Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 2 कृषि

Bihar Board Class 10 Social Science Solutions Geography भूगोल : भारत : संसाधन एवं उपयोग Chapter 2 कृषि Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Social Science Geography Solutions Chapter 2 कृषि

Bihar Board Class 10 Geography कृषि Text Book Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 10 Social Science Solution प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।
(क) भारत के दो सबसे महत्वपूर्ण अनाजों के नाम बतायें।
उत्तर-
धान एवं गेहूँ।

(ख) भारत में कौन से प्रमुख मोटे अनाज उगाए जाते हैं ?
उत्तर-
ज्वार, बाजरा एवं रागी।

(ग) भारत की तीन नकदी फसलों के नाम बताओ।
उत्तर-
आम, संतरा, केला।

(घ) हमारे देश की सबसे प्रमुख रोपण फसल कौन-सी है ?
उत्तर-
चाया

Class 10 Geography Chapter 2 Notes In Hindi प्रश्न 2.
अंतर बताओ :
(क) नकदी और रोपण फसल
उत्तर-
वैसी फसल जिसके उत्पादन को सीधे बाजार में बेचकर नकद पैसा प्राप्त किया जाता है नकदी फसल कहलाती है। जैसे-आम, केला, लीची इत्यादि। वैसी फसल जिसे एक बार लगाकर कई वर्षों तक उत्पादन प्राप्त किया जाता है, रोपण कृषि कहलाती है। जैसे–चाय, कॉफी।

(ख) व्यापारिक और निर्वाहक कृषि।
उत्तर-
वैसी कृषि जिसे मुख्यतः व्यापारिक उद्देश्य के लिए उगाया जाता है, व्यापारिक कृषि कहलाती है। जैसे-चाय, कॉफी, रबर इत्यादि।
वैसी कृषि जिसका मुख्य उद्देश्य होता है जीवन का निर्वहन करना, निर्वाहक कृषि कहलाती है जैसे-धाना

Class 10th Geography Chapter 2 Notes In Hindi प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से पत्येक के लिए एक शब्द लिखो: ।
(क) हमारे देश में मानसून के आरंभ में बोई जाने वाली और शरद ऋतु में काटी जाने वाली फसल।
उत्तर-
खरीफ फसला

(ख) वर्षा के पश्चात जाड़े में बोई जाने वाली और वसंत में काटी जाने वाली फसलें।
उत्तर-
रबी फसला

(ग) भूमि जिसे खेती करके छोड़ दिया गया है ताकि उर्वरता लौट सके और उसपर पुनः खेती हो सके।
उत्तर-
चालू परती भूमि।

(घ) कारखाने के उत्पादन से मिलती-जुलती वैज्ञानिक तथा व्यापारिक ढंग से की जाने वाली एक फसली खेती।
उत्तर-
चाया

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Bihar Board Solution Class 10 Social Science प्रश्न 1.
(क) भारत में उपजने वाली दो खांद्य; नकदी एवं रेशेवाली फसलों का नाम लिखें। ।
उत्तर-
दो खाद्य फसल-धान, गेहूँ। . दो नकदी-फसल-आम, संतरा दो रेशेवाली फसल-कपास, जूट।

(ख) उपर्युक्त फसलों के उत्पादन करने वाले दो प्रमुख राज्यों का नाम लिखो।
उत्तर-
खाद्य फसल उत्पादन राज्य-धन-पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, गेहूँ पंजाब, उत्तर प्रदेश। नकदी फसल उत्पादक राज्य आम-उ. प्र., आंध्रप्रदेश संतरा-महाराष्ट्र, मेघालया रेशेवाली फसल उत्पादक राज्य कपास—महाराष्ट्र, गुजरात
जूट-पश्चिम बंगाल।

(ग) भारत में उपजाई जाने वाली वर्षाधीन फसलों के नाम लिखो।
उत्तर-
धान, गेहूँ, जूट, ज्वार इत्यादि। . . कारण बताओ।

(क) कपास की खेती दक्कन प्रदेश की काली मिट्टी में अधिकांशतः होती है।
उत्तर-
भारत में कपास की खेती दक्कन प्रदेश की काली मिट्टी वाले क्षेत्र में अधिक की जाती है क्योंकि काली मिट्टी में अधिक समय तक नमी को धारण करने की क्षमता होती है जो . कपास की फसल के लिए जरूरी है।

(ख) गन्ने की उपज उत्तरी भारत की अपेक्षा दक्षिण भारत में अधिक है ?
उत्तर-
दक्षिण भारत में गन्ने के उत्पादन के लिए उत्तर भारत से अधिक अनुकूल परिस्थितिय, उपलब्ध हैं। साथ ही दक्षिण भारत में उत्पन्न गन्ने का रस अधिक मीठा होता है जबकि उत्तर . भारत में इसकी मिठास कम होती है।

(ग) भारत कपास का आयात एवं निर्यात दोनों करता है ?
उत्तर-
भारत में उत्पादित कपास छोटे रेशेवाली होती है जिसकी गुणवत्ता भी कम होती है अतः ऐसे कपास को कम कीमत पर निर्यात कर उच्च गुणवत्ता एवं लम्बे रेशेवाली कपास का भारत आयात करता है।

(घ) भारत विश्व का एक अग्रणी चाय निर्यातक देश है।
उत्तर-
भारत चाय उत्पादन में विश्व का दूसरा बड़ा देश है। यह अपने कुल उत्पादन का 75% भाग निर्यात कर देता है। भारत से लगभग 20 देशों में चाय का निर्यात होता है। भारतीय चाय की गुणवत्ता अच्छी होती है जिसकी माँग विदेशों में अधिक है। इसका मुख्य आयातक देश ग्रेट ब्रिटेन है।

पारिभाषिक शब्द :

वर्धान काल : फसल के बोने, बढ़ने और पकने के लिए उपर्युक्त मौसम वाला समय।
हरित क्रांति : हमारे देश की कृषि में क्रांतिकारी विकास। इसमें मुख्यतः नए बीजों, खादों और उर्वरकों का प्रयोग तथा सुनिश्चित जलापूर्ति की व्यवस्था के फलस्वरूप कुछ अनाजों की उपज में अधिक वृद्धि हुई।
रोपण कृषिः बड़ी-बड़ी आर्थिक इकाइयों में व्यापारिक उत्पादन के लिए एक या एक से अधिक किस्म के पौधों के रोपण की पद्धति।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 10 Geography Solutions प्रश्न 1.
शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन में कृषि के योगदान की चर्चा करें।
उत्तर-
भारत कषि प्रधान देश होने के कारण भारतीय कषि अर्थव्यवस्था में नींव के पत्थर की भाँति महत्व रखती है। हमारे सकल राष्ट्रीय उत्पादन का 40 प्रतिशत अंश कृषि से ही प्राप्त होता है। भारतीय कृषि को उद्योग का दर्जा प्राप्त है क्योंकि यहाँ की 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर ही निर्भर है। परन्तु स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सकल घरेलू उत्पादन में कृषि का योगदान लगातार घट रहा है।

Class 10th History Chapter 1 Notes Bihar Board प्रश्न 2.
भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता के कारणों को संक्षेप में लिखिए।
उत्तर-
भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता के कारण निम्न हैं

  • भारतीय किसानों का अशिक्षित एवं निर्धन होना।
  • कृषि का मानसून पर निर्भर होना।
  • कृषि में आधुनिक कृषि तकनीकों का बहुत कम प्रयोग।
  • कृषि पर जनसंख्या का अधिक दबाव।
  • घटता कृषि भूमि क्षेत्र।
  • खेतों का छोटा आकार।
  • कृषि उत्पादों का उचित मूल्य न मिलना।
  • कृषि में वाणिज्यीकरण का अभाव।

Bihar Board Class 10th Social Science Solution प्रश्न 3.
हरित क्रांति से आपं क्या समझते हैं ?
उत्तर-
आधुनिक कृषि प्रणालियों जैसे-उन्नत बीजों, खादों और उर्वरकों का प्रयोग तथा सुनिश्चित जलापूर्ति की व्यवस्था के द्वारा कृषि में क्रांतिकारी विकास को हरित क्रांति कहा जाता है। हमारे देश में इसकी शुरूआत 1960 के दशक में हुई थी। इसके द्वारा सर्वप्रथम गेहूँ उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई।

Bihar Board Class 10 History Chapter 1 प्रश्न 4.
भारतीय कृषि की पाँच प्रमुख विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर-

  • यह देश की आर्थिक जीवन का प्राण है। भारत में लगभग 2/3 लोगों की जीविका कृषि पर आधारित है।
  • यहाँ की कृषि मुख्यतः मानसून पर आधारित है।
  • कृषि की आंतरिक एवम् अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका है।
  • कई कृषिजन्य कच्चे माल उद्योगों को प्राप्त होते हैं, जैसे—कपास-सूती वस्त्रोद्योग को, . गन्ना—चीनी उद्योग को, रेशमकीट रेशम उद्योग को इत्यादि।
  • राष्ट्रीय आय का 24% भाग कृषि से ही प्राप्त होता है।

Class 10 Geography Chapter 2 Bihar Board प्रश्न 5.
भारत में उपजाई जानेवाली प्रमुख खाद्य एवं व्यावसायिक फसलों के नाम लिखिए।
उत्तर-
भारत की, प्रमुख खाद्य फसलें धान, गेहूँ, मक्का, ज्वार, बाजरा, रागी, अरहर, मूंग इत्यादि। भारत की प्रमुख व्यावसायिक फसलें-चाय, काफी, रबर, गन्ना, केला इत्यादि।

Bihar Board Class 10 Geography कृषि Additional Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

Class 10 Geography Chapter 2 Questions And Answers Bihar Board प्रश्न 1.
इनमें कौन गेहूँ का प्रमुख उत्पादक नहीं है ?
(क) पश्चिम बंगाल
(ख) मध्य प्रदेश
(ग) तमिलनाडु
(घ) राजस्थान
उत्तर-
(ग) तमिलनाडु

Bihar Board Class 10 History Solution Chapter 2  प्रश्न 2.
किस राज्य में धान के संचित क्षेत्र अधिक मिलते हैं ?
(क) पश्चिम बंगाल में
(ख) तमिलनाडु में
(ग) आन्ध्र प्रदेश में
(घ) उत्तर प्रदेश में
उत्तर-
(ख) तमिलनाडु में

Geography Class 10 Chapter 2 Bihar Board प्रश्न 3.
भारत में ग्वार की सबसे अधिक खेती कहाँ होती है ?
(क) महाराष्ट्र में
(ख) गुजरात में
(ग) उत्तर प्रदेश में
(घ) तमिलनाडु में
उत्तर-
(क) महाराष्ट्र में

प्रश्न 4.
अधिक दिनों तक वर्षा का वियोग सहना किस फसल के लिए घातक होता है ?
(क) धान
(ख) गेहूँ
(ग) चाय
(घ) कपास
उत्तर-
(ग) चाय

प्रश्न 5.
किस फसल की खेती के लिए ढालू भूमि आवश्यक है ?
(क) गेहूँ
(ख) कपास
(ग) कहवा
(घ) गन्ना
उत्तर-
(ग) कहवा

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
स्थानांतरी कृषि को झारखण्ड में किस नाम से पुकारा जाता है ? ।
उत्तर-
झारखण्ड में स्थानांतरी कृषि को कुरूवा के नाम से पुकारा जाता है।

प्रश्न 2.
भूदान आन्दोलन के प्रवर्तक कौन थे?
उत्तर-
आचार्य विनोबा भावे भूदान आन्दोलन के प्रवर्तक थे।

प्रश्न 3.
भारत के किन राज्यों को मसालों का राज्य कहा जाता है?
उत्तर-
केरल और कर्नाटक राज्यों को मसालों का राज्य कहा जाता है।

प्रश्न 4.
रबर का पौधा किस देश से लाकर भारत में उगाया गया था? .
उत्तर-
1826 ई. में सर हेनरी विलियम ने ब्राजील के पेरू क्षेत्र से खरके बीजों को लाकर भारत में इसका उत्पादन प्रारंभ किया। .

प्रश्न 5.
ग्रामदान से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
ग्रामदान का अर्थ होता है- भूमिदान। यानी अपनी स्वेच्छा से किसी मजबूर को दान में भूमि देना ग्रामदान या भूमिदान कहलाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
भारत में कृषि के लिए कौन-सी भौगोलिक सुविधाएँ प्राप्य हैं ?
उत्तर-
भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत में कृषि के लिए निम्नलिखित भौगोलिक सुविधाएँ प्राप्य हैं

  • भारत में कृषि के लिए विशाल भूमि-क्षेत्र है।
  • भारत में कृषि का प्रतिशत भी उच्च मिलता है। .
  • भारत में बहुत उपजाऊ मिट्टी उपलब्ध है।
  • भारत में जलवायु की अनुकूलता पायी जाती है। .
  • भारत में फसलों के लिए लम्बा वर्द्धनकाल पाया जाता है। .

अतः उपर्युक्त विचार-बिन्दुओं के आधार पर यह कहा जा सकता है कि भारत में कृषि के के लिए अनुकूल भौगोलिक सुविधाएं प्राप्य हैं। इन भौगोलिक सुविधाओं के कारण ही भारत एक । कृषि प्रधान देश है।

प्रश्न 2.
भारत किन कृषि जन्य पदार्थों का निर्यात करता है ? किन्हीं पाँच का उल्लेख करें।
उत्तर-
भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ कृषि-कार्य करने के लिए अनेक भौगोलिक सुविधाएँ पायी जाती हैं। भारत में अनेक व्यावसायिक फसलों का भी उत्पादन होता है। इन व्यावसायिक फसलों के उत्पादन से न केवल यहाँ की जनता का भरण-पोषण होता है, बल्कि इनका निर्यात भी किया जाता है। इन व्यावसायिक फसलों के निर्यात से भारत को विदेशी मुफ्त
की प्राप्ति होती है।

भारत विभिन्न कृषि जन्य पदार्थों या फसलों का निर्यात करता है। इनमें से पांच इस प्रकार हैं-(i) गन्ना (ii) तेलहन (iii) तम्बाकू (iv) मसाले तथा (v) रबर। इसके अतिरिक्त भारत आलू, रबर, कपास, फलों, जूट इत्यादि का भी निर्यात करता है।

प्रश्न 3.
भारत में कृषि की दो प्रमुख ऋतुएं कौन-कौन हैं ? उनमें उगायी जानेवाली फसलों को किन अलग-अलग दो नामों से पुकारा जाता है ?
उत्तर-
भारत में कृषि की दो प्रमुख ऋतुएं खरीफ और रबी ऋतुएँ हैं। इन दोनों ऋतुओं का विवेचन इस प्रकार है-

(i) खरीफ मॉनसून पूर्व की ऋतु जिसमें खेत जोतकर धान की रोपायी के लिए खेतों में बीज डाल दिए जाते हैं और वर्षा की प्रतीक्षा की जाती है। वर्षा शुरू होते ही कृषि-कार्य जोर पकड़ने लगते हैं। जून-जुलाई में फसलों की खेती आरंभ होती है और मॉनसूनी वर्षा की समाप्ति ‘तक फसलें पककर तैयार हो जाती हैं। धान, ज्वार-बाजरा, मकई, मूंगफली, जूट, कपास और अरहर
(इस दलहन को पकने में अधिक समय लगता है) की फसलों की खेती इसी ऋतु में की जाती . है। ये खरीफ फसलें कहलाती हैं।

रबी-वर्षा ऋतु के बाद और जाड़ा आरंभ होने पर जिन फसलों की खेती की जाती है, वे रबी फसलें कहलाती हैं, जैसेगेहूँ, चना, मटर, सस्सों आदि। यह ऋतु रबी की ऋतु कहलाती. है जिसमें नवंबर में बुआयी और अप्रैल-मई में इन फसलों की कटायी की जाती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्वोत्तर

प्रश्न 1.
भारतीय अर्थतंत्र में कृषि का निम्नलिखित महत्त्व है?
उत्तर-
भारतीय अर्थतंत्र में कृषि का निम्नलिखित महत्त्व है।

  • भारत की 70% आबादी रोजगार और अजीविका के लिए कृषि पर आश्रित है।
  • देश के सकल राष्ट्रीय उत्पाद में कृषि का योगदान 22% ही है। फिर भी, बहुत सारे उद्योगों को कच्चा माल कृषि उत्पाद से ही मिलता है।
  • कृषि उत्पाद से ही देश की इतनी बड़ी जनसंख्या को खाद्यान्न की आपूर्ति होती है। अगर ऐसा न हो तो खाद्यान्न आयात करना पड़ेगा। आज देश खाद्यान्न में आत्म निर्भर है। इतना ही नहीं, विकट परिस्थिति के लिए खाद्यान्न का अच्छा भंडारण भी है।
  • कृषि के अनेक उत्पाद में भारत विश्व में पहले, दूसरे एवं तीसरे स्थान पर है।
  • अनेक कृषि उत्पाद का भारत निर्यातक है जिससे विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है।
  • कृषि ने अनेक उद्योगों को विकसित होने का अवसर प्रदान किया है।

भारतीय कृषि की विशेषताएं भारत का एक बड़ा भू-भाग कृषि योग्य है। यहाँ की जलवायु और उपजाऊ मिट्टी कृषि कार्य को बढ़ावा प्रदान करते हैं।

भारत में कहीं एक फसल, कहीं दो फसल और कहीं तीन-तीन फसल तक उगाई जाती है। भारत में फसलों की अदला-बदली भी की जाती है, यहाँ अनाज की फसलों के बाद दलहन की खेती की जाती है। इससे मिट्टी में उर्वरक शक्ति बनी रहती है। यहाँ मिश्रित कृषि का भी : प्रचलन है जिसमें गेहूँ, चना और सरसों की खेती एक साथ की जाती है।

प्रश्न 2.
निम्नांकित फसल की खेती के लिए उपयुक्त दशाओं और प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों का वर्णन करें गेहूँ, कपास, गन्ना, चाय, जूट।
उत्तर-
गेहूँ-गेहूँ दूसरी महत्त्वपूर्ण खाद्य फसल है। गेहूँ शीतोष्ण फसल है। चावल की तरह ही चीन के बाद भारत गेहूँ का दूसरा उत्पादक देश है। इसकी निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं

  • फसल-रबी तथा अनाज की फसल।
  • वर्षा-75 सेमी. से कम। फसल कटते समय वर्षा हानिकारक है।
  • तापमान-बोते समय ठंडा तथा आर्द्र तापमान आवश्यक है। तापमान 10° सें. से 15° सें. तक होना चाहिए। गेहूँ काटते समय तापमान 20° सें. से 30° सें के मध्य होना चाहिए।
  • मृदा-दोमट मिट्टी। जल निकास की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • उत्पादक राज्य-गेहूं की कृषि भारत की उत्तरी-पश्चिमी भागों तक सीमित है। पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, उत्तरी गुजरात तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश। अब,भारत गेहूँ के निर्यात की स्थिति में है। ।

कपास-भारत कपास का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद इसका स्थान है। कपास ऊष्ण तथा उपोष्ण क्षेत्रों में पैदा की जाती है। इसकी निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं-

  • फसल-खरीफ, रेशेवाली नकदी फसल।
  • वर्षा- इसे 100 सेमी. के लगभग वर्षा की आवश्यकता होती है। इसके लिए अधिक तथा समान वितरित वर्षा की आवश्यकता होती है।
  • तापमान-21° सें.। प्रचुर मात्रा में धूप के साथ एक समान उच्च तापमान। कपास के लिए 210 दिन पाला रहित होने चाहिए, क्योंकि पाला कपास की खेती के लिए हानिकारक है।
  • मृदा-अच्छे जल निकास वाली गहरी काली मिट्टी, जिसमें नमी बनाए रखने की क्षमता हो।
  • उत्पादक राज्य- महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, पंजाब, हरियाणा अग्रणी राज्य हैं।

गन्ना- गन्ना, चीनी और गुड़ खान्डसारी प्रमुख स्रोत हैं। इसके लिए निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं

  • फसल-खरीफ तथा नकदी फसल।
  • वर्षा- इसके लिए 75 से 100 सेमी. वर्षा उपयुक्त रहती है।
  • तापमान-21°C-27°C
  • मृदा-जलोढ़ तथा काली मृदा। गन्ने की कृषि के लिए श्रम की आवश्यकता अधिक होती है।
  • उत्पादक राज्य- उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक।

चाय-यह एक उष्ण तथा उपोष्ण जलवायु का पौधा है। इसके लिए निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं

  • फसल-खरीफ, पेय तथा नकदी फसल है।
  • वर्षा-वार्षिक वर्षा 150 सेमी. से अधिक की आवश्यकता है।
  • तापमान-चाय की पैदावार के लिए 20° सें. से 30° सें. के मध्य तापमान की – आवश्यकता होती है। उच्च आर्द्रता चाय की मुलायम पत्तियों के विकास के लिए अच्छी होती है।
  • मृदा-गहरी तथा जल निकास वाली जलोढ़ मृदा। चाय के रोपण कृषि प्रायः ढालू भूमि पर की जाती है। चाय के लिए अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है लेकिन उसकी जडों में पानी नहीं रुकना चाहिए। क्योंकि यह हानिकारक है।
  • उत्पादक राज्य-असम, पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिले, राँची पठार (झारखंड), उत्तरांचल की दून घाटी, तमिलनाडु तथा केरल उत्पादक राज्य हैं।

जूट-जूट उंष्ण और आर्द्र जलवायु की फसल है। इसके लिए निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं

  • फसल-खरीफ, रेशेवाली तथा नकदी फसल।
  • वर्षा_ इसके लिए अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है। यह उन प्रदेशों में उगाया जाता है जहाँ 200 सें.मी. से अधिक वर्षा होती है।
  • तापमान–20° सें. से 30° से. तापमान इसके उत्पादन के लिए उपयुक्त रहता है।
  • मृदा- जल निकास की अच्छी जलोढ़ दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है।
  • उत्पादक राज्य बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, उड़ीसा और मेघालय जूट उत्पादक राज्य हैं।

प्रश्न 3.
गेहूं की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियों की विवेचना करें।
उत्तर-
गेहूँ-गेहूँ दूसरी महत्त्वपूर्ण खाद्य फसल है। गेहूँ शीतोष्ण फ़सल है। चावल की तरह.. ही चीन के बाद भारत गेहूँ का दूसरा उत्पादक देश है। इसकी निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं-

  • फसल- रबी तथा अनाज की फसल।
  • वर्षा-75 सेमी. से कम। फसल कटते समय वर्षा हानिकारक है।
  • तापमान बोते समय ठंडा तथा आर्द्र तापमान आवश्यक है। तापमान 10° सें. से 15° से. तक होना चाहिए। गेहूँ काटते समय तापमान 20° सें. से 30° सें के मध्य होना चाहिए।
  • मदा-दोमट मिट्टी। जल निकास की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • उत्पादक राज्य गेहूँ की कृषि भारत की उत्तरी-पश्चिमी भागों तक सीमित है। पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, उत्तरी गुजरात तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश। अब भारत गेहूँ के निर्यात की स्थिति में है।

प्रश्न 4.
भारतीय कृषि पर भूमण्डलीकरण के प्रभाव पर एक निबंध लिखें।।
उत्तर-
भूमंडलीकरण का उद्देश्य है हमारे राष्ट्रीय अर्थतंत्र का विश्व अर्थतंत्र से जुड़ना। विश्व का बाजार सबके लिए मुक्त हो। इससे अच्छे किस्म का सामान उचित मूल्य पर कहीं भी पहुंचाया जा सकेगा। भारतीय कृषि के विकास के लिए उपयुक्त जलवायु, मिट्टी और श्रमिकों का सहारा लेकर किसान उन्नत किस्म के खाद्यान्नों तथा अन्य कृषि उत्पादों को विश्व बाजार में प्रवेश करा सकेंगे। इसमें प्रतिस्पर्धा का सामना होगा। सामना करने के लिए उन्नत तकनीकी उपायों का सहारा लेना होगा। भारतीय कृषि में अधिकाधिक विकास करने की आवश्यकता है।

भूमंडलीकरण भारत के लिए कोई नया कार्य नहीं है। प्राचीन समय से ही भारतीय सामान विदेशों में जाया करता था और विदेशों से आवश्यक सामग्री भारतीय बाजारों में बिकते थे। परंतु 1990 से वैधानिक रूप से भूमंडलीकरण और उदारीकरण की नीति अपनाने के बाद विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धा के कारण कृषि के क्षेत्र में उन्नत तकनीक और मशीनों का प्रयोग बढ़ रहा है। साथ ही खाद्यान्नों की अपेक्षा व्यापारिक फसल के उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है।

Bihar Board Class 10 Geography कृषि Notes

  • भारत कृषि की दृष्टि से एक संपन्न राष्ट्र है। यहाँ के 2/3 लोगों की जीविका कृषि पर आधारित है।
  • देश की 24% आय कृषि से ही प्राप्त होती है।
  • कृषि योग्य भूमि को चार भागों में बाँटा जाता है
    (i) शुद्ध बोया गया क्षेत्र (ii) चालू परती भूमि (iii) अन्य परती (iv) कृषि योग्य व्यर्थ भूमि।
    Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 2 कृषि - 1
  • भारत में विश्व का सबसे अधिक पशुधन है। यहाँ विश्व की 57% भैंस तथा विश्व की 14% गाय रहती हैं।
  • भारत विश्व में काजू का सबसे बड़ा निर्यातक देश है।
  • मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र मिलकर भारत का 90% सोयाबीन उत्पन्न करते हैं।
  • चाय की खेती की शुरुआत 1840 में अंग्रेजों ने ब्रह्मपुत्र की घाटी में किया था।
  • चाय में थीन (Then) नामक एक पदार्थ होता है जिसके कारण इसे पीने से हल्की ताजगी महसूस होती है।
  • भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की अर्थव्यवस्था के विकास में कृषि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • भारत कृषि की दृष्टि से एक सम्पन्न राष्ट्र है। यहाँ के = लोगों की जीविका कृषि पर आधारित है।
  • देश की 24% आय कृषि से ही प्राप्त होती है।
  • भारत की लगभग दो-तिहाई आबादी कृषिकार्यों से जुड़ी है।
  • पौधों के अंकुरण के लिए कम-से-कम 6°C तापमान जरूरी है।
  • देश में शुद्ध बोई गई भूमि 14 करोड़ हेक्टेयर है।
  • फसलों के प्रकार (क) आई फसलें- धान, गन्ना, जूट, साग-सब्जी (ख) शुष्क फसलें मकई, ज्वार, बाजरा, महुआ
  • प्राथमिक क्रिया के अंतर्गत कृषि, पशुपालन, मत्स्योत्पादन एवं वानिकी कार्य शामिल है।
  • स्थान बदल-बदलकर खेती करने की पद्धति को ‘स्थानांतरी कृषि’ कहा जाता है।
  • खरीफ फसलें—धान, ज्वार, बाजरा, मकई, मूंगफली, जूट, कपास, अरहर।
  • रबी फसलें-गेहूँ, चना, मटर, सरसों। , .
  • देश में चावल का प्रतिहेक्टेयर उत्पादन 2,000 किलोग्राम है।
  • रोपण कृषि में व्यापार की दृष्टि से खेती की जाती है।
  • रोपण कृषि में एक ही फसल का उत्पादन किया जाता है।
  • गहन या सघन कृषि में कम भूमि पर प्रतिहेक्टेयर उत्पादन अधिक लिया जाता है।
  • देश में चावल का वार्षिक उत्पादन लगभग 9 करोड़ टन है।
  • अमन, औस, और बोरो धान की तीन फसलें हैं।
  • देहरादून का बासमती चावल स्वाद और सुगंध के लिए विख्यात है।
  • गेहूँ की खेती के लिए पाला पड़ना नुकसानदायक है।
  • पंजाब देश का सर्वाधिक गेहूँ उत्पादक राज्य है।
  • भारत विश्व में मोटे अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
  • ज्वार की सबसे अधिक खेती महाराष्ट्र में होती है।
  • गुजरात और राजस्थान मिलकर देश का आधा बाजरा उत्पन्न करते हैं।
  • रागी का सर्वप्रमुख उत्पादक राज्य कर्नाटक है।
  • चाय रोपण कृषि की फसल है।
  • डार्जिलिंग क्षेत्र में उत्पादित चाय में सुगंध अधिक होती है।
  • चाय का. वार्षिक उत्पादन देश में 8 लाख टन है।
  • अरेबिका और रोबस्टा कहवा/कॉफी के दो प्रकार हैं।

Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions गद्य Chapter 4 बेजोड़ गायिका : लता मंगेशकर

Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions

Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions गद्य Chapter 4 बेजोड़ गायिका : लता मंगेशकर (कुमार गंधर्व)

 

बेजोड़ गायिका : लता मंगेशकर पाठ्य पुस्तक के प्रश्न एवं उनके उत्तर

Bihar Board Hindi Book Class 11 Pdf Download प्रश्न 1.
लता मंगेशकर की आवाज सुनकर लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
जब लेखक की रेडियों पर पहले-पहल लता मंगेशकर की आवाज सुनाई पड़ी तो उन्हें उस स्वर में एक दुर्निवार आकर्षण प्रतीत हुआ। स्वर का जादुई प्रभाव उन्हें बरबस अपनी ओर खींच ले गया। वे विस्मय-विमुग्ध हो उसके श्रवण-मनन में तन्मय-तल्लीन हो गये।

Class 11 Hindi Book Bihar Board प्रश्न 2.
‘लता मंगेशकर ने नई पीढ़ी के संगीत को संस्कारित किया है। संगीत की लोकप्रियता, उसका प्रसार और अभिरुचि के विकास का श्रेय लता को ही देना पड़ेगा।’ क्या आप इस कथन से सहमत हैं? यदि हाँ, तो अपना पक्ष प्रस्तुत करें।
उत्तर-
प्रस्तुत पाठ में महान् गायक और संगीत मनीषी कुमार गंधर्व ने विलक्षण गायिका, स्वर-साम्राज्ञी लता मंगेशकर की गानविद्या के विभिन्न पक्षों पर सूक्ष्मतापूर्वक विचार किया है और संगीत क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदानों को उद्घाटित किया है। इस क्रम में उनका स्पष्ट अभिमत है कि अदभूत और अपूर्व गायिका लतामंगेशकर में नई पीढ़ी के संगीत को संस्कारित किया है। उसकी लोकप्रियता, उसके प्रसार और जनरुचि के विकास का सर्वाधिक श्रेय उन्हें ही है।

लेखक का उपर्युक्त मंतव्य हमें सर्वथा सार्थक और समीचीन प्रतीत होता है। यद्यपि लता से पहले भी अनेक अच्छी गायिकाएं हुई और उनमें नूरजहाँ जैसी श्रेष्ठ चित्रपट संगीत गायिका भी हों, पर लता के आगमन से चित्रपट संगीत की लोकप्रियता में अप्रत्याशित अभिवृद्धि हुई। साथ ही इससे शास्त्रीय संगीत के प्रति लोगों का दृष्टिकोण भी बदला। लता के संगीत के प्रभाव से नन्हे-मुन्ने बच्चे भी अब स्वर में गाते-गुनगुनाते हैं। वास्तव में लता का स्वर ही ऐसा है, जिसे निरंतर सुनते रहने से सुननेवाला सहज रूप से अनुकरण करने लगता है।

लता मंगेशकर ने चित्रपट संगीत को काफी ऊँचाई दी है, जिससे लोगों के कनों की सुन्दर-सुन्दर स्वर लहरियाँ सुनाई पड़ रही हैं। संगीत के विविध प्रकारों से उनका परिचय और प्रेम बढ़ रहा है। साधारण लोगों में भी संगीत की सुक्ष्मता की समझ आ रही है। इन सारी बातों के लिए निस्संदिग्ध रूप से लता भंगेशकर ही श्रेय की योग्य अधिकारिणी हैं।

Bihar Board Class 11 Hindi Book Solution प्रश्न 3.
शास्त्रीय संगीत और चित्रपट संगीत में क्या अंतर है? आप दोनों में किसे बेहतर प्रानते हैं, और क्यों? उत्तर दें।
उत्तर-
महान गायक एवं संगीत मनीषी कुमार गंधर्व ने शास्त्रीय संगीत और चित्रपट संगीत सष्ट पार्थक्य माना है और दोनों की पारस्परिक तुलना को निरर्थक एवं निस्सार बताया है।

शास्त्रीय संगीत का स्थायीभाव जहाँ गंभीरता है, वहीं जलदय और चपलता चित्रपट संगीत का मुख्य गुण है। चित्रपट संगीत का ताल जहाँ प्राथमिक अवस्था का ताल होता है, तहाँ शास्त्रीय संगीत में ताल अपने परिष्कृत में विद्यमान होता है। चित्रपट में आधे तालों का उपयोग किया जाता है, उसकी लयकारी अपेक्षाकृत आसान होती है। इस प्रकार, शास्त्रीय संगीत जहाँ नियमानुरूपता में संगीत की उच्च एवं गंभीर अवस्था से संबंध रखता है, वहाँ चित्रपट संगीत की संभावित उन्मुक्तता में विचरण करता है।

बेजोड़ गायिका : लता मंगेशकर लेखक परिचय कुमार गंधर्व (1924-1992)

भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान् गायक एवं संगीतज्ञ कुमार गंधर्व का जन्म 8 अप्रैल, 1924 ई. को कर्नाटक के गेलगाँव जिलान्तर्गत सुलेभावी ग्राम में हुआ था। उनका मूल नान शिवपुत्र कोमकली था, जब से श्री गुरुकुल स्वामी ने उन्हें देवमायक गंधर्व का अवतार बताया, तब से वे कुमार गंधर्व के नये नाम से ही प्रसिद्ध हो गये। उनके पिता सिद्धरमैय्या कोमकली भी एक अच्छे गायक और कोमकली मठ के प्रधान थे। बचपन से ही अपने पिता और परिवेश से प्राप्त नैसर्गिक गायन संस्कारों के बल पर कुमार गंधर्व ने अपनी गायन प्रतिभा से संगीतज्ञों को विस्मय-विमुग्ध कर दिया था।

