Bihar Board Class 8 Social Science Geography Solutions Chapter 7 भौगोलिक आँकड़ों का प्रस्तुतिकरण

Bihar Board Class 8 Social Science Solutions Geography Hamari Duniya Bhag 3 Chapter 7 भौगोलिक आँकड़ों का प्रस्तुतिकरण Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 8 Social Science Geography Solutions Chapter 7 भौगोलिक आँकड़ों का प्रस्तुतिकरण

Bihar Board Class 8 Social Science भौगोलिक आँकड़ों का प्रस्तुतिकरण Text Book Questions and Answers

अभ्यास-प्रश्न

I. बहुवैकल्पिक प्रश्न

सही विकल्प को चुनें।

प्रश्न 1.
किस आरेख का दूसरा नाम चक्र आरेख है ?
(क) रेखीय ग्राफ
(ख) वृत्त आरेख
(ग) दंड आरेख
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ख) वृत्त आरेख

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प्रश्न 2.
आरेखों का चयन किस बात पर निर्भर करता है ?
(क) आँकड़ों की प्रकृति पर
(ख) आँकड़ों के गणितीय स्वरूप पर
(ग) आँकड़ों की लम्बाई पर
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर-
(क) आँकड़ों की प्रकृति पर

प्रश्न 3.
वक्र रेखा द्वारा दिखाया गया आरेख कहलाता है
(क) वक्र आरेख
(ख) दंड आरेख
(ग) रेखीय आरेख
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर-
(ग) रेखीय आरेख

प्रश्न 4.
X-Y अक्ष के अंतर्गत Y अक्ष पर किस प्रकार के आँकड़ों को दिखाया जाता है ?
(क) स्वतंत्र आँकड़ा
(ख) निर्भर करने वाला आँकड़ा
(ग) इनमें से कोई भी
(घ) सभी गलत हैं
उत्तर-
(ख) निर्भर करने वाला आँकड़ा

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प्रश्न 5.
एक वृत्त का कुल मान कितना होता है ?
(क) 90°
(ख) 180°
(ग) 360°
(घ) 0″
उत्तर-
(ग) 360°

II. खाली जगहों को उपयुक्त शब्दों से भरें

  1. आरेख बनाने के पहले उपयुक्त ………. का चयन करते हैं।
  2. दंड आरेख के आँकड़ों को ………. द्वारा दिखाया जाता है।
  3. अक्ष पर मापनी ………… से आरम्भ किया जाता है।
  4. सभी दंडों को एक ही ………… पर बनाया जाता है।
  5. आँकड़े ……….. प्रकार के होते हैं।

उत्तर-

  1. शीर्षक
  2. दंडों या आयतों के
  3. शून्य
  4. आधार रेखा
  5. तीन ।

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें (अधिकतम 50 शब्दों में)

प्रश्न 1.
आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण से क्या समझते हैं ?
उत्तर-
प्राप्त सूचनाओं व जानकारी का अंकों के रूप में परिवर्तन आँकड़ा कहलाता है। जब इन आँकड़ों को तालिका व चित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है तब उसे आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण कहा जाता है । आँकड़ों के आधार पर आरेखों का चयन कर ही आँकड़ों का सही प्रस्तुतीकरण किया जा सकता है।

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प्रश्न 2.
रैखिक आरेख किसे कहा जाता है ?
उत्तर-
जिस आरेख में आँकड़ों को एक रेखा द्वारा दिखाया जाता है, रैखिक आरेख कहा जाता है । इसके द्वारा भौगोलिक तत्वों यथा-वर्षा, तापमान, आर्द्रता, जनसंख्या वृद्धि, जन्मदर, मृत्युदर, उत्पादन इत्यादि को आसानी से प्रदर्शित किया जा सकता है।

प्रश्न 3.
वृत्त आरेख क्या है ?
उत्तर-
जब आँकड़ों के समूह के विभिन्न इकाइयों के हिस्से को प्रदर्शित करना हो तो इसके इसलिए वृत्त आरेख का उपयोग किया जाता है। इसमें वृत्त समस्त मात्राओं के योग का परिचायक होता है तथा वृत्त को डिग्री के आधार पर विभिन्न खंडों में बाँटकर प्रभावित मात्राओं को प्रतिशत में दिखाया जाता है, तब ऐसे चित्रण को वृत्त आरेख कहते हैं।

IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें

प्रश्न 1.
दिये गये आँकड़े को दंड आरेख से दिखाइए

भारत में वर्षवार जन्म दर
Bihar Board Class 8 Social Science Geography Solutions Chapter 7 भौगोलिक आँकड़ों का प्रस्तुतिकरण 1
उत्तर-
छात्र स्वयं आरेख खींचे।

Bihar Board Class 8 Social Science Civics Solutions Chapter 3 संसदीय सरकार (लोग व उनके प्रतिनिधि)

Bihar Board Class 8 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 3 Chapter 3 संसदीय सरकार (लोग व उनके प्रतिनिधि) Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 8 Social Science Civics Solutions Chapter 3 संसदीय सरकार (लोग व उनके प्रतिनिधि)

Bihar Board Class 8 Social Science संसदीय सरकार (लोग व उनके प्रतिनिधि) Text Book Questions and Answers

पाठगत प्रश्नोत्तर

सही विकल्प चुनें-

प्रश्न 1.
प्रतिनिधि का अर्थ
अ-लोगों द्वारा किसी क्षेत्र से चुना गया व्यक्ति
ब-सरकार द्वारा किसी क्षेत्र से चुना गया व्यक्ति
स-उस क्षेत्र का जाना-माना व्यक्ति ।
उत्तर-
अ-लोगों द्वारा किसी क्षेत्र से चुना गया व्यक्ति ।

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प्रश्न 2.
राज्य विधान सभा के लिए चुने गये व्यक्ति को क्या कहते हैं ?
अ-वार्ड पंच
ब-थानेदार
स-विधायक
उत्तर-
स-विधायक।

प्रश्न 3.
संसदीय सरकार में आम लोगों की भागीदारी किस तरह से होती है ?
उत्तर-
आम लोग अपने मत का प्रयोग कर संसद सदस्य के रूप में अपने प्रतिनिधियों को चुनते हैं। इस प्रकार संसदीय सरकार में आम लोगों की अप्रत्यक्ष रूप से भागीदारी होती है।

प्रश्न 4.
प्रतिनिधियों को आम लोगों के साथ सीधा संपर्क रखना क्यों जरूरी होता है ?
उत्तर-
प्रतिनिधियों को आम लोग ही अपने मत का प्रयोग कर चुनते हैं ताकि वे उनकी समस्याओं को हल कर सकें । इसलिए प्रतिनिधियों को आम लोगों के साथ सीधा संपर्क रखना जरूरी होता है ताकि वे अच्छा काम करेंगे . तो लोग अगली बार भी उन्हें सरकार में शामिल होने का मौका देंगे।

प्रश्न 5.
प्रतिनिधियों का चुनाव निश्चित समय के लिए ही क्यों किया जाता
उत्तर-
ताकि वे निरंकुश न बन जाएँ। अगले चुनाव में जीतने के लिए वे उचित काम करें।

प्रश्न 6.
क्या आम लोगों की भागीदारी प्रतिनिधियों के चुनाव तक ही सीमित होती है?
उत्तर-
सिद्धांत रूप में तो ऐसा नहीं है, पर व्यावहारिकता में तो ऐसी ही तस्वीर सामने आती है।

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प्रश्न 7.
प्रतिनिधि चुनाव क्यों जरूरी है ? शिक्षक के साथ चर्चा कीजिए।
उत्तर-
सारी जनता तो सरकार में शामिल हो नहीं सकती। इसलिए जनता की ओर से प्रतिनिधि चुने जाते हैं जो सरकार बना चलाकर जनता के हितों में काम करते हैं। अतः प्रतिनिधि चुनाव जरूरी है।

प्रश्न 8.
बिहार के प्रमुख शहरों के चुनाव क्षेत्रों को पहचानकर उसके निर्वाचित प्रतिनिधियों के नाम बताइए।
उत्तर-
अपने शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 9.
आपके सांसद का क्या नाम है ? वे किस निर्वाचन क्षेत्र में चुने गए हैं ?
उत्तर-
मेरे सांसद का नाम शत्रुघ्न सिन्हा है जो पूर्वी पटना निर्वाचन क्षेत्र से चुने गये हैं।

प्रश्न 10.
नक्शे को अलग-अलग रंगों से दिखाने का प्रयास क्यों किया गया है?
उत्तर-
अलग-अलग क्षेत्रों की पहचान के लिए।

प्रश्न 11.
बिहार के मुख्य राजनैतिक दलों के नाम पता कीजिए।
उत्तर-
जनता दल (यूनाइटेड), भारतीय जनता पार्टी, काँग्रेस, राजद, लोजपा।

प्रश्न 12.
किसी भी राजनैतिक दल को आसानी से कैसे पहचाना जा सकता
उत्तर-
उसके चुनाव चिह्न से।

प्रश्न 13.
राजनैतिक दलों का मुख्य काम क्या होता है ?
उत्तर-
राजनैतिक दलों का मुख्य काम सरकार बनाना और अपनी जनता की समस्याओं का समाधान करना है।

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प्रश्न 14.
शिक्षिका की मदद से पता कीजिए कि भारत में राष्ट्रपति का निर्वाचन किस प्रकार होता है?
उत्तर-
राष्ट्रपति का निर्वाचन जनता के द्वारा चुने गये प्रतिनिधियों के द्वारा होता है। विशेष जानकारी के लिए अपने शिक्षक के संग स्वयं चर्चा करें।

प्रश्न 15.
आठवीं लोकसभा चुनावों में किस राजनैतिक दल को सबसे अधिक सीटें प्राप्त हुई ?
उत्तर-
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को आठवीं लोकसभा चुनावों में सर्वाधिक 404 सीटें प्राप्त हुई।

प्रश्न 16.
किस दल को सबसे कम सीटें प्राप्त हुई ?
उत्तर-
आठवीं लोकसभा में, राष्ट्रीय दल में सबसे कम सीटें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) को प्राप्त हुई। इन्हें मात्र 02 सीटें प्राप्त हई।

प्रश्न 17.
तेरहवीं लोकसभा चुनाव में कौन-सा दल सबसे बड़े दल के रूप में उभरकर सामने आया?
उत्तर-
तेरहवीं लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 182 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरकर सामने आया।

प्रश्न 18.
सबसे बड़ा दल होते हुए भी वह पार्टी अकेले सरकार क्यों नहीं बना सकी?
उत्तर-
उसके पास बहुमत के लिए जरूरी 272 सीटें नहीं थीं।

प्रश्न 19.
जो गठबंधन सरकार बनाई गई, उस गठबंधन का क्या नाम था ?
उत्तर-
एन. डी. ए.।

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प्रश्न 20.
आपकी समझ में क्या बहुमत को सरकार बनाने का आधार रखना चाहिए? कारण सहित समझाइए।
उत्तर-
हाँ, बहमत को सरकार बनाने का आधार रखना चाहिए। संसद में, सभी जनता के प्रतिनिधि होते हैं तो सब समान होते हैं. फिर तो उनमें जो बहुमत में होगा वही सही मायने में जनता का प्रतिनिधित्व करेगा और उसी को सरकार बनाने का अधिकार होना चाहिए।

प्रश्न 21.
क्या इस तरह के गठबंधन से बनी सरकार शक्तिशाली सरकार हो सकती है ? कारण सहित समझाइए।
उत्तर-
यदि गठबंधन के दलों में समझदारी भरा तालमेल होगा और देश के प्रति उनकी ईमानदारीपूर्ण निष्ठा होगी तभी गठबंधन की सरकार शक्तिशाली होगी। अन्यथा गठबंधन के दल लड़ते रहेंगे और अपनी सरकार के लिए परेशानी खड़ा कर लेंगे।

प्रश्न 22.
राष्ट्रपति किस व्यक्ति को प्रधानमंत्री नियुक्त करते हैं ?
उत्तर-
राष्ट्रपति बहुमत प्राप्त दल या सबसे बड़े दल के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करते हैं।

प्रश्न 23.
क्या प्रधानमंत्री अपनी मर्जी से अपने मंत्रिपरिषद में सहयोगियों को ले सकते हैं ? शिक्षिका की मदद से चर्चा कीजिए।
उत्तर-
हकीकत में तो ऐसा ही होता है बस नाम के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रपति से सलाह लेकर अपने मंत्रिपरिषद् के सहयोगियों का चयन करते हैं। राष्ट्रपति को तो बस, प्रधानमंत्री के निर्णयों पर अपना मुहर भर लगा देना होता है । संसद में प्रधानमंत्री ही सर्वशक्तिमान होता है।

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प्रश्न 24.
यदि आपको अपने इलाके के बारे में प्रश्न पूछना होता तो आप अपने सांसद से क्या प्रश्न पूछते?
उत्तर-
मैं प्रश्न पूछता कि महँगाई को वे लोग नियंत्रित क्यों नहीं कर रहे हैं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शिक्षक हासिल करने के लिए वे क्या कर रहे हैं।

प्रश्न 25.
इस अविश्वास प्रस्ताव वाले नियम के पीछे क्या कारण हो सकता है ? आपस में चर्चा कीजिए।
उत्तर-
मंत्रिपरिषद् निरंकुश न हो जाए इसलिए अविश्वास प्रस्ताव का नियम बनाया गया है। ताकि बाकी विपक्ष द्वारा इस नियम के तहत सरकार गिरा देने के खतरे की तलवार मंत्रिपरिषद् पर लटकती है और वह बेलगाम न हो पाए।

अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1.
हमारे यहाँ 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को वोट देने का अधिकार है। आपकी समझ से क्या यह ठीक है ?
उत्तर-
हाँ, यह ठीक है क्योंकि 18 वर्ष के युवा में इतनी परिपक्वता आ जाती है कि वे अपने मत का प्रयोग कर सकें।

प्रश्न 2.
लोक सभा जनभावनाओं और जनता की अपेक्षाओं की अभिव्यक्ति का मंच है। क्या आप इस वाक्य से सहमत हैं ? कारण सहित समझाइए।
उत्तर-
हाँ, मैं उपरोक्त वाक्य से पूर्णतः सहमत हूँ। लोक सभा में जनता द्वारा चुने गये प्रतिनिधि जाते हैं। लोगों को अपने-अपने जनप्रतिनिधियों से काफी अपेक्षाएँ रहती हैं। वे उनसे अपनी हर समस्या का समाधान हकपूर्वक चाहते हैं। अतः लोक सभा जनभावनाओं और जनता की अपेक्षाओं की अभिव्यक्ति का मंच है।

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प्रश्न 3.
लोकतांत्रिक शासन में आम लोगों की भागीदारी किस प्रकार से होती है ? एक उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर-
आम लोग अपने मत का प्रयोग कर संसद और विधान सभा में प्रतिनिधियों को भेजते हैं। यही प्रतिनिधि जनता के हित में शासन का कार्य करते हैं। अतः लोकतांत्रिक शासन में आम लोगों की भागीदारी अप्रत्यक्ष रूप से होती है।

प्रश्न 4.
केन्द्र में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या दलों की गठबंधन के पास होने वाले आवश्यक बहुमत का क्या अर्थ है ? एक उदाहरण देकर समझाइये।
उत्तर-
भारत में किसी भी दल को संसद में सरकार बनाने के लिए 543 कुल सीटों में से कम से कम 272 सीटों की आवश्यकता होती है। अतः संसद में सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत का अर्थ है कुल 272 सीटें कम-से-कम प्राप्त करना – किसी एक दल को अथवा गठबंधन के दल को।

प्रश्न 5.
संसद मंत्रिपरिषद् पर किन-किन तरीकों से नियंत्रण करती है ? इनमें से आपको कौन-सा तरीका सबसे असरदार लगता है और क्यों ?
उत्तर-
संसद मंत्रिपरिषद् पर इन तरीकों से नियंत्रण करती है

  1. प्रश्नकाल के दौरान प्रश्न पूछना ।
  2. सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों की आलोचना करना ।
  3. सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करना ।

मुझे इनमें से अविश्वास प्रस्ताव लाने का तरीका सबसे असरदार लगता है।

प्रश्न 6.
संसद के मुख्य कार्य कौन-कौन से हैं। अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
संसद के मुख्य कार्य निम्न हैं

  1. विधायी कामकाज – संसद का काम पूरे देश या देश के किसी भू-भाग के लिए कानून का निर्माण करना है। ।
  2. वित्तीय कार्य-सरकार के कार्य कई होते हैं जिनके लिए बहुत धन की जरूरत होती है। संसद अपनी वित्तीय शक्तियों के द्वारा सरकार के कार्यों के लिए धन उपलब्ध कराती है। सरकार को खर्च की गई राशि तथा प्रस्तावित आय का हिसाब-किताब संसद को देना होता है।
  3. सरकार को नियंत्रित करना, मार्गदर्शन और जानकारी देनासंसद का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य सरकार को नियंत्रित करना है। संसद सरकार को मार्गदर्शन देने का कार्य भी करती है। संसद में जनता के द्वारा चुने गये प्रतिनिधि लोगों की ओर से कार्य करते हैं इसलिए मंत्रिपरिषद् संसद के प्रति उत्तरदायी होती है।

Bihar Board Class 8 Social Science Civics Solutions Chapter 3 संसदीय सरकार (लोग व उनके प्रतिनिधि)

प्रश्न 7.
नीचे दी गयी तालिका को अध्याय में दी गयी जानकारी के आधार पर भरिये।
Bihar Board Class 8 Social Science Civics Solutions Chapter 3 संसदीय सरकार (लोग व उनके प्रतिनिधि) 1
उत्तर-
Bihar Board Class 8 Social Science Civics Solutions Chapter 3 संसदीय सरकार (लोग व उनके प्रतिनिधि) 2

Bihar Board Class 8 Social Science Geography Solutions Chapter 6 एशिया

Bihar Board Class 8 Social Science Solutions Geography Hamari Duniya Bhag 3 Chapter 6 एशिया Text Book Questions and Answers, Notes.

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Bihar Board Class 8 Social Science एशिया Text Book Questions and Answers

अभ्यास-प्रश्न

I. बहुवैकल्पिक प्रश्न 

प्रश्न (i)
एशिया के पूरब में है
(क) प्रशांत महासागर
(ख) यूरोप
(ग) हिंद महासागर
(घ) लाल सागर
उत्तर-
(क) प्रशांत महासागर

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प्रश्न (ii)
संसार की छत कहलाती है
(क) तिब्बत का पठार
(ख) माउंट एवरेस्ट
(ग) पामीर का पठार
(घ) यूराल पर्वतमाला
उत्तर-
(क) तिब्बत का पठार

प्रश्न (iii)
एशिया के दक्षिणी भाग की जलवायु है
(क) शीतोष्ण
(ख) उष्ण
(ग) मरुस्थलीय
(घ) विषुवतरेखीय
उत्तर-
(क) शीतोष्ण

प्रश्न (iv)
सर्वाधिक मुस्लिम आबादी वाला देश है
(क) ब्रुनेई
(ख) ईरान
(ग) कम्बोडिया
(घ) इंडोनेशिया
उत्तर-
(ख) ईरान

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प्रश्न (v)
हांगहो नदी घाटी सभ्यता विकसित हुई
(क) चीन में
(ख) भारत में
(ग) ईरान-इराक में
(घ) मिस्र में
उत्तर-
(क) चीन में

II. सही मिलान करें

  1. रेडियर – फिलीपीन
  2. कोणधारी वृक्ष – क्यूराइल
  3. ठंडी जलधारा – टुंड्रा प्रदेश
  4. त्योहारों का देश – उत्तर एशिया
  5. घास का मैदान – टैगा
  6. साइबेरिया – स्टेपी

उत्तर

  1. रेडियर – टुंड्रा प्रदेश
  2. कोणधारी वृक्ष – टैगा
  3. ठंडी जलधारा – क्यूराइल
  4. त्योहारों का देश – फिलीपीन
  5. घास का मैदान – स्टेपी
  6. साइबेरिया – उत्तर एशिया

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें (अधिकतम 50 शब्दों में)

प्रश्न 1.
एशिया महादेश की चौहद्दी बताएँ।
उत्तर-
एशिया के पूरब में प्रशांत महासागर, पश्चिम में यूरोप और अफ्रीका महादेश तथा दक्षिण में हिन्द महासागर और उत्तर में आर्कटिक महासागर है।

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प्रश्न 2.
एशिया को यूरोप से अलग करने वाले प्राकृतिक कारकों के नाम लिखें।
उत्तर-
एशिया को यूरोप से अलग करने वाले प्राकृतिक कारक हैं डारडानेलिस जलसंधि, बास्पोरस जलसंधि, मारमारा सागर, काला सागर, कैस्पियन सागर, यूराल नदी ।

प्रश्न 3.
सभ्यताओं का पलना’ एशिया को क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
दजला-फुरात नदी घाटी में मेसोपोटामिया की सभ्यता (इराक), सिंधुघाटी की सभ्यता (भारत, पाकिस्तान), हांगहो नदी घाटी सभ्यता (चीन), ये सभी एशिया महादेश में ही विकसित हुए । इतनी सारी सभ्यताओं का एक महादेश में उत्थान और पतन एक अभूतपूर्व घटना है इसलिए एशिया को “सभ्यताओं का पलना’ कहा जाता है।

प्रश्न 4.
एशिया महादेश में कृषि निर्वहन का प्रमुख साधन है । कैसे ?
उत्तर-
एशिया महादेश में कृषि निर्वहन का प्रमुख साधन है। क्योंकि यहाँ कृषक समाज ने परम्परागत कृषि और आधुनिक कृषि के तरीकों को समन्वित रूप से अपनाया है। धान यहाँ की प्रमुख फसल है।

IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें। (अधिकतम 200 शब्दों में)

प्रश्न 1.
एशिया विविधताओं से भरा प्रदेश है । कैसे ?
उत्तर-
एशिया महादेश की जलवायु में काफी विविधता है। इसी महादेश में सर्वाधिक ठंडा प्रदेश और सर्वाधिक गर्म प्रदेश तो पड़ता ही है। सबसे आई और सबसे शुष्क क्षेत्र भी पाये जाते हैं । इस महादेश का अक्षांशीय एवं देशांतरीय विस्तार बहुत अधिक है। समद्र तट से स्थलीय भाग की दुरी काफी है। इसलिए महाद्वीपता की स्थिति पाई जाती है । एशिया के उत्तरी भाग की जलवायु अत्यंत ठंडी है। रूस में स्थित बँरखोयासक का तापमान तो 90° तक पहुँच जाता है।

सबसे गर्म प्रदेश मित्रावा, कुवैत एशिया में ही है, लेकिन दक्षिणी क्षेत्र की जलवायु खुशनुमा है। यहाँ अधिकांशतः गर्मी का मौसम रहता है। दक्षिण-पूर्व एशिया में मानसूनी जलवायु पायी जाती है। जबकि दक्षिण में भूमध्य रेखा के समीप विषुवतीय जलवायु पायी जाती है । सितम्बर में यहाँ भीषण तूफान चलते हैं, जिसे ‘टायफून’ कहते हैं।

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प्रश्न 2.
एशिया महादेश की आबादी विशाल है । क्यों ?
उत्तर-
एशिया महादेश में सर्वाधिक जनसंख्या पाये जाने के कारण ही इसे ‘मानव का घर’ (Home of man) कहा जाता है । जीवन प्रत्याशा भी एशिया महादेश के जापान में सबसे अधिक पायी जाती है। इस महादेश में विश्व की सर्वाधिक आबादी रहती है। पृथ्वी के स्थल भाग का लगभग 30% हिस्से पर एशिया महादेश का विस्तार है। विश्व की आबादी की 60% जनसंख्या यहाँ रहती है।

प्रश्न 3.
एशिया की सांस्कृतिक प्रदेशों के बारे में लिखिए।
उत्तर-
विभिन्न धर्मावलंबी दर्शन और सम्प्रदाय यहाँ की संस्कृति की विशेषता है। विश्व के सभी धर्मों की उत्पत्ति इसी महादेश की धरती से हुई है। हिन्दू-मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध मतावलंबियों की प्रमुखता, विश्व की प्राचीन सभ्यताओं का विकास इसी महादेश की नदी-घाटियों में हुआ है। दजला-फुरात नदी घाटी में मेसोपोटामिया की सभ्यता (इराक), सिंधु घाटी की सभ्यता (भारत, पाकिस्तान), हांगहो नदी घाटी सभ्यता (चीन) ये सभी एशिया महादेश में ही विकसित हुए । इतनी सारी सभ्यताओं का एक महादेश में उत्थान

और पतन एक अभूतपूर्व घटना है इसलिए तो एशिया महादेश को सभ्यताओं का पलना कहा जाता है । इस महादेश को कई सांस्कृतिक प्रदेशों में बाँटा गया

Bihar Board Class 8 Social Science Geography Solutions Chapter 6 एशिया

प्रश्न 3.
एशिया के महत्त्वपूर्ण देशों की विशेषता लिखिए।
उत्तर-
एशिया के महत्त्वपूर्ण देशों की विशेषता :

(i) पूर्वी एशिया-इसके अंतर्गत, चीन, जापान, उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया जैसे महत्वपूर्ण देश हैं । ऐतिहासिक रूप से इस सम्पूर्ण इलाके में चीन का प्रभाव रहा है। यहाँ बौद्ध धर्म और ताओवाद की प्रभुता है।

(ii) दक्षिण एशिया इस क्षेत्र के प्रमुख देश भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान एवं श्रीलंका है। यहाँ लोगों के वेशभूषा एवं खान-पान में भी अन्तर देखा जाता है।

(iii) दक्षिण-पूर्वी एशिया-इसके अंतर्गत म्यांमार, फिलीपीन, थाइलैंड, लाओस, कंपूचिया, मलेशिया, सिंगापुर, पूर्वी तिमूर, ब्रूनेई और इंडोनेशिया आता है। दक्षिण-पूर्वी एशिया से यह प्रदेश इस्लाम और इसाई धर्म से बहुत अधिक प्रभावित है।

(iv) पश्चिम एशिया यह क्षेत्र इस्लाम, ईसाई, जूडिज्म का ऐतिहासिक जन्म स्थल रहा है। यहाँ का खाना विविध और गरिष्ठ है । यहाँ का साहित्य भी बहुत धनी है।

(v) मध्य एशिया-इस प्रदेश में मुख्यत: पहले के सोवियत समाजवादी गणराज्य के पाँच प्रदेश सम्मिलित हैं कजाकिस्तान, खिराजिस्तान, ताजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और तर्कमेनिस्तान । मध्य एशिया का ऐतिहासिक महत्त्व सिल्क
रूट के कारण बढ़ जाता है।

उत्तर एशिया – यह साइबेरिया का भौगोलिक क्षेत्र है। यहाँ प्रतिकूल स्थिति के कारण जनसंख्या विरल है। ट्रांस-साइबेरियन रेलवे और खनन कार्यों से यहाँ पर आधुनिक जीवन-शैली का प्रभाव पड़ा है।

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 6 The Accidental Tourist

Bihar Board 9th English Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 10th English Reader Objective Answers Chapter 6 The Accidental Tourist

Question 1.
“The Accidental Tourist” has been written by
(a) Ruskin Bond
(b)Najmul Hasan
(c) U.R.A. murti
(d) Bill Bryson
Answer:
(d) Bill Bryson

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 6 The Accidental Tourist

Question 2.
The writer remembered that he had put the card in the
(a) box
(b) purse
(c) carry-on bag
(d) pocket
Answer:
(c) carry-on bag

Question 3.
The writer had recently joined British Airways frequent flyer
(a) scheme
(b) programme
(c) duty
(d) work
Answer:
(b) programme

Question 4.
The writer is easily
(a) made up his mind
(b) aware
(c) confused
(d) None of these
Answer:
(c) confused

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 6 The Accidental Tourist

Question 5.
At Logan Airport in Bostom the writer tried hard to open the bag through the
(a) zip
(b) belt
(c) buttons
(d) none of these
Answer:
(a) zip

Question 6.
But the card was hanging around the writer’s
(a) arm
(b) waist
(c) pocket
(d) neck
Answer:
(d) neck

Question 7.
The author had gashed his finger on the zip and was shedding blood in a
(a) Lavish manner
(b) full speed
(c) flow
(d) none of these
Answer:
(a) Lavish manner

Question 8.
The writer cut his finger while opening the bag and cried out
(a) cut my finger
(b) oh!
(c) outch
(d) my finger my finger
Answer:
(d) my finger my finger

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 6 The Accidental Tourist

Question 9.
Everything was extravagantly ejected over an area about the size of a
(a) table
(b) lown
(c) tennis court
(d) the floor
Answer:
(c) tennis court

Question 10.
The author pulled harder and harder the side of the bad
(a) opened
(b) belw open
(c) broken
(d) blocked
Answer:
(b) belw open

Question 11.
Thus these all indicates that the author was just a man of easily.
(a) wonder
(b) sweet little
(c) confused
(d) thoughts
Answer:
(c) confused

Question 12.
Once the author found that the ticket was in the name of B. Bryson and the cerd was in the name of
(a) Ruskin Bond
(b) W. Bryson
(c) Najmul Hassan
(d) U.R.A. Murty
Answer:
(b) W. Bryson

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 6 The Accidental Tourist

Question 13.
The author must fly ………… miles a year.
(a) 1,00,000
(b) 2,00,000
(c) 1,50,000
(d) 2,50,000
Answer:
(a) 1,00,000

Question 14.
The author never did get his frequent…………..miles.
(a) singer
(b) ringer
(c) runner
(d) flyer
Answer:
(d) flyer

Question 15.
Then the author retired to the lavatory where he discovered that the pen had beaked and that his mouth chin, tongue, teeth and gums were in ……….
(a) navy blue
(b) yellow blue
(c) dark blue
(d) light blue
Answer:
(a) navy blue

Question 16.
The author amused a lady for 20 minutes with a scattemg of urban…………..
(a) catastorphes
(b) sweet little
(c) bons most
(d) better most
Answer:
(c) bons most

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 6 The Accidental Tourist

Question 17.
The author worst experience was when he was writing………..in his note book
(a) catastrophes
(b) lavish manner
(c) wonder
(d) thoughts
Answer:
(d) thoughts

Question 18.
On author occasion, he knocked a soft drink on to the lap of a ……….. lady sitting beside him.
(a) little
(b) sweet little
(c) wonder
(d) bons moster
Answer:
(b) sweet little

Question 19.
The author ha ays………..when he travels.
(a) catasrophes
(b) thoughts
(c) bons most
(d) wonder
Answer:
(a) catasrophes

Question 20.
It was this point that the authors wife looked at him with an expression of
(a) sweet little
(b) bons most
(c) wonder
(d) thoughts
Answer:
(c) wonder

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 6 The Accidental Tourist

Question 21.
The narrator had accumulated only about 212 air miles divided among……..airlines.
(a) twenty four
(b) twenty three
(c) twenty seven
(d) twenty nine
Answer:
(b) twenty three

Question 22.
The narrator had gashed his finger on the zip of the bag
and was shedding………in a lavish manner.
(a) spirit
(b) liquid
(c) water
(d) blood
Answer:
(d) blood

Question 23.
The narrator wanted to go firstclass with his air miles.
(a) Bali
(b) Agra
(c) Chittoor
(d) Indore
Answer:
(a) Bali

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 6 The Accidental Tourist

Question 24.
The narrator bad gone to…….for a week at easter, the last time he went on a big trip.
(a) Australia
(b) England
(c) India
(d) Pakistan
Answer:
(b) England

Question 25.
The writer is a………..man
(a) Cheerful
(b) preaceful
(c) forgetful
(d) beautiful
Answer:
(c)

Question 26.
What sort of a person is the writer ?
(a) worried
(b) nervous
(c) anxious
(d) confused
Answer:
(d) confused

Question 27.
The zip on the writer’s carry-on bag was
(a) broken
(b) gone
(c) jammed
(d) lost
Answer:
(c) jammed

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 6 The Accidental Tourist

Question 28.
The writer always has catastrophes when I
(a) sleep
(b) travel
(c) walk
(d) speak
Answer:
(b) travel

Question 29.
The writer knocked soft drink onto the lap of a
(a) young boy
(b) old man
(c) weet little lady
(d) elderly woman
Answer:
(c) weet little lady

Question 30.
The writer never gets my frequent-flyer miles as I can’t find the card in
(a) weeks
(b) month’s
(c) years
(d) time
Answer:
(a) weeks

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 6 The Accidental Tourist

Pick out the same meaning words.

