Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

BSEB Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

Bihar Board Class 9 Science गुरुत्वाकर्षण InText Questions and Answers

प्रश्न शृंखला # 01 (पृष्ठ संख्या 149)

प्रश्न 1.
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम लिखिए।
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, द्रव्यमान M व m के दो पिण्ड जो एक-दूसरे से दूरी d पर स्थित हैं, उनके बीच लगने वाला आकर्षण बल F, उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा दोनों पिण्डों के बीच की दूरी (d) के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात्, .
F ∝ M x m
F ∝ \(\frac{1}{d^{2}}\)
F ∝ Mm \(\frac{\mathrm{M} m}{d^{2}}\)

प्रश्न 2.
पृथ्वी तथा उसके पृष्ठ पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
अगर M पृथ्वी का द्रव्यमान है व m उसके पृष्ठ पर रखी किसी वस्तु का, r पृथ्वी की त्रिज्या है तो गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, पृथ्वी व वस्तु के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल निम्न सूत्र द्वारा व्यक्त होगा –
F = GMm/r2
यहाँ G सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक है।
G = 6.67 x 10-11 Nm2kg-2

प्रश्न श्रृंखला # 02 (पृष्ठ संख्या 152)

प्रश्न 1.
मुक्त पतन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
पृथ्वी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। पृथ्वी के इस आकर्षण बल को गुरुत्वीय बल कहते हैं। अतः जब वस्तुएँ पृथ्वी की ओर केवल इसी बल के कारण गिरती हैं, हम कहते हैं कि वस्तुएँ मुक्त पतन में हैं।

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प्रश्न 2.
गुरुत्वीय त्वरण से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर किसी ऊँचाई से मुक्त पतन करती है तब पृथ्वी के आकर्षण बल के कारण उसके वेग के परिमाण में परिवर्तन होता है। वेग में कोई भी परिवर्तन त्वरण उत्पन्न करता है। जब यह त्वरण पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण है इसलिए इस त्वरण को गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं। इस g से निर्दिष्ट करते हैं (g = 9.8 ms-2)।

प्रश्न शृंखला # 03 (पृष्ठ संख्या 153) 

प्रश्न 1.
किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
द्रव्यमान तथा भार में अन्तर –
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प्रश्न 2.
किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी के भार का 1 गुना क्यों होता है ?
उत्तर:
चन्द्रमा का भार पृथ्वी के 1/100 गुना व त्रिज्या 1/4 गुणा है। चन्द्रमा पर किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे चन्द्रमा वस्तु को आकर्षित करता है। चूंकि चन्द्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी की अपेक्षा काफी कम है अतः वह वस्तुओं पर कम आकर्षण बल लगाता है। अतः किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी के भार का है गुणा है।

प्रश्न शृंखला # 04 (पृष्ठ संख्या 157)

प्रश्न 1.
एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों ?
उत्तर:
एक पतली डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है क्योंकि पतला पट्टा कन्धों पर अधिक दाब लगाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि दाब उस वस्तु के क्षेत्रफल के अनुक्रमानुपाती होता है जिस पर बल लग रहा है। जितना कम क्षेत्रफल होगा उतना ज्यादा दाब लगेगा। पतली पट्टी पर लगने वाला दाब अधिक होगा क्योंकि उसका क्षेत्रफल कम है। अत: कन्धों पर लगने वाला दाब अत्यधिक होगा।

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प्रश्न 2.
उत्प्लावकता से आप क्या समझते है ?
उत्तर:
किसी वस्तु को तरल में डुबोने पर तरल द्वारा उस वस्तु पर ऊपर की तरफ लगने वाला बल उत्प्लावक बल कहलाता है व यह प्रक्रिया उत्प्लावकता कहलाती है।

प्रश्न 3.
पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है ? .
उत्तर:
पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु तैरती है अगर उसका घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है। अगर वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक होता है तो वस्तु पानी में डूब जाती है।

प्रश्न शृंखला # 05 (पृष्ठ संख्या 158)

प्रश्न 1.
एक तुला (Weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं। क्या आपका द्रव्यमान 42 kg से अधिक है या कम ?
उत्तर:
तुला पर खड़े होने पर उस पर नीचे की ओर बल लगता है व साथ ही ऊपर की तरफ भी एक बल कार्य करता है जिसे उत्प्लावक बल कहते हैं। अतः वस्तु थोड़ा ऊपर की ओर खिसक जाती है जिसके कारण उसके भार में कमी आती है। अतः भारमापी का पाठ्यांक असल पाठ्यांक से कम होगा।

प्रश्न 2.
आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100 kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक दूसरे से भारी है। क्या आप बता सकते हैं कि कौन-सा भारी है और क्यों ?
उत्तर:
रुई का बोरा लोहे की छड़ से अधिक भारी है। रुई के बोरे पर लगने वाला हवा का उत्प्लावक बल लोहे की छड़ की तुलना में अधिक होगा क्योंकि उसका क्षेत्रफल अधिक है। अतः भारमापी उसके वास्तविक द्रव्यमान से कम द्रव्यमान दर्शाएगा।

क्रियाकलाप 10.3 (पृष्ठ संख्या 150)

प्रश्न 1.
कागज की एक शीट तथा एक पत्थर लीजिए। दोनों को किसी इमारत की पहली मंजिल से एक साथ गिराइए। क्या दोनों धरती पर एक साथ पहुँचते हैं ?
उत्तर:
कागज धरती पर पत्थर की अपेक्षा कुछ देर से पहुँचता है। ऐसा वायु के प्रतिरोध के कारण होता है। गिरती हुई गतिशील वस्तुओं पर घर्षण के कारण वायु प्रतिरोध लगाती है। कागज पर लगने वाला वायु का प्रतिरोध पत्थर पर लगने वाले प्रतिरोध से अधिक होता है।

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क्रियाकलाप 10.4 (पृष्ठ संख्या 155)

प्रश्न 2.
क्या पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल पानी में डूबी बोतल पर कार्यरत है ? यदि ऐसा है तो बोतल छोड़ देने पर पानी में डूबी ही क्यों नहीं रहती ? आप बोतल को पानी में कैसे डुबो सकते हैं ?
उत्तर:
पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल बोतल पर नीचे की दिशा में लगता है। इसके कारण बोतल नीचे की दिशा में खिंचती है। लेकिन पानी बोतल पर ऊपर की ओर बल लगाता है। अत: बोतल ऊपर की दिशा में धकेली जाती है। वस्तु का भार पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के बराबर होता है।

जब बोतल डुबोई जाती है तो बोतल पर पानी द्वारा लगने वाला पर राखए। ऊपर की दिशा में बल इसके भार से अधिक है। इसलिए छोड़ने पर यह ऊपर उठती है। बोतल को पूरी तरह डुबोए रखने के लिए नीचे की तरफ बाहर से बल लगाना होगा। यह बल पानी द्वारा ऊपर की ओर लगने वाले बल तथा बोतल के भार के अन्तर के बराबर होना चाहिए।

क्रियाकलाप 10.5 (पृष्ठ संख्या 156)

प्रश्न 3.
पानी से भरा एक बीकर लीजिए। एक लोहे की कील लीजिए और इसे पानी के पृष्ठ पर रखिए। देखिए क्या होता है ?
उत्तर:
कील डूब जाती है क्योंकि कील पर नीचे की ओर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल, कील पर पानी द्वारा लगाए गए उत्प्लावन बल से अधिक है।

क्रियाकलाप 10.6 (पृष्ठ संख्या 156)

प्रश्न 4.
पानी से भरा बीकर लीजिए।
एक कील तथा समान द्रव्यमान का एक कॉर्क का टुकड़ा लीजिए। इन्हें पानी के पृष्ठ पर रखिए। .. देखिए क्या होता है ?
उत्तर:
कॉर्क तैरता है जबकि कील डूब जाती है। ऐसा कॉर्क व कील के घनत्वों में अन्तर के कारण है। कॉर्क का घनत्व पानी के घनत्व से कम है अतः कॉर्क पर पानी का उत्प्लावन बल, कॉर्क के भार से अधिक है। इसलिए यह तैरता है। लोहे की कील का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक है। या पानी का उत्प्लावन बल लोहे की कील के भार से कम है। इसलिए यह डूब जाती है।

क्रियाकलाप 10.7 (पृष्ठ संख्या 157)

प्रश्न 5.
पत्थर के भार के कारण रबड़ की डोरी की लम्बाई में वृद्धि या कमानीदार तुला का पाठ्यांक नोट कीजिए।
उत्तर:
पत्थर के भार के कारण रबड़ की डोरी की लम्बाई में वृद्धि होती है।

प्रश्न 6.
अब पत्थर को एक बर्तन में रखे पानी में धीरे से डुबोइए। प्रेक्षण कीजिए कि डोरी की लम्बाई में या तुला की माप में क्या परिवर्तन होता है ?
उत्तर:
जैसे ही पत्थर को धीरे-धीरे पानी में नीचे ले जाते हैं, डोरी की लम्बाई में भी कमी आती है। जब पत्थर पूरी तरह पानी में डूब जाता है तो कोई परिवर्तन दिखाई नहीं देता।

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प्रश्न 7.
डोरी के प्रसार या तुला की माप में कमी से आप क्या निष्कर्ष निकालते हैं ?
उत्तर:
रबड़ की डोरी की लम्बाई में वृद्धि, पत्थर के भार के कारण होती है। पत्थर को पानी में डुबोने पर लम्बाई में वृद्धि में कमी आती है क्योंकि पत्थर पर ऊपर की दिशा में पानी का उत्प्लावन बल लगता है जिसके कारण रबड़ की डोरी पर लगने वाला नेट बल कम हो जाता है। इसलिए डोरी की लम्बाई में वृद्धि में कमी आती है।

Bihar Board Class 9 Science गुरुत्वाकर्षण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा ?
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, द्रव्यमान M व m के दो पिण्डों पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती व उनके बीच की दूरी d के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
F ∝ \(\frac{\mathrm{M} m}{d^{2}}\)
या F α \(\frac{\mathrm{GMm}}{d^{2}}\)
अब अगर दूरी d को आधा कर दिया जाए तो दो वस्तुओं के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल होगा –
F ∝ \(\frac{4 \times \mathrm{GMm}}{d^{2}}\)
F = 4F
अतः अगर दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल चार गुना बढ़ जाएगा।

प्रश्न 2.
सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेजी से क्यों नहीं गिरती ?
उत्तर:
सभी वस्तुएँ पृथ्वी पर एक स्थिर त्वरण से, जिसे गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं, गिरती हैं। हवा की अनुपस्थिति में गुरुत्वीय त्वरण का मान स्थिर होता है व वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता। अतः भारी वस्तुएँ हल्की वस्तुओं के मुकाबले तेजी से नहीं गिरती।

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प्रश्न 3.
पृथ्वी तथा उसके पृष्ठ पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 x 1024 kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4 x 10 m है)।
हल:
दिया है, वस्तु का द्रव्यमान, m = 1 kg
पृथ्वी का द्रव्यमान, M = 6 x 1024 kg
पृथ्वी की त्रिज्या, r = 6 4 x 106 m
पृथ्वी तथा वस्तु के बीच लगने वाला गुरुत्वीय बल
F = \(\frac{\mathrm{GMm}}{r^{2}}\)
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= 9.8 N (approx.)

प्रश्न 4.
पृथ्वी तथा चन्द्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चन्द्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चन्द्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर है ? बताइए। क्यों ?
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, दो वस्तुएँ एक-दूसरे को बराबर बल से आकर्षित करती हैं, किन्तु विपरीत दिशाओं में पृथ्वी चन्द्रमा को उतने ही बल से आकर्षित करती है जितने बल से चन्द्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है।

प्रश्न 5.
यदि चन्द्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है तो पृथ्वी चन्द्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती ?
उत्तर:
गति के तीसरे नियम के अनुसार चन्द्रमा भी पृथ्वी को आकर्षित करता है। लेकिन गति के दूसरे नियम के अनुसार, किसी दिए हुए बल के लिए त्वरण वस्तु के द्रव्यमान के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
F ∝ ma
a ∝ \(\frac {F}{ M }\)
अत: पृथ्वी का द्रव्यमान चन्द्रमा से बहुत अधिक होने के कारण पृथ्वी का चन्द्रमा की ओर त्वरण बहुत कम या नगण्य होता है। यही कारण है कि पृथ्वी चन्द्रमा की ओर गति नहीं करती।

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प्रश्न 6.
दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि
1. एक वस्तु का द्रव्यमान दो गुना कर दिया जाए ?
2. वस्तुओं के बीच की दूरी दो गुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए?
3. दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दो गुने कर दिए जाएँ ?
उत्तर:
दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल (F) को निम्न सूत्र द्वारा व्यक्त किया जाता है –
F = \(\frac{\mathrm{GMm}}{r^{2}}\)
जहाँ M, m दो वस्तुओं के द्रव्यमान हैं व r उनके बीच की दूरी है, G गुरुत्वीय स्थिरांक है।

1. एक वस्तु का द्रव्यमान दो गुना करने पर
M = 2M
F = \(\frac{\mathrm{2GMm}}{r^{2}}\)
या F = 2F
अतः इस स्थिति में गुरुत्वाकर्षण बल दो गुना हो जाएगा।

2. वस्तुओं के बीच की दूरी दो गुनी करने पर
या r = 2r
F = \(\frac{\mathrm{2GMm}}{r^{2}}\)
F = \(\frac {1}{ 4 }\)F
अतः वस्तुओं के बीच की दूरी दो गुनी करने पर गुरुत्वाकर्षण बल F = \(\frac {1}{ 4 }\) हो जाएगा।
वस्तुओं के बीच की दूरी तीन गुनी करने पर
r = 3r
F = \(\frac{\mathrm{GMm}}{3r^{2}}\)
= \(\frac {1}{9}\)\(\frac{\mathrm{GMm}}{r^{2}}\)
F = \(\frac {1}{9}\)F
अतः वस्तुओं के बीच की दूरी तीन गुनी करने पर गुरुत्वाकर्षण बल गुने जाएगा।

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3. दोनों वस्तुओं के द्रव्यवमान दो गुने करने पर या जब M= 2M, m = 2m
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F’ = 4F
अत: दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दो गुने करने पर उनके बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल चार गुना हो जाएगा।

प्रश्न 7.
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्व हैं ?
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम अनेक ऐसी परिघटनाओं की सफलतापूर्वक व्याख्या करता है जो असम्बद्ध मानी जाती थीं

  1. हमें पृथ्वी से बाँधे रखने वाला बल;
  2. पृथ्वी के चारों ओर चन्द्रमा की गति;
  3. सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति; तथा
  4. चन्द्रमा तथा सूर्य के कारण ज्वार-भाटा।

प्रश्न 8.
मुक्त पतन का त्वरण क्या है ?
उत्तर:
जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है तो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण उसके वेग के परिमाण में परिवर्तन होता है। वेग में कोई भी परिवर्तन त्वरण उत्पन्न करता है। जब भी कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है, त्वरण कार्य करता है। इस त्वरण को मुक्त पतन का त्वरण कहते हैं जो पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण होता है।

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प्रश्न 9.
पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे?
उत्तर:
पृथ्वी द्वारा किसी वस्तु पर लगाया जाने वाला आकर्षण बल गुरुत्वीय बल कहलाता है। इसको वस्तु का भार कहते हैं।

प्रश्न 10.
एक व्यक्ति A अपने मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत वृत पर अपने मित्र को देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से सन्तुष्ट होगा ? यदि नहीं, तो क्यों ? (संकेत : ध्रुवों पर g का मान विषुवत् वृत्त की अपेक्षा अधिक है।)
उत्तर:
पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार = x वस्तु का द्रव्यमान
W = mg
m = वस्तु का द्रव्यमान
g = गुरुत्वीय त्वरण
गुरुत्वीय त्वरण का मान ध्रुवों पर विषुवत वृत्त की अपेक्षा अधिक होता है। अतः विषुवत वृत्त पर सोने का भार ध्रुवों की अपेक्षा कम होगा। इसी कारण अमित का मित्र खरीदे हुए सोने के भार से सन्तुष्ट नहीं होगा।

प्रश्न 11.
एक कागज की शीट उसी प्रकार की शीट को मरोड़कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है ?
उत्तर:
जब एक कागज की शीट को मरोड़कर गेंद बनाई जाती है तो उसका घनत्व बढ़ जाता है। अतः हवा द्वारा उसकी गति पर लगाया गया प्रतिकर्षण कम हो जाता है जिससे वह कागज की शीट की अपेक्षा तेज गति से नीचे गिरती है।

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प्रश्न 12.
चन्द्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा 1/6 गुना है। एक 10 kg की वस्तु का चन्द्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा?
हल:
चन्द्रमा की सतह पर वस्तु का भार
= \(\frac { 1 }{ 6 }\) x वस्तु का पृथ्वी पर भार
W = M x g
g = 9.8 m/s2
अत: 10 kg की वस्तु का पृथ्वी पर भार
= 10 x 9.8 = 98N
उसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार = \(\frac {98}{ 6 }\)
= 16.3N

प्रश्न 13.
एक गेंद ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49 m/s के वेग से फेंकी जाती है। परिकलन कीजिए
1. अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक कि गेंद पहुँचती है।
2. पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय।
हल:
1. हम जानते हैं,
v2 = u2 + 2gs
जहाँ u = गेंद का प्रारम्भिक वेग
v = गेंद का अन्तिम वेग
s = गेंद की ऊँचाई
g = गुरुत्वीय त्वरण
अधिकतम ऊँचाई पर अन्तिम वेग v = 0
व दिया है, u = 49 m/s
ऊर्ध्वाधर दिशा में,

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g =- 9.8 m/s2
अगर अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक गेंद पहुँचती है = h
समीकरण, v2 – u2 = 2gs से
02 – (49)2 = 2 x (-9.8) x h
h = \(\frac{49 \times 49}{2 \times 9 \cdot 8}\) = 122.5 m
अतः गेंद 122.5 m की अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचती

2. पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया समय अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने वाला समय यदि यह समय t है तो गेंद को ऊँचाई 122.5 m तक पहुँचने में लगने वाला समय निम्न समीकरण द्वारा ज्ञात किया जा सकता है –
v = u + gt
0 = 49 + (-9.8) x t
9.8t = 49
t = \(\frac {49}{9.8}\) = 55
चूँकि गिरने व ऊँचाई तक पहुँचने वाला समय बराबर होता है अतः गेंद द्वारा पृथ्वी की सतह पर लौटने में लिया गया कुल समय
= 5 +5 = 10s

प्रश्न 14.
19.6 m ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अन्तिम वेग ज्ञात कीजिए।
हल:
गति के समीकरण द्वारा,
v2 – u2 = 2gs
यहाँ पत्थर का प्रारम्भिक वेग, u = 0
ऊँचाई, s = 19.6 m
गुरुत्वीय त्वरण, g = 9.8 m/s2
अन्तिम वेग, v = ?
समीकरण में उपर्युक्त मान रखने पर
v2 = 02 + 2 x 9.8 x 19.6 = (19.6)2
⇒ v = \(\sqrt{(19 \cdot 6)^{2}}\)
= 19.6 m/s
अतः पृथ्वी पर पहुँचने से पहले पत्थर का अन्तिम वेग 19.6 m/s है।

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प्रश्न 15.
कोई पत्थर ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारम्भिक वेग से फेंका गया है। g = 10 m/s2 लेते हुए पत्थर द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी?
हल:
गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में गति के समीकरण से,
v2 – u2 = 2gs
जहाँ, u = पत्थर का प्रारम्भिक वेग = 40 m/s
v = पत्थर का अन्तिम वेग = 0
s = पत्थर की ऊँचाई
g= गुरुत्वीय त्वरण = -10 m/s2
माना कि पत्थर की अधिकतम ऊँचाई h है।
अतः v2 – u2 = 2gh से
0- (40)2 = 2 x (-10) x h
h = 40 x 40 = 80 m
अतः ऊपर जाने व नीचे आने में पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी = 80 + 80 = 160 m
ऊपर जाने व नीचे आने में पत्थर का कुल विस्थापन = 80 + (- 80) = 0

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प्रश्न 16.
पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 x 1024 kg तथा सूर्य का द्रव्यमान = 2 x 1030 kg। दोनों के बीच औसत दूरी 1.5 x 1011 m है।
हल:
दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान, ME = 6 x 1024 kg
सूर्य का द्रव्यमान, Ms = 2 x 1030 kg
पृथ्वी तथा सूर्य के बीच की औसत दूरी, d=1.5 x 1011m
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम से,
F = \(\frac{\mathrm{GM}_{\mathrm{E}} \mathrm{M}_{\mathrm{s}}}{d^{2}}\)
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= 3.56 x 1022 N

प्रश्न 17.
कोई पत्थर 100 m ऊँची किसी मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25 m/s के वेग से ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलन कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहाँ मिलेंगे।
हल:
माना कि दोनों पत्थर बिन्दु t पर मिलते हैं व उनकी जमीन से ऊँचाई h है। मीनार की ऊँचाई, h = 100 m. पहला पत्थर जो मीनार की छत से गिराया गया उसके द्वारा तय की गई दूरी x निम्न समीकरण द्वारा ज्ञात की जा सकती है –
s = ut + \(\frac {1}{2}\) gt2
5 = 100 – x
100 – x = ut + \(\frac {1}{2}\) gt2  ….(1)
ऊपर की तरफ फेंके गए पत्थर द्वारा तय की गई दूरी
x = ut – \(\frac {1}{2}\) gt2
यहाँ प्रारम्भिक वेग,
u = 25 m/s

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अतः x = 25t – \(\frac {1}{2}\) gt2 …(2)
समीकरण (1) व (2) को जोड़ने पर
100 = 25t
या t = 4s
t के इस मान को समीकरण (2) में रखने पर
x = 25 x 4 – \(\frac {1}{2}\) 9.8 x (4)2
= 100 – 78.4
= 21.6 m.
अतः दोनों पत्थर 4s के पश्चात् दूरी 21.6 m पर मिलेंगे।

प्रश्न 18.
ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6 s पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए
(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई।
(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई; तथा
(c) 4s पश्चात् गेंद की स्थिति।
हल:
(a) ऊपर जाने में लगने वाला समय = नीचे आने में लगने वाला समय गेंद ऊपर जाने व नीचे आने में कुल 6s लेती है। अत: यह अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में 3 s लेगी।
अधिकतम ऊँचाई पर अन्तिम वेग, v = 0
गुरुत्वीय त्वरण, g = – 9.8 m/s2
समीकरण, v = u + gt से
0 =u + (-9.8 x 3)
u = 9.8 x 3 = 29.4 m/s
अत: गेंद 29.4 m/s वेग से ऊपर फेंकी गई।

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(b) माना गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई h है। प्रारम्भिक वेग, ऊपर जाने में
u = 29.4 m/s
अन्तिम वेग, v = 0
गुरुत्वीय त्वरण, g = – 9.8 m/s2
गति के समीकरण,
s = ut+ \(\frac {1}{2}\) at2 से
h = 29.4 x 3 + \(\frac {1}{2}\) x (-9.8) x 32
= 44.1 m

(c) गेंद अधिकतम ऊँचाई 3 s में ग्रहण करती है। इस ऊँचाई तक पहुँचने के पश्चात् यह नीचे गिरती है। इस स्थिति में,
u = 0
4s के पश्चात् गेंद की स्थिति गेंद द्वारा 4 s – 3 s = 1 s में तय की गई दूरी होगी।
s = ut + \(\frac {1}{2}\) gt2 से
s = 0 x t + \(\frac {1}{2}\) x 9.8 x 12
= 4.9 m

कुल ऊँचाई = 44.1 m
4s के पश्चात् गेंद की ऊँचाई = 44.1 – 4.9 = 39.2 m
अतः 4 s के पश्चात् गेंद पृथ्वी से 39.2 m की ऊँचाई पर

प्रश्न 19.
किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?
उत्तर:
किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल ऊपर की दिशा में कार्य करता है।

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 20.
पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी के पृष्ठ पर क्यों आ जाता है ?
उत्तर:
जब किसी वस्तु को पानी में डुबोया जाता है तो उस पर दो बल कार्य करते हैं
1. गुरुत्वाकर्षण बल जो वस्तु को नीचे की ओर खींचता है।
2. उत्प्लावन बल जो वस्तु को ऊपर की ओर धकेलता है।
यहाँ प्लास्टिक के गुटके पर लगने वाला उत्प्लावन बल गुरुत्वाकर्षण बल से अधिक है।
अतः पानी के भीतर इसे छोड़ने पर यह पानी के पृष्ठ पर आ जाता है।

प्रश्न 21.
50g के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm है। यदि पानी का घनत्व 1gcm-3 हो तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा?
हल:
अगर वस्तु का घनत्व तरल के घनत्व से अधिक होता है तो वह उसमें डूब जाती है अन्यथा उसमें तैरती है।
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण
= \(\frac {50}{20}\) = 2.5 g/cm
वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व (1 g/cms) से अधिक है।
अत: वह पानी में डूब जाएगी।

प्रश्न 22.
500 g के एक मोहरबन्द पैकेट का आयतन 350 cm है। पैकेट 1 g cm-3 घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा ? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा ?
हल:
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण
\(\frac {500}{350}\) = 1.428 g cm-3
पैकेट का घनत्व पानी के घनत्व (1g cm-3) से अधिक है अतः यह पानी में डूब जायेगा। पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान उसके आयतन (350 cm-3) के बराबर होगा = 350 g.

