Bihar Board Class 10 Social Science Solutions Geography भूगोल : भारत : संसाधन एवं उपयोग Chapter 1E शक्ति (ऊर्जा) संसाधन Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.
BSEB Bihar Board Class 10 Social Science Geography Solutions Chapter 1E शक्ति (ऊर्जा) संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography शक्ति (ऊर्जा) संसाधन Text Book Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
Bihar Board Class 10 Geography Solutions प्रश्न 1.
किस राज्य में खनिज तेल को विशाल भंडार स्थित है ?
(क) असम
(ख) राजस्थान
(ग) बिहार
(घ) तमिलनाडु
उत्तर-
(क) असम
Class 10 Geography Bihar Board प्रश्न 2.
भारत के किस स्थान पर पहला परमाणु ऊर्जा स्टेशन स्थापित किया गया था ?
(क) कलपक्कम
(ख) नरोरा
(ग) राणाप्रताप सागर
(घ) तारापुर
उत्तर-
(घ) तारापुर
Bihar Board Class 10th Geography Solution प्रश्न 3.
कौन-सा ऊर्जा स्रोत अनवीकरणीय है ?
(क) जल
(ख) सौर
(ग) कोयला
(घ) पवन
उत्तर-
(ग) कोयला
Bihar Board Class 10 Social Science Solution प्रश्न 4.
प्राथमिक ऊर्जा का उदाहरण नहीं है
(क) कोयला
(ख) विद्युत
(ग) पेट्रोलियम
(घ) प्राकृतिक गैस
उत्तर-
(ख) विद्युत
Bihar Board Solution Class 10 Social Science प्रश्न 5.
ऊर्जा का गैर-पारम्परिक स्रोत है
(क) कोयला
(ख) विद्युत
(ग) पेट्रोलियम
(घ) सौर-ऊर्जा
उत्तर-
(घ) सौर-ऊर्जा
Geography Class 10 Bihar Board प्रश्न 6.
गोण्डवाना समूह के कोयले का निर्माण हुआ था
(क) 20 करोड़ वर्ष पूर्व
(ख) 20 लाख वर्ष पूर्व
(ग) 20 हजार वर्ष पूर्व
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(क) 20 करोड़ वर्ष पूर्व
Bihar Board Class 10th Social Science Solution प्रश्न 7.
भारत में कोयले का सर्वप्रमुख उत्पादक राज्य है
(क) पश्चिम बंगाल
(ख) झारखण्ड
(ग) उड़ीसा
(घ) छत्तीसगढ़
उत्तर-
(ख) झारखण्ड
Bihar Board Class 10 History Notes In Hindi प्रश्न 8.
सर्वोत्तम कोयले का प्रकार कौन-सा है ?
(क) एन्थ्रासाइट
(ख) पीट
(ग) लिग्नाइट
(घ) बिटुमिनस
उत्तर-
(क) एन्थ्रासाइट
Bihar Board Class 10 History Solution प्रश्न 9.
मुम्बई हाई क्यों प्रसिद्ध है?
(क) कोयले के निर्यात हेतु
(ख) तेल शोधक कारखाना हेतु
(ग) खनिज तेल हेतु
(घ) परमाणु शक्ति हेतु
उत्तर-
(ग) खनिज तेल हेतु
History Class 10 Bihar Board प्रश्न 10.
भारत का प्रथम तेल शोधक कारखाना कहाँ स्थित है?
(क) मथुरा
(ख) बरौनी
(ग) डिगबोई
(घ) गुवाहाटी
उत्तर-
(ग) डिगबोई
Bihar Board Class 10 History Notes Pdf प्रश्न 11.
प्राकृतिक गैस किस खनिज के साथ पाया जाता है?
(क) यूरेनियम
(ख) पेट्रोलियम
(ग) चूना पत्थर
(घ) कोयला
उत्तर-
(ख) पेट्रोलियम
Bihar Board Class 10 Sst Solution प्रश्न 12.
भाखड़ा नंगल परियोजना किस नदी पर अवस्थित है ?
(क) नर्मदा
(ख) झेलम
(ग) सतलज
(घ) व्यास
उत्तर-
(ग) सतलज
Bihar Board Class 10 History Book Solution प्रश्न 13.
दक्षिण भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना है।
(क) तुंगभद्रा
(ख) शारवती
(ग) चंबल
(घ) हिराकुण्ड
उत्तर-
(क) तुंगभद्रा
Class 10th Social Science Bihar Board प्रश्न 14.
ताप विद्युत केन्द्र का उदाहरण है
(क) गया
(ख) बरौनी
(ग) समस्तीपुर
(घ) कटिहार
उत्तर-
(ख) बरौनी
प्रश्न 15.
यूरेनियम का प्रमुख उत्पादक स्थल है
(क) डिगबोई
(ख) झरिया
(ग) घाटशिला
(घ) जादूगोड़ा
उत्तर-
(घ) जादूगोड़ा
प्रश्न 16.
एशिया का सबसे बड़ा परमाणु विद्युत-गृह है।
(क) तारापुर
(ख) कलपक्कम
(ग) नरौरा
(घ) कैगा
उत्तर-
(क) तारापुर
प्रश्न 17.
भारत के किस राज्य में सौर-ऊर्जा के विकास की सर्वाधिक संभावनाएं हैं ?
(क) असम
(ख) अरुणाचलप्रदेश
(ग) राजस्थान
(घ) मेघालय
उत्तर-
(ग) राजस्थान
प्रश्न 18.
ज्वारीय एवं तरंग ऊर्जा उत्पादन हेतु भारत में अधिक अनुकूल परिस्थितियाँ कहाँ पाई जाती हैं ?
