BSEB Bihar Board 12th Political Science Important Questions Short Answer Type Part 1 are the best resource for students which helps in revision.

Bihar Board 12th Political Science Important Questions Short Answer Type Part 1

प्रश्न 1.
सर्जिकल स्ट्राइक 2 क्या है ?
उत्तर:
कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को आतंकवादियों ने बम विस्फोट कर 40 भारतीय सैनिकों को मौत के घाट सुला दिया। इसके जवाब में भारतीय वायु सैनिकों ने 26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में बम गिराकर उसके करीब 300 आतंकवादियों को मार डाला एवं उसके आतकंवादी ट्रेनिंग सेंटर को बर्बाद कर वापस आ गया। भारतीय सैनिकों द्वारा इस कार्रवाई को सर्जिकल स्ट्राइक 2 कहा गया है।

प्रश्न 2.
ग्राम पंचायत के कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर:
ग्राम पंचायत के निम्नलिखित कार्य है-

  • पंचायत क्षेत्र के विकास के लिए वार्षिक योजना तथा वार्षिक बजट तैयार करना।
  • प्राकृतिक विपदा में सहायता करने का कार्य।
  • सार्वजनिक सम्पत्ति से अतिक्रमण हटाना और
  • स्वैच्छिक श्रमिकों को संगठित करना और सामुदायिक कार्यों में स्वैच्छिक सहयोग करना।

प्रश्न 3.
भाषा नीति क्या है ?
उत्तर:
भाषा के चलते देश में किसी प्रकार की अड़चन या बलवा न होने देना भाषा नीति कहलाती है। भारत में 114 भाषाएँ बोली जाती हैं। हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी है। संविधान के अनुसार सरकारी काम काज की भाषा में अंग्रेजी के प्रयोग के निषेध के बावजूद गैर हिन्दी भाषी प्रदेशों की माँग के कारण अंग्रेजी का प्रयोग जारी है। तमिलनाडु में इसके लिए उग्र आंदोलन हुआ। इस विवाद को सरकार ने हिन्दी या अंग्रेजी भाषा के प्रयोग को मान्यता देकर सुलझाया।

प्रश्न 4.
नगर निगम के क्या कार्य है ?
उत्तर:
नगर निगम नागरिकों की स्थानीय आवश्यकता एवं सुख-सुविधा के लिए अनेक कार्य करता है। नगर निगम के कुछ कार्य निम्नलिखित हैं-

  • नगर क्षेत्र की नालियों, पेशाबखाना, शौचालय आदि का निर्माण करना एवं उसकी देखभाल करना।
  • कूड़ा-कर्कट तथा गंदगी की सफाई करना।
  • पीने के पानी का प्रबंध करना।
  • गलियों, पुलों एवं उद्यान की सफाई एवं निर्माण करना।
  • मनोरंजन गृह का प्रबंध करना।
  • आग बुझाने का प्रबंध।
  • दुग्धशाला की स्थापना एवं प्रबंध करना।
  • खतरनाक व्यापारों की रोकथाम, खतरनाक जानवरों तथा पागल कुत्तों को मारने का प्रबंध करना।
  • विभिन्न कल्याण केन्द्रों जैसे मृत केन्द्र, शिशु केन्द्र, वृद्धाश्रम की स्थापना एवं देखभाल करना।
  • जन्म-मृत्यु का पंजीकरण का प्रबंध करना।
  • नगर की जनगणना करना।
  • नये बाजारों का निर्माण करना।
  • नगर में बस चलवाना।
  • श्मशानों तथा कब्रिस्तानों की देखभाल करना।
  • गृह उद्योग तथा सहकारी भंडारों की स्थापना करना आदि।

