Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions
Bihar Board Class 11th Hindi व्याकरण सर्वनाम-पद
1. सर्वनाम-पद की परिभाषा देते हुए उसके भेदों पर सोदाहरण प्रकाश डालें।
किसी भी संज्ञा-पद के बदले में आनेवाले अथवा उसका प्रतिनिधित्व करनेवाले विकारी शब्द को सर्वनाम कहते हैं।
सर्वनाम के भेद-सर्वनाम के भेद सामान्यतया छह माने जाते हैं, जो निम्नलिखित हैं। इनमें प्रथम के तीन उपभेद माने गए हैं-
इन भेदों के कतिपय प्रायोगिक उदाहरण नीचे दिए जा रहे हैं-
- मैं कलकत्ता जा रहा हूँ (पुरुषवाचक)
- आप कब तक आ जाएंगे? (आदरवाचक)
- रिक्शावाला स्वयं आया था। (निजवाचक)
- वहाँ पर कौन आया था। (प्रश्नवाचक)
- जो जैसा करेगा सो वैसा पाएगा। (संबंधवाचक)
- वह वहाँ सोया है। (निश्चयवाचक)
- कुछ सुना क्या? (अनिश्चयवाचक)
2. ‘संज्ञा’ एवं ‘सर्वनाम’ पदों में क्या भेद है? सोदाहरण लिखें।
किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान अथवा भाव का, चाहे वह अनुभव किया गया हो या उसकी कल्पना की गई हो, ज्ञान करानेवाले विकारी शब्दों को संज्ञा कहते हैं। जैसे-
- राम, मोहन (व्यक्ति)
- कश्मीर, पंजाब (स्थान)
- सोना, चावल (वस्तु)
- दया, लज्जा, (भाव)
सामान्यतया वाक्य-समुदाय में सर्वप्रथम संज्ञा-पद का प्रयोग होता है एवं तत्पश्चात् उससे संबद्ध वाक्यों में उसका प्रतिनिधित्व करनेवाले किसी दूसरे, पर निश्चित, ‘विकारी’ शब्द का। इस प्रकार, आनेवाला विकारी शब्द सर्वनाम’ होता है। जैसे-
- राम आ रहा है। – वह दो लड़कों के साथ है।
- कश्मीर हमारा है। – वह हमारे देश का एक राज्य है।
- सोना कीमती वस्तु है। – इसकी हिफाजत करो।
- उसके हृदय में दया नहीं है। – वह हो भी कैसे!
उपर्युक्त पूर्ववर्ती वाक्यों में आए ‘राम’, ‘कश्मीर’, ‘सोना’ एवं ‘दया’ का उत्तरवर्ती वाक्यों में ‘वह’, ‘वह’, ‘इसकी’ एवं ‘वह’ विकारी शब्दों द्वारा प्रतिनिधित्व हो रहा है। अतः ये सभी प्रतिनिधित्व करनेवाली पद ‘सर्वनाम’ हैं।