उन्होंने 11 वर्षों तक महाराष्ट्र के संगीताचार्य प्रो. बी. आर. देवधर तथा प्रसिद्ध गायिका एवं संगीत गुरु अंजनीबाई से संगीत की शिक्षा पाई। 1947 से 52 तक वे बुरी तरह अस्वस्थ रहे। स्वास्थ्य संबंधी कारणों से वे मध्यप्रदेश के देवास नामक स्थान पर सपरिवार रहते हुए यद्यपि औपचारिक रूप में संगीत सभाओं से कट-से गये, पर संगीत संबंधी उनकी अन्वेषी प्रतिभा ओर कल्पना रुग्णावस्था में भी निरंतर सक्रिय रही। उनका निधन 1992 ई. में हुआ।

कोई-कोई यद्यपि कुमार गंधर्व को संगीत क्षेत्र में परंपराभंजक विद्राही के रूप में देखते रहे, किन्तु वास्तव में वे एक स्वच्छंद गायक थे। उन्होंने शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में भी अनेक रे साहसपूर्ण प्रयोग किये हैं। यद्यपि औपचारिक रूप से उनका संबंध ग्वालियर घराने से था, तथा वे गायकी को संगीत घरानों में ही सीमित रखने के पक्ष में कदापि न थे। वे संगीत में स्वाभाविक रूप से सार्वभौम विशेषताओं और मूल्यों के पक्षधर थे।

वस्तुतः उनकी गायकी की अपनी विशिप.. शैली थी, जिसमें शास्त्रीय और लोक शैली का अद्भुत मिश्रण था। उनकी स्पष्ट मान्यता : कि शास्त्रीय संगीत को नित्य नूतन और स्फूर्तिमय बने रहने के लिए लोक संगीत के नैसर्गिक स्रोत में संबद्ध रहना आवश्यक है। ऐसा होकर ही वह रूढ़ और वह रूढ़ और एक रस हाने से बचा रह सकता है। लोक संगीत के आधार पर कुमार गंधर्व ने नए-नए रागों की खोज और रचना भी की यथा-अहिमोहिनी, मालवती, निंदयारी, लग्नगंधार, भावमत भैरव, सहेली, तोड़ी आदि।

वस्तुतः कुमार गंधर्व 20वीं शती के उत्तरार्द्ध में हिंदुस्तानी शैली के भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान् गायक और संगीत मनीषी थे। उनकी सर्वप्रमुखी रचना ‘अनूप राग विलास’ है। इसके अतिरिक्त उनके अनेक लेख, निबंध और टिप्पणियाँ, पत्र-पत्रिकाओं में यत्र-तत्र बिखरी हैं और अनेक म्यूजिक कंपनियों द्वारा उनके गान के रिकार्ड तथा कैसेट भी जारी किये गये हैं। उन्होंने अपनी विलक्षण संगीत-प्रतिभा के बलपर अनेक पुरस्कार, सम्मान और अलंकरण प्राप्त किये थे। वे भारत सरकार की संगीत नाटक अकादमी के सदस्य तथा ‘भारत भवन’ भोपाल के स्थानीय सदस्त थे। उन्हें राष्ट्रपति ने ‘पदनभूपण एवं विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने डी. लिट् की उपाधि प्रदान कर सम्मानित-विभूषित किया था। इस प्रकार भारतीय संगीत संसार में कुमार गंधर्व एक अविस्मरणीय एवं आदरणीय नाग है।

बेजोड़ गायिका : लता मंगेशकर पाठ का सारांश

हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘बेजोड़ गायिका : लता मंगेशकर’ के लेखक प्रख्यात गायक और संगीत मनीषी कुमार गंधर्व है। उन्होने इस पाठ में हमारे समय की अप्रतिम गायिका लता मंगेशकर की गायन-कला का बड़ी बारीकी से विवचेन-विश्लेषण प्रस्तुत किया है। इस प्रकार यह पाठ एक महान् गायक द्वारा दूसरी महान गायिका पर लिखित होने के कारण विशेष महत्वपूर्ण है।

पाठ का आरंभ बड़ा ही रोचक, आकर्षक और जिज्ञासावर्द्धक है। लेखक एक दिन रेडियों सुन रहे थक कि अचानक उन्हें एक अद्वितीय स्वर सुनाई पड़ा। यह स्वर उनके मर्म को छू गया। वे मंत्रमुग्ध हो उस स्वर को सुनते रहे। गाना सामाप्ति पर जब गायिका का नाम घोषित हुआ तो वे दंग रह गये। वह जादुई स्वर लता मंगेशकर का था। लेखक को स्वाभाविक रूप से लता के पिता सुप्रसिद्ध दीनानाथ मंगेशकर याद आ गये।

लेखक ने आगे बताया है कि वह गाना ‘बरसात’ फिल्म के पहले की किसी फिल्म का था। तब से लता निरंतर गाती चली आ रही हैं और आज तो वे इस क्षेत्र में शीर्ष पर विराजमान हैं। यद्यपि उनसे पूर्व प्रसिद्ध गायिका नूरजहाँ का चित्रपट संगीत में अपना विशिष्ट स्थान था, पर बाद में आकर भी लता उनसे कहीं आगे निकल गई। लेखक की निभ्रांत स्थापना है कि भारतीय गायिकाओं में लता अद्वितीय हैं, उनके समान कोई दूसरी गायिका नहीं हुई। अपनी इस स्थापना की पुष्टि में लेखक बड़ी बारीकी से और विस्तारपूर्वक लता मंगेशकर की गायन-कला की विशिष्टताओं को उद्घाटित किया है और संगीत क्षेत्र में उनके बहुमूल्य योगदानों को मूल्यांकित करने का प्रयास किया है।

लेखक के अनुसार लता मंगेशकर के कारण चित्रपट संगीत को विलक्षण लोकप्रियता प्राप्त हुई। इतना ही नहीं, लोगों का शास्त्रीय संगीत की ओर देखने का दृष्टिकोण भी परिवर्तित हुआ है। उनके जादुई प्रभाव से छोटे-छोटे बच्चे भी अब स्वर में गुनगुनाते हैं। संक्षेप में कहें तो लता ने नई पीढ़ी के संगीत को संस्कारित किया है और साधारण मनुष्य की संगीत विषयक अभिरुचि में अभिवृद्धि की है।

लेखक ने लता. की लोकप्रियता के कारणों की चर्चा के क्रम में उनके गीतों में मौजूद गानपन को सर्वप्रमुख माना है। दूसरी विशेषता के रूप में उनके स्वरों की निर्मलता की बात कही गई है। इसके अतिरिक्त नादमय उच्चारण भी लता के गाने की एक मुख्य विशेषता है। इसी क्रम में लेखक द्वारा यह बात उठायी गई कि प्रायः लोग लता के गाने में करुण रस का प्रभावशाली प्रकटीकरण पाते हैं, पर सच यह है कि उन्होने उस रस के साथ उतना न्याय नहीं किया है। लेखक की दृष्टि में लता के गायन में एक और भारी कमी यह है कि उनका गाना सामान्यतः ऊँची पट्टी में रहता है।

लेखक के अनुसार यह प्रश्न बेतूका है कि शास्त्रीय गायन में लता का क्या स्थान है? इसी क्रम में उन्होंने शास्त्रीय संगीत और चित्रपट संगीत के वैषम्यों को स्पष्ट किया है। वे मानते हैं कि संगीत चाहे जिस प्रकार का हो, उसका महत्व रसिकों को आनंद प्रदान करने की सामर्थ्य पर निर्भर है। आगे लेखक ने चित्रपट तों के कारण संगीत क्षेत्र में आये परिवर्तनों और उसके सामयिक महत्व के बिन्दुओं को भरसक स्पष्ट करने का प्रयास किया है। वे स्पष्ट मानते हैं कि चित्रपट संगीत ने लोगों की संगीत विषयक अभिरुचि में प्रभावशाली मोड़ लाया है।

वस्तुत: संगीत का क्षेत्र अत्यंत विस्तीर्ण हैं, जिसमें नित्य नयी-नयी बातों की अन्वेषण और उद्भावना की पर्याप्त संभावनाएँ हैं। निष्कर्ष रूप में लेखक का यह अभिमत स्थापित हुआ है कि लता मंगेशकर चित्रपट संगीत के क्षेत्र में वास्तव में अनभिषिक्त साम्राज्ञी हैं। अन्य गायक-गायिकाओं से विलग एवं विशिष्ट लोकप्रियता के सर्वोच्च शिखर पर विरजमान हैं। देश ही नहीं, विदेशों में भी लोग उनका गाना सुनकर विमुग्ध हो उठते हैं। यह हमारा परम सौभाग्य है कि वे हमारे अपने हैं, अपने देश के हैं।

बेजोड़ गायिका : लता मंगेशकर कठिन शब्दों का अर्थ

अद्वितीय-अनुपम। चित्रपट-सिनेमा। विलक्षण-अद्भूत, अपूर्व। हुकमुशाही-एकाधिकार। अभिजात संगीत-शास्त्रीय संगीत। चौकस वृत्ति-सावधानी। अनभिषिक्त-जिसका अभिषेक अभी नहीं हुआ हो, बेताज। अलक्षित-जिसे देखा-परख न गया हो। तन्मयता-लीन होने का भाव। सितारिए-सितार बजाने वाला। कोकिला-कोयल जैसी मीठे स्वर वाली। अभिरुचि-पसंद। दिग्दर्शक-दिशा दिखाने वाला, डायरेक्टर। रंजक-प्रसन्न करने वाला। अवलंबित-आश्रित। सुसंगत-संगतिपूर्ण, मेल का। अव्वल दर्जे का-ऊँचे या प्रथम स्तर का। रसोत्कटता-रस की प्रधानता, तीव्र रसमयता। कौतुक-कुतूहल। निर्जल-बिना जल के, रूखा। असंशोधित-संशोधन के। अदृष्टपूर्व-जो पहले नहीं देखा गया हो। शताब्दी-सौ वर्ष।

महत्त्वपूर्ण पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या

1. जिस प्रकार मनुष्यता हो तो मनुष्य वैसे ही गानपन हो तो वह संगीत है।
व्याख्या-
प्रस्तुत पंक्ति कुमार गंधर्व रचित आलेख से ली गयी है। इस सूक्ति वाक्य में कुमार गन्धर्व ने कहना चाहा है कि मानवीय गुणों की वह विशेषता जो दूसरों को प्रभावित करती है या दूसरों के काम आती है व मनुष्यता कहलाती है। इस मनुष्यता से जो युक्त है वही मनुष्य है शेष लोग तन से मनुष्य हैं गुण से पशु। इसी तरह संगीत की पहचान गानपन है। गानपन से तात्पर्य गाने का वह अंदाज जो एक सामान्य आदमी को भी आकृष्ट करके भाव विभोर कर दे, झूमा दे। इस गान-पन के नहीं होने पर संगीत नीरस और रचना का कंकाल भर होता है।

कंकाल पर ही शरीर खड़ा होता है लेकिन कंकाल के ऊपर चढ़े माँस और सुडौल आकार प्रकार से सुन्दरता का बोध होता कंकाल से नहीं। अतः गाने का अंदाज और श्रोता को विभोर करने की क्षमता ही गानपन है और इसी से संगीत की पहचान होती है, ताल, लय, मात्रा, स्वर और राग-रागिनियाँ संगीत का कंकाल है संगीत का सौन्दर्य नहीं। संगीत का सौन्दर्य तो भाव विभोर करने की क्षमता ही है।

2. जहाँ गंभीरता शास्त्रीय संगीत का स्थायी भाव है, वहीं जलद लय और चपलता चित्रपट संगीत का मुख्य गुणधर्म है।
व्याख्या-
लता मंगेशकर पर लिखित कुमार गंधर्व के लेख से यह पंक्ति ली गयी है। इसमें लेखक ने शास्त्रीय संगीत और चित्रपट संगीत के एक अन्तर की ओर संकेत किया है। लेखक के अनुसार राग-रागिनियों के अनुसार स्वर लिपि में आबद्ध तथा ताल, लय, मात्रा आदि से युक्त होने के कारण शास्त्रीय संगीत पूरी तरह अनुशासित होता है। इस अनुशासन के कारण और केवल पारखी लोगों के ही मन पर प्रभाव डालने की सीमा के कारण लेखक ने गंभीरता को शास्त्रीय संगीता का विशिष्ट लक्षण माना है। चूंकि यह लक्षण अपरिवर्तनशील होता है इसलिए इसे स्थायी भाव कहा है।

इसके विपरीत चित्रपट संगीत की दो विशेषताओं की ओर संकेत किया है। प्रथम उसमें जलद की सत्ता होती है। जलदलय का अर्थ होता है द्रुत या तेज लय। संगीत में तीन लय होती है। प्रथम विलम्बित अर्थात् धीमी, द्वितीय द्रुत अर्थात् तेज और तृतीय मध्यम अर्थात् द्रुत और धीमी के बीच की स्थितवाली। चित्रपट संगीत में तेज लय वाले गाने होते हैं जो अपनी आवेशपूर्ण शक्ति से श्रोता को बहा ले जाते हैं।

दूसरी विशेषता है चपलता। इसके कारण तरह-तरह के भाव तुरंत-तुरंत परिवर्तित होकर श्रोता को हल्केपन की मिठास से कभी गुदगुदाते है, कभी चंचलता पैदा करते हैं और कभी मनोदशा में परिवर्तन लाते है। दूसरे शब्दों में कह सकते है कि गंभीरता दो कारण शास्त्रीय संगीत सर्व स्वीकृत नहीं होता जबकि तीव्र गति और चंचलता के कारण चित्रपट संगीत अधिक पसन्द किया जाता है।

Bihar Board 12th English 100 Marks Objective Answers Poem 5 An Epitaph

Bihar Board 12th English Objective Questions and Answers 

Bihar Board 12th English 100 Marks Objective Answers Poem 5 An Epitaph

An Epitaph Objective Question Bihar Board 12th English Question 1.
An Epitaph is a-
(A) Story
(B) Travalogue
(C) Essay
(D) Poetry
Answer:
(D) Poetry

An Epitaph Objective Question Answer Bihar Board 12th English Question 2.
Walter de la Mare is famous as a-
(A) War poet
(B) Children’s Poet
(C) Nature poet
(D) Romantic poet
Answer:
(B) Children’s Poet

An Epitaph Question Answer Bihar Board 12th English Question 3.
An Epitaph is written by-
(A) Walt Whitman
(B) Walter De La Mare
(C) T.S. Eliot
(D) D.H. Lawrence
Answer:
(B) Walter De La Mare

An Epitaph Poem In Hindi Bihar Board 12th English Question 4.
However rare, beauty-
(A) Rules
(B) Crumble
(C) Vanishes
(D) Expresses
Answer:
(C) Vanishes

An Epitaph Bihar Board 12th English Question 5.
Walter De La Mare died in-
(A) 1916
(B) 1956
(C) 1966
(D) 1976
Answer:
(B) 1956

An Epitaph Poem Is Written By Bihar Board 12th English Question 6.
Queen Elizabeth II honoured him with the ‘Order of Merit’ in-
(A) 1943
(B) 1933
(C) 1953
(D) 1952
Answer:
(C) 1953

An Epitaph Summary In Hindi Bihar Board 12th English Question 7.
Walter De La Mare was born in-
(A) 1863
(B) 1883
(C) 1882
(D) 1873
Answer:
(D) 1873

Epitaph Solutions Bihar Board 12th English Question 8.
The poet expresses his sad feeling for a-
(A) Boy
(B) Girl
(C) Baby
(D) Lady
Answer:
(D) Lady

An Epitaph Poem Bihar Board 12th English Question 9.
‘An Epitaph’ deals with a beautiful—
(A) girl
(B) lady
(C) baby
(D) None of these
Answer:
(B) lady

Question 10.
The lady mentioned in the poem, ‘An Epitaph’ belonged to—
(A) the North Country
(B) the East Country
(C) the West Country
(D) the south Country
Answer:
(C) the West Country

Question 11.
The poetic device, which is used in the poem, ‘An Epitaph’ is—
(A) metaphor
(B) simile
(C) personification
(D) ambiguity
Answer:
(D) ambiguity

Question 15.
The term ‘crumble’ used in the poem, ‘An Epitaph’ means to —
(A) die
(B) live
(C) suffer
(D) None of these
Answer:
(A) die

Question 16.
The tone of the poem, ‘An Epitaph’ means to —
(A) happy
(B) melancholy
(C) romantic
(D) None of these
Answer:
(B) melancholy

Question 17.
Who has composed the poem,’An Epitaph’? [18A, I.A.]
(A) Walter de la Mare
(B) Rupert Brooke
(C) D.H. Lawrence
(D) W.H. Auden
Answer:
(A) Walter de la Mare

Question 18.
Walter de la Mare belonged to ………….. century.
(A) 19th
(B) 20th
(C) 18th
(D) None of these
Answer:
(B) 20th

Question 19.
Walter de la Mare received the ‘Order of Merit’ with Qeen Elizabeth-II in –
(a) 1951
(B) 1952
(C) 1953
(D) 1954
Answer:
(C) 1953

Question 20.
Walter de la Mare was—
(A) a poet
(B) a novelist
(C) a short story-writer
(D) All of these
Answer:
(D) All of these

Question 21.
Walter de la Mare shows fresh interest in themes.
(A) old
(B) medieval
(C) love
(D) None of these
Answer:
(A) old

Question 22.
Walter de la Mare has written the poem —
(A) The Soldier
(B) Fire-Hymn
(C) Snake
(D) An Epitaph
Answer:
(D) An Epitaph

Question 23.
Walter de la Mare Knew a who is now dead.
(A) girl
(B) lady
(C) boy
(D) None of these
Answer:
(B) lady

Question 24.
The poet feels that after his death nobody will ……….. her.
(A) love
(B) forget
(C) remember
(D) hate
Answer:
(C) remember

Question 25.
The poet thinks that is not everlasting.
(A) beauty
(B) cruelty
(C) ugliness
(D) love
Answer:
(A) beauty

Question 26.
The lady, who is died, lies in the —
(A) garden
(B) grave
(C) field
(D) house
Answer:
(B) grave

Question 27.
‘Light of step and heart was she’ is taken from—
(A) Fire-Hymn
(B) Snake
(C) An Epitaph
(D) The Soldier
Answer:
(C) An Epitaph

Question 28.
‘And when I crumble, who will remember’ is written by—
(A) John Keats
(B) John Donne
(C) Rupert Brooke
(D) Walter de la Mare
Answer:
(D) Walter de la Mare

Question 29.
An Epitaph is written by-
(A) Walt Whitman
(B) Walter de la Mare
(C) T. S. Eliot
(D) D. H. Lawrence
Answer:
(B) Walter de la Mare

Question 30.
The poet expresses his sad feeling for a-
(A) Boy
(B) Girl
(C) Lady
(D) Bird
Answer:
(C) Lady

Question 31.
Walter de la Mare died in-
(A) 1873
(B) 1883
(C) 1882
(D) 1863
Answer:
(A) 1873

Question 32.
‘An Epitaph’ is a-
(A) Story
(B) Monologue
(C) Essay
(D) Poetry
Answer:
(D) Poetry

Question 33.
Walter de la Mare is famous as a-
(A) War poet
(B) Children’s poet
(C) Nature poet
(D) Romantic poet
Answer:
(B) Children’s poet

Question 34.
Walter de la Mare die in-
(A) 1918
(B) 1856
(C) 1938
(D) 1926
Answer:
(B) 1856

Question 35.
However rare, beauty-
(A) Mules
(B) Grumble
(C) Vanishes
(D) Rides
Answer:
(C) Vanishes

Question 36.
Queen Elizabeth II honoured Mare with the ‘Order of Merit’ in-
(A) 1943
(B) 1933
(C) 1952
(D) 1953
Answer:
(D) 1953

Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 10 कुंभा का आत्म बलिदान

Bihar Board Class 7 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 2 Chapter 10 कुंभा का आत्म बलिदान Text Book Questions and Answers and Summary.

BSEB Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 10 कुंभा का आत्म बलिदान

Bihar Board Class 7 Hindi कुंभा का आत्म बलिदान Text Book Questions and Answers

पाठ से –

Bihar Board Solution Class 7 Hindi प्रश्न 1.
दिये गये शब्दों से उपयुक्त स्थान पर भरिएबूंदी, चितौड़, नकली, सैनिक, मंत्री।
उत्तर:
(क) राणा चितौड़ का रहने वाला था।
(ख) बूंदी का नकली किला बनाया जाने लगा।
(ग) कुछ हाड़ा राजपूत राणा की सेना में सैनिक थे।
(घ) मंत्री ने सुझाव दिया कि बूंदी का एक नकली किला बनाया – जाए।
(ङ) वीर कुंभा बूंदी का सपूत था।

History Of Bundi In Hindi Bihar Board Class 7 प्रश्न 2.
हाड़ा राजपूतों की राणा से नाराजगी का क्या कारण था ?
उत्तर:
बूंदी का नकली किला बनाकर राणा के द्वारा जीतना यह हाड़ा राजपूत बूंदी का अपमान माना। इसी से वे राणा से नाराज थे।

Hindi Class 7 Bihar Board Solution प्रश्न 3.
अपनी हार से क्रोधित हुए राणा ने अचानक क्या प्रतिज्ञा कर डाली?
उत्तर:
अपनी हार से क्रोधित हुए राणा ने अचानक प्रतिज्ञा कर डाली कि जब तक बूंदी पर अपना झंडा नहीं फहरा देंगे तब तक मुख में एक बूंद पानी तक नहीं डालेंगे।

Bihar Board Class 7 Hindi Book Solution प्रश्न 4.
राणा की प्रतिज्ञा तुरंत पूरी किए जाने में क्या कठिनाई थी?
उत्तर:
बूंदी के हाड़ा राजपूतं योद्धा तथा आजादी के प्रिय थे। बूंदी से तुरंत टकराना आसान नहीं था। बूंदी से पराजित महाराणा को शक्ति-संचय में कुछ समय तो लगता है। क्योंकि बूंदी के युद्ध में राणा अपनी सारी शक्ति खो चुके थे।

Bihar Board Class 7 Hindi Book Pdf प्रश्न 5.
बूंदी का नकली किला क्यों बनवाया गया?
उत्तर:
बूंदी से पराजित होकर राणा गुस्सा में आकर जल्दबाजी में प्रतिज्ञा कर ली कि जबतक बूंदी को जीतेंगे नहीं तब तक मुख में एक बूंद पानी तक नहीं लेंगे। लेकिन राणा के लिए यह काम आसान नहीं था । परन्तु प्रतिज्ञा पूरी होना शीघ्र अनिवार्य था। अतः प्रतिज्ञा पूरी करवाने के लिए नकली बूंदी का किला बनवाया गया।

Class 7 Hindi Chapter 10 Bihar Board प्रश्न 6.
प्रस्तुत पाठ से हाड़ा कुंभा के किन-किन गुणों का पता चलता है ?
उत्तर:
प्रस्तुत पाठ से हाड़ा कुम्भा के शौर्य, पराक्रम, मातृभूमि भक्ति और बलिदानी गुणों का पता चलता है।

पाठ से आगे –

Bihar Board Class 7 Hindi Book प्रश्न 1.
हाड़ा कुंभा की हार, राणा की जीत से शानदार थी। कैसे?
उत्तर:
राणा की जीत नकली जीत थी। लेकिन हाड़ा कुम्भा की हार यथार्थ था । मातृभूमि को अपमान से बचाने वाला हाड़ा कुंभा हारकर भी अमर हो गया। क्योंकि आजादी के परवाने कभी हारते नहीं इसलिए हाड़ा कुंभा की हार भी राणा के जीत से शानदार थी। ।

Bihar Board Class 7 Hindi Solutions प्रश्न 2.
आप अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए क्या-क्या कर सकते
उत्तर:
हम अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व लुटा सकते हैं। जान की बाजी लगा सकते हैं।

Bihar Board Class 7 Hindi प्रश्न 3.
हाड़ा कुंभा की किस बात ने आपको सबसे ज्यादा प्रभावित किया और क्यों?
उत्तर:
हाड़ा! कुंभा की वह बात हमें सबसे ज्यादा प्रभावित किया । जब उसने ओजस्वी स्वर में बोला “यह नहीं हो सकता । मेरी प्यारी मातृभूमि बूंदी, जब तक तेरा यह बेटा जीवित है, तब तक तेरा यह अपमान कदापि सहन नहीं कर सकता । मैं रक्त की आखिरी बूंद शेष रहने तक अपनी मातृभूमि की रक्षा करूंगा। क्योंकि मातृभूमि के सपूत मातृभूमि को अपमानित होते नहीं देख सकते। धन्य था वह बूंदी का लाल ।

Balidan Kahani Ka Saransh Class 7 Hindi प्रश्न 4.
अगर आपकी जमीन पर कोई बलपूर्वक एवं छलपूर्वक कब्जा करना चाहे तो इस समस्या का समाधान आप कैसे करेंगे?
उत्तर:
अगर हमारे जमीन पर बलपूर्वक या छलपूर्वक कोई कब्जा करेगा तो हम उससे लड़ेंगे। चाहे बल से हो या न्यायालय हो अथवा छल से हो, ‘ हम उसे कब्जा नहीं होने देंगे।

Bihar Board 7th Class Hindi Book प्रश्न 5.
अगले पृष्ठ पर बॉक्स में दी गई कहानी को वार्तालाप के रूप में लिखिए।
उत्तर:
अगले पृष्ठ पर बॉक्स में “जेन बातचीत” शीर्षक कहानी को वार्तालाप रूप इस प्रकार सम्भव है –

प्रथम दिन –

दूसरा शिष्य – तुम कहाँ जा रहे हो?
पहला शिष्य – जहाँ मेरे पाँव मुझे ले जाएंगे।
दूसरे दिन –
दूसरा शिष्य-आज कहाँ जा रहे हो?
पहला शिष्य – जहाँ हवा जाएगी, वहीं।
तीसरे दिन –
दूसरा शिष्य – आज कहाँ जा रहे हो?
पहला शिष्य – सब्जी खरीदने बाजार जा रहा हूँ।

व्याकरण –

प्रश्न 1.
पाठ में प्रयुक्त जातिवाचक एवं व्यक्तिवाचक संज्ञाओं को छाँटकर लिखिए –
उत्तर:
Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 10 कुंभा का आत्म बलिदान 1

प्रश्न 2.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ स्पष्ट करते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए –
उत्तर:
धूल चटाना – कुंभा राणा को धूल चटा दिया।
आग बबूला होना – राणा अपनी हार से आग-बबूला हो गये।
आँखें लाल होना – बूंदी के अपमान की बात सुनते ही कुंभा की आँखें लाल हो गईं।
लाशों पर से गुजरना – बूंदी को जीतने के लिए राणा को कुंभा के लाश पर से गुजरना पड़ा।
मुँह की खाना – बूंदी के युद्ध में चितौड़ की सेना को मुंह की खानी पड़ी।

कुंभा का आत्म बलिदान Summary in Hindi

कहानी का सारांश – कुंभा बूंदी रियासत में रहने वाला हाड़ा राजपूत था। हाड़ा जाति के लोगों की वीरता की कहानी सुनते ही लोग भयभीत हो जाते थे। क्योंकि हाड़ा राजपूत मर सकते थे लेकिन दुश्मनों को बूंदी में प्रवेश नहीं करने दे सकते थे।

एक बार चितौड़ के महाराजा ने छोटी रियासत मानकर बूंदी को अपने कब्जे में करना चाहा। इसके लिए वे अपनी बड़ी सेना लेकर बूंदी पर हमला किया। भीषण युद्ध के बाद भी महाराणा पराजित हो गये।

पराजय के अपमान से महाराणा की मन:स्थिति गड़बड़ हो गई। वे प्रतिज्ञा कर बैठे कि जबतक बूंदी पर अपना झंडा नहीं फहराएंगे पानी तक नहीं पिएँगें।

लेकिन बूंदी रियासत पर कब्जा करना आसान नहीं। महाराणा को अपनी शक्ति बढ़ाने में कुछ समय तो लगता है। मंत्रियों ने सोचा महाराणा की प्रतिज्ञा कैसे पूरा करें। एक उपाय सूझा, नकली बूंदी बनाकर महाराणा से आक्रमण करवाकर प्रतिज्ञा पूरी करवा दी जाए । बात पक्की हो गई । नकली बूंदी का किला बना । लेकिन बिल्कुल बूंदी के किला जैसा । महाराणा की सेना में ही कुंभा काम करता था। जब उसने नकली बूंदी. का किला देखा तब बनाने वालों से जानकारी ली। पता चला महाराणा अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने के लिए नकली बूंदी पर आक्रमण कर और जीतकर अपनी प्रतिज्ञा पूरी करेंगे।

हाड़ा जातीय कुम्भा ने महाराणा के इस अभियान को बूंदी का अपमान समझा । उसने ठान ली कि जबतक हम जीवित हैं बूंदी का अपमान नहीं देख सकते । उसने अन्य हाड़ा सैनिकों को भी बताया। सभी अपनी मातृभूमि को अपमानित होने से बचाने के लिए दृढ़ संकल्प हो गये । अभियान को पूरा करने के लिए पूरी सैनिकों के साथ महाराजा नकली बूंदी के किला पर आक्रमण कर फतह के विचार से द्वार पर जाते हैं तो द्वार रक्षक जिनको आत्म समर्पण करना था। राणा के जान के दुश्मन बन गये। वाणों की बौछार से महाराजा घबड़ा गये । मात्र 20-25 हाड़ा राजपूतों ने महाराणा का मुकाबला तब तक करते रहे जब तक किला के द्वार पर स्थित सभी मारे नहीं गये । जब सभी मारे गये तब महाराणा नकली बूंदी के किला में प्रवेश किये।

वह व्यक्ति धन्य है जो अपनी मातृभूमि के रक्षार्थ अपना न्योछावर कर देता है।

Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions गद्य Chapter 7 सिक्का बदल गया

Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions

Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions गद्य Chapter 7 सिक्का बदल गया (कृष्णा सोबती)

 

सिक्का बदल गया पाठ्य पुस्तक के प्रश्न एवं उनके उत्तर

सिक्का बदल गया कहानी के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 11th प्रश्न 1.
शाहनी के मन में किस बात की पीड़ा है, फिर भी वह शेरा और हसैना के समक्ष हल्के से हंस पड़ती है। क्यों?
उत्तर-
भारत विभाजन का समय है। पाकिस्तान से हिन्दू घरबार छोड़ कर भारत आ रहे हैं। उन लोगों में शाहनी भी एक महिला है जो अपना घर-द्वार छोड़ने की तैयारी में हैं। उनका सब कुछ छूट रहा है। हरे-भरे खेत, विशाल महल सब कुछ छूट रहा है। इसी बात की पीड़ा है शाहनी के मन में।

जब शाहनी चनाब नदी से स्नान कर लौट रही है, उस समय उसकी भेंट शेरा और हसैना स होती है। दोनों आपस में झगड़ने लगते हैं। शाहनी बीच-बचाव करती है। शाहनी को यह भी पता है कि रात में कुल्लूवाल के लोग वहाँ आये थे। शेरा भी उस बैठक में सम्मिलित था। शाहनी को मारने की जिम्मेदारी उसे ही सौंपी गई थी। शाहनी यह सब कुछ समझती है बावजूद वह दोनों को अपना स्नेह देती है और हँस पड़ती है।

सिक्का बदल गया कहानी की समीक्षा Bihar Board Class 11th प्रश्न 2.
शेरा कौन है और उसके साथ साहनी का क्या संबंध है?
उत्तर-
शेरा ‘सिक्का बदल गया’ प्रस्तुत कहानी का एक प्रमुख पात्र तथा शाहनी का नौकर है। कथानायिका शाहनी के साथ उसका नजदीकी संबंध है। वह शाहनी का मातहत रहा है और अपनी माँ जैना के मरने के बाद शाहनी के पास ही रहकर पला-बढ़ा है।

सिक्का बदल गया Bihar Board Class 11th प्रश्न 3.
शेरा के भीतर प्रतिहिंसा की आग क्यों है?
उत्तर-
शेरा मुसलमान है। वह उन दंगाइयों में सम्मिलित है जो पाकिस्तान में रह रहे हिन्दुओं को मारते थे और कुछ को घर-द्वार, जमीन-जायदाद, सोना-चाँदी, रुपये-पैसे छोड़ कर देश छोड़ने को मजबूर करते थे। भारत में बसे मुसलमान भी मारे जा रहे थे एवं भारत से निकाले जा रहे थे। शेरा के मन में प्रतिहिंसा का भाव था।

शेरा के मन में शाहनी के प्रति भी हिंसा का भाव है। वह सोचता है कि शाहनी को अपना घर-द्वार छोड़ना ही है। शाहनी को वह मारना भी चाहता है। उसके मन में यह भाव भी आता है कि शाहजी (शाहनी के स्वर्गवासी पति) ने भी उनलोगों से सूदखोरी करके धन कमाया है। ऐसा सोचते हुए प्रतिहिंसा की आग शेरे की आँखों में उतर आई। गड़ासे की याद आ गई। लेकिन शाहनी की ओर देखकर रूक गया। शाहनी ने उसे अपने बेटे के समान पाला था। यह बात उसे याद आ गई।

सिक्का बदल गया कहानी का सारांश Bihar Board Class 11th प्रश्न 4.
शाहनी अपना घर छोड़ते हुए भी विरोध में एक स्वर नहीं निकाल पाती। ऐसा क्यों।
उत्तर-
शाहनी को मालूम है कि भारत का विभाजन हो गया है। शाहनी को अपना घर छोड़ते हुए अपार दुःख और कष्ट होता है। उसने इस दिन की कभी कल्पना भी नहीं की थी। फिर भी, वह विरोध में एक स्वर भी नहीं निकाल पाती है तो इसका कारण यह है कि वह भीतर से पूरी तरह टूट चुकी है ओर सामने आयी विपरीत एवं अपरिवर्तनीय परिस्थिति की हकीकत भली-भाँति समझ चुकी है।

