Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 22 प्रियं भारतम्

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 22 प्रियं भारतम्

हिन्दी में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
भारत का मस्तक कौन है?
(A) विंध्याचल
(B) गोदावरी
(C) हिमालय
(D) अलखनन्दा
उत्तर :
(C) हिमालय

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 22 प्रियं भारतम्

प्रश्न 2.
भारत का नुपुर कौन है?
(A) सागर
(B) महासागर
(C) सरोवर
(D) कुआँ
उत्तर :
(A) सागर

प्रश्न 3.
क्रांतिकारी कौन थे?
(A) मोहन सिंह
(B) सोहन सिंह
(C) श्याम सिंह
(D) भगत सिंह
उत्तर :
(D) भगत सिंह

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 22 प्रियं भारतम्

प्रश्न 4.
विश्व नेता कौन थे?
(A) लालू यादव
(B) जवाहरलाल नेहरू
(C) नीतिश कुमार
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(B) जवाहरलाल नेहरू

प्रश्न 5.
भारत की मेखला कौन है?
(A) विंध्याचल
(B) यमुना
(C) हिमालच
(D) अलखनन्दा
उत्तर :
(A) विंध्याचल

संस्कृत में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
भारतं सैन्यदक्षता विज्ञान प्रौद्योगिकिं च क्षेत्रे विस्तृतां कर्तुम्……………..
(A) राजताम
(B) द्योतितम्
(C) अग्रेसरं वर्तते
(D) शाश्वतम्
उत्तर :
(C) अग्रेसरं वर्तते

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 22 प्रियं भारतम्

प्रश्न 2.
महात्मा गाँधी सप्राण-सर्वस्वदानं कुत्वा स्वजीवनं कृतार्थ ……..।
(A) सन्ति
(B) वीक्ष्य
(C) उच्चताम्
(D) कृतवान्
उत्तर :
(D) कृतवान्

प्रश्न 3.
भारतस्य ……. विन्ध्य पर्वतः गोदावरी गङ्गा च सन्ति।
(A) नूपुरम्
(B) मेखलाः
(C) शाश्वतम्
(D) अग्रेसरम्
उत्तर :
(B) मेखलाः

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 21 भारतभूषा संस्कृतभाषा

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 21 भारतभूषा संस्कृतभाषा

हिन्दी में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
भारत की शोभा बढ़ाने वाली भाषा कौन है?
(A) संस्कृत
(B) उर्दू
(C) फारसी
(D) अंग्रेजी
उत्तर :
(A) संस्कृत

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 21 भारतभूषा संस्कृतभाषा

प्रश्न 2.
भारत की गौरवपूर्ण भाषा कौन है ?
(A) फारसी
(B) हिन्दी
(C) संस्कृत
(D) अंग्रेजी
उत्तर :
(C) संस्कृत

प्रश्न 3.
किस भाषा की वाणी को लेखक प्रणाम करता है?
(A) उर्दू
(B) संस्कृत
(C) फारसी
(D) अंग्रेजी
उत्तर :
(B) संस्कृत

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 21 भारतभूषा संस्कृतभाषा

प्रश्न 4.
आधुनिक भारत में संस्कृत की स्थिति कैसी है?
(A) उच्च
(B) निम्न
(C) उपेक्षित
(D) अपेक्षित
उत्तर :
(C) उपेक्षित

संस्कृत में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
…… संस्कृतभाषा विलसतु हृदये हृदये।
(A) श्वासे
(B) प्राणिमि
(C) भारतभूषा
(D) समग्रे
उत्तर :
(C) भारतभूषा

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 21 भारतभूषा संस्कृतभाषा

प्रश्न 2.
आधुनिकभारते संस्कृतस्य सम्यक् स्थितिः ………।
(A) नास्ति
(B) नाश्यति
(C) अस्ति
(D) यामो
उत्तर :
(A) नास्ति

प्रश्न 3.
संस्कृतशिक्षकाः अपि सरलरूपेण संस्कृतस्य व्यवहारं न ………………..
(A) कुर्वन्ति
(B) कञ्चित्
(C) यस्मिन्
(D) नाहम्
उत्तर :
(A) कुर्वन्ति

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 21 भारतभूषा संस्कृतभाषा

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 20 समयप्रज्ञाः

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 20 समयप्रज्ञाः

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 20 समयप्रज्ञाः

हिन्दी में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
दुर्गा दास कैसा युवक था?
(A) बुद्धिमान
(B) चोर
(C) मूर्ख
(D) कोई नहीं
उत्तर :
(A) बुद्धिमान

प्रश्न 2.
गाँव में कौन-सा जानवर आया है?
(A) चीता
(B) शेर
(C) बाघ
(D) हिरण
उत्तर :
(C) बाघ

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 20 समयप्रज्ञाः

प्रश्न 3.
एक मनुष्य को किसने मार दिया?
(A) चीता
(B) बाघ
(C) शेर
(D) हिरण
उत्तर :
(B) बाघ

प्रश्न 4.
बरगद के वृक्ष की ओट में कौन था?
(A) चीता
(B) शेर
(C) बाघ
(D) हिरण
उत्तर :
(C) बाघ

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 20 समयप्रज्ञाः

प्रश्न 5.
बाघ को किसने मारा?
(A) दुर्गादास ने
(B) मोहनदास ने
(C) पथिक ने
(D) लोगों ने मिलकर
उत्तर :
(D) लोगों ने मिलकर

प्रश्न 6.
किसने ‘चोर-चोर’ शोर किया?
(A) पथिक ने
(B) स्त्री ने
(C) लड़के ने
(D) दुर्गादास ने
उत्तर :
(D) दुर्गादास ने

संस्कृत में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
के व्यानं मारितवान्? ।
(A) व्याघ्रः
(B) भीमः
(C) शुकदेवः
(D) ग्रामीणजनाः
उत्तर :
(D) ग्रामीणजनाः

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 20 समयप्रज्ञाः

प्रश्न 2.
कः ‘चोरः चोरः’ इति आक्रोशं कृतवान्?
(A) दुर्गादासः
(B) रविदासः
(C) वृद्धः
(D) वृद्धमहिलाः
उत्तर :
(A) दुर्गादासः

प्रश्न 3.
जनाः कस्य समयप्रज्ञां श्लाधितवन्तः?
(A) राजस्व
(B) कृपणः
(C) ग्रामीणजनाः
(D) दुर्गादासस्य
उत्तर :
(D) दुर्गादासस्य

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 20 समयप्रज्ञाः

प्रश्न 4.
दुर्गादासः एकस्य ग्रामस्य ………. आसीत्।
(A) कृषकः
(B) शिक्षकः
(C) बुद्धिमान युवकः
(D) चोरः
उत्तर :
(C) बुद्धिमान युवकः

Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 18 हौसले की उड़ान

Bihar Board Class 8 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 3 Chapter 18 हौसले की उड़ान Text Book Questions and Answers, Summary.

BSEB Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 18 हौसले की उड़ान

Bihar Board Class 8 Hindi हौसले की उड़ान Text Book Questions and Answers

गतिविधि

प्रश्न 1.
आप अपने पास-पड़ोस में किसी ऐसी लड़की या औरत के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए जो रूढ़ियों के विरुद्ध आवाज बुलंद की हो।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 18 हौसले की उड़ान

प्रश्न 2.
वैसी महिलाओं की सूची बनाइए जिन्होंने अपने कार्यों से समाज में – एक अलग मुकाम प्राप्त किया है।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

हौसले की उड़ान Summary in Hindi

सारांश – खुबसूरत और न्यायप्रिय व्यवस्था निर्माण में शिक्षा और संघर्ष में अहम् भूमिका निभाती है और यह भूमिका यदि बेटियाँ निर्वहण करें तो समाज या देश में अवश्य बदलाव आते हैं। ऐसे ही समाज में बदलाव लाने वाली कुछ बेटियाँ बिहार में हुई हैं जो अपने-अपने ढंग से बिहार को आगे बढ़ाने का काम किया है।

गुड़िया – गुड़िया नोरव प्रखण्ड रोहतास जिला की रहने वाली है। मोअसीन इदरीसी की बेटी मुस्लिम सम्प्रदाय की बंदिशों की चिंता नहीं कर, माता-पिता को ही घर में बंद कर उत्प्रेरण केन्द्र नोखा पहुंची। बाद में उत्प्रेरण केन्द्र के बंद होने पर गाँव के ही स्कूल में अपना नामांकन करवा ली। वह पढ़-लिखकर अध्यापिका बनना चाहती है जिससे वह पढ़ने की ललक रखनेवाली छात्राओं को पढ़ा सके।

Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 18 हौसले की उड़ान

सोनी – कैमूर जिला, चेनारी प्रखंड के मथही गाँव के विष्णुशंकर तिवारी की पुत्री सोनी कैमूर जिला, एथलेटिक्स प्रतियोगिता 400 मीटर एवं 1600 मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान पाई, बाद में राज्य स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता जमालपुर में जाकर राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया पुनः राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में चौथा स्थान प्राप्त किया। उसे विश्वास है कि देश स्तर पर वह प्रतिनिधित्व करेगी।

कदम – मुंगेर जिला, बख्तियारपुर प्रखंड के गणेशपुर मुशहरी की रहनेवाली “कदम” नरेगा में बच्चों से काम लेने वाले ठेकेदारों के खिलाफ मोर्चा लेकर बच्चों से काम लेना बंद करवाई। कदम पढ़-लिखकर डॉक्टर बनना चाहती है।

जैनब खानम – मथुरापुर, कहतरवा पंचायत, जिला-शिवहर निवासी 94 वर्षीय मो० अब्दुल रहेमान की पोती जैनब खानम की पढ़ाई तीसरे वर्ग के बाद छुड़ा दी गई । क्योंकि मुस्लिर सम्प्रदाय में पर्दा-प्रथा जो है । जैनब पढ़ने की बात जब भी अपने माता-पिता से करती थी तो उसके पिता मो० मंसर खान एवं माता फूल बीबी पिटती भी थी। मार खाने के बाद भी वह स्कूल जाती रही। आज वह बी० ए० की छात्रा है तथा लड़कियों के आत्मरक्षार्थ कराटे का प्रशिक्षण दे रही है।

इस प्रकार बिहार में अनेक बेटियाँ हुई हैं जो अपनी दृढ़ इच्छा से बिहार – ही नहीं देश की गौरव को बढ़ाई है।

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers कारकः एवं विभक्ति

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers कारकः एवं विभक्ति

प्रश्न 1.
‘इत्थं भूत लक्षणे सूत्र का उदाहरण है
(A) परिश्रमेण धनं भवति
(B) अयं जटाभिः तापस: ज्ञायते
(C) गोपालः पादेन खञ्जः अस्ति
(D) रामः बाणेन रावणं हतवान्
उत्तर :
(B) अयं जटाभिः तापस: ज्ञायते

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers कारकः एवं विभक्ति

प्रश्न 2.
‘रूच्यार्थानां प्रियमाणः’ सूत्र का उदाहरण कौन है?
(A) देवदत्तः मह्यं शतं धारयति ।
(B) बालकाय मोदकं रोचते
(C) दुर्योधन: भीमाय असूयति
(D) शिवाय नमः
उत्तर :
(B) बालकाय मोदकं रोचते

प्रश्न 3.
‘मन्द-मन्दं नुदति पवनः।’ वाक्य के ‘मन्द-मन्दं’ पद में द्वितीया विभक्ति किस सूत्र से हुई है?
(A) क्रियाविशेषणे द्वितीया
(B) कर्मणि द्वितीया
(C) कालाध्वनोरत्यन्त संयोगे द्वितीया
(D) अकथितञ्च
उत्तर :
(A) क्रियाविशेषणे द्वितीया

प्रश्न 4.
‘मृगः सिंहात् विभेति’ वाक्य में ‘सिंहात्’ पद में पञ्चमी विभक्ति किस सूत्र से हुई है?
(A) भीत्रार्थानां भय हेतुः
(B) आपादाने पञ्चमी
(C) भुवः प्रभवः
(D) आख्यातोपयोगे
उत्तर :
(A) भीत्रार्थानां भय हेतुः

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers कारकः एवं विभक्ति

प्रश्न 5.
‘मोहन: …………..व्याकरणम् अधीतवान्।’ वाक्य के रिक्त स्थान में कौन पद होगा?
(A) मासस्य
(B) मासेन
(C) मासे
(D) मासात्
उत्तर :
(B) मासेन

प्रश्न 6.
…… पिता आपणं गतः।’ वाक्य के रिक्त स्थान में कौन-सा पद होगा?
(A) रूदन्तं बालम्
(B) रूदन्बाल:
(C) रूदति बालके
(D) रूदते बालाय
उत्तर :
(D) रूदते बालाय

प्रश्न 7.
‘अपवर्ग तृतीया’ सूत्र का उदाहरण है
(A) रामेण सह सीता गच्छति
(B) सीता क्रोशेन कथाम् अकथ्यत्
(C) नृपः विप्राय धनं ददाति
(D) हिमालयात् गंगा प्रभवति
उत्तर :
(B) सीता क्रोशेन कथाम् अकथ्यत्

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers कारकः एवं विभक्ति

प्रश्न 8.
‘सहार्थे तृतीया’ सूत्र का उदाहरण है
(A) रामेण सह सीता गच्छति
(B) सीता क्रोशेन कथाम अकथ्यत
(C) नृपः विप्राय धनं ददाति
(D) हिमालयात् गंगा प्रभवति
उत्तर :
(A) रामेण सह सीता गच्छति

प्रश्न 9.
‘दानार्थे चतुर्थी’ सूत्र का उदाहरण है
(A) रामेण सह सीता गच्छति
(B) सीता क्रोशेन कथाम् अकथ्यत्
(C) नृपः विप्राय धनं ददाति
(D) हिमालयात् गंगा प्रभवति
उत्तर :
(C) नृपः विप्राय धनं ददाति

प्रश्न 10.
‘भ्रूव पंचमी’ सूत्र का उदाहरण है
(A) रामेण सह सीता गच्छति
(B) सीता क्रोशेन कथाम् अकथयत्
(C) नृपः विप्राय धनं ददाति
(D) हिमालयात् गंगा प्रभवति
उत्तर :
(D) हिमालयात् गंगा प्रभवति

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प्रश्न 11.
‘अपादाने पञ्चमी’ सूत्र का उदाहरण है
(A) वृक्षात् पत्राणि पतन्ति
(B) अर्जुनस्य गोः चरति
(C) अन्नस्य हेतोः वसति
(D) छात्राः विद्यालये पठन्ति
उत्तर :
(A) वृक्षात् पत्राणि पतन्ति

प्रश्न 12.
‘षष्ठी शेषे’ सूत्र का उदाहरण है।
(A) वृक्षात् पत्राणि पतन्ति
(B) अर्जुनस्य गोः चरति
(C) अन्नस्य हेतोः वसति
(D) छात्राः विद्यालये पठन्ति
उत्तर :
(B) अर्जुनस्य गोः चरति

प्रश्न 13.
‘अधिकरणे सपतमी’ सूत्र का उदाहरण है
(A) वृक्षात् पत्राणि पतनित
(B) अर्जुनस्य गोः परति
(C) अन्नस्य हेतोः वसति
(D) छात्राः विद्याललये पठन्ति
उत्तर :
(D) छात्राः विद्याललये पठन्ति

प्रश्न 14.
‘गुरवः प्रश्नं पृच्छन्ति’ वाक्य के ‘गुरवः’ पद में कौन-सा विभक्ति है?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) सप्तमी
उत्तर :
(A) प्रथमा

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प्रश्न 15.
‘नदीषु गंगा पवित्रतमा अस्ति।’ वाक्य के ‘नदीषु’ पद में कौन-सा विभक्ति है?
(A) प्रथमा
(B) सप्तमी
(C) तृतीया
(D) पंचमी
उत्तर :
(B) सप्तमी

प्रश्न 16.
‘सः व्याघ्रात विभेति।’ वाक्य के ‘विभेति’ पद में कौन-सा लकार का प्रयोग हुआ है?
(A) लृट् लकार
(B) लट् लकार
(C) लङ् लकार
(D) विधिलिंग लकार
उत्तर :
(B) लट् लकार

प्रश्न 17.
‘रामेण सह सीता वनं गतवती।’ वाक्य के ‘रामेण पद में तृतीया विभक्ति विधायक सूत्र है
(A) सहार्थे तृतीया :
(B) अनुक्त कर्तरि तृतीया
(C) करणे तृतीया
(D) रूच्यर्थानां प्रीयमाणः
उत्तर :
(A) सहार्थे तृतीया :

प्रश्न 18.
कुण्डलाय हिरण्यम्। वाक्य के रेखांकित पद में कौन-सी चतुर्थी विभक्ति विधायक सूत्र है
(A) तादार्थे चतुर्थी
(B) चतुर्थी सम्प्रदाने
(C) रूच्यर्थानां प्रीयमाणः
(D) स्पृहेरीप्सितः
उत्तर :
(A) तादार्थे चतुर्थी

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प्रश्न 19.
विभा किरणायआम्रम् आनयति। वाक्य के रेखांकित पद में कौन-सी चतुर्थी विभक्ति विधायक सूत्र है
(A) तादार्थे चतुर्थी
(B) चतुर्थी सम्प्रदाने
(C) रूच्यर्थानां प्रीयमाणः
(D) स्पृहेरीप्सितः
उत्तर :
(B) चतुर्थी सम्प्रदाने

प्रश्न 20.
नृपः विप्राय गो ददाति। वाक्य के रेखांकित पद में कौन-सी चतुर्थी विभक्ति विधायक सूत्र है
(A) तादार्थे चतुर्थी
(B) चतुर्थी सम्प्रदाने
(C) रूच्यर्थानां प्रीयमाणः
(D) स्पृहेरीप्सितः
उत्तर :
(B) चतुर्थी सम्प्रदाने

