Bihar Board Class 10 Social Science Solutions Economics अर्थशास्त्र : हमारी अर्थव्यवस्था भाग 2 Chapter 7 उपभोक्ता जागरण एवं संरक्षण Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Social Science Economics Solutions Chapter 7 उपभोक्ता जागरण एवं संरक्षण

Bihar Board Class 10 Economics उपभोक्ता जागरण एवं संरक्षण Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

I. सही विकल्प चुनें।

प्रश्न 1.
भारत उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की घोषणा कब हुई ?
(क) 1986
(ख) 1980
(ग) 1987
(घ) 1988
उत्तर-
(क) 1986

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प्रश्न 2.
उपभोक्ता अधिकार दिवस कब मनाया जाता है ?
(क) 17 मार्च
(ख) 15 मार्च
(ग) 19 अप्रैल
(घ) 22 अप्रैल
उत्तर-
(ख) 15 मार्च

प्रश्न 3.
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नं क्या है ?
(क) 100
(ख) 1000-100
(ग) 1800-11-4000
(घ) 2000-114000
उत्तर-
(ग) 1800-11-4000

प्रश्न 4.
स्वर्णाभूषणों की परिशुद्धता को सुनिश्चित करने के लिए किस मान्यता प्राप्त चिह्न का होना आवश्यक है ?
(क) ISI मार्क
(ख) हॉल मार्क
(ग) एगमार्क
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ख) हॉल मार्क

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प्रश्न 5.
यदि किसी वस्तु या सेवा का मूल्य 20 लाख से अधिक तथा 1 करोड़ से कम है जो उपभोक्ता शिकायत करेगा
(क) जिला फोरम
(ख) राज्य आयोग
(ग) राष्ट्रीय आयोग
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ख) राज्य आयोग

प्रश्न 6.
उपभोक्ता द्वारा शिकायत करने के लिए आवेदन शुल्क कितना लगता है.?
(क) 50 रु.
(ख) 70 रु.
(ग) 10 रु. .
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(घ) इनमें से कोई नहीं

II. सही कथन में सही का (V) तथा गलत में (x) का निशान लगाएँ।

प्रश्न 1.
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 को संक्षिप्त रूप में कोपरा (COPRA) कहते हैं।
उत्तर-
सही

प्रश्न 2.
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन टेलीफोन नं. 15,000 है।
उत्तर-
गलत

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प्रश्न 3.
भारत में ‘सूचना पाने का अधिकार 2005’ कानून बनाया गया।
उत्तर-
सही

प्रश्न 4.
उपभोक्ता को खराब वस्तु या सेवा मिलने पर उत्पादक से मुआवजा पाने का अधिकार है, जो क्षति की मात्रा पर निर्भर करती है।
उत्तर-
सही

प्रश्न 5.
‘हॉलमार्क’ आभूषणों की गुणवत्ता को प्रमाणित करने वाला चिह्न है।
उत्तर-
सही

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आप किसी खाद्य पदार्थ संबंधी वस्तुओं को खरीदते समय कौन-कौन सी मुख्य बातों का ध्यान रखेंगे, बिन्दुवार उल्लेख करें।
उत्तर-
खाद्य पदार्थ संबंधी वस्तुओं को खरीदते समय निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान देना आवश्यक है

  • अवयवों की सूची
  • वजन का परिमाण
  • निर्माता का नाम व पता
  • निर्माण की तिथि।
  • इस्तेमाल की समाप्ति, निर्दिष्ट से पहले इस्तेमाल की तिथि
  • निरामिष सामिष चिह्न
  • डाले गये रंग और खुशबू की घोषणा।
  • पोषाहार का दावा-सम्मिलित पौष्टिक तत्वों की मात्राएँ।
  • स्वास्थ्य के प्रति हानिकारक चेतावनी।
  • वैधानिक चेतावनी तम्बाकू। शिशु के लिए हल्का विकल्प।

प्रश्न 2.
उपभोक्ता जागरण हेतु विभिन्न नारों को लिखें।
उत्तर-
उपभोक्ता जागरण हेतु विभिन्न नारे इस प्रकार हैं

