Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 7 तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 7 तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप

Bihar Board Class 12 Geography तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप Textbook Questions and Answers

(क) नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए:

चतुर्थक सेवाओं का वर्णन कीजिए Bihar Board Class 12 Geography प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन-सा एक तृतीयक क्रियाकलाप है?
(क) खेती
(ख) बुनाई
(ग) व्यापार
(घ) आखेट
उत्तर:
(ग) व्यापार

चतुर्थ सेवाओं का वर्णन कीजिए Bihar Board Class 12 Geography  प्रश्न 2.
निम्नलिखित क्रियाकलापों में कौन-सा द्वितीयक सेक्टर का क्रियाकलाप नहीं है?
(क) इस्पात प्रगलन
(ख) वस्त्र निर्माण
(ग) मछली पकड़ना
(घ) टोकरी बुनना
उत्तर:
(ग) मछली पकड़ना

तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप Bihar Board Class 12 Geography प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन-सा एक सेक्टर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में सर्वाधिक रोगजार प्रदान करता है?
(क) प्राथमिक
(ख) द्वितीयक
(ग) पर्यटन
(घ) सेवा
उत्तर:
(घ) सेवा

Chaturthak Sewaon Ka Varnan Kijiye Bihar Board Class 12 Geography प्रश्न 4.
वे काम जिनमें उच्च परिमाण और स्तर वाले अन्वेषण सम्मिलित होते हैं, कहलाते हैं –
(क) द्वितीयक क्रियाकलाप
(ख) पंचम क्रियाकलाप
(ग) चतुर्थ क्रियाकलाप
(घ) प्राथमिक क्रियाकलाप
उत्तर:
(ख) पंचम क्रियाकलाप

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से कौन-सा क्रियाकलाप चतुर्थ सेक्टर में संबंधित है?
(क) संगणन विनिर्माण
(ख) विश्वविद्यालयी अध्यापन
(ग) कागज और कच्ची लुगदी निर्माण
(घ) पुस्तकों का मुद्रण
उत्तर:
(घ) पुस्तकों का मुद्रण

प्रश्न 6.
निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सत्य नहीं है?
(क) वाह्यस्रोत दक्षता को बढ़ाता है और लागतों को घटाता है
(ख) कभी-कभार अभियांत्रिकी और विनिर्माण कार्यों की भी बाह्यस्रोतन की जा सकती
(ग) बी.पी. ओज के पास के.पी.ओज की तुलना में बेहतर व्यावसायिक अवसर होते हैं
(घ) कामों के बाह्यस्रोतन करने वाले देशों में काम की तलाश करने वालों में असंतोष पाया जाता है
उत्तर:
(घ) कामों के बाह्यस्रोतन करने वाले देशों में काम की तलाश करने वालों में असंतोष पाया जाता है

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
फुटकर व्यापार सेवा को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ये वह व्यापारिक क्रियाकलाप है जो उपभोक्ताओं को वस्तुओं के प्रत्यक्ष-विक्रय से संबंधित हैं। अधिकांश फुटकर व्यापार केवल विक्रय से नियत प्रतिष्ठानों और भंडारों में संपन्न होता है। फेरी, रेहड़ी, ट्रक, द्वार से द्वार, डाक आदेश, दूरभाष, स्वचालित बिक्री मशीनें तथा इंटरनेट फुटकर बिक्री के भंडार आदि उदाहरण हैं।

प्रश्न 2.
चतुर्थ सेवाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चतुर्थ क्रियाकलाप अनुसंधान और विकास पर आधारित होते हैं और विशिष्टीकृत ज्ञान प्रौद्योगिकी कुशलता और प्रशासकीय सामर्थ्य से संबद्ध सेवाओं के उन्नत नमूने के रूप में देखे जाते हैं। चतुर्थ क्रियाकलापों में से कुछ इस प्रकार है-सूचना का संग्रहण, उत्पादन और प्रकीर्णन अथवा सूचना का उत्पादन भी।

प्रश्न 3.
विश्व में चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से उभरते हुए देशों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत, थाइलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, स्विटजरलैंड और आस्ट्रेलिया। भारत, स्विटजरलैंड और आस्ट्रेलिया के अस्पताल विकिरण बिंबों के अध्ययन से लेकर चुंबकीय अनुनाद बिंबों के निर्वचन और पराश्राव्य परीक्षणों तक की विशिष्ट चिकित्सा सुविधाओं को उपलब्ध करा रहे हैं।

प्रश्न 4.
अंकीय विभाजक क्या है?
उत्तर:
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पर आधारित विकास से मिलने वाले अवसरों का वितरण पूरे ग्लोब पर असमान रूप से वितरित हैं। देशों में विस्तृत आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक भिन्नताएँ पाई जाती हैं। निर्णायक कारक यह है कि कोई देश कितनी शीघ्रता से अपने नागरिकों को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी तक पहुँच और उसके लाभ उपलब्ध करा सकता है। विकसिक देश, सामान्य रूप से, इस दिशा में आगे बढ़ गए हैं जबकि विकासशील देश पिछड़ गए हैं और इसी को अंकीय विभाजन कहा जाता है।

(ग) निम्न प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक में न दें –

प्रश्न 1.
आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की सार्थकता और वृद्धि की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
दैनिक जीवन में काम को सुविधाजनक बनाने के लिए लोगों को व्यक्तिगत सेवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं सेवाएँ विभिन्न स्तरों पर पाई जाती हैं। कुछ सेवाएँ उद्योगों को चलाती है, कुछ लोगों को और कुछ उद्योगों और लोगों दोनों को, उदाहरणतः परिवहन तंत्र। निम्नस्तरीय सेवाएँ जैसे- पंसारी की दुकानें, धोबी घाट, उच्चस्तरीय सेवाओं अथवा लेखाकार, परामर्शदाता और काय चिकित्सक जैसी अधिक विशिष्टीकृत सेवाओं की अपेक्षा अधिक सामान्य और विस्तृत हैं। सेवाएँ भुगतान कर सकने वाले व्यक्तिगत उपभोक्ताओं को उपलब्ध होती हैं। माली, धोबी और नाई मुख्य रूप से शारीरिक श्रम करते हैं। अध्यापक, वकील, चिकित्सक, संगीतकार और अन्य मानसिक श्रम करते हैं।

अनेक सेवाएँ अब नियमित हो गई हैं। महामार्गों एवं पुलों का निर्माण और अनुरक्षण, अग्निशमन विभागों का अनुरक्षण और शिक्षा की पूर्ति अथवा पर्यवेक्षण और ग्राहक-सेवा महत्वपूर्ण सेवाओं में से हैं, जिनका पर्यवेक्षण अथवा निष्पादन प्रायः सरकारों अथवा कंपनियों द्वारा किया जाता है। राज्य और संघ विधान ने परिवहन, दूरसंचार, ऊर्जा और जलापूर्ति जैसी सेवाओं के विपणन के पर्यवेक्षण और नियंत्रण के लिए निगमों की स्थापना की है। स्वास्थ्य की देखभाल, अभियांत्रिकी, विधि और प्रबंधन व्यावसायिक सेवाएँ हैं।

मनोरंजनात्मक और प्रमोद सेवाओं की स्थिति बाजार पर निर्भर करती है। मल्टीप्लेक्स और रेस्तराओं की स्थिति केन्द्रीय व्यापार क्षेत्र (सी.बी.डी.) के अंदर अथवा निकट हो सकती है। सेवाएँ सभी समाजों में उपलब्ध होती है। अधिक विकसित देशों में कर्मियों का अधिकतर प्रतिशत इन सेवाओं में लगा है, अल्पविकसित देशों में 10 प्रतिशत से भी कम लोग इस सेवा क्षेत्र में लगे हैं। इन सेक्टर में रोजगार की प्रवृति बढ़ रही है। जबकि प्राथमिक और द्वितीयक क्रियाकलापों में यह घट रही है। आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की सार्थकता में लगातार वृद्धि हो रही है।

