BSEB Bihar Board 12th Geography Important Questions Short Answer Type Part 5 are the best resource for students which helps in revision.
Bihar Board 12th Geography Important Questions Short Answer Type Part 5
प्रश्न 1.
जनसंख्या की प्रमुख जनांकिकीय विशेषतायें कौन-सी हैं ?
उत्तर:
जनसंख्या की प्रमुख जनांकिकीय विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- स्त्री-पुरुष अनुपात (Sex Ratio) – भारत में पुरुषों की संख्या महिलाओं की तुलना में अधिक है।
- नगरीय व ग्रामीण आवास (Urban and rural residence) – निवास के आधार पर ही जनसंख्या को नगरीय तथा ग्रामीण जनसंख्या कहते हैं। भारत की लगभग तीन-चौथाई (72.2%) जनसंख्या ग्रामीण है।
- आयु संरचना (Age Composition) – आयु संघटन से तात्पर्य है- आयु के आधार पर जनसंख्या का वर्गीकरण। भारत में किशोर जनसंख्या का प्रतिशत अधिक है।
- कार्यरत तथा आश्रित जनसंख्या (Working and ependent population) – कार्यरत जनसंख्या से तात्पर्य है कि देश में कितने प्रतिशत लोग लाभकारी कार्य करते हैं तथा कितने प्रतिशत लोग कार्यरत जनसंख्या पर निर्भर करते हैं।
प्रश्न 2.
देश के किस भाग में ग्रामीण जनसंख्या का अनुपात राष्ट्रीय औसत से अधिक है ?
उत्तर:
देश में ग्रामीण जनसंख्या का राष्ट्रीय अनुपात 72.8% है। इससे अधिक ग्रामीण अनुपात अरुणाचल प्रदेश में है जो 94.5% है।
प्रश्न 3.
आश्रित अनुपात किसे कहते हैं तथा इसकी गणना कैसे की जाती है ? इसकी विशेषतायें बताइए।
उत्तर:
भारत में आश्रित अनुपात 60.8% है। यह अनुपात कुल जनसंख्या में 15 वर्ष की आयु से कम तथा 60 वर्ष और उससे अधिक अयु की जनसंख्या को मिलाकर निकाला जाता है।
विशेषताएँ-
- आश्रित जनसंख्या वस्त्र, भोजन तथा शिक्षा आदि की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अर्जक जनसंख्या पर निर्भर करती है।
- आर्थिक दृष्टि से यह वर्ग अनुत्पादक है।
- किशोर तथा वृद्ध जनसंख्या के अतिरिक्त घरेलू महिलाओं का एक बड़ा भाग भी आश्रित जनसंख्या का भाग है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में आश्रित अनुपात अधिक है।
प्रश्न 4.
किशोर, प्रौढ़ और वृद्ध वर्गों की आयु सीमायें बताइए।
उत्तर:
आयु के आधार पर भारत में जनसंख्या को तीन समूहों में विभाजित किया जा सकता है
- 15 वर्ष से कम आयु की जनसंख्या को किशोर वर्ग में रखा गया है।
- 15 से 59 वर्ष की आयु के लोगों को प्रौढ़ वर्ग में रखा गया है।
- 60 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों को वृद्ध वर्ग में रखा गया है।
प्रश्न 5.
भारत का कृषि क्षेत्र में भू-मण्डलीय स्पर्धा में टिके रहने के लिए क्या उपाय करने चाहिएं ?
उत्तर:
- भारत को अपनी कृषि की विशाल सम्भावनाओं का व्यवस्थित और नियमित ढंग से उपयोग करना चाहिए।
- विकसित उद्योगों की भाँति तकनीक को विकसित करना चाहिए।
- जैव प्रौद्योगिकी के उपयोग के अलवा देश में कृषि उत्पादों के लिए एक बंधनमुक्त एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने का कार्य करना चाहिए।
- भारतीय किसानों को नये औजार तथा उपकरणों से सुसज्जित करना चाहिए।
- लोगों की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास करके उत्पादन लगात को कुछ कम करना चाहिए।
- भारतीय कृषि को अधिक उन्नत बनाने के लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए एक सुगठित अवसरंचना को खड़ा करने की आवश्यकता है जिसमें सड़कें, बिजली, सिंचाई तथा ऋण जैसी सुविधाओं को बढ़ाना होगा ताकि किसान और व्यापारी दोनों को ही लाभ मिल सके।
प्रश्न 6.
