकन
(c) लुइस विक्टर दे ब्रॉग्ली
(d) एल्बर्ट आइन्स्टीन
उत्तर-
(c) लुइस विक्टर दे ब्रॉग्ली

प्रश्न 21.
फोटॉन का विराम द्रव्यमान होता है –
\((a) \frac{l v}{c}
(b) \frac{h v}{c^{2}}
(c) \frac{h v}{\lambda}
(d) शून्य\)
उत्तर-
(d) शून्य

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

प्रश्न 22.
एक प्रोटॉन एवं α-कण समान विभवान्तर से त्वरित होते हैं । दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य λp, का λα से अनुपात होगा,
(a) √2:1
(b) √4 :1
(c) √6:1
(d) √8 :1
उत्तर-
(d) √8 :1

प्रश्न 23.
गतिज ऊर्जा K के कण की दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य λ है । यदि उसकी गतिज ऊर्जा k/4 है, तो कण की तरंगदैर्घ्य क्या होगी?
(a) λ
(b) 2λ
(c) λ/2
(d) 4λ
उत्तर-
(b) 2λ
Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति - 7

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

प्रश्न 24.
जब किसी इलेक्ट्रॉन का वेग बढ़ जाता है, तो उसकी दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य
(a) बढ़ती है।
(b) घटती है।
(c) समान रहती है।
(d) बढ़ या घट सकती है।
उत्तर-
(b) घटती है।

प्रश्न 25.
पदार्थ तरंग की तरंगदैर्घ्य किस पर निर्भर नहीं करती है ?
(a) द्रव्यमान
(b) वेग
(c) संवेग
(d) आवेश
उत्तर-
(d) आवेश

प्रश्न 26.
निम्न में से कौन-सा चित्र कण के संवेग (p) एवं सम्बन्धित दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य (λ) के परिवर्तन का प्रदर्शित करता है ?
Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति - 3
उत्तर-
(d)

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

प्रश्न 27.
कौन-सी घटना पदार्थ की तरंग प्रकृति के सिद्धांत को सर्वाधिक रूप से प्रमाणित करती है ?
(a) इलेक्ट्रॉन संवेग
(b) इलेक्ट्रॉन विवर्तन
(c) फोटॉन संवेग
(d) फोटॉन विवर्तन
उत्तर-
(b) इलेक्ट्रॉन विवर्तन

प्रश्न 28.
विद्युतचुंबकीय तरंग/विकिरण का पदार्थ-तरंग चित्र (Matter wave picture) निकटतापूर्वक किससे संबंधित हैं ?
(a) हाइजनबर्ग के अनिश्चितता सिद्धांत
(b) संगतत सिद्धांत (Correspondence principle)
(c) ब्रह्माण्ड सिद्धांत (Cosmic theory)
(d) हर्ट्स के प्रेक्षण
उत्तर-
(a) हाइजनबर्ग के अनिश्चितता सिद्धांत

प्रश्न 29.
निम्न में से कौन-सी युक्ति कभी-कभार विद्युत नेत्र (Electric eye) कहलाती है?
(a) LED
(b) प्रकाश सेल
(c) एन्टीग्रेटेड चिप (IC)
(d) सौर सेल ।
उत्तर-
(b) प्रकाश सेल

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

प्रश्न 30.
वोल्ट में विभव V से त्वरित इलेक्ट्रॉन की दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य λ होगी –
\((a) \frac{1.227}{\sqrt{V}} \mathrm{nm}
(b) \frac{0.1227}{\sqrt{V}} \mathrm{nm}
(c) \frac{0.01227}{\sqrt{V}} \mathrm{nm}
(d) \frac{0.1227}{V} \mathrm{nm}\)
उत्तर-
\((a) \frac{1.227}{\sqrt{V}} \mathrm{nm}\)

प्रश्न 31.
दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य को इस प्रकार से व्यक्त किया जाता है –
\((a) p=\frac{2 \pi h}{\lambda}
(b) p=\frac{h}{2 \lambda}
(c) p=\frac{2 \pi}{h \lambda}
(d) p=\frac{2 \pi}{\lambda}\)
उत्तर-
\((a) p=\frac{2 \pi h}{\lambda}\)

प्रश्न 32.
यदि किसी कण की गतिज ऊर्जा को 16 गुना बढ़ाया जाता है, तो . कण की दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य में प्रतिशत परिवर्तन होगा
(a) 25%
(b) 75%
(c) 60%
(d) 50%
उत्तर-
(b) 75%

प्रश्न 33.
समान गतिज ऊर्जा वाले इन कणों में से किसकी दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य अधिकतम होती है ?
(a) इलेक्ट्रॉन
(b) एल्फा कण
(c) प्रोटॉन
(d) न्यूट्रॉन
उत्तर-
(a) इलेक्ट्रॉन

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

प्रश्न 34.
माना चार गैसें-हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन एवं हीलियम समान ताप पर हैं। उनके अणुओं की दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य के बढ़ते क्रम में उन्हें व्यवस्थित कीजिए।
(a) हाइड्रोजन, हीलियम, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन
(b) ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन, हीलियम
(c) ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, हीलियम्, हाइड्रोजन
(d) नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, हीलियम, हाइड्रोजन
उत्तर-
(c) ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, हीलियम्, हाइड्रोजन

