Bihar Board 12th Biology Model Papers

Bihar Board 12th Physics Model Question Paper 4 in Hindi

परिक्षार्थियों के लिए निर्देश :

  1. परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में ही उत्तर दें।
  2. दाहिनी ओर हाशिये पर दिये हुए अंक पूर्णांक निर्दिष्ट करते हैं।
  3. इस पत्र को ध्यानपूर्वक पढ़ने के लिए पन्द्रह मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया है।
  4. इस प्रश्न-पत्र के दो खण्डों में है, खण्ड-अ एवं खण्ड-ब ।
  5. खण्ड-अ में 35 वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है, इनका उत्तर उपलब्ध कराये गये OMR-शीट में दिये गये सही वृत्त को काले / नीले बॉल पेन से भरें। किसी भी प्रकार के व्हाइटनर/तरल पदार्थ/ब्लेड/नाखून आदि का OMR-शीट में प्रयोग करना मना है, अन्यथा परीक्षा परिणाम अमान्य होगा।
  6. खण्ड-ब में गैर-वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं, 18 लघुउत्तरीय प्रश्न हैं, जिनमें से किन्ही 10 प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न के लिए 2 अंक निर्धारित है। इसके अतिरिक्त खण्ड-ब में 06 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न भी दिए गए हैं, जिनमें से किन्हीं 3 प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न के लिए 05 अंक निर्धारित हैं।
  7. किसी तरह के इलेक्ट्रॉनिक-यंत्र का इस्तेमाल वर्जित है।

समय : 3 घंटे 15 मिनट
पूर्णांक : 70

खण्ड-अ : वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न संख्या 1 से 35 तक के प्रत्येक प्रश्न के साथ चार विकल्प दिए गए हैं, जिनमें से एक सही है। अपने द्वारा चुने गए सही विकल्प को OMR शीट पर चिह्नित करें। (35 × 1 = 35)

प्रश्न 1.
वायु परागित पुष्प सामान्यतः होते हैं
(a) आकर्षक
(b) छोटे
(c) रंगहीन
(d) (b) एवं (c) दोनों
उत्तर:
(d) (b) एवं (c) दोनों

Bihar Board 12th Biology Model Question Paper 5 in Hindi

प्रश्न 2.
शुक्राणु के मध्य भाग में रहता है।
(a) केंद्रक
(b) सेंट्रिओल
(c) माइटोकॉण्ड्यिा
(d) एक्सोनियम
उत्तर:
(c) माइटोकॉण्ड्यिा

प्रश्न 3.
भारत में परिवार नियोजन कार्यक्रम कब आरंभ हुआ?
(a) 1951 में
(b) 1960 में
(c) 1970 में
(d) 1980 में
उत्तर:
(a) 1951 में

प्रश्न 4.
वर्णाघता में रोगी पहचान नहीं कर पाता है
(a) लाल तथा पीला रंग की
(b) लाल तथा नीले रंग की
(c) लाल तथा हरे रंग की
(d) किसी भी रंग की
उत्तर:
(d) किसी भी रंग की

प्रश्न 5.
प्रतिकोडोन पाए जाते हैं
(a) m – RNA में
(b) r – RNA में
(c) t – RNA में
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(c) t – RNA में

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से कौन चेन समापन कोडोन है ?
(a) AUG
(b) GUG
(c) UAA
(d) ACC
उत्तर:
(c) UAA

Bihar Board 12th Biology Model Question Paper 5 in Hindi

प्रश्न 7.
DNA के छोटे टुकड़े को क्या जोड़ता है ?
(a) DNA पॉलिमरेज
(b) RNA पॉलिमरेज
(c) टोपो आइसोमरेज
(d) DNA लाइगेज
उत्तर:
(d) DNA लाइगेज

प्रश्न 8.
लैक ऑपेरॉन में कितने संरचनात्मक जीन पाए जाते हैं?
(a) 3
(b) 5
(c) 1
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) 3

प्रश्न 9.
द्विसंकर क्रॉस का फेनोटीक अनुपात होता है ?
(a) 3 : 1
(b) 1 : 2 : 1
(c) 9 : 7
(d) 9 : 3 : 3 : 1
उत्तर:
(d) 9 : 3 : 3 : 1

प्रश्न 10.
किसमें जनक कोशिका दो भाग में विभक्त होकर नए जीवों को जन्म देती है?
(a) मोनेरा
(b) प्रोटिस्टा
(c) (a) और (b) दोनों में
(d) उपरोक्त में से किसी में नहीं
उत्तर:
(c) (a) और (b) दोनों में

प्रश्न 11.
द्विखंडन किसमें पाया जाता है ?
(a) अमीबा में
(b) पैरामीशियम में
(c) (a) और (b) दोनों में
(d) उपरोक्त में से किसी में नहीं
उत्तर:
(c) (a) और (b) दोनों में

प्रश्न 12.
निम्नलिखित में से कोई एक पुरुष में पाया जाता है
(a) गर्भाशय
(b) भग
(c) लेबिया मेंजोरा
(d) काउपर ग्रंथि
उत्तर:
(d) काउपर ग्रंथि

प्रश्न 13.
मेंडल के प्रयोगों में विकसित लक्षणों की जोड़ी को क्या कहते हैं
(a) जीन
(b) फीनोटाइप
(c) जीनोटाइप
(d) ऐलील
उत्तर:
(d) ऐलील

