Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 6 पौधों में पोषण Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 6 पौधों में पोषण

Bihar Board Class 7 Science पौधों में पोषण Text Book Questions and Answers

अभ्यास

पौधों में पोषण Class 7 Bihar Board प्रश्न 1.
सही उत्तर पर चिह्न लगाइए –

(a) हरे पौधों जो अपना भोजन स्वयं बनाते हैं, कहलाते हैं –
(i) विषमपोषी
(ii) परपोषी
(iii) मृतोपजीवी
(iv) स्वपोषी
उत्तर:
(iv) स्वपोषी

(b) अमरबेल उदाहरण हैं –
(i) स्वपोषी
(ii) परपोषी
(iii) परजीवी
(iv) मृतजीवी
उत्तर:
(i) स्वपोषी

(c) पौधों का रसोईघर है –
(i) तना
(ii) जड़
(iii) पत्ती
(iv) फूल
उत्तर:
(iii) पत्ती

(d) कीटभक्षी पौधा है –
(i) गुलाब
(ii) मटर
(iii) घटपर्णी
(iv) अमरबेल
उत्तर:
(iii) घटपर्णी

Bihar Board Class 7 Science Solution प्रश्न 2.
निम्न कथनों में सत्य/असत्य कथनों का चयन कीजिए –
(a) प्रकाश संश्लेषण में सौर ऊर्जा का रासायनिक ऊर्जा में रूपान्तरण होता है।
(b) जड़ कार्बन डाइऑक्साइड के ग्रहण करने में मदद करते हैं।
(c) कार्बोहाइड्रेट और ऑक्सीजन प्रकाश संश्लेषण के उत्पाद हैं।
(d) सभी जीव अपने पोषण के लिए हरे पौधों पर निर्भर करते हैं।
उत्तर:
(a) सत्य
(b) असत्य
(c) सत्य
(d) सत्य ।

Bihar Board Class 7 Science Solution In Hindi प्रश्न 3.
कॉलम A के शब्दों का मिलान कॉलम B से कीजिए –
Class 7 Science Bihar Board
उत्तर:
(i) e
(ii) d
(iii) a
(iv) c
(v) (b)

Paudhon Mein Poshan Bihar Board प्रश्न 4.
निम्न कथनों के लिए एक शब्द बताएँ –
(i) पत्तियों में पाया जानेवाला हरा वर्णक ।
(ii) जो अपने पोषण के लिए दूसरे पौधों एवं जीवों पर निर्भर करते हैं।
(iii) ऐसा संबंध जिसमें दो जीव आपस में एक-दूसरे से सहयोग करते हैं।
उत्तर:
(i) पर्णहरित
(ii) विषमपोषी
(iii) सहजीवी संबंध ।

Bihar Board Class 7 Science Book Solutions प्रश्न 5.
जीवों में पोषण की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
जीवों की वृद्धि, विकास एवं रख-रखाव के लिए ऊर्जा चाहिए और ऊर्जा प्राप्त करने के लिए जीवों को पोषण की आवश्यकता होती है।

Science Class 7 Bihar Board प्रश्न 6.
हरे पौधों में खाद्य संश्लेषण प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हरे पौधों से खाद्य संश्लेषण के लिए कार्बन डाइऑक्साइड, जल और प्रकाश की आवश्यकता होती है। हरी पत्तियाँ जिसमें क्लोरोफिल होती है, सूर्य के प्रकाश की सहायता से कार्बन डाऑक्साइड और जल का उपयोग कर कार्बोहाइड्रेट बनाता है और ऑक्सीजन मुक्त करता है। कार्बोहाइड्रेट कोशिकाओं की वृद्धि करने में सहायक होता है और स्टार्च के रूप में जमा होती है। प्रोटीन के संश्लेषण के लिए नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है लेकिन वायुमण्डल से सीधे रूप में प्राप्त नहीं करती, मिट्टी में पाये जाने वाले जीवाणु, गैसीय नाइट्रोजन को उपयोगी यौगिक में बदल देते हैं। ये उपयोगी यौगिक जल के साथ अवशोषित करता है। पौधों की वृद्धि के लिए प्रोटीन और वसा की आवश्यकता होती है जो इस प्रक्रिया द्वारा पूरा करता है। अन्यथा बाहर से नाइट्रोजन युक्त उर्वरक का प्रयोग करते हैं जिससे पौधों को नाइट्रोजन प्राप्त हो सके।