Question 31.
Emerged
(a) abruptly
(b) ejected
(c) dumbstruck
(d) stupefied
Answer:
(b) ejected

Question 32.
Worthy of reverance.
(a) stupefied
(b) dumbstruck
(c) ejected
(d) venerable
Answer:
(d) venerable

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 6 The Accidental Tourist

Question 33.
Deprived of sensibility
(a) Stupefied
(b) abruptly
(c) venerable
(d) dumbstruck
Answer:
(a) Stupefied

Question 34.
All of a sudden
(a) ejected
(b) stupefied
(c) abruptly
(d) venerable
Answer:
(c) abruptly

Question 35.
Silent with surprise
(a) abruptly
(b) dumpstruck
(c) ejected
(d) stupefied
Answer:
(b) dumpstruck

Question 36.
We were flying  …………… England for a week.
(a) by
(b) with
(c) out
(d) to
Answer:
(d) to

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 6 The Accidental Tourist

Question 37.
I had put the card…………….. the carry – one bag.
(a) among
(b) from
(c) in
(d) up
Answer:
(c) in

Question 38.
I had gashed my linger ………… the zip.
(a) from
(b) on
(c) along
(d) about
Answer:
(b) on

Question 39.
The lady looked…………my with a stupefied expression.
(a) at
(b) on
(c) in
(d) to
Answer:
(a) at

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 6 The Accidental Tourist

Question 40.
I amused her………….Perhaps twenty minutes.
(a) with
(b) for
(c) to
(d) from
Answer:
(b) for

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 5 Ismat Chughtai : A Lady with a Difference

Bihar Board 9th English Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 10th English Reader Objective Answers Chapter 5 Ismat Chughtai : A Lady with a Difference

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 5 Ismat Chughtai : A Lady with a Difference

Question 1.
Ismat Chughtai was born on 21 August
(a) 1911
(b) 1912
(c) 1913
(d) 1914
Answer:
(a) 1911

Question 2.
Ismat Chughtai was the most courageous and
(a) great writer
(b) controversial writer
(c) poet
(d) famous writer
Answer:
(b) controversial writer

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 5 Ismat Chughtai : A Lady with a Difference

Question 3.
The lesson “Ismat chughtai: A lady with a difference” has been
(a) Ruskin bond
(b) Najmul hasan
(c) M. Asaduddin
(d) Bill bryson
Answer:
(c) M. Asaduddin

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 5 Ismat Chughtai : A Lady with a Difference

Question 4.
Ismat chughtai’s father was a
(a) teacher
(b) IPS
(c) Judicial Magistrate
(d) none of these
Answer:
(c) Judicial Magistrate

Question 5.
Ismat’s mother was called her nickname
(a)Nursat
(b) Khannan
(c) Munni
(d) Chunni
Answer:
(d) Chunni

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 5 Ismat Chughtai : A Lady with a Difference

Question 6.
Ismats father was
(a) Samsuddin
(b) Mirza Qasim Baig
(c) Mirza khan
(d) Khan Bahadur
Answer:
(b) Mirza Qasim Baig

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 5 Ismat Chughtai : A Lady with a Difference

Question 7.
Ismat chughtai was
(a) first child
(b) second child
(c) ninth child
(d) sixth child
Answer:
(c) ninth child

Question 8.
Ismat father died in
(a) 1924
(b) 1930
(c) 1935
(d) 1937
Answer:
(c) 1935

Question 9.
Ismat’s father retired as deputy collector in
(a) 1920
(b) 1921
(c) 1922
(d) 1924
Answer:
(d) 1924

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 5 Ismat Chughtai : A Lady with a Difference

Question 10.
Ismat chughti was neglected –
(a) girl
(b) baby
(c) child
(d) none of these
Answer:
(c) child

Question 11.
Ismat in her childhood felt so she commented, Amma used to
(a) love me
(b) feed me
(c) hate me
(d) none of these
Answer:
(c) hate me

Question 12.
Ismat’s birth was not greeted with
(a) enthusiasm
(b) joy
(c) sorrow
(d) gladly
Answer:
(a) enthusiasm

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 5 Ismat Chughtai : A Lady with a Difference

Question 13.
Ismat chughtai’s writing has transformed the ………of Urdu fiction.
(a) dark
(b) complexion
(c) fare
(d) clean
Answer:
(b) complexion

Question 14.
Ismat chughtai spent her childhood days playing football and
(a) gilli-danda
(b) cricket
(c) chess
(d) volley ball
Answer:
(a) gilli-danda

Question 15.
………… Ismat Chughtai was made a ware of the difference between men and women and boys and girls.
(a) day and night
(b) night
(c) day and day out
(d) day
Answer:
(c) day and day out

Question 16.
Ismat early education began at
(a) Varanasi
(b) Lucknow
(c) Agra
(d) Kanpur
Answer:
(c) Agra

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 5 Ismat Chughtai : A Lady with a Difference

Question 17.
Ismat’s parents approved for the marriage from a boy who was a
(a) deputy collector
(b) district magistrate
(c) doctor
(d) professor
Answer:
(a) deputy collector

Question 18.
At last, Ismat told her father that she was not going to
(a) walk
(b) marry
(c) market
(d) hill
Answer:
(b) marry

Question 19.
Ismat Chughtai had studied Islam, christanity and
(a) Christianism
(b) Sikhaism
(c) Budhaism
(d) Hinduism
Answer:
(d) Hinduism

Question 20.
Ismat found what she termed as
(a) mazhal-e-insaniat
(b) mazhal-e-niyat
(c) mazhal-e-quaran
(d) mazhal-e-pyar
Answer:
(a) mazhal-e-insaniat

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 5 Ismat Chughtai : A Lady with a Difference

Question 21.
Ismat accepted the validity of all religion in the conduct of
(a) social life
(b) human life
(c) man life
(d) woman life
Answer:
(b) human life

Question 22.
Ismat believed that there is some power in Islam but she
was not………it.
(a) love of
(b) dear of
(c) hate of
(d) afraid of
Answer:
(d) afraid of

Question 23.
Ismat fell in love with a Hindu boy who took her to the temple, she loved temple’s
(a) prasad
(b) daan
(c) money
(d) flower
Answer:
(a) prasad

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 5 Ismat Chughtai : A Lady with a Difference

Question 24.
In Ismat’s…..days she lost her money.
(a) twilight
(b) highlight
(c) deadline
(d) none of these
Answer:
(a) twilight

Question 25.
Ismat died on October 24………
(a) 1992
(b) 1991
(c) 1993
(d) 1994
Answer:
(b) 1991

Question 26.
Ismat was not buried but quietly cremated, as she is said to have wished in the electric.
(a) Sanitorium
(b) Aquarisum
(c) Crematorium
(d) Planatorium
Answer:
(c) Crematorium

Choose the suitable meaning of wordfrom options given

Question 27.
Not to believe in God.
(a) associated
(b) Agnosticism
(c) dirt and fifth
(d) persuation
Answer:
(b) Agnosticism

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 5 Ismat Chughtai : A Lady with a Difference

Question 28.
Consider
(a) vicissitudes
(b) dirt and fifth
(c) persuation
(d) associated
Answer:
(c) persuation

Question 29.
Ups and down
(a) dirt and fifth
(b) persuation
(c) associated
(d) vicissitudes
Answer:
(d) vicissitudes

Question 30.
Rubbish
(a) agnosticism
(b) dirt and fifth
(c) persuation
(d) associated
Answer:
(d) associated

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 5 Ismat Chughtai : A Lady with a Difference

Question 31.
Related
(a) agnosticism
(b) persuation
(c) dirt and fifth
(d) associated
Answer:
(d) associated

Question 32.
Ismat Chughtai was born in the western Uttar Pradesh at a place called
(a) Agra
(b) Badayun
(c) Bali
(d) Varanasi
Answer:
(b) Badayun

Question 33.
Ismat’s family name was
(a) lstat khanam
(b) Ispat khanam
(c) Ismat khanam Chughtai
(d) Isnat khanam
Answer:
(c) Ismat khanam Chughtai

Bihar Board 9th English Reader Objective Answers Chapter 5 Ismat Chughtai : A Lady with a Difference

Question 34.
Ismat’s delivery was managed by the ‘
(a) washer-women
(b) maid-servant
(c) cleaner
(d) sweepress
Answer:
(d) sweepress

Question 35.
When Ismat was four-years old. She was introduced to the
(a) Baghadadi Qaeda
(b) Bagadadi
(c) Bagadaady
(d) Bagaadady
Answer:
(a) Baghadadi Qaeda

Question 36.
Ismat completed reading the……..at the age of twelve
(a) Quaran
(b) Ramayana
(c) Geeta
(d) Bible
Answer:
(a) Quaran

Question 37.
Ismat was always game for novel experiences, meeting new people and seeing…….places.
(a) traditional
(b) new
(c) old
(d) ancient
Answer:
(b) new

Question 38.
The story about Ismat Chughtai reveals about the…………in her soul.
(a) Social human
(b) social worker
(c) humanity
(d) social-media
Answer:
(c) humanity
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Question 39.
When Ismat saw her brothers riding horses, she insisted
on…….the same.
(a) walking
(b) doing
(c) eating
(d) going
Answer:
(b) doing

Question 40.
The meaning of mazhab-e-insaaniat is.
(a) Social worker
(b) Social-element
(c) religion of humanity
(d) social human
Answer:
(c) religion of humanity

Bihar Board Class 8 Social Science Geography Solutions Chapter 5 मानव ससंधन

Bihar Board Class 8 Social Science Solutions Geography Hamari Duniya Bhag 3 Chapter 5 मानव ससंधन Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 8 Social Science Geography Solutions Chapter 5 मानव ससंधन

Bihar Board Class 8 Social Science मानव ससंधन Text Book Questions and Answers

अभ्यास-प्रश्न

I. बहुवैकल्पिक प्रश्न 

प्रश्न (i)
जनगणना की जाती है
(क) प्रत्येक 20 वर्ष पर
(ख) प्रत्येक 10 वर्ष पर
(ग) प्रत्येक 5 वर्ष पर
(घ) प्रत्येक 2 वर्ष पर
उत्तर-
(ख) प्रत्येक 10 वर्ष पर

Bihar Board Class 8 Social Science Geography Solutions Chapter 5 मानव ससंधन

प्रश्न (ii)
मानव एक संसाधन है क्योंकि
(क) आवश्यकता की पूर्ति के लिए तकनीक का प्रयोग करता है
(ख) अन्य सामग्रियों को संसाधन के रूप में परिणत करता है।
(ग) मस्तिष्क का प्रयोग कर अन्य साधनों को उपयोगी बनाता है
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर-
(ख) अन्य सामग्रियों को संसाधन के रूप में परिणत करता है।

प्रश्न (iii)
भारत में सर्वाधिक जनसंख्या है
(क) पश्चिम बंगाल की
(ख) बिहार की
(ग) उत्तर प्रदेश की
(घ) महाराष्ट्र की
उत्तर-
(ग) उत्तर प्रदेश की

प्रश्न (iv)
भारत जनसंख्या के दृष्टिकोण से विश्व में है
(क) तृतीय स्थान पर
(ख) चौथे स्थान पर
(ग) प्रथम स्थान पर
(घ) दूसरे स्थान पर
उत्तर-
(घ) दूसरे स्थान पर

प्रश्न (v)
पहाड़ी भाग में जनसंख्या कम होती है, क्योंकि
(क) वहाँ काफी गर्मी है
(ख) जन सुविधाओं का अभाव है
(ग) मृत्यु दर अधिक है
(घ) लोग वहाँ रहना नहीं चाहते हैं
उत्तर-
(ख) जन सुविधाओं का अभाव है

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2. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न (क)
मानव एक महत्वपूर्ण संसाधन है, कैसे?
उत्तर-
हमारा देश मानव संसाधन की दृष्टि से सम्पन्न है क्योंकि यहाँ की आबादी अत्यधिक है। हम इसकी गिनती इसलिए करते हैं क्योंकि इनकी संख्या के हिसाब से हम इनके विकास की योजना बना सकें तथा मानव को संसाधन के रूप में विकसित कर सकें।

प्रश्न (ख)
जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक
उत्तर-
जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक हैंजन्मदर क्योंकि यह हमेशा मृत्यु-दर से अधिक रहता है।

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प्रश्न (ग)
जनसंख्या परिवर्तन किन-किन कारकों पर निर्भर करता है ?
उत्तर-
जनसंख्या परिवर्तन मुख्यतः तीन कारकों पर निर्भर करता है

  1. जन्म दर
  2. मृत्यु दर
  3. प्रवास ।

जन्मदर एवं मृत्यु दर के बीच अंतर होने से जनसंख्या में वृद्धि या कमी होती है। यह जनसंख्या का प्राकृतिक परिवर्तन है जबकि कई कारणों से ‘जनसंख्या का दूसरी जगह जाकर बस जाना प्रवास की श्रेणी में आता है। भारत में जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख कारक जन्मदर रहा है क्योंकि यह हमेशा मृत्यु दर से अधिक रहा है। बढ़ती स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण मृत्यु दर में भी तेज गिरावट आई है जिसके कारण जनसंख्या वृद्धि हुई है।

प्रश्न (घ)
घटती महिला लिंगानुपात के कारणों का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर-
घटती महिला लिंगानुपात के कारण कन्या भ्रूण हत्या तथा लड़की नहीं पैदा होने देने की प्रवृति है । बढ़ती दहेज प्रथा भी एक कारक है । हमें इस प्रवृति से बचने की जरूरत है। सरकार ने भी कानूनी रूप से कन्या भ्रूण हत्या को अपराध घोषित कर इसके लिए दंड का प्रावधान किया है।

Bihar Board Class 8 Social Science Geography Solutions Chapter 5 मानव ससंधन

प्रश्न (ङ)
मैदानी भागों में जनघनत्व अधिक पाया जाता है । क्यों ?
उत्तर-
मैदानी भागों में जनघनत्व अधिक पाया जाता है, क्योंकि मैदानी क्षेत्रों में अच्छी वर्षा तथा सिंचाई के अलावा जीवन जीना पहाड़ी भाग की अपेक्षा आसान है इसलिए जनसुविधाएँ आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं । अतः यहाँ ज्यादा लोग निवास करते हैं।

प्रश्न (च)
वर्ष 2030 ई० तक हमारी जनसंख्या चीन से अधिक होगी, ऐसा क्यों होगा? सोचकर लिखिए।
उत्तर-
भारत की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन धीरे-धीरे वृद्धि दर में कमी आ रही है और यह जन्मदर नियंत्रण हेतु किये जा रहे प्रयासों का परिणाम है। अगर भारत की जनसंख्या इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो वर्ष 2030 तक हमारी आबादी एक अरब चालीस करोड़ के पास होगी तथा हमारी जनसंख्या चीन की जनसंख्या से अधिक होगी।

Bihar Board Class 8 Social Science Geography Solutions Chapter 5 मानव ससंधन

प्रश्न (छ)
पर्वतीय क्षेत्र में जनघनत्व कम पाया जाता है, क्यों?
उत्तर-
पर्वतीय क्षेत्र में जनघनत्व कम पाया जाता है ।
जैसे – उत्तराखण्ड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश एवं अधिकतर पूर्वोत्तर राज्यों में जनसंख्या घनत्व कम पाया जाता है, क्योंकि यहाँ का अधिकांश भू-भाग पर्वतीय है।

Bihar Board Class 8 Social Science Geography Solutions Chapter 2 भारतीय कृषि

Bihar Board Class 8 Social Science Solutions Geography Hamari Duniya Bhag 3 Chapter 2 भारतीय कृषि Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 8 Social Science Geography Solutions Chapter 2 भारतीय कृषि

Bihar Board Class 8 Social Science भारतीय कृषि Text Book Questions and Answers

अभ्यास-प्रश्न

I. बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
कृषि कार्य में शामिल है-
(क) भूमि को जोतना
(ख) पशुओं को पालना
(ग) मछली पालन करना
(घ) उपर्युक्त सभी ।
उत्तर-
(क) भूमि को जोतना

Bihar Board Class 8 Social Science Geography Solutions Chapter 2 भारतीय कृषि

प्रश्न 2.
भूमि पर जनसंख्या के अत्यधिक दबाव वाले क्षेत्रों में कौन-सी खेती की जाती है ?
(क) झूम खेती
(ख) अन्तर कृषि
(ग) गहन कृषि
(घ) ट्रक फार्मिंग
उत्तर-
(ग) गहन कृषि

प्रश्न 3.
इनमे कौन समूह रबी की फसलों से संबंधित है ?
(क) गेहूँ, चावल
(ख) चना, धान
(ग) मक्का, जूट
(घ) गेहूँ मटर
उत्तर-
(घ) गेहूँ मटर

प्रश्न 4.
जूट की फसल प्रमुखतः होती है
(क) किशनगंज
(ख) अररिया-आरा में
(ग) गया-औरंगाबाद में
(घ) गया-जहानाबाद में
उत्तर-
(क) किशनगंज

Bihar Board Class 8 Social Science Geography Solutions Chapter 2 भारतीय कृषि

प्रश्न 5.
बिस्कोमान उपलब्ध कराती है-
(क) किसानों को खाद-बीज
(ख) कृषि उपकरण
(ग) ऋण
(घ) सिंचाई की सुविधा
उत्तर-
(क) किसानों को खाद-बीज

II. खाली जगहों को उपर्युक्त शब्दों से भरें

  1. स्थानान्तरित कृषि को ……….. भी कहते हैं।
  2. उत्तरी बिहार में ……….. और ……… की खेती वाणिज्यिक कृषि है।
  3. जायद फसल का उदाहरण …………. है।
  4. किसान क्रेडिट कार्ड से किसानों को ……….. सुविधा उपलब्ध होती है।
  5. जैविक खादों से भूमि की उर्वरता शक्ति ………. है।

उत्तर-

  1. दहन कृषि
  2. मखाना, केला और तम्बाक,
  3. तरबूज, ककड़ी, खीरा, सब्जियाँ,
  4. वित्तीय,
  5. बढ़ती ।

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें । (अधिकतम 50 शब्दों में)

प्रश्न 1.
कृषि कार्य किसे कहते हैं ?
उत्तर-
खेती करने की प्राथमिक क्रिया को कृषि कार्य कहते हैं । भूमि को जोतकर विभिन्न प्रकार की फसलें, सब्जियाँ, फल-फूल उपजाना, पशुओं को पालना, मत्स्य-पालन इत्यादि करना कृषि कार्य है।

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प्रश्न 2.
खरीफ और रबी फसलों में क्या अन्तर है ? सोदाहरण बताएँ।
उत्तर-

खरीफ फसल :

  • मानसून आने के साथ ही अर्थात् जून-जुलाई में बोये जाने वाली और अक्टूबर- नवम्बर में काटी जाने वाली फसलें खरीफ फसल कहलातो
  • जैसे – धान, मक्का, जूट, मूंगफली आदि।

रबी फसल :

  • अक्टूबर-नवम्बर में बोये जाने वाली तथा मार्च-अप्रैल, में काटी जाने वाली फसलें रबी फसल होती है ।
  • जैसे गेहूँ, चना, मटर, मसूर, जौ इत्यादि

प्रश्न 3.
जीवन-निर्वहन कृषि क्या है ?
उत्तर-
जो कृषि जीवन निर्वहन के लिए किया जाता है, उसे जीवन-निर्वहन कृषि कहते हैं। जनसंख्या का अत्यधिक बोझ, रोजगार के अन्य साधनों के अभाव से कृषि ही अर्थ प्राप्ति का स्रोत होता है।

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प्रश्न 4.
व्यापारिक और बागवानी फसलों के बारे में क्या जानते हैं ? लिखिए।
उत्तर-
व्यापारिक फसलें-रबरं, मखाना, तम्बाकू, मिर्च, गन्ना ये सब। व्यापारिक फसलें हैं। रबर को छोड़कर बाकी फसलें बिहार में बहुतायत में उपजायी जाती हैं। ये फसलें कई उद्योगों के लिए कच्चे माल का काम करती है।

बागवानी फसलें – ये फसलें ‘ट्रक फार्मिंग’ के नाम से भी जानी जाती है। केला, आम, चीनी, फूलों आदि की घरेलू खपत खूब है । फूलों की खेती पर्व-त्योहारों, शादी-ब्याह और औषधियों की आपूर्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें। (अधिकतम 200 शब्दों में)

प्रश्न 1.
बिहार की कृषि की क्या विशेषताएँ हैं ?
उत्तर-
बिहार की कृषि की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैंबिहार प्रांत की कृषि मानसून पर आधारित है। वर्षा पर निर्भर होने के कारण फसलों के उत्पादन में अनिश्चितता बनी रहती है। पर्याप्त वर्षा से अच्छी फसल होती है जबकि अल्पवृष्टि से फसलों का नुकसान होता है। इस तरह यहाँ की फसलें प्राकृतिक वर्षा पर निर्भर करती हैं।

खेती करने के तरीके पुराने हैं। हल-बैल. कुदाल, खुरपी ही प्रमुख उपकरण हैं। खेती श्रम पर अधिक आश्रित है। परंपरागत कृषि यहाँ की विशेषता है।

छुपी हुई बेरोजगारी हमारी कृषि की खास विशेषता है । यहाँ परिवार के । अधिकांश सदस्य फसल बुआई-कटाई के दौरान कृषि कार्यों में लगे रहते हैं। ऐसे में उन्हें स्वयं के लिए रोजगार में लगा होना समझ में आता है जबकि वे वस्तुतः रोजगार के अभाव में ही इन कार्यों में संलग्न होते हैं।

Bihar Board Class 8 Social Science Geography Solutions Chapter 2 भारतीय कृषि

प्रश्न 2.
कृषि किन कारणों से प्रभावित होती है?
उत्तर-
कृषि निम्नलिखित कारणों से प्रभावित होती है-

(i) वर्षा पर निर्भरता भारतीय कृषि क्षेत्र का एक-तिहाई भाग ही सिंचित है, शेष क्षेत्र मानसून की बारिश पर निर्भर करती है। कभी अल्पवृष्टि तो कभी अतिवृष्टि फसलों के उत्पादन को प्रभावित कर देते हैं।

(ii) खेतों के छोटे आकार-भारत में छोटे और सीमान्त किसानों की संख्या अधिक है। जमीन के पारिवारिक बँटवारे के कारण खेतों का आकार छोटा होता जा रहा है। चकबंदी के अभाव में भू-जोत बिखरे हैं। छोटे भू-जोत आर्थिक दृष्टि से अलाभकारी होते हैं।

(iii) भूमि का असमान वितरण-भूमि का असमान वितरण से भी भारतीय कृषि प्रभावित है। अंग्रेजी शासन के दौरान भू-राजस्व वसूली के लिए लागू की गई। जमींदारी प्रथा ने किसानों का शोषण किया। स्वतंत्रता के बाद भू-सुधारों की प्रक्रिया शुरू तो हुई लेकिन इसमें गति लाने की आवश्यकता है।

(iv) कृषि ऋण…छोटे किसान बीज, खाद, कीटनाशक, श्रमिक आदि के लिए महाजनों या अन्य संस्थाओं से कर्ज लेते हैं। ऊँची सूद दर, कम उत्पादन, मौसम की बेरूखी, बिचौलियों के कारण किसानों को पर्याप्त लाभ नहीं हो पाता । ऐसी स्थिति में वे ऋण नहीं लौटा पाते । यह इनके कृषि उत्पादन क्षमता को प्रभावित करती है।

(v) कृषि विपणन – अच्छी बाजार व्यवस्था के अभाव में किसान अपने उत्पादों को बिचौलियों व व्यापारियों को सस्ते दामों पर बेचने के लिए बाध्य है जो उनको उचित मूल्य नहीं देते । फसलों की अत्यधिक उत्पादकता को न तो सही ढंग से बाजार में पहुंचा पाते हैं और न ही बिक्री कर पाते हैं। बिचौलिये इस स्थिति का लाभ उठा लेते हैं।

Bihar Board Class 8 Social Science Geography Solutions Chapter 2 भारतीय कृषि

प्रश्न 3.
आपके राज्य में कृषि कार्य उत्पादन में बढ़ोत्तरी के लिए क्या प्रयास हुए हैं ? लिखिए।
उत्तर-
छात्र शिक्षक की सहायता से लिखें।

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 5 चिकित्सा उपागम

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 5 चिकित्सा उपागम Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 5 चिकित्सा उपागम

Bihar Board Class 12 Psychology चिकित्सा उपागम Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
मनश्चिकित्सा की प्रकृति एवं विषय-क्षेत्र का वर्णन कीजिए। मनश्चिकित्सा में चिकित्सात्मक संबंध के महत्त्व को उजागर कीजिए।
उत्तर:
मनश्चिकित्सा उपचार चाहनवाले या सेवार्थी तथा उपचार करनेवाले या चिकित्सा के बीच में एक ऐछिक संबंध है। इस संबंध का उद्देश्य उन मनोवैज्ञानिक समस्याओं का समाधान करना होता है जिनका सामना सेवार्थी द्वारा किया जा रहा हो। यह संबंध सेवार्थी के विश्वास को बनाने में सहायक होता है जिससे वह अपनी समस्याओं के बारे में मुक्त होकर चर्चा कर सके। मनश्चिकित्सा का उद्देश्य दुरनुकूलक व्यवहारों को बदलना, वैयक्तिक कष्ट की भावना को कम करना तथा रोगी को अपने पर्यावरण से बेहतर ढंग से अनुकूलन करने में मदद करना है। अपर्याप्त वैवाहिक, व्यावसायिक तथा सामाजिक समायोजन की वह आवश्यकता होती है कि व्यक्ति के वैयक्तिक पर्यावरण में परिवर्तन किए जाएँ।

सभी मनश्चिकित्सात्मक उपागमों में निम्न अभिलक्षण पाए जाते हैं –

  1. चिकित्सा के विभिन्न सिद्धांत में अंतर्निहित नियमों का व्यवस्थित या क्रमबद्ध अनुप्रयोग होता है।
  2. केवल वे व्यक्ति, जिन्होंने कुशल पर्यवेक्षण में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया हो, मनश्चिकित्सा कर सकते हैं, हर कोई ही, एक अप्रशिक्षित व्यक्ति अनजाने में लाभ के बजाय हानि अधिक पहुँचा सकता है।
  3. चिकित्सात्मक स्थितियों में एक चिकित्सक और एक सेवार्थी होता है जो अपनी संवेगात्मक समस्याओं के लिए सहायता चाहता है और प्राप्त करता है चिकित्सात्मक प्रक्रिया में यही व्यक्ति ध्यान का मुख्य केन्द्र होता है; तथा।
  4. इन दोनों व्यक्तियों, चिकित्सक एवं सेवार्थी के बीच अंत:क्रिया के परिणामस्वरूप एक चिकित्सात्मक संबंध का निर्माण एवं उसका सुदृढीकरण होता है। यह मानवीय संबंध किसी भी मनोवैज्ञानिक चिकित्सा का केन्द्र होता है तथा यही परिवर्तन का माध्यम बनता है।

मनश्चिकित्सा में चिकित्सात्मक संबंध का महत्त्व:
सेवार्थी एवं चिकित्सक के बीच एक विशेष संबंध को चिकित्सात्मक संबंध या चिकित्सात्मक मैत्री कहा जाता हैं यह न तो एक क्षणिक परिचय होता है और न ही एक स्थायी एवं टिकाऊ संबंध। इस चिकित्सात्मक मैत्री के दो मुख्य घटक होते हैं। पहला घटक इस संबंध के संविदात्मक प्रकृति है, जिसमें दो इच्छुक व्यक्ति, सेवार्थी एवं चिकित्सक, एक ऐसी साझेदारी या भागीदारी में प्रवेश करते हैं जिसका उद्देश्य सेवार्थी की समस्याओं का निराकरण करने में उसकी मदद करना होता है। चिकित्सात्मक मैत्री का दूसरा घटक है-चिकित्सा की सीमित अवधि।

यह मैत्री तब तक चलती है जब तक सेवार्थी अपनी समस्याओं का सामना करने में समर्थ न हो जाए तथा अपने जीवन का नियंत्रण अपने हाथ में न ले। इस संबंध की कई अनूठी विशिष्टताएँ हैं। यह एक विश्वास तथा भरोसे पर आधारित संबंध है। उच्चस्तरीय विश्वास सेवार्थी को चिकित्सक के सामने अपना बोझ हल्का करने तथा उसके सामने अपनी मनोवैज्ञानिक और व्यक्तिगत समस्याओं को विश्वस्त रूप से बताने में समर्थ बनाता है। चिकित्सक सेवार्थी के प्रति अपनी स्वीकृति, तद्नुभूति, सच्चाई और गर्मजोशी दिखाकर इसे बढ़ावा दिखाता रहेगा चाहे इसके प्रति अशिष्ट व्यवहार क्यों न करे या पूर्व में की गई या सोची गई ‘गलत’ बातों को क्यों न बताएँ।

यह अशर्त सकारात्मक आदर (Unconditional positive regard) की भावना है जो चिकित्सक की सेवार्थी के प्रति होती है। चिकित्सक की सेवार्थी के प्रति तद्नुभूति होती है। चिकित्सात्मक संबंध के लिए यह भी आवश्यक है कि चिकित्सा सेवार्थी द्वारा अभिव्यक्त किए गए अनुभवों, घटनाओं, भावनाओं तथा विचारों के प्रति नियमबद्ध गोपनीयता का अवश्य पालन करे। चिकित्सक को सेवार्थी विश्वास और भरोसे का किसी प्रकार से कभी भी अनुचित लाभ नहीं उठाना चाहिए। अंततः यह एक व्यावसायिक संबंध है इसे ऐसा ही रहना चाहिए।

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प्रश्न 2.
मनश्चिकित्सा के विभिन्न प्रकार कौन-से हैं? किस आधार पर इनका वर्गीकरण किया गया है?
उत्तर:
मनश्चिकित्सा को तीन व्यापक समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

  1. मनोगतिक मनश्चिकित्सा।
  2. व्यवहार मनश्चिकित्सा।
  3. अस्तित्वपरक मनश्चिकित्सा।

मनश्चिकित्सा का वर्गीकरण निम्नलिखित प्राचलों के आधार पर किया गया है:

  1. क्या कारण है, जिसने समस्या को उत्पन्न किया?
  2. कारण का प्रादुर्भाव कैसे हुआ?
  3. उपचार की मुख्य विधि क्या है?
  4. सेवार्थी और चिकित्सक के बीच चिकित्सात्मक संबंध की स्वीकृति क्या होती है?
  5. सेवार्थी के मुख्य लाभ क्या हैं?
  6. उपचार की अवधि क्या है?

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प्रश्न 3.
एक चिकित्सक सेवार्थी से अपने सभी विचार यहाँ तक कि प्रारंभिक बाल्यावस्था के अनुभवों को बताने को कहता है। इसमें उपयोग की गई तकनीक और चिकित्सा के प्रकार का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
इसमें अंत:मनोद्वंद्व के स्वरूप को बाहर निकालने की विधि का उपयोग किया गया है। यह चिकित्सा मनोगतिक चिकित्सा है। चूँकि मनोगतिक उपागम अंत:द्वंद्व मनोवैज्ञानिक विकारों का मुख्य कारण समझता है । अतः, उपचार में पहला चरण इसी अंत:मनोद्वंद्व को बाहर निकालना है। मनोविश्लेषण ने अंत:मनोद्वंद्व को बाहर निकालने के लिए दो महत्त्वपूर्ण विधियों मुक्त साहचर्य (Free association) विधि तथा स्वप्न व्याख्या (Dream interpretation) विधि का आविष्कार किया।

मुक्त साहचर्य विधि सेवार्थी की समस्याओं को समझने की प्रमुख विधि है। जब एक बार चिकित्सात्मक संबंध स्थापित हो जाता है और सेवार्थी आरमदेह महसूस करने लगता है तब चिकित्सक उससे कहता है कि वह स्तरण पटल (Couch) पर लेट जाए, अपनी आँखों को बंद कर ले और मन में जो कुछ भी आए उसे बिना किसी अपरोधन या काट-छाँट के बताने को कहता है। सेवार्थी को एक विचार को दूसरे विचार से मुक्त रूप से संबद्ध करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और इस विधि को मुक्त साहचर्य विधि कहते हैं। जब सेवार्थी एक आरामदायक और विश्वसनीय वातावरण में मन में जो कुछ भी आए बोलता है तब नियंत्रक पराहम् तथा सतर्क अहं को प्रसुप्तावस्था में रखा जाता है। चूँकि चिकित्सक बीच में हस्तक्षेप नहीं करता इसलिए विचारों का मुक्त प्रवाह, अचेतन मन की इच्छाएँ और द्वंद्व जो अहं द्वारा दमिन की जाती रही हों वे सचेतन मन में प्रकट होने लगती हैं।

सेवार्थी का यह मुक्त बिना काट-छाँट वाला शाब्दिक वृत्तांत सेवार्थी के अचेतन मन की एक खिड़की है जिसमें अभिगमन का चिकित्सक को अवसर मिलता है। इस तकनीक के साथ ही साथ सेवार्थी को निद्रा से जागने पर अपने स्वप्नों को लिख लेने को कहा जाता है। मनोविश्लेषक इन स्वप्नों को अचेतन मन में उपस्थित अतृप्त इच्छाओं के प्रतीक के रूप में देखता है। स्वप्न की प्रतिमाएँ प्रतीक है जो अंत: मानसिक शक्तियों का संकेतक होती हैं। स्वप्न प्रतीकों का उपयोग करते हैं क्योंकि वे अप्रत्यक्ष रूप से अभिव्यक्त होते हैं इसलिए अहं को सकर्त नहीं करते। यदि अतृप्त इच्छाएँ प्रत्यक्ष रूप से अभिव्यक्त की जाएँ तो सदैव सतर्क अहं उन्हें दमित कर देगा जो पुनः दुश्चिता का कारण बनेगा। इन प्रतीकों की व्याख्या अनुवाद की एक स्वीकृत परंपरा के अनुसार की जाती है जो अतृप्त इच्छाओं और द्वंद्वों के संकेतक होते हैं।

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प्रश्न 4.
उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए कि संज्ञानात्मक विकृति किस प्रकार घटित होती है?
उत्तर:
संज्ञानात्मक चिकित्साओं में मनोवैज्ञानिक कष्ट का कारण अविवेकी विचारों और विश्वासों में स्थापित किया जाता है।
1. अल्बर्ट एलिस (AlbertElis) ने संवेग तर्क चिकित्सा (Rational emotive therapy, RET) को प्रभावित किया। इस चिकित्सा की केन्द्रीय धारणा है कि अविवेकी विश्वास पूर्ववती घटनाओं और उनके परिणामों के बीच मध्यस्थता करते हैं। संवेग तर्क चिकित्सा में पहला चरण है पूर्ववती-विश्वास-परिणाम (पू.वि.प.) विश्लेषण। पूर्ववर्ती घटनाओं जिनसे मनोवैज्ञानिक कष्ट उत्पन्न हुआ, को लिख लिया जाता है। सेवार्थी के साक्षात्कार द्वारा उसके उन अविवेकी विश्वासों का पता लगाया जाता है जो उसकी वर्तमानकालिक वास्तविकता को विकृत कर रहे हैं।

हो सकता है इन विवेकी विश्वासों को पुष्ट करनेवाले आनुभाविक प्रमाण पर्यावरण में नहीं भी हो। इन विश्वासों को अनिवार्य या चाहिए विचार कह सकते हैं, तात्पर्य यह है कि कोई भी बात एक विशिष्ट तरह से होनी ‘अनिवार्य’ या ‘चाहिए’ है। अविवेकी विश्वासों के उदाहरण हैं; जैसे-“किसी को हर एक का प्यार हर समय मिलना चाहिए”, “मनुष्य की तंगहाली बाह्य घटनाओं के कारण होती है जिस पर किसी का नियंत्रण नहीं होता” इत्यादि। अविवेकी विश्वासों के कारण पूर्ववती घटना का विकृत प्रत्यक्षण नकारात्मक संवेगों और व्यवहारों के परिणाम का कारण बनता है।

अविवेकी विश्वासों का मूल्यांकन प्रश्नावली और साक्षात्कार के द्वारा किया जाता है। संवेग तर्क चिकित्सा की प्रक्रिया में चिकित्सक अनिदेशात्मक प्रश्न करने के प्रक्रिया से अविवेकी विश्वासों का खंडन करता है। प्रश्न करने का स्वरूप सौम्य होता है, निदेशात्मक या जाँच-पड़ताल वाला नहीं। ये प्रश्न सेवार्थी को अपने जीवन और समस्याओं से संबंधित पूर्वधारणाओं के बारे में गहराई से सोचने के लिए प्रेरित करते हैं। धीरे-धीरे सेवार्थी अपने जीवन दर्शन में परिवर्तन लाकर अविवेकी विश्वासों को परिवर्तित करने में समर्थ हो जाता है। तर्कमूलक विश्वास तंत्र अविवेकी विश्वास तंत्र को प्रतिस्थापित करता है और मनोवैज्ञानिक कष्टों में कमी आती है।