  • सतर्क उपभोक्ता ही सुरक्षित उपभोक्ता है।
  • ग्राहक सावधान।
  • अपने अधिकार को पहचानो।
  • जागो ग्राहक जागो।
  • उपभोक्ता के रूप में अपने अधिकारों की रक्षा करें

प्रश्न 3.
कुछ ऐसे कारकों की चर्चा करें जिससे उपभोक्ताओं का शोषण होता है।
उत्तर-
उपभोक्ता के शोषण होने के निम्नलिखित प्रमुख कारक इस प्रकार हैं

  • मिलावट की समस्या-महँगी वस्तुओं में मिलावट करके उपभोक्ता का शोषण होता है
  • कम तौलने द्वारा वस्तुओं की माप में हेरा-फेरी करके भी उपभोक्ता का शोषण होता है
  • कम गुणवत्तावाली वस्तु-उपभोक्ता को धोखे से अच्छी वस्तु के स्थान पर का गुणवत्ता वाली वस्तु देकर शोषण करना।
  • ऊँची कीमत द्वारा-ऊंची कीमतें वसूल करके भी उपभोक्ता का शोषण किया जाता है
  • डुप्लीकेट वस्तुएँ सही कम्पनी की डुप्लीकेट वस्तुएँ प्रदान करके उपभोक्ता का शोषा होता है।

प्रश्न 4.
उपभोक्ता के रूप में बाजार में उनके कुछ कर्तव्यों का वर्णन करें।
उत्तर-
उपभोक्ता जब कोई वस्तु खरीदता है, तो यह आवश्यक है कि वह उस वस्तु की रसी अवश्य ले ले एवं वस्तु की गुणवत्ता, ब्रांड, मात्रा, शुद्धता, मानक, माप-तौल, उत्पाद/निर्माण के तिथि, उपभोग की अंतिम तिथि, गारंटी/वारंटी पेपर, गुणवत्ता का निशान जैसे आई. एस. आई. एगमार्क, हॉलमार्क (आभूषण) और मूल्य की दृष्टि से किसी प्रकार के दोष, अपूर्णता पाते है तो सेवाएँ लेते समय अतिरिक्त सतर्कता एवं जागरुकता रखें। इस प्रकार उपभोक्ता अपने कर्त्तव्य का निर्वाह कर वस्तुओं एवं सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ा सकता है।

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प्रश्न 5.
उपभोक्ता कौन हैं ? संक्षेप में बतायें।
उत्तर-
उपभोक्ता बाजार व्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग है। व्यक्ति जब वस्तुएँ एवं सेवाएँ अप प्रयोग के लिए खरीदता है तब वह उपभोक्ता कहलाता है। खरीददारी की अनुमति से ऐसी वस्तुऊ और सेवाओं का प्रयोग करने वाला व्यक्ति भी उपभोक्ता है। महात्मा गाँधी के शब्दों में, “उपभोक्ता हमारी दुकान” में आने वाला सबसे महत्वपूर्ण व्यकि है। वह हम पर निर्भर नहीं, हम उनपर निर्भर हैं।”

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
उपभोक्ता के कौन-कौन अधिकार हैं ? प्रत्येक अधिकार को सोदाहरण लिखें।
उत्तर-
उपभोक्ता के निम्नलिखित प्रमुख अधिकार इस प्रकार हैं (i) सुरक्षा का अधिकार- उपभोक्ता का प्रथम अधिकार, सुरक्षा का अधिकार है। इर अधिकार का सीधा संबंध बाजार से खरीदी जानेवाली वस्तुओं और सेवाओं से जुड़ा हुआ है उपभोक्ता को ऐसी वस्तुओं और सेवाओं से सुरक्षा प्राप्त करने का अधिकार है जिससे उसके शरी या सम्पत्ति को हानि हो सकती है। जैसे—बिजली का आयरन विद्युत आपूर्ति की खराबी के कारण करंट मार देता है या एक डॉक्टर ऑपरेशन करते समय लापरवाही बरतता है जिसके कारण मरील को खतरा या हानि होती है।

