Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 16 खेमा

Bihar Board Class 8 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 3 Chapter 16 खेमा Text Book Questions and Answers, Summary.

BSEB Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 16 खेमा

Bihar Board Class 8 Hindi खेमा Text Book Questions and Answers

प्रश्न – अभ्यासा

पाठ से

Bihar Board Class 8 Hindi Solution In Hindi प्रश्न 1.
खेमा कसारा के हटोल पर काम क्यों करता था ?
उत्तर:
खेमा एक गरीब बाप का बेटां था । बाप अपने चार बच्चों को
भरण-पोषण के भार से बचने के लिए सबको बेच लिया था। खेमा को कसारा ने खरीद लिया था। इसलिए खेमा कसारा के होटल में काम करता था।

बिहार बोर्ड क्लास 8 हिंदी सलूशन Bihar Board प्रश्न 2.
खेमा द्वारा चप्पल की माँग करने पर कसारा ने क्या जवाब दिया ?
उत्तर:
“मेरे पैर जलते हैं। चप्पल ला दो काका ………….।”
यह कहते हुए खेमा ने जब चप्पल की माँग किया तो कसारा ने जवाब देते हुए कहा-“अभी रख दूँगा चप्पलें सिर पर, चल अपना काम कर, बड़ा आया चप्पलें पहनने वाला।” – यह सुनकर खेमा निराश भी हो गया।

Bihar Board Class 8 Hindi Book Solution प्रश्न 3.
अपने पैरों पर पानी गिराने से खेमा को तसल्ली क्यों मिलती थी?
उत्तर:
गर्मी की मौसम था, खेमा के खाली पैर जलता था, कसारा सेचप्पल माँगने पर डाँट पड़ी। अत: खेमा अपने पैर के जलन दूर करने के लिए पानी डालता था।

किसलय हिंदी बुक बिहार क्लास 8 Solution Bihar Board प्रश्न 4.
किन परिस्थितियों में खेमा के पिता ने उसे बेच दिया था ?
उत्तर:
खेमा के पिता गरीब था। अपने बच्चों को वह भरण-पोषण करने में सक्षम नहीं था ।
अंतः अन्य भाईयों की तरह ही खेमा को भी बेचकर अपने दायित्व से मुक्त हो गया था।

Bihar Board Class 8 Hindi Solutions प्रश्न 5.
जब लेखक ने खेमा के पिता से कहा कि वे खेमा को अपने साथले जाकर पढ़ाना चाहते हैं तब उसकी आँखें क्यों भर आई ? अपना विचार दीजिए।
उत्तर:
जब लेखक ने खेमा के पिता से कहा कि वे खेमा को अपने साथ ले जाकर पढ़ाना चाहते हैं तब उसकी आँखें भर आई क्योंकि उसके मन में अपने संतान के प्रति अनुराग जाग गया । हरेक पिता का अरमान होता है कि वह पढ़-लिखकर कुछ करेगा। बड़ा आदमी बनेगा । लेकिन वह तो अपने अरमानों का गला घोट चुका था । वह खेमा को चन्द रुपये में बेच दिया था। इसी कारण से खेमा के पिता के आँखों में पानी भर गया।

पाठ से आगे

Bihar Board Solution Class 8 Hindi प्रश्न 1.
“खेमा” कहानी पढ़कर आपके दिमाग में कौन-कौन से प्रथम उठ रहे हैं ?
उत्तर:
इस कहानी को पढ़कर हमारे दिमाग में अनेक प्रश्न उठ रहे हैं।
जैसे:

  1. मनुष्य अपने संतान को क्यों बेचता है?
  2. क्या संतान के भरण-पोषण के दायित्व से बचना पिता का कर्त्तव्य है ? संतान बेचने वाला मनुष्य क्या पशु नहीं ?

क्या “बाल-मजदूरी” रोकने के लिए सरकार को कड़ा कदम नहीं उठाना चाहिए इत्यादि।

Class 8 Hindi Chapter 16 Bihar Board प्रश्न 2.
कसारा से चप्पल माँगने पर खेमा को फटकार लगी, उसके बावजूद वह काम करने लगा। आप रहते तो क्या करते?
उत्तर:
खेमा की जगह हम रहते तो वही करते जो खेमा कर रहा था। काम नहीं करने पर कसारा हमें डाँटता, गाली देता, पीटता और खाना भी नहीं देता । इन सबों से बचने के लिए खेमा की तरह हम भी सब कुछ बर्दास्त करते हुए काम करते रहता।।

Class 8 Hindi Chapter 16 Question Answer Bihar Board प्रश्न 3.
कसारा का होटल छोड़ने के बाद खेमा के जीवन में किस प्रकार का . परिवर्तन आया होगा? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
कसारा का होटल छोड़ने के बाद खेमा के जीवन में अनेक परिवर्तन आया होगा । जैसे

  1. वह संतुष्ट होगा ।
  2. वह पढ़ाई पर खूब ध्यान देता होगा।
  3. उसके खान-पान, रहन-सहन सब में परिवर्तन होगा ।
  4. उसके हौसले बढ़ गये होंगे।

Bihar Board 8th Class Hindi Book प्रश्न 4.
बाल मजदूरी की तरह अन्य कुप्रथाएँ भी प्रचलित हैं। उन पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
बाल मजदूरी की तरह हमारे समाज में कई कुप्रथाएँ प्रचलित हैं। जैसे – बाल विवाह, जाति प्रथा, विधवा बनकर जीवन बिताना आदि सभी कुप्रथाएँ हैं। इन सबों पर कानूनी रूप से रोक लगना चाहिए। उपरोक्त कुप्रथाएँ से समाज का विकास सम्भव नहीं है।

Bihar Board Class 8 Hindi Solution प्रश्न 5.
बाल मजदूरी समाप्त करने के लिए सुझाव दीजिए।
उत्तर:
बाल मजदूरी को समाप्त करने के लिए मेरा सुझाव है कि

  1. बाल-मजदूर रखने वालों को कड़ी-से-कड़ी सजा दिया जाय ।
  2. गरीब बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के लिए विशेष योजना तैयार हो ।
  3. गरीब लोग जो अपने बाल-बच्चों को नहीं पढ़ाते उनके बाल-बच्चों को धन-पान लोग गोद लेकर उसके पढ़ाई की व्यवस्था करें।
  4. गरीब माता-पिता को भी आर्थिक मदद देकर बच्चों को बेचने या बाल-मजदूर बनने से रोका जा सकता है।

गतिविधि

Bihar Board Class 8th Hindi Solution प्रश्न 1.
अपनी दिनचर्या की तुलना खेमा की दिनचर्या से कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

Bihar Board Hindi Class 8 प्रश्न 2.
‘खेमा’ कहानी में आये निम्नलिखित प्रसंगों में से किसी एक पर चित्र – बनाइए।

  1. कसारा के होटल पर काम करते हुए खेमा।
  2. कसारा के पैर दबाते हुए खेमा।
  3. जलते हुए अपने पैर पर पानी डालते हुए खेमा।

उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

Class 8 Bihar Board Hindi Book प्रश्न 3.
अपने आस-पड़ोस के किसी बाल मजदूर से बात कर यह पता
कीजिए कि किन कारणों से वह बाल मजदूर बना।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

खेमा Summary in Hindi

संक्षेप खेमा मात्र आठ-नौ वर्ष का बाल-श्रमिक है। गेहूँआ रंग, साढ़े तीन फीट की लम्बाई, खाकी निकर और पैबन्द लगी कमीज, तुतली बोली वाला वह बच्चा कसारा के चाय दुकान में काम करता है।

मालिक कसारा चाय बनाता है और खेमा ग्राहकों को चाय पहुँचाता है फिर गलास को धोकर टेबुल पर रखता था । खेमा दुकान खुलने से लेकर दुकान बंद होने तक कसारा के हरेक आज्ञा का पालन करता है। अगर कंसारा डाँटता या गाली भी देता तो खेमा चुपचाप अपने काम में लगा रहता था। एक दिन खेमा ने कसारा से कहा ‘काका पैर जलता है चप्पल ला दो।”

खेमा की बात सुनकर कसारा बौखलाया और कहा-“अभी रख दूँगा -चप्पल सिर पर, चल अपना काम कर, बड़ा आया चप्पलें पहनने वाला।”

गर्मी का समय था, नंगा पैर जब जलने लगता तो पैर पर पानी डालकर वह पैर के जलन को दूर करता था। खेमा ग्राहकों की भी भद्दी-भद्दी गालियाँ सुनकर चुपचाप अपना काम करता रहता था। अगर कसारा खाते-खाते उठ जाता तो खेमा उस जुठे खाना खाकर अपनी भूख मिटा लिया करता था।

प्रायः दोपहर में जब ग्राहकों का आना बंद हो जाता था तब कसारा सो जाता । कसारा के सो जाने पर भी खेमा नहीं सोता बल्कि बैठकर कभी-कभी झपकी ही मार लेता । रात्रिकालीन भोजन कर खेमा अपने मालिक कसारा का पैर दबाता फिर दोनों सो जाते । दूसरे दिन फिर वही बात। ..

दो मास पूर्व कसारा ने उस बालक को खरीदकर लाया था । कसारा उसे पीटता भी था। खेमा सब कुछ सह लेता था। एक रोज जब कसारा दुकान में नहीं था लेखक ने खेमा से पूछा तुम्हारा सेठ तुमको कितना पैसा देता है। खेमा ने कहा मैं नहीं जानता हूँ। लेखक ने फिर पूछा, क्या स्कूल नहीं जाते ?

खेमा ने उत्तर दिया-पढ़ाई का मन तो करता है, लेकिन बापू स्कूल नहीं भेजते । लेखक ने पुनः पूछा-क्या तुम अपने मालिक से खुश हो? उत्तर में खेमा कुछ जवाब नहीं देता है। लेखक खेमा के घर जाकर उसके पिता से. खेमा को पढ़ाई-लिखाई करवाने के लिए माँगा।

खेमा का बाप रोते हुए कहा-“ठीक है पर कसारा का रुपया लौटाना होगा । लेखक रुपया देने की बात कहता है । खेमा का पिता कसारा के पास रुपया वापस किया तब खेमा को कसारा से छुटकारा मिला।

खेमा लेखक के शरण में आ जाता है । वह लेखक की सेवा तथा सब काम करना चाहता है लेकिन लेखक उसे केवल पढ़ाई पर जोड़ देने की बात कहते हैं।

Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 11 सरजू भैया

Bihar Board Class 6 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 1 Chapter 11 सरजू भैया Text Book Questions and Answers and Summary.

BSEB Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 11 सरजू भैया

Bihar Board Class 6 Hindi सरजू भैया Text Book Questions and Answers

प्रश्न-अभ्यास

पाठ से –

सरजू भैया रेखाचित्र Bihar Board Class 6 प्रश्न 1.
सरजू भैया को जिन्दादिल क्यों कहा गया है ?
उत्तर:
सरजू भैया को जिन्दादिल इसलिए कहा गया क्योंकि वे दुबले-पतले गरीब होते हुए भी मिलनसार, मजाकिया, हँसोड़, दयालु तथा परोपकार करने में सदैव तत्पर रहते थे।

सरजू भैया की कितनी संताने थी Bihar Board Class 6 प्रश्न 2.
लेन-देन के व्यवसाय में सरजू भैया क्यों सफल नहीं हो सकते थे?
उत्तर:
लेन-देन के व्यवसाय में सरजू भैया इसलिए सफल नहीं हो सकते थे क्योंकि उनमें तना करुणा-दया था कि रुपया लेने वाला जब उनके सामने आँसू बहाने लगता तो दयावश उससे मूलधन भी नहीं माँगते थे। अतः ऐसा व्यक्ति लेन-देन के व्यवसाय में कभी सफल नहीं होता।

सरजू भैया संस्मरण में सरजू भैया के कितनी संतानें थीं Bihar Board Class 6 प्रश्न 3.
चतुर, फुर्तीले और काम-काजू आदमी होते हुए भी सरजू भैया सुखी-संपन्न क्यों नहीं रह सके?
उत्तर:
सरजू भैया चतुर, फुर्तीले और काम-काजू आदमी होते हुए भी सुखी संपन्न नहीं रह सके क्योंकि सरजू भैया की दूसरे के काम से ही फुर्सत नहीं मिलती थी। किसी के घर में कोई बीमार पड़ा तो वैद्य या डॉक्टर बुलाने का काम सरजू भैया करते, किसी को बाजार से सौदा लोना है-सरजू भैया लाते, किसी को किसी सम्बन्धी का खोज-खबर लेनी है, सरजू भैया को भेजा जाता था।

किसी को कोर्ट का काम है, सरजू भैया तैयार रहते । अर्थात् गाँव भर के लोगों का बोझ सिर पर लेकर अपना खेत-घर को मटियामेट कर दिया। भला ऐसा लोग कैसे सुखी-सम्पन्न होगा जिनका जीवन परोपकार में ही बीतता हो।

सरजू भैया कहानी के लेखक Bihar Board Class 6  प्रश्न 4.
सरजू भैया ने सादे कागज पर अंगूठे का निशान क्यों बनाया ?
उत्तर:
सरजू भैया सूदखोर महाजन के कहने पर सादे कागज पर अंगूठे का निशान इसलिए बना दिया क्योंकि वे रुपया गाँठ में बाँध चुके थे वे महाजन के व्यवहार से आश्चर्यचकित थे। जो महाजन कभी सरजू भैया से रुपया लेता आज जब सरजू भैया को रुपये की जरूरत पड़ी तो महाजन ने अंगूठे का निशान लगाने को कहा। सीधे-सादे सरजू भैया निशान लगा दिये ।

सरजू भैया का चरित्र चित्रण Bihar Board Class 6 प्रश्न 5.
अपनी शादी की बात सुनकर सरजू भैया ठठाकर क्यों हँस पड़े ? सही उत्तर में (✓) चिह्न लगाइए।

(क) यह समझकर कि लोग उनसे हँसी कर रहे हैं ?
(ख) सरजू भैया स्वयं हँसी कर रहे थे।
(ग) दूसरी शादी की संभावना पर वह बहुत प्रसन्न हो उठे थे।
(घ) वह हँस कर बात टालना चाहते थे।
उत्तर:
(घ) वह हँस कर बात टालना चाहते थे।

पाठ से आगे –

सरजू भैया का चरित्र चित्रण कीजिए Bihar Board Class 6 प्रश्न 1.
‘काजी जी दुबले क्यों ? शहर के अन्देशे से’ यह कहावत सरजू भैया पर कहाँ तक चरितार्थ होती थी?
उत्तर:
सरजू भैया के पास इतनी सम्पत्ति अवश्य थी जितनी से वे अपने परिवार एवं अतिथि सत्कार भी बड़े मजे में कर सकते थे। इसके बाद भी उनके शरीर की हड्डियाँ ढाँचा जैसी दिखती थीं। न खाने की चिंता न अपने काम की। भर दिन परोपकार में व्यस्त । परोपकार में व्यस्त होने के कारण ही अपना शरीर तो सुखा । साथ-साथ अपनी सम्पत्ति की भी खूब हानि दिया । इसलिए “काजी जी दुबले क्यों ? शहर के अन्देशे से” यह कहावत उन पर चरितार्थ की।

Sarju Bhaiya Ke Kitne Santan The Bihar Board प्रश्न 2.
आप जोंक, खटमल और चीलर में सबसे खतरनाक किसे मानते हैं और क्यों?
उत्तर:
हमारे विचार से चीलर, जोंक और खटमल से अधिक खतरनाक होता है। तीनों हमारा खून पीते हैं लेकिन चीलर हमारे शरीर के खून को इतने धीरे से चूसता है कि हमें पता भी नहीं चलता। वह हमारे शरीर में ही सटकर हमारा खून पीता है तथा वह हमारे खून के अपने रंग में शीघ्र बदल देता है।

Sarju Bhaiya Hindi Kahani Bihar Board प्रश्न 3.
सरजू भैया के दिनचर्या से आप कहाँ तक सहमत हैं ? ।
उत्तर:
सरजू भैया के दिनचर्या से हम बिल्कुल सहमत नहीं हैं। उनका कोई दिनचर्या ही नहीं। दिन-रात जो दूसरे के काम-काज में वयस्त रहकर स्वयं को सुखा ले तथा अपनी सम्पत्ति को भी हानि पहुँचा दें। ऐसे व्यक्ति की दिनचर्या से कभी भी कोई व्यक्ति सहमत नहीं हो सकता है।

Sarju Bhaiya Ka Charitra Chitran Bihar Board प्रश्न 4.
“सरजू भैया के सेवा-सदन का दरवाजा हमेशा खुला रहता है।” इस आशय का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
सरजू भैया के सेवा-सदन का दरवाजा हमेशा खुला रहने का आशय है कि जब भी चाहे दिन हो या रात, सर्दी हो या बरसात अथवा चिता पिलाती धूप जिसने जो भी कहा करने को तुरन्त तैयार, गाँव वालों के लिए डॉक्टर बुलाना, बाजार से किसी का सामान लाना, किसी व्यक्ति का दूसरे गाँव से समाचार लाना सब काम बिना खाये-पिये, सदैव करते रहते थे अर्थात् ‘दूसरों की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहते थे।

व्याकरण –

Bihar Board Class 6 Hindi Book Solution प्रश्न 1.
यदि आपको वाक्य में प्रयुक्त विशेषणों को पहचानने में कठिनाई होती है तो याद रखिए :
कैसा, कैसी, कितने, किसका, कहाँ का, कब का आदि प्रश्नों से जो उत्तर मिलते हैं, वे विशेषण होते हैं। जैसे –
बेर कैसा है ? – पक्का, खट्टा, मीठा, बड़ा, छोटा इत्यादि ।
लीची कैसी है ? – बड़ी, मीठी, रसीली इत्यादि।
उसने कितने आम खाए ? – एक, दो, दस, बीस इत्यादि ।
तुमने कितना दूध लिया ? – एक ग्लास, आधा लीटर इत्यादि ।
यह घोड़ा किसका है ? – राम का, मेरा, तुम्हारा इत्यादि ।
यह खिलौना कहाँ का है? – चीन का (चीनी), जापान का (जापानी) इत्यादि।
यह मंदिर कब का बना है ? – राजा मान सिंह के समय का, मुगल-युग का इत्यादि ।
उपर्युक्त नियमों को ध्यान में रखकर सरजू भैया नामक पाठ से दस विशेषण चुनिए ।
उत्तर:
छोटा-सा आँगन, सौभाग्यशाली मालिक, प्रथम संतान, बड़े भाई, छोटा भाई, दुबले आदमी, बड़ी-बड़ी बाँहें, नाक खड़ी, भौंहे सघन, मनहूस आदमी।

Class 6 Hindi Chapter 11 Question Answer Bihar Board प्रश्न 2.
सरजू भैया के सुधुवापन के कारण ठगे जाने की कहानी उत्तम पुरुष में लिखिए।
उत्तर:
मान लिया कि मैं लेखक हूँ अब उत्तम पुरुष में सरजू भैया के । सुधुवापन के कारण ठगे जाने की कहानी लिखी जा सकती है। मैं एक बार किसी जरूरत में सरजू भैया से कुछ रुपये लिए। मेरा काम बन गया। रुपये खर्च हो गये। लेकिन अभी तक मैंने सरजू भैया का पैसा वापस नहीं किया। क्योंकि मैंने समझा सरजू भैया को जब जरूरत होगी मुझसे माँग लेंगे। लेकिन उन्होंने न कभी माँगा न मैंने कभी उनका रुपया लौटाने का प्रयास ही किया। जबकि वे दूसरे से सूद पर रुपये लेते हैं। लेकिन हमसे कभी नहीं माँगा। मुझसे ही नहीं गाँव के किसी व्यक्ति से पैसा माँगना उनके नियम के खिलाफ लगता था जिसके कारण उनके पिताजी के समय में चलता हुआ लेन-देन बंद हो गया।

सरजू भैया Summary in Hindi

पाठ का सार-संक्षेप

रामवृक्ष बेनीपुरी के घर के बगल में रहने वाले सरजू भैया बड़े ही नेक दिल, मिलनसार, मजाकिया, दयालु और हँसोड़ स्वभाव के व्यक्ति थे। कहानीकार उन्हें भैया कहते थे।

सरजू भैया एक सम्पन्न किसान तथा सुद पर रुपये का लेन-देन करने .. वाले पिता के पुत्र थे। साँवला स्वरूप बड़ी-बड़ी टाँगे, बड़ी-बड़ी बाँहें दुबले-पतले गाल पचके, धोती-कुर्ता और गमछा धारण किए सरजू भैया किसी भिखमंगे की तरह नजर आते थे। लेकिन वे जिन्दा दिल व्यक्ति थे। जिन्दा – दिल इसलिए कहा कि वे सदैव हँसते रहते थे। गाँव के किसी भी व्यक्ति की सेवा में तत्पर रहते थे। किसी को किसी चीज में नहीं कभी नहीं करते थे।

पिताजी के समय उनका अच्छी खेती-बारी, पैसे का काम लेन-देन भी अच्छा चल रहा था मकान भी सुन्दर था लेकिन पिता के मृत्यु के बाद प्रकृति ने भी उनके हालत बिगाड़ने में खूब सहायक बना । भूकम्प में घर टूट गया। बाढ़ और सुखाड़ से खेती नष्ट हो गई। जिसके यहाँ भी सूद पर पैसा दिया या सामने आकर रो देता तो मूलधन भी त्याग कर देते। स्थिति दिनों-दिन बिगड़ती गई। अब तो सरजू भैया को ही महाजन के पास सूद पर पैसा लेने के लिए जाना पड़ता है।

एक महाजन ने तो सरजू भैया का सीधापन का लाभ उठाकर सादे कागज पर अंगूठे का निशान ही लगवा लिया और अब सरजू भैया पर मुकदमा करने की बात भी करता है। सरजू भैया से लेखक ने भी कुछ रुपये लिए थे लेकिन लौटाया नहीं। क्योंकि सरजू भैया को जरूरत होगी तो माँग लेंगे, यह सोचकर लेखक अभी तक उनको रुपये नहीं लौटा सके।

सरजू भैया की पाँच लड़कियाँ मात्र थीं। जब पत्नी मर गई तो लेखक की मौसी ने सलाह दी कि-सरजू बउआ, शादी कर ले तो वंश चल जायेगा। उसी दिन लेखक की पत्नी रानी सरजू भैया से झगड़ने लगी, आपको शादी करना होगा, क्यों नहीं कीजिएगा। सरजू भैया ने जवाब में कहा, मैं शादी करूँ जिससे शर्मा जी (लेखक) को नई भौजाई से दिन-रात चुहल करने में मजा मिलेगा। यह कहकर सरजू भैया ठहाका मार कर हँस पड़े। रानी कुछ देर के लिए संकोच में पड़ गई। बाद में लेखक दोनों को देख चुपचाप मुस्कुराते रहे।

Bihar Board Class 7 Social Science Geography Solutions Chapter 4 वायुमंडल एवं इसका संघटन

Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Geography Hamari Duniya Bhag 2 Chapter 4 वायुमंडल एवं इसका संघटन Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Social Science Geography Solutions Chapter 4 वायुमंडल एवं इसका संघटन

Bihar Board Class 7 Social Science वायुमंडल एवं इसका संघटन Text Book Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए 

Bihar Board Class 7 Social Science Solution प्रश्न 1.
वायुमंडल किसे कहते हैं ? वायुमंडल के गैसों के घटक को वृत्त में दिखाइए।
उत्तर-
धरातल से लेकर ऊपर कई सौ मीटर तक वायु पाई जाती है। तात्पर्य कि हमारी पृथ्वी वायु से घिरी हुई है । इसी चारों ओर की वायु को ‘वायुमंडल’ कहते हैं । जैसा कि हम जानते हैं कि पृथ्वी सदा चक्कर लगाती रहती है तो इसके साथ ही वायुमंडल भी चक्कर लगाते रहता है । एक खास ऊँचाई तक जहाँ हमारी नाक रहेगी वहाँ वायु भी रहेगी । वायुमंडल के घटकों का वृत्त निम्नलिखित है

Bihar Board Class 7 Social Science Solution

Bihar Board Class 7 Hamari Duniya Solution प्रश्न 2.
ग्रीन हाउस को समझाइए ।
उत्तर-
ऐसा प्रक्रम जिससे ताप को हासित होने से बचाया जा सके, उसे ग्रीन हाउस कहते हैं । बहुत ठण्डे देशों में प्लास्टिक या कांच के मकान बनाकर उसी में बगवानी की जाती है । ऐसे घर में ताप प्रवेश तो कर जाता है, लेकिन उससे निकल नहीं पाता । इसी तरह के मकान को ‘ग्रीन हाउस’ कहते हैं । ग्रीन हाउस के पौधों पर बाहरी आवो-हवा का असर नहीं पड़ता, जिससे वे सदा हरे-भरे रहते हैं । इसी से उसका नाम ‘ग्रीन हाउस’ रखा गया है।

Bihar Board Class 7 History Book Solution प्रश्न 3.
कार्बन डाइऑक्साइड भी जीवन के लिये जरूरी है। कैसे?
उत्तर-
वैसे तो कार्बन डाइऑक्साइड की एक सीमा से वृद्धि हारिकाकरक मानी जाती है, लेकिन यह जीवन के लिये जरूरी भी है। कारण कि पेड़-पौध ‘कार्बन डाइऑक्साइड से ही अपना भोजन बनाते हैं । सूर्य के प्रकाश में पौध ‘ अपने हरे पत्तों द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग कर प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से अपना भोजन तैयार करते हैं । ये इस प्रक्रम में कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग तो कर ही लेते हैं, बदले में पर्याप्त ऑक्सीजन निकालते हैं जो जीव-जंतुओं के लिये प्राण वायु का काम करता है । इस प्रकार स्पष्ट है कि कार्बन डाइऑक्साइड भी जीवन के लिये जरूरी है।

Bihar Board Class 7 Social Science Solution In Hindi प्रश्न 4.
वायुमंडल में पाई जाने वाली विभिन्न परतों के नाम लिखिए । मोटे कूट या थर्मोकोल की मदद से इन परतों को क्रमबद्ध दिखाइए।
उत्तर-
वायुमंडल में नीचे से ऊपर पाई जानेवाली विभिन्न परतों के नाम निम्नलिखित हैं :

  1. क्षोभमंडल
  2. समतापमंडल
  3. मध्यमंडल
  4. बाह्य मंडल
  5. बर्हिमंडल ।

इस प्रकार पृथ्वी से सटे सबसे नीचे क्षोभमंडल है और सबसे ऊपर बर्हिमंडल है।
(नोट : प्रश्न के दूसरे भाग को छात्र स्वयं करें ।)

Bihar Board Class 7 Hamari Duniya प्रश्न 5.
किसी एक मंडल के न होने से क्या कठिनाइयाँ होंगी ? लिखिए ।
उत्तर-
सभी मंडलों की अपनी-अपनी उपयोगिता है । एक मंडल के काम को कोई दूसरा मंडल नहीं कर सकता । अतः किसी एक मंडल के भी न रहने से सम्भव है जलवायु में भारी परिवर्तन हो जाय, जिससे मानव जीवन ही खतरे में पड़ जाय । या इसका कोई क्रियाकलाप बाधित हो जाय । इस प्रकार यह स्पष्ट नहीं कहा जा सकता कि किस मंडल के नहीं रहने से क्या कठिनाई होगी । लेकिन यह निश्चित है कि कोई-न-कोई कठिनाई अवश्य होगी।

Bihar Board 7th Class Social Science Solution प्रश्न 6.
पृथ्वी पर तापमान बढ़ने से जीवन के लिये खतरा.बढ़ता है । कैसे?
उत्तर-
पृथ्वी पर तापमान बढ़ने से जीवन के लिये खतरा बढ़ता है, यह निम्नलिखित बातों से पता चलता है :

पृथ्वी पर तापमान के बढ़ने से पहाड़ों पर जमें बर्फ तो गलते ही हैं. ध वों के पास के बर्फ भी गलने लगते हैं । फलस्वरूप समुद्रों का जलस्तर बढ़ते जाता है । फल होता है कि समुद्रों के बीच बसे द्वीप पानी में डूब जाते हैं । वहाँ के लोगों को पलायन करना पड़ता है । गंगा नदी के डेल्टा के कुछ द्वीप पानी में विलीन हो चुके हैं। तटवर्ती निवासियों के जीवन पर खतरे की तलवार लटक रही है । कब उनका आवास समुद्र में समा जाएगा, कोई ठीक नहीं ।

Bihar Board Class 7 Civics Solution प्रश्न 7.
रेडियो और दूरदर्शन की तरंगें किन माध्यमों से हम तक पहुँचती हैं ? पता कीजिए।
उत्तर-
पृथ्वी से प्रसारित रेडियो और दूरदर्शन की तरंग बाह्य मंडल से’ होकर पुन: पृथ्वी पर हमारे रेडियो या दरदर्शन पर दिखाई पड़ता है। ऊँचे फ्रीक्वुऐंसी की तरंगों को यह मंडल आसानी से प्रसारित कर देता है । इसी सुविधा का लाभ उठाकर आज घर-घर में टेलिविजन और गाँव-गाँव. तक मोबाइल फोन पहुँच गये हैं।

Bihar Board Class 7 Civics Book Solution प्रश्न 8.
शीत प्रदेशों या ध्रुवों पर सब्जियों का उत्पादन कैसे करते
उत्तर-
शीत प्रदेशों या ध्रुवों पर अत्यधिक ठंड पड़ती है । इस कारण -वहाँ कोई वनस्पति नहीं उग पाती । लेकिन ‘ग्रीन हाउस’ का उपयोग कर वहाँ

भी सब्जियाँ उगा ली जाती है । यदि हाउस (मकान) बड़ा हो तो अनाज भी उपजाया जा सकता है।

Bihar Board Solution Class 7 Social Science प्रश्न 9.
वायमंडल की विभिन्न परतों को चार्ट पेपर पर अलग-अलग रंगों से दिखलाइए।
उत्तर-
संकेत-यह परियोजना कार्य है । पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 25 पर का चित्र देख कर उसी अनुपात में कि: बनाइए और अलग-अलग रंग भरिये ।

प्रश्न 10.
ओजोन परत बरे खतरे से बचाना जरूरी है ? क्यों और कैसे ?
उत्तर-
आजोन परत को खतरे से बचाना इसलिये जरूरी है क्योंकि यह परत पृथ्वी और पृथ्वीवासियों की रक्षा करता है । सूर्य से निकलने वाली किरणों में एक खतरनाक किरण ‘पराबैंगनी किरण’ है । यदि यह किरण पूरी तरह पृथ्वी पर पहुँच जाय तो शायद जीवन ही समाप्त हो जाय । लेकिन गनीमत है कि इन खतरनाक पराबैंगनी किरणों को ओजोन परत सोख लेती है और उन्हें पृथ्वी पर पहुँचने नहीं देती । लेकिन मानव की लापरवाही और स्वार्थ के चलते

ओजन परत पर खतरा मंडरा रहा है । इसका कारण है कि हम धड़ल्ले से ऐसे वाहनों और उपकरणों का उपयोग करने लगे हैं, जिनसे निकली गैसें ओजोन परत को नष्ट करने पर उतारू हैं। अत: उसे बचाने के लिए हमें खनिज तेज चालित वाहनों तथा सुविधा देने वाले उपकरणों का उपयोग कम करना चाहिए ।

प्रश्न 11.
पता कीजिए कि समुद्र का जलस्तर बढ़ने से कौन-कौन से शहर, द्वीप और देश पर खतरा है ?
उत्तर-
समुद्र का जल स्तर बढ़ने से वैसे तो विश्व के सभी तटवर्ती गाँव और शहरों पर खतरा है लेकिन अपने देश भारत में पूर्वी डेल्टा के द्वीपों, मुंबई तथा चेन्नई शहरों को विशेष खतरा है। मुंबई में थोडी वर्षा से ही सड़कें जलमग्न हो जाती हैं, क्योंकि समुद्र में पानी जा नहीं पाता और जाता भी है तो बहुत धीरे-धीरे । देशों को लें तो श्रीलंका, मालद्वीप, मारीशस तथा मेडागस्कर पर भारी खतरा है । हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर में अवस्थित छोटे-छोटे भारतीय द्वीप तो पहले डूबेंगे ।

(ख) रिक्त स्थानों को भरिए 

प्रश्न 1.

