Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 6 ऊतक

BSEB Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 6 ऊतक

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 6 ऊतक Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

Bihar Board Class 9 Science ऊतक  InText Questions and Answers

प्रश्न शृंखला # 01 (पृष्ठ संख्या 77)

प्रश्न 1.
ऊतक क्या है ?
उत्तर:
कोशिकाओं का ऐसा समूह जिसकी उत्पत्ति, संरचना एवं कार्य समान हों, ऊतक कहलाता है।

प्रश्न 2.
बहुकोशिकीय जीवों में ऊतकों का क्या उपयोग है?
उत्तर:
ऊतकों द्वारा अंग एवं अंगतन्त्रों का निर्माण होता है।

प्रश्न शृंखला # 02 (पृष्ठ संख्या 81)
प्रश्न 1.
प्रकाश-संश्लेषण के लिए किस गैस की आवश्यकता होती है ?
उत्तर:
प्रकाश-संश्लेषण के लिए कार्बन डाइ-ऑक्साइड गैस की आवश्यकता होती है।

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प्रश्न 2.
पौधों में वाष्पोत्सर्जन के कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
पौधों में वाष्पोत्सर्जन के प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं –

  1. इसके द्वारा पौधों का तापमान नियन्त्रित रहता है। .
  2. यह पौधों के जल अवशोषण की क्रिया को प्रभावित करता है।
  3. इसके द्वारा पौधों को खनिज लवणों के अवशोषण एवं रसारोहण में सहायता मिलती है।
  4. वाष्पोत्सर्जन से फलों में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है।

प्रश्न श्रृंखला # 03 (पृष्ठ संख्या 83)

प्रश्न 1.
सरल ऊतकों के कितने प्रकार हैं ?
उत्तर:
सरल ऊतकों के तीन प्रकार हैं –

  1. पैरेन्काइमा
  2. कॉलेन्काइमा, तथा
  3. स्क्लेरेन्काइमा।

प्रश्न 2.
प्ररोह का शीर्षस्थ विभज्योतक कहाँ पाया | जाता है ?
उत्तर:
प्ररोह का शीर्षस्थ विभज्योतक जड़ों एवं तनों के वृद्धि वाले भाग में विद्यमान रहता है।

प्रश्न 3.
नारियल का रेशा किस ऊतक का बना होता है ?
उत्तर:
नारियल का रेशा स्क्लेरेन्काइमा ऊतक का बना होता है।

प्रश्न 4.
फ्लोएम के संघटक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
फ्लोएम के चार संघटक हैं –

  1. चालनी नलिका
  2. सखी कोशिकाएँ
  3. फ्लोएम पैरेन्काइमा, तथा
  4. फ्लोएम रेशे।

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प्रश्न शृंखला # 04 (पृष्ठ संख्या 87)

प्रश्न 1.
उस ऊतक का नाम बताएँ जो हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर:
पेशीय ऊतक हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी

प्रश्न 2.
न्यूरॉन देखने में कैसा लगता है ?
उत्तर:
न्यूरॉन तन्त्रिका तन्त्र की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई है। इसमें प्रमुख रूप से दो भाग होते हैं-कोशिकाकाय तथा कोशिका प्रवर्ध। कोशिकाकाय, न्यूरॉन का प्रमुख भाग होता है जिसमें कोशिकाद्रव्य से घिरा हुआ एक गोल केन्द्रक पाया जाता है। कोशिकाकाय से एक या एक से अधिक छोटे-बड़े कोशिकीय प्रवर्ध निकलते हैं। ये भी दो प्रकार के होते हैं-डेन्ट्राइट्स (बहुत सारे छोटी शाखा वाले प्रवर्ध) तथा एक्सॉन (प्रायः एक लम्बा प्रवर्ध)।

प्रश्न 3.
हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बताएँ।
उत्तर:
हृदय पेशी के लक्षण –

  1. इन पेशियों में रेखित एवं अरेखित दोनों प्रकार की पेशियों के गुण पाये जाते हैं।
  2. दो हृदय पेशियों के जुड़ने के स्थान पर अन्तर्विष्ट पट्टियाँ पायी जाती हैं।
  3. इन पेशियों की कोशिकाएँ शाखान्वित होती हैं।

प्रश्न 4.
एरिओलर ऊतक के क्या कार्य हैं ?
उत्तर:
एरिओलर ऊतक अंगों के भीतर की खाली जगह को भरता है, आन्तरिक अंगों को सहारा देता है तथा ऊतकों की मरम्मत में सहायक है।

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क्रियाकलाप 6.1 (पृष्ठ संख्या 77)

प्रश्न 1.
किस जार में रखी हुई प्याज की मूल लम्बी है ?
उत्तर:
जार-1 में रखी हुई प्याज की।

प्रश्न 2.
हमारे द्वारा मूल के ऊपरी हिस्से को काट लेने के बाद भी क्या वह वृद्धि करती रहती है ?
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न 3.
जब हम जार-2 में रखी प्याज की मूल के ऊपरी हिस्से को काटते हैं तो वे वृद्धि करना बन्द कर देंगी, क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि मूल के ऊपरी हिस्से में शीर्षस्थ विभज्योतक पाया जाता है। इस ऊतक में विभाजन की क्षमता होती है जिसमें विभाजन से मूल की लम्बाई में वृद्धि होती है। इसको काट देने से विभाजित की क्षमता समाप्त हो जाती है तथा मूल वृद्धि करना बन्द कर देती है।

क्रियाकलाप 6.2 (पृष्ठ संख्या 78)

प्रश्न 4.
क्या सभी कोशिकाओं की संरचनाएँ समान हैं ?
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न 5.
कितने प्रकार की कोशिकाओं को देखा जा सकता है ?
उत्तर:
सामान्यतः तीन प्रकार की कोशिकाएँ दिखाई देती हैं –

  1. पैरेन्काइमा
  2. कॉलेन्काइमा, तथा
  3. स्क्लेरेन्काइमा।

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प्रश्न 6.
क्या हम उन कारणों पर विचार कर सकते हैं कि कोशिकाओं के इतने प्रकार क्यों हैं ?
उत्तर:
पेरेन्काइमा कोशिकाएँ- ये अण्डाकार या गोलाकार, पतली भित्ति वाली जीवित कोशिकाएँ हैं जो पौधों के मुलायम हिस्सों में पायी जाती हैं। दो कोशिकाओं के मध्य अन्तर कोशिकीय अवकाश होता है। इनका मुख्य कार्य भोजन संचय है। कॉलेन्काइमा कोशिकाएँ-ये भी जीवित कोशिकाएँ हैं जो। अनियमित रूप से कोनों पर मोटी होती हैं।

कोनों पर मोटी होने के कारण इनके अन्तरकोशिकीय अवकाश बहुत कम हो जाते। हैं। ये पौधे को लचीला बनाती हैं। स्क्लेरेन्काइमा कोशिकाएँ-ये कोशिकाएँ मृत होती हैं। ये लम्बी एवं पतली होती हैं लेकिन कोशिकाओं की भित्ति लिग्निन के जमा होने के कारण मोटी होती है। ये तने के संवहन बण्डल के पास के ऊतकों में पायी जाती हैं। ये पौधे के अंगों को दृढ़ता एवं कठोरता प्रदान करती हैं तथा उसे यांत्रिक सहारा देती है।

Bihar Board Class 9 Science ऊतक Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
ऊतक को परिभाषित करें।
उत्तर:
कोशिकाओं का ऐसा समूह जिसकी उत्पत्ति, संरचना एवं कार्य समान हों, ऊतक कहलाता है।

प्रश्न 2.
कितने प्रकार के तत्व मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं ? इनके नाम बताइए।
उत्तर:
निम्नलिखित चार प्रकार के तत्व मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं –

  1. जाइलम ट्रेकीड्स (वाहिनिकाएँ)
  2. जाइलम वाहिका
  3. जाइलम पैरेन्काइंमा, तथा
  4. जाइलम फाइबर।

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प्रश्न 3.
पौधों में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं ?
उत्तर:
पौधों में सरल ऊतकों में एक ही प्रकार की कोशिकाएँ मिलकर किसी कार्य को सम्पन्न करती हैं जबकि जटिल ऊतक में दो से अधिक प्रकार की कोशिकाएँ होती हैं तथा सभी मिलकर। सामूहिक रूप से एक कार्य करती हैं।

प्रश्न 4.
कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा और स्क्लेरेन्काइमा के बीच भेद स्पष्ट करें।
उत्तर:
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प्रश्न 5.
रन्ध्र के क्या कार्य हैं ?
उत्तर:
(1) वायुमण्डल से गैसों का आदान-प्रदान रन्ध्रों द्वारा होता है।
(2) वाष्पोत्सर्जन की क्रिया भी रन्ध्रों द्वारा होती है।

प्रश्न 6.
तीनों प्रकार के पेशीय रेशों में चित्र बनाकर अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर:
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प्रश्न 7.
कार्डियक (हृदयक) पेशी का विशेष कार्य क्या है ?
उत्तर:
ये पेशियाँ प्राणी के सम्पूर्ण जीवनकाल तक सक्रिय बनी रहती हैं। इनमें क्रमिक संकुचन लगातार होता रहता है परन्तु थकान नहीं होती जिसके कारण हृदय जीवनपर्यन्त धड़कता रहता है।

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प्रश्न 8.
रेखित, अरेखित तथा कार्डियक (हृदयक) पेशियों में शरीर में स्थित कार्य और स्थान के आधार पर अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 9.
न्यूरॉन का एक चिह्नित चित्र बनाएँ।
उत्तर:
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प्रश्न 10.
निम्नलिखित के नाम लिखिए –
(a) ऊतक जो मुँह के भीतरी अस्तर का निर्माण करता है।
(b) ऊतक जो मनुष्य में पेशियों को अस्थि से जोड़ता है।
(c) ऊतक जो पौधों में भोजन का संवहन करता है।
(d) ऊतक जो हमारे शरीर में वसा का संचय करता है।
(e) तरल अधात्री सहित संयोजी ऊतक।
(f) मस्तिष्क में स्थित ऊतक।
उत्तर:
(a) शल्की एपिथीलियम
(b) पेशीय (ऐच्छिक पेशी) ऊतक
(c) फ्लोएम
(d) वसामय ऊतक
(e) रक्त
(f) तन्त्रिका ऊतक।

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प्रश्न 11.
निम्नलिखित में ऊतक के प्रकार की पहचान करें त्वचा, पौधे का वल्क, अस्थि, वृक्कीय नलिका अस्तर, संवहन बण्डल।
उत्तर:
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प्रश्न 12.
पैरेन्काइमा ऊतक किसे क्षेत्र में स्थित होते हैं ?
उत्तर:
जड़ एवं तने के भोजन संग्रह करने वाले भागों में पैरेन्काइमा ऊतक पाया जाता है। इसके अतिरिक्त पौधों के ऐसे अंग जो प्रकाश-संश्लेषण में सहायक हैं तथा जल में तैरने वाले पौधों के विभिन्न भागों में भी पैरेन्काइमा ऊतक पाया जाता है।

प्रश्न 13.
पौधों में एपिडर्मिस की क्या भूमिका है ?
उत्तर:
एपिडर्मिस पौधों का रक्षात्मक स्तर है। यह जल हानि के विरुद्ध, यान्त्रिक आघात तथा परजीवी कवक के प्रवेश से पौधों की रक्षा करती है।

प्रश्न 14.
छाल (कॉक) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है ?
उत्तर:
छाल एक बहु परतों वाला मृत कोशिकाओं का आवरण होता है जिसमें अन्त:कोशिकीय स्थानों का अभाव होता है तथा इसकी भित्ति पर सुबेरिन नामक रसायन का आवरण होता है। यह छाल को हवा एवं पानी के लिए तो अभेद्य बनाता ही है, साथ-ही-साथ विभिन्न परजीवी एवं कवकों के प्रवेश को भी निषेध करता है। इस प्रकार यह एक सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है।

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प्रश्न 15.
निम्न दी गई तालिका को पूर्ण करें –
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 6 ऊतक
उत्तर:
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 6 ऊतक

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

BSEB Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

Bihar Board Class 9 Science क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं InText Questions and Answers

प्रश्न श्रृंखला # 01 (पृष्ठ संख्या 16)

प्रश्न 1.
पदार्थ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
एक या एक से अधिक शुद्ध तत्वों या यौगिकों से मिलकर बना मिश्रण पदार्थ कहलाता है। किसी पदार्थ को अन्य प्रकार के तत्वों में भौतिक प्रक्रम द्वारा पृथक् नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 2.
समांगी और विषमांगी मिश्रणों में अन्तर बताएँ।
उत्तर:
समांगी मिश्रण वह मिश्रण होता है जिसके अवयवों को पृथक रूप से नहीं देखा जा सकता अथवा जिसकी बनावट समान होती है। उदाहरण-जल में नमक व जल में चीनी का विलयन। विषमांगी मिश्रण के अंश भौतिक दृष्टि से पृथक् होते हैं। उदाहरण-सोडियम क्लोराइड व लोहे की छीलन, नमक व सल्फर, जल एवं तेल का मिश्रण।

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न श्रृंखला # 02 (पृष्ठ संख्या 20) 

प्रश्न 1.
उदाहरण के साथ समांगी एवं विषमांगी मिश्रणों में विभेद कीजिए।
उत्तर:
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

प्रश्न 2.
विलयन, निलम्बन और कोलाइड एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं ?
उत्तर:
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

प्रश्न 3.
एक संतृप्त विलयन बनाने के लिए 36g सोडियम क्लोराइड को 100 g जल में 293 K पर घोला जाता है। इस तापमान पर इसकी सान्द्रता प्राप्त करें।
हल :
विलेय पदार्थ (सोडियम क्लोराइड) का
द्रव्यमान = 36 g
विलायक (जल) का द्रव्यमान = 100 g
हम जानते हैं, विलयन का द्रव्यमान = विलेय पदार्थ का द्रव्यमान + विलायक का द्रव्यमान
= 36 + 100
= 136g
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं
उत्तर:
= 26-47%

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न श्रृंखला # 03 (पृष्ठ संख्या 26)

प्रश्न 1.
पेट्रोल और मिट्टी का तेल (Kerosene oil) जो कि आपस में घुलनशील हैं, के मिश्रण को आप कैसे पृथक् करेंगे। पेट्रोल तथा मिट्टी के तेल के क्वथनांकों में 25°C से अधिक का अन्तराल है।
उत्तर:
पेट्रोल व मिट्टी के तेल को साधारण आसवन विधि द्वारा पृथक् किया जा सकता है क्योंकि मिट्टी का तेल व पेट्रोल गर्म करने पर विघटित नहीं होते व उनके क्वथनांकों के बीच काफी अधिक अन्तराल है।

प्रश्न 2.
पृथक् करने की सामान्य विधियों के नाम दें –

  1. दही से मक्खन
  2. समुद्री जल से नमक
  3. नमक से कपूर।

उत्तर:

  1. दही से मक्खन-अपकेन्द्रन।
  2. समुद्री जल में नमक-आसवन विधि।
  3. नमक से कपूर-ऊर्ध्वपातन विधि।

प्रश्न 3.
क्रिस्टलीकरण विधि से किस प्रकार के मिश्रणों को पृथक् किया जा सकता है ?
उत्तर:
क्रिस्टलीकरण विधि का प्रयोग ठोस पदार्थों को शुद्ध करने में किया जाता है। क्रिस्टलीकरण वह विधि है जिसके द्वारा क्रिस्टल के रूप में शुद्ध ठोस को विलयन से पृथक् किया जाता है। उदाहरण के लिए समुद्री जल से प्राप्त नमक की अशुद्धियों को दूर करने के लिए क्रिस्टलीकरण विधि का प्रयोग किया जाता है।

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न शृंखला # 04 (पृष्ठ संख्या 27)

प्रश्न 1.
निम्न को रासायनिक और भौतिक परिवर्तनों में वर्गीकृत करें

  1. पेड़ों को काटना
  2. मक्खन का एक बर्तन में पिघलना
  3. अलमारी में जंग लगना
  4. जल का उबलकर वाष्प बनना
  5. विद्युत तरंग का जल में प्रवाहित होना तथा उसका
  6. हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना
  7. जल में साधारण नमक का घुलना
  8. फलों से सलाद बनाना तथा
  9. लकड़ी और कागज का जलना।

उत्तर:
भौतिक परिवर्तन –

  1. मक्खन का एक बर्तन में पिघलना।
  2. जल का उबलकर वाष्प बनना।
  3. जल में साधारण नमक का घुलना।
  4. फलों से सलाद बनना।
  5. पेड़ों का काटना।

रासायनिक परिवर्तन –

  1. अलमारी में जंग लगना। .
  2. विद्युत तरंग का जल में प्रवाहित होना तथा हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना।
  3. लकड़ी और कागज का जलना।

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प्रश्न 2.
अपने आस-पास की चीजों को शुद्ध पदार्थों या मिश्रण से अलग करने का प्रयत्न करें।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

क्रियाकलाप 2.2 (पृष्ठ संख्या 16)

प्रश्न 1.
छात्रों को काँच की छड़ की सहायता से नमूनों को जल में मिलाने को कहें। क्या कण जल में दिखाई देते हैं ?
उत्तर:
समूह ‘अ’, ‘ब’ व ‘द’ के मिश्रण के कण जल में दिखाई नहीं देते किन्तु समूह ‘स’ के मिश्रण के कण जल में दिखाई देते हैं।

प्रश्न 2.
अब टॉर्च से प्रकाश की किरण को बीकर पर डालें और इसको सामने से देखें। क्या प्रकाश की किरण का मार्ग दिखाई देता है ?
उत्तर:
समूह ‘स’ व ‘द’ के मिश्रण में प्रकाश का मार्ग दृष्टिगोचर होता है।

प्रश्न 2.
अब मिश्रण को कुछ समय तक शांत छोड़ दें। इस बीच मिश्रण छानने वाले उपकरण को तैयार कर लें। क्या मिश्रण स्थिर है या कुछ समय के बाद कण नीचे बैठना शुरू करते हैं ?
उत्तर:
समूह ‘स’ के मिश्रण के कण कुछ समय बाद नीचे बैठना शुरू करते हैं व समूह ‘अ’, ‘ब’ व ‘द’ का मिश्रण स्थिर है।

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 3.
मिश्रण को छान लें। क्या छानक पत्र पर कुछ शेष बचा है ?
उत्तर:
समूह ‘स’ के मिश्रण को छानने पर छानक पत्र पर चॉक का चूर्ण या गेहूँ का आटा एकत्रित होता है व अन्य मिश्रणों को छानने पर छानक पत्र पर कुछ भी प्राप्त नहीं होता।

क्रियाकलाप 2.4 (पृष्ठ संख्या 20)

प्रश्न 1.
आपके विचार में वॉच ग्लास पर से किसका वाष्पीकरण हुआ?
Fe + H2SO4 → FeSO4+ H2(g)
Fe + 2HCl → FeCl2 + H2(g)
समूह II द्वारा प्राप्त गैस हाइड्रोजन सल्फाइड है। यह रंगहीन गैस है और इसकी गंध सड़े हुए अंडे जैसी है।
FeS + H2SO4 → FeSO4 + H2S↑
Fes + 2HCl → FeCl2 + H2S↑

Bihar Board Class 9 Science हमारे आस-पास के पदार्थ Textbook Questions and Answers

1. निम्नलिखित को पृथक् करने में आप किन विधियों को अपनायेंगे?

  1. सोडियम क्लोराइड को जल के विलयन से पृथक् करने में,
  2. अमोनियम क्लोराइड को सोडियम क्लोराइड तथा अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण से पृथक् करने में,
  3. धातु के छोटे टुकड़ों को कार के इंजन ऑयल से पृथक् करने में,
  4. दही से मक्खन निकालने के लिए
  5. जल से तेल निकालने के लिए
  6. चाय से चाय की पत्तियों को पृथक करने में,
  7. बालू से लोहे की पिनों को पृथक् करने में
  8. भूसे से गेहूँ के दानों को पृथक करने में,
  9. पानी में तैरते हुए महीन मिट्टी के कण को पानी से अलग करने के लिए,
  10. पुष्प की पंखुड़ियों के निचोड़ से विभिन्न रंजकों को पृथक् करने में।

उत्तर:

उपर्युक्त को पृथक् करने के लिए हम निम्न विधियों को अपनायेंगे

  1. सोडियम क्लोराइड को जल के विलयन से पृथक् करने में-वाष्पीकरण।
  2. अमोनियम क्लोराइड को सोडियम क्लोराइड तथा अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण से पृथक् करने में-ऊर्ध्वपातन।
  3. धातु के छोटे टुकड़े को कार के इंजन ऑयल से पृथक करने में-छानन/अपकेन्द्रन/संघनन।
  4. दही से मक्खन निकालने के लिए-अपकेन्द्रन।
  5. जल से तेल निकालने के लिए-पृथक्करण कीप द्वारा।
  6. चाय से चाय की पत्तियों को पृथक् करने में-छानन विधि।
  7. बालू से लोहे की पिनों को पृथक् करने में-चुम्बकीय विधि।
  8. भूसे से गेहूँ के दानों को पृथक् करने में-निष्पावन (Winnowing)
  9. पानी में तैरते हुए महीन मिट्टी के कण को पानी से अलग करने के लिए-अपकेन्द्रन।
  10. पुष्प की पंखुड़ियों के निचोड़ से विभिन्न रंजकों को पृथक करने में-क्रोमैटोग्राफी।

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प्रश्न 2.
चाय तैयार करने के लिए आप किन-किन चरणों का प्रयोग करेंगे। विलयन, विलायक, विलेय,घुलना, घुलनशील, अघुलनशील, घुलेय (फिल्ट्रेट) तथा अवशेष शब्दों का प्रयोग करें।
उत्तर:
सर्वप्रथम पानी को विलायक के रूप में लेंगे। फिर पानी को उबालेंगे। उसके पश्चात् दूध व चाय की पत्तियों को विलेय के रूप में डालकर उसे घुलना की सहायता से मिलायेंगे। इससे एक विलयन तैयार हो जायेगा। अब इस विलयन को छानेंगे। अघुलनशील पदार्थ (चाय की पत्तियाँ) छननी में अवशेष के रूप में रह जायेंगी। चीनी को अब प्राप्त घुलेय (फिल्ट्रेट) में डालेंगें जो कि उसमें घुलनशील है। प्राप्त विलयन चाय है।

प्रश्न 3.
प्रज्ञा ने तीन अलग-अलग पदार्थों की घुलनशीलताओं को विभिन्न तापमान पर जाँचा तथा नीचे दिए गए आंकड़ों को प्राप्त किया। प्राप्त हुए परिणामों को 100 g जल में विलेय पदार्थ की मात्रा, जो संतृप्त विलयन बनाने हेतु पर्याप्त है, निम्नलिखित तालिका में दर्शाया गया है –
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं
(a)50g जल में 313 K पर पोटैशियम नाइट्रेट के संतृप्त विलयन को प्राप्त करने हेतु कितने ग्राम पोटैशियम नाइट्रेट की आवश्यकता होगी?

(b) प्रज्ञा 353K पर पोटैशियम क्लोराइड का एक संतृप्त विलयन तैयार करती है और विलयन को कमरे के तापमान पर ठंडा होने के लिए छोड़ देती है। जब विलयन ठंडा होगा तो वह क्या अवलोकित करेगी ? स्पष्ट करें।

(c) 293 K पर प्रत्येक लवण की घुलनशीलता का परिकलन करें। इस तापमान पर कौन-सा लवण सबसे अधिक घुलनशील होगा ?

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

(d) तापमान में परिवर्तन से लवण की घुलनशीलता पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
(a) चूँकि 62 g पोटैशियम नाइट्रेट 100 g जल में संतृप्त विलयन प्राप्त करने के लिए घुल रहा है 313 K पर, अतः 31g पोटैशियम नाइट्रेट 50 g जल में 313 K पर संतृप्त विलयन प्राप्त करने के लिए घुलना चाहिए।

(b) ताप बढ़ने के साथ संतृप्त विलयन प्राप्त करने के लिए जो पोटैशियम क्लोराइड की मात्रा है, वह बढ़ती है। अतः जब विलयन को ठण्डा करेंगे तो पोटैशियम नाइट्रेट की कुछ मात्रा प्राप्त (Precipitate) होगी।

(c) 293 K पर लवणों की घुलनशीलता निम्न हैं –
पोटैशियम नाइट्रेट – 32 g
सोडियम क्लोराइड – 36 g
पोटैशियम क्लोराइड – 35 g
अमोनियम क्लोराइड – 37 g
अतः अमोनियम क्लोराइड 293 K पर सबसे अधिक घुलनशील है।

(d) तापमान बढ़ने के साथ घुलनशीलता बढ़ती है।

प्रश्न 4.
निम्न की उदाहरण सहित व्याख्या करें –
(a) संतृप्त विलयन
(b) शुद्ध पदार्थ
(c) कोलाइड
(d) निलम्बन।
उत्तर:
(a) संतृप्त विलयन – दिए गए निश्चित तापमान पर यदि विलयन में विलेय पदार्थ नहीं घुलता है तो उसे संतृप्त विलयन कहते हैं। किसी निश्चित ताप पर उतना ही विलेय पदार्थ घुल सकता है जितनी कि विलयन की क्षमता होती है। चीनी व जल का विलयन °C पर एक संतृप्त विलयन होता है क्योंकि इस ताप पर चीनी और अधिक जल में नहीं घुलती।

(b) शुद्ध पदार्थ – एक शुद्ध पदार्थ वह पदार्थ होता है जिसमें मौजूद सभी कण समान रासायनिक प्रकृति के होते हैं। एक शुद्ध पदार्थ एक ही प्रकार के कणों से मिलकर बना होता है। उदाहरण धातुएँ-सोना, चाँदी, आदि। अधातुएँ-हाइड्रोजन, क्लोरीन, ऑक्सीजन, चीनी, आदि।

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

(c) कोलाइड – कोलाइड वह मिश्रण होता है जिसके कण विलयन में समान रूप से फैले रहते हैं। यह एक विषमांगी मिश्रण होता है। इसके कणों का आकार इतना छोटा होता है कि ये पृथक् रूप से आँखों से नहीं देखे जा सकते। जब इनको शान्त छोड़ दिया जाता है तब ये तल पर बैठते हैं अर्थात् स्थायी होते हैं। ये छानन विधि द्वारा मिश्रण से पृथक् नहीं किये जा सकते किन्तु एक विशेष विधि अपकेन्द्रीकरण तकनीक द्वारा पृथक किये जा सकते हैं। उदाहरण-दूध, कोहरा, धुआँ आदि।

(d) निलम्बन – निलम्बन एक विषमांगी मिश्रण है जिसमें विलेय पदार्थ कण घुलते नहीं हैं बल्कि माध्यम की समष्टि में निलम्बित रहते हैं। ये निलम्बित कण आँखों से देखे जा सकते हैं। जब इसे शान्त छोड़ देते हैं तब ये कण नीचे की ओर बैठ जाते हैं अर्थात् निलम्बन अस्थायी होता है। छानन विधि द्वारा इन कणों को मिश्रण से पृथक् किया जा सकता है। उदाहरण-गंदला जल तथा बालू, मिट्टी एवं जल का मिश्रण।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से प्रत्येक को समांगी और विषमांगी मिश्रणों में वर्गीकृत करें सोडा जल, लकड़ी, बर्फ, वायु, मिट्टी, सिरका, छनी हुई चाय।
उत्तर:
समांगी मिश्रण-बर्फ, सिरका, छनी हुई चाय, सोडा जल, वायु (शुद्ध वायु समांगी है व अशुद्ध वायु विषमांगी) है। विषमांगी मिश्रण-मिट्टी, लकड़ी।

प्रश्न 6.
आप किस प्रकार पुष्टि करेंगे कि दिया हुआ रंगहीन द्रव शुद्ध जल है ?
उत्तर:
रंगहीन द्रव को एक परखनली में लेकर गर्म करें। यदि यह 100°C पर उबलने लगे तो यह शुद्ध जल है। कोई भी दूसरा रंगहीन पदार्थ; जैसे-सिरका, 100°C पर नहीं उबलता। यह भी नोट कीजिए कि कुछ समय पश्चात् द्रव वाष्पीकृत हो जाएगा व कुछ भी शेष (residue) नहीं बचेगा।

प्रश्न 7.
निम्न में से कौन-सी वस्तुएँ शद्ध पदार्थ हैं –
(a) बर्फ
(b) दूध
(c) लोहा
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(e) कैल्शियम ऑक्साइड
(f) पारा
(g) ईंट
(h) लकड़ी
(i) वायु।
उत्तर:
निम्न वस्तुएँ शुद्ध मानी जाती हैं –
(a) बर्फ
(c) लोहा
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(e) कैल्शियम ऑक्साइड
(f) पारा।

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प्रश्न 8.
निम्नलिखित मिश्रणों में से विलयन की पहचान करें –
(a) मिट्टी
(b) समुद्री जल
(c) वायु
(d) कोयला
(e) सोडा जल।
उत्तर:
निम्न मिश्रण विलयन हैं –
(b) समुद्री जल
(c) वायु
(e) सोडा जल।

प्रश्न 9.
निम्न में से कौन टिण्डल प्रभाव को प्रदर्शित करेगा?
(a) नमक का घोल
(b) दूध
(c) कॉपर सल्फेट विलयन
(d) स्टार्च विलयन।
उत्तर:
कोलॉइड विलयन टिण्डल प्रभाव प्रदर्शित करते हैं। यहाँ दूध व स्टार्च विलयन कोलॉइड हैं। अतः ये टिण्डल प्रभाव प्रदर्शित करेंगे।

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प्रश्न 10.
निम्नलिखित को तत्व, यौगिक तथा मिश्रण में वर्गीकृत कीजिए
(a) सोडियम
(b) मिट्टी
(c) चीनी का घोल
(d) चाँदी
(e) कैल्सियम कार्बोनेट
(f) टिन
(g) सिलिकन
(h) कोयला
(i) वायु
(j) साबुन
(k) मीथेन
(l) कार्बन डाइऑक्साइड
(m) रक्त।
उत्तर:
तत्व – सोडियम, चाँदी, टिन व सिलिकन।
यौगिक – कैल्सियम कार्बोनेट, मीथेन व कार्बन डाइऑक्साइड।
मिश्रण – मिट्टी, चीनी, कोयला, वायु, साबुन व रक्त।

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प्रश्न 11.
निम्नलिखित में से कौन से परिवर्तन रासायनिक
(a) पौधों की वृद्धि
(b) लोहे में जंग लगना
(c) लोहे के चूर्ण तथा बालू को मिलाना
(d) खाना पकाना
(e) भोजन का पाचन
(f) जल से बर्फ बनना
(g) मोमबत्ती का जलना।
उत्तर:
निम्न परिवर्तन रासायनिक हैं –
(a) पौधों में वृद्धि
(b) लोहे में जंग लगना
(d) खाना पकाना
(e) भोजन का पाचन
(g) मोमबत्ती का जलना।

Bihar Board Class 12 Economics Solutions Chapter 3 उत्पादन तथा लागत

Bihar Board Class 12 Economics Solutions Chapter 3 उत्पादन तथा लागत Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 12 Economics Solutions Chapter 3 उत्पादन तथा लागत