Bihar Board 12th Biology Model Question Paper 5 in Hindi

प्रश्न 14.
F1 पीढ़ी के संकर पौधे को जब समयुग्मजी अप्रभावी जनक से क्रॉस
कराया जाता है तो इसे क्या कहते हैं ?
(a) बैक क्रॉस
(b) टेस्ट क्रॉस
(c) एकसंकर क्रॉस
(d) द्विसंकर क्रॉस
उत्तर:
(b) टेस्ट क्रॉस

प्रश्न 15.
विभिन्न प्रकार के RNA से प्रोटीन संश्लेषण की क्रिया को कहते हैं
(a) ट्रांसलोकेशन
(b) ट्रांसक्रिप्सन
(c) ट्रांसफॉरमेशन
(d) ट्रांसलेशन
उत्तर:
(d) ट्रांसलेशन

प्रश्न 16.
आगरा स्थित विश्व प्रसिद्ध ताजमहल को मुख्यतः किस गैस से खतरा है?
(a) CO2
(b) NO2
(c) SO2
(d) CFC
उत्तर:
(c) SO2

प्रश्न 17.
भोपाल गैस त्रासदी किस गैस के रिसाव से हुई?
(a) PAN
(b) स्मॉग
(c) मिथाइल आइसोसाइनेट
(d) SO
उत्तर:
(c) मिथाइल आइसोसाइनेट

Bihar Board 12th Biology Model Question Paper 5 in Hindi

प्रश्न 18.
भ्रूण कोष की उत्पत्ति किससे होती है ?
(a) पराग नलिका से
(b) लघु जीवाणु से
(c) लघु बीजाणुधानी से
(d) गुरु बीजाणु से
उत्तर:
(d) गुरु बीजाणु से

प्रश्न 19.
भ्रूण कोष में कितने क्रोमोजोम होते हैं?
(a) n
(b) 2n
(c) 3n
(d) (a) एवं (c) दोनों
उत्तर:
(d) (a) एवं (c) दोनों

प्रश्न 20.
कानों पर बाल की बहुलता का जीन पाया जाता है
(a) X – क्रोमोसोम पर
(b) Y – क्रोमोसोम पर
(c) लिंग निर्धारणीय क्रोमोसोम पर
(d) अलिंग क्रोमोसोम पर
उत्तर:
(b) Y – क्रोमोसोम पर

प्रश्न 21.
केवल अफ्रीका में ही पाये जाते हैं
(a) जिराफ
(b) जेब्रा
(c) गोरिल्ला
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(b) जेब्रा

प्रश्न 22.
रेबीज का टीका किसने प्रचलित किया?
(a) जेनर
(b) पाश्चर
(c) डार्विन
(d) लैमार्क
उत्तर:
(b) पाश्चर

प्रश्न 23.
निम्नांकित में कल्याण सोना किसका किस्म है ?
(a) धान की
(b) गेहूँ की ।
(c) मक्का की
(d) मटर की
उत्तर:
(b) गेहूँ की ।

Bihar Board 12th Biology Model Question Paper 5 in Hindi

प्रश्न 24.
अंगुलिकाएँ किस जीव से संबंधित है ?
(a) मुर्गी
(b) मधुमक्खी
(c) मछली
(d) रेशम कीट
उत्तर:
(c) मछली

प्रश्न 25.
मानव रक्त में कॉलेस्ट्रॉल स्तर को घटाने में सहायक स्टैटिन तैयार होता है
(a) जीवाणु से
(b) शैवाल से
(c) विषाणु से
(d) यीस्ट से
उत्तर:
(c) विषाणु से

प्रश्न 26.
निम्नलिखित में कौन जैव उर्वरक है?
(a) साइनोबैक्टीरिया
(b) माइकोराइजा
(c) सहजीवी जीवाणु
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(d) इनमें से सभी

प्रश्न 27.
DNA को देखने के लिए किसका प्रयोग किया जाता है
(a) इधीडियम ब्रोमाइड
(b) एनीलीन ब्लू
(c) सेफ्रेनीन
(d) फास्ट ग्रीन
उत्तर:
(d) फास्ट ग्रीन

प्रश्न 28.
कवक को किस जाइम से संसाधित किया जाता है ?
(a) काइटिनेज
(b) लाइसोजाइम
(c) सेलुलोज
(d) गैलेक्टोज
उत्तर:
(a) काइटिनेज

प्रश्न 29.
प्राइमर्स का उपयोग किया जाता है
(a) पी. सी. आर, में
(b) क्लोनिंग में
(c) DNA संसाधन में
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) पी. सी. आर, में

प्रश्न 30.
Bt विष का प्रभाव किस कीट वर्ग पर होता है ?
(a) लेपिडॉप्टेशन
(b) कोलियोप्टेरान
(c) डायप्टेशन
(d) इन सभी पर
उत्तर:
(d) इन सभी पर

प्रश्न 31.
किसी आबादी का स्वरूप निर्भर करता है
(a) वितरण पर
(b) घनत्व पर
(c) जातीय रचना पर
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(d) इनमें से सभी

Bihar Board 12th Biology Model Question Paper 5 in Hindi

प्रश्न 32.
किन कारणों से आबादी सदा परिवर्तनशील होती है ?
(a) भौतिक
(b) जैविक
(c) (a) एवं (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) (a) एवं (b) दोनों

