Bihar Board Class 11 Physics Solutions Chapter 4 समतल में गति Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.
BSEB Bihar Board Class 11 Physics Solutions Chapter 4 समतल में गति
Bihar Board Class 11 Physics समतल में गति Text Book Questions and Answers
अभ्यास के प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 4.1
निम्नलिखित भौतिक राशियों में से बतलाइए कि कौन-सी सदिश है और कौन-सी अदिश:
आयतन, द्रव्यमान, चाल, त्वरण, घनत्व, मोल संख्या, वेग, कोणीय आवृत्ति, विस्थापन, कोणीय वेग।
उत्तर:
त्वरण, वेग, विस्थापन तथा कोणीय वेग, सदिश राशियाँ हैं जबकि आयतन, द्रव्यमान, चाल, घनत्व, मोल संख्या तथा कोणीय आवृत्ति अदिश राशि हैं।
प्रश्न 4.2
निम्नांकित सूची में से दो अदिश राशियों को छाँटिए –
बल, कोणीय संवेग, कार्य, धारा, रैखिक संवेग, विद्युत क्षेत्र, औसत वेग, चुंबकीय आघूर्ण, आपेक्षिक वेग।
उत्तर:
कार्य तथा धारा अदिश राशियाँ हैं।
प्रश्न 4.3
निम्नलिखित सूची में से एकमात्र सदिश राशि को छाँटिए –
ताप, दाब, आवेग, समय, शक्ति, पूरी पथ-लंबाई, ऊर्जा, गुरुत्वीय विभव, घर्षण गुणांक, आवेश।
उत्तर:
आवेश एक मात्र अदिश राशि है।
प्रश्न 4.4
कारण सहित बताइए कि अदिश तथा सदिश राशियों के साथ क्या निम्नलिखित बीजगणितीय संक्रियाएँ अर्थपूर्ण हैं?
- दो अदिशों को जोड़ना
- एक ही विमाओं के एक सदिश व एक अदिश को जोड़ना
- एक सदिश को एक अदिश से गुणा करना
- दो अदिशों का गुणन
- दो सदिशों को जोड़ना
- एक सदिश के घटक को उसी सदिश से जोड़ना।
उत्तर:
- नहीं, क्योंकि दो अदिशों का जोड़ तभी अर्थपूर्ण होगा जबकि दोनों समान भौतिक राशि को व्यक्त करते हैं।
- नहीं, क्योंकि सदिश को केवल सदिश के साथ एवम् अदिश को केवल अदिश के साथ ही जोड़ा जा सकता है।
- अर्थपूर्ण है।
- अर्थपूर्ण है।
- नहीं, क्योंकि यह केवल तभी अर्थपूर्ण होगा जबकि दोनों एक ही भौतिक राशि को व्यक्त करते हैं।
- अर्थपूर्ण है।
प्रश्न 4.5
निम्नलिखित में से प्रत्येक कथन को ध्यानपूर्वक पढ़िए और कारण सहित बताइए कि यह सत्य है या असत्य:
- किसी सदिश का परिमाण सदैव एक अदिश होता है
- किसी सदिश का प्रत्येक घटक सदैव अदिश होता है
- किसी कण द्वारा चली गई पथ की कुल लंबाई सदैव विस्थापन सदिश के परिमाण के बराबर होती है
- किसी कण की औसत चाल (पथ तय करने में लगे समय द्वारा विभाजित कुल पथ-लंबाई) समय के समान-अंतराल में कण के औसत वेग के परिमाण से अधिक या उसके बराबर होती है।
- उन तीन सदिशों का योग जो एक समतल में नहीं हैं, कभी भी शून्य सदिश नहीं होता।
उत्तर:
- सत्य, चूँकि किसी भी सदिश राशि का परिमाण एक धनात्मक संख्या है, जिसमें दिशा नहीं होती है। इसलिए यह एक अदिश राशि है।
- असत्य, चूँकि किसी सदिश का प्रत्येक घटक एक सदिश राशि होता है।
- असत्य, जैसे-किसी चक्रीय क्रम में प्रतिचक्र विस्थापन शून्य होता है।
- सत्य, चूँकि औसत्त चाल पूर्ण पथ की लम्बाई पर जबकि औसत वेग कुल विस्थापन पर निर्भर करता है तथा पूर्ण पथ की लम्बाई विस्थापन के बराबर अथवा अधिक होती है।
- सत्य, चूँकि तीनों सदिश एक समतल में नहीं हैं।
प्रश्न 4.6
निम्नलिखित असमिकाओं की ज्यामिति या किसी अन्य विधि द्वारा स्थापना कीजिए:
(a) |a + b| ≤ |a| + |b|
(b) |a + b| ≥ |a| – |b|
(c) |a – b| ≤ |a| + |b|
(d) |a – b| ≥ |a| – |b|
इनमें समिका (समता) का चिह्न कब लागू होता है?
