Bihar Board Class 10 Political Science Solutions Chapter 5 लोकतंत्र की चुनौतियाँ

Bihar Board Class 10 Social Science Solutions Political Science राजनीति विज्ञान : लोकतांत्रिक राजनीति भाग 2 Chapter 5 लोकतंत्र की चुनौतियाँ Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Social Science Political Science Solutions Chapter 5 लोकतंत्र की चुनौतियाँ

Bihar Board Class 10 Political Science लोकतंत्र की चुनौतियाँ Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

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Loktantra Ki Chunotiya Question Answer Bihar Board प्रश्न 1.
लोकतंत्र की सफलता निभी करती है
(क) नागरिकों की उदासीनता पर
(ख) नागरिकों की गैर-कानूनी कार्रवाई पर
(ग) नागरिकों की विवेकपूर्ण सहभागिता पर
(घ) नागरिकों द्वारा अपनी जाति के हितों की रक्षा पर
उत्तर-
(ग) नागरिकों की विवेकपूर्ण सहभागिता पर

लोकतंत्र की चुनौतियां Class 10 Notes Bihar Board प्रश्न 2.
15वीं लोकसभा चुनाव से पूर्व लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी थी-
(क) 10 प्रतिशत
(ख) 15 प्रतिशत
(ग) 33 प्रतिशत
(घ) 50 प्रतिशत
उत्तर-
(क) 10 प्रतिशत

आतंकवाद लोकतंत्र की चुनौती है कैसे Bihar Board प्रश्न 3.
‘लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा तथा जनता के लिए शासन है’ यह कथन है
(क) अरस्तू का
(ख) अब्राहम लिंकन का
(ग) रूसो का
(घ) ग्रीन का
उत्तर-
(ख) अब्राहम लिंकन का

Aatankwad Loktantra Ki Chunauti Hai Kaise Bihar Board प्रश्न 4.
नए विश्व सर्वेक्षण के आधार पर भारतवर्ष में मतदाताओं की संख्या है लगभग
(क) 90 करोड़
(ख) 71 करोड़
(ग) 75 करोड़
(घ) 95 करोड़
उत्तर-
(ख) 71 करोड़

लोकतंत्र की चुनौतियां Class 10 Bihar Board प्रश्न 5.
क्षेत्रवाद की भावना का एक परिणाम है-
(क) अपने क्षेत्र से लगाव
(ख) राष्ट्रहित
(ग) राष्ट्रीय एकता
(घ) अलगाववाद
उत्तर-
(घ) अलगाववाद

II. रिक्त स्थानों की पर्ति करें।

Bihar Board Solution Class 10 Social Science प्रश्न 1.
भारतीय लोकतंत्र ……………… लोकतंत्र है। (प्रतिनिध्यात्मक/एकात्मक)
उत्तर-
प्रतिनिध्यात्मक

Bihar Board Class 10 Geography Solutions प्रश्न 2.
न्यायपालिका में…………..”के प्रति निष्ठा होनी चाहिए।
उत्तर-
सत्य

लोकतंत्र के मार्ग की बाधाओं का उल्लेख करें Bihar Board प्रश्न 3.
भारतीय राजनीति में महिलाओं को……….प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की गई है।
उत्तर-
33 प्रतिशत 1

Bihar Board Class 10 Social Science Solution प्रश्न 4.
वर्तमान में नेपाल की शासन-प्रणाली…………… है।
उत्तर-
लोकतंत्रात्मक

Loktantra Ki Chunotiya Bihar Board प्रश्न 5.
15वीं लोकसभा चुनाव में यू. पी. ए. द्वारा…………..”सीटों पर विजय प्राप्त की गई।
उत्तर-
265

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Loktantra Ki Chunautiyan Bihar Board प्रश्न 1.
लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा तथा जनता के लिए शासन है। कैसे ?
उत्तर-
लोकतंत्र शासन का वह रूप है जिसके शासन की सम्पूर्ण शक्ति जनता में निहित रहती है। दूसरे शब्दों में, लोकतंत्र उस शासन व्यवस्था को कहते हैं जहाँ जनता शासन-कार्यों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेती है। शासन जनता की इच्छाओं तथा आकांक्षाओं के अनुरूप संचालित होता है। अतः लोकतंत्र जनता द्वारा संचालित, जनता का एवं जनता के लिए शासन है।

Social Science Class 10th Bihar Board प्रश्न 2.
केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच आपसी टकराव से लोकतंत्र कैसे प्रभावित होता है?
उत्तर-
केन्द्र और राज्यों के बीच आपसी टकराव से आतंकवाद से लड़ने और जनकल्याणकारी योजनाओं (शिक्षा, जाति भेदभाव, लिंग भेद, नारी शोषण, बाल मजदूरी एवं सामाजिक कुरीतियों) इत्यादि के सुचारु क्रियान्वयन में बाधा पहुंचती है, जबकि कोई भी अपेक्षित लक्ष्य हासिल करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर सामंजस्य एवं तालमेल आवश्यक है।

Bihar Board Class 10 History Book Solution प्रश्न 3.
परिवारवाद क्या है ?
उत्तर-
परिवारवाद ऐसी मानसिकता है जिससे राजनीति भी प्रभावित हुई है। इसके अन्तर्गत राजनीतिक दल के सुप्रीमों या अध्यक्ष चुनाव में अपने ही परिवार के ज्यादा-से-ज्यादा सदस्यों को टिकट देते हैं। अत: परिवारवाद राजनीति को काफी हद तक प्रभावित करती है।

Bihar Board Class 10th Geography Solution प्रश्न 4.
आर्थिक अपराध का अर्थ स्पष्ट करें।
उत्तर-
वैसा अपसमजो आर्थिक कारणों के लिए होती है जैसे बैंक डकैती, क्लर्क, अफसर द्वारा घूस लेना, सरकारी खजाने का दुरुपयोग करना एवं सरकारी सम्पत्ति को हड़पना इत्यादि।

Bihar Board Class 10 History Chapter 1 प्रश्न 5.
सूचना का अधिकार कानून लोकतंत्र का रखवाला है, कैसे?
उत्तर-
सूचना का अधिकार कानून द्वारा लोगों को जानकार बनाने और सरकार के काम-काज एवं उसकी नीति जानने का अधिकार जनता को दिया गया है। ऐसा कानून भ्रष्टाचार पर रोक लगाता है। सूचना का अधिकार होने से लोग सरकार की प्रत्येक नीति एवं कार्य के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। अतः सूचना का अधिकार कानून लोकतंत्र का रखवाला है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 10 History Notes Pdf प्रश्न 1.
लोकतंत्र से क्या समझते हैं ?
उत्तर-
लोकतंत्र या प्रजातंत्र आंग्ल भाषा के डिमोक्रेसी शब्द का हिन्दी रूपान्तर है। “डिमोक्रेसी’ शब्द दो यूनानी शब्दों के योग से बना है, ‘डेमोस’ और ‘क्रेशिया’, जिसका अर्थ है ‘जनता’ और ‘शासन’। इस प्रकार व्युत्पति की दृष्टि से लोकतंत्र का अर्थ है-जनता का शासन।
अतः लोकतंत्र शासन का वह रूप है जिसमें शासन की सम्पूर्ण शक्ति जनता में निहित रहती है। दूसरे शब्दों में, लोकतंत्र उस शासन व्यवस्था को कहते हैं, जहाँ जनता शासन-कार्यों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेती है। शासन जनता की इच्छाओं तथा आकांक्षाओं के अनुरूप संचालित होता है। अब्राहम लिंकन के शब्दों में “लोकतंत्र जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन है।’ डायसी के अनुसार”, “लोकतंत्र शासन का वह रूप है जिसमें शासक वर्ग सारे राष्ट्र की जनता का एक बड़ा अंश है।” सीले के विचारानुसार, “लोकतंत्र वह शासन है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति का भाग हो।” स्पष्ट है कि लोकतंत्र में शासन को जनता द्वारा निश्चित किया जाता है। आधुनिक समय में लोकतंत्र केवल शासन का रूप नहीं है, अपितु जीवन-दर्शन है।

Bihar Board Class 10 History Notes प्रश्न 2.
गठबंधन की राजनीति कैसे लोकतंत्र को प्रभावित करती है?
उत्तर-
स्पष्ट बहुमत नहीं आने पर सरकार बनाने के लिए छोटी-छोटी क्षेत्रीय पार्टियों का आपस में गठबंधन करना, वैसे उम्मीदवारों को भी चुन लिया जाना, दो दागी प्रवृत्ति या आपराधिक पृष्ठभूमि के होते हैं, लोकतंत्र के लिए एक अलग ही चुनौती है। गठबंधन में शामिल राजनीतिक दल अपनी आकांक्षाओं और लाभों की संभावनाओं के मद्देनजर ही गठबंधन करने के लिए प्रेरित होते हैं, जिससे प्रशासन पर सरकार की पकड़ ढीली हो जाती है।

गठबंधन में राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि सरकार के कार्यक्रमों, कार्यों एवं नीतियों में हस्तक्षेप करते हैं जिससे सरकार को कल्याणकारी कामों में मुश्किल आती है जिससे काम-काज सुचारु रूप से चलाना मुश्किल हो जाता है। लोकतांत्रिक तरीके से काम-काज नहीं हो पाता अतः मठबंधन की राजनीति लोकतंत्र को प्रभावित करती है।

Bihar Board Class 10 Sst Solution प्रश्न 3.
नेपाल में किस तरह की शासन व्यवस्था है ? लोकतंत्र की स्थापना में वहाँ क्या-क्या बाधाएँ हैं?
उत्तर-
नेपाल में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था है। प्रयोग सफलता एवं असफलता के बीच फंस गया है। लोकतंत्र की स्थापना में वहाँ सख्त राजनीतिक दल का अभाव, योग्य एवं कर्मठ राष्ट्रीय नेता का अभाव एवं राष्ट्रशाही के प्रति जनता की स्थायी भक्ति इत्यादि बाधाएं लोकतंत्र की बहाली के मुद्दे हैं।

प्रश्न 4.
क्या शिक्षा का अभाव लोकतंत्र के लिए चुनौती है ?
उत्तर-
अशिक्षा दुर्गुणों की जननी है। लोकतंत्र की सफलता के लिए शिक्षित नागरिक का होना अत्यन्त आवश्यक है। शिक्षित नागरिक ही अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में सही जानकारी रख सकते हैं और उनका सही उपयोग कर सकते हैं। लोकतंत्र का सफल परिचालन विभिन्न कार्यक्षेत्रों में नागरिक की सक्रिय सहभागिता पर ही निर्भर है। यह सहभागिता तभी प्रभावी हो सकती है जब नागरिक शिक्षित हों, उनमें उचित और अनुचित का विभेद कर सकने का विवेक हो, उन्हें अपने अधिकारों एवं दायित्वों का ज्ञान हो। यह विवेक, ज्ञान, शिक्षा के बिना सम्भव नहीं है। अशिक्षित व्यक्ति और पशु में कोई अधिक अन्तर नहीं होता।

वह अच्छे और बुरे की सही पहचान नहीं कर पाता। वह रूढ़ियों, अन्धविश्वासों और पाखण्ड की दुनिया से ऊपर उठकर आधुनिक वैज्ञानिक युग को समझ भी नहीं सकता। विज्ञान ने मानव-प्रगति के लिए जो विविध साधन खोज निकाले हैं, कृषि के वैज्ञानिक विधियों का समावेश किया है, मानव स्वास्थ्य पर नवीन प्रयोग किए हैं इन सबका लाभ भला अशिक्षित व्यक्ति क्या उठा सकता है ? अतएव अशिक्षित नागरिकों का लोकतंत्र लोकतंत्र का माखौल ही होगा। वास्तव में लोकतंत्र की ईमारत शिक्षा रूपी नींव पर ही खड़ा हो सकती है। अतः लोकतंत्र की सफलता के लिए शिक्षित नागरिकों का होना अत्यन्त आवश्यक है। अतः हम कह सकते हैं कि शिक्षा का अभाव लोकतंत्र के लिए चुनौती है।

प्रश्न 5.
आतंकवाद लोकतंत्र की चुनौती है। कैसे?
उत्तर-
किसी स्थापित व्यवस्था का विनाश कर अव्यवस्था तथा आतंक फैलाना आतंकवाद है। आतंकवाद के जन्म के मूल कारणों में धार्मिक कट्टरता या आर्थिक विषमता होती है। हिंसा किसी भी राजनीतिक व्यवस्था के लिए अच्छी नहीं होती है। लोकतंत्र में हिंसा या आतंक होने से राजनीतिक अस्थिरता एवं असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिससे लोकतांत्रिक काम-काज पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अतः आतंकवाद लोकतंत्र के लिए चुनौती होता जा रहा है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वर्तमान भारतीय राजनीति में लोकतंत्र की कौन-कौन-सी चुनौतियाँ हैं ? विवेचना करें।
उत्तर-
भारतीय प्रजातंत्र के सामने अनेक चुनौतियाँ हैं जो निम्नलिखित हैं

  • शिक्षा का अभाव- भारत में शिक्षा की कमी है, ज्यादा लोग अशिक्षित हैं। फलस्वरूप जनता प्रजातंत्र का महत्व नहीं समझती हैं उसे अपने अधिकारों और कर्तव्यों की सही जानकारी नहीं होने के कारण सरकार के कामों में दिलचस्पी नहीं ले पाती।
  • सामाजिक असमानता- प्रजातंत्र की सफलता के लिए सामाजिक समानता जरूरी है। हमारे देश में जाति, धर्म, ऊँच-नीच का भेदभाव बहुत अधिक है। समाज के लोगों में सहयोग का अभाव है। समाज के सभी लोग अपनी भलाई पर विशेष ध्यान देते हैं।
  • आर्थिक असमानता- भारत में आर्थिक असमानता बड़े पैमाने पर है। कुछ लोग ही अमीर हैं, अधिकतर लोग गरीब हैं।
  • मतदान का दुरुपयोग भारतीय प्रजातंत्र में भारतीय जनता मतदान के महत्व को नहीं समझ पाती, अत: अपने मतदान का दुरुपयोग करती है। बूथ छापामारी या असामाजिक तत्वों के उपद्रव के कारण लोग अपना मतदान ठीक से नहीं कर पाते।
  • अव्यवस्थित राजनीतिक दल राजनीतिक दल प्रजातंत्र का प्राण होता है। राजनीतिक ग का नहीं होना भारतीय प्रजातंत्र के लिए दुर्भाग्य की बात है। छोटे-छोटे ‘राजनीतिक दल भारतीय प्रजातंत्र के लिए गंभीर समस्या हैं।

प्रश्न 2.
बिहार की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी लोकतंत्र के विकास में कहाँ तक सहायक है?
उत्तर-
लोकतंत्र की सफलता के लिए महिलाओं का राजनीति में भागीदारी लोकतंत्र के विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण है। देश की आधी आबादी महिलाओं की है। इसलिए महिलाओं ने आजादी ‘ के समय बढ़-चढ़कर भाग लिया था। उस समय की महत्वपूर्ण नारी नेता सरोजनी नायडू, अरुणा आसिफ अली, विजय लक्ष्मी पण्डित इत्यादि ने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

हमारे राज्य बिहार में स्वतंत्रता के समय महिलाएं अंग्रेजों के सामने डटी रहीं। इस प्रदेश में महिलाएं राजनीति के क्षेत्र में अपना नाम रौशन कर रही हैं। जिसका ज्वलंत उदाहरण वर्तमान में -15वीं लोकसभा के अध्यक्ष मीरा कुमार हैं। इससे पूर्व बिहार में राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री पद को सुशोभित किया है। महिला आरक्षण के लिए महिलाओं ने बिहार में आंदोलन किया है जिससे यह पता चलता है कि राजनीति की समझ महिलाओं में पैदा हुई है। बिहार की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी इस बात को लेकर और बढ़ी है कि महिला आरक्षण विधेयक संसद में पारित होने के लिए राज्य सभा में गया तो महिलाओं ने इस पर खुशी जाहिर की।

किसी भी देश के विकास के लिए महिलाओं को शिक्षित होना और सशक्त होना ज्यादा जरूरी है, क्योंकि महिलाओं की संख्या देश की आबादी की आधी है। बिहार की लगभग सभी पार्टियों ने चुनाव में लड़ने के लिए महिलाओं को टिकट दी है जिससे यह पता चलता है कि लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में महिलाएँ राजनीति के क्षेत्र में अपना योगदान अच्छी तरह से दे सकती हैं। अतः बिहार की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बहुत ही महत्वपूर्ण होगी।

बिहार की महिलाएं राष्ट्र की प्रगति के लिए पुरुषों के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। खेतीबारी से लेकर वायुयान उड़ाने और अंतरिक्ष तक जा रही है। इसके बावजूद वे दोयम दर्जे की शिकार हैं। ग्रामीण महिलाओं के लिए सरकार ने नई पंचायती राजव्यवस्था में आरक्षण का प्रावधान किया है। गाँवों में आज महिलाएं पंच और सरपंच चुनी जा रही हैं। अतः हम कहते हैं कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी से बिहार राज्य का निरन्तर विकास होगा और लोकतंत्र की जड़ बिहार में और मजबूत होगी।

प्रश्न 3.
परिवारवाद और जातिवाद बिहार में किस तरह लोकतंत्र को प्रभावित करता है ?
उत्तर-
बिहार में परिवारवाद और जातिवाद लोकतंत्र को कई मायने में प्रभावित कर रहा है। हाल के दशकों में यहाँ पर परम्परा बनी कि जिस जनप्रतिनिधि के निधन या इस्तीफे के कारण कोई सीट खाली हुई उसके ही परिवार के किसी व्यक्ति को चुनाव का टिकट दे दिया जाये। यह बिहार के लोकतंत्र के साथ-साथ भारतीय लोकतंत्र को भी प्रभावित करता है। जातिवाद के आधार पर बिहार का जाति के आधार पर बंटवारा यहाँ के लोकतंत्र को एक खतरा है।

बिहार की राजनीति के परिप्रेक्ष्य में हम कह सकते हैं कि जातिवाद और परिवारवाद लोकतंत्र को कमजोर बनाता है। चुनाव के समय परिवारवाद और जातिवाद के आधार पर टिकटों का बँटवारा होता है जिससे योग्य प्रतिनिधि या उम्मीदवार नहीं आ पाते हैं। जातीय समीकरण बनाने के चक्कर में कभी-कभी अयोग्य उम्मीदवार का चयन हो जाता है जो लोकतंत्र के लिए काफी घातक है। उसी तरह परिवारवाद लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। उदाहरण के लिए 2009 में सम्पन्न बिहार विधान सभा के उपचुनाव के दौरान जनता दल यू. ने परिवार को तरजीह नहीं दिया जिससे पार्टियों में आंतरिक कलह उत्पन्न हो गया और लोकतंत्र को उससे काफी नुकसान पहुंचा।

प्रश्न 4.
क्या चुने हुए शासक लोकतंत्र में अपनी मर्जी से सब कुछ कर सकते हैं ?
उत्तर-
लोकतंत्र में जनता अपने प्रतिनिधियों को चुनाव के माध्यम से संसद या विधानसभा में भेजती है। चुने हुए प्रतिनिधि जनता की समस्याओं को सरकार के समक्ष प्रस्तुत करते हैं और उन समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार से मांग करते हैं। प्रतिनिधि अपनी मर्जी से सब कुछ नहीं कर सकते हैं क्योंकि लोकतंत्र में जनता सर्वमान्य होती है। यदि शासक अपनी मर्जी का काम करते हैं तो जनता उसके विरुद्ध आंदोलन करती है जिससे शासक को खतरा होने लगता है कि ‘ वे सरकार से बाहर हो सकते हैं या जनता भविष्य में उसे नकार न दें। यह भय शासक को अपनी मर्जी से काम करने से बचाता है। परन्तु हाल के वर्षों में यह देखने में आया है कि शासक वर्ग अपनी मनमानी करते हैं जिससे लोकतंत्र को खतरा होने लगता है। वास्तव में लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है साथ ही ताकतबर होती है। वह चाहे तो शासक को अपनी मर्जी का काम करने से रोक सकती है।

प्रश्न 5.
न्यायपालिका की भूमिका लोकतंत्र की चुनौती है कैसे? इसके सुधार के उपाय क्या हैं?
उत्तर-
भारतीय लोकतंत्र प्रतिनिध्यात्मक लोकतंत्र है। इसमें शासन का संचालन जन-प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है। भारतीय लोकतंत्र के तीन अंग हैं-कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका। लोकतंत्र में न्यायपालिका की भूमिका लोकतंत्र के लिए चुनौती बनती जा रही है। वह अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर कार्यपालिका एवं विधायिका को प्रभावित करती है जिससे संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जब विधायिका कानून पारित करती है तो न्यायपालिका उस कानून को व्यावहारिक-सौर पर उसमें फेर-बदल के लिए विधायिका पर दबाव डालने की कोशिश करती है जिससे टकराव की स्थिति उत्पन्न होती है।

न्यायपालिका को विधायिका द्वारा बनाये गये कानून पर मनन करना चाहिए जिससे तीनों अंग कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका सामंजस्य बनाकर लोकतंत्र को मजबूत कर सकते हैं।

प्रश्न 6.
आतंकवाद लोकतंत्र की चुनौती है। स्पष्ट करें।
उत्तर-
किसी स्थापित व्यवस्था का विनाश कर अव्यवस्था तथा आतंक फैलाना आतंकवाद है। आतंकवाद के जन्म के मूल कारणों में धार्मिक कट्टरता या आर्थिक विषमता होती है। हिंसा किसी भी राजनीतिक व्यवस्था के लिए अच्छी नहीं होती है। लोकतंत्र में हिंसा या आतंक उत्पन्न हो जाता है जिससे लोकतांत्रिक काम-काज पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अतः आतंकवाद लोकतंत्र के लिए चुनौती होता जा रहा है।

आतंकवाद पूरे विश्व में एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है। जिसका समाधान विश्व स्तर पर भी हो रहा है। फिर भी आतंकवाद दुनिया के लोकतंत्रात्मक शासन व्यवस्था में चुनौती है। यह चुनौती लोकतंत्र के लिए घातक बनता जा रहा है।

Bihar Board Class 10 History लोकतंत्र की चुनौतियाँ Additional Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
महिला आरक्षण बिल विधेयक में महिलाओं के लिए कितने प्रतिशत आरक्षण की बात ‘कही गई है?
(क) 22 प्रतिशत
(ख) 33 प्रतिशत
(ग) 10 प्रतिशत
(घ) 44 प्रतिशत
उत्तर-
(ख) 33 प्रतिशत

प्रश्न 2.
एनक्रुमा कहाँ के राष्ट्रपति चुने गए थे?
(क) पोलैण्ड
(ख) मैक्सिको
(ग) चीन
(घ) घाना
उत्तर-
(घ) घाना

प्रश्न 3.
इनमें कौन लोकतंत्र की चुनौती का उदाहरण नहीं है ?
(क) दक्षिण अफ्रीका में गोरे अल्पसंख्यकों को दी गई रियायतें वापस लेने का दबाव
(ख) सऊदी अरब में महिलाओं को सार्वजनिक गतिविधियों में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं
(ग) भारत में अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा
(घ) श्रीलंका में सरकार और तमिलों के बीच तनाव
उत्तर-
(क) दक्षिण अफ्रीका में गोरे अल्पसंख्यकों को दी गई रियायतें वापस लेने का दबाव

प्रश्न 4.
लोकतंत्र की सफलता के लिए एक आवश्यक शर्त क्या हैं ?
(क) शिक्षा का अभाव
(ख) बेरोजगारी
(ग) लोकतंत्र में आस्था
(घ) मतदान का दुरुपयोग
उत्तर-
(ग) लोकतंत्र में आस्था

प्रश्न 5.
लोकतंत्र के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा क्या है ?
(क) लोकतंत्र में आस्था
(ख) अशिक्षा
(ग) सामाजिक समानता
(घ) राजनीतिक जागृति
उत्तर-
(ख) अशिक्षा

प्रश्न 6.
स्विट्जरलैंड में महिलाओं को मताधिकार किस वर्ष प्राप्त हुआ?
(क) 1848 में
(ख) 1871 में
(ग) 1971 में
(घ) 1991 में
उत्तर-
(ग) 1971 में

प्रश्न 7.
भारतीय लोकतंत्र की कमजोरियों को दूर करने के लिए सर्वश्रेष्ठ उपाय क्या है ?
(क) आर्थिक असमानता
(ख) मीडिया पर नियंत्रण
(ग) सुधारात्मक कान्नों का निर्माण
(घ) बूथ छापामारी
उत्तर-
(ग) सुधारात्मक कान्नों का निर्माण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्षेत्रवाद क्या है ?
उत्तर-
यह पक्षपात से उत्पन्न ऐसी सोच है, जो किसी क्षेत्र विशेष की जनता से यह भावना उत्पन्न करती है कि उसका क्षेत्र ही सर्वश्रेष्ठ है और बाकी सब साधारण। इसके कारण सामाजिक विषमताएं पैदा हो जाती है जो किसी भी लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

प्रश्न 2.
विधि का शासन क्या है ?
उत्तर-
विधि के शासन से तात्पर्य यह है कि लोकतंत्र में सरकार संविधान द्वारा निर्दिष्ट अधिकारों के अनुसार ही जनता पर शासन करे। इस सिद्धांत के अनुसार सरकार को जनता के प्रति उत्तरदायी बनाया गया। पहले राजतंत्रात्मक व्यवस्था में राजा ही समस्त शक्तियों का स्रोत होता था लेकिन लोकतंत्र में सरकार मनमानी नहीं कर सकती है।

प्रश्न 3.
बूथ-छापामारी से क्या समझते हैं ?
उत्तर-
चुनावी दंगल में बूथ छापामारी वह दाँव है जिसे कोई उम्मीदवार दूसरे उम्मीदवार को हराने के लिए लगाता है। जिस उम्मीदवार के पास तरकत है, जिसका बोलवाला है उसके समर्थक , बूथों पर छापामारी करके सारे मत अपने पक्ष में डलवाने में समर्थ हो जाते हैं।

प्रश्न 4.
व्यक्ति की गरिमा का उल्लेख संविधान के किस भाग में है।
उत्तर-
व्यक्ति की गरिमा का उल्लेख संविधान की प्रस्तावना में है।

प्रश्न 5.
लोकतंत्र से जनता की सबसे बड़ी अपेक्षा क्या है ?
उत्तर-
लोकतंत्र से जनता की अनेक अपेक्षाएँ हैं लेकिन जो सबसे बड़ी अपेक्षा है वह है जनता को लोकतांत्रिक व्यवस्था में आर्थिक समस्याओं से जूझना नहीं पड़े। आर्थिक स्वतंत्रता ही लोकतंत्र का आधार है। भूखे व्यक्ति के लिए लोकतंत्र का कोई महत्व नहीं रह जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के समक्ष उपस्थित तीन चुनौतियों का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर-
लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के समक्ष उपस्थित तीन चुनौतियां निम्नलिखित हैं

  • मौलिक आधार बनाने की चुनौती- अनेक देश आज भी राजशाही, तानाशाही और फौजी शासन के अधीन है जहां लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था को अपनाने का प्रयास चल रहा है। ऐसे देशों में लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के लिए तैयार कराने के लिए मौलिक आधार बनाना आवश्यक है जिससे लोकतांत्रिक सरकार का गठन किया जा सके।
  • विस्तार की चुनौती- लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के सामने दूसरी चुनौती इसके विस्तार की है। केंद्र, इकाइयों, स्थानीय निकायों, पंचायतों, प्रशासनिक इकाइयों की सभी संस्थाओं को लोकतांत्रिक बनाने की आवश्यकता है। इतना ही नहीं सत्ता में भागीदारी को भी विस्तृत बनाना है।
  • सशक्त बनाने की चुनौती-लोकतंत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौती उसे सशक्त बनाने की है। जनता की प्रतिनिधि संस्थाओं और उसके सदस्यों का जनता के प्रति जो व्यवहार – है, उसे मजबूत करने की चुनौती बहुत नहीं है।

प्रश्न 2.
लोकतांत्रिक सुधार की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?
उत्तर-
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की सबसे बड़ी विशेषता यह होता है कि इसमें अपनी कमजोरियों को सुधारने की क्षमता है। लोकतांत्रिक शासन की चुनौतियों को लोकतांत्रिक सुधार द्वारा डटकर सामना किया जा सकता है। प्रत्येक लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था की अपनी अलग-अलग कमजोरियाँ होती हैं और उसमें अलग-अलग लोकतांत्रिक सुधारों की भी आवश्यकता है। लोकतांत्रिक सुधार के द्वारा लोकतंत्र की चुनौतियों या कमजोरियों को दूर किया जा सकता है।

प्रश्न 3.
लोकतंत्र से जनता की अपेक्षाओं का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर-
लोकतंत्र को शासन का सर्वश्रेष्ठ रूप माना जाता है। यह जनता का जनता के लिए और जनता द्वारा शासनं ही। स्वाभाविक है कि इससे जनता की अपेक्षाएँ भी अधिक होगी। लोकतंत्र से जनता की अपेक्षा यह है कि प्रत्येक व्यक्ति से समान व्यवहार हो। समानता को लोकतांत्रिक व्यवस्था की आत्मा कहा जाता है। लोकतंत्र से जनता को जो सबसे बड़ी अपेक्षा है वह यह है कि उसे आर्थिक समस्याओं से जुझना नहीं पड़े। लोकतंत्र से जनता की एक अपेक्षा यह भी है कि इस शासन व्यवस्था में उनका जीवन सुरक्षित हो। लोकतंत्र में घृणा, स्वार्थ, द्वेष, ईर्ष्या, जैसी बुराइयों के पनपने से नैतिकता समाप्त हो जाती है। लोकतंत्र से जनता की तक अपेक्षा यह भी है कि उसकी शासन व्यवस्था में उसकी गरिमा का भी संवर्धन हो।

प्रश्न 4.
बिहार में लोकतंत्र की जड़ें कितनी गहरी हैं.?
उत्तर-
बिहार भी भारतीय लोकतंत्र का एक अंग है। बिहार में लोकतांत्रिक व्यवस्था प्राचीनकाल में ही विद्यमान थी। बिहार के ही वैशाली जिले में लिच्छवियों का गणतंत्र था। लिच्छवियों की शासन प्रणाली गणतांत्रिक पद्धति पर आधारित थी। राज्य की शक्ति जनता में निहित थी। अत: यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि बिहार में लोकतंत्र की जड़ें काफी गहरी थी। भारत की तरह बिहार में भी लोकतंत्र सफलता के मार्ग पर अग्रसर है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का वर्णन करें।
उत्तर-
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के समक्ष विभिन्न तरह की चुनौतियाँ हैं जो निम्नलिखित हैं

i. मौलिक आधार बनाने की चनौती यह सही है कि इक्कीसवीं सदी लोकतंत्र की शताब्दी है। परंतु अभी भी विश्व के अनेक देश राजशाही, तानाशाही और फौजी शासन . के अधीन है। वे उनके शासन से मुक्ति चाहते हैं और लोकतंत्र को अपनाना चाहते हैं। इसके लिए बहुत से देशों में प्रयास तेजी से चल रहे हैं। ऐसे देशों में लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के लिए तैयार कराने के लिए मौलिक आधार बनाना आवश्यक है। मौलिक आधार बनाकर ही वहाँ लोकतांत्रिक सरकार का गठन किया जा सकता है।

ii. विस्तार की चुनौती-जहाँ लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की स्थापना हो चुकी है और जहाँ मौलिक आधारों को बनाया गया है उसे सर्वत्र लागू करना है। इसका मतलब है कि लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के सामने विस्तार की चुनौती है। केंद्र, इकाइयों,स्थानीय निकायों, पंचायतों, प्रशासनिक इकाइयों की सभी संस्थाओं को लोकतांत्रिक  बनाने की आवश्यकता है। इतना ही सत्ता में भागीदारी को भी विस्तृत बनाना है। इसमें . . वंश, लिंग, जाति, धर्म, संप्रदाय भाषा, स्थान आदि के आधार पर किसी को वंचित नहीं करना है। आधुनिक युग में विकसित अथवा विकासशील दोनों प्रकार की लोकतांत्रिक
शासन-व्यवस्थाओं के लिए यह चुनौती एकसमान है।

iii. सशक्त बनाने की चुनौती- लोकतंत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौती उसे सशक्त बनाने की है। यह चुनौती प्रत्येक लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के सामने किसी-न-किसी रूप में विद्यमान है। जनता की प्रतिनिधि संस्थाओं और उसके सदस्यों का जनता के प्रति जो व्यवहार है, उसे मजबूत करने की चुनौती बहुत बड़ी है। लोकतांत्रिक शासन की जितनी संस्थाएं हैं, उसकी कार्य पद्धति में सुधार लाना आवश्यक है। ऐसा करने पर ही संस्थाएँ भी सशक्त बनेंगी और लोकतंत्र भी।

