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Bihar Board 12th Political Science Important Questions Short Answer Type Part 3

प्रश्न 1.
‘द्वितीय विश्वयुद्ध के उपरान्त सोवियत संघ महाशक्ति के रूप में उभरा।’ तथ्य देकर प्रमाणित करें।
उत्तर:

  1. दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ महाशक्ति के रूप में उभरा। अमेरिका को छोड़ दें तो सोवियत संघ की अर्थव्यवस्था शेष विश्व की तुलना में कहीं ज्यादा विकसित थीं।
  2. सोवियत संघ की संचार प्रणाली बहुत उन्नत थी। उसके पास विशाल ऊर्जा-संसाधन था जिसमें खनिज, तेल, लोहा, और इस्पात तथा मशीनरी उत्पाद शामिल हैं।
  3. सोवियत संघ के दूर-दराज के इलाके भी आवागमन की सुव्यवस्थित और विशाल प्रणाली के कारण आपस में जुड़े हुए थे।
  4. सोवियत संघ का घरेलू उपभोक्ता-उद्योग भी बहुत उन्नत था और पिन से लेकर कार तक सभी चीजों का उत्पादन वहाँ होता था। यद्यपि सोवियत संघ के उपभोक्ता उद्योग में बनने वाली वस्तुएँ गुणवत्ता के लिहाज से पश्चिमी देशों के स्तर की नहीं थीं।
  5. सोवियत संघ की सरकार ने अपने सभी नागरिकों के लिए न्यूनतम जीवन स्तर सुनिश्चित कर दिया था। सरकार बुनियादी जरूरत की चीजें मसलन स्वास्थ्य-सुविधा, शिक्षा बच्चों की देखभाल तथा लोक-कल्याण की अन्य चीजें रियायती दर पर मुहैया कराती थी। बेरोजगारी नहीं थी।
  6. मिल्कियत का प्रमख रूप राज्य का स्वामित्व था तथा भमि और अन्य उत्पादक संपदाओं पर स्वामित्व होने के अलावा नियंत्रण भी राज्य का ही था।
  7. हथियारों की होड़ में सोवियत संघ ने समय-समय पर संयुक्त राज्य अमेरिका को बराबर की टक्कर दी।

प्रश्न 2.
अमेरिका द्वारा 2003 ई० में इराक पर किए गए आक्रमण का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
इराक पर अमेरिकी आक्रमण (2003) (American’s attack on Iraq)-
1. 2003 ई० के 19 मार्च को अमेरिका ने ‘ऑपरेशन इराकी फ्रीडम’ के कूटनाम से इराक पर सैन्य-हमला किया। अमेरिकी अगुआई वाले ‘कॉअलिशन ऑव वीलिंग्स (आकांक्षियों के महाजोट)’ में 40 से अधिक देश शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इराक पर इस हमले की अनुमति नहीं दी थी। दिखावे के लिए कहा गया कि सामूहिक संहार के हथियार (वीपंस ऑव मास डेस्ट्रक्शन) बनाने से रोकने के लिए इराक पर हमला किया गया है। इराक में सामूहिक संहार के हथियारों की मौजूदगी के कोई प्रमाण नहीं मिले। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि हमले के मकसद कुछ और ही थे, जैसे इराक के तेल-भंडार पर नियंत्रण और इराक में अमेरिका की मनपसंद सरकार कायम करना।

2. सद्दाम हुसैन की सरकार तो चंद रोज में ही जाती रही, लेकिन इराक को ‘शांत’ कर पाने में अमेरिका सफल नहीं हो सका है। इराक में अमेरिका के खिलाफ एक पूर्णव्यापी विद्रोह भड़क उठा। अमेरिका के 3000 सैनिक इस युद्ध में खड़े रहे जबकि इराक के सैनिक कहीं ज्यादा बड़ी संख्या में मारे गये। एक अनुमान के अनुसार अमेरिकी हमले के बाद से लगभग 50,000 नागरिक मारे गये हैं। अब यह बात बड़े व्यापक रूप में मानी जा रही है कि एक महत्त्वपूर्ण अर्थ में इराक पर अमेरिका हमला सैन्य और राजनीतिक धरातल पर असफल सिद्ध हुआ है।