प्रश्न 21.
रामेण वाणेन हतो बालिः। वाक्य के रेखांकित पद में कौन-सी तृतीया विभक्ति विधायक सूत्र है
(A) करणे तृतीया
(B) येनाङ्गविकारः
(C) अपवर्गे तृतीया
(D) कर्तृकरणयोस्तृतीया
उत्तर :
(D) कर्तृकरणयोस्तृतीया

प्रश्न 22.
सम्बोधन में कौन-सी विभक्ति का व्यवहार किया जाता है?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(A) प्रथमा

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प्रश्न 23.
अव्यय (अविकारी शब्द) के योग में किस विभक्ति का व्यवहार किया जाता है?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(A) प्रथमा

प्रश्न 24.
अपादान कारक में किस विभक्ति का प्रयोग होता है?
(A) पंचमी
(B) सप्तमी
(C) प्रथमा
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(A) पंचमी

प्रश्न 25.
कर्ता कारक में कौन-सी विभक्ति होती है?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(A) प्रथमा

प्रश्न 26.
कर्म वाच्य में कर्ता में कौन-सी विभक्ति होती है?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(A) प्रथमा

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प्रश्न 27.
कर्म कारक में कौन-सी विभक्ति होती है?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(B) द्वितीया

प्रश्न 28.
अपादान कारक में कौन-सी विभक्ति होती है?
(A) प्रथमा
(B) पंचमी
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(B) पंचमी

प्रश्न 29.
कर्म वाच्य में कर्म में कौन विभक्ति होती है?
(A) द्वितीया
(B) प्रथमा
(C) चतुर्थी
(D) पंचमी ।
उत्तर :
(B) प्रथमा

प्रश्न 30.
सम्प्रदान कारक में कौन-सी विभक्ति होती है?
(A) द्वितीया
(B) तृतीया
(C) चतुर्थी
(D) पंचमी
उत्तर :
(C) चतुर्थी

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प्रश्न 31.
‘छात्रः संस्कृतं पठति।’ वाक्य के ‘छात्रः’ पद में प्रथमा विभक्ति किस सूत्र से हुई है?
(A) कर्तरि प्रथमा
(B) उक्ते कर्मणि प्रथमा
(C) संबोधने प्रथमा
(D) अव्यय योगे प्रथमा
उत्तर :
(A) कर्तरि प्रथमा

प्रश्न 32.
‘रामेण रावणः हतः।’ वाक्य के ‘रावणः’ पद में प्रथमा विभक्ति किस
सूत्र से हुई है?
(A) कर्तरि प्रथमा
(B) उक्ते कर्मणि प्रथमा
(C) संबोधने प्रथमा
(D) अव्यय योगे प्रथमा
उत्तर :
(B) उक्ते कर्मणि प्रथमा

प्रश्न 33.
‘हे मोहन! अत्र पठ।’ वाक्य के ‘हे मोहन!’ पद में प्रथमा विभक्ति किस सूत्र से हुई है?
(A) कर्तरि प्रथमा
(B) उक्ते कर्मणि प्रथमा
(C) संबोधने प्रथमा
(D) अव्यय योगे प्रथमा
उत्तर :
(C) संबोधने प्रथमा

प्रश्न 34.
‘प्रेमकुमारः तीव्र थावति।’ वाक्य के ‘तीव्र’ पद में प्रथमा विभक्ति किस सूत्र से हुई है?
(A) कर्मणि द्वितीया
(B) कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे द्वितीया
(C) कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे
(D) क्रियाविशेषणे च
उत्तर :
(D) क्रियाविशेषणे च

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प्रश्न 35.
‘क्रोशं कुटिला नदी।’ वाक्य के ‘क्रोशं’ पद में प्रथमा विभक्ति किस सूत्र से हुई है?
(A) कर्मणि द्वितीया
(B) कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे द्वितीया
(C) कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे
(D) क्रियाविशेषणे च
उत्तर :
(C) कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे

प्रश्न 36.
‘बालकः कलमेन लिखति’ वाक्य के ‘कलमेन’ पद में प्रथमा विभक्ति किस सूत्र से हुई है?
(A) करणे तृतीया
(B) अनुक्तेकर्तरि तृतीया
(C) येनाङ्गविकारः
(D) हेतौ तृतीया
उत्तर :
(A) करणे तृतीया )]

प्रश्न 37.
‘भयात् कम्पते।’ वाक्य के ‘भयात्’ पद में प्रथमा विभक्ति किस सूत्र . में हुई है?
(A) करणे तृतीया
(B) अनुक्तेकर्तरि तृतीया
(C) येनाङ्गविकारः
(D) हेतौ तृतीया
उत्तर :
(D) हेतौ तृतीया

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प्रश्न 38.
क्रिया के संपादन में जो सबसे अधिक सहायता देता है कौन-सी विभक्ति होती है?
(A) द्वितीया
(B) तृतीया
(C) चतुर्थी
(D) पंचमी
उत्तर :
(B) तृतीया

प्रश्न 39.
‘पादेन खञ्जः।’ वाक्य के ‘पादेन’ पद में प्रथमा विभक्ति किस सूत्र से हुई है?
(A) करणे तृतीया
(B) अनुक्तेकर्तरि तृतीया
(C) येनाङ्गविकारः
(D) हेतौ तृतीया
उत्तर :
(C) येनाङ्गविकारः

प्रश्न 40.
‘विभया ग्रनथः पन्यते।’ वाक्य के ‘विभय ‘ पद में प्रथमा विकि किस सत्र से हुई है?
(A) करणे तृतीया
(B) अनुक्तेकर्तरि तृतीया
(C) येनाङ्गविकारः
(D) हेतौ तृतीया
उत्तर :
(D) हेतौ तृतीया

प्रश्न 41.
उद्गम स्थल में कौन विभक्ति होती है?
(A) द्वितीया
(B) तृतीया
(C) चतुर्थी
(D) पंचमी
उत्तर :
(D) पंचमी

प्रश्न 42.
दो वस्तु के अलग होने में कौन-सी विभक्ति होती है?
(A) द्वितीया
(B) तृतीया
(C) चतुर्थी
(D) पंचमी
उत्तर :
(D) पंचमी

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प्रश्न 43.
जिसका अनादर कर कोई काम किया जाए उसमें कौन-सी विभक्ति होती है?
(A) द्वितीया
(B) तृतीया
(C) षष्ठी
(D) पंचमी
उत्तर :
(C) षष्ठी

प्रश्न 44.
दोषयुक्त अंग का बोध कराने के लिए कौन विभक्ति होती है?
(A) द्वितीया
(B) तृतीया
(C) चतुर्थी
(D) पंचमी
उत्तर :
(B) तृतीया

प्रश्न 45.
क्रिया की विशेषता बतलाने वाले कौन-सी विभक्ति होती है?
(A) द्वितीया
(B) तृतीया
(C) चतुर्थी
(D) पंचमी
उत्तर :
(A) द्वितीया

प्रश्न 46.
“शिक्षकः ……….कृध्यति?’ वाक्य के रिक्त स्थान में कौन-सा पद होगा?
(A) शिष्यात्
(B) शिष्याय
(C) शिष्यम्
(D) शिष्याय
उत्तर :
(B) शिष्याय

प्रश्न 47.
…………कालिदासः श्रेष्ठः।’ वाक्य के रिक्त स्थान में कौन-सा पद होगा?
(A) कविम्
(B) कविभ्यः
(C) कविषु
(D) कविन्
उत्तर :
(C) कविषु

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प्रश्न 48.
‘दुग्धं: ……….रोचते।’ वाक्य के रिक्त स्थान में कौन-सा पद होगा?
(A) शिशवे
(B) शिशोः
(C) शिशुम्
(D) शिशुना
उत्तर :
(A) शिशवे

प्रश्न 49.
…… नमः’ रिक्त स्थान की पूर्ति किस पद से होगी?
(A) गणेशानम्
(B) गणेशाय
(C) गणेशाः
(D) गणेशेषु
उत्तर :
(B) गणेशाय

प्रश्न 50.
‘नेतारः……………स्पृहयन्ति।’ वाक्य के रिक्त स्थान में कौन-सा पद होगा?
(A) पदाय
(B) पदम्
(C) पदस्य
(D) पदात्
उत्तर :
(A) पदाय

प्रश्न 51.
‘प्रमोदः…………..बिभेति।’ वाक्य के रिक्त स्थान में कौन-सा पद होगा?
(A) चौरम्
(B) चौरेण
(C) चौरात्
(D) चौरस्य
उत्तर :
(C) चौरात्

प्रश्न 52.
‘अहं ………… सह गयानगरे गच्छामि।’ वाक्य के रिक्त स्थान में कौन-सा पद होगा?
(A) किरणस्य
(B) किरणेन
(C) किरणात्
(D) किरणाय
उत्तर :
(B) किरणेन

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers कारकः एवं विभक्ति

प्रश्न 53.
‘त्वया ………….दृश्यते।’ वाक्य के रिक्त स्थान में कौन-सा पद होगा?
(A) चन्द्रेण
(B) चन्द्रम्
(C) चन्द्रात्
(D) चन्द्रः
उत्तर :
(D) चन्द्रः

प्रश्न 54.
‘विभा’…………… वस्त्राणिददाति।’ वाक्य के रिक्त स्थान में कौन-सा पद होगा?
(A) रजकाय
(B) रजकस्य
(C) रजकात्
(D) रजकम्
उत्तर :
(B) रजकस्य

प्रश्न 55.
‘हरिः …………… अधिशेते।’ वाक्य के रिक्त स्थान में कौन-सा पद होगा?
(A) समुद्रे
(B) समुद्रम्
(C) समुद्रेण
(D) समुद्राय
उत्तर :
(B) समुद्रम्

प्रश्न 56.
क्रोशेन सुरेन्द्रः निबन्ध पठितवान्। वाक्य के रेखांकित पद में कौन-सी तृतीया विभक्ति विधायक सूत्र है
(A) करणे तृतीया
(B) येनाङ्गविकारः
(C) अपवर्गे तृतीया
(D) कर्तृकरणयोस्तृतीया
उत्तर :
(C) अपवर्गे तृतीया

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers कारकः एवं विभक्ति

प्रश्न 57.
सः कर्णेन बधिरः अस्ति। वाक्य के रेखांकित पद में कौन-सी तृतीया विभक्ति विधायक सूत्र है
(A) करणे तृतीया
(B) येनाङ्गविकारः
(C) अपवर्गे तृतीया
(D) कर्तृकरणयोस्तृतीया
उत्तर :
(B) येनाङ्गविकारः

प्रश्न 58.
कर्ता कारक में कौन-सी विभक्ति होती है ?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(A) प्रथमा

प्रश्न 59.
अनुक्त कर्ता, अर्थात कर्मवाच्य के कर्ता तथा करण कारक में कौन-सी विभक्ति का व्यवहार किया जाता है ?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(C) तृतीया

प्रश्न 60.
नियमपूर्वक विद्याध्ययन को उपयोग कहते हैं । उपयोग के अर्थ में आख्यान में कौन-सी विभक्ति होती है ?
(A) प्रथमा
(B) पंचमी
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(B) पंचमी

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers कारकः एवं विभक्ति

प्रश्न 61.
कर्म वाच्य में कर्ता में कौन-सी विभक्ति होती है ?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(C) तृतीया

प्रश्न 62.
‘सह’ (साथ ) अर्थवाले (साकम्, सार्धम्, समम् ) शब्दों के योग में कौन-सी विभक्ति होती है ?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(A) प्रथमा

प्रश्न 63.
सम्बोधन में कौन-सी विभक्ति का व्यवहार किया जाता है ?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(A) प्रथमा

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers कारकः एवं विभक्ति

प्रश्न 64.
अव्यय (अविकारी शब्द) के योग में किस विभक्ति का व्यवहार किया जाता है ?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(A) प्रथमा

प्रश्न 65.
वारण का अर्थ है निषेध । जिसे अपने इष्ट से हटाया जाए उसमें कौन-सी विभक्ति लगती है ?
(A) प्रथमा
(B) पंचमी
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(B) पंचमी

प्रश्न 66.
अभिधेय, अर्थात नाम के योग में किस विभक्ति का व्यवहार किया जाता है ?
(A) प्रथमा.
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(A) प्रथमा.

प्रश्न 67.
कर्म कारक में कौन-सी विभक्ति होती है ?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(B) द्वितीया

प्रश्न 68.
काल और मार्गवाची शब्दों में यदि क्रिया का अतिशय लगाव या व्याप्ति हो, तो विभक्ति होती है
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(B) द्वितीया

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers कारकः एवं विभक्ति

प्रश्न 69.
क्रिया की सिद्धि में कर्ता के साधकतम को करण कहते हैं और करण कारक में कौन-सी विभक्ति होती है ?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(C) तृतीया

प्रश्न 70.
प्रथम प्राप्ति-स्थान को प्रभव कहते हैं । ‘भू’ धातु के योग में प्रभव में कौन-सी विभक्ति होती है ?
(A) प्रथमा
(B) पंचमी
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(B) पंचमी

प्रश्न 71.
संबंध अर्थ में कौन-सी विभक्ति होती है ?
(A) प्रथमा
(B) पंचमी
(C) तृतीया
(D) षष्ठी
उत्तर :
(D) षष्ठी

प्रश्न 72.
जिन अंगवाचक शब्दों में विकार होने से अंगी विकृत माना जाय, उन अंगवाचक शब्दों में कौन-सी विभक्ति होती है ?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(C) तृतीया

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers कारकः एवं विभक्ति

प्रश्न 73.
शेष कारक में, अर्थात् संस्कृत में जो कारक न हो उसका बोध कराने के लिए कौन-सी विभक्ति का प्रयोग किया जाता है ?
(A) प्रथमा
(B) पंचमी
(C) तृतीया
(D) षष्ठी
उत्तर :
(D) षष्ठी

प्रश्न 74.
प्रकृति, जाति, आकृति, गोत्र, नाम आदि वाचक शब्दों के योग में कौन-सी विभक्ति होती है ?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चुतर्थी
उत्तर :
(C) तृतीया

प्रश्न 75.
यदि क्रिया लगातार हो, तो कालवाचक एवं मार्गवाचक शब्दों में कौन-सी विभक्ति का व्यवहार किया जाता है ?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(B) द्वितीया

प्रश्न 76.
क्रिया की समाप्ति और फल की प्राप्ति के अर्थ में कालकाचक और मार्गवाचक शब्दों में कौन-सी विभक्ति होती है?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) तुर्थी
उत्तर :
(C) तृतीया

प्रश्न 77.
अभितः, परितः, समया, निकषा, हा और प्रति शब्द के योग में कौन-सी विभक्ति होती है ?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(B) द्वितीया

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers कारकः एवं विभक्ति

प्रश्न 78.
अधि उपसर्ग से युक्त शीङ, स्था और अस् धातुओं के योग में कौन-सी विभक्ति होती है ?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(B) द्वितीया

प्रश्न 79.
अनुक्त कर्ता में अर्थात् कर्मवाच्य के कर्ता में कौन-सी विभक्ति का व्यवहार किया जाता है ?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(C) तृतीया

प्रश्न 80.
उप, अनु, अधि और आ पूर्वक. वस् धातु के योग में कौन-सी विभक्ति होती है ?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(B) द्वितीया

प्रश्न 81.
सह अथवा सह (साथ) के अर्थ वाले शब्दों के योग में अप्रधान (गौन) में कौन-सी विभक्ति होती है ? .
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(C) तृतीया

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers कारकः एवं विभक्ति

प्रश्न 82.
अपादान कारक में कौन-सी विभक्ति होती है ?
(A) प्रथमा
(B) पंचमी
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
उत्तर :
(B) पंचमी

Bihar Board Class 8 Hindi रचना निबंध लेखन

Bihar Board Class 8 Hindi Book Solutions रचना निबंध लेखन

BSEB Bihar Board Class 8 Hindi निबंध लेखन

अनुशासन

नियमानुकूल आचरण अनुशासन है । ये नियम परिवार, समाज और राष्ट्र के अलावा, अपने-आप को मर्यादित रखने के लिए होते हैं । अनुशासन की शुरुआत वस्तुतः अपने पर शासन से होती है । संयमपूर्वक जीवन-यापन ही अपने पर शासन है। हमारे ऋषि-मुनियों ने इसके लिए कुछ नियम बनाये हैं। इन्हें अपने जीवन में उतारकर हम अपने-आप को निखार सकते हैं, विकसित कर सकते हैं। प्रकृति के सारे कार्य अनुशासनबद्ध है। आदमी एक सामाजिक प्राणी है । समाज का सही संचालन तभी हो सकता है, जब हमारे बात-व्यवहार एक-दूसरे के सुख-दुःख को दिमाग में रखकर किए जाते हैं। इसके लिए अपने को बाँधना पड़ता है और अपने स्वार्थ का परित्याग करना होता है।

। राष्ट्र का तो विकास ही अनुशासन पर आश्रित है। यदि सुरक्षा के लिए

सैनिक सदा सतर्क न रहें, सरकारी सेवक समय पर कार्यों को निपटाये नहीं, .. शिक्षक ज्ञान को विद्यार्थियों में बाँटे नहीं, छात्र अपने मूल कर्त्तव्य विद्याध्ययन से जी चुराये, किसान अन्न-उत्पादन में निरन्तर वृद्धि के लिए प्रयल न करे

Bihar Board Class 8 Hindi रचना निबंध लेखन

तो देश कहाँ जाएगा? यदि सभी अपने-अपने मन की करने लगें तो पूरे देश में अराजकता फैल जाएगी । नतीजा होगा कि कोई-न-कोई धर दबोचेगा और फिर हम गुलाम बनकर रह जाएंगे। – आज के बच्चों के ऊपर ही कल देश को चलाने का भार होगा । इसलिए