प्रश्न 2.
लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था की कमजोरियों को दूर करने के उपायों का वर्णन करें।
उत्तर-
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि इसमें अपनी कमजोरियों को सुधारने की क्षमता है। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की कमजोरियों को दूर करने के उपाय निम्नलिखित हैं- शिक्षा का प्रसार शिक्षा का प्रमार कर लोकतंत्र के कमजोरियों को दूर किया जा सकता है। लोकतंत्र के विकास में मार्ग में अशिक्षा सबसे बड़ी बाधा है। इसलिए शिक्षा का प्रसार किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा 1986 में ही नई शिक्षा नीति की घोषणा कर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाया जा रहा है।

ii. बेरोजगारों को रोजगार – बेरोजगारी की समस्या भी लोकतंत्र की एक कमजोरी है। अब बेरोजगारी दूर करने के काफी प्रयास किए जा रहे हैं। लघु एवं कुटीर उद्योगों के विकास पर जोर दिया जा रहा है। पंचवर्षीय योजनाओं में बेरोजगारी की समस्या के समाधान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

iii. पंचायती राज-सतत जागरूकता ही लोकतंत्र को सफलता के मार्ग पर ले जा सकती ‘ है। पंचायती राज की स्थापना इसी उद्देश्य से की गई है। ग्राम पंचायतें लोकतंत्र के मुख्य आधार है। ग्राम पंचायतों के कामों में भाग लेने से सामान्य लोगों में भी लोकतंत्र के प्रति दिलचस्पी बढ़ी है।

iv. सुधारात्मक कानूनों का निर्माण- लोकतंत्रात्मक सुधार में सुधारात्मक कानूनों के निर्माण की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। सरकार कानून बनाते समय इस बात पर विशेष ध्यान रखती है कि राजनीति पर इसका प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े तथा वैसे कानूनों का निर्माण हो जिससे जनता के स्वतंत्रता के अधिकार में वृद्धि हो।

v. आंदोलन हित समूहों और मीडिया की स्वतंत्रता- लोकतांत्रिक सुधार के लिए। लोकतांत्रिक आंदोलनों और संघर्षों, विभिन्न हित समूहों और मीडिया की स्वतंत्रता अवश्य सुनिश्चित की जानी चाहिए।

vi. निष्पक्ष निर्वाचन पद्धति- देश में निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए एक निष्पक्ष निर्वाचन आयोग का गठन किया गया है। निष्पक्ष चुनाव पर ही लोकतंत्र का भविष्य निर्भर है। भारत सहित अन्य लोकतांत्रिक देश इन्हीं उपायों से अपनी कमजोरियों को दूर कर सकते हैं लोकतंत्र की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।

प्रश्न 3.
भारत लोकतंत्र जनता की उन्नति, सुरक्षा और गरिमा के संवर्द्धन में कहाँ तक सहायक है?
उत्तर-
लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता अपनी उन्नति की आकांक्षा रखती है और साथ-साथअपनी सुरक्षा एवं गरिमा को बनाए रखने की भी अपेक्षा रखती है। लोकतंत्र कहां तक इसमें सहायक है-

i. निम्नलिखित तर्कों के द्वारा इसको स्पष्ट किया जा सकता है जनता की उन्नति भारतीय लोकतंत्र का उद्देश्य अपने नागरिकों का अधिकतम कल्याण है। इसे कल्याणकारी स्वरूप प्रदान किया गया है। भारतीय लोकत्र को समाजवादी स्वरूप देने के उद्देश्य से ही भारतीय संविधान में राज्य के नीति निदक तत्व के अंतर्गत अनेक प्रावधान किए गए हैं। इन प्रावधानों का उद्देश्य नागरिकों की ‘अधिकतम उन्नति है। ये प्रावधान हैं

राज्य के सभी नागरिकों की जीविका के साधन प्राप्त करने का समान अधिकार है। पुरुषों और स्त्रियों को समान कार्यों के लिए समान वेतन मिले।

ii. जनता की सुरक्षा-भारतीय लोकतंत्र जनता को सुरक्षा प्रदान करने में भी सफल नहीं हो पा रही है। भारत की जनता आतंकवाद, नक्सलवाद, अपहरण, हत्या, अपराध जैसी घटनाओं से त्रस्त है। स्वाभाविक है कि जबतक नागरिकों को जीवन ही सुरक्षित नहीं रहेगा तबतक वे उन्नति के पक्ष पर अग्रसर कैसे हो सकेंगे। भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी-बड़ी चुनौती सुरक्षा की है। ऐसा नहीं है कि भारतीय लोकतंत्र इस चुनौती को नजरअंदाज कर रहा है। सुरक्षा नहीं तो विकास नहीं’ के कथन से भारतीय लोकतंत्र पूर्णरूपेण अवगत है और भारत को विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने के लिए सतत प्रयत्नशील है।

iii. व्यक्ति की गरिमा व्यक्ति की गरिमा के संवर्द्धन के लिए भी भारतीय लोकतंत्र सजग है। जातिवाद, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद, लैंगिक विभेद अमीर-गरीब का विभेद, ऊँच-नीच का भेदभाव व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले तत्व हैं। भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ही इसे स्पष्ट कर दिया गया है कि व्यक्ति की गरिमा को बनाए रखा जाएगा। संविधान ने जातिगत भेदभाव, अस्पृश्यता और अन्य ऐसे भेदभाव का निषेध
कर दिया है जिससे समाज में रहनेवाले विभिन्न वर्ग के लोगों में दुर्भावना नहीं पनप सको स्पष्ट है कि भारतीय लोकतंत्र के मार्ग में अनेक बाधाओं के रहते हुए भी जनता की उन्नति, सुरक्षा और गरिमा के संवर्द्धन में यह बहुत हद तक सहायक है।

प्रश्न 4.
लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं पर एक निबंध लिखें।
उत्तर-
लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं को हम निम्नांकित शीर्षकों के अंतर्गत रख सकते हैं-

  • लोकतंत्र जनता का शासन है। यह शासन का वह स्वरूप है जिसमें जनता को ही शासकों के चयन का अधिकार प्राप्त है।
  • जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों को ही लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के लिए निर्णय लेने का अधिकार है।
  • निर्वाचन के माध्यम से जनता को शासकों को बदलने तथा अपनी पसंद व्यक्त करने का बिना किसी भेदभाव के पर्याप्त अवसर और विकल्प प्राप्त होना चाहिए।
  • विकल्प के प्रयोग के बाद जिस सरकार का गठन किया जाए उसे संविधान में निश्चित किए गए मौलिक नियमों के अनुरूप कार्य करना चाहिए। साथ ही नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
  • नागरिकों को मताधिकार निर्वाचन में खड़े होने का अधिकार जैसे राजनीतिक अधिकार के अलावा कुछ आर्थिक अधिकार भी दिए जाने चाहिए। जीविका का साधन प्राप्त करने, काम पाने का अधिकार, उचित पारिश्रमिक पाने का अधिकार जैसे आर्थिक अधिकार जब तक नागरिकों को नहीं मिलेंगे तबतक राजनीतिक अधिकार निरर्थक सिद्ध होंगे।
  • सत्ता में भागीदारी का अवसर सबों को बिना भेदभाव के मिलना चाहिए। सत्ता में जितना अधिक भागीदारी बढ़ेगी, लोकतंत्र उतना ही सशक्त बनेगा।
  • लोकतंत्र को बहुमत की तानाशाही से दूर रखा जाना चाहिए। अल्पसंख्यकों के हितों पर ध्यान देना आज को लोकतंत्र की पुकार है।
  • लोकतंत्र को सामाजिक भेदभाव से भी दूर रखा जाना चाहिए। इसको जातिवाद, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद, धर्मवाद जैस भयंकर रोगों से मुक्त किया जाना चाहिए।

Bihar Board Class 10 History लोकतंत्र की चुनौतियाँ Notes

  • नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार भारत में 71 करोड़मतदाता है।
  • दुनिया के एक चौथाई हिस्से में अभी भी लोकतांत्रिक व्यवस्थानहीं है।
  • भारतीय लोकतंत्र प्रतिनिधियात्मक लोकतंत्र है। इसका संचालन जनप्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है।
  • भारतीय लोकतंत्र के तीन अंग हैं. विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका।
  • किसी भी लोकतंत्र की सफलता में स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका की भूमका सर्वमान्य सत्य है।
  • अमेरिका तथा ब्रिटेन में लोकतांत्रिक व्यवस्थाकी सफलता बहुत हद तक उनकी न्यायपालिका की सफलता है।
  • भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।
  • ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों म राष्ट्राध्यक्ष रबर स्टाम्पकी तरह होते हैं।
  • नेपाल में 240 साले पुराने राजशाही को समाप्त कर लोकतांत्रिक देशबनाया गया।
  • अमेरिकी संविधान निर्माताओं में से एक अलेक्जेंडर हैमिलटन ने कहा था कि, “कार्यपालिका में ऊर्जा होनी चाहिए तो विधायिका मेंदूरदर्शिता जबकि न्यायपालिका में सत्य के प्रति निष्ठा और संयम होना चाहिए।”
  • पंद्रहवें लोकसभा चुनाव में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) द्वारा लोकसभा की 543 सीटों में से 265 सीटों पर विजय प्राप्त की। कांग्रेस पार्टी को 202 सीटें ही प्राप्त हो सकी।
  • ब्रिटेन की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी की संख्या 19.3 प्रतिशत अमेरिका में 163 प्रतिशत, इटलीमें 16.01 प्रतिशत, आयरलैंड में 14.2 प्रतिशत तथा फ्रांसमें 13.9 है।
  • 15वीं लोकसभा चुनाव के बाद महिलाओं की भागीदारी 10 प्रतिशतसे अधिक हो गई है।
  • राजनीतिक भ्रष्टाचार और अपराध, अफसरशाही, लूटतंत्र, आर्थिक पिछड़ापन, शिक्षा का अभाव, प्राकृतिक आपदा नारियों की दयनीय स्थिति, पंचायतों और प्रखंडों में फैला भ्रष्टाचार यें सभी बिहार में स्थापित लोकतंत्र की चुनौतियां हैं।
  • सूचना का अधिकार का कानूनलोगों को जानकार बनाने और लोकतंत्र के रखवाले के तौर पर सक्रिय करने का अच्छा उदाहरण है।
  • लोकतांत्रिक सुधार मुख्यतः राजतिक दल ही करते हैं। अतः राजनीतिक सुधारों का जोर – मुख्यतः लोकतांत्रिक कामकाजपर ज्यादा मजबूत बनाने पर होना चाहिए।

Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 7 पिता का पत्र पुत्र के नाम

Bihar Board Class 6 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 1 Chapter 7 पिता का पत्र पुत्र के नाम Text Book Questions and Answers and Summary.

BSEB Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 7 पिता का पत्र पुत्र के नाम

Bihar Board Class 6 Hindi पिता का पत्र पुत्र के नाम Text Book Questions and Answers

प्रश्न-अभ्यास

पाठ से –

Pita Ka Patra Putra Ke Naam Bihar Board Class 6 Hindi प्रश्न 1.
गाँधीजी ने पत्र के माध्यम से अपने पुत्र को क्या-क्या शिक्षाएँ दी हैं ?
उत्तर:
गाँधीजी ने पत्र के माध्यम से अपने पुत्र को शिक्षाएँ दी कि अपने आहार पर पूर्ण ध्यान देना चाहिए। किताबी ज्ञान के साथ-साथ चरित्र निर्माण और कर्त्तव्य बोध अनिवार्य है। अपने कर्तव्य का पालन भी करना चाहिए । बारह वर्षों के बाद बच्चों को अपनी जिम्मेवारी और कर्त्तव्य का भान हो जाना चाहिए । मनुष्य के लिए आत्मा और परमात्मा के साथ स्वयं का ज्ञान तथा अक्षर-ज्ञान अनिवार्य है। अमीरी और गरीबी की तुलना में गरीबी में जीना सुखद है। गणित और संस्कृत विषय पर अधिक ध्यान देना चाहिए। अपने कार्य को नियत समय में करना चाहिए। कुछ समय भजन प्रार्थना में भी देना चाहिए। खर्च का हिसाब रखना चाहिए इत्यादि ।

पिता का पत्र पुत्र के नाम Bihar Board Class 6 Hindi प्रश्न 2.
गाँधीजी ने असली शिक्षा किसे माना है ? उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
गाँधीजी ने असली शिक्षा चरित्र-निर्माण और कर्त्तव्य का बोध करना है।

वस्तुतः किताबी ज्ञान ही भात्र ज्ञान नहीं बल्कि चरित्र-निर्माण और कर्तव्य का भान होना है। वास्तविक शिक्षा मनुष्य को समय का दुरुपयोग से बचाता है तथा समाज में सभ्य मनुष्य के रूप में प्रकाशित करता है। चरित्रहीन विद्वान कभी भी सम्मान के योग्य नहीं होते तथा कर्तव्य ज्ञान के बिना संसार सागर से पार करना मुश्किल है।

Pita Ka Patra Putri Ke Naam Question Answer प्रश्न 3.
गाँधीजी के पत्र के माध्यम से किन तीन बातों को महत्वपूर्ण माना गया है?
उत्तर:
गाँधीजी के पत्र के माध्यम से निम्नलिखित बातों को महत्वपूर्ण माना गया है।

  1. अपने आहार पर पूर्ण ध्यान देना।
  2. अपने जिम्मेवारी को हर्षपूर्वक संभालना।
  3. शब्द ज्ञान के अतिरिक्त आत्मा स्वयं एवं ईश्वर का ज्ञान प्राप्त करना ।
  4. गरीबी में जीना अमीरी में जीने से सुखद है।
  5. कृषि कार्य भी करना चाहिए।
  6. गणित-संस्कृत और संगीत विषयों में अधिक अभिरुचि रखना।
  7. खर्च का हिसाब सही ढंग से रखना।
  8. अपना कार्य नियमपूर्वक और नियत समय पर करना ।
  9. ईश्वर की प्रार्थना एवं भजन करना।

Pita Ka Putra Ko Patra Bihar Board Class 6 Hindi प्रश्न 4.
“बा” उपनाम से किन्हें जाना जाता है?
उत्तर:
गाँधीजी की पत्नी कस्तुरबा गाँधी “बा” उपनाम से जानी जाती थी।

Bihar Board Class 6 Hindi Book Solution प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रश्नों के चार-चार विकल्प दिए गए हैं। सही विकल्प के सामने (✓) सही का निशान लगाइए –

(क) गाँधीजी ने अपने जिस पुत्र को पत्र लिखा उसका नाम था –
(i) देवदास गाँधी
(ii) मणिलाल गाँधी
(iii) मोहनदास
(iv) रामदास गाँधी
उत्तर:
(ii) मणिलाल गाँधी

(ख) गाँधीजी ने यह पत्र-कहाँ से लिखा था?
(i) पटना जेल से
(ii) लखनऊ जेल से
(iii) तिहार जेल से
(iv) प्रिटोरिया जेल से
उत्तर:
(iv) प्रिटोरिया जेल से

(ग) गाँधीजी मे यह पत्र कब लिखा.?
(i) 25 मार्च, 1919
(ii) 25 मार्च, 1900
(iii) 25 मार्च, 1909
(iv) 25 मार्च, 1929
उत्तर:
(iii) 25 मार्च, 1909

पाठ से आगे –

Bihar Board Class 6 Hindi Solution प्रश्न 1.
आप अपने पिताजी को गाँव/शहर की जीवन शैली के सम्बन्ध में एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
पूज्य पिताजी !
सादर प्रणाम ।
मैं कुशलपूर्वक हूँ आशा करता हूँ कि आप भी सपरिवार कुशल होंगे।

मैं अभी कुछ दिनों से बम्बई शहर में हूँ। शहर के लोगों की जीवन शैली मुझे पसंद नहीं आ रही है। यहाँ के लोगों की जीवन शैली आकर्षक तो खूब है लेकिन पारस्परिक प्रेम और स्नेह से लोग वंचित है। केवल अपने को संभालकर किसी भी देश की जनता सम्पन्न राष्ट्र की कल्पना नहीं सोच सकता है। यहाँ के लोग स्वास्थ्य पर ध्यान बिल्कुल नहीं देते । कार्य की अधिकता तो अच्छी बात है लेकिन कार्य को नियत समय पर ही करना स्वास्थ्य के लिए उत्तम है जो यहाँ के लोगों में अभाव है। । यहाँ के लोग अमोद-प्रमोद प्रिय हैं जो जीवन के कुछ ही वर्ष के लिए अनिवार्य है। प्रायः विद्यार्थी जीवन में सुख-सुविधा और आजादी जीवन को परेशानी में डाल देती है। लेकिन यहाँ की छात्र जीवन भी अमोद-प्रमोद युक्त दिखलाई पड़ते हैं जो जीवन-निर्माण में जटिलता लाता है।

यहाँ के अमीर और गरीब लोगों की जीवन-शैली में अत्यन्त फर्क दिखता है जबकि ग्राम्य जीवन-शैली में फर्क कम दिखता है।

आप मेरे पत्र को पढ़कर शहरी जीवन-शैली पर विशेष रूप से विचार कर अपनी राय पत्र के द्वारा भेजेंगे।

माताजी को प्रणाम तथा छोटे को स्नेह भरा आशीर्वाद ।

आपका पुत्र
मुकेश कुमार

Pita Ka Patra Putra Ke Naam Question Answer प्रश्न 2.
आप अपने गांव के किसान के बारे में लिखिए।
उत्तर:
हमारे गाँव मंझौल में प्रायः हरेक वर्ग के किसान हैं। सभी किसानों में प्रायः एकता देखी जाती है। हरेक किसान एक-दूसरे के पूरक दिखाई पड़ते हैं। हमारे गाँव के किसान अत्यन्त परिश्रमी हैं। जबकि हमारे गाँव की भूमि अधिक उपजाऊ नहीं है। कभी अतिवृष्टि तो कभी अनावृष्टि भी किसानों को प्रभावित करती है लेकिन इसके बावजूद हमारे गाँव के किसान अपनी कर्मठता के कारण उन्नत किसान कहलाते हैं। वहाँ के अन्य गाँवों की अपेक्षा हमारे गाँव के किसान अधिक सम्पन्न दिखाई पड़ते हैं।

ये किसान नियमित रूप से उठते हैं जिसके कारण गोपालन का काफी समय उनको प्राप्त हो जाता है। हमारे यहाँ के किसान गोपालन में भी बहुत आगे हैं। विशेषतः किसान पढ़े-लिखे हैं जिसके कारण कृषि का सम्यक् ज्ञान उन्हें प्राप्त होते रहता है।

Mahatma Gandhi Wikipedia In Hindi Bihar Board प्रश्न 3.
क्या हमें पत्र लिखना चाहिए? हाँ तो क्यों ? नहीं तो क्यों ?
उत्तर:
हमें पत्र लिखना चाहिए। पत्र सम्बन्ध स्थापित करने का मूर्त उपाय है। इससे लेखन कला की सम्पन्नता के साथ-साथ अपने भाव को व्यापक रूप से प्रकट करने का अवसर मिलता है। पत्र लेखन में पैसे की भी बचत है।

व्याकरण –

Mahatma Gandhi Letter In Hindi Bihar Board प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
पत्र, शिक्षा, आश्रम, जिम्मेवारी, महत्वपूर्ण, गरीबी, आनन्द, जेल, चेष्टा, सुख।
उत्तर:
पत्र = पत्र लिखना चाहिए।
शिक्षा = शिक्षा के बिना मनुष्य पशु समान होता है।
आश्रम = आश्रम में मुनि लोग रहते थे।
जिम्मेवारी = अपनी जिम्मेवारी आप संभालो।
महत्वपूर्ण = महत्वपूर्ण कार्य में उसे बुला लूँगा।
गरीबी = गरीबी में मनुष्य को संयमित रहना चाहिए।
आनन्द = आनन्दपूर्वक अपना कार्य करना चाहिए।
जेल = जेल से छूटकर मैं पढूँगा।
चेष्टा = वह चेष्टापूर्वक कार्य करता है।
सुख = सुख मिलने पर सब सोते हैं।

Bhiksha Patra In Hindi Class 5 Question Answer प्रश्न 2.
नीचे लिखे संज्ञाओं के साथ पूर्वक प्रत्यय लगाकर क्रिया-विशेषण बनाइए और उनका अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए।
धैर्य, शांति, संतोष, प्रेम, श्रम।
उत्तर:
धैर्य = धैर्यपूर्वक कार्य करना चाहिए।
शांति = शांतिपूर्वक बैठना चाहिए।
संतोष = संतोषपूर्वक रहना चाहिए।
प्रेम = प्रेमपूर्वक यहाँ रहो।
श्रम = श्रमपूर्वक काम से सफलता मिलेगी।

Bihar Board Solution Class 6 Hindi प्रश्न 3.
नीचे कुछ भाववाचक संज्ञाएँ दी गयी हैं। इससे विशेषण बनाकर उनका अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
महत्व, निश्चय, उपयोग, सहानुभूति, मानब ।
उत्तर:
महत्व = महत्वपूर्ण कार्य करना चाहिए।
निश्चय = निश्चयपूर्वक कहता है।
उपयोग = उपयोगी वस्तु दान दो।
सहानुभूति = सहानुभूतिपूर्वक निवास करो।
मानव = मानवीय गुणों को धारण करना चाहिए।

पिता का पत्र पुत्र के नाम Summary in Hindi

पाठ का सार – संक्षेप

पत्र मणिलाल गाँधी के नाम लिखा गया। पत्र 25 मार्च, 1909 ई० को प्रिटोरिया जेल से लिखा गया।

पत्र लिखने वाले मोहनदास करमचंद गाँधी हैं।
प्रिय पुत्र,
प्रतिमास एक पत्र लिखने और प्राप्त करने का अधिकार मुझे प्राप्त है। मिस्टर रीच, मिस्टर पोलक (दोनों मित्र) और तुम्हारा ख्याल बारी-बारी से आया। लेकिन तुम्हें पत्र लिखना पसंद किया क्योंकि तुम्हारा ही ध्यान मुझे बराबर रहता था।

मैं पूर्ण शांति में हूँ। आशा है ‘बा’ अच्छी होगी। मुझे मालूम है कि तुम्हारा अनेक पत्र आये लेकिन मुझे नहीं दिये गये फिर भी डिप्टी गवर्नर की उदारता से मालूम हुआ कि-“बा” का स्वास्थ्य सुधर रहा है। तुम सब “बा” के साथ सबेरे दूध के साथ साबूदाना बराबर लेते रहना। मुझे आशा है कि तुम अपनी जिम्मेवारी आनन्द से निभाते होगे । जेल में मैंने खूब पढ़ा। इससे मैं यह समझता हूँ कि केवल अक्षर-ज्ञान ही शिक्षा नहीं बल्कि सच्ची । शिक्षा चरित्र निर्माण और कर्तव्यबोध है। मुझे आशा है कि तुम भी सच्ची शिक्षा प्राप्त कर रहे होगे । बीमार माँ की सेवा के साथ रामदास और देवदास पर भी ध्यान दे रहे होगे। ब्रह्मचर्य और संन्यास आश्रम में कोई अन्तर नहीं। बारह वर्षों के बाद बच्चों में जिम्मेवारी और कर्त्तव्य का भान होना चाहिए तथा उन्हें अपने आचार और विचार में सत्य-अहिंसा के प्रयोग की चेष्टा करनी चाहिए । अक्षर ज्ञान के साथ-साथ संसार में तीन बातें महत्वपूर्ण हैं। अपनी आत्मा, अपने आप एवं ईश्वर का सच्चा ज्ञान प्राप्त करना । इतना याद रखना कि अब हमें गरीबी में रहना है क्योंकि गरीबी में जीना अधिक सुखद है। तुम कृषि-कार्य पर भी पूरा ध्यान दना तथा कृषि, उपकरणां को भी साफ-सुथरा रखना।

अक्षर ज्ञान में गणित और संस्कृत पर पूरा ध्यान देना । भविष्य में संस्कृत बहुत उपयोगी सिद्ध हागा। संगीत में भी रुचि रखना। हिन्दी, गुजराती और अंग्रेजी भजनों और कविताओं का संग्रह तैयार करना जो अंत में मूल्यवान प्रतीत होगा। काम की अधिकता से मनुष्य को घबराना नहीं चाहिए। शांतचित्त से सद्गुणों को प्राप्त करने की चेष्टा करते रहना । आशा है कि तुम खर्च के पैसे का हिसाब ठीक से रखते होगे तथा यह भी आशा है कि तुम रोज शाम में . नियमपूर्वक प्रार्थना करते होगे। सूर्योदय से पूर्व उठकर भी प्रार्थना करना । प्रयत्नपूर्वक नियत समय में प्रार्थना करना चाहिए । यह नियमितता तुम्हें जीवन में सहायक सिद्ध होगी। पत्र को पढ़कर तथा अच्छी तरह समझकर जवाब देना।

तुम्हारा पिता
मोहन दास

Bihar Board 12th Hindi 100 Marks Objective Answers गद्य Chapter 4 अर्द्धनारीश्वर

Bihar Board 12th Hindi Objective Questions and Answers

Bihar Board 12th Hindi 100 Marks Objective Answers गद्य Chapter 4 अर्द्धनारीश्वर

Ardhnarishwar Question Answer Bihar Board प्रश्न 1.
‘संस्कृति के चार अध्याय’ किसकी कृति है ?
(A) गुलाब दास
(B) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(C) आचार्य सीताराम चतुर्वेदी
(D) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
उत्तर:
(D) रामधारी सिंह ‘दिनकर’

अर्धनारीश्वर का किस विधा से संबंध है Answer Bihar Board प्रश्न 2.
कौन-सी कृति रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की लिखी हुई है
(A) शुद्ध कविता की खोज
(B) पुनर्नवा
(C) स्मृति की रेखाएँ
(D) कविता के नए प्रतिमान
उत्तर:
(A) शुद्ध कविता की खोज

अर्धनारीश्वर रामधारी सिंह दिनकर Bihar Board प्रश्न 3.
कौन-सी कृति रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की लिखी हुई नहीं है ?
(A) वट पीपल
(B) उर्वशी
(C) काव्य की भूमिका
(D) साकेत
उत्तर:
(D) साकेत

Ardhnarishwar Ka Question Answer Bihar Board प्रश्न 4.
‘दिनकर’ को किस कृति पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ?
(A) अर्धनारीश्वर
(B) उर्वशी
(C) हुँकार
(D) कुरुक्षेत्र
उत्तर:
(B) उर्वशी

अर्धनारीश्वर का किस विधा से संबंध Bihar Board प्रश्न 5.
‘दिनकर’ का जन्म कब हुआ था?
(A) 23 सितम्बर, 1908 को
(B) 22 दिसम्बर, 1912 को
(C) 28 सितम्बर, 1911 को
(D) 25 सितम्बर, 1913 को
उत्तर:
(A) 23 सितम्बर, 1908 को

Ardhnarishwar Ramdhari Singh Dinkar Bihar Board प्रश्न 6.
‘दिनकर’ किस युग के कवि हैं ?
(A) भारतेन्दु युग
(B) छायावाद युग
(C) छायावादोत्तर युग
(D) नव्यकाव्यांदोलन
उत्तर:
(C) छायावादोत्तर युग

प्रश्न 7.
युग रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की रचना है
(A) अर्द्धनारीश्वर’
(B) ‘रोज’
(C)’ओ सदानीरा’
(D) जूठन’
उत्तर:
(A) अर्द्धनारीश्वर’

प्रश्न 8.
‘अर्द्धनारीश्वर’ (अर्द्धनारीश्वर) शीर्षक निबंध के निबंधकार कौन हैं ?
(A) रामचंद्र शुक्ल
(B) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(C) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(D) जगदीशचन्द्र माथुर
उत्तर:
(C) रामधारी सिंह ‘दिनकर’

प्रश्न 9.
कौन-सी कृति रामधारी सिंह ‘दिनकर’ द्वारा लिखी गई है?
(A) ‘राधा’
(B) ‘हारे को हरिनाम’
(C)’साकेत’
(D) उर्मिला’
उत्तर:
(B) ‘हारे को हरिनाम’

प्रश्न 10.
कौन-सी कृति रामधारी सिंह “दिनकर’ की नहीं है ?
(A)’उर्वशी’
(B) नीलकुसुम’
(C) परशुराम की प्रतीक्षा’
(D) ‘प्रियप्रवास’
उत्तर:
(D) ‘प्रियप्रवास’

प्रश्न 11.
‘दिनकर’ किस युग के कवि हैं ?
(A) छायावादी युग के
(B) छायावादोत्तर युग के
(C) द्विवेदी युग के
(D) भारतेन्दु युग के
उत्तर:
(B) छायावादोत्तर युग के

प्रश्न 12.
‘अर्द्धनारीश्वर’ किसका कल्पित रूप है?
(A) शंकर और पार्वती का
(B) राधा और कृष्ण का
(C) राम और सीता का
(D) विष्णु और लक्ष्मी का
उत्तर:
(A) शंकर और पार्वती का

प्रश्न 13.
‘दिनकर’ को किस कृति पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ था ?
(A) ‘संस्कृति के चार अध्याय’ पर
(B) ‘मिट्टी की ओर’ पर
(C) नीलकुसुम’ पर
(D) ‘उर्वशी पर
उत्तर:
(D) ‘उर्वशी पर

प्रश्न 13.
‘दिनकर’ को किस कृति पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ था?
(A) संस्कृति के चार अध्याय’ पर
(B) ‘मिट्टी की ओर’ पर
(C)’नीलकुसुम’ पर
(D) ‘उर्वशी पर
उत्तर:
(D) ‘उर्वशी पर

प्रश्न 14.
युद्ध और शांति की समस्या पर लिखी गई काव्यकति है
(A) नील कुसुम
(B) कुरुक्षेत्र
(C) द्वंद्वगीत
(D) रश्मिरथी
उत्तर:
(B) कुरुक्षेत्र

प्रश्न 15.
अर्धनारीश्वर कल्पित रूप है
(A) शिव और पार्वती का
(B) राम और सीता का
(C) राधा और कृष्ण का
(D) विष्णु और लक्ष्मी का
उत्तर:
(A) शिव और पार्वती का

प्रश्न 16.
गांधारी थी
(A) दुर्योधन की माँ
(B) कृष्ण की माँ
(C) अर्जुन की माँ
(D) बलराम की माँ
उत्तर:
(A) दुर्योधन की माँ

प्रश्न 17.
प्रेमचंद थे
(A) गीतकार
(B) कथाकार
(C) फिल्मकार
(D) संगीतकार
उत्तर:
(B) कथाकार

प्रश्न 18.
‘अर्धनारीश्वर’ पाठ के लेखक कौन है? या, ‘अर्धनारीश्वर’ किसकी रचना है?
(A) नामवर सिंह
(B) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(C) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(D) रामचन्द्र शुक्ल
उत्तर:
(B) रामधारी सिंह ‘दिनकर’

प्रश्न 19.
रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की रचना कौन-सी है?
(A) उसने कहा था
(B) जूठन
(C) तिरिछ
(D) अर्धनारीश्वर
उत्तर:
(D) अर्धनारीश्वर

प्रश्न 20.
दिनकर जी का जन्म बिहार के किस जिले में हुआ था?
(A) समस्तीपुर
(B) बेगूसराय
(C) पटना
(D) भोजपुर
उत्तर:
(B) बेगूसराय

प्रश्न 21.
अर्धनारीश्वर में किस गुण का समन्वय है?
(A) नारी के
(B) पुरुष के
(C) नारी और पुरुष दोनों के
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(C) नारी और पुरुष दोनों के

प्रश्न 22.
दिनकर जी की पहली काव्य पुस्तक कौन-सी है?
(A) कुरुक्षेत्र
(B) हुंकार
(C) रसवंती
(D) प्रणभंग
उत्तर:
(D) प्रणभंग

प्रश्न 23.
दिनकर जी की पहली कविता किस पत्रिका में प्रकाशित हुई?
(A) छात्र सहोदर
(B) छात्र पत्रिका
(C) छात्र मित्र
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) छात्र सहोदर

प्रश्न 24.
दिनकर जी की पहली कविता कब प्रकाशित हुई?
(A) 1920 में
(B) 1925 में
(C) 1930 में
(D) 1935 में
उत्तर:
(B) 1925 में

प्रश्न 25.
दिनकर जी के अनुसार यदि पति विचार है तो पत्नी क्या है?
(A) बुद्धि
(B) समझ
(C) भावना
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(C) भावना

प्रश्न 26.
बुद्ध और महावीर ने नारियों को कौन-सा अधिकार दिया?
(A) संन्यास लेने का
(B) भिक्षुणी होने का
(C) पति के त्याग का
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) भिक्षुणी होने का

प्रश्न 27.
‘पुरूष जब नारी के गुण लेता है तब वह देवता बन जाता है; किन्तु नारी जब नर के गुण सीखती है तब वह राक्षस हो जाती है।” यह किसका कथन है?
(A) दिनकर जी का
(B) रवीन्द्रनाथ का
(C) प्रेमचन्द का
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) प्रेमचन्द का

प्रश्न 28.
‘अर्धनारीश्वर’ का किस विद्या से संबंध है?
(A) निबंध
(B) कहानी
(C) एकांकी
(D) व्यंग्य
Ans.
(C) एकांकी

प्रश्न 29.
किसने अपने जीवन के अन्तिम दिनों में नारीत्व की साधना की थी?
(A) गाँधी जी ने
(B) रवीन्द्रनाथ ने
(C) दिनकर जी ने
(D) उदयप्रकाश ने
उत्तर:
(A) गाँधी जी ने

प्रश्न 30.
अर्द्धनारीश्वर शंकर और पार्वती का किस प्रकार का रूप है?
(A) यथार्थ
(B) कल्पित
(C) आदर्श
(D) वास्तविक
उत्तर:
(B) कल्पित

