Bihar Board Class 10 Hindi Solutions पद्य Chapter 11 लौटकर आऊँग फिर

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solutions Godhuli Bhag 2 पद्य खण्ड Chapter 11 लौटकर आऊँग फिर Text Book Questions and Answers, Summary, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Hindi Solutions पद्य Chapter 11 लौटकर आऊँग फिर

Bihar Board Class 10 Hindi लौटकर आऊँग फिर Text Book Questions and Answers

कविता के साथ

लौट कर आऊंगा फिर’ कविता Bihar Board Class 10 Hindi प्रश्न 1.
कवि किस तरह के बंगाल में एक दिन लौटकर आने की बात करता है?
उत्तर-
कवि प्राकृतिक छटा को बिखेरते हुए बंगाल में पुनः आने की बात करता है। जिस बंगाल में धान के खेत हैं, नदियाँ हैं, धान के फसल पर छाये हुए कोहरे एवं कटहल की छाया सुखद वातावरण उपस्थित करते हैं उस बंगाल में पुन: लौटकर आने की कवि की बलवती इच्छा है। बंगाल की घास के मैदान, कपास के पेड़, वनों में पक्षियों की चहचहाहट एवं सारस की शोभा अनुपम छवि निर्मित करते हैं। बंगाल की इस अनुपम, सुशोभित एवं रमणीय धरती पर कवि पुनर्जन्म लेने की बात करते हैं।

10th Hindi Poem Mathrubhumi Summary In Hindi प्रश्न 2.
कवि अगले जीवन में क्या-क्या बनने की संभावना व्यक्त करता है और क्यों ?
उत्तर-
कवि को अपनी मातृभूमि से उत्कट प्रेम है। बंगाल की धरती से इतना स्नेह है कि वह अगले जन्म में किसी भी रूप में इस धरती पर आने के लिए तैयार हैं। प्रेम में विह्वल होकर वे चिड़ियाँ, कौवा, हंस, उल्लू, सारस बनकर पुनः बंगाल की धरती पर अवतरित होना चाहते हैं। क्योंकि उनका मानना है कि भले ही मेरा स्वरूप बदला हुआ रहेगा किन्तु मातृभूमि की प्राकृतिक सौंदर्य से युक्त रहने का अवसर उस बदले हुए रूप में भी मिलेगा।

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solution प्रश्न 3.
अगले जन्मों में बंगाल में आने की क्या सिर्फ कवि की इच्छा है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
अगले जन्मों में बंगाल में आने की प्रबल इच्छा तो कवि की ही है। लेकिन इसकी अपेक्षा जो बंगाल प्रेमी हैं, जिन्हें बंगाल की धरती के प्रति आस्था और विश्वास है कवि उन लोगों का भी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस कविता के माध्यम से कवि बंगाल की धरती के प्रति अपना उत्कट प्रेम प्रकट करने के बहाने बंगाल प्रेमियों की भावना को भी अभिव्यक्त किया है।

10th Class Mathrubhumi Poem Summary In Hindi प्रश्न 4.
कवि किनके बीच अंधेरे में होने की बात करता है ? आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
कवि सारस के बीच अंधेरे में होने की बात करता है। बंगाल के प्राकृतिक वातावरण में सारस खूबसूरत पक्षी है जो अनायास ही अपनी सुन्दरता के प्रति लोगों को आकर्षित करता है। विशेषकर संध्याकालीन जब ब्रह्मांड में अंधेरा का वातावरण उपस्थित होने लगता है उस समय : जब सारस के झुंड अपने घोंसलों की ओर लौटते हैं तो उनकी सुन्दरता मन को मोह लेती है। यह सुन्दरतम दृश्य कवि को भाता है और यह मनोरम छवि को वह अगले जन्म में भी देखते रहने की बात कहता है।

Class 10 Hindi Poem Bihar Board प्रश्न 5.
कविता की चित्रात्मकता पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
प्रस्तुत कविता की भाषा शैली भी चित्रमयी हो गयी है, प्राकृतिक वर्णन में कहीं-कहीं अनायास ही चित्रात्मकता का प्रभाव देखा जा रहा है। खेतों में हरे-भरे, लहलहाते धान, कटहल की छाया, हवा के चलने से झमती हुई वृक्षों की टहनियाँ, झले के चित्र की रूपरेखा चित्रित है। आकाश में उड़ते हुए उल्लू और संध्याकालीन लौटते हुए सारस के झुंड के चित्र हमारे मन को । आकर्षित कर लेते हैं।

Class 10th Hindi Godhuli Question Answer Bihar Board प्रश्न 6.
कविता में आए बिंबों का सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
कवि प्राकृतिक सौंदर्य के वातावरण में बिम्बों को सौंदर्यपूर्ण चित्रमयी शैली में किये हैं। बंगाल की नवयुवतियों के रूप में अपने पैरों में घुघरू बाँधने का बिम्ब उपस्थित किये हैं। हवा का झोंका, वृक्षों की डाली को झूला के रूप में प्रदर्शित किया है। आकाश में हंसों का झुण्ड
अनुपम सौंदर्य लक्षित किया है।

बिहार बोर्ड हिंदी बुक 10  प्रश्न 7.
कविता के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
यह स्पष्ट है कि साहित्य की चाहे जो भी विधा हो उस विधा के अंतर्गत जो भी रूप रेखा तैयार होती है उसके शीर्षक ही महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। शीर्षक साहित्य विधा के सिर होते हैं। किसी भी कहानी, कविता, नाटक, उपन्यास आदि के शीर्षक में तीन बातें मुख्य रूप से बाती हैं। शीर्षक सार्थक समीचीन और लघु होना चाहिए। इस आधार पर ‘लौटकर आऊँगा फिर’ कविता का यह शीर्षक भी पूर्ण सार्थक है। शीर्षक विषय-वस्तु, जीवनी, घटना या उद्देश्य के आधार पर रखा जाता है। यहाँ उद्देश्य के आधार पर शीर्षक रखा गया है। कवि की उत्कट इच्छा मातृभूमि पर पुनर्जन्म की है। इससे कवि के हृदय में मातृभूमि के प्रति प्रेम दिखाई पड़ता है। शीर्षक कविता के चतुर्दिक घूमती है। शीर्षक को केन्द्र में रखकर ही कविता की रचना हुई है। अत: इन तथ्यों के आधार पर शीर्षक पूर्ण सार्थक है।

Bihar Board 10th Class Hindi Book Pdf प्रश्न 8.
कवि अगले जन्म में अपने मनुष्य होने में क्यों संदेह करता है ? क्या कारण हो सकता है ?
उत्तर-
कवि को पुनर्जन्म में ‘मनुष्य’ होने में संशय होता है। मनुष्य जीवन ईर्ष्या, कटुता, आदि से पूर्ण होता है। लोगों की मानवता मर गई है। आपसी विद्वेष से जीवन अधोगति की ओर चला जाता है। पराधीन भारत की दुर्दशा से विक्षुब्ध स्वच्छंदतावाद को ही स्थान देता है। अतः वह पक्षिकुल को उत्तम मानता है।

Hindi Kavita Class 10 Bihar Board प्रश्न 9.
व्याख्या करें :
(क) बनकर शायद हँस मैं किसी किशोरी का;
धुंघरू लाल पैरों में;
तैरता रहूँगा बल दिन-दिन भर पानी में-
गंध जहाँ होनी ही भरी, घास की।”
(ख)”खेत हैं जहाँ धान के, बहती नदी
के किनारे फिर आऊँगा लौटकर
एक दिन-बंगाल में;
उत्तर-
(क) प्रस्तुत अवतरण बँग्ला साहित्य के प्रख्यात कवि जीवनानंद दास द्वारा रचित “लौटकर आऊँगा फिर” कविता से उद्धत है। इस अंश में कवि बंगाल की भूमि पर बार-बार जन्म लेने की उत्कट इच्छा को अभिव्यक्त करता है। इससे कवि के हृदय में मातृभूमि के प्रति अगाध प्रेम का दर्शन होता है।

यहाँ कवि बंगाल में एक दिन लौटकर आने की बात कहता है। वह अगले जन्म में भी अपनी मातृभूमि बंगाल में ही जन्म लेने का विचार प्रकट करता है। वह हंस, किशोरी और धुंघरू के बिम्ब शैली में अपने आपको उपस्थित करता है। वह कहता है कि जहाँ की किशोरियाँ पैरों में घुघरू बाँधकर हंस के समान मधुर चाल में अपनी नाच से लोगों को आकर्षित करती हैं, वही रूप मैं भी धारण करना चाहता हूँ! यहाँ तक कि बंगाल की नदियों में तैरने का एक अलग आनंद की अनुभूति मिलती है। यहाँ के क्यारियों में उगने वाली घास के गंध कितनी मनमोहक होती है यह तो बंग प्रांतीय ही समझ सकते हैं। इस प्रकार पूर्ण अपनत्व की भावना में प्रवाहित होकर हार्दिक इच्छा को प्रकट करता है।

(ख) प्रस्तुत व्याख्येय पंक्तियाँ हमारी हिन्दी पाठ्युपस्तक के “लौटकर आऊँगा फिर” शीर्षक से उद्धत हैं। इस अंश से पता चलता है कि कवि
अगले जन्म में भी अपनी मातृभूमि बंगाल में ही जन्म लेना चाहते हैं।

प्रस्तुत पद्यांश में कवि की मातृभूमि के प्रति उसका प्रेम दिखाई पड़ता है। कवि बंगाल के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ वहाँ के खेतों में उगने वाली धान की फसलों का मनोहर चित्र खींचा है। कवि कहता है कि जिस बंगाल के खेतों में लहलहाती हुई धान की फसलें हैं वहाँ मैं फिर लौटकर आना चाहता हूँ। जहाँ कल-कल करती हुई नदी की धारा अनायास ही लोगों को आकर्षित कर लेती हैं वहाँ ही मैं जन्म लेना चाहता हूँ। यहाँ स्पष्ट है कि कवि अपनी भावना को स्वच्छंद स्वरूप प्रदान करता है।

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solution In Hindi प्रश्न 10.
‘लौटकर आऊँगा फिर’ कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर-
‘लौटकर आऊँगा फिर’ बाँग्ला साहित्य के चर्चित कवि जीवनानंद दास की बहुप्रचारित और लोकप्रिय कविता है जिसमें उनका मातृभूमि प्रेम और आधुनिक भाव-बोध प्रकट होता है। कवि ने बंगाल के प्राकृतिक सौंदर्य का सम्मोहक चित्र प्रस्तुत करते हुए बंगाल में ही पुनः जन्म लेने की इच्छा व्यक्त की है।

कवि कहता है कि धान की खेती वाले बंगाल में, बहती नदी के किनारे, मैं एक दिन लौटूंगा जरूर। हो सकता है, मनुष्य बनकर न लौ | अबाबील होकर या फिर कौआ होकर, भोर की फूटती किरण के साथ धान के खेतों पर छाए कुहासे में, पेंगें भरता हुआ कटहल पेड़ की छाया तले जरूर आऊँगा। किसी किशोरी का हंस बनकर, घुघरू-जैसे लाल-लाल पैरों से दिन-दिन भर हरी घास की गंध वाले पानी में, तैरता रहूँगा! बंगाल की मचलती नदियाँ, बंगाल के हरे-हरे मैदान, जिन नदियाँ धोती हैं, बुलाएँगे और मैं आऊँगा, उन्हीं सजल नदियों के तट पर।

हो सकता है, शाम की हवा में किसी उड़ते हुए उल्लू को देखो या फिर कपास के पेड़ से तुम्हें उसकी बोली सुनाई दे। हो सकता है, तुम किसी बालक को घास वाली जमीन पर मुट्ठी भर उबले चावल फेंकते देखो या फिर रुपसा नदी के मटमैले पानी में किसी लड़के को फटे-उड़ते पाल की नाव तेजी से ले जाते देखो या फिर रंगीन बदलों के सभ्य उड़ते सारस को देखो, अंधेरे में मैं उनके बीच ही होऊँगा। तुम देखना, मैं आऊँगा जरूर।

कवि ने बंगाल का जो दृश्य-चित्र इस कविता में उतारा है, वह तो मोहक है ही और गहरी छाप छोड़ता है। इसके साथ ही कवि ने ‘अंधेरे’ में साथ होने के उल्लेख द्वारा कविता को नयी ऊँचाई दी है। यह ‘अंधेरा’ है बंगाल का दुख-दर्द, गरीबी की पीड़ा। इस परिवेश में होने की बात से यह कविता बंगाल के दृश्य-चित्रों, कवि के मातृभूमि प्रेम और मानवीय भाव-बोध की अनूठी कृति बन गई है।

भाषा की बात

Bihar Board Class 10 Hindi Solutions प्रश्न 1.
निम्नांकित शब्दों के लिंग-परिवर्तन करें। लिंग-परिवर्तन में आवश्यकता पड़ने पर समानार्थी शब्दों के भी प्रयोग करें-
नदी, कौआ, भोर, नयी, हंस, किशोरी, हवा, बच्चा, बादल, सारस।
उत्तर-
नदी – नद
कौआ – कौओ
भोर – सबह
नयी – नया
हँस – हँसी
किशोरी – किशोर
हवा – पवन
बच्चा – बच्ची
बादल – वर्षा
सारस – मादा सार

Bihar Board Hindi Solution प्रश्न 2.
कविता से विशेषण चुनें और उनके लिए स्वतंत्र विशेष्य पद दें।
उत्तर-
बहती – नदी
नयी – फसल
गंदा – पानी
फटे – पाल
रंगीन – बादल

Bihar Board Solution Class 10 Hindi प्रश्न 3.
कविता में प्रयुक्त सर्वनाम चुनें और उनका प्रकार भी बताएँ।
उत्तर-
जो – संबंधवाचक
मैं – पुरूष वाचक
तुम – पुरूष वाचक
कोई – अनिश्चय वाचक उसकी
संबंध वाचक का कारकीय रूप

काव्यांशों पर आधारित अर्थ-ग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

1. खेत हैं जहाँ धान के, बहती नदी
के किनारे फिर आऊँगा लौट कर
एक दिन-बंगाल में; नहीं शायद
होऊँगा मनुष्य तब, होऊँगा अबाबील
या फिर कौवा उस भोर का-फूटेगा नयी
धान की फसल पर जो
कुहरे के पालने से कटहल की छाया तक ।
भरता पेंग, आऊँगा एक दिन !
बन कर शायद हंस मैं किसी किशोरी का;
घुघरू लाल पैरों में;
तैरता रहूँगा बस दिन-दिन भर पानी में
गंध जहाँ होगी ही भरी, घास की।
आऊँगा मैं। नदियाँ, मैदान बंगाल के बुलायेंगे
मैं आऊँगा। जिसे नदी धोती ही रहती है पानी
से-इसी हरे सजल किनारे पर।

Bihar Board Class 10 Hindi Book प्रश्न-
(क) कवि तथा कविता का नाम लिखिए।
(ख)कविता का प्रसंग लिखें।
(ग) सरलार्थ लिखें।
(घ) भाव-सौंदर्य लिखें।
(ङ) काव्य-सौंदर्य लिखें।
उत्तर-
(क) कविता – लौटकर आऊंगा फिर।
कवि – जीवनानंद दास।

(ख) प्रसंग-प्रस्तुत कविता में बँगला साहित्य के सुप्रसिद्ध दास का प्रकृति के प्रति उत्कृष्ट प्रेम का वर्णन किया है। इस कविता से कवि की नैसर्गिक प्राकृतिक प्रेम और देश भक्ति प्रेम के चित्र स्पष्ट झलक पड़े हैं। स्वछंदतावादी विचारधारा के महान कवि ने अपनी भूमि बंगाल में फिर लौटकर आने की बात कहकर अपने आपको मातृभूमि के प्रति अगाध प्रेम दर्शा रहे हैं।

(ग) प्रस्तुत कविता में बँगला साहित्य के सर्वाधिक सम्मानित कवि जीवनानंद दास ने अपनी मातृभूमि तथा परिवेश से उत्कट प्रेम का वर्णन किया है। यहाँ पर बंगाल के स्वाभाविक सम्मोहन प्राकृतिक वातावरण का सजीव चित्र खींचा गया है। कवि कहते हैं कि देश या विदेश के किसी कोने में रहूँ लेकिन एक बार मैं अपनी बंगाल की भूमि पर जरूर आऊँगा जहाँ हरे-भर धान के खेत हैं, उफनती हुई नदियाँ हैं तो उस नदी के किनारे फिर मैं लौटकर आऊँगा।

एक दिन ऐसा भी होगा कि बंगाल में कोई नहीं होगा सिर्फ एक छोटी चिड़िया रहेगी जो उजड़े और सुनसान मकानों को पसंद करती है या फिर सुबह में काँव-काँव करने वाला कौवा रहेगा तब पर भी मैं अपनी मातृभूमि को देखने के लिए जरूर आऊँगा। बंगाल की उपजाऊ मिट्टी पर जब धान की फसलों के ऊपर महीन-महीन कुहरे की बूंदें रहेंगी, कुहरे के पालने से कटहल की छाया तक आनंद की झूला झूलते हुए मैं जरूर इस सुन्दर प्रकृति को देखने के लिए आऊँगा। कवि की इच्छा है कि जब भी मैं जन्म लूँ तो अपने बंगाल में ही, इसलिए बार-बार यहाँ जन्म लेना चाहते हैं।

शायद यह भी इच्छा है कि मैं हंस बनकर और किसी किशोरी के पैरों की सुन्दर घुघरू बनकर उसके पैरों की सुन्दरता में चार चाँद लगा दूँ जहाँ दिन-दिन भर मैं पानी में तैरता रहूँगा, जहाँ की प्रकृति में हरी-भरी घास होगी और गंध ही गंध होगी वहाँ मैं जरूर आऊँगा। मुझे विश्वास है कि अगले जन्म में भी बंगाल की नदियाँ और मैदान मुझे जरूर बुलाएँगे। मैं उस नदी पर आऊँगा जो अपने पवित्र जल से हमेशा अपने तटों को धोती रहती हैं।

(घ) भाव-सौंदर्य–प्रस्तुत कविता में कवि अपनी मातृभूमि के प्रति असीम आस्था एवं प्रेम का भाव बोधन किये हैं। कवि की इच्छा है कि अगले जन्म में भी मैं इसी मातृभूमि पर उत्पन्न लूँ और यहाँ के खेतों, खलिहानों, नदियों, सभ्यताओं और संस्कृतियों की धारा में उसी प्रकार समाहृत हो जाऊँ जहाँ आज हूँ।

(ङ) काव्य-सौंदर्य-
(i) यह बैंग्ला भाषा की भाषांतरित कविता होने के कारण खड़ी बोली की समस्त रूप रेखा देखने को मिल रही है।
(ii) मूल रूप से तद्भव के प्रयोग के साथ देशज एवं विदेशज शब्दों का भी अच्छा प्रयोग है।
(ii) भाषा सरल, सुबोध एवं स्वाभाविक है।
(iv) कविता मुक्तक होते हुए भी कहीं-कहीं संगीतमयता का रूप धारण कर लिया है।
(v) भक्ति भावना की उत्कटता के कारण प्रसादगुण की अपेक्षा की गई है। कहीं-कहीं माधुर्य गुण की झलक प्रकृति प्रेम में दिखाई पड़ जाती है।

2. शायद तुम देखोगे शाम की हवा के साथ उड़ते एक उल्लू को
शायद तुम सुनोगे कपास के पेड़ पर उसकी बोली
घासीली जमीन पर फेंकेगा मुट्ठी भर-भर चावल
शायद कोई बच्चा – उबले हुए !
देखोगे, रूपसा के गंदले-से पानी में
नाव लिए जाते एक लड़के को-उड़ते फटे
पाल की नाव !
लौटते होंगे रंगीन बादलों के बीच, सारस
अँधेरे में होऊँगा मैं उनहीं के बीच में
देखना !
Bihar Board Hindi Book Class 10 Pdf प्रश्न
(क) कवि तथा कविता का नाम लिखें।
(ख) पद का प्रसंग लिखें।
(ग) सरलार्थ लिखें।
(घ) भाव-सौंदर्य स्पष्ट करें।
(ङ) काव्य-सौंदर्य स्पष्ट करें।
उत्तर-
(क) कविता-लौटकर आऊँगा फिर।
कवि-जीवनानंद दास।

(ख) प्रसंग प्रस्तुत पद्यांश में बांग्ला साहित्य के सुप्रसिद्ध कवि जीवनानंद दास ने अपनी बंगाल भूमि के प्रति अंगाध प्रेम का वर्णन किया है। कवि की उत्कट इच्छा है कि इस जीवन के बाद जब भी जन्म लूँ तो इसी मातृभूमि की गोद में, क्योंकि यहाँ की संस्कृति सभ्यता प्राकृतिक सौंदर्य के एक-एक अंश कवि के हृदय में समाहृत है। अतः अपनी मातृभूमि का वर्णन चित्रात्मक
शैली में किया गया है।

(ग) सरलार्थ पुनः कवि अपनी मातृभूमि के प्रति अपनी जिज्ञासां व्यक्त करते हुए कहते हैं कि मैं उस मातृभूमि पर पुन: लौटकर आऊँगा, हे मानव जहाँ प्रकृति के अनुपम सौंदर्यमयी वस्तु हवा के साथ शाम के एक उल्लू के उड़ते हुए देखते हो। शायद कपास के पेड़ पर उसकी मधुर आवाज भी सुनोगे। हरी-भरी लहलहाती हुई घास की जमीन पर जब कोई बच्चा एक मुट्ठी चावल फेंकेगा तो उसे चुगने के लिए रंग-बिरंग के पक्षी वहाँ आएंगे, उबले हुए चावल भी वहाँ फेंके हुए मिल सकते हैं। जब तुम भी इस बंगाल की धरती पर पहँचोगे तो रूका गंदे पानी में नाव लिये जाते हुए उसी प्रकार देखोगे जैसे फटे हुए नाव की पाल उड़ते हुए जाते हैं। आकाश के स्थल पर रंगीन बादलों के बीच अनेक सारस संध्याकालीन लौटते हुए नजर आएंगे और उस समय आनंदमय अवस्था में अंधेरे में भी उनके साथ होऊँगा।

(घ) भाव-सौंदर्य प्रस्तुत अंश में मातृभूमि की सुंदरता एवं संभावना कवि के हृदय के कोने-कोने में समाहृत है। रंगीन बादलों की छटा स्वेत कपास की सुन्दरता, उफनती नदी की मोहकता का वर्णन बिम्ब-प्रतिबिम्बों के रूप में मुखरित हुआ है।

(ङ) काव्य-सौंदर्य बांग्ला भाषा से खड़ी बोली में भाषांतरित होकर कविता पूर्ण । योग्यता में आ गई है। यहाँ सरल, सुबोध और नपे-तुले तद्भव शब्दों का प्रयोग मिल रहे हैं। कहीं-कहीं बांग्ला तद्भव के प्रयोग से भाव में सौंदर्य बोध स्पष्ट है। – यहाँ चित्रमयी शैली का प्रयोग भावानुसार पूर्ण सार्थक है।
कविता में बिम्ब-प्रतिबिम्बों का सौंदर्य अनायास ही पाठक को आकर्षित करता है और कविता मुक्तक होकर भी संगीतमयी है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. सही विकल्प चुनें-

प्रश्न 1.
जीवनानंद दास बांगला के किस काल के प्रमुख कवि हैं
(क) आदिकाल
(ख) मध्यकाल
(ग) रवीन्द्रनाथ-काल
(घ) रवीन्द्रोत्तर-काल
उत्तर-
(घ) रवीन्द्रोत्तर-काल

प्रश्न 2.
कौन-सी कविता के रचयिता जीवनानंद दास हैं ?
(क) अक्षर ज्ञान
(ख) लौटकर आऊँगा फिर
(ग) हमारी नींद
(घ) भारतमाता
उत्तर-
(ख) लौटकर आऊँगा फिर

प्रश्न 3.
‘लौटकर आऊंगा फिर’ कविता में कवि का कौन-सा भाव प्रकट होता है ?
(क) मातृभूमि-प्रेम
(ख) धर्म-भाव
(ग) संसार की नश्वरता
(घ) मातृ-भाव
उत्तर-
(क) मातृभूमि-प्रेम

प्रश्न 4.
‘वनलता सेन’ किस कवि की श्रेष्ठ रचना है ?
(क) रवीन्द्रनाथ ठाकुर
(ख) जीवनानंद दास
(ग) नजरूल इस्लाम
(घ) जीवानंद
उत्तर-
(ख) जीवनानंद दास

प्रश्न 5.
‘लौटकर आऊँगा फिर का प्रमुख वर्ण्य-विषय क्या है ?
(क) बंगाल की प्रकृति
(ख) बंगाल की संस्कृति
(ग) बंग-संगीत
(घ) बंग-भंग
उत्तर-
(क) बंगाल की प्रकृति

प्रश्न 6.
जीवनानंद दास कैसे कवि हैं ?
(क) रीतिवादी
(ख) प्रगतिवादी
(ग) यथार्थवादी.
(घ) आधुनिक
उत्तर-
(ग) यथार्थवादी.

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

प्रश्न 1.
जीवनानंद दास ……….. साहित्य के चर्चित कवि हैं।
उत्तर-
बाँग्ला

प्रश्न 2.
रवीन्द्रनाथ ठाकुर का ………. अन्य कवियों के लिए चुनौती था।
उत्तर-
स्वछंदतावाद

प्रश्न 3.
‘वनलता सेन’ ………… युग की श्रेष्ठ कविता मानी जाती है।
उत्तर-
रवीन्द्रोनर – शुग

प्रश्न 4.
जीवनानंद दास ने काव्य के अतिरिक्त ………….. रचनाएँ भी की हैं।
उत्तर-
कहानियों और उपन्यासों को

प्रश्न 5.
जीवननांद दास का जन्म सन् ………….. ई. में हुआ।
उत्तर-
1899

प्रश्न 6.
‘लौटकर आऊंगा फिर’ जीवनानंद दास की …………. काव्य-रचना है।
उत्तर-
लोकप्रिय

अतिलघु उतरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जीवनानंद दास ने जिस समय बाँग्ला काला-जगत में प्रवेश किया, उस समय क्या स्थिति थी?
उत्तर-
जिस समय जीवनानंद दास ने बांग्ला काव्य-जगत में प्रवेश किया, उस समय रवीन्द्रनाथ ठाकुर शिखर पर विराजमान थे।

प्रश्न 2.
बाँग्ला काव्य को जीवनानंद दास की देन क्या है ?
उत्तर-
बाँग्ला काव्य को जीवनानंद दास की देन हैं-नयी भावभूमि, नयी दृष्टि और नयी शैली।

प्रश्न 3.
‘वनलता सेन’ को कब और क्यों पुरस्कृत किया गया?
उत्तर-
जीवनानंद दास की काव्य-कृति ‘वनलता सन्’ को श्रेष्ठ काव्य-ग्रंथ के रूप में सन् 1952 ई. में निखिल बंग रवीन्द्र साहित्य सम्मेलन द्वारा पुरस्कार दिया गया।

प्रश्न 4.
जीवनानंद दास के कुल कितने उपन्यास उपलब्ध हैं ?
उत्तर-
जीवनानंद दास के लिखे कुल तेरह उपन्यास उपलब्ध हैं।

प्रश्न 5.
बाँग्ला साहित्य में जीवनानंद दास की ‘वनलता सेन’ किस रूप में समाहित है ?
उत्तर-
बाँग्ला साहित्य में जीवनानंद दास की कृति रवीन्द्रोत्तर युग की श्रेष्ठतम प्रेम-कविता के रूप में समाहित हैं। यह कविता बहुआयामी भाव-व्यंजना का उत्कृष्ट उदाहरण है।

प्रश्न 6.
जीवनानंद दास ने कुल कितनी कहानियाँ लिखीं?
उत्तर-
जीवनानंद दास ने कुल सौ कहानियां लिखीं।

व्याख्या खण्ड

प्रश्न 1.
खेत हैं जहाँ धान के, बहती नदी
के किनारें फिर आऊँगा लौटकर
एक दिन बंगाल में; नहीं शायद
होऊँगा मनुष्य तब, होऊँगा अबाबील
या फिर कौवा उस भोर का- फूटेगा नयी
धान की फसल पर जो
कुहरे के पालने से कटहल की छाया तक
भरता पेंग, आऊँगा एक दिन !
व्याख्या-
प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक के “लौटकर आऊँगा फिर” काव्य पाठ से ली गयी हैं। इन काव्य पंक्तियों का प्रसंग कवि की बंगाल के प्रति अनुरक्ति से है।
उपर्युक्त काव्य पंक्तियों के माध्यम से कवि कहता है कि बंगाल में एक दिन पुनः लोटकर मैं आऊंगा। नदी के किनारे जो धान के खेत हैं, उनका दर्शन करूंगा। संभव है उस समय मैं भले ही मनुष्य के रूप में नहीं, भले ही कौवा या अबाबील के रूप में ही सही बनकर आऊंगा। – उस भोर का मौसम कितना सुखद होगा जब नयी धान की फसल का दर्शन होगा? कुहरे के बीच कटहल की छाया तक कदमों को बढ़ाते हुए अवश्य आऊँगा। एक दिन अवश्य आऊँगा।

अपनी उपर्युक्त कविता में कवि ने बीते दिनों की स्मृति को याद किया है। संभव है—यह कविता बंगला-देश या बंगाल प्रांत बनने के क्रम में लिखी गयी हो। बंगाल में धान की खेती काफी होती है। कवि अतीत के भूले-बिसरे दिनों की यादकर प्रकृति के साथ अपना संबंध स्थापित करना चाहता है। कवि को नदी से प्रेम है, कवि को धान के खेतों से प्रेम है। कवि के भीतर जीवंतता विद्यमान है तभी तो वह कौवा जैसा उड़ना चाहता है। अबाबील बनना चाहता है उसे भोर प्रिय है। उसे नयी धान की फसलों से प्यार है। कुहरे के बीच वह हिम्मत नहीं हारता। कटहल की छाया यानी जीवन के अवसान काल तक भी वह हार नहीं मानना चाहता। बल्कि पेंग भरता, कदम बढ़ाता आने का वचन देता है। वह एक दिन पुनः अवश्य आएगा, मातृभूमि के प्रति प्रेम, प्रकृति के प्रति प्रेम, जीव-जंतुओं के प्रति प्रेमभाव इस कविता में वर्णित है। कवि अतीत के बीते दिनों की याद कर पुनः मातृभूमि का दर्शन करने के लिए आने का वचन देता है।

प्रश्न 2.
बनकर शायद हंस मैं किसी किशोरी का,
धुंघरू लाल पैरों में,
तैरता रहूँगा बस दिन-दिन भर पानी में-
गंध जहाँ होगी ही भरी, घास की।
आऊँगा मैं। नदियाँ, मैदान बंगाल के बुलाएँगे
मैं आऊंगा जिसे नदी धोती ही रहती है पानी
से-इसी हरे सजल किनारे पर।
व्याख्या-
प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक के ‘लौटकर आऊंगा फिर’ काव्य पाठ से ली गयी हैं। इन पंक्तियों का प्रसंग बंगाल भूमि, वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य से जुड़ा हुआ है।

कवि कहता है कि मैं हंस बनकर बंगाल भूमि पर आऊँगा। वहाँ की किशोरियों के लाल-लाल गुलाबी पैरों में घुघरु की रून-झन आवाज को सुनूँगा, उनका दर्शन करूँगा। दिन-भर वहाँ की नदियों में हंस बनकर तैरूंगा। हरी-भरी घास जडित मैदानों के बीच विचरण करूंगा। वहाँ की धरती की गंध से स्वयं को सुवासित करूंगा। बंगाल की नदियाँ वहाँ के मैदान मुझे अवश्य बुलाएंगे। मैं भी उनका दर्शन करने अवश्य आऊंगा। नदी अपने स्वच्छ और निर्मल पानी से किनारे बसे हुए मैदानों, खेतों, पेड़ों को सींचती रहती है। उनके दु:ख-दर्द को धोती रहती है। नदी के किनारे बसे हुए गांव, वहाँ की सजल आँखों का भी दर्शन करूंगा।

प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ बंगाल भूमि के सौंदर्य, नदियों का, निवासियों का, घास के मैदानों का दर्शन करने एक न एक दिन कवि अवश्य आएंगा। कवि बंगाल भूमि के प्रति काफी संवेदना रखता है।

प्रश्न 3.
शायद तुम देखोगे शाम की हवा के साथ उड़ते एक उल्लू को
शायद तुम सुनोगे कपास के पेड़ पर उसकी बोली
घासीली जमीन पर फेंकेगा मुट्ठी भर-भर चावल
शायद कोई बच्चा-उबले हुए !
देखोगे, रूपसा के गंदले-से पानी में
नाव लिए जाते एक लड़के को-उड़ते
फटे पाल की नाव!
लौटते होंगे रंगीन बादलों के बीच, सारस
अंधेरे में होऊंगा मैं उन्हीं के बीच में
देखना!
व्याख्या-
प्रस्तुत काव्य पक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक के “लौटकर आऊंगा फिर” काव्य-पाठ से ली गयी हैं। इन पंक्तियों का प्रसंग बंगाल भूमि की प्राकृतिक सुषमाओं से जुड़ा हुआ है। कवि कहता है कि जब तुम बंगाल की भूमि पर उतरोगे तो शाम की हवा में उड़ते हुए उल्लू का दर्शन करोगे। संभव हो, तुम उल्लू की बोली भी कपास के पेड़ पर सुनोगे। वहाँ की घास से ढंकी हुई जमीन पर तब उबले हुए चावल के दाने कोई नन्हा बच्चा फेंकेगा।
कवि अपनी आँखों से देखता है कि उड़ते हुए फटे पाल की नाव के साथ गंदले पानी के रूप-रंग का एक लड़का नाव को नदी के बीच लिए जा रहा है।

कवि पुनः कहता है कि रंगीन बादलों के बीच से संध्याकाल में सारसों के झंड लौटते हुए दिखेंगे। अंधेरा होने को है। उसी बीच मैं भी मिलूंगा। इन काव्य पंक्तियों के द्वारा कवि बंगाल भूमि की, वहाँ के पक्षियों की, बादलों की, हवाओं नाव के गंदे लड़के की चर्चा कर एक ऐसा
दृश्य उपस्थित करता है जो मन को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। कवि प्रकृति प्रेमी है। उसे प्रकृति से अटूट प्रेम है वह प्रकृति के बीच जीना चाहता है। वह प्रकृति की गोद में विचरण करना चाहता है।

लौटकर आऊँग फिर कवि परिचय

बाँग्ला के सर्वाधिक सम्मानित एवं चर्चित कवियों में से एक जीवनानंद दास का जन्म 1899 ई० में हुआ था । रवीन्द्रनाथ के बाद बाँग्ला साहित्य में आधुनिक काव्यांदोलन को जिन लोगों ने योग्य नेतृत्व प्रदान किया था, उनमें सबसे अधिक प्रभावशाली एवं मौलिक कवि जीवनानंद दास ही हैं । इन कवियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती के रूप में था रवीन्द्रनाथ का स्वच्छंदतावादी काव्य । स्वच्छंदतावाद से अलग हटकर कविता की नई यथार्थवादी भूमि तलाश करना सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य था । इस कार्य में अग्रणी भूमिका जीवनानंद दास की रही । उन्होंने बंगाल के जीवन में रच-बसकर उसकी जड़ों को पहचाना और उसे अपनी कविता में स्वर दिया। उन्होंने भाषा, भाव एवं दृष्टिकोण में नई शैली, सोचं एवं जीवनदृष्टि को प्रतिष्ठित किया ।

सिर्फ पचपन साल की उम्र में जीवनानंद दास का निधन एक मर्मांतक दुर्घटना में हुआ, सन् 1954 में । तब तक उनके सिर्फ छह काव्य संकलन प्रकाशित हुए थे – ‘झरा पालक’, ‘धूसर पांडुलिपि’, ‘वनलता सेन’, ‘महापृथिवी’: ‘सातटि तागर तिमिर’ और ‘जीवनानंद दासेर श्रेष्ठ कचिता’ ! उनके अन्य काव्य संकलन ‘रूपसी बांग्ला’,’बला अबेला कालबेला’, ‘मनविहंगम’ और ‘आलोक पृथिवी’ निधन के बाद प्रकाशित हुए । उनके निधन के बाद लगभग एक सौ कहानियाँ और तेरह उपन्यास भी प्रकाशित किए गये ।

‘वनलता संन’ काव्यग्रंथ की ‘वनलता सेन’ शीर्षक कविता को प्रबुद्ध आलोचकों द्वारा रवींद्रोत्तर युग की श्रेष्ठतम प्रेम कविता की संज्ञा दी गयी है । वस्तुतः यह कविता बहुआयामी भाव-व्यंजना का उत्कृष्ट उदाहरण है । निखिल बंग रवींद्र साहित्य सम्मेलन के द्वारा ‘वनलता सेन’ को 1952 ई० में श्रेष्ठ काव्यग्रंथ का पुरस्कार दिया गया था ।

यहाँ समकालीन हिंदी कवि प्रयाग शक्ल द्वारा भाषांतरित जीवनानंद दास की कविता प्रस्तुत है। यह कवि की अत्यंत लोकप्रिय और बहुप्रचारित कविता है । कविता में कवि का अपनी मातृभूमि तथा परिवेश से उत्कट प्रेम अभिव्यक्त होता है। बंगाल अपने नैसर्गिक सम्मोहन के साथ चुनिंदा चित्रों में सांकेतिक रूप से कविता में विन्यस्त है । इस नश्वर जीवन के बाद भी इसी बंगाल में एक बार फिर आने की लालसा मातृभूमि के प्रति कवि के प्रेम की एक मोहक भंगिमा के रूप में सामने आती है।

लौटकर आऊँग फिर Summary in Hindi

पाठ का अर्थ

नई कविता काल के कवि प्रखर कवि जीवनानंद दास हिन्दी साहित्य में अपना एक अलग पहचान बनाये हुए हैं। रवीन्द्रनाथ के बाद बंगला साहित्य में आधुनिक काव्यांदोलन को जिन लोगों ने योग्य नेतृत्व प्रदान किया था उनमें सबसे अधिक प्रभावशाली एवं मौलिक कवि जीवनानंद दास ही है। स्वच्छंदतावाद से अलग हटकर कविता की नई यथार्थवादी भूमि तलाश कर इन्होंने ने एक नया आयाम दिया।

प्रस्तुत कविता में कवि का अपनी मातृभूमि तथा परिवेश से उत्कट प्रेम अभिव्यक्त होता है। नश्वर शरीर त्यागने के बाद भी पुनः मनुष्य रूप में अवतरित होकर बंगाल को ही अपना जन्मभूमि चुनने के पीछे कवि की उत्कृष्टता देखने में बनती है। यदि मनुष्य में नहीं जन्म लूँ तो अबाबील, कौवा, हँस आदि में जन्म लेकर भी बंगाल की धरती पर ही विचरण करूँ। नदी की पानी, कपास के पेड़ों पर सुनाई पड़ने वाली बोली सभी में मेरा ही अंश हो’। नदी के वक्षस्थल पर तैरती हुए नौकाओं की पालों में भी हमारी’ उत्कंठा है। संध्याकालीन आकाश में रेंगने वाले पक्षिगणों के बीच हमारी उपस्थिति अनिवार्य होगी। वस्तुतः इस कविता में नश्वर जीवन के बाद भी इसी बंगाल में एक बार फिर आने की लालसा मातृभूमि के प्रति कवि के प्रेम की एक मोहक भंगिमा के रूप, में सामने आती है।

शब्दार्थ

अबाबील : एक प्रसिद्ध काली छोटी चिड़िया जो उजाड़ मकानों में रहती हैं, भांडकी
पेंग : झूले का दोलन
रूपसा : बंगाल की नदी विशेष
सारस : पक्षी विशेष, क्रौंच

Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 14 हिमशुक

Bihar Board Class 7 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 2 Chapter 14 हिमशुक Text Book Questions and Answers and Summary.