Sikka Badal Gaya Kahani Ka Saransh Bihar Board Class 11th प्रश्न 5.
शाहनी के हाथ शेरा की आँखों में क्यों तैर गये?
उत्तर-
शेरा अपनी माँ मृत्यु के पश्चात् शाहनी के पास रहकर ही पला-बढ़ा है। किन्तु, कठिन कालचक्र के फेर में फंसकर वह फिरोज के साथ उसकी हत्या करने एवं उसके सारे सामानों को लूटने की दुरभिसंधि कर लेता है। किन्तु, उसके अंदर मानवता अभी शेष है। अतः उस भयानक कृत्य के पूर्व उसकी आँखों में शाहनी के हाथ तैर जाते हैं, जिन हाथों से वह कटोरा भर दूध पिया करता था।

सिक्का बदल गया कहानी की समीक्षा Pdf Bihar Board Class 11th प्रश्न 6.
शेरा की फिरोज के साथ क्या बात हुई थी?
उत्तर-
शेरा की फिरोज के साथ यह बातचीत हुई थी कि वह शाहनी को मार देगा और . . उसके सारे सामनों को आधे-आधे बाँट लेगा।

सिक्का बदल गया कहानी Pdf Bihar Board Class 11th प्रश्न 7.
जबलपुर में आग क्यों लगाई गई थी? धुआँ देख साहनी क्यों चिंतित हो गई थी?
उत्तर-
जबलपुर में लगी आग सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा थी। वह आग दहशत फैलाने के उद्देश्य से लगाई गई थी। जब वहाँ आग लग गई, तो आसमान में उठे धुओं को देखकर शाहनी पोर्ट गोल्डेन सीरिज पासपोर्ट अत्यंत चिंतित हो गई, क्योंकि उसके सगे-संबंधी, नाते-रिश्तेदार सब वहीं रहते थे।

सिक्का बदल गया कहानी की मूल संवेदना Pdf Bihar Board Class 11th प्रश्न 8.
दाऊद खाँ की कैसी स्मृतियाँ शाहनी से जुड़ी हैं?
उत्तर-
दाऊद खाँ एक थानेदार है। ट्रक पर हिन्दू जमा हो रहे हैं। उन्हें हिन्दुस्तान की सीमा पर पहुँचना दाऊद खाँ की ड्यूटी है। जब ट्रक शाहनी की हवेली के सामने खड़ी हुई तो दाऊद खाँ पुलिस की अकड़ के साथ शाहनी के दरवाजे पर पहुंचा। सहसा दाऊद खाँ ठिठक गया। वही शाहनी है जिसके शाहनी उसके लिए दरिया के किनारे खेमे लगावा दिया करते थे। यह तो वही शाहनी है, जिसने उसकी मंगेतर को सोने के कनफूल मुँह दिखाई में दिये थे। यही स्मृतियाँ दाऊद खाँ की शाहनी से जुड़ी हैं।

Sikka Badal Gaya Question Answer Bihar Board Class 11th प्रश्न 9.
भागोवाल मसीत के लिए शाहनी ने दाऊद खाँ को क्या दिया था?
उत्तर-
दाऊद खाँ थानेदार था। एकदिन वह शाहनी के घर आया। भागोवाल मसीत (मस्जिद) के लिए शाहनी ने दाऊद खाँ को मांगने पर पूरी की पूरी राशि तीन सौ रुपये दे दिये थे।

Sikka Badal Gaya Kahani Bihar Board Class 11th प्रश्न 10.
थानेदार दाऊद खाँ बार-बार शाहनी से नकद रखने का आग्रह करता है। तब भी शाहनी नहीं रखती है। क्यों?
उत्तर-
शाहनी अपना घर छोड़ हिन्दुस्तान आ रही है। वह अपनी हवेली से बेहद प्यार करती है। बिना कुछ लिए वह घर छोड़ देती है। इस पर दाऊद खाँ जो थानेदार है, बार-बार शाहनी से कुछ नकद रख लेने का आग्रह करता है। लेकिन शाहनी नकद नहीं रखती है। वह दाऊद खाँ को जवाब देती है-“नहीं बच्चा, मुझे इस घर से नकदी प्यारी नहीं। यहाँ की नकदी यही रहेगी।” शाहनी के इस उत्तर से दाऊद खाँ निरुत्तर हो गया। शाहनी अपनी हवेली से बेहद प्यार करती थी।

सिक्का बदल गया कहानी Bihar Board Class 11th प्रश्न 11.
दाऊद खाँ क्यों चाहता है कि शाहनी हवेली छोड़ते हुए कुछ साथ रख ले।
उत्तर-
थानेदार दाऊद खाँ शाहनी का बहुत आभारी और उपकृत है। शाहनी ने समय-समय पर उसकी मदद की थी। अत: वह भी अपनी सलाह से शाहनी को भविष्य के संकटों से निबटने हेतु कुछ नकद साथ रखने को कहता है। उसकी व्यावहारिक बुद्धि जानती है कि संकट के समय में पास की पूँजी बड़ी काम आती है। इसी सदिच्छा और आत्मीयता वश दाऊद खाँ चाहता है कि शाहनी हवेली छोड़ते हुए कुछ नकद पैसे साथ रख ले।

Class 11 Hindi Book Bihar Board प्रश्न 12.
दाऊद खाँ को शाहनी के पास खड़े देखकर शेरा ने क्यों कहा-“खाँ साहिब, देर हो रही है।”
उत्तर-
शाहनी हवेली छोड़ने वाली थी। घर से निकलने में ममता आ रही थी। अपना घर सदा के लिए छोड़ना था। पाकिस्तान छोड़कर भारत आना था। शाहनी हवेली की ड्योढ़ी पर आकर खड़ी थी। इसी बीच थानेदार दाऊद खाँ को बीती हुई बातें याद आ जाती हैं। शाहनी ने उसकी मंगेतर को सोने के कनफूल मुँह दिखाई में दिये थे। यह स्मृति दाऊद खाँ झकझोर देती है। दाऊद को सहानुभूति आ जाती है।

वह बार-बार शाहनी को कुछ साथ लेने की सलाह देती है। जब वह सोना चाँदी साथ ले लेने को कहता है तो शाहनी जवाब देती है है-“सोना चाँदी। मेरा सोना तो एक-एक जमीन में बिछा है।” दाऊद खाँ निरूत्तर हो जाता है। वह फिर कहता है-शाहनी, कुछ नकदी जरूरी है। इस पर शाहनी कहती है-“नहीं बच्चा, मुझे इस घर से नकदी प्यारी नहीं। यहाँ की नकदी यहीं रहेगी।”

सिक्का बदल गया कहानी की व्याख्या Bihar Board Class 11th प्रश्न 13.
शाहनी किसके सुख-दुख की साथिन थी?
उत्तर-
शाहनी अपनी हवेली छोड़ने जा रही हैं। गाँव के सभी लोग इकट्ठा होने लगे। शाहनी गाँव के सभी बड़े-बूढ़ों, बूढी-बूढ़ियों के सुख-दुख की साथी थी। जब शाहनी ने अपनी ड्योढ़ी के बाहर पैर रखा तो सभी बुढ़ियाँ रो पड़ी क्योंकि शाहनी सबके सुख-दुख में हाथ बँटाती थी।

Bihar Board Hindi Book Class 11 Pdf Download प्रश्न 14.
चलते समय इस्माइल ने शाहनी से क्या कहा?
उत्तर-
हवेली छोड़कर जाते समय शाहनी से इस्माइल ने यह कहा कि “शाहनी, कुछ कह जाओ। तुम्हारे मुँह से निकली (अ) सीस झूठी नहीं हो सकती।” इस्माइल के इस कथन से साहनी के बारे में लोगों की धारणा का पता चलता है।

प्रश्न 15.
खूनी शेरे का दिल क्यों टूट रहा था?
उत्तर-
शेरा शाहनी का नौकर था। खूनी शेरे का दिल इसलिए टूट रहा था कि माँ के मरने के बाद शाहनी ने ही उसे दूध पिलाकर पाला-पोसा था। उसके सामने उसे दूध पिलाकर पालने वाली, उस पर प्यार का हाथ फेरने वाली शाहनी जा रही थी और वह चाहकर भी कुछ न कर सकता था।

प्रश्न 16.
शाहनी शेरे को क्या आशीवाद देती है?
उत्तर-
ट्रक पर बैठते समय शाहनी के पीछे गाँव के लोग शोकाकुल थे। सारा वातावरण गमगीन हो गया था। कोई आशीर्वाद माँग रहा था। कोई पछता रहा था। उसी बीच शेरे आगे बढ़कर शाहनी का पाँव छूता है और कहता है-‘शाहनी, कोई कुछ नहीं कर सका। राज भी पलट गया।’ शाहनी ने काँपता हुआ हाथ शेरे के सिर पर रखा और रूक-रूक कर कहा-

“तैनू भाग ‘जगण चन्ना (ओ चाँद तेरे भाग्य जागे)। शाहनी का यह आशीर्वाद सांकेतिक था। शाहनी की सम्पत्ति शेरे को ही मिलने वाली थी। शेरे ने दंगाइयों के साथ बहुत कत्ल किये थे। शाहनी की मृत्यु भी उसे ही करनी थी, लेकिन वह कर न सका। तब भी शेरे के भाग जगने वाले थे। शाहनी का आशीर्वाद भी उसे मिला।

प्रश्न 17.
शाहनी के जाने पर लोगों के मन में क्या अफसोस होता है?
उत्तर-
शाहनी पाकिस्तान छोड़कर भारत आ रही हैं। वह अपना सब कुछ गंवा चुकी हैं। गाँव के लोग भी दु:खी हैं। लोग अफसोस कर रहे हैं। शेरे कहता है-कोई कुछ नहीं कर सका। अर्थात् शाहनी को कोई रोक नहीं सका क्योंकि राज ही पलट गया था। दाऊद खाँ सोच रहा है-“कहाँ जायेगी कैसे रहेगी? कितना अच्छा व्यवहार था उसका हम सबके साथ। वह सबों का खबर रखती थी और सबकी मदद करती थी।” लोग बोल रहे थे-“शाहनी मन में मैल न लाना। कुछ कर सकते तो उठा न रखते। वक्त ही ऐसा है, राज पलट गया है।”

प्रश्न 18.
‘शाहनी चौंक पड़ी। देर-मेरे घर में मुझे देर। आँसुओं की भंवर में न जाने कहाँ से विद्रोह उमड़ पड़ा।’-इस उद्धरण की सप्रसंग व्याख्या करें।
उत्तर-
सप्रसंग व्याख्या-प्रस्तुत व्याख्या पंक्तियाँ कृष्णा सोबती रचित हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘दिगंत, भाग-1’ में संकलित कहानी ‘सिक्का बदल गया’ से उद्धृत हैं। वातावरण बड़ा गमहीन है। सद्विचारों एवं सद्व्यवहारों से युक्त बड़ी हवेली की एकमात्र स्वामिनी शाहनी अन्यत्र जाने को विवश-बाध्य है। थानेदार दाऊद खाँ उससे बुरे समय के लिए कुछ नकद साथ रख लेने का भाव भरा आग्रह कर रहा है। पर, शेरा इस शक के कारण कि वह कुछ माल मार रहा है, देर होने की बात उठाता है। इसी पर शाहनी की दो-टूक होती मन:स्थिति को व्यजित करने वाली प्रस्तुत पंक्तियाँ आयी हैं।

शाहनी हवेली की एकमात्र स्वामिनी रही है, पर आज उसे छोड़ जाना है। क्योंकि . परिस्थितियों के कठिन संघात से देश बँट चुका है। अब किसी के करने से कुछ होने जानेवाला नहीं। देश की सीमा के विभाजन के साथ ही लोगों के दिल भी बँट चुके हैं। उक्त परिस्थितियों . में मन में आवेगों के तूफान को संभाले शाहनी के दिल में शेरा का यह कथन तीर-सा चुभता है। ओह? यह भी कैसा दिन? अपने ही घर में उसे देर हो रही है और वह कुछ नहीं कर सकती। वह आँसुओं की भँवर में डूब-उतरा रही है। थोड़ी देर के लिए उस शांत-संयत दिल में भी विद्रोह उमड़ पड़ता है।

उसे लगता है कि वह इन सबके प्रति विद्रोह कर दे, जाने से इनकार कर दे, पर अंततोगत्वा परिस्थितियों के कठोर यथार्थ के आगे कुछ नहीं कर पाती है, आँसूओं के घूट पीकर रह जाती है।

यह प्रसंग बड़ा ही मार्मिक है। शाहनी अपने पुरखों के घर में है। वह एक बड़े घर की रानी है। शेरे जैसे लोग उसके ही अन्न पर पले हैं और उसे ही उसके ही घर में देर होने की बात कहते हैं। ‘देर हो रही है।’ यह वाक्य शाहनी के कानों में गूंजने लगता है। अपना वतन, अपनी जमीन अपना घर छोड़ने का यह दृश्य बड़ा ही मार्मिक है।

प्रश्न 19.
घर छोड़ते समय शाहनी की मनोदशा का वर्णन अपने शब्दों में करें।
उत्तर-
कृष्णा सोबती लिखित कहानी ‘सिक्का बदल गया’ शीर्षक के केन्द्र में शाहनी नामक पात्रा है। इसी के इर्द-गिर्द सारी कहानी घटित होती है। वह स्वभाव से अत्यंत उदार और उच्चाशय है। वह शाहनी की पत्नी के रूप में आपार वैभव की स्वामिनी रह चुकी है, किन्तु उसका मानव-सुलभ सत्वगुण सदा जाग्रत रहा है। वह सबों से हिल-मिलकर रहनेवाली है। पर, कालचक्र में पाकर जब भारत का विभाजन होता है तो उसे वह स्थान छोड़ने को मजबूर होना पड़ता है। उस हवेली और उसके आस-पास की सारी-चीजों से उसका हार्दिक अपनत्व और ममत्व है।

अत: उन्हें छोड़ते समय वह दुःख एवं करुण भावनाओं की उत्ताल तरंगों में गिरती-पछड़ती है। भाग्य ने भी कैसा दिन दिखाया है उसे? जो हवेली, खेत-खलिहान, बाग-बगीचे सहित तमाम लोग उसके अपने थे, आज सभी बेगाने हैं। साथ में पति और पुत्र तक नहीं। इस प्रकार लेखिका ने घर छोड़ते समय शाहनी की मनोदशा अत्यंत करुण, पीड़ित एवं दयनीय है।

प्रश्न 20.
निम्नलिखित वाक्यों की सप्रसंग व्याख्या करें:
(क) जी छोटा हो रहा है, पर जिनके सामने हमेशा बड़ी बनी रही है, उनके सामने वह छोटी न होगी।

सप्रसंग व्याख्या-
प्रस्तुत सारगर्भित पंक्तियाँ सोबती लिखित कहानी गद्यावतरण हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘दिगंत, भाग-1’ में संकलित ‘सिक्का बदल गया’ से अवतरित है। स्वतंत्रता-प्राप्ति के साथ ही भारत का विभाजन भी हो गया। कहानी की सर्वप्रमुख पात्रा शाहनी विभाजन-जन्य मारक स्थितियों की शिकार है। उसे अपनी हवेली छोड़नी पड़ रही है। लोगों का हुजूम उमड़ा पड़ा है। उसके मन में एक बार पुनः हवेली को अंदर से देख की तीव्र इच्छा होती है, पर वह. अपनी कमजोरी को प्रकट नहीं होने देती। प्रस्तुत वाक्य वहीं का है।

अपनी हवेली को अंतिम, बार फिर से देख लेने की लालसा के बावजूद उसकी देहरी से बाहर निकली शाहनी के मन में तीव्र अंतर्द्वन्द्व है। एक ओर यदि वह उसे जीभर पुनः देखना चाहती है तो दूसरी ओर उसके ध्यान में वहाँ जुटे वे सभी लोग भी हैं जो कभी उसकी मातशाती करते थे। उनके सामने वह हमेशा बड़ी बनी रही है और अपना बड़प्पन दिखाती रही है। सभी उसकी उँगलियों पर नाचते थे। यह सारा कुछ उसका अपना था। उसके समान वहाँ कोई न था। पर आज स्थिति की विडंबना है उसे अपना सारा कुछ छोड़ कर जाना पड़ रहा है।

कितनी दारुण और दयनीय दशा है यह फिर भी वह उन लोगों के सामने अपनी कमजोरी नहीं दिखाएगी। यह उसके स्वभाव के अनुकूल नहीं वह हमेशा बड़ी रही है तो आज भी अपनी दीनता प्रदर्शित न करेगी और दया की भीख न माँगेगी और न ही हवेली के प्रति अपनी कोमल भावनाओं का इजहार करेगी। यद्यपि उसका जी अपने-ही-आप छोटा हो रहा है। प्रस्तुत पंक्तियों में शाहनी का स्वाभिमान एवं बड़प्पन झलकता है।।

(ख) आस-पास के हरे-हरे खेतों में से घिरे गाँवों में रात खून बरसा रही थी।
सप्रसंग व्याख्या-
प्रस्तुत सारगर्भित पंक्ति में देश-विभाजन की त्रासदी पर लिखित बहुचर्चित एवं बहुप्रशंसित कहानी ‘सिक्का बदल गया’ से उद्धत है। सुप्रसिद्ध लेखिका कृष्णा सोबती ने कहानी के अंत में इस पंक्ति के माध्यम से दिल हिलाकर रख देने वाली उस स्थिति को साकार कर दिया है, जो भारत-विभाजन के फलस्वरूप उत्पन्न हुई थी और जिसकी टीस एवं कसक आज भी यथावत है।

स्वतंत्रता प्राप्ति के साथ ही भारत का विभाजन हो चुका है, मुल्क बँट गया है, सिक्का बदल गया है। कथानायिका शाहनी इस दुःसह वेदना से दुःखी है। वह अपनी बहुमूल्य निधि हवेली, जिसके साथ उसकी न जाने कितनी स्मृतियाँ, कितने संवेदन स्थायी रूप से संयुक्त हैं, छोड़कर चली गई या कहिए ले जाई गई। उपस्थित जन समूह निर्वाक और निस्पंद है। मानों जीवन का स्त्रोत सूख गया और निर्जीवता ही शेष है।

उसी समय की हृदयविदारक स्थिति को अपनी सशक्त लेखनी के माध्यम से उकेरती हुई लेखिका कहती है कि तब जब सबकी श्रद्धा भाजन शाहनी चली गई चारों ओर अँधेरा छा गया। गाँव हरे-भरे खेतों से घिरे थे लेकिन हरे खेतों के बीच बसे हिन्दू गाँवों में रात के खून बरसा रही थी, अर्थात् रात में हिन्दुओं का कत्ल हो रहा था। गाँव में खून की होली खेली जा रही थी। कहीं कोई जीवन की हलचल नहीं। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि राज पटल गया और सिक्का भी बदल गया था। लोग भी बदल गये हैं।

प्रश्न 21.
प्रस्तुत कहानी का शीर्षक “सिक्का बदल गया’ कहाँ तक सार्थक है? अपना मत दें।
उत्तर-
किसी भी रचना का शीर्षक उसका द्वार होता है जिसे देखकर ही अन्दर आने की इच्छा-अनिच्छा होती है। अगर द्वार आकर्षक है तो अंदर झाँकने या अन्दर की बात जानने की उत्सुकता स्वाभाविक रूप से उत्पन्न होती है। अत: रचना का शीर्षक आकर्षक होना अत्यावश्यक है। दूसरी बात है रचना की संक्षिप्तता और रचना के मूल भाव का संवहन करना।।

उक्त दोनों ही दृष्टि से ‘सिक्का बदल गया’ कहानी शीर्षक अत्यन्त ही उपयुक्त है। कहानी का शीर्षक पढ़ते ही यह जिज्ञासा उत्पन्न होती है कि ‘सिक्का बदल गया’ आखिर है क्या? यह शीर्षक आकर्षक है और कहानी का भाव जानने के लिए पाठक को बाध्य करता है। कहानी का शीर्षक यह स्पष्ट करता है कि राज बदल गया है। परिस्थितियाँ बदल गई हैं। कहानी की शुरूआत भी इसी भाव से होती है कि परिस्थितियाँ बदल गई हैं, राज्य बदल गया है। शाहनी को अनुभव हो गया है कि उसे अपना घर-द्वार, जमीन-जायदाद सबकुछ छोड़ना होगा। ऐसा होता भी है। कहानी अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँचती है। शाहनी घर छोड़ ट्रक पर बैठ जाती है, सिक्का बदल गया है पूर्णतः सार्थक समचीन और सटीक है यह शीर्षक।

सिक्का बदल गया भाषा की बात

प्रश्न 1.
इस कहानी में पंजाबी भाषा के कई वाक्य हैं। उन्हें हिन्दी में अनूदित करें।
उत्तर-
(a) ऐ मर गई एँ-रब्ब तैनू मौत दे।
ऐ मर गई क्या, भगवान, तुझको मौत दे।

(b) ऐ आई यां-क्यों छावेले तड़पना एं?
यह यहाँ आई, क्यों सबेरे-सबेरे तड़पते हो।

(c) रब्बू ने एही मंजूरसी-भगवान को यही मंजूर है।
(d) रब्ब तुहानू सलामत रक्खे बच्चा खुशियाँ बक्शे………..भगवान तुम्हें सुरक्षित रखें, खुशियाँ दें।
(e) तैनू भाग जगण चन्नाः-ओ चाँद, तेरे भाग्य जागें।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखें। दरिया, आसमान, सूर्य, आँख, पानी, सोना, पुत्र, घर
उत्तर-

  • शब्द – पर्यायवाची शब्द
  • दरिया – प्रवाहिता, नदी, सरिता
  • आसमान – आकाश, नभ, गगन
  • सूर्य – दिनकर, भास्कर, दिवाकर आँख
  • आँख – लोचन, नयन, नेत्र पानी
  • पानी – जल, नीर, अंबू सोना
  • सोना – स्वर्ण, कंचन
  • पुत्र – बेटा, लड़का, सुत
  • घर – गृह, निकेतन, आलय

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के बहुवचन बनाइए दुलहन, नजर, हवेली, कोठरी, साथी, आँसू, देवता
उत्तर-

  • एकवचन – बहुवचन
  • नजर – नजरें।
  • हवेली – हवेलियाँ
  • कोठरी – कोठरियाँ
  • साथी – साथियों
  • आँसू – आँसू (हमेशा बहुवचन)
  • देवता – देवताओं

प्रश्न 4.
‘पर-पर वह ऐसा नहीं-सामने बैठी शाहनी नहीं, शाहनी के माथ उसकी आँखों में तैर गए।’ यहाँ ‘आँखों मैं तैर गए’ का क्या अर्थ है?
उत्तर-
यहाँ ‘आँखों में तैर गए’ का अर्थ है-याद आ गय।

प्रश्न 5.
‘शाहनी, आज तक ऐसा न हुआ, न कभी सुना, गजब हो गया, अंधेर पड़ गया। यहाँ ‘अंधेर पड़ गया’ मुहावरा है। मुहावरे के प्रयोग के बिना इसी वाक्य को इस प्रकार लिखें कि अर्थ परिवर्तित न हो।
उत्तर-
‘शाहनी, आज तक ऐमा न हुआ न कभी सुना, गजब हा गया, अनर्थ हो गया’

प्रश्न 6.
‘जमीन तो सोना उगलती है।’ यहाँ सोना उगलने में क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
‘जमीन सोना उगलती है’ से तात्पर्य यह है कि जमीन से धन-धान्य, फसलें, आदि उपजती हैं।

प्रश्न 7.
सलामत एक भाववाचक संज्ञा है। इसका विशेषण रूप हुआ सलीम। ऐसे ही नीचे के शब्दों के विशेषण रूप लिखें
महारत, रहमत, तिजारत, शराफत, शरारत
उत्तर-

  • संज्ञा – विशेषण
  • महारत – महारती
  • रहमत – रहीम
  • तिजारत – तिजारती
  • शराफत – शरीफ
  • शरारत – शरारती

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

सिक्का बदल गया लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सिक्का बदल गया कहानी का देश-काल लिखें।
उत्तर-
इस कहानी का काल अर्थात् समय आजादी मिलने के साथ हुआ। भारत-विभाजन है। इस घटना के कारण धर्म के आधार पर आबादी का स्थानान्तरण हुआ। भारत के अनेक मुस्लिम परिवार पाकिस्तान गये और पाकिस्तान क्षेत्र की पूरी हिन्दू-सिक्ख आबादी भारत आ गयी। इस कहानी का स्थान पश्चिमी पंजाब है, जहाँ चिनाब नदी के किनारे एक गाँव में बसे धनाढ्य परिवार की अकेली विधवा महिला को अपना सब कुछ छोड़कर भारत आना पड़ता है, क्योंकि, उस क्षेत्र में मुस्लिम आबादी अधिक है और वह क्षेत्र विभाजन के क्रम में पाकिस्तान के हिस्से में चला जाता है। अतः इस कहानी का देश अर्थात् स्थान पंजाब का पश्चिमी भाग है और काल . अर्थात् समय भारत-विभाजन, अर्थात् 15 अगस्त, 1947 के तुरंत बाद का।

प्रश्न 2.
‘सिक्का बदल गया’ का अभिप्राय या कहानी के शीर्षक की सार्थकता बतावें।
उत्तर-
इस कहानी में सिक्का सत्ता का प्रतीक है। आजादी देने के साथ अंग्रेजों ने भारत को दो टुकड़ों में बाँटने का इन्तजाम कर दिया। इसका प्रभाव यह पड़ा कि पाकिस्तान क्षेत्र के हिन्दुओं को भारत आना पड़ा। यहाँ सिक्का बदलने का अर्थ है राजपाट बदलना, राजपाट अंग्रेनों का नहीं रहा और भमि दा गष्ट्रों में बँट गयो। जहाँ कल तक हिन्दू-मुसलमान दोनों थे वहाँ अब मुसलमानों का इम्लामी शासन-कायम हा गया। अतः हिन्दुओं के लिए तीन विकल्प शेष रह गये-

  • मुसलमान बनकर रहो,
  • भारत जाओ,
  • कत्ल हो जाओ।

इसी के कारण मुस्लिम आबादी वाले गाँव की अकली मालकिन साहनी को अपनी जमीन, हवेली और अपार धन छोड़कर चला जाना पड़ता है।

सिक्का बदल गया अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
शाहनी के प्रति शेरा के भाव क्या हैं?
उत्तर-
शेरा दुविधाग्रस्त है। वह अपने साथियों के साथ होकर शाहनी को मारकर हवेली लूट लेना चाहता है। लेकिन शाहनी के द्वारा बचपन में दिये गये स्नेह का स्मरण आते ही उसके हाथ रुक आते हैं।

प्रश्न 2.
गाँव वाले शाहनी को किस दृष्टि से देखते हैं?
उत्तर-
गाँव वाले शाहनी को अपने और प्रेम की दृष्टि से देखते हैं। वे नहीं चाहते हैं कि शाहनी जैसी स्नेहमयी मालकिन जाये लेकिन वे परिस्थिति के आगे विवश हैं।

प्रश्न 3.
गाँव छोड़ने के समय शाहनी की मनःस्थिति कैसी है?
उत्तर-
शाहनी के मन में कभी-कभी पुराना शासिका भाव और मोह उभरता है, लेकिन वह यथार्थ परिस्थिति को समझ रही है। अतः भीतर से दुःखी और मोहग्रस्त होते हुए भी ऊपर से निर्विकार होकर चली जाती है।

प्रश्न 4.
सिक्का बदलने का अभिप्राय क्या है?
उत्तर-
कल तक शाहनी गाँव की मालकिन थी। आज उसका गाँव भिन्न धर्म वाले देश का भाग बन गया है। अतः उसे भिखारिन की तरह अपना सब कुछ छोड़ना पड़ रहा है। समय का यही परिवर्तन सिक्का बदलने का अर्थ है।

प्रश्न 5.
सिक्का बदल गया नामक पाठ किसकी रचना है?
उत्तर-
सिक्का बदल गया कृष्णा सोबती द्वारा लिखित रचना है।

प्रश्न 6.
सिक्का बदल गया नामक पाठ किस प्रकार की रचना है?
उत्तर-
सिक्का बदल गया पाठ एक संस्मरण है।

प्रश्न 7.
साहनी ने हवेली क्यों छोड़ा?
उत्तर-
जब भारत का विभाजन हुआ तो साहनी ने भारत आने के लिए अपना घर छोड़ दिया।

प्रश्न 8.
दाझुद खाँ क्या चाहता था?
उत्तर-
दाद खाँ यह चाहता था कि साहनी हवेली को न छोड़े। साथ ही वह यह भी चाहता था कि यदि साहनी हवेली छोड़ती है तो वह अपने साथ कुछ आवश्यकता की वस्तु रख लें क्योंकि दाझुद खाँ को साहनी के प्रति सहानुभूति थी।

सिक्का बदल गया वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

I. सही उत्तर का सांकेतिक चिह्न (क, ख, ग या घ) लिखें।

प्रश्न 1.
‘सिक्का बदल गया’ किनकी रचना है?
(क) कृष्णा सोबती
(ख) भोला पासवान शास्त्री
(ग) कृष्ण कुमार
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(क)

प्रश्न 2.
‘सिक्का बदल गया’ की पृष्ठभूमि है
(क) आजादी की लड़ाई
(ख) भारत का विभाजन
(ग) भारत-पाक संबंध
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ख)

प्रश्न 3.
शेरा कौन था?
(क) शाहनी का बेटा
(ख) शाहनी का नौकर
(ग) दाऊद खाँ का पुत्र
(घ) इनमें से कोई नहीं
उतर-
(ख)

प्रश्न 4.
किसने कहा-‘मेरा सोना तो एक-एक जमीन में बिछा है।’
(क) दाऊद खाँ
(ख) शेरा
(ग) शाहनी
(घ) फिरोज
उत्तर-
(ग)

प्रश्न 5.
शाहनी के मन में किस बात की पीड़ा थी?
(क) नि:संतान होने की
(ख) जन्मभूमि छोड़ने की।
(ग) पति की मृत्यु की
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ख)

प्रश्न 6.
शेरा शाहनी को क्यों मारना चाहता था?
(क) शाहनी की सम्पत्ति हथियाने के लिए
(ख) पुरानी दुश्मनी के कारण
(ग) अपनी बात मनवाने के लिए
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(क)

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।

प्रश्न 1.
……………..की आग शेरे की आँखों में उतर आई।
उत्तर-
प्रतिहिंसा

प्रश्न 2.
…………………कुआँ भी आग नहीं चल रहा।
उत्तर-
जम्मीवाला

प्रश्न 3.
मेरा सोना तो एक-एक……………..में बिछा है।
उत्तर-
जमीन

प्रश्न 4.
आस-पास के हरे-हरे खेतों से घिरे गाँवों में रात……………बरसा रही थी।
उत्तर-
खून

प्रश्न 5.
लेकिन…………….यह नहीं जानती कि सिक्का बदल गया है।
उत्तर-
बूढ़ी शाहनी।

सिक्का बदल गया लेखक परिचय कृष्णा सोबती (1925)

आधुनिकता बोध की श्रेष्ठा कथाकार एवं महिला लेखिका (पं० पंजाब, जो अभी पाकिस्तान का हिस्सा है) में सन् 1925 में हुआ था। वे अपनी आजीविका के लिए नौकरी पेशा आदि न अगनाकर स्वतंत्र लेखन में ही लगी रही। सम्प्रति, वे नई दिल्ली के निवासी हैं और एकांतभाव से साहित्य-रचना का कार्य कर रही हैं। उनके उल्लेखनीय साहित्यिक अवदानों के लिए उन्हें अनेक पुस्कारों एवं सम्मानों से पुरस्कृत एवं विभूषित किया गया है। जैसे-साहित्य अकादमी सम्मान, हिन्दी अकादमी का शलाका सम्मान, साहित्य अकादमी की महत्तर सदस्यता, बिहार का राजेन्द्र शिखर सम्मान सहित अन्य अनेक राष्ट्रीय पुरस्कार उन्हें प्राप्त हैं।

वस्तुतः स्वातंत्र्योत्तर हिंदी कथा साहित्य में कृष्णा सोबती का अत्यंत महत्त्वपूर्ण एवं विशिष्ट स्थान है। उनका नाम हिन्दी के एक बड़े, समर्थ एवं सशक्त रचनाकारों में लिया जाता है। यद्यपि कृष्णा एक महिला कथाकार हैं, तथापि ऐसा नहीं कि उनका कथाकार व्यक्तित्व महिला होने की किसी रियासत या खासियत पर जिन्दा है। वास्तव में उनके कथा-साहित्य की मूलभूत शक्ति, सामर्थ्य एवं वैशिष्ट्य उनके महिला होने पर मुनहसर नहीं, प्रत्युत स्त्रोत और जड़ें, उनके विशाल एवं गहरे जीवनानुभाव, कल्पनाशील कथात्मक प्रतिभा, अद्भुत भाषा-सामर्थ्य, कलात्मक अंतर्दृष्टि और मनस्वी बौद्धिकता में हैं।

यह शक्ति-सामर्थ्य उनकी रचनाधर्मिता को कभी बासी नहीं होने देती। वे नित्य नई ताजगी और उत्साह के साथ अपने नये-पुराने अनुभवों के भीतर से नई भाव-भंगिमा के साथ नई कृति प्रस्तुत कर देती हैं। उनके कथा-साहित्य में नारी सुलभ कोमल भावनाओं एवं संवेदनाओं की स्वाभाविक रूप से भरपूर अभिव्यक्ति हुई हैं। उनका व्यक्ति, समाज, परिवेश और प्रकृति के साथ नित्य नया संबंध है, जिससे वे हमेशा अपने समय के साथ बनी रहती हैं।

उनमें परिवेश और मानवचरित्रों के अंतर्मन में बैठने तथा मानव-संबंधों के नये-नये रूपों, भंगिमाओं को समझने और तदनुरूप लेखन के माध्यम से अभिव्यक्त करने की अद्भुत शक्ति है। यही कारण है कि उन्होंने हिन्दी तथा साहित्य को कई अविस्मरणीय चरित्र प्रदान किये हैं।