प्रश्न 3.
संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांत (Principles of United Naitons)- संयुक्त राष्ट्र अपने उद्देश्यों की सिद्धि के लिए निम्नलिखित सिद्धांतों के अनुसार कार्य करता है-

  1. संयुक्त सभी सदस्यों की प्रभुसत्ता और समानता के सिद्धांत में विश्वास रखता है।
  2. सभी सदस्य राष्ट्रों का यह कर्तव्य है कि इस चार्टर के अनुसार उनकी जो जिम्मेदारियाँ हैं, वे ईमानदारी के साथ निभाएँ।
  3. सभी सदस्य राष्ट्र अपने विवादों का निपटारा शांतिपूर्ण तरीकों से करें।
  4. अन्य राष्ट्रों की अखण्डता और राजनीतिक स्वाधीनता का आदर करें।
  5. संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार कोई कार्यवाही करे तो सभी सदस्य राष्ट्रों को उसकी सहायता करनी चाहिए।
  6. संयुक्त राष्ट्र उन मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा जो अनिवार्य रूप से किसी राज्य के आन्तरिक अधिकार क्षेत्र में आते हैं।

प्रश्न 4.
पहला गुटनिरपेक्ष सम्मेलन कब और कहाँ हुआ था? यह कौन-सी तीन बातों की परिणति (Culnination) था ?
उत्तर:
I. पहला गुट निरपेक्ष सम्मेलन 1961 ई. में बेलग्रेड में हुआ था।
II. पहला गुटनिरपेक्ष सम्मेलन कम-से-कम निम्नलिखित तीन बातों की परिणति था-

  1. पाँच देशों (भारत, मिस्र, यूगोस्लाविया, इण्डोनेशिया तथा घाना) के बीच सहयोग।
  2. शीतयुद्ध का प्रसार और इसके बढ़ते हुए दायरे को रोकना आदि।
  3. अंतर्राष्ट्रीय फलक (Arena) पर कई नव स्वतंत्र अफ्रीकी राष्ट्रों का नाटकीय उदय हो चुका था। सन् 1960 ई० तक 16 नये अफ्रीकी देश संयुक्त राष्ट्र (UNO) में सदस्यता ग्रहण कर चुके थे।

प्रश्न 5.
भारत में नियोजन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
नियोजन अनिवार्यतः एक प्रयास है ताकि समस्याओं का विवेकशील समाधान किया जा सके। आर्थिक नियोजन का अर्थ है समुदाय के उपलब्ध संसाधनों का प्रभावी तरीके एक उपयोग करना। तेजी से आर्थिक विकास करना तथा रोजगार का विस्तार करना, आय व धन की असमानता को कम करना, आर्थिक सत्ता के सकेन्द्रण को रोकना तथा एक स्वतंत्र व समान समाज के मूल्यों व रुझान की रचना ही हमारी योजनाओं के लक्ष्य रहे हैं।

प्रश्न 6.
काँग्रेस सिंडिकेट का अर्थ बतलावें।
उत्तर:
यह काँग्रेस के पुराने व वरिष्ठ नेताओं का गुट था जिसने इंदिरा गाँधी को सत्ता से वंचित करने हेतु उन्हें दल की प्राथमिक सदस्यता से वंचित कर दिया।

प्रश्न 7.
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस पार्टी एवं दक्षिणी अफ्रीका के अफ्रीकन नेशनल काँग्रेस पार्टी के समानताओं का वर्णन करें।
उत्तर:
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस पार्टी एवं दक्षिणी अफ्रीका के अफ्रीकन नेशनल काँग्रेस पार्टी की समानताएँ-

  • अखिल राष्ट्रीय स्तर का चरित्र
  • राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत संगठन।