प्रश्न 35.
प्रायोगिक रूप से जी.पी. थॉमसन ने किस घटना के द्वारा पदार्थ तरंगों की उपस्थिति को प्रमाणित किया था ?
(a) विवर्तन
(b) अपवर्तन
(c) ध्रुवण
(d) प्रकीर्णन
उत्तर-
(a) विवर्तन

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

प्रश्न 36.
एक कण को H ऊँचाई से गिराया जाता है। ऊँचाई के फलन के रूप में कण की दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य किसके समानुपाती होती है ?
(a) H
(b) H1/2
(c) H0
(d) H-1/2
उत्तर-
(d) H-1/2

Bihar Board 12th History Objective Answers Chapter 1 ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ : हड़प्पा सभ्यता

Bihar Board 12th History Objective Questions and Answers

Bihar Board 12th History Objective answers chapter 1 ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ : हड़प्पा सभ्यता

प्रश्न 1.
कालीबंगा स्थित है
(a) सिन्ध में
(b) पंजाब में
(c) राजस्थान में
(d) बंगाल में
उत्तर-
(c) राजस्थान में

प्रश्न 2.
हड़प्पा किस नदी के किनारे स्थित है ?
(a) सिन्धु
(b) व्यास
(c) सतलज
(d) रावी
उत्तर-
(d) रावी

Bihar Board 12th History Objective Answers Chapter 1 ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ : हड़प्पा सभ्यता

प्रश्न 3.
लोयल स्थित है
(a) गुजरात में
(b) पश्चिम बंगाल में
(c) राजस्थान में
(d) पंजाब में
उत्तर-
(a) गुजरात में

प्रश्न 4.
सिन्धु घाटी सभ्यता में हल का प्रमाण मिला है ?
(a) हड़प्पा
(b) मोहनजोदड़ों
(c) रोपड़
(d) कालीबंगा
उत्तर-
(d) कालीबंगा

प्रश्न 5.
मोहनजोदड़ों की जानकारी किस पुरातत्त्वविद् से मिली
(a) दयाराम सहनी
(b) राखालदास बनर्जी
(c) जॉन मार्शल
(d) गोडेन चाइल्ड
उत्तर-
(b) राखालदास बनर्जी

प्रश्न 6.
भारतीय उपमहाद्वीप की पहली सभ्यता का विकास हुआ
(a) गोदावरी के मैदान में
(b) गंगा के मैदान में
(c) सिंधु के मैदान में
(d) महानदी के मैदान में
उत्तर-
(c) सिंधु के मैदान में

प्रश्न 7.
‘हड़प्पा सभ्यता’ का प्रमुख स्थल कालीबंगा स्थित है
(a) पंजाब में
(b) राजस्थान में
(c) सिंध में
(d) गुजरात में
उत्तर-
(b) राजस्थान में

Bihar Board 12th History Objective Answers Chapter 1 ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ : हड़प्पा सभ्यता

प्रश्न 8.
हड़प्पा की बस्तियों की खुदाई की-
(a) सर जॉन मार्शल
(b) सर विलियम जोन्स
(c) मार्टिमर ह्वीलर
(d) (a) और (c) दोनों
उत्तर-
(d) (a) और (c) दोनों

प्रश्न 9.
विद्वानों के मतानुसार हड़प्पा सभ्यता के सबसे बड़े नगर थे
(a) हड़प्पा
(b) कालीबंगा
(c) मोहनजोदड़ों
(d) लोथल
उत्तर-
(c) मोहनजोदड़ों

प्रश्न 10.
निम्न में से किस पुरातत्त्वविद्/पुरातत्त्वविदों ने हड़प्पा. में खुदाई कार्य किया ?
(a) दयाराम साहनी
(b) एम. एस. वैट्स ।
(c) मार्टिमर ह्वीलर
(d) इनमें सभी
उत्तर-
(d) इनमें सभी

प्रश्न 11.
हड़प्पा सभ्यता की संभवतः सबसे प्रसिद्ध कलाकृति नृत्य की मुद्रा में नग्न स्त्री की एक कांस्यमूर्ति प्राप्त हुई.
(a) मोहनजोदड़ों से
(b) हड़प्पा से
(c) धौलावीरा से
(d) सूरकोटड़ा से
उत्तर-
(a) मोहनजोदड़ों से

प्रश्न 12.
निम्न किस स्थल में कारखाने के पाए जाने से मनकों को बनाए जाने की प्रक्रिया स्पष्ट हो जाती है?
(a) राखीगढ़ी
(b) रोपड़
(c) चन्हूदड़ों
(d) धौलावीरा
उत्तर-
(c) चन्हूदड़ों

प्रश्न 13.
हड़प्पा की बस्तियों से 2000 से अधिक मुहरें पाई गई हैं, ये बनी होती हैं
(a) लोहे की
(b) चाँदी की
(c) फिरोजा पत्थर की
(d) शेलखड़ी की
उत्तर-
(d) शेलखड़ी की

प्रश्न 14.
निम्न किस स्थल में खाँचेदार खेत के प्रमाण मिले हैं ?
(a) बनावली
(b) लोथल
(c) कालीबंगा
(d) राखीगढ़ी
उत्तर-
(c) कालीबंगा

Bihar Board 12th History Objective Answers Chapter 1 ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ : हड़प्पा सभ्यता