प्रश्न 2.
परिवहन और संचार सेवाओं की सार्थकता को विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
परिवहन मनुष्य की गतिशीलता की मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने के लिए निर्मित एक संगठित उद्योग है। आधुनिक समाज वस्तुओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग में सहायता देने के लिए तीव्र और सक्षम परिवहन व्यवस्था चाहते हैं। इस जटिल व्यवस्था की प्रत्येक अवस्था में परिवहन द्वारा पदार्थ का मूल्य अत्यधिक बढ़ जाता है। परिवहन दूरी को किलोमीटर दूरी अथवा मार्ग लंबाई की वास्तविक दूरी, समय दूरी अथवा एक मार्ग पर यात्रा करने में लगने वाले समय, और लागत दूरी अथवा मार्ग पर यात्रा के खर्च के रूप में मापा जा सकता है। परिवहन के साधन के चयन में समय अथवा लागत के संदर्भ में एक निर्णायक कारक है।

परिवहन की माँग जनसंख्या के आकार से प्रभावित होती है। जनसंख्या का आकार जितना बड़ा होगा परिवहन की माँग उतनी ही अधिक होगी। नगरों, कस्बों, गाँवों, औद्योगिक केंद्रों और कच्चे माल, उनके मध्य व्यापार के प्रारूप, उनके भू-दृश्य की प्रकृति, जलवायु के प्रकार और मार्ग की लंबाई पर आने वाले व्यवधानों को दूर करने के लिए उपलब्ध निधियों पर मार्ग निर्भर करते हैं। संचार सेवाओं में शब्दों और संदेशों, तथ्यों और विचारों का प्रेषण सम्मिलित है। लेखक के आविष्कार ने संदेशों को संरक्षित किया और संचार को परिवहन के साधनों पर निर्भर करने में सहायता की। यही कारण है कि परिवहन के सभी रूपों को संचार पथ कहा जाता है।

जहाँ परिवहन जाल-तंत्र सक्षम होता है वहाँ संचार का फैलाव सरल होता है। मोबाइल दूरभाष और उपग्रहों जैसे कुछ विकासों ने संचार को परिवहन से मुक्त कर दिया है। लेकिन अभी भी सभी रूपों का साहचर्य पूर्ण रूप से समाप्त नहीं हुआ है। आज भी पूरे विश्व में विशाल मात्रा में डाक का निपटारन डाकघरों द्वारा हो रहा है। मोबाइन क्रांति ने संचार को प्रत्यक्ष और तत्काल बना दिया है। उपग्रह संचार पृथ्वी और अंतरिक्ष से सूचना का प्रसारण करता है। इंटरनेट ने वैश्विक संचार तंत्र में वास्तव में क्रांति ला दी है।

Bihar Board Class 12 Geography तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप Additional Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
निरौद्योगीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
विनिर्माण में रोजगार के अवसर घटने की प्रक्रिया को तथा सकल घरेलू उत्पाद में उनका अनुपात कम हो जाने की प्रक्रिया को सामान्यतः निरौद्योगीकरण कहा जाता है।

प्रश्न 2.
सेवाओं के प्रमुख वर्ग कौन-कौन से हैं?
उत्तर:

  1. वाणिज्यिक सेवाएँ
  2. वित बीमा, अचल संपत्ति का क्रय-विक्रय
  3. उत्पादक और उपभोक्ता को जोड़ने वाले थोक और फुटकर व्यापार
  4. परिवहन और संचार
  5. मनोरंजन
  6. विभिन्न स्तरीय प्रशासन और
  7. गैर-सरकारी संगठन आदि

प्रश्न 3.
निरौद्योगीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
सेवाओं में फुटकर बिक्री, स्वास्थ्य और कल्याण, शिक्षा, अवकाश, मनोरंजन और वाणिज्यिक सेवाएँ शामिल हैं। वाणिज्यिक सेवाएँ दूसरी कंपनियों की उत्पादकता या क्षमता में वृद्धि करती है। यही नहीं ये उनके विशेष कामों में स्तर को भी यथावत बनाए रखने में मदद करती है।

प्रश्न 4.
सूचना प्रौद्योगिकी का क्या अर्थ है?
उत्तर:
यह कई प्रकार की प्रौद्योगिकी का संयुक्त रूप है। इसमें सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिकी, कम्प्यूटर (मशीन और सॉफ्टवेयर), दूरसंचार, प्रसारण और आप्ट्रो-इलैक्ट्रोनिक्स शामिल हैं।

प्रश्न 5.
बीसवीं शताब्दी के अंत में सूचना पर आधारित अर्थव्यवस्था में कौन-से तीन नगरों की भूमिका उल्लेखनीय रही है?
उत्तर:
न्यूयार्क, लंदन और टोक्यो नगरों की भूमिका सूचना पर आधारित अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय रही है। ये नगर विश्व तंत्र के नियंत्रक केन्द्रों के रूप में काम करते हैं। इन नगरों में अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के मुख्यालय हैं। यहाँ कंपनियों के बड़े अधिकारियों से प्रत्यक्ष संपर्क, राजनीतिक संबंध बनाने और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के अवसर अनायास ही मिल जाते हैं।

प्रश्न 6.
सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में वृद्धि से क्या कारण रहे हैं?
उत्तर:
विकसित देशों में प्रति व्यक्ति आय के बढ़ने से विभिन्न प्रकार की सेवाओं की माँग में बहुत वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य, मनोरंजन और परिवहन ऐसी ही सेवाएँ हैं। समय के मूल्य में वृद्धि के कारण अनेक घरेलू कार्य बाजार से करवाए जाते हैं।

प्रश्न 7.
ज्ञान का उत्पादन और सूचना का प्रवाह किसे कहते हैं?
उत्तर:
अत्यधिक औद्योगिक देशों में सूचना पर आधारित भूमंडलीय अर्थव्यवस्था ने अधिक उन्नत और विशिष्ट सेवाओं को जन्म दिया है। ऐसी सेवाओं में मुख्य हैं – वित्त, बीमा, परामर्श, सूचना संग्रहण, शोध और विकास और वैज्ञनिकों द्वारा नई वस्तुओं का निर्माण या पुरानी वस्तुओं में उपयोगी परिवर्तन ये सेवाएँ सभी आर्थिक क्रियाकलापों की केन्द्र-बिंदु होती है। संक्षेप में इन्हें ज्ञान उत्पादन और सूचना प्रवाह कह सकते हैं।

प्रश्न 8.
चतुर्थक क्रियाकलाप क्या हैं?
उत्तर:
वे बौद्धिक व्यवसाय, जिनका दायित्व सोचना है और शोध और विकास के लिए नए विचार देना है। आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक विकसित देशों में अभी तो थोड़े ही लोग चतुर्थक क्रियाकलापों में लगे हैं लेकिन इनकी संस्था निरंतर बढ़ रही है। चतुर्थक क्रियाकलापों में लगे लोगों के वेतनमान ऊँचे होते हैं और ये अपनी पद प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए बहुत अधिक गतिशील है।

प्रश्न 9.
श्रृंखला भंडार क्या है?
उत्तर:
अत्यधिक मितव्ययता से व्यापारिक माल खरीद पाते हैं, यहाँ तक कि अपने विनिर्देश पर सीधे वस्तुओं का विनिर्माण करा लेते हैं। वे अनेक कार्यकारी कार्यों में अत्यधिक कुशल विशेषज्ञ नियुक्त कर लेते हैं। उनके पास एक भंडज़र के अनुभव के परिणामों को अनेक भंडारों में लागू करने की योग्यता होती है।

प्रश्न 10.
जाल तंत्र से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जैसे ही परिवहन व्यवस्थाएँ विकसित होती है विभिन्न स्थान आपस में जुड़कर जाल-तंत्र की रचना करते हैं। जाल-तंत्र तथा योजक से मिलकर बनते हैं। दो अथवा अधिक मार्गों का संधि-स्थल, एक उद्गम बिंदु, एक गंतव्य बिंदु अथवा मार्ग के सहारे कोई बड़ा करबा नोड अथवा शीर्ष होता है।

प्रश्न 11.
चतुर्थ सेक्टर क्या है?
उत्तर:
आर्थिक वृद्धि के आधार के रूप में तृतीयक सेक्टर के साथ चतुर्थक सेक्टर ने सभी प्राथमिक व द्वितीयक से रोजगारों को प्रतिस्थापित कर दिया है। कार्यालय भवनों, प्रारंभिक विद्यालयों, विश्वविद्यालयी कक्षाओं, अस्पतालों व डॉक्टरों के कार्यालयों, रंगमंचों, लेखाकार्य और दलाली की फर्मों में काम करने वाले कर्मचारी इस वर्ग की सेवाओं से संबंध रखते हैं।

