Bihar Board Class 6 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 1 Chapter 5 हार की जीत Text Book Questions and Answers and Summary.

BSEB Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 5 हार की जीत

Bihar Board Class 6 Hindi हार की जीत Text Book Questions and Answers

प्रश्न-अभ्यास

पाठ से –

हार की जीत कहानी के प्रश्न उत्तर Class 6 Bihar Board प्रश्न 1.
बाबा भारती कौन थे ?
उत्तर:
बाबा भारती एक संत थे । जिनके पास सुलतान नामक एक घोड़ा था।

Har Ki Jeet Chapter Question Answer Bihar Board Class 6 प्रश्न 2.
बाबा भारती अपने घोड़े ‘सुलतान’ से किस प्रकार स्नेह करते थे?
उत्तर:
बाबा भारती अपने घोड़े सुलतान से उसी प्रकार स्नेह करते थे जैसे कोई माँ बेटे से स्नेह करती है, किसान को अपने खेत से स्नेह होता है । और जैसे गुरु शिष्य को स्नेह करता है।

Haar Ki Jeet Question Answer Bihar Board Class 6 प्रश्न 3.
बाबा भारती के घोड़े को देखने के लिए खड्ग सिंह क्यों अधीर हो उठा? घोड़ा देखने के बाद खड्ग सिंह के दिमाग में क्या उथल-पुथल होने लगी?
उत्तर:
बाबा भारती के घोड़े की कीर्ति सुनकर उसे देखने के लिए खड्ग सिंह अधीर हो उठा। घोड़ा देखने के बाद उसके दिमाग में उथल-पुथल होने लगी कि—यह घोड़ा मुझे कैसे प्राप्त होगा।

हार की जीत कहानी के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 6 प्रश्न 4.
खड्ग सिंह ने बाबा भारती के घोड़े को पाने के लिए किस प्रकार का रूप बदला?
उत्तर:
खड्ग सिंह ने बाबा भारती के घोड़े सुलतान को पाने के लिए अपाहिज का रूप बदला।

Haar Ki Jeet Question Answer Class 6 Bihar Board प्रश्न 5.
पाठ के किन वाक्यों से पता चलता है कि बाबा भारती को अपने घोड़े पर गर्व था?
उत्तर:
बड़ा विचित्र जानवर है, देखोगे तो प्रसन्न हो जाओगे। उसकी चाल तुम्हारा मन मोह लेगी इत्यादि । पाठ के वाक्यों से पता चलता है कि बाबा भारती को अपने घोड़े पर गर्व था।

Har Ki Jeet Question Answer Bihar Board Class 6 प्रश्न 6.
सही वाक्यों के सामने सही (✓) एवं गलत वाक्यों के सामने गलत (☓) का निशान लगाइए।
(क) बाबा भारती का घोड़ा कमजोर एवं दुर्बल था। (☓)
(ख) घोड़ा का नाम सुलतान था। (✓)
(ग) खड्गसिंह को बाबा भारती का घोड़ा पसंद था। (✓)
(घ) बाबा भारती ने सुलतान से बिछुड़ने पर प्रसन्नता व्यक्त की। (✓)
(ङ) खड्गसिंह ने चुपक से घोड़ा को अस्तबल में बाँध दिया। (✓)

पाठ से आगे –

Har Ki Jeet Class 6 Bihar Board प्रश्न 1.
लोगों को यदि इस घटना का पता लग गया तो वे किसी अपाहिज पर विश्वास न करेंगे।” बाबा भारती के इस वक्तव्य का क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
बाबा भारती के इस वक्तव्य का अभिप्राय है कि लोग किसी अपाहिज को मदद करने से दूर भागेंगे।

हार की जीत कहानी का सारांश Bihar Board Class 6 प्रश्न 2.
खड्गसिंह ने चुपके से रात में सुलतान को वापस अस्तबल में बाँध दिया। ऐसा उसने क्यों किया?
उत्तर:
खड्ग सिंह ऐसा इसलिए किया कि-बाबा भारती के वाक्य सुनकर उसका हृदय परिवर्तन हो गया वस्तुतः लोगों को मालूम हो जाने पर कोई भी व्यक्ति लाचार, गरीब और अपाहिज पर विश्वास नहीं करता । अतः उसने बाबा के घोड़े को लौटाने के लिए चुपके से घोड़े को अस्तबल में बाँध -दिया।