  1. समताप मंडल का आरंभ ……….. के बाद होता है।
  2. बाह्यमंडल का फैलाव ………. किलोमीटर तक है।
  3. हल्की गैसें ………. से अंतरिक्ष में तैरती रहती हैं।
  4. वायुमंडल का विस्तार पृथ्वी की सतह से ……… किलोमीटर की। ऊँचाई तक है।
  5. वायुमंडल में सबसे अधिक ……… गैस पाई जाती है ।
  6. तापमान बढ़ने से………के जल स्तर में वृद्धि हो रही है।
  7. ………. गैस को ग्रीन हाउस गैस भी कहते हैं ।

उत्तर-

  1. मध्य मंडल
  2. 80 से 400
  3. बर्हिमंडल
  4. 800
  5. नाइट्रोजन
  6. समुद्र
  7. कार्बन डाइऑक्साइड ।

(ग) सही विकल्प पर (✓) का निशान लगाएँ ।

प्रश्न (i)
पृथ्वी की सतह के ऊपर की ओर जाने पर साँस लेना कठिन होता है क्योंकि
(क) वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है।
(ख) वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है ।
(ग) वातावरण में नाइट्रोजन की मात्रा कम जाती है ।
(घ) वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा कम जाती है ।
उत्तर-
(घ) वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा कम जाती है ।

प्रश्न (ii)
पहले कौन-सा भाग गर्म होता है ?
(क) जल का सतह
(ख) स्थल का सतह ।
(ग) पर्वतीय भाग
उत्तर-
(ख) स्थल का सतह ।

प्रश्न (iii)
वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा है:
(क) 25.42
(ख) 78.03
(ग) 20.99
उत्तर-
(ग) 20.99

प्रश्न (iv)
वायुमंडल की सबसे पहली परत है
(क) समतापमंडल
(ख) क्षोभमंडल
(ग) बाह्यमंडल
(घ) मध्यमंडल
उत्तर-
(ख) क्षोभमंडल

प्रश्न (v)
रेडियो तरंगें किस परत से परावर्तित होकर पृथ्वी पर वापस लौटती ।
(क) क्षोभमंडल
(ख) बाह्यमंडल
(ग) ओजोनमंडल
(घ) बर्हिमंडल
उत्तर-
(ख) बाह्यमंडल

Bihar Board Class 7 Social Science वायुमंडल एवं इसका संघटन Notes

पाठ का सार संक्षेप

बिना साँस लिये कोई व्यक्ति या जंतु जीवित नहीं रह सकता । साँस लेने के लिए हवा का होना आवश्यक है । हम नाक द्वारा हवा को शरीर के अन्दर भेजते हैं और शरीर से निकली हवा को नाक द्वारा ही निकालते हैं । जैसे-जैसे ऊपर जाते हैं, वैसे-वैसे हवा की कमी महसूस होने लगती है । वहाँ साँस लेने में दिक्कत होती है। वास्तव में ऊँचाई पर हवा तो रहती है लेकिन उसमें ऑक्सीजन की मात्रा कम रहती है । पृथ्वी के तल से एक खास ऊँचाई तक ही हवा पाई जाती है ।

इसका मतलब कि पृथ्वी हवा से घिरी हुई है। जिस हवा से पृथ्वी घिरी हुई है उसे ‘वायुमंडल’ कहते हैं । वायुमंडल पृथ्वीवासियों के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है। वायुमंडल से लाभ है कि सूर्य से आने वाले ताप का बहुत भाग ऊपर ही रह जाता है और जो ताप पृथ्वी पर पहुँचता भी है उसमें से कुछ भाग पृथ्वी पुनः उसे वायुमंडल में वापस भेज देती है। इसका लाभ होता है कि पृथ्वीवासी सूर्य के भीषण ताप से बच जाते हैं ।

जब आसमान में बादल रहता है तो पृथ्वी से सूर्य के ताप को लौटने नहीं देता । फलस्वरूप पृथ्वी पर अपेक्षाकृत अधिक ताप महसूस किया जाता है । सूर्य की किरणों भले ही पहले पहाड़ों पर पहुँचती हैं और पृथ्वी पर बाद में, लेकिन पृथ्वी ही पहले गर्म होती है। गर्म होने के बाद यह कुछ ताप ऊपर वायुमंडल में लौटा देती है ।

इड्रोजन गैस, कार्बन डाइऑक्साइड गैस की अपेक्षा हल्की होती है। इसी कारण गुब्बारे में इसे भरने पर गब्बारा ऊपर की ओर उड़ने लगता है । हवा अनेक गैसों का मिश्रण है । इसमें सबसे अधिक मात्रा नाइट्रोजन की है (78.03%), हीलियम, हाइड्रोजन तथा ओजन (0.01%) आदि गैसें वायुमंडल में पाई जाती हैं । धूलकण भी वायु में मिले होते हैं, जो गैसों की तरह दिखाई तो नहीं पड़ते, लेकिन वे हैं। ऑक्सीजन गैस तो मनुष्य

अपनी साँस में लेते हैं लेकिन कार्बन डाइऑक्साइड गैस से पौधे अपना भोजन . बनाते हैं । पृथ्वी पर बढ़ रही कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को सीमा में रखने

के लिए पेड़-पौधों की वृद्धि करनी होगी । यदि कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जायेगी तो ताप की अत्यधिक वृद्धि होगी।

मानव की आधुनिक जीवन पद्धति और आरामदेह जीवन बिताने के कारण पृथ्वी परं कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जा रही है । फल हुआ है कि ध्रुवों पर के बर्फ पिघलकर समुद्र की सतह को बढ़ा रहे हैं । फलतः अनेक द्वीप और तटवर्ती गाँव समुद्र में समा चुके हैं । इसपर भी यदि मनुष्य नहीं चेता तो भयंकर दुष्परिणाम होंगे । जल प्रलय जो हम सुनते हैं, अपने जीवन में ही देख लेंगे।

पृथ्वी की सतह से 800 किलोमीटर की ऊँचाई तक वायुमंडल का विस्तार है । इसके पाँच परत हैं-

  1. सबसे नीचे क्षोभमंडल
  2. इससे ऊपर समताप मंडल
  3. इसके ऊपर मध्य मंडल
  4. चौथे स्थान पर है बाह्यमंडल तथा
  5. सबसे ऊपर बर्हिमंडल ।

क्षोभमंडल ही अधिक महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इसी मंडल में बादल, वर्षा और मौसम संबंधी अन्य बदलाव देखे जाते हैं । यह 13 किलोमीटर की ऊंचाई
तक है।

समतापमंडल का फैलाव 50 किलोमीटर की ऊँचाई तक है। इसका ऊपरी भाग अत्यधिक तप्त रहता है क्योंकि इसके ठीक ऊपर ओजोन परत है जो सूर्य से आई पराबैंगनी किरणों को सोखते रहता है । इसी कारण कुछ ताप नीची भी आ जाता है । समताप मंडल हवाई जहाज की उड़ान के लिये काफी सुविधाजनक है। . मध्यमंडल की ऊँचाई 80 किमी तक मानी गई है । इसके ऊपर बढ़ने पर तापमान कम होने लगता है । यह उल्फा पिंडों को जला देता है और पृथ्वी पर पहुँचने नहीं देता । इस अर्थ में यह हमारा रक्षक भी है।

बाह्य मंडल का फैलाव 80 से 400 किमी तक है । पृथ्वी से प्रसारित रेडियो तरंगों को यही मंडल आसानी से पुनः पृथ्वी तक पहुँचा देता है । इस मंडल में ऊँचाई के साथ तापमान बढ़ते जाता है। बोहमंडलं की पतली परत में हल्की गैसें जैसे-हिलीयम, हाइड्रोजन यहीं से अंतरिक्ष में तैरती रहती है।

इस प्रकार हम वायु की कई परतों से घिर हए हैं:

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण पद परिचय

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solutions Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण पद परिचय Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण पद परिचय

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण पद परिचय Questions and Answers

 

प्रश्न
पद तथा पद-परिचय की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
वाक्य में प्रयुक्त शब्दों को ‘पद’ कहते हैं। उन पदों का व्याकरणिक परिचय देना ‘पद-परिचय’ कहलाता है।
पद-परिचय के लिए आवश्यक संकेत
पद-परिचय के अंतर्गत संज्ञा, सर्वनाम आदि पदों का निम्नलिखित व्याकरणिक परिचय देनां अपेक्षितं होता है-
संज्ञा-संज्ञा के भेद, लिंग, वचन; कारक, क्रिया के साथ संबंधा
सर्वनाम- सर्वनाम के भेद, पुरुष, लिंग, वचन, कारक, क्रिया के साथ संबंधा
विशेषण- विशेषण के भेद, लिंग, वचन, विशेष्य।
क्रिया- अकर्मक, सकर्मक, लिंग, वचन, पुरुष, धातु, काल, वाच्य, प्रयोग, कर्ता और कर्म का संकेत।
क्रियाविशेषण- भेद, जिस क्रिया की विशेषता बताई गई हो उसके बारे में निर्देश।

समुच्चयबोधक, संबंधबोधक, विस्मयादिबोधक-
उन शब्दों के भेद तथा उनका संबंध, निर्देशं आदि।
(क) हम आज भी देश पर प्राण न्योछावर करने के लिए तैयार हो जाते हैं।
हम- पुरुषवाचक सर्वनाम, बहुवचन, पुल्लिंग, उत्तम पुरुष, कर्ता कारक।
देश पर- जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अधिकरण कारक।
हो जाते हैं- सकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्तृवाच्य, वर्तमान काल, उत्तम पुरुष, ‘हम’ कर्ता की क्रिया।

(ख) रमेश वहाँ दसवीं कक्षा में बैठा है।
रमेश – व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘पढ़ता था’ क्रिया का कर्ता।
वहाँ-स्थानवाचक, क्रियाविशेषण, ‘पढ़ता था’ क्रिया का स्थान-निर्देश।
दसवीं-विशेषण, क्रमसूचक, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य का विशेषण।
कक्षा में-जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक।
बैठा है- अकर्मक क्रिया, ‘बैठ’ धातु, एकवचन, अन्य पुरुष, निश्चयार्थ कर्तृवाच्य, कर्तरि प्रयोग, इसका कर्ता रमेश।

(ग) भागकर जाओ और बाजार से कुछ तो लाओ।
भागकर- पूर्वकालिक क्रिया, रीतिवाचक, क्रियाविशेषण।
बाजार- जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अपादान कारक।
कुछ- अनिश्चयवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक।

(घ) काला घोड़ा तेज भागता है।
काला- गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, ‘घोड़ा’ विशेष्य है।
घोड़ा- जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, ‘भागता है’ क्रिया का कर्ता।
तेज- रीतिवाचक क्रियाविशेषण, ‘भागता है’ क्रिया की विशेषता प्रकट कर रहा है।

भागता है- अकर्मक क्रिया, कर्तवाच्य, वर्तमान काल, पुल्लिंग, अन्य पुरुष, एकवचन, ‘घोड़ा’ उसका कर्ता है।

(ङ) हम बाग में गए परंतु वहाँ कोई आम न मिला।
हम – पुरुषवाचक सर्वनाम, उत्तम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता कारक, ‘गए’ क्रिया का कर्ता। ..
बाग में-जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अधिकरण कारक।
गए.- अकर्मक क्रिया, ‘जा’ धातु, उत्तम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन, भूतकाल, निश्चयार्थ, कर्तृवाच्य, कर्तरि प्रयोग, ‘हमें’ सर्वनाम इसका कर्ता है। .
परंतु – व्यधिकरण समुच्चयबोधक, दो वाक्यों को जोड़ता है।
वहाँ – स्थानवाचक क्रिया-विशेषण।
कोई – संख्यावाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन,
‘आम’ – विशेष्य का विशेषण। आम- जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन कर्म कारक।
न – रीतिवाचक क्रिया-विशेषण।
मिला – सकर्मक क्रिया, ‘मिल’ धातु, अन्य पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, भूतकाल, निश्चयार्थ, कर्तृवाच्य, कमणि प्रयोग (‘हमें’ कर्ता का लोप है) इस क्रिया का कर्म ‘आम’ है।

(च) शीत ऋतु में हिमालय का क्षेत्र पूर्णतया बर्फ से ढक जाता है और वहां पर जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।
शीत – विशेषण, गुणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘ऋतु’ संज्ञा का विशेषण।
ऋतु में – जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, अधिकरण कारका
हिमालय का – व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, संबंधकारक।
क्षेत्र – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता ‘ढक जाना’ क्रिया का कर्ता।
पूर्णतया – रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, ‘ढक जाता है’ क्रिया-पद की विशेषता बता रहा है।
बर्फ से – जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, करण कारक। .
ढक जाता है – अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, एकवचन, निश्चयार्थ, वर्तमान काल, कर्तृवाच्य, कर्तरि प्रयोग, इसका कर्ता ‘क्षेत्र’ है।
और – समानाधिकरण समुच्चयबोधक, दो वाक्यों को जोड़ता है। वहाँ स्थानवाचक क्रियाविशेषण।
जन-जीवन – भाववाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘हो जाता है’ क्रिया का कर्ता।
अस्त-व्यस्त – रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, ‘हो जाता है’ क्रिया का क्रियाविशेषण।
हो जाता है – अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग; एकवचन, निश्चयार्थ, वर्तमान काल, कर्तृवाच्य, कर्तरि । प्रयोग।

Bihar Board 12th English 100 Marks Objective Answers Chapter 7 A Child Born

Bihar Board 12th English Objective Questions and Answers 

Bihar Board 12th English 100 Marks Objective Answers Chapter 7 A Child Born

A Child Is Born Objective Question Bihar Board 12th Question 1.
The hospital was very uncooperative about-
(A) Providing meals
(B) Exploit childbirth
(C) Breast-feeding
(D) Giving medicines
Answer:
(C) Breast-feeding

A Child Is Born Question Answer Bihar Board 12th Question 2.
Clearly infant and mother mortality is greater in-
(A) Traditional births
(B) Untraditional births
(C) Particular births
(D) Prevented births
Answer:
(A) Traditional births

A Child Is Born Germaine Greer Bihar Board 12th Question 3.
Married women do not become members of their new family until they have-
(A) Started cooking
(B) Started to earn
(C) Mix with others
(D) Bom a child
Answer:
(D) Born a child

A Child Is Born Ka Question Answer Bihar Board 12th Question 4.
Who are all assumed to be uqjust and vindictive ?
(A) Husbands
(B) Fathers-in-law
(C) Husband’s brothers
(D) Mothers-in-law
Answer:
(D) Mothers-in-law

A Child Is Born Class 12 Bihar Board Question 5.
That a woman could lose her own name and become known as the mother of her first-born, is regarded in west as-
(A) Outreach
(B) Outrageous
(C) Outpart
(D) Outreach
Answer:
(B) Outrageous

A Child Is Born Class 12 Question Answer Bihar Board Question 6.
The superstition associated with acquiring new clothes and instruments for baby before the birth is considered as-
(A) Good luck
(B) Bad luck
(C) Ghost luck
(D) Community luck
Answer:
(B) Bad luck

A Child Is Born Story In Hindi Bihar Board 12th Question 7.
Who is the author of the prose piece ‘A Child is Born ?
(A) German Geer
(B) Germaine Greer
(C) Germane Greeri
(D) H.E. Bates
Answer:
(B) Germaine Greer

12th English Book 100 Marks Objective 2021 Question 8.
‘A Child Is Bom’is an extract from the author’s book named-
(A) The Female Eunuch
(B) The Change
(C) The Wind
(D) Sex and Destiny : The Politics of Human Fertility
Answer:
(D) Sex and Destiny : The Politics of Human Fertility

Question Answer Of A Child Is Born Bihar Board 12th  Question 9.
Germaine Greer was born in-
(A) 1838
(B) 1938
(C) 1939
(D) 1949
Answer:
(C) 1939

12th English Book 100 Marks Objective Bihar Board Question 10.
Germaine Greer was bom and educated in-
(A) America
(B) Britain
(C) Australia
(D) Germany
Answer:
(C) Australia

A Child Is Born Questions And Answers Bihar Board 12th Question 11.
The author believes that socio-cultural practices are designed to suit the interest of-
(A) Males
(B) Females
(C) Family
(D) Writers
Answer:
(A) Males

The Child Is Born Question Answer Bihar Board 12th Question 12.
The present chapter explores the cultural pecularities of the East and the West regarding parent-child relationship and-
(A) Child-death
(B) Child-birth
(C) Male interest
(D) Female interest
Answer:
(B) Child-birth

A Child Is Born By Germaine Greer Bihar Board 12th Question 13.
The hospital refused to believe that the pregnant woman was in-
(A) First stage labour
(B) Second stage labour
(C) Third stage labour
(D) Forth stage labour
Answer:
(B) Second stage labour

A Child Is Born Book Pdf Bihar Board 12th Question 14.
On the occasion musical programme is given by—
(A) the dance party
(B) by the male members of the family
(C) by the women and girls
(D) None of these
Answer:
(C) by the women and girls

Question 15.
The ceremony is held—
(A) only for boy
(B) only for girl
(C) for both
(D) None of these
Answer:
(C) for both

Question 16.
In Bangladesh children are looked after by the—
(A) father only
(B) mother only
(C) whole family
(D) None of these
Answer:
(C) whole family

Question 17.
Who has written ‘A Child is Born’?
(A) B.Russell
(B) S. Naoya
(C) G Greer
(D) None of these
Answer:
(C) G Greer

Question 18.
During pregnancy the best place for the woman is—
(A) hotel
(B) in-laws-family
(C) her mother’s house
(D) None of these
Answer:
(C) her mother’s house

Question 19.
During pregnancy a woman prefers her mother’s house because—
(A) she gets proper care there
(B) she is neglected
(C) she feels freedom there
(D) None of these
Answer:
(A) she gets proper care there

Question 20.
When baby is born, it is an occasion of joy for—
(A) the mother
(B) father
(C) strange
(D) the whole family
Answer:
(D) the whole family

Question 21.
The naming ceremony is—
(A) bad
(B) lovely
(C) strange
(D) None of these
Answer:
(B) lovely

Question 22.
The naming ceremony is held when the baby is—
(A) seven days old
(B) five days old
(C) the days old
(D) None of these
Answer:
(A) seven days old

Question 23.
New clothes are brought for—
(A) the baby
(B) the mother
(C) both
(D) None of these
Answer:
(C) both

Question 24.
In traditional births infant and mother mortality is—
(A) lesser
(B) greater
(C) negligible
(D) None of these
Answer:
(B) greater

Question 25.
In traditional society a pregnant woman is primarily Supported by
(A) husband
(B) kinsfolk
(C) other members of society
(D) None of these
Answer:
(A) husband

Question 26.
In traditional society a woman lose her own name and is known as the mother of her first born child, but the West regards it is—
(A) good
(B) beneficial
(C) outrageous
(D) None of these
Answer:
(C) outrageous

Question 27.
Germaine Greer was born in—
(A) 1919
(B) 1929
(C) 1939
(D) 1949
Answer:
(C) 1939

Question 28.
Germaine Greer was educated in—
(A) Germany
(B) Australia
(C) U.S.A.
(D) England
Answer:
(B) Australia

Question 29.
Traditional method of child-birth is accepted—
(A) fearfully
(B) dengerously
(C) culturally and collectively
(D) None of these
Answer:
(C) culturally and collectively

Question 30.
Germaine Greer has written the lesson—
(A) A Marriage Proposel
(B) A Child is Bom
(C) The Earth
(D) The Artist
Answer:
(B) A Child is Bom

Question 31.
A …………….. woman has to observe various taboos, rituals and customs.
(A) Ugly
(B) Wicked
(C) Pregnant
(D) None of these
Answer:
(C) Pregnant

Question 32.
Germaine Greer is an …………… writer.
(A) Indian
(B) American
(C) British
(D) Australian
Answer:
(D) Australian

Question 33.
Germaine Greer is a famous ………………… writer.
(A) scientific
(B) feminist
(C) educational
(D) None of these
Answer:
(B) feminist

Question 34.
In Bangladesh Rupthoka is a kind of—
(A) bread
(B) sweet dish
(C) fairy tales
(D) None of these
Answer:
(C) fairy tales

Question 35.
Generally a pregnant woman is sent to her ………….. home for childbirth.
(A) parents
(B) relative
(C) doctor
(D) None of these
Answer:
(A) parents

Question 36.
In the …………………… the husband wife due enjoy more freedom and individuality.
(A) North
(B) South
(C) East
(D) West
Answer:
(D) West

Question 37.
………….. woman visit her mother’s house during pregnancy.
(A) An African
(B) An Indian
(C) A Canadian
(D) None of these
Answer:
(B) An Indian

Question 38.
In ……………. children under the age of five or six are looked after by the whole family.
(A) India
(B) Bangladesh
(C) China
(D) Russia
Answer:
(B) Bangladesh

Question 39.
Sylheti woman and her child are given new dress on the ………. day of the birth.
(A) 5th
(B) 6th
(C) 7th
(D) 8th
Answer:
(C) 7th

Question 40.
‘A Child Is Born’ is an extract from the author’s book named-
(A) The Wind
(B) The Change
(C) The Female Eunuch
(D) Sex and Destiny : The Politics of Human Fertility
Answer:
(D) Sex and Destiny : The Politics of Human Fertility

Question 41.
Germaine Greer was born and educated in
(A) America
(B) France
(C) Australia
(D) Germany
Answer:
(C) Australia

Question 42.
Who is the author of the prose piece ‘A Child Is Bom ?
(A) NermanGeer
(B) Germaine Greer
(C) NermaneGreeri
(D) H.E. Bates
Answer:
(B) Germaine Greer

Question 43.
The hospital refused to believe that the pregnant w omen was in
(A) first stage labour
(B) second stage labour
(C) third stage labour
(D) fourth stage labour
Answer:
(B) second stage labour

Question 44.
Germaine Greer was bon in
(A) 1938
(B) 1940
(C) 1939
(D) 1949
Answer:
(C) 1939

Question 45.
The present chapter explores the cultural pecularities of the East and the west regarding parent-child relationship and-
(A) child-death
(B) child-birth
(C) nursing
(D) female interest
Answer:
(B) child-birth

Question 46.
The author believes that socio-cultural practices are designed to suit the interest of
(A) males
(B) females
(C) farmers
(D) writers
Answer:
(A) males

Question 47.
Married women do not become members of their hew family until they have
(A) started cooking
(B) start earning
(C) mix with others
(D) born a child
Answer:
(D) born a child

Question 48.
The hospital staff was very uncooperative about
(A) meals
(B) childbirth
(C) breast-feeding
(D) medicines
Answer:
(C) breast-feeding

Question 49.
The supersition associated with acquiring new clothes and instruments for baby before the birth is considered as
(A) good luck
(B) bad luck
(C) no luck
(D) all luck
Answer:
(B) bad luck

Question 50.
Who all are assumed to be unjust and vindictive ?
(A) husbands
(B) fathers-in-law
(C) husband’s sisters
(D) mothers-in-law
Answer:
(D) mothers-in-law

Question 51.
That a woman could lose her own name and become known as the mother of her first-born, is regarded in West as
(A) outrageous
(B) outreach
(C) outparty
(D) treacherous
Answer:
(A) outrageous

Bihar Board Class 12 Political Science Solutions Chapter 1 राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ

Bihar Board Class 12 Political Science Solutions Chapter 1 राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 12 Political Science Solutions Chapter 1 राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ

Bihar Board Class 12 Political Science राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ Textbook Questions and Answers

राष्ट्र-निर्माण की चुनौतियां प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 12 प्रश्न 1.
भारत के विभाजन के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है?
(क) भारत विभाजन “द्वि-राष्ट्र सिद्धान्त” का परिणाम था।
(ख) धर्म के आधार पर दो प्रान्तों-पंजाब और बंगाल का बँटवारा हुआ।
(ग) पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान में संगति नहीं थी।
(घ) विभाजन की योजना में यह बात भी शामिल थी कि दोनों देशों के बीच आबादी की अदला बदली होगी।
उत्तर:
(ख) धर्म के आधार पर दो प्रान्तों-पंजाब और बंगाल का बँटवारा हुआ।

राष्ट्र निर्माण की चुनौतियां पाठ के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 12 प्रश्न 2.
निम्नलिखित सिद्धान्तों के साथ उचित उदाहरणों का मेल करें।
राष्ट्र-निर्माण की चुनौतियां प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 12
उत्तर:
(1) – (ii)
(2) – (i)
(3) – (iv)
(4) – (iii)

राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ Question Answer Bihar Board Class 12 प्रश्न 3.
भारत का कोई समकालीन राजनीतिक नक्शा लीजिए। जिस राज्यों की सीमाएँ दिखाई गयी हो। और नीचे लिखी रियासतों के स्थान चिन्हित कीजिए।
उत्तर:
(क) जूनागढ़
(ख) मणिपुर
(ग) मैसूर
(घ) ग्वालियर
राष्ट्र निर्माण की चुनौतियां पाठ के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 12

राष्ट्र निर्माण की चुनौतियां कक्षा 12 Notes Bihar Board प्रश्न 4.
नीचे दो तरह की राय लिखी गई है –
विस्मय: रियासतों को भारतीय संघ में मिलाने से इन रियासतों की प्रजा तक लोकतन्त्र का विस्तार हुआ। इन्द्रप्रीत: यह बात मैं दावे के साथ नहीं कह सकता। इसमें बल प्रयोग भी हुआ था, जबकि लोकतन्त्र में आम सहमति से काम लिया जाता है। देशी रियासतों के विलय और ऊपर के मशविरे के आलोक में इस घटनाक्रम पर आपकी क्या राय है?
उत्तर:
विस्मय का विचार अधिक तार्किक व सच्चाई के नजदीक है कि देशी रियासतों का भारतीय संघ में मिलने से इन क्षेत्रों की जनता व प्रशासन में लोकतन्त्रात्मक संस्कृति का विकास हुआ है क्योंकि प्रजातन्त्र की चुनावी व प्रशासनिक प्रक्रिया पूरे भारत में समान रूप से चली। इन्द्रप्रीत के विचार यहाँ तक सही है कि लोकतन्त्र में आम सहमति भी होती है सो इन देशी रियासतों को भारत में मिलाने के लिए आमतौर पर आम सहमति सही प्राप्त की गई है भले ही इनका तरीका कुछ भी रहा हों समय के साथ सभी राज्य व देशी रियासतें राष्ट्र धारा में मिल गये हैं। हम सभी भारतीय हैं व भारतीय संविधान के अनुसार ही इन पर प्रशासन चल रहा है।

Bihar Board 12th Political Science Syllabus Bihar Board प्रश्न 5.
नीचे 1947 के अगस्त के कुछ बयान दिए गये हैं जो अपनी प्रकृति में अत्यंत भिन हैं:-
आज आपने अपने सर पर कांटो का ताज पहना है सत्ता का आसन एक बुरी चीज है। इस आसन पर आपको बड़ा सचेत रहना होगा ………… आपको और ज्यादा विनम्र और धैर्यवान बनना होगा ……. अब लगातार आपकी परीक्षा ली जायेगी। मोहन दास कर्मचंद गाँधी भारत आजादी की जिंदगी को जागेगा ………. हम पुराने में नए की ओर कदम बढ़ायेगे ………. आज दुर्भाग्य के एक दौर का खात्मा होगा और हिन्दुस्तान अपने को फिर से पालेगा ……. आज हम जो जश्न मना रहे हैं, वह एक कदम भर है, संभावनाओं के द्वारा खुल रहे हैं ……. जवाहरलाल नेहरू इन दो बयानों से राष्ट्र निर्माण का जो एजेंडा ध्वनित होता है उसे लिखिए। आपको कौन-सा एजेंडा जंच रहा हैं और क्यों?
उत्तर:
उपर्युक्त दो बयान दो प्रमुख नेताओं के हैं जिन्होंने राष्ट्रीय आन्दोलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है व जिन्होंने राष्ट्र निर्माण की दिशा तय करने में अपनी परिपक्व सोच प्रदान की है अतः राष्ट्र निर्माण के सम्बन्ध में ये दोनों ही बयान अत्यन्त उपयुक्त व सच्चाई युक्त हैं हमें राष्ट्र निर्माण के रास्ते में धैर्य से व विनम्रता से चलने की जरूरत है क्योंकि यह सफर चुनौतियों व जिम्मेदारियों से भरा हुआ है। इसके साथ-साथ आजादी के साथ हमारा पुनः जागरण हुआ है एक नया सवेरा है तथा इसमें अब सुनहरे भविष्य की अनेक सम्भावनाएँ हैं जिसमें हम अपनी राहें खुद तय करेंगे तथा अपने तरीके भी खुद निश्चित करेंगे।

राष्ट्र निर्माण की चुनौतियां कक्षा 12 Bihar Board प्रश्न 6.
भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाने के लिए नेहरू ने किन तर्कों का इस्तेमाल किया। क्या आपको लगता है कि ये केवल भावनात्मक और नैतिक तर्क है अथवा इनमें कोई तर्क युक्तिपरक भी है?
उत्तर:
भारत का धर्मनिरपेक्ष प्रजातान्त्रिक देश है इसमें विभिन्न धर्मों को अपनाने वाले व मानने वाले लोग हैं बहुसंख्या में हिंदू हैं परन्तु भारत में विभाजन के बाद भी बड़ी संख्या में मुसलमान रहते हैं। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं० जवाहरलाल नेहरू ने भारतीय धर्मनिरपेक्षता की है। भारत के संविधान में भी सभी धर्मों के लोगों को धर्म के मामले में पूर्ण स्वतन्त्रता दी है। राज्य का ना अपना कोई धर्म है, ना ही राज्य किसी धर्म के रास्ते में बाधा बनेगा और ना ही राज्य किसी विशेष धर्म को कोई प्रोत्साहन देगा।

पं० जवाहरलाल नेहरू की भारतीय धर्मनिरपेक्षता की धारणा ऐतिहासिक, मानवीय व वैज्ञानिक है जो पूर्ण रूप से तार्किक है। भारतीय समाज ने धैर्य व सहनशीलता के साथ सभी धर्मों को व वर्गों को अपनाया है। भारत में सदैव समाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक स्तर प विभिन्नता में एकता रही है। गये विचार पूर्ण रूप से तार्किक व व्यवहारिक है। मुसलमान जो भारत में रह रहा है भारत से अलग नहीं हो सकता है व भारतीय समाज का अभिन्न भाग है।

राष्ट्र निर्माण की चुनौतियां नोट्स Bihar Board Class 12 प्रश्न 7.
आजादी के समय देश के पूर्वी और पश्चिमी इलाकों में राष्ट्र निर्माण के चुनौती के लिहाज से दो मुख्य अन्तर क्या हैं?
उत्तर:
आजादी के समय देश के पूर्वी ओर पश्चिमी इलाकों में राष्ट्र निर्माण के चुनौती के लिहाज से निम्न मुख्य अन्तर निम्न हैं –

  1. पूर्वी इलाके जिनमें मुख्य रूप से उत्तरी पूर्वी राज्य आते हैं भाषायी व सांस्कृतिक प्रभुत्व के खिलाफ आन्दोलन की समस्या थी जो वहाँ पर राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में बाधा बनी हुई थी। जबकि पश्चिमी क्षेत्र में साम्प्रदायिकता की समस्या राष्ट्र के निर्माण में बाधक बनी हुई थी।
  2. पूर्वी क्षेत्र में अलगाववादी प्रवर्तिया भी राष्ट्रवाद में बाधक थी जबकि पश्चिमी क्षेत्र में साम्प्रदायिक ताकतें राष्ट्र निर्माण में बाधक थी।

Bihar Board Political Science प्रश्न 8.
राज्य पुर्नगठन आयोग का काम क्या था? इसकी प्रमुख सिफारिश क्या थी?
उत्तर:
आजादी के कुछ वर्षों के बाद विभिन्न राज्यों से भाषा के आधार पर अलग राज्य की माँग प्रारम्भ हो गयी। प्रारम्भ में केन्द सरकार ने इस प्रकार की माँगों की ओर इस सोच के आधार पर ध्यान नहीं दिया कि भाषा के आधार पर राज्यों के गठन से देश की एकता अखंडता को खतरा उत्पन्न हो जायेगा, परन्तु बाद में इस विषय पर विचार करने के लिए 1953 में राज्य पुर्नगठन आयोग State Reorganisation Commission का गठन किया।

इस आयोग का कार्य राज्यों के भाषा आधार पर गठन की मांग पर विचार करने तथा राज्यों के सीमांकन के मामल पर गौर करना था। राज्य पुर्नगठन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह स्वीकार किया कि राज्यों की सीमाओं की निर्धारण वहाँ बोली जाने वाली भाषा के आधार पर होना चाहिए। इस आयोग की इन्हीं सिफारिशों के आधार पर 1956 में राज्य पुर्नगठन अधिनियम State Re-organisation Act 1956 पारित किया गया। इस अधिनियम के आधार पर 14 राज्य और 6 केन्द्र शासित प्रदेश बनाये गये।

Political Science Class 12 Bihar Board प्रश्न 9.
कहा जाता है कि राष्ट्र एक व्यापक अर्थ में ‘कल्पित समुदाय’ होता है और सर्वमान्य विश्वास, इतिहास राजनीतिक आकांक्षा और कल्पनाओं से एक सूत्र में बंधा होता है। उन विशेषताओं की पहचान करें जिनके आधार पर भारत एक राष्ट्र है।
उत्तर:
ऊपरोक्त कथन सत्य है क्योंकि राज्य एक व्यापक व विस्तृत समुदाय होता है। वास्तव में राष्ट्रीयताओं के आधार पर बना राज्य राष्ट्र कहलाता है। राष्ट्रीयताओं को लोगों को हम ऐसे समूह के रूप में देखते हैं जिनका समान अतीत, समान नस्ल, समान संस्कृति, समान भौगोलिकता, एक समान इतिहास, समान भविष्य की आकांक्षाएँ होती है इन्ही आधार पर एक निश्चित क्षेत्र में रहने वाले लोग एकता के सूत्र में बंधे होते हैं। इस सूत्र को राष्ट्रीयता कहते हैं।

भारत निम्न विशेषताओं के आधार पर एक राष्ट्र है –

  1. विभिन्न जातियाँ
  2. विभिन्न धार्मिक विश्वास के लोग
  3. विभिन्न संस्कृतियाँ
  4. विभिन्न बोलियाँ
  5. विभिन्न भाषाएँ
  6. विभिन्न जलवायु
  7. विभिन्न त्यौहार
  8. समान अतीत
  9. समान आकांक्षाएँ
  10. समान इतिहास
  11. समान हित
  12. सामूहिकता की संस्कृति
  13. त्यौहारों का सामूहिक तरीके से मानना
  14. विभिन्नता में एकता
  15. भारतीयता का बन्धन

प्रश्न 10.
नीचे लिखे अवतरण को पढ़िए और इसके आधार पर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
उत्तर:
राष्ट्र-निर्माण के इतिहास के लिहाज से सिर्फ सोवियत संघ में हुए प्रयोगों की तुलना भारत से की जा सकती है। सोवियत संघ में भी विभिन्न और परस्पर अलग-अलग जातीय समूह, धर्म, भाषाई समुदाय और सामाजिक वर्गों के बीच एकता का भाव कायम करना पड़ा जिस पैमाने पर यह काम हुआ, चाहे भौगोलिक पैमाने के लिहाज से देखे या जनसंख्यागत वैविध्य के लिहाज से, वह अपने आप से बहुत व्यापक कहा जाएगा। दोनों ही जगह राज्य को जिस कच्ची सामाग्री से राष्ट्र-निर्माण की शुरुआत करनी थी वह समान रूप से दुष्कर थी। लोग धर्म के आधार पर बँटे हुए और कर्ज बीमारी से दबे हुए थे।

(क) यहाँ लेखक ने भारत और सोवियत संघ के बीच जिन समानताओं का उल्लेख किया है, उनकी एक सूची बनाइए। इनमें से प्रत्येक के लिए भारत से एक उदाहरण दीजिए।

(ख) लेखक ने यहाँ भारत और सोवियत संघ में चली राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रियाओं के बीच असमानता उल्लेख नहीं किया है। क्या आप दो असमानताएँ बता सकते हैं?

(ग) अगर पीछे मुड़कर देखें तो आप क्या पाते हैं? राष्ट्र-निर्माण के इन दो प्रयोगों में किसने काम किया और क्यों?