(ii) सूचना पाने का अधिकार– उपभोक्ता को वे सभी आवश्यक सूचनाएं भी प्राप्त कर का अधिकार है जिसके आधार पर वह वस्तु या सेवाएँ खरीदने का निर्णय कर सकते हैं। जैसे पैकेट बंद सामान खरीदने पर उसका मूल्य, इस्तेमाल करने की अवधि, गुणवत्ता इत्यादि की सूचना प्राप्त करें।

(iii) चुनाव या पसंद करने का अधिकार-उपभोक्ता अपने अधिकार के अन्तर्गत विभिन्न निर्माताओं द्वारा निर्मित विभिन्न ब्राण्ड, किस्म, गुणा, रूप, रंग, आकार तथा मूल्य की वस्तुओं में किसी भी वस्तु का चुनाव करने को स्वतंत्र है।

(iv) सुनवाई का अधिकार-उपभोक्ता को अपने हितों को प्रभावित करनेवाली सभी बातों को उपयुक्त मंचों के समक्ष प्रस्तुत करने का अधिकार है। उपभोक्ता को अपने मंचों के साथ जुड़कर अपने बातों को रखनी चाहिए।

(v) शिकायत निवारण या क्षतिपूर्ति का अधिकार-यह अधिकार लोगों को आश्वासन प्रदान करता है कि क्रय की गयी वस्तु या सेवा उचित ढंग की नहीं निकले तो उन्हें मुआवजा दिया जायेगा।

(vi) उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार-उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार के अन्तर्गत किसी .. वस्तु के मूल्य, उसकी उपयोगिता, कोटि तथा सेवा की जानकारी तथा अधिकारों से ज्ञान प्राप्ति की सुविधा जैसी बातें आती हैं जिसके माध्यम से शिक्षित उपभोक्ता धोखाधड़ी या दगाबाजी से बचने के लिए स्वयं सबल संरक्षित एवं शिक्षित हो सकते हैं एवं उचित न्याय के लिए खड़े हो सकते हैं। इसलिए एक सजग उपभोक्ता बने रहने के लिए निरंतर शिक्षा पाने का अधिकार दिया गया है।

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प्रश्न 2.
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की मुख्य विशेषताओं को लिखें।
उत्तर-
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं

  • यह सभी वस्तुओं एवं सेवाओं पर लागू होता है जब तक कि केन्द्रीय सरकार ने विशेष छूट नहीं दी हो।
  • यह सभी क्षेत्रों पर लागू होता है चाहे वह निजी क्षेत्र हो, सार्वजनिक क्षेत्र हो अथवा .सहकारिता का क्षेत्र हो।
  • इस अधिनियम के प्रावधान प्रकृति से क्षतिपूरक हैं। दूसरे शब्दों में, यह अधिनियम उपभोक्ताओं को अन्य कानूनों में उपलब्ध निवारण के अतिरिक्त निवारण प्रदान करता है तथा उनमें से चुनाव उसकी स्वेच्छा पर निर्भर करता है। .
  • सुरक्षा, सूचना, चयन, प्रतिनिधित्व, शिकायत निवारण एवं उपभोक्ता शिक्षा से संबंधित अधिकारों को उच्च स्थान प्रदान करता है।
  • उपभोक्ता को कुछ अनुचित एवं पतिबंधात्मक व्यापार, कार्यवाहियों, सेवाओं में कमियों. अथवा बुराइयों एवं सेवाओं को रोक लेने पर रोक लगाने तथा बाजार से खतरनाक वस्तुओं को हटाने की मांग का अधिकार है।

प्रश्न 3.
उपभोक्ता संरक्षण हेतु सरकार द्वारा गठित न्यायिक प्रणाली (त्रिस्तरीय प्रणाली)को विस्तार से समझायें।
उत्तर-
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत उपभोक्ताओं को उनकी शिकायतों के निवारण के लिए व्यवस्था की गयी है जिसे तीन स्तरों पर स्थापित किया गया है

  • राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय आयोग
  • राज्य स्तर पर राज्य स्तरीय आयोग।
  • जिला स्तर पर जिला मंच (फोरम)।

उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान अथवा उपभोक्ता-विवादों के निपटारे हेतु सरकार द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 में त्रिस्तरीय अर्द्ध-न्यायिक व्यवस्था है जिसमें जिला * मंचों, राज्य आयोग एवं राष्ट्रीय आयोग की स्थापना की गयी है।

यह न्यायिक व्यवस्था उपभोक्ताओं के लिए बहुत ही उपयोगी एवं व्यावहारिक है। इस व्यवस्था से उपभोक्ताओं को त्वरित (जल्दी) एवं सस्ता न्याय प्राप्त होता है और समय एवं धन की बचत होती है। जिस तरह आदालतों में मुकदमे दायर होते हैं उसी तरह उनकी सुनवाई की होती है। पहले शिकायत जिला फोरम में की जाती है। शिकायतकर्ता अगर संतुष्ट नहीं है, तो मामला को राज्य फोरम फिर राष्ट्रीय फोरम में ले जा सकता है। पुनः अगर उपभोक्ता राष्ट्रीय फोरम से संतुष्ट नहीं होता तो वह आदेश के 30 दिनों के अंदर उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में अपील कर सकता है।
अतः सरकार त्रिस्तरीय प्रणाली द्वारा उपभोक्ता शिकायतों का निवारण करती है और उसे हर संभव न्याय देती है।

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प्रश्न 4.
दो उदाहरण देकर उपभोक्ता जागरुकता की जरूरतों का वर्णन करें।
उत्तर-
(i) व्यवसाय का मुख्य उद्देश्य लाभ अर्जित करना है किन्तु कुछ व्यापारी अधिक लाभ कमाने की इच्छा से उपभोक्ताओं का शोषण करने लगे जिसके कारण एक ऐसे तंत्र की आवश्यकता महसूस हुई जिससे उपभोक्ता के हितों की रक्षा की जा सके। । (ii) कभी-कभी उपभोक्ता व्यापारियों के द्वारा अपने आपको ठगा हुआ महसूस करता है। – उसे चुकाये गये मूल्य के बराबर वस्तु अथवा सेवा प्राप्त नहीं होती। यहाँ तक कि कभी-कभी उसे मिलावट की वस्तुएँ प्राप्त होती हैं जिससे उसे अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में उसे उपभोक्ता संरक्षण की आवश्यकता पड़ती है।

प्रश्न 5.
मानवाधिकार अधिकार आयोग के महत्व को लिखें।।
उत्तर-
हमारे देश में राष्ट्रीय स्तर पर एक उच्चतम संस्था है जो मानवीय अधिकारों की रक्षा और उनके अधिकार से संबंधित हितों के लिए सुरक्षा प्रदान करती है। इस संस्था को राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था कहते हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का महत्व इस बात से बढ़ जाता है कि इसके अध्यक्ष भारत के उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त प्रधान न्यायाधीश होते हैं। इसी तरह देश के प्रत्येक राज्य में एक राज्य मानवाधिकार आयोग का गठन किया गया है जो देश के नागरिकों के अधिकारऔर सुरक्षा संबंधी बातों को देखती है। विगत दिनों इस आयोग के कार्यों को देखने से पता लगता है कि यह अति संवेदनशील है। अतः कहा जा सकता है कि मानवाधिकार आयोग का बहुत अधिक महत्व है। इसके अन्तर्गत मानवीय अधिकारों का संरक्षण होता है।

परियोजना कार्य

प्रश्न 1.
आपका विद्यालय उपभोक्ता जागरूकता हेतु आपके वर्ग में एक पोस्टर प्रतियोगिता आयोजन करता है जिसमें सभी उपभोक्ता अधिकार बिन्दुवार शामिल करते हुए एक पोस्टर तैयार करें।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
आकर्षक नारा संबंधी विज्ञापन तैयार करें।
उत्तर-

  1. जागो ग्राहक जागो।
  2. अपने अधिकारों को पहचानो।

प्रश्न 3.
सतर्क उपभोक्ता ही सुरक्षित उपभोक्ता है।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