प्रश्न 31.
प्रेमचन्द के अनुसार नारी जब पुरुष के गुण सीखती है तब वह क्या हो जाती है?
(A) आकर्षक
(B) साहसी
(C) कोमल
(D) राक्षसी
उत्तर:
(D) राक्षसी

प्रश्न 32.
निम्नलिखित में कौन-सी रचना दिनकर जी की नहीं है?
(A) उर्वशी ।
(B) रश्मिरथी
(C) जूठन
(D) कुरुक्षेत्र
उत्तर:
(C) जूठन

प्रश्न 33.
निम्नलिखित में कौन-सी रचना दिनकर जी की है?
(A) सदियों का संताप
(B) परशुराम की प्रतीक्षा
(C) दरियाई घोड़ा
(D) रसातल यात्रा
उत्तर:
(B) परशुराम की प्रतीक्षा

प्रश्न 34.
‘दिनकर’ को किस कृति पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ?
(A) अर्धनारीश्वर
(B) उर्वशी
(C) हुँकार
(D) कुरुक्षेत्र
उत्तर:
(B) उर्वशी

प्रश्न 35.
युद्ध और शांति की समस्या पर लिखी गई काव्यकृति है
(A) नील कुसुम
(B) कुरूक्षेत्र
(C) द्वद्वगीत ।
(D) रश्मिरथी
उत्तर:
(B) कुरूक्षेत्र

प्रश्न 36.
अर्धनारीश्वर कल्पित रूप है
(A) शिव और पार्वती का
(B) राम और सीता का
(C) राधा और कृष्णा का
(D) विष्णु और लक्ष्मी का
उत्तर:
(A) शिव और पार्वती का

प्रश्न 37.
गांधारी थी..
(A) दुर्योधन की माँ
(B) कृष्ण की माँ
(C) अर्जुन की माँ
(D) बलराम की माँ
उत्तर:
(A) दुर्योधन की माँ

प्रश्न 38.
प्रेमचंद थे
(A) गीतकार
(B) कथाकार
(C) फिल्मकार
(D) संगीतकार
उत्तर:
(B) कथाकार

प्रश्न 39.
‘दिनकर’ का जन्म कब हुआ था?
(A) 23 सितम्बर, 1908 को
(B) 22 दिसम्बर, 1912 को
(C) 28 सितम्बर, 1911 को
(D) 25 सितम्बर, 1913 को
उत्तर:
(A) 23 सितम्बर, 1908 को

प्रश्न 40.
‘दिनकर’ किस युग के कवि है?
(A) भारतेंदु युग
(B) छायावादी युग
(C) छायावादोत्तर युग
(D) नव्यकाव्यांदोलन युग
उत्तर:
(C) छायावादोत्तर युग

प्रश्न 41.
‘संस्कृति के चार अध्याय’ किसकी कृति है?
(A) गुलाब दास
(B) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(C) आचार्य सीताराम चतुर्वेदी
(D) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
उत्तर:
(D) रामधारी सिंह ‘दिनकर’

प्रश्न 42.
कौन-सी कृति रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की लिखी हुई है?
(A) शुद्ध कविता की खोज
(B) पुनर्नवा
(C) स्मृति की रेखाएँ
(D) कविता के नए प्रतिमान
उत्तर:
(A) शुद्ध कविता की खोज

Bihar Board Class 10 Hindi Solutions Varnika Chapter 3 माँ

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solutions Varnika Bhag 2 Chapter 3 माँ Text Book Questions and Answers, Summary, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Hindi Solutions Varnika Chapter 3 माँ

Bihar Board Class 10 Hindi माँ Text Book Questions and Answers

बोध और अभ्यास

मां कहानी का सारांश प्रस्तुत करें Bihar Board प्रश्न 1.
मंगु के प्रति मां और परिवार के अन्य सदस्यों के व्यवहार में जो फर्क है उसे अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर-
मंगु जन्म से पागल और गूंगी बालिका थी। माँ के लिए कोई कैसी-भी संतान हो उसकी वात्सल्यता फूट ही पड़ती है। मंगु की देख-रेख करनेवाली माँ को अपनी पुत्री एवं ईश्वर से कोई शिकायत नहीं है। ममता की प्रतिमूर्ति माँ स्वयं अपना सुख को भूलकर-पुत्री के लिए समर्पित हो जाती है। उसकी नींद उड़ गई है। रात-दिन अपनी असहाय बच्ची के लिए सोचती रहती है। मंगु के अलावा माँ के लिए तीन संतानें थीं। वे भी अपनी माँ के व्यवहार से अनमने-सा दुःखी रहते हैं।

माँ को ऐसी बात नहीं कि मंगू के अतिरिक्त अन्य संतानों से लगाव नहीं है परन्तु परिस्थिति ऐसी है कि मंगू के बिना उसका जीवन अधूरा है। दो बेटे के साथ-साथ घर में उनकी बहुएँ और पोते-पोतियाँ भी है। एक अन्य पुत्री जो ससुराल चली गई है। छुट्टियों में जब भी पोते-पोतियाँ आते हैं तो आशा लगाते हैं कि उन्हें दादी माँ का भरपूर प्यार मिलेगा किन्तु माँ का समग्र मातृत्व मंगु पर निछावर हो गया है। मातृत्व के स्नेह में खिंची बहुएँ माँ जी के प्रति अन्याय कर बैठती हैं। माँ के अतिरिक्त परिवार के अन्य सदस्य मंगु को पागलखाना में भर्ती कराकर निश्चित हो जाना चाहते हैं किन्तु माँ बराबर इनका विरोध करती रहती हैं।

माँ जी अस्पताल को गौशाला समझती थीं। इसलिए माँ जी घर में ही डॉक्टरों को बुलाकर इलाज कराती है। लोगों के बहुत कहने-सुनने के बाद वह मंगु को अस्पताल में भर्ती कराकर लौटती तो है किन्तु वह भी मंगु की तरह व्यवहार करने लगती है।

मां कहानी ईश्वर पेटलीकर Bihar Board प्रश्न 2.
माँ मंगु को अस्पताल में क्यों नहीं भर्ती कराना चाहती? विचार करें?
उत्तर-
माँ अस्पताल की व्यवस्था से मन-ही-मन काँप जाती थी। वह लोगों को अस्पताल के लिए गौशालाओं की उपमा देती थीं। मंगु विस्तर पर पाखाना-पेशाब कर देती थी। खिलाने पर ही खाती थी। माँ जी को आत्मविश्वास था कि अस्पताल में डॉक्टर नर्स आदि सभी अपना कोरम पूरा करेंगे। बिस्तर भींगने पर कौन उसके कपड़े और विस्तर बदलेंगे। माँ जी के मन में इन्हीं तरह के विविध प्रश्न उठा करते थे। इन्हीं कारणों से वह मंगु को अस्पताल में भर्ती नहीं कराना चाहती थी।

माँ कहानी का सारांश Bihar Board प्रश्न 3.
क्सम के पागलपन में सुधार देख मंग के प्रति माँ परिवार और समाज की प्रतिक्रिया को अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर-
कुसुम एक पढ़ने-लिखने वाली लड़की है। उसकी माँ चल बसी है। अचानक वह भी पागल की तरह आचरण करने लगती है। उसे भी टट्टी-पेशाब का ध्यान नहीं रहता है। कुसुम को अस्पतालों में भर्ती की बात सुनकर माँ जी को लगा कि यदि उसकी माँ जीवित होती तो अस्पताल में भर्ती न करने देती। कुसुम अस्पताल में भर्ती कर दी जाती है। डाक्टर, नर्स आदि की देख-रेख में कुसुम धीरे-धीरे ठीक होने लगती है। कुसुम ठीक होने पर घर आती है। सभी उससे मिलने के लिए जाती है। माँ जी उससे विशेष रूप से मिलती है।

कुसुम की बातों से माँ जी का हृदय बदल जाता है। उन्हें भी अस्पताल के प्रति श्रद्धा उत्पन्न हो गई। गाँव के लोगों ने माँ जी को समझाने लगा कि एक बार अस्पताल में भर्ती कराकर तो देख लें। यदि ठीक नहीं हुई तो मंगु को वापस बुला लेंगी। अंत में माँ जी ने भर्ती कराने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने बड़े पुत्र के पास पत्र भेजा। पत्र लिखते ही बड़ा पुत्र आ गया और माँ जी के साथ मंगू को लेकर अस्पताल गया। अस्पताल में भर्ती कराकर माँ जी लौट आती हैं।

मां की कहानी Bihar Board प्रश्न 4.
कहानी के शीर्षक की सार्थकता पर विचार करें।
उत्तर-
किसी भी कहानी का शीर्षक धुरी होता है जिसके इर्द-गिर्द कहानी घूमती रहती है। किसी भी कहानी के शीर्षक की सफलता औचित्य एवं मुख्य विचार, लघुता, भाव-व्यंजना आदि पर निर्झर है।

आलोच्य कहानी का शीर्षक इस कहानी के मृत्यु कृत्तित्वछाया छितराया हुआ है। समग्र मातृत्व का बोझ सहनेवाली माँ जी इस कहानी का मुख्य पात्र है। जन्म से पागल और गूंगी लड़की की संवा तन-मन से करती है। जन्मदात्री होने का वह अक्षरशः पालन करती है। माँ को अपनी पुत्री और ईश्वर से कोई शिकायत नहीं है। ममता की पूर्तिमूर्ति माँ स्वयं अपना सूख को भूलकर पुत्री के लिए समर्पित हो गई है। घर में बेटी-बेटे-बहू, पोता-पोतियों के साथ उसका संबंध बुरा नहीं है फिर वे माँ जी से खुश नहीं रहते हैं। वे समझते हैं कि माँ जी पागल बेटी के लिए स्वयं पागल हो गई हैं।

पढ़ने-लिखने वाली कुसुम भी जब पागल की तरह आचरण करने लगती है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया जाता है तो मन-ही-मन दुःखी हो जाती है। वे सोचती हैं कि मातृहीन कुसुम आज विवश हो गई है। यदि उसकी माँ होती तो शायद अस्पताल में भर्ती नहीं कराने देती है। कुसुम के ठीक होने एवं गाँव के लोगों के कहने-सुनने माँ जी की अंतत: मंगू को अस्पताल में भर्ती करा देती हो किन्तु स्वयं पागल हो जाती है। एक माँ ही अपनी संतान को समझ सकती है। संतान कैसी भी हो किन्तु उसकी ममता में कहीं कोई कमी नहीं आती है। वस्तुतः इन दृष्टान्तों से स्पष्ट होता है कि प्रस्तुत कहानी का शीर्षक सार्थक और समीचीन है।

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solution प्रश्न 5.
मंगु जिस अस्पताल में भर्ती की जाती है, उस अस्पताल के कर्मचारी व्यवहार कुशल हैं या संवेदनशील? विचार करें।
उत्तर-
मंगु जिस अस्पताल में भर्ती की जाती है उस अस्पताल के कर्मचारी संवेदनशील हैं। अस्पताल कर्मियों का काम मरीजों के साथ अच्छे से व्यवहार करना और सेवा करना है। किन्तु इस अस्पताल के कर्मी व्यवहार कुशल ही नहीं संवेदनशील भी हैं। अस्पताल में अनेक मरीज आते हैं। उन्हें परिजनों से क्या प्रयोजन ? मंगु उनका मरीज अवश्य है किन्तु माँ जी की वात्सलयता और ममत्व से वे प्रभावित हो जाते हैं। वे माँ जी को आश्वस्त कर घर भेजना चाहते हैं कि उनकी बंटी को कोई कष्ट नहीं होगा। माँ जी के रूदन को देखकर डॉक्टर, मेट्रन और परिचारिकाओं कं हृदय भर गये। वे मन-ही-मन सोचने लगे कि किसी पागल का ऐसा स्वजन अभी तक कोई नहीं आया है। एक अधेड़ परिचारिका उसे अपनी बेटी मानने लगती है। ऐसा व्यवहार कोई कर्मचारी नहीं संवेदनशील ही कर सकता है।

Class 10 Hindi Chapter 1 Bihar Board प्रश्न 6.
माँ का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर-
‘माँ’ कहानी की नायिका अपने घर की मुखिया और सहनशील नारी है। वह सब कुछ ‘ करती है और लोग यदि उसकी आलोचना भी करते हैं तो चुपचाप सुनती है, कुछ कहती नहीं। वह अथक सेविका है। अपनी पागल पुत्री की देखभाल बड़ी लगन से करती है, उसे अपने पास सुलाती, नहलाती-धुलाती, खिलाती और उसका मल मूत्र भी खुशी-खुशी साफ करती है। वह ऊबती नहीं अपितु उसकी जुदाई की आशंका से व्याकुल हो उठती है। वह अपने सभी बच्चों को बहुत प्यार करती है। माँ व्यवहार-कुशल भी है। वह अपनी बहुओं की अपने प्रति शिकायत से परिचित हैं, किंतु परिवार को विखंडित होने से बचाने के लिए कुछ नहीं कहती। उसका व्यवहार सभी लोगों से सौहार्द्रपूर्ण है। माँ अत्यन्त ममतामयी है। ममता के अतिरेक में ही, मंगु की जुदाई सहन नहीं कर पाती और पागल हो जाती है।

Bihar Board Solution Class 10 Hindi प्रश्न 7.
कहानी का सारांश प्रस्तुत करें।
उत्तर-
गुजराती साहित्य के धनी ईश्वर पेटलीकर एक लोकप्रिय कथाकार हैं। इनके कथा साहित्य में गुजरात का समय और समाज, नये-पुराने मूल्य, दर्शन और कला आदि रच-पचकर एक नई आस्वादकता के साथ उपस्थित होते हैं। प्रस्तुत कहानी में माँ की वात्सलयता और ममत्व का सजीवात्मक चित्रण किया गया है। जन्म से पागल और गूंगी बेटी को माँ जी ने जिस तरह पाल-पोस रही है वह अकथनीय है। अपना समस्त सुख भूलकर बेटी का सुख ही उसका अपना सुख है। ऐसी बातें सोचनेवाली कोई साधारण माँ नहीं होती हो। समग्र मातृत्व उड़लनेवाली माता निश्चय ही आदरणीया होती हैं। माँ जी को मंगु के अतिरिक्त बेटा-बेटी पोता-पोती और बहुएँ हैं। माँ जी को ऐसा नहीं है कि अन्य सदस्यों से लगाव नहीं है किन्तु वह तो मंगु समर्पिता हैं।

अन्य सदस्य माँ जी को दूसरे नजरों से देखते हैं फिर भी ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। पागल की अस्पतालों में वह भर्ती नहीं कराना चाहती है। कुसुम के ठीक होने एवं लोगों के कहने-सुनने पर वह मंगु को अस्पताल में भर्ती कराने जाती है। अस्पताल कर्मियों की संवेदनशीलता वें प्रभावित हो जाती हैं। मंगु को अस्पताल में भर्ती कराकर लौट आती है। माँ जी को आँखों के सामने मंगु का प्रतिबिम्ब झलकने लगता है। रात्रि में उन्हें नींद नहीं आती है। माँ की सिसककियों से बेटे की आँखों में अश्रुधारा बहने लगी। माँ के प्रति बेटे के मन में विविध भाव उठने लगे। माँ को सोता समझकर बेटा भी अपनी पलकें गिरा लीं। माँ जी अचानक,मंगु की तरह आचरण करने लगती है। मंगु की सहकर्मियाँ आज स्वयं मंगु बन गई थीं। वस्तुतः इस कहानी में लेखक माँ की ममता का सजीवात्मक विश्लेषण किया है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. सही विकल्प चुनें

Bihar Board Hindi Book Class 10 Pdf Download प्रश्न 1.
‘माँ’ कहानी है ………………..
(क) राजस्थानी
(ख) गुजराती
(ग) तमिल
(घ) उड़िया
उत्तर-
(ख) गुजराती

बिहार बोर्ड हिंदी बुक 10  प्रश्न 2.
‘माँ’ कहानी के रचनाकार हैं
(क) साँवर दइया
(ख) श्री निवास
(ग) ईश्वर पेटलीकर
(घ) सुजाता
उत्तर-
(ग) ईश्वर पेटलीकर

Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 1 प्रश्न 3.
मंगु जन्म से ही …………. है।
(क) अंधी
(ख) बहरी
(ग) पागल
(घ) गूंगी
उत्तर-
(ग) पागल

Class 10th Hindi Chapter 1 Question Answer Bihar Board प्रश्न 4.
मां की ………….संतानें थीं।
(क) तीन
(ख) दो
(ग) पाँच
(घ) चार
उत्तर-
चार

प्रश्न 5.
मंग को अस्पताल ले जाते समय माँ …………..थीं।
(क) प्रसन्न
(ख) उदास
(ग) पागल
(घ) उद्विग्न
उत्तर-
(घ) उद्विग्न

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

प्रश्न 1.
‘माँ’ कहानी के रचयिता ……..है।
उत्तर-
ईश्वर पटलीकर

प्रश्न 2.
मंगु …………………… से ही पागल है।
उत्तर-
जन्म

3. ‘माँ’ …………… कहानी है।
उत्तर-
गुजराती

प्रश्न 4.
माँ की …………. संतानें हैं।
उत्तर-
चार

प्रश्न 5.
मंगु गूगी है पर ………….. नहीं है।
उत्तर-
बहरी

प्रश्न 6.
पराई ……. ही कान छेदती है।
उत्तर-
माँ

प्रश्न 7.
पुत्र का …………… भी भर आया था।
उत्तर-
हृदय

प्रश्न 8.
माँ को यह ………. असह्य हो गया।
उत्तर-
घाव

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मंगु कौन थी?
उत्तर-
मंगु जन्म से पागल और गूंगी लड़की थी।

प्रश्न 2.
मंगु की देख-रेख कौन और कैसे करता था? ।
उत्तर-
मंगु की देख-रेख उसकी माँ बड़े यत्न से करती थी। वह उसे अपने पास सुलाती, खाना खिलाती और मल-मूत्र साफ करती थी।

प्रश्न 3.
मंगु की माँ उसे अस्पताल में क्यों नहीं भर्ती कराना चाहती थी?
उत्तर-
मंगु की माँ सोचती थी कि अस्पताल में मंगु की देख-भाल ठीक से न होगी। इसलिए उसे भर्ती कराना नहीं चाहती थी।

प्रश्न 4.
अस्पताल में भर्ती कराकर आने के बाद मंगु के भाई ने क्या प्रण किया ?
उत्तर-
अस्पताल में भर्ती कराकर आने के बाद मंगु के भाई ने प्रण किया कि वह मंगु पालेगा। बहू मल-मूत्र न धोएगी तो वह स्वयं धोएगा।’

प्रश्न 5.
मंग को अस्पताल में भर्ती करा कर आने के बादं माँ की क्या दशा हई?
उत्तर-
मंगु को अस्पताल में भर्ती कराकर आने के बाद माँ रात भर सिसकती रही और सवेरे चीत्कार सुनकर परिवार एवं पड़ोस के लोग घबड़ाकर वहाँ आए तो सबने देखा कि मंगु की माँ खुद पागल हो गई।

प्रश्न 6.
ईश्वर पेटलीकर कौन हैं?
उत्तर-
ईश्वर पेटलीकर गुजराती के जाने-माने कथाकार हैं।

प्रश्न 7.
ईश्वर पेटलीकर के साहित्य की क्या विशेषता है ?
उत्तर-
ईश्वर पेटलीकर के साहित्य में गुजरात का समाज, उसके मूल्य, दर्शन आदि साकार होते हैं।

प्रश्न 8.
मंग की माँ उसे अस्पताल में भर्ती कराने को कैसे राजी हुई ?
उत्तर-
गाँव की लड़की कुसुम का पागलपन जब अस्पताल जाने से दूर हो गया तो मंगु की माँ मंगु को अस्पताल में भर्ती कराने को राजी हुई।

प्रश्न 9.
मंगु को अस्पताल ले जाने के समय माँ की स्थिति कैसी थी?
उत्तर-
अस्पताल ले जाने के पूर्व की रात माँ को नींद नहीं आई। उसे लेकर घर से निकलने लगी तो लगा कि ब्रह्माण्ड का भार उसके ऊपर आ गया। आँखों से सावन-भादो शुरू हो गया।

माँ लेखक परिचय

ईश्वर पेटलीकर गुजराती के लोकप्रिय कथाकार हैं । इनके कथा साहित्य में गुजरात का समय और समाज, नये-पुराने मूल्य, दर्शन और कला आदि रच-पककर एक नई आस्वादकता के साथ उपस्थित होते हैं । ‘खून की सगाई’ इनकी प्रसिद्ध कहानी है और ‘काला पानी’ इनका लोकप्रिय उपन्यास है । साहित्य के अलावा श्री पेटलीकर सामाजिक-राजनीतिक जीवन में भी सक्रिय रहे हैं। इनकी दर्जनों पुस्तकें पुरस्कृत और बहुप्रशंसित हो चुकी हैं । यह कहानी गोपालदास नागर द्वारा संपादित एवं अनूदित कहानी संग्रह ‘माँ’ से साभार संकलित है।

Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 10 ईर्ष्या : तू न गई मेरे मन से

Bihar Board Class 8 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 3 Chapter 10 ईर्ष्या : तू न गई मेरे मन से Text Book Questions and Answers, Summary.

BSEB Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 10 ईर्ष्या : तू न गई मेरे मन से

Bihar Board Class 8 Hindi ईर्ष्या : तू न गई मेरे मन से Text Book Questions and Answers

प्रश्न-अभ्यास

पाठ से

ईर्ष्या तू न गई मेरे मन से प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 8 प्रश्न 1.
वकील साहब सुखी क्यों नहीं हैं ?
उत्तर:
वकील साहब को धन-सम्पत्ति सुन्दर घर मृदुभाषिणि पत्नी पुत्र-पुत्री किसी चीज की कमी नहीं है लेकिन वे सुखी नहीं हैं क्योंकि उनके हृदय में ईर्ष्या रूपी आग सदैव पीड़ा पहुंचा रही है । उनके बगल का एक बीमा एजेन्ट की चमक-दमक, आमदनी गाड़ी इत्यादि सभी उन्हीं को क्यों नहीं हो जाता है। अर्थात् किसी दूसरे को सुख-सुविधा या आय क्यों ? ईर्ष्या के कारण वे सदैव चिन्तित और दुखी रहा करते । उन्हें सब सुख रहते हुए भी सुख नहीं ।

ईर्ष्या तू न गयी मन से Question Answer Bihar Board Class 8 प्रश्न 2.
ईर्ष्या को अनोखा वरदान क्यों कहा गया है ?
उत्तर:
ईर्ष्या को अनोखा वरदान इसलिए कहा गया है कि जिसके हृदय में यह अपना घर बना लेता है उसको प्राप्त सुख के आनन्द से वंचित कर देता है। ऐसा व्यक्ति जिसके हृदय में ईर्ष्या होती उसे अप्राप्त सुख दंश की तरह दर्द देता है। ईर्ष्या उसे अपने कर्तव्य-मार्ग से विचलित कर देता है जो ईर्ष्या की अनोखा वरदान है।

Bihar Board Class 8 Hindi Book Solution प्रश्न 3.
ईर्ष्या की बेटी किसे और क्यों कहा गया है ?
उत्तर:
ईर्ष्या की बेटी निंदा को कहा गया है। जिसके पास ईर्ष्या होती वह ही दूसरों की निंदा करता है। ईर्ष्यालु व्यक्ति सोचता है कि अमुक व्यक्ति यदि आम लोगों के नजर से गिर जाय तो उसका स्थान हमें प्राप्त हो जायेगा। इस प्रकार निंदा ईर्ष्यालु व्यक्ति का सहायक बनकर ईर्ष्या रूपी आग को और भी अधिक बढ़ा देती है। इसीलिए तो निंदा को ईर्ष्या की बेटी कही गई है।

Irshya Tu Na Gayi Mere Man Se Question Answer Bihar Board Class 8 प्रश्न 4.
ईर्ष्यालु से बचने के क्या उपाय हैं ?
उत्तर:
ईर्ष्यालु व्यक्ति सभ्य सज्जन और निर्दोष व्यक्ति की भी निंदा करता है। ईर्ष्यालु उसे समाज में नीचा दिखना चाहता है तो ऐसे अवस्था में उस सज्जन व्यक्ति को चाहिए कि वह अपनी कमजोरी को देखें और उसे दूर कर उसे प्रभावित करें कि ईर्ष्यालु व्यक्ति के हृदय में स्थित ईर्ष्या निकल जाय । यही उससे बचने का उपाय है।

बिहार बोर्ड क्लास 8 हिंदी सलूशन  प्रश्न 5.
ईर्ष्या का लाभदायक पक्ष क्या हो सकता है?
उत्तर:
ईर्ष्या से स्पर्धा होती है। जब स्पर्धा की बात ईर्ष्या से होती है तो वह आदमी अपने कर्म बदौलत अपने प्रतिद्वन्दी को पछारना चाहता है। इससे ईर्ष्यालु व्यक्ति में उन्नति होता है । इस प्रकार स्पर्धा ईर्ष्या का लाभदायक पक्ष साबित हो सकता है। पाठ से आगे

पाठ से आगे

बिहार बोर्ड क्लास 8 हिंदी प्रश्न 1.
नीचे दिए गए कथनों का अर्थ समझाइए
(क) जो लोग नए मूल्यों का निर्माण करने वाले हैं, वे बाजार में नहीं बसते, वे शोहरत के पास भी नहीं रहते।
अर्थ – जो लोग ईर्ष्यालु से बचना चाहते हैं अथवा नए मूल्यों का निर्माण करना चाहते हैं वे बाजार में नहीं बसते वे यश या अपयश की भी चिन्ता नहीं करते हैं।
(ख) आदमी में जो गुण महान समझे जाते हैं, उन्हीं के चलते लोग उससे जलते भी हैं।
उत्तर:
किसी व्यक्ति में जब कोई महान गुण आ जाता है तो दूसरे व्यक्ति उससे जलते हैं। ईर्ष्यालु व्यक्ति को किसी व्यक्ति की महानता जलने को विवश कर देती है।

(ग) चिंता चिता समान होती है।
अर्थ – चिंता चिता के समान होती है अर्थात् जिसे चिन्ता हो जाती है उस व्यक्ति की जिन्दगी ही खराब हो जाती है। वह व्यक्ति को गला-गलाकर रखकर देती है। चिंता वाला व्यक्ति अपने कर्तव्य को भूल जाता है तथा उसकी अवन्निति होने लगती है।

Bihar Board Class 8 Hindi Solution In Hindi प्रश्न 2.
अपने जीवन की किसी घटना के बारे में बताइए जब-
(क) किसी को आपसे ईर्ष्या हुई हो।
उत्तर:
एक सहपाठी को हमसे ईर्ष्या हो गई। कारण कि मैं अपने वर्ग में प्रथम आया करता हूँ। हमारा गुण शिक्षकों का भी ध्यान हमारी ओर आकर्षित कर लिया था। शिक्षक हमें बराबर प्रोत्साहित करते रहते थे। वे ईर्ष्यालु सहपाठी हमारे बारे में शिक्षकों से झूठी शिकायत करने लगे।

थोड़ी देर के लिए हमारे शिक्षक भी उससे प्रभावित हुए तथा शिकायत हमारे अभिभावक को भी शिक्षक के माध्यम से मिल गया। मैंने सोच लिया यह शिकायत कैसे दूर होगी । मैं अगले दिन से शिक्षकों के साथ विद्यालय से निकलने लगे। कुछ ही दिनों में शिकायत झूठी है जब शिक्षक और अभिभावक के समझ में आ गया तो उन्होंने उस विद्यार्थी को ही डाँटकर शिकायत को झूठा साबित कर दिया।

(ख) आपको किसी से ईर्ष्या हुई हो।
उत्तर:
हमें भी अपने वर्ग के एक सहपाठी से ईर्ष्या हुई कि वह वर्ग में प्रथम क्यों आता है । मैं भी प्रथम क्यों नहीं आता । वह ईर्ष्या स्पर्धा में बदलकर हमने जाना कि वह कितना मेहनत करता है। मैं उससे अधिक समय पठन-पाठन में देकर उसी साल उससे आगे बढ़कर प्रथम आ गया।

Class 8 Hindi Bihar Board प्रश्न 3.
अपने मन से ईर्ष्या का भाव निकालने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर:
अपने मन से ईर्ष्या का भाव निकालने के लिए हमें स्पर्धा का भाव लाकर अपने कर्त्तव्य में गति लाना चाहिए । मानसिक अनुशासन अपमे में लाकर . फालतु बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए तथा यह हमें पता लगाना चाहिए कि किस अभाव के कारण हममें ईर्ष्या का उदय हुआ । उसकी पूर्ति इस स्पर्धा से कर ईर्ष्या से दूर हो सकते हैं।

व्याकरण

Hindi Class 8 Bihar Board प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
उत्तर

  1. मृदुभाषिणी–वकील साहब की पत्नी मृदुभाषिणी थी।
  2. चिंता – चिंता चिता के समान है।
  3. सुकर्म-सुकर्म से सुयश मिलता है।
  4. बाजार–बाजार रविवार को बंद रहता है।
  5. जिज्ञासा-हमें किसी बात की जानकारी करने की जिज्ञासा होनी चाहिए।

वाक्य – विचार की पूर्णता को प्रकट करनेवाले वैसे शब्द समूह को वाक्य कहते हैं जिसमें कर्ता और क्रिया दोनों होते हैं। जैसे-मोहन पढ़ता है रचना के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के हैं-

  1. सरल या साधारण वाक्य ।
  2. मिश्र वाक्य
  3. संयुक्त वाक्य

Bihar Board Solution Class 8 Hindi प्रश्न 2.
बॉक्स में दी गई जानकारी के आधार पर तीनों प्रकार के वाक्यों का दो-दो उदाहरण पाठ से चुनकर लिखिए। ।
उत्तर:
1. सरल वाक्य

  • ईर्ष्या का काम जलाना है।
  • चिंता चिता समान है।

2. मिश्र वाक्य:

  • ईर्ष्या उसी को जलाती है जिसके हृदय में जन्म लेती है।
  • मेरे घर के बगल में वकील रहते हैं जो खाने-पीने से अच्छे हैं।

3. संयुक्त वाक्य

  • वकील साहब के बाल-बच्चों से भरा पूरा परिवार, नौकर भी सुख – देने वाला और पत्नी भी अत्यन्त मृदुभाषिणी थी।
  • ईश्वरचन्द्र विद्यासागर जब इस तरजुबे से होकर गुजरे तब उन्होंने एक सूत्र कहा, “तुम्हारी निंदा वही करेगा, जिसकी तुमने भलाई की है।”

गतिविधि

Bihar Board Class 8 Hindi Solutions प्रश्न 1.
पाठ में आए महान विभूतियों की नामों की सूची बनाइए और उनकी कृतियों के बारे में जानिए।
उत्तर:
पाठ में आये महान विभूतियों के नाम हैं

  1. रसेल
  2. नेपोलियन
  3. सीजर
  4. सिकन्दर
  5. हरक्युलिस
  6. नीत्से
  7. ईश्वरचन्द्र विद्यासागर

ईर्ष्या : तू न गई मेरे मन से Summary in Hindi

“दिनकर” जी के घर के बगल में एक वकील साहब हैं। वे बाल-बच्चे नौकर-चाकर, धन-वैभव मृदुभाषिणी पत्नी सब प्रकार से सुखी है।

लेकिन वे सुखी नहीं हैं। उनको बगल के बीमा एजेंट से ईर्ष्या है कि एजेंट की मोटर उसका मासिक आय सब कुछ उनको होता। .