उत्तर:
माना \(\overrightarrow{O A}\) = \(\vec{a}\) ⇒ OA = a
तथा \(\overrightarrow{A B}\) = \(\vec{b}\) ⇒ AB = b
(a) सदिश योग के त्रिभुज नियम से,
\(\vec{a}\) + \(\vec{b}\) = \(\overrightarrow{O A}\) + \(\overrightarrow{A B}\) = \(\overrightarrow{O B}\)
तथा (\(\vec{a}\) + \(\vec{b}\)) = OB
परन्तु ∆OAB में, OB ≤ OA + AB
(b) |\(\vec{a}\) + \(\vec{b}\)| ≤ |\(\vec{a}\)| + |\(\vec{b}\)|
चूँकि किसी त्रिभुज में प्रत्येक भुजा शेष दो भुजाओं के अन्तर से बड़ी होती है।
∴ OB ≥ OA – OB
या |\(\vec{a}\) + \(\vec{b}\)| ≥ |\(\vec{a}\)| – |\(\vec{b}\)| ……………. (1)
अतः समीकरण (1) तथा (2) से,
|\(\vec{a}\) + \(\vec{b}\)| ≥ ||\(\vec{a}\) – \(\vec{b}\)|| ……………. (2)
(c) चित्र – 2 से, AB’ = AB
परन्तु \(\overrightarrow{A B}^{\prime}\) = – \(\vec{b}\), \(\vec{AB}\) = \(\vec{b}\)
∴ |-\(\vec{b}\)| = |\(\vec{b}\)| = AB
सदिश योग के त्रिभुज निमय से,
\(\vec{a}\) – \(\vec{b}\) = \(\vec{a}\) + (-\(\vec{b}\))
= \(\overrightarrow{O A}\) + \(\overrightarrow{A B}^{\prime}\) = \(\overrightarrow{O B}^{\prime}\)
= |\(\vec{a}\) – \(\vec{b}\)| = OB’
∆OAB’ (चित्र – 2) में,
OB’ ≤ OA + AB’
∴ |\(\vec{a}\) – \(\vec{b}\)| ≤ |\(\vec{a}\)| + |\(\vec{-b}\)|
अर्थात् |\(\vec{a}\) – \(\vec{b}\)| ≤ |\(\vec{a}\)| + |\(\vec{-b}\)|
(d) चूँकि किसी त्रिभुज में प्रत्येक भुजा शेष दो भुजाओं के अन्तर से बड़ी होती हैं।
∴ OB’ ≥ OA – AB’
⇒ |\(\vec{a}\) – \(\vec{b}\)| – |\(\vec{a}\)| – |\(\vec{b’}\)| …………. (3)
इसी प्रकार
OB’ – AB’ – OA
⇒ |\(\vec{a}\) – \(\vec{b}\)| ≥ ||\(\vec{b}\)| – |\(\vec{a}\)|| …………….. (4)
समीकरण (3) तथा (4) से,
[\(\vec{a}\) – \(\vec{b}\)] ≥ ||\(\vec{a}\)| – |\(\vec{b}\)||
उपरोक्त समस्त असमिका में समिका तभी लागू होगी जबकि \(\vec{a}\) व \(\vec{b}\) समदिश होंगे।
प्रश्न 4.7
दिया है a + b + c + d = 0, नीचे दिए गए कथनों में से कौन – सा सही है:
(a) a, b, c तथा d में से प्रत्येक शून्य सदिश है।
(b) (a + c) का परिमाण (b + d) के परिमाण के बराबर है।
(c) a का परिमाण b, c तथा d के परिमाणों के योग से कभी भी अधिक नहीं हो सकता।
(d) यदि a तथा d संरेखीय नहीं हैं तो b + c अवश्य ही a तथाd के समतल में होगा, और यह a तथाd के अनुदिश होगा यदि वे संरेखीय हैं।
उत्तर:
(a) यह कथन सही नहीं है।
(b) दिया है:
अतः कथन (b) सत्य है।
(c) दिया है:
अतः कथन (c) सत्य है।
(d) दिया है:
चूँकि \(\bar{a}\) व \(\bar{d}\) संरेखीय नहीं हैं
अतः \(\vec{a}\) + \(\vec{d}\), \(\vec{a}\) व \(\vec{d}\) के समतल में होगा। इसलिए (\(\vec{b}\) + \(\vec{c}\)) भी aव के समतल होगा।
अतः कथन (d) सही है।
प्रश्न 4.8
तीन लड़कियाँ 200 m त्रिज्या वाली वृत्तीय बर्फीली सतह पर स्केटिंग कर रही हैं। वे सतह के किनारे के बिंदु P से स्केटिंग शुरू करती हैं तथा P के व्यासीय विपरीत बिंदु पर विभिन्न पथों से होकर पहुँचती हैं जैसा कि (चित्र) में दिखाया गया है। प्रत्येक लड़की के विस्थापन सदिश का परिमाण कितना है? किस लड़की के लिए यह वास्तव में स्केट किए गए पथ की लंबाई के बराबर है।
उत्तर:
प्रत्येक लड़की का विस्थापन सदिश = PQ
विस्थापन सदिश \(\overrightarrow{P Q}\) का परिमाण = 2 × त्रिज्या
= 2 × 200
= 400 मीटर
दिए गए चित्र से स्पष्ट है कि लड़की B द्वारा तय किए गए पथ की लम्बाई 400 मीटर है। अतः इस लड़की के लिए, विस्थापन सदिश का परिमाण वास्तव में स्केट किए गए पथ की लम्बाई के समान है।
प्रश्न 4.9
कोई साइकिल सवार किसी वृत्तीय पार्क के केंद्र O से चलना शुरू करता है तथा पार्क के किनारे P पर पहुँचता है। पुनः वह पार्क की परिधि के अनुदिश साइकिल चलाता हुआ QO के रास्ते (जैसा (चित्र) में दिखाया गया है) केंद्र पर वापस आ जाता है। पार्क की त्रिज्या 1 km है। यदि पूरे चक्कर में 10 मिनट लगते हों तो साइकिल सवार का –
(a) कुल विस्थापन
(b) औसत वेग, तथा
(c) औसत चाल क्या होगी?