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प्रश्न 3.
अपने आस-पास के चार-पाँच लोगों का प्रश्नावली के आधार पर साक्षात्कार लें जिसमें यह पता चले कि वे शोषण के शिकार कहाँ और कैसे हुए हैं ? उनके शोषण के अनुभवों को कहानीबद्ध करें।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 4.
उपभोक्ता अधिकार से संबंधित प्रश्नावली को वितरित कर अपने क्षेत्र का सर्वेक्षण करें और जानें कि वे उपभोक्ता के रूप में कितने जागरुक है ?
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Bihar Board Class 10 Economics Solutions Chapter 7 उपभोक्ता जागरण एवं संरक्षण - 3

टिप्पणी-
(क) यदि प्रश्न 5,12,13,15 और 16 के लिए आपका उत्तर ‘ग’ और शेष के लिए ‘क’ है, तो आप उपभोक्ता के रूप में पूरी तरह जागरुक हैं।
(ख) अगर प्रश्न 5,12,13,15 और 16 के लिए आपका उत्तर ‘क’ और शेष के लिए ‘ग’ है. तो आपको उपभोक्ता के रूप में जागरुक होने की जरूरत है।
(ग) यदि सभी प्रश्नों के लिए आपका उत्तर ‘ख’ है, तो आप आशिक रूप से जागरुक हैं।

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Bihar Board Class 10 Economics उपभोक्ता जागरण एवं संरक्षण Additional Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
उपभोक्ताओं के शोषण के मुख्य प्रकार है
(क) माप-तौल में कमी
(ख) मिलावट
(ग) भ्रामक प्रचार
(घ) इनमें तीनों ही
उत्तर-
(घ) इनमें तीनों ही

प्रश्न 2.
‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम’ पारित हुआ
(क) 1982 में
(ख) 1984 में
(ग) 1986 में
(घ) 1991 में
उत्तर-
(ग) 1986 में

प्रश्न 3.
‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम’ के अन्तर्गत उपभोक्ताओं की अपील सुनने का अधिकार है
(क) राज्य आयोग को
(ख) राष्ट्रीय आयोग को
(ग) दोनों को
(घ) इनमें कोई नहीं
उत्तर-
(ग) दोनों को

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प्रश्न 4.
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस कब मनाया जाता है।
(क) 15 जनवरी को
(ख) 15 मार्च को
(ग) 15 अप्रैल को
(घ) 15 दिसंबर को
उत्तर-
(ख) 15 मार्च को

प्रश्न 5.
निम्न में से कौन भोज्य पदार्थों की शद्धता की गारंटी देता है ?
(क) हॉलमार्क
(ख) एगमार्क
(ग) आई.एस.आई.
(घ) बुलमार्क
उत्तर-
(ख) एगमार्क

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
उपभोक्ता शोषण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
उत्पादकों तथा विक्रेताओं के द्वारा जब किसी वस्तु को उपभोक्ताओं के बीच बेचा जाता है तथा उपभोक्ताओं द्वारा उसकी गुणवत्ता की जाँच करने पर गलत पाया जाता है तो इसे ही हम उपभोक्ता शोषण कहते हैं।

प्रश्न 2.
बाजार में अनुचित व्यापार कब अधिक होता है ?
उत्तर-
खाद्यान्न की कमी अत्यधिक होने के कारण या किसी भी वस्तु की बाजार में अत्यधिक माँग होने पर उस वस्तु की कमी होना, बाजार में अनुचित व्यापार को बढ़ावा देता है। कालाबाजारी जमाखोरी इत्यादि अनुचित व्यापार-आरंभ हो जाते हैं।

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प्रश्न 3.
बाजार में नियमों और विनिमयों की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?
उत्तर-
बाजार में उपभोक्ताओं के शोषण को रोकने तथा उनके अधिकारों की रक्षा के लिए नियमों और विनियमों की आवश्यकता पड़ती है।