उत्तर:
(क) ऊपरोक्त लेख में लेखक ने निम्न समानताओं का उल्लेख किया है –
उदाहरण:-

  • विभिन्न जातियाँ – भारत में भी विभिन्न जातियाँ हैं।
  • विभिन्न धर्मों के लोग – विभिन्न धर्म के लोग हैं।
  • विभिन्न भाषाओं के लोग – अनेक भाषा हैं।
  • विभिन्न सामाजिक वर्गों के लोग – विभिन्न सामाजिक वर्ग हैं।
  • विभिन्न भौगौलिकताओं के लोग – भारत में भी विभिन्न भौगोलिकताएँ हैं।

(ख) भारत व सोवियत संघ में राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रिया में निम्न असमानताएँ भी हैं –

  • सोवियत संघ में सभी एक हैं विचारधारा अर्थात् राजनीतिक विचारधारा (साम्यवादी) के लोग रहते हैं। जबकि भारत में अनेक राजनीतिक विचारधाराएँ हैं।
  • भारत व सोवियत संघ की राजनीतिक प्रणालियाँ भी भिन्न-भिन्न हैं। भारतीयों को अपनी विभिन्न आकांक्षाओं को व्यक्त करने का पूर्ण मौलिक अधिकार है जबकि सोवियत संघ में सीमित अधिकार है जिससे उनकी राष्ट्रीयता को पूर्ण रूप से विकसित करने का अवसर नहीं मिलता।

(ग) अगर सोवियत संघ व भारत में राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया की सफलताओं का तुलनात्मक अध्ययन करते हैं तो निश्चित रूप से भारत में राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया को बेहतर माना जायेगा जिसमें निम्न कारण अर्थात् तर्क हैं –

  • भारत में प्रजातान्त्रिक व्यवस्था है तथा भारत के लोगों को अपनी धार्मिक, सामाजिक, भौगोलिक, सांस्कृति व भाषीय प्राथमिकताओं व आकांक्षाओं को व्यक्त करने व उसे विकसित करने के प्रयाप्त अवसर है जबकि सोवियत संघ में केन्द्रवाद का सिद्धान्त है वहाँ की राष्ट्रीयताओं को विकसित होने के लिए इतने अधिकार नहीं है।
  • सोवियत संघ व भारत की संस्कृति में अन्तर है, भारत में सदैव सहनशीलता, धर्म, समायोजन व मिलन की संस्कृति रही है। सोवियत संघ में ऐसा नहीं है।

Bihar Board Class 12 Political Science राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ Additional Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
राष्ट्र से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
राष्ट्र ऐसे व्यक्तियों व समुदायों का समूह है जिनकी समान नस्ल, समान जाति, समान संस्कृति व जिनका समान ऐतिहासिक पृष्ठभूमि होती है। इसके साथ-साथ इन लागों की भौगोलिक समीपता व राजनीतिक स्तर पर समान विश्वास व समान आकांक्षाएँ होती हैं। ये लोग साथ मिलकर एक समान भाई-चारे के साथ रह कर एक निश्चित क्षेत्र में रहते हैं। विश्व के लोगों का बँटवारा राष्ट्रीयता के आधार पर विभिन्न राष्ट्र राज्यों के रूप में हुआ है। राष्ट्र की अपनी एक प्रभुसत्ता सरकार होती है। ये लोग समान उद्देश्यों के साथ आपस में जुड़े रहते हैं। भारत भी राष्ट्र राज्य ही जिसमें विभिन्नता में एकता है। यह एक बहुसंख्यक समाज है जो भारतीयता के साथ जुड़ा हुआ है।

प्रश्न 2.
राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया समझाइये।
उत्तर:
राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया एक जटिल व व्यापक प्रक्रिया है जिसमें राज्य की निश्चित सीमा में रहने वाले लोगों को विभिन्न आधार पर उत्पन्न समीपता के आधार पर एक सूत्र में बांधे जाने का प्रयास किया जाता है। राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में विभिन्न जाति, धर्म, भाषा व क्षेत्र के लोगों को उनके निजी व क्षेत्रीय हितों से ऊपर उठाकर राष्ट्रीय हितों, सामूहिक उद्देश्यों व राष्ट्रीय गरिमा व लक्ष्यों के साथ जोड़ा जाता है। राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया वह प्रक्रिया है जिसमें विभिन्न प्रकार की धार्मिक विश्वासों, संस्कृतियों व क्षेत्रों के लोगों में एक सामूहिकता का अहसास कराके उन्हें एक सूत्र से बांधने का प्रयास किया जाता है। किसी भी राष्ट्र के भविष्य व अस्तित्व के लिए राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया अत्यन्त आवश्यक है।

प्रश्न 3.
भारतीय राष्ट्रीय निर्माण की प्रक्रिया की तीन चुनौतीयाँ समझाइये।
उत्तर:
भारतीय राष्ट्रीय निर्माण की प्रक्रिया में निम्न प्रमुख चुनौतियाँ हैं –

  1. भारतीय एकता अखंडता को बनाये रखना।
  2. भारत में प्रजातन्त्र को सफल बनाना तथा विकसित करना।
  3. तीसरा प्रमुख दायित्व अथवा चुनौती भारत के नागरिकों का जन कल्याण करना, उनकी न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करना व उनका जीवन स्तर उभारना।

प्रश्न 4.
भारत के विभाजन के क्या कारण थे?
उत्तर:
यूं तो भारत के विभाजन के अनेक कारण थे परन्तु निम्नलिखित दो कारणों को प्रमुख माना जा सकता है –

1. अंग्रेजों की फुट डालो व राज्य करो (divide and rule) की नीति अंग्रेजों का लम्बे समय तक शासन करने के पीछे कारण यह रहा है कि वे भारतीय समाज को साम्प्रदायिकता के आधार पर बाँटने में सफल रहे। 1909 (Marley Minto Reform) के भारत सरकार कानून के द्वारा साम्प्रदायिक चुनाव प्रणाली व इसके 1919 व 1935 के कानून में विस्तार भारतीयों को राजनीतिक स्तर पर बाँट दिया यह भारत के विभाजन का प्रमुख कारण बना।

2. दूसरा प्रमुख कारण मोहम्मद अली जिन्ना के द्वारा दी गयी दो राष्ट्र का सिद्धान्त जिसमें उसने स्पष्ट रूप से कहा कि हिंदू व मुसलमान दो अलग-अलग राष्ट्रीयताएँ हैं जो एक साथ नहीं रह सकती। जिन्ना की यह हटधर्मी भी भारत के विभाजन का प्रमुख कारण थी।

प्रश्न 5.
भारत के विभाजन की प्रक्रिया समझाइये।
उत्तर:
भारत को 15 अगस्तर 1947 को आजादी तो प्राप्त हुई परन्तु साथ-साथ विभाजन की त्रासदी भी झेलनी पड़ी। वास्तव में यह अनुभव अत्यन्त दर्दनाक व दुर्भाग्य पूर्ण था। इसका कारण यह था कि ब्रिटिश प्रान्तों में कोई ऐसा क्षेत्र नही था जिसमें मुसलमानों का बहुमत हो। भारत में केवल दो ही क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय का बहुमत था एक पश्चिम में दूसरा पूर्वी क्षेत्र में। व दोनों ही क्षेत्रों में कोई सीधा सम्पर्क नहीं था। विभाजन के समय ही यह निश्चित किया गया था कि पाकिस्तान के दो भाग होंगे एक पश्चिम पाकिस्तान व दूसरा पूर्वी पाकिस्तान। एक अन्य विभाजन का पक्ष यह था कि सभी मुसलमान पाकिस्तान नहीं गये। यह पूरी प्रक्रिया हिंसात्मक थी वह घृणा से भरी थी।

प्रश्न 6.
दो राष्ट्र के सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं? यह सिद्धान्त किसने दिया?
उत्तर:
दो राष्ट्र का सिद्धान्त मोहम्मद अली जिन्ना ने दिया जिसके अनुसार उनकी यह मान्यता थी कि भारत में हिंदू व मुसलमान दो अलग-अलग राष्ट्रीयताएँ हैं जिसमें अपने धार्मिक विश्वास है, सामाजिक मूल्य हैं, व राजनीतिक व आकांक्षाएँ हैं अत: ये एक स्थान नहीं रह सकते। अतः भारत का दो राष्ट्रों में विभाजन अनिवार्य रूप से होना चाहिए।

प्रश्न 7.
भारत के विभाजन के परिणाम समझाइये।
उत्तर:
भारत के दो राष्ट्रों में विभाजन के अत्यन्त दुखदायक परिणाम निकले। जिन परिस्थितियों में भारत का विभाजन हुआ वे परिस्थितियाँ अत्यन्त हिंसात्मक व अनिश्चित थी। मानवीय इतिहास में यह अत्याधिक हिंसात्मक विभाजन था हिंदू व मुसलमान दोनों की ओर से अनेक लोग हिंसा के शिकार हुए। ना केवल क्षेत्रों का बँटवारा हुआ, बल्कि बँटवारे के साथ-साथ लोगों का अपने समान, परिवार बच्चों के साथ पलायन करना पड़ा। जिन घरों में प्रेम से हिंदू व मुस्लिम साथ-साथ रह रहे थे, उनको छोड़ कर जाना पड़ा। रास्ते में लूट-पाट व अत्याचारों का शिकार होना पड़ा। एक साम्प्रदाय के लोग दूसरे साम्प्रदाय के लोगों की जान के दुश्मन बने हुए थे। पुलिस व प्रशासन मूक दर्शक बने रहते थे। दोनों ओर से जबरदस्ती धर्म परिवर्तन हो रहा था।

प्रश्न 8.
भारत में विभाजन में मुस्लिम लीग की भूमिका समझाइये।
उत्तर:
मुस्लिम लीग एक राजनीतिक दल के रूप में 1906 में अस्तित्व में आयी। प्रारम्भ में सभी दलों का प्रमुख लक्ष्य राष्ट्रीय आन्दोलन के माध्यम से राष्ट्रीय स्वतन्त्रता को प्राप्त करना था। अतः प्रारम्भ में मुस्लिम लीग भी एक राष्ट्रवादी राजनीतिक दल था जिसने कांग्रेस के साथ मिलकर राष्ट्रीय आन्दोलन में प्रमुख भूमिका निभाई।

परन्तु धीरे-धीरे मुस्लिम लीग का दृष्टिकोण संकीर्ण होता गया। इसका उद्देश्य भारत के हितों के स्थान पर केवल लीग का दृष्टिकोण संकीर्ण होता गया। इसका उद्देश्य भारत के हितों के स्थान पर केवल मुस्लिमों के हितों के साथ जुड़ गया। इस प्रकार मुस्लिम लीग एक राष्ट्रवादी राजनीतिक दल से साम्प्रदायिक दल बन गया जिसके आधार पर औपचारिक रूप से 1940 में पाकिस्तान की माँग रखी तथा उसको हिंसा व नफरत के आधार पर प्राप्त किया।

प्रश्न 9.
भारत के विभाजन का भारतीय समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
जैसा कि हम जानते हैं कि भारत का विभाजन दो राष्ट्र के सिद्धान्त पर हुआ जिसको आधार यह था कि हिंदू व मुस्लिम दो राष्ट्रीयताएँ हैं जो साथ-साथ नहीं रह सकते। अतः भारत में हिंदू रहेंगे व पाकिस्तान में मुस्लिम रहेंगे। परन्तु ऐसा नहीं हुआ। काफी संख्या में मुस्लिम भारत में ही रहे परन्तु विभाजन, के समय हुई हिंसा ने भारतीय समाज में हिंसा व आपसी नफरत का प्रभाव ऐसा हुआ कि आज भी अपसी नफरत है जो समय-समय पर साम्प्रदायिक झगड़ों के रूप उभरती है। अभी भी भारत में 25% मुस्लिम हैं।

प्रश्न 10.
गाँधीजी की मृत्यु का साम्प्रदायिक झगड़ों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
गाँधी जी हिंदू-मुस्लिम एकता व भाई-चारे के प्रबल समर्थक थे परन्तु वे हिंदू उन्माद के शिकार हुए जब एक कट्टरवादी हिंदू नाथूराम गोड़से ने 30 जनवरी 1948 को गाँधी जी की मन्दिर जाते समय हत्या कर दी। गाँधी जी की शहादत का हिंदू मुस्लिम झगड़ों पर जादुई प्रभाव पड़ा। भारत सरकार ने उन सब संगठनों पर पाबंदी लगा दी जो साम्प्रदायिक झगड़ों को उकसा रहे थे। ऐसे संगठनों में आर. एस. एस. संगठन प्रमुख था। सरकार की इस प्रकार की सख्त कार्यवाही से गाँधी जी के बलिदान से भारत में फैली साम्प्रदायिक हिंसा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।

प्रश्न 11.
देशी रियासतों के भारत में विलय में आयी समस्याओं को समझाइये।
उत्तर:
जिस समय भारत स्वतन्त्र हुआ भारत में दो प्रकार के राज्य थे –

  1. देशी रियासतें
  2. ब्रिटिश प्रान्त

ब्रिटिश प्रान्तों पर ब्रिटिश सरकार का शासन था व देशी रियासतों पर रियासतों के शासकों का शासन था। भारत सरकार अधिनियम 1947 के आधार पर देशी रियासतों को भारत अथवा पाकिस्तान में विलय की स्वतन्त्रता थी साथ-साथ उनको स्वरूप से रहने का भी अधिकार था। इस अनिश्चितता की स्थिति में विभिन्न देशी रियासातों (लगभग 409) जो भारत में विलय करने के लिए विभिन्न राजनीतिक व कूटनीतिक प्रयास करने पड़े सरदार पटेल की कूट नीति व दृढ़ता पूर्ण प्रयासों का इसमें विशेष योगदान था।

प्रश्न 12.
विभिन्न रियासतों का भारत में विलय का साधन क्या था?
उत्तर:
तीन प्रमुख देशी रियासतों, हैदराबाद, जूनागढ़ व कश्मीर के भारत में विलय के दस्तावेजों को विलय का साधन ‘Instrument of Accession’ कहते हैं इसमें देशी रियासतों हैदराबाद, जूनागढ़ व कश्मीर के शासकों ने भारत के शासकों से हुई बात व शर्तों के आधार पर अपनी रियासतों को भारत में विलय के दस्तावेज पर अपनी स्वीकृति प्रदान की। इस स्वीकृति को प्राप्त करने के लिए भारतीय नेताओं की विभिन्न स्तर पर अत्यधिक प्रयास करने पड़े।

प्रश्न 13.
भारत सरकार का राज्यों के पुर्नगठन के सम्बन्ध में क्या दृष्टिकोण था?
उत्तर:
आजादी के कुछ वर्षों के बाद ही देश के विभिन्न राज्यों से विभिन्न आधारों पर विशेष कर भाषा के आधार पर राज्यों के पुर्नगठन की माँग उठने लगी। इस सम्बन्ध में भारत का दृष्टिकोण तीन आधारों से प्रभावित था –

  1. अधिकांश देशी रियासतों के लोग भारत में विलय चाहते हैं।
  2. भारत सरकार कुछ क्षेत्रों का स्वायत्तता प्रदान कर सकती है।
  3. विभिन्न क्षेत्रों की सीमाओं का निर्धारण करना।

इस प्रकार से भारत सरकार राज्यों के गठन को विवेकपूर्ण तरीके से निपटाना चाहती थी।

प्रश्न 14.
राज्य पुर्नगठन अधिनियम के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
भाषा के आधार पर उठी राज्यों के पुर्नगठन की माँग ने केन्द्र सरकार को यह सोचने के लिए मजबूर कर दिया कि इस विषय का बारीकी से अध्ययन करने के लिए व इस विषय पर उचित परामर्श देने के लिए एक स्वतंत्र आयोग का गठन किया जाए। अतः 1953 में भारत सरकार ने इस कार्य के लिए राज्य पुर्नगठन आयोग का गठन किया जिसका कार्य राज्यों की सीमाओं को पुनः निश्चित करना था। इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह स्वीकार किया कि राज्यों का भाषा के आधार पर राज्यों का पुर्नगठन संभव है। इस रिपोर्ट के आधार पर अधिनियम पारित किया गया जिसको नाम State Re-organisation Act 1956 रखा गया। इसमें भाषा को राज्यों के पुर्नगठन भाषा को अत्यधिक महत्त्व दिया।

प्रश्न 15.
राज्यों के भाषा के आधार पर पुर्नगठन का प्रभाव समझाइये।
उत्तर:
भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के लिए 1956 में कानून बनने से अनेक राज्यों से पुर्नगठन की आग उठने लगी वे अनेक राज्यों का भाषा के आधार पर पुर्नगठन किया भी गया। यद्यपि प्रारम्भ में केन्द्र सरकार को यह डर था कि भाषा के आधार पर राज्यों का गठन करने से राष्ट्रीय एकता अखंडता को खतरा हो जायेगा। परन्तु यह डर आधार हीन सिद्ध हुआ। पिछले 60 वर्षों की राजनीति के आधार पर यह अनुभव हुआ कि राज्यों का भाषा के आधार पर पुर्नगठन से भारतीय प्रजातंत्र व स्थानीय प्रजातंत्र नही बल्कि मजबूत हुआ व राष्ट्रीय एकता अखंडता मजबूत हुई है।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
भारत एक राष्ट्र के रूप में समझाइये।
उत्तर:
सबसे पहले यह आवश्यक है कि हम राष्ट्र शब्द का अर्थ व्यापक अर्थों में समझे। राष्ट्र ऐसे लोगों का समूह है जिनकी समान संस्कृति, समान नस्ल, समान इतिहास, समान भौगौलिकता व समान राजनीतिक आकांक्षाएँ होती हैं। दूसरे शब्दों में समान राष्ट्रीयता के लोगों को जो एकता के सूत्र में बँध-कर सामूहिक रूप से रहते हैं राष्ट्र कहते हैं राष्ट्र के रूप में रहने वाले लोगों के समान दृष्टिकोण व समान हित होते हैं। राष्ट्र व राष्ट्रीयता शब्दों के इन अर्थों के अनुरूप भारत एक राष्ट्र है क्योंकि भारत में विभिन्नता में एकता है।

यहाँ विभिन्न जाति, धर्म, भाषा, बोली, त्यौहार संस्कृति व समान अतीत के लोग रहते हैं परन्तु इनमें समान हित है व समना राजनीतिक आकांक्षाएँ है यहाँ पर रहने वाले लोगों के समान राजनीतिक विश्वास व मूल्य है, यहाँ पर थोड़ी-थोड़ी दूर पर ही भाषा, बोली, मौसम व जलवायु बदलती है परन्तु भारतीय समाज की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ सांझापन है लोगों के कार्यों में सामूहिकता है अतः विभिन्न प्रकार की शैली होने के बावजूद सभी भारतीय एक ही राष्ट्रीयता के सूत्र से बंधे हैं। अतः भारत एक राष्ट्र के रूप में विद्यमान है।

प्रश्न 2.
भारत की राष्ट्रीय निर्माण प्रक्रिया में तीन प्रमुख बाधाएँ समझाइये।
उत्तर:
भारत स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में लगा है। इस प्रक्रिया में भारत के सामने तीन प्रमुख चुनौतीयाँ है जो निम्न हैं –

  1. भारतीय राष्ट्रीय एकता अखंडता को बनाये रखना जिसके लिए विभिन्न अवसरों पर विभिन्न माध्यमों से प्रयास किये जा रहे हैं कि सभी भारतीयों में राष्ट्रवाद ही भावना विकसित हो।
  2. दूसरी चुनौती भारतीय प्रजातंत्र को मजबूत करने व इसको सफल बनाने के लिए नागरिकों को तैयार करना।
  3. तीसरी चुनौती भारत के समान भारतीयों का जन कल्याण का कार्य करना। लोगों की न्यूनतम आवश्कताओं को पूरा करना व उनका जीवन स्तर उठाना। इस उद्देश्य के लिए भारत में अनेक योजनाएँ व कार्यक्रम प्रारम्भ किये गये हैं।

प्रश्न 3.
भारत के विभाजन के प्रमुख कारणों को समझाइये।
उत्तर:
भारत का विभाजन एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी जिसके अनेक कारण थे। इनमें प्रमुख कारण निम्न थे –

  1. मुस्लिम लीग का साम्प्रदायिक दृष्टिकोण।
  2. मुहम्मद अली जिन्ना की महत्त्वकांक्षा व हटधर्मी।
  3. भारत में रह रहे मुसलानों में असुरक्षा की भावना।
  4. मुसलमानों का सामाजिक, शैक्षणिक व आर्थिक पिछड़ापन।
  5. अंग्रेजों की फूट डालो व राज्य करो की नीति।
  6. हिंदू संगठनों की कट्टरवादिता।
  7. कांग्रेस की गलत नीतियाँ।
  8. साम्प्रदायिक झगड़े।
  9. मुहम्मद अली जिन्ना का दो राष्ट्रवादी का सिद्धान्त।
  10. मुसलमान का धार्मिक कट्टरवाद।
  11. अंग्रेजों की फूट डालों व राज करों की नीति।
  12. ऐतिहासिक कारण।

प्रश्न 4.
उन परिस्थितियों को समझाइये जिनमें भारत विभाजन अनिवार्य हो गया।
उत्तर:
भारत में साम्प्रदायिक भावना की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। मुस्लिम युग व मुगलों के समय में धार्मिक कट्टरवाद ने भारतीय समाज को प्रभावित किया। अंग्रेजों ने भारत में आकर इस साम्प्रदायिक भावना को भड़का कर भारतीय समाज को लगातार विभाजित किया।

यद्यपि भारतीय पुनः
जागरण से भारतीय समाज में हिन्दुओं व मुसलमानों में एकता की भावना बढ़ी व सभी ने साथ मिलकर राष्ट्रीय आन्दोलन प्रारम्भ किया। परन्तु धीरे-धीरे मोहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में मुस्लिम लीग का दृष्टिकोण बदला व जिन्ना के दो राष्ट्र के सिद्धान्त पर 1940 में पाकिस्तान की माँग औपचारिक रूप से उठा दी जिसको अंग्रेजों व कांग्रेस ने स्वीकार नहीं किया। कैविनर मिशन योजना 1946 में जब पाकिस्तान का कोई जिक्र नहीं पाया तो जिन्ना से सीधी कार्यवाही (Direct Action) की घोषणा कर दी जिसने सारे देश में हिंदू व मुसलमानों में झगड़े, मारकाट व हिंसा फैल गयी जिससे भारत का विभाजन अनिवार्य बन गया जिससे 1947 में माउंटवैटन योजना के आधार पर भारत का विभाजन हुआ।

प्रश्न 5.
विभाजन के समय भारत में हुई चुनौतियों व कठिनाइयों को समझाइये।
उत्तर:
भारत का विभाजन माउंटवेटन योजना 1947 अर्थात् भारत सरकार अधिनियम 1947 के आधार पर किया गया था जिसमें सरकार को निम्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ा –

  1. भारत मुसलमानों की आबादी एक निश्चित क्षेत्र तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि भारत में मुसलमानों की आबादी में घने क्षेत्र पूर्वी भाग व पश्चिमी भाग में बसे थे।
  2. भारत के सभी मुसलमान पाकिस्तान में नहीं जाना चाहते थे अर्थात् कुछ मुसलमान भारत में ही रहना चाहते थे।
  3. भारत के पंजाब व बंगाल में मुसलमानों में बहुमत के साथ-साथ यहाँ पर हिंदू भी अच्छी संख्या में रहते थे अत: इनका विभाजन करना एक कठिन कार्य था। इन दो राज्यों के विभाजन में सबसे अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ा।
  4. चौथी समस्या जो भारत के विभाजन के समय में आयी वह यह थी कि दोनों ही क्षेत्रों में अल्पसंख्यकों के स्थानान्तरण की थी कि उसे कैसे निश्चित किया जाये। पाकिस्तान में लाखों हिंदू व सिख अल्पसंख्यक के रूप में थे वे इसी प्रकार से लाखों की संख्या में भारत में मुसलमान भी अल्पसंख्यकों के रूप में रह गये।
  5. भारत व पाकिस्तान में जाने वाले क्षेत्रों को निश्चित करने के लिए गठित आयोग की सिफारिशे अस्पष्ट थी।

प्रश्न 6.
भारत के विभाजन के परिणाम समझाइये।
उत्तर:
भारत का विभाजन एक ऐतिहासिक घटना थी। जिसके भारतीय समाज, राजनीतिक व अर्थव्यवस्था के लिए दूरगामी प्रभाव पड़े। प्रमुख परिणाम निम्न हैं –

  1. इतनी बड़ी संख्या में लोगों का इतनी लम्बी दूरी के लिए पलायन अत्यन्त दर्दनाक व दुखद था। रास्ते में लूटपाट व हिंसक घटनाओं ने इस प्रक्रिया को और अधिक दुखदायी बना दिया। महिलाओं व बच्चों के लिए यह अनुभव अत्यन्त परेशानी दायक था।
  2. दोनों वर्गों की ओर से एक-दूसरे पर अत्याचार किये गये व दोनों ही वर्गों में एक-दूसरे के लिए ईर्ष्या का वातावरण था।
  3. बड़े पैमाने पर सम्पत्ति का नुकसान हुआ।
  4. लोग अपने प्रियजनों व नातियों व रिस्तेदारों से बिछुड़ गये।
  5. यह एक बड़ी मानवीय त्रासदी थी।
  6. एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा दर्द भरी व अनिश्चितताओं से भरी थी।

प्रश्न 7.
आजादी के बाद भारत के विभाजन का भारतीय समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
भारत का विभाजन केवल क्षेत्रों का सम्पत्ति का व राजनीतिक तथ्यों का विभाजन ही नही था बल्कि इसमें छोटी-छोटी चीजों जैसे घर के सामानों का व दिलों का भी विभाजन था। इसमें घर की किताबों, टाईपराइटर व अन्य छोटे-छोटे सामान का भी विभाजन हुआ। विभाजन की प्रक्रिया में सरकारी कर्मचारियों व दफ्तरों का विभाजन भी हुआ। विभाजन की प्रक्रिया जहाँ सब तरफ दुखदायी व हिंसात्मक थी, वहीं विभाजन की प्रक्रिया अत्यन्त जटिल भी थी।

भावनात्मक स्तर पर लोगों में परिवर्तन हुए। परिवार आपस में बिछुड़ गये । जो लोग लम्बे समय से साथ-साथ रह रहे थे वो ही सदा-सदा के लिए बिछुड़ गये। एक अनिश्चितता व दर्द से भरा वातावरण छा गया। चारो ओर हिंसा व आगजनी लूट-पाट का वातावरण रहा जिसने भारतीय समाज को सदा के लिए विभाजित कर दिया आज भी साम्प्रदायिकता भारतीय सामाजिक व्यवस्था व राजनीतिक व्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। विभाजन के समय में अनेक बच्चे व महिलाएं अपने परिवारों से बिछुड़ गये। भारत के विभाजन के समय ऐसी भी घटनाएँ घटी जब परिवार के सदस्यों ने ही अपने परिवार का सम्मान रखने के लिए अपने ही परिवार की महिलाओं को मार दिया। इस प्रकार से विभाजन के समय एक विशेष प्रकार की मानसिकता बनी।

प्रश्न 8.
भारत के विभाजन के समय की गाँधीजी की भूमिका समझाइये।
उत्तर:
गाँधीजी मुस्लिम लीग द्वारा की गयी पाकिस्तान की माँग से अत्यन्त दुखी थे। उन्होंने अपने प्रयासों से मुस्लिम लीग के सभी प्रमुख नेताओं को यह समझाने का प्रयास किया कि मुस्लिम भारत में सुरक्षित रहेगे। हिंदू व मुस्लिम दोनों समुदाय मिल कर रहेंगे व मुसलमानों का पूर्ण विकास निश्चित किया जायेगा। परन्तु मुस्लिम लीग के लोगों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। जिन्ना के द्वारा प्रारम्भ की गई सीधी कार्यवाही के फलस्वरूप हुए साम्प्रदायिक झगड़ों से गाँधीजी को अत्यन्त दुःख हुआ उन्होंने पाकिस्तान की माँग के विरुद्ध आमरण अनशन भी किया परन्तु परिस्थितियों के सामने उन्हें भी विभाजन की वास्तविकता को स्वीकार करना पड़ा। गाँधीजी हिंदू मुस्लिम एकता के प्रबल समर्थक थे।

प्रश्न 9.
देशी रियासतों के भारत में विलय के समय आई कठिनाईयों को समझाइये।
उत्तर:
भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था। उस समय अर्थात् आजादी से पहले ब्रिटिश भारत में दो प्रकार के राज्य थे एक देशी रियासतें व दूसरे ब्रिटिश प्रान्त जिन पर ब्रिटिश सरकार का शासन था। देशी रियासतों पर देशी शासकों का शासन था। भारत सरकार अधिनियम 1947 जो माउंटवेटन योजना पर आधारित था, उसके अनुसार देशी रियासतों को यह अधिकार दिया गया था कि वे चाहे तो पाकिस्तान के साथ विलय हो सकती है अथवा भारत के साथ विलय हो सकते हैं व इनकों स्वतंत्र रहने का अधिकार भी दिया गया।

अधिकांश देशी रियासतों ने अपनी इच्छा से ही भारत में विलय को मंजूरी दे दी परन्तु कुछ देशी रियासतों ने अपने निर्णय लेने में अत्याधिक देर लगाई। हैदराबाद, जूनागढ़ व कश्मीर के शासकों ने निर्णय लेने में देर लगाई। तत्कालीन भारत के गृहमन्त्री श्री सरदार पटेल की कुशल प्रशासनिक व कूटनीतिक प्रयासों से इन रियासतों का भारत में विलय संभव हो सका। कश्मीर के शासक ने तो स्वतंत्र रूप में रहने का निर्णय लिया था परन्तु 1948 में पाकिस्तान के कबिलों में आक्रमण के कारण उस समय के महाराजा श्री हरीसिंह ने कुछ शतों के आधार पर भारत में विलय स्वीकार किया। इस विलय को आज तक भी चुनौती दी जाती है।

प्रश्न 10.
राज्यों के पुर्नगठन के सम्बन्ध में भारत सरकार का क्या दृष्टिकोण था?
उत्तर:
राज्यों के पुर्नगठन के सम्बन्ध में भारत सरकार की धारणा यह थी कि छोटे-छोटे राज्यों में भारत का बँटवारा राष्ट्रीय एकता अखंडता के लिए उपयुक्त नहीं होगा। सरदार पटेल ने बड़ी कुशलता व परिश्रम से विभिन्न रियासतों व क्षेत्रों को भारत में मिलाया था। सरकार की इस सम्बन्ध में निम्न मान्यताएँ थी –

  1. भारत सरकार का मानना यह था कि अधिकांश राज्य भारतीय संघ में ही रहना चाहते हैं।
  2. केन्द्र सरकार प्रान्तों को और अधिक राज्यों को अधिक से अधिक सम्भव स्वायत्तत्ता देने के पक्ष में थी।
  3. राज्यों की सीमाओं को आपस में मिलाया।

प्रश्न 11.
मणिपुर रियासत का भारतीय संघ में विलय की प्रक्रिया को समझाइये।
उत्तर:
आजादी के चंद रोज पहले मणिपुर के महाराजा बोधचंद्र सिंह ने भारत सरकार के साथ भारतीय संघ में अपनी रियासत के विलय के एक सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। इसकी एवेज में उन्हें यह आश्वासन दिया गया था कि मणिपुर की आंतरिक स्वायत्तता बरकरार रहेगी। जनमत के दबाव में महाराज ने 1948 के जून में चुनाव करवाया और इस चुनाव के फलस्वरूप मणिपुर की रियासत में संवैधानिक राजतंत्र कायम हुआ। मणिपुर भारत का पहला भाग है जहाँ सार्वभौम व्यस्क मताधिकार के सिद्धांत को अपनाकर चुनाव हुए।

मणिपुर की विधान सभा में भारत में विलय के सवाल पर गहरे मतभेद थे। मणिपुर की कांग्रेस चाहती थी कि इस रियासत को भारत में मिला दिया जाए जबकि दूसरी राजनीतिक पार्टियाँ इसके खिलाफ थीं। मणिपुर की निर्वाचित विधान सभा से परामर्श किए बगैर भारत सरकार ने महाराजा पर दबाव डाला कि वे भारतीय संघ में शामिल होने के समझौते पर हस्ताक्षर कर दें। भारत सरकार को इसमें सफलता मिली। मणिपुर में इस कदम को लेकर लोगों में क्रोध और नाराजगी के भाव पैदा हुए। इसका असर आज तक देखा जा सकता है। सितम्बर 1949 को मणिपुर के महाराजा ने मणिपुर के भारत में विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये।

प्रश्न 12.
भारत में राज्यों के पुर्नगठन को समझाइये।
उत्तर:
देशी रियासतों के भारत में विलय के साथ ही केवल राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया समाप्त नहीं हुई इसके बाद भी अर्थात् आजादी के बाद राज्यों के पुर्नगठन का विषय भी महत्त्वपूर्ण बन गया। अनेक राज्यों से भाषा के आधार पर पुर्नगठन की मांग उठने लगी। यह प्रक्रिया केवल सीमाओं में परिवर्तन का एक सहज विषय नहीं था बल्कि भाषा के आधार पर राज्यों के पुर्नगठन का एक ऐसा कार्य था जिसमें राज्यों की सीमाओं में भी परिवर्तन करना था व साथ-साथ राष्ट्र की एकता व अखंडता को भी प्रभावित होने से बचाना था व राष्ट्र की भाषीय व सांस्कृतिक एकरूपता भी बनी रहे। 1920 में कांग्रेस के नागपुर के अधिवेशन में यह प्रस्ताव पारित किया गया था भाषीय सिद्धान्त के आधार पर राज्यों का पुर्नगठन किया जायेगा। आजादी के बाद इस सिद्धान्त का पालन किया गया।

प्रश्न 13.
भाषा के आधार पर राज्यों का पुर्नगठन करने में सरकार को किस प्रकार की आशंका थी?
उत्तर:
आजादी के बाद विभिन्न राज्यों से राज्यों की पुर्नगठन की मांग उठने लगी। अधिकांश राज्यों में भाषीय भेदभाव की शिकायतें मिल रही थी इस प्रकार की माँगे मुख्य रूप से बॉम्बे व असम से उठ रही थी। यहाँ पर अल्पसंख्यक भाषायी लोगों को यह डर था कि बड़ी भाषाएँ अर्थात् बहुमत लोगों की भाषा अन्य भाषाओं को विकसित नहीं होने देगी। अतः ये लोग भाषा के आधार पर पृथक राज्य की माँग करने लगे। भारत सरकार की यह आशंका थी कि अगर राज्यों का भाषा के आधार पर पुर्नगठन किया गया तो यह देश की एकता अखंडता के लिए खतरा बन सकता है।

इस विषय पर गठित राज्य पुर्नगठित आयोग की सिफारिशों के आधार पर कानून पारित किया गया व राज्यों का भाषा के आधार पर ही पुर्नगठन किया गया। आयोग ने इस बात की पुष्टि की कि भाषा के आधार पर राज्यों का पुर्नगठन करने से देश की एकता अखंडता को कोई खतरा नही होगा। पिछले 60 वर्षों के अनुभव ने यह प्रमाणित भी कर दिया कि भाषा के आधार पर राज्यों के पुर्नगठन से राज्यों का विकास हुआ है व देश की एकता व अखंडता को कोई खतरा नहीं हुआ राज्यों का पुर्नगठन भाषा के साथ प्रशासनिक सुविधाओं के आधार पर भी किया गया है।

प्रश्न 14.
राज्य पुर्नगठन अधिनियम 1956 को विस्तार से समझाइये।
उत्तर:
विभिन्न राज्यों से उठी भाषा के आधार पर राज्यों की पुर्नगठन की माँग के आधार पर केन्द्र सरकार ने 1953 में एक राज्य पुर्नगठन आयोग का गठन किया जिसको यह कार्य दिया कि वह ये देखे कि क्या राज्यों का पुर्नगठन भाषा के आधार पर करना उचित होगा व इससे देश की एकता व अखंडता पर कोई खतरा तो उत्पन्न नहीं होगा। कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया कि राज्यों की सीमाओं का निर्धारण भाषा के आधार पर किया जाना चाहिए। कमीशन की इन सिफारिशों के आधार पर भारत सरकार ने एक 1956 में राज्य पुर्नगठन कानून पारित किया जिसके आधार पर भाषा को आधार मानकर कई राज्यों में पुर्नगठन कर नये राज्यों का निर्माण किया। इस कानून के आधार पर यह स्वीकार किया गया कि भारत के समाज का मूल आधार इसका बहुल स्वरूप ही है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
भारत में विभाजन के कारण व परिणामों को समझाइये।
उत्तर:
ब्रिटिश उपनिवेशवाद भारतीय समाज को विभिन्न आधारों पर विभाजित किया। अंग्रेजों ने इस बात को समझ लिया था कि भारत में ऊँच-नीच की भावना व्याप्त है व भारतीय समाज सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक स्तर पर पिछड़ा हुआ है अत: उन्होंने इस बात का फायदा उठा कर भारत में शासन करने के लिए फूट डालो व राज करो (Devide and Rule) की नीति अपनाई जिसमें वे सफल भी हो गये। अंग्रेजों ने भारत में आपसी द्वेष बढ़ाने के लिए जातिप्रथा को बढ़ावा दिया व साम्प्रदायिकता के बीज बो दिये।

अंग्रेजी शासन की प्रत्येक नीति व कार्यक्रम का यही उद्देश्य था कि नीति को इस प्रकार से बनाया जाये व लागू किया जाये कि भारतीय समाज सामाजिक, धार्मिक व आर्थिक स्तर पर बँटा रहे व उनमें असमानता व दूरी कायम रहे। अंग्रेजों के इन्हीं प्रयासों से मुस्लिम लीग जो एक राष्ट्रवादी राजनीतिक दल था बाद में साम्प्रदायिक राजनीतिक दल बन गया जिसने अन्ततः पृथक राज्य अर्थात् पाकिस्तान की माँग रख दी। इसी प्रकार से मोहम्मद अली जिन्ना जो एक धर्मनिरपेक्ष व राष्ट्रवादी व उदारवादी नेता था, अंग्रेजों ने उनकी महत्त्वकांक्षाओं को प्रेरित करके उनमें साम्प्रदायिक व स्वार्थी दृष्टिकोण पैदा कर दिया वे केवल मुसलमानों के ही नेता बन कर रह गये जबकि प्रारम्भ में उनका दृष्टिकोण व्यापक था। अंग्रेजों की यह साम्प्रदायिक नीति ही भारत के विभाजन की प्रमुख कारण बनी।

भारत के विभाजन के गम्भीर परिणाम निकल जिनमें निम्न प्रमुख हैं –

  1. साम्प्रदायिक झगड़े।
  2. साम्प्रदायिक भावना का विकास
  3. राज्यों के पुर्नगठन में समस्याएँ
  4. भारतीय राजनीति का साम्प्रदायीकरण
  5. प्रशासन का साम्प्रदायीकरण
  6. भारत व पाकिस्तार में शीत युद्ध व वास्तविक युद्ध
  7. विभाजन के समय दोनों ही पक्षों अर्थात् हिन्दुओं, मुसलमानों को अनेक कष्ट उठाने पड़े
  8. अल्पसंख्यकों की राजनीति का विकास
  9. अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण की नीति
  10. दक्षिण एशिया की राजनीति पर प्रभाव

