Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 9 अशोक का शास्त्र-त्याग

Bihar Board Class 8 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 3 Chapter 9 अशोक का शास्त्र-त्याग Text Book Questions and Answers, Summary.

BSEB Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 9 अशोक का शास्त्र-त्याग

Bihar Board Class 8 Hindi अशोक का शास्त्र-त्याग Text Book Questions and Answers

प्रश्न-अभ्यास

पाठ से

Ashok Ka Shastra Tyag Question Answer Bihar Board प्रश्न 1.
पद्मा के ललकारने पर भी अशोक ने युद्ध करना स्वीकार क्यों नहीं किया?
उत्तर:
पद्मा स्त्रियों की सेना लेकर युद्ध के लिए ललकार रही थी। लेकिन अशोक ने युद्ध स्वीकार नहीं किया क्योंकि अशोक स्त्रियों पर हाथ उठाना पाप मानते थे । स्त्रियों के साथ पुरुष का युद्ध करना शास्त्र में अनुचित कहा गया है।

Ashok Ka Shastra Tyag Class 8 Bihar Board प्रश्न 2.
पदमा को अशोक से बदला लेने का अच्छा अवसर था, तब भी उसने अशोक को जीवित क्यों छोड़ दिया?
उत्तर:
पद्मा के सामने सम्राट अशोक नतमस्तक थे । वे शस्त्र का त्याग कर चुके थे तथा प्रण कर लिए कि आगे कभी यद्ध नहीं करूँगा। वीर सैनिक कभी भी निहत्थों पर वार नहीं करते इसीलिए पद्मा अवसर पाकर भी अशोक से बदला नहीं लेकर जीवित छोड़ दिया।

Ashok Ka Shastra Tyag Bihar Board प्रश्न 3.

  1. बुद्धं शरणं गच्छामि।।
  2. धर्मं शरणं गच्छामि।
  3. संघं शरणं गच्छामि।

बॉक्स में दिए गए उपर्युक्त वाक्य संस्कृत भाषा में लिखे गये हैं। इन्हें हिन्दी में अनुवाद कीजिए।
उत्तर:

  1. भगवान बुद्ध के शरण में जाता हूँ।
  2. बौद्ध धर्म के शरण में जाता हूँ।
  3. तथा संघ के शरण में जाता हूँ।

पाठ से आगे

अशोक का शस्त्र त्याग कहानी Bihar Board प्रश्न 1.
सैनिकों को उत्साहित करने के लिए राजकुमारी पद्मा और सम्राट अशोक द्वारा कही गई बातों की तुलना कीजिए और बताइए कि अधिक प्रभावशाली कौन है ?
उत्तर:
तुलनात्मक दृष्टिकोण से राजकुमारी पद्मा द्वारा कही गई बातें सैनिकों के लिए अधिक प्रभावशाली थे । अशोक ने कलिंग पर विजय कर अधिकार में लेने या मृत्यु प्राप्त करने की बात अपने सैनिकों से कहा । लेकिन पद्मा अपने सैनिकों को वीर कन्या, वीर भगनी, वीरों की पत्नी कह स्त्रियों में वीर रस का संचार कर देती है। इसके साथ-साथ पिता, भाई, पुत्र-पति के हत्यारों से लोहा लेकर मातृभूमि को पराधीन होते नहीं देखने की प्रतिज्ञा करवाती है। जो अधिक प्रभावशाली है।

Class 8 Hindi Chapter 9 Bihar Board प्रश्न 2.
इस एकांकी को कहानी रूप में लिखिए।
उत्तर:
कहानी रूप में सारांश है । उन्हें लिख देने से उत्तर हो जायेगा।

Bihar Board Class 8 Hindi Book Solution Bihar Board प्रश्न 3.
अगर आप अशोक या पद्मा की जगह होते तो क्या करते और – क्यों?
उत्तर:
अगर हम अशोक या पदमा की जगह होते तो वही व्यवहार करते -जो वीरोचित व्यवहार दोनों ने किया।

Bihar Board Solution Class 8 Hindi Bihar Board प्रश्न 4.
कल्पना कर बताइए कि यदि अशोक और पद्मा का युद्ध हो गया होता तो क्या होता?
उत्तर:
अगर अशोक और पद्मा का युद्ध हो गया होता तो कल्पना किया जा सकता है कि लाखें लोग मारे जाते, लाखों घायल होते तथा अशोक और भी क्रूर हो जाता । वह बौद्ध धर्म स्वीकार नहीं करता।

Class 8 Hindi Chapter 9 Question Answer Bihar Board प्रश्न 5.
अस्त्र और शस्त्र के अंतर को लिखिए।
उत्तर:
अस्त्र-वह हथियार है जो हाथ में लेकर चलाया जाता है। जैसे-तलवार, गदा, फलसा इत्यादि । शस्त्र-वह हथियार जिसको फेंककर चलाया जाता है। जैसे-तीर, भाला, बम इत्यादि।

अशोक का शस्त्र त्याग पाठ Bihar Board प्रश्न 6.
युद्ध से हानियाँ” विषय पर अपने मित्र को एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
भागलपुर
दिनांक 12-4-2012

प्रिय मित्र
कवीन्द्र नमस्ते

मैं कुशल से हूँ। तुम भी सपरिवार कुशल होगे। आगे पत्र में युद्ध से हानियों के विषय में लिखना चाहूंगा । आज के परमाणु युग में युद्ध बहुत हानिकारक साबित होगा। युद्ध से मानव का विनाश निश्चित है । लाखों लोग निरापराध मारे जाते हैं। धन-जन की अपार हानियाँ होती है।

हमारे विचार से युद्ध से होने वाली हानियों के मद्देनजर रखते हुए युद्ध का अंत अनिवार्य है।

तुम्हारा मित्र
विजय

व्याकरण

Class 8 Hindi Chapter 9 Summary Bihar Board प्रश्न 1.
नीचे तीन वाक्य दिए गए हैं जो प्रश्नवाचक, पूर्णविराम और .. विस्मयादि स्थितियों को प्रकट करते हैं। पढ़िए और समझिए।
(क) मगध की विजय हुई है ?
(ख) मगध की विजय हुई है।
(ग) मगध की विजय हुई है,
उक्त उदाहरण के आधार पर ऐसे ही तीन वाक्यों को लिखिए।
उत्तर:

  1. रमेश संस्कृत पढ़ा है ?
  2. रमेश संस्कृत पढ़ा है।
  3. रमेश संस्कृत पढ़ा है।

Ashok Ka Shastra Tyag Question Answer Class 7 Bihar Board प्रश्न 2.
वाक्य में प्रयोग करके “शस्त्र और शास्त्र” में अन्तर स्थापित कीजिए। ”
उत्तर:

  1. शस्त्र से युद्ध होता है।
  2. शास्त्र अध्ययन योग्य है।।

गतिविधि

Hindi Class 8 Chapter 9 Bihar Board प्रश्न 1.
इस एकांकी के कुछ संवाद जोशीली आवाज में कहे गये हैं और कछ नरम आवाज में ऐसे दो-दो संवादों को लिखिए और अभिनीत कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

Bihar Board Class 8 Hindi Solution In Hindi प्रश्न 2.
किसी भी उत्सव के मौके पर इस एकांकी का मंचन कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

अशोक का शास्त्र-त्याग Summary in Hindi

स्थान : मैदान जिसमें मगध के सैनिकों का शिविर है। बीच में एक पताका पहरा रही है वहीं पर सम्राट अशोक का शिविर है। संध्या बीत चुकी है। तारे चमकने लगे हैं। दीपक जल रहे हैं। अशोक टहलते हुए दिखते हैं उनके मुख पर चिन्ता की छाया है कुछ सोचते हुए आसन पर बैठ जाते हैं।

अशोक सोचते हुए (स्वत:)-चार साल से युद्ध हो रहा है। लाखों मारे गये, लाखों घायल हुए लेकिन कलिंग नहीं जीता जा सका है।

उसी समय द्वारपाल-गुप्तचर आकर संवाद देता है कि कलिङ्ग के महाराज लड़ाई में मारे जा चुके । लेकिन कलिंग का दरवाजा अभी भी बंद है। ” अशोक उत्तेजित होकर काल स्वयं सेना का संचालन करते हैं।

मगध की सेना कलिंग के द्वार पर अस्त्र-शस्त्र से सजी हैं और सेनाओं, को कलिंग विजय या मृत्यु प्राप्त करने को ललकारते हैं। उसी समय फाटक

खुलता है, हजारों स्त्रियाँ वीर वेश में द्वार से बाहर हो मगध की सेना को चुनौतियाँ देती हैं। लेकिन सम्राट अशोक स्त्रियों पर हाथ उठाना, उससे युद्ध करना उचित नहीं मानकर शस्त्र त्याग कर युद्ध नहीं करने की प्रतिज्ञा लेते हैं।

पद्मा भी उन्हें क्षमा कर देती है। अशोक बौद्ध धर्म स्वीकार कर लेते

  • बौद्ध भिक्षु उन्हें
  • बुद्धं शरणं गच्छामि।
  • धर्मं शरणं गच्छामि।
  • संघं शरणं गच्छामि।
  • का पाठ पढ़ाया।

Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 4 Ice Cream Man

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BSEB Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 4 Ice Cream Man

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Bihar Board Class 8 English Ice Cream Man Text Book Questions and Answers

A. Warmer

Bihar Board Class 8 English Chapter 4 Question 1.
List the occasions, when you eat ice-cream ?
Answer:
In summer and in parties.

Ice Cream Man Class 8 Bihar Board Question 2.
Which ice-cream do you like most ? Name some of the flavors that you have tasted ?
Answer:
I like Vanilla Ice-cream most I also like chocolate flavor and strawberry.

Bihar Board Class 8 English Book Solution Question 3.
Where do you go to buy ice-cream ?
Answer:
I go to a ice-cream parlour to buy ice-cream. The parlour is near to my home. Ice-cream man also comes to my school. I purchase ice-cream with him too.

B. Let’s Comprehend

B. 1. Think and Tell

Ice Cream Man Chapter 4 Bihar Board Question 1.
Who sells ice-cream ?
Answer:
The ice-cream man

Bihar Board Solution Class 8 English Question 2.
Where does the ice-cream man go ?
Answer:
Street to street and near schools.

Bihar Board Class 8 English Solutions Question 3.
What does the ice-cream man have over his head ?
Answer:
Umbrella.

Bihar Board Class 8 English Solution In Hindi Question 4.
Who feels joy to see the ice-cream man ?
Answer:
Children.

B. 2. Think and Write

B. 2. 1. Answer the following questions briefly.

Class 8 English Bihar Board Question 1.
What are the buyers of ice-cream compared to in the poem ? What does the comparison suggest ?
Answer:
The buyers are compared to honeybees. The comparison suggest that they make crowd around him.

Class 8 Bihar Board English Solution Question 2.
“Beneath his round umbrella Oh, what a joyful sight”
Who says these words? Which expression suggests the attitudes of the speaker ?
Answer:
A child, the speaker of this poem says these words. The following expression suggests the attitude of the speaker “To see him fill the cones with mounds of cooling brown and white.

B. 2. 2. Answer the following questions in about 30 words.

The Ice Cream Man Question Answer Bihar Board Question 1.
Why do you feel joyful to see the ice-cream man in summer ? Give reasons.
Answer:
We feel very hot in summer. Ice-cream eating makes us cool for sometime. So, we feel joyful to see the ice-cream man in summer.

Bihar Board Class 8 English Question 2.
List different flavors of ice-cream mentioned in the poem that the ice-cream man sells. And some more to the list
Answer:
The ice-cream man sells these different flavors of ice-cream – Vanilla, Chocolate, strawberry, some more flavors are – Butter-scotch Ice-cream, mango, litchi, pine-apple flavored ice-cream etc.

C. Word Study

Bihar Board Class 8 English Solution Question 1.
Pick out the words/expressions that convey the idea of intensity of heat in summer.
Answer:
‘And brick’s blaze of heat’.

Ice Cream Man Question Answer Bihar Board Question 2.
Pick out the word that means ‘a huge amount’.
Answer:
Mounds.

Ice Cream Man Poem Translation In Hindi Bihar Board Question 3.
When you hear the words ‘winter’ and ‘summer’, what are the things that come to your mind ? Write them down in the circles.
Ice Cream Man Poem Translation In Hindi Bihar Board
Answer:
Ice Cream Man Poem Pdf Bihar Board

D. Rhyme time & Figures of Speech

D. 1. Look at the following pairs of words:
Heat-street
Sight-White

You have already been told that the pairs of words that end with a similar sound are called rhyming pairs/words.

Line circle words that rhyme with the words given in bold each box. One has been done for you.

rise:
stag – (prize) – leg – (acries)
Answer:
(prize) – (acries)

sky:
fry – dry – body – forty
Answer:
fry – dry

fight:
bought – night – right – eight
Answer:
night-right

late:
rope – rate – ripe – fate
Answer:
rate – fate

fun:
shut – man – run – sun
Answer:
run – sun

thumb:
some – lamp – dump – plum
Answer:
dump – plum

change:
orange – range – strange – sponge
Answer:
range – strange

flash:
crash – fresh – brush – clash
Answer:
crash – clash

Compose:
cross – suppose – broke – oppose
Answer:
suppose – oppose

taught:
caught – laughed – bought – bright
Answer:
caught – bought

D. 2. SIMILE

Study the following lines

“The children duster around As thick as honeybens ”
Here, children are compared to honeybens. Such obvious comparison using-‘as’ are known as similes.

Look at some more examles :
as white as snow (the colour of snow is compared to white) as red as blood (the colour of blood is compared tored) as hot as fire (the heat of fire is compared to hot).

Now complete the following similes by choosing appropriate words from the box :

(coal, elephant, statue, giraffe, sky, grass, pig, ice, banyan, cotton, diamond, honey)

  1. as blue as _________
  2. as tall as _________
  3. as green as _________
  4. as black as _________
  5. as fat as _________
  6. as hard as _________
  7. as huge as _________
  8. as sweet as _________
  9. as cool as _________
  10. as dumb as _________
  11. as old as _________
  12. as soft as _________

Answer:

  1. as blue as sky.
  2. as tall as giraffe.
  3. as green as grass.
  4. as black as coal.
  5. as fat as pig.
  6. as hard as diamond.
  7. as huge as elephant.
  8. as sweet as honey.
  9. as cool as ice.
  10. as dumb as statue.
  11. as old as banyan.
  12. as soft as cotton.

D. 3. Speak aloud the following words and notice whether you can hear the “z” sound at the end of each of these words.

blaze – roses

Question 1.
Read the poem aloud.and encircle the words which end with the sound “z”.
Answer:
Blaze, frosty – fizz, peas, honeybees.

E. Let’s Talk

Work in groups

  1. Children like to eat and drink lots of cold things in summer. Name some of them.
  2. Name some of the things that you and your friends do in the rainy season.
  3. Name some of the interesting and enjoyable things that you and your friends, do in winter.

Answer:
Anil : In summer, when it is too hot, we like to eat ice-cream, the most.
Sunil : We also like to have cold drinks.
Mohit : I prefer to lassi the most.
Anil : In rainy season we all like to play and be wet in the rain.
Sunil: Yes, I too like rain-bath.
Mohit: In the winter season we enjoy hot tea and coffee. We enjoy sitting near the fire

F. Composition

Question 1.
The Managing Committee of your school has decided to organise an inter school kabaddi tournament in your school on its Foundation Day. As the Secretary of the Sports and Games Committee of the school circulate letters of invitation to the headmasters of different schools of your locality to send their teams to take part in the tournament. Time, date, place and procedure of registration must be mentioned in it.
Answer:

March 15, 2012

High School, Jainagar

To,
The Principal,
Respected Sir,

The Managing Committee of our school has decided to -organise an Inter-school Kabaddi tournament in our school.

We would like to in form you to send your schools best team to participate in the said tournament. Please let us know your kind consideration soon.

The Kabaddi tournament will be organised on 25th May from 3 p.m. to 5.30 p.m. in our school’s campus.

Virendra Kumar
Secretary,
(Sports and Games)

G. Translation

Question 1.
Translate the poem in Hindi or your mother tongue.
Answer:
Hindi translation of the poem is given before the exercise.
Word meaning : Brick (n) [ब्रिक] = ईंट । Blaze (n) [ब्लेज] = प्रदीप्ति, आग का दहन | Cart (n) [कार्ट] = छकड़ा, दो पहियों वाली छोटी ठेलागाड़ी । Trundle (v)[ट्रन्डल] = लुढ़कना | Beneath (prep)(बीनिथ) = नीचे । Oh (interj)[ओह] = ओह । Joyfull (adj) ज्वॉयफुल) = आनन्द भरा | Sight (n) (साइट] = दृश्य । Fill (v)[फिल] = भरना । Mound (n) [माउन्ड] = ऊपर को उठा हुआ ढेर, उभार Cooling (adj) [कूलिंग 3 ठण्डा करने वाला । Vanilla (n) [वनीला] = एक प्रकार का आइसक्रीम । Drinks (n) [ड्रिंक्स] = पेय पदार्थ । Drink (v) [ड्रिंक] = पीना । Frosty-fizz (n) [फ्रॉस्टी-फिज) = शीतल पेय | Might (v) [माइट] = संभव होना । Be (v) [बी] = होना । Way (n) [वे] = तरीका । Honey bee (n) (हनीबी] = मधुमक्खी । Thick (adj) [थिक] = घना।

H. Activity

  1. Consult an encyclopedia and write down the recipe for making vanilla ice-cream/custard at home.
  2. Follow the procedure and taste the ice-cream/custard you make.

Hints: Do the activity work yourselves.

Ice Cream Man Summary in English

‘Ice-cream Man’ is a real child’s poem. The beautiful poem is penned by the English poet, Rachel Field. The poet says in this poem that in the summer season, in the city, the ice¬cream man is the most desiring person. Children gather around his cart as thick as honey bees. They ask different kinds of ice cream and cold drinks from him. In the hot summer, in the city, the ice-cream man brings some cold enjoyable moments.

Ice Cream Man Summary In Hindi

‘आइस-क्रीम मैन’ खास कर बच्चों के लिए लिखी गई कविता है । इस सुंदर कविता के कवि हैं, अंग्रेजी भाषा के कवि रैचेल फील्ड । कवि प्रस्तुत कविता में कहता है कि गर्मी के मौसम में, शहर में, आईसक्रीम वाला सबसे ज्यादा अपेक्षित व्यक्ति होता है। उसकी माँग सबसे ज्यादा होती है। बच्चे उसके ठेले के चारों ओर मधुमक्खियों की तरह झण्ड बनाकर उसके इर्द-गिर्द ‘जमा हो जाते हैं। उसके चारों ओर मँडराते रहते हैं। वे उससे भिन्न प्रकार के आइसक्रीम और शीतल पेय पदार्थों की मांग करते रहते हैं। गर्मी के मौसम में, शहर में, यह आइसक्रीम वाला ही है जो कि कुछ सहावने ठंढे आनन्द लेने वाले क्षणों को लेकर आता है।

Ice Cream Man Hindi Translation of The Chapter

Word meaning : Brick (n) [ब्रिक] = ईंट । Blaze (n) [ब्लेज] = प्रदीप्ति, आग का दहन | Cart (n) [कार्ट] = छकड़ा, दो पहियों वाली छोटी ठेलागाड़ी । Trundle (v)[ट्रन्डल] = लुढ़कना | Beneath (prep)(बीनिथ) = नीचे । Oh (interj)[ओह] = ओह । Joyfull (adj) ज्वॉयफुल) = आनन्द भरा | Sight (n) (साइट] = दृश्य । Fill (v)[फिल] = भरना । Mound (n) [माउन्ड] = ऊपर को उठा हुआ ढेर, उभार Cooling (adj) [कूलिंग 3 ठण्डा करने वाला । Vanilla (n) [वनीला] = एक प्रकार का आइसक्रीम । Drinks (n) [ड्रिंक्स] = पेय पदार्थ । Drink (v) [ड्रिंक] = पीना । Frosty-fizz (n) [फ्रॉस्टी-फिज) = शीतल पेय | Might (v) [माइट] = संभव होना । Be (v) [बी] = होना । Way (n) [वे] = तरीका । Honey bee (n) (हनीबी] = मधुमक्खी । Thick (adj) [थिक] = घना।

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Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 8 Measure for Measure

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BSEB Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 8 Measure for Measure

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Bihar Board Class 8 English Measure for Measure Text Book Questions and Answers

A. Warmer

Measure For Measure Class 8 Bihar Board Question 1.
Have you ever met or seen a person who may be excellent in certain things, but is asked to do things in which he/she has no experience ? How did he/she perform ? Were you amused/annoyed to see his/her performance Tell your classmates the lesson that you learnt from this experience.
Answer:
Yes, my father is excellent in teaching. He is a teacher in a school. He has no experience of cooking. Once, my mother was sick. My father started cooking and spoiling things. We were amused to see his bad performance in cooking.

B. 1. Think And Tell

Bihar Board Class 8 English Book Solution Question 1.
Why did the king make Raja Verma the chief minister ?
Answer:
The king was impressed by his art. So he made him the chief minister of his state.

Bihar Board Solution Class 8 English Question 2.
Whom did the elders approach to get rid of the chief minister ?
Answer:
The elders approached to Tenali Raman.

Bihar Board Class 8 English Solutions Question 3.
Why did Tenali Raman appoint a carpenter as a cook ?
Answer:
To realise the king his mistake, to appoint an artist as chief minister.

Measure For Measure Class 8 Questions And Answers Question 4.
When did the king realise his mistake ?
Answer:
When the king ate badly cooked food by a carpenter he realised his mistake.

B. 2. Think and Write

B. 2. 1 Write ‘T’ for true arid ‘F’ for false statement.

Bihar Board Class 8 English Solution In Hindi Question 1.

  1. The king was fond of games.
  2. Tenali Raman was a’ wise man.
  3. The carpepter made very delicious food for the guests.
  4. Only the king and the queen were invited for lunch.
  5. All the guests ate the dishes with much interest.

Answer:

  1. False
  2. True
  3. False
  4. False
  5. False

B. 2. 2. The following sentences of this story are in order. Arrange them in proper order.

Bihar Board Class 8 English Book Question 1.

  1. The king was very pleased with the artist when his portrait was ready.
  2. The king rewarded Raja Varma with the chief ministership.
  3. Apart from this Raja Varma drew images of famous character from Puranas, men and women.
  4. Krishna Deva Raya was known for his patronage of poets, scholars and fine arts.
  5. Overwhelmed by joy Krishna Deva Raya called the artist and asked him what he wanted.
  6. He invited a famous artist to draw’a portrait.

Answer:

  1. Krishna Deva Raya was known for his patronage of poets, scholars and fine arts.
  2. He invited a famous artist to draw a portrait.
  3. The king was very pleased with the artist when his portrait was ready.
  4. Apart from this Raja Varma drew images of famous character from Puranas, men and women.
  5. Overwhelmed by joy Krishna Deva Raya called the artist and asked him what he wanted.
  6. The king rewarded Raja Varma with the Chief minister ship.

B. 2. 3. Answer the following in about 30 words

Bihar Board Class 8 English Solutions In Hindi Question 1.
What was Krishna Deva Raya known for ?
Answer:
The king Krishna Deva Raya was fond of fine arts. He was widely known for his patronage of poets and scholars.

Measure For Measure Questions And Answers Question 2.
Why was the king very pleased with the artist when he saw his portrait ?
Answer:
The artist Raja Verma had made an excellent portrait of the king. The portrait looked very alive. So, the king was very pleased with the artist when he saw his portrait.

Class 8 English Bihar Board Question 3.
Who rewarded Raja Varma and how ?
Answer:
The king rewarded Raja Varma for making his live portrait. As a reward he made him the Chief Minister of his state.

Bihar Board Class 8 English Solution Question 4.
How was the food cooked by the carpenter ?
Answer:
The cook had prepared very bad food. The food was very hot and spicy.

B. 2. 4. Answer the following Questions in about 70 words.

Bihar Board Class 8 English Question 1.
What does the title “Measure and Measure” mean ? Do you like the title ? Give reasons in support of your answer.
Answer:
I think that the title ‘Measure for Measure’ means to do as alike as one does. I do like the title. If Tenali Raman hadn’t presented the same example before the king as he had done, the king would not be able to realise his mistake.

Bihar Board 8th Class English Book Question 2.
Did Raja Varma really feel happy to remain an artist ? Give reason for your answer.
Answer:
Raja Varma felt very happy to remain only an artist. The reason for the statement is that at last, he had self said to Tenali Raman that he was happy to be once more only an artist.

Class 8 Bihar Board English Book Question 3.
What made the people unhappy with Raja Varma’s administration ? List them and also write what they wanted the king to do.
Answer:
Raja Varma was no doubt a good artist but proved to be a bad administrator. He had no experience of the job of an administrator. His bad decisions and bad management put the state into disorder. The people wanted the king to remove the unexpierenced and inept chief minister from his port.

Bihar Board Class 8 English Book Pdf Question 4.
Could Raja Varma, in yoiir opinion, have grown into a good administrator ? Give reasons.
Answer:
Yes, Raja Varma could have grown into a good administrator. If he had got some good advisors to help him for the purpose.

Class 8 English Book Bihar Board Question 5.
What was wrong with the king rewarding Raja Varma as the chief minister ? Give reasons in support of your answer.
Answer:
Yes, the king was wrong in rewarding the artist Raja Verma as the chief minister. Experience is needed for any job. Raja Varma had no experience in this regard. So, he should not have been rewarded with the Chief Ministership.

C. Word study

C. 1. Rearrange the letters in following groups to make meaningful words.

One has been done for you.

Pypah – happy

English Class 8 Bihar Board Question 1.
(sitrat, pencarter, siminter, nemow, leepop)
Answer:
sitrat – Artist
pencarter – Carpenter
siminter – Minister
newmow – Women
leepop – People

C. 2. Correct the spellings of the following words

Question 1.
(Equaly, overwhalmed, inapt, majastry, resined)
Answer:
Incorrect spelling – Correct spelling
Equaly – Equally
Overwhalmed – Overwhelmed
In pat t – Inept
Majasty – Majesty
Resined – Resigned

C. 3. Look at the following words from the story

disorder, ‘unhappy’.

Words ‘disorder’ and ‘unhappy’, begin with the prefixes ‘dis-‘ and ‘un-‘. In English prefixes ‘dis-‘, ‘un’, ‘in-‘ ‘if, ‘im-‘, and ‘mis-‘ are used to make words which just the opposite of the actual word (antonyms).

Write the antonym of the following words by adding appropriate prefixes before them:

Question 1.
(literate, measurable, mobile, satisfy,relevant, manage, pleasant, organize,eligible, regular)
Answer:
Words – Antonyms (opposite words)

Literate – Illiterate
Measurable – Unmeasurable
Mobile – Unmobile
Satisfy – Dissatisfy
Relevant – Unrelevant
Manage – Mismanage
Pleasant – Unpleasant
Organize Disorganize
Eligible – Uneligible
Regular – Irregular

C. 4. Match the words given under ‘A’ with their meanings given under ‘B’. One has been done for you. [1. image (e) picture]

Question 1.
Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 8 Measure for Measure 1
Answer:
Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 8 Measure for Measure 2

D. Grammar

D. 1. Present Perfect Tense

We use the present perfect tense to show that an action or state started in the past- and continues to the present; e.g. Abhinav has been in Kolkata since 2001.

Forms of the present perfect tense:

I/we/You/they + have + past participle
We have seen the Golghar.
I have received your, letter.
Have you read this novel ?
He/She/It + has = past participle.
She has bought a new watch.
My English has improved a lot have/has + adverb + past participle.
I have never eaten Dosa.
She has always had a bicycle.

The difference between the simple present and the present perfect is that the simple present refers only to the present time, but the present perfect connects the past to the present (usually with for, since, always, never, etc.).

Examples:
Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 8 Measure for Measure 3

In many situations, with a present time expression (today, this week, etc.) we may use either the present perfect or the simple past. For example :

  1. (a) Ankit has eaten four mangoes today.
    (b) Ankit ate four mangoes today.
  2. (a) We have learned five new words today.
    (b) We learned five new words today.
  3. (a) Ani has been absent twice this month.
    (b) Ani was absent four times last month.

In sentences 1 (a) and 2 (a), the number may not be final. In sentences 1 (b) and 2 (b). the number may be final. In sen-tence 3 (a), the month is not finished. There is a possibility that Ani may be absent more times this month. In sentence 3 (b), last month is finished and the number four is final.

Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 8 Measure for Measure 4

Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 8 Measure for Measure 5

D. 1. 1. Fill in the blanks with the missing word (not every sentence needs a word).

Example : Anwesha has been in Delhi for two years.

  1. Have you ______ Aamir Khan’s new movie ?
  2. I have ______ many poems.
  3. She ______ been sick ______ Monday.
  4. Ayesha and Anwesha ______ known each other for many years.
  5. ______ the train ______ at the platform ?

Answer:

  1. seen
  2. read
  3. has, since
  4. have been
  5. has, arrived.

D. 1. 2. Fill in the blanks with the correct form of the verb in brackets to form the present perfect tense.

Example : Saumya has got (get) a letter from her mother.

  1. Anu _____ (send) a gift to her friend.
  2. We _____ (see) Tajmahal
  3. I _____ (read) your letter.
  4. Namita _____ (never, work) as a driver.
  5. Alok _____ (recently, pass) from college.
  6. I _____ (teach) in many schools.

Answer:

  1. has sent
  2. have seen
  3. have read
  4. has never worked
  5. has recetantly passed
  6. have teached.