Bihar Board Class 7 Science Book प्रश्न 7.
कैसे प्रदर्शित करेंगे कि प्रकाश संश्लेषण के लिए सूर्य का प्रकाश अनिवार्य है?
उत्तर:
एक पौधा को बगान में जहाँ सूर्य का प्रकाश पौधे तक पहुँच रखते हैं और उसी प्रजाति के पूरा पौधा बल्ब के प्रकाश वाले रूम में रखते हैं। प्रतिदिन दोनों पौधों को जल देते हैं। एक सप्ताह के बाद दोनों पौधों का निरीक्षण करते हैं। हम पाते हैं कि रूम में रखा पौधा की अपेक्षा बगान में रखे पौधे की वृद्धि अधिक होता है, दूसरे तीसरे सप्ताह बाद देखते हैं कि रूम में रखा पौधा की पत्तियाँ पीले होने लगी और वह सूख गया । इस प्रकार हम प्रदर्शित कर सकते हैं कि प्रकाश संश्लेषण के लिए सूर्य का प्रकाश होना अनिवार्य है।

Bihar Board Solution Class 7 Science प्रश्न 8.
परिभाषित करें –
उत्तर:
(i) प्रकाश संश्लेषण-हरे पौधा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड जल, सूर्य का प्रकाश और हरे पत्तियों में उपस्थित क्लोरोफिल मिलकर अपना भोजन बनाने की प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते

(ii) सहजीवी संबंध – ऐसे दो जीव जो एक साथ रहते हो । दोनों आपस में मिलकर अपना पोषण, रहने का स्थान और वृद्धि के लिए पोषक तत्व उपलब्ध करते हो । ऐसे संबंध को सहजीवी संबंध कहते हैं। लाइन में शैवाल और कवक के बीच ऐसा संबंध होता है।

(iii) परजीवी-कुछ ऐसे पौधे होते हैं जो दुसरे पौधों से अपना पोषण प्राप्त करते हैं, परजीवी कहलाते हैं। अमरवेल परजीवी पौधा है।

(iv) मृतजीवी-ऐसे पौधे जो मत या सड़ी-गली वस्तुओं की सतह पर अपना पोषण करते हैं। ऐसे पौधे को मृतजीवी कहते हैं।

Class 7 Bihar Board Science Solution प्रश्न 9.
मिट्टी में पोषक तत्वों की पुनः पूर्ति कैसे होती है?
उत्तर:
मिट्टी से पौध पोषक तत्वों का अवशोषण करते हैं और अपना वृद्धि करते हैं। जिसके कारण मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इन पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए किसान खाद्य या उर्वरक जिनमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों को पौधों में डालते हैं। राइजोबियम जीवाणु नाइट्रोजन की आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। पेड़-पौधों, जीव-जन्तु के सड़ने-गलने से मिट्टी की उर्वरक शक्ति को बढ़ाते हैं।

Bihar Board Science Class 7 प्रश्न 10.
कारण बताइये –

(i) लाइकेन में कवक और शैवाल के बीच परस्पर लाभप्रद एवं सहयोगी संबंध होता है।
उत्तर:
लाइकेन में शैवाल और कवक के बीच आपस में संबंध होता है। शैवाल में क्लोरोफिल होता है, शैवाल अपना भोजन स्वयं बनाता है। कवक उससे पोषण करता है। कवक शैवाल को रहने के लिए स्थान उपलब्ध कराता’ है। जल और पोषक तत्व भी प्रदान करता है। आपस में आवास और पोषण बाँटते हैं। एक-दूसरे के लिए लाभप्रद है।

(ii) सर्य सभी जीवों के लिए ऊर्जा का शाश्वत स्रोत है।
उत्तर:
सभी जीव पेड़-पौधों पर निर्भर करते हैं। पेड़-पौधे अपना पोषण सूर्य के प्रकाश संश्लेषण से करते हैं। अतः सभी जीव सूर्य के प्रकाश पर

(iii) पत्तियाँ पौधों का रसोईघर हैं। ।
उत्तर:
सूर्य की ऊर्जा संग्रह करने में क्लोरोफिल पत्तियाँ सहायता करता है। वातावरण से CO2 खनिज लवण और जल का संग्रह भी पत्तियाँ करता है और प्रकाश संश्लेषण क्रिया करता है और पेड़ के सभी भागों में पोषक तत्व को वितरित करता है। अतः हम कह सकते हैं कि पत्तियाँ पौधों का रसोईघर है।