जरूरी है कि हम शुरू से ही अनुशासन को जीवन में अपनाकर चलें । इससे हम अनुशासित जीवन जीने के आदी हो जायेंगे और अपने साथ देश-समाज को दुनिया में प्रतिष्ठा दिला सकेंगे । हम याद रखे कि अनुशासित राष्ट्र ही सफलता की ऊँचाई छू सकता है।

पुस्तकालय

‘पुस्तकालय’ शब्द दो शब्दों के मेल से बना है। ‘पुस्तक’ और ‘आलय’। पुस्तक का अर्थ किताब और आलय का अर्थ घर होता है। अतः ‘पुस्तकालय’ शब्द का अर्थ ‘पुस्तकों या किताबों का घर’ होता है । जहाँ पर सामूहिक और व्यवस्थित ढंग से पढ़ने के लिए पुस्तकें रखी रहती हैं, उस स्थान को “पुस्तकालय’ कहा जाता है। प्रत्येक विद्यालय में पुस्तकालय का रहना आवश्यक है । हमारे विद्यालय में भी पुस्तकालय है । पुस्तकालय में ज्ञानवर्द्धक और लाभदायक पुस्तकें होनी चाहिए।

पुस्तकों को पढ़कर ही कोई विद्वान हो सकता है। लेकिन एक आदमी अपनी जरुरत की सारी किताबें अपने पास नहीं रख सकता है । सभी किताबें सब दिन मिलती नहीं हैं। ऐसे में एक आदमी सारी किताबों को खरीद भी

नहीं सकता है। पुस्तकालय से किताबें लेकर हम अपनी जरूरत पूरी करते हैं। यहाँ से कोई भी आदमी एक निश्चित समय के लिए पुस्तकें प्राप्त कर सकता

है और बाद में पढ़कर उस पुस्तक को फिर पुस्तकालय में वापस कर देता है।

इस तरह के अदल-बदल के द्वारा एक ही पुस्तक से बहुत लोगों को लाभ होता – है। हम अपना समय बेकार की बातचीत में बर्बाद कर देते हैं । पुस्तकालय

में जाकर पुस्तकों का अध्ययन करने से समय का सदुपयोग होता है। यह स्वस्थ मनोरंजन भी है । जो गरीब छात्र हैं वे पुस्तकालय से पुस्तक प्राप्त करके अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं । अतः आधुनिक जीवन में पुस्तकालय एक महत्त्वपूर्ण सार्वजनिक संस्था है।

हमारी विद्यालय में पुस्तकालय का प्रभारी एक शिक्षक हैं । छात्र संघ

का एक प्रधानमंत्री होता है । वह प्रत्येक वर्ग के छात्रों को किताबें देता है । प्रत्येक वर्ग को सप्ताह में एक दिन किताबें दी जाती हैं । उसी दिन पहले की ली गई किताबें छात्र वापस भी करते हैं । शिक्षक-छात्र बौद्धिक स्तर के अनुसार सुरुचिपूर्ण किताबें चुनकर देते हैं।

पुस्तकालय विद्यालय का प्राण होता है । हमलोगों को पुस्तकालय का ‘भरपूर उपयोग करना चाहिए । इसमें विभिन्न विषयों की पुस्तकें रहती है, इन पुस्तकों के पढ़ने से हमारे ज्ञान की वृद्धि होती है।

समाचार-पत्र

मनुष्य स्वभाव से जिज्ञासु होता है । वह नित्य नवीन जानकारियाँ प्राप्त करना चाहता है । पहले इस जिज्ञासा के समाधान के लिए ऐसा कोई साधन नहीं था, जो आज समाचार-पत्रों के रूप में हमें सुलभ है । समाचार-पत्रों की उत्पत्ति की कहानी, सोलहवीं सदी में इटली से आरंभ होती है । मुद्रण-यंत्रों के आविष्कार से इनका विकास होता गया । आज विश्व-भर में इनका प्रचलन है।

समाचार-पत्र कई तरह के होते हैं। जैसे-दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक तथा मासिक-पत्र । समाचार-पत्र के मुख्यतः दो भेद होते हैं ‘सामान्य’ और ‘विशिष्ट’ । ‘सामान्य’ समाचार-पत्र सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, साहित्यिक आदि विषयों से संबंधित होते हैं । ‘विशिष्ट’ समाचार-पत्रों में विशेष व्यवसाय या पेशे से संबंधित समाचार होते हैं ।

सामाचार-पत्र लोकतंत्र के प्रहरी हैं। आज विश्व भर में लोकतंत्र का बोलबाला है। समाचार-पत्र इस क्षेत्र में जनता के मार्गदर्शक होते हैं । समाचार-पत्रों के माध्यम से लोग अपनी इच्छा, विरोध और आलोचना प्रकट करते हैं । इनसे राजनीतिज्ञ भी डरते हैं । नेपोलियन ने कहा था- “मैं लाखों विरोधियों की अपेक्षा तीन विरोधी समाचार-पत्रों से भयभीत रहता हूँ।” समाचार-पत्र राजनैतिक क्रिया-कलापों का पूर्ण व्योरा प्रस्तुत करते हैं । इसी के आधार पर जनता अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करती है।

आज के समाचार-पत्र विविधतापूर्ण होते हैं । प्रचार-माध्यम के रूप में इनकी भूमिका महत्त्वपूर्ण है । यदि कोई अपने विचार या रचना को देशव्यापी बनाना चाहता है, तो वह समाचार-पत्रों का सहारा लेता है। इससे उसकी बात देश-भर में फैल जाती है । व्यापार के फैलाव के लिए भी ये अत्यन्त उपयोग हैं। इनमें छपे विभिन्न विषयों के लेखों से हमारा

ज्ञान-विस्तार होता है । इनसे हम नए विचारों पर चिन्तन करना. इन्हें अपनाना सीखते हैं। – समाचार-पत्र देश में व्याप्त भ्रष्टाचार, अन्धविश्वास और रूढ़िवादिता जैसी बुराइयों को दूर करने में भी सहायक हो सकते हैं । ये अपनी आलोचनाओं से सामाजिक तथा राजनैतिक बुराईयों का पर्दाफाश कर सकते हैं । यह तभी सम्भव है, जब समाचार-पत्र स्वतंत्र तथा निष्पक्ष हों और अपने उत्तरदायित्वों को ईमानदारी से निभाते हों।

विद्यार्थी जीवन

विद्यार्थी जीवन फूलों की सेज नहीं, काँटों का ताज है, किन्तु ये काँटे फूल बनाये जर्जा सकते हैं । यह जीवन सरल.नहीं है, किन्तु इसे सरल बनाया जा सकता है । इसके लिए दृढ़ निश्चय की, घोर परिश्रम की और पूर्ण शिक्षण की आवश्यकता है।

यह जीवन विद्यालय से प्रारम्भ होता है । विद्यालय वह स्थान है जहाँ जीवन की तैयारी की पहली शिक्षा मिलती है । यह मात्र पठन-पाठन का स्थान नहीं, प्रत्युत् जीवन-निर्माण, चरित्र-निर्माण की पवित्र भूमि है । जीवन का यह भाग विद्यार्थी जीवन कहलाता है।

बच्चे का भविष्य उसके विद्यार्थी जीवन से जाना जा सकता है । यह भावी जीवन की तैयारी का काल है। मनुष्य इसी काल में विविध ज्ञान और अनेक गुणों की तैयारी करता है। इसी काल में उस जीवन-कक्ष का बीज-वपन होता है जो आगे चलकर फूलता-फलता है। हम इस काल में जैसा कर्त्तव्य करेंगे. भावी जीवन में वैसा ही फल मिलेगा।

विद्यार्थी जीवन निर्माण का काल है । इस निर्माण-काल में शिक्षा और उपदेश की, नियम और प्रतिबन्ध की एवं अनुशासन और संकल्प की आवश्यकता होती है । हमें इन गुणों को अपनाना पड़ता है । इनकी कमी से अनर्थ हो जाने की संभावना रहती है । हमें अपने शिक्षकों और अभिभावकों को नहीं भूलना है। इनके बताये मार्ग पर चलकर ही हम अपने में आत्मनिर्भरता, ‘कर्तव्यपरायणता और अनुशासन आदि गुणों का विकास कर सकते हैं।

Bihar Board Class 8 Hindi रचना निबंध लेखन

छात्र-जीवन का प्रधान कर्तव्य है पठन-पाठन । उसे चाहिए कि वह अध्ययन, अध्यवसाय और अनुशासन का मूल्य समझे । उसके लिए संयम नियम की नितान्त आवश्यकता है । इसी से जीवन प्रतिष्ठित हो सकता है। इसके अभाव में मानसिक और आध्यात्मिक उत्थान को स्वप्न चूर हो जाता है। अंगेजी में एक कहावत है- “Student life is golden life” अर्थात् विद्यार्थी जीवन स्वर्णिम जीवन होता है । इस जीवन की चमक सदा अक्षुण्ण रहे इसका ध्यान प्रत्येक विद्यार्थी को रहना चाहिए ।

हमारे प्रिय

शिक्षक लाल बिहारी बाबू हमारे वर्ग शिक्षक हैं । वे पाठ को मानो घोल कर पिलाते हैं। क्या मजाल कि उनके पढ़ाते समय कोई तनिक आवाज भूल से भी करे।

जुल्म और जबरदस्ती लाल बिहारी बाबू को बर्दाश्त नहीं । बाबू राम नारायण सिंह का पुत्र भी हमारे ही विद्यालय में पढ़ता है । वे गाँव के बड़े ही प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं । विद्यालय के संचालकमंडल में भी दखल रखते हैं। एक बार उनके पुत्र ने ताव में आकर अपने साथ पढ़ने वाले हरिजन लड़के को बेवजह पीट दिया । लाल बिहारी बाबू इस अनाचार को भला कब बर्दाश्त . कर सकते थे ? उतने क्रोध में पहली बार लाल बिहारी बाबू को मैंने देखा था, बेंत की छड़ी तडातड़ उस लड़के की पीठ पर पड़ रही थी। लाल बिहारी बाबू के मुँह से एक ही बात बार-बार निकल रही थी, “अरे बुद्ध । तूम अपने

सहपाठी को नीचा मानता है ! तू नीच है”। वह लड़का जब घर पहुंचा तो ‘ उसके पिताजी ने सारी बात जान ली । पन्द्रह-बीस मिनट में ही लड़के को साथ लिये बाबू रामनारायण सिंह ने आते ही अपने लड़के को आज्ञा दी, “गुरुजी के पैर पकड़, शपथ ले कि आगे फिर ऐसी हरकत नहीं करेगा ! अपने साथी से अपने किए के लिए माँफी माँग” । लाल बिहारी बाबू की आँखों से आँसू की धारा बह रही थी और वे हकलाते हुए कहते जा रहे थे-“खोट मुझमें है रामनारायण बाबू ! मैं लड़के को सच्ची शिक्षा नहीं दे सका कि आज आशीष देनेवाले हाथ में छड़ी उठानी पड़ गई।”

भला, ऐसे वर्ग-शिक्षक को कौन भुला सकता है ? आज सारा गाँव वस्तुत: उनके चरणों में नतमस्तक है।

बाढ़

जब नदियों का जल बढ़कर आस-पास के इलाके में फैल जाता है, तब कहा जाता है कि नदियों में बाढ़ आ गई है । अत्यधिक वर्षा और बर्फ के अधिक पिघलने से नदियों में पानी बढ़ जाता है । यह बढ़ा हुआ जल नदी के दोनों किनारों के ऊपर आ जाता है । तब पानी में आस-पास की जमीनें डूब जाती है । बाढ़ प्राय: बरसात के समय आती है । कभी-कभी किसी-किसी नदी में जोरों की बाढ़ आती है । इससे नदी के किनारे के गाँव डूब जाते हैं। जल-शक्ति के सामने कोई भी टिक नहीं सकता है।

किसी भी स्थान के लिए बाढ़ एक प्राकृतिक प्रकोप है। – बाढ़ आने से अत्यधिक हानियाँ होती हैं । अचानक बाढ़ से गाँव-के-गाँव बह जाते हैं । बहुत से आदमी और पशु डूबकर मर जाते हैं । खेतों में लगी हुई फसलें बर्बाद हो जाती हैं । गाँवों में कच्चे घर गिर जाते हैं । बाढ़-वाले क्षेत्रों के लोग बेघर होकर ऊँचे स्थानों, सड़कों और स्टेशनों में शरण लेते हैं। बड़े-बड़े वृक्ष बाढ़ की धारा में उखड़ कर बह जाते हैं । बाढ़ के समय नदियाँ

अपनी धारा भी बदलती हैं । उपजाऊ जमीन पर बाढ़ के समय बालू जमा हो – जाते हैं और जमीन ऊसर हो जाती है । बाढ़ जब उतर जाती है तो पानी नदी में चला जाता है। चारो ओर गंदगी फैली रहती है। पानी में घास-फूस आदि के सड़ने से बहुत-सी बीमारियाँ उत्पन्न हो जाती हैं । खासकर पशुओं में बीमारी तेजी से फैलती है।

बाढ़ के जल में मिट्टी के चिकने और उपजाऊ कण रहते हैं। बाढ़ के समय ये कण हमारे खेतों में जमा हो जाते हैं । इससे हमारे खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है। अगले वर्ष बहुत अच्छी फसल होती है । बाढ़ से गाँवों की सफाई भी हो जाती है। ..बाढ़ से हानियाँ भी ज्यादा हैं । इससे बचाव के लिए सरकार प्रयत्न कर रही है। बाढ़वाली नदियों के किनारे पर तटबन्ध बनाये जा रहे हैं । बाढ़ के जल के उपयोग की भी योजनाएं बनायी जा रही हैं । बाढ़ से ज्यादा नुकसान सुखाड़ से होती है।

वर्षा – ऋतु

भारतवर्ष के अन्दर छह ऋतुएँ होती है-

  1. वसन्त
  2. ग्रीष्म (गर्मी)
  3. वर्षा
  4. शरद् (जाड़ा)
  5. हेमन्त
  6. शिशिर ।

हम इन छहों ऋतुओं को तीन भागों में बाँट सकते हैं-गर्मी, वर्षा और जाड़ा । वर्षा-ऋतु मुख्यत: आषाढ़ और सावन में आती है, लेकिन इसका प्रभाव आश्विन तक बना रहता है । वर्षा-ऋतु का आगमन ग्रीष्म (गर्मी) के बाद होता है। ….. वर्षा-ऋतु के आते ही आकाश में काले-काले बादल छा जाते हैं । बादल गरजने लगते हैं। भारी वर्षा प्रारम्भ हो जाती हैं । वर्षा के जल से धरती की जलती हूई छाती शीतल हो उठती है। जीव-जन्तुओं में खुशियाली छा जाती है। ग्रीष्म-ताप से झुलसे हुए पेड़-पौधे फिर से नये पत्तों से लदने लगते हैं। धीरे-धीरे धरती पर हरियाली छाने लगती है । वर्षा-ऋतु में दिन-रात वर्षा होती रहती है । बादलों की गरज और बिजली की कड़क बड़ी भयावनी होती है।

Bihar Board Class 8 Hindi रचना निबंध लेखन

जल ही जीवन है । अत: वर्षा-ऋतु में धरती को नया जीवन मिलता है। चारों ओर हरियाली छा जाने से पृथ्वी का दृश्य देखने योग्य हो जाता है। नदी और ताल-तलैया जल से लबालब भर जाते हैं। किसानों के लिए यह बहुत खुशी का समय होता है । इसी समय धान और मकई की मुख्य फसलें बोई जाती है। रब्बी की फसल के लिए जमीन में तरी आती है। भारत की खेती ‘वर्षा-ऋतु पर निर्भर है। – इस ऋतु से कुछ हानियाँ भी होती हैं । अधिक वर्षा के कारण नदियों में बाढ़ आ जाती है, जिससे गाँव बह जाते हैं । लगी हुई फसलें नष्ट हो । जाती हैं। यातायात ठप हो जाता है । पशु-पक्षी अधिक वर्षा के कारण भींग-भीग कर मर जाते हैं । गड्ढे में पानी जम जाता है, जिससे बीमारियाँ पैदा होती हैं। .