उत्तर:
(a) कुल विस्थापन = 0 [∵ साइकिल सवार वापस प्रारम्भिक बिन्दु O पर लौट आता है।]
(b)
= \(\frac{0}{10/60}\) = 0
(c)
अतः कुल चली दूरी = त्रिज्या OP + \(\hat{P Q}\) + त्रिज्या OPQ
= 1 + \(\frac{1}{4}\) × 2 × π × 1 + 1
= 1 + \(\frac{1}{2}\) × 3.14 + 1
= 1 + 1.57 + 1
= 3.57 किमी
कुल लिया समय = 10 मिनट = \(\frac{10}{60}\) घण्टा
= 3.57 × 60
= 214.20 किमी/घण्टा
प्रश्न 4.10
किसी खुले मैदान में कोई मोटर चालक एक ऐसा रास्ता अपनाता है जो प्रत्येक 500 m के बाद उसके बाई ओर 60° के कोण पर मुड़ जाता है। किसी दिए मोड़ से शुरू होकर मोटर चालक का तीसरे, छठे व आठवें मोड़ पर विस्थापन बताइए। प्रत्येक स्थिति में मोटर चालक द्वारा इन मोड़ों पर तय की गई कुल पथ-लंबाई के साथ विस्थापन के परिमाण की तुलना कीजिए।
उत्तर:
मोटर चालक चित्रानुसार, समषट्भुज ABCDEF के अनुदिश चलेगा।
1. माना कि मोटर चालक समषट्भुज के शीर्ष A से चलकर, शीर्ष D पर तीसरा मोड़ लेता है।
दिया है: समषट्भुज की भुजा = 500 मीटर
चित्रानुसार
तीसरे मोड़ पर विस्थापन AD = 2BC = 2 × 500 = 1000 मीटर
पथ की लम्बाई
= AB + BC + CD = 500 + 500 + 500
= 1500 मीटर
∴ विस्थापन : पथ की लम्बाई = \(\frac{1000}{1500}\) = 2 : 3
2. मोटर चालक द्वारा लिए गए छठे मोड़ पर विस्थापन = शून्य
[∵ चालक वापस A पर पहुँच जाता है।]
पथ की लम्बाई = 6 × भुजा की ल०
= 6 × 500
= 3000 मीटर
∴ विस्थापन पथ की लम्बाई = \(\frac{0}{3000}\) = 0
3. मोटर चालक आठवाँ मोड़ C पर लेगा।
∴ विस्थापन
कुल पथ की लम्बाई = 8 × AB = 4000 मीटर
∴ विस्थापन : पथ की लम्बाई
= \(\frac{500 \sqrt{3}}{4000}\) = \(=\frac{\sqrt{3}}{8}\) = \(\sqrt{3}\) : 8
= 0.22
प्रश्न 4.11
कोई यात्री किसी नए शहर में आया है और वह स्टेशन से किसी सीधी सड़क पर स्थित किसी होटल तक जो 10km दूर है, जाना चाहता है। कोई बेईमान टैक्सी चालक 23 km के चक्करदार रास्ते से उसे ले जाता है और 28 मिनट में होटल में पहुँचता है।
(a) टैक्सी की औसत चाल, और
(b) औसत वेग का परिमाण क्या होगा? क्या वे बराबर हैं?
उत्तर:
दिया है:
कुल चली दूरी = 23 किमी
लगा समय = 28 मिनट = 2 घण्टा = \(\frac{28}{60}\) घण्टा
टैक्सी का विस्थापन = 10 किमी
(a)
= \(\frac{23}{28/60}\)
= 49.3 किमी प्रति घण्टा
(b)
नहीं, चूँकि केवल सीधे पथों के लिए ही परिमाण में माध्य चाल, माध्य वेग के समान होती है।
प्रश्न 4.12
वर्षा का पानी 30 ms-1 की चाल से ऊर्ध्वाधर नीचे गिर रहा है। कोई महिला उत्तर से दक्षिण की ओर 10 ms-1 की चाल से साइकिल चला रही है। उसे अपना छाता किस दिशा में रखना चाहिए?