Bihar Board Class 12 Economics उत्पादन तथा लागत Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
उत्पादन फलन की संकल्पना को समझाइए।
उत्तर:
एक फर्म द्वारा प्रयोग किए गए साधनों एवं उत्पादित की गई मात्रा के संबंध को उत्पादन फलन कहते हैं। प्रयोग किए गए साधनों के विभिन्न संयोजनों से उत्पादन की अधिकतम मात्रा उत्पन्न होती है। संसाधनों के विभिन्न संयोजनों से उत्पादन की अधिकतम मात्रा का निर्धारण तकनीकी के आधार पर होता है। उत्पादन तकनीकी में सुधार होने पर उत्पादन में बढ़ोत्तरी होती है।

Bihar Board Class 12th Economics Solutions Chapter 3 उत्पादन तथा लागत

प्रश्न 2.
एक आगत का कुल उत्पाद क्या होता है?
उत्तर:
अन्य साधन आगतों के स्थिर रहने पर परिवर्तनशील साधन और उत्पाद के संबंध को कुल उत्पाद के रूप में परिभाषित किया जाता है। गणितीय रूप में कुल उत्पादन का निरूपण निम्न प्रकार किया जाता है –
y = ∫(x1, \(\bar{x}_{2}\)) जहाँ y कुल उत्पादक परिवर्ती साधन है तथा \(\overline{x_{2}}\), स्थिर साधन। अथवा एक निश्चित समय अवधि में अन्य साधनों को समान रखकर परिवर्तनशील साधन की इकाइयों से फर्म को जितना उत्पादन प्राप्त होता है उसे कुल उत्पादन कहते हैं।

प्रश्न 3.
एक आगत का औसत उत्पाद क्या होता है?
उत्तर:
प्रति इकाई परिवर्तनशील साधन से प्राप्त उत्पादन को औसत उत्पाद कहते हैं।
AP1 = \(\frac { TP_{ 1 } }{ x_{ 1 } } \) = \(\frac{f\left(x_{1}, \bar{x}_{2}\right)}{x_{1}}\)
जहाँ AP1 = एक साधन का औसत उत्पाद
TP1 = कुल उत्पाद
x1 = परिवर्तनशील आगत
\(\overline{x_{2}}\) = स्थिर आगत

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प्रश्न 4.
एक आयत का सीमान्त उत्पाद क्या होता है?
उत्तर:
उत्पादन प्रक्रिया में परिवर्तनशील साधन की एक अतिरिक्त इकाई बढ़ाने पर कुल उत्पाद में जितनी बढ़ोतरी होती है, उसे सीमान्त कहते हैं।
गणितीय रूप में सीमान्त उत्पाद को निम्नलिखित ढंग से प्रदर्शित किया जा सकता है –
MP1 = ∫(x1, \(\bar{x}_{2}\)) – ∫(x1 – 1, \(\bar{x}_{2}\))
MP2 = TP at (x1 units) – TP at (x1 – units)

प्रश्न 5.
एक आगत के सीमान्त उत्पाद तथा कुल उत्पाद के बीच संबंध समझाइए।
उत्तर:

  1. जब सीमान्त उत्पाद धनात्मक व बढ़ने की प्रवृति में होता है तो कुल उत्पाद अधिक दर से बढ़ता है।
  2. जब सीमान्त उत्पाद धनात्मक व घटने की प्रवृति में होता है तो कुल उत्पाद घटती दर से बढ़ता है।
  3. जब सीमान्त उत्पाद ऋणात्मक होता है तो कुल उत्पाद घटता है।

प्रश्न 6.
अल्पकाल तथा दीर्घकाल की संकल्पनाओं को समझाइए।
उत्तर:
अल्पकाल में फर्म अन्य साधनों को स्थिर रखते हुए एक परिवर्तनशील साधन की इकाइयाँ बढ़ाकर उत्पादन करती हैं। दूसरे वाक्यों में अल्पकाल में फर्म केवल परिवर्ती साधन को बढ़ाकर उत्पादन स्तर में परिवर्तन करती है। दीर्घकाल में दो या दो से अधिक साधनों में अनुपातिक परिवर्तन करके फर्म उत्पादन का पैमाना बदलती है।

इस अवधि में कोई भी साधन स्थिर नहीं रहता है सभी साधन परिवर्तनशील होते हैं। किसी भी उत्पादन प्रक्रिया के लिए दीर्घकाल, अल्पकाल के अपेक्षाकृत एक लम्बी समय अवधि होती है। अलग-अलग उत्पादन प्रक्रियाओं के लिए दीर्घकाल में अलग-अलग अवधि होती है। अल्प एवं दीर्घकाल दोनों को ही घण्टा, दिन, सप्ताह, मास, एवं वर्ष के आधार पर परिभाषित नहीं किया जा सकता है। ये समय अवधियाँ इस बात से निर्धारित होती हैं कि सभी साधनों में परिवर्तन हो सकता है या नहीं।

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प्रश्न 7.
हासमान सीमान्त का नियम क्या है?
उत्तर:
हासमान सीमान्त उत्पाद नियम यह दर्शाता है कि रोजगार के एक निश्चित स्तर के बाद एक साधन का सीमान्त उत्पाद घटता है। जब परिर्वनशील साधन की इकाइयाँ अत्यधिक हो जाती है तो सीमान्त उत्पाद शून्य एवं ऋणात्मक हो जाता है।

प्रश्न 8.
परिवर्ती अनुपात का नियम क्या है?
उत्तर:
परिवर्ती अनुपात का नियम यह स्पष्ट करता है कि जब परिवर्ती साधन की इकाइयों का रोजगार स्तर कम होता है तो सीमान्त उत्पाद है लेकिन रोजगार के एक निश्चित स्तर के बाद साधन का सीमान्त उत्पाद घटने लगता है।

प्रश्न 9.
एक उत्पादन फलन स्थिर पैमाने के प्रतिफल को कब संतुष्ट करता है?
उत्तर:
पैमाने का स्थिर प्रतिफल का नियम-दीर्घकाल में दो या अधिक साधनों में ये अनुपातिक वृद्धि करने पर यदि कुल उत्पाद में, साधनों से अनुपातिक वृद्धि के समान बढ़ोतरी होती है तो इसे पैमाने का समान प्रतिफल कहते हैं।

प्रश्न 10.
एक उत्पादन फलन वर्धमान पैमाने के प्रतिफल को कब संतुष्ट करता है?
उत्तर:
पैमाने का वधमान प्रतिफल:
दीर्घकाल में दो या अधिक साधनों में अनुपातिक वृद्धि करने पर यदि कुल उत्पाद में, साधनों में अनुपातिक वृद्धि से ज्यादा बढ़ोतरी होती है तो इसे पैमाने का वर्धमान प्रतिफल कहते हैं।

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प्रश्न 11.
एक उत्पादन फलन हासमान पैमाने के प्रतिफल को कब संतुष्ट करता है?
उत्तर:
पैमाने का हासमान प्रतिफल-दीर्घकाल में दो या अधिक साधनों में अनुपातिक वृद्धि करने पर यदि कुल उत्पाद में, साधनों में अनुपातिक वृद्धि से कम बढ़ोतरी होती है तो इसे पैमाने का हासमान प्रतिफल कहते हैं।

प्रश्न 12.
लागत फलन की संकल्पनाओं को संक्षिप्त में समझाइए।
उत्तर:
एक फर्म के लिए उत्पादन व लागत के संबंध को लागत फलन कहते हैं। साधनों की दी गई कीमतों पर एक फर्म साधनों के ऐसे संयोजन का चयन करती है जिसकी लगात न्यनतम होती है। दूसरे शब्दों में एक उत्पादन इकाई प्रत्येक उत्पादन स्तर के लिए न्यूनतम लागत वाले साधन संयोजनों का चुनाव करती है।

प्रश्न 13.
एक फर्म की कुल स्थिर लागत, कुल परिवर्ती लागत था कुल लागत क्या है, वे किस प्रकार संबंधित हैं?
उत्तर:
कुल स्थिर लागत (TFC):
उत्पादन के स्थिर साधनों के नियोजन पर फर्म को जितनी लागत वहन करनी पड़ती है उसे कुल स्थिर लागत कहते हैं। अल्प काल में उत्पादन के प्रत्येक स्तर पर कुल स्थिर लागत सामान रहती है। दूसरे शब्दों में अल्पकाल में एक फर्म की कुल स्थिर लागत स्थिर रहती है।

कुल परिवर्तनशील लागत (TVC):
उत्पादन के परिवर्तनशील साधनों के नियोजन पर फर्म को जितनी लागत वहन करनी पड़ती है उसे कुल परिवर्तनशील लागत भिन्न-भिन्न होती है। दूसरे शब्दों में, एक उत्पादन स्तर की कुल परिवर्तनशील लागत दूसरे उत्पादन स्तर की कुल परिवर्तनशील लगात से भिन्न होती है।

कुल लागत:
कुल स्थिर लागत एवं कुल परिवर्तनशील लागत के योग को कुल लागत कहते हैं।
TC = TFC + TVC

उत्पादन स्तर बढ़ाने के लिए फर्म को परिवर्ती साधन की इकाइयां को अधिक मात्रा में नियोजित करने की जरूरत पड़ती है। अतः कुल परिवर्तनशील लागत में वृद्धि होती है और परिणामस्वरूप कुल लागत में भी वृद्धि होती है परन्तु कुल स्थिर लागत रहती है।

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प्रश्न 14.
एक फर्म की औसत स्थिर लागत, औसत परिवर्ती लागत तथा औसत लागत क्या है, वे किस प्रकार संबंधित है?
उत्तर:
औसत स्थिर लागत (AFC):
एक फर्म के लिए प्रति इकाई उत्पादन पर कुल स्थिर लागत को औसत स्थिर लागत कहते हैं।
AFC = \(\frac{TFC}{y}\)
जहाँ AFC = औसत स्थिर लागत, TFC = कुल स्थिर लगात, y = उत्पादन की इकाइयाँ

औसत परिवर्तनशील लागत (AVC):
एक फर्म को प्रति इकाई उत्पादन के लिए जितनी कुल परिवर्तनशील लागत वहन कमी पड़ती है उसे औसत परिवर्तनशील लागत कहते हैं।
जहाँ AFC = औसत परिवर्तनशील लागत, TFC = कुल परिवर्तनशील लगात, y = उत्पादन की इकाइयाँ

औसत लागत (AC):
एक प्रति इकाई उत्पादन के लिए कुल जितनी लागत वहन करती है उसे औसत लागत कहते हैं।
जहाँ AC = औसत लागत, TC = कुल लागत, y = कुल उत्पादन
अथवा AC = \(\frac{TFC+TVC}{y}\) (∵TC = TFC + TVC)
अथवा AC = \(\frac{TFC}{y}\) + \(\frac{TVC}{y}\)
अथवा AC = AFC + AVC
अत: औसत स्थिर लागत एवं औसत परिवर्तशील लागत के योग को औसत लागत कहते हैं।

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प्रश्न 15.
क्या दीर्घकाल में कुछ स्थिर लागत हो सकती है? यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर:
नहीं, दीर्घकाल में कोई स्थिर लागत नहीं होती है क्योंकि इस अवधि में एक फर्म सभी साधनों में परिवर्तन कर सकती है।

प्रश्न 16.
औसत लागत वक्र कैसा दिखता है? यह ऐसा क्यों दिखता है?
उत्तर:
कुल स्थिर लागत व कुल उत्पादन के अनुपात को औसत स्थिर लागत कहते हैं। कुल स्थिर लागत स्थिर रहती है। कुल उत्पादन (y) की मात्रा बढ़ाने पर औसत स्थिर लागत AFC घटती है। जब उत्पादन शून्य के निकटतम होता है तो औसत स्थिर लागत का मान अत्याधिक होता है। जैसे-जैसे कुल उत्पादन में वृद्धि होती है औसत स्थिर लागत शून्य की ओर जाती है परन्तु शून्य कभी-भी नहीं होती है। इस कारण AFC वक्र एक आयताकार हापरबोला (Rectangular Hyperbola) होता है।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 1

प्रश्न 17.
अल्पकालीन सीमान्त लागत, औसत परिवर्ती लागत तथा अल्पकालीन औसत लागत वक्र कैसे दिखाई देते हैं?
उत्तर:
अल्पकालीन सीमान्त लागत वक्र, औसत परिवर्तशील लागत वक्र तथा औसत लागत वक्र का आकार अंग्रेजी के अक्षर U जैसे होता है। इन वक्रों के आकार साधन के वर्धमान प्रतिफल, समता प्रतिफल और हासमान प्रतिफल का उत्पादन प्रक्रिया में क्रमशः लागू होना है।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 2

उत्पादन (इकाइयाँ) अल्पकालीन सीमान्त लागत व औसत परिवर्तनशील लागत में संबंध –

  1. जब तब AVC घटती है जब तक SMC का मान AVC से कम होता है।
  2. जब SMC वक्र नीचे से AVC वक्र को काटता है तो उसे बिन्दु पर AVC का मान न्यूनतम होता है और SMC तथा AVC दोनों समान होती हैं।
  3. जैसे ही AVC ऊपर बढ़ने लगती है तो SMC का मान AVC से अधिक हो जाता है।

अल्पकालीन सीमान्त लागत तथा अल्पकालीन औसत लागत में संबंध –

  1. जब तक अल्पकालीन औसत लागत घटती है तब तक SMC, AC से कम रहती है।
  2. SMC व AC समान हो जाती है जब SMC वक्र AC वक्र को AC के न्यूनतम बिन्दु पर नीचे से ऊपर काटता है।
  3. जैसे ही SAC में वृद्धि होती है, SMC का स्तर, AC के स्तर से अधिक हो जाता है।

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प्रश्न 18.
क्यों अल्पकालीन सीमान्त लागत वक्र औसत परिवर्ती लागत वक्र को उसके न्यूनतम बिन्दु पर?
उत्तर:
SMC एवं AVC के प्रतिच्छेदन बिन्दु से पूर्व AVC घटती है तथा SMC का मान AVC से कम होता है। प्रतिच्छेदन बिन्दु के दायीं ओर AVC बढ़ने लगती है तथा SMC का मान AVC से अधिक हो जाता है। SMC वक्र AVC को नीचे से AVC के न्यूनतम बिन्दु पर काटता है।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 3

प्रश्न 19.
किस बिन्दु पर अल्पकालीन सीमान्त लागत वक्र अल्पकालीन औसत लागत को काटता है? अपने स्तर के समर्थन में कारण बताइए।
उत्तर:
SMC वक्र SAC वक्र को SAC वक्र के न्यूनतम बिन्दु पर काटता है क्योंकि जब तक SAC घटती है, SMC, SAC से कम होती है। जब SAC में वृद्धि होती है तो SMC, SAC की तुलना में ज्यादा दर से बढ़ती है। SMC वक्र, SAC वक्र को नीचे से SAC के न्यूनतम बिन्दु पर काटता है।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 4

प्रश्न 20.
अल्पकालीन सीमान्त लागत वक्र ‘U’ के आकार का क्यों होता है?
उत्तर:
आरम्भ में जब फर्म उत्पादन प्रक्रिया शुरू करती है तो सीमान्त लागत घटती है क्योंकि आरम्भ में परिवर्तनशील साधन की इकाइयाँ नियोजित करने पर साधन का वर्धमान प्रतिफल फर्म को प्राप्त होता है। साधन की निश्चित इकाइयों के नियोजन तक ही सीमान्त लागत घटती है। इसके बाद फर्म को साधन का समता प्रतिफल प्राप्त होता है। अत: सीमान्त लागत स्थिर होने लगती है। अन्त में साधन की इकाइयों का नियोजन बढ़ाने पर हासमान प्रतिफल लागू हो जाता है इस अवस्था में सीमान्त लागत वक्र ऊपर उठाने लगता है। इस उत्पादन प्रक्रिया के आरंभिक चरण में सीतान्त लागत घटती है इसके बाद यह लगभग स्थिर होन लगती है और अन्तिम चरण में यह बढ़ने लगती है इसीलिए सीमान्त लागत वक्र अंग्रेजी के अक्षर U जैसा होता है।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 5

प्रश्न 21.
दीर्घकालीन सीमान्त लागत तथा औसत लागत वक्र कैसे दिखते हैं?
उत्तर:
दीर्घकाल में एक फर्म उत्पादन प्रक्रिया में सभी साधनों को समायोजित कर सकती है। उत्पादन प्रक्रिया में उत्पादन का पैमाना बढ़ाने पर शुरू में पैमाने का वर्धमान प्रतिफल मिलता है। इस स्थिति में उत्पादन की समान मात्रा का उत्पादन करने पर अपेक्षाकृत कम लागत आती है। फर्म जब तक उत्पादन का वर्धमान प्रतिफल प्राप्त करती है तब तक सीमान्त औसत लागत दोनों घटती हैं। इसके बाद समता प्रतिफल प्राप्त होता है अतः समान उत्पादन के लिए समान लागत आती है जिससे औसत व सीमानत लागत दोनों स्थिर हो जाती हैं। अंततः पैमाने का हासमान प्रतिफल लागू होने पर सीमान्त व औसत लागत दोनों बढ़ती हैं। इसलिए सीमान्त व औसत लागत वक्रों का आकार अंग्रेजी के अक्षर U जैसा होता है।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 6

Bihar Board Class 12th Economics Solutions Chapter 3 उत्पादन तथा लागत

प्रश्न 22.
निम्नलिखित तालिका, श्रम का कुल उत्पादन अनुसूची देती है। तदनुरूप श्रम का औसत उत्पाद तथा सीमान्त उत्पाद अनुसूची निकालिए।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 7
उत्तर:
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 8

प्रश्न 23.
नीचे दी गई तालिका, श्रम का औसत उत्पाद अनुसूची बताती है। कुल उत्पाद तथा सीमान्त उत्पाद अनुसूची निकालिए, जबकि श्रम प्रयोगता के शून्य स्तर पर यह दिखाया गया है कि कुल उत्पाद शून्य है।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 9
उत्तर:
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 10

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प्रश्न 24.
निम्नलिखित तालिका श्रम का सीमान्त उत्पाद अनुसूची देती है। यह भी दिखाया गया है कि श्रम का कुल उत्पाद शून्य है। प्रयोग के शून्य स्तर पर श्रम के कुल उत्पाद तथा औसत उत्पाद अनुसूची की गणना कीजिए।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 11
उत्तर:
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 12

प्रश्न 25.
नीचे दी गई तालिका एक फर्म की कुल लागत अनुसूची दर्शाती है। इस इस फर्म की कुल स्थिर लागत क्या है? फर्म के कुल परिवर्ती लागत, कुल स्थिर लागत, औसत परिवर्ती लागत, अल्पकालीन औसत लागत तथा अल्पकालीन सीमांत लागत अनुसूची की गणना कीजिए।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 13
उत्तर:
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत part - 2 img 14a
नोट:
TFC का मान उत्पादन के शनय स्तर की TC के समान होता है।

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प्रश्न 26.
निम्नलिखित तालिका एक फर्म के लिए कुल लागत अनुसूची देती है। यह भी दिया गया है कि औसत स्थिर लागत निर्गत की 4इकाइयों पर 5 रुपये हैं। कुल परिवर्ती लागत, कुल स्थिर लागत औसत परिवर्ती लागत, औसत स्थिर लागत, अल्पकालीन औसत लागत, अल्पकालीन सीमान्त लागत अनुसूची फर्म के निर्गत के तदनुरूप मूल्यों के लिए निकालिए।

Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 15
उत्तर:
चौथी उत्पादन इकाई की कुल स्थिर लागत = AFC × 4 इकाइयाँ
= Rs.5 × 4
= Rs. 20
उत्पादन के प्रत्येक स्तर के लिए कुल स्थिर लागत समान रहती है। अतः सभी स्तरों पर कुल स्थिर लागत 20 रुपया होगी।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 16

प्रश्न 27.
एक फर्म की अल्पकालीन सीमान्त लागत अनुसूची को निम्नलिखित तालिका में दिया गया है। फर्म की कुल स्थिर लागत 100 रुपए है। फर्म के कुल परिवर्ती लागत, कुल लागत, औसत परिवर्ती लागत तथा अल्पकालीन औसत लागत अनुसूची निकालिए।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 17
उत्तर:
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 18

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प्रश्न 28.
मान लिजिए, एक फर्म का उत्पादन फलन है,
Q = 5L1/2K1/2
निकालएि, अधिकतम संभावित निर्गत जिसका उत्पादन फर्म कर सकती है 100 इकाइयाँ L तथा 100 इकाइयाँ K द्वारा।
उत्तर:
उत्पादन फलन Y = 5L1/2K1/2 जहाँ L = 100 इकाइयाँ और K = 100 इकाइयाँ L व K का मान प्रतिस्थापित करने पर
Y = 5 × 1001/2 1001/2 = 5 × 10 × 10 = 500 इकाइयाँ

प्रश्न 29.
मान लिजिए, एक फर्म का उत्पादन फलन है,
Q = 2L2K2
अधिकतम संभावित निर्गत ज्ञात कीजिए, जिसका फर्म उत्पादन कर सकती है, 5 इकाइयाँ L तथा 2 इकाइयाँ K द्वारा। अधिकतम संभावित निर्गत क्या है, जिसका फर्म उत्पादन कर सकती है, शून्य इकाई L तथा 10 इकाई Kद्वारा?
उत्तर:
उत्पादन फलन Y = 22 K2
L = 5 एवं
K = 2
L व K का मान प्रतिस्थापित करने पर
Y = 2 × 52.22 = 2 × 25 × 4 = 2000 इकाइयाँ
यदि L = 0 और K = 10 तब Y = 2 × 02 × 102
Y = 2× 0 × 100 = 0
L की 5 इकाइयों व K की 2 इकाइयों का प्रयोग करके फर्म उत्पादन कर सकती है = 200 इकाइयाँ तथा L की शून्य व K की 10 इकाई का प्रयोग फर्म उत्पादन कर सकती है = 0.

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प्रश्न 30.
एक फर्म के लिए शून्य इकाई L तथा 10 इकाइयों K द्वारा अधिकतम संभावित निर्गत निकालिए जब इसका उत्पादन फलन हैः
Q = 5L + 2K
उत्तर:
उत्पादन फलन
Y = 5L + 2K
L = 0 तथा
K = 10
L तथा K का मान रखने पर Y = 5 × 0 + 2 × 10 = 0 + 20 = 20 इकाइयाँ
फर्म 20 इकाइयों का उत्पादन कर सकती है।

Bihar Board Class 12 Economics उत्पादन तथा लागत Additional Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
उत्पादन का क्या अर्थ है?
उत्तर:
उत्पादन से अभिप्राय उन मानवीय क्रियाओं से जिनसे पदार्थों की उपयोगिता में वृद्धि होती है। उदाहरण चमड़े से जूते बनाया, लकड़ी से फर्नीचर का विनिर्माण आदि।

प्रश्न 2.
उत्पादन तकनीक के प्रकार बताइए।
उत्तर:
उत्पादन तकनीक दो प्रकार की होती है –

  1. श्रम प्रधान उत्पादन तकनीक एवं
  2. पूँजी प्रधान उत्पादन तकनीक

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प्रश्न 3.
उत्पादन में प्रयोग की जाने वाली तीन साधन आगतों के नाम लिखो।
उत्तर:
उत्पादन में प्रयोग की जाने वाली तीन साधन आगतें –

  1. भूमि
  2. श्रम एवं
  3. पूँजी

प्रश्न 4.
कुल भौतिक उत्पाद का क्या अर्थ है?
उत्तर:
साधन आगतों के प्रयोग में एक निश्चित समय में उत्पादित की गई वस्तु की इकाइयों को कुल भौतिक उत्पाद कहते हैं।

प्रश्न 5.
औसत भौतिक उत्पाद की परिभाषा लिखो।
उत्तर:
प्रति इकाई परिवर्ती साधन के प्रयोग से उत्पादित भौतिक वस्तुओं की मात्रा को औसत भौतिक उत्पाद कहते हैं। कुल भौतिक उत्पाद औसत भौतिक
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 19

प्रश्न 6.
सीमान्त भौतिक उत्पाद का अर्थ बताओ।
उत्तर:
साधन की एक अतिरिक्त इकाई का प्रयोग बढ़ाने पर कुल भौतिक उत्पाद में होने वाली शुद्ध बढ़ोतरी को सीमान्त भौतिक उत्पाद कहते हैं।

प्रश्न 7.
जब कुल भौतिक उत्पाद घट रहा हो तो सीमान्त भौतिक उत्पाद का क्या होता है?
उत्तर:
जब कुल भौतिक उत्पाद घट रहा होता है तब सीमान्त भौतिक उत्पाद ऋणात्मक हो। जाता है।

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प्रश्न 8.
सीमान्त भौतिक उत्पाद वक्र का सामान्यतः आकार कैसा होता है?
उत्तर:
सामान्यतः सीमान्त भौतिक उत्पाद वक्र का आकार उल्टे U आकार का होता है।

प्रश्न 9.
औसत भौतिक उत्पाद वक्र का आकार कैसा होता है?
उत्तर:
औसत भौतिक उत्पाद का आकार सामान्यतः उल्टे U आकार का होता है।

प्रश्न 10.
पैमाने के वर्धमान प्रतिफल का अर्थ लिखो।
उत्तर:
पैमाने का वर्धमान प्रतिफल बताता है कि कुल भौतिक उत्पाद में अनुपातिक वृद्धि दो या अधिक साधनों में अनुपातिक वृद्धि से ज्यादा होती है।

प्रश्न 11.
औसत स्थिर लागत का आकार कैसा होता है?
उत्तर:
औसत स्थिर लागत वक्र ऋणात्मक ढाल वाला होता है।

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प्रश्न 12.
सीमान्त लागत का सामान्य आकार बताओ?
उत्तर:
सीमान्त लागत वक्र सामान्यतः अंग्रेजी अक्षर U जैसा होता है।

प्रश्न 13.
परिणम मित्तव्यिता का क्या अर्थ है?
उत्तर:
परिणाम मित्तव्यिता का अर्थ है कि जब कोई फर्म अधिक मात्रा में क्रय करती है तो उसे अपेक्षाकृत कीमत कम देनी पड़ती है।

प्रश्न 14.
दीर्घकाल में पैमाने के वर्धमान प्रतिफल के दो कारण लिखो।
उत्तर:

  1. श्रम विभाजन
  2. परिणाम मित्तिव्यिता

प्रश्न 15.
अस्पष्ट लागत का अर्थ उदाहरण सहित बताइए।
उत्तर:
उत्पादन प्रक्रिया में फर्म के निजी साधनों को प्रयोग करने की लागत को अस्पष्ट लागत कहते हैं।

प्रश्न 16.
स्पष्ट लागत का अर्थ लिखो। उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर:
उन साधनों की लागत जिनका भुगतान फर्म से बाहर उनके स्वामियों को किया जाता है स्पष्ट लागत कहते हैं।

उदाहरण:
श्रमिकों को पारिश्रमिक का भुगतान, क्रय किए गए कच्चे माल का मूल्य आदि।

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प्रश्न 17.
वास्तविक लागत का अर्थ लिखो।
उत्तर:
साधन आगतों के स्वामी उनकी आपूर्ति करने में जो त्याग करते हैं कष्ट उठाते है, अर्थ दर्द सहन करते है उन्हें वास्तविक लागत कहते हैं।

प्रश्न 18.
स्थिर लागत क्या होता है?
उत्तर:
वह लागत जो उत्पादन स्तर में परिवर्तन होने पर नहीं बदलती है, स्थिर लागत कहलाती है। ये लागत केवल अल्पकाल में ही स्थिर रहती है लेकिन दीर्घकाल में यह लागत बदल जाती है।

प्रश्न 19.
जब कुल भौतिक उत्पाद घटती दर से बढ़ रहा है तो सीमान्त उत्पाद कैसा होता है?
उत्तर:
जब कुल भौतिक उत्पाद घटती दर से बढ़ता है तो सीमान्त उत्पाद धनात्मक होता है परन्तु उसमें घटने की प्रवृत्ति होती है।

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प्रश्न 20.
जब कुल भौतिक उत्पाद बढ़ रहा होता है तो सीमान्त उत्पाद कैसा होता है।
उत्तर:
सीमान्त भौतिक उत्पाद धनात्मक होता है।

प्रश्न 21.
सीमान्त भौतिक उत्पाद से कुल भौतिक उत्पाद की गणना किस प्रकार से की जाती है।
उत्तर:
किसी भी रोजगार स्तर पर सीमान्त भौतिक उत्पादों के योग को कुल भौतिक उत्पाद कहते हैं।

प्रश्न 22.
कुल परिवर्तनशील लागत वक्र का आकार कैसा होता है।
उत्तर:
कुल परिवर्तनशील लागत वक्र मूल बिन्दु से आरम्भ होता है और दायीं ओर ऊपर की ओर उठता है। दूसरे शब्दों में कुल परिवर्तनशील लागत वक्र धनात्मक ढाल का वक्र होता है।

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प्रश्न 23.
कुल स्थिर लागत वक्र का आकार कैसा होता है?
उत्तर:
कुल स्थिर लागत वक्र x – अक्ष के समान्तर क्षैतिज रेखा होती है?

