Bihar Board Class 8 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 3 Chapter 8 खाद्य सुरक्षा Text Book Questions and Answers, Notes.
BSEB Bihar Board Class 8 Social Science Civics Solutions Chapter 8 खाद्य सुरक्षा
Bihar Board Class 8 Social Science खाद्य सुरक्षा Text Book Questions and Answers
पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
क्या खेतों में काम करके रामू को नियमित आय होती होगी ? क्या इस आय से वह पर्याप्त भोजन की व्यवस्था कर पाता होगा? चर्चा करें।
उत्तर-
नहीं, रामू को खेतों में काम करके नियमित आय नहीं होती होगी। वह लगभग हजार रुपये प्रति वर्ष कमाता है । इस क्षुद्र आय से वह अपने परिवार के लिए पर्याप्त भोजन की व्यवस्था कभी नहीं कर पाता होगा ।
प्रश्न 2.
कमला की बीमारी और उसके छोटे से बच्चे के मृत्यु का क्या कारण
उत्तर-
कमला की बीमारी और उसके छोटे से बच्चे के मृत्यु का कारण कुपोषण है।
प्रश्न 3.
सोमू अपनी उम्र से छोटा क्यों दिखता है ?
उत्तर-
कुपोषण के कारण ।
प्रश्न 4.
रामू और उसके परिवार को लम्बे समय तक पर्याप्त भोजन क्यों नहीं मिल पाता है ? ऐसा क्यों है कि पीढ़ी दर पीढ़ी इस परिवार के लोग कमजोर पैदा होते हैं ?
उत्तर-
नियमित रोजगार न होने से पास में जरूरी पैसा के न होने के कारण रामू और उसके परिवार को लम्बे समय तक पर्याप्त भोजन नहीं मिल पाया । अभाव से रामू का परिवार कुपोषण का शिकार है। इसी कुपोषण के कारण पीढ़ी दर पीढ़ी इस परिवार के लोग कमजोर पैदा होते हैं।
प्रश्न 5.
सरला जता से ही कमजोर क्यों है ?
उत्तर-
सरला की माँ भी कुपोषण का शिकार थी। कुपोषित माँ की संतान होने से ही सरला जन्म से ही कमजोर थी।
प्रश्न 6.
किन चीजों की कमी के कारण कुपोषण होता है ?
उत्तर-
पौष्टिक भोजन जैसे दूध, घी, फल व उचित मात्रा में भोजन न मिल पाने के कारण कुपोषण होता है।
प्रश्न 7.
कुपोषण के क्या-क्या लक्षण होते हैं ?
उत्तर-
कुपोषण के लक्षण
- शरीर की वृद्धि का रुक जाना ।
- खून की कमी का होना ।
- मांसपेशियाँ ढीली होना या सिकुड़ जाना।
- शरीर का वजन कम होना ।
- हाथ-पर पतले और पेट बड़ा होना ।
- शरीर में सूजन होना।
- कमजोरी महसूस करना ।
प्रश्न 8.
पुरुषों के मुकाबले, महिलाएँ अधिकतर कुपोषण से क्यों ग्रसित होता
उत्तर-
महिलाएँ घर का ज्यादातर काम करती हैं और दिन-रात काम करती रहती हैं। उस अनुपात में उन्हें उचित पौष्टिक आहार न मिलने से वे अधिकतर कुपोषण ग्रसित हो जाती हैं।
प्रश्न 9.
कुपोषण जैसी समस्या से निपटने के लिए हमें क्या करना चाहिए? शिक्षिका के साथ चर्चा कीजिए।
उत्तर-
कुपोषण जैसी समस्या से निपटने के लिए सबसे जरूरी है कि हर व्यक्ति के पास उचित और सम्मानजनक काम हो । उस काम से उन्हें निश्चित और नियमित आय हो जिससे वे अपने परिवार को उचित और पौष्टिक भोजन दे पाएँ । यही कुपोषण जैसी समस्या से निपटने के लिए प्रथम शर्त है। द्वितीय, सरकार बिना काम या कम आय वाले लोगों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध करवाए । यह लोगों का मौलिक अधिकार भी है।
प्रश्न 10.
आप अपने पड़ोस के आंगनबाड़ी केन्द्र जाकर निम्न सूचना एकत्र कर एक रिपोर्ट तैयार कीजिए।
- बच्चों एवं महिलाओं का वजन क्यों लिया जाता है?