BSEB Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 14 हिमशुक

Bihar Board Class 7 Hindi हिमशुक Text Book Questions and Answers

Bihar Board Class 7 Hindi Book Solution प्रश्न 1.
अवध नरेश राजकुमारों की परीक्षा क्यों लेना चाहते थे ?
उत्तर:
राजा को अपना उत्तराधिकारी चुनना था। तीनों लड़के विद्वान, बुद्धिमान तो थे लेकिन तीनों में श्रेष्ठ ज्ञान किसके पास है इस जानकारी के लिए राजा ने अपने तीनों राजकुमारों की परीक्षा लेनी चाही।

Class 7 Hindi Bihar Board प्रश्न 2.
हिमशुक तो राजा के लिए भेंट लाया था लेकिन वही भेंट उसे महंगी पड़ी, कैसे?
उत्तर:
हिमशुक तो राजा के लिए भेंट लाया था। इस ध्येय से कि उसका राजा अमर फल खाकर अमर हो जायेगा। लेकिन संयोग से वह फल साँप के विष से विषैला हो गया। जब उस फल की जाँच की गई तो कौवे मर गये। तब राजा ने हिमशुक को विश्वासघाती समझकर मार डाला। इस प्रकार राजा के लिए उपकार की भावना रखने वाले हिमशक को जान गँवानी पड़ी और वह भेंट उसे महंगी पड़ी।

हिमशुक की कहानी Bihar Board प्रश्न 3.
राजा ने अपने तीसरे बेटे को ही युवराज घोषित किया, क्यों?
उत्तर:
जबकि राजा के तीनों पुत्र विद्वान और बुद्धिमान थे। लेकिन तीनों में राजनीति धर्म का ज्ञान किसमें ज्यादा था इस बात की परीक्षा राजा ने ली तो तीसरे पुत्र को ही उत्तराधिकारी के योग्य समझकर युवराज घोषित किया ।

Bihar Board Class 7 Hindi प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्यांश किसने और किससे कहे।

(क) तुम्हारी माँ भी तुमसे मिलकर इतनी ही प्रसन्न होगी।
उत्तर:
हिमशुक के पिता ने हिमशुक से कहा।

(ख) मैं पन्द्रह दिन बाद वापस आ जाऊँगा।
उत्तर:
हिमशुक ने राजा से कहा।

(ग) बुद्धिमानी की बात यह होगी कि फल खाने से पहले इसे किसी जानवर को खिलाकर देख लिया जाए।
उत्तर:
मंत्री ने राजा से कहा।

(घ) किसी को सजा देने से पहले इस बात का पूरा पता लगा लेना जरूरी है कि वह सचमुच अपराधी है या नहीं।
उत्तर:
तीसरे राजकुमार ने राजा से कहा। ।

Bihar Board Class 7 Hindi Solution In Hindi प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रश्नों के चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें एक विकल्प सही है । सही विकल्प के सामने सही (✓) का निशान लगाइए। (क) हिमशुक एक नाम है- .
(i) जानवर का
(ii) आदमी का
(iii) पक्षी का
(iv) जंगल का
उत्तर:
(iii) पक्षी का।

(ख) किस देश के राजा के पास अनोखा तोता था ?
(i) अवध
(ii) विदर्भ
(iii) गंधार
(iv) कोसल
उत्तर:
(ii) विदर्भ ।

(ग) हिमशुक रात में कहाँ ठहरा था ? :
(i) पेड़ पर
(ii) पहाड़ पर
(iii) महल के छत पर
(iv) गुंबद पर
उत्तर:
(i) पेड़ पर।

(घ) जहरीले फल को राजा ने क्या किया?
(i) नदी में फेंक दिया
(ii) जलवा दिया
(iii) स्वयं खा गया
(iv) गड्ढे में दबवा दिया
उत्तर:
(iv) गड्ढे में दबवा दिया।

पाठ से आगे –

Bihar Board Class 7 Hindi Solutions प्रश्न 1.
सजा देने से पहले राजा को क्या करना चाहिए था?
उत्तर:
सजा देने से पहले राजा को अपराधी के अपराध के बारे में छानबीन कर लेना चाहिए था।

Hindi Class 7 Bihar Board Solution प्रश्न 2.
कल्पना कीजिए कि अमरफल के मृत्युफल में बदलने की सच्चाई का पता राजा के तीसरे बेटे को कैसे चला होगा?
उत्तर:
हिमशुक की कहानी सम्भवतः तीसरे बेटे ने हितोपदेश या पंचतंत्र की अपरीक्षित कारक में पढ़ा होगा जिससे अमरफल को मृत्युफल में बदलने की बात की जानकारी हुयी होगी।

Bihar Board Solution Class 7 Hindi प्रश्न 3.
कल्पना कीजिए कि आप हिमशुक हैं और राजा आप पर वार करने के लिए हाथ उठाता है। तब आप क्या करेंगे?
उत्तर:
यदि हम हिमशुक होते तब राजा यदि हम पर वार करता तो हम उसे अनुचित कार्य करने पर रोकते । नहीं मानने पर जैसे के साथ तैसे का व्यवहार करते।

चीनी का ठोंगा

यह एक लघु कहानी है जिसमें बताया गया है कि बच्चे को कार्य की प्राथमिकता देनी चाहिए।

एक लड़का (मोहन) की माँ चीनी लाने दुकान भेजती है। लड़का चीनी लेकर लौट रहा था। रास्ते में अन्य बच्चों के साथ खेलने की ललक उठी। वह चीनी का ठोंगा गोली धरती पर रखकर खेलने लग जाता है। जब उसे माँ के आदेश का ख्याल आया तो चीनी उठाया जिसका ठोंगा गीला हो गया था। माँ ने ठोंगे को गीली हालत में देखकर लड़के को डाँट दिया। लड़का रूठ गया।

प्रश्न (क) क्या माँ का मोहन का डाँटना उचित था ?
उत्तर:
हाँ।

(ख) क्या मोहन का रूठना उचित था?
उत्तर:
मोहन का रूठना उचित नहीं था।

व्याकरण –

Bihar Board Class 7 Hindi Book Pdf प्रश्न 1.
पठित पाठ में से पांच ऐसे वाक्य छाँटकर लिखिए जिनमें “ने” का प्रयोग हुआ है।
उदाहरण – राजकुमार ने यह कहानी सुनाई।
उत्तर:
(i) राजा ने अपने तीसरे बेटे को उत्तराधिकारी घोषित किया।
(ii) राजा ने अपने तीनों पुत्रों की परीक्षा लेनी चाही।
(iii) हिमशुक के पिता ने कहा।
(iv) सबसे बड़े लड़के ने कहा ।
(v) दूसरे लड़के ने कहा।

Bihar Board 7th Class Hindi Book प्रश्न 2.
निम्नलिखित युग्म शब्दों से वाक्य बनाइए –
उत्तर:
साथ-साथ-गेहूँ के साथ-साथ धुन भी पिसा जाता है।
दो-चार-दो चार दिनों के बाद ही आऊँगा।
एक-एक-एक-एक कर सभी भाग गये।
पूरा-पूरा-पूरा-पूरा फल मत खाओ।
बढ़ते-बढ़ते-बढ़ते-बढ़ते वह यहाँ आ गया।

Bihar Board Class 7 Hindi Solution प्रश्न 3.
रिक्त स्थान भरिए –
मृत्युदंड, कृतज्ञ, विश्वासघाती, उत्तराधिकारी, राजकुमार, कृतघ्न ।
प्रश्नोत्तर – (i) जो किसी के विश्वास को ठोस पहुँचाए विश्वासघाती।
(ii)- राजा का लड़का राजकुमार।
(iii) किसी की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति पाने का हकदार उत्तराधिकारी ।
(iv) मौत की सजा मृत्युदण्ड।
(v) किये गये उपकारों को नहीं मानने वाला कृतघ्न ।
(vi) किये गये उपकारों को मानने वाला कृतज्ञ ।

कुछ करने को –

Bihar Board Class 7 Hindi Book प्रश्न 1.
नीचे की वर्ग-पहेली में बीस विशेषण हैं, उन्हें ढूँढकर लिखिए। यह जाएं से दाएँ ऊपर से नीचे या आड़े-तिरछे भी हो सकते
उत्तर:

  1. विश्वासघात
  2. महत्वपूर्ण
  3. सुरक्षित
  4. गरीब
  5. बुद्धिमान
  6. छोटा
  7. चतुर
  8. बूढ़ा
  9. पूर्ण
  10. मान
  11. बड़े
  12. प्यारे
  13. विचित्र
  14. अच्छा
  15. कम
  16. घाती
  17. विश्वास
  18. रक्षित
  19. नाच

ज्यादा किसे मिले?
उत्तर:
दूसरा अतिथि ही अधिक सिक्के के हकदार था क्योंकि दूसरे अतिथि में संवेदनशीलता का गुण था वह स्वयं तथा अपने मित्र की सुरक्षा के लिए जागरूक रहा । वह बुद्धिमान भी था, क्योंकि मित्र को आम भी मिले तथा जान भी बच जाए इसके लिए वह गीत गाने लगा।

इसके विपरीत प्रथम अतिथि तो अपना जान जोखिम में डाल ही दिया था। उसे रात में सोना नहीं चाहिए था। अतः अधिक सिक्के का हकदार दूसरा अतिथि ही है।

हिमशुक Summary in Hindi

सारांश – प्राचीनकाल में एक अवध नरेश के तीन पुत्र विद्वान और बुद्धिमान थे। एक दिन राजा ने तीनों पुत्रों की परीक्षा ली। राजा ने कहापुत्रो ! अगर मैं अपने प्राण और सम्मान की रक्षा का भार किसी को सौंपता हूँ। यदि वह विश्वासघात करता है तो ऐसे लोग की क्या सजा मिलनी चाहिए?

प्रथम पुत्र ने कहा-ऐसे व्यक्ति को फौरन गर्दन उड़ा देना चाहिए।
दूसरे पुत्र ने भी यही जवाब दिया।
तीसरा पुत्र कुछ नहीं बोला। .

तब अवध नरेश ने तीसरे पुत्र से पूछा—बेटा, तुम्हारा विचार क्या है, वह भी सुनें।

तीसरे ने कहा – पित्ताजी ! यह सत्य है कि विश्वासघाती. लोगों की सजा मृत्युदण्ड है लेकिन जब उसका दोष साबित हो जाय तभी मृत्युदण्ड देना चाहिए।

राजा ने कहा, यानी बिना दोष साबित हुए दण्ड देने से निर्दोष भी मारा जा सकता है।

तीसरे ने कहा – हाँ पिताजी !
‘मैं इस कथन की सम्पुष्टि में एक कहानी सुनाता हूँ।

विदर्भ देश के एक राजा के पास एक अनोखा तोता था जिसका नाम हिमशुक था। वह चतुर, बुद्धिमान तथा अनेक भाषाओं का ज्ञाता था। राजा भी हिमशुक से महत्वपूर्ण मामलों में राय लिया करता था।

हिमशुक स्वतंत्रतापूर्वक महल में उड़ता-फिरता था। एक दिन हिमशुक दूर जंगल में चला गया। वहाँ उसके पिता मिले । पिता-पुत्र परस्पर मिलकर बहुत आनन्दित हुए। हिमशुक के पिता ने हिमशुक से कहा-बेटा घर चलो तुमसे मिलकर तुम्हारी माँ बहुत खुश होगी। घर चलो। हिमशुक ने कहामैं अपने मालिक से अनुमति लेकर ही जाऊँगा।

महल वापस जाकर हिमशुक ने अपने घर जाने की अनुमति माँगी। राजा ने पहले तो इन्कार कर दिया। लेकिन बाद में 15 दिनों में लौटने की शर्त पर हिमशुक की बात स्वीकार कर ली। क्योंकि राजा हिमशुक को दु:खी नहीं देखना चाहता था। इस प्रकार हिमशुक विदर्भ नरेश से अनुमति लेकर 15 दिनों के लिए अपने घर गया। उसके माता-पिता बड़े आनन्दित हुए।

15 दिन बीत गये तो हिमशुक ने वापस जाने की बात अपने माता-पिता को बताया । हिमशुक के प्रति राजा बहुत स्नेह रखते हैं यह जानकर हिमशुक

ने राजा उपहारस्वरूप एक अमृतफल देने की बात सोची । जिसको खा लेने से मनुष्य अमर हो जाता था। हिमशुक राजा को अमर बनाने के लिए उस फल को लेकर चल पड़ा। रास्ते में रात हो जाने के कारण उसे एक पेड़ पर ठहरना पड़ा । वह अमर-फल को वृक्ष के एक खोखल में रखकर आराम करने लगा। जिस खोखल में हिमशुक ने फल रखा था उसी खोखल में एक काला साँप भी रहता था। जब साँप खोखल में आया तो उस दिव्य फल को खाने वाला समझकर दाँत गड़ाया । साँप को फल का स्वाद अच्छा नहीं लगा उसे छोड़ दिया। लेकिन वह फल जहरीला हो गया। सुबह होने पर हिमशुक फल लेकर राजमहल में आकर राजा को अमर फल के बारे में बताया। राजा बहुत – प्रसन्न होकर खाने लगा तो एक मंत्री ने कहा-महाराज खाने की वस्तु यदि . अन्य से प्राप्त हो तो उसकी परीक्षा लेकर ही खाना चाहिए। अतः हमारे विचार से इस फल का थोड़ा अंश कौवा को खिलाकर जाँच कर लेना चाहिए । राजा को मंत्री की बात अच्छी लगी। फल काटकर कौवा को खिलाया गया। कौवा मर गया तब राजा से मंत्री ने कहा, महाराज आप बच गये। यह अमर फल नहीं बल्कि मृत्युफल है। यह फल खिलाकर हिमशुक आपको मारना चाहता था। राजा को गुस्सा आ गया। उसी समय हिमशुक को पकड़कर गर्दन मरोड़ दी।

इसके बाद उस फल को मिट्टी में गाड़ दिया गया। कुछ दिनों के बाद अमर फल के बीज से वृक्ष उगा उसमें फल भी लगने लगे। राजा यह जानकर उस पेड़ के फल खाने पर रोक दिया। क्योंकि उस फल को खाने से आदमी मर सकता है।

उसी शहर में एक बूढ़ा-बुढ़िया गरीबी से तंग होकर उस मृत्युफल को खाये । वह बुढ़िया और बूढा दोनों स्वस्थ होकर जवान हो गये । राजा को जब यह बात कान में पड़ी तो बूढ़ा-बुढ़िया को देखकर समझ गया कि हिमशुक के द्वारा लाया गया फल अमर फल ही था। राजा जल्दीबाजी में किए अपने अपराध पर बहुत दुःखी हुआ।

अवध नरेश को तीसरे पुत्र ने कहा-इसलिए मैंने कहा, किसी को सजा देने के पहले अच्छे ढंग से समझ लेना चाहिए।

राजा अपने तीसरे पुत्र की बात सुनकर प्रसन्न हो गया तथा तीसरे पुत्र को अपना उत्तराधिकारी बनाया ।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 6 पौधों में पोषण

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 6 पौधों में पोषण Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 6 पौधों में पोषण

Bihar Board Class 7 Science पौधों में पोषण Text Book Questions and Answers

अभ्यास

पौधों में पोषण Class 7 Bihar Board प्रश्न 1.
सही उत्तर पर चिह्न लगाइए –

(a) हरे पौधों जो अपना भोजन स्वयं बनाते हैं, कहलाते हैं –
(i) विषमपोषी
(ii) परपोषी
(iii) मृतोपजीवी
(iv) स्वपोषी
उत्तर:
(iv) स्वपोषी

(b) अमरबेल उदाहरण हैं –
(i) स्वपोषी
(ii) परपोषी
(iii) परजीवी
(iv) मृतजीवी
उत्तर:
(i) स्वपोषी

(c) पौधों का रसोईघर है –
(i) तना
(ii) जड़
(iii) पत्ती
(iv) फूल
उत्तर:
(iii) पत्ती

(d) कीटभक्षी पौधा है –
(i) गुलाब
(ii) मटर
(iii) घटपर्णी
(iv) अमरबेल
उत्तर:
(iii) घटपर्णी

Bihar Board Class 7 Science Solution प्रश्न 2.
निम्न कथनों में सत्य/असत्य कथनों का चयन कीजिए –
(a) प्रकाश संश्लेषण में सौर ऊर्जा का रासायनिक ऊर्जा में रूपान्तरण होता है।
(b) जड़ कार्बन डाइऑक्साइड के ग्रहण करने में मदद करते हैं।
(c) कार्बोहाइड्रेट और ऑक्सीजन प्रकाश संश्लेषण के उत्पाद हैं।
(d) सभी जीव अपने पोषण के लिए हरे पौधों पर निर्भर करते हैं।
उत्तर:
(a) सत्य
(b) असत्य
(c) सत्य
(d) सत्य ।

Bihar Board Class 7 Science Solution In Hindi प्रश्न 3.
कॉलम A के शब्दों का मिलान कॉलम B से कीजिए –
Class 7 Science Bihar Board
उत्तर:
(i) e
(ii) d
(iii) a
(iv) c
(v) (b)

Paudhon Mein Poshan Bihar Board प्रश्न 4.
निम्न कथनों के लिए एक शब्द बताएँ –
(i) पत्तियों में पाया जानेवाला हरा वर्णक ।
(ii) जो अपने पोषण के लिए दूसरे पौधों एवं जीवों पर निर्भर करते हैं।
(iii) ऐसा संबंध जिसमें दो जीव आपस में एक-दूसरे से सहयोग करते हैं।
उत्तर:
(i) पर्णहरित
(ii) विषमपोषी
(iii) सहजीवी संबंध ।

Bihar Board Class 7 Science Book Solutions प्रश्न 5.
जीवों में पोषण की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
जीवों की वृद्धि, विकास एवं रख-रखाव के लिए ऊर्जा चाहिए और ऊर्जा प्राप्त करने के लिए जीवों को पोषण की आवश्यकता होती है।

Science Class 7 Bihar Board प्रश्न 6.
हरे पौधों में खाद्य संश्लेषण प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हरे पौधों से खाद्य संश्लेषण के लिए कार्बन डाइऑक्साइड, जल और प्रकाश की आवश्यकता होती है। हरी पत्तियाँ जिसमें क्लोरोफिल होती है, सूर्य के प्रकाश की सहायता से कार्बन डाऑक्साइड और जल का उपयोग कर कार्बोहाइड्रेट बनाता है और ऑक्सीजन मुक्त करता है। कार्बोहाइड्रेट कोशिकाओं की वृद्धि करने में सहायक होता है और स्टार्च के रूप में जमा होती है। प्रोटीन के संश्लेषण के लिए नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है लेकिन वायुमण्डल से सीधे रूप में प्राप्त नहीं करती, मिट्टी में पाये जाने वाले जीवाणु, गैसीय नाइट्रोजन को उपयोगी यौगिक में बदल देते हैं। ये उपयोगी यौगिक जल के साथ अवशोषित करता है। पौधों की वृद्धि के लिए प्रोटीन और वसा की आवश्यकता होती है जो इस प्रक्रिया द्वारा पूरा करता है। अन्यथा बाहर से नाइट्रोजन युक्त उर्वरक का प्रयोग करते हैं जिससे पौधों को नाइट्रोजन प्राप्त हो सके।

Bihar Board Class 7 Science Book प्रश्न 7.
कैसे प्रदर्शित करेंगे कि प्रकाश संश्लेषण के लिए सूर्य का प्रकाश अनिवार्य है?
उत्तर:
एक पौधा को बगान में जहाँ सूर्य का प्रकाश पौधे तक पहुँच रखते हैं और उसी प्रजाति के पूरा पौधा बल्ब के प्रकाश वाले रूम में रखते हैं। प्रतिदिन दोनों पौधों को जल देते हैं। एक सप्ताह के बाद दोनों पौधों का निरीक्षण करते हैं। हम पाते हैं कि रूम में रखा पौधा की अपेक्षा बगान में रखे पौधे की वृद्धि अधिक होता है, दूसरे तीसरे सप्ताह बाद देखते हैं कि रूम में रखा पौधा की पत्तियाँ पीले होने लगी और वह सूख गया । इस प्रकार हम प्रदर्शित कर सकते हैं कि प्रकाश संश्लेषण के लिए सूर्य का प्रकाश होना अनिवार्य है।

Bihar Board Solution Class 7 Science प्रश्न 8.
परिभाषित करें –
उत्तर:
(i) प्रकाश संश्लेषण-हरे पौधा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड जल, सूर्य का प्रकाश और हरे पत्तियों में उपस्थित क्लोरोफिल मिलकर अपना भोजन बनाने की प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते

(ii) सहजीवी संबंध – ऐसे दो जीव जो एक साथ रहते हो । दोनों आपस में मिलकर अपना पोषण, रहने का स्थान और वृद्धि के लिए पोषक तत्व उपलब्ध करते हो । ऐसे संबंध को सहजीवी संबंध कहते हैं। लाइन में शैवाल और कवक के बीच ऐसा संबंध होता है।

(iii) परजीवी-कुछ ऐसे पौधे होते हैं जो दुसरे पौधों से अपना पोषण प्राप्त करते हैं, परजीवी कहलाते हैं। अमरवेल परजीवी पौधा है।

(iv) मृतजीवी-ऐसे पौधे जो मत या सड़ी-गली वस्तुओं की सतह पर अपना पोषण करते हैं। ऐसे पौधे को मृतजीवी कहते हैं।

Class 7 Bihar Board Science Solution प्रश्न 9.
मिट्टी में पोषक तत्वों की पुनः पूर्ति कैसे होती है?
उत्तर:
मिट्टी से पौध पोषक तत्वों का अवशोषण करते हैं और अपना वृद्धि करते हैं। जिसके कारण मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इन पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए किसान खाद्य या उर्वरक जिनमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों को पौधों में डालते हैं। राइजोबियम जीवाणु नाइट्रोजन की आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। पेड़-पौधों, जीव-जन्तु के सड़ने-गलने से मिट्टी की उर्वरक शक्ति को बढ़ाते हैं।

Bihar Board Science Class 7 प्रश्न 10.
कारण बताइये –

(i) लाइकेन में कवक और शैवाल के बीच परस्पर लाभप्रद एवं सहयोगी संबंध होता है।
उत्तर:
लाइकेन में शैवाल और कवक के बीच आपस में संबंध होता है। शैवाल में क्लोरोफिल होता है, शैवाल अपना भोजन स्वयं बनाता है। कवक उससे पोषण करता है। कवक शैवाल को रहने के लिए स्थान उपलब्ध कराता’ है। जल और पोषक तत्व भी प्रदान करता है। आपस में आवास और पोषण बाँटते हैं। एक-दूसरे के लिए लाभप्रद है।

(ii) सर्य सभी जीवों के लिए ऊर्जा का शाश्वत स्रोत है।
उत्तर:
सभी जीव पेड़-पौधों पर निर्भर करते हैं। पेड़-पौधे अपना पोषण सूर्य के प्रकाश संश्लेषण से करते हैं। अतः सभी जीव सूर्य के प्रकाश पर

(iii) पत्तियाँ पौधों का रसोईघर हैं। ।
उत्तर:
सूर्य की ऊर्जा संग्रह करने में क्लोरोफिल पत्तियाँ सहायता करता है। वातावरण से CO2 खनिज लवण और जल का संग्रह भी पत्तियाँ करता है और प्रकाश संश्लेषण क्रिया करता है और पेड़ के सभी भागों में पोषक तत्व को वितरित करता है। अतः हम कह सकते हैं कि पत्तियाँ पौधों का रसोईघर है।

Bihar Board Class 7 Science पौधों में पोषण Notes

जीवों को अपने वृद्धि, विकास और शरीर के रख-रखाव के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊर्जा पोषण से प्राप्त होती है। जीवों के बनावट, स्वभाव और निवास-स्थान अलग-अलग होते हैं। इनके भोजन भी अलग है। जीव अपना भोजन पौधों से प्राप्त करता है जबकि पौधे अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। पौधे अपना भोजन कार्बन डाइऑक्साइड, जल, सूर्य के प्रकाश की सहायता से स्वयं बनाते हैं। इस क्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं । प्रकाश संश्लेषण के लिए क्लोरोफिल, सूर्य का प्रकाश अनिवार्य है। प्रकाश संश्लेषण के फलस्वरूप कार्बोहाइड्रेट और ऑक्सीजन बनाता है।

Bihar Board 7th Class Science Book

प्रकाश संश्लेषण के द्वारा बने कार्बोहाइड्रेट कोशिकाओं द्वारा उपयोग होता है अन्यथा मंड (स्टार्च) के रूप में जमा हो जाता है और कुछ कार्बोहाइड्रेट वसा और प्रोटीन के संश्लेषण में भी काम आता है। ऑक्सीजन वातावरण में चला जाता है। जीव मांसाहारी और शाकाहारी होते हैं। मांसाहारी जीव जीवों पर निर्भर करते हैं। शाकाहारी पौधों पर निर्भर रहते हैं। मनुष्य सर्वाहारी जीव है जो पौधों और जन्तुओं दोनों पर निर्भर करता है। ऊर्जा का मूल स्रोत सूर्य है। ऑक्सीजन पेड़-पौधों के कारण ही संतुलित रहता है। पीले धब्बे वाली पत्तियों के पीले भाग में क्लोरोफिल नहीं होता है। वहाँ प्रकाश, संश्लेषण नहीं होता लेकिन लाल, भूरे रंग की पत्तियों में हरा रंग छुपा रहता है क्लोरोफिल कहते हैं। पौधों में कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण होता है। यह कार्बन हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बनता है। प्रोटीन का संश्लेषण के लिए नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है। वायुमण्डल से ग्रहण करने की क्षमता नहीं होती है। सूक्ष्मजीवों गैसीय नाइट्रोजन को यौगिकों पर परिवर्तित करते हैं और पौधों द्वारा अवशोषित होता है और पौधे प्रोटीन, वसा का संश्लेषण करती है।

उर्वरक में नाइट्रोजनी पदार्थों की अधिकता है। जो पौधा दूसरे पौधा पर निर्भर रहते हैं परजीवी कहलाते हैं। जिस पौधे से अपना भोजन बनाते हैं उन्हें परपोषी कहते हैं। कुछ ऐसे भी पौधे होते हैं जो जन्तुओं को खाते हैं। घटपर्णी पौधों जो जन्तुओं का सेवन करती है। यह घड़े जैसी संरचना इसकी पत्ती का ही रूपातरित रूप है। कुछ ऐसे पौधे जिनमें न तो क्लोरोफिल और न भोजन करने की व्यवस्थित प्रणाली होती है। जैसे कुकुरमुत्ता, गोबरछता, ये अपना पोषण मृत या सड़ी-गली वस्तुओं की सतह पर कुछ पाचक रसों का स्राव करते हैं जो पोषक तत्वों को विलयन में बदल देते हैं। पोषक तत्व विलयन के माध्यम से ग्रहण कर लिए जाते हैं। इस प्रकार के पोषण को मृतजीवी पोषण और ऐसे पौधे मृतजीवी कहलाते हैं। कवक जहाँ नम एवं उष्ण होते हैं वहाँ उगते हैं। कवक के कारण ही चमड़े की वस्तुएँ खराब होते हैं। पौधों में रोग उत्पन्न होते हैं जैसे झुलसा रोग, धान की पत्तियों का चित्तीदार होना । रोग होने के कारण भी कवक है। शैवाल और कवक साथ रहते हैं। आपस में आवास और पोषण बाँटते हैं। शैवाल में क्लोरोफिल होता है, अपना भोजन स्वयं बनाता है। कवक उससे पोषण प्राप्त करता है। कवक शैवाल को रहने का स्थान, जल और पोषक तत्व प्रदान करता है। इस प्रकार के संबंध की सहजीवी संबंध. कहते हैं। पौधे मिट्टी से खनिज लवण, पोषक तत्वों का अवशोषण करता है।

Bihar Board Class 10 Hindi Solutions पद्य Chapter 12 मेरे बिना तुम प्रभु

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solutions Godhuli Bhag 2 पद्य खण्ड Chapter 12 मेरे बिना तुम प्रभु Text Book Questions and Answers, Summary, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Hindi Solutions पद्य Chapter 12 मेरे बिना तुम प्रभु

Bihar Board Class 10 Hindi मेरे बिना तुम प्रभु Text Book Questions and Answers

कविता के साथ

मेरे बिना तुम प्रभु Bihar Board Class 10 Hindi प्रश्न 1.
कवि अपने को जलपात्र और मदिरा क्यों कहा है ?
उत्तर-
कवि अपने को भगवान का भक्त मानता है। भक्त की महत्ता को स्पष्ट करते हुए कवि भक्त को जलपात्र और मदिरा कहा है क्योंकि जलपात्र में जिस प्रकार जल संग्रहित होकर अपनी अस्मिता प्राप्त करता है, ‘जलपात्र के माध्यम से जल का उपभोग किया जा सकता है। जलपात्र जल के सानिध्य को प्राप्त करने में सहायक होता है उसी प्रकार भगवान के लिए भक्त है। इसी तरह मदिरा पान से मन मदमस्त हो जाता है, मदिरा आनंद की अनुभूति कराता है और भगवान भी भक्त से जल मिलते हैं तब प्रसन्न हो जाते हैं, भक्ति रस के निकट आकर इससे आहलादित हो जाते हैं, ऐसा लगता है कि भक्त के बिना रहना मुश्किल हो जाता है। भक्त ही भगवान की – पहचान है। इसलिए कवि अपने को जलपात्र एवं मदिरा की संज्ञा देते हैं।

Prabhu Tum Mere Man Ki Jano Question Answer प्रश्न 2.
आशय स्पष्ट कीजिए: “मैं तुम्हारा वेश हूँ, तुम्हारी वृत्ति हूँ मुझे खोकर तुम अपना अर्थ खो बैठोगे?”
उत्तर-
प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने भक्त को भगवान की अस्मिता माना है। भगवान का वास्तविक स्वर भक्त में है। भक्त भगवान का सब कुछ है। भगवान का रूप, वेश, रंग, कार्य सब भक्त में निहित है। भक्त के माध्यम से ही भगवान को जाना जा सकता है, उनके अस्तित्व की अनुभूति किया जा सकता है। कवि कहता है कि हे भगवन मेरा अस्तित्व ही तुम्हारी पहचान है। मैं नहीं  रहूँगा तो तुम्हारी पहचान भी नहीं होगी। अर्थात् भक्त से अलग रहकर, भक्त को खोकर भगवान भी अपना अर्थ, अपना मतलब, अपनी पहचान खो देंगे। भक्त के बिना भगवान की कल्पना ही नहीं किया जा सकता।

प्रभु पर कविता Bihar Board Class 10 Hindi प्रश्न 3.
शानदार लबादा किसका गिर जाएगा और क्यों ?
उत्तर-
कवि के अनुसार भगवत्-महिमा भक्त की आस्था में निहित होता है। भक्त, भगवान का दृढाधार होता है लेकिन जब भक्त रूपी आधार नहीं होगा तो स्वाभाविक है कि भगवान की पहचान भी मिट जाएगी। भगवान का लबादा अथवा चोगा गिर जाएगा। भक्त भगवान का कृपा पात्र होता है, भगवत कृपा दृष्टि भक्त पर पड़ती है। इतना ही नहीं भगवान अपने भक्तों पर गौरवान्वित होते हैं। भक्त की अस्मिता समाप्त होने से भगवान का गौरव भी मिट जाएगा। भक्त ही प्रभु का स्वरूप है।

प्रश्न 4.
कवि किसको कैसा सुख देता था?
उत्तर-
कवि भगवान की कृपा दृष्टि की शय्या है। कवि के नरम कपोलों पर जब भगवान की कृपा दृष्टि विश्राम लेती है, तब भगवान को सुख मिलता है आनंद मिलता है। अर्थात् भक्त भगवान का कृपा पात्र होता है और भक्तरूपी पात्र से भगवान भी सुखी होते हैं। भक्त के द्वारा भगवान हेतु प्रदत्त सुख की चर्चा कवि करते हैं। भक्त की प्रेम वाटिका की सुखद छाया में भगवान को जो सुख मिलता है वही सुख कवि भगवान को देता है।

प्रश्न 5.
कवि को किस बात की आशंका है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
कवि को आशंका है कि जब ईश्वरीय सत्ता की अनुभूति करानेवाला प्रतीक आधार दर्शन है। हम नहीं समझना वा देना चाहिए। या भक्त नहीं होगा तब ईश्वर का पहचान किस रूप में होगा? प्राकृतिक छवि, मानव की हृदय का प्रेम, दया, भगवद् स्वरूप है। भक्ति की रसधारा ईश्वरीय सत्ता या परमानंद का वाहक है। सूर्य की लालिमा या सुनसान पर्वत पर ठंढी चट्टानें भगवान के स्वरूप का दर्शन कराता है। ये सब नहीं होगा तब उस परमात्मा का आश्रय क्या होगा मानव किस रूप में ईश्वर की जान सकेगा इस प्रश्न को लेकर कवि आशंकित है।

प्रश्न 6.
कविता किसके द्वारा किसे संबोधित है? आप क्या सोचते हैं ?
उत्तर-
कविता में कवि भक्त के रूप में भगवान को सम्बोधित करता है। इसमें भक्त अपने को भगवान का आश्रय, गृह स्वीकारता है। अपने में भगवान की छवि को देखता है और कहता है कि हे भगवान ! मैं भी तुम्हारे लिए उतना ही महत्त्वपूर्ण हूँ जितना तुम मेरे लिए। तुम्हारे अस्तित्व का मैं वाहक हूँ। मैं तुम्हारा पहचान हूँ। मैं नहीं रहूँगा तो तुम्हारी भी कल्पना संभव नहीं है। मैं तुम्हारे लिए हूँ और तुम मेरे लिए। हम दोनों एक-दूसरे के चलते जाने जाते हैं।

कवि के इस विचार की हम पुष्टि करते हैं। हमारे विचार से भक्त ही भगवान का वास्तविक स्वरूप है। ईश्वरीय सत्ता अदृश्य है और उस अदृश्य शक्ति का दर्शन भक्त के माध्यम से संभव हो जाता है। नश्वर जीव की महत्ता कम नहीं है क्योंकि यह ईश्वरीय अंश है और व्यापक ईश्वर का साक्षात् दर्शन है। हमें भक्त और भगवान के इस संबंध को स्वीकारना चाहिए और इस यथार्थ को मानकर अपने को हीन नहीं समझना चाहिए बल्कि इस मानवीय जीवन के महत्त्व को समझते हुए इस बहुमूल्य जीवन को यों ही नहीं गवाँ देना चाहिए। इस अनमोल मानवीय जीवन को ईश्वरीय स्वरूप मानकर परमात्मा के सत्ता को स्थापित करने हेतु क्रियान्वित रहना चाहिए।

प्रश्न 7.
मनुष्य के नश्वर जीवन की महिमा और गौरव का यह कविता कैसे बखान करती है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
इस कविता में कहा गया है कि मानव के अस्तित्व में ही ईश्वर का अस्तित्व है। मानवीय जीवन में ईश्वरीय अंश होता है। परमात्मा के अदृश्यता को जीवात्मा दृश्य करता है। ईश्वर की झलक जीव के माध्यम से देखी जाती है। इस कविता में जीव को ईश्वर का जलपात्र, मदिरा कहा गया है। साथ ही मनुष्य को भगवान का वेश, वृत्ति, शानदार लबादा कहकर मानव-जीवन की महत्ता को बढ़ाया गया है। यह जीवन नश्वर है, लघु है फिर भी गौरवपूर्ण है। इसकी महिमा ईश्वरतुल्य है, क्योंकि मनुष्य ही ईश्वरीय सत्ता का वाहक है। मनुष्य भक्त के स्वरूप में भगवान के गुणों को उजागर करता है और भगवद्-महिमा को स्थापित करता है। यहाँ तक कहा गया है कि मनुष्य रूप में भगवान का भक्त नहीं हो तो भगवान के भी होने की बात की कल्पना नहीं की जा सकती ।

प्रश्न 8.
कविता के आधार पर भक्त और भगवान के बीच के संबंध पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
प्रस्तुत कविता में कहा गया है कि बिना भक्त के भगवान भी एकाकी और निरुपाय है। उनकी भगवत्ता भी भक्त की सत्ता पर ही निर्भर करती है। व्यक्ति और विराट सत्य एक-दूसरे पर निर्भर है। भगवान जल हैं तो भक्त जलपात्र है। भगवान के लिए भक्त मदिरा है। बिना भक्त के भगवान रह ही नहीं सकते। भक्त ही भगवान का सब कुछ हैं और भक्त के लिए भगवान सबकुछ हैं। ब्रह्म को साकार करनेवाला जीव होता है और जीव जब ब्रह्ममय हो जाता है तब वह परमानंद में डूब जाता है। भक्त के भक्ति को पाकर परमात्मा आनंदित होता है और परमात्मा को प्राप्त करके भक्त परमानंद को प्राप्त करता है। यही अन्योन्याश्रय संबंध भक्त और भगवान में

प्रश्न 9.
“लौटकर आऊँगा फिर’ कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर-
मेरे बिना तुम प्रभु’ रिल्के की चर्चित कविता है। इस कविता में कवि ने बताया है कि भगवान् का अस्तित्व भक्त पर ही निर्भर है। भक्त के बिना भगवान एकांकी और निरूपाय है।
कवि कहता है कि हे प्रभु ! जंब मैं न रहूँगा तो तुम्हारा क्या होगा? तुम क्या करोगे मैं ही तो तुम्हारा जलपात्र हूँ, जिससे तुम पानी पीते हो। अगर टूट गया तो या तुम्हें जिसे नशा होता है, तो मेरे द्वारा उन्हें प्राप्त मदिरा सूख जाएगी अथवा स्वादहीन हो जाएगी दरअसल मैं ही तुम्हारा आवरण हूँ, वृत्ति हूँ। अगर नहीं रहा तो तुम्हारी महत्ता ही सामान्य हो जाएगी। मेरे प्रभु। मैं न रहा तो तुम्हारा मंदिर-मस्जिद-गिरजा कौन बनाएगा? तुम गृहहीन हो जाओगे? कौन करेगा तुम्हारी पूजा-अर्चना ? दरअसल, मैं ही तुम्हारी पादुम हूँ जिसके सहारे जहाँ जाता हूँ तुम जाते हो। अन्यथा तुम भटकोगे।

कवि पुनः कहता है कि मुझसे ही तुम्हारी शोभा है। मेरे बिना किस पर कृपा करोगे? कृपा करने का सुख कौन देगा? जानते हो प्रभु, यह-जो कहा जाता है कि सूरज का उमना-डूबना सब  प्रभु की कृपा है, वह भी मैं कहता हूँ और इस प्रकार तुम्हें सृष्टिकर्ता बताने-बनाने का कार्य भी मेरा ही है। मुझे तो आशंका होता है कि मैं न रहा तो तुम क्या करोगे?

कवि के कहने का तात्पर्य यह है कि ईश्वर को मनुष्य ने ही स्वरूप दिया है। महिमा-मंडित किया है, सर्वेसर्वा बनाया है। भगवान की भगवत्ता महत्ता तथा महानता मनुष्य पर आधारित है। कहने का अर्थ यह है कि विराट सत्य और मनुष्य एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
कविता से तत्सम शब्दों का चयन करें एवं उनका स्वतंत्र वाक्यों में प्रयोग करें।
उत्तर-
जलपात्र – जलपात्र खो गया।
वृत्ति – भीख मांगना उसकी वृत्ति है।
गृहहीन – वह गृहहीन है।
निर्वासित – वह निर्वासित हो चुका है।
पादुका – पादुका नया है।
सूर्यास्त – सूर्यास्त हो गया।

प्रश्न 2.
कविता में प्रयुक्त क्रियाओं का स्वतंत्र वाक्यों में प्रयोग करें।
उत्तर-
बिखर – उसकी स्वप्न बिखर गया।
सुखना – लकड़ी सूखी है।
खोकर – सब कुछ खोकर उसने संन्यास ले लिया।
भटकना – वह भटकता है।
गिरना – वह सीढी से गिर गया।
खोजन – नौकरी की खोज में राम खाक छानता है।

प्रश्न 3.
कविता से अव्यय पद चुनें।
उत्तर-
जब, तब, टूटक, बिना, दूर।

काव्यांशों पर आधारित अर्थ-ग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

1. जब मेरा अस्तित्व न रहेगा, प्रभु, तब तुम क्या करोगे?
जब मैं – तुम्हारा जलपात्र, टूटकर बिखर जाऊँगा?
जब मैं तुम्हारी मदिरा सूख जाऊंगा या स्वादहीन हो जाऊँगा?
मैं तुम्हारा वेश हूँ, तुम्हारी वृत्ति हूँ
मुझे खोकर तुम अपना अर्थ खो बैठोगे?
मेरे बिना तुम गृहहीन निर्वासित होगे, स्वागत-विहीन
मैं तुम्हारी पादुका हूँ, मेरे बिना तुम्हारे
चरणों में छाले पड़ जाएँगे, वे भटकेंगे लहूलुहान !

प्रश्न
(क) कवि और कविता का नाम लिखें।
(ख) पद का प्रसंग लिखें।
(ग) पद का सरलार्थ लिखें।
(घ) भाव सौंदर्य स्पष्ट करें।
(ङ) काव्य सौंदर्य स्पष्ट करें।
उत्तर-
(क.) कविता- मेरे बिना तुम प्रभु।
कवि-रेनर मारिया रिल्के।

(ख) प्रस्तुत पद्यांश में कवि नश्वर मनुष्य की महत्ता को बताते हुए भक्त और भगवान के संबंध को प्रकाशित किया है। कवि अपने को भक्त मानते हुए कहते हैं कि मैं भगवान के लिए सब कुछ हूँ। भगवान का जलपात्र एवं मदिरा मैं ही हूँ। इस पद में कवि कहते हैं कि भक्त भगवान का निवास स्थान है। उनके पैरों की पादुका है जो उनके पैर में छाले पड़ने से बचाता है। भक्त के बिना प्रभु को कैसे रहेंगे यह आशंका से कवि ग्रसित है।

(ग) प्रस्तुत काव्यांश में कवि कहते हैं कि हे प्रभु ! मैं तुम्हें अपने अन्तरात्मा में रखने वाला भक्त हूँ और तुम्हारे लिए मेरी अति महत्ता है। अगर मेरा अस्तित्व नहीं रहेगा तो तुम्हारा भी अस्तित्व उजागर नहीं रहेगा। तुम अदृश्य हो और तुम्हारी सत्ता को साकार करने में तुम्हारी सत्ता को जग जाहिर करने में मेरी ही अहम भूमिका है।

अगर मैं नहीं रहूँगा तो तुम कहाँ रहोगे। मैं तुम्हारा जलपात्र हूँ मैं तुम्हारी मदिरा हूँ और यह जलपात्र अगर टूटकर बिखर जाएगा, मदिरा स्वादहीन हो जाएगा तो तुम बेचैन हो जाओगे, उस अवस्था तुम कहाँ कैसे रहोगे यह मेरे लिए चिन्ता का विषय है। आगे कहते हैं कि हे प्रभु ! मैं तुम्हारा वेश, वृत्ति, गृह, पादुका सबकुछ हूँ। मेरे बिना तुम गृहहीन हो जाओगे। मैं नहीं रहूँगा तो तुम्हारा स्वागत कौन करेगा। मैं पादुका बनकर तुम्हारे पैर की रक्षा करता हूँ। इसके बिना तुम्हारे पैर में छाले पड़ जाएंगे। अर्थात् भगवान भक्त वत्सल है और भक्त के बिना नहीं रह सकते। भगवान का भक्त उनका अभिन्न अंग है।

(घ) प्रस्तुत कविता का भाव-सौंदर्य यह है कि भगवान और भक्त दोनों में घनिष्ठ संबंध है। भक्ति में भगवान के अस्तित्व के बिना भक्त का अस्तित्व जिस प्रकार शून्य है उसी प्रकार भक्त बिना भगवान की सत्ता को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। भक्त की उपासना की जटिलता में ईश्वर का साक्षात्कार होना या गौण रूप से भक्ति की महत्ता को दर्शाना एक दूसरे पर आश्रित है। भक्त ही भगवान की सत्ता को स्वीकार करके सम्पूर्ण वातावरण में बिखेरता है।

(ङ) (i) सम्पूर्ण कविता खड़ी बोली में है।
(ii) जर्मन भाषा से हिन्दी भाषा में यह कविता रूपान्तरित है। इसमें तद्भव के साथ तत्सम और अरबी शब्दों का एक अनूठा प्रयोग है।
(ii) भक्ति धारा में प्रवाहित यहाँ शांत रस के साथ प्रसाद गुण की झलक है।
(iv) कविता मुक्त होते हुए भी कहीं-कहीं संगीतमयता रखती है।
(v) भाव के अनुसार भाषा का प्रयोग पूर्ण सार्थक है।

2. तुम्हारा शानदार लबादा गिर जाएगा
तुम्हारी कृपादृष्टि जो कभी मेरे कपोलों की
नर्म शय्या पर विश्राम करती थी
निराश होकर वह सुख खोजेगी
जो मैं उसे देता था
दूर की चट्टानों की ठंढी गोद में
सूर्यास्त के रंगों में घुलने का सुख
प्रभु, प्रभुः मुझे आशंका होती है
मेरे बिना तुम क्या करोगे?

प्रश्न
(क) कविता और कवि का नाम लिखें।
(ख) दिये गये पद का सरलार्थ लिखें।
(ग) पद का प्रसंग लिखें।
(घ) भाव सौंदर्य स्पष्ट करें।
(ङ) काव्य सौंदर्य स्पष्ट करें।
उत्तर-
(क) कविता-मेरे बिना तुम प्रभु।
कवि-रेनर मारिया रिल्के।

(ख) प्रस्तुत काव्यांश में प्रभु की सत्ता को स्थापित करने का माध्यम भक्त को बताया गया है। भक्त स्वरूप मनुष्य पर भगवान गौरवान्वित होते हैं-भक्त विहीन होने से भगवान का शानदार चोगा (लबादा) गिर जाएगा। भक्त के कपोल भगवान के लिए नरम बिछावन के रूप में उनके कृपा दृष्टि को आश्रय देनेवाले हैं। भक्त अभाव में भगवद्-कृपा दृष्टि आश्रयविहीन हो जाएगा। भक्त से जो सुख भगवान को प्राप्त होता है अगर भक्त नहीं होगा तो सुख के बदले उन्हें निराशा हाथ लगेगी। कवि को आशंका होती है कि भक्त वत्सल भगवान भक्त से बिछुड़कर, भक्त के बिना कैसे रहेंगे? प्रभु और भक्त दोनों एक-दूसरे पर निर्भर हैं।

(ग) प्रस्तुत काव्यांश में कवि ने नश्वर मनुष्य के जीवन की महिमा और गौरव का वर्णन किया है। यह लघु मानवीय जीवन इतना महत्त्वपूर्ण है कि इस पर भगवान भी गौरव करते हैं। यह ब्रह्म के अस्तित्व को कायम करने का महत्त्वपूर्ण माध्यम है। यह शरीर भगवान का आश्रय है, उनके लिए सुखद है। प्रकृति के सानिध्य में रहनेवाला उनका ही एक स्वरूप है। मनुष्य के बिना, भक्त के बिना भगवान कैसे रहेंगे इसकी चिंता कवि को है और वह इन पंक्तियों के माध्यम से इसे अभिव्यक्त किया है।

(घ) प्रस्तुत काव्यांश में ईश्वर सत्ता की महत्ता को भक्त की भक्ति में जो समर्पण की जो भावना होती है उसी पर आश्रित है। मनुष्य के नश्वर जीवन और भक्ति की गौरव गाथा यहाँ गायी गई है। भगवान और भक्त में अन्योन्याश्रय संबंध है।

(ङ) (i) सम्पूर्ण कविता खड़ी बोली में है।
(i) इसमें तद्भव के साथ तत्सम और अरबी शब्दों का एक अनूठा प्रयोग है।
(iii)यहाँ भावबोध तथा संवेदनात्मक भाषा और शिल्प से काफी प्रभावित किया गया है।
(iv)कविता की शैली गीतात्मक है और भाव बोध में रहस्योन्मुखता व्याप्त है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. सही विकल्प चुनें

प्रश्न 1.
रेनर मारिया रिल्के किस देश के कवि हैं ?
(क) इंगलैंड
(ख) जर्मनी
(ग) चीन
(घ) जापान
उत्तर-
(ख) जर्मनी

प्रश्न 2.
‘मेरे बिना तुम प्रभु’ किस कवि की रचना है ?
(क) जीवनानंद दास
(ख) रवीन्द्रनाथ ठाकुर
(ग) रेनर मारिया रिल्के
(घ) वीरेन डंगवाल
उत्तर-
(ग) रेनर मारिया रिल्के

प्रश्न 3.
कवि रिल्के के अनुसार मनुष्य के बिना किसका अस्तित्व न रहेगा?
(क) ईश्वर
(ख) पर्वत
(ग) प्रकृति
(घ) हवा
उत्तर-
(क) ईश्वर

प्रश्न 4.
कवि रिल्के के अनुसार ईश्वर को सर्वशक्तिमान के रूप में किसने प्रतिष्ठित किया है?
(क) ईश्वर ने
(ख) सृष्टि ने
(ग) मनुष्य ने
(घ) किसी ने नहीं
उत्तर-
(ग) मनुष्य ने

प्रश्न 5.
रिल्के की काव्य शैली कैसी है?
(क) गीतात्मक
(ख) प्रतीकात्मक
(ग) भावात्मक
(घ) कथात्मक
उत्तर
(क) गीतात्मक

प्रश्न 6.
रिल्के ने काव्य के अतिरिक्त और किन-किन विधाओं में रचना की है ?
(क) आलोचना और व्यंग्य
(ख) कहानी और उपन्यास
(ग) निबंध और नाटक
(घ) जीवनी और यात्रा वर्णन
उत्तर-
(ख) कहानी और उपन्यास

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

प्रश्न 1.
रेनर मारिया रिल्के ……. के निवासी थे।
उत्तर-
जर्मनी

प्रश्न 2.
रिल्के ने प्राग और …………. विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की।
उत्तर-
म्युनिख .

प्रश्न 3.
रिल्के ने ………. साहित्य को बहुत प्रभावित किया।
उत्तर-
यूरोपीय

प्रश्न 4.
मैं तुम्हारा वेश हूँ तुम्हारी ………….. हैं।
उत्तर-
वृत्ति

प्रश्न 5.
……… तुम्हारे चरणों में छाले पड़ जाएंगे।
उत्तर-
मेरे बिना

प्रश्न 6.
……. रिल्के का कहानी-संकलन है।
उत्तर-
टेल्स ऑफ आलमाइटी

प्रश्न 7.
……….. में रिल्के की मृत्यु हो गई।
उत्तर-
29 दिसम्बर, 1926 ई.

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रेनर मारिया रिल्के कहाँ के निवासी थे ?
उत्तर-
रेनर मारिया रिल्के जर्मनी के रहनेवाले थे।

प्रश्न 2.
रिल्के ने किन क्षेत्रों में यूरोपीय साहित्य को प्रभावित किया?
उत्तर-
रिल्के की प्रमुख काव्य-रचनाएँ हैं-‘लाइफ एंड साँग्स’, ‘एडवेन्ट’ और ‘लॉरेंस सेक्रेफाइस’।

प्रश्न 3.
रिल्के के उपन्यास का क्या नाम है ?
उत्तर-
रिल्के के उपन्यास का नाम है-“द नोटबुक ऑफ माल्टै लॉरिड्स ब्रिजे”।

प्रश्न 4.
रिल्के कैसे कवि थे ?
उत्तर-
रिल्के मर्मज्ञ ईसाई कवियों जैसी पवित्र आस्था के कवि थे।

प्रश्न 5.
रिल्के की कविताएँ कैसी हैं ?
उत्तर-
रिल्के की कविताओं में रहस्यवाद के आधुनिक स्वर की झलक मिलती है।

प्रश्न 6.
‘मेरे बिना तुम प्रभु’ कविता का वर्ण्य-विषय क्या है ?
उत्तर-
मेरे बिना तुम प्रभु’ कविता का वर्ण्य-विषय है-विराट सत्य और मनुष्य एक-दूसरे पर निर्भर है।

व्याख्या खण्ड

प्रश्न 1.
जब मेरा अस्तित्व न रहेगा, प्रभु, तब तुम क्या करोगे?
जब मैं-तुम्हारा जलपात्र, टूटकर बिखर जाऊँगा?
जब मैं तुम्हारी मदिरा सूख जाऊँगा या स्वादहीन हो जाऊँगा ?
व्याख्या-
प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक के “मेरे बिना तुम प्रभु” काव्य-पाठ से ली गयी हैं। इन पंक्तियों का प्रसंग ईश्वर और कवि के बीच या ईश्वर और मनुष्य के बीच के संवाद से संबंधित है। कवि कहता है कि हे प्रभु ! जब मैं ही नहीं रहूँगा तब तुम क्या करोंगे?

मनुष्य के बिना ईश्वर का महत्त्व शून्य हो जाएगा। मनुष्य कहता है कि मैं जलपात्र हूँ और हे प्रभु ! तुम जल हो। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। अगर जलपात्र नहीं रहे तो जल का अस्तित्व और स्थान कहाँ रहेगा। जल बिना जलपात्र का भी महत्त्व शून्य रहेगा। यहाँ भी दोनों एक-दूसरे के लिए आवश्यक हैं। मनुष्य ने स्वयं को मदिरा के रूप में व्यक्त किया है। अगर मदिरा सूख जाएगी या स्वादहीन हो जाएगा तब क्या होगा। कौन तुम्हारा नाम लेगा? उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में कवि ने मनुष्य और ईश्वर के बीच के अटूट संबंधों की व्याख्या करते हुए दोनों के अस्तित्व और महत्त्व को सिद्ध किया है। दोनों एक-दूसरे के लिए बने हैं। दोनों का संबंध अटूट और अनोखा है।

प्रश्न 2.
मैं तुम्हारा वेश हूँ, तुम्हारी वृत्ति हूँ
मुझे खोकर तुम अपना अर्थ खो बैठोगे?
व्याख्या-
प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक के “मेरे बिना तुम प्रभु” काव्य-पाठ से ली गयी हैं। इन पंक्तियों का प्रसंग ईश्वर और मनुष्य के बीच के संबंध से जुड़ा हुआ है। कवि कहता है कि हे प्रभु ! मैं तुम्हारा वेश हूँ। मैं तुम्हारी वृत्ति हूँ। कहने का अर्थ यह है कि ईश्वर का प्रतिरूप ही मनुष्य है और उसकी कृति का प्रतिरूप भी मनुष्य ही है।

अगर मनुष्य का अस्तित्व मिट गया तो ईश्वर का अर्थ भी नहीं रहेगा। बिना नर के नारायण का महत्त्व कहाँ ? इस प्रकार इन काव्य पंक्तियों के द्वारा कवि ने मनुष्य और ईश्वर के बीच के अटूट और प्रगाढ़ संबंधों को रेखांकित किया है।

प्रश्न 3.
मेरे बिना तुम गृहहीन निर्वासित होगे, स्वागत-विहीन
मैं तुम्हारी पादुका हूँ, मेरे बिना तुम्हारे
चरणों में छाले पड़ जाएंगे, वे भटकेंगे लहुलुहान!
व्याख्या-
प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक के “मेरे बिना तुम प्रभु” काव्य-पाठ से ली गयी हैं। इन पंक्तियों का प्रसंग ईश्वर और मनुष्य के बीच के संवाद से जुड़ा है।
कवि कहता है कि मनुष्य के बिना ईश्वर गृहविहीन हो जाएगा। उसे निर्वासित जीवन बिताना पड़ेगा। कोई उसका स्वागत करनेवाला नहीं रहेगा।
मनुष्य ईश्वर के चरणों की पादुका है। बिना पादुका के ईश्वर के पैरों में छाले पड़ जाएंगे। ईश्वर के पैर लहुलुहान होकर यत्र-तत्र भटकेंगे।

इन काव्य पंक्तियों में मनुष्य का ईश्वर के प्रति यथोचित सम्मान का भाव प्रदर्शित किया गया है। ईश्वर के प्रति मनुष्य की आस्था युगों-युगों से जुड़ी हुई है। मनुष्य ने ही ईश्वर को मंदिरों, मस्जिदों, गिरिजाघरों में स्थापित किया है। उनकी पूजा-अभ्यर्थना एवं वंदना की है। उसने उनके पैरों को धोया है। चारों शीश को झुकाया है। अतः, बिना मनुष्य के ईश्वर का महत्त्व मिट जाएगा। कोई भी नाम लेनेवाला या पूजा-वंदना करनेवाला नहीं रहेगा। यहाँ मनुष्य और ईश्वर के बीच के अकाट्य संबंधों को दर्शाया गया है।

प्रश्न 4.
तुम्हारा शानदार लबादा गिर जाएगा
तुम्हारी कृपादृष्टि जो कभी मेरे कपोलों की
नर्म शय्या पर विश्राम करती थी
निराश होकर वह सुख खोजेगी
जो मैं उसे देता था
व्याख्या-
प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक के “मेरे बिना तुम प्रभु” नामक काव्य पाठ से ली गयी हैं। इन काव्य पंक्तियों के द्वारा मनुष्य और ईश्वर के बीच प्रगाढ़ संबंध को रेखांकित किया गया है।

कवि कहता है कि तुम्हारा नामरूपी शानदार लबादा सभी मनुष्यों ने धारण किया है वह गिर जाएगा। कहने का भाव यह है कि नाम लेनेवाला ही जब नहीं रहेगा तब तुम्हारा नाम स्वत: लुप्त हो जाएगा।

कवि कहता है कि ईश्वर की कृपादृष्टि सदैव मनुष्य को मिली है। उसके कपालों की नर्म : शय्या यानी कोमल मस्तिष्क में ईश्वर का नाम अंकित था। वह मस्तिष्क के भीतर विश्राम की अवस्था में विराजमान था। जब तुम्हारी कृपादृष्टि निराशा के कुहरे में ढंक जाएगी तब वह सुख के लिए व्यग्र हो उठेगी वह सुख अलभ्य हो जायेगा। कहने का मूल आशय यह है कि ईश्वर भक्ति में मनुष्य सृष्टिकाल से एकनिष्ठ भाव से लगा हुआ है। लेकिन यह भावना जब संशय के घेरे में फिर जायेगी तो क्या होगा? न ईश्वर रहेगा न मानव रहेगा। दोनों का अस्तित्व और महत्व समाप्त हो जायेगा।

कवि ने इन पंक्तियों में ईश्वर के नाम, उसकी कृपा दृष्टि और सुख-शांति के बीच जीने की ललक, चेष्टा को सूक्ष्मता से रेखांकित किया है।
उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में मनुष्य और ईश्वर के बीच सूक्ष्म संबंधों को व्याख्यायित किया गया है। आत्मा और परमात्मा के बीच के सूक्ष्म तत्वों की अगर ध्यान आकृष्ट किया जाता है।

प्रश्न 5.
दूर की चट्टानों की ठण्डी गोद में
सूर्यास्त के रंगों में घुलने का सुख।
व्याख्या-
प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक के “मेरे बिना तुम प्रभु” काव्य-पाठ से ली गयी हैं। इन पंक्तियों का संबंध कवि और प्रकृति के बीच के.सूक्ष्म संबंधों से है। कवि कहता है कि दूर-दूर तक चट्टानें जो पड़ी हुयी हैं वह गोद भी शीतलता से युक्त है। कहने का भाव यह है कि पत्थर भी पिघलकर तरलता में बदल सकते हैं और उनके भीतर संवेदना को जगाया जा सकता है। पाषाण में भी हृदय होता है। उनमें भी ऊष्मा और ठण्डापन विद्यमान रहता है।

सूर्यास्त के समय जो ललायी रहती उसके घुलनशील रूप का दर्शन मन मोह लेता है और एक अलग ही सुख प्रदान करता है। सूर्यास्त, सूर्य की ललिमायुक्त किरणों, पत्थरों में विद्यमान तरलता ईश्वर के रूप का दर्शन कराते हैं। इन चीजों में प्रकृति की मनोहर छवि का दर्शन होता है। यहाँ भी द्विअर्थी रूप दिखाई पड़ता है। अवसान के समय मनुष्य और ईश्वर दोनों का मिलन बिंदु ज्ञानवर्द्धक और यथार्थ का बोध कराता है। ठीक उसी प्रकार सूर्यास्त के समय प्रकाश की किरणें जो सुख देती हैं, वे चट्टानों में भी तरलता पैदा कर देती हैं। इन पंक्तियों में प्राकृतिक दृश्यों के सहारे मानवीय संवेदना, सुख, आनंद प्रकृति के साथ के संबंधों को उकेरा गया है।

प्रश्न 6.
प्रभु, प्रभु मुझे
आशंका होती है
मेरे बिना तुम क्या
करोगे?
व्याख्या-
प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक के “मेरे बिना तुम प्रभु” काव्य-पाठ से ली गयी हैं। इन पंक्तियों का प्रसंग प्रकृति और मनुष्य के बीच के अनन्य संघर्षों से है।
कवि कहता है कि हे प्रभु मेरे मन में संशय उठता है कि जब धरती पर इन्सान नहीं रहेगा तो तुम्हारी आवश्यकता रह जायेगी क्या? तुम्हारा महत्व घट जायेगा। मुझे तुम्हारे अस्तित्व पर संकट आ जाने के खतरे से घड़बड़ाहट हो रही है।

उपर्युक्त पाठ पंक्तियों में कवि ने ईश्वर के अस्तित्व पर ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। जब मानव रहेगा तभी ईश्वर का भी नाम रहेगा। बिना सृष्टि के सृजनकर्ता का क्या महत्वा सृष्टि और सृजनकर्ता दोनों का रहना आवश्यक है, आत्मा को परमात्मा से अलग नहीं किया जा सकता है।

उक्त पंक्तियों में नर की महत्ता के साथ नारायण की महत्ता का भी उल्लेख किया गया है। धरती जबतक रहेगी तबतक नर रहेगा और नर रहेगा तभी नारायण भी रहेंगे।

मेरे बिना तुम प्रभु कवि परिचय

रेनर मारिया रिल्के का जन्म 4 दिसंबर 1875 ई० में प्राग, ऑस्ट्रिया (अब जर्मनी) में हुआ था । इनके पिता का नाम जोसेफ रिल्के और माता का नाम सोफिया था । इनकी शिक्षा-दीक्षा अनेक बाधाओं को पार करते हुए हुई । इन्होंने प्राग और म्यूनिख विश्वविद्यालयों में शिक्षा पायी । कला और साहित्य में आरंभ से ही इनकी गहरी अभिरुचि थी। संगीत, सिनेमा आदि अनेक कलाओं में इनकी गहरी पैठ थी । कविता के अतिरिक्त इन्होंने गद्य भी पर्याप्त लिखा । इनका एक उपन्यास ‘द नोटबुक ऑफ माल्टे लॉरिड्स ब्रिज’ और ‘टेल्स ऑफ आलमाइटी’ कहानी संग्रह प्रसिद्ध हैं। इनके प्रमुख कविता संकलन हैं – ‘लाइफ एण्ड सोंग्स’, ‘लॉरेस सेक्रिफाइस’, ‘एडवेन्ट’ आदि । इनका निधन 29 दिसंबर 1926 ई० में हुआ।

रिल्के का रचनात्मक अवदान बहुत बड़ा है । इन्होंने आधुनिक यूरोप के साहित्य को अपने गहरे भावबोध तथा संवेदनात्मक भाषा और शिल्प से काफी प्रभावित किया। इनकी काव्य शैली गीतात्मक है और भावबोध में रहस्योन्मुखता है।

प्रसिद्ध हिंदी कविधर्मवीर भारती द्वारा भाषांतरित इस महान जन कवि की कविता यहाँ प्रस्तुत है । यह कविता विश्व कविता के भाषांतरित संकलन ‘देशांतर’ से ली गयी है । रिल्के का आधुनिक विश्व कविता पर प्रभाव बताया जाता है । रिल्के मर्मी इसाई कवियों जैसी पवित्र आस्था के आस्तिक कवि थे, जिनकी कविता में रहस्यवाद के आधुनिक स्वर सुने जाते हैं। प्रस्तुत कविता इस तथ्य की एक दुर्लभ साखी पेश करती है। बिना भक्त के भगवान भी एकाकी और निरुपाय हैं। उनकी भगवत्ता भी भक्त की सत्ता पर ही निर्भर करती है । व्यक्ति और विराट सत्य एक-दूसरे पर निर्भर हैं । प्रेम के धरातल पर अत्यंत पावनतापूर्वक यह कविता इस सत्य को अभिव्यक्त करती है।

मेरे बिना तुम प्रभु Summary in Hindi

पाठ का अर्थ

पाश्चात्य कवियों में रेनर मारिया रिल्के’ का नाम आसानी से लिया जा सकता है। इन्होंने आधुनिक यूरोप के साहित्य को अपने गहरे भावबोध तथा संवेदनात्मक भाषा और शिल्प से काफी प्रभावित किया है। इनकी काव्यशैली गीतात्मक है और भावबोध में रहस्योन्मुखता है।

यह कविता विश्व कविता के भाषांतरित संकलन ‘देशान्तर’ से ली गयी है। रिल्के का आधुनिक विश्व कविता पर प्रभाव बताया जाता है। भक्त और भगवान दोनों एक दूसरे का पूरक हैं। भक्त के बिना भगवान भी एकाकी और निरूपाय हैं। कवि कहना चाहता है कि भगवान की भगवता भी भक्त की सत्ता पर ही निर्भर करती है। भक्त ही ईश्वर की वृत्ति और वेश है। भक्त ही ईश्वर का चरण-पादुका है। वस्तुतः यहाँ कवि कहना चाहता है कि व्यक्ति और विराट सत्य एक-दूसरे पर निर्भर है। प्रेम के धरातल पर अत्यन्तं पावनता पूर्वक यह कविता इस सत्य को
अभिव्यक्त करती है।

शब्दार्थ

जलपात्र : पानी रखने का बर्तन
वृत्ति : प्रवृत्ति, कर्म-स्वभाव
निर्वासित : बेघर
पढुका : चप्पल, जूते, खड़ाऊँ आदि
लबादा : चोगा
कपाल : गाल
शय्या : बिस्तर

Bihar Board Class 7 Social Science Geography Solutions Chapter 5 बिन पानी सब सून

Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Geography Hamari Duniya Bhag 2 Chapter 5 बिन पानी सब सून Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Social Science Geography Solutions Chapter 5 बिन पानी सब सून

Bihar Board Class 7 Social Science बिन पानी सब सून Text Book Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 7 Social Science Solution प्रश्न 1.
पानी के कौन-कौन से स्रोत हैं ? सबसे बड़ा स्रोत कौन-सा है ? उसका उपयोग क्या है ?
उत्तर-
पानी के निम्नलिखित स्रोत हैं :

  1. भूमि के अन्दर का जल जिसे हम कुआँ या हैण्ड पम्प द्वारा प्राप्त करते हैं
  2. नदियाँ
  3. पहाड़ों पर के बर्फ, जो गल कर पानी बनते हैं और नदियों – में पहुँच जाते हैं ।
  4. तालाब
  5. झरना
  6. समुद्र।

पानी का सबसे बड़ा स्रोत समुद्र है । इसका उपयोग है कि उसमें बड़े-बड़े जहाज चलाकर उससे देश-विदेश से व्यापारिक सामान मंगाया और भेजा जाता है । समुद्र के जल से नमक बनाते हैं । समुद्र जल में मछलियाँ मिलती हैं, जो मछुआरों को रोजी और मांसाहारियों को भोजन देती हैं । समुद्र में शंख, सीपी, कौड़ी आदि-आदि अनेक सामान मिलते हैं । सीपी से मोती मिलता है । मूंगा भी समुद्र से ही मिलता है।

Bihar Board Class 7 Hamari Duniya Solution प्रश्न 2.
जमीन के नीचे का जल स्तर दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है। इसे बनाये रखने के लिये आप क्या-क्या कर सकते हैं?
उत्तर-
जमीन के नीचे जलस्तर को बनाये रखने के लिए हम गाँव के आस-पास तालाब और गढ़ा बनाएँगे । उसमें एकत्र जल में मछली पालन करेंगे और जरूरत के अनुसार सिंचाई भी करेंगे। इसी का पानी रिस-रिस कर जमीन में जाता रहेगा और नीचे का जल-स्तर बना रहेगा । वर्षा जल को एकत्र कर पाइपों के सहारे जमीन के अन्दर तक भेजा जा सकता है । इससे जलस्तर बना रहेगा। लेकिन यह काम सबको करना होगा । एक के करने से कुछ होनेवाला नहीं।

Bihar Board Class 7 Social Science Solution In Hindi प्रश्न 3.
आप अपने दैनिक जीवन में जल का कहाँ-कहाँ एवं कितना उपयोग करते हैं ? सूची बनाइए । इनमें कहाँ-कहाँ मितव्ययिता बरतकर इस उपयोग को कम कर सकते हैं ?
उत्तर-

  1. सबेरे शौच में – 5 लीटर
  2. स्नान में – 10 लीटर
  3. कपड़ा साफ करने में – 20 लीटर
  4. पीने में – 2 लीटर
  5. संध्या शौच में – 5 लीटर

इनमें से हम नहाने, कपड़ा साफ करने में कछ बचत कर सकते हैं । इस सभी पानी को बेकार नहीं जाने देंगे । इसको किसी बर्तन में एकत्र कर उससे फुलवारी की सिंचाई करेंगे, या घर की धुलाई करेंगे।

Bihar Board Class 7 Geography Book Solution प्रश्न 4.
पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 40 पर दिये गये चित्रों में से कौन-कौन सी आदत सही और कौन-कौन सही आदत गलत है और क्यों ?
उत्तर-
चित्र में लड़का बाल्टी में पानी निकाल कर नहा रहा है । यह अच्छी आदत है क्योंकि इससे पानी की बर्बादी नहीं होती।

दूसरे चित्र में नल को खोल कर छोड़ दिया गया है । बाल्टी में पारी भर कर बेकार बह रहा है । यह आदत गलत है, क्योंकि पानी की बरबादी हो रही है।

तीसरे चित्र में लड़का नल को खोल कर ब्रश कर रहा है और पानी बेकार गिर रहा है । यह आदत गलत है, क्योंकि पानी बरबाद हो रहा है।

नीचे चौथे चित्र और पाँचवें चित्र में भी लड़का बाल्टी में पानी लेकर नहा रहा है और एक लड़का लोटा में पानी लेकर दातून कर रहा है । ये दोनों आदतें अच्छी हैं, क्योंकि इन दोनों प्रत्रमों में पानी की बचत हो रही है।

Bihar Board Solution Class 7 Social Science प्रश्न 5.
गदि आपके घर में दो दिनों तक पानी न रहे तो सोचिये और सूची बनाइए कि आपको क्या-क्या परेशानियाँ होंगी?
उत्तर-
संबसे पहले तो मुझे शौच की परेशानी होगी । उन दोनों दिन हम नहा भी नहीं पाएंगे। भोजन बनाने के लिए कहीं दूर कएँ या हैंडपंप से पानी लाना पड़ेगा । उसी पानी से बरतन भी साफ किया जायेगा । कुल मिला-जुलाकर काफी कठिनाई होगी

Class 7 Social Science Bihar Board प्रश्न 6.
जल के वितरण को स्पष्ट कीजिए । जल का संरक्षण आवश्यक है, कैसे और क्यों ?
उत्तर-
पृथ्वी पर जल विचित्र रूप में वितरीत है । लगभग 71% जल तो समुद्र अपने गर्भ में रखे हुए है । यह जल न तो कृषि के काम आता है और ने पीने के । पीने योग्य जल केवल छत्रक, पहाड़ों पर के बर्फ भूमिगत जल, झील, नदियाँ, वायुमंडल के जल से कृषि कार्य तो होता ही है, पीने के काम भी आता है ।

ये ही जल मानवोपयोगी हैं। लेकिन इनका दोहन आसान नहीं। भूमिगत जल को कुआं खोद कर या हँड पंप धंसा कर पानी निकालते हैं। वायुमंडल के जल के लिये बादल बनने, फिर वर्षा होने तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है। छत्रक और पहाड़ों पर के बर्फ गर्मी आने पर ही गलते हैं और नदियों के माध्यम से हम तक पहुँचते हैं ।

नदियाँ भी हर गाँव में नहीं होती और उनसे भी जल निकालकर हर गाँव तक पहुँचाना एक कठिन कार्य है । सबसे आसानी से प्राप्त होनेवाला जल भूमि के अन्दर का जल है । तालाब का जल भी उपयोग करना आसान होता है । अतः हमें इन्हीं जलों को संरक्षिता करना चाहिए। भूमि के अन्दर जल की कमी न होने पाये या फिर बढ़ता जाय इसके लिए वर्षा जल को किसी तरकीब से भूमि के अन्दर तक पहुंचा दिया जाय ।

छत पर के वर्षा जल को पाइपों के सहारे भूमि के जल स्तर तक पहुँचा सकते हैं या तालाब और गड्ढों में जल एकत्र करेंगे जो धीरे-धीरे रीस-रीसं. कर भूमि के अन्दर जाते हैं। – यदि जल एक बार समाप्त हो जाय तो बहुत-बहुत दिनों तक प्रतीक्षा के बाद जल प्राप्त होता है । इसी कारण जल का संरक्षण आवश्यक है।

Bihar Board Class 7 Civics Book Solution प्रश्न 7.
प्रमुख महासागरों के नाम विश्व के नक्शे पर दर्शाइए ।
उत्तर-
विश्व में मुख्यतः चार महासागर हैं:

  1. हिन्द महासागर
  2. प्रशान्त महासागर
  3. अटलांटिक महासागर तथा
  4. आर्कटिक महासागर

Bihar Board Class 7 Social Science Solution

Geography Class 7 Chapter 5 प्रश्न 8.
भारत में मीठे पानी की झीलें कहाँ-कहाँ हैं ? पता कीजिए कि ये किस राज्य में अवस्थित हैं ?
उत्तर-
भारत में मीठे पानी की झीलें निम्नलिखित हैं :

  1. डल झील – श्रीनगर (जम्मू कश्मीर)
  2. नैनी झील – नैनी (उत्तराखंड)
  3. काँवर झील – बेगूसराय (बिहार)
  4. बरैला झील – लक्खीसराय (बिहार)

इसके अलावा बुलर झील, पिछोला झील, लूनर झील, कोलरू झील, फतेह सागर झील आदि मीठे पानी की झीलें हैं।

Bihar Board 7th Class Social Science Solution प्रश्न 9.
ज्वार भाटा क्या है ? ये किस प्रकार उत्पन्न होते हैं ?
उत्तर-
समुद्र का पानी जब ऊपर उठे और तटवर्ती भूमि को डूबी दे तो इसे ज्वार कहते हैं। फिर यह समुद्र जल कम होकर पीछे लौट जाय तब इसे भाटा कहते हैं । यह प्रतिदिन होता है। पहली बार ज्वार उठता है और बाद में भाटा होता है।

सूर्य और चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण के कारण महीना में दो बार ज्वार-भाटा आता जाता है। अर्द्ध मासिक ज्वार ऊँचा होता है, जिसके बल पर बड़े-बड़े जहाज आंतरिक पत्तनों तक पहुँच जाते हैं । फिर वह भाटा के समय लौटकर समुद्र में चले जाते हैं ।

Bihar Board Class 7 Hamari Duniya प्रश्न 10.
जल-चक्र किसे कहते हैं ?
उत्तर-
पृथ्वी पर अवस्थित जल का वाथ्य बनना, वाप्प से बादल बनना और फिर कारन का वर्षा रूप में बरसकर पृथ्वी पर पहुँचकर जल बनना आदि क्रिया को जल-चक्र कहते हैं । जल-चक्र का प्रक्रम सदैव चलते रहता है ।

Bihar Board Class 7 Hamari Duniya Solution

Bihar Board Class 7 Sst Solution प्रश्न 11.
समुद्र के जल में तैरना मुश्किल है । क्यों ?
उत्तर-
समुद्र के जल में हमेशा तरंगे उठती और गिरती रहती हैं । ऐसी स्थिति में तैराक अपने को सम्भाल नहीं पाता । अपने को संभालने की कोशिश में वह थक जाता है और कभी-कभी इसमें डूब भी जाता है । इसीलिये कहा .. गया है कि ‘समुद्र के जल में तैरना मुश्किल है।”

Bihar Board Class 7 History Book Solution प्रश्न 12.
समुद्र का जल खारा होता है । क्यों ?
उत्तर-
समुद्र का जल इसलिए खारा होता है, क्योंकि इसके एक लीटर पानी में 35 ग्राम नमक होता है । इसी कारण यह पानी पीने के काम नहीं आता । इसमें नमक की मात्रा बढ़ने का कारण है कि नदियाँ इसमें विभिन्न पदार्थों को पहुँचाते रहती हैं, जिनमें किचित नमक भी होता है । इधर समुद्र में वाष्पीकरण बराबर होते रहता है । इस कारण पानी तो उड़ जाता है और नमक एकत्र होते रहता है । यह प्रक्रम लाखों-लाख वर्ष से हो रहा है । फलतः समुद्र में पर्याप्त नमक एकत्र हो गया है

Class 7 Geography Chapter 5 प्रश्न 13.
भूगर्भीय जलस्तर में कमी आ रही है । क्यों ?
उत्तर-
विभिन्न कल-कारखानों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है । इन कारखानों में जल की खपत बढ़ती जा रही है। नगरों में पाइपों द्वारा जल का वितरण होता है । लापरवाही से नलकों को खुला छोड़ देते हैं । जहाँ एक लीटर जल का उपयोग करते हैं, वहीं 10 लीटर बेकार बहा देते हैं। पहले जहाँ एक लोटा जल से शौच कर्म पूरा हो जाता था, वहीं अब फ्लश के कारण 5 से 10 लीटर तक जल खर्च करना पड़ता है। इधर भूगर्भीय जल का उपयोग तो बढ़ा लेकिन भू-गर्भीय जल के स्तर को बचाये रखने या ऊपर करने का प्रयत्न नहीं हुआ । ये ही कारण हैं कि भूगर्भीय जल में कमी आ रही है।

Bihar Board Class 7 History Solution In Hindi प्रश्न 14.
वाटर हार्वेस्टिंग कैसे करेंगे ?
उत्तर-
वर्षा के पानी को एकत्र कर किसी प्रक्रम द्वारा जमीन के अन्दर पहुँचाकर हम ‘वाटर हार्वेस्टिंग’ कर सकते हैं । वर्षा जल को छतों पर एकत्र कर पाइपों के सहारे जमीन में जलस्तर तक पहुँचाया जा सकता है । गाँवों में गड्ढा, तालाब आदि खोद कर उसमें वर्षा जल एकत्र करेंगे। इससे धीरे-ध रे रिसकर पानी जलस्तर तक पहुँचता रहंगा । यही है वाटर हार्वेस्टिंग ।

Bihar Board Class 7 Civics Solution प्रश्न 15.
आप फुटबॉल के खिलाड़ी हैं, क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर कहते हैं कि पानी बचाइए । क्या आप उनकी बात मानेंगे और क्यों ?
उत्तर-
हाँ, हम मानेंगे । क्योंकि यह सबके हित की बात है।

Bihar Board Class 7th Social Science Solution प्रश्न 16.
ज्वार-भाटा से क्या-क्या लाभ और नुकसान हैं। सूची बनाकर कक्षा में प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर-
ज्वार-भाटा से लाभ-

  1. मछलियाँ तट के निकट आ जाता है
  2. शंख सोपी, बांधा. कौड़ियां रहती है
  3. आंतरिक पत्तनों तक जहाज आ जाता है

ज्वार-भाटा से नुकसान-

  1. लोगों के सामान बहा ले जाती हैं
  2. आर्थिक नुकसान की आशंका मिलती हैं
  3. कभी-कभी अनजान लोग बह जाते हैं आ जाते हैं

प्रश्न 17.
पानी के उपयोग से संबंधित अच्छी आदतों संबंधी अखबार को इकट्ठा कीजिए और स्क्रैप बक बनाकर कक्षा में प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर-
संकेत : यह परियोजना कार्य है । छात्र स्वयं करें ।

प्रश्न 18
सही विकल्प पर सही (✓) का निशान लगाएँ:

प्रश्न (i)
पृथ्वी पर जनमंडल का हिस्सा है:
(क) 51
(ख) 41
(ग) 71
(घ) 29
उत्तर-
(ग) 71

प्रश्न (ii)
मुम्बई किस सागर के किनारे स्थित है :
(क) हिन्द महासागर
(ख) अरब सागर
(ग) आकर्टिक महासागर
(घ) फतेह सागर
उत्तर-
(ख) अरब सागर

प्रश्न (iii)
चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण से जल ऊँचाई की ओर बढ़ता है । यह स्थिति कहलाती है:
(क) भाटा
(ख) ज्वार
(ग) ग्रहण
(घ) तरंगे
उत्तर-
(ख) ज्वार

प्रश्न (iv)
इनमें से कौन झील है :
(क) काला सागर
(ख) लाल सागर
(ग) फतेह सागर
(घ) अरब सागर
उत्तर-
(ग) फतेह सागर

Bihar Board Class 7 Social Science बिन पानी सब सून Notes

पाठ का सार संक्षेप

ऐसी आशंका है कि आनेवाले दिनों में पीने योग्य पानी की भारी कमी हो सकती है । वैसे देखा जाये तो पृथ्वी का 71% भाग पानी से ढंका है, किन्तु वह पानी इतना खारा होता है कि उसे हम पी नहीं सकते । पृथ्वी पर मात्र 0.3% ही पानी ऐसा है, जिससे हम अपनी प्यास बुझा सकते हैं और अन्य कार्यकलाप सम्पन्न कर सकते हैं ।

इसके अलावा जो पानी है वह ऐसे स्थानों पर है, जिसका दोहन हम नहीं कर सकते । ऐसी स्थिति में पानी को बचाकर ही उपयोग करना बुद्धिमानी है । पृथ्वी के अंदर का पानी नीचे भागा जा रहा है। यदि वर्षा जल को हम किसी हिकमत से जमीन के अन्दर पहुँचा सकें तो सबके लिये अच्छा होगा । हम देखते हैं कि वर्षा जल यों ही बहकर समुद्र में चला जाता है । हमें इसे किसी प्रकार रोकना चाहिए । जो पानी तालाबों, गढ्ढों आदि में जमा होता है, वह भी सूर्य के प्रकाश से सूख जाता है

इस कारण हमें चापाकल या कुएँ के पानी को इस हिसाब से व्यय करना चाहिए कि उसकी बर्बादी नहीं होने पाये । शहर में नलकों द्वारा पानी वितरित किया जाता है । हमें इसे भी बचाकर व्यय करना चाहिए ।

वाटर हार्वेस्टिंग प्रक्रम द्वारा हम भूमिगत जल को बचा सकते हैं । तात्पर्य है कि हमारे द्वारा उपयोग किया गया पानी किसी प्रकार पृथ्वी के अन्दर पहुँचा दिया जाय । इससे पृथ्वी के अन्दर जल की कमी नहीं होने पायेगी।

भारत में अनेक झीलें हैं, जिनका पानी मीठा होता है । लेकिन इन झीलों का लाभ यहाँ के निवासियों को ही मिल पाता है । कुछ झीलें नमकीन पानी भी की हैं, जिससे नमक बनता है । समुद्र के जल से नमक तो बनता ही है।

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 1 मनोवैज्ञानिक गुणों में विभिन्नताएँ

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 1 मनोवैज्ञानिक गुणों में विभिन्नताएँ Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 1 मनोवैज्ञानिक गुणों में विभिन्नताएँ

Bihar Board Class 12 Psychology मनोवैज्ञानिक गुणों में विभिन्नताएँ Textbook Questions and Answers

मनोवैज्ञानिक गुणों में विभिन्नताएं Bihar Board प्रश्न 1.
किस प्रकार मनोवैज्ञानिक बुद्धि का लक्षण और उसे परिभाषित करते हैं?
उत्तर:
मनोवैज्ञानिकों द्वारा बुद्धि के स्वरूप को बिल्कुल भिन्न ढंग से समझ जाता है। अल्फ्रेडं बिने बुद्धिं के विषय पर शोधकार्य करने वाले पहले मनोवैज्ञानिकों में से एक थे। उन्होंने बुद्धि को अच्छा निर्णय लेने की योग्यता और अच्छा तर्क प्रस्तुत करने की योग्यता के रूप में परिभाषित किया। वेश्लर जिनका बनाया गया बुद्धि परीक्षण बहुत व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, ने बुद्धि को उसकी प्रकार्यात्मकता के रूप में समझा अर्थात् उन्होंने पर्यावरण के प्रति अनुकूलित होने में बुद्धि के मूल्य को महत्त्व प्रदान किया।

वेश्लर के अनुसार बुद्धि व्यक्ति की वह समग्र क्षमता है जिसके द्वारा व्यक्ति सविवेक चिंतन करने, सोद्देश्य व्यवहार करने तथा अपने पर्यावरण से प्रभावी रूप से निपटने में समर्थ होता है। कुछ अन्य मनोवैज्ञानिकों, जैसे-गार्डनर और स्टर्नबर्ग का सुझाव है कि एक बुद्धिमान व्यक्ति न केवल अपने पर्यावरण से अनुकूलन करता है बल्कि उनमें सक्रियता से परिवर्तन और परिमार्जन भी करता है।

Psychology Class 12 Notes In Hindi Bihar Board प्रश्न 2.
किस सीमा तक हमारी बुद्धि आनुवंशिकता (प्रकृति) और पर्यावरण (पोषण) का परिणाम है? विवेचना कीजिए।
उत्तर:
बुद्धि पर आनुवंशिकता के प्रभावों के प्रमाण मुख्य रूप से यमज या जुड़वाँ तथा दत्तक बच्चों के अध्ययन से प्राप्त होता है। साथ-साथ पाले गए समरूप जुड़वाँ बच्चों की बुद्धि में 0.90 सहसंबंध पाया गया है। बाल्यावस्था में अलग-अलग करके पाले गए जुड़वाँ बच्चों की बौद्धिक, व्यक्तित्व तथा व्यवहारपरक विशेषताओं में पर्याप्त समानता दिखाई देती है।

अलग-अलग पर्यावरण में पाले गए समरूप जुड़वाँ बच्चों की बुद्धि में 0.72 सहसंबंध है, साथ-साथ पाले गए भ्रातृ जुड़वाँ बच्चों की बुद्धि में लगभग 0.60 सहसंबंध, साथ-साथ पाले गए भाई-बहनों की बुद्धि में 0.50 सहसंबंध तथा अलग-अलग पाले गए सहोदरों की बुद्धि में 0.25 सहसंबंध पाया गया है। इस संबंध में अन्य प्रमाण दत्तक बच्चों के उन अध्ययन से प्राप्त हुए हैं जिनमें यह पाया गया है कि बच्चों की बुद्धि गोद लेने वाले माता-पिता की अपेक्षा जन्म देने वाले माता-पिता के अधिक समान होती है।

बुद्धि पर पर्यावरण के प्रभावों के संबंध में किए गए अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि जैसे-जैसे बच्चों की आयु बढ़ती जाती है उनका बौद्धिक स्तर गोद लेने वाले माता-पिता की बुद्धि के स्तर के निकट पहुँचता जाता है। सुविधाचित परिस्थितियों वाले घरों के जिन बच्चों को उच्च सामाजिक-आर्थिक स्थिति के परिवारों द्वारा गोद ले लिया जाता है उनकी बुद्धि प्राप्तांकों में अधिक वृद्धि दिखाई देती है।

यह इस बात का प्रमाण है कि पर्यावरण वंचन बुद्धि के विकास को घटा देता है जबकि प्रचुर एवं समृद्ध पोषण, अच्छी पारिवारिक पृष्ठभूमि तथा गुणवत्तायुक्त शिक्षा-दीक्षा बुद्धि में कर देता है। सामान्यतया सभी मनोवैज्ञानिकों की इस तथ्य पर सहमति है कि बुद्धि आनुवंशिकता (प्रकृति) तथा पर्यावरण (पोषण) की जटिल अंत:क्रिया का परिणाम होती है। आनुवंशिकता द्वारा किसी व्यक्ति की बुद्धि की परिसीमाएँ तय हो जाती हैं और बुद्धि का विकास, उस परिसीमन के अंतर्गत पर्यावरण में उपलभ्य अवलंबों और अवसरों द्वारा निर्धारित होता है।

Psychology Class 12 Chapter 1 In Hindi Bihar Board प्रश्न 3.
गार्डनर के द्वारा पहचान की गई बहु-बुद्धि की संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
गार्डनर के बहु-बुद्धि का सिद्धांत प्रस्तुत किया गया। उनके अनुसार बुद्धि एक तत्त्व नहीं है बल्कि कई भिन्न-भिन्न प्रकार की बुद्धियों का अस्तित्व होता है। प्रत्येक बुद्धि एक-दूसरे से स्वतंत्र रहकर कार्य करती है। इसका अर्थ यह है कि यदि किसी व्यक्ति में किसी एक बुद्धि की मात्रा अधिक है तो यह अनिवार्य रूप से इसका संकेत नहीं करता कि उस व्यक्ति में किसी-किसी समस्या का समाधान खोजने के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार की बुद्धियाँ आपस में अंत:क्रिया करते हुए साथ-साथ कार्य करती हैं। अपने-अपने क्षेत्रों में असाधारण योग्यताओं का प्रदर्शन करने वाले अत्यन्त. प्रतिभाशाली व्यक्तियों के आधार पर गार्डनर ने बुद्धि को आठ प्रकाः में विभाजित किया।

ये आठ प्रकार की बुद्धि इस प्रकार से हैं –

1. भाषागत (Linguistic) (भाषा के उत्पादन और उपयोग के कौशल):
यह अपने विचारों को प्रकट करने तथा दूसरे व्यक्तियों के विचारों को समझने हेतु प्रवाह तथा नम्यता के साथ भाषा का उपयोग करने की क्षमता है। जिन व्यक्तियों में यह बुद्धि अधिक होती है वे ‘शब्द-कुशल’ होते हैं। ऐसे व्यक्ति शब्दों के भिन्न-भिन्न अर्थों के प्रति संवेदनशील होते हैं, अपने मन में भाषा के बिम्बों का निर्माण कर सकते हैं और स्पष्ट तथा परिशुद्ध भाषा का उपयोग करते हैं। लेखकों तथा कवियों में यह बुद्धि अधिक मात्रा में होती है।

2. तार्किक-गणितीय (Logical-mathematical) (वैज्ञानिक चिंतन तथा समस्या समाधान के कौशल):
इस प्रकार की बुद्धि की अधिक मात्रा रखने वाले व्यक्ति तार्किक तथा आलोचनात्मक चिंतन कर सकते हैं। वे अमूर्त तर्कना कर लेते हैं और गणितीय समस्याओं के हल के लिए प्रतीकों का प्रहसन अच्छी प्रकार से कर लेते हैं। वैज्ञानिकों तथा नोबेल पुरस्कार विजेताओं में इस प्रकार की बुद्धि अधिक पाई जाने की संभावना रहती है।

3. देशिक (Spatial) (दृश्य बिंब तथा प्रतिरूप निर्माण के कौशल):
यह मानसिक बिम्बों को बनाने, उनका उपयोग करने तथा उनमें मानसिक धरातल पर परिमार्जन करने की योग्यता है। इस बुद्धि को अधिक मात्रा में रखने वाला व्यक्ति सरलता से देशिक सूचनाओं को अपने मस्तिष्क में रख सकता है। विमान-चालक, नाविक, मूर्तिकार, चित्रकार, वास्तुकार, आंतरिक साज-सज्जा के विशेषज्ञ, शल्य-चिकित्सक आदि में इस बुद्धि के अधिक पाए जाने की संभावना होती है।

4. संगीतात्मक (Musical) (सांगीतिक लय तथा अभिरचनाओं के प्रति संवेदनशीलता):
सांगीतिक अभिरचनाओं को उत्पन्न करने, उनका सर्जन तथा प्रहस्तन करने की क्षमता सांगीतिक योग्यता कहलाती है। इस बुद्धि की उच्च मात्रा रखने वाले लोग ध्वनियों और स्पंदनों तथा ध्वनियों की नई अभिरचनाओं के सर्जन के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।

5. शारीरिक-गतिसंवेदी (Bodily-kinaesthetic)(संपूर्ण शरीर अथवा उसके किसी अंग की लोच का उपयोग करना तथा उसमें सर्जनात्मकता प्रदर्शित करना):
किसी वस्तु अथवा उत्पाद के निर्माण के लिए अथवा मात्र शारीरिक प्रदर्शन के लिए संपूर्ण शरीर अथवा उसके किसी एक अथवा एक से अधिक अंग की लोच तथा पेशीय कौशल की योग्यता शारीरिक गतिसंवेदी योग्यता कही जाती है। धावकों, नर्तकों, अभिनेताओं / अभिनेत्रियों, खिलाड़ियों, जिमनास्टों तथा शल्य-चिकित्सकों में इस बुद्धि की अधिक मात्रा पाई जाती है।

6. अंतर्वैयक्तिक (Interpersonal) (दूसरे व्यक्तियों के सूक्ष्म व्यवहारों के प्रति संवेदनशील):
इस योग्यता द्वारा व्यक्ति दूसरे व्यक्तियों की अभिप्रेरणाओं या उद्देश्यों, भावनाओं तथा व्यवहारों का सही बोध करते हुए उनके साथ मधुर संबंध स्थापित करता है। मनोवैज्ञानिक, परामर्शदाता, राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता तथा धार्मिक नेता आदि में उच्च अंतर्वैयक्तिक बुद्धि पाए जाने की संभावना होती है।

7. अंत:व्यक्ति (Intraperson) (अपनी निजी भावनाओं, अभिप्रेरणाओं तथा इच्छाओं की अभिज्ञता):
इस योग्यता के अंतर्गत व्यक्ति को अपनी शक्ति तथा कमजोरियों का ज्ञान उस ज्ञान का दूसरे व्यक्तियों के साथ सामाजिक अंत:क्रिया में उपयोग करने का ऐसा कौशल सम्मिलित है जिससे वह अन्य व्यक्तियों से प्रभावी संबंध स्थापित करता है। इस बुद्धि की अधिक मात्रा रखने वाले व्यक्ति अपनी अनन्यता या पहचान, मानव अस्तित्व और जीवन के अर्थों को समझने में अति संवेदनशील होते हैं। दार्शनिक तथा आध्यात्मिक नेता आदि में इस प्रकार की उच्च बुद्धि रखी जा सकती है।

8. प्रकृतिवादी (Naturalistic)(पर्यावरण के प्राकृतिक पक्ष की विशेषताओं के प्रति संवेदनशीलता):
इस बुद्धि का तात्पर्य प्राकृतिक पर्यावरण से हमारे संबंधों का पूर्ण अभिनता से है। विभिन्न पशु-पक्षियों तथा वनस्पतियों के सौंदर्य का बोध करने में तथा प्राकृतिक पर्यावरण में सूक्ष्म विभेद करने में यह बुद्धि सहायक होती है। शिकारी, किसान, पर्यटक, वनस्पति-विज्ञानी, प्राणीविज्ञानी और पक्षीविज्ञानी आदि में प्रकृतिवादी बुद्धि अधिक मात्रा में होती है।

Class 12 Psychology Notes In Hindi Bihar Board प्रश्न 4.
किस प्रकार त्रिचापीय सिद्धांत बुद्धि को समझने में हमारी सहायता करता है?
उत्तर:
रॉबर्ट स्टेनबर्ग ने बुद्धि का त्रिचापीय सिद्धांत प्रस्तुत किया। स्टेनबर्ग के अनुसार बुद्धि वह योग्यता है जिससे व्यक्ति अपने पर्यावरण के प्रति अनुकूलित होता है। अपने तथा अपने समाज और संस्कृति के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु पर्यावरण के कुछ पक्षों का चयन करता है और उन्हें परिवर्तित करता है। इस सिद्धांत के अनुसार मूल रूप से बुद्धि तीन प्रकार की होती है-घटकीय, आनुभाविक तथा सांदर्भिक।

1. घटकीय बुद्धि (Componential intelligence):
घटकीय या विश्लेषणात्मक बुद्धि द्वारा व्यक्ति किसी समस्या का समाधन करने के लिए, प्राप्त सूचनाओं का विश्लेषण करता है। इस बुद्धि की अधिक मात्रा रखने वाले लोग विश्लेषणात्मक तथा आलोचनात्मक ढंग से सोचते हैं और विद्यालय में सफलता प्राप्त करते हैं। इस बुद्धि के भी तीन अलग-अलग घटक होते हैं जो अलग-अलग कार्य करते हैं।

पहला घटक ज्ञानार्जन से संबंधित होता है जिसके द्वारा व्यक्ति अधिगम करता है तथा विभिन्न कार्यों को करने की विधि का ज्ञान प्राप्त करता है। दूसरा घटक एक उच्चस्तरीय घटक होता है जिसके द्वारा व्यक्ति योजनाएँ बनाता है कि उसको क्या करना है और कैसे करना है। तीसरा घटक निष्पादन से संबंधित होता है। इस बुद्धि द्वारा व्यक्ति किसी कार्य का वास्तव में निष्पादन करता है।

2. आनुभाविक बुद्धि (Experiential intelligence):
आनुभाविक या सर्जनात्मक बुद्धि वह बुद्धि है जिसके द्वारा व्यक्ति किसी नई समस्या के समाधान हेतु अपने पूर्व अनुभवों का सर्जनात्मक रूप से उपयोग करता है। यह बुद्धि सर्जनात्मक निष्पादन में प्रदर्शित होती है। इस बुद्धि की उच्च मात्रा रखने वाले लोग विगत अनुभवों को मौलिक रूप में समाकलित करते हैं तथा समस्या के मौलिक समाधान खोजते हुए आविष्कार करते हैं। किसी विशेष स्थिति में वे तुरंत समझ जाते हैं कि कौन-सी सूचना अधिक निर्णायक होगी।

3. सांदर्भिक बुद्धि (Contextual intelligence):
सांदर्भिक या व्यावहारिक वह बुद्धि है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन में आने वाली पर्यावरणीय माँगों से निपटता है। इसे आप व्यावहारिक बुद्धि या व्यावसायिक समझ कह सकते हैं। इस बुद्धि की अधिक मात्रा रखने वाले व्यक्ति अपने वर्तमान पर्यावरण से शीघ्र अनुकूलित हो जाते हैं या फिर अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप पर्यावरण में वांछित परिवर्तन कर लेते हैं। इस प्रकार ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में सफल होते हैं। स्टर्नबर्ग की त्रिपाचीय सिद्धांत बुद्धि को समझने के लिए सूचना प्रक्रमण उपागम के अंतर्गत आने वाले सिद्धांतों का एक प्रतिनिधि सिद्धांत है।

Psychology 12th Bihar Board प्रश्न 5.
“प्रत्येक बौद्धिक क्रिया तीन तंत्रकीय तंत्रों के स्वतंत्र कार्यों को सम्मिलित करती है।” पास मॉडल के संदर्भ में उक्त कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
बुद्धि के पास मॉडल को जे० पी० दास जैक नागलीरी तथा किर्बी ने विकसित किया। इस मॉडल के अनुसार बौद्धिक क्रियाएँ अन्योन्याश्रित तीन तंत्रिकीय या स्नायुविक तंत्रों की क्रियाओं द्वारा संपादित होती है। इन तीन तंत्र को मस्तिष्क की तीन प्रकार्यात्मक इकाई कहा जाता है। ये तीन इकाई क्रमशः भाव प्रबोधन/अवधान, कूट संकेतन या प्रक्रमण और योजना निर्माण का कार्य करती हैं।

1. भाव प्रबोधन/अवधान (Arousalattention):
भाव प्रबोधन की दशा किसी भी व्यवहार के मूल में होती है क्योंकि यही किसी उद्दीपक की ओर हमारा ध्यान आकर्षित कराती है। भाव प्रबोधन तथा अवधान ही व्यक्ति को सूचना का प्रक्रमण करने के योग्य बनाता है। भाव प्रबोधन के इष्टतम स्तर के कारण हमारा ध्यान किसी समस्या के प्रासंगिक पक्षों की ओर आकृष्ट होता है। भाव प्रबोधन का बहुत अधिक होना अथवा बहुत कम होना अवधान को बाधित करता है। उदाहरण के लिए, जब अध्यापक कहते हैं कि अमुक दिन सबकी एक परीक्षा ली जाएगी तो छात्रों का भाव प्रबोधन बढ़ जाता है और वे प्रबोधन उनके ध्यान को प्रासंगिक अध्यायों की विषय-वस्तुओं को पढ़ने, दोहराने तथा सीखने के लिए अभिप्रेरित करता है।

2. सहकालिक तथा आनुक्रमिक प्रक्रमण (Simultaneous and sucessive processing):
अपने ज्ञान भंडार में सूचनाओं का समाकलन सहकालिक अथवा आनुक्रमिक रूप से कर सकते हैं। विभिन्न संप्रत्ययों को समझने के लिए उनके पारस्परिक संबंधों का प्रत्यक्षण करते हुए उनको एक सार्थक प्रतिरूप में समाकलित करते समय सहकालिक प्रक्रमण होता है। उदाहरण के लिए, रैवेन्स प्रोग्रेसिव मैट्सेिस (आर० पी० एम०) परीक्षण में परीक्षार्थी को एक अपूर्ण अभिकल्प या डिजाइन दिखाया जाता है और उसे दिए गए छः विकल्पों में से उस विकल्प को चुनना होता है जिससे अपूर्ण अभिकल्प पूरा हो सके। सहकालिक प्रक्रमण द्वारा दिए गए अमूर्त चित्रों के पारस्परिक संबंधों को समझने में सहायता मिलती है। आनुक्रमिक प्रक्रमण उस समय होता है ताकि उस सूचना का पुनःस्मरण की अपने बादवाली सूचना का पुनःस्मरण करा देता है। गिनती सीखना, वर्णमाला सीखना, गुणन सारणियों को सीखना आदि आनुक्रमिक प्रक्रमण के उदाहरण हैं।

3. योजना (Planning):
योजना बुद्धि का एक आवश्यक अभिलक्षण है। जब किसी सूचना की प्राप्ति और उसके पश्चात् उसका प्रक्रमण हो जाता है तो योजना सक्रिय हो जाती है। योजना के कारण हम क्रियाओं के समस्त संभावित विकल्पों के बारे में सोचने लगते हैं, लक्ष्य की प्राप्ति हेतु योजना को कार्यान्वित करते हैं तथा कार्यान्वयन से उत्पन्न परिणामों को प्रभाविता का मूल्यांकन करते हैं। यदि कोई योजना इष्ट फलदायक नहीं होती तो हम कार्य या स्थिति की माँग के अनुरूप उसमें संशोधन करते हैं।

उदाहरण के लिए, यदि अध्यापक छात्रों की परीक्षा लेने वाले हैं तो छात्रों को इसकी योजना बनाते हुए लक्ष्य निर्धारित करना होता है। छात्र पढ़ने के लिए एक समय सारणी बना लेते हैं। अध्याय में कोई समस्या आने पर उसका स्पष्टीकरण कराते हैं। फिर भी उन्हें परीक्षा के लिए नियत अध्याय को समझने में कठिनाई आती है तो वे अन्य मार्ग खोजने लगते हैं। संभव है कि वे अपने अध्ययन का समय बढ़ाकर या किसी मित्र के साथ अध्ययन करके अपने लक्ष्य को पाने का प्रयास करने लगे। उपर्युक्त तीनों पास (Pass) प्रक्रियाएँ औपचारिक रूप से (पढ़ने, लिखने तथा प्रयोग करने) अथवा पर्यावरण से अनौपचारिक रूप से संकलित ज्ञान के भंडार पर कार्य करती हैं। इन प्रक्रियाओं का स्वरूप अंत:क्रियात्मक तथा गतिशील होता है। इसके बावजूद इनके अपने स्वतंत्र अस्तित्व तथा विशिष्ट प्रकार्य होते हैं।

Psychology Class 12 Chapter 1 Question Answers In Hindi प्रश्न 6.
क्या बुद्धि के संप्रत्ययीकरण में कुछ सांस्कृतिक भिन्नताएँ होती हैं?
उत्तर:
संस्कृति रीति-रिवाजों, विश्वासों, अभिवृत्तियों तथा कला और साहित्य में उपलब्धियों की एक सामूहिक व्यवस्था को कहते हैं। इन सांस्कृतिक प्राचालों के अनुरूप ही किसी व्यक्ति की बुद्धि के ढलने की संभावना होती है। अनेक सिद्धांतकार बुद्धि को व्यक्ति की विशेषता सिद्धांतों में संस्कृति की अनन्य विशेषताओं को भी स्थान मिलने लगा है। स्टर्नबर्ग के सांदर्भिक अथवा व्यावहारिक बुद्धि का यह अर्थ है कि बुद्धि संस्कृति का उत्पाद होती है। वाइगॉट्स्की का भी विश्वास था कि व्यक्ति की तरह संस्कृति का भी अपना एक जीवन होता है, संस्कृति का भी विकास होता है और उसमें परिवर्तन होता है। इसी प्रक्रिया में संस्कृति ही यह निर्धारित करती है कि अंततः किसी व्यक्ति क बौद्धिक विकास किस प्रकार का होगा। वाइगॉट्स्की के अनुसार, कुछ प्रारंभिक मानसिक प्रक्रियाएँ, (जैसे-रोना, माता की आवाज की ओर ध्यान देना, सूंघना, चलना, दौड़ना आदि) सर्वव्यापी होती है, परन्तु उच्च मानसिक प्रक्रियाएं, जैसे-समस्या का समाधान करने तथा चिंतन करने आदि की शैलियाँ मुख्यतः संस्कृति का प्रतिफल होती है।

तकनीकी रूप से विकसित समाज के व्यक्ति ऐसी बाल-पोषण नीतियाँ अपनाते हैं जिससे बच्चों में सामान्यीकरण तथा अमूर्तकरण, गति, न्यूनतम प्रयास करने तथा मानसिक स्तर पर वस्तुओं का प्रहस्तन करने की क्षमता विकसित हो सके। ऐसे समाज बच्चों में एक विशेष प्रकार के व्यवहार के विकास को बढ़ावा देते हैं जिसे हम तकनीक-बुद्धि (Technological intelligence) कह सकते हैं। ऐसे समाजों में व्यक्ति अवधान देने, प्रेक्षण करने, विश्लेषण करने, अच्छा निष्पादन करने, तेज काम करने तथा उपलब्धि की ओर उन्मुख रहने आदि कौशलों में दक्ष होते हैं । पश्चिमी संस्कृतियों में निर्मित किए गए बुद्धि परीक्षणों में विशुद्ध रूप से व्यक्ति के इन्हीं कौशलों की परीक्षा की जाती है।

एशिया तथा अफ्रीका के अनेक समाजों में तकनीकी बुद्धि को उतना महत्त्व नहीं दिया जाता है। एशिया तथा अफ्रीका की संस्कृतियों में पश्चिमी देशों की अपेक्षा पूर्णतः भिन्न गुणों तथा कौशलों को बुद्धि का परिचायक माना जाता है। गैर-पश्चिमी संस्कृतियों में व्यक्ति की अपनी संज्ञानात्मक सक्षमता के साथ-साथ उसमें समाज के दूसरे व्यक्तियों के साथ सामाजिक संबंध बनाने के कौशलों को भी बुद्धि का लक्षण माना जाता है। कुछ गैर-पश्चिमी समाजों में समाज-केन्द्रित तथा सामूहिक उन्मुखता पर बल दिया जाता है जबकि पश्चिमी समाजों में निजी उपलब्धियों तथा व्यक्तिपरक उन्मुखता को अधिक महत्त्वपूर्ण माना जाता है। यद्यपि पश्चिम के सांस्कृतिक प्रभावों के कारण अब यह भिन्नता धीरे-धीरे समाप्त हो रही है।

Psychology 12th Notes In Hindi Bihar Board प्रश्न 7.
बुद्धि-लब्धि क्या है? किस प्रकार मनोवैज्ञानिक बुद्धि-लब्धि प्राप्तांकों के आधार पर लोगों को वर्गीकृत करते हैं?
उत्तर:
बुद्धि-लब्धि:
किसी व्यक्ति की मानसिक आयु के उसकी कालानुक्रमिक आयु से भाग देने के बाद उसको 100 से गुणा करने से उनकी बुद्धि-लब्धि प्राप्त हो जाती है।

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मनोवैज्ञानिक बुद्धि-लब्धि प्राप्तांकों के आधार पर लोगों को वर्गीकृत करते हैं। इसे निम्न तालिका द्वारा समझा जा सकता है –

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 1 मनोवैज्ञानिक गुणों में विभिन्नताएँ img 2

उपर्युक्त तालिका से स्पष्ट है कि जनसंख्या के लगभग 2 प्रतिशत व्यक्तियों की बुद्धि-लब्धि 130 से अधिक होती है और उतने ही प्रतिशत व्यक्तियों की बुद्धि-लब्धि 70 से कम होती है। पहले वर्ग के लोगों को बौद्धिक रूप से प्रतिभाशाली कहा जाता है जबकि दूसरे वर्ग के लोगों को मानसिक रूप से चुनौतीग्रस्त या मानसिक रूप से मंदित कहा जाता है। ये दोनों वर्ग अपनी संज्ञानात्मक, संवेगात्मक तथा अभिप्रेरणात्मक विशेषताओं में सामान्य लोगों की अपेक्षा पर्याप्त भिन्न होते हैं।

Psychology Class 12 Chapter 1 Notes In Hindi Bihar Board प्रश्न 8.
किस प्रकार शब्दिक और निष्पादन बुद्धि परीक्षणों में भेद कर सकते हैं? अथवा, सांवेगिक बुद्धि पर संक्षिप्त में एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
शाब्दिक परीक्षणों में परीक्षार्थी को मौखिक अथवा लिखित रूप में शाब्दिक अनुक्रियाएँ करनी होती हैं। इसलिए शाब्दिक परीक्षण केवल साक्षर व्यक्तियों को ही दिया जा सकता है। निष्पादन परीक्षण में कोई कार्य संपादित करने के लिए कुछ वस्तुओं या अन्य सामग्रियों का प्रहस्तन करना होता है। एकांशों का उत्तर देने के लिए लिखित भाषा के उपयोग की आवश्यकता नहीं होती। उदाहरण के लिए कोह (Kohs) के ब्लॉक-डिजाइन परीक्षण (Block design test) में लकड़ी के कई घनाकर गुटके होते हैं परीक्षार्थी को दिए गए समय के अंतर्गत गुटकों को इस प्रकार बिछाना होता है कि उनसे दिया गया डिजाइन बन जाए। निष्पादन परीक्षणों का एक लाभ यह है कि उन्हें भिन्न-भिन्न संस्कृतियों के व्यक्तियों को आसानी से दिया जा सकता है।

प्रश्न 9.
सभी व्यक्तियों में समान बौद्धिक क्षमता समान नहीं होती। कैसे अपनी बौद्धिक योग्यताओं में लोग एक-दूसरे से भिन्न होते हैं? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सभी व्यक्तियों में समान बौद्धिकता समान नहीं होती। कुछ व्यक्ति असाधारण रूप से तीव्र बुद्धि वाले होते हैं तथा कुछ औसत से कम बुद्धि वाले। ऐसे व्यक्ति जिनमें बौद्धिक न्यूनता होती है उन्हें मानसिक रूप से मंदित कहा जाता है। जिन व्यक्तियों को मानसिक रूप से मंदित के समूह में वर्गीकृत किया जाता है उनकी योग्यताओं में भी पर्याप्त भिन्नताएँ दिखाई पड़ती है। उनमें कुछ व्यक्तियों को विशेष ध्यान देकर साधारण प्रकार के कार्य करना सिखाया जा सकता है।

परन्तु कुछ ऐसे व्यक्ति भी होते हैं जिन्हें कोई प्रशिक्षण नहीं दिया जा सकता है और जीवनभर संस्थागत देखभाल की आवश्यकता पड़ती है। किसी जनसंख्या की बुद्धि-लब्धि प्राप्तांक का माध्य 100 होता है। बुद्धि-लब्धि की संख्याएँ मानसिक रूप से मंदित व्यक्तियों के भिन्न-भिन्न वर्गों को समझने में सहायक होती है। मानसिक मंदन के विभिन्न वर्ग इस प्रकार होते हैं-निम्न मंदन (Mild retardation) (बुद्धि-लब्धि 55 से 69 के बीच), सामान्य मंदन (Moderate retardation) बुद्धि-लब्धि 25 से 29 के बीच) तथा अतिगंभीर मंदन (Profound retardation) (बुद्धि-लब्धि से 25 कम)।

निम्न मंदन वाले व्यक्तियों का विकास यद्यपि अपने समान आयु वाले व्यक्तियों की अपेक्षा धीमा होता है वे स्वतंत्र होकर अपने सभी कार्य कर लेते हैं, कोई नौकरी भी कर सकते हैं और अपने परिवार की देखभाल भी कर सकते हैं। मंदन की मात्रा जैसे-जैसे बढ़ती जाती है, कठिनाइयाँ अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ने लगती हैं। सामान्य मंदन वाले व्यक्ति अपने साथ के लोगों से भाषा के उपयोग तथा अन्य पेशीय कौशलों को सीखने में पीछे रह जाते हैं।

इन्हें अपनी दैनिक देखभाल करने और सरल प्रकार के सामाजिक तथा सम्प्रेषण कौशलों के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है परन्तु अपने दिन-प्रतिदिन के कार्यों के करने के लिए उन्हें सामान्य पर्यवेक्षण की आवश्यकता पड़ती है। तीव्र मंदन और अतिगंभीर मंदन करने वाले व्यक्ति अपना जीवन-यापन करने में अक्षम होते हैं और जीवन भर उसकी लगातार देखभाल करते रहने की आवश्यकता होती है। अपनी उत्कृष्ट संभाव्यताओं के कारण बौद्धिक रूप से प्रतिभाशाली व्यक्तियों का निष्पादन श्रेष्ठ प्रकार का होता है। बुद्धि व्यावसायिक सफलता और जीवन में समायोजन के साथ संबंधित होता है। किसी व्यक्ति की प्रतिभाशाली उसकी उच्च योग्यता, उच्च सर्जनात्मकता तथा उच्च प्रतिबद्धता जैसे गुणों के संयोजन पर निर्भर करती है।

प्रश्न 10.
अपने विचारों में बुद्धि-लब्धि और सांवेगिक लब्धि में से कौन-सा जीवन में सफलता से ज्यादा संबंधित होगा और क्यों? अथवा, सांवेगिक बुद्धि पर संक्षिप्त में एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
सांवेगिक बुद्धि का संप्रत्यय बुद्धि के संप्रत्यय को उसके बौद्धिक क्षेत्र से अधिक विस्तार देता है और संवेगों की भी बुद्धि के अंतर्गत सम्मिलित करता है। सांवेगिक बुद्धि का संप्रत्यय सामान्य बुद्धि को भारतीय परंपरा की अवधारणा से निर्मित हुआ है। सांवेगिक बुद्धि (Emotional intelligence) अनेक कौशलों, जैसे-अपने तथा दूसरे व्यक्तियों के संवेगों का परिशुद्ध मूल्यांकन, प्रकटीकरण तथा संवेगों का नियमन आदि का एक समुच्चय है। यह बुद्धि का भावात्मक पक्ष है।

जीवन में सफल होने के लिए उच्च बुद्धि-लब्धि तथा विद्यालय परीक्षाओं में अच्छा निष्पादन ही पर्याप्त नहीं है। हम अनेक ऐसे व्यक्ति को पाते हैं जो उच्च शैक्षिक प्रतिभा वाले तो हैं परन्तु अपने जीवन में सफल नहीं हो पाते। परिवार में तथा कार्य स्थान पर उनकी अनेक समस्याएँ रहती हैं वे अच्छा अंतर्वैयक्तिक संबंध नहीं बना पाते। कुछ मनोवैज्ञानिकों का विश्वास है कि उनकी समस्याएँ उनकी सांवेगिक बुद्धि की कमी के कारण उत्पन्न होती हैं।

सांवेगिक बुद्धि के संप्रत्यय को सर्वप्रथम सैलोवी (Salovey) तथा मेयर (Meyer) ने प्रस्तुत किया था। इन लोगों के अनुसार, “अपने तथा दूसरे व्यक्तियों के संवेगों का परिवीक्षण करने और उनमें विभेदन करने की योग्यता तथा प्राप्त सूचना के अनुसार अपने चिंतन तथा व्यवहारों को निर्देशित करने की योग्यता ही सांवेगिक बुद्धि है।” सांवेगिक लब्धि (Emotional quotient EQ) का उपयोग किसी व्यक्ति की सांवेगिक बुद्धि की मात्रा बताने में उसी प्रकार किया जाता है जिस प्रकार बुद्धि-लब्धि (आई-क्यू) का उपयोग बुद्धि की मात्रा बताने में किया जाता है।

साधारण शब्दों में सांवेगिक सूचनाओं से प्रभावित विद्यार्थियों से संबंध रखने में शिक्षकों का ध्यान उनकी सांवेगिक बुद्धि है। बाह्य जगत के दबावों तथा चुनौतियों से प्रभावित विद्यार्थियों से संबंध रखने में शिक्षकों का ध्यान उनकी सांवेगिक बुद्धि पर उत्तरोत्तर बढ़ता जा रहा है। विद्यार्थियों की सांवेगिक बुद्धि में अभिवृद्धि करने वाले कार्यक्रमों से उनकी शैक्षिक उपलब्धियों पर लाभप्रद प्रभाव पड़ता है। इससे इनके सहयोगी व्यवहार को प्रोत्साहन मिलता है तथा समाजविरोधी गतिविधियाँ कम हो जाती हैं। ऐसे कार्यक्रम/योजनाएँ विद्यार्थियों को कक्षा के बाहर की दुनिया को चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने में बहुत उपयोगी होती है।

प्रश्न 11.
अभिक्षमता’ अभिरुचि और बुद्धि से कैसे भिन्न हैं? अभिक्षमता का मापन कैसे किया जाता है?
उत्तर:
अभिक्षमता क्रियाओं के किसी विशेष क्षेत्र की विशेष योग्यता को कहते हैं। अभिक्षमता विशेषताओं का ऐसा संयोजन है जो व्यक्ति द्वारा प्रशिक्षण के उपरांत किसी विशेष क्षेत्र के ज्ञान अथवा कौशल के अर्जन की क्षमता को प्रदर्शित करता है। अभिक्षमताओं का मापन कुछ विशिष्ट परीक्षणों द्वारा किया जाता है। किसी व्यक्ति की अभिक्षमता के मापन से हमें उसके द्वारा भविष्य में किए जाने वाले निष्पादन को पूर्वकथन करने में सहायता मिलती है। बुद्धि का मापन करने की प्रक्रिया में मनोवैज्ञानिकों को यह ज्ञान होता है कि समान बुद्धि रखने वाले व्यक्ति भी किसी विशेष क्षेत्र के ज्ञान अथवा कौशलों को भिन्न-भिन्न दक्षता के साथ अर्जित करते हैं। भिन्न-भिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट योग्यताएँ तथा कौशल ही अभिक्षमताएँ कहलाती हैं। उचित प्रशिक्षण देकर उन योग्यताओं में पर्याप्त अभिवृद्धि की जा सकती है।

किसी विशेष क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति में अभिक्षमता के साथ-साथ अभिरुचि (Interest) का होना भी आवश्यक है। अभिरुचि किसी विशेष कार्य को करने की वरीयता या तरजीह को कहते हैं जबकि अभिक्षमता उस कार्य करने की संभाव्यता या विभवता को कहते हैं। किसी व्यक्ति में किसी कार्य को करने की अभिरुचि हो सकती है परन्तु व्यक्ति में किसी कार्य को करने की अभिक्षमता हो परन्तु उसमें उसकी अभिरुचि न हो। उन दोनों ही दशाओं में उसका निष्पादन संतोषजनक नहीं होगा। एक ऐसे विद्यार्थी की सफल यांत्रिक अभियंता बनने की अधिक संभावना हैं जिसमें उच्च यांत्रिक अभिक्षमता हो और अभियांत्रिकी में उसकी अभिरुचि भी हो।

अभिक्षमता परीक्षण दो रूपों में प्राप्त होते हैं स्वतंत्र (विशेषीकृत) अभिक्षमता परीक्षण तथा बहुल (सामान्यीकृत) अभिक्षमता परीक्षण। लिपिकीय अभिक्षमता, यांत्रिक अभिक्षमता, अंकित अभिक्षमता तथा टंकण अभिक्षमता आदि के परीक्षण स्वतंत्र अभिक्षमता परीक्षण है। बहुल अभिक्षमता परीक्षणों में एक परीक्षणमाला होती है जिससे अनेक भिन्न-भिन्न प्रकार की परन्तु समजातीय क्षेत्रों में अभिक्षमता का मापन किया जाता है। विभेदक अभिक्षमता परीक्षण (जी० ए० टी० बी०) तथा आमर्ड सर्विसेस व्यावसायिक अभिक्षमता परीक्षण का सर्वाधिक उपयोग किया जाता है। इस परीक्षण में 8 स्वतंत्र उप-परीक्षण हैं। ये हैं –

  1. शाब्दिक तर्कना
  2. आंकिक तर्कना
  3. अमूर्त तर्कना
  4. लिपिकीय गति एवं परिशुद्धता
  5. यांत्रिक तर्कना
  6. दैशिक या स्थानिक संबंध
  7. वर्तनी
  8. भाषा का उपयोग

प्रश्न 12.
किस प्रकार सर्जनात्मकता बुद्धि से संबंधित होती है?
उत्तर:
सर्जनात्मकता तथा बुद्धि में सकारात्मक संबंध होता है। प्रत्येक सर्जनात्मक कार्य के लिए ज्ञान प्राप्त करने के लिए तथा समस्या को समझने, सूचनाओं को भंडारित करने तथा आवश्यकता पड़ने पर उनकी पुनः प्राप्ति करने के लिए न्यूनतम स्तर की योग्यता तथा क्षमता की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, सर्जनशील लेखकों को भाषा के उपयोग में दक्षता की आवश्यकता होती है। एक चित्रकार के लिए यह जानना आवश्यक है कि चित्र बनाने की उसकी एक विशेष तकनीक का दर्शक पर कैसा प्रभाव उत्पन्न होगा, एक वैज्ञानिक को तर्कना में कुशल होना चाहिए आदि। अतः, सर्जनात्मकता के लिए एक विशेष मात्रा से अधिक बुद्धि का सर्जनात्मक से सहसंबंध नहीं होता। निष्कर्ष यह है कि सर्जनात्मकता के कई रूप और सम्मिश्रण होते हैं। कुछ व्यक्तियों में बौद्धिक गुण अधिक मात्रा में होते हैं और कुछ व्यक्तियों में सर्जनात्मकता से संबंध विशेषताएँ अधिक मात्रा में होती है।

Bihar Board Class 12 Psychology मनोवैज्ञानिक गुणों में विभिन्नताएँ Additional Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
बौद्धिक विकास क्या है?
उत्तर:
बौद्धिक विकास आनुवंशिक कारकों (प्रकृति) तथा पर्यावरण दशाओं (पोषण) के मध्य एक जटिल अंत:क्रिया का परिणाम होता है।

प्रश्न 2.
‘व्यक्तित्व’ शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर:
व्यक्तित्व का अर्थ व्यक्ति का अपेक्षाकृत स्थायी प्रकार की उन विशेषताओं से है जो उसे अन्य व्यक्तियों से भिन्न बनाती हैं।

प्रश्न 3.
‘अभिरुचि’ शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर:
अभिरुचि का अर्थ किसी व्यक्ति द्वारा दूसरी क्रियाओं की अपेक्षा किसी एक अथवा एक से अधिक विशिष्ट क्रियाओं में स्वयं को अधिक रखने की वरीयता से है।

प्रश्न 4.
‘अभिक्षमता’ शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर:
अभिक्षमता का अर्थ किसी व्यक्ति की कौशलों के अर्जन के लिए अंतर्निहित संभाव्यता से है।

प्रश्न 5.
अभिक्षमता परीक्षणों का उपयोग कहाँ किया जाता है?
उत्तर:
अभिक्षमता परीक्षणों का उपयोग यह पूर्व कथन करने में किया जाता है कि व्यक्ति उपयुक्त पर्यावरण और प्रशिक्षण प्रदान करने पर कैसा निष्पादन कर सकेगा।

प्रश्न 6.
मूल्यांकन शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर:
मूल्यांकन करने का अर्थ व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक गुणों का. मापन करने से है।

प्रश्न 7.
औपचारिक मूल्यांकन किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
औपचारिक मूल्यांकन वस्तुनिष्ठ, मानकीकृत तथा व्यवस्थित रूप में किया जाता है।

प्रश्न 8.
अनौपचारिक मूल्यांकन किस प्रकार होता है?
उत्तर:
अनौपचारिक मूल्यांकन जिन व्यक्तियों का किया जाना है उनके बदले जाने से तथा मूल्यांकन करने वाले व्यक्तियों के बदल जाने से परिवर्तित होता रहता है जिससे प्राप्त परिणाम या मूल्यांकन की व्यक्तिनिष्ठ व्याख्या होने लगती है।

प्रश्न 9.
‘स्थितिवाद’ क्या है?
उत्तर:
स्थितिवाद के अनुसार किसी व्यक्ति का व्यवहार उसकी परिस्थिति या वर्तमान दशाओं से प्रभावित होता है।

प्रश्न 10.
स्थितिवादी परिप्रेक्ष्य मनुष्य के व्यवहार को किस प्रकार का मानता है?
उत्तर:
स्थितिवादी परिप्रेक्ष्य मनुष्य के व्यवहार के बाह्य तथा आंतरिक कारकों की अंत:क्रिया का परिणाम मानता है।

प्रश्न 11.
‘बुद्धि’ का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
‘बुद्धि’ शब्द का तात्पर्य किसी व्यक्ति की अपने परिवेश को समझने की क्षमता से, विवेकपूर्ण चिंतन करने से और जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए उपलब्ध संसाधनों की प्रभावी ढंग से उपयोग करने से है।

प्रश्न 12.
मनोमितिक उपागम क्या है?
उत्तर:
मनोमितिक उपागम में बुद्धि को अनेक प्रकार की योग्यताओं की एक समुच्चय माना जाता है। यह व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले निष्पादन को उसकी संज्ञानात्मक योग्यताओं के एक सूचकांक के रूप में व्यक्त करता है।

प्रश्न 13.
सूचना प्रक्रमण उपागम क्या है?
उत्तर:
सूचना प्रक्रमण उपागम में बौद्धिक तर्कना तथा समस्या समाधान में व्यक्तियों द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रक्रियाओं का वर्णन किया जाता है।

प्रश्न 14.
बुद्धि के एक-कारक सिद्धान्त को किसने प्रतिपादित किया?
उत्तर:
बुद्धि के एक-कारक सिद्धान्त को अल्फ्रेड बिने ने प्रतिपादित किया।

प्रश्न 15.
बुद्धि का द्वि-कारक सिद्धान्त किसने दिया?
उत्तर:
बुद्धि का द्वि-कारक सिद्धांत विश्लेषण की सांख्यिकीय विधि पर आधारित था।

प्रश्न 16.
सा-कारक क्या है?
उत्तर:
सा-कारक के अंतर्गत वे सभी मानसिक संक्रियाएँ होती हैं जो प्राथमिक हैं और जिनका प्रभाव सभी प्रकार के कार्यों के निष्पादन पर पड़ता है।

प्रश्न 17.
बुद्धि का पदानुक्रमिक मॉडल क्या है?
उत्तर:
इस मॉडल के अनुसार योग्यताएँ दो स्तरों पर कार्य करती हैं। प्रथम स्तर पर साहचर्यात्मक अधिगम का होता है जिसमें आगत तथा निर्गत लगभग समान होते हैं।

प्रश्न 18.
‘मूल्य’ शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर:
मूल्य आदर्श व्यवहारों के संबंध में व्यक्ति के स्थायी विश्वास होते हैं। व्यक्ति के मूल्य जीवन में व्यवहारों के लिए एक मानक निर्धारित करते हैं और उन्हें निर्देशित करते हैं।

प्रश्न 19.
प्रेक्षण क्या है?
उत्तर:
प्रेक्षण में व्यक्ति की नैसर्गिक या स्वाभाविक दशा में घटित होने वाली तात्क्षणिक व्यवहारपरक घटनाओं की व्यवस्थित, संगठित तथा वस्तुनिष्ठ ढंग से अभिलेख तैयार किया जाता है।

प्रश्न 20.
प्रेक्षण प्रणाली द्वारा अध्ययन करने वाली एक गोचर का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
कुछ गोचर, जैसे-‘मातृ-शिशु अंत:क्रिया’ को अध्ययन प्रेक्षण प्रणाली द्वारा सरलता से किया जा सकता है।

प्रश्न 21.
प्रेक्षण प्रणाली की एक समस्या को लिखिए।
उत्तर:
प्रेक्षण प्रणाली की एक बड़ी समस्या यह है कि इसमें स्थिति पर प्रेरक का बहुत कम नियंत्रण होता है और प्रेक्षण से प्राप्त विवरण की प्रेरक द्वारा व्यक्तिनिष्ठ व्याख्या की जा सकती है।

प्रश्न 22.
मनोवैज्ञानिक परीक्षण क्या है?
उत्तर:
मनोवैज्ञानिक परीक्षण व्यक्ति की मानसिक तथा व्यवहारपरक विशेषताओं का वस्तुनिष्ठ तथा मानकीकृत मापक होता है।

प्रश्न 23.
मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन की विधियाँ को लिखिए।
उत्तर:
मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन की निम्नलिखित विधियाँ हैं –

  1. मनोवैज्ञानिक परीक्षण
  2. साक्षात्कार
  3. व्यक्ति अध्ययन
  4. प्रेक्षण
  5. आत्म-प्रतिवेदन

प्रश्न 24.
आत्म-प्रतिवेदन क्या है?
उत्तर:
आत्म-प्रतिवेदन वह विधि है जिसमें व्यक्ति अपने विश्वासों, मतों आदि के बारे में तथ्यात्मक सूचनाएँ प्रदान करता है।

प्रश्न 25.
भाषागत बुद्धि क्या है?
उत्तर:
भाषागत बुद्धि अपने विचारों को प्रकट करने तथा दूसरे व्यक्तियों के विचारों को समझने हेतु प्रवाह तथा नम्यता के साथ भाषा का उपयोग करने की क्षमता है।

प्रश्न 26.
बहु-बुद्धि का सिद्धान्त क्या है?
उत्तर:
इस सिद्धान्त के अनुसार बुद्धि कोई एक तत्त्व नहीं है बल्कि कई भिन्न-भिन्न प्रकार की बुद्धियों का अस्तित्व होता है। प्रत्येक बुद्धि एक-दूसरे से स्वतंत्र रहकर कार्य करती है।

प्रश्न 27.
बहु-बुद्धि का सिद्धान्त किसने प्रस्तुत किया?
उत्तर:
बहु-बुद्धि का सिद्धान्त हॉवर्ड गार्डनर ने प्रस्तुत किया था।

प्रश्न 28.
उत्पाद का क्या अर्थ है?
उत्तर:
उत्पाद का अर्थ उस स्वरूप से होता है जिसमें व्यक्ति सूचनाओं का प्रक्रमण करता है।

प्रश्न 29.
‘देशिक बुद्धि’ किसे कहते हैं?
उत्तर:
देशिक बुद्धि मानसिक बिम्बों को बनाने, उनका उपयोग करने तथा उनमें मानसिक धरातल पर परिमार्जन करने की योग्यता है।

प्रश्न 30.
सांगीतिक योग्यता किसे कहते हैं?
उत्तर:
सांगीतिक अभिरचनाओं को उत्पन्न करने, उनका सर्जन तथा प्रहस्तन करने की क्षमता सांगीतिक योग्यता कहलाती है।

प्रश्न 31.
शारीरिक-गतिसंवेदी योग्यता किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी वस्तु अथवा उत्पाद के निर्माण के लिए अथवा मात्र शारीरिक प्रदर्शन के लिए सम्पूर्ण शरीर अथवा उसके किसी एक अथवा एक से अधिक अंग की लोच तथा पेशीय कौशल की योग्यता शारीरिक-गतिसंवेदी योग्यता कही जाती है।

प्रश्न 32.
बुद्धि का पदानुक्रमिक मॉडल किसने प्रस्तुत किया?
उत्तर:
आर्थर जेन्सेन ने बुद्धि का एक पदानुक्रमिक मॉडल प्रस्तुत किया।

प्रश्न 33.
बुद्धि संरचना मॉडल किसने प्रस्तुत किया?
उत्तर:
जे० पी० गिलफोर्ड ने बुद्धि संरचना मॉडल प्रस्तुत किया।

प्रश्न 34.
बुद्धि संरचना मॉडल में बौद्धिक विशेषताओं को कितने विमाओं में वर्गीकृत किया गया है?
उत्तर:
तीन विमाओं में –

  1. संक्रियाएँ
  2. विषय-वस्तु
  3. उत्पाद

प्रश्न 35.
संक्रियाओं से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
संक्रियाओं से तात्पर्य बुद्धि द्वारा की जाने वाली क्रियाओं से है।

प्रश्न 36.
बुद्धि का द्वि-कारक सिद्धान्त किस पर आधारित था?
उत्तर:
बुद्धि का द्वि-कारक सिद्धान्त विश्लेषण की सांख्यिकीय विधि पर आधारित था।

प्रश्न 37.
संक्रियाओं में किस प्रकार की क्रियाएँ होती हैं?
उत्तर:
इसमें संज्ञान, स्मृति अभिलेखन, स्मृति प्रतिधारण, अपसारी उत्पादन, अभिसारी उत्पादन तथा मूल्यांकन की क्रियाएँ होती है।

प्रश्न 38.
बुद्धि का त्रिचापीय सिद्धांत किसने प्रस्तुत किया?
उत्तर:
रॉबर्ट स्टर्नबर्ग ने बुद्धि का त्रिचापीय सिद्धान्त प्रस्तुत किया।

प्रश्न 39.
बुद्धि के त्रिचापीय सिद्धान्त क्या हैं?
उत्तर:
बुद्धि के त्रिचापीय सिद्धान्त के अनुसार बुद्धि वह योग्यता है जिससे व्यक्ति अपने पर्यावरण के प्रति अनुकूलित होता है, अपने तथा अपने समाज और संस्कृति के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु पर्यावरण के कुछ पक्षों का चयन करता है और उन्हें परिवर्तित करता है।

प्रश्न 40.
बुद्धि के त्रिचापीय सिद्धान्त के अनुसार बुद्धि कितने प्रकार की होती है?
उत्तर:
इस सिद्धान्त के अनुसार बुद्धि तीन प्रकार की होती है –

  1. घटकीय
  2. आनुभाविक
  3. सांदर्भिक

प्रश्न 41.
घटकीय बुद्धि क्या है?
उत्तर:
घटकीय बुद्धि द्वारा व्यक्ति किसी समस्या का समाधान करने के लिए प्राप्त सूचनाओं का विश्लेषण करता है।

प्रश्न 42.
घटकीय बुद्धि के तीन घटक कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
घटकीय बुद्धि के तीन घटक निम्नलिखित हैं –

  1. पहला घटक ज्ञानार्जन से संबंधित होता है जिसके द्वारा अधिगम करता है तथा विभिन्न कार्यों को करने की विधि का ज्ञान प्राप्त होता है।
  2. दूसरा घटक अधिक या एक उच्चस्तरीय घटक होता है जिसके द्वारा व्यक्ति योजनाएँ बनाता है कि उसको क्या करना है और कैसे करना है।
  3. तीसरा घटक निष्पादन से संबंधित होता है। इस बुद्धि द्वारा व्यक्ति किसी कार्य का वास्तव में निष्पादन करता है।

प्रश्न 43.
सादर्भिक बुद्धि क्या है?
उत्तर:
सांदर्भिक बुद्धि वह बुद्धि है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन में आने वाली पर्यावरणी माँगों से निपटता है।

प्रश्न 44.
अंत:व्यक्ति बुद्धि क्या है?
उत्तर:
इस योग्यता के अंतर्गत व्यक्ति को अपनी शक्ति तथा कमजोरियों का ज्ञान और उस ज्ञान का दूसरे व्यक्तियों के साथ सामाजिक अंतःक्रिया में उपयोग करने का ऐसा कौशल सम्मिलित है जिससे वह अन्य व्यक्तियों से प्रभावी संबंध स्थापित करता है।

प्रश्न 45.
अंतर्वैयक्तिक बुद्धि पाये जाने वाले व्यक्ति कौन हो सकते हैं?
उत्तर:
मनोवैज्ञानिक, परामर्शदात्री, राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता तथा धार्मिक नेता आदि में उच्च अंतर्वैयक्तिक बुद्धि पाए जाने की संभावना होती है।

प्रश्न 46.
अंतर्वैयक्तिक बुद्धि क्या है?
उत्तर:
इस योग्यता के द्वारा व्यक्ति दूसरे व्यक्तियों की अभिप्रेरणाओं या उद्देश्यों, भावनाओं तथा व्यवहारों का सही बोध करते हुए उनके साथ मधुर संबंध स्थापित करता है।

प्रश्न 47.
शारीरिक-गतिसंवेदी योग्यता के उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
धावकों, नर्तकों, अभिनेताओं, खिलाड़ियों, जिमनास्टों तथा शल्य चिकित्सकों में इस बुद्धि की अधिक मात्रा पाई जाती है।

प्रश्न 48.
सामान्य बुद्धि और प्रतिभाशाली बुद्धि वाले व्यकिायों की बुद्धि-लब्धि प्राप्तांक क्या होती है?
उत्तर:
जिन व्यक्तियों की बुद्धि-लब्धि प्राप्तांक 90 से 110 के बीच होती है उन्हें सामान्य बुद्धि वाला कहा जाता है। जिन व्यक्तियों की बुद्धि-लब्धि प्राप्तांक 130 से अधिक होती है वे असाधारण रूप से प्रतिभाशाली समझे जाते हैं।

प्रश्न 49.
बुद्धि-लब्धि किस प्रकार प्राप्त की जाती है?
उत्तर:
किसी व्यक्ति की मानसिक आयु के उसकी कालानुक्रमिक आयु से भाग देने के बाद उसको 100 से गुणा करने से उनकी बुद्धि-लब्धि प्राप्त हो जाती है।

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प्रश्न 50.
‘पास’ मॉडल को किसने विकसित किया?
उत्तर:
बुद्धि के ‘पास’ मॉडल को जे० पी० दास, जैक नागलीरी तथा किर्बी ने विकसित किया।

प्रश्न 51.
‘पास’ मॉडल के अनुसार तीन तंत्र कौन-से हैं?
उत्तर:
ये तीन तंत्र हैं –

  1. भाव प्रबोधन
  2. कूट संकेतन
  3. योजना निर्माण

प्रश्न 52.
कुछ लोग दूसरों की तुलना में अधिक बुद्धिमान क्यों होते हैं?
उत्तर:
ऐसा उनकी आनुवंशिकता के कारण होता है अथवा वह पर्यावरणी कारकों से प्रभावित होता है।

प्रश्न 53.
मानसिक आयु के माप से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
मानसिक आयु के माप का अर्थ है कि किसी व्यक्ति का बौद्धिक विकास अपनी आयु वर्ग के अन्य व्यक्तियों की तुलना में कितना हुआ है।

प्रश्न 54.
सांवेगिक बुद्धि क्या है?
उत्तर:
सांवेगिक बुद्धि में अपनी तथा दूसरे की भावनाओं और संवेगों को जानने तथा नियंत्रित करने, स्वयं को अभिप्रेरित करने तथा अपने आवेगों को नियंत्रित रखने तथा अंतर्वैयक्तिक संबंधों को प्रभावी ढंग से प्रबंध करने की योग्यताएँ सम्मिलित होती हैं।

प्रश्न 55.
‘संस्कृति’ शब्द से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
संस्कृति रीति-रिवाजों, विश्वासों, अभिवृत्तियों तथा कला और साहित्य में उपलब्धियों की एक सामूहिक व्यवस्था को कहते हैं।

प्रश्न 56.
बुद्धि की एक विशेषता को लिखिए।
उत्तर:
बुद्धि की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यह पर्यावरण से अनुकूलित होने में व्यक्ति की सहायता करती है।

प्रश्न 57.
सी० आई० ई० शाब्दिक समूह बुद्धि परीक्षण को किसने विकसित किया?
उत्तर:
उदय शंकर ने।

प्रश्न 58.
अशाब्दिक परीक्षणों का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
अशाब्दिक परीक्षणों का एक उदाहरण रैवेंस प्रोग्रेसिव मैट्रिसेस (आर० पी० एम०) है जिसमें परीक्षार्थी को एक अपूर्ण दिखाया जाता है और उसे दिए गए अनेक वैकल्पिक प्रतिरूपों में से उसे विकल्प को चुनना होता है जिससे अपूर्ण प्रतिरूप पूरा हो सके।

प्रश्न 59.
मानसिक रूप से मंदित बच्चे कौन होते हैं?
उत्तर:
ऐसे बच्चों को जिनमें बौद्धिक न्यूनता होती है उन्हें मानसिक रूप से चुनौतीग्रस्त या ‘मानसिक रूप से मंदित’ कहा जाता है।

प्रश्न 60.
मानसिक मंदन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ मेंटल डिफ्रिशन्सी (ए० ए० एम० डी०) के अनुसार मानसिक मंदन से तात्पर्य उस असामान्य साधारण बौद्धिक प्रकार्यात्मकता से है जो व्यक्ति की विकासशील अवस्थाओं में प्रकट होती है तथा उसके अनुकूलित व्यवहार में न्यूनता से संबंधित होती है।

प्रश्न 61.
मानसिक मंदन के विभिन्न प्रकारों को लिखिए।
उत्तर:

  1. निम्न मंदन-बुद्धि-लब्धि 55 से 69 के बीच।
  2. सामान्य मंदन-बुद्धि-लब्धि 40 से 54 के बीच।
  3. अति गंभीर मंदन-बुद्धि-लब्धि 25 से कम।

प्रश्न 62.
सामान्य मंदन वाले बच्चों की क्या विशेषताएँ होती हैं?
उत्तर:
सामान्य मंदन वाले बच्चे अपने साथ के लोगों से भाषा के उपयोग तथा अन्य पेशीय कौशलों को सीखने में पीछे रह जाते हैं। इन्हें अपनी दैनिक देखभाल करने और सरल प्रकार के सामाजिक तथा संप्रेषण कौशलों के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है परन्तु अपने दिन-प्रतिदिन के कार्यों को करने के लिए उन्हें सामान्य पर्यवेक्षण की आवश्यकता पड़ती है।

प्रश्न 63.
‘प्रतिभा’ शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर”
‘प्रतिभा’ शब्द का अर्थ उस असाधारण सामान्य प्रकार की योग्यता से. है जो विस्तृत – क्षेत्र के कार्यों में किए गए श्रेष्ठ निष्पादन में दिखाई पड़ती है।

प्रश्न 64.
‘प्रवीणता’ का क्या अर्थ है?
उत्तर:
प्रवीणता’ का अर्थ किसी विशिष्ट अथवा संकुचित क्षेत्र में श्रेष्ठ योग्यता से होता है। अधिक प्रवीण व्यक्तियों को कभी-कभी अद्भुत प्रतिभाशाली भी कहा जाता है।

प्रश्न 65.
अध्यापकों के दृष्टिकोण से किसी व्यक्ति की प्रतिभाशाली किस बात पर निर्भर करती है?
उत्तर:
अध्यापकों के दृष्टिकोण से किसी व्यक्ति की प्रतिभाशालिता उसकी उच्च योग्यता, उच्च सर्जनात्मकता तथा उच्च प्रतिबद्धता जैसे गुणों के संयोजन पर निर्भर करती है।

प्रश्न 66.
वैयक्तिक परीक्षण के लिए किस प्रकार का माहौल होना चाहिए?
उत्तर:
वैयक्तिक परीक्षण में आवश्यक होता है कि परीक्षणकर्ता परीक्षार्थी से सौहार्द स्थापित करे और परीक्षण सत्र के समय उसकी भावनाओं, भावदशाओं और अभिव्यक्तियों के प्रति संवेदनशील रहे।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
भारतीय परंपरा में किस प्रकार की क्षमताएँ बुद्धि के अंतर्गत स्वीकार की जाती हैं?
उत्तर:
भारतीय परंपरा में निम्नलिखित क्षमताएँ बुद्धि के अंतर्गत स्वीकार की जाती हैं –

  1. संज्ञानात्मक क्षमता (Cognitive capacity): संदर्भ के प्रति संवेदनशीलता; समझ, विभेदन क्षमता, समस्या समाधान की योग्यता तथा प्रभावी संप्रेषण की योग्यता।
  2. सामाजिक क्षमता (Social competence): सामाजिक व्यवस्था के प्रति सम्मान, अपने से बड़ों, छोटों तथा वंचित व्यक्तियों के प्रति प्रतिबद्धता, दूसरों की चिंता, दूसरे व्यक्तियों के परिप्रेक्ष्य का सम्मान।
  3. सांवेगिक क्षमता (Emotional competence): अपने संवेगों पर आत्म-नियमन तथा आत्म-परिवीक्षण, ईमानदारी, शिष्टता, अच्छा आचरण तथा आत्म-मूल्यांकन।
  4. उद्यमी क्षमता (Entrepreneurial competence): प्रतिबद्धता, अध्यवसाय, धैर्य, कठिन, परिश्रम, सतर्कता तथा लक्ष्य निर्देशित व्यवहार।

प्रश्न 2.
बुद्धि और अभिक्षमता में भेद स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
1. बुद्धि-बुद्धि का आशय पर्यावरण को समझने, सविवेक चिंतन करने तथा किसी चुनौती के सामने होने पर उपलब्ध संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने की व्यापक क्षमता से है। बुद्धि परीक्षणों से व्यक्ति की व्यापक सामान्य संज्ञानात्मक सक्षमता तथा विद्यालयीय शिक्षा से लाभ उठाने की योग्यता का ज्ञान होता है। सामान्यतया कम बुद्धि रखने वाले विद्यार्थी विद्यालय की परीक्षाओं में उतना अच्छा निष्पादन करने की संभावना नहीं रखते परन्तु जीवन के अन्य क्षेत्रों में उनकी सफलता की प्राप्ति का संबंध मात्र बुद्धि परीक्षणों पर उनके प्राप्तांकों से नहीं होता।

