Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 12 अम्ल, क्षार एवं लवण Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 12 अम्ल, क्षार एवं लवण

Bihar Board Class 7 Science अम्ल, क्षार एवं लवण Text Book Questions and Answers

अभ्यास

अम्ल क्षार एवं लवण कक्षा 7 Bihar Board प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(i) अम्ल नीले लिटमस पत्र को ………….. कर देता है।
(ii) अम्ल का स्वाद…………… और क्षार का स्वाद ………….. होता है।
(iii) उदासीनीकरण अभिक्रिया में ……….. और ……….. बनते
(iv) हल्दी पत्र पर खड़िया पाउडर घोल डालने से इसका रंग ………… हो जाता है।
(v) नीला थोथा (कॉपर सल्फेट) एक …………. है।
उत्तर:
(i) लाल
(ii) खट्टा, कड़वा
(iii) लवण, जल
(iv) परिवर्तन
(v) लवण ।

Bihar Board Class 7 Science Solution प्रश्न 2.
मिलान कीजिए –
Bihar Board Class 7 Science Solution
उत्तर:
(i) (c)
(ii) (d)
(iii) (e)
(iv) (a)
(v) (b)

Bihar Board Class 7 Science Book Solutions प्रश्न 3.
अम्लों एवं क्षारों के बीच अंतर बताइए।
उत्तर:
अम्ल खट्टे होते हैं, नीले लिटमस को लाल कर देते हैं। क्षार के साथ अभिक्रिया कर लवण और जल बनाते हैं।
HCl + NaOH → NaCl + H2O
क्षार का स्वाद कड़वा होता है ये लाल लिटमस पत्र को नीला कर देता है। अम्ल के साथ प्रतिक्रिया कर लवण और जल बनाता।।
HCI + NaCl + H2O

अम्ल क्षार और लवण Class 7 Bihar Board प्रश्न 4.
एक प्रयोगशाला में शिक्षक ने अम्ल और क्षार के 1.1 लीटर विलयन (घोल) बनाकर रखा। अम्ल के विलयन की दस बंदों से क्षार की दस बूंदों का उदासीनीकरण होता था। गलती से दोनों में से एक विलयन में पानी गिर गया। जब फिर से उदासीनीकरण किया गया तो अम्ल की 10 बूंदों के लिए क्षार की 15 बूंदें लगी। बताएँ कि पानी किस घोल में गिर गया था और कितना पानी गिरा होगा?
उत्तर:
पानी क्षार में गिरा क्योंकि अम्ल को उदासीन करने के लिए ज्यादा क्षार की आवश्यकता होती है। 10 बूंद अम्ल को उदासीन करने के लिए 15 बूंद क्षार लगते हैं।
1 बूंद अम्ल को उदासीन करने के लिए \(\frac { 15 }{ 10 }\) = 1.5 बूंद ।
अर्थात् 11/2 गुना अधिक क्षार लगते हैं।
1.1 लीटर × \(\frac { 3 }{ 2 }\) = \(\frac { 11\times 3 }{ 10\times 2 } \) = \(\frac { 33 }{ 20 }\)
= 1.65 लीटर
अर्थात् 1.65 – 1.1 = 55 लीटर पानी गिरा होगा।

अम्ल क्षार एवं लवण प्रश्न उत्तर Bihar Board प्रश्न 5.
ऐसा क्यों होता है –

(i) जब आप अति अम्लता से पीड़ित होते हैं, तो प्रति अम्ल की गोली लेते हैं।
उत्तर:
अम्ल की मात्रा बढ़ जाने पर हमें प्रति अम्ल की गोलो अर्थात् क्षारीय गोली लेनी पड़ती ताकि अम्ल को क्षार उदासीन कर सकता है।

(ii) जब चींटी काटती है, तो त्वचा पर कैलेमाइन का विलयन लगाया जाता है।
उत्तर:
चींटी काटती है तो फार्मिक अम्ल त्वचा पर छोड़ देता है जिसे जलन और फोले पर जाते हैं कैलोमाइन का विलयन क्षारीय होता है जिसे लगाने पर उदासीन कर देता है और जलन कम हो जाती है।

(iii) कारखाने के अपशिष्ट को नदियों में बहाने से पहले उसे उदासीन किया जाता है।
उत्तर:
कारखानों के अपशिष्ट अम्लीय होते हैं। ये नदियों में मिलने पर जलीय जंतुओं को क्षति होती है। उनकी मृत्यु हो जाती है। इसलिए अपशिष्ट को उदासीन किया जाता है।

(iv) ताजमहल की सुन्दरता नष्ट होती जा रही है।
उत्तर:
वायुमंडल में CO2 की मात्रा बढ़ रही है। CO2 नमी के साथ अभिक्रिया कर कार्बनिक अम्ल बनाता है। वर्षा के फलस्वरूप नीचे गिरता है और ताजमहल को अम्लीय वर्षा से सुन्दरता नष्ट होते जा रही है। कारखानों से SO2 की मात्रा निकलती है। जल साफ अम्ल बनाता है और अम्लीय वर्षा के कारण सुन्दरता नष्ट होती है।

Bihar Board Class 7 Science Solution In Hindi प्रश्न 6.
उदासीनीकरण की प्रक्रिया के दो उदाहरण देते हुए समझाइए।
उत्तर:
विलियन जब न तो अम्लीय होता है और क्षारीय तो इस क्रिया को उदासीनीकरण कहते हैं। जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में सोडियम हाइड्रोक्साइड डाला जाता है तो एक नया पदार्थ बनता है जो न अम्लीय होता है और न क्षारीय लवण बनता है। अतः यह उदासीनीकरण क्रियाकरण है।