प्रश्न 12.
पंचम क्रियाकलाप क्या हैं?
उत्तर:
पंचम क्रियाकलाप वे सेवाएँ है जो नवीन एवं वर्तमान विचारों की रचना, उनके पुनर्गठन और व्याख्या, आंकड़ों की व्याख्या और प्रयोग तथा नई प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन पर केंद्रित होती है।

प्रश्न 13.
इंटरनेट के द्वारा कौन-कौन से देश सबसे अच्छी तरह जुड़े हैं?
उत्तर:
कनाडा और ऑस्ट्रेलिया इंटरनेट के द्वारा सबसे अधिक अच्छी तरह से जुड़े हैं। इनके बाद यू. के. जर्मनी और जापान का स्थान है।

प्रश्न 14.
भारत के महानगरों में स्थित किसी भी एक वैश्विक कंपनी के मुख्यालय का नाम बताइये।
उत्तर:
संसार में 500 बड़ी-बड़ी वैश्विक कंपनियाँ हैं। भारत के महानगरों में तो इनमें से एक भी मुख्यालय नहीं हैं।

प्रश्न 15.
उत्पादन को किस रूप में मापा जाता है?
उत्तर:
उत्पादन को परोक्ष रूप से पारिश्रमिक और वेतन के रूप में मापा जाता है।

प्रश्न 16.
व्यापारिक केंद्र किसे कहते हैं?
उत्तर:
फुटकर और थोक व्यापार अथवा वाणिज्य की सभी सेवाओं का विशिष्ट उद्देश्य लाभ कमाना है। यह सारा काम कस्बों और नगरों में होता है जिन्हें व्यापारिक केंद्र कहा जाता है।

प्रश्न 17.
चिकित्सा पर्यटन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब चिकित्सा उपचार को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन गतिविधि से संबद्ध कर दिया जाता है। तो इसे सामान्यतः चिकित्सा पर्यटन कहा जाता है।

प्रश्न 18.
स्वर्ण कॉलर क्या है?
उत्तर:
स्वर्ण कॉलर कहे जाने वाले वे व्यवसाय तृतीयक सेक्टर का एक और उप-विभाग है। जो वरिष्ठ व्यावसायिक कार्यकारियों, सरकारी अधिकारियों, अनुसंधान वैज्ञानिकों, वित्त एवं विधि परामर्शदाताओं इत्यादि की विशेष और उच्च वेतन वाली कुशलताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
औद्योगीकोत्तर चरण की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
यह चरण सबसे अंत में आता है। इस चरण में संयुक्त राज्य अमेरिका ने सन् 1960 के आस-पास तथा इसके पश्चात् पश्चिमी यूरोप और जापान ने प्रवेश किया। इस चरण में जीवन स्तर को ऊँचा उठाने का प्रयास किया जाता है। प्राथमिक व्यवसाय अपनी न्यूनतम सीमा तक पहुँच जाता है। कृषि में बहुत कम श्रम संलग्न होता है क्योंकि तकनीकी विकास तथा कृषि में मशीनीकरण के कारण थोड़े से कृषि श्रमिक ही शेष जनसंख्या के लिए भोजन तथा अन्य कृषि उत्पादों की व्यवस्था कर सकते हैं। उद्योगों में स्वचालित मशीनों का अधिक प्रयोग होने लगता है जिससे औद्योगिक श्रम में भी कमी आनी शुरू हो जाती है।

औद्योगिक क्षेत्र में कम श्रम तथा अधिक पूँजी की मांग करने वाले उद्योगों को प्रोत्साहन मिलता है। जापान में तो कई क्षेत्रों में मशीनी मानव का प्रयोग होने लगा है। इस चरण में अधिक विशिष्टीकरण होता है और यह संतृप्त अवस्था को प्राप्त करता है, लेकिन चतुर्थ व्यवसाय में तेजी से वृद्धि होती है जिससे पूरे सामाजिक तथा आर्थिक ढाँचे में परिवर्तन आ जाता है। आज भारत के कुल उत्पादन का लगभग 40 प्रतिशत अन्य सेवाओं से. प्राप्त होता है। इससे भारत की अर्थव्यवस्था में होने वाले परिवर्तन का अनुमान लगाया जा सकता है।

प्रश्न 2.
अंतिम औद्योगिक चरण के विषय में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
इस चरण में कृषि-श्रम की संख्या तेजी से घटती है और इस चरण के अंत तक यह बहुत कम हो जाती है। संयुक्त राज्य अमेरिका में यह चरण सन् 1920 के आस-पास आरंभ हुआ था। इस चरण में औद्योगिक श्रम में निरंतर वृद्धि होती जाती है और इस चरण के अंत तक यह अधिकतम होती जाती है। इस बीच तृतीय व्यवसाय में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। इसका कारण यह है कि उद्योग तथा औद्योगिक श्रम की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कई प्रकार की सेवाएँ, जैसे-परिवहन, व्यापार आदि आरंभ हो जाती है। इस चरण के आरंभ में चतुर्थ व्यवसायों में कोई विशेष वृद्धि नहीं होती लेकिन बाद में ज्यों-ज्यों समाज तथा उसकी अर्थव्यवस्था अधिक जटिल होती जाती है, चतुर्थ श्रेणी के व्यवसायों का महत्त्व बढ़ता जाता है।

प्रश्न 3.
भूमंडलीय अर्थव्यवस्था के विस्तार पर संक्षेप में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
जैसे-जैसे भूमंडलीय अर्थव्यवस्था का विस्तार होता है – इसमें नई इकाइयाँ जुड़ती जाती हैं और नए संबंध बन जाते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका जॉर्जिया, नेब्रास्का जैसे राज्यों में सेवाओं के क्रियाकलापों के संसाधन के प्रादेशिक केन्द्र विकसित हो गए हैं। ऐसे ही केन्द्र यूरोप के बार्सीलोन, नाइस स्टटगार्ट तथा एशिया के मुंबई, बैंकाक और शंघाई में विकसित हो गए हैं। लेकिन ऐसे क्रियाकलापों के विकेन्द्रीकरण का संबंध मुख्य रूप से सहायक कार्यालयों से होता है। ऐसे कार्यालयों में बड़े पैमाने पर लेन-देन के सौदों का संसाधन होता है। इनमें उन्हीं रणनीतियों का क्रियान्वयन किया जाता है जिन्हें भूमंडलीय नगरों में स्थित कंपनियों के केन्द्रों और मुख्यालयों में तय किया जाता है। उदाहरण के लिए एक ही देश यू. के. में 500 सबसे बड़ी कंपनियों के मुख्यालयों में से 198 को पुन: लंदन में स्थापित किया गया है।

प्रश्न 4.
पूर्व औद्योगिक चरण क्या है?
उत्तर:
इस चरण में अधिकांश श्रम-शक्ति प्राथमिक व्यवसाय में कार्यरत होती है। द्वितीय व्यवसाय में बहुत कम लोग होते हैं और वे भी मुख्यतः दस्तकारी में ही व्यस्त रहते हैं। इन व्यवसायों को पुनः दो भागों में बाँटा जाता है – खुदरा व थोक व्यापार तथा अन्य साधारण तृतीय वर्ग के व्यवसायों में अपेक्षाकृत अधिक श्रम रहता है। इसका कारण व्यापार में कम दक्षता तथा कुछ अविकसित देशों में व्यक्तिगत तथा घरेलू सेवाओं का होना है। चतुर्थ व्यवसायों में भी कम श्रम लगता है।

प्रश्न 5.
प्रारम्भिक औद्योगिक चरण की संक्षिप्त में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
इस चरण में द्वितीय व्यवसाय की वृद्धि आरंभ हो जाती है। यह चरण औद्योगिक क्रांति के समान होता है। जब उद्योग-धंधे पूरी तरह स्थापित हो जाते हैं, तब इनमें और भी अधिक श्रमिकों की आवश्यकता होती है। इस चरण के अंत तक औद्योगिक श्रम का महत्व बहुत बढ़ जाता है। प्राथमिक व्यवसाय में कमी आनी आरंभ हो जाती है क्योंकि कृषि श्रम को अधिक दक्षतापूर्ण ढंग से प्रयोग किया जाता है। इस चरण में तृतीय एवं चतुर्थ व्यवसायों पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है क्योंकि ये सेवाएँ संबंधित क्षेत्र को सामान्यतः अन्य क्षेत्रों से प्राप्त होती है।