Bihar Board Class 7 Science पौधों में पोषण Notes

जीवों को अपने वृद्धि, विकास और शरीर के रख-रखाव के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊर्जा पोषण से प्राप्त होती है। जीवों के बनावट, स्वभाव और निवास-स्थान अलग-अलग होते हैं। इनके भोजन भी अलग है। जीव अपना भोजन पौधों से प्राप्त करता है जबकि पौधे अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। पौधे अपना भोजन कार्बन डाइऑक्साइड, जल, सूर्य के प्रकाश की सहायता से स्वयं बनाते हैं। इस क्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं । प्रकाश संश्लेषण के लिए क्लोरोफिल, सूर्य का प्रकाश अनिवार्य है। प्रकाश संश्लेषण के फलस्वरूप कार्बोहाइड्रेट और ऑक्सीजन बनाता है।

Bihar Board 7th Class Science Book

प्रकाश संश्लेषण के द्वारा बने कार्बोहाइड्रेट कोशिकाओं द्वारा उपयोग होता है अन्यथा मंड (स्टार्च) के रूप में जमा हो जाता है और कुछ कार्बोहाइड्रेट वसा और प्रोटीन के संश्लेषण में भी काम आता है। ऑक्सीजन वातावरण में चला जाता है। जीव मांसाहारी और शाकाहारी होते हैं। मांसाहारी जीव जीवों पर निर्भर करते हैं। शाकाहारी पौधों पर निर्भर रहते हैं। मनुष्य सर्वाहारी जीव है जो पौधों और जन्तुओं दोनों पर निर्भर करता है। ऊर्जा का मूल स्रोत सूर्य है। ऑक्सीजन पेड़-पौधों के कारण ही संतुलित रहता है। पीले धब्बे वाली पत्तियों के पीले भाग में क्लोरोफिल नहीं होता है। वहाँ प्रकाश, संश्लेषण नहीं होता लेकिन लाल, भूरे रंग की पत्तियों में हरा रंग छुपा रहता है क्लोरोफिल कहते हैं। पौधों में कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण होता है। यह कार्बन हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बनता है। प्रोटीन का संश्लेषण के लिए नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है। वायुमण्डल से ग्रहण करने की क्षमता नहीं होती है। सूक्ष्मजीवों गैसीय नाइट्रोजन को यौगिकों पर परिवर्तित करते हैं और पौधों द्वारा अवशोषित होता है और पौधे प्रोटीन, वसा का संश्लेषण करती है।

उर्वरक में नाइट्रोजनी पदार्थों की अधिकता है। जो पौधा दूसरे पौधा पर निर्भर रहते हैं परजीवी कहलाते हैं। जिस पौधे से अपना भोजन बनाते हैं उन्हें परपोषी कहते हैं। कुछ ऐसे भी पौधे होते हैं जो जन्तुओं को खाते हैं। घटपर्णी पौधों जो जन्तुओं का सेवन करती है। यह घड़े जैसी संरचना इसकी पत्ती का ही रूपातरित रूप है। कुछ ऐसे पौधे जिनमें न तो क्लोरोफिल और न भोजन करने की व्यवस्थित प्रणाली होती है। जैसे कुकुरमुत्ता, गोबरछता, ये अपना पोषण मृत या सड़ी-गली वस्तुओं की सतह पर कुछ पाचक रसों का स्राव करते हैं जो पोषक तत्वों को विलयन में बदल देते हैं। पोषक तत्व विलयन के माध्यम से ग्रहण कर लिए जाते हैं। इस प्रकार के पोषण को मृतजीवी पोषण और ऐसे पौधे मृतजीवी कहलाते हैं। कवक जहाँ नम एवं उष्ण होते हैं वहाँ उगते हैं। कवक के कारण ही चमड़े की वस्तुएँ खराब होते हैं। पौधों में रोग उत्पन्न होते हैं जैसे झुलसा रोग, धान की पत्तियों का चित्तीदार होना । रोग होने के कारण भी कवक है। शैवाल और कवक साथ रहते हैं। आपस में आवास और पोषण बाँटते हैं। शैवाल में क्लोरोफिल होता है, अपना भोजन स्वयं बनाता है। कवक उससे पोषण प्राप्त करता है। कवक शैवाल को रहने का स्थान, जल और पोषक तत्व प्रदान करता है। इस प्रकार के संबंध की सहजीवी संबंध. कहते हैं। पौधे मिट्टी से खनिज लवण, पोषक तत्वों का अवशोषण करता है।