ऋतु प्रवास का क्या अर्थ है ? चलवासी पशु चारण की चार विशेषतायें बताइए।
उत्तर:
लोगों का अपने पशुओं के साथ ऋतु परिवर्तन के अनुसार एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर प्रवास करना ऋतु प्रवास कहलाता है।
चलवासी पशुचारण की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- चलवासी पशुचारक विभिन्न समुदायों में विभाजित होते हैं। प्रत्येक समुदाय एक सुस्पष्ट सीमा में विचरण करता है।
- इन्हें अपने क्षेत्र में मौसम के अनुसार चारे तथा जल आपूर्ति की पूर्ण जानकारी होती है।
- इस प्रक्रिया में पशु पूर्णतः प्राकृतिक वनस्पति पर ही निर्भर करते हैं।
- चलवासी पशुचारक अलग-अलग जलवायु वाले क्षेत्रों में गाय, बैल, भेड़, बकरी, याक आदि पालते हैं।
- ये लोग पूर्णतः पशु तथा पशु उत्पाद पर निर्भर करते हैं।
प्रश्न 7.
भारत को कृषि प्रधान देश क्यों कहा जाता है ? किन्हीं तीन कारणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है। इसके निम्न कारण हैं-
- प्राचीन काल से ही कृषि भारत की अधिकतर जनसंख्या की मुख्य आर्थिक क्रिया रही है। आज भी यह भारतीय अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है।
- श्रम शक्ति का लगभग 64% भाग कृषि कार्यों में लगा हुआ है। शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद में कृषि का 26% योगदान है।
- देश के निर्यात में कृषि उत्पादों का महत्वपूर्ण योगदान (18%) है। कृषि उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति करती है।
- कृषि में खाद्य अनाज के साथ तिलहन तथा दालों का भी उत्पादन होता है।
- भारत में 19.08 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर कृषि की जाती है।
प्रश्न 8.
लौह खनिज तथा अलौह खनिज में क्या अंतर है ?
उत्तर:
लौह खनिज तथा अलौह खनिज में निम्नलिखित अन्तर है-
लौह खनिज (Ferrous Minerals):
- वे खनिज जिनमें लोहे का अंश नहीं होता। अलौह खनिज कहलाते हैं।
- इन खनिजों में इस्पात तैयार किया जाता है।
- लौह अयस्क, मैंगनीज तथा बॉक्साइट लौह खनिज के उदाहरण हैं।
अलौह खनिज (Non ferrous minerals):
- वे खनिज जिनमें लोहे का अंश होता है इस वर्ग में आते हैं।
- यह दिन-प्रतिदिन के जीवन में बहुत उपयोगी होते हैं।
- सोना, चाँदी, ताँबा, कोयला, तेल, नमक, अलौह खनिज के उदाहरण हैं।
प्रश्न 9.
प्रदूषण और प्रदूषकों में क्या भेद है ?
उत्तर:
प्रदूषण (Pollutions)-
- मानवीय क्रियाकलाप से उत्पन्न अपशिष्ट उत्पादों से कुछ पदार्थ और ऊर्जा मुक्त होती है जिससे प्राकृतिक पर्यावरण में परिवर्तन होते हैं। ये हानिकारक होते हैं जिन्हें प्रदूषण कहते हैं।
- प्रदूषण की स्थिति में वायु, भूमि तथा जल के भौतिक, रासायनिक एवं जैविक लक्षणों में अनचाहे परिवर्तन होते हैं जो हानिकारक हैं।
प्रदूषकों (Pollutants)-
- पारितंत्र के विद्यमान प्राकृतिक सन्तुलन में ह्रास और प्रदूषण उत्पन्न करने वाले ऊर्जा या पदार्थ के किसी भी रूप को प्रदूषक कहा जाता है। ये गैस, तरल तथा ठोस रूप में हो सकते हैं।
- प्रदूषक विविध माध्यमों के द्वारा विकीर्ण तथा परिवाहित होते हैं।
प्रश्न 10.
