Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

BSEB Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

Bihar Board Class 10 Science धातु एवं अधातु InText Questions and Answers

अनुच्छेद 3.1 पर आधारित

प्रश्न 1.
ऐसी धातु का उदाहरण दीजिए जो –

  1. कमरे के ताप पर द्रव होती है।
  2. चाकू से आसानी से काटी जा सकती है।
  3. ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती है।
  4. ऊष्मा की कुचालक होती है।

उत्तर:

  1. पारा (मरकरी)
  2. सोडियम
  3. चाँदी (सिल्वर)
  4. सीसा (लेड)

प्रश्न 2.
आघातवर्ध्यता तथा तन्यता का अर्थ बताइए।
उत्तर:
आघातवर्ध्यता धातुओं को पीटकर पतली चादर बनाने के गुणधर्म को आघातवर्ध्यता कहते तन्यता धातुओं के पतले तार के रूप में खींचने की क्षमता को तन्यता कहते हैं।

अनुच्छेद 3.2 पर आधारित

प्रश्न 1.
सोडियम को केरोसिन में डुबोकर क्यों रखा जाता है?
उत्तर:
सोडियम बहुत अभिक्रियाशील धातु है। यह कमरे के सामान्य ताप पर भी वायु की ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके जलने लगता है। इसलिए इसे केरोसिन में डुबोकर रखा जाता है।

प्रश्न 2.
इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए –
1. भाप के साथ आयरन।
2. जल के साथ कैल्सियम तथा पोटैशियम।
उत्तर:
1. 3Fe(s) + 4H4O(g) → Fe3O4(s) + 4H2 (g)
2. (a) Ca(s) + 2H2O(D) → Ca(OH)2(aq) + H2 (g)
(b) 2K(s) + 2H2O(l) → 2KOH(aq) + H2 (g) + ऊष्मा

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 3.
A, B, C एवं D चार धातुओं के नमूनों को लेकर एक-एक करके निम्न विलयन में डाला गया। इससे प्राप्त परिणाम को निम्न प्रकार से सारणीबद्ध किया गया है –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु
इस सारणी का उपयोग कर धातु A, B, C एवं D के संबंध में निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

  1. सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु कौन-सी है?
  2. धातु B को कॉपर (II) सल्फेट के विलयन में डाला जाए तो क्या होगा?
  3. धातु A, B, C एवं D को अभिक्रियाशीलता के घटते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए।

उत्तर:
1. धातु ‘A’ Cu को विस्थापित कर सकती है, धातु ‘B’ Fe को विस्थापित कर सकती है तथा धातु ‘C’ Ag को विस्थापित कर सकती है। Cu, Fe तथा Ag को उनकी अभिक्रियाशीलता के घटते क्रम में निम्नवत् व्यक्त किया जा सकता है –
Fe > Cu > Ag
अतः धातु ‘B’ सर्वाधिक अभिक्रियाशील है।

2. चूँकि धातु ‘B’ कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील है, अत: यह कॉपर (II) सल्फ़ेट विलयन से कॉपर को विस्थापित कर देगी। अतः कॉपर सल्फेट का गहरा नीला रंग हल्का हो जायेगा।

3. धातु ‘B’ Fe को विस्थापित कर सकती है, धातु ‘A’ Cu को विस्थापित कर सकती है, धातु धातु B Fe ‘C’ Ag को विस्थापित कर सकती है तथा धातु ‘D’ किसी को भी विस्थापित नहीं कर सकती है; अतः इन्की अभिक्रियाशीलता का घटता क्रम निम्नवत् होगा
B> A>C>D

प्रश्न 4.
जब अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो कौन-सी गैस निकलती है? आयरन के साथ तनु H2SO4 की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
जब अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो हाइड्रोजन गैस निकलती है। आयरन के साथ तनु H2SO4 की रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण निम्नवत् है –
Fe (s) + dil. H2SO4 → FeSO4(aq) + H2 (g)

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 5.
जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने से क्या होता है? इसकी रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने से जिंक, आयरन को आयरन (II) सल्फेट विलयन में से विस्थापित कर देता है तथा आयरन (II) सल्फेट विलयन का गहरा हरा रंग हल्का हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जिंक आयरन से अधिक अभिक्रियाशील है।
Zn(s) + FeSO4(aq) → ZnSO4 (aq) + Fe(s)

अनुच्छेद 3.3 पर आधारित

प्रश्न 1.

  1. सोडियम, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम के लिए इलेक्ट्रॉन-बिंदु संरचना लिखिए।
  2. इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण के द्वारा Na,o एवं Mgo का निर्माण दर्शाइए।
  3. इन यौगिकों में कौन-से आयन उपस्थित हैं?

उत्तर:
1. (a) सोडियम (Na) = 11
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8, 1
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

(b) ऑक्सीजन (O) =8
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 6
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु
(c) मैग्नीशियम (Mg) = 12
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8, 2
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

2. (a) Na2O का निर्माण
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

(b) Mgo का निर्माण
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु
3. Nano में Na+और O आयन उपस्थित हैं तथा Mgo में Mg+ और O आयन उपस्थित हैं।

प्रश्न 2.
आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च क्यों होता है?
उत्तर:
आयनिक यौगिकों के गलनांक बहुत उच्च होते हैं; क्योंकि इनके मध्य उपस्थित अन्तराअणुक आकर्षण बल को तोड़ने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती हैं।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

अनुच्छेद 3.4 पर आधारित

प्रश्न 1.
निम्न पदों की परिभाषा दीजिए –

  1. खनिज
  2. अयस्क
  3. गैंग

उत्तर:

  1. खनिज पृथ्वी की भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले तत्त्वों या यौगिकों को खनिज कहते हैं।
  2. अयस्क कुछ स्थानों पर खनिजों में कोई विशेष धातु काफी मात्रा में होती है जिसे निकालना लाभकारी होता है। इन खनिजों को अयस्क कहते हैं।
  3. गैंग पृथ्वी से खनित अयस्कों में मिट्टी, रेत आदि जैसी कई अशुद्धियाँ होती हैं, जिन्हें गैंग कहते हैं।

प्रश्न 2.
दो धातुओं के नाम बताइए जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं।
उत्तर:
सोना और चाँदी धातुएँ प्रकृति में मुक्त अवस्था में पायी जाती हैं।

प्रश्न 3.
धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रम का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए अपचयन प्रक्रम का उपयोग किया जाता है।

अनुच्छेद 3.5 पर आधारित

प्रश्न 1.
जिंक, मैग्नीशियम एवं कॉपर के धात्विक ऑक्साइडों को निम्न धातुओं के साथ गर्म किया गया जिंक मैग्नीशियम कॉपर जिंक ऑक्साइड मैग्नीशियम ऑक्साइड धातुकॉपर ऑक्साइड किस स्थिति में विस्थापन अभिक्रिया घटित होगी?
उत्तर:
विस्थापन अभिक्रिया घटित होगी जब –

  1. जिंक ऑक्साइड मैग्नीशियम से अभिक्रिया करेगा। चूँकि मैग्नीशियम जिंक से अधिक अभिक्रियाशील है इसलिए यह जिंक को जिंक ऑक्साइड से विस्थापित करके मैग्नीशियम ऑक्साइड बनायेगा।
  2. कॉपर ऑक्साइड जिंक से अभिक्रिया करेगा। चूँकि जिंक कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील है इसलिए यह कॉपर को कॉपर ऑक्साइड से विस्थापित करके जिंक ऑक्साइड बनायेगा।
  3. कॉपर ऑक्साइड मैग्नीशियम से अभिक्रिया करेगा। चूँकि मैग्नीशियम कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील है इसलिए यह कॉपर को कॉपर ऑक्साइड से विस्थापित करके मैग्नीशियम ऑक्साइड बनायेगा।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 2.
कौन-सी धातु आसानी से संक्षारित नहीं होती है?
उत्तर:
वे धातुएँ जो सक्रियता श्रेणी में सबसे नीचे स्थित हैं; जैसे – सोना, चाँदी आदि, आसानी से संक्षारित नहीं होती हैं।

प्रश्न 3.
मिश्रा क्या होते हैं? (2018)
उत्तर:
दो या दो से अधिक धातुओं के समांगी मिश्रण को मिश्रातु कहते हैं।
उदाहरणार्थ:
पीतल, ताँबा एवं जस्ते की मिश्रातु है।

Bihar Board Class 10 Science धातु एवं अधातु Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्न में कौन-सा युगल विस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करता है?
(a) NaCl विलयन एवं कॉपर धातु
(b) MgCl2 विलयन एवं ऐलुमिनियम धातु
(c) FeSO4 विलयन एवं सिल्वर धातु
(d) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु
उत्तर:
(d) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु

प्रश्न 2.
लोहे के फ्राइंग पैन को जंग से बचाने के लिए निम्न में से कौन-सी विधि उपयुक्त
(a) ग्रीस लगाकर
(b) पेंट लगाकर
(c) जिंक की परत चढ़ाकर
(d) ये सभी
उत्तर:
(c) जिंक की परत चढ़ाकर

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 3.
कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती है। यह यौगिक जल में विलेय है। यह तत्त्व क्या हो सकता है?
(a) कैल्सियम
(b) कार्बन
(c) सिलिकॉन
(d) लोहा
उत्तर:
(a) कैल्सियम

प्रश्न 4.
खाद्य पदार्थ के डिब्बों पर जिंक की बजाय टिन का लेप होता है क्योंकि
(a) टिन की अपेक्षा जिंक महँगा है
(b) टिन की अपेक्षा जिंक का गलनांक अधिक है
(c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है
(d) टिन की अपेक्षा जिंक कम अभिक्रियाशील है
उत्तर:
(c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है

प्रश्न 5.
आपको एक हथौड़ा, बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच दिया गया है
(a) इनका उपयोग कर धातुओं एवं अधातुओं के नमूनों के बीच आप विभेद कैसे कर सकते हैं?
(b) धातुओं एवं अधातुओं में विभेदन के लिए इन परीक्षणों की उपयोगिताओं का आकलन कीजिए।
उत्तर:
(a) हथौड़ा धातुओं को एक पतली चादर में परिवर्तित कर सकता है जबकि अधातुओं के साथ ऐसा नहीं किया जा सकता। इस प्रकार यह धातुओं तथा अधातुओं के बीच विभेद करने में हमारी सहायता कर सकता है।

बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच की सहायता से हम एक परिपथ तैयार कर सकते हैं। अब परिपथ के मध्य में धातुओं तथा अधातुओं के नमूनों को बारी-बारी से लगाकर हम धातुओं तथा अधातुओं के बीच विभेद कर सकते हैं। यदि नमूना धातु होगा तो परिपथ में स्थित बल्ब जलने लगेगा और यदि नमूना अधातु है (ग्रेफाइट को छोड़कर) तो बल्ब नहीं जलेगा।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

(b) उपर्युक्त परीक्षण धातुओं तथा अधातुओं के लक्षणों को बताते हैं इसलिए ये उपयोगी हैं।

प्रश्न 6.
उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं? दो उभयधर्मी ऑक्साइडों का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वे धातु ऑक्साइड जो अम्लीय के साथ-साथ क्षारीय लक्षण भी प्रदर्शित करते हैं अर्थात् अम्ल तथा क्षार दोनों के साथ अभिक्रिया करते हैं, उदासीन ऑक्साइड कहलाते हैं। उदाहरणार्थः ऐलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) तथा जिंक ऑक्साइड (ZnO)।

प्रश्न 7.
दो धातुओं के नाम बताइए जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगी तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकती हैं।
उत्तर:
जिंक तथा लोहा हाइड्रोजन को तनु अम्ल में से विस्थापित कर सकते हैं जबकि कॉपर तथा सिल्वर ऐसा नहीं कर सकते हैं।

प्रश्न 8.
किसी धातु M के विद्युत अपघटनी परिष्करण में आप ऐनोड, कैथोड एवं विद्युत अपघट्य किसे बनाएँगे?
उत्तर:
किसी धातु M के विद्युत अपघटनी परिष्करण में हम अशुद्ध धातु को ऐनोड तथा शुद्ध धातु की एक पतली छड़ को कैथोड बनाएँगे। धातु लवण के विलयन को हम विद्युत अपघट्य बनाएँगे।

प्रश्न 9.
प्रत्यूष ने सल्फर चूर्ण को स्पैचुला में लेकर उसे गर्म किया। चित्र के अनुसार एक परखनली को उलटा करके उसने उत्सर्जित गैस को एकत्र किया – परखनली
(a) गैस की क्रिया क्या होगी

  • सूखे लिटमस पत्र पर?
  • आर्द्र लिटमस पत्र पर?

(b) ऊपर की अभिक्रियाओं के लिए बर्नर संतुलित रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु
उत्तर:
(a) जब सल्फर को वायु में जलाया जाता है तो यह वायु की ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके सल्फर डाइऑक्साइड बनाता है।

  • सूखे लिटमस पत्र पर गैस की क्रिया सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) गैस की प्रकृति अम्लीय होती है परन्तु यह सूखे लिटमस पत्र से अभिक्रिया नहीं करेगी और न ही उसका रंग परिवर्तित करेगी क्योंकि अम्लीय लक्षण केवल जल की उपस्थिति में परिलक्षित होता है। आर्द्र लिटमस पत्र पर गैस की क्रिया सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) गैस की प्रकृति अम्लीय होती है।
  • आर्द्र लिटमस पत्र से क्रिया करके यह सल्फ्यूरस अम्ल बनाएगी जिससे नीला लिटमस पत्र लाल हो जाता है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 10.
लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके बताइए।
उत्तर:
लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके निम्नवत् हैं –

  1. लोहे की सतह पर पेंट या ग्रीज़ लगाकर।
  2. यशदलेपन (लोहे की वस्तुओं पर जस्ते की परत चढ़ाकर) करके।

प्रश्न 11.
ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातुएँ कैसा ऑक्साइड बनाती हैं?
उत्तर:
ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातुएँ अम्लीय या उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं; परन्तु क्षारकीय ऑक्साइड कभी नहीं बनाती हैं।

प्रश्न 12.
कारण बताइए –
(a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अंदर संगृहीत किया जाता है।
(c) ऐलुमिनियम अत्यंत अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने के लिए किया जाता है।
(d) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।
उत्तर:
(a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी सबसे कम अभिक्रियाशील धातुएँ हैं इसलिए ये प्रकृति में मुक्त अवस्था में पायी जाती हैं। ये अपनी चमक बहुत लम्बे समय तक बनाए रखती हैं। यही कारण है कि इनका प्रयोग आभूषण बनाने में किया जाता है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम बहुत अभिक्रियाशील हैं। ये कमरे के सामान्य ताप पर भी वायु की ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके अपने ऑक्साइड बनाते हैं। यह अभिक्रिया इतनी तेज़ी से होती है कि आग भी लग सकती है। इसलिए किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए इन्हें केरोसिन में संगृहित किया जाता है।

(c) ऐलुमिनियम ऊष्मा का बहुत अच्छा सुचालक है तथा यह प्रकृति में सर्वाधिक मात्रा में पायी जाने वाली धातु है। यह ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके अपनी सतह पर ऑक्साइड की एक परत बना लेता है जो इसे और अधिक संक्षारित होने से बचाती है। यही कारण है कि अभिक्रियाशील होते हुए भी ऐलुमिनियम का प्रयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने में किया जाता है।

(d) कार्बोनेट अथवा सल्फाइड अयस्कों से धातु प्राप्त करना बहुत कठिन है जबकि धातु ऑक्साइडों से धातु प्राप्त करना बहुत सरल है। यही कारण है कि कार्बोनेट अथवा सल्फाइड अयस्कों को पहले धातु ऑक्साइडों में परिवर्तित किया जाता है।

प्रश्न 13.
आपने ताँबे के मलीन बर्तन को नींबू या इमली के रस से साफ करते अवश्य देखा होगा। यह खट्टे पदार्थ बर्तन को साफ करने में क्यों प्रभावी हैं?
उत्तर:
ताँबे के मलीन बर्तनों पर धातु कार्बोनेट की एक परत जमी होती है जिसकी प्रकृति क्षारकीय होती है। नींबू या इमली के रस की प्रकृति अम्लीय होती है। जब हम इस रस से मलीन बर्तन को साफ़ करते हैं तो यह धातु कार्बोनेट की परत को उदासीन कर देता है यही कारण है कि हम ताँबे के मलीन बर्तनों को नींबू या इमली के रस से साफ करते हैं।

प्रश्न 14.
रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातुओं एवं अधातुओं में विभेद कीजिए।
उत्तर:
रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातुओं और अधातुओं में विभेद
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 15.
एक व्यक्ति प्रत्येक घर में सुनार बनकर जाता है। उसने पुराने एवं मलीन सोने के आभूषणों में पहले जैसी चमक पैदा करने का ढोंग रचाया। कोई संदेह किए बिना ही एक महिला अपने सोने के कंगन उसे देती है जिसे वह एक विशेष विलयन में डाल देता है।

कंगन नए की तरह चमकने लगते हैं लेकिन उनका वजन अत्यंत कम हो जाता है। वह महिला बहुत दुखी होती है तथा तर्क-वितर्क के पश्चात् उस व्यक्ति को झुकना पड़ता है। एक जासूस की तरह क्या आप उस विलयन की प्रकृति के बारे में बता सकते हैं?
उत्तर:
उस व्यक्ति ने जिस विलयन का उपयोग किया उसका नाम ऐक्वा रेजिया है। ऐक्वा रेजिया सांद्र नाइट्रिक अम्ल तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का 1:3 अनुपात में बना मिश्रण है। सोना केवल ऐक्वा रेजिया में ही घुलनशील है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 16.
गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबे का उपयोग होता है परंतु इस्पात (लोहे की मिश्रातु) का नहीं। इसका कारण बताइए।
उत्तर:
गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबे का उपयोग होता है परन्तु इस्पात (लोहे की मिश्रातु) का नहीं, क्योंकि ताँबा गर्म जल अथवा भाप से अभिक्रिया नहीं करता है जबकि इस्पात गर्म जल अथवा भाप से अभिक्रिया करके आयरन ऑक्साइड बनाता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

Bihar Board Class 10 Science धातु एवं अधातु Additional Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हाइड्रोजन है –
(a) धातु
(b) अधातु
(c) उपधातु
(d) मिश्रधातु
उत्तर:
(b) अधातु

