Bihar Board Class 11 Geography Solutions Chapter 3 पृथ्वी की आंतरिक संरचना Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 11 Geography Solutions Chapter 3 पृथ्वी की आंतरिक संरचना

Bihar Board Class 11 Geography पृथ्वी की आंतरिक संरचना Text Book Questions and Answers

 

(क) बहुवैकल्पिक प्रश्न एवं उनके उत्तर

पृथ्वी की आंतरिक संरचना के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 11 प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन भूगर्भ की जानकारी का प्रत्यक्ष साधनहै ………………
(क) भूकम्पीय तरंगें’
(ख) गुरुत्वाकर्षण बल
(ग) ज्वालामुखी
(घ) पृथ्वी का चुम्बकत्व
उत्तर:
(क) भूकम्पीय तरंगें’

पृथ्वी की आंतरिक संरचना पाठ के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 11 प्रश्न 2.
दक्कन देष की शैल समूह किस प्रकार के ज्वालामुखी उद्गार का परिणाम है ……………….
(क) शील्ड
(ख) मित्र
(ग) प्रवाह
(घ) कुण्ड
उत्तर:
(ग) प्रवाह

पृथ्वी की आंतरिक संरचना के प्रश्न Bihar Board Class 11 प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन सा स्थलमण्डल को वर्णित करता है?
(क) ऊपरी व निचले मैटल
(ख) भूपटल व कोड
(ग) भूपटल व ऊपरी मैटल
(घ) मैटल व क्रोड
उत्तर:
(ग) भूपटल व ऊपरी मैटल

पृथ्वी की आंतरिक संरचना के प्रश्न उत्तर कक्षा 11 प्रश्न 4.
निम्न में भूकम्प तरंगें चट्टानों में संकुचन व फैलाव लाती हैं ……………….
(क) ‘P’ तरंगे
(ग) धरातलीय तरंगे
(प) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(क) ‘P’ तरंगे

पृथ्वी की आंतरिक संरचना कक्षा 11 प्रश्न 5.
पृथ्वी की क्रोड पर कौन से दो पदार्थ पाये जाते हैं।
(क) निकिल व ताँबा
(ख) तांबा व लोहा
(ग) निकिल व लोहा
(घ) लोहा व चूना
उत्तर:
(ग) निकिल व लोहा

पृथ्वी की आंतरिक संरचना Bihar Board Class 11 प्रश्न 6.
निम्नलिखित में कौन-सा सक्रीय ज्वालामुखी है?
(क) स्ट्रांबोली
(ख) विसूवियस
(ग) बैरन आप
(घ) पोपा
उत्तर:
(क) स्ट्रांबोली

पृथ्वी की आंतरिक संरचना का सचित्र वर्णन करें Bihar Board Class 11 प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से किस शहर में दिन का अवधि सर्वाधिक है?
(क) मुंबई
(ख) चेन्नई
(ग) श्रीनगर
(घ) दिल्ली
उत्तर:
(ग) श्रीनगर

पृथ्वी की आंतरिक संरचना का सचित्र वर्णन करो Bihar Board Class 11 प्रश्न 8.
निम्नलिखित में से किस राज्य की जनसंख्या सर्वाधिक है?
(क) पं० बंगाल
(ख) बिहार
(ग) उत्तर प्रदेश
(घ) आन्ध्र प्रदेश
उत्तर:
(ग) उत्तर प्रदेश

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

पृथ्वी का आंतरिक संरचना का सचित्र वर्णन करें Bihar Board Class 11 प्रश्न 1.
भूगर्भीय तरंगें (Body Waves) क्या हैं?
उत्तर:
भू-गर्मिक तरंगे उद्गम केन्द्र कर्जा विमोचन के दौरान पैदा होती है और पृथ्वी के अंदरुनी भाग से होकर सभी दिशाओं में आगे बढ़ती है। इसलिए इन्हें भू-गर्मिक तरंगे कहा जाता है।

पृथ्वी की आंतरिक संरचना का सचित्र वर्णन Bihar Board Class 11 प्रश्न 2.
भूगर्भ की जानकारी के लिए प्रत्यक्ष साधनों के नाम बाताइए।
उत्तर:
पृथ्वी की आंतरिक संरचना के विषय में हमारी अधिकतर जानकारी परोक्ष रूप से प्राप्त अनुमानों पर आधारित है। इस जानकारी का कुछ भाग प्रत्यक्ष प्रेक्षणों पर आधारित है। पृथ्वी में सबसे असानी से उपलब्ध प्रत्यक्ष साधन ठोस पदार्थ धरातलीय चट्टानें हैं।