वायु प्रदूषण के प्रमुख स्त्रोतों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत निम्नलिखित हैं
- उद्योग (Industries) – उद्योगों से निकलने वाला धुआँ वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है। जहरीला गैस, राख आदि वायुमंडल में मिल जाती है।
- मोटर वाहन (Automobile) – बड़े नगरों में वायु प्रदूषण का 50 से 60% सड़क पर चलने वाले वाहनों से होता है।
- ताप बिजली घर (Thermal Power Stations) – इनसे बहुत धुआँ और राख निकलती है। उदाहरण के लिए 500 मेगावाट के ताप बिजली घर से प्रतिदिन धुएँ के साथ-साथ 2000 टन राख निकलती है।
- शहरी कचरा (Urban Waste) – नगरों और महानगरों से प्रतिदिन लाखों टन कचरा निकलता है। इस कचरे का निपटान खर्चीला और असाध्य है। परिणामस्वरूप प्रदूषण फैलता है।
- खदानों से निकली धूल (Mine Dust) – पत्थर की खानों अथवा अन्य खानों से भारी मात्रा में धूल निकलकर वायुमण्डल में फैलकर वायु को प्रदूषित करती है।
प्रश्न 11.
भारत में नगरीय अपशिष्ट निपटान से जुड़ी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
नगर की पर्यावरणीय समस्याओं में जल, वायु और शोर प्रदूषण तथा विषैले और खतरनाक अपशिष्टों का निपटान शामिल है। इसके कारण निम्नलिखित हैं-
- मानव मल के सुरक्षित निपटान के लिए सीवर अथवा अन्य माध्यमों की कमी है।
- कूड़ा-कचरा संग्रहण की सेवाओं की अपर्याप्त व्यवस्था। कूड़ा-कचरा नदियों के जल को प्रदूषित करता है।
- औद्योगिक अपशिष्टों को नदियों में बहाया जाना जल प्रदूषण का मुख्य कारण है।
- नगर आधारित उद्योगों के अपशिष्ट जल और अनुपचारित मल जल से उत्पन्न प्रदूषण जल नगरों में स्वास्थ्य की गंभीर समस्याएँ पैदा करता है।
- नगरों में ठोस अपशिष्ट के संग्रहण में असमर्थता एक गम्भीर समस्या है।
प्रश्न 12.
उन चार नदी घाटियों के नाम बतायें जिनमें कोयला पाया जाता है।
उत्तर:
- दामोदर घाटी कोयला क्षेत्र – यह झारखण्ड और पश्चिम बंगाल में है।
- सोन नदी घाटी कोयला क्षेत्र – यह मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में है।
- महानदी कोयला क्षेत्र – यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ और उड़ीसा राज्य में है।
- वर्धा-गोदावरी नदी घाटी क्षेत्र – यह क्षेत्र मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और आन्ध्र प्रदेश में है।
प्रश्न 13.
भारत के पेट्रोलियम उत्पादन प्रदेशों के नाम बतायें।
उत्तर:
पेट्रोलियम उत्पादक देश निम्नलिखित हैं-
- उत्तर-पूर्वी प्रदेश – इसका विस्तार अरुणाचल प्रदेश और नागालैण्ड तक है।
- गुजरात प्रदेश – इसका विस्तार खम्बात बेसिन और मैदानों तक है।
- मुम्बई हाई अपतट – मुम्बई से 75 किमी. दूर अरब सागर में स्थित है।
- पूर्वी तटीय प्रदेश – यह काबेरी, गोदावरी और कृष्णा नदी द्रोणियों में स्थित है।
प्रश्न 14.
