Bihar Board Class 9 Hindi Solutions गद्य Chapter 5 भारतीय चित्रपट

Bihar Board Class 9 Hindi Book Solutions Godhuli Bhag 1 गद्य खण्ड Chapter 5 भारतीय चित्रपट Text Book Questions and Answers, Summary, Notes.

BSEB Bihar Board Class 9 Hindi Solutions गद्य Chapter 5 भारतीय चित्रपट

Bihar Board Class 9 Hindi भारतीय चित्रपट Text Book Questions and Answers

 

Bihar Board 9th Class Hindi Book Solution प्रश्न 1.
उन्नीसवीं और बीसवीं शती ने दुनिया को कई करिश्मे दिखाए। लेखक ने किस करिश्मे का वर्णन विस्तार से किया है?
उत्तर-
लेखक ने उनसवीं और बीसवीं शती के करिश्मे में गैस की रोशनी, बिजली का चमत्कार, टेलीग्राम, टेलीनकोण, जादू, रेल, मोटर इत्यादि करिश्मे के विषय में विस्तार से वर्णन किया है।

Bihar Board Class 9 Hindi Book Solution प्रश्न 2.
भारतीय चित्रपट में मूक से सवाक् फिल्मों तक के इतिहास को रेखांकित करते हुए दादा साहब फालके का महत्व बताइए।
उत्तर-
सबसे पहले 6 जुलाई, 1896 ई. में बम्बई में पहलीबार सिनेमा दिखाया गया। 1984 में पहली बार बम्बई की जनता को रूपहले पर्दे पर कछ भारतीय दश्य देखने को मिले। उस समय सावे दादा ने ल्युमीयेर ब्रदर्स के प्रोजेक्टर, फोटो डेवलप करने की मशीन या मशीनें खरीदकर भारत में इस धंधे का एक तरह से राष्ट्रीयकरण कर लिया था। सावे दादाने सर आर० पी० पराजपे पर एक डाक्यूमेंट्री फिल्म बढ़ाई। इसी तरह लोकमान्य तिलक, गोखले आदि पर भी फिल्म बनाई। लेकिन दादा साहब फालके द्वारा बनाई गई फीचर फिल्म हरिश्चंद्र से पहले की एक फिल्म बनी थी उसका नाम ‘भक्त पुंडलीक’ था। इतिहास ने दादा साहब फालके को ही भारतीय फिल्म उद्योग का जनक माना सावे दादा को नहीं। भारत सरकार ने भी फिल्म के सर्वोच्च पुरस्कार को दादा साहब फालके पुरस्कार कहके ही इतिहास की बंदना की है।

Bihar Board Solution Class 9 Hindi प्रश्न 3.
सावे दादा कौन थे? भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को पाठ के माध्यम से समझाइए।
उत्तर-
सावे दादा भारतीय फिल्म को शुरू करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने शालिनी स्टूडियो की स्थापना की थी। मझोले कद के गोरे चिट्टे, दुबली-पतली कायावाले सावे दादा को देखकर कोई यह कल्पना भी नहीं कर सकता कि ये ही भारतीय फिल्म व्यवसाय के आदि पुरुष है। उन्होंने भारतीय ल्यमायर ब्रदसे के प्रोजेक्टर, फोटो डेवलप करने की मशीन या मशीनें खरीदकर भारतीय फिल्म का एक तरह से राष्ट्रीकरण कर लिया था। वे इंगलैंड जाकर एक कैमरा भी लाए थे और शायद इंगलैंड और फ्रांस के सिनेमा से ग्राफी कला विशेषज्ञों से भेंट करके उन्होंने भारत में इस उद्योग को स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की थीं।

Class 9 Hindi Bihar Board प्रश्न 4.
लेखक ने सावे दादा की तुलना में दादा साहब फालके को क्यों भारतीय सिनेमा का जनक माना? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
सावे दा ने भी बहुत सी डक्यूमेंटरी फिल्म बनाई और उस समय के नेताओं जैसे गोखले तिलक पर भी फिल्में बनाई लेकिन दादा साहब फाल्के ने एक फीचर फिल्म बनाई जिसका नाम ‘हरिश्चन्द्र’ था और उससे भी पहले उन्होंने एक फिल्म बनाई थी जिसका नाम ‘भक्त पुंडलीक था। इसी तुलना के आधार पर सावे दादा की तुलना में दादा साहब फाल्के को ही भारतीय सिनमा का जनक माना गया और भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च शिखर सम्मान पुरस्कार दादा साहब फाल्के के नाम पर रखा गया है।

Class 9th Hindi Bihar Board प्रश्न 5.
भारतीय सिनेमा के विकास में पश्चिमी तकनीक के महत्व को रेखांकित कीजिए।
उत्तर-
भारतीय सिनेमा के विकास में पश्चिमी तकनीकी का महत्वपूर्ण स्थान है। फ्रांस के ल्युमीयेर ब्रदर्स के एजेंट उन्नसवीं सदी के इस तिलस्म को दिखाने के लिए भारत में लाये थे। अमेरीका में भी यह दिखाया जा रहा था। आज की सिनेमा की तरह उस समय के सिनेमा में छोटी-छोटी तस्वीरें थीं। किसी समुद्र में स्नान के दृश्य दिखाए गए और किसी में कारखाने से छूटते हुए मजदूरों का दृश्य, हल्की फुल्की झांकियां देखने को मिलती थी।

भारतीय सिनेमा का इतिहास Pdf Bihar Board प्रश्न 6.
अपने शुरुआती दिनों में सिनेमा आज की तरह किसी कहानी पर आधारित नहीं होती थी, क्यों?
उत्तर-
पश्चिमी तकनीक पर आधारित सिनेमा किसी कहानी पर आधारित नहीं होती थी। उस समय छोटे-छाटे चित्र, हल्की-फुल्की झाँकियाँ दिखाई जाती थी क्योंकि उस समय पूर्ण रूप से फिल्म तकनीक का विकास नहीं हो पाया था।

Class 9 Hindi पाठ 5 Question Answer Bihar Board प्रश्न 7.
भारत में पहली बार सिनेमा कब और कहाँ दिखाया गया?
उत्तर-
1897 ई० में पहली बार मुंबई की जनता को रूपहले पर्दे पर कुछ भारतीय दृश्य दिखाया गया।

Bihar Board Class 9 Hindi Book Pdf प्रश्न 8.
सिनेमा दिखलाने के लिए अखबारों में क्या विज्ञापन निकला? इस विज्ञापन का बम्बई की जनता पर क्या असर हुआ था?
उत्तर-
सिनेमा दिखलाने के लिए अखबार में विज्ञापन निकाला कि जिंदा तिलस्मात् देखिए फोटुएँ आपको चलती-फिरती टोड़तो दिखलाई पड़ेगा। टिकट एक रुपिया इस विज्ञापन ने बंबई में तहलका मचा दिया।

Bihar Board Class 9th Hindi प्रश्न 9.
1897 में पहली बार बम्बई की जनता को रुपहले पर्दे पर कुछ भारतीय दृश्य देखने को मिले। उन दृश्यों को लिखें।
उत्तर-
1897 में जो कुछ दृश्य देखने को मिले। उनमें बंबई की नारली पूर्णिमा यानी रक्षा बंधन का त्योहार, दिल्ली के लाल किले और अशोक की लाट वगैरह के चंद दृश्यों की झलक के साथ-साथ लखनऊ में इमामबाड़ों भी रूपहले पर्दे पर चमके।

Bihar Board 9th Class Hindi Book Pdf प्रश्न 10.
कलकत्ते में स्टार थियेटर की स्थापना किसने की? ।
उत्तर-
मिस्टर स्टीवेंसन नामक एक अंग्रेज सज्जन ने स्टार थियेटर की स्थापना की।

9th Class Hindi Book Bihar Board प्रश्न 11.
भारत में फिल्म उद्योग किस तरह स्थापित हुआ? इसकी स्थापना में किन-किन व्यक्तियों ने योगदान दिया।
उत्तर-
भारतीय फिल्म उद्योग की स्थापना बहत ही तिलसस्माई ढंग से ही। इसकी स्थापना में सावे दादा, दादा फाल्के, मिस्टर स्टीवेंशन इत्यादि व्यक्तियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

Class 9 Bihar Board Hindi Solution प्रश्न 12.
पहली फीचर फिल्म कौन थी?
उत्तर-
पहली फीचर फिल्म भक्त पुंडलीक’ थी।

बिहार बोर्ड ९थ क्लास बुक Hindi Bihar Board प्रश्न 13.
भारत की पहली बॉक्स-ऑफिस हिट फिल्म किसे कहा जाता है?
उत्तर-
‘लंकादहन’ पहली बॉक्स आफिस हीट फिल्म थी।

प्रश्न 14.
जे. एफ० मादन का भारतीय फिल्म में योगदान रेखांकित करें।
उत्तर-
जे. एफ० मादन ने 1917 में एलफिंस्टन बाइस्कोप कंपनी नामक फिल्म संस्था बनाई और दादा साहब फाल्के की तरह वे भी फीचर फिल्म बनाने लगे।

प्रश्न 15.
शुरुआती दौर की फिल्म को लोग क्या कहते थे?
उत्तर-
शुरुआती दौर की फिल्म को लोग जादुई तिलस्म कहते थे।

प्रश्न 16.
‘राजा हरिश्चन्द्र फिल्म’ में स्त्रियों का पार्ट भी पुरुषों ने ही किया था। क्यों?
उत्तर-
श्री फिरोज रंगूनवाला ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि दादा साहब फालके ने पहले तो वेश्या वर्ग की कुछ स्त्रियों को अपनी फिल्म में काम करने के लिए राजी कर लिया था लेकिन बाद में कैमरा के सामने आने पर वे शरमा गई। कुछ एक को तो उनके संरक्षक दलाल ही भगाकर ले गए और इस प्रकार राजा हरिश्चन्द्र की रानी मास्टर साडंके को ही बनना पड़ा।

नीचे लिखे गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखें।

1. उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दियों ने दुनिया को ऐसे-ऐसे करिश्मे दिखलाए कि लोग बस दाँतों तले उँगली दबा-दबा के ही रह गए। आँखें अचम्भे से फट-फट पड़ीं। गपोड़ियों की गप्पों का बाजार ठप पड़ गया, क्योंकि वे लोग जो झूठे बयान करते थे, वह देर-सबेर साइंस का । करिश्मा बनकर सच साबित हो जाता था। गैस की रोशनी, बिजली का चमत्कार, टेलीग्राम, टेलीफोन के जादू, रेल, मोटर वगैरह-वगैरह जो पहले किसी ने देखे सने तक न थे, जिंदगी की असलियत बनकर हमारे सामने आ गए थे। सिनेमा का आविष्कार भी उन्नीसवीं सदी के बीतते न बीतते जादू बनकर जमाने के लिए सिर पर चढ़कर बोलने लगा। 6 टी. जुलाई 1896 का दिन हिंदुस्तान और खासकर बंबई के लिए एक अनोखा दिन था जब पहली बार भारत में सिनेमा दिखलाया गया।
(क) लेखक और पाठ के नाम लिखें।
(ख) उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दियों के करिश्मों का क्या प्रभाव पड़ा?
(ग) विज्ञान के कौन-कौन से आविष्कार हमारे सामने असलियत बनकर आए?
(घ) कौन-सा दिन हिंदुस्तान खासकर बंबई के लिए एक अनोखा दिन था और क्यों?
(ङ) प्रस्तुत गद्यांश का आशय लिखें।
उत्तर-
(क) लेखक-अमृतलाल नागर, पाठ-भारतीय चित्रपटः मूक फिल्मों से सवाक् फिल्मों तक।

(ख) उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दियों में जो करिश्में दिखाई पड़े वे वैज्ञानिक आविष्कारों के रूप में थे। वे सभी वैज्ञानिक आविष्कार काफी आश्चर्यजनक और विस्मयपूर्ण थे। उन्हें देखकर और उनके प्रभाव को पाकर सभी लोग दाँतों तले ऊँगली दबाने लगे।

(ग) उस समय विज्ञान के कई आश्चर्यजनक आविष्कार हुए जिनमें गैस की रोशनी, बिजली, टेलीग्राम, टेलीफोन, रेलगाड़ी, मोटरगाड़ी आदि के आविष्कार प्रमुख रूप से शामिल हैं। ये सारे आविष्कार मानव जीवन में बिलकुल असलियत के रूप में प्रकट हुए और मानव जीवन पर इनका अद्वितीय प्रभाव पड़ा।

(घ) 6 जुलाई 1896 का दिन हिंदुस्तान खासकर बंबई के लिए एक अनोखा दिन था। इस अनोखेपन का एकमात्र कारण यह था कि उस दिन सिनेमा के आविष्कार के फलस्वरूप बंबई शहर में पहली बार सिनेमा दिखलाया गया। यह घटना सचमुच अतिशय आश्चर्यजनक और महत्त्वपूर्ण थी।

(ङ) इस गद्यांश में लेखक ने 19वीं और 20वीं सदी में हुए वैज्ञानिक आविष्कारों की विलक्षणता की चर्चा की है। लेखक ने बताया है कि उन दोनों सदियों में गैस, बिजली, रेल, मोटर, टेलीफोन आदि वैज्ञानिक उपकरणों के आविष्कार ने जगत को चमत्कृत कर दिया। इन आविष्कारों में सिनेमा के आविष्कार ने तो और जादू का काम किया। जब 6 जुलाई 1896 के दिन बंबई में पहली बार सिनेमा दिखाया गया तो यह तिथि एक ऐतिहासिक तिथि के रूप में मान्य हो गई।

2. भारत में इस काम को शुरू करनेवाले पहले व्यक्ति एक सावे दादा थे।
दुर्भाग्यवश उनका असली नाम मैं भूल गया हूँ। मैं 1941 में जब स्वर्गीय मास्टर विनायक की एक फिल्म ‘संगम’ लिखने के लिए कोल्हापुर गया था तब शालिनी स्टूडियोज में उनके दर्शन प्राप्त करने का सौभाग्य मुझे मिला था। मॅझोले कद के गोरे-चिट्टे, दुबली-पतली कायावाले सावे दादा को देखकर कोई यह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि ये अपने जमाने के बहुत बड़े कैमरामैन और भारतीय फिल्म व्यवसाय के आदिपुरुष रहे होंगे। मुझे तो अब याद नहीं कि सावे दादा कोल्हापुर ही के निवासी थे या बंबई, पुणे के, पर बंबइया मार्का हिंदी वे मजे में बोल लेते थे। उन्होंने ल्यूमीयेर ब्रदर्स के प्रोटेक्टर, फोटो डेवलप करने की मशीन या मशीनें खरीद कर भारत में इस धंधे का एक तरह से राष्ट्रीयकरण कर लिया था।
(क) पाठ और लेखक के नाम लिखें।
(ख) लेखक, किनका असली नाम भूल रहा था? लेखक को उनके प्रथम दर्शन कब और किस संदर्भ में हुए थे।
(ग) लेखक द्वारा चर्चित व्यक्ति के कायिक स्वरूप का चित्रांकन करें।
(घ) वह व्यक्ति किस धंधे से किस रूप में जुड़ा हुआ था?
(ङ) उसकी कार्यगत उपलब्धि की संक्षिप्त चर्चा करें।
उत्तर-
(क) पाठ-भारतीय चित्रपट : मूक फिल्मों से सवाक् फिल्तों तक, लेखक-अमृतलाल नागर।

(ख) लेखक भारत में सिनेमा के काम को शुरू करनेवाले प्रथम व्यक्ति सावे दादा के मूल माम को भूल रहा था। लेखक को उनके प्रथम दर्शन का सुयोग तब मिला था, जब वह (लेखक) 1941 में स्वर्गीय मास्टर विनायक की एक फिल्म ‘संगम’ लिखने के लिए कोल्हापुर गया हुआ था। वहीं शालिनी स्टूडियोज में उसे उनके दर्शन हुए।

(ग) लेखक द्वारा चर्चित व्यक्ति सावे दादा थे। वे मॅझोले कद के एक गोरे-चिट्टे और दुबली-पतली कायावाले व्यक्ति थे। उनकी यह कायिक बनलट अति सामान्य और सरल थी जिसमें उनके व्यक्तित्व की विलक्षणता का कोई चिन्ह नहीं था, कोई खास पहचान का आधार नहीं था।

(घ) वह व्यक्ति, अर्थात् सावे दादा अपने जमाने के बहुत बड़े कैमरामैन थे और भारतीय फिल्म व्यवसाय के आदिपुरूष के रूप में भी मान्य थे। वे बंबइया मार्का हिंदी मजे में बोल लेते थे। उन्होंने ल्युमीयेर ब्रदर्स के प्रोजेक्टर, फोटो को डेवलप करने की मशीन खरीदी थी और भारत में इस कार्य, अर्थात् धंधे को एक राष्ट्रीय रूप दे डाला था।

(ङ) सावे दादा की भारतीय फिल्म जगत में बड़ी विलक्षण उपलब्धि थी। वे एक विशिष्ट कैमरामैन थे। उन्होंने पहली बार एक सुचर्चित और विलक्षण कैमरामैन के रूप में मशीन के द्वारा फोटो को डेवलप करने का कार्य काफी कुशलता के साथ किया था। इसके लिए उन्होंने ल्यूमीयेर ब्रदर्स के प्रोजेक्ट खरीद लिए थे और इस कार्य को आश्चर्यजनक स्वरूप दिया था।

3. मुझे यह भी याद पड़ता है कि भारतीय फिल्म उद्योग के जनक माने जाने वाले दादा साहब फाल्के द्वारा बनाई गई फीचर फिल्म ‘हरिश्चंद्र’ से पहले भी एक फीचर फिल्म बनी थी उसका नाम शायद “भक्त पुंडलीक” था। दुर्भाग्यवश मैं उसके निर्माता का नाम भूल चुका हूँ। (इनका नाम था दादा साहब तोरणे-संपादक) हो सकता है वह फिल्म दादा साहब फाल्के ने ही बनाई हो। जो भी हो, इतिहास ने दादा साहब फाल्के को ही भारतीय फिल्म उद्योग का जनक माना, सावे दादा को नहीं। इसका कारण शायद यह भी हो सकता है कि दादा साहब फाल्के ने केवल एक ही नहीं, वरन् कई फीचर फिल्में एक के बाद एक बनाई और इस प्रकार उन्होंने ही इस उद्योग की नींव जमाई। सावे दादा ने छोटी-मोटी डाक्यूमेंट्री फिल्में तो बहुत बनाईं और समय को देखते हुए पैसा भी अच्छा ही कमाया और यदि पहली  फीचर फिल्म ‘भक्त पुंडलीक’ उन्हीं की बनाई सिद्ध हो तो भी उनकी अपेक्षा दादा साहब फाल्के को ही भारतीय फिल्मों का जनक मानना, मेरी समझ में उचित है। भारत सरकार ने भी फिल्म के सर्वोच्च पुरस्कार को ‘दादा साहब फाल्के पुरस्कार’ कहके ही इतिहास की रचना की है।
(क) पाठ और लेखक के नाम लिखें।
(ख) लेखक के अनुसार भारतीय फिल्म उद्योग के जनक कौन माने जाते हैं और क्यों?
(ग) भारतीय फिल्म उद्योग के जनक माने जानेवाले किस व्यक्ति के रूप में किस दूसरे व्यक्ति का भी नाम आता है? क्या वह उचित है?
(घ) भारत सरकार द्वारा घोषित सर्वोच्च फिल्म पुरस्कार का नाम क्या है और उसका यह नामकरण क्यों किया गया है?
(ङ) प्रस्तुत गद्यांश का आशय लिखें।
उत्तर-
(क) पाठ-भारतीय चित्रपट : मूक फिल्मों से सवाक् फिल्मों तक, लेखक-अमृतलाल नागर।

(ख) लेखक के अनुसार भारतीय फिल्म उद्योग के जनक दादा साहब फाल्के माने जाते हैं। इसका कारण यह था कि दादा साहब फाल्के ने ही भारत में फिल्म उद्योग की नींच डाली थी और इस क्रम में उन्होंने एक नहीं अनेक फीचर फिल्में और डाक्यूमेंट्री फिल्में बनाई थी और इस फिल्म उद्योग को एक मजबूत आधार दिया था।

(ग) भारतीय फिल्म उद्योग के जनक के रूप में एक दूसरे व्यक्ति दादा साहब तोरणे-संपादक का नाम आता है, जिन्होंने लेखक के कथनानुसार शायद दादा साहब फाल्के के पूर्व ही ‘भक्त पुंडलीक’ नामक एक फीचर फिल्म बनाई थी, लेकिन यह बात निश्चयात्मक रूप से नहीं कही जा सकती है। इसीलिए ‘दादा साहब तोरणे-संपादक को निश्चयात्मक रूप से भारतीय फिल्म उद्योग का जनक नहीं माना जा सकता है।

(घ) भारत सरकार द्वारा घोषित सर्वोच्च फिल्म पुरस्कार का नाम

साहब फाल्के पुरस्कार है। इसका यह नामकरण भारतीय फिल्म उद्योग के जनक दादा साहब के नाम पर किया गया है।

(ङ) प्रस्तुत गद्यांश में लेखक ने भारतीय फिल्म उद्योग के जनक के रूप में दादा साहब फाल्के की भूमिका और उनकी उपलब्धियों की चर्चा की है। दादा साहब फाल्के ही ऐसे विशिष्ट व्यक्ति थे जिन्होंने सर्वप्रथम भारतीय फिल्म जगत को कई फीचर तथा डॉक्यूमेंट्री फिल्में बनाकर दी और इस उद्योग को एक मजबूत आधार दिया। इसीलिए, भारत सरकार ने इनके नाम पर ही सर्वोच्च फिल्म पुरस्कार की घोषणा की।

4. 1940 में मेरे मित्र किशोर साहू की पहली फिल्म ‘बहुरानी’ का उद्घाटन दादा साहब फाल्के के कर-कमलों द्वारा ही संपन्न हुआ था। बहूरानी के अर्थपति मेरे दूसरे मित्र स्वर्गीय द्वारका दास डागा थे। वे बड़े पढ़े-लिखे सुरुचिपूर्ण, साहित्यिक व्यक्ति थे। उन्हीं के कारण ‘बहुरानी’ के निर्माण-काल में फिल्मी दुनिया से मेरा संबंध जुड़ा। दादा साहब फाल्के से मुझे दो-तीन बार भेंट करने के सुअवसर प्राप्त हुए थे। वे बड़े दबंग, जोश में आकर बड़े झपाटे से बोलने लगते थे। वे स्वयं को बात-बात में महत्त्व देने से तो न चूकते थे, परंतु उनमें अच्छाई यह थी कि वे नई पीढ़ी के महत्त्व को एकदम नकारते न थे।
(क) पाठ और लेखक के नाम लिखें।
(ख) किशोर साहू कौन थे? उनके द्वारा बनाई पहली फिल्म कौन थी और उसका उद्घाटन किसने किया था? ।
(ग) स्वर्गीय द्वारिकादास डागा कौन थे? उनकी चारित्रिक विशेषता क्या थी?
(घ) लेखक के अनुसार दादा साहेब फाल्के से भेंट होने पर उनकी कौन-सी चारित्रिक विशेषता प्रकट होती थी?
(ङ) दादा साहेब फाल्के की किसी एक खास स्वाभाविक विशेषता का उल्लेख करें।
उत्तर-
(क) पाठ-भारतीय चित्रपट : मूक फिल्मों से सवाक् फिल्मों तक, लेखक-अमृतलाल नागर।

(ख) किशोर साहू लेखक के मित्र थे, उनके द्वारा बनाई पहली फिल्म ‘बहूरानी’ थी जिसका उद्घाटन दादा साहब फाल्के ने किया था। यह फिल्म 1940 में बनी थी।

(ग) स्वर्गीय द्वारिकादास डागा लेखक के दूसरे मित्र थे। ये ‘बहूरानी’ फिल्म के अर्थपति थे। डागाजी की चारित्रिक विशेषता यह थी कि वे पढ़े-लिखे, सुरुचिपूर्ण इंसान और साहित्यिक व्यक्ति थे।

(घ) लेखक की मुलाकात दादा साहब से दो-तीन बार हुई जिसमें उनकी चारित्रिक विशेषता इस रूप में प्रकट हुई। वे दबंग और जोशीले स्वभाव के व्यक्ति थे। बातचीत में स्वयं को बहुत महत्त्व देते थे।

(ङ) दादा साहेब की खास स्वाभाविक विशेषता यह थी कि वे बातचीत के क्रम में अपने महत्त्व को तरजीह देते थे, किंतु नई पीढ़ी की महत्ता को भी स्वीकारते थे।

5. बंबई की तरह ही कलकत्ते में एक व्यवसायी जे. एफ० मादन जिन्होंने मादन थियेटर नामक सुप्रसिद्ध संस्था की स्थापना भी की थी। 1917 में एलफिंस्टन बाइस्कोप कंपनी नामक फिल्म संस्था चलाई और दादा साहब फाल्के की तरह ही वे भी फीचर फिल्में बनाने लगे। इस तरह 1913 से 1920 तक फिल्मों में क्रमशः पौराणिक कथानक ही अधिकतर हमारे सामने पेश हुए। तीसरे दशक की सबसे महान फिल्मी हस्ती बाबूराव पेंटर थे। साँवला रंग, दुबला-पतला शरीर, आँखों पर चश्मा, लंबी दाढ़ीयुक्त श्री बाबूराव पेंटर का व्यक्तित्व बहुत ही सौम्य और शालीन था। आज के सुप्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक श्री व्ही शांताराम, स्वर्गीय बाबूराव पेंढारकर, भालाजी पेंढारकर तथा स्वर्गीय मास्टर विनायक आदि अनेक जानी-मानी फिल्मी हस्तियों के वे गुरु थे।
(क) पाठ और लेखक के नाम लिखें।
(ख) जे. एफ० मादन कौन थे? फिल्म उद्योग के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्यों की संक्षिप्त चर्चा करें।
(ग) तीसरे दशक की सबसे महान भारतीय फिल्मी हस्ती के रूप में किनका नाम लिया जाता है? उनके व्यक्तित्व की क्या विशेषताएँ थीं?
(घ) उस समय की किन्हीं चार फिल्मी हस्तियों के नाम लिखें। (ङ) अपने समय के सुप्रसिद्ध फिल्म-निर्माता-निर्देशक के नाम लिखें
और उनकी एक विशिष्ट उपलब्धि की चर्चा करें।
उत्तर-
(क) पाठ-भारतीय चित्रपट : मूक फिल्मों से सवाक् फिल्मों तक, लेखक-अमृतलाल नागर।

(ख) जे. एफ० मादन कलकत्ते के एक पारसी व्यवसायी थे। उन्होंने मादन थियेटर नामक एक सुप्रसिद्ध संस्था की स्थापना की थी। उनके द्वारा 1917 में एलफिस्टन बाइस्कोप नामक एक कंपनी चलाई गई थी और दादा साहब फाल्के की तरह उन्होंने कई फीचर फिल्में बनाई थीं।

(ग) तीसरे दशक की सबसे महान फिल्मी हस्ती के रूप में बाबूराम पेंटर का नाम लिया जा सकता है। वे साँवले रंग के, दुबले-पतले शरीर वाले व्यक्ति थे। उनका व्यक्तित्व बहुत ही सौम्य और शालीन था।

(घ) ऐसे चार व्यक्ति है जिनके नाम उस समय की फिल्मी हस्तियों में लिए जा सकते हैं-श्री व्ही शांताराम, बाबूराव पेंढारकर, भालजी पेंढारकर और मास्टर विनायक।

(ङ) अपने समय के सुप्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक के रूप में श्री व्ही शांताराम का नाम लिया जाता है। इनकी अति विशिष्ट उपलब्धि यह रही है कि इन्होंने भारतीय फिल्म उद्योग के क्षेत्र में काफी ख्याति तथा महत्त्वपूर्ण निर्माता और निर्देशक दोनों रूपों में बड़ी अच्छी ख्याति अर्जित की थी।

Bihar Board Class 9 Geography Solutions Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य प्राणी

Bihar Board Class 9 Social Science Solutions Geography भूगोल : भारत : भूमि एवं लोग Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य प्राणी Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 9 Social Science Geography Solutions Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य प्राणी

Bihar Board Class 9 Geography प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य प्राणी Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न :

प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन कक्षा 9 Bihar Board प्रश्न 1.
भारत में जीव संरक्षण अधिनियम कब लागू हुआ?
(क) 1982
(ख) 1972
(ग) 1992
(घ) 1985
उत्तर-
(ख) 1972

Bihar Board Class 9 Geography Solutions प्रश्न 2.
भरतपुर पक्षी बिहार कहाँ स्थित है ? ।
(क) असम
(ख) गुजरात
(ग) राजस्थान
(घ) पटना
उत्तर-
(ग) राजस्थान

Class 9 Geography Chapter 5 प्रश्न 3.
भारत में कितने प्रकार की वनस्पति प्रजातियाँ पायी जाती हैं ?
(क) 89000
(ख) 90000
(ग) 95000
(घ) 85000
उत्तर-
(क) 89000

रिक्त स्थान की पूर्ति करें :

1. भारत में तापमान चूँकि सर्वत्र पर्याप्त है अतः ………………. की मात्रा वनस्पति के प्रकार को यहाँ निर्धारित करती है।
2. धरातल पर एक विशिष्ट प्रकार की वनस्पति या प्राणी जीवन वाले परिस्थिति तंत्र को …………………. कहते हैं।
3. मनुष्य भी पारिस्थितिक तंत्र का एक …………………… अंग है।
4. घड़ियाल मगरमच्छ की एक प्रजाति विश्व में केवल ………… देश.में पायी जाती है।
5. देश में जीवन मंडल निचय (आरक्षित क्षेत्र) की कुल संख्या …………………… है जिसमें …………….. को विश्व के जीवमंडल निचों में सम्मिलित किया गया है।
उत्तर-
1. तापमान,
2. जीवोम,
3. अभिन्न,
4. भारत,
5.14, 4 ।

भौगोलिक कारण बताएँ

Bihar Board Class 9 History Book Solution प्रश्न 1.
हिमालय के दक्षिणी ढलान पर उत्तरी ढलान की अपेक्षा सघन वन पाए जाते हैं।
उत्तर-
इसके कारण निम्नलिखित हैं-

  • हिमालय पर्वत के दक्षिण ढालों पर ज्यादा सघन वनस्पति होने का कारण है वर्षा । इसमें सदाबहार तथा पर्णपाती वन मिलते हैं 1000 मीटर से 2000 मीटर तक की ऊचाई पर ।
  • दक्षिण ढालों पर सूर्य की किरणें अधिक समय तक पड़ती है जो वृक्षों के लिए अत्यन्त उपयोगी है।
  • दक्षिण ढाल उपजाऊ मृदा वाले हैं। इसके विपरीत उत्तरी ढलान पर उपर्युक्त सुविधाओं के अभाव में घने वन नहीं मिलते हैं।

Bihar Board Solution Class 9 Social Science प्रश्न 2.
उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन में धरातल लता क्यों वितानों से ढंका हुआ है।
उत्तर-
उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन में सदाबहार जंगल मिलते हैं। जिन क्षेत्रों में 200 सें० मी० से अधिक वर्षा होती है । इस क्षेत्र में अधिक वर्षा ओर ऊँचे तापमान के कारण वृक्ष काफी अधिक बढ़ते हैं। वन काफी सघन होते हैं। इसके कारण सूर्य प्रकाश धरातल पर नहीं पहुंच पाता अत्यधिक वर्षा के कारण यहाँ विभिन्न प्रकार की लताएँ वृक्षों से लिपटी रहती हैं तथा धरातल विभिन्न प्रकार की झाड़ियों से आच्छादित रहता है।

Bihar Board Class 9 Social Science Solution प्रश्न 3.
जैव विविधता में भारत बहुत धनी है।
उत्तर-
वनस्पति विविधता की तरह भारत में वन्य पशुओं में भी विविधता देखी जा सकती है। यहाँ 89,000 प्रजातियों के अन्य वन्य प्राणी मिलते हैं। हाथी जैसे बड़े पशु से लेकर भालू, सिंह, बाघ, सियार और-स्थलचर, घड़ियाल केवल भारत में ही मिलते हैं। यहाँ मछलियों की ।

कोई 2500 प्रजातियाँ और पक्षियों में मोर, हंस, बत्तख, मैंना, तोता, कबूतर, सारस और बगुले मुख्य रूप से मिलते हैं। विश्व की कुल वन्य प्राणी प्रजातियों का 13% भारत में पाई जाती है। भारत में विश्व के 5% से 8% तक के स्तनधारी जानवर उभयचरी और रेंगने वाले जीव पाए जाते हैं।

Bihar Board Solution Class 9 History प्रश्न 4.
झाड़ी एवं कँटीले वन में पौधों की पत्तियाँ रोएँदार मोमी, गूदेदार एवं छोटी होती हैं।
उत्तर-
जहाँ वर्षा 50 सें मी० से कम होती है वहाँ अनेक प्रकार के कैंटीले वन तथा झाड़ियाँ पायी जाती हैं। इस प्रकार की वनस्पति उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में पाई जाती है। इसके अंतर्गत गुजरात, राजस्थान, हरियाणा के आर्द्रशुष्क क्षेत्र, उत्तर-प्रदेश का पश्चिम क्षेत्र, मध्यप्रदेश का उत्तर-पश्चिम क्षेत्र आदि सम्मिलित हैं। इनके अंतर्गत-खजूर, यूफोर्बिया, एकेसिया (बबूल) तथा नागफनी (कैक्टस) प्रजातियाँ आती हैं। इन वनस्पतियों के लिए पानी की मांग सबसे महत्वपूर्ण है। अत इसे प्राप्त करने के लिए इनकी जड़े अत्यन्त गहरी होती हैं। पानी को अधिक से अधिक बचा कर रखा जा सके इसलिए इनके तने मोटे होते हैं। पत्तियाँ मोटी, रोएँदार या गूदेदार होती हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

Bihar Board 9th Class Social Science Book Pdf प्रश्न 1.
सिमलीपाल जीवमंडल निचय कहाँ है ?
उत्तर-
सिमलीपाल जीवमंडल निचय उड़ीसा राज्य में है।

प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य प्राणी Bihar Board प्रश्न 2.
बिहार किस प्रकार के वनस्पति प्रदेश में आता है ?
उत्तर-
बिहार उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन प्रदेश में आता है।

Geography Chapter 5 Class 9 प्रश्न 3.
हाथी किस वनस्पति प्रदेश में पाया जाता है ?
उत्तर-
हाथी उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन प्रदेश में पाया जाता है।

Bihar Board Class 9 Geography Book Solution प्रश्न 4.
भारत में पाए जाने वाले कुछ संकटग्रस्त वनस्पति एवम् प्राणियों के नाम बताएँ।
उत्तर-
विश्व संरक्षण संघ ने लाल सूची के अंतर्गत 352 पादपों के को शामिल किया गया है जिनमें 52 पादप संकट ग्रस्त है और 49 किसमें तो नष्ट होने के कगार पर है। प्राणियों में-बाघ और सिंह संकट ग्रस्त हैं।

प्रश्न 5.
बिहार में किस वन्य प्राणी को सुरक्षित रखने के लिये वाल्मिकी नगर में प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है।
उत्तर-
हाथी को सुरक्षित रखने के लिए प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पारिस्थितिक तंत्र किसे कहते हैं ?
उत्तर-
पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem) शब्द का प्रयोग सबसे पहले ए० जी० टांसले (A.G. Tansley) नामक वैज्ञानिक ने सन् 1935 में किया। – परिभाषा-“पारिस्थितिक तंत्र पारिस्थितिकी की वह आधारभूत इकाई है जिसमें जैविक और अजैविक वातावरण एक दूसरे पर अपना प्रभाव डालते हुए पारस्परिक अनुक्रिया से ऊर्जा एवं रासायनिक पदार्थों के निरंतर प्रभाव तंत्र की कार्यात्मक गतिशीलता बनाए रखते हैं।” -ई0 पी0 ओडम किसी भी स्थान पर पौधा या जीव अकेला नहीं पाया जाता है बल्कि ये दोनों साथ-साथ एवं समूहों में पाए जाते हैं और दोनों एक दूसरे पर आश्रित रहते हैं। जब किसी खास जगह की वनस्पति बदल जाती है तो वहाँ के रहने वाले जीव जंतुओं को प्रभावित करती हैं और उनकी संख्या तथा किस्म बदल जाती है। किसी भी जगह के पेड़-पौधे तथा जीव-जन्तु अपने भौतिक वातावरण से अंतर्संबंधित तथा एक दूसरे से भी संबंधित होते हैं। अतः ये दोनों मिलकर एक परिस्थितिक तंत्र का निर्माण करते हैं। मनुष्य भी इस पारिस्थितिक तंत्र का एक अभिन्न अंग है।

प्रश्न 2.
भारत में पादपों तथा जीवों का वितरण किन कारकों द्वारा प्रभावित होता है?
उत्तर-
भारत में वनस्पति तथा जीवों के वितरण के अग्रलिखित कारण हैं-

भारत के वर्षा वितरण तथा वनस्पति-वितरण एवं जीवों में गहरा संबंध है । धरातल का स्वरूप, वर्षा की मात्रा वृक्षों की जाति के आधार पर भारतीय वन एवं जीव निर्भर हैं।

(i) चिरहरितवन-जिन स्थानों में 200 सें. मी० से अधिक वर्षा होती है वहाँ चिररहित वन मिलते हैं। इनमें महोगनी, आबनूस, रोजवुड, बेंत, बाँस, झाउ, ताड़, सिनकोथ और रबर हैं।

स्थान-पूर्वी एवं पश्चिमीघाट, अंडमान द्वीप, हिमालय की तरई, उत्तर प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर मिजोरम तथा त्रिपुरा है।

पाये जानेवाले जीव-बंदर, लंगूर, एक सींगवाला मेंडा तथा हाथी मिलते हैं। विभिन्न प्रकार के पक्षी तथा रेंगनेवाले जीव मिलते हैं।

(ii) पर्णपाती वन-जहाँ 70 से 200 सें० मी० वर्षा होती है।
क्षेत्र-हिमालय की तराई, प्रायद्वीपीय पठार, छोटानागपुर, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा है।
वनस्पति-सागवान, सखुआ, शीशम, चंदन, आम, महुआ, आँवला, त्रिफला आदि।
जीव जन्तु-इन वनों में, वन के अनुरूप जीव मिलते हैं। जैस-सिंह, मोर, जंगली सूअर, हिरण और हाथी हैं।

(iii) शुष्क वन-जहाँ वर्षा 50 सें० मी० से 70 सें. मी. तक होती?
क्षेत्र-राजस्थान, पंजाब, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र गुजरात ।
वृक्ष एवं पौधे-कीकर, बबूल, खैर, झाऊ, नागफनी जीव-वनों के अनुरूप इस पर आधारित जन्तुओं में राजस्थान में ऊँट, जंगली गधं मिलते

(iv) पर्वतीय वन-पर्वतों की ऊँचाई पर वर्षा के अनुरूप 1500 मीटर की ऊँचाई तक वन मिलते हैं। जैसे-कोणधारी वन, अल्पाइन वनस्पति, देवदार, स्यूस, फर, चीड़ तथा ओक मिलते हैं।
क्षेत्र-पूर्वी एवं पश्चिमी हिमालय हैं।
जीव-वन पशुओं में तेंदुआ, बाघ, रीछ, घनेवालों वाली बकरियाँ ।

(v) ज्वारीय वन-मुख्यतः भारत के पूर्वी तट पर हैं। जहाँ दलदल है।
क्षेत्र-गंगा, गोदावरी, कृष्णा कावेरी आदि नदियों के डेल्टाई भाग में ।
वनस्पति-गैंग्रोव तथा सुन्दरी नामक पेड़ होते हैं।
जीव-सुन्दरवन डेल्टा में रॉयल बंगाल टाइगर, घड़ियाल, साँप, कछुआ आदि मिलते हैं।

प्रश्न 3.
वनस्पति जगत् एवं प्राणी जगत् हमारे अस्तित्व के लिये क्यों आवश्यक हैं ?
उत्तर-
वनस्पति जगत एवं प्राणी जगत हमारे अस्तित्व के लिए अत्यन्त आवश्यक है । मानव जीवन के लिए इनकी अनेक उपयोगिताएँ

वनस्पति जगत ही वातावरण की गुणवत्ता निर्धारित करते हैं जैसे-कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को संतुलित करना, वर्षा को आकर्षित करना., मिट्टी अपरदन रोकना, पत्तियों की खाद द्वारा मिट्टी का उर्वरता को बढ़ाना आदि । इसके साथ-साथ ये हमें अनेक प्रकार के वन उत्पाद भी उपलब्ध कराते है, जैसे-कीमती इमारती लकड़िया, जलावन, पशुओं के लिए चारा, कल कारखानों के लिए लाह, जड़ी-बूटियाँ, कत्था, शहद तथा विभिन्न प्रकार के वन्य प्राणियों के लिए निवास स्थान और चिड़ियों को निवास स्थान प्रदान करते हैं।

इसी तरह प्राणी जगत भी हमारे अस्तित्व के लिए अत्यन्त आवश्यक है। क्योंकि प्रत्येक प्रजाति पारिस्थितिक तंत्र के सफल संचालन में योगदान देती हैं। सभ्यता के विकास में विभिन्न प्राणियों का सहयोग है। मनुष्य अपने आहार एवं कृषि कार्य के लिए विभिन्न प्राणियों पर आश्रित हैं। जैसे-दूध, मांस, ऊन, चमड़ा आदि के लिए पशुओं पर आश्रित हैं।

मानचित्र कौशल

प्रश्न 1.
भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित को प्रदर्शित करें
(क) भारत के वनस्पति प्रदेश तथा
(ख) भारत के चौदह जीव मंडल।
उत्तर-
(क) भारत के वनस्पति प्रदेश
Bihar Board Class 9 Geography Solutions Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य प्राणी - 1

(ख) भारत के चौदह जैव मंडल निचय (आरक्षित क्षेत्र)

  1. सुन्दरवन
  2. मन्नार की खाड़ी
  3. नीलगिरि
  4. नंदादेवी
  5. नोकरेक
  6. ग्रेट निकोबार
  7. मानस
  8. सिमलीपाल
  9. दिहांग दिबांग
  10. डिबू साइक वोच
  11. पंचगढी
  12. कान्हा
  13. कच्छ का रन
  14. कंचन जंघा।

Bihar Board Class 8 Sanskrit Solutions Chapter 2 संघे शक्तिः

Bihar Board Class 8 Sanskrit Book Solutions Amrita Bhag 3 Chapter 2 संघे शक्तिः Text Book Questions and Answers, Summary.

BSEB Bihar Board Class 8 Sanskrit Solutions Chapter 2 संघे शक्तिः

Bihar Board Class 8 Sanskrit संघे शक्तिः Text Book Questions and Answers

अस्ति गङ्गायाः रमणीये तीरे पुष्कलनामको ग्रामः । तत्र बहुधनसम्पन्न: हरिहरो नाम कृषिकः । कृषिकर्मणा तेन प्रभूता सम्पत्तिरर्जिता । ग्रामे तत्परिसरे च तेन महती प्रतिष्ठा सम्प्राप्ता । तस्य चत्वारः पुत्राः अभवन्। पितुः कार्ये सहायतां नाकुर्वन्, प्रत्युत परस्परं नित्यं कलहायन्ते । एकः कथयति-त्वामेव पिता अधिकं मन्यते । त्वमेव तस्य विपुलां सम्पत्ति प्राप्यसि । अपरः वदति-त्वम् अतीव अलसः । कदापि किमपि हितकरम् उपयोगि कार्य न करोषि । तृतीयः तथैव विद्याध्ययनस्य निन्दा करोति, चतुर्थः विद्याध्ययनाय पितुः धनयाचना करोति तदा तृतीयः पितरं वारयति । एवमेव किमपि समाश्रित्य चतुर्ष भ्रातष कलहः प्रवर्तते स्म । अनेन ‘बुद्धिमान् पिता सततं चिन्तितस्तिष्ठति ।

अर्थ – गंगा के रमणीय तीर पर पुष्कल नामक गाँव है । वहाँ बहुत धन सम्पन्न हरिहर नामक किसान था। उसने खेती से खूब सम्पत्ति अर्जित की। गाँव और उसके चारों ओर के गाँवों में उसकी खूब प्रतिष्ठा थी। उसके चार पुत्र हुए। वे सब पिता के काम में सहायता नहीं करते थे । बल्कि चारों परस्पर : झगड़ते रहते थे। एक कहता था-तुझे ही पिता अधिक मानते हैं। तुम ही उनके विपुल धन (सब धन) को प्राप्त करोगे । दूसरा कहता था-तुम बहुत आलसी हो । कभी कुछ भी हितकर उपयोगी कार्य नहीं करते हो । तीसरा उसी. प्रकार विद्याध्ययन की निन्दा करता था। चौथा पढ़ाई के लिए पिता से पैसा माँगता था तो तीसरा पिता को मना करता था। इस प्रकार किसी भी कारण को लेकर चारों भाईयों में झगड़ा होता रहता था। इससे बुद्धिमान पिता सदैव चिन्तित रहा करता था।

वृद्धः पिता स्वपुत्रान् कृषिकर्मणः संचालनाय भूयो भूयः प्रेरयति किन्तु सर्वेऽपि अलसा: न शृण्वन्ति । एकदा स वार्धक्यजनितेन रोगेण ग्रस्तः शय्यासीनो जातः। स कलहायमानेषु पुत्रेषु संघबद्धतायाः महत्त्वस्य बोधनाय उपायमचिन्तयत्। सर्वानपि पुत्रानाहूय स एकस्मै सुबद्धं दण्डचतुष्टयं दत्वा प्राह-त्वमेनं भञ्जय । स कथमपि भक्तुं नाशक्नोत् । तदा अपरः पुत्रः तथैव आदिष्टः ।

अर्थ-बूढ़ा बाप अपने पुत्रों को खेती के लिए बार-बार प्रेरित करता था। किन्तु सभी आलसी नहीं सुनते (समझते) थे। एक बार वह बुढ़ापा रोग से ग्रस्त होकर बिछावन पकड़ लिया। वह झगड़ते हुए पुत्रों में एकता का महत्व समझाने का उपाय सोचा । सभी पुत्रों को बुलाकर चार डण्डा जो एक जगह कसकर बँधा था उठाकर एक पुत्र को देकर बोला–तुम इसको तोड़ दो। वह किसी भी प्रकार से तोड़ नहीं सका। इसके बाद दूसरे पुत्र को उसी प्रकार आदेश दिया।

सोपि तद् दण्डचतुष्टयं भक्तुं न समर्थो जातः। इयमेव दशा अपरयोरपि पुत्रयोरभवत् । तदा वृद्धः पिता दण्डचतुष्टयं निर्बध्य एकैकं. दण्डम् एकैकस्मै पुत्राय दत्तवान् । किञ्च तं दण्डं बोटयितुं पुन: आदिष्टवान् । सर्वे पुत्राः स्व-स्व हस्तस्थं दण्डं भक्तुं समर्थाः जाताः । तदा पिता कथितवान्-पुत्रा ! एवमेव बुध्यध्वम् । यदि यूयं पृथक्-पृथक् तिष्ठथ, तदा कश्चित् शत्रुः युष्मान् एकैकान् विनाशयिष्यति । यदि पुनः यूयं सर्वे मिलित्वा सुबद्धाः तिष्ठथ, तदा कोऽपि बाह्यजनः युष्मान् विनाशयितुं न समर्थः । अयमुपदेश:-संहतिः श्रेयसी पुंसाम् ।

अर्थ – वह भी बँधे चारों डण्डों को तोड़ नहीं सका। यही दशा अन्य दो पुत्रों की भी हुई। इसके बाद बूढा बाप ने चारों डण्डों को खोलकर एक-एक डण्डा एक-एक पुत्रों को दिया। उसके बाद उस डण्डे को फिर से तोड़ने का आदेश दिया। सभी पुत्र अपने-अपने हाथ का डण्डा को तोड़ने में सफल हो गये । तब पिता ने कहा-पुत्रो ! ऐसा ही तुमलोग समझो । यदि तुम सब अलग-अलग रहोगे तो कोई भी शत्र तम सबको एक-एक कर विनाश

कर सकता है। फिर यदि तुम लोग सभी मिलकर एकता में बंधे रहोगे तो कोई – भी बाहरी लोग तुम सबों का विनाश करने में समर्थ नहीं हो सकता है । यही उपदेश है कि.-मनुष्य के लिए सबसे अच्छी एकता है।

तस्माद् दिवसात् प्रभृति सर्वेऽपि चत्वारः पुत्राः स्व-स्व दुष्टविचारन् त्यक्त्वा परस्पर मेलनेन गृहेऽवर्तन्त पितुश्च सेवया तम् अरोगं कृतवन्तः ।
अर्थ – उसी दिन से सभी चारों पुत्र अपने-अपने बुरे विचारों को त्याग कर परस्पर मेल से घर में रहने लगे और पिता की सेवा करके उसे नीरोग कर दिया।

शब्दार्थ

रमणीये = सुन्दर (सप्तमी विभक्ति) । ग्रामः = गाँव । तत्र = वहाँ । बहुधनसम्पन्नः = बहुत सम्पत्ति से युक्त, धनी । कृषिकः = किसान । प्रभूता = बहुत, पर्याप्त । सम्पत्तिः = धन । अर्जिता = कमायी गयी। परिसरे = प्रांगण में/आस-पास । महती = बहुत, बड़ी । सम्प्राप्ता = प्राप्त हुई । चत्वारः = चार । अभवन् = हुए । अकुर्वन् = किये । प्रत्युत = अपितु, बल्कि । परस्परम् = आपस में । कलहायन्ते = लड़ते हैं। अपरम् = दूसरे को । कथयति = कहता है। त्वाम् = तुम्हें । एव = ही । मन्यते = मानता है। विपुलाम् = बहुत । प्रापयसि = पाओगे । अतीव = बहुत । अलसः = आलसी। किमपि = कुछ भी। हितकरम् = भला । करोषि = करते हो । तथैव = वैसे ही । धनयाचनाम् = धन की मांग । तदा = तब । पितरम् = पिता को । वारयति = रोकता है, मना करता है। एवम् = इस प्रकार । समाश्रित्य = आश्रय लेकर ।

कलहः = लड़ाई । प्रवर्तते स्म = होती थी। सततम् + लगातार । तिष्ठति = रहता है । कृषिकर्मणः = खेती के काम के । संचालनाय = करने के लिए । भूयो भूयः = बार-बार । प्रेरयति = प्रेरित करता है। शृण्वन्ति = सुनते हैं। एकदा = एक बार । वार्धक्यजनितेन = बुढ़ापे से उत्पन्न । शय्यासीनः = बिछावन पर लेटा हुआ। जातः = हुआ । संघबद्धतायाः = मिलकर रहने के । बोधनाय = समझने के लिए। अचिन्तयत् = सोचा, विचार किया। आहूय = बुलाकर । सुबद्धम् = अच्छी तरह बंधा : हुआ। दण्डचतुष्टयम् = चार दण्डों को (दण्डम् = डण्डा)। दत्वा = देकर । प्राह = कहा । एनम् = इसको, इसे । भञ्जय = तोड़ो। भक्तम् = तोड़ने के लिए/में । नाशक्नोत् = (न + अशक्नोत्) समर्थ नहीं हुआ । तदा = तब । आदिष्टः = आदेश दिया । निर्बध्य = बन्धनरहित करके, खोलकर । एकैकम् = एक-एक को । दत्तवान् = दिया। त्रोटयितुम् = तोड़ने के लिए। किञ्च = तदनन्तर । पुनः = फिर । आदिष्टवान् = आदेश दिया । हस्तस्थम्

संचालनाय = करने के लिए । भूयो भूयः = बार-बार । प्रेरयति = प्रेरित करता है। शृण्वन्ति = सुनते हैं। एकदा = एक बार । वार्धक्यजनितेन = बुढ़ापे से उत्पन्न । शय्यासीनः = बिछावन पर लेटा हुआ । जातः = हुआ। संघबद्धतायाः = मिलकर रहने के । बोधनाय = समझने के लिए । अचिन्तयत् = सोचा, विचार किया। आहूय = बुलाकर । सुबद्धम् = अच्छी तरह बंधा हुआ। दण्डचतुष्टयम् = चार दण्डों को (दण्डम् = डण्डा) । दत्वा = देकर । प्राह = कहा । एनम् = इसको, इसे । भञ्जय = तोड़ो । भङ्क्तुम् = तोड़ने के लिए/में । नाशक्नोत् = (न + अशक्नोत्) समर्थ नहीं हुआ । तदा = तब । आदिष्टः = आदेश दिया । निर्बध्य = बन्धनरहित करके, खोलकर । एकैकम् = एक-एक को । दत्तवान् = दिया । त्रोटयितुम् = तोड़ने के लिए। . किञ्च = तदनन्तर । पुनः = फिर । आदिष्टवान् = आदेश दिया । हस्तस्थम् = हाथ में स्थित, हाथ में रहने वाले । बुध्यध्वम् = तुमलोग समझो । तिष्ठथ = रहते हो । कश्चित् = कोई । एकैकान् = एक-एक को । विनाशयिष्यति = नष्ट कर देगा। मिलित्वा = मिलकर । बाह्यजनः = बाहरी मनुष्य । विनाशयितुम् = नष्ट करने के लिए में । संहतिः = एकता । श्रेयसी = अधिक अच्छी । पुंसाम् = मनुष्यों का/की/के । प्रभृति = से लेकर इत्यादि । सर्वे = सभी । त्यक्त्वा = छोड़कर । परस्परम् = आपस में । मेलनेन = मेल-मिलाप से । अवर्तन्त = थे, रहते थे। अरोगम् = रोगरहित । कृतवन्तः = किये।

व्याकरणम् 

सन्धिविच्छेद

  1. सम्पत्तिरर्जिता = सम्पत्तिः + अर्जिता (विसर्ग-सन्धिः)
  2. त्वामेव = त्वाम् + एव ।
  3. त्वमेव = त्वम् + एव
  4. किमपि = किम् + अपि
  5. कदापि = कदा + अपि (दीर्घ – सन्धिः)
  6. तथैव = तथा + एव (वृद्धि – सन्धिः )
  7. विद्याध्ययनस्य = विद्या + अध्ययनस्य (दीर्घ-सन्धिः)
  8. एवमेव = एवम् + एव
  9. चिन्तितस्तिष्ठति = चिन्तितः + तिष्ठति (विसर्ग-सन्धिः)
  10. सर्वेपि = सर्वे + अपि (पूर्वरूप एकादेश)
  11. कथमपि = कथम् + अपि
  12. सोपि = सः + अपि (विसर्ग-सन्धिः )
  13. इयमेव = इयम् + एव
  14. अपरयोरपि = अपरयोः + अपि (विसर्ग-सन्धिः )
  15. पुत्रयोरभवत् = पुत्रयोः + अभवत् (विसर्ग-सन्धिः )
  16. एकैकम् = एक + एकम् (वृद्धि-सन्धिः )
  17. किञ्च = किम् + च (व्यञ्जन-सन्धिः )
  18. कश्चित् = कः + चित् (विसर्ग-सन्धिः )
  19. कोऽपि . = कः + अपि (विसर्ग-सन्धिः )
  20. अयमुपदेशः = अयम् + उपदेशः
  21. गृहेऽवर्तन्त = गृहे + अवर्तन्त (पूर्वरूप-सन्धिः ) ।
  22. पितुश्च = पितुः + च (विसर्ग-सन्धिः )

प्रकृति-प्रत्यय-विभाग

Class 8 Chapter 2 Sanskrit Bihar Board

अभ्यास

मौखिक

Bihar Board Class 8 Sanskrit Solution प्रश्न 1.
निम्नलिखितानां शब्दानाम् उच्चारणं कुरुत (निम्नलिखित शब्दों का उच्चारण करो):
उत्तरम्:
कृषिकर्मणा, सम्पत्तिरर्जिता, समाश्रित्य, चिन्तितस्तिष्ठति, शृण्वन्ति, दण्डचतुष्टयम्, एकैकस्मै, सर्वेपि, गृहेऽवर्तन्त

Bihar Board Solution Class 8 Sanskrit प्रश्न 2.
‘संघे शक्तिः भवति’-इति विषयम् आश्रित्य संस्कृतभाषायां द्वे वाक्ये वदत।
उत्तरम्:

  1. एकतां ऋते सफलतां न मिलति ।
  2. संघे शक्तिः कलियुगे।

Bihar Board Class 8 Sanskrit Book Solution प्रश्न 3.
निम्नलिखितानां शब्दानाम् अर्थं वदत् : तथैव, विपुलाम्, कदापि, एवमेव, सततम्, एकदा, कथमपि, तदा, किञ्च।
उत्तरम्:
तथैव = उसी प्रकार । विपुलाम् = बहुत । कदापि = कभी भी। एवमेव = इसी प्रकार ही। सततम् = सदैव । एकदा = एक बार । कथमपि = कोई भी। तदा = तब । किञ्च = इसके बाद ।।

लिखित

Bihar Board 8th Class Sanskrit Solution प्रश्न 4.
वाक्यनिर्माणं कुरुत :

पितरम्, ग्रामः, कृषिकः, करोषि, एकदा, पिता, त्यक्त्वा ।
उत्तरम्:

  1. पितरम् = सः पितरम् प्रति अपश्यत् ।
  2. ग्रामः = पुष्कलो नामः एकः ग्रामः अस्ति।
  3. कृषिकः = तत्र हरिहर: नाम कृषिक: वसति ।
  4. करोषि = त्वं किम् करोषि ।
  5. एकदा = एकदा सः अत्र आगच्छत् ।
  6. पिता = पिता पुत्रेण सह गच्छति ।।
  7. त्यक्त्वा = जनाः धनं त्यक्त्वा न सुखी भवेत।

Class 8 Sanskrit Bihar Board प्रश्न 5.
सन्धिविच्छेदं कुरुत :
तथैव, चिन्तितस्तिष्ठति, सर्वेऽपि, सोपि, सम्पत्तिरर्जिता।
उत्तरम्:
तथैव = तथा. + एव ।
चिन्तितास्तष्ठति = चिन्तितः + तिष्ठति ।
सर्वेपि = सर्वे + अपि ।
सोपि = स: + अपि ।
सम्पत्तिरर्जिता = सम्पत्तिः + अर्जिता।

Sanskrit Class 8 Bihar Board प्रश्न 6.
मञ्जूषातः शब्दं चित्वा रिक्त स्थानानि पूरयत् :

(संहतिः, गङ्गयाः, चत्वारः, ग्रामे, शृण्वन्ति, कृषिकः)
उत्तरम्:

  1. अस्ति गङ्गायाः तीरे पुष्कल नामको ग्रामः ।
  2. तत्र बहुधनसम्पन्नः हरिहरो नाम कृषिकः ।
  3. ग्रामे तेन महती प्रतिष्ठा सम्प्राप्ता ।
  4. तस्य चत्वारः पुत्राः अभवन् ।
  5. सर्वेऽपि अलसा: न शृण्वन्ति ।।
  6. संहतिः श्रेयसी पुंसाम् ।

Bihar Board Class 8th Sanskrit प्रश्न 7.
प्रकृति-प्रत्यय-विभागं कुरुत :
दत्वा, जातः, समाश्रित्य, आहूय, आदिष्टः।
उत्तरम्:

Sanskrit Chapter 2 Class 8 Bihar Board

Sanskrit Class 8 Chapter 2 Bihar Board प्रश्न 8.
अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तरं पूर्णवाक्येन लिखत

(क) पुष्कलनामको ग्रामः कुत्र अस्ति ?
उत्तरम्:
पुष्कलो नामको ग्राम: गंगायाः तीरे अस्ति ।

(ख) कृषिकर्मणा केन प्रभूता सम्पत्तिरर्जिता?
उत्तरम्:
कृषिकर्मणा हरिहरेन प्रभूता सम्पत्तिरर्जिता ।

(ग) हरिहरस्य कति पुत्राः आसन् ?
उत्तरम्:
हरिहरस्य चत्वारः पुत्राः आसन् ।

(घ) के अति अलसा: आसन् ?
उत्तरम्:
चत्वारो पुत्राः अलसाः आसन् ।

(च) सर्वे पुत्राः सेवया कम् अरोगं कृतवन्तः ?
उत्तरम्:
सर्वे पुत्राः सेवया पितरं अरोगं कृतवन्तः ।

Sanskrit Class 8 Chapter 2 Hindi Translation Bihar Board प्रश्न 9.
सुमेलनं कुरुत: अ

Class 8 Sanskrit Chapter Number 2 Bihar Board
उत्तरम्:
(क) – (6)
(ख) – (1)
(ग) – (5)
(घ) – (3)
(ङ) – (4)
(च) – (2)

Class 8 Sanskrit Chapter 2 Bihar Board प्रश्न 10.
उदाहरणानुसारम् अव्ययपदानि चिनुत 

यथा – सः अद्य पाटलिपुत्रं गच्छति । अद्य

प्रश्नोत्तरं :

  1. त्वम् अत्र किं करोषि ? अत्र
  2. सः कदा गृहं गमिष्यति ? कदा
  3. शीला करीना वा चित्रं द्रक्ष्यति ? वा
  4. असत्यं मा वद ।… मा
  5. शकीलेन साकं सः अगच्छत् । साकं

कक्षा 8 संस्कृत पाठ 2 प्रश्न उत्तर Bihar Board प्रश्न 11.
अधोलिखितानां निर्देशानुसारं रूपाणि लिखत

यथा-मातृ – (द्वितीया-एकवचने) – मातरम्

  1. पुत्र – (सप्तमी एकवचने) – पुत्रे
  2. फल – (षष्ठी बहुवचने) – फलानाम् ।
  3. नदी – (चतुर्थी द्विवचने) – नदीभ्यां।
  4. लता – (सप्तमौ बहुवचने) – लतासु ।
  5. युष्मद् – (पंचमी द्विवचने) – युवाभ्याम् ।

Chapter 2 Sanskrit Class 8 Bihar Board प्रश्न 12.
अधोलिखित-वाक्यानि घटनाक्रमानुसारं लिखत

  1. तत्र हरिहरो नाम कृषिकः वर्तते ।
  2. एकदा हरिहरः रोगग्रस्तः अभवत् ।
  3. गङ्गायाः तीरे पुष्कलो नामको ग्रामः अस्ति।
  4. हरिहरस्य चत्वारः पुत्राः आसान् ।
  5. सर्वे पुत्राः अतीव अलसां: आसन् ।
  6. हरिहरः पुत्रान् आहूय अवदत् ।
  7. सर्वे पुत्राः दुष्ट विचारान् अत्यजन् ।

उत्तरम्:

  1. गङ्गायाः तीरे पुष्कलो नामको ग्रामः अस्ति ।
  2. तत्र हरिहरो नाम कृषिकः वर्तते ।
  3. हरिहरस्य चत्वारः पुत्राः आसन् ।
  4. सर्वे पुत्राः अतीव अलसाः आसन् ।
  5. एकदा हरिहरः रोगग्रस्तः अभवत् ।
  6. हरिहरः पुत्रान् आहूय अवदत् ।
  7. सर्वे पुत्राः दुष्ट विचारान् अत्यजन् ।

Class 8 Chapter 2 Sanskrit Bihar Board प्रश्न 13.
मञ्जूषायाः उचितानि पदानि योजयित्वा वाक्य निर्माणं कुरुत

  1. सः – गच्छतः
  2. त्वम् – गच्छामि
  3. अहम् – गच्छन्ति
  4. ते – गच्छसि
  5. वयम् – गृहम्
  6. तौ – गच्छति
  7. आवाम – गच्छाम

गच्छावः

  1. प्रश्नोत्तरम्
  2. स: गच्छति ।
  3. त्वम् गच्छसि।
  4. अहम् गच्छामि।
  5. ते गच्छन्ति ।
  6. वयम् गृहम् गच्छामः।
  7. यूयम् गच्छथ।
  8. तौ गच्छतः।
  9. आवाम् गच्छावः।

Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 8 बचपन के दिन

Bihar Board Class 7 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 2 Chapter 8 बचपन के दिन Text Book Questions and Answers and Summary.

BSEB Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 8 बचपन के दिन

Bihar Board Class 7 Hindi बचपन के दिन Text Book Questions and Answers

पाठ से –

Bihar Board Class 7 Hindi प्रश्न 1.
बहुविकल्पीय प्रश्न –
(अ) भूतपूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म हुआ था।
(क) बिहार में,
(ख) उड़ीसा में,
(ग) तमिलनाडु में,
(घ) कर्नाटक में।
उत्तर:
(ग) तमिलनाडु में।
(ब) रामानन्द के पिता थे

(क) सरकारी सेवक, (ख) मंदिर के पुजारी, (ग) किसान, (घ) व्यवसायी।
उत्तर:
(ख) मंदिर के पुजारी ।

(स) अब्दुल कलाम के बचपन में कितने पक्के मित्र थे।
(क) दो, (ख) तीन, (ग) चार, (घ) पाँच।
उत्तर:
(ख) तीन ।

Bihar Board Class 7 Hindi Book Solution प्रश्न 2.
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को शिक्षा ग्रहण करने में किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?
उत्तर:
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साहब को जिन-जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा उसमें प्रमुख थे—(i) धर्मवाद (सम्प्रदायवाद), (ii) सम्प्रदायवादी शिक्षक।

Hindi Class 7 Bihar Board Solution प्रश्न 3.
नये शिक्षक के द्वारा डॉ अब्दुल कलाम को उनके मित्र रामानन्द से अलग हटाकर बैठने को कहा गया। शिक्षक के इस व्यवहार पर अपनी राय तर्क सहित दीजिए।
उत्तर:
हमारे राय से शिक्षक का व्यवहार उचित नहीं था। क्योंकि इस प्रकार के व्यवहार वाले शिक्षक स्कूल में बच्चों के बीच साम्प्रदायिकता जातिवाद का विष बोते हैं। विद्यालय में सभी बच्चे बराबर हैं वे छात्र हैं, न कोई छात्र हिन्दू होता है और न मुसलमान न कोई सिख-ईसाई। सभी विद्यार्थी होते हैं। इस प्रकार के उच्च सोच रखने वाले ही शिक्षक योग्य शिक्षक होते हैं।

Bihar Board Class 7 Hindi Book Pdf प्रश्न 4.
रामानन्द के पिता ने दोनों दोस्तों के प्रति भेद-भाव का व्यवहार करने वाले शिक्षक.से क्या कहा और ऐसा उन्होंने क्यों कहा?.
उत्तर:
रामानन्द के पिता ने दोनों दोस्तों के प्रति भेद-भाव का व्यवहार करने वाले शिक्षक से कहा-“उन्हें निर्दोष बच्चों के दिमाग में इस प्रकार की सामाजिक असमानता एवं सांप्रदायिकता का विष नहीं घोलना चाहिए।”

ऐसा उन्होंने इसलिए कहा कि योग्य शिक्षक बच्चों में भेद-भाव उत्पन्न नहीं करते । शिक्षकों को जाति, धर्म, सम्प्रदाय, गरीब-अमीर, ऊंच-नीच आदि भेद-भाव से सदैव अलग रहना चाहिए।

पाठ से आगे –

Bihar Board Solution Class 7 Hindi प्रश्न 1.
डॉ. अब्दुल कलाम के विज्ञान शिक्षक की पत्नी की सोच में क्या परिवर्तन हुआ, इस परिवर्तन के क्या कारण रहे होंगे?
उत्तर:
कलाम साहब के विज्ञान शिक्षक की पत्नी की सोच में परिवर्तन . हुआ। क्योंकि विज्ञान शिक्षक की पत्नी ने कलाम साहब को अपने रसोई में खिलाने से इन्कार कर गई थी। लेकिन बाद में पुनः उन्होंने कलाम को बुलाकर अपने रसोई में अपने हाथ से परोस कर खिलाईं थी । इस परिवर्तन का कारण निम्नलिखित रहे होंगे –

1. विज्ञान शिक्षक अपने श्रीमती जी को साम्प्रदायिक भावनाओं से समाज बँटता है, का ज्ञान दिये होंगे । अर्थात् “मानव को मानव समझो” इत्यादि का पाठ पढ़ाये होंगे।
अथवा
कलाम के विचार-भावनाओं से प्रभावित हुई होगी।
अथवा
दरवाजे पर आये हुए को निराश नहीं करना चाहिए, इत्यादि ।

व्याकरण –

Class 7 Hindi Bihar Board प्रश्न 1.
वाक्य बनाइए –
गली, पाठशाला, शिक्षक, इच्छा, तीव्र।
उत्तर:
गली – यह गली दूर तक जाती है।
पाठशाला – राम की पाठशाला सुन्दर है।
शिक्षक – शिक्षक संस्कृत पढ़ाते हैं।
इच्छा – मानव को इच्छा मंजिल तक पहुँचाती है।
तीव्र – तीव्र धारवाली चाकू दो।

Class 7 Hindi Book Bihar Board प्रश्न 2.
पर्यायवाची शब्द लिखिएधनी, घर, व्यक्ति, दिन, पत्ली।
उत्तर:
धनी-धनवान, सम्पन्न, सम्पत्तिवान ।
घर – गृह, आवास, भवन, निवास ।
व्यक्ति – आदमी, पुरुष, जन ।
दिन – दिवा, वार, दिवस।
पत्नी – भार्या, अर्धांगिणी, सहगामिनी।

बचपन के दिन Summary in Hindi

सारांश – प्रस्तुत पाठ “बचपन के दिन” भारत के राष्ट्रपति मिसाइल पुरुष ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी ने अपने बचपन की कुछ बातें बतायी हैं जिसमें तत्कालीन भारतीय समाज की कुछ विशेषताएँ तो कुछ कमजोरियां सामने आई हैं।

कलाम साहब का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम् कस्बे में मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जैनुलाबदीन और माता का नाम आशियम्मा थी। उनके माता पिता साधारण पढ़े-लिखे आदमी थे।

बचपन में कलाम साहब के तीन पक्के दोस्त थे–रामानन्द शास्त्री, अरविंदन और शिव प्रकाशन कलाम साहब टोपी पहनकर जनेऊधारी रामानन्द शास्त्री के साथ आगे बेंच पर बैठते थे। एक दिन एक नये शिक्षक आये। हिन्दू के साथ मुसलमान को बैठना उनको अच्छा नहीं लगा। उन्होंने कलाम को उठाकर पीछे की बेंच पर बैठा दिया। रामानन्द काफी उदास हो रहा था। छुट्टी के बाद रामानन्द घर जाकर यह कहानी अपने पिता लक्ष्मण शास्त्री जी (जो रामेश्वरम् मंदिर के मुख्य पुजारी थे) से कहा। वे उसी समय नयें शिक्षक महोदय को बुलवाकर कहा-बच्चों के बीच साम्प्रदायिकता और असमानता का विष नहीं घोलना चाहिए शिक्षक महोदय में बदलाव आ गये।

कलाम साहब के प्राथमिक पाठशाला में विज्ञान के शिक्षक शिवं सुब्रह्मण्यम् अय्यर महोदय कट्टर ब्राह्मण होकर भी रूढ़िवादिता से अलग थेउनका विशेष समय कलाम के साथ बीतता था। वे कलाम से कहते थे”कलाम, मैं तुम्हें ऐसा बनाना चाहता हूँ कि तुम बड़े शहरी लोगों के बीच उच्च शिक्षित व्यक्ति के रूप में पहचाने जाओ।”

एक दिन उन्होंने अपने घर खाने पर कलाम साहब को बुलाया। उनकी पत्नी इस बात से परेशान थी कि-एक मुसलमान को भोजन पर आमंत्रित किया गया है। उन्होंने मुझे बाहर ही खाना खिला दिया। पुन: एक सप्ताह के बाद अय्यर साहब ने दोबारा कलाम को खाने पर बलाया तो कलाम साहब की हिचकिचाहट देख अय्यर साहब ने कहा-“इसमें परेशान होने की जरूरत : नहीं है। एक बार जब तुम व्यवस्था बदल डालने का फैसला कर लेते हो तो ऐसी समस्याएँ सामने आती ही हैं।

अगले सप्ताह जब रात्रि भोज में कलाम साहब अय्यर महोदय के घर पहुँचे तो उनकी पत्नी ने रसोईघर में ले जाकर अपने हाथों से रसोई परोस कर खाना खिलाई।

जब कलाम साहब की उम्र 15 साल की थी उनका नामांकन रामनाथपुरम् के श्वार्ट्ज हाई स्कूल में हुआ था। वहाँ एक शिक्षक आया दुरै सोलोमन बड़े स्नेही और खुले दिमाग वाले थे। वे,सदैव छात्रों का उत्साह बढ़ाया करते थे तथा कहा करते थे—“जीवन में सफल होने और परिणाम प्राप्त करने के लिए तुम्हें तीन शक्तिशाली ताकतों को समझना चाहिए. इच्छा, आस्था और उम्मीदें ।” उन्होंने ही कलाम साहब को सिखाया कि जो भी चीज चाहते हो उसके लिए तीव्र कामना होनी चाहिए फिर वह चीज अवश्य मिल जाता है। ‘वे ही कहा करते थे.”निष्ठा एवं विश्वास से तुम अपनी नियति को बदल सकते हो।”

Bihar Board Class 10 Political Science Solutions Chapter 5 लोकतंत्र की चुनौतियाँ

Bihar Board Class 10 Social Science Solutions Political Science राजनीति विज्ञान : लोकतांत्रिक राजनीति भाग 2 Chapter 5 लोकतंत्र की चुनौतियाँ Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Social Science Political Science Solutions Chapter 5 लोकतंत्र की चुनौतियाँ

Bihar Board Class 10 Political Science लोकतंत्र की चुनौतियाँ Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

सही विकल्प चुनें।.

Loktantra Ki Chunotiya Question Answer Bihar Board प्रश्न 1.
लोकतंत्र की सफलता निभी करती है
(क) नागरिकों की उदासीनता पर
(ख) नागरिकों की गैर-कानूनी कार्रवाई पर
(ग) नागरिकों की विवेकपूर्ण सहभागिता पर
(घ) नागरिकों द्वारा अपनी जाति के हितों की रक्षा पर
उत्तर-
(ग) नागरिकों की विवेकपूर्ण सहभागिता पर

लोकतंत्र की चुनौतियां Class 10 Notes Bihar Board प्रश्न 2.
15वीं लोकसभा चुनाव से पूर्व लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी थी-
(क) 10 प्रतिशत
(ख) 15 प्रतिशत
(ग) 33 प्रतिशत
(घ) 50 प्रतिशत
उत्तर-
(क) 10 प्रतिशत

आतंकवाद लोकतंत्र की चुनौती है कैसे Bihar Board प्रश्न 3.
‘लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा तथा जनता के लिए शासन है’ यह कथन है
(क) अरस्तू का
(ख) अब्राहम लिंकन का
(ग) रूसो का
(घ) ग्रीन का
उत्तर-
(ख) अब्राहम लिंकन का

Aatankwad Loktantra Ki Chunauti Hai Kaise Bihar Board प्रश्न 4.
नए विश्व सर्वेक्षण के आधार पर भारतवर्ष में मतदाताओं की संख्या है लगभग
(क) 90 करोड़
(ख) 71 करोड़
(ग) 75 करोड़
(घ) 95 करोड़
उत्तर-
(ख) 71 करोड़

लोकतंत्र की चुनौतियां Class 10 Bihar Board प्रश्न 5.
क्षेत्रवाद की भावना का एक परिणाम है-
(क) अपने क्षेत्र से लगाव
(ख) राष्ट्रहित
(ग) राष्ट्रीय एकता
(घ) अलगाववाद
उत्तर-
(घ) अलगाववाद

II. रिक्त स्थानों की पर्ति करें।

Bihar Board Solution Class 10 Social Science प्रश्न 1.
भारतीय लोकतंत्र ……………… लोकतंत्र है। (प्रतिनिध्यात्मक/एकात्मक)
उत्तर-
प्रतिनिध्यात्मक

Bihar Board Class 10 Geography Solutions प्रश्न 2.
न्यायपालिका में…………..”के प्रति निष्ठा होनी चाहिए।
उत्तर-
सत्य

लोकतंत्र के मार्ग की बाधाओं का उल्लेख करें Bihar Board प्रश्न 3.
भारतीय राजनीति में महिलाओं को……….प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की गई है।
उत्तर-
33 प्रतिशत 1

Bihar Board Class 10 Social Science Solution प्रश्न 4.
वर्तमान में नेपाल की शासन-प्रणाली…………… है।
उत्तर-
लोकतंत्रात्मक

Loktantra Ki Chunotiya Bihar Board प्रश्न 5.
15वीं लोकसभा चुनाव में यू. पी. ए. द्वारा…………..”सीटों पर विजय प्राप्त की गई।
उत्तर-
265

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Loktantra Ki Chunautiyan Bihar Board प्रश्न 1.
लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा तथा जनता के लिए शासन है। कैसे ?
उत्तर-
लोकतंत्र शासन का वह रूप है जिसके शासन की सम्पूर्ण शक्ति जनता में निहित रहती है। दूसरे शब्दों में, लोकतंत्र उस शासन व्यवस्था को कहते हैं जहाँ जनता शासन-कार्यों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेती है। शासन जनता की इच्छाओं तथा आकांक्षाओं के अनुरूप संचालित होता है। अतः लोकतंत्र जनता द्वारा संचालित, जनता का एवं जनता के लिए शासन है।

Social Science Class 10th Bihar Board प्रश्न 2.
केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच आपसी टकराव से लोकतंत्र कैसे प्रभावित होता है?
उत्तर-
केन्द्र और राज्यों के बीच आपसी टकराव से आतंकवाद से लड़ने और जनकल्याणकारी योजनाओं (शिक्षा, जाति भेदभाव, लिंग भेद, नारी शोषण, बाल मजदूरी एवं सामाजिक कुरीतियों) इत्यादि के सुचारु क्रियान्वयन में बाधा पहुंचती है, जबकि कोई भी अपेक्षित लक्ष्य हासिल करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर सामंजस्य एवं तालमेल आवश्यक है।

Bihar Board Class 10 History Book Solution प्रश्न 3.
परिवारवाद क्या है ?
उत्तर-
परिवारवाद ऐसी मानसिकता है जिससे राजनीति भी प्रभावित हुई है। इसके अन्तर्गत राजनीतिक दल के सुप्रीमों या अध्यक्ष चुनाव में अपने ही परिवार के ज्यादा-से-ज्यादा सदस्यों को टिकट देते हैं। अत: परिवारवाद राजनीति को काफी हद तक प्रभावित करती है।

Bihar Board Class 10th Geography Solution प्रश्न 4.
आर्थिक अपराध का अर्थ स्पष्ट करें।
उत्तर-
वैसा अपसमजो आर्थिक कारणों के लिए होती है जैसे बैंक डकैती, क्लर्क, अफसर द्वारा घूस लेना, सरकारी खजाने का दुरुपयोग करना एवं सरकारी सम्पत्ति को हड़पना इत्यादि।

Bihar Board Class 10 History Chapter 1 प्रश्न 5.
सूचना का अधिकार कानून लोकतंत्र का रखवाला है, कैसे?
उत्तर-
सूचना का अधिकार कानून द्वारा लोगों को जानकार बनाने और सरकार के काम-काज एवं उसकी नीति जानने का अधिकार जनता को दिया गया है। ऐसा कानून भ्रष्टाचार पर रोक लगाता है। सूचना का अधिकार होने से लोग सरकार की प्रत्येक नीति एवं कार्य के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। अतः सूचना का अधिकार कानून लोकतंत्र का रखवाला है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 10 History Notes Pdf प्रश्न 1.
लोकतंत्र से क्या समझते हैं ?
उत्तर-
लोकतंत्र या प्रजातंत्र आंग्ल भाषा के डिमोक्रेसी शब्द का हिन्दी रूपान्तर है। “डिमोक्रेसी’ शब्द दो यूनानी शब्दों के योग से बना है, ‘डेमोस’ और ‘क्रेशिया’, जिसका अर्थ है ‘जनता’ और ‘शासन’। इस प्रकार व्युत्पति की दृष्टि से लोकतंत्र का अर्थ है-जनता का शासन।
अतः लोकतंत्र शासन का वह रूप है जिसमें शासन की सम्पूर्ण शक्ति जनता में निहित रहती है। दूसरे शब्दों में, लोकतंत्र उस शासन व्यवस्था को कहते हैं, जहाँ जनता शासन-कार्यों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेती है। शासन जनता की इच्छाओं तथा आकांक्षाओं के अनुरूप संचालित होता है। अब्राहम लिंकन के शब्दों में “लोकतंत्र जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन है।’ डायसी के अनुसार”, “लोकतंत्र शासन का वह रूप है जिसमें शासक वर्ग सारे राष्ट्र की जनता का एक बड़ा अंश है।” सीले के विचारानुसार, “लोकतंत्र वह शासन है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति का भाग हो।” स्पष्ट है कि लोकतंत्र में शासन को जनता द्वारा निश्चित किया जाता है। आधुनिक समय में लोकतंत्र केवल शासन का रूप नहीं है, अपितु जीवन-दर्शन है।

Bihar Board Class 10 History Notes प्रश्न 2.
गठबंधन की राजनीति कैसे लोकतंत्र को प्रभावित करती है?
उत्तर-
स्पष्ट बहुमत नहीं आने पर सरकार बनाने के लिए छोटी-छोटी क्षेत्रीय पार्टियों का आपस में गठबंधन करना, वैसे उम्मीदवारों को भी चुन लिया जाना, दो दागी प्रवृत्ति या आपराधिक पृष्ठभूमि के होते हैं, लोकतंत्र के लिए एक अलग ही चुनौती है। गठबंधन में शामिल राजनीतिक दल अपनी आकांक्षाओं और लाभों की संभावनाओं के मद्देनजर ही गठबंधन करने के लिए प्रेरित होते हैं, जिससे प्रशासन पर सरकार की पकड़ ढीली हो जाती है।

गठबंधन में राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि सरकार के कार्यक्रमों, कार्यों एवं नीतियों में हस्तक्षेप करते हैं जिससे सरकार को कल्याणकारी कामों में मुश्किल आती है जिससे काम-काज सुचारु रूप से चलाना मुश्किल हो जाता है। लोकतांत्रिक तरीके से काम-काज नहीं हो पाता अतः मठबंधन की राजनीति लोकतंत्र को प्रभावित करती है।

Bihar Board Class 10 Sst Solution प्रश्न 3.
नेपाल में किस तरह की शासन व्यवस्था है ? लोकतंत्र की स्थापना में वहाँ क्या-क्या बाधाएँ हैं?
उत्तर-
नेपाल में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था है। प्रयोग सफलता एवं असफलता के बीच फंस गया है। लोकतंत्र की स्थापना में वहाँ सख्त राजनीतिक दल का अभाव, योग्य एवं कर्मठ राष्ट्रीय नेता का अभाव एवं राष्ट्रशाही के प्रति जनता की स्थायी भक्ति इत्यादि बाधाएं लोकतंत्र की बहाली के मुद्दे हैं।

प्रश्न 4.
क्या शिक्षा का अभाव लोकतंत्र के लिए चुनौती है ?
उत्तर-
अशिक्षा दुर्गुणों की जननी है। लोकतंत्र की सफलता के लिए शिक्षित नागरिक का होना अत्यन्त आवश्यक है। शिक्षित नागरिक ही अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में सही जानकारी रख सकते हैं और उनका सही उपयोग कर सकते हैं। लोकतंत्र का सफल परिचालन विभिन्न कार्यक्षेत्रों में नागरिक की सक्रिय सहभागिता पर ही निर्भर है। यह सहभागिता तभी प्रभावी हो सकती है जब नागरिक शिक्षित हों, उनमें उचित और अनुचित का विभेद कर सकने का विवेक हो, उन्हें अपने अधिकारों एवं दायित्वों का ज्ञान हो। यह विवेक, ज्ञान, शिक्षा के बिना सम्भव नहीं है। अशिक्षित व्यक्ति और पशु में कोई अधिक अन्तर नहीं होता।

वह अच्छे और बुरे की सही पहचान नहीं कर पाता। वह रूढ़ियों, अन्धविश्वासों और पाखण्ड की दुनिया से ऊपर उठकर आधुनिक वैज्ञानिक युग को समझ भी नहीं सकता। विज्ञान ने मानव-प्रगति के लिए जो विविध साधन खोज निकाले हैं, कृषि के वैज्ञानिक विधियों का समावेश किया है, मानव स्वास्थ्य पर नवीन प्रयोग किए हैं इन सबका लाभ भला अशिक्षित व्यक्ति क्या उठा सकता है ? अतएव अशिक्षित नागरिकों का लोकतंत्र लोकतंत्र का माखौल ही होगा। वास्तव में लोकतंत्र की ईमारत शिक्षा रूपी नींव पर ही खड़ा हो सकती है। अतः लोकतंत्र की सफलता के लिए शिक्षित नागरिकों का होना अत्यन्त आवश्यक है। अतः हम कह सकते हैं कि शिक्षा का अभाव लोकतंत्र के लिए चुनौती है।

प्रश्न 5.
आतंकवाद लोकतंत्र की चुनौती है। कैसे?
उत्तर-
किसी स्थापित व्यवस्था का विनाश कर अव्यवस्था तथा आतंक फैलाना आतंकवाद है। आतंकवाद के जन्म के मूल कारणों में धार्मिक कट्टरता या आर्थिक विषमता होती है। हिंसा किसी भी राजनीतिक व्यवस्था के लिए अच्छी नहीं होती है। लोकतंत्र में हिंसा या आतंक होने से राजनीतिक अस्थिरता एवं असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिससे लोकतांत्रिक काम-काज पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अतः आतंकवाद लोकतंत्र के लिए चुनौती होता जा रहा है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वर्तमान भारतीय राजनीति में लोकतंत्र की कौन-कौन-सी चुनौतियाँ हैं ? विवेचना करें।
उत्तर-
भारतीय प्रजातंत्र के सामने अनेक चुनौतियाँ हैं जो निम्नलिखित हैं

  • शिक्षा का अभाव- भारत में शिक्षा की कमी है, ज्यादा लोग अशिक्षित हैं। फलस्वरूप जनता प्रजातंत्र का महत्व नहीं समझती हैं उसे अपने अधिकारों और कर्तव्यों की सही जानकारी नहीं होने के कारण सरकार के कामों में दिलचस्पी नहीं ले पाती।
  • सामाजिक असमानता- प्रजातंत्र की सफलता के लिए सामाजिक समानता जरूरी है। हमारे देश में जाति, धर्म, ऊँच-नीच का भेदभाव बहुत अधिक है। समाज के लोगों में सहयोग का अभाव है। समाज के सभी लोग अपनी भलाई पर विशेष ध्यान देते हैं।
  • आर्थिक असमानता- भारत में आर्थिक असमानता बड़े पैमाने पर है। कुछ लोग ही अमीर हैं, अधिकतर लोग गरीब हैं।
  • मतदान का दुरुपयोग भारतीय प्रजातंत्र में भारतीय जनता मतदान के महत्व को नहीं समझ पाती, अत: अपने मतदान का दुरुपयोग करती है। बूथ छापामारी या असामाजिक तत्वों के उपद्रव के कारण लोग अपना मतदान ठीक से नहीं कर पाते।
  • अव्यवस्थित राजनीतिक दल राजनीतिक दल प्रजातंत्र का प्राण होता है। राजनीतिक ग का नहीं होना भारतीय प्रजातंत्र के लिए दुर्भाग्य की बात है। छोटे-छोटे ‘राजनीतिक दल भारतीय प्रजातंत्र के लिए गंभीर समस्या हैं।

प्रश्न 2.
बिहार की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी लोकतंत्र के विकास में कहाँ तक सहायक है?
उत्तर-
लोकतंत्र की सफलता के लिए महिलाओं का राजनीति में भागीदारी लोकतंत्र के विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण है। देश की आधी आबादी महिलाओं की है। इसलिए महिलाओं ने आजादी ‘ के समय बढ़-चढ़कर भाग लिया था। उस समय की महत्वपूर्ण नारी नेता सरोजनी नायडू, अरुणा आसिफ अली, विजय लक्ष्मी पण्डित इत्यादि ने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

हमारे राज्य बिहार में स्वतंत्रता के समय महिलाएं अंग्रेजों के सामने डटी रहीं। इस प्रदेश में महिलाएं राजनीति के क्षेत्र में अपना नाम रौशन कर रही हैं। जिसका ज्वलंत उदाहरण वर्तमान में -15वीं लोकसभा के अध्यक्ष मीरा कुमार हैं। इससे पूर्व बिहार में राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री पद को सुशोभित किया है। महिला आरक्षण के लिए महिलाओं ने बिहार में आंदोलन किया है जिससे यह पता चलता है कि राजनीति की समझ महिलाओं में पैदा हुई है। बिहार की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी इस बात को लेकर और बढ़ी है कि महिला आरक्षण विधेयक संसद में पारित होने के लिए राज्य सभा में गया तो महिलाओं ने इस पर खुशी जाहिर की।

किसी भी देश के विकास के लिए महिलाओं को शिक्षित होना और सशक्त होना ज्यादा जरूरी है, क्योंकि महिलाओं की संख्या देश की आबादी की आधी है। बिहार की लगभग सभी पार्टियों ने चुनाव में लड़ने के लिए महिलाओं को टिकट दी है जिससे यह पता चलता है कि लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में महिलाएँ राजनीति के क्षेत्र में अपना योगदान अच्छी तरह से दे सकती हैं। अतः बिहार की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बहुत ही महत्वपूर्ण होगी।

बिहार की महिलाएं राष्ट्र की प्रगति के लिए पुरुषों के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। खेतीबारी से लेकर वायुयान उड़ाने और अंतरिक्ष तक जा रही है। इसके बावजूद वे दोयम दर्जे की शिकार हैं। ग्रामीण महिलाओं के लिए सरकार ने नई पंचायती राजव्यवस्था में आरक्षण का प्रावधान किया है। गाँवों में आज महिलाएं पंच और सरपंच चुनी जा रही हैं। अतः हम कहते हैं कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी से बिहार राज्य का निरन्तर विकास होगा और लोकतंत्र की जड़ बिहार में और मजबूत होगी।

प्रश्न 3.
परिवारवाद और जातिवाद बिहार में किस तरह लोकतंत्र को प्रभावित करता है ?
उत्तर-
बिहार में परिवारवाद और जातिवाद लोकतंत्र को कई मायने में प्रभावित कर रहा है। हाल के दशकों में यहाँ पर परम्परा बनी कि जिस जनप्रतिनिधि के निधन या इस्तीफे के कारण कोई सीट खाली हुई उसके ही परिवार के किसी व्यक्ति को चुनाव का टिकट दे दिया जाये। यह बिहार के लोकतंत्र के साथ-साथ भारतीय लोकतंत्र को भी प्रभावित करता है। जातिवाद के आधार पर बिहार का जाति के आधार पर बंटवारा यहाँ के लोकतंत्र को एक खतरा है।

बिहार की राजनीति के परिप्रेक्ष्य में हम कह सकते हैं कि जातिवाद और परिवारवाद लोकतंत्र को कमजोर बनाता है। चुनाव के समय परिवारवाद और जातिवाद के आधार पर टिकटों का बँटवारा होता है जिससे योग्य प्रतिनिधि या उम्मीदवार नहीं आ पाते हैं। जातीय समीकरण बनाने के चक्कर में कभी-कभी अयोग्य उम्मीदवार का चयन हो जाता है जो लोकतंत्र के लिए काफी घातक है। उसी तरह परिवारवाद लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। उदाहरण के लिए 2009 में सम्पन्न बिहार विधान सभा के उपचुनाव के दौरान जनता दल यू. ने परिवार को तरजीह नहीं दिया जिससे पार्टियों में आंतरिक कलह उत्पन्न हो गया और लोकतंत्र को उससे काफी नुकसान पहुंचा।

प्रश्न 4.
क्या चुने हुए शासक लोकतंत्र में अपनी मर्जी से सब कुछ कर सकते हैं ?
उत्तर-
लोकतंत्र में जनता अपने प्रतिनिधियों को चुनाव के माध्यम से संसद या विधानसभा में भेजती है। चुने हुए प्रतिनिधि जनता की समस्याओं को सरकार के समक्ष प्रस्तुत करते हैं और उन समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार से मांग करते हैं। प्रतिनिधि अपनी मर्जी से सब कुछ नहीं कर सकते हैं क्योंकि लोकतंत्र में जनता सर्वमान्य होती है। यदि शासक अपनी मर्जी का काम करते हैं तो जनता उसके विरुद्ध आंदोलन करती है जिससे शासक को खतरा होने लगता है कि ‘ वे सरकार से बाहर हो सकते हैं या जनता भविष्य में उसे नकार न दें। यह भय शासक को अपनी मर्जी से काम करने से बचाता है। परन्तु हाल के वर्षों में यह देखने में आया है कि शासक वर्ग अपनी मनमानी करते हैं जिससे लोकतंत्र को खतरा होने लगता है। वास्तव में लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है साथ ही ताकतबर होती है। वह चाहे तो शासक को अपनी मर्जी का काम करने से रोक सकती है।

प्रश्न 5.
न्यायपालिका की भूमिका लोकतंत्र की चुनौती है कैसे? इसके सुधार के उपाय क्या हैं?
उत्तर-
भारतीय लोकतंत्र प्रतिनिध्यात्मक लोकतंत्र है। इसमें शासन का संचालन जन-प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है। भारतीय लोकतंत्र के तीन अंग हैं-कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका। लोकतंत्र में न्यायपालिका की भूमिका लोकतंत्र के लिए चुनौती बनती जा रही है। वह अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर कार्यपालिका एवं विधायिका को प्रभावित करती है जिससे संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जब विधायिका कानून पारित करती है तो न्यायपालिका उस कानून को व्यावहारिक-सौर पर उसमें फेर-बदल के लिए विधायिका पर दबाव डालने की कोशिश करती है जिससे टकराव की स्थिति उत्पन्न होती है।

न्यायपालिका को विधायिका द्वारा बनाये गये कानून पर मनन करना चाहिए जिससे तीनों अंग कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका सामंजस्य बनाकर लोकतंत्र को मजबूत कर सकते हैं।

प्रश्न 6.
आतंकवाद लोकतंत्र की चुनौती है। स्पष्ट करें।
उत्तर-
किसी स्थापित व्यवस्था का विनाश कर अव्यवस्था तथा आतंक फैलाना आतंकवाद है। आतंकवाद के जन्म के मूल कारणों में धार्मिक कट्टरता या आर्थिक विषमता होती है। हिंसा किसी भी राजनीतिक व्यवस्था के लिए अच्छी नहीं होती है। लोकतंत्र में हिंसा या आतंक उत्पन्न हो जाता है जिससे लोकतांत्रिक काम-काज पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अतः आतंकवाद लोकतंत्र के लिए चुनौती होता जा रहा है।

आतंकवाद पूरे विश्व में एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है। जिसका समाधान विश्व स्तर पर भी हो रहा है। फिर भी आतंकवाद दुनिया के लोकतंत्रात्मक शासन व्यवस्था में चुनौती है। यह चुनौती लोकतंत्र के लिए घातक बनता जा रहा है।

Bihar Board Class 10 History लोकतंत्र की चुनौतियाँ Additional Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
महिला आरक्षण बिल विधेयक में महिलाओं के लिए कितने प्रतिशत आरक्षण की बात ‘कही गई है?
(क) 22 प्रतिशत
(ख) 33 प्रतिशत
(ग) 10 प्रतिशत
(घ) 44 प्रतिशत
उत्तर-
(ख) 33 प्रतिशत

प्रश्न 2.
एनक्रुमा कहाँ के राष्ट्रपति चुने गए थे?
(क) पोलैण्ड
(ख) मैक्सिको
(ग) चीन
(घ) घाना
उत्तर-
(घ) घाना

प्रश्न 3.
इनमें कौन लोकतंत्र की चुनौती का उदाहरण नहीं है ?
(क) दक्षिण अफ्रीका में गोरे अल्पसंख्यकों को दी गई रियायतें वापस लेने का दबाव
(ख) सऊदी अरब में महिलाओं को सार्वजनिक गतिविधियों में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं
(ग) भारत में अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा
(घ) श्रीलंका में सरकार और तमिलों के बीच तनाव
उत्तर-
(क) दक्षिण अफ्रीका में गोरे अल्पसंख्यकों को दी गई रियायतें वापस लेने का दबाव

प्रश्न 4.
लोकतंत्र की सफलता के लिए एक आवश्यक शर्त क्या हैं ?
(क) शिक्षा का अभाव
(ख) बेरोजगारी
(ग) लोकतंत्र में आस्था
(घ) मतदान का दुरुपयोग
उत्तर-
(ग) लोकतंत्र में आस्था

प्रश्न 5.
लोकतंत्र के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा क्या है ?
(क) लोकतंत्र में आस्था
(ख) अशिक्षा
(ग) सामाजिक समानता
(घ) राजनीतिक जागृति
उत्तर-
(ख) अशिक्षा

प्रश्न 6.
स्विट्जरलैंड में महिलाओं को मताधिकार किस वर्ष प्राप्त हुआ?
(क) 1848 में
(ख) 1871 में
(ग) 1971 में
(घ) 1991 में
उत्तर-
(ग) 1971 में

प्रश्न 7.
भारतीय लोकतंत्र की कमजोरियों को दूर करने के लिए सर्वश्रेष्ठ उपाय क्या है ?
(क) आर्थिक असमानता
(ख) मीडिया पर नियंत्रण
(ग) सुधारात्मक कान्नों का निर्माण
(घ) बूथ छापामारी
उत्तर-
(ग) सुधारात्मक कान्नों का निर्माण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्षेत्रवाद क्या है ?
उत्तर-
यह पक्षपात से उत्पन्न ऐसी सोच है, जो किसी क्षेत्र विशेष की जनता से यह भावना उत्पन्न करती है कि उसका क्षेत्र ही सर्वश्रेष्ठ है और बाकी सब साधारण। इसके कारण सामाजिक विषमताएं पैदा हो जाती है जो किसी भी लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

प्रश्न 2.
विधि का शासन क्या है ?
उत्तर-
विधि के शासन से तात्पर्य यह है कि लोकतंत्र में सरकार संविधान द्वारा निर्दिष्ट अधिकारों के अनुसार ही जनता पर शासन करे। इस सिद्धांत के अनुसार सरकार को जनता के प्रति उत्तरदायी बनाया गया। पहले राजतंत्रात्मक व्यवस्था में राजा ही समस्त शक्तियों का स्रोत होता था लेकिन लोकतंत्र में सरकार मनमानी नहीं कर सकती है।

प्रश्न 3.
बूथ-छापामारी से क्या समझते हैं ?
उत्तर-
चुनावी दंगल में बूथ छापामारी वह दाँव है जिसे कोई उम्मीदवार दूसरे उम्मीदवार को हराने के लिए लगाता है। जिस उम्मीदवार के पास तरकत है, जिसका बोलवाला है उसके समर्थक , बूथों पर छापामारी करके सारे मत अपने पक्ष में डलवाने में समर्थ हो जाते हैं।

प्रश्न 4.
व्यक्ति की गरिमा का उल्लेख संविधान के किस भाग में है।
उत्तर-
व्यक्ति की गरिमा का उल्लेख संविधान की प्रस्तावना में है।

प्रश्न 5.
लोकतंत्र से जनता की सबसे बड़ी अपेक्षा क्या है ?
उत्तर-
लोकतंत्र से जनता की अनेक अपेक्षाएँ हैं लेकिन जो सबसे बड़ी अपेक्षा है वह है जनता को लोकतांत्रिक व्यवस्था में आर्थिक समस्याओं से जूझना नहीं पड़े। आर्थिक स्वतंत्रता ही लोकतंत्र का आधार है। भूखे व्यक्ति के लिए लोकतंत्र का कोई महत्व नहीं रह जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के समक्ष उपस्थित तीन चुनौतियों का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर-
लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के समक्ष उपस्थित तीन चुनौतियां निम्नलिखित हैं

  • मौलिक आधार बनाने की चुनौती- अनेक देश आज भी राजशाही, तानाशाही और फौजी शासन के अधीन है जहां लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था को अपनाने का प्रयास चल रहा है। ऐसे देशों में लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के लिए तैयार कराने के लिए मौलिक आधार बनाना आवश्यक है जिससे लोकतांत्रिक सरकार का गठन किया जा सके।
  • विस्तार की चुनौती- लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के सामने दूसरी चुनौती इसके विस्तार की है। केंद्र, इकाइयों, स्थानीय निकायों, पंचायतों, प्रशासनिक इकाइयों की सभी संस्थाओं को लोकतांत्रिक बनाने की आवश्यकता है। इतना ही नहीं सत्ता में भागीदारी को भी विस्तृत बनाना है।
  • सशक्त बनाने की चुनौती-लोकतंत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौती उसे सशक्त बनाने की है। जनता की प्रतिनिधि संस्थाओं और उसके सदस्यों का जनता के प्रति जो व्यवहार – है, उसे मजबूत करने की चुनौती बहुत नहीं है।

प्रश्न 2.
लोकतांत्रिक सुधार की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?
उत्तर-
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की सबसे बड़ी विशेषता यह होता है कि इसमें अपनी कमजोरियों को सुधारने की क्षमता है। लोकतांत्रिक शासन की चुनौतियों को लोकतांत्रिक सुधार द्वारा डटकर सामना किया जा सकता है। प्रत्येक लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था की अपनी अलग-अलग कमजोरियाँ होती हैं और उसमें अलग-अलग लोकतांत्रिक सुधारों की भी आवश्यकता है। लोकतांत्रिक सुधार के द्वारा लोकतंत्र की चुनौतियों या कमजोरियों को दूर किया जा सकता है।

प्रश्न 3.
लोकतंत्र से जनता की अपेक्षाओं का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर-
लोकतंत्र को शासन का सर्वश्रेष्ठ रूप माना जाता है। यह जनता का जनता के लिए और जनता द्वारा शासनं ही। स्वाभाविक है कि इससे जनता की अपेक्षाएँ भी अधिक होगी। लोकतंत्र से जनता की अपेक्षा यह है कि प्रत्येक व्यक्ति से समान व्यवहार हो। समानता को लोकतांत्रिक व्यवस्था की आत्मा कहा जाता है। लोकतंत्र से जनता को जो सबसे बड़ी अपेक्षा है वह यह है कि उसे आर्थिक समस्याओं से जुझना नहीं पड़े। लोकतंत्र से जनता की एक अपेक्षा यह भी है कि इस शासन व्यवस्था में उनका जीवन सुरक्षित हो। लोकतंत्र में घृणा, स्वार्थ, द्वेष, ईर्ष्या, जैसी बुराइयों के पनपने से नैतिकता समाप्त हो जाती है। लोकतंत्र से जनता की तक अपेक्षा यह भी है कि उसकी शासन व्यवस्था में उसकी गरिमा का भी संवर्धन हो।

प्रश्न 4.
बिहार में लोकतंत्र की जड़ें कितनी गहरी हैं.?
उत्तर-
बिहार भी भारतीय लोकतंत्र का एक अंग है। बिहार में लोकतांत्रिक व्यवस्था प्राचीनकाल में ही विद्यमान थी। बिहार के ही वैशाली जिले में लिच्छवियों का गणतंत्र था। लिच्छवियों की शासन प्रणाली गणतांत्रिक पद्धति पर आधारित थी। राज्य की शक्ति जनता में निहित थी। अत: यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि बिहार में लोकतंत्र की जड़ें काफी गहरी थी। भारत की तरह बिहार में भी लोकतंत्र सफलता के मार्ग पर अग्रसर है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का वर्णन करें।
उत्तर-
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के समक्ष विभिन्न तरह की चुनौतियाँ हैं जो निम्नलिखित हैं

i. मौलिक आधार बनाने की चनौती यह सही है कि इक्कीसवीं सदी लोकतंत्र की शताब्दी है। परंतु अभी भी विश्व के अनेक देश राजशाही, तानाशाही और फौजी शासन . के अधीन है। वे उनके शासन से मुक्ति चाहते हैं और लोकतंत्र को अपनाना चाहते हैं। इसके लिए बहुत से देशों में प्रयास तेजी से चल रहे हैं। ऐसे देशों में लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के लिए तैयार कराने के लिए मौलिक आधार बनाना आवश्यक है। मौलिक आधार बनाकर ही वहाँ लोकतांत्रिक सरकार का गठन किया जा सकता है।

ii. विस्तार की चुनौती-जहाँ लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की स्थापना हो चुकी है और जहाँ मौलिक आधारों को बनाया गया है उसे सर्वत्र लागू करना है। इसका मतलब है कि लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के सामने विस्तार की चुनौती है। केंद्र, इकाइयों,स्थानीय निकायों, पंचायतों, प्रशासनिक इकाइयों की सभी संस्थाओं को लोकतांत्रिक  बनाने की आवश्यकता है। इतना ही सत्ता में भागीदारी को भी विस्तृत बनाना है। इसमें . . वंश, लिंग, जाति, धर्म, संप्रदाय भाषा, स्थान आदि के आधार पर किसी को वंचित नहीं करना है। आधुनिक युग में विकसित अथवा विकासशील दोनों प्रकार की लोकतांत्रिक
शासन-व्यवस्थाओं के लिए यह चुनौती एकसमान है।

iii. सशक्त बनाने की चुनौती- लोकतंत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौती उसे सशक्त बनाने की है। यह चुनौती प्रत्येक लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के सामने किसी-न-किसी रूप में विद्यमान है। जनता की प्रतिनिधि संस्थाओं और उसके सदस्यों का जनता के प्रति जो व्यवहार है, उसे मजबूत करने की चुनौती बहुत बड़ी है। लोकतांत्रिक शासन की जितनी संस्थाएं हैं, उसकी कार्य पद्धति में सुधार लाना आवश्यक है। ऐसा करने पर ही संस्थाएँ भी सशक्त बनेंगी और लोकतंत्र भी।

प्रश्न 2.
लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था की कमजोरियों को दूर करने के उपायों का वर्णन करें।
उत्तर-
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि इसमें अपनी कमजोरियों को सुधारने की क्षमता है। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की कमजोरियों को दूर करने के उपाय निम्नलिखित हैं- शिक्षा का प्रसार शिक्षा का प्रमार कर लोकतंत्र के कमजोरियों को दूर किया जा सकता है। लोकतंत्र के विकास में मार्ग में अशिक्षा सबसे बड़ी बाधा है। इसलिए शिक्षा का प्रसार किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा 1986 में ही नई शिक्षा नीति की घोषणा कर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाया जा रहा है।

ii. बेरोजगारों को रोजगार – बेरोजगारी की समस्या भी लोकतंत्र की एक कमजोरी है। अब बेरोजगारी दूर करने के काफी प्रयास किए जा रहे हैं। लघु एवं कुटीर उद्योगों के विकास पर जोर दिया जा रहा है। पंचवर्षीय योजनाओं में बेरोजगारी की समस्या के समाधान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

iii. पंचायती राज-सतत जागरूकता ही लोकतंत्र को सफलता के मार्ग पर ले जा सकती ‘ है। पंचायती राज की स्थापना इसी उद्देश्य से की गई है। ग्राम पंचायतें लोकतंत्र के मुख्य आधार है। ग्राम पंचायतों के कामों में भाग लेने से सामान्य लोगों में भी लोकतंत्र के प्रति दिलचस्पी बढ़ी है।

iv. सुधारात्मक कानूनों का निर्माण- लोकतंत्रात्मक सुधार में सुधारात्मक कानूनों के निर्माण की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। सरकार कानून बनाते समय इस बात पर विशेष ध्यान रखती है कि राजनीति पर इसका प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े तथा वैसे कानूनों का निर्माण हो जिससे जनता के स्वतंत्रता के अधिकार में वृद्धि हो।

v. आंदोलन हित समूहों और मीडिया की स्वतंत्रता- लोकतांत्रिक सुधार के लिए। लोकतांत्रिक आंदोलनों और संघर्षों, विभिन्न हित समूहों और मीडिया की स्वतंत्रता अवश्य सुनिश्चित की जानी चाहिए।

vi. निष्पक्ष निर्वाचन पद्धति- देश में निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए एक निष्पक्ष निर्वाचन आयोग का गठन किया गया है। निष्पक्ष चुनाव पर ही लोकतंत्र का भविष्य निर्भर है। भारत सहित अन्य लोकतांत्रिक देश इन्हीं उपायों से अपनी कमजोरियों को दूर कर सकते हैं लोकतंत्र की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।

प्रश्न 3.
भारत लोकतंत्र जनता की उन्नति, सुरक्षा और गरिमा के संवर्द्धन में कहाँ तक सहायक है?
उत्तर-
लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता अपनी उन्नति की आकांक्षा रखती है और साथ-साथअपनी सुरक्षा एवं गरिमा को बनाए रखने की भी अपेक्षा रखती है। लोकतंत्र कहां तक इसमें सहायक है-

i. निम्नलिखित तर्कों के द्वारा इसको स्पष्ट किया जा सकता है जनता की उन्नति भारतीय लोकतंत्र का उद्देश्य अपने नागरिकों का अधिकतम कल्याण है। इसे कल्याणकारी स्वरूप प्रदान किया गया है। भारतीय लोकत्र को समाजवादी स्वरूप देने के उद्देश्य से ही भारतीय संविधान में राज्य के नीति निदक तत्व के अंतर्गत अनेक प्रावधान किए गए हैं। इन प्रावधानों का उद्देश्य नागरिकों की ‘अधिकतम उन्नति है। ये प्रावधान हैं

राज्य के सभी नागरिकों की जीविका के साधन प्राप्त करने का समान अधिकार है। पुरुषों और स्त्रियों को समान कार्यों के लिए समान वेतन मिले।

ii. जनता की सुरक्षा-भारतीय लोकतंत्र जनता को सुरक्षा प्रदान करने में भी सफल नहीं हो पा रही है। भारत की जनता आतंकवाद, नक्सलवाद, अपहरण, हत्या, अपराध जैसी घटनाओं से त्रस्त है। स्वाभाविक है कि जबतक नागरिकों को जीवन ही सुरक्षित नहीं रहेगा तबतक वे उन्नति के पक्ष पर अग्रसर कैसे हो सकेंगे। भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी-बड़ी चुनौती सुरक्षा की है। ऐसा नहीं है कि भारतीय लोकतंत्र इस चुनौती को नजरअंदाज कर रहा है। सुरक्षा नहीं तो विकास नहीं’ के कथन से भारतीय लोकतंत्र पूर्णरूपेण अवगत है और भारत को विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने के लिए सतत प्रयत्नशील है।

iii. व्यक्ति की गरिमा व्यक्ति की गरिमा के संवर्द्धन के लिए भी भारतीय लोकतंत्र सजग है। जातिवाद, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद, लैंगिक विभेद अमीर-गरीब का विभेद, ऊँच-नीच का भेदभाव व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले तत्व हैं। भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ही इसे स्पष्ट कर दिया गया है कि व्यक्ति की गरिमा को बनाए रखा जाएगा। संविधान ने जातिगत भेदभाव, अस्पृश्यता और अन्य ऐसे भेदभाव का निषेध
कर दिया है जिससे समाज में रहनेवाले विभिन्न वर्ग के लोगों में दुर्भावना नहीं पनप सको स्पष्ट है कि भारतीय लोकतंत्र के मार्ग में अनेक बाधाओं के रहते हुए भी जनता की उन्नति, सुरक्षा और गरिमा के संवर्द्धन में यह बहुत हद तक सहायक है।

प्रश्न 4.
लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं पर एक निबंध लिखें।
उत्तर-
लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं को हम निम्नांकित शीर्षकों के अंतर्गत रख सकते हैं-

  • लोकतंत्र जनता का शासन है। यह शासन का वह स्वरूप है जिसमें जनता को ही शासकों के चयन का अधिकार प्राप्त है।
  • जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों को ही लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के लिए निर्णय लेने का अधिकार है।
  • निर्वाचन के माध्यम से जनता को शासकों को बदलने तथा अपनी पसंद व्यक्त करने का बिना किसी भेदभाव के पर्याप्त अवसर और विकल्प प्राप्त होना चाहिए।
  • विकल्प के प्रयोग के बाद जिस सरकार का गठन किया जाए उसे संविधान में निश्चित किए गए मौलिक नियमों के अनुरूप कार्य करना चाहिए। साथ ही नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
  • नागरिकों को मताधिकार निर्वाचन में खड़े होने का अधिकार जैसे राजनीतिक अधिकार के अलावा कुछ आर्थिक अधिकार भी दिए जाने चाहिए। जीविका का साधन प्राप्त करने, काम पाने का अधिकार, उचित पारिश्रमिक पाने का अधिकार जैसे आर्थिक अधिकार जब तक नागरिकों को नहीं मिलेंगे तबतक राजनीतिक अधिकार निरर्थक सिद्ध होंगे।
  • सत्ता में भागीदारी का अवसर सबों को बिना भेदभाव के मिलना चाहिए। सत्ता में जितना अधिक भागीदारी बढ़ेगी, लोकतंत्र उतना ही सशक्त बनेगा।
  • लोकतंत्र को बहुमत की तानाशाही से दूर रखा जाना चाहिए। अल्पसंख्यकों के हितों पर ध्यान देना आज को लोकतंत्र की पुकार है।
  • लोकतंत्र को सामाजिक भेदभाव से भी दूर रखा जाना चाहिए। इसको जातिवाद, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद, धर्मवाद जैस भयंकर रोगों से मुक्त किया जाना चाहिए।

Bihar Board Class 10 History लोकतंत्र की चुनौतियाँ Notes

  • नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार भारत में 71 करोड़मतदाता है।
  • दुनिया के एक चौथाई हिस्से में अभी भी लोकतांत्रिक व्यवस्थानहीं है।
  • भारतीय लोकतंत्र प्रतिनिधियात्मक लोकतंत्र है। इसका संचालन जनप्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है।
  • भारतीय लोकतंत्र के तीन अंग हैं. विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका।
  • किसी भी लोकतंत्र की सफलता में स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका की भूमका सर्वमान्य सत्य है।
  • अमेरिका तथा ब्रिटेन में लोकतांत्रिक व्यवस्थाकी सफलता बहुत हद तक उनकी न्यायपालिका की सफलता है।
  • भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।
  • ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों म राष्ट्राध्यक्ष रबर स्टाम्पकी तरह होते हैं।
  • नेपाल में 240 साले पुराने राजशाही को समाप्त कर लोकतांत्रिक देशबनाया गया।
  • अमेरिकी संविधान निर्माताओं में से एक अलेक्जेंडर हैमिलटन ने कहा था कि, “कार्यपालिका में ऊर्जा होनी चाहिए तो विधायिका मेंदूरदर्शिता जबकि न्यायपालिका में सत्य के प्रति निष्ठा और संयम होना चाहिए।”
  • पंद्रहवें लोकसभा चुनाव में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) द्वारा लोकसभा की 543 सीटों में से 265 सीटों पर विजय प्राप्त की। कांग्रेस पार्टी को 202 सीटें ही प्राप्त हो सकी।
  • ब्रिटेन की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी की संख्या 19.3 प्रतिशत अमेरिका में 163 प्रतिशत, इटलीमें 16.01 प्रतिशत, आयरलैंड में 14.2 प्रतिशत तथा फ्रांसमें 13.9 है।
  • 15वीं लोकसभा चुनाव के बाद महिलाओं की भागीदारी 10 प्रतिशतसे अधिक हो गई है।
  • राजनीतिक भ्रष्टाचार और अपराध, अफसरशाही, लूटतंत्र, आर्थिक पिछड़ापन, शिक्षा का अभाव, प्राकृतिक आपदा नारियों की दयनीय स्थिति, पंचायतों और प्रखंडों में फैला भ्रष्टाचार यें सभी बिहार में स्थापित लोकतंत्र की चुनौतियां हैं।
  • सूचना का अधिकार का कानूनलोगों को जानकार बनाने और लोकतंत्र के रखवाले के तौर पर सक्रिय करने का अच्छा उदाहरण है।
  • लोकतांत्रिक सुधार मुख्यतः राजतिक दल ही करते हैं। अतः राजनीतिक सुधारों का जोर – मुख्यतः लोकतांत्रिक कामकाजपर ज्यादा मजबूत बनाने पर होना चाहिए।

Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 7 पिता का पत्र पुत्र के नाम

Bihar Board Class 6 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 1 Chapter 7 पिता का पत्र पुत्र के नाम Text Book Questions and Answers and Summary.

BSEB Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 7 पिता का पत्र पुत्र के नाम

Bihar Board Class 6 Hindi पिता का पत्र पुत्र के नाम Text Book Questions and Answers

प्रश्न-अभ्यास

पाठ से –

Pita Ka Patra Putra Ke Naam Bihar Board Class 6 Hindi प्रश्न 1.
गाँधीजी ने पत्र के माध्यम से अपने पुत्र को क्या-क्या शिक्षाएँ दी हैं ?
उत्तर:
गाँधीजी ने पत्र के माध्यम से अपने पुत्र को शिक्षाएँ दी कि अपने आहार पर पूर्ण ध्यान देना चाहिए। किताबी ज्ञान के साथ-साथ चरित्र निर्माण और कर्त्तव्य बोध अनिवार्य है। अपने कर्तव्य का पालन भी करना चाहिए । बारह वर्षों के बाद बच्चों को अपनी जिम्मेवारी और कर्त्तव्य का भान हो जाना चाहिए । मनुष्य के लिए आत्मा और परमात्मा के साथ स्वयं का ज्ञान तथा अक्षर-ज्ञान अनिवार्य है। अमीरी और गरीबी की तुलना में गरीबी में जीना सुखद है। गणित और संस्कृत विषय पर अधिक ध्यान देना चाहिए। अपने कार्य को नियत समय में करना चाहिए। कुछ समय भजन प्रार्थना में भी देना चाहिए। खर्च का हिसाब रखना चाहिए इत्यादि ।

पिता का पत्र पुत्र के नाम Bihar Board Class 6 Hindi प्रश्न 2.
गाँधीजी ने असली शिक्षा किसे माना है ? उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
गाँधीजी ने असली शिक्षा चरित्र-निर्माण और कर्त्तव्य का बोध करना है।

वस्तुतः किताबी ज्ञान ही भात्र ज्ञान नहीं बल्कि चरित्र-निर्माण और कर्तव्य का भान होना है। वास्तविक शिक्षा मनुष्य को समय का दुरुपयोग से बचाता है तथा समाज में सभ्य मनुष्य के रूप में प्रकाशित करता है। चरित्रहीन विद्वान कभी भी सम्मान के योग्य नहीं होते तथा कर्तव्य ज्ञान के बिना संसार सागर से पार करना मुश्किल है।

Pita Ka Patra Putri Ke Naam Question Answer प्रश्न 3.
गाँधीजी के पत्र के माध्यम से किन तीन बातों को महत्वपूर्ण माना गया है?
उत्तर:
गाँधीजी के पत्र के माध्यम से निम्नलिखित बातों को महत्वपूर्ण माना गया है।

  1. अपने आहार पर पूर्ण ध्यान देना।
  2. अपने जिम्मेवारी को हर्षपूर्वक संभालना।
  3. शब्द ज्ञान के अतिरिक्त आत्मा स्वयं एवं ईश्वर का ज्ञान प्राप्त करना ।
  4. गरीबी में जीना अमीरी में जीने से सुखद है।
  5. कृषि कार्य भी करना चाहिए।
  6. गणित-संस्कृत और संगीत विषयों में अधिक अभिरुचि रखना।
  7. खर्च का हिसाब सही ढंग से रखना।
  8. अपना कार्य नियमपूर्वक और नियत समय पर करना ।
  9. ईश्वर की प्रार्थना एवं भजन करना।

Pita Ka Putra Ko Patra Bihar Board Class 6 Hindi प्रश्न 4.
“बा” उपनाम से किन्हें जाना जाता है?
उत्तर:
गाँधीजी की पत्नी कस्तुरबा गाँधी “बा” उपनाम से जानी जाती थी।

Bihar Board Class 6 Hindi Book Solution प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रश्नों के चार-चार विकल्प दिए गए हैं। सही विकल्प के सामने (✓) सही का निशान लगाइए –

(क) गाँधीजी ने अपने जिस पुत्र को पत्र लिखा उसका नाम था –
(i) देवदास गाँधी
(ii) मणिलाल गाँधी
(iii) मोहनदास
(iv) रामदास गाँधी
उत्तर:
(ii) मणिलाल गाँधी

(ख) गाँधीजी ने यह पत्र-कहाँ से लिखा था?
(i) पटना जेल से
(ii) लखनऊ जेल से
(iii) तिहार जेल से
(iv) प्रिटोरिया जेल से
उत्तर:
(iv) प्रिटोरिया जेल से

(ग) गाँधीजी मे यह पत्र कब लिखा.?
(i) 25 मार्च, 1919
(ii) 25 मार्च, 1900
(iii) 25 मार्च, 1909
(iv) 25 मार्च, 1929
उत्तर:
(iii) 25 मार्च, 1909

पाठ से आगे –

Bihar Board Class 6 Hindi Solution प्रश्न 1.
आप अपने पिताजी को गाँव/शहर की जीवन शैली के सम्बन्ध में एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
पूज्य पिताजी !
सादर प्रणाम ।
मैं कुशलपूर्वक हूँ आशा करता हूँ कि आप भी सपरिवार कुशल होंगे।

मैं अभी कुछ दिनों से बम्बई शहर में हूँ। शहर के लोगों की जीवन शैली मुझे पसंद नहीं आ रही है। यहाँ के लोगों की जीवन शैली आकर्षक तो खूब है लेकिन पारस्परिक प्रेम और स्नेह से लोग वंचित है। केवल अपने को संभालकर किसी भी देश की जनता सम्पन्न राष्ट्र की कल्पना नहीं सोच सकता है। यहाँ के लोग स्वास्थ्य पर ध्यान बिल्कुल नहीं देते । कार्य की अधिकता तो अच्छी बात है लेकिन कार्य को नियत समय पर ही करना स्वास्थ्य के लिए उत्तम है जो यहाँ के लोगों में अभाव है। । यहाँ के लोग अमोद-प्रमोद प्रिय हैं जो जीवन के कुछ ही वर्ष के लिए अनिवार्य है। प्रायः विद्यार्थी जीवन में सुख-सुविधा और आजादी जीवन को परेशानी में डाल देती है। लेकिन यहाँ की छात्र जीवन भी अमोद-प्रमोद युक्त दिखलाई पड़ते हैं जो जीवन-निर्माण में जटिलता लाता है।

यहाँ के अमीर और गरीब लोगों की जीवन-शैली में अत्यन्त फर्क दिखता है जबकि ग्राम्य जीवन-शैली में फर्क कम दिखता है।

आप मेरे पत्र को पढ़कर शहरी जीवन-शैली पर विशेष रूप से विचार कर अपनी राय पत्र के द्वारा भेजेंगे।

माताजी को प्रणाम तथा छोटे को स्नेह भरा आशीर्वाद ।

आपका पुत्र
मुकेश कुमार

Pita Ka Patra Putra Ke Naam Question Answer प्रश्न 2.
आप अपने गांव के किसान के बारे में लिखिए।
उत्तर:
हमारे गाँव मंझौल में प्रायः हरेक वर्ग के किसान हैं। सभी किसानों में प्रायः एकता देखी जाती है। हरेक किसान एक-दूसरे के पूरक दिखाई पड़ते हैं। हमारे गाँव के किसान अत्यन्त परिश्रमी हैं। जबकि हमारे गाँव की भूमि अधिक उपजाऊ नहीं है। कभी अतिवृष्टि तो कभी अनावृष्टि भी किसानों को प्रभावित करती है लेकिन इसके बावजूद हमारे गाँव के किसान अपनी कर्मठता के कारण उन्नत किसान कहलाते हैं। वहाँ के अन्य गाँवों की अपेक्षा हमारे गाँव के किसान अधिक सम्पन्न दिखाई पड़ते हैं।

ये किसान नियमित रूप से उठते हैं जिसके कारण गोपालन का काफी समय उनको प्राप्त हो जाता है। हमारे यहाँ के किसान गोपालन में भी बहुत आगे हैं। विशेषतः किसान पढ़े-लिखे हैं जिसके कारण कृषि का सम्यक् ज्ञान उन्हें प्राप्त होते रहता है।

Mahatma Gandhi Wikipedia In Hindi Bihar Board प्रश्न 3.
क्या हमें पत्र लिखना चाहिए? हाँ तो क्यों ? नहीं तो क्यों ?
उत्तर:
हमें पत्र लिखना चाहिए। पत्र सम्बन्ध स्थापित करने का मूर्त उपाय है। इससे लेखन कला की सम्पन्नता के साथ-साथ अपने भाव को व्यापक रूप से प्रकट करने का अवसर मिलता है। पत्र लेखन में पैसे की भी बचत है।

व्याकरण –

Mahatma Gandhi Letter In Hindi Bihar Board प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
पत्र, शिक्षा, आश्रम, जिम्मेवारी, महत्वपूर्ण, गरीबी, आनन्द, जेल, चेष्टा, सुख।
उत्तर:
पत्र = पत्र लिखना चाहिए।
शिक्षा = शिक्षा के बिना मनुष्य पशु समान होता है।
आश्रम = आश्रम में मुनि लोग रहते थे।
जिम्मेवारी = अपनी जिम्मेवारी आप संभालो।
महत्वपूर्ण = महत्वपूर्ण कार्य में उसे बुला लूँगा।
गरीबी = गरीबी में मनुष्य को संयमित रहना चाहिए।
आनन्द = आनन्दपूर्वक अपना कार्य करना चाहिए।
जेल = जेल से छूटकर मैं पढूँगा।
चेष्टा = वह चेष्टापूर्वक कार्य करता है।
सुख = सुख मिलने पर सब सोते हैं।

Bhiksha Patra In Hindi Class 5 Question Answer प्रश्न 2.
नीचे लिखे संज्ञाओं के साथ पूर्वक प्रत्यय लगाकर क्रिया-विशेषण बनाइए और उनका अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए।
धैर्य, शांति, संतोष, प्रेम, श्रम।
उत्तर:
धैर्य = धैर्यपूर्वक कार्य करना चाहिए।
शांति = शांतिपूर्वक बैठना चाहिए।
संतोष = संतोषपूर्वक रहना चाहिए।
प्रेम = प्रेमपूर्वक यहाँ रहो।
श्रम = श्रमपूर्वक काम से सफलता मिलेगी।

Bihar Board Solution Class 6 Hindi प्रश्न 3.
नीचे कुछ भाववाचक संज्ञाएँ दी गयी हैं। इससे विशेषण बनाकर उनका अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
महत्व, निश्चय, उपयोग, सहानुभूति, मानब ।
उत्तर:
महत्व = महत्वपूर्ण कार्य करना चाहिए।
निश्चय = निश्चयपूर्वक कहता है।
उपयोग = उपयोगी वस्तु दान दो।
सहानुभूति = सहानुभूतिपूर्वक निवास करो।
मानव = मानवीय गुणों को धारण करना चाहिए।

पिता का पत्र पुत्र के नाम Summary in Hindi

पाठ का सार – संक्षेप

पत्र मणिलाल गाँधी के नाम लिखा गया। पत्र 25 मार्च, 1909 ई० को प्रिटोरिया जेल से लिखा गया।

पत्र लिखने वाले मोहनदास करमचंद गाँधी हैं।
प्रिय पुत्र,
प्रतिमास एक पत्र लिखने और प्राप्त करने का अधिकार मुझे प्राप्त है। मिस्टर रीच, मिस्टर पोलक (दोनों मित्र) और तुम्हारा ख्याल बारी-बारी से आया। लेकिन तुम्हें पत्र लिखना पसंद किया क्योंकि तुम्हारा ही ध्यान मुझे बराबर रहता था।

मैं पूर्ण शांति में हूँ। आशा है ‘बा’ अच्छी होगी। मुझे मालूम है कि तुम्हारा अनेक पत्र आये लेकिन मुझे नहीं दिये गये फिर भी डिप्टी गवर्नर की उदारता से मालूम हुआ कि-“बा” का स्वास्थ्य सुधर रहा है। तुम सब “बा” के साथ सबेरे दूध के साथ साबूदाना बराबर लेते रहना। मुझे आशा है कि तुम अपनी जिम्मेवारी आनन्द से निभाते होगे । जेल में मैंने खूब पढ़ा। इससे मैं यह समझता हूँ कि केवल अक्षर-ज्ञान ही शिक्षा नहीं बल्कि सच्ची । शिक्षा चरित्र निर्माण और कर्तव्यबोध है। मुझे आशा है कि तुम भी सच्ची शिक्षा प्राप्त कर रहे होगे । बीमार माँ की सेवा के साथ रामदास और देवदास पर भी ध्यान दे रहे होगे। ब्रह्मचर्य और संन्यास आश्रम में कोई अन्तर नहीं। बारह वर्षों के बाद बच्चों में जिम्मेवारी और कर्त्तव्य का भान होना चाहिए तथा उन्हें अपने आचार और विचार में सत्य-अहिंसा के प्रयोग की चेष्टा करनी चाहिए । अक्षर ज्ञान के साथ-साथ संसार में तीन बातें महत्वपूर्ण हैं। अपनी आत्मा, अपने आप एवं ईश्वर का सच्चा ज्ञान प्राप्त करना । इतना याद रखना कि अब हमें गरीबी में रहना है क्योंकि गरीबी में जीना अधिक सुखद है। तुम कृषि-कार्य पर भी पूरा ध्यान दना तथा कृषि, उपकरणां को भी साफ-सुथरा रखना।

अक्षर ज्ञान में गणित और संस्कृत पर पूरा ध्यान देना । भविष्य में संस्कृत बहुत उपयोगी सिद्ध हागा। संगीत में भी रुचि रखना। हिन्दी, गुजराती और अंग्रेजी भजनों और कविताओं का संग्रह तैयार करना जो अंत में मूल्यवान प्रतीत होगा। काम की अधिकता से मनुष्य को घबराना नहीं चाहिए। शांतचित्त से सद्गुणों को प्राप्त करने की चेष्टा करते रहना । आशा है कि तुम खर्च के पैसे का हिसाब ठीक से रखते होगे तथा यह भी आशा है कि तुम रोज शाम में . नियमपूर्वक प्रार्थना करते होगे। सूर्योदय से पूर्व उठकर भी प्रार्थना करना । प्रयत्नपूर्वक नियत समय में प्रार्थना करना चाहिए । यह नियमितता तुम्हें जीवन में सहायक सिद्ध होगी। पत्र को पढ़कर तथा अच्छी तरह समझकर जवाब देना।

तुम्हारा पिता
मोहन दास

Bihar Board 12th Hindi 100 Marks Objective Answers गद्य Chapter 4 अर्द्धनारीश्वर

Bihar Board 12th Hindi Objective Questions and Answers

Bihar Board 12th Hindi 100 Marks Objective Answers गद्य Chapter 4 अर्द्धनारीश्वर

Ardhnarishwar Question Answer Bihar Board प्रश्न 1.
‘संस्कृति के चार अध्याय’ किसकी कृति है ?
(A) गुलाब दास
(B) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(C) आचार्य सीताराम चतुर्वेदी
(D) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
उत्तर:
(D) रामधारी सिंह ‘दिनकर’

अर्धनारीश्वर का किस विधा से संबंध है Answer Bihar Board प्रश्न 2.
कौन-सी कृति रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की लिखी हुई है
(A) शुद्ध कविता की खोज
(B) पुनर्नवा
(C) स्मृति की रेखाएँ
(D) कविता के नए प्रतिमान
उत्तर:
(A) शुद्ध कविता की खोज

अर्धनारीश्वर रामधारी सिंह दिनकर Bihar Board प्रश्न 3.
कौन-सी कृति रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की लिखी हुई नहीं है ?
(A) वट पीपल
(B) उर्वशी
(C) काव्य की भूमिका
(D) साकेत
उत्तर:
(D) साकेत

Ardhnarishwar Ka Question Answer Bihar Board प्रश्न 4.
‘दिनकर’ को किस कृति पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ?
(A) अर्धनारीश्वर
(B) उर्वशी
(C) हुँकार
(D) कुरुक्षेत्र
उत्तर:
(B) उर्वशी

अर्धनारीश्वर का किस विधा से संबंध Bihar Board प्रश्न 5.
‘दिनकर’ का जन्म कब हुआ था?
(A) 23 सितम्बर, 1908 को
(B) 22 दिसम्बर, 1912 को
(C) 28 सितम्बर, 1911 को
(D) 25 सितम्बर, 1913 को
उत्तर:
(A) 23 सितम्बर, 1908 को

Ardhnarishwar Ramdhari Singh Dinkar Bihar Board प्रश्न 6.
‘दिनकर’ किस युग के कवि हैं ?
(A) भारतेन्दु युग
(B) छायावाद युग
(C) छायावादोत्तर युग
(D) नव्यकाव्यांदोलन
उत्तर:
(C) छायावादोत्तर युग

प्रश्न 7.
युग रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की रचना है
(A) अर्द्धनारीश्वर’
(B) ‘रोज’
(C)’ओ सदानीरा’
(D) जूठन’
उत्तर:
(A) अर्द्धनारीश्वर’

प्रश्न 8.
‘अर्द्धनारीश्वर’ (अर्द्धनारीश्वर) शीर्षक निबंध के निबंधकार कौन हैं ?
(A) रामचंद्र शुक्ल
(B) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(C) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(D) जगदीशचन्द्र माथुर
उत्तर:
(C) रामधारी सिंह ‘दिनकर’

प्रश्न 9.
कौन-सी कृति रामधारी सिंह ‘दिनकर’ द्वारा लिखी गई है?
(A) ‘राधा’
(B) ‘हारे को हरिनाम’
(C)’साकेत’
(D) उर्मिला’
उत्तर:
(B) ‘हारे को हरिनाम’

प्रश्न 10.
कौन-सी कृति रामधारी सिंह “दिनकर’ की नहीं है ?
(A)’उर्वशी’
(B) नीलकुसुम’
(C) परशुराम की प्रतीक्षा’
(D) ‘प्रियप्रवास’
उत्तर:
(D) ‘प्रियप्रवास’

प्रश्न 11.
‘दिनकर’ किस युग के कवि हैं ?
(A) छायावादी युग के
(B) छायावादोत्तर युग के
(C) द्विवेदी युग के
(D) भारतेन्दु युग के
उत्तर:
(B) छायावादोत्तर युग के

प्रश्न 12.
‘अर्द्धनारीश्वर’ किसका कल्पित रूप है?
(A) शंकर और पार्वती का
(B) राधा और कृष्ण का
(C) राम और सीता का
(D) विष्णु और लक्ष्मी का
उत्तर:
(A) शंकर और पार्वती का

प्रश्न 13.
‘दिनकर’ को किस कृति पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ था ?
(A) ‘संस्कृति के चार अध्याय’ पर
(B) ‘मिट्टी की ओर’ पर
(C) नीलकुसुम’ पर
(D) ‘उर्वशी पर
उत्तर:
(D) ‘उर्वशी पर

प्रश्न 13.
‘दिनकर’ को किस कृति पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ था?
(A) संस्कृति के चार अध्याय’ पर
(B) ‘मिट्टी की ओर’ पर
(C)’नीलकुसुम’ पर
(D) ‘उर्वशी पर
उत्तर:
(D) ‘उर्वशी पर

प्रश्न 14.
युद्ध और शांति की समस्या पर लिखी गई काव्यकति है
(A) नील कुसुम
(B) कुरुक्षेत्र
(C) द्वंद्वगीत
(D) रश्मिरथी
उत्तर:
(B) कुरुक्षेत्र

प्रश्न 15.
अर्धनारीश्वर कल्पित रूप है
(A) शिव और पार्वती का
(B) राम और सीता का
(C) राधा और कृष्ण का
(D) विष्णु और लक्ष्मी का
उत्तर:
(A) शिव और पार्वती का

प्रश्न 16.
गांधारी थी
(A) दुर्योधन की माँ
(B) कृष्ण की माँ
(C) अर्जुन की माँ
(D) बलराम की माँ
उत्तर:
(A) दुर्योधन की माँ

प्रश्न 17.
प्रेमचंद थे
(A) गीतकार
(B) कथाकार
(C) फिल्मकार
(D) संगीतकार
उत्तर:
(B) कथाकार

प्रश्न 18.
‘अर्धनारीश्वर’ पाठ के लेखक कौन है? या, ‘अर्धनारीश्वर’ किसकी रचना है?
(A) नामवर सिंह
(B) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(C) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(D) रामचन्द्र शुक्ल
उत्तर:
(B) रामधारी सिंह ‘दिनकर’

प्रश्न 19.
रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की रचना कौन-सी है?
(A) उसने कहा था
(B) जूठन
(C) तिरिछ
(D) अर्धनारीश्वर
उत्तर:
(D) अर्धनारीश्वर

प्रश्न 20.
दिनकर जी का जन्म बिहार के किस जिले में हुआ था?
(A) समस्तीपुर
(B) बेगूसराय
(C) पटना
(D) भोजपुर
उत्तर:
(B) बेगूसराय

प्रश्न 21.
अर्धनारीश्वर में किस गुण का समन्वय है?
(A) नारी के
(B) पुरुष के
(C) नारी और पुरुष दोनों के
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(C) नारी और पुरुष दोनों के

प्रश्न 22.
दिनकर जी की पहली काव्य पुस्तक कौन-सी है?
(A) कुरुक्षेत्र
(B) हुंकार
(C) रसवंती
(D) प्रणभंग
उत्तर:
(D) प्रणभंग

प्रश्न 23.
दिनकर जी की पहली कविता किस पत्रिका में प्रकाशित हुई?
(A) छात्र सहोदर
(B) छात्र पत्रिका
(C) छात्र मित्र
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) छात्र सहोदर

प्रश्न 24.
दिनकर जी की पहली कविता कब प्रकाशित हुई?
(A) 1920 में
(B) 1925 में
(C) 1930 में
(D) 1935 में
उत्तर:
(B) 1925 में

प्रश्न 25.
दिनकर जी के अनुसार यदि पति विचार है तो पत्नी क्या है?
(A) बुद्धि
(B) समझ
(C) भावना
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(C) भावना

प्रश्न 26.
बुद्ध और महावीर ने नारियों को कौन-सा अधिकार दिया?
(A) संन्यास लेने का
(B) भिक्षुणी होने का
(C) पति के त्याग का
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) भिक्षुणी होने का

प्रश्न 27.
‘पुरूष जब नारी के गुण लेता है तब वह देवता बन जाता है; किन्तु नारी जब नर के गुण सीखती है तब वह राक्षस हो जाती है।” यह किसका कथन है?
(A) दिनकर जी का
(B) रवीन्द्रनाथ का
(C) प्रेमचन्द का
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) प्रेमचन्द का

प्रश्न 28.
‘अर्धनारीश्वर’ का किस विद्या से संबंध है?
(A) निबंध
(B) कहानी
(C) एकांकी
(D) व्यंग्य
Ans.
(C) एकांकी

प्रश्न 29.
किसने अपने जीवन के अन्तिम दिनों में नारीत्व की साधना की थी?
(A) गाँधी जी ने
(B) रवीन्द्रनाथ ने
(C) दिनकर जी ने
(D) उदयप्रकाश ने
उत्तर:
(A) गाँधी जी ने

प्रश्न 30.
अर्द्धनारीश्वर शंकर और पार्वती का किस प्रकार का रूप है?
(A) यथार्थ
(B) कल्पित
(C) आदर्श
(D) वास्तविक
उत्तर:
(B) कल्पित

प्रश्न 31.
प्रेमचन्द के अनुसार नारी जब पुरुष के गुण सीखती है तब वह क्या हो जाती है?
(A) आकर्षक
(B) साहसी
(C) कोमल
(D) राक्षसी
उत्तर:
(D) राक्षसी

प्रश्न 32.
निम्नलिखित में कौन-सी रचना दिनकर जी की नहीं है?
(A) उर्वशी ।
(B) रश्मिरथी
(C) जूठन
(D) कुरुक्षेत्र
उत्तर:
(C) जूठन

प्रश्न 33.
निम्नलिखित में कौन-सी रचना दिनकर जी की है?
(A) सदियों का संताप
(B) परशुराम की प्रतीक्षा
(C) दरियाई घोड़ा
(D) रसातल यात्रा
उत्तर:
(B) परशुराम की प्रतीक्षा

प्रश्न 34.
‘दिनकर’ को किस कृति पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ?
(A) अर्धनारीश्वर
(B) उर्वशी
(C) हुँकार
(D) कुरुक्षेत्र
उत्तर:
(B) उर्वशी

प्रश्न 35.
युद्ध और शांति की समस्या पर लिखी गई काव्यकृति है
(A) नील कुसुम
(B) कुरूक्षेत्र
(C) द्वद्वगीत ।
(D) रश्मिरथी
उत्तर:
(B) कुरूक्षेत्र

प्रश्न 36.
अर्धनारीश्वर कल्पित रूप है
(A) शिव और पार्वती का
(B) राम और सीता का
(C) राधा और कृष्णा का
(D) विष्णु और लक्ष्मी का
उत्तर:
(A) शिव और पार्वती का

प्रश्न 37.
गांधारी थी..
(A) दुर्योधन की माँ
(B) कृष्ण की माँ
(C) अर्जुन की माँ
(D) बलराम की माँ
उत्तर:
(A) दुर्योधन की माँ

प्रश्न 38.
प्रेमचंद थे
(A) गीतकार
(B) कथाकार
(C) फिल्मकार
(D) संगीतकार
उत्तर:
(B) कथाकार

प्रश्न 39.
‘दिनकर’ का जन्म कब हुआ था?
(A) 23 सितम्बर, 1908 को
(B) 22 दिसम्बर, 1912 को
(C) 28 सितम्बर, 1911 को
(D) 25 सितम्बर, 1913 को
उत्तर:
(A) 23 सितम्बर, 1908 को

प्रश्न 40.
‘दिनकर’ किस युग के कवि है?
(A) भारतेंदु युग
(B) छायावादी युग
(C) छायावादोत्तर युग
(D) नव्यकाव्यांदोलन युग
उत्तर:
(C) छायावादोत्तर युग

प्रश्न 41.
‘संस्कृति के चार अध्याय’ किसकी कृति है?
(A) गुलाब दास
(B) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(C) आचार्य सीताराम चतुर्वेदी
(D) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
उत्तर:
(D) रामधारी सिंह ‘दिनकर’

प्रश्न 42.
कौन-सी कृति रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की लिखी हुई है?
(A) शुद्ध कविता की खोज
(B) पुनर्नवा
(C) स्मृति की रेखाएँ
(D) कविता के नए प्रतिमान
उत्तर:
(A) शुद्ध कविता की खोज

Bihar Board Class 10 Hindi Solutions Varnika Chapter 3 माँ

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solutions Varnika Bhag 2 Chapter 3 माँ Text Book Questions and Answers, Summary, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Hindi Solutions Varnika Chapter 3 माँ

Bihar Board Class 10 Hindi माँ Text Book Questions and Answers

बोध और अभ्यास

मां कहानी का सारांश प्रस्तुत करें Bihar Board प्रश्न 1.
मंगु के प्रति मां और परिवार के अन्य सदस्यों के व्यवहार में जो फर्क है उसे अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर-
मंगु जन्म से पागल और गूंगी बालिका थी। माँ के लिए कोई कैसी-भी संतान हो उसकी वात्सल्यता फूट ही पड़ती है। मंगु की देख-रेख करनेवाली माँ को अपनी पुत्री एवं ईश्वर से कोई शिकायत नहीं है। ममता की प्रतिमूर्ति माँ स्वयं अपना सुख को भूलकर-पुत्री के लिए समर्पित हो जाती है। उसकी नींद उड़ गई है। रात-दिन अपनी असहाय बच्ची के लिए सोचती रहती है। मंगु के अलावा माँ के लिए तीन संतानें थीं। वे भी अपनी माँ के व्यवहार से अनमने-सा दुःखी रहते हैं।

माँ को ऐसी बात नहीं कि मंगू के अतिरिक्त अन्य संतानों से लगाव नहीं है परन्तु परिस्थिति ऐसी है कि मंगू के बिना उसका जीवन अधूरा है। दो बेटे के साथ-साथ घर में उनकी बहुएँ और पोते-पोतियाँ भी है। एक अन्य पुत्री जो ससुराल चली गई है। छुट्टियों में जब भी पोते-पोतियाँ आते हैं तो आशा लगाते हैं कि उन्हें दादी माँ का भरपूर प्यार मिलेगा किन्तु माँ का समग्र मातृत्व मंगु पर निछावर हो गया है। मातृत्व के स्नेह में खिंची बहुएँ माँ जी के प्रति अन्याय कर बैठती हैं। माँ के अतिरिक्त परिवार के अन्य सदस्य मंगु को पागलखाना में भर्ती कराकर निश्चित हो जाना चाहते हैं किन्तु माँ बराबर इनका विरोध करती रहती हैं।

माँ जी अस्पताल को गौशाला समझती थीं। इसलिए माँ जी घर में ही डॉक्टरों को बुलाकर इलाज कराती है। लोगों के बहुत कहने-सुनने के बाद वह मंगु को अस्पताल में भर्ती कराकर लौटती तो है किन्तु वह भी मंगु की तरह व्यवहार करने लगती है।

मां कहानी ईश्वर पेटलीकर Bihar Board प्रश्न 2.
माँ मंगु को अस्पताल में क्यों नहीं भर्ती कराना चाहती? विचार करें?
उत्तर-
माँ अस्पताल की व्यवस्था से मन-ही-मन काँप जाती थी। वह लोगों को अस्पताल के लिए गौशालाओं की उपमा देती थीं। मंगु विस्तर पर पाखाना-पेशाब कर देती थी। खिलाने पर ही खाती थी। माँ जी को आत्मविश्वास था कि अस्पताल में डॉक्टर नर्स आदि सभी अपना कोरम पूरा करेंगे। बिस्तर भींगने पर कौन उसके कपड़े और विस्तर बदलेंगे। माँ जी के मन में इन्हीं तरह के विविध प्रश्न उठा करते थे। इन्हीं कारणों से वह मंगु को अस्पताल में भर्ती नहीं कराना चाहती थी।

माँ कहानी का सारांश Bihar Board प्रश्न 3.
क्सम के पागलपन में सुधार देख मंग के प्रति माँ परिवार और समाज की प्रतिक्रिया को अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर-
कुसुम एक पढ़ने-लिखने वाली लड़की है। उसकी माँ चल बसी है। अचानक वह भी पागल की तरह आचरण करने लगती है। उसे भी टट्टी-पेशाब का ध्यान नहीं रहता है। कुसुम को अस्पतालों में भर्ती की बात सुनकर माँ जी को लगा कि यदि उसकी माँ जीवित होती तो अस्पताल में भर्ती न करने देती। कुसुम अस्पताल में भर्ती कर दी जाती है। डाक्टर, नर्स आदि की देख-रेख में कुसुम धीरे-धीरे ठीक होने लगती है। कुसुम ठीक होने पर घर आती है। सभी उससे मिलने के लिए जाती है। माँ जी उससे विशेष रूप से मिलती है।

कुसुम की बातों से माँ जी का हृदय बदल जाता है। उन्हें भी अस्पताल के प्रति श्रद्धा उत्पन्न हो गई। गाँव के लोगों ने माँ जी को समझाने लगा कि एक बार अस्पताल में भर्ती कराकर तो देख लें। यदि ठीक नहीं हुई तो मंगु को वापस बुला लेंगी। अंत में माँ जी ने भर्ती कराने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने बड़े पुत्र के पास पत्र भेजा। पत्र लिखते ही बड़ा पुत्र आ गया और माँ जी के साथ मंगू को लेकर अस्पताल गया। अस्पताल में भर्ती कराकर माँ जी लौट आती हैं।

मां की कहानी Bihar Board प्रश्न 4.
कहानी के शीर्षक की सार्थकता पर विचार करें।
उत्तर-
किसी भी कहानी का शीर्षक धुरी होता है जिसके इर्द-गिर्द कहानी घूमती रहती है। किसी भी कहानी के शीर्षक की सफलता औचित्य एवं मुख्य विचार, लघुता, भाव-व्यंजना आदि पर निर्झर है।

आलोच्य कहानी का शीर्षक इस कहानी के मृत्यु कृत्तित्वछाया छितराया हुआ है। समग्र मातृत्व का बोझ सहनेवाली माँ जी इस कहानी का मुख्य पात्र है। जन्म से पागल और गूंगी लड़की की संवा तन-मन से करती है। जन्मदात्री होने का वह अक्षरशः पालन करती है। माँ को अपनी पुत्री और ईश्वर से कोई शिकायत नहीं है। ममता की पूर्तिमूर्ति माँ स्वयं अपना सूख को भूलकर पुत्री के लिए समर्पित हो गई है। घर में बेटी-बेटे-बहू, पोता-पोतियों के साथ उसका संबंध बुरा नहीं है फिर वे माँ जी से खुश नहीं रहते हैं। वे समझते हैं कि माँ जी पागल बेटी के लिए स्वयं पागल हो गई हैं।

पढ़ने-लिखने वाली कुसुम भी जब पागल की तरह आचरण करने लगती है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया जाता है तो मन-ही-मन दुःखी हो जाती है। वे सोचती हैं कि मातृहीन कुसुम आज विवश हो गई है। यदि उसकी माँ होती तो शायद अस्पताल में भर्ती नहीं कराने देती है। कुसुम के ठीक होने एवं गाँव के लोगों के कहने-सुनने माँ जी की अंतत: मंगू को अस्पताल में भर्ती करा देती हो किन्तु स्वयं पागल हो जाती है। एक माँ ही अपनी संतान को समझ सकती है। संतान कैसी भी हो किन्तु उसकी ममता में कहीं कोई कमी नहीं आती है। वस्तुतः इन दृष्टान्तों से स्पष्ट होता है कि प्रस्तुत कहानी का शीर्षक सार्थक और समीचीन है।

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solution प्रश्न 5.
मंगु जिस अस्पताल में भर्ती की जाती है, उस अस्पताल के कर्मचारी व्यवहार कुशल हैं या संवेदनशील? विचार करें।
उत्तर-
मंगु जिस अस्पताल में भर्ती की जाती है उस अस्पताल के कर्मचारी संवेदनशील हैं। अस्पताल कर्मियों का काम मरीजों के साथ अच्छे से व्यवहार करना और सेवा करना है। किन्तु इस अस्पताल के कर्मी व्यवहार कुशल ही नहीं संवेदनशील भी हैं। अस्पताल में अनेक मरीज आते हैं। उन्हें परिजनों से क्या प्रयोजन ? मंगु उनका मरीज अवश्य है किन्तु माँ जी की वात्सलयता और ममत्व से वे प्रभावित हो जाते हैं। वे माँ जी को आश्वस्त कर घर भेजना चाहते हैं कि उनकी बंटी को कोई कष्ट नहीं होगा। माँ जी के रूदन को देखकर डॉक्टर, मेट्रन और परिचारिकाओं कं हृदय भर गये। वे मन-ही-मन सोचने लगे कि किसी पागल का ऐसा स्वजन अभी तक कोई नहीं आया है। एक अधेड़ परिचारिका उसे अपनी बेटी मानने लगती है। ऐसा व्यवहार कोई कर्मचारी नहीं संवेदनशील ही कर सकता है।

Class 10 Hindi Chapter 1 Bihar Board प्रश्न 6.
माँ का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर-
‘माँ’ कहानी की नायिका अपने घर की मुखिया और सहनशील नारी है। वह सब कुछ ‘ करती है और लोग यदि उसकी आलोचना भी करते हैं तो चुपचाप सुनती है, कुछ कहती नहीं। वह अथक सेविका है। अपनी पागल पुत्री की देखभाल बड़ी लगन से करती है, उसे अपने पास सुलाती, नहलाती-धुलाती, खिलाती और उसका मल मूत्र भी खुशी-खुशी साफ करती है। वह ऊबती नहीं अपितु उसकी जुदाई की आशंका से व्याकुल हो उठती है। वह अपने सभी बच्चों को बहुत प्यार करती है। माँ व्यवहार-कुशल भी है। वह अपनी बहुओं की अपने प्रति शिकायत से परिचित हैं, किंतु परिवार को विखंडित होने से बचाने के लिए कुछ नहीं कहती। उसका व्यवहार सभी लोगों से सौहार्द्रपूर्ण है। माँ अत्यन्त ममतामयी है। ममता के अतिरेक में ही, मंगु की जुदाई सहन नहीं कर पाती और पागल हो जाती है।

Bihar Board Solution Class 10 Hindi प्रश्न 7.
कहानी का सारांश प्रस्तुत करें।
उत्तर-
गुजराती साहित्य के धनी ईश्वर पेटलीकर एक लोकप्रिय कथाकार हैं। इनके कथा साहित्य में गुजरात का समय और समाज, नये-पुराने मूल्य, दर्शन और कला आदि रच-पचकर एक नई आस्वादकता के साथ उपस्थित होते हैं। प्रस्तुत कहानी में माँ की वात्सलयता और ममत्व का सजीवात्मक चित्रण किया गया है। जन्म से पागल और गूंगी बेटी को माँ जी ने जिस तरह पाल-पोस रही है वह अकथनीय है। अपना समस्त सुख भूलकर बेटी का सुख ही उसका अपना सुख है। ऐसी बातें सोचनेवाली कोई साधारण माँ नहीं होती हो। समग्र मातृत्व उड़लनेवाली माता निश्चय ही आदरणीया होती हैं। माँ जी को मंगु के अतिरिक्त बेटा-बेटी पोता-पोती और बहुएँ हैं। माँ जी को ऐसा नहीं है कि अन्य सदस्यों से लगाव नहीं है किन्तु वह तो मंगु समर्पिता हैं।

अन्य सदस्य माँ जी को दूसरे नजरों से देखते हैं फिर भी ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। पागल की अस्पतालों में वह भर्ती नहीं कराना चाहती है। कुसुम के ठीक होने एवं लोगों के कहने-सुनने पर वह मंगु को अस्पताल में भर्ती कराने जाती है। अस्पताल कर्मियों की संवेदनशीलता वें प्रभावित हो जाती हैं। मंगु को अस्पताल में भर्ती कराकर लौट आती है। माँ जी को आँखों के सामने मंगु का प्रतिबिम्ब झलकने लगता है। रात्रि में उन्हें नींद नहीं आती है। माँ की सिसककियों से बेटे की आँखों में अश्रुधारा बहने लगी। माँ के प्रति बेटे के मन में विविध भाव उठने लगे। माँ को सोता समझकर बेटा भी अपनी पलकें गिरा लीं। माँ जी अचानक,मंगु की तरह आचरण करने लगती है। मंगु की सहकर्मियाँ आज स्वयं मंगु बन गई थीं। वस्तुतः इस कहानी में लेखक माँ की ममता का सजीवात्मक विश्लेषण किया है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. सही विकल्प चुनें

Bihar Board Hindi Book Class 10 Pdf Download प्रश्न 1.
‘माँ’ कहानी है ………………..
(क) राजस्थानी
(ख) गुजराती
(ग) तमिल
(घ) उड़िया
उत्तर-
(ख) गुजराती

बिहार बोर्ड हिंदी बुक 10  प्रश्न 2.
‘माँ’ कहानी के रचनाकार हैं
(क) साँवर दइया
(ख) श्री निवास
(ग) ईश्वर पेटलीकर
(घ) सुजाता
उत्तर-
(ग) ईश्वर पेटलीकर

Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 1 प्रश्न 3.
मंगु जन्म से ही …………. है।
(क) अंधी
(ख) बहरी
(ग) पागल
(घ) गूंगी
उत्तर-
(ग) पागल

Class 10th Hindi Chapter 1 Question Answer Bihar Board प्रश्न 4.
मां की ………….संतानें थीं।
(क) तीन
(ख) दो
(ग) पाँच
(घ) चार
उत्तर-
चार

प्रश्न 5.
मंग को अस्पताल ले जाते समय माँ …………..थीं।
(क) प्रसन्न
(ख) उदास
(ग) पागल
(घ) उद्विग्न
उत्तर-
(घ) उद्विग्न

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

प्रश्न 1.
‘माँ’ कहानी के रचयिता ……..है।
उत्तर-
ईश्वर पटलीकर

प्रश्न 2.
मंगु …………………… से ही पागल है।
उत्तर-
जन्म

3. ‘माँ’ …………… कहानी है।
उत्तर-
गुजराती

प्रश्न 4.
माँ की …………. संतानें हैं।
उत्तर-
चार

प्रश्न 5.
मंगु गूगी है पर ………….. नहीं है।
उत्तर-
बहरी

प्रश्न 6.
पराई ……. ही कान छेदती है।
उत्तर-
माँ

प्रश्न 7.
पुत्र का …………… भी भर आया था।
उत्तर-
हृदय

प्रश्न 8.
माँ को यह ………. असह्य हो गया।
उत्तर-
घाव

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मंगु कौन थी?
उत्तर-
मंगु जन्म से पागल और गूंगी लड़की थी।

प्रश्न 2.
मंगु की देख-रेख कौन और कैसे करता था? ।
उत्तर-
मंगु की देख-रेख उसकी माँ बड़े यत्न से करती थी। वह उसे अपने पास सुलाती, खाना खिलाती और मल-मूत्र साफ करती थी।

प्रश्न 3.
मंगु की माँ उसे अस्पताल में क्यों नहीं भर्ती कराना चाहती थी?
उत्तर-
मंगु की माँ सोचती थी कि अस्पताल में मंगु की देख-भाल ठीक से न होगी। इसलिए उसे भर्ती कराना नहीं चाहती थी।

प्रश्न 4.
अस्पताल में भर्ती कराकर आने के बाद मंगु के भाई ने क्या प्रण किया ?
उत्तर-
अस्पताल में भर्ती कराकर आने के बाद मंगु के भाई ने प्रण किया कि वह मंगु पालेगा। बहू मल-मूत्र न धोएगी तो वह स्वयं धोएगा।’

प्रश्न 5.
मंग को अस्पताल में भर्ती करा कर आने के बादं माँ की क्या दशा हई?
उत्तर-
मंगु को अस्पताल में भर्ती कराकर आने के बाद माँ रात भर सिसकती रही और सवेरे चीत्कार सुनकर परिवार एवं पड़ोस के लोग घबड़ाकर वहाँ आए तो सबने देखा कि मंगु की माँ खुद पागल हो गई।

प्रश्न 6.
ईश्वर पेटलीकर कौन हैं?
उत्तर-
ईश्वर पेटलीकर गुजराती के जाने-माने कथाकार हैं।

प्रश्न 7.
ईश्वर पेटलीकर के साहित्य की क्या विशेषता है ?
उत्तर-
ईश्वर पेटलीकर के साहित्य में गुजरात का समाज, उसके मूल्य, दर्शन आदि साकार होते हैं।

प्रश्न 8.
मंग की माँ उसे अस्पताल में भर्ती कराने को कैसे राजी हुई ?
उत्तर-
गाँव की लड़की कुसुम का पागलपन जब अस्पताल जाने से दूर हो गया तो मंगु की माँ मंगु को अस्पताल में भर्ती कराने को राजी हुई।

प्रश्न 9.
मंगु को अस्पताल ले जाने के समय माँ की स्थिति कैसी थी?
उत्तर-
अस्पताल ले जाने के पूर्व की रात माँ को नींद नहीं आई। उसे लेकर घर से निकलने लगी तो लगा कि ब्रह्माण्ड का भार उसके ऊपर आ गया। आँखों से सावन-भादो शुरू हो गया।

माँ लेखक परिचय

ईश्वर पेटलीकर गुजराती के लोकप्रिय कथाकार हैं । इनके कथा साहित्य में गुजरात का समय और समाज, नये-पुराने मूल्य, दर्शन और कला आदि रच-पककर एक नई आस्वादकता के साथ उपस्थित होते हैं । ‘खून की सगाई’ इनकी प्रसिद्ध कहानी है और ‘काला पानी’ इनका लोकप्रिय उपन्यास है । साहित्य के अलावा श्री पेटलीकर सामाजिक-राजनीतिक जीवन में भी सक्रिय रहे हैं। इनकी दर्जनों पुस्तकें पुरस्कृत और बहुप्रशंसित हो चुकी हैं । यह कहानी गोपालदास नागर द्वारा संपादित एवं अनूदित कहानी संग्रह ‘माँ’ से साभार संकलित है।

Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 10 ईर्ष्या : तू न गई मेरे मन से

Bihar Board Class 8 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 3 Chapter 10 ईर्ष्या : तू न गई मेरे मन से Text Book Questions and Answers, Summary.

BSEB Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 10 ईर्ष्या : तू न गई मेरे मन से

Bihar Board Class 8 Hindi ईर्ष्या : तू न गई मेरे मन से Text Book Questions and Answers

प्रश्न-अभ्यास

पाठ से

ईर्ष्या तू न गई मेरे मन से प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 8 प्रश्न 1.
वकील साहब सुखी क्यों नहीं हैं ?
उत्तर:
वकील साहब को धन-सम्पत्ति सुन्दर घर मृदुभाषिणि पत्नी पुत्र-पुत्री किसी चीज की कमी नहीं है लेकिन वे सुखी नहीं हैं क्योंकि उनके हृदय में ईर्ष्या रूपी आग सदैव पीड़ा पहुंचा रही है । उनके बगल का एक बीमा एजेन्ट की चमक-दमक, आमदनी गाड़ी इत्यादि सभी उन्हीं को क्यों नहीं हो जाता है। अर्थात् किसी दूसरे को सुख-सुविधा या आय क्यों ? ईर्ष्या के कारण वे सदैव चिन्तित और दुखी रहा करते । उन्हें सब सुख रहते हुए भी सुख नहीं ।

ईर्ष्या तू न गयी मन से Question Answer Bihar Board Class 8 प्रश्न 2.
ईर्ष्या को अनोखा वरदान क्यों कहा गया है ?
उत्तर:
ईर्ष्या को अनोखा वरदान इसलिए कहा गया है कि जिसके हृदय में यह अपना घर बना लेता है उसको प्राप्त सुख के आनन्द से वंचित कर देता है। ऐसा व्यक्ति जिसके हृदय में ईर्ष्या होती उसे अप्राप्त सुख दंश की तरह दर्द देता है। ईर्ष्या उसे अपने कर्तव्य-मार्ग से विचलित कर देता है जो ईर्ष्या की अनोखा वरदान है।

Bihar Board Class 8 Hindi Book Solution प्रश्न 3.
ईर्ष्या की बेटी किसे और क्यों कहा गया है ?
उत्तर:
ईर्ष्या की बेटी निंदा को कहा गया है। जिसके पास ईर्ष्या होती वह ही दूसरों की निंदा करता है। ईर्ष्यालु व्यक्ति सोचता है कि अमुक व्यक्ति यदि आम लोगों के नजर से गिर जाय तो उसका स्थान हमें प्राप्त हो जायेगा। इस प्रकार निंदा ईर्ष्यालु व्यक्ति का सहायक बनकर ईर्ष्या रूपी आग को और भी अधिक बढ़ा देती है। इसीलिए तो निंदा को ईर्ष्या की बेटी कही गई है।

Irshya Tu Na Gayi Mere Man Se Question Answer Bihar Board Class 8 प्रश्न 4.
ईर्ष्यालु से बचने के क्या उपाय हैं ?
उत्तर:
ईर्ष्यालु व्यक्ति सभ्य सज्जन और निर्दोष व्यक्ति की भी निंदा करता है। ईर्ष्यालु उसे समाज में नीचा दिखना चाहता है तो ऐसे अवस्था में उस सज्जन व्यक्ति को चाहिए कि वह अपनी कमजोरी को देखें और उसे दूर कर उसे प्रभावित करें कि ईर्ष्यालु व्यक्ति के हृदय में स्थित ईर्ष्या निकल जाय । यही उससे बचने का उपाय है।

बिहार बोर्ड क्लास 8 हिंदी सलूशन  प्रश्न 5.
ईर्ष्या का लाभदायक पक्ष क्या हो सकता है?
उत्तर:
ईर्ष्या से स्पर्धा होती है। जब स्पर्धा की बात ईर्ष्या से होती है तो वह आदमी अपने कर्म बदौलत अपने प्रतिद्वन्दी को पछारना चाहता है। इससे ईर्ष्यालु व्यक्ति में उन्नति होता है । इस प्रकार स्पर्धा ईर्ष्या का लाभदायक पक्ष साबित हो सकता है। पाठ से आगे

पाठ से आगे

बिहार बोर्ड क्लास 8 हिंदी प्रश्न 1.
नीचे दिए गए कथनों का अर्थ समझाइए
(क) जो लोग नए मूल्यों का निर्माण करने वाले हैं, वे बाजार में नहीं बसते, वे शोहरत के पास भी नहीं रहते।
अर्थ – जो लोग ईर्ष्यालु से बचना चाहते हैं अथवा नए मूल्यों का निर्माण करना चाहते हैं वे बाजार में नहीं बसते वे यश या अपयश की भी चिन्ता नहीं करते हैं।
(ख) आदमी में जो गुण महान समझे जाते हैं, उन्हीं के चलते लोग उससे जलते भी हैं।
उत्तर:
किसी व्यक्ति में जब कोई महान गुण आ जाता है तो दूसरे व्यक्ति उससे जलते हैं। ईर्ष्यालु व्यक्ति को किसी व्यक्ति की महानता जलने को विवश कर देती है।

(ग) चिंता चिता समान होती है।
अर्थ – चिंता चिता के समान होती है अर्थात् जिसे चिन्ता हो जाती है उस व्यक्ति की जिन्दगी ही खराब हो जाती है। वह व्यक्ति को गला-गलाकर रखकर देती है। चिंता वाला व्यक्ति अपने कर्तव्य को भूल जाता है तथा उसकी अवन्निति होने लगती है।

Bihar Board Class 8 Hindi Solution In Hindi प्रश्न 2.
अपने जीवन की किसी घटना के बारे में बताइए जब-
(क) किसी को आपसे ईर्ष्या हुई हो।
उत्तर:
एक सहपाठी को हमसे ईर्ष्या हो गई। कारण कि मैं अपने वर्ग में प्रथम आया करता हूँ। हमारा गुण शिक्षकों का भी ध्यान हमारी ओर आकर्षित कर लिया था। शिक्षक हमें बराबर प्रोत्साहित करते रहते थे। वे ईर्ष्यालु सहपाठी हमारे बारे में शिक्षकों से झूठी शिकायत करने लगे।

थोड़ी देर के लिए हमारे शिक्षक भी उससे प्रभावित हुए तथा शिकायत हमारे अभिभावक को भी शिक्षक के माध्यम से मिल गया। मैंने सोच लिया यह शिकायत कैसे दूर होगी । मैं अगले दिन से शिक्षकों के साथ विद्यालय से निकलने लगे। कुछ ही दिनों में शिकायत झूठी है जब शिक्षक और अभिभावक के समझ में आ गया तो उन्होंने उस विद्यार्थी को ही डाँटकर शिकायत को झूठा साबित कर दिया।

(ख) आपको किसी से ईर्ष्या हुई हो।
उत्तर:
हमें भी अपने वर्ग के एक सहपाठी से ईर्ष्या हुई कि वह वर्ग में प्रथम क्यों आता है । मैं भी प्रथम क्यों नहीं आता । वह ईर्ष्या स्पर्धा में बदलकर हमने जाना कि वह कितना मेहनत करता है। मैं उससे अधिक समय पठन-पाठन में देकर उसी साल उससे आगे बढ़कर प्रथम आ गया।

Class 8 Hindi Bihar Board प्रश्न 3.
अपने मन से ईर्ष्या का भाव निकालने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर:
अपने मन से ईर्ष्या का भाव निकालने के लिए हमें स्पर्धा का भाव लाकर अपने कर्त्तव्य में गति लाना चाहिए । मानसिक अनुशासन अपमे में लाकर . फालतु बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए तथा यह हमें पता लगाना चाहिए कि किस अभाव के कारण हममें ईर्ष्या का उदय हुआ । उसकी पूर्ति इस स्पर्धा से कर ईर्ष्या से दूर हो सकते हैं।

व्याकरण

Hindi Class 8 Bihar Board प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
उत्तर

  1. मृदुभाषिणी–वकील साहब की पत्नी मृदुभाषिणी थी।
  2. चिंता – चिंता चिता के समान है।
  3. सुकर्म-सुकर्म से सुयश मिलता है।
  4. बाजार–बाजार रविवार को बंद रहता है।
  5. जिज्ञासा-हमें किसी बात की जानकारी करने की जिज्ञासा होनी चाहिए।

वाक्य – विचार की पूर्णता को प्रकट करनेवाले वैसे शब्द समूह को वाक्य कहते हैं जिसमें कर्ता और क्रिया दोनों होते हैं। जैसे-मोहन पढ़ता है रचना के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के हैं-

  1. सरल या साधारण वाक्य ।
  2. मिश्र वाक्य
  3. संयुक्त वाक्य

Bihar Board Solution Class 8 Hindi प्रश्न 2.
बॉक्स में दी गई जानकारी के आधार पर तीनों प्रकार के वाक्यों का दो-दो उदाहरण पाठ से चुनकर लिखिए। ।
उत्तर:
1. सरल वाक्य

  • ईर्ष्या का काम जलाना है।
  • चिंता चिता समान है।

2. मिश्र वाक्य:

  • ईर्ष्या उसी को जलाती है जिसके हृदय में जन्म लेती है।
  • मेरे घर के बगल में वकील रहते हैं जो खाने-पीने से अच्छे हैं।

3. संयुक्त वाक्य

  • वकील साहब के बाल-बच्चों से भरा पूरा परिवार, नौकर भी सुख – देने वाला और पत्नी भी अत्यन्त मृदुभाषिणी थी।
  • ईश्वरचन्द्र विद्यासागर जब इस तरजुबे से होकर गुजरे तब उन्होंने एक सूत्र कहा, “तुम्हारी निंदा वही करेगा, जिसकी तुमने भलाई की है।”

गतिविधि

Bihar Board Class 8 Hindi Solutions प्रश्न 1.
पाठ में आए महान विभूतियों की नामों की सूची बनाइए और उनकी कृतियों के बारे में जानिए।
उत्तर:
पाठ में आये महान विभूतियों के नाम हैं

  1. रसेल
  2. नेपोलियन
  3. सीजर
  4. सिकन्दर
  5. हरक्युलिस
  6. नीत्से
  7. ईश्वरचन्द्र विद्यासागर

ईर्ष्या : तू न गई मेरे मन से Summary in Hindi

“दिनकर” जी के घर के बगल में एक वकील साहब हैं। वे बाल-बच्चे नौकर-चाकर, धन-वैभव मृदुभाषिणी पत्नी सब प्रकार से सुखी है।

लेकिन वे सुखी नहीं हैं। उनको बगल के बीमा एजेंट से ईर्ष्या है कि एजेंट की मोटर उसका मासिक आय सब कुछ उनको होता। .

ईर्ष्या को एक अनोखा वरदान है कि जिसके हृदय में यह अपना घर बनाता है उसको प्राप्त सुख के आनन्द से वंचित कर देता है। दूसरों से अपने की तुलना कर अप्राप्त सुख का अभाव उसके हृदय पर दंश दर्द के समान दुख देता है। अपने अभाव को दिन-रात सोचते-सोचते अपना कर्त्तव्य भूल जाना दूसरों को हानि पहुँचाना ही श्रेष्ठ कर्त्तव्य मानने लगता है।

ईर्ष्या की बड़ी बेटी निंदा है जो हरेक ईर्ष्यालु मनुष्य के पास होता है।’ इसीलिए तो ईर्ष्यालु मनुष्य दूसरों की निंदा करता है । वह सोचता है कि अमुक व्यक्ति यदि आम लोगों के आँखों से गिर जायेगा तो उसका स्थान हमें प्राप्त

लेकिन ऐसा नहीं होता। दूसरों को गिराकर अपने को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है तथा कोई भी व्यक्ति निंदा से गिरता भी नहीं। निंदा निंदक के सदगणों को ह्रास कर देता है। जिसकी निंदा की जाय उसके सद्गुणों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। निंदा का काम जलाना है वह सबसे पहले उसी को जलाती है जिसके हृदय में वह जन्म लेती है। कुछ लोग समाज में ऐसे होते हैं जो किसी की निंदा लोगों को सुनाने के लिए मँडराते रहते हैं। जैसे ही उनकी निंदा को सुनने वाला दिखाई पड़ा, बस उनके हृदय का ग्रामोफोन बज उठता है तथा वे अपना सम्पूर्ण काण्ड होशियारी से सुना देते हैं। । ईर्ष्यालु व्यक्ति जब से दूसरों की निंदा करने का कार्य प्रारम्भ करता है

उसी समय से वह अपना कर्त्तव्य भूलने लगता है। केवल यही चिंता रहती है कि कैसे अमुक व्यक्ति आम लोगों के आँख से गिर जाए।

चिंता मनुष्य के जीवन को खराब कर देता है। लेकिन चिंता से बदतर ईर्ष्या होती है। क्योंकि ईर्ष्या मानव के मौलिक गुणों को ही नष्ट कर देता है।’ ईर्ष्या एक चारित्रिक दोष है जिससे मनुष्य के आनन्द में बाधा पड़ती है। जिस आदमी के हृदय में ईर्ष्या का उदय होता है उसके सामने सूर्य भी मद्दिम लगता, पक्षियों का मधुर संगीत भी प्रभावित नहीं करता, फूल से भरा उपवन को भी

वह उदास देखता है। – अगर आप यह कहते हैं कि-निंदा रूपी वाण से अपने प्रतिद्वंद्वियों को आहत कर हँसने में मजा आता है तो वह हँसी मनुष्य की नहीं बल्कि राक्षस की होती है और वह आनद दैत्यों की होती है।

ईर्ष्या का सम्बन्ध प्रतिद्वंद्विता से भी है जिससे मनुष्य का विकास होता है। उसके सुयश की वृद्धि होती है। प्रतिद्वद्विता से मनुष्य आगे बढ़ता है लेकिन ईर्ष्या से नहीं। जिनकी निंदा ईर्ष्यालु लोग करते हैं वे भले आदमी यह सोचने पर विवश हो जाते हैं कि अमुक आदमी हमारी निंदा क्यों करता, मुझमें कौन ऐब है तथा वह व्यक्ति अपने ऐब को दूर करने का सद्प्रयास करता है जिससे उसकी निंदा न हो।

ईश्वरचन्द्र विद्यासागर ने निंदा के पक्ष में एक सूत्र कहा है-“तुम्हारी निंदा वही करेगा, जिसकी तुमने भलाई की है।” नीटसे ने निंदा करने वाले को बाजार की मक्खियाँ कहा है जो अकारण किसी के पीछे मंडराते हुए भिनभिनाते रहती हैं।

निंदा करने वाले लोग आपके सामने प्रशंसा और पीछे निंदा । ऐसे लोग सदैव अपने प्रतिद्वंद्वियों के बारे में ही सोचा करते हैं। जो व्यक्ति महान चरित्र के होते हैं ऐसे व्यक्ति का हृदय निर्मल और विशल होता है वे अपनी निंदा की परवाह ही नहीं करते हैं।

निंदा करने वाले लोग आपके सामने प्रशंसा और पीछे निंदा । ऐसे लोग सदैव अपने प्रतिद्वंद्वियों के बारे में ही सोचा करते हैं । जो व्यक्ति महान चरित्र के होते हैं ऐसे व्यक्ति का हृदय निर्मल और विशल होता है वे अपनी निंदा की परवाह ही नहीं करते हैं।

दूसरे तरफ जो निंदा करने वाला है हमारी चुप्पी को देखकर अहंकार से भर जाते हैं कि मैंने अमुक व्यक्ति को नीचा गिराने में कामयाब हूँ। इसके बाद तो वह अनेक अनुचित कार्य करने के लिए सोचने लगता है। नित्से ने ईर्ष्यालु लोगों से बचने का उपाय उससे दूर होना बताया है। ईर्ष्या से बचने के लिए मनुष्य को, मानसिक रूप से अनुशासित होना पड़ेगा।

ईलु व्यक्ति भी सकारात्मक सोच उत्पनन कराकर मानव को ईर्ष्या से बचाया जा सकता है।

Bihar Board Class 11 English Book Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road

Bihar Board Solutions for Class 11 English aids you to prepare all the topics in it effectively. You need not worry about the accuracy of the Bihar Board Solutions for Class 11 Prose Chapter 4 On The Rule of the Road Questions and Answers as they are given adhering to the latest exam pattern and syllabus guidelines. Enhance your subject knowledge by preparing from the Chapter wise Bihar Board Class 11th English Book Solutions and clarify your doubts on the corresponding topics.

Rainbow English Book Class 11 Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road

Kick start your preparation by using our online resource Bihar Board Class 11 English Solutions. You can even download the Bihar Board Board Solutions for Class 11 Chapter 4 On The Rule of the Road Questions and Answers in Prison free of cost through the direct links available on our page. Clear your queries and understand the concept behind them in a simple manner. Simply tap on the concept you wish to prepare in the chapter and go through it.

Bihar Board Class 11 English On The Rule of the Road Textual Questions and Answers

A. Work in small groups and discuss these questions :

On The Rule Of The Road Questions And Answers Bihar Board Question 1.
Does democracy have anything to do with freedom ?
Answer:
Yes. Democracy without freedom is meaningless. Democracy means freedom of people to choose their government. For this they must have freedom of speech and freedom of movement with fear.

The Rule Of The Road Questions And Answers Bihar Board Question 2.
In democracy citizen’s role is of utmost importance. How ?
Answer:
In democracy citizens have the power to choose their representatives. It is very important that they use this power most judiciously. They should also see that their representatives are doing their duty in the right way.

The Rule Of The Road Class 11 Bihar Board Question 3.
Why are fundamental rights important to us ?
Answer:
A citizens has fundamental rights. They are important to be a free citizen of a country. If a person has no fundamental rights he is not a citizen. He/she is a slave.

On The Rule Of The Road Mcq Questions Bihar Board Question 4.
Have you ever wondered what keeps the traffic move smoothly without running into one another ?
Answer:
Yes, I know it moves smoothly because it obeys the rule of the road. If vehicles and pedestrians did not obey the rule of the road, there would be confusion and accidents.

B. 1. Answer the following questions briefly :

The Rule Of The Road Class 11 Questions And Answers Question 1.
Why did the old lady refuse to walk on the pavement ?
Answer:
She refused to walk on the pavement because she believed she had got the liberty to walk where she liked.

The Rule Of The Road Question Answer Bihar Board Question 2.
How did she cause a chaos ?
Answer:
By walking in the middle of the road she disobeyed the rule of the road and caused confusion. Everybody was getting in everybody else’s way.

Rules Of The Road Questions And Answers Pdf Bihar Board Question 3.
How has the author defined liberty ?
Answer:
The author has defined liberty as a social contract. It is an adjustment of interests.

Class 11 The Rule Of The Road Question Answer Bihar Board Question 4.
‘You have submitted to a curtailment of private liberty in order that you man enjoy a social order which makes your liberty a reality.’ What does the author mean ?
Answer:
Liberty is not entirely a private matter. We live in society. So no man’s liberty should take away another man’s liberty. By so doing everybody will enjoy a social order and peace.

The Rule Of The Road Textual Questions And Answers Question 5.
What is the ‘danger’ the author is referring to in paragraph 2 ?
Answer:
The author is referring to the danger of a chaos like the one the old lady caused by disobeying the rule of the road. If everybody wants unlimited liberty, there will be chaos.

The Rules Of The Road Question Answer Bihar Board Question 6.
How is liberty a social contract ?
Answer:
Liberty is a social contract in the sense that no individual will trample over the liberty of anyone else.

B. 2. Answer the following questions briefly :

On The Rule Of The Road Bihar Board Question 1.
Are the rights of the people less important than the rights of the nations ?
Answer:
No. The rights of the people are as important as the rights of the nations.

The Rule Of The Road By Ag Gardiner Question And Answers Question 2.
Why couldn’t the author read his book during his rail journey ?
Answer:
He could not read his book because one of the passengers was talking to his friend in a loud and pompous voice.

Rule Of The Road Questions And Answers Bihar Board Question 3.
What does the author want to convey through the illustration of a trombone ?
Answer:
The author wants to say that everybody has a right to enjoy themselves so long as they do not disturb others.

Bihar Board Class 4 English Solution Question 4.
What two types of reading does the author refer to ? How are they different ?
Answer:
The author refers to reading for pleasure and reading as a task. The two are different. You won’t mind noise if you are reading for pleasure. But if you are reading as a task, you will expect reasonable quiet.

Rules Of The Road Questions And Answers Bihar Board Question 5.
List the actions for which we “ask no one’s leave”.
Answer:
Some of the actions referred to in the lesson are :

  1. Walking down a street in a dressing gown.
  2. Wearing long hair,
  3. Walking barefoot,
  4. Dyeing one’s hair,
  5. Waxing one’s moustache,
  6. Wearing tall hat, frock coat and sandals,
  7. Going to bed late,
  8. Getting up early, etc.

C. 1. Long Answer Questions :

The Rule Of The Road Question Answers Bihar Board Question 1.
What does the rule of the road mean ? Give examples to show how necessary it is to preserve order in society.
Answer:
The rule of the road means the regulations concerning the smooth and orderly movement of vehicles and pedestrians on roads without causing accidents. For example, in India we are supposed to keep to our left. If we want to overtake a vehicle or a pedestrian, we must do it from the right side. In cities, there are different lanes for pedestrians, light vehicles and heavy vehicles, so that no accidents take place. On crossroads there is a policeman or signal lights to regulate the traffic. When the policemen raises his hand or the red light is on, every vehicle must stop so that vehicles from the other channel may move.

Sometimes some people do not care for these rules because they are in a hurry. But they are likely to cause confusion and accidents. Then hurry proves to be very costly. So these rules are meant to help people and not to harass them. The rules are meant for all. If somebody does not obey these rules, no body will follow them. Then there will be confusion and anarchy.

Bihar Board Class 4 English Book Solution Question 2.
Who, according to A. G. Gardiner, is a civilized man ?
Answer:
A man who is conscious of his conduct, so as not to interfere in the liberty of his neighbours is a truly civilised man. A civilised man obeys the rules even in small matters. A man is at liberty to enjoy and recreate himself in his house. But a civilised man makes sure that his enjoyment does not interfere with the right of his neighbour to enjoy himself. It does not need doing great – and heroic deeds that makes a man civilised. It is his conduct in small matters of daily life that shows whether a man is civilised or uncivilised.

Question Answer Of The Rule Of The Road Bihar Board Question 3.
Unchecked personal liberty would lead to social anarchy. Elaborate giving examples.
Answer:
Unchecked personal liberty is neither feasible nor desirable. If everybody had their way to do what they liked, there would be chaos. Let us take the example of the traffic on the public highway. Everybody has a right to use it. But if there were no rules, every one would like to walk or drive in the middle of the road. These,,would be collisions not only between vehicles coming from opposite side, but even between slow and fast moving vehicles moving in the same direction. Even now we see that whenever people flout the rule of the road there are jams and accidents. In our daily life we will have no peace. If someone liked to use a loud speaker, his neighbour may have no rest. Students will not be able to concentrate on their studies, or everybody will try to outdo the other in making a noise. That is why there are laws to curtail individual freedom to the extent that there is order in society.

Class 11 English Chapter 4 Question Answer Bihar Board Question 4.
“Our personal liberty of action is restricted by other people’s liberty.” How ? Give three examplse.
Answer:
As A. G. Gardiner has rightly pointed out, liberty is not an entirely personal affair. It is a social contract. It is an adjustment of interests. If a person has his liberty, so do others. So we all have to reach a compromise. Everybody agrees to curtail their liberty so that others may enjoy their liberty. For example, a passenger in a train has the liberty to talk to his friend. But another passenger has a right to do some serious reading. So the former passenger should not speak so loudly that the other passenger is unable to concentrate. A person wants to listen to songs on his radio at night. He has an absolute right to do so. But he must see that his enjoyment does not disturb his neighbours.

Similarly, while walking or driving on the road we should let others drive and walk too. No one has a right to block the road and hinder other from using the road. He has to walk or drive in such a way that others may enjoy their liberty and use it also.

The Rule Of The Road Textual Questions And Answers Class 11 Question 5.
How can we enjoy personal liberty and also respect the liberty of our neighbours ? Give examples.
Answer:
We live in a civilised society and we enjoy some rights. We are free citizens and not slaves. Our freedom and rights are protected by our Constitution. But being civilised citizens, we have some duties also. We have a right to life. So do all the people. So we must respect the others’ right to life also. It is our duty to see that our enjoyment of our liberty does not interfere with other’s. No doubt there are so many things that we can do as we please without causing inconvenience to others. We can dress ourselves the way we like.

But we should not make so much noise as to disturb others. If a person wants to smoke, it is his personal choice. He can smoke at home. But he should see that his smoking in a bus or a public place does not offend or harm others. Whether there is a law or no law against an. action, a civilised person respects the feelings of his neighbours and respects their liberty by restraining himself.

On The Rule Of The Road Questions And Answers Class 9 Question 6.
A reasonable consideration for the rights or feelings of others is the foundation of social conduct. How ?
Answer:
No elaborate laws can be made to regulate our social conduct. Our social conduct is governed by traditions and personal behaviour. For example, someone in my neighbour’s family is seriously ill. There is no law to stop me from celebrating my birthday with fun and frolic. But being a good neighbour, I must have a reasonable consideration for the feelings of my neighbour. I should tone down my celebrations in such a way that my neighbours feelings are not hurt. There are so many things that we can do, or avoid doing, just not to hurt others’ feelings. Sometimes there are riots between two groups or communities over trifles which can be avoided. If they have reasonable consideration for each others’ feelings, many quarrels and conflicts can easily be avoided.

C. 2. Group Discussion :

Discuss the following in groups of pairs:

Question a.
What makes life a pleasant experience : the awareness of one’s rights or consciousness of one’s duties ?
Answer:
Hints: Rights and duties go hand in hand. If a person is not aware of his rights, he/she is likely to be exploited. In olden days, traders exploited consumers. Now consumers have the right to get what he/she pays for. So he/ she can have his/her rights enforced through consumer courts. Awareness of one’s rights is important in life.

Duties are as important as our rights. Often people want to enjoy their rights but ignore their duties. To keep the environment clean is the duty of every citizen. To stop an illegal activity is the duty of not only the police but every citizen’s duty also. Even our Constitution has assigned certain duties to the citizens. If we want life to be a pleasant experience, we must do our duty to society, to our institution, to our family, to our nation and to the whole humanity.

Question b.
Little knowledge is a dangerous thing.
Answer:
Hints : In our times knowledge is so enormous that we can hope to get only a little of it. Unless we have a little knowledge about everything we cannot use it. So a little knowledge about how to keep fit, how to use the computer, how to drive and how to travel is useful. But sometimes we try to use our little knowledge in such a way as if we know all. We may have a little knowledge of medicines. But to act as a doctor to oneself or to others can be dangerous.

C. 3. Composition :

Write a paragraph in about 100 words on each of the following:

Question a.
Duties of a citizen
Answer:
A citizen, has his duties. Our Constitution has assigned some fundamental duties to all citizens of India. Every citizen should try to keep the environment clean. He/she should try to protect forests and not to degrade them. Our rivers and water bodies are getting polluted. It is the duty of every citizen to avoid polluting them. They should not dump garbage etc. into them. There are several monuments in our country. They are our national heritage. Every citizen should protect them from being vandalised. Public ‘ property like trains, buildings, buses, parks are for our welfare. We should protect them. All of in should try to be kind to animals. We should be good citizens and respect the feelings and practices, of all people to whatever religion, region or sex they belong to. Above all we should try to improve our personality and character to be able to serve our nation better.

Question b.
Role of police in civil society
Answer:
Every modem civil society needs police for the enforcement of laws and to help the law-abiding citizens. The police is needed to maintain law and order. They keep watch on illegal and immoral activities and bring the culprits to book. But the police should help the people, and it should be fair and free from corruption. The police force should behave and act in a manner that even the poorest and the most helpless person feels free to ask for help. Police is meant to help the citizens and not to harass them. Police should be free from any pressures so that it can work independently without fear or favour.

D. Word-Study :

Ex. 1. Correct the spelling of the following words:
Bihar Board Class 11 English Book Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road 1

Ex. 2. Look up a dictionary and write two meanings of each of the following words—the one in which it is used in the lesson and the other which is more common:.
foot – general – right – complete – conduct
Answer:
Bihar Board Class 11 English Book Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road 2

Ex. 2.
Foot: (i) pace
(ii) the lower part of the leg, measure of twelve inches general

General: (i) usual
(ii) ordinary

Right: (i) authority
(ii) truth

Complete: (i) entire
(ii) finished

Conduct: (i) behavior
(ii) mode of action

D. 2. Word-formation :

Read the following sentences carefully:
It is an adjustment of interest

In the above sentence, ‘adjustment’ which is an Abstract Noun has been derived from ‘adjust’ which is a Verb. More words can be derived from ‘adjust’, such as:

adjust adjusted adjusting adjustment adjustable

Write as many words derived from the following verbs as possible in the same way.
Bihar Board Class 11 English Book Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road 3
Answer:
Bihar Board Class 11 English Book Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road 4

D. 3. Word-meaning :

Ex. 1. Find from the lesson, words the meaning of which have been given on the left hand side. The last part of each words is given on the right hand side.
Bihar Board Class 11 English Book Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road 5
Answer:
Bihar Board Class 11 English Book Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road 6

Ex. 2. Fill in the blanks with suitable words given below: violence mistake peace curse purpose

  1. Children make …………. while learning.
  2. Imperialism is a danger for world ………….
  3. Environment pollution is a …………. for us.
  4. Explain the …………. of vocational education.
  5. Gandhiji was against ………….

Answers:

  1. mistake
  2. peace
  3. curse
  4. purpose
  5. violence

D. 4. Phrases :

Ex. 1. Read the lessons carefully and find out the sentences in which the following phrases have been used. Then use them in sentences of your own :
get in – hang on – settle down
step out – remind of – conscious of
Answer:
Everybody would be getting in everybody else’s way (Para-1)
…………… the politicians submerged my poor attempts to hang on to my job (Para-7)
I got into a railway carriage at a country station the other morning and settled down for what (Para-6)
But directly we step out of that kingdom …………. (Para-4)
………….. it is just as well to remind ourselves of what the rule of the road means (Para-2)
We are much more conscious of the imperfections of others in this respect than of our own ………….. (Para-5)

Sentences with the use of the said phrases:
We should never try to get in other’s way.
I am hanging on my father.
They have settled down in Mumbai.
She stepped out of the house first time.
The loneliness of my life always remind me of her absence.
I am conscious of my duties.

E. Grammar :

Read the following sentences carefully :

a. If I went on to the top of Helvelly to do it I could please myself but If I do it out in the streets the neighbours will remind me that my liberty to blow the trombone must interfere with their liberty to sleep in quiet.
b. If I had asked him to be good enough to talk in a lower tone I dare to say he would have thought I was a rude fellow.

Ex. 1. Mark the different structures of ‘If-Clausef in the sentences abve and complete the following sentences:

  1. If Saurnya laboured hard, she ……………..
  2. If were a bird, I ……………
  3. If Manish had informed me in time, I …………..
  4. If it rains today, the farmers ……………..
  5. If the Indian cricketers had shown greater application, India ……………..
  6. If Nikhat read it carefuly,she ……………..

Answer:

  1. If Saurnya laboured hard, she could pass.
  2. If were a bird, I would fly to you.
  3. If Manish had informed me in time, I would have saved his life. ,
  4. If it rains today, the farmers will do their work in the field.
  5. If the Indian cricketers had shown greater application, India would /wove won the match.
  6. If Nikhat read it carefuly, she could understand.

F. Activity :

Ex. 1. Look at the example carefully and fill in the blanks accordingly,
Bihar Board Class 11 English Book Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road 7
Answer:
Bihar Board Class 11 English Book Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road 8

We believe the information shared regarding Bihar Board Solutions for Class 11 English Chapter 4 On The Rule of the Road Questions and Answers as far as our knowledge is concerned is true and reliable. In case of any queries or suggestions do leave us your feedback and our team will guide you at the soonest possibility. Bookmark our site to avail latest updates on several state board Solutions at your fingertips.

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 1 I’m going to Dance Again

Bihar Board 9th English Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 10th English Reader Objective Answers Chapter 1 I’m going to Dance Again

I Am Going To Dance Again Question Answer Bihar Board  Question 1.
Sonal Mansingh was a born
(a) writer
(b) reader
(c) dancer
(d) none of these
Answer:
(c) dancer

I Am Going To Dance Again Story In Hindi Bihar Board Question 2.
Sonal was rushed to the municipal hospital on a stretcher in a
(a) van
(b) ambulance
(c) pick-up
(d) taxi
Answer:
(b) ambulance

I Am Going To Dance Again Bihar Board Question 3.
The X-rays showed that Sonal had been badly injured and had many broken
(a) legs
(b) keen
(c) muscles
(d) bones
Answer:
(d) bones

I Am Going To Dance Bihar Board Question 4.
Sonal Mansingh gave her maiden performance in………..fourteen years ago in April 1961.
(a) Lucknow
(b) Agra
(c) Bangalore
(d) patna
Answer:
(c) Bangalore

Question 5.
Sonal Mansingh met with an accident on the evening of 24 August,
(a) 1974
(b) 1975
(c) 1980
(d) 1981
Answer:
(a) 1974

Question 6.
Sonal Mansingh was to give a new start on April 20, 1975 at Mumbai’s
(a) Sabha Bhawan
(b) Rang Bhawan
(c) Audotorium
(d) None of these
Answer:
(b) Rang Bhawan

Question 7.
……….was driving the car when Sonal met with an accident.
(a) George Rood
(b) Jeon Keets
(c) Karlose
(d) Geogre Lechner
Answer:
(d) Geogre Lechner

Question 8.
The doctor advised Lechner to take her to the university surgical clinic at………..
(a) Erlangen
(b) Fourteen
(c) Company
(d) None of these
Answer:
(a) Erlangen

Question 9.
At Montreal Lechner consulted Dr.
(a) Somarfield
(b) Garvelus
(c) Geogre rood
(d) Pierre Gravel
Answer:
(d) Pierre Gravel

Question 10.
Sonal married………….in August 1975.
(a) Goerge Lechner
(b) Somar Field
(c) Lancher
(d) None of these
Answer:
(a) Goerge Lechner

Question 11.
Sonal danced for……..long at Rang Bhawan.
(a) 2 hrs
(b) 2 1/2 hrs
(c) 3 hrs
(d) 3 1/2 hrs
Answer:
(b) 2 1/2 hrs

Question 12.
Geogre Lechner was Sonal Mansingh’s
(a) doctor
(b) servant
(c) husband
(d) finance
Answer:
(c) husband

Question 13.
Sonal coaches classes at her dance academy in
(a) New Delhi
(b) Kolkata
(c) Mumbai
(d) Varanasi
Answer:
(a) New Delhi

Question 14.
Sonal met an serious accident on the 14 August.
(a) 1974
(b) 1975
(c) 1976
(d) 1977
Answer:
(a) 1974

Question 15.
She was rushed to the
(a) Municipal hospital
(b) General hospital
(c) Govt, hospital Germany
(d) None of these
Answer:
(a) Municipal hospital

Question 16.
Finally she was made able to dance again by
(a) Dr. Smith
(b) Dr. Herbert
(c) Dr. Angle
(d) Dr. Pierre Gravel
Answer:
(d) Dr. Pierre Gravel

Question 17.
After three months the cast was
(a) bound
(b) removed
(c) tagged
(d) brought
Answer:
(b) removed

Question 18.
In March Gravel agreed to let her returns to
(a) Germany
(b) London
(c) India
(d) America
Answer:
(c) India

Question 19.
After accident Sonal gave her first dance performance on
(a) April 20, 1974
(b) April 15, 1975
(c) April 20, 1980
(d) April 20, 1975
Answer:
(d) April 20, 1975

Question 20.
Sonal married George Lechner in August.
(a) 1975
(b) 1974
(c) 1977
(d) 1971
Answer:
(a) 1975

Question 21.
George Lechner was driving the car when Sonal met with the
(a) accident
(b) Filmstar
(c) partner
(d) none of these
Answer:
(a) accident

Question 22.
Sonal gave her maiden performance in 1969 at
(a) Delhi
(b) Banglore
(c) Mumbal
(d) Kolkata
Answer:
(b) Banglore

Question 23.
In accident of car Sonal was thrown out of the car about……..metres away.
(a) two
(b) four
(c) six
(d)seven
Answer:
(b) four

Question 24.
Strong determination, mental discipline and the hope that she would be able to
(a) do that
(b) stand still
(c) walk again
(d) dance again
Answer:
(d) dance again

Question 25.
On April 20, 1975, she made a new start, by giving performance at…………..Rang Bhawan.
(a) Delhi’s
(b) Bombay’s
(e) Kolkata’s
(d) Banglore’s
Answer:
(b)Bombay’s

Question 26.
In the green room, Sonal anxiously looked in to the
(a) precious
(b) ready
(c) mirror
(d) sleepiess
Answer:
(c) mirror

Question 27.
Sonal had danced in India and abroad, she had been……….by everyone.
(a) praised
(b) roof
(c) Odissi
(d) cult
Answer:
(a) praised

Question 28.
Sonal had mastered………..style.
(a) praised
(b) mirror
(e) put
(d) cult
Answer:
(d) cult

Question 29.
After Bharat Natyam, Sonal had turned to………..
(a) precious
(b) Odissi
(c) ready
(cl) put
Answer:
(b) Odissi

Question 30.
Geogre Lechner was driving his car at………down a wet lonely road.
(a) 90 kph
(b) 100 kph
(c) 120 kph
(d) 110 kph
Answer:
(d) 110 kph

Question 31.
The car shipped side ways and turned over and rested
on the…………..
(a) mirror
(b) roof
(c) praised
(d) cult
Answer:
(b) roof

Question 32.
Lechner sprinkled water on Sonal’s face she shook her head and said, I am cold, please………..a shall on.
(a) roof
(b) praised
(c) put
(d) sleepless
Answer:
(c) put

Question 33.
Her appetite had gone, and her nights were often……….
(a) heavy
(b) ready
(c) precious
(d) sleepless
Answer:
(d) sleepless

Question 34.
A month later, sonal was………..
(a) ready
(b) precious
(c) roof
(d) mirror
Answer:
(a) ready

Question 35.
Sonal realises how……….Jife is.
(a) cult
(b) precious
(c) ready
(d) praised
Answer:
(b) precious

Question 36.
Physical desire……….
(a) appetite
(b) hip
(c) vertebra
(d) Fiance
Answer:
(a) appetite

Question 37.
Haunch
(a) Jingling
(b) Fiance
(c) Hip
(d) Vertebra
Answer:
(c) Hip

Question 38.
Moving
(a) vertebra
(b) Jingling
(c) appetite
(d) Hip
Answer:
(b) Jingling

Question 39.
Backbone
(a) Hip
(b) appetite
(c) vertebra
(d) Fiance
Answer:
(c) vertebra

Question 40.
One who is engaged to be married.
(a) precious
(b) Hip
(c) appetite
(d) Fiance
Answer:
(a) precious