2. दूसरी संज्ञानात्मक चिकित्सा आरन बेक (Aaron Beck) की है। दुश्चिता या अवसाद द्वारा अभिलक्षित मनोवैज्ञानिक कष्ट संबंधी उनके सिद्धांत के अनुसार परिवार और समाज द्वारा दिए गए बाल्यावस्था के अनुभव मूल अन्विति योजना या मूल स्कीमा (Core Schema) या तंत्र के रूप में विकसित हो जाते हैं, जिनमें व्यक्ति के विश्वास और क्रिया के प्रतिरूप सम्मिलित होते हैं। इस प्रकार एक सेवार्थी जो बाल्यावस्था में अपने माता-पिता द्वारा उपेक्षित था एक ऐसा मूल स्कीमा विकसित कर लेता है कि “मैं बाछित नहीं हूँ।” जीवनकाल के दौरान कोई निर्णायक घटना उसके जीवन में घटित होती है। विद्यालय में सबके सामने अध्यापक के द्वारा उसकी हंसी उड़ाई जाती है।

यह निर्णायक घटना उसके मूल स्कीमा “मैं बाछित नहीं हूँ।” को क्रियाशील कर देती है जो नकारात्मक स्वचालित विचारों को विकसित करती है। नकारात्मक विचार सतत अविवेकी विचार होते हैं; जैसे-कोई मुझे प्यार नहीं करता, मैं कुरूप हूँ मैं मूर्ख हूँ, मैं सफल नहीं हो सकता/सकती इत्यादि। इन नकारात्मक स्वचालित विचारों में संज्ञानात्मक विकृतियाँ भी होती हैं। संज्ञानात्मक विकृतियों चिंतन के ऐसे तरीके हैं जो सामान्य प्रकृति के होते हैं किन्तु वे वास्तविकता को नकारात्मक तरीके से विकृत के होते हैं। विचारों के इन प्रतिरूपों को अपक्रियात्मक संज्ञानात्मक संरचना (Dyfunctional cognitive structures) कहते हैं। सामाजिक यथार्थ के बारे में ये संज्ञानात्मक त्रुटियाँ उत्पन्न करती हैं।

इन विचारों का बार-बार उत्पन्न होना दुश्चिता और अवसाद की भावनाओं को विकसित करता है। चिकित्सक जो प्रश्न करता है वे सौम्य होते हैं तथा सेवार्थी के विश्वासों और विचारों के प्रति बिना धमकी वाले किन्तु उनका खंडन करनेवाले होते हैं। इन प्रश्नों के उदाहरण कुछ ऐसे हो सकते हैं, “क्यों हर कोई तुम्हें प्यार करे?” “तुम्हारे लिए सफल होना क्या अर्थ रखता है?” इत्यादि। ये प्रश्न सेवार्थी को अपने नकारात्मक स्वाचालित विचारों की विपरीत दिशा में सोचने को बाध्य करते हैं जिससे वह अपने अपक्रियात्मक स्कीमा के स्वरूप के बारे में अंतर्दृष्टि प्राप्त करता है तथा अपनी संज्ञानात्मक संरचना को परिवर्तित करने में समर्थ होता है। इस चिकित्सा का लक्ष्य संज्ञानात्मक पुनःसंरचना को प्राप्त करना है जो दुश्चिता तथा अवसाद को घटाती है।

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प्रश्न 5.
मनोवृत्ति के स्वरूप का वर्णन करें।
उत्तर:
मनोवृत्ति या अभिवृत्ति एक प्रचलित शब्द है जिसका व्यवहार हम प्रायः अपने दैनिक जीवन दिन-प्रतिदिन करते रहते हैं। अर्थात् किसी व्यक्ति की मानसिक प्रतिछाया या तस्वीर को, जो किसी व्यक्ति या समूह, वस्तु परिस्थिति, घटना आदि के प्रति व्यक्ति के अनुकूल या प्रतिकूल दृष्टिकोण अथवा विचार को प्रकट करता है, मनोवृत्ति या अभिवृति कहते हैं। क्रेच, क्रेचफिल्ड तथा वैलेची ने मनोवृत्ति को परिभाषित करते हुए कहा है कि “किसी एक वस्तु के संबंध में तीन इन तीन तंत्रों का टिकाऊ तंत्र मनोवृत्ति कहलाता है।” इन तीनों तंत्रों से मनोवृत्ति का वास्तविक स्वरूप सही ढंग से स्पष्ट होता है। ये तीन तंत्र है-पहला, संज्ञानात्मक संघटक अर्थात् किसी वस्तु से संबंधित व्यक्ति के संवेगात्मक अनुभव को भावात्मक संघटक कहते हैं। दूसरा, भावात्मक संघटक अर्थात् किसी वस्तु से संबंधित व्यक्ति के संवेगात्मक अनुभव को भावात्मक संघटक कहते हैं। तीसरा, व्यवहारात्मक संघटक अर्थात् किसी वस्तु के प्रति व्यवहार या क्रिया करने की तत्परता को व्यवहारात्मक संघटक कहते हैं। इस प्रकार मनोवृत्ति उपर्युक्त तीनों संघटकों का एक टिकाऊ तंत्र है।

प्रश्न 6.
कौन-सी चिकित्सा सेवार्थी को व्यक्तिगत संवृद्धि चाहने एवं अपनी संभाव्यताओं की सिद्धि के लिए प्रेरित करती है? उन चिकित्साओं की चर्चा कीजिए जो इस सिद्धांत पर आधारित हैं।
उत्तर:
मानवतावादी अस्तित्वपरक चिकित्सा सेवार्थी को व्यक्तिगत संवृद्धि चाहने एवं अपनी संभाव्यताओं की सिद्धि के लिए प्रेरित करती है। मानवतावादी-अस्तित्वपरक चिकित्सा की धारणा है मनोवैज्ञानिक कष्ट व्यक्ति के अकेलापन, विसंबंधन तथा जीवन का अर्थ समझने और यथार्थ संतुष्टि प्राप्त करने में अयोग्यता की भावनाओं के कारण उत्पन्न होते हैं। मनुष्य व्यक्तिगत संवृद्धि एवं आत्मसिद्धि (Self-actualisation) की इच्छा तथा संवेगात्मक रूप से विकसित होने की सहज आवश्यकता से अभिप्रेरित होते हैं।

जब समाज और परिवार के द्वारा ये आवश्यकताएँ बाधित की जाती हैं तो मनुष्य मनोवैज्ञानिक कष्ट का अनुभव करता है। आत्मसिद्धि को एक सहज शक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है जो व्यक्ति को अधिक जटिल, संतुलित और समाकलित होने के लिए अर्थात् बिना खंडित हुए जटिलता एवं संतुलन प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। समाकलित होने का तात्पर्य है साकत्य-बोध, एक संपूर्ण व्यक्ति होना, भिन्न-भिन्न अनुभवों के होते हुए भी मूल भाव में वही व्यक्ति होना। जिस तरह से भोजन या पानी की कमी कष्ट का कारण होती है, उसी तरह आत्मसिद्धि का कुंठित होना भी कष्ट का कारण होता है।

जब सेवार्थी अपने जीवन में आत्मसिद्धि की बाधाओं का प्रत्यक्षण कर उनको दूर करने योग्य हो जाता है तब रोगोपचार घटित होता है। आत्मसिद्धि के लिए आवश्यक है संवेगों की मुक्त अभिव्यक्ति। समाज और परिवार संवेगों की इस मुक्त अभिव्यक्ति को नियंत्रित करते हैं क्योंकि उन्हें भय होता है कि संवेगों की मुक्त अभिव्यक्ति से समाज को क्षति पहुँच सकती है क्योंकि इससे ध्वंसात्मक शक्तियाँ उन्मुक्त हो सकती हैं। यह नियंत्रण सांवेगिक समाकलन का प्रक्रिया को निष्फल करके विध्वंसक व्यवहार और नकारात्मक संवेगों का कारण बनता है।

इसलिए चिकित्सा के दौरान एक अनुज्ञात्मक, अनिर्णयात्मक तथा विकृतिपूर्ण वातावरण तैयार किया जाता है जिसमें सेवार्थी के संवेगों की मुक्त अभिव्यक्ति हो सके तथा जटिलता, संतुलन और समाकलन प्राप्त किया जा सके। इसमें मूल पूर्वधारणा यह है कि सेवार्थी को अपने व्यवहारों का नियंत्रण करने की स्वतंत्रता है तथा यह उसका ही उत्तरदायित्व है। चिकित्सक केवल एक सुगमकर्ता और मार्गदर्शक होता है। चिकित्सा को सफलता के लिए सेवार्थी स्वयं उत्तरदायी होता है। चिकित्सा का मुख्य उद्देश्य सेवार्थी की जागरुकता को बढ़ाना है। जैसे-जैसे सेवार्थी अपने विशिष्ट व्यक्तिगत अनुभवों को समझने लगता है वह स्वस्थ होने लगता है। सेवार्थी आत्म-संवृद्धि की प्रक्रिया को प्रारंभ करता है जिससे यह स्वस्थ हो जाता है।

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प्रश्न 7.
मनश्चिकित्सा में स्वास्थ्य-लाभ के लिए किन कारकों का योगदान होता है? कुछ वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों की गणना कीजिए।
उत्तर:
मनश्चिकित्सा में स्वास्थ्य-लाभ में योगदान देनेवाले कारक निम्नलिखित हैं:
1. स्वास्थ्य-लाभ में एक महत्त्वपूर्ण कारक है चिकित्सक द्वारा अपनाई गई तकनीक तथा रोगी/सेवार्थी के साथ इन्हीं तकनीकों का परिपालन। यदि दुश्चित सेवार्थी को स्वस्थ करने के लिए व्यवहार पद्धति और संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा शाखा अपनाई जाती है तो विभ्रांति की विधियाँ और संज्ञानात्मक पुनः संरचना तकनीक स्वास्थ्य-लाभ में बहुत बड़ा योगदान देती है।

2. चिकित्सात्मक मैत्री जो चिकित्सक एवं रोगी/सेवार्थी के बीच में बनती है, में स्वास्थ्य-लाभ से गुण विद्यमान होते हैं क्योंकि चिकित्सक नियमित रूप से सेवार्थी से मिलता है तथा उसे तदनुभूति और हार्दिकता प्रदान करता है।

3. चिकित्सा के प्रारंभिक सत्रों में जब रोगी/सेवार्थी की समस्याओं की प्रकृति को समझने के लिए उसका साक्षात्कार किया जाता है, जो वह स्वयं द्वारा अनुभव किए जा रहे संवेगात्मक समस्याओं को चिकित्सक के सामने रखता है। संवेगों को बाहर निकालने की इस प्रक्रिया को भाव-विरेचन या केथार्सिस कहते हैं और इसमें स्वास्थ्य-लाभ के गुण विद्यमन होते हैं।

4. मनश्चिकित्सा से संबंधित अनेक अविशिष्ट कारक हैं। इनमें कुछ कारक रोगी/सेवार्थी से संबंधित बताए जाते हैं तथा कुछ चिकित्सक से। ये कारक अविशिष्ट इसलिए कहे जाते हैं क्योंकि ये मनश्चिकित्सा की विभिन्न पद्धतियों, भिन्न रोगियों/सेवार्थियों तथा भिन्न मनश्चिकित्सकों के आर-पार घटित होती हैं। रोगियों/सेवार्थियों पर लागू होने वाले अविशिष्ट कारक हैं-परिवर्तन के लिए अभिप्रेरणा उपचार के कारण सुधार की प्रत्याशा इत्यादि। इन्हें रोगी चर (Patient variables) कहा जाता है। चिकित्सक पर लागू होने वाले विशिष्ट कारक हैं – सकारात्मक स्वभाव, अनसुलझे संवेगात्मक द्वंद्वों की अनुपस्थिति, अच्छे मानसिक स्वास्थ्य की उपस्थिति इत्यादि। इन्हें चिकित्सक चर (Therapist variables) कहा जाता है।

योग, ध्यान, ऐक्यूपंक्चर, वनौषधि, उपचार आदि वैकल्पिक चिकित्साएँ हैं। योग एक प्राचीन भारतीय पद्धति है जिसे पतंजलि के योग सूत्र के अष्टांग योग में विस्तृत रूप से बताया गया है। योग, जैसा कि सामान्यत: आजकल इसे कहा जाता है, का आशय केवल आसन या शरीर संस्थति घटक अथवा श्वसन अभ्यास अथवा किसी वस्तु या विचार या किसी मंत्र पर ध्यान केन्द्रित करने के अभ्यास से है। जहाँ ध्यान केन्द्रित किया जाता है। विपश्यना ध्यान जिसे सतर्कता-आधारित ध्यान के नाम से भी जाना जाता है, में ध्यान बाँधे रखने के लिए कोई नियत वस्तु या विचार नहीं होता है। व्यक्ति निष्क्रिय रूप से विभिन्न शारीरिक संवेदनाओं एवं विचारों, जो उसकी चेतना में आते रहते हैं, प्रेक्षण करता है।

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प्रश्न 8.
मानसिक रोगियों के पुनः स्थापन के लिए कौन-सी तकनीकों का उपयोग किया जाता है? अथवा, मानसिक रोगियों के पुनःस्थापन पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
मानसिक रोगियों का पुनःस्थापन-मनोवैज्ञानिक विकारों के उपचार के दो घटक होते हैं अर्थात् लक्षणों में कमी आना तथा क्रियाशीलता या जीवन की गुणवत्ता के स्तर में सुधार लाना। कम तीव्र विकारों; जैसे-सामान्यीकृत दुश्चिता, प्रतिक्रियात्मक अवसाद या दुर्गति के लक्षणों में कमी आना जीवन की गुणवत्ता में सुधार से संबंधित नहीं हो सकता है। कई रोगी नकारात्मक क्षणों से ग्रसित होते हैं। जैसे-काम करने या दूसरे लोगों के साथ अन्योन्यक्रिया में अभिरुचि तथा अभिप्रेरणा का अभाव। इस तरह के रोगियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पुनःस्थापना की आवश्यकता होती है। पुनःस्थापना का उद्देश्य रोगी को सशक्त बनाना होता है जिससे जितना संभव हो सके वह समाज का एक उत्पादक सदस्य बन सके।

पुनःस्थापन में रोगियों को व्यावसायिक चिकित्सा, सामाजिक कौशल प्रशिक्षण तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा: है। व्यावसायिक चिकित्सा में रोगियों को मोमबत्ती बनाना, कागज की थैली बनाना और कपड़ा बुनना सिखाया जाता है जिससे वे एक कार्य अनुशासन बना सकें। भूमिका निर्वाह, अनुकरण और अनुदेश के माध्यम से रोगियों को सामाजिक कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है जिसे कि वे अंतवैयक्तिक कौशल विकसित कर सकें। इसका उद्देश्य होता है रोगी को सामाजिक समूह में काम करना सिखाना। संज्ञानात्मक पुनः प्रशिक्षण मूल संज्ञानात्मक प्रकार्यों; जैसे-अवधान, स्मृति और अधिशासी प्रकार्यों में सुधार लाने के लिए दिया जाता हैं जब रोगी में पर्याप्त सुधार आ जाता है तो उसे व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमें उत्पादक रोजगार प्रारंभ करने के लिए आवश्यक कौशलों में अर्जन में उसकी मदद की जाती है।

प्रश्न 9.
छिपकली/तिलचट्टा के दुर्भीति भय का सामाजिक अधिगम सिद्धांतकार किस प्रकार स्पष्टीकरण करेगा? इसी दुर्भीति का एक मनोविश्लेषक किस प्रकार स्पष्टीकरण करेगा?
उत्तर:
छिपकली/तिलचट्टा आदि से होनेवाले भय को दुर्भीति कहते हैं। जिन लोगों को दुर्भीति होती है उन्हें किसी विशिष्ट वस्तु लोग या स्थितियों के प्रति अविवेकी या अर्वक भय होता है। यह बहुधा दुश्चिता विकार से उत्पन्न होती है। दुर्भीति या अविवेकी भय के उपचार के लिए वोल्प द्वारा प्रतिपादित क्रमित विसंवेदनीकरण एक तकनीक है। छिपकली/तिलचट्टा के दुर्भीति भय वाले व्यक्ति का साक्षात्कार मनोविश्लेषक भय उत्पन्न करनेवाली स्थितियों को जानने के लिए किया जाता है तथा सेवार्थी के साथ-साथ चिकित्सक भय उत्पन्न करनेवाले उद्दीपकों का एक पदानुक्रम तैयार करता है तथा सबसे नीचे रखता हैं मनोविश्लेषक सेवार्थी को विभ्रांत करता है और सबको कम दुश्चिता उत्पन्न करनेवाली स्थिति के बारे में सोचने को कहता है।

सेवार्थी से कहा जाता है कि जरा-सा भी तनाव महसूस करने पर भयानक स्थिति के बारे में सोचना बंद कर दे। कई सत्रों के पश्चात् सेवार्थी विश्रांति की अवस्था बनाए रखते हुए तीव्र भय उत्पन्न करनेवाली स्थितियों के बारे में सोचने में समर्थ हो जाता है। इस प्रकार सेवार्थी छिपकली या तिलचट्टा के भय के प्रति विसंवेदनशील हो जाता है। जहाँ अन्योन्य प्रावरोध का सिद्धांत क्रियाशील होता है। पहले विश्रांति की अनुक्रिया विकसित की जाती है तत्पश्चात् धीरे से दुश्चिता उत्पन्न करनेवाले दृश्य की कल्पना की जाती है और विश्रांति से दुश्चिता पर विजय प्राप्त की जाती है। इसके अतिरिक्त मनोविश्लेषक सौम्य बिना धमकी वाले किन्तु सेवार्थी के दुर्भीति भय का खंडन करनेवाले प्रश्न करता हैं। ये प्रश्न सेवार्थी को दुर्भीति भय की विपरीत दिशा में सोचने को बाध्य करते हैं जो दुश्चिता को घटाती है। सामाजिक अधिगम सिद्धान्तकार सामाजिक पक्षों को पर्यावरण परिवर्तन द्वारा स्पष्ट करेगा।

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प्रश्न 10.
क्या विद्युत-आक्षेपी चिकित्सा मानसिक विकारों के उपचार के लिए प्रयुक्त की जानी चाहिए?
उत्तर:
विद्युत-आक्षेपी चिकित्सा:
विद्युत आक्षेपी चिकित्सा जैव-आयुर्विज्ञान चिकित्सा का एक दूसरा प्रकार है। इलेक्ट्रोड द्वारा बिजली के हल्के आघात रोगी के मस्तिष्क में दिए जाते हैं जिससे आक्षेप उत्पन्न हो सके। जब रोगी के सुधार के लिए बिजली के आघात आवश्यक समझे जाते हैं तो ये केवल मनोरोगविज्ञानी के द्वारा ही दिए जाते हैं। विद्युत-आक्षेपी चिकित्सा एक नयी उपचार नहीं है और यह तभी दिया जाता है जब दवाएँ रोगी के लक्षणों को नियंत्रित करने में प्रभावी नहीं होती हैं।

प्रश्न 11.
किस प्रकार की समस्याओं के लिए संज्ञानातमक व्यवहार चिकित्सा सबसे उपयुक्त मानी जाती है?
उत्तर:
संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा विभिन्न प्रकार के मनोवैज्ञानिक विकारों जैसे-दुश्चिता, अवसाद, आंतक दौरा, सीमावर्ती व्यक्तित्व इत्यादि के लिए एक संक्षिप्त एवं प्रभावोत्पादक उपचार है।

Bihar Board Class 12 Psychology चिकित्सा उपागम Additional Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
सहानुभूति क्या होती है?
उत्तर:
तद्नुभूति में एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की दुर्दशा को समझ सकता है तथा उसी की तरह अनुभव कर सकता है।

प्रश्न 2.
तद्नुभूति क्या होती है?
उत्तर:
तनुभूति में एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की दुर्दशा को समझ सकता है तथा उसी की. तरह अनुभव कर सकता है।

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प्रश्न 3.
मनश्चिकित्सा को कितने समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है?
उत्तर:
मनश्चिकित्सा को तीन व्यापक समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है –

  1. मनोगतिक मनश्चिकित्सा
  2. व्यवहार मनश्चिकित्सा
  3. अस्तित्वपरक मनश्चिकित्सा

प्रश्न 4.
व्यवहार चिकित्सा के अनुसार मनोवैज्ञानिक समस्याएँ किस कारण उत्पन्न होती हैं?
उत्तर:
व्यवहार चिकित्सा के अनुसार मनोवैज्ञानिक समस्याएँ व्यवहार एवं संज्ञान के दोषपूर्ण अधिगम के कारण उत्पन्न होती है।

प्रश्न 5.
अस्तित्वपरक चिकित्सा की क्या अवधारणा है?
उत्तर:
अस्तित्वपरक चिकित्सा की अवधारणा है कि अपने जीवन और अस्तित्व के अर्थ में संबंधित प्रश्न मनोवैज्ञानिक समस्याओं का कारण होते हैं।

प्रश्न 6.
मनोगतिक चिकित्सा में क्या उत्पन्न किया जाता है?
उत्तर:
मनोगतिक चिकित्सा में बाल्यावस्था की अतृप्त इच्छाएँ तथा बाल्यावस्था के अनसुलझे भय अंत: मनोद्वंद्व को उत्पन्न करते हैं।

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प्रश्न 7.
व्यवहार चिकित्सा की अभिधारण क्या है?
उत्तर:
व्यवहार चिकित्सा की अभिधारण है कि दोषपूर्ण अनुबंधन प्रतिरूप, दोषपूर्ण अधिगम तथा दोषपूर्ण चिंतन एवं विश्वास दुरनुकूलक व्यवहारों को उत्पन्न करते हैं जो बाद में मनोवैज्ञानिक समस्याओं का कारण बनते हैं।

प्रश्न 8.
अस्तित्वपरक चिकित्सा किसे महत्त्व देती है?
उत्तर:
अस्तित्वपरक चिकित्सा वर्तमान को महत्त्व देती है। यह व्यक्ति के अकेलेपन, विसबंधन, अपने अस्तित्व की व्यर्थता के बोध इत्यादि से जुड़ी वर्तमान भावनाएँ हैं जो मनोवैज्ञानिक समस्याओं का कारण है।

प्रश्न 9.
मनोगतिक चिकित्सा के उपचार की मुख्य विधि क्या है?
उत्तर:
मनोगतिक चिकित्सा मुक्त साहचर्य विधि और स्वप्न को बताने की विधि का उपयोग सेवार्थी की भावनाओं और विचारों को प्राप्त करने के लिए करती है। इस सामग्री की व्याख्या सेवार्थी के समक्ष की जाती है ताकि इसकी मदद से वह अपने द्वंद्वों का सामना और समाधान कर अपनी समस्याओं पर विजय पा सके।

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प्रश्न 10.
मानवतावादी चिकित्सा किसे मुख्य लाभ मानती है?
उत्तर:
मानवतावादी चिकित्सा व्यक्तिगत संवृद्धि को मुख्य लाभ मानती है।

प्रश्न 11.
व्यक्तिगत संवृद्धि क्या है?
उत्तर:
व्यक्तिगत संवृद्धि अपने बारे में और अपनी आकांक्षाओं, संवेगों तथा अभिप्रेरकों के बारे में बढ़ती समझ प्राप्त करने की प्रक्रिया है।

प्रश्न 12.
मनोगतिक चिकित्सा का प्रतिपादन किसने किया था?
उत्तर:
मनोगतिक चिकित्सा का प्रतिपादन फ्रायड द्वारा किया गया था।

प्रश्न 13.
अंत: मनोद्वंद्व को बाहर निकालने के लिए किन विधियों का आविष्कार किया गया?
उत्तर:
अंत: मनोद्वंद्व को बाहर निकालने के लिए दो महत्त्वपूर्ण विधियाँ-मुक्त साहचर्य विधि तथा स्वप्न व्याख्या विधि का आविष्कार किया गया।

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प्रश्न 14.
सेवार्थी की समस्याओं को समझने की प्रमुख विधि क्या है?
उत्तर:
मुक्त साहचर्य विधि सेवार्थी की समस्याओं को समझने की प्रमुख विधि है।

प्रश्न 15.
मनश्चिकित्सा क्या है?
उत्तर:
मनश्चिकित्सा उपचार चाहनेवाले या सेवार्थी तथा उपचार करनेवाले या चिकित्सक के बीच में एक ऐच्छिक संबंध है।

प्रश्न 16.
मनश्चिकित्सा का क्या उद्देश्य होता है?
उत्तर:
मनश्चिकित्सा का उद्देश्य दुरनुकूलक व्यवहारों को बदलना, वैयक्तिक कष्ट की भावना को कम करना तथा रोगी को अपने पर्यावरण से बेहतर ढंग से अनुकूलन करने में मदद करना है।

प्रश्न 17.
चिकित्सात्मक मैत्री किसे कहते हैं?
उत्तर:
सेवार्थी एवं चिकित्सक के बीच एक विशेष संबंध को चिकित्सात्मक संबंध या चिकित्सात्मक मैत्री कहा जाता है। यह न तो एक क्षणिक परिचय होता है और न ही एक स्थायी एवं टिकाऊ संबंध।

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प्रश्न 18.
चिकित्सात्मक मैत्री के दो मुख्य घटक कौन-से है?
उत्तर:
चिकित्सात्मक मैत्री के दो मुख्य घटक हैं –

  1. पहला घटक इस संबंध की संविदात्मक प्रकृति है, जिसमें दो इच्छुक व्यक्ति, सेवार्थी एवं चिकित्सक, एक ऐसी साझेदारी भागीदारी में प्रवेश करते हैं जिसका उद्देश्य सेवार्थी की समस्याओं का निराकरण करने में उसकी मदद करना होता है।
  2. दूसरा घटक है-चिकित्सा की सीमित अवधि।

प्रश्न 19.
निर्वचन की दो विश्लेषणात्मक तकनीक कौन-सी है?
उत्तर:
प्रतिरोध तथा स्पष्टीकरण निर्वचन की दो विश्लेषणात्मक तकनीक है।

प्रश्न 20.
प्रतिरोध क्या है?
उत्तर:
प्रतिरोध निर्वचन की विश्लेषणात्मक तकनीक है जिसमें चिकित्सक सेवार्थी के किसी एक मानसिक पक्ष की ओर संकेत करता है जिसका सामना सेवार्थी को अवश्य करना चाहिए।

प्रश्न 21.
स्पष्टीकरण क्या है?
उत्तर:
स्पष्टीकरण एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से चिकित्सक किसी अस्पष्ट या भ्रामक घटना को केन्द्रबिन्दु में लाता है।

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प्रश्न 22.
समाकलन कार्य किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रतिरोध, स्पष्टीकरण तथा निर्वचन को प्रयुक्त करने की पुनरावृत प्रक्रिया को समाकलन कार्य कहते हैं।

प्रश्न 23.
समाकलन कार्य में क्या कार्य होता है?
उत्तर:
समाकलन कार्य रोगी को अपने आपको और अपनी समस्या के स्रोत को समझने में तथा बाहर आई सामग्री को अपने अहं में समाकलित करने में सहायता करता है।

प्रश्न 24.
‘अंतर्दृष्टि’ से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
अंतर्दृष्टि एक क्रमिक प्रक्रिया है जहाँ अचेतन स्मृतियाँ लगातार सचेतन अभिज्ञता में समाकलित होती रहती है; ये अचेतन घटनाएँ एवं स्मृतियाँ अन्यारोपण में पुनः अनुभूत होती हैं और समाकलित की जाती हैं।

प्रश्न 25.
सांवेगिक समझ से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
सांवेगिक समझ भूतकाल की अप्रीतिकर घटनाओं के प्रति अपनी अविवेकी प्रतिक्रिया की स्वीकृति, सांवेगिक रूप से परिवर्तन की तत्परता तथा परिवर्तन करना सांवेगिक अंतर्दृष्टि है।

प्रश्न 26.
सकारात्मक अन्यारोपण क्या है?
उत्तर:
कारात्मक अन्यारोपण में सेवार्थी चिकित्सक की पूजा करने लगता है या उससे प्रेम करने लगता है और चिकित्सक का अनुमोदन चाहता है।

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प्रश्न 27.
नकारात्मक अन्यारोपण कब प्रदर्शित होता है?
उत्तर:
नकारात्मक अन्यारोपण तब प्रदर्शित होता है जब सेवार्थी में चिकित्सक के प्रति शत्रुता, क्रोध और अमर्ष या अप्रसन्नता की भावना होती है।

प्रश्न 28.
अन्यारोपण की प्रक्रिया में प्रतिरोध क्यों होता है?
उत्तर:
चूँकि अन्यारोपण की प्रक्रिया अचेतन इच्छाओं और द्वंद्वों को अनावृत्त करती है, जिससे कष्ट का स्तर बढ़ जाता है इसलिए सेवार्थी अन्यारोपण का प्रतिरोध करता है।

प्रश्न 29.
सचेत प्रतिरोध कब होता है?
उत्तर:
सचेत प्रतिरोध तब होता है जब सेवार्थी जान-बूझकर किसी सूचना को छिपाता।

प्रश्न 30.
अचेतन प्रतिरोध कब होता है?
उत्तर:
अचेतन प्रतिरोध तब माना जाता है जब सेवार्थी चिकित्सा सत्र के दौरान मूक या चुप हो जाता है, तुच्छ बातों का पुनः स्मरण करता है किन्तु संवेगात्मक बातों का नहीं, नियोजित भेंट में अनुपस्थित होता है तथा चिकित्सा सत्र के लिए देर से आता है।

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प्रश्न 31.
परिवर्तन को किस युक्ति द्वारा प्रभावित किया जाता है?
उत्तर:
निर्वचन मूल युक्ति है जिससे परिवर्तन को प्रभावित किया जाता है।

प्रश्न 32.
विमुखी अनुबंधन क्या है?
उत्तर:
विमुखी अनुबंधन का संबंध अवांछित अनुक्रिया के विमुखी परिणाम के साथ पुनरावृत्त साहचर्य से है।

प्रश्न 33.
निषेधात्मक प्रबलन का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
एक अध्यापक कक्षा में शोर मचाने के लिए एक बालक को फटकार लगाता है, यह निषेधात्मक प्रबलन है।

प्रश्न 34.
निषेधात्मक प्रबलन से आपका क्या तात्पर्य है।
उत्तर:
निषेधात्मक प्रबलन का तात्पर्य अवांछित अनुक्रिया के साथ संलग्न एक ऐसे परिणाम से है जो कष्टकर या पसंद न किया जानेवाला हो।

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प्रश्न 35.
अन्योग्य प्रावरोध का सिद्धांत क्या है?
उत्तर:
इस सिद्धांत के अनुसार दो परस्पर विरोधी शक्तियों की एक ही समय में उपस्थिति कमजोर शक्ति को अवरुद्ध करती है। अतः, पहले विश्रांति की अनुक्रिया विकसित की जाती है तत्पश्चात् धीरे से दुश्चिता उत्पन करनेवाले दृश्य की कल्पना की जाती है और विश्रांति से दुश्चिता पर विजय प्राप्त की जाती है। सेवार्थी अपनी विश्रांत अवस्था के कारण प्रगामी तीव्रतर दुश्चिता को सहन करने योग्य हो जाता है।

प्रश्न 36.
प्रगामी पेशीय विश्रांति क्या है?
उत्तर:
प्रगामी पेशीय विश्रांति दुश्चिता के स्तर को कम करने की एक विधि है जिसमें सेवार्थी को पेशीय तनाव या तनाव के प्रति जागरुकता लाने के लिए, विशिष्ट पेशी समूहों को संकुचित करना सिखाया जाता है।

प्रश्न 37.
क्रमिक विसंवेदीकरण को किसने प्रतिपादित किया था?
उत्तर:
दुर्भाति या अविवेकी भय के उपचार के लिए वोल्प द्वारा प्रतिपादित क्रमिक विसंवेदनीकरण एक तकनीक है।

प्रश्न 38.
विभेदक प्रबलन क्या है?
उत्तर:
विभेदक प्रबलन द्वारा एक साथ अवांछित व्यवहार को घटाया जा सकता है तथा वांछित व्यवहार को बढ़ावा दिया जा सकता है।

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प्रश्न 39.
विमुखी अनुबंधन का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
एक मद्यव्यसनी को बिजली का एक हल्का आघात दिया जाए और मद्य सूंघने को कहा जाए। ऐसे पुरावृत्त युग्मन से मद्य की गंधक उसके लिए अरुचिकर हो जाएगी क्योंकि बिजली के आघात की पीड़ा के साथ इसका साहचर्य स्थापित हो जाएगा और व्यक्ति मद्य छोड़ देगा।

प्रश्न 40.
सकारात्मक प्रबलन कब दिया जाता है?
उत्तर:
यदि कोई अनुकूली व्यवहार कभी-कभी ही घटित होता है तो इस न्यूनता को बढ़ाने के लिए सकारात्मक प्रबलन दिया जाता है।

प्रश्न 41.
सकारात्मक प्रबलन का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
यदि कोई बालक गृहकार्य नियमित रूप से नहीं करता तो उसकी माँ नियत समय गृहकार्य करने के लिए सकारात्मक प्रबलन के रूप में बच्चे का मनपसंद पकवान बनाकर दे सकती है। मनपसंद भोजन का सकारात्मक प्रबलन उसके नियम समय पर गृहकार्य करने के व्यवहार को बढ़ाएगा।

प्रश्न 42.
टोकन अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं?
उत्तर:
व्यवहारात्मक समस्याओं वाले लोगों को कोई वांछित व्यवहार करने पर हर बार पुरस्कार के रूप में एक टोकन दिया जा सकता है। ये टोकन संगृहीत किए जाते हैं और किसी पुरस्कार से उनका विनिमय या आदान-प्रदान किया जाता है, जैसे रोगी को बाहर घुमाने ले जाना। इसे टोकन अर्थव्यवस्था कहते हैं।

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प्रश्न 43.
अपक्रियात्मक व्यवहार क्या होते हैं?
उत्तर:
अपक्रियात्मक व्यवहार वे व्यवहार होते हैं जो सेवार्थी को कष्ट प्रदान करते हैं।