D. 1. 3. Fill in the blanks with the present perfect or simple past to complete each dialogue.
Example:

A. Have you ever studied Urdu ?
B. Yes, I studied Urdu in high school.

A. I like Urdu a lot. Do you ?
B. No. 1 never studied Urdu.

Question 1.
A Have you ever ________ to Sikkim?
B. No, I never have. But I would like to go there some day.

A ________ you ever ________ to Delhi ?
B. Yes I ________ there two year ago.
Answer:
A. Have you ever been to Sikkim.
B. No, I never have. But I would like to go there some day.

A. Have you ever been to Delhi ?
B. Yes, I have been there two years ago.

Question 2.
A Have you ever broken your leg or arm ?
B. Yes, I ______ my arm when I was ten years old. I was climbing a tree when U.. (fail.).
C. Which arm ________ you ________ ?
D. I broke my left arm.
Answer:
A. Have you ever broken your leg or arm ?
B. Yes, I broke my arm when I was ten years old. I was climbing a tree when I fell down.
C. Which arm did you break ?
D. I broke my left arm.

Question 3.
A ________ you ever ________ an English movie ?
B. No, I haven’t But I ________ seen many Bengali movies.
C. I ________ never ________ a Bengali movie.
Answer:
A. Have you ever seen an English movie ?
B. No, I haven’t. But I have seen many Bengali movies.
C. I have never seen a Bengali movie.

Question 4.
A. you ever ________ to the district library ?
B. Yes, I ________ gone there many times. Last week I ________ tehre on Saturday and checked out a novel by Tagore. I have never ________ Tagore’s book in English.
C. ________ you ever” ________ his books in translation ?
D. Yes, In high school I ________ two of his novels in
Answer:
A. Have you ever gone to the district library ?
B. Yes, I have gone there many times. Last week I had been there on Saturday and checked out a novel by Tagore. I have never read Tagore’s book in English.
C. Have you ever read his books in translation ?
D. Yes, In high school I read two of his novels in Hindi.

Question 5.
A. Have your parents ever come here to visit you ?
B. No, they never came. But last year my brother came to visit me for a week.
Answer:
A. Have your parents ever come here to visit you ?
B. No, they never came. But last year my brother came to visit me for a week.

D. 2. The Past Perfect Tense

The past perfect is used to show the relationship of one past event to a later past event or time. The past perfect tense is formed with had + past participle; e.g.

He had traveled by ship before.
The winter had been very mild.
The radio had been invented in 1912.
The past perfect continuous is formed with had + been + verb-ing; e.g.
He had been travelling for three days.
The children had been studying English for six years.

Comparative statement and Question word order

STATEMENT : The train had left the station.
YES/NO Question : Had the train left the station ?
WH-Question : When had the train left the station ?

Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 8 Measure for Measure 6

Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 8 Measure for Measure 7

Answer:
1. yet, already, just for + time period, and never……….. before are often used with the past perfect to help show the time relationship of one past time or event to another.

2. the past perfect can be used with before and after, but it is not necessary because the time relationship is clear,
e.g. Before the Titanic hit the iceberg, the captain tried to turn the ship around.
OR
Before the Titanic hit the iceberg, the captain had tried to turn the ship around.

3. Either the past perfect or the simple past can be used with because when the cause and result are close in time. How-ever, if the cause and result are not close in time, usually the past perfect is used for the cause, e.g.,
I couldn’t call you because I (had) lost your phone number. There were not enough lifeboats because several had been removed.

(The past perfect is used when we look back from a time in the past. The present perfect is used when we look back from the present time.)

D. 2. 1. Fill in the blanks with the past perfect of the verb in brackets.

Example : Poor emigrants on the ship had left (leave) behind a way of life’.

  1. By 1912, the Wright brothers had ______ (already, made) a successful flight.
  2. The Titanic- had ______ (originally, have) 32 life boats.
  3. The captain of the Titanic didn’t pay attention to the warnings he ______ (receive).
  4. Passengers heard a noise but didn’t understand what ______ (happen).
  5. By 1912, the radio ______ (passive : already, in-vent).
  6. I failed the test because I ______ (be) absent for two weeks.
  7. The story of the Titanic was not new to me because I ______ (see) the movie.
  8. I didn’t recognize her because she ______ (cut) her hair.

Answer:

  1. all ready made
  2. originally
  3. had received
  4. had happened
  5. had been already invented
  6. had been absent
  7. had seen
  8. had cut.

D. 2. 2. The sentence below tell you which action happened first. Connect these sentences with by the time and already.
Example:
First: My brother and sister ate lunch.
Second : I came home from school.
By the time I came home from school, my brother and sister had already eaten lunch.

  1. First: Anu saw the movie.
    Second : Her brother saw the movie.
  2. First: He fell asleep on the sofa.
    Second : The TV serial was over.
  3. First: The building burned down.
    Second : The first fighters arrived.
  4. First: I saw the movie Titanic.
    Second : I read about the Titanic in my textbook.

Answer:

  1. By-the time Anu saw the movie, her brother had allready seen the movie,
  2. By the time he fell asleep on the sofa the TV serial had already been over.
  3. By the time the fire fighters arrived the building had already been burned down.
  4. By the time 1 saw the movie Titanic I had already read about the Titanic in my text book.

(iii) Combine the two sentences.
Example : First: They made a big mistake.
Second : They realised it later.
They realised that they had made a big mistake.

  1. First: I left my umbrella at school.
    Second : I realised this later.
  2. First: You studied Urdu when you were in Hyderabad. Second : 1. didn’t know this.
  3. First : You lived in Nepal w’hen you w’ere a child.
    Second : I didn’t know’this.

Answer:

  1. I released that I had left my Umbrella at school.
  2. I didn’t knew that you had studied Urdu when you were in Hyderabad.
  3. I didn’t knew that you lived in Nepal when you were a child.

(iv) Tell if the following had already happened yet when you came to this school.”
Example : finish secondary examination.
When 1 came to this school. I had already finished secondary examination.

(Or)

When I came to this school. I hadn’t finished secondary examination yet.

  1. buy an English dictionary.
  2. study English.
  3. know a lot about this school.

Answer:
1. When I came to this school, I had already bought an English dictionary.
OR
When I came to this school. I hadn’t bought an English dictionary.

2. When 1 came to this school, 1 had already studied English.
OR
When I came to this school, I hadn’t studied English.

3. When I came to this school, I had already known a lot about this school.
OR
When I came to this school, I hadn’t known a lot about this school.

D. Let’s Talk

Work in groups

Question 1.
Discuss why the carpenter made a mess of the food he cooked.
Answer:
Rohan : The carpenter did not know cooking.
Juli : To be a good carpenter is one thing and to be a good cook is another thing.
Anju : Yes, you both are right. The carpenter did not know cooking and made a mess of the food he cooked.

F. Translation

Translate the following passage into English.

Question 1.
पुण्यजीत एक कला प्रेमी राजा थे। वे विद्वानों एवं कवियों का आदर करते थे। वे अपनी उदारता के लिए प्रसिद्ध थे। वे उदारता में कभी-कभी भूलकर बैठते थे। एक बार उन्होंने एक गीतकार को मंत्री बना दिया । गीतकार एक अच्छा प्रशासक नहीं हो सका। लोग दु:खी हो गये। बाद में राजा को भी अपनी भूल का एहसास हुआ। अतः हमें सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए।
Answer:
Punyajeet was an art-lover king. He used to respect the scholars and poets. He was famous for his kindness. Due to his kind behaviour, sometimes he used to do mistakes. Once, he had appointed a singer as a minister. The singer couldn’t be a good administrator. People became unhappy. Later, the king too realized his mistake. So, we should take any of our decision attentively.

F. Composition

Question 1.
Write a short paragraph on the importance of wisdom.
Answer:
Importance of Wisdom Wisdom is a great quality. Only human beings possess this quality. The one who possess wisdom is praised by one and all. Tenali Raman had got wisdom. Within him. So, only he could make the king realise his mistake. In our world, many people are honoured even after many years of their death. We praise them, honour them for their wisdom.

G. Activity

Read one story of Tenali Rama’s or Birbal’s or Mulla Nasiruddin’s wisdom and humour and tell it to the class.
Answer:
Birbal Out Wits The Cheat In Emperor Akbar’s court, there was a wise minister. His name was Birbal. Akbar trusted Birbal to solve any of the state’s problem. Once a villager came to the emperor’s court. He compained that he had sold his well to a villager Gopal. But Gopal didn’t pay him for the water of the well.

The village asked for justice. He demanded that Gopal should pay for water. Birbal applied his wit. He knew that the villager was a cheat. He said to the villager that since his water was in Gopal’s well, so he should pay to Gopal for the water. The villager became afraid for paying. He asked the emperor to forgive him. Thus, Barbal applied his wit and outwitted the cheater villager.

(Tell this story to the class yourself)

Measure for Measure Summary in English

Sikkim is a tiny mountainous state. It is the least populated state of India. In 1975, Sikkim became the 22nd state of India. It has only 540, 493 inhabitants and a total area of 7,096 square kilometres.

The word ‘Sikkim’ means ‘new housed or ‘new palace’. Gangtok is the capital of Sikkim. The Tibetan name for Sikkim is ‘Denjong’ which means the ‘valley of rice’. It is a very beautiful place for tourism. It is rich and flora and fauna. Nepali is the main language of Sikkim. Here people mostly follow ‘Buddhism’. So, they mostly celebrate the festivals of buddhist. Christmas, Diwali and Dussehra are also celebrated by the people of Sikkim.

Measure for Measure Summary in Hindi

राजा कृष्णदेव राय कला प्रेमी थे और कवियों व कलाकारों को खूब मदद दिया करते थे। एक बार, एक चित्रकार राजा वर्मा ने उनकी शानदार तस्वीर बना दी। उसकी कला से खुश होकर राजा ने उसे राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया ।

राजा वर्मा को तो शासन के बारे में कुछ भी जानकारी थी नहीं। लोग उससे नाखुश रहने लगे। वे नये और गैरअनुभवी मुख्यमंत्री से राज्य को छुटकारा दिलाने के लिए कुछ उपाय करने का निवेदन लेकर तेनाली राम के पास आये । तेनाली राम ने उन्हें आश्वस्त किया कि वह इस समस्या का समाधान जल्द ही निकाल लेगा।

कुछ सप्ताह के बाद, तेनाली राम के निमंत्रण पर, राजा अपनी रानियों और कुछ दरबारियों के साथ तेनाली राम के घर पर.दोपहर का भोजन खाने के लिए आए । खाना बहुत ही तीखा बना था। राजा गुस्सा हो गया।

तेनाली राम ने राजा को बताया कि उसे एक बहुत ही शानदार बढ़ई मिला जिसे उसने रसोईए की नौकरी पर लगा दिया और खाना उसी ने बनाया है।

राजा ने हँसकर तेनाली राम का मजाक उड़ाया कि उसने एक बढ़ई को रसोईया बना दिया। तब तेनाली राम ने बड़े विनीत होकर राजा से कहा, “यदि एक कलाकार मुख्यमंत्री बन सकता है तो एक बढ़ई, रसोईया क्यों नहीं बन सकता?”

राजा को अपनी गलती का अहसास हो गया । कलाकार राजा वर्मा को. तेनाली राम के घर में घटित घटना की जानकारी हुई। उसने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बाद में, उसने तेनाली राम से कहा कि वह फिर से मात्र कलाकार बनकर बड़ा ही खुश है।

Measure for Measure Hindi Translation of The Chapter

Patronage (n) [पैट्रोनेज] = मदद, संरक्षण | Scholar (n)[स्कॉलर) = विद्वान । Equally (adv) [इक्वली] = बराबर रूप से | Fond of (phr) [फॉन्ड ऑफ] = शौकीन होना किसी चीज का । Brilliant (adj) [ब्रिलिएन्ट) = तेज, प्रतिभाशाली । Portrait (n) [पोट्रेट] = तस्वीर । Majestic (n) [मैजेस्टिक] = महाराजा । To come alive (phr) [टू कम अलाइव] = बिल्कुल सजीव-सा लगना | Apart from (phr) [अपार्ट फ्रॉम = किसी चीज से बिल्कुल अलग ।

Image (n) [इमेज] = आकृति । Skill (n) [स्किल] = कला, चतुराई | Overwhelmed (v) [ओवरव्हेल्म्ड] = अभिभूत होकर । Generous (adj) [जेनरस] = उदार, दानी। Impulse (n) [इम्पल्स] = प्रभाव | Reward (n) [रिवार्ड) = इनाम । Spur of a generous impulse (phr) [स्पर ऑफ अजेनरस इम्पल्स) = कुछ कर बैठना अचानक से परिणाम की परवाह किये बिना। Chief minister ship (n) [चीफ मिनिस्टरशिप] = मुख्यमंत्री का पद । though (adv)[दो] = यद्यपि । Whatsoever (pron) [वाटसोएवर] = जो कुछ भी । Dare (v) [डेअर) = दु:स्साहस करना । Administration (n) [एडमिनिस्ट्रेशन] = प्रशासन । Elders (adj) [एल्डर्स) = बड़े, बुजुर्ग व्यक्ति । Invited (v) [इनवाइटेड] = निमंत्रित किया । Courtier (n) [कोर्टिअर] = दरबारी । Meanwhile (adv) [मीनवाइल] = इसी बीच । Grand (adj) [ग्रैन्ड] = शानदार ।

Feast (n) [फीस्ट] = भोज । Order (n) [ऑर्डर] = आदेश | Morsel (n) [मॉर्शल] = कौर (भोजन का निवाला)। Again and again (phr) [अगेन एण्ड अगेन] = बार-बार | Tasting (v) [टेस्टिंग] = स्वाद लेना। Realised (v) [रिअलाइज्ड] = महसूस किया। Unbearably (adv) [अनबीअरेबली] = असह्य रूप से। Hot (adj) [हॉट] = (यहाँ) तीखा । Suffer (v) [सफर] = कष्ट सहना । Horrible (adj) [हॉरिबल] = बहुत खराब । Usual (adj) [यूजुअल] = सामान्य रूप से।

Humble (adj) [हम्बल]= नम्र, विनीत । Forgiveness (n)[फॉरगिवनेस] = क्षमा । Excellent (adj) [एक्सेलेन्ट] = शानदार | Loudly (adv) [लाउडली] = जोरों से । Sense (n) [सेन्स] = समझ, होना । Employed to (v) [एम्प्लॉयड टू] = काम पर लगना, नौकरी करना । Funny (adj) [फनी] = मजाकिया । Idea (n) [आइडिया) = विचार । Lord (n) [लॉर्ड] = महाराज | Atonce (phr) [एट वन्स] = अचानक । Realise (v) [रिअलाइज] = महसूस करना । Embarrassment (n) [एम्बरासमेन्ट] = अप्रिय स्थिति । Post (n) [पोस्ट] = पद। Awkward (adj) [ऑकवर्ड) = अप्रिय, खराब । Incident (n) [इन्सिडेन्ट] = घटना । Resigned (v) [रिजाइन्ड] = त्यागपत्र दे दिया। Remain (v) (रिमेन] = बने रहना । Artist (n) [आर्टिस्ट] = कलाकार ।।

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Bihar Board Class 10 History Solutions Chapter 5 अर्थव्यवस्था और आजीविका

Bihar Board Class 10 Social Science Solutions History इतिहास : इतिहास की दुनिया भाग 2 Chapter 5 अर्थव्यवस्था और आजीविका Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Social Science History Solutions Chapter 5 अर्थव्यवस्था और आजीविका

Bihar Board Class 10 History अर्थव्यवस्था और आजीविका Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

नीचे दिये गए प्रश्नों के उत्तर के रूप में चार विकल्प दिये गये हैं। जो आपको सर्वाधिक उपयुक्त लगे उनमें सही का चिह्न लगायें।

Bihar Board Solution Class 10 Social Science प्रश्न 1.
स्पिनिंग जेनी का आविष्कार कब हुआ ?
(क) 1769
(ख) 1770
(ग) 1773
(घ) 1775
उत्तर-
(ख) 1770

Bihar Board Class 10 Social Science Solution प्रश्न 2.
सेफ्टी लैम्प का आविष्कार किसने किया?
(क) जेम्स हारग्रीब्ज
(ख) जॉन के
(ग) क्राम्पटन
(घ) हम्फ्री डेवी.
उत्तर-
(घ) हम्फ्री डेवी.

Class 10th History Chapter 1 Notes Bihar Board प्रश्न 3.
बम्बई में सर्वप्रथम सूती कपड़े के मिलों की स्थापना कब हुई ?
(क) 1851
(ख) 1885
(ग). 1907
(घ) 1914
उत्तर-
(क) 1851

Bihar Board Class 10 History Chapter 1 प्रश्न 4.
1917 ई० में भारत में पहली जूट मिल किस शहर में स्थापित हुआ?
(क) कलकत्ता
(ख) दिल्ली
(ग) बम्बई
(घ) पटना
उत्तर-
(क) कलकत्ता

Bihar Board Class 10th Social Science Solution प्रश्न 5.
भारत में कोयला उद्योग का प्रारम्भ कब हुआ?
(क) 1907
(ख) 1914
(ग) 1916
(घ) 1919
उत्तर-
(ख) 1914.

Bihar Board Class 10 Geography Solutions प्रश्न 6.
जमशेदजी टाटा ने टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी की स्थापना कब की?
(क) 1854
(ख) 1907
(ग) 1915
(घ) 1919
उत्तर-
(ख) 1907

Bihar Board Class 10 History Solution प्रश्न 7.
वैज्ञानिक समाजवाद का प्रतिपादन किसने किया?
(क) राबर्ट ओवन
(ख) लुई ब्लांक
(ग) कार्ल मार्क्स
(घ) लाला लाजपत राय
उत्तर-
(ग) कार्ल मार्क्स

प्रश्न 8.
इंगलैंड में सभी स्त्री एवं पुरुषों को वयस्क मताधिकार कब प्राप्त हुआ?
(क) 1838
(ख) 1881
(ग) 1885
(घ) 1932
उत्तर-
(ग) 1885

प्रश्न 9.
‘अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन काँग्रेस’ की स्थापना कब हुई?
(क) 1848
(ख) 1881
(ग) 1885
(घ) 1920
उत्तर-
(घ) 1920

प्रश्न 10.
भारत के लिए पहला फैक्ट्री एक्ट कब पारित हुआ?
(क) 1838
(ख) 1858
(ग) 1881
(घ) 1911
उत्तर-
(ग) 1881

निम्नलिखित में रिक्त स्थानों को भरें:

प्रश्न 1.
सन् 1838 ई. में………..चार्टिस्ट आन्दोलन की शुरूआत हुई।
उत्तर-
लंदन म

प्रश्न 2.
सन्…………. में मजदूर संघ अधिनियम पारित हुआ।
उत्तर-
1926

प्रश्न 3.
न्यूनतम मजदूरी कानून, सन् ……….ई. में पारित हुआ।
उत्तर-
1948

प्रश्न 4.
अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक संघ की स्थापना…………….ई. में हुई।
उत्तर-
1920

प्रश्न 5.
प्रथम फैक्ट्री एक्ट में महिलाओं एवं बच्चों की…………………एवं………………….. को निश्चित किया
उत्तर-
आयु, काम का घंटा

सुमेलित करें
Bihar Board Class 10 History Solutions Chapter 5 अर्थव्यवस्था और आजीविका - 2
उत्तर-
1. (ङ), 2. (घ), 3. (ख), 4. (ग), 5. (क)।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (20 शब्दों में उत्तर दें)

प्रश्न 1.
फैक्ट्री प्रणाली के विकास के किन्हीं दो कारणों को बतायें।
उत्तर-
(i) मशीनों एवं नये-नये यंत्रों का आविष्कार।
(ii) मानव की आवश्यकता।

प्रश्न 2.
बुर्जुआ वर्ग की उत्पति कैसे हुई ?
उत्तर-
औद्योगिकीकरण के फलस्वरूप ब्रिटिश सहयोग से भारत के उद्योग में पूँजी लगाने वाले उद्योगपति पूँजीपति बन गए। अतः समाज में तीन वर्गों का उदय हुआ- पूँजीपति, बुर्जुआ वर्ग (मध्यम वर्ग) एवं मजदूर वर्ग।

प्रश्न 3.
अठारहवीं शताब्दी में भारत के मुख्य उद्योग कौन-कौन से थे?
उत्तर-
भारतीय हस्तकला, शिल्प उद्योग।

प्रश्न 4.
निरुद्योगीकरण से आपका क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
कल कारखानों की स्थापना के बाद भारत में कुटीर उद्योग बन्द होने की कगार पर पहुँच गया? जिसे इतिहासकारों ने निरुद्योगीकरण की संज्ञा दी है।

प्रश्न 5.
औद्योगिक आयोग की नियुक्ति कब हुई ? इसके क्या उद्देश्य थे?
उत्तर-
सन् 1916 में औद्योगिक आयोग की स्थापना हुई जिसका उद्देश्य था भारतीय उद्योग तथा व्यापार के भारतीय वित्त से संबंधित प्रयत्नों के लिए सहायक क्षेत्रों का पता लगाना।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (60 शब्दों में उत्तर दें)

प्रश्न 1.
औद्योगीकरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कृषि क्षेत्र में एवं उद्योग जगत में नई-नई मशीनों को स्थापित करना तथा कल कारखाने स्थापित करना औद्योगीकरण कहलाता है। और इसके कारण मनुष्य के आर्थिक और सामाजिक जीवन में हुए परिवर्तन को औद्योगिक क्रांति कहते हैं।

प्रश्न 2.
औद्योगीकरण ने मजदूरों की आजीविका को किस तरह प्रभावित किया ?
उत्तर-
साधारणतया औद्योगीकरण ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें उत्पादन मशीनों द्वारा कारखानों में होता है जिससे मजदूरों की आजीविका पर बुरा प्रभाव पड़ने लगता हैं क्योंकि मशीनों को संचालित करने के लिए कम संख्या में एवं विशेष मजदूरों की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 3.
स्लम पद्धति की शुरुआत कैसे हुई?
उत्तर-
औद्योगीकरण के फलस्वरूप जब मिल मालिकों द्वारा मजदूरों का शोषण होने लगा तो उनकी स्थिति दयनीय होती गयी जिससे वे सुविधाविहीन घरों में रहने को बाध्य हो गये, जिसे ‘स्लम कहा जाने लगा।

प्रश्न 4.
न्यूनतम मजदूरी कानून कब पारित हुआ और इसके क्या उद्देश्य थे?
उत्तर-
न्यूनतम मजदूरी कानून 1948 में पारित हुआ जिसके द्वारा कुछ उद्योगों में मजदूरी की दरें निश्चित की गई और कहा गया कि मजदूरी ऐसी होनी चाहिए जिससे मजदूर केवल अपना ही गुजारा न कर सके, बल्कि इससे कुछ और अधिक हो, ताकि वह अपनी कुशलता को भी बनाये रख सके।

प्रश्न 5.
कोयला एवं लौह उद्योग ने औद्योगीकरण को गति प्रदान की। कैसे?
उत्तर-
कोयला एवं लोहा दोनों को औद्योगीकरण प्रक्रिया की रीढ़ माने जाते हैं क्योंकि कोयला ईंधन की जरूरत को पूरा करता है और लोहा मशीनों के निर्माण में काम आता है। और कोई भी कारखाना बिना इंधन और मशीन के नहीं चल सकता। अतः कोयला एवं लोहा उद्योग
औद्योगीकरण की गति को तीव्रता प्रदान करता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें)

प्रश्न 1.
औद्योगीकरण क कारणों का उल्लेख करें।
उत्तर-
औद्योगीकरण के कारण निम्न हैं

  • आवश्यकता आविष्कार की जननी-नई-नई आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए तत्कालीन समय में उद्योगों का विकास प्रारंभ हुआ।
  • नये-नये मशीनों का आविष्कार-18वीं शताब्दी के उतरार्द्ध में ब्रिटेन में नये-नये यंत्रों एवं मशीनों के आविष्कार ने उद्योग जगत में ऐसी क्रांति का सूत्रपात किया, जिससे औद्योगीकरण एवं उपनिवेशवाद दोनों का मार्ग प्रशस्त हुआ।
  • कोयले एवं लोहे की प्रचुरता–किसी भी उद्योग की प्रगति कोयले एवं लोहे के उद्योग पर बहुत अधिक निर्भर करती है। ब्रिटेन में लोहे एवं कोयले की खानें थीं जिससे औद्योगीकरण
    को बढ़ावा मिला।
  • फैक्ट्री प्रणाली की शुरूआत-मशीनों एवं नये-नये यंत्रों के आविष्कार ने फैक्ट्री प्रणाली को विकसित किया, फलस्वरूप उद्योग तथा व्यापार के नये-नये केन्द्रों का जन्म हुआ।
  • सस्ते श्रम को उपलब्धता–18वीं शताब्दी के अन्तिम वर्षों में बड़ाबन्दी प्रथा की शुरूआत हुई, जिसमें जमींदारों ने छोटे-छोटे खेतों को खरीदकर बड़े-बड़े फार्म स्थापित कर लिये। अपनी जमीन बेच देने वाले छोटे किसान मजदूर बन गए। ये आजीविका उपार्जन के लिए काम धंधों की खोज में निकटवर्ती शहर चले गए। इस तरह मशीनों द्वारा फैक्ट्री में काम करने के लिए असंख्य मजदूर कम मजदूरी पर भी तैयार हो जाते थे। सस्ते श्रम ने उत्पादन के क्षेत्र में सहायता पहुँचाई।
  • यातायात की सुविधा-फैक्ट्री में उत्पादित वस्तुओं को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाने तथा कच्चा माल को फैक्ट्री तक लाने के लिए ब्रिटेन में यातायात की अच्छी सुविधा उपलब्ध थी। जहाजरानी उद्योग में यह विश्व में अग्रणी देश था और सभी देशों के सामानों का आयात निर्यात मुख्यतः ब्रिटेन के व्यापारिक जहाजी बेड़े से ही होता था, जिसका आर्थिक लाभ औद्योगीकरण की गति को तीव्र करने में सहायक बना।
  • विशाल औपनिवेशक स्थिति-औद्योगीकरण की दिशा में ब्रिटेन द्वारा स्थापित विशाल उपनिवेशों ने भी योगदान दिया। इन उपनिवेशों से कच्चा माल सस्ते दामों में प्राप्त करना तथा उत्पादित वस्तुओं को वहाँ के बाजारों में महंगे दामों पर बेचना ब्रिटेन के लिए आसान था।

प्रश्न 2.
औद्योगीकरण के परिणामस्वरूप होनेवाले परिवर्तनों पर प्रकाश डालें।
उत्तर-

  • नगरों का विकास-सन् 1850 से 1950 ई. के बीच भारत में वस्त्र उद्योग, लौह उद्योग, सीमेन्ट उद्योग, कोयला उद्योग जैसे कई उद्योगों का विकास हुआ। जिससे जमशेदपुर, सिन्दरी, धनबाद, डालमिया नगर इत्यादि नये व्यापारिक नगरों का विकास हुआ।
  • कुटीर उद्योग का पतन जैसे-जैसे बड़े-बड़े मशीनों और यंत्रों का विकास हुआ वैसे-वैसे शिल्प उद्योग, बुनकर उद्योग इत्यादि कुटीर उद्योगों का पतन हो गया।
  • साम्राज्यवाद का विकास औद्योगीकरण के परिणाम-स्वरूप बड़े पैमाने पर उत्पादन होना शुरू हुआ, जिसकी खपत के लिए यूरोप में उपनिवेशों की होड़ शुरू हो गयी और आगे चलकर इस उपनिवेशवाद ने साम्राज्यवाद का रूप ले लिया।
  • समाज में वर्ग विभाजन एवं बुर्जुआ वर्ग का उदय औद्योगीकरण के फलस्वरूप ब्रिटिश सहयोग से भारत के उद्योग में पूंजी लगाने वाले उद्योगपति पूँजीपति बन गये। अतः समाज में तीन वर्गों का उदय हुआ – पूँजीपति वर्ग, बुर्जुआ (मध्यम) वर्ग एवं मजदूर (वर्ग)।
  • फैक्ट्री मजदूर वर्ग का जन्म बड़े-बड़े उद्योगों में कार्य करने वाले मजदूरों का उद्योगपतियों द्वारा शोषण होने लगा जिससे उनका जीवन स्तर काफी निम्न होता गया, फलस्वरूप मजदूर वर्ग का जन्म हुआ।
  • स्लम पद्धति की शुरूआत छोटे-छोटे घरों में जहाँ किसी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं थी, वहाँ मजदूर वर्ग के लोग रहने को बाध्य थे, ऐसे ही घरों को स्लम कहा जाता है।

प्रश्न 3.
उपनिवेशवाद से आप क्या समझते हैं ? औद्योगीकरण ने उपनिवेशवाद को जन्म दिया। कैसे?
उत्तर-
उपनिवेशवाद की व्याख्या विभिन्न कालों में विभिन्न विद्वानों द्वारा भिन्न-भिन्न प्रकार से की गई है। पर, इतिहास की दृष्टि से उन्नत एवं शक्तिशाली देशों द्वारा पिछड़े और निर्बल देशों के राजनीतिक तथा आर्थिक आधिपत्य की स्थिति को उपनिवेशवाद कहते हैं।

जैसे ही इंगलैंड में औद्योगीकरण हुआ वैसे ही वहाँ बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों की स्थापना होने लगी और कारखानों में विभिन्न प्रकार के औद्योगिक वस्तुओं का उत्पादन होने लगा। इन वस्तुओं की खपत के लिए उसे विस्तृत बाजार की आवश्यकता पड़ी। व्यापारिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए उसने विभिन्न देशों की ओर रुख किया। संसाधनों की प्रचुरता ने उसे भारत की तरफ व्यापार करने के लिए आकर्षित किया। धीरे-धीरे उसने भारत में शक्ति का प्रयोग कर अपने उपनिवेश की स्थापना कर ली। इस प्रकार उपनिवेशवाद का जन्म हुआ। अन्य देशों जैसे पुर्तगाल, फ्रांस, अमेरिका इत्यादि देशों ने भी इसी प्रकार से अपने उपनिवेशों की स्थापना की।