- वहाँ लोग किस प्रकार का आहार लेते हैं ?
- आंगनबाड़ी केन्द्र का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
उत्तर-
संकेत – यह परियोजना कार्य है। आपको स्वयं करना है।
प्रश्न 11.
अपनी शिक्षिका व अपने घर के बड़े-बूढ़ों से जानकारी इकट्ठा करके अपने आसपास की ऐसी योजनाओं के बारे में पता लगाइये जिससे लोगों को रोजगार व आय की प्राप्ति हो रही है।
उत्तर-
बेरोजगारी का कुपोषण से सीधा-सीधा संबंध है। बेरोजगारी यानी आय से यानी पैसों से वंचित होना । बिना पैसों के पौष्टिक क्या साधारण पेट भर भोजन भी नहीं जटता तो फिर कपोषण होगा ही होगा।
प्रश्न 13.
लोगों को रोजगार दिलाने का दायित्व सरकार का क्यों होना चाहिए? अपने संविधान में दिए गए अधिकारों/प्रावधानों को ध्यान में रखकर इसका उत्तर दें।
उत्तर-
खाद्य सुरक्षा पाना लोगों का मौलिक अधिकार है। यह अधिकार उन्हें भारत का संविधान देता है । अतः खाद्य सुरक्षा के लिए लोगों को रोजगार दिलाने का दायित्व सरकार का है।
प्रश्न 14.
क्या आपके घरों में भी अनाज का भंडारण किया जाता है ? अगर हाँ, तो इसका क्या उद्देश्य है?
उत्तर-
हाँ, हमारे घरों में भी अनाज का भंडारण किया जाता है। इसका उद्देश्य होता है कि अनाज खरीदने के लिए बार-बार खुदरा बाजार न जाना पड़े और थोक में अनाज सस्ते में मिल जाता है।
प्रश्न 15.
सरकार बफर स्टॉक क्यों बनाती है ?
उत्तर-
थोक में सस्ते में अनाज खरीदने के लिए । जब फसल नहीं हो तो यही बफर स्टॉक देश की जनता के काम में आता है विशेषकर गरीब व कम आय प्राप्त करने वाली जनता को
प्रश्न 16.
उचित मूल्य की दुकानों तक अनाज कैसे पहुँचता है ? अपने शब्दों में लिखिये।
उत्तर-
सरकार उत्पादकों से अनाज खरीदकर बफर स्टॉक में जमा करती है। गोदामों में अनाज का भंडारण करती है और उन गोदामों से उचित मूल्य की दूकानों तक पहुँचाती है।
प्रश्न 17.
क्या आपने कभी इस तरह की परिस्थिति देखी है ?
उत्तर-
हाँ, राशन दुकानों में सामान न होने की परिस्थिति मैंने कई बार देखा है।
प्रश्न 18.
आपके विचार में क्या दुकानदार सच बोल रहा है?
उत्तर-
नहीं, राशन दुकानदार अधिकतर झूठ ही बोलते हैं।
प्रश्न 19.
क्या आपके परिवार के पास राशन कार्ड है ?
उत्तर-
हाँ।
प्रश्न 20.
इस राशन कार्ड से आपके परिवार में हाल में कौन-कौन-सी चीज खरीदी है ?
उत्तर-
बस किरासन तेल ही मिलता है हमें।
प्रश्न 21.
क्या आपके परिवार को राशन की चीजें लेने में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है ? उनसे पता लगाएँ।
उत्तर-
हाँ, राशन दुकानदार या तो समान नहीं है कहेगा या फिर कभी कुछ राशन देगा भी तो खराब क्वालिटी का।
प्रश्न 22.
आपकी समझ से राशन की दुकानें क्यों जरूरी हैं ?
उत्तर-
जनता को राशन उचित दर पर घर-घर पहुँचाने के लिए हर मुहल्ले में राशन की दूकानें जरूरी हैं।
प्रश्न 23.
अपने इलाके की राशन की दुकान पर जाएँ और ये जानकास्यिाँ
प्राप्त करें।
- राशन की दुकान कब खलती है?
- वहाँ पर कौन-कौन-सी चीजें बेची जाती हैं ?
- वहाँ किस-किस तरह के कार्डधारी आते हैं?
- वहाँ राशन कहाँ से आता है ?
- क्या इन दुकानों से सभी कार्डधारियों के लिए एक समान मूल्य होता है ?
