Bihar Board Class 8 Science Solutions Chapter 17 किशोरावस्था की ओर Text Book Questions and Answers.

BSEB Bihar Board Class 8 Science Solutions Chapter 17 किशोरावस्था की ओर

Bihar Board Class 8 Science किशोरावस्था की ओर Text Book Questions and Answers

अभ्यास

1. सही विकल्प पर (✓) का चिह्न लगाइए

(क) किशोरावस्था की अवधि है-
(i) 6 वर्ष से 11 वर्ष
(ii) 11 वर्ष से 19 वर्ष
(iii) 19 वर्ष से 45 वर्ष
(iv) 15 वर्ष से 50 वर्ष
उत्तर-
(ii) 11 वर्ष से 19 वर्ष

Bihar Board Class 8 Science Solutions Chapter 17 किशोरावस्था की ओर

(ख) सीखने की सबसे अधिक क्षमता होती है.
(i) शैशवावस्था
(ii) प्रौढावस्था
(iii) बाल्यावस्था
(iv) किशोरावस्था
उत्तर-
(iii) बाल्यावस्था

(ग) टेस्टेस्टोरान है-
(i) अन्त:स्रावी ग्रंथि
(ii) स्त्री हारमोन
(iii) पुरुष हारमोन
(iv) (i) तथा (iii) दोनों
उत्तर-
(iii) पुरुष हारमोन

(घ) सामान्यतः ऋतुस्राव प्रारंभ होता है
(i) 20-25 वर्ष में
(ii) 11-13 वर्ष में
(iii) 45-50 वर्ष में
(iv) कभी नहीं
उत्तर-
(ii) 11-13 वर्ष में

Bihar Board Class 8 Science Solutions Chapter 17 किशोरावस्था की ओर

(ङ) बेहतर सेहत के लिए आवश्यक है
(i) खुब खाना, खुब नहाना
(ii) कम खाना, कम सोना
(iii) दिन में सोना रात में जगना
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(iv) इनमें से कोई नहीं

2. सही कथन के सामने (✓) गलत कथन के सामने (✗) चिह्न लगाइए

  1. द्वितीयक लैंगिक लक्षण शैशवावस्था में दिखाई देते हैं। – (✗)
  2. शुक्राणुओं का उत्पादन अण्डाशय से होता है। – (✗)
  3. पहले ऋतुस्राव को रजोदर्शन कहते हैं। – (✓)
  4. युग्मनज का. पोषण गर्भाशय में होता है। – (✓)
  5. इन्सुलिन की कमी से घंघा रोग होता है। – (✗)

3. कॉलम A से शब्दों को कॉलम B के उचित शब्दों से मिलाएँ-

Bihar Board Class 8 Science Solutions Chapter 17 किशोरावस्था की ओर 1

उत्तर-

  1.  – (iv)
  2. – (i)
  3. – (ii)
  4. – (iii)

प्रश्न 4.
किशोरावस्था से क्या समझते हैं?
उत्तर-
मानव जीवन को चार अवस्थाओं में बाँटा गया है। विकास एवं वृद्धि की पहली अवस्था शैशवावस्था कहलाता है। जिसकी अवधि जन्म से लेकर 5 वर्ष तक होती है। 6 वर्ष से 11 वर्ष की अवस्था को बाल्यावस्था कहा जाता है। 11-12 वर्ष से लेकर 18-19 वर्ष तक की अवस्था को किशोरावस्था कहा जाता है। किशोरावस्था के बाद की अवस्था को प्रौढ़ावस्था कहा जाता है।

किशोरावस्था के किशोर एवं किशोरियों को टीनएजर्स कहा जाता है। किशोरावस्था प्रारंभ होते ही अनेकों परिवर्तन देखने को मिलती है जो इस प्रकार हैं

  1. लम्बाई में वृद्धि
  2. शारीरिक बनावट में परिवर्तन
  3. स्वर में परिवर्तन
  4. स्वेद एवं तैल ग्रंथियों की सक्रियता में वृद्धि
  5. जननांगों में वृद्धि तथा सक्रियता में वृद्धि
  6. मानसिक तथा संवेदनात्मक विकास इत्यादि ।

इस प्रकार के परिवर्तनों के आधार पर किशोरावस्था की पहचान हम और आप कर पाते हैं।

Bihar Board Class 8 Science Solutions Chapter 17 किशोरावस्था की ओर

प्रश्न 5.
किशोरावस्था, बाल्यावस्था से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर-
मानव जीवन की दूसरी अवस्था को बाल्यावस्था कहा जाता है जिसकी अवधि 6 वर्ष से 11 वर्ष होती है । इस अवस्था में सीखने की सबसे अधिक क्षमता होती है। इस अवस्था में बच्चे काफी क्रियाशील होते हैं जो कि उनके नटखट तथा जिज्ञासा को प्रदर्शित करता है। इस अवस्था में बालक लगभग सभी सामाजिक क्रियाकलापों को समझने तथा सीखने में आगे रहते हैं।

दूसरी तरफ मानव जीवन की तीसरी अवस्था किशोरावस्था होती है जो कि सभी अवस्थाओं में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस अवस्था में बालक तथा बालिकाओं की शारीरिक बनावट में परिवर्तन, वृद्धि एवं विकास साफ-साफ दिखाई पड़ता है। इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप जनन परिपक्वता आती है। इसी अवस्था में मानव प्रजनन की योग्यता को प्राप्त कर लेते हैं। यौनारम्भ किशोरावस्था में ही होता है और जनन अंगों में वृद्धि होती है। लड़कों में मूंछ, दाढी निकलती है और लड़कियों का स्तन विकसित होता है। जनन परिपक्वता के साथ ही किशोरावस्था समाप्त हो जाती है।

Bihar Board Class 8 Science Solutions Chapter 17 किशोरावस्था की ओर

प्रश्न 6.
बेहतर सेहत के लिए आप क्या करते हैं?
उत्तर-
व्यक्ति का शारीरिक एवं मानसिक रूप से विसंगत मुक्त होना उस व्यक्ति का स्वास्थ्य कहलाता है। इस विसंगति से बचने के लिए शरीर के प्रत्येक अंग को ऊर्जा की आवश्यकता होती है और यह ऊर्जा हमें भोजन

से प्राप्त होती है। परन्तु यह ध्यान रहे कि किसी भोज्य पदार्थ की अधिकता यानि किसी भाज्य पदार्थ को अधिक सेवन नहीं करना चाहिए और न ही किसी भोज्य पदार्थ (पौष्टिक पदार्थ) का कम-से-कम सेवन करना चाहिए इस प्रकार बेहतर

सेहत के लिए हमें संतुलित आहार लेना चाहिए। जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, वसा एवं खनिजों की पर्याप्त मात्रा हो । इसके अलावे साफ-सफाई एवं नियमित व्यायाम आवश्यक है। समय के अनुसार सोना, जगना, पढ़ना-खेलना, खाना इत्यादि होना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण है पानी की साफ-सफाई यानि. प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ पानी तथा अधिक से अधिक पानी ग्रहण करना चाहिए।