प्रश्न 2.
ऐन्टिमनी है – (2014, 16)
(a) धातु
(b) अधातु
(c) उपधातु
(d) मिश्रधातु
उत्तर:
(c) उपधातु

प्रश्न 3.
आघातवर्धनीयता प्रदर्शित करता है – (2018)
(a) सल्फर
(b) आयोडीन
(c) फॉस्फोरस
(d) ताँबा
उत्तर:
(d) ताँबा

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 4.
धातु जो सरलता से ऑक्सीकृत हो जाती है, वह है (2011)
(a) Cu
(b) Ag
(c) Al
(d) Pt
उत्तर:
(c) Al

प्रश्न 5.
धातुओं के ऑक्साइड होते हैं –
(a) अम्लीय
(b) क्षारीय
(c) उभयधर्मी
(d) उदासीन
उत्तर:
(b) क्षारीय

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से कौन-सी धातु जल के साथ सामान्य ताप पर ही अभिक्रिया कर लेती है अर्थात् हाइड्रोजन गैस निकालती है? (2011, 12, 13)
या कौन-सी धातु ठंडे जल के साथ अभिक्रिया कर लेती है? (2018)
(a) कॉपर
(b) आयरन
(c) मैग्नीशियम
(d) सोडियम/कैल्सियम
उत्तर:
(d) सोडियम/कैल्सियम

प्रश्न 7.
निम्न में से कौन-सी धातु अम्ल से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करती है? (2014, 15)
(a) Fe
(b) Zn
(c) Cu
(d) Mg
उत्तर:
(c) Cu

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 8.
निम्नलिखित में से कौन-सी धातु अम्ल में से हाइड्रोजन विस्थापित करती है? (2011, 13, 17)
(a) Mg
(b) Pt
(c) Cu
(d) Hg
उत्तर:
(a) Mg

प्रश्न 9.
जस्ता धातु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया करके कौन-सी गैस निष्कासित करती है? (2016)
(a) ओजोन
(b) ऑक्सीजन
(c) हाइड्रोजन
(d) नाइट्रोजन
उत्तर:
(c) हाइड्रोजन

प्रश्न 10.
तत्त्व A, B, C, D के मानक अपचयन विभव क्रमशः +0.60, -0.35, -1.50, – 2.71 वोल्ट हैं। सबसे अधिक क्रियाशील तत्त्व होगा- (2017)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
उत्तर:
(d) D

प्रश्न 11.
ताँबे का अयस्क है – (2011)
(a) बॉक्साइट
(b) मैलेकाइट
(c) कार्नेलाइट
(d) सीडेराइट
उत्तर:
(b) मैलेकाइट

प्रश्न 12.
कॉपर पायराइट का सूत्र है –
(a) CuFeS2
(b) Cu2S
(c) CuCO3 Cu(OH)3
(d) Cu2O
उत्तर:
(a) CuFeS2

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 13.
फफोलेदार कॉपर है – (2009, 14, 16)
(a) शुद्ध कॉपर
(b) कॉपर का अयस्क
(c) कॉपर की मिश्र-धातु
(d) कॉपर जिसमें 2% अशुद्धियाँ होती हैं
उत्तर:
(d) कॉपर जिसमें 2% अशुद्धियाँ होती हैं

प्रश्न 14.
मैट में मुख्यतः होता है – (2015, 17)
(a) FeS
(b) Cu2S
(c) Cu2S तथा FeS
(d) Cu2S तथा Fe2S3
उत्तर:
(c) Cu2S तथा FeS

प्रश्न 15.
चैल्कोसाइट अयस्क है – (2011)
(a) आयोडीन का
(b) आयरन का
(c) सोडियम का
(d) कॉपर का
उत्तर:
(d) कॉपर का

प्रश्न 16.
क्लोराइड अयस्क का उदाहरण है – (2013)
(a) बॉक्साइट
(b) मैलेकाइट
(c) सीडेराइट
(d) हॉर्न सिल्वर
उत्तर:
(d) हॉर्न सिल्वर

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 17.
ताम्र ग्लान्स का रासायनिक सूत्र है। (2016)
(a) Cu2S
(b) Cu2O
(c) CuFeS2
(d) CuCO3
उत्तर:
(a) Cu2S

प्रश्न 18.
कॉपर पायराइट को वायु में गर्म करके सल्फर को दूर करने की क्रिया को कहते हैं – (2012)
(a) निस्तापन
(b) भर्जन
(c) प्रगलन
(d) बेसेमरीकरण
उत्तर:
(b) भर्जन

प्रश्न 19.
निम्नलिखित में से कौन-सा अयस्क ऐलमिनियम का नहीं है?
(a) बॉक्साइट
(b) डायस्पोर
(c) कोरण्डम
(d) ऐजुराइट
उत्तर:
(d) ऐजुराइट

प्रश्न 20.
क्रायोलाइट अयस्क है –
(a) Fe का
(b) Al का
(c) Cu का
(d) Ag का
उत्तर:
(b) Al का

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 21.
ऐलुमिनियम में विद्युत-अपघटन में क्रायोलाइट मिलाया जाता है –
(a) ऐलुमिना का गलनांक घटाने के लिए
(b) विद्युत-चालकता बढ़ाने के लिए
(c) ऐलुमिना की अशुद्धियाँ पृथक् करने के लिए
(d) ऐनोड प्रभाव कम करने के लिए
उत्तर:
(a) ऐलुमिना का गलनांक घटाने के लिए

प्रश्न 22.
परावर्तनी भट्ठी का उपयोग होता है – (2018)
(a) प्रगलन में
(b) निस्तापन में
(c) बेसेमरीकरण में
(d) अतिशीतलन में
उत्तर:
(b) निस्तापन में

प्रश्न 23.
मुद्रा मिश्रधातु है – (2016)
(a) Cu (95%), Sn (4%), P (1%)
(b) Cu (80%), Zn (20%)
(c) Cu (88%), Sn (12%)
(d) Cu (90%), Zn (2%), Sn (8%)
उत्तर:
(a) Cu (95), Sn (4%), P (1%)

प्रश्न 24. पीतल है – (2017)
(a) धातु
(b) अधातु
(c) उपधातु
(d) मिश्रधातु
उत्तर:
(d) मिश्रधातु

प्रश्न 25.
पीतल में होते हैं –
(a) Cu a sn
(b) Cu a Ni
(c) Cu a zn
(d) Mg a Al
उत्तर:
(c) Cu व Zn

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 26.
जर्मन सिल्वर में कौन-सी धातु नहीं होती है? (2014)
(a) Cu
(b) Zn
(c) Ag
(d) Ni
उत्तर:
(c) Ag

प्रश्न 27.
काँसे की प्रतिमाएँ बनी होती हैं – (2012)
(a) कॉपर-जिंक की
(b) कॉपर-टिन की
(c) कॉपर-निकिल की
(d) कॉपर-आयरन की
उत्तर:
(b) कॉपर-टिन की

प्रश्न 28.
अमलगम होते हैं – (2013)
(a) उपधातु
(b) मिश्र धातु
(c) यौगिक
(d) विषमांगी मिश्रण
उत्तर:
(d) विषमांगी मिश्रण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
उप-धातु किसे कहते हैं। किन्हीं दो उपधातुओं के नाम लिखिए। या जिन तत्त्वों में धातु तथा अधातु दोनों के गुण पाये जाते हैं, उन्हें क्या कहते हैं ?
उत्तर:
वे तत्त्व जिनमें धातु एवं अधातु दोनों के गुण पाये जाते हैं, उपधातु कहलाते हैं; जैसेआर्सेनिक, एन्टीमनी।

प्रश्न 2.
चार धातुएँ सामान्य ताप पर द्रव अवस्था में पायी जाती हैं। इनमें से किसी एक का नाम लिखिए।
उत्तर:
मरकरी (पारा)।

प्रश्न 3.
किन्हीं दो अधातुओं के नाम लिखिए जिनमें चमक पायी जाती है।
उत्तर:
आयोडीन, ग्रेफाइट।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 4.
लोहे पर निम्न में से किस धातु की परत चढ़ाई जा सकती है और क्यों? (2012) Mg, Cu, Ag
उत्तर:
लोहे पर Cu व Ag की परत चढ़ाई जा सकती है क्योंकि लोहा रासायनिक सक्रियता श्रेणी में इनसे ऊपर है। अत: यह इनके विलयनों से इन्हें विस्थापित कर देता है।

प्रश्न 5.
कॉपर के दो प्रमुख अयस्कों के नाम व सूत्र लिखिए। (2009, 11, 13, 15, 17, 18) या कॉपर के दो सल्फाइड अयस्कों के नाम एवं सूत्र लिखिए। (2014, 16)
उत्तर:
1. सल्फाइड अयस्क कॉपर ग्लान्स (Cu2S) व कॉपर पायराइट (Cures.)
2. ऑक्साइड अयस्क क्यूप्राइट (Cu2O)

प्रश्न 6.
कॉपर पाइराइट का सान्द्रण किस विधि द्वारा किया जाता है? (2017)
उत्तर:
फेन प्लवन विधि द्वारा।

प्रश्न 7.
नम वायु के साथ कॉपर की क्या अभिक्रिया होती है? रासायनिक समीकरण भी दीजिए।
उत्तर:
वायुमण्डलीय कार्बन डाइ-ऑक्साइड, नमी व ऑक्सीजन से क्रिया करके यह हरे रंग का भास्मिक कॉपर कार्बोनेट [CuCO3.Cu(OH)2] बनाता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 8.
कॉपर मैट क्या है? (2018)
उत्तर:
कॉपर धातु के निष्कर्षण प्रक्रम में क्यूप्रस सल्फाइड और फेरस सल्फाइड का गलित मिश्रण प्राप्त होता है, जिसे मैट कहते हैं।

प्रश्न 9.
निम्न को पूर्ण कीजिए –
2AgNO3 + Cu → ………. + ………..
उत्तर:
2AgNO3 + Cu → Cu(NO3)2 + 2Ag

प्रश्न 10.
बॉक्साइट तथा मैलेकाइट का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
बॉक्साइट Al2O3. 2H2O
मैलेकाइट CuCO3.Cu(OH)2

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 11.
ऐलुमिनियम के दो अयस्कों के नाम व सूत्र दीजिए।
उत्तर:
1. बॉक्साइट Al2O2.2H2O
2. क्रायोलाइट Na3 AIF6

प्रश्न 12.
गन मेटल की संरचना तथा उपयोग लिखिए।
उत्तर:
गन मेटल में Cu – 88%, Sn – 10% तथा Zn – 2% होता है। इसका उपयोग बन्दूक, हथियार व मशीनों के पुर्जे बनाने में किया जाता है।

प्रश्न 13.
फॉस्फर ब्रांज के दो उपयोग लिखिए।
उत्तर:
रेडियो के एरियल तथा पुर्जे बनाने में।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
धातु तथा अधातु तत्त्वों के किन्हीं चार सामान्य गुणों का उल्लेख कीजिए। (2012)
उत्तर:
धातुओं के भौतिक गुण –

  1. शुद्ध रूप में धातु की सतह चमकदार होती है। धातु के इस गुण-धर्म को धात्विक चमक (metallic lustre) कहते हैं।
  2. धातुएँ सामान्यत: कठोर होती हैं। प्रत्येक धातु की कठोरता अलग-अलग होती है।
  3. कुछ धातुओं को पीटकर पतली चादर बनाया जा सकता है। इस गुण-धर्म को आघातवर्धनीयता = कहते हैं। सोना तथा चाँदी सबसे अधिक आघातवर्ध्य हैं।
  4. धातु के पतले तार के रूप में खींचने की क्षमता को तन्यता कहते हैं। सोना सबसे अधिक तन्य धातु है। एक ग्राम सोने से 2 किमी लम्बा तार खींचा जा सकता है।

अधातुओं के भौतिक गुण –

  1. अधिकांश अधातुएँ साधारण ताप पर गैस अवस्था में होती हैं। ब्रोमीन ऐसी अधातु है जो साधारण ताप पर द्रव होती है।
  2. ठोस अधातुएँ आघातवर्ध्य व तन्य नहीं होती हैं ये भंगुर होती हैं। उदाहरणार्थ-सल्फर और फॉस्फोरस को हथौड़े से पीटने पर ये टूट जाती हैं।
  3. अधातुओं में चमक नहीं पायी जाती है।
  4. अधातुएँ ऊष्मा और विद्युत की कुचालक होती हैं। ग्रेफाइट एक अपवाद है जोकि विद्युत का सुचालक है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 2.
रासायनिक दृष्टिकोण से धातु तथा अधातु में मुख्य अन्तर क्या हैं? हाइड्रोजन में धनायन बनाने की प्रवृत्ति होती है तथापि यह अधातु है। क्यों स्पष्ट कीजिए। (2014)
उत्तर:
सामान्य रासायनिक अभिक्रियाओं में धातु अपने परमाणुओं से एक या अधिक इलेक्ट्रॉनों का त्याग करती है जबकि अधातु एक या अधिक इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करती हैं। हाइड्रोजन में धनायन बनाने की प्रवृत्ति होने के साथ-साथ ऋणायन बनाने की प्रवृत्ति भी होती है। इसके अतिरिक्त इसमें धातुओं के अन्य सामान्य गुण भी नहीं पाये जाते हैं। यही कारण है कि यह धातु नहीं है बल्कि अधातु है।

प्रश्न 3.
विद्युत रासायनिक श्रेणी की सहायता से धातुओं द्वारा अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित करने की क्षमता किस प्रकार ज्ञात करते हैं। उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। (2013)
उत्तर:
विद्युत रासायनिक श्रेणी में जो धातुएँ हाइड्रोजन से ऊपर हैं वे अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित करती हैं तथा श्रेणी में धातु का स्थान जितना ऊपर होता है उसकी अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित करने की क्षमता भी उतनी अधिक होती है। उदाहरणार्थ : विद्युत रासायनिक श्रेणी में सोडियम व कैल्सियम हाइड्रोजन से ऊपर हैं अत: ये दोनों ही अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित करते हैं। परन्तु सोडियम अधिक शीघ्रता से हाइड्रोजन विस्थापित करती है।

प्रश्न 4.
विद्यत रासायनिक श्रेणी के आधार पर व्याख्या कीजिए कि क्यों कॉपर तन सल्फ्यूरिक अम्ल में घुलकर हाइड्रोजन गैस मुक्त नहीं करता है? (2017, 18)
उत्तर:
हम जानते हैं कि जो धातु सक्रियता श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर स्थित हैं, वे ही अम्लों में से हाइड्रोजन विस्थापित कर पाती हैं। वैद्युत रासायनिक श्रेणी में कॉपर हाइड्रोजन से नीचे स्थित है। अत: कॉपर तनु सल्फ्यूरिक अम्ल में घुलकर हाइड्रोजन गैस मुक्त नहीं करता है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 5.
कॉपर की छड़ को AgNO3 विलयन में डालने पर कुछ समय बाद विलयन का रंग नीला हो जाता है। विद्युत रासायनिक श्रेणी के आधार पर समझाइए। (2012, 17) क्या होता है जब कॉपर की छड़ को सिल्वर नाइट्रेट विलयन में डालते हैं? (2014, 17) या
उत्तर:
विद्युत रासायनिक श्रेणी का प्रत्येक तत्त्व अपने से नीचे स्थित तत्त्वों को उसके विलयन से विस्थापित कर सकता है। श्रेणी में Cu का स्थान Ag से ऊपर है, अत: यह AgNO से निम्नलिखित क्रिया देगा Cu (s) + 2Ag(NO3) → Cu2+ + 2NO3 + 2Ag↓
इस प्रकार विलयन में क्यूप्रिक आयन विद्यमान होने से विलयन का रंग नीला हो जाएगा।

प्रश्न 6.
जस्ता, कॉपर सल्फेट के विलयन से ताँबे को विस्थापित कर सकता है जबकि सोना ऐसा नहीं करता है। कारण सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
विद्युत रासायनिक श्रेणी में जस्ता, कॉपर से ऊपर स्थित है जबकि सोना, कॉपर से नीचे स्थित है। अतः इन धातुओं की सक्रियता का घटता हुआ क्रम Zn > Cu > Au है। हम जानते हैं कि अधिक क्रियाशील धातु कम क्रियाशील धातु को उसके लवण के विलयन से विस्थापित कर देती है।

Zn (जस्ता), कॉपर से अधिक क्रियाशील है। अत: Zn, कॉपर सल्फेट के विलयन में से कॉपर को विस्थापित कर देता है। परन्तु Au (सोना), Cu से कम क्रियाशील धातु है। अतः सोना, कॉपर को कॉपर सल्फेट विलयन से विस्थापित नहीं कर सकता है।
Zn + CuSO4 → ZnSO4 + Cu
Au + CuSO4 → कोई क्रिया नहीं

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 7.
कारण सहित स्पष्ट कीजिए कि निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रिया सम्भव हैं या नहीं – (2011, 15)
Hg + H2SO4 → HgSO4 + H2
Cu + 2AgNO3 → Cu(NO3)2 + 2Ag
उत्तर:
अभिक्रिया Hg + H2SO4 → HgSO4 + H2 सम्भव नहीं है। क्योंकि विद्युत रासायनिक श्रेणी में Hg का स्थान H2 से नीचे है। अतः यह हाइड्रोजन को विस्थापित नहीं करेगी। अभिक्रिया Cu + 2AgNO3 → Cu (NO3)2 + 2Ag सम्भव है; क्योंकि वैद्युत रासायनिक श्रेणी में Cu का स्थान Ag से ऊपर है।

प्रश्न 8.
अयस्क व खनिज को परिभाषित कीजिए।अयस्क तथा खनिज में क्या अन्तर है? (2013)
या अयस्क व खनिज को स्पष्ट कीजिए। (2016)
उत्तर:
खनिज Minerals प्रकृति में पृथ्वी के अन्दर धातुएँ तथा उनके यौगिक जिस रूप में पाये जाते हैं, उनको खनिज कहते हैं। अयस्क Ores जिस खनिज से किसी धातु को प्रचुर मात्रा में कम व्यय पर आसानी से प्राप्त किया जा सके, उस खनिज को उस विशिष्ट धातु का अयस्क कहते हैं। खनिज तथा अयस्क में अन्तर सभी अयस्क खनिज होते हैं, परन्तु सभी खनिज अयस्क नहीं होते हैं।