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

BSEB Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

Bihar Board Class 9 Science बल तथा गति के नियम InText Questions and Answers

प्रश्न श्रृंखला # 01 (पृष्ठ संख्या 131)

प्रश्न 1.
निम्न में किसका जड़त्व अधिक है :
(a) एक रबर की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर
(b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी
(c) र पाँच का एक सिक्का एवं र एक का सिक्का।
उत्तर:
(a) पत्थर
(b) एक रेलगाड़ी
(c) ₹ पाँच का सिक्का।
किसी वस्तु का जड़त्व उसके द्रव्यमान से मापा जाता है। अधिक द्रव्यमान वाली वस्तुओं का जड़त्व अधिक होता है।

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए उदाहरण में गेंद का वेग कितनी बार बदलता है, जानने का प्रयास करें “फुटबॉल का एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुँचाता है। दूसरा खिलाड़ी उस गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है। विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है। इसके साथ ही उस कारक की भी पहचान करें जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है।”
उत्तर:
फुटबॉल का वेग चार बार बदलता है। पहली बार, जब फुटबॉल का एक खिलाड़ी गेंद को दूसरे खिलाड़ी की तरफ पहुँचाता है। दूसरी बार, जब खिलाड़ी गेंद को किक लगाकर गोल की तरफ पहुँचाने का प्रयास करता है। तीसरी बार, जब गोलकीपर बॉल को रोकता है। चौथी बार, जब गोलकीपर गेंद को टीम के खिलाड़ी की। ओर किक करता है। कारक जो बल प्रदान करता हैपहली अवस्था पहला खिलाड़ी, दूसरी अवस्था दूसरा खिलाड़ी, तीसरी अवस्था-गोलकीपर चौथी अवस्था-गोलकीपर।

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प्रश्न 3.
किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं, क्यों ?
उत्तर:
इसका कारण न्यूटन के गति के प्रथम नियम से समझा जा सकता है। पत्तियाँ व पेड़ दोनों विरामावस्था में हैं। पर जब पेड़ को तीव्रता से हिलाया जाता है तब पेड़ गतिमान होता है व पत्तियाँ विरामावस्था में। अतः विरामावस्था में रहने के कारण पेड़ को हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं।

प्रश्न 4.
जब कोई गतिशील बस अचानक रुक जाती है तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं और जब विरामावस्था से गतिशील होती है तो आपं पीछे की ओर हो जाते हैं, क्यों ?
उत्तर:
चलती हुई बस में, हम बस की गति की दिशा में गतिमान होते हैं। ब्रेक लगाने पर बस रुक जाती है। परन्तु हमारा शरीर जड़त्व के कारण गतिज अवस्था में ही बने रहने की प्रवृत्ति रखता है। अतः हम आगे की ओर झुक जाते हैं। जब बस विरामावस्था से गतिशील होती है तो हमारा पैर जो बस के फर्श के सम्पर्क में रहता है, गति में आ जाता है। परन्तु शरीर का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण इस गति का विरोध करता है। अतः हम पीछे की ओर हो जाते हैं।

प्रश्न शृंखला # 02 (पृष्ठ संख्या 140)

प्रश्न 1.
यदि क्रिया सदैव प्रतिक्रिया के बराबर हैतो स्पष्ट कीजिए कि घोड़ा गाड़ी को कैसे खींच पाता है ?
उत्तर:
घोड़ा पृथ्वी पर पीछे की ओर बल लगाता है या धकेलता है। इसकी प्रतिक्रिया में वह आगे की ओर बढ़ता है। यहाँ घोड़ा गाड़ी को आगे की दिशा में खींचता है किन्तु गाड़ी घोड़े पर विपरीत दिशा में बल लगाती है। चूँकि घोड़ा गाड़ी पर असमान बल लगाता है अत: वह उसे खींच पाता है।

प्रश्न 2.
एक अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति से बहुतायात मात्रा में पानी फेंकने वाली रबड़ की नली को पकड़ने में कठिनाई क्यों होती है ? स्पष्ट करें।
उत्तर:
पानी फेंकने वाली रबड़ की नली में से जब बहुतायात मात्रा में तीव्र गति से पानी निकलता है तो गति के तीसरे नियम के अनुसार वह नली पर पीछे की ओर समान बल लगाता है। अतः अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति से बहुतायत मात्रा में पानी फेंकने वाली रबड़ की नली को पकड़ने में कठिनाई होती है।

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प्रश्न 3.
एक 50g द्रव्यमान की गोली 4 kg द्रव्यमान की रायफल से 35 ms-1 के प्रारंभिक वेग से छोड़ी जाती है। रायफल के प्रारंभिक प्रतिक्षेपित वेग की गणना कीजिए।
हल:
दिया है, रायत्रफल का द्रव्यमान m1 = 4 kg
रायफल का प्रारंभिक वेग (u1) = 0
गोली का द्रव्यमान (m2) = 50 g
= \(\frac { 50 }{ 1000 }\) = 0.05 kg
गोली का प्रारंभिक वेग (u2) = 0
गोली का अंतिम वेग (v2) = 35.m/s
रायफल का प्रारंभिक प्रतिक्षेपित वेग (v1) = ?

हम जानते हैं,
m1 U1 + m2u2 = m1V1 + m2V2
⇒ 4kg x 0 + 0.5 kg
⇒ 0.4kg x v1 + 0.05.kg x 35 ms-1
⇒ -4kg x v1 + 1.75 kg ms-1
v1 = \(\frac{1 \cdot 75 \mathrm{kg} \mathrm{m} / \mathrm{s}}{-4 \mathrm{kg}}\)
= – 0.4375 m/s
≈ 4-044 m/s
यहाँ ऋणात्मक चिह्न दर्शाता है कि रायफल गोली की विपरीत दिशा में चलती है। अतः रायफल का प्रतिक्षेपित वेग = 0.44 m/s है।

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प्रश्न 4.
100 g और 200g द्रव्यमान की दो वस्तुएँ एक ही रेखा के अनुदिश एक ही दिशा में क्रमश: 2 ms-1और 1 ms-1 के वेग से गति कर रही हैं। दोनों वस्तुएँ टकरा जाती हैं। टक्कर के पश्चात प्रथम वस्तु का वेग 1.67 ms-1 हो जाता है, तो दूसरी वस्तु का वेग ज्ञात करें।
हल : दिया गया है, पहली वस्तु का द्रव्यमान (m) = 100g
\(\frac { 100 }{ 1000 }\) Kg = 0.1 kg
पहली वस्तु का प्रारंभिक वेग (u1) = 2 m/s
टक्कर के पश्चात पहली वस्तु का अंतिम वेग (v1) = 1.67 m/s
दूसरी वस्तु का द्रव्यमान (m2) = 200 g
\(\frac { 200 }{ 1000 }\) = 0.2 kg
दूसरी वस्तु का प्रारंभिक वेग (u2) = 1 m/s
टक्कर के बाद दूसरी वस्तु का अंतिम वेग (v2) = ?
हम जानते हैं,
m1u1 + m2u2 = m1V1 + m1V2
⇒ 0.1 kg x 1.67 m/s + 0.2kg x v2
⇒ 0.2 kg m/s + 0.2 kg m/s = 0.167 kg m/s + 0.2 kg x v2
⇒ 0.4 kg m/s – 0.167 m/s = 0.2 kg x v2
⇒ v2 = \(\frac{0 \cdot 233 \mathrm{kg} \mathrm{m} / \mathrm{s}}{0 \cdot 2 \mathrm{kg}}\) 0.4 kg m/s -0.167 kg m/s = 0.2 kg x v2
⇒ v2 = 1.165 m/s
अतः टक्कर के बाद दूसरी वस्तु का वेग = 1.165 m/s

क्रियाकलाप 9.3 (पृष्ठ संख्या 130)

प्रश्न 1.
पानी से भरा गिलास ट्रे पर रखिए।
ट्रे को हाथ से पकड़कर जितनी तेजी से हो सके, घूम जाइए। हम देखते हैं कि गिलास लुढ़क जाता है और पानी छलक जाता है, क्यों ?
उत्तर:
ट्रे को हाथ से पकड़कर घूम जाने से ट्रे में गति आ जाती है व पानी से भरा गिलास जो ट्रे के सम्पर्क में है, उसका तल गति में आ जाता है। परन्तु गिलास का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण इस गति का विरोध करता है व आगे की ओर लुढ़क जाता है और पानी छलक जाता है।

क्रियाकलाप 9.4 (पृष्ठ संख्या 136)

प्रश्न 2.
क्या बालू के थैले को फेंकने (क्रिया) के कारण उनमें से प्रत्येक ताक्षणिक प्रतिक्रिया का अनुभव करते हैं ?
उत्तर:
हाँ, बालू के थैले को फेंकने (क्रिया) के कारण प्रत्येक बच्चा पीछे की ओर तात्क्षणिक प्रतिक्रिया का अनुभव करता है।

प्रश्न 3.
आप गाड़ी के पहिए पर कोई सफेद रेखा खींच दें, ताकि जब वे दोनों बच्चे थैले को फेंकें तो गाड़ी की गति का अवलोकन किया जा सके।
उत्तर:
दोनों बच्चे जब थैले को आगे की ओर फेंकते हैं तो गाड़ी पीछे की गति करती है।

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प्रश्न 4.
अब दो बच्चों को किसी एक गाड़ी पर खड़ा करें तथा एक अन्य बच्चे को दूसरी गाड़ी पर। आप यहाँ गति के द्वितीय नियम को देख सकते हैं। क्योंकि इस अवस्था में यह · बल अलग-अलग त्वरण उत्पन्न करेगा।
उत्तर:
जब दो बच्चों को एक गाड़ी पर खड़ा किया जाता है तो उनका द्रव्यमान बढ़ जाता है अतः द्वितीय नियम द्वारा (aaF) गाड़ी में कम त्वरण उत्पन्न होता है। जिस गाड़ी पर एक बच्चा खड़ा है उसमें अपेक्षाकृत ज्यादा त्वरण उत्पन्न होता है।

क्रियाकलाप 9.5 (पृष्ठ संख्या 137)

प्रश्न 5.
स्ट्रा (अथवा गुब्बारे) की गति की दिशा का अवलोकन करें।
उत्तर:
जब गुब्बारे से हवा बाहर निकलती है तो स्ट्रॉ विपरीत दिशा में गति करती है। यह क्रिया संवेग संरक्षण व गति के तीसरे नियम को दर्शाती है।

क्रियाकलाप 9.6 (पृष्ठ संख्या 138)

प्रश्न 6.
परखनली कॉर्क की गत्ति की विपरीत दिशा में प्रक्षेपित होती है। कॉर्क तथा प्रक्षेपित परखनली के वेगों में अन्तर का भी अवलोकन करें।
उत्तर:
परखनली का पानी वाष्पित होकर कॉर्क पर आगे की दिशा में बल लगाता है जिस कारण कॉर्क परखनली से बाहर आ जाती है व परखनली को विपरीत दिशा में पीछे की ओर धकेलती है। ऐसा गति के तीसरे नियम के अनुसार होता है। कॉर्क का वेग परखनली के वेग से अधिक होगा क्योंकि परखनली का द्रव्यमान कॉर्क से अधिक है। ऐसा संवेग संरक्षण नियम के अनुसार हो रहा है। अतः उनका कुल संवेग संरक्षित रहता है।

Bihar Board Class 9 Science बल तथा गति के नियम Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कोई वस्तु शून्य बाह्य असंतुलित बल अनुभव करती है। क्या किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना सम्भव है ? यदि हाँ, तो वस्तु के वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगने वाली शर्तों का उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
उत्तर:
जब किसी वस्तु पर शून्य बाह्य असंतुलित बल लगाया जाता है तो वस्तु का अशून्य वेग से गति करना सम्भव है। दरअसल यदि किसी गतिमान वस्तु पर बाह्य बल कार्य नहीं करता तो वस्तु गतिमान रहेगी। इसके लिए यह आवश्यक है कि वस्तु एकसमान वेग से किसी निश्चित दिशा में गतिमान हो।

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प्रश्न 2.
जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है, तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। स्पष्ट करें।
उत्तर:
छड़ी से दरी को पीटने पर, दरी अचानक गतिमान हो जाती है जब उसके छिद्रों में फंसे धूल के कण विरामावस्था में रहते हैं। अपनी विरामावस्था को बनाए रखने के लिए वे दरी से बाहर आ जाते हैं। यह न्यूटन के गति के प्रथम नियम के कारण होता है जिसके अनुसार प्रत्येक वस्तु अपनी स्थिर अवस्था या सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में बनी रहती है जब तक कि उस पर कोई बाहरी बल कार्यरत न हो।

प्रश्न 3.
बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बाँधा जाता है ?
उत्तर:
बस की छत पर रखे सामान की बस की विराम स्थिति में अपनी विरामावस्था में रहने की प्रवृत्ति होती है व अपनी गतिज अवस्था में रहने की प्रवृत्ति होती है जब बस गतिमान होती है। यह न्यूटन के गति के प्रथम नियम के कारण होता है। जब बस अपनी विरामावस्था से गतिमान अवस्था में आती है तब सामान अपनी विरामावस्था की स्थिति में रहने के कारण गिर सकता है। इसी प्रकार, गतिमान बस के विरामावस्था में आने पर या ब्रेक लगने के कारण उसके वेग में परिवर्तन होने के कारण भी सामान, अपनी गतिमान अवस्था में रहने की प्रवृत्ति के कारण, गिर सकता है। अत: बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से बाँधा जाता है जिससे कि वह गिरने से बच सके।

प्रश्न 4.
किसी बल्लेबाज द्वारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद जमीन पर लुढ़कती है। कुछ दूरी चलने के पश्चात् गेंद रुक जाती है। गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि
(a) बल्लेबाज ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है।
(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है।
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
(d) गेंद पर कोई असंतुलित बल कार्यरत नहीं है, अतः गेंद विरामावस्था आने के लिए प्रयासरत है।
(सही विकल्प का चयन करें।)
उत्तर:
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।

कारण – जब गेंद जमीन पर लुढ़कती है तो घर्षण बल उसकी गति की दिशा के विपरीत कार्य करता है और कुछ समय के पश्चात् गेंद रुक जाती है।

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प्रश्न 5.
एक ट्रक विरामावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना शुरू करता है। यह 20 s में 400 m की दूरी तय करता है। इसका त्वरण ज्ञात करें। अगर इसका द्रव्यमान 7 टन है तो इस पर लगने वाले की गणना करें। (1 टन = 1000 kg)।
हल:
दिया गया है,
ट्रक का प्रारंभिक वेग (u) = 0 (ट्रक विरामावस्था से चलता है।)
दूरी, s = 400 m
समय, 1 = 20 s
त्वरण, a = ?
हम जानते हैं,
s = ut + 1/2 at2
⇒ 400 m = 0 x 20s +\(\frac { 1 }{ 2 }\) x a x (20s)2
400 m = 0 + \(\frac { 1 }{ 2 }\) x a x 400 s2
400 m = a x 200 s2
a = \(\frac{400 m}{200 s^{2}}\) = 2 ms-2
ट्रक पर लगने वाला बल = ?
ट्रक का द्रव्यमान = 7 ton =7 x 1000 kg = 7000 kg

हम जानते हैं, बल F = ma
⇒ F = 7000 kg x 2 ms-2
⇒ F = 14000 newton
अतः ट्रक पर लगने वाला त्वरण = 2 ms-2 व बल = 14000 N.

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प्रश्न 6.
1 kg द्रव्यमान के एक पत्थर को 20 ms-1 के वेग से झील की जमीनी सतह पर फेंका जाता है। पत्थर 50 m की दूरी तय करने के बाद रुकता है। पत्थर और बर्फ के बीच लगने वाले घर्षण बल की गणना करें।
हल:
दिया गया है,
पत्थर का द्रव्यमान = 1 kg
प्रारंभिक वेग, u = 20 m/s
अंतिम वेग, v = 0 (चूँकि पत्थर विरामावस्था में आ जाता है।)
दूरी, s = 50 m
घर्षण बल = ?

हम जानते हैं,
v2 = u2 + 2as
⇒ 02 = (20 m/s)2 + 2a x 50 m
⇒ -400 m2s-2 = 100 m x a
a = \(\frac{-400 m^{2} s^{-2}}{100 m}\) =-4ms-2
हम जानते हैं कि बल, F = m x a
या, F = 1 kg x -4 ms-2
F = -4kg ms-2
अतः पत्थर पर लगने वाला घर्षण बल F = -4 kg ms-2
यहाँ चिह्न दर्शाता है कि बल पत्थर की गति की विपरीत दिशा में कार्य कर रहा है।

प्रश्न 7.
एक 8000 kg द्रव्यमान का रेल इंजन प्रति 2000 kg द्रव्यमान वाले पाँच डिब्बों को सीधी पटरी पर खींचता है। यदि इंजन 40000 N का बल आरोपित करता है तथा यदि पटरी 5000 N का घर्षण बल लगाती है, तो ज्ञात करें –
(a) नेट त्वरण बल
(b) रेल का त्वरण, तथा
(c) डिब्बे 1 द्वारा डिब्बे 2 पर लगाया गया बल।
हल:
दिया गया है, इंजन का बल = 40000 N
घर्षण बल = 5000 N
इंजन का द्रव्यमान = 8000 kg
पाँच डिब्बों का द्रव्यमान = 5 x 2000 kg
= 10000 kg

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(a) नेट त्वरण बल = इंजन द्वारा लगाया गया बल – घर्षण बल
= 40000 N – 5000 N
= 35,000 N

(b) रेल का त्वरण
हम जानते हैं,
F = m x a
या, 35000 N = (इंजन का द्रव्यमान + 5 डिब्बों का द्रव्यमान) x a
या, 35,000 N = (8,000 kg + 10,000kg) x a
या, 35,000 N = 18,000 kg x a
या, = \(\frac{35000 \mathrm{N}}{18000 \mathrm{kg}}\)
या, =1.944 ms-2

(c) डिब्बे 1 द्वारा डिब्बे 2 पर लगाया गया बल
नेट त्वरण बल = 35000 N
5 डिब्बों का द्रव्यमान = 10000 kg
हम जानते हैं, F = m x a

अतः, 35,000 N = 10,000 kg x a
a = \(\frac{35,000 \mathrm{N}}{10,000 \mathrm{kg}}\) = 3.5 ms-2
अतः डिब्बों का त्वरण = 3.5 m/s2
डिब्बे 1 द्वारा डिब्बा 2 पर लगाया गया बल
= 4 डिब्बों का द्रव्यमान – त्वरण
F = 4 x 2000 kg x 3.5 ms-2 = 8000 kg x 3.5 ms-2
F = 28000 N

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प्रश्न 8.
एक गाड़ी का द्रव्यमान 1500 kg है। यदि गाड़ी को 1.7 ms-2 के ऋणात्मक त्वरण (अवमंदन) के साथ विरामावस्था में लाना है, तो गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा?
हल:
दिया गया है,
गाड़ी का द्रव्यमान = 1,500 kg
त्वरण, a = – 1.7 ms-2
गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल = ?
हम जानते हैं, F = m x a
अतः, F = 1,500 kg x 1.7 ms-2
F = – 2550 N
अतः गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल – 2550 N है। यहाँ ऋणात्मक चिह्न दर्शाता है कि बल गाड़ी की विपरीत दिशा में लग रहा है।

प्रश्न 9.
किसी m द्रव्यमान की वस्तु जिसका वेग। है, का संवेग क्या होगा?
(a) (mv)2
(b) m2
(c) \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv2
(d) mv.
(उपर्युक्त में से सही विकल्प चुनें।)
उत्तर:
(d) mv.
हम जानते हैं,
संवेग p = mv.