प्रश्न 24.
निजी लागत की परिभाषा दो।
उत्तर:
उत्पादन प्रक्रिया में फर्म द्वारा वहन की गई लागतों को निजी लागत कहते हैं।

प्रश्न 25.
बाह्य बचतों की परिभाषा लिखो।
उत्तर:
बाह्य बचतों से अभिप्राय उन लाभों से जो एक उद्योग की सभी फर्मों को प्रात होता हैं।

प्रश्न 26.
आन्तरिक बचतों का अर्थ लिखो।
उत्तर:
फर्म द्वारा उत्पादन का आकार बढ़ाने पर जो व्यय प्राप्त होते हैं उन्हें आन्तरिक बचतें कहते हैं।

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प्रश्न 27.
पैमाने के प्रतिफल की परिभाषा लिखो।
उत्तर:
दीर्घकाल में उत्पादन के दो या अधिक साधनों में अनुपातिक परिवर्तन के परिणामस्वरूप उत्पादन की मात्रा में परिवर्तन के व्यवहार को पैमाने के प्रतिफल कहते हैं।

प्रश्न 28.
साधन के प्रतिफल की परिभाषा लिखो।
उत्तर:
उत्पादन के अन्य साधनों को स्थिर रखकर एक साधन की इकाइयों में परिवर्तन करने पर उत्पाद में परिवर्तन के व्यवहार को साधन का प्रतिफल कहते हैं।

प्रश्न 29.
उत्पादन के परिवर्तन साधन का मतलब बताओ।
उत्तर:
उत्पादन के वे साधन जो अल्पकाल में बदले जा सकते हैं अथवा उत्पादन के वे साधन जिनकी मात्रा, उत्पादन स्तर में परिवर्तन के साथ परिवर्तित हो जाती है उत्पादन के परिवर्तनशील साधन कहलाते है। जैसे कच्चा माल, अस्थयी श्रमिक आदि।

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प्रश्न 30.
उत्पादन के स्थिर साधनों का क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
उत्पादन के वे साधन अल्पकाल में नहीं बदला जा सकता है उन्हें उत्पादन के स्थिर के साधन कहते हैं। जैसे मशीन, फैक्टरी की इमारत आदि।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
पैमाने के प्रतिफल का गणितीय निरूपण लिखो।
उत्तर:
माना एक फर्म का उत्पादन फलन है –
y = f(x1, x2)
इस उत्पादन फलन का अभिप्राय यह है कि साधन – 1 की  × इकाइयाँ एवं साधन – 2 की x1, इकाइयों का प्रयोग करने से उत्पाद की y मात्रा का उतपादन होता है। माना फर्म दोनो साधनों को t गुना बढ़ाती है। जहाँ t > 1 गतिणतीय रूप में पैमाने तीनों प्रतिफलों को निम्नलिखित ढंग से प्रदर्शित किया जा सकता है।
पैमाने का वर्धमान प्रतिफल f(tx1, tx2) > t(x1, X2)
पैमाने का समता प्रतिफल f(tx1, tx2) = t(x1, X2)
पैमाने का हासमान प्रतिफल f(tx1, tx2) < t(x1, x2)

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प्रश्न 2.
कॉब डगलस उत्पादन फलनों को संक्षेप में समझाइए।
उत्तर:
माना उत्पादन फल
\(y=x_{1}^{\alpha}, x_{2}^{\beta}\)
इस प्रकार के उत्पादन फलन को कॉब डगलस उत्पादन फलन कहते हैं।
मान xc = \(\bar{x}_{1}\), x2 = \(\bar{x}_{1}\), y उत्पादन की मात्रा
\(y_{0}=x \beta_{2}^{-\alpha-\beta}\)
दोनों साधनों t गुना बढ़ोतरी करने पर नया उत्पाद फलन होगा = \(t^{\alpha+\beta} \bar{x}_{1}^{\alpha} \cdot \bar{x}_{2}^{\beta}\)
α + β = 1 के लिए
y1 = ty0 यह पैमाने के समता प्रतिफल को दर्शाता है।
α + β > 1 के लिए उत्पादन फलन, वर्धमान प्रतिफल को दर्शाता है।
α + β < 1 के लिए उत्पादन फलन, हासमान प्रतिफल को दर्शाता है।

प्रश्न 3.
आइसोक्वेंट का ढाल ऋणात्मक क्यों होता है?
उत्तर:
जब सीमान्त उत्पादन धनात्मक होता है तो यदि उत्पादन का समान स्तर उत्पन्न करने के लिए एक साधन की इकाइयों को बढ़ाया जाता है तो दूसरे साधन में परिवर्तन के विपरीत दिशा में दूसरे साधन में विपरीत दिशा में परिवर्तन करना पड़ता है इसीलिए आइसोक्वेंट का ढाल ऋणात्मक होता है।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 20

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प्रश्न 4.
आइसोक्वेंट की अवधारणा को स्पष्ट करें।
उत्तर:
उत्पादन तकनीक को वैकल्पिक विधि से दर्शाने की विधि को आइसोक्वेंट कहते हैं। दो साधन आगतों के वे सभी संभव समुच्चय जिनसे समान मात्रा में उत्पादन की अधिकतम मात्रा उत्पादित की जाती है, आइसोक्वेंट कहलाता है। प्रत्येक आइसोक्वेंट उत्पादन के विशिष्ट स्तर को दर्शाता है और उसे उस उत्पादन स्तर से नामांकित किया जाता है।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 21

साधन आगतों के समतल में रेखाचित्र उत्पादन स्तर y = y1, y = y2 तथा y = y3 को दर्शाता है। साधन आगतों के दो संयोजन (x’1, x’2) और (x”1,x’2) उत्पादन के समान स्तर y1, को उत्पन्न करते हैं। यदि साधन 2 को समान रखा जाए और साधन 1 को x”1 तक बढ़ाया जाए तो उत्पादन में बढ़ोतरी होती है इससे हम ऊँचे उत्पादन स्तर y2, पर पहुंचते हैं।

प्रश्न 5.
साधन के घटते प्रतिफल के कारण लिखो।
उत्तर:
साधन के घटते प्रतिफल के कारण:
1. उत्पादन साधनों का अधिक उपयोग:
परिवर्तनशील साधन की इकाइयों का नियोजन बढ़ाने पर एक सीमा के बाद उत्पादन के स्थिर साधनों का अधिक उपयोग होने लगता है जिससे साधन का घटता प्रतिफल लागू होता है।

2. अपूर्ण प्रतिस्थापन:
उत्पादन के साधन एक-दूसरे के पूर्ण प्रतिस्थापक नहीं होता हैं। एक फर्म एक साधन का दूसरे साधन से प्रतिस्थापन लाभपूर्वक एक सीमा तक ही कर सकती है। उस सीमा के बाद परिवर्तनशील साधन की इकाइयों को बढ़ाकर प्रतिस्थापन घटते प्रतिफल को जन्म देता है।

3. सहयोग का अभाव:
उत्पादन साधनों में आदर्श संयोग के बाद परिवर्ती साधन की इकाइयों को बढ़ाने पर परिवर्ती साधन व स्थिर साधनों में बेहतर तालमेल होने लगता है जो घटते प्रतिफल का कारण होती है।

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प्रश्न 6.
पैमाने के वर्धमान प्रतिफल के क्या कारण है? उनमें से किसी एक को समझाओ।
उत्तर:
उत्पादन पैमाने को बढ़ाने पर एक फर्म को पैमाने बचतें एवं अबचतें प्राप्त होती हैं। जब उत्पादन पैमाने की बचतों का योग अबचतों के योग से ज्यादा है तो पैमाने का वर्धमान प्रतिफल होता है। उत्पादन पैमाने की बचतों को दो वर्गों में बांटा जाता है –

  1. उत्पादन पैमाने की आन्तरिक बचतें तथा
  2. उत्पादन पैमाने की बाहा बचतें

उत्पादन पैमाने की आन्तरिक बचतें:
वे बचतें जो फर्म को उत्पादन का आकार बढ़ाने के कारण प्राप्त होती हैं आन्तरिक बचतें कहलाती हैं। कुछ आन्तरिक बचतें निम्नलिखित हैं –

  1. तकनीकी बचतें
  2. श्रम बचतें
  3. प्रबन्धकीय बचतें
  4. वित्तीय बचतें
  5. क्रय-विक्रय की बचतें

प्रश्न 7.
कुल उत्पाद, औसत उत्पाद तथा सीमान्त उत्पाद में संबंध बताओ।
उत्तर:
कुल उत्पाद, ओसत उत्पाद तथा सीमान्त उत्पाद में संबंध –

  1. रोजगार के एक निश्चित स्तर तक कुल उत्पाद, औसत उत्पाद, तथा सीमान्त उत्पाद तीनों में वृद्धि होती है। सीमान्त उत्पाद, औसत उत्पाद से अधिक होता है।
  2. जब औसत उत्पाद व सीमान्त उत्पाद दोनों समान होते हैं तो औसत उत्पाद अधिकतम होता है।
  3. इसके बाद परिवर्तनशील साधन की इकाइयों का नियोजन बढ़ाने पर कुल उत्पाद कम दर से बढ़ता है तथा सीमान्त व औसत उत्पाद दोनों घटते हैं।
  4. जब सीमान्त उत्पाद शून्य हो जाता है तो कुल उत्पाद अधिकतम होता है, परन्तु औसत उत्पाद कभी भी शून्य नहीं होता है।
  5. जब सीमान्त उत्पाद ऋणात्मक हो जाता है तो कुल उत्पाद घटने लगता है।

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प्रश्न 8.
पैमाने के घटते प्रतिफल तथा साधन के घटते प्रतिफल में अन्तर लिखो।
उत्तर:
दीर्घकाल में जब दो या अधिक साधन आगतों में अनुपातिक बढ़ोतरी करने पर कुल उत्पाद में अनुपातिक रूप से कम बढ़ोतरी होती है तो उसे पैमाने का घटता प्रतिफल कहते हैं। अल्पकाल में जब अन्य साधनों को स्थिर रखकर एक परिवर्तनशील साधन की इकाइयों में बढ़ोतरी करने पर कुल उत्पाद में कम दर से वृद्धि होती है तो इसे साधन का घटता प्रतिफल कहते हैं। पैमाने के घटते प्रतिफल का संबंध दीर्घकाल से होता है जबकि साधन के घटते प्रतिफल का संबंध अल्पकाल से है।

प्रश्न 9.
साधन के वृद्धि प्रतिफल के पीछे क्या कारण है?
उत्तर:
साधन के वृद्धि प्रतिफल के कारण –

  1. जब परिवर्तनशील साधन की इकाइयों को बढ़ाया जाता है तो स्थिर साधनों का बेहतर उपयोग शुरू हो जाता है।
  2. परिवर्तनशील साधन बढ़ी हुई इकाइयों पर श्रम विभाजन सभव हो जाता है।
  3. परिवर्ती साधन की इकाइयों बढ़ने पर फर्म स्थिर व परिवर्तनशील साधन उत्तम एवं आदर्श संयोग बनाती है।

प्रश्न 10.
उत्पादन पैमाने की आन्तरिक बचतों को समझाओ।
उत्तर:
वे बचतें जो किसी फर्म को उत्पादन का आकार बढ़ाने पर प्राप्त होती हैं, उन्हें आन्तरिक बचतें कहते हैं। कुछ आन्तरिक बचतें इस प्रकार से हैं –
1. श्रम बचतें:
उत्पादन का पैमाने बढ़ाने पर एक फर्म जटिल श्रम विभाजन का प्रयोग कर सकती हैं। जटिल श्रम विभाजन से श्रम की दक्षता एवं उत्पादकता में बढ़ोतरी होती है।

2. प्रबन्धकीय बचतें:
उत्पादन पैमाने का बड़ा आकार फर्म को कुशल एवं दक्ष प्रबन्धक नियोजित करने की अनुमति प्रदान करता है। कुशल एवं दक्ष प्रबन्धकों के कारण उत्पादन में वृद्धि अधिक दर से होती है।

3. तकनीकी बचतें:
उत्पादन का बड़ा आकार होने से उत्पादन की उन्नत एवं विकसित उत्पादन तकनीक का उपयोग करने की संभावना बढ़ जाती है। उन्नत उत्पादन तकनीकी से वर्धमान प्रतिफल प्राप्त होता है।

4. वित्तीय बचते:
बड़े आकार वाली फर्म की साख प्रतिष्ठा उच्च स्तर की होती है। बड़े आकार वाली फर्म कम ब्याज दर पर आसानी से बड़े आकार में ले सकती है।

5. क्रय-विक्रय की बचतें:
एक फर्म जो उत्पादन का आकार बढ़ाती है वह मध्यवर्ती वस्तुओं को विशाल मात्रा में क्रय करती है तथा बड़ी मात्रा में उत्पादन करती है। बड़े आकार में क्रय-विक्रय से फर्म को फायदा होता है।

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प्रश्न 11.
रेक्टेगुलर हाइपरबोला (आयताकार अति परवलय) की अवधारणा को स्पष्ट करो।
उत्तर:
समीकरण xy = C से प्राप्त वक्र को अति परवलय कहते हैं। जहाँ x तथा y चर मूल्य है एवं c स्थिरांक है।
अतिपरवलंय x – y तल में एक ऋणात्मक ढाल वाला वक्र है। x अथवा y को अनन्त मान के लिजए अतिपरवलय वक्र x – अक्ष (y – अक्ष) के सममित हो जाता है। वक्र के किन्हीं दो बिन्दुओं p तथा q पर ay1.px1, और ay2.qx2, का क्षेत्रफल समान होता है जिसका मान स्थिरांक c के सामन होता है।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 22

प्रश्न 12.
स्थिर अनुपात एवं परिवर्ती अनुपात उत्पादन फलन में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:

  1. स्थिर अनुपात उत्पादन फलन में उत्पादन की विभिन्न मात्राओं पर विभिन्न साधनों का अनुपात एक समान रहता है जबकि परिवर्ती अनुपात उत्पादन फलन में उत्पादन के विभिन्न स्तरों पर विभिन्न साधनों का अनुपात अलग-अलग होता है।
  2. उत्पादन के स्थिर अनुपात फलन में सभी उत्पादन साधनों में परिवर्तन के कारण उत्पादन की मात्रा बदलती है जबकि परिवर्ती अनुपात उत्पादन फलन में उत्पादन की मात्रा उत्पादन के साधन में परिवर्तन के कारण बदलती है।
  3. स्थिर अनुपात में उत्पादन की मात्रा में परिवर्तन उत्पादन पैमाने में परिवर्तन के कारण होता है जबकि परिवर्ती अनुपात में उत्पादन की मात्रा में परिवर्तन उत्पादन स्तर में परिवर्तन के कारण होता है।
  4. स्थिर अनुपात फलन का संबंध दीर्घकाल से होता है जबकि परिवर्ती अनुपात फलन का संबंध अल्पकाल से है।

प्रश्न 13.
बाह्य बचतें क्या हैं? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
किसी उद्योग का समग्र रूप से विस्तार होने पर नए बाजारें, नई उत्पादन तकनीक, विकसित व कुशल प्रबन्धन, जटिल श्रम विभाजन, नई खोजों के विदोहन की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। दूसरे शब्दों में, उद्योग का समग्र विस्तार सभी फर्मों के लिए लाभकारी होता है चाहे फर्म अपना उत्पादन का पैमाना बढ़ाए या ना बढ़ाए। इन्हें बाह्य बचते कहते हैं। कुछ बाह्म बचतें निम्नलिखित हैं –

  1. सघनता की बचतें
  2. सूचनाओं की बचतें
  3. विकेन्द्रीयकरण की बचतें

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प्रश्न 14.
अल्पकाल एवं दीर्घकाल में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
अल्पकाल एवं दीर्घकाल में अन्तर –

  1. अल्पकाल से अभिप्राय उस समय अवधि से है जो स्थिर साधनों में परिवर्तन के लिए आवश्यक समय अवधि से कम होती है। जबकि दीर्घकाल यह समय अवधि होती है जिसमें स्थिर साधनों में परिवर्तन के लिए आवश्यक समय अवधि से ज्यादा होती है।
  2. अल्पकाल में फर्म उत्पादन के परिर्वनशील साधन में परिवर्तन करके उत्पादन स्तर को बदल सकती है जबकि दीर्घकाल में फर्म सभी साधनों में परिवर्तन करके उत्पादन का पैमाना बदल सकती है।
  3. अल्पकाल में एक साधन परिवर्तनशील होता है तथा अन्य साधन स्थिर रहते हैं जबकि दीर्घकाल में फर्म सभी साधनों में परिवर्तन कर सकती है।

प्रश्न 15.
स्थिर अनुपात उत्पादन फलन को संक्षेप में समझाइए।
उत्तर:
जब कोई फर्म सभी साधनों में अनुपातिक परिवर्तन करती है तो यह माना जाता है कि फर्म का उत्पादन पैमाने परिवर्तित होता है। वह उत्पादन फलन जो उत्पादन के पैमाने का अध्ययन करता है उसे स्थिर अनुपात उत्पादन फलन कहते हैं। स्थिर अनुपात उत्पादन फलन उस उत्पादन व्यवहार से संबंधित होता है जिसमें सभी साधनों को अनुपातिक रूप में बदल जाता है। बड़ा उत्पादन पैमाना उत्पादन की अधिकतम क्षमता को व्यक्त करता है तथा छोटा उत्पादन पैमाना उत्पादन की कम क्षमता को व्यक्त करता है। विभिन्न पैमानों पर साधनों का अनुपात स्थिर होता है।

प्रश्न 16.
औसत उत्पाद वक्र उल्टे U आकार का क्यों होता है?
उत्तर:
उत्पादन प्रक्रिया के आरम्भ में परिवर्ती साधन की इकाइयाँ बढ़ाने पर वर्धमान प्रतिफल प्राप्त होता है जिससे प्रति इकाई साधन कुल उत्पादन ज्यादा दर से प्राप्त होता है। अतः औसत उत्पाद वक्र ऊपर की ओर उठता है। इसके बाद समता प्रतिफल लागू होता है तो प्रति इकाई साधन कुल उत्पादन समान दर से प्राप्त होता है। औसत उत्पाद स्थिर हो जाता है। अन्त में जब साधन का ह्यसमान प्रतिफल लागू होता है तो परिवर्ती साधन की औसत उत्पाद वक्र नीचे की ओर गिरता है।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 23

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प्रश्न 17.
आरम्भ में परिवर्ती साधन की इकाई बढ़ाने पर सीमान्त उत्पाद क्यों बढ़ता है, इसे कब कम होना चाहिए?
उत्तर:
यह आवश्यक नहीं है कि आरम्भ में सीमान्त उत्पाद में वृद्धि होती है। यह उत्पाद के स्थिर साधनों का, परिवर्ती साधन की इकाइयों से अपूर्ण विदोहन ही होता है तो परिवर्ती साधन की इकाइयों का नियोजन बढ़ाने पर स्थिर साधनों का विदोहन अधिक होने लगता है और साधन का वर्धमान प्रतिफल मिलता है। जब स्थिर साधनों का परिवर्ती साधन से पूर्ण विदोहन हो जाता है तो इसके बाद परिवर्ती साधन की इकाइयाँ बढ़ाने पर हासमान प्रतिफल लागू हो जाता है अतः सीमान्त उत्पाद घटने लगता है। आरम्भिक अवस्था में परिवर्ती साधन की इकाइयाँ की कम मात्रा के कारण स्थिर साधनों का पूर्ण विदोहन नहीं हो पाता है। इसलिए परिवर्ती साधन की इकाई बढ़ाने पर स्थिर के विदोहन में बढ़ोतरी होने लगती है और सीमान्त उत्पाद में वृद्धि होती है।

Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 24

प्रश्न 18.
सीमान्त उत्पाद व कुल उत्पाद में संबंध बताओ।
उत्तर:
सीमान्त उत्पाद व कुल उत्पाद में संबंध –

  1. जब तक सीमान्त उत्पाद में वृद्धि होती है, कुल उत्पाद में अधिक दर से वृद्धि होती है।
  2. जब सीमान्त उत्पाद लगभग स्थिर होने लगता है तो कुल उत्पाद एक समान दर से बढ़ता है।
  3. जब सीमान्त घटता है परन्तु धनात्मक होता है तब कुल उत्पाद में कम दर से वृद्धि होती है।
  4. जब सीमान्त उत्पाद शून्य होता है तब कुल उत्पाद अधिकतम होता है।
  5. जब सीमान्त उत्पाद ऋणात्मक होता है तब कुल उत्पाद घटने लगता है।

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प्रश्न 19.
औसत उत्पाद तथा सीमान्त उत्पाद में संबंध लिखो।
उत्तर:

  1. जब सीमान्त उत्पाद, औसत उत्पाद से अधिक होता है, औसत उत्पाद में वृद्धि होती है।
  2. जब सीमान्त उत्पाद, औसत उत्पाद के समान होता है, औसत उत्पाद अधिकतम होता है।
  3. जब सीमान्त उत्पाद, औसत उत्पाद से कम होता है, औसत उत्पाद में कमी होती है।

Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 25

प्रश्न 20.
सीमान्त उत्पाद वक्र का आकार उल्टे U जैसा क्यों होता है?
उत्तर:
उत्पादन प्रक्रिया के आरम्भ में एक फर्म को परिवर्ती साधन का वर्धमान प्रतिफल प्राप्त होता है। अतः परिवर्ती साधन की प्रत्येक अतिरिक्त इकाई का नियोजन बढ़ाने पर कुल उत्पादन में अनुपातिक वृद्धि ज्यादा दर से होती है। अतः सीमान्त उत्पाद वक्र ऊपर कुल ओर उठता है। इसके बाद जब साधन का समता प्रतिफल लागू होता है तो कुल उत्पादन में अनुपातिक वृद्धि स्थिर हो जाती है या परिवर्ती साधन की अतिरिक्त इकाई का नियोजन बढ़ाने पर कुल उत्पादन में अनुपातिक वृद्धि समान दर से होता है। अन्त में जब साधन का हासमान प्रतिफल लागू होता है तो परिवर्ती साधन की एक अतिरिक्त इकाई का नियोजन बढ़ाने पर कुल उत्पाद में अनुपातिक वृद्धि कम दर से होता है। अतः सीमान्त उत्पाद वक्र नीचे की ओर गिरता है।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 26

प्रश्न 21.
अवसर लागत की अवधारणा को स्पष्ट करें।
उत्तर:
दूसरे स्तर के सर्वोत्तम प्रयोग में साधन के मूल्य को उसकी अवसर लागत कहते हैं। प्रत्येक ऐसे साधन की अवसर लागत होती है जिसके वैकल्पिक उपयोग संभव होते हैं। उत्पाद में काम आने वाले फर्म के निजी साधनों की भी अवसर लागत होती है। उदाहरण के लिए एक स्वः नियोजित श्रमिक की अवसर लागत, श्रम बाजार में उस श्रमिक की मजदूरी के बराबर होती हैं यदि वह अपनी सेवाएं दूसरों को प्रदान करें।

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प्रश्न 22.
क्या सीमान्त में स्थिर लागत शामिल होती है? समझाइए।
उत्तर:
उत्पाद की एक अतिरिक्त इकाई का उत्पादन बढ़ाने पर कुल उत्पाद में बढ़ोतरी को सीमान्त लागत कहते हैं। इस प्रकार सीमान्त लागत एक अतिरिक्त लागत होती है। एक अतिरिक्त लागत परिवर्तन लागत होती है। अतः सीमान्त लागत स्थिर लागत का भाग नहीं हो सकती है क्योंकि स्थिर लागत उत्पादन के प्रत्येक स्तर पर एक समान रहती है। स्थिर लागत में उत्पादन स्तर में उतार-चढ़ाव होने पर बदलाव नहीं होता है। अतः यह प्रश्न ही नहीं उठता है कि सीमान्त लागत में स्थिर लागत भी शामिल होती है।

प्रश्न 23.
आयताकार अति परवलय की विशिष्टता के बारे में लिखो।
उत्तर:
औसत स्थिर लागत वक्र का आकार आयताकार अतिपरवलय के समान होता है। यदि हम औसत स्थिर लागत पर कोई भी बिन्दु लेते हैं तो उस बिन्दु पर AFC तथा उत्पादन मात्रा का गुणनफल एक समान प्राप्त है। यह इसीलिए होता है क्योंकि AFC तथा उत्पादन के प्रत्येक स्तर पर समान रहती है। इस विशिष्टता वाले वक्र को आयताकार अतिपरवलय कहते हैं।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 27

प्रश्न 24.
हासमान प्रतिफल का नियम एवं परिवर्ती अनुपात का नियम में अंतर लिखो।
उत्तर:
हासमान प्रतिफल, परिवर्ती के नियम का परपरागत रूप है। ह्रासमान प्रतिफल के नियम का प्रतिपादन डेविट रिकार्डो ने किया था। यह नियम कृषि क्षेत्र में परिवर्तनशील साधन की इकाइयाँ बढ़ाने पर कृषि क्षेत्र की उत्पादकता में कमी को स्पष्ट करने के लिए प्रतिपादित किया गया था। आधुनिक अर्थशास्त्रियों ने इस नियम के उपयोग के क्षेत्र का विकास हेतु परिवर्ती अनुपात के नियम का प्रतिपादन किया है। आधुनिक अर्थशास्त्रियों ने यह माना कि हासमान प्रतिफल कृषि क्षेत्र के अलावा उद्योग क्षेत्र में भी लागू होता है। स्थिर साधनों एवं परिवर्ती साधन की इकाइयों के प्रयोग से एक सीमा तक कुल उत्पाद दर से वृद्धि होती है उसके बाद परिवर्ती साधन की इकाइयाँ बढ़ाने पर साधन का ह्रासमान प्रतिफल प्राप्त होता है।

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प्रश्न 25.
स्थिर लागत तथा परिवर्तनशील लागत में अंतर लिखो।
उत्तर:
1. लागत का वह भाग जो उत्पादन स्तर में परिवर्तन होने पर भी नहीं बदलता है उसे स्थिर लागत कहते हैं जबकि जो लागत उत्पादन स्तर में परिवर्तन होने पर बदल जाती है परिवर्तनशील लागत कहलाती है।

2. स्थिर लागत का संबंध उत्पादन स्तर से नहीं होता है यह लागत शून्य उत्पादन स्तर एवं अधिकतम उत्पादन स्तर पर एक समान होती है। जबकि परिवर्तशील लागत शून्य उत्पादन स्तर पर शून्य होती है और जैसे-जैसे स्तर बढ़ता है परिवर्तनशील लागत बढ़ती है।

3. उदाहरण:
स्थिर लागत – भूमि का किराया स्थायी श्रमिकों की मजदूरी आदि –

परिवर्तनशील लागत –

  1. कच्चे माल का मूल्य
  2. अस्थायी श्रम की मजदूरी आदि

प्रश्न 26.
नीचे श्रम उत्पादन अनुसूची दी गई है। श्रम की औसत एवं सीमान्त उत्पादकता अनुसूची बनाइए।Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 28
उत्तर:
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 29

प्रश्न 27.
सीमान्त लागत तथा औसत परिवर्तनशील लागत के संबंध लिखो।
उत्तर:

  1. जब सीमान्त लागत, औसत परिवर्तनशील लागत से कम होती है तो औसत परिवर्तनशील लागत घटती है।
  2. जब सीमान्त लागत औसत परिवर्तनशील लागत के समान होती है तो औसत परिवर्तनीशल लागत न्यूनतम होती है।
  3. जब सीमान्त औसत परिवर्तनशील लागत से अधिक होती है तो औसत परिवर्तनशील लागत में वृद्धि होती है।

Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 30

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प्रश्न 28.
सीमान्त लागत तथा औसत लागत में संबंध लिखो।
उत्तर:

  1. सीमान्त लागत, औसत लागत से कम होती है तो औसत लागत घटती है।
  2. जब सीमान्त लागत, औसत लागत के बराबर होती है तो औसत लागत न्यूनतम होती है।
  3. जब सीमान्त लागत, औसत लागत के ज्यादा होती है तो औसत लागत में वृद्धि होती है।

Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 31

प्रश्न 29.
नीचे श्रम की औसत उत्पादकता अनुसूची दी गई है। कुल उत्पादकता एवं सीमान्त उत्पादकता अनुसूची बनाइए। श्रम के शून्य रोजगार स्तर पर कुल उत्पादकता शून्य मानिए।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 32
उत्तर:
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 33

प्रश्न 30.
कुल लागत सीमान्त लागतों का योग होती है। संक्षेम में समझाइए।
उत्तर:
नहीं, उत्पादन के प्रत्येक स्तर के लिए कुल लागत सीमान्त लागत का योग नहीं होती है। सीमान्त लागत एक अतिरिक्त लागत होती हैं अतिरिक्त लागत परिवर्तनशील लागत होती है। इस प्रकार सीमान्त लागत का योग कुल परिवर्तनशील लागत होती है। सीमान्त लागत का योग कुल लागत नहीं होती है। कुल लागत में स्थिर लागत भी शामिल होती है।
इस प्रकार ΣMC # TC
EMC = TVC

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प्रश्न 31.
सीमान्त लागत और कुल लागत में संबंध लिखो।
उत्तर:

  1. दो सतत उत्पादन स्तरों की कुल लागत के अन्तर को सीमान्त लागत कहते हैं।
    MC = TCN – TCNN-1
  2. जब सीमान्त लागत घटती है तो कुल लागत कम दर से बढ़ती है।
  3. जब सीमान्त लागत न्यूनतम होती है तो कुल लागत समान दर से बढ़ती है।
  4. जब सीमान्त लागत बढ़ती है तो कुल लागत ज्यादा दर से बढ़ती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
साधन के प्रतिफल एवं पैमाने के प्रतिफल में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
1. साधन के प्रतिफल में साधन आगतों:
उत्पाद के उस व्यवहार का अध्ययन किया जाता है जिसमें अन्य साधनों की स्थिर इकाइयों के साथ फर्म परिवर्तनशील साधन की इकाइयों का नियोजन बढ़ाती है जबकि उत्पादन के पैमाने में साधन आगतों-उत्पाद के उस संबंध का अध्ययन किया जाता है जिसमें फर्म उत्पादन के दो या अधिक साधनों का अनुपातिक नियोजन बढ़ाती है।

2. साधन के प्रतिफल का संबंध अल्पकाल से होता है जबकि पैमाने के प्रतिफल का संबंध दीर्घकाल से है।

3. साधन के विभिन्न प्रतिफलों के लिए विभिन्न साधनों का अनुपात अलग-अलग होता है जबकि पैमाने के विभिन्न प्रतिफलों के लिए विभिन्न साधनों का अनुपात स्थिर (समान) होता है।

4. साधन के प्रतिफल में उत्पादन का पैमाना नहीं बदलता जबकि पैमाने के प्रतिफल में उत्पादन पैमाना बदल जाता है।

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प्रश्न 2.
पैमाने के बढ़ते एवं घटते प्रतिफल क्रमशः दीर्घकालीन औसत लागत के घटते व बढ़ते भाग होते हैं। पक्ष या विपक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर:
पैमाने के वर्धमान प्रतिफल के कारण प्रति इकाई दीर्घकालीन कुल लागत घटती है। पैमाने के घटते प्रतिफल के कारण प्रति इकाई दीर्घकालीन कुल लागत में वृद्धि होती है। आरम्भ में अल्पकाल में स्थिर लागतें अपरिवर्तित रहती हैं इसलिए उत्पादन की मात्रा बढ़ाने पर प्रति इकाई कुल लागत में इस कारण से कमी आती है कि साधन के वर्धमान प्रतिफल लागू होने पर कुल परिवर्तनशील लागत कम दर से बढ़ती है।

लेकिन दीर्घकाल में फर्म उत्पादन के सभी साधनों में परिवर्तन कर सकती है। अतः इस अवधि में सभी लागतें परिवर्तनशील होती हैं। उत्पादन पैमाने का वर्धमान प्रतिफल लागू होने से प्रति इकाई दीर्घकालीन कुल लागत अथवा दीर्घकालन औसत लागत घटती है। इसी प्रकार पैमाने का हासमान प्रतिफल लागू होने पर प्रति इकाई दीर्घकालिन कुल लागत अथवा औसत लागत में वृद्धि होती है।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 34

प्रश्न 3.
साधन के प्रतिफल के परिवर्ती अनुपात का नियम बताइए एवं समझाइए।
उत्तर:
परिवर्ती अनुपात का नियम:
यह नियम साधन आगतों एवं उत्पाद के उस संबंध को बताता है जब फर्म अन्य साधन आगतों को स्थिर रखकर एक परिवर्तनशील साधन की इकाइयों को बढ़ाती है। यह नियम बताता है कि स्थिर साधनों की निश्चित इकाइयों के साथ परिवर्ती साधन की इकाइयों का नियोजन बढ़ाती है तो आरम्भ में कुल भौतिक उत्पाद में अधिक दर से बढ़ोतरी होती है इसके बाद कुल भौतिक उत्पाद कम दर से बढ़ता है और अन्त में यह कम होने लगता है।

प्रथम चरण:
उत्पादन प्रक्रिया के आरम्भ में जब फर्म परिवर्तनशील साधन की इकाइयों को बढ़ाती है तो एक सीमा तक कुल भौतिक उत्पाद में ज्यादा दर से वृद्धि होती है। इस चरण में सीमान्त व औसत भौतिक उत्पाद बढ़ते है। सीमान्त भौतिक उत्पाद घटने लगता है और इस चरण के अन्त में सीमान्त भौतिक उत्पाद, औसत भौतिक उत्पाद के बराबर हो जाता है।

द्वितीय चरण:
सीमान्त भौतिक उत्पाद व औसत भौतिक उत्पाद के समान होने के बाद जब फर्म परिवर्तनशील साधन की इकाइयों का नियोजन बढ़ाती है तो कुल भौतिक उत्पाद कम दर से बढ़ता है। सीमान्त व औसत भौतिक उत्पाद दोनों घटते हैं। सीमान्त उत्पाद, औसत उत्पाद से ज्यादा दर से घटता है। इस चरण के अन्त में सीमान्त उत्पाद शून्य हो जाता है तो कुल भौतिक उत्पाद अधिकतम होता है। लेकिन औसत उत्पाद कभी शून्य नहीं होता है।