प्रश्न 44.
व्यवहार चिकित्सा का आधार क्या होता है?
उत्तर:
व्यवहार चिकित्सा का आधार दोषपूर्ण या अपक्रियात्मक व्यवहार को निरूपित करना, इस व्यवहारों को प्रबलित तथा संपोषित करने वाले कारकों तथा उन विधियों को खोजना है जिनसे उन्हें परिवर्तित किया जा सके।

प्रश्न 45.
व्यवहार चिकित्सा का केन्द्र बिन्दु क्या होता है?
उत्तर:
व्यवहार चिकित्सा का केन्द्र बिन्दु सेवार्थी में विद्यमान व्यवहार और विचार होते हैं।

प्रश्न 46.
व्यवहार चिकित्सा के अनुसार मनोवैज्ञानिक कष्ट क्यों उत्पन्न होते हैं?
उत्तर:
व्यवहार चिकित्सा के अनुसार मनोवैज्ञानिक कष्ट दोषपूर्ण व्यवहार प्रतिरूपों या विचार प्रतिरूपों के कारण उत्पन्न होते हैं।

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प्रश्न 47.
पूर्ववर्ती कारक क्या होते हैं?
उत्तर:
पूर्ववर्ती कारक वे कारक होते हैं जो व्यक्ति को उस व्यवहार में मग्न हो जाने के लिए पहले ही से प्रवृत्त कर देते हैं।

प्रश्न 48.
संपोषण कारक क्या होते हैं?
उत्तर:
संपोषण कारक वे कारक होते हैं जो दोषपूर्ण व्यवहार के स्थायित्व को प्रेरित करते हैं।

प्रश्न 49.
स्थापन संक्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
यदि एक बच्चा रात का भोजन करने में परेशान करता है तो स्थापन संक्रिया यह होगी कि चायकाल के समय खाने की मात्रा को घटा दिया जाए। उससे रात के भोजन के समय भूख बढ़ जाएगी तथा इस प्रकार रात के भोजन के समय खाने का प्रबलन मूल्य बढ़ जाएगा।

प्रश्न 50.
व्यवहार को परिवर्तित करने की तकनीकों का क्या सिद्धांत है?
उत्तर:
व्यवहार को परिवर्तित करने की तकनीकों का सिद्धांत है सेवार्थी के भाव-प्रबोधन स्तर को कम करना, प्राचीन अनुबंधन या क्रियाप्रसूत अनुबंधन द्वारा व्यवहार को बदलना जिसमें प्रबलन की भिन्न-भिन्न प्रासंगिकता हो, साथ ही यदि आवश्यकता हो तो प्रतिस्थानिक अधिगम प्रक्रिया का भी उपयोग करना।

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प्रश्न 51.
व्यवहार परिष्करण की मुख्य तकनीक क्या है?
उत्तर:
व्यवहार परिष्करण की दो मुख्य तकनीकें हैं-निषेधात्मक प्रबलन तथा विमुखी अनुबंधन।

प्रश्न 52.
मॉडलिंग प्रक्रिया क्या है?
उत्तर:
मॉडलिंग या प्रतिरूपण की प्रक्रिया में सेवार्थी एक विशेष प्रकार से व्यवहार करना सीखता है। इसमें वह कोई भूमिका-प्रतिरूप या चिकित्सक, जो प्रारंभ में भूमिका प्रतिरूप की तरह कार्य करता है, के व्यवहार का प्रेक्षण करके उस व्यवहार को करना सीखता है।

प्रश्न 53.
मुक्त साहचर्य विधि किसे कहते हैं?
उत्तर:
सेवार्थी को एक विचार को दूसरे विचार से मुक्त रूप से संबद्ध करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और इस विधि को मुक्त साहचर्य विधि कहते हैं।

प्रश्न 54.
रोगी के उपचार करने का क्या उपाय है?
उत्तर:
अन्यारोपन तथा व्याख्या या निर्वचन रोगी का उपचार करने के उपाय हैं।

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प्रश्न 55.
सेवार्थी केन्द्रित चिकित्सा किसने प्रतिपादित की थी?
उत्तर:
सेवार्थी केन्द्रित चिकित्सा कार्ल राबर्स द्वारा प्रतिपादित की गई थी।

प्रश्न 56.
गेस्टाल्ट चिकित्सा का क्या उद्देश्य है?
उत्तर:
गेस्टाल्ट चिकित्सा का उद्देश्य व्यक्ति की आत्म-जागरुकता एवं आत्म-स्वीकृति के स्तर को बढ़ाना होता है।

प्रश्न 57.
उद्बोधक चिकित्सा का क्या उद्देश्य होता है?
उत्तर:
उद्बोधक चिकित्सा का उद्देश्य अपने जीवन की परिस्थितियों को ध्यान में रखे बिना – जीवन में अर्थवत्ता और उत्तरदायित्व बोध प्राप्त कराने में सेवार्थी की सहायता करना है।

प्रश्न 58.
संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा किस प्रकार के मनोवैज्ञानिक विकारों का उपचार करती है?
उत्तर:
संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा विभिन्न प्रकार के मनोवैज्ञानिक विकारों; जैसे-दुश्चिता, अवसाद, आंतक दौरा, सीमवर्ती व्यक्तित्व इत्यादि के लिए एक संक्षिप्त और प्रभावोत्पादक उपचार है।

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प्रश्न 59.
वर्तमान में मनोविकार के लिए किस चिकित्सा का सर्वाधिक प्रयोग होता है?
उत्तर:
संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा का।

प्रश्न 60.
आरन बेक का संज्ञानात्मक सिद्धांत क्या हैं?
उत्तर:
आरन बेक के संज्ञानात्मक सिद्धांत के अनुसार परिवार और समाज द्वारा दिये गये बाल्यावस्था के अनुभव मूल अन्विति योजना या मूल स्कीमा या तंत्र के रूप में विकसित हो जाते हैं, जिसमें व्यक्ति के विश्वास और क्रिया के प्रतिरूप सम्मिलित होते हैं।

प्रश्न 61.
प्रतिस्थानिक अधिगम क्या है?
उत्तर:
दूसरों का प्रेक्षण करते हुए सीखना को प्रतिस्थानिक अधिगम कहते हैं।

प्रश्न 62.
संज्ञानात्मक चिकित्सा में मनोवैज्ञानिक कष्ट का कारण किसे माना जाता है?
उत्तर:
संज्ञानात्मक चिकित्साओं में मनोवैज्ञानिक कष्ट का कारण विवेकी विचारों और विश्वासों में स्थापित किया जाता है।

प्रश्न 63.
संवेग तर्क चिकित्सा को किसने प्रतिपादित किया?
उत्तर:
अल्बर्ट एलिस ने संवेग तर्क चिकित्सा को प्रतिपादित किया।

प्रश्न 64.
संवेग तर्क चिकित्सा की केन्द्रीय धारणा क्या है?
उत्तर:
इस चिकित्सा की केन्द्रीय धारण है कि अविवेकी विश्वास पूर्ववर्ती घटनाओं ओर उनके परिणामों के बीच मध्यस्थ करते हैं।

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प्रश्न 65.
संवेग तर्क चिकित्सा में पहला चरण क्या है?
उत्तर:
संवेग तर्क चिकित्सा में पहला चरण है-पूर्ववर्ती विश्वास-परिणाम विश्लेषण।

प्रश्न 66.
अविवेकी विश्वासों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
अविवेकी विश्वासों के उदाहरण हैं; जैसे-किसी को हर एक का प्यार हर समय मिलना चाहिए: मनुष्य की तंगहाली बाह्य घटनाओं के कारण होती है जिस पर किसी का नियंत्रण नहीं होता, इत्यादि।

प्रश्न 67.
अविवेकी विश्वासों के क्या परिणाम होते हैं?
उत्तर:
अविवेकी विश्वासों के कारण पूर्ववर्ती घटना का विकृत प्रत्यक्षण नकारात्मक संवेगों और व्यवहारों के परिणाम का कारण बनता है।

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प्रश्न 68.
अविवेकी विश्वासों का मूल्यांकन किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
अविवेकी विश्वासों का मूल्यांकन प्रश्नावली और साक्षात्कार के द्वारा किया जाता है।

प्रश्न 69.
अपक्रियात्मक संज्ञानात्मक संरचना किसे कहते हैं?
उत्तर:
संज्ञानात्मक विकृतियाँ चिंतन के ऐसे तरीके है जो सामान्य प्रकृति के होते हैं किन्तु वे वास्तविकता को नकारात्मक तरीके से विकृत करते हैं। विचारों के इन प्रतिरूपी को अपक्रियात्मक संज्ञानात्मक संरचना कहते हैं।

प्रश्न 70.
उद्बोधक चिकित्सा को किसने प्रतिपादित किया था?
उत्तर:
विक्टर फ्रेंसल ने उद्बोधक चिकित्सा को प्रभावित किया।

प्रश्न 71.
विद्युत-आक्षेपी चिकित्सा क्या है?
उत्तर:
विद्युत-आक्षेपी चिकित्सा जैव-आयुर्विज्ञान चिकित्सा का एक प्रकार है जिसमें इलेक्ट्रोड द्वारा बिजली के हल्के आघात रोगी के मस्तिष्क में दिए जाते हैं जिससे आक्षेप उत्पन्न हो सके।

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प्रश्न 72.
सुदर्शन क्रिया योग में कौन-सी तकनीक उपयोग में लाई जाती है?
उत्तर:
तीव्र गति से श्वास लेने की तकनीक, जो अत्यधिक वायु संचार करती है, सुदर्शन क्रिया योग से उपयोग की जाती है।

प्रश्न 73.
तीव्र गति से श्वास लेने की तकनीक से किस प्रकार विकारों में फायदा होता है?
उत्तर:
यह दबाव, दुश्चिता, अभिघातज उत्तर दबाव विकार, अवसाद, दबाव-संबंधी चिकित्सा रोग, मादक द्रव्यों का दुरुपयोग तथा अपराधियों के पुन:स्थापन के लिए उपयोग की जाती है।

प्रश्न 74.
गेस्टाल्ट चिकित्सा को किसने प्रतिपादित किया।
उत्तर:
गेस्टाल्ट चिकित्सा फ्रेडरिक पर्ल्स ने अपनी पत्नी लॉरा पर्ल्स के साथ प्रस्तुत की थी।

प्रश्न 75.
कुछ वैकल्पिक चिकित्सा के नाम लिखिए।
उत्तर:
योग, ध्यान, सेक्यूपंक्चर, वनौषधि, उपचार इत्यादि वैकल्पिक चिकित्साएँ हैं।

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प्रश्न 76.
योग का क्या आशय है?
उत्तर:
योग का आशय केवल आसन या शरीर संस्थिति घटक अथवा श्वसन अभ्यास या प्राणायाम अथवा दोनों के संयोग से होता है।

प्रश्न 77.
ध्यान का संबंध किससे होता है?
उत्तर:
ध्यान का संबंध श्वास अथवा किसी वस्तु या विचार या किसी मंत्र पर ध्यान केन्द्रित करने के अभ्यास से है।

प्रश्न 78.
विपश्यना ध्यान क्या है?
उत्तर:
विपश्यना ध्यान, जिसे सतर्कता आधारित ध्यान के नाम से भी जाना जाता है, में ध्यान को बाँधे रखने के लिए कोई निष्क्रिय रूप से विभिन्न शारीरिक संवेदनाओं एवं विचारों, जो उसकी चेतना में आते रहते हैं, का प्रेक्षण करता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
मनश्चिकित्सात्मक उपागमों में पाए जानेवाले अभिलक्षणों की संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सभी मनश्चिकित्सात्मक उपागमों में निम्न अभिलक्षण पाए जाते हैं:

  1. चिकित्सा के विभिन्न सिद्धांतों में अंतर्निहित नियमों का व्यवस्थित या क्रमबद्ध अनुप्रयोग होता है।
  2. केवल वे व्यक्ति, जिन्होंने कुशल पर्यवेक्षण में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया हो, मनश्चिकित्सा कर सकते हैं, हर कोई नहीं।
  3. चिकित्सात्मक स्थितियों में एक चिकित्सक और एक सेवार्थी होता है जो अपनी संवेगात्मक समस्याओं के लिए सहायता चाहता है और प्राप्त करता है।
  4. इन दोनों व्यक्तियों, चिकित्सक एवं सेवार्थी के बीच की अंत:क्रिया के परिणामस्वरूप एवं चिकित्सात्मक संबंध का निर्माण एवं उसका सुदृढीकरण होता है। यह एक गोपनीय, अंतर्वैयक्तिक एवं गत्यात्मक संबंध होता है। वही मानवीय संबंध किसी भी मनोविज्ञान चिकित्सा का केन्द्र होता है तथा यही परिवर्तन का माध्य बनता है।

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प्रश्न 2.
मनश्चिकित्साओं के उद्देश्यों को लिखिए।
उत्तर:
सभी मनश्चिकित्साओं के उद्देश्य निम्नलिखित लक्ष्यों में कुछ या सब होते हैं –

  1. सेवार्थी के सुधार के संकल्प को प्रबलित करना।
  2. संवेगात्मक दबाव को कम करना।
  3. सकारात्मक विकास के लिए संभाव्यताओं को प्रकट करना।
  4. आदतों में संशोधन करना।
  5. चिंतन के प्रतिरूपों में परिवर्तन करना।
  6. आत्म-जागरुकता को बढ़ावा।
  7. अंतवैयक्तिक संबंधों एवं संप्रेषण में सुधार करना।
  8. निर्णयन को सुकर बनाना।
  9. जीवन में अपने विकल्पों के प्रति जागरूक होना।
  10. अपने सामाजिक पर्यावरण से एक सर्जनात्मक एवं आत्म-जागरूक तरीके से संबंधित होना।

प्रश्न 3.
सहानुभूति तथा तद्नुभूति में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
तनुभूति सहानुभूति तथा किसी दूसरे व्यक्ति की स्थिति की बौद्धिक समझ से भिन्न होती है। सहानुभूति में व्यक्ति को दूसरे के कष्ट के प्रति दया और करुणा होती है किन्तु दूसरे व्यक्ति की तरह वह अनुभव नहीं कर सकता। बौद्धिक समझ भाव-शून्य इस आशय से होती है कि कोई व्यक्ति की दुर्दशा को समझ सकता है तथा उसकी की तरह अनुभव कर सकता है। इसका तात्पर्य हुआ है कि दूसरे व्यक्ति के परिप्रेक्ष्य से या उसके स्थान पर स्वयं को रखकर बातों को समझना। तद्नुभूति चिकित्सात्मक संबंध को समृद्ध बनाती है तथा इसे एक स्वास्थ्यकर संबंध में परिवर्तित करती है।

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प्रश्न 4.
नैदानिक निरूपण के क्या लाभ हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
नैदानिक निरूपण के निम्नलिखित लाभ हैं –
1. समस्या की समझ-चिकित्सा सेवार्थी द्वारा अनुभव किए जा रहे कष्टों के निहितार्थों को समझने में समर्थ होता है।

2. मनश्चिकित्सा में उपचार हेतु लक्ष्य क्षेत्रों की पहचान-सैद्धांतिक निरूपण में चिकित्सा के लिए समस्या के लक्ष्य-क्षेत्रों की स्पष्ट रूप से पहचान की जाती है। अतः, यदि कोई सेवार्थी किसी नौकरी पर बने रहने में असमर्थता के लिए मदद चाहता है और अपने उच्च अधिकारियों का सामना करने में असमर्थता अभिव्यक्त करता है तो व्यवहार चिकित्सा में नैदानिक निरूपण इसे दुश्चिता तथा आग्रहिता कौशलों में कमी बताएगा । अतः अपने आपको निश्चयात्मक रूप से व्यक्त करने में असमर्थता अभिव्यक्त तथा बढ़ी हुई दुश्चिता लक्ष्य-क्षेत्र के रूप में पहचाने गए।

3. उपचार के लिए तकनीक का वरण या चुनाव-उपचार के लिए तकनीक का मुख्य चुनाव इस बात पर निर्भर करना है कि चिकित्सक किस प्रकार की चिकित्सात्मक व्यवस्था में चिकित्सा के परिणाम से प्रत्याशाएँ नैदानिक निरूपण पर निर्भर करते हैं।

प्रश्न 5.
“अन्यारोपण की प्रक्रिया में प्रतिरोध भी होता है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अन्यारोपण की प्रक्रिया में प्रतिरोध (Resistance) भी होता है। चूंकि अन्यारोपण की प्रक्रिया अचेतन इच्छाओं और द्वंद्वों को अनावृत करती है, जिससे कष्ट का स्तर बढ़ जाता है। इसलिए सेवार्थी अन्यारोपण का प्रतिरोध करना है। इस प्रतिरोध के कारण अपने आपको अचेतन मन की कष्टकर स्मृतियों के पुनः स्मरण से बचाने के लिए सेवार्थी चिकित्सा की प्रगति का विरोध करता है। प्रतिरोध सचेतन और अचेतन दोनों हो सकता है।

सचेतन प्रतिरोध तब होता है जब सेवार्थी जान-बूझकर किसी सूचना को छिपाता है। अचेतन प्रतिरोध तब उपस्थित माना जाता है, जब सेवार्थी चिकित्सा सत्र के दौरान मूक या चुप हो जाता है, तुच्छ बातों का पुनः स्मरण करता है किन्तु संवेगात्मक बातों का नहीं, नियोजित भेंट में अनुपस्थित होता है तथा चिकित्सा सत्र के लिए देर से आता है। चिकित्सक बार-बार इसे सेवार्थी के सामने रखकर तथा दुश्चिता, भय, शर्म जैसे संवेगों को उभार कर, जो इस प्रतिरोध के कारण हैं, इस प्रतिरोध पर विजय प्राप्त करता है।

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प्रश्न 6.
निर्वचन की विश्लेषणात्मक तकनीकों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
निर्वचन की दो विश्लेषणात्मक तकनीक हैं –

  1. प्रतिरोध
  2. स्पष्टीकरण

प्रतिरोध में चिकित्सक सेवार्थी के किसी एक मानसिक पक्ष की ओर संकेत करता है जिसका सामना सेवार्थी को अवश्य करना चाहिए। स्पष्टीकरण एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से चिकित्सक किसी अस्पष्ट या भ्रामक घटना को केन्द्रबिन्दु में लाता है। यह घटना के महत्त्वपूर्ण विस्तृत वर्णन की महत्त्वहीन वर्णन से अलग करके तथा विशिष्टता प्रदान करके किया जाता है। निर्वचन एक अधिक सूक्ष्म प्रक्रिया है। यह मनोविश्लेषण का शिखर माना जाता है। चिकित्सक मुक्त साहचर्य, स्वप्न व्याख्या, अन्यारोपण तथा प्रतिरोध को प्रक्रिया में अभिव्यक्त अचेतन सामग्री का उपयोग सेवार्थी को अभिज्ञ बनाने के लिए करता है कि किन मानसिक अंतर्वस्तुओं एवं द्वंद्वों ने कुछ घटनाओं, लक्षणों तथा द्वंद्वों को उत्पन्न किया है। निर्वचन बालवस्था में भोगे हुए वंचन या अंत:मनोद्वंद्व पर केन्द्रित हो सकता है।

प्रश्न 7.
समाकलन कार्य किसे कहते हैं? समाकलन कार्य का परिणाम क्या है? संक्षेप में समझाइए।
उत्तर:
प्रतिरोध, स्पष्टीकरण तथा निर्वचन को प्रयुक्त करने की पुरावृत्त प्रक्रिया को समाकलन कार्य (Working through) कहते हैं। समाकलन कार्य रोगी को अपने आपको और अपनी समस्या के स्रोत को समझने में तथा बाहर आई सामग्री को अपने अहं में समाकलित करने में सहायता करता है। समाकलन कार्य का परिणाम है अंतर्दृष्टि (Insight)। अंतर्दृष्टि कोई आकस्मिक घटना नहीं है बल्कि एक क्रमिक प्रक्रिया है जहाँ अचेतन घटनाएँ स्मृतियाँ अन्यारोपण में पुनः अनुभूत होती हैं और समाकलित की जाती हैं।

जैसे यह प्रक्रिया चलती रहती है, सेवार्थी बौद्धिक एवं सांवेगिक स्तर पर अपने आपको बेहतर समझने लगता है और अपनी समस्याओं और द्वंद्वों के बारे में अंतर्दृष्टि प्राप्त करता है। बौद्धिक अंतर्दृष्टि है। सांवेगिक समझ भूतकाल की अप्रीतिकर घटनाओं के प्रति अपनी अविवेकी प्रतिक्रिया की स्वीकृति, सांवेगिक रूप में परिवर्तन करना सांवेगिक अंतर्दृष्टि चिकित्सा का अंतिम बिन्दु है जब सेवार्थी अपने बारे में एक नई समझ प्राप्त कर चुका होता है। बदले में भूतकाल के द्वंद्व, रक्षा युक्तियाँ और शारीरिक लक्षण भी नहीं रह जाते और सेवार्थी मनोवैज्ञानिक रूप से एक स्वस्थ व्यक्ति हो जाता है। इस अवस्था पर मनोविश्लेषण समाप्त कर दिया जाता है।

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प्रश्न 8.
मनोगतिक चिकित्सा में उपचार की अवधि क्या होती है?
उत्तर:
सप्ताह में चार-पाँच दिनों तक रोज एक घंटे के साथ मनोविश्लेषण कई वर्षों तक चल सकता है। यह एक गहन उपचार है। उपचार में तीन अवस्थाएँ (Three stages) होती हैं। पहली अवस्था प्रारंभिक अवस्था है। सेवार्थी नित्यकर्मी से परिचित हो जाता है, विश्लेषक से एक चिकित्सात्मक संबंध स्थापित करता है तथा अपी चेतना से भूत और वर्तमान को कष्टप्रद घटनाओं के बारे में सतही सामग्रियों को संस्मृति प्रक्रिया से वह कुछ राहत महसूस करता है। दूसरी अवस्था मध्य अवस्था है जो एक लंबी प्रक्रिया है। इसकी विशेषता सेवार्थी की ओर से अन्यारोपण और प्रतिरोध तथा चिकित्सक के द्वारा प्रतिरोध एवं स्पष्टीकरण अर्थात् समाकलन कार्य है। तीसरी अवस्था समाप्ति की अवस्था है जिसमें विश्लेषक के साथ संबंध भंग हो जाता है और सेवार्थी चिकित्सा छोड़ने की तैयारी कर लेता है।

प्रश्न 9.
व्यवहार चिकित्सा क्या है? संक्षेप में समझाइए।
उत्तर:
व्यवहार चिकित्सा मनश्चिकित्सा का एक प्रकार है –
व्यवहार चिकित्साओं का यह मानना है कि मनोवैज्ञानिक कष्ट दोषपूर्ण व्यवहार प्रतिरूपों या विचार प्रतिरूपों के कारण उत्पन्न होते हैं। अतः इनका केन्द्रबिन्दु सेवार्थी में विद्यमान व्यवहार और विचार होते हैं। उसका अतीत केवल उसके दोषपूर्ण व्यवहार तथा विचार प्रतिरूपों की उत्पत्ति को समझने के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण होता है। अतीत को फिर से सक्रिय नहीं किया जाता। वर्तमान में केवल दोषपूर्ण प्रतिरूपों में सुधार किया जाता है।

अधिगम के सिद्धांतों का नैदानिक अनुप्रयोग की व्यवहार चिकित्सा को गठित करता है। व्यवहार चिकित्सा में विशिष्ट तकनीकों एवं सुधारोन्मुख हस्तक्षेपों का एक विशाल समुच्चय होता है। यह कोई एकीकृत सिद्धांत नहीं है जिसे क्लिनिकल निदान या विद्यमान लक्षणों को ध्यान में रखें बिना अनुप्रयुक्त किया जा सके। अनुप्रयुक्त किए जानेवाली विशिष्ट तकनीकों या सुधारोन्मुख हस्तक्षेपों के चयन में सेवार्थी के लक्षण तथा क्लिनिकल निदान मार्गदर्शक कारक होते हैं।

दुर्भीति या अत्यधिक और अपंगकारी भय के उपचार के लिए तकनीकों के एक समुच्चय को प्रयुक्त करने की आवश्यकता होगी जबकि क्रोध-प्रस्फोटन के उपचार के लिए दूसरी। अवसादग्रस्त सेवार्थी को चिकित्सा दुश्चितित सेवार्थी से भिन्न होगी। व्यवहार चिकित्सा का आधार दोषपूर्ण या अप्रक्रियात्मक व्यवहार को निरूपित करना, इन व्यवहारों को प्रबलित तथा संपोषित करनेवाले कारकों तथा उन विधियों को खोजना है जिनसे उन्हें परिवर्तित किया जा सके।

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प्रश्न 10.
विश्रांत की विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विश्रांत की विधियाँ-दुश्चिता मनोवैज्ञानिक कष्ट की अभिव्यक्ति है जिसके लिए सेवार्थी उपचार चाहता है। व्यवहारात्मक चिकित्सा दुश्चिता को सेवार्थी के भाव-प्रबोधन के स्तर को बढ़ाने के रूप में देखता है जो दोषपूर्ण व्यवहार उत्पन्न करने में एक पूर्ववर्ती कारक की तरह कार्य करता है। सेवार्थी दुश्चिता का कम करने के लिए धूम्रपान कर सकता है, अपने आपको अन्य क्रियाओं में निमग्न कर सकता है। जैसे-भोजन या दुश्चिता के कारण लंबे समय तक अपने अध्ययन में एकाग्र नहीं कर पाता है।

अतः, दुश्चिता में कमी अत्यधिक भोजन या धूम्रपान के अवांछित व्यवहारों को कम करेगी। दुश्चिता के स्तर को कम करने के लिए विश्रांति की विधियों का उपयोग किया जाता है। उदाहरणार्थ, प्रगामी पेशीय विश्रांति और ध्यान एक विश्रांति में सेवार्थी को पेशीय तनाव या तनाव के प्रति जागरुकता लाने के लिए विशिष्ट पेशी समूहों को संकुचित करना सिखाया जाता है। सेवार्थी के पेशी समूह; जैसे-अग्रबाहु को तानना सीखने के बाद सेवार्थी को तनाव को मुक्त करने के लिए कहा जाता है। सेवार्थी को यह भी बताया जाता है कि उसे (सेवार्थी) वर्तमान में ही तनाव है और इसकी विपरीत अवस्था में जाना है। पुरावृत्त अभ्यास के साथ सेवार्थी शरीर की सारी पेशियों को विश्रांत करना सीख जाता है।

प्रश्न 11.
अन्योन्य प्रावरोध के सिद्धांत को समझाइए।
उत्तर:
अन्योन्य प्रावरोध के सिद्धांत के अनुसार दो परस्परविरोधी शक्तियों की एक ही समय में उपस्थिति कमजोर शक्ति को अवरुद्ध करती है। अतः, पहले विश्रांति की अनुक्रिया विकसित की जाती है तत्पश्चात् धीरे-से दुश्चिता उत्पन्न करनेवाले दृश्य की कल्पना की जाती है और विश्रांति से दुश्चिता पर विजय प्राप्त की जाती है। सेवार्थी अपने विश्रांति अवस्था के कारण प्रगामी तीव्रतर दुश्चिता को सहन करने योग्य हो जाता है। मॉडलिंग या प्रतिरूपण (Modelling) की प्रक्रिया में सेवार्थी एक विशेष प्रकार से व्यवहार करना सीखता है।

इसमें वह कोई भूमिका-प्रतिरूप (Role model) या चिकित्सक, जो प्रारंभ में भूमिका-प्रतिरूप की तरह कार्य करता है, के व्यवहार का प्रेक्षण करके उस व्यवहार को करना सीखता है। प्रतिस्थानिक अधिगम अर्थात् दूसरों का व्यवहार का प्रेक्षण करके उस व्यवहार को करना सीखता है। प्रतिस्थानिक अधिगम अर्थात् दूसरों का प्रेक्षण करते हुए सीखना, का उपयोग किया जाता है और व्यवहार में आए हुए छोटे-छोटे मॉडल के व्यवहारों को अर्जित करना सीख जाता है।

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प्रश्न 12.
गेस्टाल्ट चिकित्सा क्या है? उसके क्या उद्देश्य हैं?
उत्तर:
गेस्टाल्ट चिकित्सा-जर्मन शब्द ‘गेस्टाल्ट’ का अर्थ है-‘समग्र’। यह चिकित्सा फ्रेडेरिक (फ्रिट्ज) पर्ल्स ने अपनी पत्नी लॉरा पर्ल्स के साथ प्रस्तुत की थी। गेस्टाल्ट चिकित्सा का उद्देश्य व्यक्ति की आत्म-जागरुकता एवं आत्म-स्वीकृति के स्तर को बढ़ाना होता है। सेवार्थी को शारीरिक प्रक्रियाओं और संवेगों, जो जागरुकता को अवरुद्ध करते हैं, को पहचानना सिखाया जाता है। चिकित्सक इसके लिए सेवार्थी को अपनी भावनाओं और द्वंद्वों के बारे में उसकी कल्पनाओं की अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करता है। यह चिकित्सा समूहों में भी प्रयुक्त की जा सकती है।

प्रश्न 13.
मनश्चिकित्सा के नैतिक सिद्धांत क्या हैं?
उत्तर:
मनश्चिकित्सा के नैतिक सिद्धांत कुछ नैतिक मानक जिनका व्यवसायी मनोश्चिकित्सकों द्वारा प्रयोग किया जाना चाहिए, वे हैं –

  1. सेवार्थी से सुविज्ञ सहमति लेनी चाहिए।
  2. सेवार्थी की गोपनीयता बनाए रखनी चाहिए।
  3. व्यक्तिगत कष्ट और व्यथा को कम करना मनश्चिकित्सक के प्रत्येक प्रयासों का लक्ष्य होना चाहिए।
  4. चिकित्सक-सेवार्थी संबंध की अखंडता महत्त्वपूर्ण है।
  5. मानव अधिकार एवं गरिमा के लिए आदर।
  6. व्यावसायिक सक्षमता एवं कौशल आवश्यक है।

प्रश्न 14.
संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा पर संक्षेप में एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा-यह सर्वाधिक प्रचलित चिकित्सा पद्धति है। मनोश्चिकित्सा की प्रभावित एवं परिणाम पर किए गए अनुसंधान ने निर्णायक रूप से यह प्रमाणित किया है कि संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा विभिन्न प्रकार के मनोवैज्ञानिक विकारों; जैसे-दुश्चिता, अवसाद, आंतक दौरा, सीमावर्ती व्यक्तित्व इत्यादि के लिए एक संक्षिप्त और प्रभावोत्पादन उपचार है। मनोविकृति रूपरेखा बताने के लिए संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा जैव-मनोसामाजिक उपागम का उपयोग करती है। यह संज्ञानात्मक चिकित्सा को व्यवहारपरक तकनीकों के साथ संयुक्त करती है।

प्रश्न 15.
सुदर्शन क्रिया योग पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
सुदर्शन क्रिया योग-तीव्र गति से श्वास लेने की तकनीक, जो अत्यधिक वायु-संचार करती है तथा जो सुदर्शन क्रिया योग में प्रयुक्त की जाती है, लाभदायक, कम खतरेवाली और कम खर्चवाली तकनीक है। यह दबाव, दुश्चिता, अभिघातज उत्तर विकार, अवसाद, दबाव-संबंधी चिकित्सा रोग, मादक द्रव्यों का दुरुपयोग तथा अपराधियों के पुनः स्थापन के लिए उपयोग की जाती है। सुदर्शन क्रिया योग का उपयोग सामूहिक विपदा के उत्तरजीवियों में अभिघातज उत्तर दबाव विकास को समाप्त करने के लिए एक लोक-स्वास्थ्य हस्तक्षेप तकनीक के रूप में किया जाता है।

योग, विधि कुशल-क्षेम, भावदशा, ध्यान, मानसिक केन्द्रीयता तथा दबाव सहिष्णुता को बढ़ती है। एक कुशल योग शिक्षक द्वारा उचित प्रशिक्षण तथा प्रतिदिन 30 मिनट तक का अभ्यास इसके लाभ को बढ़ा सकता है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिकाविज्ञान संस्थान (National Institute of Mental Health and Neuro Sciences, NIHMHANS), भारत में किए गए शोध ने प्रदर्शित किया है कि सुदर्शन क्रिया अवसाद को कम करता है। इसके अलावा जो मद्यव्यसनी रोगी सुदर्शन क्रिया योग का अभ्यास करते हैं उनके अवसाद एवं दबाव स्तर में कमी पाई गई है। अनिद्रा का उपचार योग से किया गया है। योग नींद आने की अवधि को कम करता है तथा निद्रा की गुणवत्ता को बढ़ाता है।

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प्रश्न 16.
विभेदक प्रबलन को उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
विभेदक प्रबलन-विभेदक प्रबलन द्वारा एक साथ अवांछित व्यवहार को घटाया जा सकता है, तथा वांछित व्यवहार को बढ़ावा दिया जा सकता है। वांछित व्यवहार के लिए सकारात्मक प्रबलन तथा अवाछित व्यवहार के लिए निषेधात्मक प्रबलन के साथ-साथ उपयोग एक विधि हो सकती है। दूसरी विधि वांछित व्यवहार को सकारात्मक रूप से प्रबलन देना तथा अवांछित व्यवहार को सकारात्मक रूप से प्रबलन देना तथा अवांछित व्यवहार को उपेक्षा करना है। दूसरी विधि कम कष्टकर तथा समान रूप से प्रबलन देना तथा अवांछित व्यवहार को सकारात्मक रूप से बदल देना तथा अवांछित समान रूप से प्रभावी है। उदाहरण के लिए, एक लड़की इसलिए रोती और रूठती है कि उसके कहने पर उसे सिनेमा दिखाने नहीं ले जाया जाता। माता-पिता को अनुदेश दिया जाता है कि यदि वह रूठे और रोए नहीं तो उसे सिनेमा ले जाया जाए। इसके बाद, उन्हें अनुदेश दिया जाता है कि जब भी लड़की रूठे या रोए तो उसके उपेक्षा की जाए। इस प्रकार शिष्टतापूर्वक सिनेमा ले जाने के लिए कहने का वांछित व्यवहार बढ़ता है तथा रोने और रूठने का अवांछित व्यवहार कम होता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
मनश्चिकित्सा का वर्गीकरण प्राचलों पर किया गया है, उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मनश्चिकित्सा का वर्गीकरण निम्नलिखित प्राचलों पर आधारित है –
1. क्या कारण है, जिसने समस्या को उत्पन्न किया?
मनोगतिक चिकित्सा के अनुसार अंत:मनोद्वंद्व अर्थात् व्यक्ति के मानस में विद्यमान द्वंद्व मनोवैज्ञानिक समस्याओं का स्रोत होते हैं। व्यवहार चिकित्सा के अनुसार मनोवैज्ञानिक समस्याएँ व्यवहार एवं संज्ञान के दोषपूर्ण अधिगम के कारण उत्पन्न होती हैं। अस्तित्वपरक चिकित्सा की अभिधारणा है कि अपने जीवन और अस्तित्व के अर्थ से संबंधित प्रश्न मनोवैज्ञानिक समस्याओं का कारण होते हैं।