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प्रश्न 10.
हम एक लकड़ी के बक्से को 200 N बल लगाकर नियत वेग से फर्श पर धकेलते हैं। बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा?
उत्तर:
चूँकि 200 N का बल बक्से को धकेलने में लग रहा है अतः 200 N का घर्षण बल बक्से पर लगेगा। न्यूटन के गति के तीसरे नियम के अनुसार बक्से पर विपरीत दिशा में समान परिमाण का बल आरोपित होगा।

प्रश्न 11.
दो वस्तुएँ, प्रत्येक का द्रव्यमान 1.5 kg है, एक ही सीधी रेखा में एक-दूसरे के विपरीत दिशा में गति कर रही हैं। टकराने के पहले प्रत्येक का वेग 2.5 ms-1 है। टकराने के बाद यदि दोनों एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं तब उनका सम्मिलित वेग का क्या होगा?
हल:
चूँकि दोनों वस्तुओं का द्रव्यमान बराबर है व वे समान वेग से विपरीत दिशा में चल रही हैं अतः टकराने के बाद जब दोनों एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं, उनका सम्मिलित वेग शून्य होगा।
व्याख्या:
दिया गया है, पहली वस्तु का द्रव्यमान m1 = 1.5 kg
दूसरी वस्तु का द्रव्यमान m2 = 1.5 kg
पहली वस्तु का प्रारंभिक वेग (11) = 2.5 m/s
दूसरी वस्तु का प्रारंभिक वेग (up) =- 2.5 m/s
(दूसरी वस्तु पहली के विपरीत दिशा में गतिमान है। टकराने के बाद वस्तुओं का सम्मिलित वेग, जो आपस में जुड़ जाती है, v = ?)
m1u1 + m2u2 = m1v1 + m2V2
⇒ 1.5 kg x 2.5 ms-1 + 1.5 kg x (-2.5 ms-1) = 1.5 kg x v+ 1.5 kg x v
⇒ 3.75 kg ms-1 – 3.75 kg ms-1 = 3.0 kg x v
0 = v x 3.0 kg
⇒ v = 0
अत: दोनों वस्तुओं का टकराने के बाद अंतिम वेग शून्य होगा।

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प्रश्न 12.
गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं, तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह वस्तु एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है; संभवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा। एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं एवं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं। इस तर्क पर अपने विचार दें और बताएँ कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता ?
उत्तर:
ट्रक के अत्यधिक द्रव्यमान के कारण उसका घर्षण बल भी बहुत अधिक होगा। विद्यार्थी द्वारा ट्रक पर लगाया जाने वाला बल इस घर्षण बल से बहुत कम है अतः वह ट्रक को गतिशील नहीं कर पाता। यहाँ, दोनों दिशाओं में लगने वाला नेट बल शून्य है जिसके कारण ट्रक गतिमान नहीं होता। विद्यार्थी द्वारा आरोपित बल व घर्षण बल एक-दूसरे को निरस्त कर रहे हैं। अतः विद्यार्थी द्वारा दिया गया तर्क सही है।

प्रश्न 13.
200 g द्रव्यमान की एक हॉकी की गेंद 10 ms-1 से गति कर रही है। यह एक हॉकी स्टिक से इस प्रकार टकराती है कि यह 5 ms-1 के वेग से अपने प्रारम्भिक मार्ग पर वापस लौटती है। हॉकी स्टिक द्वारा आरोपित बल द्वारा हॉकी की गेंद में आये संवेग परिवर्तन के परिमाप का परिकलन कीजिए।
हल:
दिया गया है,
हॉकी की गेंद का द्रव्यमान m = 200 g = 0.2 kg
हॉकी की गेंद का प्रारम्भिक वेग v1 = 10 ms-1
प्रारम्भिक संवेग = mv1 = 0.2 x 10 = 2 kg ms-1
हॉकी स्टिक से टकराने के बाद गेंद का विपरीत दिशा में वेग v2 = – 5 ms-1
अन्तिम संवेग = mv1 = 0.2 x (-5) = -1 kg ms-1 अतः अभीष्ट संवेग परिवर्तन = mv1 – mv2
= 2 – (-1) = 3 kg ms-1

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प्रश्न 14.
10 g द्रव्यमान की एक गोली सीधी रेखा में 150 ms-1 के वेग से चलकर एक लकड़ी के गुटके से टकराती है और 0.03 5 के बाद रुक जाती है। गोली लकड़ी को कितनी दूरी तक भेदेगी ? लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल के परिमाण की गणना करें।
हल:
दिया है, गोली का द्रव्यमान, m = 10 g = 1000 kg = 0.01 kg
गोली का प्रारंभिक वेग, u = 150 m/s
गोली का अंतिम वेग, v = 0
समय, t = 0.3 s
भेदने वाली दूरी, s = ?
गुटके द्वारा लगाया गया बल = ?
हम जानते हैं, v = u + at
⇒ 0 = 150 ms-1 + a x 0.03 s
⇒  – 150 ms-1 = a x 0.03 s
⇒ a = \(\frac{-150 \mathrm{ms}^{-1}}{0.03 \mathrm{s}}\)
= – 5000 m/s2
जानते हैं, s = ut + 1/2 at2
⇒ s = 150 m/s x 0.03 s + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(-500 ms-2) x (0.03 s)2
⇒ s = 4.5 m – 2500 ms-2 x 0.000952)
⇒ s = 4.5 m – 2.25 m
⇒ s = 2.25 m
हम जानते हैं, F = m x a
⇒ F = 0.01 kg x (-5000 ms-2) =-50N
यहाँ ऋणात्मक चिह्न दर्शाता है कि बल गोली की विपरीत दिशा में लग रहा है।

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 15.
एक वस्तु जिसका द्रव्यमान 1 kg है, 10 ms-1 के वेग से एक सीधी रेखा में चलते हुए विरामावस्था में रखे 5kg द्रव्यमान के एक लकड़ी के गुटके से टकराती है। उसके बाद दोनों साथ-साथ उसी सीधी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पहले तथा बाद के कुल संवेगों की गणना करें। आपस में जुड़े हुए संयोजन के वेग की भी गणना करें।
हल:
वस्तु का द्रव्यमान m1 = 1 kg
लकड़ी के गुटके का द्रव्यमान m2 = 5 kg
वस्तु का प्रारंभिक बेग, u1 = 10 m/s
लकड़ी के गुटके का प्रारंभिक वेग, u2 = 0
वस्तु के गुटके का अंतिम वेग, v = ?
‘संघट्ट के पहले तथा बाद में कुल वेग = ?

हम जानते हैं,
m1u1 + m2u2= m1v1 + m2v2
⇒ 1 kg x 10 m/s + 5 kg x 0 = 1 kg x v + 5 kg x v
⇒ 10 kg m/s = v (1 kg + 5 kg)
⇒ 10 kg m/s = v x 6 kg
⇒ v = \(\frac{10 \mathrm{kg} \mathrm{ms}^{-1}}{6 \mathrm{kg}}\)
⇒ v = 1.66 m/s
टकराने से पहले कुल संवेग
= m1u1 + m2v2
= 1 kg x 10 ms-1 +5 kg x 0
= 10 kg ms-1
टकराने के बाद संवेग = m1v1 + m2v2
= m1v + m2v = v (m1 + m2)
[क्योंकि दोनों वस्तुओं का वेग टकराने के बाद एक समान है।
= (1 kg + 5 kg) x \(\frac { 10 }{ 6 }\) m/s [(i) से]
= 6 kg x \(\frac { 10 }{ 6 }\) m/s
= 10 kg m/s

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प्रश्न 16.
100 kg द्रव्यमान की एक वस्तु का वेग समान त्वरण से चलते हुए 6 5 में 5 ms-1 से 8 ms-1 हो जाता है। वस्तु के पहले और बाद के संवेगों की गणना करें। उस बल के परिमाण की गणना करें जो उस वस्तु पर आरोपित है।
हल:
दिया है, प्रारम्भिक वेग, u = 5 m/s
अन्तिम वेग, v = 8 m/s
वस्तु का द्रव्यमान, m = 100 kg
समय t = 6s
प्रारम्भिक व अन्तिम संवेग = ?
वस्तु पर आरोपित बल = ?
हम जानते हैं,
संवेग = द्रव्यमान x वेग
प्रारम्भिक संवेग = द्रव्यमान x प्रारम्भिक वेग
= 10 kg x 5 m/s
= 500 kg m/s

अन्तिम संवेग = द्रव्यमान x अन्तिम वेग
= 100 kg x 8 m/s
= 800 kg m/s

हम जानते हैं,
v = u + at
⇒ 8 m/s = 5 m/s + a x 6s
8 m/s -5 m/s =a x 6s
3 m/s =a x 6s
a = \(\frac{3 \mathrm{m} / \mathrm{s}}{6 \mathrm{s}}\) = 0.5 ms-2
वस्तु पर आरोपित बल = द्रव्यमान x त्वरण
= 100 kg x 0.5 ms-2
= 50 N

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 17.
अख्तर, किरण और राहुल किसी राजमार्ग पर बहुत तीव्र गति से चलती हुई कार में सवार हैं। अचानक उड़ता हुआ कोई कीड़ा, गाड़ी के सामने के शीशे से आ टकराया और वह शीशे से चिपक गया। अख्तर और किरण इस स्थिति पर विवाद करते हैं। किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है। (क्योंकि कीड़े के वेग में परिवर्तन का मान कार के वेग में परिवर्तन के मान से बहुत अधिक है।) अख्तर ने कहा कि चूँकि कार का वेग बहुत अधिक था अतः कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया जिसके कारण कीड़े की मौत हो गई। राहुल ने एक नया तर्क देते हुए कहा कि कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा और दोनों के संवेग में बराबर परिवर्तन हुआ। इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया दें।
उत्तर:
राहुल का तर्क सही प्रतीत होता है क्योंकि पूरे तन्त्र पर कोई भी बाहरी बल नहीं लगा है तथा संवेग संरक्षण के सिद्धान्त के अनुसार त्वरण के समय तन्त्र का कुल संवेग संरक्षित रहता है, अतएव कीड़ा एवं कार दोनों पर समान बल लगेगा तथा दोनों के संवेग में बराबर परिवर्तन होगा।

प्रश्न 18.
एक 10 kg द्रव्यमान की घंटी 80 cm की ऊँचाई से फर्श पर गिरी। इस अवस्था में घंटी द्वारा फर्श पर स्थानान्तरित संवेग के मान की गणना करें। परिकलन में सरलता हेतु नीचे की ओर दिष्ट त्वरण का मान 10 ms-2 लें।
हल:
दिया है,
घंटी का द्रव्यमान = 10 kg
दूरी, s = 80 cm = \(\frac {80}{ 100 }\) = 0.8 m
त्वरण, a = 10 ms-2
घंटी का प्रारम्भिक वेग, u = 0
– संवेग = ?
हम जानते हैं,
u2 = u2 + 2as
v2 = 0 + 2 x 10 x 0.8
v2 = 16 m2s2
v = 16 m s-2
v = \(\sqrt{16 m^{2} s^{-2}}\) = 4 m/s

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हम जानते हैं,
संवेग p = m x v
p = 10 kg x 4 m/s =40 kg m/s

अतिरिक्त अभ्यास
प्रश्न A1.
एक वस्तु की गति की अवस्था में दूरी-समय सारणी निम्नवत् है –
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम
(a) त्वरण के बारे में आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं ? क्या यह नियत है ? बढ़ रहा है ? या शून्य है ?
(b) आप वस्तु पर लगने वाले बल के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं ?
हल: (a)

उपर्युक्त सारणी दर्शाती है कि वेग परिवर्तन की दर बढ़ रही है.अतः वस्तु का त्वरण लगातार बढ़ रहा है।
(b) चूँकि बल, वस्तु में उत्पन्न त्वरण के समानुपाती होता है, इसलिए वस्तु पर लगने वाला बल भी लगातार बढ़ रहा है।

प्रश्न A2.
1200 kg द्रव्यमान की कार को एक समतल सड़क पर दो व्यक्ति समान वेग से धक्का देते हैं। उसी कार को तीन व्यक्तियों द्वारा धक्का देकर 0-2 ms-2 का त्वरण उत्पन्न किया जाता है। कितने बल के साथ प्रत्येक व्यक्ति कार को धकेल पाते हैं। (मान लें कि सभी व्यक्ति समान पेशीय बल के साथ कार को धक्का देते हैं।)
हल:
दिया है:
कार का द्रव्यमान m = 1200 kg
तीन व्यक्तियों द्वारा धक्का देने पर उत्पन्न त्वरण a = 0.2 ms-1
तीसरे व्यक्ति द्वारा लगाया गया बल
F = ma = 1200 x 0.2 = 240N
चूँकि तीनों व्यक्तियों में से प्रत्येक समान पेशीय बल का उपयोग कर रहा है, इसलिए प्रत्येक समान बल से कार को धकेल पाते हैं।
अतः कार को धकेलने में प्रत्येक व्यक्ति द्वारा आरोपित अभीष्ट बल %D240 N.

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प्रश्न A3.
500g द्रव्यमान के एक हथौड़े द्वारा 50 ms-1 वेग से एक कील पर प्रहार किया जाता है। कील द्वारा हथौड़े को बहुत कम समय 0.01 s में ही रोक दिया जाता है। कील के द्वारा हथौड़े पर लगाए गए बल का परिकलन करो।
हल:
दिया है:
हथौड़े का द्रव्यमान m = 500 g = 0.5 kg
हथौड़े का प्रारम्भिक वेग u = 50 ms-1
हथौड़े पर अन्तिम वेग v = 0 ms-1
समय अन्तराल t = 0.01 s
हम जानते हैं कि,
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम
= \(\frac{m v-m u}{t}\)
= \(\frac{0 \cdot 5 \times 0-0 \cdot 5 \times 50}{0 \cdot 01}\)
= – \(\frac{25}{0 \cdot 01}\) = – 2500 N
(ऋणात्मक चिह्न बल की दिशा बताता है कि बल कील ने लगाया)
अतः, कील द्वारा हथौड़े पर लगा अभीष्ट बल = 2500 N.

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प्रश्न A4.
एक 1200 kg द्रव्यमान की मोटरकार 90 km/h की वेग से एक सरल रेखा के अनुदिश चल रही है। उसका वेग बाहरी असन्तुलित बल लगने के कारण 4s में घटकर 18 km/h हो जाता है। त्वरण और संवेग में परिवर्तन का परिकलन करें। लगने वाले बल के परिमाण का भी परिकलन करें।
हल:
दिया है:
मोटरकार का द्रव्यमान m = 1200 kg
कार का प्रारम्भिक वेग u = 90 km / h
कार का अन्तिम वेग v = 18 km / h
समय अन्तराल t =4s
वेग में परिवर्तन v – u = (90 – 18) km /h
= 72 x 5/18 = 20 m/s
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम
= \(\frac {20}{4}\) = 5 ms-2
संवेग परिवर्तन p = m (v – u)
= 1200 x 20
= 24000 kg ms-1
बल (F) = द्रव्यमान (m) x त्वरण (a)
= 1200 x 5 = 6000 N
अत: अभीष्ट त्वरण = 5 ms-2, संवेग में परिवर्तन = 24000 kg ms-1 एवं लगने वाला बल = 6000 N.

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.2

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.2 Text Book Questions and Answers.

BSEB Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.2

प्रश्न 1.
एक समद्विबाहु त्रिभुज ABC में जिसमें AB = AC है. ∠B और ∠C के समद्विभाजक परस्पर बिन्दु O पर प्रतिभेद करते हैं। A और O को जोथिए। दर्शाए कि-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.2 1
(i) OB = OC
(ii) AO, ∠A को समद्विभाजित करता है।
उत्तर:
(i) ∆ARC में,
AB = AC (दिया है।
अतः ∠ACB = ∠ABC
तो, \(\frac{1}{2}\) ∠ACB = \(\frac{1}{2}\) ∠ABC
∠OCA = ∠OBA
∠OCB = ∠OBC …. (1)
(∵ OB तथा 0C क्रमश: ∠B तथा ∠C के समद्विभाजक है)
⇒ OB = OC. …… (2)
(∵ समान कोणों के सम्मुख भुजाएँ बराबर होती है।)

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(ii) ∆OBA और ∆OCA में,
AB = AC (दिया है)
∠OBA = ∠OCA [समी. (1) से]
⇒ OB = OC. [सनी. (2) से]
∴ SAS सर्वांगसमता गुणधर्म से
∆OBA ≅ ∆OCA
⇒ ∠BAO – ∠CAO ( सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग बराबर होते हैं)
अत: AO, ∠BAC को समद्विभाजित करता है।

प्रश्न 2.
∆ABC में AD भुजा BC का लम्ब समद्विभाजक है (देखिए आकृति) दहिए कि ∆ABC एक समद्धि आहु त्रिभुज है, जिसमें AB = AC है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.2 2
उत्तर:
∆ABD और
∆ACD में,
AD = AD (उभयनिष्ठ)
∠ADB =∠ADC = 90°
(∵ AD भुजा BC पर लम्ब है)
BD = DC (दिया है)
∴ SAS सर्वांगसमता गुणधर्म से,
∆ABD ≅ ∆ACD
⇒ AB = AC (सर्वागसम विभुज के संगत भाग बराबर होते हैं)
आत: ∆ARC समद्विबाहु त्रिभुज है।

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प्रश्न 3.
ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है, जिसमें बराबर भुजाओं AC और AR पर क्रमशः शीर्षलम्ब BE और CF खींचे गए हैं (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि ये शीर्षलम्ब बराबर है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.2 3
उत्तर:
∆ABE और ∆ACF में,
∠A – ∠A (उभयनिष्ठ)
(∵ BE ⊥ AC तथा CF ⊥ AB)
∠AED – ∠ARC = 90°
AB = AC (दिया है)
∴ AAS सर्वांगसमता गुणधर्म से,
∆ABE = ∆ACF
⇒ BE = CF (∵ सर्वागतम त्रिभुजों के संगत भाग बराबर होते ई)
अत: शीर्षलम्ब बराबर हैं।

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प्रश्न 4.
ABC एक त्रिभुज है जिसमें AC और AB पर खींचे गए शीघलम्ब BE और CF बराबर हैं (देखिए आकृति) वाइए कि-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.2 4
(i) ∆ABE ≅ ∆CFB
(ii) AB = AC,
अर्थात् ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
उत्तर:
(i) ∆ABE और ∆ACF में,
∠A = ∠A (उभयनिष्न)
BE = CF (दिया है।
∠AEB = ∠AFC = 90°
(∵ BE ⊥ AC, CF ⊥ AB)
∴ AAS सर्वांगसमता गुणधर्म से,
∆ABE ≅ ∆ACE. ……..(1)

(ii) ∵ ∆ABE ≅ ∆ACF (समी. (1) से]
⇒ AB = AC. (∵ सर्वांगसम विभुगों के संगत भाग बराबर होते हैं।)
आतः ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।

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प्रश्न 5.
ABC और DBC समान आधार BC पर स्थित दो समद्धि बाहु त्रिभुज है (देखिए आवृति) दशदिए कि ∠ABD = ∠ACD है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.2 5
उत्तर:
∆ABC में,
AB = AC (दिया है।)
अतः ∠ABC = ∠ACB ……… (1)
(∵ समान भुजाओं के सम्मुख कोण बराबर होते हैं।)
∆BCD में, BD = CD (दिया है।)
अतः ∠CBD = ∠BCD ………. (2)
(∵ समान भुजाओं के सम्मुख कोष बराबर होते हैं)
समी- (1) व समो. (2) को जोड़ने पर,
∠ABC + ∠CBD = ∠ACB + ∠BCD
∠ABD = ∠ACD.

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प्रश्न 6.
ABC एक समदिवाह त्रिभुज है, जिसमें AB = AC है। भुजा BA बिंदूत D क इस प्रकार बढ़ाई गई है कि AD = AB है (देखिए आकृति)
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.2 6
दशहिए कि ∠BCD एक समकोण है।
उत्तर:
∆ABC में,
AB = AC (दिया है।)
∠ABC = ∠ACB ……. (1)
(समान भुजाओं के सम्मुख कोण)
∆ACD में,
AC = AD (दिया है।
∠ADC = ∠ACD ……… (2)
(समान भुनाओं के सम्मुख कोण)
समी- (1) और समी. (2) को जोड़ने पर
∠ABC + ∠ADC = ∠ACB + ∠ACD
∠ABC + ∠ADC = ∠BCD ……… (3)
∆BCD में, ∠DBC + ∠BDC + ∠BCD = 180°
समी (3) से, ∠BCD + ∠BCD = 180°
⇒ 2∠BCD = 180°
⇒ ∠BCD = 90°
अत: ∠BCD एक समकोण है।

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प्रश्न 7.
ABC एक समकोण त्रिभुजई, जिसमें ∠A = 90° और AB = AC है। ∠B और ∠C ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
∆ABC में, AB = AC (दिया है।)
⇒ ∠B = ∠C (समान भुजाओं के सम्मुखा कोण)
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अब. ∠ABC + ∠BCA + ∠CAD = 180°
∠ABC + ∠ABC + 90° = 180°
(∵ ∠CAB = 90° तथा ∠BCA = ∠ABC)
2∠ABC = 180° – 90°
∠ABC = ∠BCA = \(\frac{90°}{2}\) = 45°.

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प्रश्न 8.
दर्शाइए कि किसी समबाहु त्रिभुज का प्रत्येक कोण 60° होता है।
उत्तर:
माना ∆ABC एक समबाहु त्रिभुज है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.2 8
अत: AB = BC = CA
यहाँ, AB = AC
अत: ∠B = ∠C …….. (1)
(समान भुजाओं के सम्मुख कोण)
यहाँ, BC = AC
अत: ∠A = ∠B ……. (2)
(समान भुजाओं के सम्मुख कोण)
समी. (1) व (2) से,
∠A = ∠B = ∠C
∆ABC में, ∠A + ∠B + ∠C = 180°
3∠A = 180°
∠A = 60° = ∠B = ∠C
अत: समबाहु त्रिभुज के सभी कोण 60 के होते हैं।

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Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 6 मीडिया और लोकतंत्र

Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 2 Chapter 6 मीडिया और लोकतंत्र Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 6 मीडिया और लोकतंत्र

Bihar Board Class 7 Social Science मीडिया और लोकतंत्र Text Book Questions and Answers

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
आप पाँच ऐसी खबरों की सूची बनाएँ जो भारत के किसी अन्य राज्यों (बिहार को छोड़कर) की हैं और इसकी जानकारी आपको टी.वी: से प्राप्त हुई है।
उत्तर-
पाँच ऐसी खबरें जो बिहार को छोड़कर किसी अन्य राज्य की हैं और जिनकी जानकारी हमें टी.वी. से प्राप्त हुई, इस प्रकार है

  1. गुजरात का भूकम्प
  2. मुम्बई में हुआ आतंकवादी हमला
  3. कश्मीर का आतंकवाद
  4. मुम्बई में आया भयंकर बाढ़
  5. केरल का सुनामी ।

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प्रश्न 2.
ऊपर दिए गए चित्र को देखकर यह बताओ कि मीडिया के तकनीक में क्या बदलाव आए और इनका क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
ऊपर दिए गए चित्र को देखकर यह कहा जा सकता है कि मिडिया के तकनीक में बहुत बदलाव हुए हैं। पहले छपाई का काम हाथों से किया जाता था, जिसमें बहुत ज्यादा समय में बहुत कम काम हो पाता था। पर आज तकनीक में हुए परिवर्तन की वजह से अब छपाई का काम करने के लिए मशीन उपलब्ध है जिससे बहुत कम समय में बहुत ज्यादा काम आसानी से होता है। ये मशीनें कई आदमियों का काम अकेले कर देती हैं।

इन मशीनों के जाने से कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। ये मशीन जहाँ समय की बचत करती हैं साथ ही कई लोगों का कार्य अकेले कर देती हैं, जिससे हमें फायदा हैं पर दूसरी ओर इन मशीनों के आ जाने से बेरोजगारी ‘बहुत अधिक बढ़ गई है। बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

प्रश्न 3.
आपके क्षेत्र में केवल टी.वी. का प्रयोग कब शुरू हुआ? इससे क्या फर्क पड़ा?
उत्तर-
हमारे क्षेत्र में केवल टी.वी. का प्रयोग बहुत पहले से शुरू हो चुका है। इसका प्रसारण काफी पहले से हमारे क्षेत्र में हो रहा है।

केवल टी.वी. में बहुत सारे चैनल होते हैं, जिसमें से कुछ चैनल पर सिर्फ समाचार दिखाए जाते हैं। कुछ चैनल पर देश-विदेश के समाचार तो कुछ पर क्षेत्रिय समाचार दिखाए जाते हैं। इसमें अलग-अलग क्षेत्रिय भाषाओं के चैनल भी होते हैं। समाचार के अलग-अलग चैनल होने से किसी भी न्यूज की विस्तारपूर्वक जानकारी मिलती है। क्षेत्रिय चैनल से अलग अलग भाषी लोग

अपनी भाषाओं में टी.वी. देख सकते हैं। मनोरंजन का साधन बढ़ा । जिसे जो देखना है कि वे देख सकते हैं। खेल के लिए अलग चैनल है, समाचार के लिए अलग और जंगलों की जानकारी के लिए अलग तथा विभिन्न विषयों के लिए अलग चैनल है।

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प्रश्न 4.
पिछले पन्ने पर दिए गए चित्र में आप किन-किन तरह के विरोध करने के तरीके पहचान सकते हैं ? इनका मीडिया के साथ क्या संबंध है?
उत्तर-
पिछले पन्ने पर दिए गए चित्र में विरोध के रूप में धरना, कैंडिल मार्च, भूख हड़ताल, जुलूस आदि को दिखाया गया है।

मीडिया के द्वारा इन खबरों को विशेष रूप से कवर किया जाता है। इन खबरों को फिर जनता और सरकार बीच पहुँचाया जाता है। जिससे सरकार तक ये खबरें पहुँचती हैं कि जनता किन बातों का विरोध कर रही है और सरकार द्वारा इन बातों पर विशेष ध्यान दिया जाता है कि जनता इन बातों का विरोध क्यों कर रही है और फिर उसकारण को दूर करने की कोशिश की जाती है और जनता से ऐसा न करने की अपील की जाती है।

प्रश्न 5.
पटना के समीप गाँव में मनरेगा कार्यक्रम के तहत चल रहे काम में मीडिया द्वारा क्या किया गया और इसका क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
पटना के समीप के एक गांव में मनरेगा कार्यक्रम के तहत मिट्टी कटाई का काम किया जा रहा था और इस कार्य के लिए मजदूरों की जगह बड़ी मशीनों का प्रयोग किया जा रहा था। जबकि इस कार्यक्रम में लोगों को रोजगार देने पर अधिक बल दिया जाता है और इसमें मशीनों का इस्तेमाल वर्जित है। इसमें मशीनों की जगह गाँव में रहने वाले लोगों को कम से कम 100 दिनों के रोजगार की गारंटी दी गई है। पर यहाँ पर इन नियमों की अवहेलना हो रही थी।

मीडिया कर्मियों द्वारा इस खबर को अखबारों एवं न्यूज चैनलों पर प्रमुखता के साथ प्रसारित किया गया, जिससे इस खबर की. जानकारी आम लोगों के साथ ही उच्च अधिकारियों को हुई और गाँव पहुँच उनलोगों ने तुरंत मशीनों से किए जा रहे काम को बंद करने का आदेश दिया। फिर इस मामले की जाँच कराई गई जिससे यह पता चला कि मजदूरों की जाली उपस्थिति दर्ज करके आवंटित राशि आपस में बाँट ली जाती है। जाँच अधिकारियों द्वारा लोगों के खिलाफ कार्यवाई की गई और मजदूरों को उनका हक दिलवाया गया।

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प्रश्न 6.
क्या कभी मीडिया द्वारा गलत खबरें भी पहुँचायी जाती है? चर्चा करें।
उत्तर-
हाँ, मीडिया कभी-कभी अपनी प्रसिद्धि का गलत फायदा उठाती है। वह अपनी साख को बढ़ाने के लिए कभी-कभी खबरों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती है और इस वजह से जनता तक गलत बातें पहुँचती हैं। जिससे कभी-कभी जनता गुमराह हो जाती है !