प्रश्न 6.
उच्च-स्तरीय व विशिष्ट सेवाएँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
अत्यधिक औद्योगिक देशों में सूचना पर आधारित भूमंडलीय अर्थव्यवस्था ने अधिक उन्नत और विशिष्ट सेवाओं को जन्म दिया है। ऐसी सेवाओं में मुख्य हैं – वित्त, बीमा, परामर्श, सूचना संग्रहण, सूचना सेवाओं का प्रबंधन, शोध तथा विकास और वैज्ञानिकों द्वारा नई वस्तुओं का निर्माण या पुरानी वस्तुओं में उपयोगी परिवर्तन । संक्षेप में इन सभी को ज्ञान उत्पादन और सूचना प्रवाह कह सकते हैं।

प्रश्न 7.
विकासशील देशों में सेवा क्षेत्र उन्नत देशों से किस प्रकार भिन्न हैं? व्याख्या करें।
उत्तर:
विकासशील देशों में भी विनिर्माण क्षेत्र की तुलना में सेवा क्षेत्र अधिक तेजी से बढ़ रहा है। राष्ट्रीय संपदा में भी इनके योगदान में वृद्धि हो रही है। लेकिन सेवाओं का लेखा-जोखा आज की अच्छी तरह से नहीं रखा जाता। इसका कारण है कि लोग असंगठित सेवाओं में लगे हैं। असंगठित सेवाओं को अनौपचारिक क्षेत्र में कार्य करने लगते हैं। इन्हें बहुत कम मजदूरी दी जाती है। अकुशल होने होने पर तो उनकी मजदूरी और घट जाती है। इनके अंतर्गत गृहणियाँ और बाल-मजदूर भी हैं जिनकी सेवाओं का कोई हिसाब-किताब नहीं रखा जाता।

अधिकतर देशों में विकास की प्रक्रिया का एक निश्चित घटनाक्रम होता है। प्रारंभ में प्राथमिक क्षेत्र का वर्चस्व होता है। इसके बाद द्वितीयक क्षेत्र का महत्व बढ़ता है तथा अंतिम अवस्थाओं में तृतीयक और चतुर्थक क्षेत्र महत्वपूर्ण बन जाते हैं। कुछ देशों में विनिर्माण क्षेत्र में अवनति होने की प्रक्रिया को रोका गया है। लेकिन इन देशों में भी अंततोगत्वा विनिर्माण में रोजगार के अवसर घटने लगते हैं और सकल घरेलू उत्पाद में उनका अनुपात कम हो जाता है। इस प्रक्रिया को सामान्यतः निरौद्योगीकरण कहा जाता है। विकसित देशों के विभिन्न प्रदेशों में भी निरौद्योगीकरण की इस प्रवृत्ति को देखा जा सकता है।

वास्तव में इस प्रक्रिया को पहले से बताया जा सकता है। विनिर्माण अवनति की इस प्रक्रिया के कारण अनेक कुशल श्रमिक बेकार हो जाते हैं, संगठन बिखर जाते हैं और दफ्तरों में ताले लग जाते हैं। सेवाओं के बढ़ते हुए महत्त्व ने इसे उत्पादक अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में एक विशिष्ट स्थान दिला दिया है। अब सेवाएँ विनिर्माण या सामान्य लोगों की सहायक मात्र नहीं रह गई हैं। ये अब निर्यातक बन गई हैं। कुछ देशों जैसे स्विट्जरलैंड यू. के. आदि के कुछ प्रदेशों और नगरों को सेवा क्षेत्र में प्रतियोगी लाभ मिला हुआ है।

प्रश्न 8.
भूमण्डलीकरण, उदारीकरण और निजीकरण के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र के आकार और भूमिका, दोनों में वृद्धि हो रही है क्यों?
उत्तर:
क्योंकि प्रायः सरकार ही सबसे अधिक लोगों को रोजगार देती है, और यह लोगों की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और सफाई तथा कानून व्यवस्था जैसी अनेक प्रकार की सेवाएँ प्रदान करती है। विकसित देशों के अंदर सेवा क्षेत्रों के स्तर में वृद्धि हुई है। यही नहीं सेवाओं का निर्यात भी किया जाता है। इसीलिए इन देशों में सेवा क्षेत्र में वृद्धि हो रही है। अनेक देश विदेशी ग्राहकों को सेवाएँ बेचकर भारी कमाई कर रहे हैं।

विश्व स्तर पर सेवाओं का बड़े पैमाने पर व्यापार हो रहा है तथा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में इनका 20 प्रतिशत का योगदान है। मुख्य रूप से पुरुष प्रधान विनिर्माण उद्योगों की तुलना में सेवा क्षेत्र में महिलाओं को अधिक संख्या में रोजगार मिला हुआ है। विकासशील देशों में कुल मिलाकर विनिर्माण उद्योगों की तुलना में सेवा क्षेत्र में कम वेतन दिया जाता है।

प्रश्न 9.
सेवाओं के प्रमुख वर्गों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सेवाओं के प्रमुख वर्ग निम्नलिखित हैं –

  1. वाणिज्यिक सेवाएँ-इसमें विज्ञापन, कानूनी सेवाएँ, जन-संपर्क और परामर्श आदि क्रियाकलाप आते हैं।
  2. वित्त, बीमा, वाणिज्यिक और आवासीय भूमि और भवनों जैसी अचल संपत्ति का क्रय-विक्रय ।
  3. उत्पादक और उपभोक्ता को जोड़ने वाले थोक और फुटकर व्यापार तथा रख-रखाव, सौंदर्य प्रसाधन तथा मरम्मत के कार्य जैसी सेवाएँ।
  4. परिवहन और संचार-रेल, सडक, जहाज और वायुयान सेवाएँ, डाक-तार सेवाएँ।
  5. मनोरंजन-दूरदर्शन, रेडियो, फिल्म और साहित्य।
  6. विभिन्न स्तरीय प्रशासन-स्थानीय, राजकीय तथा राष्ट्रीय प्रशासन, अधिकारी वर्ग, पुलिस, सेना तथा अन्य जन-सेवाएँ।
  7. गैर-सरकारी संगठन-शिशु चिकित्सा, पर्यावरण, ग्रामीण विकास आदि लाभ सहित सामाजिक क्रियाकलापों से जुड़े व्यक्तिगत या सामूहिक परोपकारी संगठन आदि।

प्रश्न 10.
यूरोप, उत्तर अमेरिका और जापान के अनुपात के सकल घरेलू उत्पाद में चिकित्सा सेवाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है। क्यों?
उत्तर:
ऐसी वृद्धि वास्तव में अत्यधिक औद्योगिकृत देशों की जनसंख्या में जनांकिकीय संरचना में परिवर्तन के फलस्वरूप ही हुई। प्रौढ़ लोगों में ही चिकित्सा सुविधाओं का माँग बढ़ी है। कार्य स्थलों पर साक्षरता, गणितीय साक्षरता और कम्प्यूटर कौशल की माँग में वृद्धि के कारण प्रत्येक स्तर पर शैक्षिक सेवाओं में भी माँग बढ़ी है।

प्रश्न 11.
सेवाओं का लेखा-जोखा आज भी अच्छी तरह से क्यों नहीं रखा जाता है?
उत्तर:
सेवाओं का लेखा-जोखा आज भी अच्छी तरह से नहीं रखा जाता। इसका कारण है कि लोग असंगठित सेवाओं में लगे हैं। असंगठित सेवाओं को अनौपचारिक क्षेत्र भी कहते हैं। ग्रामीण प्रवासी नगरों में आकार भारी संख्या में अनौपचारिक क्षेत्र में कार्य करने लगते हैं। इन्हें बहुत कम मजदूरी दी जाती है। अकुशल होने पर उसकी मजदूरी और घट जाती है। इनके अंतर्गत गृहणियों और बाल-मजदूर भी हैं जिनकी सेवाओं का कोई हिसाब-किताब नहीं रखा जाता।