2. कारण का प्रादुर्भाव कैसे हुआ?
मनोगतिक चिकित्सा में बाल्यावस्था की अतृप्त इच्छाएँ तथा बाल्यावस्था के अनसुलझे भय अंत:मनोद्वंद्व को उत्पन्न करते हैं। व्यवहार चिकित्सा की अभिधारणा है कि दोषपूर्ण चिंतन एवं विश्वास दुरनुकूलक व्यवहारों को उत्पन्न करते हैं जो शब्द में मनोवैज्ञानिक समस्याओं का कारण बनते हैं। अस्तित्वपरक चिकित्सा वर्तमान को महत्त्व देती है। यह व्यक्ति के अकेलेपन, विसंबंधन (Alienation) अपने अस्तित्व की व्यर्थता के बोध इत्यादि से जुड़ी वर्तमान भावनाएँ हैं जो मनोवैज्ञानिक समस्याओं का कारण है।

3. उपचार की मुख्य विधि क्या है?
मनोगतिक चिकित्सा मुक्त साहचर्य विधि और स्वप्न को बताने की विधि का उपयोग सेवार्थी की भावनाओं और विचारों का प्राप्त करने के लिए करती है। इस सामग्री की व्याख्या सेवार्थी के समक्ष की जाती है ताकि इसकी मदद से वह अपने द्वंद्वों का सामना और समाधान कर अपनी समस्याओं पर विजय पा सके। व्यवहार चिकित्सा दोषपूर्ण अनुबंधन प्रतिरूप की पहचान कर वैकल्पिक व्यवहारात्मक प्रासंगिकता (Behavioural contingencies) नियम करती है जिससे व्यवहार में सुधार हो सके।

इस प्रकार की चिकित्सा में प्रयुक्त संज्ञानात्मक विधियाँ सेवार्थी के दोषपूर्ण चिंतन प्रतिरूप को चुनौती देकर उसे अपने मनोवैज्ञानिक कष्टों पर विजय पाने में मदद करती हैं। अस्तित्वपरक चिकित्सा एक चिकित्सात्मक पर्यावरण प्रदान करती है जो सकारात्मक स्वीकारात्मक तथा अनिर्णयात्मक होता है। सेवार्थी अपनी समस्याओं के बारे में बात कर सकता है तथा चिकित्सा एक सुकरकर्ता की तरह कार्य करता है। सेवार्थी व्यक्ति संबुद्धि की प्रक्रिया के माध्यम से समाधान तक पहुँचता है।

4. सेवार्थी और चिकित्सक के बीच चिकित्सात्मक संबंध की प्रकृति क्या होती है?
मनोगतिक चिकित्सा का मानना है कि चिकित्सा सेवार्थी की अपेक्षा उसके अंत: मनोद्वंद्व को ज्यादा अच्छी तरह से समझता है इसलिए वह (चिकित्सक) सेवार्थी के विचारों और भावनाओं की व्याख्या उसके लिए करता है जिससे वह (सेवार्थी) उनको समझ सके। व्यवहार चिकित्सा का मानना है कि चिकित्सक सेवार्थी के दोषपूर्ण व्यवहार और विचारों के प्रतिरूपों को पहचानने में समर्थ होता है। इसके आगे व्यवहार चिकित्सा का यह भी मानना है कि चिकित्सक उचित व्यवहार और विचारों के प्रतिरूपों को जानने में समर्थ होता है जो सेवार्थी के लिए अनुकूल होगा। मनोगतिक और व्यवहार चिकित्सा दोनों का मानना है कि चिकित्सक सेवार्थी की समस्याओं के समाधान तक पहुँचने में समर्थ होते हैं। इन चिकित्सकों के विपरीत अस्तित्वपरक चिकित्सा इस बात पर बल देती है कि चिकित्सक केवल एक गर्मजोशी भरा और तद्नूभूतिक संबंधन प्रदान करता है, जिसमें सेवार्थी अपनी समस्याओं की प्रकृति और कारण स्वयं अन्वेषण करने में सुरक्षित महसूस करता है।

5. सेवार्थी को मुख्य लाभ क्या है? मनोगतिक चिकित्सा संवेगात्मक अंतर्दृष्टि को महत्त्वपूर्ण लाभ मानती है जो सेवार्थी उपचार के द्वारा प्राप्त करता है। संवेगात्मक अंतर्दृष्टि तब उपस्थित मानी जाती है जब सेवार्थी अपने द्वंद्वों को बौद्धिक रूप से समझता है; द्वंद्वों को संवेगात्मक रूप से स्वीकार करने में समर्थ होता है। इस संवेगात्मक अंतर्दृष्टि के परिणामस्वरूप सेवार्थी के लक्षण दूर रहते हैं तथा कष्ट कम हो जाते हैं। व्यवहार चिकित्सा दोषपूर्ण व्यवहार और विचारों के प्रतिरूपों को अनुकूली प्रतिरूपों में बदलने को उपचार का मुख्य लाभ मानती है। अनुकूली या स्वस्थ्य व्यवहार और विचारों के प्रतिरूपों को स्थापित करने से कष्ट में कमी और लक्षणों को दूर होना सुनिश्चित होता है। मानवतावादी चिकित्सा व्यक्तिगत संवृद्धि को मुख्य लाभ मानती है। व्यक्तिगत संवृद्धि अपने बारे में बढ़ती समझ प्राप्त करने की प्रक्रिया है।

6. उपचार की अवधि क्या है?
क्लासिकी मनोविश्लेषण की अवधि कई वर्षों तक की हो सकती है। हालांकि मनोगतिक चिकित्सा के कई आधुनिक रूपांतर 10-15 सत्रों में पूरे हो जाते हैं। व्यवहार और संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा तथा अस्तित्वपरक चिकित्सा संक्षिप्त होती हैं तथा कुछ महीनों में ही पूरी हो जाती हैं।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए:

  1. अस्तित्वपरक चिकित्सा।
  2. सेवार्थी-केन्द्रित चिकित्सा।

उत्तर:
1. अस्तित्वपरक चिकित्सा-विक्टर फ्रेंकल (Victor Frankl) नामक एक मनोरोगविज्ञानी और तंत्रिकाविज्ञानी ने उद्बोधक चिकित्सा (Logotherapy) प्रतिपादित की। लॉगोस (Logos) आत्मा के लिए ग्रीक भाषा का एक शब्द है और उद्बोधक चिकित्सा का तात्पर्य आत्मा का उपचार है। फ्रेंकल जीवन के प्रति खतरनाक परिस्थितियों में भी अर्थ प्राप्त करने की इस प्रक्रिया को अर्थ निर्माण की प्रक्रिया कहते हैं। इस अर्थ निर्माण की प्रक्रिया का आधार व्यक्ति की अपने अस्तित्व का आध्यात्मिक अचेतन भी होता है जो प्रेम, सौंदर्यात्मक अभिज्ञता और जीवन मूल्यों का भंडार होता है।

जब व्यक्ति के अस्तित्व के शारीरिक, मनोवैज्ञानिक या आध्यात्मिक पक्षों से जीवन की समस्याएँ जुड़ती हैं तो तंत्रिकापाती दुश्चिता उत्पन्न होती है। फ्रेंकल ने निरर्थकता की भावना को उत्पन्न करने में आध्यात्मिक दुश्चिता की भूमिका पर जोर दिया है और इसलिए उसे अस्तित्व दुश्चिता (Existential anxiety) अर्थात् आध्यात्मिक मूल की तंत्रिकातापी दुश्चिता कहा जा सकता है। उद्बोधक चिकित्सा का उद्देश्य अपने जीवन को परिस्थितियों को ध्यान में रखे बिना जीवन में अर्थवत्ता और उत्तदायित्व बोध प्राप्त कराने में सेवार्थी की सहायता करना है। चिकित्सा-सेवार्थी के जीवन की विशिष्ट प्रकृति पर जोर देता है और सेवार्थी को अपने जीवन में अर्थवत्ता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

उद्बोधक चिकित्सा में चिकित्सक निष्कपट होता है और अपनी भावनाओं, मूल्यों और अपने अस्तित्व के बारे में सेवार्थी से खुलकर बात करता है। इसमें ‘आज और अभी’ पर जोर दिया जाता है और अन्यारोपण को सक्रिय रूप से हतोत्साहित किया जाता है। चिकित्सक सेवार्थी को वर्तमान की तात्कालिकता का स्मरण कराता है। अपने अस्तित्व का अर्थ प्राप्त करने की प्रक्रिया में सेवार्थी की मदद करना चिकित्सक का लक्ष्य होता है।

2. सेवार्थी-केन्द्रित चिकित्सा:
सेवार्थी-केन्द्रित चिकित्सा कार्ल रोजर्स (Carl Rogers) द्वारा प्रतिपादित की गई है। रोजर्स ने वैज्ञानिक निग्रह को सेवार्थी-केन्द्रित चिकित्सा का व्यष्टीकृत पद्धति से संयुक्त किया। रोजर्स ने मनश्चिकित्सा में स्व के संप्रत्यय को प्रस्तुत किया और उनकी चिकित्सा का मानना है कि किसी व्यक्ति के अस्तित्व का मूल स्वतंत्रता और वरण होते हैं। चिकित्सा एक ऐसा गर्मजोशी का संबंध प्रदान करती है जिससे सेवार्थी अपनी विघटित भावनाओं के साथ संबद्ध होता है।

चिकित्सक अनुभूति प्रदर्शित करता है अर्थात् सेवार्थी के अनुभवों को समझना, जैसे कि वे उसकी के हों, उसके प्रति सहृदय होता है तथा आशर्त सकारात्मक आदर यह बताता है कि चिकित्सक की सकारात्मक हार्दिकता सेवार्थी की उन भावनाओं पर आश्रित नहीं है जो वह चिकित्सा सत्र के दौरान प्रदर्शित करता है। यह अनन्य अशर्त हार्दिकता यह सुनिश्चित करती है कि सेवार्थी चिकित्सक के ऊपर विश्वास कर सकता है तथा स्वयं को सुरक्षित महसूस कर सकता है।

सेवार्थी इतना सुरक्षित महसूस करता है कि वह अपनी भावनाओं का अन्वेषण करने लगता है। चिकित्सक सेवार्थी की भावनाओं का अनिर्णयात्मक तरीके से परावर्तन करता है। यह परावर्तन सेवार्थी के कथनों की पुनः अभिव्यक्ति से प्राप्त किया जाता है अर्थात् सेवार्थी के कथनों के अर्थवर्धन के लिए उससे सरल स्पष्टीकरण माँगना। परावर्तन की यह प्रक्रिया सेवार्थी को समाकलित होने में मदद करती है। समायोजन बढ़ने के साथ ही व्यक्तिगत संबंध भी सुधरते हैं। सार यह है कि यह चिकित्सा सेवार्थी को अपना वास्तविक स्व होने में मदद करती है जिसमें चिकित्सक एक सुगमकर्ता की भूमिका निभाता है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
सेवार्थी एवं चिकित्सक के बीच एक संबंध को क्या कहा जाता है?
(A) मैत्री
(B) सकारात्मक मैत्री
(C) चिकित्सात्मक मैत्री
(D) व्यवहारात्मक मैत्री वहारात्मक मत्रा
उत्तर:
(C) चिकित्सात्मक मैत्री

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित में कौन-सा कथन सही नहीं है?
(A) सहानुभूति में व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की तरह का अनुभव नहीं कर सकता
(B) सहानुभूति में व्यक्ति को दूसरे के कष्ट के प्रति बिल्कुल करुणा नहीं होती है
(C) सहानुभूति में व्यक्ति को दूसरे के कष्ट के प्रति दया और करुणा होती है
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(B) सहानुभूति में व्यक्ति को दूसरे के कष्ट के प्रति बिल्कुल करुणा नहीं होती है

प्रश्न 3.
मनोगतिक चिकित्सा का प्रतिपादन किसने किया?
(A) कार्ल रोजर्स
(B) फ्रेडरिक पर्ल्स
(C) सिगमंड फ्रायड
(D) वोल्प
उत्तर:
(C) सिगमंड फ्रायड

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प्रश्न 4.
अंत: मनोद्वंद्व को बाहर निकालने के लिए किस विधि का उपयोग होता है?
(A) मुक्त साहचर्य विधि
(B) अन्यारोपण विधि
(C) स्पष्टीकरण विधि
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(A) मुक्त साहचर्य विधि

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में कौन मनश्चिकित्सा में उद्देश्य नहीं हैं?
(A) संगात्मक दबाव को अधिक बढ़ाना
(B) आत्म-जागरुकता को बढ़ाना
(C) निर्णय को सुकर बनाना
(D) जीवन में अपनी विकल्पों के प्रति जागरूक होना
उत्तर:
(A) संगात्मक दबाव को अधिक बढ़ाना

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प्रश्न 6.
अमेरिका में सिखाए जानेवाले योग को क्या कहते हैं?
(A) योग
(B) कुंडलिनी योग
(C) सुदर्शन योग
(D) निष्ठा योग
उत्तर:
(B) कुंडलिनी योग

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में किसमें मंत्रों के उच्चारण के साथ वसन तकनीक या प्राणायाम को संयुक्त किया जाता है?
(A) ध्यान
(B) सुदर्शन योग
(C) कुंडलिनी योग
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(C) कुंडलिनी योग

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प्रश्न 8.
मानसिक रोगियों के पुनः स्थापन का उद्देश्य होता है –
(A) रोगी को सशक्त बनाना
(B) रोगी को घर देना
(C) रोगी की देखभाल करना
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(A) रोगी को सशक्त बनाना

प्रश्न 9.
मानसिक रोगियों के पुनः स्थापन का उद्देश्य होता है –
(A) व्यावसायिक चिकित्सा
(B) सामाजिक कौशल प्रशिक्षण
(C) व्यावसायिक प्रशिक्षण
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

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प्रश्न 10.
योग विधि बढ़ाती है –
(A) भावदशा
(B) ध्यान
(C) दबाव सहिष्णुता
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 11.
अपर्याप्त वैवाहिक, व्यावसायिक तथा सामाजिक समायोजन की यह आवश्यकता होती है कि व्यक्ति के पर्यावरण में परिवर्तन किए जाएँ –
(A) वैयक्तिक
(B) सामाजिक
(C) आर्थिक
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(A) वैयक्तिक

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प्रश्न 12.
निम्नलिखित में कौन मनश्चिकित्सात्मक उपागम के लक्षण नहीं हैं?
(A) चिकित्सा के विभिन्न सिद्धांतों में अंतनिर्हित नियमों का व्यवस्थित या क्रमबद्ध अनुप्रयोग होता है
(B) चिकित्सात्मक स्थितियों में एक चिकित्सक और सेवार्थी होता है जो अपनी व्यवहारात्मक समस्याओं के लिए सहायता चाहता है
(C) केवल वे व्यक्ति जिन्होंने कुशल पर्यवरण में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया हो, मनश्चिकित्सा कर सकते हैं, हर कोई नहीं
(D) मनश्चिकित्सा उपचार चाहनेवाले या सेवार्थी तथा उपचार करनेवाले के बीच में एक ऐच्छिक संबंध है
उत्तर:
(D) मनश्चिकित्सा उपचार चाहनेवाले या सेवार्थी तथा उपचार करनेवाले के बीच में एक ऐच्छिक संबंध है

प्रश्न 13.
मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्तियों के जीवन दर्शन में –
(A) निश्चितता पाई जाती है
(B) दूसरों के जीवन दर्शन की नकल पाई जाती है
(C) अपूर्वता पाई जाती है
(D) भावी योजनाओं की झलक पाई जाती है
उत्तर:
(A) निश्चितता पाई जाती है

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प्रश्न 14.
मनोविश्लेषणात्मक चिकित्सा का संबंध है –
(A) फ्रायड से
(B) युंग से
(C) एडलर से
(D) मैस्लो से
उत्तर:
(A) फ्रायड से

प्रश्न 15.
निम्नांकित में से व्यवहार चिकित्सा किस सिद्धांत पर आधारित है?
(A) अभिप्रेरणा के सिद्धांत पर
(B) प्रत्यक्षण के सिद्धांत पर
(C) सीखने के सिद्धांत पर
(D) इनमें सभी सिद्धांतों पर
उत्तर:
(C) सीखने के सिद्धांत पर

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 5 चिकित्सा उपागम

प्रश्न 16.
संवेग तर्क चिकित्सा को किसने प्रतिपादित किया?
(A) अल्बर्ट एलिस
(B) विक्टर फेकल
(C) आरन बेक
(D) सिगमंड फ्रायड
उत्तर:
(A) अल्बर्ट एलिस

प्रश्न 17.
यदि कोई अनुकूली व्यवहार कभी-कभी ही घटित होता है जो इस न्यूनता को बढ़ाने के लिए क्या दिया जाता है?
(A) निषेधात्मक प्रबलन
(B) विमुखी अनुबंधन
(C) सकारात्मक प्रबलन
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(C) सकारात्मक प्रबलन

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प्रश्न 18.
मानसिक अस्वस्थता का प्रमुख लक्षण है –
(A) उल्टी-सीधी हरकतें करना
(B) पागलपन के लक्षण
(C) संतुलित व्यवहार न करना
(D) नई परिस्थिति में घूटन महसूस करना
उत्तर:
(C) संतुलित व्यवहार न करना

प्रश्न 19.
इनमें किसे ‘विशेषक उपागम’ का अग्रणी माना जाता है?
(A) गेस्टॉल्ट
(B) गॉर्डन ऑलपोर्ट
(C) टिचनर
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(B) गॉर्डन ऑलपोर्ट

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प्रश्न 20.
व्यक्ति का मूल्यांकन करने के लिए सबसे अधिक उपयोग की जानेवाली तकनीकों के अंतर्गत कौन-सा नहीं आता है?
(A) मनोमितिक परीक्षण
(B) आत्म-प्रतिवेदन माप
(C) प्रक्षेपी तकनीकें
(D) अविभेदित प्रकार
उत्तर:
(D) अविभेदित प्रकार

प्रश्न 21.
जर्मन शब्द ‘गेस्टाल्ट’ का अर्थ है –
(A) विकृति
(B) समग्र
(C) दुश्चिता
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(B) समग्र

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प्रश्न 22.
व्यवहार चिकित्सा की जिस प्रविधि में रोगी को वास्तविक परिस्थिति में रखकर इसमें काफी मात्रा में चिंता उत्पन्न कर दी जाती है, उसे कहा जाता है –
(A) फ्लडिंग
(B) विरुचि चिकित्सा
(C) अन्तः स्फोटात्मक चिकित्सा
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(A) फ्लडिंग

प्रश्न 23.
बीमारियों का अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण का दसवां संस्करण-ICD-10 कब प्रकाशित किया गया है?
(A) 1982 ई०
(B) 1992 ई०
(C) 2006 ई०
(D) 2009 ई०
उत्तर:
(B) 1992 ई०

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प्रश्न 24.
बुलिमिया एक ऐसी विकृति है जिसमें रोगी को –
(A) भूख कम लगता है
(B) प्यास अधिक लगता है
(C) भूख अधिक लगता है
(D) प्यास कम लगता है
उत्तर:
(C) भूख अधिक लगता है

प्रश्न 25.
मनोगतिक चिकित्सा सर्वप्रथम के द्वारा प्रतिपादित किया गया?
(A) फ्रायड
(B) एडलर
(C) गुंग
(D) वाटसन
उत्तर:
(A) फ्रायड

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प्रश्न 26.
रैसनल इमोटिव चिकित्सा का प्रतिपादन किया गया था?
(A) इलिस
(B) बेक
(C) फ्रीडमैन
(D) टर्क
उत्तर:
(A) इलिस

प्रश्न 27.
किसने मनोगत्यात्मक चिकित्सा का प्रतिपादन किया?
(A) कार्ल रोजर्स
(B) सिगमंड फ्रायड
(C) रौल में
(D) विक्टर फैक्ल
उत्तर:
(B) सिगमंड फ्रायड

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प्रश्न 28.
निम्नांकित में किस अंतरण में क्लायंट चिकित्सक के प्रति घृणा, ईर्ष्या आदि को दिखलाता है?
(A) धनात्मक
(B) ऋणात्मक
(C) धनात्मक तथा ऋणात्मक दोनों
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(A) धनात्मक

प्रश्न 29.
निम्नलिखित में किसमें सेवार्थी चिकित्सक की पूजा करने लगता है?
(A) नकारात्मक अन्यारोपण
(B) सकारात्मक अन्यारोपण
(C) अन्यारोपण तंत्रिकाताप
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(B) सकारात्मक अन्यारोपण

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प्रश्न 30.
निम्नलिखित में निर्वचन के विश्लेषणात्मक तकनीक कौन-सी है?
(A) प्रतिरोधी
(B) स्पष्टीकरण
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(C) (A) और (B) दोनों

प्रश्न 31.
निम्नलिखित में कौन रोगी को अपने आपको और अपनी समस्या के स्रोत को समझने में बाहर आई सामग्री को अपने अहं में समाकलित करने में सहायता करता है?
(A) प्रतिरोधी
(B) स्पष्टीकरण
(C) अन्यारोपण
(D) समाकलन कार्य
उत्तर:
(D) समाकलन कार्य

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प्रश्न 32.
निम्नलिखित में किसमें अचेतन स्मृतियाँ लगातार सचेतन अभिज्ञता में समाकलित होती रहती हैं?
(A) अंतर्दृष्टि
(B) अन्यारोपण
(C) स्वप्न विधि
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(A) अंतर्दृष्टि

प्रश्न 33.
निम्नलिखित में कौन सेवार्थी को कष्ट प्रदान करते हैं?
(A) अपक्रियात्मक व्यवहार
(B) क्रियात्मक व्यवहार
(C) व्यक्तिगत व्यवहार
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(A) अपक्रियात्मक व्यवहार

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प्रश्न 34.
क्रमिक विसंवेदनीकरण को किसने प्रतिपादित किया?
(A) अल्बर्ट एलिस
(B) वोल्प
(C) विक्टर फ्रेंकल
(D) जॉन पर्ल्स
उत्तर:
(B) वोल्प

प्रश्न 35.
मनोविश्लेषणात्मक चिकित्सा में निम्नांकित में किसका महत्व सर्वाधिक बतलाया गया है?
(A) स्थानान्तरण
(B) प्रतिरोध
(C) स्वतंत्र साहचर्य
(D) स्वप्न विश्लेषण
उत्तर:
(D) स्वप्न विश्लेषण

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प्रश्न 36.
मन, मस्तिष्क तथा असंक्राम्य तंत्र के आपसी संबंध को अध्ययन करने वाले विज्ञान को कहा जाता है?
(A) लाइको-न्यूरो इम्यूनोलॉजी
(B) फेकल्टी साइकोलॉजी
(C) फंग्सनल साइकोलॉजी
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(A) लाइको-न्यूरो इम्यूनोलॉजी

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 4 मनोवैज्ञानिक विकार

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 4 मनोवैज्ञानिक विकार Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 4 मनोवैज्ञानिक विकार

Bihar Board Class 12 Psychology मनोवैज्ञानिक विकार Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
अवसाद और उन्माद से संबंधित लक्षणों की पहचाना कीजिए।
उत्तर:
अवसाद-इसमें कई प्रकार के नकारात्मक भावदशा और व्यवहार परिवर्तन होते हैं। इनके लक्षणों में अधिकांश गतिविधियों में रुचि या आनंद नहीं रह जाता है। साथ ही अन्य लक्षण भी हो सकते हैं; जैसे-शरीर के भार में परिवर्तन, लगातार, निद्रा से संबंधित समस्याएँ, थकान, स्पष्ट रूप से चिंतन करने में असमर्थता, क्षोभ, बहुत धीरे-धीरे कार्य करना तथा मृत्यु और आत्महत्या के विचारों का आना, अत्यधिक दोष या निकम्मेपन की भावना का होना। उन्माद-इससे पीड़ित व्यक्ति उल्लासोन्मादी, अत्यधिक सक्रिय, अत्यधिक बोलनेवाले तथा आसानी से चित्त-अस्थिर हो जाते हैं, उन्माद की घटना या स्थिति स्वतः कभी-कभी ही दिखाई देती है, इनका परिवर्तन अवसर अवसाद के साथ होता रहता है।

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प्रश्न 2.
अतिक्रियाशील बच्चों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए। अथवा, आवेगशील बच्चों की विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर:
जो बच्चे आवेगशील (impulsive) होते हैं वे अपनी तात्कालिक प्रतिक्रियाओं पर नियंत्रण नहीं कर पाते या काम करने से पहले सोच नहीं पाते। वे प्रतीक्षा करने में कठिनाई महसूस करते हैं। या अपनी बारी आने की प्रतीक्षा नहीं कर पाते, अपने तात्कालिक प्रलोभन को रोकने में कठिनाई होती है या परितोषण में विलंब या देरी सहन नहीं कर पाते। छोटी घटनाएँ जैसे चीजों को गिरा देना काफी सामान्य बात है जबकि इससे अधिक गंभीर दुर्घटनाएँ और चोटें भी लग सकती हैं। अतिक्रिया (Hyperactivity) के भी कई रूप होते हैं। ए० डी० एच० डी० वाले बच्चे हमेशा कुछ न कुछ करते रहते हैं। इस पाठ के समय स्थिर या शांत बैठे रहना उनके लिए बहुत कठिन होता है। बच्चा चुलबुलाहट कर सकता है, उपद्रव कर सकता है, कमरे में ऊपर चढ़ सकता है या यों ही कमरे में निरुद्देश्य दौड़ सकता है। माता-पिता और अध्यापक ऐसे बच्चे के बारे में कहते हैं कि उसके पैर में चक्की लगी है, जो हमेशा चलता रहता है तथा लगातार बातें करता रहता है। लड़कियों की तुलना में लड़कों में यह चार गुना अधिक पाया जाता है।

प्रश्न 3.
मादक द्रव्यों के दुरुपयोग तथा निर्भरता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
मादक द्रव्य दुरुपयोग (Substance abuse) में बारंबार घटित होनेवाले प्रतिकूल या हानिकारक परिणाम होते हैं जो मादक द्रव्यों के सेवन से संबंधित होते हैं। जो लोग नियमित रूप से मादक द्रव्यों का सेवन करते हैं, उनके पारिवारिक और सामाजिक संबंध बिगड़ जाते हैं, वे कार्य स्थान पर ठीक से निष्पादन नहीं कर पाते तथा दूसरों के लिए शारीरिक खतरा उत्पन्न करते हैं। मादक द्रव्य निर्भरता (Substance dependence) में जिस मादक द्रव्य का व्यसन होता है उसके सेवन के लिए तीव्र इच्छा जागृत होती है, व्यक्ति सहिष्णुता और विनिवर्तन लक्षण प्रदर्शित करता है तथा उसे आवश्यक रूप से उस मादक द्रव्य का सेवन करना पड़ता है। सहिष्णुता का तात्पर्य व्यक्ति के ‘वैसा ही प्रभाव’ पाने के लिए अधिक-से-अधिक उस मादक द्रव्य के सेवन से है। विनिवर्तन का तात्पर्य मन:प्रभावी (Psychoactive) मादक द्रव्य का सेवन बंद या कम कर देता है। मनःप्रभावी मादक द्रव्य वे मादक द्रव्य हैं जिनमें इतनी क्षमता होती है।

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 4 मनोवैज्ञानिक विकार

प्रश्न 4.
क्या विकृत शरीर प्रतिमा भोजन विकार को जन्म दे सकती है? इसके विभिन्न रूपों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
हाँ, विकृत शरीर प्रतिमा भोजन विकार को दे सकती है। भोजन विकार में क्षुधा अभाव क्षुधतिशयता तथा अनियंत्रित भोजन सम्मिलित हैं। क्षुधा-अभाव (Anorexia nervosa) में व्यक्ति को अपनी शरीर प्रतिमा के बारे में गलत धारणा होती है जिसके कारण वह अपने को अधिक वजनवाला समझता है। अक्सर खाने को मना करना, अधिक व्यायाम-बाध्यता का होना तथा साधारण आदतों को विकसित करना, जैसे दूसरों के सामने न खाना-इनसे व्यक्ति काफी मात्रा में वजन घटा सकता है और मृत्यु की स्थिति तक अपने को भूखा रख सकता है। क्षुधातिशयता (Bulima nervosa) में व्यक्ति बहुत अधिक मात्रा में खाना खा सकता है, इसके बाद रेचक और मूत्रवर्धक दवाओं के सेवन से या उल्टी करके, खाने को अपने शरीर से साफ कर सकता है। व्यक्ति पेट साफ होने के बाद तनाव और नकारात्मक संवेगों से अपने आपको मुक्त महसूस करता है। अनियंत्रित भोजन (Binge eating) में अत्यधिक भोजन करने का प्रसंग बारंबार पाया जाता है।

प्रश्न 5.
“चिकित्सक व्यक्ति के शारीरिक लक्षणों को देखकर बीमारी का निदान करते हैं।” मनोवैज्ञानिक विकारों का निदान किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
मनोवैज्ञानिक विकार भी अन्य बीमारियों की तरह होते हैं जो कि अनुकूलन की असफलता के कारण होती हैं। मनोवैज्ञानिक विकार किसी भी असामान्य बात की तरह हमारे लिए असुविधा उत्पन्न कर सकता है और भयभीत भी कर सकता है। मनोवैज्ञानिक विकारों के बारे में लोगों के अस्पष्ट विचार हैं जो अंधविश्वास, अज्ञान और भय के तत्त्वों पर आधारित होते हैं। सामान्यतः भी माना जाता है कि मनोवैज्ञानिक विकार कुछ शर्मनाक पहलू है तथा मानसिक रोगों पर लगे कलंक के कारण लोग मनोवैज्ञानिक से परामर्श लेने में हिचकिचाते हैं क्योंकि अपनी समस्याओं को वे लज्जास्पद समझते हैं।

परंतु मनोवैज्ञानिक विकारों का निदान किया जा सकता है। अतिप्राकृत दृष्टिकोण के अनुसार मनोवैज्ञानिक विकार अलौकिक और जादुई शक्तियों जैसे-बुरी आत्माएँ या शैतान के कारण इनका निदान आज भी झाड़-फूंक और प्रार्थना द्वारा किया जाता है। जैविक और आगिक उपागम के अनुसार मनोवैज्ञानिक विकार शरीर और मस्तिष्क के उचित प्रकार से काम नहीं करने के कारण होती है तथा कई प्रकार के विकारों को दोषपूर्ण जैविक प्रक्रियाओं को ठीक करके दूर किया जा सकता है जिसका परिणाम समुन्त प्रकार्यों में होता है।

मनोवैज्ञानिक उपागम के अनुसार मनोवैज्ञानिक समस्याएँ व्यक्ति के विचारों, भावनाओं तथा संसार को देखने के नजरिए में अपर्याप्तता के कारण उत्पन्न होती है। भूत-विद्या और अंधविश्वासों के अनुसार विकारों में ग्रसित व्यक्ति में दुष्ट आत्माएँ होती हैं और मध्य युग में उनका धर्मशास्त्रीय उपचार पर बल दिया जाता था। पुनर्जागरण काल में मानसिक विकारों का निदान के लिए चिकित्सा उपचार पर जोर दिया जाता था। परंतु आज वैज्ञानिक युग में मनोवैज्ञानिक विकारों के प्रति वैज्ञानिक अभिवृति में वृद्धि हुई है। आज मनोवैज्ञानिक विकारों में ग्रसित व्यक्तियों के प्रति करुणा या सहानुभूति की भावना में वृद्धि हुई है तथा मनोवैज्ञानिक विकारों का निदान मनोवैज्ञानिक व्यवहारों द्वारा तथा उपयुक्त देख-रेख द्वारा लोगों एवं विशेषकर मनोवैज्ञानिक द्वारा किया जाता है।

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प्रश्न 6.
मनोग्रस्ति और बाध्यता के विभेद स्थापित कीजिए।
उत्तर:
जो लोग मनोग्रस्ति-बाध्यता विकार (Obessive compulsive disorder) से पीड़ित होते हैं वे कुछ विशिष्ट विचारों में अपनी ध्यानमग्नता को नियंत्रित करने में असमर्थ होते हैं या अपने आपको बार-बार कोई विशेष क्रिया करने से रोक नहीं पाते हैं, यहाँ तक कि वे उनकी सामान्य गतिविधियों में भी बाधा पहुंचाते हैं। किसी विशेष विचार या विषय पर चिंतन को रोक पाने की असमर्थता मनोग्रस्ति व्यवहार (Obessive behaviour) कहलाता है। इससे ग्रसित व्यक्ति अपने विचारों को अप्रिय और शर्मनाक समझता है। किसी व्यवहार को बार-बार करने की आवश्यकता बाध्यता व्यवहार (Compulsive behaviour) कहलाता है। कई तरह की बाध्यता में गिनता, आदेश, जाँचना, छूना और धोना सम्मिलित होते हैं।

प्रश्न 7.
क्या विसामान्य व्यवहार का एक दीर्घकालिक प्रतिरूप अपसामान्य समझा जा सकता है? इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
अपसामान्य का शाब्दिक अर्थ है-“जो सामान्य से परे है” अर्थात् जो स्पष्ट रूप से परिभाषित मानकों या मापदंडों से हटकर है। वे व्यवहार, विचार और संवेग जो सामाजिक मानकों को तोड़ते हैं, अपसामान्य कहे जाते हैं। सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धांतकारों के अनुसार, जिन लोगों में कुछ समस्याएँ होती हैं उनमें अपसामान्य व्यवहारों की उत्पत्ति सामाजिक संज्ञाओं और भूमिकाओं से प्रभावित होती है। जब लोगे समाज के मानकों को तोड़ते हैं तो उन्हें ‘विसामान्य’ और मानसिक रोगी जैसी संज्ञाएँ दी जाती हैं। इस प्रकार की संज्ञाएँ उन लोगों से इतनी अधिक जुड़ जाती हैं कि लोग इन्हें सनकी इत्यादि पुकारने लगते हैं और उन्हें उसी बीमार की तरह क्रिया करने के लिए उकसाते रहते हैं। धीरे-धीरे वह व्यक्ति बीमार की भूमिका स्वीकार कर लेता है तथा अपसामान्य व्यवहार करने लगता है। अतः, विसामान्य व्यवहार का एक दीर्घकालिक प्रतिरूप उपसामान्य जा सकता है।