प्रश्न 15.
हड़प्पावासियों द्वारा कृष्ट फसलें थीं
(a) गेहूँ, यव और सरसों
(b) यव, मूंगफली एवं चावल
(c) गेहूँ, चावल और गन्ना
(d) गेहूँ, कपास एवं गन्ना
उत्तर-
(a) गेहूँ, यव और सरसों

प्रश्न 16.
हड़प्पा सभ्यता में पाई गई मुहरें आमतौर पर किस प्रकार की होती थीं?
(a) त्रिभुजाकार
(b) गोलाकार
(c) चौकार
(d) इनमें सभी
उत्तर-
(c) चौकार

प्रश्न 17.
हड़प्पा निवासी पूजा करते थे
(a) मातृ देवी का
(b) वृक्ष आत्माओं का
(c) पौराणिक नामक का
(d) इनमें सभी का
उत्तर-
(d) इनमें सभी का

प्रश्न 18.
हड़प्पा सभ्यता में शव साधारणतया किस दिशा में रखकर दफनाए जाते थे?
(a) पूर्व-पश्चिम
(b) उत्तर-पूर्व
(c) उत्तर-दक्षिण
(d) दक्षिण-पश्चिम
उत्तर-
(c) उत्तर-दक्षिण

प्रश्न 19.
ऐलोरा के कैलाश मंदिर का निर्माण किस राजवंश ने किया ?
(a) चालुक्य
(b) चोल
(c) पल्लव
(d) राष्ट्रकूट
उत्तर-
(d) राष्ट्रकूट

प्रश्न 20.
राखालदास बनर्जी को मोहनजोदड़ों के अवशेष किस वर्ष मिले
(a) 1920 ई. में
(b) 1921 ई. में
(c) 1922 ई. में
(d) 1923 ई. में
उत्तर-
(c) 1922 ई. में

प्रश्न 21.
सिन्धुघाटी सभ्यता में विशाल स्नानागर के अवशेष कहाँ से प्राप्त हुए
(a) हड़प्पा
(b) मोहनजोदड़ो
(c) कालीबंगन
(d) लोथल
उत्तर-
(b) मोहनजोदड़ो

Bihar Board 12th History Objective Answers Chapter 1 ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ : हड़प्पा सभ्यता

प्रश्न 22.
हड़प्पा सभ्यता किस युग की सभ्यता है ?
(a) पूर्व पाषाण युग
(b) नव-पाषण युग
(c) लौह.युग
(d) कांस्य युग
उत्तर-
(d) कांस्य युग

प्रश्न 23.
हड़प्पा सभ्यता का सबसे बड़ा नगर कौन था?
(a) मोहनजोदड़ों
(b) कालीबंगा
(c) लोथल
(d) रंगपुर
उत्तर-
(b) कालीबंगा

प्रश्न 24.
सिंधुघाटी निवासियों को किस धातु का ज्ञान नहीं था ?
(a) सोना
(b) चाँदी
(c) लोहा
(d) ताँबा
उत्तर-
(c) लोहा

प्रश्न 25.
सिन्धु सभ्यता को किस श्रेणी के अन्तर्गत रखा गया है?
(a) ऐतिहासिक काल
(b) आद्य ऐतिहासिक काल
(c) पूर्व ऐतिहासिक काल
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(b) आद्य ऐतिहासिक काल

प्रश्न 26.
राखालदास बनर्जी को मोहनजोदड़ो के अवशेष किस वर्ष मिले? (2009A,2013A)
(a) 1920 ई. में
(b) 1921 ई. में
(c) 1922 ई. में
(d) 1923 ई. में
उत्तर-
(c) 1922 ई. में

प्रश्न 27.
सिन्धुघाटी सभ्यता में विशाल स्नानागार के अवशेष कहाँ से प्राप्त हुए हैं? (2009, 2013A, 2015A, 2016A. 2017A, 2019A)
(a) हड़प्पा
(b) मोहनजोदड़ो
(c) कालीबंगन
(d) लोथल
उत्तर-
(b) मोहनजोदड़ो

प्रश्न 28.
हड़प्पा सभ्यता किस युग की सभ्यता है? (2010A,2014A, 2018A,2019A)
(a) पूर्व-पाषाण युग
(b) नव-पाषाण युग
(c) लौह युग
(d) कांस्य युग
उत्तर-
(d) कांस्य युग

प्रश्न 29.
हड़प्पा सभ्यता का सबसे बड़ा नगर कौन था? (2010A,2012A, 2014)
(a) मोहनजोदड़ो
(b) कालीबंगा
(c) लोथल
(d) रंगपुर
उत्तर-
(a) मोहनजोदड़ो

Bihar Board 12th History Objective Answers Chapter 1 ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ : हड़प्पा सभ्यता

प्रश्न 30.
सिंधुघाटी निवासियों को किस धातु का ज्ञान नहीं था? (2014A.2019A)
(a) सोना
(b) चाँदी
(c) लोहा
(d) तौबा
उत्तर-
(c) लोहा

प्रश्न 31.
कालीबंगन स्थित है (2015 A)
(a) सिन्ध में
(b) पंजाब में
(c) राजस्थान में
(d) बंगाल में
उत्तर-
(c) राजस्थान में