ईर्ष्या को एक अनोखा वरदान है कि जिसके हृदय में यह अपना घर बनाता है उसको प्राप्त सुख के आनन्द से वंचित कर देता है। दूसरों से अपने की तुलना कर अप्राप्त सुख का अभाव उसके हृदय पर दंश दर्द के समान दुख देता है। अपने अभाव को दिन-रात सोचते-सोचते अपना कर्त्तव्य भूल जाना दूसरों को हानि पहुँचाना ही श्रेष्ठ कर्त्तव्य मानने लगता है।

ईर्ष्या की बड़ी बेटी निंदा है जो हरेक ईर्ष्यालु मनुष्य के पास होता है।’ इसीलिए तो ईर्ष्यालु मनुष्य दूसरों की निंदा करता है । वह सोचता है कि अमुक व्यक्ति यदि आम लोगों के आँखों से गिर जायेगा तो उसका स्थान हमें प्राप्त

लेकिन ऐसा नहीं होता। दूसरों को गिराकर अपने को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है तथा कोई भी व्यक्ति निंदा से गिरता भी नहीं। निंदा निंदक के सदगणों को ह्रास कर देता है। जिसकी निंदा की जाय उसके सद्गुणों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। निंदा का काम जलाना है वह सबसे पहले उसी को जलाती है जिसके हृदय में वह जन्म लेती है। कुछ लोग समाज में ऐसे होते हैं जो किसी की निंदा लोगों को सुनाने के लिए मँडराते रहते हैं। जैसे ही उनकी निंदा को सुनने वाला दिखाई पड़ा, बस उनके हृदय का ग्रामोफोन बज उठता है तथा वे अपना सम्पूर्ण काण्ड होशियारी से सुना देते हैं। । ईर्ष्यालु व्यक्ति जब से दूसरों की निंदा करने का कार्य प्रारम्भ करता है

उसी समय से वह अपना कर्त्तव्य भूलने लगता है। केवल यही चिंता रहती है कि कैसे अमुक व्यक्ति आम लोगों के आँख से गिर जाए।

चिंता मनुष्य के जीवन को खराब कर देता है। लेकिन चिंता से बदतर ईर्ष्या होती है। क्योंकि ईर्ष्या मानव के मौलिक गुणों को ही नष्ट कर देता है।’ ईर्ष्या एक चारित्रिक दोष है जिससे मनुष्य के आनन्द में बाधा पड़ती है। जिस आदमी के हृदय में ईर्ष्या का उदय होता है उसके सामने सूर्य भी मद्दिम लगता, पक्षियों का मधुर संगीत भी प्रभावित नहीं करता, फूल से भरा उपवन को भी

वह उदास देखता है। – अगर आप यह कहते हैं कि-निंदा रूपी वाण से अपने प्रतिद्वंद्वियों को आहत कर हँसने में मजा आता है तो वह हँसी मनुष्य की नहीं बल्कि राक्षस की होती है और वह आनद दैत्यों की होती है।

ईर्ष्या का सम्बन्ध प्रतिद्वंद्विता से भी है जिससे मनुष्य का विकास होता है। उसके सुयश की वृद्धि होती है। प्रतिद्वद्विता से मनुष्य आगे बढ़ता है लेकिन ईर्ष्या से नहीं। जिनकी निंदा ईर्ष्यालु लोग करते हैं वे भले आदमी यह सोचने पर विवश हो जाते हैं कि अमुक आदमी हमारी निंदा क्यों करता, मुझमें कौन ऐब है तथा वह व्यक्ति अपने ऐब को दूर करने का सद्प्रयास करता है जिससे उसकी निंदा न हो।

ईश्वरचन्द्र विद्यासागर ने निंदा के पक्ष में एक सूत्र कहा है-“तुम्हारी निंदा वही करेगा, जिसकी तुमने भलाई की है।” नीटसे ने निंदा करने वाले को बाजार की मक्खियाँ कहा है जो अकारण किसी के पीछे मंडराते हुए भिनभिनाते रहती हैं।

निंदा करने वाले लोग आपके सामने प्रशंसा और पीछे निंदा । ऐसे लोग सदैव अपने प्रतिद्वंद्वियों के बारे में ही सोचा करते हैं। जो व्यक्ति महान चरित्र के होते हैं ऐसे व्यक्ति का हृदय निर्मल और विशल होता है वे अपनी निंदा की परवाह ही नहीं करते हैं।

निंदा करने वाले लोग आपके सामने प्रशंसा और पीछे निंदा । ऐसे लोग सदैव अपने प्रतिद्वंद्वियों के बारे में ही सोचा करते हैं । जो व्यक्ति महान चरित्र के होते हैं ऐसे व्यक्ति का हृदय निर्मल और विशल होता है वे अपनी निंदा की परवाह ही नहीं करते हैं।

दूसरे तरफ जो निंदा करने वाला है हमारी चुप्पी को देखकर अहंकार से भर जाते हैं कि मैंने अमुक व्यक्ति को नीचा गिराने में कामयाब हूँ। इसके बाद तो वह अनेक अनुचित कार्य करने के लिए सोचने लगता है। नित्से ने ईर्ष्यालु लोगों से बचने का उपाय उससे दूर होना बताया है। ईर्ष्या से बचने के लिए मनुष्य को, मानसिक रूप से अनुशासित होना पड़ेगा।

ईलु व्यक्ति भी सकारात्मक सोच उत्पनन कराकर मानव को ईर्ष्या से बचाया जा सकता है।

Bihar Board Class 11 English Book Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road

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Bihar Board Class 11 English On The Rule of the Road Textual Questions and Answers

A. Work in small groups and discuss these questions :

On The Rule Of The Road Questions And Answers Bihar Board Question 1.
Does democracy have anything to do with freedom ?
Answer:
Yes. Democracy without freedom is meaningless. Democracy means freedom of people to choose their government. For this they must have freedom of speech and freedom of movement with fear.

The Rule Of The Road Questions And Answers Bihar Board Question 2.
In democracy citizen’s role is of utmost importance. How ?
Answer:
In democracy citizens have the power to choose their representatives. It is very important that they use this power most judiciously. They should also see that their representatives are doing their duty in the right way.

The Rule Of The Road Class 11 Bihar Board Question 3.
Why are fundamental rights important to us ?
Answer:
A citizens has fundamental rights. They are important to be a free citizen of a country. If a person has no fundamental rights he is not a citizen. He/she is a slave.

On The Rule Of The Road Mcq Questions Bihar Board Question 4.
Have you ever wondered what keeps the traffic move smoothly without running into one another ?
Answer:
Yes, I know it moves smoothly because it obeys the rule of the road. If vehicles and pedestrians did not obey the rule of the road, there would be confusion and accidents.

B. 1. Answer the following questions briefly :

The Rule Of The Road Class 11 Questions And Answers Question 1.
Why did the old lady refuse to walk on the pavement ?
Answer:
She refused to walk on the pavement because she believed she had got the liberty to walk where she liked.

The Rule Of The Road Question Answer Bihar Board Question 2.
How did she cause a chaos ?
Answer:
By walking in the middle of the road she disobeyed the rule of the road and caused confusion. Everybody was getting in everybody else’s way.

Rules Of The Road Questions And Answers Pdf Bihar Board Question 3.
How has the author defined liberty ?
Answer:
The author has defined liberty as a social contract. It is an adjustment of interests.

Class 11 The Rule Of The Road Question Answer Bihar Board Question 4.
‘You have submitted to a curtailment of private liberty in order that you man enjoy a social order which makes your liberty a reality.’ What does the author mean ?
Answer:
Liberty is not entirely a private matter. We live in society. So no man’s liberty should take away another man’s liberty. By so doing everybody will enjoy a social order and peace.

The Rule Of The Road Textual Questions And Answers Question 5.
What is the ‘danger’ the author is referring to in paragraph 2 ?
Answer:
The author is referring to the danger of a chaos like the one the old lady caused by disobeying the rule of the road. If everybody wants unlimited liberty, there will be chaos.

The Rules Of The Road Question Answer Bihar Board Question 6.
How is liberty a social contract ?
Answer:
Liberty is a social contract in the sense that no individual will trample over the liberty of anyone else.

B. 2. Answer the following questions briefly :

On The Rule Of The Road Bihar Board Question 1.
Are the rights of the people less important than the rights of the nations ?
Answer:
No. The rights of the people are as important as the rights of the nations.

The Rule Of The Road By Ag Gardiner Question And Answers Question 2.
Why couldn’t the author read his book during his rail journey ?
Answer:
He could not read his book because one of the passengers was talking to his friend in a loud and pompous voice.

Rule Of The Road Questions And Answers Bihar Board Question 3.
What does the author want to convey through the illustration of a trombone ?
Answer:
The author wants to say that everybody has a right to enjoy themselves so long as they do not disturb others.

Bihar Board Class 4 English Solution Question 4.
What two types of reading does the author refer to ? How are they different ?
Answer:
The author refers to reading for pleasure and reading as a task. The two are different. You won’t mind noise if you are reading for pleasure. But if you are reading as a task, you will expect reasonable quiet.

Rules Of The Road Questions And Answers Bihar Board Question 5.
List the actions for which we “ask no one’s leave”.
Answer:
Some of the actions referred to in the lesson are :

  1. Walking down a street in a dressing gown.
  2. Wearing long hair,
  3. Walking barefoot,
  4. Dyeing one’s hair,
  5. Waxing one’s moustache,
  6. Wearing tall hat, frock coat and sandals,
  7. Going to bed late,
  8. Getting up early, etc.

C. 1. Long Answer Questions :

The Rule Of The Road Question Answers Bihar Board Question 1.
What does the rule of the road mean ? Give examples to show how necessary it is to preserve order in society.
Answer:
The rule of the road means the regulations concerning the smooth and orderly movement of vehicles and pedestrians on roads without causing accidents. For example, in India we are supposed to keep to our left. If we want to overtake a vehicle or a pedestrian, we must do it from the right side. In cities, there are different lanes for pedestrians, light vehicles and heavy vehicles, so that no accidents take place. On crossroads there is a policeman or signal lights to regulate the traffic. When the policemen raises his hand or the red light is on, every vehicle must stop so that vehicles from the other channel may move.

Sometimes some people do not care for these rules because they are in a hurry. But they are likely to cause confusion and accidents. Then hurry proves to be very costly. So these rules are meant to help people and not to harass them. The rules are meant for all. If somebody does not obey these rules, no body will follow them. Then there will be confusion and anarchy.

Bihar Board Class 4 English Book Solution Question 2.
Who, according to A. G. Gardiner, is a civilized man ?
Answer:
A man who is conscious of his conduct, so as not to interfere in the liberty of his neighbours is a truly civilised man. A civilised man obeys the rules even in small matters. A man is at liberty to enjoy and recreate himself in his house. But a civilised man makes sure that his enjoyment does not interfere with the right of his neighbour to enjoy himself. It does not need doing great – and heroic deeds that makes a man civilised. It is his conduct in small matters of daily life that shows whether a man is civilised or uncivilised.

Question Answer Of The Rule Of The Road Bihar Board Question 3.
Unchecked personal liberty would lead to social anarchy. Elaborate giving examples.
Answer:
Unchecked personal liberty is neither feasible nor desirable. If everybody had their way to do what they liked, there would be chaos. Let us take the example of the traffic on the public highway. Everybody has a right to use it. But if there were no rules, every one would like to walk or drive in the middle of the road. These,,would be collisions not only between vehicles coming from opposite side, but even between slow and fast moving vehicles moving in the same direction. Even now we see that whenever people flout the rule of the road there are jams and accidents. In our daily life we will have no peace. If someone liked to use a loud speaker, his neighbour may have no rest. Students will not be able to concentrate on their studies, or everybody will try to outdo the other in making a noise. That is why there are laws to curtail individual freedom to the extent that there is order in society.

Class 11 English Chapter 4 Question Answer Bihar Board Question 4.
“Our personal liberty of action is restricted by other people’s liberty.” How ? Give three examplse.
Answer:
As A. G. Gardiner has rightly pointed out, liberty is not an entirely personal affair. It is a social contract. It is an adjustment of interests. If a person has his liberty, so do others. So we all have to reach a compromise. Everybody agrees to curtail their liberty so that others may enjoy their liberty. For example, a passenger in a train has the liberty to talk to his friend. But another passenger has a right to do some serious reading. So the former passenger should not speak so loudly that the other passenger is unable to concentrate. A person wants to listen to songs on his radio at night. He has an absolute right to do so. But he must see that his enjoyment does not disturb his neighbours.

Similarly, while walking or driving on the road we should let others drive and walk too. No one has a right to block the road and hinder other from using the road. He has to walk or drive in such a way that others may enjoy their liberty and use it also.

The Rule Of The Road Textual Questions And Answers Class 11 Question 5.
How can we enjoy personal liberty and also respect the liberty of our neighbours ? Give examples.
Answer:
We live in a civilised society and we enjoy some rights. We are free citizens and not slaves. Our freedom and rights are protected by our Constitution. But being civilised citizens, we have some duties also. We have a right to life. So do all the people. So we must respect the others’ right to life also. It is our duty to see that our enjoyment of our liberty does not interfere with other’s. No doubt there are so many things that we can do as we please without causing inconvenience to others. We can dress ourselves the way we like.

But we should not make so much noise as to disturb others. If a person wants to smoke, it is his personal choice. He can smoke at home. But he should see that his smoking in a bus or a public place does not offend or harm others. Whether there is a law or no law against an. action, a civilised person respects the feelings of his neighbours and respects their liberty by restraining himself.

On The Rule Of The Road Questions And Answers Class 9 Question 6.
A reasonable consideration for the rights or feelings of others is the foundation of social conduct. How ?
Answer:
No elaborate laws can be made to regulate our social conduct. Our social conduct is governed by traditions and personal behaviour. For example, someone in my neighbour’s family is seriously ill. There is no law to stop me from celebrating my birthday with fun and frolic. But being a good neighbour, I must have a reasonable consideration for the feelings of my neighbour. I should tone down my celebrations in such a way that my neighbours feelings are not hurt. There are so many things that we can do, or avoid doing, just not to hurt others’ feelings. Sometimes there are riots between two groups or communities over trifles which can be avoided. If they have reasonable consideration for each others’ feelings, many quarrels and conflicts can easily be avoided.

C. 2. Group Discussion :

Discuss the following in groups of pairs:

Question a.
What makes life a pleasant experience : the awareness of one’s rights or consciousness of one’s duties ?
Answer:
Hints: Rights and duties go hand in hand. If a person is not aware of his rights, he/she is likely to be exploited. In olden days, traders exploited consumers. Now consumers have the right to get what he/she pays for. So he/ she can have his/her rights enforced through consumer courts. Awareness of one’s rights is important in life.

Duties are as important as our rights. Often people want to enjoy their rights but ignore their duties. To keep the environment clean is the duty of every citizen. To stop an illegal activity is the duty of not only the police but every citizen’s duty also. Even our Constitution has assigned certain duties to the citizens. If we want life to be a pleasant experience, we must do our duty to society, to our institution, to our family, to our nation and to the whole humanity.

Question b.
Little knowledge is a dangerous thing.
Answer:
Hints : In our times knowledge is so enormous that we can hope to get only a little of it. Unless we have a little knowledge about everything we cannot use it. So a little knowledge about how to keep fit, how to use the computer, how to drive and how to travel is useful. But sometimes we try to use our little knowledge in such a way as if we know all. We may have a little knowledge of medicines. But to act as a doctor to oneself or to others can be dangerous.

C. 3. Composition :

Write a paragraph in about 100 words on each of the following:

Question a.
Duties of a citizen
Answer:
A citizen, has his duties. Our Constitution has assigned some fundamental duties to all citizens of India. Every citizen should try to keep the environment clean. He/she should try to protect forests and not to degrade them. Our rivers and water bodies are getting polluted. It is the duty of every citizen to avoid polluting them. They should not dump garbage etc. into them. There are several monuments in our country. They are our national heritage. Every citizen should protect them from being vandalised. Public ‘ property like trains, buildings, buses, parks are for our welfare. We should protect them. All of in should try to be kind to animals. We should be good citizens and respect the feelings and practices, of all people to whatever religion, region or sex they belong to. Above all we should try to improve our personality and character to be able to serve our nation better.

Question b.
Role of police in civil society
Answer:
Every modem civil society needs police for the enforcement of laws and to help the law-abiding citizens. The police is needed to maintain law and order. They keep watch on illegal and immoral activities and bring the culprits to book. But the police should help the people, and it should be fair and free from corruption. The police force should behave and act in a manner that even the poorest and the most helpless person feels free to ask for help. Police is meant to help the citizens and not to harass them. Police should be free from any pressures so that it can work independently without fear or favour.

D. Word-Study :

Ex. 1. Correct the spelling of the following words:
Bihar Board Class 11 English Book Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road 1

Ex. 2. Look up a dictionary and write two meanings of each of the following words—the one in which it is used in the lesson and the other which is more common:.
foot – general – right – complete – conduct
Answer:
Bihar Board Class 11 English Book Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road 2

Ex. 2.
Foot: (i) pace
(ii) the lower part of the leg, measure of twelve inches general

General: (i) usual
(ii) ordinary

Right: (i) authority
(ii) truth

Complete: (i) entire
(ii) finished

Conduct: (i) behavior
(ii) mode of action

D. 2. Word-formation :

Read the following sentences carefully:
It is an adjustment of interest

In the above sentence, ‘adjustment’ which is an Abstract Noun has been derived from ‘adjust’ which is a Verb. More words can be derived from ‘adjust’, such as:

adjust adjusted adjusting adjustment adjustable

Write as many words derived from the following verbs as possible in the same way.
Bihar Board Class 11 English Book Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road 3
Answer:
Bihar Board Class 11 English Book Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road 4

D. 3. Word-meaning :

Ex. 1. Find from the lesson, words the meaning of which have been given on the left hand side. The last part of each words is given on the right hand side.
Bihar Board Class 11 English Book Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road 5
Answer:
Bihar Board Class 11 English Book Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road 6

Ex. 2. Fill in the blanks with suitable words given below: violence mistake peace curse purpose

  1. Children make …………. while learning.
  2. Imperialism is a danger for world ………….
  3. Environment pollution is a …………. for us.
  4. Explain the …………. of vocational education.
  5. Gandhiji was against ………….

Answers:

  1. mistake
  2. peace
  3. curse
  4. purpose
  5. violence

D. 4. Phrases :

Ex. 1. Read the lessons carefully and find out the sentences in which the following phrases have been used. Then use them in sentences of your own :
get in – hang on – settle down
step out – remind of – conscious of
Answer:
Everybody would be getting in everybody else’s way (Para-1)
…………… the politicians submerged my poor attempts to hang on to my job (Para-7)
I got into a railway carriage at a country station the other morning and settled down for what (Para-6)
But directly we step out of that kingdom …………. (Para-4)
………….. it is just as well to remind ourselves of what the rule of the road means (Para-2)
We are much more conscious of the imperfections of others in this respect than of our own ………….. (Para-5)

Sentences with the use of the said phrases:
We should never try to get in other’s way.
I am hanging on my father.
They have settled down in Mumbai.
She stepped out of the house first time.
The loneliness of my life always remind me of her absence.
I am conscious of my duties.

E. Grammar :

Read the following sentences carefully :

a. If I went on to the top of Helvelly to do it I could please myself but If I do it out in the streets the neighbours will remind me that my liberty to blow the trombone must interfere with their liberty to sleep in quiet.
b. If I had asked him to be good enough to talk in a lower tone I dare to say he would have thought I was a rude fellow.

Ex. 1. Mark the different structures of ‘If-Clausef in the sentences abve and complete the following sentences:

  1. If Saurnya laboured hard, she ……………..
  2. If were a bird, I ……………
  3. If Manish had informed me in time, I …………..
  4. If it rains today, the farmers ……………..
  5. If the Indian cricketers had shown greater application, India ……………..
  6. If Nikhat read it carefuly,she ……………..

Answer:

  1. If Saurnya laboured hard, she could pass.
  2. If were a bird, I would fly to you.
  3. If Manish had informed me in time, I would have saved his life. ,
  4. If it rains today, the farmers will do their work in the field.
  5. If the Indian cricketers had shown greater application, India would /wove won the match.
  6. If Nikhat read it carefuly, she could understand.

F. Activity :

Ex. 1. Look at the example carefully and fill in the blanks accordingly,
Bihar Board Class 11 English Book Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road 7
Answer:
Bihar Board Class 11 English Book Solutions Chapter 4 On The Rule of the Road 8

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Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 1 I’m going to Dance Again

Bihar Board 9th English Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 10th English Reader Objective Answers Chapter 1 I’m going to Dance Again

I Am Going To Dance Again Question Answer Bihar Board  Question 1.
Sonal Mansingh was a born
(a) writer
(b) reader
(c) dancer
(d) none of these
Answer:
(c) dancer

I Am Going To Dance Again Story In Hindi Bihar Board Question 2.
Sonal was rushed to the municipal hospital on a stretcher in a
(a) van
(b) ambulance
(c) pick-up
(d) taxi
Answer:
(b) ambulance

I Am Going To Dance Again Bihar Board Question 3.
The X-rays showed that Sonal had been badly injured and had many broken
(a) legs
(b) keen
(c) muscles
(d) bones
Answer:
(d) bones

I Am Going To Dance Bihar Board Question 4.
Sonal Mansingh gave her maiden performance in………..fourteen years ago in April 1961.
(a) Lucknow
(b) Agra
(c) Bangalore
(d) patna
Answer:
(c) Bangalore

Question 5.
Sonal Mansingh met with an accident on the evening of 24 August,
(a) 1974
(b) 1975
(c) 1980
(d) 1981
Answer:
(a) 1974

Question 6.
Sonal Mansingh was to give a new start on April 20, 1975 at Mumbai’s
(a) Sabha Bhawan
(b) Rang Bhawan
(c) Audotorium
(d) None of these
Answer:
(b) Rang Bhawan

Question 7.
……….was driving the car when Sonal met with an accident.
(a) George Rood
(b) Jeon Keets
(c) Karlose
(d) Geogre Lechner
Answer:
(d) Geogre Lechner

Question 8.
The doctor advised Lechner to take her to the university surgical clinic at………..
(a) Erlangen
(b) Fourteen
(c) Company
(d) None of these
Answer:
(a) Erlangen

Question 9.
At Montreal Lechner consulted Dr.
(a) Somarfield
(b) Garvelus
(c) Geogre rood
(d) Pierre Gravel
Answer:
(d) Pierre Gravel

Question 10.
Sonal married………….in August 1975.
(a) Goerge Lechner
(b) Somar Field
(c) Lancher
(d) None of these
Answer:
(a) Goerge Lechner

Question 11.
Sonal danced for……..long at Rang Bhawan.
(a) 2 hrs
(b) 2 1/2 hrs
(c) 3 hrs
(d) 3 1/2 hrs
Answer:
(b) 2 1/2 hrs

Question 12.
Geogre Lechner was Sonal Mansingh’s
(a) doctor
(b) servant
(c) husband
(d) finance
Answer:
(c) husband

Question 13.
Sonal coaches classes at her dance academy in
(a) New Delhi
(b) Kolkata
(c) Mumbai
(d) Varanasi
Answer:
(a) New Delhi

Question 14.
Sonal met an serious accident on the 14 August.
(a) 1974
(b) 1975
(c) 1976
(d) 1977
Answer:
(a) 1974

Question 15.
She was rushed to the
(a) Municipal hospital
(b) General hospital
(c) Govt, hospital Germany
(d) None of these
Answer:
(a) Municipal hospital

Question 16.
Finally she was made able to dance again by
(a) Dr. Smith
(b) Dr. Herbert
(c) Dr. Angle
(d) Dr. Pierre Gravel
Answer:
(d) Dr. Pierre Gravel

Question 17.
After three months the cast was
(a) bound
(b) removed
(c) tagged
(d) brought
Answer:
(b) removed

Question 18.
In March Gravel agreed to let her returns to
(a) Germany
(b) London
(c) India
(d) America
Answer:
(c) India

Question 19.
After accident Sonal gave her first dance performance on
(a) April 20, 1974
(b) April 15, 1975
(c) April 20, 1980
(d) April 20, 1975
Answer:
(d) April 20, 1975

Question 20.
Sonal married George Lechner in August.
(a) 1975
(b) 1974
(c) 1977
(d) 1971
Answer:
(a) 1975

Question 21.
George Lechner was driving the car when Sonal met with the
(a) accident
(b) Filmstar
(c) partner
(d) none of these
Answer:
(a) accident

Question 22.
Sonal gave her maiden performance in 1969 at
(a) Delhi
(b) Banglore
(c) Mumbal
(d) Kolkata
Answer:
(b) Banglore

Question 23.
In accident of car Sonal was thrown out of the car about……..metres away.
(a) two
(b) four
(c) six
(d)seven
Answer:
(b) four

Question 24.
Strong determination, mental discipline and the hope that she would be able to
(a) do that
(b) stand still
(c) walk again
(d) dance again
Answer:
(d) dance again

Question 25.
On April 20, 1975, she made a new start, by giving performance at…………..Rang Bhawan.
(a) Delhi’s
(b) Bombay’s
(e) Kolkata’s
(d) Banglore’s
Answer:
(b)Bombay’s

Question 26.
In the green room, Sonal anxiously looked in to the
(a) precious
(b) ready
(c) mirror
(d) sleepiess
Answer:
(c) mirror

Question 27.
Sonal had danced in India and abroad, she had been……….by everyone.
(a) praised
(b) roof
(c) Odissi
(d) cult
Answer:
(a) praised

Question 28.
Sonal had mastered………..style.
(a) praised
(b) mirror
(e) put
(d) cult
Answer:
(d) cult

Question 29.
After Bharat Natyam, Sonal had turned to………..
(a) precious
(b) Odissi
(c) ready
(cl) put
Answer:
(b) Odissi

Question 30.
Geogre Lechner was driving his car at………down a wet lonely road.
(a) 90 kph
(b) 100 kph
(c) 120 kph
(d) 110 kph
Answer:
(d) 110 kph

Question 31.
The car shipped side ways and turned over and rested
on the…………..
(a) mirror
(b) roof
(c) praised
(d) cult
Answer:
(b) roof

Question 32.
Lechner sprinkled water on Sonal’s face she shook her head and said, I am cold, please………..a shall on.
(a) roof
(b) praised
(c) put
(d) sleepless
Answer:
(c) put

Question 33.
Her appetite had gone, and her nights were often……….
(a) heavy
(b) ready
(c) precious
(d) sleepless
Answer:
(d) sleepless

Question 34.
A month later, sonal was………..
(a) ready
(b) precious
(c) roof
(d) mirror
Answer:
(a) ready

Question 35.
Sonal realises how……….Jife is.
(a) cult
(b) precious
(c) ready
(d) praised
Answer:
(b) precious

Question 36.
Physical desire……….
(a) appetite
(b) hip
(c) vertebra
(d) Fiance
Answer:
(a) appetite

Question 37.
Haunch
(a) Jingling
(b) Fiance
(c) Hip
(d) Vertebra
Answer:
(c) Hip

Question 38.
Moving
(a) vertebra
(b) Jingling
(c) appetite
(d) Hip
Answer:
(b) Jingling

Question 39.
Backbone
(a) Hip
(b) appetite
(c) vertebra
(d) Fiance
Answer:
(c) vertebra

Question 40.
One who is engaged to be married.
(a) precious
(b) Hip
(c) appetite
(d) Fiance
Answer:
(a) precious

Bihar Board Class 11 History Solutions Chapter 9 औद्योगिक क्रांति

Bihar Board Class 11 History Solutions Chapter 9 औद्योगिक क्रांति Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 11 History Solutions Chapter 9 औद्योगिक क्रांति

Bihar Board Class 11 History औद्योगिक क्रांति Textbook Questions and Answers

 

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न एवं उनके उत्तर

औद्योगिक क्रांति के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 11 History प्रश्न 1.
ब्रिटेन (इग्लैंड)1793 से 1815 तक कई युद्धों में लिप्त रहा। इसका ब्रिटेन के उद्योगों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
1793 से 1815 तक ब्रिटेन का फाँस के साथ लंबे समय तक युद्ध चलता रहा। इसके परिणामस्वरूप इंग्लैंड और यूरोप के बीच चलने वाला व्यापार छिन्न-भिन्न हो गया। विवश होकर इंग्लैंड को अपनी फैक्ट्रियों को बंद करना पड़ा। इससे बेरोजगारी बढ़ गई और रोटी, मांस जैसे आवश्यक खाद्य पदार्थों की कीमतें आकाश को छूने लगीं।

औधोगिक क्रांति के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 11 History प्रश्न 2.
नहर और रेलवे परिवहन के सापेक्षिक लाभ क्या-क्या हैं?
उत्तर:
नहरों द्वारा भारी परिमाण वाले भार को ढोना सरल तथा सस्ता होता है। परंतु इसमें समय अधिक लगता है। माल को देश के भीतरी भागों में भी नहीं ले जाया जा सकता। इसके विपरीत रेल परिवहन द्वारा माल ढोने में कम समय लगता है। माल को देश के भीतरी भागों तक भी पहुँचाया जा सकता है।

औद्योगिक क्रांति प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 11 History प्रश्न 3.
इस अवधि में किए गए आविष्कारों की दिलचस्प विशेषताएँ क्या थी?
उत्तर:
इस अवधि के अधिकतर आविष्कार वैज्ञानिक ज्ञान के अनुप्रयोग की बजाय दृढ़ता, रूचि, जिज्ञासा तथा भाग्य के बल पर हुए।

  • कपास उद्योग क्षेत्र में जान के तथा जेम्स हारग्रीब्ज जैसे कुछ आविष्कारक बुनाई और बढ़ईगिरी से परिचित थे। परंतु रिचर्ड आर्कराइट एक नाई था और बालों की विग बनता था।
  • सैम्युअल क्रांपटन तकनीकी दृष्टि से कुशल नहीं था।
  • एडमंड कार्टराइट ने साहित्य; आयुर्विज्ञान और कृषि का अध्ययन किया था। प्रारंभ में उसकी इच्छा पादरी बनने की थी। वह यांत्रिकी के बारे में बहुत कम जानता था।
  • दूसरी ओर भाप के इंजनों के क्षेत्र में थॉमस सेवरी एक सैन्य अधिकारी था। इन सबमें अपने-अपने आविष्कार के प्रति कुछ संगत ज्ञान अवश्य था।

परंतु सड़क निर्माता जान मैकऐडम; जिसने व्यक्तिगत रूप से सड़कों की सतों का सर्वेक्षण किया था और उनके बारे में योजना बनाई थी; अंधा था। नहर-निर्माता जेम्स विंडले लगभग निरक्षर था। शब्दों की वर्तनी के बारे में उनका ज्ञान इतना कमजोर था कि वह ‘नौ चालन’ (Navigation) शब्द की सही वर्तनी कभी न बता सका। परन्तु उसमें गजब की स्मरण शक्ति और एकाग्रता थी।

औद्योगिक क्रांति के प्रश्न उत्तर Class 11 Bihar Board History प्रश्न 4.
बताइए कि ब्रिटेन के औद्योगीकरण पर कच्चे माल की आपूर्ति का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
आरंभ में ब्रिटेन के लोग ऊन और लिनन बनाने के लिए सन से कपड़ा बुना करते थे। सत्रहवीं शताब्दी से इंग्लैंड भारत से भारी मात्रा में सूती कपड़े का आयात करने लगा परंतु जब भारत के अधिकतर भागों पर ईस्ट इंडिया कंपनी का राजनीतिक नियंत्रण स्थापित हो गया.तब इंग्लैंड ने कपड़े के साथ-साथ कच्चे माल के रूप में कपास का आयात करना भी आरंभ कर दिया। इंग्लैंड पहुँचने पर इसकी कताई की जाती थी और उससे कपड़ा बुना जाता था।

अठारहवीं सदी के प्रारंभिक वर्षों में कताई का काम बहुत ही धीमी था। इसलिए कातने वाले दिन भर कताई के काम में लगे रहते थे, क्षेत्र में अनेक आविष्कार हो जाने के बाद कपास से धागा कातने और उससे कपड़ा बनाने की गति एकाएक बढ़ गई इस कार्य में और अधिक कुशतला लाने के लिए उत्पादन का काम घरों से हटकर फैक्ट्रियों अर्थात् कारखानों में चला गया।

Audyogik Kranti Ke Question Answer Bihar Board Class 11 History प्रश्न 5.
ब्रिटेन में स्त्रियों के भिन्न-भिन्न वर्गों के जीवन पर औद्योगिक क्रांति का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
ब्रिटेन में औद्योगिक क्रांति से स्त्रियों के जीवन पर निम्नलिखित प्रभाव पड़े –
1. निर्धन वर्ग की स्त्रियाँ कारखानों में काम करने लगीं। उनसे 15-15 घंटे तक काम लिया रंत उन्हें मजदरी बहत ही कम दी जाती थी। कारखानों का वातावरण बहत ही दुषित तथा जोखिम भरा था। इसका स्त्रियों के स्वास्थय पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा। उनकी मृत्यु बहुत ही कम आयु में हो जाती थी। अधिकांश बच्चे बीमार पैदा होते थे और पैदा होते ही मर जाते थे या फिर पाँच वर्ष की आयु तक ही पहुँच पाते थे।

2. मध्यम तथा धनी वर्ग की स्त्रियों को औद्योगिक क्रांति से लाभ पहुँच। उन्हें नई-नई उपभोक्ता वस्तुएँ तथा भोजन सामग्री मिलने लगी। परिवहन तथा संचार के साधनों में हुए आविष्कारों ने उनकी जीवन-शैली को ही बदल दिया। जीवन-स्तर दिन-प्रतिदिन ऊँचा होने लगा।

Audyogik Kranti Class 11 Question Answer Bihar Board History प्रश्न 6.
विश्व के भिन्न-भिन्न देशों में रेलवे आ जाने से वहाँ के जनजीवन पर क्या प्रभाव पड़ा? तुलनात्मक विवेचना कीजिए।
उत्तर:
रेलवे के आ जाने से औद्योगिक तथा साम्राज्यवादी देशों को लाभ पहुँच। अब वे अपने उपनिवेशों के भीतरी भगों तक जा कर वहाँ के संसाधनों का शोषण कर सकते थे और अपने उद्योगों का विस्तार कर सकते थे। इसके विपरीत उपनिवेशों के उद्योग धंधे नष्ट हो गए और उन्हें घोर निर्धनता का सामना करना पड़ा। आफ्रीका तथा दक्षिणी अमेरिका के देश दास व्यापार का शिकार भी हुए।

Bihar Board Class 11 History औद्योगिक क्रांति Additional Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

औद्योगिक क्रांति के कारणों की विवेचना कीजिए Bihar Board Class 11 History प्रश्न 1.
कृषि क्रांति की परिभाषा लिखों?
उत्तर:
18वीं शताब्दी में कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक तरीकों तथा नई-नई मशीनों के प्रयोग से अत्यधिक उन्नति हुई और उत्पादन बहुत अधिक बढ़ गया। इस प्रक्रिया को कृषि क्रांति का नाम दिया जाता है।