प्रश्न 33.
रेड डाटा बुक में सम्मिलित है।
(a) विलुप्त हो रहे पौधों की सूची
(b) दुर्लभ पौधों की सूची
(c) आपत्तिग्रस्त प्राणियों की सूची
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(c) आपत्तिग्रस्त प्राणियों की सूची

प्रश्न 34.
पृथ्वी सम्मेलन किस वर्ष आयोजित हुआ था ?
(a) 1972
(b) 1992
(c) 1998
(d) 2005
उत्तर:
(b) 1992

प्रश्न 35.
सेमल में किसके द्वारा परागण होता है।
(a) चमगादड़
(b) पक्षी
(c) जल
(d) वायु
उत्तर:
(a) चमगादड़

खण्ड-ब : गैर-वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न संख्या 1 से 18 तक सभी लघु उत्तरीय कोटि के प्रश्न हैं। इस कोटि के प्रत्येक के लिए 2 अंक निर्धारित है। आप किन्हीं दस (10) प्रश्नों के उत्तर दें। (10 x 2 = 20)

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मानव नर और मादा में तीन-तीन द्वितीयक लैंगिक लक्षण -बताइए।
उत्तर:

  • मानव नर – आवाज का भारी होना, दादी-मूछ निकलना, बगल और जांघ में बाल उगना, कंधों का चौड़ा हो जाना (कोई तीन)।
  • मानव मादा – बगलों में और जघन (जांघ) के बालों का उगना, श्रोणि तथा कूल्हों का चौड़ा होना, स्तनों का उभार ।

Bihar Board 12th Biology Model Question Paper 5 in Hindi

प्रश्न 2.
‘अनिषेचित फल’ क्या है?
उत्तर:
कुछ पौधे बिना निषेचन के ही फल उत्पादन की क्षमता रखते हैं। उन्हें अनिषेचित फल कहते हैं। ये बीजरहित या अनुत्पादक बीज वाले होते हैं। कुछ प्राकृतिक अनिषेचित फल निम्न हैं

  • बिना परागण के अण्डाशय द्वारा प्रवर्धित फल का निर्माण होता है। उदाहरण-केला, नींबू अनानास ।
  • परागण होता है किन्तु निषेचन नहीं। उदाहरण-कुछ आर्किड ।
  • निषेचन के उपरांत भ्रूण का विफल होकर फल निर्माण करना ।

उदाहरण-अंगूर।
कृत्रिम रूप से निम्न ऑक्सीन तथा जिबरेलिन सांद्रता द्वारा अनिषेचित फल प्राप्त किए जा सकते हैं जैसे-बीजरहित अंगूर, संतरे, नींबू, टमाटर, तरबूज आदि । इनका व्यापारिक महत्त्व बहुत अधिक है।

प्रश्न 3.
नर जनन-तंत्र में सहायक ग्रंथियों का वर्णन करो।
उत्तर:
सहायक ग्रंथियों में पौरुष ग्रंथि, होसोमिनल भेसिकल तथा दो काउपरस ग्रंथि होती है। पौरुष ग्रधि यूरेथ्रा के प्रथम भाग में स्थित होती है तथा यूरेथ्रा की दीवारों में अपना द्रव सावित करती है। यह प्राव वास डेफरेंस में उसकी नलिकाओं द्वारा अंदर जाता है। काउपर गॉथ मूत्राशय के नीचे तथा यूरेना के पीछे स्थित होती है । इसका नाव यूरेथ्रा में उनकी नलिकाओं द्वारा जाता है।

प्रश्न 4.
वर्तमान में उपलब्ध आदर्श गर्भ-निरोधकों के बारे में जानकारी दीजिए। जिनसे प्रयोगकर्ता के हितों की रक्षा भी होती हो और दुष्प्रभाव भी कम हों।
उत्तर:
एक आदर्श गर्भ – निरोधक प्रयोगकर्ता के हितों की रक्षा करने वाला आसानी से उपलब्ध, प्रभावी तथा जिसका कोई अनुषंगी प्रभाव या दुष्प्रभाव नहीं हो या हो भी तो कम से कम। इसके साथ ही यह उपयोगकर्ता की कामेच्छा, प्रेरणा तथा मैथुन में बाधक न हो। आजकल व्यापक परिधि के गर्भ-निरोधक साधन जैसे कि आसानी से उपलब्ध है; उन्हें मोटे तौर पर निम्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे प्राकृतिक, परंपरागत, रोध (बैरियर), आईयूडीज (कॉपर टी), मुँह से लेने वाले योग्य गर्भ-निरोधक, टीका रूप में, अंतरोप तथा शल्य क्रियात्मक विधियाँ।

प्रश्न 5.
समयुग्मजी और विषमयुग्मजी क्या हैं?
उत्तर:
समयुग्मजी और विषमयुग्मजी (homozygous and Heterozygous) – मेण्डल के अनुसार, प्रत्येक जनक (parent) की काबिक कोशिका में एक ही गुण को व्यक्त करने के लिए दो कारक होते हैं। जब दोनों कारक एकसमान हों (जैसे-TT, tt, RR, IT) तो ऐसी दशा समयुग्मजी (homozygous) कहलाती है। इसके विपरीत, जब दोनों कारक एक-दूसरे से भिन्न हों, तो ऐसी दशा विषमयुग्मजी (heterozygous) कहलाती है।