प्रश्न 32.
हडप्या किस नदी के किनारे स्थित है? (2016A,2018A)
(a) सिन्धु
(b) व्यास
(c) सतलज
(d) रावी
उत्तर-
(d) रावी

प्रश्न 33.
लोथल स्थित है (2016A, 2018A)
(a) गुजरात में
(b) पश्चिम बंगाल में
(c) राजस्थान में
(d) पंजाब में
उत्तर-
(a) गुजरात में

प्रश्न 34.
सिन्धु घाटी सभ्यता में हल का प्रमाण कहाँ से मिला है?
(a) हड़प्पा
(b) मोहनजोदड़ो
(c) रोपड़
(d) कालीबंगा
उत्तर-
(d) कालीबंगा

प्रश्न 35.
हड़प्पा सभ्यता का नगर था
(a) दो स्तरीय
(b) तीन स्तरीय
(c) एक स्तरीय
(d) इनमें सभी
उत्तर-
(a) दो स्तरीय

Bihar Board 12th History Objective Answers Chapter 1 ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ : हड़प्पा सभ्यता

प्रश्न 36.
भारतीय उपमहाद्वीप की पहली सभ्यता का विकास हुआ
(a) गोदावरी के मैदान में
(b) गंगा के मैदान में
(c) सिंधु के मैदान में
(d) महानदी के मैदान में
उत्तर-
(c) सिंधु के मैदान में

प्रश्न 37.
हड़प्पा की बस्तियों की खुदाई की
(a) सर जॉन मार्शल
(b) सर विलियम जोन्स
(c) मार्टिमर हीलर
(d) (a) और (c) दोनों
उत्तर-
(d) (a) और (c) दोनों

प्रश्न 38.
सिन्धुघाटी सभ्यता की जुड़वाँ राजधानी थी
(a) मोहनजोदड़ो-चन्दूदड़ों
(b) हड़प्पा-लोथल
(c) हड़प्पा-मोहनजोदड़ो
(d) लोयल-कालीबंगा
उत्तर-
(c) हड़प्पा-मोहनजोदड़ो

प्रश्न 39.
निम्न में से किस पुरातत्वविद्/पुरातत्वविदों द्वारा हड़प्या में खुदाई सम्पन्न कराया गया?
(a) दयाराम साहनी
(b) एम.एस. वैट्स
(c) मार्टिमर ह्वीलर
(d) इनमें सभी
उत्तर-
(d) इनमें सभी

प्रश्न 40.
हड़प्पा सभ्यता की संभवतः सबसे प्रसिद्ध कलाकृति नृत्य की मुद्रा में नग्न स्त्री की एक कांस्यमूर्ति प्राप्त हुई
(a) मोहनजोदड़ो से
(b) हड़प्पा से
(c) धौलावीरा से
(d) सूरकोटड़ा से
उत्तर-
(a) मोहनजोदड़ो से

प्रश्न 41.
निम्न किस स्थल में कारखाने के पाए जाने से मानकों को बनाए जाने की प्रक्रिया स्पष्ट हो जाती है?
(a) राखीगढ़ी
(b) रोपड़
(c) चन्हूदड़ो
(d) धौलावीरा
उत्तर-
(c) चन्हूदड़ो

Bihar Board 12th History Objective Answers Chapter 1 ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ : हड़प्पा सभ्यता

प्रश्न 42.
हड़प्या की बस्तियों से 2000 से अधिक मुहरें पाई गई हैं, ये बनी होती हैं
(a) लोहे की
(b) चाँदी की
(c) फिरोजा पत्थर की
(d) शेलखड़ी की
उत्तर-
(d) शेलखड़ी की

प्रश्न 43.
निम्न किस स्थल में खाँचेदार खेत के प्रमाण मिले हैं?
(a) बनावली
(b) लोथल
(c) कालीबंगा
(d) राखीगढ़ी
उत्तर-
(c) कालीबंगा

प्रश्न 44.
हड़प्यावासियों द्वारा कृष्ट फसलें थीं
(a) गेहूँ और जौ, तिल
(b) यव, मूंगफली एवं चावल
(c) गेहूँ, चावल और गन्ना
(d) गेहूँ, कपास एवं गन्ना
उत्तर-
(a) गेहूँ और जौ, तिल

प्रश्न 45.
हड़प्पा सभ्यता में पाई गई मुहरें आमतौर पर किस प्रकार की होती थीं?
(a) त्रिभुजाकार
(b) गोलाकार
(c) चौकोर
(d) इनमें सभी
उत्तर-
(c) चौकोर

प्रश्न 46.
हड़प्पा निवासी पूजा करते थे
(a) मातृ देवी का
(b) वृक्ष आत्माओं का
(c) पौराणिक का
(d) इनमें सभी का
उत्तर-
(d) इनमें सभी का

प्रश्न 47.
हड़प्पा सभ्यता में शव साधारणतया किस दिशा में रखकर दफनाए जाते थे?
(a) पूर्व-पश्चिम
(b) उत्तर-पूर्व
(c) उत्तर-दक्षिण
(d) दक्षिण-पश्चिम
उत्तर-
(c) उत्तर-दक्षिण

Bihar Board 12th History Objective Answers Chapter 1 ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ : हड़प्पा सभ्यता

प्रश्न 48.
हड़प्पा कहाँ पर स्थित है?
(a) पाकिस्तान में
(b) भारत में
(c) नेपाल में
(d) भूटान में
उत्तर-
(a) पाकिस्तान में