(क) मन्नार की खाड़ी में
(ख) खम्भात की खाड़ी में
(ग) गंगा नदी में
(घ) कोसी नदी में
उत्तर-
(ख) खम्भात की खाड़ी में
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
पारम्परिक एवं गैर-पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों के तीन-तीन उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
पारम्परिक ऊर्जा स्रोत कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, लकड़ी इत्यादि।
गैर-पारम्परिक ऊर्जा स्रोत–बायो गैस, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा ज्वारीय ऊर्जा एवं तरंग ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा एवं जैव ऊर्जा।
प्रश्न 2.
गोण्डवाना समूह के कोयला क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर-
(i) दामोदर घाटी (ii) सोन घाटी (iii) महानदी घाटी (iv) वर्धा-गोदावरी घाटी।
प्रश्न 3.
झारखण्ड राज्य के मुख्य कोयला उत्पादक क्षेत्रों के नाम अंकित कीजिए।
उत्तर-
झरिया, बोकारो, गिरीडीह, कर्णपुरा, रामगढ़।
प्रश्न 4.
कोयले के विभिन्न प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर-
(i) ऐंथासाइट (ii) बिटुमिनस (iii) लिग्नाइट (iv) पीट।
प्रश्न 5.
पेट्रोलियम से किन-किन वस्तुओं का निर्माण होता है ?
उत्तर-
गैसोलीन, डीजल, किरासन, तेल, स्नेहक, कीटनाशक दवाएँ, पेट्रोल, साबुन, कृत्रिम रेशा, प्लास्टिक आदि।
प्रश्न 6.
सागर सम्राट क्या है ?
उत्तर-
यह एक जलयान है जो पानी के भीतर तेल के कुएँ खोदने का कार्य करता है।
प्रश्न 7.
किन्हीं चार तेल शोधक कारखाने का स्थान निर्दिष्ट कीजिए।
उत्तर-
असम का डिग्बोई, मुम्बई का तारापुर, बिहार का बरौनी, उत्तर प्रदेश का मथुरा।
प्रश्न 8.
जल विद्युत उत्पादन के कौर-कौन से मुख्य कारक हैं ?
उत्तर-
- नदी में प्रचुर जल की राशि
- नदी मार्ग में ढाल
- जल का तीव्र वेग
- प्राकृतिक जल-प्रपात का होना
- सघन औद्योगिक, वाणिज्यिक एवं आबाद क्षेत्रों जैसा
- ऊर्जा के अन्य स्रोतों का अभाव
- प्रौद्योगिकी ज्ञान।
प्रश्न 9.
नदी घाटी परियोजनाओं को बहु-उद्देशीय क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
क्योंकि इससे एक साथ कई उद्देश्यों की पूर्ति होती है, जैसे-
- सिंचाई के साथ पनबिजली उत्पन्न करना।
- बाढ़ का नियंत्रण।
- मृदा अपरदन का नियंत्रण।
- मत्स्य पालन।
- पर्यटक स्थल का विकास।
- नहर निर्माण द्वारा यातायात की सुविधा का विकास।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित नदी घाटी परियोजनाएँ किन-किन राज्यों में अवस्थित हैं हीराकुण्ड, तुंगभद्रा एवं रिहन्द।
उत्तर-
हीराकुण्ड – उड़ीसा में
तुंगभद्रा – आंध्रप्रदेश में
रिहन्द – उत्तर प्रदेश में
प्रश्न 11.
ताप शक्ति क्यों समाप्य संसाधन है ?
उत्तर-
ताप शक्ति संयंत्रों में तापीय विद्युत का उत्पादन करने के लिए कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस का उपयोग होता है। इन सभी का भंडार सीमित है जो समाप्त हो जायेंगे अतः इसे
समाप्य संसाधन कहा जाता है।
प्रश्न 12.
परमाणु शक्ति किन-किन खनिजों से प्राप्त होता है ?
उत्तर-
इल्मेनाइट, बेनेडियम, एंटीमनी, ग्रेफाइट, यूरेनियम इत्यादि।
प्रश्न 13.
मोनाजाइट भारत में कहाँ-कहाँ उपलब्ध है?
उत्तर-
भारत में मोनाजाइट केरल राज्यों में प्रचुरता से पाया जाता है। इसके अतिरिक्त, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा राज्यों के तटीय क्षेत्रों में यह पाया जाता है।
प्रश्न 14.
सौर ऊर्जा का उत्पादन कैसे होता है?
उत्तर-
जब फोटोवोल्टाइक सेलों में विणाषित सूर्य की किरणों को ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है तो सौर ऊर्जा का उत्पादन होता है।
प्रश्न 15.
भारत के किन-किन क्षेत्रों में पवन ऊर्जा के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ हैं ?
उत्तर-
पवन ऊर्जा के लिए राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में अनुकूल परिस्थितियाँ। विद्यमान हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
शक्ति संसाधन का वर्गीकरण विभिन्न आधारों के अनुसार सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
शक्ति संसाधनों का वर्गीकरण निम्नलिखित हैं
1. उपयोग स्तर के आधार पर-
(a) सतत शक्ति- सौर किरणें, भूमिगत ऊष्मा, पवन, प्रवाहित जल इत्यादि।
(b) समापनीय शक्ति-कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस इत्यादि।
2. उपयोगिता के आधार पर
(a) प्राथमिक ऊर्जा- कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं रेडियोधर्मी खनिज।
(b) गौण ऊर्जा-विद्युत।
3. स्रोत की स्थिति के आधार पर
(a) क्षयशील- कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा आण्विक खनिज।
(b) अक्षयशील-प्रवाही जल, पवन, लहरें, सौर शक्ति इत्यादि।
4. संरचनात्मक गुणों के आधार पर
(a) जैविक ऊर्जा-मानव एवं अन्य प्राणी।
(b) अजैविके ऊर्जा- जल शक्ति, पवन शक्ति, सौर शक्ति तथा ईंधन शक्ति।
5. समय के आधार पर
(a) पारम्परिक-कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैसा
(b) गैर-पारम्परिक-सूर्य, पवन, ज्वार, परमाणु ऊर्जा, गर्म झरने इत्यादि।
प्रश्न 2.