कृष्णा सोबती की कथा भाषा विविधतापूर्ण और बहुरूपिणी है। उसमें संस्कृत, उर्दू, पंजाबी और अन्य देशज विरासतों का सम्यक् सम्मिश्रण है। वे अपनी भाषा को पात्र, परिवेश एवं परिस्थिति के अनुरूप कलात्मक रूप देने में दक्ष हैं। इससे पाठकों को उसमें वास्तविक जीवन – प्रतीति होती है।

निश्चय ही कृष्णा सोबती आज की हिन्दी कहानी-लेखिकाओं के बीच अत्युच्च स्थान और दिशिष्ट मान-सम्मान की अधिकारिणी हैं। उनकी प्रमुख कृतियाँ इस प्रकार हैं

उपन्यास-यारों के यार, जिन्दगी नामा (साहित्य अकादमी से पुरस्कृत), दिलो दानिश, ऐ लड़की, समय सरगम आदि।

कनी-संग्रह-डार से बिछुड़ी, मित्रों मर जानी, बादलों के घेरे सूरजमुखी, अंधेरे के आदि। शब्दचित्र-संस्मरण-हम हशमत, शब्दों के आलोक में आदि।

सिक्का बदल गया पाठ का सारांश

कृष्णा सोबती द्वारा रचित कहानी “सिक्का बदल गया” हिन्दी की प्रसिद्ध कहानी है। कृष्णा सोबती के पास भारत विभाजन का दर्द भरा निजी अनुभव है। कृष्णा सोबती के कथा . साहित्य में प्रत्यक्ष एवं परोक्ष दोनों रूपों में भारत विभाजन एक त्रासदी के रूप में उपस्थित पाते हैं। वास्तव में भारत विभाजन एक राष्ट्रीय त्रासदी है जिसकी स्मृति लोक-मानस में अमिट है।

प्रस्तुत कहानी “सिक्का बदल गया” भारत विभाजन की इसी पीड़ा भरी पृष्ठभूमि को लेकर लिखी गई है। कहानी में भारत के उस हिस्से (पाकिस्तान) की रहने वाली शाहनी अपनी दु:खद स्मृतियाँ, संबंध, खेत, हवेली और जैसे अपनी पूरी जिन्दगी को छोड़ शरणार्थी होकर इस पार (शेष भारत) आती हैं क्योंकि सिक्का बदल चुका है, मुल्क बँट गया है। निजाम बदल गया है।

शाहनी बूढी हो चली है। दंगाइयों ने उसकी हवेली की सारी सम्पत्ति लूट ली है। वह घर में अकेली है। उसे यह अनुभव हो गया है कि उसके स्वयं अपने असमियों ने ही उससे मुख मोड़ लिया है। वे ही उसके खून के प्यासे हो गये हैं। शेर उसका आसामी है। वह भी दंगाइयों से जा मिला है। शाहनी का कत्ल करने की जिम्मेदारी उसे सौंपी गई है। . शाहनी चिनाब के किनारे भोर में ही अंतिम दर्शन को जाती है। चिनाब की रेत आज खामोश नजर आ रही है। दूर तक कही कोई नजर नहीं आ रहा था। पर नीचे रेत में अगणित पाँवों के निशान थे।

शाहनी कुछ सहज-सी गई। सब कुछ भयानक-सा लग रहा था। शाहनी पिछले पचास वर्षों से यहाँ नहाती आ रही है। पचास वर्ष पहले एक दिन यही वह दुल्हन बनकर उतरी थी। स्नान कर वह घर की ओर चलती है। रास्ते में दूर तक फैला हुआ उसका हरा-भरा खेत है। वहीं शेरे और उसकी बीबी हसैना दोनों रहते हैं। शाहनी को देखते शेरा अपनी पत्नी से झगड़ने लगता है। शेरा अपने पास गडाँसा रखे हुए है, लेकिन शाहनी को देखते वह सहम जाता है।

उसे बचपन के दिन याद आ जाते हैं। वह शाहनी के उन दोनों हाथों को देखकर सहम जाता है जिन हाथों ने उसे जगा-जगाकर दूध पिलाया था। शेरा अपना निर्णय बदल देता है। वह शाहनी को घर पहुँचा देता है। शाहनी सब कुछ चुपचाप समझती हुई अपनी हवेली के पास पहुँचती है। उस गाँव में उसके रिश्तेदार रहते थे। वह समझ जाती है कि जबलपुर गाँव को जलाया जा रहा है।

हवेली पहुँच शाहनी ने शून्य मन से ड्योरी पर कदम रखा। शाहनी दिन भर वहीं पड़ी रही। मानो पत्थर हो गई है। अचानक रसूली की आवाज सुनकर चौंक गई। पता चला कि शरणार्थियों को लेने ट्रकें आ रही हैं। रसूली ने शाहनी का हाथ थाम लिया। शाहनी धीरे-धीरे खड़ी हो गई। सारा गाँव हवेली के पास खड़ा था। सभी शाहनी के आसानी ही थे। लेकिन आज उसका कोई नहीं था। आज वह अकेली है। बेगू और इस्माइल दोनों शाहनी के निकट पहुँचते हैं। वे कहते हैं कि शाहनी, अल्लाह को यही मंजूर था। शाहनी के कंदम डोल गये। चक्कर आया और दीवार से जा ठहराई। वह बेजान-सी हो गई थी।

शाहनी का गाँव से निकलता छोटी-सी बात नहीं थी। पूरे गाँव के लोग खड़े थे शाहनी की हवेली के सामने। शाहनी ने किसी का बुरा नहीं किया था। लेकिन समय बदल चुका था। कोई उसकी सहायता के लिए आगे नहीं बढ़ा। इसी बीच थानेदार दाऊद खाँ आता है। ट्रक के आने का संदेश पहुँचाता है। दाऊद खाँ भी थोड़ी देर के लिए शाहनी को देख ठिठक जाता है।

हिम्मत जुटा कर वह शाहनी को अपने साथ कुछ नकदी रख लेने की सलाह देता है। लेकिन शाहनी इनकार कर देती है। यहाँ शाहनी के दो वाक्य बड़े ही मार्मिक हैं। जब दाऊद खाँ कुछ सोना-चाँदी अपने साथ रख लेने की सलाह देता है तो शाहनी जवाब देती हैं- “सोना-चाँदी? बच्चा वह सब तुम लोगों के लिए है। मेरा सोना तो एक-एक जमीन में बिछा है।” जब कुछ नकदी रख लेने की सलाह देता है तो शाहनी जवाब देती है-

“नहीं बच्चा, मुझे इस घर से नकदी प्यारी नहीं। यहाँ की नकदी यहीं रहेगी।”

भा इसी बीच शेरा आता है और दाऊद खाँ से बोलता है-“खाँ साहिब, देर हो रही है।” शेरा की यह बात सुनकर शाहनी चौंक जाती है। उसका मन बोल उठता है-“देर-मेरे घर में मुझे दे !” शाहनी अपने पुरखों का घर छोड़ते समय थोड़ा-सा भी विचलित नहीं होती। सोचती है-जिस घर में मैं रानी बनकर आयी थी उस घर से रोकर नहीं शान से निकलूंगी। अपने पुरखों के घर की शान एवं मान को कायम रखेगी। उसने ऐसा ही किया। उसने अपने पुरखों की हवेली को अंतिम बार देखा और दोनों हाथ जोड़ लिये-यही अंतिम दर्शन था, यही अंतिम प्रणाम था।

शाहनी ट्रक पर जाकर बैठ गई। सबों को आशीर्वाद दिया। ट्रक चल दी। शाहनी को कुछ पता नहीं-ट्रक चल रही है या वह स्वयं चल रही है। आँखें बरस रही हैं। हवेली के एक-एक भाग उसकी आँखों के सामने घूम रहे हैं। शाहनी सब कुछ समझ रही थी कि राज बदल गया है, सिक्का बदल गया है।

इस प्रकार प्रस्तुत कहानी एक शरणार्थी की दारूण-व्यथा की करुण कहानी है। इस दारूण यथार्थ के आगे हिंदू और मुसलमान होना सचमुच कितना सतही और कुछ तुच्छ लगता है। सचमुच में, यह कहानी एक साथ कई कोणों से सोचने और महसूस करने के लिए हमारे आगे बहुत कुछ रख देती है।

कठिन शब्दों का अर्थ खद्दर-खादी। दरिया-नदी। अंजलि-दोनों हथेलियों की मिलाकर बनाया हुआ गड्ढ़ा। अगणित-जिसकी गिनती न की जा सके। नीरवता-शान्ति। असामियाँ-वह जिसने लगान पर जोतने के लिए खेत लिया हो। शटाले-फसल की डंठलों का पूला। ड्योढ़ी-दरवाजा। खेमे-शिविर। मसीत-मस्जिद। कगारे-किनारे। जिगरा-कलेजा, उदारक। दारे-द्वार। लीग-मुस्लिम लीग के संदर्भ में। सीस-अशीर्वाद, आशीष। पसार-घर के आगे का मैदान, अहाता। साफा-पगड़ी जिसकी छोर छटक रही हो। बरकत-वृद्धि, इजाफा। सलामत-सुरक्षित।

महत्त्वपूर्ण पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या

1. आज शाहनी नहीं उठ पा रही। जैसे उसका अधिकार आज स्वयं ही उससे छूट रहा है। शाह जी के घर की मालकिन………….लेकिन नहीं, आज मोह नहीं हो रहा। मानो पत्थर हो गयी हो।
व्याख्या-
सिक्का बदल गया शीर्षक कहानी से ये पंक्तियाँ ली गयी हैं। लेखिका हैं कृष्णा सोबती। नदी से स्नान कर शाहनी अपनी हवेली आती है। आज वातावरण बदला हुआ है। भारत विभाजन ने हिन्दू-मुस्लिम दोनों को एक-दूसरे का शत्रु बना दिया है। कहानी उस क्षेत्र की है जहाँ मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक है, वातावरण में हिंसा और आगजनी से उत्पन्न भय व्याप्त है। शाहनी इस बात को भाँप रही है। वह आकर अपनी हवेली में लेट जाती है और शाम तक लेटी रह जाती है। आज उठने की चेतना मरी हुई सी है।

उसे लगता है कि आज तक घर, खेत, फसल और सोने-चाँदी की बोरियाँ उसकी मुट्ठी में थीं। लेकिन आज यह अधिकार-भाव स्वयं उसे छोड़ रहा है। एक क्षण के लिए अधिकार भाव सजग होता है-वह शाहजी के घर की मालकिन है, लेकिन दूसरे क्षण यह भाव भी उड़ जाता है। वह धन और ऐश्वर्य के मोह से आविष्ट नहीं हो पाती है। वह लगभग पत्थर की तरह जड़ हो गयी है। मानो यह इन सब चीजों को पकड़ कर रखने वाली ताकतों से वह परिपक्ष हो गयी है।

ये पंक्तियाँ वस्तुतः परिस्थिति से उत्पन्न विवशता और वृद्धावस्थाजन्य शक्तिहीनता से उत्पन्न निर्विकार मन:स्थिति को सूचित करती हैं।

2. यह नहीं कि शाहनी कुछ न जानती हो। वह जानकर भी अनजान बनी रही। उसने कभी बैर नहीं जाना। किसी का बुरा नहीं किया। लेकिन बूढी-शाहनी यह नहीं जानती कि सिक्का बदल गया है।
व्याख्या-
‘सिक्का बदल गया’ शीर्षक कहानी की इन पंक्तियों में कहानीकार ने बड़े मार्मिक ढंग से अपनी कहानी के शीर्षक की अर्थवत्ता को अभिव्यक्ति दी है। शाहनी ने वातावरण को सूंघ कर अनुमान कर लिया था कि हिन्दू-मुस्लिम दंगा हो रहा है और वह असुरक्षित है। लेकिन वह जानकर भी अनजान बनी रही। क्योंकि एक जो उसकी विवशता थी कि कहाँ जाये? क्या करे, तय नहीं कर पा रही थी, दूसरे, उसके भीतर मानवता का विश्वास था कि उसने किसी से कभी बैर नहीं किया।

किसी का बुरा नहीं किया, हिन्दू-मुसलमान का भेद उसके मन में नहीं आया, अपने मुसलमान आसामियों को पुत्रवत्-स्नेह किया। तब उसे कोई क्यों पराया समझेगा। लेकिन लेखिका का कहना है कि ये बातें तो ठीक हैं लेकिन शाहनी एक बात से अनभिज्ञ थी कि जब सत्ता बदल जाती है तब मानवता का कोई मूल्य नहीं रह जाता। राजनीति और धर्म के उन्माद की आँधी मनुष्यता ओर अपनापन के सारे मूल्यों को उड़ाकर फेंक देती है। केवल पशुता रह जाती है और पशुता के व्यक्ति के गुण या भावना से मतलब नहीं होता।

3. देर-मेरे घर में मुझे देर ! आँसुओं के भंवर में न जाने कहाँ से विद्रोह उमड़ पड़ा। मैं पुरखों के इस बड़े घर की रानी और यह मेरे ही अन पर पले हुए….नहीं, यह सब कुछ नहीं।
व्याख्या-
व्याख्या की इन पंक्तियों में कृष्णा सोबती ने शाहनी के भावों के उतार-चढ़ाव को चित्रित किया है। अल्पसंख्यक हिन्दुओं को सुरक्षित कैम्प में ले जाने के लिए ट्रक आ गया है। विदा करने वाले लोग जल्दी करने के लिए कह रहे हैं। शाहनी सब कुछ छूटने की पीड़ा से आँसुओं में डूब-उतर रही है। बार-बार देर हो रही है सुनकर एकाएक उसका तेज जाग उठता है।

ये मेरे ही अन्न पर पले हुए आसामी मुझे मेरी ही सम्पदा छोड़कर जाने हेतु देर-देर रट रहे हैं। मैं इस सम्पदा की मालकिन और ये अतिथि समझ रहे हैं। उसका अधिकार भाव विद्रोह के रूप में फूट पड़ना चहता है, आँसुओं का भंवर विलुप्त हो जाता है। लेकिन दूसरे क्षण वह अपने पर नियंत्रण कर लेती है। वास्तविकता को स्वीकार कर समझौता कर लेती है। नहीं यह विद्रोह एक स्वामिनी भाव व्यर्थ, अपुयोगी है असत्य हैं।

4.शाहनी रो-रोकर शान से………….ड्योढ़ी से बाहर हो गयी।
व्याख्या-
इन पंक्तियों में लेखिका ने शाहनी के चरित्र की निर्णायक स्थिति और स्वाभिमानी मुद्रा का चित्रण किया है। शाहनी तय कर लेती है कि जब जाना निश्चित है, यहाँ रहना मृत्यु को गले लगाना है, तब वह तय करती है कि वह शान से मालकिन भाव से घर छोड़ेगी ताकि वे उसके आसामी उसे जाते हुए भी मालकिन समझें कायर, कमजोर और भिखारिन नहीं। अतः वह अपने लड़खड़ाते कदमों को संभालती है और दुपट्टे से आँखें पोंछकर अपने भीतर निहित नारी सुलभ दुर्बलता और अनिश्चित भविष्य की पीड़ा को झटक कर भाग देती है और अंतिम बार हवेली को देखकर प्रणाम की मुद्रा में हाथ जोड़कर गर्वदीप्त भाव से मन को बल प्रदान करती हुई चल पड़ती है।

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Very Short Answer Type Questions

B.1. Answer the following questions briefly

Once Upon A Time Class 10 Bihar Board Question 1.
How was the old woman?
Answer:
The old woman was blind but wise.

Bihar Board Class 10th English Solution Question 2.
Is this folk lore prevalent in one culture or many?
Answer:
This folk lore is prevalent in many culutures.

Bihar Board Solution Class 10 English Question. 3.
Who is the father of that old woman?
Answer:
The father of the old woman is a black American Slave.

Bihar Board Class 10 English Book Solution Question. 4.
Where does the old woman live?
Answer:
The old woman lives alone in a small house outside of town.

Once Upon A Time Summary In English Bihar Board Question 5.
How is her reputation for wisdom?
Answer:
Her reputation for wisdom is unquestionable and beyond any doubt.

Question Answer Of Once Upon A Time Bihar Board Question 6.
What is her position in the neighbourhood?
Answer:
The honour she is paid and the respect she commands and held reach beyond her neighbourhood, to places far away.

Bihar Board 10th Class English Book Pdf Question 7.
What position she hold among her people.
Answer:
Among her people she holds both the law and its transgression (the person who violates the law).

Bihar Board Class 10 English Book Solution Pdf Download Question 8.
What does the old woman know about those people?
Answer:
The old lady only knows the motive of those people. She is blind and cannot see her visitors. –

Bihar Board English Book Class 10 Pdf Download Question 9.
Who visited the old lady one day?
Answer:
One day some young people visited the old lady.

Question 10.
What was the purpose of visit of those people?
Answer:
The purpose of visit of those people was their inclination to prove wrong whatever they were seeing from their eyes, showing her up for the fraud they believed she was and to disclose her clairvoyance.

Question 11.
What was the plan of those people?
Answer:
There plan was simple. They entered her house and asked the answer of their question for which they had come.

Question 12.
What is the difference between the old woman and those people? Ans. There is a difference between the old lady and those people (visitors). She has deep inability due to her blindness, whereas those people have eyesight and are young.

Question 13.
What was the reaction of the young people when woman was silent for long?
Answer:
When woman was silent for long, the young people felt trouble in holding their langhter. They laughed at her.

Question. 14.
What was the answer of the old woman?
Answer:
The old woman replied that she did not know whether the bird he (the young boy) was holding was dead or alive. She further said that she only knew that the bird was in his hands.

Question 15.
The young visitors are reprimanded for which conduct of theirs?
Answer:
The young visitors are reprimanded (scolded severly) for parading their power and her helplessness.

Question 16.
What one understand by‘bird’ and woman in terms of the Nobel Laureate?
Answer:
In terms of the Nobel laureate the bird is language dnd the woman is a “practised writer”.

B. 2. Short Answer Type Questions

Question 1.
Who are ‘they’ according to the writer’s perception?
Answer:
‘They’ are the young people, the visitors who come to the old blind woman.

Question 2.
According to the writer the future of language was in whose hands?
Answer:
According to the writer the future of language was in the hands of young visitors or the young generation.

Question 3.
What according to the writer could have been the purpose of visit of such young people?
Answer:
According to the writer, the purpose of visit of such young people to the old lady’s house could have been a fraud or a trick to get to be spoken to.

Question 4.
When one is young then how one sees language?
Answer:
When one is young he sees language as meditation.

Question 5.
How is language interpreted by the old woman?
Answer:
The old woman has interpreted the language to be the bird that is not in the hands of one of those young people.

C. 1. Long Answer Questions

Question.1.
Enumerate the traits of the old woman.
Answer:
The old woman is blind but wise, who is living alone in a small house, outside the town. She is the daughter of black American slaves. She is spending her life in a most simple way and her reputation is undisputedly far and wide for her wisdom. She had acquired undue honour, not only in her neighbourhood but even in far away city, She possesses extraordinary keen insight. She is a clarvoyant. The old woman does not feel irritated when some young people visit her and put some questions. Telling that one bird is in his hands he asks that whether it is living or dead.

The question was irrelevant as the old lady is blind. When he has repeated the same question she calmly says that she does not know whether, the bird is dead or alive. The only thing what she can say is that it is in his hands. The young visitors even scold her for her such reply, but she does not react. Thus, the old lady has much tolerance and justification. She does not loose her temper. As such she commands the respect and sympathy of all, those come in her contact.

Question. 2.
Have you recently heard a story which is interesting? Write down in 100 words?
Answer:
It is a fact that good and interesting story provides pleasure and substantial lesson. Such story imparts a deep impression which remains t throughout the life. “Gillu” written by Mahadevi Verma is most interesting and the real story of her life. I have gone through (he story in the text. “Gillu” was a tiny baby squirted. It had fallen down from the nest of a tree in her garden and was wounded. Out of her genercusity, she brought it in her room and gave it proper nursing and care. She arranged a flower basket, as its nest on her window.

It was given delicious and nutrient food like Kaju, biscuits etc. During the course of her indisposition he vould sit near her head and gently stroke her forehead by its bushy tail. She had so much affection for Gillu that it was most unbearable for her to lose its company. But unfortunately, Gillu died in about two years. It was great shock to her. But it was her belief that on some spring day she would find, Gillu in the guise of a tiny yellow flower. The story is the example of compassionate feeling of Mahadevi Verma and throw a light on the sense of humanity. Really, the art of story-telling is gradually going down.

Question 3.
Do you think that language is crucial to a writer ? Give any three reasons.
Answer:
Yes, Language is crucial to a writer. It plays a dominant role in taking any decision by him. His course of action and tender sentiments are guided by the concept or general notion of the language. The three reason behind its being crucial may be cited by the following facts :

  • it is language that tells us how to see without pictures. It means, we can know the situation of an event or incident through the language, without the help of the pictures,
  • it is language which alone protects us from the frightening or causing fear of things,
  • Language is the only means of meditation. It creates the act of meditating. Thus language is crucial to a writer for his profound expression of facts.

Question 4.
Quote a few lines from the text which highlights the plight of woman and depressed classes.
Answer:
The following few lines from the text, very well highlight the plight of woman and depressed classes

  • “Old woman, I hold in my hand a bird, tell me whether it is living or r dead”.
  • For parading their power and her helplessness, the young visitors are reprimanded, told they are responsible not only for the act of mockery’ but also for the small bundle of life sacrificed to achieve its aims. The – blind
  • woman shifts her attention away from assertions of power to the instrument through which that power is exercised.
  • Perhaps what the children heard was, “It is not my problem. ‘I am old female, black, blind. What wisdom I have now is in knowing I cannot help you. The future of language is yours.”
  • Tell us what it is to be a woman sp that we may know what it is to be a man. What it is to have no home to this place. To be set adrift from the one you know; What if is to live at the edge of towns that cannot bear your company.
  • Tellus about hwagonload of slaves, howthey sangso softly their breath was’ indistinguishable from the falling snow. How they knew from the lunch of the nearest Shoulder that the next stop would be their last.

These are the few lines from the text which highlight the plight of woman and depressed classes.

Question 5.
Write a paragraph on a character, in the story that has impresed you.
Answer:
I liked the character of the old woman. I like her reputation for wisdom which was without peer and without questions among the people she was both the laws and its trangression. The honour she is paid and the awe in which, she is held is reached beyond her nighbouthood to places far away to city where intelligence of rubral prophets is the source of much amusement.

C.2. Discussion

1 Discuss any modern story which highlights recent cultural events and development.
Answer:
Mrs. Kumud was the victim of neglect and ill-treatment by her husband Mr. S. Sinha, her son Goel and her daughter Priya. She discussed her problem with her fortunes-telling neighbour Mrs. Riya. The bold and firm neighbour advised her to take a bold step and refuse to dance to their tune. Since Mrs. Kumud was too weak and docile to displease her family. She did let her neighbour to the same.

They exchanged personalities for some time Mrs. Riya rebuked all the three and showed them their places. They were shocked and became subdued. They submitted meekly to the wishes of their mother. It was Mrs. Kumud’s day of victory. This story raises a vital issue that concerns in every modem house.

2. Stories that we bear as children are remembered for even. Relate any such story from your memory.
Answer:
I have heard some stories when I was a child. But one of them was extremely fine. The story teller’s description has magical charms, his imagination is delicate and fanciful His speciality lies in his capacity of transporting his listeners into the land of faries and dreams. The unreal became very real. The story produce both music and thrill.

The story. An old aunty alongwith the three children was travelling by a train. A young man was sitting opposite to her. The aunt started telling a story. She was unable to satisfy the curiosity of the children. The young man intervented and told a different kind of story. It fed the curiosity and imagination of the children- The good girl in the story was devoured by g wolf but the children felt delighted it is thrilling.

C. 3. Composition

1. You received a prize for writing story. Prepare a speech to be delivered while accepting the prize.
Answer:
Our revered Princpal, Teacher and Dear, Friends.

I feel privileged to got an opportunity to speak on he. occasion of haying received a prize for writing a story. I am proud of getting this award. It is also a matter of pride for our school. It was an inter school competition. The Headmaster of my school gave a grand tea party in honour of my brilliant success.

The memory of this day is still fresh in my mind.
Thank all of you.

2. Write a paragraph on a character from his story which impressed
Answer:
Only the character of old woman impressed me much.  A slave’s daughter was famous for her wisdom. Though she was old black and blind but wise. She was known to ail. Some young people visited her to make a mockery. But she was not nervous. She spoke to them in soft but stem voice. The visitors considered her as practiced writer.

D. 1. Word Study

Correct the spelling of the following words:
assersion, Instrument, speculison movee, riputation, Lach Slinece, vertion
Answer:
Assertion instrument speculation motive interruption latch Silence version.

D.2. Word Meaning.

Match the words or phrases in column (A) with their meanings in column (B)

AB
Amusementstatement of account
VersionPastime
Violatemental view
Speculationto break

Answer:
Amuseirent …….. pastime
version ………. statement of account
Violate ………… to break
Speculation ……… mental view.

D. 3. Phrase

‘Once upon a time’ is a phrase used in the text. Find out more phrases from the text and use in sentence of your own.
Answers:
(i) In the lorce of: This story is famous in the lore of many cultures.
(ii) Without question: He is known to all without question.
(iii) Responsible for: Ramu was the only man who was responsible for that work.
(iv) Mouth to mouth: Wine was passed from month to mouth.
(v) Glance into: They glanced into each other’s eyes.

E. Grammar

Ex. 1. Punctuation Marks are essential in the language composition. In class IX you have already studied about few punctuation marks. Here below few other punctuation marks are given. See them minutely and learn these marks
(1) !’ = Note of Exclamation
(2) ” ” = Inverted commas.
(3) ( ) = Bracket parenthesise

Now locate the punctuation marks from the passage given below
Raman: Hello! How do you do?
Ali: Hello! I am fine Raman. Well done! you have brought a laureate for the school.
Raman: Ali,’ I always remember your advice, perfection is essential for success in every walk of life my grandfather told me. “True devotion bear a delicious fruit”, it means (true) result.
Answer:
Raman: T Note of exclamation, interrogation mark.
Ali: T Note of exclamation (.) Full stop.
Raman: (‘) comma,”” inverted commas.

Ex. 2. Different punctuation marks have been used in this paragraph from the text. Identify in the passage given below
“Old woman, I hold in my hand a bird. Tell me whether it is living or dead”.
Now in the given passage use the punctuation marks to make meaningful sentences.
She does not answer and the question is repeated is the bird I am holding living or dead still she does not answer she is blind and can not see her visitors let alone what is in their hand she does not.

G. Translation

Translate into Hindi/your mother language:
One day the woman is visited by some young people who seem bent on disproving her clairvoyance and showing her up for the fraud they believe she is. Their plan is simple: they enter her house and ask the one question the answer to which rides solely on her difference from them, a difference they regard as a profound disability: her blindness. They stand before her, and one of them says, “old woman, I hold in my hand a bird. Tell me whether it is living or dead.”

Answer:
एक दिन कुछ नवयुवक बुढ़िया के यहाँ भ्रमण करते हैं, जिनका मकसद होता है – यह सिद्ध करना कि वह अन्तर्यामी नहीं है तथा एक धोखेबाज है। उसकी योजना साधारण है। वे लोग उसके घर में प्रवेश करते हैं और एक प्रश्न पूछता है। उसका उत्तर उन लोगों के विचार से पूर्णता भिन्न रहता है। इतनी भिन्नता कि वे उसकी अयोग्यता का कारण अंधापन मानते है। वे लोग उसके पास खड़े रहते हैं और उनमें से एक प्रश्न करता है, “बूढ़ी औरत, मैंने अपने हाथ .. में एक चिड़ियी पकड़ी है, मुझे बताओ, यह जीवित है या मृत।”.

Comprehension Based Questions With Answers

4 Read the following extracts carefully and answer the questions that follow each

1. “Once upon a time there was an old woman. Blind. Wise.”
In the version I know, the woman is the daughter of slaves, black, Ameri¬can, and lives alone in a small house outside of town. Her reputation for wisdom is without peer and without question Among her people, she is both the law and its transgression. The honour she is paid and the awe in which she is held reach beyond her neighbourhood to places for away; to the City where the intelligence of rurgl prophets is the source of much amusement.
Questions:
(i) Name the piece from which this extract has been taken.
(ii) Where does the old woman live?
(iii) How is her reputation for wisdom?
(iv) What is her position in the neighbourhood?
(v) Which word in the passage means ‘the violation of a law’?
Answers:
(i) This extract has been taken from the piece‘Once Upon a Time’.
(ii) The old woman lives alone in a small house outside of town.
(iii) Her reputation for wisdom is without peer and without question.
(iv) She is both the law and its violation among her people. She is honoured as a rural prophet in the neighbourhood.
(v) The word ‘transgression’ means ‘the violation of a law’.

2. One day the woman is visited by some young people who seem bent on disproving her clairvoyance and showing her up for the fraud they believe she is. Their plan is simple: they enter her house and ask the one question the answer to which rides solely on her difference from them, a difference they regard as a profound disability: her blindness. They stand before her, and one of them says.
“Old woman, I hold in my hand a bird. Tell me whether it is living or dead.”

She does not answer, and the question is repeated. “Is the bird I am holding living or dead?” Still she does not answer. She is blind and cannot see her visitors, Let alone what is in their hands. She does not know their colour, gender or homeland. She only knows their motive. The old woman’s silence is so long, the young people have trouble holding their laughter. Finally she speaks, and her voice is soft but stem. I don’t know,” she says. “I don’t know whether the bird you are holding is dead or alive, but what I do know is that it is in your hands. It is in your hands.”
Questions:
(i) Who is the author of this extract?
(ii) Who came to the woman?
(iii) What was the purpose of the visitors?
(iv) What did one of them ask the woman?
(v) What does the word ‘clairvoyance’ mean?
Answers:
(i) Toni Morrison is the author of this extract.
(ii) Some young people came to the woman.
(iii) The purpose of the visitors was to show that the woman was a fraud who did not possess the power of seeing mentally what was happening.
(iv) One of them asked the woman whether the Bird which he was holding in his hand was living or dead.
(v) The word ‘clairvoyance’ means ‘the power of seeing mentally future events or things that are happening’.

3. For parading their power and her helplessness, the young visitors are reprimanded, told they are responsible not only for the act of mockery but also for the small bundle of life sacrificed to achieve its aims. The blind woman shifts attention away from assertions of power to the instrument through which that power is exercised.

Speculation on what (other than its own frail body that bird in the hand might signify has always been attractive to me, but especially so now, think¬ing as I have been about work I do that has brought me to this company. So I choose to read the bird as “language” and the woman as a “practiced, writer.”
Questions:
(i) Why were the young visitors reprimanded?
(ii) What did, the woman do?
(iii) What did the visitors think?
(iv) Find the word from the passage which means: affirmation.
Answers:
(i) The young men reprimanded for parading their power and her helplessness.
(ii) The woman derived her attention away from assertions of power
to the instrument through which that power was exercised.
(iii) The visitors thought that it was better they should read the bird as language and the woman as a practiced writer.
(iv) The word is assertions.

4. “Once upon a time “Visitors ask an old woman a question. Who are they, these children? What did they make of that encounter? What did they hear in those final words: “The bird is in your hands?” A sentence that gestures towards possibility, or one that drops aItch? Perhaps what the children heard was, “It is not my problem. I am old, female, black, blind. What wisdom I have now is in knowing I cannot help you.

The future of language is yours.” They stand there. Suppose nothing was in their hands. Suppose the visit was only a ruse, trick to get to be spoken to, taken seriously as they have not been before. A chance to interrupt, to violate the adult world, its miasma of discourse about them.
Questions:
(i) What did the old woman answer to the visitors questions?
(ii) How did the visitors feel?
(iii) What did interrupt the visitors?
(iv) Find the word from the passage which means: ‘unheaity envi-ronment.
Answers:
(i) The old woman replied that the children were not her problem, she was old female black and blind She further said that her wisdom did not help her because future language was theirs.
(ii) The visitors felt that nothing was in their hands. Their visit was merely a ruse.
(iii) Miasma of discourse about them interrupted them.?
(iv) The word is miasma.

5. “You, old woman, blessed with blindness, can speak the language that tells us what only language can: how to see without pictures. Language
alone protects us from the scariness of things with no names. Language alone is meditation. “Tell us what it is to be a woman r.o that we may know what it is to be a man. What moves at the margin. What it is to have no home in this place. To be set adrift from the one you knew. What it is to live at the edge of towns that cannot bear your company.
Questions:
(i) Name the lesson from which this extract has been taken.
(ii) Who was blind?
(iii) What can language do?
(iv) Who asked4he woman these questions?
(v) Which word in the passage means ‘lacking direction?
Answers:
(i) This extract has been taken from the lesson Once Upon a Time’
(ii) The old woman who was regarded as a wise person was blind.
(iii) Language can enable us tc see without pictures. It protects us from the scariness of thing’ with no names.
(iv) The young visitors asked the woman these questions.
(v) The word‘adrift’ means ‘lacking direction’.

6. “The girl offers bread, pieces of meat and something more: a glance into the eyes of the one she serves. One helping for each man, two for each woman. And a look. They look back. The next stop will be their last. But not this one. This one is warmed. It’s quiet again when the children finish speaking, until the woman breaks into the silence. “Finally,” she says. “I trust you now. I trust you with the bird that is not in your hands because you have truly caught it. Look. How lovely it is, this thing we have done together.”
Questions:
(i) Who is the author of this extract?
(ii) What does the girl offer?
(iii) Who is the woman referred to here?
(iv) What does she tell the children?
(v) Which word in the passage means ‘a quick look’?
Answers:
(i) Toni Morrison is the author of the extract.
(ii) The girl offers bread, pieces of meat and a glance into the eyes of the person she serves.
(iii) The woman referred to here is an old, blind and wise woman who is supposed to have the power of seeing mentally what is happening.
(iv) She tells the children that she trusts them with the bird that is not in their hands because they have truly caught it.
(v) The word ‘glance’ means ‘a quick look’.