भारत में प्रमुख कोयला उत्पादक राज्यों के नाम बताएँ।
उत्तर:
झारखण्ड, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, आन्ध्र प्रदेश और महाराष्ट्र।
प्रश्न 15.
संसाधन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
मानव अपने वातावरण की उपज है। प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक वातावरण मानव की अनेक प्रकार की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। वातावरण के उपयोगी तत्व जो मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, संसाधन कहलाते हैं।
प्रश्न 16.
भारत में अभ्रक के वितरण का विवरण दें।
उत्तर:
अभ्रक सबसे अधिक बिहार, आन्ध्र प्रदेश, राजस्थान में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में पाया जाता है।
झारखंड और बिहार- झारखंड में उच्चकोटि का अभ्रक पाया जाता है। यहाँ अभ्रक की पेटी 150 किमी. लम्बी तथा 32 किमी. चौड़ी है। देश के कुल उत्पादन का 50% अभ्रक इस क्षेत्र में पाया जाता है। प्रमुख निम्न हजारीबाग पठार है।
आन्ध्र प्रदेश – नैलोर जिले में उच्च कोटि का अभ्रक का उत्पादन होता है। यहाँ देश का 30% अभ्रक पाया जाता है।
राजस्थान – राजस्थान में अभ्रक का उत्पादन अजमेर, वियावर, भीलवाड़ा और डूगरपुर जिलों में होता है।
कर्नाटक – कर्नाटक में मैसूर तथा हासन जिलों में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त तमिलनाडु में कोयम्बटूर, त्रिचनापल्ली, मदुरई और कन्याकुमारी आदि भी है। केरल और. महाराष्ट्र में भी अभ्रक पाया जाता है।
प्रश्न 17.
नाभिकीय ऊर्जा क्या है ? भारत में प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केन्द्रों के नाम लिखें।
उत्तर:
नाभिकीय ऊर्जा परमाणु के विखंडन द्वारा प्राप्त ऊर्जा जो परमाणु के नाभिक में परिवर्तन लाकर प्राप्त की जाती है। इसे नाभिकीय ऊर्जा कहते हैं।
नाभिकीय ऊर्जा केन्द्रों के नाम-
- तारापुर (महाराष्ट्र)
- रावतभाटा परमाणु ऊर्जा केन्द्र (राजस्थान)
- कल्पक्म परमाणु ऊर्जा केन्द्र (तमिलनाडु)
- नरौरा परमाणु ऊर्जा केन्द्र (उत्तर प्रदेश)
- कैगा परमाणु ऊर्जा केन्द्र (कर्नाटक)
- ककरपारा परमाणु ऊर्जा केन्द्र (गुजरात)
प्रश्न 18.
अलौह धातुओं के नाम बताएँ। इनके स्थानिक वितरण की विवेचना करें।
उत्तर:
भारत अलौह धातुओं में निर्धन है। इनमें बाक्साइट, ताँबा, सोना, चाँदी आदि प्रमुख हैं।
बाक्साइट – बाक्साइट का उपयोग ऐलूमिनियम बनाने में किया जाता है। बाक्साइट निम्न राज्यों में पाया जाता है।
उड़ीसा – उड़ीसा बाक्साइट का प्रमुख उत्पादक है। काला हाडी और संभलपुर, अग्रणी क्षेत्र है। अन्य उत्पादन क्षेत्र हैं वोलानगिर और कोरापुर।
झारखंड – यहाँ लोहरदग्गा प्रमुख है। पालामु में बाक्साइट का खनन होता है।
महाराष्ट्र – महाराष्ट्र में कोल्हापुर, रत्नगिरी, कोलावा आदि क्षेत्र हैं।
गुजरात – गुजरात में भावनगर जामनगर में प्रमुख भंडार है।
इनके अतिरिक्त मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तमिलनाडु और कर्नाटक में भी बाक्साइट का उत्पादन होता है।
ताँबा (Copper) – ताँबे का उपयोग विद्युत कार्यों में किया जाता है। तांबे के भंडार प्रमुख रूप से झारखंड में सिंह भूमि, मध्य प्रदेश का बाला घाट जिला तथा राजस्थान के झुनझुन और अलवर जिले में पाया जाता है। छोटे उत्पादकों में आन्ध्र प्रदेश का गुन्टूर और अग्निगुंडा जिला, कर्नाटक में हासन एवं तमिलनाडु का दक्षिणी आरकाट जिला है।
प्रश्न 19.