प्रश्न 7.
“न्यूज ऑफ बिहार” की खबर में किस बात की प्रमुखता दी गयी है ?
उत्तर-
“न्यूज ऑफ बिहार” की खबर में इस बात को प्रमुखता दी गयी। कि बारिश होने की वजह से मौसम बहुत सुहाना हो गया। गर्मी की वजह से परेशान लोगों को बारिश से थोड़ी राहत मिली। भयानक गर्मी के बीच अचानक से मौसम का मिजाज बदला और आकाश में काले-काले बादल आ गए और बिजलियाँ चमकने लगी और तेज हवा ओले के साथ बारिश शुरू। हो गई। बारिश होने की वजह से तापमान में गिरावट दर्ज की गयी।

पर एक तरफ बारिश की वजह से मौसम तो सुहावना हुआ पर मौसम के बदलते मिजाज ने बहुत तबाही भी मचाई। सड़कों पर कितने लोगों को भिंगते देखा गया और जगह-जगह पेड़ गिर जाने से आवागमन भी बाधित हुआ था।

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प्रश्न 8.
दोनों रपट में क्या अंतर है? चर्चा करें।
उत्तर-
दोनों रपट में एक ही तरह के खवर को अलग-अलग तरीके से लिखा गया है।

न्यूज ऑफ बिहार की रिपोर्ट में बारिश से मौसम में आए परिवर्तन को ज्यादा फोकस किया गया है। इसमें लिखा गया है कि गर्मी की भयंकर तपिश झेल रहे लोगों को अचानक हुई वारिश से बहुत तंबाही भी मची। कई लोग सड़कों पर भिंगते नजर आए और कई जगह पेड़ गिर जाने से आवागमन भी बाधित हुआ।

दूसरी ओर बिहार रोजाना की रिपोर्ट में नगर-निगम की पोल पट्टी भी खोली गयी है। हर साल नगर निगम की ओर से नालियों व सड़कों की सफाई आदि पर लाखो करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं, पर यहाँ आम नागरिकों की हर वही दुर्गति होती है। थोड़ी ही बारिश में सड़कों पर नालियों का गंदा पानी

व मलमूत्र फैल जाता है। मुख्य सड़कों के साथ ही गली, मुहल्ले की सड़क – आदि में भी गंदा पानी भर जाता है।

इस दोनों खबरों में ‘न्यूज ऑफ बिहार’ में बारिश से मिलने वाली राहत – को बताया गया है और ‘बिहार रोजाना की रिपोटों’ में बारिश से आम लोगों – को होने वाली परेशानी और नगर निगम की पोल खोली गई हैं।

प्रश्न 9.
संचार के वैकल्पिक माध्यमों में हस्तलिखित अखबार, सामुदायिक रेडियो, लघु पत्रिका इत्यादि का चलन बढ़ा है। शिक्षक की मदद से चर्चा करें।
उत्तर-
संचार के वैकल्पिक माध्यमों में हस्तलिखित अखबार, सामूहिक रेडियो, लघु पत्रिका इत्यादि का चलन बढ़ने का एक मुख्य कारण है कि छपाई वाले अखबार गाँव में नहीं मिलते हैं। इनका दायरा सीमित होता है और. अखबारों का एकछत्र राज्य कायम होने से वे कभी-कभी अपनी प्रसिद्ध का. फायदा उठाते हुए किसी खबर को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं और अपनी साख को और बढ़ाने की कोशिश करते हैं। इसमें खेल, सिनेमा आदि को

विस्तारपूर्वक बताया जाता है पर गरीब लोगों, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों जो मूलभूत सरकारी सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं, जिन्हें ये सुविधाएँ उपलब्ध कराना सरकार की चुनौती है-इन सब बातों पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है पर ऊपर लिखित वैकल्पिक माध्यम आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और इससे काफी छोटी-छोटी बातों को जानकारी मिलती हैं। ”

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प्रश्न 10.
कुछ अखबारों को पढ़कर समझाओ कि आपके इलाके के बारे में छपी खबरों में किन बातों पर ध्यान दिया जा रहा है?
उत्तर-
छात्र इसे स्वयं करें।

प्रश्न 11.
आपके विचार से क्या कुछ बातों पर मीडिया का कम ध्यान है?
उत्तर-
हाँ, मेरे विचार से कुछ बातों पर मीडिया का कम ध्यान है। मीडिया रोजगार, शिक्षा, गरीबी आदि से जुड़ी खबरों पर ज्यादा ध्यान नहीं देती। जबकि इन बातों को विस्तारपूर्वक लोगों के सामने लाना चाहिए, जिससे जनता की तकलीफ लोगों के सामने आए और लोगों का ध्यान उस ओर आकर्षित हो सके। जबकि मीडिया उन बातों पर ज्यादा ध्यान देती हैं जिससे उनकी प्रसिद्धी और बढ़े।

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अगर आपको कैमरा दे दिया जाए तो आप इसका कैसे प्रयोग करेंगे?
उत्तर-
अगर मुझे कैमरा दिया जाए तो मैं उसमें अपने आस-पास की घटनाओं को कैद करना चाहूँगी। हमारे आस-पास क्या अच्छा क्या बुरा, क्या सही या क्या गलत हो रहा है इसे कैद कर सकते हैं और दूसरों को दिखा सकते हैं। हम अपनी आस-पास की खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य को कैद कर सकते हैं।

इसे दूसरों को दिखाने से उन्हें हमारे आस-पास के क्षेत्रों की जानकारी मिलेगी। लोगों का ध्यान उस ओर आकर्षित होगा। लोगों को इन्हें दिखाने से लोगों का ध्यान उस ओर आकर्षित होगा। लोगों को इन्हें दिखाने से लोगों का ध्यान हमारे क्षेत्र की ओर जाएगा। अगर मेरे पास कैमरा होता और मैं कहीं घूमने जाऊँ तो वहाँ के दृश्यों को कैमरे में कैद करके लाऊँगी ‘और अपने आस-पास को दिखाऊँगी, जिससे उन लोगों को भी उस जगह की

जानकारी मिलेगी, वे लोग भी उस जगह को जान पाएंगे।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 6 मीडिया और लोकतंत्र

प्रश्न 2.
आपके विद्यालय में होने वाले किसी कार्यक्रम पर एक खबर तैयार करें।
उत्तर-
छात्र इसे स्वयं करें।

प्रश्न 3.
आपके विचार से संचार का कौन-सा माध्यम ज्यादा लोकप्रिय है? कारण सहित बताएँ।
उत्तर-
मेरे हिसाब से संचार के सभी माध्यमों में टी.वी. सबसे लोकप्रिय है। क्योंकि टी.वी. पर हम खबरों को सुनने के साथ ही देख सकते हैं। टी. वी. पर कभी-कभी घटना स्थल से सीधे ही खबरों को प्रसारित किया जाता

है। जिससे हम घटना स्थल के दृश्य को देख सकते हैं। वहाँ के लोगों के – बातचीत को सुन सकते हैं। वहाँ पर लोगों को किन मुसीबतों का सामना करना पड़ता है, उसे देख सकते हैं और सुन भी सकते हैं। टी.वी. पर बहुत सारे चैनल होने के कारण हमें हर तरह के खबरे देखने के साथ सुनने को भी मिलती है। टी.वी. हमें देश-विदेश के खबरें के साथ ही क्षेत्रिय खबरें भी विस्तारपूर्वक देखने को मिलती है। टी.वी. मनोरंजन का भी बहुत अच्छा साधन है।

प्रश्न 4.
किसी बड़ी घटना की जानकारी आपको किन-किन माध्यमों से हुई। चर्चा करें।
उत्तर-
गुजरात में आए भूकंप की जानकारी मुझे अखबार, रेडियो और टी.वी. से प्राप्त हुई थी। हमारे कुछ रिश्तेदारों ने फोन में भी हमें इस घटना की जानकारी दी थी। फिर टी.वी. पर गुजरात से सीधा प्रसारण दिखाया जा रहा था। रेडियो पर भी खबरें सुनने को मिल रही थी। पर टी.वी. पर वहाँ का सीधा दृश्य दिखाया जा रहा था।

किस तरह बड़े-बड़े बिल्डिंग भूकंप की वजह से मलबे में बदल गए थे। चारो ओर लोगों की चीखने-चिल्लाने की आवाजें आ रही थी। सभी अपनी जान बचाने की कोशिश से लगे हुए थे। सेना के जवान मलबे में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे थे। साथ ही आम नागरिक भी उनकी मदद को तैयार थे। अखबार और रेडियो से हमें खबर पढ़ने को और सुनने को मिली पर टी.वी. पर वहाँ की स्थिति को सीधे-सीधे देखने पर उन लोगों के तकलीफ को महसूस करने पर मेरे रोंगटे खड़े हो गये।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 6 मीडिया और लोकतंत्र

प्रश्न 5.
सूचना के आधुनिक संचार माध्यमों से क्या फर्क पड़ा?
उत्तर-
सूचना के आधुनिक संचार माध्यमों का हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ा । जैसे – पहले अगर हमें कोई खबर लोगों तक पहुँचानी होती थी, तो लोग कबूतर उड़ाकर, डुगडुगी बजाकर या फिर ढोलक पीटकर खबरें पहुँचाई जाती थी। पर आज संचार माध्यमों की वजह से ये लाखों लोगों तक आसानी से पहुँच जाती है। आज अखबार, टी.वी., रेडियो आदि से किसी भी खबर को लाखों लोगों तक पहुँचाना भी बहुत आसान होता है। मोबाइल की वजह से लोग देश-विदेश में रहने वाले लोगों से भी आसानी से बात कर लेते

हैं। पहले के जमाने में लोग खबरों को सिर्फ सुन पाते थे, पर आज के समय में वे खबरों को पढ़ सकते हैं, सुन सकते हैं और साथ ही देख भी सकते हैं

और कभी-कभी तो घटना स्थल से सीधे प्रसारित होने वाले खबरों में वे उस जगह की स्थिति भी देख सकते हैं, जहाँ कोई घटना घटी हो ।

मोबाइल फोन की वजह से लोग जब चाहें, जहाँ चाहे आसानी से बात कर सकते हैं। उन्हें.. किसी बात की जानकारी दे सकते हैं। इंटरनेट भी संचार माध्यम का बहुत अच्छा रूप है और इसका प्रचलन आपके समय में बहुत तेजी से बढ़ रहा ।

प्रश्न 6.
किसी दो प्रमुख समाचार पत्रों के प्रथम पृष्ठ पर दिये गये शीर्षकों की खबर का विवरण तैयार करें और देखें कि उनकी खबरों में क्या समानता और भिन्नता है?
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

Bihar Board Class 7 Social Science मीडिया और लोकतंत्र Notes

पाठ का सार संक्षेप

मीडिया और लोकतंत्र अंग्रेजी शब्द ‘मिडियम’ से ‘मिडिया’ शब्द लिया गया है। मीडियम का अर्थ होता है ‘माध्यम’। मीडिया के द्वारा ही समाज के विचारों एवं खबरों का आदान-प्रदान आसानी से होता है। समाचार-पत्र, पत्रिकाओं, टी.वी. चैनल, रेडियो. फोन-फैक्स. इंटरनेट आदि संचार के विभिन्न माध्यम है जिससे हम देश-विदेश में रहने वाले अपने सगे-संबंधियों से आसानी से बात कर सकते और देश-विदेश में होने वाली हर छोटी-मोटी घटनाओं को देख, सुन और पढ़ सकते हैं। इसकी पहुँच देश-विदेश के जनसमूहों तक होती है, इसलिए इसे मास-मिडिया या जनसंचार माध्यम कहते हैं।

मीडिया के तकनीक में बदलाव-संचार माध्यम आज के समय में हमारी जिंदगी के महत्त्वपूर्ण अंग बन गये हैं। आज के दौर में मोबाइल, टी.. वी., अखबार. आदि के बिना रोजमर्रा के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। इन माध्यमों के प्रयोग में आने वाली तकनीक हमेशा बदलती रहती है। बहुत समय पहले डुगडुगी बजाकर, ढोल पीटकर, तुरही बजाकर लोगों तक संदेश पहुँचाया जाता था। पर आज के समय में तकनीकी बदलाव के प्रभाव

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 6 मीडिया और लोकतंत्र

से हम अखबार, रेडियो, टी.वी. के द्वारा खबरों और सूचनाओं को आसानी से लोगों तक पहुँचा सकते हैं। कई बार तो घटना स्थल से सीधा प्रसारण किया जाता है जिससे हम वहाँ के लोगों से हो रही बातों को सुन सकते हैं और वहाँ के दृश्य को देख सकते हैं।
हम संचार माध्यमों की चर्चा दो रूपों में करते हैं-

  1. छपे हुए माध्यम के रूप में और
  2. इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के रूप में।

छपे हुए माध्यम के अंतर्गत अखबार, पत्र-पत्रिकाओं आदि आते हैं और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के अंतर्गत टी.बी., रेडियो, इंटरनेट आदि आते हैं। तकनीक के इस बदलाव से हमारी जिंदगी और समाज भी प्रभावित हुआ है। टी.वी. के आने से पूरी दुनिया की खबरों को सुनने के साथ ही देख भी सकते हैं। संचार माध्यमों के विकसित होने से दुनिया बिल्कुल सिमट गयी हैं।

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.1

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.1 Text Book Questions and Answers.

BSEB Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.1

प्रश्न 1.
चतुर्भुज ACBD में, AC = AD है और AB कोण A को समद्विभाजित करता है (देखिए आकृति)। दाइए कि ∆ABC ≅ ∆ABD है। BC और BD के बारे में आप क्या कह सकते हैं?
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.1 1
उत्तर:
∆ABC और ∆ABD में,
AC = AD (दिया है।)
∠CAB = ∠BAD (दिया है।)
और AB = AB (उभयनिष्ठ)
∴ SAS सर्वांगसमता गुणधर्म से.
∆ABC ≅ ∆ABD
⇒ BC = BD. (∵ सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग बराबर होते हैं)

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प्रश्न 2.
ABCD एक चतुर्भुज है, जिसमें AD = BC और ∠DAB = ∠CBA है (देखिए आकृति)। सिद्ध कीजिए कि-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.1 2
(i) ∆ABD = ∆BAC
(ii) BD = AC
(iii) ∠ABD = ∠BAC
उत्तर:
(i) ∆ABD और ∆BAC में,
∠DAB = ∠CBA (दिया है)
AD = BC (दिया है)
और AB = AB (उभयनिष्ठ)
∴ SAS सर्वासमता गुणधर्म से,
∆ABD ≅ ∆ABAC.

(ii) ∵ ∆ABD ≅ ∆BAC
अतः BD = AC.(∵ सशंगसम त्रिभुजों के संत भाग बाबर होते हैं)

(iii) ∵ ∆ABD ≅ ∵ ∆BAC
अत: ∠ARD = ∠BAC.
(∵ सांगसम त्रिभुजों के संगत भाग बराबर होते हैं)

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प्रश्न 3.
एक रेखाखंड AB पर AD और BC दो बराबर लम्ब रेखाखण्ड है (देखिए आकृति)। दशाइए कि CD रेखाखंड AB को समद्विभाजित करता है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.1 3
उत्तर:
∆OBC और ∆OAD में.
∠OAD = ∠OBC = 900
BC = DA (दिया है)
∠BOC = ∠AOD (शीर्षाभिमुख कोण)
∴ AAS सर्वांगसमता गुणधर्म से,
∆OBC ≅ ∆OAD
⇒ AO = BO (∵ सांगसम त्रिभुजों के संगत भाग बराबर होते हैं।)
⇒ AB का मध्य बिन्दु O है।
अत: रेखाखण्ड CD, AB को समद्विभाजित करता है।

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.1

प्रश्न 4.
l और m दो समांतर रेखाएँ हैं जिन समानर रेखाओं p और q का एक अन्य युग्म प्रतिच्छेच करता है (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि ∆ABC ≅ ∆CDA है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.1 4
उत्तर:
यहाँ AD || BC (दिया है, l और m समान्तर है)
AB || DC (दिया है. P और q समान्तर है)
अत: ABCD एक समांतर चतुर्भुज है।
अब ∆ABC और ∆CDA में,
AB = DC
तथा BC = AD
और AC = AC (उभयनिष्ठ)
∴ SSS सांगसमता गुणधर्म से,
∆ABC ≅ ∆CDA.

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प्रश्न 5.
रेखा l ∠A को समद्विभाजित करती है B और रेखा l पर स्थित कोई बिन्दु है। BP और BQ. ∠A की भुजाओं पर B से डाले गए लम्ब हैं (देखिए आकृति) दांडा कि
(i) ∆APB ≅ ∆AQB
(ii) BP = BQ, अर्थात् बिन्दु B कोण की भुजाओं से समदूरस्थ है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.1 5
उत्तर:
(i) ∆APB तथा ∆AQR में,
∠PAB = ∠QAB
(रेका l ∠A को समद्विभाजित करती है)
और ∠APB = ∠AQB = 90 (दिया है।)
तथा AB = AB (उभयनिष्ठ)
∴ AAS सांगसमता गुणधर्म से,
∆APB ≅ ∆AQB.

(ii) ∵ ∆APB = ∆AQB में,
BP = BQ. (∆ सांगसम त्रिभुजों के संगत भाग बरावर होते हैं)
अत: विन्दु B कोण की भुजाओं से समदूरस्थ है।

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प्रश्न 6.
आकृति में, AC = AE, AB = AD और ∠BAD = ∠EAC है। दाइए कि BC = DE है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.1 6
उत्तर:
∆ABC और ∆ADE में,
AB = AD (दिया है।)
AC = AE (दिया है)
∠BAD = ∠EAC (दिया है)
∴ SAS सर्वांगसमता गुणधर्म से,
∆ABC ≅ ∆ADE
⇒ BC = DE (∵ सर्वागमस विभुजों के संगत भाग बराबर होते हैं)

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प्रश्न 7.
AB एक रेखाखण्ड है और इसका मध्य-बिन्दु है। D और E रेखाखण्ड AB के एकही और स्थित दो बिन्दु इस प्रकार हैं कि ∠BAD = ∠ABE और ∠EPA = ∠DPB है (देखिए आकृति) दर्शाइए कि-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.1 7
(i) ∆DAP = ∆EBP
(ii) AD = BE.
उत्तर:
(i) दिया है. p रेखाखण्ड AB का मध्य विन्दु है।
अत: AP = PB …….. (1)
दिया है, ∠EPA = ∠DPB
दोनों तरफ ∠EPD जोड़ने पर,
∠EPA + ∠EPD = ∠EPD + ∠DPB
∠DPA = ∠EPB …….. (2)
∆DAP और ∆EBP मैं.
∠DAP – ∠EBP (दिया है।)
AP = PB (समी. (1) से)
∠DPA = ∠EPB (समी. (2) से)
∴ AAS सांगसमता गुणधर्म से,
∆DAP ≅ ∆EBP.

(ii) ∵ ∆DAP ≅ ∆EBP,
AD = BE. (सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग बराबर होते हैं)

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प्रश्न 8.
एक समकोण त्रिभुज ABC में, जिसमें कोण C समकोण है, M कर्ण AB का मध्य-विन्दु है। C को M से मिलाकर D इस प्रकार बहाया गया है कि DM = CM है। बिन्दुको बिन्दु से मिला दिया जाता है। (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.1 8
(i) ∆AMC ≅ ∆BMD
(ii) ∠DBC एक समकोण है
(iii) ∆DBC ≅ ∆ACB
(iv) CM = \(\frac{1}{2}\) AB.
उत्तर:
(i) ∆AMC और ∆BMD में,
AM = BM (M रेखा AB का मध्य बिन्दु है)
CM = DM
∠AMC = ∠DMB (शीर्षाभिमुख कोण)
∴ SAS सांगसमता गुणधर्म से,
∆AMC ≅ ∆BMD.

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(ii) यदि ∆AMC ≅ ∆BMD
⇒ BD = AC ……… (1)
और ∠BDM = ∠ACM (∵ सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग बराबर होते है)
अतः BD || CA
ते ∠CBD + ∠BCA = 180 (∵ तिर्यक रेखा के एक ही ओर के आंतरिक कोणों का योग 180% होता है।)
⇒ ∠CBD + 90 = 180 ⇒ ∠DBC = 90′.