प्रश्न 4.
कुटीर उद्योग के महत्व एवं उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
कम पूँजी में घरेलू स्तर पर स्थापित उद्योग को कुटीर उद्योग कहते हैं। कुटीर उद्योग किसी भी राष्ट्र के विकास में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि इसमें देश की अधि कांश आबादी की भागीदारी होती है। इसमें किसी विशेष तकनीकी जानकारी की आवश्यकता नहीं होती। इसमें श्रम, पूँजी और समय तीनों कम लगते हैं तथा घर बैठे लोग अपना-अपना काम पर लेते हैं। इसका सबसे महत्वपूर्ण तो यह है कि इसमें घरेलू महिलाओं का योगदान भी सराहनीय होता है। कुटीर उद्योग के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं -सूत कताई, बुनाई, उनका रंग रोगन करना, अचार बनाना, पापड़ बनाना, सिलाई कढ़ाई करना इत्यादि। भारत में औद्योगीकरण के पूर्व कुटीर उद्योग काफी विकसित था परन्तु औद्योगीकरण के बाद उन्हें कच्चे माल के लाले पड़ने लगे और धीरे-धीरे यह मृतप्राय हो गया।

कुटीर उद्योग की उपयोगिता निम्नलिखित है-

  • यह मध्यम एवं निम्नवर्ग के अधिकांश लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है।
  • यह घरेलू महिलाओं को भी रोजगार का अवसर प्रदान करता है।
  • इसमें रोजगार के तलाश में जाने वाले लोगों के पलायन को रोकने में सहायता मिलती है।
  • यह सामाजिक आर्थिक प्रगति व संतुलित क्षेत्रवार विकास के लिए एक शक्तिशाली औजार का कार्य करता है।
  • यह कौशल में वृद्धि, उद्यमिता में वृद्धि तथा उपयुक्त तकनीक का बेहतर प्रयोग सुनिश्चित करता है।

प्रश्न 5.
औद्योगीकरण ने सिर्फ आर्थिक ढाँचे को ही प्रभावित नहीं किया बल्कि राजनैतिक परिवर्तन का भी मार्ग प्रशस्त किया। कैसे?
उत्तर-
औद्योगीकरण ने आर्थिक ढाँचे को तो परिवर्तित किया ही बल्कि राजनैतिक परिवर्तन का भी मार्ग प्रशस्त किया, क्योंकि औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप कुलीनता का गौरव समाप्तः हो गया। श्रमजीवियों को जमींदारों के शोषण से मुक्ति मिल गई। नए उद्योग-केन्द्रों में उनकी स्थिति पहले से अच्छी थी और उनकी आय भी बढ़ गई थी। उनके जीवनस्तर में भी परिवर्तन हो गया था। शहरों में ऊँच-नीच का भेदभाव नहीं था। इस तरह, व्यक्ति का महत्व बढ़ गया और लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता भी बढ़ गई।

मिल-मालिक मजदूरों के शोषण के द्वारा अपनी पूँजी बढ़ा रहे थे। अतः मजदूर अपनी संगठन तथा ट्रेड यूनियन बनाकर और हड़ताल करके वे मिल-मालिकों को अपनी मांग पूरी करने के लिए विवश करने लगे। इससे लोगों में नेतृत्व क्षमता का विकास होने लगा।

औद्योगिक क्रांति के कारण समाज में पूँजीवाद का विकास हुआ। फलतः समाज में पूँजीपति वर्ग का प्रादुर्भाव हुआ। पूँजीपतियों ने शासन और राजनीति को प्रभावित किया। पूँजीवाद से ही साम्राज्यवाद का जन्म हुआ। यूरोपीय राष्ट्रों के द्वारा एशिया, अमेरिका, अफ्रीका के महादेशों में उपनिवेश स्थापित किए गए। यूरोपीय देशों में ही नहीं, बल्कि सारे विश्व में साम्राज्यवादी होड़ के कारण अशांति एवं संघर्ष का वातावरण उत्पन्न हो गया। प्रथम एवं द्वितीय विश्वयुद्ध इसी व्यवस्था का अभिशाप था जिसने विश्व की राजनीति को काफी प्रभावित किया।

Bihar Board Class 10 History अर्थव्यवस्था और आजीविका Additional Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
फ्लाईंग शटल का आविष्कार किसने किया ?
उत्तर-
जॉन के।

प्रश्न 2.
वाष्पचालित रेल इंजन का आविष्कार किसने किया?
उत्तर-
जॉर्ज स्टीफेंशन ने।

प्रश्न 3.
ईस्ट इंडिया कंपनी ने गुमाश्तों को क्यों बहाल किया ?
उत्तर-
बुनकरों पर नियंत्रण रखने के लिए।

प्रश्न 4.
जमशेदपुर में पहला लौह इस्पात संयंत्र किसने स्थापित किया ?
उत्तर-
जे. एन. टाटा ने (1912)।

प्रश्न 5.
आदि औद्योगीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
यूरोप और इंगलैंड में कारखानों में उत्पादन होने के पूर्व की स्थिति को आदि-औद्योगीकरण कहते हैं।

प्रश्न 6.
चार्टर एक्ट का भारतीय व्यापार पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
चार्टर एक्ट (1813) के द्वारा भारतीय व्यापार पर से ईस्ट इंडिया कंपनी का एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया।

प्रश्न 7.
कलकत्ता में पहली जूट मिल किसने स्थापित की।
उत्तर-
हुकुम चन्द ने।

प्रश्न 8.
उत्पादन अपने उत्पादों का प्रचार करने के लिए कौन साधन अपनाते थे?
उत्तर-
उत्पादक अपने उत्पादों का प्रचार करने के लिए अपने सामानों पर लेबल लगाते थे। लेबलों से उत्पाद की गुणवत्ता स्पष्ट होती थी। 19वीं सदी के अंतिम चरण से उत्पादकों ने अपने-अपने उत्पाद के प्रचार के लिए आकर्षक कैलेंडर छपवाने आरंभ किए।

प्रश्न 9.
वर्तमान समय में भारत में कितने स्टील प्लांट हैं ? ।
उत्तर-
वर्तमान समय में भारत में 7 स्टील प्लांट कार्यरत हैं।

प्रश्न 10.
पहली देशी जूट मिल कहाँ स्थापित हुई ?
उत्तर-
पहली जूट मिल बंगाल के रिशरा नामक स्थान में 1855 में खोली गई।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर –

प्रश्न 1.
जॉबर कौन थे ?
उत्तर-
कारखानों तथा मिलों में मजदूरों और कामगारों की नियुक्ति का माध्यम जॉबर होते थे। प्रत्येक मिल मालिक जॉबर को नियुक्त करते थे। यह मालिक का पुराना तथा विश्वस्त कर्मचारी होता था। वह आवश्यकतानुसार अपने गाँव से लोगों को लाता था और उन्हें कारखानों में नौकरी दिलवाता था। मजदूरों को शहर में रहने और उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने का काम जॉबर ही करते थे।

प्रश्न 2.
ब्रिटेन में महिला कामगारों ने स्पिनिंग जेनी पर क्यों हमले किए ?
उत्तर-
बेरोजगारी की आशंका से मजदूर कारखानेदारी एवं मशीनों के व्यवहार का विरोध कर रहे थे। इसी क्रम में ऊन उद्योग में स्पिनिंग जेनी मशीन का जब व्यवहार होने लगा तब इस उद्योग में लगी महिलाओं ने इसका विरोध आरंभ किया। उन लोगों को अपना रोजगार छिनने की आशंका दिखाई पड़ने लगी। अतः ब्रिटेन की महिला कामगारों ने स्पिनिंग जेनी मशीनों पर आक्रमण कर उन्हें तोड़ना आरंभ किया।

प्रश्न 3.
लंदन को फिनिशिंग सेंटर’ क्यों कहा जाता था?
उत्तर-
इंगलैंड के कपड़ा व्यापारी वैसे लोगों से जो रेशों के हिसाब से ऊन छांटते थे। (स्टेप्लसे) ऊन खरीदते थे। इस ऊन को वे सूत कातने वालों तक पहुँचाते थे। तैयार धागा वस्त्र बुनने वालों, चुन्नटो के सहारे कपड़ा समेटने वालों (पुलजे) और कपड़ा रंगने वालों (रंग साजों) के पास ले जाया जाता था। रंगा हुआ वस्त्र लंदन पहुँचता था। जहाँ उसकी फिनिशिंग होती थी। इसलिए लंदन को फिनिशिंग सेंटर कहा जाता था।

प्रश्न 4.
इंगलैंड ने अपने वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए क्या किया?
उत्तर-
इंगलैंड में यांत्रिक युग का आरंभ सूती वस्त्र उद्योग से हुआ। 1773 में लंकाशायर के वैज्ञानिक जान के वे फ्लाइंग शट्ल नामक मशीन बनाई। इससे बुनाई की रफ्तार बढ़ी तथा सूत की माँग बढ़ गई। 1765 में ब्लैकबर्न के जेम्स हारग्रीज ने स्पिनिंग जेनी बनाई जिससे सूत की कताई आठ गुना बढ़ गई। रिचर्ड आर्कराइट ने सूत कातने के लिए स्पिनिंग फ्रेम का आविष्कार किया जिससे अब हाथ से सूत कातने का काम बंद हो गया। क्रॉम्पटन ने स्पिनिंग म्युल नामक मशीन बनाई। इन मशीनों के आधार पर इंगलैंड में कम खर्च में ही बारीक सूत अधिक मात्रा में बनाए जाने लगे। इससे वस्त्र उद्योग में क्रांति आ गई। इन संयंत्रों की सहायता से इंगलैंड में वस्त्र उद्योगों को बढ़ावा मिला तथा 1820 तक इंगलैंड सूती वस्त्र उद्योगों का प्रमुख केन्द्र बन गया।

प्रश्न 5.
भारत में निरुद्योगीकरण क्यों हुआ?
उत्तर-
भारत इंगलैंड का सबसे महत्वपूर्ण उपनिवेशों में से श्रम था। सरकार ने भारत से कच्चे , माल का आयात और इंगलैंड के कारखानों से तैयार माल का भारत में निर्यात करने की नीति
अपनाई। इसके लिए सुनियोजित रूप स भारतीय उद्योगों विशेषतः वस्त्र उद्योग को नष्ट कर दिया गया। 1850 के बाद अंगरेजी सरकार की औद्योगिक नीतियाँ मुक्त व्यापार की नीति, भारतीय
वस्तुओं के निर्यात पर सीमा और परिवहन शुल्क लगाने, रेलवे, कारखानों में अंगरेजी पूंजी निवेश, भारत में अंगरेजी आयात का बढ़ावा देने इत्यादि के फलस्वरूप भारतीय उद्योगों का विनाश हुआ। कारखानों की स्थापना की प्रक्रिया बढ़ी जिससे देशी उद्योग अपना महत्व खोने लगे। इससे भारतीय उद्योगों का निरूद्योगीकरण हुआ।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
19वीं शताब्दी में यरोप में कुछ उद्योगपति मशीनों के बजाए हाथ से काम करनेवाले श्रमिकों को प्राथमिकता देते थे। इसका क्या कारण था?
उत्तर-
19वीं शताब्दी में औद्योगीकरण के बावजूद हाथ से काम करनेवाले श्रमिकों की मांग बनी रही। अनेक उद्योगपति मशीनों के स्थान पर हाथ से काम करनेवाले श्रमिकों को ही प्राथमिकता देते थे। इसके प्रमुख निम्नलिखित कारण थे-

(i) इंगलैंड में कम मजदूरी पर काम करनेवाले श्रमिक बड़ी संख्या में उपलब्ध थे। उद्योगपतियों को इससे लाभ था। मशीन लगाने पर आनेवाले खर्च से कम खर्च पर ही इन श्रमिकों से काम करवाया जा सकता था। इसलिए उद्योगपतियों ने मशीन लगाने ‘ में अधिक उत्साह नहीं दिखाया।

(ii) मशीनों को लगवाने में अधिक पूंजी की आवश्यकता थी। साथ ही मशीन के खराब होने पर उसकी मरम्मत कराने में अधिक धन खर्च होता था। मशीनें उतनी अच्छी नहीं थी, जिसका दावा आविष्कारक करते थे।

(iii) एक बार मशीन लगाए जाने पर उसे सदैव व्यवहार में लाना पड़ता था, परंतु श्रमिकों की संख्या आवश्यकतानुसार घटाई-बढ़ाई जा सकती थी। मौसमी आधार पर श्रमिकों की संख्या की आवश्यकता पड़ती थी। उदाहरण के लिए इंगलैंड में जाड़े के मौसम में गैस घटों और शराबखानों में अधिक काम रहता था। बंदरगाहों पर जाड़ा में ही जहाजों की मरम्मत तथा सजावट का काम किया जाता था। क्रिसमस के अवसर पर बुक बाइंडरों और प्रिटरों को अतिरिक्त श्रमिकों की जरूरत पड़ती थी। उद्योगपति मौसम के अनुसार उत्पादन में कमी-बेशी को ध्यान में रखकर आसानी से मजदूरों की संख्या घटा-बढ़ा सकते थे। इसलिए उद्योमपति मशीनों के व्यवहार से अधिक हाथ से काम करनेवाले मजदूरों को रखना ज्यादा पसंद करते थे।

(iv) विशेष प्रकार के सामान सिर्फ कुशल कारीगर ही हाथ से बना सकते थे। मशीन विभिन्न डिजाइन और आकार के सामान नहीं बना सकते थे।

(v) विक्टोरियाकालीन ब्रिटेन में हाथ से बनी चीजों की बहुत अधिक मांग थी। हाथ से बने सामान परिवष्कृत, सुरुचिपूर्ण, अच्छी फिनिशवाली, बारीक डिजाइन और विभिन्न आकार की होती थी। कुलीन वर्ग इसकी उपयोग करना गौरव की बात मानते थे। इसलिए आधुनिकीकरण के युग में मशीनों के व्यवहार के बावजूद हाथ से काम करनेवाली श्रमिकों की मांग बनी रही।

प्रश्न 2.
18वीं शताब्दी तक अंतराष्ट्रीय बाजार में भारतीय वस्त्रों की माँग बने रहने का क्या कारण था?
उत्तर-
प्राचीन काल से ही भारत का वस्त्र उद्योग अत्यंत विकसित स्थिति में था। यहाँ विभिन्न प्रकार के वस्त्र बनाए जाते थे। उनमें महीन सूती (मलमल) और रेशमी वस्त्र मुख्य थे। उनकी माँग अंतर्राष्ट्रीय बाजार में काफी थी। कंपनी सत्ता की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण के आरंभिक चरण तक भारत के वस्त्र निर्यात में गिरावट नहीं आई। भारतीय वस्त्रों की मांग अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बनी हुई थी जिसका मुख्य कारण था कि ब्रिटेन में वस्त्र उद्योग उस समय तक विकसित स्थिति में नहीं पहुंचा था। एक अन्य कारण यह था कि जहाँ अन्य देशों में मोटा सूत बनाया जाता था, वहीं भारत में महीन किस्म का सूत बनाया जाता था जिससे महीन सूती वस्त्र बनाया जाता था। ” इसलिए आर्मीनियम और फारसी व्यापारी पंजाब, अफगानिस्तान, पूर्वी फारस और मध्य एशिया के मार्ग से भारतीय सामान ले जाकर इसे बेचते थे। महीन कपड़ो के धान ऊँट की पीठों पर लादकर पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत से पहाड़ी दरों और रेगिस्तानों के पार ले जाए जाते थे। मध्य एशिया में इन्हें यूरोपीय मंडियों में भेजा जाता था।

प्रश्न 3.
ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय बुनकरों से सूती और रेशमी वस्त्र की नियमित आपूर्ति के लिए क्या व्यवस्था की ?
उत्तर-
बंगाल में राजनीतिक सत्ता की स्थापना के पहले ईस्ट इंडिया कंपनी को भारतीय बुनकरों से कपड़ा प्राप्त कर उनका निर्यात करने में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। बुनकरों से वस्त्र प्राप्त करने के लिए यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों में प्रतिद्वंद्विता होती थी। इसका लाभ स्थानीय व्यापारी भी उठाते थे। बुनकरों से वस्त्र खरीदकर वे ऊंची कीमत देनेवाली कंपनी को बेचते थे। कंपनी राज्य की स्थापना से परिदृश्य बदल गया। सूती वस्त्र उद्योग में व्याप्त प्रतिद्वंद्विता को समाप्त कर उसपर अपना एकाधिकार स्थापित करने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी ने नियंत्रण एवं प्रबंधन की नई नीति अपनाई जिससे उसे वस्त्र की आपूर्ति लगातार होती रही। इसके लिए कंपनी ने निम्नलिखित कदम उठाए
(i) गुमाश्तो की नियुक्ति कपड़ा व्यापार परं एकाधिकार स्थापित करने के लिए बिचौलियों को समाप्त करना एवं बुनकरों पर सीधा नियंत्रण रखना आवश्यक था। इसके लिए कंपनी ने अपने नियमित कर्मचारी नियुक्त किए जो गुमाश्ता कहे जाते थे। इनका मुख्य काम बुनकरों पर नियंत्रण रखना, उनसे कपड़ा इकट्ठा करना तथा बुने गए वस्त्रों की गुणवत्ता का जांच करना था।

(ii) बुनकरों की पेशगी की व्यवस्था बुनकरों से स्वयं तैयार सामान प्राप्त करने के लिए कंपनी ने उन्हें अग्रिम राशि या पेशगी देने की नीति अपनाई। अग्रिम राशि प्राप्त कर बुनकर अब सिर्फ कंपनी के लिए ही वस्त्र तैयार कर सकते थे। वे अपना माल कंपनी के अतिरिक्त अन्य किसी कम्पनी या व्यापारी को नहीं बेच सकते थे। बुनकरों को कच्चा माल खरीदने के लिए ऋण भी उपलब्ध कराया गया। अग्रिम राशि और कर्ज से कपड़ा तैयार कर बुनकरों को माल गुमाश्तों को सौंपना पड़ा।

प्रश्न 4.
प्रथम विश्वयुद्ध के समय भारत का औद्योगिक उत्पादन क्यों बढ़ा? व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
प्रथम विश्वयुद्ध तक भारत का औद्योगिक उत्पादन की धीमा रहा। परंतु युद्ध के दौरान और उसके बाद भारत का औद्योगिक उत्पादन में काफी तेजी आई जिसके निम्नलिखित प्रमुख कारण थे

(i) प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटेन में सैनिक आवश्यकता के अनुरूप अधिक सामान बनाए जाने लगे जिससे मैनचेस्टर में बनने वाले वस्त्र उत्पादन में गिरावट आई। इससे भारतीय उद्यमियों को अपने बनाए गए वस्त्र की खपत के लिए देश में ही बहुत बड़ा बाजार मिल गया। फलतः सूती वस्त्रों का उत्पादन तेजी से बढ़ा।

(ii) विश्वयुद्ध के लम्बा खींचने पर भारतीय उद्योगपतियों ने भी सैनिकों की आवश्यकता के लिए सामान बनाकर मुनाफा कमाना आरंभ कर दिया। सैनिकों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए देशी कारखानों में भी सैनिकों के लिए वर्दी, जूते, जूट की बोरियाँ, टेन्ट, जीन इत्यादि बनाए जाने लगे। इससे देशी कारखानों में उत्पादन बढ़ा।

(iii) युद्धकाल में कारखानों में उत्पादन बढ़ाने के अतिरिक्त अनेक नये कारखाने खोले गए। मजदूरों की संख्या में भी वृद्धि की गई। इनके कार्य करने की अवधि में भी बढ़ोतरी हुई। फलस्वरूप प्रथम विश्वयुद्ध के समय भारत का औद्योगिक उत्पादन ये तेजी से वृद्धि हुई।

Bihar Board Class 10 History अर्थव्यवस्था और आजीविका Notes

  • औद्योगिकीकरण के कारण –
    • आवश्यकता आविष्कार की जननी
    • नये-नये मशीनों का आविष्कार
    • कोयले एवं लोहे की प्रचुरता
    • फैक्ट्री प्रणाली की शुरूआत
    • सस्ते श्रम की उपलब्धता
    • यातायात की सुविधा
    • विशाल औपनिवेशिक स्थिति
  • 18वीं शताब्दी के उतरार्द्ध में ब्रिटेन ने नये-नये यंत्रों एवं मशीनों के आविष्कार ने उद्योग जगत में ऐसी क्रांति का सूत्रपात किया, जिससे औद्योगिकीकरण एवं उपनिवेशवाद दोनों का मार्ग प्रशस्त हुआ।
  • सन् 1769 में जेम्सवाट ने वाष्प इंजन का आविष्कार किया।
  • सन् 1815 में हम्फ्री डेवी ने खानों में काम करने के लिए एक सेफ्टी लैम्प का और इसी वर्ष हेनरी वेसेमर ने एक शक्तिशाली भट्ठी को विकसित करके लौह उद्योग को और भी बढ़ाने में सहायता की।
  • भारत में कारखानों की स्थापना 1850 के बाद होने लगी, इसके बाद भारत में कुटीर उद्योग बन्द होने लगे। भारतीय इतिहासकारों ने इसे भारत के लिए निरूद्योगीकरण की संज्ञा दी।
  • सर्वप्रथम सूती कपड़े की मिल 1851 में बम्बई में स्थापित की गयी।
  • 1869 में स्वेनजहर के खुल जाने से बम्बई के बन्दरगाह पर इंगलैंड से आने वाला सूती कपड़ों का आयात बढ़ने लगा।
    Bihar Board Class 10 History Solutions Chapter 5 अर्थव्यवस्था और आजीविका - 1
  • सूती वस्त्र उद्योग ब्रिटेन का सबसे बड़ा उद्योग 19वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध तक बन चुका था।
  • लिवरपुल स्थित लंकाशायर सूती वस्त्र उद्योग का बड़ा केन्द्र बन गया।
  • 1805 के बाद न्यू साउथ वेल्स ऊन उत्पादन का केन्द्र बना।
  • अंग्रेज व्यापारी एजेंट की मदद से भारतीय कारीगरों को पेशगी रकम देकर उनसे उत्पादन करवाते थे। ये एजेंट ‘गुमाश्ता’ कहलाते थे।
  • 1835 ई. में ब्रिटिश संसद द्वारा पारित चार्टर एक्ट के द्वारा व्यापार पर से ईस्ट इंडिया कंपनी का एकाधिकार समाप्त कर दिया।
  • कारखानों की स्थापना के क्रम में सन् 1830-40 के दशक में बंगाल में द्वारकानाथ टैगोर ने 6 संयुक्त उद्यम कम्पनियाँ लगाई।
  • सर्वप्रथम सूती कपड़े की मिल की नींव 1851 ई. में बम्बई में डाली गई।
  • सन् 1917 में कलकत्ता में देश का पहला जूट मिल एक मारवाड़ी व्यवसायी हुकुम चंद ने स्थापित किया।

Bihar Board Class 10 History Solutions Chapter 6 शहरीकरण एवं शहरी जीवन

Bihar Board Class 10 Social Science Solutions History इतिहास : इतिहास की दुनिया भाग 2 Chapter 6 शहरीकरण एवं शहरी जीवन Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Social Science History Solutions Chapter 6 शहरीकरण एवं शहरी जीवन

Bihar Board Class 10 History शहरीकरण एवं शहरी जीवन Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

नीचे दिये गए प्रश्नों के उत्तर के रूप में चार विकल्प दिये गये हैं। जो आपको सर्वाधिक उपयुक्त लगे उनमें सही का चिह्न लगायें।

शहरीकरण एवं शहरी जीवन Bihar Board प्रश्न 1.
सामंती व्यवस्था से हटकर किस प्रकार की शहरी व्यवस्था की प्रवृत्ति बढ़ी?
(क) प्रगतिशील प्रवृति
(ख) आक्रामक प्रवृति
(ग) रूढ़िवादी प्रवृति
(घ) शोषणकारी प्रवृति
उत्तर-
(क) प्रगतिशील प्रवृति

Bihar Board Class 10 Sst Solution प्रश्न 2.
शहर को आधुनिक व्यक्ति का किस प्रकार का क्षेत्र माना जाता है ?
(क) सीमित क्षेत्र
(ख) प्रभावी क्षेत्र
(ग) विस्तृत क्षेत्र ।
(घ) सभी
उत्तर-
(ख) प्रभावी क्षेत्र

Bihar Board 10th Social Science Solution प्रश्न 3.
स्थायी कृषि के प्रभाव से कैसा जमाव संभव हुआ?
(क) संपत्ति
(ख) ज्ञान
(ग) शांति
(घ) बहुमूल्य धातु
उत्तर-
(क) संपत्ति

Bihar Board Class 10 Economics Solution प्रश्न 4.
एक प्रतियोगी एवं उद्यमी प्रवृति से प्रेरित किस प्रकार की अर्थव्यवस्था लागू की गई?
(क) जीवन-निर्वाह अर्थव्यवस्था
(ख) मृदा प्रधान अर्थव्यवस्था
(ग) शिथिल अर्थव्यवस्था
(घ) सभी
उत्तर-
(ख) मृदा प्रधान अर्थव्यवस्था

Bihar Board Class 10 History Notes Pdf प्रश्न 5.
आधुनिक काल में औद्योगीकरण ने किसके स्वरूप को गहन रूप से प्रभावित किया ?
(क) ग्रामीणीकरण
(ख) शहरीकरण
(ग) कस्बा
(घ) बन्दरगाहो
उत्तर-
(ख) शहरीकरण

Bihar Board Class 10th Geography प्रश्न 6.
जनसंख्या का घनत्व सबसे अधिक कहाँ होता है ?
(क) ग्रामा
(ख) कस्बा
(ग) नगर
(घ) महानगर
उत्तर-
(घ) महानगर

Bihar Board Class 10th Geography Solution प्रश्न 7.
1810 से 1880 ई. तक लंदन की आबादी 10 लाख से बढ़कर कहाँ तक पहुंची ?
(क) 20 लाख
(ख) 30 लाख
(ग) 40 लाख
(घ) 50 लाख
उत्तर-
(ग) 40 लाख

प्रश्न 8.
लंदन में अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा कब लागू हुई ?
(क) 1850
(ख) 1855
(ग) 1860
(घ) 1870
उत्तर-
(घ) 1870

प्रश्न 9.
कौन-सा सामाजिक वर्ग बुद्धिजीवी वर्ग के रूप में उभरकर आया?
(क) उद्योगपति वर्ग
(ख) पूँजीपति वर्ग
(ग) श्रमिक वर्ग
(घ) मध्यम वर्ग
उत्तर-
(घ) मध्यम वर्ग

प्रश्न 10.
पूँजीपति वर्ग के द्वारा किस वर्ग का शोषण हुआ?
(क) श्रमिक वर्ग
(ख) मध्यम वर्ग
(ग) कृषक वर्ग
(घ) सभी
उत्तर-
(क) श्रमिक वर्ग

निम्नलिखित में रिक्त स्थानों को भरें:

प्रश्न 1.
शहरों के विस्तार में भव्य………..”का निर्माण हुआ।
उत्तर-
परफोटोक

प्रश्न 2.
लंदन भारी संख्या में………….”को आकर्षित करने में सफल हुआ।
उत्तर-
प्रवासिया

प्रश्न 3.
शहरों में रहने वाले…………”से सीमित थे।
उत्तर-
बाध्यताआ

प्रश्न 4.
…………”देशों में नगरों के प्रति रुझान देखा जाता है।
उत्तर-
विकासशील

प्रश्न 5.
…………..”के द्वारा निवास तथा आवासीय पद्धति, जन यातायात के साधन, जन स्वास्थ्य इत्यादि के उपाय किये गये।
उत्तर-
नगर प्रबंधन

समूहों का मिलान करें:
Bihar Board Class 10 History Solutions Chapter 6 शहरीकरण एवं शहरी जीवन - 1
उत्तर-
1. (ङ), 2. (घ), 3. (क), 4. (ख), 5. (ग)।

लघ उत्तरीय प्रश्नोत्तर (60 शब्दों में उत्तर दें)

प्रश्न 1.
किन तीन प्रक्रियाओं के द्वारा आधुनिक शहरों की स्थापना निर्णायक रूप से हई?
उत्तर-
औद्योगिक पूँजीवाद का उदय, विश्व के विशाल भूभाग पर औपनिवेशिक शासन की स्थापना एवं लोकतांत्रिक आदर्शों का विकास। यही तीन प्रक्रियाएँ हैं जिसने आधुनिक शहरों की स्थापना में निर्णायक भूमिका निभाई।

प्रश्न 2.
समाज़ का वर्गीकरण ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में किस भिन्नता के आधार पर किया जाता है ?
उत्तर-
ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में समाज का वर्गीकरण निम्न आधारों पर किया जाता है – (i) आर्थिक तथा (ii) प्रशासनिक संदर्भ।

प्रश्न 3.
आर्थिक तथा प्रशासनिक संदर्भ में ग्रामीण तथा नगरीय बनावट के दो प्रमुख आधार क्या हैं ?
उत्तर-
(i) जनसंख्या का घनत्व तथा (ii) कृषि आधारित क्रियाओं का अनुपात।

प्रश्न 4.
गाँव के कृषि जन्य आर्थिक क्रियाकलापों की विशेषता को दर्शायें।
उत्तर-
गाँवों की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि-संबंधी व्यवसाय से जुड़ा ह अधिकांश वस्तुएँ कृषि उत्पाद ही होती हैं जो इनकी आय का प्रमुख स्रोत होता है। आय का प्रमुख स्रोत होता होता है।