तृतीय चरण:
सीमान्त भौतिक कुल उत्पाद उत्पाद शून्य होने के बाद यदि फर्म परिवर्तनशील साधन की इकाइयों का नियोजन बढ़ाती है तो कुल उत्पाद घटने लगता है तो सीमान्त उत्पाद ऋणात्मक हो जाता है। एक विवेकशील उत्पादक तीसरे चरण में उत्पादन नहीं करता है। वह दूसरे चरण में ही उत्पादन करेगा।
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Bihar Board Class 12th Economics Solutions Chapter 3 उत्पादन तथा लागत

प्रश्न 4.
पैमाने के प्रतिफल के नियम समझाए।
उत्तर:
पैमाने का प्रतिफल नियम:
दीर्घकाल में फर्म उत्पादन के सभी साधनों में परिवर्तन कर सकती है। दीर्घकाल में दो या अधिक साधनों में अनुपातिक वृद्धि और उत्पाद मात्रा के संबंध को पैमाने का प्रतिफल कहते हैं।

पैमाने के प्रतिफल के तीन नियम हैं:

1. पैमाने का वर्धमान प्रतिफल-दो या अधिक साधनों में अनुपातिक वृद्धि करने पर यदि कुल भौतिक उत्पाद में अधिक अनुपातिक वृद्धि होती है तो इसे पैमाने का वर्धमान प्रतिफल कहते हैं।
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2. पैमाने का समता प्रतिफल:
दो या अधिक साधनों में अनुपातिक वृद्धि करने पर यदि कुल भौतिक उत्पाद में समान अनुपात में वृद्धि होती है तो इसे पैमाने का समता प्रतिफल कहते हैं।

3. पैमाने का हासमान प्रतिफल:
दो या अधिक साधनों में अनुपातिक वृद्धि करने पर यदि कुल भौतिक उत्पाद में कम अनुपात में वृद्धि होती है तो इसे पैमाने का समान प्रतिफल कहते हैं। रेखाचित्र में बिन्दु A से B तक वर्धमान प्रतिफल, बिन्दु B से C तक समता प्रतिफल तथा C से D तक हासमान प्रतिफल दर्शाया गया है।

संख्यात्मक प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
एक फर्म की कुल लागत अनुसूचि नीचे दी गई है –
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(a) फर्म की कुल स्थिर लागत क्या है?
(b) औसत स्थिर लागत AFC, औसत परिवर्तनशील लागत AVC,कुल औसत लागत ATC तथा सीमान्त लागत MC की गणना करो।
उत्तर:
(a) शून्य उत्पाद स्तर पर कुल लागत = 60 रुपये, अतः फर्म की कुल स्थिर लागत = 60 रुपये

(b)
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Bihar Board Class 12th Economics Solutions Chapter 3 उत्पादन तथा लागत

प्रश्न 2.
यदि उत्पादन स्तर 1 पर औसत स्थिर लागत 40 रुपये है तो निम्नलिखित तालिका को पूरा करो।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 39
उत्तर:
उत्पादन इकाई – 1 पर AFC 40 रुपये है। अतः कुल स्थिर लागत भी 40 रुपये है।Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 40

Bihar Board Class 12th Economics Solutions Chapter 3 उत्पादन तथा लागत

प्रश्न 3.
एक फर्म की स्थिर लागत 1200 रुपये है। निम्नलिखित तालिका का प्रयोग करके TVC, AVC, TC और ATC की गणना करो।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत part - 2 img 41a
उत्तर:
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत part - 2 img 42a

प्रश्न 4.
निम्नलिखित तालिका का प्रयोग करके AFC एवं AVC की गणना करो।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत part - 2 img 43a
उत्तर:
उत्पादन स्तर शून्य पर कुल लागत = 50 रुपये
अतः कुल स्थिर लागत 50 रुपये है।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांतpart - 2 img 44a

Bihar Board Class 12th Economics Solutions Chapter 3 उत्पादन तथा लागत

प्रश्न 5.
निम्नलिखित तालिका का प्रयोग करके TVC व MC ज्ञात करो।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत part - 2 img 45a
उत्तर:
शून्य उत्पादन स्तर पर कुल लागत 40 रुपये है अंत: कुल स्थिर लागत भी 40 है।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत part - 2 img 46a

प्रश्न 6.
एक फर्म की स्थिर लागत 2000 रु0 है। निम्नलिखित तालिका का प्रयोग करे TVC, AVC, TC तथा AC ज्ञात करो।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 47
उत्तर:
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 48

Bihar Board Class 12th Economics Solutions Chapter 3 उत्पादन तथा लागत

प्रश्न 7.
निम्नलिखित तालिका को पूरा करें।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 49
उत्तर:
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 50

Bihar Board Class 12th Economics Solutions Chapter 3 उत्पादन तथा लागत

प्रश्न 8.
निम्नलिखित तालिका से AVC ज्ञात करो।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत part - 2 img 51a
उत्तर:
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत part - 2 img 52a

प्रश्न 9.
निम्नलिखित तालिका को पूरा करें।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत part - 2 img 53a
उत्तर:
शून्य उत्पादन स्तर पर कुल लागत = 12 रुपये
अतः कुल स्थिर लागत TFC = 12 रुपये
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 54a

Bihar Board Class 12th Economics Solutions Chapter 3 उत्पादन तथा लागत

प्रश्न 10.
TFC, TVC,AFC,ATC तथा MC की गणना करो।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत part - 2 img 55a
उत्तर:
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत part - 2 img 56a

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प्रश्न 11.
निम्नलिखित तालिका का प्रयोग करके AFC तथा MC ज्ञात करें।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत part - 2 img 57a
उत्तर:
उत्पादन स्तर शून्य पर कुल लागत 90 रु० है। अतः कुल स्थिर लागत 90 रु० होगी।
Bihar Board Class 12 Economics Chapter 3 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत part - 2 img 58a

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
वास्तविक लागत है –
(A) उत्पादन लागत
(B) स्वामियों के द्वारा साधन की पूर्ति में उठाई गई सभी लागत
(C) उत्पाद की कीमत
(D) औसत लागत
उत्तर:
(B) स्वामियों के द्वारा साधन की पूर्ति में उठाई गई सभी लागत

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प्रश्न 2.
मौद्रिक लागत से अभिप्राय है –
(A) एक वस्तु के उत्पादन तथा विक्रय में खर्च किया गया मुद्रा में व्यय
(B) उत्पाद का विक्रय मूल्य
(C) कुल परिवर्तनशील लागत
(D) कुल स्थिर लागत
उत्तर:
(A) एक वस्तु के उत्पादन तथा विक्रय में खर्च किया गया मुद्रा में व्यय

प्रश्न 3.
सामाजिक लागत निजी लागत में कम होगी यदि –
(A) औसत लागत कम हो रही है
(B) सीमान्त लागत कम हो रही है
(C) औसत लागत बढ़ रही है
(D) एक व्यक्ति के कार्य के समाज को कुल लाभ रहा है
उत्तर:
(D) एक व्यक्ति के कार्य के समाज को कुल लाभ रहा है

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प्रश्न 4.
किसी वस्तु की मौद्रिक लागत में निम्नलिखित मदें सम्मिलित की जाती है –
(A) स्पष्ट लागते
(B) केवल अस्पष्ट लागते
(C) सामान्य लाभ
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 5.
स्पष्ट लागतों में शामिल है –
(A) कच्चे माल की कीमत
(B) श्रमिकों की मजदूरी
(C) उधार पूँजी पर ब्याज
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

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प्रश्न 6.
उत्पादनकर्ता के स्वयं के साधनों का मूल्य –
(A) स्पष्ट लागतें कहलाती हैं
(B) अस्पष्ट लागतें कहलाती है
(C) उत्पादनकर्ता का सामान्य लाभ होता है
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(B) अस्पष्ट लागतें कहलाती है

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
(A) मौद्रिक लागत = स्पष्ट
(B) असामान्य लाभ = मौद्रिक लागत – स्पष्ट लागत + अस्पष्ट लागत
(C) मौद्रिक लागत = स्पष्ट लागत + अस्पष्ट लागतें + सामान्य लाभ
(D) स्पष्ट लागत = मौद्रिक लागत + अस्पष्ट लागतें + सामान्य लाभ
उत्तर:
(C) मौद्रिक लागत = स्पष्ट लागत + अस्पष्ट लागतें + सामान्य लाभ

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प्रश्न 8.
अवसर लागत को निम्नलिखित नाम से भी सम्बोधित किया जाता है –
(A) वैकल्पिक लागत
(B) हसतान्तरण आय
(C) त्याग
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 9.
वह लागत अथवा आय, जो किसी साधन को उसके परिवर्तन कार्य में बढ़ने के लिए प्रेरित करती है, उसे –
(A) स्पष्ट लागत कहते हैं
(B) अस्पष्ट लागत कहते हैं
(C) अवसर लागत कहते हैं
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(C) अवसर लागत कहते हैं

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प्रश्न 10.
किसी वस्तु की एक निश्चित मात्रा का उत्पादन करने पर फर्म को जितनी लागत सहन करनी पड़ती है, उसे फर्म की –
(A) औसत लागत कहते हैं
(B) कुल लागत कहते हैं
(C) सीमान्त लागत कहते हैं
(D) अवसर लागत कहते हैं
उत्तर:
(B) कुल लागत कहते हैं

प्रश्न 11.
कुल लागत –
(A) सीमान्त लागत का योग होती है
(B) औसत लागत को वस्तु की मात्रा से गुणा करने पर ज्ञात की जा सकती है
(C) से तात्पर्य किसी वस्तु की एक निश्चित मात्रा का उत्पादन करने पर फर्म द्वारा किया गया वयय है
(D) उपर्युक्त कोई भी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त कोई भी

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प्रश्न 12.
जब सीमान्त लागत घटती है तो कुल लागत –
(A) घटती है
(B) बढ़ती है
(C) घटती हुई दर से बढ़ती है
(D) समान रहती है
उत्तर:
(C) घटती हुई दर से बढ़ती है

प्रश्न 13.
जब सीमान्त लागत बढ़ती है तो –
(A) औसत लागत भी बढ़ती है
(B) कुल लागत बढ़ती है
(C) औसत लागत सीमान्त लागत से कम रहती है
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

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प्रश्न 14.
उत्पादन शून्य होने पर अल्पकाल में स्थिर लागत
(A) शून्य हो जाती है
(B) धनात्मक रहती है
(C) ऋणात्मक हो जाती है
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(B) धनात्मक रहती है

प्रश्न 15.
स्थिर लागतों का उत्पादन की मात्रा से –
(A) सम्बन्ध नहीं होता
(B) कोई सम्बन्ध नहीं होता
(C) सम्बन्ध केवल दीर्घकाल में होता है
(D) सम्बन्ध अल्पकाल और दीर्घकाल दोनों में होता है
उत्तर:
(D) सम्बन्ध अल्पकाल और दीर्घकाल दोनों में होता है

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प्रश्न 16.
वस्तु के उत्पादन की मात्रा में किसी अथवा वृद्धि होने पर कुल स्थिर लागत –
(A) समान रहती है
(B) क्रमशः कम या अधिक हो जाती है
(C) क्रमशः अधिक या कम हो जाती है
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(A) समान रहती है

प्रश्न 17.
परिवर्तनशील लागतें उत्पादन की मात्रा के साथ –
(A) कम या अधिक हो सकती हैं
(B) परिवर्तित नहीं होती
(C) प्रारंभ में समान रहती हैं तथा फिर कम होती जाती हैं
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(A) कम या अधिक हो सकती हैं

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प्रश्न 18.
निम्नलिखित में से किस लागत वक्र का आकार यू की भाँति होता है?
(A) औसत लागत
(B) औसत परिवर्तनशील लागत
(C) सीमान्त लागत
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 19.
उत्पादन लागतें हैं –
(A) उत्पादन के साधनों को दिया जाने वाला पारितोषिक
(B) वस्तु की बिक्री कीमत
(C) उत्पादनकर्ता का व्यय
(D) मशीनों का लागत
उत्तर:
(A) उत्पादन के साधनों को दिया जाने वाला पारितोषिक

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प्रश्न 20.
स्पष्ट एवं अस्पष्ट लागते अंग हैं –
(A) मौद्रिक लागत का
(B) वास्तविक लागत का
(C) अवसर लागत का
(D) उपर्युक्त सभी का
उत्तर:
(A) मौद्रिक लागत का

Bihar Board Class 12 Economics Solutions Chapter 1 व्यष्टि अर्थशास्त्र का परिचय

Bihar Board Class 12 Economics Solutions Chapter 1 व्यष्टि अर्थशास्त्र का परिचय Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 12 Economics Solutions Chapter 1 व्यष्टि अर्थशास्त्र का परिचय

Bihar Board Class 12 Economics व्यष्टि अर्थशास्त्र का परिचय Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
अर्थव्यवस्था की केन्द्रीय समस्याओं की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
एक अर्थव्यवस्था की केन्द्रीय समस्याएँ –

1. क्या उत्पादित किया जाए एवं कितनी मात्रा में:
प्रत्येक अर्थव्यवस्था को खाद्य सामग्री, आवास अथवा विलासिता पूर्ण वस्तुओं के उत्पादन के लिए चयन करना पड़ता है। दूसरे शब्दों में प्रत्येक अर्थव्यवस्था को कृषि व उद्योग उत्पादों के बीच चयन करना पड़ता है। कि किनका उत्पादन अधिक व किनका उत्पादन कम मात्रा में किया जाए। अन्य शब्दों में उपभोक्ता वस्तुओं व पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन के बारे में चयन करना पड़ता है।

2. इन वस्तुओं का उत्पादन किस प्रकार किया जाए:
वस्तुओं के उत्पादन की दो प्रकार की तकनीक (श्रम प्रधान एवं पूंजी प्रधान) होती है। प्रत्येक अर्थव्यवस्था श्रम प्रधान अथवा पूंजी प्रधान तकनीक का प्रयोग करके उत्पादन कर सकती है। अर्थव्यवस्था को यह चयन करना पड़ता है कि उत्पादन के लिए इन तकनीकों का किस अनुपात में प्रयोग किया जाए।

3. किसके लिए वस्तुओं का उत्पादन क्या जाए:
इस समस्या का संबंध उत्पादन को अर्थव्यवस्था में विभिन्न व्यक्तियों में किस प्रकार आबंटित किया जाए, किसको उत्पादन का अधिक व किसको उत्पादन का कम भाग बांटा जाए। प्राथमिक आवश्यकताएँ जैसे प्राथमिक शिक्षा, स्वास्थ, रोटी, कपड़ा व मकान सभी को आसानी व मुक्त रूप से उपलब्ध हो या नहीं यह समस्या अर्थव्यवस्था को हल करनी पड़ती है।

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प्रश्न 2.
अर्थव्यवस्था की उत्पादन संभावनाओं से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
निश्चित संसाधनों एवं तकनीकी स्टाक के ज्ञान से वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन की विभिन्न संभावनाओं के संयोजन को उत्पादन संभावना कहते हैं।

प्रश्न 3.
सीमांत उत्पादन संभावना क्या है?
उत्तर:
सीमांत उत्पादन संभावना वक्र निश्चित संसाधनों व तकनीकी ज्ञान के पूर्ण उपयोग से दो वस्तुओं के उत्पादन की विभिन्न मात्राओं को रेखाचित्र की सहायता से दर्शाता है। यह वक्र एक वस्तु की किसी निश्चित मात्रा के बदले दूसरी वस्तु की अधिकतम संभावित मात्रा तथा दूसरी वस्तु की मात्रा को दर्शाता है। उत्पादन संभावना वक्र पर स्थित प्रत्येक बिन्दु संसाधनों के पूर्ण उपयोग को दर्शाते हैं। उत्पादन संभावना के अन्दर स्थित बिन्दु संसाधनों के अपूर्ण उपयोग को दर्शाते हैं इस स्थिति में कुछ संसाधन या तो बेकार पड़े रहते हैं या उनका पूर्ण उपयोग नहीं किया जाता है।
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प्रश्न 4.
अर्थशास्त्र की विषय-वस्तु की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
अर्थशास्त्र की विषय-वस्तु का दो मुख्य शाखाओं (व्यष्टि व समष्टि) के अन्तर्गत अध्ययन किया जाता है। विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए बाजार में व्यक्गित आर्थिक इकाइयों के व्यवहार का अध्ययन व्यष्टि अर्थशास्त्र में किया जाता है। इस शाखा में व्यक्तियों के संव्यवहारों के आधार पर वस्तु की कीमत व मात्रा का निर्धारण के निर्धारण सिद्धान्त का अध्ययन किया जाता है।

समष्टि अर्थशास्त्र में सामूहिक आर्थिक इकाइयों के संव्यवहारों का अध्ययन किया जाता है। जैसे- सामूहिक माँग, सामूहिक पूर्ति, रोजगार आदि। अर्थशास्त्र की इस शाखा में इन प्रश्नों के उत्तर ढूँढ़ने का प्रयास किया जाता है। अर्थव्यवस्था में आय। उत्पाद का स्तर क्या है? कुल उत्पाद का आंकलन किस प्रकार किया जाता है? यह शाखा पूरी अर्थव्यवस्था को एक इकाई मानकर अध्ययन करती है।
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प्रश्न 5.
केन्द्रीकृत योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था तथा बाजार अर्थव्यवस्था के भेद को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
एक केन्द्रीयकृत अर्थव्यवस्था में सभी आर्थिक क्रियाकलापों का नियोजन एक केन्द्रीय सत्ता द्वारा किया जाता है। उपभोग, उत्पादन व निवेश के महत्त्वपूर्ण निर्णय केन्द्रीय सत्ता द्वारा लिये जाते हैं। इस प्रकार की अर्थव्यवस्था में संसाधनों के उचित बंटवारे का प्रयास किया जाता है। केन्द्रीय सत्ता अन्तिम वस्तुओं के न्यायोचित आबंटन के लिए हस्तक्षेप करती है। एक बाजार अर्थव्यवस्था में सभी महत्त्वपूर्ण आर्थिक निर्णय बाजार शक्तियों के आधार पर तय होते हैं। इस अर्थव्यवस्था में आर्थिक एजेन्ट मुक्त रूप से उत्पादों का विनियम करते हैं। इस प्रकार की व्यवस्था में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है।

प्रश्न 6.
सकारात्मक आर्थक विश्लेषण से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
सकारात्मक आर्थिक विश्लेषण से अभिप्राय उस विश्लेषण से है जिसमें हम यह अध्ययन करते हैं कि विभिन्न तंत्र किस प्रकार से कार्य करते हैं। यह विश्लेषण विभिन्न आर्थिक तंत्र के क्रियाकलापों का मूल्यांकन करता है।

प्रश्न 7.
आदर्शक आर्थिक विश्लेषण से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
आदर्शक आर्थिक विश्लेषण से अभिप्राय उस विश्लेषण से जिसमें हम यह अध्ययन करते हैं कि कोई तंत्र वांछनीय है अथवा नहीं। इसका संबंध इन प्रश्नों से होता है – क्या वांछनीय है? क्या वांछनीय नहीं है? क्या होना चाहिए? क्या नहीं होना चाहिए?

प्रश्न 8.
व्यष्टि अर्थशास्त्र तथा समष्टि अर्थशास्त्र में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
व्यष्टि अर्थशास्त्र:

  1. यह शाखा व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों का अध्ययन करती है।
  2. कीमत सिद्धांत एवं संसाधन के आबंटन की समस्या का अध्ययन इस शाखा में किया जाता है।
  3. माँग व आपूर्ति इस शाखा के प्रमुख उपकरण हैं।
  4. इसमें उपभोक्ता सन्तुलन, उत्पादक सन्तुलन आदि का विश्लेषण किया जाता है।

समष्टि अर्थशास्त्र:

  1. समष्टि में सामूहिक आर्थिक इकाइयों का अध्ययन किया जता है।
  2. इस शाखा में आय एवं रोजगार निर्धारण सिद्धांत का अध्ययन किया जाता है।
  3. सामूहिक माँग व सामूहिक पूर्ति इस शाखा के प्रमुख उपकरण हैं।
  4. इसमें आय एवं रोजगार के साम्य निर्धारण का अध्ययन किया जाता है।

Bihar Board Class 12 Economics व्यष्टि अर्थशास्त्र का परिचय Additional Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
वस्तु का अर्थ लिखो।
उत्तर:
वस्तु से अभिप्राय भौतिक चीजों से होता है जिनका उपयोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 2.
सेवा का अर्थ लिखो।
उत्तर:
सेवा से अभिप्राय अभौतिक चीजों से है जिनका प्रयोग आवश्यकताओं की सन्तुष्टि के लिए किया जाता है।

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प्रश्न 3.
‘एक व्यक्ति’ का अर्थ लिखो।
उत्तर:
‘एक व्यक्ति’ से अभिप्राय निर्णय लेने वाली इकाई से होता है।

प्रश्न 4.
क्या संसाधन आवश्यकताओं की तुलना में असीमित होते हैं?
उत्तर:
नहीं, संसाधन आवश्यकताओं की तुलना में सीमित होते हैं।

प्रश्न 5.
उन चीजों की सूची बनाइए जिनकी ग्रामीण लोगों को प्रतिदिन आवश्यकता पड़ती है?
उत्तर:
भोजन, वस्त्र, आवास, परिवहन एवं अन्य सेवाएँ।

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प्रश्न 6.
एक व्यक्ति को प्रतिदिन गाँव में कुछ लोगों के पास अपने श्रम का विदोहन करते के लायक भी संसाधन नहीं होते हैं।
उत्तर:
गाँव में एक व्यक्ति को प्रतिदिन जिन चीजों की जरूरत पड़ती है उनकी सूची लम्बी होती है।

प्रश्न 7.
क्या यह कथन सत्य है कि गांव में कुछ लोगों के पास अपने श्रम का विदोहन करने के लायक भी संसाधन नहीं होते हैं।
उत्तर:
हाँ, भूमिहीन श्रमिकों के पास अपने श्रम का विदोहन करने लायक भी संसाधन नहीं होते हैं।

प्रश्न 8.
अतिरिक्त उत्पादन का इस्तेमाल क्या होता है?
उत्तर:
अतिरिक्त उत्पादन का इस्तेमाल अन्य वस्तुओं एवं सेवाओं का विनियम करने के लिए किया जाता है।

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प्रश्न 9.
एक व्यक्ति अपने संसाधनों का क्या करता है?
उत्तर:
संसाधनों का प्रयोग अपनी आवश्यकताओं को सन्तुष्ट करने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 10.
दुर्लभता की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
एक व्यक्ति के पास संसाधन, उनकी आवश्यकताओं की तुलना में कम होते हैं, इसे दुर्लभता कहते हैं।

प्रश्न 11.
‘एक प्रतिदर्श’ क्या समाहित करने का प्रयास करता है?
उत्तर:
‘एक प्रतिदर्श’ वास्तविकता की आवश्यक विशेषताओं का समाहित करने का प्रयास करता है।

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प्रश्न 12.
विनियम की उपयोगिता लिखिए।
उत्तर:
प्रत्येक व्यक्ति के लिए उत्पादन में विशिष्ट एवं उपभोग में विविधता की खाई को पाटने में विनियम प्रक्रिया उपयोगी होती है।

प्रश्न 13.
आधुनिक समाज में प्राथमिक आर्थिक एजेन्ट या निर्णायक इकाई कौन होती है?
उत्तर:
उपभोक्ता एवं उत्पादक आधुनिक समाज में प्राथमिक आर्थिक एजेन्ट होते हैं।

प्रश्न 14.
उत्पादक का अर्थ लिखिए।
उत्तर:
वह इकाई जो वस्तु या सेवा का उत्पादन करती है, उसे उत्पादक कहते हैं।

प्रश्न 15.
चयन करने का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर:
दुर्लभता चयन का मुख्य कारण है।

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प्रश्न 16.
संसाधनों की दुर्लभता का सामना कौन करता है?
उत्तर:
प्रत्येक व्यक्ति को दुर्लभता की समस्या का सामना करना पड़ता है।

प्रश्न 17.
सर्वोत्कृष्ट उपयोग में संसाधनों का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
उत्तर:
संसाधन दुर्लभ होते हैं इसलिए इनका इस्तेमाल सर्वोत्कृष्ट रूप में किया जाता है।

प्रश्न 18.
सामग्री का अर्थ बताइए।
उत्तर:
वस्तुओं एवं सेवाओं को सामग्री (द्रव्य) कहते हैं।

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प्रश्न 19.
उपभोक्ता वस्तुओं एवं सेवाओं का अर्थ लिखो।
उत्तर:
वे वस्तुएँ एवं सेवाएँ जिनका उपयोग उपभोग के लिए किया जाता है, उपभोक्ता वस्तु कहलाती है।

प्रश्न 20.
साधन आगत या उत्पादन साधन का अर्थ लिखिए।
उत्तर:
वे वस्तुएँ जिनका प्रयोग अन्य वस्तुओं एवं सेवाओं को उत्पन्न करने के लिए किया जाता है उत्पादन साधन कहलाते हैं।

प्रश्न 21.
उपभोक्ता का अर्थ लिखो।
उत्तर:
वह व्यक्ति जो सन्तुष्टि पाने के लिए वस्तुओं या सेवाओं का उपयोग करता है, उपभोक्ता कहलाता है।

प्रश्न 22.
समाजवादी अर्थव्यवस्था में आर्थिक क्रियाकलापों का नियोजन कौन करता है?
उत्तर:
केन्द्रीय सत्ता समाजवादी अर्थव्यवस्था में आर्थिक क्रियाकलापों का नियोजन करती है।

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प्रश्न 23.
एक बाजार अर्थव्यवस्था संसाधनों का वितरण किस प्रकार करती है?
उत्तर:
एक बाजार अर्थव्यवस्था संसाधनों का वितरण मुक्त संव्यवहारों के माध्यम से करती है।

प्रश्न 24.
एक अर्थव्यवस्था की केन्द्रीय समस्या का अर्थ लिखो।
उत्तर:
विभिन्न वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए दुलर्भ संसाधनों का आबंटन अर्थव्यवस्था की केन्द्रीय समस्या कहलाती है।

प्रश्न 25.
एक अर्थव्यवस्था कब सन्तुलन में कही जाती है?
उत्तर:
एक अर्थव्यवस्था उस समय सन्तुलन में मानी जाती है जब अर्थव्यवस्था के प्राथमिक एजेन्टों की सभी योजनाएँ पूरी हो जाती है।

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प्रश्न 26.
किस अर्थ में एक उपभोक्ता विवेकशील होता है?
उत्तर:
एक उपभोक्ता इस अर्थ में विवेकशील होता है कि व उपभोग के लिए वस्तुओं का चयन अपनी रूचि व अभिरूचियों के अनुसार करता है।

प्रश्न 27.
एक उत्पादक कब विवेकशील होता है?
उत्तर:
जब एब उत्पादक को इस बात का स्पष्ट आंकलन होता है कि उत्पादन के प्रत्येक स्तर पर संभावित बिक्री से उसे कितना लाभ प्राप्त होगा तब उसे विवेकशील कहा जाता है।

प्रश्न 28.
एक बाजार कब सन्तुलन में होता है?
उत्तर:
जब किसी कीमत स्तर पर बाजार में वस्तु की माँगी गई मात्रा, उसकी बाजार में की गई पूर्ति के बराबर होती है तब बाजार सन्तुलन में होता है।

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प्रश्न 29.
साम्य कीमत का अर्थ लिखो।
उत्तर:
वह कीमत स्तर जिस पर किसी वस्तु की माँगी गई मात्रा व पूर्ति की गई मात्रा समान होती है, साम्य कीमत कहलाती है।

प्रश्न 30.
साम्य मात्रा का अर्थ लिखो।
उत्तर:
बाजार में साम्य कीमत पर खरीदी गई व बेची गई मात्रा को साम्य मात्रा कहते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
एक ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं अर्थव्यवस्था की तुलना कीजिए।
उत्तर:
वास्तविक रूप से एक अर्थव्यवस्था ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तुलना में अधिक जटिल एवं व्यापक होती है। लेकिन एक ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सरल रूप में अर्थव्यवस्था की सरलीकृत तस्वीर समाहित होती है। दोनों प्रकार की अर्थव्यवस्थाओं के मुद्दे एवं समस्याएँ एक जैसी होती हैं केवल उनके क्षेत्र का अन्तर होता है।

प्रश्न 2.
आर्थिक समस्याओं का समाधान करने हेतु किन विधियों का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
आर्थिक समस्याओं का समाधान निम्नलिखित ढंग से किया जाता है –

  1. अपने लक्ष्यों को केन्द्रित करके विभिन्न व्यक्ति / इकाई मुक्त संव्यवहार द्वारा बाजार तंत्र की भाँति आर्थिक समस्याओं को हल कर सकती हैं।
  2. नियोजन के माध्यम से भी आर्थिक समस्याओं को हल किया जा सकता है। नियोजन का कार्य केन्द्रीय सत्ता जैसे ग्राम-पंचायत या सरकारी अधिकारी कर सकते हैं।

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प्रश्न 3.
एक छोटी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मूल रूप में किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है?
उत्तर:
एक छोटी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मूल रूप से निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ता है –

  1. गाँव के सीमित संसाधनों का आबंटन
  2. उत्पादित अन्तिम वस्तुओं का आबंटन

प्रश्न 4.
वस्तु एवं सेवाओं में भेद लिखिए।
उत्तर:
वस्तुएँ:

  1. वस्तुएँ भौतिक होती हैं जिनका उपयोग आवश्यकताओं को सन्टुष्ट करने के लिए होता है।
  2. वस्तुओं का भण्डारण किया जा सकता है।
  3. वस्तुओं के उत्पादन काल एवं उपभोग काल में अन्तर पाया जाता है। उनका पहले उत्पादन किया जाता है इसके बाद उपभोग किया जाता है।
  4. जैसे-भोजन सामग्री, फर्नीचर, पंखा आदि।

सेवाएँ:

  1. सेवाएँ अभौतिक होती हैं जिनका उपयोग आवश्यकताओं को सन्तुष्ट करने के लिए होता है।
  2. सेवाओं का भण्डारण नहीं किया जा सकता है।
  3. सेवाओं के उत्पादन काल एवं उपभोग काल में कोई अंतर नहीं होता है। सेवाएँ जैसे ही उत्पन्न होती हैं उसी समय उनका उपभोग किया जाता है।
  4. जैसे-अध्यापक की सेवाएँ, डॉक्टर की सेवाएँ, वकील की सेवाएँ आदि।

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प्रश्न 5.
एक सरल ग्रामीण अर्थव्यवस्था में संसाधनों एवं आवश्यकताओं की तुलना कीजिए एवं अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
किसी भी व्यक्ति के पास संसाधन उसकी आवश्यकताओं की तुलना में असीमित नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए एक ग्रामीण परिवार अपने सीमित संसाधनों के माध्यम से सीमित मात्रा में ही खाद्य सामग्री का उत्पादन कर सकता है। अत: वह परिवार खाद्य सामग्री के जरिए विनियम प्रक्रिया के द्वारा अन्य वस्तुओं एवं सेवाओं को सीमित मात्रा मे ही प्राप्त कर सकता है। अतः प्रत्येक परिवार को उपलब्ध वस्तुओं एवं सेवाओं की मात्रा में उपभोग के लिए चयन करना पड़ता है।