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Bihar Board Class 8 English My Land Text Book Questions and Answers

A. Warmer

My Land Poem Questions And Answers Bihar Board Class 8 Question 1.
Two friends have different thoughts about their country. One wants to serve her motherland after completing her studies. The other, wants to leave the country and settle in another country and work there. Who, in your opinion, is better ? Give reasons for your opinion.
Answer:
The one who wants to serve her motherland. after completing her studies, is better of the two. It is our prime duty to serve our motherland where we are born and are nourished.

B. Let’s Comprehend

B. 1. Think And Tell

My Land Poem Question Answer Bihar Board Class 8 Question 1.
Name the qualities of the speaker’s native land.
Answer:
The qualities of the speaker’s native land are as following rich, rare, fresh, fair, dear, warm, bold, true, old.

Bihar Board Class 8 English Solutions  Question 2.
Tell the qualities of men and women who live in the land of the land of the speaker.
Answer:
The men of the land of the speaker are braver in comparison to people of other land and the women are not waver but bold.

My Native Land Class 8 Bihar Board Question 3.
What is the wish of the poet ?
Answer:
The poet wishes to die freely to save his motherland from her enemies.

B. 1. 2. Say whether the following statements are ‘’True’ or ‘False’.

My Land Poem In Hindi Bihar Board Class 8 Question 1.

  1. The poem is about a fresh and fair land.
  2. The speaker is ready to sacrifice his life for the sake of his motherland.
  3. The poet doesn’t talk about the virtue and beauty of his birthplace.
  4. According to the speaker, no enemy can cross the border of his native land.
  5. The poet is proud of his motherland.

Answer:

  1. True
  2. True
  3. False
  4. True
  5. True

B. 2. Think and Write

B. 2. 1. Tick (✓) the most appropriate option to complete the following statements.

My Native Land Poem Class 8 Bihar Board Question 1.
There title of the poem ‘My Land’ does not indicate
(a) A fresh and fair land
(b) A dull and cold-land
(c) A dear and rare land.
Answer:
(b) A dull and cold-land

Bihar Board Class 8 English Solution In Hindi Question 2.
The poet says that his native land is guarded and rewarded by
(a) The grace of God
(b) Its beauty and virtue
(c) Some unknown power
Answer:
(a) The grace of God

Bihar Board Class 8 English Book Solution Question 3.
No men than hers are braver”. The word ’her’ here refers to
(a) common men
(b) common women
(c) native people
Answer:
(c) native people

B. 2. 2. Write the answer of the following questions in about 70 words.

Bihar Board 8th Class English Book Question 1.
Justify the title of “My Land.” Suggest another suitable title.
Answer:
The poem’s title ‘My Land’ is quite perfect. The poet has based his poem on his land or country. So, the title suits,to the poem. The other title could be ‘My Native Land’.

Bihar Board Class 8 English Question 2.
Write the main idea of the poem “My Land”.
Answer:
The poem, “My Land” is based on the patriotic feelings of the poet. The poet lives his motherland too much. He wants to die freely for his motherland. As a great patriotic he only counts the qualities of his land. He believes that his native land is by all means superior to any of the other lands.

Class 7 English Chapter 1 My Land Question 3.
Do you agree with the views of the poet ? Give reasons.
Answer:
One has to agree with-the views of he poet. One who loves his country has all the right to count all the qualities of his motherland. The poet is also doing the same in his poem. He wants to die freely for his country. He wants his country to be always free and free from its enemies. I agree with the views of the poet.

Bihar Board Class 8 English Book Question 4.
What, according to the poet, are the qualities of one down country which one ought to be proud of ?
Answer:
The qualities of one’s own country for which one should be proud of are as such – the country is rich, rare, fresh, fair, dear, warm and bold according to the poet.

C. Word study

Look up the poem again and pick out the words that mean the opposite of the following words. Write these opposite words next to each of the words listen here.

Class 8 Bihar Board English Book Question 1.
common stale foreign
attack punish friend
evil intelligent timid
Answer:
Words Opposite words from the poem

  • common – rare
  • stale – fresh
  • foreign – native
  • attack – save
  • punish – reward
  • friend – foe
  • evil – divine
  • intelligent – dull
  • timid – brave

D. Let’s Talk

Bihar Board Class 8 English Solution Question 1.
Sit in a group of four or five. Talk about what you like/ don’t like in your country.
Answer:
Amit: I like my country to be at the top.
Neha: I don’t like my country’s defeat in the cricket
game.
Moni: I like my country to be very rich and its people prosperous.
Sonu: I don’t like my country to be let down by any of the country.

E. Composition

You are Saket, the Secretary of the Cultural committee of your school. Your cultural committee is going to stage a drama on the occasion of the Independence Day.

Question 1.
Write a notice on the notice board in this connection inviting students and their parents to watch the play being staged. Date, time, name of the play and place must be mentioned in it. Look at the format of a notice:
Answer:

Name of the School
Notice:

Date:_______
Subject Heading

Body______ What, when, where, by whom
Signature with Designation
Answer:
Govt. High School, Sonpur
NOTICE BOARD
Jan. 15, 2012

This is inform you that the Cultural Committee of our school is going to stage a drama in our school campus in the meeting hall at 6.30 p.m. We are going to play ‘Satya Chandrasekhar’. All the students and their parents of our school are invited to see the drama. We invite you to view the stage performance and enjoy the evening.

Aditi
Secretary, Cultural Committee
Govt. High School, Sonpur

F. Translation

Question 1.
Translate the poem into your mother tongue.
Answer:
Translation of the poem is given before ‘Summary’.

Rich (adj) [रिच] = धनी, अमीर । Rare (adj)[रेअर] = मुश्किल से प्राप्त, दुर्लभ । Fresh (adj) [फ्रेश] = ताजा | Native (adj)[नेटिव) = जन्म स्थान । Braver (adj) [ब्रेवर] = अधिक बहादुर । Waver (v)|बेवर

झिझकना, संकोच करना । Divine (adj) [डिवाइन] = पवित्र | Dull (adj) |डल.] = सुस्त । Warm (adj) [वार्म) = गर्म । Bold (adj) |बोल्ड] = साहसी । Native land (adj) [नेटिव लैन्ड – जन्मभूमि । Beauty (n) 

ब्यूटी] = सौन्दर्य । Guard (v) |गार्ड) = रक्षा करना । Virtue (n) [वयूँ) = गुण 1 Still (adv) [स्टिल= अव भी । Foe (n) [फो] = शत्रु । Reward (v) [रिवार्ड) = इनाम देना । Border (n) |बार्ड) = सीमा । Fresh (adj) [फ्रेश] = ताजा । Fair (adj) [फेअर = सुन्दर । True (adj)/टू] = सच्चा।। Mine (pron) |माइन] = मेरा ।

G. Activity

Question 1.
Colour the boxes that have rhyming word :

Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 10 My Land 1
Answer:
Rhyming words in the boxes:

  • braver – waver
  • come – dome
  • men – hen
  • log – fog
  • name – fame
  • mine – nine
  • land – band
  • ever-never
  • kind – mind
  • hard – reward
  • mine – fine.

Hints : Colour the boxes of rhyming word yourselves.

My Land Summary in English

‘My Land’, composed by the English Poet Thomas Davis is a patriotic poem. The poet loves his land too much. He praises has land’s quality and virtues. He says that his land is rich and rare, fresh and fair, dear and rare. He says that his land’s men are braver and women’s hearts never waver. The poet says that he will freely die to save tier and take it as divine.

My Land Summary in Hindi

‘माई लैन्ड’ (मेरी मातृभूमि) अंग्रेजी के कवि थॉमस डेविस द्वारा लिखित एक देशभक्तिपूर्ण कविता है। कवि अपने देश से बहुत प्यार करता है। वह अपने देश के गुणों की सराहना करता है, इस कविता में। वह कहता है कि उसका देश अमीर और दुर्लभ है, ताजा और सुन्दर है, प्रिय और अनूठा है। वह कहता है कि उसके देश के पुरुष अन्य देशों की अपेक्षा ज्यादा बहादुर हैं और स्त्रियाँ भी संकोची नहीं वरन् निडर हैं। कवि इस कविता में यह भी कहता है कि वह अपने देश के लिए मर जाने में गौरव का,अनुभव करेगा और . अपनी मृत्यु को अपना भाग्य मानेगा।

My Land Hindi Translation of The Poem

Rich (adj) [रिच] = धनी, अमीर । Rare (adj)[रेअर] = मुश्किल से प्राप्त, दुर्लभ । Fresh (adj) [फ्रेश] = ताजा | Native (adj)[नेटिव) = जन्म स्थान । Braver (adj) [ब्रेवर] = अधिक बहादुर । Waver (v)|बेवर

झिझकना, संकोच करना । Divine (adj) [डिवाइन] = पवित्र | Dull (adj) [ल.] = सुस्त । Warm (adj) [वार्म) = गर्म । Bold (adj) |बोल्ड] = साहसी । Native land (adj) [नेटिव लैन्ड – जन्मभूमि । Beauty (n) 

ब्यूटी] = सौन्दर्य । Guard (v) |गार्ड) = रक्षा करना । Virtue (n) [वयूँ) = गुण I Still (adv) [स्टिल= अव भी । Foe (n) [फो] = शत्रु । Reward (v) [रिवार्ड) = इनाम देना । Border (n) |बार्ड) = सीमा । Fresh (adj) [फ्रेश] = ताजा । Fair (adj) [फेअर = सुन्दर । True (adj)/टू] = सच्चा।। Mine (pron) [माइन] = मेरा ।

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Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 21 चिकित्सा का चक्कर

Bihar Board Class 8 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 3 Chapter 21 चिकित्सा का चक्कर Text Book Questions and Answers, Summary.

BSEB Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 21 चिकित्सा का चक्कर

Bihar Board Class 8 Hindi चिकित्सा का चक्कर Text Book Questions and Answers

प्रश्न – अभ्यास

पाठ से

चिकित्सा का चक्कर प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 8 Hindi प्रश्न 1.
लेखक को बीमार पड़ने की इच्छा क्यों हुई?
उत्तर:
लेखक बेढब बनारसी जी कभी बीमार नहीं पड़ते थे। शरीर भी स्वस्थ दिखाई पड़ता था। लेकिन उनकी इच्छा थी कि मैं बीमार पडू तो मजा आयेगा। हँटले बिस्कुट खाने को मिलेगा । पत्नी अपने कोमल हाथ से सिर पर तेल मलेगी। मित्रगण आवेंगे, मेरे सामने रोनी सूरत बनाकर बैठेंगे या गंभीर मुद्रा में पूछेगे बेढब जी-कैसी तबियत है, किससे इलाज करवा रहे हैं, कुछ फायदा हो रहा है इत्यादि । इस समय लेखक को बड़ा मजा आता इसलिए वे बीमार पड़ने की इच्छा करते थे।

Chikitsa Ka Chakkar Question Answer Bihar Board Class 8 Hindi प्रश्न 2.
लेखक ने बैद्य और हकीम पर क्या-क्या कहकर व्यंग्य किया है ? उनमें से सबसे तीखा
वैद्य जी पालकी पर चढ़कर आते हैं। धोती गमछा और मैला-कुचैला जनेऊ धारण किये हुए थे। मानो अभी-अभी कुश्ती लड़कर आये थे।,

हकीम – हकीम साहब पर व्यंग करते हुए लेखक उनके पहनावा और शान-शौकत का वर्णन कर उन पर व्यंग्य कसा है।

Chikitsa Ka Chakkar Question Answers Bihar Board Class 8 Hindi प्रश्न 3.
अपने देश में चिकित्सा की कितनी पद्धतियाँ प्रचलित हैं। उनमें से किन-किन पद्धतियों से लेखक ने अपनी चिकित्सा कराई।
उत्तर:
हमारे देश में चिकित्सा के निम्नलिखित पद्धतियाँ प्रचलित हैं

  1. एलोपैथिक
  2. आयुर्वेदिक
  3. होमियोपैथी
  4. जल-चिकित्सा
  5. प्राकृतिक चिकित्सा
  6. दन्त चिकित्सा
  7. तंत्र-मंत्र चिकित्सा।

लेखक ने एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, हकीमी इत्यादि पद्धतियों से अपना इलाज कराई।

चिकित्सा का चक्कर प्रश्न उत्तर Class 8 Bihar Board प्रश्न 4.
इस पाठ में हास्य-व्यंग्य की बातें छाँटकर लिखिए । जैसे-रसगुल्ले छायावादी कविताओं की भाँति सूक्ष्म नहीं थे स्थूल थे।
उत्तर:

  1. डॉक्टर के वेशभूषा पक्ष में – सूट तो ऐसे पहने थे मानो “प्रिंस ऑफ वेल्स के वैलेटों में हैं।”
  2. डॉक्टर का इक्के पर आना के पक्ष में जैसे लीडरों का मोटर छोड़कर पैदल चलना।
  3. जीभ दिखाने के पक्ष में “प्रेमियों को जो मजा प्रेमिकाओं की आँख देखने में आता है, शायद वैसा ही डॉक्टरों को मरीजों को जीभ देखने में आता
  4. आगन्तुक लोगों के द्वारा विविध नुक्सा के पक्ष में “खाने के लिए सिवा जुते के और कोई चीज बाकी नहीं रह गई, जिसे लोगों ने न बताई हो।”
  5. डॉक्टर की फीस के पक्ष में “कुछ लोगों का सौन्दर्य रात में बढ़ जाता है, वैसे ही डॉक्टरों की फीस रात में बढ़ जाती है।”
  6. डॉक्टर बुलवाने के पक्ष में-मित्रों और घर वालों के बीच में कांफ्रेंस हो रही थी कि अब कौन बुलाया जाय “पर नि:शस्त्रीकरण सम्मेलन की भाँति न किसी की बात मानता था न कोई निश्चय हो पाता था।”
  7. आयुर्वेदिक डॉक्टरों मैले-कुचैले जनेऊ देखकर “मानो कविराज कुश्ती लड़कर आ रहे हों।”
  8. अपने दर्द को दूर न होने के पक्ष में-सी० आई० डी० के समान पीछा छोड़ता ही न था।
  9. हकीम साहब के पैजामा के पक्ष में पाँत में पाजामा ऐसा मालूम होता था कि चूड़ीदार पाजामा बनने वाला था, परन्तु दर्जी ईमानदार था, उसने कपड़ा चुराया नहीं, सबका सब लगा दिया ।।
  10. हकीम साहब के यश के बारे में-“आपका नाम बनारस ही नहीं, हिन्दुस्तान में लुकमान की तरह मशहूर है । इत्यादि ।

Bihar Board Class 8 Hindi Book Solution प्रश्न 5.
किसने कहा, किससे कहा?
(क) मुझे आज सिनेमा जाना है। तुम अभी खा लेते तो अच्छा था।
उत्तर:
लेखक की पत्नी ने लेखक से कहा।

(ख) घबराने की कोई बात नहीं है दवा पीजिए दो खुराक पीते-पीते आपका दर्द गायब हो जायेगा।
उत्तर:
सरकारी डॉक्टर ने लेखक से कहा।

(ग) वाय का प्रकोप है। यकृत में वाय घमकर पित्ताशय में प्रवेश कर आंत्र में जा पहुँचा है।
उत्तर:
आयुर्वेदिक डॉक्टर ने लेखक से कहा।

(घ) दो खुराक पीते-पीते आपका दर्द वैसे ही गायब हो जायेगा, जैसे-हिंदुस्तान से सोना गायब हो रहा है।” इस वाक्य का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जैसे हिन्दुस्तान में धीरे-धीरे सोना की कमी हो रही है उसी प्रकार धीरे-धीरे आपका दर्द जाता रहेगा । इस दिन ऐसा होगा कि भारत में न सोना रहेगा और न आपके पेट में दर्द ।

पाठ से आगे

Bihar Board Solution Class 8 Hindi प्रश्न 2.
एलोपैथिक, होमियोपैथिक और आयुर्वेद चिकित्सा से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
एलोपैथी-चिकित्सा में अंग्रेजी दवा सुई इत्यादि दिया जाता है। होमियोपैथिक चिकित्सा में रसायन का प्रयोग होता है। आयुर्वेद चिकित्सा में जड़ीबूटी से बना दवा मिलती है।

किसलय हिंदी बुक बिहार क्लास 8 Solution Bihar Board प्रश्न 3.
किस आधार पर इस पाठ को हास्य और व्यंग्य की श्रेणी में रखेंगे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सम्पूर्ण पाठ हास्य व्यंग्य से भरे हैं। जैसे रसगुल्ले को देखकर डॉक्टर को देखकर । हकीम साहब को देखकर, वैद्य जी को देखकर इत्यादि ।

व्याकरण

Bihar Board Class 8 Hindi प्रश्न 1.
इस पाठ में प्रयुक्त मुहावरों को चुनकर लिखिए।
उत्तर:

  1. जूता खिलाना
  2. मेला लगना
  3. चपत लगना
  4. रफ़्फू चक्कर होना
  5. तिलमिला उठना
  6. कलेजा का कवाब होना
  7. पिण्ड छुटना
  8. जादू का काम करना ।
  9. ऊपरी खेल होना
  10. बुद्धि का घास चरना इत्यादि ।

Bihar Board Class 8 Hindi Solution In Hindi प्रश्न 2.
इन युग्म शब्दों का अर्थ लिखिए।
उत्तर:

  1. प्रसाद = भगवान को अर्पित वस्तु – प्रासाद = महल
  2. भवन = मकान – भुवन = संसार
  3. कांति = शोभा – क्रांति = विरोध प्रर्दशन
  4. भन = भगवान शंकर – भव्य = अति सुन्दर

गतिविधि

Bihar Board Class 8 Hindi Solutions प्रश्न 1.
हकीम साहब की वेश-भूषा और उनके कद-काठी का वर्णन लेखक ने बड़ी मजेदार ढंग से किया है लेखक के वर्णन के आधार पर आप हकीम साहब का चित्र बनाइए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

इन्हें भी जानिएं

जब किसी घटना या दृश्य का वर्णन करते समय असंगतियों को हास्यपूर्ण ढंग से प्रकट किया जाता है, तब उसे व्यंग्य कहते हैं। व्यंग्य ऊपर से हास्य लगता है, लेकिन जब उसके मर्म तक हमारी निगाह जाती है, तब हम असंगति या विकृति के कारणों की असलियत से परिचित होते हैं। प्रायः व्यवस्था की विकृतियों का वर्णन करने के लिए इस विधा का प्रयोग किया जाता है।

चिकित्सा का चक्कर Summary in Hindi

सारांश लेखक हट्ठा-कट्ठा आदमी है। उनको देखने से कोई रोगी नहीं कह सकता था। पैंतीस वर्ष की आय तक उनको कोई बीमारी न हई। लेखक को बड़ी इच्छा है कि मैं भी बीमार पड़ता तो अच्छा होता । बीमार पड़ने पर हंटले बिस्कुट अवश्य मिलता तथा पत्नी अपने कोमल हाथों से तेल भी मालिश करती। मित्र लोग आते रोनी या गम्भीर मुद्रा में कुछ पूछते तो बड़ा मजा आता। – एक दिन जब लेखक हॉकी खेलकर आये। आज मैच था। मैच में रिफ्रेशमेन्ट अधिक खा लेने के कारण भुख नहीं थी परन्तु पत्नी ने सिनेमा जाने की बात बताकर थोड़ा बारह पुड़िया और आधा पाव मलाई। फिर छ: पीस बड़े-बड़े रसगुल्ले खाकर सो गये।

रात तीन बजे जब उनकी नींद खुली तो नाभी के नीचे दाहिनी ओर दर्द का अनुभव हुआ । लेखक अमृतधारा लेकर बार-बार पीते रहे लेकिन दर्द नहीं गया। प्रात:काल सरकारी डॉक्टर साहब इक्के पर सवार होकर आये । जीभ देखकर कहा-घबराने की कोई बात नहीं, दो खुराक दवा पीते-पीते दर्द इस तरह गायब हो जायेगा जैसे भारत से सोना गायब हो रहा है। डॉक्टर साहब दवा मँगाकर पीने तथा बोतल से सेकने की बात बताई । दवा खाने या सेंकने से लेखक को कोई आराम नहीं मिला, हाँ गरम बोतल से संकेत-संकेत छाले अवश्य पड़ गये।

मिलने वाले लोगों के ताँता लगने लगे । जो आते अपने नुक्से बताते । किसी ने हींग खिलाई तो किसी ने चूने खाने को कहा। जितने लोग आये उतने ही बात बतायी । लेखक के विचार से सबों ने कुछ-कुछ बता दिया । मात्र जूता खाने की बात किसी ने नहीं बताई । तीन दिन बीत गये । लेकिन दर्द दूर नहीं हुआ। लोग मिलने आते विभिन्न प्रकार के लोग विभिन्न कवियों, लेखकों की बात पूछ-पूछकर परेशान करते पान-सिगरेट से भी लेखक को चूना लगा रहे थे।

दूसरे डॉक्टर से दिखाने की सलाह भी देते थे फिर विचार-विमर्श कर चूहानाथ कातरजी को बुलाया गया। जो लंदन से एफ. आर. सी. एस. की। डिग्री प्राप्त कर चुके थे । डॉक्टर चूहानाथ सूई दिया। जिससे लेखक का दर्द । दूर हुआ।

कुछ दिनों के बाद लेखक चूहानाथ कातर जी मिलने गये। वहाँ अनेक रोगों की बात चली । जिसको सुनकर लेखक को एक सप्ताह बीतने पर ऐसा लगता था मानो वो सारी बीमारियाँ के लक्षण लेखक को होने वाला हो । हो भी गया लेखक को बड़ी बेचैनी थी पुनः एक आयुर्वेदाचार्य को बुलाया गया।

जो ग्रह नक्षत्र और तिथि को विचार कर विलम्ब से आये । नाड़ी छूकर । बोला वायु का प्रकोप है, यकृत में वायु घूमकर पित्ताशय के माध्यम से आँत में जा पहुँचा जिससे खाना नहीं पचता तथा शूल भी होने लगता है। आयुर्वेदाचार्य पंडित सुखराम शास्त्री जी ने “चरक” और सुश्रुत के श्लोक भी सुनाये तब जाकर दवाईयाँ दी । लेखक को दर्द में कुछ कमी अवश्य हुई लेकिन रह-रहकर दर्द हो ही रहा था। मानो सी० आई० डी० पीछा न छोड़ रहा हो।

एक दिन एक सज्जन मित्र ने हकीम से दिखलाने की बात बताई । हकीम.. साहब को बुलवाया गया। जिनके फैशन की चर्चा अत्यन्त व्यंग्यात्मक ढंग से , किया है। हकीम साहब ने जब लेखक से मिजाज के बारे में पूछा तो लेखक .

ने कहा “मर रहा हूँ बस आपका इंतजार है। हकीम साहब मरने की बात नहीं करने की सलाह देते हैं तथा आनन-फानन में दर्द दूर होने वाली दवा देने की बात करते हैं। लेखक ने कहा-अब आपकी दुआ है आपका नाम बनारस ही नहीं हिन्दुस्तान में लुकमान की तरह मशहूर है। हकीम साहब भी नब्ज देखकर नुक्से लिखकर दवाई मँगवाते हैं। लेखक का दर्द तो अवश्य कम हो गया लेकिन दुर्बलता बढ़ती गई।

कभी-कभी तो दर्द का ऐसा दौड़ा उठता कि सबलोग परेशान हो उठते।। – कुछ लोगों ने लखनऊ जाकर इलाज कराने की बात तो कोई एक्सरे कराने

की बात तो किसी ने जल-चिकित्सा करवाने की बात बताई। एक ने कहा, कुछ नहीं केवल होमियोपैथी इलाज करवाएँ । होमियोपैथिक इलाज आरम्भ हुआ । लेकिन कुछ नहीं असर हुआ। लेखक के ससुर जी ने भी एक डॉक्टर लाये। उनसे भी लाज हुआ।

एक दिन लेखक के नानी की मौसी आई और ऊपरी खेल बतलाई । लेखक की आँख की वरौनी देखते हुए बोली-कोई चुडैल पकड़े हुए है। अतः ओझा को बुलवाकर झाड़-फूंक करवा लो। लेकिन लेखक ओझा को नहीं बुलवाए।

सबके विचार से लखनऊ जाने की तैयारी हो गई । उसी समय एक मित्र ने एक डॉक्टर को बुलाकर ले आए। उन्होंने मुख खुलवाया तथा कहा बात कुछ नहीं है। दर्द का कारण पाइरिया है, इसी कारण दर्द है । दाँत निकलवा लो सब दर्द दूर हो जायेगा । दाँत के डॉक्टर से मिलकर खर्च सुनते ही लेखक को पेट दर्द के साथ-साथ सिर दर्द भी शुरू हो गया। कुल लगभग अढ़ाई सौ खर्च था । लेखक ने जब पत्नी से पैसा माँगा तो पत्नी कही-तुम्हारी बुद्धि, घास चरने गयी है। जो जैसा कहे वैसा करो, कभी दाँत तोड़वाओ, कोई कहे तो नाक नुचवालो । मैं तो कहती हूँ-खाना ठीक करो, ठिकाने से खाओ तो पन्द्रह दिनों में सब ठीक हो जायेगा । लेखक ने कहा तुम्हें अपनी दवा करनी थी तो इतने पैसे क्यों खर्च करवा दी।

Bihar Board Class 7 Social Science History Solutions Chapter 2 नये राज्य एवं राजाओं का उदय

Bihar Board Class 7 Social Science Solutions History Aatit Se Vartman Bhag 2 Chapter 2 नये राज्य एवं राजाओं का उदय Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Social Science History Solutions Chapter 2 नये राज्य एवं राजाओं का उदय

Bihar Board Class 7 Social Science नये राज्य एवं राजाओं का उदय Text Book Questions and Answers

पाठगत प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 7 History Book Solution प्रश्न 1.
पृथ्वीराज किस राज्य का राजा था ?
उत्तर-
पृथ्वीराज ‘दिल्ली’ तथा ‘अजमेर’ राज्य का राजा था।

Bihar Board Class 7 Social Science Solution प्रश्न 2.
उस समय इसके समकालीन और कौन राजा थे?
उत्तर-
उस समय इसके समकालीन महत्त्वपूर्ण राजा ‘जयचन्द’ था । भारत के दो गद्दारों में पहला जयचन्द और दूसरा मीरजाफर था।

Bihar Board Class 7 History Solution In Hindi प्रश्न 3.
उस समय हमारे देश की राजनीतिक स्थिति कैसी थी?
उत्तर-
उस समय हमारे देश की राजनीतिक स्थिति द्वेष भावना से ग्रस्त थी । एक राजा दूसरे राजा को सदैव नीचा दिखाने की फिराक में रहा करते थे।

Bihar Board Class 7 Social Science Solution In Hindi प्रश्न 4.
उपाधि का क्या अर्थ होता है?
उत्तर-
नाम के पहले या बाद में लगने वाला प्रतिष्ठा बढ़ाने वाले उपनाम ‘उपाधि’ कहलाती है । जैसे : सामंतों को दी जाने वाली उपाधि राय, राणा, रावत आदि । पराजित राजा विजयी राजा की अधीनता में उसे उपाधि से अलंकृत करता था ।

Bihar Board Solution Class 7 Social Science प्रश्न 5.
इन तीनों के पतन के क्या कारण हो सकते हैं? चर्चा करें।
उत्तर-
इन तीनों से तात्पर्य उन तीन शासकों से है जिन्हें इतिहासकारो ने ‘त्रिपक्ष’ या ‘त्रिपक्षीय’ कहा है । ये थे मध्य एवं पश्चिम भारत के ‘गुर्जर-प्रतिहार’, दक्कन के राष्ट्रकूट और बंगाल के पाल । इन तीनों के पतन के कारण थे कि बिना अपनी आर्थिक तथा सामरिक शक्ति का आकलन किये इन तीनों ने ‘कन्नौज’ पर अधिकार के लिये युद्ध जारी रखा और बहुत दिनों तक लड़ते रहे । अन्ततः परिणाम हुआ कि आर्थिक और सामरिक रूप से तीनों समान रूप से खोखले हो गए । यही कारण था कि इन तीनों का पतन हो गया।

Bihar Board Class 7 Geography Book Solution प्रश्न 6.
सोमनाथ मंदिर के बारे में विशेष रूप से वर्ग में चर्चा करें।
उत्तर-
सोमनाथ का प्रसिद्ध मन्दिर गुजरात राज्य में अवस्थित है। मध्यकाल के अनेक भारतीय मंदिरों में यह भी एक ऐसा मन्दिर था जो धनध। न्य से पूर्ण था । महमूद गजनवी ने जब भारत के मंदिरों को लूटा तो उनमें सोमनाथ को उसने विशेष रूप से लूटा । मन्दिर का सारा धन तो उसने लूट ही लिया मन्दिर को भी क्षतिग्रस्त कर दिया । 15 अगस्त, 1947 को भारत : के स्वतंत्र होने तक वह वैसे ही खण्डहर के रूप में पड़ा रहा । धन्य कहिए। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को जिन्होंने सरकारी खर्च पर उसकी मरम्मत करा दी ।

वे तो चाहते थे कि जितने भारतीय मन्दिरों को आक्रमणकारियों ने. तोड़कर उसका रूप बिगाड़ दिया था, सबको उनके पहले के रूप में कर . दिया जाय । लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने को महान धर्मनिरपेक्ष दिखाने के लिये ऐसा नहीं करने दिया । फिर दूसरी बात थी कि सोमनाथ मंदिर

की मरम्मती के थोड़े ही महीने के अन्दर सरदार पटेल को सन्दहात्मक मृत्यु हो गई।

Bihar Board 7th Class Social Science Solution प्रश्न 7.
आपके विचार से महमूद गजनवी के भारत पर आक्रमण के क्या उद्देश्य हो सकते हैं ?
उत्तर-
हर शासक के आक्रमण का यही उद्देश्य होता है, अपने राज्य का विस्तार करना या पड़ोसी राज्य से अपनी अधीनता स्वीकार कराना, लेकिन हम देखते हैं कि इन दोनों उद्देश्यों से परे गजनवी का उद्देश्य लूट-पाट मचाना था। कुछ अमीरों को तो उसने लूटा ही, खासतौर पर मंदिरों को खूब लूटा ।

उस काल के प्रसिद्ध और धन-दौलत से सम्पन्न मंदिरों में प्रमुख थे-मथुरा, वृन्दावन, थानेश्वर, कन्नौज और सोमनाथ के मंदिर । इन मंदिरों को गजनवी ने जी भरकर लूटा और इसे ध्वस्त तक कर दिया ।

Bihar Board Class 7 Civics Solution प्रश्न 8.
राजेन्द्र चोल अपनी सेना को गंगा नदी तक क्यों ले गया ?
उत्तर-
राजेन्द्र चोल एक महत्त्वाकांक्षी विजेता था, जिसने अपने राज्य को श्रीलंका सहित जावा-सुमात्रा तक फैला रखा था। गंगा नदी तक सेना ले जाने के दिखावे का तात्पर्य था कि वह गंगाजल लेने जा रहा है, लेकिन वास्तविक उद्देश्य था गंगा तट तक अपने राज्य का विस्तार करना और विजय प्राप्त करना जो उसने कर दिखाया । उसने गंगाजल लेकर अपनी राजधानी को ले गया और उसका नाम रखा ‘गंगई-कोण्ड-चोलपुरम’ रख दिया । उसकी राजधानी नगर इसी नाम से प्रसिद्ध हो गया ।।

Class 7 History Chapter 2 Questions And Answers Bihar Board प्रश्न 9.
आज की नागरिक सेवा से चोलकालीन नागरिक सेवा की तुलना करें।
उत्तर-
आज की नागरिक सेवा और चोलकालीन नागरिक सेवा लगभग मिलती-जुलती-सी है। जैसे आज राज्यपालों या राष्ट्रपति के निजी सचिव होते हैं, वैसे ही चोल राजा के भी निजी सचिव होते थे । आज के प्रधान सचिवों की तरह चोल राज्य में भी प्रधान सचिव होते थे । आज के किरानियों की तरह चोल शासन काल में प्रधान और निम्न कर्मचारी हुआ करते थे । इस प्रकार हम देखते हैं कि आज की नागरिक सेवा और चोलकालीन नागरिक सेवा लगभग समान थी।

Bihar Board Class 7th Social Science Solution प्रश्न 10.
क्या आपके विद्यालय या गाँव में चोलकालीन ग्राम स्वशासन की तरह कोई समिति कार्य करती है । यदि हाँ तो कैसे ?
उत्तर-
हाँ, होती है । स्कूल की समिति में एकराजकीय पदाधिकारी के -साथ ग्राम पंचायत के मुखिया तथा गाँव के कुछ संभ्रात पढ़े-लिखे लोग स्कूल समिति में रहते हैं और स्कूल के संचालन की देख-रेख करते हैं।

गाँव में वैसी समिति ग्राम पंचायतें हैं । ग्राम पंचायत के मुखिया और सरपंच सहित अनेक सदस्य निर्वाचित किये जाते हैं । मुखिया प्रशासनिक और नागरिक सेवा का काम देखता है तथा सरपंच दो ग्रामीणों के बीच के झगड़े को सुलझाता है।

Bihar Board Class 7 History  प्रश्न 11.
भारत के वैसे मंदिरों का पता लगाय, जहा आज भा भक्ता द्वारा बहुमूल्य उपहार चढ़ाये जाते हैं । उपहार चढ़ाने के पीछे लोगों की क्या मंशा रहती है ?
उत्तर-
भारत के सभी मन्दिरों में कुछ-न-कुछ चढ़ावा तो चढ़ता ही है, लेकिन सर्वाधिक मूल्यवान चढ़ावा तिरुपति मन्दिर तथा सिरडी के साईं बाबा मंदिर में चढ़ता है। पटना के महावीर मंदिर में भी चढ़ावा चढ़ता है। लेकिन उतना नहीं, जितना उपर्युक्त दोनों मंदिरों में चढ़ता है । पटना के महावीर मंदिर की आय से पटना में ही एक कैंसर अस्पताल चलाया जा रहा है।