Prithvi Ki Aantrik Sanrachna Bihar Board Class 11 प्रश्न 3.
भूकंपीय तरंगे छाया क्षेत्र कैसे बनाती हैं?
उत्तर:
जहाँ कोई भी भूकंपीय तरंग अभिलेखित नहीं होती। ऐसे क्षेत्र को भूकंपीय छायाक्षेत्र (Shadow Zone) कहा जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि भूकंप अधिकेन्द्र से 105° और 145 के बीच का क्षेत्र (जहाँ कोई भी भूकंपीय तरंग अभिलेखित नहीं होती) दोनों प्रकार की तरंगों के लिए आया क्षेत्र दूसरे भूकंप के छाया क्षेत्र से भिन होता है।
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Prithvi Ki Aantrik Sanrachna Ka Varnan Bihar Board Class 11 प्रश्न 4.
भूकपीय गतिविधियों के अतिरिक्त भूगर्भ की जानकारी संबंधी अप्रत्यक्ष साधनों का संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर:
खनन क्रिया से हमें पता चलता है कि पृथ्वी के धरातल में गहराई बढ़ने के साथ-साथ तापमान एवं दबाव में वृद्धि होती है। यह भी पता चलता है कि गहराई के बढ़ने के साथ-साथ पदार्थ का घनत्व भी बढ़ता है। दूसरा अप्रत्यक्ष प्रोत उल्काएँ हैं, जो कभी-कभी धरती तक पहुँचती हैं। उल्काएँ जैसे ही पदार्थ के बने ठोस पिंड हैं, जिनसे हमारा ग्रह (पृथ्वी) बना है। अन्य अप्रत्यक्ष स्रोतों में गुरुत्वाकर्षण, चुम्बकीय क्षेत्र भूकंप क्रियाएँ शामिल हैं।

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए

पृथ्वी की आंतरिक संरचना का चित्र वर्णन करें Bihar Board Class 11 प्रश्न 1.
भूकंपीय तरंगों के संचरण का उन चट्टानों पर प्रभाव बताएं जिनसे होकर यह तरंगे गुजरती हैं?
उत्तर:
भिन्न-भिन्न प्रकार की भूकंपीय तरंगों के संचरित होने की प्रणाली भिन्न-भिन्न होती है। जैसे ही ये संचरित होती हैं तो चट्टानों में कंपन पैदा होती है। ‘P’ तरंगों से कंपन की दिशा तरंगों की दिशा के समानांतर ही होती है। यह संचरण गति की दिशा में भी पदार्थ पर दबाव डालती है। इसके (दबाय) के फलस्वरूप पदार्थ के घनत्व में भिन्नता आती है और चट्टानों में संकुचन के फैलाव की प्रक्रिया पैदा होती है। अन्य तीन तरह की तरंगें संचरण गति के समकोण दिशा में कंपन पैदा करती है। ‘S’ तरंगें उर्ध्वाधर तल में, तरंगों की दिशा के समकोण पर कंपन पैदा करती हैं। अत: ये जिस पदार्थ से गुजरती है उसमें उभार व गर्त बनाती हैं। धरातलीय तरंगे सबसे अधिक विनाशकारी समझी जाती हैं।
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पृथ्वी की आतंरिक संरचना का सचित्र वर्णन करें Bihar Board Class 11 प्रश्न 2.
अंतर्वेधी आकृतियों से आप क्या समझते हैं? विभिन अंतर्वेधी आकृतियों का संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर:
ज्वालामुखी उद्गार से जो लावा निकलता है, उसके ठंडा होने से आग्नेय चट्टानें बनती हैं। लाया का यह जमाव या तो धरातल पर पहुँचकर होता है या धरातल के आधार पर आग्नेय चट्टानों का वर्गीकरण किया जाता है-)पातालीय (Plutonic) चट्टों (जब) लावा धरातल के नीचे ठंडा होकर जम जाता है)। जब लाया भूपटल के भीतर ही ठंडा हो जाता है तो कई आकृतियाँ बनती हैं। ये आकृतियाँ अंतर्वधौ आकृतियाँ (Intrusive forms) कहलाती हैं।

Bihar Board Class 11 Geography पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास Additional Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

पृथ्वी की आंतरिक संरचना का चित्र हिंदी में Bihar Board Class 11 प्रश्न 1.
पृथ्वी की संरचना की जानकारी के प्रत्यक्ष साधन बताएं।
उत्तर:

  1. खाने
  2. कुएं
  3. छिद्र

प्रश्न 2.
पृथ्वी के आन्तरिक भाग में तापमान वृद्धि की औसत दर क्या है?
उत्तर:
1°C प्रति 32 मिटर ।

प्रश्न 3.
पृथ्वी की संरचना की जानकारी प्रदान करने वाले परोक्ष साधन कौन-कौन रे हैं?
उत्तर:

  1. तापमान
  2. दबाव
  3. परतों का घनत्व
  4. भूकम्पीय तरंगें
  5. उल्काएँ

प्रश्न 4.
पृथ्वी की तीन परतों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. सियाल
  2. सीमा
  3. नाइफ

प्रश्न 5.
धात्विक क्रोड के दो प्रमुख पदार्थ बताएँ।
उत्तर:

  1. निकिल
  2. लोहा

प्रश्न 6.
भूकम्पीय तरंगों के प्रकार बताएँ।
उत्तर:

  1. प्राथमिक तरंगे
  2. माध्यमिक तरंगे
  3. परातलीय तरंगे

प्रश्न 7.
पच्ची के अध्यान्तर का घनत्व कितना है?
उत्तर:
13

प्रश्न 8.
अभ्यान्तर का घनत्व सबसे अधिक क्यों है?
उत्तर:
अभ्यान्तर में निकिल तथा लोई के कारण।

प्रश्न 9.
Volcano माला शब्द यूनानी भाषा के किस शब्द से बना है?
उत्तर:
यूनानी शब्द ‘Vulcan’ का अर्थ-पाताल देवता है।