2. अभिक्षमता का अर्थ किसी व्यक्ति की कौशलों के अर्जन के लिए अंतर्निहित संभाव्यता से है। अभिक्षमता परीक्षणों का उपयोग यह पूर्वकथन करने में किया जाता है कि व्यक्ति उपयुक्त पर्यावरण और प्रशिक्षण प्रदान करने पर कैसा निष्पादन कर सकेगा। एक उच्च यांत्रिक अभिक्षमता वाला व्यक्ति उपयुक्त प्रशिक्षण का अधिक लाभ उठाकर एक अभियंता के रूप में अच्छा कार्य कर सकता है। इसी प्रकार भाषा की उच्च अभिक्षमता वाले एक व्यक्ति को प्रशिक्षण देकर एक अच्छा लेखक बनाया जा सकता है।

प्रश्न 3.
प्रभावशाली बच्चों की कुछ प्रमुख विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर:
प्रभावशाली बच्चों की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

  1. उन्नत तार्किक चिंतन, प्रश्न करने की प्रवृत्ति तथा समस्या समाधान की अधिक योग्यता।
  2. सूचना प्रक्रमण की उच्च गति।
  3. सामान्यीकरण तथा विभेदन करने की श्रेष्ठ योग्यता।
  4. मौलिक तथा सर्जनात्मक चिंतन का उच्च स्तर।
  5. अंतर्भूत अभिप्रेरणा तथा आत्म-सम्मान का उच्च स्तर।
  6. स्वतंत्र एवं अनुरूप प्रकार का चिंतन।
  7. लंबी अवधि तक अकेला रहकर अध्ययन करने को वरीयता देना।

प्रश्न 4.
व्यक्ति अध्ययन और आत्म-प्रतिवेदन के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
व्यक्ति अध्ययन विधि में किसी व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक गुणों तथा उसके मनोसामाजिक और भौतिक पर्यावरण के संदर्भ में उसके मनोवैज्ञानिक इतिहास आदि का गहनता से अध्ययन किया जाता है। नैदानिक मनोवैज्ञानिक इस विधि का व्यापक रूप से उपयोग करते हैं। इच्छुक व्यक्ति महान व्यक्तियों के जीवन के केस विश्लेषणों द्वारा इन महान व्यक्तियों के जीवन अनुभवों से सीख प्राप्त कर सकता है।

व्यक्ति अध्ययन में विभिन्न विधियों जैसे-साक्षात्कार, प्रेक्षण, मनोवैज्ञानिक परीक्षण आदि के उपयोग से प्रदत्त या आँकड़े एकत्र किए जाते हैं। आत्म – प्रतिवेदन वह विधि है, जिसमें व्यक्ति स्वयं अपने विश्वासों, मतों आदि के बारे में तथ्यात्मक सूचनाएँ प्रदान करता है। ऐसी सूचनाएँ किसी साक्षात्कार अनुसूची अथवा प्रश्नावली, किसी मनोवैज्ञानिक परीक्षण अथवा वैयक्तिक डायरी का उपयोग करके प्राप्त की जा सकती है।

प्रश्न 5.
साक्षात्कार और प्रेक्षण में भेद स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
साक्षात्कार की विधि में परीक्षणकर्ता व्यक्ति से वार्तालाप करके सूचनाएँ एकत्र करता है। इसे प्रयुक्त होते हुए देखा जा सकता है जब कोई परामर्शदाता किसी सेवार्थी से अंत:क्रिया करता है, एक विक्रेता घर-घर जाकर किसी विशिष्ट उत्पाद की उपयोगिता के संबंध में सर्वेक्षण करता है, कोई नियोक्ता अपने संगठन के लिए कर्मचारियों का चयन करता है अथवा कोई पत्रकार राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के विषयों पर महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों का साक्षात्कार करता है।

प्रेक्षण में व्यक्ति को नैसर्गिक या स्वाभाविक दशा में घटित होने वाली तात्क्षणिक व्यवहारपरक घटनाओं का व्यवस्थित, संगठित तथा वस्तुनिष्ठ ढंग से अभिलेख तैयार किया जाता है। कुछ गोचर, जैसे-‘मातृ-शिशु अंत:क्रिया’ का अध्ययन प्रेक्षण-प्रणाली द्वारा सरलता से किया जा सकता है। प्रेक्षण-प्रणाली की एक बड़ी समस्या यह है कि इसमें स्थिति पर प्रेक्षक का बहुत कम नियंत्रण होता है और प्रेक्षण से प्राप्त विवरण की प्रेक्षक द्वारा व्यक्तिनिष्ठ व्याख्या की जा सकती है।

प्रश्न 6.
मनोमितिक उपागम और सूचना प्रक्रमण उपागम में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मनोमितिक उपागम में बुद्धि को अनेक प्रकार की योग्यताओं का एक समुच्चय माना जाता है। यह व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले निष्पादन को उसकी संज्ञानात्मक योग्यताओं के एक सूचकांक के रूप में व्यक्त करता है। दूसरी ओर, सूचना प्रक्रमण उपागम में बौद्धिक तर्कना तथा समस्या समाधान में व्यक्तियों द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रक्रियाओं का वर्णन किया जाता है। इस उपागम का प्रमुख केन्द्र बिन्दु एक बुद्धिमान व्यक्ति द्वारा की जाने वाली विभिन्न क्रियाओं पर होता है। बुद्धि की संरचना तथा उसमें अंतर्निहित विभिन्न विमाओं पर अधिक ध्यान न देकर सूचना प्रक्रमण उपागम बुद्धिमत्तापूर्ण व्यवहारों में अंतर्निहित संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं के अध्ययन पर अधिक बल देता है।

प्रश्न 7.
प्राथमिक मानसिक योग्यताओं का सिद्धांत क्या है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
लुईस थर्सट्न ने प्राथमिक मानसिक योग्यताओं का सिद्धांत प्रस्तुत किया। इस सिद्धान्त में कहा गया है कि बुद्धि के अंतर्गत सात प्राथमिक मानसिक योग्यताएँ होती हैं जो एक-दूसरे से अपेक्षाकृत स्वतंत्र होकर कार्य करती हैं। ये योग्यताएँ निम्नलिखित हैं –

  1. वाचिक बोध (शब्दों, संप्रत्ययों के अर्थ तथा विचारों को समझना)।
  2. संख्यात्मक योग्यताएँ (संख्यात्मक तथा अभिकलनात्मक कार्यों को तीव्र गति एवं परिशुद्धता से करने का कौशल)।
  3. देशिक संबंध (प्रतिरूपों तथा रचनाओं का मानस प्रत्यक्षीकरण कर लेना)।
  4. प्रात्यक्षिक गति (विस्तृत प्रत्यक्षीकरण की गति)।
  5. शब्द प्रवाह (शब्दों का प्रवाह तथा नम्यता के साथ उपयोग कर लेना)।
  6. स्मृति (सूचनाओं के पुनः स्मरण में परिशुद्धता)।
  7. आगमनात्मक तर्कना (दिए गए तथ्यों से सामान्य नियमों को व्युत्पन्न करना)।

प्रश्न 8.
बुद्धि संरचना मॉडल की संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
जे० पी० गिलफोर्ड (G.P.Gilford) ने बुद्धि संरचना मॉडल (Structure of intellect model) प्रस्तुत किया जिसमें बौद्धिक विशेषताओं को तीन विमाओं में वर्गीकृत किया गया है संक्रियाएँ, विषयवस्तु तथा उत्पाद। संक्रियाओं से तात्पर्य बुद्धि द्वारा ही जानेवाली क्रियाओं से है। इसमें संज्ञान, स्मृति अभिलेखन, स्मृति प्रतिधारण, अपसारी उत्पादन, अभिसारी उत्पादन तथा मूल्यांकन की क्रियाएँ होती हैं। विषयवस्तु का संबंध उस सामग्री या सूचना के स्वरूप से होता है जिस पर व्यक्ति को बौद्धिक क्रियाएँ करनी होती हैं।

इसमे चाक्षुष श्रवणात्मक, प्रतीकात्मक (जैसे-अक्षर तथा संख्याएँ), अर्थविषयक (जैसे-शब्द) तथा व्यवहारात्मक (व्यक्तियों के व्यवहार, अभिवृत्तियों, आवश्यकताओं आदि से प्रक्रमण करता है। उत्पादों को इकाई, वर्ग संबंध, व्यवस्था, रूपांतरण तथा निहितार्थ में वर्गीकृत किया जाता है। चूँकि इस वर्गीकरण में 6 × 5 × 6 वर्ग बनते हैं इसलिए इस मॉडल में 180 प्रकोष्ठ होते हैं। प्रत्येक प्रकोष्ठ में योग्यता के कम-से-कम एक कारक के सन्नद्ध होने की प्रत्याशा की जाती है, कुछ प्रकोष्ठों में एक से अधिक कारक भी हो सकते हैं। प्रत्येक कारक का वर्णन तीनों विमाओं के द्वारा किया जाता है।

प्रश्न 9.
वैयक्तिक तथा समूह बुद्धि परीक्षण में भेद स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वैयक्तिक तथा समूह बुद्धि-परीक्षण:
वैयक्तिक बुद्धि परीक्षण यह परीक्षण होता है जिसके द्वारा एक समय में एक ही व्यक्ति का बुद्धि परीक्षण किया जा सकता है। समूह बुद्धि परीक्षण को एक साथ बहुत-से व्यक्तियों को समूह में दिया जा सकता है। वैयक्तिक परीक्षण में आवश्यक होता है कि परीक्षणकर्ता परीक्षार्थी से सौहार्द्र स्थापित करे और परीक्षण सत्र के समय उसकी भावनाओं, भावदशाओं और अभिव्यक्तियों के प्रति संवेदनशील रहे।

समूह परीक्षण में परीक्षणकर्ता को परीक्षार्थियों की निजी भावनाओं से परिचित होने का अवसर नहीं मिलता। वैयक्तिक परीक्षणों पूछे गए मौखिक अथवा लिखित रूप में भी उत्तर दे सकता है अथवा परीक्षणकर्ता के आदेशानुसार वस्तुओं का प्रहसन भी कर सकता है। समूह परीक्षण में परीक्षार्थी सामान्यतः लिखित उत्तर देता है और प्रश्न भी प्रायः बहुविकल्पी स्वरूप के होते हैं।

प्रश्न 10.
बुद्धि परीक्षणों के कुछ दुरुपयोगों की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
बुद्धि परीक्षणों के कुछ दुरुपयोग निम्नलिखित हैं –

  1. किसी परीक्षण पर खराब प्रदर्शन बच्चों पर कलंक लगा सकता है तथा उससे उनके निष्पादन और आत्म-सम्मान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
  2. परीक्षण माता-पिता, अध्यापकों तथा बड़ों के भेदभावपूर्ण आचरण को न्योता दे सकता है।
  3. मध्यवर्गीय और उच्चवर्गीय जनसंख्याओं के पक्ष में अभिनत परीक्षण समाज के सुविधाजनक समूहों से आने वाले बच्चों की बुद्धि-लब्धि को कम आँक सकता है।
  4. बुद्धि परीक्षण सर्जनात्मक संभाव्यताओं और बुद्धि के व्यावहारिक पक्ष का माप नहीं कर पाता है और उनका जीवन में सफलता से ज्यादा संबंध नहीं होता।
  5. बुद्धि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियों का एक संभाव्य कारक हो सकती है।
  6. ऐसा सुझाव दिया जाता है कि बुद्धि परीक्षणों से संबंधित त्रुटिपूर्ण अभ्यासों के प्रति सावधान रहना चाहिए तथा किसी व्यक्ति को शक्तियों और कमजोरियों के विश्लेषण के लिए किसी प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक की मदद लेनी चाहिए।

प्रश्न 11.
बुद्धिमान व्यक्तियों की कुछ विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर:
बुद्धिमान व्यक्तियों की कुछ विशेषताएँ निम्न प्रकार की हो सकती हैं –

  1. अपनी भावनाओं और संवेगों को जानना और उसके प्रति संवेदनशील होना।
  2. दूसरे व्यक्तियों के विभिन्न संवेगों को उनकी शरीर, भाषा, आवाज और स्वरक तथा आनन अभिव्यक्तियों पर ध्यान देते हुए जानना और उसके प्रति संवेदनशील होना।
  3. अपने संवेगों को अपने विचारों से संबद्ध करना ताकि समस्या समाधान तथा निर्णय करते समय उन्हें ध्यान में रखा जा सके।
  4. अपने संवेगों की प्रकृति और तीव्रता के शक्तिशाली प्रभाव को समझना।
  5. अपने संवेगों और उनकी अभिव्यक्तियों को दूसरे से व्यवहार करते समय नियंत्रित करना ताकि शांति और सामंजस्य की प्राप्ति हो सके।

प्रश्न 12.
सर्जनात्मक परीक्षणों में अभिव्यक्तियों की विशेषता पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
सर्जनात्मक परीक्षणों में अभिव्यक्तियों की विविधता पाई जाती है। इसलिए इन परीक्षणों के निर्माण में विभिन्न प्रकार के उद्दीपकों, जैसे-शब्दों, चित्रों, क्रियाओं तथा ध्वनियों का उपयोग किया जाता है। ये परीक्षण व्यक्ति की सामान्य सर्जनात्मक चिंतन योग्यताओं, जैसे-किसी दी गई स्थिति या विषय पर विभिन्न प्रकार के विचारों को उत्पन्न करने की योग्यता, वस्तुओं को विभिन्न दृष्टिकोणों की योग्यता, समस्याओं के भिन्न-भिन्न प्रकार के समाधान निकालने की योग्यता, कारणों तथा परिणामों के बारे में मौलिक विचार करने की योग्यता तथा असामान्य प्रकार के बारे में मौलिक विचार करने की योग्यता तथा असामान्य प्रकार के प्रश्न करना आदि का मापन किया जाता है।

कुछ शोधकर्ताओं ने सर्जनात्मकता के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों, जैसे-साहित्यिक सर्जनात्मकता, वैज्ञानिक सर्जनात्मकता, गणितीय सर्जनात्मकता परीक्षणों का निर्माण करने वाले मनोवैज्ञानिकों में गिलफोर्ड (Gilford), टोरेंस (Torrance), खटेना (Khatena), वालाश (Wallach) तथा कोगन (Kogan), परमेश (Paramesh), बाकर मेहदी (Bager Mehdi) तथा पासी (Passi) आदि के नाम प्रमुख हैं। प्रत्येक परीक्षण की एक मानकीकृत विधि होती है, उसकी एक विधि पुस्तिका होती है और परिणामों के व्याख्या हेतु एक संदर्शिका भी होती है। परीक्षण प्रशासन और परीक्षण प्राप्तांकों की व्याख्या के विस्तृत प्रशिक्षण के उपरांत ही इनका उपयोग किया जा सकता है।

प्रश्न 13.
अभिक्षमता क्या है?
उत्तर:
किसी विशेष क्षेत्र की विशेष योग्यता को अभिक्षमता कहते हैं। अभिक्षमता विशेषताओं का एक ऐसा समायोजन है जो व्यक्ति द्वारा प्रशिक्षण के उपरांत किसी विशेष क्षेत्र के ज्ञान अथवा कौशल के अर्जन की क्षमता को प्रदर्शित करता है। जैसे-यदि हमें गणित की किसी समस्या का समाधान ढूँढना होता है तो हम किसी गणित के जानकार व्यक्ति से सहायता लेते हैं लेकिन यदि किसी कविता (हिन्दी) में कोई कठिनाई होती है तो इसके लिए हम हिन्दी के जानकार व्यक्ति से सहायता लेते हैं। इसी तरह यदि स्कूटर में कोई समस्या होती है तो स्कूटर मैकेनिक के पास जाते हैं। भिन्न-भिन्न क्षेत्रों की ये विशिष्ट योग्यताएँ तथा कौशल ही अभिक्षमताएँ कहलाती हैं।

प्रश्न 14.
तनाव के प्रकारों का वर्णन करें।
उत्तर:
तनाव के कई प्रकार होते हैं, जिससे व्यक्ति को प्रतिदिन सामना करना पड़ता है। इन सभी तनावों को उनके क्षेत्र के आधार पर तीन मुख्य प्रकारों में बाँटा जा सकता है-पर्यावरणीय तनाव, सामाजिक तनाव तथा मनोवैज्ञानिक तनाव। पर्यावरणीय तनाव पर्यावरणीय विसंतुलन से उत्पन्न होता है, जैसे-बाढ़, आग, भूकम्प आदि से उत्पन्न तनाव। सामाजिक तनाव से तात्पर्य एक-दूसरे के साथ अंतःक्रिया से उत्पन्न तनाव से होता है, जैसे-परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु या बीमारी, विवाह-विच्छेद, अलगाव, पड़ोसियों से अनबन आदि से उत्पन्न तनाव। मनोवैज्ञानिक: तनाव से तात्पर्य मन द्वारा उत्पन्न तनाव से होता है, जैसे-कुंठा, द्वन्द्व तथा बचाव आदि मनोवैज्ञानिक तनाव के प्रमुख स्रोत हैं।

प्रश्न 15.
‘अभिक्षमता’ अभिरुचि और बुद्धि से कैसे भिन्न है?
उत्तर:
अभिरुचि किसी विशेष कार्य को करने की वरीयता को कहते हैं। जबकि अभिक्षमता। उस कार्य को करने की सम्भाव्यता को कहते हैं। जबकि बुद्धि अभिक्षमता परीक्षण पूर्वकथन कहते हैं कि कोई व्यक्ति उचित प्रशिक्षण और पर्यावरण दिये जाने के बाद क्या कर पाएगा।

प्रश्न 16.
बुद्धि क्या है?
उत्तर:
बुद्धि व्यक्तियों के मानसिक शक्तियों या क्षमताओं का वह समुच्चय है जिससे वह उद्देश्यपूर्ण क्रिया, विवेकशील चिंतन तथा प्रभावकारी ढंग से समायोजन करता है। इससे स्पष्ट है कि बुद्धि में कोई एक तरह की क्षमता नहीं बल्कि कई तरह की क्षमताओं का समावेश होता है। इन क्षमताओं में तीन तरह की क्षमता अर्थात् उद्देश्यपूर्ण क्रिया करने की क्षमता सम्मिलित होती है।

प्रश्न 17.
व्यक्तित्व शीलगुण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
व्यक्तित्व का निर्माण अनेक प्रकार के शीलगुणों से होता है। शीलगुण आपस में संयुक्त रूप से कार्य करते हैं, जिनसे व्यक्ति के जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में समायोजन को उचित दिशा एवं गति प्राप्त होती है। इसी कारण इसे सामान्य भाषा में व्यक्तित्व की विशेषताएँ भी कहा जाता है। अब प्रश्न है कि शीलगुण से क्या अभिप्राय है? मनोवैज्ञानिकों ने इस प्रश्न के उत्तर में कहा है कि व्यक्तित्व की स्थायी विशेषताएँ जिनके कारण उनके व्यवहार में स्थिरता दिखाई पड़ती है, शीलगुण के नाम से जानी जाती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
किसी व्यक्ति के बुद्धि-लब्धि प्राप्तांक का वितरण किस प्रकार होता है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या में बुद्धि-लब्धि प्राप्तांक इस प्रकार वितरित होते हैं कि अधिकांश लोगों के प्राप्तांक वितरण के मध्य क्षेत्र में रहते हैं। बहुत कम लोगों के प्राप्तांक बहुत अधिक या बहुत कम होते हैं। बुद्धि-लब्धि प्राप्तांकों का यदि एक आवृत्ति वितरण वक्र बनाया जाए तो यह लगभग एक घटाकर वक्र के सदृश होता है। इस वक्र को सामान्य वक्र (Normal curve) कहा जाता है। ऐसा वक्र अपने केन्द्रीय मूल्य का माध्यम दोनों ओर समानित आकार का है। एक सामान्य वितरण के रूप में बुद्धि-लब्धि प्राप्तांकों के वितरण निम्नलिखित चित्र द्वारा प्रदर्शित कर सकते हैं –

Bihar Board Class 12 Psychology Solutions Chapter 1 मनोवैज्ञानिक गुणों में विभिन्नताएँ img 4
माध्य
बुद्धि-लब्धि प्राप्तांक
चित्र: जनसंख्या में बुद्धि-लब्धि प्राप्तांक के वितरण का सामान्य वक्र।

किसी जनसंख्या की बुद्धि-लब्धि प्राप्तांक का माध्य 100 होता है। जिन व्यक्तियों की बुद्धि-लब्धि प्राप्तांक 90 से 110 के बीच होती है उन्हें सामान्य बुद्धि वाला कहा जाता है। जिनकी बुद्धि-लब्धि 70 से भी कम होती है वे मानसिक मंदन से प्रभावित समझे जाते हैं और जिनकी सामान्य बुद्धि 130 से अधिक होती है वे असाधारण रूप से प्रतिभाशाली समझते हैं।

प्रश्न 2.
बुद्धि के द्वि-कारक सिद्धांत का वर्णन करें।
उत्तर:
बुद्धि के द्वि:
कारक सिद्धांत का प्रतिपादन ब्रिटिश मनोवैज्ञानिक चार्ल्स स्पीयरमैन ने किया। इन्होंने बुद्धि संरचना में दो प्रकार के कारकों का उल्लेख किया है, जिन्हें सामान्य बुद्धि। (जी० कारक) तथा विशिष्ट बुद्धि (एस० कारक) कहते हैं। इसके अनुसार बुद्धि में बड़ा अंश है जो व्यक्ति के संज्ञानात्मक कार्यों के लिए उत्तरदायी है। इस कारक पर किसी तरह के शिक्षण, प्रशिक्षण, पूर्व अनुभूति आदि का प्रभाव नहीं पड़ता है। इसी कारण यह कारक जन्मजात कारक माना जाता है।

दूसरी ओर स्पीयरमैन ने विशिष्ट बुद्धि को बुद्धि का अतिलघुरूप (5%) माना है। विशिष्ट बुद्धि की प्रमुख विशेषता यह है कि यह एक ही व्यक्ति में भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में भिन्न-भिन्न मात्रा में पाया जाता है तथा शिक्षण-प्रशिक्षण से प्रभावित होता है। ऐसे कारकों की आवश्यकता विशेष योग्यता वाले कार्यों को करने में पड़ती है। जैसे एक व्यक्ति प्रसिद्ध लेखक है परंतु आवश्यक नहीं कि वह उतना ही निपुण गायक व पेंटर भी साबित हो अर्थात् लेखन में विशिष्ट बुद्धि अधिक हो सकता है तथा पेंटिंग व गायन में विशिष्ट बुद्धि का भी मात्रा कम हो सकती है। इस प्रकार यह बुद्धि प्रथम व्यवस्थित सिद्धांत है। परंतु आगे चलकर इस सिद्धांत की आलोचना इस आधार पर की गयी कि बुद्धि में केवल दो ही तत्त्व नहीं बल्कि अनेक तत्त्व होते हैं।

प्रश्न 3.
सामान्य और असामान्य व्यक्ति के व्यवहारों में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:
सामान्य तथा असामान्य व्यक्ति के व्यवहारों में अलग-अलग विशेषताएँ पायी जाती हैं। इनके बीच कुछ प्रमुख अंतर निम्नलिखित हैं –
1. सामान्य व्यक्ति का संपर्क वास्तविकता से रहता है। वह अपने भौतिक, सामाजिक तथा आंतरिक पर्यावरण के साथ संबंध बनाये रखता है। वास्तविकता को वह पहचानकर उसके प्रति तटस्थ मनोवृत्ति रखता है। दूसरी ओर असामान्य व्यक्ति का संबंध वास्तविकता से विच्छेदित रहता है। वह वास्तविकता से दूर अपनी भिन्न दुनिया में खोया रहता है।

2. सामान्य व्यक्ति में सुरक्षा की भावना निहित रहती है। वह सामाजिक, पारिवारिक, व्यावसायिक तथा अन्य परिस्थितियों में अपने आपको सुरक्षित महसूस करता है। दूसरी ओर असामान्य व्यक्ति अपने आपको बेवजह असुरक्षित महसूस करता है।

3. सामान्य व्यक्ति अपना आत्म-प्रबंध करने में सफल रहता है। वह खुद अपनी देखभाल तथा सुरक्षा करता रहता है। दूसरी असामान्य व्यक्ति अपना आत्म-प्रबंध करने में विफल रहता है। वह अपनी देखभाल तथा सुरक्षा हेतु दूसरों पर निर्भर रहता है।

4. सामान्य व्यक्ति के कार्यों में सहजता तथा स्वभाविकता होती है। वह समयानुसार। व्यवहार करने की योग्यता रखता है। साथ ही साथ ऐसे व्यक्तियों में संवेगात्मक परिपक्वता रहती है। दूसरी ओर असामान्य व्यक्ति विचित्र तथा अस्वाभाविक हरकतें करता है। उसमें परिस्थिति के अनुरूप व्यवहार करने की क्षमाता का अभाव रहता है।

5. सामान्य व्यक्ति के व्यक्तित्व में संपूर्णता रहती है जिससे वह आंतरिक संतुलन बनाये रखता है। दूसरी ओर असामान्य व्यक्तियों में इन गुणों का अभाव पाया जाता है जिस कारण। उनके व्यक्तित्व का विघटन होने लगता है।

6. सामान्य व्यक्ति अपना आत्म-मूल्यांकन कर अपनी योग्यता एवं क्षमता को ध्यान में रखकर अपने जीवन लक्ष्य का निर्धारण करता है, जिससे उन्हें वास्तविक जीवन में सफलता मिलती है। दूसरी ओर असामान्य व्यक्ति वास्तविक आत्म-मूल्यांकन नहीं कर पाते हैं और अपनी खूबियों को बढ़ा-चढ़ा कर देखते हैं जिससे उन्हें वास्तविक जीवन में विफलता मिलती है।

7. सामान्य व्यक्तियों में कर्त्तव्य बोध होता है। वे किसी कार्य को जिम्मेवारीपूर्वक स्वीकार कर उसे अपनाते हैं। वे गलत तथा सही दोनों के लिए जिम्मेवार होते हैं। दूसरी ओर असामान्य व्यक्तियों में यह उत्तरदायित्व भाव नहीं रहता है। ये सही अथवा गलत किसी के लिए भी जिम्मेवारी नहीं स्वीकारते हैं।

8. सामान्य व्यक्ति का सामाजिक अभियोजन कुशल होता है। ये सामाजिक मूल्य एवं मर्यादा के अनुकूल व्यवहार दिखाते हैं। अतः ये समाज में लोकप्रिय भी रहते हैं। दूसरी ओर असामान्य व्यक्ति का सामाजिक अभियोजन कुशल नहीं होता है। ये समाज से कटे तथा विपरीत व्यवहार प्रदर्शित करने वाले होते हैं। अतः, ये समाज में उपहास के पात्र होते हैं। इस तरह सामान्य और असामान्य व्यक्ति के व्यवहारों में कई अंतर हैं।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
किसी मनोवैज्ञानिक गुण को समझने का पहला चरण है?
(A) रोपण
(B) कलम
(C) पूर्वकथन
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(B) कलम

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से किसमें व्यवस्थित परीक्षण की विधियों का उपयोग किया जाता है?
(A) व्यक्ति की योग्यता
(B) व्यक्ति के व्यवहार
(C) व्यक्तिगत गुणों के मनोवैज्ञानिक मापन
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में कौन अभिरुचि के गुण हैं?
(A) बुद्धि
(B) अभिक्षमता
(C) अभिरुचि
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 4.
व्यक्तियों की विशेषताओं तथा व्यवहार के स्वरूपों में पाया जाने वाला वैशिष्ट्य तथा विचलनशीलता को क्या कहा जाता है?
(A) व्यक्तिगत भिन्नता
(B) सामूहिक भिन्नता
(C) व्यक्तिगत दृष्टिकोण
(D) सामूहिक दृष्टिकोण
उत्तर:
(A) व्यक्तिगत भिन्नता

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में कौन मनुष्य के व्यवहार को बाह्य तथा आंतरिक कारकों की अंतःक्रिया का परिणाम मानता है?
(A) वस्तुवादी परिप्रेक्ष्य
(B) स्थितिवादी परिप्रेक्ष्य
(C) सामान्य परिप्रेक्ष्य
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(B) स्थितिवादी परिप्रेक्ष्य

प्रश्न 6.
प्राथमिक मानसिक योग्यताओं का सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया?
(A) लुईस थर्सटन
(B) गार्डनर
(C) टबर्ग
(D) बिने
उत्तर:
(A) लुईस थर्सटन

प्रश्न 7.
बुद्धि के एक-कारक सिद्धांत को किसने दिया?
(A) बिने
(B) लुईस
(C) स्पीयरमैन
(D) गार्डनर
उत्तर:
(C) स्पीयरमैन

प्रश्न 8.
बुद्धि के विषय पर शोध करने वाले पहले मनोवैज्ञानिक थे –
(A) बिने
(B) स्पीयरमैन
(C) थॉमसन
(D) गिलफोर्ड
उत्तर:
(A) बिने

प्रश्न 9.
निम्नलिखित में किसमें बुद्धि को अनेक प्रकार की योग्यताओं का एक समुच्चय माना जाता है?
(A) मनोमितिक उपागम
(B) प्रेक्षण
(C) मनोवैज्ञानिक परीक्षण
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(A) मनोमितिक उपागम

प्रश्न 10.
निम्नलिखित में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(A) भाषा की उच्च अभिक्षमता वाले एक व्यक्ति को प्रशिक्षण देकर एक अच्छा लेखक बनाया जा सकता है।
(B) एक उच्च यांत्रिक अभिक्षमता वाला व्यक्ति उपयुक्त प्रशिक्षण का अधिक लाभ उठाकर एक अभियंता के रूप में अच्छा कार्य कर सकता है।
(C) एक सामान्य अभिक्षमता वाले एक व्यक्ति को प्रशिक्षण देकर एक अच्छा लेखक बनाया जा सकता है।
(D) अभिक्षमता किसी व्यक्ति की कौशलों के अर्जन के लिए अंतर्निहित संभाव्यता से है।
उत्तर:
(C) एक सामान्य अभिक्षमता वाले एक व्यक्ति को प्रशिक्षण देकर एक अच्छा लेखक बनाया जा सकता है।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित में कौन आदर्श व्यवहारों के संबंध में व्यक्ति के स्थायी विश्वास होते हैं?
(A) व्यक्तित्व
(B) मूल्य
(C) अभिरुचि
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(B) मूल्य

प्रश्न 12.
निम्नलिखित में किस विधि में परीक्षणकर्ता व्यक्ति से वार्तालाप करके सूचनाएँ एकत्र करता है?
(A) साक्षात्कार
(B) मनोवैज्ञानिक
(C) प्रेक्षण
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(A) साक्षात्कार

प्रश्न 13.
निम्नलिखित में किस विधि में व्यक्ति स्वयं अपने विश्वासों, मतों आदि के बारे म तथ्यात्मक सूचनाएँ प्रदान करता है?
(A) व्यक्तिगत अध्ययन
(B) प्रेक्षण
(C) आत्म-प्रतिवेदन
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(C) आत्म-प्रतिवेदन

प्रश्न 14.
निम्नलिखित में कौन व्यक्तियों की पारस्परिक भिन्नता जानने में एक मुख्य निर्मिति है?
(A) विचार
(B) मन
(C) प्रेक्षण
(D) बुद्धि
उत्तर:
(D) बुद्धि

प्रश्न 15.
मातृ-शिशु अंतःक्रिया का अध्ययन किस विधि द्वारा सरलता से किया जा सकता है?
(A) प्रेक्षण प्रणाली
(B) व्यक्ति अध्ययन
(C) आत्म-प्रतिवेदन
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(A) प्रेक्षण प्रणाली

प्रश्न 16.
लिपजिग विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान की प्रथम प्रयोगशाला ने खोली?
(A) वाटसन
(B) पैवलव
(C) उण्ट
(D) मूलर
उत्तर:
(A) वाटसन

प्रश्न 17.
गार्डनर ने अभी तक कुल कितने प्रकार के बुद्धि का पहचान किया है?
(A) पाँच
(B) छः
(C) सात
(D) आठ
उत्तर:
(A) पाँच

प्रश्न 18.
साक्षात्कार का उद्देश्य
(A) आमने-सामने के सम्पर्क से सूचना प्राप्त करना
(B) परिकल्पनाओं के स्रोत
(C) अवलोकन के लिए अवसर पाना
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 19.
साक्षात्कार की तीन अवस्थाएँ होती हैं, निम्नांकित में कौन उन अवस्थाओं में नहीं है।
(A) प्रारम्भिक तैयारी
(B) प्रश्नोत्तर काल
(C) समापन की अवस्थाएँ
(D) संबंध बनाने की अवस्थाएँ
उत्तर:
(D) संबंध बनाने की अवस्थाएँ

प्रश्न 20.
बुद्धि का एक पदानुक्रमिक मॉडल किसने प्रस्तुत किया?
(A) गिलफोर्ड
(B) गार्डनर
(C) बिने
(D) आर्थर जेन्सेन
उत्तर:
(D) आर्थर जेन्सेन

प्रश्न 21.
बुद्धि संरचना मॉडल किसने प्रस्तुत किया?
(A) गिलफोर्ड
(B) स्टर्नबर्ग
(C) वेश्लर
(D) स्पीयरमैन
उत्तर:
(A) गिलफोर्ड

प्रश्न 22.
हावर्ड गार्डनर ने किस सिद्धांत को प्रस्तुत किया?
(A) बुद्धि-संरचना मॉडल
(B) पास मॉडल
(C) बहु-बुद्धि का सिद्धांत
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(C) बहु-बुद्धि का सिद्धांत

प्रश्न 23.
दूसरे व्यक्तियों के सूक्ष्म व्यवहारों के प्रति संवेदनशीलता किस प्रकार की बुद्धि को दर्शाता है?
(A) संगीतात्मक
(B) अंतर्वैयक्तिक
(C) अंत:व्यक्ति
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(A) संगीतात्मक

प्रश्न 24.
बुद्धि त्रिपाचीय सिद्धांत किसने दिया?
(A) रॉबर्ट स्टर्नबर्ग
(B) अल्फ्रेड बिने
(C) हॉवर्ड गार्डनर
(D) आर्थर जेन्सन
उत्तर:
(A) रॉबर्ट स्टर्नबर्ग

प्रश्न 25.
बुद्धि लब्धि (I.Q.) को कौन सूत्र मापता है?
(A) \(\frac{C.A.}{M.A.}\) × 100
(B) M.A. × C.A. × 100
(C) \(\frac{100}{C.A.}\) × M.A.
(D) \(\frac{M.A.}{C.A.}\) × 100
उत्तर:
(D) \(\frac{M.A.}{C.A.}\) × 100

प्रश्न 26.
पी० ओ० एक्स मॉडल के संदर्भ में कौन कथन सही है?
(A) इस मॉडल में सिर्फ एक व्यक्ति होते हैं।
(B) इस मॉडल में सिर्फ दो व्यक्ति होते हैं।
(C) इस मॉडल में सिर्फ तीन व्यक्ति होते हैं।
(D) इस मॉडल में कम-से-कम चार व्यक्ति होते हैं।
उत्तर:
(C) इस मॉडल में सिर्फ तीन व्यक्ति होते हैं।

प्रश्न 27.
किसने बुद्धि को एक ‘सार्वभौम क्षमता’ माना है?
(A) वेक्सलर
(B) बिने
(C) गार्डनर
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(A) वेक्सलर

प्रश्न 28.
बुद्धि लब्धि प्राप्त करने में यदि किसी व्यक्ति की मानसिक आयु (M.A.) तथा वास्तविक आयु (C.A.) लगभग बराबर-बराबर हो तो उसे –
(A) तीव्र बुद्धि का व्यक्ति समझा जाता है।
(B) मंद बुद्धि का व्यक्ति समझा जाता है।
(C) सामान्य बुद्धि का व्यक्ति समझा जाता है।
(D) प्रतिभाशाली बुद्धि का व्यक्ति समझा जाता है।
उत्तर:
(C) सामान्य बुद्धि का व्यक्ति समझा जाता है।

प्रश्न 29.
बुद्धिलब्धि के संप्रत्यय को विकसित किया गया है –
(A) थर्सटन के द्वारा
(B) स्पियरमैन के द्वारा
(C) टर्मन के द्वारा
(D) बहलर के द्वारा
उत्तर:
(C) टर्मन के द्वारा

प्रश्न 30.
व्यक्तित्व के विशेषक उपागम का अग्रणी कौन है?
(A) गार्डन ऑलपोर्ट
(B) रेमंड कैटेल
(C) एच० जे० वारनर
(D) थॉर्नडाइक
उत्तर:
(A) गार्डन ऑलपोर्ट

प्रश्न 31.
बहु-बुद्धि का सिद्धांत प्रतिपादित किया –
(A) मर्फी ने
(B) गार्डनर ने
(C) गिलफोर्ड ने
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(B) गार्डनर ने

प्रश्न 32.
नए एवं मूल्यवान विचारों को देन की क्षमता को कहा जाता है –
(A) बुद्धि
(B) सूझ
(C) अभिक्षमता
(D) सर्जनशीलता
उत्तर:
(D) सर्जनशीलता

प्रश्न 33.
सांवेगिक बुद्धि के तत्त्वों में किसे एक तत्त्व नहीं माना जा सकता है?
(A) अपने संवेगों की सही जानकारी रखना
(B) स्वयं को प्रेरित करना
(C) दूसरे को संवेगों को पहचानना
(D) दूसरे पर सहानुभूति दिखाना
उत्तर:
(A) अपने संवेगों की सही जानकारी रखना

