Bihar Board Class 7 Sanskrit Solutions Amrita Bhag 2 Chapter 13 परिहास-कथा Text Book Questions and Answers, Summary.

BSEB Bihar Board Class 7 Sanskrit Solutions Chapter 13 परिहास-कथा

Bihar Board Class 7 Sanskrit परिहास-कथा Text Book Questions and Answers

अभ्यासः

मौखिकः

प्रश्न 1.
अधोलिखितानां पदानाम् उच्चारणं कुरुत –

  1. प्रत्यग्रबुद्धिः
  2. मित्रयोर्मध्ये
  3. महिष्याः
  4. अनुबन्धः
  5. पूर्वार्धभागस्य
  6. पश्चाद्भागस्य
  7. अपरस्तु
  8. अपरार्धभागस्य
  9. वञ्चितः
  10. दोहनकालेऽपि
  11. दण्डप्रहारेण
  12. पादप्रहारेण
  13. ताडितवती
  14. पूर्वार्धस्वामी
  15. स्वधूर्ततायाः
  16. लज्जितश्च
  17. दुग्धग्रहणे

नोट: उच्चारण छात्र स्वयं करें ।

Bihar Board Class 7 Sanskrit Solutions Chapter 13 परिहास-कथा

प्रश्न 2.
निम्नलिखितानां पदानां सन्धिविच्छेदं वदत –

  1. मित्रयोर्मध्ये
  2. वञ्चितोऽस्मि
  3. पूर्वार्धस्य
  4. लज्जितश्च
  5. अपरस्तु

उत्तराणि –

  1. मित्रयोर्मध्ये मित्रयो; + मध्ये
  2. वञ्चितोऽस्मि । वञ्चितः + अस्मि
  3. पूर्वार्धस्य पूर्व + अर्धस्य
  4. लज्जितश्च लज्जित: + च
  5. अपरस्तु अपरः + तु.

प्रश्न 3.
गोनू झा से संबंधित या उससे मिलती-जलती एक अन्य कथा सुनाएँ।
नोट : देखें योग्यता विस्तार के अन्तर्गत ।।

लिखितः

प्रश्न 4.
अधोलिखितानां पदानाम् अर्थ लिखत –

  1. एकदा
  2. महिप्याः
  3. अनुबन्धः
  4. पूर्वार्धभागस्य
  5. पश्चाद्भागस्य
  6. इत्थम्
  7. रोचते :

उत्तराणि-

  1. एकदा = एक समय
  2. महिप्याः = भैंस का
  3. अनुबन्धः = समझौता
  4. पूर्वार्धभागस्य = आगे के आधे हिस्से का
  5. पश्चाभागस्य = पीछे के हिस्से का
  6. इत्थम् = इस प्रकार
  7. रोचते = अच्छा लगता हैं ।

Bihar Board Class 7 Sanskrit Solutions Chapter 13 परिहास-कथा

प्रश्न 5.
अधोलिखितानि पदानि अनमत्य सदशानि पदानि लिखत –

  1. दुग्धम
  2. वञ्चिताम
  3. महिष्याः
  4. वञ्चितोऽस्मि
  5. दण्डप्रहारेण

उत्तराणि-

  1. पेयम्
  2. वारिताम्
  3. वारितोऽस्मि
  4. लणडप्रहारेण ।

प्रश्न 6.
‘परिहास-कथा’ पाठ से मिलती-जुलता एक अन्य कहानी लिखें।
नोट : देखें योग्यता विस्तार के ‘अन्तर्गत ।

प्रश्न 7.
अधोलिखितानि अशद्धानि पदानि शुद्धानि कृत्वा लिखत

  1. महिस्या
  2. परामर्षम्
  3. पादप्रहारन
  4. भोजनादिणा
  5. पृष्टवान्

उत्तराणि-

  1. महिष्याः
  2. परामर्शम्
  3. पादप्रहारेण
  4. भोजनादिना
  5. पृष्ठवान् ।

Bihar Board Class 7 Sanskrit Solutions Chapter 13 परिहास-कथा

प्रश्न 8.
निम्नलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत

  1. मित्रयोर्मध्ये कस्याः विपये अनुबन्धः अभवत् ?
  2. महिष्याः पूर्वाधभागस्य अधिकारी कः आसीत् ?
  3. सर्वदा कः वञ्चितः भवति स्म ?
  4. ‘परिहास-कथा’ इति पाठेन का शिक्षा मिलति ?

उत्तराणि-

  1. मित्रयोर्मध्ये महिष्याः विषये अनुबन्धः अभवत् ।
  2. महिष्याः पूर्वार्धभागस्य अधिकारी मित्रयोर्मध्ये एकः मूर्खः आसीत् ।
  3. सर्वदा पूर्वार्धभागस्याधिकारी वञ्चितः भवति स्म ।
  4. परिहास-कथा’ इति पाठेन विभाजनं निरर्थक न शोभते इति शिक्षा मिलति ।

प्रश्न 9.
मञ्जूषायाः उचित पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत –

(चतुरः, महिष्याः, मूर्खः, महिषी, मूको (मूकः) )

  1. एकदा मित्रयोर्मध्ये एकस्याः ……………….. विषये अनुबन्धः अभवत् ।
  2. महिप्याः पश्चाद्भागस्य स्वामी ………………………… आसीत् ।
  3. महिण्याः पूर्वार्धभागस्य स्वामी ………………………… आसीत् ।
  4. दोहनकाले दादप्रहारेण ………………………… कुपिता जाता ।
  5. ना ………………………….. जातः ।