इतना होने पर भी वर्षा-ऋतु से लाभ ही अधिक है । खेती के लिए यह आवश्यक ऋतु है । वर्षा नहीं हो तो धरती वीरान और रेगिस्तान बन जाएगा।

वसन्त-ऋतु

भारत सौन्दर्यमयी प्रकृति की गोद में बसा हुआ सुषमा सम्पन्न देश है। इसे ‘प्रकृति का पालना’ भी कहा जाता है । यहाँ प्रकृति अपने रंग-बिरंगे मोहक रूपों में देखने को मिलती है। वर्ष की छह ऋतएँ एक के बाद दूसरी क्रम से आकर विविध रूपों में भारत-भूमि का शृंगार करती है । वसन्त ऋतुओं की इस माला का सबसे सुन्दर और चमकता हआ मोती है। ऋतराज वसन्त के आते ही उसकी मादकता हर स्थान पर छा जाती है और प्रकृति राजरानी

की तरह सजने लगती है। … ऋतुराज वसन्त के आगमन से ही शीत का भयंकर प्रकोप भाग जाता है । वसन्त का आगमन फागुन में होता है और वह चैत तक रहता है । वसन्त के आते ही पश्चिम-पवन वृक्ष के जीर्ण-शीर्ण पत्तों को गिराकर उन्हें स्वच्छ

और निर्मल बना देता है । वृक्षों और लताओं के लहकते हुए नवकिसलय-दल दिखने लगते हैं । रंग-बिरंगे विविध पुष्पों की सुगन्ध दशों-दिशाओं में अपनी मादकता का संचार करने लगती है । जलवायु सम हो जाती है-न शीत की कठोरता और न ग्रीष्म का ताप । कोयल की कूक चारों ओर सुनाई पड़ने लगती है। शीत के ठिठुरे अंगों की शिथिलता मिट जाती है और उन अंगों में जीवन ‘की नई स्फूर्ति उमड़ने लगती है । वसन्त के आगमन के साथ ही जैसे जीर्णता और पुरातनता का प्रभाव तिरोहित हो जाता है।

वसन्त में प्रकृति के कण-कण में नवजीवन का संचार हो जाता है। ऐसे. में ही हँसी-खुशी के साथ होली आती है और सबको झुमा डालती है। इसलिए होली को वसंतोत्सव भी कहा जाता है । इस समय खेतों में पकी हुई फसलें लहराती रहती हैं । हर्ष में डूबे किसान अपनी फसलों को देखकर नाचने लगते हैं । ढोल की थाप ओर मैंजीरों की सनकती ध्वनि से वातावरण गूंजने लगता है और ऐसा प्रतीत होता है मानों संसार में सुख-ही-सख, आनन्द-ही-आनन्द है। वसन्त की इस मस्त कर देनेवाली माधुरी की प्रशंसां कवियों और लेखकों ने मुक्तकंठ से की है।

हमारा देश

भारत … भारत हमारा प्यारा देश है । हम सभी भारत माता की संतान हैं। मनुष्य

का जहाँ जन्म होता है, वहाँ वह पलता-बढ़ता है, वह मनुष्य की जन्मभूमि होती है । भारत हमारा जन्मभूमि है। यहां की मिट्टी, हवा और पानी में हम पले हैं। हमारे लिए यह स्वर्ग से भी बढ़कर है। यह एक महान देश है और संसार -का शिरोमणि है।

जब दुनिया के अन्य देशों के लोग असभ्यावस्था में जंगलों में घूमते थे, उस समय भारत में वेद की ऋचाएँ गूंजती थीं । भारत भूमि अवतारों, ऋषियों, मुनियों एवं महात्माओं की तपोभूमि है । यहीं पर दयानन्द सरस्वती, स्वामी विवेकानन्द, रवीन्द्रनाथ टैगोर और महात्मा गाँधी जैसे महान आत्माओं ने भारत का मात्र विश्व में ऊँचा किया है । .. . ..

इसके उत्तर में नेपाल-चीन ओर तिब्बत हैं । इसके दक्षिण में हिन्द महासागर है। इसके पूरब में बंगाल की खाड़ी और म्यांमार (बर्मा) हैं। भारत के पश्चिम में अरब सागर, पाकिस्तान और अफगानिस्तान हैं । उत्तर में संसार का सबसे ऊँचा पर्वत हिमालय भारत माता के सिर का जगमगाता मुकुट है।

प्राकृतिक दृष्टि से यह एक सम्पन्न देश है । यहाँ की नदियों में सालों भर मीठे जल का प्रवाह होते रहता है । गंगा और ब्रह्मपुत्र के उत्तरी मैदान काफी उपजाऊ हैं । अनेक प्रकार के अन्न यहाँ उपजते हैं । यहाँ नदियों का जाल बिछा है। यहाँ की जलवायु मानसूनी और उत्तम है। भारत के पठारी भाग

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के गर्भ में खनिज-रत्नों का भंडार छिपा है। चारों ओर फैली वन-सम्पदा इसके ऐश्वर्य में चार चाँद लगाती है। भारत सदा शान्ति और अहिंसा का पुजारी रहा है । आज भी भारत अपने इस पुनीत संदेश को सारी दुनिया में फैला रहा है।

भारत के लोग महान राष्ट्रप्रेमी हैं। इसकी मान-प्रतिष्ठा के लिए यहाँ के लोग सदा अपना बलिदान देने के लिए तैयार रहते हैं । हमारे अन्दर देश-प्रेम की भावना सदा भरी रहनी चाहिए । तभी देश सुरक्षित रहेगा।

15 अगस्त (स्वाधीनता दिवस)

हमारे देश का सबसे महत्त्वपूर्ण और स्वर्णिम दिन है – 15 अगस्त, 1947 । इसी दिन हम सदियों की गुलामी की जंजीरें तोड़कर आजाद हुए । दुनिया के आजाद देशों के आकाश में एक नया सितारा जगमगा उठा-स्वाधीन भारत।

15 अगस्त हमारा राष्ट्रीय त्योहार है । इसी दिन देश के भाग्य ने पलटा खाया, आजादी मिली । इसके लिए हमारे देश के लाखों लोगों ने अपनी जान की बाजी लगाई । अपनी सारी जिंदगी या जवानी जेल के सीखचों के अन्दर गुजार दी। कितनी माताओं के लाल छिने, कितनी सुहागिनों के माँग धुले तब जाकर यह दिन आया । अमानवीय आत्याचारों से ऊबकर स्वतंत्रता-प्रेमी भारतीयों के हृदय में तीव्र आक्रोश पैदा हुआ और अंग्रेजी साम्राज्य की नींव हिली, सत्य और अहिंसा के अस्र के सामने अंग्रेजों की कठोरता प्रकम्पित हो उठी। 15 अगस्त, 1947 को शताब्दियों की खोई स्वतंत्रता भारत को पुनः प्राप्त हो गई। सारे देश में स्वतंत्रता की लहर दौड गई । लालकिले पर देश का अपना तिरगा झंडा लहराया । एक नये अध्याय की शुरुआत हुई।

लेकिन 15 अगस्त का दूसरा पहलू भी है । इसके एक दिन पूर्व मातृभूमि के दो टुकड़े हो गए । भारत का एक अंग कटकर पाकिस्तान बना । अखंड भारत का सपना बिखर गया । इस प्रकार एक ओर यह दिन हमारे लिए हर्ष का है तो दूसरी ओर विषाद का भी है । प्रतिवर्ष यह राष्ट्रीय पर्व बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। विद्यालय के छात्र अपने इस ऐतिहासिक उत्सव को बड़े उल्लास और उत्साह के साथ मनाते हैं।

उसी दिन राज्यों की राजधानियों में भी किसी सार्वजनिक स्थानों पर मुख्यमंत्री के कर-कमलों द्वारा झंडा फहराया जाता है । सभी सरकारी कार्यालयों में भी काफी सरगर्मी के साथ तिरंगा झंडा फहराया जाता है तथा लोग अपने-अपने घरों पर भी तिरंगा झंडा फहराते हैं। देश की राजधानी दिल्ली में विशेष आयोजन होता है। प्रधानमंत्री लालकिले पर झंडा फहराने के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हैं । राज्यों की आकर्षक झाँकियाँ निकाली जाती हैं।

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यद्यपि हमें आजादी मिल गई है तथापि देश की स्थिति दयनीय है, अशिक्षा है, भ्रष्टाचार है, भूख है, गरीबी है। इन्हें मिटना होगा, तभी हम सही अर्थ में स्वतंत्र देश के आदर्श नागरिक बन सकेंगे।

होली

ऋतुओं में वसन्त का, फूलों में गुलाब का और रसो में शृंगार का जो महत्त्व है, वही स्थान त्योहारों में होली का है। मात्र यही एक त्योहार है जिसमें वसन्त की सुषमा, गुलाब की खुशबू और शृंगार की मादकता का अपूर्व संयोग, है। यह हँसी-खुशी का पर्व है । दिन-रात अपनी कर्म-संकुलता में उलझे मनुष्य को यह पर्व आनन्द और प्रसन्नता से भर देता है। – इस पर्व के पीछे भी एक पौराणिक कथा प्रचलित है । हिरण्यकशिपु का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था । हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद को मरवाने की हरचन्द कोशिश की, पर भगवान की कृपा से वह सदा बचता गया । प्रह्लाद की बुआ होलिका के पास वरदानयुक्त एक चादर थी, जिसे ओढ़कर कोई भी

आदमी आग में नहीं जलता था । अन्त में हिरण्यकशिपु के कहने पर होलिका ने वही चादर ओढ़ ली और प्रह्लाद को लेकर आग में प्रवेश कर गई। भगवत्कृपा से उसी समय जोरों की हवा चली और होलिका की चादर प्रह्लाद के शरीर से लिपट गई । प्रह्लाद भगवान का नाम लेता हुआ चिता से बाहर आ गया और होलिका जल मरी । इसी खुशी में यह पर्व मनाया जाता है। _ यह पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है । रात्रि में होलिका दहन होता है और सुबह लोग एक-दूसरे पर रंग डालते हैं। दोपहर के बाद स्नान के पश्चात् अबीर-गुलाल का कार्यक्रम प्रारंभ होता है । उस दिन हर चेहरा एक रंग में रंग जाता है । न कोई बड़ा होता है न छोटा, न कोई ऊँच होता है न नीच, न कोई धनी होता है न निर्धन ।

बच्चे, बूढ़े, जवान, स्त्री, पुरुष सभी एक ही रग में रंगे हुए, एक ही मस्ती में मस्त । इस दिन हर गाँव का गली-कूचा ‘मोहन खेले होली हो’ की ध्वनि से गूंजने लगता है । हर स्थान पर मालपूआ और पकवान की सोधी गंध फैलने लगती है । ढोल और मँजीरे की ध्वनि से आकाश गूंजने लगता है । सारा वैर-भाव भूलकर सभी एक-दूसरे को गले मिलते हैं।

आज की भौतिकवादी दुनिया में होली की खुशियों की झोली बहुत कुछ खाली हो गयी है, फिर भी इसमें अन्य त्योहारों से अधिक खुशियाँ हैं । इस सामाजिक पर्व को भाइचारे और सहृदयता से ही मनाया जाना चाहिए ।

दुर्गापूजा या विजयादशमी

दुर्गापुजा हिन्दुओं का सर्वप्रमुख पर्व है । इस पर्व को कहीं दशहरा, कहीं शारदीय नवरात्रपूजा और कहीं विजया दशमी भी कहा जाता है । इस पर्व को मुख्य रूप से बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश के लोग बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं । दुर्गापूजा शक्ति की उपासना है । यह अधर्म पर धर्म की, असत्य पर सत्य

की विजय का पर्व है। _ दुर्गापूजा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के विषय में कई तरह की धार्मिक

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कथाएँ प्रचलित हैं। कुछ लोग कहते हैं कि राम ने इसी दिन रावण का वध किया था। उसकी खुशी में यह पर्व मनाया जाता है । कुछ लोगों के अनुसार महिषासुर नामक असुर महान शक्तिशाली एवं पराक्रमी था । उसने देवताओं को पराजित कर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था । स्वर्ग-च्युत भयातुर देवताओं ने भगवान विष्णु की

स्तुति-आराधना की । ब्रह्मा, विष्णु, महेश-इन त्रिदेवों के शरीर से तथा सभी देवताओं के शरीर से थोड़ा-थोड़ा तेज निकला और सबके सम्मिलित तेज-पंज से नारी रूप में आदिशक्ति माता दुर्गा प्रकट हई । देवताओं ने अपने-अपने अस्त्र माता को प्रदान किए। माता हुंकार करती दुई युद्ध के मैदान में पहुँची और प्रचंड बली महिषासुर का बध किया । उसी विजय के उपलक्ष्य में दुर्गापुजा का पर्व मनाया जाता है । कथाएँ जो भी सत्य हो, पर यह पूर्णत: सत्य है कि यह पर्व असत्य पर सत्य की, अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में मनाया जाता है।

दुर्गापूजा का पर्व दस दिन तक मनाया जाता है। आश्विन मास के शुक्लपक्ष के प्रारम्भ में ही कलश-स्थापन होता है और माता दुर्गा की पूजा प्रारम्भ हो जाती है । बड़ी निष्ठा, श्रद्धा-भक्ति, बड़े उल्लास और धूम-धाम से दुर्गापूजा की जाती है । दशमी को यज्ञ की समाप्ति के बाद विर्जन का काम होता है । इस अवसर पर कहीं-कहीं मेला लगता है तथा विभिन्न स्थानों पर संगीत-समारोह का भी आयोजन किया जाता है।

दुर्गापूजा के अवसर पर सभी शिक्षण-संस्थान और सरकारी कार्यालय बन्द कर दिये जाते हैं । सभी लोग मिल-जुलकर इस पर्व को मनाते हैं । इस पुनीत अवसर पर हम सबको अपनी संस्कृति से शील और शक्ति की सीख लेनी चाहिए । यह उत्सव मात्र प्रचण्ड शक्ति का ही प्रचार नहीं, बल्कि इसके

सात्त्विक तेज का भी प्रेरक है । अत: सबको सात्विक भाव से ही माँ दुर्गा की पूजा करनी चाहिए । इस पूजा के चलते अगर धार्मिक द्वेष उत्पन्न होता है, तो निश्चित रूप से पूजा का मूल उद्देश्य नष्ट हो जाता है।….

मेरे प्रिय कवि : तुलसीदास

सूरदास, तुलसीदास, मीराबाई, नन्ददास आदि भक्त-कवियों की काव्यकृतियों

के रसास्वादन करने का सुअवसर हमें मिला । किन्तु महाकवि तुलसीदास की रचनाओं-रामचरितमानस, विनयपत्रिका, कवितावली में भक्ति-भावना के उद्रेक की जितनी क्षमता विद्यमान है, उतनी किसी कवि की रचनाओं में नहीं । उनकी रचनाओं में काव्य-सौष्ठव के दोनों पक्षों-भावपक्ष और कलापक्ष का अद्भुत समन्वय हुआ है।

तुलसीदास चे विशृंखलित भारतीय संस्कृति को ठोस रूप प्रदान किया । तुलसीदास का आविर्भाव जिस काल में हुआ था, भारत में वह काल परस्पर विरोधी संस्कृतियों, साधनाओं, जातियों का सन्धिकाल था । देश की सामाजिक, राजनीतिक तथा धार्मिक स्थिति क्शृिंखलित हो रही थी। तुलसीदास ने समाज को सम्यक् दिशा प्रदान की । उन्होंने अपने आराध्यदेव मर्यादा-पुरुषोत्तम राम के पावन चरित्र में शौर्य, विनयशीलता, पुरुषार्थ, करुणा तथा वात्सल्य भाव आदि मानवीय विभूतियों को सँजोकर रख दिया है । राम के विमल चरित्र में ईश्वरीय एवं मानवीय गुण दोनों समवेत रूप से मुखरित हुए हैं।

यद्यपि महाकवि तुलसीदास के जन्म-स्थान, जन्म-तिथि, माता-पिता, शिक्षा-दीक्षा आदि के संबंध में विद्वानों में मतभेद है, फिर भी अधिकांश विद्वानों ने इनका जन्म संवत् 1589 के लगभग माना है तथा आत्माराम दूबे को इनका पिता और हुलसी को माता स्वीकारा है । गुरु नरहरिदास के चरणों में रहकर इनकी शिक्षा-दीक्षा हुई । इनका विवाह रत्नावली के साथ हुआ जिन्होंने इन्हें भगवद्-भक्ति की ओर प्रेरित किया ।

तुलसीदास सचमुच आदर्शवादी भविष्यद्रष्टा थे । अपने आदर्श चरित्रों के आधार पर उन्होंने भारतवर्ष के भावी समाज की कल्पना की थी। प्रत्येक चरित्र-चित्रण में तुलसी ने मानव वृत्तियों को गंभीरता से देखा-परखा है। इसीलिए पाठक तुलसीदास द्वारा प्रतिपादित अनुभूतियों को उनके राग, वैराग्य, हास्य और रुदन को अपना ही राग-वैराग्य, हास्य और रुदन समझते हैं । यही कवि की सच्ची कला की महानता है।

प्रदूषण

प्रकृति के विभिन्न घटकों में असंतुलन ‘प्रदूषण’ कहलाता है । पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व बना रहे : इसके लिए उसका प्रकृति के साथ समन्वय होना ही चाहिए । प्रदूषण के कारण वन्यजीव की संख्या में कमी, पारिस्थितिक असंतुलन, प्राकृतिक विपदाएँ, जनसंख्या वृद्धि आदि हैं। पर्यावरण के असंतुलन से ही प्रदूषण बढ़ता है । कारखाने की चिमनियों से निकलनेवाले धुएँ वातावरण को विषाक्त बना रहे हैं, उनके कूड़े-कचड़े तथा गंदी नालियों का बहाव नदियों की ओर किया जा रहा है । जंगलों की धड़ाधड़ कटाई हो रही है और खेतों में मनमाने ढंग से कीटाणुनाशक दवाइयाँ छिड़की जा रही हैं । इससे प्रदूषण की जटिल समस्याएँ उठ खड़ी हो गई हैं । इस समस्या ने मानव जाति के अस्तित्व के लिए खतरा उत्पन्न कर दिया है।

प्रदूषण के अन्तर्गत वायु-प्रदूषण, जल-प्रदूषण और मिट्टी-प्रदूषण की चर्चा मुख्य रूप से होती है। भारत में भी प्रदूषण की मुख्य यही समस्याएँ हैं। जल, वायु, मिट्टी हमारे जीवन के लिए अत्यन्त उपयोगी तथा महत्त्वपूर्ण हैं । लेकिन मानव सभ्यता के विकास के साथ इन प्राकृतिक उपादानों की शुद्धता और निर्मलता भी घटती गई है।

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हमें अपने स्वास्थ्य तथा वायु, जल एवं मिट्टी के प्रदूषण की समस्याओं को नियंत्रित रखने के लिए जल्द ही किसी कारगर उपाय का पता लगाना

आवश्यक है। वायुमंडल के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए वृक्षारोपण कार्यक्रम में तीव्रता लानी होगी । नदियों के जल-प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दूषित नालियों के प्रदूषित जल के बहाव के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी। मिट्टी के प्रदूषण को रोकने के लिए जहरीली खाद पर रोक लगानी होगी। यह कार्य सरकार तथा जनता दोनों के पारस्परिक सहयोग द्वारा ही संभव है। अतः प्रदूषण की समस्या के निराकरण के लिए जन-जागृति और जन-अभिरुचि पैदा करना आवश्यक है । इसीलिए प्रदूषण को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।