प्रश्न 5.
शहर किस प्रकार की क्रियाओं का केन्द्र होता है
उत्तर-
शहर राजनीतिक प्राधिकार का केन्द्र होता है जहाँ दस्तकार, व्यापारी और अधिकारी बसने लगते हैं।

प्रश्न 6.
नगरीय जीवन एवं आधुनिकता एक-दूसरे से अभिन्न रूप से कैसे जुड़े हुए हैं ?
उत्तर-
परिवर्तन प्रकृति का अटूट नियम है। समय के साथ आ रहे बदलावों को हम आधुनिकता की श्रेणी में रखते हैं। यह परिवर्तन हमारे वेशभूषा, जीवन स्तर इत्यादि में आता है जो सर्वप्रथम शहरी क्षेत्रों में ही परिलक्षित होता है। आधुनिक संचार सुविधाएँ, आधुनिक घरेलू उपयोगी पदार्थों, नई-नई डिजाइनों वाले वेशभूषा इत्यादि, सर्वप्रथम नगरीय जीवन में ही दिखाई देता है क्योंकि उन्हें अपनाने के लिए वहाँ आवश्यक संसाधन एवं माध्यम उपलब्ध है।

प्रश्न 7.
नगरों में विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग अल्पसंख्यक है ऐसी मान्यता क्यों बनी है?
उत्तर-
किसी भी नगर में विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग अल्पसंख्यक होता है। ऐसी मान्यता का मुख्य कारण है पूँजी का असमान वितरण। पूँजी कुछ मुट्ठी पर लोगों के पास ही सीमित होती है जिसे पूँजीपति वर्ग कहते हैं और अपनी पूँजी के बल पर वह हर कार्यक्षेत्र में विशेष रूप से सफलता प्राप्त कर लेता है।

प्रश्न 8.
नागरिक अधिकारों के प्रति एक नई चेतना किस प्रकार के आंदोलन या प्रयास से बनी?
उत्तर-
नागरिक अधिकारों के प्रति एक नई चेतना का विकास मुख्यतः आर्थिक एवं राजनैतिक प्रयास से हुआ, क्योंकि लोगों को अपनी आर्थिक स्थिति को उन्नत करने के लिए राजनैतिक अधिकारों को जानना जरूरी हो गया।

प्रश्न 9.
व्यावसायिक पूँजीवाद ने किस प्रकार नगरों के उदभव में अपना योगदान दिया?
उत्तर-
व्यावसायिक पूँजीवाद ने नगरों के उद्भव में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया क्योंकि इनके कारण ही नगरों में शिक्षा, यातायात, स्वास्थ्य सुविधाएँ आदि का विकास हुआ। व्यापार एवं धर्म शहरों की स्थापना के मुख्य आधार थे। व्यावसायिक पूँजीवाद के कारण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती गयी जिससे नगरों के उद्भव को बल मिला।

प्रश्न 10.
शहरों के उद्भव में मध्यम वर्ग की भूमिका किस प्रकार की रही ?
उत्तर-
मध्यम वर्ग एक नए शिक्षित वर्ग के रूप में उभरा, जो विभिन्न पेशों में रहकर भी औसतन एक समान आय प्राप्त करने वाले वर्ग के रूप में उभर कर आया एवं बुद्धिजीवी वर्ग के रूप में स्वीकार किए गए। यह विभिन्न रूप में कार्यरत रहे जैसे शिक्षक, वकील, चिकित्सक, इंजीनियर, क्लर्क, एकाउंटेंट्स परन्तु इनके जीवन मूल्य के आदर्श समान रहे और आर्थिक स्थिति भी एक वेतनभोगी वर्ग के रूप में उभर कर आई।

प्रश्न 11.
श्रमिक वर्ग का आगमन शहरों में किन परिस्थितियों के अन्तर्गत हुआ?
उत्तर-
शहरों में फैक्टरी प्रणाली की स्थापना के कारण ग्रामीण क्षेत्रों का भूमिविहीन कृषक वर्ग रोजगार की तलाश में शहरों की ओर पलायन करने लगा।

प्रश्न 12.
शहरों ने किन नई समस्याओं को जन्म दिया?
उत्तर-
शहरों ने निम्नलिखित नई समस्याओं को जन्म दिया

  • आवास की समस्या,
  • जलापूर्ति की समस्या,
  • प्रदूषण की समस्या।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें)

प्रश्न 1.
शहरों क विकास की पृष्ठभूमि एवं उसकी प्रक्रिया पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
शहरों के विकास की पृष्ठभूमि मध्यकालीन सामंती सामाजिक संरचना एवं मध्यकालीन जीवन मूल्य तेरहवीं शताब्दी तक अपने शिखर पर था। कई प्रतिरोधों के पश्चात भी यह व्यवस्था ने नई एवं बाह्य शक्तियों को जो इसे परिवर्तित करना चाहती थी यथासंभव नियंत्रित रखा, रोका और अपने में समाहित किया। अंततः एक नई सामाजिक एवं राजनीतिक संरचना विकसित हुई, जो अपनी परम्पराओं एवं स्वरूप के लिए प्राचीन परिपाटी के प्रति ऋणी तो थी, किन्तु नवीन राजनीतिक एवं आर्थिक अवधारणाओं को स्वीकार करती थी जो अधिक लौकिक एवं जिज्ञासु प्रवृत्ति से प्रेरित थी। इसी पृष्ठभूमि में शहरी जीवन का पुनः उदय हुआ।
शहरीकरण की प्रक्रिया- तीन ऐतिहासिक प्रक्रियाओं ने आधुनिक शहरों की स्थापना में निर्णायक भूमिका निभाई।

  • औद्योगिक पूँजीवाद का उदय।
  • विश्व के विशाल भू-भाग पर औपनिवेशिक शासन की स्थापना।
  • लोकतांत्रिक आदशों का विकास।

इस तरह ग्रामीण एवं सामंती व्यवस्था से हटकर एक प्रगतिशील शहरी व्यवस्था की ओर बढ़ने की प्रवृत्ति बढ़ी। अतः नगरवाद जनसमूह के एक बड़े भाग की जीवन पद्धति के रूप में आधुनिक घटना है।

प्रश्न 2.
ग्रामीण तथा नगरीय जीवन के बीच की भिन्नता को स्पष्ट करें।
उत्तर-
(i) गाँव और शहर के बीच काफी भिन्नताएं हैं। गाँव की आबादी कम होती है नगर की ज्यादा; गाँव में खेती और पशुपालन मुख्य आजीविका है, शहर में व्यापार और उत्पादन, गाँव में प्राकृतिक वातावरण स्वच्छ है, शहर में प्रदूषित। शिक्षा, यातायात, स्वास्थ्य सुविधाएँ आदि में शहर अधिक उन्नत अवस्था में होते हैं। शहर में आधुनिकताओं का बोलबाला होता है जबकि ग्रामीण क्षेत्र आधुनिकता से काफी दूर होता है।

नगर में रोजगार के साधनों की अधिकता होती है जबकि गाँव में रोजगार के साधन नहीं के बराबर होते हैं। ग्रामीणों का जीवन स्तर निम्न होता है, नगरीय लोगों का जीवन स्तर उच्च होता है। ग्रामीण लोग सामान्य तौर पर निष्कपट और ईमानदार होते हैं जबकि नगरीय लोगों में घृणा, इर्ष्या, द्वेष इत्यादि अधिक होते हैं।

प्रश्न 3.
शहरी जीवन में किस प्रकार के सामाजिक बदलाए आए।
उत्तर-
शहरीकरण की प्रक्रिया ने सामाजिक जीवन में काफी बदलाव लाया। ग्रामीण जीवन मुख्यतः कृषिप्रधान अर्थव्यवस्था पर आधारित थी परंतु नगरीय जीवन गतिशील मुद्रा प्रधान अर्थव्यवस्था पर आधारित था।

रोजगार के साधनों की अधिकता के कारण शहर में लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठने लगा जिससे शिक्षा का प्रसार सामाजिक जीवन में एक नया बदलाव लेकर आया। लोगों में स्वार्थ की भावना बढ़ने लगी, अधिकाधिक धनपार्जन के लिए प्रतिस्पर्धी माहौल बढ़ने लगा। लोगों के जीवन में सुविधाएँ तो बढ़ने लगीं परन्तु कलुषता और कुविचार भी बढ़ने लगे जिससे मानवता की भावना घटने लगी। लोग सिर्फ अपने ही बारे में सोचने लगे। सामाजिक जीवन में आधुनिकता का बोलबाला बढ़ने लगा। नगरीय जीवन और आधुनिकता एक-दूसरे के पूरक बन गए। व्यक्तिवाद की भावना बढ़ने लगी।

प्रश्न 4.
शहरीकरण की प्रक्रिया में व्यवसायी वर्ग, मध्यम वर्ग मजदूर वर्ग की भूमिका की चर्चा करें।
उत्तर-
शहरीकरण की प्रक्रिया में व्यवसायी वर्ग, मध्यम वर्ग एवं मजदूर वर्ग की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।
व्यवसायी वर्ग ने अपने व्यापारिक उद्देश्य की पूर्ति हेतु वाणिज्यिक कार्यस्थलों, जन परिवहन प्रणाली औद्योगिक केन्द्रों इत्यादि की स्थापना करना प्रारंभ किया जिससे धीरे-धीरे वहाँ की आबादी बढ़ने लगी, सामाजिक परिवर्तन होने लगा और छोटा-सा क्षेत्र शहर में तब्दील होने लगा।
मध्यम वर्ग धीरे-धीरे एक नए शिक्षित वर्ग के रूप में उभरने लगा। इस वर्ग से शिक्षक, वकील, चिकित्सक, इंजीनियर, क्लर्क, एकाउंटेंट्स इत्यादि विभिन्न पदों पर लोग आसीन होने लगे। इनकी आर्थिक स्थिति उन्नत होने लगी जिससे सामाजिक जीवन में परिवर्तन आया और शहरीकरण की प्रक्रिया आरंभ हुई।

गांव के किसान और मजदूर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की ओर पलायन करने लगे जिससे शहरीकरण की प्रक्रिया को बल मिला।

प्रश्न 5.
एक औपनिवेशिक शहर के रूप में बम्बई शहर के विकास की समीक्षा करें।
उत्तर-
बम्बई औपनिवेशिक भारत की वाणिज्यिक राजधानी थी। एक प्रमुख बंदरगाह होने के नाते यह अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का केन्द्र था जहाँ से कपास और अफीम जैसे कच्चे माल बड़ी तादाद में रवाना किए जाते थे। इस व्यापार के कारण न सिर्फ व्यापारी और महाजन बल्कि कारीगर एवं दुकानदार भी बम्बई में बसे। कपड़ा मिलें खुलने पर और अधिक संख्या में लोग इस शहर की ओर उन्मुख हुए। 1954 ई. में पहली कपड़ा मिल स्थापित हुई और 1921 ई. तक वहाँ 85 कपड़ा मिलें खुल चुकी थीं जिनमें लगभग 1,46,000 मजदूर काम कर रहे थे। 1931 तक लगभग एक चौथाई ही बम्बई के निवासी थे बाकी निवासी बाहर से आकर बसे थे। बम्बई का प्रति व्यक्ति क्षेत्रफल केवल 9.5 वर्ग गज था। वहाँ प्रति मकान में 20 व्यक्ति रहते थे।

मुम्बई का विकास सुनियोजित तरीके से नहीं हो सका। बल्कि 1800 के आसपास बम्बई फोर्ट एरिया का केन्द्र था और दो हिस्सों में बंटा हुआ था। एक हिस्से में ‘नेटिव’ रहते थे और दूसरे में यूरोपीय या ‘गोरे’ रहते थे। कोर्ट आबादी उत्तर में एक यूरोपीय उपनगर और औद्योगिक पट्टी में भी विकसित होने लगी थी। दक्षिण में इसी तरह की उपनगरीय आबादी और एक छावनी थी। यह नस्ली विभाजन अन्य प्रेसीडेंसी शहरों में भी रही।

19वीं शताब्दी के मध्य तक व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए और अधिक जमीन की जरूरत महसूस हुई तो सरकार और निजी कम्पनियों के द्वारा नयी योजनाएँ बनाई गईं। 1864 में मालाबार हिल से कोलबा के आखिरी छोर तक के पश्चिमी तट को विकसित करने का ठेका बैंक बेरिक्लेमेशन कम्पनी को मिला। 20वीं शताब्दी के आने तक जिस प्रकार आबादी तेजी से बढ़ी अधिक-से-अधिक जमीन को घेर लिया गया और समुद्री जमीन को विकसित किया जाने लगा।

एक सफल भूमि विकास परियोजना बॉम्बे पोर्ट ट्रस्ट के अन्तर्गत शुरू की गई। ट्रस्ट ने 1914 से 1918 के बीच एक सूखी गोद का निर्माण किया और उसकी खुदाई से जो मिट्टी निकली उसका इस्तेमाल करके 22 एकड़ का बालार्ड एस्टेट बना डाला। इसके बाद मशहूर मरीन ड्राइव बनाया गया।

Bihar Board Class 10 History शहरीकरण एवं शहरी जीवन Additional Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
प्राचीन इराक का सबसे प्रमख नगर कौन-सा था?
उत्तर-
उर प्राचीन इराक का सबसे प्रमुख नगर था।

प्रश्न 2.
1880 में दुर्गाचरण राय की प्रकाशित पुस्तक का क्या नाम था ?
उत्तर-
देबोगेरमत्ये आगमन।

प्रश्न 3.
इंगलैंड में संयमता आन्दोलन किसने चलाया ?
उत्तर-
इंगलैंड में संयमता आन्दोलन मध्यमवर्ग ने चलाया।

प्रश्न 4.
भारत में धुआँ निरोधक कानून सबसे पहले कहाँ और कब बनाया गया?
उत्तर-
भारत में धुआँ निरोधक कानून सबसे पहले कलकत्ता में 1863 में बनाया गया।

प्रश्न 5.
आधुनिक काल में शहरीकरण पर सबसे बड़ा प्रभाव किसका पड़ा है?
उत्तर-
आधुनिक शहरों के उदय को औद्योगिक पूँजीवाद के उदय ने गहरे रूप से प्रभावित किया है।

प्रश्न 6.
उन दो कानूनों के नाम लिखें जिनके द्वारा इंगलैंड में बाल श्रमिकों को कारखानों में काम करने से रोक दिया गया ?
उत्तर-
जिन दो कानूनों ने इंगलैंड में बाल श्रमिकों को कारखानों में नाम करने से रोक दिया था वे है-

  1. अनिवार्य ये प्राथमिक शिक्षा तथा
  2. 1902 का फैक्ट्री कानून।

प्रश्न 7.
शहरीकरण का पुरुषों और महिलाओं पर समान रूप से क्या प्रभाव पड़ा?
उत्सर-
शहरीकरण का पुरुषों और महिलाओं पर समान प्रभाव पड़ा। दोनों के व्यक्तिगत स्वतंत्रता अधिकारों और कार्यों पर बल दिया गया।

प्रश्न 8.
बंबई की चॉल किस प्रकार की इमारत थी? इनका निर्माण कबसे आरंभ हुआ?
उत्तर-
बंबई में बाहर से आए हुए मजदूरों के आवास के लिए ही बड़ी संख्या में चॉल बनवाए गए। चॉल बहुमंजिली इमारतें थी। इसका निर्माण 1860 के दशक से आरंभ हुआ था।

प्रश्न 9.
उन दो फिल्मों के नाम लिखे जिनमें बंबई के अंतर्विरोधी आयामों का उल्लेख किया गया है?
उत्तर-
सी.आई.डी. और गेस्ट हाउस।

प्रश्न 10.
शहरों की सबसे बड़ी समस्या क्या थी?
उत्तर-
शहरों की सबसे बड़ी समस्या बढ़ती जनसंख्या एवं उनके पुर्नवास (आवास) की थी।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
8वीं शताब्दी के मध्य से लंदन की आबादी बढ़ने के क्या कारण थे?
उत्तर-
लंदन इंगलैंड का एक बड़ा नगर था। इंगलैंड की राजधानी होने के कारण इसकी आबादी लगातार बढ़ती गई। जहां 1750 तक इसकी आबादी 6 लाख थी वहीं 1890 तक लंदन की जनसंख्या 40 लाख हो गई। यद्यपि लंदन में कारखाने नहीं थे परंतु वहाँ रोजगार के अन्य अवसर उपलब्ध थे। इसलिए इंगलैंड के विभिन्न भागों से लोग वहाँ आकर बसने लगे। प्रथम विश्वयुद्ध तक लंदन में मोटर और बिजली के समान भी बड़े स्तर पर बनाए जाने लगे। इससे नए-नए कारखाने खुले। इससे भी लंदन की आबादी बढ़ती गयी।

प्रश्न 2.
19 वीं शताब्दी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि क्यों हुई?
उत्तर-
19वीं शताब्दी के मध्य से बंबई का विकास एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर के रूप में होने लगा था। यहाँ से अफीम और कपास का निर्यात किया जाता था। व्यापार के विकास के साथ-साथ यह प्रशासनिक रूप में पश्चिम भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का मुख्यालय भी बन गया।
औद्योगीकरण का जब विकास हुआ तो बम्बई बड़े औद्योगिक केन्द्र के रूप में बदल गया। 1819 में आंग्ल-मराठा युद्ध में मराठों की पराजय के बाद ईस्ट इंडिया कम्पनी ने बम्बई को बम्बई प्रेसीडेंसी की राजधानी बनाई। इसके बाद बम्बई शहर का तेजी से विकास हुआ। व्यापारी, कारीगर, उद्योगपति, दुकानदार, श्रमिक बड़ी संख्या में यहाँ आकर बसने लगे। इससे बम्बई पश्चिमी भारत का सबसे प्रमुख नगर बन गया तथा इसकी आबादी में काफी वृद्धि हुई।

प्रश्न 3.
19 वीं 20 वीं शताब्दियों में लंदन में कामकाजी महिलाओं में किस प्रकार का बदलाव आया ? इसके क्या कारण थे?
उत्तर-
18वीं, 20वीं शताब्दी में जब इंगलैंड में कारखाने स्थापित होने लगे तब बड़ी संख्या में स्त्रियाँ भी इनमें काम करने लगी। लेकिन कुछ समय बाद तकनीक में परिवर्तन के कारण जब कुशल श्रमिकों की आवश्यकता हुई तो इन स्त्रियों को कारखानों से हटाया जाने लगा। कारखानों में काम बंद होने पर स्त्रियाँ घरेलु काम-धंधों में लग गई। कुछ स्त्रियाँ अपने घर ही रहकर कपड़े सिलने, ऊनी वस्त्र बुनने तथा कपड़ा धोने का काम करने लगी। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान जब पुरुष बड़ी संख्या में युद्ध में शामिल होने लगे तथा युद्धकालीन आवश्यक सामग्रियों की मांग बढ़ गई तो लंदन की कामकाजी महिलाओं में फिर से बदलाव आया। वे विभिन्न उद्योगों तथा दफ्तरों में काम करने लगी। इस प्रकार महिलाओं के आर्थिक क्रियाकलापों में महत्वपूर्ण बदलाव आया। औद्योगीकरण तथा प्रथम विश्वयुद्ध इस बदलाव के प्रमुख कारण थे।

प्रश्न 4.
19 वीं शताब्दी में धनी लंदनवासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने की वकालत क्यों की?
उत्तर-
19 वीं शताब्दी में लंदन में गरीबों के आवास से जुड़ी एक महत्वपूर्ण समस्या थी। कारखाने व्यवस्था ने लंदन नगर का स्वरूप परिवर्तित कर दिया। कारखानों में काम करने के लिए बड़ी संख्या में लोग इंगलैंड के विभिन्न भागों से लंदन में आकर बसने लगे थे। परंतु उनके सामने मुख्य समस्या आवास की थी। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए धनी लंदन वासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने की वकालत शुरू की। वैसे धनी लोग जिनके पास पर्याप्त जमीन उपलब्ध की शहर में बाहर से आनेवाले गरीब लोगों के लिए टेनेमेंट्स बनाने लगे। ये कामचलाऊ और असुरक्षित अपार्टमेंट या मकान थे। ऐसे मकान शहर के गरीब इलाकों में बनवाए गए।

प्रश्न 5.
बम्बई की बहुतेरी फिल्में शहर में बाहर से आनेवालों की जिन्दगी पर क्यों आधृत होती थी?
उत्तर-
बंबई नगर भीड़-भाड़, गंदगी, गरीबी, सम्पन्नता के साथ-साथ सपनों का शहर भी था। यहाँ अनेक लोग सुनहरे सपने संजोए हुए आते थे। इनमें बहुतों के सपने पूरे होते थे तो अनेक निराश हो जाते थे। बंबई को लोग सपनों का शहर या ‘मायापुरी’ मानते थे। औद्योगिक और आर्थिक केन्द्र होने के अतिरिक्त बम्बई रूपहले दुनिया या फिल्म उद्योग का भी केन्द्र था। पिल्मी दुनिया से आकृष्ट होकर इस उद्योग में अपना भविष्य तलाशने एवं सँवारने प्रतिवर्ष हजारों लोग इस शहर में आते इसलिए बंबई में अधिकांश फिल्में शहर से आनेवालों की जिन्दगी और उनकी आशाओं और निराशा पर केन्द्रित कर बनाई जाती थी।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
शहरीकरण से आप क्या समझते हैं ? शहरीकरण ने सहायक तत्वों का उल्लेख करें?
उत्तर-
शहरीकरण का इतिहास काफी पुराना है। मानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ शहरों का भी उदय और विकास हुआ। सुमेर (मेसोपोटामिया), हड़प्पा (भारत-पाकिस्तान) रोम और यूनानी सभ्यताओं में अनेक नगर विकसित हुए। मध्यकालीन और आधुनिक काल में भी शहरीकरण की प्रक्रिया जारी रही। प्राचनी, मध्यकालीन और आधुनिक शहरों के स्वरूप में अंतर देखा जा सकता है। इन सभी शहरों की एक साझा विशेषता थी कि नगर गैर-कृषक उत्पादन व्यवसाय व्यापार के केन्द्र थे। शहरों की जीवन-शैली ग्रामों से भिन्न थी शहरों में नगरी जीवन एवं संस्कृति का विकास हुआ।

शहरीकरण उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसके अंतर्गत गाँव, छोटे कस्बे, शहर, नगर और महानगर में तब्दील हो जाते हैं। शहरों के उदय और विकास में अनेक कारणों का योगदान रहा है। इनमें आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक कारण प्रमुख हैं।

शहरीरकण के सहायक तत्व-आधुनिक शहरों के उदय में तीन तत्वों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ये हैं-

  1. औद्योगिक पूँजीवाद का उदय
  2. उपनिवेशवाद का विकास तथा
  3. लोकतांत्रिक आदर्शों का विकास। शहरीकरण ने आर्थिक व्यवस्था के साथ-साथ सामाजिक एवं राजनीतिक व्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डाला।

प्रश्न 2.
19 वीं सदी में इंगलैंड में मनोरंजन के कौन-से साधन थे ?
उत्तर-
19वीं सदी में इंगलैंड के शहरवासियों के लिए विभिन्न प्रकार के मनोरंजन की व्यवस्था की गयी। मशीनी जीवन व्यतीत करने के साथ-साथ रविवार एवं छुट्टियों का दिन आराम और मनोरंजन में व्यतीत करने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों ने अलग-अलग रास्ते ढूँढे। 18वीं सदी के अंतिम दशक से तीन-चार सौ घनी एवं संभ्रात परिवार के लोगों के मनोरंजन के लिए अपेक्ष, रंगमंच और शास्त्रीय संगीत के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे। 19वीं सदी में । मनोरंजन का एक प्रमुख केन्द्र शराबखाना था। रेलवे का आरंभ होने के पूर्व शराबखानों में लोग घोड़ा गाड़ियों से आते थे। शराबखाने सामान्यतः घोड़ागाड़ियों के रास्ते में स्थापित किए गए। इनमें मुसाफिर आकार ठहरते थे और रात्रि विश्राम भी करते थे। ये मुगलकालीन भारत में प्रचलित सराय के समान थे। जब रेल और बस का उपयोग बढ़ा तो घोड़ागाड़ियों का व्यवहार कम हो गया। अब शराबखाने रेलवे स्टेशन और बस पड़ावों के निकट बनाए गए।

19वीं शताब्दी से लंदनवासियों को अपने इतिहास की जानकारी देने के लिए संग्रहालय एवं कला दीर्घाएँ सरकार द्वारा खोली गई। पुस्तकालय भी स्थापित किए गए जो एक ही साथ मनोरंजन एवं ज्ञान-वर्द्धन के केन्द्र बन गए। 1810 में संग्रहालयों में प्रवेश शुल्क समाप्त कर देने से दर्शकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई। लाखों लोग इन संग्रहालयों में आने लगे। समाज के निम्न तबके । के लोग अपने मनोरंजन के लिए संगीत सभा का आयोजन करते थे।

प्रश्न 3.
लंदन में भूमिगत रेलवे का निर्माण क्यों किया गया ? इसकी क्या प्रतिक्रिया हुई ?
उत्तर-
उमर लंदन शहर का जब विस्तार हुआ तब यह शहर इतना विशालकाय हो गया कि लोगों को अपने कार्यस्थल पर पैदल पहुंचना मुश्किल होने लगा। लंदन में बाहर से आनेवाले को भी यहाँ पहुँचना मुश्किल हो रहा था। इसलिए परिवहन के साधनों के विकास के अंतर्गत भूमिगत रेलवे के विकास की योजना बनाई गई। इसका सबसे बड़ा लाभ यह था कि लोग उपनगरीय बस्तियों से सुविधापूर्वक लंदन आकर अपना काम कर सकते थे। इसका दूसरा लाभ यह था कि भूमिगत रेलवे की सुविधा होने से लंदन पर आबादी का बोझ कम हो जाता। इसलिए 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में लंदन में भूमिगत रहा था विकास किया गया। लंदन में ही विश्व की पहली भूमिगत रेल बनी। इसका आरंभ 10 जनवरी 1863 को हुआ। यह रेल लाइन लंदन के पैडिंग्टन और फैरिंग्टन स्ट्रीट के बीच चलाई गई।

लेकिन भूमिगत रेलवे के विकास के साथ लोगों द्वारा इसकी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की गई। आरंभ में लोगों को भूमिगत रेल से यात्रा करना असुविधाजनक और भयभीत कर देनेवाला लगता था। अखबार में एक पाठक ने भूमिगत रेल में अपनी यात्रा का अनुभव करते हुए लिखा था कि भूमिगत रेलगाड़ियों को फौरन बंद कर देना चाहिए। ये स्वास्थ्य के लिए भयानक खतरा है। इसी तरह की निराशाजनक प्रतिक्रिया कुछ अन्य लोगों की भी थी। उनका कहना था कि “इन लौह दैत्यों ने शहर की अफरातफरी और अस्वास्थ्यकर माहौल को और बढ़ा दिया है।” विख्यात अंग्रेजी उपन्यासकार चार्ल्स डिकेंस भी अपने उपन्यास ‘डॉम्बी एंडवसन’ में भूमिगत रेलवे द्वारा लाएगा विनाश का उल्लेख करते हैं। भूमिगत रेल निर्माण से गरीब तबकों पर बुरा असर पड़ा। अनुमानतः दो मील लम्बी लाइन बिछाने के लिए नौ सौ घर गरीबों के गिरा दिए जाते थे। इस प्रकार भूमिगत रेलवे के निर्माण द्वारा बड़ी संख्या में गरीबों की बस्तियाँ उजाड़ी जा रही थी।

प्रश्न 4.
शहरीकरण का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा? प्रदूषण को रोकने के लिए क्या प्रयास किए गए?
उत्तर-
शहरीकरण की प्रक्रिया का प्रतिकूल प्रभाव पर्यावरण पर पड़ता है। शहरों में कल-कारखानों के खुलने, बेतरतीब भीड़, गाड़ियों और लोगों की लगातार आवाजाही, धूल और गंदगी से पर्यावरण प्रदूषित होता है। शहरों के विस्तार के क्रम में प्राकृतिक वातावरण को नष्ट कर दिया गया था। जंगल का काटना, पहाड़ियों को समतल करना तथा तटीय इलाकों को भूमि के रूप में परिवर्तित करना आदि से पर्यावरण प्रदूषित हुई। हवा पानी को गंदगी ने प्रदूषित कर दिया। शहरों की भीड़, शोर-शराबे ने वायु प्रदूषण को बढ़ाया।

लेकिन धीरे-धीरे नगर नियोजक इन समस्याओं की ओर ध्यान देने लगे। सरकार ने समय-समय पर शहरों के पर्यावरण में सुधार लाने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयास किए। शहर में गंदगी फैलानेवाले इलाकों की सफाई करवाई गई। गंदे कारखाने को शहर से बाहर स्थानांतरित करने का प्रयास किया गया। भारत में पहली बार कलकत्ता में ही धुआं निरोधक कानून 1863 में पारित किया गया। बंगाल धुआं निरोधक आयोग के प्रयासों से कलंकत्ता में औद्योगिक इकाइयों से निकलनेवाले धुएँ पर नियंत्रण लाकर वायु प्रदूषण को कम करने का प्रयास किया गया। इसके पूर्व 1840 के दशक तक इंगलैंड के प्रमुख औद्योगिक शहरों में धुआँ नियंत्रक कानून लागू किए गए।