उत्तर:
दिया है:
वर्षा की चाल \(\vec{v} r\) = 30 मीटर/सेकण्ड
तथा महिला की चाल \(\vec{v} w\) = 10 मीटर/सेकण्ड
महिला को स्वयं को वर्षा से बचाने के लिए छाते को वर्षा तथा महिला के सापेक्ष वेग \(\vec{v} w\) की दिशा में रखना चाहिए।
माना सापेक्ष वेग \(\vec{v}\) rw ऊर्ध्वाधर से θ कोण बनाता है।
= 0.33
∴ θ = 18.26
प्रश्न 4.13
कोई व्यक्ति स्थिर पानी में 4.0 km/h की चाल से तैर सकता है। उसे 1.0 km चौड़ी नदी को पार करने में कितना समय लगेगा यदि नदी 3.0 km/h की स्थिर चाल से बह रही हो और वह नदी के बहाव के लंब तैर रहा हो। जब वह नदी के दूसरे किनारे पर पहुँचता है तो वह नदी के बहाव की ओर कितनी दूर पहुँचेगा?
उत्तर:
दिया है:
व्यक्ति की चाल = 4 किमी प्रति घण्टा
चली दूरी = 1 किमी
नदी की चाल = 3 किमी/घण्टा
माना नदी को पार करने में लिया गया समय = t
सूत्र,
समय t = \(\frac{1}{4}\) घण्टा = 15 मिनट
अत: व्यक्ति द्वारा 15 मिनट में चली दूरी = 3 × \(\frac{1}{4}\)
\(\frac{3}{4}\) किमी
\(\frac{3}{4}\) × 1000
= 750 मीटर
प्रश्न 4.14
किसी बंदरगाह में 72 km/h की चाल से हवा चल रही है और बंदरगाह में खड़ी किसी नौका के ऊपर लगा झंडा N – E दिशा में लहरा रहा है। यदि वह नौका उत्तर की ओर 51 km/h चाल से गति करना प्रारंभ कर दे तो नौका पर लगा झंडा किस दिशा में लहराएगा?
उत्तर:
दिया है:
वायु का वेग \(\vec{v}_{a}\) = 72 किमी प्रति घण्टा N – E दिशा में तथा नौका का वेग \(\vec{v}_{b}\) = 51 किमी प्रति घण्टा उत्तर दिशा में।
नौका का वायु के सापेक्ष वेग,
\(\vec{v}_{a}\) = \(\vec{v}_{a}\) – \(\vec{v}_{b}\)
= 72 – 51
= 21 किमी/घण्टा
यह सापेक्ष वेग, वायु वेग (\(\vec{v}_{a}\)) तथा नौका के विपरीत दिशा को (-\(\vec{v}_{b}\)) के परिणाम के बराबर होगा एवम् झण्डा वेग \(\vec{v}_{ab}\), को दिशा में लहराएगा।
माना कि सापेक्ष वेग (\(\vec{v}\) ab) वेग \(\vec{v}\) a से θ कोण बनाता है तथा वेगों \(\vec{v}\) a व \(\vec{v}\) b के बीच 135° का कोण है।
= 1.0035
∴ θ = 45.1°
अतः सापेक्ष वेग \(\bar{v}\) ab द्वारा पूर्व दिशा में बनाया गया कोण,
= θ – 45°
= 45.1 – 45
= 0.1
अर्थात् झण्डा लगभग पूर्व दिशा में ही लहराएगा।
प्रश्न 4.15
किसी लंबे हाल की छत 25 m ऊँची है। वह अधिकतम क्षैतिज दूरी कितनी होगी जिसमें 40 ms-1 की चाल से फेंकी गई कोई गेंद छत से टकराए बिना गुजर जाए?
उत्तर:
दिया है:
अधिकतम ऊँचाई Hmax = 25 मीटर
तथा वेग, V0 = 40 मीटर/सेकण्ड
माना कि गेंद को प्रक्षेप्य कोण θ से फेंका जाता है। तब सूत्र,
∴ θ = 33.6°
∴ अधिकतम परास,
= 150.5 मीटर
प्रश्न 4.16
क्रिकेट का कोई खिलाड़ी किसी गेंद को 100 m की अधिकतम क्षैतिज दूरी तक फेंक सकता है। वह खिलाड़ी उसी गेंद को जमीन से ऊपर कितनी ऊँचाई तक फेंक सकता है।
उत्तर:
दिया है:
अधिकतम परास Rmax = 100 मीटर
सूत्र, Rmax = \(\frac{u_{0}^{2}}{g}\) से
\(u_{0}^{2}\) = Rmax × g
= 100 × 9.8
= 980
∴ u0 = 1980
= 14 – 15 मीटर/सेकण्ड
अत: व्यक्ति गेंद का अधिकतम वेग 14\(\sqrt{5}\) मीटर/सेकण्ड से फेंक सकता है। अतः गेंद को अधिकतम ऊँचाई तक फेंकने के लिए उसे ऊर्ध्वाधरत ऊपर की ओर फेंकना होगा।
= 50 मीटर
प्रश्न 4.17
80 cm लंबे धागे के एक सिरे पर एक पत्थर बाँधा गया है और इसे किसी एकसमान चाल के साथ किसी क्षैतिज वृत्त में घुमाया जाता है। यदि पत्थर 25 s में 14 चक्कर लगाता है तो पत्थर के त्वरण का परिमाण और उसकी दिशा क्या होगी?