(iii) ∆DBC और ∆ACB में,
∠DBC = ∠ACB = 90 (प्रत्येक 90)
BC = BC (उभयनिष्ठ)
और BD = AC समी. (1) से]
∴ SAS सर्वागसमता गुणधर्म से,
∆DBC ≅ ∆ACB.
∆DBC ≅ ∆ACB ⇒ AB = CD
⇒ \(\frac{1}{2}\) AB = \(\frac{1}{2}\)CD
∴ \(\frac{1}{2}\)AB = CM. इति सिद्धम्

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Bihar Board Class 11 Geography Solutions Chapter 14 महासागरीय जल संचलन

Bihar Board Class 11 Geography Solutions Chapter 14 महासागरीय जल संचलन Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 11 Geography Solutions Chapter 14 महासागरीय जल संचलन

Bihar Board Class 11 Geography महासागरीय जल संचलन Text Book Questions and Answers

Bihar Board Class 11 Geography Solutions Chapter 14 महासागरीय जल संचलन

(क) बहुवैकल्पिक प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
महासागरीय जल की ऊपर एवं नीचे गति किससे संबंधित है ……………..
(क) ज्वार
(ख) तरंग
(ग) धाराएँ
(घ) ऊपर में से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) धाराएँ

प्रश्न 2.
वृहत् ज्वार आने का क्या कारण है?
(क) सूर्य और चन्द्रमा का पृथ्वी एक ही दिशा में गुरुत्वाकर्षण बल
(ख) सूर्य और चन्द्रमा द्वारा एक-दूसरे की विपरीत दिशा से पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण बल
(ग) तटरेखा का दंतुरित होना
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) सूर्य और चन्द्रमा द्वारा एक-दूसरे की विपरीत दिशा से पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण बल

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प्रश्न 3.
पृथ्वी और चन्द्रमा की न्यूनतम दूरी कब होती है?
(क) अपसौर
(ख) उपसौर
(ग) उपभू
(घ) अपभू
उत्तर:
(ग) उपभू

प्रश्न 4.
पृथ्वी और चन्द्रमा की न्यूनतम दूरी कब होती है?
(क) अक्टूबर
(ख) जुलाई
(ग) सितम्बर
(घ) जनवरी
उत्तर:
(घ) जनवरी

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
तरंगें क्या हैं?
उत्तर:
तरंगें वास्तव में ऊर्जा हैं । तरंगों में जल का कण छोटे वृत्ताकार रूप में गति करते हैं। वायु जल को ऊर्जा प्रदान करती है जिससे तरंगें उत्पन्न होती हैं। वायु के कारण तरंगें महासागर में गति करती हैं तथा ऊर्जा तटरेखा पर निर्मुक्त होती हैं।

प्रश्न 2.
महासागरीय तरंगें ऊर्जा कहाँ से प्राप्त करती हैं?
उत्तर:
वायु के कारण तरंगें महासागर में गति करती हैं तथा ऊर्जा तटरेखा पर निर्मुक्त होती हैं। बड़ी तरंगें खुले महासागरों में पायी जाती हैं। तरंगें जैसे ही आगे की ओर बढ़ती हैं बड़ी होती जाती हैं तथा वायु से ऊर्जा को अवशोषित करती हैं।

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प्रश्न 3.
ज्वारभाटा क्या है?
उत्तर:
चन्द्रमा एवं सूर्य के आकर्षण के कारण दिन में एक बार या दो बार समुद्र तल का नियतकालिक उठने या गिरने को ज्वारभाटा कहा जाता है।

प्रश्न 4.
ज्वारभाटा उत्पन्न होने के क्या कारण हैं?
उत्तर:
चन्द्रमा के गुरुवाकर्षण के कारण तथा कुछ हद तक सूर्य के गुरुत्वाकर्षण द्वारा ज्वार भाटाओं की उत्पति होती है। दूसरा कारक, अपकेंद्रीय बल है जो कि गुरुत्वाकर्षण को संतुलित करता है तथा अपकेंद्रीय बल दोनों मिलकर पृथ्वी पर दो महत्वपूर्ण ज्वारभाटाओं को उत्पन्न करने के लिए उत्तरदायी हैं। चन्द्रमा की तरफ वाले पृथ्वी के भाग पर, एक ज्वारभाटा उत्पन्न होता है जब विपरीत भाग पर चन्द्रमा का गुरुत्वीय आकर्षण उसकी दूरी के कारण कम होता है तब अपकेंद्रीय बल दूसरी तरफ ज्वार उत्पन्न करता है।

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प्रश्न 5.
ज्वारभाटा नौकासंचालन से कैसे संबंधित हैं?
उत्तर:
ज्वारभाटा नौकासंचालकों व मछुआरों को उनके कार्य संबंधी योजनाओं में मदद करती . है। नौकासंचालन में ज्वारीय प्रवाह का अत्यधिक महत्त्व है।

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
जलधाराएँ तापमान को कैसे प्रभावित करती हैं ? उत्तर पश्चिम यूरोप के तटीय क्षेत्रों के तापमान को ये कैसे प्रभावित करते हैं?
उत्तर:
जलधाराएँ अधिक तापमान वाले क्षेत्रों से कम तापमान वाले क्षेत्रों की ओर तथा इसके विपरीत कम तापमान वाले क्षेत्रों की ओर बहती हैं। जब ये धाराएँ एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर बहती हैं तो ये उन क्षेत्रों के तापमान को प्रभावित करती हैं। किसी भी जलराशि के तापमान का प्रभाव उसके ऊपर की वायु पर पड़ता है। इसी कारण विषुवतीय क्षेत्रों से उन्च अक्षांशों वाले ठंडे क्षेत्रों की ओर बहने वाली जलधाराएँ उन क्षेत्रों की वायु के तापमान को बढ़ा देती हैं।

उदाहरणार्थ, गर्म उत्तरी अटलांटिक अपवाह जो उत्तर की ओर यूरोप के पश्चिमी तट की ओर बहती है। यह ब्रिटेन और नार्वे के तट पर शीत ऋतु में भी वैर्फ नहीं जमने देती। जलधाराओं का जलवायु पर प्रभाव और अधिक स्पष्ट हो जाता है। जब आप समान अक्षांशों पर स्थित ब्रिटिश द्वीप समूह की शीत ऋतु की तुलना कनाडा के उत्तरी पूर्वी तट की शीत ऋतु से करते हैं। कनाडा का उत्तरी-पूर्वी तट लेब्राडोर की ठंडी धारा के प्रभाव में आ जाता है। इसलिए यह शीत ऋतु में बर्फ से ढका रहता है।

प्रश्न 2.
जलधाराएं कैसे उत्पन्न होती हैं?
उत्तर:
महासागरों में धाराओं की उत्पत्ति कई कारकों के सम्मिलित प्रयास के फलस्वरूप संभव होती है। इनमें से कुछ कारक महासागरीय जल की विभिन्न विशेषताओं से संबंधित हैं कुछ कारक पृथ्वी की परिभ्रमण क्रिया तथा उसके गुरुत्वाकर्षण बल से संबंधित हैं तथा कुछ बाह्य। कारक हैं। इनके अतिरिक्त कुछ ऐसे कारक भी हैं जो धाराओं में परिवर्तन लाते हैं। इन्हें रूप परिवर्तन कारक (modifying factors) कहते हैं।

1. पृथ्वी के परिभ्रमण से संबंधित कारक – पृथ्वी पश्चिम से पूर्व दिशा में अपनी अक्षरेखा के सहारे परिक्रमा करती है। इस गति के कारण जल स्थल का साथ नहीं दे पाता है, जिस कारण वह पीछे छूट जाता है, परिणामस्वरूप जल में पूर्व से पश्चिम दिशा में गति उत्पन्न हो जाती है। इस प्रकार विषुवत् रेखीय धाराओं की उत्पत्ति होती है कभी-कभी कुछ जल पृथ्वी की परिभ्रमण दिशा की ओर भी अग्रसर हो जाता है। जिस कारण प्रति विषुवत् रेखीय धारा की उत्पत्ति होती है।

2. सागर से संबंधित कारक – सागरीय जल के तापमान, लवणता, घनत्व आदि में स्थानीय परिवर्तन होते हैं जिस कारण धाराओं की उत्पत्ति होती है।

3. बाह्य सागरीय कारक – महासागरीय जल पर वायुमण्डलीय दशाओं का पर्याप्त प्रभाव होता है। इनमें वायुमण्डलीय दबाव तथा उनमें भिन्नता, वायु दिशा, वर्षा वाष्पीकरण आदि धाराओं की उत्पत्ति में सहायक होते हैं।

(घ) परियोजना कार्य (Project Work)

प्रश्न 1.
एक ग्लोब या मानचित्र लें, जिसमें महासागरीय धाराएँ दर्शाई गई हैं, यह भी बताएँ कि क्यों कुछ जलधाराएँ गर्म हैं व अन्य ठंडी। इसके साथ ही यह भी बताएं कि निश्चित स्थानों पर यह क्यों विक्षेपित होती है। कारणों का विवेचन करें।
उत्तर:
महासागरीय धाराओं को तापमान के आधार पर गर्म व ठंडी जलधाराओं में वर्गीकृत किया जाता है।
1. ठण्डी जलधाराएँ ठण्डे जल को गर्म जल क्षेत्रों में लाती हैं। ये महाद्वीपों के पश्चिमी तट पर बहती हैं (ऐसी दोनों गोलाद्धों में निम्न व मध्य अक्षांशीय क्षेत्रों में होता है) और उत्तरी गोलार्द्ध के उच्च अक्षांशीय क्षेत्रों में यह जलधाराएँ महाद्वीपों के पूर्वी तट पर बहती हैं।

2. गर्म जलधाराएँ गर्म जल को ठण्डे जल क्षेत्रों में पहुँचाती हैं और प्रायः महाद्वीपों के पूर्वी तटों पर बहती हैं (दोनों गोलाद्धों के निम्न व मध्य अक्षांशीय क्षेत्रों में)। उत्तरी गोलार्द्ध में ये जलधाराएँ महाद्वीपों के पश्चिमी तट पर (उच्च अक्षांशीय) क्षेत्रों में बहती हैं।

पानी के घनत्व में अंतर महासागरीय जलधाराओं की ऊर्ध्वाधर गति को प्रभावित करता है। ठंडा जल गर्म जल की अपेक्षा अधिक सघन होता है। सघन जल नीचे बैठता है जबकि हल्के जल की प्रवृत्ति ऊपर उठने की होती है। ठंडे जल वाली महासागरीय धाराएँ तब उत्पन्न होती हैं जब ध्रुवों के पास वाले जल नीचे एवं धीरे-धीरे विषुवत् रेखा की ओर गति करते हैं। गर्म जलधाराएँ विषुवत् रेखा से सतह के साथ होते हुए ध्रुवों की ओर जाती है और ठंडे जल का स्थान लेती हैं।

प्रमुख महासागरीय धाराएँ प्रचलित पवनों और कोरियोलिस प्रभाव से अत्यधिक प्रभावित होती हैं। निम्न अक्षांशों से बहने वाली गर्म जलधाराएँ कोरिलोसिस प्रभाव के कारण उत्तरी गोलार्द्ध में अपने बाईं तरफ और दक्षिणी गोलार्द्ध में अपने दाईं तरफ मुड़ जाती है (देखें चित्र)।
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प्रश्न 2.
किसी तालाब के पास जाएँ तथा तरंगों की गति का अवलोकन करें एक पत्थर फेंकें एवं देखें की तरंगें कैसे उत्पन्न होती हैं। एक तरंग का चित्र बनाएँ एवं इसकी लम्बाई, दूरी तथा आयाम को मापें तथा अपनी कापी में इसे लिखें।
उत्तर:
इस परियोजना कार्य को स्वयं करें।

Bihar Board Class 11 महासागरीय जल संचलन Additional Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
‘उद्घावन’ क्या है?
उत्तर:
अत्यधिक विक्षुब्ध जल की परत के रूप में जब तरंग स्थल की ओर संचलित होती है, तब इसे उद्धावन कहते हैं।

प्रश्न 2.
जल में सूर्य का प्रकाश कितनी गहराई तक प्रवेश कर सकता है?
उत्तर:
जल में सूर्य का प्रकाश 900 मीटर की गहराई तक प्रवेश कर सकता है, पर केवल 100 मीटर की गहराई तक इतना प्रकाश रहता है, जिसका उपयोग पेड़-पौधे कर सकें।

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प्रश्न 3.
सागरीय जल के तापमान का वार्षिक अंतर किन घटकों पर निर्भर करता है?
उत्तर:

  1. विभिन्न गहराइयों में तापमान विभिन्नता
  2. ताप चालन का प्रभाष
  3. संवहनी धाराओं का प्रभाव
  4. जलराशियों का पार्श्व विस्थापन

प्रश्न 4.
महासागरीय जल के कौन-से गुण समुद्री जन्तुओं और वनस्पतियों को प्रभाटि करते हैं?
उत्तर:

  1. जल का तापमान
  2. जल का घनत्व
  3. जल की लवणत
  4. जल र संचरण

प्रश्न 5.
उन कारकों के नाम बताइए, जो महासागरीय धाराओं की उत्पत्ति को निर्याः करते हैं।
उत्तर:
समुद्री धाराओं की उत्पत्ति को नियंत्रित करने वाली महत्त्वपूर्ण क्रियाविधि हैं –

  1. समुद्री धरातल पर पवनों का कर्षण तथा
  2. जल घनत्व में अंतर से उत्पन्न असा

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प्रश्न 6.
महासागरीय धाराएं किसे कहते हैं?
उत्तर:
जल की एक राशि का एक निश्चित दिशा में लम्बी दूरी तक सामान्य संच • महासागरीय धारा कहलाता है। ये चौड़ी प्रवाह प्रणाली से लेकर छोटी प्रवाह प्रणाली तक हं

प्रश्न 7.
थर्मोक्लाइन धाराएं किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जल के घनत्व में अंतर के कारण जो धाराएँ उत्पन्न होती हैं उन्हें थर्माक्लाइन धार कहते हैं।

प्रश्न 8.
गल्फ स्ट्रीम का क्या अर्थ है?
उत्तर:
पलोरिडा अंतरीप से हटेरास अंतरीए की ओर बहने वाली धारा फ्लोरिडा ध कहलाती है। हटेरास अंतरीप के पश्चात् इसे गल्फ स्ट्रीम कहते हैं।

प्रश्न 9.
तरंग-आवर्त काल किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी निश्चित बिन्दु से गुजरने वाले दो क्रमिक तरंगों के बीच के समय को तरंग-आवर्त काल कहते हैं।

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प्रश्न 10.
‘भग्नोमि’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
एक क्रांतिक बिन्दु पर आकर तरंग रूप खंडित होकर विक्षुब्य जल समूह में बदल जता है, जिसे भग्नोर्मि कहते हैं।

प्रश्न 11.
तरंग का वेग कैसे मापा जाता है?
उत्तर:
तरंग वेग निम्न विधि से निश्चित किया जा सकता है –
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लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
भग्ना॑मि तथा उद्घावन किस प्रकार बनती है?
उत्तर:
जब कोई तीव्र ढाल वाली तरंग तट की ओर बढ़ती है और इसे तट के उथले जल से गुजरना पड़ता है, तो इसके शृंग की ऊँचाई शीघ्रता से बढ़ती है और तरंग का अग्रढाल अत्यधिक तीव्र हो जाता है। एक क्रांतिक बिन्दु पर आकार तरंग रूप में खंडित होकर विक्षुब्ध जल समूह में बदल जाता है, जिसे भग्नोर्मि कहते हैं। भानोमि के पश्चात् तरंग अत्यधिक विक्षुब्ध जल की परत के रूप में वह स्थल की ओर संचलित होती है, जिसे उद्धावन कहते हैं।

प्रश्न 2.
स्वेल और सर्फ में क्या अंतर है?
उत्तर:
स्वेल –

  • खुले सागर में नियमित तरंगों को स्वेल कहा जाता है।
  • तट के समीप इन तरंगों की ऊँचाई बढ़ जाती है।

सर्फ –

  • तटीय क्षेत्रों में टूटती हुई तरंगों को सर्फ कहते हैं।
  • तट के समीप ये तरंगें शोर मचाती हुई तट पर प्रहार करती हैं।

प्रश्न 3.
ज्वारीय भित्ति किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब ज्वारीय तरंगें किसी खाड़ी अथवा नदी के मुहाने में प्रवेश करती हैं तो ज्वारीय भंग नदी के ऊपरी भाग की ओर तेजी से बढ़ती हुई एक खड़ी दीवार की भाँति दिखाई देती हैं, जिसे ज्वारीय भित्ति कहते हैं। जब ज्वार उठता है तो पानी की एक धारा नदी घाटी में प्रवेश करती है। यह लहर नदी के जल को विपरीत दिशा में बहाने का प्रयास करती है। ज्वारीय लहर की ऊँचाई बढ़ जाती है तथा पानी का बहाव उलट जाता है। हुगली नदी में ज्वारीय भित्ति के कारण छोटी नावों को बहुत हानि पहुँचती है। ज्वारीय भित्ति मानव की अनेक प्रकार से सहायता करती है।

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प्रश्न 4.
पवन निर्मित तरंगों के विभिन्न प्रकार बताएं।
उत्तर:
तरंगें पवन के संपर्क से सागरीय जल के आगे-पीछे, ऊपर-नीचे की गति से उत्पन्न होती हैं। पवन द्वारा तरंगें तीन प्रकार की होती हैं –

  • सी (sea)
  • स्वेल (swell)
  • सर्फ (surf)

विभिन्न दिशाओं तथा गतियों से उत्पन्न तरंगों को ‘सी’ कहते हैं। जब ये तरंगें नियमित रूप से एक निश्चित गति तथा दिशा से आगे बढ़ती हैं तो इसे स्वेल कहते हैं। समुद्र तट पर शोर करती है, टूटती हुई तरंगों को सर्फ कहते हैं। जब ये तरंगें समुद्र तट पर वेग से दौड़ती हैं, तो इन्हें स्वाश (swash) कहते हैं । समुद्र की ओर वापस लौटती हुई. तरंगों को बैक वाश कहते हैं।

प्रश्न 5.
ज्वारभाटा किसे कहते हैं? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
ज्वारभाटा समुद्र की एक गति है। समुद्र जल नियमित रूप से प्रतिदिन दो बार उठता है तथा दो बार नीचे उतरता है। समुद्र जल के इस नियमित उतार तथा चढ़ाव को ज्वारभाटा कहते हैं। पानी के ऊपर उठने की क्रिया को ज्वार तथा पानी के नीचे उतरने की क्रिया को भाटा कहते हैं।

  • प्रत्येक स्थान पर ज्वार तथा भाटा की ऊँचाई भिन्न-भिन्न होती है।
  • प्रत्येक स्थान पर ज्वार या भाटा की अवधि भिन्न-भिन्न होती है।
  • समुद्र जल लगभग 6 घंटे और 13 मिनट तक ऊपर चढ़ता है और इतनी देर तक नीचे उतरता है।
  • ज्वारभाटा एक स्थान पर नित्य ही एक समय पर नहीं आता।

प्रश्न 6.
समुद्री जल की विसंगति तथा समविसंगतीय रेखा से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
महासागर महान ऊष्मा भंडार का काम करते हैं। किसी स्थान के औसत तापमान तथा उस स्थान के अक्षांश के औसत तापमान के बीच के अंतर को ऊष्मीय-विसंगति कहते हैं। गर्मजल धाराओं के कारण धनात्मक तथा शीतल जलधाराओं के कारण ऋणात्मक विसंगति उत्पन्न होती है।

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प्रश्न 7.
महासागरीय जलधाराओं की मुख्य विशेषताएं बताएँ।
उत्तर:
महासागरीय जलधाराओं की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

  1. जलधाराएँ निरंतर एक निश्चित दिशा में प्रवाह करती हैं।
  2. निम्न अक्षांशों से उच्च अक्षांशों की ओर बहने वाली धाराओं को गर्म जलधाराएँ कहते हैं।
  3. उच्च अक्षांशों से निम्न अक्षांशों की ओर बहने वाली धाराओं को ठंडी जलधाराएँ कहते हैं।
  4. उत्तरी गोलार्द्ध की जलधाराएं अपनी दाहिनी ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध की जल-धाराएँ अपने बाई ओर मुड़ जाती हैं।
  5. निम्न अक्षांशों में पूर्वी तटों पर गर्म जलधाराएँ तथा पश्चिमी तटों पर ठंडी जल धाराएँ बहती हैं।
  6. उच्च अक्षांशों में पश्चिमी तटों पर गर्म जलधाराएँ और पूर्वी तटों पर ठंडी जल धाराएँ बहती हैं।

प्रश्न 8.
साउथैम्पटन (इंग्लैंड) के तट पर प्रतिदिन चार बार ज्वार क्यों आते हैं?
उत्तर:
सामान्यतः दिन में दो बार ज्वार आता है। परंतु साउथैम्पटन (इंग्लैंड के दक्षिणी तट) पर ज्वार प्रतिदिन चार बार आते हैं। यह प्रदेश इंगलिश चैनल द्वारा उत्तरी सागर तथा अन्ध महासागर को जोड़ता है। दो बार ज्वार अन्ध महासागर की ओर से आते हैं तथा दो बार उत्तरी सागर की ओर से आते हैं।

प्रश्न 9.
हुगली नदी में नौका संचालन के लिए ज्वार-भाटा का महत्त्व बताएँ।
उत्तर:
ऊँचे ज्वार आने पर नदियों के मुहाने पर जल अधिक गहरा हो जाता है। इस प्रकार बड़े-बड़े जलयान नदी में कई मील भीतर तक प्रवेश कर जाते हैं। कोलकाता हुगली नदी के किनारे समुद्र तट से 120 किमी दूर स्थित है, परंतु हुगली नदी में आने-जाने वाले ज्वार के कारण ही जलयान कोलकाता तक पहुँच पाते हैं। ज्वारीय तरंगें नदियों के जल स्तर को ऊपर उठा देती हैं, जिससे जलयान आंतरिक पतनों तक पहुंच जाते हैं।

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प्रश्न 10.
समुद्री तरंगों की उत्पत्ति किस प्रकार होती है?
उत्तर:
तरंगें जल में दोलनी-गतियाँ हैं। समुद्री तरंगों की उत्पत्ति की क्रियाविधि पर यह विश्वास किया जाता है कि ये तरंगें जलीय घरातल पर पवनों के घर्षण के कारण बनती हैं। तरंगों की ऊँचाई तीन कारकों पर निर्भर करती हैं –

पवन वेग
किसी दिशा विशेष से पवन के बहने की अवधि तथा
जलीय घरातल का विस्तार क्षेत्र, जिस पर पवन चलती है।