विज्ञान के चमत्कार

अथबा, विज्ञान और हमारा जीवन ।

विज्ञान का अर्थ है-प्राकृतिक शक्तियों का विशेष ज्ञानं । ज्ञान जब शृखला की कड़ियों में गँथ जाता है, तो विज्ञान की सष्टि होती है। ज्ञान चेतना का विज्ञान है और विज्ञान शक्ति का ज्ञान है । ज्ञान परिचय है और विज्ञान शक्ति । ज्ञान चेतना है और विज्ञान उस चेतना के फल का भोग । ज्ञान जिज्ञासा की तृप्ति है और विज्ञान उस तृप्ति का प्रयोजन । विज्ञान का धरातल प्रयोजन का है, भौतिक क्षेत्र में सुख-सुविधा और समृद्धि की उपलब्धि है । तात्पर्य यह कि “मनुष्य के अनुभव एवं अवलोकन से प्राप्त क्रमबद्ध एवं सुसंगठित ज्ञान को विज्ञान कहते हैं।”

विज्ञान के साथ मानव जीवन का घनिष्ठ सम्बन्ध है । विज्ञान के चामत्कारिक आविष्कारों के प्रभाव से सारा संसार घर-आँगन-सा प्रतीत होने लगा है । विज्ञान ने ‘समय’ और ‘दूरी’ पर अधिकार कर लिया है। आज विज्ञान द्वारा रेल, मोटर, ट्राम, जलथान, वायुयान, रॉकेट और अंतरिक्ष यान बनाये जा चुके हैं जिनके द्वारा दो स्थानों के बीच की दूरी समाप्त हो गई है। इतना ही नहीं, विज्ञान ने हमें वायरलेस, टेलीफोन, रेडियो एवं टेलीविजन दिये हैं, जिनके द्वारा संसार भर का समाचार घर-बैठे प्राप्त कर सकते हैं । चलचित्र हमारे मनोरंजन का सबसे बड़ा साधन है । अणुवीक्षण यंत्र के द्वारा हम सूक्ष्मातिसूक्ष्म अदृश्य पदार्थों को भी देखने की सामर्थ्य प्राप्त कर चुके हैं।

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तार, टेलीफोन, टैलीपिंटर, बेतार के तार, मुद्रण यंत्र, एक्स-रे आदि विज्ञान के अद्भुत चमत्कार हैं । विज्ञान के चलते ही आज दुनिया का कोई रोग असाध्य नहीं रह गया है। कम्प्यूटर का आविष्कार तो आधुनिक युग का सबसे अद्भुत आविष्कार है । यह मानव के लिए प्रायः सभी क्षेत्रों में सर्वाधिक उपयोगी है । विज्ञान ने बिजली के रूप में मनुष्य को एक महान शक्ति प्रदान की है । शक्ति के अन्य विभिन्न साधन भी विज्ञान की ही देन है । इस प्रकार शिक्षा का क्षेत्र हो या कृषि का या उद्योग का, मानव जीवन के लिए विज्ञान अत्यधिक उपयोगी है।

विज्ञान के उपर्युक्त सभी चमत्कारों को उनके व्यवहार ही निर्देशित करते हैं कि.पानवता के लिए हितकर हैं या अहितकर । एक ओर विज्ञान ने अगर मनुष्यता के लिए सुख और सुविधाओं का अम्बार लगा दिया है, तो दूसरी ओर उसने मानवता को विनाश के रास्ते पर भी ला खड़ा किया है । विज्ञान ने अनेक भयंकर अस्त्र-शस्त्रों का आविष्कार कर मानवता को खतरे में डाल दिया है। अत: विज्ञान को ‘विज्ञान’ बनाने के लिए उसे जनहितकारी बनाया जाना चाहिए।

कम्प्यूटर और उसका महत्त्व

आधुनिकतम वैज्ञानिक आविष्कारों में कम्प्यूटर एक अद्भुत आविष्कार है। क्या रेडियो, क्या दूरदर्शन क्या चलचित्र-सर्वत्र कम्प्यूटर के सम्बन्ध में प्रचार का कार्य जारी है । कम्प्यूटर एक ऐसा उपयोगी यंत्र है जिससे मनोरंजन या मनबहलाव नहीं हो सकता है। इसलिए जनसाधारण उसकी ओर आकृष्ट

नहीं होते और उसका प्रचार विभिन्न माध्यमों से किया जाता है । अत: यह स्पष्ट है कि कम्प्यूटर टंकण यन्त्र आदि की तरह एक कामयाब मशीन मात्र है और इसलिए इसका प्रचार केवल आवश्यकता के अनुरूप ही होता है । इस यंत्र से गणना सम्बन्धी बहुत बड़ा काम अत्यन्त आसानी से क्षणमात्र में हो सकता है।

चूँकि मानव-मस्तिष्क द्वारा सम्पादित सभी काम कम्प्यूटर से सही-सही और अत्यन्त अल्प काल में हो जाते हैं, इसलिए आधुनिक काल में इसका प्रयोग सभी क्षेत्रों में हो रहा है । बड़े-बड़े व्यवसायों एवं तकनीकी संस्थाओं और प्रशासकीय कार्यालयों में इसके उपयोग से बहुत तरह के कार्य सम्पादित हो रहे हैं । बड़े-बड़े उत्पादनों का हिसाब-किताब लगाने तथा भावी उत्पादन संबंधी अनुमान की गणना करने में कम्प्यूटर से काम लिया जाता है । यही कारण है कि आजकल व्यवसाय, चिकित्सा, अंतरिक्ष कार्यक्रम, प्रतिरक्षा एवं अखबारी दुनिया में कम्प्यूटर सर्वाधिक उपयोगी सिद्ध हुआ है।

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उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि कम्प्यूटर आधुनिक युग के लिए अत्यन्त आवश्यक है । व्यावसायिक, प्रशासनिक, चिकित्सा आदि सभी क्षेत्रों में कम्प्यूटर के प्रयोग से अप्रत्याशित लाभ उठाया जा सकता है । कम्प्यूटर की सहायता से सभी क्षेत्रों में विकास की गति में कई गुनी वृद्धि हुई है। मौसम संबंधी भविष्यवाणी में कम्प्यूटर की गणना बेजोड़ है । इस प्रकार सभी क्षेत्रों के विकास का सही आकलन करके मानव-मात्र का उपकार कर रहा है। आशा है, निकट भविष्य में यह मानव-कल्याण का अचूक साधन प्रमाणित होगा।

दहेज-प्रथा : एक अभिशाप

देहज-प्रथा भारतीय समाज की सबसे विषम कुरीति है । दहेज की रूढ़ि के चलते भारतीय समाज निराशा और कुण्ठा के अन्धकार में भटक रहा है। दहेज-प्रथा रूढ़िवादिता, शोषण एवं सामाजिक अन्धविश्वास का जीता-जागता उदाहरण है । यह विशाल सर्प की तरह पूरे समाज को अपनी कुण्डली में समेटे हुए है। इसने अच्छे-बुरे, ज्ञानी-अज्ञानी, शिक्षित-अशिक्षित सबों को एक सतह पर ला खड़ा किया है । पूरा समाज दहेज की दारुण ज्वाला से धधक रहा है। . आज इस कुप्रथा के चलते बहुत-से वर, योग्य वधू नहीं प्राप्त कर पाते । फलतः जीवन दु:खमय और नारकीय होता जा रहा है । यह कुप्रथा संक्रामक बीमारी की तरह घर-घर में फैलती चली जा रही है। हर कन्या का पिता इस कुप्रथा के चलते चिन्ता-ग्रस्त हैं ।

जैसे-जैसे कन्या की उम्र बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे परिवार निराशा के अन्धकार में डूबता चला जा रहा है। पिता अपना घर-द्वार, जमीन आदि बेचकर वर के अभिभावक की माँग पूरी करने में लगें हैं । वर-पक्ष की माँग सुरसा के मुँह की तरह बढ़ती ही चली जा रही है। इस राक्षसी प्रथा के बहुत-से दुष्परिणाम हुए हैं । विवाह मे दहेज की कमी के कारण अनेक कन्याओं की हत्या एवं आत्म-हत्या के समाचारों से अखबार के पन्ने भरे पड़े हैं। बहुत-सारी कन्याओं को इस प्रथा के राक्षस ने लील लिया है, बहुत-से घर इस कुप्रथा की भेंट चढ़ चुके हैं। क्या विडम्बना है, जो आज कन्या की शादी के लिए गली-गली भटक रहे हैं, वही कल लड़के की शादी के लिए अकड़ते और दहेज माँगते हैं । तलवा सहलाने वाला ही सिर पर चढ़ने लगता है।

हम सबको भारतमाता के सिर पर लगे इस दाग को धोना है। इसके लिए समाज के अविवाहित युवक-युवतियों को आगे बढ़कर आदर्श का परिचय देना है। हमारी सरकार भी इस राक्षसी प्रथा को समाप्त करने के लिए कृतसंकल्प है। दहेज लेना और देना दण्डनीय अपराध है। फिर भी यह कुप्रथा फल-फूल रही है, क्योंकि हम सभी इसका सामूहिक विरोध नहीं कर रहे हैं। जिस दिन हम सभी इसके विरुद्ध खड़े हो जायेंगे, उसी दिन यह कुप्रथा समाप्त हो जायेगी ।

महात्मा गाँधी

“चल पड़े जिधर दो डग मग में
चल पड़े कोटि पग उसी ओर,
पड़ गईं जिधर भी एक दृष्टि
गड़ गये कोटि दृग उसी ओर ।” -सोहनलाल द्विवेदी
धन्य है वह देश जिसने एक-से-एक महापुरुषों को जन्म देकर अपनी मिट्टी का मान और गौरव बढ़ाया है ! इन महापुरुषों ने विश्व को नया प्रकाश और नयी प्रेरणा दी है । प्रातः स्मरणीय महात्मा गाँधी भी महापुरुषों की उसी पंक्ति में आते हैं, जिन्होंने अपने देश ही नहीं, वरन् विश्व-कल्याण को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया ।

महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधी था । इनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 ई. में गुजरात राज्य के पोरबन्दर नामक स्थान में हुआ था। इनके पिता करमचन्द गाँधी एक रियासत के दीवान थे और माता पुतली बाई एक महान् धार्मिक महिला थीं । इनकी शिक्षा का श्रीगणेश पोरबन्दर की पाठशाला से हुआ ।

बचपन में ही इनका विवाह कस्तुर बा नाम की बालिका से सम्पन्न करा दिया गया । मैट्रिक पास करने के बाद ये बैरिस्टरी पढ़ने संदन गए।बैरिस्टर बनकर वे बम्बई हाईकोर्ट में वकालत करने लगे, लेकिन सफलता – नहीं मिल सकी । वे एक मुकदमे की पैरवी में दक्षिण अफ्रीका गये, जो इनके · क्रान्तिकारी जीवन का श्रीगणेश था । वहाँ उन्होंने प्रवासी भारतीयों के पक्ष में

अंग्रेजों का डटकर विरोध किया । दक्षिण अफ्रीका में सफलता एवं अनुभव प्राप्त करके भारत आये । भारत में क्रांति का श्रीगणेश बिहार राज्य के चम्पारण जिले में किया । धीरे-धीरे उनकी आवाज भारत-भर में गूंजने लगी । फिर तो आजादी की लड़ाई का बिगुल बज उठा । असहयोग आन्दोलन, ‘भारत छोड़ो’

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आन्दोलन एवं ‘करो या मरो’ के नारे ने अंग्रेजों के इस विशाल साम्राज्य की नींव हिला दी। इस क्रम में गाँधीजी को कई बार जेल की यात्राएँ करनी पड़ी एवं असहनीय पीड़ाएँ भी झेलनी पड़ी, लेकिन सत्य और अहिसां का वह पुजारी सदा अपने पथ पर चट्टान की तरह अडिग रहा । 15 अगस्त, 1947 को भारत आजाद हो गया । एक हजार वर्षों के बाद भारतीय जनता ने आजादी की हवा में साँस ली । अब गाँधीजी भारत में राम-राज्य लाने के लिए प्रयत्न करने लगे और भावी योजनाओं पर विचार-विमर्श करने लगे । 30 जनवरी, 1948 ई. संध्या की बेला थी । काल चुपके-चुपके आ पहुँचा । प्रार्थना की पवित्र बेला में नाथूराम गोडसे की तीन गोलियाँ चलीं । गाँधीजी गिरे और ‘हे

राम!’ कहते हुए स्वर्ग सिधार गये । इस खबर से भारत ही नहीं, समूचा विश्व शोकाकुल हो उठा । राम-राज्य का स्वप्न अधूरा रह गया !

हिन्दु

ओं के लिए जैसे होली, वैसे मुसलमानों के लिए ईद है। दोनों आनन्द के पर्व हैं । इस्लामी हिजरी सन् चन्द्रमास पर आधारित होता है । इसके बारह ‘महीनों में एक महीना “रमजान” का होता है । यह बहुत पवित्र महीना माना

जाता है । इस महीने में मुसलमान भाई रोजा रखते हैं, दिनभर रोजा रखने के बाद शाम को नमाज अदा करते हैं । फिर पूरा परिवार सामूहिक रूप से खाते-पीते हैं । इसे ही रोजा रखना’ कहते हैं। रमजान के महीने में पाँच बार नमाज अदा करना, रोजा रखना, खैरात देना और नेक कार्यों में लगना आवश्यक होता है।

तीस दिन विधिपूर्वक रोजा रखने के बाद, अगले महीने की पहली तारीख . को यानी दूज का चाँद देखकर दूसरे दिन ‘ईद’ का त्योहार मनाया जाता है। चाँद के दर्शन करते ही लोग एक-दूसरे को मुबारकवाद देते हैं । ‘ईद’ को ‘ईद-उल-फितर’ भी कहा जाता है।

ईद के दिन हर घर में सुबह से ही चहल-पहल रहती है। स्नानादि के बाद नए कपड़े पहनकर सभी बच्चे, बूढ़े, बड़े ईदगाह या किसी बड़े मैदान में जुटते हैं । एक के पीछे दूसरे लोग कतार में खड़े हो जाते हैं । पहले आनेवाला आगे की पंक्ति में होगा । यहाँ कोई मालिक या नौकर, कोई छोटा या बड़ा नहीं होता ।

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खुदा के दरबार में सभी बराबर हैं । एक साथ झुकना घुटने के बल बैठना, सिर नबाना बड़ी ही खूबसूरत अनुशासन का दृश्य उपस्थित करता है । गरीबों को उस दिन अपनी शक्ति के अनुसार दान देते हैं। उनमें सेवइयाँ और कपड़े बाँटे जाते हैं। ईद की नमाज खत्म होते ही बच्चे मिठाइयों और खिलौने की दुकानों पर टूट पड़ते हैं । बड़े-बूढ़े सभी. एक-दूसरे के गले मिलते हैं। घर पर आनेवाले लोगों का स्वागत तरह-तरह के पकवानों से, जिसमें सेवई जरूर होती है, किया जाता है । जगह-जगह कव्वालियों और गजलों का जलसा रात देर तक चलता रहता है।

बड़े इंतजार के बाद हर साल ईद आती है और खुशियाँ लुटा जाती है।

उसके पहले एक महीने तक का नियमित उपवास शरीर की भी शुद्धि करता है। ईद हमें बराबरी और खुशी का संदेशा देती है । वह हमें अनुशासित नियमित जीवन बिताने का पाठ पढ़ाती है।

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers समासः

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers समासः

प्रश्न 1.
‘अशांति’ किस समास का उदाहरण है ?
(A) बहुब्रीहि
(B) कर्मधारय
(C) नत्र
(D) ययीभाव
उत्तर :
(C) नत्र

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers समासः

प्रश्न 2.
‘नीलोत्पलम्’ में कौन सा समास है ?
(A) अव्ययीभाव
(B) बहुब्रीहि
(C) द्वन्द्व
(D) कर्मधारय
उत्तर :
(D) कर्मधारय

प्रश्न 3.
बहुव्रीहि समास का उदाहरण कौन है?
(A) हरिहरौ
(B) दलितबालकम्
(C) शिक्षा विहीना
(D) दिगम्बर:
उत्तर :
(D) दिगम्बर:

प्रश्न 4.
अव्ययीभाव समास का उदाहरण कौन है?
(A) अव्ययीभाव
(B) बहुब्रीहि
(C) द्वन्द्व
(D) कर्मधारय
उत्तर :
(C) द्वन्द्व

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers समासः

प्रश्न 5.
‘कर्मणि वीर:’ का समस्त पद कौन है?
(A) कर्मवीरः
(B) कर्मण:वीरः
(C) कर्मणेवीरः
(D) कर्मणावीरः
उत्तर :
(A) कर्मवीरः

प्रश्न 6.
‘धर्मः च अर्थः च कामः च’ का समस्त पद क्या होगा?
(A) धर्मार्थकामः
(B) धर्मार्थकामा:
(C) धर्मार्थकामौ
(D) धर्मार्थकामम्
उत्तर :
(B) धर्मार्थकामा:

प्रश्न 7.
‘पुरुष सिंहः’ का विग्रह कौन है?
(A) पुरुषः सिंहः
(B) पुरुषः एव सिंहः
(C) पुरुषः सिंह: इव
(D) पुरुष सिंहम्
उत्तर :
(C) पुरुषः सिंह: इव

प्रश्न 8.
‘अर्थाभावे’ का विग्रह क्या होगा?
(A) अर्थस्य अभावे
(B) अर्थाय अभावे
(C) आर्थम् अभावे
(D) अर्थेन अभावे
उत्तर :
(A) अर्थस्य अभावे

प्रश्न 9.
सम! के कितने भेद होते हैं?
(A) एक
(B) दो
(C) तीन
(D) चार
उत्तर :
(D) चार