प्रश्न 8.
निषेधाधिकार (Veto) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
सुरक्षा परिषद् में कुल 15 सदस्य होते हैं। इनमें 5 स्थायी सदस्य तथा 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। प्रक्रिया सम्बन्धी विषयों (Procedural matters) पर कोई निर्णय तभी लिया जाएगा जब 15 में से 9 सदस्यों के सकारात्मक मत होंगे परंतु अन्य महत्त्वपूर्ण मामलों में जिनमें आर्थिक या सैनिक कार्यवाही शामिल है, किसी निर्णय के लिए पाँचों स्थायी सदस्यों का मत भी अनिवार्य है। इस प्रकार किसी भी स्थायी सदस्य का नकारात्मक मत होने की स्थिति में सुरक्षा परिषद् कोई सक्षम कार्यवाही नहीं कर सकेगी। इसी को निषेधाधिकार (Veto) कहा गया है।

प्रश्न 9.
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रधान अंग बताइए।
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र के प्रधान अंग (Main organs of U.N.)-

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा,
  • सुरक्षा परिषद्,
  • आर्थिक व सामाजिक परिषद्,
  • न्यास-परिषद्,
  • अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय,
  • सचिवालय।

प्रश्न 10.
संयुक्त राष्ट्र के शांति स्थापना के प्रयासों में भारत के योगदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारतीय सेना को शांति स्थापित करने एवं युद्ध विराम को सुनिश्चित बनाने के लिए कोरिया भेजा गया। भारतीय सेना ने प्राय: संयुक्त राष्ट्र की सभी प्रमुख कार्यवाहियों में भाग लिया। न केवल प्रारंभिक वर्षों में ही भारत ने कोरिया, मिस्र और कांगो जैसी शांति निर्माण कार्यवाहियों में भाग लिया अपितु पिछले वर्षों में भी भारत ने सोमालिया, अंगोला और रंवाडा में इसी प्रकार की कार्यवाहियों में भाग लिया।

भारत के ले० जनरल सतीश नाम्बियार ने बाल्कन युद्ध में संयुक्त राष्ट्र सेना की कमान सँभाली। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की शांति निर्माण सेना में स्वेज नहर संकट, कांगो, अंगोला, नामीबिया, गाजा, कम्बोडियो, युगोस्लाविया, लेबनान में अपनी टुकड़ियाँ भेज कर अंतर्राष्ट्रीय शांति पुनःस्थापित करने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

प्रश्न 11.
रंगभेद क्या है ? संयुक्त राष्ट्र द्वारा रंगभेद के विरुद्ध किये गये दो उपायों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
रंगभेद नस्ल आधारित भेद-भाव का निकृष्टतम रूप है। यह मानवता और लोकतंत्र विरोधी है-

  1. संयुक्त राष्ट्र ने 1954 में दक्षिण अफ्रीका की रंगभेद समर्थक सरकार के विरुद्ध राजनीतिक प्रतिबंध लगाये।
  2. 1956 में संयुक्त राष्ट्र ने रोडेशिया के विरुद्ध आर्थिक प्रतिबंध लगाये।

प्रश्न 12.
विश्व स्वास्थ्य संघ के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
विश्व स्वास्थ्य संघ (W.H.O.) संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष संस्था है इसकी स्थापना 1948 ई० में की गई थी। इस संस्था का प्रमुख उद्देश्य सभी देशों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करना है। इसका मुख्य कार्यालय जेनेवा (स्विट्जरलैंड) में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं-

  1. इसने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए नई-नई औषधियों की खोज की है।
  2. इसने नशीली वस्तुओं के प्रयोग की रोकथाम के लिए अनेक उपाय किये हैं।
  3. इसने विश्व में हैजे को खत्म किया है।
  4. यह तपेदिक को खत्म करने के लिए प्रयत्नशील है।
  5. इसने संसार के देशों को बी० सी० जी० सिलिन के टीके भिजवाये हैं।

प्रश्न 13.
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (I.L.O.) संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष संस्था है। इसकी स्थापना 1946 ई० में हुई। इसका प्रमुख उद्देश्य सामाजिक न्याय के लिए प्रयास करना और श्रमिकों की दशा में सुधार लाना है। इस संस्था के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं-