जहाँ जल गहरा होता है, वहाँ पवन का वेग अधिक होता है तथा उसके बहने की अवधि भी लम्बी होती है। ऐसी परिस्थिति में उच्च तरंग का निर्माण होता है। पवन वेग 160 किमी प्रति घंटा हो और यह पवन 1,600 किमी विशाल समुद्री क्षेत्र में लगातार 50 घंटे तक चले तो 15 मीटर ऊंची तरंगों की उत्पत्ति हो सकती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
ज्वार विलम्ब से क्यों आते हैं? किसी स्थान पर नित्य चारभाटा एक ही समय पर नहीं आता, क्यों?
उत्तर:
चन्द्रमा पृथ्वी के इर्द-गिर्द 29 दिन में पूरा चक्कर लगाता है। चन्द्रमा पृथ्वी के चक्कर का 29वाँ भाग हर रोज आगे बढ़ जाता है। इसलिए किसी स्थान को चन्द्रमा के सामने दोबारा आने में 24 घंटे से कुछ अधिक ही समय लगता है।
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दूसरे शब्दों में प्रत्येक 24 घंटों के पश्चात् चन्द्रमा अपनी पहली स्थिति से लगभग 13° आगे चला जाता है, इसलिए किसी स्थान को चन्द्रमा के ठीक सामने आने में 12.5×4-50 मिनट अधिक लग जाते हैं।
क्योंकि दिन में दो बार ज्वार आता है इसलिए प्रतिदिन ज्वार 25 मिनट देरी के अंतर से अनुभव किया जाता है। पूरे 12 घंटे के बाद पानी का चढ़ाव देखने में नहीं आता; परंतु ज्वार 12 घंटे 25 मिनट बाद आता है। 6 घंटे 13 मिनट तक जल चढ़ाव पर रहता है और पश्चात् 6 घंटे 13 मिनट तक जल उतरता रहता है। ज्वार के उतार-चढ़ाव का यह क्रम बराबर चलता रहता है।

प्रश्न 2.
प्रशांत महासागर की धाराओं का वर्णन करें। इस महासागर के आस-पास के प्रदेशों पर इन धाराओं के प्रभाव बताएँ।
उत्तर:
प्रशांत महासागर की धाराएँ-प्रशांत महासागर में धाराओं का क्रम अंघमहासागर के. समान ही है। अधिक विस्तार तथा तट रेखा के कारण कुछ भिन्नता है। मुख्य धाराएँ निम्नलिखित हैं –
1. उत्तरी भूमध्य रेखीय धारा – यह गर्म पानी की धारा है जो मध्य अमेरिका के तट से चीन सागर तक बहती है। यह धारा व्यापारिक पवनों के प्रभाव से पूर्वी-पश्चिमी दिशा में भूमध्य रेखा के समानान्तर बहती है।

2. क्यूरोसिवो धारा – चीन सागर में फिलीपाइन द्वीप समूह के निकट पानी एकत्र होने से इस गर्म धारा का जन्म होता है। क्यूरोसिवो धारा चीन के तट के सहारे जापान तक पहुँच जाती है। दक्षिणी द्वीप से टकराकर इसकी दो शाखाएँ हो जाती हैं। बाहरी शाखा पूर्वी तट पर खुले सागर में बहती है जिसे क्यूरोसिवो धारा कहते है। भीतरी शाखा पूर्वी तट पर खुले सागर में पश्चिमी तट पर बहती है जिसे सुशीमा धारा कहते हैं। इस धारा का रंग गहरा नीला होता है। जापानी लोग इसे काली धारा भी कहते हैं।

3. उत्तरी प्रशांत डिफ्ट – क्यूरोसिवो धारा जल 40° उत्तर अक्षांश को पार करके पूर्व की ओर मुड़ जाता है। इसे उत्तरी प्रशांत ड्रिफ्ट कहते हैं।

4. कैलोफोर्निया की धारा – यह एक ठंडी धारा है जो कैलीफोर्निया के तट के साथ-साथ भूमध्य रेखा की ओर बहती है। इसके प्रभाव से इस तट की जलवायु कठोर व शुष्क हो जाती है।

5. क्यूराइल की धारा – यह एक ठंडी जल धारा है जो बैरिंग जलडमरूमध्य से साइबेरिया के पूर्वी तट के सहारे जापान के पूर्वी तट तक पहुंच जाती है, इसे ओयाशियो धारा भी कहते हैं।

6. दक्षिणी भूमध्य रेखीय धारा – यह एक शक्तिशाली गर्म धारा है, जो भूमध्य रेखा, के दक्षिण में बहती है। यह धारा व्यापारिक पवनों के प्रभाव से दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी तट से पश्चिम की ओर आस्ट्रेलिया के न्यूगिनी तक जाती है।

7. विपरीत भूमध्य रेखीय धारा – यह एक गर्म जलधारा है, जो भूमध्य रेखा के साथ-साथ शांत हवा की पेटी में पश्चिम से पूर्व दिशा में बहती है। यह उत्तरी तथा दक्षिणी भूमध्य रेखीय धाराओं की विपरीत दिशा में बहती है।

8. पूर्वी आस्ट्रेलिया धारा – फिजी द्वीप के निकट से आस्ट्रेलिया के पूर्वी तट तक बहने वाली इस गर्म धारा को न्यू साउथ वेल्थ धारा भी कहते हैं। यह धारा न्यूजीलैंड द्वीप को घेर लेती है।

9. अंटार्कटिक ड्रिफ्ट-यह अत्यंत ठंडे जल की धारा है जो अंटार्कटिक महाद्वीप के इर्द-गिर्द बहती है। दक्षिणी प्रशांत महासागर में पश्चिमी पवनों के प्रभाव से यह धारा पूर्वी । आस्ट्रेलिया से चिल्ली देश के तट तक बहती है।
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10. पेरू की धारा-यह ठंडी जलधारा को लेकर पेरू तक बहती है। यह धारा ऐटाकामा मरुस्थल की जलवायु को कठोर तथा शुष्क बना देती है।

प्रश्न 3.
दीर्घ ज्वार तथा लघु ज्वार में अंतर बताओ। ज्वार प्रतिदिन 50 मिनट विलम्ब से क्यों आते हैं?
उत्तर:
दीर्घ ज्वार – सबसे ऊँचे ज्वार को दीर्घ ज्वार कहते हैं। यह स्थिति अमावस तथा पूर्णमासी के दिन होती है।

कारण – इस स्थिति में सूर्य, चन्द्रमा तथा पृथ्वी एक सीध में होते हैं। सूर्य तथा चन्द्रमा की संयुक्त आकर्षण शक्ति बढ़ जाने से ज्वार शक्ति बढ़ जाती है। सूर्य तथा चन्द्रमा के कारण ज्वार उत्पन्न हो जाते हैं। इन दिनों ज्वार अधिकतम ऊँचा तथा भाटा कम से कम नीचा होता है। दीर्घ ज्वार प्रायः साधारण ज्वार की अपेक्षा 20% अधिक ऊँचा होता है।
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लघु ज्वार – अमावस के सात दिन पश्चात् या पूर्णमासी के सात दिन पश्चात् ज्वार की ऊँचाई अन्य दिनों की अपेक्षा नीची रह जाती है। इसे लघु ज्वार कहते हैं। इस स्थिति को शुक्ल और कृष्ण पक्ष की अष्टमी कहते हैं जब आधा चाँद होता है।
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कारण – इस स्थिति में सूर्य तथा चन्द्रमा पृथी से समकोण स्थिति पर होते हैं। सूर्य तथा चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति विपरीत दिशाओं में कार्य करती है। सूर्य व चन्द्रमा के ज्वार तथा भाटा एक-दूसरे को घटाते हैं। इन दिनों उच्च ज्वार कम ऊँचा तथा भाटा कम नीचा होता है। लघु ज्वार प्रायः साधारण ज्वार की अपेक्षा 20% कम ऊँचा होता है।

प्रश्न 4.
संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए –

  • हिन्द महासागर की धाराएँ
  • ज्वारभाटा की उत्पत्ति

उत्तर:
1. हिन्द महासागर की धाराएँ – इन धाराओं का परिसंचरण प्रशांत तथा अटलांटिक महासागर की धाराओं के परिसंचरण से भिन्न है। हिन्द महासागर के उत्तरी भाग में धाराओं का परिसंचरण प्रतिरूप मानसून के ऋतुनिष्ठ परिवर्तन का अनुसरण करता हुआ अपनी दिशा बदल लेता है। यहाँ शीत ऋतु से ग्रीष्म ऋतु में धाराओं का उत्क्रमण दिखाई देता है। हिन्द महासागर के दक्षिणी भाग में धाराओं का परिसंचरण प्रतिरूप अन्य दक्षिणी महासागरों के समान ही है, जो दिशा के दृष्टिकोण से घड़ी की सुइयों के प्रतिकूल है।

महासागर के उत्तरी भाग में जल का परिसंचरण गर्मियों में घड़ी की सुइयों के अनुकूल होता है। दक्षिणी विषुवतीय धारा पश्चिम की ओर संचलन करती है। अफ्रीका के तट के पास यह दो भागों में बँट जाती है। इसका बड़ा भाग दक्षिण की ओर मोजांबिक तथा आगुलहास धाराओं के रूप में पूर्व की ओर मुड़कर पश्चिमी पवन अपवाह के रूप में बहता है। आस्ट्रेलिया के पश्चिमी तट के साथ यह आस्ट्रेलियन धारा के रूप में दक्षिण से उत्तर की ओर बहती है और फिर दक्षिणी विषुवत् धारा से मिल जाती है। सर्दियों में उत्तरी-पूर्वी मानसून धारा विषुवत् रेखा के दक्षिण विरुद्ध धारा के रूप में पूर्व की ओर बहती है।
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2. ज्वारभाटा की उत्पत्ति – ज्वारभाटा सागरों तथा महासागरों के जल स्तर में आवर्ती उतार-चढ़ाव है, जो सूर्य और चन्द्रमा के विभेदी आकर्षण के फलस्वरूप उत्पन्न होता है। दिन में दो बार, लगभग प्रति 12 घंटे 26 मिनट के बाद समुद्र तल ऊपर उठता है तथा दो बार नीचे गिरता है। समुद्र तल के ऊपर उठने को ज्वार तथा नीचे गिरने को भाटा कहते हैं।

ज्वारभाटा की उत्पत्ति का मूल कारण चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति है। सर्वप्रथम न्यूटन ने यह बताया कि सूर्य, चन्द्रमा तथा ज्वारभाटा का आपस में कुछ संबंध है। चन्द्रमा अपने आकर्षण बल के कारण पृथ्वी के जल को आकर्षित करता है। स्थल भाग कठोर होता है, इस कारण खिंच नहीं पाता परंतु जल भाग तरल होने के कारण ऊपर उठ जाता है। यह जल चन्द्रमा की ओर उठता है। वहाँ पर आसपास का जल सिमटकर उठ जाता है जिसे उच्च ज्वार कहते हैं। जिस स्थान पर जलराशि कम रह जाती है वहाँ जल अपने तल से नीचे गिर जाता है, उसे लघु ज्वार कहते हैं।

पृथ्वी की दैनिक गति के कारण प्रत्येक स्थान पर दिन-रात में दो बार ज्वार आता है। एक ही समय में पृथ्वी तल पर दो बार ज्वार उत्पन्न होते हैं। जब ठीक चन्द्रमा के सामने तथा दूसरा उससे विपरीत वाले स्थान पर जल ऊपर उठता है, इसे सीधा ज्वार कहते हैं। विपरीत भाग में अपकेंद्रीय बल के कारण जल ऊपर उठता है तथा
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उच्च ज्वार उत्पन्न होता है इसे अप्रत्यक्ष ज्वार कहते हैं। इस प्रकार पृथ्वी के एक ओर ज्वार आकर्षण शक्ति की अधिकता के कारण और दूसरी ओर अपकेन्द्रीय शक्ति की अधिकता के कारण उत्पन्न होते हैं।

प्रश्न 5.
अंतर स्पष्ट कीजिए –

  1. ठण्डी एवं गर्म महासागरीय धाराएँ
  2. उच्च ज्वार एवं लघु ज्वार
  3. उद्घावन एवं पश्चधावन

उत्तर:
1. ठण्डी एवं गर्म महासागरीय धाराएँ में अंतर –
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2. उच्च ज्वार एवं लघु ज्वार
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3. उद्घावन एवं पश्चधावन
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प्रश्न 6.
महासागरीय धाराओं का वेग कैसे मापा जाता है?
उत्तर:
तरंग का ऊपरी भाग शीर्ष तथा निम्न भाग गर्त कहलाता है। दो क्रमिक शृंगों अथवा गर्तों के मध्य की दूरी को तरंगदैर्ध्य कहते हैं। किसी निश्चित बिन्दु से गुजरने वाले दो क्रमिक तरंगों के बीच के समय को तरंग आवर्त काल कहते हैं। संचलन करती हुई तरंग का वेग निम्न विधि से निश्चित किया जा सकता है
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तरंग आवर्त काल 160 किमी प्रति घंटा हो तो यह पवन 1,600 किमी विशाल समुद्री क्षेत्र में लगातार 50 घंटे तक चले तो 15 मीटर ऊँची तरंगों की उत्पत्ति हो सकती है। शक्तिशाली तूफानों के समय तरंगों की ऊँचाई बढ़ जाती है। 12 से 15 मीटर तक ऊँची तरंगों का वेग 30 से 100 मीटर प्रति घंटा होता है तथा इनकी तरंगदैर्ध्य 60 से 120 मीटर के मध्य होती है।

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प्रश्न 7.
यदि महासागरीय धाराएं न होती, तो विश्व का क्या हुआ होता? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
महासागरीय धाराएँ मानव जीवन पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं। धाराओं का यह प्रभाव कई प्रकार से होता है –

  1. जिन तटों पर गर्म या ठंडी धाराएं चलती हैं वहाँ की जलवायु क्रमशः गर्म या ठंडी हो जाती है।
  2. गर्म धारा के प्रभाव से तटीय प्रदेशों का तापक्रम ऊँचा हो जाता है तथा जलवायु सम हो जाती है। ठंडी धारा के कारण शीतकाल में
  3. तापक्रम बहुत नीचा हो जाता है और वायु विषम व कठोर हो जाती है।
  4. गर्म धाराओं के समीप के प्रदेशों में अधिक वर्षा होती है, परंतु ठंडी धाराओं के समीप के प्रदेशों में कम वर्षा होती है।
  5. गर्म व ठंडी धाराओं के मिलने पर धुंध व कोहरा उत्पन्न होता है।
  6. गर्म व ठंडी धाराओं के मिलने से गर्म वायु बड़े वेग से ऊपर उठती है तथा तीव्र तूफानी चक्रवात को जन्म देती है।
  7. गर्म धाराओं के प्रभाव से सर्दियों में बर्फ नहीं जमती तो बन्दरगाह व्यापार के लिए वर्ष भर खुले रहते हैं, परंतु ठंडी धारा के समीप का
  8. तट महीनों बर्फ से जमा रहता है। ठंडी धाराएँ व्यापार में बाधक हो जाती हैं।
  9. धाराएँ जल मार्गों का निर्धारण करती हैं। ठंडे सागरों के साथ बहकर आने वाली हिमशिलाएँ जहाजों को बहुत हानि पहुंचाती हैं। इनसे
  10. मार्ग बचाकर समुद्री मार्ग निर्धारित किए जाते हैं।
  11. प्राचीन काल में धाराओं का जहाजों की गति पर प्रभाव पड़ता था। धाराओं की अनुकूल दिशा में चलने से जहाज की गति बढ़ जाती थी
  12. परंतु विपरीत दिशा में चलने से उनकी गति मंद पड़ जाती थी।
  13. धाराओं के कारण समुद्र जल स्वच्छ, शुद्ध तथा गतिशील रहता है।
  14. धाराएँ समुद्री जीवन का प्राण है। ये अपने साथ बहुत-सी गली-सड़ी वस्तुएँ बहाकर, लाती हैं। ये पदार्थ मछलियों के भोजन का आधार हैं।

ऊपर लिखित बातों से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यदि धाराएँ न होती तो प्रकृति ही अस्त-व्यस्त हो जाती । समुद्री प्राणियों का जीवन असंभव हो जाता है। जलवायु व्यापार, तापक्रम तथा मानव जीवन पर विपरीत प्रभाव होता और सारे विश्व का अस्तित्व ही बदल जाता। इसलिए धाराएँ महत्त्वपूर्ण हैं।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 5 समानता के लिए महिला संघर्ष

Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 2 Chapter 5 समानता के लिए महिला संघर्ष Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 5 समानता के लिए महिला संघर्ष

Bihar Board Class 7 Social Science समानता के लिए महिला संघर्ष Text Book Questions and Answers

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
आपके ख्याल से वे काम जिन्हें आमतौर पर परुष करते हैं, क्या महिलाएँ नहीं कर सकती है? और जो काम आमतौर पर महिलाएँ करती हैं, क्या पुरुष नहीं कर सकते ? चर्चा करें । ऐसा बंटवारा क्यों .. है। इसका उनके जीवन पर किस तरह का प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
नहीं, ऐसा नहीं है की जो काम आमतौर पर पुरुष करते हैं, वे काम महिलाएं नहीं कर सकती है। आज के समय में पुरुष जो काम करते हैं वे काम महिलाएँ भी करती है। पहले हमारे समाज के लोगों की मानसिकता थी कि महिलाएं घर से बाहर जाकर काम नहीं कर सकती, पर आज ऐसा नहीं है आज महिलाएँ भी घर से बाहर जाकर काम करती हैं और पैसे कमाती हैं।

आज वे हर क्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करते हैं। पहले लोगों का ऐसा मानना था कि महिलाएँ तकनीकी कार्य नहीं कर सकती हैं चो सेना में भर्ती नहीं हो सकती हैं पर आज ऐसा नहीं हैं महिलाएं भी आज तकनीकी कार्य करती हैं, वे भी कम्प्यूटर इंजीनियर वैज्ञानिक,

मैकेनिकल इंजिनियर बनती है और सेना में भी भर्ती होकर ऊँचे पदों पर कार्य करती हैं। महिला, आज राजनीति में जाकर देश की बागडोर भी संभाल रही है। इन सबके साथ ही महिलाएं अपने घर और परिवार को भी संभालती है और लोगों की यह भी सोच गलत है कि जो काम महिलाओं द्वारा किए जाते हैं वो पुरुष नहीं कर सकते । आज पुरुष घरों को संभालते हैं।

महिलाओं की तरह पुरुष भी आज खान बना लेते हैं। हमारे देश के बड़े-बड़े होटल और रेस्टॉरेंट पुरुषों के द्वारा ही चलाए जाते हैं।.एक सेफ के रूप में पुरुषों को समाज में बहुत खास जगह मिली। बहुत से लडके या पुरुष पढ़ाई या काम के दौरान अपने घर से बाहर रहते हैं और अपने केयरल करते हैं और अपने खाना भी बनाते

हैं अपने सारे समान को संभालकर रखते हैं और साथ ही अपने काम पर भी . पूरा ध्यान देता है। ये बँटवारा हमारे समाज द्वारा किया गया है, भगवान ने कामों का बँटवारा नहीं किया है। हमने खुद यह तय किया है कि कौन से काम लड़के करेंगे,

और कौन से काम लड़की करेंगी। इसका प्रभाव उनके जीवन पर यह पड़ता है कि अगर लड़कियों को पढ़ाई नहीं करने दिया जाए तो उनमें योग्यता होने के बावजूद भी वे कुछ नहीं कर पाएंगी और अगर लड़कों को यह कहा जाए कि वे खाना नहीं बना सकते तो वे इच्छा होते हुए भी एक सेफ का जॉव कर सकते।

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प्रश्न 2.
गुड़िया और पूजा क्या चाहती थीं और इसे पूरा करने के लिए क्या. किया?
उत्तर-
गुड़िया और पूजा पढ़ाई करना चाहती थी, पर उनके माता-पिता उन्हें पढ़ाना नहीं चाहते थे। इसके लिए एक दिन गुड़िया ने अपने माता-पिता का घर में बंद कर 13 किमी० पेदल चलकर उत्प्रेरण केन्द्र नोखा रोहतास चली गयी और अपना नामांकन करा लिया। इस बारे उसके माता-पिता को दो दिन बाद पता चला और वे उसे लाने उत्प्रेरण केन्द्र भी गए पर गुड़िया वापस नहीं आना चाहती थी और आखिरकार गुड़िया के पिता उसके जिद के आगे झुक गए और पढ़ने की अनुमति दे दी।

इसी तरह पूजा भी पढ़ाई करना चाहती थी। अपने उम्र के बच्चों को विद्यालय जाते देख उसे भी विद्यालय जाने की इच्छा होती थी और इसके लिए वह अपने घर का सारा काम निपटाकर चोरी-छीपे एक वर्ष तक लगातार मध्य विद्यालय जाती रही और अंत में उसने पुलिस में कार्यरत अपने पिताजी को मना लिया।

प्रश्न 3.
अपने आस-पास से कुछ महिलाओं से बात कर के अनभव लिखो। उन्होंने स्कूल की पढ़ाई कहाँ तक की, किन समस्याओं का सामना करना पड़ा और किस तरह का प्रोत्साहन मिला आदि।
उत्तर-
मेरे आस-पास में कुछ ऐसी महिलाएँ हैं जिन्होंने अपनी पढ़ाई बहुत ही मुश्किल से पूरी की। उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए घर से काफी दूर जाना पड़ता था। स्कूल जाने से पहले वे घर का सारा काम करती थी उसके बाद स्कूल जाती थी और स्कूल से आने के बाद भी घर का काम करने के बाद ही अपनी पढ़ाई कर पाती थी। कुछ तो अपनी स्कूल की फीस

देने के लिए सिलाई का काम भी करती थीं। स्कूल घर से दूर होने के कारण , उन्हें पैदल ही स्कूल जाना पड़ता था। परीक्षाओं के समय भी उन्हें घर के कामों से छुट्टी नहीं दी जाती थी, इसलिए वे दिनभर काम करने के बाद रात में जागकर अपनी पढ़ाई करती थी।

अपने स्कूल के शिक्षक से, अपने सहपाठियों से उन्हें बहुत प्रोत्साहन मिलता था। उनके शिक्षक और सहपाठी पढ़ाई में उनकी बहुत मदद करते थे।

कभी-कभी तो उनके स्कूल की फीस उनकी मित्रों के द्वारा भर दिया जाता था। उनके मित्र कॉपी-किताबों से भी उनकी मदद करते थे और उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते थे।

प्रश्न 4.
शाहुबनाथ को बस चालक बनने के लिए कठिनाइयाँ क्यों आयीं ? शिक्षक के साथ चर्चा करें।
उत्तर-
शाहुबनाथ एक महिला थी पर उनका शौख था औरों से कुछ अलग काम करने की। इसलिए उन्हें बस चालक बनना पसंद आया। पर महिला होने का कारण बस चालक बनने में उन्हें बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उनके लिए बस चलाना जितना मुश्किल नहीं था उससे भी ज्यादा मुश्किल था अधिकारियों को यह विश्वास दिलाना की वे भी एक बस चालक बन सकती हैं। पर जब शाहुबनाथ बस की ड्राईवर की सीट पर बैठती तो उन्हें देखते ही यात्री बस से नीचे उतर जाते। कुछ यात्री तो टिकट लेने के बावजूद भी उस बस में यात्रा नहीं करते थे, जिसे शाहुबनाथ द्वारा चलाना होता था।

एक बार तो उनके चलाए बस में सिर्फ एक ही यात्री ने सफर किया था। एक दिन शाहुबनाथ को बहुत रोना भी आया था। पर उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी और अपने काम में पूरे लगन के साथ लगी रही। फिर धीरे-धीरे यात्रियों ने उनकी ड्राइविंग की प्रशंसा की और फिर वे पूरे आत्मविश्वास के साथ यात्रियों से भरी बसें भी चलाने लगीं।