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प्रश्न 8.
लोगों के बीच बात करते समय रोगी बारंबार विषय परिवर्तन करता है, क्या यह मनोविदलता का सकारात्मक या नकारात्मक लक्षण है? मनोविदलता के अन्य लक्षणों तथा उप-प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
लोगों के बीच बात करते समय रोगी बारंबार विषय परिवर्तन करता है। यह मनोविदलता का सकारात्मक लक्षण है। मनोविदलता के लक्षण-मनोविदलता के लक्षण तीन श्रेणियों में समूहित किए जा सकते हैं –

  1. सकारात्मक लक्षण।
  2. नकारात्मक लक्षण।
  3. मन:चालित लक्षण।

1. सकारात्मक लक्षण:
में व्यक्ति के व्यवहार में ‘विकृत अतिशयता’ तथा ‘विलक्षणता का बढ़ना’ पाया जाता है। भ्रमासिक्त, असंगठित चिंतन एवं भाषा, प्रवर्धित प्रश्रम तथा अनुपयुक्त भाव मनोविदलता में सबसे अधिक पाए जाने वाले लक्षण हैं। मनोविदलता से ग्रसित कई, व्यक्तियों में भ्रमासक्ति (Delusions) विकसित हो जाते हैं। भ्रमासक्ति एक झूठी विश्वास है जो अपर्याप्त आधार पर बहुत मजबूती से टिका रहता है। इस पर तार्किक युक्ति का कोई प्रभाव नहीं पड़ता तथा वास्तविकता में जिसका कोई आधार नहीं होता। मनोविदलता में उत्पीड़न भ्रमासक्ति से ग्रसित लोग यह विश्वास करते हैं कि लोग उनके विरुद्ध षड्यंत्र कर रहे हैं, उनकी जासूसी कर रहे हैं या उन्हें जानबूझकर उत्पीड़ित किया जा रहा है।

मनोविदलता में ग्रसित लोगों में संदर्भ भ्रमासक्ति (Delusions of reference) भी हो सकता है जिसमें वे दूसरों के कार्यों या वस्तुओं और घटनाओं के प्रति विशेष और व्यक्तिगत अर्थ जोड़ देते हैं। अत्यहंमन्यता भ्रमासक्ति (Delusions grandeur) में व्यक्ति अपने आपको बहुत सारी विशेष शक्तियों से संपन्न मानता है तथा नियंत्रण भ्रमासक्ति (Delusions of control) में वे मानते हैं कि उनके विचार, भावनाएँ और क्रियाएँ दूसरों के द्वारा नियंत्रित की जा रही हैं। मनोविदलता में व्यक्ति तर्कपूर्ण ढंग से सोच नहीं सकते तथा विचित्र प्रकार से बोलते हैं। यहाँ औपचारिक चिंतन विकार (Formal though disorder) उनके संप्रेषण को और कठिन बना देता है। उदाहरणार्थ, एक विषय से दूसरे विषय पर तेजी से बदलना जो चिंतन की सामान्य संरचना को गड़बड़ कर देता है। और यह तर्कहीन लगने लगता है (विषय के साहचर्य को खोना, विषय अवपथन), नए शब्दों या मुहावरों की खोज करना (नव शब्द निर्माण) और एक ही विचार को अनुयुक्त तरह से बार-बार दोहराना संतनन।

मनोविदलता रोगी की विभ्रांति (Haillucination) हो सकती है, अर्थात् बिना किसी बाह्य उद्दीपक के प्रत्यक्षण करना। मनोविदलता में श्रवण विभ्रांति (Auditory hallucination) सबसे ज्यादा पाए जाते हैं। रोगी ऐसी आवाजें या ध्वनि सुनते हैं जो सीधे रोगी से शब्द, मुहावरे और वाक्य बोलते हैं (द्वितीय-व्यक्ति विभ्रांति) या आपस में रोगी से संबंधित बातें करते हैं (तृतीय-व्यक्ति विभ्रांति)। इन विभ्रांतियों में अन्य ज्ञानेंद्रियाँ भी शामिल को सकती हैं, जिनमें स्पर्शी विभ्रांति (Tactile hallucination) (कई प्रकार की झुनझुनी, जलन), दैहिक विभ्रांति (So matic hallucination) (शरीर के अंदर कुछ घटित होना, जैसे-पेट में साँप का रेंगना इत्यादि), दृष्टि विभ्रांति (Visual hallucination) (जैसे-लोगों या वस्तुओं की सुस्पष्ट दृष्टि या रंग का अस्पष्ट प्रत्यक्षण), रससंवदी विभ्रांति (Gustatory hallcination) (अर्थात खाने और पीने की वस्तुओं का विचित्र स्वाद) तथा घ्राण विभ्रांति (Olfactory halluncination) (धुएँ और जहर की गंध) प्रमुख है। मनोविदलता के रोगी अनुपयुक्त भाव (Inappropriate affect) भी प्रदर्शित करते हैं अर्थात ऐसे संवेग जो स्थिति के अनुरूप न हों।

2. नकारात्मक लक्षण (Negative symptom):
विकट न्यूनता होते हैं जिनके वाक्-अयोग्यता, विसंगत एवं कुंठितं भाव, इच्छाशक्ति का ह्रास और सामाजिक विनिवर्तन सम्मिलित होते हैं। मनोविदलता के रोगियों में अलोगिया (Alogia) या वाक्-अयोग्यता पाई जाती है जिसमें भाषण, विषय तथा बोलने में कमी पाई जाती है। मनोविदलता के कई रोगी दूसरे अधिकांश लोगों की तुलना में कम क्रोध, उदासी, खुशी तथा अन्य भावनाएँ प्रदर्शित करते हैं। इसलिए उनके विसंगत भाव (Blunted affect) होते हैं। कुछ रोगी किसी भी प्रकार का संवेग प्रदर्शित नहीं करते जिसे कुठित भाव (Flat affect) की स्थिति कहते हैं। मनोविदलता के रोगी इच्छाशक्ति न्यूनता (Aulition) अर्थात् किसी काम को शुरू करने या पूरा करने में असमर्थता तथा उदासीनता प्रदर्शित करते हैं। इस विकार के रोगी सामाजिक रूप से अपने को अलग कर देते हैं तथा अपने कल्पनाओं में पूर्ण से खोए रहते हैं।

3. मनःचालित लक्षण:
मनोविदलता के रोगी मन:चालित लक्षण (Psycho-motor symptoms) भी प्रदर्शित करते हैं। वे अस्वाभाविक रूप से चलते तथा विचित्र मुख-विकृतियों एवं मुद्राएँ प्रदर्शित करते हैं। यह लक्षण चरम-सीमा को प्राप्त कर सकते हैं जिसे केटाटोनिया (Catatonia) कहते हैं। कैटाटोनिया जडिमा (Catatonia rigidity) अर्थात् घंटों तक एक ही मुद्रा में रहना प्रदर्शित करते हैं। दूसरे अन्य रोगी केटाटोनिक संस्थिति (Catatoniaposturing) अर्थात् विचित्र उटपटांग मुद्राओं को लंबे समय तक प्रदर्शित करते हैं।

मनोविदलता के उप प्रकार:

डी. एस. एम. IV टी. आर. (DSM-IV-TR) के अनुसार, मनोविदलता के उप-प्रकार तथा उनकी विशेषताएँ निम्न हैं –

  1. व्यामोहाभ प्रकार (Paranoid type): श्रवण विभ्रांति और भ्रमासक्ति में ध्यानमग्नता कोई अनुपयुक्त भाव या विसंगठित वाक् (भाषा) या व्यवहार नहीं।
  2. विसंगठित प्रकार (Disorganised type): विसंगठित वाक् (भाषा) और व्यवहार; अनुपयुक्त या कुठित भाव: कोई केटाटानिक लक्षण नहीं।
  3. केटाटोनिक प्रकार (Catatonic type): चरम पेशीय गतिहीनता; चरम पेशीय निष्क्रियता; चरम नकरावृति (अनुदेशों के प्रति प्रतिरोध) या मूकता (बोलने से मना करना)।
  4. अविभेदित प्रकार (Undifferentiated type): किसी भी उप प्रकार में सम्मिलित होने योग्य नहीं परंतु लक्षण मापदंड के अनुकूल हों।
  5. अवशिष्ट प्रकार (Residual type): कम-से-कम मनोविदलता के एक प्रसगिक वृत्त का अनुभव किया हो; कोई सकारात्मक लक्षण नहीं किंतु नकारात्मक लक्षण प्रदर्शित करता हो।

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प्रश्न 9.
विच्छेदन से आप क्या समझते हैं? इसके विभिन्न रूपों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विचारों और संवेगों के बीच संयोजन का हो जाना ही विच्छेदन कहलाता है। विच्छेदन में अवास्तविकता की भावना, मनमुटाव या विरक्ति, व्यक्तित्व-लोप और कभी-कभी अस्मिता-लोप या परिवर्तन भी पाया जाता है। चेतना में अचानक और अस्थायी परिवर्तन जो कष्टकर अनुभवों को रोक देता है, विच्छेदी विकार (Dissociative disorder) की मुख्य विशेषता होती है।

विच्छेद के विभिन्न रूप इस प्रकार से हैं:

1. विच्छेदी स्मृतिलोप (Dissociative amnesia) में अत्यधिक किन्तु चयनात्मक स्मृतिभ्रंश होता है जिसका कोई ज्ञात आंगिक कारण (जैसे-सिर में चोट लगना) नहीं होता है। कुछ लोग को अपने अतीत के बारे में कुछ भी याद नहीं रहता है। दूसरे लोग कुछ विशिष्ट घटनाएँ, लोग, स्थान या वस्तुएँ याद नहीं कर पाते, जबकि दूसरी घटनाओं के लिए उनकी स्मृति बिल्कुल ठीक होती है। यह विकार अक्सर अत्यधिक दबाव में संबंधित होता है।

2. विच्छेदी आत्मविस्मृति (Dissociative fugue) का एक आवश्यक लक्षण है घर और कार्य स्थान से अप्रत्याशित यात्रा, एक नई पहचान की अवधारणा तथा पुरानी पहचान को याद न कर पाना। आत्मविस्मृति सामान्यता समाप्त हो जाती है। जब व्यक्ति अचानक जागता है और आत्मविस्मृति की अवधि में जो कुछ घटित हुआ उसकी कोई स्मृति नहीं रहती।

3. विच्छेदी पहचान विकार (Dissociative identity disorder) को अक्सर बहु व्यक्तित्व वाला कहा जाता है। यह सभी विच्छेदी विकारों में सबसे अधिक नाटकीय होती है। अक्सर यह बाल्यावस्था के अभिघातज अनुभवों से संबंधित से होता है । इस विकार में व्यक्ति प्रत्यावर्ती व्यक्तियों की कल्पना करता है जो आपस में एक-दूसरे के प्रति जानकारी रख सकते हैं या नहीं रख सकते हैं।

4. व्यक्तित्व लोप (Depersonalisation) में एक स्वप्न जैसी अवस्था होती है जिसमें व्यक्ति को स्व और वास्तविकता दोनों से अलग होने की अनुभूति होती है। व्यक्तित्व-लोप में आत्म-प्रत्यक्षण में परिवर्तन होता है और व्यक्ति का वास्तविकता बोध अस्थायी स्तर पर लुप्त हो जाता है या परिवर्तित हो जाता है।

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प्रश्न 10.
दुश्चिता को ‘पेट में तितलियों का होना’ जैसी अनुभूति कहा जाता है। किस अवस्था में दुश्चिता विकार का रूप ले लेती है? इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हमें दुश्चिता का अनुभव तब होता है जब हम किसी परीक्षा की प्रतीक्षा कर रहे होते हैं या किसी दंत चिकित्सक के पास जाना होता है या कोई एकल प्रदर्शन प्रस्तुत करना होता है यह सामान्य है, जिसकी हमसे प्रत्याशा की जाती है। यहाँ तक कि इसमें अपना कार्य अच्छी तरह करने की अभिप्रेरणा भी मिलती है। इसके विपरीत, जब उच्चस्तरीय दुश्चिता जो कष्टप्रद होती है तथा हमारे सामान्य क्रियाकलापों में बाधा पहुँचती हैं तब यह मनोवैज्ञानिक विकारों की सबसे सामान्य श्रेणी, दुश्चिता विकार की उपस्थिति को संकेत है।

प्रत्येक व्यक्ति को आकुलता और भय होते हैं। सामान्यतः दुश्चिता (Anxiety) शब्द को भय और आशंका की विसृत, अस्पष्ट और अप्रीतिकर भावना के रूप में परिभाषित किया जाता है। दुश्चितित व्यक्ति में निम्न लक्षणों का सम्मिलित रूप रहता है, यथा, हृदय गति से तेज होना, साँस की कमी होना, दस्त होना, भूख न लगना, बेहोशी, घुमनी या चक्कर आना, पसीना आना निद्रा की कमी, बार-बार मूत्र त्याग करना तथा कँपकँपी आना। दुश्चिता विकार कई प्रकार के होते हैं।

1. सामान्यीकृत दुश्चिता विकार (Generalised anxiety disorder) होता है जिसमें लंबे समय तक चलनेवाले, अस्पष्ट, अवर्णनीय तथा तीव्र भय होते हैं जो किसी भी विशिष्ट वस्तु के प्रति जुड़े हुए नहीं होते हैं। इनके लक्षणों में भविष्य के प्रति आकुलता एवं आशंका तथा अत्यधिक सतर्कता, यहाँ तक कि पर्यावरण में किसी भी प्रकार के खतरे की छानबीन, शामिल होती है। इसमें पेशीय तनाव भी होता है जिसके कारण व्यक्ति विश्राम नहीं कर पाता, बेचैन रहता है तथा स्पष्ट रूप से कमजोर और तनावग्रस्त दिखाई देता है।

2. आतंक विकार (Panic disorder) में दुश्चिता के दौरे लगातार पड़ते हैं और व्यक्ति तीव्र त्रास या दहशत का अनुभव करता है। आतंक आक्रमण का तात्पर्य हुआ कि जब भी कभी विशेष उद्दीपक से संबंधित विचार उत्पन्न हों तो अचानक तीव्र दुश्चिता अपनी उच्चतम सीमा पर पहुँच जाए। इस तरह के विचार अकल्पित तरह से उत्पन्न होते हैं इसके नैदानिक लक्षणों में साँस की कमी, घुमनी या चक्कर आना, कँपकँपी, दिल धड़कना, दम घुटना, जी मिचलाना, छाती में दर्द या बेचैनी-सनकी होने का भय, नियंत्रण खोना या मरने का एहसास सम्मिलित होते हैं।

Bihar Board Class 12 Psychology मनोवैज्ञानिक विकार Additional Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
मनोवैज्ञानिक उपागम के अनुसार मनोवैज्ञानिक समस्याएँ क्यों उत्पन्न होती हैं?
उत्तर:
मनोवैज्ञानिक उपागम के अनुसार मनोवैज्ञानिक समस्याएँ व्यक्ति के विचारों, भावनाओं तथा संसार को देखने के नजरिए में अपर्याप्तता के कारण उत्पन्न होती हैं।

प्रश्न 2.
ग्लेन के अनुसार मनोवैज्ञानिक विकार क्यों उत्पन्न होते हैं?
उत्तर:
ग्लेन के अनुसार, यह भौतिक संसार चार तत्त्वों से बना है। जैसे-पृथ्वी, वायु, अग्नि और जल, जो मिलकर हमारे शरीर के चार आवश्यक द्रव जैसे-रक्त, कला पित्त और श्लेष्मा बनाते हैं। इनमें प्रत्येक द्रव भिन्न-भिन्न स्वभाव को बनाते हैं। इन चार वृत्तियों में असंतुलन होने से विभिन्न विकार उत्पन्न होते हैं।

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प्रश्न 3.
अपसामान्य व्यवहार के आधुनिक मनोगतिक सिद्धांतों की आधारशिला किसने रखी थी?
उत्तर:
संत ऑगस्टीन ने।

प्रश्न 4.
योहान वेयर के मुताबिक मनोवैज्ञानिक विकार के क्या कारण थे?
उत्तर:
योहान वेयर के मुताबिक मनोवैज्ञानिक द्वंद्व तथा अंतर्वैयक्तिक संबंधों में बाधा को मनोवैज्ञानिक विकारों का महत्त्वपूर्ण कारण माना।

प्रश्न 5.
अपसामान्य व्यवहार से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
अपसामान्य व्यवहार वह व्यवहार है जो विसामान्य, कष्टप्रद, अपक्रियात्मक और दुःखद होता है। उन व्यवहारों को अपसामान्य समझा जाता है जो सामाजिक मानकों से विचलित होते हैं और जो उपयुक्त संवृद्धि एवं क्रियाशीलता में बाधक होते हैं।

प्रश्न 6.
दुरनुकूलक व्यवहार क्या है?
उत्तर:
किसी व्यवहार को दुरनुकूलक कहने का तात्पर्य यह है कि समस्या बनी हुई है। इससे यह संकेत मिलता है कि व्यक्ति की सुभेद्यता, बचाव की अक्षमता या पर्यावरण में असाधारण दबाव के कारण जीवन में समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं।

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प्रश्न 7.
ओझा कौन होता है?
उत्तर:
कई समाजों में ओझा वे व्यक्ति समझते जाते हैं जिनका संबंध अतिप्राकृत शस्तियों से होता है और जिनके माध्यम से प्रेतात्माएँ व्यक्तियों से बात करती हैं।

प्रश्न 8.
अवसाद का संबंध किससे है?
उत्तर:
अवसाद का संबंध सीरोटोनिन की निम्न क्रियाशीलता से है।

प्रश्न 9.
आनुवंशिक कारकों का संबंध किस प्रकार के मनोवैज्ञानिक विकारों से है?
उत्तर:
आनुवंशिक कारकों का संबंध भावदशा विकारों, मनोविदलता, मानसिक मंदन तथा अन्य मनोवैज्ञानिक विकारों से पाया गया है।

प्रश्न 10.
उन मनोवैज्ञानिक और अंतर्वैयक्तिक कारकों को लिखिए जिनकी अपसामान्य व्यवहार में महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
उत्तर:
इन कारकों में मातृत्व वंचन, माता-पिता और बच्चे के बीच दुरनुकूलक संबंध, दुरनुकूलक परिवार संरचना तथा अत्यधिक दबाव का होना है।

प्रश्न 11.
मनोवैज्ञानिक मॉडल के मनोगतिक सिद्धांत क्या हैं?
उत्तर:
मनोगतिक सिद्धांतवादियों का विश्वास है कि व्यवहार चाहे सामान्य हो या असामान्य वह व्यक्ति के अंदर की मनोवैज्ञानिक शक्तियों के द्वारा निर्धारित होता है जिनके प्रति वह स्वयं चेतन रूप से अनभिज्ञ होता है।

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प्रश्न 12.
गत्यात्मक शक्तियाँ क्या होती हैं?
उत्तर:
गत्यात्मक शक्तियाँ आंतरिक शक्तियाँ हैं जो एक-दूसरे से अंत:क्रिया करती हैं तथा उनकी यह अंतःक्रिया व्यवहार, विचार और संवेगों को निर्धारित करती हैं।

प्रश्न 13.
अठारहवीं शताब्दी में सुधार आंदोलन का सकारात्मक पक्ष क्या था?
उत्तर:
सुधार आंदोलन का एक पक्ष यह था कि संस्था-विमुक्ति के प्रति रुझान बढ़ा जिसमें मानसिक रूप से बीमार लोगों के ठीक होने के पश्चात् सामुदायिक देख-रेख के ऊपर जोर दिया जाने लगा।

प्रश्न 14.
भारत में तथा अन्यत्र बीमारियों के अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण का कौन-सा संस्करण प्रयुक्त होता है और उसे क्या कहा जाता है?
उत्तर:
भारत में अन्यत्र बीमारियों के अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण का दसवाँ संस्करण प्रयुक्त होता हैं, जिसे आई. सी. डी.-10 व्यवहारात्मक एवं मानसिक विकारों का वर्गीकरण कहा जाता है।

प्रश्न 15.
कुछ जैविक कारकों को लिखिए जो हमारे व्यवहार के सभी पक्षों को प्रभावित करते हैं।
उत्तर:
दोषपूर्ण जीन, अंतःस्रावी अंसतुलन, कुपोषण, चोट आदि।

प्रश्न 16.
तंत्रिका संचारक किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब कोई विद्युत आवेग तंत्रिका-कोशिका के अंतिम छोर तक पहुँचता है तब अक्षतंतु उद्दीप्त होकर कुछ रसायन प्रवाहित करते हैं जिसे तंत्रिका संचारक कहते हैं।

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प्रश्न 17.
दुश्चिता विकार का संबंध किससे है?
उत्तर:
दुश्चिता विकार का संबंध न्यूरोट्रांसमीटर गामा एमिनाब्यूटिरिक एसिड की निम्न क्रियाशीलता से है।

प्रश्न 18.
मनोविदलता का संबंध किससे है?
उत्तर:
मनोविदलता का संबंध डोपामाइन की अतिरेक क्रियाशीलता से है।

प्रश्न 19.
अठारहवीं शताब्दी में मनोवैज्ञानिक विकार के प्रति क्या जागरुकता आई?
उत्तर:
अठारहवीं शताब्दी में मनोवैज्ञानिक विकारों के प्रति वैज्ञानिक अभिवृत्ति में वृद्धि के कारण इन विकारों से ग्रसित लोगों के प्रति करुणा या सहानुभूति की भावना बढ़ी जिससे सुधार आंदोलन का बल प्राप्त हुआ।

प्रश्न 20.
रोगान्मुखता-दबाव मॉडल के तीन घटक कौन-से हैं?
उत्तर:
इस मॉडल के तीन घटक हैं –

  1. रोगोन्मुखता या कुछ जैविक विपथन जो वंशागत हो सकते हैं।
  2. रोगान्मुखता के कारण किसी मनोवैज्ञानिक विकार के प्रति दोषपूर्णता उत्पन्न हो सकती है।
  3. विकारी प्रतिबलकों की उपस्थिति।

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प्रश्न 21.
दुश्चितित व्यक्ति में किन लक्षणों का सम्मिलित रूप रहता है?
उत्तर:
दुश्चितित व्यक्ति में निम्न लक्षणों का सम्मिलित रूप रहता है-हृदयगति का तेज होना, साँस की कमी होना, दस्त होना, भूख न लगना, बेहोशी, चक्कर आना, पसीना आना, निद्रा की कमी, बार-बार मूत्र त्याग करना तथा कंपकंपी आना।

प्रश्न 22.
सामान्यीकृत दुश्चिता व्यक्ति में किन लक्षणों का सम्मिलित रूप रहता है?
उत्तर:
सामान्यीकृत दुश्चिता विकार में लंबे समय तक चलनेवाले, अस्पष्ट, अवर्णनीय तथा तीव्र भय होते हैं तो किसी भी विशिष्ट वस्तु के प्रति जुड़े हुए नहीं होते हैं।

प्रश्न 23.
सामान्यीकृत दुश्चिता विकार के क्या लक्षण होते हैं?
उत्तर:
इनके लक्षणों में भविष्य के प्रति आकुलता एवं आशंका तथा अत्यधिक सतर्कता, यहाँ तक कि पर्यावरण में किसी भी प्रकार के खतरे की छानबीन शामिल होती है।

प्रश्न 24.
मनोगतिक मॉडल को सर्वप्रथम किसने प्रतिपादित किया था?
उत्तर:
यह मॉडल सर्वप्रथम फ्रॉयड द्वारा प्रतिपादित किया गया था।

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प्रश्न 25.
फ्रॉयड के अनुसार कौन-सी तीन केन्द्रीय शक्तियाँ व्यक्तित्व का निर्माण करती हैं?
उत्तर:
फ्रॉयड के अनुसार निम्नलिखित तीन केन्द्रीय व्यक्तित्व का निर्माण करती हैं –

  1. मूल प्रवृतिक आवश्यकताएँ
  2. अंतर्नाद तथा आवेग
  3. तार्किक चिंतन तथा नैतिक मानक

प्रश्न 26.
फ्रॉयड के अनुसार अपसामान्य व्यवहार क्या है?
उत्तर:
फ्रॉयड के अनुसार अपसामान्य व्यवहार अचेतन स्तर पर होनेवाले मानसिक द्वंद्वों की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति है जिसका संबंध सामान्यतः प्रारंभिक बाल्यावस्था या शैशवावस्था में होता है।

प्रश्न 27.
व्यवहारात्मक मॉडल क्या है?
उत्तर:
यह मॉडल बताता है कि सामान्य और अपसामान्य दोनों व्यवहार अधिगम होते हैं और मनोवैज्ञानिक विकार व्यवहार करने के दुरनुकूलक तरीके सीखने के परिणामस्वरूप होते हैं।

प्रश्न 28.
अधिगम प्राचीन अनुबंधन क्या है?
उत्तर:
अधिगम प्राचीन अनुबंधन यह कालिक साहचर्य है जिसमें दो घटनाएँ बार-बार एक-दूसरे के साथ घटित होती हैं।

प्रश्न 29.
क्रियाप्रसूत अनुबंधन क्या है?
उत्तर:
क्रियाप्रसूत अनुबंधन में व्यहवार किसी पुरस्कार से संबंधित किया जाता है।

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प्रश्न 30.
सामाजिक अधिगम क्या है?
उत्तर:
सामाजिक अधिगम दूसरे के व्यवहारों का अनुकरण करके सीखना है।

प्रश्न 31.
रोगोन्मुखता-दबाव मॉडल क्या है?
उत्तर:
रोगोन्मुखता-दबाव मॉडल के अनुसार, जब कोई रोगोन्मुखता किसी दबावपूर्ण स्थिति के कारण सामने आ जाती है तब मनोवैज्ञानिक विकार उत्पन्न होते हैं।

प्रश्न 32.
मनोग्रस्ति-बाध्यता विकार क्या है?
उत्तर:
जो लोग मनोग्रस्ति-बाध्यता विकार से पीड़ित होते हैं वे कुछ विशिष्ट विचारों में अपनी ध्यानमग्नता को नियंत्रित करने में असमर्थ होते हैं या अपने आपको बार-बार कोई विशेष क्रिया करने से रोक नहीं पाते हैं, यहाँ तक कि ये उनकी सामान्य गतिविधियों में भी बाधा पहुँचाते हैं।

प्रश्न 33.
मनोग्रस्ति व्यवहार किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी विशेष विचार या विषय पर चिंतन को रोक पाने की असमर्थता मनोग्रस्ति व्यवहार कहलाता है। इससे ग्रसित व्यक्ति अक्सर अपने विचारों को अप्रिय और शर्मनाक समझता है।

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प्रश्न 34.
बाध्यता व्यवहार किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी व्यवहार को बार-बार करने की आवश्यकता बाध्यता व्यवहार कहलाता है। कई तरह की बाध्यता में गिनना, आदेश देना, जाँचना, छूना और धोना सम्मिलित होते हैं।

प्रश्न 35.
अभिघातज उत्तर दबाव विकार का अनुभव किन लोगों में पाया जाता है?
उत्तर:
कई लोग जो किसी प्राकृतिक विपदा (जैसे-सुनामी) में फंस चुके होते हैं या किसी गंभीर दुर्घटना या युद्ध की स्थितियों को अनुभव कर चुके होते हैं, वे अभिघातज उत्तर दबाव विकार का अनुभव करते हैं।

प्रश्न 36.
उत्तर अभिघातक दबाव विकार के क्या लक्षण होते हैं?
उत्तर:
उत्तर अभिघातक दबाव विकार के लक्षणों में बार-बार किसी स्वप्न का आना, अतीतावलोकन, एकाग्रता की कमी और सांवेगिक शून्यता शामिल हो सकती है।

प्रश्न 37.
कायरूप विकार क्या है?
उत्तर:
कायरूप विकारों में शक्ति को मनोवैज्ञानिक कठिनाइयाँ होती हैं और वह शिकायत उन शारीरिक लक्षणों की करता है जिसका कोई जैविक कारण नहीं होता।

प्रश्न 38.
कायरूप विकार में किस प्रकार के रोग सम्मिलित हैं?
उत्तर:
कायरूप विकारों में पीड़ा विकार, काय-आलंबिता विकार, परिवर्तित विकार तथा स्वकार्यदुश्चिता रोग सम्मिलित होते हैं।

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प्रश्न 39.
काय-आलंबिता विकार क्या है?
उत्तर:
काय-आलंबिता विकार के रोगियों में कई प्रकार की और बार-बार घटित होनेवाली या लंबे समय तक चलनेवाली शारीरिक शिकायतें होती हैं।

प्रश्न 40.
काय-आलंबिता विकारवाले व्यक्तियों की क्या सामान्य शिकायतें होती हैं?
उत्तर:
उनमें सामान्य शिकायतें हैं-सिरदर्द, थकान, हृदय की धड़कन, बेहोशी का दौरा, उल्टी करना और एलर्जी।

प्रश्न 41.
आंतक विकार क्या है?
उत्तर:
आंतक विकार एक तरह का दुश्चिता विकार होता है जिसमें दुश्चिता के दौर लगातार पड़ते हैं और व्यक्ति तीव्र त्रास या दहशत का अनुभव करता है।

प्रश्न 42.
आंतक आक्रमण से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
आंतक आक्रमण का तात्पर्य हुआ कि जब भी कभी विशेष उद्दीपक से संबंधित विचार उत्पन्न हों तो अचानक तीव्र दुश्चिता अपनी उच्चतम सीमा पर पहुँच जाए। इस तरह के विचार अकल्पित तरह से उत्पन्न होते हैं।

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प्रश्न 43.
आंतक विकार के नैदानिक लक्षण क्या-क्या हैं?
उत्तर:
इसके नैदानिक लक्षणों में सांस की कमी, चक्कर आना, कंपकंपी, दिल धड़कना, दम घुटना, जी मिचलाना, छाती में दर्द या बेचैनी, सनकी होने का भय, नियंत्रण खोना या मरने का एहसास सम्मिलित होते हैं।

प्रश्न 44.
दुर्भीति क्या है?
उत्तर:
दुर्भीति एक प्रकार का भय है। जिन लोगों में दुर्भीति होती है उन्हें किसी विशिष्ट वस्तु, लोग या स्थितियों के प्रति अविवेकी या अतर्क भय होता है।

प्रश्न 45.
दुर्भीति कितने प्रकार की होती है?
उत्तर:
दुर्भीति तीन प्रकार की होती है-विशिष्ट दुर्भीति, सामाजिक दुर्भीति तथा वितिभीति।

प्रश्न 46.
विशिष्ट दुर्भीति क्या है?
उत्तर:
इसमें सामान्यतः घटित होनेवाली दुर्भीति होती है। इसमें अविवेकी या अतर्क भय जैसे किसी विशिष्ट प्रकार के जानवर के प्रति तीव्र भय का होना या किसी बंद जगह में होने का भय का होना सम्मिलित होते हैं।

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प्रश्न 47.
सामाजिक दुर्भीति का क्या लक्षण होता है?
उत्तर:
दूसरों के साथ बर्ताव करते समय तीव्र और अक्षम करनेवाला भय और उलझण अनुभव करना सामाजिक दुर्भीति का लक्षण है।

प्रश्न 48.
विवृतिभीति से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
विवृतिभीति शब्द उस समय प्रयुक्त किया जाता है जब लोग अपरिचित स्थितियों में प्रवेश करने के भय से ग्रसित हो जाते हैं। इससे ग्रसित अधिकांश लोग अपने घर से निकलने में घबराते हैं।

प्रश्न 49.
विच्छेदी स्मृतिलोप क्या है?
उत्तर:
विच्छेदी स्मृतिलोप में अत्यधिक किन्तु चयनात्मक स्मृतिभ्रंश होता है जिसका कोई ज्ञात आंगिक कारण नहीं होता है।

प्रश्न 50.
विच्छेदी विकार की क्या विशेषता होती है?
उत्तर:
चेतना में अचानक और अस्थायी परिवर्तन जो कष्टकर अनुभवों को रोक देता है, विच्छेदी विकार की मुख्य विशेषता होती है।

प्रश्न 51.
काय-आलंबिता विकार के रोगी की क्या अवधारणा होती है?
उत्तर:
इस विकार के रोगी यह मानते हैं कि वे बीमार हैं, अपनी बीमारी का लंबा और विस्तृत ब्यौरा बताते हैं तथा काफी मात्रा में दवाएँ लेते हैं।

प्रश्न 52.
परिवर्तन विकार क्या है?
उत्तर:
परिवर्तन विकार के लक्षणों में शरीर के कुछ मूल प्रकार्य में से सबमें या कुछ अंशों में क्षति बनाई जाती है।

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प्रश्न 53.
परिवर्तन विकार के लक्षणों को लिखिए।
उत्तर:
पक्षाघात, अंधापन, बधिरता या बहरापन और चलने में कठिनाई या होना इसके सामान्य लक्षण होते हैं।

प्रश्न 54.
स्वकायदुश्चिता रोग का निदान कब किया जाता है?
उत्तर:
स्वकायदुश्चिता रोग का निदान तब दिया जाता है जब चिकित्सा आश्वासन, किसी भी शारीरिक लक्षणों का न पाया जाना या बीमारी के न बढ़ने के बावजूद रोगी लगातार यह मानता है कि उसे गंभीर बीमारी है।

प्रश्न 55.
स्वलीन विकार क्या होता है?
उत्तर:
स्वलीन विकारवाले बच्चों का सामाजिक अंतःक्रिया और संप्रेषण में कठिनाई है, उनकी बहुत सीमित अभिरुचियाँ होती हैं तथा उनमें एक नियमित दिनचर्या की तीव्र इच्छा होती है। 70 प्रतिशत के लगभग स्वालीनता से पीड़ित बच्चे मानसिक रूप से मंद होते हैं।

प्रश्न 56.
मादक द्रव्य दुरुपयोग विकार किसे कहते हैं?
उत्तर:
नियमित रूप से लगातार मादक द्रव्यों के सेवन से उत्पन्न होनेवाले दुरनुकूलक व्यवहारों से संबंधित विकारों को मादक द्रव्य दुरुपयोग विकार कहा जाता है।