प्रश्न 12.
उन्नत अर्थव्यवस्था के विशेषीकृत क्रियाकलापों जैसे वित्त और बीमा की अवस्थिति भूमंडल पर बिखरी हुई क्यों है? उनका प्रबंधन कैसे होता है?
उत्तर:
वर्तमान युग सूचना प्रौद्योगिकी का युग है। सूचनाओं के प्रवाह के कारण भूमंडर अर्थव्यवस्था का विकास हुआ है, जिससे विश्व की दूरियाँ सिमट गई है। जिस कारण अधिक उन्नत और विशिष्ट सेवाओं का जन्म हुआ है। संसार के सभी देश चाहे वे विकसित हों या विकासशील हों निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर हैं। सभी देशों में आर्थिक विकास के लिए उद्योग स्थापित हो चुके हैं, और निरंतर नई तकनीकों का प्रयोग करके उन्नतशील हैं विकसित देशों के पास तो सभी सुविधाएँ हैं, लेकिन विकासशील देशों के पास पर्याप्त प्रौद्योगिकी नहीं है अत: वहाँ उद्योग तो है लेकिन उन्नत सेवाओं की आवश्यकता है। जिस प्रकार नगरों में सेवाओं का पदानुक्रम पाया जाता है अर्थात् उच्चक्रम की सेवाएँ बड़े नगरों में केन्द्रित होती है और निम्न सेवाओं का फैलाव सभी छोटे नगरों में मिलता है। वर्तमान में भी शक्ति और कौशल दोनों ही दृष्टियों से उच्च स्तर के कार्य प्रमुख महानगरों में संकेन्द्रित है।

संकेन्द्रण का विशिष्ट प्रतिरूप वैश्विक नगरों के रूप में ही सामने आया है, इन नगरों का विकास अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में हुआ है। लेकिन, न्यूयार्क और टोकिया मिलकर संपूर्ण विश्व में वित्तीय व्यापार का संचालन करते हैं। संचार की 500 बड़ी वैश्विक कम्पनियों में से 59 के मुख्यालय न्यूयार्क में, 37 के लंदन में, 34 के टोकियो और 27 के पेरिस में है। संसार के विभिन्न देशों में इनके मुख्यालय हैं। नये प्रादेशिक केन्द्र उन क्षेत्रों में विकसित किये जा रहे हैं जहाँ सेवाओं में क्रियाकलापों के संसाधन हैं।

विशेषीकृत क्रियाओं का प्रबंधन:
सूचना प्रौद्योगिकी के द्वारा ही इन विशेषीकृत सेवाओं का प्रबंधन किया है। कार्य चाहे संसार के किसी भी कोने में हो लेकिन लेन-देन के सौदे इन वैश्विक नगरों में ही होते हैं, क्योंकि विभिन्न कंपनियाँ जो ये सेवाएं प्रदान करती हैं, के मुख्यालय इन नगरों में स्थित हैं। विभिन्न देशों में स्थित वैश्विक कम्पनियों के ये कार्यालय संचार सेवाओं के जाल द्वारा ही जुड़े हुए हैं और विश्वतंत्र के नियंत्रक केन्द्रों के रूप में कार्य कर रहे हैं । संचारतंत्र के द्वारा ही बैंक क्षणभर के नोटिस पर पूँजी को संसार के किसी भी कोने में हस्तांतरित कर सकते हैं। संचार के इलेक्ट्रानिक माध्यमों ने इस व्यवस्था को विकसित किया और भूमंडलीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों का संक्षेप में उत्तर दें –

  1. तृतीय क्रियाकलाप क्या हैं?
  2. उन्नत आर्थिक व्यवस्था में विनिर्माण का क्या ह्रास हुआ?
  3. सेवाओं के प्रमुख घटक क्या हैं?
  4. वैश्विक नगर क्या हैं? तीन वैश्विक नगरों के नाम लिखें।
  5. चतुर्थक क्रियाकलाप क्या हैं?
  6. इंटरनेट द्वारा सुसंबंधित विश्व के तीन राष्ट्रों के नाम बताइये।

उत्तर:
1. वे क्रियाकलाप जो अमूर्त सेवाओं से संबंधित है। इसमें मिस्त्री, प्लम्बर, रसोईया, वकील, शिक्षक आदि के व्यवसाय सम्मिलित हैं। सेवाएँ वे क्रियाकलाप हैं जिनमें वस्तुओं का उत्पादन नहीं होता है। इस प्रकार वे पदार्थों के प्रसंस्करण (नई वस्तु निर्माण) में प्रत्यक्ष रूप में शामिल नहीं होती। अतः ये विनिर्माण से भिन्न है। विनिर्माण के उत्पादों को तो वस्तुओं के रूप में देखा जो सकता है, लेकिन सेवाओं का कोई उत्पादन नहीं होता।

2. अधिकतर देशों के विकास की प्रक्रिया का एक निश्चित घटनाक्रम होता है। प्रारंभ में प्राथमिक क्षेत्र का वर्चस्व होता है। इसके बाद द्वितीयक क्षेत्र का महत्व बढ़ता है तथा अंतिम अवस्थाओं में तृतीयक और चतुर्थक क्षेत्र महत्वपूर्ण बन जाते हैं। विनिर्माण में रोजगार के अवसर घटने लगते हैं तथा सकल घरेलू उत्पाद में उनका अनुपात कम हो जाता है। इस प्रक्रिया को सामान्यत: निरौद्योगीकरण कहा जाता है।

विकसित देशों के विभिन्न प्रदेशों में भी निरौद्योगीकरण की इस प्रवृत्ति को देखा जा सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में सन् 1950 और 1960 में विनिर्माण में यह अवनति सबसे पहले न्यू-इंग्लैंड में दिखाई पड़ी थी। बाद में सन् 1970 में विनिर्माण की अवनति से मध्य अटलांटिक के वर्जीनिया, मैरीलैंड और डिलावियर राज्य प्रभावित हुए थे। मध्य पश्चिम के औद्योगिक जगत ने इसका सामना 1980 में जाकर किया। वास्तव में इस प्रक्रिया को पहले से बताया जा सकता है। विनिर्माण अवनति की इस प्रक्रिया के कारण अनेक कुशल श्रमिक बेकार हो जाते हैं, संगठन बिखर जाते हैं और दफ्तरों में ताले लग जाते हैं।

3. सेवाओं के प्रमुख वर्ग निम्नलिखित हैं –
(क) वाणिज्यिक सेवाएँ- विज्ञापन, कानूनी सेवाएँ, जन-संपर्क और परामर्श
(ख) वित्त, बीमा, वाणिज्यिक और आवासीय भूमि और भवनों जैसी अचल संपत्ति का क्रय-विक्रय।
(ग) उत्पादक और उपभेक्ता को जोड़ने वाले थोक और फुटकर व्यापार तथा रख-रखाव, सौंदर्य प्रसाधक तथा मरम्मत के कार्य जैसी सेवाएँ।
(घ) परिवहन और संचार-रेल, सड़क, जहाज और वायुयान सेवाएँ, डाक-तार सेवाएँ।
(ङ) मनोरंजन- दूरदर्शन, रेडियो, फिल्म और साहित्य।
(च) विभिन्न स्तरीय प्रशासन- स्थानीय, राजकीय तथा राष्ट्रीय प्रशासन अधिकारी वर्ग, पुलिस, सेना तथा अन्य जन-सेवाएँ।
(छ) गैर-सरकारी संगठन- शिशु चिकित्सा, पर्यावरण, ग्रामीण विकास आदि लाभ रहित सामाजिक क्रियाकलापों से जुड़े व्यक्तिगत या सामूहिक परोपकारी संगठन।

4. जो नगर अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में विकसित होते हैं और सूचनातंत्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को संचालित करते हैं ऐसे नगर वैश्विक नगर कहलाते हैं। न्यूयार्क, लंदन और टेकियो, ऐसे नगरों के उदाहरण हैं।

5. विगत कुछ वर्षों में आर्थिक क्रियाकलाप बहुत विशिष्ट और जटिल हो गए हैं। जिसके परिणामस्वरूप, चतुर्थक क्रियाकलापों का नया वर्ग बन गया है। चतुर्थक शब्द से तात्पर्य उन अधिक बौद्धिक व्यवसायों से है, जिनका दायित्व सोचना है और शोध और विकास के लिए नए विचार देना है। आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक विकसित देशों में अभी तो थोड़े ही लोग चतुर्थक क्रियाकलापों में लगे हैं, लेकिन इनकी संख्या निरंतर बढ़ रही है। चतुर्थक क्रियाकलापों में लगे लोगों के वेतनमान ऊँचे होते हैं और ये अपनी पद प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए बहुत अधिक गतिशील है।

6. स्कौडिनेविया के देश, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया इंटरनेट के द्वारा सबसे अधिक अच्छी तरह जुड़े हैं। इनके बाद यू. के. जर्मनी और जापान का स्थान है।

