Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 10 विद्युत धारा और इसके प्रभाव Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 10 विद्युत धारा और इसके प्रभाव

Bihar Board Class 7 Science विद्युत धारा और इसके प्रभाव Text Book Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
विद्युत धारा के किन्हीं दो प्रभावों का उपयोग बताइए।
उत्तर:
(a) जब किसी तार में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो चुम्बक – की तरह कार्य करता है।
(b) जब किसी बल्ब या CFL में था बिजली उपकरण में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो ऊष्मा के साथ-साथ प्रकाश भी उत्पन्न करता है।

प्रश्न 2.
बैटरी और सेल में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सेल में दो टर्मिनल होते हैं-ऋण टर्मिनल और धन टर्मिनल । इसमें टर्मिनल का संयोजन नहीं हो पाता है।

बैटरी कई सेलों को जोड़कर बनाया जाता है। एक सेल के ऋण टर्मिनल को दूसरे धन टर्मिनल से दूसरे के ऋण टर्मिनल को तीसरे के धन टर्मिनल से जोड़कर बनाया जाता है।

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सेल से विद्युत धारा का प्रवाह कम और बैटरी से विद्युत धारा का प्रवाह अधिक होता है।

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प्रश्न 3.
जब किसी सुई चुम्बक को B विद्युत धारा प्रवाहित तार के समीप लाने पर वह
उत्तर:
दक्षिण ही दिशा में विक्षेपित हो जाती है क्यों ?
उत्तर:
चुम्बकीय सुई पर विद्युत धारा का प्रभाव पड़ता है। इसका कारण है किसी तार में विद्युत धारा प्रवाह के कारण उसमें चुम्बकीय गुण आ जाता है। चुम्बक में दो ध्रुव-उत्तर और दक्षिण ध्रुव होता है और इसका गुण है कि हमेशा चुम्बक उत्तर और दक्षिण दिशा को सूचित करते हैं अत: चुम्बकीय सुई. उत्तर और दक्षिण दिशा में विक्षेपित होता है।

प्रश्न 4.
विद्युत चुम्बक का प्रयोग कचरे के ढेर से किस प्रकार की वस्तुओं को अलग करने के लिए किया जाता है।
उत्तर:
विद्युत चुम्बक का प्रयोग चुम्बकीय वस्तुओं को अलग करते हैं। इस तरह उपयोगी चुम्बकीय वस्तु को अलग कर कचरे को फेंक या जला देते

प्रश्न 5.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित सुरक्षा युक्ति ……………….. कहते हैं।
(ख) दो या दो से अधिक सेलों के संयोजन को ……………….. कहते
(ग) विद्युत सेल. के प्रतीक में लम्बी रेखा, उसके ……………….. टर्मिनल को निरूपित करती है।
(घ) जब किसी विद्युत हीटर के स्विच को ऑन किया जाता है तो उसकी ……………….. तप्त होकर लाल हो जाती है।
(ङ) बल्ब का ……………….. तप्त होकर प्रकाश देता है।
उत्तर:
(क) फ्यूज
(ख) बैटरी
(ग) ऋण टर्मिनल
(घ) एलिमेन्ट
(ङ) तन्तु।

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प्रश्न 6.
निम्नलिखित कथन सत्य/असत्य है –
(क) जब किसी फ्यूज से निश्चित सीमा से अधिक विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो वह पिघलकर टूट या जल जाता है। (सत्य/असत्य)
(ख) विद्युत चुम्बक चुम्बकीय पदार्थ को आकर्षित करते हैं। (सत्य/असत्य)
(ग) सुई चुम्बक विद्युत प्रवाहित तार के निकट लाने पर विक्षेपित नहीं होती। (सत्य/असत्य)
(घ) सी० एफ० एल० में अपेक्षाकृत कम विद्युत ऊर्जा खर्च होती है । (सत्य/असत्य)
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) सत्य
(ग) असत्य
(घ) सत्य ।

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Bihar Board Class 7 Science विद्युत धारा और इसके प्रभाव Notes

किसी सेल को तार से जोड़कर बल्ब जलाया जाता है। बल्ब को जलाने के लिए जितने अवयवों का प्रयोग करते हैं, सभी का संयोजन ही परिपथ कहलाता है। विद्युत के अवयव विद्युत सेल, बल्ब स्वीच और बैटरी के। दो या दो से अधिक सेलों को बैटरी के संयोजन के बैटरी कहते हैं ।

बैटरी का उपयोग रेडियो, रिमोट, खिलौने आदि में प्रयोग करते हैं। सेल में दो टर्मिनल होते हैं। ऋण टर्मिनल और धन टर्मिनल ।

बैटरी का उपयोग रेडियो, रिमोट, खिलौने आदि में प्रयोग करते हैं। सेल में दो टर्मिनल होते हैं। ऋण टर्मिनल और धन टर्मिनल।