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प्रश्न 57.
मादक द्रव्य निर्भरता से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
मादक द्रव्य निर्भरता में जिस मादक द्रव्य का व्यसन होता है उसके सेवन के लिए तीव्र इच्छा जागृत होती है, व्यक्ति सहिष्णुता और विनिवर्तन लक्षण प्रदर्शित करता है तथा उसे आवश्यक रूप से उस मादक द्रव्य का सेवन करना पड़ता है।

प्रश्न 58.
‘सहिष्णुता’ से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
सहिष्णुता का तात्पर्य व्यक्ति के वैसा ही प्रभाव पाने के लिए अधिक-से-अधिक उस मादक द्रव्य के सेवन से है।

प्रश्न 59.
व्यक्तित्व लोप क्या है?
उत्तर:
व्यक्तिगत लोप में एक स्वप्न जैसी अवस्था होती है जिसमें व्यक्ति को स्व और वास्तविकता दोनों से अलग होने की अनुभूति होती है। व्यक्तिगत लोप में आत्म-प्रत्यक्षण में परिवर्तन होता है और व्यक्ति का वास्तविकता बोध अस्थायी स्तर पर लुप्त हो जाता है या परिवर्तित हो जाता है।

प्रश्न 60.
भावदशा विकार क्या है?
उत्तर:
भावदशा विकार में व्यक्ति की भावदशा या लंबी संवेगात्मक स्थिति में बाधाएं आ जाती हैं।

प्रश्न 61.
मनोविदलता के सकारात्मक लक्षणों को लिखिए।
उत्तर:
मनोविदालता के सकारात्मक लक्षणों में व्यक्ति के व्वहार में विकृत अतिशयता तथा विलक्षणता का बढ़ना पाया जाता है। भ्रमासक्ति असंगठित चिंतन एवं भाषा, प्रवर्धित और विभ्रम तथा अनुपयुक्त भाव मनोविदलता में सबसे अधिक पाये जानेवाले लक्षण हैं।

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प्रश्न 62.
भ्रमासक्ति क्या है?
उत्तर:
भ्रमासक्ति एक झूठा विश्वास है जो अपर्याप्त आधार पर बहुत मजबूती से टिका रहता है। इस पर तार्किक युक्ति का कोई प्रभाव नहीं पड़ता तथा वास्तविकता में जिसका कोई आधार नहीं होता।

प्रश्न 63.
‘अलोगिया’ क्या है?
उत्तर:
अलोगिया एक प्रकार का रोग है जिसमें व्यक्ति में वाक्-अयोग्यता पाई जाती है जिसमें, भाषण, विषय तथा बोलने में कमी पाई जाती है।

प्रश्न 64.
मनोविदलता के केटाटोनिक प्रकार की क्या विशेषताएँ होती हैं?
उत्तर:
चरमपेशीय गतिहीनता, चरमपेशीय निष्क्रियता, चरम नकारावृत्ति या मूकता।

प्रश्न 65.
बच्चों में बहिःकरण विकार क्या होते हैं?
उत्तर:
बहिःकरण विकारों में वे व्यवहार आते हैं जो विध्वंसकारी, अक्सर आक्रामक और बच्चे के पर्यावरण में जो लोग हैं उनके प्रति विमुखता वाले होते हैं।

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प्रश्न 66.
बच्चों में आंतरिकीकरण विकार क्या होते हैं?
उत्तर:
आंतरिकीकरण विकार से स्थितियाँ होती हैं जिनमें बच्चा अवसाद, दुश्चिता और ‘अस्वस्थता या कष्ट महसूस करता है जो दूसरों को दिखाई नहीं दे सकती हैं।

प्रश्न 67.
वियोगज दुश्चिता विकार क्या है?
उत्तर:
वियोगज दुश्चिता विकार एक ऐसा आंतरिकीकृत विकार है जो बच्चों में विशिष्ट रूप से होता है। इसका सबसे प्रमुख लक्षण अतिशय दुश्चिता है, यहाँ तक कि अपने माता-पिता से अलग होने पर बच्चे अतिशय भय का अनुभव करते हैं।

प्रश्न 68.
‘विनिवर्तन’ का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
विनिवर्तन का तात्पर्य उन शारीरिक लक्षणों से है जो जब उत्पन्न होते हैं जब व्यक्ति मन:प्रभावी मादक द्रव्य का सेवन बंद या कम कर देता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
मनोवैज्ञानिक विकारों के वर्गीकरण पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
अमरीकी मनोरोग संघ ने विभिन्न प्रकार के मनोवैज्ञानिक विकारों का वर्णन तथा वर्गीकरण करते हुए एक अधिकारिक पुस्तिका (Official manual) प्रकाशित की है। इसका वर्तमान संस्करण डायग्नोस्टिक एवं स्टैटिस्टिकल मैनुअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर, चतुर्थ संस्करण (डी. एस. एम. – IV) रोगी के (Diagnostic and Statistical Manual of Mental Disorders, IV Edition) मानसिक विकार’ के केवल एक वृहत् पक्ष पर नहीं बल्कि पाँच विमाओं या आयामों पर मूल्यांकन करता है। ये विमाएँ जैविक, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक तथा अन्य दूसरे, पक्षों से संबंधित है।

भारत में तथा अन्यत्र, बीमारियों के अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण का दसवाँ संस्करण (International Classification of Disease ICD-10 Classification of Behavioural and Mental Disorders) कहा जाता है। इस योजना में, प्रत्येक विकार के नैदानिक लक्षण और उनसे संबंधित अन्य लक्षणों तथा नैदानिक पथप्रदर्शिका का वर्णन किया गया है।

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प्रश्न 2.
अपसामान्य व्यवहार के लिए आनुवंशिक कारक किस प्रकार जिम्मेदार है? संक्षेप में समझाइए।
उत्तर:
आनुवंशिक कारकों (Genetic factors) का संबंध भावदशा विकारों, मनोविदलता, मानसिक मंदन तथा अन्य मनोवैज्ञानिक विकारों में पाया गया है। यद्यपि शोधकर्ता यह नहीं पहचान पाए हैं कि कौन-से विशिष्ट जीन मुख्यतः इसके दोषी हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकांशतः कोई एक जीन किसी विशेष व्यवहार या मनोवैज्ञानिक विकार के लिए उत्तरदायी नहीं होता बल्कि कई जीन मिलकर हमारे कई प्रकार के व्यवहारों तथा सांवेगिक प्रतिक्रियाओं, क्रियात्मक तथा अपक्रियात्मक दोनों को उत्पन्न करते हैं। यद्यपि इस बात के काफी पुष्ट प्रमाण हैं कि आनुवंशिकांजीवरासायनिक कारक भिन्न-भिन्न प्रकार के मानसिक विकारों जैसे-मनोविदलता, अवसाद, दुश्चिता इत्यादि में अपनी भूमिका रखते हैं तथापि केवल जीवविज्ञान ही अधिकांश मनोवैज्ञानिक विकारों का कारण नहीं होते।

प्रश्न 3.
संज्ञानात्मक और मानवतावादी अस्तित्वपरक मनोवैज्ञानिक मॉडलों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
1. संज्ञानात्मक मॉडल (vognitive model) ने मनोवैज्ञानिक कारकों पर जोर दिया है। इस मॉडल के अनुसार, अपसामान्य व्यवहार संज्ञानात्मक समस्याओं के कारण घटित हो सकते हैं। लोगों की अपने बारे में ऐसी धारणाएँ और अभिवृत्तियाँ हो सकती हैं जो अविवेकशील और गलत हैं और सामान्य धारणा बना सकते हैं जिसके कारण किसी एक घटना, जो महत्त्वपूर्ण नहीं है, के आधार पर ही वे वृहत् नकारात्मक निष्कर्ष निकाल सकते हैं।

2. मानवतावादी-अस्तित्वपरक मॉडल (Humansticexistential model) है जो मनुष्य के अस्तित्व के व्यापक पहलुओं पर जोर देता है। मानवतावादी सोचते हैं कि मनुष्यों में जन्म से ही मित्रवत् सहयोगी और रचनात्मक होने की स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है और वह स्वयं को विकसित करने के लिए है। अच्छाई और संवृद्धि के लिए. मनुष्य अपनी इस क्षमता का उपयोग करने को प्रेरित होते हैं। अस्तित्ववादियों का विश्वास है कि जन्म से हमें अपने अस्तित्व को अर्थ प्रदान करने की पूरी स्वतंत्रता होती है, इस उत्तरदायित्व को हम निभा सकते हैं या परिहार कर सकते हैं। जो उत्तरदायित्व से मुँह मोड़ते हैं वे खाली, अप्रमाणिक तथा अपक्रियात्मक जीवन जीते हैं।

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प्रश्न 4.
मुख्य दुश्चिता विकारों तथा उनके लक्षणों को लिखिए।
उत्तर:
मुख्य दुश्चिता विकार तथा उनके लक्षण इस प्रकार हैं –

  1. सामान्यीकृत दुश्चिता विकार-दीर्घ, अस्पष्ट अवर्णनीय तथा तीव्र जिसका संबंध किसी वस्तु से नहीं होता है तथा जिसमें अतिसर्तकता और पेशीय तनाव होता है।
  2. आंतक विकार-बार-बार दुश्चिता के दौर पड़ना जिसमें तीव्र त्रास या दहशत और आशंका की भावना; जिसे पहले से न बताया जा सके ऐसे ‘आंतक के आक्रमण’ साथ ही शारीरिक लक्षण जैसे साँस फूलना, धड़कन, कंपन, चक्कर आना तथा नियंत्रण खोने का यहाँ तक कि मृत्यु का भाव होना।
  3. दुर्भीति-किसी विशिष्ट वस्तु, दूसरों के साथ अंत:क्रिया तथा अपरिचित स्थितियों के प्रति अविवेकी भय का होना।
  4. मनोग्रस्ति-बाध्यता विकार-कुछ विचारों में संलग्न रहना जिन्हें व्यक्ति शर्मनाक और अप्रिंय समझता है; कुछ ऐसी क्रियाएँ जैसे-जाँचना, धोना, गिनना इत्यादि को बार-बार करने के आवेग पर नियंत्रण न कर पाना।
  5. उत्तर अभिघातज दबाव विकार-बार-बार आनेवाले स्वप्न, अतीतावलोकन, एकाग्रात में कमी और सांवेगिक शून्यता का होना जो किसी अभिधातज या दबावपूर्ण घटना, जैसे-प्राकृतिक विपदा, गंभीर दुर्घटना इत्यादि के पश्चात् व्यक्ति द्वारा अनुभव किए जाते हैं।

प्रश्न 5.
काय-आलंबिता विकार को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
काय-आलंबिता विकार (Somatisation disorder) के रोगियों में कई प्रकार की और बार-बार घटित होनेवाली या लंबे समय तक चलनेवाली शारीरिक शिकायतें होती हैं। ये शिकायतें नाटकीय और बढ़े-चढ़े रूप से प्रस्तुत की जा सकती हैं। इनमें सामान्य शिकायतें हैं-सिरदर्द, थकान, हृदय की धड़कन, बेहोशी का दौरान, उल्टी करना और एलर्जी। इस विकार के रोगी यह मानते हैं कि वे बीमार हैं अपनी बीमारी का लंबा और विस्तृत ब्यौरा बताते हैं तथा काफी मात्रा में दवाएँ लेते हैं।

प्रश्न 6.
आत्महत्या को किस प्रकार रोका जा सकता है?
उत्तर:
आत्महत्या को निम्नलिखित लक्षणों के प्रति सजग रहकर रोका जा सकता है –

  1. खाने और सोने की आदतों में परिवर्तन।
  2. मित्रों, परिवारों और नियमित गतिविधियों से विनिवर्तन।
  3. उग्र क्रिया व्यवहार, विद्रोही व्यवहार, भाग जाना।
  4. मद्य एवं मादक द्रव्य सेवन।
  5. व्यक्तित्व में काफी परिवर्तन आना।
  6. लगातार ऊब महसूस करना।
  7. एकाग्रता में कठिनाई।
  8. आनंददायक गतिविधियों में अभिरुचि का न होना।

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प्रश्न 7.
द्विध्रुवीय भावदशा विकार को संक्षेप में समझाइए।
उत्तर:
इस प्रकार के भावदशा विकार, जिसमें उन्माद और अवसाद बारी-बारी से उपस्थित होते हैं, में कभी-कभी सामान्य भावदशा की अवधि भी आती है। इसे द्विध्रुवीय भावदशा विकार में आत्महत्या के प्रयास का आजीवन खतरा सबसे ज्यादा रहता है। मानसिक स्वास्थ्य स्थिति के अतिरिक्त खतरे के अन्य कारण व्यक्ति की आत्महत्या करने की संभावना को बताते हैं। इनमें प्रमुख हैं-उम्र, लिंग, नृजातीयता या प्रजाति और हाल में घटित जीवन की गंभीर घटनाएँ।

किशोर और युवाओं में आत्महत्या के खतरे उतने ही अधिक हैं जितने 70 वर्ष से ऊपर के लोगों में। लिंग भी प्रभावित करनेवाला एक कारक है अर्थात् स्त्रियों की तुलना पुरुषों में आत्महत्या करने के बारे में सोचने की दर अधिक है। आत्महत्या के प्रति सांस्कृतिक अभिवृत्तियाँ भी आत्महत्या की दर को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, जापान में शर्म और बदनामी की स्थिति से निपटने के लिए आत्महत्या सांस्कृतिक रूप से उचित तरीका है। जिन लोगों में आत्महत्या के प्रति उन्मुखता होती है उनमें नकारात्मक प्रत्याशाएँ, निराशा, यथार्थ से हटकर बनाए गए ऊँचे मानकों का होना तथा आत्म-मूल्यांकन में अति-आलोचना करना मुख्य बातें होती हैं।

प्रश्न 8.
अवसाद के पूर्वयोगी कारक को संक्षेप में समझाइए।
उत्तर:
अवसाद के पूर्वयोगी कारक:
मुख्य अवसादी तथा द्विध्रुवीय विकारों में आनुवांशिक विकारों में आनुवांशिक संरचना या आनुवांशिकता खतरे का एक महत्त्वपूर्ण कारण है। उम्र भी इस विकार के खतरे का कारण है। उदाहरणार्थ स्त्रियों को प्रारंभिक प्रौढ़ावस्था में अधिक खतरा रहता है जबकि पुरुषों के लिए प्रारंभिक मध्यावस्था में सबसे ज्यादा खतरा होता है। इसी तरह लिंग भी एक महत्त्वपूर्ण कारण होता है जिनकी भूमिका इन विभेदक खतरों के संदर्भ में होती है। उदाहरणार्थ, पुरुषों की तुलना में स्त्रियों में अवसादी विकार से ग्रसित होने की संभावना अधिक रहती है। अन्य खतरे के कारण, जीवन की नकारात्मक घटनाओं और सामाजिक अवलंब की कमी का अनुभव करता है।

प्रश्न 9.
बच्चों के बहिःकरण और आंतरिकीकरण विकारों में क्या अंतर है?
उत्तर:
बहिःकरण विकारों (Externalising disorders) या अनियंत्रित विकारों में वे व्यवहार आते हैं जो विध्वंसकारी, अक्सर आक्रामक और बच्चे के पर्यावरण में जो लोग हैं उनके प्रति विमुखता वाले होते हैं। आंतरिकीकरण विकार (Internalising disorders) या अनियंत्रित समस्याएँ वे स्थितियाँ होती हैं जिनमें बच्चा अवसाद, दुश्चिता और अस्वस्थता या कष्ट महसूस करता है जो दूसरों को दिखाई नहीं दे सकती है।

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प्रश्न 10.
विरुद्धक अवज्ञाकारी विकार को संक्षेप में समझाइए। आचरण विकार और समाजविरोधी व्यवहार क्या होते हैं?
उत्तर:
विरुद्धक अवज्ञाकारी विकार (Oppositional Defiant disorder, ODD) से ग्रसित बच्चे उम्र के अनुपयुक्त हठ या जिद प्रदर्शित करते हैं तथा चिड़चिड़े, दुराग्रही, अवज्ञाकारी और शत्रुतापूर्ण तरह से व्यवहार करनेवाले होते हैं। ए. डी. एच. डी. के विपरीत ओ. डी. डी. की दर लड़के और लड़कियों में ज्यादा भिन्न नहीं होती। आचरण विकार (Conduct disorder) तथा समाजविरोधी व्यवहार (Antisocial behaviour) उन व्यवहारों और अभिवृत्तियों के लिए प्रयुक्त होते जो उम्र के उपयुक्त नहीं होते तथा जो परिवार की प्रत्याशाओं, सामाजिक मानकों और दूसरों के व्यक्तिगत या स्वत्व अधिकारों का उल्लंघन करनेवाले होते हैं।

आचरण विकार के विशिष्ट व्यवहारों में ऐसे आक्रामक व्यवहार आते हैं जो जानवरों या मनुष्यों को किसी प्रकार की हानि पहुँचाने वाले या हानि की धमकी देनेवाले हों और ऐसे व्यवहार जो आक्रामक तो नहीं हैं किन्तु संपत्ति का नुकसान करनेवाले हों। गंभीर रूप से धोखा देना, चोरी करना और नियमों का उल्लंघन करना भी ऐसे व्यवहारों में शामिल होते हैं बच्चे कई तरह के आक्रामक व्यवहार प्रदर्शित करते हैं। जैसे-शाब्दिक आक्रामकता (Verbal aggression) (गालियाँ देना, कसम देना), शारीरिक आक्रामकता (Physical aggression) (मारना, झगड़ना), शत्रुतापूर्ण आक्रामकतां (Hostile aggression) (दूसरों को चोट पहुंचाने के इरादे से प्रदर्शित आक्रामकता) और अग्रलक्षी आक्रामकता (Proactive aggression) (बिना उकसाने के भी दूसरे लोगों को धमकाना और डराना, उन पर प्रभावी या प्रबल होना)।

प्रश्न 11.
आंतरिकीकरण विकार को संक्षेप में समझाइए।
उत्तर:
आंतरिकीकरण विकारों में वियोगज दुश्चिता विकार (Separation anxiety disorder) और अवसाद (depression) मुख्यतः होते हैं। वियोगज दुश्चिता विकार (एस. ए. डी.) एक ऐसा आंतरिकीकृत विकार है जो बच्चों में विशिष्ट रूप से होता है। इसका सबसे प्रमुख लक्षण अतिशय दुश्चिता है, यहाँ तक कि अपने माता-पिता से अलग होने पर बच्चे अतिशय भय का अनुभव करते हैं। इस विकार से ग्रसित बच्चे कमरे में अकेले रहने में, स्कूल अकेले जाने में और नई स्थितियों में प्रवेश से घबराते हैं तथा अपने माता-पिता से छाया की तरह उनके हर काम में चिपके रहते हैं। वियोगज न हो इसके लिए बच्चे चिल्लाना, हंगामा करना, मचलना या आत्महत्या के हावभाव प्रदर्शित करना जैसे व्यवहार कर सकते हैं।

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प्रश्न 12.
स्वलीन विकारवाले बच्चों की विशेषताओं को समझाइए।
उत्तर:
स्वलीन विकार (Autistic disorder) या स्वलीनता इनमें सबसे अधिक पाया जाने वाला विकार होता है। स्वलीन विकारवाले बच्चों को सामाजिक अंतःक्रिया ओर संप्रेषण में कठिनाई होती है, उनकी बहुत सीमित अभिरुचियाँ होती हैं तथा उनमें एक नियमित दिनचर्या की तीव्र इच्छा होती है। सत्तर प्रतिशत के लगभग स्वलीनता से पीड़ित बच्चे मानसिक रूप से मंद होते हैं। स्वलीनता से ग्रस्त बच्चे दूसरों में मित्रवत् होने में गहन कठिनाई का अनुभव करते हैं।

वे सामाजिक व्यवहार प्रारंभ करने में असमर्थ होते हैं तथा अन्य लोगों की भावनाओं के प्रति अनुक्रियाशील प्रवीत नहीं होते हैं। वे अपने अनुभवों या संवेगों को दूसरों के साथ बाँटने में असमर्थ होते हैं। वे संप्रेषण और भाषा की गंभीर असामान्यताएँ प्रदर्शित करते हैं जो काफी समय तक बनी रहती हैं। बहुत से स्वलीन बच्चे कभी भी वाक् (बोली) का विकास नहीं कर पाते हैं और वे जो कर पाते हैं, उनका वाक्-प्रतिरूप पुनरावर्ती और विसामान्य होता है। स्वलीनता से पीड़िता बच्चे सीमित अभिरुचियाँ प्रदर्शित करते हैं और इनके व्यवहार पुरावर्ती होते हैं; जैसे वस्तुओं को एक लाइन से लगाना या रूढ़ शरीर गति, जैसे-शरीर को इधर-उधर हिलानेवाले होते हैं। ये पेशीय गति स्व-उद्दीप्त, जैसे-हाथ से मारना या आत्म-हानिकर जैसे-दीवार से सिर पटकना हो सकते हैं।

प्रश्न 13.
दुर्भाति विकार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
दुर्भाति विकार एक बहुत ही सामान्य दुश्चिता विकार है, जिसमें व्यक्ति अकारण या अयुक्तिक अथवा विवेकहीन डर अनुभव करता है। इसमें व्यक्ति कुछ खास प्रकार की वस्तुओं या परिस्थितियों से डरना सीख लेता है। जैसे, जिस व्यक्ति में मकड़ा से दुर्भीति होता है वह व्यक्ति वहाँ नहीं जा सकता है जहाँ मकड़ा उपस्थित हो। जबकि मकड़ा एक ऐसा जीव है जो व्यक्ति विशेष के लिए खतरा पैदा नहीं करता है। फिर भी व्यक्ति में दुर्भीति उत्पन्न हो जाने पर सामान्य व्यवहार को विचलित कर देता है।

यद्यपि डरा हुआ व्यक्ति यह जानता है कि उसका डर अयुक्तिक है, फिर भी वह उक्त डर से मुक्त नहीं हो पाता है। इसका कारण व्यक्ति का आंतरिक रूप से चिंतित होना होता है। व्यक्ति का यह चिंता किसी खास वस्तु से अनुकूलित होकर संलग्न हो जाता है। उदाहरणार्थ कुछ महत्त्वपूर्ण दुर्भीतियाँ जैसे बिल्ली से डर एलूरोफोबिया, मकड़ा से डर एरेकनोफोबिया, रात्रि से डर नायक्टोफोबिया तथा आग से डर पायरोफोबिया आदि दुर्भीति के उदाहरण हैं।

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प्रश्न 14.
एक ध्रुवीय विषाद क्या है?
उत्तर:
एक ध्रुवीय विषाद को मुख्य विषाद भी कहा जाता है। इसके प्रमुख लक्षणों में उदास मनोदशा, भूख, वजन तथा नींद में कमी तथा क्रिया स्तर (Activity level) में भयंकर क्षुब्धता पायी जाती है। ऐसे व्यक्ति किसी कार्य में जल्द थकान महसूस करने लगते हैं, उनका आत्म-संप्रत्यय ऋणात्मक (Negative) होता है तथा उनमें आत्म-निंदा की प्रवृति भी अधिक होती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
कायरूप विकार से आपका क्या तात्पर्य है? विभिन्न कायरूप विकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कायरूप विकार वे दशाएँ या स्थितियाँ हैं जहाँ बिना किसी शारीरिक बीमारी के शारीरिक लक्षण प्रदर्शित होते हैं। कार्यरूप विकारों में व्यक्ति को मनोविज्ञानिक कठिनाइयाँ होती हैं और वह शिकायत उन शारीरिक लक्षणों की करता है जिसका कोई जैविक कारण नहीं होता। कायरूप विकारों में पीड़ा विकार, कार्य-आलंबित विकारी, परिवर्तन विकार तथा स्वकायदुश्चिता रोग सम्मिलित होते हैं।

1. पीड़ा विकार (Pain disorder) में अति तीव्र और अक्षम करनेवाली पीड़ा बताया जाता है जो या तो बिना किसी अभिक्षेय जैविक लक्षणों के होता है या जितना जैविक लक्षण होना चाहिए उससे कहीं ज्यादा बताया जाता है। व्यक्ति किस प्रकार अपनी पीड़ा को समझता है यह उसके पूरे समायोजन को प्रभावित करता है। कुछ पीड़ा रोगी सक्रिय साधक व्यवहार सीख सकते हैं अर्थात पीड़ा की अवहेलना करके सक्रिय रह सकते हैं। दूसरे निष्क्रिय साधक व्यवहार प्रयुक्त करते हैं जो घटी हुई सक्रियता और सामाजिक विनिवर्तन हो बढ़ावा देता है।

2. काय-आलंबिता विकार (Somatisation disorder) के रोगियों में कई प्रकार की और बार-बार घटित होनेवाली या लंबे समय तक चलनेवाली शारीरिक शिकायतें होती हैं। ये शिकायतें नाटकीय और बढ़े-चढ़े रूप से प्रस्तुत की जा सकती हैं। इनमें सामान्य शिकायतें हैं – सिरदर्द, थकान, हृदय की धड़कन, बेहोशी का दौरा, उलटी करना और एलर्जी। इस विकार के रोगी यह मानते हैं कि वे बीमार का लंबा और विस्तृत ब्यौरा बताते हैं तथा काफी मात्रा में दवाएँ लेते हैं।

3. परिवर्तन विकार (Conversion Disorder) के लक्षणों में शरीर के कुछ मूल प्रकार्यों में से सब में या कुछ अंशों में क्षति बताई जाती है। पक्षाघात, बधिरता या बहरापन और चलने में कठिनाई का होना इसके सामान्य लक्षण होते हैं। यह लक्षण अधिकांशतः किसी दबावपूर्ण – अनुभव के बाद घटित होते हैं जो अचानक उत्पन्न हो सकते हैं।

4. स्वकायदुश्चिता रोग (Hypochondriasis) का निदान तब किया जाता है जब चिकित्सा आश्वासन, किसी भी शारीरिक लक्षणों का न पाया जाना या बीमारी के न बढ़ने के बावजूद रोगी लगातार यह मानता है कि उसे गंभीर बीमारी है। स्वकायदुश्चिता रोगी को अपने शारीरिक अंगों की स्थिति के बारे में मनोग्रस्ति ध्यानमग्नता तथा चिंता रहती है तथा वे बराबर अपने स्वास्थ्य के लिए आकुल रहते हैं।

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प्रश्न 2.
उन मनोवैज्ञानिक मॉडलों का वर्णन कीजिए जो मानसिक विकारों के मनोवैज्ञानिक कारणों को बताते हैं।
उत्तर:
मनोवैज्ञानिक मॉडल के अंतर्गत मनोगतिक, व्यवहारपरक, संज्ञानात्मक, तथा मानवतावादी-अस्तित्वपरक मॉडल सम्मिलित है।

1. आधुनिक मनोवैज्ञानिक मॉडल में मनोगतिक मॉडल (Psychodynamic model) यह सबसे प्राचीन और सबसे प्रसिद्ध है। मनोगतिक सिद्धांतवादियों का विश्वास है कि व्यवहार चाहे सामान्य हो या आसामान्य वह व्यक्ति के अंदर की मनोवैज्ञानिक शक्तियों के द्वारा निर्धारित होता है, जिनके प्रति वह गत्यात्मक कहलाती है, अर्थात् वे एक-दूसरे से अंत:क्रिया करती है तथा उनकी यह अंत:क्रिया व्यवहार, विचार और संवेगों को निर्धारित करती है।

इन शक्तियों के बीच द्वंद्व के परिणामस्वरूप फ्रॉयड (Freud) द्वारा प्रतिपादित किया गया था जिनका विश्वास था कि तीन केंद्रीय शक्तियाँ व्यक्तित्व का निर्माण करती हैं-मूल प्रवृतिक आवश्यकताएँ, अंतर्नाद तथा आवेग (इदम् या इड) तार्किक चिंतन (अहम्) तथा नैतिक मानक (पराहम्)। फ्रॉयड के अनुसार अपसामान्य व्यवहार अचेतन स्तर पर होनेवाले मानसिक द्वंद्वों की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति है जिसका संबंध सामान्यतः प्रारंभिक बाल्यावस्था या शैशवावस्था से होता है।

2. एक और मॉडल जो मनोवैज्ञानिक कारणों की भूमिका पर जोर देता है वह व्यवहारात्मक मॉडल (Behavioral model) है। यह मॉडल बताता है कि सामान्य और अपसामान्य दोनों व्यवहार अधिगत होते हैं। यह मॉडल उन व्यवहारों पर ध्यान देता है। जो अनुबंधन (Conditioning) के कारणं सीखे गए हैं तथा इसका उद्देश्य होता है कि जो कुछ सीख गया है। उसे अनधिगत या भुलाया जा सकता है।

अधिगम प्राचीन अनुबंधन (कालिक साहचर्य जिसमें दो घटनाएँ बार-बार एक दूसरे के साथ-साथ घटित होती है), क्रियाप्रसूत अनुबंध (जिसमें व्यवहार किसी पुरस्कार से संबंधित (जिसमें व्यवहार किसी पुरस्कार से संबंधित किया जाता है) तथा सामाजिक अधिगम (दूसरे के व्यवहारों का अनुकरण करके सीखना) से हो सकता है। यह तीन प्रकार के अनुबंधन सभी प्रकार के व्यवहार, अनुकूली या दुरनूकूलक के लिए उत्तरदायी हैं।

3. सामाजिक-सांस्कृतिक मॉडल (Socio-cultural model) के अनुसार, सामाजिक और सांस्कृतिक शक्तियाँ जो व्यक्तियों को प्रभावित करती हैं, इनके संदर्भ में उपसामान्य व्यवहार को ज्यादा अच्छे ढंग से समझा जा सकता है। चूँकि व्यवहार सामाजिक शक्तियों के द्वारा ही विकसित होता है अत: ऐसे कारक जैसे कि परिवार संरचना और संप्रेषण, सामाजिक तंत्र, सामाजिक दशाएँ तथा सामाजिक नामपत्र और भूमिकाएँ अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाती हैं।

ऐसा देखा गया है कि कुछ पारिवारिक व्यवस्थाओं में व्यक्तियों में उपसामान्य व्यवहार उत्पन्न होने की संभावना अधिक होती है। कुछ परिवारों में ऐसी जालबद्ध संरचना होती है जिसमें परिवार के सदस्य एक-दूसरे की गतिविधियों, विचारों और भावनाओं में कुछ ज्यादा ही अंतनिर्हित होते हैं। इस तरह के परिवारों के बच्चों को जीवन में स्वावलंबी होने में कठिनाई आ सकती है। इससे भी बड़े स्तर का सामाजिक तंत्र हो सकता है जिसमें व्यक्ति के सामाजिक और व्यावसायिक संबंध सम्मिलित होते हैं।

कई अध्ययनों से यह पता नहीं होता है अर्थात गहन और संतुष्टिदायक अंतर्वैयक्तिक संबंध जीवन में नहीं प्राप्त होता, वे उन लोगों की अपेक्षा अधिक और लंबे समय तक अवसादग्रस्त हो सकते हैं, जिनके अच्छे मित्रतापूर्ण संबंध होते हैं। सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धांतकारों के अनुसार, जिन लोगों में कुछ समस्याएँ होती हैं उनमें अपसामान्य व्यवहारों की उत्पत्ति संज्ञाओं और भूमिकाओं से प्रभावित होता है। जब लोग समाज के मानकों को तोड़ते हैं तो उन्हें ‘विसामान्य’ और ‘मानसिक रोगी’ जैसी संज्ञाएँ दी जाती हैं। इस प्रकार की संज्ञाएँ इतनी ज्यादा उन लोगों से जुड़ जाती हैं कि लोग उन्हें ‘सनकी’ इत्यादि पुकारने लगते हैं और इन्हें बीमार की तरह से क्रिया करने के लिए उकसाते रहते हैं। धीरे-धीरे वह व्यक्ति बीमार की भूमिका स्वीकार कर लेता है तथा अपसामान्य व्यवहार करने लगता है।

4. इन मॉडलों के अतिरिक्त, व्यवहार की एक बहुमान्य व्याख्या रोगोन्मुखता-दबाव मॉडल (Diathesistress model) द्वारा की गई है। इस मॉडल के अनुसार, जब कोई रोगोन्मुखता (किसी विकार के लिए जैविक पूर्ववृत्ति) किसी दबावपूर्ण स्थिति के कारण सामने आ जाती है तब मनोवैज्ञानिक विकार उत्पन्न होते हैं। दूसरा घटक है।

पहला घटक रोगोन्मुखता या कुछ जैविक विपथन जो वंशगत हो सकते हैं। दूसरा घटक यह है कि रोगोन्मुखता के कारण किस मनोवैज्ञानिक विकार के प्रति दोषपूर्णता उत्पन्न हो सकती है, जिसका तात्पर्य यह हुआ कि व्यक्ति उस विकार के विकास के लिए ‘पूर्ववृत्त’ या ‘खतरे में रहनेवाले व्यक्ति को इस तरह के दबावकारकों का सामना करना पड़ता है तो उनकी यह पूर्ववृत्ति वास्तव में विकार को जन्म है सकती है। इस मॉडल का कोई विकारों, जैसे दुश्चिता, अवसाद और मनोविदलता पर अनुप्रयोग किया गया है।

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प्रश्न 3.
कायरूप तथा विच्छेदी विकारों के प्रमुख अभिलक्षणों को लिखिए।
उत्तर:
1. कायरूप विकारों के अभिलक्षण:

  • स्वकायदुश्चिता रोग-चिकित्सक के द्वारा जाँच तथा किसी भी बीमारी के लक्षण न होने या विकार के न होने के आश्वासन के बावजूद महत्त्वहीन लक्षणों को व्यक्ति द्वारा गंभीर बीमारी समझा जाना।
  • काय-आलंबिता-व्यक्ति अस्पष्ट और बार-बार घटित होनेवाले तथा बिना किसी आंगिक कारण के शारीरिक लक्षण जैसे पीड़ा, अम्लता इत्यादि को प्रदर्शित करता है।
  • परिवर्तन-व्यक्ति संवेदी या पेशीय प्रकार्यों (जैसे-पक्षाघात, अंधापन इत्यादि) में क्षति या हानि प्रदर्शित करता है जिसका कोई शारीरिक कारण नहीं होता किन्तु किसी दबाव या मनोवैज्ञानिक समस्याओं के प्रति व्यक्ति की अनुक्रिया के कारण हो सकता है।