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers समासः

प्रश्न 10.
तत्पुरुष समास के कितने भेद होते हैं?
(A) एक
(B) छः
(C) तीन
(D) चार
उत्तर :
(B) छः

प्रश्न 11.
‘त्रिभुवनम्’ में कौन सा समास है?
(A) द्वन्द्व
(B) द्विगु
(C) बहुब्रीहि
(D) तत्पुरुष
उत्तर :
(B) द्विगु

प्रश्न 12.
‘चतुर्युगम्’ में कौन सा समास है?
(A) द्वन्द्व
(B) द्विगु
(C) बहुव्रीहि
(D) तत्पुरुष
उत्तर :
(B) द्विगु

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers समासः

प्रश्न 13.
‘वीणापाणि में कौन सा समास है?
(A) द्वन्द्व
(B) द्विगु
(C) बहुव्रीहि
(D) तत्पुरुष
उत्तर :
(C) बहुव्रीहि

प्रश्न 14.
‘उपनगरम्’ में कौन सा समास है ?
(A) तत्पुरुष
(B) द्विगु
(C) बहुव्रीहि
(D) अव्ययीभाव
उत्तर :
(D) अव्ययीभाव

प्रश्न 15.
‘कर्मकुशल: ‘ में कौन सा समास है?
(A) द्वन्द्व
(B) द्विगु
(C) बहुव्रीहि
(D) तत्पुरुष
उत्तर :
(D) तत्पुरुष

प्रश्न 16.
‘महापुरुषः’ में कौन सा समास है ?
(A) द्वन्द्व
(B) कर्मधारय
(C) बहुव्रीहि
(D) तत्पुरुष
उत्तर :
(B) कर्मधारय

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers समासः

प्रश्न 17.
‘अनंतः’ में कौन सा समास है ?
(A) द्वन्द्व
(B) द्विगु
(C) नञ्
(D) तत्पुरुष
उत्तर :
(C) नञ्

प्रश्न 18.
‘यथाशक्तिः ‘ में कौन सा समास है?
(A) तत्पुरुषः
(B) कर्मधारयः
(C) बहुव्रीहिः
(D) अव्ययीभावः
उत्तर :
(D) अव्ययीभावः

प्रश्न 19.
‘पाणिपादम् में कौन सा समास है ?
(A) बहुब्रीहि
(B) द्वन्द्व
(C) तत्पुरुष
(D) कर्मधारय
उत्तर :
(B) द्वन्द्व

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers समासः

प्रश्न 20.
‘दिगम्बरः’ में कौन-सा समास है?
(A) अविवेकः
(B) महादेवः
(C) यथाकालं
(D) कालिदासः
उत्तर :
(A) अविवेकः

प्रश्न 21.
‘दिगम्बरः’ में कौन-सा समास है?
(A) बहुव्रीहि
(B) द्वन्द्व
(C) तत्पुरुष
(D) नञ्
उत्तर :
(A) बहुव्रीहि

प्रश्न 22.
‘देवदानवः’ में कौन-सा समास है?
(A) बहुव्रीहि
(B) द्वन्द्व
(C) तत्पुरुष
(D) नञ्
उत्तर :
(B) द्वन्द्व

प्रश्न 23.
‘कमलमुखम्’ में कौन-सा समास है?
(A) बहुव्रीहि
(B) द्वन्द्व
(C) तत्पुरुष
(D) नञ्
उत्तर :
(C) तत्पुरुष

प्रश्न 24.
‘प्रतिनगरम्’ में कौन-सा समास है?
(A) बहुव्रीहि
(B) कर्मधारय
(C) द्वन्द्व
(D) अव्ययभाव
उत्तर :
(D) अव्ययभाव

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प्रश्न 25.
‘राजपुत्रः’ में कौन-सा समास है?
(A) बहुव्रीहि
(B) तत्पुरुष
(C) द्वन्द्व
(D) अव्ययभाव
उत्तर :
(B) तत्पुरुष

प्रश्न 26.
‘घनश्यामः’ में कौन-सा समास है?
(A) बहुव्रीहि
(B) द्वन्द्व
(C) तत्पुरुष
(D) अव्ययभाव
उत्तर :
(C) तत्पुरुष

प्रश्न 27.
‘अयोग्यः’ में कौन-सा समास है?
(A) बहुव्रीहि
(B) नञ्
(C) तत्पुरुष
(D) अव्ययभाव
उत्तर :
(B) नञ्

प्रश्न 28.
‘मृगकाको’ में कौन-सा समास है?
(A) बहुव्रीहि
(B) कर्मधारय
(C) तत्पुरुष
(D) नज
उत्तर :
(B) कर्मधारय

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प्रश्न 29.
‘नीलकंठः’ में कौन-सा समास है ?
(A) बहुव्रीहि
(B) कर्मधारय
(C) तत्पुरुष
(D) अव्ययीभाव
उत्तर :
(A) बहुव्रीहि

प्रश्न 30.
‘कलाकुशलः’ में कौन-सा समास है ?
(A) बहुव्रीहि
(B) द्वन्द्व
(C) तत्पुरुष
(D) नञ्
उत्तर :
(C) तत्पुरुष

प्रश्न 31.
‘वक्षपतितः’ में कोन-सा समास है ?
(A) बहुव्रीहि
(B) नञ्
(C) तत्पुरुष
(D) अव्ययभाव
उत्तर :
(C) तत्पुरुष

प्रश्न 32.
‘रामाश्यामौ’ में कौन-सा समास है?
(A) बहुव्रीहि
(B) द्वन्द्व
(C) तत्पुरुष
(D) नञ्
उत्तर :
(B) द्वन्द्व

प्रश्न 33.
‘प्राचार्य’ में कौन-सा समास है?
(A) बहुव्रीहि
(B) द्वन्द्व
(C) तत्पुरुष
(D) नञ्।
उत्तर :
(C) तत्पुरुष

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प्रश्न 34.
‘लम्बोदरः’ में कौन-सा समास है ?
(A) बहुव्रीहि
(B) द्वन्द्व
(C) तत्पुरुष
(D) नञ्
उत्तर :
(A) बहुव्रीहि

प्रश्न 35.
‘देवौ’ में कौन-सा समास है?
(A) बहुव्रीहि
(B) द्वन्द्व
(C) तत्पुरुष
(D) नञ्
उत्तर :
(B) द्वन्द्व

प्रश्न 36.
‘आधारनिपुणः’ में कौन-सा समास है ?
(A) बहुव्रीहि
(B) नञ्
(C) तत्पुरुष
(D) अव्ययभाव
उत्तर :
(C) तत्पुरुष

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प्रश्न 37.
अव्ययीभाव समास का उदाहरण कौन है?
(A) पञ्चतंत्रम्
(B) अनुशिवम्
(C) सपरिवारः
(D) गौरीशङ्करौ
उत्तर :
(B) अनुशिवम्

प्रश्न 38.
द्वन्द्व समास का उदाहरण कौन है?
(A) अतितापम्
(B) त्रिभुवनम्
(C) सपुत्रः
(D) पितरौ
उत्तर :
(D) पितरौ

प्रश्न 39.
‘द्विगु समास का उदाहरण कौन है?
(A) वर्णनम्
(B) दुरात्मा
(C) पञ्चपात्रं
(D) गङ्गाशोणं
उत्तर :
(A) वर्णनम्

प्रश्न 40.
अव्ययीभाव समास का उदाहरण कौन है ?
(A) अनुवर्णम्
(B) दुरात्मा
(C) पञ्चपात्रं
(D) गङ्गाशोणं
उत्तर :
(A) अनुवर्णम्

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प्रश्न 41.
बहुव्रीहि समास का उदाहरण कौन है?
(A) अनुवर्णम्
(B) दुरात्मा
(C) पञ्चपात्रं
(D) गङ्गाशोणं
उत्तर :
(B) दुरात्मा

प्रश्न 42.
द्वन्द्व समास का उदाहरण कौन है?
(A) अनुवर्णनम्
(B) दुरात्मा
(C) पञ्चपात्रं
(D) गङ्गाशोणं
उत्तर :
(D) गङ्गाशोणं

प्रश्न 43.
कर्मधारय समास का उदाहरण कौन है?
(A) यतुर्युगम्
(B) चित्रग्रीवः
(C) प्रतिगृहम्
(D) महावीरः ।
उत्तर :
(D) महावीरः ।

प्रश्न 44.
द्विगु समास का उदाहरण कौन है ?
(A) यतुर्युगम्
(B) चित्रग्रीवः
(C) प्रतिगृहम्
(D) महावीरः
उत्तर :
(A) यतुर्युगम्

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प्रश्न 45.
बहुव्रीहि समास का उदाहरण कौन है?
(A) यतुर्युगम्
(B) चित्रग्रीवः
(C) प्रतिगृहम्
(D) महावीर
उत्तर :
(B) चित्रग्रीवः

प्रश्न 46.
अव्ययीभाव समास का उदाहरण कौन है?
(A) यतुर्युगम्
(B) चित्रग्रीवः
(C) प्रतिगृहम्
(D) महावीरः
उत्तर :
(B) चित्रग्रीवः

प्रश्न 47.
कर्मधारय समास का उदाहरण कौन है?
(A) अविवेकः
(B) महादेवः
(C) यथाकालं
(D) कालिदासः
उत्तर :
(D) कालिदासः

प्रश्न 48.
अव्ययीभाव समास का उदाहरण कौन है?
(A) अविवेकः
(B) महादेवः
(C) यथाकालं
(D) कालिदासः
उत्तर :
(C) यथाकालं

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प्रश्न 49.
अव्ययीभाव समास का उदाहरण कौन है?
(A) पीताम्बरम्.
(B) दशाननः
(C) राजपुत्रः
(D) यथाशक्ति
उत्तर :
(D) यथाशक्ति

प्रश्न 50.
द्विगु समास का उदाहरण कौन है?
(A) अतितापम्
(B) त्रिभुवनम्
(C) सपुत्रः
(D) पितरौ
उत्तर :
(B) त्रिभुवनम्

प्रश्न 51.
अव्ययीभाव समास का उदाहरण कौन है ?
(A) अतितापम्
(B) त्रिभुवनम्
(C) सपुत्रः
(D) पितरौ
उत्तर :
(B) त्रिभुवनम्

प्रश्न 52.
बहुव्रीहि समास का उदाहरण कौन है ?
(A) पञ्चतंत्रम्
(B) अनुशिवम्
(C) सपरिवारः
(D) गौरीशङ्करौ
उत्तर :
(C) सपरिवारः

प्रश्न 53.
द्वन्द्व समास का उदाहरण कौन है ?
(A) पञ्चतंत्रम्
(B) अनुशिवम्
(C) सपरिवारः
(D) गौरीशङ्करौ
उत्तर :
(D) गौरीशङ्करौ

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प्रश्न 54.
‘प्रतिदिनम्’ का विग्रह क्या होगा?
(A) दिनस्य दिनस्य इति
(B) दिने दिने प्रति
(C) दिनं दिनं प्रति
(D) प्रति प्रति दिनं
उत्तर :
(C) दिनं दिनं प्रति

प्रश्न 55.
‘उपनगरम्’ का विग्रह क्या होगा?
(A) नगरस्य समीपम्
(B) नगरस्य समीपम
(C) नगर समीपम्
(D) नगरस्य समीपम्
उत्तर :
(A) नगरस्य समीपम्

प्रश्न 56.
‘राजपुत्रः’ का विग्रह क्या होगा?
(A) राज्ञ पुत्र
(B) राज्ञ पुत्रः
(C) राज्ञः पुत्रः
(D) राज्ञः पुत्र
उत्तर :
(C) राज्ञः पुत्रः

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प्रश्न 57.
‘कमलमुखम्’ का विग्रह क्या होगा?
(A) कमल इव मुखम्
(B) कमलम् इव मुख
(C) कमल इव मुख
(D) कमलम् इव मुखम्
उत्तर :
(D) कमलम् इव मुखम्

प्रश्न 58.
‘नीलकंठः’ का विग्रह क्या होगा?
(A) नीलः चासौ कंठः
(B) नील चासौ कंठः
(C) नीलः चासा कंठः
(D) नीलः चासौ कंठ
उत्तर :
(A) नीलः चासौ कंठः

प्रश्न 59.
‘अधर्म:’ का विग्रह क्या होगा?
(A) न धर्मः
(B) न धर्म
(C) न धमः
(D) न धरम
उत्तर :
(A) न धर्मः

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प्रश्न 60.
‘सिंहासनम्’ का विग्रह क्या होगा?
(A) सिंहचिह्नितम् आसनम
(B) सिंहचिह्नितम आसनम्
(C) सिंहचिह्नितम् आसनम्
(D) सिंहचिह्नितम् आसनम्
उत्तर :
(C) सिंहचिह्नितम् आसनम्

प्रश्न 61.
‘प्राचार्यः’ का विग्रह क्या होगा?
(A) प्रगतः आचार्यः
(B) प्रगतः आचार्य
(C) प्रगत आचार्यः
(D) प्रगतः आचार्यः
उत्तर :
(D) प्रगतः आचार्यः

प्रश्न 62.
‘मासपूर्वः’ का विग्रह क्या होगा?
(A) मासेन पूर्वः
(B) मास पूर्वः
(C) मासन पूर्वः
(D) मासेन पूर्व
उत्तर :
(A) मासेन पूर्वः

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प्रश्न 63.
‘वक्षपतितः’ का विग्रह क्या होगा?
(A) वृक्षात पतित
(B) वृक्षात् पतितः
(C) वृक्ष पतितः
(D) वृक्षात् पतित
उत्तर :
(B) वृक्षात् पतितः

प्रश्न 64.
‘मातापितरौं’ का विग्रह क्या होगा?
(A) माता पिता च
(B) माता च पिता
(C) माता पिता
(D) माता च पिता च
उत्तर :
(D) माता च पिता च

प्रश्न 65.
‘पाणिपादम् का विग्रह क्या होगा?
(A) पाणि च पादम् च
(B) पाणि च पादम्
(C) पाणि पादम् च
(D) पाणि च पादम च
उत्तर :
(A) पाणि च पादम् च

प्रश्न 66.
‘त्रिभुवनम्’ का विग्रह क्या होगा?
(A) त्रयाणां भुवनां समाहार
(B) त्रयाणां भुवनानां समाहारः
(C) त्रयाणां भुवना समाहारः
(D) त्रयाणा भुवनां समाहारः
उत्तर :
(B) त्रयाणां भुवनानां समाहारः

प्रश्न 67.
‘कर्मकुशल: ‘ का विग्रह क्या होगा?
(A) कर्मणि कुशल
(B) कर्मण कुशलः
(C) कर्मणि कुशलः
(D) कर्म कुशलः
उत्तर :
(C) कर्मणि कुशलः

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प्रश्न 68.
‘नदीतटम्’ का विग्रह क्या होगा?
(A) नद्यास्य तटम्
(B) नद्याः तटम्
(C) नद्या तटम्
(D) नद्यः तटम्
उत्तर :
(B) नद्याः तटम्

प्रश्न 69.
‘जलप्रवाहः’ का विग्रह क्या होगा?
(A) जलस्य प्रवाह
(B) जल प्रवाहः
(C) जले प्रवाहः
(D) जलस्य प्रवाहः
उत्तर :
(D) जलस्य प्रवाहः

प्रश्न 70.
‘राष्ट्रपतिः’ का विग्रह क्या होगा?
(A) राष्ट्रस्य पतिः
(B) राष्ट्रस्य पति
(C) राष्ट्र पतिः
(D) राष्ट्रस्य पतिम्
उत्तर :
(A) राष्ट्रस्य पतिः

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प्रश्न 71.
‘महावीरः’ का विग्रह क्या होगा?
(A) महीं वीरः
(B) महान् वीरः
(C) महान वीर
(D) महा वीरः
उत्तर :
(B) महान् वीरः

प्रश्न 72.
‘महात्माः’ का विग्रह क्या होगा?
(A) महा आत्माः
(B) महा आत्मा
(C) महान् आत्मा
(D) महान आत्मा
उत्तर :
(C) महान् आत्मा

प्रश्न 73.
‘देवब्राह्मणः’ का विग्रह क्या होगा?
(A) देवा पूजकः ब्राह्मणः
(B) देवः पूजयः ब्राह्मणः
(C) देवपूजकः ब्राह्मणः
(D) देवः पूजनीय ब्राह्मणः
उत्तर :
(C) देवपूजकः ब्राह्मणः

प्रश्न 74.
‘श्रीरामः’ का विग्रह क्या होगा?
(A) श्रीमान युक्तः रामः
(B) श्रीमत् युक्तः रामः
(C) श्री युक्त रामः
(D) श्रीः युक्तः रामः
उत्तर :
(D) श्रीः युक्तः रामः

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प्रश्न 75.
‘गवां शाला’ का समस्त पद क्या होगा?
(A) गोशाले
(B) गोशाला
(C) गाशाला
(D) गौशाला
उत्तर :
(B) गोशाला

प्रश्न 76.
‘उपनगरम्’ में समास के नाम बताएं।
(A) अव्ययीभाव
(B) द्विगु
(C) बहुव्रीहि
(D) तत्पुरुष
उत्तर :
(A) अव्ययीभाव

प्रश्न 77.
‘कर्मकुशलः’ में समास के नाम बताएँ।
(A) द्वन्द्व
(B) द्विगु
(C) बहुव्रीहि
(D) तत्पुरुष
उत्तर :
(D) तत्पुरुष

प्रश्न 78.
‘महापुरुषः’ में समास के नाम बताएँ।
(A) द्वन्द्व
(B) कर्मधारय
(C) बहुव्रीहि
(D) तत्पुरुष
उत्तर :
(B) कर्मधारय