फीनोटाइप और जीनोटाइप (Phenotype and Genotype) – जीवधारी के जो लक्षण प्रत्यक्ष रूप से दिखाई पड़ते हैं, उसे फीनोटाइप कहते हैं। जैसे पौधे का लम्बापन (tallness)। जीवधारी के आनुवंशिक संगठन को उसका जीनोटाइप कहते हैं, जोकि कारकों का बना होता है। उदाहरणत: TT (कोशिकाओं में दो कारक – दोनों लम्बे लक्षण वाले) जीनोटाइप कहलाता है।

Bihar Board 12th Biology Model Question Paper 5 in Hindi

प्रश्न 6.
अपघटन की दर को प्रभावित करने वाले कारकों के बारे में लिखें।
उत्तर:
अपघटन की दर को प्रभावित करने वाले मुख्यतः दो कारक हैं –

  • जलवायु – अधिक तापमान (>25°C) तथा आई जलवायु में अपरद का अपघटन तीव्रता से होता है। किन्तु निम्न तापमान (<10°C) में यह नमी की प्रचुरता के बावजूद क्षीण हो जाती है। उच्च अक्षांश या ऊँचाई वाले प्रदेशों में अपरद के अपघटन की क्रिया में कई वर्ष लग सकते हैं।
  • अपरद का रासायनिक गुण-अपरद में लिग्नीन, काइटीन जैसे पदार्थों की प्रचुरता अपघटन की दर में कमी लाती है।

प्रश्न 7.
ब्रह्माण्डवाद की परिकल्पना क्या है?
उत्तर:
ब्रह्माण्डवाद (Theory of cosmozoicorigin)-इस मत के अनुसार जीव की उत्पत्ति इस पृथ्वी पर न होकर ब्रह्माण्ड के किसी अन्य ग्रह में हुई । वहाँ से ये बीजाणुओं या साधारण कणों के रूप में उल्का पिण्डों के साथ पृथ्वी पर आये । रिचटर (Richter, 1865), आरहीनियस (Arthenius, 1908), होयले (Hoyle, 1950), बोण्डी (Bondy. 1952) आदि वैज्ञानिकों ने, जोकि जीवन की अनन्तकालिता (etemity of life) में विश्वास करते थे, इस मत को बल प्रदान किया ।

अधिकांश वैज्ञानिक इस मत को नहीं मानते क्योंकि अन्तरिक्ष इतना शुष्क तथा घातक विकिरणों से युक्त है कि उसमें से निकलने पर किसी जीव के जीवित रहने की संभावना नहीं है । फिर भी, यदि इस मत को सही मान भी लिया जाये तो इससे हमारे मूल प्रश्न अर्थात् ‘जीवन की उत्पत्ति कैसे हुई’ का समाधान नहीं होता । केवल उत्पत्ति का स्थान पृथ्वी की जगह अन्य कोई ग्रह मान लेना मूल प्रश्न का उत्तर नहीं है।

प्रश्न 8.
कणकीय पदार्थ क्या हैं? यह किस प्रकार मनुष्य के स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाता है?
उत्तर:
ऐसे ठोस कण या तरल बूंद (एसेसोल) जिनका व्यास । um10um तक होता है वे हवा में तैरते रहते हैं। जैसे-कालिख, धुआँ, धूल, एसबेस्टस तंतु, कीटनाशक, Hg, Pb,Cu तथा Fe धातु तथा जैविक कारक जैसे-सूक्ष्म धूल वरुथी तथा पराग।।

तैरने वाले कणकीय पदार्थ निम्न वायुमंडल में मनुष्य के श्वसन तंत्र को उत्तेजित कर दमा, दीर्घकालिक श्वसनी शोथ इत्यादि बीमारी उत्पन्न करते हैं। ऊपरी वायुमंडल में जमा हुआ कणकीय पदार्थ विकिरण तथा ताप बजट में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाता है जिससे धरती की सतह का तापमान कम हो जाता है।

प्रश्न 9.
खच्चर की उत्पत्ति किस प्रकार हई है?
उत्तर:
खच्चर अंतरास्पीशीज संकरण का प्रतिफल है। मादा घोड़ी तथा नर गधे के बीच संगम कराने पर बांछनीय गुणों से युक्त खच्चर की उत्पत्ति हुई। ये अपने दोनों ही जनक स्पीशीजों की तुलना में अधिक प्रतिबल, सहिष्ण एवं दमदार होते हैं। अतः कठिन मार्गों, जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में हुलाई आदि के लिए अधिक उपयोगी होते हैं।

प्रश्न 10.
(BOD) तथा (COD) क्या है, वर्णन करें।
उत्तर:
कार्बनिक अवशिष्ट की मात्रा बढ़ने से अपघटन की दर बढ़ती है तथा (O2) का उपयोग बढ़ता है। जल में घुल गई O2, (DO) की मात्रा घटती है।
जैव रासायनिक ऑक्सीजन माँग (BOD) ऑक्सीजन मापक है। इससे जल में कार्बनिक पदार्थों के अपघटन की दर का पता चलता है। जहाँ उच्च BOD है वहाँ DOनिम्न होगा। रासायनिक ऑक्सीजन मौंग (COD) – यह जल में प्रदूषण के भार का मापक है। जल में कार्बनिक पदार्थों के ऑक्सीकरण हेतु आवश्यक O2, की मात्रा के बराबर है।