प्रश्न 9.
निस्तापन क्रिया को उदाहरण देते हुए समझाइए। (2012, 16, 17)
उत्तर:
सान्द्रित अयस्क को उसके गलनांक के नीचे ताप पर वायु की अनुपस्थिति या कम मात्रा में गर्म करके उसमें से नमी, हाइड्रेशन जल तथा अन्य वाष्पशील पदार्थों को बाहर निकालने की प्रक्रिया को निस्तापन कहते हैं। इस प्रक्रम में अयस्क को बिल्कुल भी पिघलने नहीं दिया जाता है। धातु कार्बोनेटों तथा हाइड्रॉक्साइडों को गर्म करके कार्बन डाइ-ऑक्साइड तथा जल निष्कासित करके धातुई ऑक्साइडों को प्राप्त करना भी निस्तापन ही कहलाता है। निस्तापन प्रक्रम के फलस्वरूप अयस्क शुष्क तथा छिद्रमय (porous) हो जाता है।
उदाहरणार्थ:
बॉक्साइट (Al2O3 . 2H2O) अयस्क का निस्तापन करने पर उसमें उपस्थित हाइड्रोजन जल वाष्पित होकर बाहर निकल जाता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 10.
भर्जन क्या है? यह क्रिया किन सान्द्रित अयस्कों के लिए प्रयोग में लायी जाती है? भर्जन को उदाहरण देते हुए समझाइए। (2012, 16)
या भर्जन क्रिया में प्रयुक्त होने वाली भट्ठी का नामांकित चित्र बनाइए तथा समीकरण दीजिए। (2017, 18)
या भर्जन क्या है ? कॉपर पायराइट के भर्जन में होने वाली अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए। (2014, 15, 17)
उत्तर:
सान्द्रित अयस्क को अकेले या किसी अन्य पदार्थ के साथ मिला करके उसके गलनांक के नीचे (बिना पिघलाये) वायु की नियन्त्रित मात्रा की उपस्थिति में गर्म करने की क्रिया को भर्जन कहा जाता है। यह क्रिया मुख्यतः सल्फाइड अयस्कों के लिए प्रयुक्त की जाती है। भर्जन तथा निस्तापन में केवल इतना ही अन्तर होता है कि भर्जन निस्तापन की अपेक्षा कुछ अधिक ताप तथा वायु की नियन्त्रित मात्रा की उपस्थिति में पूर्ण होती है।

भर्जन क्रिया के द्वारा अयस्क आंशिक या पूर्ण रूप से ऑक्सीकृत हो जाता है तथा अयस्क में उपस्थित सल्फर, आर्सेनिक, ऐण्टीमनी आदि अशुद्धियाँ ऑक्सीकृत होकर वाष्पशील ऑक्साइडों के रूप में पृथक् हो जाती हैं। भर्जन की क्रिया को परावर्तनी भट्ठी में कराते हैं। [संकेत परावर्तनी भट्ठी का चित्र दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 2 के उत्तर में देखें।]
उदाहरणार्थ:
सान्द्रित कॉपर पायराइट (CuFeS2) को कम ताप तथा वायु की नियन्त्रित मात्रा की उपस्थिति में परावर्तनी भट्ठी में गर्म करने पर निम्नलिखित अभिक्रियाएँ सम्पन्न होती हैं
2CuFeS2 + O2 → Cu2S + 2FeS + SO2
2Cu2S + 3O2 → 2Cu2O+ 2SO2
2FeS + 3O2 → 2FeO + 2SO2

अयस्क में उपस्थित S तथा As की अशुद्धियाँ वाष्पशील ऑक्साइडों में परिवर्तित हो जाती हैं।
S + O2 → SO2
4As + 3O2 → 2As2O3

प्रश्न 11.
निस्तापन तथा भर्जन में क्या अन्तर है? (2016)
उत्तर:
निस्तापन में अयस्क को निम्न ताप पर वायु की अनुपस्थिति (या कम मात्रा) में गर्म किया जाता है जबकि भर्जन में अयस्क को उच्च ताप पर (बिना पिघलाये) वायु की नियन्त्रित मात्रा में गर्म किया जाता है।

प्रश्न 12.
गालक किसे कहते हैं? स्पष्ट कीजिए। किसी एक अम्लीय गालक की क्रिया को केवल रासायनिक समीकरण द्वारा स्पष्ट कीजिए। (2011, 12, 15)
उत्तर:
वे पदार्थ जो अयस्क में उपस्थित अशुद्धियों के साथ उच्च ताप पर क्रिया करके इन्हें सरलता से गलाकर अलग होने वाले पदार्थों के रूप में दूर कर देते हैं, गालक कहलाते हैं। सरलता से गलकर अलग होने वाले पदार्थों को धातुमल (slag) कहते हैं।
गालक दो प्रकार के होते हैं –
(1) अम्लीय गालक तथा
(2) क्षारीय गालक।
अम्लीय गालक की रासायनिक क्रिया सिलिकन डाइ-ऑक्साइड (SiO2) अम्लीय गालक है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 13.
धातुमल किसे कहते हैं? समझाइए। (2011, 18)
उत्तर:
अयस्क में उपस्थित अशुद्धियों की गालक से क्रिया के फलस्वरूप बने गलनीय पदार्थ को धातुमल कहते हैं।
उदाहरणार्थ:
जब क्षारीय गालक MgCO2, अम्लीय अशुद्धि SiO2 के साथ क्रिया करता है, तो मैग्नीशियम सिलिकेट धातुमल के रूप में पृथक् हो जाता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 14.
प्रगलन पर टिप्पणी लिखिए। या प्रगलन को उदाहरण सहित समझाइए। (2012)
उत्तर:
निस्तापन तथा भर्जन क्रिया के उपरान्त प्राप्त अयस्क को कोक तथा उचित गालक (flux) के साथ मिलाकर मिश्रण को उच्च ताप तक गर्म करके गलाने (पिघलाने) की क्रिया को प्रगलन कहते हैं। प्रगलन क्रिया को वात्या भट्ठी में सम्पन्न कराते हैं। इस क्रिया में कोक प्रायः अपचायक का कार्य करता है तथा अयस्क को गलित धातु में परिवर्तित कर देता है।
उदाहरणार्थ:
हेमेटाइट (Fe2O3) से आयरन की प्राप्ति के लिए सान्द्रित, निस्तापित एवं भर्जित अयस्क में कोक तथा चूने का पत्थर (गालक) मिलाकर वात्या भट्ठी में गर्म करते हैं। इस क्रिया में Fe2O3, Fe में परिवर्तित हो जाता है –
Fe2O2 + 3C → 2Fe + 3CO↑
Fe2O3+ 3CO → 2Fe + 3CO2

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 15.
वात्या भट्ठी का नामांकित चित्र बनाइए। (2011)
उत्तर:
वात्या भट्ठी (Blast Furnace)
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 16.
फफोलेदार ताँबे के शोधन की विद्युत अपघटनी विधि बताइए। या फफोलेदार कॉपर से शुद्ध कॉपर धातु प्राप्त करने की विद्युत अपघटनी विधि का सचित्र वर्णन कीजिए। (2011, 12, 15)
या फफोलेदार कॉपर से शुद्ध कॉपर धातु प्राप्त करने की विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
इस विधि में अशुद्ध (crude) ताँबे की प्लेटें ऐनोड का कार्य करती हैं और कैथोड शुद्ध कॉपर की प्लेटें होती हैं (चित्र)। विद्युत-अपघट्य कॉपर सल्फेट का अम्लीय विलयन होता है। विद्युत-धारा प्रवाहित करने पर शुद्ध कॉपर कैथोड पर जमा हो जाता है। ऐनोड के नीचे कुछ अशुद्धियाँ, जिनमें सिल्वर, गोल्ड आदि धातुएँ होती हैं, जमा हो जाती हैं। इन्हें ऐनोड मड (anodic mud) कहते हैं। शेष अशुद्धियाँ घोल में सल्फेट के रूप में आ जाती हैं; जैसे निकिल, आयरन, जिंक आदि। विद्युत-अपघटन में 1.3 वोल्ट का विभवान्तर प्रयोग किया जाता है। इस विधि के द्वारा शोधित कॉपर 99.96-99.99% तक शुद्ध होता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 17.
कॉपर पर सान्द्र H2SO4 तथा सान्द्र HNO3 की अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए। (2011, 14, 15)
या क्या होता है जब कॉपर को सान्द्र गन्धक (सल्फ्यूरिक अम्ल) के साथ गर्म करते हैं? (2016, 17)
उत्तर:

  1. सान्द्र H2SO4 से क्रिया कॉपर सल्फेट व सल्फर डाइ-ऑक्साइड गैस बनती है।
  2. सान्द्र HNO3 से क्रिया नाइट्रोजन डाइ-ऑक्साइड व कॉपर नाइट्रेट बनते हैं।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 18.
बेसेमर परिवर्तक का नामांकित चित्र बनाइए। (2015)
उत्तर:
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु
प्रश्न 19.
बॉक्साइट से ऐलुमिना प्राप्त करने की सरपेक विधि का वर्णन समीकरण देते हुए कीजिए। (2017)
उत्तर:
जब बॉक्साइट में सिलिका की अशुद्धि अधिक होती है, तो उसका शोधन सरपेक विधि द्वारा किया जाता है। इस विधि में बॉक्साइट में कार्बन मिलाकर, मिश्रण को नाइट्रोजन की धारा में 1800°C पर गर्म किया जाता है, जिससे ऐलुमिनियम नाइट्राइड बन जाता है और बॉक्साइट में उपस्थित सिलिका का वाष्पशील सिलिकन में अपचयन हो जाता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

ऐलुमिनियम नाइट्राइड को जल के साथ गर्म किया जाता है, जिससे वह ऐलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड और अमोनिया में अपघटित हो जाता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु
ऐलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड को अलग करके तेज गर्म करते हैं, जिससे वह ऐलुमिना में अपघटित हो जाता है और इस प्रकार शुद्ध निर्जल ऐलुमिना प्राप्त होता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
धातुओं की सक्रियता श्रेणी क्या है ? हाइड्रोजन से अधिक सक्रिय एवं दूसरा कम सक्रिय ऐसे एक-एक धातु का नाम लिखिए। (2012, 16)
या विद्युत रासायनिक श्रेणी क्या है ? इसके दो प्रमुख अनुप्रयोग दीजिए। (2011)
उत्तर:
धातुओं की सक्रियता श्रेणी (विद्युत रासायनिक श्रेणी) वह सूची है जिसमें धातुओं को क्रियाशीलता के अवरोही क्रम में व्यवस्थित किया जाता है। विस्थापन के प्रयोगों के बाद निम्न श्रेणी को विकसित किया गया है जिसे सक्रियता श्रेणी कहते हैं।
सारणी:
सक्रियता श्रेणी-धातुओं की सापेक्ष अभिक्रियाशीलताएँ पोटैशियम –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु
अनुप्रयोग:
1. विद्युत रासायनिक श्रेणी की सहायता से धातुओं की अभिक्रियाशीलता की तुलना की जा सकती है।
2. विद्युत रासायनिक श्रेणी की सहायता से विभिन्न धातुओं द्वारा अम्लों में से हाइड्रोजन विस्थापित कर पाने की क्षमता की जानकारी प्राप्त होती है।

प्रश्न 2.
ताँबे के (कॉपर पायराइट के अतिरिक्त) दो मुख्य अयस्कों के नाम व सूत्र लिखिए। कॉपर पायराइट से ताँबे के निष्कर्षण की विधि को मुख्य पदों व समीकरणों सहित समझाइए। (2014)
या कॉपर के निष्कर्षण में भर्जन तथा प्रगलन में होने वाली अभिक्रियाओं को समझाइए। आवश्यक समीकरण भी दीजिए। (2013)
या परावर्तनी भट्ठी का सचित्र वर्णन कीजिए। कॉपर के निष्कर्षण में इसमें होने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं का समीकरण लिखिए। कॉपर के धातुकर्म में प्रयुक्त भर्जन क्रिया को सचित्र या समझाइए।
या कॉपर के दो प्रमुख अयस्कों के नाम लिखिए। बेसेमरीकरण को सचित्र समझाइए एवं अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण दीजिए। (2011, 15)
या कॉपर पायराइट से फफोलेदार ताँबा प्राप्त करने की विधि का वर्णन कीजिए। सम्बन्धित अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए। द्रवित मैट से शुद्ध ताँबा कैसे प्राप्त करेंगे? (2011)
या ताँबे के मुख्य अयस्क का नाम तथा सूत्र लिखिए। इसके सान्द्रण की विधि का वर्णन कीजिए। (2009)
या बेसेमरीकरण में प्रयुक्त रासायनिक अभिक्रिया लिखिए। (2014)
या बेसेमरीकरण पर टिप्पणी लिखिए। (2016)
या फेन-प्लवन विधि पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। (2018)
उत्तर:
ताँबे का मुख्य अयस्क कॉपर पायराइट (CuFeS2) है। कॉपर पायराइट के अतिरिक्त कॉपर के दो प्रमुख अयस्क कॉपर ग्लान्स (Cu2S) तथा क्यूप्राइट (Cu2O) हैं।

कॉपर का निष्कर्षण Extraction of Copper कॉपर का निष्कर्षण मुख्यत: सल्फाइड अयस्कों से किया जाता है। कॉपर पायराइट (CuFes,) कॉपर का मुख्य सल्फाइड अयस्क है। कॉपर पायराइट से कॉपर प्राप्त करने के लिए सर्वप्रथम अयस्क के बड़े-बड़े टुकड़ों को हथौड़ों से पीटकर, दलित्र द्वारा या स्टैम्प मिल के प्रयोग से एक महीन चूर्ण के रूप में प्राप्त कर लेते हैं। इसके बाद निम्नलिखित प्रक्रम किये जाते हैं

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

1. अयस्क का सान्द्रण Concentration of the ore सल्फाइड अयस्क का सान्द्रण फेन वाय प्लवन (froth floatation) विधि द्वारा किया जाता है। बारीक पिसे सल्फाइड अयस्क को जल से भरे हुए एक अयस्क टैंक में डाल दिया जाता है और उसमें थोड़ा चीड़ का जल 100086000 तेल और पोटैशियम एथिल जैन्थेट मिलाकर वायु की का तेज धारा प्रवाहित की जाती है। सल्फाइड अयस्क के। कण तेल से भीगकर द्रव की सतह पर फेन (झाग) में अशुद्धियाँ एकत्रित हो जाते हैं और अशुद्धियाँ जल से भीगकर टैंक के पेंदे में बैठ जाती हैं। सान्द्रित अयस्क को अलग कर लेते हैं।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

2. सान्द्रित अयस्क का भर्जन Roasting of the concentrated ore कॉपर पायराइट के सान्द्रित अयस्क को परावर्तनी भट्ठी (reverberatory furnace) में रख कर कम ताप तथा नियन्त्रित वायु (controlled air) की उपस्थिति में इतना गर्म किया जाता है कि वह बिना पिघले ऑक्सीकृत हो जाये। इस प्रकार सान्द्रित अयस्क का

भर्जन हो जाता है। अयस्क में उपस्थित सल्फर, आर्सेनिक तथा ऐण्टिमनी के अपद्रव्य ऑक्सीकृत होकर अपने ऑक्साइड बनाते हैं जो वाष्प के रूप में अलग हो जाते हैं।
S + O2 → SO2
4As + 3O2 → 2AS2O3
कॉपर पायराइट ऑक्सीकृत होकर कॉपर सल्फाइड (Cu2S), फेरस सल्फाइड (FeS) तथा सल्फर डाइ-ऑक्साइड (SO2) बनाता है।
2CuFeS2 + O2 → Cu2S + 2Fes + SO2
कॉपर सल्फाइड तथा फेरस सल्फाइड का कुछ भाग कॉपर ऑक्साइड (Cu2O) तथा फेरस ऑक्साइड (FeO) में बदल जाता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु
2Cu2S + 3O2 → 2Cu2O+ 2SO2
2FeS + 3O2→ 2FeO+ 2SO2

3. भर्जित अयस्क का प्रगलन (Smelting of the roasted ore) भर्जित अयस्क को रेत तथा कोक में मिलाकर ऊँचे ताप पर वात्या भट्ठी (blast furnace) में पिघलाया जाता है। रेत में SiO अधिकता में तथा कोक में कार्बन होता है। इस क्रिया को भर्जित अयस्क का प्रगलन कहते हैं। कॉपर पायराइट के भर्जित अयस्क के प्रगलन के फलस्वरूप उसमें उपस्थित Cu2O तथा Fes निम्न प्रकार से अभिक्रिया करते हैं

(i) क्यूप्रस ऑक्साइड फेरस सल्फाइड से क्रिया करके क्यूप्रस सल्फाइड में बदल जाता है।
Cu2O + Fes → Cu2S + FeO↑

(ii) फेरस सल्फाइड की पर्याप्त मात्रा फेरस ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाती है।
2FeS + 3O2 → 2FeO + 2SO2

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

इस प्रकार प्राप्त Feo, प्रयुक्त गालक (SiO2) के साथ अभिक्रिया करके आयरन सिलिकेट बनाता है जो धातुमल (slag) कहलाता है। सिलिका गालक का कार्य करता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु
क्यूप्रस सल्फाइड और फेरस सल्फाइड का गलित मिश्रण जिसे द्रवित मैट (matte) कहते हैं, भट्ठी के पेंदे में एकत्रित हो जाता है और मैट के ऊपर गलित धातुमल की परत जमा हो जाती है। मैट को निकास द्वार से बाहर निकाल लिया जाता है।

4. बेसेमरीकरण (Bessemerisation) प्रगलन से प्राप्त गलित मैट में थोड़ी क्वार्ट्स (सिलिका) मिलाकर एक बेसेमर परिवर्तक में भर दिया जाता है और उसमें वायु का झोंका प्रवाहित किया जाता है। गलित मैट और क्वार्ट्स के मिश्रण में वायु का झोंका प्रवाहित करने पर निम्नलिखित अभिक्रियाएँ होती हैं