औद्योगिक क्रांति पाठ के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 11 History प्रश्न 2.
18वीं शताब्दी में कृषि क्रांति के दो कारण लिखो।
उत्तर:

  • कृषि के क्षेत्र में नई वैज्ञानिक खोजें हुई।
  • नई-नई मशीनों के प्रयोग से खेत जोतने तथा फसल काटने में कम समय लगने लगा। इससे कृषि उत्पादन में अत्यधिक वृद्धि हुई।

प्रश्न 3.
दो प्रमुख वैज्ञानिकों के नाम बताओं जिन्होंने कृषि क्रांति लाने में अपना योगदान दिया।
उत्तर:

  • जीथरो – टुल की वीट ड्रिल-इसने एक मशीन बनाई जिससे एक ही समय में बीज बोने तथा मिट्टी ढंकने का काम होता था।
  • राबर्ट वैस्टनर के कट क्राप सिस्टम से पशुओं के लिए चारा तथा खेतों के लिए खाद अधिक मात्रा में उपलब्ध होने लगी।

प्रश्न 4.
कृषि क्रांति के दो अच्छे प्रभाव बताओ।
उत्तर:

  • कृषि क्रांति के परिणामस्वरूप लोग बहुत धनी हो गये और उनका जीवन स्तर ऊंचा हो गया।
  • अब छोटे-छोटे किसानों का अंत हो गया और उनका स्थान बड़े-बडे किसानों ने ले लिया।

प्रश्न 5.
कृषि क्रांति के दो बुरे परिणाम बताओ।
उत्तर:

  • बड़े-बड़े जमींदार भूमिहीन किसानों का शोषण करने लगे। अतः खेतों में काम करने वाले मजदूरों की दशा बिगड़ गई।
  • घरेलू उद्योग धंधे नष्ट हो गये।

प्रश्न 6.
औद्योगिक क्रांति के दो सामाजिक प्रभाव बताएँ।
उत्तर:

  • औद्योगिक क्रांति के कारण समाज में दो वर्गों का उदय हुआ-पूंजीपति तथा मजदूर वर्ग।
  • अपने स्वार्थ के कारण पूंजीपति मजदूरों का शोषण करने लगे।

प्रश्न 7.
औद्योगिक क्रांति के दो आर्थिक प्रभाव बताएँ।
उत्तर:

  • औद्योगिक क्रांति के कारण बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई क्योंकि मनुष्य का काम अब मशीनें करने लगीं।
  • मजदूर वर्ग की आर्थिक दशा बिगड़ गई।

प्रश्न 8.
औद्योगिक क्रांति के पश्चात् मजदूरों की दशा सुधारने के लिये क्या पग उठाये गये? किन्ही दों का वर्णन करें।
उत्तर:

  • फैक्टरी कानून पास किये गये तथा मजदूरों के काम करने का समय निश्चित किया गया।
  • निश्चित आयु से कम आयु के बच्चों को कारखानों में काम से रोक दिया गया।

प्रश्न 9.
किन्हीं दो महत्वपूर्ण कारणों का विवेचन कीजिए जिनके फलस्वरूप इंगलैंड में औद्योगिक क्रांति हुई।
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति निम्नलिखित दो कारणों से सर्वप्रथम इंग्लैंड में ही हुई –
1. पूंजी की अधिकता – इंगलैंड में उद्योगपति तथा व्यापारी स्वतंत्र थे। वहाँ व्यापार-व्यवसाय पर कोई प्रतिबंध नहीं था। अत: उद्योगपति तथा व्यापारी काफी धनी थे और उनके पास नये कल-कारखाने लगाने के लिए काफी पुंजी थी।

2. प्राकृतिक संसाधन – इंग्लैंड प्राकृतिक संसाधनों में धनी था। कोयला तथा लोहा पर्याप्ता मात्रा में उपलब्ध थे और उनकी खाने पास-पास थीं।

प्रश्न 10.
भाप के इंजन ने उद्योग तथा यातायात के क्षेत्र में किस प्रकार क्रांतिकारी परिवर्तन किए?
उत्तर:
भाप के इंजन का आविष्कार 1769 ई. में जेम्स वाट ने किये। इसकी सहायता से वस्तुओं का उत्पादन बड़े पैमाने पर होने लगा और मशीनों की मांग बढ़ गई। भाप की शक्ति से चलने वाली मशीनें कई आदमियों का काम एक साथ करने लगीं। भाप के इंजन के कारण ही लोहा-इस्पात उद्योग का विकास हो सका।

1814 ई. में रेल द्वारा खानों से कोयला लाने के लिए भाप के इंजन का प्रयोग किया गया। तत्पश्चात् बड़े पैमाने पर रेल लाइनें बिछाइ जाने लगीं। ये लाइनें उद्योग के विकास में सहायक बनीं। अत: स्पष्ट है कि भाप इंजन से उद्योग तथा यातायात के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए।

प्रश्न 11.
औद्योगिक क्रांति का इंग्लैंड के श्रमिकों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति का इंग्लैंड के श्रमिकों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा। स्त्रियों तथा बच्चों से भी काम लिया जाने लगा और उन्हें बहुत कम मजदूरी मिलती थी। श्रमिकों को 15 से 18 घंटे तक काम करना पड़ता था। थकावट होने पर भी उन्हें आराम करने की अनुमति नहीं थी। उनके काम करने का स्थान भी बहुत गंदा होता था और उनकी सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं था। मजदूरों के रहने के मकान बहुत खराब थे। दुर्घटनाएँ, गेग महामारियाँ उनके दैनिक जीवन का अंग बन गयीं थी।

प्रश्न 12.
कारखाना पद्धति से आपका क्या अभिप्राय है? इस पद्धति के कारण जिस आर्थिक व्यवस्था का विकास हुआ, उसकी किन्ही दो विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर:
‘कारखाना पद्धति’ से हमारा अभिप्राय उस पद्धति से है जिसके अंतर्गत साधारण औजारों, पशुओं तथा हाथ की शक्ति के स्थान पर नई मशीनों तथा भाप की शक्ति का अधिक – से – अधिक प्रयोग किया जाने लगा। उतपादन कार्य घरों की बजाए कारखानों में होने लगा। इस पद्धति से एक नवीन आर्थिक व्यवस्था का जन्म हुआ जिसकी दो विशेषताएँ निम्नलिखित थी –

1. करखानों के स्वामी (पूंजीपति) के पास काफी पूंजी होती थी और वह उन सब वस्तुओं का प्रबंध करता था जिनकी आवश्यकता मजदूरों को उत्पादन के लिए पड़ती थी। कारखाने की प्रत्येक वस्तु तथा निर्मित माल पर उसका पूर्ण अधिकार होता था।

2. मजदूर काम के बदले मजदूरी लेते थे। ये वे भूमिहीन किसान थे जो काम करने के लिए नगरों में आकर बस गए थे।

प्रश्न 13.
समाजवाद की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
समाजवाद का नारा पूंजीवाद के विरुद्ध मजदूरों ने लगाया था। समाजवाद का उद्देश्य यह है कि समाज में धन का बँटवारा न्यायपूर्ण हो तथा निर्धनों और पूंजीपतियों में कोई भेदभाव न हो। कोई भी भूखा न रहे तथा प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकताएँ पूरी हा सकें। समाजवाद का जन्म भी औद्योगिक क्रांति के कारण हुआ था।

प्रश्न 14.
औद्योगिक क्रांति ने साम्राज्यवाद को किस प्रकार जन्म दिया?
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति के कारण इंग्लैंड तथा अन्य यूरोपीय देशों को अपने उद्योग के लिए कच्चे माल तथा मॉडयों की आवश्कता थी। अतः इन देशों ने तैयार माल की खपत के लिए एशिया तथा अफौका में मंडियों की खोज आरंभ कर दी। वे कम उन्नत देशों में व्यापारियों के रूप में गए और समय पाकर वहाँ के शासक बन बैठे। उन्होंने खाली स्थनों पर बस्तियां बसाई और दूसरे क्षेत्रों में अपने अधिकार-क्षेत्र को बढ़ाया। शक्तिशाली देशों के ऐसे प्रयत्नों को ही साम्राज्यवाद कहते हैं।

प्रश्न 15.
मजदूर आंदोलन पर एक संक्षिप्त नोट लिखिए।
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति के कारण समाज दो श्रेणियों में बँट गया। एक वर्ग पूंजीपतियों का था तथा दूसरा वर्ग निर्धन मजदूरों का। सरकार पर पूंजीपतियों का प्रभाव था। उन्होने मजदूर वर्ग की भलाई के लिए कोई विशेष सुविधाएँ न देने दौं। परंतु मजदूरों में चेतना आने लगी और वे काम करने की दशा में सुधार की माँग करने लगे। अपने संघर्ष को शक्तिशाली बनाने के लिए उन्होंने अपनी-अपनी यूनियनें (Unions) बनाई। इंग्लैंड में 1893 ई. में लेबर पार्टी की स्थापना की गई। धीरे-धीरे अन्य देशों में भी लेबर पार्टियों की स्थापना हो गई।

प्रश्न 16.
इंग्लैंड में होने वाली औद्योगिक क्रांति का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
इंग्लैंड में बड़े-बड़े कारखानों की स्थापना से उत्पादन में वृद्धि हुई। शीघ्र ही इंग्लैंड समृद्धि देश बन गया। परंतु इंग्लैंड की यह समद्धि भारत के लिए एक बहुत बड़ा अभिशाप सिद्ध हुई। ज्यों-ज्यों इंग्लैण्ड के कारखानों में उत्पादन बढ़ने लगा त्यों-त्यों अंग्रेजों ने भारत का बुरी तरह आर्थिक शोषण करना आरंभ कर दिया। भारत के उद्योग नष्ट होते गए और बेकारी की समस्या बढ़ती गई। अंग्रजों ने भारत में नये उद्योगों की ओर कोई ध्यान न दिया। इसके अतिरीक्त उन्होंने भारत में तैयार होने वाले माल पर भारी कर लगा दिए। परिणामस्वरूप भारतीय योग पिछड़ गए।

प्रश्न 17.
अंग्रेजों की भारत पर विजय ने इंग्लैंड की औद्योगिक क्रांति की प्रगति में किस प्रकार सहायता प्रदान की?
उत्तर:
अंग्रेजों की भारत विजय ने इंग्लैंड की औद्योगिक क्रांति की प्रगति को महत्व पूर्ण सहायता पहुँचाई। निम्नलिखित तथ्य से यह बात स्पष्ट हो जाएगी

  1. भारतीय मंडियां अंग्रेजों द्वारा तैयार माल की सबसे बड़ी उपभोक्ता थीं।
  2. भारतीय धन निरंतर इंग्लैंड जाने लगा जिससे इंग्लैंड में और अधिक करखाने लगाए जाने लगे।
  3. भारत के माल की माँग कम हो गई, इसका लाभ भी अंग्रेजों को पहुंचा।
  4. भारत कच्चे माल की पूर्ति की दृष्टि से अंग्रेजी उद्योगों के लिए बड़ा साधन बन गया।
  5. आयत की अधिकता तथा निर्यात की कमी से भारतीयों के हितों को बहुत हानि पहुँची।

प्रश्न 18.
औद्योगिक क्रांति से उत्पन्न उन बुराइयों का वर्णन कीजिए। जिन्होंने आजकल की भांति नये तनाव और समस्याओ को जन्म दिया।
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति से निम्नलिखित बुराईयाँ उत्पन्न हुई –

  1. इससे उपनिवेशीकरण को बढ़ावा मिला और लोगों का शोषण हुआ।
  2. एशिया और अफ्रीका के लिए साम्राज्यवादी प्रतिद्वंद्विता उत्पन्न हो गई। फलस्वरूप सामाज्यवादी शक्तियों में तनाव उत्पन्न हो गया।
  3. शहरों में जनसंख्या वृद्धि से स्वास्थ्य, सफाई और आवास संबंधी समस्याएँ जटिल होने लगी।

प्रश्न 19.
पूर्व औद्योगिक और औद्योगिक क्रांति के बाद उत्पादन के तरीकों की तुलना करें।
उत्तर:
पूर्व औद्योगिक क्रांति के काल में वस्तुओं का उत्पादन घरों में किया जाता था। इन वस्तुओं के निमार्ण के लिए पुराने ढंग के औजारों का प्रयोग किया जाता था। इनमें पंप, चरखा, कुदाल आदि प्रमुख थे। वस्तुओं का उत्पादन केवल घेरलू तथा स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ही किया जाता था। औद्योगिक क्रांति के बाद वस्तुओं का निर्माण कारखानों में होने लगा। इसके अतिरिक्त वस्तुओं का निर्माण बड़े पैमाने पर किया जाने लगा। वस्तुओं का निर्माण करने के लिए मशीनों का प्रयोग किया जाने लगा।

प्रश्न 20.
18वीं शताब्दी में हुए मुख्य आविष्कारों को उनके आविष्कारकों के नाम सहित लिखों।
उत्तर:
18वीं शताब्दी में बहुत-से महत्वपूर्ण आविष्कार हुए। इनके आविष्कारों तथा तिथियों का वर्णन इस प्रकार है –
Bihar Board Class 11 History Solutions Chapter 9 औद्योगिक क्रांति

प्रश्न 21.
प्रथम औद्योगिक क्रांति से क्या अभिप्राय है।
उत्तर:
1780 के दशक और 1850 के दशक के बीच ब्रिटेन में उद्योगों और अर्थव्यवस्था – का जो रूपातंरण हुआ उसे ‘प्रथम औद्योगिक क्रांति के नाम से पुकारा जाता है । इस क्रान्ति के ब्रिटेन पर दूरगामी प्रभाव पड़े।

प्रश्न 22.
‘औद्योगिक क्रांति’ शब्द का प्रचलन कैसे हआ?
उत्तर:
‘औद्योगिक क्रांति’ शब्द का प्रयोग यूरोपीय विद्वानों द्वारा किया। गया। इनमें फ्रांस के जर्जिस मिशले और जर्मनी के फ्रॉइड्रिक एंजेल्स शामिल थे। अंग्रेजी में इस शब्द का प्रयोग। सर्वप्रथम दर्शनिक एवं अर्थशास्त्री ऑरनॉल्ड टॉयनबी द्वारा उन परिवर्तनों के लिए किया गया जो ब्रिटेन के औद्योगिक विकास में 1760 और 1820 के बीच हुए थे।

प्रश्न 23.
दूसरी औद्योगिक क्रांति क्या थी?
उत्तर:
दूसरी औद्योगिक क्रांति लगभग 1850 के बाद आई। इस क्रांति द्वारा रसायन तथा बिजली जैसे नए औद्योगिक क्षेत्रों का विस्तार हुआ। इस दौरान, ब्रिटेन जो पहले विश्व में औद्योगिक शक्ति के क्षेत्र में अग्रणी था, पिछड़ गया। अब जर्मनी तथा संयुक्त राज्य अमेरिका उससे आगे निकल गए।

प्रश्न 24.
1750 से 1800 ई. के बीच यूरोप की जनसंख्या का मुख्य पहलू क्या था?
उत्तर:
1750 से 1800 के बीच यूरोप के उन्नीस शहरों की जनसंख्या दोगुनी हो गई थी। इसमें से ग्यारह शहर ब्रिटेन में थे। इन ग्यारह शहरों में लंदन सबसे बड़ा था। शेष बड़े-बड़े शहर भी लंदन के आस-पास ही स्थित थे।

प्रश्न 25.
इंग्लैंड में मशीनीकरण तथा उद्योग के काम आने वाले कौन कौन से खनिज उपलब्ध थे?
उत्तर:
इंग्लैंड में मशीनीकरण के लिए आवश्यक कोयला और लौह-अयस्क पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध थे। इसके अतिक्ति वहाँ उद्योग में काम आने वाले अन्य खनिज जैसे-सीसा, ताँबा और. राँगा (टिन) भी खूब मिलते थे।

प्रश्न 26.
लोहा-प्रगलन के लिए काठकोयले के प्रयोग की क्या समस्याएँ थीं?
उत्तर:
लोहा-प्रगलन के लिए काठकोयले के प्रयोग की निम्नलिखित समस्याएँ थीं –

  1. काठकोयला लंबी दूरी तक ले जाते समय टूट जाता था।
  2. इसकी अशुद्धियों के कारण घटिया किस्म के लोहे का ही उत्पादन होता था।
  3. यह पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं था क्योंकि लकड़ी के लिए वन काट लिए गए थे।
  4. यह उच्च तापमान भी उत्पन्न नहीं कर सकता था।

प्रश्न 27.
जॉन विल्किसन ने लोहे का उपयोग किस-किस काम के लिए किया?
उत्तर:

  1. उसने सर्वप्रथम लोहे की कुर्सियाँ तथा शराब की भट्टियों के लिए टकियों बनाई।
  2. उसने भिन्न-भिन्न आकार की पाइपें भी बनाई। उसके द्वारा ढलवां लोहे से बनाई गई एक पाइप 40 मील लंबी थी जिसके द्वारा पेरिस को पानी की आपूर्ति की जाती थी।

प्रश्न 28.
ब्रिटेन के औद्योगीकरण में भाप की शक्ति का क्या महत्व था?
उत्तर:

  1. भाप की शक्ति उच्च तापमान पर दबाव उत्पन्न करती है जिससे अनेक प्रकार की मशीनें चलाई जा सकती थी।
  2. भाप की शक्ति ऊर्जा का ऐसा स्रोत थी जो भरोसे मंद और कम खर्चीली थी।

प्रश्न 29.
थॉमस न्यूकॉमेन ने भाप का इंजन कब बनाया? इसमें क्या कमी थी?
उत्तर:
थॉमस न्यूकॉमेन ने भाप का इंजन 1712 में बनाया। इसमें सबसे बड़ी कमी यह थी कि संघनन बेलन (कंडेसिंग सिलिंडर) के लगातार ठंडा होते रहने से इसकी ऊर्जा समाप्त होती रहती थी।

प्रश्न 30.
कपड़े के उद्योग में आधुनिक युग के आरंभ में किस तरह से क्रांति आई? किन्ही दो मशीनों के नाम लिखो।
उत्तर:
आधुनिक युग के आरंभ में कई आविष्कार हुए जिन्होंने कपड़े की कताई तथा बुनाई के काम को सरल बना दिया। इससे कपड़ा उद्योग में क्रांति आई।

मशीनें – कपड़ा उद्योग में क्रांति लाने वाली दो मशीनें थीं।

  • उड़न शटल (Flying Shuttle)
  • पावर लूम।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
ब्रिटेन के लिए कपास उद्योग का क्या महत्व था?
उत्तर:
ब्रिटेन में कपास का उत्पादन नही होता था। फिर भी 1780 के दशक से कपास उद्योग ब्रिटिश औद्योगिकरण का प्रतिक बन गया। इस उद्योग की दो प्रमुख विशेषताएँ थीं जो अन्य उद्योग में भी दिखाई देती थीं

  • कच्चे माल के रूप में आवश्यक समस्त कपास का आयात करना पड़ता था।
  • तैयार कपड़े का अधिकांश भाग निर्यात किया जाता था।

इस संपूर्ण प्रक्रिया के लिए इंग्लैंड के पास अपने उपनिवेश का होना आवश्यक था ताकि इन उपनिवेशों से भरपर मात्रा में कपास मंगाई जा सके और फिर इंग्लैंड में उससे कपड़ा बनाकर उन्हीं उपनिवेशों के बाजारों में बेचा जा सके। इस प्रक्रिया ने सम्राज्यवाद को बढ़ावा दिया। यह उद्योग मुख्य रूप से कारखानों में काम करने वाली स्त्रियों तथा बच्चों पर निर्भर था।

प्रश्न 2.
18वीं शताब्दी तक ब्रिटेन में प्रयोग में लाने योग्य लोह की क्या समस्या थी? धमनभट्टी के आविष्कार ने इस समस्या का समाधान कैसे किया?
उत्तर:
18वीं शताब्दी तक ब्रिटेन में प्रयोग में लाने योग्य लोहे की कमी थी। लोहा-प्रगलन (smelting) की प्रक्रिया द्वारा किया जाता था। इस प्रक्रिया के लिए काठ कोयले (चारकोल) का प्रयोग किया जाता था। इसके कारण अच्छा लोहा प्राप्त नहीं था क्योंकि काठकोयला उच्च तापमान उत्पन्न नहीं कर पाता था।

धमनभट्टी के आविष्कार ने धातुकर्म उद्योग में क्रांति ला दी। इसका आविष्कार 1709 में प्रथम अब्राह डवी ने किया। इसमें सर्वप्रथम ‘कोक का इस्तेमाल किया गया। कोक में ताप उत्पन्न करने की शक्ति थी। इसे पत्थर के कोयले से गंध तथा अपद्रव्य निकालकर तैयार किया जाता था। इस आविष्कार के बाद भट्ठियों को काठकोयले पर निर्भर नहीं रहना पड़ा। इन भट्ठियों से निकालने वाले पिघले लोहे से पहले की अपेक्षा अधिक बढिया और लंबी ढलाई की जा सकती थी।

प्रश्न 3.
1830 ई. तक ब्रिटेन में नहरों के विकास का विवरण दीजिए।
उत्तर:
प्रारंभ में नहरें कोयले को शहरों तक ले जाने के लिए बनाई गईं। इसका कारण यह था कि कोयले को उसके परिमाण और भार के कारण सड़क मार्ग से ले जाने में बहुत अधि क समय लगता था और उस पर खर्च भी अधिक आता था। इसके विपरीत उसे बजारों में भरकर नहरों के द्वारा ले जाने में समय ओर खर्च दोनों की बचत होती थी। औद्योगिक ऊर्जा और घरेलू रूपयोग के लिए कोयले की माँग निरंतर बढ़ती जा रही थी।

इंग्लैंड में पहली नहर ‘वर्सली कैनाल’ 1761 में जेम्स, ब्रिडली द्वारा बनाई गई। इसका उद्देश्य वर्सले (मैनचेस्टर के पास) के कोयला भंडारों से शहरों तक कोयले ले जाना था। इस नहर के बन जाने के बाद कोयले का मूल्य घटकर आधा रह गया क्योंकि उसकी ढुलाई का खर्च बहुत कम हा गया था।

नहरें प्राय: बड़े-बड़े जमींदारों द्वारा अपनी जमीनों पर स्थित खानों, खदानों या जंगलों का मूल्य बढ़ाने के लिए बनाई जाती थीं। नहरों के आपस में जुड़ जाने से नए-नए शहरों में बजार-केंद्र स्थापित हो गए। उदाहरण के लिए बर्मिघम शहर का विकास केवल इसीलिए तेजी से हुआ क्योंकि वह लंदन, ब्रिस्टल चैनल और मरसी तथा हंबर नदियों के साथ जुड़ी नहर प्रणाली के मध्य में स्थित था।

प्रश्न 4.
1842 के सर्वेक्षण से ब्रिटेन में लोगों की जीवन-अवधि तथा मौतों के बारे में क्या नए तथ्य सामने आये?
उत्तर:
1842 में किए गए एक सिर्वेक्षण से पता चला कि कारखानों में काम करने वाले वेतन भोगी मजदूरों के जीवन की औसतन अवधि शहरों में रहने वाले सामाजिक समूहों के जीवनकाल से कम है। बर्मिघम में यह केवल 15 वर्ष, मैनचेस्टर में 17 वर्ष तथा डी में 21 वर्ष थी। नए औद्योगिक नगरों में गाँव से आकर रहने वाले लोग ग्रामीण लोगों की तुलना में काफी छोटी आयु में मर जाते थे। वहाँ पैदा होने वाले बच्चों में से आधे बच्चे पाँच साल की आयु प्राप्त करने से पहले ही चल बसते थे। शहरों की जनसंख्या में वृद्धि नए पैदा हुए बच्चों से नहीं, बल्कि बाहर से आकर बसने वाले नए लोगों से ही होती थी।

मौतें प्रायः जल प्रदूषण तथा वायु प्रदूषण से पैदा होने वाली महामारियों के कारण होती थीं। उदाहरण के लिए 1832 में हैजे का भीषण प्रकोप हुआ। इसमें 31,000 से भी अधिक लोग मौत का शिकार हो गए। उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम दशकों तक स्थिति यह थी कि नगर-प्राधिकारी जीवन की इन भंयकर परिस्थितियों की ओर कोई ध्यान नहीं देते थे। चिकित्सकों या अधिकारियों को इन बीमारीयों के निदान और उपचार के बारे में भी कोई जानकारी नहीं थी।

प्रश्न 5.
क्या औद्योगिक क्रांति को ‘क्रांति’ कहना उचित है? तर्क दीजिए।
उत्तर:
औद्योगीकरण की क्रिया इनती धीमी गति से होती रही कि इसे ‘क्रांति’ कहना ठीक नहीं होगा। इसके द्वारा पहले से ही विद्यमान प्रक्रियाओं को ही आगे बढ़ाया गया। इस प्रकार फैक्ट्रियों में श्रमिकों का जमावड़ा पहले की अपेक्षा अधिक हो गया और धन का प्रयोग भी पहले से अधिक व्यापक रूप से होने।

उन्नीसवीं शताब्दी के आरंभ होने के काफी समय बाद तक भी इंग्लैंड के बड़े-बड़े क्षेत्रों में कोई फैक्टरी या खान नहीं थी। इंग्लैंड में परिवर्तन भी क्षेत्रीय तरीके से हुआ। यह मुख्य रूप से लंदन, मैनचेस्टर, बर्मिघम या न्यूकासल नगरों के चारों ओर ही था, न कि संपूर्ण देश में। इसलिए ‘क्रांति’ शब्दों को अनुपयुक्त माना गया।

प्रश्न 6.
औद्योगिक क्रांति से क्या अर्थ है? इसके मुख्य लक्षणों की चर्चा करें।
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति का अर्थ उन परिवर्तनों से है, जिनके कारण इंग्लैंड की उत्पादन प्रणाली का रूप बिल्कुल बदल गया। इस क्रांति के मुख्य लक्ष्य निम्नलिखित थे – 1760 तथा 1820 ई. के बीच इंग्लैंड की प्रत्येक औद्योगिक शाखा में महत्वपूर्ण परिवर्तन आए। बड़े-बड़े कारखानों में मशीनों की शक्ति के साथ बहुत अधिक संख्या में वस्तुएँ तैयार होने लगीं। इससे पहले घरेलू उद्योग धंधो के ढंग से ही घरों में हाथों से बहुत थोड़ी संख्या में सामान तैयार किया जाता था। .

प्रश्न 7.
औद्योगिक क्रांति ने मजदूरों पर क्या प्रभाव डाला? कोई चार-बातें बताएँ।
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति का मजदूरों की दशा पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा।

  1. उन्हें प्रतिदिन 15 से 18 घंटे काम करना पड़ता था। थकावट होने पर भी उन्हें आराम करने की आज्ञा नहीं थी।
  2. उनके काम करने का स्थान भी बहुत गंदा होता था और उनकी सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं था।
  3. मजदूरों के रहने के मकान बहुत खराब थे। दुर्घटनाएं, रोग और महामारियाँ उनके दैनिक जीवन का अंग बन गई थीं।
  4. स्त्रियों तथा बच्चों से भी काम लिया जाता था और उन्हें बहुत कम मजदूरी मिलती थी।

प्रश्न 8.
औद्योगिक क्रांति के सामाजिक परिणाम बताएँ। इस क्रांति ने किन-किन सामाजिक समस्याओं को जन्म दिया?
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति से इंग्लैंड विश्व का सबसे धनी देश बन गया। उसकी राष्ट्रीय आय में विदेशी व्यापार से काफी वृद्धि हुई। बड़े-बड़े नगर मानचैस्टर, लंकाशायर, शैफील्ड इसी क्रांति की देन हैं। कृषि प्रणाली में नवीन वैज्ञानिक औजार, प्रयोग किए जाने लगे। इस क्रांति के बुरे प्रभाव पड़े, और कुटीर उद्योग नष्ट हो गए और देश में बेकारी बढ़ गई। इसके अतिरिक्त मजदूर और पूंजीपति वर्ग में संघर्ष आरंभ हुआ।

क्रांति के कारण छोटे-छोटे किसान गाँवों को छोड़ कर नगरों में मजदूरी के लिए जाने लगे। फलस्वरूप आवास, स्वास्थ और सफाई की जटिल समस्याएँ सामने आई। करखानों में स्त्रियों तथ बच्चों से काम लिया जाने लगा जिसके फलस्वरूप मनुष्य में नैतिक पतन और शारीरिक एवं मानसिक विकास में बाधा पड़ी।

प्रश्न 9.
आवागमन के साधनों में हुए नये आविष्कारों की जानकारी दें।
उत्तर:
1750 से 1903 ई. तक आवागमन के क्षेत्र में आश्चर्यजनक परिवर्तन हुए। इन परिवर्तनों का श्रेय नये अविष्कारों तथा उनके आविष्कारकों को जाता है। इन आविष्कारों का संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –

  1. सड़के – स्काटलैंड के इंजीनियर जान मैकऐडम ने छोटे पत्थरों की सहायता से मजबूत सड़के बनाई। इंग्लैंड में ऐसी : नेक सड़कों का निमार्ण हुआ।
  2. लहरें – ‘जेम्स ब्रिडले’ (james Brindley) ने बहुत सी नहीरों का निमार्ण करवाया। अब बर्मिघम, लंदन, लिवरपूल ओर मानचैस्टर के नगर नहरों द्वारा एक दूसरे से जुड़ गए।
  3. रेल इंजन – 1802 ई. ‘ट्रेवीथिक’ (Trevithick) ने प्रथम लोकोमोटिव इंजन की खोज की। 1814 ई. में जॉर्ज स्टीफैन्सन ने राकेट नाम के स्टीम इंजन का आविष्कार किया। 1825 – ई. में पहली रेलगाड़ी चली।
  4. स्टीम शिप्स – अमेरिका वैज्ञानिक ‘राबर्ट फुलटोन’ (Robert Fulton) ने 1807 ई. में एक ‘भाप वाली बोट’ की खोज की। 1825 ई. में प्रथम स्टीमशिप ‘ग्लोसगो’ से ‘लिवरपूल’ तक गया। 1833 ई. ग्रेट वैस्टर्न नामक जहाज ने 15 दिन में अटलांटिक सागर को पार किया।
  5. मोटर – कार-19वीं शताब्दी के अंत में एक जर्मन इंजीनियर ने पेट्रॉल से चलने वाली मोटर-कार का आविष्कार किया।

प्रश्न 10.
उन पाँच महत्वपूर्ण कारणों का वर्णन करें जिनके कारण इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति आरंभ हुई।
उत्तर:
इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति के आरंभ होने के पाँच मुख्य कारण इस प्रकार हैं –

  1. पूंजी की अधिकता – इंग्लैंड ने विदेशी व्यापार द्वारा भारी मात्रा में पूंजी जमा कर ली थी। इंग्लैंड के व्यापारी काफी धनी थे और अपनी पुंजी अद्योगों में लगा सकते थे।
  2. कच्चे माल की सुलभता – इंग्लैंड को अपने उपनिवेशों से कारखानों के लिए कच्चा माल आसानी से मिल जाता था।
  3. भूमिहीन बेरोजगारी – कृषि क्रांति के फलस्वरूप इंग्लैंड में भूमिहीन बेरोजगार लोगों की संख्या काफी बढ़ गई थी। ये लोग कम मजदूरी पर कारखानों में काम करने को तैयार थे।
  4. लोहे तथा कोयले के भंडार – इंग्लैंड में पर्याप्त मात्रा में लोहे और कोयले के भंडार उपलब्ध थे। ये भंडार पास-पास मिलते थे जिससे उद्योग स्थापित करने में आसानी हो गई।
  5. नवीन आविष्कार – इसी समय इंग्लैंड में अनेक तकनीकि आविष्कार हुए। भाप से चलने वाली रेलें, भाप के इंजन तथा भाप के जहाजों का निर्माण होने से उद्योगों में तीव्र परिवर्तन होने लगे।

प्रश्न 11.
इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति की प्रमुख विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर:
18वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में इंग्लैंड में औद्योगिक क्षेत्र में तीव्र परिवर्तन हुए। इसे इतिहास में औद्योगिक क्रांति का नाम दिया गया है। इस क्रांति की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित थीं –

  1. औद्योगिक क्रांति सर्वप्रथम इंग्लैंड में आई। इंग्लैंड के पास कच्चा माल भी था और तैयार माल को बेचने के लिए मंडियाँ भी थीं। ये सभी तत्व यूरोप के किसी अन्य देश में एक साथ विद्यमान नहीं थे।
  2. घरेलू व्यवस्था का स्थान कारखाना प्रणाली ने ले लिया। बड़े-बड़े नगर बस गए और करखाने स्थापित हुए। नगरो में काम मशीनों से होने लगा।
  3. क्रांति का आधार वे मशीनें थीं जिनके कारण कपड़ा उद्योग के उत्पाद में आश्चर्यजनक उन्नति हुई। हारग्रीब्ज और आकराइट की मशीनों ने क्रांति पैदा कर दी। यातायात के साधनों का विकास हुआ और खानों के काम में सुधार किया गया।
  4. इंग्लैंड की अर्थ-व्यवस्था कृषि पर आधारित न रहकर उद्योगों पर निर्भर हो गई। कृषक कारखाना मजदूर बन गए।
  5. आगागिक क्रांति के परिणामस्वरूप मजदूरो की दशा बड़ी शोचनीय हो गई। उन 15 से 18 घंटे तक काम लिया जाने लगा।
  6. उनकी बस्तियाँ प्रायः रोगों और महामारियों का शिकार बनी रहती थीं।