Bihar Board 12th Biology Model Question Paper 5 in Hindi

प्रश्न 11.
एंजाइम क्या हैं?
उत्तर:
ग्लोबूलर प्रोटीन (Globular proteins) का महत्त्वपूर्ण समूह जो जैव तंत्र उत्प्रेरक का कार्य करते हैं; एंजाइम (Enzymes) कहलाते हैं। इन एंजाइमों का हमारे जीवन में अधिक महत्त्व है। इनकी अनुपस्थिति में हमारे जीवन की क्रियाएँ कितनी मंद गति से संपन्न होती हैं कि हमारे लिए जीवित रहना कठिन ही नहीं असंभव हो जाता ।

उदाहरण के लिए, यदि हमारे शरीर में विभिन्न एंजाइम न होते तो हमारे पाचन तंत्र को एक समय का भोजन पचाने। में 50 वर्ष लग जाते । इससे हम आसानी से कल्पना कर सकते हैं कि इनको । अनुपस्थिति में हमारा जीवन कैसा होता । आज की तारीख में लगभग 3000 ऐसे एंजाइमों को ज्ञात कर लिया गया है, जो प्रोटीनों के एक विशिष्ट वर्ग में आते हैं।

प्रश्न 12.
बीटी (BI) आविष के रवे कुछ जीवाणुओं द्वारा बनाए जाते । हैं लेकिन जीवाणु स्वयं को नहीं मारते हैं। क्योंकि – (क) जीवाणु आविष के प्रति प्रतिरोधी हैं। (ख) आविष अपरिपक्व है। (ग) आविष । निष्क्रिय होता है । (घ) आविष जीवाणु की विशेष थैली में मिलता है।
उत्तर:
(ग) आविष निष्क्रिय होता है – ज्योहि कीट इस निष्क्रिय जीव विषय को खाता है, इसके रवे आँत में क्षारीय पीएच के कारण घुलनशील होकर सक्रिय रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। सक्रिय जीव विष मध्य आँत की उपकलीय कोशिकाओं की सतह से बँधकर उसमें छिद्रों का निर्माण करते हैं, । जिस कारण से कोशिकाएँ फूलकर फट जाती हैं और परिणामस्वरूप कोट की मृत्यु हो जाती है।

प्रश्न 13.
छद्मावरण तथा अनुहरण के बीच अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:
कुछ सीटों, सरीसृपों तथा स्तनधारियों में परिवेश के साथ सम्मिश्रित होने की क्षमता होती है। उनके शरीर पर चिह्न होने से उन्हें छाया या टहनियों या समूह के दूसरे सदस्यों से भेद करना कठिन होता है।
अनुहरण में दो जातियाँ एक जैसी दिखती हैं। इसमें एक परभक्षी होता है। अनुहारक प्रति परभक्षी चिढ़ के कारण परभक्षी के विरुद्ध सुरक्षात्मक उपाय करता है। जैसे आदिदारुक तितली, वाइसरोंय तितली द्वारा अनुहारित होती है।

प्रश्न 14.
विलोपन कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
विलोपन एक नैसर्गिक प्रक्रिया है। यह तीन प्रकार के होते हैं

  • नैसर्गिक विलोपन – पर्यावरणीय दशाओं में परिवर्तन के कारण कम अनुकूल प्राणी विलुप्त हो जाते हैं।
  • समूह विलोपन – प्राकृतिक आपदाओं के कारण जातियों के एक बड़े समूह का विलुप्त हो जाना समूह विलोपन कहलाता है।
  • मानवोद्भवी विलोपन – बड़ी संख्या में जातियों के विलोपन का कारण जब मानवीय हो तब इसे मानवोद्भवी विलोपन कहते हैं।

प्रश्न 15.
जैव विविधता का औषधीय गुणों वाले पादपों के साथ किस प्रकार का संबंध है?
उत्तर:
वर्तमान में औषधि निर्माण दवाओं का 25%, पादपों को मात्र 120 जातियों से प्राप्त होता है। उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों के पादपों में उच्च स्तर की औषधियाँ पाई जाती हैं बोटानोकेमिकल्स के तौर पर इनका उपयोग कई चीजों में होता है। जैसेमाफॉन (Papaver somniferum)-दर्द 114 कुनैन (Cinchona ladgeriana)-मलेरिया उपचार टैक्सोल (Taxus brevifolia)-कैंसर की दया ।

Bihar Board 12th Biology Model Question Paper 5 in Hindi

प्रश्न 16.
मृदा प्रदूषण को रोकने के लिए क्या विधि अपनाई जाती है?
उत्तर:
इसके अंतर्गत निम्न प्रक्रियाएँ अपनाई जाती हैं – (1) सुरक्षित भूमि उपयोग (ii) योजनाबद्ध शहरीकरण (iii) नियंत्रित विकास कार्यक्रम (iv) सुरक्षित डिस्पांजल तथा मानव आवास स्थलों एवं उद्योगों के ठोस अपशिष्टों का प्रबंधन (v) भस्मीकरण तथा ताप अपघटन द्वारा ठोस अपशिष्टों का नाश करना।

प्रश्न 17.
पुनर्योगज तकनीक से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
पॉल वर्ग (Paul Berg, 1972) ने SB-40 नामक वायरस या विषाणु के DNA को ई. कोलाई नामक जीवाणु में सफलतापूर्वक प्रतिरोपित किया । परिणामस्वरूप एक ऐसे नये जीव की उत्पत्ति हुई जिसमें SB-40 विषाणु तथा ई. कोलाई-दोनों के ही गुण थे। सामान्य ई. कोलाई की भाँति यह मनुष्य की आँतों में पनप सकता था तथा विषाणु की भाँति कैंसर जैसे रोग उत्पन्न कर सकता था। इस प्रकार एक नई तकनीक का विकास हुआ। इसे पुनर्योगज डीएनए तकनीक (Recombinant DNA Technology) कहा जाता है।

प्रश्न 18.
सूक्ष्मजीवियों की सहायता से बनने वाले कुछ कार्बनिक अम्लों के बारे में बताइए।
उत्तर:
अनेक कार्बनिक अम्लों का उत्पादन सूक्ष्मजीवों में किण्वन की सहायता से किया जाता है। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं

  • सिटिक अम्ल (Citric Acid) – एस्पर्जिलस नाइजर (Aspergillus niger) नामक कवक द्वारा शर्करा के किण्वन से प्राप्त किया जाता है।
  • ग्लूकोनिक अम्ल (Gluconic Acid) – एस्पर्जिलस नाइजर (A. niger), पैनिसिलियम परप्यूरोजेनम (Penicillium purpurogenum) नामक कबकों तथा एसिटोबैक्टर एसिटाई (Acetobacter aciti) नामक जीवाणु की ग्लूकोज पर क्रिया द्वारा उत्पन्न होता है।
  • लैक्टिक अम्ल (Lactic Acid) – अनेक जीवाणु जैसे लैक्टोबैसिलस बल्गेरिकस, लै. डेल एकाई, स्ट्रेप्टोकोकस लैक्टिस की स्टार्च, शीरे इत्यादि पर क्रिया से बनाया जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्नों संख्या 19 से 24 तक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न है। इस कोटि के प्रत्येक प्रश्न के लिए 5 अंक निर्धारित है। आप किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दें। (3 x 5 = 15)

प्रश्न 19.
निम्नलिखित की अधिकतम 70 शब्दों में व्याख्या कीजिए (क) एकल कोशिका प्रोटीन (ख) जैवपेटेंट (ग) जैवयुद्ध (प) जैव नैतिकता (छ) जैव दस्युता (च) आनुवंशितः रूपांतरित खाद्य
उत्तर:
(क) एकल कोशिका प्रोटीन – विभिन्न सूक्ष्मजीवों जैसे बैक्टीरिया, यीस्ट, नीलहरित शैवाल आदि की कोशिकाओं को कई प्रकार से उपयोग किया जाता है। इन्हें खाने के काम भी लाया जाता है। ऐसे भोज्य पदार्थ को एकल कोशिका प्रोटीन कहते हैं। चूँकि यह सूक्ष्मजीव जैवभार प्रोटीन समृद्ध किंतु कम वसा वाले होते हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। इसके उत्पादन के लिए औद्योगिक बहि:स्वावों का उपयोग करने से पर्यावरण के प्रदूषण में कमी होगी।

(ख) जैवपेटेंट – जैविक कारकों तथा उनसे प्राप्त उत्पादों का पेटेंट जैवपेटेंट कहलाता है। जैवपेटेंट निम्नलिखित के लिए दिए जाते हैं- (i) सूक्ष्मजीवों के विभेद (ii) कोशिका क्रम (iii) पौधों एवं जंतुओं के आनुवंशिकतः रूपांतरित विभेद (iv) DNA क्रमों (v) DNA क्रमों द्वारा कोडित प्रोटीनों (vi) विविध बायोटेक्नोलॉजीय प्रक्रियाएँ (vii) उत्पादन प्रक्रियाएँ (viii) उत्पाद एवं (ix) उत्पादों के अनुप्रयोग।

जैवयुद्ध – मानव, जंतुओं तथा फसलों के विरुद्ध जैविक शस्त्रों का उपयोग जैविक युद्ध कहलाता है। रोगजनकों को जैविक हथियार के रूप में प्रयोग किया जाता है जो ऐंधैक्स, चेचक तथा बाँचुलिनम जैसे आविष फैलाते हैं।

सितंबर 2001 के बाद पत्रों के माध्यम से अमेरिका के विश्व व्यापार केन्द्र पर ए3क्स के बीजाणु का हमला किया जा चुका है। इन जैव अस्त्रों का प्रयोग काफी सुविधाजनक तथा सस्ता होता है।

(घ) जैव नैतिकता – ऐसे मानकों का समूह जिनके आधार पर जैविक संसार के साथ हमारे व्यवहार का नियमन किया जा सकता है, जैव नैतिकता कहलाता है। बायोटेक्नोलॉजी को अप्राकृतिक से लेकर ‘जैविक विविधता के लिए हानिकारक’ आदि कहा गया है।

(छ) जैव दस्युता – किसी राष्ट्र के व्यक्ति/संस्था द्वारा किसी अन्य राष्ट्र के जैविक संसाधनों तथा उससे संबंधित परंपरागत ज्ञान का बिना इस राष्ट्र की सहमति के दोहन किया जाना जैव दस्युता कहा जाता है।