(i) मैट में उपस्थित फेरस सल्फाइड फेरस ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है।
2Fes + 3O2 → 2FeO + 2SO2
(ii) FeO सिलिका से संयोग करके आयरन सिलिकेट बनाता है जो धातुमल कहलाता है। यह हल्का होने के कारण ऊपर आ जाता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु
(iii) अप्रयुक्त सिलिका को बेसेमर परिवर्तक का बेसिक स्तर अवशोषित कर लेता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु
(iv) क्यूप्रस सल्फाइड का कुछ भाग क्यूप्रस ऑक्साइड में बदल जाता है। यह पुन: क्यूप्रस सल्फाइड से क्रिया करके फफोलेदार ताँबा (blister copper) बनाता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 3.
ऐलुमिनियम के दो अयस्कों के नाम तथा सूत्र दीजिए। बॉक्साइट के शद्धिकरण की किसी एक विधि का संक्षेप में वर्णन कीजिए। ऐलुमिना से धातु को कैसे प्राप्त किया
जाता है?
उत्तर:
ऐलुमिनियम के दो प्रमुख अयस्क बॉक्साइट व क्रायोलाइट हैं। ऐलुमिनियम का निष्कर्षण बॉक्साइट (Al2O3 : 2H2O) से किया जाता है। बॉक्साइट में फेरिक ऑक्साइड (Fe2O3), सिलिका (SiO2) तथा अन्य अपद्रव्य मिले होते हैं। बॉक्साइट से ऐलुमिनियम का निष्कर्षण निम्न पदों में किया जाता है

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

1. बॉक्साइट का शोधन बॉक्साइट का शोधन हॉल की विधि द्वारा किया जाता है हॉल विधि (Hall’s process) इस विधि में बॉक्साइट में सोडियम कार्बोनेट मिलाकर मिश्रण को गलाया जाता है, जिससे ऐलुमिनियम ऑक्साइड सोडियम मेटा-ऐलुमिनेट में बदल जाता है।Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु
गलित मिश्रण को जल के साथ गर्म करके छान लिया जाता है। सोडियम मेटा-ऐलुमिनेट विलयन में आ जाता है और फेरिक ऑक्साइड, सिलिका आदि की अशुद्धियाँ अविलेय पदार्थ के रूप में अलग हो जाती सोडियम मेटा-ऐलुमिनेट विलयन को 30 – 60°C तक गर्म करके उसमें कार्बन डाइऑक्साइड गैस प्रवाहित की जाती है, जिससे ऐलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड अवक्षेपित हो जाता है जिसे छान लेते हैं।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु
अवक्षेप को जल से धोकर सुखाते हैं और फिर तेज गर्म करते हैं, जिससे ऐलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड ऐलुमिनियम ऑक्साइड (ऐलुमिना) में अपघटित हो जाता है और इस प्रकार शुद्ध निर्जल ऐलुमिना प्राप्त होता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

2. ऐलुमिना का विद्युत्-अपघटन शुद्ध और निर्जल ऐलुमिना (Al2O3) से ऐलुमिनियम धातु हॉल (C.M. Hall, 1886) और हैरॉल्ट (Heroult) द्वारा प्रस्तुत विद्युत्-अपघटनी विधि द्वारा प्राप्त किया जाता है। शुद्ध निर्जल ऐलुमिना को गलित क्रायोलाइट (Cryolite, Na3 AlF6) में घोलकर गलित मिश्रण का 875 से 950°C पर कार्बन इलेक्ट्रोडों के बीच विद्युत्-अपघटन करने पर कैथोड पर ऐलुमिनियम निक्षेपित (deposit) होता है और ऐनोड पर ऑक्सीजन निकलती है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

विद्युत्-अपघटनी सेल (संलग्न चित्र) 8 फीट लम्बा और 6 फीट चौड़ा लोहे का बक्स होता है, जिसके अन्दर गैस कार्बन का अस्तर लगा होता है जो कैथोड का कार्य करता है। ऐनोड कई ग्रेफाइट की छड़ों का बना होता है जो ऐलुमिना और क्रायोलाइट के गलित मिश्रण में डूबी रहती हैं। विद्युत्-अपघटनी सेल से समानान्तर क्रम (parallel) में एक विद्युत् लैम्प जुड़ा रहता है, जिसे नियन्त्रक लैम्प (controlling lamp) कहते हैं। गलित मिश्रण का विद्युत्-अपघटन करने पर ऐलुमिना की मात्रा घटने लगती है, जिसके फलस्वरूप सेल का प्रतिरोध बढ़ने लगता है।

जैसे ही सेल में ऐलुमिना समाप्त होने को होता है नियन्त्रक लैम्प जलने लगता है, क्योंकि सेल का प्रतिरोध बहुत बढ़ जाता है। ऐसा होने पर सेल में और निर्जल ऐलुमिना डाल दिया जाता है। निर्जल ऐलुमिना और क्रायोलाइट का गलित मिश्रण विद्युत्-अपघट्य का कार्य करता है। इसका ताप 875 – 950°C रखा जाता है। निर्जल ऐलुमिना (Al2O3) का गलनांक (2050°C) बहुत ऊँचा होता है, परन्तु उसमें क्रायोलाइट (Na3 AIF6 ) मिला देने से ऐलुमिना अपेक्षाकृत कम ताप पर (875 – 900°C) पिघल जाता है। विद्युत्-अपघटन लगभग 35000 ऐम्पियर (ampere) की विद्युत्-धारा द्वारा 4 – 5 वोल्ट की वोल्टता (voltage) पर किया जाता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु
शुद्ध निर्जल ऐलुमिना और क्रायोलाइट का मिश्रण विद्युत्-अपघटनी सेल में भरकर विद्युत्-धारा प्रवाहित की जाती है, जिससे क्रायोलाइट पिघल जाता है और उसमें निर्जल ऐलुमिना घुल जाता है। गलित क्रायोलाइट में ऐलुमिना के विलयन का विद्युत अपघटन होता है। कैथोड पर ऐलुमिनियम निक्षेपित होता है और ऐनोड पर ऑक्सीजन निकलती है। गलित अवस्था में ऐलुमिनियम सेल की तली में एकत्रित हो जाता है जिसे बाहर निकाल लेते हैं।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु
ग्रेफाइट ऐनोडों पर मुक्त हुई ऑक्सीजन से ग्रेफाइट की छड़ें क्रिया करती हैं जिससे कार्बन मोनोक्साइड (CO) बनती है, जिसके जलने से चमक उत्पन्न होती है और CO2 बनती है। अत: ग्रेफाइट की ऐनोड छड़ें खराब हो जाती हैं और उनको बदलना पड़ता है। विद्युत्-अपघटन करने से पहले ऐलुमिना और क्रायोलाइट के गलित मिश्रण में पिसा हुआ कार्बन डाल दिया जाता है जिससे ऊष्मा की हानि नहीं होती तथा आँखों में चमक नहीं लगती है। क्रायोलाइट की उपस्थिति में गलित ऐलुमिना के विद्युत्-अपघटन से लगभग 99.8% शुद्ध ऐलुमिनियम प्राप्त होता है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

ऐलुमिनियम का शोधन ऐलुमिनियम का शोधन विद्युत्-अपघटनी विधि, हूप विधि (Hoope’s process) द्वारा किया जाता है। इस विधि में कार्बन का अस्तर लगे हुए एक आयरन के टैंक में सबसे नीचे (bottom) गलित अशुद्ध ऐलुमिनियम की परत, मध्य में (middle) सोडियम, बेरियम और ऐलुमिनियम के फ्लु ओराइडों के गलित मिश्रण की परत और सबसे ऊपर (top) गलित शुद्ध ऐलुमिनियम की परत होती है (संलग्न चित्र) ऊपर की परत का आपेक्षिक घनत्व सबसे कम और नीचे (bottom) की परत का आपेक्षिक घनत्व सबसे अधिक होता है।

अशुद्ध ऐलुमिनियम की परत ऐनोड का और शुद्ध ऐलुमिनियम की परत कैथोड का कार्य करती है। सोडियम, बेरियम और ऐलुमिनियम के फ्लुओराइडों का गलित मिश्रण विद्युत्-अपघट्य (electrolyte) का कार्य करता है। शुद्ध ऐलुमिनियम की परत में लटकी हुई ग्रेफाइट की छड़ें व अशुद्ध ऐलुमिनियम की परत के सम्पर्क में स्थित कॉपर-ऐलुमिनियम मिश्र धातु की छड़ चालक का कार्य करती है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु
विद्युत्-धारा प्रवाहित करने पर शुद्ध ऐलुमिनियम बीच की परत से ऊपर की परत में कैथोड पर एकत्रित होता है और उतना ही ऐलुमिनियम नीचे (bottom) की परत से बीच की परत में आ जाता है। इस प्रकार शुद्ध ऐलुमिनियम नीचे की परत (ऐनोड) से ऊपर की परत (कैथोड) में आ जाता है और अशुद्धियाँ नीचे रह जाती हैं। इस विधि द्वारा प्राप्त ऐलुमिनियम 99.98% शुद्ध होता है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 4.
मिश्र धातु किसे कहते हैं ? कॉपर की दो प्रमुख मिश्र धातुओं के नाम, संघटन व उपयोग दीजिए। (2010, 13, 14, 16, 18)
या मिश्र धातु किसे कहते हैं ? कोई एक उदाहरण दीजिए। (2009, 11)
या मिश्र धातु से आप क्या समझते हैं? धातु एवं उसकी मिश्र धातु के गुणों में प्रमुख भिन्नता क्या है?
उत्तर:
“जब दो या दो से अधिक धातुओं को एक निश्चित अनुपात में मिलाकर पिघलाया जाता है तो ये धातुएँ परस्पर मिल जाती हैं और एक समांग मिश्रण बनाती हैं। ऐसे मिश्रण को मिश्र धातु कहते हैं।” इन मिश्र धातुओं के भौतिक गुण मूल धातुओं के भौतिक गुणों से बिल्कुल भिन्न होते हैं। उदाहरण के लिए-मिश्र धातु पीतल, जिसमें 2 भाग ताँबा व एक भाग जस्ता होता है, ताँबा व जस्ता की अपेक्षा अधिक कड़ा होता है।

मिश्र धातु बनाते समय यदि विभिन्न धातुओं को धीरे-धीरे गर्म किया जाये और फिर उन्हें धीरे-धीरे ठण्डा होने दिया जाये तो नरम मिश्र धातु प्राप्त होती है। यदि धातुओं को शीघ्रता से गर्म करके फिर शीघ्रता से ठण्डा किया जाये तो मिश्र धातु कठोर और भंगुर होती है। इस प्रकार धातुओं से मिश्र धातु बनाने में उनकी कठोरता, वायु, जल आदि से क्रिया करने का गुण, चमक, रंग, मूल्य आदि बदल कर अधिक उपयोगी बन जाते हैं। कॉपर की दो प्रमुख मिश्र धातुएँ, उनकी संरचना (संघटन) तथा मुख्य उपयोग निम्नांकित सारणी में दिये गये हैं –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

BSEB Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

Bihar Board Class 10 Science अम्ल, क्षारक एवं लवण InText Questions and Answers

प्रस्तावना पर आधारित

प्रश्न 1.
आपको तीन परखनलियाँ दी गई हैं। इनमें से एक में आसवित जल एवं शेष दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरे में क्षारकीय विलयन है। यदि आपको केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर:
सर्वप्रथम हम प्रत्येक परखनली में लाल लिटमस पत्र की एक-एक पट्टी डालेंगे। जिस परखनली में पट्टी का रंग नीला हो जायेगा उसमें क्षारकीय विलयन होगा। शेष दोनों परखनलियों में लाल लिटमस पत्र की पट्टी का रंग लाल ही रहता है अर्थात् इनमें से एक परखनली में आसवित जल तथा एक परखनली में अम्लीय विलयन है। अब हम क्षारकीय विलयन में से थोड़ा-थोड़ा विलयन इन दोनों परखनलियों में डालकर पुनः लाल लिटमस पत्र की पट्टी डालते हैं। जिस परखनली में पट्टी का रंग पुनः नीला हो जाता है उसमें आसवित जल है तथा जिस परखनली में पट्टी का रंग अपरिवर्तित रहता है उसमें अम्लीय विलयन उपस्थित है।

अनुच्छेद 2.1 पर आधारित

प्रश्न 1.
पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए?
उत्तर:
दही एवं खट्टे पदार्थों की प्रकृति अम्लीय होती है। यदि इन पदार्थों को पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में रखते हैं तो ये धातु से अभिक्रिया करके धात्विक लवण बनाते हैं जिसके कारण भोजन दूषित हो जाता है। यदि कोई व्यक्ति इस दूषित भोजन को खाता है तो वह बीमार पड़ सकता है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 2.
धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन-सी गैस निकलती है? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर:
धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः हाइड्रोजन गैस निकलती है।
उदाहरणार्थः
Zn (s) + H2SO4 (aq) → ZnSO4 + H2(g)
हाइड्रोजन गैस की उपस्थिति की जाँच हम ज्वाला परीक्षण से करेंगे। हाइड्रोजन गैस के निकट जलती हुई मोमबत्ती तीव्रता से जलने लगती है।

प्रश्न 3.
कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में से एक कैल्सियम क्लोराइड है, तो इस अभिक्रिया के लिए :: संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
CaCO3 + dil.2HCl → CaCl2 + CO2 + H2O
धातु यौगिक ‘A’ कैल्सियम कार्बोनेट है। जब यह तनु HCl से अभिक्रिया करता है तो कैल्सियम क्लोराइड, जल एवं कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है जो जलती हुई मोमबत्ती को बुझा देती

अनुच्छेद 2.2 पर आधारित

प्रश्न 1.
HCl, HNO3 आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के
अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं?
उत्तर:
HCl, HNO3 आदि जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयन (H+) उत्पन्न करते हैं जो उनकी अम्लीयता को प्रकट करते हैं परन्तु ग्लूकोज़ एवं ऐल्कोहॉल आदि यौगिक जलीय विलयन में H+ आयन उत्पन्न नहीं करते इसलिए ये अम्लीयता का अभिलक्षण भी प्रदर्शित नहीं करते हैं।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 2.
अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है?
उत्तर:
अम्ल जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयन (H+ ) देते हैं तथा विद्युत इन्हीं आयनों के द्वारा चालन करती है।

प्रश्न 3.
शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नहीं बदलती है?
उत्तर:
शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को इसलिए नहीं बदलती; क्योंकि शुष्क HCl गैस में हाइड्रोजन आयन (H+) आयन नहीं होते इसलिए यह अम्लीयता का अभिलक्षण प्रदर्शित नहीं करती है।

प्रश्न 4.
अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए, न कि जल को अम्ल में?
उत्तर:
अम्ल एवं जल की क्रिया अत्यन्त ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है; अत: यह अनुशंसित किया जाता है कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए न कि जल को अम्ल में। जल को अम्ल में मिलाने पर अत्यधिक ऊष्मा उत्सर्जित होने के कारण विस्फोट भी हो सकता है।

प्रश्न 5.
अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H3 O+) की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?
उत्तर:
अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H3 O+) की सांद्रता में प्रति इकाई आयतन में कमी हो जाती है।

प्रश्न 6.
जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है?
उत्तर:
जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) की सांद्रता बढ़ जाती है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

अनुच्छेद 2.3 पर आधारित

प्रश्न 1.
आपके पास दो विलयन ‘A’ एवं ‘B’ हैं। विलयन ‘A’ के pH का मान 6 है एवं विलयन ‘B’ के pH का मान 8 है। किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अधिक है? इनमें से कौन अम्लीय है तथा कौन क्षारकीय?
उत्तर:
विलयन ‘A’ में हाइड्रोजन आयन (H+) की सांद्रता अधिक है। विलयन ‘A’ अम्लीय जबकि विलयन ‘B’ क्षारकीय है।

प्रश्न 2. H+ (aq)आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
विलयन में H+ (aq) आयन की सांद्रता बढ़ने पर विलयन अधिक अम्लीय होता है जबकि H+ (aq) आयन की सांद्रता घटने पर विलयन अधिक क्षारकीय होता है।

प्रश्न 3.
क्या क्षारकीय विलयन में H+(aq) आयन होते हैं? अगर हाँ, तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं?
उत्तर:
हाँ, क्षारकीय विलयन में भी H+(aq) आयन होते हैं, परन्तु क्षारकीय विलयन में H+ (aq) आयनों की मात्रा अम्लों में उपस्थित H+ (aq) आयनों की मात्रा से बहुत कम होती है, इसलिए ये क्षारकीय होते हैं।

प्रश्न 4.
कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम ऑक्साइड), बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चॉक (कैल्सियम कार्बोनेट) का उपयोग करेगा?
उत्तर:
यदि खेत की मृदा का pH मान 7 से नीचे अर्थात् 6, 5, 4, 3, 2, 1 है तो किसान इसे उदासीन करने के लिए इसमें बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम ऑक्साइड), बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चॉक (कैल्सियम कार्बोनेट) का उपयोग करेगा।

अनुच्छेद 2.4 पर आधारित

प्रश्न 1.
CaOCl2 यौगिक का प्रचलित नाम क्या है?
उत्तर:
CaOCl2यौगिक का प्रचलित नाम ब्लीचिंग पाउडर (विरंजक चूर्ण) है।

प्रश्न 2.
उस पदार्थ का नाम बताइए जो क्लोरीन से क्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है।
उत्तर:
बुझा हुआ चूना [Ca(OH)2] क्लोरीन से क्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 3.
कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता
उत्तर:
कठोर जल को मृदु करने के लिए सोडियम कार्बोनेट (NaCO3) का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 4.
सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर क्या होगा? इस अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर:
जब सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट के विलयन को गर्म किया जाता है तो यह सोडियम कार्बोनेट और कार्बन डाइऑक्साइड गैस देता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 5.
प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर:
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

Bihar Board Class 10 Science अम्ल, क्षारक एवं लवण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH संभवतः क्या होगा?
(a) 1
(b) 4
(c) 5
(d) 10
उत्तर:
(d) 10

प्रश्न 2.
कोई विलयन अंडे के पिसे हुए कवच से अभिक्रिया कर एक गैस उत्पन्न करता है जो चूने के पानी को दूधिया कर देती है। इस विलयन में क्या होगा?
(a) NaCl
(b) HCl
(c) LiCl
(d) KCl
उत्तर:
(b) HCl

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 3.
NaOH का 10mL विलयन,HCl के 8mLविलयन से पूर्णतः उदासीन हो जाता है। यदि हम NaOH के उसी विलयन का 20 mLलें तो इसे उदासीन करने के लिए HCI के उसी विलयन की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी?
(a) 4 mL
(b) 8 mL
(c) 12 mL
(d) 16 mL
उत्तर:
(d) 16 mL

प्रश्न 4.
अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस औषधि का उपयोग होता है?
(a) एंटीबायोटिक (प्रतिजैविक)
(b) ऐनालजेसिक (पीड़ाहारी)
(c) ऐन्टैसिड
(d) एंटीसेप्टिक (प्रतिरोधी)
उत्तर:
(c) ऐन्टैसिड