उत्तराणि-

  1. महिष्याः
  2. मूर्खः
  3. चतुरः
  4. महिषी
  5. मूको ।

Bihar Board Class 7 Sanskrit परिहास-कथा Summary

[मिथिला में अपनी बौद्धिक क्षमता तथा परिहास-प्रियता के कारण गोन झा की बहुत ख्याति है । उस क्षेत्र में प्रत्येक व्यक्ति इनकी कोई-न-कोई कथा सुनाता है जिसमें इनकी प्रत्यग्र बुद्धि की महत्ता मिलती है। प्रस्तुत पाठ में गोन झा की एक ऐसी कथा दी गयी है जिसमें एक भैंस के बँटवारे का वर्णन है।

एकदा मित्रयोर्मध्ये एकस्या: ……………….. अधिकारी एव वञ्चितः भवति स्म ।

शब्दार्थ – एकदा – एक बार । मित्रयोः = दो मित्रों के / में । मध्ये – बीच में । एकस्याः = एक की / का । के । महिष्याः – भैंस के । का । की । अनुबन्ध – समझौता । तेन – उसके अनुसार, उससे । तस्याः – उसका/ की । के । पूर्वार्धभागस्य – आगे के आधे हिस्से का । अपरः – दूसरा । पश्चाद्भागस्य – पीछे के हिस्से का । चतुरः – चालाक, होशियार । प्राप्नोति – प्राप्त करता / करती है । सेवते – सेवा करता / करती है । इत्थम् – इस तरह । वञ्चितः – ठगा गया ।।

सरलार्थ-एक बार दो मित्रों के बीच एक भैंस के विषय में समझौता हुआ । उसके अनुसार उनमें से एक उसके (भैंस को) आगे के आधे भाग का स्वामी बना और दूसरा पीछे के हिस्से का। दूसरा तो चालाक था । भैंस के आगे के आधे भाग में मुंह होता है । उसका स्वामी खाना आदि देकर सेवा करता था । पीछे भाग का स्वामी भैंस का दूध प्राप्त करता था। इस तरह आगे के आधे भाग का अधिकारी सदा ठगा जाता रहा ।

Bihar Board Class 7 Sanskrit Solutions Chapter 13 परिहास-कथा

स एकदा स्वमित्रं गोनू झा ……………….. स्वधूर्ततायाः फलं ज्ञात्वा लज्जितश्च।

शब्दार्थ – पृष्टवान् = पूछा । तस्मै = उसे, उसको । परामर्शम् = सलाह । दत्तवान् – दिया । ततः – तब । दोहनकाले – दुहने के समय । दण्डप्रहारेण – लाठी मार कर । कोपितवान् = गुस्सा कर दिया । भूत्वा – होकर । पादप्रहारेण – पैर चलाकर । ताडितवती = मारा । अकथयत् – कहा । भोः – अरे । किमिदम् (किम् + इदम्) – यह क्या । मे – मुझे, मझको । रोचते – अच्छा लगता है । तदेव (तत् + एव) = वही । अनेन – इससे । मूकः = चुप, मौन । जातः = हो गया ।

सरलार्थ – वह एक बार अपने मित्र गोनू झा से बोला-हे मित्र । मैं क्या करूं? हमेशा ठगा जाता हूँ । गोनू झा ने उसे उचित सलाह दिया । अत: उसने भैंस को भोजन से वंचित कर दिया । भैंस अधिक क्रोधित हो गयी । इसके पश्चात उसने दूहने के समय भी लाठी मारकर भैंस को क्रोधित कर दिया । अतः भैंस क्रोधित होकर दूहने के समय पैर चलाकर चतुर मित्र को मारा । उसने कहा- हे मित्र ! यह क्या कर रहा है ? मूर्ख आगे के आधे भाग का अधिकारी बोला- मैं भैंस के आगे के आधे भाग का अधिकारी हैं। जो मुझे अच्छा लगा मैं वही कर रहा हूँ। इससे तुम्हें क्या ? चालाक चुप हो गया । अपनी धूर्तता के फल को जानकर लज्जित भी हुआ।

ततः स पुनः महिषीविभाजनं …………………. शोभते इति उपदेशः ।

शब्दार्थ-कथयित्वा = कहकर । उभौ – दोनों । स्वीकृतवान् स्वीकार किया । उभयोः = दोनों का । सरलार्थ-इसके बाद भैंस बँटवारे को निरर्थक कहकर उस भैंस को भोजन देना और दूध लेना दोनों ने स्वीकार किया। इससे दोनों को लाभ हुआ। अतः निरर्थक बँटवारा शोभा नहीं देता, यही उपदेश है।

व्याकरणम्

  1. सन्धि-विच्छेदः मित्रयोर्मध्ये = मित्रयोः + मध्ये (विसर्ग सन्धि)
  2. अपरस्तु = अपर: + तु (विसर्ग सन्धि)
  3. वञ्चितोऽस्मि = वञ्चितः + अस्मि (विसर्ग सन्धि)
  4. दोहनकालेऽपि = दोहनकाल + अपि (पूर्वरूप सन्धि)
  5. पूर्वार्धस्य = पूर्व + अर्धस्य (दीर्घ सन्धि)
  6. लज्जितश्च = लज्जितः + च (विसर्ग सन्धि)

प्रकृति-प्रत्यय-विभागः

  1. ज्ञात्वा = ज्ञा + क्त्वा
  2. कुपिता = कुप् + क्त + टाप्
  3. वञ्चितः = वञ्च् + क्त
  4. भूत्वा = भू + क्त्वा
  5. जातः = जन् + क्त
  6. कथयित्वा = कथ् + णिच् + क्त्वा