प्रश्न 10.
पृण्व के अन्दर पिघले पदार्थ को क्या कहते हैं?
उत्तर:
मैग्मा।

प्रश्न 11.
जब मैग्मा पृथ्वी के धरातल से बाहर आ जाता है तो उसे क्या कहते हैं?
उत्तर:
लावा।

प्रश्न 12.
चालामुखी के मुख्य भाग लिखें।
उत्तर:

  1. हिंद्र
  2. ज्वालामुखी नली
  3. केटर।

प्रश्न 13.
ज्यालामुख विस्फोट के दो प्रकार लिखें।
उत्तर:

  1. केन्द्रीय विस्फोट
  2. दगरीय विस्कोट

प्रश्न 14.
सबसे धीमी गति वाली तरंगे कौन-सी है?
उत्तर:
घरातलीय तरंगे।

प्रश्न 15.
पृथ्वी का औसत घनत्व कितना है?
उत्तर:
5.53

प्रश्न 16.
पृथ्वी के केन्द्रीय परत को क्या कहते है?
उत्तर:
अध्यान्तर या क्रोड या गुरुमण्डल।

प्रश्न 17.
निफे (Nife) शब्द किन दो शब्दों के संयोग से बना है।
उत्तर:
निफे शब्द निकिला तथा फैरस (Ni+ Fe) के संयोग से बना है।

प्रश्न 18.
सीमा (Sima) किन दो शब्दों के संयोग से बना है?
उत्तर:
सीमा शब्द सिलिका तथा मैग्नीशियम (Si+Mg) के संयोग से बना है।

प्रश्न 19.
सियाल (Sial) किन दो शब्दों के संयोग से बना है?
उत्तर:
सियाल शब्द सिलिका तथा एल्यूमीनियम (Si+AI) के संयोग से बना है।

प्रश्न 20.
किन प्रमाणों से पता चलता है कि पृथ्वी के आन्तरिक भाग का तापमान अधिक है।
उत्तर:

  1. ज्वालामुखी
  2. गर्म जल के झरने
  3. स्वानों से।

प्रश्न 21.
कौन-सी तरंगें केवल ठोस माध्यम से ही गुजर सकती हैं?
उत्तर:
अनप्रस्थ तरंगे।

प्रश्न 22.
कितनी गहराई के पश्चात् ‘S’ तांगे लुप्त हो जाती है?
उत्तर:
2900 km.

प्रश्न 23.
भूकम्पीय तरंगों के अध्ययन करने वाले यन्त्र का नाम है?
उत्तर:
सीस्मोग्राफ (Seismography)

प्रश्न 24.
चालामुखी शंकु किसे कहते हैं?
उत्तर:
ज्वालामुखी के मुख से निकले पदार्थ मुख के आस-पास जमा हो जाते हैं, पोरे-धीरे ये शंकु का रूप धारण कर लेते हैं। इन ज्वालामुखी शंकु कहते हैं।

प्रश्न 25.
क्रेटर किसे कहते हैं।
उत्तर:
ज्वालामुखी के केन्द्र में कटोरे के समान था कौपाकार गर्न को केटर हैं।

प्रश्न 26.
काल्डेरा किसे कहते हैं?
उत्तर:
विशाल क्रेटर को काल्डेरा कहते हैं।

प्रश्न 27.
भूकम्प किसे कहते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी का अचानक हिलना।

प्रश्न 28.
भूकम्प आने के तीन कारण लिखो।
उत्तर:

  1. ज्वालामुखी विस्फोट
  2. विवर्तनिक कारण
  3. लचक शक्ति

प्रश्न 29.
तीन महत्वपूर्ण भूकम्पों के नाम लिखो जो वर्तमान समय में हुए हों।
उत्तर:

  1. 19050 में कांगड़ा भूकम्प
  2. 1923 10 में टोकिया भूकम्प
  3. 2001 ई० में गुजरात के भूज का भूकम्प

प्रश्न 30.
उद्गम केन्द्र किसे कहते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी के अन्दर जहाँ भूकम्प डापन होता है, उसे उद्गम केन्द्र कहते है।

प्रश्न 31.
अधिकेन्द्र से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
भूकम्प केन्द्र के ठीक ऊपर धरातल पर स्थिर बिन्दु या स्थान को अधिकेन्द्र कहते हैं।

प्रश्न 32.
विश्व के अधिकतर ज्वालामुखी किस पेटी में पाये जाते हैं?
उत्तर:
प्रशान्त महासागरीय पेटी।

प्रश्न 33.
तीन पेटियों के नाम बताएँ जहाँ पर ज्वालामुखी पाये जाते हैं?
उत्तर:

  1. प्रशान्त महासागरीय पेटी
  2. मध्य महाद्वीपीय पेटी
  3. अफ्रीका का दरार घाटी क्षेत्र।

प्रश्न 34.
किस ज्वालामुखी को कस सागर का प्रकाश स्तम्भ’ के नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
स्ट्रॉम्बोली।

प्रश्न 35.
विश्व में सबसे बड़ा सक्रिय ज्वालामुखी कौन-सा है?
उत्तर:
माओनालोआ (हवाई द्वीप)।

प्रश्न 36.
भारत में सक्रिय ज्वालामुखी का नाम बताएं।
उत्तर:
अण्डमान द्वीप के निकट बैरल डीप।

प्रश्न 37.
ज्वालामुखी के तीन प्रकार कौन-कौन से हैं?
उत्तर:

  1. सक्रिय ज्वालामुखी
  2. प्रसुप्त ज्वालामुखी
  3. मृत ज्वालामुखी।

प्रश्न 38.
गहराई के साथ तापमान किस दर पर बढ़ता है?
उत्तर:
32 मीटर के लिए 1°C.