प्रश्न 2.
भारत के विभाजन के बाद भारत में राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया की प्रमुख चुनौतियाँ व उद्देश्य समझाइये।
उत्तर:
आजादी के बाद भारत के लिए राह आसान नहीं थी। उसके सामने अनेक चुनौतियाँ मुँह खोले खड़ी थीं। आजादी के समय महात्मा गाँधीजी ने कहा था कि, कल हम अंग्रेजी राज की गुलामी से आजाद हो जायेगें लेकिन आधी रात को भारत का बँटवारा भी होगा। इसलिए कल का दिन हमारे लिए खुशी का दिन होगा और गम का भी। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि गाँधीजी ने भी आगे आने वाली समय की चुनौतियों की ओर संकेत दिया। हम यहाँ पर आजादी के बाद की तीन प्रमुख चुनौतियों का वर्णन कर रहे हैं जो निम्न हैं –

1. सबसे महत्त्वपूर्ण चुनौती भारत के सामने भारत जैसे विशाल देश को राष्ट्र के रूप में बनाना व उसे निश्चित करना कि विभिन्न जाति धर्म, भाषा, संस्कृति व भौगोलिकता वाले लोगों में राष्ट्रीयता अर्थात् भारतीयता के सूत्र में बांध कर उन्हें एकता के सूत्र में बाँधना था। अतीत के बहुत दुखद अनुभव रहे एकता के अभाव में हमने विदेशी लोगों का शासन पाया था अतः सबसे बड़ी चुनौती है कि भारत को एक राष्ट्र के रूप में एक रखना तथा सभी वर्गों के लोगों में आपसी प्यार बढ़ाना।

2. दूसरी चुनौती भारतीय प्रशासकों के लिए भारत में प्रजातंत्रीय प्रणाली के लिए आवश्यक राजनीतिक संस्कृति का विकास करके प्रजातन्त्र को मजबूत करना था। जिसमें भारत काफी हद तक सफल रहा है। अब तक 60 वर्ष के प्रजातंत्रीय सफर में भारत में अनेक स्तर पर अनेक चुनाव होते रहे हैं जिससे भारतीय लोकतंत्र परिपक्व हुआ। भारत का नागरिक मतदाता के रूप में भी परिपक्व हुआ है। भारत में प्रजातंत्र की जड़े मजबूत हुई है। ये भी वास्तव में एक बड़ी चुनाती थी।

3. तीसरी प्रमुख चुनौती भारतीयों के विकास व जनकल्याण की थी जब देश आजाद हुआ भारत में गरीबी बेरोजगारी व क्षेत्रीय असन्तुलन व अनपढ़ता जैसी अनेक समस्याएँ थी। उन सभी को दूर करने के लिए आवश्यक प्रयास किये गये हैं व लोगों के जीवन स्तर को उठाया गया है। गाँव शहरी अर्थव्यवस्था को मजबूत किया गया है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
दो राष्ट्र का सिद्धान्त किसने दिया?
(अ) जवाहर लाल नेहरू
(ब) मो. अली जिन्ना
(स) सरदार पटेल
(द) खान अब्दुल गफ्फार खान
उत्तर:
(ब) मो. अली जिन्ना

प्रश्न 2.
हिन्दुस्तान आजाद हुआ –
(अ) 1953
(ब) 1955
(स) 1956
(द) 1952
उत्तर:
(स) 1956

प्रश्न 3.
हिन्दुस्तान आजाद हुआ –
(अ) हैदराबाद
(ब) मणिपुर
(स) जूनागढ़
(द) मैसूर
उत्तर:
(ब) मणिपुर

प्रश्न 4.
हिन्दुस्तान आजाद हुआ –
(अ) 1945
(ब) 1946
(स) 1948
(द) 1950
उत्तर:
(ब) 1946

प्रश्न 5.
भारत-विभाजन के बारे में निम्नलिखित कौन-सा कथन गलत है?
(अ) भारत-विभाजन “द्वि-राष्ट्र सिद्धांत” का परिणाम था।
(ब) धर्म के आधार पर दो प्रांतों-पंजाब और बंगाल का बँटवारा हुआ।
(स) पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान से संगति नहीं थी।
(द) विभाजन की योजना में यह बात भी शामिल थी कि दोनों के बीच आबादी की अदला-बदली होगी।
उत्तर:
(द) विभाजन की योजना में यह बात भी शामिल थी कि दोनों के बीच आबादी की अदला-बदली होगी।

प्रश्न 6.
हिन्दुस्तान आजाद हुआ –
(अ) सन् 1947 के 14-15 अगस्त की मध्यरात्रि को
(ब) सन् 1945 की 14 अगस्त को
(स) सन् 1946 के 15 अगस्त की मध्य रात्रि को
(द) उपर्युक्त में कोई नहीं
उत्तर:
(अ) सन् 1947 के 14-15 अगस्त की मध्यरात्रि को

प्रश्न 7.
भारत के लिए जो वर्ष अभूतपूर्व हिंसा और विस्थापन त्रासदी का वर्ष था, वह था –
(अ) 1962
(ब) 1971
(स) 1965
(द) 1947
उत्तर:
(द) 1947

प्रश्न 8.
द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की बात
(अ) मुस्लिम लीग
(ब) हिन्दू महासभा में
(स) कांग्रेस
(द) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
उत्तर:
(अ) मुस्लिम लीग

प्रश्न 9.
‘नोआवली’ अब जिस देश में है, वह है –
(अ) पाकिस्तान
(ब) बंगलादेश
(स) भारत
(द) म्यांमार
उत्तर:
(ब) बंगलादेश

प्रश्न 10.
विभाजन के समय भारत में कुल रजवाड़ों की संख्या थी –
(अ) 565
(ब) 465
(स) 665
(द) 365
उत्तर:
(अ) 565

प्रश्न 11.
भारत में चुनाव आयोग का गठन हुआ?
(अ) जनवरी 1950 में
(ब) फरवरी 1950 में
(स) जून 1950 में
(द) अगस्त 1950 में
उत्तर:
(अ) जनवरी 1950 में

प्रश्न 12.
भारत विभाजन का श्रेय किस गवर्नर को दिया जाता है?
(अ) लॉर्ड बेवल
(ब) लॉर्ड माउन्टेबेटेन
(स) लॉर्ड कर्जन
(द) लॉर्ड लिनलिथगो
उत्तर:
(ब) लॉर्ड माउन्टेबेटेन

प्रश्न 13.
भारतीय स्वतंत्रता के साथ राष्ट्र निर्माण में सबसे बड़ी समस्या थी –
(अ) शिक्षा का प्रसार
(ब) आर्थिक विकास
(स) शहरीकरण
(द) देशी रियासतों का भारतीय संघ में विलय
उत्तर:
(द) देशी रियासतों का भारतीय संघ में विलय

प्रश्न 14.
किस देशी रियासत के विरुद्ध भारत सरकार के विलय हेतु बल का प्रयोग करना पड़ा?
(अ) जूनागढ़
(ब) हैदराबाद
(स) त्रावनकोर
(द) मणिपुर
उत्तर:
(ब) हैदराबाद

प्रश्न 15.
1956 में भारतीय राज्यों के पुनर्गठन का आधार क्या बनाया गया?
(अ) भाषा
(ब) भौगोलिक क्षेत्र
(स) जाति या धर्म
(द) देशी रियासत की पृष्ठभूमि
उत्तर:
(अ) भाषा

प्रश्न 16.
कश्मीर समस्या के संदर्भ में कौन सा कथन गलत है?
(अ) काश्मीर द्वारा भारत के साथ विलय पत्र पर हस्ताक्षर किया गया।
(ब) अन्य भारतीय क्षेत्रों की तरह कश्मीर के लोग चुनाव में भाग लेते हैं।
(स) कश्मीर का एक भाग पाकिस्तान के नियंत्रण में है।
(द) सरकार द्वारा कश्मीर में मानवाधिकार का हनन किया जाता है।
उत्तर:
(द) सरकार द्वारा कश्मीर में मानवाधिकार का हनन किया जाता है।

प्रश्न 17.
स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय गवर्नर-जनरल कौन थे?
(अ) सी. राजगोपालाचारी
(ब) गोविंद बल्लभ पंत
(स) मौलाना अब्दुल कलाम
(द) कामराज नाडार
उत्तर:
(अ) सी. राजगोपालाचारी

II. मिलान करने वाले प्रश्न एवं उनके उत्तर

Bihar Board Class 12 Political Science Solutions chapter 1 राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ Part - 2 img 3
उत्तर:
(क) – (3)
(ख) – (5)
(ग) – (4)
(घ) – (1)
(ङ) – (2)

Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 17 The Recycling Rap

Students who wish to prepare the Class 8 English can rely on the Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 17 The Recycling Rap. Become perfect with the concepts of BSEB Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 17 The Recycling Rap Questions and Answers score better grades in your exams. Detailed Solutions are provided to the concepts by experts keeping in mind the latest edition textbooks and syllabus.

BSEB Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 17 The Recycling Rap

Ace up your preparation by referring to the Bihar Board Solutions for Class 8 English and learn all the topics within. Click on the topic you want to prepare from the Class 8 Chapter 17 The Recycling Rap Questions and Answers prepare it easily. You can understand your strengths and weaknesses by practicing the Questions in Bihar Board Class 8 English Solutions PDF.

Bihar Board Class 8 English The Recycling Rap Text Book Questions and Answers

A. Warmer

All of us discard many things as waste. Have you ever thought that many of them can be used again ur recycled ?

The Recycling Rap Poem Questions And Answers Bihar Board Class 8 Question 1.
Think of things that can be recycled. Make a list.
Answer:
Glass, can, paper, polythene bag newspaper, bottles etc.

The Recycling Rap Bihar Board Class 8 Question 2.
Have you prepared any new thing from discarded things ? Name some of them.
Answer:
I have made toys and project work of drawing from some discarded things as paper clip, hair pin, old toys, old pin, old and tom clothes, colourful threads of rakhi, old calendar etc.

Recycling Rap Poem Bihar Board Class 8 Question 3.
Can you think of more way of reusing what has already been used ?
Answer:
We can use cans, bottles and jars as flower pots. Old papers could be used as paper bags too. Think of other ways yourselves, discussing with your friends.

B. Let’s Comprehend

B. 1. Think and Tell

B. 1. 1. Answer the following questions orally.

Poem About Recycling Class 8 Question 1.
What, according to the poet, is the only way to save this planet for future generation ?
Answer:
Recycling.

Poem For Recycling Bihar Board Class 8 Question 2.
Where should the waste materials be stored ?
Answer:
In, Save – A – Can.

The Recycling Rap Poem Bihar Board Class 8 Question 3.
What should one do with the bottles before putting in the waste box ?
Answer:
Save them as not to be broken.

Recycling Poems Bihar Board Class 8 Question 4.
Where should we put glass bottle and jam-jars ?
Answer:
Taske them to the bottle bank.

Poems About Recycling Bihar Board Class 8 Question 5.
Which household items, according to the poet, can be recycled ?
Answer:
Old news papers, old glass bottles and jam jars, and .drink can.

B. 2. Think and Write

B. 2. 1. Tick (✓) the most appropriate option that will complete the following sentences:

Recycling Poems That Rhyme Bihar Board Class 8 Question 1.
To save this planet for future generation
a. collect all the used material
b. use things carefully
c. recycle the waste material
Answer:
c. recycle the waste material

Bihar Board Class 8 English Solution In Hindi Question 2.
Get yourself doing the recycling rap to
a. make money
b. to entertain yourself
c. keep busy with reusing the waste material.
Answer:
c. keep busy with reusing the waste material.

Question 3.
Take the waste material to the bottle bank in order to
a. deposit them there
b. earn money
c. recycle them
Answer:
c. recycle them

B. 2. 2. Answer each of the following questions in about 30 words:

Question 1.
What advice does the poet give to the children ?
Answer:
The poet advices the children to start recycling. This the only way by which our earth could be saved for our future generation.

Question 2.
What method does the poet suggest to dispose off the empty drink cans ? List the steps.
Answer:
To dispose of the empty drink cans, the poet suggests that after using them wash it, squash it, squeeze it making it flat and thin.

B. 2. 3. Answer each of the following questions in about 60 words.

Question 1.
List all the don’ts that the poet has suggested to save for the future generation.
Answer:
The don’ts that the poet suggests to save for the future generation are

  1. Don’t throw away the old newspapers.
  2. Don’t just take the old newspapers and dump them on the tip.
  3. Don’t chuck away the empty drink cans.
  4. No more pussy footing.
  5. No more claptrap.

Question 2.
What word in the last stanza sums up the advice of the poet to the children for saving the future generation ?
Answer:
The words in the last stanza that sums up the advice of the poet to the children for saving the future generation are:
“We’ve got to start recycling. It’s the only way to save this planet for future generation. No more pussy footing. No more clep trap. Get yourself doing the recycling rap.”

Question 3.
Why has the poet repeated the first stanza at the end the poem ?
Answer:
The poet has repeated the first stanza at the end of the poem to emphasize or underline his prime words. The main list of the poem lies in the first stanza. The poem is a song and chorus repeats at last. So the first stanza is repeated at the end too.

Question 4.
Which line or words are repeated several times in the poem ? What is the significance of this repetition ?
Answer:
The words repeated several times in the poem are ‘We’ve got to start recycling’. The significance of this repetition is to make the listeners more aware of the process of recycling that we have to do it. .

C. Word Study

C. 1. Pick out words from the poem that mean the following 

Question 1.
not taking sides
places/containers where you put your garbage
a container for holding liquids
pressing something with fingers
putting down something carelessly
Answer:
not taking sides – sitting on the fence places/containers where you put.
your garbage – skip.
a container for holding liquids – Save-A-Can.
pressing something with fingers-squash,
putting down something carelessly – chuk.

C. 2. Find out the dictionary entries for the following words

from the poem. Tick the sense in which these words have been used in the poem:

(post, can, rap, skip, tip)
Answer:
Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 17 The Recycling Rap 1

Grammar

D. 1. Gerund

In the title of the poem ‘Recycling Rap’, ‘recycling’ is used as an adjective but as a noun in ‘We’ve got to start recycling’. In fact, a noun made of a verb + ing a called a Gerund which is a verbal noun.

Read the following uses of gerunds and the explanations given for each use.

Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 17 The Recycling Rap 2

D. 1.1. Complete each statement by using a gerund (phrase).

Example : Are you lazy about writing essays ?

  1. Are you tired of ?
  2. Are you worried about ?
  3. Do you ever complain about ?
  4. Arc you interested in ?
  5. Were you excited about ?
  6. Did anyone stop you from ?

Answer:

  1. Are you tired of learning English ?
  2. Are you worried about spending money ?
  3. Do you ever complain about your friend’s behaviour ?
  4. Are you Interested in seeing movies ?
  5. Where you excited about the picnic programme ?
  6. Did anyone stop you from going cinema.

E. Let’s Talk

Talk about things (water, electricity, food, time, etc.) that you waste everyday. Suggest ways how you can save them.
Hints : Talk among your friends yourselves.

F. Composition

Question 1.
Our school is celebrating the Environment Day. Prepare a poster showing ‘Dos’ and ‘Dont’s for saving our environment.
Answer:
Poster: Environment Day

Do’s:

  • Start recycling.
  • Save energy.
  • Save electricity.
  • Do the reclamation.
  • Save water.

Don’t:

  • Don’t waste food.
  • Don’t waste energy.
  • Don’t waste electricity.
  • Don’t throw away used things.
  • Don’t throw away the bottles.

G. Translation

Question 1.
Translate the first stanza of the poem into Hindi.
Hints: See. ‘Hindi Translation of the Poem’.

H. Activity

Question 1.
Think of ways in which you can recycle the newspapers and magazines and envelopes. Make a list and share with other groups.
Answer:
The old newspapers and magazines and envelopes could be reused in making our project works, making paper bags and toys and other drawing items.
Think of other ways to reuse them yourselves, discussing with your friends.

The Recycling Rap Summary in English

‘The Recycling Rap’ ran ralra) poem is composed by the English Poet John Foster. It is a serious poem. The poem deals with the saving of our environment.

The poet says in the poem that recycling of the things is very necessary. By doing this our planet will become less pol-luted. This is a necessary step to save our future generation.

The Recycling Rap Summary in Hindi

‘द रिसाइक्लिंग रैप’ (दुबारा उपयोग करने का गीत) व पिता के कवि हैं, अंग्रेजी भाषा के प्रसिद्ध कवि जॉन फोस्टर । प्रस्तुत कविता एक गंभीर कविता है। प्रस्तुत कविता में पृथ्वी के वातावरण को बचाने की चिंता साफ-साफ अभिलक्षित होती है । कवि प्रस्तुत कविता में कहता है कि हम जिन चीजों का उपयोग करते हैं, उनका दुबारा उपयोग किया जाना या उस लायक बनाना, आज के समय की सख्त जरूरत है। ऐसा करने से ही हमारी धरती कम प्रदूषित हो सकती है। यह हमासे भविष्य की पीढी को बचाने के लिए बेहद जरूरी है।

The Recycling Rap Hindi Translation of The Chapter

Planet (n) [प्लैनेट] = ग्रह । Generation (n) [जेनरेशन] = पीढी, संतति | Reclamation (n) (रिक्लेमेशन] = पुराने रूप में फिर से लौटाने की प्रक्रिया, पुनः प्राप्ति | Sitting on the fence (phr) [सीटिंग ऑन द फेन्स] = तटस्थ बने रहना, कोई प्रतिक्रिया नहीं देना। Pussy footing (v) [पुसी फूटिंग] = सावधानी बरतते हुए अपने विचार देना | Claptrap (n) [क्लैपट्रैप) = बेतुकी बातें, बकवास । Dump (v) [डम्प] = कूड़ा फेंकना या गाड़ना। Tip (n) [टिप] = कूड़ा फेंकने का स्थान | Bundle (n) [बन्डल] = गट्ठर । Skip (n) [स्किप] = कूड़ेदानी । Save-A-Can (n) [सेव-अ-कैन] = बड़ा कूड़ेदान।

Hope the data shared has shed some light on you regarding the Bihar Board Solutions of Class 8 English Chapter 17 The Recycling Rap Questions and Answers . Do leave us your queries via the comment section and we will guide you at the earliest with help seeked. Stay connected with our website and avail the latest information in a matter of seconds.

Bihar Board Class 10 English Book Solutions Poem 4 Thinner Than a Crescent

Guys who are planning to learn the fundamentals of English can avail the handy study material Bihar Board Class 10 English Book Solutions Poem 4 Thinner Than a Crescent Questions and Answers here. Refer to the Bihar Board English Solutions for Class 10 PDF available and score better grades. Simply click on the quick links available for Bihar Board Class 10 English Book Solutions and prepare all the concepts in it effectively. Take your preparation to the next level by availing the Bihar Board Class 10 English Book Solutions Poem 4 Thinner Than a Crescent prepared by subject experts.

Panorama English Book Class 10 Solutions Poem 4 Thinner Than a Crescent

Do you feel the concept of English difficult to understand? Not anymore with our Bihar Board Solutions for Class 10 English Poem 4 Thinner Than a Crescent Questions and Answers. All the Solutions are given to you with detailed explanation and you can enhance your subject knowledge. Use the Bihar Board Textbook Solutions PDF free of cost and prepare whenever you want.

Short Answer Type Questions
B. Answer the following questions briefly:

Thinner Than A Crescent Question Answer Bihar Board Class 10 Question 1.
Why is Radha crying?
Answer:
Radha is crying to meet Lord Krishna.

Thinner Than A Crescent Bihar Board Class 10 Question 2.
What two feelings of Radha have been referrel to by her friend?
Answer:
The two feeling of Radha as referred by her friend have been,
(i) she does not hear, whatever other people say to her
(ii) she only expresses her agony.

Thinner Than A Crescent Meaning In Hindi Bihar Board Class 10  Question 3.
To Whom does the friend make a report?
Answer:
The friend makes the report to Lord Krishna (Madhav).

Thinner Meaning In Hindi Bihar Board Class 10 Question 4.
What did Radha’s friend believe in?
Answer:
Radha’s friends believer that when the hopelessness. would be driven away joy may come again.

Question 5.
Why did Radha’s friends run to Lord Krishna?
Answer:
Radha’s friend ran to Lord Krishna, to inform him that Radha was calling his name repeatedly and getting weak.

C.1. Long Answer Type Questions:

Question 1.
Describe Radha’s condition, as reported by her friend.
Answer:
Radha’s friend became sad to see her falling health and pathetic mental condition. He realised that she had immense love and devotion for Lord Krishna and his separation was unbearable to her. She had a strong desire to have a glimpse of her Lord to ask him for such a harsh attitude towards her. As such, Radha’s friend went hurriedly to Lord Krishna and narrated all about her.

As reported by him, she was so much miserably spending her day and night. Her tears had turned into a river. She was hurt and confused sitting constantly there. She had almost lost her sense. She did not understand what other people say and even what to tell them. She did repeat continuously her Lord’s name.

Thus, such was Radha’s condition as reported by her friend.

Question 2.
Why is Radha’s friend so worried?
Answer:
Radha is highly annoyed to see the negligence of Lord Krishna towards her. She has become physically and mentally sick. Seeing her such priecarious condition her friend becomes worried. Such unhappy situation is intolerable to him. He does not like to see her in such a miserable condition.

Being her true friend his anxiety is justified, which has made him restless. There is a proverb. “A friend in need is a friend indeed.” Naturally, Radha’s friend is so much worried over her misery.

Question 3.
“Radha each day grows thinner than the crescent in the sky”, comment on the use of imagery.
Answer:
Vidyapati has compared Radha’s physical health with the curved shape of the moon. The poet is well known for using imagery in his poems.

In the present poem, he has nicely compared the health of Radha to the curved shape of the moon which gradually becomes shorter each day and finally is reduced to a thin curved line. It is a wonderful example of the use of imagery, in this stanza. “Imagery is the way of expression, using images or comparing something or some persons through images.”.

The poet’s idea behind it is to show the condition of Radha’s health. she has reduced to a Skelton. The depreciation in her health did not occur in a day. It took time to become so. Likewise, the full moon is not reduced to a thin curved line in one day. Every day it gets shorter and it takes about a fortnight to become so.

Thus, the poet has beautifully used imagery in this stanza of the poem.

C.3. Composition:

Question 1. Write a message to your mother to inform her that you are going to see Ranjan who has taken ill.
Answer:

Patna
…………2012.

My dear mother,
I have not received any letter from you for more than a month. I am anxious to know your welfare. I am quite well here.

Ranjan is suffering from fever at Muzaffarpur. He had gone there about ten days back. I thought it proper to inform you about his illness. You need not worry for, I am going to see him today. I shall remain there till his recovery. I shall take him with me to Patna if required.

Convey my best regards to father and love to dear children. With regards.

Your loving son
Rahul.

Question 2.
Your friend is living in a state of anxiety and worry. Write, in a paragraph of 80-100 words on the pathetic condition of your friend.
Answer:
Jyoti is my fast friend. He is not keeping up good health. He is much worried about his ill-health. He has formed an idea that he would not regain his lost health. Due to his bad health, he is not in a position to continue his regular studies. It has made him worried. He has almost lost hope of his being cured. I feel pity to see his condition and try to convince him of his recovery. from illness soon. But he does not believe me. I remain with him for some time every day. His family members are also highly confused and disturbed owing to his pathetic health. May God bless him with a sound health and peace of mind!

D. Word study:
D. 1. Dictionary use:

Question 1.
Correct the spelling of the following words:

KarvBanisBrudes
SeigeKonfusdThiner

Answer:

Curvebanishbroods
CeaseConfusedThinner

Question 2.
Write antonyms of the following words:
believe, thin, hope, friend, cease, confused.
Answer:

believedisbelieve
thinthick
hopehopeless
friendenemy
ceasecontinue
confusedconvinced

E. Grammar:

Question 1.
Fill up the blanks with suitable verbs given in the brackets:
(1) Each boy…………….. to school. (go/goes)
(2) Each teacher …………. got a room. (has/have)
(3) Each person …………. a car. (own/owns)
(4) Each child ……………. a problem. (has/have)
(5) Each labourer ………….. given a uniform. (was/were)
(6) Each painter ………….. given a prize. (has been have been)
(7) Each lesson in the book ……….. two pictures. (has/have)
(8) Each room in this hotel ……….a television set. (has/have)
(9) Each bench in the park ……….. full. (is/are)
(10) Each compartment ……………. Overcrowded: (was/we 🙂
Answer:

  1. goes,
  2. has,
  3. owns,
  4. has,
  5. was,
  6. has been
  7. has,
  8. has,
  9. is,
  10. was

F. Activities:

1. Translate any song in your mother tongue into English.
2. Find out for yourself one more poem by Vidyapati and recite it in the class.
Answer:
Students should do themselves.

Translate into English:

  1. मौं तुम्हों सुचना देने आया हूँ |
  2. मौं तुम्हों यह पुस्तक देने आया हूँ |
  3. मौं नास्ता कर चूका हूँ |
  4. मौं अपना काम समाप्त कर चूका हूँ |
  5. मौं यह पुस्तक पढ़ चूका हूँ |
  6. वह खोलने गया है |
  7. वह बाजार गया है |
  8. वह सिनमा गया है |

Answer:

  1. I have come to inform you.
  2. I have come to give you this book.
  3. I have done my breakfast.
  4. I have finished my work.
  5. I have read this book.
  6. He has gone to play.
  7. He has gone to market.
  8. He has gone to the movies.

Comprehensive Based Questions with Answers

1. Her tears carved a river
And she broods on its bank
hurt and confused.
Questions:
(i) Who is crying?
(ii) How is she hurt?
(iii) What does she brood?
(iv) Find the word which means: puzzled.
(v) Who wrote the above lines?
Answers:
(i) Radha is crying.
(ii) Her lover Lord Krishna has gone away from her, so she is hurt by Separation.
(iii) She is brooding over her past days.
(iv) Confused.
(v) Vidyapati wrote these Lines.

हिन्दी भाषान्तर:
कवि विद्यापति राधा का कृष्ण के प्रति अनुराग तथा उनके वियोग से उत्पन्न राधा की असह्य पीड़ा का वर्णन करते हैं

  • उसके आँसुओं ने नदी का निर्माण कर दिया है अर्थात् नदी का रूप धारण कर लिया है।
  • तथा वह उसके तट पर बैठकर वेदनापूर्ण हृदय से लगातार सोचती रहती है।
  • आहत तथा किंकर्तव्य विमूढ़ होकर ।

2. You ask her one thing
She speaks of another
Her friends believe
That joy may come again
At times they banish hope
and cease to case.
Questions:
(i) Name the poem and its poet.
(ii) How does Radha reply?
(iii) Is she in her true sense?
(iv) Find the word from the passage which means, expel.
Answers :
(i) The name of the poem is “Thinner Than A crescent’ and the poet is Vidyapai.
(ii) She does not reply in proper way. She relpies confusedly (Hkzfer gksdj)
(iii) No, she is not in her true sense. She seems insane because someone asks her some questions she replies in another way.
(iv) Banish.

हिन्दी अनुवाद:

  • यदि आप उससे एक बात पूछते हैं,
  • तो वह दूसरी बात के विषय में कहती है।
  • उसके मित्रों को विश्वास है ।
  • कि अपार हर्ष पुनः प्राप्त हो सकता है
  • अनेक बार वे आशा त्याग देते हैं अर्थात् निराश हो जाते हैं
  • तथा इस प्रकरण को बन्द कर देते हैं अर्थात् इस दिशा में सोचना बन्द कर देते हैं।

3. O Madhava,,
I have run to call you:
Radha each day grows thinner
Thinner than the crescent in the sky.
Questions.
(i) Who is ‘Madhava’ here?
(ii) Why is Radha growing thinner and thinner each day?
(iii) Who has run to call to whom?
(iv) Find the word in the passage which means:
‘The curved shaped of the moon.
Answers :
(i) Madhava is Lord Krishna here.
(ii) Radha is in agony. She is aggrieved of Separation from Lord Krishna. She has left her eating , thus she is growing thinner and thinner everyday.
(iii) Radha’s anonymous friend has run to call Lord Krishna.
(iv) Crescent.

हिन्दी अनुवाद:

  • ऐ माधव (प्रभु कृष्ण)
  • मैं आपको संदेश देने के लिए तेज चाल में चलकर आया हूँ; . राधा प्रत्येक दिन
  • दुबली होती जाती है अर्थात् निरन्तर दुबली होती जाती है
  • आकाश के अर्द्ध चन्द्र से भी अधिक दुबली, अर्थात् घटते हुए चन्द्रमा (प्रतिपदा के चन्द्रमा) के आकार से भी अधिक दुबली।

भावार्थ:
कवि के कहने का आशय यह है कि राधा के हितैषी मित्र भगवान कृष्ण के पास आकर राधा की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति का वर्णन करते हुए कहते हैं कि राधा उनकी याद में दिन प्रतिदिन दुबली होती जा रही है जिस प्रकार पूर्ण चन्द्र क्रमशः सिमटते हुए निरन्तर पतला होता जाता है ।

We wish the knowledge shared regarding Bihar Board Solutions for Class 10 English Poem 4 Thinner Than a Crescent Questions and Answers has been helpful to you. If you need any further help feel free to ask us and we will get back to you with the possible solution. Bookmark our site to avail the latest updates on different state boards solutions in split seconds.

Bihar Board Class 9 Political Science Solutions Chapter 2 लोकतन्त्र क्या और क्यों?

Bihar Board Class 9 Social Science Solutions Political Science राजनीति विज्ञान : लोकतांत्रिक राजनीति भाग 1 Chapter 2 लोकतन्त्र क्या और क्यों? Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 9 Social Science Political Science Solutions Chapter 2 लोकतन्त्र क्या और क्यों?

Bihar Board Class 9 Political Science लोकतन्त्र क्या और क्यों? Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न :

लोकतांत्रिक राजनीति कक्षा 9 Chapter 2 Question Answer Bihar Board प्रश्न 1.
किस प्रकार के शासन प्रणाली में सरकार के अधिकारी अपने हित में शासन करते हैं ?
(क) लोकतंत्र में
(ख) गैर-लोकतांत्रिक
(ग) दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ख) गैर-लोकतांत्रिक

Loktantrik Rajniti Class 9 In Hindi Solutions Chapter 2 Bihar Board प्रश्न 2.
पाकिस्तान में परवेज मुशर्रफ ने किस वर्ष सैनिक तख्त पलट की अगुवाई की?
(क) 1990 ई. में
(ख) 1999 ई. में
(ग) 2000 ई. में
(घ) 2002 ई. में
उत्तर-
(ख) 1999 ई. में

Bihar Board Class 9 Civics Solution प्रश्न 3.
किस वर्ष परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान का संविधान बदल डाला?
(क) 1999 ई. में
(ख) 2000 ई. में .
(ग) 2001 ई. में.
(घ) 2002 ई. में
उत्तर-
(घ) 2002 ई. में

Bihar Board Class 9 Political Science प्रश्न 4.
चीन की संसद के लिए कितने वर्षों बाद नियमित रूप से चुनाव होती है ?
(क) 5 वर्ष
(ख) 6 वर्ष
(ग) 8 वर्ष
(घ) 10 वर्ष
उत्तर-
(क) 5 वर्ष

लोकतांत्रिक राजनीति कक्षा 9 Chapter 2 Bihar Board प्रश्न 5.
चीन में चुनाव लड़ने से पहले किससे मंजूरी लेनी पड़ती है ?
(क) सरकार से.
(ख) संयुक्त राष्ट्र संघ से
(ग) चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से
(घ) किसी से भी नहीं
उत्तर-
(ग) चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से

Bihar Board Class 9 Geography Solutions प्रश्न 6.
“लोकतंत्र ऐसा शासन है जिसमें लोगों का, लोगों के लिए और लोगों द्वारा शासन किया जाता है-” निम्नलिखित में से किसका कथन
(क) जॉर्ज वाशिंगटन का
(ख) महात्मा गाँधी का
(ग) रूजवेल्ट का
(घ) अब्राहम लिंकन का
उत्तर-
(क) जॉर्ज वाशिंगटन का

लोकतंत्र क्या लोकतंत्र क्यों पाठ के प्रश्न उत्तर Bihar Board प्रश्न 7.
किस शासन व्यवस्था में राज परिवार में जन्म लेने वाला व्यक्ति शासक बन जाता है ?
(क) लोकतंत्र में
(ख) सैनिक शासन में
(ग) राजशाही में
(घ) गणतात्रिक शासन में
उत्तर-
(ग) राजशाही में

अध्याय 1 लोकतंत्र क्या लोकतंत्र क्यों Bihar Board प्रश्न 8.
किस देश में प्रत्यक्ष लोकतंत्र है ?
(क) चीन में
(ख) म्यांमार में
(ग) जापान में
(घ) स्विट्जरलैंड में
उत्तर-
(घ) स्विट्जरलैंड में

Bihar Board Solution Class 9 Social Science प्रश्न 9.
निम्नलिखित में से कौन-सा तथ्य लोकतंत्र के लिए जरूरी है ?
(क) सैनिक अधिकारी ही शासन चलाते हैं
(ख) जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि ही शासन चलाते हैं
(ग) लोग स्वयं शासन करते हैं
(घ) राजपरिवार को कोई संतान
उत्तर-
(ख) जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि ही शासन चलाते हैं

Bihar Board Class 9 Social Science Solution प्रश्न 10.
निम्नलिखित में से किस देश में महिलाओं को अभी भी वोट देने का अधिकार नहीं है ?
(क) पाकिस्तान में
(ख) चीन में
(ग) जापान में
(घ) सऊदी अरब में
उत्तर-
(घ) सऊदी अरब में

Bihar Board Class 9 History Book Solution प्रश्न 11.
लोकतंत्र के लिए क्या आवश्यक है ?
(क) सरकार संवैधानिक कानूनों के भीतर ही काम करती है।
(ख) सरकार मनमाने ढंग से काम करती है।
(ग) सरकार कोई भी फैसला अपने मन से करती है।
(घ) सरकार के लिए संविधान जानना आवश्यक नहीं।
उत्तर-
(क) सरकार संवैधानिक कानूनों के भीतर ही काम करती है।

Bihar Board 9th Class Social Science Book Pdf प्रश्न 12.
लोकतंत्र शासन का ऐसा रूप है जिसमें- .
(क) चुनाव स्वतंत्र नहीं होते हैं
(ख) चुनाव में एक ही दल भाग लेता है
(ग) चुनाव पक्षपातपूर्ण होता है
(घ) जनता के पास शासकों को बदलने का विकल्प और अवसर उपलब्ध होते हैं
उत्तर-
(घ) जनता के पास शासकों को बदलने का विकल्प और अवसर उपलब्ध होते हैं

Bihar Board Class 9 History Solution प्रश्न 13.
लोकतंत्र का मुख्य दोष है
(क) गैर जिम्मेदार लोगों का
(ख) विद्वानों का
(ग) देशभक्तों का
(घ) सच्चे सेवकों का
उत्तर-
(क) गैर जिम्मेदार लोगों का

Bihar Board Class 9 History प्रश्न 14.
चीन में भयंकर अकाल कब पड़ा था ?
(क) 1958-61 ई. के दौरान
(ख) 1965 ई. में
(ग) 1965-70 ई. के दौरान
(घ) 1980 ई० में
उत्तर-
(क) 1958-61 ई. के दौरान

Bihar Board Class 9th Social Science Solution प्रश्न 15.
किसके शासन काल में भारत में 1975 ई० में आपातकाल लागू किया गया?
(क) श्री लालबहादुर शास्त्री
(ख) श्रीमती इंदिरा गाँधी
(ग) डॉ. मनमोहन सिंह
(घ) श्री देवगोड़ा
उत्तर-
(ख) श्रीमती इंदिरा गाँधी

लोकतंत्र के प्रश्न उत्तर Class 9 Bihar Board प्रश्न 16.
लोकतंत्र में अकाल भुखमरी की संभावना कम रहती है । यह तर्क देने में कौन-सा कारण सही है ?
(क) सरकार की आलोचना कर सकने वाला स्वतंत्र मीडिया होता
(ख) विपक्षी दल कमजोर होते हैं
(ग) एक दलीय चुनावी व्यवस्था होती है
(घ) अधिकारी मनमानी करते हैं
उत्तर-
(क) सरकार की आलोचना कर सकने वाला स्वतंत्र मीडिया होता

लोकतंत्र क्या लोकतंत्र क्यों प्रश्न उत्तर Class 9 Bihar Board प्रश्न 17.
निम्नलिखित में से कहाँ का शासन लोकतांत्रिक होता है ?
(क) जहाँ सैनिक पदाधिकारी शासक हो
(ख) जहाँ का शासक राजा का पुत्र हो
(ग) जहाँ का शासक एक तानाशाह हो
(घ) जहाँ लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि ही शासन करते हैं।
उत्तर-
(घ) जहाँ लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि ही शासन करते हैं।

Bihar Board Class 9th History Solution प्रश्न 18.
‘मूरों का शासन’-किस शासन का अवगुण है।
(क) राजतंत्र का
(ख) सैनिक शासन में
(ग) लोकतंत्र में
(घ) इनमें से कोई नही
उत्तर-
(ग) लोकतंत्र में

Bihar Board 9th Class History Book प्रश्न 19.
किस शासन प्रणाली में चुनाव में अनेक दलों की भागीदारी होती
(क) सैनिक शासन में
(ख) राजतंत्र में ।
(ग) लोकतंत्र में
(घ) तानाशाही में
उत्तर-
(ग) लोकतंत्र में

लोकतांत्रिक राजनीति कक्षा 9 Chapter 2 Notes Bihar Board प्रश्न 20.
लोकतंत्र शासन का प्रमुख दोष है।
(क) संविधान के अनुसार काम करना
(ख) जनता की बातों पर ध्यान देना
(ग) भ्रष्ट नेताओं के हाथ का खिलौना बन जाना
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ग) भ्रष्ट नेताओं के हाथ का खिलौना बन जाना

रिक्त स्थान की पूर्ति करें :

Bihar Board Class 9 Economics Solution प्रश्न 1.
परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान में सैनिक तख्तापलट कर खुद देश का …… घोषित कर दिया।
उत्तर-
मुख्य कार्यकारी

प्रश्न 2.
फरवरी …………… में पाकिस्तान में आम चुनाव हुए।
उत्तर-
2008 ई.