उत्तर:
दिया है:
त्रिज्या R = 80 सेमी = 0.8 मीटर
चक्कर n = 14
समय t = 25
सूत्र आवर्तकाल T = \(\frac{t}{n}\) = \(\frac{25}{14}\) सेकण्ड
पत्थर की रेखीय चाल v = \(\frac{2πR}{T}\)
= \(\frac{2×22/7×0.8}{25/14}\)
= 2.8 मीटर/सेकण्ड
तथा पत्थर का त्वरण
ac = \(\frac{v^{2}}{R}=\frac{(2.8)^{2}}{(0.8)}\)
= 9.8 मीटर/सेकण्ड2
पत्थर के त्वरण की दिशा केन्द्र की ओर होगी।
प्रश्न 4.18
कोई वायुयान 900 km h-1 की एकसमान चाल से उड़ रहा है और 1.00 km त्रिज्या का कोई क्षैतिज लूप बनाता है। इसके अभिकेन्द्र त्वरण की गुरुत्वीय त्वरण के साथ तुलना कीजिए।
उत्तर:
दिया है:
वायुयान की चाल, v = 900 किमी प्रति घण्टा
त्रिज्या, R = 1 किमी
सूत्र त्वरण, ac = \(\frac{v^{2}}{R}\) = \(\frac{900×900}{1}\)
= 81 × 104 किमी/घण्टा2
\(\frac{81 \times 10^{4} \times 1000}{(60 \times 60)^{2}}\) = 62.5 मीटर/सेकण्ड2
गुरुत्वीय त्वरण g = 9.8 मीटर/सेकण्ड2
∴ \(\frac{a_{c}}{g}\) = \(\frac{62.5}{9.8}\)
= 6.38
अत: अभिकेन्द्र त्वरण, गुरुत्वीय त्वरण का 6.38 गुना है।
प्रश्न 4.19
नीचे दिए गए कथनों को ध्यानपूर्वक पढ़िए और कारण देकर बताइए कि वे सत्य हैं या असत्य:
- वृत्तीय गति में किसी कण का नेट त्वरण हमेशा वृत्त की त्रिज्या के अनुदिश केंद्र की ओर होता है।
- किस बिंदु पर किसी कण का वेग सदिश सदैव उस बिंदु पर कण के पथ की स्पर्श रेखा के अनुदिश होता है।
- किसी कण का एक समान वृत्तीय गति में एक चक्र में लिया गया औसत त्वरण सदिश एक शून्य सदिश होता है।
उत्तर:
- असत्य
- सत्य
- सत्य।
प्रश्न 4.20
किसी कण की स्थिति सदिश निम्नलिखित है:
\(\vec{r}\) = (3.0t\(\hat{i}\) – 2.0t2\(\hat{j}\) + 4.0\(\hat{k}\)) m
समय t सेकण्ड में है तथा सभी गुणांकों के मात्रक इस प्रकार से हैं कि में मीटर में व्यक्त हो जाए।
(a) कण का v तथा a निकालिए।
(b) t = 2.0 s पर कण के वेग का परिमाण तथा दिशा कितनी होगी?
उत्तर:
दिया है:
(b)
माना वेग की दिशा x – अक्ष से धन दिशा में θ कोण पर है।
∴ tan θ = \(\frac{v_{y}}{v_{x}}\) = \(\frac{-8}{3}\)
θ = – tan-1 (2.67)
= -69.4
प्रश्न 4.21
कोई कण t = 0 क्षण पर मूल बिंदु से 10\(\hat{j}\) ms-1 के वेग से चलना प्रारंभ करता है तथा x – y समतल में एकसमान त्वरण (8.0\(\hat{i}\) + 2.0\(\hat{j}\)) ms-2 से गति करता है।
(a) किस क्षण कण का निर्देशांक 16 m होगा? इसी समय इसका y – निर्देशांक कितना होगा?
(b) इस क्षण कण की चाल कितनी होगी?