भारत में पारम्परिक शक्ति के विभिन्न स्रोतों का विवरण दें।
उत्तर-
पारम्परिक शक्ति स्रोत के अन्तर्गत कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस सम्मिलित हैं।
कोयला – यह शक्ति और ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत है। जनवरी 2008 तक भारत में 1200 मीटर की गहराई तक पाये जानेवाले कोयले का कुल अनुमानित भण्डार 26454 करोड़ टन आँका गया था।
भारत में 96 प्रतिशत गोंडवाना समूह का और 4 प्रतिशत टर्शियरी समूह का कोयला पाया जाता है।
पेट्रोलियम – शक्ति के समस्त साधनों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं व्यापक रूप से उपयोगी संसाधन पेट्रोलियम ही है। आधुनिक युग में कोई भी राष्ट्र इसके बिना अपने अस्तित्व को कायम नहीं रख सकता है। शक्ति स्रोत के साथ-साथ अनेक उद्योग का कच्चा माल भी इससे प्राप्त होता है। इ. गैसोलीन, डीजल, किरासन तेल, स्नेहक, कीटनाशक दवाएँ, पेट्रोल, साबुन, कृत्रिम रेशा, लास्टिक इत्यादि बनाये जाते हैं। भारत विश्व का मात्र एक प्रतिशत पेट्रोलियम पैदा करता है। भारत थम बार 1866 में ऊपरी असम घाटी में तेल के कुएँ खोदे गये।
प्राकृतिक गैस – यह हमारे वर्तमान जीवन में बड़ी तेजी से एक महत्वपूर्ण ईंधन बनती जा । इसका उपयोग विभिन्न उद्योगों में मशीन को चलाने में, विद्युत उत्पादन में, खाना पकाने मोटर गाड़ियां चलाने में किया जा रहा है।
भारत में एक अनुमान के अनुसार प्राकृतिक गैस की संचित मात्रा 700 अरब घन मीटर है। “y: में प्राकृतिक गैस प्राधिकरण की स्थापना देश की प्राकृतिक गैसों के परिवहन, वितरण एवं विपणन हेतु किया गया जो 5340 किलोमीटर गैस पाइप लाइन द्वारा देश भर में फैले उपभोक्ताओं की आवश्यकता पूर्ति करता है।
प्रश्न 3.
गोंडवाना काल के कोयले का भारत में वितरण पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
गोंडवाना समूह में भारत के 96 प्रतिशत कोयले का भण्डार है जो कुल उत्पादन का प्रतिशत भाग उपलब्ध कराता है। यहाँ के कोयले का निर्माण 20 करोड़ वर्ष पूर्व में हुआ था। गंडवाना कोयला क्षेत्र मुख्यतः चार नदी घाटियों में पाये जाते हैं-
(i) दामोदर घाटी क्षेत्र (ii) सोन नदी घाटी क्षेत्र (ii) महानदी घाटी क्षेत्र (iv) वर्धा-गोदावरी बाटो क्षेत्र।
गोंडवाना काल का कोयला निम्न राज्यों में पाया जाता है
झारखण्ड-कोयले के भण्डार एवं उत्पादन की दृष्टि से यह देश का पहला राज्य है। यहाँ के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं-झरिया, बोकारो, गिरिडीह, कर्णपुरा, रामगढ़ इत्यादि।
छत्तीसगढ़- यह भारत का दूसरा कोयला उत्पादक राज्य है। यहाँ का उत्पादक क्षेत्र है चिरिमिरी, कुरसिया, विश्रामपुर, झिलमिली, सोनहाट, लखनपुर, हासदो-अरंड, कोरबा एवं मांड-रायगढ़ इत्यादि।
उड़ीसा-यहाँ देश का एक चौथाई कोयले का भण्डार है। यहाँ का मुख्य उत्पादक क्षेत्र है तालचर।
महाराष्ट्र-यहाँ 3% कोयला सुरक्षित है। यहाँ के मुख्य क्षेत्र–चाँदा-वर्धा, कांपटी तथा बंदेर हैं।
मध्यप्रदेश- यहाँ देश का 7% कोयला है। सिंगरौली, सोहागपुर, जोहिल्ला, उमरिया, सतपुड़ा क्षे. यादि.मुख्य उत्पादक क्षेत्र हैं।
पश्चिम बंगाल- यह देश का सुरक्षित भण्डार की दृष्टि से चौथा एवं उत्पादन में गवां राज्य है। रानीगंज यहाँ का मुख्य उत्पादक क्षेत्र है।
प्रश्न 4.
कोयले का वर्गीकरण कर उनकी विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर-
कोयले को निम्नलिखित चार भागों में बांटा गया है-
- एंथासाइट- यह सर्वोच्च कोटि का कोयला है, जिसमें कार्बन की मात्रा 90% से अधिक है। यह जलने पर धुआँ नहीं देता और देर तक अत्यधिक ऊष्मा देता है। इसे कोकिंग कोल भी कहा गया है तथा धातु गलाने के काम आता है।
- बिटुमिनस- इसमें कार्बन की मात्रा 70-90% होती है। इसे परिष्कृत कर कोकिंग कोल बनाया जा सकता है। भारत का अधिकतर कोयला इसी प्रकार का है।
- लिग्नाइट- इसमें कार्बन की मात्रा 30-70% होती है यह धुआँ अधिक और ऊष्मा कम देता है। इसे भूरा कोयला भी कहते हैं।
- पीट- इसमें 30% से कम कार्बन पाया जाता है। यह दलदली क्षेत्र में पा
प्रश्न 5.