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प्रश्न 5.
पृष्ठ 48 के नीचे बायीं ओर के चित्र में आपको क्या दिख रहा है? क्या आपके इलाके में ऐसी समस्या है?
उत्तर-
इस चित्र में औरतें एक लाईन बनाकर बैठी हई है और ये शराब विरोधी आंदोलन कर रही है। इस आंदोलन में औरतें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं और शराब की भट्ठियों पर धरना देकर उसे बंद करवाते हैं। ये लोग शराब की दुकानों को भी बंद करवा देती है। … हमारे इलाके में ऐसी कोई समस्या नहीं है।

प्रश्न 6.
पृष्ठ 48 के नीचे दाहिनी ओर की औरतें ऐसा क्यों कर रही हैं? शिक्षक के साथ चर्चा करें।
उत्तर-
यह औरतें पेड़ से चिपककर खडी है. इसे चिपको आंदोलन कहते हैं। पेड़ों को कटने से बचाने के लिए ये ऐसा कर रही हैं। क्योंकि पेड़ कटने से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ता है और लोगों की जीविका भी बंद हो जाती है। लोगों को जलावन कहाँ से मिलेगा।

प्रश्न 7.
पृष्ठ 49 पर दिखलाए गए पोस्टर द्वारा क्या कहने की कोशिश की जा रही है?
उत्तर-
इस पोस्टर द्वारा लोगों से यह अपील की जा रही है, वे बेटियों को बचाएँ। लोग अल्ट्रासाउण्ड द्वारा ये पता लगा लेते हैं कि उनके होने वाला बच्चा बेटा है बेटी और वह बच्चा बेटी है तो लोग उसे इस दुनिया में आने से पहले पेट में मार डालते हैं, जिसे हम भ्रूण हत्या कहते हैं। भ्रूण हत्या की वजह से हमारे समाज में लड़कों के अनुपात में लड़कियों की संख्या बहुत कम है।

इसलिए लोगों से अपील है कि बेटियों से इस दुनिया को देखने का हक न छीने, उन्हें इसको देखने से पहले मौत के मुंह में न धकेलें । लोगों का ऐसा मानना होता है कि बेटियाँ माता-पिता के ऊपर बोझ होती है। उन्हें पालना-पोसना, फिर उनकी पढ़ाई-लिखाई और फिर उनके विवाह के लिए. दहेज इकट्ठा करना पड़ता है, इस वजह से ज्यादातर लोग उसे दुनिया में आने से पहले ही मार देते हैं। पर आज के समय बेटियाँ अपने माता-पिता पर बोझ न होकर उनका सहारा बनती है। इस बेटियों की भ्रूण हत्या न की जाए।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 5 समानता के लिए महिला संघर्ष

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आपके विचार से महिलाओं के बारे में यह प्रचलित धारणा है कि पुरुषों के समान कार्य नहीं कर सकती है, आपके विचार से यह । महिलाओं के अधिकार को कैसे प्रभावित करता है।
उत्तर-
महिलाओं के बारे में यह प्रचलित धारणा कि वे पुरुषों के समान कार्य नहीं कर सकती है, की वजह से महिलाओं के अधिकतर प्रभावित होते. हैं। लोगों की इस सोच की वजह से तो पहले लड़कियों की पढ़ाई में ही दो भेद होता है। लड़कियों को अधिक पढ़ाया-लिखाया नहीं जाता क्योंकि लड़कियों को तो बड़ा होकर दूसरों के घर को संभालना है और चूल्हा ही फूंकना है तो फिर ज्यादा पढ़ने की क्या जरूरत है। अगर लड़की पढ़ने में अच्छी है और उसमें योग्यता है कि वे कुछ कर दिखाए।

फिर उसे पढ़ाई नहीं करने दिया जाता है और उन्हें शादी के लिए प्रेरित किया जाता है। अगर कोई लड़की तकनीकी क्षेत्र में जाना चाहे, तकनीकी क्षेत्र से जुड़े किसी विषय की पढ़ाई करना चाहें या फिर सेना में भर्ती होना चाहे तो ऐसा नहीं करने दिया जाता क्योंकि लोगों के हिसाब से तो ये सारे कार्य पुरुष ही कर सकते हैं महिलाएँ नहीं।

लोगों की इसी सोच की वजह से अगर कोई महिला नौकरी करती है, तो उसे अपने पदोन्नति के लिए मुरुषों से कहीं ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और खुद को साबित करना पड़ता है क्योंकि आज भी महिलाओं को पुरुषों से कमतर माना जाता है। किसी भी जगह पर महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों पर पहले ध्यान दिया जाता है।

अगर कोई महिला कुछ अलग करना चाहती है तो उसके लिए उस काम को करने से कहीं ज्यादा मुश्किल होता है लोगों को ये यकीन दिलाना की वह भी ये काम कर सकती हैं और उसे भी मौका दिया

जाना चाहिए। आज भी बहुत सारे क्षेत्र हैं जहाँ महिलाओं को लोगों की इस -सोच का शिकार होना पड़ता है, जैस गाँव में पुरुष और महिलाएं दोनों खेतों

पर काम करते हैं, पर महिलाओं को दी जाने वाली मजदुरी पुरुषों को दी जाने वाली मजदूरी से कम होती है। इसलिए लोगों को अपनी सोच बदलनी चाहिए और महिलाओं और पुरुषों को समानता की नजर से देखना चाहिए।

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प्रश्न 2.
महिला आंदोलन द्वारा अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए किन्हीं दो प्रयासों का उल्लेख करें।
उत्तर-
महिला आंदोलन द्वारा अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए ‘किए गए दो प्रयासों में ‘दहेज के खिलाफ किया गया आर्दालन’ और ‘घरेलू हिंसा’ के खिलाफ आंदोलन शामिल है।
दहेज की वजह से औरतों से मार-पीट करना, उन्हें जलाना एक आम बात रही है। दहेज की वजह से कितने औरतों ने अपनी जान गंवाई। इसके

खिलाफ 1980 में औरतों के द्वारा एक जोरदार आंदोलन शुरू किया गया। इसमें महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया । खासकर उन महिलाओं ने जिन्होंने दहेज की वजह से अपने बेटियों और बहनों को खोया था। इस आंदोलन के जरिए जगह-जगह नुक्कड़ नाटक किए और पीड़ित महिला व उनके परिवार वालों को कानूनी सलाह के साथ-साथ मानसिक बल भी दिया गया।

महिलाओं ने कचहरी में अपनी मांगों को रखा । आंदोलन की वजह से दहेज समाज का एक बड़ा मुद्दा बन गया और समाचार पत्रों में इसके खिलाफ बहस हुई। जिसके परिणामस्वरूप दहेज कानून बना जिसके तहत वैसे लोगों

को दंड दिया जा सके, जो इस प्रकार के अपराध में शामिल होते हैं। घरेलू हिंसा जैसे-महिलाओं के साथ मार-पीट, गाली-गलौज और छोटी-छोटी बातों पर उन्हें प्रताड़ित करना एक आम बात हो गयी है। यह एक आम बात होने के साथ ही एक गंभीर समस्या भी है।

घरेलू हिंसा के तहत महिलाओं को शारीरिक जाति के साथ ही मानसिक क्षति पहुँचाने की कोशिश भी की जाती है। इसके खिलाफ महिला समूह बहुत ही लंबे समय से संघर्ष करती आ रही है। उनके इस संघर्ष के फलस्वरूप 2006 में घरेलू हिंसा उत्पीड़न कानून पारित हुआ। जिसके तहत महिलाओं के ऊपर घर में.हाने वाले शारीरिक और मानसिक हिंसा को रोका जाएगा।

प्रश्न 3.
समाज में महिलाओं की स्थिति में सधार करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाये जा सकते हैं? उल्लेख करें।
उत्तर-
समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार करने के लिए उनमें और पुरुषों में भेदभाव नहीं होना चाहिए। महिलाओं को भी अपने इच्छा अनुसार पढ़ाई करने की अपने पसंद के क्षेत्र में काम करने की छूट मिलनी चाहिए। काम करने से वे अपने पैरों पर खड़ी हो पाएँगी और आत्मनिर्भर बनेंगी। उन्हें किसी को ऊपर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा। महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्हें नौकरी में पुरुषों के समान अवसर मिलने चाहिए। उन्हें पोषण का बराबर अधिकार देना चाहिए।

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प्रश्न 4.
किसी ऐसी महिला की कहानी लिखें, जिसने अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए विशेष प्रयास किया हो।
उत्तर-
मेरे घर के पास में एक परिवार रहता था, जिसमें तीन बेटियाँ और दो बेटे थे। उनकी मम्मी गृहणी और पिताजी एक छोटा-सा ढाबा चलाते थे। पूरा परिवार मिल-जुलकर काम करता था आर्थिक तंगी के कारण उनके परिवार वाले सिर्फ बेटों को पढ़ाते थे और बेटियों को नहीं पढ़ाते पर उनकी बेटियाँ पढ़ने में बहुत अच्छी थी, बेटों से भी ज्यादा ।

वे पूरी दिन घर का काम करती थीं और पापा की मदद भी करती थी तथा रात में अपनी पढ़ाई करती. थी। इतनी तकलीफों के बावजूद भी उनलोगों ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और सभी परीक्षाओं में अच्छे नम्बरों के साथ उत्तीर्ण हुई और आज वह एक दफ्तर में उच्च पद पर कार्यरत है।

Bihar Board Class 7 Social Science समानता के लिए महिला संघर्ष Notes

पाठ का सार संक्षेप-

हमारे समाज में कामों को भी दो भागों में बाँट दिया गया है। आज भी समाज में लड़के और लड़कियों को समान नजरों से देखने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है। आज भी बहुत से लोग ऐसे हैं महिला और पुरुषों का समानता का दर्जा नहीं देते । लोगों के हिसाब से कुछ काम जैसे-शिक्षक का कार्य, किसान का कार्य और सैनिक का कार्य सिर्फ पुरुष ही कर सकते हैं, महिलाएँ नहीं ।

बहुत से लोगों का यह मानना होता है कि महिलाएँ नर्स का कार्य अच्छे से कर सकती है, क्योंकि उनमें सहनशीलता और विनम्रता का गुण ‘ होता है। इस तरह लोगों की यह भी धारणा होती है कि तकनीकी कार्यों को करने में लड़कियाँ और महिलाएँ सक्षम नहीं होती है।

इन्हीं धारणाओं के कारण बहुत-सी लड़कियों को उनकी योग्यता के अनुसार पढ़ाई करने और प्रशिक्षण लेने की अनुमति नहीं दी जाती है। बहुत से लड़कियों में कुछ दिखाने की योग्यता होने के बावजूद उन्हें स्कूली शिक्षा से आगे की शिक्षा नहीं दिलवाई जाती है और उन्हें विवाह के लिए प्रेरित किया जाता है।

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महिलाओं और पुरुषों में अगर काम करने की योग्यताएँ अलग-अलग है तो इनमें यह फर्क उनके लड़की या लड़का होने से नहीं आता है। बल्कि उनमें यह फर्क हमारी सोच से आता है कि हम उनके बारे में कैसे सोचते हैं, उन्हें कैसे मौके देते हैं । इन बातों से ही यह तय होता है कि कौन किस काम के योग्य हो सकता है।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 4 समाज में लिंग भेद

Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 2 Chapter 4 समाज में लिंग भेद Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 4 समाज में लिंग भेद

Bihar Board Class 7 Social Science समाज में लिंग भेद Text Book Questions and Answers

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
अगर आप श्यामा की जगह पर होते तो क्या करते?
उत्तर-
अगर मैं श्यामा की जगह पर होती तो अपने परिवार को मनाने की कोशिश करती की वह मुझे भी पढ़ाई के लिए स्कूल जाने दें। मुझे भी पढ़ने-लिखने में सहयोग करें और मुझे भी दौड प्रतियोगिता आदि में भाग लेने दें और इनकी इस सोच को बदलने की कोशिश करती की लड़कियाँ सिर्फ घर के ही कार्य कर सकती है और पढ़-लिखकर वे क्या करेंगी, उन्हें तो बड़ी होकर चूल्हा ही फूंकना है।

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प्रश्न 2.
श्यामा के परिवार की सोच का श्यामा के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता हैं?
उत्तर-
श्यामा के परिवार की सोच की लडकियाँ तो बडी होकर चल्हा ही फूंकेंगी। इससे श्यामा की जिंदगी बिल्कुल घर में कैद हो गयी है। उसे पढ़ाई नहीं करने दिया जाने से वह कभी अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पाएगी और जिंदगी को अपने ढंग से नहीं जी पाएगी। उसे हमेशा दूसरों पर आश्रित रहना पड़ेगा। वह कभी बाहर की दुनिया को नहीं देख पाएगी, कभी आत्मनिर्भर नहीं हो पाएगी। उसकी जिंदगी घर के अंदर चहारदीवारी में ही बंद होकर रह जाएगी।

प्रश्न 3.
शबाना, जावेद, श्यामा और गोविन्द के जीवन में किस तरह का फर्क है?
उत्तर-शबाना, जावेद, श्यामा और गोविन्द जिस तरह के माहौल में बडे हए हैं, उसमें बहुत अंतर है। शबाना और जावेद बहुत ही खले माहौल के बीच

बडे हए हैं। उनके घर में उनके माता-पिता दोनों काम करते हैं, इसलिए उन्हें  ज्यादा समय नहीं मिल पाता । इस कारण घर के कार्यों को सभी मिल-जुलकर

कार्य करते हैं। शबाना, जावेद अपनी पढ़ाई के साथ ही घर का कार्यों को करने में भी अपने माता-पिता का सहयोग करते हैं। वे दोनों बड़े होकर देश की ओर से क्रिकेट खेलना चाहते हैं और उनके माता-पिता इस सपने को पूरा करने में उनका पूरा सहयोग करते हैं।

श्यामा के साथ ऐसा नहीं हैं। उसके घर का माहौल ऐसा नहीं है। उसके यहाँ लड़के और लड़कियों में भेद किया जाता है। उसे पढ़ने नहीं दिया जाता, किसी प्रतियोगिता में भाग नहीं लेने दिया जाता है। उसे आत्मनिर्भर बनने का। मौका नहीं दिया जा रहा है।

गोविन्द के घर में उसके माता-पिता दोनों मजदूरी करते हैं। उसकी माँ थक जाने के कारण कभी-कभी घर का काम नहीं कर पाती है। जिस कारण उसके माता-पिता के बीच झगड़ा भी होता है। गोविन्द को ये सब पसंद नहीं है, इसलिए वह घर का कुछ काम जैसे – बरतन साफ करना, जलावन की लकड़ी लाना, झाडू लगाना आदि वह खुद ही कर लेता है । जिस कारण उसके दोस्त उसका मजाक भी उड़ाते हैं।

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प्रश्न 4.
गोविन्द के दोस्त उसे क्यों चिढ़ाते हैं? क्या उनका चिढाना उचित है?
उत्तर-
गोविन्द के दोस्त उसे इसलिए चिढ़ाते हैं, क्योंकि वो अपने घर का कार्य जैसे झाड़ लगाना, बरतन साफ करना, जलावन की लकड़ी लाना आदि करता है। गोविन्द के दोस्तों को गोविन्द का चिढाना सही नहीं है। क्योंकि अपने घरों के कार्य दरने में कोई बुराई नहीं है। अगर लड़कियाँ घर के कामों में अपनी माँ का हाथ बँटा सकती है, तो फिर लड़के क्यों नहीं।

प्रश्न 5.
आप गोविन्द के दोस्त होते तो क्या करते?
उत्तर-
अगर हम गोविन्द के दोस्त होते तो उसे चिढ़ाते नहीं बल्कि उसकी तरह ही हम भी अपने घरों में अपने माँ की कामों में हाँथ बँटाते । घर के छोटे-मोटे कामों को कर देते जिससे हमारी माँ को थोड़ा आराम मिलता। घर के छोटे-मोटे कामों को करने में कोई बुराई नहीं है। जिस तरह बेटियाँ अपने घरों के काम में माँ का हाथ बँटाती है, उसी तरह बेटों को उनके काम में हाथ बँटाना चाहिए।

प्रश्न 6.
पीछे दिए गए उदाहरणों के आधार पर आप किस रूप में बड़ा होना पसंद करेंगे और क्यों?
उत्तर-
पीछे दिए गए उदाहरणों के आधार पर मैं “जावेद और शबाना’ की तरह बड़ा होना चाहूँगी।
‘जावेद और शबाना’ के घर का माहौल बहुत ही खला है। वहाँ बच्चों – को घर के कार्य करने के साथ-साथ पढ़ने-लिखने का छूट भी दिया गया है।

वे लोग पढ़ाई के साथ-साथ अपनी माँ का घर के कामों में हाथ बँटाते हैं। उन लोगों का सपना है कि बड़े होकर वे लोग देश की तरफ से क्रिकेट खेलें।

उनके माता-पिता भी उनके इस सपने को पूरा करने में उनका सहयोग करते हैं। ऐसा नहीं है कि उनके घर में बेटा होने के कारण जावेद को पढ़ने का

हक है और शबाना बेटी है इसलिए उसकी पढ़ाई बंद करवाकर उसे घर का काम करने को कहा जाए। उनके घर में बेटे और बेटियों के समान रूप से व्यवहार किया जाता है और दोनों के सपनों की कद्र की जाती है।

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प्रश्न 7.
लड़के एवं लड़कियों के पहनावे और खिलौने में फर्क क्यों हैं? चर्चा करें।
उत्तर-
लड़के एवं लड़कियों के पहनावे और खिलौने में फर्क समाज के लोगों की सोच के कारण है। समाज ही लड़के और लड़कियों में अंतर करता है। समाज के द्वारा ही यह तय किया जाता है लड़कियों और लड़कों के कपड़े और खिलौने कैसे होंगे। बचपन से लडके और लड़कियों के खिलौनों में भी फर्क किया जाता है जैसे-लड़के को खेलने के लिए कारें दी जाती है और लड़कियों की गुड़िया ।

इन खिलौनों के माध्यम से यह दर्शाने के कोशिश की जाती है कि जब वे बड़े होकर स्त्री या पुरुष होंगे तो उनके जीने का तरीका अलग-अलग होगा। बचपन से इस तरह की बातों को देखते हए उन्हें ऐसा लगने लगता है कि स्वी व पुरुष की भूमिकाओं को निभाना उनका प्राकृतिक गुण है और उन्हें जीवन भी उसी आधार पर जीना चाहिए।

प्रश्न 8.
आपके घर के ज्यादातर काम कौन करता है, और क्यों ?
उत्तर-
मेरे घर के ज्यादातर काम मेरी माँ करती है। क्योंकि मेरे पिताजी सुबह में ही ऑफिस चले जाते । मेरी माँ एक गृहणी हैं। वह घर के सारे काम को बहुत ही अच्छे ढंग से करती हैं। वह घर की देखभाल करती है, हमारी सेहत का भी ध्यान रखती है। वह सबसे पहले रसोई घर के कामों को निपटाती हैं, फिर घर के झाडू-पोंछा करती हैं बिस्तर ठीक करती है। इन सारे कार्यों

के अलावा वह हमारे पढ़ाई का भी ध्यान रखती है। हमारे होमवर्क पूरा करने में भी हमारी मदद करती है। इसके अलावे वे घर के बाहर का सारा कार्य भी करती है, जैसे-घर के लिए कुछ सामान लाना, बैंक का कार्य, बिजली का बिल आदि। मेरे पिताजी सुबह ऑफिस जाते हैं और रात आते हैं। उनके

ऑफिस जाते वक्त दुकानें बंद रहती है और उनके आते वक्त आधे से अधिक दुकानें बंद हो जाती हैं। इसलिए मेरी माँ को ये सारे कार्य करने पड़ते हैं।

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अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
सामान्यतः एक घर में ‘लड़का’ और ‘लड़की’ के रूप में कौन ये काम करेगा ?

  1. मेहमान के लिए एक गिलास पानी लाना ।
  2. माँ के बीमर होने पर डॉक्टर को बुलाना।
  3. घर के खिड़की दरवाजे की सफाई करना।
  4. पिताजी की मोटर साइकिल साफ करने में मदद करना।
  5. बाजार से चीनी खरीदना।
  6. किसी आगंतुक के आने पर दरवाजा खोलना।

उत्तर-

  1. लड़का
  2. लड़का
  3. लड़की
  4. लड़का
  5. लड़का
  6. लड़की।

प्रश्न 2.
आपके परिवार या पास-पड़ोस में क्या लड़कियों और लड़कों में भेद होता है ? आपकी समझ में से यह भेद किस प्रकार का होता है ?
उत्तर-
हाँ, मैंने अपने घर के आस-पड़ोस में लड़के और लड़कियों में भेद होते देखा है। लोग अपने लडकियों और लडकों में भेद करते हैं। वे उनके पहनावे, खान-पान, खेल-कूद आदि में भेद भाव करते हैं। वे अपने बेटों के ऊपर ज्यादा ध्यान देते हैं। वे अपने लड़के को अपने हैसियत के हिसाब से हर खुशी देने की कोशिश करते हैं। वे अपने लडकों को पढ़ाई भी कराते हैं। उन्हें घर का कोई भी काम नहीं करने देते, क्योंकि उनका मानना होता है कि ।

स्कूल से पढ़ाई कर के आया है, थक गया होगा। उसे बिल्कल ताजा खाना दिया जाता है, उसके खाने में मौसमी फल होने चाहिए। खाने में दूध का भी होना जरूश्री होता है। खाली समय में उन्हें पढ़ाई के अलावा खेल-कूद में भी आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। उनके सारे फरमाइशों को तुरंत पूरा किया जाता है। अगर कुछ गलत भी करता है तो टाल दिया जाता है।

लड़कियों के ऊपर इतना ध्यान नहीं दिया जाता है। उनकी पसंद-नापसंद का कुछ खास ध्यान नहीं दिया जाता हैं। उन्हें बहुत ज्यादा पढ़ाई भी नहीं करवाई जाती। उनसे घर के कार्यों को कहा जाता है। उनके खान-पान पर भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है। उनके खाने में फल-फूल, दूध आदि का होना न होना कुछ खास मायने नहीं रखता ।

खाली समय में भी कुछ समय ही पढाई कर पाती हैं, बाकी के समय में कछ न काम करने को बोल दिया जाता है। लड़कों की तरह उनको किसी बात को तुरंत पूरा नहीं किया जाता है। लड़कियों को हमेशा यह सिखाया जाता है कि उन्हें बड़े होकर दूसरे के घर जाना है, इसलिए उन्हें घर के सारे काम-काज आने चाहिएं।

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प्रश्न 3.
महिलाओं की तुलना में पुरुषों का काम, क्या ज्यादा मूल्यवान होता है ? अगर नहीं तो क्यों?
उत्तर-
मेरे हिसाब से महिलाओं की तुलना में पुरुषों का काम ज्यादा मूल्यवान नहीं होता है। हमारे समाज में पुरुषों के काम को ज्यादा मूल्यवान इसलिए माना जाता है, क्योंकि वे घर से बाहर जाकर काम करते हैं इसके लिए उन्हें पढ़ाई करनी पड़ती है, काम को सीखना पडता है जिसमें पैसा भी खर्च होता है।

पर महिलाएँ घर का काम करती है. इसके लिए उनका ज्यादा पढ़ा-लिखा होना भी जरूरी नहीं होता है। घरेलू कार्यों को सीखने के लिए उन्हें पैसे खर्च नहीं करने पड़ते । इन कामों को करना तो महिलाओं का स्वाभाविक गुण होता है। इसलिए महिलाओं का कार्य मूल्यवान नहीं माना।।

पर आज के समय में महिलाएं पुरुषों की तरह पढ़ाई भी करती है, कामों को सीखती भी है और उन्हीं तरह घर से बाहर जाकर काम भी करती है और पैसे भी कमाती है। आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधा से कंधा मिलाकर कार्य करती है। आज के समय ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहाँ सिर्फ पुरुष ही काम करते हैं, महिलाएँ नहीं।

इन सारे कार्यों के साथ-साथ वे घर के कार्यों को भी संभालती है और अपने परिवार को भी। इसलिए मेरे हिसाब से पुरुषों से ज्यादा महिलाओं का कार्य मूल्यवान होता है।

प्रश्न 4.
घरेलू मजदूरी करने वाली महिलाओं से बातचीत कर उनके कार्यों का विवरण काम के घंटे,समस्याएँ एवं मजदूरी आदि की सूची तैयार करें।
उत्तर-
छात्र इसे स्वयं करें

प्रश्न 5.
अगर आपकी माँ घर का काम दो दिनों के लिए आपको सौंप दे तो उन कार्यों को करने में क्या समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं?
उत्तर-
अगर मेरी माँ घर का काम दो दिनों के लिए मुझे सौंप दे, तो उन कार्यों करने में सबसे बड़ी समस्या है कि माँ की तरह जल्दी-जल्दी सारा काम नहीं कर पाती हूँ। मैं माँ की तरह स्वादिष्ट खाना नहीं बना पाती हूँ और घर की सफाई भी अच्छे से नहीं कर पाते हैं।

Bihar Board Class 7 Social Science समाज में लिंग भेद Notes

पाठ का सार संक्षेप

हमारी पहचान आमतौर पर एक स्त्री या एक पुरुप के रूप में होती है। इस अध्याय में यह पढ़ना की हमारे समाज में स्त्री और पुरुष की भूमिका कैसे तय होती है।

लिंग मनुष्य की जैविक संरचना है। किसी मनुष्य में प्रजनन अंग यह निर्धारित करता है कि मनुष्य स्त्री है या पुरुष । महिलाओं के कुछ गुण जैसे बच्चे को जन्म देना और उसे स्तनपान कराना उनके विशिष्ट एवं प्रकृतिक गुण है। मनुष्यों में यह फर्क जैविक संरचना के कारण होती है। हमारे समाज में ज्यादातर लोग ‘जेंडर’ शब्द का अर्थ लिंग यानी स्त्रीलिंग व पुलिंग के लिए करते हैं, जो कि एक गलत धारणा है। ‘जेंडर’ से हमारी सामाजिक व्यवहार को दर्शाया जाता है।

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किसी महिला या किसी पुरुष को क्या पहनना चाहिए.. क्या काम करना चाहिए, कैसा व्यवहार करना चाहिए यह सभी सामाजिक रूप से तय होते हैं। ये बातें लिंग भेद, जेण्डर या सामाजिक लिंग कहलाते हैं। लेकिन समय के साथ-साथ समाज बदल रहा है और साथ ही सामाजिक लिंग की परिभाषा बदल रही है। जैसे- कुछ वर्ष पहले तक लड़कियों को स्कूल नहीं जाने दिया जाता था। लेकिन समय के साथ लोगों को इस सोच में भी बदलाव आया है और अब लोग लड़कियों को भी स्कूल जाने की आजादी देने लगे हैं।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 14 पौधों में संवहन

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 14 पौधों में संवहन Text Book Questions and Answers, Notes.