प्रश्न 5.
पंचायती राज में सरपंच की शक्तियों की व्याख्या करें।
उत्तर:
सरपंचं गाँव का मुखिया होता है उसे गाँव के मुखिया के रूप में गाँव की भलाई के लिए फैसले लेने होते हैं और ग्राम पंचायत के लिए जो कार्य ऊपर लिखे गए हैं उनमें सरपंच की अहम भूमिका होती है। इन सभी कार्यों को करने की उसकी जिम्मेवारी होती है और उसका दायित्व होता है की गाँव की भलाई के लिए वह हर सामाजिक कार्य करे जिससे जन-जन का भला होता हो। उसे सभी के सुख-दुःख में शामिल होना चाहिए व एक सच्चे सेवक की भांति कार्य करना चाहिए।

प्रश्न 6.
पंचायती राजव्यवस्था से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
पंचायती राजव्यवस्था उस व्यवस्था को कहते हैं जिसके द्वारा गाँव के लोगों को अपने गाँवों का प्रशासन तथा विकास स्वयं अपनी इच्छा तथा आवश्यकतानुसार करने का अधिकार दिया गया है। गाँव के लोग अपने इस अधिकार का प्रयोग पंचायतों द्वारा करते हैं। इसलिए इसे पंचायती राज कहा जाता है। पंचायती राज एक त्रिस्तरीय (Three tier) ढाँचा है, जिसका निम्नतम स्तर ग्राम पंचायत का है और उच्चतम स्तर जिला परिषद् का और बीच वाला स्तर पंचायत समिति का। 73वें संविधान संशोधन के अनुसार जिन राज्यों की जनसंख्या 20 लाख से कम है। उन राज्यों में पंचायती राज की दो स्तरीय प्रणाली की व्यवस्था की गई है। पंचायती राज के प्रत्येक स्तर पर शक्तियों का वितरण किया गया है और प्रत्येक स्तर पर लोग प्रशासन को चलाने में भाग लेते हैं।

प्रश्न 7.
न्यायिक पुनर्रावलोकन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
न्यायिक पुनर्रावलोकन उस प्रक्रिया को कहते है जिसके अन्तर्गत कार्यकारिणी के कार्यों की न्यायपालिका द्वारा पुर्नरीक्षा का प्रावधान हो। दूसरे शब्दों में न्यायिक पुनर्रावलोकन से तात्पर्य न्यायालय की उस शक्ति से है, जिस शक्ति के बल पर वह विधायिका द्वारा बनाये कानूनों कार्यपालिका द्वारा जारी किये गये आदेशों तथा प्रशासन द्वारा किये गये कार्यों की जाँच करती है कि वह मूल ढांचे के अनुरूप है या नहीं। मूल ढाँचे के प्रतिकूल होने पर न्यायालय उसे घोषित करती है। न्यायिक पुनरावलोकन की उत्पति सामान्यतः संयुक्त राज्य अमेरिका से मानी जाती है।

प्रश्न 8.
भारत की राजनीति में जाति की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर:
कहा जाता है कि सामुदायिक समाज की संरचना का आधार जाति है क्योंकि एक जाति के लोग ही स्वाभाविक समुदाय का निर्माण करते हैं। इन समुदायों के लोगों के समान हित होते हैं। दूसरे अन्य समुदाय के हितों से उनका हित भिन्न होता है। जाति हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। राजनीति में जाति के अनेक पहलू हो सकते हैं-

(i) निर्वाचन के वक्त पार्टी प्रत्याशी तय करते समय जातीय समीकरण का ध्यान जरूर रखती है। चुनाव क्षेत्र में जिस जाति विशेष की मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक होती है, पार्टियाँ उस जाति के हिसाब से प्रत्याशी तय करती हैं ताकि उन्हें चुनाव जीतने के लिए जरूरी वोट मिल जाए। सरकार गठन के समय भी जातीय समीकरण को ध्यान में रखा जाता है।

(ii) राजनीतिक पार्टियाँ जीत हासिल करने हेतु जातिगत भावना को भड़काने की कोशिश करती हैं। कुछ दल-विशेष की पहचान भी जातिगत भावना के आधार पर हो जाती है।

(iii) निर्वाचन के समय पार्टियाँ वोटरों के बीच साख बनाने हेतु अपना चेहरा स्वच्छ और जाति भावना से ऊपर बनाने की कोशिश करती हैं।