प्रश्न 49.
हड़प्पा टीले का उल्लेख सर्वप्रथम 1826 ई. में किसने किया?
(a) चार्ल्स मैसन
(b) जान ब्रटन
(c) विलियम ब्रटन
(d) सर जॉन मार्शल
उत्तर-
(a) चार्ल्स मैसन

प्रश्न 50.
हड़प्पा सभ्यता में प्राप्त अवतल चक्की पर किस पुराविद् ने प्रकाश डाला है?
(a) कनिंघम
(b) अर्नेस्ट मैके
(c) जॉन मार्शल
(d) सूरजभान
उत्तर-
(b) अर्नेस्ट मैके

प्रश्न 51.
मोहनजोदड़ो किस भाषा का शब्द है?
(a) हिन्दी
(b) सिन्धी
(c) उर्दू
(d) फारसी
उत्तर-
(b) सिन्धी

प्रश्न 52.
राय बहादुर दयाराम साहनी ने कहाँ उत्खनन करवाया था?
(a) मोहनजोदड़ो
(b) हड़प्पा
(c) लोथल
(d) कालीबंगा
उत्तर-
(b) हड़प्पा

प्रश्न 53.
निम्नलिखित हिन्दू देवताओं में से कौन सैन्धव सभ्यता का प्रमुख देवता थे?
(a) गणेश
(b) शिव
(c) विष्णु
(d) वरुण
उत्तर-
(b) शिव

प्रश्न 54.
सिन्धु घाटी सभ्यता किसके समकालीन नहीं मानी जाती?
(a) चीन की सभ्यता
(b) मिस्र की सभ्यता
(c) मेसोपोटामिया की सभ्यता
(d) क्रीट की सभ्यता
उत्तर-
(d) क्रीट की सभ्यता

प्रश्न 55.
बनावली किस राज्य में स्थित है?
(a) गुजरात
(b) हरियाणा
(c) राजस्थान
(d) पंजाब
उत्तर-
(b) हरियाणा

Bihar Board 12th History Objective Answers Chapter 1 ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ : हड़प्पा सभ्यता

प्रश्न 56.
पुरातत्व के अन्तर्गत निम्न में से कौन एक नहीं है?
(a) साहित्य
(b) सिक्के
(c) अभिलेख
(d) भग्नावेश
उत्तर-
(a) साहित्य

प्रश्न 57.
कलकत्ता में एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना की
(a) कनिघम
(b) फ्लीट
(c) डी.सी. सरकार
(d) विलियम जोन्स
उत्तर-
(d) विलियम जोन्स

प्रश्न 58.
हड़प्पा सभ्यता का प्रशासन था
(a) राजतंत्रात्मक
(b) लोकतंत्रात्मक
(c) नगरपालिका जैसा
(d) गणतंत्रात्मक
उत्तर-
(c) नगरपालिका जैसा

प्रश्न 59.
पहली बार हड़प्पा को किस वर्ष उत्खनित किया गया?
(a) 1921
(b) 1924
(c) 1927
(d) 1930
उत्तर-
(a) 1921

प्रश्न 60.
सिन्धु सभ्यता में गोदीबाड़ा कहाँ से मिला है?
(a) कालीबंगान
(b) रोपड़
(c) बनवाली
(d) लोथल
उत्तर-
(d) लोथल

Bihar Board 12th History Objective Answers Chapter 1 ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ : हड़प्पा सभ्यता

प्रश्न 61.
मोहनजोदड़ो किस नदी के किनारे स्थित है?
(a) सतलज
(b) सरस्वती
(c) रावी
(d) सिन्धु
उत्तर-
(d) सिन्धु

प्रश्न 62.
हडप्पा सभ्यता भारत के किस भाग में विकसित हई थी?
(a) दक्षिण
(b) पूर्वोत्तर
(c) पश्चिमोत्तर
(d) मध्य भारत
उत्तर-
(c) पश्चिमोत्तर

प्रश्न 63.
लोथल किस नदी के किनारे स्थित है? [2016, 2019A)
(a) सिंघ
(b) व्यास
(c) भोगवा
(d) रावी
उत्तर-
(c) भोगवा

प्रश्न 64.
सिन्धु सभ्यता में मुहर बनता था
(a) सेलखड़ी का
(b) लोहा का
(c) ताँबा का
(d) इनमें सभी का
उत्तर-
(a) सेलखड़ी का

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 6 नियुक्तिकरण

Bihar Board 12th Business Studies Objective Questions and Answers

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 6 नियुक्तिकरण

प्रश्न 1.
नियुक्तिकरण पर व्यय किया गया धन है :
(A) धन की बर्बादी
(B) आवश्यक
(C) विनियोजन
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) विनियोजन

प्रश्न 2.
नियुक्तिकरण है
(A) संगठन का भाग
(B) कर्मचारी प्रबंध कार्य
(C) प्रबंध का कार्य
(D) ये सभी
उत्तर:
(D) ये सभी

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 6 नियुक्तिकरण

प्रश्न 3.
कर्मचारियों का प्रशिक्षण
(A) आवश्यक
(B) अनावश्यक
(C) अनिवार्य
(D) धन की बर्बादी
उत्तर:
(A) आवश्यक