भारत में खनिज तेल के वितरण का वर्णन करें।
उत्तर-
भारत में मुख्यतः पाँच खनिज तेल उत्पादक क्षेत्र हैं –
- उत्तर- पूर्वी क्षेत्र- यह देश का सबसे पुराना तेल उत्पादक क्षेत्र है। इसके अन्तर्गत ऊपरी असम घाटी, अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड आदि का विशाल तेलक्षेत्र आता है।
- गुजरात क्षेत्र- यह खम्भात के बेसिन एवं गुजरात के मैदान में विस्तृत है। यहाँ पहली बार 1958 में तेल का पता चला था। इसके मुख्य उत्पादक अंकलेश्वर, कलोल, नवगाँव, कोसांवा, मेहसाना इत्यादि हैं।
- मुम्बई हाई क्षेत्र- यह मुम्बई तट से 176 किमी दूर उत्तर-पश्चिम दिशा में अरबसागर में है। यहाँ 1975 से तेल खोजने का कार्य शुरू हुआ।
- पूर्वी तट क्षेत्र- यह कृष्णा-गोदावरी और कावेरी नदियों की श्रेणियों में फैला हुआ है।
- बाड़मेर बेसिन- इस बेसिन के मंगला क्षेत्र में सितम्बर 2009 से उत्पादन शुरू हुआ। 2012 तक यह भारत का 20% पेट्रोलियम उत्पन्न करेगा।
प्रश्न 6.
जल विद्युत उत्पादन हेतु अनुकूल भौगोलिक एवं आर्थिक कारकों की विवेचना करें।
उत्तर-
जल विद्युत उत्पादन हेतु अनुकूल भौगोलिक दशाएँ निम्न हैं-
- सन्दावाहिनी नदी में प्रचुर जल की राशि।
- नदी मार्ग में ढाल
- जल का तीव्र वेग
- प्राकृतिक जलप्रपात का होना।
अनुकूल आर्थिक दशाएं निम्न हैं-
- सघन औद्योगिक एवं वाणिज्यिक एवं आबाद क्षेत्र
- पर्याप्त पूँजी निवेश
- परिवहन के साधन
- प्रौद्योगिकी का ज्ञान
- ऊर्जा के अन्य साधनों का अभाव।
प्रश्न 7.
संक्षिप्त भौगोलिक टिप्पणी लिखें-भाखड़ा-नंगल परियोजना, दामोदर घाटी परियोजना, कोसी परियोजना, हीराकुण्ड परियोजना, रिहन्द परियोजना और तुंगभद्रा परियोजना।
उत्तर-
(i) भाखड़ा-नंगल परियोजना- सतलज नदी पर हिमालय प्रदेश में विश्व के सर्वोच्च बाँधों में एक भाखड़ा बांध की ऊंचाई 225 मीटर है। यह भारत की सबसे बड़ी परियोजना है। जहाँ चार शक्ति गृह एक भाखड़ा में, दो गंगुवाल में और एक कोटला में स्थापित होकर 7 लाख किलोवाट विद्युत उत्पन्न कर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरांचल, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान तथा जम्मू व कश्मीर राज्यों के कृषि एवं उद्योगों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है।
(ii) दामोदर घाटी परियोजना- यह परियोजना दामोदर नदी के भयंकर बाढ़ से झारखण्ड एवं पश्चिम बंगाल को बचाने के साथ-साथ तलैया, मैथन, कोनर और पंचेत पहाड़ी में बाँध बनाकर 1300 मेगावाट जलविद्युत उत्पन्न करने में सहायक है। इसका लाभ बिहार, झारखण्ड एवं प. बंगाल को प्राप्त है।
(ii) कोसी परियोजना- उत्तर बिहार का अभिशाप कोसी नदी पर हनुमाननगर (नेपाल) में बाँध बनाकर 20000 किलोवाट बिजली उत्पन्न किया जा रहा है। जिसकी आधी बिजली नेपाल को तथा शेष बिहार को प्राप्त होती है।
(iv) रिहन्द परियोजना-सोन की सहायक नदी पर रिहन्द उत्तरप्रदेश में 934 मी. लम्बा बाँध और कृत्रिम झील ‘गोविन्द बल्लभ पंत सागर’ का निर्माण कर बिजली उत्पादित की जाती है। इस योजना से 30 लाख किलोवाट विद्युत उत्पादन करने की क्षमता है। यहाँ की बिजली का उपयोग रेणुकूट के अल्युमिनियम उद्योग, चुर्क के सीमेंट उद्योग, मध्य भारत के रेल मार्गों का विद्युतिकरण तथा हजारों नलकूपों के लिए किया जाता है।
(v) हीराकुण्ड परियोजना- महानदी पर विश्व का सबसे लम्बा बाँध (4801) मी. बनाकर 2.7 लाख किलोवाट बिजली उत्पन्न होता है। इससे उड़ीसा एवं आस-पास के कृषि क्षेत्र एवं उद्योग में उपयोग किया जाता है।
(vi) तंगभद्रा परियोजना- यह कृष्णा नदी की सहायक नदी तुंगभद्रा पर आंध्रप्रदेश में स्थित दक्षिण भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना है जो कर्नाटक एवं आंध्रप्रदेश के सहयोग से तैयार हुई है। इसकी बिजली उत्पादन क्षमता 1 लाख किलोवाट है जो सिंचाई के साथ-साथ सैकड़ों छोटे-बड़े उद्योगों को बिजली आपूर्ति करता है।
प्रश्न 8.