(iv) दलित और नीची जातियों का भी महत्त्व निर्वाचन के समय बढ़ जाता है। उच्च वर्ग या जाति के उम्मीदवार भी नीची जातियों के सम्मुख नम्र भावना से जाते हैं और उनके मत हासिल करने हेतु अनुनय-विनय करते हैं। इन अवसरों पर नीची जातियों में भी आत्म गौरव जागृत होता है और स्वाभिमान जगता है अर्थात् इन जातियों में राजनीतिक चेतना के सुअवसर प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 9.
मौलिक अधिकार क्या है ?
उत्तर:
मौलिक अधिकार उन आधारभूत आवश्यक तथा महत्वपूर्ण अधिकारों को कहा जाता है जिनके बिना देश के नागरिक अपने जीवन का विकास नहीं कर सकते। जो स्वतंत्रताएँ तथा अधि कार व्यक्ति तथा व्यक्तित्व का विकास करने के लिए समाज में आवश्यक समझे जाते हों, उन्हें मौलिक अधिकार कहा जाता है। भारतीय संविधान में सात प्रकार के मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है परन्तु 44वें संशोधन के बाद 6 तरह के मौलिक अधिकार नागरिकों को प्राप्त हैं। ये अधिकार हैं-

  • समानन्ना का अधिकार
  • संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार
  • स्वतंत्रता का अधिकार
  • शोषण के विरुद्ध अधिकार
  • संवैधानिक उपचारों का अधिकार
  • धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार।

प्रश्न 10.
बांग्लादेश के उदय के कारण बताइए।
उत्तर:
अयूब खाँ के ‘बुनियादी लोकतंत्र’ के प्रति पाकिस्तानियों का मोहभंग हो चुका था। पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान की भौगोलिक दूरी के कारण दोनों भागों की संस्कृति में भी अंतर था। 1970 के चुनाव के बाद पाकिस्तान के सैनिक शासकों ने बंगालियों की न्यायोचित माँगों को ठुकरा दिया था। 1971 ई० में वहाँ गृह युद्ध शुरू हो गया था। लाखों शरणार्थी भारत आ गए। भारत ने मानवीय आधार पर उनको शरण दी। इसके विरोधस्वरूप 3 दिसम्बर, 1971 ई० को पाकिस्तान ने भारत के हवाई अड्डों पर आक्रमण कर दिया। भारतीय सेना ने बड़े वेग से जवाबी कार्यवाही की। पाकिस्तान युद्ध हार गया और उसका पूर्वी बंगाल का भाग स्वतंत्र होकर बांग्लादेश के रूप में उदित हुआ।

प्रश्न 11.
‘शिमला समझौते’ के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
आधुनिक बांग्लादेश 1971 से पूर्व पाकिस्तान का एक भाग था। 1971 में वहाँ गृह युद्ध शुरू हो जाने के कारण लाखों की संख्या में शरणार्थी भारत आये। भारत ने मानवीय आधार पर उनको शरण दी। इसके विरोधस्वरूप पाकिस्तान ने 3 दिसंबर, 1971 को भारत के हवाई अड्डों पर धावा बोल दिया। भारतीय सेना ने बड़े वेग से जवाबी कार्यवाही की। पाकिस्तान युद्ध हार गया और उसका पूर्वी बंगाल का भाग स्वतंत्र होकर बांग्लादेश के रूप में उदित हुआ।

युद्ध के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंधों को सामान्य बनाने के लिए 3 जुलाई, 1972 को दोनों देशों के प्रधानमंत्री के बीच शिमला में एक समझौता हुआ। दोनों देशों ने यह करार किया कि भारत व पाकिस्तान के बीच डाक-तार सेवा फिर से चालू की जाएगी तथा आर्थिक व सांस्कृतिक क्षेत्रों में दोनों राष्ट्र एक-दूसरे की मदद करेंगे।

प्रश्न 12.
शिमला समझौते के दो मुख्य विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
शिमला समझौते के दो प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  • नियंत्रण रेखा से दोनों देशों की सेनाओं की वापसी की जाए अर्थात् जीता हुआ प्रदेश वापस किया जाए।
  • भारत द्वारा बंदी बनाए गए एक लाख सैनिकों की रिहाई।

प्रश्न 13.
कोलम्बो योजना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
1962 ई० की सैनिक भिड़न्त के कुछ समय बाद ही सीमा विवाद के हल के लिए छ: अफ्रो-एशियाई देशों ने कोलम्बो योजना पेश की। इसमें तत्कालीन मौजूदा स्थिति को समझौते का आधार प्रदान करने पर बल दिया गया तथा चीन से कहा गया कि वह पश्चिमी क्षेत्र से अपनी सेना 20 किमी० पीछे हटा ले और इस क्षेत्र में दोनों देशों का नागरिक प्रशासन कायम हो। पूर्वी क्षेत्र में यथास्थिति का सुझाव दिया गया। चीन के इस योजना को मानने से इंकार किया यद्यपि भारत मानने को तैयार था।

प्रश्न 14.
भारत-बांग्लादेश के बीच विवाद के मुख्य मुद्दे क्या हैं ?
उत्तर:
भारत और बांग्लादेश के बीच विवाद के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं-

  • नदी जल विवाद,
  • शरणार्थियों की समस्या,
  • बांग्लादेशी नागरिकों की भारत में अवैध घुसपैठ,
  • काँटेदार बाड़ का विवाद,
  • चकमा शरणार्थियों की वापसी की समस्या।

प्रश्न 15.
सार्क के सदस्य देशों के नाम बताइए।
उत्तर:
सार्क देशों में भारत, मालदीव, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल एवं अफगानिस्तान सम्मिलित हैं। इनका मुख्यालय काठमांडू (नेपाल) में हैं।

प्रश्न 16.
मार्शल योजना क्या थी ?
उत्तर:
यह योजना अमेरिकी विदेश मंत्री के नाम पर ‘मार्शल योजना’ के नाम से प्रसिद्ध हुई। इस योजना के फलस्वरूप बहुत कम समय में यूरोपीय देशों की आर्थिक स्थिति युद्ध पूर्व स्तर पर आ गई। आने वाले वर्षों में पश्चिम यूरोपीय देशों की व्यवस्था में बहुत तेजी से विकास हुआ।

प्रश्न 17.
यूरोपीय आर्थिक समुदाय (EEC) से आप क्या समझते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यूरोपीय आर्थिक संघ (EEC)- यूरोपीय आर्थिक संघ शीत युद्ध के दौरान हुए सभी समुदायों में सबसे अधिक प्रभावशाली समुदाय था। इसे यूरोपीय सामान्य बाजार भी कहा जाता था। इसमें फ्रांस, पश्चिमी जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, बेल्जियम तथा लक्जमबर्ग शामिल थे। इस संगठन का निर्माण यूरोपीय कोयला और स्टील समुदाय की प्रेरणा से हुआ। इस समुदाय में पहले पाँच वर्षों (1951-56) में इस्पात के उत्पादन में 50 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि दर्ज की गई।

यूरोपियन आर्थिक संघ के संस्थापक सदस्यों ने आपस में सभी प्रकार के सीमा कर तथा कोटा प्रणाली समाप्त करके मुक्त व्यापार अथवा खुली स्पर्धा का मार्ग प्रशस्त किया। 1961 ई० तक यूरोपियन आर्थिक संघ एक सफल संगठन बन गया। इसकी सफलता को देखते हुए 1973 ई० में ब्रिटेन भी इसमें शामिल हो गया।

प्रश्न 18.
यूरोपीय संघ के झंडे का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर:
सोने के रंग के सितारों का घेरा यूरोप के लोगों की एकता और मेलमिलाप का प्रतीक है। इसमें 12 सितारें हैं क्योंकि बारह की संख्या को वहाँ पारंपरिक रूप से पूर्णता, समग्रता और एकता का प्रतीक माना जाता है।

प्रश्न 19.
आसियान के झंडे का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर:
आसियान के प्रतीक-चिह्न में धान की दस बालियाँ दक्षिण-पूर्व एशिया के दस देशों को इंगित करती हैं जो आपस में मित्रता और एकता के धागे से बँधे हैं। वृत्त आसियान की एकता का प्रतीक है।

प्रश्न 20.
1978 ई० में चीन द्वारा मुक्त द्वार की नीति का परिचय दीजिए।
उत्तर:
1978 ई० के दिसंबर में देंग श्याओपेंग ने ‘ओपेन डोर’ (मुक्त द्वार ) की नीति चलायी। इसके बाद से चीन ने अद्भुत प्रगति की और अगले सालों में एक बड़ी आर्थिक-ताकत के रूप में उभरा। यह तस्वीर चीन में विकास की तेजी से बदलती प्रवृत्तियों का पता देती है।

प्रश्न 21.
आसियान के 10 सदस्य देशों के नाम बताइए।
उत्तर:

  1. इंडोनेशिया,
  2. मलेशिया,
  3. फिलिपींस,
  4. सिंगापुर,
  5. थाइलैंड,
  6. दारुस्सलाम,
  7. वियतनाम,
  8. लाओस,
  9. म्यांमार,
  10. कंबोडिया।

प्रश्न 22.
चीन में विदेशी व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि लाने के लिए दो कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
चीन के द्वारा 1978 में खुले द्वार की नीति विशेषकर व्यापार में सहायक नए कानूनों को अपनाया। इससे विशेष आर्थिक क्षेत्रों (Special economic-zone=spz) के निर्माण में, विदेशी व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।

प्रश्न 23.
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में चीन की सदस्यता की वकालत क्यों की?
उत्तर:
चीन भारत का पड़ोसी एवं विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है। यह देश अभी कुछ वर्ष पहले तक संयुक्त राष्ट्र का सदस्य नहीं था। भारत ने सदा चीन की सदस्यता की वकालत की। 1971 में साम्यवादी चीन की सदस्यता संयुक्त राष्ट्र में स्वीकार की गई। भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र में चीन की सदस्यता की वकालत जिन कारणों से की गई, उनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं-

  1. चीन विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत ने यह अनुभव किया कि ऐसे देश का विश्व मंच से बाहर रहना विश्व के लिए खतरा हो सकता है।

प्रश्न 24.
लालडेंगा का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर:
लालडेंगा का जन्म 1937 ई० में हुआ। वह मिजो नेशनल फ्रंट के संस्थापक और सबसे ज्यादा ख्याति प्राप्त नेता थे। 1959 ई० में मिजोरम में पड़े भयंकर अकाल और उस समय की असम सरकार द्वारा उस समय के अकाल की समस्या के समाधान में विफल होने के कारण वे देश-विद्रोही बन गए।

प्रश्न 25.
आनंदपुर साहिब प्रस्ताव का सिखों एवं देश पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर:
आनदंपुर साहिब प्रस्ताव का सिख जन-समुदाय पर बड़ा कम असर पड़ा। कुछ साल बाद जब 1980 ई० में अकाली दल की सरकार बर्खास्त हो गई तो अकाली दल ने पंजाब तथा पड़ोसी राज्यों के बीच पानी के बँटवारे के मुद्दे पर एक आंदोलन चलाया।

प्रश्न 26.
1990 ई० के दशक के मध्यवर्ती वर्षों में पंजाब में शांति किस तरह आ गई और इसके क्या अच्छे परिणाम दिखाई दिए ?
उत्तर:
यद्यपि 1992 ई० में पंजाब राज्य में आम चुनाव हुए लेकिन गुस्से में आई जनता ने दिल से मतदान में पूरी तरह भाग नहीं लिया। केवल 22 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान का प्रयोग किया। यद्यपि उग्रवाद को सुरक्षाबलों ने अंततः दबा दिया लेकिन अनेक वर्षों तक पूरी जनता-हिंदू और सिख दोनों को ही कष्ट और यातनाएँ झेलनी पड़ी।

प्रश्न 27.
चीन के साथ हुए युद्ध ने भारत के नेताओं पर आंतरिक क्षेत्रीय नीतियों के हिसाब से क्या उल्लेखनीय प्रभाव डाला ? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
चीन के साथ हुए युद्ध ने भारत के नेताओं को पूर्वोत्तर की डावांडोल स्थिति के प्रति सचेत किया। यह इलाका अत्यंत पिछड़ी दशा में था और अलग-थलग पड़ गया था। राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिहाज से भी यह इलाका चुनौतीपूर्ण था।

प्रश्न 28.
1962 और 1965 ई० को युद्धों का भारतीय रक्षा व्यय पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
भारत ने अपने सीमित संसाधनों के साथ नियोजित विकास की शुरुआत की थी। पड़ोसी देशों के साथ संघर्ष के कारण पंचवर्षीय योजना पटरी से उतर गई। 1962 ई० के बाद भारत को अपने सीमित संसाधन खासतौर से रक्षा क्षेत्र में लगाने पड़े। भारत को अपने सैन्य ढाँचे का आधुनिकीकरण करना पड़ा। 1962 ई० में रक्षा-उत्पाद विभाग और 1965 में रक्षा आपूर्ति विभाग की स्थापना हुई।

प्रश्न 29.
1962 के बाद 1979 ई० तक भारत-चीन संबंध का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत और चीन के बीच सबंधों को सामान्य होने में करीब दस साल लग गए। 1976 ई० में दोनों देशों के बीच पूर्ण राजनयिक सबंध बहाल हो सके।

प्रश्न 30.
भारत-पाकिस्तान युद्ध 1971 ई० अथवा पाक-बांग्लादेश और भारत युद्ध के तीन राजनैतिक प्रभाव लिखिए।
उत्तर:

  1. भारतीय सेना के समक्ष 90,000 सैनिकों के साथ पाकिस्तानी सेना को आत्मसमर्पण करना पड़ा।
  2. बांग्लादेश के रूप में एक स्वतंत्र राष्ट्र के उदय के साथ भारतीय सेना ने अपनी तरफ से एकतरफा युद्ध-विराम घोषित कर दिया। बाद में, 3 जुलाई, 1972 को इंदिरा गाँधी और जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच शिमला-समझौते पर हस्ताक्षर हुए और इससे अमन की बहाली हुई।

प्रश्न 31.
विदेशी नीति से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
आधुनिक समय में प्रत्येक राष्ट्र को दूसरे राष्ट्रों के साथ सम्पर्क स्थापित करने के लिए विदेश नीति निर्धारित करनी पड़ती है। संक्षेप में विदेश नीति से तात्पर्य उस नीति से है जो एक राज्य द्वारा अन्य राज्यों के प्रति अपनाई जाती है। वर्तमान युग में कोई भी स्वतंत्र देश संसार के अन्य देशों से अलग नहीं रह सकता। उसे राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जरूरतों को पूरा करने के लिए एक-दूसरे पर निर्भर रहना पड़ता है। इस संबंध को स्थापित करने के लिए वह जिन नीतियों का प्रयोग करता है, उन नीतियों को उस राज्य की विदेश नीति कहते हैं।

प्रश्न 32.
भारतीय विदेश नीति के वैचारिक मूलाधारों की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
भारत की विदेश नीति के वैचारिक मूलाधारों की चर्चा निम्न प्रकार की जा सकती है-

  1. भारत की विदेश नीति का उदय संसार में होने वाले राष्ट्रीय आंदोलनों के युग में हुआ था। अत: यह स्पष्ट है कि भारतीय विदेश नीति का जन्म एक विशेष पर्यावरण में हुआ था।
  2. हमारी विदेश नीति का उदय दूसरे विश्व युद्ध के बाद परस्पर निर्भरता वाले विश्व के दौर में हुआ था।
  3. भारत की विदेश नीति के मूलाधारों को उपनिवेशीकरण के विघटन की प्रक्रिया को भी एक कारक माना जा सकता है।
  4. भारत की विदेश नीति का जन्म उस समय हुआ था जबकि विश्व में सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक परिवर्तन हो रहे थे।