प्रश्न 2.
आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा-क्षेत्र के महत्व तथा वृद्धि की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
आर्थिक विकास के लिए सेवाएँ बहुत महत्वपूर्ण हैं। सेवाओं में फुटकर बिक्री, स्वास्थ्य और कल्याण, शिक्षा, अवकाश, मनोरंजन और वाणिज्यिक सेवाएँ शामिल है। वाणिज्यिक सेवाएँ दूसरी कंपनियों की उत्पादकता या क्षमता में वृद्धि करती हैं। यही नहीं ये उनके विशेष कामों के स्तर को भी यथावत् बनाए रखने में मदद करती है। विज्ञापन, कर्मचारियों का चयन और अधिकारियों का प्रशिक्षण इसके उदाहरण हैं। कुछ वर्ष पूर्व तक सेवा क्षेत्र की तुलना में वस्तुओं के उत्पादन पर अधिक ध्यान दिया जाता था लेकिन विकसित अर्थव्यवस्था में, सेवाओं पर आधारित विकास में बड़ी तेजी आई है। आँकड़ों से पता चलता है कि इन देशों के सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में निरंतर वृद्धि हो रही है।

कुछ सेवाएँ नए प्रकार के उद्योगों के विज्ञापन और विपणन जैसे कार्यों में लगी हैं। इनके अलग स्थानिक प्रतिरूप बन गए हैं। उनका एक विशिष्ट प्रतिरूप वैश्विक नगरों के रूप में दिखाई पड़ता है। ये नगर अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में ही विकसित हुए हैं। विश्व स्तर पर सेवाओं का बड़े पैमाने पर व्यापार हो रहा है तथा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में इनका 20 प्रतिशत का योगदान है। अत्यधिक औद्योगिक देशों में सूचना पर आधारित भूमंडलीय अर्थव्यवस्था में अधिक उन्नत और विशिष्ट सेवाओं को जन्म दिया है। ऐसी सेवाओं में मुख्य हैं- वित्त, बीमा, परामर्श, सूचना संग्रहण, शोध तथा विकास और वैज्ञानिकों द्वारा नई वस्तुओं का निर्माण या पुरानी बस्तुओं में उपयोगी परिवर्तन ये सेवाएँ सभी आर्थिक क्रियाकलापों के केन्द्र-बिंदु होते हैं। संक्षेप में इन्हीं ज्ञान उत्पादन और सूचना प्रवाह कह सकते हैं।

जैसे-जैसे भूमंडलीय अर्थव्यवस्था का विस्तार होता है:
इसमें नई इकाइयाँ जुड़ती जाती हैं और नए संबंध बन जाते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के ज्यार्जिया, नेब्रास्का जैसे राज्यों में सेवाओं के क्रियाकलापों के संसाधन के प्रादेशिक केन्द्र विकसित हो गए हैं। ऐसे ही केन्द्र यूरोप के बार्सीलोन, नाइस स्टटगार्ट तथा एशिया के मुंबई, बैंकाक और शंघाई में विकसित हो गए हैं। लेकिन ऐसे क्रियाकलापों के विकेन्द्रीकरण का संबंध मुख्य रूप से सहायक कार्यालयों से होता है। ऐसे कार्यालयों में बड़े पैमाने पर लेन-देन के सौदों का संसाधन होता है। इनमें उन्हीं रणनीतियों का क्रियान्वयन किया जाता है जिन्हें भूमंडलीय नगरों में स्थित कंपनियों के केन्द्रों और मुख्यालयों में तय किया जाता है।

प्रश्न 3.
चतुर्थक क्रियाकलापों के विषय में विवेचना कीजिए।
उत्तर:
विगत कुछ वर्षों में आर्थिक क्रियाकलाप बहुत विशिष्ट और जटिल हो गए हैं। जिसके परिणामस्वरूप, चतुर्थक के रूप में क्रियाकलापों का नया वर्ग बन गया है। अप्रत्यक्ष उत्पादों में भी, ज्ञान से संबंधिक क्रियाकलापों जैसे शिक्षा, सूचना, शोध और विकास को सेवाओं का एक भिन्न वर्ग मान लिया गया है। चतुर्थक शब्द से तात्पर्य उन अधिक बौद्धिक व्यवस्थाओं से है, जिनका दायित्व सोचना है और शोध और विकास के लिए नए विचार देना है।

विगत कुछ वर्षों में सूचना प्रौद्योगिकी में क्रांति के फलस्वरूप ज्ञान आधारित उद्योगों का विकास हुआ है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आधारित औद्योगिक संकुलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। संयुक्त राज्य अमेरिका के बोस्टन या चुसेट्स और केलीफोर्निया में ऐसे औद्योगक संकुलों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी पार्क कहा जाता है। सूचना प्रौद्योगिकी कई प्रकार की प्रौद्योगिकी का संयुक्त रूप है। इसमें सूक्ष्म इलैक्ट्रोनिकी, कम्प्यूटर, दूरसंचार, प्रसारण और आप्ट्रो-इलैक्ट्रोनिक्स शामिल हैं। दो दशकों में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से प्रौद्योगिकी में नए आविष्कार हुए हैं। आनुवंशिक इंजीनियरी इसका एक अच्छा उदाहरण है। इसके अलावा ऊर्जा संसाधनों, चिकित्सा अनुप्रयोगों, परिवहन और विनिर्माण की तकनीकों में बहुत नई उद्भावनाएं हैं।

बीसवीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में सूचना का अंकीकरण हो जाने पर दूरसंचार कम्प्यूटर में मिल गया है। इसमें संचार के एक समान्वित संजाल का निर्माण हुआ है। इस कार्य में इंटरनेट की भूमिका उल्लेखनीय है। सारे संसार में दूरसंचार के साधनों का विकास हुआ है। वित्तीय साधनों का इलैक्ट्रोनिक माध्यम से लेन-देन अब अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था का केन्द्र-बिंदु बन गया है। इस व्यवस्था के द्वारा बैंक क्षणभर के नोटिस पर पूँजी को संसार के किसी भी कोने में स्थानान्तरित कर सकते है। वित्तीय बाजार के अंतर्राष्ट्रीयकरण सबसे उल्लेखनीय प्रभाव वैश्विक नगरों के विकास के रूप में पड़ा है। लंदन, न्यूयार्क और टोक्यो ऐसे ही वैश्विक नगर हैं। सूचना पर आधारित अर्थव्यवस्था में इन तीन नगरों की भूमिका बहुत उल्लेखनीय रही है।

प्रश्न 4.
तृतीयक क्रियाकलापों के विषय में विवेचना कीजिए।
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलाप अमूर्त सेवाओं से संबंधित हैं। सेवाएँ, वे क्रियाकलाप हैं, जिनमें वस्तुओं का उत्पादन नहीं होता है। इस प्रकार के पदार्थों के प्रसंस्करण में प्रत्यक्ष रूप में शामिल नहीं होती। अतः ये विनिर्माण से भिन्न है। विनिर्माण उत्पाद और सेवा उत्पाद एक-दूसरे से बिल्कुल भिन्न हैं। सेवाओं से जो विशेषता मिलती है, उसका प्रत्यक्ष आधार कर्मचारियों का कौशल, अनुभव और ज्ञान होता है। इसके विपरीत विनिर्माण का आधार मशीनों को चलाने की तकनीक और उत्पादन की प्रक्रिया होती है।

आर्थिक विकास के लिए सेवाएँ बहुत महत्वपूर्ण हैं। वाणिज्यिक सेवाएँ दूसरी कंपनियों की उत्पादकता या क्षमता में वृद्धि करती है। यही नहीं ये सेवाएँ उनके विशेष कार्यों के स्तर को भी यथावत् बनाए रखने में मदद करती है। कुछ वर्ष पूर्व तक सेवा क्षेत्र की तुलना में वस्तुओं के उत्पादन पर अधिक ध्यान दिया जाता था लेकिन विकसित अर्थव्यवस्था में, सेवाओं पर आधारित विकास में बड़ी तेजी आई है। विकासशील देशों में भी विनिर्माण क्षेत्र की तुलना में सेवा क्षेत्र अधिक तेजी से बढ़ रहा है। राष्ट्रीय संपदा में भी इनके योगदान में वृद्धि हो रही है। लेकिन सेवाओं का लेखा-जोखा आज भी अच्छी तरह से नहीं रखा जाता। इसका कारण लोग असंगठित सेवाओं में लगे हैं।