प्रश्न 34.
व्यक्तित्व मूल्यांकन का ‘कथानक संप्रत्यक्षण परीक्षण’ (टी.ए.टी.) किसके द्वारा विकसित किया गया है?
(A) हर्मन रोर्शाक द्वारा
(B) कैटेल द्वारा
(C) मॉर्गन एवं मरे द्वारा
(D) राजेनबिग द्वारा
उत्तर:
(A) हर्मन रोर्शाक द्वारा

प्रश्न 35.
ड्रा-ए-परसन परीक्षण का निर्माण किसके द्वारा किया गया था?
(A) स्टैनफोर्ड
(B) वेश्लर
(C) रोजेनविग
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(C) रोजेनविग

प्रश्न 36.
बुद्धि के पास मॉडल का प्रतिपादन किसके द्वारा किया गया था?
(A) गिलफोर्ड
(B) थॉमसन
(C) एस० एम० मुहासिन
(D) जे० पी० दास
उत्तर:
(D) जे० पी० दास

प्रश्न 37.
संज्ञानात्मक असंवादिता के संप्रत्यय को विकसित किया है –
(A) थर्स्टन
(B) फेस्टिगर
(C) लिकर्ट
(D) बोगार्डस
उत्तर:
(B) फेस्टिगर

प्रश्न 38.
संज्ञानात्मक मूल्यांकन तंत्र का प्रतिपादन द्वारा किया गया?
(A) सिन्हा एवं राय
(B) दास एवं नागसिटी
(C) दन्त एवं मजुमदार
(D) सुलेमान एवं रहमान
उत्तर:
(B) दास एवं नागसिटी

प्रश्न 39.
जीवन मूल प्रवृत्ति के संप्रत्यय का प्रतिपादन द्वारा किया गया?
(A) एडलर
(B) युग
(C) वाटसन
(D) फ्रायड
उत्तर:
(D) फ्रायड

प्रश्न 40.
गिलफोर्ड द्वारा प्रतिपादित बुद्धि के मॉडल में बौद्धिक क्षमताओं की कितनी श्रेणियाँ होती हैं।
(A) 180
(B) 100
(C) 120
(D) 150
उत्तर:
(D) 150

Bihar Board Class 9 Economics Solutions Chapter 4 बेकारी

Bihar Board Class 9 Social Science Solutions Economics अर्थशास्त्र : हमारी अर्थव्यवस्था भाग 1 Chapter 4 बेकारी Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 9 Social Science Economics Solutions Chapter 3 गरीबी

Bihar Board Class 9 Economics बेकारी Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न :

अर्थशास्त्र कक्षा 9 Chapter 4 Question Answer Bihar Board प्रश्न 1.
देश की प्रमुख आर्थिक समस्या है ?
(क) उच्चशिक्षा
(ख) खाद्यान्न की प्रचुरता
(ग) क्षेत्रीय समानता
(घ) गरीबी तथा बेकारी
उत्तर-
(घ) गरीबी तथा बेकारी

अर्थशास्त्र कक्षा 9 Chapter 4 Bihar Board प्रश्न 2.
भारत में ग्रामीण क्षेत्र में पायी जाती है ?
(क) शिक्षित बेकारी
(ख) औद्योगिक बेकारी
(ग) अदृश्य बेकारी
(घ) चक्रीय बेकारी
उत्तर-
(ग) अदृश्य बेकारी

Bihar Board Class 9th Economics Solution प्रश्न 3.
बेकारी वह स्थिति है जब ?
(क) पूर्णतः इच्छा से काम नहीं करते ।
(ख) हम आलस्य से काम नहीं करते ।
(ग) हमें इच्छा एवं योग्यता होते हुए भी काम नहीं मिलता।
(घ) हम अशिक्षित एवं अपंग होते हैं।
उत्तर-
(ग) हमें इच्छा एवं योग्यता होते हुए भी काम नहीं मिलता।

Bihar Board Class 9 Economics Solution प्रश्न 4.
बिहार में पाई जानेवाली बेरोजगारी है ?
(क) घर्षणात्मक
(ख) चक्रीय
(ग) अदृश्य
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ग) अदृश्य

Bihar Board Solution Class 9 Social Science प्रश्न 5.
बिहार के ग्रामीण क्षेत्र में पाई जाती है ?
(क) औद्योगिक बेकारी
(ख) चक्रीय बेकारी
(ग) अदृश्य एवं मौसमी बेकारी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ग) अदृश्य एवं मौसमी बेकारी

Bihar Board Class 9 History Book Solution प्रश्न 6.
बिहार में अशिक्षितों की संख्या करीब निम्न में कितना प्रतिशत है ?
(क) 53 प्रतिशत
(ख) 40 प्रतिशत
(ग) 65 प्रतिशत
(घ) 47 प्रतिशत
उत्तर-
(क) 53 प्रतिशत

रिक्त स्थान की पूर्ति करें :

1. बेकारी वह स्थिति है जब काम चाहनेवाले तथा योग्य व्यक्ति को रोजगार ………………….नहीं होता ।
2. गरीबी तथा ………………….. भारत की प्रमुख समस्याएँ हैं।
3. ऐच्छिक बेकारी उस स्थिति को कहते हैं जब कोई व्यक्ति प्रचलित मजदूरी पर काम ………………… चाहता है।
4. छिपी हुई बेकारी की स्थिति में श्रमिक की सीमांत उत्पादकता नगण्य या ……………………..होती है।
5. भारत में शिक्षित बेरोजगारी का एक प्रमुख कारण दोषपूर्ण ……………………….है।
6. बिहार में छुपी हुई एवं ……………….. बेकारी पाई जाती है।
7. बिहार में बेरोजगारी का एक कारण ………………… शिक्षा का अभाव है।
उत्तर-
1. उपलब्ध,
2. बेकारी,
3. नहीं,
4. शून्य,
5. शिक्षा प्रणाली
6. मौसमी,
7. पेशेवर।

लघु उत्तरीय प्रश्न

Bihar Board 9th Class Social Science Book Pdf प्रश्न 1.
आप बेरोजगारी से क्या समझते हैं ?
उत्तर-
काम करने वाले व्यक्तियों की इच्छा और योग्यता के अनुसार, प्रचलित मजदूरी पर काम नहीं मिल पाए तो ऐसी स्थिति को बेरोजगारी कहते हैं।

Bihar Board Class 9 Geography Solutions प्रश्न 2.
छिपी हुई बेकारी से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
जिसमें उत्पादन क्रिया में आवश्यकता से अधिक व्यक्ति का लगा रहना, जहाँ उसकी उत्पादकता लगभग शून्य के बराबर होती है।

Economics Class 9 Chapter 4 Bihar Board प्रश्न 3.
न्यून रोजगार की समस्या का वर्णन करें।
उत्तर-
श्रम-शक्ति जनसंख्या का ही फल है। श्रम-शक्ति में वृद्धि होने से भारत में बेरोजगारी बढ़ रही है और न्यून रोजगार की समस्या जटिल हो गई है। संसाधन की कमी है सो अलग।

प्रश्न 4.
भारत में रोजगार प्राप्ति की समस्या का वर्णन करें।
उत्तर-
अशिक्षा और प्रशिक्षण के अभाव में भारतीय मजदूर आधुनिक मशीनों से रु-ब-रु नहीं हो पाते हैं। रोजगार नहीं मिल पाता।

प्रश्न 5.
शिक्षित लोगों में बढ़ती हुई बेकारी के मुख्य कारण क्या हैं ? ।
उत्तर-
शिक्षित लोगों में बढ़ती हुई बेकारी का मुख्य कारण है हमारी दोषपूर्ण शिक्षा-प्रणाली।

प्रश्न 6.
शिक्षा को पेशेवर बनाने से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
भारत में शिक्षा को पेशवर बनाने की आवश्यकता है जिससे लोगों में कार्यकुशलता और क्षमता में वृद्धि होती है, स्वरोजगार से बेकारी की समस्या का बहुत कुछ हल संभव हो सकेगा।

प्रश्न 7.
बेरोजगारी के चार कारणों का वर्णन करें।
उत्तर-
देंखे दीर्घ उत्तरीय प्रश्न संख्या 1 के दूसरे भाग में।

प्रश्न 8.
बिहार में ग्रामीण बेकारी के समाधान के लिए कुछ उपाय बताएँ।
उत्तर-
दूर करने के उपाय-

(i) कृषि का विकास-बिहार की कृषि व्यवस्था बहुत उन्नतशील हो सकती है । पर अविकसित होने के कारण यहाँ मौसमी और छिपी हुई बेरोजगारी मिलती हैं । अतः कृषि का उचित एवं समुचित विकास होना जरूरी है। वहीं सिंचाई का साधन एवं वैज्ञानिक कृषि को प्रोत्साहन देना चाहिए।

(ii) ग्राम उद्योगों के विकास जैसे कुटीर एवं लघु उद्योगों की स्थापना । सब्जी एवं फल उत्पादन में बिहार एक अग्रणी राज्य है। इस पर पूर्ण ध्यान देना अनिवार्य है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बेकारी की परिभाषा दें। भारत में बेकारी के प्रमुख कारण क्या हैं ? समाधान के सुझाव दें।
उत्तर-
बेकारी की परिभाषा-जब काम चाहने वाले व्यक्तियों को उसकी इच्छा एवं योग्यता के अनुसार प्रचलित मजदूरी पर काम या रोजगार नहीं मिलता तब हम उसे बेरोजगारी की स्थिति कहते हैं। यही बेकारी है।

भारत में बेकारी के कारण-

  • जनसंख्या में तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण विभिन्न प्रकार की बेकारी को जन्म दे रही है। शहरों तथा गाँवों में बेकारी बढ़ रही है।
  • अशिक्षा- भारत में अशिक्षितों की संख्या 53.0 है। अत: इसके कारण भी बेकारी की दर में वृद्धि देखी जाती है।
  • कृषि का पिछड़ा होना- भारत की कृपि मानसून पर आधारित है, जो एक जुए के खेल के समान है। और इससे कहीं सुखाड़ तो कहीं बाढ़ का प्रकोप बना रहता है।
  • औद्योगीकरण का अभाव-भारत में आर्थिक विकास एवं औद्योगीकरण की गति बहुत मंद रही है इसलिए रोजगार का अवसर कम प्राप्त होता है।

पूँजी का अभाव-भारत में कृषि तथा अन्य उद्योगों में वांछित पूँजी का निवेश नहीं किया जा रहा है जिसके कारण प्रत्येक स्तर पर बेकारी देश एवं राज्य में फैल रही है । समाधान के सुझाव-

(क) सरकारी स्तर पर चलाई जा रही योजनाओं पर उचित ध्यान देकर उससे सहयोग प्राप्त करना चाहिए । 2006 से तीन योजनाओं को मिलाकर ‘सम्पूर्ण राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना 2006 संचालित है ।

(ख) गैर-सरकारी उपाय के अंतर्गत ‘कुटीर उद्योगों एवं लघु उद्योगों पर ध्यान देना चाहिए तथा व्यक्तिगत स्तर पर संसाधन जुटा कर स्वरोजगार का निर्माण करना चाहिए।

प्रश्न 2.
भारत में बेकारी की समस्या पर एक लेख लिखें। बेकारी की समस्या को कैसे दूर किया जा सकता है ?
उत्तर-
भारत में बेरोजगारी एक विकराल समस्या है। देश में बेकारी का यह स्वरूप है कि बेकारी बढ़ती ही जा रही है। भारत में बेकारी की समस्या का आकार निम्नलिखित हैनमूने का सर्वेक्षण और जनगणना रिपोर्ट I.N.S.S.O. (55 वे राउंड) के अनुसार भारत में 1999-2000 ई० में बेरोजगार लोगों की संख्या लगभग 26.6 मिलियन थी। बेरोजगार लोगों की इस कुल संख्या में लगभग 19.5 मिलियन ग्रामीण क्षेत्र में थे और 7.1 मिलियन शहरी क्षेत्र में। 19992000 ई० में बेरोजगारी दर 7.3% थी। 1987-88से 1999-2000 ई० के बीच बेरोजगारी दर में आए परिवर्तन इस प्रकार है
Bihar Board Class 9 Economics Solutions Chapter 4 बेकारी - 1
तालिका से स्पष्ट है 1987-88 से 1999-2000 के बीच ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी बहुत तेजी से बढ़ी है। पर शहरी क्षेत्र में गिरावट आई।

समस्या को दूर करने के उपाय-समस्या को दूर करने क निम्नलिखित उपाय हैं-

(i) रोजगार केन्द्रित एवं उत्पादन कार्यक्रम-उत्पादन तथा रोजगार दोनों को ही बढ़ावा मिलना चाहिए। साथ ही कुटीर उद्योगों, कृषि पर आधारित ग्रामीण उद्योगों, सिंचाई, डेयरी, मछली पालन आदि कार्यक्रम किए जा सकते हैं।

(ii) शिक्षा में सुधार-रोजगारों को प्रोत्साहन, पूँजी निर्माण की : में वृद्धि, विशिष्ट रोजगार सृजन कार्यक्रम आदि व्यवस्था होनी ताकि रोजगार मिल सके।

प्रश्न 3.
भारत में पाई जानेवाली विभिन्न प्रकार की बेकारी का विवरण : इसके समाधान के लिए आप क्या सुझाव देंगे।
उत्तर-
भारत में पाई जानेवाली विभिन्न प्रकार की बेकारी अग्रलिखित है-

(i) ग्रामीण बेरोजगारी-वैसी वेरोजगारी जो गाँवों में है। इसके भी दो प्रकार हैं
(क) मौसमी बेरोजगारी-मौसम में परिवर्तन द्वारा उत्पन्न बेकारी जैसे खेती के मौसम में काम मिलना और खेती का मौसम न होने पर बेकार हो जाना । गाँवों में रोपनी, पटौनी तथा कटनी के बाद कृषक मजदूर बैठ जाते हैं।

(ख) छिपी हुई बेरोजगारी-किसी काम में पाँच लोगों की आवश्यकता है लेकिन उनमें आठ लोग काम पर लगे होते हैं। इनमें तीन लोग अतिरिक्त हैं, इन तीनों द्वारा किया गया अंशदान पाँच लोगों द्वारा किए गये योगदान में वृद्धि नहीं करता, यानि कुल उत्पादकता में वृद्धि नहीं करता । इसे ही छिपी हुई बेरोजगारी कहते हैं।

(ii) शहरी बेरोजगारी-शहरों में पाई जानेवाली बेरोजगारी है । यह तीन तरह की होती हैं।

(क) शिक्षित बेरोजगारी-पढ़े-लिखे लोगों को जब रोजगार नहीं मिलता तब वह शिक्षित बेरोजगारी है ।

(ख) औद्योगिक बेरोजगारी-आधुनिक मशीनों के प्रयोग से बड़े-बड़े कारखानों से मजदूरों को हटाया जाना औद्योगिक बेरोजगारी है। कपड़ा मिलों से बड़ी संख्या में हैण्डलूम-बुनकर बेकार हो गए।

(ग) तकनीकी बेरोजगारी-अत्यधिक तकनीक के मशीनों के लगने से भी मजदूरों का हटाया जाना तकनीकी बेरोजगारी है। समाधान के उपाय-देंखे दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 1 का तीसरा भाग।

प्रश्न 4.
‘समेकित ग्रामीण विकास कार्यक्रम’ के विशेष संदर्भ में विभिन्न रोजगार-सृजन कार्यक्रमों का परीक्षण करें। इसके क्रियान्वयन में सुधार के उपाय बताएँ।
उत्तर-
समेकित ग्रामीण विकास कार्यक्रम (IRDP-Integrated Rural Development Programme) गरीबी निवारण के लिए समन्वित ग्रामीण विकास का कार्यक्रम 1980 ई० से देश के सभी प्रखंडों में लागू किया गया । छठी पंचवर्षीय योजना का एक प्रमुख उद्देश्य गरीब वर्ग के व्यक्तियों के साधन तथा आय में वृद्धि कराना था। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के उद्देश्य से समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम लागू किया गया । इस कार्यक्रम में देश के लगभग 5000 प्रखंड शामिल किए गए थे । इसका उद्देश्य 1.5 करोड़ ऐसे गरीब परिवारों को लाभ पहुँचाना था जो गरीबी रेखा के नीचे थे। इस कार्यक्रम का 50 . प्रतिशत खर्च सरकार वहन करती है। छठी पंचवर्षीय योजना में इस कार्यक्रम को पर्याप्त सफलता मिली। इस योजना में 1,500 करोड़ रु० व्यय का आयोजन था, जबकि वास्तविक व्यय 1,787 करोड़ रु० हुआ। सातवीं पंचवर्षीय योजना तक इसका विस्तार 2 करोड ग्रामीण परिवारों को लाभ पहुँचाने का था। ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक संख्या गरीब भूमिहीन किसान, मजदूरों, छोटे किसानों, ग्रामीण शिल्पकारों, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जन जाति के लोगों का है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य इसी वर्ग के लोगों को लाभ पहुँचाने का है। इसमें सुधार की कोई गुंजाइश नहीं।

प्रश्न 5.
भारत में शिक्षित बेरोजगारी के कारणों का वर्णन करें। इस समस्या का निराकरण कैसे किया जा सकता है।
उत्तर-
शिक्षा प्राप्त व्यक्ति को रोजगार नहीं मिलता तब उसे शिक्षित बेरोजगार कहते हैं । इस प्रकार की बेरोजगारी मुख्यतः शहरों में पाई जाती है तथा युवा वर्ग के व्यक्ति इसके शिकार हैं। इसका मुख्य कारण है

  • शिक्षा प्रणाली रोजगारोन्मुख नहीं
  • जनसंख्या में तेजी से वृद्धि के कारण मैट्रिक, स्नातक और स्नातकोत्तरों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है
  • रोजगार की समुचित व्यवस्था का न होना ।

निराकरण-

  • शिक्षा प्रणाली में सुधार-वर्तमान शिक्षा प्रणाली को रोजगारोन्मुख बनाने की आवश्यकता है ताकि लोग अपने पैरों पर खड़ा हो सके।
  • श्रम शक्ति का नियोजन-शिक्षित व्यक्ति एक श्रम है जिसका नियोजन आवश्यक हैं । व्यक्तियों के नियोजन के लिए उपयुक्त बाजार की व्यवस्था भी होनी चाहिए।
  • दृष्टिकोण में बदलाव-शिक्षित वर्ग की दृष्टि में बदलाव लाना आवश्यक है। उन्हें आवश्यकता पड़ने पर शारीरिक श्रम भी करना पड़ सकता है, अतः इसे करने में नहीं हिचकना चाहिए।

प्रश्न 6.
आप अदृश्य बेकारी से क्या समझते हैं ? समाधान के लिए उपाय बताएँ।
उत्तर-
कृषि के क्षेत्र में आवश्यकता से अधिक व्यक्ति लगे होने के कारण छिपी हुई या अदृश्य बेरोजगारी भी पाई जाती है । इसमें लोग प्रकट रूप से काम पर लगे हुए दिखाई पड़ते हैं पर उनकी उत्पादकता नगण्य या शून्य होती है । यदि उन्हें काम से हटा भी दिया जाए तो कृषि उत्पादन में कोई कमी नहीं होगी।

अदृश्य बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए कृषि पर से जनसंख्या के भार को कम करना आवश्यक होगा। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अन्य साधनों का विस्तार करना होगा। आज विश्व के अनेक अर्द्धविकसित देशों में कृषि-आधारित छोटे एवं घरेलू उद्योगों का शीघ्रता से विकास हो रहा है। ये उद्योग श्रम प्रधान होते हैं तथा इनमें ग्रामीण जनशक्ति का विस्तारपूर्वक प्रयोग किया जा सकता है ।

प्रश्न 7.
बिहार में ग्रामीण बेरोजगारी की समस्या के प्रमुख कारण क्या हैं ? आप इसे कैसे दूर करेंगे? .
उत्तर-
बिहार में ग्रामीण बेरोजगारी की समस्या जटिल है। इसके निम्नलिखित कारण हैं-
(i) कृषि का पिछड़ापन-समुचित जल प्रबंधन तथा शक्ति, परिवहन और विपणन से चारण के आभाव में कृषि का आधुनिकीकरण एवं वयवसायीकरण संभव नहीं हो सका । अतः राज्य अर्थव्यवस्था के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में रोजगार के अवसरों का विस्तार नहीं हो सका है।

(ii) कृषि की प्रधानता-कृषि बिहार की अर्थ व्यवस्था का आधार है। गैर कृषि क्षेत्र विशेषकर उद्योग-धंधों के अविकसित होने के कारण रोजगार के बहुत कम अवसर उपलब्ध हैं। राज्य की लगभग 80% जनसंख्या कृषि एवं उससे संबंधित क्रियाकलाप में लगी हुई है। कृषि पर जनसंख्या के इस बोझ के कारण ही गाँवों में बेरोजगारी की समस्या है।

(iii) कृषि आधारित उद्योगों का अविकसित होना-बिहार में कृषि उत्पादन पर आधारित उद्योग विकसित नहीं हैं। जिसके कारण बिहार की चीनी, जूट और कागज की मिलें बंद हो चुकी हैं। इससे बेरोजगारों की संख्या में वृद्धि हुई है।

दूर करने के उपाय-

(i) कृषि का विकास-बिहार की कृषि व्यवस्था बहुत उन्नतशील हो सकती है । पर अविकसित होने के कारण यहाँ मौसमी और छिपी हुई बेरोजगारी मिलती हैं । अतः कृषि का उचित एवं समुचित विकास होना जरूरी है। वहीं सिंचाई का साधन एवं वैज्ञानिक कृषि को प्रोत्साहन देना चाहिए।

(ii) ग्राम उद्योगों के विकास जैसे कुटीर एवं लघु उद्योगों की स्थापना । सब्जी एवं फल उत्पादन में बिहार एक अग्रणी राज्य है। इस पर पूर्ण ध्यान देना अनिवार्य है।

Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 6 Tess Buys a Miracle

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Bihar Board Class 8 English Tess Buys a Miracle Text Book Questions and Answers

A. Warmer

Miracles are lucky or happy things or events which happen in our favour beyond all expectations or posssibilities.

Tess Buys A Miracle Question Answers Bihar Board Question 1.
Have you ever seen lucky things that happen to you or to someone known to you ? Talk about them to the class.
Answer:
No, I haven’t seen luck things happening to me. But I have heard stories of such happenings.

Tess Buys A Miracle Bihar Board Question 2.
Can you make lucky things happen whenever you want ? If ytz, what good things will you like to happen in your life ?
Answer:
No, it is not possible for me. I can’t make lucky things happen. Whenever I want. If I could do such things, I would become the richest man of the world.

B. Let’s Comprhened

B. 1. Think and Tell

Bihar Board Class 8 English Book Question 1.
Who was sick ?
Answer:
Andrew was sick.

Bihar Board Class 8 English Solution In Hindi Question 2.
How did Tess know that her brother was sick ?
Answer:
She overheard her parents talking about this.

Bihar Board Class 8 English Book Solution Question 3.
Who operated on her brother ?
Answer:
Dr. Armstrong, a neuron surgeon.

Class 8 English Bihar Board Question 4.
Which words, in your opinion, describe the character of Tess ?
Answer:
The faith of a little child’.

B. 1. 1. Say whether the following statements are ’True’ or ‘False’.

Bihar Board Class 8 English Question 1.

  1. Tess’s parents were very hopeful that their son would recover from his illness.
  2. Tess believed that miracles are things that one can buy.
  3. Tess didn’t want to use her own money to buy a miracle to save her brother.
  4. Tess’s brother needed a surgical operation.
  5. The chemist’s brother Wanted to help Tess.
  6. Dr. Armstrong made Tess believe that it was possible for her to buy the miracle she needed.
  7. Tess’s parents had to spend a lot of money on Andrew’s operation.
  8. Dr. Armstrong was not a kind and sympathetic man.
  9. Tess’s parents saved Andrew’s life,

Answer:

  1. False
  2. True
  3. False
  4. True
  5. True
  6. True
  7. False
  8. False
  9. False

B. 2. Think and Write

Tick (✓) the right answer.

Tess Buys A Miracle In Hindi Bihar Board Question 1.
Tess went to the drugstore
(a) to buy a miracle
(b) to meet the chemist
(c) to meet the Chemist’s brother
Answer:
(a) to buy a miracle

Bihar Board Class 6 English Solution In Hindi Question 2.
The doctor was impressed by
(a) Tess’s concern for her brother
(b) Tess’s way of speaking
(c) Tess’s love for her parents
Answer:
(a) Tess’s concern for her brother

Class 8 Bihar Board English Book Question 3.
Only a miracle could save Andrew’s life because
(a) the disease was incurable
(b) his parents hadn’t enough money to bear the cost of his treatment
(c) there were no good doctors available at that place
Answer:
(b) his parents hadn’t enough money to bear the cost of his treatment

B. 2. 1. Answer the following questions.

Bihar Board 8th Class English Book Question 1.
How much money did Tess have ? How do you think she got this money ?
Answer:
Tess had one dollar and eleven cents. She had saved this money from her parents as her pocket money.

Bihar Board Class 8 English Book Pdf Question 2.
Did Tess know what a miracle is? Give reasons for your answer.
Answer:
No she went to drugstore to buy a miracle. It proves that she didn’t know what a miracle meant.

Bihar Board Class 8 English Solutions Question 3.
What is your opinion about Dr. Armstrong ?
Answer:
Dr. Armstrong was a kind and sympathetic man.

Class 8 English Book Bihar Board Question 4.
How did Tess come to know that her brother was sick?
Answer:
She knew it from her parents. They talked each other about this.

Bihar Board Class 4 English Book Solution Question 5.
What did Tess want to know from the chemist ?
Answer:
Tess wanted to know from the chemist, how much a miracle costs.

Question 6.
Who in your opinion, helped Andrew recover from his illness ?
Answer:
Dr. Armstrong, a neuro surgeon, helped Andrew to recover from his illness in a hospital.

C. Word Study

C. 1. Fill in the blanks with the suitable words from the box.

(drugstore, Chicago, miracle, operated, coins, back)

  1. Within a few weeks Andrew was ………….. at home.
  2. My brother has just arrived from
  3. Dr. Armstrong ………. on her brother.
  4. Tess made her way to
  5. Only a ………….. can save him.
  6. There were few ……….. in the jar.

Answer:

  1. back
  2. Chicago
  3. operated
  4. drugstore
  5. miracle
  6. coins.

C. 2. Word ending in ‘-ist’.

Words that end in ‘-ist’ such as guitarist, artist and recep-tionist indicate people’s profession or their specialised area of work.

Study the words in column A indicating professions and match them with what they do given in column B.

Tess Buys A Miracle Question Answers Bihar Board

Answer:
Tess Buys A Miracle Bihar Board

C. 3. Given below are groups of words Identify and encircle in each group the wort that does not belong to the rest.

One has been done for you.

  1. disease, doctor, treatment, confident, diagnosis.
  2. medicine, cupboard, table, chair, stool.
  3. annoyed, irritated, loving, angry, cross.
  4. wife, husband, daughter, son, friend.
  5. well dressed, smart, elegant, unkempt, well-known.

Answer:

  1. confident
  2. medicine
  3. loving
  4. friend
  5. well known.

D. Grammar

Direct and Indirect Speech

You can speak or write the words or sentences of another person in two ways:

a. By repeating the words or sentences of the other per-son as they were.
b. By stating the meaning of the words or sentences of 1 the other person in your own words.
Suppose Amrita speaks the words, “I am tired.” Any pet son other than Amrita can express her words in the following ways:

(a) Amrita said, “I am tired.”
(or)
(b) Amrita said that she was tired.

In sentence (a), the exact words of the speaker, that is, ”I am tired.” are quoted within the quotation marks. This iscalled the direct speech.

In sentence (b), we have reported what Attirita (the speaker) said, that is, she was tired without quoting the exact words. This is called the indirect speech.

Here, you will also observe the following facts.

The first sentence gives Amrita’s words as they were spo-ken by her. So they have been kept within double inverted commas or quotation marks.

The second sentence uses the relative word that in order to connect Amrita’s words with those of the reporting person.

We use reported speech when we want to repeat what someone had previously said.

Let’s look at the difference between direct speech and reported speech :

Bihar Board Class 8 English Book

Indirect speech (sometimes called reported speech), doesn’t use quotation marks to enclose what the person said and it doesn’t have to be word for word.

When reporting speech, the tense usually changes. This is because when we‘use reported speech, we are usually talking about at time in the past (because obviously, the person Who spoke originally spoke in the past). The verbs therefore usually have to be in the past dot. In reported speech, we need to use the past tense form of the verb. In direct speech the present tense is used. As you can see, in the above sentence ‘am’changes to’was’when we use reported speech.

Tesnse

Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 6 Tess Buys a Miracle 4

Modal verb forms also sometimes change

Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 6 Tess Buys a Miracle 5

Note : There is no change to could, would, should, might and ought to.

You can use the present tense in the reported speech if you want to say that something i still true. For example* my name has always been and will always be Aniket so:

Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 6 Tess Buys a Miracle 6

You can also use the present tense if you are talking about a future event

Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 6 Tess Buys a Miracle 7

Time change

If the reported sentence contains an expression of time, you must change it to fit in with the time of reporting. For example, we need to change words like here and yesterday if they have different meanings at the time and place of reporting.

Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 6 Tess Buys a Miracle 8

Expression of time if reported on a different day

Bihar Board Class 8 English Book Solutions Chapter 6 Tess Buys a Miracle 9

In addition, if you report something that someone said in a different place to where you heard it you must change the place (here) to the place (there).

“How long have you worked here ?”

She asked me how long I’d worked there.

Pronoun change

In the reported speech, the pronoun often changes

  • Pronouns of the first person change according to the person of the subject of the reporting verb.
  • Pronouns of the second person change according to the person of the’object of the reporting verb.
  • Pronouns of the third person never change.

He said, “I am a teacher.” = He said (that) he was a teacher.
She said to me, “Where are you going ?”
= She asked me where I was going.
He said to you, “Are you’a student ?”
= He asked you if you were a student.
They said to me. “He must help her.”
= They told me that he must help her.

Reporting Verbs

  1. Said, told and asked are the most common verbs used in indirect speech.
  2. We use asked to report questions; / asked Anil what time the lesson started.
  3. We use told with an object: Anil told me he felt tired.
  4. We usually use said without an object; Anwesha said she was going to teach English.
  5. If said is used with an object we must include to: Anwesha said to me that she had never been to Patna:

Note: We usually use told: Anwesha told me that she had never been to Patna.

There are many other verbs we can use apart from said, told and asked. These include : accused, admitted, advised, alleged, agreed, apologised, begged, boasted, complained, denied, explained, implied, invited, offered, ordered, promised, replied, suggested and thought. Using them properly can make what you say much more interesting and informative.

He asked me to come to the party may be changed into :

  • He invited me to the party.
  • He begged me to come to the party.
  • He ordered me to come to the party.
  • He advised me to come to the party.
  • He suggested I should come to the party.

D. 1. Rewrite the following sentences into indirect speech

  1. Father said, “Only a miracle can save him now.”
  2. “My brother is really sick,” said Tess.
  3. Mother said to her husband, “I wonder how much Andrew’s surgery cost.”
  4. The chemist said to Tess, What do you want ? I am talking to my brother who has just come from Chi-cago”.
  5. The chemist’s brother said to Tess, “What kind of miracle does your brother need ?”
  6. “How much do you have ?” asked the well dressed man.
  7. She said to me, “How is your brother now ?”
  8. He said to her, “What do you want ?”
  9. Tess replied, “He is really sick and he needs an operation”.

Answer:

  1. Father said that only a miracle could save him then.
  2. Tess said that her brother was really sick.
  3. Mother told to her husband that she wondered how much Andrew’s surgery costed.
  4. The Chemist asked Tess what did she want. Tess answered she was talking about her brother who had just come from Chicago.
  5. The Chemist’s brother asked Tess what kind pf miracle did her brother need.
  6. The well dressed man Usked how much had he.
  7. She asked me how was my brother then.
  8. He asked her what she wanted.
  9. Tess replied that he was really sick and he needed an operation.

D. 2. Report the following in direct speech.

  1. The shopkeeper asked me what I wanted.
  2. I requested my brother to help me in Chemistry.
  3. The old woman told us that she could not see clearly.
  4. They say that they are very thirsty.
  5. She will say that the letter is to come tomorrow.
  6. He says that we will reach there early morning.
  7. She said that she had been learning Hindi for about two years.
  8. Ayesha said that she would leave for her village the , following day.
  9. Anil said that he had not seen her for a long time.

Answer:

  1. The shopkeeper said to me, “What do you want ?”
  2. I said to my brother, “Please help me in Chemistry,”
  3. The old woman said to us, “I can not see clearly”.
  4. They said, “We are very thirsty.”
  5. She will say, “The letter will come tomorrow”.
  6. He says, “We will reach there early morning.”
  7. She said, “She was learning Hindi for about two years”
  8. Ayesha said, “I will leave for my village the next day”
  9. Anil said, “I did not see her for a long time”

E. Let’s Talk

The teacher will assign some students the role of a doctor and rest of them to enact the role of a patient He/she will give them certain situations like having fever, having stomach upset having an injury etc. The students will role play as doctor and patient.
Hint :Do the role play yourselves as directed by your teacher and the above direction.

F. Composition

Question 1.
On the basis of the discussion in E. Let’s Talk, write a dialogue between a doctor and a patient.
Answer:
Doctor: Yes, what problem do you have ?
Patient: My stomach is paining.
Doctor: Take these medicines as I have directed in
the prescription.

G. Translation

Question 1.
Translate the first three paragraph into Hindi or your mother tongue.
Hints: See ‘Hindi Translation of the Chapter’.

Over hear (v) [ओवर हिअर] = अचानक सुन लेना | Enough (adv) -[एनफ] = पर्याप्त । Treatment (n) [ट्रीटमेंट] = उपचार । Miracle (n) [मिरेकल] = चमत्कार । Thinking (v) [थिकिंग] = सोचना । Heard (v). [हड) = सुनी । Jar (n) [जार] = शीशे का एक बड़ा बर्तन | Carefully. (adv)[केअरफुलि] = सावधानी से । Drugstore (n)[ड्रगस्टोर] = दवा की दुकान । Chemist (n) [केमिस्ट] = दवा विक्रेता । To pay attention (phr) [टू पे अटेन्शन] = ध्यान देना। Rather (adv) [रादर] = प्रायः । Really (adv) [रिअली] = सच में । Sick (adj) [सिक] = बीमार | Growing (v) [ग्रोइंग] = बढ़ना । Save (v) [सेव] = बचाना ।

Costs (v) [कॉस्ट्स] = दाम। लगना । Well-dressed (adj) [वेल-ड्रेस्ड] = अच्छे तरह कपड़ों में सुसज्जित । Conversation (n) [कनवर्सेशन] = वार्तालाप | Turmed (v) [टन्ड) = मुड़ा । Kind (n) [काइन्ड] = प्रकार | Full of (phr) [फुल ऑफ] = भरा हुआ। Need (v) [नीड] = जरूरत होना । Operation (n) [ऑपरेशन] = शल्य-चिकित्सा, चीर-फाड़ की चिकित्सा । To pay (v) [टू पे] = भुगतान करना, चुकाना । Wonderful (adj) [वन्डरफुल] = आश्चर्यजनक । Exact (adj) [एक्जैक्ट] = बिल्कुल, निश्चित | Held (v) [हेल्ड) = थामा, पकड़ा। Let (v) (लेट] = आज्ञा देना । Famous (adj) [फेमस] = प्रसिद्ध | Neuro (n) [न्यूरो] = नाड़ी, नस से सम्बन्धित | Surgeon (n) (सर्जन] = शल्य चिकित्सा । Admit (v) [एडमिट] = दाखिल करना । Wonder (v) [वन्डर] = आश्चर्य करना । Faith (n) [फेथ] = विश्वास

H. Activity

H. 1. Collect some newspaper clippings and pictures showing how cleanliness should be maintained at your , homes, in classrooms and the surroundings where you live. Paste the pictures on a chart and display on the class notice board.
Hints : Do it yourself,

Tess Buys a Miracle Summary in English

One day eight year old girl Tess heard her parents talking about her little brother Andrew’s sickness. The boy needed on operation. But his family hadn’t enough money for it.

Tess counted her savings – One dollar and eleven cents. She had heard her mother saying that only a miracle could save her brother. She went with her savings to a chemist’s shop. There she asked what a miracle would cost. The Chemist brother was a famous neuro surgeon. He heard the girl, smiled and came with the girl to her house. He admitted the boy in a hospital, operated him and saved him.

Tess’s mother said to her husband, God knows what the operation did cost and the doctor didn’t take any money. Tess smiled as she knew that a miracle did cost-one dollar eleven cents and the faith of a little child.