2. विच्छेदी विकारों के अभिलक्षण:

  • विच्छेदी स्मृतिलोप-व्यक्ति अपनी महत्त्वपूर्ण, व्यक्तिगत सूचनाएँ, जो अक्सर दबावपूर्ण और अभिघातज सूचना से संबंधित हो सकती हैं, का पुनःस्मरण करने में असमर्थ होता है। विस्मरण की मात्रा सामान्य से परे होती है।
  • विच्छेदी आत्मविस्मृति-व्यक्ति एक विशिष्ट विकार से ग्रसित होता है जिसमें स्मृतिलोप और दबावपूर्ण पर्यावरण से भाग जाना दोनों का मेल होता है।
  • विच्छेदी पहचान (बहु-व्यक्तित्व)-व्यक्ति दो या अधिक, भिन्न और वैषम्यात्मक, व्यक्तित्व का प्रदर्शित करता है जो अक्सर शारीरिक दुव्यवहार के इतिहास से जुड़ा होता है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए:

  1. मद्यसेवन एवं निर्भरता
  2. हेरोइन दुरुपयोग एवं निर्भरता
  3. कोकीन दुरुपयोग एवं निर्भरता

उत्तर:
1. मद्यसेवन एवं निर्भरता-जो लोग मद्य या शराब का दुरुपयोग करते हैं वे काफी मात्रा में शराब का सेवन करने के लिए इस पर निर्भर रहते हैं। धीरे-धीरे शराब पीना उनके सामाजिक व्यवहार तथा सोचने और काम करने की क्षमता को प्रभावित करने लगता है। कई लोगों में शराब का दुरुपयोग उस पर निर्भरता की सीमा तक पहुँच जाता है। इसका तात्पर्य हुआ कि उनका शरीर शराब में सहन करने की क्षमता विकसित कर लेता है तथा उन्हें वही प्रभाव पाने के लिए ज्यादा मात्रा में शराब पीने पड़ते है।

जब वे शराब पीना बंद कर देते हैं तो उन्हें विनिवर्तन अनुक्रियाओं का अनुभव होता है। मद्यव्यसनता करोड़ों परिवारों, सामाजिक संबंधों और जीविकाओं को बर्बाद कर देती है। शराब पीकर गाड़ी चलानेवाले कई सड़क दुर्घटनाओं के जिम्मेदार होते हैं। मद्यव्यसनिता से ग्रसित के बच्चों पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ता है। इन बच्चों मे मनोवैज्ञानिक समस्याओं की उच्च दर पाई जाती है, विशेषकर दुश्चिता, अवसाद, दुर्भाता और मादक द्रव्यों के सेवन संबद्ध विकार। अधिक शराब पीना शारीरिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से खराब कर सकता है।

2. हेरोइन दुरुपयोग एवं निर्भरता-हेरोइन का दुरुपयोग सामाजिक तथा व्यावसायिक क्रियाकलापों में महत्त्वपूर्ण ढंग से बाधा पहुंचाता है। अधिकांश दुरुपयोग करनेवाले हेरोइन पर निर्भरता विकसित कर लेते हैं, इसी के इर्द-गिर्द अपना जीवन केंद्रित कर लेते हैं इसके लिए सहिष्णुता बना लेते हैं और जब वे इसका सेवन बंद कर देते हैं तो विनिवर्तन प्रतिक्रिया का अनुभव करते हैं। हेरोईन दुरुपयोग का सबसे प्रत्यक्ष खतरा इसकी मात्रा का सेवन है जो मस्तिष्क में श्वसन केंद्रों को धीमा कर देती है और कई मामलों में मृत्यु का कारण बनती है।

3. कोकीन दुरुपयोग एवं निर्भरता-कोकीन का लगातार उपयोग एक ऐसे दुरुपयोग प्रतिरूप को बनाता है जिसमें व्यक्ति पूरे दिन नशे की हालत में रह सकता है तथा अपने कार्य स्थान और सामाजिक संबंधों में खराब ढंग से व्यवहार कर सकते हैं। यह अल्पकालिक स्मृति तथा अवधान में भी समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। निर्भरता बढ़ जाती है जिससे कोकीन व्यक्ति के जीवन पर हावी हो जाता है, इच्छित प्रभाव के लिए अधिक मात्रा में इसकी आवश्यकता होती है और इसका सेवन बंद करने से व्यक्ति अवसाद, थकावट, निद्रा-संबंधित समस्या, उत्तेजनशीलता और दुश्चिता का अनुभव करता है। मनोवैज्ञानिक क्रियाकलापों और शारीरिक क्षेम या कल्याण पर इसका खतरनाक प्रभाव पड़ता है।

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प्रश्न 5.
मद्य के प्रभावों को लिखिए।
उत्तर:
मद्य के प्रभाव –

  1. सभी ऐल्कोहॉल पेय पदार्थों में एथाइल एल्कोहॉल होता है।
  2. यह द्रव्य रक्त में अवशोषित होकर केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र तक जाता है (मस्तिष्क एवं मेरुरज्जु) जहाँ तक क्रियाशीलता को मंद करता है।
  3. एथाइल एल्कोहॉल मस्तिष्क के उन हिस्सों को सुस्त करता है जो निर्णय अवरोध को नियंत्रित करते हैं; लोग ज्यादा बातूनी और मैत्रीपूर्ण हो जाते हैं और वे अधिक आत्मविश्वास तथा खुशी का अनुभव करते हैं।
  4. जैसे-जैसे ऐल्कोहॉल अवशोषित होता है, यह मस्तिष्क के अन्य हिस्सों को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, शराब पीनेवाले व्यक्ति ठीक से निर्णय नहीं कर पाते, बोली कम स्पष्ट और कम सावधानी वाली हो जाती है, स्मृति विसामान्य होने लगती है; बहुत लोग संवेगात्मक या भावुक, उग्र और आक्रामक हो जाते हैं।
  5. पेशीय कठिनाइयाँ बढ़ जाती हैं उदाहरणार्थ, चलते समय लोग अस्थिर हो जाते हैं तथा सामान्य कार्य करना में भी अकुशल हो जाते हैं; दृष्टि धुंधली हो जाती है और सुनने में उन्हें कठिनाई होती है। उन्हें वाहन चलाने या साधारण-सी समस्या का समाधान करने में भी कठिनाई होती है।

प्रश्न 6.
विभिन्न स्तर के मानसिक मंदनवाले व्यक्तियों के अभिलक्षण को एक तालिका द्वारा समझाइए।
उत्तर:
तालिका विभिन्न स्तर के मानसिक मंदनवाले व्यक्तियों के अभिलक्षण –

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वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
मेस्कालाइन एक –
(A) विभ्रांति उत्पादक है
(B) निकोटिन है
(C) शामक
(D) ओपिऑयड है
उत्तर:
(C) शामक

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प्रश्न 2.
विसामान्य कष्टप्रद अपक्रियात्मक और दुःखद व्यवहार हो कहा जाता है –
(A) सामान्य व्यवहार
(B) अपसामान्य व्यवहार
(C) विचित्र व्यवहार
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(B) अपसामान्य व्यवहार

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में अपसामान्य व्यवहार के कौन-से परिप्रेक्ष्य नहीं हैं?
(A) अतिप्राकृत
(B) अजैविक
(C) जैविक
(D) आंगिक
उत्तर:
(B) अजैविक

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प्रश्न 4.
हेरोइन एक प्रकार का –
(A) कोकीन है
(B) केनेबिस है
(C) ओपिऑयड है
(D) कैफीन है
उत्तर:
(C) ओपिऑयड है

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में कौन ओपिऑयड नहीं है?
(A) मॉर्फिन
(B) कफ सिरप
(C) पीड़ानाशक गोलियाँ
(D) एल. एल. डी.
उत्तर:
(D) एल. एल. डी.

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में कौन काय-आलंबिता विकार के लक्षण नहीं हैं?
(A) खूब खाना
(B) सिरदर्द
(C) थकान
(D) उलटी करना
उत्तर:
(A) खूब खाना

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प्रश्न 7.
निम्नलिखित में कौन कायरूप विकार नहीं है?
(A) परिवर्तन विकार
(B) स्वकायदुश्चिता रोग
(C) विच्छेदी विकार
(D) पीड़ा विकार
उत्तर:
(C) विच्छेदी विकार

प्रश्न 8.
किस प्रकार में व्यक्ति प्रत्यावर्ती की कल्पना करता है जो आपस में एक-दूसरे के प्रति जानकारी रख सकते हैं या नहीं रख सकते हैं?
(A) विच्छेदी पहचान विकार
(B) पीड़ा विकार
(C) विच्छेदी स्मृतिलोप
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(A) विच्छेदी पहचान विकार

प्रश्न 9.
सभी ऐल्कोहॉल पेय पदार्थों में होता है:
(A) मिथाइल ऐल्कोहॉल
(B) एथाइल ऐल्कोहॉल
(C) कीटोन
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(B) एथाइल ऐल्कोहॉल

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प्रश्न 10.
निम्नलिखित में कौन-सा मादक पदार्थ है?
(A) कैफीन
(B) गाँजा
(C) भाँग
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 11.
निम्नलिखित में कौन निकोटिन की श्रेणी में आता है?
(A) हशीश
(B) हेरोइन
(C) तंबाकू
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(C) तंबाकू

प्रश्न 12.
गांजा एक प्रकार का –
(A) कैफीन है
(B) कोकीन है
(C) केनेबिस है
(D) निकोटिन है
उत्तर:
(C) केनेबिस है

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 4 मनोवैज्ञानिक विकार

प्रश्न 13.
निम्नलिखित में कौन मादक पदार्थ की श्रेणी में आते हैं?
(A) गोंद
(B) पेंट
(C) सिगरेट
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(B) पेंट

प्रश्न 14.
निम्नलिखित में कौन कैफीन नहीं है?
(A) कॉफी
(B) चॉकलेट
(C) कफ सरप
(D) कोको
उत्तर:
(D) कोको

प्रश्न 15.
तनाव के कई कारण होते हैं जिससे तनाव उत्पन्न होता है, उन्हें कहा जाता है –
(A) प्रतिगमन
(B) प्रतिबलक
(C) प्रत्याहार
(D) अनुकरण
उत्तर:
(B) प्रतिबलक

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 4 मनोवैज्ञानिक विकार

प्रश्न 16.
एक लड़की का अपने पिता से कामुक लगाव तथा अपने माँ का स्थान लेने की इच्छा को कहा जाता है –
(A) इलेक्ट्रा या पितृ मनोग्रंथि
(B) ओडिपस या मातृ मनोग्रंथि
(C) जीवन-प्रवृत्ति
(D) मृत्यु-प्रकृति
उत्तर:
(A) इलेक्ट्रा या पितृ मनोग्रंथि

प्रश्न 17.
एक व्यक्ति काम पर जाने के लिए घर से बाहर निकलते समय बार-बार दरवाजे के ताले की जाँच, कम-से-कम दर बार करता है, वह विकार से ग्रसित है –
(A) दुर्भीति
(B) आंतक
(C) सामान्यीकृत दुश्चिता
(D) मनोग्रस्ति-बाध्यता
उत्तर:
(D) मनोग्रस्ति-बाध्यता

प्रश्न 18.
सामान्य, असामान्य तथा श्रेष्ठ में केवल का अंतर होता है –
(A) मात्रा का
(B) क्रम का
(C) दूरी का
(D) समय का
उत्तर:
(A) मात्रा का

प्रश्न 19.
उतर अभिघातज दबाव विकार के लक्षण होते हैं –
(A) बार-बार आनेवाले स्वप्न
(B) एकाग्रता में कमी
(C) सांवेगिक शून्यता का होना
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 4 मनोवैज्ञानिक विकार

प्रश्न 20.
किसी विशिष्ट वस्तु, दूसरों के साथ अंतःक्रिया तथा अपरिचित स्थितियों के प्रति अविवेकी भय का होना कहलाता है:
(A) आंतक विकार
(B) दुर्भीति
(C) उत्तर अभिघातज दबाव विकार
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(B) दुर्भीति

प्रश्न 21.
दुश्चिंतित व्यक्ति में कौन-से लक्षण पाए जाते हैं?
(A) हृदय गति का तेज होना
(B) साँस की कमी होना
(C) दस्त होना
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 22.
आनुवंशिक कारकों का संबंध कहाँ पाया जाता है?
(A) भावदशा विकारों में
(B) मनोविदलता में
(C) मानसिक मंदन में
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 4 मनोवैज्ञानिक विकार

प्रश्न 23.
दुश्चिता विकार का संबंध किससे है?
(A) डोपामाइन से
(B) सीरोटीनिन से
(C) गामा एमिनोब्यूटिरिकएसिड से
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(C) गामा एमिनोब्यूटिरिकएसिड से

प्रश्न 24.
निम्नलिखित में किसने सर्वांगीण उपागम को विकसित किया?
(A) प्लेटो
(B) वायु
(C) पार्कर
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(A) प्लेटो

प्रश्न 25.
निम्नांकित में कौन मनोवैज्ञानिक विकारों के वर्गीकरण का नवीनतम पद्धति है?
(A) DSM-IIIR
(B) DSM-IV
(C) ICD-9
(D) WHO
उत्तर:
(B) DSM-IV

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 4 मनोवैज्ञानिक विकार

प्रश्न 26.
मनोगत्यात्मक चिकित्सा का प्रतिपादन निम्नांकित में से किसने किया है?
(A) वाटसन
(B) एडलर
(C) ऑलपोर्ट
(D) फ्रायड
उत्तर:
(D) फ्रायड

प्रश्न 27.
निम्नलिखित में कौन असामान्य व्यवहार से संबंधित नहीं है?
(A) मानसिक असंतुलन
(B) क्रोमोसोम असमानता
(C) याददाश्त का कमजोर होना
(D) शरीर गठन
उत्तर:
(C) याददाश्त का कमजोर होना

प्रश्न 28.
विचारों, प्रेरणाओं, आवश्यकताओं अथवा उद्देश्यों के परस्पर विरोध के फलस्वरूप पैदा हुई विक्षोप या तनाव की स्थिति क्या कहलाती है?
(A) द्वन्द्व
(B) तर्क
(C) कुण्ठा
(D) दमन
उत्तर:
(A) द्वन्द्व

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 4 मनोवैज्ञानिक विकार

प्रश्न 29.
मनोविदालिता पद का प्रयोग सबसे पहले किसने किया था?
(A) ब्लियूलर
(B) मोरेल
(C) फ्रायड
(D) क्रेपलिन
उत्तर:
(A) ब्लियूलर

प्रश्न 30.
सामान्य अनुकूलन संलक्षण में कितनी अवस्थाएँ पायी जाती हैं?
(A) तीन
(B) दो
(C) चार
(D) पाँच
उत्तर:
(A) तीन

प्रश्न 31.
DSM-IV के अनुसार निम्नांकित में से किसे दुश्चिता विकृति की श्रेणी में नहीं रखा गया है?
(A) दुर्भीति
(B) तीव्र प्रतिबल विकृति
(C) रूपांतर विकृति
(D) मनोग्रस्ति-बाध्यता विकृति
उत्तर:
(C) रूपांतर विकृति

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 4 मनोवैज्ञानिक विकार

प्रश्न 32.
मनोविदलता के रोगी में सबसे ज्यादा कौन-सी विभ्रांति पायी जाती है?
(A) श्रवण विभ्रांति
(B) दैहिक विभ्रांति
(C) दृष्टि विभ्रांति
(D) स्पर्शी विभ्रांति
उत्तर:
(A) श्रवण विभ्रांति

प्रश्न 33.
निम्नांकित में कौन-से दुश्चिता विकार नहीं है?
(A) दुर्भीति विकार
(B) आंतक विकार
(C) मनोग्रस्ति-बाध्यता विकार
(D) मनोविच्छेदी
उत्तर:
(A) दुर्भीति विकार

प्रश्न 34.
बार-बार हाथ धोना, किसी चीज को छूना या गिनना मानसिक विकार के लक्षण हैं?
(A) दुर्भीति विकार
(B) मनोग्रस्ति-बाध्यता विकार
(C) आंतक विकार
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(A) दुर्भीति विकार

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 4 मनोवैज्ञानिक विकार

प्रश्न 35.
कायरूप विकार निम्न में किससे संबंधित है?
(A) शारीरिक समस्या से
(B) मनोवैज्ञानिक समस्या से
(C) आनुवंशिक समस्या से
(D) दैवीय समस्या से
उत्तर:
(A) शारीरिक समस्या से

प्रश्न 36.
फ्रायड के द्वारा दिए गए रक्षा युक्तियों में से सर्वाधिक महत्वपूर्ण है –
(A) दमन
(B) विस्थापन
(C) प्रतिगमन
(D) दलन
उत्तर:
(A) दमन

प्रश्न 37.
निम्नलिखित में विकास का सही क्रम कौन-सा है?
(A) अहं-पराह-उपाहं
(B) उपाहं-पराह-अहं
(C) उपाह-अहं-पराह
(D) पराह-अहं-उपाहं
उत्तर:
(C) उपाह-अहं-पराह

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 4 मनोवैज्ञानिक विकार

प्रश्न 38.
हेरोइन एक प्रकार का –
(A) कोकीन है
(B) केनेबिस है
(C) ओपिआयूड है
(D) केफीन है
उत्तर:
(C) ओपिआयूड है

प्रश्न 39.
शीलगुण कहलाने के लिए आवश्यक है –
(A) व्यवहार में संगतता
(B) व्यवहार में स्थिरता
(C) व्यवहार में संगतता तथा स्थिरता दोनों
(D) उपर्युक्त में कोई नहीं
उत्तर:
(C) व्यवहार में संगतता तथा स्थिरता दोनों

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 4 मनोवैज्ञानिक विकार

प्रश्न 40.
मनोविदलता के उप-प्रकारों में से कौन-सा एक नहीं है?
(A) व्यामोहाभ प्रकार
(B) विसंगठित प्रकार
(C) अवधान-न्यूनता अतिक्रिया प्रकार
(D) अविभेदित प्रकार
उत्तर:
(C) अवधान-न्यूनता अतिक्रिया प्रकार

प्रश्न 41.
‘तदनुभूति’ अनुभव करने की क्षमता अधिक रखनेवालों में सबसे उपर्युक्त उदाहरण है –
(A) मदर टेरेसा
(B) हेमवती नंदन बहुगुणा
(C) मेधा पाटेकर
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(A) मदर टेरेसा

प्रश्न 41.
अगर कोई व्यक्ति में उन्माद तथा विषाद दोनों तरह की मानसिक अवस्थाएँ क्रम से होती हैं तो इसे DSM-IV में क्या संज्ञा दी गई है?
(A) उत्साद-विषाद मनोविक्षिप्त
(B) द्वि-ध्रुवीय विकार
(C) मुख्य विषाद
(D) मनःस्थिति विकार
उत्तर:
(B) द्वि-ध्रुवीय विकार

Bihar Board 9th English Objective Answers Poem 1 The Grand Mother

Bihar Board 9th English Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 9th English Objective Answers Poem 1 The Grand Mother

Question 1.
The poet of ‘The Grandmother’ is
(a) Ray Young Bear
(b) Moti Nisani
(c) APJ Abdul Kalam
(d) John Keats
Answer:
(a) Ray Young Bear

Bihar Board 9th English Objective Answers Poem 1 The Grand Mother

Question 2.
‘Warm and damp’ symbolizes the softy hands of his
(a) grandfather
(b) grandmother
(c) mother
(d) father
Answer:
(b) grandmother

Question 3.
Grandmother’s words would flow inside the poet’s
(a) heart
(b) soul
(c) concious
(d) mind
Answer:
(a) heart

Bihar Board 9th English Objective Answers Poem 1 The Grand Mother

Question 4.
A voice was coming from a ;
(a) plain
(b) forest
(c) mountain
(d) house
Answer:
(c) mountain

Question 5.
He recognises his grandmother from a
(a) meter
(b) kilometer
(c) centimeter
(d) mile
Answer:
(a) meter

Question 6.
The colour of grandmother’s scarf is
(a) purple
(b) red
(c) green
(d) yellow
Answer:
(a) purple

Bihar Board 9th English Objective Answers Poem 1 The Grand Mother

Question 7.
The shopping bag is made of
(a) iron
(b) steel
(c) plastic
(d) jute
Answer:
(c) plastic

Question 8.
The speaker associates with her and her plastic bag.
(a) red scarf
(b) Blue scarf
(c) purple scarf
(d) green scarf
Answer:
(c) purple scarf

Bihar Board 9th English Objective Answers Poem 1 The Grand Mother

Choose the Correct word

Question 9.
If I were to……….her.
(a) say
(b) see
(c) think
(d) fly
Answer:
(b) see

Question 10.
Ifl’dknowso
(a) sad
(b) happy
(c) quickly
(d) smart
Answer:
(c) quickly

Question 11.
The ‘stirring ashes’ in the poem suggests deep.
(a) sorrow
(b) regret
(c) emotion
(d) happiness
Answer:
(c) emotion

Bihar Board 9th English Objective Answers Poem 1 The Grand Mother

Question 12.
The poet is associated with
(a) leather bag
(b) jute bag
(c) paper bag
(d) plastic bag
Answer:
(d) plastic bag

Question 13.
The ‘steeping fire’ suggests
(a) great feeling
(b) bad feeling
(c) strong feeling
(d) easy feeling
Answer:
(a) great feeling

Question 14.
‘Words would flow inside me like the light’. The figure of speech in this line is.
(a) simile
(b) metaphore
(c) ‘A’ and ‘B’ both
(d) none of these
Answer:
(a) simile

Question 15.
The grandmother’s words would flow………..the poet.
(a) in
(b) inside
(c) inheart
(d) in mind
Answer:
(b) inside

Bihar Board 9th English Objective Answers Poem 1 The Grand Mother

Question 16.
Her voice was coming from
(a) mountain
(b) field
(c) park
(d) house
Answer:
(a) mountain

Question 17.
The grandmother’s hands smell of
(a) roots
(b)soap
(c) butter
(d) milk
Answer:
(a) roots

Question 18.
The poet draws a picture of his grandmother, all loving and
(a) appearing
(b) all-insipring
(c) apealing
(d) loving
Answer:
(b) all-insipring

Question 19.
The grand mother’s hands were
(a) big
(b) hot
(c) warm and damp
(d) cool and damp
Answer:
(c) warm and damp

Bihar Board 9th English Objective Answers Poem 1 The Grand Mother

Question 20.
The poet can recognise his grand mother from
(a) a mile away
(b) three miles away
(c) four miles
(d) six miles away
Answer:
(a) a mile away

Question 21.
The shopping bag was made of
(a) plastic
(b) wooden
(c) cotton
(d) Jute
Answer:
(a) plastic

Question 22.
The grandmother’s scarf was
(a) red
(b) yellow
(c) purple
(d) black
Answer:
(c) purple

Question 23.
The poet draws a picture of his grand mother, all
(a) loving
(b) working
(c) dear
(d) darling
Answer:
(a) loving

Bihar Board 9th English Objective Answers Poem 1 The Grand Mother

Question 24.
The poem, ‘The grandmother’ has been composed by
(a) Shakespeare
(b) Wordsworth
(c) Ray Young Bear
(d) Robrt Herrick
Answer:
(c) Ray Young Bear

Choose the correct synonym of the following words:

Question 25.
(a) near
(b) far
(c) above
(d) below
Answer:
(b) far

Question 26.
Damp
(a) waste
(b) dirty
(c) haste
(d) rest
Answer:
(c) haste

Bihar Board 9th English Objective Answers Poem 1 The Grand Mother

Question 27.
Scarf
(a) tie
(b) skirt
(c) cap
(d) rag
Answer:
(d) rag

Choose the correct preposition :

Question 28.
I feel hands………. my head
(a) between
(b) in
(c) among
(d) on
Answer:
(d) on

Question 29.
I hear a voice coming……..a rock.
(a) from
(b) with
(c) under
(d) on
Answer:
(a) from

Bihar Board 9th English Objective Answers Poem 1 The Grand Mother

Question 30.
Someone is stirring ashes …… a sleeping five ……..night
(a) at, with
(b) among, in
(c) from, at
(d) into, at
Answer:
(c) from, at

Choose the correct sense orAnswer: matching the phrases
from the poem.

Question 31.
Hands warm and damp
(a) skin
(b) nose
(c) ear
(d) eye
Answer:
(a) skin

Bihar Board 9th English Objective Answers Poem 1 The Grand Mother

Question 32.
Smell of roots
(a) ear
(b) nose
(c) eye
(d) skin
Answer:
(b) nose

Question 33.
The purple scarf
(a) ear
(b) skin
(c) eye
(d) nose
Answer:
(c) eye

Bihar Board 9th English Objective Answers Poem 1 The Grand Mother

Question 34.
Roots
(a) ear
(b) tongue
(c) eye
(d) skin
Answer:
(b) tongue

Question 35.
A voice coming from a rock
(a) eye
(b) skin
(c) ear
(d) tongue
Answer:
(c) ear

Choose the correct model auxiliaries verbs :

Question 36.
You ………… have returned yesterday.
(a) should
(b) shall
(c) will
(d) may
Answer:
(a) should

Bihar Board 9th English Objective Answers Poem 1 The Grand Mother

Question 37.
He said that he………come tomorrow
(a) will
(b) could
(c) might
(d) may
Answer:
(c) might

Question 38.
He said, “I………… be there on time”.
(a) could
(b) will
(c) may
(d) can
Answer:
(b) will

Question 39.
I…….. hear what she was saying.
(a) can
(b) may
(c) will
(d) could
Answer:
(d) could

Bihar Board 9th English Objective Answers Poem 1 The Grand Mother

Question 40.
He…….come, if you ask him.
(a) may
(b) will
(c) can
(d) might
Answer:
(a) may

Bihar Board 9th English Objective Answers Chapter 9 The Gift of The Magi

Bihar Board 9th English Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 9th English Objective Answers Chapter 9 The Gift of The Magi

Bihar Board 9th English Objective Answers Chapter 9 The Gift of The Magi

Question 1.
Jim and Della are husband and
(a) mother
(b) daughter
(c) grand mother
(d) wife
Answer:
(d) wife

Question 2.
The mistress of the home is
(a) Della
(b)Jim
(c) Moti
(d) Jam
Answer:
(a) Della

Bihar Board 9th English Objective Answers Chapter 9 The Gift of The Magi

Question 3.
Delia had beautiful possession in the form of her long golden
(a) hair
(b) teeth
(c) nose
(d) face
Answer:
(a) hair

Question 4.
Della sold her hair to buy Christmas gift for her
(a) sister
(b) husband
(c) mother
(d) father
Answer:
(b) husband

Question 5.
The platinum fob chain that she bought was worthy of the
(a) pen
(b)ring
(c) watch
(d) comb
Answer:
(c) watch

Bihar Board 9th English Objective Answers Chapter 9 The Gift of The Magi

Question 6.
Jim will say that Della looks like a coney island chorus
(a) man
(b) woman
(c) girl
(d) child
Answer:
(c) girl

Question 7.
Jim bought a set of combs for
(a) Jam
(b) Della
(c) Moti
(d) Hera
Answer:
(b) Della

Question 8.
The Magi presented a gift to infant.
(a) Christ
(b) Jainist
(c) saint
(d) Baudhist
Answer:
(a) Christ

Bihar Board 9th English Objective Answers Chapter 9 The Gift of The Magi

Question 9.
Della counted her money times.
(a) two
(b) three
(c) four
(d) one
Answer:
(b) three

Question 10.
Expenses had been greater than Della had
(a) Outlated
(b) expected
(c) calculated
(d) Outley
Answer:
(c) calculated

Bihar Board 9th English Objective Answers Chapter 9 The Gift of The Magi

Question 11.
The two precious possessions that Jim and Della had were
(a) Jim’s gold watch
(b) Della’s gold hair
(c) Jim’s gold watch and Della’s gold hair
(d) None of these
Answer:
(c) Jim’s gold watch and Della’s gold hair

Question 12.
The queen of Sheba might have been envious of Della’s
(a) beautiful hair
(b) beautiful face
(c) beautiful ring
(d) beautiful watch
Answer:
(a) beautiful hair

Question 13.
‘Will you buy my hair?’ said
(a) Jim
(b) Della
(c) Moti
(d)Jam
Answer:
(b) Della

Question 14.
The author of ‘The gift of the Magi’ Is
(a) Arjun Dev charan
(b) Moti Nisani
(c) O. Henry
(d) C Rajgopalachari
Answer:
(c) O. Henry

Bihar Board 9th English Objective Answers Chapter 9 The Gift of The Magi

Choose the correct spelt words ;

Question 15.
(a) prosperity
(b) prosperiti
(c) properity
(d)prosprity
Answer:
(a) prosperity

Question 16.
(a) Laboreously
(b) Laboriously
(c) Laboriously
(d) Laboriously
Answer:
(d) Laboriously

Question 17.
(a) Privelege
(b)Previlege
(c) Privilege
(d) Privilage
Answer:
(c) Privilege

Question 18.
(a) assarrion
(b) assartion
(c) assersion
(d) assertion
Answer:
(a) assarrion

Bihar Board 9th English Objective Answers Chapter 9 The Gift of The Magi

Choose the Correct meaning of relating word.

Question 19.
Instigate
(a) privilege
(b) outley
(c) prosperity
(d) promt
Answer:
(d) promt

Question 20.
Unassuming
(a) temperest
(b) modest
(c) climate
(d) think
Answer:
(b) modest

Question 21.
Hysterical
(a) hilarious
(b) marvalous
(c) image
(d) amazing
Answer:
(a) hilarious

Question 22.
Craved
(a) think
(b) imagine
(c) notice
(d) wanted
Answer:
(d) wanted

Bihar Board 9th English Objective Answers Chapter 9 The Gift of The Magi

Question 23.
Both of them sold their costly possession to buy
(a) things
(b) books
(c) gifts
(d) something
Answer:
(c) gifts

Question 24.
Jim had the possession of his
(a) watch
(b) wrist watch
(c) gold watch
(d) old watch
Answer:
(c) gold watch

Question 25.
Della had the possession of her .
(a) long hair
(b) long beautiful hair
(c) short cut hair
(d) short beautiful.
Answer:
(b) long beautiful hair

Question 26.
The mistress of the home is
(a) Della
(b) Lucy
(c) Jimmy
(d) Kense
Answer:
(a) Della

Bihar Board 9th English Objective Answers Chapter 9 The Gift of The Magi

Question 27.
They were too poor to buy
(a) costly gift
(b) good present
(c) fine gift
(d) heavy gift
Answer:
(a) costly gift

Question 28.
Jim and Della wanted to present gift each other on the eve of
(a) new year day
(b) Christmas day
(c) children’s day
(d) none of these
Answer:
(b) Christmas day

Question 29.
Della had one dollar and
(a) fifty seven cents
(b) two cents
(c) eight cents
(d) eighty seven cents
Answer:
(d) eighty seven cents

Bihar Board 9th English Objective Answers Chapter 9 The Gift of The Magi

Question 30.
Jim and Della were
(a) lovers
(b) husband and vife
(c) lover and beloved
(d) none of these
Answer:
(b) husband and vife

Question 31.
“The gift of Magi” is a study of
(a) gift
(b) true love
(c) two girls
(d) true lovers
Answer:
(b) true love

Question 32.
O. Henry has writer of
(a) My childhood
(b) Kathmandu
(c) Echo and Narcissus
(d) The gift of the Magi
Answer:
(d) The gift of the Magi

Bihar Board 9th English Objective Answers Chapter 9 The Gift of The Magi

Question 33.
Every where they are the wisest. They are the
(a) great
(b) sacrifice
(c) lovere
(d) Magi
Answer:
(d) Magi

Question 34.
For there lay the combs-the-set of combs
(a) black and white
(b) red and blue N
(c) red and white
(d) side and black
Answer:
(d) side and black

Question 35.
White………..and nimble tore at the string and paper.
(a) hand
(b) month
(c) anger
(d) finger
Answer:
(d) finger

Question 36.
The Magi brought………gift.
(a) costly
(b) valuable
(c) simple
(d) rare
Answer:
(b) valuable

Bihar Board 9th English Objective Answers Chapter 9 The Gift of The Magi

Question 37.
Della was the stores for Jim’ present.
(a) romsaking
(b) went
(c) inside
(d) in
Answer:
(a) romsaking

Question 38.
Suddenly she.. from the window and stood before the glass.
(a) got up
(b) whirled
(c) saw
(d) went out
Answer:
(b) whirled

Question 39.
There was a ……….. between the window of the room.
(a) looking glass
(b) glass
(c) mirror
(d) pier-glass
Answer:
(d) pier-glass

Question 40.
Now income was strunk to.
(a) $ 20
(b) $ 30
(c) $ 40
(d) $10
Answer:
(a) $ 20

Bihar Board 9th English Objective Answers Chapter 9 The Gift of The Magi

Question 41.
There was nothing left to do but……….on the shabby.
(a) keep down
(b) go down
(c) flop down
(d) only
Answer:
(c) flop down

Question 42.
Della saved one and two at a time by ………the grocer.
(a) keeping
(b) full dozing
(c) fighting
(d) taking
Answer:
(b) full dozing

Choose the correct suitable word:

Question 43.
Della finished her cry and a Hended to her cheek with the powder
(a) rug
(b) dust
(c) soil
(d) clay
Answer:
(a) rug

Bihar Board 9th English Objective Answers Chapter 9 The Gift of The Magi

Question 44.
Della’s hair reached her knee and made it self almost a ……….for her.
(a) gift
(b) garment
(c) menu
(d) party
Answer:
(b) garment

Question 45.
It was a……….chain.
(a) gold
(b) silver
(c) platinum
(d)leather
Answer:
(c) platinum

Question 46.
I sold the watch to get the money to buy your.
(a) combs
(b) pen
(c) purse
(d) bucket
Answer:
(a) combs

Bihar Board 9th English Objective Answers Chapter 9 The Gift of The Magi

Question 47.
Twenty dollars a week does rit
(a) go away
(b) go down
(c) go for
(d) go up
Answer:
(c) go for

Question 48.
Della bought a platinum fob chain for Jim’s.
(a) silver water
(b) gold watch
(c) leader watch
(d) steel watch
Answer:
(b) gold watch

Question 49.
Jim and Della were a
(a) friend
(b) relative
(c) young married couple
(d) neorker
Answer:
(c) young married couple

Bihar Board 9th English Objective Answers Chapter 9 The Gift of The Magi

Question 50.
Magi invented the art of giving
(a) money
(b) happiness
(c) Christmas gifts
(d) gold watch
Answer:
(c) Christmas gifts