प्रश्न 5.
निम्न अभिक्रिया के लिए पहले शब्द-समीकरण लिखिए तथा उसके बाद संतुलित समीकरण लिखिए
(a) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है।
(b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है।
(c) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
(d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लौह के रेतन के साथ अभिक्रिया करता है।
उत्तर:
(a) जिंक + सल्फ्यूरिक अम्ल (तनु) → जिंक सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
Zn + dil.H2SO4 → ZnSO4 + H2(g)
(b) मैग्नीशियम + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (तनु) → मैग्नीशियम क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस
Mg + dil.2HCl → MgCl2 + H2(g)
(c) ऐलुमिनियम + सल्फ्यूरिक अम्ल (तनु) → ऐलुमिनियम सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
2Al+ dil.3H2SO4 → Al2(SO4)3 + 3H2(g)
(d) आयरन + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (तनु) → आयरन क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस
2Fe + dil.6HCl → 2FeCl3 + 3H2(g)

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 6.
ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों में भी हाइड्रोजन होते हैं लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता है। एक क्रियाकलाप द्वारा इसे साबित कीजिए।
उत्तर:

  1. एक कॉर्क में दो कीलें लगाकर कॉर्क को 6 वोल्ट बैटरी – 100 ml के एक बीकर में रख देते हैं।
  2. चित्र के अनुसार दोनों कीलों को 6 वोल्ट की एक बैटरी से जोड़ देते हैं जो एक बल्ब तथा स्विच से भी सम्बद्ध है। बीकर
  3. अब हम ऐल्कोहॉल तथा ग्लूकोज के विलयनों को बारी-बारी से बीकर में डालते हैं तथा विद्युत कील प्रवाह हेतु स्विच चालू करते हैं।

प्रेक्षण:
हम देखते हैं कि बल्ब नहीं जलता। अत: ग्लूकोज रबड़ कॉर्क और एल्कोहॉल विलयनों में विद्युत चालन नहीं होता।
परन्तु:
हम जानते हैं कि अम्लों में विद्युत चालन सम्भव है। परिणाम एल्कोहॉल और ग्लूकोज को अम्लों में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 7.
आसवित जल विद्युत का चालक क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है?
उत्तर:
आसवित जल विद्युत का चालक नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है, क्योंकि आसवित जल में H+ आयन अलग नहीं होते जबकि वर्षा के जल में H+ आयन आसानी से अलग हो जाते हैं। ये H+ आयन ही विद्युत का चालन करते हैं।

प्रश्न 8.
जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है?
उत्तर:
जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय नहीं होता, क्योंकि अम्ल की अम्लीय प्रकृति H+ आयनों के कारण होती है तथा ये H+ आयन केवल जलीय विलयन में ही प्रकट होते हैं।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 9.
पाँच विलयनोंA,B,C,D व E की जब सार्वत्रिक सूचक से जाँच की जाती है तो pH के मान क्रमशः 4,1,11,7 एवं 9 प्राप्त होते हैं। कौन-सा विलयन
(a) उदासीन है?
(b) प्रबल क्षारीय है?
(c) प्रबल अम्लीय है?
(d) दुर्बल अम्लीय है?
(e) दुर्बल क्षारीय है?
pH के मानों को हाइड्रोजन आयन की सांद्रता के आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
(a) विलयन ‘D’ उदासीन है। pH = 7
(b) विलयन ‘C’ प्रबल क्षारीय है। pH = 11
(c) विलयन ‘B’ प्रबल अम्लीय है। pH =1
(d) विलयन ‘A’ दुर्बल अम्लीय है। pH = 4
(e) विलयन ‘E’ दुर्बल क्षारीय है। pH =9
उपर्युक्त pH मानों के हाइड्रोजन आयन की सांद्रता का आरोही क्रम निम्नवत है
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 10.
परखनली ‘A’ एवं ‘B’ में समान लंबाई की मैग्नीशियम की पट्टी लीजिए। परखनली ‘A’ में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) तथा परखनली ‘B’ में ऐसिटिक अम्ल (CH3COOH) डालिए। दोनों अम्लों की मात्रा तथा सांद्रता समान हैं। किस परखनली में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी तथा क्यों?
उत्तर:
परखनली ‘A’ में अधिक तेज़ी से बुदबुदाहट होगी; क्योंकि HCl, CH3COOH की अपेक्षा प्रबल अम्ल है। इसीलिए परखनली ‘A’ में Mg, HCl के साथ तीव्रता से अभिक्रिया करके मैग्नीशियम क्लोराइड (MgCl2) तथा हाइड्रोजन (H2) गैस उत्पन्न करता है।

प्रश्न 11.
ताजे दूध के pH का मान 6 होता है। दही बन जाने पर इसके pH के मान में क्या परिवर्तन होगा? अपना उत्तर समझाइए।
उत्तर:
ताजे दूध का pH मान 6 होता है परन्तु दही बन जाने पर इसके pH मान में कमी होगी तथा इसकी अम्लीय प्रकृति बढ़ जायेगी। इसकी जाँच हम इस तथ्य से कर सकते हैं कि ताजा दूध मीठा होता है परन्तु दही खट्टा होता है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 12.
एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाता है।
(a) ताजा दूध के pH के मान को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय क्यों बना देता है ?
(b) इस दूध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है ?
उत्तर:
(a) दूध बेचने वाला ताजे दूध के pH को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय बना देता है; क्योंकि ऐसा करने से दूध अधिक समय तक खराब नहीं होगा।
(b) यह दूध दही बनने में अत्यधिक समय लेता है; क्योंकि दूध को क्षारीय से अम्लीय होने में अधिक समय लगेगा, जबकि यदि दूध का pH 6 ही होता तो यह अपेक्षाकृत कम समय में ही दही में परिवर्तित हो जाता।

प्रश्न 13.
प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए? इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में रखा जाता है; क्योंकि यह आर्द्रता/नमी/जल के सम्पर्क में आकर बड़ी तीव्रता से जिप्सम में परिवर्तित हो जाता है जो कि एक बहुत ही कठोर पदार्थ है। अभिक्रिया का समीकरण निम्नवत् है –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 14.
उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
अम्ल एवं क्षारक की अभिक्रिया के परिणामस्वरूप लवण तथा जल प्राप्त होते हैं तथा इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरणार्थः
1. सोडियम हाइड्रॉक्साइड तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

2. पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
प्रश्न 15.
धोने का सोडा एवं बेकिंग सोडा के दो-दो प्रमुख उपयोग बताइए।
उत्तर:
धोने का सोडा के दो प्रमुख उपयोग निम्नवत् हैं।

  1. इसका उपयोग काँच, साबुन एवं कागज़ उद्योगों में होता है।
  2. इसका उपयोग बोरेक्स जैसे सोडियम यौगिक के उत्पादन में होता है। बेकिंग सोडा के दो प्रमुख उपयोग निम्नवत् हैं
  3. इसका उपयोग बेकिंग पाउडर बनाने में किया जाता है।
  4. इसका उपयोग सोडा-अम्ल अग्निशामक में किया जाता है।

Bihar Board Class 10 Science अम्ल, क्षारक एवं लवण Additional Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अम्ल नीले लिटमस को करते हैं
(a) नीला
(b) रंगहीन
(c) लाल
(d) कोई प्रभाव नहीं
उत्तर:
(c) लाल

प्रश्न 2.
क्षारीय विलयन में फिनोल्पथेलीन सूचक का रंग होता है
(a) लाल
(b) पीला
(c) नीला
(d) रंगहीन।
उत्तर:
(a) लाल

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 3.
प्रबल अम्लीय विलयन में मिथाइल औरेंज का रंग होता है – (2011)
(a) लाल
(b) पीला
(c) नीला
(d) रंगहीन
उत्तर:
(a) लाल

प्रश्न 4.
निम्न में प्रबल क्षार है – (2015)
(a) Ca(OH)2
(b) KOH
(c) Mg(OH)2
(d) NH4 OH
उत्तर:
(b) KOH

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में दुर्बल अम्ल है – (2017)
(a) HCl
(b) HCN
(c) HNO3
(d) H2SO4
उत्तर:
(b) HCN

प्रश्न 6.
ऐसीटिक अम्ल एक दुर्बल अम्ल है, क्योंकि (2018)
(a) इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है
(b) इसके आयनन की मात्रा कम होती है
(c) यह एक कार्बनिक अम्ल है
(d) यह एक अकार्बनिक अम्ल है
उत्तर:
(b) इसके आयनन की मात्रा कम होती है

प्रश्न 7.
प्रबल अम्ल के जलीय विलयन में किसका आधिक्य होता है? (2013)
(a) H+ आयनों का
(b) OH आयनों का
(c) Cl आयनों का
(d) Na+ आयनों का
उत्तर:
(a) H+ आयनों का

प्रश्न 8.
H2S विलयन का pH मान है – (2011, 14) अम्लीय विलयन का pH मान है (2016)
(a) शून्य
(b) 7
(c) 7 से कम
(d) 7 से अधिक
उत्तर:
(c) 7 से कम

प्रश्न 9.
उदासीन विलयन के लिए कौन-सा कथन असत्य है? (2013)
(a) हाइड्रोजन आयन सान्द्रण का मान 10.7 मोल/लीटर होता है
(b) हाइड्रॉक्सिल आयन सान्द्रण का मान 10.7 मोल/लीटर होता है
(c) pH मान 0 होता है
(d) pH मान 7 होता है
उत्तर:
(c) pH मान 0 होता है

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 10.
एक विलयन का pH मान 5 है। यह विलयन है – (2017)
(a) अम्लीय
(b) क्षारीय
(c) उदासीन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) अम्लीय

प्रश्न 11.
10-6 MHCl विलयन का pH मान होगा (2014)
(a) 7
(b) 6
(c) 0
(d) -6
उत्तर:
(b) 6

प्रश्न 12.
एक विलयन में हाइड्रोजन आयन का सान्द्रण 1 x 10-7 मोल प्रति लीटर है। विलयन का pH मान होगा (2015)
(a) 0
(b) 7
(c) 8
(d) 6
उत्तर:
(b)7

प्रश्न 13.
सल्फ्यूरिक अम्ल में अम्लीय हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या है। (2016)
(a) 2
(b) 1
(c) 3
(d) शून्य
उत्तर:
(a) 2

प्रश्न 14.
अम्ल तथा क्षार की परस्पर अभिक्रिया को कहते हैं –
(a) जल-विच्छेदन
(b) अपघटन
(c) उदासीनीकरण
(d) आयनन
उत्तर:
(c) उदासीनीकरण

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 15.
निम्नलिखित में से अम्लीय लवण है – (2013, 15)
(a) NaCl
(b) NaHSO4
(c) Na2SO4
(d) KCN
उत्तर:
(b) Na2SO4

प्रश्न 16.
संकर लवण है (2016)
(a) Na2SO4 – Fe2(SO4)3 24H20
(b) Na2HPO4
(c) Na3[Fe(CN)6]
(d) NaNH4HPO4
उत्तर:
(c) Na3[Fe(CN)6]

प्रश्न 17.
फिटकरी का सही अणुसूत्र है पोटाश एलम का सही रासायनिक सूत्र होता है (2013)
(a) Al2(SO4)3 . 24H2O
(b) Al2(SO4)3. 5H2O
(c) K2SO4 . Al2(SO4)3.24H2O
(d) K2SO4 . Al2 (SO4)3. 7H2O
उत्तर:
(c) K2SO4 . Al2(SO4)3.24H2O

प्रश्न 18.
K2SO4. Al2(SO4)3 24H2O को जल में घोलने पर बनने वाले आयन हैं – (2012)
(a) K+, Al3+,
(b) Al3+, SO42-
(c) K+ Al3+, SO42-
(d) K+, SO42-
उत्तर:
(c) K+ Al3+, SO42-

प्रश्न 19.
नौसादर का रासायनिक सूत्र है – (2017)
(a) NaCl
(b) Na2CO3
(c) Na2SO4
(d) NH4Cl
उत्तर:
(d) NH4Cl

प्रश्न 20.
बहते हुए रक्त को रोकने में उपयोगी यौगिक है – (2012, 14)
(a) खाने का सोडा
(b) नौसादर
(c) धावन सोडा
(d) फिटकरी
उत्तर:
(d) फिटकरी

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 21.
निम्न में से कौन-सा पदार्थ ऊर्ध्वपातन का गुण प्रदर्शित करता है? (2012)
(a) NaCl
(b) Na2CO3
(c) NH4Cl
(d) CaOCl2
उत्तर:
(c) NH4Cl

प्रश्न 22.
पेयजल को जीवाणु रहित करने में प्रयोग किया जाता है। (2011, 14, 17)
(a) CaOCl2(ब्लीचिंग पाउडर)
(b) CaCl2
(c) CuCl2
(d) CaCO3
उत्तर:
(a) CaOCl2(ब्लीचिंग पाउडर)

प्रश्न 23.
विरंजक चूर्ण पर तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया से गैस निकलती है (2014)
(a) H2
(b) O2
(c) Cl2
(d) CO2
उत्तर:
(c) Cl2

प्रश्न 24.
खाने के सोडे का रासायनिक सूत्र है – (2015)
(a) Na2CO3
(b) NaHCO3
(c) NaCl
(d) NH4Cl
उत्तर:
(b) NaHCO3

प्रश्न 25.
सोडियम कार्बोनेट के जलीय विलयन में कार्बन डाइ-ऑक्साइड अधिकता में प्रवाहित करने पर प्राप्त होता है – (2012)
(a) NaOH
(b) NaHCO3
(c) Na2CO3.10H2O
(d) Na2CO3. H2O
उत्तर:
(b) NaHCO3

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 26.
प्लास्टर ऑफ पेरिस में कितने अणु क्रिस्टलन जल के होते हैं? (2017)
(a) एक
(b) दो
(c) तीन
(d) चार
उत्तर:
(a) एक

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ऐसे दो क्षारकों के नाम लिखिए जो क्षार भी हों।
उत्तर:
सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) तथा पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH)।

प्रश्न 2.
हाइड्रोजन आयन सान्द्रण से क्या तात्पर्य है? उदासीन विलयन में हाइड्रोजन आयन सान्द्रण का मान कितना होता है? (2012, 13)
उत्तर:
किसी विलयन के एक लीटर में उपस्थित हाइड्रोजन आयनों के मोलों की संख्या को उस विलयन का हाइड्रोजन आयन सान्द्रण कहते हैं। उदासीन विलयन में हाइड्रोजन आयन सान्द्रण 10-7 मोल/लीटर होता है।

प्रश्न 3.
pH की परिभाषा दीजिए। इसका हाइड्रोजन आयन सान्द्रण से क्या सम्बन्ध है? (2014, 16)
उत्तर:
pH अम्लों एवं क्षारकों के जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता मापने की इकाई है। किसी विलयन का pH मान उसमें उपस्थित हाइड्रोजन आयन सान्द्रण के व्युत्क्रम का लघुगणक होता है।
अतः
pH = – log [H+]
[H+] = H+ आयनों का मोल / लीटर में सान्द्रण

प्रश्न 4.
एक विलयन में हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता 10-9M है। इस विलयन का pH मान परिकलित कीजिए तथा बताइए कि विलयन अम्लीय है या क्षारीय। (2016)
उत्तर:
विलयन का pH मान = – log [H+] = -log 10-9 =9 log10 = 9
pH मान 7 से अधिक है। अत: विलयन क्षारीय है।

प्रश्न 5.
एक विलयन में हाइड्रॉक्सिल आयन का सान्द्रण 1 x 10-10 मोल/लीटर है। इस विलयन का pH मान ज्ञात कीजिए। (2012, 13, 14, 18)
उत्तर:
इस विलयन का pH मान 14 – 10 = 4 होगा।

प्रश्न 6.
एक अम्लीय विलयन का pH मान 5 है। हाइड्रोजन आयन सान्द्रता [H+] की गणना कीजिए। (2011, 15)
उत्तर:
[H+] = 10-pH= 10-5

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 7.
pH 4 का मान के विलयन में H+ आयनों की सान्द्रता बताइए। इस विलयन की प्रकृति क्या होगी? (2018)
उत्तर:
[H+] = 10-pH = 10-4 चूँकि pH मान 7 से कम है; अत: यह विलयन अम्लीय होगा।

प्रश्न 8.
शुद्ध आसुत जल का pH मान कितना होता है ? (2011, 14, 17, 18) या उदासीन विलयन में pH का मान लिखिए। (2012)
उत्तर:
7.