प्रश्न 3.
पाकिस्तान के राष्ट्रपति …. हैं।
उत्तर-
अशिफ अली जरदारी

प्रश्न 4.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ………….. हैं।
उत्तर-
युसूफ

प्रश्न 5.
संसदीय प्रणाली में मतदान द्वारा चुनाव में जीते हुए प्रत्याशी कहलाते हैं।
उत्तर-
प्रतिनिधि

प्रश्न 6.
लोकतंत्र में बिना किसी डर, भय एवं …………… के इच्छानुसार वोट डाला जाता है।
उत्तर-
प्रलोभन

प्रश्न 7.
फिजी देश के मूलवासियों के वोट का महत्व भारतीय मूल के ……………… के. वोट से ज्यादा है।
उत्तर-
फिजी नागरिक

प्रश्न 8.
लोकतंत्र में सरकार ………….. नहीं कर सकती।
उत्तर-
मनमानी

प्रश्न 9.
लोकतंत्र में सरकार उसी की बनती है जिसका विधानसभा या लोकसभा में ………………. प्राप्त हो।
उत्तर-
बहुमत

प्रश्न 10.
लोकतंत्र में सरकार लोगों के अधिकारों को ……………. रखती है।
उत्तर-
सुरक्षित

प्रश्न 11.
लोकतंत्र में नेता सिर्फ ………. के प्रयास में रहते हैं।
उत्तर-
सत्ता हथियाने

प्रश्न 12.
अर्थशास्त्रियों के अनुसार लोकतांत्रिक देश में कही भी बड़ी …………. नहीं हुई।
उत्तर-
त्रासदी

प्रश्न 13.
लोकतंत्र में …………… चुनावी व्यवस्था होती है।
उत्तर-
बहुदलीय

प्रश्न 14.
लोकतांत्रिक सरकार ……………… के लिए सबसे उत्तम शासन है।
उत्तर-
लोककल्याण

प्रश्न 15.
लोकतंत्र में …………….. निरंतर व्यवस्थापिका एवं कार्यपालिका पर नजर रखे रहती है।
उत्तर-
न्यायपालिका

प्रश्न 16.
लोकतंत्र में लोगों की गरिमा एवं इच्छाओं का ………. किए जाने की ज्यादा संभावना है
उत्तर-
सम्मान

प्रश्न 17.
लोकतंत्र में केवल प्रतिनिधि ही ………… में भाग लेते हैं।
उत्तर-
शासन-संचालन

प्रश्न 18.
लोकतंत्र केवल सरकार तक ही सीमित नहीं है बल्कि उसकी पहुँच संगठन, गाँव एवं …………. तक है।
उत्तर-
परिवार

प्रश्न 19.
लोकतंत्र शासन व्यवस्था एक ……. है।
उत्तर-
आदर्श

प्रश्न 20.
लोकतंत्र सामान्य मनुष्य में …… पैदा करती है।
उत्तर-
निष्ठा

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लोकतंत्र में किस प्रकार की सरकार होती है ?
उत्तर-
लोकतंत्र में ऐसी सरकार होती है जहाँ जनता अपने शासक का स्वयं चुनाव करती है।

प्रश्न 2.
जनरल परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान में किस प्रकार के शासक थे ?
उत्तर-
सैनिक शासक ।

प्रश्न 3.
जनरल परवेज मुशर्रफ ने धोखाधड़ी का सहारा लेकर क्या किया?
उत्तर-
अपना कार्यकाल पांच वर्षों के लिए बढ़वा लिया।

प्रश्न 4.
2002 ई० में परवेज मुशर्रफ ने क्या किया?
उत्तर-
उन्होंने संविधान को बदल डाला। ।

प्रश्न 5.
पाकिस्तान में 2008 के आम चुनाव में राष्ट्रपति कौन बने ?
उत्तर-
आसिफ अली जरदारी।

प्रश्न 6.
राजशाही शासन व्यवस्था में शासन कौन चलाता है?
उत्तर-
राजा।

प्रश्न 7.
चीन में सदस्यों का चुनाव कौन करता है ?
उत्तर-सेना करती है।

प्रश्न 8.
अब्राहम लिंकन कहाँ के राष्ट्रपति थे?
उत्तर-
संयुक्त राज्य अमेरिका के।

प्रश्न 9.
लोकतंत्र में अन्तिम शक्ति कहां निवास करती है?
उत्तर-
जनता में।

प्रश्न 10.
लोकतांत्रिक शासन प्रणाली का एकण लिखें।
उत्तर-
नागरिकों को मताधिकार एवं स्वतंत्रता प्राप्त है

प्रश्न 11.
लोकतंत्र की एक महत्वपूर्ण विशेषता लिखें।.
उत्तर-
लोकतंत्र स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव पर आधारित होता है।

प्रश्न 12.
वर्ष 2005 में बिहार के मुख्यमंत्री कान बने ।
उत्तर-
श्री नीतिश कुमार ।

प्रश्न 13.
भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिह्न क्या है ?
उत्तर-
कमल छाप।

प्रश्न 14.
लोकतंत्र का पहला गुण क्या है ?
उत्तर-
लोकतंत्र में शासक को जनता के प्रति अधिक जवाबदेही होती है।

प्रश्न 15.
लोकतंत्र शासन कैसी व्यवस्था है ?
उत्तर-
लोकतंत्र शासन एक ऐसी व्यवस्था है जिसका प्रयोग जीवन के किसी भी क्षेत्र में हो सकता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लोकतंत्र क्या है?
उत्तर-
एक ऐसी शासन-व्यवस्था जो लोगों द्वारा चुनी जाती है और लोगों के हित में शासन करती है। लोकतंत्र कहलाती है। इसमें समानता, स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक सिद्धान्तों पर विशेष बल दिया जाता है। वर्तमान समय में यह शासन व्यवस्था सबसे लोकप्रिय है।

प्रश्न 2.
लोकतंत्र की एक प्रसिद्ध परिभाषा दें।
उत्तर-
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने लोकतंत्र की जो व्याख्या दी वह सबसे प्रसिद्ध परिभाषा सिद्ध हुई । उनके अनुसार ‘लोकतंत्र ऐसा शासन है जिसमें लोगों का, लोगों के लिए और लोगों द्वारा शासन किया जाता है।’

(“Democracy is a government of the people, by the people and for the people.”)
-Abraham Lincoln.

प्रश्न 3.
गैर-लोकतांत्रिक शासन क्या है ?
उत्तर-
कुछ सरकारें ऐसी होती हैं जो लोगों द्वारा निर्वाचित न होकर अन्य माध्यमों जैसे तख्तापलट, पारिवारिक परम्परा आदि से स्थापित होती हैं ऐसी सरकारों के अधिकारी अपने हित में शासन करते हैं। ऐसी शासन-व्यवस्था को गैर-लोकतांत्रिक शासन कहा जाता है। जैसे6 अक्टूबर 1999 ई. से लगभग.दिसम्बर 2007 ई. तक पाकिस्तान का
शासन सैनिक तख्तापलट के कारण जनरल मुशर्रफ के हाथ में रहा । .

प्रश्न 4.
प्रत्यक्ष लोकतंत्र और अप्रत्यक्ष लोकतंत्र में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
प्रत्यक्ष लोकतंत्र- प्रत्यक्ष लोकतंत्र शासन व्यवस्था का वह रूप है जिसमें जनता प्रत्यक्ष रूप से शासन संचालन में भाग लेती है, एवं कानून का निर्माण भी स्वयं करती है। प्राचीन काल में भारत में लिच्छवी, विदेह आदि जनपदों में प्रत्यक्ष लोकतंत्र था। आज स्विट्जरलैंड में यह शासन प्रणाली वर्तमान है।

अप्रत्यक्ष लोकतंत्र-अप्रत्यक्ष लोकतंत्र शासन-व्यवस्था का वह रूप है जहाँ लोग अपने प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं और चुने हुए प्रतिनिधि – के द्वारा शासन में स्वयं भाग लेते हैं । भारत, अमेरिका, वर्तमान पाकिस्तान में इस प्रकार का लोकतंत्र कायम हैं।

प्रश्न 5.
लोकतांत्रिक और गैर-लोकतांत्रिक सरकार का एक-एक लक्षण लिखें।
उत्तर-
लोकतांत्रिक सरकार-लोकतंत्र में लोग अपने-अपने वोट के माध्यम से अपने प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं। ये चुने हुए प्रतिनिधि ही शासन का संचालन करते हैं, सरकार के लिए फैसले लेते हैं और कानूनों का निर्माण करते हैं।

गैर-लोकतांत्रिक सरकार-वैसी सरकारें जो लोगों द्वारा निर्वाचित न । होकर अन्य माध्यमों जैसे तख्तापलट, पारिवारिक परम्परा आदि से स्थापित होती हैं के अधिकारी अपने हित में शासन करते हैं। ऐसी शासन-व्यवस्था को गैर-लोकतांत्रिक शासन कहा जाता है। जैसेम्यांमार में अभी भी सैनिक शासन है जो कि गैर-लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था है।

प्रश्न 6.
लोकतंत्र, राजतंत्र और सैनिक शासन से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर-
लोकतंत्र-लोकतंत्र वह शासन प्रणाली है जिसमें राज्य की ‘सना जनता के हाथ में होती है और सरकार जनता द्वारा चुने गए – प्रतिनिधियों द्वारा चलाई जाती है।

राजतक राजतंत्र में शासन का कार्य राजा द्वारा चलाया जाता है। राजा निर्वाचित नहीं होता बल्कि पैतृक आधार पर राज्य का अधिकारी बन जाता है।

सैनिक शासन-सैनिक शासन में सेना का शासन होता है। सेना तानाशाही या मनमाने ढंग से अपनी भलाई के लिए शासन करती है। यह शासन किसी के प्रति उत्तरदायी नहीं होती । इस प्रकार के शासन में चुनावों का कोई स्थान नहीं होता है। विरोध करने वाले को जेल में डाल दिया जाता है या फिर मौत के घाट उतार दिया जाता है।

इस प्रकार राजतंत्र और सैनिक शासन दोनों ही गैर-लोकतांत्रिक शासन हैं।

प्रश्न 7.
लोकतांत्रिक सरकार की किन्हीं चार आवश्यक तथ्यों का वर्णन
करें।
उत्तर-

  • शासकों का चुनाव जनता के द्वारा होता है ।
  • चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र होते हैं ।
  • चुनाव में अनेक दलों की भागीदारी होती है, जिसके कारण लोगों के पास शासकों को बदलने का विकल्प और अवसर उपलब्ध होते हैं।
  • चुनाव में बनी सरकार संविधान द्वारा निर्धारित तौर-तरीकों एवं नियमों के अन्दर ही कार्य करत. है और सरकार लोगों के अधिकारों को सुरक्षित रखती है।

प्रश्न 8.
लोकतांत्रिक शासन में नागरिकों को प्राप्त (पाठ के आधार पर) किन्हीं चार अधिकारों का वर्णन करें।
उत्तर-

  • जनता को मताधिकार प्राप्त होता है, जिससे वह बिना किसी डर, भय एवं प्रलोभन के अपनी इच्छानुसार वोट डालता है।
  • लोगों को मत प्रयोग के लिए अपना विचार रखने व विचारों की अभिव्यक्ति का अधिकार होता है।
  • लोग राजनीतिक संस्थाओं के लिए चुनावों में भाग ले सकते हैं तथा स्वयं चुनाव में भाग भी ले सकते हैं।
  • हर नागरिक को चुनाव लड़ने का अधिकार होता है।

प्रश्न 9.
क्या सेना के हाथों में शासन देना उचित होगा? तर्कपूर्ण उत्तर दें।
उत्तर-
यद्यपि सेना देश का सबसे अनुशासित और भ्रष्टाचार मुक्त संगठन है तथापि देश का शासन सेना को सौंपना लोकतंत्र के विरुद्ध है। सेना के अधिकार निर्वाचित नहीं होते। अत: वे जो कार्य करेंगे अपने हितों के लिए ही करेंगे। जनता के हितों पर उचित ध्यान नहीं देंगे । उनका शासन अधिकतर निरंकुश होता है। सैन्य विरोधियों को आसानी से कुचल डालते हैं।

प्रश्न 10.
मानवाधिकार क्या है ? संक्षेप में लिखें।
उत्तर-
व्यक्ति एवं समाज को राज्य द्वारा विभिन्न प्रकार के अधिकार प्रदान किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त प्रकृति ने भी हमें कुछ अधिकार प्रदान किए हैं। इन अधिकारों का उपयोग कर व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास कर सकता है। जैसे—स्वतंत्रता का अधिकार, समानता का अधिकार, जीवन जीने का अधिकार आदि । ये सब अधिकार मानवाधिकार कहलाते हैं। इन अधिकारों की प्राप्ति केवल लोकतंत्र में ही नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं।

प्रश्न 11.
लोकतांत्रिक चुनाव किस तरह के होते हैं ?
उत्तर-
लोकसभा और विधानसभा चुनाव विभिन्न तरह के झंडे एवं बैनर लेकर लोग चुनाव प्रचार करते हैं। ये विभिन्न तरह के झंडे विभिन्न दलों के होते हैं। जैसे-पंजा छाप काँग्रेस पार्टी का, कमल छाप भारतीय जनता पार्टी का, लालटेन छाप राष्ट्रीय जनता दल का, तीर छाप जनता दल यूनाइटेड का आदि । ये सभी दल मतदाता को अपनी ओर लामबंद करने और अपने पक्ष में मतदान करने के लिए लोगों को आकर्षित करते हैं । विभिन्न दलों के नेता अपने-अपने चुनावी कार्यक्रमों एवं भाषणों के माध्यम से अपनी-अपनी नीतियों को लोगों के सामने रखते हैं। देश के लोग उनके भाषण एवं विचारों को सुनकर अपनी इच्छानुसार मतदान करते हैं। उस समय मतदाता के समक्ष विभिन्न दलों का विकल्प होता है । जहाँ कहीं भी बहुदलीय व्यवस्था नहीं है वहाँ लोकतंत्र नहीं हो सकता। इस प्रकार लोकतंत्र सरकार का ऐसा रूप है जिसमें शासकों का चुनाव लोग करते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लोकतंत्र का शासक कौन होता है, शासकों का चुनाव कैसे होता है? शासकों के चुनाव में कौन लोग भाग लेते हैं ? किस तरह की सरकार को हम लोकतांत्रिक सरकार कहेंगे? या, लोकतंत्र की विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर-

(i) शासक कौन-लोकतंत्रीय व्यवस्थायें जो वयस्क हैं वोट डालने जाते हैं। ये लोग अपने-अपने वोट के माध्यम से अपने प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं । ये चुने हुए प्रतिनिधि शासन का संचालन करते हैं। इस प्रकार अन्तिम शक्ति जनता के हाथों में निवास करती है। अतः लोकतंत्र में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि देश का शासक होता है। निर्वाचित सरकार जनता के लिए फैसले लेती है और कानून का निर्माण करती है।
इस प्रकार लोकतंत्र में अन्तिम शक्ति जनता में निवास करती है जो लोकतंत्र की एक विशेषता है।

(ii) शासकों का चुनाव कैसे होता है ?-लोकतंत्र में बिना किसी डर, भय एवं प्रलोभन के अपनी इच्छानुसार वोट डाला जाता है। अतः हम कह सकते हैं कि लोकतंत्र में चुनाव निष्पक्ष एवं स्वतंत्र होता है जो इसकी प्रमुख विशेषता है।

(iii) शासकों के चुनाव में कौन लोग भाग लेते हैं- शासकों के चुनाव में सभी वयस्क लोग अपना-अपना वोट डालने जाते हैं । लोकतंत्र का सीधा संबंध मताधिकार से जुड़ा हुआ है। लोकतंत्र के लिए आवश्यक है कि सभी वयस्क लोगों को समान रूप से वोट देने का अधिकार मिले तथा सभी लोगों के वोट का महत्व बराबर हो । यह भी लोकतंत्र की एक महत्वपूर्ण विशेषता है।

(iv) किस तरह की सरकार को हम लोकतांत्रिक सरकार कहेंगे?लोकतंत्र में संविधान के अनुसार देश का शासन चलता है न कि किसी खास व्यक्ति या संस्था के अनुसार ।
लोकतंत्र में लोगों की बुनियादी अधिकारों की गारंटी होती है। लोगों को सोचने का, अपना विचार देने का, संगठन बनाने का, विरोध करने का, राजनैतिक गतिविधियों में स्वतंत्र रूप से भाग लेने आदि की स्वतंत्रता होती है। कानून की नजर में सभी समान होते हैं। लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायपालिका होती है।

इस प्रकार लोकतंत्र की एक विशेषता यह भी है कि लोकतंत्र में शासन कानून के अनुसार चलता है।
लोकतंत्र की मुख्य विशेषताओं का संक्षिप्त रूप इस प्रकार है –

  • लोकतंत्र की अन्तिम शक्ति जनता में निवास करती है।
  • लोकतंत्र में चुनाव निष्पक्ष एवं स्वतंत्र होते हैं ।
  • सभी वयस्क लाग को समान रूप से वोट देने का अधिकार प्राप्त है।
  • लोकतंत्र में शासन “कानून के अनुसार चलता है।
  • लोगों के अधिकारों की गारंटी होती है।

प्रश्न 2.
लोकतंत्र के पक्ष में तर्क प्रस्तुत करें।
अथवा, लोकतंत्र शासन अन्य शासनों से बेहतर क्यों है ?
अथवा, लोकतंत्र के कौन-कौन से गुण हैं ?
अथवा, लोकतंत्र शासन सर्वोत्तम शासन प्रणाली है। कैसे?
उत्तर-
(i) शासन के प्रति जवाबदेही-लोकतंत्र का पहला गुण है कि लोकतंत्र में शासन अधिक जवाबदेही वाला होता है। ऐसा देखा जाता है कि लोकतांत्रिक देशों में सरकार लोगों की जरूरत के अनुसार अपना आचरण करती है। चीन में 1958-61 ई. के दौरान भयंकर अकाल पड़ा। इसमें करोड़ों लोग भूख से मर गए । ठीक ऐसी ही तरह की भयावह स्थिति वर्ष 2008 ई. के अगस्त-सितम्बर महीने में उत्तरी बिहार में बाढ़ से उत्पन्ना प्रलय की थी जिसमें करोड़ों-अरबों की संपत्ति का नुकसान हुआ लाखों लोग बेघर एवं तबाह हो गए। भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था होने के कारण बिहार ने उससे जल्द ही निजात पा लिया; जबकि चीन को उस अकाल से निजात पाने में काफी समय लगा। इस संबंध में अर्थशास्त्रियों का कहना है कि किसी भी स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश में कभी भी बड़ी त्रासदी नहीं हुई क्योंकि लोकतांत्रिक देशों में बहुदलीय चुनावी व्यवस्था है वहाँ मजबूत विपक्षी दल होते हैं और सरकार की आलोचना के लिए स्वतंत्र मीडिया होती है।

(ii) लोकतंत्र में सरकार लोक कल्याण के लिए कार्य करती हैगैर-लोकतांत्रिक सरकारों की तुलना में लोकतांत्रिक सरकार लोककल्याण के लिए सबसे उत्तम शासन-व्यवस्था है। लोकतंत्र में जनता अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन करती है। प्रतिनिधि जनता की इच्छाओं, भावनाओं और आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर शासन करते हैं। जैसे- चीन में गैर-लोकतांत्रिक शासन के कारण शासन व्यवस्था में लोक कल्याण की भावना की कमी थी फलस्वरूप भयानक त्रासदी हो गयी।

(iii) लोकतंत्र में न्यायपालिका निरंतर व्यवस्थापिका एवं कार्यपालिका पर नजर रखे रहती है-मानव को प्रकृति प्रदत्त कुछ अधिकार प्राप्त हैं, जैसे-स्वतंत्रता का अधिकार, समानता का अधिकार, जीवन जीने का अधिकार आदि। जिसे मानवाधिकार भी कहा जाता है। इन अधिकारों का उपयोग कर व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास कर सकता है। इस तरह के अधिकार केवल लोकतंत्र में ही नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं। गैर-लोकतांत्रिक प्रशासन में नहीं। मानवाधिकारों की रक्षा हेतु ही न्यायपालिका की व्यवस्था होती है।

(iv) लोकतंत्र में सरकार को अपनी गलती सुधारने का मौका मिलता है-यदि सरकार जल्दीबाजी में कोई फैसला कर लेती है तो जनता भी उसे गलत कहकर पद से हटा देती है । जैसे- वर्ष 1975 ई. में श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भारत में आपातकाल लागू की थी, जो लोगों के विचार में गलत फैसला था। इस फैसले के कारण श्रीमती इंदिरा गाँधी को 1977 ई० के चुनाव में लोगों ने मतदान नहीं किया और श्रीमती गाँधी को सत्ता से हटना पड़ा । इस तरह की व्यवस्था गैर-लोकतांत्रिक सरकारों में संभव नहीं है। अत: लोकतंत्र में सरकार को अपनी गलती सुधारने का मौका रहता है।

(v) लोकतंत्र में लोगों की गरिमा एवं इच्छाओं को सम्मान मिलता है-लोकतंत्र न ही सभी समस्याओं का समाधान कर सकता है और न ही सभी चीजों को उपलब्ध कर सकता है जो जीवन के लिए आवश्यक है। फिर भी यह कहा जा सकता है कि लोकतंत्र उन सभी दूसरी शासन व्यवस्था से बेहतर है जिन्हें हम जानते हैं और दुनिया के लोगों को जिनका अनुभव है। यह अच्छे फैसलों के लिए बेहतर सेवा उपलब्ध कराता है। इससे लोगों की गरिमा बनी रहती है। इसी कारण से लोकतंत्र को सबसे अच्छा शासन व्यवस्था मानी जाती है।

प्रश्न 3.
लोकतंत्र के विपक्ष में तर्क प्रस्तुत करें।
अथवा, लोकतंत्र के अवगुणों की चर्चा करें।
अथवा, लोकतंत्र को मूरों का शासन कहा जाता है । क्यों ?
उत्तर-
यद्यपि लोकतंत्र शासन की सर्वाधिक सर्वोत्तम प्रणाली है तथापि इस प्रणाली में कई दोष हैं। इनके दोष निम्नलिखित हैं-

  • मूल् का शासन-लोकतंत्र के विरोधी यह तर्क देते हैं कि लोकतांत्रिक देशों में अनपढ़ एवं गैर जिम्मेदार लोगों की संख्या ज्यादा होती है । अत: चुने हुए प्रतिनिधि अनपढ़ और मूर्ख होते हैं । इसलिए इसे मूरों का शासन कहा जाता है।
  • नैतिकता की कोई जगह नहीं लोकतंत्र में सत्ता की लड़ाई और सत्ता का खेल चलता है। इसमें नैतिकता की कोई जगह नहीं रह जाती है और इसके अन्तर्गत सिर्फ सत्ता हथियाने का प्रयास किया जाता है। इससे लोगों के साथ-साथ देश को काफी क्षति पहुँचती है।
  • फैसला की प्रक्रिया में विलंब-लोकतंत्र में फैसला लेने की प्रक्रिया बड़ी कठिन होती है । फैसला लेने के पहले काफी वाद-विवाद, बहस एवं चर्चा होती है जिससे किसी भी निर्णय पर पहुँचने में दिक्कत होती है। .
  • यह काफी खर्चीला शासन है-क्योंकि इसमें होने वाले चुनावों – में काफी खर्च आता है। देश की बहुत बड़ी राशि चुनावों में पानी की तरह बहता है।
  • लोकतंत्र भ्रष्ट नेताओं के हाथ का खिलौना है ऐसा भी कहा जाता है कि लोकतंत्र घोटालों की सरकार होती है। जैसे बिहार में चारा घोटाला 600 करोड़ का तथा झारखंड में 400 करोड़ का घोटाला हुआ । ये सभी भ्रष्ट नेताओं के ही करतूत हैं।
  • लोकतंत्र न तो आशंका समाप्त कर पाया और न गरीबी मिटाई है-लोकतंत्र अभी तक समस्याओं को समाप्त करने संबंधी कोई तौर-तरीका विकसित नहीं कर पाया है। लोकतंत्र में लोगों की भागीदारी होती है पर फैसला लेने में काफी देर होती है। इसलिए जनता में असंतोष की भावना बढ़ती जाती है।

प्रश्न 4.
लोकतांत्रिक और गैर-लोकतांत्रिक सरकार में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर-
शासन व्यवस्था के स्वरूप कई तरह के हो सकते हैंलोकतांत्रिक और गैर-लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था । इन दोनों में निम्नलिखित अन्तर है

(क) लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था-(i) एक ऐसी शासन व्यवस्था होती है जो लोगों द्वारा चुनी जाती है और लोगों के हित में शासन करती है। (ii) इसमें लोगों की भागीदारी होती है। (iii) चुनाव के द्वारा प्रतिनिधि चुने जाते हैं । चुनाव में देश के वयस्क लोग अर्थात् जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है, वोट डालते हैं और योग्य व्यक्ति को अपना प्रतिनिधि चुनकर शासन का संचालन करते हैं । (iv) इस शासन में संप्रभुता जनता के हाथों में रहती है । (v) लोकतंत्र में चुनाव निष्पक्ष एवं स्वतंत्र होते हैं । (vi) यहाँ हर व्यक्ति के वोट का एक समान महत्व होता है। (vii) लोकतंत्र में लोगों के बुनियादी अधिकारों की गारंटी होती है। (viii) कानून की नजर में सभी लोगों की समानता होनी चाहिए । (ix) लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायपालिका होती है। (x) लोकतंत्र में बहुमत प्राप्त दल का ही शासन होता है। (xi) सरकार संविधान द्वारा निर्धारित तौर-तरीकों व नियमों के अंदर ही कार्य करती है। (xii) चुनाव में अनेक दलों की भागीदारी होती है जिसके कारण लोगों के पास शासकों को बदलने का विकल्प और अवसर उपलब्ध होते हैं । चुनाव एक नियत समय पर होती है। (xiii) इस प्रकार के शासन की कुछ बुराइयाँ हैं जैसे—मूखों का शासन, काफी खर्चीला शासन, नैतिकता का अभाव आदि । बावजूद इसके आज दुनियाँ भर के देशों में लोकतंत्रीय शासन अपनाने की होड़ मची हुई है। यह विश्व स्तर पर सर्वश्रेष्ठ शासन प्रतीत होता है।

(ख) गैर-लोकतांत्रिक शासन-(i) कुछ ऐसी सरकारें भी हैं जो लोगों द्वारा निर्वाचित न होकर अन्य माध्यमों जैसे तख्तापलट, पारिवारिक . परम्परा आदि द्वारा स्थापित होती हैं। ऐसी सरकारों के अधिकारी अपने हित में शासन करते हैं। ऐसी शासन-व्यवस्था को गैर-लोकतांत्रिक शासन कहा जाता है । (ii) गैर-लोकतांत्रिक सरकार में अधिकारी अपनी भलाई के अनसार काम करते हैं। (ii) चनाव होने पर भी व्यापक पैमाने पर धोखाधड़ी व गड़बड़ियाँ की जाती हैं । (iv) सरकार जनता द्वारा वैधानिक ढंग से चनी हई नहीं होती । (v) चनाव नियत समय पर नहीं होते । (vi) स्वतंत्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका का अभाव होता है । (vii) अंतिम निर्णय लेने की शक्ति जनता के पास नहीं होती है। (viii) शासन संचालन में आम लोगों की भागीदारी नहीं होती। (ix) लोगों के अधिकारों की गारंटी नहीं होती है। (x) सरकार किसी संवैधानिक कानन के अन्दर काम नहीं करती। सच माने में उनका कोई संविधान ही नहीं होता। (xi) गैर-लोकतांत्रिक शासन प्रणाली एक आलोचित शासन प्रणाली है, जिससे जनता दूर भागती है।

प्रश्न 5.
सामान्य लोकतंत्र और एक बेहतर लोकतंत्र कौन है ? क्या सरकार
की परिधि से बाहर भी लोकतंत्र है ?
उत्तर-
लोकतंत्र सबसे अच्छी शासन व्यवस्था है। सामान्य और बेहतर लोकतंत्र कौन है ? क्या सरकार की परिधि से बाहर भी लोकतंत्र है ? आदि कई ऐसे प्रश्न हैं, जिनका ज्ञान हमें होना चाहिए।

किसी समस्या के समाधान के लिए घर के सभी सदस्य एक जगह पर मिल-जुल कर विचार-विमर्श के द्वारा फैसला करते हैं। अन्त में . फैसला सभी लोगों के विचार के अनुसार होता है।

मिल-जुल कर किया गया फैसला बुनियादी तौर-तरीके को उजागर करता है । इससे स्पष्ट होता है कि लोकतंत्र केवल सरकार तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसकी पहुँच संगठन, गाँव एवं परिवार तक है । इस प्रकार लोकतंत्र एक ऐसी व्यवस्था है जिसका प्रयोम जीवन के किसी भी क्षेत्र में हो सकता है।

एक बेहतर लोकतंत्र तभी होगा जब वहाँ का लोकतंत्र आदर्श लोकतंत्र के रूप में जाना जाए। जिसे पाने के लिए सभी देश प्रयासरत हैं। एक आदर्श के रूप में लोकतंत्र तभी आयेगा जब देश का कोई भी व्यक्ति भूखे पेट नहीं सोयेगा, सभी को वोट का समान अधिकार मिलेगा, सभी को समान रूप से सूचनाएँ उपलब्ध होगी, बुनियादी शिक्षा सभी को समान रूप से मिलेगा। अगर हम इस आदर्श पर लोकतंत्र को परखेंगे तो लगेगा कि दुनिया में कहीं भी लोकतंत्र नहीं आ पायेगा । लोकतंत्र में इन्हीं बुनियादी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जाता है, जो लोकतंत्र का आदर्श है । अतः जहाँ निष्ठा से इन बुनियादी समस्याओं के समाधान का प्रयास किया जाता है वहाँ अच्छा लोकतंत्र है।

अतः लोकतंत्र मात्र राजनीतिक व्यवस्था है जो सामान्य रूप से जनहित में लगा है तथा काम चलाऊ है पर व्यापक अर्थ में लोकतंत्र एक राजनीतिक व्यवस्था ही नहीं वरन एक नैतिक धारणा तथा सामाजिक परिस्थिति भी है । लोकतंत्र एक सामान्य मनुष्य में निष्ठा पैदा करती है। यह जीवन जीने का एक ढंग प्रस्तुत करती है।

Bihar Board Class 12 History Solutions Chapter 9 राजा और विभिन्न वृतांत : मुगल दरबार

Bihar Board Class 12 History Solutions Chapter 9 राजा और विभिन्न वृतांत : मुगल दरबार Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 12 History Solutions Chapter 9 राजा और विभिन्न वृतांत : मुगल दरबार

Bihar Board Class 12 History राजा और विभिन्न वृतांत : मुगल दरबार Textbook Questions and Answers

उत्तर दीजिए (लगभग 100-150 शब्दों में)

प्रश्न 1.
मुगल दरबार में पांडुलिपि तैयार करने की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मुगल दरबार में पांडुलिपि तैयार करने की प्रक्रिया:
16-17 वीं शताब्दियों में पांडुलिपि तैयार करने के लिए एक किताब खाना बनाया गया था। यह ऐसा स्थान था जहाँ सम्राट की पांडुलिपियों का संग्रह रखा जाता था तथा नई पांडुलिपियों की रचना की जाती थी। इनके रचना कार्य में अनेक लोग शामिल होते थे। जैसे-कागज तैयार करने वाले, सुलेखन करने वाले, चित्रकारी करने वाले, पृष्ठों को चमकाने वाले (कोफ्तगर) तथा जिल्दसाज आदि। पांडुलिपि तैयार करने वालों को सम्राट पदवियाँ और पुरस्कार देता था। पांडुलिपि के सुलेखन पर विशेष ध्यान ‘दिया जाता था। नस्तलिक सुलेखन शैली को विशेष वरीयता दी गई।

प्रश्न 2.
मुगल दरबार से जुड़े दैनिक कर्म और विशेष उत्सवों के दिनों ने किस तरह के बादशाह की सत्ता के भाव को प्रतिपादित किया होगा?
उत्तर:
मुगल दरबार से जुड़े दैनिक कर्म और विशेष उत्सवों के दिन-मुगल दरबार वह स्थान था जहाँ सिंहासन या तख्त यह आभास कराता था कि इस पर सम्पूर्ण धरती टिकी है। यह निम्नलिखित बातों से स्पष्ट है –

  • इतिवृत्तों में संभ्रांत मुगल वर्गों के बीच हैसियत को निर्धारित करने वाले नियमों को स्पष्टता से प्रकट किया गया है।
  • दरबार में सम्राट के निकटवर्ती ही उसके निकट बैठते थे। दरबारी समाज में मान्य संबोधन, शिष्टाचार तथा बोलने के नियम ध्यानपूर्वक निर्धारित किये गये थे। शिष्टाचार उल्लंघन पर कठोर दण्ड दिया जाता था।
  • दरबार में अभिवादन पदानुक्रम के अनुसार विभिन्न प्रकार का होता था। जिस व्यक्ति के सामने अधिक झुककर अभिवादन किया जाता था, उस व्यक्ति की हैसियत उतनी ही अधिक ऊँची मानी जाती थी। यहाँ तक कि राजनयिक दूत भी झुककर ही सम्राट को अभिवादन करता था।
  • शाही सत्ता की स्वीकृति को अधिक विस्तृत करने के लिए अकबर ने झरोखा दर्शन की प्रथा शुरू की। सूर्यास्त के समय व्यक्तिगत धार्मिक प्रार्थनाओं के पश्चात् सम्राट पूर्व की ओर मुँह किये एक झरोखा के सामने आता था। झरोखा दर्शन एक घंटे का होता था।
  • शाही परिवारों के उत्सव और विवाह धूमधाम से होते थे और लोग खूब उपहार देते थे। कहा जाता है कि दाराशिकोह और नादिरा के विवाह में 32 लाख रुपये खर्च हुए थे।