भारत के किन्हीं चार परमाणु विद्युत गृह का उल्लेख कीजिए तथा उनकी विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
देश के चार परमाणु विद्युत गृह निम्न हैं-
- तासरापुर परमाणु विद्यत गह यह एशिया का सबसे बड़ा परमाणु विद्युत गृह है। यहाँ जल उबालने वाली दो परमाणु भट्ठियाँ हैं जिनमें प्रत्येक की उत्पादन क्षमता 200 मेगावाट से अधिक है। अब यहाँ यूरेनियम के स्थान पर प्लूटोनियम बनाकर विद्युत उत्पन्न किए जा रहे हैं, क्योंकि भारत थोरियम के भण्डार में काफी समृद्ध है।
- कलपक्कम परमाण विद्यत गह-तमिलनाडु में स्थित यह परमाणुगृह स्वदेशी प्रयास से बना है। यहाँ 355 मेगावाट के दो रिएक्टर क्रमश: 1983 एवं 1985 में कार्य करना शुरू कर चुके हैं।
- नरौरा परमाण विद्यत गह- यह उत्तर प्रदेश के बुलंद शहर के पास स्थित है। यहाँ भी 235 मेगावाट के दो रिएक्टर हैं।
- ककरापास परमाणु गह- गुजरात राज्य में समुद्र के किनारे स्थित इस परमाणु गृह में 1992 से विद्युत उत्पादन प्रारम्भ हुआ है।
प्रश्न 9.
संक्षिप्त भौगोलिक टिप्पणी लिखें- सौर-ऊर्जा, पवन ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, बायो गैस एवं ज्वारीय ऊर्जा।
उत्तर-
सौर ऊर्जा-जब फोटोवोल्टाइक सेलों में विपरित सूर्य की किरणों को ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है, तो सौर ऊर्जा का उत्पादन होता है। यह कम लागत वाला पर्यावरण के अनुकूल तथा निर्माण में आसान होने के कारण अन्य ऊर्जा के स्रोतों की अपेक्षा ज्यादा लाभदायक है। यह सामान्यतः हीटरों, कूलर्स, प्रकाश आदि उपकरणों में अधिक उपयोग की जाती है। भारत के पश्चिमी भाग गुजरात, राजस्थान में सौर ऊर्जा की अधिक संभावनाएँ हैं।
पवन ऊर्जा- पवन ऊर्जा पवन चक्कियों की सहायता से प्राप्त की जाती है। पवन चक्की पवन की गति से चलती है और टरबाईन को चलाती है। इससे गतिज ऊर्जा को विद्युत में बदला जाता है। भारत विश्व का सबसे बड़ा पवन ऊर्जा उत्पादक देश है। यहाँ ऊर्जा के स्रोत के रूप में स्थानीय पवनों, स्थलीय एवं समुद्री समीरों को भी विद्युत उत्पादन में प्रयोग किया जा सकता है। पवन ऊर्जा के लिए राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में अनुकूल परिस्थितियाँ विद्यमान हैं। दूसरा बड़ा संयंत्र तमिलनाडु के तूतीकरिन में स्थित है।
ज्वारीय ऊर्जा-समुद्री ज्वार तथा तरंग में जल गतिशील रहता है। अतः इसमें अपार ऊर्जा रहती है। अनुमान है कि भारत में 8000-9000 मेगावाट संभाव्य ज्वारीय एवं तरंग ऊर्जा है। खम्भात की खाड़ी से 7000 मेगावाट ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है। इसके बाद कच्छ की खाड़ी (1000 मेगावाट) तथा सुन्दरवन (100 मेगावाट) का स्थान है।
भतापीय ऊर्जा- यह ऊर्जा पृथ्वी के उच्च ताप से प्राप्त की जाती है। जब भूगर्भ से मैग्मा निकलता है तो अपार ऊर्जा निर्मुक्त होती है। गीजर कुपों से निकलने वाले गर्म जल तथा गर्म झरनों से भी शक्ति प्राप्त की जाती है। हिमाचल प्रदेश के मनीकरण में भूतापीय ऊर्जा संयंत्र स्थापित है तथा दूसरा लद्दाख के दुर्गाघाटी में स्थित है।
बायोगैस एवं जैव ऊर्जा – ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि अपशिष्ट, पशुओं और मानव जनित अपशिष्ट के उपयोग से घरेलू उपयोग हेतु बायोगैस उत्पन्न की जाती है। पशुओं के गोबर से गैस तैयार करने वाले संयंत्र को भारत में गोबर गैस प्लांट के नाम से जाना जाता है। इससे किसानों को ऊर्जा तथा उर्वरक की प्राप्ति होती है। जैविक पदार्थों से प्राप्त होनेवाली ऊर्जा को जैविक ऊर्जा कहते हैं। कृषि अवशेष, नगर पालिका, औद्योगिक एवं अन्य अपशिष्ट पदार्थ जैविक पदार्थों के उदाहरण हैं। इसे विद्युत ऊर्जा, ताप ऊर्जा या खाना पकाने के लिए गैस में परिवर्तित किया जा सकता है। कचरे को ऊर्जा में बदलने की एक परियोजना दिल्ली के ओखला में शुरू की गई है।
प्रश्न 10.
शक्ति संसाधनों के संरक्षण हेतु कौन-कौन से कदम उठाये जा सकते हैं ? आप उसमें कैसे मदद पहुंचा सकते हैं?