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प्रश्न 79.
‘अनंतः’ में समास के नाम बताएँ ।
(A) द्वन्द्व
(B) द्विगु
(C) नञ्
(D) तत्पुरुष
उत्तर :
(C) नञ्

प्रश्न 80.
‘यथाशक्तिः ‘ में कौन समास है ? .
(A) तत्पुरुषः
(B) कर्मधारयः
(C) अव्ययीभावः
(D) बहुव्रीहिः
उत्तर :
(C) अव्ययीभावः

प्रश्न 81.
समास के कितने भेद होते हैं ? ।
(A) एक
(B) दो
(C) तीन
(D) चार
उत्तर :
(D) चार

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers समासः

प्रश्न 82.
तत्पुरुष समास के कितने भेद होते हैं ?
(A) एक
(B) दो
(C) तीन
(D) चार
उत्तर :
(B) दो

प्रश्न 83.
‘त्रिभुवनम्’ में समास के नाम बताएँ।
(A) द्वन्द्व
(B) द्विगु
(C) बहुव्रीहि
(D) तत्पुरुष
उत्तर :
(B) द्विगु

प्रश्न 84.
‘चतुर्यगम्’ में समास के नाम बताएँ।
(A) द्वन्द्व
(B) द्विगु
(C) बहुव्रीहि
(D) तत्पुरुष
उत्तर :
(B) द्विगु

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प्रश्न 85.
‘वीणापाणि’ में समास के नाम बताएँ।
(A) द्वन्द्व
(B) द्विगु
(C) बहुव्रीहि
(D) तत्पुरुष
उत्तर :
(C) बहुव्रीहि

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers धातुरूप

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers धातुरूप

प्रश्न 1.
‘गच्छ’ किस धातु का रूप है?
(A) ग़म्
(B) गच्छ्
(C) गद्
(D) गुप्
उत्तर :
(A) ग़म्

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प्रश्न 2.
‘अक्षिपत्’ पद में कौन धातु है? ।
(A) क्षिप्
(B) क्षि
(C) क्षीव
(D) क्षल्
उत्तर :
(A) क्षिप्

प्रश्न 3.
‘शोभते’ किस लकार का रूप है?
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लृट्
(D) लङ्
उत्तर :
(A) लट्

प्रश्न 4.
‘श्रु’ धातु के लुटलकार प्रथम पुरुष एक वचन का रूप कौन है?
(A) श्रृणोति
(B) शृणोतु
(C) श्रोष्यति
(D) श्रोष्यन्ति
उत्तर :
(C) श्रोष्यति

 

प्रश्न 5.
‘पा’ धातु के लोट् लकार मध्यमपुरूष एक वचन का रूप कौन है?
(A) पिबतु
(B) पिबसि
(C) पिब
(D) पिबेः
उत्तर :
(C) पिब

प्रश्न 6.
‘द्रक्ष्यति’ किस लकार का रूप है?
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लङ्
(D) लृट्
उत्तर :
(D) लृट्

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers धातुरूप

प्रश्न 7.
‘गच्छ’ किस धातु का रूप है?
(A) गम्
(B) गच्छ्
(C) गद्
(D) गुप्
उत्तर :
(A) गम्

प्रश्न 8.
‘भवामि’ किस धातु का रूप है?
(A) भू
(B) भाव्
(C) भव
(D) भी
उत्तर :
(A) भू

प्रश्न 9.
‘जहि’ किस लकार का रूप है?
(A) लट्
(B) लङ्
(C) लोट्
(D) लृट्
उत्तर :
(C) लोट्

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प्रश्न 10.
‘पठेयुः’ किस लकार का रूप है?
(A) लृट्
(B) लङ्
(C) लट्
(D) विधिलिङ्
उत्तर :
(D) विधिलिङ्

प्रश्न 11.
‘नमन्ति’ का मूल धातु क्या है?
(A) नन
(B) नम्
(C) नस्
(D) नृत्
उत्तर :
(B) नम्

प्रश्न 12.
‘नस्यति’ किस लकार का रूप है?
(A) लट्
(B) लङ्
(C) लोट्
(D) लुट
उत्तर :
(A) लट्

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers धातुरूप

प्रश्न 13.
‘पास्यति’ किस लकार का रूप है?
(A) लट्
(B) लोट
(C) लङ्
(D) लृट्
उत्तर :
(D) लृट्

प्रश्न 14.
‘द्रक्ष्यति’ का मूल धातु क्या है?
(A) पश्य
(B) द्रक्ष्य
(C) पश्यन्
(D) दृश्
उत्तर :
(D) दृश्

प्रश्न 15.
“तिष्ठामि’ किस लकार का रूप है?
(A) लृट्
(B) लङ्
(C) लोट्
(D) लट्
उत्तर :
(D) लट्

प्रश्न 16.
‘जहि’ का मूलं धातु क्या है?
(A) हन्
(B) स्था.
(C) वस्
(D) मृच्
उत्तर :
(A) हन्

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प्रश्न 17.
‘पश्यन्ति’ का मूल धातु क्या है?
(A) पश्य
(B) दृश्
(C) दर्श
(D) दृष्
उत्तर :
(B) दृश्

प्रश्न 18.
‘गच्छ’ किस लकार का रूप है? ।
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लङ्
(D) लृट्
उत्तर :
(B) लोट्

प्रश्न 19.
‘अस्तु’ किस लकार का रूप है?
(A) लट्
(B) लङ्
(C) लृट्
(D) लोट्
उत्तर :
(D) लोट्

प्रश्न 20.
‘अहनम्’ में कौन-सा लकार है?
(A) लोट्
(B) लङ्
(C) लृट्
(D) विधिलिङ्ग
उत्तर :
(B) लङ्

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प्रश्न 21.
‘आप्नोति’ का मूल धातु कौन-सा है ?
(A) अप
(B) आप्
(C) भवान्
(D) भू
उत्तर :
(B) आप्

प्रश्न 22.
‘जानीयाम्’ किस लकार का रूप है?
(A) लट्
(B) विधिलिङ्
(C) लङ्
(D) लूट
उत्तर :
(B) विधिलिङ्

प्रश्न 23.
‘वक्ष्यति’ किस लकार का रूप है?
(A) लट
(B) विधिलिङ्
(C) लङ्
(D) लुट
उत्तर :
(D) लुट

प्रश्न 24.
‘अनमत्’ किस लकार का रूप है?
(A) लङ्
(B) लोट्
(C) लृट्
(D) लट्
उत्तर :
(A) लङ्

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प्रश्न 25.
‘पास्यावः’ किस धातु का रूप है?
(A) पि
(B) पा
(C) पृ
(D) पी
उत्तर :
(B) पा

प्रश्न 26.
‘स्ताम्’ किस धातु का रूप है?
(A) अन
(B) अत्
(C) अस्
(D) अस
उत्तर :
(C) अस्

प्रश्न 27.
‘पठिष्यतः’ किस धातु का रूप है?
(A) पम्
(B) पठ्
(C) पठ्य
(D) पच्
उत्तर :
(B) पठ्

प्रश्न 28.
‘सेवे’ किस लकार का रूप है?
(A) लट
(B) विधिलिङ्
(C) लङ्
(D) लृट्
उत्तर :
(A) लट

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers धातुरूप

प्रश्न 29.
‘असेवत’ किस लकार का रूप है ?
(A) लट्
(B) विधिलिङ
(C) लङ्
(D) लृट्
उत्तर :
(A) लट्

प्रश्न 30.
‘गमिष्याव:’ किस धातु का रूप है?
(A) गय
(B) गम
(C) गत्
(D) गम्
उत्तर :
(D) गम्

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प्रश्न 31.
‘भविष्यतः’ किस धातु का रूप है?
(A) भृ
(B) भु
(C) भी
(D) भू
उत्तर:
(D) भू

प्रश्न 32.
‘दद्यताम्’ किस धातु का रूप है?
(A) दे
(B) दा
(C) दी
(D) दि
उत्तर :
(B) दा

प्रश्न 33.
‘आप्स्यामि’ किस लकार का रूप है?
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लङ्
(D) लृट्
उत्तर :
(D) लृट्

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प्रश्न 34.
‘पृच्छति’ किस लकार का रूप है? ।
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लङ्
(D) लृट्
उत्तर :
(A) लट्

प्रश्न 35.
‘एषिष्यसि’ किस धातु का रूप है?
(A) इम्
(B) इष
(C) इष्ट
(D) इष्
उत्तर :
(D) इष्

प्रश्न 36.
‘करवाव’ किस धातु का रूप है? ।
(A) कु
(B) किरी
(C) किरि
(D) कृ
उत्तर :
(D) कृ

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प्रश्न 37.
‘हनिष्यामः’ किस धातु का रूप है?
(A) हन
(B) हत्
(C) हन्
(D) हत
उत्तर :
(C) हन्

प्रश्न 38.
‘द्रक्ष्यति’ किस लकार का रूप है?
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लङ्
(D) लृट्
उत्तर :
(D) लृट्

प्रश्न 39.
‘जानीताम्’ किस लकार का रूप है?
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लङ्
(D) लृट्
उत्तर :
(B) लोट्

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प्रश्न 40.
‘वर्तेत्’ किस लकार का रूप है? ।
(A) लट्
(B) विधिलिङ्
(C) लङ्
(D) लृट्
उत्तर :
(B) विधिलिङ्

प्रश्न 41.
‘द्रक्ष्यति’ किस लकार का रूप है?
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लृट
(D) विधिलिङ्ग
उत्तर :
(C) लृट

प्रश्न 42.
‘सन्तु’ किस धातु का रूप है?
(A) भू
(B) अस्
(C) गम्
(D) आस्
उत्तर :
(B) अस्

प्रश्न 43.
‘पास्यति’ किस लकार का रूप है?
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लृट्
(D) लङ्
उत्तर :
(C) लृट्

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प्रश्न 44.
‘अकरोत’ किस लकार का रूप है?
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लङ्
(D) लृट्
उत्तर :
(C) लङ्

प्रश्न 45.
‘आसन्’ में कौन-सा लकार है?
(A) लृट्
(B) लङ्
(C) लोट्
(D) विधिलिङ्
उत्तर :
(B) लङ्

प्रश्न 46.
‘सन्ति’ का मूल धातु कौन है?
(A) आस्
(B) अस्
(C) सन्
(D) ति
उत्तर :
(B) अस्

प्रश्न 47.
‘भवन्तु’ किस धातु का रूप है?
(A) भू
(B) भव्
(C) भव
(D) अस्
उत्तर :
(A) भू

प्रश्न 48.
‘पश्यन्तु’ किस धातु का रूप है ? ।
(A) दृश
(B) पश्
(C) दृश्य
(D) पश्य
उत्तर :
(D) पश्य

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प्रश्न 49.
‘भवत’ किस धातु का रूप है?
(A) भू
(B) भव्
(C) भाव्
(D) भवत्
उत्तर :
(A) भू

प्रश्न 50.
‘दा’ धातु का रूप लट् लकार बहुवचन में क्या होता है?
(A) ददाति
(B) ददतः
(C) ददति
(D) दत्तः
उत्तर :
(C) ददति

प्रश्न 51.
‘गम्’ धातु का रूप लोट् लकार के माध्यम पुरुष एकवचन में क्य होता है?
(A) गमतु
(B) गच्छ
(C) गच्छतु
(D) गच्छतम्
उत्तर :
(B) गच्छ

प्रश्न 52.
‘अस्’ धातु का लङ् लकार के प्रथम पुरुष बहुवचन में क्या होगा?
(A) अस्ति
(B) आसीत्
(C) आसम्
(D) आसन्
उत्तर :
(D) आसन्

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प्रश्न 53.
‘तिष्ठ’ में मूल धातु निम्नलिखित में से कौन-सा है ?
(A) स्था
(B) तिस्
(C) शिङ्
(D) तिष्ठ
उत्तर :
(A) स्था

प्रश्न 54.
‘अपृच्छत् ‘ किस लकार का रूप है? ।
(A) लोट्
(B) लट्
(C) लृट्
(D) लङ्
उत्तर :
(D) लङ्

प्रश्न 55.
‘भवन्तु’ किस लकार का रूप है?
(A) लट्
(B) लृट्
(C) लङ्
(D) लोट्
उत्तर :
(D) लोट्

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प्रश्न 56.
‘जिघ्रति’ में मूल धातु क्या है? ..
(A) जिघ्र
(B) घ्रा
(C) शी
(D) इष्
उत्तर :
(B) घ्रा

प्रश्न 57.
‘गच्छेयुः ‘ किस लकार का रूप है ?
(A) लट्
(B) विधिलिङ्
(C) लुट
(D) लोट
उत्तर :
(B) विधिलिङ्

प्रश्न 58.
‘कुरु में कौन-सा लकार है?
(A) लृट्
(B) लोट्
(C) लङ्
(D) लुट
उत्तर :
(B) लोट्

प्रश्न 59.
‘नयति’ में मूल धातु क्या है?
(A) ने
(B) नी
(C) पा
(D) ना.
उत्तर :
(B) नी

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प्रश्न 60.
‘पृच्छथः’ किस लकार का रूप है?
(A) लृट्
(B) लङ्
(C) लोट्
(D) लट्
उत्तर :
(D) लट्

प्रश्न 61.
‘पा’ धातु का रूप लट् लकार मध्यम पुरुष द्विवचन में है?
(A) पास्यामि
(B) पास्याव:
(C) पास्यथः
(D) पास्यथ
उत्तर :
(C) पास्यथः

प्रश्न 62.
‘अभवः’ का मूल धातु क्या है?
(A) भू
(B) भव
(C) भव
(D) बभूव
उत्तर :
(A) भू

प्रश्न 63.
‘पिबसि’ किस लकार का रूप है?
(A) लोट
(B) लुट
(C) लङ्
(D) लट
उत्तर :
(D) लट

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प्रश्न 64.
‘भवेत् शब्द में कौन लकार है?
(A) लट्
(B) लङ्
(C) लट
(D) विधिलिङ्
उत्तर :
(D) विधिलिङ्

प्रश्न 65.
‘गच्छतु’ किस धातु का रूप है?
(A) गच्छ्
(B) गम्
(C) गण्
(D) गद्
उत्तर :
(B) गम्

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प्रश्न 66.
‘पठानि’ किस लकार का रूप है? ।
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लृट्
(D) लङ्
उत्तर :
(B) लोट्

प्रश्न 67.
‘पिबति’ में कौन धातु है?
(A) पिब्
(B) पा
(C) पद
(D) पत्।
उत्तर :
(B) पा

प्रश्न 68.
‘जहि’ किस लकार का रूप है?
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लृट्
(D) लङ्
उत्तर :
(B) लोट्

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प्रश्न 69.
‘नयति’ में कौन धातु है?
(A) नी
(B) नु
(C) नम्
(D) नुद्
उत्तर :
(A) नी

प्रश्न 70.
‘कुरु किस लकार का रूप है?
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लङ्
(D) लृट्
उत्तर :
(B) लोट्

प्रश्न 71.
‘दास्यति’ किस लकार का रूप है?
(A) लट्
(B) लृट्
(C) लोट्
(D) लङ्
उत्तर :
(A) लट्

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प्रश्न 72.
दृश् धातु के लोट् लकार का उत्तम पुरुष एकवचन रूप कौन है?
(A) पश्यानि
(B) पश्याव
(C) पश्यतम्
(D) पश्यतु
उत्तर :
(A) पश्यानि

प्रश्न 73.
‘हन्’ धातु के लट् लकार प्रथम पुरुष एकवचन का रूप कौन है?
(A) हन्ति
(B) हतः
(C) घ्नन्ति
(D) जहि
उत्तर :
(A) हन्ति

प्रश्न 74.
‘पा’ धातु के लङ् लकार का मध्यम पुरुष बहुवचन रूप कौन है?
(A) अपिबः
(B) अपिबत
(C) पिबाव
(D) पिबाम
उत्तर :
(B) अपिबत

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प्रश्न 75.
‘अस्’ धातु के विधिलिङ् लकार का प्रथम पुरुष द्विवचन रूप कौन है?
(A) स्याम्
(B) स्याः
(C) स्याताम्
(D) आस्त
उत्तर :
(C) स्याताम्

प्रश्न 76.
‘पठ्’ धातु के लट्लकार का प्रथम पुरुष एकवचन रूप कौन है?
(A) पठति
(C) पठिष्यामः
(D) पठिष्यन्ति
उत्तर :
(A) पठति

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प्रश्न 77.
‘गम्’ धातु के लङ्लकार का मध्यम पुरुष बहुवचन रूप कौन है?
(A) गच्छताम्
(B) अगच्छन्
(C) अगच्छम्
(D) अगच्छत
उत्तर :
(D) अगच्छत

प्रश्न 78.
‘भू’ धातु के लोट्लकार का प्रथम पुरुष द्विवचन रूप कौन है?
(A) अभवाव
(B) भवताम्
(C) भव
(D) अभवन्
उत्तर :
(B) भवताम्

प्रश्न 79.
‘दा’ धातु के विधिलिङ् का उत्तम पुरुष बहुवचन रूप कौन है?
(A) ददातु
(B) ददानि
(C) अदत्त
(D) दद्याम
उत्तर :
(D) दद्याम

प्रश्न 80.
‘इष्’ धातु के लोट् लकार का मध्यम पुरुष बहुवचन रूप कौन है?
(A) इच्छेः
(B) इच्छ
(C) इच्छत
(D) इच्छेत
उत्तर :
(C) इच्छत

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प्रश्न 81.
‘कृ धातु के विधिलिङ् का उत्तम पुरुष बहुवचन रूप कौन है?
(A) कुर्याम
(B) अकुर्म
(C) करिष्यतः
(D) कुर्याः
उत्तर :
(A) कुर्याम

प्रश्न 82.
‘हन्’ धातु के लट् लकार का प्रथम पुरुष द्विवचन रूप कौन है?
(A) हताम्
(B) हतः
(C) अहताम्
(D) हनाम
उत्तर :
(B) हतः