प्रश्न 4.
‘उपभोक्ता जागरूकता आंदोलन’ का प्रारंभ सर्वप्रथम किस देश में हुआ?
उत्तर-
उपभोक्ता जागरूकता आंदोलन का प्रारंभ सर्वप्रथम इंगलैंड में हुआ।

प्रश्न 5.
उपभोक्ता अधिकारों की घोषणा सर्वप्रथम कब और कहाँ हुई थी?
उत्तर-
उपभोक्ता अधिकारों की घोषणा 1962 में संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई।

प्रश्न 6.
“विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस’ कब मनाया जाता है?
उत्तर-
15 मार्च को प्रत्येक वर्ष विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है।

प्रश्न 7.
‘कोपरा’ क्या है?
उत्तर-
सरकार द्वारा 1986 में पारित उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को ही संक्षेप में ‘कोपरा’ कहते हैं।

प्रश्न 8.
क्या “कोपरा’ केवल वस्तुओं के विक्रय पर लागू होता है ?
उत्तर-
कोपरा’ वस्तुओं के विक्रय के साथ-साथ उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा तथा दंड देने के स्थान पर क्षतिपूर्ति की व्यवस्था करती है।

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प्रश्न 9.
जब आप कोई सौंदर्य प्रसाधन या दवा खरीदते हैं तो उसके पैकेट पर किस प्रकार की जानकारी रहती है ?
उत्तर-
सौंदर्य प्रसाधन या दवा खरीदते समय उसके पैकेट पर उस वस्तु के उत्पादक कम्पनी का नाम मूल्य, निर्माण की तिथि, अंतिम तिथि आदि की जानकारी दी हुई रहती है।

प्रश्न 10.
उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए किस प्रकार के कानून बनाए गए हैं.
उत्तर-
उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 बनाए गए हैं। जो एक कानूनी उपाय है।

प्रश्न 11.
उपभोक्ताओं की क्षति होने पर उन्हें किस प्रकार का अधिकार प्रदान किया गया है?
उत्तर-
उपभोक्ताओं की क्षति होने पर उन्हें क्षतिपूर्ति अधिकार की व्यवस्था की गयी है। इसके लिए सरकार में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की व्यवस्था की जिसके अंतर्गत दंड देने के स्थान पर क्षतिपूर्ति की व्यवस्था. है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
बाजार में उपभोक्ताओं का किस प्रकार से शोषण किया जाता है ?
उत्तर-
बाजार में उपभोक्ताओं को निम्न प्रकार से शोषण किया जाता है

  • विक्रेता प्रायः वस्तुओं का उचित ढंग से माप-तौल नहीं करता तथा माप-तौल में कमी करते हैं।
  • कई अवसरों पर विक्रेता ग्राहकों से वस्तुओं के निर्धारित खुदरा मूल्य से अधिक राशि वसूलते हैं।
  • बाजारों में प्रायः घी, खाद्य पदार्थ, मसालों आदि में मिलावट होती है।
  • कई बार विक्रेता या उत्पादक उपभोक्ताओं को गलत था अधूरी जानकारी देकर धोखे में डाल देते हैं।

प्रश्न 2.
भारत में किन कारणों से उपभोक्ता जागरूकता आंदोलन का प्रारंभ हुआ? संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर-
भारत में एक सामाजिक शक्ति के रूप में उपभोक्ता आंदोलन का उदय व्यापारियों के अनुचित व्यवसाय व्यवहार के कारण हुआ। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात खाद्यान्न की अत्यधिक कमी होने के कारण जमाखोरी और कालाबाजारी बहुत बढ़ गयी थी। अत्यधिक लाभ कमाने के लालच में उत्पादक और विक्रेता खाद्य पदार्थों में मिलावट करने लगे थे। इसके विरोध में देश में उपभोक्ता आंदोलन संगठित रूप में प्रारंभ हुआ। 1970 के इराक में कई उपभोक्ता संगठन जन-प्रदर्शन तथा पत्र-पत्रिकाओं में आलेख प्रकाशित करने लगे थे। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भी विक्रेता उपभोक्ताओं को निर्धारित मात्रा में तथा उचित समय पर वस्तुओं की आपूर्ति नहीं करते थे तथा कई प्रकार से मनमानी करते थे। विगत वर्षों के अंतर्गत देश में उपभोक्ता संगठनों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है जिन्होंने उपभोक्ताओं को जागरूक बनाने का प्रयास किया हैं उपभोक्ता आंदोलनों ने व्यापारिक संस्थानों तथा सरकार दोनों को अनुचित व्यवसाय व्यवहार में सुधार लाने के लिए बाध्य किया है। सरकार ने 1986 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को पारित किया।