प्रश्न 12.
औद्योगिक क्रांति के मुख्य परिणामों का उल्लेख करो।
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति के बड़े महत्वपूर्ण परिणाम निकले जिनका वर्णन इस प्रकार है –

  1. औद्योगिक क्रांति के कारण उद्योग, घरों के स्थान पर, करखानों में चलने लगे। फलस्वरूप वे लोग जो घरों में छोटे-छोटे उद्योग चलाते थे, उन्हें अपने उद्योग बंद कर करखानों में मजदूरी करनी पड़ी।
  2. औद्योगिक क्रांति से पूर्व गाँवों की अधिकांश जनता कृषि पर निर्भर थीं। लोगों की प्रायः सभी आवश्यकताएँ गाँवों में ही पूरी हो जाती थी। परंतु अब नगर आर्थिक जीवन के केन्द्र बन गए और गाँवों के किसान गाँव छोड़कर नगरों में जा बसे। इस प्रकार अधिकांश जनता का भूमि से कोई संबंध न रहा।
  3. नगरों में जनसंख्या की वृद्धि हो जाने से आवास, स्वास्थ और सफाई की समस्याएँ उत्पन्न हो गई।
  4. औद्योगिक क्रांति से उत्पादन में बहुत अधिक वृद्धि हुई। फलस्वरूप वस्तुएँ सस्ती हो गई।
  5. कारखानों में श्रमिकों को दूषित वातावरण में रहकर कई-कई घंटो तक लगातार काम करना पड़ता था। परंतु उनके वेतन बहुत ही कम थे। परिणामस्वरूप श्रमिकों की दशा अत्यंत शोचनीय हो गई।
  6. औद्योगिक क्रांति के कारण लगभग सारा लाभ पूंजीपतियों अथवा उद्योगपतियों की जेब में जाने लगा। फलस्वरूप पूंजीवाद की भावना को बल मिला।
  7. औद्योगिक क्रांति के कारण ही बाद में उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद और सामजवाद का उदय हुआ।

प्रश्न 13.
निम्नलिखित का अर्थ समझाएँ औद्योगिक क्रांति, पूंजीवाद, सम्राजवाद, संरक्षी आयात कर, अहस्तक्षेप का सिद्धांत।
उत्तर:
1. औद्योगिक क्रांति – विषय-परिचय में पढ़े।

2. पंजी – पूंजी से हमारा अभिप्राय उस धनराशि से है जिसकी सहायता से कारखाने स्थापित किये जाते हैं तथा मशीनें, औजार और कच्चा माल खरीदा जाता है और तैयार माल को बेचने का प्रबंध किया जाता है।

3. पूंजीवाद – अर्थ-व्यवस्था में कारखानों, मशीनों तथा उत्पादन के साधनों पर पुंजीपतियों का अधिकार होता है, उसे पूंजीवाद कहते हैं। इसमें उत्पादन मुनाफा कमाने के लिए होक्त है।

4. समाजवाद – जिस व्यवस्था में मशीनों, कारखानों तथा उत्पादन के साधनों पर पूंजीपतियों का अधिकार होने की बजाय समाज या सरकार का अधिकार होता है उसे समाजवाद कहा जाता है। समाजवाद में वस्तुओं का उत्पादन पूरे समाज की भलाई के लिए किया जाता है।

5. संरक्षी आयात कर – जो कर विदेश से आने वाली वस्तुओं पर लगाया जाता है, उसे संरक्षी आयात कर कहते हैं। इस कर का उद्देश्य देश के उद्योगों को संरक्षण प्रदान करना होता है।

6. हस्तक्षेप का सिद्धांत – देश की सरक’ द्वारा व्यापार तथा उद्योगों में हस्तक्षेप। करने की निति का अहस्तक्षेप का सिद्धांत कहते हैं। इसी सिद्धांत का प्रतिपादन 1762 ई. में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एडम स्मिथ (Adam Smith) ने किया था।

प्रश्न 14.
औद्योगिकीकरण के लिए कौन सी परिस्थितियाँ बहुत अनुकूल हैं?
उत्तर:
औद्योगिकीकरण के लिए प्रायः ‘म’ अथवा M का होना आवश्यक है। ये हैं – मुद्रा (Money), माल (Material), मशीन (Machine), मंडी (Market), मनुष्य (Man)| कारखाने लगाने के लिए धन की आवश्यकता पड़ती है। मशीनें पैसे से ही खरीदी जा सकती हैं। कच्चे माल की समीपता भी औद्योगिकरण के लिए बड़ी सहायक सिद्ध होती है। यदि माल दूर से लाना पड़ेगा, तो निर्मित वस्तुएँ महंगी पड़ेगी। तैयार माल की खपत के लिए मंडियों का होना बड़ा आवश्यक है और इन सबसे आवश्यक है-मनुष्य, जो माल तैयार करने और उसे खपाने में बड़ा सहायक सिद्ध होता है।

प्रश्न 15.
औद्योगिक क्रांति के कारण कच्चे मालों और बाजार की आवश्यकता हुई। इस प्रकार राष्ट्र एक दूसरे पर काफी निर्भर हो गये।” इस कथन के पुष्टी मे उदाहरण दो।
उत्तर:
कारखानों में मशीनों को चलाने के लिए कच्चे माल की आवश्यकता होती है। इसके साथ-साथ तैयार माल को बेचने के लिए मंडिया भी होनी चाहिए। अत: कच्चे माल खरीदने तथा तैयार माल बेचने के लिए राष्ट्र को एक दूसरे पर निर्भर रहना पड़ता है। उदाहरण के लिए इंग्लैंड अपने कारखाने चलाने के लिए भारत से रूई मंगवाता था और फिर तैयार माल दूसरे देशों के बाजारों में भेजता था। इसी प्रकार भारत पटसन के कारखानों के लिए आज बंग्ला देश से पटसन मंगवाता है और तैयार माल अन्य देशों में भेजता है।

प्रश्न 16.
जब औद्योगिक क्रांति फैली तब औद्योगिक नगरों और कारखानों की जो दशा थी, उसका वर्णन करें।
उत्तर:
औद्योगिक नगरों की दशा-इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति आने के कारण नगरों की दशा बड़ी शोचनीय हो गई। इन नगरों में कारखानों में काम करने वाले मजदूरों की एक बहुत बड़ी भीड़ इकट्ठी हो गई जिसके परिणामस्वरूप वहाँ पर आवास, स्वास्थ्य आदि की समस्याएँ जटिल हो गई। नगरों में मजदूर गंदी बस्तियों में रहते थे। इन बस्तियों में गंदे पानी को निकालने की कोई व्यवस्था नहीं थी। अत: इनमें प्रायः मलेरिया तथा हैजा फूट पड़ता था जसके कारण कितने ही मजदूरों की मृत्यु हो जाती थी।

कारखानों की दशा-कारखानों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं था। वहाँ पर मशीनों के चारों ओर जंगले न होने के कारण कई मजदूर दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते थे। कारखानों में ताजी हवा तथा रोशनी का भी कोई विशेष प्रबंध नहीं था जिसके कारण मजदूरों का स्वास्थ्य प्रायः बिगड़ जाता था। इसके अतिरिक्त मजदूरों को लगभग 16 घंटे प्रतिदिन काम करना पड़ता था। बच्चों तथा स्त्रियों को सस्ती मजदूरी पर रख लिया जाता था और उनसे बहुत कठोर व्यवहार किया जाता था।

प्रश्न 17.
मजदूर संघों का विकास अहस्तक्षेप की नीति को समाप्त करने में किस प्रकार सहायक सिद्ध हुआ।?
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति के साथ-साथ यह धारणा भी जोर पकड़ने लगी कि सरकार को व्यापार तथा उद्योगों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इस सिद्धांत का प्रतिपादन ‘वैल्थ आफ नेशंस’ नामक पुस्तक में किया गया था। इस पुस्तक के लेखक एडम स्मिथ की सरकार ने इस सिद्धांत को स्वीकार करके व्यापार तथा उद्योगों में हस्तक्षेप करना बंद कर दिया।

सरकार की अहस्तक्षेप की इस नीति का मजदूरों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा। उद्योगपति मजदूरों को वेतन तो कम देते थे, परंतु उनसे काम अधिक लेते थे। मजदूर सरकार से किसी प्रकार की सहायता प्राप्त नहीं कर सकते थे। विवश होकर उन्होंने अपनी दशा स्वयं सुधारने का निश्चय किया। उन्होंने अपने संघों का निर्माण किया और उचित वेतन तथा काम के उचित घंटों के लिए संघर्ष आरम्भ कर दिया। परंतु जब उद्योगपतियों ने मजदूरों की माँग की ओर ध्यान न दिया तो अनेक स्थनों पर खून-खराबा हुआ। विवश होकर सरकार को उद्योगपतियों और मजदूरों के झगड़ों में हस्तक्षेप करना पड़ा। सरकार ने मजदूरों के भलाई के लिए कानून पास किये। इस प्रकार मजदूर संघों के कारण सरकार को अहस्तक्षेप की नीति को छोड़ना पड़ा।

भूमध्यसागरीय पत्तनों (बंदरगाह) से हटकर हालैंड और ब्रिटेन के अटलांटिक पत्तनों पर पहुँच गया। इसके बाद तो लंदन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए ऋण प्राप्ति का प्रावधान स्रोत बन गया। साथ ही यह इंग्लैंड, अफ्रीका और वेस्टइंडीज के बीच स्थापित त्रिकोणीय व्यापार का केन्द्र भी बन गया। अमेरिका और एशिया में व्यापार करने वाली कंपनियों के कार्यालय लंदन में ही थे। इंग्लैंड में विभिन्न बाजारों के बीच माल की आवाजाही मुख्य रूप से नदी मार्गों तथा सुरक्षित खाड़ियों द्वारा होती थी।

इंग्लैंड की वित्तीय प्रणाली का केन्द्र बैंक ऑफ इंग्लैंड (1694 में स्थापित) था। 1820 के दशक तक प्रांतों में 600 से अधिक बैंक थे। इनमें से 100 से भी अधिक बैंक अकेले लंदन में ही थे। बड़े-बड़े औद्योगिक उद्यम स्थापित करने और चलाने के लिए आवश्यक वित्तीय साध न इन्हीं बैंकों द्वारा उपलब्ध कराए जाते थे।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
ब्रिटेन में 1850 ई. तक रेलवे के विकास की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
1814 में भाप से चलने वाला पहला रेल का इंजन (स्टीफेनसन का रॉकेट) बना । अब रेलगाड़ियाँ परिवहन का महत्त्वपूर्ण साधन बन गई। ये वर्षभर उपलब्ध रहती थीं, सस्ती और तेज थीं और माल तथा यात्री दोनों को ढो सकती थीं। इस साधन में एक साथ दो आविष्कार सम्मिलित थे-लोहे की पटरी जिसने 1760 के दशक में लकड़ी की पटरी का स्थान ले लिया और भाप इंजन द्वारा लोहे की पटरी पर रेल के डिब्बों को खींचना।

पकिंग डेविल-रेलवे के आविष्कार के साथ औद्योगीकरण की प्रक्रिया ने दूसरे चरण में प्रवेश किया। 1801 में रिचर्ड ट्रेविथिक ने एक इंजन बनाया जिसे ‘पकिंग डेविल’ अर्थात् … “फुफकारने वाला दानव” कहते थे। यह इंजन ट्रकों को कॉर्नवाल में उस खान के चारों ओर खींचकर ले जाता था जहाँ रिचर्ड काम करता था।

ब्लचर-1814 में एक रेलवे इंजीनियर जॉर्ज स्टीफेनसन ने एक और रेल इंजन बनाया जिसे ‘बलचर’ (The Blutcher) कहा जाता था। यह इंजन 30 टन भार 4 मील प्रति घंटे की गति से एक पहाड़ी पर ले जा सकता था। रेलवे का विस्तार-सर्वप्रथम 1825 में स्टॉकटन और डार्लिंगटन शहरों के बीच रेल द्वारा 9 मील की दूरी 15 मील प्रति घंटा की गति से तय की गयी। इसके बाद 1830 में लिवरपूल और मैनचेस्टर को आपस में रेलमार्ग से जोड़ दिया गया। 20 वर्षों के भीतर ही रेल की गति 30 से 50 मील प्रति घंटा तक पहुंच गई ।

1830 के दशक में नहरी परिवहन में अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो गई –

  • नहरों के कुछ हिस्सों में जलपोतों की भीड़भाड़ के कारण परिवहन की गति धीमी पड़ गई।
  • पाले, बाद, या सूखे के कारण नहरों के प्रयोग का समय भी सीमित हो गया।

अतः अब रेलमार्ग की परिवहन का सुविधाजनक विकल्प दिखाई देने लगा। 1830 से 1850 के बीच ब्रिटेन में रेल मार्ग 6000 मील लंबा हो गया। 1833-37 के ‘छोटे रेलोन्माद’ के दौरान 1400 मील लंबी रेल लाइन बनाने की मंजूरी दी गई। इस कार्य में कोयले और लोहे का भारी मात्रा में उपयोग किया गया और बड़ी संख्या में लोगों को काम पर लगाया गया। 1850 तक अधिकांश इंग्लैंड रेलमार्ग से जुड़ गया।

प्रश्न 2.
ब्रिटेन में औद्योगिक क्रांति के कारण औरतों तथा बच्चों के काम करने के तरीकों में क्या परिवर्तन आए?
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति के कारण औरतों और बच्चों के काम करने के तरीकों में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आए । ग्रामीण गरीबों के बच्चे सदा घर या खेत में अपने माता-पिता या संबंधियों की निगरानी में तरह-तरह के काम करते थे। उनके काम समय, दिन या मौसम के अनुसार बदलते रहते थे। इसी प्रकार गाँवों की औरतों भी खेती के काम में सक्रिय रूप से हिस्सा लेती थीं। वे पशुओं की देख-रेख करती थी, लकड़ियों इकट्ठी करती थीं और अपने घरों में चरखे चलाकर सूत काटती थीं।

कारखानों में काम-औद्योगिक क्रांति के बाद औरतें तथा बच्चे कारखानों में काम करने लगे । कारखानों में काम करना घरेलु कामों से बिल्कुल अलग था। वहाँ लगातार कई घंटों तक कठोर एवं खतरनाक परिस्थितियों में एक ही तरह का काम कराया जाता था।

पुरुषों की मजदूरी मामूली होती थी। इससे घर का खर्च नहीं चल सकता था। इसे पूरा करने के लिए औरतों और बच्चों को भी कुछ कमाना पड़ता था। ज्यों-ज्यों मशीनों का प्रयोग बढ़ता गया, काम, पूरा करने के लिए मजदूरों की जरूरत कम होती गई। उद्योगपति पुरुषों की बजाय औरतों ओर बच्चों को अपने यहाँ काम पर लगाना अधिक पसंद करते थे। इसके दो कारण थे-एक तो इन्हें कम मजदूरी देनी पड़ती थी। दुसरे वे अपने काम की घटिया परिस्थितियों के बारे में कम ही शिकायत करते थे।

स्त्रियों और बच्चों को लंकाशायर यॉर्कशायर नगरों के सूती कपड़ा उद्योग में बड़ी संख्या में लगाया जाता था। रेशम, फौते बनाने और बुनने के उद्योग-धंधों में और बर्मिघम के धात उद्योग मे अधिकतर बच्चों तथा औरतों को ही नौकरी दी जाती थी। कपास काटने की जेनी जैसे अनेक मशीने तो कुछ इस तरह की बनाई गई थी कि उनमें बच्चे ही अपनी फुर्तीली उंगलियों और छोटी सी कद-काठी के कारण आसानी से काम कर सकते थे। बच्चों को कपड़ा मिलों में इसलिए भी रख जाता था क्योंकि वहाँ पास-पास रखी गई मशीनों के बीच से छोटे बच्चे आसानी से आ-जा सकते थे। बच्चों से कई घंटों तक काम लिया जाता था।

यहाँ तक कि उन्हें रविवार को भी मशीनें साफ करने के लिए काम पर आना पडता था। परिणामस्वरूप उन्हें ताजी हर खाने या व्यायाम करने का समय नहीं मिलता था। कई बार तो बच्चों के बाल, मशीनों में फंस जाते थे या उनके हाथ कुचल जाते थे। बच्चे काम करते-करते इतने थक जाते थे कि उन्हें नींद की झपकी आ जाती था और वे मशीनों में गिरकर मौत के शिकार हो जाते थे। कोयला खानों में काम-कोयले की खाने भी काम की दृष्टि से बहुत खतरनाक होती थीं।

कई बार खानों की छते फँस जाती थी अथवा उनमें विस्फोट हो जाता था। चोटें लगाना तो वहाँ आम बात थी। कोयला खानों के गहरे अंतिम छोरों को देखने के लिए रास्ता, वयस्कों के लिए बहुत संकरा होता था। इसलिए वहाँ बच्चों को ही भेजा जाता था। छोटे बच्चों को कोयला खानों में ‘ट्रैपर’ का काम भी करना पड़ता था। कोयला खानों में जब कोयले से भरे डिब्बे इधर-उधर ले जाये जाते थे, तो बच्चे आवश्यकतानुसार दरवाजों को खोलते और बंद करते थे। यहाँ तक कि वे ‘कोल बियरर्स’ के रूप में अपनी पीठ पर कोयले का भारी वजन भी ढोते थे।

प्रश्न 3.
इंग्लैंड के श्रमिकों में बढ़ते हुए विरोध के प्रति सरकार से क्या नीति अपनाई?
उत्तर:
इंग्लैंड की फैक्ट्रियों में काम करने की कठोर परिस्थितियों के विरुद्ध राजनीतिक विरोधता बढ़ता जा रहा था। श्रमिक मताधिकार प्राप्त करने के लिए भी आंदोलन कर रहे थे। इसके प्रति सरकार ने दमनकारी नीति अपनायी और कानून बनाकर, लोगों से विरोध-प्रदर्शन का अधिकार छीन लिया।

जुड़वाँ अधिनियम – 1795 में ब्रिटेन की संसद ने दो जुड़वाँ अधिनियम पारित किए। इनके अनुसार भाषण अथवा लेखन द्वारा सम्राट् संविधान या सरकार के विरुद्ध घृणा फैलाना अवैध घोषित कर दिया गया। 50 से अधिक लोगों द्वारा अनाधिकृत रूप से सार्वजनिक बैठक करने पर रोक लगा दी गई। परंतु पुराने भ्रष्टाचार (Old Corruption) के विरुद्ध आंदोलन चलता रहा।

‘पुराना भ्रष्टाचार’ शब्द का प्रयोग राजतंत्र और संसद् के संबंध में किया जाता था। संसद् के सदस्य जिनमें भू-स्वामी, उत्पादक तथा व्यवसायी लोग शामिल थे, श्रमिकों को वोट का अधिकार दिए जाने के विरुद्ध थे। उन्होंने कार्न लॉज (अनाज के कानून) का समर्थन किया। इस कानून के अंतर्गत विदेश से ससं अनाज के आयात पर तब तक रो लगा दी गई थी जब तक कि ब्रिटेन में इन अनाजों की कीमत में निश्चित स्तर पर तक वृद्धि न हो जाए।

ग्रैड के लिए दंगे – जैसे-जैसे शहरों और कारखानों में श्रमिक की संख्या बढ़ी, वे अपने क्रोध को हर तरह के विरोध में प्रकट करने लगा। 1790 के दशक से पूरे देश में ब्रैड अथवा भोजन के लिए दंगे होने लगे। गरीबों का मुख्य आहार ब्रैड ही था और इसके मूल्य पर ही उनके रहन-सहन का स्तर निर्भर करता था। उन्होंने ब्रैड के भंडारों पर कब्जा कर लिया और उसे मुनाफाखोरों द्वारा लगाई गई कीमतों से काफी कम मूल्य पर बेचा जाने लगा। इस बात का ध्यान रखा गया कि कीमतें नैतिक दृष्टि से सही हों। ऐसे दंगे 1795 ई. में युद्ध के दौरान बार-बार हुए और ये 1840 के दशक तक चलते रहे।

चकबंदी का मजदूर परिवारों पर प्रभाव – चकबंदी अथवा बाड़ा पद्धति भी परेशानी का कारण थी। इसके द्वारा 1770 के दशक से छोटे-छोटे सैकड़ों खेत धनी जमींदारों के बड़े फार्मों में मिला दिए गए थे। इस पद्धति से कई गरीब परिवार बुरी तरह प्रभावित हुए। उन्होंने औद्योगिक काम देने की मांग की।

न्यनतम वैध मजदूरी की माँग – कपड़ा उद्योग में मशीनों के प्रचलन से भी हजारों की संख्या में हथकरघा बुनकर बेरोजगार हो गए थे। वे गरीबी की मार झेलने को विवश थे, क्योंकि वे मशीनों का मुकाबला नहीं कर सकते थे। 1790 के दशक से ये बुनकर अपने अपने लिए न्यूनतम वैध मजदूरी की मांग करने लगे। परंतु संसद् ने इस मांग को ठकरा दिया। हडताल करने पर उन्हें तितर-बितर कर दिया गया।

हताशा होकर सूती कपड़े के बुनकरों ने लंकाशायर में पावरलूमों को नष्ट कर दिया, क्योंकि वे समझते थे कि बिजल. के इन्हीं करधों ने ही उनकी रोजी-रोट छीनी है। नॉटिंघम में ऊनी कपड़ा उद्योग में भी मशीनों के चलन का विरोध किया गया। इस तरह लैस्टरशायर (Leicesterhire) और डर्बीशायर (Derbvshire) में भी विरोध प्रदर्शन हुए। यार्कशायर (Yorkshire) में ऊन काटने वालों ने ऊन काटने के ढाँचों (शीयरिंग फ्रेम) को नष्ट कर दिया।

ये लोग अपने हाथों से भेड़ों के बालों की कटाई करते थे। 1830 के दंगों में फर्मों में काम करने वाले श्रमिकों को भी अपना धंधा चौपट होता दिखाई दिया, क्योंकि भूसी से दाना अलग करने के लिए नयी श्रेशिंग मशीन का प्रयोग शुरू हो गया था। दंगाइयों ने इन मशीनों तोड डाला। परिणामस्वरूप नौ दंगाइयों को फांसी का दंड दिया गया और 450 लोगों को कैदियों के रूप में ऑस्ट्रेलिया भेज दिया गया।

लुडिज्य आंदोलन – जनरल नेद्र वुड के नेतृत्व में लुडिज्म (1811-17) नामक एक आंदोलन चलाया गया। लुडिज्म के अनुयायी केवल मशीनों में ही विश्वास नहीं रखते थे, बल्कि उनकी कई अन्य माँगे भी थीं। ये माँगें थीं-न्यूनतम मजदूरी नारी एवं बाल श्रम पर नियंत्रण मशीनों के प्रयोग से बेरोजगार हुए लोगों के काम और कानूनी तौर पर अपनी माँगें पेश करने के लिए मजदूर संघ बनाने का अधिकार।

सेंट पीटर्स के मैदान में प्रदर्शन – औद्योगिक के प्रारंभिक चरण में श्रमिकों के पास अपना क्रोध व्यक्त करने के लिए न तो वोट देने का अधिकार था और न ही कोई कानूनी ढंग। अगस्त, 1819 में 80,000 श्रमिक अपने लिए लोकतांत्रिक अधिकारों अर्थात् राजनीतिक संगठन बनाने, सार्वजनिक सभाएं करने और प्रेस की स्वतंत्रता के अधिकार की माँग करने के लिए मैनचेस्टर के सेंट पीटर्स (St Peter’s Field) मैदान में शांतिपूर्ण एकत्रित हुए।

परंतु उनका बर्बरतापूर्वक दमन कर दिया गया। इसे पीटर लू नरसंहार कहा जाता था। इससे कुछ लाभ भी हुए। पीटर लू के बाद उदारवादी राजनीतिक दलों द्वारा ब्रिटिश संसद् के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में प्रतिनिधित्व बढ़ाए जाने की आवश्यकता अनुभव की गई। 1824-25 में जुड़वां अधिनियमों को भी रद्द कर दिया गया।

प्रश्न 4.
ब्रिटेन की सरकार द्वारा श्रमिकों की दशा सुधारने के लिए कौन-कौन से कानूनी पग उठाये गये?
उत्तर:
19वीं शताब्दी के आरंभ में इंग्लैंड में श्रमिकों की दशा सुधारने के लिए कुछ कानून बनाए गए।
1. 1819 का कानून – 1819 के कानून के अनुसार नौ वर्ष से कम आयु वाले बच्चों से फैक्ट्रियों में काम करवाने पर रोक लगा दी गई। नौ से सोहल वर्ष की आयु वाले बच्चों से काम कराने का समय 12 घंटे तक सीमित कर दिया गया। परंतु इस कानून में इसका पालन कराने के लिए कोई कानूनी व्यवस्था नहीं की गई थी। अतः संपूर्ण उत्तरी इंग्लैंड में श्रमिकों द्वारा इस का भारी विरोध किया गया।

2. 1833 का अधिनियम – 1833 में एक अन्य अधिनियम पारित किया गया। इसके अंतर्गत नौ वर्ष से कम आयु वाले बच्चों को केवल रेशम की फैक्ट्रियों में काम पर लगाने की अनुमति दी गई। बड़े बच्चों के लिए काम के घंटे सीमित कर दिए, गए। कुछ फैक्टरी निरीक्षकों की भी व्यवस्था की गई, ताकि अधिनियम के पालन को सुनिश्चित किया जा सके

3. ‘दस घंटा विधेयक’ – 1817 ई. में ‘दस घंटा विधेयक पारित किया गया। इस कानून ने स्त्रियों और युवकों के लिए काम के घंटे सीमित कर दिए। पुरुष श्रमिकों के लिए 10 घंटे का दिन निश्चित कर दिया। ये अधिनियम कपड़ा उद्योगों पर ही लागू होते थे, खनन उद्योग पर नहीं। सरकार द्वारा स्थापित 1842 के खान आयोग ने यह बताया कि 1833 का अधिनियम लागू होने से खानों में
काम करने की परिस्थितियाँ और अधिक खराब हो गई हैं। इससे बच्चों को पहले से कहीं अधिक . संख्या में कोयला खानों में काम पर लगाया जाने लगा था। अत: इस दिशा में भी कुछ पग उठाये
गए।

4. खान और कोयला खान अधिनियम – यह अधिनियम 1842 में पारित हुआ। इसके अनुसार दर वर्ष से कम आयु के बच्चों और स्त्रियों से खानों में काम लेने पर रोक लगा दी गई।

5. फील्डर्स फैक्टूरी अधिनियम – यह अधिनियम 1847 में पारित हुआ। इसमें कहा गया कि अठारह साल से कम आयु के बच्चों और स्त्रियों से खानों में काम लेने पर रोक लगा दी गई।

इन कानूनों का पालन फैक्ट्री निरीक्षकों द्वारा करवाया जाना था। परंतु यह एक कठिन काम था। निरीक्षकों का वेतन बहुत कम था। प्रायः प्रबंधक उन्हें रिश्वत देकर आसानी से उनका मुँह बंद कर देते थे। दूसरी ओर माता-पिता भी अपने बच्चों की आयु के बारे में झूठ बोलकर उन्हें काम पर लगवा देते थे, ताकि उनकी मजदूरी से घर का खर्च चलाया जा सके।

प्रश्न 5.
क्या कपास या लोहा उद्योगों में अथवा विदेशी व्यापार में 1780 के दशक से 1820 के दशक तक हुए विकास को ‘क्रांतिकारी’ कहा जा सकता है?
उत्तर:
नयी मशीनों के प्रयोग से सूती कपड़ा उद्योग में जो संवृद्धि हुई वह ऐसे कच्चे माल (कपास) पर आधारित थी जो ब्रिटेन में बाहर से मंगवाया जाता था। इसका कारण यह था कि इंग्लैंड में कपास नहीं उगाई जाती थी। तैयार माल भी दूसरे देशों में (विशेषतः भारत में) बेचा जाता था। धातु से बनी मशीनें और भाप की शक्ति तो उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध तक दुर्लभ रही। ब्रिटेन के आयात और निर्यात में 1780 के दशक से होने वाली तीव्र वृद्धि का कारण यह था कि अमेरिका स्वतंत्रता संग्राम के परिणामस्वरूप उत्तरी अमेरिका के साथ रुका व्यापार फिर से शुरू हो गया था। इस वृद्धि को इसलिए तीव्र कहा गया क्योंकि जिस बिंदु से इसका प्रारंभ हुआ था वह काफी नीचे था।

आर्थिक परिवर्तन के सूचकांक से पता चलता है कि सतत् औद्योगीकरण 1815-20 से पहले की बजाय बाद में हुआ था। 1793 के बाद के दशकों में फ्रांसीसी क्रांति और नेपोलियन के युद्धों के विघटनकारी प्रभावों को अनुभव किया गया था। वास्तव में औद्योगिकरण का अर्थ निर्माण करने, आधारभूत ढाँचा तैयार करने अथवा नयी-नयी मशीनें लगाने के उद्देश्य से निवेश करने से है। इन सुविधाओं के कुशलतापूर्वक उपयोग का स्तर बढ़ाना और उत्पादकता में वृद्धि करना भी औद्योगीकरण की प्रक्रिया में शामिल है। ये बातें 1820 के बाद ही धीरे-धीरे दिखाई दी। 1840 के दशक तक कपास, लोहा और इंजीनियरिंग उद्योगों का औद्योगिक उत्पादन कुल उत्पादन के आधे से भी कम था।

तकनीकी प्रगति इन्हीं शाखाओं तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि वह कृषि संसाधन तथा मिट्टी के बर्तन बनाने (पौटरी) जैसे अन्य उद्योग धंधे में भी देखी जा सकती थी। अतः कपास, लोहा उद्योग विदेश व्यापार में 1780 से 1820 के दशकों तक हुए विकास (सम्वृद्धि) को हम क्रान्तिकारी नहीं कह सकते।

प्रश्न 6.
ब्रिटेन में औद्योगिक विकास 1815 से पहले की अपेक्षा उसके बाद अधिक तेजी से क्यों हुआ?
उत्तर:
1760 के दशक से IN15 तक ब्रिटेन ने एक साथ दो कम करने का प्रयास किया-पहला औद्योगीकरण और दूसरा यूरोप, उत्तरी अमेरिका और भारत में युद्ध लड़ना । इतिहासकारों के अनुसार वह इनमें से एक काम करने में असफल रहा। ब्रिटेन 1760 के बाद से 1820 तक की अवधि में 36 वर्ष तक लड़ाई में व्यस्त रहा। उद्योगों में निवेश के लिए उधार ली गई सारी पूंजी युद्ध लड़ने में खर्च कर दी गई। यहाँ तक कि युद्ध का 35 प्रतिशत तक खर्च लोगों पर कर लगाकर पूरा किया जाता था।

कामगारों और श्रमिकों को कारखानों तथा खेतों में से निकालकर सेना में भर्ती कर दिया जाता था। खाद्य पदार्थों की कीमतें तो इतनी तेजी से बढ़ी कि गरीबों के पास दैनिक उपयोग की सामग्री खरीदने के लिए भी बहुत कम पैसा बचता था। नेपोलियन की नाकेबन्दी की नीति, और ब्रिटेन द्वारा उसे असफल बनाने के प्रयासों ने यूरोप महाद्वीप को व्यापारिक दृष्टि से अवरुद्ध कर दिया। इससे ब्रिटेन से निर्यात होने वाले अधिकांश निर्यात स्थल ब्रिटेन के व्यापारियों की पहुंच से बाहर हो गए।

क्रिस्टल पैलेस की प्रदर्शनी – 1851 में लन्दन में विशेष रूप से निर्मित स्फटिक महल (क्रिस्टल पैलेस) में ब्रिटिश उद्योगों की उपलब्धियों को दर्शाने के लिए एक विशाल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसे देखने के लिए दर्शकों का तांता लग गया। उस समय देश की आधी जनसंख्या शहरों में रहती थी। परन्तु शहरों में रहने वाले कामगारों में जितने लोग हस्तशिल्प की इकाइयों में काम करते थे, लगभग उतने ही फैक्ट्रियों या कारखानों में कार्यरत थे।

1850 के दशक से शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों का अनुपात अचानक बढ़ गया। इनमें से अधिकांश लोग उद्योगों में काम करते थे अर्थात् वे श्रमजीवी वर्ग के थे। अब ब्रिटेन के समूचे श्रमिक बल का केवल 20 प्रतिशत भाग ही ग्रामीण क्षेत्रों में रहता था। औद्योगीककरण की यह गति अन्य यूरोपीय देशों में हो रहे औद्योगीकरण की अपेक्षा बहुत अधिक तेज थी। इतिहासकार ए.ई. मस्सन ने ठीक ही कहा है, “1850 से 1914 तक की अवधि की एक ऐसा काल मानने के लिए पर्याप्त आधार है, जिसमें औद्योगिक क्रान्ति वास्तव में अत्यन्त व्यापक पैमाने पर हुई। इसने सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था और समाज की कायापलट कर दी।”