प्रश्न 6.
क्या होगा जब एक गाँव में गेहूं का उत्पादन करने वाली इकाइयाँ गेहूँ का जरूरत से ज्यादा उत्पादन करती हैं?
उत्तर:
यदि गाँव में लोगों को उतनी गेहूँ की मात्रा की आवश्यकता नहीं होती है जिनका गाँव की उत्पादन इकाइयाँ गेहूँ का उत्पादन करती हैं तो या तो गाँव के लोग अतिक्ति उत्पादन से अन्य वस्तुओं एवं सेवाओं का विनियम करेंगे। अथवा गेहूँ के उत्पादन से कुछ संसाधनों को हटाकर उन वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन में लगा सकती है जिनकी गाँव में माँग अधिक होगी।

प्रश्न 7.
यदि एक गाँव में गेहूँ के उत्पादन की मात्रा उसकी मांग की तुलना में कम है तो क्या होगा?
उत्तर:
यदि एक गाँव में गेहूँ की उत्पादन मात्रा उसकी माँग की तुलना में कम है तो गाँव के लोग अन्य वस्तुओं एवं सेवाओं में लगे संसाधनों का पुनर्वितरण कर सकते हैं। वे उन वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन से कुछ साधन हटा सकते हैं जिनकी माँग तुलनात्मक रूप से कम होगी और उनका उपयोग गेहूँ के उत्पादन में कर सकते हैं अथवा अन्य वस्तुओं एवं सेवाओं के अधिशेष उत्पादन का विनियम करके उसके बदले में गेहूँ प्राप्त कर सकते हैं।

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प्रश्न 8.
एक गाँव के संसाधनों के बारे में टिप्पणी कीजिए और उनका वितरण किस प्रकार से किया जाता है?
उत्तर:
एक गाँव के लोगों को सामूहिक आधार पर जितने संसाधनों की आवश्यकता होती है उनकी तुलना में उनकी उपलब्धता सीमित होती है। पसन्द एवं नापसन्द का ध्यान रखकर गाँव के लोग विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन करने के लिए सीमित संसाधनों का उचित प्रकार से वितरण करते हैं ताकि उनकी आवश्यकताएं पूरी हो सकें।

प्रश्न 9.
प्रतिदर्श को परिभाषित करें।
उत्तर:
वास्तविक बाजार की सरलीकृत तस्वीर को प्रतिदर्श कहते हैं। बाजार का प्रतिदर्श वास्तविक बाजार की विशेषताओं को केन्द्रीकृत रूप में दर्शाता है। दूसरे शब्दों में प्रतिदर्श, वास्तविक तस्वीर की आवश्यक विशेषताओं को प्रतिबिम्बित करता है। एक प्रतिदर्श, वास्तविक जटिल प्रारूप को सरल रूप में पेश करता है।

प्रश्न 10.
उत्पादन साधनों का अर्थ लिखिए। उत्पादन साधनों के प्रकार लिखिए।
उत्तर:
वे वस्तुएँ एवं सेवाएँ जिनका उपयोग अन्य वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन करने के लिए किया जाता है उन्हें उत्पादन के साधन कहते हैं।
उत्पादन के साधनों को दो वर्गों में बाँटा जाता है –

  1. साधन आगत/मुख्य साधन/प्राथमिक साधन-भूमि एवं श्रम।
  2. मध्यवर्ती वस्तुएँ/गैर साधन आगत/गौण साधन-उत्पादित वस्तु जो अन्य वस्तुओं के उत्पादन में काम आती हैं। जैसे- मिठाई बनाने में चीनी, टायर के विनिर्माण में रबर आदि।

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प्रश्न 11.
उपभोग एवं उत्पादन वस्तुओं की परिभाषा दीजिए। प्रत्येक के दो-दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
उपभोक्ता वस्तु:
वे वस्तुएँ जिनका उपयोग उपभोग के लिए किया जाता है, उपभोक्ता वस्तु कहलाती हैं। जैसे – भोजन सामग्री, वस्त्र आदि।

उत्पादक वस्तु:
वे वस्तु जिनका उपयोग अन्य वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन करने के लिए होता है। जैसे – मशीन, कच्चा माल आदि।

प्रश्न 12.
एक व्यक्ति के स्वामित्व में कुछ मात्रा में ही वस्तुएँ होती हैं। समझाइए।
उत्तर:
एक व्यक्ति को जितनी वस्तुओं की आवश्यकता होती है न तो उनकी मात्रा में उसके पास उपलब्ध होती हैं और न ही वह उन सबका उत्पादन कर सकता है। वह केवल उपलब्ध साधनों में से कुछ को ही अपने स्वामित्व में रख सकता है अथवा उत्पादन कर सकता है। इस प्रकार वस्तुओं के स्वामित्व एवं उत्पादन के मामले में प्रत्येक व्यक्ति विशिष्ट होता है जबकि उपलब्ध एवं उत्पादित सभी वस्तुओं की अर्थव्यवस्था में एक लम्बी श्रृंखला होती है।

प्रश्न 13.
विशिष्ट उतपादन एवं व्यापक उपभोग के बीच की खाई को किस तरह भरा जाता है?
उत्तर:
संसाधनों की दुर्लभता एवं आवश्यकताओं की असीमितता के कारण उत्पादन विशिष्टता एवं उपभोग की विविधता में काफी अन्तर होता है। इस अन्तर को पूरा करने के लिए विनियम प्रक्रिया का प्रयोग किया जाता है। आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में उपभोग, उत्पादन एवं विनियम क्रियाएँ बाजार में सतत् रूप से चलती है।

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प्रश्न 14.
एक अर्थव्यवस्था के संसाधनों के बारे में टिप्पणी करें।
उत्तर:
प्रत्येक अर्थव्यवस्था अथवा व्यक्ति के पास उपलब्ध संसाधन आवश्यकताओं की तुलना में सीमित एवं दुर्लभ होते हैं। अतः कोई भी अर्थव्यवस्था अथवा व्यक्ति उपलब्ध सीमित व दुर्लभ संसाधनों से सभी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकती/सकता है। वह रूचियों के आधार पर कुछ आवश्यकताओं का चयन करके अपनी अधिक से अधिक आवश्यकताओं को सन्तुष्ट करने का प्रयास करता है। संसाधन मानवकृत एवं प्राकृतिक दो प्रकार के होते हैं। प्राकृतिक संसाधन सीमितता के अलावा गैरपुरूत्पादनीय भी होते हैं।

प्रश्न 15.
अर्थव्यवस्था की उत्पादन संभावनाओं को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
एक अर्थव्यवस्था के संसाधन सीमित होते हैं। अर्थव्यवस्था वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन करने के लिए उपलब्ध संसाधनों को वैकल्पिक आधार पर प्रयोग कर सकती है। संसाधनों का विभिन्न वस्तुओं के लिए उत्पादन में अनेक प्रकार से आबंटन करके अर्थव्यवस्था उत्पादन के विभिन्न समुच्चय प्राप्त कर सकती है। संसाधनों की दी गई मात्रा से विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन की संभावनाओं को उत्पादन संभावनाएँ कहते हैं।

प्रश्न 16.
एक उदाहरण की सहायता से विवेकशीलता को समझाइए।
उत्तर:
संसाधनों की दुर्लभता के कारण व्यक्ति संसाधनों का बेहतर उपयोग करने का प्रयास करता है। यह माना जाता है कि प्रत्येक उपभोक्ता को वस्तुओं के उपलब्ध समुच्चयों के बारे में, अभिरूचियों के बारे में स्पष्ट जानकारी होती है। इस अर्थ में उपभोक्ता विवेकशील माना जाता है क्योंकि आवश्यकताओं को सन्तुष्ट करने के लिए वह अपनी रूचियों के अनुसार चयन करता है अतः संसाधनों का उपयोग करने में वह विवेकशील होता है और अपनी अधिकतम आवश्यकताओं को सन्तुष्ट करता है।

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प्रश्न 17.
बाजार का अर्थ लिखिए।
उत्तर:
व्यवस्थाओं का कोई भी समुच्चय जिससे लोगों को आर्थिक क्रियाओं को मुक्त रूप से संचालित करने की आजादी होती है, उसे बाजार कहते हैं। एक बाजार में एक व्यक्ति अपने अधिशेष उत्पादन को उन लोगों को बेच सकता है जिन्हें उसकी वस्तुओं की आवश्यकता होती है। विक्रय से प्राप्त मुद्रा का उपयोग वह व्यक्ति उन वस्तुओं एवं सेवाओं का क्रय करने के लिए कर सकता है, जिनकी उसे आवश्यकता होती है।

प्रश्न 18.
उन स्थितियों के उदाहरण दीजिए जिनमें क्रेता एवं विक्रेता आपस में एम-दूसरे से व्यवहार करते हैं।
उत्तर:
बाजार में क्रेता एवं विक्रेता विभिन्न स्थितियों में एक-दूसरे से व्यवहार कर सकते हैं। उनमें से कुछ स्थितियाँ निम्नलिखित हैं।

  1. एक ग्रामीण चौक में
  2. शहर के सुपर बाजार में
  3. दूरभाष के माध्यम से
  4. इंटरनेट के जरिए एवं
  5. ई-मेलिंग के जरिए

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प्रश्न 19.
यह कहना कहाँ तक न्यायोचित है कि कोई भी अकेला क्रेता बाजार में किसी वस्तु की कीमत का निर्धारण नहीं कर सकता है।
उत्तर:
एक वस्तु बाजार में क्रेताओं एवं विक्रेताओं की विशाल संख्या होती है। बाजार में क्रय-विक्रय की गई वस्तु की कुल मात्रा का एक क्रेता नगण्य मात्रा में ही क्रय करता है अतः अकेला क्रेता बाजार में नगण्य रूप में महत्त्व रखता है। अतः अकेला क्रेता बाजार में वस्तु की कीमत का निर्धारण नहीं कर सकता है। उसे बाजार द्वारा तय की गई कीमत स्वीकार करनी पड़ती है। एक विक्रेता बाजार में प्रचालित कीमत पर वस्तु की क्रय की गई मात्रा को ही निर्धारित कर सकता है।

प्रश्न 20.
एक अकेला क्रेता अथवा विक्रेता अपने दम पर वस्तु की कीमत को प्रभावित नहीं कर सकता है। आप सहमत हैं? समझाइए।
उत्तर:
अर्थशास्त्र में बाजार से अभिप्राय उस क्षेत्र से है जहाँ एक वस्तु के अधिक क्रेता एवं विक्रेता एक-दूसरे से संव्यवहार करते हैं। बहुत-सी वस्तुओं के बाजार इस प्रकार के नहीं होते हैं। अधिकांश वस्तु बाजारों में जहाँ एक वस्तु का विक्रय करने वाले विक्रेताओं की संख्या कम होती है वहाँ अकेला विक्रेता वस्तु की कीमत एवं विक्रय की जाने वाली मात्रा दोनों को कुछ हद तक प्रभावित कर सकता है। उदाहरण के लिए एकाधिकारी बाजार में एक वस्तु का अकेला विक्रेता होता है। एकाधिकारी इस बाजार में वस्तु की विक्रय की जाने वाली मात्रा एवं कीमत दोनों को प्रभावित कर सकता है। पूर्ण प्रतियोगी बाजार में जहाँ क्रेता एवं विक्रेताओं की विशाल संख्या होती है, अकेला विक्रेता वस्तु की मात्रा एवं कीमत किसी को भी प्रभावित नहीं कर सकता है।

प्रश्न 21.
उन प्रश्नों के उदाहरण दीजिए जिनका समष्टि अर्थशास्त्र में अध्ययन किया जाता है?
उत्तर:
समष्टि अर्थशास्त्र में अध्ययन किए जाने वाले प्रमुख प्रश्न हैं –

  1. संसाधनों के बेरोजगार होने के क्या कारण हैं?
  2. सामान्य कीमत स्तर क्यों बढ़ता है?
  3. क्या अर्थव्यवस्था के सभी संसाधनों का पूर्ण विदोहन हो रहा है?
  4. आय का सन्तुलन स्तर कैसे निर्धारित किया जाए?
  5. सामूहिक पूर्ति का निर्धारण कैसे क्यिा जाए?
  6. अर्थव्यवस्था में सामूहिक पूर्ति का स्तर कया है?

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प्रश्न 22.
सकारात्मक एवं आदर्शात्मक आर्थिक विश्लेषण का अर्थ लिखिए।
उत्तर:
सकारात्मक आर्थिक विश्लेषण से अभिप्राय किसी तंत्र के कार्य का मूल्यांकन करना है जबकि आदर्शात्मक विश्लेषण से अभिप्राय किसी तंत्र की वांछनीयता या अवांछनीयता के बारे में मूल्याकन करने से होता है। सकारात्मक एवं आदर्शात्मक मुद्दे केन्द्रीय आर्थिक समस्याओं के अध्ययन में घनिष्ठ रूप से संबंधित होते हैं। एक के प्रभाव में दूसरे को समझना संभव नहीं होता है। अतः दोनों प्रकार के विश्लेषण एक-दूसरे के पूरक होते हैं।

प्रश्न 23.
व्यष्टि अर्थशास्त्र की विषय-वस्तु के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
कुछ महत्त्वपूर्ण व्यष्टि अर्थशास्त्र के विषय निम्नवत हैं –

  1. एक वस्तु की माँग
  2. एक वस्तु की आपूर्ति
  3. एक वस्तु की कीमत का निर्धारण
  4. एक फर्म का सम्य
  5. एक वस्तु की उत्पादन लागत
  6. एक फर्म को प्राप्त लागत

प्रश्न 24.
एक बाजार अर्थव्यवस्था के द्वारा केन्द्रीय समस्याओं को हल करने के तरीके के बारे में संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
एक बाजार अर्थव्यवस्था में विभिन्न आर्थिक इकाइयाँ मुक्त रूप से आपस में संव्यवहार करती हैं। अतः विवेकशील आर्थिक इकाइयों के संव्यवहार से बाजार की समस्याएँ स्वतः हल हो जाती हैं। मूल आर्थिक समस्याओं का निराकरण विकेन्द्रीयकृत हल होता है अर्थात् समस्याओं का हल केन्द्रीय सत्ता नहीं करती है बल्कि सब मिलकर करते हैं। समाजवादी अर्थव्यवस्था में केन्द्रीय समस्याओं का हल नियोजन के माध्यम से केन्द्रीय सत्ता करती है।

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प्रश्न 25.
एक अर्थव्यवस्था सन्तुलन के कब कही जाती है?
उत्तर:
कोई अकेली आर्थिक इकाई सन्तुलन प्राप्त नहीं कर सकती है। बाजार अर्थव्यवस्था में विवेकशील व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयाँ अपने हित के अनुरूप आर्थिक क्रियाओं का संचालन करके स्वतः ही आर्थिक समस्याओं को हल करती हैं और सन्तुलन की अवस्था को प्राप्त करती हैं। अदृश्य शक्तियाँ क्रियाशील होकर सन्तुलन की अवस्था को प्राप्त करती है। प्रत्येक, आर्थिक इकाई इस प्रकार से कार्य करती है जो दूसरी आर्थिक इकाइयों के साथ मिलान करने लायक हो। संसाधनों के आबंटन एवं उनकी उपलब्धता के आधार पर ही अन्तिम वस्तुओं का आबंटन आधारित होता है। जब अर्थव्यवस्था कोई भी परिवर्तन नहीं चाहती है तब उसे सन्तुलन में माना जाता है।

प्रश्न 26.
अर्थशास्त्र की दो मुख्य शाखाओं के नाम लिखिए, उनके अर्थ भी लिखिए।
उत्तर:
अर्थशास्त्र की विषय-वस्तु का मुख्य रूप से दो शाखाओं के अन्तर्गत अध्ययन किया जाता है, जो निम्नवत हैं –

  1. व्यष्टि अर्थशास्त्र, व
  2. समष्टि अर्थशास्त्र

व्यष्टि अर्थशास्त्र-अर्थशास्त्र की वह शाखा जिसमें व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है, उसे व्यष्टि अर्थशास्त्र कहते हैं। यह शाखा यह प्रदर्शित करती है कि विभिन्न आर्थिक इकाइयाँ आपसी व्यवहार के द्वारा किस प्रकार से वस्तु की मात्रा एवं कीमत का निर्धारण करती हैं। समष्टि अर्थशास्त्र-अर्थशास्त्र की वह शाखा जिसमें सामूहिक आर्थिक इकाइयों के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है, उसे समष्टि अर्थशास्त्र कहते हैं। इस शाखा में सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था को एक आर्थिक इकाई के रूप में अध्ययन किया जाता है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
एक बाजार होता है –
(A) व्यवस्थाओं का कोई भी समुच्चय जो लोगों को आपस में मुक्त रूप से व्यवहार करने की अनुमति प्रदान करता है।
(B) व्यवस्थाओं का कोई भी समुच्चय जो लोगों को आपस में मुक्त रूप से व्यवहार करने के अनुमति प्रदान नहीं करता है।
(C) व्यवस्थाओं का कोई भी ऐसे समुच्चय जो लोगों को आपस में बंधन मुक्त व्यवहार करने की अनुमति प्रदान करता है।
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(A) व्यवस्थाओं का कोई भी समुच्चय जो लोगों को आपस में मुक्त रूप से व्यवहार करने की अनुमति प्रदान करता है।

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प्रश्न 2.
एक व्यक्ति के पास संसाधन होते हैं –
(A) असीमित
(B) सीमित
(C) न तो असीमित, न सीमित
(D) या तो सीमित या असीमित
उत्तर:
(B) सीमित

प्रश्न 3.
लोग प्रयास करते हैं –
(A) अपने संसाधनों का सबसे बेकार उपयोग करने का
(B) अपने संसाधनों का अच्छा उपयोग करने का
(C) अपने संसाधनों का सर्वोच्य रूप से उपयोग करने का
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(C) अपने संसाधनों का सर्वोच्य रूप से उपयोग करने का

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प्रश्न 4.
उपभोग के वक्त विभिन्न वस्तुओं का चयन करते वक्त एक उपभोक्ता विवेकशील होता है –
(A) जब वह रूचि व अभिरुचियों के अनुरूप चयन करता है
(B) जब वह रूचि व अभिरुचियों के विरूद्ध चयन करता है
(C) जब वह अपने रिश्तेदारों की रूचि-अभिरुचियों के अनुरूप चयन करता है
(D) जब वह अपनी भावनाओं के अनुरूप चयन करता है
उत्तर:
(D) जब वह अपनी भावनाओं के अनुरूप चयन करता है

प्रश्न 5.
वह तालिका जिसमें उपभोक्ता द्वारा विभिन्न कीमतों पर माँगी गई मात्राओं को दर्शाया जाता है, उसे कहते हैं –
(A) बाजार माँग अनुसूचि
(B) उपभोक्ता माँग अनुसूचि
(C) बाजार पूर्ति अनुसूचि
(D) उत्पादक पूर्ति अनुसूचित
उत्तर:
(B) उपभोक्ता माँग अनुसूचि

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प्रश्न 6.
वह तालिका जिसमें उत्पादक द्वारा विभिन्न कीमतों पर बेची गई मात्राओं को दर्शाया जाता है, उसे कहते हैं –
(A) बाजार माँग अनुसूचि
(B) उपभोक्ता माँग अनुसूचि
(C) बाजार पूर्ति अनुसूचि
(D) उत्पादक पूर्ति अनुसूचित
उत्तर:
(D) बाजार पूर्ति अनुसूचि

प्रश्न 7.
विभिन्न कीमतों पर बाजार में मौजूद सभी उत्पादकों द्वारा बेची जाने वाली मात्राओं को दर्शाने वाली तालिका को कहते हैं।
(A) व्यक्तिगत माँग अनुसूचि
(B) व्यक्तिगत पूर्ति अनुसूचि
(C) बाजार पूर्ति अनुसूचि
(D) बाजार माँग अनुसूचि
उत्तर:
(C) बाजार पूर्ति अनुसूचि

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प्रश्न 8.
विभिन्न कीमतों पर बाजार में मौजूद सभी उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी जाने वाली मात्राओं को दर्शाने वाली तालिका को कहते हैं –
(A) व्यक्तिगत माँग अनुसूचि
(B) व्यक्तिगत पूर्ति अनुसूचि
(C) बाजार पूर्ति अनुसूचि
(D) बाजार माँग अनुसूचि
उत्तर:
(C) बाजार पूर्ति अनुसूचि

प्रश्न 9.
जिस कीमत पर वस्तु की माँगी गई मात्रा व पूर्ति की गई मात्रा दोनों समान होती हैं, उस कीमत को कहते हैं –
(A) साम्य मांगी गई मात्रा
(B) साम्य पूर्ति की गई मात्रा
(C) साम्य कीमत
(D) लागत
उत्तर:
(C) साम्य कीमत

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प्रश्न 10.
अवसर लागत का वैकल्पिक नाम है –
(A) आर्थिक लागत
(B) साम्य कीमत
(C) सीमांत लागत
(D) औसत लागत
उत्तर:
(A) आर्थिक लागत

Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 16 स्वार्थी दानव

Bihar Board Class 6 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 1 Chapter 16 स्वार्थी दानव Text Book Questions and Answers and Summary.

BSEB Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 16 स्वार्थी दानव

Bihar Board Class 6 Hindi स्वार्थी दानव Text Book Questions and Answers

प्रश्न-अभ्यास

पाठ से –

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के चार-चार विकल्प दिए गए हैं। उचित विकल्प के सामने (✓) का निशान लगाइए।

(क) दानव के बाग में सतालू के कितने पेड़ थे?
(i) आठ
(ii) दस
(iii) बारह
(iv) चौदह
उत्तर:
(iii) बारह

Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 16 स्वार्थी दानव

(ख) दानव अपने मित्र के पास कितने वर्षों तक रूका था ?
(i) छ:
(ii) सात
(iii) आठ
(iv) नौ
उत्तर:
(ii) सात

(ग) इस कहानी के लेखक कौन हैं ?
(i) ऑस्कर वाइल्ड
(ii) प्रो. रामजी राय
(iii) कॉनिस
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(i) ऑस्कर वाइल्ड

प्रश्न 2.
स्वार्थी दानव ने बाग के चारों ओर ऊंची दीवार क्यों खड़ी कर दी?
उत्तर:
दानव स्वार्थी था । वह बगीचा को अपना समझता था और बच्चों को खेलना वह पसंद नहीं करता था।

प्रश्न 3.
बाग के चारों ओर ऊँची दीवार खड़ी करने का क्या परिणाम हुआ?
उत्तर:
बाग के चारों ओर दीवार खड़ी करने का परिणाम यह हुआ कि बाग में बच्चों का आना बंद हो गया। फिर से जाड़ा आ गया। चिड़ियों का मधुर संगीत बंद हो गया। फूल का खिलना बंद हो गया। बसंत वापस चला गया।

Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 16 स्वार्थी दानव

प्रश्न 4.
स्वार्थी दानव ने बाग में कौन-सा अद्भुत दृश्य देखा?
उत्तर:
स्वार्थी दानव ने बाग के कोने में एक अद्भुत दृश्य देखा-एक पेड़ सुन्दर उजली कलियों से लदा हुआ था। उसकी डालियां सुनहली थी और उसमें चाँदी की तरह उजले उजले फल लटक रहे थे। उसके नीचे वही छोटा बच्चा खड़ा था जिससे वह बहुत प्यार करता था और जिसे देखने के लिए वह तरसता रहता था।

प्रश्न 5.
छोटा लड़का घायल कैसे हो गया था।
उत्तर:
उसके दोनों हथेली और पेड़ों में दो काँटी गड़ गये थे। दानव के पूछने पर उसने कहा-ये तुम्हारे प्रेम के घाव हैं।

पाठ से आगे –

प्रश्न 1.
(क) ‘लेकिन बच्चे सबसे सुन्दर फूल हैं।’ स्वार्थी दानव ने ऐसा क्यों सोचा?
उत्तर:
बच्चे के कारण ही फूल खिलते हैं ऐसा अनुभव स्वार्थी दानव को हुआ था। क्योंकि बच्चे जब बाग में आना बंद कर दिये तो आया बसंत’ वापस चला गया था। अतः उसने सोचा-बच्चे सबसे सुन्दर फूल हैं।

(ख) “ये प्रेम के घाव हैं।” छोटे लड़के के कहने का क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
दानव के हृदय में उस छोटे लडके प्रति अत्यधिक प्रेम था। वह उसके दर्शन के लिए तरसता रहता था। हम तुम्हारे प्रेम से घायल हो गये हैं । यही छोटे लड़के के कहने का अभिप्राय था।

प्रश्न 2.
स्वार्थी दानव को कब महसूस हुआ कि बहुत बड़ी गलती की है?
उत्तर:
जब उसने स्वार्थवश अपने बगीचे के चारों ओर दीवार खड़ी कर दी। जब बच्चे बगीचे में आना बंद कर दिये । बसंत वापस चला गया। फिर से जाड़े पड़ने लगे। ओला गिरना प्रारम्भ हो गया। चिड़ियों का मधुर संगीत बंद हो गया तब स्वार्थी दानव को अनुभव हुआ कि उसने बहुत बड़ी गलती की है।

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प्रश्न 3.
‘अनाधिकार प्रवेश करनेवालों को सजा मिलेगी।’ ऐसा – वाक्य और कहाँ-कहाँ लिखा जाता है ?
उत्तर:
“अनाधिकार प्रवेश निषेध” ऐसा वाक्य तो बहुत जगह दिखाई पड़ते हैं लेकिन “अनाधिकार प्रवेश करने वालों को सजा मिलेगी।” ऐसा वाक्य कहीं भी दिखाई नहीं पड़ता है।

प्रश्न 4.
भारतवर्ष में कौन-कौन-सी ऋतुएँ हैं ? आपको सबसे अच्छी ऋतु कौन-सी लगती है। तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर:
भारतवर्ष में बसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शिशिर, शरद और हेमन्त नामक छः ऋतुएँ होती हैं जिसमें हमको वसंत ऋतु सबसे अच्छी लगती है क्योंकि इस ऋतु में पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं। फूल खिलते हैं। हवा सुगन्धयुक्त बहती है। बगीचे में कोयल की मीठी गान सुनाई पड़ने लगता है।

प्रश्न 5.
शीत ऋतु एवं वसंत ऋतु में प्रकृति के दृश्यों का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर:
शीत ऋतु में प्रकृति के सारे पेड़-पौधे बर्फ से ढंक जाते हैं। कैंपाने वाली हवा बहती है। पेड-पौधे पत्ते विहीन दिखते हैं।

बसंत ऋतु में बाग-बगीचे में पेड़-पौधे में नये-नये पत्ते लग जाते हैं। फूल खिलने लगते हैं। सुगन्ध युक्त हवा बहती है। चिड़ियों का मधुर गीत सुनाई पड़ने लगती है।

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व्याकरण

प्रश्न 1.
‘अन्’ उपसर्ग लगाकर पाँच शब्द बनाइए।
उत्तर:
अनावश्यक, अनाधिकार, अनुपस्थित, अनाध्याय, अनीश।

प्रश्न 2.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द बताइए
प्रश्नोत्तर –
(क) दोपहर से पहल का समय।
उत्तर:
पूर्वाह्न ।

(ख) दोपहर के बाद का समय।
उत्तर:
अपराह्न ।

(ग) अपना मतलब निकालने वाला।
उत्तर:
स्वार्थी।

(घ) दूसरों पर दया करने वाला।
उत्तर:
दयालु।

(ङ) दूसरों पर उपकार करने वाला।
उत्तर
परोपकारी ।

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प्रश्न 3.
इस पाठ में आए पाँच विशेषण शब्दों को चुनकर लिखिए।
उत्तर:
स्वार्थी, हरी, सुन्दर, कोमल, ऊँची।

प्रश्न 4.
पढ़िए, समझिए और वाक्य रचना बदलिए
प्रश्नोत्तर-
(क) मैं बच्चों को पेड़ पर चढ़ने देनेवाला नहीं हूँ।
उत्तर:
मैं बच्चों को पेड़ पर चढ़ने नहीं दूंगा।

(ख) फूल खिलने वाले हैं।
उत्तर:
फूल खिलेंगे।

(ग) छोटी चिड़िया गाने वाली है।
उत्तर:
छोटी चिड़िया गायेगी।

(घ) दानव उसे तलवार से दो टूक करने वाला है।
उत्तर:
दानव उसे तलवार से दो टूक कर देगा।

(ङ) अपराह्न में स्कूल बंद होने वाला है।
उत्तर:
अपराह्न में स्कूल बंद हो जायेगा।

Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 16 स्वार्थी दानव

कुछ करने को –

प्रश्न 1.
क्या स्वार्थी लोगों को इस प्रकार की सजा देना उचित है? अपने साथियों से चर्चा कीजिए और लिखिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 16 स्वार्थी दानव

स्वार्थी दानव Summary in Hindi

पाठ का सार-संक्षेप

एक बगीचा एक दानव का था। वह बडा स्वार्थी था। वह कुछ दिनों के लिए अपने मित्र से मिलने गया था। इसी बीच कुछ बच्चे बगीचा में खेलने लग गयं । जब दानव आया तो अपने बगीचे में बच्चों के खेलते देख स्वार्थवश बाल उठा-मैं किसी को बगीचे में खेलने नहीं दंगा। उसने चारों ओर ऊँची दीवार खड़ी कर दी और सूचना-पट्ट टाँग दिया जिसमें लिखा था’अनाधिकार प्रवेश करने वाले को सजा मिलेगी।’

अब बच्चे बगीच में जाना बंद कर दिये । दीवार के बाहर ही चारों ओर घूम-घूमकर बगीचे की चर्चा किया करते थे।

बसंत आ गया, सब जगह फूल खिल गये, लेकिन दानव के बगीचे में अभी भी जाड़ा ही था। पेड़-पौधे बर्फ से ढंके दिख रहे थे। चिड़िया भी नहीं दिखती क्योंकि वसंत वहाँ आया ही नहीं था। ओले पड़ते थे। दानव चिन्तित हो उठा। बसंत आने में देर क्या? एक दिन दानव ने एक छोटी चिड़िया की मधुर गीत सुन खुश हो उठा कि अब बसंत आ गया। वह बिस्तर से उठकर बाहर घूमने लगा । ओले पड़ने बंद थे। फूल खिलने लगे थे। वह अपने बगीचे में घूमते हुए देखा कि कुछ बच्चे पेड़ पर और एक छोटा बच्चा पेड़ पर चढ़ने का प्रयास करता लेकिन चढ़ नहीं पाने के कारण रो रहा था। पेड़ पर अभी भी बर्फ जमी थी।

Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 16 स्वार्थी दानव

पेड़ अपनी डाली झुकाकर बच्चों को चढ़ने के लिए कहा लेकिन बच्चे चढ़ नहीं पा रहे थे। इस दृश्य को देखकर दानव द्रवित हो गया। उसने बच्चा को गोद में उठाकर पेड़ पर चढ़ा दिया । दानव को देख बच्चे भाग गये। एका एक ओले पड़ने लगे, जाड़ा आ गया । यह सब देख स्वार्थी दानव का हृदय बदल गया। उसी समय उसने दीवार तोड़ दी। बच्चे बगीचे में आ गये। बसंत फिर आ गया। अब बच्चे समझ गये दानव कठोर नहीं है। बच्चे दानव के साथ खेलते भी थे। लेकिन वह छोटा बच्चा आना बंद कर दिया । दानव बच्चों से खूब प्यार करता लेकिन उस छोटे बच्चे के लिए तरसता रहता था। वह बूढ़ा हो गया तब बच्चों के साथ खेलना बंद कर दिया, __ केवल आराम कुसों पर बैठकर बाग और बच्चों की प्रशंसा करता रहता था। उसे फूल से भी सुन्दर फूल के रूप में बच्चे लगते थे।

एक दिन उसने देखा, बगीचे के एक कोने में पेड सन्दर कलियों से ढंक गये हैं। वहीं पर एक छोटा बच्चा खड़ा है। वह पहचान गया वही बच्चा था जिसको उसने प्यार से कभी पेड़ पर चढ़ाया था। वह निकट आया। वह घायल था। उसकी हथेली में काँटी चुभने का निशान था। उसने बच्चा से पूछा, तुम्हें किसने घायल किया है। मैं उसे अपनी तलवार से काट दूंगा । बच्चा ने कहा, ये प्यार के घाव हैं। दानव ने पूछा, तुम कौन हो उसे भय होने लगा। उसने बालक के सामने सिर टेक दिया। बच्चा ने कहा—तुमने हमें बगीचे में घुमने दिया है। अतः अब तुम मेरे बगीचा में घुमोगे। वह बगीचा स्वर्ग में है। वह दानव उसी समय मर गया। जब बच्चे वहाँ आये तो देखा कि दानव – मरा पड़ा है उसके शरीर फूल कलियों से ढंके हैं।

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.5

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.5 Text Book Questions and Answers.