  1. विभिन्न राष्ट्रों के मजदूरों के वेतन तथा काम करने का समय आदि निश्चित करना।
  2. मजदूरों में प्रचलित बेकारी को रोकना।
  3. बच्चों तथा स्त्रियों को शोषण से बचाना।
  4. मिल मालिकों तथा मजदूरों के बीच हुए झगड़ों को सुलझाना।
  5. मजदूरों के जीवन-स्तर को उन्नत करना तथा मजदूरों की भलाई के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन करना।

प्रश्न 14.
सुरक्षा क्या है ?
उत्तर:
सुरक्षा का बुनियादी अर्थ है खतरे से आजादी। मानव का अस्तित्व और किसी देश का जीवन खतरों से भरा होता है। तब क्या इसका मतलब यह है कि हर तरह के खतरे को सुरक्षा पर खतरा माना जाय ?

प्रश्न 15.
युद्ध का क्या अर्थ है ? यह क्या देता है ?
उत्तर:
युद्ध का अर्थ है- विनाश। युद्ध देता है-सभी को विध्वंस, मृत्यु, आपात जन धन, हानि पीछे छोड़ देता है विकलांग, विधवाएँ, अनाथ बच्चे, भय, भयंकर बीमारियाँ और कई बार तो शहरों, गाँवों और लोगों का नामोनिशान भी मिटा देता है। युद्ध वस्तुतः किसी को सुरक्षा नहीं देता।

प्रश्न 16.
आचार्य नरेन्द्र देव कौन थे ? संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर:
आचार्य नरेन्द्र देव का जन्म 1889 ई० में हुआ। वह देश के स्वतंत्रता सेनानी थी। उन्होंने सोशलिस्ट काँग्रेस की स्थापना की। स्वराज्य के लिए संघर्ष के आंदोलन के दौरान वह अनेक बार जेल गए। वह वामपंथी विचारधारा से प्रभावित थे। उन्होंने देश में किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका का निर्वाह किया। वह बौद्ध धर्म के ज्ञाता और विद्वान थे। देश की आजादी मिलने के बाद पहले तो उन्होंने सोशलिस्ट पार्टी और कालांतर में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी को नेतृत्व प्रदान किया। 1956 ई० में उन्होंने अपना दिवंगत शरीर छोड़ दिया।

प्रश्न 17.
बाबा साहब अबेंडकर पर अति संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
डॉ० भीमराव अंबेडकर (1891-1956)- इनका जन्म 1891 ई० में एक महर खानदान में हुआ था। इन्होंने इंग्लैंड एवं अमेरिका से वकालत की शिक्षा ग्रहण की थी। 1923 ई० में इन्होंने वकालत प्रारंभ की। 1926 से 1934 ई० तक ये बंबई विधान परिषद् के सदस्य रहे। इन्होंने गोलमेज सम्मेलन में भी भाग लिया। 1942 ई० में यह वायसराय के कार्यकारिणी परिषद् के सदस्य नियुक्त किए गए। इन्हें भारत की संविधान प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया। इन्हें आजाद भारत का न्यायमंत्री भी बनाया गया। इन्होंने हिंदू कोड बिल पास करवाया एवं संविधान में हरिजनों को आरक्षण दिलवाया। 1956 ई० में इनका निधन हो गया।

प्रश्न 18.
सी. राजगोपालाचारी का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर:
सी० राजगोपालाचारी का जन्म 1878 ई० में हुआ। वे काँग्रेस के वरिष्ठ नेता और साहित्यकार थे। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के वह प्रिय करीबी कार्यकर्ता थे। वह देश के लिए निर्माण करने वाली संविधान सभा के सदस्य रहे। 1948 से 1950 ई० तक उन्हें स्वतंत्र भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल बनने का सौभाग्य मिला। देश की स्वंत्रता के बाद देश की आंतरिक सरकार में वह मद्रास के मुख्यमंत्री बने। वह भारत रत्न से सम्मानित पहले भारतीय थे। उन्होंने 1959 में स्वतंत्र पार्टी का गठन किया और 1972 ई० में उनका स्वर्गवास हो गया।