उत्तर-
ऊर्जा संकट एक विश्व-व्यापी समस्या का रूप ले चुका है। इसके समाधान के निम्न उपाए किए जा रहे हैं-
(i) ऊर्जा के प्रयोग में मितव्ययिता ऊर्जा संकट से बचने के लिए प्रथमतः ऊर्जा के उपयोग में मितव्ययिता बरती जाया इसके लिए तकनीकी विकास आवश्यक है। अनावश्यक बिजली का उपयोग रोककर हम ऊर्जा की एक बड़ी मात्रा की बचत कर सकते हैं।
(ii) ऊर्जा के नवीन क्षेत्रों की खोज- ऊर्जा संकट समाधान की दिशा में परम्परागत ऊर्जा के नये क्षेत्रों का अन्वेशन किया जाय। इस दिशा में भारत में 1970 के बाद काफी तेजी आई है तथा अनेक नये-नये पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस के भण्डार का पता लगाया जा चुका है। अरब-सागर, कृष्णा-गोदावरी क्षेत्र, राजस्थान क्षेत्र आदि में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस दे स्रोत प्राप्त हुए हैं।
(iii) ऊर्जा के नवीन वैकल्पिक साधनों का उपयोग- वैकल्पिक ऊर्जा में पारम्परिक एवं गैर-पारम्परिक दोनों ही ऊर्जा सम्मिलित हैं। इनमें से कुछ तो सतत् नवीकरणीय हैं तो कुछ समापनीय हैं। आज वैकल्पिक ऊर्जा में जल विद्युत, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, जैव ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा आदि का विकास कर उपयोग करना शक्ति के संसाधनों को संरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। जीवाश्म ऊर्जा के अत्यधिक उपयोग से प्रदूषण, स्वास्थ्य एवं जलवायु परिवर्तन की आशंका प्रबल हो गई है।
(iv) अंतर्राष्टीय सहयोग – ऊर्जा संकट से बचने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है। विश्व के सभी राष्ट्र ऊर्जा संकट के समाधान हेतु सहमति से नीति निर्धारण करें।
इस संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र आर्गनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक स्पोर्टिंग कन्ट्रीज विश्व व्यापार संगठन, दक्षिण एशियाई 8 देशों का संगठन (जी-8) जैसे संगठन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते
इन सब के अलावे मैं अपने क्रियाकलाप में परिवर्तन कर इसमें सहायता कर सकता हूँ जैसे-
- बिजली के बल्बों एवं अन्य उपकरणों का आवश्यकतानुसार प्रयोग करा
- स्वचालित वाहनों के बजाय पैदल चलकर या साइकिल का अधिक उपयोग कर।
- गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, बायोगैस इत्यादि का उपयोग कर।
- लोगों को इस संबंध में अपनी क्षमतानुसार जागरूक कर।
मानचित्र कार्य
भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित को दिखाइए और उनके नाम लिखिये :
प्रश्न 1.
कोयला खदानें : घरिया, बोकारो, रानीगंज, कोरबा, तालचर, सिंगरेनी एवं नेवेली।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2.
तेल क्षेत्र : डिगबोई, कलोल, अंकलेश्वर, बसीन, मुम्बई हाई।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 3.
तेलशोधक कारखाने : भटिंडा, पानीपत, मथुरा, जामनगर, मंगलौ, तातीपाका, हल्दिया, गुवाहाटी, बरौनी
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 4.
परमाणु शक्ति केन्द्र : कैगा कालपक्कम, रावती तट, नरौरा, काकरापारा, तारापुर।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
Bihar Board Class 10 Geography शक्ति (ऊर्जा) संसाधन Additional Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
भारत में विद्युत की सबसे अधिक खपत किसमें होती है ?
(क) घरेलू कामों में
(ख) व्यापारिक कामों में
(ग) उद्योगों में
(घ) कृषि में
उत्तर-
(ग) उद्योगों में
प्रश्न 2.
भारत में खनिज तेल का वार्षिक उत्पादन कितना हो रहा है ?
(क) 72 लाख टन
(ख) 7 करोड़ टन
(ग) 3 करोड़ टन
(घ) 9 करोड़ टन
उत्तर-
(ग) 3 करोड़ टन
प्रश्न 3.
पेट्रोलियम किन चट्टानों में मिलता है ?
(क) आग्नेय में
(ख) परतदार में
(ग) रूपांतरित में
(घ) प्रत्येक में
उत्तर-
(ख) परतदार में
प्रश्न 4.
इनमें कहाँ प्राकृतिक गैस के भण्डार मिले हैं ?
(क) छत्तीसगढ़
(ख) कर्नाटक
(ग) त्रिपुरा
(घ) मध्य प्रदेश
उत्तर-
(ग) त्रिपुरा
प्रश्न 5.
भारत में ऊर्जा का प्रमुख स्रोत कौन-सा है ?
(क) कोयला
(ख) पेट्रोलियम
(ग) प्राकृतिक गैस
(घ) जल विद्युत
उत्तर-
(क) कोयला
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
भारत में सबसे बड़ा ऊर्जा संसाधन-कौन है ?
उत्तर-
भारत में सबसे बड़ा ऊर्जा संसाधन कोयला है।
प्रश्न 2.
ग्रेफाइट किस पदार्थ का एक रूप है ?
उत्तर-
ग्रेफाइट कोयले का अपरूप (एक रूप) है।
प्रश्न 3.
पेट्रोलियम की खोज पेनसिलवेनिया में किस व्यक्ति ने की थी?
उत्तर-
1948 ई में सैमूएल एम कियर नामक व्यक्ति ने पेनसिलवेनिया में पेट्रोलियम की खोज की।
प्रश्न 4.
कैम्बे ग्रेवान क्षेत्र किस राज्य में स्थित है?
उत्तर-
कैम्बे ग्रेवान क्षेत्र गुजरात में स्थित है।
प्रश्न 5.