Bihar Board Class 10 History शहरीकरण एवं शहरी जीवन Notes

  • समाजशास्त्री के अनुसार नगरीय जीवन तथा आधुनिकता एक दूसरे के पूरक हैं और शहर को आधुनिक व्यक्ति का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है।
  • तीन ऐतिहासिक प्रक्रियाओं ने आधुनिक शहरों की स्थापना में निर्णायक भूमिका निभाई।  पहला-औद्योगिक पूँजीवाद का उदय, दूसरे विश्व के विशाल भू-भाग पर औपनिवेशिक शासन की स्थापना और तीसरा लोकतांत्रिक आदर्शों का विकास।
  • कस्बा -ग्रामीण अंचल में एक छोटे नगर को माना जाता है जो अधिकांशतः स्थानीय विशिष्ट व्यक्ति का केन्द्र होता है।
  • गंज -एक छोटे स्थायी बाजार को कहा जाता है। कस्बा और गंज दोनों कपड़ा, फूल, सब्जी
    तथा दूध उत्पादों से संबद्ध थे।
  • महानगर -किसी प्रांत या देश का विशाल घनी आबादी वाला शहर जो प्रायः वहाँ की राजधानी भी होता है।
  • दुनिया की सबसे पहली भूमिगत रेल के पहले खंड का उद्घाटन 10 जनवरी, 1863 ई. को. किया गया। यह रेल लाइन लंदन की पैडिंग्ल और कैरिंगटन के बीच स्थित थी।
  • 1911 ई. के दिल्ली दरबार में बिहार को पृथक राज्य का रूप दिया गया। 1912 ई. में बिहार एवंउड़ीसा को पृथक राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ और पटना इसकी राजधानी बनी।
  • वर्तमानपटना की आबादी 12 लाख से अधिक है और इसका क्षेत्रफल 250 वर्ग किमी है। कोलकाता के बाद पूर्वी भारत का सबसे बड़ा नगर है आबादी के घनत्व के दृष्टिकोण से
  • यह भारत का 14वाँ सर्वाधिक आबादी वाला नगर है।
  • घेटा -सामान्यतः यह शब्द मध्य यूरोपीय शहरों में यहूदियों की बस्ती के लिए प्रयोग किया जाता है। आज के संदर्भ में यह विशिष्ट धर्म, नृजाति, या समान पहचान वाले लोगों के साथ रहने को इंगित करता है।
  • बम्बई औपनिवेशिक भारत की वाणिज्यिक राजधानी थी।
  • 1854 ई. में बम्बई में पहली सूती मिल की स्थापना हुई।
  • 1901 की जनगणना के अनुसारबम्बई की लगभग 80 प्रतिशत आबादी चॉलों में रहती थी।
  • बम्बई के सुनियोजित विकास के लिए 1898 मेंसिटी ऑफ बंबई इम्प्रवमेंट ट्रस्ट की स्थापना की गयी।
  • शेरशाह के समय प्राचीन पाटलिपुत्र, पटना के नाम से विख्यात हुआ।
  • 18वीं शताब्दी के प्रारंभ में मुगलराजकुमार अजीमुशान ने इस पटना का पुनर्निमाण कराया और इसे अजीमाबाद नाम दिया।
  • 1870 में लंदन में अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा कानून लागू किए गए।
  • कामचलाऊ और अक्सर बेहिसाब भीड़ वाले अपार्टमेंट मकान ट्रेनेमेंट्स कहलाते थे।
  • सभ्यता आंदोलन को मध्यम वर्ग ने चलाया।
  • लंदन के धनी लोगों के लिए वास्तुकार और योजनाकार वेनेजर हावर्ड ने बागीचों के शहर या गार्डन सिटी की योजना तैयार की। दुनिया की सबसे पहली भूमिगत रेल लाइन 10 जनवरी, 1863 कोलंदन के पैडिग्टन और फैरिंग्टन स्ट्रीट के बीच चलाई गई।

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गाँधी जी बढ़िया शिक्षा किसे कहते हैं?
उत्तर-
अहिंसक प्रतिरोध सबसे उदात्त और बढ़िया शिक्षा है। वह बच्चों को मिलनेवाली साधारण अक्षर ज्ञान की शिक्षा के बाद नहीं, पहले होनी चाहिए। इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि बच्चे को, वह वर्णमाला लिखे और सांसारिक ज्ञान प्राप्त करे उसके पहले यह जानना चाहिए कि आत्मा क्या है सत्य क्या है, प्रेम क्या है और आत्मा में क्या-क्या शक्तियाँ छुपी हुई हैं। शिक्षा का ज़रूरी अंग यह होना चाहिए कि बालक जीवन-संग्राम में प्रेम से घृणा को, सत्य से असत्य को कष्ट-सहन से हिंसा को आसानी के साथ जीतना सीखें।

शिक्षा और संस्कृति Bihar Board प्रश्न 2.
इन्द्रियों का बुद्धिपूर्वक उपयोग सीखना क्यों जरूरी है ?
उत्तर-
इन्द्रियों का बुद्धिपूर्वक उपयोग उसकी बुद्धि के विकास का जल्द-से-जल्द और उत्तम तरीका है। परन्तु शरीर और मस्तिष्क के विकास के साथ आत्मा की जागृति भी उतनी ही नहीं होगी, तो केवल बुद्धि का विकास घटिया और एकांगी वस्तु ही साबित होगा। आध्यात्मिक शिक्षा से मेरा मतलब हृदय की शिक्षा है। इसलिए मस्तिष्क का ठीक-ठीक और सर्वांगीण विकास तभी हो सकता है, जब साथ-साथ बच्चे की शारीरिक और आध्यात्मिक शक्तियों की भी शिक्षा होती रहे।

Class 10 Hindi Chapter 12 Question Answer Bihar Board प्रश्न 3.
शिक्षा का अभिप्राय गांधी जी क्या मानते हैं?
उत्तर-
शिक्षा का मेरा अभिप्राय यह है कि बच्चे और मनुष्य के शरीर, बुद्धि और आत्मा के सभी उत्तम गुणों को प्रकट किया जाय। पढ़ना-लिखना तो शिक्षा का अन्त है ही नहीं; वह आदि भी नहीं है। वह पुरुष और स्त्री को शिक्षा देने के साधनों में केवल एक साधन है। साक्षरता स्वयं कोई शिक्षा नहीं है। इसलिए तो मैं बच्चे की शिक्षा का प्रारंभ इस तरह करूँगा कि उसे कोई उपयोगी दस्तकारी सिखाई जाए और जिस क्षण से वह अपनी तालिम शुरू करे उसी क्षण उसे उत्पादन का काम करने योग्य बना दिया जाए।

प्रश्न 4.
मस्तिष्क और आत्मा का उच्चतम विकास कैसे संभव है?
उत्तर-
इस प्रकार की शिक्षा पद्धति में मस्तिष्क और आत्मा का उच्चतम विकास संभव है। इतनी ही बात है कि आजकल की तरह प्रत्येक दस्तकारी केवल यांत्रिक ढंग से न सिखाकर वैज्ञानिक ढंग से सिखानी पड़ेगी। अर्थात् बच्चे की प्रत्येक प्रक्रिया का कारण जानना चाहिए। मैं चाहता हूँ कि सारी शिक्षा किसी दस्तकारी या उद्योगों के द्वारा दी जाय। आपको यह ध्यान में रखना चाहिए कि प्रारंभिक शिक्षा में सफाई, तन्दुरुस्ती, भोजनशास्त्र, अपना काम आप करने और घर पर माता-पिता को मदद देने वगैरह के मूल सिद्धान्त शामिल हों। मौजूदा पीढ़ी के लड़कों को स्वच्छता और स्वावलंबन का कोई ज्ञान नहीं होता और वै शरीर से कमजोर होते हैं। इसलिए मैं संगीतमय कवायद के जरिए उनको अनिवार्य शारीरिक तालीम दिलवाऊंगा।

प्रश्न 5.
गाँधी जी कताई और धुनाई जैसे ग्रामोद्योगों द्वारा सामाजिक क्रांति कैसे संभव मानते थे? .
उत्तर-
कताई और धुनाई जैसे ग्रामोद्योगों के संबंध में गाँधीजी की कल्पना थी कि यह एक ऐसी शांत सामाजिक क्रांति की अग्रदूत बने जिसमें अत्यंत दूरगामी परिणाम भरे हुए हैं। इससे नगर और ग्राम के संबंधों का एक स्वास्थ्यप्रद और नैतिक आधार प्राप्त होगा और समाज की मौजूदा आरक्षित अवस्था और वर्गों के परस्पर विषाक्त संबंधों की कुछ बड़ी-से-बड़ी बुराइयों को दूर करने में बहुत सहायता मिलेगी। इससे ग्रामीण जन-जीवन विकसित होगा और गरीब-अमीर का अप्राकृतिक भेदें नहीं होगा।

प्रश्न 6.
शिक्षा का ध्येय गाँधी जी क्या मानते थे और क्यों?
उत्तर-
शिक्षा का ध्येय गाँधीजी चरित्र-निर्माण करना मानते थे। उनके विचार से शिक्षा के
माध्यम से मनुष्य में साहस, बल, सदाचार जैसे गुणों का विकास होना चाहिए, क्योंकि चरित्र-निर्माण होने से सामाजिक उत्थान स्वयं होगा। साहसी और सदाचारी व्यक्ति के हाथों में समाज के संगठन का काम आसानी से सौंपा जा सकता है।

प्रश्न 7.
मांधीजी देशी भाषाओं में बड़े पैमाने पर अनुवाद कार्य बमों आवश्यक मानते थे?
उत्तर-
गाँधीजी का मानना था कि देशी भाषाओं में अनुवाद के माध्यम से किसी भी भाषा के विचारों को ज्ञान को आसानी से ग्रहण किया जा सकता है। अंग्रेजी या संसार के अन्य भाषाओं में जो ज्ञान-भंडार पड़ा है, उसे अपनी ही मातृभाषा के द्वारा प्राप्त करना सरल है। सभी भाषाओं से ग्राह्य ज्ञान के लिए अनुवाद की कला परमावश्यक है। अतः इसकी आवश्यकता बड़े पैमाने।

प्रश्न 8.
दूसरी संस्कृति से पहले अपनी संस्कृति की महरी सबा को जरूरी है?
उतर-
दूसरी संस्कृतियों की समझ और कद्र स्वयं अपनी संस्कृति की कद्र होने और उसे हजम कर लेने के बाद होनी चाहिए, पहले हरगिज नहीं। कोई संस्कृति इतने रत्न-भण्डार से भरी हुई नहीं है जितनी हमारी अपनी संस्कृति है। सर्वप्रथम हमें अपनी संस्कृति को जानकर उसमें निहित . बातों को अपनाना होगा। इससे चरित्र-निर्माण होगा जो संसार के अन्य संस्कृति से कुछ सीखने की क्षमता प्रदान करेगा। अपनी संस्कृति संसार से कुछ ग्रहण करने का मूलाधार है। अतः इससे पहले और अन्य संस्कृतियों से बाद में जुड़ना चाहिए।

प्रश्न 9.
अपनी संस्कृति और मातृभाषा की बुनियाद पर दूसरी संस्कृतियों और भाषाओं से सम्पर्क क्यों बनाया जाना चाहिए? मांधी जी की सब स्पष्ट कीजिहा.
उत्तर-
गाँधीजी के विचारानुसार हमें अपनी संस्कृति और मातृभाषा का महत्त्व अवश्य देना चाहिए। अपनी मातृभाषा का माध्यम बनाकर हम अत्यधिक विकास कर सकते हैं। अपनी संस्कृति के माध्यम से जीवन में तेज गति से उत्थान किया जा सकता है। लेकिन हम कूपमंडूक नहीं बनें। दूसरी संस्कृति की अच्छी बातों को अपनाने में परहेज नहीं किया जाय। इसके लिए ध्यान रखने की बात है कि अपनी संस्कृति एवं भाषा के महत्त्व को कम नहीं आँको साथ-ही इसे आधार बनाकर अन्य भाषा एवं संस्कृति को अपने जीवन से युक्त करें।

प्रश्न 10.
गांधी जी किस तरह के सामंजस्य को भारत के लिए बेहतर मानते हैं और क्यों?
उत्तर-
गांधीजी भिन्न-भिन्न संस्कृतियों के सामंजय को भारत के लिए बेहतर मानते हैं, क्योंकि भिन्न-भिन्न संस्कृतियों का सामंजस्य भारतीय जीवन को प्रभावित किया है और स्वयं भी भारतीय जीवन से प्रभावित हुई है। रर सामंजस्य कुदरती तौर पर स्वदेशी ढंग का होगा, जिसमें प्रत्येक संस्कृति के लिए अपना उचित स्थान सुरक्षित होगा।

प्रश्न 11.
आशयस्कर करें
(क)मैं चाहता हूं कि सारी शिक्षा विकसी दस्तकारी या उद्योगों के द्वारा दी जाए।
व्याया-
गाँधीजी के विचारानुसार सच्ची और सही शिक्षा वही है जो मनुष्य को मनुष्यता सिखाए। दस्तकारी और उद्योगों के द्वारा जो शिक्षा ही जाएगी उससे गाँवों की बेरोजगारी दूर होगी। व्यावहारिक जीवन में आत्मीयता, प्रेम, करुणा, दया, धर्म, अहिंसा, सत्य और कर्म के प्रति लोगों का रुडार कहेंगा। एक-दूसरे के प्रति लगाव पैदा होगा। मन और मस्तिष्क का उचित विकास होगा। गाँवों स्पिकला, कुटीर उद्योगों का विकास होगा। शारीरिक, मानसिक और आर्थिक विकास में इससे सहयोम मिलेगा। शरीर-बुद्धि और आत्मा के सभी उत्तम गुणों का विकास अलग-अलग रूपों में होगा। आजकल ही शिक्षा मात्र यांत्रिक नहीं होगी बल्कि वैज्ञानिक होगी। ऐसी शिक्षा द्वारा ही मस्तिष्क और आत्मा का उच्चतम विकास संभव हो जायेगा। दस्तकारी और उद्योगों के माध्यम से प्राप्त शिक्षा द्वारा स्वावलम्बन के प्रति लोगों की भावना जागेगी। सभी तत्पर होकर कार्य करेंगे। अपनी संस्कृति के प्रति रुचि दिखायेंगे। उत्पादन विनिमय, वितरण में सुगमता होगी (जनजीवन सुखी और समृद्ध होगा) गाँवों का विकास, उनका विकास और आर्थिक स्वावलंबन होगा। हस्तकला-शिल्पकला की महत्ता और उपयोगिता से लोग अवगत होंगे। ग्राम आधारित उद्योग-धंधों का विकास और जनता के बीच खुशहाली बढ़ेगी।

(ख) इमारत में आर्वसम्मति सी कोई चीननद नहीं है।
व्याया-
गाँधी जी का विचार है कि इस समय जो संस्कृति का विकसित रूप हम देख रहे हैं वह शुद्ध आर्य संस्कृति नहीं है, यह अनेक जातियों एवं धर्मों के सम्मिश्रण के समन्वय का स्वरूप है, आर्य कहाँ से आयें, कैसे आयें या ये मूल निवासी भारत के थे? इस विवाद में गाँधीजी पड़ना नहीं चाहते थे। उनका कहना है कि मेरे पूर्वज एक-दूसरे के साथ बड़ी आजादी के साथ मिल गये और वर्तमान में जो पीढ़ी है, उसी मिश्रण या मिलावट की उपज है। शक, हूण, कुषाण, आर्य, अनार्य, स्वेत श्याम सबका सम्मिश्रण रूप भारत है और यहाँ के निवासी उसी की उपज हैं।

(स) मेस धर्म कैदखाने का बर्ष नहीं है।
व्याख्या-
भारतीय धर्म के बारे में गाँधीजी के विचार हैं कि भारतीय धर्म कैदखाने का धर्म नहीं है। बलात् किसी पर थोपा नहीं गया है। बलात् किसी धर्मांतरण के लिये प्रताड़ित या सताया गया नहीं है। यह तो समन्वय का धर्म है। प्रेम का धर्म है। अपनत्व और आत्मीयता का धर्म है। यह तो विश्व-बंधुत्व और वसुधैव कुटुम्बकम का विराट स्वरूप है। इस प्रकार गाँधीजी ने भारतीय धर्म की विराटता, खुलापन, व्यापक दृष्टिकोण समन्वयवाद भावना आदि रूपों, विशेषताओं की
ओर ध्यान खींचा है और इसे व्यापक मानव हितकारी धर्म कहा है। यहाँ चिन्तन की गहरायी है, आजादी है, सहिष्णुता और सम्मान की भावना है।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
निम्नलिखित के विग्रह करते हुए समास के प्रकार बताए
उत्तर-
बुद्धिपूर्जक – बुद्धि से युक्त – तत्पुरुष
हृदयांकित – हृदय में अंकित – तत्पुरुष
सर्वांगीण – सभी अंगों के साथ – अव्ययीभाव
अविभाज्य – जो विभाजित नहीं है – नब समास
भोजनशास्त्र – भोजन का शास्त्र – तत्पुरूष
उत्तरार्ध – बाद का – तत्पुरूष
रक्तरंजित – रक्त से रंजित – तत्पुरूष
कूपमंडूक – कुंए का मेढ़क – तत्पुरूष
अग्रदूत – आगे चलने वाला – कर्मधारय
एकांगी – एक ही अंग का – कर्मधारय

प्रश्न 2.
निम्नलिखित के पर्यायवाची बताएँ
उत्तर-
शारीरिक = शरीर, देह
प्रगट = प्रत्यक्ष, सामने
दस्तकारी = हस्तकौशल, हाथ की गारीगरी
मौजूदा = उपस्थित, मौजूद
कोशिश = प्रयास
परिणाम = प्रतिफल
तालीम = शिक्षा, विद्या
पूर्वज = पुरखे

प्रश्न 3.
निम्नलिखित के संधि-विच्छेद करें-
उत्तर-
साक्षर = स + अक्षर
एकांगी = एक + अंगी।
उत्तरार्ध = उत्तर + अर्थ
स्वावलंबन = स्व + अवलंबन
संस्कृति = सम् + कृति
बहिष्कार = बहिः + कार
प्रत्यक = प्रति + एक
अध्यात्म = अधि + आत्म

गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण-संबंधी प्रश्नोत्तर

1.अहिंसक प्रतिरोध सबसे उदात्त और बढ़िया शिक्षा है। वह बच्चों की मिलनेवाली साधारण अक्षर-ज्ञान की शिक्षा के बाद नहीं, पहले होनी चाहिए। इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि बच्चे को, वह वर्णमाला लिखे और सांसारिक ज्ञान प्राप्त करें उसके पहले यह जानना चाहिए कि आत्मा क्या है, सत्य क्या है, प्रेम क्या है और आत्मा में क्या-क्या शक्तियाँ छुपी हुई हैं। शिक्षा का जरूरी अंग यह होना चाहिए कि बालक जीवन-संग्राम में प्रेम से घृणा को, सत्य का बल अनुभव करने के कारण ही मैंने सत्याग्रह-संग्राम के उत्तरार्द्ध में पहले टॉल्सटाय फार्म में और बाद में फिनिक्स आश्रम में बच्चों को इसी ढंग की तालीम देने की भरसक कोशिश की थी।

प्रश्न
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखिए।
(ख) सबसे उदात्त और बढ़िया शिक्षा क्या है ?
(ग) बच्चे को सांसारिक ज्ञान से पहले क्या जानना चाहिए?
(घ) शिक्षा का जरूरी अंग क्या होना चाहिए?
(ङ) हिंसा को कैसे जीता जा सकता है?
उत्तर-
(क) पाठ का नाम-शिक्षा और संस्कृति।
लेखक का नाम महात्मा गाँधी।
(ख) अहिंसक प्रतिरोध सबसे उदात्त और बढ़िया शिक्षा है।
(ग) बच्चे को सांसारिक ज्ञान से पहले यह जानना चाहिए कि आत्मा क्या है, सत्य क्या है, प्रेम क्या है और आत्मा में क्या-क्या शक्तियाँ छुपी हुई हैं।
(घ) शिक्षा का जरूरी अंग यह होना चाहिए कि बालक जीवन-संग्राम में प्रेम से घृणा को, सत्य से असत्य को और कष्ट सहन से हिंसा को आसानी से जीतना सीखें।
(ङ) जीवन में कष्ट सहने की क्षमता विकसित करके हिंसा को आसानी से जीता जा सकता है।

2. मेरी राय में बुद्धि की शिक्षा शरीर की स्थूल इन्द्रियों, अर्थात् हाथ, पैर, आँख, कान, नाक वगैरह के ठीक-ठीक उपयोग और तालीम के द्वारा ही हो सकती है। दूसरे शब्दों में, बच्चे द्वारा इन्द्रियों का बुद्धिपूर्वक उपयोग उसकी बुद्धि के विकास का जल्द-से-जल्द और उत्तम तरीका है। परन्तु, शरीर और मस्तिष्क के विकास के साथ आत्मा की जागृति भी उतनी ही नहीं होगी, तो केवल बुद्धि का विकास घटिया और एकांकी वस्तु ही साबित होगा। आध्यात्मिक शिक्षा से मेरा मतलब हृदय की शिक्षा है। इसलिए मस्तिष्क का ठीक-ठीक और सर्वांगीण विकास तभी हो सकता है, जब साथ-साथ बच्चे की शारीरिक और आध्यात्मिक शक्तियों की भी शिक्षा होती रहे। ये सब बातें अविभाज्य हैं, इसलिए इस सिद्धांत के अनुसार यह मान लेना कुतर्क होगा कि उनका . विकास अलग-अलग या एक-दूसरे से स्वतंत्र रूप में किया जा सकता है।

प्रश्न
(क) पाठ एवं लेखक का नाम लिखें।
(ख) बुद्धि की सच्ची शिक्षा कैसे हो सकती है?
(ग) बच्चे की बुद्धि के विकास का उत्तम तरीका क्या है?
(घ) आध्यात्मिक शिक्षा का अभिप्राय क्या है? ..
(ङ) मस्तिष्क का ठीक-ठीक विकास किस प्रकार किया जा सकता है?
उत्तर-
(क) पाठ का नाम-शिक्षा और संस्कृति।
लेखक का नाम-महात्मा गाँधी।
(ख) बुद्धि की सच्ची शिक्षा शरीर की स्थूल इन्द्रियों, अर्थात् हाथ, पैर, आँख, कान, नाक वगैरह के ठीक-ठीक उपयोग और तालीम के द्वारा ही हो सकती है।
(ग) बच्चे द्वारा इन्द्रियों का बुद्धिपूर्वक उपयोग उसकी बुद्धि के विकास का जल्द-से-जल्द और उत्तम तरीका है।
(घ) आध्यात्मिक शिक्षा से मतलब हृदय की शिक्षा है।
(ङ) मस्तिष्क का ठीक-ठीक विकास तभी हो सकता है जब साथ-साथ बच्चे की शारीरिक और आध्यात्मिक शक्तियों की भी शिक्षा होती रहे।

3. शिक्षा से मेरा अभिप्राय यह है कि बच्चे और मनुष्य के शरीर, बुद्धि और आत्मा के सभी उत्तम गुणों को प्रकट किया जाए। पढ़ना-लिखना शिक्षा का अन्त तो है ही नहीं; वह आदि भी नहीं है। वह पुरुष और स्त्री को शिक्षा देने के साधनों में केवल एक साधन है। साक्षरता स्वयं कोई शिक्षा नहीं है। इसलिए तो मैं बच्चे की शिक्षा का प्रारंभ इस तरह करूँगा कि उसे कोई उपयोगी दस्तकारी सिखाई जाए और जिस क्षण से वह अपनी तालीम शुरू करे उसी क्षण उसे उत्पादन का काम करने योग्य बना दिया जाए।

प्रश्न
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखिए।
(ख) शिक्षा से गाँधीजी का क्या अभिप्राय है?
(ग) क्या साक्षरता को वास्तविक शिक्षा माना जा सकता है?
(घ) बच्चे की शिक्षा का प्रारंभ किस तरह से होनी चाहिए?
(ङ) बच्चे को उत्पादन का काम करने योग्य कब बना देना अच्छा होगा?
उत्तर-
(क) पाठ का नाम–शिक्षा और संस्कृति।।
लेखक का नाम-महात्मा गाँधी।
(ख) शिक्षा से गाँधीजी का अभिप्राय यह है कि बच्चे और मनुष्य के शरीर, बुद्धि और आत्मा के सभी उत्तम गुणों को प्रकट किया जाए।
(ग) साक्षरता को कोई शिक्षा नहीं माना जा सकता है।
(घ) बच्चे की शिक्षा का प्रारंभ इस तरह से हो कि उसे कोई उपयोगी दस्तकारी सिखाई जाए और जिंस क्षण से वह अपनी तालीम शुरू करें उसी क्षण उसे उत्पादन का काम करने योग्य बना दिया जाए।
(ङ) प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के समय ही बच्चे को उत्पादन का काम करने योग्य बना देना अच्छा होगा।

4. मैं चाहता हूँ कि उस भाषा (अंग्रेजी) में और इसी तरह संसार की अन्य भाषाओं में जो ज्ञान-भंडार भरा पड़ा है, उसे राष्ट्र अपनी ही देशी भाषाओं में प्राप्त करे। मुझे रवीन्द्रनाथ की अपूर्व रचनाओं की खूबियाँ जानने के लिए बंगला सीखने की जरूरत नहीं। वे मुझे अच्छे अनुवादों से मिल जाती हैं। गुजराती लड़कों और लड़कियों को टॉल्सटाय की छोटी-छोटी कहानियों से लाभ उठाने के लिए रूसी भाषा सीखने की आवश्यकता नहीं। वे तो उन्हें अच्छे अनुवादों के जरिए सीख लेते हैं। अंग्रेजों को गर्व है कि संसार में जो उत्तम साहित्य होता है, वह प्रकाशित होने के एक सप्ताह के भीतर सीधी-सादी अंग्रेजी में उस राष्ट्र के हाथों में आ जाता है।

प्रश्न
(क) इस गद्यांश के लेखक कौन हैं ?
(ख) गांधीजी क्या चाहते हैं ?
(ग) गाँधीजी को रवीन्द्रनाथ ठाकुर की रचनाओं का आनन्द कैसे प्राप्त हो जाता है?
(घ) अंग्रेजों को किस बात का गर्व है?
उत्तर-
(क) इस गद्यांश के लेखक हैं महात्मा गाँधी।।
(ख) गाँधीजी चाहते हैं कि संसार की विभिन्न भाषाओं में जो ज्ञान-भंडार है, वह देश के . लोगों को देशी भाषा में हासिल हो।
(ग) गाँधीजी को रवीन्द्रनाथ ठाकुर की रचनाओं का आनन्द अनुवाद के द्वारा प्राप्त हो जाता है।
(घ) अंग्रेजों को इस बात का गर्व है कि संसार में जिस किसी भाषा में उत्तम साहित्य . का प्रकाशन होता है, वह एक सप्ताह के अन्दर सरल अंग्रेजी में उपलब्ध हो जाता है।

5. मैं नहीं चाहता कि मेरे घर के चारों ओर दीवारें खड़ी कर दी जाएँ और मेरी खिड़कियाँ बन्द कर दी जाएँ। मैं चाहता हूँ कि सब देशों की संस्कृतियों की हवा मेरे घर के चारों ओर अधिक-से-अधिक स्वतंत्रता से बहती रहे। मगर मैं उनमें से किसी के झोंके में उड़ नहीं जाऊँगा। मैं चाहूँगा कि साहित्य में रुचि रखनेवाले हमारे युवा स्त्री-पुरुष जितना चाहें अंग्रेजी और संसार की भाषाएँ और फिर उनसे आशा रखूगा कि वे अपनी विद्वता का लाभ भारत और संसार को उसी तरह दें जैसे बोस, राय या स्वयं कविवर दे रहे हैं लेकिन मैं यह नहीं चाहूँगा कि एक भी भारतवासी अपनी मातृभाषा भूल जाए उसकी उपेक्षा करे उस पर शर्मिंदा हो या यह अनुभव करे कि वह अपनी खुद की देशी भाषा में विचार नहीं कर सकता या अपने उत्तम विचार प्रकट नहीं कर सकता। मेरा धर्म कैदखाने का धर्म नहीं है।

प्रश्न
(क) पाठ और लेखक का नाम लिखें।
(ख) लेखक का आसानी और अन्य देशों की संस्कृतियों के बारे में क्या विचार हैं?
(ग) संसार की अन्य भाषाओं के बारे में लेखक की क्या साय है?
(घ) मातृभाषा के संबंध में लेखक की धारणा क्या है ?
(ङ) लेखक का अपने धर्म को कैदखाना न मानने का क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
(क) पाठ-शिक्षा और संस्कृति। लेखक-महात्मा गाँधी।
(ख) लेखक चाहते हैं कि अन्य देशों की संस्कृतियों की जानकारी ली जाती रहे किन्तु उनके प्रवाह में बहा नहीं जाए। जो अच्छी बातें हैं उन्हें स्वीकार करने में हिचक न हो।
(ग) लेखक चाहते हैं कि हमारे युवा संसार की अन्य भाषाएँ सीखना चाहते हैं तो सीखें लेकिन अपनी जानकारी और विद्वता का लाभ देश को दें जैसे—जगदीशचन्द्र बोस और रवीन्द्रनाथ ठाकुर आदि दे रहे हैं।
(घ) लेखक चाहते हैं कि लोग अपनी मातृभाषा न भूलें, इसकी उपेक्षा न करें। ऐसा न हो कि अपने उत्तम विचार हमारे लोग अपनी मातृभाषा में प्रकट न कर सकें।
(ङ) लेखक अपने धर्म को कैदखाना नहीं मानते अर्थात् वे मानते हैं कि अपना हिन्दू धर्म नयी बातें सीखने में समर्थ है।