प्रश्न 19.
वैश्वीकरण की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
वैश्वीकरण वह प्रक्रम है जिसमें हम अपने निर्णयों को दुनिया के एक क्षेत्र में क्रियान्वित करते हैं जो दुनिया के दूरवर्ती क्षेत्र में व्यक्तियों और समुदायों के लिए महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रश्न 20.
नव उपनिवेशवाद क्या है ?
उत्तर:
नव उपनिवेशवाद परंपरागत उपनिवेशवाद का एक नया रूप है। इसके अंतर्गत एक समृद्ध तथा शक्तिशाली देश किसी कमजोर देश पर सीधे आर्थिक शोषण करने के बजाए उसका अप्रत्यक्ष रूप से शोषण करता है।

प्रश्न 21.
वैश्वीकरण के संदर्भ में भारत की क्या भूमिका रही है ?
उत्तर:
24 जुलाई, 1991 ई० को नयी औद्योगिक नीति घोषित किये जाने के साथ ही भारत में आर्थिक सुधारों तथा उदारीकरण नीतियों का सूत्रपात हुआ था। जनवरी 1995 ई० में भारत ने प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया। उसी दिन विश्व व्यापार संगठन की स्थापना हुई। 26 सितम्बर 2000 ई० के प्राग में विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की वार्षिक बैठक में मुद्रा कोष के प्रबन्धक, विश्व बैंक के अध्यक्ष तथा भारत के वित्तमंत्री यशवन्त सिन्हा ने विश्व के गरीबों का जीवन स्तर उठाने का आह्वान किया तथा विश्व व्यापीकरण (वैश्वीकरण) अपनाने पर बल दिया।

प्रश्न 22.
उदारीकरण क्या है ?
उत्तर:
उदारीकरण का अर्थ है अर्थव्यवस्था से प्रतिबंधों को समाप्त करके उसे और अधिक प्रतिस्पर्धात्मक स्वरूप प्रदान करना, उदाहरण के नई आर्थिक नीति के फलस्वरूप निजी क्षेत्रों को और अधिक सुविधाएँ प्रदान की गई है।

इस प्रकार उदारीकरण हिन्दी भाषिक शब्द उदार से बना है जिससे अभिप्राय है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को बंद तथा नियंत्रित अर्थव्यवस्था के स्थान पर एक ऐसी अर्थव्यवस्था का स्वरूप प्रदान करना जिसमें निजी क्षेत्रों का पूर्ण विकास हो सके।

अर्थव्यवस्था के प्रतिबंधित क्षेत्रों को भी निजी क्षेत्रों के अंतर्गत लाया जाए और निजीकरण की प्रक्रिया को अपनाते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को निजीकरण के अवसर उपलब्ध कराये जाएँ।

प्रश्न 23.
सुशासन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
शासन का सुन्दर, स्वच्छ, पारदर्शी तथा जन हितकारी रूप ही सुशासन है। समाज, राजनीति, अर्थ तथा सांस्कृतिक जीवन में व्याप्त विषमताओं की समाप्ति, जटिलताओं का सरलीकरण तथा वैयक्तिक स्तर पर सुखद अनुभूति प्रदान करना ही सुशासन है। सैद्धांतिक रूप में सुशासन एक अवधारणा है, जो शासन को व्यावहारिक, विस्तृत तथा प्रभावकारी बनाता है। लोककल्याणकारी राज्य के समर्थक जन-कल्याण को प्रभावी रूप में सम्पन्न करने वाली शासन को ही सुशासन का नाम दिया जाता है। यह एक सतत प्रक्रिया है।

संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम में सुशासन की स्थापना जैसे अवधारणा को बहुआयामी माना जाता है। इसके द्वारा न केवल कानून के शासन को लागू किया जाता है बल्कि बिना किसी के दबाव सबको समान कानूनी संरक्षण भी प्रदान किया जाता है। लोकतंत्र में इसका संबंध आधुनिकीकरण से भी है।