भारत में पहला जल-विद्युत केंद्र कहाँ और कब स्थापित किया गया था?
उत्तर-
भारत में प्रथम जल विद्युत केंद्र कर्नाटक के शिवसमुद्रम में, 1902 में स्थापित किया गया था।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
ऊर्जा संसाधन का क्या महत्व है?
उत्तर-
शक्ति ऊर्जा का साधन किसी भी देश के औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक है। शक्ति संसाधन किसी राष्ट्र के उत्थान, विकास तथा प्रभुत्व की कुंजी कहे जाते हैं। आर्थिक महत्त्व के साथ-साथ इनका राजनीतिक एवं सामरिक महत्त्व कम नहीं है। प्राकृतिक शक्ति के साधनों में कोयला, खनिज तेल, जल-शक्ति आदि प्रमुख हैं।
प्रश्न 2.
ऊर्जा संकट दूर करने के लिए ऊर्जा के किन स्रोतों को विकसित करने की आवश्यकता है ? इसके लिए कौन-से प्रयल चल रहे हैं ?
उत्तर-
ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों की मांग कृषि, उद्योग, परिवहन तथा दैनिक जीवन में बढ़ती जा रही है। अतः विद्युत का उत्पादन बढ़ाना आवश्यक हो गया है। इसके लिए ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोतों को विकसित करने की आवश्यकता है। इसके लिए आयोग बनाये गये हैं और गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोत विभाग स्थापित किए गए हैं। इस दिशा में अन्य ऊर्जा संसाधनों की खोज की जा रही है। इसमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, जैविक ऊर्जा तथा अवशिष्ट पदार्थ से उत्पन्न ऊर्जा को विकसित करने पर बल दिया जा रहा है। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में गोबर गैस प्लांट स्थापित कर ऊर्जा की प्राप्ति की जाती है। आजकल शहरों में भी सड़कों पर रोशनी के लिए बायोगैस का प्रयोग किया जा रहा है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
भारत में विभिन्न ऊर्जा संसाधन का सापेक्ष महत्व बताएँ।
उत्तर-
भारत में ऊर्जा के विभिन्न साधन पाये जाते हैं जिनका औद्योगिक और व्यावसायिक उपयोग अधिक है, साथ ही इन संसाधनों के उपयोग से आर्थिक विकास करने में भी सहायता मिलती है। इन संसाधनों का विभिन्न उपयोग होने के कारण ही इनका महत्व अधिक है।
ऊर्जा के विभिन्न संसाधनों के सापेक्षिक महत्व को निम्नलिखित ऊर्जा के संसाधनों के संदर्भ में विभिन्न विचार-बिंदुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है, जो निम्नलिखित हैं –
- कोयला- यह ऊर्जा का सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है। कोयले का उपयोग लोहा-इस्पात उद्योग में किया जाता है। शक्ति के साधन के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है। चूल्हा जलाने से लेकर समुद्री जहाज चलाने में भी इसका उपयोग होता है। अतः इसका महत्व बहुत अधिक है।
- खनिज तेल या पेट्रोलियम इसका उपयोग मोटरगाड़ियों के ईंधन के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग घरों में रोशनी उत्पन्न करने के लिए भी किया जाता है। अतः इसका बहुत अधिक महत्व है। महत्व बतायोगिक और मा सहायता
- प्राकृतिक गैस-यह ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत है। प्राकृतिक गैस जैसे ऑक्सीजन हमारे लिए वरदान है जिससे हम साँस लेते और जीवित रहते हैं। प्राकृतिक गैस जैसे L.P.G. का उपयोग हम अपने भोजन बनाने के लिए भी करते हैं। इसका उपयोग उद्योगों के कच्चे माल के रूप में भी किया जाता है। अतः इसका महत्व बहुत अधिक है। –
- परमाणु ऊर्जा- यह भी ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत है। इसका उपयोग रोशनी उत्पन्न – करने में किया जाता है। इसका उपयोग कर देश में उत्तम कोटि के कोयले और खनिज तेल की की जा सकती है। अतः इसका महत्व बहुत अधिक है।
- तापविद्युत ऊर्जा-यह भी ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत है। इसका उपयोग बिजली उत्पन्न करने में किया जाता है। अतः यह भी ऊर्जा का एक प्रमुख साधन है। अतः इसका बहुत अधिक महत्व है।
- जलविद्युत ऊर्जा-यह भी ऊर्जा का एक प्रमुख साधन है। इसका उपयोग भी बिजली को उत्पन्न करने में किया जाता है। इसके उपयोग से उद्योगों का विकेंद्रीकरण किया जा सकता है। अतः इसका बहुत अधिक महत्व है।
- पवन ऊर्जा-यह भी ऊर्जा का एक प्रमुख साधन है। इसका उपयोग पवन चक्की द्वारा भूमिगत जल निकालकर देहातों में सिंचाई की व्यवस्था करने के अलावा पवन से विद्युत भी उत्पन्न की जा सकती है। अतः इसका बहुत अधिक महत्व है।
- ज्वारीय ऊर्जा-यह भी ऊर्जा का एक प्रमुख साधन है। टरबाइन की सहायता से इससे बिजली उत्पन्न की जाती है। अतः इसका बहुत अधिक महत्व है।
- सौर ऊर्जा- यह भी ऊर्जा का एक प्रमुख साधन है। इसकी सहायता से असीम सौर ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है। इसका उपयोग हम अपना भोजन बनाने के रूप में भी करते हैं।अतः इसका बहुत अधिक महत्व है।
- भूतापीय ऊर्जा-यह भी ऊर्जा का एक प्रमुख साधन है। इसका उपयोग से हम अपने घरों के बिजली उपकरणों जैसे-फ्रीज, कूलर इत्यादि चलाने के रूप में कर सकते हैं। अत: इसका बहुत अधिक महत्व है।
- बायोगैस ऊर्जा—यह भी ऊर्जा उत्पन्न करने का एक प्रमुख साधन है। इसका उपयोग हम विद्युत उत्पादन में करते हैं। अतः इसका बहुत अधिक महत्व है।
- गोबर और मल-मूत्र से उत्पन्न ऊर्जा-यह भी ऊर्जा का एक प्रमुख साधन है। गोबर गैस संयंत्र लगाकर इससे गोरबगैस उत्पन्न की जा सकती है। इसका उपयोग अधिकतर गाँवों में : पेट्रोमैक्स के रूप में किया जाता है।
प्रश्न 2.