प्रश्न 39.
ज्वालामुखी विस्फोट के तीन कारण बताएं।
उत्तर:

  1. भूगर्भ में उच्च ताप
  2. भाप तथा गैसें
  3. दरारे (घंशन)

प्रश्न 40.
अधिकेन्द्र से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
अधिकेन्द्र (Epicentre) – भूकम्प केन्द्र के ठोक अपर पावल पर स्थित बिन्दु या स्थान को अधिकेन्द्र कहते हैं। भूकम्प के झटके सब से पहले इस स्थान पर लगते हैं। भूकम्प द्वारा धरातल पर सबसे अधिक कम्पन पर होता है तथा इस केन्द्र के आस-पास सबसे अधिक तवाही होती है।

प्रश्न 41.
उद्मन केन्द्र किसे कहते हैं ? इसकी गहराई कितनी होती है?
उत्तर:
उद्गम केन्द्र (Focus) – पृथ्वी के अन्दर जहाँ भूकम्प उत्पन्न होता है उसे उद्गम केन्द्र कहते हैं। इस केन्द्र से भूकम्पीय तरंगें चारो ओर निकलती हैं। साधारणतया भूकम्पों की गहराई 50-100 कि० मी० तक होती है। पातालीय भूकम्प की गहराई 700 कि० मी० तक होती है।

प्रश्न 42.
भूकम्प की माप किस पैमाने पर की जाती है?
उत्तर:
भूकम्पों की माप-भूकम्पीय घटनाओं का मापन भूकम्पीय तीव्रता के आधार पर अथवा आघात की तीव्रता के आधार पर किया जाता है। भूकम्पीय तीव्रता को मापनी [रिक्टर स्केल’ Richter Scale] के नाम से जाना जाता है। भूकम्पीय तीव्रता भूकम्प के दौरान ऊर्जा विमोचन से सम्बन्धित है। इस मापानी के अनुसार भूकम्प की तीव्रता 0 से 10 तक होती है। तीव्रता गहनता (Intensity Scale) हानि की तीव्रता’ मापनी इटली के भूकम्प वैज्ञानिक मरकैली (Mercalli) के नाम पर है। यह मापनी झटकों से हुई प्रत्यक्ष हानि द्वारा निर्धारित की गई है। इसका गहनता का विस्तार 1 से 12 तक है।

प्रश्न 43.
हम कैसे जानते हैं कि अभ्यंतर तरल अवस्था में हैं ?
उत्तर:
विभिन्न तरंगों का वेग तथा मार्ग भूकम्पमापी यन्त्र द्वारा मापा जाता है। ये तरंगो विभिन्न परतों से टकराने के कारण परावर्तित होती रहती हैं। यह देखा गया है कि अनुप्रस्थ तरंगें द्रव माध्यम से होकर गुजर नहीं सकतीं। ये तरंगें पृथ्वी के अभ्यान्तर (Core) में अनुपस्थित होती हैं। इसलिए यह अनुमान लगाया जाता है कि अभ्यान्तर में पदार्थ द्रव स्थिति में होते हैं।

प्रश्न 44.
पृथ्वी के आन्तरिक भाग में उच्च ताप के क्या कारण हैं?
उत्तर:

  1. रसायनिक प्रक्रियाएँ
  2. रेडियो-धर्मी
  3. पदार्थ
  4. आन्तरिक शक्तियाँ
  5. उच्च मूल ताप।

प्रश्न 45.
किन प्रमाणों से पता चलता है कि पृथ्वी के आन्तरिक भागों का तापमान अधिक है? आन्तरिक भागों में तापमान वृद्धि की दर क्या है?
उत्तर:
पृथ्वी के भीतरी भागों में गहराई के साथ-साथ तापमान में वृद्धि होती है। यहाँ वृद्धि दर I°C प्रति 32 मीटर है। निम्नलिखित प्रमाणों से पृथ्वी के आन्तरिक भागों में अधिक तापमान का पता चलता है –

  1. ज्वालामुखी विस्फोट
  2. गर्म जल के झरने
  3. खानों से
  4. गाईजर से
  5. गहरे कुँओं से।

प्रश्न 46.
पृथ्वी की संरचना की जानकारी के प्रत्यक्ष साधनों के नाम लिखो।
उत्तर:
प्रत्यक्ष साधन (Direct Sources) –

  • खाने
  • कुएँ
  • छिद्र

अप्रत्यक्ष साधन (Indirect Sources) –

  • तापमान
  • दबाव
  • पतरों का घनत्व
  • भूकम्पीय तरंगे
  • उल्काएँ
  • गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 47.
पृथ्वी के धरातल का विन्यास किन प्रक्रियाओं का परिणाम है ?
उत्तर:
पृथ्वी पर भू-आकृतियों का विकास बहिर्जात एवं अन्तर्जात क्रियाओं का परिणाम है। दोनों प्रक्रियाएँ निरन्तर कार्य करती हैं तथा भू-आकृतियों को जन्म देती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
गुरुमण्डल से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
गुरुमण्डल (Barysphere) – पृथ्वी के केन्द्रीय भाग या आन्तरिक क्रोड को गरुमण्डल कहते हैं । इसकी औसत गहराई 4980 से 6400 मी० है । यह अत्यधिक भार युक्त खनिज पदार्थों से बना हुआ है। इसका औसत घनत्व 13 से अधिक है। इसमें लोहा तथा निकिल पदार्थों की अधिकता है। इस भाग को अभ्यान्तर (Core) भी कहा जाता है।