प्रश्न 24.
राजनैतिक न्याय से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
राजनैतिक न्याय का अर्थ राज्य सत्ता एवं जनता के आपसी संबंधों से लिया जाता है। फ्रांसीसी राज्य क्रांति, अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा एवं मानव अधिकारों की घोषणा में भी इस पर बल दिया गया है। मानव अधिकारों की घोषणा में स्पष्ट कहा गया है कि “प्रत्येक व्यक्ति को अपने देश की शासन व्यवस्था में हाथ बँटाने का अधिकार है”। स्पष्ट है कि प्रत्येक व्यक्ति कों बिना किसी भेदभाव के राजनीतिक अधिकार प्राप्त करना ही राजनीतिक न्याय है। राजनीतिक न्याय तभी संभव है जब शासन की शक्ति शासितों की इच्छा या स्वीकृति पर आधारित हों। इसके लिए आवश्यक है कि लोकतंत्र में वयस्क मताधिकार पर आधारित स्वच्छ प्रशासन।

प्रश्न 25.
‘पीली क्रांति’ क्या है ?
उत्तर:
तेलहन की फसल में अभूतपूर्व उत्पादन लक्ष्य रखने हेतु इसे पीली क्रांति नाम दिया गया। भारत तेल उत्पादन के मामले में आत्म निर्भर हुआ है। यहाँ तेलहनी पौधों के अच्छी उपज के लिए विशेष रूप में किसानों को अच्छी बीज के साथ-साथ उसमें उपयुक्त होने वाली कीटनाशक दवाओं की भी मुख्य रूप से उपलब्धता पर ध्यान दिया गया है। यहाँ तेलहनी पौधों में मुख्यतः सरसों, तीसी, राई, कुसुम, सूर्यमुखी आदि अनेक हैं जिसमें से तेल को निकाला जाता है।

प्रश्न 26.
शीत युद्ध क्या है ?
उत्तर:
शीत युद्ध हथियार विहीन युद्ध है। जब दो देश आपस में वैचारिक मतभेद उत्पन्न कर लेते हैं तो इसे शीत युद्ध कहा जाता है। भारत ने सदैव शीत युद्ध की निन्दा की तथा अंतर्राष्ट्रीय शांति, सुरक्षा व सहयोग का समर्थन किया। धीरे-धीरे इस नीति के निहितार्थ स्पष्ट हुए जिनसे भारत को विश्व में अपनी महत्त्वपूर्ण पहचान बनाने का अवसर मिला। शीत युद्ध के दौर से मुख्यरूप से आज भारत-चीन, भारत-पाकिस्तान गुजर रहे हैं। इस युद्ध में सीमा पर जवानों को गोली चलानी नहीं पड़ती बल्कि इसमें दो देशों के बीच आपसी खींचातानी संचार के माध्यम से होता है।

प्रश्न 27.
एक-दलीय व्यवस्था से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जिस राजनीतिक व्यवस्था में केवल एक राजनीतिक दल हो उसे एक दलीय व्यवस्था कहा जाता है। विश्व में सिर्फ भारत ही एक मात्र ऐसा देश नहीं है जो एक दल के प्रभुत्व से गुजरा हो। विश्व के अनेक देशों में एक दल का शासन एवं प्रभुत्व रहा है। लेकिन इन देशों में एक दलीय प्रभुत्व और स्वतंत्रता के बाद भारत में एक दलीय कांग्रेस के प्रभुत्व के बीच एक बड़ा भारी अंतर है। विश्व के अन्य देशों में एक दल का प्रभुत्व लोकतंत्र के मूल्य पर स्थापित हुआ है।