प्रश्न 4.
कर्मचारियों के विकास में सम्मिलित है:
(A) पदोन्नति
(B) स्थानान्तरण
(C) प्रशिक्षण
(D) ये सभी
उत्तर:
(D) ये सभी

प्रश्न 5.
विकास का उद्देश्य है
(A) योग्यता में वृद्धि
(B) श्रेष्ठ निष्पादन
(C) पदोन्नति के अवसर
(D) ये सभी
उत्तर:
(D) ये सभी

प्रश्न 6.
मानव संसाधन प्रबंध में सम्मिलित है: |
(A) भर्ती
(B) चयन
(C) प्रशिक्षण
(D) ये सभी
उत्तर:
(D) ये सभी

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 6 नियुक्तिकरण

प्रश्न 7.
प्रशिक्षण की विधियाँ हैं:
(A) कार्य बदली प्रशिक्षण
(B) कार्य पर प्रशिक्षण
(C) प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण
(D) ये सभी
उत्तर:
(D) ये सभी

प्रश्न 8.
नियुक्तिकरण उत्तरदायित्व…………है:
(A) निम्न प्रबंध
(B) मध्यम प्रबंध
(C) उच्च प्रबंध
(D) इन सभी का
उत्तर:
(D) इन सभी का

प्रश्न 9.
मानव संसाधन प्रबंध में सम्मिलित है..
(A) भर्ती
(B) चयन
(C) प्रशिक्षण
(D) ये सभी |
उत्तर:
(D) ये सभी |

प्रश्न 10.
नियुक्तिकरण है…………….
(A) संगठन का भाग
(B) कर्मचारी प्रबंध का कार्य
(C) प्रबंध का कार्य
(D) ये सभी
उत्तर:
(D) ये सभी

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 6 नियुक्तिकरण

प्रश्न 11.
पदोन्नति और स्थानान्तरण कर्मचारियों की भर्ती के मुख्य………
(A) कार्य
(B) उद्देश्य
(C) स्रोत
(D) महत्व |
उत्तर:
(C) स्रोत

प्रश्न 12.
किसी व्यक्ति के कम जिम्मेदारी के पद पर स्थानान्तरण को……. कहते हैं:
(A) पदोन्नति
(B) अवनति
(C) कोई भी नहीं
(D) सभी |
उत्तर:
(C) कोई भी नहीं

प्रश्न 13.
किसी कर्मचारी को एक कार्य से हटाकर दूसरे कार्य पर लगाना…..
(A) हस्तान्तरण
(B) त्याग
(C) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं |
उत्तर:
(A) हस्तान्तरण

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 6 नियुक्तिकरण

प्रश्न 14.
संगठन के जीवन में भर्ती होती है:
(A) एक बार
(B) दो बार
(C) कभी-कभी
(D) निरंतर
उत्तर:
(D) निरंतर

प्रश्न 15.
कर्मचारियों का चयन होता है:
(A) निम्न श्रेणी के अधिकारियों का
(B) मध्यम श्रेणी के अधिकारियों का
(C) उच्चतम श्रेणी के अधिकारियों का
(D) ये सभी
उत्तर:
(D) ये सभी

प्रश्न 16.
विकास की विधियाँ हैं :
(A) पद हेरफेर
(B) अल्पकालीन पाठ्यक्रम
(C) कार्य पर विकास
(D) ये सभी
उत्तर:
(D) ये सभी

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 6 नियुक्तिकरण

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 5 संगठन

Bihar Board 12th Business Studies Objective Questions and Answers

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 5 संगठन

प्रश्न 1.
संगठन प्रक्रिया में निहित है:
(A) समान कार्य का समूहीकरण
(B) कार्य का विभाजन
(C) उपर्युक्त व्यक्तियों की कार्य सौंपा जाना
(D) कोई नहीं
उत्तर:
(D) कोई नहीं

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 5 संगठन

प्रश्न 2.
संगठन में पक्षपात नहीं होता है :
(A) औपचारिक संगठन
(B) अनोपचारिक संगठन
(C) विभागीय संगठन
(D) क्रियात्मक संगठन
उत्तर:
(A) औपचारिक संगठन

प्रश्न 3.
संगठन स्वतः निर्मित होता है:
(A) क्रियात्मक
(B) अनौपचारिक
(C) औपचारिक
(D) विभागीय
उत्तर:
(B) अनौपचारिक

प्रश्न 4.
भारार्पण किया जाता है :
(A) अधिकार का
(B) उत्तरदायित्व का
(C) जवाबदेही का
(D) इनमें से किसी का नहीं
उत्तर:
(A) अधिकार का

प्रश्न 5.
उत्तरदायित्व होता है:
(A) अधीनस्थ का
(B) अधिकारी
(C) दोनों का
(D) इनमें से किसी का नहीं
उत्तर:
(B) अधिकारी

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 5 संगठन

प्रश्न 6.
बड़े आकार वाले उपक्रम में भारार्पण होता है:
(A) ऐच्छिक
(B) आवश्यक
(C) अनिवार्य
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) अनिवार्य

प्रश्न 7.
प्रभावी भरार्पण के लिए आवश्यक है:
(A) सम्पर्क की सुविधा
(B) सहयोग तथा समन्वय का पर्यावरण
(C) अधिकारों का स्पष्ट स्पष्टीकरण
(D) ये सभी
उत्तर:
(D) ये सभी