प्रश्न 2.
ज्वालामुखी किसे कहते हैं? ज्वालामुखी के विभिन्न भाग बताएँ।
उत्तर:
ज्वालामुखी (Volcano) – ज्वालामुखी क्रिया एक अन्तर्जात क्रिया है जो भू-गर्भ से सम्बन्धित है । ज्वालामुखी धरातल पर एक गहरा प्राकृतिक छिद्र है जिसके भू-गर्भ से गर्म गैसें, लावा, तरल व ठोस पदार्थ बाहर निकलते हैं। सबसे पहले एक छिद्र की रचना होती है जिसे ज्वालामुखी (Volcano) कहते हैं। इस छिद्र से निकलने वाले लावा पदार्थों के चारों ओर फैलने तथा ठण्डा होकर ठोस होने से एक उच्च भूमि का निर्माण होता है जिसे ज्वालामुखी पर्वत कहते हैं। एक लम्बे समय में कई बार निकासन, शीलतन तथा ठोसीकरण की क्रिया से ज्वालामुखी का निर्माण होता है।

ज्वालामुखी के भाग (Partsofa Volcano) –

  • ज्वालामुखी निकास – एक छेद जिस से लावा का निष्कासन होता है ज्वालामुखी निकास होता है, निकास कहलाता है।’
  • विवर – ज्वालामुखी निकास के चारों ओर एक तश्तरीनुमा गर्त को विवर कहते हैं।
  • कैल्डेरा – विस्फोट से बने खड़ी दीवारों वाले कंड को कैलडेरा कहते हैं।

प्रश्न 3.
तीन प्रकार के ज्वालामुखी कौन-कौन से हैं?
उत्तर:

  1. ज्वालामुखी के प्रकार (Types of Volcanoes) – संसार में अनेक प्रकार के ज्वालामुखी मिलते हैं। ज्वालामुखी विस्फोर्ट के आधार पर यह तीन प्रकार के होते हैं।
  2. सक्रिय ज्वालामुखी (Active Volcanoes) – यह वे ज्वालामुखी हैं जिनमें से लावा हमेशा निकलता रहता है। संसार में लगभग पांच सौ सक्रिय ज्वालामखी हैं। हवाई द्वीप समूह का मोनालुआ ज्वालामुखी विश्व का सबसे सक्रिय ज्वालमुखी है अन्य उदाहरण में भारत का बैरन द्वीप।
  3. प्रसुप्त ज्वालामुखी (Dormant Volcanoes) – यह वे ज्वालामुखी हैं जो लम्बे समय तक शान्त रहने के पश्चात् अचानक सक्रिय हो जाते हैं। जैसे इटली’ का विसुवियत ज्वालामुखी ।
  4. विलुप्त ज्वालामुखी (Extinct Voleanoes) – यह वे ज्वालामुखी है जो पूर्ण रूप से ठण्डे है, जैसे जर्मनी का ऐफिल पर्वत ।

प्रश्न 4.
उल्काएँ पृथ्वी की आन्तरिक बनावट के विषय में जानकारी देने में किस प्रकार
उत्तर:
कभी-कभी जलते हुए पदार्थ आकाश से पृथ्वी की ओर गिरते दिखाई देते हैं। इन्हें उल्का (Meteorites) कहते हैं । यह सौर मण्डल का एक भाग है । इनके अध्ययन से पता चलता है कि इनके निर्माण में लोहा निकलि की प्रधानता है। पृथ्वी की रचना उल्काओं से मिलती-जुलती है तथा पृथ्वी का आंतरिक क्रोड भी भारी पदार्थों (लोहा + निकिल) से बना हुआ है।

प्रश्न 5.
भूकम्पीय तरंगों के मुख्य प्रकार बताएँ कौन-सी तरंगे धीमी गति वाली हैं तथा कौन-सी तरंगे तेज गति वाली हैं?
उत्तर:
भूकम्पीय तरंगें तीन प्रकार की हैं –

  • प्राथमिक या अनुदैर्ध्य तरंगे।
  • गौण या अनुप्रस्थ तरंगें।
  • धरातलीय या लम्बी तरंगें।

धरातलीय तरंगे सबसे धीमी गति से चलती हैं। प्राथमिक तरंगे सबसे तेज गति से चलती हैं।

प्रश्न 6.
गुरुत्वाकर्षण तथा चुम्बकीय क्षेत्र किस प्रकार भूकम्प सम्बन्धी सूचना देते हैं?
उत्तर:
अन्य अप्रत्यक्ष स्रोतों में गुरुत्वाकर्षण, चुम्बकीय क्षेत्र व भूकम्प सम्बन्धी क्रियाएँ शामिल हैं। पृथ्वी के धरातल पर भी विभिन्न अक्षांशों पर गुरुत्वाकर्षण बल एक समान नहीं होता। है। यह (गुरुत्वाकर्षण बल) ध्रुवों पर अधिक एवं भूमध्यरेखा पर कम होता है। पृथ्वी के केन्द्र से दूरी के कारण गुरुत्वाकर्षण बल ध्रुवों पर कम और भूमध्य रेखा पर अधिक होता है। गुरुत्व का मान पदार्थ के द्रव्यमान के अनुसार भी बदलता है।