BSEB Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.5

प्रश्न 1.
बाइए नीचे दी गई संख्याओं में कौन-कौन परिमेय है और कौन-कौन अपरिमेय हैं?

  1. 2 – √5
  2. (3 +\(\sqrt{23}\)) – \(\sqrt{23}\)
  3. \(\frac{2√7}{7√7}\)
  4. \(\frac{1}{√2}\)

उत्तर:

  1. अपरिमेय, क्योंकि √5 एक अपरिमेय संख्या है।
  2. 3 + \(\sqrt{23}\) – \(\sqrt{23}\) = 3, परिमेय संख्या है।
  3. \(\frac{2√7}{7√7}\) = \(\frac{2}{7}\) परिमेय संख्या है।
  4. \(\frac{1}{√2}\) – \(\frac{√2}{2}\) अपरिमेय संख्या है क्योंकि √2 अपरिमेय है।
  5. 2π अपरिमेय संख्या है क्योंकि त अपरिमेय है।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित व्यंजकों में से प्रत्येक व्यंजक को सरल कीजिए
(i) (3 +√3) (2 + √2)
(ii) (3 + √3) (3 – √3)
(iii) (√5 + √2)²
(iv) (√5 – √2) (√5 + √2).
हल:
(i) (3 +√3) (2 + √2)
= 3 × 2 + 2 × √3 + √2 × 3 + √3 × √2
= 6 + 2√3 + 3√2 + √6.

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(ii) (3 + √3) (3 – √3)
= 3² – (√3)²
= 9 – 3 = 6.

(iii) (√5 + √2)²
= (√5)² + (√2)² + 2 × √5 × √2
= 5 + 2 – 2\(\sqrt{10}\) = 7 + 2\(\sqrt{10}\).

(iv) (√5 – √2) (√5 + √2) = (√5)² – (√2)²
= 5 – 2 = 3.

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प्रश्न 3.
आपको याद हगा कि। को एक वृत्त की परिधि (मान लीजिए और उसके व्यास (मान लीजिए d) के अनुपात से परिभाषित किया जाता है, अर्थात् π = \(\frac{c}{d}\) है। यह इस तथ्य का अंतर्विरोध करता हुआ प्रतीत होता है कि अपरिमेय है। इस अंतर्विरोध का निराकरण आप किम प्रकार करेंगे?
उत्तर:
स्पष्ट है कि \(\frac{c}{d}\) = \(\frac{c}{d}\) , π का एक निकटतम मान है, जो कि दो संख्याओं के अनुपात से प्राप्त हुआ है।
तथा पूँकि π एक अपरिमेय संख्या है।
अत: यह इस तथ्य का विरोध नहीं है।

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प्रश्न 4.
संख्या रेखा पर \(\sqrt{9.3}\) को निरूपित कीजिए।
हल:
एक दो हुई रेला पर एक स्थिर विन्दु A से 9.3 एकक की दरी पर चिर लगएँ तथा उस विन्द को B मान लें, जिससे कि AB = 9.3 एकक B से। एकक की दूरी पर चिड़ लगाइए और इस नए बिन्दूको मान लीजिए। AC का मध्य बिन्द ज्ञात कीजिए और उसे 0 मान लीजिए। अब०को केन्द्र और.cकोत्रिज्या मानकर एकअर्धवनचनाहएI AC केबिन्द B पर एक लम्ब रेखा खींची जो अर्डवत को D पर काटती हो, तर BD = \(\sqrt{9.3}\) है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.5
अब बिन्दु B को केन्द्र व BD को त्रिज्या मानकर एक चाप खींचिए जो रेखा AB को आगे बढ़ाने पर E पर काटती है. अतः अब BE संख्या रेला परा \(\sqrt{9.3}\) को निरुपित करेगा और यदि B का मान शून्य लें तो E = \(\sqrt{9.3}\) निरूपित होगा।

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित केहरों का परियकरण कीजिए
(i) \(\frac{1}{√7}\)
(ii) \(\frac{1}{√7-√6}\)
(iii) \(\frac{1}{√5-√2}\)
(iv) \(\frac{1}{√7-2}\)
हल:
(i) \(\frac{1}{√7}\) = \(\frac{1}{√7}\) × \(\frac{√7}{√7}\)
(अश व हर में √7 का गुण करने पर)
= \(\frac{√7}{7}\)

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Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.4

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BSEB Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.4

प्रश्न 1.
उत्तरोत्तर आवर्धन करके संख्या रेखा पर 3.765 को देखिए।
हल:
हम जानते है कि 3.765 संख्या और 4 के बीच स्थित है। आतः हम और 4 के बीच संख्या रेखा को 10 बराबर भागों में नौटते है और इस भाग के प्रत्येक बिन्दुको अंकित करते है, जैसा आकृति 1.30 में दिखाया गया है। अब 3.765 संख्या 3.7 और 3.8 के बीच स्थित है। अत: हम 3.7 और 3.8 के बीच संख्या रेखा को आवर्धन शीशे का प्रयोग करके पनः 10 बराबर भागों में बाँटते और इस भाग के प्रत्येक बिन्दु को अंकित करते है.जय पाना चिहको निरूपित करेगा दसरा चिड1.72 को निरूपित करेगा, आदि-आदि, जैसा आकृति 1.3 (ii) में दिखाया गया है। आय 3.765 पुन: 3.76 और 3.77 के बीच स्थित है। इसलिए अब संख्या रेखा के इस भाग पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हैं आकृरि 1.3 (ii) में और कल्पना करें कि यह भाग 10 बराबर भागों में बाँटा गया है। इसे स्पष्ट रूप से देखने के लिए आवधित करते है, जैसा अकृति 1.3 (iii) में दिखाया गया है, जहाँ पहला चिह्न 3.761 को निरूपित करेगा, दूसरा चिह्न 3.762 को निरूपित करेगा, आदि-आदि। अत: 3.765 इस उपविभाजन का पांचवा चिह्न है। एक आवर्धन शीशे की सहायता से हम इसे देख सकते हैं।

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इस तरह हमने यह देखा कि पर्याप्त रूप से उत्तरोत्तर आवर्धन द्वारा सांन दशमलव वाले प्रसार बाली वास्तविक संख्या को संख्या रेखा र स्थिति (या निरूपण) को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
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प्रश्न 2.
4 दशमलव स्थानों तक संख्या रेखा पर 4.\(\bar { 26 }\) को देखिए।
हल:
हम उत्तरोत्तर आवर्धन करते है और उस वास्तविक रेखा के भागों की लम्बाइयों में उत्तरोत्तर कमी करते जाते हैं जिसमें 4.\(\bar { 26 }\) स्थित है। सबसे पहले हम यह देखते हैं कि 4.\(\bar { 26 }\) संख्या 4 और 5 के बीच स्थित है। इसलिए हम 4 और 5 के बीच संख्या रेखा को 10 बाबर भागों में बाँटते हैं और प्रत्येक बिन्दु को निरूपित करते हैं जैसा आकृति 1.4 (i) में दर्शाया गया है। अगले चरण में हम 4.\(\bar { 26 }\) का 4.2 और 4.3 के बीच स्थान निर्धारण करते हैं। निरूपण को और अधिक परिशुद्ध रूप से देखने के लिए, हम वास्तविक रेया के इस भाग को दस बराबर भागों में बाँट देते हैं। आकृति 1.4 (ii)] और आवर्धन शीशे से यह में देखते हैं कि 4.\(\bar { 26 }\) संख्या 4.26 और 427 के बीच स्थित है।

4.\(\bar { 26 }\) को और अधिक परिशुद्ध देखने के लिए, हम 4.26 और 4.27 के बीच के भाग को पुनः 10 बाबर भागों में बाँट देते है [आकृति 1.4 (i) और आषर्धन शीशे से यह देखते हैं कि 4.26 संख्या 4.262 तथा 4.263 के बीच स्थित है।

4.\(\bar { 26 }\) को और अधिक परिशुद्ध देखने के लिए हम 4.262 और 4.263 के बीच के भाग को पुनः10 बाबर भागों में जुट देते हैं. [आकृति 1.4 (iv)] तथा आवर्धन शीशे की सहायता से 4.\(\bar { 26 }\) को देखते हैं। ध्यान दीजिए कि 4.\(\bar { 26 }\), 4.262 की अपेक्षा 4.263 के अधिक निकट है।

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Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 14 डॉ. भीमराव अम्बेदकर

Bihar Board Class 6 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 1 Chapter 14 डॉ. भीमराव अम्बेदकर Text Book Questions and Answers and Summary.

BSEB Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 14 डॉ. भीमराव अम्बेदकर

Bihar Board Class 6 Hindi डॉ. भीमराव अम्बेदकर Text Book Questions and Answers

प्रश्न-अभ्यास

पाठ से –

प्रश्न 1.
डॉ. अम्बेडकर के योगदानों की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
डा. अम्बेडकर का जीवन देश और समाज के लिये समर्पित था। उन्होंने देश के लिए कुछ अमूल्य सेवायें दी जैसे –

  1. अछूतों को समानता का अधिकार दिलाया।
  2. राष्ट्र की एकता के लिये संविधान में आवश्यक व्यवस्था करना।
  3. स्वतन्त्र भारत के संविधान के निर्माण के लिये अपनी सेवायें देना।
  4. धर्म, आंति, वर्ग आदि के कारण उत्पन्न भेद-भाव को जड़ से मिटा देने का संकल्प तथा प्रयास करना।

प्रश्न 2.
डा. अम्बेडकर ने बौद्ध धर्म क्यों स्वीकार कर लिया?
उत्तर:
डा. अम्बेडकर धर्म को मनुष्य के लिये आवश्यक मानते थे। उनका संघर्ष उन बुराईयों से था जिसमें धर्म के कारण मनुष्यों के बीच भेद-भाव पैदा करते थे। उनके अनुसार बौद्धधर्म समानता के सिद्धान्त पर आध रित है। इसीलिये उस समानता का सम्मान करते हुये डा. अम्बेडकर ने बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया।

Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 14 डॉ. भीमराव अम्बेदकर

प्रश्न 3.
डा. अम्बेडकर ने बड़ौदा महाराज की नौकरी क्यों छोड़ दी?
उत्तर:
डा. अम्बेडकर ने बड़ौदा महाराज की सेवा काल में अनुभव किया कि यहाँ भी जातिगत भेद-भाव का साम्राज्य है। कट्टरपंथी समुदाय के लोग उनके प्रति सहिष्णुता और समानता का भाव नहीं रखते। इस व्यवहार से क्षुब्ध होकर भीमराव ने बड़ौदा महाराज की नौकरी छोड़ दी।

प्रश्न 4.
डा. अम्बेडकर के विचारों से आप कहाँ तक सहमत हैं और क्यों?
उत्तर:
डा. अम्बेडकर के विचार अत्यन्त प्रासंगिक थे। वे देश और समाज के हित में थे और अभी भी हैं। अतः उनके विचारों से असहमत होने का प्रश्न ही नहीं उठता।

प्रश्न 5.
नीचे स्तम्भ ‘क’ में डा. भीमराव अम्बेडकर के जीवन से जुड़ी कुछ प्रमुख घटनाओं का विवरण है तथा स्तम्भ ‘ख’ में उन घटनाओं के वर्ष दिये गये हैं। इन्हें सही क्रम में मिलान कीजिये।
Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 14 डॉ. भीमराव अम्बेदकर 1
उत्तर:
(क) – 3 (1891)
(ख) – 4(1907)
(ग) – 1 (1913)
(घ) – 2 (1905)
(ङ) – 6 (1920)
(च) – 5 (1956)

Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 14 डॉ. भीमराव अम्बेदकर

पाठ से आगे –

प्रश्न 1.
डॉ. अम्बेदकर को ‘भारतीय संविधान का जनक’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
स्वतन्त्र भारत के संविधान के निर्माण के लिये अपनी सेवायें देना तथा उन्हीं के नेतृत्व में भारतीय संविधान का प्रारूप तैयार किया गया था इसीलिए इन्हें भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है।।

प्रश्न 2.
डॉ. अम्बेदकर को ‘बाबा साहब’ के उपनाम से जानते हैं। कुछ और भी महापुरुषों को उपनाम से जाना जाता है। उनके नाम और उपनाम को लिखिए।
उत्तर:
1. रवीन्द्रनाथ टैगोर – गुरुदेव
2. मोहनदास करमचन्द गाँधी – बापू
3. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद – देशरत्न
4. सुभाषचन्द्र बोस – नेताजी
5. बल्लभ भाई पटेल – सरदार

प्रश्न 3.
‘बाबा साहब’ किस प्रकार के भारत को देखना चाहते थे ?
उत्तर:
‘बाबा साहब’ भारत के उस स्वरूप को देखना चाहते थे जिसमें छूत-अछूत का कोई विचार नहीं हो। कोई भी समाज का व्यक्ति किसी से दलित न हो। भारत में जाति के आधार पर पेशा नहीं हो बल्कि ज्ञान एवं अभिरुचि के आधार पर पेशा को ग्रहण करें। समाज के सभी व्यक्ति को समान अधिकार प्राप्त हो। इत्यादि ।

व्याकरण

प्रश्न 1.
इन शब्दों के शुद्ध रूप लिखिए।
महतवपूर्ण, परीस्थीती, निसचय, आत्मविसवास, रत्नागीरी, अधयापक ।
उत्तर:
Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 14 डॉ. भीमराव अम्बेदकर 2

Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 14 डॉ. भीमराव अम्बेदकर

प्रश्न 2.
“स्वामीजी, मैं ईश्वर का दर्शन करना चाहता हूँ। क्या आप ऐसा कर सकेंगे?”
साधु ने तपाक से कहा, “अरे ! क्यों नहीं ! कल सवेरे यहाँ आ जाना । हम लोग साथ-साथ सामने के पहाड़ की चोटी पर चलेंगे। वहाँ जाकर मैं तुम्हारी इच्छा पूरी कर दूंगा।”
उपर्युक्त अंश में उद्धरण चिह्न (” “), विस्मयादिसूचक चिह्न (!), प्रश्नसूचक चिह्न (?), योजक चिह्न (-), अल्प विराम चिह्न (,) तथा पूर्ण विराम चिह्न (।) हैं।
इस पाठ में भी इस तरह के विराम चिह्नों का प्रयोग किया गया है। उसका कुछ अंश लिखिए।
उत्तर:
अचानक वह उठ खड़ा हो जाता है। आँसू पोंछकर सोचता है, “मैं अछूत हूँ, यह पाप है। किसने बनाया है छुआछूत की व्यवस्था ? किसने बनाया है किसी को नीच? किसी को ऊँच? भगवान ने ? हर्गिज नहीं। वह ऐसा नहीं कर सकता। वह सबको समान रूप से जन्म देता है। यह बुराई मनुष्य ने पैदा की है। मैं इसे मिटाकर रहूँगा।”

कुछ करने को –

प्रश्न 1.
इस वर्ग पहेली में पाँच महापुरुषों के नाम छिपे हैं। उनके नाम मोटे लिखे गए अक्षर से शुरू होता है । ढूँढ़कर लिखिए।
Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 14 डॉ. भीमराव अम्बेदकर 3
उत्तर:

  1. महात्मा गाँधी
  2. जवाहरलाल नेहरू
  3. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
  4. सुभाषचन्द्र बोस
  5. रवीन्द्रनाथ टैगोर ।

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प्रश्न 2.
आपकी कक्षा में विभिन्न परिवेश के बच्चे पढ़ते हैं। आप सहपाठियों के घर पर जाकर देखिए कि वहाँ क्या-क्या होता है ? उनके अभिभावकों से बातचीत कीजिए और अपने मित्रों से उस पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 3.
भारतीय संविधान की प्रस्तावना साफ-साफ एवं सुंदर अक्षर में लिखिए और कक्षा में सुनाइए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

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डॉ. भीमराव अम्बेदकर Summary in Hindi

पाठ का सार-संक्षेप

मध्यप्रदेश के महानगर में रामजी नाम के एक सूबेदार मेजर थे। 14 अप्रिल, 1891 ई० को सूबेदार के घर में एक बालक ने जन्म लिया। यह उनकी चौदहवीं संतान थी। जब यह बालक पाँच वर्ष का हुआ तब उसकी माँ का स्वर्गवास हो गया। बालक की माँ का नाम मीराबाई था। बालक के पालन-पोषण का भार उसकी चाची के कंधों पर आ गया जो प्यार से बच्चे को ‘मीना’ कहकर बुलाती थी। बड़ा होकर वही बालक भीमराव रामजी अम्बेडकर कहलाया। भीमराव की स्कूली शिक्षा रत्नागिरि नामक शहर में स्थित एक मराठी स्कूल से आरंभ हुयी। बाद में भीमराव के पिता सतारा आ गये और अपने बच्चे का दाखिला एक सरकारी स्कूल में करा दिया।

सन् 1905 में भीमराव का विवाह रामाबाई नाम की कन्या से कर दिया गया। उस समय कन्या की उम्र मात्र नौ वर्ष की थी। इस बीच भीमराव के पिता बम्बई आ गये और वहाँ के एलफिंस्टन स्कूल में अपने बेटे का नाम लिखा दिया जहाँ से सन् 1907 में भीमराव ने मैट्रिक की परीक्षा पास की। महार जाति के लिये भीमराव का मैट्रिक पास करना एक अत्यन्त गौरव की बात थी। भीमराव एलफिंस्टन कॉलेज में पढ़ने लगे जहाँ से सन् 1913 में इन्होंने बी.ए. की परीक्षा पास की । बड़ौदा के महाराज सयाजीराव गायकवाड़ ने प्रसन्न होकर उन्हें अपने दरबार में नौकरी दे दी पर दुर्भाग्यवश इसी वर्ष भीमराव के पिता का निध न हो गया।

बड़ौदा के महाराज की अनुकम्पा और प्यार युवा भीमराव पर अत्यधि क था पर दरबार के कटरपंथी उनसे ईर्ष्या और घृणा करते थे। अतः निराश होकर भीमराव ने अपनी उच्च शिक्षा जारी रखने के लिये अमेरिका के कोलम्बिया विश्वविद्यालय में दखिला ले लिया। बडौदा के महाजन ने अपनी ओर से छात्रवृत्ति देकर भीमराव के आगे की पढ़ाई के लिये सहायता एवं सहयोग दिया। कोलम्बिया विश्वविद्यालय में भीमराव को प्यार और समानता का व्यवहार मिला और वहाँ से उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि ग्रहण की। विदेश प्रवास के दौरान डा0 भीमराव ने दो पुस्तकें लिखीं और उनकी विद्वता की ध क सर्वत्र जम गयीं। इसका प्रतिफल यह हुआ कि डा. अम्बेडकर को मुम्बई के एक कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर नियुक्त कर लिया गया। किन्तु यहाँ भी डा. भीमराव को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा क्योंकि एक विशेष जातिवर्ग का होने के कारण कट्टरपंथी उनसे घृणा करते थे। निराश होकर डा. भीमराव ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।

छुआछूत की समस्या के निदान के लिये उन्होंने एक साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन आरम्भ किया। पत्रिका का नाम उन्होंने ‘मूकनायक’ रखा। पर साधनों के अभाव के कारण पत्रिका ज्यादा दिनों तक चल नहीं पायी और इसका प्रकाशन बन्द करना पड़ा। इसके बाद डा. भीमराव पढ़ने के लिए लन्दन चले गये और वहाँ से अर्थशास्त्र में डी. एस-सी की उपाधि प्राप्त कर मुंबई लौटे और यहाँ वकालत आरम्भ कर दी। सन् 1927 में इन्होंने ‘बहिष्कृत भारत’ नामक समाचार पत्र का प्रकाशन आरम्भ किया। इसी वर्ष ये मुंबई विधान सभा के सदस्य बनाये गये।

Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 14 डॉ. भीमराव अम्बेदकर

सन् 1947 में आजाद भारत में गठित संविधान-सभा के डा. भीमराव सदस्य चुने गये। भारतीय संविधान का प्रारूप (आलेख) इन्हीं की अध्यक्षता में तैयार हुआ जिसमें राष्ट्रीय एकता और अछूतों के उद्धार की समस्या के समाधान पर विशेष बल दिया गया। आजाद भारत की पहली सरकार पं. जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में बनी। डा. भीमराव अम्बेडकर भारत सरकार के पहले कानूनमंत्री बनायें गये। पर पं. जवाहर लाल नेहरू से उनका किसी समस्या को लेकर मतभेद हो गया और उन्होंने 1951 में अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।

सरकार से अलग होकर डा. भीमराव ने अपना ध्यान अछूतों की सेवा की ओर केन्द्रित किया। फलस्वरूप अछुतों के बीच वे दिन-प्रतिदिन लोकप्रिय होते गये। रूढ़िवादियों से इन्होंने कभी समझौता नहीं किया। सन् 1955 में इनका झुकाव बौद्ध धर्म की ओर हुआ। एक वर्ष के बाद इन्होंने नागपुर में बौद्ध ध र्म ग्रहण कर लिया। इन्होंने अछूत भाइयों को भी सलाह दी कि वे बौद्ध धर्म अपना लें। पर दुर्भाग्यवश अछूतों और दलितों का यह मसीहा अधिक दिनों तक उनकी सेवा नहीं कर सका और 1956 में ही 6 दिसम्बर को डा. भीमराव अम्बेडकर का निधन हो गया। आज भी इस देश के लोग अछूतों के इस नेता को सम्मान के साथ ‘बाबा साहब’ कहकर सम्बोधित करते हैं। वे देश के पिछड़े और दलित समाज के प्राण थे।

डा. बाबा साहब एक अध्ययनशील प्राणी थे। उनमें गजब का आत्मबल – था और वे जो सोचते थे उसे कार्य में परिणत करते थे। वे एक ओजस्वी वक्ता थे और तर्क करने की उनमें अद्भुत क्षमता थी।

भारतीय समाज के एक बहुत बड़े वर्ग को छुआछूत के रूप से बाबा साहब ने मुक्ति दिलायी। आने वाली पीढ़ी डा. बाबा साहब अम्बेडकर को उनकी देश-सेवा के लिये सदा स्मरण करती रहेगी।

Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 13 दादा-दादी के साथ

Bihar Board Class 6 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 1 Chapter 13 दादा-दादी के साथ Text Book Questions and Answers and Summary.

BSEB Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 13 दादा-दादी के साथ

Bihar Board Class 6 Hindi दादा-दादी के साथ Text Book Questions and Answers

प्रश्न-अभ्यास

पाठ से –

प्रश्न 1.
सभी लोग घर की सफाई क्यों कर रहे थे?
उत्तर:
क्योंकि घर में कुछ खास मेहमान आने वाले थे। इन मेहमानों की खासियत यह थी कि वे थे तो अपने रिश्तेदार पर इनका आगमन इंगलैंड से होने वाला था और घर के लोगों को ऐसा लग रहा था कि इंगलैंड से आ रहे इन मेहमानों को कहीं हमारे घर की गंदगी अच्छी न लगे और उनके सामने हमारी हँसाई न हो जाय – अतः सभी मिलकर घर का कोना-कोना साफ कर रहे थे।

प्रश्न 2.
पद्मिनी और राहुल को पिंकी-विकी की कौन-सी बात खटकती थी?
उत्तर:
पद्मनी और राहुल को यह बात खटकती थी कि अपनी भाषा में न बोलकर, न जाने क्यों वे सदा अंगरेजी में ही बोलते हैं। यद्यपि वे यानी पिंकी-विकी इस बात को अच्छी तरह जानते थे कि राहुल और पद्मिनी अंगरेजी के साथ हिन्दी भी अच्छी तरह समझते और बोलते हैं। इन्होंने तो सोचा था कि भारत आकर इनकी हिन्दी का ज्ञान और निखर जायेगा।

Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 13 दादा-दादी के साथ

प्रश्न 3.
पद्मिनी की उत्सुकता का क्या कारण था?
उत्तर:
पद्मिनी दादी के पास रस्सी से बुनी चारपाई पर बैठी थी। दादी ने उसको अपने से बिल्कुल सटा लिया था और उसके रेशमी बालों को प्यार से सहला रही थी। बाहर काली रात के साये में मेढ़कों का टरांना सुनाई दे रहा था। आकाश में तारे छिटक रहे थे। पद्मिनी को लगा वह किसी बीते हुये अतीत में वापस आ गयी है। यह था डैड का देश और इस देश का जीवन और प्राचीन सभ्यता।

प्रश्न 4.
किसने कहा, किससे कहा और क्यों कहा?
प्रश्नोत्तर –

(क) अच्छा किया जो इन्हें हिन्दी सिखाई।।
उत्तर:
राहुल और पद्मिनी के आगमन पर सभी नाते, रिश्तेदार, संबंधी उनसे मिलने आ गये। दिनभर लोगों का घर में आना-जाना लगा रहा। रिश्ते के भाई-बहन, चाचा-चाची, दादा-दादी, बुआ-फूफा के आने से घर भरा रहा। बच्चों को देखकर ये सभी अपनी-अपनी टिप्पणी देने लगे।

किसी और ने कहा- “अच्छा किया, इन्हें हिन्दी सिखाई। नहीं तो हमारी बात नहीं समझ पाते।”

(ख) “ओ हो! आई एम सो सॉरी।”
उत्तर:
पदमिनी और राहुल के संग घर के लोगों का दिन बीत गया- शाम हो गयो और आज फिर बिजली गुल हो गयी। इस स्थिति से निबटने के लिये पिंकी ने सफाई देते हुये कहा- “ओ हो!,आई एम सो सॉरी! तुम सोचोगे कैसी कंट्री है इंडिया।”

(ग) “अपनी भाषा जानते हुये भी न जाने क्यों वे सदा अंगरेजी ही बोलते हैं।”
उत्तर:
ये विचार हैं पद्मिनी के। वह सोचने लगी कि अपनी भाषा जानते हुये भी वे न जाने क्यों सदा अंगरेजी में बोलते हैं। उन्हें मालूम था राहुल और पद्मिनी दोनों भाषा (हिन्दी और अंगरेजी) भली-भांति जानते हैं।

(घ) “अच्छा! यही है तुम्हारी बेटी?”
उत्तर:
ये शब्द बुआ-फुआ ने पद्मिनी से पहली मुलाकात पर कहे।

(ङ) “लगता है बेटी माँ जैसी है। वही नीली आँखें और काले बाल, बड़ी सुन्दर निकली है।”
उत्तर:
ये वाक्य भी घर में आये रिश्तेदारों में से ही किसी के हैं। डैड, ये शब्द सुनकर फूले न समाते थे। उन्हें अपने इन भतीजे और भतीजी पर गर्व हो रहा था।

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पाठ से आगे –

प्रश्न 1.
इस कहानी में किसकी भूमिका आपको सबसे अच्छी लगी और क्यों ?
उत्तर:
दस पूरी कथा में सबसे अच्छी भूमिका दादी की लगी। दादी ने विदेश से आये बच्चों का अपनी प्राचीन भारतीय संस्कृति का एहसास कराया जो पद्मिनी और राहुल के भारत आने का उद्देश्य था। दादी का मधुर प्यार भरा सामीप्य पाकर दोनों बच्चे अत्यन्त आह्लादित थे।

प्रश्न 2.
क्या आपको लगता है कि यह कहानी अधूरी है? क्यों?
उत्तर:
इस कहानी का अन्त अचानक होता है, ऐसा लगता है, खंडहर देखने जाने की बात पर कहानी का अन्त हो जाता है। खंडहर की यात्रा का विवरण आने से कहानी को एक परिपक्वता मिलती- कहानी के विकास को .. एक अन्तिम पड़ाव तक पहुँचाया जा सकता है जो कहानीकार ने नहीं किया। शायद वे पाठकों को आगे की घटना को जानने के लिये उनकी कल्पनाशीलता को उभारना चाहते थे।

प्रश्न 3.
सोचिये, इस कहानी के अन्त में अगले दिन क्या हुआ होगा?
उत्तर:
उसी कल्पनाशीलता की कड़ी को जोड़ते हुये यह समझा जा सकता है कि दोनों बच्चे अगले दिन खंडहर की यात्रा पर गये होंगे। वहाँ इन्होंने खंडहर के चित्र उतारे होंगे जिसे यादगार के रूप में इंग्लैण्ड ले जायेंगे। कुछ नये पक्षी राहुल ने देखे होंगे और उनकी बोली, उनके कार्यकलापों को आत्मसात किया होगा जिसे वे अपनी डायरी में नोट करेंगे ताकि इस पर वे गहरायी से अध्ययन कर सकें।

प्रश्न 4.
अगर ऐसा हो कि आपके यहाँ कोई सम्बन्धी आये तो आप क्या-क्या करेंगे?
उत्तर:
इस प्रश्न का उत्तर अलग-अलग परिवार और व्यक्ति का व्यक्तिगत मामला होगा और फिर इस बात पर भी निर्भर करेगा कि आने वाले मेहमान की श्रेणी क्या है?