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प्रश्न 3.
दो उदाहरण देकर उपभोक्ता जागरूकता आंदोलन की आवश्यकता का वर्णन करें।
उत्तर-
उपभोक्ता जागरण की आवश्यकता अनेक अवसरों पर महसूस की जाती है जैसे शिक्षण संस्थाएँ अपने लुभावने प्रचारों के माध्यम से छात्रों को आकर्षित करते हैं, लेकिन वास्तव में वहाँ ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होती। डॉक्टरों के द्वारा मरीज देखते समय फीस के बारे में जानकारी नहीं दी जाती है जिससे मरीजों का खूब शोषण होता हैं कई बार डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की जान भी चली जाती है।
अतः इन सभी मामले ने उपभोक्ता जागरूकता आंदोलन की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 4.
भारत में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पारित करने की आवश्यकता क्यों हुई?
उत्तर-
भारत में काफी समय पूर्व से ही उपभोक्ताओं को कई प्रकार से शोषण किया जाता रहा है। कभी माल या सेवा की घटिया किस्म के कारण तो कभी माप-तौल के कारण, कभी नकली वस्तु उपलब्ध होने के कारण, कभी वस्तु की कालाबाजारी, या जमाखोरी के कारण तो कभी स्तरहीन विज्ञापनों के कारण उपभोक्ताओं को अनदेखी की जा रही थी। सरकार ने उपभोक्ताओं की हितों की रक्षा के लिए समय-समय पर कदम उठाते हुए अनेक उपभोक्ता कानून बनाए हैं और वर्तमान में सरकार द्वारा विभिन्न माध्यमों से उपभोक्ता को जागरूक बनाने का सतत् प्रयास किया जा रहा है। ताकि लोग अपने अधिकारों को समझ सकें और अपनी शिकायत का निवारण कर सकें। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार के सामने उपभोक्ता संरक्षण
अधिनियम (1986) पारित करने की आवश्यकता महसूस हुई।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में उपभोक्ताओं का किस प्रकार शोषण किया जाता है ? उपभोक्ताओं के क्या अधिकार है तथा उनके संरक्षण के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं ?
उत्तर-
भारतीय अर्थव्यवस्था में उपभोक्ताओं की स्थिति सोचनीय है। वे सदैव व्यवसायियों द्वारा अनुचित लाभ कमाने के उद्देश्य से ठगे जाते हैं, साथ ही उनमें शिक्षा की कमी गरीबी का प्रभाव और जागरूकता अभाव के कारण भी उपभोक्ता शोषण के शिकार होते हैं। वर्तमान समय में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहाँ उपभोक्ताओं का शोषण नहीं हो रहा हो वह चाहे शिक्षा का क्षेत्र दो या बैकिंग, दूरसंचार, डाक, खाद्य सामग्री या फिर भवन निर्माण। सभी क्षेत्र में त्रुटि लापरवाही और कालाबाजारी उपभोक्ता के लिए घातक सिद्ध हो रही है। उपभोक्ता का कई प्रकार से शोषण किया जाता है यानि कभी माल या सेवा की घटिया किस्म के कारण तो कभी कम माप-तौल के कारण, कभी नकली वस्तु उपलब्ध होने के कारण, कभी वस्तु की कालाबाजारी या जमाखोरी के कारण तो कभी स्तरहीन विज्ञापनों के कारण।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 6 के अंतर्गत उपयोगताओं को कछ अधिकार प्रदान किए गए हैं जो निम्नलिखित हैं-