प्रश्न 83.
‘शक्’ धातु के लङ्लकार का मध्यम पुरुष बहुवचन रूप कौन है?
(A) गच्छताम्
(B) अगच्छन्
(C) अगच्छम्
(D) अशक्नुत
उत्तर :
(D) अशक्नुत

प्रश्न 84.
‘ज्ञा’ धातु के विधिलिङ् लकार का प्रथम पुरुष द्विवचन रूप कौन है?
(A) जानीतः
(B) जानाम
(C) जानीवः
(D) जानीयाताम्
उत्तर :
(D) जानीयाताम्

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प्रश्न 85.
‘आप्’ धातु के लट् लकार का प्रथम पुरुष द्विवचन रूप कौन है?
(A) आप्नुव
(B) आप्नुतः
(C) आप्नोः
(D) आप्नुताम्
उत्तर :
(B) आप्नुतः

प्रश्न 86.
‘प्रच्छ्’ धातु के लट् लकार का उत्तम पुरुष एकवचन रूप कौन है ?
(A) पृच्छामि
(B) प्रक्ष्यथ
(C) पृच्छन्तु
(D) पृच्छेव
उत्तर :
(A) पृच्छामि

प्रश्न 87.
‘द्रक्ष्यति’ का मूल धातु क्या है ?
(A) पश्य
(B) द्रक्ष्य
(C) पश्यन्
(D) दृश्
उत्तर :
(D) दृश्

प्रश्न 88.
‘नस्यति’ किस लकार का रूप है ?
(A) लट्
(B) लङ्
(C) लोट्
(D) लृट्
उत्तर :
(A) लट्

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प्रश्न 89.
‘पृच्छथः’ किस लकार का रूप है ?
(A) लृट्
(B) लङ्
(C) लोट्
(D) लट्
उत्तर :
(D) लट्

प्रश्न 90.
“तिष्ठामि’ किस लकार का रूप है ?
(A) लृट्
(B) लङ्
(C) लोट
(D) लट्
उत्तर :
(D) लट्

प्रश्न 91.
‘जहि’ का मूल धातु क्या है ?
(A) हन्
(B) स्था
(C) त्रस्
(D) मृच्
उत्तर :
(A) हन्

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प्रश्न 92.
‘पश्यन्ति’ का मूल धातु क्या है ?
(A) पश्य
(B) दृश्
(C) दर्श
(D) दृष्
उत्तर :
(B) दृश्

प्रश्न 93.
‘गच्छ’ किस लकार का रूप है ?
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लङ्
(D) लृट्
उत्तर :
(B) लोट्

प्रश्न 94.
‘अस्तु’ किस लकार का रूप है ? .
(A) लट्
(B) लङ्
(C) लृट्
(D) लोट्
उत्तर :
(D) लोट्

प्रश्न 95.
‘अहनम्’ में कौन-सा लकार है ?
(A) लोट्
(B) लङ्
(C) लृट्
(D) विधिलिङ्ग
उत्तर :
(B) लङ्

प्रश्न 96.
‘आप्नोति’ का मूल धातु कौन-सा है ?
(A) अप
(B) आप्
(C) भवान्
(D) भू
उत्तर :
(B) आप्

प्रश्न 97.
‘द्रक्ष्यति’ किस लकार का रूप है ?
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लृट्
(D) विधिलिङ्ग
उत्तर :
(C) लृट्

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प्रश्न 98.
‘सन्तु’ किस धातु का रूप है ?
(A) भू
(B) अस्
(C) गम्
(D) आस्
उत्तर :
(B) अस्

प्रश्न 99.
‘पास्यति’ किस लकार का रूप है ?
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लृट्
(D) लङ्
उत्तर :
(C) लृट्

प्रश्न 100.
‘अकरोत्’ किस लकार का रूप है ?
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लङ्
(D) लुट्
उत्तर :
(C) लङ्

प्रश्न 101.
‘आसन्’ में कौन-सा लकार है ?
(A) लृट्
(B) लङ्
(C) लोट्
(D) विधिलिङ्
उत्तर :
(B) लङ्

प्रश्न 102.
‘सन्ति’ का मूल धातु कौन है ?
(A) आस्
(B) अस्
(C) सन्
(D) ति
उत्तर :
(B) अस्

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प्रश्न 103.
‘पा’ धातु का रूप लृट् लकार मध्यम पुरुष द्विवचन में है ?
(A) पास्यामि
(B) पास्यावः
(C) पास्यथः
(D) पास्यथ
उत्तर :
(C) पास्यथः

प्रश्न 104.
‘अभवः’ का मूल धातु क्या है ?
(A) भू
(B) भव
(C) भव्
(D) बभूव
उत्तर :
(A) भू

प्रश्न 105.
‘द्रक्ष्यति’ किस लकार का रूप है ?
(A) लट्
(B) लङ्
(C) लृट्
(D) विधिलिङ्
उत्तर :
(C) लृट्

प्रश्न 106.
‘भवेत्’ शब्द में कौन लकार है ?
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लुट
(D) विधिलिङ्
उत्तर :
(D) विधिलिङ्

प्रश्न 107.
‘गच्छतु’ किस धातु का रूप है ?
(A) गच्छ्
(B) गम्
(C) गण्
(D) गद्
उत्तर :
(B) गम्

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प्रश्न 108.
‘पठानि’ किस लकार का रूप है ?
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लृट्
(D) लङ्
उत्तर :
(B) लोट्

प्रश्न 109.
‘हन्’ धातु के लट् लकार प्रथम पुरुष एकवचन का रूप कौन है ?
(A) हन्ति
(B) हतः
(C) घ्यन्ति
(D) जहि
उत्तर :
(A) हन्ति

प्रश्न 110.
“पिबति’ में कौन धातु है ?
(A) पिब्
(B) पा
(C) पद
(D) पत्
उत्तर :
(B) पा

प्रश्न 111.
‘जहि’ किस लकार का रूप है ?
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लट्
(D) लङ्
उत्तर :
(B) लोट्

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प्रश्न 112.
‘नयति’ में कौन धातु है ?
(A) नी
(B) नु
(C) नम्
(D) नुद्
उत्तर :
(A) नी

प्रश्न 113.
‘भवन्तु’ किस धातु का रूप है ? ..
(A) भू
(B) भव्
(C) भव
(D) अस्
उत्तर :
(A) भू

प्रश्न 114.
‘करू’ किस लकार का रूप है ? .
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लङ्
(D) लृट्
उत्तर :
(B) लोट्

प्रश्न 115.
‘पश्यन्तु’ किस धातु का रूप है ?
(A) दृश्
(B) पश्
(C) दृश्य
(D) पश्य
उत्तर :
(D) पश्य

प्रश्न 116.
‘दास्यति किस लकार का रूप है ?
(A) लट्
(B) लृट्
(C) लोट्
(D) लङ्
उत्तर :
(A) लट्

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प्रश्न 117.
‘दा’ धातु का रूप लट् लकार बहुवचन में क्या होता है ?
(A) ददाति
(B) ददतः
(C) ददति
(D) दत्तः ।
उत्तर :
(C) ददति

प्रश्न 118.
“जहि’ में मूल धातु क्या है ?
(A) या
(B) हा
(C) हन्
(D) जन्
उत्तर :
(C) हन्

प्रश्न 119.
‘गम्’ धातु का रूप लोट् लकार के मध्यम पुरुष एकवचन होता है ? |
(A) गमतु
(B) गच्छ
(C) गच्छतु
(D) गच्छतम् |
उत्तर :
(B) गच्छ

प्रश्न 120.
‘जिघ्रति’ में मूल धातु क्या है ? ।
(A) जिघ्र
(B) घ्रा
(C) शी
(D) इष्
उत्तर :
(B) घ्रा

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प्रश्न 121.
‘अस्’ धातु का लङ् लकार के प्रथम पुरुष बहुवचन में क्या होगा?
(A) अस्ति
(B) आसीत्
(C) आसम्
(D) आसन्
उत्तर :
(D) आसन्

प्रश्न 122.
“तिष्ठ’ में मूल धातु निम्नलिखित में से कौन-सा है ?
(A) स्था
(B) तिस्
(C) शिङ्
(D) तिष्ठ
उत्तर :
(A) स्था

प्रश्न 123.
‘अपृच्छत्’ किस लकार का रूप है ? .
(A) लोट्
(B) लट्
(C) लृट्
(D) लङ्
उत्तर :
(D) लङ्

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers धातुरूप

प्रश्न 124.
‘भवन्तु’ किस लकार का रूप है ? ।
(A) लट्
(B) लृट्
(C) लङ्
(D) लोट
उत्तर :
(D) लोट

प्रश्न 125.
‘भवत’ किस धातु का रूप है ?
(A) भू
(B) भव्
(C) भाव्
(D) भवत्
उत्तर :
(A) भू

प्रश्न 126.
‘गच्छेयुः’ किस लकार का रूप है ? .
(A) लट्
(B) विधिलिङ
(C) लृट्
(D) लोट
उत्तर :
(B) विधिलिङ

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers धातुरूप

प्रश्न 127.
‘कुरु’ में कौन-सा लकार है ?
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लङ्
(D) लूट
उत्तर :
(B) लोट्

प्रश्न 128.
‘नयति’ में मूल धातु क्या है ?
(A) ने
(B) नी
(C) पा
(D) ना
उत्तर :
(B) नी

प्रश्न 129.
‘पठेयुः’ किस लकार का रूप है ?
(A) लृट्
(B) लङ्
(C) विधिलिङ्
(D) लट्
उत्तर :
(C) विधिलिङ्

प्रश्न 130.
‘नमन्ति’ का मूल धातु क्या है ?
(A) नन
(B) नम्
(C) नस्
(D) नृत्
उत्तर :
(B) नम्

Bihar Board 10th Sanskrit Grammar Objective Answers धातुरूप

प्रश्न 131.
‘पास्यति’ किस लकार का रूप है ? ।
(A) लट्
(B) लोट्
(C) लङ्
(D) लृट्
उत्तर :
(D) लृट्

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 14 वणिजः कृपणता

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 14 वणिजः कृपणता

हिन्दी में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कंजूस कौन था?
(A) बनिया
(B) पूजारी
(C) छात्र :
(D) कर्मचारी
उत्तर :
(A) बनिया

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 14 वणिजः कृपणता

प्रश्न 2.
बनिया के थैले में कितना रुपया था?
(A) 1,000
(B) 2,000
(C) 3,000
(D) 4,000
उत्तर :
(D) 4,000

प्रश्न 3.
झूठा और धूर्त कौन था?
(A) छात्र
(B) पूजारी
(C) बनिया
(D) कर्मचारी
उत्तर :
(C) बनिया

प्रश्न 4.
बनिया के धन को कौन जब्त कर लिया?
(A) सरपंच
(B) मुखिया
(C) वकील
(D) न्यायाधीश
उत्तर :
(B) मुखिया

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 14 वणिजः कृपणता

प्रश्न 5.
बनिया का खोया हुआ थैला कौन लाकर दिया?
(A) बुढ़िया
(B) जवान
(C) बच्चा
(D) कोई नहीं
उत्तर :
(A) बुढ़िया

प्रश्न 6.
ग्रामप्रमुख कैसा व्यक्ति था?
(A) सत्यनिष्ठ
(B) न्यायी
(C) उदार
(D) पराक्रमी
उत्तर :
(B) न्यायी

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 14 वणिजः कृपणता

संस्कृत में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कसिमश्चित् ग्रामे कश्चन् … आसीत्।
(A) जनाः
(B) कृषकः
(C) वणिक्
(D) कृपणः
उत्तर :
(C) वणिक्

प्रश्न 2.
कः न्यायप्रियः आसीत्?
(A) वणिक्
(B) वैद्यनाथ
(C) ग्रामप्रमुखः
(D) वृद्धमहिलाः
उत्तर :
(C) ग्रामप्रमुखः

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 14 वणिजः कृपणता

प्रश्न 3.
कः लुब्धकः असत्यवादी, कृपणः, शठः आसीत् ?
(A) ग्रामप्रमुखः
(B) शिष्यः
(C) वणिक्
(D) वृद्धमहिलाः
उत्तर :
(C) वणिक्

प्रश्न 4.
मिथ्यारोपेण का हतप्रभा जाता?
(A) वणिक्
(B) कृपणः
(C) ग्रामप्रमुखः
(D) वृद्धमहिलाः
उत्तर :
(D) वृद्धमहिलाः

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 13 शुकेश्वराष्टकम्

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 13 शुकेश्वराष्टकम्

हिन्दी में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
शुकेश्वर किसे कहा गया है?
(A) शंकर
(B) इन्द्र
(C) नारद
(D) ब्रह्मा
उत्तर :
(A) शंकर

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 13 शुकेश्वराष्टकम्

प्रश्न 2.
शुकेश्वराष्टकम् किसकी रचना है?
(A) केदारनाथ
(B) तुलसीदास
(C) वैद्यनाथ
(D) श्याम नारायण
उत्तर :
(C) वैद्यनाथ

प्रश्न 3.
हाथी के खाल को पहनने वाले कौन हैं?
(A) राम
(B) इन्द्र
(C) विष्णु
(D) शुकेश्वर
उत्तर :
(D) शुकेश्वर

प्रश्न 4.
भक्त की इच्छा को कौन पूर्ण करते हैं?
(A) विष्णु
(B) शुकेश्वर
(C) नारद
(D) ब्रह्मा
उत्तर :
(B) शुकेश्वर

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 13 शुकेश्वराष्टकम्

प्रश्न 5.
शुकेश्वर का दूसरा नाम क्या है?
(A) कालिकापति
(B) ब्रह्मापति
(C) द्वारकपति
(D) अयोध्यापति
उत्तर :
(A) कालिकापति

प्रश्न 6.
मनोजगर्वखर्वकः कौन है ? ।
(A) महेश्वर
(B) शुकेश्वर
(C) उमापति
(D) सीतापति
उत्तर :
(B) शुकेश्वर

संस्कृत में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
मनोजगर्वखर्वकः कः अस्ति?
(A) सोमदेवः
(B) रामदेव
(C) महादेवः
(D) विष्णु
उत्तर :
(C) महादेवः

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 13 शुकेश्वराष्टकम्

प्रश्न 2.
‘शुकेश्वराष्टकम् ‘ कस्य रचना अस्ति?
(A) राघवस्य
(B) बैद्यनाथस्य
(C) शंकरस्य
(D) मूलशंकस्य
उत्तर :
(B) बैद्यनाथस्य

प्रश्न 3.
गजस्य चर्मधारिणं कः अस्ति?
(A) विश्वम्भरः
(B) मुकेश्वरः
(C) रत्श्वरः
(D) शुकेश्वरः
उत्तर :
(D) शुकेश्वरः

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 12 स्वामिनः विवेकानन्दस्य व्यथा

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 12 स्वामिनः विवेकानन्दस्य व्यथा

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 12 स्वामिनः विवेकानन्दस्य व्यथा

हिन्दी में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
विश्व धर्म सम्मेलन कब हुआ था?
(A) 1890
(B) 1895
(C) 1893
(D) 1894
उत्तर :
(C) 1893

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 12 स्वामिनः विवेकानन्दस्य व्यथा

प्रश्न 2.
विश्व धर्म सम्मेलन किस देश में हुआ?
(A) जापान
(B) अमेरिका
(C) पाकिस्तान
(D) बंगलादेश
उत्तर :
(B) अमेरिका

प्रश्न 3.
अमेरिका के किस शहर में विश्व धर्म सम्मेलन हुआ था?
(A) शिकागो
(B) कैलिफोर्निया
(C) वाशींगटन
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(A) शिकागो

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 12 स्वामिनः विवेकानन्दस्य व्यथा

प्रश्न 4.
स्वामी विवेकानन्द आधी रात में क्या करने लगे?
(A) रोने
(B) हँसने
(C) गाने
(D) पढ़ने
उत्तर :
(A) रोने

प्रश्न 5.
किनके भाषण की ख्याति सभी जगह फैल गई?
(A) जवाहरलाल नेहरू
(B) दयानन्द
(C) लोकमान्य तिलक
(D) विवेकानन्द
उत्तर :
(D) विवेकानन्द

प्रश्न 6.
स्वामी विवेकानन्द कौन थे?
(A) विदेशी
(B) भारतीय
(C) भारतीय समाजसुधारक
(D) अमेरिकी
उत्तर :
(C) भारतीय समाजसुधारक

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 12 स्वामिनः विवेकानन्दस्य व्यथा

संस्कृत में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
1893 तमे वर्षे विश्वधर्मसम्मेलनं कुत्र अभवत्?
(A) चीन देशे
(B) भारत देशे ।
(C) अमेरिकादेशे
(D) कर्नाटके
उत्तर :
(C) अमेरिकादेशे

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 12 स्वामिनः विवेकानन्दस्य व्यथा

प्रश्न 2.
अस्मिन् पाठे विवेकानन्दस्य कस्य गुणस्य वर्णनमस्ति?
(A) अतिविद्वानः
(B) आर्द्र
(C) परदुःखकातरता
(D) क्रन्दितुम् ।
उत्तर :
(C) परदुःखकातरता

प्रश्न 3.
तयोः आगमनं दृष्टवा विवेकानन्दः क्षणकालं ………।
(A) पार्वे
(B) क्षटिति
(C) आर्द्र
(D) दिग्भ्रान्तः
उत्तर :
(D) दिग्भ्रान्तः

Bihar Board 10th Sanskrit Objective Answers Chapter 12 स्वामिनः विवेकानन्दस्य व्यथा

प्रश्न 4.
अर्धरात्रे ……….. कस्यापि रोदनस्वरं श्रुतवती।
(A) पुरुष
(B) महिला
(C) शिशु
(D) वृद्धः
उत्तर :
(B) महिला