- क्या राशन की दूकान और खुले बाजार की सामग्रियों की गुणवत्ता एवं मूल्य में अंतर होता है ? पता लगाइए।
- लक्षित जन वितरण प्रणाली के अन्तर्गत ए. पी. एल., बी.पी.एल, अन्त्योदय,’वृद्ध लोगों के लिए अन्नपूर्णा योजना संचालित की जाती हैं। अपनी शिक्षिका से इस विषय पर जानकारी एकत्रित कीजिये। ।
- निर्धन और गैर निर्धन के लिए चीजों का अलग-अलग मूल्य रखने में, क्या कोई व्यावहारिक कठिनाई हो सकती है ? कारण सहित समझाइये।
उत्तर-
- राशन दुकान सुबह-शाम निश्चित समय पर खुलती है।
- किरासन तेल, चावल, गेहूँ, चीनी आदि ।
- ए.पी.एल., बी.पी.एल., अन्त्योदर कार्डधारी आते हैं।
- वहाँ राशन सरकारी गोदामों से आता है।
- नहीं, हर कार्डधारी के लिए अलग मूल्य होता है।
- हाँ, खुले बाजार की वस्तुओं की गुणवत्ता अच्छी होती है, राशन दुकान में अधिकतर खराब गुणवत्ता के सामान ही मिलते हैं।
- सामान्य लोगों के लिए ए.पी.एल. कार्ड होते हैं जबकि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए बी.पी.एल. कार्ड होते हैं।
- गह तय करना ही पहले तो संभव नहीं होता कि निर्धन कौन है और गैर निर्धन कौन । कई बार तो समर्थ लोग भी निर्धन का कार्ड हासिल कर लेते हैं। वैसे दोनों श्रेणी के लिए अलग-अलग चीजों का अलग-अलग मूल्य रखने में कोई व्यावहारिक कठिनाई नहीं आनी चाहिए । इच्छा शक्ति और धैर्य हो
दुकानदारों में तो सब संभव हो सकता है।
प्रश्न 24.
क्या आपको लगता है कि सरकार का गरीबों का स्वास्थ्य सुरक्षित कराने का यह तरीका सही है? कारण सहित समझाइए।
उत्तर-
नहीं, राशन दुकानें सही ढंग से काम नहीं करतीं। उन पर निगरानी रखने वाले लोग भी भ्रष्ट ही होते हैं।
प्रश्न 25.
क्या ऐसा भी किया जा सकता है कि कम दामों पर खाद्य सुरक्षा सार्वजनिक रूप से सभी लोगों को उपलब्ध करायी जाए? इसके लाभ तथा नुकसान पर अपनी शिक्षिका के साथ चर्चा कीजिए।
उत्तर-
ऐसा किया जा सकता है। इसका लाभ होगा कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उन्हें भी उचित दर पर राशन मिलेगा। नुकसान यह है कि समर्थ व्यापारी ज्यादा राशन सस्ते दाम पर खरीद कहीं कालाबाजारी का धंधा कर राशन और महँगा न कर दें।
प्रश्न 26.
क्या कुछ लोग गलत तरीकों से अपने-आपको इस रेखा के नीचे प्रमाणित करने की कोशिशें करते होंगे?
उत्तर-
ऐसा तो बहुत लोग करते हैं। हमारे गाँव में तो मुखिया के परिवार में सभी लोगों के पास गरीबों को मिलने वाला लाल कार्ड है।
अभ्यास-प्रश्न
प्रश्न 1.
ऐसे कौन से लोग हैं जो खाद्य सुरक्षा से सर्वाधिक ग्रस्त हो सकते
उत्तर-
जिनके पास रोजगार नहीं है और न ही कोई राशन कार्ड है। खेतिहर मजदूर और अनियमित मजदूरी पाने वाले श्रमिकों के साथ भी यही स्थिति है। वे भी खाद्य सुरक्षा से सर्वाधिक ग्रस्त हैं।
प्रश्न 2.
राशन की दुकान होना क्यों जरूरी है ? समझाइये।
उत्तर-
सरकार तो घर-घर स्वयं जाकर सबको राशन नहीं पहँचा सकती। उसे भी इस काम के लिए किसी एजेंसी की जरूरत पड़ेगी। राशन . की दूकान सरकारी एजेंसी के रूप में कार्य करती है। जन-जन तक राशन की पहुँच होने के लिए राशन की दूकानें होना जरूरी है।
प्रश्न 3.