प्रश्न 8.
प्रभावशाली अधिकार हस्तान्तरण के लिए उत्तरदायित्व के साथ होना अति आवश्यक है :
(A) अधिकार
(B) मानव शक्ति
(C) प्रोत्साहन
(D) प्रोन्नति
उत्तर:
(A) अधिकार

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 5 संगठन

प्रश्न 9.
कुण्ट्ज एवं ओ डौनेल के अनुसार संगठन प्रक्रिया के…………
(A) 4
(B) 6
(C) 7
(D) 8
उत्तर:
(c) 7

प्रश्न 10.
“गलत संगठन-संरचना व्यावसायिक निष्पादन को रोकती है तथा यहाँ तक कि उसे नष्ट कर देती है।” यह कथन……. का है:
(A) डकर
(B) ऐलन
(C) टैरो
(D) टेलर
उत्तर:
(A) डकर

प्रश्न 11.
“………….संगठन स्वत: निर्मित होता है।”
(A) औपचारिक
(B) अनौपचारिक
(C)क्रियात्मक
(D) कोई नहीं
उत्तर:
(B) अनौपचारिक

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 5 संगठन

प्रश्न 12.
अधिकार सौंपने के मार्ग में. …कठिनाई आती है:
(A) तीन
(B) चार
(C) दो
(D) पाँच
उत्तर:
(A) तीन

प्रश्न 13.
संगठन के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए वहद योजना जानी जाती
(A) नीति के रूप में
(B) कार्यक्रम के रूप में
(C) उद्देश्य के रूप में
(D) रणनीति के रूप में
उत्तर:
(A) नीति के रूप में

प्रश्न 14.
केन्द्रीयकरण का अर्थ है : ।
(A) अधिकार का धारण
(B) अधिकार का वितरण
(C) लाभ केन्द्र का निर्माण
(D) नया केन्द्र खोलना
उत्तर:
(A) अधिकार का धारण

प्रश्न 15.
संगठन प्रक्रिया के कदम हैं :
(A) 2
(B) 4
(C) 6
(D) 8
उत्तर:
(C) 6

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 5 संगठन

प्रश्न 16.
कर्मचारियों की स्वेच्छा पर निर्भर करता है:
(A) औपचारिक संगठन
(B) अनौपचारिक संगठन
(C) क्रियात्मक संगठन
(D) विभागीय संगठन |
उत्तर:
(B) अनौपचारिक संगठन

प्रश्न 17.
अनौपचारिक संगठन की दशा में सत्ताएं होती हैं :
(A) विकेन्द्रित
(B) केन्द्रित
(C) समान रूप से वितरित
(D) कोई नहीं |
उत्तर:
(D) कोई नहीं |

प्रश्न 18.
अधिकार का हस्तान्तरण नहीं किया जा सकता है:
(A) दैनिक कार्य
(B) गोपनीय कार्य
(C) साधारण कार्य
(D) सरल कार्य |
उत्तर:
(B) गोपनीय कार्य

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 5 संगठन

प्रश्न 19.
निम्नलिखित में से कौन अंतरण का तत्व नहीं है?
(A) उत्तरदेयता
(B) अधिकार
(C) उत्तरदायित्व
(D) अनौपचारिक संगठन
उत्तर:
(D) अनौपचारिक संगठन

प्रश्न 20.
कार्य करते हुए अन्तः क्रिया से अचानक बना सामाजिक सम्बन्ध तंत्र कहलाता है
(A) औपचारिक संगठन
(B) अनौचारिक संगठन
(C) विकेन्द्रीकरण
(D) अंतरण
उत्तर:
(B) अनौचारिक संगठन

प्रश्न 21.
निम्नलिखित में से कौन-सा श्रृंखला सोपान का अनुकरण नहीं करता?
(A) कार्यात्मक संगठन
(B) प्रभागीय संगठन
(C) औपचारिक संगठन
(D) अनौपचारिक संगठन
उत्तर:
(D) अनौपचारिक संगठन

प्रश्न 22.
एक लाबा डाँचा होता है
(A) प्रबंध को सिकुड़ी हुई शृंखला
(B) प्रबंध की फैली हुई श्रृंखला
(C) प्रबंध की कोई शृंखला
(D) प्रबंध के कम स्तर
उत्तर:
(B) प्रबंध की फैली हुई श्रृंखला

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 5 संगठन

प्रश्न 23.
केन्द्रीकरण से तात्पर्य होता है
(A) निर्णय लेने में अधिकारों को सुरक्षित रखना
(B) निर्णय लेने में अधिकारों का बिखराव करना
(C) प्रभागों का लाभ केंद्र बनाना
(D) नये केंद्रों अथवा शाखाओं का खोलना
उत्तर:
(A) निर्णय लेने में अधिकारों को सुरक्षित रखना

प्रश्न 24.
अंतरण को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक है कि उत्तरदायित्व भी साथ हो
(A) अधिकार
(B) जन शक्ति
(C) प्रोत्साहन
(D) प्रवर्तन
उत्तर:
(A) अधिकार