6. भारतीय संस्कृति उन भिन्न-भिन्न संस्कृतियों के सामंजस्य की प्रतीक है जिनके हिन्दुस्तान में पैर जम गए हैं, जिनका भारतीय जीवन पर प्रभाव पड़ चुका है और जो स्वयं भारतीय जीवन से प्रभावित हुई है। यह सामंजस्य कुदरती तौर पर स्वदेशी ढंग का है, जिसमें प्रत्येक संस्कृति के लिए अपना स्थान सुरक्षित है। यह अमरीकी ढंग का सामंजस्य नहीं है जिसमें एक प्रमुख संस्कृति बाकी संस्कृतियों को हजम कर लेती है और जिसका लक्ष्य मेल की तरफ नहीं बल्कि कृत्रिम जबरदस्ती की एकता की ओर है।

प्रश्न
(क) पाठ और लेखक कारण बतार।
(ख) भारतीय संस्कृति कैसी है?
(म) भारतीय संस्कृति का सामंजस्व किस प्रकार का है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
(क) पाठ-शिक्षा और संस्कृति। लेखक-महात्मा गाँधी।
(ख) भारतीय संस्कृति उन अनेक संस्कृतियों के सामंजस्य का प्रतीक है, जिनके पैर.भारत में जम चुके हैं या वे स्वयं भारतीय जीवन से प्रभावित हैं।
(ग) भारतीय संस्कृति का सामंजस्य कुदरती है, स्वदेशी है। यह अमरीकी ढंग का नहीं है जिसमें एक संस्कृति बाकी संस्कृतियों को जबरदस्ती या कृत्रिम रूप से हजम कर लेती है। यह सामंजस्य आन्तरिक है। वस्तुतः भारतीय संस्कृति एक अनुपम संस्कृति है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. सही विकल्प चुनें-

प्रश्न 1.
“शिक्षा और संस्कृति’ पाठ के लेखक कौन हैं ?
(क) रवीन्द्र नाथ ठाकुर
(ख) भीमराव अम्बेदकर
(ग) मैक्समूलर
(घ) महात्मा गाँधी
उत्तर-
(घ) महात्मा गाँधी

प्रश्न 2.
“शिक्षा और संस्कृति’ शीर्षक पाठ गद्य की कौन-सी विधा है?
(क) निबंध
(ख) गद्य काव्य
(ग) रेखाचित्र
(घ) साक्षात्कार
उत्तर-
(क) निबंध

प्रश्न 3.
गाँधीजी को ‘महात्मा’ किसने कहा?
(क) जवाहरलाल नेहरू
(ख) रवीन्द्रनाथ ठाकुर
(ग) राजेन्द्र प्रसाद
(घ) सरदार पटेल
उत्तर-
(ख) रवीन्द्रनाथ ठाकुर

प्रश्न 4.
गाँधीजी की दृष्टि में उदात्त और बढ़िया शिक्षा क्या है ?
(क) अहिंसक प्रतिरोध
(ख) अक्षर-ज्ञान
(ग) अनुवाद
(घ) अंग्रेजी की शिक्षा
उत्तर-
(ख) अक्षर-ज्ञान

प्रश्न 5.
गाँधीजी शिक्षा का उद्देश्य क्या मानते थे?
(क) नौकरी पाना
(ख) वैज्ञानिक बनना
(ग) चरित्र-निर्माण
(घ) यांत्रिक दक्षता
उत्तर-
(ग) चरित्र-निर्माण

प्रश्न 6.
टॉल्सटाखन थे?
(क) रूसी लेखक
(ख) चीनी लेखक
(ग) अंग्रेजी लेखक
(घ) फ्रेंच लेखक
उत्तर-
(क) रूसी लेखक

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति

प्रश्न 1.
गाँधीजी के पिता का नाम ………. था। .
उत्तर-
करमचंद

प्रश्न 2.
गाँधीजी का पूरा जीवन ………… के प्रति समर्पित था।
उतर-
राष्ट्र

प्रश्न 3.
……….. स्वयं कोई शिक्षा नहीं है।
उत्तर-
साक्षरता

प्रश्न 4.
शिक्षा का उद्देश्य है …………।
उत्तर-
चरित्र निर्माण

प्रश्न 5.
दूसरों का बहिष्कार करनेवाली ……… जिन्दा नहीं रहती।
उत्तर-
संस्कृति

प्रश्न 6.
भारतीय संस्कृति भिन्न-भिन्न संस्कृतियों ………… का प्रतीक है।
उत्तर-
के सामंजस्य

अतिलघु उत्तरीय पश्व

प्रश्न 1.
किनका जन्म-दिन अहिंसा-दिवस के रूप में मनाया जाता है?
उत्तर-
गाँधीजी का जन्म-दिन अहिंसा-दिवस के रूप में मनाया जाता है।

प्रश्न 2.
गाँधीबी सबसे बढ़िया शिक्षा किसे बनते थे?
उत्तर-
अहिंसक प्रतिरोध को गांधीजी सबसे बढ़िया शिक्षा मानते थे।

प्रश्न 3.
याँधोकी सारी शिक्षा कैसे देना चाहते थे?
उत्तर-
गाँधीजी सारी शिक्षा किसी दस्तकारी या उद्योगों के द्वारा देना चाहते थे।

प्रश्न 4.
गाँधीजी किस भाषा में संसार का ज्ञान प्राप्त करना चाहते थे?
उत्तर-
गाँधीजी अपनी ही देशी भाषा में संसार का ज्ञान प्राप्त करना चाहते थे।

प्रश्न 5.
भारतीय संस्कृति को गाँधीजी क्या समझाते थे ?
उत्तर-
गाँधीजी की दृष्टि में भारतीय संस्कृति रत्नों से भरी है।

प्रश्न 6.
कौन-सी संस्कृति जीवित नहीं रहती?
उत्तर-
जो संस्कृति दूसरों का बहिष्कार करने की कोशिश करती है, वह जीवित नहीं रहती।

प्रश्न 7.
अमरीकी संस्कृति की प्रवृत्ति क्या है ?
उत्तर-
अमरीकी संस्कृति की प्रवृत्ति है बाकी संस्कृतियों को हजम करना, कृत्रिम और जबरदस्ती की एकता कायम करना।

शिक्षा और संस्कृति लेखक परिचय

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 ई० में पोरबंदर, गुजरात में हुआ था । उनके पिता का नाम करमचंद गाँधी और माता का नाम पुतलीबाई थां । उनकी प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर और उसके आस-पास हुई । 4 दिसंबर 1888 ई० में वे वकालत की पढ़ाई के लिए । यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन यूनिवर्सिटी, लंदन गए । 1883 ई०में कम उम्र में ही उनका विवाह कस्तूरबा से हुआ जो स्वाधीनता संग्राम में उनके साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलीं । गाँधीजी के जीवन में दक्षिण अफ्रीका (1893-1914 ई०) के प्रवास का ऐतिहासिक महत्त्व है । वहीं उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ अहिंसा का पहला प्रयोग किया ।

1915 ई० में गाँधीजी भारत लौट आए और स्वाधीनता संग्राम में कूद पड़े। आजादी की लड़ाई में उन्होंने. सत्य के प्रयोग किए । अहिंसा और सत्याग्रह उनका सबसे बड़ा हथियार था। उन्होंने स्वराज की माँग की, अछूतोद्धार का काम किया, सर्वोदय का कार्यक्रम चलाया, स्वदेशी का नारा दिया, समाज में व्याप्त ऊँच-नीच, जाति-धर्म के विभेदक भाव को मिटाने की कोशिश की और अंततः अंग्रेजों की गुलामी से भारत को आजादी दिलाई।।

गाँधीजी को रवींद्रनाथ टैगोर ने ‘महात्मा’ कहा । उन्हें ‘बापू’, ‘राष्ट्रपिता आदि कहकर कृतज्ञ राष्ट्र याद करता है । गाँधीजी ने ‘हिंद स्वराज’, ‘सत्य के साथ मेरे प्रयोग’ आदि पुस्तकें लिखीं। उन्होंने ‘हरिजन’, ‘यंग इंडिया’ आदि पत्रिकाएँ भी संपादित की । उनका पूरा जीवन राष्ट्र के प्रति समर्पित था । उन्होंने शिक्षा, संस्कृति, राजनीति तथा सामाजिक एवं आर्थिक पक्षों पर खूब लिखा और उनके प्रयोग के द्वारा भारतवर्ष को फिर से एक उन्नत एवं गौरवशाली राष्ट्र बनाने की कोशिश की । 30 जनवरी 1948 ई० में नई दिल्ली में एक सिरफिरे ने उनकी हत्या कर दी । गाँधीजी की स्मृति में पूरा राष्ट्र 2 अक्टूबर को उनकी जयंती मनाता है । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके जन्म दिवस को ‘अहिंसा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

शिक्षा और संस्कृति जैसे विषय पर यहाँ ‘हरिजन’, ‘म इंडिया जैसे ऐतिहासिक पत्रों के अग्रलेखों से संकलित-संपादित राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के विचार प्रस्तुत हैं । इस पाठ में उनके क्रांतिकारी शिक्षा दर्शन के अनुरूप वास्तविक जीवन में उपयोगी, व्यावहारिक दृष्टिकोण और विचार हैं जिनके बल पर आत्मा, बुद्धि, मानस एवं शरीर के संतुलित परिष्कार के साथ मनुष्य
के नैतिक विकास के लिए जरूरी प्रेरणाएँ हैं । गाँधीजी की शिक्षा और संस्कृति की परिकल्पना. निरी सैद्धांतिक नहीं है, वह जटिल और पुस्तकीय भी नहीं है, बल्कि हमारे साधारण दैनंदिनं जीवन-व्यवहार से गहरे अर्थों में जुड़ी हुई है ।

शिक्षा और संस्कृति Summary in Hindi

पाठ का सारांश

अहिंसक प्रतिरोध सबसे उदात्त और बढ़िया शिक्षा है। वह बच्चों को मिलनेवाली साधारण उक्षतर-ज्ञान की शिक्षा के बाद नहीं, पहले होनी चाहिए। इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि बच्चे को वह वर्णमाला लिखे और सांसारिक ज्ञान प्राप्त करे उसके पहले यह जानना चाहिए कि आत्मा क्या है, सत्य क्या है, प्रेम क्या है और आत्मा में क्या-क्या शक्तियाँ छुपी हुई हैं।

मेरी राय में बुद्धि की सच्ची शिक्षा शरीर की स्थूल इन्द्रियों अर्थात् हाथ, पैर, आँख, कान, नाक वगैरह के ठीक-ठीक उपयोग और तालीम के द्वारा ही हो सकता है। आध्यात्मिक शिक्षा से मेरा अभिप्राय हृदय की शिक्षा है। इसलिए मस्तिष्क का ठीक-ठीक और सर्वांगीण विकास तभी हो सकता है, जब साथ-साथ बच्चे की शारीरिक और आध्यात्मिक शक्तियों की भी शिक्षा होती रहे।

शिक्षा से मेरा अभिप्राय यह है कि बच्चे और मनुष्य के.शरीर बुद्धि और आत्मा के सभी उत्तम गुणों को प्रयास किया जाए। पढ़ना-लिखना शिक्षा का अन्त तो है ही नहीं, वह आदि भी नहीं है। मैं चाहता हूँ कि सारी शिक्षा किसी दस्तकारी या उद्योगों के द्वारा दी जाए।

आपको यह ध्यान में रखना चाहिए कि प्रारंभिक शिक्षा में सफाई, तन्दुरूस्ती, भोजनशास्त्र, अपना काम आप करने और घर पर माता-पिता को मदद देने वगैरह के मूल सिद्धान्त शामिल हों।

जब भारत को स्वराज्य मिल जाएगा तब शिक्षा का ध्येय होगा? चरित्र-निर्माण। मैं साहस, बल, सदाचार और बड़े लक्ष्य के लिए काम करने में आत्मोत्सर्ग की शक्ति का विकास कराने की कोशिश करूँगा। यह साक्षरता से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है, किताबी ज्ञान तो उस बड़े उद्देश्य का एक साधनमात्र है। यह अच्छी मितव्ययिता होगी यदि हम विद्यार्थियों का एक अलग वर्ग ऐसा रख दें, जिसका काम यह हो कि संसार की भिन्न-भिन्न भाषाओं में से सीखने की उत्तम बातें वह ज्ञान ले और उनके अनुवाद देशी भाषाओं में करके देता रहे। मेरा नम्रतापूर्वक यह कथन जरूर है कि दूसरी संस्कृतियों की समझ और कद्र स्वयं अपनी संस्कृति है। मैं नहीं चाहता कि मेरे घर के चारों ओर दीवारें खड़ी कर दी जायें और मेरी खिड़कियाँ बन्द कर दी जायें। मैं चाहता हूँ कि सब देशों की संस्कृतियों की हवा मेरे घर के चारों ओर अधिक-से-अधिक स्वतंत्रता के साथ बहती रहे। मगर मैं उनमें से किसी के झोंक में उड़ नहीं जाऊँगा। लेकिन मैं नहीं चाहता हूँ कि भारतवासी अपनी मातृभाषा को भूल जाए, उसकी उपेक्षा करे, उस पर शर्मिन्दा हो।

शब्दार्थ

प्रतिरोध : विरोध, संघर्ष
उदात्त : उन्नत
उत्तरार्ध : बाद का, परवर्ती आधा भाग
स्थूल : मोटा ।
जागृति : जागरण
एकांगी : एकपक्षीय
सर्वांगीण : सम्पूर्ण, समग्र
अविभाज्य : अविभक्त, जिसे अलग-अलग न बाँटा जा सके
दस्तकारी : हस्तकौशल, हस्तशिल्प, हाथ की कारीगरी
यांत्रिक : मशीनी, यंत्र पर आधारित
कवायद : ड्रील, भागदौड़
अग्रदूत : आगे-आगे चलने वाला
दूरगामी : दूर तक जाने वाला
गुजर : निर्वाह, पालन
रक्तरंजित : खून से सना हुआ
दक्षता : कौशल
आत्मोत्सर्ग : खुद को न्योछावर करना, आत्म-त्याग
कूपमंडूक : कुएँ का मेढक, संकीर्ण
हजम : पचना
हरगिज : किसी भी हाल में
अमल : व्यवहार
हृदयांकित : हृदय में अंकित

Bihar Board Class 8 Science Solutions Chapter 6 घर्षण के कारण

Bihar Board Class 8 Science Solutions Chapter 6 घर्षण के कारण Text Book Questions and Answers.

BSEB Bihar Board Class 8 Science Solutions Chapter 6 घर्षण के कारण

Bihar Board Class 8 Science घर्षण के कारण Text Book Questions and Answers

अभ्यास

घर्षण Class 8 Bihar Board प्रश्न 1.
कौन-सा गतिशील गेंद की गति को मंद करता है?
उत्तर-
घर्षण बल गतिशील गेंद की गति को मंद करता है

Gharshan Ke Karan Bihar Board प्रश्न 2.
घर्षण बल क्या है ?
उत्तर-
किसी वस्तु पर लगने वाला वह बल जो हमेशा गति का विरोध करता हो उस विरोधी बल को घर्षण बल कहते हैं। प्रत्येक वस्तु पर घर्षण बल उसकी गति के विपरीत दिशा में होता है। घर्षण बल हमेशा गति का विरोधी बल होता है तथा कभी भी गति बढ़ाने में मदद नहीं करता। घर्षण बल दो सतहों के बीच कार्य करता है इसलिए इसे सम्पर्क बल कहते हैं।

घर्षण के कारण Bihar Board प्रश्न 3.
स्थैतिक घर्षण तथा सी घर्षण में अन्तर बताइए।
उत्तर-
जब किसी वस्तु को विराम की स्थिति से गति में लाने का प्रयास किया जाता है। उस स्थिति में लगने वाले घर्षण बल को स्थैतिक घर्षण कहते.

जब कोई एक वस्तु, दूसरे वस्तु पर गतिमान हो तो उन दोनों सतहों के बीच लगने वाले घर्षण को सी घर्षण कहते हैं। सी घर्षण, स्थैतिक घर्षण से कम होता है।

Bihar Board Class 8 Science Solution In Hindi प्रश्न 4.
घर्षण बल की दिशा क्या होती है?
उत्तर-
घर्षण बल की दिशा हमेशा गति के विपरीत होती है।

Science बुक बिहार क्लास 8 Solution प्रश्न 5.
जब गेंद को समान वेग से फेकेंगे तो गेंद क्यों

  1. पक्की समतल सतह पर लम्बी दूरी तय करती है।
  2. कच्ची सड़क पर कम दूरी तय करती है।
  3. कंकड़ी सड़क पर बहुत कम दूरी तय कर पाती है।

उत्तर-

  1. जब गेंद को समान वेग से फेंकते हैं तो गेंद पक्की समतल सतह पर लम्बी दूरी तय करती है क्योंकि पक्की समतल सतह की प्रकृति चिकनी होती है जिसके कारण घर्षण बल कम लगता है।
  2. कच्ची सड़क पर गेंद कम दूरी तय करती है क्योंकि यहाँ घर्षण बल ज्यादा लगता है।
  3. कंकडीली सड़क की सतह काफी खरदरा है जिसके कारण यहाँ घर्षण बल बहुत अधिक कार्य करता है। परिणामस्वरूप गेंद बहुत कम दूरी तय कर पाती है।

घर्षण के प्रश्न उत्तर Bihar Board प्रश्न 6.
जब एक वस्तु दूसरी वस्तु की सतह पर गति करती है तो कौन वस्तु घर्षण प्रदर्शित करेगी?

  1. निचली वस्तु की सतह
  2. ऊपर गतिशील वस्तु की सतह
  3. दोनों वस्तु की सतह ।

उत्तर-
3. दोनों वस्तु की सतह ।

Bihar Board Science Book Class 8 प्रश्न 7.
खिलाड़ी द्वारा जूतों में काँटी का प्रयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर-
काँटी जमीन में घुस जाती है जिसके कारण जूता और जमीन में बहुत अच्छी सम्पर्क स्थापित हो जाता है। परिणामस्वरूप घर्षण बल का मान अधिक हो जाता है और खिलाड़ी फिसल नहीं पाते हैं तथा अपने क्षमता के अनुसार प्रदर्शन कर पाते हैं।

Gharshan Class 8 Bihar Board प्रश्न 8.
घर्षण हानिकारक वस्तु अनिवार्य है। क्यों?
उत्तर-
सतहों के बीच घर्षण ऊर्जा का अपव्यय करते हैं। घर्षण के कारण वस्तुएँ घिस जाती हैं। कपड़ा, जूता, चाकू, पेंसिल, पेन, बॉल बेयरिंग आदि घर्षण के कारण घिसकर खराब हो जाते हैं। मशीनों में घर्षण के कारण ऊर्जा का क्षय होता रहता है तो दूसरी तरफ बिना घर्षण के हम पृथ्वी चल नहीं पाएंगे। वाहन सड़क पर दौड़ नहीं पाएगी। घर्षण के कारण ही वाहनों पें गति संभव है। वाहनों की दिशा परिवर्तन में, कागज पर लिखने इत्यादि ऐसे बहुत कार्य हैं जिसमें घर्षण सहायक होते हैं।

इस प्रकार घर्षण जहाँ हानिकारक है, वहीं अत्यंत लाभकारी भी है। यानि अनिवार्य भी है।

Bihar Board Class 8 Science प्रश्न 9.
धारा रेखीय आकृति से क्या समझते हैं ? हवाई जहाज की आकृति या नाव । जहाज को विशेष आकृति क्यों प्रदान की जाती है ?
उत्तर-
तरल पदार्थ (गैस तथा द्रव) में गति करने वाली वस्तुओं की आकृति’ को विशेष रूप प्रदान किया जाता है जिससे घर्षण के मान को कम किया जाता है । इसी विशेष आकृति को धारा-रेखीय आकृति कहते हैं। हवाई जहाज,

नाव, जहाज की धारा रेखीय आकृति दिया जाता है। ताकि हवा तथा जल से कम से कम अवरोध या घर्षण हो सके। घर्षण कम होने से ऊर्जा का क्षय कम होता है और आसानी से यह एक स्थान से दूसरे स्थान तक गमन कर पाती है।

Bihar Board Class 8th Science Solution प्रश्न 10.
खाली स्थानों को भरें।

  1. घर्षण वह बल है जो गति का ……….. करता है।
  2. चिकनी सतह की अपेक्षा रूखड़ी सतह ……….. घर्षण उत्पन्न करती है।
  3. कैरमबोर्ड पर पाउडर के प्रयोग से घर्षण ………. हो जाता है।
  4. तरल घर्षण को ……….. कहते हैं।
  5. हवाई जहाज की आकृति ………. होती है जिससे हवा के कारण घर्षण कम हो जाए।

उत्तर-

  1. विरोध
  2. अधिक
  3. कम
  4. कर्षण
  5. धारा रेखीय

Bihar Board 8 Class Science Solution प्रश्न 11.
नीचे दिए गए कथन सत्य हैं या असत्य ?

  1. जब किसी गेंद को किक करते हैं तो सदा के लिए लुढ़कती रहती
  2. घर्षण के कारण ऊष्मा ऊर्जा उत्पन्न होती है।
  3. वस्तु के भार पर घर्षण का मान निर्भर करता है।
  4. स्नेहक के प्रयोग से घर्षण का मान घट जाता है।

उत्तर-

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. सत्य
  4. सत्य।

Bihar Board Class 9 Hindi Solutions Varnika Chapter 1 बिहार का लोकगायन

Bihar Board Class 9 Hindi Book Solutions Varnika Bhag 1 Chapter 1 बिहार का लोकगायन Text Book Questions and Answers, Summary, Notes.

BSEB Bihar Board Class 9 Hindi Solutions Varnika Chapter 1 बिहार का लोकगायन

Bihar Board Class 9 Hindi बिहार का लोकगायन Text Book Questions and Answers

Bihar Board Class 9 Hindi Book Solution प्रश्न 1.
लोकगीत किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ग्रामीण एवं प्रदेश के स्तर पर जन्म, जनेऊ, तिलकोत्सव, विवाहोत्सव, व्रत-उत्सव, कँटोनी पिसौनी, रोपनी आदि के समय जो गीत गाये जाते हैं, लोकगीत कहलाते हैं।

ये गीत आकृत्रिम उल्लासपूर्ण, भक्ति, प्रेम परिहास, उलाहना के साथ स्वागत एवं विदाई के भाव से युक्त होते हैं। खिलौना, सोहर, झूमर, ज्योनार, अँतसार, साझा, पराती, रोपनी गीत, होली, चैता आदि दर्जनों प्रकार के गीत बिहार की मिट्टी की अपनी गूंज है, अंतस की अभिव्यक्ति है। जनेऊ तथा विवाह के हल्दी मण्डपाच्छादन, स्नान, तिलक, स्वांगत, भोजन गुरहथी, सिंदूरदान, कोहबर, कन्या विदाई आदि विभिन्न प्रसंगों के गीत हमारी ग्रामीण कृषि संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। इन्हें नारी समाज ने सदियों से अपनी चेतना और स्मृति में सँजो रखा है। इनमें हमारी हजारों वर्ष के प्राचीन संस्कृति का इतिहास गुँथा हुआ दिखाई पड़ता है। मिथिला और नचारी जैसे गीतों की मोहक परंपरा भी बिहार के लोक-गीत की मूल्यवान निधि है। भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका आदि भाषाओं में गाये जाने वाली लोकगीत समान भाव से गाये जाते हैं।

Bihar Board Solution Class 9 Hindi प्रश्न 2.
लोकगीत के प्रमुख भेदों का परिचय दें। उत्तर-लोकगीत के पाँच प्रमुख भेद हैं
(i) संस्कार गीत (i) पर्व गीत (iii) श्रम गीत (iv) प्रेम मनोरंजन के गीत, गाथा गीत और (v) ऋतु गीत ।
उत्तर-
(i) संस्कार गीत-जन्म, जनेऊ, तिलक विवाह आदि के शुभ-अवसर पर विभिन्न प्रसंगों पर गाये जाने वाले गीत संस्कार गीत कहे जाते हैं।
(ii) पर्व गीत-भक्तिमूलक गीतों का गायन पर्व गीतों में किये जाते हैं। ग्राम देवी, शंकर पार्वती या गंगा की भक्ति के गीतों के अलावे छठ के गीत इस संदर्भ में विशेष उल्लेखनीय हैं।
(iii) श्रम गीत-श्रम गीतों में जाँते में गेहूँ पीसती नारियाँ और धान का विचड़ा रोपती मजदरिनों द्वारा जो गीत गाये जाते हैं अर्थात् अँतसार और रोपनी गीतों का विशेष स्थान है। हल जोतते हलवाहे, गाय भैंस चराते चरवाहे जो अन्य प्रेमगीत, गाथा गीत हैं वह भी एक हद तक श्रमगीत के अन्तर्गत कहा जा सकता है किन्तु ग्वालों के निजी उत्सव पर विरहा गायन की परंपरा श्रमगीत है।
(iv) प्रेम मनोरंजन के गीत-इस प्रकार के गीतों का प्रचलन श्रमशील पुरुषों (चरवाहे, हलवाहे, गाड़ीवान आदि) में रहा है जो मन की मौज के अनुसार बिरहा, लारिकायन आदि भी मक्त भाव स गाते हैं। लोरिका. भरथरी और नैका गाथा गीतों के गायक रहे हैं।
(v) ऋतु गीत-होली और चैता का गायन ऋतु गीत के अन्तर्गत आते हैं किन्तु ये उत्सव गीत भी कहे जाते हैं।

Bihar Board 9th Class Hindi Book Solution प्रश्न 3.
संस्कार गीत किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जन्म, जनेऊ, तिलक, विवाह आदि के विभिन्न प्रसंगों पर गाये जाने वाले संस्कार गीत कहलाते हैं। गृहों में जनेऊ संस्कार जिस अधिकारी कुमार का किया जाता है उन्हें गीतों में बडुआ कर सम्बोधित किया जाता है। तिलकोत्सव लड़के वाले के यहाँ सम्पन्न होता है इसलिये यह उन्हीं के यहाँ गाये जाते हैं. जिसमें लडके को अधिक गुणवान और दहेज को कम बता कर उलाहना भरा गीत गाया जाता है। हल्दी कलश स्थापन से चौथारी तक अलग-अलग प्रसंगों के गीत वर और कन्या दोनों के यहाँ नियमित रूप से गाये जाते हैं। संध्यावाती के समय घर की बुजुर्ग महिलायें धीमी स्वर में गाती हुई पितरों का आह्वान और वन्दन करती हैं।

द्वार पूजा के लिये दरवाजे पर आयी बारात के स्वागत में गीत गाती नारियों का. समूह घर के वयस्क सदस्यों का नाम ले-लेकर अगवानी करने का आग्रह करते हैं। इससे आगे परिछावन, चुमावन आदि के गीत भी होते हैं। भोजन करने आये समधी एव बारातियों के पैर धोने की परम्परा गोर-धुलाई और भोजन करते समय भी अलग-अलग गीतों से वातावरण आह्लादित होते रहता है।

विवाह गीतों में सिंदूर-दान एवं बेटी की विदाई के करुण भाव मांगलिक पक्ष के परिचायक हैं। करुण गीत का प्रयोग सिंदरदान में प्रवेश करता है और विदाई के समय चरम स्थिति में परिणत हो जाता है।
इस प्रकार संस्कार गीत लोकगीत का एक प्रमुख गीत है।

बिहार बोर्ड ९थ क्लास बुक Hindi प्रश्न 5.
आपको अपने क्षेत्र में विवाह के किन-किन प्रसंगों के गीत गाये जाते
उत्तर-
हमारे क्षेत्र में विवाह के विभिन्न प्रसंगों पर भिन्न-भिन्न प्रकार के गीत गाये जाते हैं। जैसे बारात के द्वार लगने पर द्वार पूजा, समधी मिलन, पाँव परिक्षालन, चुमावन, सिंदूरदान, कोहवर, विदाई आदि के प्रसंगों पर भिन्न-भिन्न भाव और अर्थ के गीत गाये जाते हैं।

Bihar Board Class 9 Hindi Solutions प्रश्न 6.
किस पर्व के गीत आपको सबसे अधिक अच्छे लगते हैं और क्यों?
उत्तर-
हमें छठ पर्व का गीत सबसे अच्छा लगता है। क्योंकि छठ बिहार का अपना प्रादेशिक पर्व है और इसके गीतों की अपनी सर्वथा अलग धुन तथा लय होती है। छठ पर्व के गीत बिहार की कृषि संस्कृति वाले परिवार को समर्पित सूर्यभक्ति की निष्कलुष व्यंजना करते हैं। “कांच ही बाँस के बहंगिया बहँगी लचकत जाय”।
से अलग “उगी न सरुजदेव लीही न अरिघिया” में एक भिन्न छन्द बनता है।
छठ के गीत पर्वगीत के अन्तर्गत आते हैं। पर्वो के भक्तिमूलक लोकगायन में पूर्णतः पारिवारिक-सामाजिक संदर्भ होता है, जिसमें देव या देवी की कृपालुता, रुष्टता, लीला, स्वरूप, सौंदर्य आदि का वर्णन-चित्रण हुआ करता है।

Bihar Board Class 9th Hindi Solutions प्रश्न 7.
शास्त्रीय गीत तथा लोकगीत का सामान्य अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
शास्त्रीय संगीत शास्त्र सम्मत होते हैं और लोकगीत अकृत्रिम होते हैं। लोकगीत स्वच्छंद चेतना पर आधारित है। लोकगीत गाँवों में ग्रामीण और शास्त्रीय गीत नगरीय है। शास्त्रीय संगीत में गीतकार के भिन्न घराने होते हैं किन्त लोकगीत में विभिन्न अंचलों की संवेदना स्पष्ट होती है और दोनों परम्परागत हैं। शास्त्रीय संगीत परम्परा पर निर्भर नहीं है और लोकगीत निर्भर है।
(iii) लोकगीतकार अधिक लोकप्रिय हैं। शास्त्रीय के नियम और गायकी के रूप एवं उसकी सीमा आदि पर संगीतकार को आश्रित रहना पड़ता है। लोकगीत इसके विरुद्ध परम्परा पर
है, उसमें कोई नियम सीमा नहीं होती है। लोकगीत अनपढ़ द्वारा भी गाया और रचा जाता है।

9th Class Hindi Book Bihar Board प्रश्न 8.
विवाह गीतों में किन्हीं पाँच का परिचय दें।
उत्तर-
विवाहोत्सव में बारात जब द्वार पर आती है तो द्वार पूजा के समय महिलाओं का समूह गीत से स्वागत करते हैं। तत्पश्चात् समधी एवं नजदीकी संबंधी के साथ बारात का पाँव परिछालन प्रसंग पर गीत गाये जाते हैं उन्हें गोरधोआई गीत . कहा जाता है। तत्पश्चात् चुमावन के गीत होते हैं। द्वारपूजा के बाद भोजन करने बैठ . चुके बारातियों के साथ परिहास भाव की अभिव्यक्ति के रूप में उनकी पत्नी, बहन, बुआ आदि को लगाकर जो गालियाँ गायी जाती हैं उसमें किशोरियों से लेकर वयस्क महिलाओं तक की उम्र एवं पद की सारी मर्यादायें ध्वस्त हो जाती हैं। किन्तु बराती इतनी गालियाँ सुनकर मुसकुराते हुए भोजन करते रहते हैं। सिंदूरदान और विदाई के समय कारुणिक एवं मांगलिक गीत गाये जाते हैं करुणा तो बेटी की विदाई के समय चरम रूप ले लेती है और विदाई की गीत तो सभी को रुलाकर ही छोड़ती है।

Hindi Class 9 Bihar Board प्रश्न 9.
किन्तु शास्त्रीय संगीत में संगीतकार जो राग रागिनी के जानकार हैं
उत्तर-
उसका पालन करते हैं कुल मिलाकर लोकगीत एक निर्मल झरना है गंभीरता, गहराई आदि पर ध्यान देते हुए शास्त्रीय नियम का पालन करना शास्त्रीय गीतकार के लिये अनिवार्य है।

Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 19 बसंती हवा

Bihar Board Class 6 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 1 Chapter 19 बसंती हवा Text Book Questions and Answers and Summary.