(च) आनुवंशिकता रूपांतरित खाद्य-आनुवंशिकता रूपांतरित फसलों के उत्पादों से बनाए गए खाद्य आनुवंशिकता रूपांतरित खाद्य कहे जाते हैं। यह खाद्य परंपरागत प्रजनन द्वारा विकसित किस्मों से बने खाद्यों से निम्नलिखित बातों में भिन होते हैं

  • इसमें उस एंटीबायोटिक रोधिता जीन, जिनका उपयोग आनुवंशिक इंजीनियरी के दौरान किया गया था, द्वारा उत्पादित एंजाइम उपस्थित होता है।
  • इसमें संबंधित पारजीन जैसे कोटरोधी किस्मों में जीन cry द्वारा उत्पादित प्रोटीन उपस्थित होता है।
  • इसमें एंटीबायोटिक रोधिता जीन स्वयं उपस्थित रहता है।

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प्रश्न 20.
संक्षेप में अपघटन की प्रक्रिया तथा उत्पाद के बारे में लिखें।
उत्तर:
अपघटन की प्रक्रिया को तीन रूपों में विभाजित किया जा सकता है
(1) अपरदन का विखंडन, (2) निच्छालन, तथा (3) अपचायन ।

  1. अपरदन का विखंडन-अपरद पोषी अकशेरुकी जीवों जैसे केंचुआ इन अपरदों को छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित कर देता है जिसके कारण बाह्य सतह बढ़ जाती है तथा अपधारण क्रिया बढ़ जाती है।
  2. निच्छालन-इसके द्वारा जल में घुलनशील पदार्थ जैसे शर्करा, पोषक तत्व अपरद से अलग हो जाते हैं।
  3. अपचयन-जीवाणुओं एवं कवकों द्वारा उत्सर्जित बाड़ा कोशिकीय एंजाइमों द्वारा अकार्बनिक पदार्थों में अपरदों का अपघटन होता है।

यह तीनों अपघटन प्रक्रिया अपरद पर साथ-साथ चलती रहती हैं। इन तीनों प्रक्रियाओं के पश्चात् झूमस निर्माण तथा खनिजीकरण की प्रक्रिया मिट्टी में चलती है।
मस निर्माण से सूक्ष्म जीवों के जीवभार में वृद्धि होती है। खनिजीकरण के फलस्वरूप मृदा में अकार्बनिक तत्वों यथा CO2, H2O, NH4+, Ca++, Mg+ तथा K+ की वृद्धि होती है।

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चित्र : अपरद के अपघटन में संलग्न प्रक्रियाएँ

प्रश्न 21.
संरक्षण के स्व-स्थाने उपाय कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
(क) रक्षित क्षेत्र-ये स्थल एवं समुद्र के ऐसे क्षेत्र हैं जो जैविक विविधता के संरक्षण हेतु विशेष रूप से समर्पित हैं। इनका प्रबंधन कानूनी या अन्य प्रभावी माध्यमों से किया जाता है। जैसे-राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्य जीवाश्रम।

विश्व संरक्षण बोधन केन्द्र ने पूरे विश्व में 37,000 सुरक्षित क्षेत्रों की पहचान की है। इन सुरक्षित क्षेत्रों के मुख्य लाभ है – (i) सभी मूल निवासी जातियों एवं उपजातियों की जीवनक्षय समष्टियों को संभाला जाना । (ii) समुदायों एवं आवासों की संख्या एवं वितरण को संभालना, एवं सभी वर्तमान जातियों की आनुवंशिक विविधता को रक्षित रखना । (iii) विदेशी जातियों की पुनः स्थापना को रोकना तथा स्थान बदलने को संभव बनाना ।

(ख) जैवमंडल निंचय – ऐसे रक्षित क्षेत्र हैं, जहाँ लोग प्रणाली में अभिन्न संघटक होते हैं। एक जैवमंडल निचय में क्रोड, बफर एवं पारगमन क्षेत्र होता है।

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चित्र : एक स्थलीय जीवमंडल आरक्षित में अनुक्षेत्र वर्गीकरण
इसके मुख्य कार्य हैं –

  • पारितंत्रों, जातियों एवं आनुवंशिक स्रोतों का संरक्षण ।
  • सांस्कृतिक, सामाजिक एवं पारिस्थितिकीय दृष्टि से निर्वहनीय आर्थिक विकास का उन्नयन।
  • शोध, बोधन शिक्षा एवं संरक्षण तथा विकास के स्थानीय, राष्ट्रीय एवं वैश्विक मुद्दों से संबंधित सूचनाओं का आदान-प्रदान करना ।

भारत जैसे देशों में जैव विविधता के संरक्षण हेतु पारंपरिक नीतियाँ अपनाई जाती हैं। कुछ खास वन क्षेत्र या झील को पुराना तथा पवित्र मानकर उसकी रक्षा की जाती है।

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प्रश्न 22.
जीवन की उत्पत्ति के संदर्भ में लुई पाश्चर के प्रयोग का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
लुई पाश्चर का प्रयोग (Louis Pasteur’sexperiment) लैजेरो स्पलैन्जानी के प्रयोग पर उनके विरोधियों ने कड़ी आपत्ति की । उनका कहना था कि स्वत: जनन के लिए वायु आवश्यक है । चूँकि लैजेरो ने फ्लास्क को बिल्कुल बंद कर दिया था, इस कारण नए जीवों की उत्पत्ति नहीं हो सकी।