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

आइए फिर से याद करें :

Class 7 Atit Se Vartman Solution Bihar Board प्रश 1.
जोड़े बनाइए:

  1. सोमनाथ – गुर्जर प्रतिहार
  2. सेनवंश – लोगों द्वारा चयनित शासक
  3. गोपाल – त्रिपक्षीय संघर्ष
  4. कन्नौज – गुजरात
  5. मध्य- भारत – बिहार

उत्तर-

  1. सोमनाथ – गुजरात
  2. सेनवंश – बिहार
  3. गोपाल – लोगों द्वारा चयनित शासक
  4. कन्नौज – त्रिपक्षीय संघर्ष
  5. मध्य भारत – गुर्जर प्रतिहार

Class 7 History Chapter 2 Solutions Bihar Board प्रश्न 2.
दक्षिण के प्रमुख राज्य कौन-कौन थे? उत्तर-दक्षिण के प्रमुख राज्य निम्नलिखित थे :

  1. चोल
  2. चेर
  3. पाण्ड्य
  4. राष्ट्रकूट त!
  5. चालुक्य।

Bihar Board Class 7 Hamari Duniya Solution प्रश्न 3.
उस समय के राजा कौन-कौन-सी उपाधियाँ धारण करते थे ?
उत्तर-
उस समय के राजा अनेक और बड़ी-बड़ी उपाधियाँ धारण करते थे, जो उनके द्वारा विजित राजा उनकी अधीनता स्वीकार करते हुए देते थे ।

जैसे : महाराजाधिराज, परमभट्टारक, परमेश्वर त्रिभुवन-चक्रवर्तिन आदि।

Bihar Board Class 7 Civics Book Solution प्रश्न 4.
बिहार और बंगाल में किन वंशों का शासन था?
उत्तर-
बिहार और बंगाल में क्रमश सेन तथा पाल वंशों का शासन था।

Class 7 Social Science Bihar Board प्रश्न 5.
तमिल क्षेत्र में किस तरह की सिंचाई व्यवस्था का विकास हुआ?
उत्तर-
सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था हेतु डेल्टाई क्षेत्र में तट बनाए गए और पानी को खेतों तक पहुँचाने के लिए नहरें खोदी गई । सिंचाई के लिये कुंओं की संख्या बढ़ाई गई । वर्षा का पानी बर्बाद न हो, इसलिए उस पानी को एकत्र करने के लिए बड़े-बड़े सरोवर बनाए गए। ये सभी काम योजनाबद्ध तरीके से किए गए। राज कर्मचारियों के साथ स्थानीय किसानों का सहयोग भी लिया गया ।

Class 7 History Chapter 2 Bihar Board प्रश्न 6.
कन्नौज शहर तीन शक्तियों के संघर्ष का केन्द्र बिन्दु क्यों बना ?
उत्तर-
कन्नौज उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध नगर था, जो कभी हर्षवर्द्धन की राजधानी रह चुका था । इसं नगर पर अधिकार का तात्पर्य था कि वह शासक गंगा-यमुना दोआब के उपजाऊ मैदान पर अधिकार कर लेता तो राजस्व का एक बड़ा जरिया बनता । यहाँ से तीनों में से किन्हीं दो पर बेहतर ढंग से नियंत्रण रखा जा सकता था ।

कन्नौज गंगा के किनारे अवस्थित था, अत: वहाँ से अधिक व्यापारिक कर वसूले जाने की आशा थी । इन्हीं कारणों से कन्नौज गुर्जर-प्रतिहार, राष्ट्रकूट और पाल ये तीनों का केन्द्र बिन्दु बन गया। ये तीनों शक्तियाँ लड़ते-लड़ते पस्त हो गई और तीनों के राज्य समाप्त हो गए।

प्रश्न 7.
महमूद गजनवी अपनी विजय अभियानों में क्यों सफल रहा?
उत्तर-
महमूद गजनवी अपनी विजय अभियानों में ही लूट अभियानों को अपनाया । उसने जब भी आक्रमण किया तो मंदिरों के साथ बड़े-बड़े नगरों को लूटा । उसने कभी भी भारत में अपने स्थायी शासन की बात नहीं सोची । इन लूट अभियानों में सदैव सफल होते रहने का एकमात्र कारण था कि यहाँ के राजाओं-शासकों में मेल नहीं था । राजपूत यद्यपि शक्तिशाली थे लेकिन उन्होंने आपस में ही लड़ते रहने को अपनी शान समझी । एक राज्य लूटता रहता तो अन्य सभी देखते रहते और अन्दर ही अन्दर प्रसन्न भी होते रहते । उनको इतनी समझ नहीं थी कि यह स्थिति कभी उन पर भी आ सकती है।

और यही हुआ और इसी से महमूद गजनवी अपने अभियानों में सफल होता रहा ।

प्रश्न 8.
सामंतवाद का उदय किस प्रकार हुआ ?
उत्तर-
7वीं से 12वीं शताब्दी के बीच भारत में सामंतवाद का उदय हुआ। उस समय की पुस्तकों तथा अन्य अभिलेखों में सामंत को अनेक नाम दिले गये हैं । जैसे : सामंत, राय, ठाकुर, राणा, रावत इत्यादि । उस समय के राजा जब किसी अन्य राजा को युद्ध में हराता था तो उसके राज्य को अपने राज्य में मिला लेता था । लेकिन लगभग 1000 ई० के आसपास युद्ध में हारे हुए राजा को उस स्थिति में उसके राज्य वापस मिल जाते थे जब बह विजयी राजा की अधीनता मान लेता था ।

बदले में उसे कुछ शर्ते भी माननी पड़ती थीं । पराजित राजा को यह स्वीकार करना पड़ता था कि विजयी राजा उसका स्वामी है और वह विजयी राजा के चरणों में रहने वाला दास है । पराजित राजा विजयी राजा का ‘सामंत’ कहलाता था। इसी प्रकार सामंतवाद का उदय हुआ।

प्रश्न 9.
तत्कालीन राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था आज की प्रशासनिक व्यवस्था से कैसे भिन्न थी ?
उत्तर-
तत्कालीन राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था आज की प्रशासनिक व्यवस्था से बहुत अर्थों में भिन्न थी । आज प्रजातांत्रिक व्यवस्था है जबकि उस समय राजतंत्र था । उस समय के अधिकारी राजा की मर्जी से नियुक्त होते थे जबकि आज प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ता है।

तत्कालीन केन्द्रीय शासन से सम्बद्ध अनेक पदाधिकारियों का उल्लेख मिलता है । विदेश विभाग के प्रधान को ‘संधि-विग्रहक’ कहा जाता था,

जबकि आज केन्द्रीय सरकार में खासतौर में एक विदेश विभाग है, जिसकी देख-रेख प्रधान सचिव के हाथ में होता है । इसके ऊपर एक विदेश मंत्री होता है। आज के राजस्व विभाग को वित्त मंत्री के अधीन रखा गया है। इस विभाग में भी मुख्य सचिव के नीचे अधिकारियों, कर्मचारियों का एक समूह काम करता है। ‘आयकर’ विभाग राजस्व विभाग का ही एक अंग है। भाण्डारिक जैसा अधिकारी आज नहीं हुआ करते।

उस समय ‘भांडारिक’ इसलिए हुआ करते थे क्योंकि कर अनाज के रूप में भी वसूला जाता है । उस समय महादण्डनायक होता था जो पुलिस विभाग का प्रधान होता था। लेकिन आज दण्ड देने के लिए न्यायापालिका अलग है। और पुलिस विभाग अलग है। आज पुलिस का काम दोषियों को पकड़ना मात्र है। दंड न्यायपालिकाएं दिया करती हैं। इस प्रकार देखते हैं कि तत्कालीन राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था आज की प्रशासनिक व्यवस्था से कई अर्थों में भिन्न थी।

प्रश्न 10.
क्या आज भी हमारे समाज में सामंतवादी व्यवस्था के लक्षण दिखाई देते हैं?
उत्तर-
आज दिखाने के लिये तो सामंती व्यवस्था हमारे समाज में नहीं है, लेकिन मध्यकालीन सामंती व्यवस्था से भी अधिक कर सामंतों-सा राजनीतिक बाहुबलियों का उदय हो गया है । ये कुछ न होकर सबकुछ है । सभी बाहुबली किसी-न-किसी राजनीतिक दल के किसी दबंग नेता से जुड़ा है। कुछ बाहुबली तो खास-खास राजनीतिक दलों के किसी-न-किसी पद पर आसीन होकर अपने ओहदे का धौंस दिखाकर जनता का भय दोहन करते हैं।

प्रश्न 11.
मध्यकाल के मंदिर अपने धन-दौलत के लिए काफी प्रसिद्ध थे । भव्यता के दृष्टिकोण से आप अपने पास के मंदिर से तुलना करें।
उत्तर-
धन-दौलत की दृष्टि से आज तिरुपति मंदिर तथा सिरडी का साई राम मंदिर से हम कर सकते हैं । हमारे आस-पास के मंदिरों से यदि तुलना करें तो पटने का महावीर मंदिर किसी भी दृष्टि से भव्यता और धन-धान्य से किसी प्रकार कम नहीं है । आधुनिक काल में निर्मित इस मंदिर में आधुनिकता के पुट है । दान-दक्षिणा में यहाँ भी भारी चढ़ावा चढ़ता है। मंदिर अपनी आय से अनेक समाज सेवा-संस्थान चलाता है ।

प्रश्न 12.
भारत के मानचित्र पर प्रतिहार, पाल और राष्ट्रकूट वंश द्वारा शासित क्षेत्रों को दिखाएँ । वर्तमान समय में भारत के किस भाग में अवस्थित है ?
उत्तर-
Bihar Board Class 7 Social Science History Solutions Chapter 2 नये राज्य एवं राजाओं का उदय 1

Bihar Board Class 7 Social Science नये राज्य एवं राजाओं का उदय Notes

पाठ का सार संक्षेप 

अरब, जो व्यापारिक दृष्टि से गाँव बसाकर रहने लगे थे, आगे चलकर उस क्षेत्र पर अपना राज्य स्थापित कर लिया । इसी समय उत्तर एवं मध्य भारत में राजपूतों का उदय हुआ । इनका उदय गुप्तवंशीय साम्राज्य के पतन के बाद 7वीं से 12वीं सदी के बीच हुआ । परिणाम हुआ कि उत्तर और दक्षिण दोनों ओर के भारतीय क्षेत्रों पर छोटे-छोटे राज्यों का उदय हो गया । हर्षवर्द्धन ने उन छोटे राज्यों को मिलाकर एक बड़ा राज्य बनाने का असफल प्रयास किया ।

आंध्र, सिंध, विदर्भ और कलिंग के राजा नागभट्ट प्रथम के आगे उसी समय हार चुके थे, जब वे राजकुमार थे। उन्होंने कन्नौज के राजा चक्रयुद्ध को भी हरा दिया ।’ उन्होंने वंग, अनंत, मालवा के राजाओं को पराजित किया । कहीं-कहीं शासक प्रजा द्वारा भी नियुक्त किये गए । बंगाल का राजा गोपाल ऐसा ही नियुक्त शासक था । इसने पाल वंश की नींव रखी । कश्मीर में एक महिला शासक भी थों जिनका नाम दिद्दा था, मंत्रियों और सेना की मदद से शासिका बनी थीं ।

व्यापारियों के संगठन के साथ सत्ता में साझेदारी करता था। भू-राजस्व उपज. का तीसरे भाग से लेकर छठे भाग तक वसूला जाता था ।

निम्न वर्गीय लोगों में राज्य पर संकट के समय कुछ करने की भावना नहीं थी । इस काल में परम्परागत चार वर्णों-ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र के अलावा अनेक नई जातियों और उपजातियों का प्रादुर्भाव हो गया । अब वर्ण-व्यवस्था जन्मना से हटकर कर्मणा हो गई थी।

महमूद गजनवी की मृत्यु के बाद भी तुर्क और अफगानों का आक्रमण जारी रहा और अंततः वे भारत में स्थायी साम्राज्य की स्थापना में सफल रहे । इस जीत का हीरो मुहम्मद गौरी (गौरी) था । अनेक बार हारने के बाद अंततः वह 1192 में पृथ्वीराज को हराकर दिल्ली तक पहुंच गया और दिल्ली सल्तनत की स्थापना कर लौट गया । तब से दिल्ली में सुल्तानों का शासन आरंभ हुआ ।

उन दिनों दक्षिण भारत में भी अनेक छोटे-छोटे राज्य थे । प्रमुख राज्य राष्ट्रकूट तथा चालुक्य थे । फिर सुदूर दक्षिण में चोल, चेल और चालुक्य और पाण्ड्य प्रमुख थे।

अंत में चोल राजाओं ने तंजौर के आसपास के क्षेत्र तमिलनाडु से अपना शासन प्रारम्भ किया। धीरे-धीरे पल्लव वंश के शासक आदि को हटाकर उन्होंने अपने को दक्षिण भारत में एक मजबूत साम्राज्य का राजा बना लिया। तंजौर भी इसी के अधीन था । चोल वंश का सबसे प्रसिद्ध राजा राजराज प्रथम और उसका पुत्र राजेन्द्र चोल था। हालाँकि इस राज्य का संस्थापक विजयालय था जिसकी मृत्यु 871 में हो गई । राजेन्द्र चोल एक महत्वाकांक्षी शासक था, जिसने श्रीलंका से लेकर दक्षिण पूर्व एशिया तक अपने राज्य का विस्तार कर लिया । चोल राज्य अब राष्ट्र कहा जाने लगा । प्रशासन की सुविा के लिये सम्पूर्ण राज्य अनेक इकाइयों में बँटा था, जिन्हें मंडलम कहा जाता था ।

Bihar Board Class 12 History Solutions Chapter 3 बंधुत्व, जाति तथा वर्ग : आरंभिक समाज

Bihar Board Class 12 History Solutions Chapter 3 बंधुत्व, जाति तथा वर्ग : आरंभिक समाज Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 12 History Solutions Chapter 3 बंधुत्व, जाति तथा वर्ग : आरंभिक समाज

Bihar Board Class 12 History बंधुत्व, जाति तथा वर्ग : आरंभिक समाज Textbook Questions and Answers

उत्तर दीजिए (लगभग 100-150 शब्दों में)

बंधुत्व, जाति तथा वर्ग के प्रश्न उत्तर Bihar Board प्रश्न 1.
स्पष्ट कीजिए कि विशिष्ट परिवारों में पितृवंशिकता क्यों महत्त्वूपर्ण रही होगी?
उत्तर:

  1. विशिष्ट परिवारों में पितृवंशिकता का महत्त्व-() विशिष्ट परिवारों की पितृवंशिकता में पिता की मृत्यु के पश्चात् संसाधनों पर पुत्र का अधिकार हो जाता है और वह इच्छानुसार उनका उपभोग करता है।
  2. अधिकांश राजवंशों ने पितृवंशिकता प्रणाली का अनुसरण किया। इसमें कभी-कभी परिवर्तन भी होता था। कभी-कभी पुत्र के न होने पर एक भाई दूसरे भाई का उत्तराधिकारी हो जाता था तो कभी बंधु-बांधव गद्दी पर अपना अधिकार जमा लेते थे। कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में स्त्रियों जैसे-प्रभावती गुप्त (चन्द्रगुप्त द्वितीय की पुत्री) सत्ता का उपयोग करती थीं।
  3. पितृवंशिकता की परम्परा प्राचीन काल से थी। ऋग्वेद जैसे कर्मकांडीय ग्रंथों में लिखे गए मंत्रों से भी यह बात स्पष्ट होती है।
  4. इस परम्परा के कारण उत्तराधिकार के लिए संघर्ष नहीं होता था जैसे-मुगल वंश में गद्दी के लिए अनेक संघर्ष हुए।

बंधुत्व जाति तथा वर्ग Bihar Board प्रश्न 2.
क्या आरंभिक राज्यों में शासक निश्चित रूप से क्षत्रिय ही होते थे? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
शास्त्रों के अनुसार केवल क्षत्रिय ही राजा हो सकते थे परंतु अनेक बार ऐसा नहीं हुआ और राजवंशों की उत्पत्ति अन्य वर्गों से हुई है। मौर्य वंश ने एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की परंतु उनकी उत्पत्ति के विषय में विवाद है। बाद के बौद्ध ग्रंथ उन्हें क्षत्रिय बताते हैं जबकि ब्राह्मणीय ग्रंथ उन्हें निम्न कुल का मानते हैं। मौर्यों के उत्तराधिकारी शुंग और कण्व ब्राह्मण थे।

गुप्त राजवंश को लेकर भी विवाद है। मध्य एशिया से आने वाले शकों को म्लेच्छ, बर्बर अथवा अन्य देशीय कहा गया है। सातवाहन कुल का संबंध भी ब्राह्मणों से था। इस प्रकार कई राजवंश क्षत्रिय वर्ग से संबंधित नहीं थे। वस्तुतः राजनीतिक सत्ता का उपयोग ऐसा प्रत्येक व्यक्ति कर सकता था जो समर्थन और संसाधन जुटा सके।

बंधुत्व जाति तथा वर्ग आरंभिक समाज Notes Bihar Board प्रश्न 3.
द्रोण, हिडिम्बा और मातंग की कथाओं में धर्म के मानदण्डों की तुलना कीजिए व उनके अंतर को भी स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
द्रोण:
गुरु द्रोणाचार्य क्षत्रिय राजकुमारों को युद्ध विद्या सिखाते थे। जब निषाद वर्ग के एकलव्य ने उन्हें अपना गुरु बनाना चाहा तो उन्होंने इंकार कर दिया। वह उनकी मूर्ति स्थापित करके धनुर्विद्या का अभ्यास करता रहा और उनके शिष्यों से आगे निकल गया। द्रोण को यह असह्य था और उन्होंने एकलव्य की विद्या नष्ट करने के लिए उसके दायें हाथ का अंगूठा दान में मांग लिया। वस्तुतः एकलव्य ने धर्म के मानदण्डों का उल्लंघन करके धनुर्विद्या ग्रहण करने का प्रयास किया।

हिडिम्बा:
हिडिम्बा राक्षस पुत्री थी। वह द्वितीय पांडव एवं बलशाली भीम पर मोहित हो गयी। पांडवों के इंकार करने पर भी वह जिद्द पर अड़ी रही। अंत में भीम से उसकी शादी हो गयी। यह कार्य भी धर्म के मानदण्डों के प्रतिकूल था। एक क्षत्रिय राजकुमार अपने से निम्न जाति से विवाह नहीं कर सकता था।

मातंग:
चाण्डाल भी अपने को समाज का अंग समझते थे। इसकी पुष्टि मातंग की कथा से होती है। मातंग बोधिसत्व (पूर्व जन्म में बुद्ध) का नाम था। उन्होंने चाण्डाल के रूप में जन्म लिया। उनका विवाह व्यापारी पुत्री दिथ्य मांगलिक नामक कन्या से हुआ और मांडव्य नामक पुत्र का जन्म हुआ। एक बार भिखारी के रूप में मातंग ने मांडव्य से उसके दरवाजे पर भोजन माँगा परंतु उसने उसकी अपेक्षा की।

बाद में उसकी माँ दिथ्थ ने इसके लिए उनसे माफी माँगी। यहाँ भी हमें धर्म के मानदण्डों का उल्लंघन स्पष्ट नजर आता है। वस्तुतः ऐसे मानदण्ड खोखले थे और समाज में वेष भावना की सृष्टि करते थे।

Bihar Board 12th History Book Pdf प्रश्न 4.
किन मायनों में सामाजिक अनुबंध की बौद्ध अवधारणा समाज के उस ब्राह्मणीय दृष्टिकोण से भिन्न थी जो ‘पुरुषसूक्त’ पर आधारित था।
उत्तर:
बौद्धों ने समाज में फैली विषमताओं के संदर्भ में एक अलग अवधारणा प्रस्तुत की। इस धर्म के अनुयायियों ने समाज में फैले अंतर्विरोधों को दूर करने के सक्षम उपायों पर भी अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत किए।

सुत्तपिटक नामक ग्रंथ के अनुसार यद्यपि मनुष्य और वनस्पति अविकसित थी परंतु सर्वत्र शांति का माहौल था। मनुष्य प्राकृति से उतना ही ग्रहण करते थे जितना एक समय भोजन की आवश्यकता होती है। आगे चलकर मनुष्य लालची हो गया और उसमें हिंसक भाव पनपने लगे। इस स्थिति पर नियंत्रण लगाने के लिए ही राजा का चयन किया जाने लगा।

Bihar Board Class 12 History Book प्रश्न 5.
निम्नलिखित अवतरण महाभारत से है जिसमें पांडव युधिष्ठिर दूत संजय को संबोधित कर रहे हैं:
संजय धृतराष्ट्र गृह के सभी ब्राह्मणों और मुख्य पुरोहित को मेरा विनीत अभिवादन दीजिएगा। मैं गुरु द्रोण के सामने नतमस्तक होता हूँ ……. मैं कृपाचार्य के चरण स्पर्श करता हूँ ……. (आर) कुरुवंश के प्रधान भीष्म के। मैं वृद्ध राजा (धृतराष्ट्र) को नमन करता हूँ।

मैं उनके पुत्र दुर्योधन और उनके अनुजों के स्वास्थ्य के बारे में पूछता हूँ तथा उनको शुभकामनाएँ देता हूँ ……. मैं उन सब युवा कुरु योद्धाओं का अभिनंदन करता हूँ जो हमारे भाई, पुत्र और पात्र हैं ……. सर्वोपरि मैं उन महामति विदुर को (जिनका जन्म दासी से हुआ है) नमस्कार करता हूँ जो हमारे पिता और माता के सदृश हैं ……. मैं उन सभी वृद्धा स्त्रियों को प्रणाम करता हूँ जो हमारी माताओं के रूप में जानी जाती हैं।

जो हमारी पलियाँ हैं उनसे यह कहिएगा कि, “मैं आशा करता हूँ कि वे सुरक्षित हैं” …… मेरी ओर से उन कुलवधुओं का जो उत्तम परिवारों में जन्मी हैं और बच्चों की माताएँ हैं, अभिनंदन कीजिएगा तथा हमारी पुत्रियों का आलिंगन कीजिएगा …….. सुंदर, सुंगधित, सुवेशित गणिकाओं को शुभकामनायें दीजिएगा। दासियों और उनकी संतानों तथा वृद्ध, विकलांग और असहाय जनों को भी मेरी ओर से नमस्कार कीजिएगा …….

इस सूची को बनाने के आधारों की पहचान कीजिए-उग्र, लिंग, भेद व बंधुत्व के सन्दर्भ में क्या कोई अन्य आधार भी हैं? प्रत्येक श्रेणी के लिए स्पष्ट कीजिए कि सूची में उन्हें एक विशेष स्थान पर क्यों रखा गया है?

उत्तर:

  1. उस: इस सूची में विभिन्न उम्र के लोग यथा-वृद्ध-वृद्धा, युवक-युवतियाँ, वर-वधुएँ, पुत्र-पुत्रियाँ शामिल हैं।
  2. लिंग: इस सूची में स्त्रीलिंग और पुल्लिंग दोनों हैं जैसे-वृद्ध-वृद्धा, युवक-युवतियाँ, धर-वधुएँ, पुत्र-पुत्रियाँ आदि।
  3. भेद: इस सूची में विभिन्न प्रकार के रिश्ते और संबंध हैं। जैसे-पितामह (भीष्म), गुरु (द्रोण और कृपाचार्य), पिता (धृतराष्ट्र), माताएँ, पलियाँ, कुलवधुएँ, दास, बाप्तियाँ, गणिकायें।
  4. बंधुत्व: युधिष्ठिर के भाई तथा दुर्योधन के भाई। यहाँ अन्य आधार भी हो सकते हैं जैसे बांधव और सेवक आदि का व्यवहार आदि। रिश्तों के आधार पर इन्हें एक स्थान पर रख गया है।

निम्नलिखित पर एक लघु निबंध लिखिए। (लगभग 500 शब्दों में)

Bihar Board Class 12 History Syllabus प्रश्न 6.
भारतीय साहित्य के प्रसिद्ध इतिहासकार मौरिस विंटरविट्ज ने महाभारत के बारे में लिखा था कि: “चूँकि महाभारत सम्पूर्ण साहित्य का प्रतिनिधित्व करता है ….. बहुत सारी और अनेक प्रकार की चीजें इसमें निहित हैं …… (वह) भारतीयों की आत्मा की अगाध गहराई को एक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।” चर्चा कीजिए।
उत्तर:
महाभारत का महत्त्व:
1. सम्पूर्ण साहित्य का प्रतिनिधित्व:
महाभारत सम्पूर्ण साहित्य का प्रतिनिधित्व करता है। इतिहासकार महाभारत की विषय-वस्तु को दो मुख्य शीर्षकों-आख्यान तथा उपदेशात्मक में विभाजित करते हैं आख्यान में कहानियों का संग्रह है और उपदेशात्मक भाग में सामाजिक आचार-विचार के मापदण्ड हैं।

लेकिन यह विभाजन स्पष्ट नहीं है। अधिकांश इतिहासकारों का विचार है कि महाभारत के वस्तुतः एक भाग में नाटकीय कथानक था जिसमें उपदेशात्मक अंश बाद में जोड़े गये। आरम्भिक संस्कृत परम्परा में महाभारत को इतिहास की श्रेणी में रखा गया है। महाभारत का स्वरूप काव्यात्मक होने मात्र से इसको इतिहास न मानना एक भारी भूल हो जाएगी।

2. ऐतिहासिक ग्रंथ:
ऋषि वेदव्यास ने युद्ध आरम्भ होने से पहले ही इसका इतिहास लिखने का मन बना लिया था। युद्ध के दौरान वेदव्यास इसकी प्रत्येक प्रकार की विस्तृत जानकारी लिखते रहे।

यदि यह केवल एक उपन्यास होता तो वेदव्यास जैसे महान् विद्वान इस युद्ध की इतनी छोटी-छोटी तथा अनावश्यक घटना का वर्णन क्यों करते। महाभारत में अनेक राजवंशों और शासकों का वर्णन किया गया है। इसके अतिरिक्त इसमें राजा, उसकी पत्नी, उसकी संतान और उसके संबंधियों का वर्णन भी है।

3. धर्म और अर्धम का प्रतिरूप:
महाभारत में कौरव-पाण्डवों का युद्ध केवल धर्म तथा अधर्म के युद्ध का रूपक मात्र है। युधिष्ठिर धर्म के प्रतीक हैं और दुर्योधन अधर्म का प्रतिरूप है। इस धर्म और अधर्म के युद्ध में कृष्ण ईश्वर स्वरूप हैं और धर्म का साथ देते हैं।

4. अन्य महत्त्व:
महाभारत तथा भागवत पुराण जैसे अन्य धार्मिक ग्रंथ उस समय के नक्षत्रों तथा उपग्रहों की स्थिति के बारे में एकदम सही जानकारी देते हैं।

12th History Book Bihar Board प्रश्न 7.
क्या यह संभव है कि महाभारत का एक ही रचयिता था? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
साहित्यिक परम्परा में वेदव्यास को महाभारत का रचयिता माना जाता है परंतु महाभारत के लेखक को लेकर विद्वानों में विवाद है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि संभवतः मूल कथा के रचयिता भाट सारथी (सूत) युद्ध क्षेत्र में जाते थे और उनकी विजय और उपलब्धियों के विषय में कवितायें लिखते थे।

पाँचवीं शताब्दी सा०यु०पू० से ब्राह्मणों ने इस कथा परम्परा पर अपना अधिकार कर लिया और इसे लिखने लगे। लगभग 200 सा०यु०पू० से 200 सा०यु० के मध्य तक इस ग्रंथ के रचना काल का दूसरा चरण दिखाई देता है।

200-400 ई० के मध्य मनुस्मृति से मिलते-जुलते अनेक उपदेशात्मक प्रकरण महाभारत में जोड़े गये। शुरू में यह ग्रंथ 10,000 श्लोकों का था परंतु जोड़ते-जोड़ते एक लाख श्लोकों का हो गया। इससे ज्ञात होता है कि महाभारत का एक ही रचयिता नहीं था।

Bihar Board Solution Class 12th History प्रश्न 8.
आरम्भिक समाज में स्त्री-पुरुष के संबंधों की विषमतायें कितनी महत्त्वपूर्ण रही होंगी? कारण सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर:
आरम्भिक समाज के स्त्री पुरुष के संबंधों की विषमताओं का महत्त्व –
1. प्राचीन भारत में स्त्री-पुरुष के संबंधों में विषमता रही है परंतु कहीं न कहीं उसका महत्त्व अवश्य है। उदाहरण के लिए-स्त्रियों को विवाह के पश्चात् अपने पिता का गोत्र छोड़कर अपने पति का गोत्र अपनाना पड़ता था क्योंकि उस समय पुरुषों का अधिक महत्त्व था।

2. आरम्भिक समाज में पुरुषों द्वारा स्त्री के अस्तित्त्व और सम्मान का ध्यान नहीं रखा जाता था। महाभारत की द्यूतक्रीड़ा में युधिष्ठिर स्वर्ण, हस्ति, रथ, दास, सेना, कोष, राज्य तथा अपनी प्रजा की संपत्ति, अनुजों और मए गोल्डेन सीरिज पासपोर्ट टू (उच्च माध्यमिक) इतिहास, फिर स्वयं को दाँव पर लगाकर हार गये। इसके बाद उन्होंने पाण्डवों की सहपत्नी द्रोपदी को भी दाँव पर लगाया और उसे भी हार गये। क्या इससे स्त्री-पुरुष संबंध मधुर बन सकता है।

3. इस घटना पर द्रोपदी ने भरी सभा में प्रश्न उठाया कि क्या स्त्री को दाँव पर लगाना उचित है? इसे अनुचित नहीं माना गया क्योंकि पत्नी पर पति का नियंत्रण सदैव रहता है। आज की नारी इस नियंत्रण को स्वीकार नहीं कर सकती। युधिष्ठिर हारने के बाद दास बन गये थे। अतः एक दास किसी अन्य को दाँव पर लगाने का अधिकार नहीं रखता था।

4. आरम्भिक समाज में स्त्रियों को सामाजिक, धार्मिक तथा राजनीतिक क्षेत्रों में समान दर्जा नहीं मिला था। उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता था तथा उनको पारिवारिक संपत्ति का कोई भाग नहीं दिया जाता था।

5. वैदिक काल में स्त्रियों का सम्मान किया जाता था। स्त्रियों को अपना वर चुनने का अधिकार था जो स्वयंवर प्रथा द्वारा होता था। उत्तर वैदिक काल में उनसे सारे अधिकार छीन लिए गए।

6. विवाह के समय मिले उपहारों पर स्त्रियों का स्वामित्व माना जाता था और इसे स्त्रीधन की संज्ञा दी जाती थी। इस संपत्ति को उनकी संतान विरासत के रूप में प्राप्त कर सकती थी। इस पर उसके पति का कोई अधिकार नहीं होता था किन्तु मनुस्मृति स्त्रियों को पति की आज्ञा के विरुद्ध पारिवारिक संपत्ति रखने अथवा अपने बहुमूल्य धन का गुप्त संचय करने के अधिकार से भी वंचित करती थी।

7. उच्च वर्ग की महिलायें यथा-वाकाटक रानी प्रभावती गुप्त संसाधनों पर अपना नियंत्रण रखती थी। इस प्रकार स्त्री और पुरुष के बीच सामाजिक हैसियत की भिन्नता उनके नियंत्रण में भिन्नता की वजह से थी।

Bihar Board Class 12 History Book Solution प्रश्न 9.
उन साक्ष्यों की चर्चा कीजिए जो यह दर्शाते हैं कि बंधुत्व और विवाह संबंधी ब्राह्मणीय नियमों का सर्वत्र अनुसरण नहीं होता था।
उत्तर:
1. परिवार एक बड़े समूह का हिस्सा होते हैं जिन्हें हम संबंधी कहते हैं। संबंधियों को ‘जाति समूह’ भी कहा जा सकता है। परिवार के संबंधों को स्वाभाविक और रक्त संबंध माना जाता है। कुछ समाजों में भाई-बहन (चचेरे, मौसेरे) से खून का रिश्ता स्वीकार किया जाता है परंतु अन्य समाज इसे स्वीकार नहीं करते हैं।

2. पितृवंशिकता में पुत्र पिता की मृत्यु के पश्चात् उनके संसाधनों का उत्तराधिकारी बनता है। राजवंश पितृवंशिकता व्यवस्था का अनुसरण करते हैं। पुत्र के न होने की दशा में एक भाई दूसरे का उत्तराधिकारी हो जाता था।

3. कभी-कभी बंधु-बांधव भी गद्दी के उत्तराधिकारी हो जाते थे। कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में स्त्रियाँ भी उत्तराधिकारी बन जाती थी जैसे-चन्द्रगुप्त द्वितीय की पुत्री प्रभावती गुप्त।

4. प्रतिष्ठित परिवार अपनी कन्याओं और स्त्रियों के जीवन पर विशेष ध्यान देते थे। आगे चलकर कन्यादान पिता का महत्त्वपूर्ण कर्त्तव्य मान लिया गया। नगरीकरण के साथ विचारों का आदान-प्रदान तेज हो गया। इसके फलस्वरूप आरम्भिक आस्था और विश्वासों को मान्यता मिलनी कम हो गयी तथा लोगों ने स्वयंवर प्रथा को अपना लिया।

5. धर्मसूत्र और धर्मशास्त्र में विवाह के आठ प्रकार मान्य हैं। इनमें से प्रथम चार ‘उत्तम’ माने जाते थे और शेष को निंदित माना गया। सम्भवतः ये विवाह पद्धतियाँ उन लोगों में प्रचलित थीं जो ब्राह्मणीय नियमों को नहीं मानते थे।