औद्योगिक संकुल की पहचान किस प्रकार की जाती है ? अपने घर के समीप किसी औद्योगिकी प्रदेश की सहायता से वर्णन करें।
उत्तर:
औद्योगिक समूहन की पहचान के कई संकेत हैं इनमें से महत्त्वपूर्ण हैं-
- औद्योगिक इकाइयों की संख्या
- औद्योगिक श्रमिकों की संख्या
- उद्योगों के लिये प्रयुक्त शक्ति साधन
- कुल औद्योगिक उत्पादन की मात्रा
- विनियोग आदि द्वारा मूल्यांकन
हमारे समीप दिल्ली, गुड़गाँव, मेरठ औद्योगिक स्कूल है। इस क्षेत्र में स्थापित उद्योग बड़ी शीघ्रता से विकास कर रहे हैं। इसमें पाये जाने वाले उद्योग हल्के तथा बाजार आधारित उद्योग हैं। इनमें विद्युत इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग आदि उद्योग हैं। इसके अतिरिक्त सूती वस्त्र, कृत्रिम रेशा, ऊनी वस्त्र, चीनी, सीमेन्ट साइकिल ट्रैक्टर आदि के उद्योग हैं। अभी हाल में सोफ्टवेयर उद्योग भी विकसित होने लगा है। आगरा मथुरा में ग्लास उद्योग, तेल शोधक उद्योग स्थापित हैं। प्रमुख केन्द्र हैं गुड़गाँव, दिल्ली, फरीदाबाद, मोदी नगर, गाजियाबाद, अम्बाला, ‘मथुरा, आगरा आदि।
प्रश्न 20.
मुम्बई-पुणे औद्योगिक प्रदेश की प्रमुख विशेषतायें लिखें।
उत्तर:
मुम्बई-पुणे औद्योगिक प्रदेश में सूती वस्त्र के अतिरिक्त ऊनी-रेशमी वस्त्र भी विकसित है। इंजीनियरी का सामान पैट्रो रसायन, चमड़ा, कृत्रिम तथा प्लास्टिक की वस्तुएँ, रसायन उपकरण और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग है। इस क्षेत्र की प्रमुख विशेषताएँ हैं-
- सूती वस्त्र उद्योग के लिए कच्चा माल समीप के क्षेत्रों से ही मिल जाता है।
- यह क्षेत्र रेल, सड़क, समुद्री मार्ग तथा वायु मार्ग से देश-विदेश के विभिन्न भागों से जुड़ा है।
- शक्ति के साधन के रूप में बिजली पश्चिमी घाट की पहाड़ियों से मिल जाती है।
- मुम्बई आधुनिक नगर होने के कारण यहाँ देशी तथा विदेशी कम्पनियों के बैंक स्थापित हैं। यहाँ बड़े पूँजीपति भी रहते हैं।
- मुम्बई एक प्रमुख बन्दरगाह है जिसमें आयात-निर्यात की सुविधा रहती है।
- स्वेज नहर के बन जाने से इस प्रदेश का बहुत विकास हुआ है। इसके कारण मुम्बई का सीधा संबंध अफ्रीका तथा यूरोप देशों से जुड़ गया है।
प्रश्न 21.