हार की जीत Question Answer Bihar Board Class 6 प्रश्न 3.
बाबा भारती के किस व्यवहार से खड्गसिंह के सोच में परिवर्तन हुआ?
उत्तर:
बाबा भारती ने घोड़ा के विषय में बात नहीं कर खड्ग सिंह से कहा-मैं प्रार्थना करता हूँ कि यह घटना किसी से मत कहना । यदि लोगों को इस घटना के बारे में मालूम हो जायेगा तो गरीब, लाचार पर विश्वास करना छोड़ दंगे । यह कहकर सुलतान को बिना देख वापस चल दिए । बाबा के इस व्यवहार से खड्ग सिंह के सोच में परिवर्तन हुआ।

हार की जीत के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 6 प्रश्न 4.
आपकी प्रिय वस्तु कोई छिनने का प्रयास करे तो आप क्या करेंगे?
उत्तर:
हमारी प्रिय वस्तु यदि कोई छिनने का प्रयास करेगा तो मैं उसका विरोध करूँगा।

हार की जीत पाठ का सारांश Bihar Board Class 6 प्रश्न 5.
अगर आपको बाबा भारती से घोड़ा लेना होता तो आप क्या करते?
उत्तर:
अगर हमको बाबा भारती से घोड़ा लेना होता तो हम उनसे आग्रह करते और उसका उचित मूल्य देने की कोशिश करते।

Bihar Board Solution Class 6 Hindi प्रश्न 6.
कहानी का कोई दूसरा शीर्षक क्या हो सकता है?
उत्तर:
इस कहानी का दूसरा शीर्षक “सुलतान” हो सकता है।

व्याकरण प्रश्न

हार की जीत का प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 6 प्रश्न 1.
(क) किसान अपने लहलहाते खेतों को देखकर बहुत प्रसन्न होता है।
(ख) खड्गसिंह एक कुख्यात डाकू था।
(ग) बाबा भारती के मुख पर प्रसन्नता थी।
(घ) उन्होंने दंढे जल से स्नान किया।
(ङ) सुलतान को देखने के लिए भीड़ लगी रहती थी।

उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित शब्द क्रमशः जातिवाचक, व्यक्तिवाचक, भाववाचक, द्रव्यवाचक एवं समूहवाचक संज्ञा है। इस प्रकार संज्ञा के पाँच भेद है।
निम्नलिखित वाक्यों में मोटे शब्दों को सामने के कोष्ठक में संज्ञा के भेद के रूप में लिखिए।

प्रश्नोत्तर –

  1. वह ईमानदारीपूर्वक काम करता है। (भाव वाचक संज्ञा)
  2. सुलतान बड़ा सुन्दर और बलवान था। (व्यक्तिवाचक संज्ञा)
  3. कार्तिक पूर्णिमा के दिन सोनपुर में मेला लगता है। (समूह वाचक संज्ञा)
  4. दूध स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। (द्रव्य वाचक संज्ञा)
  5. बस घाटी से होकर गुजरती है। (जातिवाचक संज्ञा)

Bihar Board Class 6 Hindi Book Solution प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों से वाक्य बनाइए –
(क) पश्चात
(ख) महात्मा
(ग) निश्चय
(घ) प्रशंसा
(ङ) अपाहिज
(च) स्वीकार।
उत्तर:
(क) पश्चात् = श्याम के पश्चात् राम भी यहाँ आया।
(ख) महात्मा = महात्मा लोग दयालु होते हैं।
(ग) निश्चय = निश्चय करके काम करना चाहिए।
(घ) प्रशंसा = अपनी प्रशंसा सुन सब प्रसन्न होते हैं।
(ङ) अपाहिज = अपाहिज लोग दया के पात्र होते हैं।
(च) स्वीकार = उसने मेरा निमंत्रण स्वीकार कर लिया ।

Kislay Hindi Book Bihar Class 6 Bihar Board प्रश्न 3.
इस पाठ में घोड़े की विशेषता से संबंधित जो शब्द हैं उन्हें चुनकर लिखिए।
उत्तर:
इस पाठ में घोड़े की विशेषता संबंधित शब्द है-बड़ा सुन्दर, बड़ा बलवान, बड़ा विचित्र जानवर है, उसकी चाल मन मोह लेगा। बाँका घोड़ा इत्यादि ।

प्रश्न 4.
निम्नांकित मुहावरों का अर्थ लिखिए
(क) लट्टू होना
(ख) फूले न समाना
(ग) हृदय पर साँप लोटना
(घ) मुँह मोड़ लेना।
उत्तर:
(क) लट्टू होना = लोभ हो जाना।
(ख) फूले न समाना = अत्यन्त खुश होना।
(ग) हृदय पर साँप लोटना = ईर्ष्या होना।
(घ) मुँह मोड़ लेना = नाता तोड़ लेना।