स्वतः उत्पत्तिवाद के समर्थकों की इस आलोचना के जवाब में लई पाश्चर (Louis Pasteur) ने सन् 1862 ई. में स्पलैन्जानी के प्रयोग को दोहराया – लेकिन थोड़े अलग ढंग से।

उन्होंने एक फ्लास्क में शोरबे को भली-भाँति उबाला और पलारक की गर्दन को गर्म करके 5 के आकार में मोड़ दिया । बहुत दिनों तक रखे रहने के बावजूद फ्लास्क में जीवाणु पैदा नहीं हुए, क्योंकि मुड़ी हुई नली द्वारा वायु तो फ्लास्क में प्रवेश कर जाती थी, लेकिन वायु में उपस्थित जीवाणु तथा धूल के कण नली में ही बैठ जाते थे ।

इस प्रकार पाश्चर ने सिद्ध कर दिया कि जीवाणु रहित शोरबे में तब तक किसी जीवाणु की स्वतः उत्पत्ति नहीं हो सकती, तब तक बाहरी वातावरण से कोई जीवाणु इसमें न आ पहुँचे । अतएव रेडी, स्पलैन्जानी तथा पाश्चर के प्रयोगों से यह सिद्ध हो गया कि जीव केवल जीव से ही उत्पन्न हो सकता है (Life develops from pre-existing life only) । इस प्रकार स्वतः उत्पत्तिबाद अब अमान्य हो गया ।

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प्रश्न 23.
जेनेटिक इंजीनियरिंग और जैव तकनीकी के क्या-क्या अनुप्रयोग हो सकते हैं? जितना आप बता सकते है, बताइए।
उत्तर:
जेनेटिक इंजीनियरिंग और जैव तकनीकी के अनुप्रयोग (Applications of Genetic Engineering and Biotechnology) – यद्यपि विकास के प्राधिक स्तर पर जेनेटिक इंजीनियरिंग और जैव तकनीकी का क्षेत्र विकसित है, फिर भी मनुष्य के स्वास्थ्य के क्षेत्र में और दवाइयों, कृषि और उद्योग में इनका योगदान महत्त्वपूर्ण है –

  1. जेनेटिक इंजीनियरिंग की सहायता से अनेक जेनेटिक व्यतिक्रम (disorder) का आरंभिक योगदान महत्त्वपूर्ण है।
  2. बहुत से जैव तकनीकी उत्पाद दवाइयों के रूप में प्रयोग किए जाते हैं। उनमें से कुछ नीचे दिए गए हैं।
    • मानव इंसुलिन हॉर्मोन – मधुमेह के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है।
    • इंटरफेरॉन (Interferon) – बायरस रोधी के रूप में।
    • रक्त थक्का कारक (Blood clotting factor VIII) – हीमोफिलिआस के उपचार में
    • टीके (Vacciness) – कई संक्रामक रोगों के निदान में।
  3. कई बैक्टीरिया तथा सूक्ष्म जीवाणुओं में भी जेनेटिक इंजीनियरिंग की सहायता से जीन परिवर्तन किया जा चुका है, जिससे ये कई उपयोगी प्रक्रियाएँ संपन्न करते हैं।
  4. इनकी सहायता से कच्चे पदार्थों से उपयोगी पदार्थों को प्राप्त किया जा सकता है।
  5. कृषि क्षेत्र में पौधों में रोगों से लड़ने की प्रतिरोधकता बढ़ाकर फसलों को उन्नत किया जा सकता है।

खाद्य और रासायनिक उद्योग में भी जैनेटिक इंजीनियरिंग की सहायता से सूक्ष्म जीव विशिष्ट कार्य कर सकते हैं।

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प्रश्न 24.
जैविक आवर्थन की परिघटना की व्याख्या करें।
उत्तर:
कुछ विशेष प्रदूषकों का आहार श्रृंखला के साथ सांद्रता में बढ़ते हुए ऊतकों के जमा हो जाने की घटना जैविक आवर्धन कहलाता है। कुछ प्रदूषक जैव अनिम्नीकरण होते हैं। एक बार अवशोषित होने पर उनका जीवों द्वारा विघटित होना या मलमूत्र के द्वारा बाहर निकलना असंभव हो जाता है। ये पूदषक साधारणत: जीवों के वसा ऊतकों में जमा हो जाते हैं।

उदाहरण – PCB (पॉलिक्लोरीनेटेड बाईफिनाइल) एक औद्योगिक विष है जो जलाशयों को प्रदूषित करता है। USA की चूदह झीलों में PCB 0.00002 Ppm से मछलियों में 4.83 ppm एवं चिड़ियों में 124ppm तक पाई गई हैं। इसी प्रकार DDT को मात्रा प्राणिप्लवक में पादप्लवकों की तुलना में 5 गुना ज्यादा पाई गई है।

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चित्र : जैविक आवर्धन की प्रक्रिया एवं जीवों को आहार श्रृंखला के बड़ते क्रम में PCB की सांद्रता में वृद्धि

विभिन्न मछलियों में प्राणिप्लवकों की तुलना में DDT की सांद्रता 9-40 गुना ज्यादा बढ़ गई। चिड़ियों में मछलियों की तुलना में 25 गुना ज्यादा सांद्रता बड़ गई। कई अन्य दीर्घप्लाई कीटनाशक तथा रेडियो न्यूक्लियाईड भी जैविक आवर्धन दर्शाते हैं।

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