भारत में औद्योगिक विकास पर उदारीकरण के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उदारीकरण से भारत के औद्योगिक विकास पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ा है-
- कुछ उद्योग जो सुरक्षा और पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील हैं को छोड़कर लाइसेंस प्रणाली समाप्त कर दी गई है।
- सार्वजनिक क्षेत्र के लिए सुनिश्चित उद्योगों की संख्या 17 से घटाकर तीन कर दी गई है।
- सरकार ने सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों के सरकारी शेयरों का कुछ भाग वित्तीय संस्थानों व सामान्य जनता और कामगारों को देने का फैसला किया है।
- अब लाइसेंस मुक्त किसी भी उद्योग में निवेश के लिये सरकार से पूर्व अनुमति नहीं लेनी पड़ती।
- विदेशों से कच्चे माल के आयात और उत्पादों के निर्यात बन्धन ढीले कर दिये हैं। निर्यात करने वाली कम्पनियों को विशेष छूट या प्रावधान उपलब्ध है।
- नई औद्योगिक नीति के अनुसार स्वदेशी तकनीक की अनिवार्यता समाप्त कर दी है।
प्रश्न 22.
भारत में लोहे और इस्पात के कारखाने प्रायद्वीपीय पठारों पर ही क्यों व्यवस्थित हैं ?
उत्तर:
प्रायद्वीपीय पठार पर अनेक प्रकार के खनिज उपलब्ध हैं। इनमें लौह अयस्क, मैंगनीज, कोयला, चूना पत्थर आदि हैं। लौह-इस्पात उद्योग के लिये भी समस्त कच्चा माल इस क्षेत्र में समीप ही मिल जाता है। इसके अतिरिक्त निम्न कारण भी हैं-
- इस प्रदेश में अच्छे किस्म के कोयला निक्षेप झरिया, बोकारो, गिरिडीह आदि क्षेत्रों में मिलते हैं तथा लौह अयस्क भी प्रायद्वीपीय भारत में मिलता है।
- लौह-इस्पात उद्योग एक भारी उद्योग है जिसके कच्चे माल के रूप में लौह अयस्क पठार पर ही उपलब्ध है।
- अन्य पदार्थ जैसे मैंगनीज, चूना पत्थर की आसानी से आपूर्ति हो जाती है।
- दामोदर घाटी परियोजना से जल तथा जलविद्युत की आपूर्ति होती है।
- बिहार, उड़ीसा तथा पश्चिम बंगाल से सस्ता श्रम इस उद्योग के लिए प्राप्त होता है।
- इस क्षेत्र से महत्वपूर्ण रेल मार्ग तथा सड़क मार्ग गुजरते हैं। प्रत्येक इस्पात कारखाना रेल मार्ग या सड़क मार्ग से जुड़ा है जिससे माल को लाने व ले जाने में कठिनाई नहीं होती है।
- कोलकाता बन्दरगाह समीप है।
प्रश्न 23.
कस्बा किसे कहते हैं ?
उत्तर:
एक लाख से कम जनसंख्या वाले केन्द्र को कस्बा कहते हैं।
प्रश्न 24.
जनगणना नगर क्या है ?
उत्तर:
वे सभी स्थान जिनकी जनसंख्या कम से कम 5000 है तथा 75% कार्यशील पुरुष जनसंख्या है तथा जनसंख्या का घनत्व कम से कम 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. है।
प्रश्न 25.
दो प्राचीन नगरों के नाम बताओ।
उत्तर:
अयोध्या, प्रयाग।
प्रश्न 26.
दो मध्यकालीन नगरों के नाम बताओ।
उत्तर:
आगरा, नागपुर।
प्रश्न 27.
नगर किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वे सभी स्थान जो या तो प्रशासनिक हैं अथवा जहाँ जनसंख्या कम से कम 5000 है और जनघनत्व कम से कम 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है, नगर कहलाते हैं। नगर अत्यधिक नियोजित और बड़े आकार वाले होते हैं। यहाँ न्यायालय, शिक्षा संस्थाएँ तथा प्रशासनिक कार्यालय होते हैं।
प्रश्न 28.
किस वर्ग के नगरों में भारत की जनसंख्या का सबसे अधिक प्रतिशत निवास करता है ?
उत्तर:
प्रथम वर्ग अर्थात् एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों में।
प्रश्न 29.
भारत में कितने महानगर हैं ?
उत्तर:
35 महानगर।
प्रश्न 30.