अधिकतर देशों में विकास की प्रक्रिया का एक निश्चित घटनाक्रम होता है। प्रारंभ में प्राथमिक क्षेत्र का वर्चस्व होता है। इसके बाद द्वितीय क्षेत्र का महत्व बढ़ता है तथा अंतिम अवस्थाओं में तृतीयक और चतुर्थक क्षेत्र महत्वपूर्ण बन जाते हैं। कुछ देशों में विनिर्माण क्षेत्र में अवनति होने की प्रक्रिया को रोका गया है। विनिर्माण में रोजगार के अवसर घटने को तथा सकल घरेलू उत्पाद में उनका अनुपात कम हो जाने की प्रक्रिया को निरौद्योगीकरण कहा जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिमा में सन् 1950 और 1960 में विनिर्माण में यह अवनति सबसे पहले न्यू-इंग्लैंड में दिखाई पड़ी थी। बाद में सन् 1970 में विनिर्माण की अवनति से मध्य अटलांटिक के वर्जीनिया, मैरीलैंड और डिलावेयर राज्य प्रभावित हुए थे। मध्य पश्चिम के उद्योगों ने इसका सामना 1980 में जाकर किया।

सेवाओं के बढ़ते हुए महत्त्व ने इसे उत्पादक अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में एक विशिष्ट स्थान दिला दिया है। अब सेवाएँ विनिर्माण या सामान्य लोगों की सहायक मात्र नहीं रह गई हैं। ये अब निर्यातक बन गई हैं। कुछ देशों जैसे स्विट्जरलैंड, यू. के. आदि के कुछ प्रदेशों और नगरों को सेवा क्षेत्र में प्रतियोगी लाभ मिला हुआ है। पुरानी विचारधारा के अनुसार उद्योगों स्थानीयकरण में एक विशिष्ट भौगोलिक प्रतिरूप होता था। इसके विपरीत सेवा का वितरण जनसंख्या के वितरण से मेल खाता था। इस प्रकार लोहे और इस्पात उद्योग का एक निश्चित भूगोल होता था। लेकिन आजकल सेवाओं का संकेन्द्रण होने लगा है।

कुछ सेवाएँ नई प्रकार के उद्योगों के विज्ञापन और विपणन जैसे कार्यों में लगी है। इनके अलग से स्थानिक प्रतिरूप बन गए हैं। इनका एक विशिष्ट प्रतिरूप वैश्विक नगरों के रूप में दिखाई पड़ता है। ये नगर अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यस्था के संदर्भ में ही विकसित हुए हैं। जैसे-जैसे भूमंडलीय अर्थव्यस्था का विस्तार होता है। इसमें नई इकाइयाँ जुड़ती जाती हैं और नए संबंध बन जाते हैं। इन क्रियाकलापों को चलाने के लिए अर्द्धकुशल कर्मचारियों को कार्यालयों में काम पर रखा जाता है। प्रौद्योगिकी का विकास होने पर इन्हें काम से हटा दिया जाता है। उन्नत सेवा के क्रियाकलापों के स्थानिक तंत्र का महत्व इसके संजाल में छिपा होता है और यह संजाल सूचना प्रवाह पर आधारित है।

प्रश्न 5.
वैश्विक नगर विश्व-प्रणाली के आदेश और नियंत्रण केन्द्र के रूप में कार्य करते हैं। व्यवस्था करें।
उत्तर:
वित्तीय बाजार के अंतर्राष्ट्रीयकरण का सबसे उल्लेखनीय प्रभाव वैश्विक नगरों के विकास के रूप में पड़ा है। लंदन, न्यूयार्क और टोक्यो ऐसे ही वैश्विक नगर हैं। कुछ अन्य नगरों जैसे पेरिस, टोरंटो, रंगजिल्स, ओसाका, हांगकांग, सिंगापुर का भी अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान है। लेकिन बीसवीं शताब्दी के अन्त में सूचना पर आधारित अर्थव्यवस्था में इन तीन नगरों न्यूयार्क, लंदन और टोक्यो की भूमिका बहुत उल्लेखनीय रही है। ये विश्व तंत्र के नियंत्रक केन्द्रों के रूप में काम करते हैं। इन नगरों में अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के मुख्यालय हैं। यहीं पर वित्तीय कम्पनियों और व्यापारिक सेवाओं के कार्यालयों के बड़े-बड़े परिसर हैं। यहाँ कम्पनियों के बड़े अधिकारियों में प्रत्यक्ष संपर्क, राजनीतिक संबंध बनाने और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के अवसर अनायास ही मिल जाते हैं।

संक्षेप में दूर – संचार के द्वारा आज उच्च वेतन तथा उच्च मूल्य संबंधित सफेदपोश कार्यों को करने वाले कर्मचारी एक ही स्थान पर इकट्ठे होने लगे हैं। इसके विपरीत निम्न, निम्न मूल्य वृद्धि और कायिक कार्य करने वाले कर्मचारियों के विकेन्द्रीकरण को भी इससे प्रेरणा मिली है। नगरों और प्रदेशों पर इनके सकारात्मक और नकारात्मक कई प्रकार के प्रभाव पड़े हैं। दिनों-दिन जीवन में इलैक्ट्रोनिक तंत्र का बहुत उपयोग होता है। पासपोर्ट, करों के रिकॉर्ड, चिकित्सा रिपोर्ट, टेलीफोन और अपराध के आँकड़ों में इनका बहुत उपयोग होता है। इनके कारण सत्ता और संपत्ति तथा भौगोलिक केन्द्र और निकटवर्ती क्षेत्र के रूप में कुछ वर्ग बन गए हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेट के उपयोग में असमानता इसका एक उदाहरण है।

प्रति एक लाख लोगों पर इंटरनेट का उपयोग करने के आधार पर देशों के दो वर्ग बन गए हैं। एक विकासशील देशों का तथा दूसरा विकसित देशों का। स्कौडिनेविया के देश कनाडा और ऑस्ट्रेलिया इंटरनेट के द्वारा सबसे अधिक अच्छी तरह से जुड़े हैं। इस संदर्भ में इनके बाद यू. के. जर्मनी और जापान का स्थान है। इस मामले में सं. रा. अमेरिका का स्थान आश्चर्यजनक रूप से काफी नीचा है, क्योंकि इसकी काफी बड़ी जनसंख्या इंटरनेट का बहुत कम उपयोग करती है। लेकिन इंटरनेट के अंतर्राष्ट्रीय यातायात का उद्गम स्थान या लक्ष्य सं.रा. अमेरिका से होता है। एशिया, अफ्रीका, द. अमेरिका के अधिकतर लोग इंटरनेट का बहुत कम या बिल्कुल ही उपयोग नहीं करते हैं।

प्रश्न 6.
संसार में चतुर्थ सेवाओं की प्रकृति तथा वृद्धि की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
विगत कुछ वर्षों में आर्थिक क्रियाकलाप बहुत विशिष्ट और जटिल हो गए हैं। जिसके परिणामस्वरूप, चतुर्थक के रूप में क्रियाकलापों का नया वर्ग बन गया है। अप्रत्यक्ष उत्पादों में भी, ज्ञान से संबंधित क्रियाकलापों जैसे शिक्षा, सूचना, शोध और विकास को सेवाओं का एक भिन्न वर्ग मान लिया गया है। चतुर्थक शब्द से तात्पर्य उन अधिक बौद्धिक व्यवसायों से है, जिनका दायित्व सोचना है और शोध और विकास के लिए नए विचार देना है। आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक विकसित देशों में अभी तो थोड़े ही लोग चतुर्थक क्रियाकलापों में लगे लोगों के वेतनमान ऊँचे होते हैं और ये अपनी पद प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए बहुत अधिक गतिशील है। विगत कुछ वर्षों में सूचना प्रौद्योगिकी में क्रांति के फलस्वरूप ज्ञान आधारित उद्योगों का विकास हुआ है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आधारित औद्योगिक संकुलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। संयुक्त राज्य अमेरिका के बोस्टन सा चुसेट्स और केलीफोर्निया में ऐसे औद्योगिक संकुलों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी पार्क कहा जाता है। जॉन आधारित उद्योगों का एक उदाहरण साफ्टवेयर का विकास है।