एक सेल के ऋण टर्मिनल दूसरे सेल के धन टर्मिनल से जोड़ते हैं तो बैटरी कहलाता है। ट्रकों, बसों या घरों में उपयोग की जाने वाली बड़ी-बड़ी बैटियाँ, सेलों के संयोजन से बनता है।

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जब सेल के दोनों टर्मिनल से चित्रानुसार उपकरण सजाते हैं और स्वीच को ऑन करते हैं तो बल्ब जल उठता है। स्वीच ऑन होने पर इसे बंद परिपथ और स्वीच ऑफ रहने पर खुला परिपथ कहते हैं। यदि बल्ब फ्यूज हो जाए तो बल्ब नहीं जलता है । बल्ब फ्यूज होने पर विद्युत धारा का प्रवाह रूक जाता है। जब बल्ब जलता है इसका मतलब विद्युत परिपथ में विद्युत धारा का प्रवाह हो रहा है। कुछ देर बाद हल्के हाथों से बल्ब को छूते हैं तो बल्ब गर्म रहता है। इसका अर्थ है विद्युत धारा ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित हुआ है। इस प्रकार ऊष्मीय ऊर्जा प्रदान करने वाले वस्तु विद्युत आयरन हीटर आदि जो विद्युत ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित करती है। जब विद्युत परिपथ में धारा का प्रवाह एकाएक बढ़ जाता है तो बल्ब फ्यूज कर जाते हैं।

बल्ब को फ्यूज होने से . बचाने के लिए परिपथ में एक फ्यूज लगाते हैं जो विशेष प्रकार की तार – (पतली) होती है। अधिक विद्युत धारा प्रवाहित होने पर यह गल जाती है और परिपथ में धारा का बहाव रूक जाता है, बल्ब फ्यूज होने से बच जाती है। फ्यूज एक सुरक्षा युक्ति है जो दुर्घटना से बचाता है। बड़े-बड़े विद्युत उपकरणों में इसका प्रयोग करते हैं।

आजकल फ्यूज की जगह विभिन्न क्षमता के एम० सी० बी० लगाए जाते हैं। ये अधिक सुरक्षित होते हैं। सॉर्ट सर्किट अथवा उच्च धारा के कारण अपने आप एम० सी० बी० नीचे गिर जाता है। बिजली ‘के बचाव के लिए CFL लैम्प इसका पुरा नाम कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेन्ट लैम्प कहते हैं। पुराने बल्बों में प्रकाश के साथ-साथ कुछ ऊष्मा भी निकलती है। प्रकाशीय यंत्र से ऊष्मा पैदा होना वांछनीय नहीं है और इससे ऊर्जा की खपत भी ज्यादा होती है। चुम्बक लोहे की बनी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। लोहे के टुकड़े को भी चुम्बक बनाया जा सकता है। जब किसी लोहे की छड़ पर तार की कुण्डली लपेटी जाती है और तार के दोनों छोड़ पर विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है और लोहे के छोटे-छोटे टुकड़े लोहे की छड़ के पास लाते हैं तो पाते हैं कि वह आकर्षित हो गया और विद्युत धारा बंद करने पर लोहे का टुकड़ा अलग हो जाता है। अतः विद्युत धारा के कारण लोहे का टुकड़ा चुंबक बन जाता है।

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कुण्डली के फेरों को बढ़ाकर एवं विद्युत धारा का परिमाप बढ़ाकर चुम्बकों को और प्रबल बनाया जा सकता है। चुम्बकीय सुई पर चुम्बक का प्रभाव पड़ता है। चुम्बकीय सुई पर विद्युत धारा का भी प्रभाव पड़ता है। हैंस क्रिश्चियन ने बताया कि जब किसी तार से विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो उसके पास रखे चुम्बक में विक्षेप होता है। यह विद्युत धारा का चुम्बकीय ‘प्रभाव है।

विद्युत घंटी में विद्युत चुम्बक लगी होती है। इसमें लोहे टुकड़े पर ताँबे की विद्युतरोधी लगे तार की कुण्डली लपेटी रहती है। विद्युत चुम्बक के निकट लोहे की पत्ती लगी रहती है जिसके एक सिरे से हथौड़ा जुड़ा रहता है लोहे की पत्ती के समीप एक सम्पर्क पेंच होता है। जब लोहे की पत्ती इस पेंच के सम्पर्क में आती है तो परिपथ पूरा हो जाता है और कुण्डली में विद्युत धारा प्रवाहित होती है। लोहे का टुकड़ा विद्युत चुम्बक बन जाता है। तब लोहे की पत्ती को अपनी ओर खींचती है। हथौडा घंटी से टकराता है और ध्वनि उत्पन्न करता है।

आजकल इलेक्ट्रॉनिक घंटियों का प्रयोग किया जाने लगा है।