प्रश्न 3.
मुगल साम्राज्य में शाही परिवार की स्त्रियों द्वारा निभाई गई भूमिका का मूल्याँकन कीजिए।
उत्तर:
मुगल साम्राज्य में शाही परिवार की स्त्रियों द्वारा निभाई गई भूमिका:

  • भारतीय उपमहाद्वीप में विशेषकर शासक वर्गों में बहु विवाह प्रथा प्रचलित थी। इससे मुगल सम्राटों को कुछ सीमा तक लाभ हुआ। मुगल सम्राटों ने राजपूत घरानों में शादियाँ की जिससे उन्हें राजपूतों का समर्थन मिला और अपने विशाल साम्राज्य की सुरक्षा की। यद्यपि मुगल राजाओं की विभिन्न पत्नियों का दर्जा अलग-अलग था परंतु सबने एक अच्छी पत्नी की भूमिका निभाई।
  • पत्नियों के अतिरिक्त मुगल परिवार में अनेक महिला तथा पुरुष गुलाम थे । ये छोटे काम से लेकर कौशल, निपुणता तथा बुद्धिमता के अलग-अलग कार्यों का संपादन करते थे।
  • नूरजहाँ के पश्चात् मुगल रानियों और राजकुमारियों ने महत्त्वपूर्ण वित्तीय स्रोतों पर नियंत्रण रखना शुरू कर दिया।
  • मुगल साम्राज्य की स्त्रियों ने इमारतों और बागों के निर्माण में भी रुचि ली थी। उदाहरण के लिए-चाँदनी चौक की रूपरेखा जहाँआरा द्वारा बनाई गई।
  • अनेक पारिवारिक संघर्षों को सुलझाने में परिवार की बुजुर्ग स्त्रियों की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण थी। हुमायूँनामा में इसकी स्पष्ट झलक मिलती है।

प्रश्न 4.
वे कौन से मुद्दे थे जिन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर क्षेत्रों के प्रति मुगल नीतियों व विचारों को आकार प्रदान किया?
उत्तर:
भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर क्षेत्रों के प्रति मुगल नीतियों व विचारों को आकार प्रदान करने वाले मुद्दे –
1. साम्राज्य की सुरक्षा:
बाहरी क्षेत्रों के प्रति मुगल नीतियों व विचारों का मुख्य उद्देश्य साम्राज्य की सुरक्षा का था। सभी मुगल सम्राटों ने सीमा की सुरक्षा के लिए कई प्रकार की व्यवस्थाएँ की। सीमा रक्षण के लिए उन्होंने अन्य देशों के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित किये।

2. व्यापारिक लाभ:
मुगल बादशाह अपनी आर्थिक स्थिति को विदेशी व्यापार बढ़ा कर मजबूत बनाने की दिशा में तत्पर थे। उन्होंने काबुल और कंधार को इसी दृष्टिकोण से अपने अधीन रखने का प्रयास किया।

3. समानता:
मुगलों ने अपनी विदेश नीति में समानता और निष्पक्षता को महत्त्व दिया । उन्होंने सभी देशों को समान महत्त्व दिया। उन्होंने धर्म और जाति को महत्त्व नहीं दिया।

4. शक्ति सन्तुलन:
मुगल बादशाह विश्व में शक्ति संतुलन कायम करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने बाहरी क्षेत्रों के प्रति अपने को पूर्ण स्वतंत्र रखा। तुर्कों और उज्वेकों ने जाति के आधार पर संगठन बनाने का प्रयास किया। इससे शान्ति संतुलन बिगड़ सकता था और अशान्ति उत्पन्न हो सकती थी। यही कारण था कि मुगल सम्राटों ने बल प्रयोग करके उन्हें ऐसा करने से रोका था।

प्रश्न 5.
मुगल प्रांतीय प्रशासन के मुख्य अभिलक्षणों की चर्चा कीजिए। केन्द्र किस तरह से प्रान्तों पर नियंत्रण रखता था।
उत्तर:
मुगल प्रांतीय प्रशासन के मुख्य अभिलक्षण एवं केन्द्र द्वारा प्रान्तों पर नियंत्रण:
प्रान्तीय शासन:
अकबर के समय में मुगल साम्राज्य का काफी विस्तार हो जाने के कारण एक केन्द्र से सारे देश का शासन चलाना कठिन था। शासन की सुविधा के लिए अकबर ने अपने साम्राज्य को 15 प्रान्तों में बाँट दिया। जहाँगीर के शासन काल में 17, शाहजहाँ के शासन काल में 22, और औरंगजेब के शासन काल में इन प्रान्तों की संख्या बढ़कर 23 तक पहुँच गई थी। प्रान्तीय शासन-व्यवस्था का आधार केन्द्रीय शासन-व्यवस्था ही थी। इसलिए सर यदुनाथ ने लिखा है कि “प्रान्तीय शासन केन्द्रीय सरकार के सदृश्य उसका ही एक छोटा रूप था।”

प्रान्तीय अधिकारी:

1. सूबेदार:
यह प्रान्त का सबसे बड़ा अधिकारी था। इसको सिपहसालार या नाजिम भी कहते थे। इसकी नियुक्ति सम्राट् स्वयं करता था। यह प्रायः एक उच्च मनसबदार होता था। राज परिवार के सदस्य या विश्वासपात्र को ही इस पद पर नियुक्त किया जाता था। यह प्रान्त में सेना तथा नागरिक प्रशासन का अध्यक्ष होता था। इसके प्रमुख कार्य इस प्रकार थे-(क) यह प्रान्त की सेना का प्रधान सेनापति था। यह अपने प्रान्त में शान्ति और व्यवस्था की स्थापना करता था। (ख) यह अपने प्रान्त के लोगों से शाही आदेश का पालन कराता था। (ग) प्रान्तों के लोगों की सुख-सुविधा का ध्यान रखता था।

2. प्रान्तीय दीवान:
यह प्रान्त के वित्त विभाग का मुखिया था। इसकी नियुक्ति दीवान-ए-आला की सलाह से स्वयं सम्राट करता था। यह प्रान्त का भूमि-कर इकट्ठा करने और प्रान्त के आय-व्यय का हिसाब दीवान-ए-आला के पास भेजने के लिए जिम्मेदार था। यह दीवानी मुकदमों का फैसला भी करता था। यह प्रान्त के माल विभाग की निगरानी भी करता था। प्रान्तों ने दोहरा शासन था। दीवान माल विभाग का मुखिया था। वह अपने काम के लिए सूबेदार के प्रति नहीं बल्कि दीवान-ए-आला के प्रति उत्तरदायी था। इस तरह सूबेदार और दीवान एक-दूसरे के काम पर निगाह रखते थे। इससे केन्द्र सरकार दोनों पर निगरानी रख सकती थी।

3. प्रान्तीय बख्शी-मीर बख्शी की सिफारिश से प्रान्त में बख्शी की नियुक्त स्वयं सम्राट करता था। इसका काम प्रान्त को सेना की भर्ती, तरक्की और तब्दीली आदि था। यह खजाने का अधिकारी था इसलिए वेतन बाँटना भी इसका कार्य था।

4. सदर और काजी-प्रान्त का सदर मुख्य सदर की सलाह से चुना जाता था। इसका काम विद्वानों, फकीरों और स्कूलों को आर्थिक सहायता और भूमि आदि देना था। काजी प्रान्त का मुख्य न्यायाधीश था। प्रायः सदर और काजी एक ही व्यक्ति होता था।

5. वाकियानवीस:
यह प्रान्त के गुप्तचर विभाग का अध्यक्ष था। यह समय-समय पर प्रान्त के अधिकारियों के कार्यों के बारे में केन्द्र सरकार को रिपोर्ट भेजता था।

6. कोतवाल:
प्रान्तों की राजधानियों और बड़े-बड़े नगरों में केन्द्र सरकार की ओर से कोतवाल नियुक्त किये जाते थे। कोतवाल पुलिस अधिकारी होता था। उसका काम नगर में शान्ति बनाए रखना था। वह बाजारों और मण्डियों की भी निगरानी करता था। वह व्यापारियों और नगर में आने वाले विदेशियों पर भी निगाह रखता था । वह लोगों की सेहत और सफाई के प्रबंध का भी ध्यान रखता था।

स्थानीय प्रशासन-
(क) सरकार का प्रबंध: प्रशासन की सहूलियत के लिए प्रान्तों को सरकारों या जिलों में बाँटा गया था। सरकार के प्रमुख अधिकारी निम्नलिखित थे –

  1. फौजदार: फौजदार सरकार का मुख्य सैनिक अधिकारी था। वह अपने इलाके में शान्ति और अनुशासन बनाए रखता था।
  2. आमिल-गुजार: आमिल-गुजार सरकार के अर्थ विभाग का अध्यक्ष था। वह भूमि-कर इकट्ठा करता था।
  3. बितीकची: यह आमिल-गुजार का सहायक था। यह मालगुजारी का हिसाब-किताब रखता था।
  4. खजानेदार: यह भी माल विभाग का अधिकारी था। यह भूमि-कर वसूल करके सरकारी खजाने में जमा कराता था। खजाने की एक चाबी उसके पास और दूसरी आमिल-गुजार के पास होती थी।

(ख) परगने और गाँव का प्रबंध:
प्रत्येक स्थानीय सरकार को परगनों (तहसीलों) और परगनों को गाँवों में बाँटा गया था। परगने के प्रमुख अधिकारी इस प्रकार थे:

  1. शिकदार: यह परगने का मुख्य अधिकारी था। इसका कार्य परगने में शान्ति और अनुशासन बनाए रखना था।
  2. आमिल: यह परगने के माल विभाग का मुखिया था।
  3. पोतदार: यह परगने से वसूल किये गए करों को खजाने में जमा कराता था।
  4. कानूनगो: यह योग्य भूमि और भूमि-कर का रिकार्ड रखता था और पटवारियों पर निगरानी भी रखता था।

गाँव स्थानीय प्रशासन की सबसे छोटी इकाई थी। गाँव का मुखिया या मुकद्दम गाँव में किसानों से लगान इकट्ठा करता था और चौकीदार की सहायता से शान्ति बनाए रखता था। गाँव का पटवारी भूमि-कर का हिसाब लिखता था। गाँव की पंचायत गाँव के छोटे-मोटे झगड़ों का निपटारा करती थी।

प्रश्न 6.
उदाहरण सहित मुगल इतिहासों के विशिष्ट अभिलक्षणों की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
मुगल इतिहासों के विशिष्ट अभिलक्षण:
1. मुगल वंश की उत्पत्ति:
यद्यपि मुगल शब्द एक साम्राज्य की भव्यता को प्रकट करता है परंतु इसकी उत्पत्ति मंगोल से हुई है। मंगोल एक बर्बर जाति थी, इसलिए संभवतः राजवंश के शासकों ने इस शब्द का प्रयोग नहीं किया और अपने को तैमूरी कहा, क्योंकि उनका पिता तैमूर के वंश से सम्बन्धित था। माँ चंगेज खाँ की बहिन थी। 16 वीं शताब्दी के भारतीय शासकों का वर्णन करने के लिए अंग्रेजों ने मुगल शब्द का प्रयोग किया।

2. जहीरुद्दीन बाबर:
मुगल साम्राज्य का शासक जहीरुद्दीन बाबर फरगना (मध्य एशिया) का रहने वाला था। उजबेकों द्वारा भाग दिए जाने के बाद वह काबुल आया और फिर 1526 ई. में भारत आया। 1530 ई. में उसकी मृत्यु हो गयी।

3. हुमायूँ:
बाबर की मृत्यु के पश्चात् उसका पुत्र हुमायूँ गद्दी पर बैठा। 1540 ई. में अफगान शासक शेरशाह से पराजित होने के पश्चात् उसको ईरान के सफावी शासक के दरबार में निर्वासित जीवन व्यतीत करने के लिए विवश होना पड़ा। 1555 में पुनः भारत आकर सूरी वंश के शासकों को हराकर शासक बना परंतु 1556 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।

4. जलालुद्दीन अकबर:
पिता की मृत्यु के पश्चात् अकबर सत्तासीन हुआ। उसने 1605 ई. तक शासन किया। वह मुगलवंश में सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक माना जाता है। उसने मुगल साम्राज्य का विस्तार भी किया और उसे मजबूत भी बनाया। उसने ईरान के सफावियों और तूरान (मध्य एशिया) के उजबेकों को काबू में रखा।

5. अकबर के पश्चात् उसके तीन उत्तराधिकारी:
जहाँगीर (1605-27) शाहजहाँ (1627-58) और औरंगजेब (1658-1707) हुए। इनके अधीन साम्राज्य विस्तार जारी रहा।

6. 16.17 वीं सदियों में प्रशासकीय संस्थाओं का निर्माण हुआ। इनमें प्रशासन और कराधान प्रभावशाली थे। केन्द्रीय शक्ति मुगल दरबार में निहित थी और यही से श्रेणियों और हैसियतों का निर्धारण होता था। 1707 ई. में अंतिम शक्तिशाली सम्राट औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात् भुगल साम्राज्य का पतन होने लगा और उसका राज्य क्षेत्र सीमित होता चला गया। क्षेत्रीय शक्तियाँ हावी होने लगी। फिर भी 1857 तक मुगलों का शासन येन-केन-प्रकारेण चलता रहा।

प्रश्न 7.
इस अध्याय में दी गई दृश्य सामग्री किस हद तक अबुल फज्ल द्वारा किए गए ‘तसवीर’ के वर्णन (स्रोत 1) से मेल खाती है?
उत्तर:
इस अध्याय में दी गई दृश्य सामग्री बहुत सीमा तक अबुल फज्ल द्वारा किए गए ‘तसवीर’ के वर्णन से मेल खाती है –

  • किसी भी वस्तु का सादृश्य रेखांकन ही तसवीर कहलाता है। यह बात अध्याय में दी गई दृश्य सामग्री से सुस्पष्ट है।
  • अबुल फज्ल के अनुसार अकबर ने चित्रकारी में अधिक रुचि ली थी और मेहनत की। उसने पाण्डुलिपि तैयार करने के लिए ‘किताबखाना’ की स्थापना की जिसमें अनेक लोग कार्य करते थे। पाठ्य पुस्तक चित्र 9.4 में इसका स्पष्ट निरूपण है। वह चित्रों का निरीक्षण कर रहा है और चित्रकार को सलाह दे रहा है।
  • ब्यौरे की सूक्ष्मता, परिपूर्णता और प्रस्तुतीकरण की निर्भीकता इन सभी चित्रों में दिखाई देती हैं। (देखें चित्र 9.4,9.5, 9.6)
  • अबुल फज्ल का कहना है कि चित्रों में निर्जीव, वस्तुएँ भी प्राणवान् प्रतीत होती हैं। पाठ्यपुस्तक में अंकित चित्रों को देखने से इस बात की पुष्टि होती है।
  • चित्रों में प्रतीकात्मकता को बड़े जोरदार ढंग से दिखाया गया है। (देखें चित्र 9.7)

प्रश्न 8.
मुगल अभिजात वर्ग के विशिष्ट अभिलक्षण क्या थे? बादशाह के साथ उनके संबंध किस तरह बने।
उत्तर:
मुगल अभिजात वर्ग के विशिष्ट अभिलक्षण और बादशाह के साथ संबंध:
मुगल अभिजात वर्ग के प्रमुख अंग-मुगलकाल में सरदारों की गणना शासक तथा उच्च वर्ग में होती थी। ये सरदार अथवा अमीर विभिन्न वर्गों में बँटे हुए थे। इनमें मध्य एशिया से आए मुगल सरदारों का विशेष स्थान था। उनके बाद तुर्क-अफगान सरदारों का दर्जा था। भारतीय मुसलमान सरदार (शेखजादे या हिन्दुस्तानी), राजपूत राजा, हिन्दू उच्च अधिकारी तथा मराठे भी मुगल अधिकारी वर्ग में शामिल थे। जहाँगीर ने अफगानों तथा शाहजहाँ ने मराठों को भी अभिजात वर्ग में शामिल कर लिया। राजपूतों, मराठों तथा हिन्दुओं का मुगल साम्राज्य में विश्वास बढ़ने के साथ ही इनका अधिकारी वर्ग में अनुपात भी निरंतर बढ़ता गया।

मुगलकालीन अभिजात वर्ग की जीवन-पद्धति:
मुगलकालीन अभिजात अथवा उच्च अधिकारी वर्ग अपनी सम्पन्न आर्थिक स्थिति के कारण ऐश्वर्य एवं विलासिता का जीवन व्यतीत करता था। मुगल सरदार शानों-शौकत में सम्राट् का अनुकरण करते थे। वे फलदार वृक्षों एवं सुन्दर फव्वारों से युक्त बागों के बीच बनाए गए शानदार महलों में रहते थे। वे बड़ी संख्या में दास-दासियाँ, घोड़े-हाथी आदि रखते थे। कई सरदारों के पास बड़े-बड़े हरम थे। वे खाने-पीने पर भी बहुत खर्च करते थे। भोजन में अनेक प्रकार के व्यंजन तथा फल होते थे। कई फल तो बलख, बुखारा तथा समरकन्द से मँगवाये जाते थे। बर्फ का भी बहुत प्रयोग होता था। स्त्री-पुरुष दोनों ही कीमती गहने और कपड़े धारण करते थे। अपने स्तर के अनुसार सरदारों को वर्ष में दो बार सम्राट् को भेंट भी देनी पड़ती थी। इतने भारी व्यय के कारण मुगल सरदार प्रायः कर्ज में फंसे रहते थे।

अधिक व्यय के कारण:
मुगल सरदारों की बचत में विशेष रुचि नहीं थी क्योंकि उनके मरने के बाद उनकी सम्पत्ति सम्राट् द्वारा जब्त कर ली जाती थी। कुछ विद्वानों का मत है कि केवल उन्हीं सरदारों की सम्पति जब्त की जाती थी जिनको केन्द्रीय सरकार का ऋण चुकाना होता था। मृतक सरदार के उत्तराधिकारियों से सरदार द्वारा ली गई ऋण की राशि काटकर शेष सम्पत्ति उनमें बाँट दी जाती थी। इसके अतिरिक्त मध्यकाल में पूँजी निवेश के अच्छे माध्यम न होने के कारण भी मुगल सरदार अपने रहन-सहन पर बहुत अधिक व्यय करते थे। मुगल सम्राट के प्रधानमंत्री अबुल फज्ल ने सरदारों को उद्योगों, क्रय-विक्रय तथा ब्याज पर धन लगाने की सलाह दी थी।

प्रश्न 9.
राजत्व के मुगल आदर्श का निर्माण करने वाले तत्त्वों की पहचान कीजिए।
उत्तर:
राजत्व के मुगल आदर्श का निर्माण करने वाले प्रमुख तत्त्व निम्नलिखित थे –

  1. एक दैवीय प्रकाश
  2. सुलह-ए-कुल
  3. न्यायपूर्ण प्रभुसत्ता।

1. एक दैवीय प्रकाश:
राजत्व का एक प्रमुख स्रोत एक दैवीय प्रकाश था। मुगलकालीन दरबारी इतिहासकारों के अनुसार मुगल राजाओं ने सीधे ईश्वर से शक्ति प्राप्त की थी। इस दृष्टि से पदानुक्रम में मुगल राजत्व को अबुल फज्ल ने सबसे ऊँचे स्थान पर रखा। ईरानी सूफी शिहाबुद्दीन सुहरावर्दी ने इस विचार को सबसे पहले प्रस्तुत किया था। अबुल फज्ल इससे बहुत प्रभावित हुआ। इस विचार के अनुसार एक पदानुक्रम के अंतर्गत यह दैवी प्रकाश राजा में से संप्रेषित होता था। इस प्रक्रिया के पश्चात् राजा अपनी प्रजा के लिए अध्यात्मिक मार्गदर्शन का स्रोत बन जाता था। इसको चित्रों में भी प्रकाशित किया गया है। इसीलिए 17वीं शताब्दी में मुगल कलाकारों ने सम्राटों को प्रजा मंडल के साथ चित्रित करना शुरू किया।

2. सुलह-ए-कुल:
मुगल दरबारी इतिहासकारों के अनुसार बादशाह धर्म-सहिष्णु होते थे और साम्राज्य के भीतर न्याय और सुव्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न धर्मों के समुदायों के बीच मध्यस्थता करते थे। विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच सम्राट की यह मध्यस्थता ही सुलह-ए-कुल कही गई यह एकीकारण का एक प्रमुख स्रोत था। अबुल फज्ल सुलह-ए-कुल (पूर्ण शान्ति) के आदर्श को प्रबुद्ध शासन की आधारशिला मानता था। इसके अन्तर्गत सभी को धार्मिक स्वतंत्रता थी परंतु किसी को भी राज्य को हानि पहुँचाने का अधिकार नहीं था। अभिजात वर्ग को राजा के प्रति सेवा और निष्ठा के लिए पुरस्कार दिये गये। सुलह-ए-कुल के अन्तर्गत अकबर ने तीर्थयात्रा कर और जजिया कर समाप्त कर दिया था। मुगल सम्राटों ने सभी धर्मों के उपासना स्थलों के निर्माण हेतु पर्याप्त अनुदान भी दिये।

3. न्यायपूर्ण प्रभुसत्ता:
अबुल फज्ल ने न्यायपूर्ण प्रभुसत्ता को सामाजिक अनुबंध के रूप में स्वीकार किया है। उसके अनुसार केवल न्यायपूर्ण संप्रभु ही शक्ति और दैवीय मार्गदर्शन के साथ इस अनुबंध का सम्मान कर पाते थे। न्याय के विचार को मुगल राजतंत्र में सर्वोत्तम माना गया है। मुगलकालीन चित्रों में शेर और बकरी को साथ-साथ बैठे हुए दिखाया गया है।

मानचित्र कार्य

प्रश्न 10.
विश्व मानचित्र के एक रेखाचित्र पर उन क्षेत्रों को अंकित कीजिए जिनसे मुगलों के राजनीतिक व सांस्कृतिक संबंध थे।
उत्तर:
Bihar Board Class 12 History Solutions Chapter 9 राजा और विभिन्न वृतांत मुगल दरबार img 1

परियोजना कार्य (कोई एक)

प्रश्न 11.
किसी मुगल इतिवृत्त के विषय में और जानकारी ढूंढिए। इसके लेखक, भाषा, शैली, और विषयवस्तु का वर्णन करते हुए एक बृत्तांत तैयार कीजिए। आपके द्वारा चयनित इतिहास की व्याख्या में प्रयुक्त कम से कम दो चित्रों का, बादशाह की शक्ति को इंगित करने वाले संकेतों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए, वर्णन कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 12.
राज्यपद के आदर्शों, दरबारी रिवाजों और शाही सेवा में भर्ती की विधियों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए व समानताओं और विभिन्नताओं पर प्रकाश डालते हुए मुगल दरबार और प्रशासन की वर्तमान भारतीय शासन व्यवस्था से तुलना कर.एक वृत्तान्त तैयार कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

Bihar Board Class 12 History राजा और विभिन्न वृतांत : मुगल दरबार Additional Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
इतिवृत्त क्या है?
उत्तर:
मुगलबादशाहों का दरबारी इतिहासकारों द्वारा तैयार किया गया घटनाओं का लेखा-जोखा है।

प्रश्न 2.
औरंगजेब द्वारा जजिया कर लगाने से क्या हानि हुई?
उत्तर:

  1. इसके कारण साम्राज्य में भेदभाव फैल गया। धार्मिक नेता हिन्दुओं को अपमानित करने लगे।
  2. जजिया के खिलाफ अनेक विद्रोह हुए। शहर के व्यापारी आंदोलन करते थे। यहाँ तक कि जजिया वसूल करने वाले अमीन को भी मार देते थे।

प्रश्न 3.
क्या साम्राज्य और दरबार का इतिहास और बादशाह का इतिहास एक ही था?
उत्तर:
मुगल इतिहासकार निर्विवाद रूप से दरबारी थे। उन्होंने जो इतिहास लिखे उनके केन्द्र बिन्दु में शासक पर केन्द्रित घटनायें, शासक का परिवार, दरबार व अभिजात वर्ग का उल्लेख हावी रहा। अकबर, शाहजहाँ और आलमगीर (औरंगजेब) की कहानियों पर आधारित इतिवृत्तों के शीर्षक अकबरनामा, शाहजहाँनामा तथा आलमगीरनामा आदि से स्पष्ट होता है कि इनके लेखकों की दृष्टि में साम्राज्य और दरबार का इतिहास और बादशाह का इतिहास एक ही था।

प्रश्न 4.
मुगलों की उत्पत्ति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मुगल शब्द की उत्पत्ति “मंगोल” से हुई है। मंगोल शासक चंगेज खाँ बाबर का मामा था। मुगल स्वयं को “तैमूरी” कहना पसंद करते थे क्योंकि चंगेज खाँ एक क्रुर शासक था।

प्रश्न 5.
मुगल दरबार में फारसी का महत्त्व बताइए।
उत्तर:

  1. बाबर के बाद सभी मुगल शासकों ने फारसी भाषा को अपनाया। मुगल दरबारी इतिहास फारसी भाषा में लिखा गया।
  2. राजा, राजपरिवार के लोग और दरबार के विशिष्ट सदस्य सभी फारसी भाषा में बोलते थे। बाद में लेखाकारों लिपिकों और अन्य अधिकारियों ने भी इसे सीख लिया।

प्रश्न 6.
बिहजाद कौन था?
उत्तर:
बिहजाद ईरान का एक प्रसिद्ध चित्रकार था। यह सफावी दरबार की शोभा था। इसके कारण यह विश्व में प्रसिद्ध हो गया।

प्रश्न 7.
नस्तलिक शैली क्या थी?
उत्तर:

  1. यह सुलेखन अर्थात् हाथ से लिखने की एक शैली थी। अकबर इसको बहुत पंसद करता था।
  2. यह एक तरल शैली थी जिसे लम्बे सपाट प्रवाही ढंग से लिखा जाता था। इसे 5 या 10 मिली मीटर की नोक वाली कलम से लिखा जाता था। कलम सरकंडे से बनी होती थी और इसे स्याही में डुबोकर लिखा जाता था।

प्रश्न 8.
अबुल फज्ल ने चित्रकारी को जादुई कला क्यों माना है?
उत्तर:

  1. चित्रों से पुस्तक का सौन्दर्य बढ़ जाता है तथा राजा के विचारों का संप्रेषण सशक्त ढंग से किया जा सकता है।
  2. अबुल फज्ल के अनुसार यह कला किसी निर्जीव वस्तु को भी जीवन्त दर्शाने की क्षमता रखती है।

प्रश्न 9.
जनता के वे कौन से चार सत्य है जिनकी रक्षा सम्राट करता है?
उत्तर:

  1. जीवन (जन)
  2. धन (माल)
  3. सम्मान (नामस)
  4. विश्वास (दीन)

प्रश्न 10.
सुलह-ए-कुल क्या है?
उत्तर:
यह मुगल साम्राज्य के एकीकरण का एक स्रोत है। इसके अंतर्गत सम्राट को सभी नृजातीय और धार्मिक समुदायों से ऊपर माना जाता था। वह इन सभी के बीच मध्यस्थता करता था ताकि शान्ति एवं सुव्यवस्था बनी रहे। अबुल फज्ल सुलह-ए-कुल के आदर्श को प्रबुद्ध शासन की आधारशिला बताता है। इसमें सभी को धार्मिक स्वतंत्रता थी परंतु राज्य सत्ता को हानि पहुँचाने का किसी को अधिकार नहीं था।

प्रश्न 11.
ऐतिहासिक विवरण और एककालिक में अंतर बताइए।
उत्तर:

  1. ऐतिहासिक विवरण विकास की समयवार रूप-रेखा प्रस्तुत करता है।
  2. एककालिक विवरण एक समय विशेष की स्थिति का वर्णन करता है।

प्रश्न 12.
दैवीय प्रकाश सिद्धांत क्या था?
उत्तर:

  1. दैवीय प्रकाश सिद्धांत में सूफी सुहरावर्दी ने यह प्रतिपादित दिया था कि मुगल राजाओं को सत्ता की शक्ति सीधे ईश्वर से प्रान्त हुई थी।
  2. इन विचार के अनुसार एक पदानुक्रम के अंतर्गत राजा में दैवीय प्रकाश का संप्रेषण होता था। इसके प्रभाव से ही राजा अपनी जनता के लिए अध्यात्मिक मार्गदर्शन का स्रोत बन जाता था।

प्रश्न 13.
शब-ए-बारात क्या था?
उत्तर:

  1. शब-ए-बारात हिजरी कैलेंडर के 8 वें महीने अर्थात् 14 वें सावन को पड़ने वाली पूर्णचन्द्र रात्रि है। भारतीय उपमहाद्वीप में इस दिन प्रार्थनाएँ की जाती हैं और आतिबाजियां छुड़ाई जाती है।
  2. ऐसा माना जाता है कि रात मुसलमानों के लिए आगे आने वाले वर्ष का भाग्य निर्धारित होता है और उनके पाप माफ कर दिये जाते हैं।

प्रश्न 14.
‘बरीद और ‘वाक्यानवीस की व्याख्या कीजिये।
उत्तर:
मीर बख्शी सुफिया विभाग का भी अध्यक्ष होता था। उसके अधीन गुप्त अधिकारी (‘बरीद’) और संदेश लेखक (‘वाक्यानवीस’) की नियुक्ति की जाती थी। उनके द्वारा दी गई सूचनाओं को मीर बख्शी ही बादशाह तक पहुँचाता था।

प्रश्न 15.
‘काजी’ की व्याख्या कीजिये।
उत्तर:
अकबर के अधीन न्याय विभाग मुख्य काजी के अधीन होता था। उसकी देखरेख में समस्त कल्याण संस्थाओं की देखरेख तथा धार्मिक अनुदानों की व्यवस्था होती थी।

प्रश्न 16.
‘फौजदार’ और ‘अमल गुजार’ शब्दों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
शेरशाह की भाँति अकबर ने भी अपने साम्राज्य को अनेक सरकारों में बाँटा। सरकार के मुख्य अधिकारियों को ‘फौजदार’ और ‘अमल गुजार’ कहा जाता था। फौजदार का काम न्याय और व्यवस्था बनाये रखना था जबकि अमल गुजार भू-राजस्व की वसूली और नियंत्रण का काम करता था।

प्रश्न 17.
‘दीवान-ए-आला’ की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
‘दीवान-ए-आला’ का अर्थ है-मुख्य दीवान जो राज्य की समस्त आय और व्यय का उत्तरदायी होता तथा सरकारी या खालिसा, जागीर और इनाम भूमियों का ब्यौरा रखता था। प्रान्तीय दीवान उसी के अधीन कार्य करते थे।

प्रश्न 18.
‘मीर बख्शी’ की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सैनिक विभाग का मुख्य अधिकारी मीर बख्शी कहलाता था। जो महत्त्व मुख्य दीवान का दीवानी मामलों में होता था वही महत्त्व सैनिक मामलों में मीर बख्शी का था। वास्तव में मुख्य दीवान और मीर बख्शी समान पदों पर थे। वे एक-दूसरे के पूरक थे और एक-दूसरे पर नजर रखते थे। मनसब पदों पर नियुक्ति या पदोन्नति मीर बख्शी की सिफारिश पर ही होती थी। मीर बख्शी ही खुफिया विभाग का मुखिया होता था।

प्रश्न 19.
मुगलकालीन इतिहास के दो ग्रंथों एवं उनके लेखकों के नाम बताइए।
उत्तर:

  1. अकबरनामा-अबुल फज्ल
  2. बादशाहनामा-अब्दुल हमीद लाहौरी।

प्रश्न 20.
अबुल-फज्ल की भाषा शैली की दो विशेषतायें बताइए।
उत्तर:

  1. अबुल-फज्ल की भाषा अलंकारों से भरी होती थी। इस भाषा के पाठों को ऊँची आवाज में पढ़ा जा सकता था क्योंकि इस भाषा में लय तथा कथन शैली को बहुत अधिक महत्त्व दिया गया था।
  2. इस भारतीय फारसी शैली को मुगल-दरबार का संरक्षण प्राप्त था।

प्रश्न 21.
अकबर को अबुल-फल क्यों पसंद था?
उत्तर:

  1. अबुल फज्ल को अरबी, फारसी, यूनानी दर्शन और सूफीवाद की अच्छी जानकारी थी।
  2. वह एक स्वतंत्र चिंतक था जिसने उलमाओं के संकीर्ण विचारों का विरोध किया।

प्रश्न 22.
मुगलों को तैमूरी क्यों कहा गया?
उत्तर:

  1. मुगलों की उत्पत्ति मंगोल स्त्री से हुई थी। मुगल बर्बर मंगोलों से जुड़ना नहीं चाहते थे।
  2. बाबर का पिता तुर्की था। मुगल तुर्कों से जुड़ना पसंद करते थे। इसलिए मुगलों ने अपने को तैमूरी कहा।

प्रश्न 23.
हुमायूँ ने भारत से पलायन क्यों किया?
उत्तर:

  1. अफगान शासक शेरशाह सूरी ने हुमायूँ को दो युद्धों-चौसा के युद्ध (1539) और विलग्राम के युद्ध (1540) में पराजित कर दिया था।
  2. इन युद्धों में हार और शेरशाह के पीछा करने से भयभीत हुमायूँ को अपनी जान बचाने के लिए भारत छोड़ना पड़ा।

प्रश्न 24.
मुगल सम्राटों द्वारा तैयार करवाये गये इतिवृत्तों के मुख्य उद्देश्य बताइए।
उत्तर:

  1. मुगल साम्राज्य की जनता को मुगल शासन व्यवस्था की जानकारी देना।
  2. मुगल शासन का विरोध करने वाले लोगों को यह बताना कि उनके सभी विरोधों का असफल होना निश्चित है।

प्रश्न 25.
फारसी भाषा का भारतीयकरण किस प्रकार हुआ?
उत्तर:

  1. फारसी ने स्थानीय मुहावरों को शामिल करने से फारसी का भी भारतीयकरण हो गया।
  2. फारसी का हिंदी के साथ संपर्क होने से उर्दू नामक एक नई भाषा का विकास हुआ।

प्रश्न 26.
जहाँआरा कौन थी? वास्तुकलात्मक परियोजनाओं में उसका क्या योगदान था?
उत्तर:

  1. जहाँआरा मुगल बादशाह शाहजहाँ की पुत्री थी। जिसका वास्तुकलात्मक परियोजनाओं में पर्याप्त योगदान रहा।
  2. उसने नई राजधानी शाहजहाँबाद (दिल्ली) के निर्माण में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। उसने ही चाँदनी चौक की रूपरेखा भी तैयार करवाई।

प्रश्न 27.
सुलह-कुल के आदर्श को बढ़ावा देने के लिए अकबर ने कौन-से मुख्य कार्य किये।
उत्तर:

  1. साम्राज्य के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सुलह-कुल के सिद्धांतों का अनुपालन करने के निर्देश दिये।
  2. अकबर ने 1563 में तीर्थयात्रा कर तथा 1564 में जजिया कर को समाप्त कर दिया, क्योंकि ये दोनों कर धर्म से जुड़े हुए थे।

प्रश्न 28.
झरोखा दर्शन सबसे पहले किसने शुरू किया और इसका क्या उद्देश्य था?
उत्तर:

  1. झरोखा दर्शन सबसे पहले सम्राट अकबर ने शुरू किया। इसके अनुसार बादशाह एक छज्जे अथवा झरोखे में पूर्व की ओर मुँह करके लोगों की भीड़ को दर्शन देता था।
  2. इसका उद्देश्य शाही सत्ता के प्रति जन विश्वास को बढ़ावा देने का था।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
आइन-ए-अकबरी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
अबुल फज्ल कृत ‘आइने-अकबरी’-अबुल फज्ल अकबर के दरबार के नवरत्नों में से एक था। वह फारसी भाषा का उच्चकोटि का विद्वान था। उसने अकबर के समय में ‘अकबरनामा’ तथा ‘आइने-अकबरी’ नामक दो प्रसिद्ध ग्रन्थ लिखे। ‘आइने-अकबरी’ आज भी अकबर पर एक विश्वसनीय तथा प्रमाणिक ग्रन्थ माना जाता है। इसमें अकबर की विजयों, उसके राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक तथा राजस्व सम्बन्धी विवरणों का सटीक उल्लेख है।