Tess Buys a Miracle Summary in Hindi

एक दिन आठ वर्षीया बालिका टेस ने अपने माँ-पिता को अपने छोटे भाई एन्ड्रीऊ के बारे में बातें करते सुना । वे उसकी बीमारी की बात करते कह रहे थे कि उसे ऑपरेशन की जरूरत पड़ेगी और उनके पास इनके लिए पैसे नहीं हैं और अब कोई चमत्कार ही उसको बचा सकता है।

टेस ने कुछ पैसे बचाए थे। उसने उन पैसों को गिना-एक डॉलर और ग्यारह सेन्ट-जिन्हें लेकर वह एक दवाखाने गयी और एक चमत्कार का दाम पूछा । दवा विक्रेता के भाई डॉ. आर्मस्ट्रांग ने उसकी बात सुन ली। वह एक प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन था । वह बच्ची के घर आया और उसके भाई को हॉस्पीटल में दाखिल कर उसका ऑपरेशन कर उसे भला चंगा कर दिया।

टेस की माँ अपने पति से कह रही थी – पता नहीं, एन्ड्रीऊ के ऑपरेशन में कितना पैसा लगा होगा। डॉक्टर ने तो एक भी पैसा नहीं लिया। यह सुन टेस मुस्कुराई । उसे पता था, एक चमत्कार की कीमत-एक डॉलर और ग्यारह सेन्ट और हाँ, एक बच्ची का विश्वास

Tess Buys a Miracle Hindi Translation of The Chapter

Over hear (v) [ओवर हिअर] = अचानक सुन लेना | Enough (adv) -[एनफ] = पर्याप्त । Treatment (n) [ट्रीटमेंट] = उपचार । Miracle (n) [मिरेकल] = चमत्कार । Thinking (v) [थिकिंग] = सोचना । Heard (v). [हड) = सुनी । Jar (n) [जार] = शीशे का एक बड़ा बर्तन | Carefully. (adv)[केअरफुलि] = सावधानी से । Drugstore (n)[ड्रगस्टोर] = दवा की दुकान । Chemist (n) [केमिस्ट] = दवा विक्रेता । To pay attention (phr) [टू पे अटेन्शन] = ध्यान देना। Rather (adv) [रादर] = प्रायः । Really (adv) [रिअली] = सच में । Sick (adj) [सिक] = बीमार | Growing (v) [ग्रोइंग] = बढ़ना । Save (v) [सेव] = बचाना ।

Costs (v) [कॉस्ट्स] = दाम। लगना । Well-dressed (adj) [वेल-ड्रेस्ड] = अच्छे तरह कपड़ों में सुसज्जित ।’ Conversation (n) [कनवर्सेशन] = वार्तालाप | Turmed (v) [टन्ड) = मुड़ा । Kind (n) [काइन्ड] = प्रकार | Full of (phr) [फुल ऑफ] = भरा हुआ। Need (v) [नीड] = जरूरत होना । Operation (n) [ऑपरेशन] = शल्य-चिकित्सा, चीर-फाड़ की चिकित्सा । To pay (v) [टू पे] = भुगतान करना, चुकाना । Wonderful (adj) [वन्डरफुल] = आश्चर्यजनक । Exact (adj) [एक्जैक्ट] = बिल्कुल, निश्चित | Held (v) [हेल्ड) = थामा, पकड़ा। Let (v) (लेट] = आज्ञा देना । Famous (adj) [फेमस] = प्रसिद्ध | Neuro (n) [न्यूरो] = नाड़ी, नस से सम्बन्धित | Surgeon (n) (सर्जन] = शल्य चिकित्सा । Admit (v) [एडमिट] = दाखिल करना । Wonder (v) [वन्डर] = आश्चर्य करना । Faith (n) [फेथ] = विश्वास ।

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Bihar Board Class 10 Hindi Solutions Varnika Chapter 4 नगर

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solutions Varnika Bhag 2 Chapter 4 नगर Text Book Questions and Answers, Summary, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Hindi Solutions Varnika Chapter 4 नगर

Bihar Board Class 10 Hindi नगर Text Book Questions and Answers

बोध और अभ्यास

नगर कहानी क्लास 10th Bihar Board प्रश्न 1.
लेखक ने कहानी का शीर्षक ‘नगर’ क्यों रखा? शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट करें।
उत्तर-
प्रस्तुत कहानी में नगरीय व्यवस्था का चित्रण किया गया है। एक रोगी जो ईलाज के लिए गाँव से नगर आता है किन्तु अस्पताल प्रशासन उसका टोलमटोल कर देता है। उसकी भर्ती नहीं हो पाती है। नगरीय व्यवस्था से क्षुब्ध होकर ही इस कहानी का शीर्षक ‘नगरे’ रखा गया है।
वर्तमान परिस्थिति में नगरीय जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

अस्पताल के डॉक्टर, कर्मचारी आदि खाना पूर्ति कर अपने जिम्मेदारी से मुक्त हो जाते हैं। अनपढ़ गंवार बल्लि अम्माल नाम की एक विधवा अपनी पुत्री के इलाज के लिए नगर के एक बड़े अस्पताल में आती है। अस्पताल के वरीय चिकित्सक उस रोगी को भर्ती करने का आदेश देते हैं। किन्तु कर्मचारीगण अनदेखी कर देते हैं। वल्लि अम्माल इधर-उधर चक्कर काटती है कि उसकी बेटी का इलाज सही तरीके से हो जाये। कर्मचारियों द्वारा सुबह 7:30 बजे आने की बात पर वलिल अम्माल अपनी बेटी को लेकर अस्पताल से निकल जाती है।

फुर्सत मिलने पर वरीय चिकित्सक मेनिनजाइटिस से पीड़ित रोगी को भर्ती होने की बात पूछते हैं। अस्पताल प्रशासन को इसकी कोई खबर नहीं होने पर वरीय चिकित्सक क्रोधित होकर उस रोगी को खोजने की बात कहते हैं। कर्मचारी एवं डॉक्टर उस रोगी ही खोज में लग जाते हैं। वस्तुत: इस कहानी में अस्पताल प्रशासन की कमजोरियों एवं मानवीय मूल्यों में निरन्तर आनेवाली गिरावटों का सजीवात्मक चित्रण किया हैं। नगर में रहनेवाले लोग केवल अपने सुख-सुविधा में लगे रहते हैं। अत: इन दृष्टान्तों से स्पष्ट होता है कि प्रस्तुत कहानी का शीर्षक सार्थक और समीचीन है।

Varnika Class 10 Bihar Board प्रश्न 2.
पाप्पाती कौन थी और वह शहर क्यों लायी गयी थी?
उत्तर-
पापाति तमिलनाडु के एक गाँव की महिला वल्लि अम्माल की बेटी थी। उसे बुखार
आ गया। जब वल्लि अम्माल उसे लेकर गांव के प्राइमरी हेल्थ सेंटर में दिखाने गई तो वहाँ के डॉक्टर ने अगले दिन सुबह ही जाकर नगर के बड़े अस्पताल में दिखाने को कहा। बस वह पाप्पाति को लेकर सुबह की बस से नगर के बड़े अस्पताल में दिखाने पहुंच गई।

नगर कहानी का क्वेश्चन आंसर Bihar Board प्रश्न 3.
बड़े डॉक्टर ने अपने अधीनस्थ डॉक्टरों से पाप्पाति को अस्पताल में भर्ती कर लेने
के लिए क्यों कहा? विचार करें।
उत्तर-
बड़े डॉक्टर ने पाप्पाति की सावधानी से जाँच की। पलकें उठाकर आँखं देखीं। सिर को घुमा कर देखा, उँगली गाल में गड़ाई। खोपड़ी को अपनी उँगलियों से ठोक-ठोक कर देखा। विदेश से पढ़कर आए थे। अपने अधीनस्थ डॉक्टरों से कहा कि कह दीजिए इसे एडमिट कर लें। इस केस को मैं स्वयं देखूगा। दरअसल, मेनेनजाइटिस में रोगी की संज्ञा प्रायः चली जाती है। इसीलिए डॉक्टर ने एडमिट करने को कहा। अस्पताल के बाहर ऐसे रोगी का इलाज होना कठिन होता है।

Class 10 Hindi Chapter 4 Question Answer Bihar Board प्रश्न 4.
बड़े डॉक्टर के आदेश के बावजूद पाप्पाति अस्पताल में भर्ती क्यों नहीं हो पाती?
उत्तर-
नगर के बड़े अस्पताल के बड़े डॉक्टर के बावजूद एक्यूट मेनेनजाइटिस से ग्रस्त पाप्पाति अस्पताल में भर्ती नहीं हो सकी इसका कारण सरकारी अस्पताल में व्याप्त टालू प्रवृत्ति, कर्तव्यहीनता, सामान्य व्यक्ति के प्रति सरकारी कर्मचारियों का उपेक्षापूर्ण रवैया और भ्रष्टाचार है। डॉक्टर के चिट देने के बावजूद प्रभारी देर से काम पर लौटा और कहा कि डॉक्टर का दस्तखत नहीं है।

दूसरी जगह के आदमी ने चिट लेने के आधे घंटे बाद कहा कि यहाँ क्यों लाई ? लोगों नं बल्लि अम्माल को सही रास्ता नहीं बताया। किसी ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि यह शहर और अस्पताल की स्थिति से परिचित नहीं है और यह जानने का कष्ट भी नहीं किया कि इसकी बेटी को गंभीर बीमारी है या यों ही। एक कर्मचारी ने यह कहकर टरका दिया कि आज जगह नहीं है, कल आना और खोज पूछ होने पर कहा कि यदि बड़े डॉक्टर इंटरेस्टेड हैं, तो यह बताना चाहिए। एक ने यह कहा कि दरवाजा नहीं खुलेगा, जबकि घूस पाकर दरवाजा खोल दिया। और तो और अधीनस्थ डॉक्टर ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भी स्वयं भर्ती की, पहल नहीं की सिर्फ चिट देकर चलता कर दिया।

Class 10 Hindi Chapter 4 Bihar Board प्रश्न 5.
वल्लि अम्माल का चरित्र-चित्रण करें।
उत्तर-
वल्लि अम्माल-नगर शीर्षक कहानी का केन्द्रीय चरित्र है। वह एक विधवा नारी है जो बीमार बेटी को ईलाज कराने के लिए गाँव से नगर ले आती है। वह पढ़ी-लिखी नहीं है। अस्पताल में उसकी बेटी भर्ती नहीं हो पाती है। बीमार बेटी से चिन्तित वल्लि अम्माल अंधविश्वास में डूब जाती है। उसे लगता है कि बेटी को केवल बुखार है। उसकी आस्था डॉक्टरी में नहीं झाड़-फूंक में है। बेटी को ठीक होने के लिए भगवान से मानते माँगने लाती है। उसे विश्वास है कि ओझा से झाड़-फूंक करवाने पर उसकी बेटी ठीक हो जायेगी। अशिक्षा अंधविश्वास को बढ़ावा देती है। यहाँ वल्लि अम्माल के व्यवहार से सिद्ध हो जाती है।

Varnika Meaning In Hindi Bihar Board प्रश्न 6.
कहानीकार ने कहानी का शीर्षक ‘नगर’ क्यों रखा है ? शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट
करें।
उत्तर-
कहानीकार द्वारा कहानी का शीर्षक रखने के कारण अनेक हैं। पहला तो यह है कि कहानी की मुख्य घटना नगर में ही घटती है। दूसरी बात यह है कि कहानी का मूल उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की कर्तव्यहीनता, लापरवाही, भ्रष्टाचार और आम जनता के प्रति उनकी संवेदनहीनता दिखाना है और इसके लिए नगर स्थित कोई सरकारी बड़ा संस्थान ही हो सकता है।

तीसरी बात यह है कि शास्त्रीय दृष्टि से शीर्षक अत्यंत छोटा और आकर्षक होना चाहिए। इस दृष्टि से भी ‘नगर’ शीर्षक उपयुक्त है क्योंकि छोटा होने के साथ-साथ यह उत्सुकता-वर्द्धक भी है क्योंकि ‘नगर’ पढ़ने के साथ ही यह उत्सुकता पैदा होती है कि नगर की कौन-सी घटना, कैसी घटना, किससे संबंधित कथा है। इस प्रकार ‘नगर’ शीर्षक अत्यन्त उपयुक्त है।

Varnika Hindi Book Class 10 Bihar Board प्रश्न 7.
कहानी का सारांश प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर-
प्रस्तुत कहानी सुजाता द्वारा रचित है। इसमें कहानीकार नगरीय व्यवस्था को यथार्थ के धरातल पर लाने का अथक प्रयास किया है। इस कहानी की नायिका वल्लि अम्माल अपनी बेटी पाप्पति को ईलाज कराने के लिए गाँव से नगर आता है। यह नगर छोटा नहीं बल्कि अपने आप में अस्तित्व रखता है। मदुरै कभी पांडिय लोगों की ‘राजधानी’ थी। अंग्रेजों द्वारा मदुरा यूनानी लोगों द्वारा मेदोरो और तमिल लोगों का द्वारा मदुरै कहा जाता है।

नगर के चकाचौंध से प्रभावित अस्पताल के कर्मचारी ठीक ढंग से काम नहीं करते हैं। वे केवल खानापूर्ति में लगे रहते हैं। वरीय चिकित्सक के आदेश के बावजूद भी पाप्पाति अस्पताल में भर्ती नहीं हो पाती है। हताश और विवश वल्लि अम्माल अंधविश्वास के शरण में चली जाती है। नगर से उसका विश्वास उठ जाता है। ओझा से झाड़-फूंक कराकर अपनी बेटी को स्वस्थ रखना चाहती है। वस्तुतः इस कहानी के द्वारा नगरीय व्यवस्था के साथ-साथ मानवीय मूल्यों के शासकों को उद्घाटित किया गया है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. सही विकल्प चुनें-

Varnika Hindi Bihar Board प्रश्न 1.
‘नगर’ कहानी के कथाकार हैं
(क) साँवर दइया
(ख) सुजाता
(ग) ईश्वर पेटलीकर
(घ) श्री निवास
उत्तर-
(ख) सुजाता

Class 10th Hindi Chapter 4 Man Question Answer Bihar Board प्रश्न 2.
कहानीकार सुजाता का असली नाम है
(क) श्री निवास
(ख) महादेवी वर्मा
(ग) सातकोड़ी होता
(घ) एस. रंगराजन
उत्तर-
(घ) एस. रंगराजन

प्रश्न 3.
सुजाता कथाकार हैं
(क) कन्नड़
(ख) गुजराती
(ग) उड़िया
(घ) तमिल
उत्तर-
(घ) तमिल

प्रश्न 4.
बल्लि अम्मला नहीं जानती थी
(क) पढ़ना
(ख) बोलना
(ग) खेलना
(घ) लड़ना ।
उत्तर-
(क) पढ़ना

प्रश्न 5.
पहले दिन पाप्याति को था
(क) सिर दर्द
(ख) जुकाम
(ग) बुखार
(घ) कै-दस्त
उत्तर-
(ग) बुखार

प्रश्न 6.
इस चिट पर ………….. के दस्तखत नहीं हैं ?
(क) वल्लि अम्माल
(ख) डॉक्टर
(ग) बुखार
(घ) कै-दस्त
उत्तर-
(ख) डॉक्टर

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

प्रश्न 1.
सुजाता अपनी रचना-शैली और ………….. के लिए जानी जाती हैं।
उत्तर-
विषय-वस्त

प्रश्न 2.
कहानीकार सुजाता का असली नाम………….. है।
उत्तर-
एस. रंगराजन

प्रश्न 3.
पहले दिन पाप्पाति को ………….. था।
उत्तर-
बुखार

प्रश्न 4.
वल्लि अम्माल को अपने मृत …………………. पर गुस्सा आया।
उत्तर-
पति

प्रश्न 5.
वल्लि अम्माल ………….. नहीं जानती थी।
उत्तर-
पढ़ना

प्रश्न 6.
अस्पताल के सभी ……….. एक जैसे थे।
उत्तर-
कमर

प्रश्न 7.
साइकिल रिक्शा ……. अड्डे की ओर बढ़ता जा रहा था।
उत्तर-
बस

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बड़े अस्पताल के डॉक्टर ने पाष्पाति को किस रोग से ग्रस्त बताया ?
उत्तर-
बड़े अस्पताल के डॉक्टर ने पाष्पाति को मेनिनजाइटिस का रोगी बताया।

प्रश्न 2.
सुजाता किस भाषा की कथाकार हैं ?
उत्तर-
सुजाता तमिल की चर्चित कथाकार हैं।

प्रश्न 3.
वल्लि अम्माल मदुरै के बड़े अस्पताल में क्यों गई थी?
उत्तर-
वल्लि अम्माल अपनी बेटी पाप्पाति को दिखाने के लिए मदुरै के बड़े अस्पताल गई थी। गाँव के डॉक्टर ने उससे यही कहा था।

प्रश्न 4.
अस्पताल के आदमी ने वल्लि अम्माल को चिट क्यों लौटा दिया।
उत्तर-
अस्पताल में आदमी ने वल्लि अम्माल को यह कहकर चिट लौटा दिया कि इसपर डॉक्टर के दस्तखत नहीं हैं।

प्रश्न 5.
भर्ती वाली जगह के आदमी ने वल्लि अम्माल से क्या कहा?
उत्तर-
भर्ती वाली जगह के आदमी ने वल्लि अम्माल से कहा कि अभी जगह नहीं है। कल सबेरे साढ़े सात बजे आना।

प्रश्न 6.
बड़े अस्पताल का डॉक्टर कैसा आदमी था ?
उत्तर-
बड़े अस्पताल का डॉक्टर पेशे से कुशल और भला आदमी था। वह पाष्पाति को भर्ती कर उसका इलाज करना चाहता था किंतु भ्रष्टाचारियों के आगे उसकी एक न चली।

नगर लेखक परिचय

सुजाता का वास्तविक नाम एस० रंगराजन है । इनका जन्म 3 मई 1935 ई० में चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ । अपनी रचना-शैली तथा विषय-वस्तु के द्वारा इन्होंने तमिल कहानी में उल्लेखनीय बदलाव किए । इनकी रचनाएँ खूब लोकप्रिय हुईं। इन्होंने कुछ अभिनेय नाटक भी लिखे । इनके कुछ उपन्यासों पर चलचित्र भी बने । इनकी पच्चीस से अधिक कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें करैयेल्लान शेण्बकप्पू’, ‘कनवुत् तोलिरशालै’ आदि उपन्यास काफी चर्चित और सम्मानित हुए । यह कहानी ‘आधुनिक तमिल कहानियाँ’ (नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया) से यहाँ साभार संकलित है । इस कहानी के अनुवादक के० ए० जमुना हैं।

Bihar Board Class 7 Sanskrit Solutions Chapter 3 ऋतुपरिचयः

Bihar Board Class 7 Sanskrit Solutions Amrita Bhag 2 Chapter 3 ऋतुपरिचयः Text Book Questions and Answers, Summary.

BSEB Bihar Board Class 7 Sanskrit Solutions Chapter 3 ऋतुपरिचयः

Bihar Board Class 7 Sanskrit ऋतुपरिचयः Text Book Questions and Answers

अभ्यासः

मौखिकः

Bihar Board Class 7 Sanskrit Solution प्रश्न (1)
अधोलिखितानां पदानाम् उच्चारणं कुरुत –

  1. अस्माकम्इ
  2. च्छन्ति
  3. वृष्टिरपि
  4. तृप्यति
  5. जलप्लावनम्श
  6. रत्काले
  7. तुषारैः
  8. प्रज्वालितः
  9. सेवितश्च
  10. ऋतुषु ।

नोट: उच्चारण छात्र स्वयं करें ।

Bihar Board Class 7 Sanskrit Book Solution प्रश्न (2)
अधोलिखितानां पदानाम् अर्थं वदत –
(किसलयानि, पादपः, प्रायेण, विच्छिन्नाः, सर्वत्र, यदा-कदा, पक्वम्, तुषारैः, रोचन्ते)

उत्तराणि-

  1. किसलयानि = नव पल्लव
  2. पादपः = वृक्ष
  3. प्रायेण = प्रायः
  4. विच्छिन्नाः = टूट जाते हैं
  5. सर्वत्र = सभी जगह
  6. यदा-कदा = कभी-कभी
  7. पक्वम् = पक्का हुआ
  8. तुषारैः = ओस के कणों से
  9. रोचन्ते = अच्छे लगते हैं।

Bihar Board Class 7 Sanskrit प्रश्न (3)
निम्नलिखितानां पदानां बहुवचनं वदत –
(इच्छति, पठसि, गच्छामि, भवति, तप्यति, आगच्छति, बालकः, फलम्)

उत्तराणि –
एकवचन – बहुवचन

  1. इच्छति – इच्छन्ति
  2. पठसि – पठथ
  3. गच्छामि – गच्छामः
  4. भवति – भवन्ति
  5. तृप्यति – तृत्यन्ति
  6. आगच्छति – आगच्छन्ति
  7. बालकः – बालकाः
  8. फलम् । – फलानि ।

लिखितः

Bihar Board Solution Class 7 Sanskrit प्रश्न (4)
कोष्ठात् शब्दं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत –

  1. अस्माकं देशे ……..ऋतवः भवन्ति । (पञ्च/षड्)
  2. शिशिरे ……… आधिक्यं भवति । (तापस्य/शीतस्य)
  3. सर्वेषु ऋतुषु राजा ……….भवति ।(वसन्त:/ग्रीष्मः)
  4. ………. स्वरः मधुरः भवति । (कोकिलस्याकाकस्य)
  5. हेमन्ते …………..आरम्भः भवति । (शीतस्य/तापस्य)

उत्तराणि-

  1. षड्
  2. शीतस्य
  3. वसन्तः
  4. कोकिलस्य
  5. शीतस्य ।

ऋतवः भवन्ति Answer Bihar Board प्रश्न (5)
सुमेलनं कुरुत –

  1. कोकिलः – (i) जलप्लावनम्
  2. वर्षाः – (ii) वसन्तः
  3. ऋतुराजः – (iii) मधुरः स्वरः
  4. षट् – (iv) प्रज्वालितः
  5. अग्निः – (v) ऋतवः

उत्तराणि-

  1. -(iii)
  2. – (i)
  3. – (ii)
  4. – (v)
  5. – (iv)

Class 7 Sanskrit Bihar Board प्रश्न (6)
निम्नलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तर पूर्णवाक्येन लिखत –

  1. अस्माकं देशे कति ऋतवः भवन्ति ?
  2. कदा सूर्यस्य तापः प्रखरः भवति ?
  3. विद्यालयेषु अवकाशः कदा भवति ?
  4. सम्पूर्णा पृथ्वी केन तृप्यति ?
  5. शीतस्य आरम्भः कदा भवति ?

उत्तराणि-

  1. अस्माकं देशे षड् ऋतवः भवन्ति ?
  2. ग्रीष्मे सूर्यस्य तापः प्रखरः भवति ?
  3. विद्यालयेषु अवकाश: ग्रीष्मे भवति ?
  4. सम्पूर्णा पृथ्वी जलेन तृप्यति ?
  5. शीतस्य आरम्भः हेमन्ते भवति ?

ऋतवः भवन्ति Bihar Board प्रश्न (7)
उदाहरणानुसारं लिखत –

ऋतवः भवन्ति Bihar Board

ऋतवः भवन्ति Meaning In Hindi Bihar Board प्रश्न (8)
लिखत ‘आम्’ (हाँ) अथवा ‘न’ (नहीं)।
उत्तरम्
यथा – अस्माकं देशे षट् ऋतवः भवन्ति

  1. विद्यालयेषु हेमन्ते अवकाशः भवति – न
  2. वसन्ते शीतस्य आरम्भः भवति – न
  3. शिशिरे शीतस्यस आरम्भः भवति – न
  4. ग्रीष्मे जलाशयाः प्रायेण जलपूर्णाः भवन्ति – न
  5. निर्धनाः जनाः शीतेलन पीडाम् अनुभवन्ति – आम्।

Class 7 Sanskrit Chapter 3 Bihar Board प्रश्न (9)
उदाहरणानुसारेण मध्यमपुरुषरूपाणि लिखत –

यथा – पठति – पठसि ।

  1. गच्छति – गच्छसि ।
  2. पठिष्यति – पठिष्यसि ।
  3. कथयति – कथयिष्यसि ।
  4. गच्छतः – गच्छत ।
  5. पठन्ति – पठथ ।

Sanskrit Class 7 Chapter 3 Bihar Board प्रश्न (10)
उदाहरणांनुसारेण विभक्तिनिर्णयं कुरुत –

यथा – बालकेन- तृतीया विभक्तिः ।

  1. बालकाय – चतुर्थी विभक्तिः ।
  2. नदीनाम्. – षष्ठी विभक्तिः ।
  3. गृहेषु – सप्तमी विभक्तिः ।
  4. वृक्षैः – तृतीया विभक्तिः ।
  5. लतया – तृतीया विभक्तिः ।

प्रश्न (11)
उदाहरणानुसारेण वचननिर्णय करुत –

यथा – नयौ – द्विवचनम् ।

  1. लताः – बहुवचन ।
  2. लताभिः – बहुवचन ।
  3. बालकेषु – बहुवचन ।
  4. भवनात् – एकवचन ।
  5. पुरुषः – एकवचन ।

Bihar Board Class 7 Sanskrit ऋतुपरिचयः Summary

[यद्यपि व्यवहार में शीतकाल, ग्रीष्मकाल तथा वर्षाकाल – ये तीन ही वर्ष में मुख्य ऋतुएँ हैं किंतु सूक्ष्म दृष्टि से विचार करने पर प्राचीन काल से भारत में छह ऋतुओं को मानने की परम्परा आ रही है। संसार में कहीं भी ये छह ऋतुएँ नहीं होती । भारत का प्राकृतिक सौन्दर्य इन छहों ऋतुओं का स्पष्ट भेद कर देता है । प्रस्तुत पाठ में इन ऋतुओं का संक्षिप्त परिचय दिया गया है।]

अस्माकं देशे षट् ……….विद्यालयेषु ग्रीष्मे अवकाशः भवति।

शब्दार्थ-अस्माकम् – हमलोगों का । हमारा, हमारे । देशे – देश में । सर्वेषु – सब में । पादपेषु – पौधों/ वृक्षों में । नवानि किसलयानि – नये पत्ते । पुष्पाणि – फूल (बहुवचन) । सर्वत्र – सभी जगह । नातिशीतः – न अधिक ठंढ । नातितापः – न अधिक गर्मी । कोकिलानाम् – कोयलों का । राजते . शोभता है । सूर्यस्य – सूर्य का । प्रखरः – तेज । जलाशयाः – जलाशय / तालाब । प्रायेण + प्रायः / बहुधा / लगभग । जलशून्या: – जलरहित । जीवाः – जीव (बहुवचन) । छायाम् – छाया (को) । विद्यालयेषु – विद्यालयों में ।

सरलार्थ-हमारे देश में छ: ऋतुएँ होती हैं-वसन्त, ग्रीष्म, वर्षा, शरद्, हेमन्त और शिशिर । वसन्त में सभी वृक्षों में नए पत्ते और फूल होते हैं । सभी जगह सुरम्य समय रहता है न अधिक ठंढ न अधिक गर्मी । कोयलों का मधुर स्वर शोभता है। ग्रीष्म ऋतु में सूर्य की गर्मी तेज होती है । तालाब बहुधा जलशुन्य हो जाते हैं। सभी जीव-जन्तु छाया चाहते हैं । विद्यालयों में गर्मी की छुट्टी होती है।

वर्षाकाले आकाशः मेघयुक्तः……..च प्रसिद्धौ उत्सवी भवतः। शब्दार्थ-वर्षाकाले – वर्षा के समय (में) । यदा-कदा – कभी-कभी । तत्यति – तृप्त होता है। संतुष्ट होता है । अतिवृष्टिः = अधिक वर्षा । तदा – तब । नदीषु – नदियों में। जलप्लावनम् = बाढ़ । जायते = हो जाता है। अनुभवन्ति – अनुभव करते हैं । विच्छिन्नाः = टूट जाते हैं । शरत्कालेशरद् ऋतु में । अस्मिन् – इसमें ।

सरलार्थ-वर्षाऋतु में आकाश बादलयुक्त रहता है। कभी-कभी वर्षा होती है। सारी पृथ्वी जल से तृप्त होता है। जब अधिक वर्षा होती है तब नदियों में बाढ़ हो जाती है । लोग कष्ट का अनुभव करते हैं। रास्ते टूट जाते हैं । शरत् ऋतु में फिर सुर समय आ जाता है । नदियों में और जलाशयों में जल स्वच्छ हो जाता है। इसी समय दुर्गापूजा और दीपावली दो प्रसिद्ध पर्व होते हैं।

हेमन्ते शीतस्य आरम्भः भवति ………………. ऋतुषु वसन्तः राजा कथ्यते ।

शब्दार्थ – रोचन्ते – अच्छे लगते हैं (बहुवचन) । धान्यम् – धान । अन्न । क्षेत्रेषु – खेतों में। पक्वम् = पका हुआ । कृषकाः – किसान (बहुवनन) । देन – उससे । आधिक्यम् = अधिकता.। तपारैः – ओस के कणों से (बहुवचन) । पीडाम् = कष्ट (को) । सेवितः – सेवन किया गया। कथ्यते – कहा जाता है (कर्मवाच्य)।

सरलार्थ – हेमन्त ऋतु में ठंढ़ का प्रारंभ होता है। सूर्य की किरणें अच्छी लगती हैं। खेतों में धान पकते हैं । जिससे किसान प्रसन्न होते हैं । शिशर ऋतु में ठंढ़ की अधिकता हो जाती है । सूर्य की किरण भी कभी-कभी ओस के कणों से लुप्त हो जाती हैं । गरीब लोग ठंढ़ से दुख का अनुभव करते हैं। जहाँ-तहाँ आग जलाकर सेवन किया जाता है । सभी ऋतुओं में वसंत को ऋतुराज कहा जाता है।

ग्रीष्मो वर्षाः शरच्चैव हेमन्तो शिशिरं तथा ।
तेषु सर्वेषु राजायं वसन्तो मोददायकः ॥

शब्दार्थ-मोददायकः = आनन्द देने वाला । सरलार्थ-ग्रीष्म, वर्षा, शरत, हेमन्त और शिशिर ऋतुओं में ऋतुराज वसंत आनन्ददायक है।

व्याकरणम्

संस्कृत में विशेष्य और विशेषण एक ही रूप के होते हैं । जो विभक्ति, लिङ्ग तथा वचन विशेष्य में होते हैं वे ही विशेषण में लगाये जाते हैं । इस पाठ में इन अभिव्यक्तियों को देखें

  1. सर्वेषु पादपेषु
  2. सम्पर्णा पृथ्वी
  3. नवानि किसलयानि
  4. मार्गाः विच्छिन्नाः
  5. शोभन: समयः
  6. जलं स्वच्छम्
  7. मधरः स्वरः
  8. प्रसिद्धौ उत्सवौ
  9. प्रखर: ताप:
  10. धान्यं पक्वम्
  11. जलशन्याः जलाशयाः
  12. किरणाः लुप्ताः
  13. मेघयुक्तः आकाशः
  14. निर्धनाः जनाः
  15. वसन्तः मोददायक:

सन्धि-विच्छेदः

  • नाति – न + अति (दीर्घ सन्धि, स्वर सन्धि)
  • वृष्टिरपि – वृष्टिः + अपि (विसर्ग सन्धि)
  • सेवितश्च = सेवितः + च (विसर्ग सन्धि)
  • शरच्चैव – शरत् + च + एव (व्यञ्जन सन्धि, वृद्धि सन्धि)

प्रकृति-प्रत्यय-विभागः

Bihar Board Class 7 Sanskrit Solutions Chapter 3 ऋतुपरिचयः 2

Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 बच्चे की दुआ

Bihar Board Class 8 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 3 Chapter 8 बच्चे की दुआ Text Book Questions and Answers, Summary.

BSEB Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 बच्चे की दुआ

Bihar Board Class 8 Hindi बच्चे की दुआ Text Book Questions and Answers

प्रश्न-अभ्यास

पाठ से

Bihar Board Class 8 Hindi Book Solution प्रश्न 1.
आपको यदि अल्लाह/ईश्वर से कुछ माँगने की जरूरत हो तो आप क्या-क्या माँगेगे?
उत्तर:
हम अल्लाह/ईश्वर से ज्ञान, विद्या, आरोग्यता तथा परोपकार की भावना की माँग करेंगे।

Bihar Board Solution Class 8 Hindi प्रश्न 2.
कविता में संसार को बेहतर बनाने की कामना मुखर हुई है। इन कामनाओं को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
हे ईश्वर मुझसे मेरे वतन की शोभा बढ़े। जिस तरह फूल खलकर फूलवारी की रौनक को बढ़ा देता है । मैं अपने दम पर दुनिया की अज्ञानता को दूर कर दूं। मैं अपने कर्म से हरेक क्षेत्र में खुशी ला हूँ।

पाठ से आगे

Bihar Board Class 8 Hindi Solutions प्रश्न 1.
अल्लाह बुराई से बचाना मुझको तथा नेक राह में चलने की शक्ति
प्रदान करना-नज्म की किन पंक्तियों में ऐसा भाव स्पष्ट किया गया
है ? नज्म की उन पंक्तियों को लिखिए।
उत्तर:
मेरे अल्लाल बुराई से बचाना मुझको । नेक जो राह हो, उस राह पे चलाना मुझको ।।

Bihar Board Class 8 Hindi Solution प्रश्न 2.
आपके घर में या पड़ोस में बुजुर्ग होंगे, आप उनकी देखभाल कैसे . करना चाहेंगे? उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
हमारे घर या पड़ोस में जो बुजुर्ग हैं मैं उनकी देखभाल उनकी सेवा तथा जरूरत की चीजें को पूरा करके करूँगा।

Class 8 Hindi Bihar Board प्रश्न 3.
अल्लाह और ईश्वर में कोई फर्क नहीं है इस बात से आप कहाँ तक सहमत हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अल्लाह या ईश्वर एक ही का नाम है । इस बात से हम पूर्ण रूप से सहमत हैं। दोनों नाम भगवान के पर्यायवाची मान लेना चाहिए।

Bihar Board Class 8 Hindi प्रश्न 4.
व्याख्या कीजिए
(क) जिन्दगी हो मेरी परवाने की सूरत या रब । इल्म की शम्अ से ही मुझको मुहब्बत या – रब
उत्तर:
प्रस्तुत नज्म हमारे पाठ्य पुस्तक किसलय भाग-3 के “बच्चे की दुआ” पाठ से लिया गया है जिसके गायक हैं-“मो. इकबाल”।
इस नज्मे में बच्चे भगवान से प्रार्थना करते हैं कि हे ईश्वर ! मेरी जिन्दगी परोपकार के लिए हो । शिक्षा प्राप्ति से मुझे मुहब्बत हो।

(ख) हो मेरे दम से यूं ही मेरे वतन की जीनत । जिस तरह फूल से होती है चमन की जीनत ।
उत्तर:
प्रस्तुत नज्मे हमारे पाठ्य पुस्तक “किसलय भाग-3” के “बच्चे की दुआ” पाठ से लिया गया है। यह पाठ मो० इकबाल की रचना है। इस नज्म में कहा गया है कि हे प्रभो ! मैं अपने बल पर दुनिया की शोभा बढ़ा दूं। जैसे फूल से फूलवारी की शोभा बढ़ जाती है।

(ग) मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको । नेक जो राह हो, उस राह पे चलाना मुझको।
उत्तर:
प्रस्तुत नज्मे हमारे पाठ्य पुस्तक “किसलय भाग-3” के “बच्चे की दुआ” पाठ से लिया गया है । यह पाठ मो. इकबाल की रचना है। इस नज्म में बच्चे भगवान से प्रार्थना करते हैं कि -हे मेरे अल्लाह/ईश्वर मुझे बुराई से बचाना तथा जो नेक राह हो उसी राह पर चलाने की कृपा करना ।

इन्हें भी जानिए

Bihar Board Class 8 Hindi Solution In Hindi प्रश्न 1.
पाठ में अनेक शब्द दिए गए हैं, जिनमें नुक्ते का प्रयोग है। उर्दू के विभिन्न वर्गों के नीचे बिंदु का प्रयोग होता है। इन्हें नुक्ता कहते । हैं। नुक्ते का प्रयोग पाँच वर्षों में होता है-क, ख, ग, ज, फ। इनके चलते अर्थों में बदलाव आ जाता है। जैसेपाठ से ऐसे शब्दों को चुनकर लिखिए जिसके नीचे नुक्ता लगा है ?
उत्तर:

  1. जिन्दगी
  2. खुदाया
  3. जीनत
  4. गरीबों
  5. जईफों।

गतिविधि

Bihar Board Class 8 Hindi Book प्रश्न 1.
इस कविता से मिलती-जुलती और भी कविताएँ या गीत आपने सुनी’
होंगी, उन्हें कक्षा में सुनाइए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

बच्चे की दुआ Summary in Hindi

लब पे आती है ……………….. खुदाया मेरी।

अर्थ – हे ईश्वर मेरी तमन्ना प्रार्थना बनकर मेरे होंठ पर आ जाती है। ‘मेरी जिन्दगी आनन्द से पूर्ण हो जाय ।

दूर दुनिया का मेरे ……………….. उजाला हो जाय।

अर्थ मेरी शक्ति से दुनिया का अंधेरा दूर हो जाय । हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाय । अर्थात् मैं अपने ज्ञान से लोगों की अज्ञानता को दूर कर सकूँ।

हो मेरे दम से यूँ……………….. चमक की जीनत ।

अर्थ – मेरी शक्ति से हमारी मातृभूमि की शोभा बढ़े। जिस तरह फूल से होती है, फूलवारी की शोभा।

जिन्दगी हो मेरी …………… मुहब्बत या

रब।हे प्रभो ! मेरी जिन्दगी परोपकार के लिए हो । हे प्रभो। मुझे ज्ञान र प्रति मुहब्बत (प्रेम) हो।

गरीबों ………………. मुहब्बत करना।

अश – हे भगवान! मेरा काम गरीबों की भलाई के लिए हो तथा मेरा

एवं बूढ़ों से प्रेम करना हो। साह बुराई …….चलाना मुझको। हे

मेरे अल्लाह  मुझको बुराई से बचाना तथा अच्छे मार्ग पर को अग्रसर करना।