वैधानिक नगर किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वे सभी स्थान जहाँ नगरपालिका, नगर निगम या कैन्टोनमेन्ट बोर्ड या नोटीफाइड एरिया, कमेटी हैं, वैधानिक नगर कहलाते हैं।
प्रश्न 31.
गैरीसन नगर क्या होते हैं ? उनका क्या प्रकार्य होता है ?
उत्तर:
इन नगरों का उदय गैरीसन नगरों के रूप में हुआ है। जैसे-अम्बाला, जालंधर, महू ववीना, उद्यमपुर इत्यादि। इनका कार्य सैनिक छावनी में शस्त्रों के भंडार होते हैं।
प्रश्न 32.
किसी नगरीय संकुल की पहचान किस प्रकार की जा सकती है ?
उत्तर:
मरुस्थली प्रदेशों में जल के अभाव से उपलब्ध जल संसाधनों के अधिकतम उपयोग के कारण संहत बस्तियों का निर्माण होता है। इसके अतिरिक्त अथ गुच्छित बस्तियाँ बन जाती हैं।
प्रश्न 33.
मरुस्थली प्रदेशों में गाँवों के अवस्थिति के कौन-से मुख्य कारक होते हैं ?
उत्तर:
मरुस्थली प्रदेशों में जल के अभाव के उपलब्ध जल संसाधनों के अधिकतम उपयोग के कारण संहत बस्तियों का निर्माण होता है। इसके अतिरिक्त अथ गुच्छित बस्तियाँ बन जाती हैं।
प्रश्न 34.
महानगर क्या होते हैं ? ये नगरीय संकुलों से किस प्रकार भिन्न होते हैं ?
उत्तर:
10 से 50 लाख जनसंख्या वाले नगरों को महानगर कहते हैं। वे नगरीय संकुलों से भिन्न होते हैं। नगरीय संकुल में बहुसंख्यक महानगर और मेगा सम्मिलित होते हैं।
प्रश्न 35.
पुरवा तथा परिक्षिप्त बस्तियों में अंतर बताओ।
उत्तर:
पुरवा बस्तियाँ (Hamlet settlements)-
- भौतिक रूप से एक-दूसरे से अलग इकाइयों के रूप में होती हैं।
- ये एक-दूसरे से सुस्पष्ट दूरी पर होती हैं।
- ऐसी बस्तियों को पल्ली, नंगला, ढाणी जैसे नामों से जाना जाता है।
- सामाजिक और नृजातीय कारणों से बड़ा गाँव कई छोटी बस्तियों में बँट जाता है।
- गंगा के मध्यवर्ती और निचले मैदान, छत्तीसगढ़ और हिमालय की निचली घाटियों में प्रायः ऐसे ही गाँव या पुरवे पाए जाते हैं।
विस्थापित बस्तियों (Dispersed Settlements)-
- ये बस्तियाँ सुदूर वनों में एकाकी झोंपड़ी के समूह के रूप में पाई जाती हैं।
- ऐसी बस्तियाँ छोटी पहाड़ियों पर भी होती हैं जिसके आसपास ढालों पर खेत या चरागाह भी होते हैं।
प्रश्न 36.
विश्व व्यापार संगठन के आधारभूत कार्य कौन-से हैं ?
उत्तर:
- विभिन्न देशों के बीच व्यापारिक झगड़ों का निपटारा करना।
- यह सेवाओं के व्यापार को नियंत्रित करता है।
- इसके अधिकार क्षेत्र में निर्यात निरीक्षण की आवश्यकता स्वास्थ्य तथा सुरक्षा के स्तरों की जाँच करना आदि सम्मिलित है।
प्रश्न 37.
ऋणात्मक भुगतान संतुलन का होना किसी देश के लिए क्यों हानिकारक होता है ?
उत्तर:
व्यापार संतुलन तथा अदायगी संतुलन के गंभीर परिणाम होते हैं। एक नकारात्मक संतुलन का अर्थ है कि देश को वस्तु खरीदने के लिए अधिक खर्च करना होगा। इससे उसके वित्तीय भंडार समाप्त होने लगेंगे।
प्रश्न 38.