लोगों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली द्वारा खाद्य उपलब्ध कराने के अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा के लिए और क्या-क्या उपाय किये जा सकते हैं ? शिक्षक के साथ चर्चा कीजिए।
उत्तर-
खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए सरकार तमाम लोगों को, विशेषकर बेरोजगारों को लक्षित कर, उन्हें उचित रोजगार दिलाकर उन्हें खाद्य सुरक्षा प्रदान कर सकती है। साथ ही, बाजार पर नियंत्रण कर खाद्य वस्तुएँ उचित दर पर आम लोगों को उपलब्ध कराने से भी यह काम हो सकता है।
प्रश्न 4.
खाद्य सुरक्षा से आप क्या समझते हैं ? यह सभी लोगों के लिए क्यों जरूरी है ?
उत्तर-
लोगों को अपना जीवन-यापन करने के लिए जरूरी राशन मिले। इतनी क्रय-शक्ति उनकी हा कि वे अपने परिवार के लिए राशन खरीद सकें – बाजार से या राशन दुकान से । इसी को खाद्य सुरक्षा कहते हैं। यह सभी लोगों के लिए बेहद जरूरी है। बिना खाद्य पदार्थ के वे जी कैसे पाएँगे और कम खाद्य पदार्थ मिलने से वे कुपोषण का शिकार हो जाएँगे।
प्रश्न 5.
कुपोषण क्या है ? कुपोषण से लोगों पर किस-किस तरह के असर पड़ते हैं ?
उत्तर-
शरीर को पूरी खुराक न मिल पाना ही कुपोषण है । कुपोषण से लोगों का स्वास्थ्य खराब हो जाता है । वे कई बीमारियों के शिकार हो असमय ही काल-कवलित हो जाते हैं । कुपोषित लोगों की पीढ़ी दर पीढ़ी कुपोषित हो जाती है।
प्रश्न 6.
आपके क्षेत्र में सरकार द्वारा लोगों को रोजगार देने के लिए कौन-कौन-सी योजनाएं चलाई जा रही हैं ? आपके विचार में इनमें से किस योजना का लाभ लोगों को सबसे अधिक हो रहा है और क्यों?
उत्तर-
महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत हमारे क्षेत्र में कई गरीब लोगों को रोजगार मिल रहा है।
प्रश्न 7.
भारत में अनाज की मात्रा पर्याप्त होने के बावजूद कई लोगों को भरपेट भोजन क्यों नहीं मिल पाता? अपने शब्दों में समझाइये।
उत्तर-
भारत में अनाज की मात्रा में तो कोई कमी नहीं है । पर, सरकारी गोदामों में लाखों टन अनाज सड़ते रहते हैं। राशन दूकान वालों तक अच्छा अनाज पहुँचते भी हैं तो अच्छा अनाज वे बेच खाते हैं और लोगों को खराब अनाज खरीदकर देते हैं ।
इस खेल में उनकी जेब गर्म होती है । खुले बाजार में भी काफी राशन रहती है फिर भी बड़े व्यापारी कालाबाजारी करने के लिए काफी खाद्य सामग्री छुपाकर संग्रहित किये रहते हैं। इसी कारण, भारत में अनाज की मात्रा पर्याप्त होने के बावजूद कई लोगों को भरपेट भोजन नहीं मिल पाता।
प्रश्न 8.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली क्या है ? एक उदाहरण देकर समझाइये।
उत्तर-
सरकार द्वारा राशन दुकानों के माध्यम से लोगों तक सस्ते दर पर अनाज उपलब्ध करवाना, सार्वजनिक वितरण प्रणाली कहलाता है।
प्रश्न 9.
भारत में अपनाई जाने वाली सार्वजनिक वितरण प्रणाली में किस प्रकार की समस्याएँ हैं ? आपके विचार में इन्हें हल करने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर-
भारत में अपनाई जाने वाली सार्वजनिक वितरण प्रणाली के साथ बड़ी समस्याएँ हैं। सरकार द्वारा सरकारी गोदामों से राशन दुकान तक अनाज़ समय पर पहुंचाने की व्यवस्था होनी चाहिए। इस मामले में राज्य स्तर पर लोकपाल नियुक्त कर राशन दुकानों की निगरानी करवानी चाहिए कि वे सही अनाज सही लोगों को सही दर पर ही दें।