अगर मेहमान या संबंधी अत्यन्त करीबी हैं तो वह घर के परिवार के सदस्यों की तरह सम्मान और आदर का अधिकारी होगा। औपचारिक संबंधी का स्वागत औपचारिक ढंग से किया जायेगा यथा स्वागत, बातचीत, नाश्ता-चाय आदि और फिर दरवाजे तक जाकर उनकी गर्मजोशी के साथ विदाई।

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व्याकरण –

प्रश्न 1.
निम्न शब्दों के शुद्ध रूप लिखिए।
Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 13 दादा-दादी के साथ 1
उत्तर:
Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 13 दादा-दादी के साथ 2

प्रश्न 2.
इन शब्दों के वचन बदले –
Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 13 दादा-दादी के साथ 3
उत्तर:
Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 13 दादा-दादी के साथ 4

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प्रश्न 3.
इन वाक्यों में सर्वनाम शब्द को रेखांकित कीजिए।
(क) “अच्छा, यही है तुम्हारी बेटी?”
(ख) वह उसकी मदद करने लगा।
(ग) जो ढूँढ़े उसे मिले।
(घ) मैं अवश्य देखना चाहूँगी उन खण्डहरों को।
उत्तर:
(क) अच्छा, यही है तुम्हारी बेटी ?
(ख) वह उसकी मदद करने लगा।
(ग) जो ढूँढे उसे मिले।
(घ) मैं अवश्य देखना चाहूँगी उन खण्डहरों को।

कुछ करने को –

प्रश्न 1.
आपके यहाँ कई मौकों (अवसर) पर कौन-कौन से सम्बन्धी/रिश्तेदार आते हैं ? उनकी सूची बनाइए।
उत्तर:
परिवार में आयोजित विवाह आदि के अवसरों पर सबसे अधि क मेहमान घर में आते हैं। इनमें सभी करीब के संबंधी, पारिवारिक मित्र, पास-पड़ोस के लोग, परिचित, बंधु-बांधव बुलाये जाते हैं।

संबंधियों में – नाना-नानी, मामा-मामी, बुआ-फुफा, दीदी-जीजाजी, भैया-भाभी, इनके बच्चे सभी आमंत्रित होते हैं।

प्रश्न 2.
पधिनी और राहुल को दादी पास बुलाकर कहानी सुनाई। क्या आपको भी दादी/नानी कोई कहानी सुनाती है? कहानी सुनते समय आप क्या महसूस करते हैं? अपनी कक्षा में सुनाइए।
उत्तर:
अलग-अलग छात्र अपने-अपने अनुभव के आधार पर इसका उत्तर तैयार करेंगे और अपने अनुभव कक्षा में सुनायेंगे।

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दादा-दादी के साथ Summary in Hindi

पाठ का सार-संक्षेप

‘दादा-दादी के साथ’ शीर्षक यह फीचर एक छोटी-सी कहानी है जिसके सहारे लेखक हमारे देश में आ रहे बदलाव, खासकर सांस्कृतिक धरातल पर आ रहे परिवर्तन की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करता है। आज के बच्चे किस प्रकार अपनी भाषा, संस्कृति और प्राचीन विरासतों को भुलाकर, ठुकराकर पाश्चात्य संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं इसकी झाँकी इस पाठ में प्रस्तुत की गयी है।

भारत के किसी हिन्दी प्रदेश का एक छोटा-सा कस्बा है हमीरपुर-यह न पूरा विकसित शहर है और न ठेठ देहात। यहाँ के लोग देहाती जीवन-शैली का त्याग कर शहरीपन अपनाने की चेष्टा कर रहे हैं। हमीरपुर के जिस परिवार की यह कथा है, उसमें कुल चार सदस्य हैं- एक गृहिणी, दूसरे उनके पति तथा उनके दो बच्चे। इन्होंने अपने दोनों बच्चों का नाम भारतीय परिवेश का नहीं रखकर, पाश्चात्य शैली का रखा है – लड़की का नाम पिंकी और लड़के का नाम विकी। अब ये दोनों बच्चे बातचीत में अंगरेजी वाक्यों का उपयोग करते हैं। इन्हें भारत से बाहर के बात-व्यवहार, रहन-सहन की शैली ज्यादा भाति है और अपनी श्रेष्ठता के भाव का प्रदर्शन करने के लिये ये अपनी अंगरेजी भाषा की जानकारी का खुलकर प्रयोग करते हैं।

एक दिन इन्हें पता चलता है कि इनके दो संबंधी (रिश्तेदार) जो विदेश – में रहते हैं, इनके घर इंगलैंड से आ रहे हैं। ये इनके अपने चाचा विपिन प्रताप . सिंह के बच्चे हैं। इनमें एक का नाम है राहुल और दूसरे का नाम है पद्मिनी। रिश्ते में ये पिंकी और विकी के भाई-बहन हुये। अब यहाँ ध्यान देने की बात है कि इंगलैंड से आने वाले बच्चों के नाम पूर्णरूपेण भारतीय हैं। इसके द्वारा हमारी हीन मानसिकता पर लेखक ने प्रकाश डाला है जो अत्यन्त स्पष्ट है।

हमीरपुर का पूरा परिवार अपने अतिथियों के स्वागत की तैयारी में लग जाता है। घर के नौकर-चाकर, माली, चौकीदार सभी घर की सफाई में लग जाते हैं- मेहमान विदेश से आ रहे हैं -पता नहीं हमारे रहन-सहन के स्तर में कहीं कोई कमी न दिखाई पड़ जाय? विदेश से आये ये बच्चे पास-पड़ोस, नाते रिश्तेदारों के आकर्षण का केन्द्र बन जाते हैं क्योंकि ये विदेश से स्वदेश आ रहे हैं। इनसे मिलकर लोग-बाग अपने-अपने ढंग से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। लोग यह कहना नहीं भूलते कि ये हिन्दी बोलते और समझते हैं – यह कितनी अच्छी बात है।

प्रारंभिक परिचय का सिलसिला शाम तक चलता रहता है। पिंकी को इस ..बात की चिन्ता हो जाती है कि आज भी यहाँ अन्य दिनों की तरह बिजली गायब है। पिंकी, राहुल और पद्मिनी के सामने इस असुविधा के लिये खेद प्रकट करते हुये कहती है – “ओ हो! आई एम सो सॉरी! तुम सोच रहे होगे कैसी कंट्री है इण्डिया।” पदमिनी ने अपनी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की केवल मुस्कुरा भर दिया। वह सोचने लगी-अपनी भाषा होते हुये भी वे न जाने सदा अंगरेजी में ही क्यों बोलते हैं? इन्होंने तो यह सोचा था कि भारत आकर उनके हिन्दी बोलने का अभ्यास और अच्छा हो जायेगा। लेकिन यहाँ तो बात उल्टी ही हो रही थी।

लालटेन जला दी गयी और सब आकर दादी के पास आँगन पर बैठ गये। रस्सी से बुनी चारपाई उन्हें अच्छी लगी। दादी का प्यार और दुलार पद्मिनी __ को बड़ा अच्छा लग रहा था। दादी उसके रेशमी बालों को प्यार से सहलाने लगी।

दादी ने पूछा बेटा! तुमने रामायण-महाभारत की कहानियाँ सुनी हैं?

राहुल ने कहा- “सुनाइये न दादी – डैड ने कुछ सुनाया है परन्तु।” पिंकी ने मुँह बनाकर कहा – ” ओह नो. नॉट अगेन। वही परानी कथायें।”

दादी बोली – “बेटा, पौराणिक कथाओं में कितना ज्ञान भरा है।”

पिंकी ने बहस की – “आजकल के साइंस के जमाने में तुम्हारी कहानियाँ बिल्कुल फिट नहीं बैठती। क्या मिलेगा हमें उनसे।” बहस सुन, दादाजी भी हाजिर हो गये और कहा “जो ढूँढे उसे मिले।” इन कहानियों से “मनोरंजन के साथ आदर्श व मूल्य समझने का कार्य भी हो जाता था।”

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फिर दादी ने कहानियाँ सुनायी क्योंकि राहुल और पद्मिनी इन्हें सुनना चाहते थे। रात का भोजन बाहर आँगन में ही किया गया। इन बच्चों के लिये विशेष रूप से स्वदेशी जायके वाले लिट्टी की व्यवस्था की गयी थी। उस बेक किये गये पकवान का इन्होंने भरपर आनन्द लिया। ये उपले पर सेंके गये थे और उनका सोंधापन गजब का आनन्द दे रहा था। पिंकी ने इसकी जगह सूप, ब्रेड और अंडे अपने लिये बनवाये थे।

भोजन के क्रम में अगले दिन के कार्यक्रम की चर्चा होने लगी। पिंकी बोली “हमीरपुर छोटी जगह है।” तुमलोगों को शायद मुम्बई, दिल्ली, कलकत्ता जैसे शहर अच्छे लगते हैं और पता चलता कि इंडिया कैसा है? पर राहुल की इच्छा तो भारत के गाँव देखने की थी। पिंकी ने समझाया- ” इसका मतलब रियल विलेज से है जहाँ केवल ‘हट’ हो – चलो कल दिखा देंगे।”

विकी सोचने लगा- “हाँ, वे जो खंडहर हैं, उनके पास बसा एक छोटा-सा स्थित विलेज है। वहीं चला जाया”

पदमिनी की आँखें नीली रोशनी में चमक उठी – खंडहर? कब के हैं? क्या वे बहुत प्राचीन हैं? पद्मिनी ने वहाँ जाने का अपना संकल्प पक्का कर लिया।

पिंकी हँसने लगी – “उन टूटी-फूटी दीवारों को देखने में मेरी तो कोई रुचि नहीं है।”

पद्मिनी ने कहा – ” मुझे है, मुझे इतिहास में विशेष रुचि है।”

राहुल ने भी हामी भरी – ” मैं भी। शायद उधर कुछ दुर्लभ पक्षियों के भी संकेत मिल जाय।

“उल्लू और चमगादड़ के सिवा और क्या मिलेगा?” विकी ने हँसते हुये कहा।

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“वे भी ठीक रहेंगे” – राहुल खुशी-खुशी बोला – “चमगादड़ भी एक ऐसा पक्षी है जो हर जगह नहीं मिलता और फिर भारतीय चमगादड़ कैसे होते हैं, इसका भी तो पता चलेगा।

पद्मिनी को लगा- पिंकी-विकी इस योजना पर बहुत खुश नहीं हुये पर राहुल और पद्मिनी ने अपना इरादा पक्का बना लिया कि वे कल खंडहर देखने अवश्य जायेंगे। उन्हें अगर बिना किसी मार्ग-दर्शक के भी जाना पड़े तो वे जायेंगे क्योंकि उन्हें हिन्दी आती है और वे अपना रास्ता स्वयं ढूँढ लेंगे। वे स्वयं वहाँ से घूम आयेंगे।

Bihar Board Class 11 Geography Solutions Chapter 2 पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास

Bihar Board Class 11 Geography Solutions Chapter 2 पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 11 Geography Solutions Chapter 2 पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास

Bihar Board Class 11 Geography पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास Text Book Questions and Answers

Bihar Board Class 11 Geography Solutions Chapter 2 पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास

(क) बहुवैकल्पिक प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन-सी संख्या पृथ्वी की आयु को प्रदर्शित करती है?
(क) 46 लाख वर्ष
(ख) 4600 मिलियन वर्ष
(ग) 13.7 अरब वर्ष
(घ) 13.7 खरब वर्ष उत्तर
उत्तर:
(ख) 4600 मिलियन वर्ष

प्रश्न 2.
निम्न में कौन-सी अवधि सबसे लम्बी है ………………..
(क) इओन (Eons)
(ख) कल्प (Period)
(ग) महाकल्प (Era)
(घ) युग (Epoch)
उत्तर:
(क) इओन (Eons)

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प्रश्न 3.
निम्न में कौन सा-तत्त्व वर्तमान वायुमण्डल के निर्माण व संशोधन में सहायक नहीं है?
(क) सौर पवन
(ख) गैस उत्सर्जन
(ग) विभेदन
(घ) प्रकाश संश्लेषण
उत्तर:
(क) सौर पवन

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से भीतरी ग्रह कौन से हैं …………………
(क) पृथ्वी व सूर्य के बीच पाए जाने वाले ग्रह।
(ख) सूर्य व क्षुद्र ग्रहों की पट्टी के बीच पाए जाने वाले ग्रह।
(ग) वे ग्रह जो गैसीय हैं।
(घ) बिना उपग्रह वाले ग्रह।
उत्तर:
(ख) सूर्य व क्षुद्र ग्रहों की पट्टी के बीच पाए जाने वाले ग्रह।

प्रश्न 5.
पृथ्वी पर जीवन निम्नलिखित में से लगभग कितने वर्षों पहले आरम्भ हुआ।
(क) 1 अरब 37 करोड़ वर्ष पहले
(ख) 460 करोड़ वर्ष पहले
(ग) 38 लाख वर्ष पहले
(घ) 3 अरब, 80 करोड़ वर्ष पहले।
उत्तर:
(घ) 3 अरब, 80 करोड़ वर्ष पहले।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
पार्थिव ग्रह चट्टानी क्यों हैं?
उत्तर:
ये ग्रह पृथ्वी की भाँति ही शैलों और धातुओं से बने हैं और अपेक्षाकृत अधिक घनत्व वाले ग्रह हैं। पार्थिव ग्रह जनक तारे के बहुत नजदीक होने के कारण और अत्यधिक तापमान के कारण इनकी गैसें संघनित नहीं हो पाई और घनीभूत भी न हो सकी। ये ग्रह छोटे होने के कारण उनकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति भी कम रही जिसके फलस्वरूप इनसे निकली हुई गैस इन पर रुकी नहीं रह सकी।

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प्रश्न 2.
पृथ्वी की उत्पत्ति संबंधित दिये गए तर्कों में निम्न वैज्ञानिकों के मूलभूत अंतर बताएँ –
(क) कान्ट व लाप्लेस
(ख) चैम्बरलेन व मोल्टेन
उत्तर:
(क) कान्ट व लाप्लेस की परिकल्पना के अनुसार ग्रहों का निर्माण धीमी गति से घूमते हुए पदार्थों के बादल से हुआ जो कि सूर्य की युवा अवस्था से संबद्ध थे।
(ख) चैम्बरलेन व मोल्टेन ने कहा कि ब्रह्मांड में एक अन्य भ्रमणशील तारा सूर्य के पास से गुजरा। इसके परिणामस्वरूप तारे के गुरुत्वाकर्षण से सूर्य-सतह से सिगार के आकार का कुछ पदार्थ निकलकर अलग हो गया। यह पदार्थ सूर्य के चारों तरफ घूमने लगा और यहीं पर धीरे-धीरे संघनित होकर ग्रहों के रूप में परिवर्तित हो गया।

प्रश्न 3.
विभेदन प्रक्रिया से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी की उत्पत्ति के दौरान और उत्पत्ति के तुरंत बाद अत्यधिक ताप के कारण, पृथ्वी आंशिक रूप से द्रव अवस्था में रह गई और तापमान की अधिकता के कारण ही हल्के और भारी घनत्व के मिश्रण वाले पदार्थ घनत्व के अंतर के कारण अलग होना शुरू हो गए । इसी अलगाव से भारी पदार्थ (जैसे लोहा), पृथ्वी के केन्द्र में चले गए और हल्के पदार्थ पृथ्वी की सतह या ऊपरी भाग की तरफ आ गए। समय के साथ यह और ठंडे हुए और ठोस रूप में परिवर्तित होकर छोटे आकार के हो गए। अंततोगत्वा यह पृथ्वी की भूपर्पटी के रूप में विकसित हो गए। हल्के व भारी घनत्व वाले पदार्थों के पृथक होने की इस प्रक्रिया को विभेदन (Differentiation) कहा जाता है।

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प्रश्न 4.
प्रारंभिक काल में पृथ्वी के धरातल का स्वरूप क्या था?
उत्तर:
प्रारंभ में पृथ्वी, चट्टानी गर्म और वीरान ग्रह थी जिसका वायुमण्डल विरल था जो हाइड्रोजन व हीलीयम से बना था।

प्रश्न 5.
पृथ्वी के वायुमंडल को निर्मित करने वाली प्रारम्भिक गैसें कौन-सी थीं?
उत्तर:
हाइड्रोजन व हीलीयम।

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
बिग बैंग सिद्धांत का विस्तार से वर्णन करें।
उत्तर:
बिग बैंग सिद्धांत के अनुसार ब्रह्मांड का विस्तार निम्न अवस्थाओं में हुआ है –
1. आरम्भ में वे सभी पदार्थ, जिनसे ब्रह्मांड बना है, अति छोटे गोलक (एकाकी परमाणु) के रूप में एक ही स्थान पर स्थित थे। जिसका आयतन अत्यधिक सक्ष्म एवं तापमान तथा घनत्व अनंत था ।

2. बिग बैंग की प्रक्रिया में इस अति छोटे गोलक में भीषण विस्फोट हुआ। इस प्रकार की , विस्फोट प्रक्रिया से वृहत् विस्तार हुआ । वैज्ञानिकों का विश्वास है कि बिग बैंग की घटना आज
से 13.7 अरब वर्षों पहले हुई थी। ब्रह्मांड का विस्तार आज भी जारी है। विस्तार के कारण कुछ ऊर्जा पदार्थ में परिवर्तित हो गई। विस्फोट (Bang) के बाद एक सेकेंड के अल्पांश के अंतर्गत ही वृहत् विस्तार हुआ। इसके बाद विस्तार की गति धीमी पड़ गई। बिग बैंग होने के आरम्भिक तीन मिनट के अंतर्गत ही पहले परमाणु का निर्माण हुआ।
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3. बिग बैंग के कारण 3 लाख वर्षों के दौरान, तापमान 4500° केल्विन तक गिर गया और परमाणवीय पदार्थ का निर्माण हुआ। ब्रह्मांड पारदर्शी हो गया। ब्रह्मांड के विस्तार का अर्थ है आकाशगंगाओं के बीच की दूरी में विस्तार का होना। हॉयल (Hoyle) ने इसका विकल्प ‘स्थिर अवस्था संकल्पना’ (Steady State Concept) के नाम से प्रस्तुत किया । इस संकल्पना के अनुसार ब्रह्मांड किसी भी समय में एक ही जैसा रहा हैं। यद्यपि ब्रह्मांड के विस्तार संबंधी अनेक प्रमाणों के मिलने पर वैज्ञानिक समुदाय अब ब्रह्मांड विस्तार सिद्धांत के ही पक्षधर हैं।

प्रश्न 2.
पृथ्वी के विकास संबंधी अवस्थाओं को बताते हुए हर अवस्था या चरण को संक्षेप में वर्णित करें।
उत्तर:
पृथ्वी की संरचना परतदार है । वायुमण्डल के बाहरी छोर से पृथ्वी के क्रोड तक जो पदार्थ हैं वे एक समान नहीं हैं। वायुमंडलीय पदार्थ का घनत्व सबसे कम है। पृथ्वी की सतह से इसके भीतरी भाग तक अनेक मंडल हैं और हर एक भाग के पदार्थ की अलग विशेषताएँ हैं। उल्काओं के अध्ययन से हमें इस बात का पता चलता है कि बहुत से ग्रहाणुओं के इकट्ठा होने से ग्रह बने हैं, पृथ्वी की रचना भी इसी प्रक्रम के अनुरूप हुई है। जब पदार्थ गुरुत्वबल के कारण संहत हो रहा था, तो इन इकट्ठा होते पिंडों ने पदार्थ को प्रभावित किया । इससे अत्यधिक ऊष्मा उत्पन्न हुई। यह क्रिया जारी रही और उत्पन्न ताप से पदार्थ पिघलने लगा।

ऐसा पृथ्वी की उत्पत्ति के समय और उत्पत्ति के तुरंत बाद में हआ। अधिकता के कारण हल्के और भारी घनत्व के मिश्रण वाले पदार्थ घनत्व के अंतर के कारण अलग होना शुरू हो गए । इसी अलगाव से भारी पदार्थ (जैसे लोहा), पृथ्वी के केन्द्र में चले गए और हल्के पदार्थ पृथ्वी की सतह या ऊपरी भाग की तरफ आ गए तथा पृथ्वी की भूपर्पटी के रूप में विकसित हो गए। चंद्रमा की उत्पत्ति के समय, भीषण संघट्ट (Giant impact) के कारण, पृथ्वी का तापमान पुन: बढ़ा या फिर ऊर्जा उत्पन्न हुई और यह विभेदन का दूसरा चरण था।

विभेदन की इस प्रक्रिया द्वारा पृथ्वी का पदार्थ अनेक परतों में अलग हो गया जैसे-पर्पटी (Crust) प्रवार (Mantle), बाह्य क्रोड (Outer core) और आंतरिक क्रोड (Inner core) वर्तमान वायुमंडल के विकास की तीन अवस्थाएँ हैं। इसकी पहली अवस्था में आदिकालिक वायुमंडलीय गैसों का हास है। दूसरी अवस्था में, पृथ्वी के भीतर से निकली भाप एवं जलवाष्प ने वायुमंडल की संरचना को जैव प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया (Photo-synthesis) ने संशोधित किया। ऐसा माना जाता है कि जीवन का विकास लगभग 380 करोड़ वर्ष पहले आरंभ हुआ। एक कोशीय जीवाणु से आज के मनुष्य तक जीवन के विकास का सार भू-वैज्ञानिक काल मापक्रम से ज्ञात किया जा सकता है।

Bihar Board Class 11 Geography पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास Additional Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
एक भारतीय वैज्ञानिक का नाम बातइए जिसने सूर्य-केन्द्रित परिकल्पना प्रस्तुत की।
उत्तर:
आर्यभट्ट

प्रश्न 2.
सूर्य केन्द्रित सौर मण्डल किसे कहते हैं?
उत्तर:
सौर मण्डल जिसका केन्द्र सूर्य है, सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं।

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प्रश्न 3.
भू-केन्द्रित परिकल्पना से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
इससे अभिप्राय है कि पृथ्वी ब्रह्माण्ड का केन्द्र था तथा सूर्य, चन्द्रमा, ग्रह, आदि पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं।

प्रश्न 4.
ऐसे दार्शनिक का नाम बताओं जिसके अनुसार पृथ्वी ब्रह्माण्ड का केन्द्र थी।
उत्तर:
यूनानी दार्शनिक अरस्तू

प्रश्न 5.
पृथ्वी पर ऑक्सीजन का स्रोत क्या है ?
उत्तर:
संश्लेषण क्रिया से महासागरों में ऑक्सीजन का बढ़ना।

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प्रश्न 6.
चन्द्रमा की उत्पत्ति कब हुई?
उत्तर:
लगभग 4.44 अरब वर्ष पूर्व।

प्रश्न 7.
The Big Splat से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
एक बड़े पिण्ड का पृथ्वी से टकराना।

प्रश्न 8.
बाहरी ग्रह कौन-से हैं ?
उत्तर:
वृहस्पति, शनि, अरुण, कुबेर।

प्रश्न 9.
आन्तरिक ग्रह कौन-से हैं ?
उत्तर:
बुध, शुक्र, पृथ्वी व मंगल।

प्रश्न 10.
तारों का निर्माण कब हुआ?
उत्तर:
लगभग 5 से 6 अरब वर्ष पहले।

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प्रश्न 11.
प्रकाश वर्ष में प्रकाश कितनी दूरी तय करता है?
उत्तर:
9.461 x 1012 किमी।

प्रश्न 12.
आधुनिक समय में सर्वमान्य सिद्धान्त कौन-सा है?
उत्तर:
बिग बैंग सिद्धान्त (विस्तृत ब्रह्माण्ड परिकल्पना)।

प्रश्न 13.
जींस और जैफरी का कौन-सा सिद्धान्त है?
उत्तर:
द्वैतारिक सिद्धान्त।

प्रश्न 14.
1950 ई० में रूस के किस वैज्ञानिक ने नीहारिका परिकल्पना में संशोधन किया?
उत्तर:
ओटो शिमिड ने।

प्रश्न 15.
अभिनव तारे से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
सूर्य की अपेक्षा लाखों गुणा अधिक प्रकाशमय तारा।

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प्रश्न 16.
सूर्य से बाहर निकले जीह्वाकार पदार्थ का क्या आकार है?
उत्तर:
सिगार के आकार का।

प्रश्न 17.
किस वैज्ञानिक ने संघट्ट परिकल्पना प्रस्तुत किया?
उत्तर:
जेम्स जीन्स तथा जेफ्रीज ने।

प्रश्न 18.
किस दार्शनिक ने नीहारिका सिद्धान्त प्रस्तुत किया?
उत्तर:
जर्मनी के दार्शनिक एमैनुल कान्त ने।

प्रश्न 19.
उस अद्वितीय ग्रह का नाम लिखें जहाँ जीवन मौजूद है।
उत्तर:
पृथ्वी।

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प्रश्न 20.
बाह्य ग्रहों के नाम लिखें।
उत्तर:
वृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण, कुबेर।

प्रश्न 21.
आन्तरिक ग्रहों के नाम लिखें।
उत्तर:
बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल ग्रह।

प्रश्न 22.
सौर मण्डल में कितने ग्रह हैं?
उत्तर:
9

प्रश्न 23.
पृथ्वी के वायुमण्डल को निर्मित करने वाली प्रारम्भिक गैसें कौन सी थीं।
उत्तर:
पृथ्वी के ठंडा होने और विभेदन के दौरान, पृथ्वी के अंदरुनी भाग से बहुत सी गैसें व जलवाष्प बाहर निकले । इसी से आज के वायुमंडल का उद्भव हुआ। आरम्भ में वायुमण्डल में जलवाष्प, नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड, मिथेन व अमोनिया अधिक मात्रा में और स्वतंत्र ऑक्सीजन बहुत कम थी। वह प्रक्रिया जिससे पृथ्वी के भीतरी भाग से गैसें धरती पर आई, इसे गैस उत्सर्जन (Degassir.g) कहा जाता है।

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प्रश्न 24.
वर्तमान वायुमण्डल के विकास की अवस्थाएँ बताएँ।
उत्तर:
वर्तमान वायुमण्डल के विकास की तीन अवस्थाएँ हैं –

  1. इसकी पहली अवस्था में आदिकालिक वायुमण्डलीय गैसों का न रहना है।
  2. दुसरी अवस्था में पृथ्वी के भीतर से निकली भाप एवं जलवाष्प ने वायुमण्डल के विकास में सहयोग किया।
  3. अन्त में वायुमण्डल की संरचना को जैव मण्डल की प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया (Photosynthesis) ने संशोधित किया।

प्रश्न 25.
महासागरों की उत्पत्ति कब हुई?
उत्तर:
अधिक संघनन के कारण पृथ्वी पर अत्यधिक वर्षा हुइ। पृथ्वी के धरातल पर वर्षा का जल गर्तों में इकट्ठा होने लगा जिससे महासागर बने । महासागर पृथ्वी की उत्पत्ति से 50 करोड़ सालों के अन्तर्गत बने । इससे पता चलता है कि महासागर 400 करोड़ साल पुराने हैं।

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प्रश्न 26.
सौरमंडल क्या है? इसकी रचना कब हुई?
उत्तर:
हमारे सौरमण्डल में नौ ग्रह हैं। जिस नीहारिका को सौर मण्डल का जनक माना जाता है उसके ध्वस्त होने व क्रोड के बनने की शुरुआत लगभग 5 से 5.6 अरब वर्ष पहले हुई व ग्रह लगभग 4.6 से 4.56 अरब वर्ष पहले बने । हमारे सौर मण्डल में सूर्य (तारा), 9 ग्रह, 63 उपग्रह, लाखों छोटे पिण्ड जैसे क्षुद्र ग्रह (ग्रहों के टुकड़े) (Asterodis), धूमकेतु (Comets) एवं वृहत् मात्रा में धूलकण व गैसें हैं।

प्रश्न 27.
प्रकाश वर्ष से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
प्रकाश वर्ष (Light Year) समय का नहीं वरन् दूरी का माप है। प्रकाश की गति 3 लाख कि० मी० प्रति सेकण्ड है। विचारणीय है कि एक साल में प्रकाश जितनी दूरी तय करेगा. वह एक प्रकाश वर्ष होगा। वह 9.461 x 1012 किमी के बराबर है। पृथ्वी व सूर्य की औसत दूरी 14 करोड़ 95 लाख, 98 हजार किलोमीटर है। प्रकाश वर्षको सन्दर्भ में यह प्रकाश वर्ष का केवल 8.311 मिनट है।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
आन्तरिक तथा बाहरी ग्रहों की तुलना करें।
उत्तर:
इन नौग्रहों में बुध, शुक्र, पृथ्वी व मंगल भीतरी ग्रह (Inner Planets) कहलाते हैं, क्योंकि ये सूर्य व छुद्रग्रहों की पट्टी के बीच स्थित हैं। अन्य पाँच ग्रह बाहरी ग्रह (Outer Planets) कहलाते हैं। पहले चार ग्रह पार्थिव (Terrestrial) ग्रह भी कहे जाते हैं। इसका अर्थ है कि ये ग्रह पृथ्वी की भाँति ही शैलों और धातुओं से बने हैं अपेक्षाकृत अधिक घनत्व वाले ग्रह हैं। अन्य पाँच ग्रह गैस से बने विशाल ग्रह या जोवियन (Jovian) ग्रह कहलाते हैं। जोवियन का अर्थ है बृहस्पति (Jupiter) की तरह । इनमें से अधिकतर पार्थिव ग्रहों से विशाल हैं और हाइड्रोजन व हीलियम से बना सघन वायुमण्डल युक्त हैं। सभी ग्रहों का निर्माण लगभग 4.6 अरब साल पहले एक ही समय में हुआ।

प्रश्न 2.
चन्द्रमा की उत्पत्ति सम्बन्धी मत प्रस्तुत करें।
उत्तर:
चन्द्रमा पृथ्वी का अकेला प्राकृतिक उपग्रह है। पृथ्वी की तरह चन्द्रमा की उत्पत्ति सम्बन्धी मत प्रस्तुत किए गए हैं।
1. सन् 1883 ई० में सर जार्ज डार्विन (Sir George Darwin) ने सझाया कि प्रारम्भ में पृथ्वी व चन्द्रमा तेजी से घूमते एक ही पण्डि थे। यह परा पिण्ड डंबल (बीच से पतला व किनारों से मोटा) की अकृति में परिवर्तित हुआ और अंततोगत्वा टूट गया। उनके अनुसार चन्द्रमा का निर्माण उसी पदार्थ से हुआ जहाँ आज प्रशांत महासागर एक गर्त के रूप में मौजूद हैं।

2. यद्यपि वर्तमान समय के वैज्ञानिक इनमें से किसी भी व्याख्या को स्वीकार नहीं करते। ऐसा विश्वास किया जाता है कि पृथ्वी के उपग्रह के रूप में चन्द्रमा की उत्पत्ति एक बड़े टकराव (giant impact) का नतीजा है जिसे द बिग स्पलैट (The big splat) कहा गया है। ऐसा मानना है कि पृथ्वी के बनने के कुछ समय बाद ही मंगल ग्रह के 1 से 3 गुणा बड़े आकार का पिण्ड पृथ्वी से टकराया। इस टकराव से पृथ्वी का एक हिस्सा टूटकर अंतरिक्ष में बिखर गया । टकराव से अलग हुआ यह पदार्थ फिर पृथ्वी के कक्ष में घूमने लगा और क्रमशः आज का चन्द्रमा बना। यह घटना या चन्द्रमा की उत्पत्ति लगभग 4.44 अरब वर्षों पहले हई।

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प्रश्न 3.
पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति कैसे हुई?
उत्तर:
आधुनिक वैज्ञानिक जीवन की उत्पत्ति को एक सतह की रासायनिक प्रतिक्रिया बताते हैं, जिससे पहले जटिल जैव (कार्बनिक) अणु (Complex organic molecules) बने और उनका समूहन हुआ। यह समूहन ऐसा था जो अपने आपको दोहराता था। पुनः बनने में सक्षम था) और निर्जीव पदार्थों को जीवित तत्त्व में परिवर्तित कर सका । हमारे ग्रह पर जीवन के चिह्न अलग-अलग समय की चट्टानों में पाए जाने वाले जीवाश्म के रूप में हैं।

300 करोड़ साल पुरानी भूगर्भिक शैलों में पाई जाने वाली सूक्ष्मदर्शी संरचना आज की शैवाल (Blue green algae) की संरचना से मिलती जुलती है। यह कल्पना की जा सकती है कि इससे पहले समय में साधारण संरचना वाली शैवाल रही होगी। यह माना जाता है कि जीवन का विकास लगभग 380 करोड़ वर्ष पहले आरम्भ हुआ। एक कोशीय जीवाणु से आज के मनुष्य तक जीवन के विकास का सारा भवैज्ञानिक काल मापक्रम से प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
ओटोशिमिड द्वारा संशोधित सिद्धान्त पर नोट लिखें।
उत्तर:
1950 ई० में रूस के ऑटो शिमिड (Otto schmidt) व जर्मनी ने कार्ल वाइजास्कर (Carml weizascar) ने नीहारिका परिकल्पना (Nebular hypothesis) में कुछ संशोधन किया, जिसमें नीहारिका से घिरा हुआ था जो मुख्यतः हाइड्रोजन, हीलियम और धूलकणों की बनी थी। इन कणों के घर्षण व टकराने (Collusion) से एक चपटी तश्तरी की आकृति के बादल का निर्माण हुआ और अभिवृद्धि (Acceretion) प्रक्रम द्वारा ही ग्रहों का निर्माण हुआ।

प्रश्न 5.
ग्रहों का सूर्य से दूरी, घनत्व तथा अर्द्धव्यासकी दृष्टि से तुलनात्मक वर्णन करें।
उत्तर:
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दूरियाँ खगोलीय एकक में हैं। अर्थात् अगर पृथ्वी की मध्यम दूरी 14 करोड़ 95 लाख 98 हजार किमी एक एकक के बराबर है तो बाकी ग्रहों की सूर्य से दूरी ………………..।
@ घनत्व ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर (gm/cm3)
# अर्द्धव्यास : अगर भूमध्यसागर अर्द्धव्यास 6378.137 किमी = 1 है तो ……………….