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Bihar Board Class 7 Science पौधों में संवहन Text Book Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों को भरें –
(i) पौधों में जल एवं खनिज पदार्थों का अवशोषण …………… द्वारा होता है।
(ii) जल एवं खनिज पदार्थों का संवहन …………. ऊतक द्वारा होता है।
(iii) पौधों में भोजन के संवहन के लिए……… नामक ऊतक होते हैं।
(iv) वाष्य के रूप में पत्तियों से जल का उत्सर्जित होना ………. कहलाता है।
उत्तर:
(i) मूलरोमां
(ii) जाइलम
(iii) प्लाएम
(iv) वाष्पोत्सर्जन ।

प्रश्न 2.
पौधों में पदार्थों का संवहन क्यों आवश्यक है ?
उत्तर:
पौधे जल एवं खनिज पदार्थों का अवशोषण करते हैं। अवशोषण मूल रोमों द्वारा होता है। जल एवं खनिज पदार्थ जाइलम ऊतक द्वारा संवहन क्रिया के फलस्वरूप ही पत्तियों तक पहुँचता है। पत्तियाँ या भोजन बनाती हैं, अगर ये पदार्थ न पहुँचंग तो पत्नियाँ भोजन न बनाएगी और पौधों का विकास रूक जाएगा।

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प्रश्न 3.
जाइलम तथा प्लोएम ऊतकों के क्या कार्य हैं?
उत्तर:
जाइलम संवहन ऊतक है। पौधों के मूलरामा के द्वारा जल और खनिज तत्वों के अवशोषण करते हैं। ये पदार्थ पत्तियों तक पहुँचाने के लिए जाइलम ऊतक जो संवहन ऊतक कहलाता है कार्य करते हैं। जब पत्तियाँ सूर्य के प्रकाश में अपना भोजन बनाती है तो उस भोजन को पौधे के विभिन्न अंगों तक पहुँचाने का कार्य प्लोएम ऊतक करते हैं।

प्रश्न 4.
वाष्पोत्सर्जन से क्या समझते हैं ? क्या पौधों में यह क्रिया जरूरी है ?
उत्तर:
जैव क्रियाओं में जल का कुछ भाग उपयोग नहीं होता है। ये अतिरिक्त जल पनियों के छिद्रो, रंध्र द्वारा वाष्प के रूप में उत्सर्जित हो जाता है। वाष्प के रूप में पत्तियों से जल का उत्सर्जन वाष्पोत्सर्जन कहलाता है। तापमान बढ़ने पर वाष्पोत्सर्जन की क्रिया तीव्र हो जाती है। यह क्रिया जरूरी है।

प्रश्न 5.
एक प्रयोग द्वारा बताइये कि पौधे जल का संवहन करते हैं।
उत्तर:
दो गिलास लेते हैं। दोनों में आधा भाग पानी भर देते हैं। एक गिलास वाले पानी में थोड़ा लाल रंग डाल देते हैं। अब दो पौधे जिनके मूलराम सुरक्षित हो एक एक पौधं दोनों गिलास में रखते हैं करीब चार पाँच घंटे बाद दोनों पौधों को निकालकर जनों को अनुप्रस्थ एवं अनुदेध्यं काटकर देखने हैं. कि रंगीन गिलास वाले तने में लाल धब्बे आते हैं दूसरे में नहीं, अत: यह स्पष्ट है कि मूलरामां के द्वारा जल का अवशोषण होता है।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 14 पौधों में संवहन

Bihar Board Class 7 Science पौधों में संवहन Notes

पौधे मिट्टी में उगते हैं। मिट्टी से पानी और खनिज तत्व पौधे अवशोषित करत हैं। पौधों की जड़ों में धागे जैसी संरचना “मूल रोम” होती है। मूल रोम ही मिट्टी में उपस्थित जल का अवशोषण करते हैं और पत्तियों तक पहुँचाते हैं। पत्तियों तक जल और पोषक तत्वों को पहुँचाने के लिए वाहिकाएँ होती हैं। संवहन क्रिया द्वारा पत्तियों तक पहुँचता है। वाहिकाएँ विशेष प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर संवहन ऊतक का निर्माण करती है। जल एवं खनिज पदार्थों को पत्तियों तक ले जाने के लिए पौधों के अंगों में जाइलम नामक उतक होते हैं। जल एवं खनिज पदार्थों को पौधों के विभिन्न अंगों तक ले जाने वाला संवहन उतक जाइलम है।

पौधों के संवहन उत्तक दो प्रकार के होते हैं – जाइलम, प्लोएम; पौधों की वृद्धि के लिए जल खनिज के अलावा भोजन की आवश्यकता होती है। पत्तियों से भोजन का संवहन पौधों के विभिन्न अंगों तक फ्लोएम नामक ऊतक द्वारा होता है। पौधे जल को अवशोषित करते हैं। वाष्प के रूप में जल पत्तियों में पाये जाने वाले स्टोमाटा के द्वारा उत्सर्जित होता है। वाष्प के रूप में अवशोषित जल का उत्सर्जन वाष्पोत्सर्जन कहलाता है। दिन में वाप्पोत्सर्जन को दर बढ़ जाती है क्योंकि रुध्र खुले रहते हैं। जबकि सूर्य की अनुपस्थिति में रन्ध्र बंद हो जाता है। रात में वाष्पोत्सर्जन की दर कम हो जाती है।

गर्मियों में तापमान में वृद्धि से वाष्पोत्सर्जन की दर बढ़ जाती है जबकि जाड़े में कम रहती है। हवा बहने को दर बढ़ने से वाष्पोत्सर्जन की दर बढ़ जाती है। साथ ही साथ हवा में आर्द्रता बढ़ने से वाष्पोत्सर्जन की दर घट जाती है।

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3 Text Book Questions and Answers.

BSEB Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3

प्रश्न 1.
आकृति में, ∆PQR की भुजाओं OP और RQ को क्रमश: बिन्दुओं S और T तक बढ़ाया गया है। यदि ∠SPR = 135° है, और तो ∠PQT = 110° है, तो ∠PRQ ज्ञात कीजिए।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3
उत्तर:
∵ ∠SPR + ∠RPQ = 180° (रेखा युग्म)
∴ 135° + ∠RPQ = 180°
[∵ ∠SPR = 135° (दिया है)]
⇒ ∠RPQ = 180° – 135° = 45°
∠TQP + ∠PQR = 180° (रेखा युग्म)
∴ 110° + ∠PQR = 180°
[∵ ∠PQT = 110° (दिया है)]
⇒ ∠PQR = 180° – 110° = 70°
अब, APQR में,
∵ ∠PQR + ∠QRP+ ∠RPQ = 180°
∴ 70° + ∠QRP + 45° = 180°
∠QRP = 180° – 115° = 65°.

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3

प्रश्न 2
आकृति में, ∠x = 62° और ∠XYZ = 54 है। यदि YO और ZO क्रमशः ∠XYZ. और ∠XYZ के सपद्विभाजक हैं, तो ∠OZY, ∠YOZ ज्ञात कीजिए।
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उत्तर:
∆XYZ में,
∠XYZ + ∠YZX – ∠ZXY = 180°
⇒ 54 + ∠YZX + 62° = 180°
⇒ ∠YZX = 180° – 116° = 64°
दिया है, YO नया ZO क्रमश: ∠XYZ तथा ∠XZY के समद्विभाजक है।
इसलिए ∠OYZ = \(\frac{1}{2}\) × ∠XYZ = \(\frac{1}{2}\) × 54° = 27°
तथा ∠OZY = \(\frac{1}{2}\) × ∠XZY = \(\frac{1}{2}\) × 64° = 32°
अब, ∆YOZ में,
∠OYZ + ∠OZY + ∠YOZ = 180°
27° + 32° + ∠YOZ = 180°
∠YOZ = 180° – 59° = 121°.

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प्रश्न 3.
आकृति में, यदि AB || DE ∠BAC = 35° और ∠CDE = 53° है, तो ∠DCE ज्ञात कीजिए।
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उत्तर:
यहाँ AB || DE (दिया है।)
⇒ ∠BAE = ∠DEC (एकान्तर कोण)
∴ ∠DEC = 35°
अब, ∆CDE मैं.
∠CDE + ∠DEC + ∠ECD = 180°
53° + 35° + ∠ECD = 180°
∠ECD = ∠DCE = 180° – 88°
अत: ∠DCE = 92°.

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प्रश्न 4.
आकृति में यदि रेखाएँ PQ और RS बिन्दु T पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करती हैं कि ∠PRT = 40°, ∠RPT = 95° और ∠TSQ = 75° हैं, तो ∠SQT ज्ञात कीजिए।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3
उत्तर:
∆PRT में,
∠RPT + ∠PTR + ∠TRP = 180°
⇒ 95° + ∠PTR + 40° = 180°
⇒ ∠PTR = 180° – 135°
∠PTR = 45°
तथा ∠PTR = ∠STQ (शीर्षाभिमुख कोग)
∠STQ = 45°
∆TQS में,
∠SQT + ∠STQ – ∠TSQ = 180°
⇒ ∠SQT + 45° + 75° = 180°
अतः ∠SQT = 180° – 120° = 60°.

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प्रश्न 5.
आकृति में, यदि PQ ⊥ PS. PQ || SR, ∠SQR = 28° और ∠QRT = 65° है, तो x और y का मान ज्ञात कीजिए।
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उत्तर:
PQ|| SR (दिया है।)
अतः ∠PQR = ∠QRT (एकानर कोप)
⇒ ∠PQS + ∠SQR = 65°
⇒ x + 28° = 65° [∵ ∠SQR = 28°]
⇒ x = 65° – 28° = 37°
∴ x = 37°
अब ∆POS में,
∠PSQ + ∠SQP + ∠QPS = 180°
⇒ y + x + 90° = 180°
⇒ y = 180° – 90° – 37°
∴ y = 53°
अत: x = 37° तथा y = 53°.

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प्रान 6.
आकृति में, ∆PQR की भुजा QR को बिंदु S तक बढ़ाया गया है। यदि ∠PQR तथा ∠PRS के समद्विभाजक बिन्दु पर मिलते हैं, तो सिद्ध कीजिए कि ∠QTR = \(\frac{1}{2}\) ∠QPR है।
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उत्तर:
∆PQR मैं, ∠PRS = ∠P+ ∠Q
(∵ बहिष्कोग सम्मुख अन्त:कोणों के योग के बराबर होता है।)
⇒ \(\frac{1}{2}\) ∠PRS = \(\frac{1}{2}\) ∠P + \(\frac{1}{2}\) ∠Q
⇒ ∠TRS = \(\frac{1}{2}\) ∠P + ∠TOR ……(1)
(∵ QT तथा RT क्रमशः ∠PQR तथा ∠PRS के समद्विभाजक है)
अब, ∆QRT में, ∠TRS = ∠TQR + ∠T
समी. (1) से \(\frac{1}{2}\) ∠P + ∠TQR = ∠TQR + ∠T
⇒ \(\frac{1}{2}\) ∠P = ∠T
अत: ∠QTR = \(\frac{1}{2}\) ∠QPR. इति सिद्धम्

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Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 13 मिट्टी

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 13 मिट्टी Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 13 मिट्टी

Bihar Board Class 7 Science मिट्टी Text Book Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
सबसे उपयुक्त उत्तर को चिह्नित करें।
(i) जल धारण क्षमता सबसे अधिक होती है –
(क) दोमट मिट्टी में
(ख) चिकनी मिट्टी में
(ग) बलुई मिट्टी में
उत्तर:
(ख) चिकनी मिट्टी में

(ii) धान की फसल की उपर्युक्त मिट्टी है-
(क) बलुई मिट्टी
(ख) केवल दोमट मिट्टी
(ग) चिकनी एवं दोमट मिट्टी
(घ) केवल चिकनी मिट्टी
उत्तर:
(ग) चिकनी एवं दोमट मिट्टी

(iii) किस प्रकार की मिट्टी में अन्तःस्रवण दर सबसे अधिक होती है ?
(क) चिकनी मिट्टी
(ख) दोमट मिट्टी
(ग) बलुई मिट्टी
उत्तर:
(ग) बलुई मिट्टी

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प्रश्न 2.
मिट्टी का निर्माण किस प्रकार होता है ? समझाइए।
उत्तर:
जब तेज धूप चट्टानों पर पड़ती है तो गर्म हो जाती है और दरारें -पड़ जाती हैं । ठंड या वर्षा होने पर चट्टानें टूटने लगती हैं। पवन, जल और जलवायु की क्रिया से चट्टानों के टूटने पर मिट्टी का निर्माण होता है। यह प्रक्रिया अपक्षय कहलाती है। मिट्टी बनने में समय अधिक लगता है।

प्रश्न 3.
बलुई मिट्टी, दोमट मिट्टी तथा चिकनी मिट्टी में अन्तर स्पष्ट करें
उत्तर:
बलुई मिट्टी, दोमट मिट्टी तथा चिकनी मिट्टी में अन्तर –
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प्रश्न 4.
अंतःस्रवण दर से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
अंत:स्रवण का अर्थ – पानी का ग्रहण (अवशोषण) मिट्टी द्वारा जल का अंत:स्रावित होने में लगने वाले समय के आधार पर अंत:स्रवण दर की गणना करना ही अंत:स्रवण दर है। मिट्टी के नमूनों की अंत:स्रवण दर इस सूत्र से निकालते हैं।
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प्रश्न 5.
जल धारण क्षमता से आपका क्या अभिप्राय है ? अंतःसवण दर और जल धारण की क्षमता में क्या अन्तर होता है ?
उत्तर:
मिट्टी द्वारा जल का अवशोषण होता है। इसकी क्षमता मिट्टी के कणों पर निर्भर करता है। यदि मिट्टी के कण बड़े होते हैं तो वे जल को अवशोषण करते हैं। ये मिट्टी शुष्क होते हैं नमी नहीं रहती है। अतः जल धारण क्षमता कम है। जिस मिट्टी में जल की मात्रा अधिक होती है इसमें ह्युमस अधिक होता है। इसका मतलब जल धारण क्षमता अधिक है।

मिट्टी में पानी कितनी तेजी से अन्दर जाता है, अन्त:स्रवण दर कहलाता है। बलुई मिट्टी में अन्त:स्रवण सबसे अधिक और चिकनी मिट्टी में कम होता है। बलुई मिट्टी में ह्यूमस नहीं होता, ये शुष्क होते हैं। इनके कणों के बीच हवा होती है। इनके कण आपस में नहीं मिलते हैं।

प्रश्न 6.
समझाइए कि मिट्टी के अपरदन तथा मिट्टी प्रदूषण को किस प्रकार रोका जा सकता है ?
उत्तर:
मिट्टी का अपरदन पवन पानी अथवा बर्फ, वर्षा, नदियों का तेज बहाव के कारण होता है। इसको अधिक संख्या में पेड़, पौधों को लगाना चाहिए । पेड़ की जड़ मिट्टी को जकड़े रहती है और मिट्टी के अपरदन होने से बचाती है। मिट्टी प्रदूषण को बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। खेत बंजर होने लगे हैं। इसका कारण अधिक उर्वरक का उपयोग, कल-कारखानों की गंदगी। मिट्टी में साबुन, अपमार्जक का पानी मिट्टी में जाना, न्यूक्लीयर कपड़ों को जमीन में छुपाना, मिट्टी के प्रदूषण होने का कारण है।

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Bihar Board Class 7 Science मिट्टी Notes

जीवन के लिए मिट्टी पृथ्वी पर होना अनिवार्य है । मिट्टी के बिना जीवन संभव नहीं है। बिना मिट्टी के न पेड़ न घास उग सकते हैं। पृथ्वी पर सभी प्राणियों के पोषण के लिए.सभी सामग्री मिट्टी से ही प्राप्त होती हैं। मिट्टी पर सभी जीव-जन्तुओं का निवास है। चट्टानों के टूटने से मिट्टी का निर्माण होता है। तेज धूप के कारण चट्टानें गर्म होती हैं और उसमें दरारें पड़ जाती हैं। ठंड और वर्षा के कारण घट्टानें टूटने लगती है। पवन जल और जलवायु की क्रिया से चट्टानों के टूटने पर मिट्टी का निर्माण होता है। मिट्टी के रावसे ऊपर वाली परत में ह्यूमस और खनिज रहता है। यह उर्वरक होता है। यह जल का धारण अधिक करता है। इस शीर्ष मिट्टी कहते हैं। पौधे के जर्ड शीर्ष मिट्टी में ही रहती हैं। मध्य परत शीर्ष के नीचे जिसमें ह्यूमस कम और खनिज ज्यादा होते हैं। यह परत अधिक कठोर और धनी होती है। मध्य परत के नीचे तीसरी परत जो काफी कठोर होता है। इस परत के नीचे आधार शैल होता है। मिट्टी कई प्रकार की होती है-मिट्टी में पाये जाने वाले चट्टान के कणों के आकार पर मिट्टी को वर्गीकृत किया जाता है। यदि मिट्टी में बड़े कणों का अनुपात अधिक होता है तो वह बलुई मिट्टी कहलाती है और सूक्ष्म कणों का अनुपात अधिक हो तो चिकनी मिट्टी कहते हैं। यदि बड़े और छोटे कणों की मात्रा समान हो तो दोमट मिट्टी कहलाती है। मिट्टी का गुण उसके कणों पर निर्भर करता है।

बलुई मिट्टी हल्की और शुष्क होती है। इनके कण बड़े होते हैं। ये आपस में आसानी से जुड़ नहीं पाते बालू के कणों के बीच के स्थान से जल की निकासी तेजी से होती है। चिकनी मिट्टी में कण सूक्ष्म होते हैं ये आसानी से आपस में जुड़े रहते हैं। इनके बीच रिक्त स्थान कम होता है। ये जल अधिक ग्रहण करते हैं । चिकनी मिट्टी भारी होती है। पादपों को उगाने के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी है। दोमट मिट्टी में ह्यूमस अधिक होती है। जल धारण की क्षमता है। चिकनी मिट्टी का उपयोग बर्तनों, खिलौनों और मूर्तियों को बनाने के लिए किया जाता है। हम प्रायः खेतों में गर्मी के दिनों में वायु चमकते नजर आते हैं। लगता है वह कम्पन कर रहा है। ऐसा मिट्टी में उपस्थित जल के कारण लगता है। गर्मी के दिनों में मिट्टी के जल का वाष्पन होता है और ऊपर उठता है। जलवायु को सघन बना देती है सूर्य के प्रकाश के अपवर्तन के कारण मिट्टी के ऊपर की वायु कम्पन करते हुए चमकीला दिखाई पड़ती है। मिट्टी जल का अवशोषण करती है। जल के मिट्टी में अंतस्रावित होने में लगने वाले समय के आधार पर अंत:सवण दर की गणना इस सूत्र से करते हैं।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 13 मिट्टी 3

जगहों पर मिट्टी भिन्न-भिन किस्म की होती है। अपने बिहार राज्य में, विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की मिट्टी पाई जाती है। कुछ क्षेत्रों में बलुई तो कुछ क्षेत्रों में दोमट और चिकनी मिट्टी पाई जाती है । जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक, जैसे पवन, वर्षा, आर्द्रता और मिट्टी के प्रकार के कारण फसलों की किस्में भिन्न भिन्न होती हैं। चिकनी और दोमट मिट्टी में गेहूँ, मक्का, चना, धान की खेती की जाती है। जैसे पदार्थ और जल धारण करने वाली मिट्टी अच्छी किस्म की होती है। आलू, दालों की फसल दोमट और बलुई मिट्टी में की जाती है। क्योंकि जल को निकासी आसानी से की जा सके । मिट्टी के ऊपरी सतह का हटना मिट्टी की अपरदन कहलाता है। पवन, पानी, वर्षा, बर्फ मिट्टी का अपरदन करते हैं। मिट्टी का अपरदन को रोकने के लिए अधिक से अधिक पेड़ों को लगाना चाहिए । बंजर और मरुभूमि स्थानों पर मिट्टी का अपरदन अधिक होता है।