  • जान-माल के लिए खतरनाक वस्तुओं एवं सेवाओं की बिक्री के विरुद्ध संरक्षण का अधिकार।
  • वस्तुओं की सेवाओं की गुणवत्ता, मात्रा, मानक और मूल्य संबंधी सूचना का अधिकार।
  • विभिन्न वस्तुओं को देख परखकर चुनाव करने तथा प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर उन्हें प्राप्त करने का अधिकार।
  • उपभोक्ताओं को उचित स्थान पर अपनी शिकायत दर्ज कराने का अधिकार।
  • अनुचित व्यापार तरीकों एवं शोषण के विरुद्ध न्याय पाने का अधिकार।
  • उपभोक्ता प्रशिक्षण का अधिकार।

उपभोक्ताओं के अधिकार की रक्षा एवं हितों का संरक्षण करने के लिए सरकारी स्तर पर ‘केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद्’ एवं राज्य स्तर पर ‘राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद’ की स्थापना की गयी है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986′ के तहत उपभोक्ताओं को उनकी
शिकायतों के निवारण के लिए व्यवस्था दी गई है जिसे तीन स्तरों पर स्थापित किया गया है
(i) राष्ट्रीय स्तर पर ‘राष्ट्रीय स्तरीय आयोगा
(ii) राज्य तर पर ‘राज्य स्तरीय आयोगा
(iii) जिला स्तर पर जिला मंच’ (फोरम)।
न्यायिक व्यवस्था उपभोक्ताओं के लिए बहुत ही उपयोगी एवं व्यवहारिक है।

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Bihar Board Class 10 Economics उपभोक्ता जागरण एवं संरक्षण Notes

  • समाज का प्रत्येक व्यक्ति एक उपभोक्ता है तथा इसमें बच्चे, बूढ़े आदि सभी शामिल है।
  • उपभोक्ता जागरूकता आंदोलनसर्वप्रथम इंग्लैंड में प्रारंभ हुआ।
  • उपभोक्ता अधिकारों की घोषणा सर्वप्रथम 1962 में संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई।
  • 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस’ के रूप में मनाते हैं।
  • शेल्फ नादर उपभोक्ता आंदोलन के प्रवर्तक माने जाते हैं।
  • भारत में उपभोक्ता आंदोलन का उदय व्यापारियों के अनुचित व्यवसाय व्यवहार के कारण हुआ।
  • उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए भारत सरकार ने 1986 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पारित किया है।
  • सरकार ने जागो ग्राहक, जागो’ के नारे से उपभोक्ता जागरण के लिए एक व्यापक प्रचार प्रसार अभियान आरंभ किया है।.
  • सूचना का अभाव उपभोक्ता शोषण का एक प्रमुख कारण है।
  • सुरक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार तथा चयन का अधिकार उपभोक्ताओं के कुछ प्रमुख अधिकार है।
  • उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने तीन प्रकार के उपाय कानूनी प्रशासनिक एवं तकनीकी अपनाए हैं।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 उपभोक्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने का एक कानूनी
  • उपाय है तथा इसके अंतर्गत दंड देने के स्थान पर उपभोक्ताओं की क्षतिपूर्ति की व्यवस्था की गई है।
  • अधिनियम में राष्ट्र, राज्य एवं जिला स्तर पर एक त्रिस्तरीय न्यायिक तंत्र स्थापित करने का प्रावधान है।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली की स्थापना उपभोक्ता संरक्षण के लिए अपनाया गया एक प्रशासनिक उपाय है।
  • उपभोक्ताओं की हितों की रक्षा के लिए उत्पादों का मानकीकरण एक तकनीकी उपाय है।
  • भारतीय मानक ब्यूरों हमारे देश की प्रमुख मानकीकरण संस्था है।
  • राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्थापना 1993 में हुई।
  • 24 दिसंबर भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • भी भारत में करीब 700 गैर-सरकारी उपभोक्ता संगठन है।
  • ग्राहकों के पास रसीद नहीं होने से उपभोक्ता के लिए प्रमाण एकत्र करना कठिन हो जाता है।