प्रश्न 6.
तारों के निर्माण की प्रक्रिया का वर्णन करो।
उत्तर:
तारों का निर्माण-प्रारम्भिक ब्रह्मांड में ऊर्जा व पदार्थ का वितरण समान नहीं था। घनत्व में आरम्भिक भिन्नता से गुरुत्वाकर्षण बलों में भिन्नता आई, जिसके परिणामस्वरूप पदार्थ का एकत्रण हुआ। यह एकत्रण आकाशगंगाओं के विकास का आधार बना। एक आकाशगंगा असंख्य तारों का समूह है। आकाशगंगाओं का विस्तार इतना अधिक होता है कि उनकी दूरी हजारों प्रकाश वर्षों में (Light years) मापी जाती है। एक अकेली आकाशगंगा का व्यास 80 हजार से 1 लाख 50 हजार वर्ष के बीच हो सकता है।

एक आकशगंगा के निर्माण की शुरुआत हाइड्रोजन गैस से बने विशाल बादल के संचयन से होती है जिसे नीहारिका (Nebula) कहा गया । क्रमशः इस बढ़ती हुई नीहारिका में गैस के झुण्ड विकसित हुए। ये झुण्ड बढ़ते-बढ़ते घने गैसीय पिण्ड बने जिनसे तारों का निर्माण आरम्भ हुआ। ऐसा विश्वास किया जाता है कि तारों का निर्माण लगभग 5 से 6 अरब वर्ष पहले हुआ।

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प्रश्न 7.
निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दें –
(i) नीहारिका किसे कहते हैं?
उत्तर:
धीमी गति से चक्राकार घूमते गैस के बादल को नीहारिका कहते हैं। इसमें गर्म गैसीय पदार्थ तथा धूल गैस के बादल होते हैं।

(ii) ग्रहाणु क्या हैं?
उत्तर:
सूर्य तथा गुजरते तारे के टकराव के कारण गैसीय पदार्थ एक फिलामेंट के रूप में पूर्व-स्थित सूर्य से निकल कर बाहर आ गया। यह जिह्वा आकार के पदार्थ छोटे-छोटे टुकड़ों में बिखर गए। ये टुकड़े ठंडे पिंडों के रूप में उड़ते सूर्य के चारें ओर कक्षाओं में घूमने लगे इन्हें ग्रहाणु (Planetesimals) कहते हैं ।

(iii) सर्वप्रथम किसने नीहारिका परिकल्पना को प्रस्तावित किया?
उत्तर:
नीहारिका परिकल्पना सर्वप्रथम जर्मनी के दार्शनिक एमैनुल कांट ने 1755 में प्रस्तुत की।

(iv) आदि तारा (प्रोटोस्टार) क्या है?
उत्तर:
गर्म गैसों के बादल से बनी नीहारिका में विस्फोट से अभिनव तारे की उत्पत्ति हुई। इसके सघन भाग अपने ही गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से विखण्डित हो गए। सघन क्रोड विशाल तथा अधिक गर्म हो गया। इसे आदि तारा (Proto Star) कहते हैं जो अन्त में सूर्य बन गया ।

प्रश्न 8.
पृथ्वी की उत्पत्ति सम्बन्धि दिए गए तर्कों में निम्न वैज्ञानिक के मूलभूत अन्तर बताइए – (क) कान्त व लाप्लेस (ख) चैम्बरलेन व मोल्टन।
उत्तर:
कान्त व लाप्लेस के अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति धीमी गति से घूमते हुए पदार्थों के बादल (नीहारिका) से हुई परन्तु चैम्बरलेन व मोल्टन के अनुसार द्वैतारक सिद्धान्त के अनुसार एक भ्रमणशील तारे के सूर्य से टकराने से पृथ्वी की उत्पत्ति हुई।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
पृथ्वी की उत्पत्ति से सम्बन्धित किसी एक सिद्धांत का वर्णन करें।
उत्तर:
पृथ्वी की उत्पत्ति से सम्बन्धित सन् 1755 में जर्मन दार्शनिक एमैनुल काण्ट ने यह परिकल्पना की कि धीमी गति से चक्राकार घूमते गैस के बादल, जिन्हें निहारिका कहा गया अनेक पृथक-पृथक गोलाकार पिण्डों में निर्दिष्ट तरीके से संघनित हुए हैं। सन् 1796 में फ्रांसिसी लाप्लास ने लगभग इसी प्रकार के सिद्धान्त का प्रस्ताव दिया । काण्ट एवं लाप्लास के अनुसार गैस का मूल पिंड ठंढा होकर सिकुड़ने लगा । कोपीय संवेग के संरक्षण नियमानुसार इसके घूर्णन गति में वृद्धि हुई। इस प्रकार केन्द्रीय गैस पिंड से गैसीय पदार्थों के क्रमिक छल्ले अपकेन्द्रीय बल द्वारा अलग होते हैं। अंतिम चरण में छल्ले संघनित होकर ग्रहों में बदल गये। अर्थात् काण्ट लाप्लास ने पृथ्वी के उत्पत्ति के सम्बन्ध में जो सिद्धान्त दिये हैं निहारिका सिद्धांत (Nebular Hybothesis) कहलाता है। यह एक तारक सिद्धांत ग्रहों की उत्पत्ति को समझाने का प्रयत्न करते हैं। निहारिका सिद्धांत गरुत्वाकर्षण पर आधारित है।

काण्ट एवं लाप्लास का निहारिका सिद्धांत –

  • काण्ट के अनुसार आदि पदार्थ अन्तरिक्ष में बिखरा पड़ा था।
  • इस आदि पदार्थ का जन्म परा प्रकृति से हुआ था।
  • अन्तरीक्ष में धीमी गति से चक्राकार घूमते गैस के बादल को निहारिका (Nebula) कहा गया है।
  • प्रारंभ में यह पदार्थ ठंढा तथा गतिहीन था, परन्तु यह गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण गर्म गतिशील हो गया। फ्रांसीसी गणितज्ञ लाप्लास ने भी इसी प्रकार की परिकल्पना 1796 में प्रस्तुत किया।
  • कोणीय संवेग के नियमानुसार इस निहारिका की परिभ्रमण गति बढ़ गयी।
  • इस प्रभाव के मध्य भाग से लगातार छल्ले (Rings) अलग होने लगे। कलान्तर में छल्ले संघनित होकर ग्रह बन गया। अवशिष्ट भाग सूर्य के रूप में रह गया।

आलोचना –

  • यह पहला सिद्धान्त पृथ्वी की उत्पत्ति से संबंधित होने के कारण सराहा गया।
  • किसी बाह्य शक्ति के बिना गतिहीन निहारिका में गति नहीं उत्पन्न हो सकती।
  • इस आलोचना के बावजूद काण्ट ने कहा “मुझे पर्याप्त पदार्थ राशि दो जिससे इस ब्रह्मांड का निर्माण हुआ है तो मैं एक नया ब्रह्मांड बना कर दिख सकता हूँ।

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प्रश्न 2.
ग्रहों की उत्पत्ति सम्बन्धी नीहारिका परिकल्पना का वर्णन करें।
उत्तर:
नीहारिका परिकल्पना (Nebular Hypothesis)-एक तारक सिद्धान्त ग्रहों की सिद्धान्त है। 1755 में एमैनुल कांत नामक जर्मन दार्शनिक ने एक परिकल्पना प्रस्तुत की। यह परिकल्पना न्यूटन के गुरुत्वाकषर्ण (Newton’s Law of Gravitation) पर आधारित है।

परिकल्पनाकी रूप – रेखा (Qutlines of Hypothesis) –

  • कान्ट के अनुसार आदि पदार्थ अन्तरिक्ष में बिखरा हुआ था।
  • इस आदि पदार्थ का जन्म परा-प्रकृति से हुआ था।
  • आन्तरिक्ष में धीमी गति से चक्राकार घूमते गैस के बादल को नीहारिका (Nebula) कहा गया।
  • प्रारम्भ में यह पदार्थ ठंडा तथा गतिहीन था। परन्तु यह गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण गर्म तथा गतिशील हो गया । फ्रांसीसी गणितज्ञ लाप्लास ने भी लगभग इसी प्रकार की परिकल्पना 1796 में प्रस्तुत की।
  • कोणीस संवेग के नियमानुसार इस नीहारिका की परिभ्रमण गति बढ़ गई तथा विकेन्द्रीय शक्ति भी अधिक हो गई।
  • इस प्रभाव के मध्य भाग से लगातार छल्ले (Rings) अलग होने लगे। कालान्तर में छल्ले संघनित होकर ग्रह बन गए । अवशिष्ट भाग सूर्य के रूप में रह गया।

आलोचना (Criticism) –

  • यह पहला सिद्धान्त होने के कारण सराहा गया।
  • किसी बाह्य शक्ति के बिना गतिहीन नीहारिका में गति उत्पन्न नहीं हो सकती।
  • इस आलोचना के बावजूद कान्ट ने कहा मुझे पर्याप्त पदार्थ राशि दो मैं विश्व का निर्माण करके बता दूँगा। (Give me matter and I can create the earth)।

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प्रश्न 3.
सौर मण्डल के विकास का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सौर मण्डल में कई तारा पुंज या मंदाकिनियां (Galaxies) हैं। पृथ्वी की मंदाकिनी को आकाश गंगा (Milky Way) कहते हैं । पृथ्वी की उत्पत्ति सूर्य तथा अन्य ग्रहों के साथ ही एक समय पर हुई। सौर मण्डल का विकास (Evoluation of Solar System)

सौर मण्डल की उत्पत्ति एक अभिनव तारे (Super Nova) – से हुई। ऐसा होयल ने सुझाव दिया है। पूर्व स्थित गैस के बादल में विस्फोट से अभिनव तारे की उत्पत्ति हुई । एक अभिनव तारा सूर्य की तुलना में कई मिलियन गुणा अधिक प्रकाशमय है। इस अभिनव तारे का तापमान तथा दबाव बहुत अधिक हो गया। इससे आण्विक प्रतिक्रिया (Nuclear Reaction) का आरम्भ हुआ। मेघ में उपस्थित कुछ हाइड्रोजन का संगलन हीलियम में हुआ जिससे भारी मात्रा में ऊर्जा विमुक्त हुई।

अभिनव तारे में विस्फोट से प्रघाती तरंगें (Shock) – उत्पन्न हुई जिन्होंने मेघ के अधिक सघन भाग को धक्का दिया और इससे वे अपने ही गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से विखंडित हो गए। सघन क्रोड (Dense Core) अधिक बड़ा तथा गर्म होता गया। इसके गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से अधिक-से-अधिक पदार्थ इसकी ओर आकर्षित हुए। इस प्रक्रिया से गर्म क्रोड आदि तारे (Protostar) के रूप में विकसित हुआ जो कालान्तर में सूर्य बन गया।

गणा तथा दोष (Merits and Demerits) –

  • यह परिकल्पना अभिनव तारे में सघन तथा हल्के पदार्थों को होना समझाता है।
  • परिभ्रमण गति के बढ़ने से ग्रहों में कोणात्मक गति अधिक है।
  • इससे यह समझा जा सकता है कि ग्रहों में 98% भाग ऑक्सीजन एल्यूमीनियम आदि से बना है जबकि केवल 1% भाग हाइड्रोजन तथा हीलियम से बना है।

Bihar Board Class 7 Social Science History Solutions Chapter 9 18 वीं शताब्दी में नयी राजनैतिक संरचनाएँ

Bihar Board Class 7 Social Science Solutions History Aatit Se Vartman Bhag 2 Chapter 9 18 वीं शताब्दी में नयी राजनैतिक संरचनाएँ Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Social Science History Solutions Chapter 9 18 वीं शताब्दी में नयी राजनैतिक संरचनाएँ

Bihar Board Class 7 Social Science 18 वीं शताब्दी में नयी राजनैतिक संरचनाएँ Text Book Questions and Answers

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
स्वयात्त राज्य किसे कहा जाता है ?
उत्तर-
जो राज्य अपना सम्पूर्ण प्रशासनिक निर्णय और नीति-निर्धारण स्वयं करता है, उस राज्य को ‘स्वायत्त राज्य’ कहते हैं।

प्रश्न 2.
नये राज्यों को तीन समूह में विभाजित करने के आधार क्या रहा होगा?
उत्तर-
पहले से चले आ रहे केन्द्रीय शासकों का कमजोर हो जाना ही ऐसा प्रमुख कारण रहा होगा, जिससे राज्य तीन राज्यों में विभाजित हो गया।

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प्रश्न 3.
तकावी ऋण क्या था ?
उत्तर-
राज्य द्वारा किसानों को दिये गये ऐसे ऋण को तकावी ऋण कहा जाता था, जिस ऋण की रकम का मकसद उपज को बढ़ाना था ।

प्रश्न 4.
ठेकेदारी या इजारेदारी व्यवस्था क्या थी ?
उत्तर-
राजस्व वसूली के लिये एक निश्चित क्षेत्र पर निर्धारित रकम के लिए कुछ लोगों से शासक द्वारा किए गए समझौता ठेकेदारी या इजारेदारी व्यवस्था थी।

प्रश्न 5.
चौथ किसे कहा जाता था ?
उत्तर-
मराठों द्वारा पड़ोसी राज्यों पर हमला नहीं किये जाने के बदले किसानों से ली जाने वाली उपज का चौथाई भाग के कर को चौथ कहा गया ।

प्रश्न 6.
सरदेशमुखी क्या था ?
उत्तर-
मराठों से बड़े जमींदार परिवारों, जिन्हें सरदेशमुख कहा जाता था, ” इनके द्वारा लोगों के हितों की रक्षा के बदले लिया जाने वाला उपज का दसवाँ भाग होता था । ऐसे कर वसूलने वाले को सरदेशमुख कहा जाता है ।

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

आइए याद करें :

प्रश्न (i)
मुगलों के उत्तराधिकारी राज्य में कौन राज्य आता है ?
(क) सिक्ख
(ख) जाट
(ग) मराठा
(घ) अवध
उत्तर-
(घ) अवध

प्रश्न (ii)
बंगाल में स्वायत राज्य की स्थापना किसने की ?
(क) मुर्शिद कुली खाँ
(ख) शुजाउद्दीन
(ग) बुरहान-उल-मुल्क
(घ) शुजाउद्दौला
उत्तर-
(क) मुर्शिद कुली खाँ

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प्रश्न (iii)
सिक्खों के एक शक्तिशाली राजनैतिक और सैनिक शक्ति के रूप में किसने परिवर्तित किया :
(क) गुरुनानक
(ख) गुरु तेगबहादुर
(ग) गुरु अर्जुनदेव
(घ) गुरु गोविन्द सिंह
उत्तर-
(घ) गुरु गोविन्द सिंह

प्रश्न (iv)
शिवाजी ने किस वर्ष स्वतंत्र राज्य की स्थापना की ?
(क) 1665
(ख) 1680
(ग) 1674
(घ) 1660
उत्तर-
(ग) 1674

प्रश्न (v)
मराठा परिसंघ का प्रमुख कौन था?
(क) पेशवा
(ख) भोंसले
(ग) सिंधिया
(घ) गायकवाड़
उत्तर-
(क) पेशवा

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में मेल बैठाएँ :

  1. ठेकेदारी प्रथा – मराठा
  2. सरदेशमुखी – औरंगजेब का निधन
  3. निजाम-उल-मुल्क – जाट
  4. सूरजमल – हैदराबाद
  5. 1707 ई० – भू-राजस्व प्रशासन

उत्तर-

  1. ठेकेदारी प्रथा – भू-राजस्व प्रशासन
  2. सरदेशमुखी – मराठा
  3. निजाम-उल-मुल्क – हैदराबाद
  4. सूरजमल – जाट
  5. 1707 ई० – औरंगजेब का निधन

आइए विचार करें

प्रश्न (i)
अवध और बंगाल के नवाबों ने जागीरदारी प्रथा को हटाने की कोशिश क्यों की?
उत्तर-
अवध और बंगाल के नवाबों ने जागीरदारी प्रथा को हटाने की कोशिश इसलिए की कि वे मुगल-प्रभाव को कम करना चाहते थे । यही हाल हैदराबाद का भी था । इस प्रकार धीरे-धीरे ये मुगलों से पूर्णतः मुक्त होकर स्वतंत्र शासक बन बैठे ।

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प्रश्न (ii)
शिवाजी ने अपने राज्य में कैसी प्रशासनिक व्यवस्था कायम की?
उत्तर-
शिवाजी के काल में प्रशासन का केन्द्र राजा अर्थात स्वयं शिवाजी थे । राजा को सहयोग देने के लिए आठ मंत्री थे जिन्हें ‘अष्ठ प्रधान’ कहा जाता था ।

  1. पेशवा-पेशवा प्रधानमंत्री था । प्रशासन और अर्थ विभाग की देखरेख करता था । राजा के बाद यही सबसे अधिक शक्ति वाला अधिकारी था ।
  2. सर-ए-नौबत-यह सेनापति की नियुक्ति करता था तथा घोडा के साथ ही अन्य सैनिक साजो-सामान की देखरेख करता था ।
  3. मजुमदार-लेखाकार-इनका काम राज्य के आय-व्यय का लेखा रखना था ।
  4. वाके नवीस-गृह विभाग के साथ ही गुप्तचर विभाग का यह प्रध न होता था । राज्य के विरोधी शक्तियों का यह विवरण रखता था ।
  5. सुरु नवीस-राजा को पत्र व्यवहार में मदद करना सुरु नवीस का ही काम था ।
  6. दबीर-दबीर विदेश विभाग का प्रधान होता था । पड़ासी राज्यों से सम्बंध बनाये रखना इसी का काम था ।
  7. पंडित राव-पंडित राव धार्मिक मामलों का प्रभारी था। विद्वानों और धार्मिक कार्यों हेतु मिलने वाले अनुदानों का वितरण यही करता था
  8. न्यायाधीश शास्त्री-हिन्दू न्याय प्रणाली का व्याख्याता न्यायाधीश शास्त्री ही हुआ करता था ।

प्रश्न (iii)
पेशवाओं के नेतृत्व में मराठा राज्य का विस्तार क्यों हुआ?
उत्तर-
शिवाजी की मृत्यु के बाद और औरंगजेब के जीवित रहने तक मराठा क्षेत्रों पर पुन: मुगलों का अधिकार हो गया । लेकिन जैसे ही 1707 में औरंगजेब की मृत्यु हुई, शिवाजी के राज्य पर चितपावन ब्राह्मणों के एक परिवार का प्रभाव स्थापित हो गया। शिवाजी के उत्तराधिकारियों ने उसे पेशवा का पद दे दिया । इस नये बने पेशवा ने पुणा को मराठा राज्य का केन्द्र बनाया। पेशवाओं ने मराठों के नेतृत्व में सफल सेन्य संगठन का विकास किया, जि

सके बल पर उन्होंने अपने राज्य का बहुत विस्तार दिया । मुगलों के कई परवर्ती शासकों ने पेशवाओं का नेतृत्व स्वीकार कर लिया। इसी कारण पेशवाओं के नेतृत्व में मराठा राज्य का विस्तार हुआ।

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प्रश्न (iv)
मुगल सत्ता के कमजोर होने का भारतीय इतिहास पर क्या . प्रभाव पड़ा ?
उत्तर-
मुगल सत्ता के कमजोर होने का भारतीय इतिहास पर दरगामी प्रभाव पड़ा । छोटे-छोटे राज्यों की भरमार हो गई । छोटे राज्यों के सभी नायक ऐश-मौज का जीवन व्यतीत करते रहे। खर्च को पूरा करने के लिए किसानों पर कर-पर-कर बढ़ाये गये । किसान तबाह होने लगे । इनकी इन कमजोरियों को अंग्रेज पैनी नजर से देख रहे थे । फल हुआ कि अंग्रेजों ने एक-एक कर . सभी छोटे राज्यों को अपने अधिकार में कर लिया । इसके लिये इनको बल के साथ छल का भी व्यवहार करना पड़ा । अंततोगत्वा किसी भी रूप में ये पूरे भारत पर अधिकार करने में सफल हो गये ।

प्रश्न (v)
अठारहवीं शताब्दी में उदित होने वाले राज्यों के बीच क्या समानताएँ थीं?
उत्तर-
अठारहवीं शताब्दी में उदित होने वाले राज्यों तीन राज्य प्रमुख थे-बंगाल, अवध और हैदराबाद । तीनों गुलाम शासन के अधीन रहने वाले सूबे थे । इसका फल हुआ कि बहुत बातों में ये तीनों राज्य समान थे । आय का स्रोत भूत-राजस्व वसूली की व्यवस्था तीनों ने एक समान ही रखी । इन तीनों ने जागीरदारी व्यवस्था को समाप्त कर दिया ताकि राज्य शासन पर इनका आधिपत्य पूरी तरह स्थापित हो जाय । इस प्रकार तीनों राज्यों के बी क .. समानताएँ थीं।

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पाठ का सार संक्षेप

अठारहवीं सदी के पूर्वार्द्ध में अनेक स्वतंत्र भारतीय राज्यों का उदय हुआ। इसका परिणाम हुआ कि मुगल साम्राज्य सिमटकर छोटा हो गया । 1707 में औरंगजंघ की मृत्यु के बाद मुगलों के अनेक सूबे स्वतंत्र हो गये । विरोधी शक्तियाँ भी सशक्त होकर स्वतंत्र राज्य बनकर निष्कटंक हो गई । मुगलों के जो सूबेदार औरंगजेब के जितने विश्वासी थे, उन्होंने उतना ही बड़ा विश्वासघात किया और सूबों के स्वतंत्र शासक बन बैठे ।

भारतीय उपमहाद्वीप में प्रथम साम्राज्य के खंडहर पर निम्नलिखित राज्य थे : मुगल साम्राज्य के सूबेदार : बंगाल, अवध और हैदराबाद । मुगलों के मनसबदार-जागीरदार : राजपुताना, क्षेत्र के सभी राज्य । मुगलों से युद्ध कर चुके राज्य : मराठा, सिक्ख, जाट एवं बुन्देल।।

इन नये राज्यों में सर्वाधिक प्रमुख राज्य थे : बंगाल, अवध और हैदराबाद । हैदराबाद के नवाबों को ‘निजाम’ कहा जाता था । इन तीनों का मुगल दरबार . में बहुत इज्जत किया जाता था। इन्होंने इसी का लाभ उठाया ।

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बंगाल-बंगाल को स्वतंत्र राज्य बनाने में दो नवाबों का हाथ था : मुर्शिद कली खाँ और अलीवर्दी खाँ । मुर्शिद कुली खाँ को 1700 में बंगाल का सूबेदार बनाया गया था, तभी से उसने यहाँ एकाधिकारी प्रवृति दिखाने लगा था । भूमिकर वसूलने के लिए उसने जमींदारी तथा ठेकेदारी व्यवस्था कायम कर अपने लिए अनेक हसबखाह बना लिये । इन लोगों ने उसके शासन को व्यवस्थित रखने में मदद की । इसने हिन्दुओं और मुसलमानों को रोजगार में समान अवसर देकर शासन में स्थिरता कायम की । हैदराबाद-हैदराबाद का सूबेदार निजाम-उल-मुल्क आसफजाह था । इसका मुगल दरबार में काफी प्रभाव था । दरबार के षड्यंत्रों से तं

ग आकर इसने अपने को स्वतंत्र घोषित कर लिया। इसने भी बंगाल के तर्ज पर भू-राजस्व वसूली के लिए जमींदार और ठेकेदार नियुक्त किये । चौक राज्य में हिन्दुओं की संख्या अधिक थी इसलिए इसके राज्य में हिन्दू जमींदारों की संख्या अधिक थी । इससे राज्य में स्थिरता आई ।

राजपूत राज्य-अकबर ने जिन राजपूतों को जोड़कर अपना साम्राज्य फैलाया था, औरंगजेब और उसके बाद के मुगल शासकों से राजपूतों की दूरी बढ़ती गई । अब राजपूतों में भी अपने-अपने क्षेत्र में स्वतंत्र राज्य स्थापित करने की आकांक्षा जागने लगी । क्षेत्र तथा प्रभूत्व बढाने के लिये ये आपस में ही लड़ने लगे और अपने को कमजोर करते रहे । सर्वाधिक श्रेष्ठ राजपूत शासक आमेर का सवाई जयसिंह था जिसका काल 1681 से 1743 तक माना जाता है। इसी ने गुलाबी नगर जयपुर की स्थापना की थी।

उसने जयपुर को जाटों से प्राप्त की थी । जयसिंह ने ही आगरा, दिल्ली, जयपुर, मथुरा और उज्जैन में पर्यवेक्षणशालाएँ बनवाई थीं, जिन्हें जन्तर-मन्तर कहा जाता है।

मराठा राज्य-मराठों का उदय मुगलों से संघर्ष के कारण हुआ था । मुगलों के विरुद्ध तलवार उठाने वाले पहले व्यक्ति थे शिवाजी । शिवाजी का जन्म 1627 में शाहजी भोंसले के घर हुआ। इनका आरंभिक जीवन मना जीजाबाई तथा अभिभावक दादाजी कोण देव के संरक्षण में हुआ । शिवाजी अपनो छोटी जागीर को सैनिक शक्ति द्वारा बढ़ाना चाहते थे । ये मात्र 18 वर्ष की आयु में ही रायगढ़, कोंकण तथा तोरण के किलों पर कब्जा करके अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा का परिचय दे दिया । मुगल बीजापुर को अपने नियंत्रण में करना चाहते थे । लेकिन शिवाजी ने ऐसा नहीं होने दिया ।

औरंगजेब शिवाजी की शक्ति को कम करना चाहता था । उसने छल-बल सभी का प्रयास किया लेकिन शिवाजी को दबा नहीं पाया । शिवाजी

ने रायगढ़ के किले में अपना राज्याभिषेक करवाया और अपने को एक स्वतंत्र राजा घोषित किया ।

शिवाजी की प्रशासनिक व्यवस्था बहत ही उत्तम कोटि की थी। इनके आठ मंत्री थे जिन्हें अष्ट प्रधान कहा जाता था । वे थे:

  1. पेशवा
  2. सर-ए-नौबत
  3. मजुमदार-लेखाकार
  4. वाके नवीस
  5. गुरु नवीस
  6. दबीर
  7. पंडित राव और
  8. न्यायाधीश शास्त्री ।

इन सभी के कार्य बँटे हुए थे। इन सबके ऊपर राजा अर्थात शिवाजी थे।

पेशवाओं के अधीन मराठा शक्ति का विकास-शिवाजी की मृत्यु 1680 में हुई । फिर औरंगजेब के 1707 में मरने के बाद मराठा क्षेत्रपर चितपावन ब्राह्मणों के एक परिवार का प्रभुत्व स्थापित हो गया । शिवाजी के उत्तराधिकारियों द्वारा उसे पेशवा का पद प्रदान किया गया । पेशवा ने पुणा को मराठा राज की राजधानी बनाया । पेशवाओं ने मराठों के नेतृत्व में सफल सैन्य संगठन का विकास किया ।

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बाद में पेशवाओं ने पाँच परिवारों में मराठा क्षेत्र को बाँटकर अलग-अलग राज्य करने लगे। पुणे के इलाका पर पेशवाओं का अधिकार रहा । ग्वालियर का इलाका सिंधिया के अधीन हो गया । इन्दौर पर होल्कर राज्य करने लगे। विदर्भ का इलाका गायकवाड़ के पास रहा तो नागपुर का इलाका भोंसले के अधिकार में रहे ।

इन सबका सैद्धांतिक प्रमुख पेशवा ही था । सबको मिलाकर मराठा परिसंघ कहा जाता था । पेशवा के अधीन मराठा राज्य भारत का एक शक्तिशाली राज्य बन गया । लेकिन 1761 में पानीपत की दूसरी लड़ाई में मराठा अहमद शाह अब्दाली से हार गये, जिससे उनकी शक्ति छिन्न-भिन्न हो गई । हार का कारण राजपूतों का चुप रहना और मराठों की स्वार्थ नीति भी थी । अब सिंधिया, होल्कर, गायकवाड, भोंसले तथा पुणे में पेशवा अपने-अपने क्षेत्र में सिमटकर रह गए ।

जाट एक कृषक समूह होने के बावजूद मुगलों से संघर्ष कर अपने को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में बदल लिया । इनका प्रभाव दिल्ली और आगरा के क्षेत्रों में बढ़ा । जाट राज्य की स्थापना चूडामन और बदन सिंह के नेतृत्व में हुआ । लेकिन इस राज्य का पूर्ण विकास 1750 और 1763 ई० के बीच सूरजमल के नेतृत्व में हुआ।

सिक्ख राज्य-सिक्ख एक धर्म था, जिसे गुरु नानक ने स्थापित किया था । सतरहवीं शताब्दी में सिक्ख एक राजनैतिक समुदाय में संगठित होने लगे। . सिक्खों के अंतिम गुरु गुरु गोविन्द सिंह (1666-1708) के नेतृत्व में सिक्खों ने अपने को धार्मिक और राजनैतिक रूपों में संगठित करने का प्रयास किया । गुरु गोविन्द सिंह के बाद गुरु परम्पग समाप्त हो गई । इनके अनुयायी बन्दा बहादुर के नेतृत्व में सिक्खों ने 8 वर्षों तक मुगलों से संघर्ष किया लेकिन राज्य निर्माण नहीं कर सके

नादिरशाह तथा अहमदशाह अब्दाली के आक्रमणों के कारण पंजाब के प्रशासन में अव्यवस्था फैल गई । अब्दाली की वापसी के बाद सिक्ख पुनः संगठित होने लगे । पहले ये जत्थों तथा बाद में मिस्लों में संगठित हुए। इन मिस्लों के ही एक मिस्ल के प्रधान रणजीत सिंह के नेतृत्व में सिक्खों ने उन्नीसवीं शताब्दी में एक शक्तिशाली राज्य का गठन कर लिया।

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भारतीय राज्य और राजाओं के बिखराव का लाभ अंग्रेजों ने खब उठाया। 1857 में इन सभी राज्यों ने मिलकर अंग्रेजों का विरोध करने का संकल्प लिया था, लेकिन वे अंग्रेजों को दबा नहीं सके । इसका कारण कुछ राज्यों का धोखा देना भी था ।