प्रश्न 28.
क्षेत्रीयता अथवा क्षेत्रवाद का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
क्षेत्रवाद किसी क्षेत्र विशेष के लोगों की उस प्रवृत्ति से संबंधित है जो उनमें अपने क्षेत्र की आर्थिक, सामाजिक अथवा राजनीतिक शक्तियों की वृद्धि करने के लिए प्रेरित करती है। इस दृष्टि से क्षेत्र देश का वह भू-भाग होता है जिसमें रहने वाले लोगों के समान उद्देश्य व आकांक्षाएँ होती हैं। इस प्रकार जब किसी भौगोलिक दृष्टि से पृथक् भूखंड में रहने वाले मानव समूह में धार्मिक, सांस्कृतिक भाषायी, आर्थिक-सामाजिक, राजनीतिक तथा ऐतिहासिक आदि दृष्टि से उसी प्रकार के अन्य भूखंड से पृथकता उत्पन्न हो जाती है तथा स्वयं की एकरूपता व समानता का विकास हो जाता है तब उस मानव समूह में अपने क्षेत्रों के हितों के प्रति पैदा हुई जागरूकता को क्षेत्रीयता या क्षेत्रवाद कहा जाता है।

प्रश्न 29.
पंचशील संधि के पांच सिद्धांत कौन-से हैं ?
उत्तर:
पंचशील के पांच सिद्धान्त निम्नलिखित हैं-

  • एक दूसरे की सम्प्रभुता व प्रादेशिक अखण्डता का आदर करना,
  • आक्रमण न करना,
  • एक-दूसरे के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप न करना,
  • समानता और परस्पर लाभ,
  • शांतिपूर्ण सहअस्तित्व।

प्रश्न 30.
यूरोपीय संघ का निर्माण किन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया गया?
उत्तर:
यरोपीय संघ के प्रमख उद्देश्य हैं- आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना, अपने क्षेत्र का सतत व संतुलित विकास करना, क्षेत्र में स्थायित्व को बनाये रखना, जीवन स्तर को ऊँचा उठाना तथा सदस्य राज्यों के बीच निकट आर्थिक संबंध स्थापित करना। सभी सदस्य राज्यों को इस संधि की परिषद के आदेश का पालन करना अनिवार्य है।

प्रश्न 31.
शीतयुद्ध के दौरान महाशक्तियों द्वारा बनाए गए किन्हीं दो सैन्य संगठनों के नाम लिखिए। सैन्य संधियाँ किस सिद्धांत पर आधारित थीं?
उत्तर:
1. नाटो- 1949 में अमरीका के नेतृत्व में साम्यवाद को रोकने के लिए नाटो का गठन किया गया था। अब नाटो के सदस्यों को ‘शांति का भागीदार’ कहा जाता है।

2. वारसा- सोवियत संघ के नेतृत्व में 1955 में वारसा संधि का गठन हुआ इसका उद्देश्य सदस्य देशों को अमेरिका प्रभुत्व से बचाना था। इसमें पोलैण्ड, हंगरी, पूर्वी जर्मनी, बुल्गारिया आदि देश शामिल थे। ये सैन्य संधियाँ आत्मरक्षा के लिए की गई थी। सदस्य राष्ट्र अपने आर्थिक, राजनीतिक सामरिक हितों को देखते हुए सैनिक गुटों में शामिल हुए। ये संधियाँ सामूहिक सुरक्षा पर आधारित थी।

प्रश्न 32.
प्रतिद्वंद्विता की भावना शीतयुद्ध के लिए कैसे उत्तरदायी हैं ?
उत्तर:
शीतयुद्ध से हमारा अभिप्राय ऐसी अवस्था से है जब दो या दो से अधिक देशों के बीच वातावरण उत्तेजित व तनावपूर्ण हो किंतु वास्तविक रूप में कोई युद्ध न हो रहा हो। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ अमेरिका के बाद दूसरी बड़ी ताकत बनकर उभरा। हालांकि युद्ध के दौरान ब्रिटेन, अमेरिका और सोवियत संघ ने मिलकर फासीवादी ताकतों को हराया था। लेकिन युद्ध के बाद उनमें टकराव और तनाव उभरने लगे और उनके संबंध बिगड़ने लगे। इसी टकराव व तनावपूर्ण स्थिति को शीतयुद्ध के नाम से जाना जाता है।