प्रश्न 25.
प्रबंध के विस्तार से तात्पर्य है
(A) प्रबंधकों की संख्या
(B) एक प्रबंधक की नियुक्ति के समय की सीमा जिसके लिए उसे नियुक्ति दी गई है
(C) एक उच्चाधिकारी के अन्तर्गत कार्य करने वाले अधीनस्थों की गणना
(D) शीर्ष प्रबंध के सदस्यों की गणना
उत्तर:
(C) एक उच्चाधिकारी के अन्तर्गत कार्य करने वाले अधीनस्थों की गणना

प्रश्न 26.
अफवाहों को बढ़ावा देने वाले संगठन स्वरूप को समझा जाता है:
(A) केंद्रीकृत संगठन
(B) विकेंद्रीकृत संगठन
(C) अनौपचारिक संगठन
(D) औपचारिक संगठन
उत्तर:
(C) अनौपचारिक संगठन

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 5 संगठन

प्रश्न 27.
उत्पादन रेखा पर आधारित सामूहिक क्रिया अंग है:
(A) अंतरित संगठन का
(B) प्रभागीय संगठन का
(C) कार्यात्मक संगठन का
(D) स्वायत्तशासित संगठन का
उत्तर:
(B) प्रभागीय संगठन का

प्रश्न 28.
कार्य के आधार पर सामूहिक क्रिया अंग है:
(A) विकेंद्रीकृत संगठन का
(B) प्रभागीय संगठन का
(C) कार्यात्मक संगठन का
(D) केंद्रीकृत संगठन का
उत्तर:
(C) कार्यात्मक संगठन का

प्रश्न 29.
संगठन में अनुशासन नहीं है:
(A) विभागीय संगठन
(B) क्रियात्मक संगठन
(C) औपचारिक संगठन
(D) अनौपचारिक संगठन
उत्तर:
(D) अनौपचारिक संगठन

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 5 संगठन

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 4 नियोजन

Bihar Board 12th Business Studies Objective Questions and Answers

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 4 नियोजन

प्रश्न 1.
नियोजन होता है:
(A) भूतकाल के लिए
(B) भविष्यकाल के लिए
(C) वर्तमान के लिए
(D) सभी समय के लिए
उत्तर:
(D) सभी समय के लिए

प्रश्न 2.
“नियोजन भविष्य को पकड़ने के लिए बनाया गया पिंजरा है।” यह कथन है
(A) न्यूमैन
(B) हर्ले
(C) एलन
(D) टेरी
उत्तर:
(C) एलन

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 4 नियोजन

प्रश्न 3.
बजट का अर्थ है:
(A) निष्पादन का नियोजित लक्ष्य
(B) भविष्य के कार्यकलाप का प्रयोग
(C) संसाधनों का सही विवरण
(D) आशान्वित परिणाम का अंकों में वितरण |
उत्तर:
(D) आशान्वित परिणाम का अंकों में वितरण |

प्रश्न 4.
नियोजन सभी प्रबंधकीय क्रियाओं का है:
(A) प्रारम्भ
(B) अन्त
(C) प्रारम्भ तथा अन्त दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) प्रारम्भ तथा अन्त दोनों

प्रश्न 5.
नियोजन है:
(A) लक्ष्य-अभिमुखी
(B) उद्देश्य-अभिमुखी
(C) मानसिक प्रक्रिया
(D) ये सभी
उत्तर:
(D) ये सभी

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 4 नियोजन

प्रश्न 6.
एक अच्छी योजना होती है:
(A) खर्चीली
(B) समय लेने वाली
(C) लोचपूर्ण
(D) संकीर्ण
उत्तर:
(C) लोचपूर्ण

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन-सी नियोजन की सीमा नहीं है :
(A) समय की बर्बादी
(B) नियंत्रण का आधार
(C) कटोरता
(D) अत्यधिक लागत
उत्तर:
(B) नियंत्रण का आधार

प्रश्न 8.
नियोजन प्रबंधक का कार्य है :
(A) प्राथमिक
(B) द्वितीयक
(C) तृतीयक
(D) इनमें से सभी
उत्तर:
(B) द्वितीयक

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 4 नियोजन

प्रश्न 9.
नियोजन आधारित है…………..
(A) भूतकाल पर
(B) आगे आने पर
(C) भविष्य पर
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(A) भूतकाल पर

प्रश्न 10.
…………..एक ऐसी विधि है जो कार्य को पूरा करती है :
(A) प्रक्रिया
(B) उद्योग
(C) उद्देश्य
(D) व्यापार
उत्तर:
(A) प्रक्रिया

प्रश्न 11.
कार्यक्रम का निर्धारण आवश्यक है वैज्ञानिक….के लिए :
(A) नियोजन
(B) प्रबंध
(C) संगठन
(D) नियंत्रण
उत्तर:
(B) प्रबंध

प्रश्न 12.
नियोजन में शामिल है……..
(A) क्या करना है।
(B) कब करना है
(C) कैसे करना है
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 4 नियोजन

प्रश्न 13.
जॉर्ज आर, टैरी के अनुसार नियोजन के प्रकार हैं
(A) 8
(B) 6
(C) 4
(D) 2
उत्तर:
(C) 4

प्रश्न 14.
एक अच्छी योजना होती है :
(A) सर्चीली
(B) समय लेने वाली
(C)लोचपूर्ण
(D) संकीर्ण
उत्तर:
(C)लोचपूर्ण

Bihar Board 12th Business Studies Objective Answers Chapter 4 नियोजन