पृथ्वी के भीतर पदार्थों का असमान वितरण भी इस भिन्नता को प्रभावित करता है अलग-अलग स्थानों पर गुरुत्वाकर्षण की भिन्नता अनेक अन्य कारकों से भी प्रभावित होती है। इस भिन्नता को गुरुत्व विसंगति (Gravity anomaly) कहा जाता है। गुरुत्व विसंगति हमें भूपर्पटी में पदार्थों के द्रव्यमान के वितरण की जानकारी देती है। चुम्बकीय सर्वेक्षण भी भूपर्टटी में चुम्बीय पदार्थ के वितरण की जानकारी देते हैं। भूकम्पीय गतिविधियाँ भी पृथ्वी की आन्तरिक जानकारी का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं।

प्रश्न 7.
सिस्मोग्राफ किसे कहते हैं इसका प्रयोग किस उद्देश्य के लिए किया जाता है?
उत्तर:
सिस्मोग्राफ (Seismographd) – एक यन्त्र है जिसके द्वारा भूकम्पीय तरंगें तथा तीव्रता मापी जाती है। इस यन्त्र में लगी एक सूई द्वारा पेपर पर भूकम्प का उद्गम (Focus) भूकम्पीय तरंगें की गति मार्ग तथा तीव्रता का ज्ञान होता है।

प्रश्न 8.
पृथ्वी की तीन मौलिक परतों के नाम गहराई, विस्तार तथा घनत्व बताएँ।
उत्तर:
पृथ्व का निर्माण करने वाली तीन मूल परतें हैं जिनका रचना भिन्न घनत्व वाले पदार्थों

  1. भृ – पृष्ठ (Crust)
  2. मैण्टल (Mantle)
  3. क्रोड (Core)

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प्रश्न 9.
निफे (Nife) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
यह पृथ्वी की सबसे निचली तथा केन्द्रीय परत है। सबसे भारी परत है जिसका घनत्व 13 है। इसमें निकिल तथा फेरस (लोहा) धातुएँ अधिक हैं। इसलिए इसे (Nife = Nickle + Ferrous) कहा जाता है। इस परत की मोटाई 3500 km. है।

प्रश्न 10.
सीमा (Sima) से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
सियारा से निचली परत को सीमा कहा जाता है । इस परत से सिलिका तथा मग्नीशिम धातुएँ अधिक मात्रा में मिलती हैं। इसलिए इस परत को सीमा (Sima= Silica+magnesium) कहा जाता है। इस परत की मोटाई 2800 km है। इसका औसत घनत्व 4.75 है। महासागरीय तल इसी परत से बना हुआ है।

प्रश्न 11.
सियाल (Sail) से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
यह पृथ्वी का सबसे ऊपरी परत है। इसमें सिलिका तथा एल्यूमीनियम के अंश अधिक मात्रा में है। इन दोनों धातुओं के संयोग के कारण इस परत को सियाल (Sail = Silica Aluminimum) कहते हैं। इस परत की औसत गहराई 60 km है। इस परत का घनत्व 2.75 है। इस परत से महाद्वीपों का निर्माण हुआ है।

प्रश्न 12.
दुर्बलता मण्डल क्या है?
उत्तर:
दुर्बलता मण्डल (Asthenosphere) ऊपरी मैंटल परत का एक भाग है। यह 650 कि० मी० गहरा है। यह परत ठोस तथा लचीला गुन रखती है। इस परत का अनुमान प्रसिद्ध भूकम्प वैज्ञानिक गुट्नबर्ग ने लगाया था। यहाँ भूकंपीय लहरों की गति कम होती Asthenosphere का अर्थ है दुर्बलता।

प्रश्न 13.
अनुदैर्ध्य तथा अनुप्रस्थ तरंगों में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर:
अनुदैर्ध्य तथा अनुप्रस्थ तरंगों में अन्तर
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प्रश्न 14.
भूकम्पों के विभिन्न प्रकार बताएँ?
उत्तर:
उत्पत्ति के आधार पर भूकम्प निम्नलिखित प्रकार के हैं

  1. विवर्तनिक भूकम्प – सामान्यतः विवर्तनिक (Tectonic) भूकम्प ही अधिक आते हैं। ये भूकम्प भ्रंश तल के किनारे चट्टानों के सरक जाने के कारण उत्पन्न होते हैं।
  2. ज्वालामुखी भूकम्प – एक विशिष्ट वर्ग के विवर्तनिक भूकम्प को ही ज्वालामुखीजन्य (Volcanic) भूकम्प समझा जाता है। ये भूकम्प अधिकांशतः सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्रों तक ही सीमित रहते हैं।
  3. नियत भूकम्प – खनन क्षेत्रों में कभी-कभी अत्यधिक खनन कार्य से भूमिगत खानों की छत ढह जाती है। जिससे हलके झटके महसूस किये जाते हैं। इन्हें नियात (Collapse) भूकम्प कहा जाता है।
  4. विस्फोट भूकम्प – कभी-कभी परमाणु व रसायनिक विस्फोट से भी भूमि में कम्पन होती है। इस तरह के झटकों को विस्फोट (Explosion) भूकम्प कहते हैं।
  5. बाँध जनित भूकम्प – जो भूकम्प बड़े बाँध वाले क्षेत्रों में आते हैं, उन्हें बाँध जनित (Reservior induced) भूकम्प कहा जाता है।

प्रश्न 15.
प्रशान्त महासागरीय पेटी को ‘अग्नि वलय’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
प्रशान्त महासागर के चारों ओर तटीय भागों में बहुत से सक्रिय ज्वालामुखी पाए जाते हैं। संसार क कुल 552 सक्रिय ज्वालामुखियों में से 403 ज्वालामुखी इस क्षेत्र में स्थित हैं। ये ज्वालामुखी प्रशान्त महासागर के चारों ओर एक वृत्त की भांति स्थित हैं। इनसे समय-समय पर उद्गार उत्पन्न होता रहता है। इस क्षेत्र के वृत्ताकार तथा सक्रिय ज्वालामुखियों के कारण इसे अग्नि वल (Ringe of Fire) भी कहा जाता है।

प्रश्न 16.
सुनामी किसे कहते हैं ? इनके विनाशकारी प्रभाव का एक उदाहरण दो ।
उतर:
सुनामी (Tsunami)-कई बार भूकम्प के कारण सागरीय लहरें बहुत ऊँची उठ जाती हैं। जापान में इन्हें सुनामी कहते है। यह तूफानी लहरें तटीय प्रदेशों में जान-मान की हानि करती हैं। सन् 1883 में क्राकटोआ विस्फोट से जो भूकम्प आया जिससे 15 मीटर ऊँची लहरें उठी तथा पश्चिमी जावा में 3600 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। 26 दिसम्बर, 2004 को इण्डोनेशिया के निकट केन्द्रित भूकम्प से हिन्दमहासागर में 30 मीटर ऊँची सुनामी लहरें जिससे लगभग 3 लाख व्यक्तियों की जानें गई। इण्डोनेशिया थाइलैंड, अण्डमान द्वीप तमिलनाडु तट तथा श्रीलंका के तटीय भागों में प्रलय समान तबाही हुई।

प्रश्न 17.
मैग्मा तथा लावा में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर:
मैग्मा तथा लावा में अन्तर –
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प्रश्न 18.
सक्रिय ज्वालामुखी तथा प्रसुप्त ज्वालामुखी में अन्तर बताएँ।
उत्तर:
सक्रिय ज्वालामुखी तथा प्रसुप्त ज्वालामुखी में अन्तर –
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प्रश्न 19.
भू-पृष्ठ तथा अभ्यान्तर में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर:
भू-पृष्ठ और अभ्यान्तर में अन्तर –
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प्रश्न 20.
प्रसुप्त तथा मृत ज्वालामुखी में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर:
प्रसुप्त तथा मृत ज्वालामुखी में अन्तर –
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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
भूकम्पीय तरंगें कौन-कौन सी हैं? इनकी विशेषताओं का वर्णन करो। ये पृथ्वी की आन्तरिक संरचना की विभिन्नताओं की जानकारी कैसे देती हैं?
उत्तर:
पृथ्वी की आन्तरिक संरचना की जानकारी का सबसे महत्त्वपूर्ण स्रोत भूकम्पीय तरंगे हैं। भूकम्प के कारण पृथ्वी के धरातल के ऊपर तथा नीचे तरंगे उत्पन्न होती हैं। इन्हें भूकम्पीय तरंगें कहते हैं।
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ये तरंगे पृथ्वी के भीतर जिस स्थान से उत्पन्न होती है उसे उद्गम केन्द्र (Focus) कहते हैं। इस केन्द्र के ऊपर धरातल पर स्थित स्थान को अभिकेन्द्र (Epicentre) कहते हैं। जहां भूकम्पमापी यन्त्र (Seismography) द्वारा इन तरंगों का आलेखन किया जाता है । भूकम्पीय तरंगे तीन प्रकार की होती हैं –

1. अनुदैर्ध्य तरंगें (Longitudinal Waves) – ये ध्वनि तरंगें (Sound Waves) की भान्ति होती है। ये तरल गैस ठोस तीनों माध्यमों से गुजर सकती हैं। ये तरंगे आगे-पीछे एक-समान गति से चलती हैं। इन्हें प्राथमिक तरंगे (Primary waves) या केवल P-waves भी कहा जाता है।
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2. अनुप्रस्थ तरंगे (Transverse Waves) – ये तरंगे दोलन की दिशा पर समकोण बनाती हुई चलती हैं। इनकी गति धीमी होती हैं। ये तरंगें केवल ठोस माध्यम से ही गुजर सकती हैं। इन्हें साधरणत: माध्यमिक तरंगे (Secondary waves) या (S-waves) भी कहा जाता है।

3. धरातलीय तरंगें (Surface Waves) – ये तरंगें धरातल पर अधिक प्रभावकारी होती हैं। गहराई के साथ-साथ इनकी तीव्रता कम हो जाती है। ये एक लम्बे समय में पृथ्वी के भीतरी भागों तक पहुँच पाती हैं। ये तरंगें ठोस, तरल एवं गैसीय माध्यमों की सीमाओं से गुजरती हैं। इन्हें रैले तरंगें (Rayliegh waves) या (R-waves) भी कहा जाता है।
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इन भूकम्पीय तरंगों के वेग तथा संचरण मार्ग द्वारा पृथ्वी के आन्तरिक भागों में विभिन्न परतों के भौतिक गुणों का पता चलता है। इन तरंगों के वेग से विभिन्न परतों के घनत्व का पता चलता है। इन तरंगों के अध्ययन से निम्नलिखित तत्त्वों का पता चलता है –

  • भू-पृष्ठ विभिन्न प्रकार की चट्टानों का बना हुआ है।
  • पृथ्वी तीन परतों में विभाजित किया जा सकता है, जैसे-भू-पृष्ठ, मैण्टल तथा क्रोड।
  • भू-पृष्ठ, सबसे हल्की पस्त है जिसका औसत घनत्व 2.7 है।
  • क्रोड सबसे भारी परत है जिसका घनत्व 17.2 है।
  • 2900 किलोमीटर की गहराई तक तरंगों की निरन्तर गति से पता चलता है कि यह क्षेत्र ठोस पदार्थों से बना है।
  • पृथ्वी के अभ्यान्तर की मोटाई 3500 किमी है।
  • विभिन्न परतों में अन्तराल पाए जाते हैं जिनके कारण भूकम्पीय तरंगें अपना मार्ग बदल देती हैं।
  • क्रोड में अनुप्रस्थ तरंगों का न होना इस बात का सूचक है कि क्रोड के पदार्थ द्रव स्थिति में हैं।

प्रश्न 2.
भूकम्प किसे कहते हैं ? यह कैसे उत्पन्न होता है?
उत्तर:
भूकम्प (Earthquake) – भूपृष्ठ के किसी भी भाग के अचानक हिल जाने को भूकम्प कहते हैं । (Anearthquake isa sudden movement on the crust of the earth) इस प्रकार भूकम्प धरातल का कम्पन तथा दोलन है जिसके द्वारा चट्टानें ऊपर नीचे सरकती हैं। यह एक आकस्मिक एवं अस्थायी गति है। भूकम्प अपने केन्द्र से चारों ओर तरंगों के माध्यमों से आगे बढ़ता है।

भूकम्प के कारण – प्राचीन काल में लोग भूकम्प को भगवान् का कोप मानते थे, परन्तु वैज्ञानिकों के अनुसार भूकम्प के निम्नलिखित कारण हैं:
1. ज्वालामुखी उद्गार (Volcanic Fruption) – ज्वालामुखी विस्फोट में शक्ति होती है जिससे निकट स्थान के समीपवर्ती क्षेत्र काँप उठते हैं । सन् 1883 में क्राकटोआ विस्फोट से

2. दूर-दूर तक भूकम्प अनुभव किए गए।
विवर्तनिक कारण (TectonicCauses) – पृथ्वी की भौतरी हलचलों के कारण धरातल पर चट्टानों में मोड़ तथा दरारें पड़ जाती हैं। दरारों के सहारे हलचल होती है और भूकम्प आते हैं।

3. पृथ्वी का सिकुड़ना (Contraction of Earth) – तापमान कम होने से पृथ्वी सिकुड़ती है तथा चट्टानों में हलचल के कारण भूकम्प आते हैं।

4. लचक शक्ति (Elasticity of Rocks) – जब किसी चट्टान पर दबाव पड़ता तो वह चट्टान उस दबाव को वापस धकेलती है।

प्रश्न 3.
पृथ्वी की आंतरिक संरचना की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
पृथ्वी की आंतरिक संरचना – आस्ट्रिया भू-वैज्ञानिक स्बेस (Suess) के अनुसार महादेशों की तलछटी चट्टानों के नीचे पृथ्वी की तीन मुख्य परतें हैं-ऊपरी परत, मध्यवर्ती परत और केन्द्रीय पिंक जिनको उन्होंने क्रमशः सियाल, सीमा तथा नीफे कहा है।

1. ऊपरी परत – महादेशों की तलछटी चट्टानों के ठीक नीचे एक ऐसी चट्टानों की परत है जो ग्रेनाइट से बहुत मिलती-जुलती है । इस परत का नाम स्वेस ने सियल दिया है कि क्योंकि इस परत की चट्टानों के ही मुख्य तत्त्व सिलिकन तथा एल्युमिनियम है। इस परत का घनत्व 2.75 से 2.90 तक है। Sial का अर्थ है – Sial = Silicon + Aluminium है, इस परत की औसत गहराई 60 संख्या है।

2. मध्यवर्ती परत – सियाल के नीचे भारी चट्टानों की एक मोटी परत है। इसमें आग्नेय चट्टानों जैसे बेसाल्ट और ग्रैबो की प्रधानता है। इस परत का नाम सीमा (Sima) है क्योंकि इसके दो मुख्य तत्त्व सिलिकन तथा मैग्नेशियम है। इस परत का घनत्व 2.90 से 4.75 तक है।

केन्द्रीय पिण्ड – पृथ्वी की तीसरी परत भूगर्भ का केन्द्रीय भाग है। इसमें मुख्यतः निकेल तथा लोहा जैसे भारी धातुओं का बाहुल्य है। इस परत का नाम निफे (Nife) दिया गया है। जिसका औसत घनत्व 12 से कुछ कम होता है। और Nife का अर्थ Nife = Nickle + Ferrous है जिसकी मुटाई 3500 Km. लगभग है।