कुछ करने को –

प्रश्न 1.
आपके आस-पास कोई ऐसा व्यक्ति है जो अपने व्यवहार से आपको प्रभावित करता है । उसका पता कीजिए और उसकी दिनचर्या को लिखिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

हार की जीत Summary in Hindi

पाठ का सार संक्षेप

बाबा भारती अपने घोड़े सुलतान को बेहद प्यार करते थे। क्योंकि सुलतान बड़ा ही सुन्दर और बड़ा बलवान था। उस घोड़े का जोड़ सारे इलाके में कहीं नहीं था। वे अपने हाथ से घोड़े का. खरहरा करते, स्वयं उसको दाना खिलाते थे। शाम में उस पर बैठकर 8-10 मील का चक्कर लगाया करते थे।

खड्ग सिंह उस इलाके का कुख्यात डाकू था । लोग उसका नाम खुलकर काँप जाते थे। जब खड्ग सिंह ने सुलतान की बड़ाई सुनी तो वह सुलतान को देखने के लिए बाबा भारती के पास आया और प्रणाम कर सामने बैठ गया। बाबा ने खड्ग सिंह से हाल-चाल पूछा, पुनः आने का कारण पूछा। खड्ग सिंह ने कहा-सुलतान की चाहत यहाँ तक खींच लाई है। बाबा ने भी सुलतान की बड़ाई खड्ग सिंह से की। सुलतान को दिखाया। खड्ग सिंह ने उसकी चाल दिखाने का आग्रह किया तो बाबा ने घोड़े पर सवार होकर उसकी चाल भी दिखा दी। अब तो खड्ग सिंह ने सोच लिया यह घोड़ा मैं अवश्य प्राप्त करूँगा । बाबा से बोला—बाबाजी इस घोड़े को आपके पास नहीं रहनं दूंगा।

बाबा घबड़ा गये। सारी रात स्वयं जगकर घोड़े की रक्षा करने लगे। कुछ दिन बीत जाने पर बाबा कुछ लापरवाह हो गये । एक दिन जब शाम में बाबा भारती घोड़े पर घूम रहे थे तो किसी के कराहट की आवाज आई, “बाबा इस कंगाल की बाते सुनते जाना।” बाबा अपाहिज जैसा देखकर उसे पूछा क्या कष्ट है। उसने हाथ जोड़कर कहा, बाबा मैं दुखियारा हूँ मुझ पर दया करो । कृपा कर रामाबाला तक मुझे पहुँचा दो, भगवान आपका भला करेगा। दयावश बाबा ने अपाहिज को घोड़े पर बैठाकर लगाम पकड़ पैदल चलने लगे। एकाएक जोड़ का झटके के साथ लगाम हाथ से छूट गया । अपाहिज तनकर घोड़े पर बैठकर भागे जा रहा है। वह समझ गये खड्ग सिंह ही है।

बाबा भारती जोर से चिल्लाते हुए कहा-“खड्ग सिंह रूक जाओ, एक प्रार्थना करता हूँ अस्वीकार न करना, नहीं तो मेरा दिल टूट जायेगा।”

खड्ग सिंह ने कहा-“आज्ञा दीजिए। आपका दास हूँ केवल घोड़ा नहीं दूंगा।” बाबा ने कहा, घोड़े की बात मत करो। मेरी प्रार्थना केवल यही है कि इस घटना को किसी से मत कहना । यदि लोगों को इस घटना के बारे में पता चल जायेगा तो लोग अपाहिज पर विश्वास नहीं करेंगे। यह कहकर बाबा ने सुलतान की तरफ से मुँह मोड़ लिया।

खड्ग सिंह का मुँह आश्चर्य से खुला ही रह गया। रात्रि के अन्धकार में वह बाबा के मंदिर के पास आकर सन्नाटे में सुलतान को अस्तबल में बाँध दिया और चला गया। कल सुबह बाबा अपने आदत के अनुकूल अस्तबल जाने लगे। लेकिन याद आते ही लौटने लगे। उतनी ही देर में सुलतान की हिनहिनाहट सुनकर आश्चर्य और प्रसन्नता से दौड़कर सुलतान के गले लिपटकर रोने लगे। मानो बिछड़ा बेटा वापस आया हो  पुनः संतोष की श्वास – लेते हुए बोले…..अब कोई गरीब की सहायता करने से मुख नहीं मोड़ेगा।