उत्तर:
दिया है:
\(\overrightarrow{r_{0}}\) = 0\(\hat{i}\) + o\(\hat{j}\)
वेग \(\overrightarrow{v_{0}}\) = 10\(\hat{j}\) मीटर/सेकण्ड2
त्वरण \(\vec{a}\) = (8\(\hat{i}\) + 2\(\hat{j}\)) मीटर/सेकण्डर2
अतः t समय पर कण का स्थिति सदिश,
समी० \(\vec{r}\) = x\(\hat{i}\) + y\(\hat{j}\) से तुलना करने पर,
x = 4t2,
y = 10t + t2
(a) x = 16 मीटर रखने पर,
16 = 4t2
t = \(\sqrt{16/4}\) = 2
∴ y = 10 × 2 + 22
= 20 × 4
= 24 मीटर
अतः t = 2 सेकण्ड पर, y निर्देशांक 24 मीटर होगा।
(b) vx = \(\frac{dx}{dt}\) = 8t
तथा vy = \(\frac{dy}{dt}\) = 10 + 22
∴ (vx)t=2 = 8 × 2 = 16 मीटर/सेकण्ड
तथा (vy)t=2 = 10 + 2 × 2 = 14 मीटर/सेकण्ड
∴ इस क्षण कण की चाल,
प्रश्न 4.22
\(\hat{i}\) व \(\hat{j}\) क्रमश: x – व y – अक्षों के अनुदिश एकांक सदिश हैं। सदिशों \(\hat{i}\) + \(\hat{j}\) तथा \(\hat{i}\) – \(\hat{j}\) का परिमाण तथा दिशा क्या होगी? सदिश A = 2\(\hat{i}\) + 3\(\hat{j}\) के \(\hat{i}\) + \(\hat{j}\) के दिशाओं के अनुदिश घटक निकालिए। आप ग्राफी विधि का उपयोग कर सकते हैं।
उत्तर:
चूँकि \(\hat{i}\) तथा \(\hat{j}\) परस्पर लम्ब एकांक सदिश है। अतः इनके बीच का कोण 90° है।
इसी प्रकार
सदिश \(\vec{A}\) का सदिश \(\vec{B}\) की दिशा में घटक,
इसी प्रकार सदिश \(\vec{A}\) का सदिश \(\vec{B}\) की दिशा में घटक,
प्रश्न 4.23
किसी दिकस्थान पर एक स्वेच्छ गति के लिए निम्नलिखित संबंधों में से कौन-सा सत्य है?
यहाँ ‘औसत’ का आशय समय अंतराल t2 व t1 से संबंधित भौतिक राशि के औसत मान से है।
उत्तर:
- सत्य
- सत्य
- असत्य
- असत्य
- सत्य।
प्रश्न 4.24
निम्नलिखित में से प्रत्येक कथन को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा कारण एवं उदाहरण सहित बताइए कि क्या यह सत्य है या असत्य:
अदिश वह राशि है जो –
- किसी प्रक्रिया में संरक्षित रहती है,
- कभी ऋणात्मक नहीं होती,
- विमाहीन होती है,
- किसी स्थान पर एक बिंदु से दूसरे बिंदु के बीच नहीं बदलती,
- उन सभी दर्शकों के लिए एक ही मान रखती है चाहे अक्षों से उनके अभिविन्यास भिन्न-भिन्न क्यों न हों।
उत्तर:
- असत्य, चूँकि किसी अदिश का किसी प्रक्रिया से संरक्षित रहना आवश्यक नहीं है। जैसे ऊपर की ओर फेंके गए पिण्ड की गतिज ऊर्जा पूरी यात्रा में बदलती रहती है।
- असत्य, चूँकि अदिश राशि, धनात्मक शून्य या ऋणात्मक कुछ भी मान ग्रहण कर सकती है। जैसे ताप अदिश राशि है जिसका चिह्न कुछ भी हो सकता है।
- असत्य, जैसे किसी वस्तु की चाल अदिश राशि है जिसकी विमा [LT-1] है।
- असत्य, जैसे ताप एक अदिश राशि है जोकि किसी छड़ में ऊष्मा के एकविमीय प्रवाह की दिशा में बदलता रहता है।
- सत्य, चूँकि अदिश राशि दिशाहीन होती है। इसलिए यह प्रत्येक विन्यास में स्थित दर्शक के लिए समान मान रखती है। जैसे किसी वस्तु की चाल प्रत्येक दर्शक के लिए समान होगी।
प्रश्न 4.25
कोई वायुयान पृथ्वी से 3400 m की ऊँचाई पर उड़ रहा है। यदि पृथ्वी पर किसी अवलोकन बिंदु पर वायुयान की 10.05 से दूरी की स्थितियाँ 30° का कोण बनाती है तो वायुयान की चाल क्या होगी?