स्थान-स्थान पर इससे अकबर की आदतों, उसके व्यक्तिगत गुणों तथा रुचियों के बारे में उपयोगी जानकारी मिलती है। इसमें फारसी भाषा के उन 59 सर्वश्रेष्ठ कवियों के नाम दिए गए है जिन्हें अकबर का संरक्षण प्राप्त था। इनके अतिरिक्त 15 ऐसे कवि थे जो मालिक साहित्य की रचना किया करते थे और समय-समय पर ईरान से अपनी कविताएँ अकबर के पास भेजा करते थे। इस ग्रन्थ का न केवल राजनीतिक तथा ऐतिहासिक महत्त्व है वरन् यह एक उच्चकोटि साहित्यिक रचना भी है। अब इस ग्रन्थ का अनेक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। यह इतिहास के छात्रों और इतिहासकारों के लिए बहुत ही उपयोगी ग्रथ सिद्ध हुआ है।

प्रश्न 2.
हुमायूँ के पलायन (Expulsion) का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हुमायूँ का पलायन-कन्नोज की लड़ाई (1540 ई.) में हारने के पश्चात् हुमायूँ आगरा पहुँचा, परंतु शेरशाह ने उसका पीछा किया। विवश होकर उसे पंजाब की ओर भागना पड़ा। उसके भाई कामरान ने उसकी कोई मदद न की अतः वह शेरशाह के भय से पंजाब छोड़ कर काबुल चला गया। हुमायूँ सिन्ध की ओर जा रहा था कि रास्ते में अमरकोट नामक स्थान पर 23 नवम्बर, 1542 ई. को अकबर का जन्म हुआ। इसे विपत्तिकाल में उसका एक सरदार बैरम खाँ उससे आ मिला।

सिन्ध से वह काबुल पहुँचा परंतु कामरान ने उसके पाँव वहाँ न जमने दिए और उसकी सहायता न की। विवश होकर हुमायूँ को ईरान में शरण लेनी पड़ी। ईरान के शाह तहमास्प (Shah Tahmasp) ने उसे 14,000 सैनिक दिए। इसके बदले में हुमायूँ ने शिया धर्म अपनाने और कन्धार जीतकर शाह को वापस लौटाने का वचन दिया। इन सैनिकों की सहायता से उसने 1545 ई. में काबुल और कन्धार को जीत लिया। इसके पश्चात् 10 वर्ष तक उसे अपने भाईयों से लड़ना पड़ा। हिन्दाल युद्ध में मारा गया। असकरी को उसने मक्का भेज दिया परंतु रास्ते में उसकी मृत्यु हो गई। कामरान की आँखें निकलवा दी गई और उसे भी मक्का भेज दिया गया।

प्रश्न 3.
इतिवृत्तों की रचना के उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
इतिवृत्तों की रचना के उद्देश्य –

  1. इतिवृत्त मुगल साम्राज्य के अंतर्गत आने वाले सभी लोगों के सामने एक प्रबुद्ध राज्य के दर्शन की प्रायोजना के उद्देश्य से लिखे गये थे।
  2. इतिवृत्त साम्राज्य और उसके दरबार के अध्ययन के महत्त्वपूर्ण स्रोत है।
  3. इनका उद्देश्य मुगल साम्राज्य के विरोधी लोगों को यह बताना था कि उनके सभी विरोधी का असफल होना निश्चित है।
  4. इतिवृत्तों के द्वारा बदशाह यह सुनिश्चित कर लेना चाहते थे कि भावी पीढ़ियों के लिए उनके शासन का विवरण उपलब्ध रहे।
  5. सम्राट पर केन्द्रित घटनाओं, शासक के परिवार, दरबार व अभिजात, युद्ध और प्रशासनिक व्यवस्थाओं का वर्णन करना इतिवृत्तों का मुख्य उद्देश्य था।

प्रश्न 4.
बादशाहनामा का लेखक कौन था? इसमें किसका वर्णन किया गया है?
उत्तर:

  1. बादशाहनामा की रचना अबुल फज्ल के एक शिष्य अब्दुल हमीद लाहौरी ने की। बादशाह शाहजहाँ ने उसे अकबरनामा के नमूने पर अपने शासन काल का इतिहास लिखने के लिए नियुक्त किया।
  2. बादशाहनामा भी सरकारी इतिहास है। इसकी तीन जिल्दें (दफ्तर) हैं और प्रत्येक जिल्द दस चन्द्र वर्षों का ब्यौरा देती है।
  3. लाहौरी ने बादशाह के शासन (1627-47) के पहले दो दशकों पर पहला और दूसरा दफ्तर, लिखा। इन जिल्दों में बाद में शाहजहाँ के वजीर सादुल्लाह खाँ ने सुधार किया।”
  4. तीसरे दशक के बारे में इतिहासकार वारिस ने लिखा क्योंकि लाहौरी अशक्त हो गया था।

प्रश्न 5.
अकबरनामा का भारतीय इतिहास में क्या महत्त्व है?
उत्तर:
अकबरनामा का महत्त्व –

  1. अकबरनामा का लेखक अबुल फज्ल था जिसे इसने 1589 ई. में लिखना शुरू किया और 13 वर्षों में इस ग्रंथ को पूरा किया।
  2. अकबरनामा को तीन जिल्दों में बाँटा गया है जिनमें से प्रथम दो इतिहास हैं। तीसरी जिल्द आइन-ए-अकबरी है।
  3. इसका लेखन राजनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण घटनाओं का कालानुक्रमिक विवरण देने के परपरागत ऐतिहासिक दृष्टिकोण से किया गया।
  4. इसकी भाषा अलंकृत है। इसमें लय और कथन शैली को महत्त्व दिया गया हैं। इस भारतीय-फारसी शैली को मुगल दरबार का विशेष संरक्षण मिला।

प्रश्न 6.
अकबर ने अपने साम्राज्य में सांस्कृतिक एकता किस प्रकार स्थापित की?
उत्तर:
सांस्कृतिक एकता (Cultural Unity):
अकबर ने फारसी को राष्ट्रीय भाषा बनाकर, हिन्दी, संस्कृत, अरबी, तुर्की तथा यूनानी आदि भाषाओं के प्रमुख ग्रंथों का फारसी में अनुवाद कराकर, मुसलमानों के मदरसों में हिन्दू बच्चों की शिक्षा का प्रबंध करके तथा हिन्दू पाठशालाओं को भी राजकीय सहायता प्रदान करके इस देश में सांस्कृतिक एकता पैदा करने की दिशा में विशेष कार्य किया। इसके अतिरिक्त उसने ललित कलाओं, भवन-निर्माण-कला, चित्रकला और संगीत के क्षेत्र में हिन्दू तथा मुसलमानों की परम्पराओं तथा शैलियों के मिलाप में बड़ा सहयोग दिया। अकबर द्वारा बनाए गए भिन्न-भिन्न कलाओं के नमूने हिन्दू-मुसलमानों की साझी सम्पत्ति बन गए और अकबर के द्वारा संस्कृत तथा हिन्दी साहित्य को राज्य का संरक्षण मिलने से भी सांस्कृतिक एकता स्थापित हुई।

प्रश्न 7.
मुगलशासन में दीवान के कार्य एवं महत्त्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वकील-ए-मुतलक, वजीर या दीवान:
मुगल शासन-व्यवस्था में वजीर का पद बड़ा गर्वपूर्ण था। अबुल फज्ल के अनुसार, “वकील साम्राज्य और शाही परिवार से संबंधित सभी कार्यों में सम्राट का नायक होता है। वह परामर्श देता है और अपनी प्रखर बुद्धि से राज्य की बड़ी-बड़ी समस्याओं को सुलझाता है। किसी भी अभिजात या अधिकारी की पदोन्नति, पदावनति, नियुक्ति तथा हटाया जाना आदि उसी की समझ पर निर्भर है।” किन्तु बैरम खाँ के पश्चात् ऐसे अधिकार किसी भी पदाधिकारी को नहीं दिये गए।

प्रधानमंत्री को दीवान के कार्य सौंप दिए गए और बाद के समय में दीवान ही राज्य का वजीर तथा प्रधानमंत्री होने लगा। दीवान का मुख्य कार्य राज्य की आय और व्यय की देखभाल करना था। वह बादशाह और अन्य अधिकारियों के बीच की कड़ी था। बादशाह की अनुपस्थिति में राजधानी में रहकर शासन की देखभाल करता था। बादशाह अवयस्क होने की दशा में उसका संरक्षक बनता था और आवश्यकता पड़ने पर सेना का नेतृत्व करता था। उसका सभी विभागों पर नियंत्रण था। सूबों की सूचनाएँ प्राप्त करता था और बादशाह के आदेश को वहाँ भेजता था। राजनीतिक पत्र-व्यवहार करता था और शासन के सामान्य कार्यों को बादशाह की ओर से स्वयं करता था। उसकी सहायता के लिए पाँच प्रमुख अधिकारी तथा अन्य अनेक अधिकारी थे। इस प्रकार वह सम्राट् का दूसरा रूप था।

प्रश्न 8.
फतेहपुर सीकरी पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
फतेहपुर सीकरी:
फतेहपुर सीकरी उत्तर प्रदेश राज्य में आगरा के समीप अकबर द्वारा बनाई गई नवीन राजधानी थी। 1570 ई. में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ तथा गुजरात-विजय के उपलक्ष्य में उसने इसका नाम फतेहपुर सीकरी रखा। अबुल फज्ल के शब्दों में, “उसके श्रेष्ठ पुत्रों ने सीकरी में जन्म लिया था तथा शेख सलीम को दिव्यज्ञानयुक्त आत्मा उनमें प्रविष्ट हो गई थी। अतः अकबर के पवित्र हृदय में इस अध्यात्मिक स्थान को सुन्दर रूप प्रदान करने की इच्छा प्रकट हुई। बादशाह ने निजी प्रयोग के लिए भव्य भवनों के निर्माण की आज्ञा दे दी।” फतेहपुर सीकरी के भवन में हमें हिन्दू तथा मुस्लिम वास्तुकला का मिश्रित प्रभाव दिखाई देता है।

15 वर्षों के अल्पकाल में इस नगर का निर्माण इतनी तीव्र गति से हुआ कि सर्मी ग्रोउन के शब्दों में, “ऐसा प्रतीक होता है कि किसी जादूगर ने इसका निर्माण किया हो। इस नगर का विस्तार सात मील के पहाड़ी क्षेत्र पर है। इसके एक ओर कृत्रिम झील है तथा तीन ओर ऊँची चारदीवारी है। इसमें कुल नौ द्वार हैं। इस नगर में बनी इमारतों को दो भागों में बाँटा जा सकता है-धार्मिक इमारतें तथा धर्म-निरपेक्ष इमारतें। धार्मिक इमारतों में जामा मस्जिद, बुलंद दरवाजा, शेख सलीम चिश्ती का मकबरा शामिल है। धर्म-निरपेक्ष इमारतों में दीवान-ए-आम, जोधाबाई का महल, तुर्की सुल्तानों का महल, बीरबल का महल, दीवाने खास, पंचमहल, टकसाल तथा ज्योतिष भवन प्रसिद्ध हैं। यहाँ पर बनी इमारतें अकबर की उदार नीति का प्रतीक हैं।” सच तो यह है कि वास्तुकला ‘के क्षेत्र में फतेहपुर सीकरी मुगल काल की सर्वोत्कृष्ट कलाकृति का उत्तम उदाहरण है। मुगल सम्राटों द्वारा बनाई गई इमारतों में फतेहपुर सीकरी का ताजमहल के बाद दूसरा स्थान है।

प्रश्न 9.
औरंगजेब की राजपूत नीति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
औरंगजेब की राजपूत नीति-औरंगजेब ने राजपूतों के प्रति उदार नीति को ठीक न समझा और उसमें कई प्रकार के परिवर्तन कर दिए। वह एक कट्टर सुन्नी मुसलमान था और भारत में एक इस्लामी राज्य स्थापित करना चाहता था। वह ऐसा कदापि नहीं चाहता था कि राजपूत लोग उसके अधीन ऊँचे पदों पर नियुक्त रहें और बड़ी शान के साथ अपना जीवन व्यतीत करें। उनके प्रभाव को समाप्त करने के उसने हर सम्भव तथा असम्भव कार्य किए –

  1. उसने उन्हें ऊँचे पदों से अलग कर दिया।
  2. 1679 ई. में जजिया तथा यात्रा-कर पुनः लागू कर दिए।
  3. उनके दीवाली और होली आदि त्यौहारों को मनाना बंद करा दिया।
  4. राजपूतों के लिए अच्छे घोड़े की सवारी करना भी प्रतिसिद्ध कर दिया।
  5. उनके धर्म-स्थलों का भी घोर निरादर किया गया।
  6. 1678 ई. में मारवाड़ (Marwar) के राजा जसवन्त सिंह राठौर की मृत्यु के पश्चात् उनकी पलियों, पुत्र अजीतसिंह तथा अन्य सम्बन्धियों को कैद करने का आदेश दिया। वह राजपूतों की शक्ति को पूरी तरह कुचल देना और उनकी स्वतंत्रता को समाप्त कर देना चाहता था।

प्रश्न 10.
जहाँगीर के काल को मुगल चित्रकला का स्वर्ण युग क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
जहाँगीर और चित्रकला का उत्कर्ष:
जहाँगीर स्वयं एक अच्छा चित्रकार था और इस कला का महान् पारखी था। उसका समय चित्रकला का स्वर्ण-युग था। उसने अपने निजी बगीचे के एक भाग में चित्रकला कक्ष की स्थापना कर रखी थी। उसने अपनी आत्मकथा ‘तुजके जहाँगीरी’ में लिखा था-‘कला में मेरी रुचि एवं ज्ञान इस सीमा तक पहुँच गया है कि यदि मेरे सामने किसी भी मृत या जीवित चित्रकार की कलाकृति लाई जाती है और मुझे उस चित्रकार का नाम नहीं बताया जाता है तो मैं एकदम बता देता हूँ कि यह कृति अमुक चित्रकार ने बनाई है। यदि एक चित्रकार ने चेहरा बनाया हो और दूसरे ने उसी चेहरे में आँखें व भौहें बनाई हों तो मैं यह बता सकता हूँ कि अमुक चित्रकार ने चेहरा तथा अमुक चित्रकार ने आँखें तथा भौहें बनाई हैं।” जहाँगीर का यह कथन अतिशयोक्ति पूर्ण है लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि वह एक उच्चकोटि का चित्रकार तथा इस कला का महान् पारखी था।

जहाँगीर ने अपने यहाँ अनेक हिन्दू तथा मुसलमान चित्रकारों को संरक्षण दिया था। समरकन्द के मुहम्मद नादिर, उस्ताद तथा मुहम्मद मुराद; हिरात के आगा रजा और उसका पुत्र अब्दुल हसन प्रसिद्ध मुसलमान चित्रकार थे। जहाँगीर में उस्ताद मंसूर व आगा रजा को ‘नारिस्लासार’ की उपाधि से विभूषित किया था। हिन्दू कलाकारों में बिशनदास, मनोहर, गोवर्धन, तुलसी, माधव आदि प्रसिद्ध थे। बिशनदास अपने सजीव एवं यथार्थ चित्रों के लिए उसके समय का उच्चकोटि का चित्रकार था।

प्रश्न 11.
सुलह-ए-कुल के आदर्श को मुगल सम्राटों ने किस प्रकार लागू किया?
उत्तर:
सुलह-ए-कुल का आदर्श और मुगल सम्राट:

  1. सुलह-ए-कुल के आदर्श को राज्य नीतियों के माध्यम से लागू किया गया। मुगल सम्राटों के अधीन अभिजात वर्ग मिश्रित किस्म का था। उसमें ईरानी, तूरानी, अफगानी, राजपूत आदि सभी शामिल थे। इन सबको पद और पुरस्कार दिये गये जो राजा के प्रति सेवा और निष्ठा पर आधारित थे।
  2. अकबर ने 1563 में तीर्थ यात्रा कर तथा 1564 में जजिया को समाप्त कर दिया, क्योंकि ये दोनों कर धार्मिक पक्षपात पर आधारित थे।
  3. साम्राज्य के अधिकारों को सुलह-ए-कुल के नियम का अनुपालन करने के निर्देश दे दिए गए।
  4. सभी मुगल सम्राटों ने उपासना-स्थलों के निर्माण एवं रख-रखाव के लिए अनुदान दिए। युद्ध के दौरान ध्वस्त होने वाले मंदिरों की मरम्मत के लिए प्रचुर अनुदान दिए जाते थे।

प्रश्न 12.
मुगल बादशाहों के लिए कन्धार का क्या महत्त्व था?
उत्तर:
कन्धार पर अधिकार:
मुगलों की विदेश नीति का मुख्य आधार कन्धार पर अधिकार रखना था। ऐसा दो कारणों से था-प्रथम, कन्धार पर कब्जा न रहने की दशा में वे काबुल पर शासन नहीं कर सकते थे। दूसरे, कन्धार उस व्यापारिक मार्ग पर था जो भारत को ईरान और मध्य-एशिया से मिलाता था। इस तरह कन्धार 1522, 1558, 1595, 1622, 1638 और 1649 ई. में निरंतर हाथ बदलता रहा। 1522 ई. में बाबर ने इस पर अधिकार किया था परंतु अकबर के बाल्यकाल में (1558 ई. को) ईरानियों ने इसे जीत लिया था। फिर अकबर ने इसे 1595 ई. में जीत लिया परंतु जहाँगीर के काल में ईरानियों ने 1622 ई. में इसे मुगलों से पुनः छीन लिया। शाहजहाँ ने 1638 ई. में इसे बड़ी कठिनाई से अपने अधीन कर लिया परंतु 1649 ई. में ईरानियों ने इसे पुनः छीन लिया। इस प्रकार मध्य एशिया में प्रभुत्व स्थापित करने के लिए मुगलों के नियंत्रण में कन्धार राज्य-क्षेत्र का रहना आवश्यक था।

प्रश्न 13.
मुगल शासकों ने राजवंशीय इतिहास लिखवाने में क्यों रुचि दिखाई ?
उत्तर:
राजवंशीय इतिहास लिखवाने में मुगल शासकों की रुचि के कारण –

  • मुगल शासक दैवी सिद्धांत में विश्वास करते थे। उनका कहना था कि स्वयं ईश्वर ने उन्हें जनता पर शासन करने के लिए भेजा है। लोकप्रिय बनने के लिए वे राजवंशीय इतिहास लिखवाना चाहते थे।
  • मुगल दरबार में कई दरबारी इतिहासकार उपलब्ध रहने के कारण ऐसा इतिहास लिखवाना आसान था।
  • इन विवरणों में संबंधित बादशाह के शासन-काल की घटनाओं का लेखा-जोखा तैयार किया जाना था।
  • भारतीय उपमाहद्वीप के अन्य क्षेत्रों की जानकारियाँ प्राप्त करनी आवश्यक थी क्योंकि सुचारू शासन चलाने के लिए ऐसी जानकारियों का प्राप्त करना मुगल शासकों के लिए अनिवार्य था। (v) मुगल वंश के भावी शासकों को शासन प्रबंध में कुशल बनाने के लिए भी ऐसे ऐतिहासिक ग्रंथों का उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य समझा गया था।

प्रश्न 14.
गुलबदन बेगम कौन थी? लेखन के क्षेत्र में उसकी क्या उपलब्धियाँ थीं?
उत्तर:

  1. गुलबदन बेगम बाबर की पुत्री, हुमायूँ की बहन तथा अकबर की चाची (बुआ) थी।
  2. उसने मुगलों के पारिवारिक जीवन पर प्रकाश डालने वाली एक रोचक पुस्तक हुमायूँनामा लिखी।
  3. वह तुर्की तथा फारसी में धाराप्रवाह लिख सकती थी।
  4. उसने अबुल फज्ल की अकबरनामा लिखने में सहायता की। उसने बाबर और हुमायूँ के समय के संस्मरणों को लिपिबद्ध किया था।
  5. उसने राजाओं और राजकुमारियों के बीच चलने वाले संघर्ष और तनावों के साथ ही इनमें से कुछ संघर्षों को सुलझाने में परिवार की बुजुर्ग स्त्रियों की भूमिका के बारे में भी विस्तार से लिखा।

प्रश्न 15.
पाण्डुलिपियों के महत्त्व की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
पाण्डुलिपियों का महत्त्व –

  1. किसी बादशाह के शासन की घटनाओं का विवरण देने वाले इतिहासों में लिखित पाठ के साथ उन घटनाओं को चित्र के माध्यम से दर्शाया जाता था।
  2. हस्तलिखित ये विवरण मुगलों की इतिहास रचना में बहुत सहायक हैं। पाण्डुलिपियों के संरक्षण के लिए अकबर ने एक अलग विभाग बनाया था।
  3. मुगलकालीन पाण्डुलिपियों के रचनाकारों को पदवियों और पुरस्कारों के रूप में पहचान मिली। इनमें सुलेखक (सुन्दर लिखने वाले) और चित्रकार बहुत लोकप्रिय बने।
  4. पाण्डुलिपियों में सुलेखन भिन्न-भिन्न शैलियों में किया जाता था। ‘नस्तलिक’ अकबर की मनपसंद शैली थी। यह एक ऐसी तरल शैली थी जिसे क्षैतिज रूप से प्रभावी ढंग से लिखा जाता था।
  5. मुगल शासक जानते थे पाण्डुलिपियों से उनकी शक्ति और समृद्धि की जनता को जानकारी दी जा सकती है।

प्रश्न 16.
ब्रिटिश काल में ऐतिहासिक पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए क्या उपाय किये गये?
उत्तर:
ब्रिटिश काल में ऐतिहासिक पांडुलिपियों के संरक्षण के उपाय –

  1. ब्रिटिश काल में पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए अभिलेखागार बनाये गये क्योंकि अंग्रेज भारतीयों के बारे में विस्तृत अध्ययन करना चाहते थे।
  2. 1784 ई. में सर विलियम जोन्स द्वारा स्थापित एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल ने कई भारतीय पांडुलिपियों के संपादन, प्रकाशन और अनुवाद का उत्तरदायित्व अपने ऊपर ले लिया।
  3. एशियाटिक सोसाइटी द्वारा 19वीं शताब्दी में सर्वप्रथम अकबरनामा और बादशाहनामा के संपादित प्रारूप प्रकाशित किये गये।
  4. 20 वीं शताब्दी के आरंभ में हेनरी बेवरिज ने अकबरनामा का अंग्रेजी में अनुवाद किया।
  5. बादशाहनामा के अभी तक केवल कुछ ही अंशों का अंग्रेजी में अनुवाद हो पाया है।

प्रश्न 17.
मुगलकालीन इतिहास की प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
मुगलकालीन इतिहास की प्रमुख विशेषतायें –

  • मुगलों के इतिहास से सम्बन्धित घटनायें तिथियुक्त हैं। ये घटनायें एक और मुगल राज्य की संस्थाओं की जानकारी देते हैं तो दूसरी ओर मुगल शासकों के उद्देश्यों पर प्रकाश डालती हैं।
  • मुगल इतिहास प्रायः दरबारी लेखकों द्वारा लिखे गये हैं। इस इतिहास को इतिवृत्ति भी कहते हैं। इनमें तत्कालीन सम्राट और उसके साम्राज्य से सम्बन्धित विस्तृत जानकारी दी गयी है।
  • यहाँ दरबार तथा बादशाह के इतिहास में समानता मिलती है। अकबर, शाहजहाँ और आलमगीर के शासनकाल पर आधारित इतिवृत्तों के शीर्षक अकबरनामा, बादशाहनामा और आलमगीरनामा यह संकेत देते हैं कि इनके लेखकों की दृष्टि में सम्राट और दरबार का इतिहास किसी तरह भिन्न न होकर एक ही था।
  • मुगल इतिवृत्त (इतिहास) रंगीन चित्रों से सुसज्जित है। इसमें कलाकारों की कई कल्पनायें स्थान पाती हैं।
  • इतिहास सम्राट और दरबार के महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं । सम्राट चाहते थे कि भावी पीढ़ी के लिए उनके शासन का विवरण उपलब्ध रहे।

प्रश्न 18.
अकबर ने राजपूतों के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाने का प्रयास क्यों किया?
उत्तर:
अकबर राजपूतों के साथ मित्रता के कारण:

  • अकबर के माता-पिता और शिक्षक अब्दुल लतीफ और संरक्षक बैरम खाँ उदार धार्मिक विचारों के थे। अकबर में उदारता एवं सहनशीलता के गुणों का सृजन इसी कारण हुआ।
  • अकबर के उजबेक, मुगल और तुर्क सरदार वफादार नहीं थे। उन्होंने कई बार उसके विरुद्ध विद्रोह किए थे।
  • अकबर का जन्म राजपूत शासक के संरक्षण में हुआ था अतः वह राजपूतों के प्रति कृतज्ञ था।
  • राजपूत योद्धा, वीर और साहसी थे। वे बात के धनी और अपनी आन पर मर मिटने वाले थे। अपने स्वामी को धोखा देना पाप समझते थे। अकबर राजपूतों के इन गुणों से प्रभावित था।
  • प्रजा से राज-भक्ति पाने की इच्छा से भी अकबर ने हिन्दुओं और विशेषकर राजपूतों से मैत्री सम्बन्ध स्थापित किए।
  • कुछ विद्वानों का मत है कि अकबर की राजनैतिक दूरदर्शिता ही राजपूतों के साथ मैत्री-संबंध बनाने में सहायक रही। वह जानता था कि हिन्दू राजपूतों के सहयोग के बिना उसकी साम्राज्यवादी लालसा पूरी नहीं हो पाएगी और न साम्राज्य को सुरक्षित ही रखा जा सकेगा।
  • डॉ. ईश्वरी प्रसाद ने भी लिखा है, “राजपूतों के सहयोग बिना भारत में मुगल साम्राज्य सुरक्षित न था। उनके विवेकपूर्ण और सक्रिय सहयोग के बिना सामाजिक तथा राजनैतिक एकता स्थापित होनी बहुत कठिन थी।”

प्रश्न 19.
शेरशाह के साथ संघर्ष में हुमायूँ की असफलता के कारण बताइए।
उत्तर:
हुमायूँ की असफलता और शेरशाह की सफलता के कारण:
हुमायूँ-शेरशाह के आपसी संघर्ष में हुमायूँ की असफलता तथा शेरशाह की सफलता के मुख्य कारण इस प्रकार हैं –
1. हुमायूँ का सबसे बड़ा शत्रु वह स्वयं ही था। उसे अफीम खाने और शराब पीने की आदत थी। वह आलसी और विलासी होने के कारण उसमें दृढ़ निश्चय की कमी थी। वह किसी ठीक निर्णय पर नहीं पहुंच पाता था और अपना बहुत-सा समय सोच-विचार में ही गँवा देता था।

2. हुमायूँ अपना बहुत-सा कीमती समय और धन (रंगरलियों में) व्यर्थ गंवा देता था। हुमायूँ को खजाना लगभग खाली मिला था, इसके बावजूद उसने बहुत-सा धन रंगरलियों और उपहार देने में खर्च कर दिया। उसका अधिक समय महलों में रंगरलियाँ मनाने में व्यतीत होता था।

3. हुमायूँ आवश्यकता से अधिक दयालु था और उसमें साधारण योग्यता तथा बुद्धि का अभाव था। उसने अपने साम्राज्य का बंटवारा अपने भाइयों में करके अपने-आप को आय के साधनों और सैनिक स्थलों से वंचित कर लिया।

4. हुमायूँ कोई दूरदर्शी और चतुर राजनीतिज्ञ भी नहीं था। आरंभ में उसने शेरखाँ की ओर ध्यान न दिया और उसे शक्तिशाली होने का अवसर दिया। शेरखाँ ने दिखाने को उसकी अधीनता स्वीकार कर ली और अपनी शक्ति को बढ़ाया। उधर हुमायूँ बंगाल विजय के बाद रंगरलियों में मस्त रहा। इसके अतिरिक्त चौसा के युद्ध में उसने शेरखाँ की सेना पर पहले आक्रमण न करके एक भारी भूल की। शेरखाँ के प्रति उसकी गलत नीतियों ने शेरखाँ को शक्तिशाली बनने का सुअवसर प्रदान किया।

5. जब हुमायूँ ने बहादुरशाह के विरुद्ध चढ़ाई की तो उस समय वह चितौड़ विजय में लगा हुआ था। चितौड़ के राजपूतों ने हुमायूँ से सहायता माँगी परंतु उसने ऐसा न किया। इस प्रकार बहादुरशाह के विरुद्ध चित्तौड़ के , राजपूतों की सहायता न कर उसने राजपूतों को अपने साथ मिलाने का अवसर खो दिया।

प्रश्न 20.
अकबर ने सांस्कृतिक एकीकरण के लिए कौन-कौन से उपाय किये?
उत्तर:
अकबर द्वारा सांस्कृतिक एकीकरण के लिए उठाये गये कदम:

  • आरंभ में अकबर एक कट्टरपंथी मुसलमान था परंतु बैरम खाँ, अब्दुल रहीम खानखाना, फैजी, अबुल फज्ल, बीरबल जैसे उदार विचारों वाले लोगों के सम्पर्क से उसका दृष्टिकोण बदल गया। हिन्दू रानियों का भी उस पर प्रभाव पड़ा। अब वह अन्य धर्मों के प्रति उदार हो गया था।
  • 1575 ई. में उसने इबादत खाना बनवाया। इसमें विभिन्न धर्मों के विद्वानों को अपने-अपने विचार प्रकट करने की पूर्ण स्वतंत्रता थी। बहस के समय मौलवियों के अशिष्ट व्यवहार को देखकर उसे इस्लाम धर्म से अरुचि हो गई।
  • हिन्दुओं की तरह वह माथे पर तिलक लगाने लगा और गौ की पूजा करने लगा। कट्टर पंथी मुसलमानों द्वारा “काफिर” कहे जाने को भी उसने कोई परवाह न की।
  • 1579 ई. में उसने अपने नाम का खुतवा पढ़वा कर स्वयं को धर्म प्रमुख घोषित कर दिया। इससे उलेमाओं का प्रभाव कम हो गया।
  • उसने सभी धर्मों का सार लेकर नया धर्म दीन-ए-इलाही चलाया। अपने धर्म को उसने किसी पर थोपने का प्रयास नहीं किया।
  • उसने रामायण और महाभारत जैसे कई हिन्दू ग्रंथों का फारसी अनुवाद करवाया। वह धर्म को राजनीति से दूर रखता था।
  • फतेहपुर सीकरी में पंच महल, जोधाबाई का महल एवं बीरबल के महल में भारतीय संस्कृति की स्पष्ट झलक दिखाई पड़ती है।

प्रश्न 21.
दीने-इलाही के मुख्य सिद्धांत क्या थे?
उत्तर:
दीने-इलाही के मुख्य नियम:

  1. ईश्वर एक है और अकबर उसका खलीफा है।
  2. इस मत के अनुयायी आपस में एक-दूसरे से मिलते समय ‘अल्लाहू-अकबर जल्ले जलालहू’ कहकर अभिवादन करते थे।
  3. दीने-इलाही के सदस्यों से बादशाह की सेवा के लिए धन, मान, जीवन और धर्म का बलिदान करने की आशा की जाती थी।
  4. सभी सदस्यों को अकबर के सामने सिर झुकाना अथवा सिजदा करना पड़ता था।
  5. प्रत्येक सदस्य अपने जन्म-दिन को मनाता था और उसे अन्य सदस्यों को उस दिन दावत देनी पड़ती थी।
  6. मांस खाने की मनाही थी।
  7. प्रत्येक सदस्य को बूचड़ों, मछियारों तथा शिकारियों के साथ भोजन करने की मनाही थी।
  8. दीने-इलाही के सदस्य बाल-विवाह और वृद्ध-विवाह के विरुद्ध थे।
  9. प्रत्येक सदस्य को दूसरे धर्मों के प्रति सहिष्णुता अपनानी पड़ती थी।
  10. इस मत को मानने वाले सूर्य की पूजा करने के पक्ष में थे और अग्नि का सत्कार करते थे।
  11. प्रत्येक सदस्य को अपने आचार-विचार ऊँचा रखने की प्रतिज्ञा करनी पड़ती थी।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
‘बाबरनामा’ या ‘तुजके-बाबरी’ पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। अथवा, बाबरनामा के ऐतिहासिक महत्त्व पर संक्षिप्त नोट लिखिए।
उत्तर:
तुज्क-ए-बाबरी या बाबरनामा:
यह बाबर की आत्मकथा है। इसको मूलतः तुर्की भाषा में लिखा गया है। यह पुस्तक विश्व साहित्य का उच्चकोटि का ग्रन्थ (Classic) समझी जाती है। इस पुस्तक में स्वयं बाबर ने अपनी आँखों से देखे भारतीय जनजीवन, पशु-पक्षियों तथा भारत के प्राकृतिक सौन्दर्य का सजीव चित्रण किया है। बाबर ने इस ग्रन्थ में जहाँ अपने गुणों एवं उज्ज्वल पक्ष का वर्णन किया है, वहीं उसने अपनी दुर्बलताओं तथा असफलताओं को भी स्पष्ट शब्दों में आंका है।

उसने तत्कालीन भारतीय राजनीतिक, सामाजिक तथा आर्थिक दशा के अतिरिक्त शत्रुओं की त्रुटियों तथा उनके गुणों का भी लेखा-जोखा पेश किया है। इस ग्रन्थ की भाषा अत्यन्त सरल, शुद्ध, स्वाभाविक, हृदयग्राही तथा अलंकृत है। इसमें अतिशयोक्ति तथा लच्छेदार शब्दावली का पूर्णतया अभाव है। ऐतिहासिक दृष्टि से यह एक बहुमूल्य ग्रन्थ है। लेनपूल के अनुसार, “बाबर के बाद में आने वाले सम्राटों की परम्परा, जिनका आरम्भ बाबर से ही हुआ था, समाप्त हो चुकी है-बाबर के वंश की शक्ति तथा शान समाप्त हो चुकी है परंतु उसके जीवन का विवरण अर्थात् आत्मकथा-काल का उपहास करती हुई बिल्कुल अपरिवर्तित है और अब तक अमर है।” श्रीमती बेवरिज, जिसने तुर्की भाषा से इसका अंग्रेजी में अनुवाद किया था, का कहना है-“बाबर की आत्मकथा एक वह अमूल्य भंडार है-जिसे सेंट आगस्टाइन तथा रूसो के स्वीकृति वचन और गिब्बन तथा न्यूटन की आत्मकथाओं के समकक्ष रखा जा सकता है।”

यह ग्रन्थ तत्कालीन भारतीय एवं मध्य एशिया के इतिहास का सच्चा दर्पण है। इसमें सभी घटनाओं का वर्णन बड़ा सजीव, मार्मिक तथा वस्तुनिष्ठ बन पड़ा है। इसमें न किसी चीज की अपेक्षा है और न ही अतिरंजना। इसमें प्रत्येक बात का वर्णन प्रत्यक्ष, स्पष्ट तथा नपे-तुले शब्दों में किया गया है। यह ग्रन्थ बड़ा मनोरंजक है। इसमें समस्त घटनाओं को एक क्रम से विधिपूर्वक दिया गया है। इसमें बाबर ने अपने बचपन, यौवन तथा प्रौढ़ावस्था को गूंथा है। यह ग्रन्थ बाबर के दु:खमय, संघर्षपूर्ण तथा कठिनाइयों से भरे जीवन की गाथा है। इसमें बाबर की काबुल तथा भारत विजय का मनोहर वर्णन पढ़ने को मिलता है। यह पुस्तक बाबर के प्रकृति-प्रेम को दर्शाती है। इसमें बाबर की सूक्ष्मदृष्टि पीलिभित होती है।