प्रश्न 9.
0.0001 N NaOH विलयन का pH मान बताइए। (2015, 16)
उत्तर:
0.0001 N NaOH विलयन में हाइड्रॉक्सिल आयनों का सान्द्रण = 10-4
इस विलयन का pH मान = 14 – 4 = 10

प्रश्न 10.
जल का आयनिक गुणनफल क्या है ? इसका 25°C पर मान लिखिए। (2011, 14)
उत्तर:
स्थिर ताप पर जल और जलीय विलयनों में H+ और OH आयनों की मोलर सान्द्रताओं का गुणनफल स्थिर होता है, जिसे जल का आयनिक गुणनफल कहते हैं। 25°C पर इसका मान 10-14 होता है।

प्रश्न 11.
किसी द्विक लवण तथा संकर लवण का नाम एवं सूत्र लिखिए। इनका मुख्य लक्षण भी लिखिए। (2.011)
उत्तर:
द्विक लवण फिटकरी K2SO4 . Al2 (SO4)3 24H2O द्विक लवणों में दो सरल लवण एक निश्चित अनुपात में मिले होते हैं। इनका अस्तित्व केवल ठोस अवस्था में ही होता है।

संकर लवण पोटैशियम फैरोसायनाइड – K4 [Fe(CN)6] ये लवण कई लवणों के संयोग से बनते हैं। संकर लवण जलीय विलयन में केवल एक धनायन व ऋणायन देते हैं। जिनमें से एक साधारण आयन और दूसरा संकर आयन होता है।

प्रश्न 12.
NakSO4. किस प्रकार का लवण है ?
उत्तर:
मिश्रित लवण।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 13.
फिटकरी के फूल किसे कहते हैं ?
उत्तर:
90°C पर गर्म करने पर फिटकरी फूल जाती है और क्रिस्टल जल के सभी अणु बाहर निकल जाते हैं। इसे फिटकरी के फूल (burnt alum) कहते हैं।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
प्रश्न 14.
निम्नलिखित को पूर्ण एवं सन्तुलित कीजिए – (2016, 17)
1. NaCl + NH3 + H2O + CO2
2. Ca(OH)2 + Cl2
उत्तर:
1. NaCl + NH3 + H2O + CO2 → NaHCO3 + NH2 Cl
2. Ca(OH)2 + Cl2 → CaOCl2 + H2O

प्रश्न 15.
क्या होता है जब बुझा चूना क्लोरीन से अभिक्रिया करता है ? (2014) या ब्लीचिंग पाउडर चूने से कैसे प्राप्त होता है। समीकरण दीजिए।
उत्तर:
ब्लीचिंग पाउडर बनता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 16.
क्या होता है जब ब्लीचिंग पाउडर को तनु ऐसीटिक अम्ल के साथ गर्म करते हैं? (2012)
उत्तर:
क्लोरीन गैस निकलती है –
CaOCl2 + 2CH3COOH + Ca(CH3COO)2 + H2O+ Cl2 T

प्रश्न 17.
आप कैसे बनायेंगे-(केवल रासायनिक समीकरण लिखिए) (2014)
1. सोडियम सल्फेट से सोडियम कार्बोनेट
2. बुझे हुए चूने से ब्लीचिंग पाउडर
उत्तर:
1. सोडियम सल्फेट को कार्बन तथा चूने के पत्थर (CaCO3) के साथ गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट बनता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
2. शुष्क बुझे हुए चूने पर क्लोरीन की क्रिया से ब्लीचिंग पाउडर प्राप्त होता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 18.
क्या होता है जब (2013)
1. ब्लीचिंग पाउडर कार्बन डाइऑक्साइड से अभिक्रिया करता है।
2. सोडियम बाइकार्बोनेट तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया करता है।
उत्तर:
1. क्लोरीन गैस निकलती है –
CaOCl2 + CO2 → CaCO3 + Cl2

2. कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
प्रश्न 19.
क्या होता है जबकि (केवल रासायनिक समीकरण लिखिए) (2015, 18)
1. सोडियम बाइकार्बोनेट को गर्म करते हैं।
2. अमोनियम क्लोराइड को गर्म करते हैं।
3. विरंजक चूर्ण की क्रिया तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से होती है।
उत्तर:
1. सोडियम कार्बोनेट बनता है व कार्बन डाइ-ऑक्साइड गैस निकलती है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
2. गर्म करने पर यह अमोनिया और हाइड्रोजन क्लोराइड गैस में विच्छेदित हो जाता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
3. क्लोरीन गैस निकलती है ।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 20.
निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रिया में क्या होता है ? रासायनिक समीकरण लिखिए (2010, 13)
1. सोडियम कार्बोनेट के जलीय विलयन में कार्बन डाइ-ऑक्साइड प्रवाहित करते हैं। सोडियम कार्बोनेट (धावन सोडा) से सोडियम बाइ कार्बोनेट (बेकिंग सोडा) कैसे प्राप्त करेंगे? (2017)
2. ब्लीचिंग पाउडर को पानी में घोलकर गर्म किया जाता है।
उत्तर:
1. सोडियम बाइकार्बोनेट बनता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
2. कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड बनता है तथा क्लोरीन निकलती है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 21.
सोडियम कार्बोनेट के दो प्रमुख उपयोग लिखिए। (2017)
उत्तर:
1. प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में।
2. काँच तथा बोरेक्स के निर्माण में।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 22.
सोडियम बाइकार्बोनेट के दो उपयोग लिखिए। (2016)
उत्तर:
यह कोल्डड्रिंक, सोडावाटर, बेकिंग पाउडर तथा दवाओं में प्रयोग होता है।

प्रश्न 23.
धावन सोडा का रासायनिक नाम तथा अणुसूत्र लिखिए। (2014, 15, 16)
उत्तर:
धावन सोडा का रासायनिक नाम सोडियम कार्बोनेट व अणुसूत्र Na2CO3 . 10H2O है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सूचक क्या है? एक उदाहरण की सहायता से अम्ल-क्षार सूचकों के अम्लीय तथा क्षारीय माध्यम में रंग परिवर्तन को स्पष्ट कीजिए। या मिथाइल औरेंज व फिनोल्फ्थेलीन किस प्रकार सूचक का कार्य करते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सूचक अम्ल-क्षार सूचक वे पदार्थ हैं जिनका अम्लीय विलयन में एक रंग तथा क्षारीय विलयन में दूसरा रंग होता है।
उदाहरणार्थ:
मिथाइल औरेंज मिथाइल औरेंज एक नारंगी रंग का रंजक है। जब मिथाइल औरेंज की एक बूंद अम्लीय विलयन में मिलायी जाती है, तब विलयन का रंग लाल हो जाता है जबकि मिथाइल औरेंज की एक बूंद को क्षारीय विलयन में मिलाने पर विलयन का रंग पीला हो जाता है।
मिथाइल औरेंज (उदासीन) → नारंगी
मिथाइल औरेंज + अम्लीय विलयन → लाल
मिथाइल औरेंज + क्षारीय विलयन → पीला

फिनोल्फ्थे लीन फिनोल्पथेलीन एक रंगहीन पदार्थ है। अम्लीय विलयन में यह रंगहीन रहता है जबकि फिनोल्पथेलीन की एक बूंद क्षारीय विलयन में मिलाने पर विलयन लाल हो जाता है।

फिनोल्पथेलीन (उदासीन) → रंगहीन
फिनोल्पथेलीन + अम्लीय विलयन → रंगहीन
फिनोल्पथेलीन + क्षारीय विलयन → लाल

प्रश्न 2.
pH पैमाना क्या मापता है? उदासीन, अम्लीय तथा क्षारीय विलयनों के pH मान का परास बताइए। (2017)
उत्तर:
pH पैमाना अम्लों एवं क्षारकों के जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता मापने में प्रयुक्त होता है। उदासीन, अम्लीय तथा क्षारीय विलयनों के pH मान का परास निम्न प्रकार है –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 3.
नौसादर का रासायनिक नाम व सूत्र लिखिए। नौसादर बनाने की विधि का रासायनिक समीकरण लिखिए। इसके दो रासायनिक गुणों एवं उपयोगों को भी लिखिए। (2013, 14, 17)
नौसादर की NaOH व Ca(OH)2 विलयनों के साथ अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए। (2013, 14, 15)
क्या होता है जब अमोनियम क्लोराइड (नौसादर) को बुझे चूने के साथ गर्म करते (2016, 17)
या नौसादर (NH4 Cl) से अमोनिया (NH3 ) कैसे प्राप्त करेंगे? (2017)
उत्तर:
नौसादर का रासायनिक नाम अमोनियम क्लोराइड व अणुसूत्र NH4 Cl है।
बनाने की विधि हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में अमोनिया गैस प्रवाहित करने पर अमोनियम क्लोराइड प्राप्त होता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

रासायनिक गुण –
1. इसको सोडियम नाइट्राइट के साथ गर्म करने पर नाइट्रोजन गैस निकलती है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
2. अमोनियम क्लोराइड को कॉस्टिक सोडा विलयन या बुझे हुए चूने के साथ गर्म करने पर अमोनिया गैस निकलती है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
उपयोगL
1. इसका उपयोग प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में किया जाता है।
2. यह टाँका लगाने तथा बर्तनों पर कलई करने में काम आता है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 4.
अमोनियम क्लोराइड से माइक्रोकॉस्मिक लवण कैसे बनाते हैं? इसके क्या उपयोग (2017, 18)
या माइक्रोकॉस्मिक लवण का सूत्र लिखिए। (2018)
उत्तर:
डाइसोडियम हाइड्रोजन फॉस्फेट और अमोनियम क्लोराइड की सम-अणुक मात्राओं को गर्म जल की थोड़ी मात्रा में घोलते हैं। अवक्षेपित सोडियम क्लोराइड को फिल्टर करके, विलयन का क्रिस्टलन करने पर माइक्रोकॉस्मिक लवण के क्रिस्टल प्राप्त होते हैं।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

उपयोग:
1.  माइक्रोकॉस्मिक लवण का उपयोग फॉस्फेट बीड के रूप में, गुणात्मक विश्लेषण में तथा रंगीन बेसिक मूलकों के परीक्षण में किया जाता है।
2. फॉस्फेट बीड, सिलिका (SiO2) के परीक्षण में प्रयुक्त होती है। फॉस्फेट बीड, सिलिका के साथ गर्म करने पर धुंधली (cloudy) हो जाती है, क्योंकि उसमें सिलिका के कण तैरने लगते हैं।

प्रश्न 5.
सोडियम हाइड्रॉक्साइड के निर्माण की विधि का वर्णन कीजिए। इसके प्रमुख उपयोग भी दीजिए।
उत्तर:
सोडियम हाइड्रॉक्साइड का निर्माण सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विद्युत प्रवाहित करके किया जाता है। इस प्रक्रिया में सोडियम क्लोराइड विघटित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड देता है। इस विधि को क्लोर-क्षार प्रक्रिया भी कहते हैं क्योंकि इसमें निर्मित उत्पाद-क्लोरीन (क्लोर) एवं सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) होते हैं।
2NACl(aq) + 2H2O(l) → 2NaOH (aq) + Cl2 (g) + H2(g)
उपयोग:

  1. धातुओं से ग्रीस हटाने के लिए
  2. साबुन तथा अपमार्जक के निर्माण में
  3. कागज के निर्माण में
  4. कृत्रिम रेशों के निर्माण में

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अम्ल, क्षार तथा लवण की परिभाषा एक-एक उदाहरण सहित दीजिए। या अम्ल तथा क्षार की आधुनिक अवधारणा क्या है ? प्रत्येक को एक-एक उदाहरण देते हुए स्पष्ट कीजिए। (2011, 14, 17, 18)
आयनन सिद्धान्त के आधार पर समझाइए कि HCl अम्ल क्यों है तथा NaOH क्षार क्यों है? (2011)
अम्ल तथा भस्म की आधुनिक अवधारणा दीजिए। एक प्रबल अम्ल तथा एक दुर्बल भस्म का नाम लिखिए। (2012)
उत्तर:
अम्ल वे पदार्थ जो जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयन देते हैं, अम्ल कहलाते हैं।
उदाहरणार्थ:
HCl ↔ H+ + Cl
HNO+ ↔ H+ + NO3
किन्तु हाइड्रोजन आयन (या प्रोटॉन) जलीय विलयन में स्वतन्त्र रूप में नहीं रह सकता है। यह जल के अणु से संयोग करके हाइड्रोनियम आयन (H3O+ ) बनाता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
अत: अम्ल वे पदार्थ हैं जो जलीय विलयन में H3O+ आयन देते हैं। जैसे
HCl + H3O ↔ H3O+ + Cl
HNO3 + H2O ↔ H3O+ + NO3

क्षार वे यौगिक जो जलीय विलयन में हाइड्रॉक्सिल आयन (OH) देते हैं, हाइड्रॉक्सिल आयन के अतिरिक्त और कोई ऋणायन नहीं देते हैं, क्षार कहलाते हैं।
उदाहरणार्थ:
NaOH ↔ Na+ + OH
NH4 OH ↔ NH4+ + OH
जलीय विलयन में हाइड्रॉक्सिल आयन भी जलयोजित हो जाते हैं। वे क्षारक जो जल में घुलनशील होते हैं, क्षार कहलाते हैं। जैसे-कॉस्टिक सोडा (NaOH), कॉस्टिक पोटाश (KOH) आदि।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

लवण वे पदार्थ, जिनके जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयन (H+ ) के अतिरिक्त कोई अन्य धनायन तथा हाइड्रॉक्सिल आयन (OH ) के अतिरिक्त कोई अन्य ऋण आयन हो, लवण कहलाते हैं।
उदाहरणार्थ:
जिंक सल्फेट
ZnSO4 ↔ Zn+++ SO4
इसी प्रकार, NaCl, CuSO4, KNO3, NH4 Cl आदि भी लवण हैं।
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) एक प्रबल अम्ल है तथा मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड [Mg(OH)2] दुर्बल भस्म (क्षार) है।

प्रश्न 2.
फिटकरी का रासायनिक नाम व अणुसूत्र बताइए। फिटकरी पर ताप के प्रभाव का वर्णन करते हुए उसके प्रमुख गुण व उपयोग बताइए। पोटाश फिटकरी बनाने की रासायनिक समीकरण तथा इसके दो उपयोग लिखिए। (2017)
फिटकरी क्या होती है? पोटाश फिटकरी बनाने की विधि लिखिए। समीकरण भी दीजिए। इसके दो मुख्य उपयोग लिखिए। (2012, 16, 18)
फिटकरी को बनाने का समीकरण दीजिए। इसकी क्षार के साथ अभिक्रिया को लिखिए। (2011)
फिटकरी (पोटाश एलम) का रासायनिक नाम व सूत्र लिखिए। इस पर ऊष्मा के प्रभाव की विवेचना कीजिए। (2011, 13)
ऐलुमिनियम सल्फेट से पोटाश फिटकरी कैसे प्राप्त करेंगे? (2013, 17, 18)
क्या होता है जब पोटाश फिटकरी (एलम) को रक्त तप्त ताप पर गर्म करते हैं? (2015, 18)
उत्तर:
फिटकरी का रासायनिक नाम पोटैशियम ऐलुमिनियम सल्फेट व अणुसूत्र K2SO4. Al2(SO4)3 .24H2O है।
इसे पोटाश फिटकरी भी कहते हैं। यह पोटैशियम सल्फेट तथा ऐलुमिनियम सल्फेट के संतृप्त विलयनों को उचित अनुपात में मिलाकर क्रिस्टलन करने से प्राप्त होता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
मुख्य गुण:
(i) यह एक सफेद रंग का केलासीय ठोस पदार्थ है; जो कि जल में विलेयशील है। इसका जलीय विलयन अम्लीय होता है।
(ii) क्षार के साथ क्रिया इसका जलीय विलयन सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन (क्षार) के साथ Al(OH), का सफेद अवक्षेप देता है; जोकि NaOH की अधिकता में विलेय हो जाता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
(iii) ताप का प्रभाव फिटकरी को 92°C पर गर्म करने पर यह अपने क्रिस्टलन जल में घुल जाती है। 200°C पर गर्म होने पर यह निर्जल होकर फूल जाती है जिसे दुग्ध फिटकरी या फिटकरी के फूल कहते हैं। रक्त तप्त होने पर ऐलुमिनियम सल्फेट अपघटित होकर ऐलुमिना देता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
उपयोग इसके प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं –

  1. यह कपड़े तथा चमड़े की रँगाई में काम आता है।
  2. आँखों की दवाई बनाने में काम आता है।
  3. जल को साफ करने में प्रयोग होता है।
  4. खून बहने को रोकने में प्रयुक्त होता है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 3.
विरंजक चूर्ण (ब्लीचिंग पाउडर) का रासायनिक नाम, अणुसूत्र तथा उपयोग बताइए। (2013, 17)
विरंजक चूर्ण के निर्माण का रासायनिक समीकरण लिखें तथा इसके विरंजन गुण की व्याख्या रासायनिक समीकरण देते हुए लिखें। (2017)
ब्लीचिंग पाउडर का रासायनिक नाम, बनाने की विधि एवं एक रासायनिक गुण लिखिए। सम्बन्धित समीकरण दीजिए। विरंजक चूर्ण के चार रासायनिक गुण लिखिए। (2011)
या क्या होता है जब शुष्क बुझे चूने पर Cl2 गैस प्रवाहित करते हैं? (2015) या ब्लीचिंग पाउडर की निर्माण विधि लिखिए। (2018)
उत्तर:
ब्लीचिंग पाउडर (विरंजक चूर्ण) का रासायनिक नाम कैल्सियम ऑक्सी क्लोराइड तथा अणुसूत्र CaOCl2है। बनाने की विधि यह सूखे बुझे हुए चूने पर क्लोरीन की क्रिया से प्राप्त होता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
गुण
1. यह एक हल्के पीले रंग का ठोस पदार्थ है, जिसमें क्लोरीन की गन्ध आती रहती है।
2. इसे जल में घोलकर गर्म करने पर क्लोरीन गैस निकलती है। इसका जलीय विलयन दूधिया होता है।
CaOCl2 + H2O → Ca(OH)2 + Cl2
3. यह तनु अम्लों के साथ क्रिया करके क्लोरीन गैस निकालता है।
CaOCl2 + H2SO4 → CasO4 + H2O+ Cl2
इस प्रकार प्राप्त क्लोरीन जल से क्रिया करके नवजात ऑक्सीजन निकालती है। रंगयुक्त पदार्थ नवजात ऑक्सीजन से क्रिया करके रंगहीन पदार्थ बनाते हैं।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
4. ब्लीचिंग पाउडर, ऐसीटोन तथा ऐल्कोहॉल के साथ जल की उपस्थिति में क्रिया करके क्लोरोफॉर्म बनाता है।
उपयोग:

  • ऊन को सिकुड़ने से बचाने के लिए
  • ऑक्सीकारक के रूप में
  • क्लोरोफॉर्म बनाने में
  • चीनी को सफेद करने में
  • पेयजल को जीवाणुरहित करने में
  • सूत, लकड़ी की लुगदी आदि का रंग उड़ाने में विरंजक के रूप में उपयोग होता है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 4.
बेकिंग पाउडर ( खाने का सोडा) का रासायनिक नाम एवं अणुसूत्र क्या है ? इसको बनाने की विधि एवं दो भौतिक गुण तथा दो रासायनिक गुण समीकरण देते हुए लिखिए। (2011, 12, 14, 15)
या खाने का सोडा बनाने की विधि का रासायनिक समीकरण लिखिए। इस पर ताप का प्रभाव भी लिखिए। (2012)
या कैसे प्राप्त करेंगे बेकिंग सोडा से धावन सोडा? (2016)
या सोडियम बाइकार्बोनेट पर ताप का प्रभाव क्या होता है? (2017)
उत्तर:
बेकिंग पाउडर का रासायनिक नाम सोडियम बाइकार्बोनेट तथा अणुसूत्र NaHCO3 है। बनाने की विधि यह सोडियम हाइड्रॉक्साइड के सान्द्र विलयन में अधिक मात्रा में कार्बन डाइ-ऑक्साइड गैस (CO2) प्रवाहित करने पर प्राप्त होता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
इसे बेकिंग सोडा भी कहते हैं।
गुण –
1. यह एक सफेद क्रिस्टलीय, जल में अल्प विलेय पदार्थ है।
2. इसका जलीय विलयन अम्लीय होता है।
3. इसको गर्म करने पर यह सोडियम कार्बोनेट (धावन सोडा) में टूट जाता है तथा कार्बन डाइ-ऑक्साइड (CO2) गैस निकलती है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
4. यह तनु अम्लों के साथ क्रिया करके लवण, जल तथा कार्बन डाइ-ऑक्साइड गैस निकालता है।
NaHCO3 + HCl → NaCl + H2O+ CO2
2NaHCO3 + H2SO4 → Na2SO4 + 2H2O + 2CO2

प्रश्न 5.
धावन सोडा (सोडियम कार्बोनेट) बनाने की विधि लिखिए। इसकी –
1. BaCl2 तथा
2. SO2 के साथ होने वाली अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण भी लिखिए। (2014)
उत्तर:
धावन सोडा का रासायनिक नाम सोडियम कार्बोनेट व अणुसूत्र Na2 CO3 10H2O है। कॉस्टिक सोडा के सान्द्र विलयन में कार्बन डाइ-ऑक्साइड प्रवाहित करने पर सोडियम कार्बोनेट का विलयन प्राप्त होता है, जिसका वाष्पन करने पर सोडियम कार्बोनेट के क्रिस्टल प्राप्त होते हैं।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
सोडियम कार्बोनेट सोडियम कार्बोनेट को कपड़े धोने का सोडा तथा सोडा ऐश के नाम से भी जाना जाता है।
1. Bacl2 से क्रिया यह BaCl2 को BaCO3 में बदल देता है।
BaCl2 + Na2CO3 → BaCO3 ↓ + 2NaCl

2. SO2 से क्रिया इसके विलयन में so, गैस प्रवाहित करने पर सोडियम सल्फाइट तथा सोडियम बाइसल्फाइट बनते हैं।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 6.
प्लास्टर ऑफ पेरिस किसे कहते हैं? इसे बनाने की विधि, गुण व उपयोग बताइए। या प्लास्टर ऑफ पेरिस पर ताप का क्या प्रभाव पड़ता है? (2018)
उत्तर:
जिप्सम (gypsum) को 120 – 130°C पर गर्म करने से प्लास्टर ऑफ पेरिस बनता है।

बनाने की विधि –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
(i) प्लास्टर ऑफ पेरिस सफेद रंग का चूर्ण है जो तेज गर्म करने पर निर्जल CaSO4 में बदल जाता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
(ii) प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल से क्रिया कराने पर ऊष्मा उत्पन्न होती है और वह शीघ्रता से जिप्सम में बदलकर जम जाता है। इस क्रिया को प्लास्टर ऑफ पेरिस का जमना (setting) कहते हैं।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
उपयोग:

  1. शल्य चिकित्सा में प्लास्टर करने में।
  2. साँचे और मॉडल बनाने में
  3. मूर्तियाँ व खिलौने बनाने मे

Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2

Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2 Text Book Questions and Answers.