प्रश्न 7.
औद्योगिक क्रांति के अंतर्गत हुए आविष्कारों की विस्तृत जानकारी दें।
उत्तर:
17वीं, 18वीं तथा 19वीं शताब्दी के आरंभ में यूरोप में विज्ञान एंव तकनीकि के क्षेत्र में बड़ा, विकास हुआ जसके फलस्वरूप इन देशों में नए-नए आविष्कार हुए। इन आविष्कारों का विस्तृत वर्णन इस प्रकार है –
1. फ्लाइंग शटल – फ्लाइंग शटल का आविष्कार “जॉन के’ (John kay) ने 1733 ई. में किया। इसकी सहायता से कपड़ा शीघ्रता से बुना जाने लगा। इस कपड़े की चौड़ाई पहले से दुगनी थी।

2. स्पिनिंग जैनी – स्पिनिंग जैनी नामक मशीन का आविष्कार हारग्रीब्ज (Hargreaves) ने 1765 ई. किया। इस मशीन में आठ तकुओं की व्यवस्था थी। इस प्रकार आठ मजदूरों का काम एक मशीन करने लगी। इसकी सहायता से काता गया सूत बारीक होता था, परंतु वह मजबूत नहीं होता था।

3. वाटर फ्रेम – वाटर फ्रेम का आविष्कार आर्कराइट नामक एक नाई ने 1769 ई. में किया। यह मशीन भी पनशक्ति से चलती थी। इसकी सहायता से मजबूत कपड़ा बुना जा सकता था। इस प्रकार वाटर फ्रेम के आविष्कार ने कपड़ा उद्योग में एक क्रांति पैदा कर दी। एक विशेष बात यह थी कि इस मशीन को घर में नहीं लगाया जा सकता था। अतः इंग्लैंड में कारखानों का जन्म हुआ।

4. मूल्य – मूल्य का आविष्कार सैमुअल क्रांपटन (Sammuel Crompton) ने 1779 ई. में किया। इस मशीन में हारग्रीब्ज को स्पिनिंग जैनी तथा आर्कराइट के वाटर फ्रेम के सभी गुण विद्यमान थे। यह मशीन भी शक्ति से चलाई जाती थी। इसकी सहायता से काटा गया धागा बारीक तथा पक्का होता था। इसके अतिरिक्त इसमें कई धागे एक साथ काते जा सकते थे।

5. पावरलूम – पावलूम का आविष्कार कार्टराइट ने सन् 1787 ई. में किया। यह मशीन भाप की शक्ति से चलती थी। इसके आविष्कार से उद्योगों में एक क्रांति आ गई। अब कपड़ा बहुत तेजी से बुना जाने लगा।

6. काटन जिन – काटन जिन नामक मशीन का आविष्कार 1793 ई. में एलीविने ने किया। इसकी सहायता से कपास से बिनौले बड़ी शीघ्रता से अगल किए जाने लगे। इस महत्वपूर्ण आविष्कार ने सूति कपड़े के उद्योग में आश्चर्यजनक क्रांति ला दी। अब कपड़ा और भी शीघ्रता से बुना जाने लगा।

7. सिलिंडर प्रिंटिंग – सिलिंडर प्रिंटिंग मशीन का आविष्कार 18 वीं शताब्दी के अंत में हुआ। इस आविष्कार से कपड़े की धुलाई व रंगाई में महान परिवर्तन आए। इससे सूती कपड़ा उद्योग बहुत उन्नत हो गया।

8. भाप का इंजन – सबसे पहले भाप इंजन का आविष्कार न्यूकोमन ने किया था। तत्पश्चात् जेम्स वॉट (James watt) ने इसमें कई सुधार किए। इसके बाद इसकी उपयोगिता ओर भी बढ़ गई। वास्तव में यदि देखा जाए तो औद्योगिक क्रांति का आरंभ ही जेम्स वॉट के भाप इंजन से हुआ।

9. लोहा तथा कोयला उद्योग में क्रांति – औद्योगिक क्रांति की प्रगति के लिए लोहे की माँग अब निरंतर बढ़ने लगी। फलतः लोहा तथा कोयला उद्योग मे बहुत-से क्रांतिकारी परिवर्तन आए। लोहे को पिघलाने के लिए अब लकड़ी के बजाए पत्थर के कोयले का प्रयोग हाने लगा। इससे लोहे का पिघलाने का काम बहुत आसान हो गया। पहले मशीनें भी लकड़ी की बनाई जाती थीं।

अब लकड़ी का स्थान लोहे ने ले लिया और लोहे की असंख्य मशीनें बनाई जाने लगी। खानों. में काम करने वाले मजदूरों के जीवन को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 1815 में सर हफ्री डैवी (Sir Humphry Davy) ने सुरक्षा लैंप (Safety Lamp) का आविष्कार किया। इस प्रकार अब खानों में काम करना भी सरल हो गया।

10. सड़कें बनाने में क्रांति – औद्योगिक प्रगति के लिए यातयात के साधनों का होना नितांत आवश्यक था। औद्योगिक क्रांति से पूर्व सड़कों की दशा अच्छी न थीं। माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता था। 18वीं शताब्दी के अंत में स्कॉटलैंड के एक अभियंता (Engineer) मैकऐडम ने सड़क बनाने के लिए छोटे-छोटे पत्थरों का प्रयोग किया। तत्पश्चात् टैलीफोर्ड तथा मैटकॉक ने अच्छी सड़कों के निर्माण में काफी योगदान दिया। पक्की सड़कों के बन जाने के कारण औद्योगिक क्रांति को प्रोत्साहित मिला।

11. नहर बनाने में क्रांति – लोहे तथा कोयले जैस भारी माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए नहरों का निर्माण आरंभ हुआ। इंग्लैंड में सबसे पहली नहर 1761 ई. में ब्रिडल नामक एक इंजीनियर की देख-रेख में बनाई गई। यह नहर बर्सेलसे मानचैस्टर तक बनाई गई। इसके बाद तो बहुत-सी नहरों का निर्माण हुआ और लंकाशायर तथा मानचेस्टर के व्यापारिक क्षेत्र आपस में मिला दिए गए।

12. रेलवे इंजन – 1884 ई. में जार्ज स्टीफेन्सन ने पहला लोको-मोटिव इंजन बनाया जो भाप की शक्ति से चलता था। 1830 में मानचेस्टर और लिवरपूल के बीच पहली रेल-लाइन बनाई गई । इस प्रकार परिवहन के साधनों के विकास में एक नया परिवर्तन आया।

प्रश्न 8.
कृषि-क्रांति के बारे में विस्तार से वर्णन करें।
उत्तर:
18वीं शताब्दी में कृषि के क्षेत्र में वैज्ञानिक तरीकों के प्रयोग से कृषि के साधनों में परिवर्तन आया। नई-नई मशीनों की खोज भी हुई जिनके कारण भूमि को जोतने तथा फसल काटने के ढंग पूर्णतया बदल गए। इस प्रकार कृषि के क्षेत्र में आश्चर्यजनक उन्नति हुई। तीव्र गति से कृषि का रूप बदलने वाले इन तरीकों को कृषि क्रांति के नाम से पुकारा जाता है।

कारण – प्राचीन कृषि के ढंग परंपरागत तथा रूढ़िवादी थे। किसानों के खेत छोटे-छोटे तथा दूर-दूर स्थित थे। किसानों को अपना ध्यान उनकी ओर लगाना पड़ता था जिससे उनका बहुत सः

प्रश्न 9.
औद्योगिक क्रांति के सामाजिक तथा आर्थिक प्रभाव क्या थे? (V.Imp)
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति का इंग्लैंड के लोगों के जीवन के हर पहलू पर गहरा प्रभाव पड़ा। इसने इंग्लैंड को कृषि प्रधान देश से औद्योगिक देश बना दिया औद्योगिक क्रांति के प्रमुख सामाजिक तथा आर्थिक प्रभाव निम्नलिखत थे –
1. राष्ट्रीय आय में वृद्धि – इस क्रांति के फलस्वरूप इंग्लैंड विश्व का सबसे बड़ा औद्योगिक देश बन गया। उसके व्यापारिक संबंध विदेशों से स्थापित हुए। विदेशों में उनका माल बिकने लगा। इस प्रकार इंग्लैंड की राष्ट्रीय आय में काफी वृद्धि हो गई।

2. कुटीर उद्योग का अंत – औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप ऐसी मशीनों का आविष्कार हुआ जिन्हें घर में नहीं लगाया जा सकता था। इसलिए देश में असंख्य कारखानों की स्थापना हुई। इस प्रकार इंग्लैंड में कुटीर उद्योग लगभग समाप्त हो गए।

3. नवीन औद्योगिक नगरों की स्थापना – औद्योगिक क्रांति से पूर्व इंग्लैंड में नगरों की संख्या बहुत कम थी। परंतु औद्योगि क्रांति के फलस्वरूप बड़े-बड़े कारखाने स्थापित हुए। अत: इंग्लैंड में मानचैस्टर, लंकाशायर, बर्मिघम, शैफील्ड आदि अनेक बड़े-बड़े औद्योगिक नगर बस गए।

4. अधिक तथा सस्ता माल – मशीनों का आविष्कार हो जाने से वस्तुएँ अधिक मात्रा में तैयार की जाने लगीं। इनका मूल्य भी कम होता था। अतः लोगों को आसानी से सस्ता माल मिलने लगा।

5. बेकारी में वृद्धि – औद्योगिक क्रांति का सबसे बुरा प्रभाव यह हुआ कि इसने घरेलू दस्तकारियों (Home Industries) का अंत कर दिया। एक मशीन अब कई आदमियों का काम अकेली करने लगी। परिणामस्वरूप हाथ से काम करने वाले कारीगर बेकार हो गए।

6. नवीन वर्गों का जन्म – औद्योगिक क्रांति से मजूदर तथा पूंजीपति नामक दो नवीन वर्गों का जन्म हुआ। पूंजीपतियों ने मजदूरों से बहुत कम वेतन पर काम लेना शुरू कर दिया। परिणामस्वरूप निर्धन लोग और निर्धन हो गए तथा देश की समस्त पूंजी कुछ एक पूंजीपतियों की तिजोरियों में भरी जाने लगी। इस विषय में किसी ने ठीक ही कहा है, “औद्योगिक क्रांति ने घनियों को और अधिक धनी तथा निर्धनों को और भी निर्धन कर दिया।

7. भूमिहीन मजदूरों की संख्या में वृद्धि – औद्योगिक क्रांति ने छोटे-छोटे कृषकों को अपनी भूमि बेचकर कारखानों में काम करने पर बाध्य कर दिया। अतः भूमिहीन मजदूरों की संख्या में वृद्धि होने लगी।

8. छोटे कारीगरों का मजदूर बनाना – औद्योगिक क्रांति के कारण अब मशीनों द्वारा मजबूत तथा पक्का माल शीघ्रता से बनाया जाने लगा। इस प्रकार हाथ से. बुने हुए अथवा करते हुए कपड़े की मांग कम होती चली गई। अतः छोटे कारीगरों ने अपना काम छोड़कर कारखानों में मजदूरों के रूप में काम करना आरंभ कर दिया।

9. स्त्रियों तथा छोटे बच्चों का शोषण – कारखानों में स्त्रियों तथा कम आयु वाले बच्चों से भी काम लिया जाने लगा। उनसे बेगार भी ली जाने लगी। इससे उनके स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा। ..

10. मजदूरों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव – मजदूरों के स्वास्थ्य पर भी खुले वातावरण के अभाव के कारण बहुत बुरा प्रभाव पड़ा। अब वे स्वच्छ की अपेक्षा कारखानों की दूषित वायु में काम करते थे।

प्रश्न 10.
औद्योगिक क्रांति इंग्लैंड में पहले क्यों आई? अथवा, औद्योगिक क्रांति सर्वप्रथम किस देश में आई और क्यों?
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति से हमारा अभिप्राय उन परिवर्तनों से है जिनके कारण 18वीं शताब्दी में कारखाना पद्धति का जन्म हुआ। यह क्रांति सर्वप्रथम इंग्लैंड में आई। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित थे –
1. जनसंख्या में वृद्धि – इंग्लैंड की जनसंख्या में काफी वृद्धि हो गई थी जिसके साथ-साथ वस्तुओं की माँग बहुत बढ़ गई थी। इसलिए इंग्लैंड के लोगों का ध्यान औद्योगिक उत्पादन को बढ़ाने की ओर गया।

2. अंग्रेजों की बस्तियाँ – अंग्रेजों द्वारा स्थापित उपनिवेशों में वस्तुओं की माँग बढ़ चुकी “थी। अंग्रेज इन बस्तियों में अपना अतिरिक्त माल आसानी से खपा सकते थे।

3. कच्चे माल की प्राप्ति – अंग्रेजी साम्राज्य काफी विस्तृत हो चुका था। अतः अंग्रेज अपना माल अपने अधीन देशों में न केवल खपा सकते थे, अपितु उन्हें वहाँ सस्ते दामों पर कच्चा माल भी प्राप्त हो जाता था। यही कारण था कि औद्योगिक क्रांति सर्वप्रथम इंग्लैंड में ही आई।

4. समृद्धि – वालपोल की सफल आंतरिक तथा विदेश नीति के कारण इंग्लैंड के लोग धनी हो गए थे। ये लोग बड़ी सुगमता से उद्योगों में अपनी पूँजी लगा सकते थे।

5. बैंकों की अधिकता – धन के लेन-देन में सहायता करने के लिए देश में बहुत-से बैंक थे। अत: बैंकों की अधिकता के कारण भी औद्योगिक क्रांति सर्वप्रथम इंग्लैंड में शुरू हुई।

6. देश का शांत वातावरण – वालपोल ने अपनी विदेशी नीति द्वारा इंग्लैंड को 18वीं शताब्दी में यूरोप के युद्धों से अलग रखा। देश में शांति का वातावरण होने के कारण लोगों का ध्यान उद्योग तथा व्यापार की प्रगति की ओर आकृष्ट हुआ।

7. अनुकूल जलवायु – इंग्लैंड का लगभग प्रत्येक भाग समुद्र के निकट है। इसलिए वहाँ की जलवायु आई है जो कपड़े के उद्योग के लिए बड़ी लाभदायक होती है। यही कारण था कि सूती कपड़े का उद्योग सर्वप्रथम इंग्लैण्ड में ही चमका।

8. कोयले तथा लोहे की खाने – इंग्लैंडे में लोहे तथा कोयले की खानें काफी मात्रा में थीं। ये खानें एक-दूसरे के बिल्कुल समीप थीं। इन खानों की समीपता भी इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति के सर्वप्रथम आने का कारण बनी।

9. विदेशी व्यापार का विस्तार – अंग्रेज लोग अच्छे नाविक थे। उन्होंने समुद्री यात्राएँ की और नए-नए देश खोजकर उनसे व्यापारिक संबंध स्थापित हुए। इस प्रकार बढ़ते हुए व्यापार ने भी औद्योगिक क्रांति को जन्म दिया।

10. समुद्री बेड़ा – अंग्रेजों के पास बहुत अच्छा समुद्री बेड़ा था। इसमें उन्हें माल को लाने और ले जाने में काफी सुविधा रहती थी। अच्छे समुद्री बेड़ें के होने से भी औद्योगिक क्रांति सर्वप्रथम इंग्लैंड में ही आई।

11. विचारों की स्वतंत्रता – इंग्लैंड के लोगों को विचारों की पूर्ण स्वतंत्रता थी। उन पर सरकार की ओर से कोई प्रतिबंध न थे। अत: लोगों ने नई खोजें की जो औद्योगिक क्रांति का मुख्य कारण बनीं।

प्रश्न 11.
यूरोप तथा अमेरिका के औद्योगिक क्रांति के प्रसार का वर्णन करें। एशिया में सर्वप्रथम किस देश में यह क्रांति आई?
उत्तर:
1. इंग्लैंड (England) – मशीनी युग आरंभ होने के बाद 50 वर्षों के अंदर ही इंग्लैंड विश्व का सबसे बड़ा औद्योगिक राष्ट्र बन गया। उदाहरण के लिए 1813 ई. में इंग्लैंड भारत को केवल 50 हजार किलोग्राम सुती कपडा भेजता था, परंतु 1815ई. में यह मात्रा बढ़कर 25 लाख किलोग्राम हो गई। इंग्लैंड के खनिज उत्पादन में भी अत्यधिक वृद्धि हुई। यहाँ तक कि इंग्लैंड कोयले का निर्यात भी करने लगा। इस प्रकार इंग्लैंड एक महान् औद्योगिक राष्ट्र बन गया। परंतु यूरोप के अन्य औद्योगिक देशों में प्रगति नेपोलियन के पतनके पश्चात् ही आरंभ हुई।

2. फ्रांस, जर्मनी आदि (France,Germany etc.) – नेपोलियन के पतन के पश्चात् फ्राँस, बेल्ज्यिम, स्विट्जरलैंड तथा जर्मनी में मशीनों का प्रयोग आरंभ हुआ। परंतु इन देशों में उद्योगों का पूर्ण विकास काफी लंबे समय के बाद हुआ। इसका कारण यह था कि इनमें से कुछ देशों में राजनीतिक अस्थिरता फैली हुई थी। फ्रांस में सर्वप्रथम 1850 ई. में लोहा उद्योग स्थापित किया गया। 1865 ई. में जर्मनी का इस्पात उत्पादन काफी बढ़ गया फिर भी वह इंग्लैंड से पीर रहा। 1870 ई. में जर्मनी एकीकरण के पश्चात् इस राष्ट्र में आश्चर्यजनक औद्योगिक प्रगति हुई कुछ ही वर्षों में जर्मनी इंग्लैंड का ओद्योगिक प्रतिद्वंद्वी बन गया।

3. संयुक्त राज्य अमेरिका (The United States) – संयुक्त राज्य अमेरिका में या मशीनों का प्रयोग इंग्लैंड से स्वतंत्रता मिलने के पश्चात ही आरंभ हो गया तथापि वहाँ भी उद्योग का विकास 1870 ई. के पश्चात् ही हो पाया। 1860 ई. में इस देश में सूती कपड़ा इस्पात तः जूता उद्योग अवश्य स्थापित हो चुके थे, परंतु इनके उत्पादन में वृद्धि 1870 ई. के पश्चात् ही हुई

4. रूस (Russia) – रूस यूरोप का ऐसा देश है जहाँ सबसे बाद में औद्योगिक क्रांति आ. वहाँ खनिज पदार्थों को तो कोई कमी नहीं थी, परंतु पूंजी तथा स्वतंत्र श्रमिकों के अभाव के का वहाँ काफी समय तक औद्योगिक विकास संभव न हो सका। रूस ने 1861 ई. में कृषि दा को स्वतंत्र कर दिया। उसे विदेशों से पूंजी भी मिल गई। फलस्वरूप रूप ने अपने औद्योगि विकास की ओर ध्यान दिया। वहाँ उद्योगों का आरंभ हो गया, परंतु इनका पूर्ण विकस 19. ई. की क्रांति के पश्चात् ही संभव हो सका। एशियाई देशों में सर्वप्रथम जापान में औद्यागिक विकास हुआ। 19वीं शताब्दी के ऑ वर्षों में जापान में इस्पात, मशीनों रासायनिक पदार्थों तथा धातु की वस्तुओं का बहुत अपि उत्पादन होने लगा। यहाँ तक कि जापान इन वस्तुओं को निर्यात भी करने लगा।

प्रश्न 12.
ब्रिटेन में सूती वस्त्र उद्योग के विकास की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
आरंभ में ब्रिटेन के लोग उन और लिनन बनाने के लिए सन से कपड़ा बुना क थे। सत्रहवीं शताब्दी में इग्लैंड भारत से भारी मात्रा मे सूती कपड़े का आयात करने लगा। प जब भारत के अधिकतर भागों में पर ईस्ट इंडिया कंपनी का राजनीतिक नियंत्रण स्थापित हो ग तब इंग्लैंड ने कपड़ के साथ-साथ कच्चे माल के रूप में कपास का आयात करना भी आरं कर दिया। इंग्लैंड पहुँचने पर इसकी कताई की जाती थी और उससे कपड़ा बुना जाता था।

अठारहवीं सदी के प्रारंभिक वर्षों में कताई का काम बहुत ही धीमा था। इसलिए कातने वाले दिनभर कताई के काम में लगे रहते थे, जबकि बुनकर बुनाई के लिए धागे के इंतजार में समय नष्ट करते रहते थे। परंतु प्रौद्यागिकी के क्षेत्र में अनेक आविष्कार हो जाने के बाद कपास से घागा कातने और उससे कपड़ा बनाने की गति एकाएक बढ़ गई। इस कार्य में और अधिक कुशलता लाने के लिए उत्पादन का काम घरों से हटकर फैक्ट्रियों अर्थात् कारखानों में चला गया।

एक के बाद एक नई मशीनों के आविष्कार हुए जिन्होंने कपड़ा उद्योग में क्रांति ला दी इनमें से कुछ महत्त्वपूर्ण मशीनें निम्नलिखित –
1. फ्लाईंग शट्ल – फ्लाईंग शटल का आविष्कार जॉन के (John kay) ने 1773 ई. में किया। इसकी सहायता से अब कपड़ा शीघ्रता से बुना जाने लगा। इस कपड़े की चौड़ाई भी पहले से दुगुनी होती थी।

2. स्पिनिंग – स्पिनिंग जैनी नामक मशीन का आविष्कार हारग्रीब्ज (Hargreaves) ने 1785 ई. में किया। इस मशीन में आठ तकलों की व्यवस्था थी। इस प्रकार आठ मजदूरों का काम एक मशीन करने लगी। इसकी सहायता से काता गया सूत बारीक होता था परंतु यह मजबूत नहीं होता था।

3. वाटर फ्रेम – वाटर फ्रेम का आविष्कार रिचर्ड आर्कराइट नामक एक नाई ने 1769 ई. में किया। यह मशीन पन-शक्ति से चलती थी। इसकी सहायता से मजबूत कपड़ा बुना जा सकता. था। इस प्रकार वाटर फ्रेम के आविष्कार ने उद्योगों में एक क्रांति पैदा कर दी। इसकी एक विशेष। बात यह थी कि इस मशीन को घर में नहीं लगाया जा सकता था। अतः कारखानों का जन्म हुआ।

4. म्यूल – म्यूल का आविष्कार सेम्यूअल क्रॉम्पट ने 1779 ई. में किया। इस मशीन में हारग्रीब्ज की स्पिनिंग जैनी तथा आहाइट के वाटर फ्रेम के सभी गुण विद्यमान थे। यह मशीन भी पन-शक्ति से चलाई जाती थी। इसकी सहायता से काता हुआ धागा बारीक तथा पक्का होता था। इसके अतिरिक्त कई धागे एक साथ काते जा सकते थे।

5. पावरलूम – पावरलूम का आविष्कार 1787 में एडमंड कार्टराइट ने किया। पावरलूम को चलाना बहुत आसान था। जब भी धागा टूटता मशीन अपने आप काम करना बंद कर देती थी। इससे किसी तरह के धागे से बुनाई की जा सकती थी। 1830 के दशक से कपड़ा उद्योग में नयी-नयी मशीनें बनाने की बजाय श्रमिकों की। उत्पादकता बढ़ाने पर अधिक ध्यान दिया जाने लगा।

प्रश्न 13.
ब्रिटेन में धातुकर्म उद्योग का विकास कैसे हुआ? (V.Imp.)
उत्तर:
ब्रिटेन में धमनभट्टी के आविष्कार ने धातुकर्म उद्योग में क्रांति ला दी। इसका आविष्कार 1709 में प्रथम अब्राहम डबी ने किया। इसमें सर्वप्रथम ‘कोक’ का प्रयोग किया गया । कोक में उच्चताप उत्पादन करने की शक्ति थी। इसे पत्थर के कोयले से गंध तथा अपद्रव्य निकालकर तैयार किया जाता था। इस आविष्कार के बाद भट्ठियों को काठकोयले पर निर्भर नहीं रहना पड़ा। इन भट्ठियों से निकलने वाले पिघले लोहे से पहले की अपेक्षा अधिक बढ़िया ओर लंबी ढलाई की जा सकती थी।

हलवा लोहे (pig-iron) से पटिवा लोहे (wrought-iron) का विकास किया गया जो कम भंगुर था। हेनरी कोर्ट ने आलोड़न भट्ठी (puddling furmance) और बेलन मिल (रोलिंग मिल) का आविष्कार किया। बेलन मिल में परिशोधित लोहे से छड़ें तैयार करने के लिए भाप की शक्ति का प्रयोग किया जाता था। अब लोहे से अनेक उत्पादन बनाना संभव हो गया क्योंकि लोहे में टिकाऊपन अधिक था, इसलिए इसे मशीनें और रोजमर्रा की चीजें बनाने के लिए लकड़ी

से बेहतर सामग्री माना जाने लगा। लकड़ी तो जल या कट-फट सकती थी, परंतु लोहे के भौतिक तथा रसायनिक गुणों को नियंत्रित किया जा सकता था। 1770 के दशक में जोन विल्किनसन ने सर्वप्रथम लोहे से कुर्सियाँ, शराब डर्बी ने कोलबूकडेल में सेवन नदी पर विश्व में पहला लोहे का पुल बनाया। विल्किनसन ने पहली बार ढलवाँ लोहे से पानी की पाइपें बनाई।

इसके बाद लोहा उद्योग कुछ विशेष क्षेत्रों में कोयला खनन तथा लोहा प्रगलन की सामूहिक इकाइयों के रूप में केन्द्रित हो गया । यह ब्रिटेन का सौभाग्य था कि वहाँ उत्तम कोटि का कोकिंग कोयला और उच्च-स्तर का लौह खनिज साथ-साथ पाया जाता था। इसके प्राप्ति क्षेत्र पत्तनों के पास ही थे।

वहाँ ऐसे पाँच तटीय कोयला-क्षेत्र थे जो अपने उत्पादों को लगभग सीधे ही जहाजों – में लदवा सकते थे। कोयला क्षेत्र समुद्र तट के पास ही स्थित होने के कारण जहाज निर्माण का उद्योग और नौपरिवहन के व्यापार का बहुत अधिक विस्तार हुआ। 1800 से 1830 के दौरान ब्रिटेन के लौह उद्योग का उत्पादन लगभग चौगुना हो गया। उसका उत्पादन पूरे यूरोप में सबसे संस्ता भी था।

प्रश्न 14.
भाप की शक्ति ने ब्रिटेन के औद्योगिक में किस प्रकार सहायता पहुँचाई?
उत्तर:
भाप अत्यधिक शक्ति उत्पन्न कर सकती है। अतः यह बड़े पैमाने पर औद्योगिक के लिए सहायक सिद्ध हई। द्रवचालित शक्ति के रूप में जल सदियों से ऊर्जा का प्रमुख स्रोत बना रहा था। परंतु इसका उपयोग भाप के रूप में किया जाने लगा। भाप की शक्ति उच्च तापमान पर दबाव उत्पन्न करती है जिससे अनेक प्रकार की मशीनें चलाई जा सकती हैं। पाप की शक्ति ऊर्जा का ऐसा स्रोत था जो भरोसेमंद और कम खर्चीला था।

खनन उद्योग तथा भाप, की शक्ति-भाप की शक्ति का प्रयोग सर्वप्रथम खान उद्योग में किया गया। इसके प्रयोग से कोयले तथा अन्य धातुओं की माँग बढ़ने पर उन्हें और अधिक गहरी खानों में से निकालने के काम में तेजी आई। खानों में अचानक पानी भर जाना भी एक गंभीर समस्या थी।

1698 में थॉमस सेवरी ने खानों से पानी बाहर निकालने के लिए माइनर्स फ्रेंड (खनन-मित्र) नामक एक भाप इंजन का मॉडल बनाया। परंतु ये इंजन छिछली गहराइयों में धीरे-धीरे काम करते थे और दबाव बढ़ जाने पर उनका बॉयलर फट जाता था।

भाप का एक और इंजन 1712 में थॉमस न्यूकॉमेन ने बनाया। इसमें सबसे बड़ी कमी यह थी कि संघनन बेलन (कंडेंसिंग सिलिंडर) के लगातार ठंडा होते रहने से इसकी ऊर्जा समाप्त होती रही थी। कारखानों में भाप की शक्ति का प्रयोग-1769 तक भाप के इंजन का प्रयोग केवल कोयले की खानों में होता रहा। तभी जेम्सवाट ने इसका एक अन्य प्रयोग खोज निकाला।

बाट ने एक ऐसी मशीन विकसित को जिससे भाप का इंजन केवल एक साधारण पंप की बजाय एक ‘प्राइस मूवर’ के रूप में काम देने लगा। इससे कारखानों में शक्ति चलित मशीनों को कर्जा मिलने लगी। एक धनी निर्माता मैथ्य बॉल्टन की सहायता से वॉट ने 1775 में बर्मिघम में ‘साहो फाउंडरी’ स्थापित की। इस फाउंडरी में वॉट के स्टीम इंजन बड़ी संख्या में बनने लगे।

1800 के बाद भाप इंजन की प्रोद्योगिकी और अधिक विकसित हो गई। इसमें तीन बातों ने सहायता पहुँचाई –

  • अधिक हल्की मजबूत धातुओं का प्रयोग
  • अधिक सटीक मशीनी औजारों का निर्माण तथा
  • वैज्ञानिक जानकारी का व्यापक प्रसार

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
औद्योगिक क्रांति के परिणामों में कौन-सा सही है?
(a) औद्योगिक नगरों का विकास
(b) मजदूरों की समृद्धि
(c) देशी कारीगरों का विनाश
(d) वर्ग भेद का उदय
उत्तर:
(a) औद्योगिक नगरों का विकास

प्रश्न 2.
औद्योगिक क्रांति ने समाज में निम्न में से कौन से एक नये वर्ग को जन्म दिया?
(a) वेतनभोगी श्रमिक वर्ग
(b) बेगार करने वाले श्रमिक
(c) संगठित श्रमिक वर्ग
(d) सुस्त श्रमिक वर्ग
उत्तर:
(a) वेतनभोगी श्रमिक वर्ग

प्रश्न 3.
निम्न में से कौन इंगलैंड में औद्योगिक शहर नहीं है?
(a) डबलिन
(b) न्यूकासल
(c) लंदन
(d) मैनचेस्टर
उत्तर:
(a) डबलिन

प्रश्न 4.
यूरोपीय लोग मुद्रण प्रणाली के ज्ञान हेतु किसके ऋणी रहे?
(a) चीनी
(b) मंगोल
(c) चीनियों तथा मंगोल शासक
(d) चीन एवं भारत
उत्तर:
(c) चीनियों तथा मंगोल शासक

प्रश्न 5.
औद्योगिक क्रांति किस सदी में हुई थी?
(a) 18वीं सदी के उत्तरार्द्ध
(b) 19वीं सदी में
(c) 17वीं सदी में
(d) 21वीं सदी में
उत्तर:
(a) 18वीं सदी के उत्तरार्द्ध

प्रश्न 6.
स्पिनिंग जैनी का आविष्कार किया ………………..
(a) हारग्रीब्ज ने
(b) जेम्सवाट
(c) कार्टराइट ने
(d) एडमंड ने
उत्तर:
(a) हारग्रीब्ज ने

प्रश्न 7.
तार का आविष्कार किस वर्ष हुआ?
(a) 1835
(b) 1836
(c) 1837
(d) 1839
उत्तर:
(a) 1835

प्रश्न 8.
टेलिफोन का आविष्कार किस वर्ष हुआ?
(a) 1876
(b) 1877
(c) 1878
(d) 1979
उत्तर:
(a) 1876

प्रश्न 9.
‘दास कैपिटल’ के रचनाकार हैं ……………..
(a) मार्क्स
(b) गैटेक
(c) अरस्तू
(d) कार्ल एईस
उत्तर:
(a) मार्क्स

प्रश्न 10.
दूसरी औद्योगिक क्रांति कब आई?
(a) 1850 के बाद
(b) 1950
(c) 1833
(d) 1834
उत्तर:
(a) 1850 के बाद

प्रश्न 11.
भाप के इंजन का आविष्कार किया ……………….
(a) जेम्स वाट ने
(b) काईट ने
(c) रोस्टर ने
(d) जैनी ने
उत्तर:
(a) जेम्स वाट ने

प्रश्न 12.
म्यूल का आविष्कार किसने किया?
(a) डॉम्पटन ने
(b) कार्टराइट ने
(c) सैम्युअल क्रॉम्टन ने
(d) जैनी ने
उत्तर:
(c) सैम्युअल क्रॉम्टन ने

Bihar Board Class 6 English Book Solutions Chapter 2 The Boy Who Lost His Appetite

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Bihar Board Class 6 English The Boy Who Lost His Appetite Text Book Questions and Answers

A. Warmer

The Boy Who Lost His Appetite Bihar Board Question 1.
What food do you find tasty ? If you are told to sit at home and enjoy yourself tasty food without any activity would you enjoy it? Give reasons.
Answer:
I like many food tasty such as pulav, puri, manchoorian, pua etc. If I were told to sit at home and enjoy the tasty food without any activity I would not enjoy it as activities or labour arise appetite. When one doesn’t do labour or don’t go with activities in his life, he or she becomes lazy and loses his or her appetite.