BSEB Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 19 बसंती हवा

Bihar Board Class 6 Hindi बसंती हवा Text Book Questions and Answers

प्रश्न-अभ्यास

पाठ से –

बसंती हवा कविता का सारांश Bihar Board प्रश्न 1.
बसंती हवा ने अपने आपको दूसरे मुसाफिरों से अलग क्यों बताया ?
उत्तर:
एक मुसाफिर जिसकी कोई मंजिल नहीं, कोई रास्ता नहीं बर्मनी हवा कहती है- ” जिधर चाहती हूँ, उधर घूमती हूँ”

आम तौर पर एक मुसाफिर का अपना एक गंतव्य स्थान हाताह जहाँ उसे पहुँचना होता है। फिर अपने स्थान तक पहुँचने का उसका एक निर्धारित मार्ग होता है पर बसंती हवा के सफर का कोई मार्ग नहीं, कोई अन्तिम पड़ाव नहीं। इसीलिये बसंती हवा ने अपने को अन्य मुसाफिरों से अलग माना है।

बसंती हवा कविता का प्रश्न उत्तर Bihar Board प्रश्न 2.
इस पाठ में कवि ने खेत-खलिहानों के हँसने की बात कही है। ऐसा उन्होंने क्यों कहा?
उत्तर:
बसन्त ऋतु में खेतो में पौधे लहलहाने लगते हैं। सरसों में पीले-पीले फूल निकल आते हैं, अलसी के नीलं फूलों की छटा ही न्यारी होती है-खेतों की हरियाली मन को मोहती है और बसन्ती हवा के झोकों से हरे, पीले, नीले रंग लहराते हैं तो अद्भुत छटा से दिशायें हँस उठती हैं। यही है खेत-खलिहानों का हँसना।

Basanti Hawa Poem Summary In Hindi Bihar Board प्रश्न 3.
बसंती हवा का कौन-सा अंश आपको सबसे ज्यादा प्रभावित करता है?
उत्तर:
छात्र उत्तर हेतु भावार्थ का अन्तिम अंश (पाराग्राफ) देखें।

पाठ से आगे –

बसंती हवा के प्रश्न उत्तर Bihar Board प्रश्न 1.
बसंत का आगमन कब होता है? इस ऋतु में आप कैसा अनुभव करते हैं?
उत्तर:
बसन्त का आगमन शरद ऋतु के अवसान यानी समाप्ति पर जनवरी माह के मध्य भाग से लगभग होता है जो मार्च तक रहता है। हिन्दी महीने की गणना के अनुसार इस ऋतु का आगमन -काल माघ माह के शुक्ल पक्ष से माना जाता है। इसी माह में बसन्तोत्सव के रूप में बसन्तपंचमी को सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है। होलिका दहन और होली के रंगोत्सव के साथ इसकी समाप्ति मानी जाती है।

इसे ऋतुओं का राजा माना जाता है क्योंकि इस ऋतु के आते ही कंपकपाने वाली सर्दी खत्म हो जाती है और पसीने तथा लू वाली गर्मी का आगमन नहीं हुआ रहता है। अतः मौसम का कष्ट नहीं झेलना पड़ता है।

प्रकृति दुल्हन की तरह सज-सँवरकर लोगों का स्वागत करती है। इसी समय विद्यार्थियों के लिये परीक्षा का समय आ जाता है, जिसके कारण हम विद्यार्थियों की बेचैनी भी बढ़ जाती है। फिर भी यह मौसम मन को सुकून देता है।

बसंती हवा की विशेषताएं Bihar Board प्रश्न 2.
इस पाठ को पढ़ने के बाद हवा के प्रति आप के मन में किस प्रकार के भाव उठते हैं?
उत्तर:
इस पाठ में हवा का मानवीकरण किया गया है। यूँ तो हवा जीवन के लिये जान है। बिना हवा के पृथ्वी पर जीवन असम्भव है। इस कविता को पढ़कर हवा के प्रति एक आत्मीय भाव मन में उपजता है। हवा की यह उक्ति अत्यन्त प्यारी लगती है –

अनोखी हवा हूँ, बड़ी बावली हूँ। बड़ी मस्तमौला, बड़ी ही निडर हूँ जिधर चाहती हूँ, उधर घूमती हूँ।

हवा की सर्वव्यापकता ही मनुष्य जीवन का आधार है। हमारे अन्दर का प्राणवायु ही हमें जीवन देता है।

Basanti Hawa Question Answer Bihar Board प्रश्न 3.
सरस्वती पूजा को वसंत पंचमी के नाम से भी जानते हैं। सरस्वती पूजा पर एक निबंध लिखिए।
उत्तर:
वसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा भारत त्योहारों का देश है। त्योहार हमारे जीवन में आशा का संचार करते हैं। माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि, वसंत-पंचमी के नाम से जानी … जाती है। प्रत्येक वर्ष रोमन कैलेंडर के अनुसार माघ माह का आगमन वर्ष के प्रथम माह यानी जनवरी में हो जाता है। बसंत ऋतु का प्रवेश भी इसी माह में होता है । वसंत पंचमी के दिन देश के एक बड़े भू-भाग में वसतंत-पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की आराधना की जाती है—विद्यालय, महाविद्यालय एवं शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों द्वारा इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

इस दिन पूजा स्थलों पर सरस्वती की प्रतिमा की स्थापना की जाती है और अत्यन्त श्रद्धा और भक्ति से विद्यार्थी इनकी पूजा करते हैं। इस दिन सर्वत्र . एक विशेष उत्सव के साथ वसंत पंचमी पूजा का आयोजन किया जाता है। विद्यार्थी इस दिन से होली पर्व’का भी आगाह करते हैं और एक-दूसरे के माथे पर रंग-अबीर लगाते हैं। शाम के समय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। विद्यार्थी मिलजुलकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं और संगीत, नृत्य और वाद्य का एक मनोहारी प्रदर्शन पूजा स्थलों पर आयोजित होता है।

व्याकरण

बसंती हवा के प्रश्न उत्तर दिखाओ Bihar Board प्रश्न 1.
नीचे दिये गये पद्यांश में विशेषण शब्दों को रेखांकित कीजिये –
अनोखी हवा हूँ। बड़ी बावली हूँ। बड़ी मस्तमौला। नहीं कुछ फिकर है बड़ी ही निडर हूँ।
पद्यांश में आये शब्द अनोखी, बावली, मस्तमौला, निडर वसंती हवा की विशेषता बताते हैं।

बसंती हवा कक्षा 6 Bihar Board प्रश्न 2.
योजक चिह्न ( – ) इस बात को दर्शाता है कि इसके दोनों ओर के शब्द परस्पर मिले हुये हैं। जैसे दिन-रात। इस प्रकार के और शब्द लिखिये।
उत्तर:
दिन-रात, सुबह-शाम, दाल-भात, मौज-मस्ती, घर-द्वार, उल्टा-पुल्टा, सोच-समझ, घर-बार, खिलाया-पिलाया, बनाया-मनाया, आकाश-पाताल, राई-पर्वत, भोजन-पानी, दिया-बत्ती, माता-पिता, सुख-दुःख आदि।

कुछ करने को –

बसंती हवा कविता का व्याख्या Bihar Board प्रश्न 1.
ऋतु से संबंधित किसी कविता का संकलन कर अपनी कक्षा में सुनाइए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

बसंती हवा प्रश्न उत्तर Bihar Board प्रश्न 2.
आप किन-किन चिड़ियों को आवाज से पहचान सकते हैं ? उनकी बोली के साथ सूची बनाइए। .
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

बसंती हवा का भावार्थ Bihar Board प्रश्न 3.
वायु को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कौन-कौन से कदम उठाये जाने चाहिए ? कक्षा में अपने साथियों से चर्चा कीजिए।
उत्तर:
वायु को प्रदूषण मुक्त करने के लिये वातावरण में कार्बन-डाइआक्साइड गैस का उत्सर्जन कम किया जाना चाहिये। इस जहरीले गैस के कारण हवा प्रदूषित होती है जो पृथ्वी पर वास करने वाले जीव-जन्तुओं के लिये खतरनाक होता है। कार्बन डाइआक्साइड गैस की वृद्धि का सबसे बड़ा कारण है-पृथ्वी पर से वृक्षों का काटा जाना और सड़कों पर चलने वाले लाखों-लाख वाहनों द्वारा कार्बन डाइआक्साइड मिश्रित धुयें का छोड़ा जाना है। इनके अतिरिक्त उपभोक्तावादी संस्कृति के कारण देश में उद्योगों का तेजी से विकास हो रहा है। इन उद्योगों ने असंख्य कल-कारखानों को जन्म दिया है जो तरह-तरह के गैस का सृजन करते हैं जिसे हवा में छोड़ दिया जाता है। ये हवा को जहरीली बनाते हैं।

अतः वायु को प्रदूषण मुक्त करने के लिये वृक्षों का विनाश बन्द किया जाना चाहिये। साथ ही अधिक-से-अधिक वृक्ष लगाये जाने चाहिये ताकि ऑक्सीजन की मात्रा वायु में ज्यादा से ज्यादा हो तथा वाहनों के परिचालन हेतु ऐसे ईंधन का उपयोग किया जाय जिससे कार्बन की मात्रा पर नियंत्रण हो। कल-कारखानों में भी धुयें का उत्सर्जन कम किया जाना चाहिये और उसे वातावरण में मिश्रित होने के पूर्व ही नियन्त्रित कर लिया जाना चाहिये।

बसंती हवा Summary in Hindi

कविता का सार-संक्षेप

कवि केदारनाथ अग्रवाल लिखी इस कविता में कुल छ: छंद हैं। इस कविता के माध्यम से कवि बसंत ऋतु के आगमन का सजीव चित्र खींचता है। इस कविता में कवि ने बसंती हवा को सन्देशवाहक बनाया है। बसंती हवा मतवाली बनी बहती है और प्रकृति के अंग-अंग को सहलाती चलती है। बसंती हवा अपनी कथा स्वयं कहती है –

1. बसंती हवा कहती है – मैं बसंती हवा हूँ, जिधर चाहती हूँ उधर बह निकलती हूँ। बड़ी मस्तमौला मन है मेरा। मैं निडर भी हैं और बेफिक्री में जीती हूँ। मेरा यह चरित्र अपना है पर सबको यह चरित्र मेरा भाता
2. मेरे मन में किसी प्रकार की आशा-अभिलाषा नहीं है। मेरा न कोई दोस्त है और न दुश्मन और मुझे जीवन में कोई चाह नहीं। न मेरा कोई घर, बसेरा है और न कोई इच्छा। मैं प्राण खोलकर जीवन जीती हूँ और मलमस्त हुयी विचरती हूँ।

3. शहर, गाँव, बस्ती, नदी, रेत (बालू) हरे-भरे खेत, पोखर-तालाब और वे सभी स्थल जहाँ मनुष्य नहीं रहता यानी निर्जन भूमि- सब जगह मैं झूमती, गाती विचरण करती हूँ। एक दिशा से निकलकर दूसरी दिशा तक बहना मेरी प्रकृति है।

4. महुआ के पेड़ों पर जब मैं चढ़ी तो महुआ के फल टपटप चूने लगे। आम के पड़ों को भी झकझोरा जहाँ कोयल बैठी मीठे स्वर में कू-कू कर गाती है। उसका मधुर स्वर सुनकर मैं गेहूँ के लहलहाते खोतों को झूमने को मजबूर करती हुयी बहती हूँ। उन खेतों में में सुबह से शाम तक (पहर, दोपहर, अनेक पहर) अठखेलियाँ करती हुयी बहती सहलाती चलती हूँ।

5. खेतों में खड़ी अलसी (तीसी) के पौधों को मैंने खूब झकझोरा पर उनके माथ पर रखी अलसी के दानों की कलसी (घड़ा) गिरी नहीं। वे तो जस-के तस माथे पर चढ़े रहे। यह एक प्रकार से मेरी हार थी- इस हार से सबक लेकर मैंने सरसों के फूलों को नहीं छुआ। उन्हें मैंने नहीं झकझोरा, नहीं हिलाया।

6. मुझ आता देख अड़हरी(अड़हर के पौधे) लजा गयी। पर मैंने उसे भी नहीं छोड़ा। उसे मनाया, प्यार से थपथपाया पर वह नहीं मानी। एक पथिक उस खेत से आता हुआ दिखा। उसे देखकर मैं खिलखिला कर हँस पड़ी। मुझे हँसता देख सभी दिशायें हँस पड़ीं। लहलहाते खेत हँसने लगे – चमचमाती धूप भी प्रकृति का साथ देती हँसकर सबका स्वागत करने लगी। सारी सृष्टि में ही मुस्कान दौड़ गयी। दिशायें प्रसन्न हो गयीं। प्रकृति न्यारी लगने लगी, सृष्टि में जीवन का नया संचार होने लगा। मैं हवा हूँ, बसंती हवा हूँ। कवि ने बासंती हवा का मानवीकरण किया है यानी इसे एक मानव के रूप में चित्रित किया है। बसंती हवा की संवेदनायें उसक क्रिया-कलाप, उसका इठलाना, झूम-झूम कर चलना सब मानव जीवन के रंगों को ही रूप देते हैं। बसंती हवा का घुमन्तु मन कहता है –

न घर-बार मरा, न उद्देश्य मेरा
न इच्छा किसी की, न आशा किसी की,
न प्रेमी, न दुश्मन,
जिधर चाहती हूँ उधर घूमती हूँ।

ये पंक्तियाँ इस कविता की सर्वश्रेष्ठ पंक्तियाँ हैं, जो एक पाठक के हृदय को छूती हैं और प्रभावित करती हैं।

शब्दार्थ – बावली = पगली । मुसाफिर = यात्री। सृष्टि = संसार । कलसी = घड़ा, गगरी । अलसी = तीसी, एक प्रकार का छोटा पौधा जिसके बीज से तेल निकलता है। मस्तमौला = आजादी पसन्द करने वाला । निर्जन = सुनसान । शीश = माथा, सिर । पथिक = यात्री, राही।

Bihar Board Class 7 Social Science Geography Solutions Chapter 2 चट्टान एवं खनिज

Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Geography Hamari Duniya Bhag 2 Chapter 2 चट्टान एवं खनिज Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Social Science Geography Solutions Chapter 2 चट्टान एवं खनिज

Bihar Board Class 7 Social Science चट्टान एवं खनिज Text Book Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 7 Hamari Duniya Solution प्रश्न 1.
अपने घर में खनिज से बनी हुई चीजों की सूची बनाइए ।
उत्तर-

  1. तराजू के पलड़े
  2. आभूषण
  3. सायकिल
  4. हल का फाल
  5. खुरपी
  6. हसिया
  7. पहँसुल
  8. लालटेन

उसे जलाने के लिए किरासन तेल आदि खनिज से बनी हुई हैं।

Bihar Board Class 7 Social Science Solution प्रश्न 2.
छत की ढलाई में कौन-सा पत्थर इस्तेमाल होता है?
उत्तर-
छत की ढलाई में पहाड़ों से काटकर निकाले गए पत्थरों को टुकड़े बना कर इस्तेमाल होता है । इन पत्थरों का रंग भूरा-स्लेटी होती है । ये आग्नेय चट्टान के उदाहरण कहे जा सकते हैं।

Bihar Board Class 7 Geography Book Solution प्रश्न 3.
उन खेलों की सूची बनाइए, जिनमें पत्थरों का इस्तेमाल होता हो।
उत्तर-
पत्थरों से खेलने वाले कोई अधिक खेल नहीं, है । हाँ, ग्रामीण क्षेत्र के बीच पत्थर के टुकड़ों से एकट-दोकट तथा सरगोटिया खेलते हैं ।

Bihar Board Class 7 Social Science Solution In Hindi प्रश्न 4.
पत्थरों का उपयोग कहाँ-कहाँ होता है ? सूची बनाइए ।
उत्तर-
पत्थरों का उपयोग पहले घर, महल, कोठी और किला बनाने में होता था । वाराणसी के प्राय: सभी प्राचीन भवन पत्थर के ही बने हैं। आज भी झारखंड में पत्थरों का उपयोग घर तथा चहार-दीवारी बनाने में होता है ‘वैसे आम तौर पर सड़क बनाने, मकानों की छत बनाने तथा फर्श को पक्का करने के लिए विभिन्न आकारों के पत्थरों का उपयोग होता है ।

Bihar Board Class 7 History Book Solution प्रश्न 5.
पता करके लिखिए कि निम्न भवन किन-किन पत्थरों से बने हैं:
उत्तर :

प्रश्न : भवनउत्तर : पत्थर के प्रकार
रोहतास गढ़ का किलाबलुआ पत्थर
लाल किला (दिल्ली)लाल बलुआ पत्थर
पत्थर की मस्जिद (पटना)बलुआ पत्थर
विष्णुपद मन्दिर (गया)काला बलुआ पत्थर
आगरा का किलालाल बलुआ पत्थर
कुतुबमीनार (दिल्ली)बलुआ पत्थर
विशला बुद्ध मूर्ति (गया) काला बलुआ पत्थर

Bihar Board Class 7 Hamari Duniya प्रश्न 6.
थर्मोकोल/काँच के टुकड़ों को जोड़कर पृथ्वी के आंतरिक परतों को दिखालाइये ।
उत्तर-
संकेत: यह परियोजना कार्य है । छात्र स्वयं यकरें ।

Class 7 Hamari Duniya प्रश्न 7.
चट्टानों के प्रकार और उनकी बनावट के बारे में लिखिए।
उत्तर-
चट्टानें मुख्यत: तीन प्रकार की होती हैं-

  1. आग्नेय चट्टान
  2. अवसादी चट्टान तथा
  3. रूपांतरित चट्टान ।

1. आग्नेय चट्टान-पृथ्वी के अन्दर पिघला पदार्थ धरातल पर आने के क्रम में कभी पहले ही जम जाता है और कभी धरातल के ऊपर पहुँचकर जमता है। ऐसी चट्टानों में परतें नहीं होतीं। इनमें रवा पाये जाते हैं । जो चट्टानें पृथ्वी के अन्दर जमती हैं इनके रवे बड़े होते हैं जबकि पृथ्वी के ऊपर जमने वाली चट्टानों के रवे छोटे या महीन होते हैं । ग्रेनाइट और बेसाल्ट आदि आग्नेय चट्टान के ही उदाहरण हैं।

2. अवसादी चट्टानें-अवसादी चट्टानें अवसादों के एकत्र होने से बनती हैं । ये दो प्रकार की होती हैं : एक पानी के अन्दर तथा दूसरी पानी के बाहर जमीन पर । पानी के अन्दर जमने वाली चट्टानों की परतें अधिक होती हैं क्योंकि ये परत-दर-परत जमी होती हैं । काफी दबाव के कारण ये कड़ी हो जाती हैं और चूना-पत्थर का रूप धारण करती हैं । पानी से बाहर की अवसादी चट्टानें परत-दर-परत ही होती हैं और अपने ही दबाव से दबकर अवसादी चट्टान बन जाती हैं। उदाहरण है बलुआ पत्थर | बलुआ पत्थर कई रंग के होते हैं-लाल, भूरा, काला ।

3. रूपांतरित चट्टानें-कभी-कभी आग्नेय या परतदार चट्टानों में ताप और दाब की वृद्धि होती है तो इनके रूप और गुण दोनों में बदलाव आ जाता है । रूप में अंतर के कारण ही इन्हें रूपांतरित चट्टान कहते हैं । चूना-पत्थर अपना रूप बदलकर संगमरमर में बदल जाता है । इसी प्रकार ग्रेनाइट रूपांतरित होकर नाइस बन जाता है ।

Bihar Board Class 7 Civics Book Solution प्रश्न 8.
इन्हें उपयुक्त स्थानों में बैठाइए

  1. सेंधा नमक – आग्नेय चट्टान
  2. ग्रेनाइट – अवसादी चट्टान
  3. संगमरमर – रूपान्तरित चट्टान

उत्तर-

  1. सेंधा नमक – अवसादी चट्टान
  2. ग्रेनाइट – आग्नेय चट्टान
  3. संगमरमर – रूपान्तरित चट्टान

Bihar Board Class 7 History Solution In Hindi प्रश्न 9.
खाली जगहों को भरिए :

  1. जो चट्टान ज्वालामुखी से निकले लावा के ठंडा होने से बनती हैं वे ………चट्टानें कहलाती हैं।
  2. जिन चट्टानों में परत पायी जाती है उन्हें ……… चट्टानें कहते
  3. ज्वालामुखी से निकला गर्म पदार्थ ……कहलाता है।
  4. अत्यधिक ……… एवं ……… के कारण चट्टानों के लक्षण बदल जाते हैं.।

उत्तर-

  1. आग्नेय
  2. परतदार
  3. लावा
  4. ताप, दाब।

Bihar Board Class 7 Social Science चट्टान एवं खनिज Notes

पाठ का सार संक्षेप

पहाड़ों की चट्टानों से काटकर पत्थर निकाले जाते हैं और उन्हें प्रेसर से दल कर छोटे-छोटे टुकड़े बनाये जाते हैं । इन टुकड़ों के आकार जरूरत के मुताबिक रखे जाते हैं । सड़क बनाने वाले पत्थर के टुकड़े कुछ बड़े होते हैं । मकान के पीलर तथा छत बनाने वाले टुकड़े कुछ छोटे होते हैं । मकान के फर्श बनाने वाले टुकड़े रहर और मटर के साइज के होते हैं ।

सड़क, छत या फर्श की मजबूती पत्थरों के रंग से भी निश्चित की जाती है। सफेद रंग के तथा काले पत्थर बहुत अच्छे माने जाते हैं । भूरा रंग के पत्थर भी अच्छे माने जाते हैं । रोहतास, शेखपुरा, पटना जिले के दक्षिण भाग में राजगीर की पहाड़ियों से अब तक पत्थर मंगाये जाते रहे हैं । झारखंड के पाकुड़ का पत्थर बहुत अच्छा माना जाता है । बनावट के आधार पर चट्टानें तीन प्रकार की होती हैं :

  1. आग्नेय चट्टान
  2. अवसादी चट्टान तथा
  3. रूपांतरितं चट्टान ।

1. आग्नेय चट्टान-पिघला हुआ गर्म पदार्थ पृथ्वी के अन्दर से ऊपर ‘धरातल पर आने के क्रम में धरातल के निकट भू-पर्पटी पर जम जाता है। यह कभी-कभी भरातल तक पहुंच जाता है और जम जाता है आग्नेय चट्टान सदैव परतदार ही नहीं होते । छूने पर पता चलता है कि ये चिकने नहीं, बल्कि रुखड़े है अर्थात् ये रवादार है। जो रवा जल्दी जमते हैं, वे अपेक्षाकृत महीन होते हैं और जो देर से जमते हैं, उनके रवे मोटे होते हैं

2. अवसादी चट्टान-जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, अवसादी चट्टानें अवसादों के एकत्र होने से बनती हैं । नदियाँ बाढ के साथ काफी अवसाद अपने साथ लाती हैं, और लौटते समय ये अवसाद अपने किनारों पर जमा कर देती हैं । चूना पत्थर और बलुआ पत्थर अवसादी चट्टान के ही उदाहरण हैं।

3. रूपांतरित चट्टानें-जब आग्नेय चट्टानें ताप और दाब के कारण अपने रूप और गुण में बदलाव कर लेती हैं तो ऐसी चट्टानें रूपांतरित चट्टानें कहलाती हैं। चूना पत्थर अत्यधिक दबाव के कारण संगमरमर बन जाता है। वैसे ही ग्रेनाइट ताप और दाब के कारण नाइस में बदल जाता है।
चट्टानों के बनने की प्रक्रिया तथा गुण अलग-अलग होते हैं, अत: इनके नाम अलग-अलग होते हैं । इस चट्टानों को परतों में यदि पेड़-पौधे तथा जीव जन्तु दबे रह जाते हैं तो हजारों-हजार वर्षों में अपने रूप बदल लेते हैं और जीवाश्म कहलाते हैं ।

प्रायः ये पत्थर का रूप ले लेते हैं। कुछ चट्टानों में खनिज भी पाये जाते हैं । खनिज हमारे अनेक कामों में व्यवहार किये जाते हैं। आज की जो उन्नत सभ्यता है, वह इन खनिजों के बल पर ही है । सोना, चाँदी, लोहा, कोयला, किरासन तेल, पेट्रोल, रसोई गैस, सब खनिजों से ही प्राप्त होते हैं।

Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1A प्राकृतिक संसाधन

Bihar Board Class 10 Social Science Solutions Geography भूगोल : भारत : संसाधन एवं उपयोग Chapter 1A प्राकृतिक संसाधन Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Social Science Geography Solutions Chapter 1A प्राकृतिक संसाधन

Bihar Board Class 10 Geography प्राकृतिक संसाधन Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 10th Geography Solution प्रश्न 1.
पंजाब में भूमि निम्नीकरण का मुख्य कारण है ?
(क) वनोन्मूलन
(ख) गहन खेती
(ग) अतिपशुचारण
(घ) अधिक सिंचाई
उत्तर-
(क) वनोन्मूलन

प्राकृतिक संसाधन प्रश्न उत्तर Bihar Board प्रश्न 2.
सोपानी कृषि किस राज्य में प्रचलित है ?
(क) हरियाणा
(ख) पंजाब
(ग) बिहार का मैदानी क्षेत्र
(घ) उत्तराखंड
उत्तर-
(ग) बिहार का मैदानी क्षेत्र

Bihar Board Class 10 Geography Solutions प्रश्न 3.
मरुस्थलीय मृदा का विस्तार निम्न में से कहाँ है ?
(क) उत्तर प्रदेश
(ख) राजस्थान
(ग) कर्नाटक
(घ) महाराष्ट्र
उत्तर-
(ख) राजस्थान

Prakritik Sansadhan Class 10 Bihar Board प्रश्न 4.
मेढक के प्रजनन को नष्ट करने वाला रसायन कौन है ?
(क) बेंजीन
(ख) यूरिया
(ग) एड्रिन
(घ) फास्फोरस .
उत्तर-
(ग) एड्रिन

Bihar Board Class 10 Sst Solution प्रश्न 5.
काली मृदा का दूसरा नाम क्या है ?
(क) बलुई मिट्टी
(ख) रेगुर मिट्टी
(ग) लाल मिट्टी
(घ) पर्वतीय मिट्टी
उत्तर-
(ख) रेगुर मिट्टी

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 10th Social Science Solution प्रश्न 1.
जलोढ़ मिट्टी के विस्तार वाले राज्यों के नाम बतावें। इस मृदा में कौन-कौन सी फसलें लगायी जा सकती हैं ?
उत्तर-
बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, असम, बंगाल इत्यादि राज्यों में जलोढ़ मिट्टी का विस्तार है। इस मृदा में गन्ना, चावल, गेहूँ, मक्का, दलहन इत्यादि फसलें उगाई जाती हैं।

Bihar Board Class 10 History Notes Pdf प्रश्न 2.
समोच्च कृषि से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
पहाड़ी ढलानों पर जल के तेज बहाव से बचने के लिए सीढ़ीनुमा ढाल बनाकर की जाने वाली खेती को समोच्च कृषि कहते हैं। इससे मृदा अपरदन को रोका जा सकता है।