जल-विद्युत उत्पादन के लिए अनुकल भौगोलिक दशाएँ कौन-कौन हैं ? भारत के किन भागों में वे भौगोलिक दशाएं उपलब्ध हैं ?
उत्तर-
जल विद्युत उत्पादन के लिए अनुकूल भौगोलिक दशाएँ निम्नांकित हैं
- पर्याप्त वर्ष भर जलापूर्ति या जल का वर्ष भर बहाव मिलना
- पहाड़ी भूमि या जलप्रपात का होना
- विद्युत् की माँग अर्थात् खपत का व्यापक क्षेत्र
- तकनीकी ज्ञान
- पूँजी और दूसरे ऊर्जा के स्रोतों का कम मिलना।
भारत में ये सभी दशाएं उपलब्ध हैं। खासकर दक्षिण भारत में जहाँ कोयला और पेट्रोलियम का अभाव है। खनिजों में धनी प्रायद्वीपीय भास्त आर्थिक विकास के लिए सस्ती जल विद्युत् की मांग रखता है। भारत में जल विद्युत का पहला केन्द्र वहीं खुला, जो बाद में ग्रिड प्रणाली के द्वारा अधिक केन्द्र एक-दूसरे से जोड़ दिए गए हैं। ताकि दूर-दूर तक बिजली उपलब्ध करायी जा सके।
जल-विद्युत् अन्य शक्ति के साधनों से सस्ता पड़ता है। इसलिए दक्षिण भारत में जल विद्युत् से उद्योगों को बढ़ाने में बड़ी सहायता मिली है।
भारत की 60% संभावित जल शक्ति हिमाचल क्षेत्र में है जिसका आधा से अधिक भाग ब्रह्मपुत्र क्षेत्र और मणिपुर क्षेत्र में मिलता है। 20% जलशक्ति भारत की पश्चिम की ओर बहनेवाली नदियों से मिलती है।
Bihar Board Class 10 Geography शक्ति (ऊर्जा) संसाधन Notes
- शक्ति के साधनों का वास्तविक विकास 18वीं शताब्दी में औद्योगिक क्रांति के साथ शुरू हुआ।
- आज शक्ति अथवा ऊर्जा के स्रोत ही विकास एवं औद्योगिकीकरण का आधार है।
- कोयला, पेट्रोलियम प्राकृतिक गैस, जल विद्युत एवं आण्विक ऊर्जा स्रोतों को “वाणिज्य ऊर्जा स्रोत” कहा जाता है।
- कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस ऊर्जा के परंपरागत स्रोत हैं जबकि सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा ज्वारीय तथा तरंग ऊर्जा, बायोगैस एवं जैव ऊर्जा गैर-परंपरागत स्रोत हैं।
- गुजरात के कच्छ में ताम्बा का पवन ऊर्जा संयंत्र एशिया का सबसे बड़ा संयंत्र है।
- भाखड़ा-नंगल परियोजना भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना है।
- 1901 में भारत का प्रथम तेलशोधक कारखाना असम के डिग्बोई में स्थापित हुआ।
- तारापुर परमाणु विद्युत गृह एशिया का सबसे बड़ा परमाणु विद्युत गृह है।
- शक्ति के साधनों का वास्तविक विकास 18वीं शताब्दी में औद्योगिक क्रांति के साथ शुरू हुआ।
- आज शक्ति अथवा ऊर्जा के स्रोत ही साधन एवं औद्योगिकीकरण का आधार है।
- परम्परागत ऊर्जा के साधन – कोयला, पेट्रोलियम, जल विद्युत, प्राकृतिक गैस, परमाणु ऊर्जा हैं।
- गैर-परम्परागत ऊर्जा के साधन-पवन, सूर्य किरण, भूताप, समुद्री ज्वार, जैव पदार्थ हैं।
- जल विद्युत उद्योगों के विकेंद्रीकरण में सहायक है।
- जलशक्ति को शक्ति का स्थायी स्रोत माना जाता है।
- भारत के प्रमुख शक्ति एवं उत्पादक केंद्रों के नाम हैं
(i) तापीय शक्ति बोकारो, चंद्रपुरा, दुर्गापुर, कहलगाँव, बरौनी, कोरबा, सिंगरौली, रामागुंडम, फरक्का , तालचर, पतरातू, ओवरा, दादरी। (ii) जलविद्युत शक्ति तिलैया, मैथन, पंचेत, कोयना, इडिक्की, पायकारा, मेडुर, मसान जोर, शिवसमुद्रम, उकाई, गाँधी सागर, नागार्जुन सागर। (ii) परमाणु शक्ति–तारापुर, कोटा, कलपक्कम, नरोरा, कैगा। - भारत के प्रमुख कोयला क्षेत्र हैं-
- (i) गोंडवानाकालीन कोयला क्षेत्र-झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र!
(ii) टर्शियरीकालीन कोयला क्षेत्र असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु।