Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions

Bihar Board Class 11th Hindi व्याकरण अव्यय

 Bihar Board Class 11th Hindi व्याकरण अव्यय

(क्रियाविशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक पद)

1. “क्रियाविशेषण’ से क्या तात्पर्य है? इसके भेदों का सोदाहरण परिचय दें। जो शब्द क्रिया-पद की कुछ विशेषता बताते है। उन्हें ‘क्रियाविशेषण’ कहते हैं। भेद-‘रूप’ या ‘रचना’ के अनुसार क्रियाविशेषण के पाँच भेद हैं-
(क) कालवाचक-अब, तब, जब, कल, आज, परसों आदि
(ख) स्थानवाचक-जहाँ, तहाँ, इधर, उधर आदि
(ग) रीतिवाचक-धीरे-धीरे, अचानक, ध्यानपूर्वक आदि
(घ) परिणामवाचक-इतना, बहुत, अधिक, कम, ज्यादा आदि
(3) प्रश्नवाचक-कब, कहाँ, कैसे, क्यों, किस तरह, किधर आदि

2. ‘संबंधबोधक’ पद से क्या तात्पर्य है? इसके भेदों का सोदाहरण परिचय दें।

जो शब्द संज्ञा-पद या सर्वनाम-पद के बाद आकर उसका संबंध किसी दूसरे शब्द के साथ बताते हैं वे संबंधबोधक कहे जाते हैं।

 Bihar Board Class 11th Hindi व्याकरण अव्यय

‘अर्थ’ की दृष्टि से संबंधबोधक के कई भेद होते हैं। यथा-

(क) कालवाचक-अनंतर, उपरांत, बाद, पूर्व आदि
(ख) दिशावाचक-आगे, आसपास, आरपार, प्रति आदि
(ग) साधनवाचक-द्वारा, जरिए, मारफत, सहारे आदि
(घ) कार्यकारणवाचक-लिए, वास्ते, निमित्त, कारण आदि
(ङ) विषयवाचक-बाबत, लेखे, मद्दे, जिम्मे आदि
(च) भिन्नतावाचक-सिवा, अलावा, बिना, रहित आदि
(छ) विनिमयवाचक-पलटे, बदले, जगह आदि
(ज) सादृश्यवाचक-समान, सरीखा, सा, भांति आदि
(झ) विरोधवाचक-विरुद्ध, विपरीत, खिलाफ आदि
(ज) सहकारवाचक-साथ, संग, सहित, अधीन आदि
(ट) संग्रहवाचक-भर, तक, पर्यंत, समेत आदि
(ठ) तुलनावाचक-अपेक्षा, बनिस्बत, आगे आदि
(ड) स्थानवाचक-तले, बीच, परे, सामने आदि

 Bihar Board Class 11th Hindi व्याकरण अव्यय

3. ‘समुच्चयबोधक’ से क्या तात्पर्य है? इसके भेदों का सोदाहरण परिचय दें।
जो शब्द दो शब्दों या उपवाक्यों को जोड़ने का काम करते हैं वे समुच्चयबोधक कहे जाते हैं। संबंधसूचक और समुच्चयबोधक में यही अंतर है कि संबंधसूचक पद संज्ञा-पद या ‘सर्वनाम-पद का संबंध ‘क्रिया’ के साथ मिलाता है, पर समुच्चयबोधक तो शब्दों या उपवाक्यों को केबल जोड़ता है। यथा-

  • पिता पुत्र समेत आया। – (संबंधसूचक)
  • पिता और पुत्र आए। – (समुच्चयबोधक)

भेद-समुच्चयबोधक पद दो प्रकार के होते हैं-

  1. समानाधिकरण,
  2. व्यधिकरण।

(1) समानाधिकरण-वे समुच्चयबोधक शब्द, जो समान स्थितिवाले दो या दो से अधिक उपवाक्यों को जोड़ते हैं, समानाधिकरण समुच्चयबोधक कहलाते हैं। इसके चार रूप होते हैं-

 Bihar Board Class 11th Hindi व्याकरण अव्यय

(क) संयोजक-राम आएगा और मोहन जाएगा।
(ख) विभाजक-लड़का आएगा या लड़की आएगी।
(ग) विरोधदर्शक-मोहन देर से आया तो भी वह बुला लिया गया।
(घ) परिमाणदर्शक-यदि तुम मेरे साथ चलो तो आनन्द रहे। यद्यपि मैं गरीब हूँ पर बेईमान नहीं।

(2) व्यधिकरण-जो समुच्चयबोधक अवलंबित या आश्रित उपवाक्य को मुख्य उपवाक्य से जोड़ता है वह व्यधिकरण समुच्चयबोधक कहलाता है। इसके चार रूप होते हैं-

(क) स्वरूपवाचक-राम ने कहा कि मैं अपराधी को दंड दूंगा। आपने ठीक किया जो यह बात उनसे नहीं कही।
(ख) कारणवाचक-लड़की आज नहीं आई क्योंकि उसकी माँ बीमार है। मैंने आपको इसलिए टोका कि कहीं कहना न भूल जाएँ।
(ग) उद्देश्यवाचक-विद्यार्थी परिश्रम करते हैं ताकि वे अच्छी तरह पास करें। नौकर खटता है इसलिए कि पैसा ज्यादा मिले।
(घ) संकेतवाचक-यदि मुझे पैसे होते तो मैं अवश्य आपकी मदद करता। बड़ों की बात तुम तो मानो तो भला होगा।

4. “विस्मयादिबोधक’ की परिभाषा देते हुए उसके भेदों का सोदाहरण परिचय दें। जो शब्द मन की दशा, हर्ष, शोक, चिन्ता आदि भावों से संबद्ध आदेश को सूचित करते हैं। वे विस्मयादिबोधक कहे जाते हैं।

 Bihar Board Class 11th Hindi व्याकरण अव्यय

उदाहरण-

  • हर्ष-अहा !, आहा !, शाबाश !, खूब !
  • शाक-हाय !, हाय हाय !, आह !, च्च-च्च !
  • क्रोध-चुप !, हट !, क्यों !, अबे !
  • स्वीकार-हाँ !, जी !, अच्छा !, ठीक!
  • संबोधन-अजी !, अहो !, ऐ !, अरे !

5. ‘अव्यय’ से क्या समझते हैं? उसके भेदों का सोदाहरण परिचय दें।
वे शब्द अव्यय कहे जाते हैं जिनमें ‘लिंग’, ‘वचन’, ‘पुरुष’ और ‘काल’ के कारण कोई विकार (रूप-परिवर्तन) उत्पन्न नहीं होता हो।

भेद-अव्यय के चार प्रकार होते हैं-

  • क्रियाविशेषण-धीरे-धीरे चलो।
  • संबंधबोधक-मौत के आगे किसका वश है ! उसके पास कुछ जमीन है।
  • समुच्चयबोधक-मोहन देर से आया तो भी वह बुला लिया गया।
  • विस्मयादिबोध-अहा ! हवा बड़ी शीतल है।

 Bihar Board Class 11th Hindi व्याकरण अव्यय