Social Science In Hindi Class 10 Bihar Board Pdf प्रश्न 3.
पवन अपरदन वाले क्षेत्र में कृषि की कौन-सी पद्धति उपयोगी मानी जाती है?
उत्तर-
पवन अपरदन वाले क्षेत्रों में पट्टिका कृषि श्रेयस्कर है, जो फसलों के बीच घास की पट्टियाँ विकसित कर की जाती हैं।

Geography Class 10 Bihar Board प्रश्न 4.
भारत के किन भागों में डेल्टा का विकास हुआ है ? वहाँ की मदा की क्या विशेषता है?
उत्तर-
गंगा नदी द्वारा पश्चिम बंगाल में, महानदी, कृष्णा, कावेरी और गोदावरी नदियों द्वारा पूर्वी तटीय मैदान में डेल्टा का निर्माण हुआ है।
इन क्षेत्रों में जलोढ़ मिट्टी पाई जाती है। इस मिट्टी का गठन बालू, सिल्ट एवं मृतिका के विभिन्न अनुपात से होता है। इसका रंग धुंधला से लेकर लालिमा लिये भूरे रंग का होता है।

Bihar Board Class 10 History Chapter 1 प्रश्न 5.
फसल चक्रण मृदा संरक्षण में किस प्रकार सहायक है ?
उत्तर-
दो धान्य फसलों के बीच एक दलहन की फसल को उगाना, फसल चक्रण कहलाता है। इसके द्वारा मृदा के पोषणीय स्तर को बरकरार रखा जा सकता है, क्योंकि दलहनी पौधों की जड़ों में नाइट्रोजनी स्थिरीकारक जीवाणु पाये जाते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 10 Social Science Notes प्रश्न 1.
जलाक्रांतता कैसे उपस्थित होता है ? मृदा अपरदन में इसकी क्या भूमिका है ?
उत्तर-
अति सिंचाई से जलाक्रांतता की समस्या पैदा होती है। पंजाब, हरियाणा और प. उत्तर प्रदेश में इससे भूमि का निम्नीकरण हुआ है।
जलाक्रांतता से मृदा में लवणीय और क्षारीय गुण बढ़ जाते हैं जो भूमि के निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी होते हैं। इससे मृदा की उर्वरा शक्ति घटते जाती है और भूमि धीरे-धीरे बंजर हो जाती है।
जलाक्रांतता एक बड़ी समस्या है जो मृदा अपरदन में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।

Bihar Board Class 10 History Book प्रश्न 2.
मृदा संरक्षण पर. एक निबंध लिखिए।
उत्तर-
मृदा पारितंत्र का एक महत्वपूर्ण घटक है। यह न केवल पौधों के विकास का मध्यम है। बल्कि पृथ्वी पर विविध जीव समुदायों का पोषण भी करती है। मृदा में निहित उर्वरता मानव के आर्थिक क्रियाकलाप को प्रभावित करती है और देश की नियति का भी निर्धारण करती है। मृदा निर्माण एक लंबी अवधि में पूर्ण होने वाली जटिल प्रक्रिया है। इसके नष्ट होने के साथ संपत्ति एवं संस्कृति दोनों ध्वस्त हो जाती है।

मदा का अपने स्थान से विविध क्रियाओं द्वारा स्थानांतरित होना भ-क्षरण कहलाता है। यह मृदा की एक बहुत बड़ी समस्या है। मृदा का क्षरण कई कारणों जैसे वायु और जल के तेज बहाव से, जलक्रांतता से, अतिपशुचारण से, खनन रसायनों का अत्यधिक उपयोग जैसी मानवीय अनुक्रियाओं द्वारा होता है। – वृक्षारोपण, पट्टिका कृषि, फसलचक्रण, समोच्च कृषि इत्यादि द्वारा भू-क्षरण को रोकना मृदा संरक्षण का मुख्य तरीका है।

वृक्षारोपण मृदा संरक्षण की सबसे बड़ी शर्त है; जिससे मृदा को बाधा पहुँचती है और इनकी पत्तियों से प्राप्त ह्यूमस मृदा की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक होते हैं।

रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का उपयोग मृदा संरक्षण में सहायक होता है।

प्रश्न 3.
भारत में अत्यधिक पशुधन होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में इसका योगदान लगभग नगण्य है। स्पष्ट करें।
उत्तर-
भारत में पशुधन के मामले में विश्व के अग्रणी देशों में शामिल किया जाता है। किन्तु स्थायी चारागाह के लिए बहुत कम भूमि उपलब्ध है जो पशुधन के लिए पर्याप्त नहीं है। अतः पशुपालन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वर्तमान में परती के अतिरिक्त अन्य परती भूमि अनुपजाऊ है। ऐसी भूमि में दो तीन वर्ष में अधिक से अधिक दो बार बोया जा सकता है। अगर ऐसी भूमि को भी शुद्ध बोया गया क्षेत्र में शामिल कर लिया जाय तब भी वर्तमान उपलब्ध क्षेत्रफल का मात्र 54% भूमि ही कृषि योग्य है।

भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुधन का नगण्य योगदान का कारण निम्न है-

  • उन्नत पशुनस्लों की अपर्याप्तता।
  • चारागाह के लिए भूमि की कमी।
  • वैज्ञानिक प्रणाली एवं तकनीकी ज्ञान का अभाव।
  • बढ़ती जनसंख्या का अति दबाव।
  • पूँजी का अभाव इत्यादि।

परियोजना कार्य

प्रश्न 1.
अपने आस-पास के क्षेत्र में उपलब्ध मृदा संसाधन के उपयोग एवं संरक्षण हेतु एक परियोजना तैयार करें।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
ग्राम प्रतिनिधि, विद्यालय प्रधान से मिलकर संसाधन संरक्षण एवं प्रबंधन पर एक संगोष्ठी का आयोजन करें।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

Bihar Board Class 10 Geography प्राकृतिक संसाधन Additional Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
इनमें काली मिट्टी का क्षेत्र कौन है ?
(क) छोटानागपुर
(ख) महाराष्ट्र
(ग) गंगाघाटी
(घ) अरूणाचल प्रदेश
उत्तर-
(क) छोटानागपुर

प्रश्न 2.
प्रायद्वीपीय भारत की नदीघाटियों में कौन-सी मिट्टी मिलती है ?
(क) काली
(ख) लाल
(ग) रेतीली
(घ) जलोढ़
उत्तर-
(घ) जलोढ़

प्रश्न 3.
भारत में चारागाह के अन्तर्गत कितनी भूमि है ?
(क) 4%
(ख) 12%
(ग) 19%
(घ) 26%
उत्तर-
(क) 4%

प्रश्न 4.
इनमें कौन उपाय भूमि-हास के संरक्षण में उपयुक्त हो सकता है ?
(क) भूमि को जलमग्न बनाए रखना
(ख) बाढ़ नियंत्रण
(ग) जनसंख्या वृद्धि की दर में तेजी लाना
(घ) इनमें कोई नहीं
उत्तर-
(ख) बाढ़ नियंत्रण

प्रश्न 5.
भारत में पहाड़ों से भरी भूमि का प्रतिशत क्या है ?
(क) 10
(ख) 27
(ग) 30
(घ) 48
उत्तर-
(ख) 27

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
भारत के राष्ट्रीय उत्पादन में कृषि-क्षेत्र का योगदान कितना प्रतिशत है ?
उत्तर-
भारत के राष्ट्रीय उत्पादन में कृषि-क्षेत्र का योगदान लगभग 22 प्रतिशत है।

प्रश्न 2.
भारत की प्रमुख भू-आकृतियों के नाम लिखें।
उत्तर-
भारत की प्रमुख भू-आकृतियों के नाम ये हैं (i) पर्वतीय क्षेत्र – 30% (ii) मैदानी क्षेत्र – 43% (iii) पठारी क्षेत्र – 27%।

प्रश्न 3.
एक वर्ष से भी कम समय तक जिस खेत से फसल-उत्पादन न हो रहा हो उसका क्या नाम है?
उत्तर-
एक वर्ष से भी कम समय तक जिस खेत से फसल-उत्पादन न हो रहा हो उसे ‘वर्तमान परती’ कहते हैं।

प्रश्न 4.
किन दो राज्यों में सबसे अधिक व्यर्थ भूमि पायी जाती है ?
उत्तर-
जम्मू कश्मीर (60%) और राजस्थान (30%) में सबसे अधिक व्यर्थ भूमि पायी जाती है।

प्रश्न 5.
क्षारीय मिट्टी का pH मान 7 से अधिक होता है या कम?
उत्तर-
क्षारीय मिट्टी का pH मान 7 से अधिक होता है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
भूमि किस प्रकार महत्वपूर्ण संसाधन है ?
उत्तर-
भूमि एक महत्वपूर्ण संसाधन है। भूमि पर ही मिट्टी मिलती है जिसमें कृषि-कार्य की जाती है। भूमि पर कृषि-कार्य करने से मनुष्यों को अन्न की प्राप्ति होती है। भूमि पर ही मानव-आवास मिलता है, गाँव-नगर बसते हैं। भूमि पर ही मनुष्य अपना मकान बनाकर उसमें रहते हैं। जो जंगली और खतरनाक पशुओं से उनकी रक्षा करता है। भूमि पर ही पशुपालन होता है। भूमि पर ही मनुष्य पालतू पशुओं को दूध, ऊन, चमरे, मांस इत्यादि की प्राप्ति के लिए पालते हैं। पशु मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी होते हैं, जो मनुष्य के कृषि-कार्य करने में सहायक होते हैं, भूमि पर ही मनुष्य द्वारा वाणिज्य-व्यवसाय किया जाता है, व्यवसाय करने से मनुष्य को अन्न की प्राप्ति होती है। भूमि पर ही मनुष्यों द्वारा तरह-तरह के उद्योग-धन्धे चलाए जाते हैं। उद्योग-धन्धे करने से मनुष्य को आर्थिक लाभ होता है, आर्थिक लाभ होने से मनुष्य का आर्थिक विकास होता है और मनुष्य के आय में वृद्धि होती है। मनुष्य के आय में वृद्धि होने से देश के राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है, अत: इस प्रकार यह स्पष्ट है कि भूमि एक महत्वपूर्ण संसाधन है।

प्रश्न 2.
किन सुविधाओं के कारण भारत में गहन कृषि की जाती है?
उत्तर-
भारत में तेजी से बढ़ती जनसंख्या का दबाव और सीमित कृषि योग्य भूमि के कारण गहन कृषि की जाती है।
भारत मॉनसूनी वर्षा वाला देश है। वर्षा एक विशेष मौसम में होती है और अनियमित रूप से होती है वहीं बाढ़ जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है और वर्षा का अभाव देखने को मिलता है। ऐसे क्षेत्रों में सिंचाई का सहारा लिया जाता है। हिमालय से निकलने वाली नदियाँ सदा जलपूरित रहती हैं। उन नदियों पर बाँध बनाकर नहरें निकाली जाती हैं और उससे जलाभाव क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा प्रदान की जाती है। भारत के मैदानी भागों में जलोढ़ मिट्टी पाई जाती है जो अत्यन्त उपजाऊ है। इन्हीं कारणों से भारत में गहन कृषि की जाती है।

प्रश्न 3.
भौतिक गुणों के आधार पर मिट्टी के तीन वर्ग कौन-कौन हैं ? गंगा के मैदान में सामान्यतः इनमें से कौन मिट्टी पायी जाती है ?
उत्तर-
भौतिक गुणों के आधार पर मिट्टी के तीन वर्ग ये हैं ।

  • बलुई मिट्टी (Sandy Soil)-इसमें पंक (मृत्तिका, चिकनी मिट्टी) की अपेक्षा बालू का प्रतिशत अधिक रहता है, यह मिट्टी जल की बड़ी भूखी होती है, अर्थात बहुत जल सोखती है।
  • (चीका या चिकनी मिट्टी (Clayey Soil)- इसमें पंक या गाद (Silt) का प्रतिशत अधिक रहता है। यह मिट्टी सूखने पर बहुत कड़ी और दरार युक्त होती है तथा गीली होने पर चिपचिपी और अभेद्य हो जाती है। इस मिट्टी की जुतायी कठिन होती है।
  • दुमटी मिट्री (Loamy Soil)-इसमें बालू और पंक दोनों का मिश्रण लगभग बराबर रहता है। कृषि के लिए यह मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। क्योंकि इसमें गहरी जुताई हो सकती है।
    गंगा के मैदान में सामान्यतः दुमटी मिट्टी पायी जाती है।

प्रश्न 4.
स्थानबद्ध और वाहित मिट्टी में क्या अन्तर है?
उत्तर-
स्थानबद्ध मिट्टी वह है जो ऋतुक्षरण के ही क्षेत्र में पायी जाती है। यह पर्शिवका मिट्टी होती है। इसमें आधारभूत चट्टान और मिट्टी के खनिज कणों में समरूपता होती है। काली मिट्टी, लाल मिट्टी तथा लैटेराइट मिट्टी इसके उदाहरण हैं।

वाहित मिट्टी वह है जिसका ऋतुक्षरण तथा विकास किसी दूसरे प्रदेश में हुआ है किन्तु अपरदन दूतों द्वारा उसे किसी दूसरे प्रदेश में निक्षेपित किया गया है। चूँकि इसका परिवहन होता है, इसलिए इसे वाहित मिट्टी कहते हैं। ये मिट्टियाँ मौलिक चट्टानों से विसंगति रखती हैं। जलोढ़ मिट्टी इसका सर्वोत्तम उदाहरण है। भारत का वृहद् जलोढ़ मैदान उस मिट्टी का बना है जिसका ” निक्षेप गंगा और उसकी सहायक नदियों तथा पठारी भारत के उत्तर बहने वाली नदियों से हुआ है। भारत के तटीय मैदान में भी वाहित जलोढ़ मिट्टी ही पायी जाती है।

प्रश्न 5.
भारत में लाल मिट्टी और काली मिट्टी के प्रमुख क्षेत्र बताएँ।
उत्तर-
लाल मिट्टी के प्रमुख क्षेत्र-यह मिट्टी दक्कन पठार, पूर्वी और दक्षिणी भागों के 100 सेमी से कम वर्षा के क्षेत्रों में पायी जाती है।
काली मिट्टी के प्रमुख क्षेत्र यह मिट्टी महाराष्ट्र का बड़ा भाग, गुजरात का सौराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश में कृष्णा और गोदावरी घाटी, तमिलनाडु उत्तर प्रदेश, राजस्थान के मालवा खण्ड में पायी जाती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
भारतीय मिटियों के तीन प्रमुख प्रकार कौन-कौन हैं ? उनका निर्माण किस प्रकार हुआ है ?
उत्तर-
भारतीय मिट्टियों के तीन प्रमुख प्रकार ये हैं (i) जलोढ़ मिट्टी, (ii) काली मिट्टी, (iii) लाल मिट्टी।
इन तीनों प्रकार की मिट्टियों से संबंधित निर्माण की प्रक्रिया को निम्नलिखित विचार-बिंदुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है

(i) जलोढ़ मिट्टी भारत में यह मिट्टी विस्तृत रूप से फैली हुयी है और उपजाऊ होने के कारण कृषि कार्य के लिए यह अधिक महत्वपूर्ण है। नदियों द्वारा बहाकर लायी गयी मिट्टी बाढ़ में उसके बेसिन में जमा हो जाती है। साथ ही समुद्री लहरें अपने तटों पर ऐसी ही मिट्टी की परत जमा कर देती हैं जिससे जलोढ़ मिट्टी का निर्माण होता है। मिट्टी की आयु के आधार पर जलोढ़ मिट्टी को बांगर और खादर कहा जाता है। बिहार में बालू मिश्रित जलोढ़ मिट्टी को दियारा की मिट्टी कहा जाता है।

(ii) काली मिट्टी स्थानीय स्तर पर काली मिट्टी को रेगुढ़ भी कहा जाता है। काली मिट्टी का निर्माण दक्षिणी क्षेत्र के लावा (बेसाल्ट क्षेत्र) वाले भागों में हुआ है जहाँ अर्द्धशद्ध भागों में इसका रंग काला पाया जाता है। इसमें लोहा, ऐलुमिनियमयुक्त पदार्थ टाइटैनोमैग्नेटाइट के साथ जीवांश तथा ऐलुमिनियम के सिलिकेट मिलने के कारण इसका रंग काला होता है। इसमें पोटाश, चूना, ऐलुमिनियम, कैल्सियम और मैग्नीशियम के कार्बोनेट प्रचुर मात्रा में होते हैं।

(iii) लाल मिट्टी भारत के विस्तृत क्षेत्र में भी यह मिट्टी पायी जाती है। इसका निर्माण लोहे और मैग्नीशियम के खनिजों से युक्त रवेदार और रूपांतरित आग्नेय चट्टानों के द्वारा होता है। इसका रंग लोहे की उपस्थिति के कारण लाल होता है, अधिक नम होने पर इसका रंग पीला भी हो जाता है। यह मिट्टी ग्रेनाइट चट्टाने के टूटने से बनी मिट्टी है। इसकी बनावट हल्की रंध्रमय और मुलायम है।

प्रश्न 2.
काली मिट्टी और लाल मिट्टी की अलग-अलग विशेषताओं पर प्रकाश डालें। भारत में उनके अलग-अलग क्षेत्रों का उल्लेख करें।
उत्तर-
भारत में काली मिट्टी और लाल मिट्टी प्रचुर मात्रा में पायी जाती है। इन मिट्टियों की विशेषताओं और पाए जाने वाले क्षेत्रों का अलग-अलग वर्णन निम्नलिखित है
(i) काली मिट्टी की विशेषताएं निम्न हैं

  • इनमें ममी बनाए रखने की क्षमता होती है।
  • काली मिट्टी सूखने पर बहुत कड़ी हो जाती है।
  • इसका रंग काला होता है, क्योंकि इसमें लोहा, ऐलुमिनियमयुक्त पदार्थ टाइटैनोमैग्नेटाइट के साथ जीवांश तथा ऐलुमिनियम के सिलिकेट मिलते हैं।
  • काली मिट्टी कपास और गन्ने की खेती के लिए बहुत सर्वोत्तम है।
  • भींगने पर यह मिट्टी चिपचिपी हो जाती है। परन्तु सूखने पर इसमें गहरी दरारें पड़ती। हैं। इससे हवा का नाइट्रोजन इसे प्राप्त होता है।

काली मिट्टी महाराष्ट्र, गुजरात का सौराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान इत्यादि क्षेत्रों में पायी जाती है।

(ii) लाल मिट्टी की विशेषताएँ निम्न हैं-

  • इस मिट्टी का रंग लोहे की उपस्थिति के कारण लाल होता है। साथ ही अधिक नमी होने पर इसका रंग पीला भी हो जाता है।
  • इस मिट्टी की बनावट हल्की रंध्रमय और मुलायम होती है।
  • इसमें खनिजों की मात्रा कम है, कार्बोनेटों का अभाव है, साथ ही नाइट्रोजन और फॉस्फोरस भी नहीं होता है। जीवांश तथा चूना भी कम मात्रा में उपलब्ध होता है।
  • इस मिट्टी में हवा मिली होती है, अत: बुआई के बाद सिंचाई करना आवश्यक है जिससे बीज अंकुरित हो सके।
  • इस मिट्टी में सिंचाई की अधिक आवश्यकता पड़ती है क्योंकि यह मिट्टी कम उपजाऊ होती है।

लाल मिट्टी दक्कन पठार, पूर्वी और दक्षिणी भागों के 100 सेमी. से कम वर्षा के क्षेत्रों में पायी जाती है। तमिलनाडु के दो-तिहाई भाग में यह मिट्टी पायी जाती है। इसका विस्तार पूरब में राजमहल का पहाड़ी क्षेत्र, उत्तर में झाँसी, पश्चिम में कच्छ तथा पश्चिमी घाट के पर्वतीय ढालों तक है।

प्रश्न 3.
भारत में जलोढ़ मिट्टी कहाँ-कहाँ पायी जाती है ? इनमें सबसे बड़ा क्षेत्र कौन है ? इस मिट्टी की विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर-
जलोढ़ मिट्टी-भारत में यह मिट्टी नदियों द्वारा बहाकर लाई गई और नदियों के बेसीन में जमा की गई मिट्टी है। समुद्री लहरों के द्वारा भी ऐसी मिट्टी तटों पर जमा की जाती है।

भारत में जलोढ़ मिट्टी के निम्नलिखित मुख्य क्षेत्र हैं-

  • सतलज, गंगा और ब्रह्मपुत्र की घाटियों का क्षेत्र,
  • नर्मदा और ताप्ती घाटियों का क्षेत्र
  • महानदी, गोदावरी, कावेरी, कावेरी का डेल्टाई क्षेत्र। भारत में जलोढ मिट्टी का सबसे बडा क्षेत्र सतलज, गंगा और ब्रह्मपत्र की घाटियों का क्षेत्र है।

इस मिट्टी की विशेषता यह है कि इसमें सभी प्रकार के खाद्यान्न, दलहन, तेलहन, कपास, गन्ना, जूट और सब्जियाँ ऊगाई जाती हैं। इसमें नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी पाई जाती है जिसके लिए उर्वरक का सहारा लेना पड़ता है। आयु के आधार पर इसे बांगर और खादर के रूप में बांटा जाता है।

Bihar Board Class 10 Geography प्राकृतिक संसाधन Notes

  • भारत में कुल उपलब्ध भूमि का लगभग 43 प्रतिशत भाग पर मैदान का विस्तार है, जो बारहमासी नदियों को सुनिश्चित करता है। 27 प्रतिशत भूभाग पठार के रूप में विस्तृत है, जहाँ खनिज, जीवाश्म, ईंधन एवं वन सम्पदा के कोष संचित हैं।
  • भारत में छः प्रमुख प्रकार की मृदा पाई जाती है (i) जलोढ़ मृदा (ii) काली मृदा (iii) लाल एवं पीली मृदा (iv) लैटेराइट मृदा (v) मरुस्थलीय मृदा (vi) पर्वतीय मृदा।
  • भूक्षरण के कारण निम्न हैं-वनोन्मूलन, अतिपशुचारण, खनन, रसायनों का अत्यधिक उपयोग इत्यादि।
  • भूक्षरण रोकने या मृदा संरक्षण के उपाय निम्न हैं-
    वृक्षारोपण, फसलचक्रण, समोच्च कृषि, पट्टिका कृषि, जैविक खाद का उपयोग इत्यादि।
  • भूमि एक प्रकृति-प्रदत्त संसाधन है, क्योंकि प्रकृति ने ही भूमि की सृष्टि की है।
  • मनुष्य भूमि-संतान है, क्योंकि भूमि पर ही मनुष्य अपनी सारी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए क्रियाकलाप करता है।
  • भूमि एक महत्वपूर्ण प्रकृति-प्रदत्त संसाधन है। भूमि पर ही मिट्टी मिलती है जिसमें कृषि की जाती है। साथ ही भूमि पर ही मानव आवास मिलता है। गाँव-नगर बसते हैं। पशुपालन का काम होता है और वाणिज्य-व्यवसाय, उद्योग-धन्धे चलते हैं।
  • भूमि पर ही आने-जाने के लिए मार्ग उपलब्ध होते हैं।
  • भूमि के गर्भ में ही सभी खनिज-पदार्थ के भण्डार पाए जाते हैं जिन्हें आधुनिक तकनीक  के आधार पर उन्हें भूमि से निकाला जाता है।
  •  विश्व-स्तर पर कृषि-भूमि का 11.9 प्रतिशत भाग भारत के पास है जिसका समुचित उपयोग करके खाद्यान्न फसलों तथा व्यावसायिक फसलों को उपजाया जाता है।
  • भूमि मनुष्य के आर्थिक विकास का आधार है। क्योंकि भूमि पर ही कृषि-कार्य किए जाते हैं, उद्योग के क्षेत्र और व्यापार-केंद्र भी भूमि पर ही अवस्थित हैं। खनिज क्षेत्र भूमि पर ही पाए जाते हैं।
  • विश्व में 1137 करोड़ हेक्टेयर भूमि कृषि-कार्य के लिए उपयुक्त है जो कि विश्व के विभिन्न देशों में उपलब्ध है।
  • भारत के भू-भाग का क्षेत्रफल 32.87 करोड़ हेक्टेयर है। इसमें 47% भूमि पर कृषि कार्य की जाती है।
  • भूमि की उर्वरा-शक्ति बनाए रखने के लिए उसका संरक्षण करना भी आवश्यक है। भूमि का संरक्षण होने से सृष्टि की इस अनमोल देन को सुरक्षित रखा जा सकता है।
  • उपयोग के आधार पर भूमि को पाँच वर्गों में बाँटा जा सकता है-(i) वन-क्षेत्र (ii) निवल ‘बोई भूमि (iii) परती भूमि के अतिरिक्त अन्य बिना जोती जानेवाली भूमि (v) अकृषीय भूमि।
  • भारत के राष्ट्रीय उत्पादन में कृषि का योगदान 22% है तथा रोजमार के अवसर में इसका योगदान 65% है।
  • भारत के चार राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल बहुत अधिक है और इनकी अधिकांश भूमि पर खेती की जाती है।
  • जलवायु की दशायें भूमि उपयोग को प्रभावित करती हैं। मैदानी भूमि पर भी अनुकूल जलवायु न मिले तो कृषि-कार्य सुचारु रूप से नहीं किया जा सकता है।
  • छोटे राज्यों पंजाब और हरियाणा की प्रायः 80% भूमि पर फसलें उगायी जाती हैं।
  • उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड तथा अण्डमान निकोबार द्वीप समूह में 10% भूमि पर ही कृषि-कार्य की जाती है।
  • पहाड़ी भूमि की अपेक्षा मैदानी भूमि का उपयोग अधिक होता है। मैदानी भूमि में लोग अधिक रहते हैं।
  • नेशनल रिमोट सेंसिग एजेंसी (NRSA) हैदराबाद के अनुसार भारत में 533 लाख हेक्टेयर भूमि व्यर्थ है।
  • भारत में कुल भौगोलिक क्षेत्र का 20.60% वन क्षेत्र हैं।
  • भारत सरकार की वन नीति के अनुसार कम-से-कम 33% भू-भाग वनाछादित रहना चाहिए।
  • भूमि उपयोग का प्रारूप भू-आकृतिक स्वरूप जलवायु मिट्टी और मानव प्रश्नों के अन्तसंबंधों का परिणाम होता है।
  • पारिस्थितिक संतुलन के दृष्टिकोण से एक-तिहाई भूमि पर वनों का वितरण होना चाहिए। लेकिन भारत के कितने ही राज्य में नाममात्र के वन हैं। इसलिए वन-क्षेत्र के भूमि को बढ़ाना चाहिए। यानी वन-क्षेत्र को बढ़ाना चाहिए।
  • भूमि पर बढ़ते हुए जनसंख्या के दबाव को देखते हुए भूमि उपयोग की योजना बनाना आवश्यक है।
  • प्रति वर्ष भारत की जनसंख्या बढ़ जाने के कारण प्रति व्यक्ति भूमि की कमी होती जा रही है। कल-कारखानों के बढ़ने तथा नगरों के विकास से भी भूमि का ह्रास हुआ है। इसलिए भूमि के बढ़ते ह्रास को रोकना आवश्यक है।
  • भारत में लगभग 13 करोड़ हेक्टेयर भूमि का निम्नीकरण हुआ है। इससे भूमि के ह्रास की स्थिति उत्पन्न हुयी है।
  • भारत की क्षतिग्रस्त भूमि लगभग 13 करोड़ हेक्टेयर है। इसका 28% वन भूमिक्षरण से, 10% पवन अपरदन से, 56% जल से और शेष 6% लवण तथा क्षारीय निक्षेपों से प्रभावित है।
  • भारत में भूमि के ह्रास को रोकने के लिए कुछ उपाय करना चाहिए, जैसे-उपजाऊ भूमि पर कल-कारखाने और मकान नहीं बनाना चाहिए, जनसंख्या की वृद्धि दर में कमी लाना चाहिए, भूमि के कटाव को रोकना चाहिए, प्राकृतिक आपदाओं से भूमि की रक्षा करनी चाहिए पहाड़ी क्षेत्रों में सीढ़ीनुमा खेत बनाकर और पेड़ लगाकर भूमि के ह्रास को रोका जा सकता है।
  • पृथ्वी की ऊपरी सतह जिस पर वनस्पतियाँ उगती हैं, कृषि-कार्य किया जाता है, उसे मिट्टी कहा जाता है।
  • मृदा एक सजीव पदार्थ है, क्योंकि इसमें अनेक जैविक पदार्थों का निवास है।
  • मृदा पृथ्वी का नैसर्गिक आवरण है जिसमें चट्टानों और खनिजों के सूक्ष्म कण, नष्ट हुयी वनस्पतियाँ, अनेक जीवित सूक्ष्म पदार्थ, छोटे जीव और कार्बनिक पदार्थ उपस्थित रहते हैं।
  • मिट्टी के कई वर्ग हैं जो उत्पत्ति और गुणों के आधार पर प्रस्तुत किए जाते हैं।
  • मृदा निर्माण के विभिन्न कारक होते हैं, जैसे-खनिजों का छोटे कण में बदलना, रासायनिक प्रक्रिया इत्यादि।
  • मृदा निर्माण के पाँच मुख्य घटक हैं (i) स्थानीय जलवायु, (ii) पूर्ववर्ती चट्टानें और खनिज कण (iii) वनस्पति और जीव (iv) भू-आकृति और ऊँचाई (v) मिट्टी बनने का समय।