व्यापारिक समूहों के निर्माण द्वारा राष्ट्रों को क्या लाभ प्राप्त होते हैं ?
उत्तर:
व्यापारिक संघ ऐसे देशों का समूह होता है जिनके भीतर व्यापारिक अनुबंधों की सामान्यीकृत प्रणाली कार्य करती है।
व्यापारिक संघ बनाने से किसी देश को यह लाभ पहुँचता है कि वह देश प्रादेशिक देशों के साथ बिना व्यापारिक प्रतिबन्ध के व्यापार कर सकता है।
प्रश्न 39.
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार क्या है ? अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के दो प्रकार कौन-से हैं ? प्रत्येक की एक विशेषता बताइए।
उत्तर:
जब वस्तुओं का आदान-प्रदान दो देशों के बीच में होता है तो इसे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के दो प्रकार होते हैं-
- द्विपक्षीय तथा
- बहुपक्षीय व्यापार।
द्विपक्षीय व्यापार –
- इस प्रकार के व्यापार में वस्तुओं का विनिमय दो देशों के बीच होता है।
- द्विपक्षीय व्यापार के लिए यह आवश्यक है कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्थायें एक-दूसरे की पूरक हों।
- उदाहरण के लिए एक देश औद्योगिक उत्पादों का निर्यात करता है तो दूसरा इसके बदले ऊर्जा तथा कच्चा माल भेजता है।
बहुपक्षीय व्यापार –
- इस प्रकार के व्यापार में वस्तुओं या सेवाओं का कई देशों के बीच आदान-प्रदान होता है।
- एक देश अनेक देशों के साथ व्यापार करने के लिए स्वतंत्र होता है। वह बाजार मूल्य के आधार या वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने और बेचने का निर्णय लेता है।
- इस स्थिति में एक देश से माल खरीदकर उसे दूसरे को निर्यात करने की स्वतंत्रता होती है।
प्रश्न 40.
व्यापार संतुलन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
किसी समयावधि के अंतर्गत किसी देश के निर्यात और आयात के अन्तर को व्यापार का संतुलन कहते हैं। यदि कोई देश वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात आयात की अपेक्षा अधिक करता है तो व्यापार संतुलन को अनुकूल या धनात्मक कहते हैं। यदि आयात निर्यात से अधिक होता है तो व्यापार संतुलन को प्रतिकूल अथवा ऋणात्मक कहते हैं।
प्रश्न 41.
ओपेक देशों के नाम बताएँ।
उत्तर:
निम्नलिखित 13 देश ओपेक (पेट्रोल निर्यातक देशों का संगठन) के सदस्य हैंअल्जीरिया, इक्वेडोर, गैबन, इन्डोनेशिया, ईरान, ईराक, कुवैत, लीबिया, नाइजीरिया, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और वेनेजुएला। यह संगठन 1960 ई० में बनाया गया था।
प्रश्न 42.
संसार के पाँच बड़े व्यापारिक देशों के नाम बताएँ।)
उत्तर:
संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी तथा जापान।
प्रश्न 43.
व्यापार संघ क्या हैं ?
उत्तर:
व्यापार संघ ऐसे देशों का समूह होता है जिनके भीतर व्यापारिक अनुबंध की एक सामान्यीकृत प्रणाली कार्य करती है।
संसार का अधिकांश व्यापार इन्हीं संघों के बीच होता है। संघों की संरचना का उद्देश्य व्यापार में आई बाधाओं को दूर करके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में तीव्रता लाना है।
इन संघों की सदस्यता आपसी दूरी, औपनिवेशिक संबंधों की परंपरा तथा भू-राजनीतिक सहयोग पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए यूरोपीय संघ में अधिकांश सदस्य पश्चिमी यूरोप के देश हैं जो आपसी दूरी और भू-राजनैतिक सहयोग के आधार पर एक-दूसरे से मिले हैं।