6. ब्राह्मणीय नियमों के अनुसार स्त्रियों का गोत्र पति का गोत्र माना जाता था। सातवाहन वंश में इस प्रथा को नहीं माना गया और पत्नियों ने अपने पिता के गोत्र को जारी रखा।

मानचित्र कार्य

Class 12 History Notes Bihar Board प्रश्न 10.
इस अध्याय के मानचित्र की अध्याय 2 के मानचित्र 1 से तुलना कीजिए। कुरु-पांचाल क्षेत्र के पास स्थित महाजनपदों और नगरों की सूची बनाइए।
उत्तर:

  1. इस अध्याय के मानचित्र में विभिन्न महाजनपदों और नगरों को खुला दिखाया है जबकि अध्याय 2 के मानचित्र में ऐसा नहीं है।
  2. कुरु-पंचाल क्षेत्र के पास स्थित महाजनपद-शूरसेन, मत्स्य, वत्स, चेदि और अवन्ति हैं।
  3. कुरु-पांचाल क्षेत्र के पास स्थित नगर विराट, मथुरा, कौशाम्बी, उज्जयिनी, इन्द्रप्रस्थ और अहिच्छत्र हैं।

परियोजना कार्य (कोई एक)

बंधुत्व जाति तथा वर्ग Pdf Bihar Board प्रश्न 11.
अन्य भाषाओं में महाभारत की पुनर्व्याख्या के बारे में जानिए। इस अध्याय में वर्णित महाभारत के किन्हीं दो प्रसंगों का इन भिन्न भाषा वाले ग्रंथों में किस तरह निरूपण हुआ है उनकी चर्चा कीजिए। जो भी समानता और विभिन्नता आप इन वृत्तान्त में देखते हैं उन्हें स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 12.
कल्पना कीजिए कि आप एक लेखक हैं और एकलव्य की कथा को अपने दृष्टिकोण से लिखिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

Bihar Board Class 12 History बंधुत्व, जाति तथा वर्ग : आरंभिक समाज Additional Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
इतिहासकार साहित्यिक परम्पराओं का अनुसरण क्यों करते हैं?
उत्तर:

  1. कुछ ग्रंथ सामाजिक व्यवहार के मानदण्ड निर्धारित करते थे।
  2. अन्य ग्रंथ समाज का चित्रण करते थे।
  3. ये ग्रंथ कभी-कभी समाज में विद्यमान विभिन्न रिवाजों पर अपनी टिप्पणी प्रस्तुत करते थे।

प्रश्न 2.
महाभारत का समालोचनात्मक संस्करण कब और किसके नेतृत्व में शुरू हुआ?
उत्तर:
1919 में प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान वी० एस० सुकथांकर के नेतृत्व में।

प्रश्न 3.
महाभारत को विशाल महाकाव्य क्यों कहते हैं?
उत्तर:

  1. महाभारत वर्तमान स्वरूप में एक लाख से अधिक श्लोकों का है और इसमें विभिन्न सामाजिक श्रेणियों और परिस्थितियों का लेखा-जोखा है।
  2. इस ग्रंथ की रचना लगभग सा०यु०पू० 500 से आगे 1000 वर्ष तक होती रही।

प्रश्न 4.
महाभारत के प्रेषण में अनेक प्रभेद क्यों सामने आते हैं?
उत्तर:

  1. प्रभावशाली परंपराओं और लचीले स्थानीय विचार और आचरण के बीच संवाद कायम करके सामाजिक इतिहास लेखन के कारण तथा।
  2. इन संवादों में द्वन्द्व और मतैक्य दोनों की समालोचना रहने के कारण।

प्रश्न 5.
अंतर्विवाह और बहिर्विवाह में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
गोत्र के भीतर होने वाले और गोत्र से बाहर या अन्य गोत्र के साथ स्थापित किए जाने वाल विवाह-संबंध।

प्रश्न 6.
वंश क्या है?
उत्तर:
किसी भी परिवार का पीढ़ी-दर-पीढ़ी विकास-क्रम।

प्रश्न 7.
इतिहासकार परिवार और बंधुता संबंधी विचारों का विश्लेषण क्यों करते हैं?
उत्तर:
समाज की मूल इकाई परिवार होने से उनको धारणा का समय-विशेष में कार्यान्वयन समझने के लिए अथवा सामाजिक इतिहास लेखन के लिए।

प्रश्न 8.
पितृवंशिकता और मातृवंशिकता में क्या अंतर है?
उत्तर:
क्रमश: पिता के पुत्र फिर पौत्र, प्रपौत्र आदि और माता से जुड़ी हुई वंश परंपरा।

प्रश्न 9.
ऋग्वेद के पुरुष सूक्त में वर्गों की उत्पत्ति के क्या उल्लेख हैं?
उत्तर:

  1. जगत के सभी तत्त्व जिनमें चारों वर्ण शामिल हैं आदि मानव के शरीर से उपजे थे।
  2. ब्राह्मण उसका मुँह था, उसकी भुजाओं से क्षत्रिय बना, वैश्य उसकी जंधा थी। उसके पैर से शूद्र की उत्पत्ति हुई।

प्रश्न 10.
द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा क्यों मांगा?
उत्तर:
अर्जुन की प्रतिष्ठा तत्कालीन सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर को बनाए रखने के लिए।

प्रश्न 11.
मंदसौर अभिलेख में वर्णित रेशम के बुनकरों की सामाजिक स्थिति क्या थी?
उत्तर:

  1. ये लाट (गुजरात) प्रदेश के निवासी थे लेकिन कालान्तर में यहाँ से मंदसौर चले गये।
  2. उन्होंने तत्कालीन लाट शासक के अत्याचारों से तंग आकर मंदसौर के जनप्रिय शासक की शरण पाने के लिए यह देशांतर किया था।

प्रश्न 12.
बहुपत्नी प्रथा एवं बहुपति प्रथा में क्या अंतर है?
उत्तर:
क्रमशः एक पुरुष की अनेक पलियाँ होना और एक स्त्री के अनेक पति होना।

प्रश्न 13.
आचार-संहितायें क्यों तैयार की गई?
उत्तर:
विविध जन-समुदाय के साथ विचारों का आदान-प्रदान होने की दशा में अपनी-अपनी विशिष्ट पहचान को बनाए रखने के लिए।

प्रश्न 14.
गोत्र क्या है? इसके क्या नियम थे?
उत्तर:

  1. ऋषियों की वंश-परंपरा।
  2. विवाह पश्चात् स्त्रियों के गोत्र की पहचान पति के गोत्र से होना और अन्तर्विवाह की मान्यता का न रहना। एक ही गोत्र के सदस्य आपस में विवाह संबंध नहीं रख सकते थे।

प्रश्न 15.
दो साक्ष्य बताइए जिसमें व्यक्ति का नाम माँ से शुरू होता था।
उत्तर:

  1. सातवाहन राजाओं के नाम यथा-गौतमीपुत्र शातकर्णी।
  2. बृहदारण्यक उपनिषद में वर्णित आचार्यों और शिष्यों को पीढ़ियों की सूची।

प्रश्न 16.
वर्ण व्यवस्था के नियमों का पालन करवाने के लिए ब्राह्मणों ने क्या नीतियाँ अपनायीं?
उत्तर:

  1. वर्ण व्यवस्था की उत्पत्ति का दैवी सिद्धांत प्रतिपादित किया।
  2. इस व्यवस्था के नियमों का अनुपालन कराने का शासकों को निर्देश।
  3. प्रतिष्ठा के जन्म पर आधारित होने की जन जागरूकता उत्पन्न करना।

प्रश्न 17.
600 सा०यु०पू० से 600 सायु० के दौरान हुए आर्थिक तथा राजनीतिक परिवर्तनों ने समकालीन समाज पर क्या प्रभाव डाला?
उत्तर:

  1. शिल्प विशेषज्ञों के एक विशिष्ट सामाजिक समूह का उदय हुआ।
  2. सम्पत्ति के असमान वितरण से सामाजिक विषमताएँ बढ़ गयीं।
  3. वन क्षेत्रों में कृषि व्यवसाय का विस्तार होने से वहाँ रहने वाले लोगों की जीवन शैली में बदलाव आया।

प्रश्न 18.
महाभारत की मूल कथा का संबंध किससे है?
उत्तर:

  1. महाभारत की मूल का संबंध कौरव तथा पाण्डव नामक दो रक्त-संबंध परिवारों के बीच युद्ध से है।
  2. महाभारत के कुछ भाग विभिन्न सामाजिक समुदायों के आचार व्यवहार के मानदण्ड तय करते हैं क्योंकि इस ग्रंथ के मुख्य पात्र इन्हीं मानदण्डों का अनुसरण करते हुए दिखाई देते हैं।

प्रश्न 19.
मनुस्मृति क्या थी? इसका संकलन कब हुआ?
उत्तर:

  1. मनुस्मृति धर्मशास्त्रों तथा धर्मसूत्रों में सबसे बड़ा ग्रंथ था।
  2. इसका संकलन लगभग 200 सा०यु०पू० से 200 सा०यु० के बीच हुआ।

प्रश्न 20.
बाघ सदृश पति किसको और किसने कहा?
उत्तर:
नरभक्षी राक्षस की बहन हिडिम्बा ने पाडव भीम को।

प्रश्न 21.
मनुमृति में चाण्डालों के क्या कर्त्तव्य बताये ये हैं?
उत्तर:

  1. गाँव की सीमा से बाहर निवास करें।
  2. उच्छिष्ट बर्तनों का इस्तेमाल करें।
  3. मृतकों के वस्त्र तथा लोहे के आभूषण पहनें।
  4. गाँव और नगरों का भ्रमण रात को न करें।

प्रश्न 22.
आरंभिक समाज में पैतृक संपत्ति का बंटवारा किस प्रकार होता था?
उत्तर:
ज्येष्ठ पुत्र को विरासत का विशेष हिस्सा और अन्य पुत्रों में समान वितरण।

प्रश्न 23.
आरंभिक समाज में स्त्री और पुरुष किस प्रकार संपत्ति अर्जित कर सकते थे?
उत्तर:

  1. मनुस्मृति के अनुसार पुरुष सात प्रकार से धन अर्जित कर सकते थे। विरासत, खोज, खरीद, विजय, निवेश, कार्य तथा भेंट के द्वारा।
  2. स्त्रियों के लिए संपत्ति अर्जन के छः तरीके थे। वैवाहिक अग्नि के सामने तथा वधुगमन के समय मिली भेंट, स्नेह के प्रतीक के रूप में तथा भ्राता, माता और पिता द्वारा दिए गये उपहार आदि।

प्रश्न 24.
महाकाव्य काल में सांपत्तिक अधिकार के मुख्य आधार क्या हैं?
उत्तर:

  1. इसके मुख्य आधार-लिंग तथा वर्ण थे। लिंग के आधार पर पिता की सम्पत्ति पर केवल उसके पुत्रों का अधिकार होता था।
  2. वर्ण व्यवस्था में तीनों उच्च वर्गों की सेवा करके ही शूद्र धन अर्जित कर सकते थे जबकि अन्य वर्ण एक से अधिक कार्यों से धन अर्जित कर सकते थे।

प्रश्न 25.
वर्ण और जात में क्या अन्तर है?
उत्तर:

  1. चार वर्ण-ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र के आपसी मेल से जातियों का जन्म हुआ।
  2. वर्गों का विभाजन कार्य के आधार पर किया गया जबकि जातियाँ जन्म पर आधारित थीं।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
बीसवीं शताब्दी में किए गए महाभारत संकलन के विभिन्न सोपानों का वर्णन कीजिए। अथवा, महाभारत का समालोचनात्मक संस्करण तैयार करने के लिए क्या-क्या कार्य किये गये?
उत्तर:
बीसवीं शताब्दी में किए गए महाभारत संकलन के विभिन्न सोपान –

  1. 1919 में प्रसिद्ध विद्वान वी० एस० सुकथांकर के नेतृत्व में एक अत्यन्त महत्त्वाकांक्षी परियोजना की शुरूआत हुई। अनेक विद्वानों ने मिलकर महाभारत का समालोचनात्मक संस्करण तैयार करने का उत्तरदायित्व अपने ऊपर लिया।
  2. आरम्भ में देश के विभिन्न भागों से विभिन्न लिपियों में लिखी गई महाभारत की संस्कृत पांडुलिपियों को एकत्रित किया गया।
  3. पांडुलिपियों में पाए जाने वाले उन श्लोकों को चुना गया जो लगभग सभी पांडुलिपियों में पाये गये।
  4. उनका प्रकाशन 13,000 पृष्ठों में अनेक खंडों में किया गया।
  5. संस्कृत के पाठों में समानता ढूंढने का प्रयास किया गया।
  6. महाभारत के प्रेषण में अनेक क्षेत्रीय प्रभेदों का विवरण भी रखा गया।

प्रश्न 2.
प्राचीन भारतीय इतिहास में उपनिषदों का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
उपनिषद्:
उपनिषद् वैदिक साहित्य का अंतिम रूप है, इसलिए इन्हें वेदान्त भी कहते हैं। उपनिषद् का अर्थ है-ब्रह्म-ज्ञान के सिद्धांत। इनमें आत्मा और परमात्मा के स्वरूप का परिचय कराया गया है। इनमें कर्म, माया और मोक्ष के सिद्धांतों का विस्तार से वर्णन किया गया है।

उपनिषदों में यज्ञों तथा कर्मकाण्ड की अपेक्षा जीवन की पवित्रता, सदाचार और अच्छे कर्मों पर बल दिया गया है। मुण्डकोपनिषद् में साफ लिखा है “यज्ञ रूपी नौकाएँ कमजोर हैं । संसार सागर से तरने के लिए इन पर भरोसा नहीं किया जा सकता”।

उपनिषद् संख्या 108 में हैं लेकिन इनमें 11 उपनिषद् ही महत्त्वपूर्ण एवं प्रसिद्ध हैं। उपनिषद् ज्ञान के सर्वोत्तम भण्डार हैं। ये इतने लोकप्रिय हो चुके हैं कि संसार की कई भाषाओं में इनके अनुवाद हो चुके हैं। जर्मन विद्वान मैक्समूलर ने उपनिषदों की प्रशंसा करते हुए लिखा है – “उपनिषद् संसार के साहित्य में सदा महत्त्वपूर्ण स्थान रखेंगे तथा प्रत्येक काल और प्रत्येक जाति में वे मनुष्य-मात्र की मानसिक उन्नति के प्रतीक रहेंगे।”

प्रश्न 3.
पितृवंशिक व्यवस्था की विशेषतायें बताइए।
उत्तर:
पितृवंशिक व्यवस्था की विशेषतायें:

  1. महाभारत युद्ध के पश्चात् पितृवंशिक उत्तराधिकार की घोषणा की गई। यद्यपि पितृवंशिकता महाकाव्य की रचना से पूर्व भी थी। परंतु महाभारत की मुख्य कथावस्तु ने इस आदर्श को सुदृढ़ किया।
  2. पितृवंशिकता में पुत्र पिता की मृत्यु के पश्चात् उनके संसाधनों का उत्तराधिकारी हो जाता था।
  3. अधिकांश राजवंश सा०यु०पू० छठी शताब्दी से पितृवंशिकता प्रणाली का अनुसरण करते थे।
  4. कभी-कभी पुत्र के न होने पर भाई एक-दूसरे का उत्तराधिकारी बन जाता था। यही नहीं बंधु-बांधव भी गद्दी पर आसीन हो जाते थे। स्त्रियाँ गद्दी पर बैठ जाती थीं।
  5. राजवंशों में पितृवंशिकता के प्रति झुकाव ऋग्वैदिक काल से था।

प्रश्न 4.
कौरव-पांडवों के मध्य युद्ध के क्या कारण थे?
उत्तर:
कौरव-पांडवों के मध्य युद्ध के कारण:

  1. धृतराष्ट्र कौरव और पांडु उनके छोटे भ्राता थे। धृतराष्ट्र के अंधे होने के कारण पांडु को हस्तिनापुर का राजा बनाया गया। अक्षम धृतराष्ट्र के अंतर्मन में द्वेष का प्रस्फुलन इसी घटना से हुआ।
  2. पांडु की असामयिक मृत्यु के पश्चात् धृतराष्ट्र राजा बने लेकिन वे दुर्योधन को युवराज पद दिलाने की उत्कंठा रखते थे।
  3. हस्तिनापुर के नागरिकों पांडवों के प्रति अधिक लगाव था क्योंकि वे कौरव राजकुमारों से अधिक योग्य और सदाचारी थे। यह देखकर कौरवों को ईर्ष्या होने लगी।
  4. कौरवों ने पांडवों के विरुद्ध अनेक प्रकार के षड्यंत्र रचे जिससे पांडव दु:खी और व्यथित हो गये।
  5. अंततः कौरवों ने पांडवों को राज्य में हिस्सा देने से भी इंकार कर दिया।

प्रश्न 5.
सातवाहनों की वैवाहिक प्रथा में विविधता थी, विवेचना कीजिए।
उत्तर:
सातवाहनों की वैवाहिक प्रथा:

  1. कुछ सातवाहन शासक बहुपत्नी प्रथा को मानने वाले थे जिसमें उनकी एक से अधिक पत्नियाँ होती थीं।
  2. सातवाहन शासकों से विवाह करने वाली रानियों के नाम गौतम तथा वशिष्ठ गोत्रों उद्भूत थे जो उनके पिता के गोत्र थे। इससे स्पष्ट होता है कि विवाह के बाद भी उन्होंने पिता के गोत्र को कायम रखा था। यह मनुस्मृति की नहीं बल्कि ब्राह्मणीय व्यवस्था थी।
  3. कुछ रानियाँ एक ही गोत्र से थीं। यह उदाहरण अंतर्विवाह ‘पद्धति अर्थात् बंधुओं के बीच विवाह संबंध मान्य रहने की स्थिति को दर्शाता है।
  4. इसमें बांधवों (ममेरे, चचेरे आदि भाई-बहन) के बीच विवाह संबंधों की वजह से एक सुसंगठित समुदाय बनने की पूर्वधारणा निहित थी।

प्रश्न 6.
उत्तर वैदिक काल में ब्राह्मणों के महत्त्व पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
उत्तर वैदिक काल में ब्राह्मणों का महत्त्व:

  1. यज्ञों के प्रसार के कारण ब्राह्मणों को महत्त्व बढ़ गया था। वे अपने और अपने यजमानों के लिए पूजा-पाठ और यज्ञ कराते थे।
  2. वे अपने राजाओं की विजय एवं सफलता के लिए भी अनुष्ठान करते थे।
  3. अपने सम्मान के लिए ब्राह्मणों को क्षत्रियों से युद्ध करना पड़ता था।
  4. ज्ञान, विद्वता और कर्मकाण्डों के बढ़ते हुए महत्त्व के कारण क्षत्रिय भी ब्राह्मणों को विशेष आदर देते थे। आगे चलकर इन्हें पृथ्वी का देवता (भूसुर) समझा जाने लगा था।
  5. वस्तुतः ब्राह्मणों ने अपनी स्थिति सर्वोच्च बनाने के लिए कालान्तर में क्षत्रियों से तालमेल स्थापित कर लिया। उन्होंने क्षत्रियों को शासन का अधिकार और स्वयं को उनका परामर्शदाता (पुरोहित) कहा।

प्रश्न 7.
जब कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध अवश्यंभावी हो गया तो गांधारी ने दुर्योधन से क्या विनती की?
उत्तर:
गांधारी की दुर्योधन से विनती:

  1. गांधारी ने दुर्योधन को युद्ध से हटने की सलाह दी।
  2. अपने पिता, माता और शुभेच्छुओं का सम्मान करते हुए शांति-संधि करने का सुझाव दिया।
  3. राज्य की रक्षा के लिए विवेकपूर्ण इन्द्रिय निग्रही बनने की सीख दी।
  4. एक अच्छे राजा का वर्चस्व स्थापित करने के लिए लालच और क्रोध को त्यागने की सलाह दी।
  5. अर्थ और धर्म की प्राप्ति के लिए युद्ध के परित्याग को ही एकमात्र साधन बताया।
  6. युद्ध में सफल होने की झूठी महत्त्वाकांक्षा को त्यागने के लिए बल दिया।

प्रश्न 8.
चारों वर्गों के लिए आदर्श जीविका से जुड़े नियमों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
चारों वर्षों के लिए आदर्श “जीविका के नियम:

  1. ब्राह्मण: ब्राह्मणों का कार्य अध्ययन, वेदों की शिक्षा, यज्ञ करना और करवाना था तथा उनका काम दान देना और लेना था।
  2. क्षत्रिय: क्षत्रियों का काम युद्ध करना, लोगों को सुरक्षा-प्रदान करना न्याय करना, वेद-पढ़ना, यज्ञ करवाना और दान-दक्षिणा देना था।
  3. वैश्य: क्षत्रियों के अंतिम तीन कार्य वैश्यों के लिए भी थे साथ ही उनसे कृषि, गौ पालन और व्यापार का कार्य भी अपेक्षित था।
  4. शूद्र: शूद्रों के लिए मात्र एक ही जीविका-तीनों वर्गों की सेवा थी।

प्रश्न 9.
प्राचीन भारत में सम्पत्ति की दृष्टि से स्त्री की स्थिति स्पष्ट करें। अथवा, प्राचीन काल में संपत्ति के अधिकार प्राप्त करने के कारण पुरुष और महिलाओं के मध्य सामाजिक भेद-भावों को तीक्ष्णता कैसे प्राप्त हुई?
उत्तर:
प्राचीन भारत में संपत्ति की दृष्टि से स्त्री की स्थिति –

  1. मनुस्मृति में पुत्रों को पैतृक संपत्ति का हकदार बताया गया है परंतु स्त्रियों की हिस्सेदारी का कोई उल्लेख नहीं है।
  2. विवाह के समय मिले उपहारों पर स्त्रियों का स्वामित्व माना जाता था और इसे स्त्रीधन को संज्ञा दी जाती थी।
  3. स्त्रीधन को उनकी संतान विरासत के रूप में प्राप्त कर सकती थी परंतु इस पर उनके पति का कोई अधिकार नहीं होता था।
  4. मनुस्मृति स्त्रियों को पति की आज्ञा के विरुद्ध पारिवारिक संपत्ति रखे अथवा स्वयं अपने बहुमूल्य धन के गुप्त संचय के विरुद्ध भी चेतावनी देती है।
  5. वाकाटक रानो प्रभावती गुप्त सम्पत्ति पर अधिकार रखती थी। वस्तुत: सम्पत्ति पर स्त्री का अधिकार उसकी माली हालत या सामाजिक प्रभाव पर निर्भर था।

प्रश्न 10.
जाति-प्रथा से आप क्या समझते हैं? जाति-प्रथा के दोष बताइए।
उत्तर:
जाति-प्रथा का अर्थः शाम शास्त्री ने अपनी सुप्रसिद्ध पुस्तक ‘जाति की उत्पत्ति’ में जाति-प्रथा की परिभाषा इन शब्दों में दी है, “विवाह और भोजन जैसे कार्यों में कुछ लोगों के आपस में संगठित हो जाने को जाति-प्रथा कहते हैं।”

प्राचीन काल में सामाजिक विषयों के लिए हिन्दू समाज केवल चार वर्णों (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र) में बँटा हुआ था। इन्हीं वर्गों को बाद में जातियाँ कहा जाने लगा। आरम्भ में जाति-पाँति का विचार केवल व्यवसायों को दृष्टि से ही किया जाता था और व्यक्ति एक जाति से दूसरी जाति में सुगमता से दाखिल हो जाता था परंतु धीरे-धीरे जाति-प्रथा जन्म से मानी जाने लगी और एक जाति से दूसरी जाति में जाना असम्भव हो गया। इस प्रकार चार मुख्य वर्ण बढ़ते-बढ़ते अब कोई 3,000 जातियों तक पहुँच चुके हैं।

जाति-प्रथा के दोष :

1. ईर्ष्या और द्वेष का कारण:
दिन-प्रतिदिन जातियों की संख्या बढ़ने और जाति-प्रथा दृढ़ होने का यह परिणाम हुआ कि भिन्न-भिन्न जातियों में परस्पर ईर्ष्या और द्वेष बढ़ने लगा। किसी विदेशी आक्रमणकारी का मुकाबला करने के लिए भी ये जातियाँ संगठित नहीं हुई। इस प्रकार देश आक्रमणकारियों से पद्दलित होने लगा।

2. व्यक्तिगत उन्नति में बाधक:
नीची जाति में उत्पन्न होने वाले विद्वान लोग किसी आदरणीय स्थान को प्राप्त न कर पाते थे। जाति-प्रथा वस्तुतः व्यक्तिगत उन्नति के मार्ग में बाधा सिद्ध हुई।

3. अन्तर्जातीय विवाह के मार्ग में बाधक:
जाति-प्रथा की कठोरता ने हिन्दुओं में विवाह के क्षेत्र को बहुत ही संकुचित कर रखा है। इसके परिणामस्वरूप कुछ लोग अविवाहित रह जाते हैं। वे किसी अन्य धर्म को अपना लेते हैं या अपने ही समाज में ब्यभिचार फैलाते हैं।

4. धार्मिक उन्नति में बाधक:
जाति प्रणाली में असमानता के कारण हिन्दू धर्म में आने वाली अन्य जातियों को बराबरी का दर्जा नहीं दिया जा सका। इस प्रकार अन्य धर्मावलम्बी हिन्दू धर्म के साथ सामजस्य नहीं बना पाए।

5. अस्पृश्यता को जन्म देना:
ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य आदि तीनों उच्च वर्ण के लोग शूद्रों को घृणा की दृष्टि से देखने लगे और उन्हें अछूत समझने लगे। उन्हें कुँओं से पानी भरने और मंदिरों में पूजा करने से भी रोक दिया। परिणाम यह हुआ कि शूद्र अन्य धर्म ग्रहण करने। लगे क्योंकि वहाँ उन्हें विभेद की दृष्टि से नहीं देखा जाता था।

प्रश्न 11.
वणिक कौन थे?
उत्तर:
वणिक:

  1. भारतीय अभिलेख और संस्कृत ग्रंथों में वणिक शब्द का प्रयोग व्यापारियों के लिए किया गया है।
  2. यद्यपि शास्त्रों में व्यापार को वैश्यों का कार्य बताया गया है परंतु कई साक्ष्य इसके विरुद्ध जाते हैं।
  3. शूद्रक के नाटक ‘मृच्छकटिकम् (चौथी शताब्दी ई.) में नायक चारुदत्त को ब्राह्मण वणिक बताया गया है।
  4. पाँचवीं शताब्दी सा०यु० के एक अभिलेख में उन दो भाइयों को क्षत्रिय वणिक कहा गया है जिन्होंने एक मंदिर निर्माण के लिए आर्थिक अनुदान दिया था।

प्रश्न 12.
श्रेणियों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
श्रेणियाँ (Guilds):

  1. एक ही जीविका अथवा व्यवसाय से जुड़ी जातियों को कभी-कभी श्रेणियों से संगठित किया जाता था।
  2. कई ऐसे अभिलेख मिले हैं। जिनमें जातियों को श्रेणियों के नाम दिए गए। उदाहरण के लिए मंदसोर अभिलेख में एक जुलाहों की श्रेणी का वर्णन किया गया है जोकि गुजरात लाट (Lata) नगर में था।
  3. कई जातियाँ परिवार सहित एक स्थान को छोड़कर दूसरे ऐसे स्थान पर बसने लगी जहाँ उन्हें व्यवसाय के लिए अधिक सुविधायें प्राप्त हो सकती थीं।
  4. अभिलेखों से ज्ञात होता है कि किसी व्यक्ति को अपने शिल्प में निपुणता के आधार पर श्रेणी विशेष का सदस्य बनाया जाता था।
  5. कई बार भिन्न-भिन्न व्यवसाय के लोगों को भी एक ही श्रेणी का सदस्य बना लिया जाता था।
  6. श्रेणी के सदस्य अपना सारा धन एकत्र करके किसी कार्य में लगा सकते थे। कई श्रेणियों अपने ईष्टदेव सूर्य के मंदिर स्थापित करने के लिए दान भी देती थीं।

प्रश्न 13.
गोत्र की उत्पत्ति कैसे हुई? सातवाहन वंश में इसका उल्लंघन किस प्रकार किया गया।
उत्तर:
गोत्र की उत्पत्ति:

  1. 1000 सा०यु०पू० के पश्चात् ब्राह्मणों ने लोगों को गोत्रों में विभाजित किया। प्रत्येक गोत्र एक वैदिक ऋषि के नाम पर होता था। उस गोत्र के सदस्य उस ऋषि के वंशज माने जाते थे।
  2. गोत्रों के लिए दो महत्त्वपूर्ण नियम थे। प्रथम विवाह के पश्चात् स्त्रियों को उनके पिता के स्थान पर अपने पति के गोत्र को स्वीकार करना पड़ता था। द्वितीय-एक ही गोत्र के सदस्य आपस में विवाह संबंध नहीं रख सकते थे।
  3. सातवाहन वंश में गोत्र के नियमों का अपवाद मिलता है। सातवाहन राजाओं से विवाह करने वाली रानियों के नामों के विश्लेषण से पता चलता है कि उनके नाम गौतम तथा वशिष्ठ गोत्रों से लिए गए थे जो उनके पिता के गोत्र थे।
  4. इससे ज्ञात होता है कि इन रानियों ने विवाह के बाद भी अपने पति-कुल के गोत्र को ग्रहण करने के बजाय अपने पिता के गोत्र को बनाये रखा।
  5. कुछ सातवाहन शासकों की रानियों ने पति के गोत्र को अपना लिया।

प्रश्न 14.
“सांची और अन्य स्थानों की वास्तुकता को समझने के लिए बौद्ध धर्म ग्रन्थों का अध्ययन आवश्यक है।” उपर्युक्त कथन की सोदाहरण तर्कसंगत समीक्षा कीजिए।
उत्तर:
वास्तुकला को समझने के लिए बौद्ध ग्रंथों के अध्ययन का महत्त्व:
सांची के स्तूप के तोरण द्वारा पर एक दृश्य अंकित है जिसमें फूस की झोपड़ी और पेड़ों वाले ग्रामीण दृश्य हैं। वस्तुतः वेसान्तर जातक में इससे सम्बन्धित कहानी दी गई है। इस कहानी में दानी राजकुमार अपना सबकुछ एक ब्राह्मण को सौंपकर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ जंगल में चला जाता है। बौद्ध से ज्ञात होता है बुद्ध द्वारा सारनाथ में दिए गए पहले उपदेश का प्रतीक चक्र था।

शालमंजिका की मूर्ति के बारे में बौद्ध ग्रंथों से ही जानकारी मिल पाती है। इससे पता चलता है जो लोग बौद्ध धर्म में आए उन्होंने इससे पहले दूसरे विश्वासों, प्रथाओं और धारणाओं से बौद्ध धर्म को समृद्ध किया। सांची के तोरणद्वारों की मूर्तियों में पाए गए कई प्रतीक या चिह्न इन्हीं परम्पराओं से उत्कीर्ण किए गएं।

प्रश्न 15.
भगवद्गीता के विषय में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
भगवदगीता:
1. महाभारत का सर्वाधिक उपदेशात्मक अंश ‘भगवद्गीता’ है। इसका शाब्दिक अर्थ-भगवान का गीता या युद्ध भूमि में, कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश है।

2. इसकी मूलभाषा संस्कृत है परंतु आज इसका विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। इस ग्रंथ में कुल 18 अध्याय है।

3. सारथी के रूप में भगवान कृष्ण अर्जुन के साथ रथ पर सवार थे। कौरवों और पांडवों की सेनायें युद्ध करने के लिए आमने-सामने खड़ी थी। अर्जुन ने कौरवों की सेना में अपने सगे-सम्बन्धियों को देखकर युद्ध करने से इंकार कर दिया ऐसे अवसर पर श्री कृष्ण ने अर्जुन को आसक्ति रहित होकर युद्ध करने का जो उपदेश दिया वही भगवद् गीता के नाम से प्रसिद्ध है।

4. यह ग्रंथ बताता है कि मनुष्य के अपने कर्म फल की चिंता किए बिना (निष्काम कर्म) करना चाहिए।

प्रश्न 16.
साहित्यिक परम्पराओं का अध्ययन करते समय इतिहासकारों को कौन-कौन सी बातों को ध्यान में रखना चाहिए। व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
साहित्यिक परम्पराओं का अध्ययन करते समय ध्यान देने योग्य बातें:

  1. ग्रंथों की भाषा पालि, प्राकृत, तमिल जैसी आम लोगों की भाषा अथवा संस्कृत जैसी पुरोहितों या किसी विशेष वर्ग की भाषा है।
  2. ग्रंथ के लेखक की समग्र जानकारी प्राप्त करना चाहिए। उसके दृष्टिकोण तथा विचारों को भलीभाँति समझने की आवश्यकता है।
  3. ग्रंथ के संभावित संकलन या रचनाकाल की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और उसकी रचना भूमि का विश्लेषण करना चाहिए।
  4. ग्रंथ की रचना का स्थान भी ज्ञात करना चाहिए।
  5. यह ध्यान रखा जाए कि ग्रंथ मंत्रों या कथा के रूप में हैं।
  6. ग्रंथ के प्रयोज्य विषय और व्यक्ति की समग्र जानकारी प्राप्त की जाए।

प्रश्न 17.
महाभारत प्राचीनकाल से सामाजिक मूल्यों के अध्ययन का एक अच्छा साधन हैं। उचित तर्क देकर इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
महाभारत प्राचीनकाल के सामाजिक मूल्यों के अध्ययन का स्रोत:

  1. उस काल में पितूंवशिकता प्रणाली पर आधारित राजवंश थे। पैतृक सम्पत्ति पर पुत्रों का अधिकार होता था और पुत्र-जन्म को महत्त्व दिया जाता था, क्योंकि उन्हें ही वंश चलाने वाला माना जाता था।
  2. स्त्रियों का विशेष आदर नहीं था। उनका विवाह गोत्र से बाहर कर दिया जाता था। कन्यादान पिता का महत्त्वपूर्ण कर्त्तव्य माना जाता था।
  3. महाभारत स्वजनों के मध्य युद्ध का एक अद्भुत उदाहरण है परंतु इस युद्ध में सभी वर्गों के लोग लिप्त हो गये थे।
  4. यह ग्रंथ विभिन्न सामाजिक समूहों के आपसी संबंधों पर प्रकाश डालता है। उदाहरण के लिए-हिडिम्बा का भीम से विवाह।
  5. उच्च परिवारों में बहुपति प्रथा प्रचलित थी। उदाहरण के लिए-द्रोपदी के पाँच पति थे।
  6. स्त्रियाँ पुरुष की सम्पत्ति समझी जाती थी इसीलिए युधिष्ठर ने अंत में द्रोपदी को द्यूतक्रीड़ा के समय दाँव पर लगा दिया था।

प्रश्न 18.
निषाद और इसके समान जातियों की भारतीय समाज में क्या स्थिति थी?
उत्तर:
निषाद और इसके समान जातियों की भारतीय समाज में स्थिति:

  1. निषाद और कुछ अन्य जातियाँ ब्राह्मणीय विचारों से अप्रभावित थीं।
  2. संस्कृत साहित्य में ऐसे समुदायों को प्रायः असभ्य और पशुवत बताया गया है।
  3. शिकार करके और कंदमूल एकत्र करके जीवन निर्वाह करने वाली जातियों को तुच्छ समझा जाता था। निषाद (शिकारी) वर्ग इसका उदाहरण है।
  4. यायावर पशुपालकों के समुदाय को भी संदेह की दृष्टि से देखा जाता था, क्योंकि उन्हें स्थायी कृषक समुदायों के साँचे में आसानी से नहीं ढाला जा सकता था।
  5. कभी-कभी इन लोगों को म्लेच्छ कहा जाता था परंतु उन्हें घृणा की दृष्टि से देखा जाता था।

प्रश्न 19.
“प्राचीन काल में ब्राह्मणीय ग्रंथों के नियमों का सभी जगह पालन नहीं होता था।” पाँच प्रमाण देकर इसकी पुष्टि कीजिए।
उत्तर:

  1. ब्राह्मण ग्रंथों के अनुसार केवल क्षेत्रिय ही शासक हो सकते थे परंतु कई शासक परिवार ब्राह्मण या वैश्य भी थे। उदाहरणार्थ-पुष्यमित्र शुग।
  2. जाति से बाहर भी विवाह होते थे जबकि ब्राह्मणीय ग्रंथों में इसकी अनुमति नहीं थी।
  3. ब्राह्मणों को धनी दर्शाया जाता था परंतु सुदामा जैसे अति निर्धन ब्राह्मणों का उल्लेख भी है।
  4. स्त्रियों से अपेक्षा की जाती थी कि वे विवाह के पश्चात् अपने गोत्र का त्याग कर देंगी और अपने पति का गोत्र अपना लेंगी। परंतु सातवाहन रानियों ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने अपने पिता के गोत्र को बनाये रखा।
  5. कई ऐसे वर्ग थे जिनका पेशा वर्ण व्यवस्था से मेल नहीं खाता था; जैसे निषाद या घुम्मकड़ पशुपालक।

प्रश्न 20.
सातवाहन कालीन वास्तुकला का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सातवाहन कालीन वास्तुकला:
सातवाहन शासकों को गुफायें, विहार, चैत्य और स्तूप बनवाने का बड़ा शौक था। दक्षिण में अधिकाँश गुफाओं का निर्माण इसी काल में हुआ। उड़ीसा, नासिक, कार्ले, भुज आदि की गुफायें, विहार, चैत्य और स्तूप अपनी निर्माण-शैली और अलंकरण के कारण वास्तुकला के सुन्दर नमूने हैं।

चैत्य एक बड़ा हॉल होता था, जिसमें अनेक खम्भे होते थे। विहार में एक केन्द्रीय हॉल होता था जिसके सामने के बरामदे में द्वार से प्रवेश होता था। कार्ले का चैत्य बहुत प्रसिद्ध है।

यह 40 मीटर लम्बा, 15 मीटर चौड़ा और 15 मीटर ऊँचा है। इसके दोनों ओर 15-15 खम्भों की पंक्तियाँ हैं। प्रत्येक खम्भा वर्गाकार सीढ़ीदार कुर्सी पर स्थित है। प्रत्येक खम्भे के शिखर पर हाथी, घोड़े और सवार बनाये गए हैं। छतों पर भी सुन्दर चित्रकारी की गई है। भिक्षुओं के निवास हेतु विहार बनाए गए थे।

सबसे महत्त्वपूर्ण स्मारक स्तूप हैं। सबसे प्रसिद्ध स्तूप अमरावती और नागार्जुनकोंडा के हैं। स्तूप एक बड़ी इमारत होती थी जिसे बुद्ध के किसी अवशेष पर बनाया जाता था। अमरावती स्तूप का गुम्बद आधार के आर-पार 162 फुट है और इसकी ऊँचाई 100 फुट है। नागार्जुनकोंडा में स्तूपों के अतिरिक्त ईंटों के बने प्राचीन हिन्दू मंदिर भी हैं। इन दोनों स्तूपों में मूर्तियों की भरमार है।

इस काल में अनेक मूर्तियों का भी निर्माण किया गया। अधिकांश मूर्तियाँ महात्मा बुद्ध के जीवन की अनेक घटनाओं का चित्रण करती हैं। अमरावती के स्तूप में बुद्ध के चरण की पूजा का अनुपम दृश्य है। नागार्जुनकोंडा में महात्मा बुद्ध का उपदेश, शांति और गम्भीरता को प्रकट करता है।

प्रश्न 21.
मातंग कौन था?
उत्तर:
मातंग:

  1. मातंग बोधिसत्व थे जिन्होंने एक चांडाल के घर जन्म लिया था। उनका विवाह एक व्यापारी की पुत्री दिथ्थ से हुआ था।
  2. उनके यहाँ एक पुत्र का जन्म हुआ जिसका नाम माडव्य कुमार था। मांडव्य बड़ा होने पर तीन वेदों का ज्ञाता बना।
  3. वह प्रतिदिन 16 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराता था।
  4. एक दिन जब उसका पिता (मातंग) फटे-पुराने कपड़ों में उसके द्वार पर आया। उसने भोजन माँगा लेकिन मांडव्य कुमार ने उसे पतित कहकर भोजन नहीं दिया।
  5. इस घटना का पता जब उसकी माँ दिथ्थ को चला तो मातंग से माफी मांगने के लिए वह स्वयं वहाँ आई और पत्नी धर्म का निर्वाह किया।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
वैदिकोत्तर काल की वर्ण व्यवस्था का वर्णन करें। उस व्यवस्था में शद्रों का क्या स्थान था?
उत्तर:
वैदिकोत्तर काल की वर्ण व्यवस्था:
इस काल में जाति-प्रथा और दृढ़ हो गई। जन्म के आधार पर जातियाँ निश्चित होने लगीं। जैन और बौद्ध धर्म ने जाति-प्रथा का बड़ा विरोध किया परंतु तत्कालीन समाज में जाति-प्रथा प्रचलित थी। उस समय समाज चार वर्गों में बंटा हुआ थाः ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र। अब धर्मसूत्रों ने प्रत्येक वर्ण के कर्मों को निर्धारित कर दिया था।

दीवानी एवं फौजदारी कानून का आधार भी अब वर्ण-व्यवस्था ही बन गई थी। जो व्यक्ति जितने ऊँचे वर्ण से सम्बन्धित होता था। उससे उतने अधिक ऊँचे नैतिक आचरण की अपेक्षा की जाती थी। धीरे-धीरे शूद्रों पर अनेक निर्योग्यतायें थोप दी गई। इन्हें विभिन्न कानूनों तथा धार्मिक अधिकारों से वंचित कर दिया गया और सबसे निचले स्थान पर फेक दिया गया।

परंतु धीरे-धीरे जैन और बौद्ध धर्म के प्रचार के कारण ब्राह्मणों का प्रभुत्व कम हुआ और क्षत्रियों को प्रधानता प्राप्त हुई। वैश्य लोग बड़े धनी होने लगे परंतु शूद्रों की दशा और भी शोचनीय होती गई। बौद्ध साहित्य में-चाण्डालों का भी उल्लेख है। नगर-सीमा से बाहर निवास करने वाले इन चाण्डालों के स्पर्श-मात्र से अन्य लोग डरते थे। समाज में दास भी थे । वे गृह-कार्य करते थे परंतु उनके साथ अछूतों जैसा व्यवहार नहीं किया जाता था।

जैन और बौद्ध धर्म के प्रभाव के कारण ब्राह्मण धर्म की आश्रम-प्रणाली काफी शिथिल हो गई थी ! सन्यास और ताप के स्थान पर शुद्ध तथा पवित्र जीवन और आचरण पर अधिक बल दिया जाने लगा। इस काल में भी संयुक्त परिवार प्रथा प्रचलित थी।

यद्यपि समाज में स्त्रियों का सम्मान था, परंतु वैदिक काल की अपेक्षा उनकी दशा अब गिर चुकी थी। महात्मा बुद्ध ने भी संघ में स्त्रियों का प्रवेश निषिद्ध किया था। इतना अवश्य है कि स्त्रियों के साथ आदर का व्यवहार किया जाता था। उन्हें उचित शिक्षा देने का प्रबंध किया जाता था। समाज में पर्दा-प्रथा नहीं थी। स्त्रियों को धार्मिक और सामाजिक कार्यों में भाग लेने की स्वतंत्रता थी। वे मेलों और उत्सवों में शामिल होती थीं।

उत्तर-पश्चिमी भारत में सती-प्रथा प्रचलित हो चुकी थी। समाज में वेश्यायें भी होती थी। आम्रपाली इस युग की वैशाली की प्रसिद्ध वेश्या (नगरवधू) थी। साधारण व्यक्ति एक ही स्त्री से विवाह करते थे, परंतु राजपरिवारों और धनिकों में बहुविवाह प्रथा भी प्रचलित थी। बाल विवाह प्रथा नहीं थी। लड़के-लड़कियों के विवाह माता पिता द्वारा निश्चित किये जाते थे। राजकुमारियों के विवाह स्वयंवर प्रथा से होते थे।

प्रश्न 2.
आरम्भिक समाज के आर्थिक एवं धार्मिक जीवन का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
1. आरम्भिक समाज का आर्थिक जीवन:

(I) कृषि:
लोग ग्रामों में रहते थे और उनका मुख्य धंधा खेती था। कपास, गेहूँ, चावल तथा सब्जियों की उपज अधिक होती थी। अधिक वर्षा और सूखा-ये किसान के दो सबसे बड़े शत्रु थे। खेती के ढंगों में अब थोड़ी-सी उन्नति हो चुकी थी और सिंचाई अब छोटे-छोटे नालों द्वारा भी की जाती थी। हल अब पहले से बड़ा और भारी बनाया जाने लगा। कई बार हल खींचने के लिए 12 बैल जोते जाते थे। खाद के लिए गोबर का प्रयोग भी होने लगा।

(II) पशुपालन:
खेती-बाड़ी के पश्चात् पशुपालन लोगों का दूसरा बड़ा धंधा था।

(III) व्यापार:
व्यापार लोगों का एक अन्य मुख्य व्यवसाय था। अब व्यापारियों कई संघों में संगठित हो गए। ये संघ व्यापारियों के हितों की हर प्रकार से रक्षा करने में सक्रिय रहते थे। कई नए सिक्के-निष्क, शतमान और कर्षमाण आदि प्रचलित हो चुके थे।

(IV) नगरों का उदय:
ऋग्वैदिक काल में लोग प्राय: छोटे-छोटे गाँवों में रहते थे और वहीं अनेक प्रकार के काम-धन्धे करके अपना निर्वाह करते थे। अब अयोध्या हस्तिनापुर, मथुरा तथा इन्द्रप्रस्थ जैसे कई नगरों की स्थापना हो चुकी थी।

2. धार्मिक जीवन (Religious Life):

(I) नए देवताओं का उदय:
ऋग्वैदिक काल के इन्द्र, वरुण, सूर्य, पृथ्वी तथा अग्नि जैसे प्राकृतिक देवताओं के स्थान पर अब ब्रह्मण, विष्णु, शिव, गणेश, पार्वती, राम और कृष्ण जैसे नए देवताओं की पूजा आरंभ हो चुकी थी।

(II) धर्म में पेंचीदगी का समावेश:
अब धर्म वैदिक काल की भांति सरल नहीं रहा। उसमें दिन-प्रतिदिन नए-नए रीति-रिवाज और संस्कार प्रवेश करते जा रहे थे। बलिदान की ओर लोगों का झुकाव बहुत बढ़ गया था। इस प्रकार धर्म इतना पेंचीदा हो गया था कि जन-साधारण के लिए उसको समझ पाना बहुत कठिन हो रहा था।

(III) जादू टोने में विश्वास:
लोग अपने शत्रुओं को नष्ट करने तथा बीमारी को दूर करने के लिए जाद्-टोने का आश्रय लेने लगे थे।

(IV) मुक्ति, माया, पुनर्जन्म और कर्म सिद्धांत में विश्वास:
लोगों को यह ज्ञान हो चुका था कि संसार एक मायाजाल है, इसलिए इससे निकलकर उन्हें मुक्ति की ओर अग्रसर होना चाहिए। अगला जन्म अच्छा मिलने के लिए सत्कर्म करने की जानकारी भी लोगों को हो चुकी थी।

प्रश्न 3.
अस्पृश्य कौन लोग थे? इनके क्या कर्त्तव्य थे?
उत्तर:
अस्पृश्य लोग:
भारतीय समाज में ब्राह्मणों ने कुछ लोगों को सामाजिक व्यवस्था से अलग रखा था। इन्हें ‘अस्पृश्य’ घोषित कर सामाजिक विषमता को और अधिक बढ़ावा दिया। ब्राह्मणों का यह निर्देश था कि अनुष्ठान संपन्न करने वाले लोग अस्पृश्यों के यहाँ भोजन न करें।

अनुष्ठान न करने वाले और शवों की अंत्येष्टि तथा मृत जानवरों को छूने वालों को ‘चाण्डाल’ कहा जाता था। उन्हें वर्ण व्यवस्था वाले समाज में सबसे निम्न कोटि में रखा जाता था। उच्च वर्ग के लोग चाण्डालों को स्पर्श करना तो दूर कि उन्हें देखना भी अशुभ समझते थे।

चांडालों के कर्तव्य:
मनुस्मृति में चांडालों के कर्तव्य निम्नवत् दिए गए हैं –

  • उन्हें गाँव से बाहर रहना पड़ेगा।
  • उन्हें जल्लाद के रूप में कार्य करना होगा।
  • उन्हें उन मुर्दो की अन्त्येष्टि करनी होगी जिनका कोई सगा-सम्बन्धी न हो।
  • वे उच्छिष्ट बर्तनों में भोजन करेंगे और मृत लोगों के वस्त्र तथा लोहे के आभूषण पहनेंगे।
  • वे गाँव और नगरों में रात को स्वछंदता से नहीं घूमेंगे।
  • रास्ते में चलते समय उन्हें डंडा बजाते हुए चलना होगा ताकि आवाज सुनकर लोग मार्ग छोड़ दें।

चांडालों का वर्णन अन्यत्र भी मिलता है। पाँचवीं शताब्दी के चीनी यात्री फाह्यान ने लिखा है कि लोग चांडालों को घृणा की दृष्टि से देखते हैं तथा जब कभी वे नगर में प्रवेश करते हैं तो लाठी को भूमि पर टकराते हुए आगे बढ़ते हैं ताकि लोगों को उनके आने का पता चल जाए। 7 वीं शताब्दी में भारत यात्रा करने वाले वेनसांग ने लिखा है कि जल्लाद तथा चमड़ा रंगने वालों को नगर के बाहर रहना पड़ता था।

ब्राह्मण ग्रंथों में भी चांडालों के जीवन की दुर्दशा का वर्णन है। पाली ग्रंथ मलेगा जातक के अनुसार पिछले जीवन में गौतम बुद्ध एक चाण्डाल के पुत्र मतंग थे। अनेक कठिनाइयों का सामना करने के पश्चात् उन्होंने एक व्यापारी की पुत्री दिथ्थ से विवाह किया। उनका एक पुत्र माण्डव कुमार था। जैसे ही वह बड़ा हुआ, उसने वेदों का अध्ययन किया तथा प्रतिदिन 16 हजार ब्राह्मणों को भोजन करवाने लगा। इस पुत्र ने भी एक बार मतंग का अपमान किया था।

प्रश्न 4.
महाभारत की ऐतिहासिक प्रामाणिकता पर एक टिपण्णी लिखिए।
उत्तर:
महाभारत की ऐतिहासिक प्रामाणिकता:
महाभारत प्राचीन भारत का एक महाकाव्य और संस्कृत का प्रसिद्ध ग्रंथ है, परंतु इसकी ऐतिहासिकता को लेकर लोगों में विवाद है। कुछ विद्वानों का कहना है कि यह कृत्रिम महाकाव्य है और लेखन प्रणाली को नया रूप देने के लिए दो परिवारों की लड़ाई को कथा-वस्तु बनाया गया है।

कुछ इतिहासकारों का कहना है कि महाभारत केवल एक उपन्यास है। इस उपन्यास को वेदव्यास ने लिखा है। कुछ लोगों का विचार है कि इतिहास में महाभारत जैसी कोई घटना नहीं हुई और यह केवल मिथ्या कहानी है। ऐसे तर्क रहने पर भी भारतीय परम्परा तथा महान् विद्वानों का दृढ़ विश्वास है कि महाभारत अनेक महत्त्वपूर्ण घटनायें का एक वृहत् इतिहास है।

तिथि:

  • प्रसिद्ध इतिहासकार पारजीटर ने परम्परागत इतिहास (Traditional History) के आधार पर महाभारत युद्ध की तिथि 950 सा०यु०पू० निर्धारित की है।
  • डॉ० नीरद राय ने अपने शोध ग्रंथ में कौशाम्बी के स्तरीकरण के आधार पर महाभारत की तिथि 1100 सा०यु०पू० बताई है।
  • पाँचवीं शताब्दी में प्राचीन भारत के एक महान् गणितज्ञ तथा खगोलशास्त्री ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘आर्यभट्ट’ में खगोल शास्त्र के सिद्धांतों का आधार लेकर महाभारत का अध्ययन किया। महाभारत में वर्णित ग्रह स्थिति के अनुसार आर्यभट्ट ने इसकी अनुमानित तिथि 3100 सा०यु०पू० निर्धारित की है।

ऐतिहासिकता:
सौभाग्यवश कई वैदिक और पौराणिक रचनाएँ ज्योतिष के आधार पर यह प्रमाणित करती है कि महाभारत एक वास्तविक घटना है। डॉ० प्रशान्त गोखले का कहना है कि महाभारत केवल एक कहानी नहीं बल्कि प्राचीनकाल में घटित घटनाओं का विवरण है। इस सम्बन्ध में उन्होंने कई प्रमाण दिये हैं जो निम्नलिखित हैं:

1. ऋषि वेदव्यास ने इस युद्ध के आरंभ होने से पूर्व ही इतिहास लिखने का मन बना लिया था। युद्ध के दौरान उन्होंने इसकी प्रत्येक प्रकार की विस्तृत जानकारी लिपिबद्ध की। यदि यह केवल एक उपन्यास होता तो वेदव्यास जैसा महान् विद्वान इस युद्ध की इतनी छोटी-छोटी तथा अनावश्यक घटनाओं का वर्णन क्यों करता।

2. काव्यात्मक स्वरूप होने के कारण मात्र से महाभारत को इतिहास न मानना एक भारी भूल है। उल्लेखनीय है कि प्राचीन काल में सभी साहित्यिक रचनाएँ पद्य या काव्यात्मक ‘स्वरूप की थी।

3. महाभारत में कई स्थानों पर लिखा है कि इतिहास का एकमात्र अर्थ है-“यह ऐसा हुआ” प्राचीन काल की घटनाओं तथा कुछ समय पूर्व बीती घटनाओं को अलग-अलग करने के लिए आर्यों ने पुराण तथा इतिहास शब्दों का प्रयोग किया परंतु इन दोनों शब्दों का यह अर्थ है कि यह ऐतिहासिक घटनायें भिन्न-भिन्न समय पर घटित हुई।

4. उस काल में राजाओं की वंशावलियों की क्रमवार जानकारी लिखी जाती थी। एक चीनी यात्री के विवरण से इसकी पुष्टि होती है। महाभारत एक ऐसे युद्ध की गाथा है जो कि वास्तव में हुआ और इसमें राजाओं की वंशावलियों का पूर्ण वर्णन है।

5. भारत के अघपर्व तथा भीष्मपर्व खण्डों में लिखा है कि यह एक इतिहास है। यदि इसके लेखक की भावना एक उपन्यास या कविता लिखने की होती तो वह इसको महाकाव्य या कथा का नाम न देता।

6. महाभारत तथा भागवत् जैसे अन्य धार्मिक ग्रंथों में उस समय के नक्षत्रों तथा उपग्रहों की स्थिति के बारे में ठीक-ठीक जानकारी दी गयी है। एक उपन्यास में खगोलशास्त्र का प्रयोग करके नक्षत्रों की स्थिति की जानकारी कदापि नहीं दी जा सकती है।

7. महाभारत में बहुत से वंशों तथा उसके शासकों का वर्णन है । राजा भरत से लेकर राजा मांडु तक 50 से अधिक राजाओं के इतिहास का वर्णन है। इसके अतिरिक्त राजा, उसकी पत्नी, उसकी संतान, उसके संबंधियों आदि का विस्तारपूर्वक वर्णन है। यदि यह केवल एक उपन्यास होता तो कहानी का निर्माण करने के लिए केवल 4-5 राजाओं का नाम देना पर्याप्त था तथा उसमें विस्तृत वृत्तांत देने की आवश्यकता न रहती।

8. महाभारत में द्वारिका का वर्णन है जिसके अवशेष समुद्र में मिले हैं। ऐसा माना जाता है कि द्वारिका नगर 2000-3000 सा०यु०पू० समुद्र में डूब गया था।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में महाकाव्य कौन नहीं है?
(अ) महाभारत
(ब) रामायण
(स) मालविकाग्निनियम्
(द) हर्षचरितम्
उत्तर:
(द) हर्षचरितम्

प्रश्न 2.
महाभारत का समालोचनात्मक संस्करण कितने वर्षों में तैयार हुआ?
(अ) 37
(ब) 36
(स) 35
(द) 34
उत्तर:
(अ) 37

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में कौन-सा कथन परिवार से मेल नहीं खाता है?
(अ) परिवार एक समूह का हिस्सा होता है
(ब) संबंधी परिवार जुड़े होते हैं
(स) पारिवारिक रिश्ते कृत्रिम होते हैं
(द) पारिवारिक रिश्ते रक्त संबद्ध माने जाते हैं
उत्तर:
(स) पारिवारिक रिश्ते कृत्रिम होते हैं

प्रश्न 4.
गोत्र के अन्दर विवाह करना कौन-सा विवाह है?
(अ) अंतर्विवाह
(ब) बहिर्विवाह
(स) ब्रह्म विवाह
(द) राक्षस विवाह
उत्तर:
(अ) अंतर्विवाह

प्रश्न 5.
क्या ब्राह्मणों का सार्वभौमिक प्रभाव था?
(अ) हाँ
(ब) नहीं
(स) हाँ, नहीं-दोनों
(द) उनकी कोई गणना नहीं थी
उत्तर:
(ब) नहीं

प्रश्न 6.
सातवाहन राजाओं और रानियों की आकृतियाँ कहाँ उत्कीर्ण हैं?
(अ) राजमहलों में
(ब) मंदिरों में
(स) गुफा की दीवारों पर
(द) स्तम्भ अभिलेखों पर
उत्तर:
(स) गुफा की दीवारों पर

प्रश्न 7.
माताओं के महत्त्व का ज्ञान कहाँ से होता है?
(अ) सातवाहन राजाओं की मूर्तियों से
(ब) सातवाहन राजाओं के गुफा चित्रों से
(स) सातवाहन शासकों के सिक्कों से
(द) सातवाहन अभिलेखों से
उत्तर:
(द) सातवाहन अभिलेखों से

प्रश्न 8.
द्रोण अद्वितीय तीरंदाज किसको बनाना चाहते थे?
(अ) अर्जुन को
(ब) एकलव्य को
(स) नकुल को
(द) सहदेव को
उत्तर:
(अ) अर्जुन को

प्रश्न 9.
श्रेणी की क्या विशेषता थी?
(अ) सभी जातियाँ एक व्यवसाय से जुड़ी थी
(ब) सभी जातियाँ अलग-अलग व्यवसायों से जुड़ी थीं
(स) कुछ जातियों का समूह था
(द) कुछ लोगों का समूह था
उत्तर:
(अ) सभी जातियाँ एक व्यवसाय से जुड़ी थी

प्रश्न 10.
सातवीं शताब्दी में कौन-सा चीनी यात्री भारत आया था?
(अ) मेगस्थनीज
(ब) फाह्यान
(स) श्वैन-त्सांग
(द) अल्बेरुनी
उत्तर:
(स) श्वैन-त्सांग

प्रश्न 11.
समालोचनात्मक संस्करण में कितने पृष्ठ हैं?
(अ) 13000
(ब) 15000
(स) 16000
(द) 12000
उत्तर:
(अ) 13000

प्रश्न 12.
मातृवंशिकता का क्या अर्थ है?
(अ) जहाँ वंश परम्परा पिता से जुड़ी होती है
(ब) जहाँ वंश परम्परा माँ से जुड़ी होती है।
(स) जहाँ वंश परम्परा मौसी से जुड़ी होती है
(द) जहाँ वंश परम्परा दादी से जुड़ी होती है।
उत्तर:
(ब) जहाँ वंश परम्परा माँ से जुड़ी होती है।

प्रश्न 13.
प्रभावती गुप्त क्यों प्रसिद्ध थी?
(अ) वह एक युद्धप्रिय महिला थी
(ब) वह एक दानी महिला थी
(स) उसने सत्ता का उपभोग किया
(द) वह चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य की पुत्री थी
उत्तर:
(स) उसने सत्ता का उपभोग किया

प्रश्न 14.
बहिर्विवाह से क्या तात्पर्य है?
(अ) यह अन्तर्जातीय विवाह था
(ब) इसमें एक वास्तविक विवाह और कई अन्य विवाह विलासिता के लिए किए जाते थे
(स) एक स्त्री के कई पति होते थे
(द) यह गोत्र से बाहर विवाह करने की पद्धति थी
उत्तर:
(द) यह गोत्र से बाहर विवाह करने की पद्धति थी

प्रश्न 15.
निम्नलिखित में क्या सही है?
(अ) केवल क्षत्रिय राजा हो सकते थे
(ब) ऐसा आवश्यक नहीं था
(स) केवल ब्राह्मण राजा हो सकते थे
(द) निम्न कुल के राजा हो सकते थे
उत्तर:
(अ) केवल क्षत्रिय राजा हो सकते थे

Bihar Board 12th English 100 Marks Objective Answers Poem 2 Song of Myself

Bihar Board 12th English Objective Questions and Answers 

Bihar Board 12th English 100 Marks Objective Answers Poem 2 Song of Myself

Song Of Myself Objective Question Bihar Board 12th Question 1.
Who is the poet of ‘Song of Myself ?
(A) W.H. Auden
(B) John Keats
(C) Walt Whitman
(D) T.S. Eliot
Answer:
(C) Walt Whitman

Song Of Myself Objective Question Answer Bihar Board 12th Question 2.
Walt Whitman was born in-
(A) 1820
(B) 1819
(C) 1815
(D) 1820
Answer:
(B) 1819

Song Of Myself Ka Objective Question Bihar Board 12th Question 3.
Walt Whitman died in-
(A) 1872
(B) 1862
(C) 1892
(D) 1870
Answer:
(C) 1892

Song Of Myself Objective Bihar Board 12th Question 4.
What does the poet observe in summer ?
(A) sunny days
(B) Girls playing
(C) Spike of grass
(D) Yellow flowers
Answer:
(C) Spike of grass

Song Of Myself Multiple Choice Questions Bihar Board 12th Question 5.
Who is the speaker in this poem ?
(A) A boy
(B) A girl
(C) The poet himself
(D) An old man
Answer:
(C) The poet himself

Song Of Myself Ka Objective Bihar Board 12th Question 6.
The poet enjoys himself and sings for-
(A) Public
(B) Beloved
(C) Children
(D) Self
Answer:
(D) Self

Song Of Myself Question Answer Bihar Board 12th Question 7.
What does the poet discard ?
(A) Mankind
(B) Nature’s beauty
(C) Beloved
(D) State
Answer:
(B) Nature’s beauty

12th English Objective Questions And Answers Pdf 2020 Question 8.
‘Leaves of Grass’ a collection of poetry, known.for its free rhythms is written by-
(A) W.H. Auden
(B) Walt Whitman
(C) T.S. Eliot
(D) John Keats
Answer:
(B) Walt Whitman

Bihar Board 12th English Objective Question Question 9.
How many times the word ‘you’ has been used in ‘Song of Myself’ (‘I Celebrate Myself)?
(A) twice
(B) ones
(C) thrice
(D) None of these
Answer:
(A) twice

Questions And Answers Song Bihar Board 12th Question 10.
The word, ‘schools’stands for. in ‘Song of Myself (‘I Celebrate Myself).
(A) academy
(B) systems of thought
(C) teaching institutes
(D) None of these
Answer:
(B) systems of thought

12th English Objective Questions And Answers Pdf Question 11.
Who has composed the poem ‘Song of Myself?
(A) Walt Whitman
(B) Tennyson
(C) Emerson
(D) None of these
Answer:
(A) Walt Whitman

Song Of Myself Lyrics Bihar Board 12th Question 12.
Whitman was ………… poet.
(A) an Indian
(B) an American
(C) a British
(D) None of these
Answer:
(B) an American

12th English Objective Question Answer Bihar Board Question 13.
Whitman was born in—
(A) 1817
(B) 1818
(C) 1819
(D) 1820
Answer:
(C) 1819

English Class 12 Objective Questions Bihar Board Question 14.
Whitman died in—
(A) 1889
(B) 1890
(C) 1891
(D) 1892
Answer:
(D) 1892

Class 12 English Objective Question Bihar Board Question 15.
‘Song of Myself is—
(A) a lyric
(B) an epic
(C) a sonnet
(D) None of these
Answer:
(A) a lyric

The Song Of India Multiple Choice Questions Bihar Board 12th Question 16.
The opening section of’Song of Myself is entitled has—
(A) ‘Grass’
(B) ‘I Celebrated Myself
(C) ‘Animal’
(D) None of these
Answer:
(B) ‘I Celebrated Myself

Poem On Myself In English Bihar Board 12th Question 17.
Who is the speaker in ‘Song of Myself (‘I Celebrate Myself)?
(A) Emerson
(B) Robert Frost
(C) Walt Whitman
(D) None of these
Answer:
(C) Walt Whitman

Question 18.
According to ‘Song of Myself (‘I Celebrate Myself) the speaker is a great lover of—
(A) arts
(B) science
(C) commerce
(D) Nature
Answer:
(D) Nature

Question 19.
Walt Whitman has written the poem—
(A) An Epitaph
(B) The Soldier
(C) Song of Myself
(D) Fire-Hymn
Answer:
(C) Song of Myself

Question 20.
Walt Whitman is years old.
(A) 34
(B) 35
(C) 36
(D) 37
Answer:
(B) 35

Question 21.
‘Hoping to cease not till death’ is a line from ………….. [2018A, I.A]
(A) Sweetest Love I Do Not Goe
(B) Song of Myself
(C) The Soldier
(D) Fire-Hymn
Answer:
(D) Fire-Hymn

Question 22.
’I celebrate myself and sing myself is written by –
(A) Walt Whitman
(B) W.H. Auden
(C) J. Keats
(D) W.B. Yeats
Answer:
(A) Walt Whitman

Question 23.
I in the first line of the poem ‘Song of Myself is the poet—
(A) John Keats
(B) Kamala Das
(C) John Donne
(D) Walt Whitman
Answer:
(D) Walt Whitman

Question 24.
In the Poem ‘Song of Myself the poet for himself.
(A) laughs
(B) cries
(C) sings
(D) None of these
Answer:
(C) sings

Question 25.
‘And what I assume you shall assume’ is taken from the poem—
(A) Song of Myself
(B) An Epitaph
(C) The Soldier
(D) Fire-Hymn
Answer:
(A) Song of Myself

Question 26.
‘I harbour for good or bad’ is written by —
(A) John Keats
(B) John Donne
(C) Walt Whitman
(D) D.H. Lawrence
Answer:
(C) Walt Whitman

Question 27.
Who is the poet of ‘Song of Myself ?
(A) W.H. Auden
(B) John Keats
(C) Walt Whitman
(D) T.S. Eliot
Answer:
(C) Walt Whitman

Question 28.
Who is the speaker in this poem ?
(A) a boy
(B) a girl
(C) the poet himself
(D) grass
Answer:
(C) the poet himself

Question 29.
Walt Whitman was born in
(A) 1820
(B) 1819
(C) 1816
(D) 1822
Answer:
(B) 1819

Question 30.
What does the poet discard ?
(A) king
(B) nature’s beauty
(C) beloved
(D) statue
Answer:
(B) nature’s beauty

Question 31.
‘Leaves of Grass’ a collection of poetry, known for its free rhythms is written by
(A) John Keats
(B) Walt Whitman
(C) T.S. Eliot
(D) W.H. Auden
Answer:
(B) Walt Whitman

Question 32.
The poet observes in summer
(A) sunny grass
(B) bird playing
(C) spike of grass
(D) yellow flowers
Answer:
(C) spike of grass

Question 33.
The poet enjoys himself and sings for
(A) public
(B) beloved
(C) children
(D) himself
Answer:
(D) himself

Question 34.
Walt Whitman died in
(A) 1872
(B) 1882
(C) 1892
(D) 1890
Answer:
(C) 1892