उत्तर:
दिया है:
P से Q तक चलने में लगा समय, t = 10 सेकण्ड
सूत्र,
लम्ब, PQ = OP × tan 30
= 3400 × \(\frac{1}{\sqrt{3}}\) मीटर
= 1963 मीटर
माना वायुयान की चाल v मीटर/सेकण्ड है।
= 196.3 मीटर/सेकण्ड
Bihar Board Class 11 Physics समतल में गति Additional Important Questions and Answers
अतिरिक्त अभ्यास के प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 4.26
किसी सदिश में परिमाण व दिशा दोनों होते हैं। क्या दिक्स्थान में इसकी कोई स्थिति होती है? क्या यह समय के साथ परिवर्तित हो सकता है। क्या दिक्स्थान में भिन्न स्थानों पर दो बराबर सदिशों a व b का समान भौतिक प्रभाव अवश्य पड़ेगा? अपने उत्तर के समर्थन में उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
सभी सदिशों की स्थिति नहीं होती है। किसी बिन्दु के स्थिति सदिश के समान कुछ सदिशों की स्थिति होती है जबकि वेग सदिश की कोई स्थिति नहीं होती है। हाँ, सदिश समय के साथ परिवर्तित हो सकता है। उदाहरण के लिए, गतिमान कण की स्थिति सदिश। दिक्स्थान में भिन्न स्थानों पर दो बराबर सदिशों के \(\vec{a}\) तथा \(\vec{b}\) का समान भौतिक प्रभाव अवश्य पड़े, यह आवश्यक नहीं है। जैसे दो भिन्न-भिन्न बिन्दुओं पर लगे बराबर बल अलग-अलग आघूर्ण उत्पन्न करेंगे।
प्रश्न 4.27
किसी सदिश में परिमाण व दिशा दोनों होते हैं। क्या इसका यह अर्थ है कि कोई राशि जिसका परिमाण व दिशा हो, वह अवश्य ही सदिश होगी? किसी वस्तु के घूर्णन की व्याख्या घूर्णन-अक्ष की दिशा और अक्ष के परितः घूर्णन-कोण द्वारा की जा सकती है। क्या इसका यह अर्थ है कि कोई भी घूर्णन एक सदिश है?
उत्तर:
किसी राशि में परिमाण तथा दिशा होने पर उसका सदिश होना आवश्यक नहीं है। जैसे – प्रत्येक घूर्णन कोण सदिश राशि नहीं हो सकता जबकि सूक्ष्म घूर्णन कोण सदिश राशि माना जा सकता है।
प्रश्न 4.28
क्या आप निम्नलिखित के साथ कोई सदिश संबद्ध कर सकते हैं:
- किसी लूप में मोड़ी गई तार की लंबाई
- किसी समतल क्षेत्र
- किसी गोले के साथ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
- नहीं, चूँकि वृत्तीय लूप में मोड़े गए तार की कोई निश्चित दिशा नहीं है।
- दिए गए समतल पर एक निश्चित अभिलम्ब खींचा जा सकता है। इसलिए समतल क्षेत्र के साथ एक सदिश सम्बद्ध किया जा सकता है जिसकी दिशा समतल पर अभिलम्ब के अनुदिश हो सकती है।
- नहीं, चूँकि किसी गोले का आयतन किसी विशेष दिशा के साथ सम्बद्ध नहीं कर सकते हैं।
प्रश्न 4.29
कोई गोली क्षैतिज से 30° के कोण पर दागी गई है और वह धरातल पर 3.0 km दूर गिरती है। इसके प्रक्षेप्य के कोण का समायोजन करके क्या 5.0 km दूर स्थित किसी लक्ष्य का भेद किया जा सकता है? गोली की नालमुख चाल को नियत तथा वायु के प्रतिरोध को नगण्य मानिए।
उत्तर:
दिया है:
θ1 = 30°
(R1)θ1 = 3 किमी = 3000 मीटर
जहाँ θ2 प्रक्षेपण कोण पर दागने पर परास R2 है।
परन्तु sin θ का मान 1 से अधिक नहीं हो सकता है।
अर्थात् प्रक्षेप्य कोण θ2 का कोई वास्तविक मान सम्भव नहीं है जिससे कि गोली 5 किमी दूर स्थित लक्ष्य को भेद सकें।
प्रश्न 4.30
कोई लड़ाकू जहाज 1.5 km की ऊँचाई पर 720 km/h की चाल से क्षैतिज दिशा में उड़ रहा है और किसी वायुयान भेदी तोप के ठीक ऊपर से गुजरता है। ऊर्ध्वाधर से तोप की नाल का क्या कोण हो जिससे 600 ms-1 की चाल से दागा गया गोला वायुयान पर वार कर सके। वायुयान के चालक को किस न्यूनतम ऊँचाई पर जहाज को उड़ाना चाहिए जिससे गोला लगने से बच सके। (g = 10 ms-2) उत्तर:
दिया है:
वायुयान की ऊँचाई = 1.5 किमी
= 1500 मीटर
वायुयान की चाल = 720 किमी/घण्टा
= 720 × \(\frac{5}{18}\) = 200 मीटर/सेकण्ड
गोली की चाल v0 = 600 मीटर/सेकण्ड
माना कि जिस क्षण वायुयान तोप के ठीक ऊपर है, उस क्षण ऊर्ध्वाधर से θ कोण पर तोप से गोला दागा जाता है। जोकि t सेकण्ड पश्चात् वायुयान से टकराता है।
अतः क्षैतिज से गोले का प्रक्षेपण कोण, ø = 90 – θ होगा।
यहाँ गोले के वेग के घटक,
v0x = v0 cos ø = 600 sin θ
तथा v0y = v0 sin θ = 600 cos ø
t समय पश्चात् गोले की ऊँचाई,
y = v0yt – \(\frac{1}{2}\) gt2
= 600 cos θ.t – \(\frac{1}{2}\) × 9.8t2 ……………… (1)
समय पश्चात् क्षैतिज दूरी,
x = v0xt = 600 sin θ.t ……………….. (2)
वायुयान के लिए,
x0 = 0
y = 500 मीटर
vox = 200 मीटर/सेकण्ड
ax = 0
voy = 0
t सेकण्ड पश्चात् वायुयान की स्थिति,
x = voxt ⇒ x = 200t …………….. (3)
तथा y = yo ⇒ y = 1500 ……………….. (4)
गोला वायुयान को तभी लगेगा जबकि समी० (1) तथा (4) से प्राप्त y के मान एवम् समी० (2) व (3) से प्राप्त x के मान पृथक् – 2 बराबर हो।
समी० (1) तथा (4) से,
1500 = 600 cos θt = 4.9t2 ………………… (5)
समी० (2) तथा (3) से,
600 sin θt = 200t = sin θ = \(\frac{1}{3}\)
θ = 19.5°
अत: तोप की नाल ऊर्ध्वाधर से 19.5° का कोण बनाएगा। जब तोप की नाल को ऊर्ध्वाधरत: ऊपर की ओर रखते हुए गोला दागा जाता है तो वह अधिकतम ऊँचाई तय करता है।
∴ Hmax = \(\frac{v_{0}^{2}}{2 g}\)
= \(\frac{(600)^{2}}{2 \times 10}\) = 1800 मीटर
= 18 किमी
अतः वायुयान की न्यूनतम ऊँचाई 18 किमी होगी।
प्रश्न 4.31
एक साइकिल सवार 27 km/h की चाल से साइकिल चला रहा है। जैसे ही सड़क पर वह 80 m त्रिज्या के वृत्तीय मोड़ पर पहुँचता है, वह ब्रेक लगाता है और अपनी चाल को 0.5 m/s2 की एकसमान दर से कम कर लेता है। वृत्तीय मोड़ पर साइकिल सवार के नेट त्वरण का परिमाण और उसकी दिशा निकालिए।
उत्तर:
दिया है:
साइकिल सवार की चाल,
v = 27 किमी/घण्टा
= 27 × \(\frac{5}{18}\) = \(\frac{15}{12}\) मीटर/सेकण्ड
त्रिज्या = 80 मीटर
मंदन, aT = 0.5 मीटर/सेकण्ड2
अभिकेन्द्र त्वरण, ac = \(\frac{v^{2}}{R}\)
= \(\frac{(15 / 2)^{2}}{80}\) = 0.703 मीटर/सेकण्ड2
अतः सवार का नेट त्वरण,
= 0.86 मीटर/सेकण्ड2
माना परिणामी त्वरण स्पर्श रेखीय दिशा से θ कोण पर है।
∴ tan θ = \(\frac{a_{c}}{a_{T}}\) = \(\frac{0.7}{0.5}\) = 1.4
∴ θ = tan-1 (1.4) = 54.5°
प्रश्न 4.32
(a) सिद्ध कीजिए कि किसी प्रक्षेप्य के x – अक्ष तथा उसके वेग के बीच के कोण को समय के फलन के रूप में निम्न प्रकार से व्यक्त कर सकते हैं –
θ (t) = tan-1 \(\left(\frac{v_{o y}-g t}{v_{o x}}\right)\)
(b) सिद्ध कीजिए कि मूल बिंदु से फेंके गए प्रक्षेप्य कोण का मान θ0 = tan-1 \(\left(\frac{4 h_{m}}{R}\right)\) होगा। यहाँ प्रयुक्त प्रतीकों के अर्थ सामान्य हैं।
उत्तर:
(a) माना कि कोई प्रक्षेप्य मूल बिन्दु (0, 0) से इस प्रकार फेंकते हैं कि उसके वेग x – अक्ष एवम् y – अक्षों की दिशाओं में विभाजित घटक क्रमश: v0x व v0y हैं।
माना कि t समय पश्चात् प्रक्षेप्य का स्थिति सदिश, \(\vec{r}\) (t) निम्नवत् है –
अतः वेग
अतः t समय पर प्रक्षेप्य के अक्षों को दिशाओं में वेग,
vtx = v0x vty = v0y – gt
∴ t समय पर वेग द्वारा x – अक्ष से बनाया कोण,
(b) मूल बिन्दु (0, 0) से फेंके गए प्रक्षेप्य का परास,
तथा महत्तम ऊँचाई,