इसी प्रकार जब चूने जल में सल्फ्यूरिक अम्ल मिलाते हैं तो कैल्शियम सल्फेट के लवण बनते हैं जो न अम्लीय होते हैं और न क्षारीय । बने दोनों लवणों में जब सूचक डालते हैं तो उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता और तब कहते हैं कि लवण उदासीन है।

अम्ल क्षार एवं लवण कक्षा 7 Pdf Bihar Board प्रश्न 7.
तीन बोतलों में अम्ल, क्षार और उदासीन विलयन दिये गये हैं। परन्तु इन बोतलों पर विलयन का नाम नहीं लिखा गया है । हल्दी पत्र द्वारा विलयन की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर:
तीनों बोतलों पर A, B और C लिखकर चिपका देते हैं। बोतल A लेते हैं उसमें हल्दी-पत्र डालते हैं अगर कोई परिवर्तन नहीं होता है तो – समझते हैं कि अम्ल है, बोतल B में हल्दी के पत्र डालते हैं तो यदि रंग परिवर्तन, लाल हो जाता है तो बोतल में क्षार है। अब C बोतल में हल्दी पत्र डालते तो कोई प्रभाव नहीं हो तो वह उदासीन है या अम्ल कहना मुश्किल है। अत: A और C में विलयन की जाँच लिटमस पत्र डालकर करते हैं। यदि नीले लिटमस पत्र डालते हैं जिस बोतल में लाल हो जाता है वह अम्ल और जिस पर प्रभाव नहीं पड़ता है उदासीन विलयन है।

Lesson 12 Science Class 7 Bihar Board प्रश्न 8.
क्या आसुत जल अम्लीय/क्षारीय/उदासीन होता है ? आप इसकी पुष्टि कैसे करेंगे?
उत्तर:
जब आसुत जल में नीले लिटमस पत्र और लाल लिटमस पर डालकर देखते हैं। यदि नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है तो समझते हैं कि आसुत अम्लीय और लाल लिटमस को नीला कर देता है तो क्षार और कोई प्रभाव नहीं पड़ता है तो उदासीन है। आसुत जल नीले लिटमस को लाल कर देता है अतः अम्ल है।

Bihar Board Class 7 Science Book प्रश्न 9.
नीले लिटमस पत्र को एक विलयन में डुबोया गया। यह नीला ही रहता है। विलयन की प्रकृति क्या है ? समझाएँ।
उत्तर:
विलयन या तो क्षारीय है या उदासीन हो सकता है।

Bihar Board Class 7 Science अम्ल, क्षार एवं लवण Notes

अम्ल खट्टा होता है । यह नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है । अम्ल और क्षार मिलकर लवण बनाते हैं। नींबू संतरा का रस अम्लीय होते हैं । क्षार का स्वाद कड़वा होता है। क्षार और अम्ल मिलकर लवण बनाते हैं। साबुन क्षारीय होता है। वैसे पदार्थ जिसके द्वारा किसी पदार्थ के अम्लीय एवं क्षारीय होने का पता लगाया जाता है । सूचक कहलाता है। लिटमस पत्र, फिनाफ्थलीन, मिथाइल ऑरेंज हल्दी पत्र, उड़हल के पुष्प सूचक हैं।

प्रकृति में अम्ल की सूची –

Bihar Board Class 7 Science Book

जब किसी अम्लीय विलयन में क्षारीय विलयन मिलाया जाता है तो दोनों विलयन एक-दूसरे के प्रभाव को उदासीन कर देते हैं। अम्ल और क्षार को एक-दूसरे को एक निश्चित मात्रा में आपस में मिलाने पर विलयन की प्रकृति न तो अम्लीय रहती है और न क्षारीय । दूसरे शब्दों में अम्ल और क्षार दोनों की ही प्रकृति लुप्त हो जाती है। इस प्रकार बना विलयन न तो अम्लीय रहता है और न ही क्षारीय । इस क्रिया को उदासीनीकरण कहते हैं।

अम्ल + क्षार → NaCl + H2O + ऊष्मा

(हाइड्रोक्लोरिक अम्ल) (सोडियम हाइड्राक्साइड) सोडियम क्लोराइड जल सभी उदासीन विलयन लवण नहीं होते हैं। जैसे शक्कर का विलयन या स्टार्च का विलयन उदासीन है लेकिन शक्कर और स्टार्च लवण नहीं है।

अमाशय में अम्ल को अधिक मात्रा हो जाने पर अपाचन हो जाता है। मैग्नेशियम हाइड्रॉक्साइड का प्रयोग कर अम्ल के प्रभाव को खत्म किया जाता है।

रासायनिक उर्वरकों का ज्यादा प्रयोग करने से मिट जातीय या तो धारीय हो जाता है और पौधे की वृद्धि कम हो जाती है। मिट्टी । होने पर कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड या ऑक्साइड का प्रयोग करते हैं और मिट्टी क्षारीय हो तो जैव पदार्थ मिलाए जाते हैं। नदियों तालाबों में जब कारखानों के पानी मिलते हैं तो मछलियाँ मरने लगती है क्योंक पानी अम्लीय हो जाता है। दाँतों का क्षय होता अम्ल का कारण है।