बाबर की आत्मकथा से हमें तत्कालीन भारत, काबुल, फरगना, समरकन्द तथा मध्य एशिया के लोगों के आर्थिक, सामाजिक तथा धार्मिक जीवन की मनोहर झांकी भी देखने को मिलती है। इस सम्बन्ध में लेनपूल ने ठीक ही लिखा है, “उसकी आत्मकथा किसी अशिक्षित सैनिक के आक्रमणों तथा प्रत्याक्रमणों, रसों, सुरंगों, झिलमिलाते पदों, किलाबंदी की खचियाओं, सुरक्षा के लिए बने कटघरों, दुर्गों के बाह्य स्वरूपों, मन्द स्वर में दिए गए दर्द के शब्द तथा अन्य असार वस्तुओं का वर्णन मात्र नहीं हैं, वरन् एक ऐसे मनुष्य के व्यक्तिगत भावों का प्रतिबिम्ब है, जो संसार का एक सच्चा व्यक्ति था,. फारसी साहित्य का विद्वान था, एक गम्भीर तथा जिज्ञासु निरीक्षक था और तीक्ष्ण-बुद्धि मानव-स्वभाव का विचारशील परीक्षक तथा प्रकृति का अनन्य प्रेमी था।”

प्रश्न 2.
मुगल प्रशासन का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मुगल प्रशासन:-
1. केन्द्रीय प्रशासन:
बादशाह के हाथ में प्रशासन की समस्त शक्तियाँ थी। राज्य की सैनिक और असैनिक शक्तियाँ उसी के पास थी परंतु अकबर को सदा प्रजा की भलाई का ध्यान रहता था। उसने परामर्श के लिए कई मंत्री नियुक्त किए थे। ये मंत्री राज्य प्रबंध में उसे पूर्ण सहयोग देते थे। इन मंत्रियों में वकील (प्रधानमंत्री), मुख्य दीवान (वजीर), मीर बख्शी (वेतनाधिकारी) और मुख्य सदर (धार्मिक मंत्री) आदि मंत्री थे।

1. वकील-राज्य के सभी महत्त्वपूर्ण विषयों पर बादशाह उसकी सलाह लेता था। राज्य के सभी महत्त्वपूर्ण विभागों का वह निरीक्षण करता था। बैरम खाँ की मृत्यु के बाद वकील की समस्त शक्तियाँ समाप्त कर दी गईं। अब वह केवल नाममात्र का अधिकारी था।

2. मुख्य दीवान-यह अधिकारी राज्य की आय-व्यय का ब्यौरा रखता था। उसके हस्ताक्षरों के बिना राजकीय कोष से कुछ भी नहीं निकाला जा सकता था। वह प्रांतीय दीवानों की नियुक्ति में सम्राट को सलाह देता था।

3. मीर बख्शी-वह सम्राट की निजी सेना का प्रधान सेनापति था। वह राज्य के सैनिक और असैनिक अधिकारियों का वेतन बाँटता था। राज्य के समस्त मनसबदारों का हिसाब रखता था। वह कई बार सैनिक भी भर्ती करता था। वह गुप्तचर विभाग का प्रधान भी होता था। घोड़ों का निरीक्षण करने, प्रशिक्षण देने, अस्त्र-शस्त्रों के प्रबंध के अलावा वह रण सामग्री भी इकट्ठा करता था।

4. मुख्य सदर-राजा की ओर से धार्मिक संस्थाओं को दान दिया जाता था। वह देखता था कि दान में दिया गया धन ठीक कार्य में लग रहा है या नहीं। यही अधिकारी सिविल जज का काम भी करता था।

5. खान-ए-सामा-वह राजकीय परिवार के कार्यों की देखभाल तथा प्रबंध करता था। राजकीय इमारतों, बागों आदि की देखभाल करता था।

प्रश्न 3.
प्रान्तीय एवं स्थानीय प्रशासन:
1605 ई. में अकबर के प्रांतों की संख्या 15 थी। प्रत्येक प्रांत के प्रबंध की जिम्मेदारी एक सूबेदार के हाथों में थी। वह शाही परिवार का सदस्य या बहुत अधिक विश्वासपात्र व्यक्ति होता था। पूरे प्रांत में शांति और व्यवस्था बनाए रखना उसका प्रमुख काम था। उसे कई सैनिक और न्याय सम्बन्धी अधिकार प्राप्त थे। लेकिन बादशाह की अनुमति के बिना किसी से युद्ध या संधि नहीं कर सकता था। बादशाह की अनुमति के बिना वह किसी को मृत्यु दण्ड भी नहीं दे सकता था।

दीवान प्रान्तीय आय:
व्यय का ब्यौरा रखता था। वह राजस्व सम्बन्धी मुकदमों का निर्णय भी करता था। उसकी नियुक्ति केन्द्र द्वारा मुख्य दीवान के परामर्श से की जाती थी। प्रान्तीय सेना को वेतन बाँटने का काम मीर बख्शी का होता था। सेना को संभालने का काम फौजदार का होता था। बड़े-बड़े नगरों का प्रबंध कोतवाल संभालते थे तथा काजी न्याय सम्बन्धी कार्यों में सहायता देता था। आमिल गुजार लगान इकट्ठा करके सरकारी खजाने में जमा करवाते थे। गाँवों का प्रबंध पंचायतें करती थीं। इनकी सहायता के लिए मुकद्दम, पटवारी और फौजदार आदि होते थे।

प्रश्न 4.
मनसबदारी प्रथा का क्या अर्थ है? इसकी प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
मनसबदारी का अभिप्राय:
मनसबदारी अरबी भाषा का एक शब्द है। इसका अर्थ है-पदवी या स्थान निश्चित करना। मनसबदारी वह प्रणाली थी, जिसके अनुसार कर्मचारियों का पद, वेतन और दरबार में स्थान निश्चित किया जाता था। मनसबदार मुगल राज्य का नौकर था। प्रत्येक मनसबदार को अपनी मनसब के अनुसार घुड़सवार, हाथी, ऊँट, और गाड़ियाँ आदि रखनी पड़ती थी। मनसब केवल सैनिक अधिकारियों को ही नहीं, नागरिक अधिकारियों को भी दिए जाते थे। काजी, सदर, चित्रकारों और विद्वानों को भी मनसब दिए जाते थे, लेकिन सैनिक अधिकारियों के समान उन्हें निश्चित संख्या में हाथी, घोड़े और सैनिक आदि रखने पड़ते थे। इस तरह मुमल राज्य में मनसबदारी के अतिरिक्त अमीरों की कोई अलग श्रेणी नहीं थी।

मनसबदारी प्रथा की विशेषताएँ:
1. मनसबदारी की योग्यता-साधारण मनसब के लिए मनसबदार की योग्यता और राज-भक्ति का विचार किया जाता था लेकिन ऊँचे मनसबं के लिए यह देखा जाता था कि वह राज-परिवार या ऊँचे खानदान का व्यक्ति हो।

2. मनसबदारों की नियुक्ति, पदोन्नति और पद-मुक्ति-मनसबदारों की नियुक्तियाँ सम्राट स्वयं करता था। मनसब पाने वाले व्यक्ति को मीर बख्शी के पास ले जाया जाता था। मीर बख्शी उसे सम्राट के सामने पेश करता था। सम्राट् उसकी योग्यता और मीर बख्शी की सलाह से मनसबदार नियुक्ति कर देता था। नियुक्ति के बाद उसका नाम सरकारी रजिस्टरों में दर्ज कर लिया जाता था। मनसबदारों की पदोन्नति भी, सम्राट की इच्छा पर होती थी। सम्राट् जब चाहे किसी भी मनसबदार को उसके पद से हटा सकता था।

मनसबदारों की श्रेणियाँ:
अबुल फज्ल के अनुसार, “मनसबदारों की 66 श्रेणियाँ थीं।” अकबर के शासन काल में सबसे छोटा मनसब 10 सैनिकों और सबसे बड़ा मनसब दस हजार का होता था। बाद में राजकुमारों का मनसब बारह हजार तक कर दिया गया। साधारण मनसबदारों का सर्वोच्च मनसब सात हजार तक था। अकबर ने सम्भवतः तीन अमीरों-मिर्जा शाहरूख, अजीज कोका और राजा मानसिंह को ही सात हजार का मनसब दिया था।

मनसबदारों के लिए जाब्ती प्रथा:
यह जरूरी नहीं था कि मनसबदार के पुत्र को भी वही मनसब मिले जो उसे दिया गया था। मनसबदार की मृत्यु के बाद उसकी अचल सम्पत्ति जब्त कर ली जाती थी। उसे सरकारी खजाने में जमा कर दिया जाता था। मनसबदार अपने मनसब के अनुसार घुड़सवार नहीं रखते थे। वे अपने मनसब का केवल एक निश्चित भाग रखते थे। इसलिए 1594-95 ई. में अकबर ने सवार मनसब की स्थापना की।

जात और सवार:
अकबर ने अपने शासन काल के अंतिम वर्षों में 300 से ऊँचे मनसबों के लिए जात और सवार नामक दो पद जारी किए। ब्लोच मैन के अनुसार, “मनसबदार से जितने सैनिक रखने की आशा की जाती थी, उसे जात मनसब कहा जाता था।” डॉ. त्रिपाठी के अनुसार, “सवार मनसब एक अतिरिक्त सम्मान था, लेकिन फिर भी इसके लिए उसे भत्ता मिलता था। इस पद को पाने वाला मनसबदार किसी निश्चित संख्या में घुड़सवार रखने के लिए बाध्य नहीं था।” डॉ. ईश्वरी प्रसाद और ए.एल. श्रीवास्तव आदि का मत है कि “मनसबदारों को पहली, दूसरी और तीसरी श्रेणी में बाँटने के नियम निम्नवत् जारी किये गए थे –

  • जिन मनसबदारों के जात और सवार मनसब समान होते थे वे पहली श्रेणी के मनसबदार कहलाते थे।
  • जिनका सवार मनसब आधा या आधे से अधिक होता था वे दूसरी श्रेणी के मनसबदार कहलाते थे।
  • जिनका सवार मनसब जात मनसब के आधे से कम होता था उन्हें तीसरी श्रेणी का मनसबदार कहते थे।

मनसबदारों का वेतन:
मनसबदारों को नकद वेतन दिया जाता था। वेतन के साथ ही उनके सैनिकों तथा वाहनों का व्यय भी दिया जाता था। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के दसहजारी मनसबदारों को क्रमश: 30 हजार, 29 हजार और 28 हजार रुपये प्रति मास वेतन दिया जाता था।

मनसबदारों की सेना का निरीक्षण:
मनसबदारों के सैनिकों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता था। उनके घोड़ों को दाग दिया जाता था और उनके सैनिकों का हुलिया रिकार्ड किया जाता था। इसका उद्देश्य यह था कि मनसबदार निश्चित सैनिक और घोड़े अपने पास रखें।

मनसबदारी प्रथा के गुण:

  1. मनसबदार अपने वेतन के लिए सम्राट् पर निर्भर होते थे इसलिए वे विद्रोह नहीं कर सकते थे।
  2. मनसब योग्यता के आधार पर दिये जाते थे। पिता के बाद उसका पुत्र यदि योग्य नहीं है तो उसको पिता का मनसब नहीं मिल सकता था। इस तरह योग्य अधिकारियों के नियुक्त किए जाने से राज्य के सभी कार्य भली प्रकार होने लगे।
  3. सरदारों को बड़ी-बड़ी जागीरें देने से संभावित आर्थिक हानि अब शेष न रही। मनसबदार की मृत्यु के बाद उसकी सारी सम्पत्ति जब्त कर ली जाती थी। इससे राज्य की आय में काफी वृद्धि हुई।
  4. अलग-अलग जातियों के मनसबदार एक-दूसरे के विरुद्ध सन्तुलन बनाए रखते थे।

मनसबदारी प्रथा के दोष –

  1. मनसबदारों के सैनिक सम्राट् की अपेक्षा अपने सरदार के प्रति अधिक वफादार थे।
  2. एक मनसबदार जीवन-भर एक सैनिक दल का सेनापति रहता था। वह भिन्न-भिन्न प्रकार के सैनिकों को सम्भालने के अनुभव से वंचित रहता था।
  3. मनसबदारों को भारी वेतन मिलता था इससे सरकारी धन का बहुत अपव्यय होता था। इसके अलावा मनसबदार अधिक समृद्ध होने पर अपने कर्तव्यों का ठीक तरह से पालन भी नहीं करते थे।

प्रश्न 5.
क्या अकबर एक राष्ट्रीय सम्राट था? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अकबर एक राष्ट्रीय सम्राट-अकबर भारत के सबसे महान् सम्राटों में से एक था। वह एक महान् राष्ट्र-निर्माता था। राष्ट्र से अभिप्राय ऐसे लोगों के समूह से है जिनके हितों में समानता होती है। अकबर के राज्य में भिन्न-भिन्न नस्लों के लोग थे, जो भिन्न-भिन्न धर्मों के अनुयायी थे और भिन्न-भिन्न भाषा बोलते थे लेकिन अकबर ने उनसे समानता का व्यवहार किया। उसके प्रयत्नों से भारतीय जनता भाषा, धर्म और संस्कृति के मतभेदों को भुलाकर अपने को एक राष्ट्र का अंग समझने लगी।

अकबर रक्त से चाहे विदेशी था; लेकिन भारत उसकी जन्म-भूमि थी (अकबर का जन्म सिन्ध प्रांत के अमरकोट नामक स्थान पर हुआ था) अतः अकबर को अपने पूर्वजों की अपेक्षा इस भूमि में अधिक लगाव था। उसने राजनैतिक, प्रशासनिक और सांस्कृतिक एकता के आधार पर राष्ट्रीय शासक का सम्मान प्राप्त किया। अकबर को राष्ट्रीय शासक स्वीकार करने वाला पहला इतिहासकार मैलीसन था। उसके अनुसार, “अकबर भारत में राजनैतिक एकता का संस्थापक था।” यह सत्य है कि राष्ट्र की आधुनिक परिभाषा में मध्य युग का भारत नहीं आता लेकिन तत्कालीन परिस्थितियों में वह निस्सन्देह राष्ट्रीय शासक था।

राजनैतिक, प्रशासनिक तथा आर्थिक एकता (Political, administrative and economic unity):

1. अकबर ने अपनी राजनीति, कूटनीति तथा विजयों से सारे उत्तरी भारत तथा दक्षिणी भारत के कुछ भागों को एक ही राजसत्ता अर्थात् शासन के अधीन लाने का प्रयत्न किया। उत्तर-पश्चिमी विजयें तो भारतीय साम्राज्य की सुरक्षा के लिए ही थीं। इससे स्पष्ट है कि अकबर ने भारत में राजनैतिक एकता स्थापित की। पं. जवाहर लाल नेहरू के शब्दों में, “उसने भारतीय एकता का पुराना स्वप्न फिर से साकार करा दिया।

2. भारत के एकीकरण के लिए प्रशासनिक एकता अत्यन्त आवश्यक थी। अकबर ने अपने सारे साम्राज्य में समान न्याय-व्यवस्था, भूमि-कर-व्यवस्था तथा सैनिक-व्यवस्था स्थापित की। उसने अपने साम्राज्य में ही शासन-व्यवस्था तथा मुद्रा प्रणाली को चलाकर देश को ऐसी प्रशासनिक एकता प्रदान की जो उसे पहले कभी प्राप्त नहीं हुई थी। सारे देश में एक सरकारी भाषा, सारी प्रजा के लिए एक ही कानून और समान सुविधाएँ होने से भिन्न-भिन्न प्रान्तों के लोगों में भाई-चारे की भावना उत्पन्न हुई और वे अपने को एक राष्ट्र का नागरिक समझने लगे।

3. अकबर ने जन-हित का सदा ध्यान रखा। उसने अपने साम्राज्य की वृद्धि एवं सम्पन्नता के लिए कृषि, उद्योग तथा वाणिज्य का विकास किया । यातायात के साधनों को सुधारकर तथा विदेशी व्यापार बढ़ाकर उसने साम्राज्य की आर्थिक दशा सुधारने तथा लोगों की सुख-समृद्धि बढ़ाने का प्रयत्न किया। भूमि सम्बन्धी सुधार करके किसानों की दशा में भी वृद्धि हुई; लेकिन उसने कृषि, उद्योग तथा व्यापार के क्षेत्र में एक-सी व्यवस्था लागू करके आर्थिक एकता लाने का प्रयत्न किया।

सांस्कृतिक एकीकरण (Cultural unity):
अकबर ने अपनी प्रजा का सांस्कृतिक एकीकरण करने के लिए भी महत्त्वपूर्ण प्रयत्न किये। इसके लिए उसने धार्मिक समानता और सामाजिक एकता की नीति अपनाई तथा शिक्षा, साहित्य और कला का राष्ट्रीयकरण किया। अकबर ने देश के भिन्न-भिन्न धर्मों में एकता लाने के लिए सभी धर्मों के प्रति नरम स्वभाव अपनाया। उसने अपने राज्य के हिन्दू, जैन, पारसी, ईसाई तथा मुसलमानों को समान अधिकार दिए। उसने सभी धर्मों की अच्छी-अच्छी बातों को लेकर “दीन-ए-इलाही” धर्म की स्थापना की, ताकि सभी को एक ही धर्म में लाया जा सके।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
इतिवृत्त क्या है?
(अ) भारत का इतिहास है
(ब) बादशाह के समय की घटनाओं का लेखा-जोखा है
(स) शासक की आत्मकथा है
(द) लेखकों की जीवनी है
उत्तर:
(ब) बादशाह के समय की घटनाओं का लेखा-जोखा है

प्रश्न 2.
मुगल शासक अपने को तैमूर से क्यों जोड़ते हैं?
(अ) वे तैमूर के वंशज थे
(ब) तैमूर शक्तिशाली आक्रमणकारी था
(स) वह धनवान था
(द) उसने भारत पर आक्रमण किया है
उत्तर:
(अ) वे तैमूर के वंशज थे

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में कौन-सा मुगल शासक शिवाजी का समकालीन था?
(अ) अकबर
(ब) जहाँगीर
(स) शाहजहाँ
(द) औरंगजेब
उत्तर:
(द) औरंगजेब

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में अंतिम मुगल शासक कौन था?
(अ) बहादुरशाह जफर
(ब) औरंगजेब
(स) शाहजहाँ
(द) जहाँगीर
उत्तर:
(अ) बहादुरशाह जफर

प्रश्न 5.
मुगलकाल में किस भाषा का महत्त्व अधिक था?
(अ) तुर्की
(ब) फारसी
(स) उर्दू
(द) हिन्दवी
उत्तर:
(ब) फारसी

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में कौन-सा इतिहास मुगल वंश से संबंधित नहीं है?
(अ) अकबरनामा
(ब) शाहजहाँनामा
(स) आलमगीरनामा
(द) रज्मनामा
उत्तर:
(द) रज्मनामा

प्रश्न 7.
नस्तलिक किसकी पसंदीदा शैली थी?
(अ) जहाँगीर
(ब) शाहजहाँ
(स) अकबर
(द) औरंगजेब
उत्तर:
(स) अकबर

प्रश्न 8.
इतिहास में रंगीन चित्रों के प्रति उलेमाओं का क्या दृष्टिकोण था?
(अ) वे पसंद करते थे
(ब) वे घृणा करते थे
(स) समय के अनुसार उनका दृष्टिकोण अलग था
(द) कोई दृष्टिकोण नहीं था
उत्तर:
(ब) वे घृणा करते थे

प्रश्न 9.
बिहजाद कहाँ का चित्रकार था?
(अ) तुर्की
(ब) इराक
(स) ईरान
(द) भारत
उत्तर:
(स) ईरान

प्रश्न 10.
न्याय के लिए सोने की जंजीर किसने बनवाई था?
(अ) अकबर
(ब) जहाँगीर
(स) शाहजहाँ
(द) औरंगजेब
उत्तर:
(ब) जहाँगीर

प्रश्न 11.
निम्नलिखित में से कौन मुगलों की राजधानी नहीं बनी?
(अ) आगरा
(ब) दिल्ली
(स) फतेहपुरी
(द) इलाहाबाद
उत्तर:
(द) इलाहाबाद

प्रश्न 12.
कोर्निश क्या था?
(अ) अभिवादन का एक तरीका
(ब) स्थापत्य का एक ढंग
(स) चित्रकारी का एक ढंग
(द) संगीत का एक राग
उत्तर:
(अ) अभिवादन का एक तरीका

Bihar Board Class 10 English Book Solutions Poem 5 The Empty Heart

Guys who are planning to learn the fundamentals of English can avail the handy study material Bihar Board Class 10 English Book Solutions Poem 5 The Empty Heart Questions and Answers here. Refer to the Bihar Board English Solutions for Class 10 PDF available and score better grades. Simply click on the quick links available for Bihar Board Class 10 English Book Solutions and prepare all the concepts in it effectively. Take your preparation to the next level by availing the Bihar Board Class 10 English Book Solutions Poem 5 The Empty Heart prepared by subject experts.

Panorama English Book Class 10 Solutions Poem 5 The Empty Heart

Do you feel the concept of English difficult to understand? Not anymore with our Bihar Board Solutions for Class 10 English Poem 5 The Empty Heart Questions and Answers. All the Solutions are given to you with detailed explanation and you can enhance your subject knowledge. Use the Bihar Board Textbook Solutions PDF free of cost and prepare whenever you want.

A. Answer the following questions briefly:

The Empty Heart Question Answer Bihar Board Class 10 Question 1.
What is your opinion about a greedy man?
Answer:
In my opinion, the greedy man always remains discontented. He always thinks restlessly for adding more wealth to his assets.

The Empty Heart Bihar Board Class 10 Question 2.
What does he do to satisfy his ambition?
Answer:
He always runs after earning money, even though unfair practices, to satisfy his ambition even neglecting his own health and family’s welfare.

Empty Heart Meaning In Hindi Bihar Board Class 10 Question 3.
What ultimate result has to come across?
Answer:
His ambitions for adding more wealth remains unfruitful and he meets a tragic end.

B.1. Write ‘T’for true and ‘F’ for false statement:

1. Periasamy Thoran has written the poem “The Empty Heart”.
2. Perisamy Thoran was a Bengali writer.
3. “The Empty Heart’ The poem was translated by S. Swaminathan.
4. The man was given six pots.
Answer:
1. – T
2. – F
3. – T
4. – F

B.1.2. Answer the following questions very briefly:

Empty Heart Poem Bihar Board Class 10 Question 1.
Why was the man not content, although he was rich?
Answer:
The man was not content, because he was greedy and desirous of adding more money and gold to his assets.

The Heart Of The Tree Question Answers Bihar Board Class 10 Question 2.
When was the gift given by the tree?
Answer:
The gift was given by the tree when he went to the tree and prayed to give him a pitcher containing gold coins.

Heart Class 10 Bihar Board Question 3.
Why was the tree called unkind?
Answer:
The tree was called unkind because it was not glad to see his greediness and had accepted his prayer not being pleased with him.

The Heart Of The Tree Questions And Answers Bihar Board Class 10 Question 4.
When did the man want one pot of gold?
Answer:
The man wanted one pot of gold when he was not contented with his wealth and wanted to add more money and gold to his assets.

Question 5.
Why was he given seven pots?
Answer:
The ‘Kalpaka’ tree found him much greedy and not satisfied with his wealth, gave him seven pots.

C.1. Long Answer Questions:

Question 1.
Explain the title “The Empty Heart” in context with the poem.
Answer:
The title of the poem “The Empty Heart” is self-explanatory. The poem relates to the description of a rich but greedy man. he is not contented with his wealth. He wants to add more money and gold to his wealth. He prayed to the “Kalpaka” tree to give him a pot filled up with gold coins. The tree provides him seven silver pots full of gold coins. He was given one extra pot half-filled with gold coins. As he was a greedy man he works day and night to fill up the half-filled pot. But he does not succeed in his efforts and dies.

The whole affair shows that he had no human sentiments. His heart was empty. He had no feelings for noble acts.
Therefore the title of the poem is quite appropriate. It signifies the importance of contentment. There is a strong appeal in the poem related to; (i) not to be.greedy (ii) to lead a noble and virtuous life, (ii) to earn money by hard labour and legitimate means and (iv) desires are endless, but life is limited.

As such, if the purse containing money is even half filled it is not the matter of sorrow. But if the heart is empty then it becomes a curse.

Question 2. Is the name “Kalpaka” justified? Explain.
Answer:
“Kalpaka” is the name of a tree which fulfills our needs if we pray for something to it. In our religious books, this tree is called “Kalpatru”.

As such in the poem, a rich but greedy person goes to “Kalpaka” tree and prays for giving him a pot filled up with gold coins. His prayer was granted and he was given not only one but seven silver pots full of gold coins as gift. He is also given one more pot half-filled with gold, in addition to those seven pots. Moreover, it has given many times more than he demanded.

Therefore the name ‘Kalpaka’ is justified in the poem because it not only solves the problems of the man who goes to it but also gives him many times more than what he demanded…’

Question 3.
Contentment is the style of life. Discuss.
Answer:
Contentment is the real style of life. It is necessary to lead a happy life. Discontented man always remains unhappy. Money alone cannot provide us the real pleasure of life. It is evident from the poem, “The Empty Heart”.

A rich and greedy person always runs after earning more and more wealth. He spends his whole life in order to expand his assets. He works day and night to fulfill his desire. He loses his peace of mind. There has no pleasure in his life. One day he dies leaving all his wealth.

Thus we learn that contentment is the real style of life, as mentioned in the poem.

Question 4.
“Nothing is wrong with a half-filled purse; ‘T is the void in the heart that is the curse.” Why?
Answer:
There is an underlying message in this statement. It very well makes us aware about the importance of contentment.

Discontentment is a vice whereas to live peacefully with the limited hard-earned money is a virtue.

The rich man was not contented with seven pitchers full of gold coins. He lost his life to fill the eighth pitcher, as his heart was empty.

Question 5.
What does the term silver pitcher symbolize?
Answer:
The rich man was very greedy. Having so much of wealth he still desired to have more and more wealth. The ‘Kalpaka’ tree was very unkind. Out of unkindness, he gave him so much and extra seven silver pitchers to increase his greediness.

Therefore the term silver pitcher symbolizes the Kalpaka’s adding fuel of silver to the unlimited greed of the rich man.

C. 2. Group Discussion

Discuss the following in groups or pairs:

Question 1.
The greed for the accumulation of material wealth leads to destruction.
Answer:
Contentment brings happiness. But there are people who are never .contented. The more they have the more they want. Such people are called greedy. They are never satisfied with what they have. Here goes a story of a King’s greed for gold. His name was Midas. He had much more gold than he needed. Yet he wanted more and more of it. He worshipped the god Mercury and prayed to fulfill his desire.

God Mercury granted him power of touching. Everything he would touch shall turn into gold. The King became glad. But what happened to him. His food, water, daughter everything turned into gold. Now that situation arose, is most unfortunate, he remained without food. So he prayed again to god Mercury to take back his given boon It was also granted. Midas stopped earing for gold. He realized that greed always brings unhappiness or destruction. So, we should never be greedy.

C.3. Composition:

Write a paragraph in about 100 words on each of following:
Question 1.
A rich man empty heart.
Answer:
Human Character can create wealth but wealth can not create character, rather it gradually ruins it and creates conditions in which the basic virtues of existence decay or are destroyed. Human sympathy, compassion for the poor, the weak and the down-trodden, the elementary qualities of respect and reverence for elders, consideration for others and at times even the dictates of country, are clean forgotten when the obsession with wealth becomes a predominant trait of one’s character. Their hearts become empty from those virtues. Countless instances are known of wealthy people becoming proud, cruel and heartless.

D.1. Word Study

Correct the spelling of the following words:

Atteckapealstalement
BiginChangeCompare
GratefulSurferReport

Answer:

AttackAppealStalemate
BeginChangeCompare
GratefulSufferReport

D. 2. Use the following words in sentences:

CareBridgeDemandHopeGuard
FightPromiseProfitReturnSmell

Answer:
Care : You should take more care over your work.
Bridge : There is a bridge over and across the railway.
Demand : It is impossible to satisfy all demands.
Hope : I hope to secure good marks at the examination.
Guard : The guard was not present at the door.
Fight : The dogs were fighting over alone.
Promise : She promised me to be here at 6 O’clock.
Profit : He makes a profit of two hundred rupees every day.
Return : I shall return within an hour.
Smell : Taste and smell are closely connected.

Translation:

Translate into English:
1. मेरी माँ दयालु है |
2. वे सुबह में टहलते है |
3. तुम्हे आराम करना चाहिये |
4. वह कलम से लिख सकती है |
5. पटना बिहार की राजधानी है |
6. पटना गंगा के किनारे बसा हुआ है |
7. गंगा एक पवित्र नदी है |
8. गंगा को प्रादुपित नहीं करना चाहिये |
9. पटना एक पुराना शहर है |
10. उसने पटना के बारे में पत्र लिखा है |
Answer:
1. My mother is kind.
2. They walk in the morning.
3. You should take rest.
4. She can write with pen.
5. Patna is the capital of Bihar.
6. Patna is situated on the bank of the Ganges.
7. The Ganga (Ganges) is a holy river.
8. The Ganga should not be polluted.
9. Patna is an ancient city.
10. He has written a letter about Patna.

Comprehensive Based Questions with Answers

1. The man was rich, but not content,
Morning, noon and night he went
To the wish-yielding Tree and prayed:
“O Kalpaka”, I seek your aid;
All I want is a pot of gold.”
Questions:
(i) Name the poem and the poet.
(ii) What type of the rich man was?
(iii) Why did the man go to the ‘Kalpakitree?’
(iv) What did he get as a boon?
Answers:
(i) The stanza has been taken from the poem “The Empty Heart” written by the poet Periasamy Thoran
(ii) The rich man was very greedy.
(iii) The man went to the Kalpaka tree to give him a pot of gold in aid.
(iv) He got seven silver pitchers full of gold.

Word-meaning:
Content (adj.) काँटेन्ट = संतुष्ट (satisfied), Wish-yielding (n)-विश-यील्डिंग = इच्छा की पूर्ति करनेवाला (one who fulfils the wish), Kalpaka (n)- कल्पका = कल्पतरु वृक्ष, धार्मिक तथा पौराणिक कथाओं में वर्णित एक वृक्ष जो मनोकामना पूरी करता है (Kalpatru tree that fulfils one’s wish)|

हिन्दी भाषान्तर :

  • वह व्यक्ति धनाढ्य था, किन्तु संतुष्ट (संतोषी) नहीं,
  • प्रात:काल, दोपहर तथा रात वह गया
  • इच्छा की पूर्ति करनेवाले वृक्ष के पास तथा उसने प्रार्थना की;
  • “ऐ कल्पक” मैं चाहता हूँ, आपकी सहायता
  • वह सब जो मैं चाहता वह है एक स्वर्ण कलश ।

2. His prayer was granted seven fold;
For as a gift to him was given,
Glistening gold in pitchers seven,
Seven Silver pitchers were now with him
Each with gold coins filled to the brim
But the tree unkind took into its mind
To add an eightech, a half full pot.

Word-meaning:
Granted (v)- ग्रान्टेड = स्वीकार कर लिया (accepted), Gift (n)- गिफ्ट = उपहार (presentation), Pitcher (n)- पिचर = घड़ा, मिट्टी का कलश (an earthenware vessel) ।

हिन्दी भाषान्तर:

  • उसकी प्रार्थना स्वीकार कर ली गई सात गुनी :
  • क्योंकि एक उपहार उसे दिया गया,
  • सात घड़ों में चमकदार सोना
  • सात चाँदी के घड़े (कलश) अब उसके पास थे
  • प्रत्येक सोने के सिक्के से लबालब भरा था
  • किन्तु निर्दयी पेड़ ने अपने मन में विचार किया
  • एक आठवाँ भी आधा भरा हुआ घड़ा उसमें
  • जोड़ देने के लिए । (अर्थात् एक आठवाँ आधा भरा हुआ घड़ा भी उसको दे दिया ।)

3. To fill this quick was his thought;
The seven full vessels he clean forgot;
The demon Desire now made him mad :
The mother, wife, children “good bye” he bade.

Word-Meaning:
Vessel (n) – वेसल = पात्र, घड़ा, कलश (an utencil for holding something), Demon (n)-डीमोन = शैतान, दुरात्मा, दुष्ट प्रवृत्तिवाला व्यक्ति (Wicked, an evil spirit), Bade (past tense of bid) (v)- बेड = कहा, आदेश दिया (told, commanded) ।

हिन्दी भाषान्तर:

  • शीघ्रातिशीघ्र उसे भर देने का उसका विचार था
  • सात भरे हुए घड़ों (कलश) को वह बिल्कुल भूल गया
  • उसकी कुत्सित मनोवृति न अब उसे पागल बना दिया था
  • माँ, पत्नी तथा बच्चों को उसने तिलांजलि दे दी थी।

4. He rose before cock-crow, past midnight he worked;
Eating, drinking and sleep he shirked.
He wrecked his health, his conscience sold
And tried all tricks to gather gold.
Question:
(i) What did the man do to gather gold?
(ii) What made him mad?
(iii) How did he wreck his health.
(iv) Find the word from the stanza which means: an evil spirii’.
Answers :
(i) The man to fulfill his desire forgot his family and since morning to late midnight, he worked. He avoided even taking food regularly.
He applied his all tricks either right or wrong to earn money.
(ii) Demon desire for gold made him mad.
(iii) To earn more and more gold he worked day and night, he forgot taking food regularly-So he wrecked his health.
(iv) The word is ‘Demon’.

Word-meaning:
Rose (past tense of rise) (v) रोज = बिस्तर से उठना (got out of bed), Shirk (v) शर्क = जान बचाना, काम से बचाना (to avoid doing), Wreck (n) रेक = नष्ट होना या करना (ruin or destruction), Conscience (n) कैन्सेस = भले- बुरे का ज्ञान (sense of right or wrong)

हिन्दी भाषान्तर:

  • वह प्रात:काल बिस्तर से उठ जाता था तथा आधी रात तक काम करता था;
  • खाना, पीना तथा सोना-इसकी उपेक्षा करना था
  • उसने अपना स्वास्थ्य नष्ट कर दिया तथा अच्छे-बुरे के ज्ञान को बेच (खो) दिया था ।
  • तथा स्वर्ण एकत्र करने के छलपूर्ण कार्य करता था।

5. Greed is endless, but life is not
Nothing is wrong with a half-filled purse;
‘Tis the void in the heart that is the curse.
Questions :
(i) Describe the word “Shamelessly.” (ii) What happened to the greedy man?
(iii) What does the poet comment at last?
(iv) Find the word from the stanza which means: “Large empty space”
Answers:
(i) Shamelessly means to work dishonorably. A shameless man has nothing to shame. He considers even wrong thing right.
(ii) At last, the greedy man could not fill up the eight pitchers and died.
(iii) The poet comments “Nothing is wrong with a half-filled purse:
‘Tis the void in the heart that is the curse.
(iv) The word is void.

Word meaning:
Greed (n) ग्रीड = लालच, लोभ (strong desire for more food and wealth), Purse (n) पर्स = बटुआ, रूपये रखने का छोटा बैगा (small bag for keeping money), Void (n/adj.) वॉइड = रिक्त, एक खाली खुला स्थान (empty, a large empty space), Curse (n) कर्स = शाप, अभिशाप, destruction of somebody or something.

हिन्दी भाषान्तर:

  • लोभ अनन्त है, किन्तु जीवन नहीं है।
  • आधा भरा हुआ बटुआ रहना गलत (बुरा) नहीं है।
  • हृदय की रिक्तता (खालीपन) अभिशाप है |

We wish the knowledge shared regarding Bihar Board Solutions for Class 10 English Poem 5 The Empty Heart Questions and Answers has been helpful to you. If you need any further help feel free to ask us and we will get back to you with the possible solution. Bookmark our site to avail the latest updates on different state boards solutions in split seconds.