सूचना प्रौद्योगिकी कई प्रकार की प्रौद्योगिकी का संयुक्त रूप है। इसमें सूक्ष्म इलेक्ट्रोनिकी, कम्प्यूटर, (मशीन और साफ्टवेयर) दूरसंचार, प्रसारण और आप्ट्रो-इलैक्ट्रोनिक्स शामिल हैं। बीसवीं शताब्दी के विगत दो दशकों में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से प्रौद्योगिकी में नए आविष्कार हुए हैं। आनुवंशिक इंजीनियरी इसका एक अच्छा उदाहरण है। इसके अलावा ऊर्जा संसाधनों, चिकित्सा अनुप्रयोगों, परिवहन और विनिर्माण की तकनीकों में बहुत नई उद्भावनाएँ हैं। दूसरे शब्दों में परिवर्तन के केन्द्र-बिंदु का अर्थ है सूचना संसाधन और संचार की प्रौद्योगिकियाँ। ज्ञान और सूचना का ज्ञान उत्पादन और सूचना संसाधन की युक्तियों में अनुप्रयोग, वर्तमान सूचना क्रांति की मुख्य विशेषता है। सूचना के इस युग में औद्योगिक समाज और अधिक तकनीकी होता जा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप वर्तमान आर्थिक क्रियाकलाप मुख्य रूप से अप्रत्यक्ष उत्पादों से प्रभावित है। इन अप्रत्यक्ष उत्पादों के उत्पादन में ज्ञान, सूचना और संचार बहुत अधिक महत्वपूर्ण हैं।

औद्योगिक देशों में अधिकतर नौकरियाँ विशेष रूप से ऊँचे वेतन वाली, सफेदपोश नौकरियाँ, किसी न किसी रूप में सूचना संग्रहण, संसाधन और प्रसारण से जुड़ी है। सूचना प्रौद्योगिकी के इन कार्यों का महत्व कम्प्यूटरों के सस्ते होने और अधिक सक्षम होने के कारण और अधिक बढ़ गया है। यही नहीं, तेजी से होने वाले प्रौद्योगिकीय परिवर्तनों के कारण उत्पादन में लगने वाला समय घट गया है। वैश्वीकरण और उदारीकरण के कारण बढ़ती प्रतिस्पर्धा और रोजगार के बाजार में अनिश्चितता ने वस्तुओं के उत्पादन और विपणन को अधिक सूचना प्रधान बना दिया है। इसलिए विश्व अर्थव्यवस्था के भूगोल में आंकड़ों के कारण ही विशेष तंत्र में अनेक स्थान सामान रूप से नहीं जुड़े पाए हैं, और वे पूँजी के अप्रत्यक्ष प्रवाह पर निर्भर हैं।

आर्थिक क्रियाकलाप पहले से कहीं अधिक दूरियों में फैल गए हैं। कभी-कभी इनका विस्तार महाद्वीपों के एक छोर से दूसरे छोर तक जाता है। इसलिए ये दूरसंचार के घनिष्ठ उपयोग से जुड़े हैं। बीसवीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में सूचना का अंकीकरण हो जाने पर दूरसंचार कम्प्यूटर में मिल गया है। इससे संचार के एक समन्वित संजाल का निर्माण हुआ है। इस कार्य में इंटरनेट की भूमिका उल्लेखनीय है। इसके परिणामस्वरूप पेशेवर अधिकारियों को नगर के केन्द्रीय भागों या दफ्तरों से दूर जाने का अवसर मिल गया है। अब वे अपने घरों में बैठकर लोगों के साथ प्रत्यक्ष सम्पर्क करके अच्छा काम कर सकते हैं। बैंक, जीवन बीमा कंपनियाँ तथा सुरक्षा से जुड़ी कंपनियाँ अत्यधिक सूचना प्रधान आर्थिक क्रियाकलाप है। इन्हीं के कारण संचार को ठेके पर दिया गया तथा निजी जालों के कारण, सारे संसार में दूरसंचार के साधनों का विकास हुआ है। वित्तीय साधनों का इलैक्ट्रोनिक माध्यम से लेन-देन अब अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था का केन्द्र-बिंदु बन गया है। इस व्यवस्था के द्वारा बैंक क्षण भर के नोटिस पर पूँजी को संसार के किसी भी कोने में स्थानान्तरित कर सकते हैं।

भौगोलिक कुशलताएँ

प्रश्न 1.
संसार के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाइए –

  1. उत्तरी अमेरिका, यूरोप तथा एशिया प्रत्येक से एक-एक वैश्विक नगर।
  2. हांग-कांग, शेनझेन, गागझाऊ-झुहाई-मकाऊ, विकसित मेगालो-पोलिस।

उत्तर:
Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 7 तृतीयक और चतुर्थ img 1a

परियोजना कार्य

प्रश्न 1.
यदि गम्य है तो निकटतम बी. पी. ओज में जाएँ और उनकी गतिविधियों का वर्णन करें।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
यात्रा अभिकर्ता से अपने विदेश जाने हेतु अनिवार्य दस्तावेजों का पता लगाएँ।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
निम्न में से तृतीयक क्रियाकलाप कौन-सा है?
(A) व्यापार
(B) परिवहन
(C) संचार और सेवाएँ
(D) सभी
उत्तर:
(D) सभी

प्रश्न 2.
विशिष्टीकृत बाजार कौन-सा है?
(A) श्रम बाजार
(B) आवासन
(C) अर्ध निर्मित
(D) सभी
उत्तर:
(D) सभी

प्रश्न 3.
निम्न में से फुटकर व्यापार सेवाएं कौन-सी हैं?
(A) फेरी
(B) रेहड़ी
(C) ट्रक
(D) दूरभाष
(E) सभी
उत्तर:
(E) सभी

प्रश्न 4.
परिवहन सेवाओं को प्रभावित करने वाला कारक कौन-सा है?
(A) भौगोलिक
(B) जनसंख्या का आकार
(C) प्रकृति
(D) संचार सेवा
उत्तर:
(B)
(B) जनसंख्या का आकार

प्रश्न 5.
उच्चस्तरीय सेवा कौन-सी है?
(A) चिकित्सक
(B) माली
(C) धोबी
(D) नाई
उत्तर:
(A) चिकित्सक

प्रश्न 6.
निम्नस्तरीय सेवा कौन-सी है?
(A) संगीतकार
(B) वकील
(C) मानसिक श्रम
(D) नाई
उत्तर:
(D) नाई

प्रश्न 7.
संयुक्त राज्य अमेरिका में कितने लोग सेवाओं में कार्यरत हैं?
(A) 60 प्रतिशत
(B) 75 प्रतिशत से अधिक
(C) 50 प्रतिशत
(D) 58 प्रतिशत
उत्तर:
(B) 75 प्रतिशत से अधिक

प्रश्न 8.
निम्न में से कौन-सी चीज व्यापार की बजाय प्रमोन के उद्देश्यों के लिए की जाती हैं?
(A) पर्यटन
(B) परिवहन
(C) मनोरंजन
(D) आवास
उत्तर:
(A) पर्यटन

प्रश्न 9.
‘घरों में रुकना’ एक लाभदायक व्यापार बनके उभरा है जैसे –
(A) गोवा में हेरीटेज होम्स
(B) कर्नाटक में मैडीकरे
(C) कूर्ग
(D) सभी
उत्तर:
(D) सभी

प्रश्न 10.
निम्न में से चतुर्थ क्रियाकलाप कौन-सा है?
(A) सूचना का संग्रहण
(B) उत्पादन और प्रकीर्णन
(C) अनुसंधान और विकास
(D) सभी
उत्तर:
(D) सभी

प्रश्न 11.
निम्न में से ज्ञान प्रकरण बाह्यस्त्रोतन (के.पी.ओ.) का कौन-सा उदाहरण है –
(A) ई. लर्निंग
(B) व्यवसयाय अनुसंधान
(C) बौद्धिक संपदा
(D) कानूनी व्यवसाय
(E) सभी
उत्तर:
(E) सभी

प्रश्न 12.
2005 में संयुक्त राज्य अमेरिका से उपचार के लिए कितने हजार रोगी भारत आए?
(A) 20
(B) 55
(C) 40
उत्तर:
(B) 55

प्रश्न 13.
निम्न में से चिकित्सा पर्यटन वाला देश कौन-सा है?
(A) भारत
(B) थाइलैंड
(C) सिंगापुर
(D) मलेशिया
(E) सभी
उत्तर:
(E) सभी

प्रश्न 14.
निम्न में से किस देश में अंकीय विभाजन पाया जाता है?
(A) भारत
(B) रूस
(C) दोनों में
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) दोनों में