B. Comprehension

B. 1. Think and Tell

Bihar Board Class 6 English Book Solution Chapter 2 Question 1.
Why did Sham lag behind other friends ?
Answer:
Sham was a rich young man. He ate rich folk in bed all day. As a result, he had become very lazy. So, A a he went to hunt in woods with his friends, he lagged behind his other friends as he was not used to ride fast ought of his laziness

The Boy Who Lost His Appetite Ka Hindi Bihar Board  Question 2.
What kind of life did he live after his father’s death ?
Answer:
Sham’s father passed away early. Then, he became the owner of all his father’s property. He had become rich without any labour. Now, he started living a luxurious life. He used to eat rich food and lay in bed all day. For this, he became very lazy and did not find any food tasty. He had lost his appetite.

B. 2. Think and Write

B. 2. 1. True or False

The Boy Who Lost His Appetite In Hindi Bihar Board Question 1.
Based on the story write ‘true’ or ‘false’ next to each . sentence given below.
(a) Sham was a young boy.
(b) Sham lay in bed all day because he became sick.
(c) Sham rode very slowly.
(d) The peasant offered Sham roti and vegetables.
(e) Sham was lost in the woods when he was returning home from the peasant’s house.
Answer:
(a) False
(b) False
(c) True
(d) False
(e) False

B. 2. 2. Tick the answers to each of the questions given below

Class 6 English Chapter 2 Summary In Hindi Bihar Board Question 1.
Why did Sham find the food tasteless?
(a) The food was prepared badly.
(b) He felt sad for his father.
(c) He did not feel much hungry because he passed his day without any activity.
(d) He was sleeping.
Answer:
(c) He did not feel much hungry because he passed his day without any activity.

Class 6 English Chapter 2 Question Answer Bihar Board Question 2.
Why did Sham like the dal and roti ?
(a) It was cooked in a special way.
(b) Sham had not eaten roti and dal for many days.
(c) Sham was tired and hungry.
(d) Sham liked the huts.
Answer:
(c) Sham was tired and hungry.

B. 2. 3. Answer the following questions in not more than 50 words

Class 6 English Chapter 2 Bihar Board Question 1.
How did Sham spend his life after his father died ?
Answer:
Sham’s father had died early. After his father’s death, Sham became the owner of all his father’s property. Then on wards, he started living a luxurious life. He used to eat rich food and lay in bed all the day. As a result he soon became quite lazy. Not doing any labour, he lost the taste of food and so lost his appetite.

Class 6 English Chapter 2 Question And Answer Bihar Board Question 2.
What made Sham lose his way in the woods ?
Answer:
Sham had agreed to go to hunt in woods with his friends, in spite of his laziness. He was not used to riding fast so he found himself lagging behind other friends. He got lost and wandered away in the woods.

Class 6 English Chapter 2 Solution Bihar Board Question 3.
Who helped Sham when he lost his way ? How ?
Answer:
Sham had lost his way in the woods and wandered for long. Then, he saw a peasant’s hut. He rode up to the hut and reached to the peasant. The peasant gave his dal, roti to eat. Then, he helped Sham guiding him the right path towards his home.

Class 6 Chapter 2 English Bihar Board Question 4.
What made the food tasty or tasteless for Sham. Give reasons for your answers
Answer:
Labour had made the food tasty, for Sham. He had been wandering for long riding on his horse. For a long time, he hadn’t eat anything, so he felt hungry. Due to labour’he got hungry and so he felt the simple food dal, roti tasty to eat. But, back to home, he again got involved in his daily routine to only sleep in bed and eat rich food. Due to no labour, he lost his appetite and this made the rich food tasteless for Sham.

C. Vocabulary

Think of words related to luxurious and food. Now fill in the web chart with those words.
Bihar Board Class 6 English Book Solution

D. Grammar

D.1. Conjunctions

Example:
He ate rich food and lay in bed all day.
We can break this sentence into two sentences.
1. He ate rich food.
2 He lay in bed all day.

We use ‘and’ to join two or more words or group of words. We also use ‘but’, ‘when’, ‘because’ and ‘Or’ to join two or more words or group of words.

Now break the following sentences into two sentences as shown in the example above.

Question 1.
He rode up to it and asked for a little food.
Answer:
(i) He rode up to it.
(ii) He asked for a little food.

Question 2.
I have only roti and dal, sir.
Answer:
(i) I have only roti.
(ii) I have only dal, sir.

Question 3.
He went back to his rich food and lazy ways.
Answer:
(i) He went back to his rich food.
(ii) He went back to his lazy ways.

Fill in the blanks with the words given in the box

(But, when, because, and, so, on)

  1. The boy opened his umbrella _________ it started raining.
  2. Mukul _________ Arti will bring the book to school.
  3. Rahim had high fever _________ he could not come to school.
  4. Munna ran very fast _________ could not win the race.
  5. Ram _________ Pawan went to see a film yesterday.
  6. Lalit had high fever _________ he got wet in the rain.

Answer:

  1. when
  2. and
  3. so
  4. but
  5. and
  6. because

E. Let’s Talk and Write

Question 1.
Discuss your daily routine in groups. Also, share your food habits with your friends.

Answer:
I get up early morning at six a.m. Then, I prepare to go to school. I reach to my school at eight a.m. After school break at three p.m. I move to my home. In evening, from five to six p.m. I play with my friends in the nearby field. I sit to study at seven p.m. to eight thirty p.m. Then, I watch T.V. programmes for an hour, take my dinner and go to bed. I eat all kind of food but I prefer to fresh green vegetables, fruits and simple food. Oily, spicy and junk food are not good for health so I keep a distance with them. Its not so that I never eat them, but I eat them very casually, only to have a change.

Question 2.
Write 6 sentences about the food you like to eat and why you like that food.
Answer:

  1. I like to eat rod.
  2. It is made of wheat.
  3. It is easy to digest.
  4. It keeps me healthy.
  5. It is not a rich diet.
  6. It is easy to make.

F .Translation

Translate the first paragraph into your mother tongue/ Hindi.

Question 1.
First paragraph of the chapter:
Sham was a rich young man. His father had passed away very early. After his father’s death, he became the owner of all his father had. Now, he started living a luxurious life. He ate rich food and lay in bed all day. As a result, he  became very lazy and lost his appetite and didn’t find any foo tasty
Answer:
हिन्दी अनुवाद – शैम एक अमीर युवा आदमी था। उसके पिता जब जल्द ही गुजर गये तब शैम उनकी सारी जायदाद का मालिक बन बैठा । अब उसका जीवन बिल्कुल ही शानो-शौकत वाला हो गया था। वह खब बढ़िया-बढ़िया खाना खाता था और सारा का सारा दिन बिस्तर पर लेटा रहता था। परिणाम के तौर पर, उसे अब कोई भी खाना स्वादिष्ट नहीं लगता था।

Question 2.
A little Bit of Nonsense.
There was an old man with a beard Who said.’It is just as I feared’
Two owls and a hen.
Four larks and a wren.
Have all built their nests in my beard
Answer:
अ लिटिल बिट ऑफ नौनसेन्स .
देयर वाज एन ओल्ड मैन विथ अ बीयर्ड हू सेड, ‘इट इज जस्ट एज आई फीयर्ड’
टू आउल्स एण्ड अ हेन।
फोर, लार्क्स एण्ड अ रेन ।
हैव ऑल बिल्ट देयर नेस्ट्स इन माई बीयर्ड।

The Boy Who Lost His Appetite Summary In English

Sham was a rich young man. His father had passed away very early. After his father’s death, he became the owner of all his father had. Now, he started living a luxurious life. He ate rich food and lay in bed all day. As a result, he  became very lazy and lost his appetite and didn’t find any foo tasty

Once, he went to hunt in woods. He was not used to ride fast so he lagged behind his friends and got lost. After six to seven hours of roaming he felt tired and hungry. He reached to a peasant’s hut and asked for some food. The poor peasant gave him dal, rod which he found very tasty to eat. The peasant guided him the right way. Back to home he got back to his rich food and lazy ways. Again he found his rich food tasteless. He wondered why the simple dal-roti tasted so nice.

The Boy Who Lost His Appetite Summary In Hindi

शैम एक अमीर युवा व्यक्ति था। उसके पिता जल्द ही गुजर गये । अपने पिता की मृत्यु के बाद वह अपने पिता की जायदाद का स्वामी बन गया । अब, वह एक शान-शौकत भरा जीवन व्यतीत करने लगा। वह खूब बढ़िया और कीमती खाना खाता था और सारा दिन बिस्तर पर पड़ा रहता था । परिणामस्वरूप, वह बहुत आलसी बन गया। उसकी भूख मिट गयी और उसे कोई भी खाना स्वादिष्ट नहीं लगता था। एक बार, वह जंगल में शिकार खेलने गया । वह तेज घुड़सवारी करने का आदी नहीं था, ‘ अपने दोस्तों से पीछे छूट गया और रास्ता भटक गया।

छह-सात घंटे इधर-उधर भटकते रहने के बाद वह बेहद थका हुआ और भूख महसूस कर रहा था। वह एक किसान की झोंपड़ी के पास पहुँचा और उससे कुछ खाने को माँगा । गरीब किसान ने उसे खाने को दाल-रोटी दिया जो उसे बहुत स्वादिष्ट लगा। उस किसान ने उसे सही रास्ता बता दिया । घर वापस आकर वह फिर से अपने पुराने जीवन के ढर्रे पर लौट आया । बढिया-बढिया खाना खाना और सारा दिन बिस्तर पर पड़े रहना । फिर से उसे अपने बढ़िया खाना में स्वाद नहीं लगने लगा। वह आश्चर्य से सोचता कि वह साधारण दाल-रोटी उसे इतना स्वादिष्ट क्यों कर लगी थी।

The Boy Who Lost His Appetite Hindi Translation Of The Chapter

Sham wasa……………………………..any food tasty.
Word Meanings: Rich (adj) [रिच] = अमीर | Young (adj) [यंग] = युवा, जवान | Passed away (phr) [पास्ड अवे] = गुजर गये, मृत्यु को प्राप्त हो गये। Early (adj) [अर्ली] = जल्दी । Became (v) [बीकेम] = बन गया । Owner (n) [ओनर] = मालिक | Luxurious (adj)[लक्जरिअस] = शान-शौकत वाला । Life (n) [लाइफ] = जीवन | Ate (v) [एट) = खाया । Rich (adj) [रिच] = (यहाँ) गरिष्ठ, बढ़िया । Food (n) [फुड] = भोजन । Lay (v)[ले] = पड़ा होना | Allday (phr)[ऑल डे] = सारा दिन | Result (n)[रिजल्ट] = परिणाम | Tasty (adj)[टेस्टी] = स्वादिष्ट ।

हिन्दी अनुवाद – शैम एक अमीर युवा आदमी था। जब उसके पिता जल्द ही गुजर गये तो वह उनकी सारी जायदाद का मालिक बन बैठा । अब उसका जीवन बिल्कुल ही शानो-शौकत वाला हो गया था। वह खब बढ़िया-बढ़िया खाना खाता था और सारा का सारा दिन बिछावन पर लेटा रहता था। आराम फरमाता रहता था। इसका यह अंजाम हुआ कि धीरे-धीरे उसे कोई भी खाना स्वादिष्ट नहीं लगता था । खाने में उसकी रुचि ही खत्म होने लगी थी।

Months passed ……………………………………..tired and hungry.
Word Meanings : Passed (v) [पास्ड] = बीता। Inspite of (prep) [इनस्पाइट ऑफ] = के बावजूद | Laziness (n)[लेजीनेस] = आलसपन । Agreed (v) [एग्रीड] = सहमत अथवा राजी होना । Take part (phr) [टेक पार्ट] = हिस्सा लेना । Hunt (v) [हन्ट] = शिकार करना । Riding (v) [राइडिंग] = घुड़सवारी करना । Lagging (v) [लैगिंग] = पीछे छूट जाना । Got lost (phr) |गौट लॉस्ट] = खो गया । Wandered (v) [वान्डर्ड] = इधर-उधर भटका । Woods (n) [वुड्स] = जंगल | Roaming (v) [रोमिंग] = इधर-उधर घूमना, निरुद्देश्य भटकना । Tired (adj) [टायर्ड] = थका हुआ। Hungry (adj) [हंग्री] = भूखा । ।

हिन्दी आवाद – पहीनों गुजर गये । एक दिन जबकि वह बेहद सुस्ती का अनुभव कर रहा था, उसने एक शिकार के अभियान में भाग लेना स्वीकार कर लिया था। लेकिन तेज चलने या फिर तेज घुड़सवारी करने की उसकी आदत तो थी नहीं। इसी कारण उस शिकार-अभियान में जब वह घुडसवारी कर रहा था तो वह अपने अन्य शिकारी मित्रों से काफी पीछे छूट गया और इस कारण वह रास्ता भटक गया। फिर तो वह जंगल में इधर-उधर, काफी । देर तक भटकता रहा । इस प्रकार से, चारों ओर भटकते-भटकते छह से सात-घंटे बीत गये । तब वह बेहद थका हुआ महसूस कर रहा था और उसे जमकर भूख लग गयी थी।

Suddenly hesaw……………… tasted so nice.
Word Meanings : Suddenly (adv)[सडनलि] = एकाएक, शीघ्रता से । Peasant (n)[पीजेन्ट] = किसान | Hut (n) हट] = झोंपड़ी) Rodeup (phr) [रोड अप] = सवारी करना, घोड़े का। Asked (v) [आस्ड] = पूछा, माँगा | Welcome (v)[वेलकम] = स्वागत करना । Really (adv) रीयली] = वास्तव में । Like (v)[लाइक) = पसन्द करना | Earlier (adj)[अर्लियर = इसके पहले । Directions (n) [डाइरेक्शन्स] = दिशा-निर्देश । Rested (v)(रेस्टेड] = आराम किया । Tasteless (adj) [टेस्टलेस = स्वादहीन, बिना स्वाद का या बेमजा वाला (भोजन) । Wondered (v) [बॅन्डर्ड) = गंभीरता से सोचा।

हिन्दी अनुवाद – तभी उसे एक किसान की कुटिया दिखाई दी। वह घुड़सवारी करते हुए उस कुटिया तक पहुँच गया और वहाँ उसने कुछ भोजन की मांग की। “वहाँ, उस कुटिया में मौजूद किसान ने उसकी माँग को सुनकर कहा”मैं तो एक गरीब आदमी हूँ। मेरे पास तो सर, केवल रोटी और दाल ही है लेकिन अगर आप इसे खाना चाहें तो आपका बहुत-बहुत स्वागत है।” वह युवा आदमी वास्तव में बहुत ही भूखा था और इस कारण उसे वह खाना बहुत स्वादिष्ट लगा। उसे ऐसा महसूस हुआ कि अपने जीवन में उसने जो भी कुछ खाया है, उससे यह खाना लाख गुना बेहतर है और सबसे ज्यादा स्वादिष्ट है।

तब उस किसान से उसने जंगल के बाहर निकलने का रास्ता पूछा । किसान से सही रास्ता का पता चलने पर उसने किसान को धन्यवाद दिया और अपने घर की ओर घुड़सवारी करते हुए लौटने लगा। वह अपने घर को वापस लौट आया और आराम फरमाने लगा। फिर से वह अपने पुराने जीवन जीने के ढर्रे में ढल गया । फिर से उसे आलस ने घेर लिया। वह सारा का सारा दिन फिर से आलसी-सा पड़ा रहने लगा और कीमती से कीमती खाना खाने लगा और फिर से कुछ ही समय बाद उसे अपना कीमती खाना बेमजा लगने लगा। बिना स्वाद का जब लगने लगा उसे अपना कीमती भोजन तो वह गंभीरता से सोचने लगा कि जो साधारण-सा भोजन, रोटी-दाल उसने उस किसान के यहाँ खाया था, वह क्यूँ कर उसे उतना स्वादिष्ट लगा था।

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Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 1 तू जिन्दा है तो

Bihar Board Class 8 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 3 Chapter 1 तू जिन्दा है तो Text Book Questions and Answers, Summary.

BSEB Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 1 तू जिन्दा है तो

Bihar Board Class 8 Hindi तू जिन्दा है तो Text Book Questions and Answers

यह कविता गहरे जीवन राग और उत्साह को प्रकट करती है तथा अतीत के दु:खद पलों को भूलाकर आशा और जीत की नई दुनियाँ को स्वागत करने के लिए प्रेरणा दिया गया है।

तू जिन्दा है तो जिन्दगी को ………………….. उतार ला जमीन पर ।
अर्थ हे मनुष्य ! यदि तू जिन्दा है तो जिन्दगी में जीत होगी, यह विश्वास रखो । यदि कहीं स्वर्ग है तो तुम अपने कर्म से उसे जमीन पर उतार ले।

ये गम के और चार ………………. तू जिन्दा है तो ……………. अर्थ-गम और अत्याचार के कुछ दिन बीत गये। आज के दिन भी यदि तुम दुःख में है तो वे भी गुजर जाएँगे क्योंकि दु:ख के हजारों दिन बीत चुके हैं। इस जिन्दगी में कभी-न-कभी तो बहार आएँगी ही। तुम अपने सुकर्म से स्वर्ग को पृथ्वी पर ला सकते हैं। यदि त जिन्दा है तो जिन्दगी के जीत पर विश्वास रखो।

सुबह और शाम के ……………. तू जिन्दा है तो ………………..।
अर्थ-सुबह और शाम लाल रंग से रंगे गगन को चुमकर जमीन झूम-झूमकर गाती है। अर्थात् सुख-दुख दोनों में एक समान रहने वाले आकाश को देखकर पृथ्वी आनन्दित हो जाती है। उसी प्रकार, हे मानव ! तभी मुझे आनन्दित कर दे। अगर कहीं स्वर्ग है तो उसे उतारकर जमीन पर ला दे। यदि तू जिन्दा है जिन्दगी की सफलता पर विश्वास करो।

हजार भेष घर के आई मौत ………… तू जिन्दा है तो ……………।
अर्थ-दु:ख हजारों रूप धारण कर तेरे द्वार पर आये लेकिन सभी हारकर चले गये । नई सुबह प्रतिदिन आकर तूझे नई उमर प्रदान करती आ रही है। वस्तुत: यदि स्वर्ग कहीं है तो उसे उतारकर तू जमीन पर ला दो । तू जिन्दा है तो जिन्दगी में सफलताएँ अवश्य मिलेंगी, ऐसा विश्वास करो।

हमारे कारवां को मंजिलों ………… तू जिन्दा है तो ……………..।
अर्थ-हमारे काफिला (मानव-समुदाय) को मंजिलों (लक्ष्य) का इंतजार है जो आँधियों और बिजलियों (दुःख ही दु:ख) के पीठ पर सवार होकर आगे बढ़ रहे हैं। तू भी बढ़ो और कदम-से-कदम मिलाकर अपने मंजिलों को हम-सब एक साथ प्राप्त करेंगे। अगर स्वर्ग कहीं है तो उसे उतारकर जमीन पर ला दो । यदि तू जिन्दा है तो जिन्दगी में सफलता अवश्य मिलेगी ऐसा विश्वास रखो।

कपट म पला अगन, …………. तू जिन्दा ह ता …………….।
अर्थ-जमीन के गर्भ में आग और भूकम्प दोनों पलते हैं लेकिन धरती
माँ कभी घबराती नहीं है। उसी प्रकार भूख (बेकारी-बेरोजगारी) रूपी रोग का अपना राज्य (स्वराज) भी नहीं टिक सकेंगे । विपत्तियों के सर कुचलकर हम सब एकता के सूत्र में बँधकर सदैव एक साथ चलते रहेंगे। अगर कहीं स्वर्ग है तो उसे उतारकर जमीन पर ले आओ। त जिन्दा है तो जिन्दगी में सफलता पर विश्वास करो।

बुरी है आग पेट …………….. तू जिन्दा है तो …………………।
अर्थ—-भूख और अपराध दोनों बुरे हैं। यदि ये दोनों समाप्त नहीं हुए तो एक दिन इंकलाब (विरोध की आवाज) बनेंगे । जिससे जुल्म के महल ढह जाएँगे। नये घर बनेंगे । अर्थात् शांति का माहौल बनेगा।

अगर स्वर्ग कहीं है तो अपने परिश्रम और सत्कर्म से स्वर्ग को पृथ्वी पर ला सकते हैं। हे मानव ! तू यदि जिन्दा है तो जिन्दगी में सफलता मिलेगी। इस बात पर विश्वास रखो।

गतिविधि
1. अपनी कक्षा में समूह के साथ सस्वर गायन कीजिए।

Bihar Board Class 7 English Book Solutions Chapter 6 Ivan

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BSEB Bihar Board Class 7 English Book Solutions Chapter 6 Ivan

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Bihar Board Class 7 English Ivan Text Book Questions and Answers

A. Warmer

Several people live in your neighborhood. Sometimes the situation gets tense. People quarrel on petty issues. It leads to dispute.

Bihar Board Class 7 English Book Solution Question 1.
How does it affect people in the locality ?
How is it resolved ?
Discuss these questions with you classmates.
Answer:
Quarrel leads to quarrel. It destroys the peace of the locality and the surroundings. It is resolved only by the inter. ference of some other wise people or some dominant persons.

B. Let’s Comprehend.

B. 1. Think and Tell.

Bihar Board Solution Class 7 English Question 1.
Who was Ivan ?
Answer:
Ivan was a rich farmer.

Class 7 English Bihar Board Question 2.
Where did he live ?
Answer:
He lived in a village of Russia.

Bihar Board Class 7 English Book Pdf Question 3.
Who was his neighbour ?
Answer:
Gabriel was his neighbour.

Bihar Board Class 7 English Solutions Question 4.
Who began to quarrel ?
Answer:
Gabriel, Ivan and their wives started to quarrel.

Bihar Board Class 7 English Solution Question 5.
Who reconciled them ?
Answer:
Ivan’s old father, who was wise, reconciled them.

B. 2. Think and Write.

B. 2. 1. Write’T’ for true and ‘F’ for false statements:

Bihar Board 7th Class English Book Solution Question 1.

  1. Ivan was a rich farmer. [ ]
  2. The hen laid eggs in the street. [ ]
  3. Gabriel uprooted Ivan’s beard. [ ]
  4. Anger leads to destruction. [ ]
  5. Ivan and Gabriel did not become reconciled. [ ]

Answer:

  1. True
  2. False
  3. False
  4. True
  5. False

B. 2. 2. Fill in the blanks

  1. Ivan and Gabriel were _______
  2. Ivan’s father was old and _______
  3. Ivan’s hen flew over the _______
  4. _______ went to inquires into the matter
  5. _______ started quarrelling
  6. At last, Ivan and Gabriel became _______

Answer:

  1. neighbors
  2. wise
  3. fence
  4. Ivan’s daughter-in-law
  5. Gabriel, Ivan
  6. reconciled.

B. 2. 3. Arrange the following sentences in proper order so that they make a complete story

  1. Ivan was a rich farmer from Russia.
  2. She laid an egg in Gabriel’s house.
  3. Ivan uprooted Garbriel’s beard.
  4. Gabriel was his neighbour.
  5. One day Ivan’s hen flew across the fence.
  6. Ivan, Gabriel and their wives began to quarrel.
  7. Ivan and Gabriel became reconciled.
  8. Ivan’s father pacified Ivan and his neighbour.
  9. Gabriel went to court.

Answer:

  1. Ivan was a rich farmer from Russia.
  2. She laid an egg in Gabriel’s house.
  3. Ivan uprooted Gabriel’s beard.
  4. Gabriel was his neighbour.
  5. One day Ivan’s hen flew across the fence.
  6. Ivan. Gabriel and their wives began to quarrel.
  7. Ivan and Gabriel became reconciled.
  8. Ivan’s father pacified Ivan and his neighbour.
  9. Gabriel went to court.

B. 2. 4. Answer the following questions in not more than 50 words.

Bihar Board Class 7 English Solution In Hindi Question 1.
“In anger you don’t know what you are saying and . doing”. Do you agree with the statement ? How does anger lead to destruction ?
Answer:
Yes, I agree with the statement. In anger, people don’t know what they are saying and doing. In the following chapter, we saw that the good-lived peaceful neighbors Ivan and Gabriel fought badly along with their family members over an egg which costed very little. But they had to pay huge amount in the court’s prolonged bearing. Anger leads to destruction and leads to nowhere. So, we should leave anger aside.

Class 7 Bihar Board English Solution Question 2.
What type of man, in your opinion, was Ivan’s father ? What did he do to pacify Ivan and his neighbor?
Answer:
In my opinion, Ivan’s father was a wise person. He was cool headed. He pacified Ivan and his neighbor Gabriel by making them understand that hatred leads to hatred. They had paid a lot for an. egg and now they should leave their quarrel aside. His advice worked and both neighbors lived happily since then.

Bihar Board Class 7th English Solution Question 3.
If you were Ivan’s neighbor, what would you do to solve this quarrel ?
Answer:
Being Ivan’s neighbor I would let them understand that hatred leads to hatred. They had paid a lot for a mean thing, an egg. So, they should leave their quarrel aside and live in peace once again.

C. Word study

C. 1. Correct the following words to make them meaningful.

Bihar Board Class 7 English Question 1.
(peice, forgate, uprated, fance, distraction.)
Answer:

  1. peice = piece
  2. forgate = forget.
  3. uprated = uprooted
  4. fance = fence
  5. distraction = destruction.

C. 2. Match the words in ‘A’ with their meaning in ‘B’.

Bihar Board Class 7 English Book Question 1.

AB
farmerhard working
laboriouspeasant
rudelydispute
quarrelpardon
forgiveharshly

Answer:

AB
farmerpeasant
laborioushard working
rudelyharshly
quarreldispute
forgivepardon

C .3. Find the sentences in which the following words have been used in the lesson. Then use these words in you own sentences.

Farmer And His Four Sons Story In Hindi Question 1.
(neighbour, comfortable, hatred, wisdom, advice.
Answer:

  1. neighbour = we should love our neighbours.
  2. comfortable = Ivan and Gabriel lived a comfort-able life. .
  3. hatred = Hatred leads to hatred.
  4. wisdom = His wisdom was praised by one and all.
  5. advice = one should follow good advice.

D. Grammar

Clauses:
Look at the following sentences:

(a) Ivan was a farmer who lived in a village in Russia.
(b) He had three sons who were laborious.
(c) You lose your patience and wisdom.

All the three sentences given above have two separate sentence structures. Sentence (a) consists of ‘Ivan was a farmer’ and ‘who lived in a village in Russia’. The second part is dependent on the first. Similarly, sentence (b) consists of’He had three sons’ and ‘who were laborious’. The second is again dependent on the first, Sentence (c) also has two separate sen-tence structures : ‘You lose your patience’ and (you lose your) wisdom’.

Both these structures are independent. Sentences (a) and (b), therefore, consists of a principal clause and a subordi-nate clause. A principal clause is that which has independent identity whereas a subordinate clause depends on the principal clause. Sentence ‘C’ consists of two independent clauses- one of them is principal clause and another is co-ordinate clause. Here, ‘You lose your patience’ is the principal clause. Now, read the sentences given below and identify principal clause, subordinate clause and co-ordinate clauses.

  1. I don’t know where, she lives.
  2. An old man had four sons who were lazy.
  3. Ramu was poor but honest.
  4. I can’t forget you as long as I live.
  5. He is handsome and laborious.

Answer:

  1. don’t know – principal clause.Where – Co-ordinate clause. Where she lives – subordinate clause,
  2. An old man had four sons – principal clause who – co-ordinate clause.’who were lazy – subordinate clause.
  3. Ramu was poor – principal clause but-co-ordinate clause but (Ramu was) honest – subordinate clause.
  4. I can’t forget you – principal clause as long as – co-ordinate clause.
  5. He is handsome – principal clause and-co-ordinate clause and (He is) laborious – subordinate clause.

E. Let’s Talk

E. 1. Discuss the following in small groups and then with the whole class.

Class 7 English Book Bihar Board Question 1.
(a) Hatred breeds hatred.
(b) Anger leads to destruction.
Answer:
(a) Hatred breeds hatred: Hatred is a very bad thing. It leads to hatred, anger and destruction. We have seen in our history that many countries fought with other countries only due to hatred of race and colour. And the war took none anywhere but it lead to all over destruction, killing lakhs of people and injuring crores Of people. So, hatred breeds only hatred and it should be aban-doned.

(b) Anger leads to destruction: Anger is too bad. An angry person loses his head. He has no control over self. He can’t judge between good and bad. Anger destroys his peace of mind. In anger, he can even commit Crime which can destroy his further life. Many quarrels and wars have been started due to anger and it leaded to major destruction. So, people should think over a dispute cool headed and leave anger aside. Anger is our worst enemy and we should control it

F. Composition

Class 7 English Book  Question 1.
Write a paragraph on any one of the topics listed in E.1 . for discussion in 60-80 words.
Answer:
Anger leads to destruction:
Anger is too bad. An angry person loses his head. He has no control over self. He can’t judge between good and bad. Anger destroys his peace of mind. In anger, he can even commit Crime which can destroy his further life. Many quarrels and wars have been started due to anger and it leaded to major destruction. So, people should think over a dispute cool headed and leave anger aside. Anger is our worst enemy and we should control it

G. Translation

Translate the following paragraph in Hindi your mother tongue:

Question 1.
Ivan had some hens. One day a hen flew across the fence. She laid an egg in Gabriel’s house. Ivan’s daughter-in-law went to his house to inquire into the matter. Gabriel’s mother replied rudely. It led to a quarrel. Soon, Ivan, GabrieFand their wives started quarrelling. Their neighbours had to intervene to pacify them.
Answer:
इवान के पास कुछ मुर्गियाँ थीं । एक दिन एक मुर्गी बाड़े के उस पार उड़ गयी । उसने गैब्रियल के घर में एक अंडा दिया। इवान की बहू उसके घर मामले की पूछताछ करने गयी। गैब्रियल की माँ ने रूखा जवाब दिया । इससे झगड़ा बढ़ गया । शीघ्र ही, इवान, गैब्रियल और उनकी पत्नियाँ आपस में लड़ने लगीं। उनके पड़ोसियों को झगड़ा शांत कराने के लिए बीच में आना पड़ा।

H. Activity

Language Game

Write a word in are notebook. Write another word with the last letter of that word. Write as many words as you can.
Ex. work → kite → eat → toy →

Complete this activity by writing at least twenty words.
Answer:
Man → Nose → Egg → Gun → Near → Run → Nun → Naughty → Year → Road → Done → Elephant → Tiger → Ransom → Mother → Ride → Era → Angry → Yellow → Water → Right → Tight.

Ivan Summary in English

Ivan was a rich farmer. He lived in Russia. Gabriel was his neighbour. One day Ivan’s one of the hens flew across the fence and laid an egg in Gabriel’s house. Ivan’s daughter-in- law went to inquire to the Gabriel’s house for the egg. Gabriel’s mother replied her rudely. A strong quarrel started on this issue between both the neighbours. Both of the neighbours went to the court. The hearing prolonged which made both of. them financially mined. Ivan’s old father was a wise person.

He convinced both Ivan and Gabriel to forget their quarrel. He told them that haired leads to destruction. So, they should leave their hatred. His advice worked. Then both the neighbors left their hatred and began to live in peace. Since, then, they lived happily and without any quarrel.

Ivan Summary in Hindi

 इवान एक अमीर किसान था। वह रूस देश में रहता था। गैब्रियल : उसका पड़ोसी था। एक दिन इवान की एक मुर्गी उसके बाड़े के उस पार उड़ गई। उसने गैब्रियल के घर में जाकर एक अंडा दे दिया। इवान की बहू उस अंडे के बारे में पूछताछ करने के लिए गैब्रियल के घर में गयी । गैब्रियल की माँ ने उसे बड़े कठोर शब्दों में रूखा उत्तर दे दिया। इसी बात पर दोनों पड़ोसियों के बीच झगड़ा बढ़ गया। वे दोनों ही अदालत पहुँच गये। अदालत में बहस लम्बी चली। दोनों पड़ोसी आर्थिक रूप से तबाह हो गये ।

इवान के पिता बूढ़े और बुद्धिमान थे। उन्होंने इवान और गैब्रियल दोनों को अपने पास बुलाकर समझाया कि नफरत लोगों को तबाह कर देता है। उन्होंने दोनों को प्यार से समझाया कि नफरत तो नफरत को ही बढ़ावा देती है और इसका अंत विनाश छोडकर और कुछ नहीं होता। अत: नफरत को छोड़ देना ही उचित है। “एक अंडे की कीमत ही क्या होती है ? और देखो झगड़े ने तुम दोनों को कितना बड़ा नुकसान दे दिया।” बात दोनों को समझ में आ गयी। अब वे फिर से शांतिपूर्वक और प्रेम से रहने लगे।

Ivan Glossary

Sick [सिक = बीमार | Fence [फेन्स) = घेरा, चहारदीवारी । Inquire [एन्क्वायर] = पूछना, Pacify [पैसिफाई] = शांत करना । Uproot [अपरूट] = उखाड़ना । Hatred हैट्रेड] = घृणा, नफरत । Rudely [यूडली) = रूखाई से। Forgive [फॉरगिव] = क्षमा करना । Tense |टेन्स] = , तनाव-भरा । Quarrel [क्वैरेल] = झगड़ा, लड़ाई। Neighbourhood

[नेवरहुड] = पड़ोस । Situation [सिचुएशन] = स्थिति । Issues [इश्यूज] = मुद्दे, बातें । Leads [लीड्स] = बढ़ाता है। Arrect [अफेक्ट] = असर/प्रभाव – डालता है। Locality [लोकलिटि] = क्षेत्र । Resolved [रिजॉल्वड) = सुलझ

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