BSEB Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2

Bihar Board Class 10 Maths वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2

प्रश्न 1.
निम्नलिखित संख्याओं को अभाज्य गुणनखण्डों के गुणनफल के रूप में व्यक्त कीजिए-
(i) 140
(ii) 156
(iii) 3825
(iv) 5005
(v) 7429
हल
(i) 140 = 2 × 2 × 5 × 7 = (2)2 × 5 × 7
अत: 140 = 22 × 5 × 7
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2 Q1

(ii) 156 = 2 × 2 × 3 × 13 = (2)2 × 3 × 13
अत: 156 = 22 × 3 × 13
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2 Q1.1

(iii) 3825 = 3 × 3 × 5 × 5 × 17 = (3)2 × (5)2 × 17
अतः 3825 = 32 × 52 × 17
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2 Q1.2

(iv) 5005 = 5 × 7 × 11 × 13
अतः 5005 = 5 × 7 × 11 × 13
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2 Q1.3

(v) 7429 = 17 × 19 × 23
अतः 7429 = 17 × 19 × 23
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2 Q1.4

Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2

प्रश्न 2.
पूर्णांकों के निम्नलिखित युग्मों के महत्तम समापवर्तक (H.C.F.) और लघुत्तम समापवर्त्य (L.C.M.) ज्ञात कीजिए तथा इसकी जाँच कीजिए कि दो संख्याओं का गुणनफल = H.C.F. × L.C.M. है।
(i) 26 और 91
(ii) 510 और 92
(iii) 336 और 54
हल
(i) 26 = 21 × 131
और 91 = 71 × 131
26 और 91 के उभयनिष्ठ अभाज्य गुणनखण्डों का (न्यूनतम घातों में) गुणनफल = 131 = 13
तथा 26 और 91 के सभी अभाज्य गुणनखण्डों का (अधिकतम घातों में)
गुणनफल = 21 × 71 × 131 = 2 × 7 × 13 = 182
अतः महत्तम समापवर्तक (H.C.F.) = 13 तथा लघुत्तम समापवर्त्य (L.C.M.) = 182
संख्याओं का गुणनफल = 26 × 91 = 2366
तथा H.C.F. × L.C.M. = 13 × 182 = 2366
अत: संख्याओं का गुणनफल = H.C.F. × L.C.M.
इति सिद्धम्

(ii) 92 = 2 × 2 × 23 = 22 × 231
और 510 = 2 × 3 × 5 × 17 = 21 × 31 × 51 × 171
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2 Q2
92 और 510 के उभयनिष्ठ अभाज्य गुणनखण्डों का (न्यूनतम घातों में)
गुणनफल = 21 = 2
तथा 92 और 510 के सभी अभाज्य गुणनखण्डों का (अधिकतम घातों में) गुणनफल
= 22 × 31 × 51 × 171 × 231
= 23460
अत: महत्तम समापवर्तक (H.C.F.) = 2
तथा लघुत्तम समापवर्त्य (L.C.M.) = 23460
संख्याओं का गुणनफल = 92 × 510 = 46920
तथा H.C.F. × L.C.M. = 2 × 23460 = 46920
अत: संख्याओं का गुणनफल = H.C.F. × L.C.M.
इति सिद्धम्

(iii) 54 = 2 × 3 × 3 × 3 = 21 × 33
और 336 = 2 × 2 × 2 × 2 × 3 × 7 = 24 × 31 × 71
तब, दोनों संख्याओं के उभयनिष्ठ अभाज्य गुणनखण्डों का (न्यूनतम घातों में) गुणनफल = 21 × 31 = 6
तथा दोनों संख्याओं के सभी अभाज्य गुणनखण्डों का (अधिकतम घातों में) गुणनफल
= 24 × 33 × 7
= 16 × 27 × 7
= 3024
अत: महत्तम समापवर्तक (H.C.F.) = 6
तथा लघुत्तम समापवर्त्य (L.C.M.) = 3024
संख्याओं का गुणनफल = 54 × 336 =18144
तथा H.C.F. × L.C.M. = 6 × 3024 = 18144
अत: संख्याओं का गुणनफल = H.C.F. × L.C.M.
इति सिद्धम्

Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2

प्रश्न 3.
अभाज्य गुणनखण्डन विधि द्वारा निम्नलिखित पूर्णांकों के H.C.F. और L.C.M. ज्ञात कीजिए :
(i) 12, 15 और 21
(ii) 17, 23 और 29
(iii) 8, 9 और 25
हल
(i) 12 = 2 × 2 × 3 = 22 × 31
15 = 3 × 5 = 31 × 51
और 21 = 3 × 7 = 31 × 71
संख्याओं के सार्वनिष्ठ अभाज्य गुणनखण्डों का (न्यूनतम घातों में) गुणनफल = 31 = 3
तथा संख्याओं के सभी अभाज्य गुणनखण्डों का (अधिकतम घातों में) गुणनफल
= 22 × 31 × 51 × 71
= 4 × 3 × 5 × 7
= 420
अतः म० स० (H.C.F.) = 3
तथा ल० स० (L.C.M.) = 420

(ii) 17 = 1 × 17 = 1 × 171
23 = 1 × 23 = 1 × 231
और 29 = 1 × 29 = 1 × 291
सभी संख्याओं के सार्वनिष्ठ अभाज्य गुणनखण्डों का (न्यूनतम घातों में) गुणनफल = 1
तथा सभी संख्याओं के सभी अभाज्य गुणनखण्डों का (अधिकतम घातों में) गुणनफल
= 171 × 231 × 291
= 17 × 23 × 29
= 11339
अत: म० स० (H.C.F.) = 1
तथा ल० स० (L.C.M.) = 11339

(iii) 8 = 2 × 2 × 2 = 23
9 = 3 × 3 = 32
और 25 = 5 × 5 = 52
1 के अतिरिक्त सभी संख्याओं का कोई सार्वनिष्ठ अभाज्य गुणनखण्ड नहीं है जिससे म० स० = 1
और ल० स० = 23 × 32 × 52
= 8 × 9 × 25
= 1800
अत: म० स० (H.C.F.) = 1
तथा ल० स० (L.C.M.) = 1800

Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2

प्रश्न 4.
H.C.F. (306, 657) = 9 दिया है। L.C.M. (306, 657) ज्ञात कीजिए।
हल
दिया है, H.C.F. (306, 657) = 9 ⇒ 306 और 657 का H.C.F. = 9
सूत्र- संख्याओं का गुणनफल = H.C.F. × L.C.M. से,
306 × 657 = 9 × L.C.M.
L.C.M. = \(\frac{306 \times 657}{9}\)
= 306 × 73
= 22338
अत: L.C.M. = 22338

प्रश्न 5.
जाँच कीजिए कि क्या किसी प्राकृत संख्या n के लिए 6n अंक 0 पर समाप्त हो सकती है?
हल
यदि 6n (जहाँ, n एक प्राकृत संख्या है) का मान एक ऐसी संख्या है जिसमें इकाई का अंक शून्य है तो 6n, 5 से विभाज्य होगा।
6n = (2 × 3)n जिसका आशय है कि 6n के अभाज्य गुणनखण्डों में 2 या 3 के अतिरिक्त कोई अन्य अभाज्य गुणनखण्ड नहीं है।
6n का कोई गुणनखण्ड 5 नहीं हो सकता।
अत: 6n, अंक शून्य पर समाप्त नहीं हो सकती।

प्रश्न 6.
व्याख्या कीजिए कि 7 × 11 × 13 + 13 और 7 × 6 × 5 × 4 × 3 × 2 × 1 + 5 भाज्य संख्याएँ क्यों हैं?
हल
7 × 11 × 13 + 13 = 1001 + 13 = 1014 = 2 × 3 × 13 × 13
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2 Q6
दी हुई संख्या (7 × 11 × 13 + 13) को अभाज्य गुणनखण्डों के गुणनफल (2 × 3 × 13 × 13) के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।
अतः अंकगणित की आधारभूत प्रमेय के अनुसार (7 × 11 × 13 + 13) एक भाज्य संख्या है।
इसी प्रकार, 7 × 6 × 5 × 4 × 3 × 2 × 1 + 5 = 5040 + 5 = 5045 = 5 × 1009
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2 Q6.1
दी गई संख्या (7 × 6 × 5 × 4 × 3 × 2 × 1 + 5) को 5 × 1009
अभाज्य गुणनखण्डों के गुणनफल के रूप में लिखा जा सकता है।
अत: संख्या (7 × 6 × 5 × 4 × 3 × 2 × 1 + 5) अंकगणित की आधारभूत प्रमेय के अनुसार भाज्य है।

Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2

प्रश्न 7.
किसी खेल के मैदान के चारों ओर एक वृत्ताकार पथ है। इस मैदान का एक चक्कर लगाने में सोनिया को 18 मिनट लगते हैं, जबकि इसी मैदान का एक चक्कर लगाने में रवि को 12 मिनट लगते हैं। मान लीजिए कि वे दोनों एक ही स्थान और एक ही समय पर चलना प्रारम्भ करके एक ही दिशा में चलते हैं। कितने समय बाद वे पुनः प्रारम्भिक स्थान पर मिलेंगे?
हल
सोनिया और रवि जिस स्थान से चले थे उसी स्थान पर पुनः मिलने के लिए उन्हें वह समय चाहिए जो 12 मिनट और 18 मिनट दोनों समयों का एक ही गुणज हो और न्यूनतम हो। इसके लिए हमें 12 और 18 का लघुत्तम समापवर्त्य (L.C.M.) ज्ञात करना होगा।
12 = 2 × 2 × 3 = (2)2 × 3 तथा 18 = 2 × 3 × 3 = 2 × (3)2
दोनों संख्याओं में अभाज्य गुणनखण्ड 2 की अधिकतम घात का अभाज्य गुणनखण्ड = (2)2
और दोनों संख्याओं में अभाज्य गुणनखण्ड 3 की अधिकतम घात का अभाज्य गुणनखण्ड = (3)2
लघत्तम समापवर्त्य (L.C.M.) = (2)2 × (3)2 = 4 × 9 = 36
अतः वे 36 मिनट बाद पुनः प्रारम्भिक स्थान पर मिलेंगे।

Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1

Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 Text Book Questions and Answers.

BSEB Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1

Bihar Board Class 10 Maths वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1

प्रश्न 1.
निम्नलिखित संख्याओं का महत्तम समापवर्तक (H.C.F.) ज्ञात करने के लिए यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म का प्रयोग कीजिए :
(i) 135 और 225
(ii) 196 और 38220
(iii) 867 और 255
हल
(i) दी गई संख्याएँ = 135 और 225
225 > 135
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 Q1
Step I. दी गई संख्याओं 225 और 135 के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका के प्रयोग से,
225 = (135 × 1) + 90 [∵ शेषफल 90 ≠ 0]
Step II. संख्याओं 135 और 90 के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका के प्रयोग से,
135 = (90 × 1) + 45 [∵ शेषफल 45 ≠ 0]
Step III. संख्याओं 90 और 45 के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका के प्रयोग से,
90 = (45 × 2) + 0 [∵ शेषफल = 0]
शेषफल शून्य है और भाजक = 45
अत: महत्तम समापवर्तक (H.C.F.) = 45

(ii) दी गई संख्याएँ = 196 और 38220
38220 > 196
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 Q1.1
Step I. दी गई संख्याओं 196 व 38220 के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका से,
38220 = (196 × 195) + 0 [∵ शेषफल = 0]
शेषफल शून्य है और भाजक = 196
अत: महत्तम समापवर्तक (H.C.F.) = 196

(iii) दी गई संख्याएँ = 867 और 255
867 > 255
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 Q1.2
Step I. दी गई संख्याओं 867 और 255 के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका से,
867 = (255 × 3) + 102 [∵ शेषफल 102 ≠ 0]
Step II. संख्याओं 255 व 102 के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका से,
255 = (102 × 2) + 51 [∵ शेषफल 51 ≠ 0]
Step III. संख्याओं 102 व 51 के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका से,
102 = (51 × 2) + 0 [∵ शेषफल = 0]
शेषफल शून्य है और भाजक = 51
अत: महत्तम समापवर्तक (H.C.F.) = 51

Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1

प्रश्न 2.
दर्शाइए कि कोई भी धनात्मक विषम पूर्णांक 6q + 1 या 6q + 3 या 6q + 5 के रूप का होता है, जहाँ कोई पूर्णांक है।
हल
माना a एक विषम धन पूर्णांक है जो 6 से बड़ा है
और b एक धन पूर्णांक इस प्रकार है कि b = 6
तब, यूक्लिड की विभाजन प्रमेयिका से,
a = bq + r
a = 6q + r [∵ b = 6]
तब, r का मान 6 से कम होना चाहिए।
तब, r के सम्भव मान = 0, 1, 2, 3, 4, 5
तब, a = 6q + 0
a = 6q + 1
a = 6q + 2
a = 6q + 3
a = 6q + 4
a = 6q + 5
∵ a एक विषम संख्या है; अत: a = 6q + 0, 6q + 2 और 6q + 4 नहीं हो सकते क्योंकि ये राशियाँ 2 से विभाज्य हैं।
तब, विषम संख्या a = 6q + 1 या 6q + 3 या 6q + 5
अत: एक धनात्मक विषम पूर्णांक 6q + 1 या 6q + 3 या 6q + 5 के रूप का होगा।

प्रश्न 3.
किसी परेड में 616 सदस्यों वाली एक सेना (आर्मी) की टुकड़ी को 32 सदस्यों वाले एक आर्मी बैंड के पीछे मार्च करना है। दोनों समूहों को समान संख्या वाले स्तम्भों में मार्च करना है। उन स्तम्भों की अधिकतम संख्या क्या है जिसमें वे मार्च कर सकते हैं?
हल
स्तम्भों (lines) की अधिकतम संख्या टुकड़ी के सैनिकों की संख्या 616 और बैंड के सदस्यों की संख्या 32 का महत्तम समापवर्तक होगी।
तब, Step I. 616 और 32 के लिए यूक्लिड की विभाजन प्रमेयिका के प्रयोग से,
616 = (32 × 19) + 8 [∵ शेषफल 8 ≠ 0]
तब, Step II. 32 और 8 के लिए यूक्लिड की विभाजन प्रमेयिका से,
32 = (8 × 4) + 0 [∵ शेषफल = 0]
शेषफल शून्य है और भाजक 8 है।
महत्तम समापवर्तक (H.C.F.) = 8
अतः सेना 8 स्तम्भों में मार्च कर सकती है।

Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1

प्रश्न 4.
यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करके दर्शाइए कि धनात्मक पूर्णाक का वर्ग किसी पूर्णांक m के लिए 3m या 3m + 1 के रूप का होता है।
हल
माना a तथा b ऐसे दो धन पूर्णांक हैं कि a > b और b = 3
तब, यूक्लिड की विभाजन प्रमेयिका से,
a = 3b + r जबकि 0 ≤ r < 3
तब, के सम्भव मान = 0, 1, 2
तब, a = 3b + 0 ⇒ a = 3b + 1 ⇒ a = 3b + 2
तब, a2 = (3b + 0)2 ⇒ a2 = (3b + 1)2 ⇒ a2 = (3b + 2)2
यदी a2 = (3b + 0)2 तो a2 = 9b2 = 3. (3b2)
यदी a2 = (3b + 1)2 तो a2 = 9b2 + 6b + 1 = 3(3b2 + 2b) + 1
यदी a2 = (3b + 2)2 तो a2 = 9b2 + 12b + 4 = (9b2 + 12b + 3) + 1 = 3(3b2 + 4b + 1) + 1
a2 के सभी विस्तारों से स्पष्ट है कि a2, 3 से विभाजित होता है और शेषफल शून्य बचता है या 1 बचता है।
a2 = 3m + 0 ⇒ a2 = 3m + 1
अतः किसी धन पूर्णांक का वर्ग किसी पूर्णांकm के लिए 3m या 3m + 1 के रूप का होता है।
इति सिद्धम्

Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1

प्रश्न 5.
यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करके दर्शाइए कि किसी धनात्मक पूर्णांक का घन 9m, 9m + 1 या 9m + 8 के रूप का होता है।
हल
माना a तथा b दो ऐसे धन पूर्णांक हैं कि a > b और b = 9
तब, यूक्लिड की विभाजन प्रमेयिका से, a = 9b + r
तब, r का मान 9 से कम होना चाहिए।
तब, r के सम्भव मान = 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8
तब, a = 9b + 0
a = 9b + 1
a = 9b + 2
a = 9b + 3
a = 9b + 4
a = 9b + 5
a = 9b + 6
a = 9b + 7
a = 9b + 8
जब a = 9b + 0 हो तो a3 = (3b + 0)3 = 27b3 ⇒ a3 = 9(3b3) ……..(1)
जब a = 9b + 1 हो तो a3 = (3b + 1)3
⇒ a3 = (3b)3 + 3.3b.1 (3b + 1) + (1)3
⇒ a3 = (27b3 + 27b2 + 9b) + 1
⇒ a3 = 9[3b3 + 3b2 + b] + 1 …….. (2)
जब a = 9b + 2 हो तो a3 = (3b + 2)3
⇒ a3 = (3b)3 + 3.3b.2 (3b + 2) + (2)3
⇒ a3 = [27b3 + 54b2 + 36b] + 8
⇒ a3 = [27b3 + 18b (3b + 2)] + 8
⇒ a3 = 9[3b3 + 6b2 + 4b] + 8 ……. (3)
तब, समीकरण (1), (2) व (3) को ध्यान से देखिए कि ये 9 से विभाज्य हैं।
तब, इन्हें क्रमश: a3 = 9m,
या a3 = 9m + 1,
या a3 = 9m + 8 लिखा जा सकता है।
अत: किसी धन पूर्णांक का घन 9m, 9m + 1 या 9m + 8 के रूप का होता है।
इति सिद्धम्

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

BSEB Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

Bihar Board Class 10 Science रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण InText Questions and Answers

अनुच्छेद 1.1 पर आधारित

प्रश्न 1.
वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ क्यों किया जाता है?
उत्तर:
मैग्नीशियम रिबन की सतह पर उपस्थित मैग्नीशियम ऑक्साइड की सतह को साफ करने के लिए दहन से पूर्व इसे रेगमाल से साफ किया जाता है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए संतुलित समीकरण लिखिए –
1. हाइड्रोजन + क्लोरीन→ हाइड्रोजन क्लोराइड
2. बेरियम क्लोराइड + ऐलुमिनियम सल्फेट→ बेरियम सल्फेट + ऐलुमिनियम क्लोराइड
3. सोडियम + जल → सोडियम हाइड्रॉक्साइड + हाइड्रोजन
उत्तर:
1. H2 + Cl2 → 2HCl
2. 3BaCl2 + Al2(SO4)2 → 3BaSO4 + 2AICl3
3. 2Na+ 2H2O → 2NaOH + H2     

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 3.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए उनकी अवस्था के संकेतों के साथ संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए –
1. जल में बेरियम क्लोराइड तथा सोडियम सल्फेट के विलयन अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा अघुलनशील बेरियम सल्फेट का अवक्षेप बनाते हैं।
2. सोडियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन (जल में) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के विलयन
(जल में) से अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा जल बनाते हैं।
उत्तर:
1. BaCl2 (aq) + Na2SO2(aq) → BaSO2(s) + 2NaCl(aq)
2. NaOH (aq) + HCl (aq) → NaCl (aq) + H2O

अनुच्छेद 1.2, 1.2.1 और 1.2.2 पर आधारित

प्रश्न 1.
किसी पदार्थ ‘x’ के विलयन का उपयोग सफेदी करने के लिए होता है।
(i) पदार्थ ‘X’ का नाम तथा इसका सूत्र लिखिए।
(ii) ऊपर (i) में लिखे पदार्थ ‘X’ की जल के साथ अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
(i) पदार्थ ‘x’ का नाम कैल्सियम ऑक्साइड है। इसका सूत्र Cao है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
प्रश्न 2.
क्रियाकलाप 1.7 में एक परखनली में एकत्रित गैस की मात्रा दूसरी से दोगुनी क्यों है? उस गैस का नाम बताइए।
उत्तर:
हम जानते हैं कि जल का एक अणु हाइड्रोजन के दो तथा ऑक्सीजन के एक परमाणु से मिलकर बनता है इसलिए यह वैद्युत अपघटन की प्रक्रिया में हाइड्रोजन के दो तथा ऑक्सीजन का एक परमाणु देता है। अतः हाइड्रोजन गैस की मात्रा ऑक्सीजन से दोगुनी होती है।

अनुच्छेद 1.2.3 से 1.3.2 पर आधारित

प्रश्न 1.
जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है? (2018)
उत्तर:
लोहा, कॉपर की अपेक्षा अधिक क्रियाशील तत्त्व है इसलिए यह कॉपर सल्फेट विलयन में से कॉपर को विस्थापित कर देता है। अभिक्रिया का समीकरण निम्नवत् है –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
अभिक्रिया के फलस्वरूप विस्थापित कॉपर लोहे की कील पर जम जाता है तथा आयरन सल्फेट का विलयन प्राप्त होता है जिसका रंग कॉपर सल्फेट के विलयन से हल्का होता है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 2.
क्रियाकलाप 1.10 से भिन्न द्विविस्थापन अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
जब सिल्वर नाइट्रेट विलयन में सोडियम क्लोराइड विलयन मिलाया जाता है तो सिल्वर क्लोराइड का एक सफेद अवक्षेप प्राप्त होता है। यह एक द्विविस्थापन अभिक्रिया का उदाहरण है। अभिक्रिया का समीकरण निम्नवत् है –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 3.
निम्न अभिक्रियाओं में उपचयित तथा अपचयित पदार्थों की पहचान कीजिए –
(i) 4Na(s) + O2(g) → 2Na2O(s)
(ii) CuO(s) + H2(g)→ Cu(s) + H2O(l)
उत्तर:
उपचयित होने वाला पदार्थ सोडियम (Na) तथा अपचयित होने वाला पदार्थ ऑक्सीजन (O2) है।
(ii) उपचयित होने वाला पदार्थ हाइड्रोजन (H2) तथा अपचयित होने वाला पदार्थ कॉपर ऑक्साइड (CuO) है।

Bihar Board Class 10 Science रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
नीचे दी गयी अभिक्रिया के संबंध में कौन-सा कथन असत्य है?
2Pbo(s) + C(s) → 2Pb(s) + CO2(g)
(i) सीसा अपचयित हो रहा है।
(ii) कार्बन डाइऑक्साइड उपचयित हो रहा है।
(iii) कार्बन उपचयित हो रहा है।
(iv) लेड ऑक्साइड अपचयित हो रहा है।
(a) (i) एवं (ii)
(b) (i) एवं (iii)
(c) (i) ,(ii) एवं (iii)
(d) ये सभी
उत्तर:
(a) (i) एवं (ii)

प्रश्न 2.
Fe2O3 + 2Al → Al2O3 +2Fe
ऊपर दी गयी अभिक्रिया किस प्रकार की है?
(a) संयोजन अभिक्रिया ।
(b) द्विविस्थापन अभिक्रिया
(c) वियोजन अभिक्रिया
(d) विस्थापन अभिक्रिया
उत्तर:
(d) विस्थापन अभिक्रिया

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 3.
लौह-चूर्ण पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालने से क्या होता है? सही उत्तर पर निशान लगाइए।
(a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है।
(b) क्लोरीन गैस एवं आयरन हाइड्रॉक्साइड बनता है।
(c) कोई अभिक्रिया नहीं होती है।
(d) आयरन लवण एवं जल बनता है।
उत्तर:
(a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है।

प्रश्न 4.
संतुलित रासायनिक समीकरण क्या है? रासायनिक समीकरण को संतुलित करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
संतुलित रासायनिक समीकरण वह समीकरण है जिसमें अभिकारक तथा उत्पाद, दोनों ही ओर, रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले प्रत्येक परमाणु की संख्या समान हो।
उदाहरणार्थ: 2H2 + O2 → 2H2O
रासायनिक अभिक्रिया के दौरान ‘द्रव्यमान संरक्षण नियम’ को दर्शाने के लिए रासायनिक समीकरण को संतुलित करना आवश्यक होता है।

प्रश्न 5.
निम्न कथनों को रासायनिक समीकरण के रूप में परिवर्तित कर उन्हें संतुलित कीजिए
(a) नाइट्रोजन हाइड्रोजन गैस से संयोग करके अमोनिया बनाता है।
(b) हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का वायु में दहन होने पर जल एवं सल्फर डाइऑक्साइड बनता है।
(c) ऐलुमिनियम सल्फेट के साथ अभिक्रिया कर बेरियम क्लोराइड, ऐलुमिनियम क्लोराइड एवं बेरियम सल्फेट का अवक्षेप देता है।
(d) पोटैशियम धातु जल के साथ अभिक्रिया करके पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस देती है।
उत्तर:
(a) 3H2(g) + N2(g) → 2NH2 (g)
(b) 2H2S(g) + 3O2(g) → 25O2(8) + 2H2O(l)
(c) 3BaCl2 (aq) + Al2(SO4)3(aq) → 2AlCl3(aq) + 3BaSO4
(d) 2K(s) + 2H2O(l) → 2KOH (aq) + H2T

प्रश्न 6.
निम्न रासायनिक समीकरणों को संतुलित कीजिए (2009)
(a) HNO3 + Ca(OH)2 → Ca(NO3)2+ H2O
(b) NaOH + H2SO4→ Na2SO4 + H2O
(c) NaCl + AgNO3 → AgCl + NaNO3
(d) BaCl2 + H2SO4→ BaSO4 + HCl
उत्तर:
(a) 2HNO3 + Ca(OH)2 → Ca(NO3)2+ 2H2O
(b) 2NaOH + H2SOA → Na2SO4+ 2H2O
(c) NaCl + AgNO3→ AgCl+ NaNO3 (यह पहले से ही संतुलित है)
(d) BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + 2HCl

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 7.
निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए
(a) कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड + कार्बन डाइऑक्साइड → कैल्सियम कार्बोनेट + जल
(b) जिंक + सिल्वर नाइट्रेट → जिंक नाइट्रेट + सिल्वर
(c) ऐलुमिनियम + कॉपर क्लोराइड→ ऐलुमिनियम क्लोराइड + कॉपर
(d) बेरियम क्लोराइड +पोटैशियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + पोटैशियम क्लोराइड
उत्तर:
(a) Ca(OH)2 + CO2 → CaCO3 + H2O
(b) Zn + 2AgNO3 → Zn (NO3)2 + 2Ag
(c) 2Al + 3Cucl2 → 2AlCl3 + 3Cu
(d) BaCl2 +K2SO4 → BaSO4 + 2KCl

प्रश्न 8.
निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए एवं प्रत्येक अभिक्रिया का प्रकार बताइए
(a) पोटैशियम ब्रोमाइड (aq) + बेरियम आयोडाइड (aq) → पोटैशियम आयोडाइड (aq) + बेरियम ब्रोमाइड (υ)
(b)जिंक कार्बोनेट (s) → जिंक ऑक्साइड (s) + कार्बन डाइऑक्साइड (g)
(c) हाइड्रोजन (g) + क्लोरीन (g) → हाइड्रोजन क्लोराइड (g)
(d) मैग्नीशियम (s) + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (aq) → मैग्नीशियम क्लोराइड (aq) + हाइड्रोजन (g)
उत्तर:
(a) 2KBr (aq) + BaI2(aq) → 2KI (aq) + BaBr2(s); यह सन्तुलित तथा द्विविस्थापन अभिक्रिया है।
(b) ZnCO3(s) → ZnO(s) + CO2(g); यह सन्तुलित तथा वियोजन अभिक्रिया है।
(c) H2(g) + Cl2(g)→ 2HCl(g); यह सन्तुलित तथा संयोजन अभिक्रिया है।
(d) Mg(s) + 2HCl(aq) → MgCl2(aq) + H2(g); यह सन्तुलित तथा विस्थापन अभिक्रिया है।

प्रश्न 9.
ऊष्माक्षेपी एवं ऊष्माशोषी अभिक्रिया का क्या अर्थ है? उदाहरण दीजिए। (2010)
उत्तर:
ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया जिन रासायनिक अभिक्रियाओं में उत्पाद के निर्माण के साथ-साथ ऊष्मा भी उत्पन्न होती है, उन्हें ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते हैं। उदाहरणार्थः प्राकृतिक गैस का दहन
CH4 (g) + 2O2(g)→ CO2(g) + 2H2O(g) + ऊष्मा

ऊष्माशोषी अभिक्रिया:
जिन रासायनिक अभिक्रियाओं में ऊर्जा अवशोषित होती है, उन्हें ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरणार्थः
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 10.
श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते हैं; क्योंकि इसके अन्तर्गत भोजन छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटता है जिसके फलस्वरूप ऊर्जा उत्पन्न होती है जो हमारे शरीर को कार्य करने की शक्ति प्रदान करती है। श्वसन क्रिया कों समीकरण रूप में निम्नवत् व्यक्त किया जा सकता है –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 11.
वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत क्यों कहा जाता है? इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर:
वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत कहा जाता है; क्योंकि वियोजन अभिक्रिया में एकल यौगिक वियोजित होकर दो अथवा अधिक पदार्थ देता है जबकि संयोजन अभिक्रिया में दो अथवा अधिक पदार्थ संयोग करके एकल उत्पाद प्रदान करते हैं।
उदाहरणार्थः
CaCO3(s)→ Cao(s) + CO2(g) (वियोजन अभिक्रिया)
CaO(g) + H2O(l) → Ca(OH)2(aq) (संयोजन अभिक्रिया)

प्रश्न 12.
उन वियोजन अभिक्रियाओं के एक-एक समीकरण लिखिए जिनमें ऊष्मा, प्रकाश एवं विद्युत के रूप में ऊर्जा प्रदान की जाती है।
उत्तर:
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 13.
विस्थापन एवं द्विविस्थापन अभिक्रियाओं में क्या अंतर है? इन अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए।
उत्तर:
विस्थापन अभिक्रिया जिन रासायनिक अभिक्रियाओं में एक तत्त्व दूसरे तत्त्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है, उन्हें विस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरणार्थः
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

द्विविस्थापन अभिक्रिया:
जिन रासायनिक अभिक्रियाओं में दो अलग-अलग परमाणु या परमाणुओं के समूह (आयन) का आपस में आदान-प्रदान होता है, उन्हें द्विविस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरणार्थः
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
प्रश्न 14.
सिल्वर के शोधन में, सिल्वर नाइट्रेट के विलयन से सिल्वर प्राप्त करने के लिए कॉपर धातु द्वारा विस्थापन किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिए अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण - 9

प्रश्न 15.
अवक्षेपण अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
जिस अभिक्रिया में अवक्षेप (विलयन में अघुलनशील यौगिक) का निर्माण होता है, उसे अवक्षेपण अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरणार्थ:
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 16.
ऑक्सीजन के योग या ह्रास के आधार पर निम्न पदों की व्याख्या कीजिए। प्रत्येक के लिए दो उदाहरण दीजिए –
(a) उपचयन
(b) अपचयन
उत्तर:
(a) उपचयन किसी अभिक्रिया में ऑक्सीजन का योग या हाइड्रोजन का ह्रास उपचयन कहलाता है।
उदाहरणार्थ:
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
(b) अपचयन किसी अभिक्रिया में ऑक्सीजन का ह्रास या हाइड्रोजन का योग अपचयन कहलाता है।
उदाहरणार्थ:
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
प्रश्न 17.
एक भूरे रंग का चमकदार तत्त्व ‘x’ को वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर वह काले रंग का हो जाता है। इस तत्त्व ‘x’ एवं उस काले रंग के यौगिक का नाम बताइए।
उत्तर:
तत्त्व ‘X’ कॉपर (Cu) है तथा काले रंग के यौगिक का नाम कॉपर ऑक्साइड (CuO) है।

प्रश्न 18.
लोहे की वस्तुओं को हम पेंट क्यों करते हैं?
उत्तर:
लोहे की वस्तुओं पर पेंट करने से उसकी अभिक्रिया वायु में उपस्थित नमी व ऑक्सीजन से नहीं हो पाती है तथा वह जंग लगने से बच जाती है।

प्रश्न 19.
तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित क्यों किया जाता है? (2009)
उत्तर:
तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित किया जाता है क्योंकि ऐसा करने से ये खाद्य पदार्थ वायु में उपस्थित ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके ऑक्सीकृत नहीं होते। इस प्रकार खाद्य पदार्थ को लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 20.
निम्न पदों का वर्णन कीजिए तथा प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए (2009)
(a) संक्षारण
(b) विकृतगंधिता
उत्तर:
(a) संक्षारण जब कोई धातु अपने आस-पास अम्ल, आर्द्रता आदि के सम्पर्क में आती है तब यह संक्षारित होती है और इस प्रक्रिया को संक्षारण कहते हैं। चाँदी के ऊपर काली परत व ताँबे के ऊपर हरी परत चढ़ना संक्षारण के प्रमुख उदाहरण हैं।
(b) विकृतगंधिता जब वसा और तेल तथा उनमें बनाये गये खाद्य पदार्थ वाय की ऑक्सीजन से क्रिया करके ऑक्सीकृत हो जाते हैं तो उनमें एक विशेष गंध आने लगती है तथा उनका स्वाद भी खराब हो जाता है। इस प्रक्रिया को ही विकृतगंधिता कहते हैं। अचार व मुरब्बों का खुली वायु में रखने पर खराब हो जाना विकृतगंधिता का प्रमुख उदाहरण है।

Bihar Board Class 10 Science रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण Additional Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + 2HCl किस प्रकार की अभिक्रिया है?
(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) वियोजन अभिक्रिया
(c) विस्थापन अभिक्रिया
(d) द्विविस्थापन अभिक्रिया
उत्तर:
(d) द्विविस्थापन अभिक्रिया

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 2.
घरों में सफेदी करने के लिए निम्न में से किस यौगिक का प्रयोग होता है?
(a) Ca(OH)2
(b) CaCO3
(c) Cuo
(d) NaNO3
उत्तर:
(a) Ca(OH)2

प्रश्न 3.
अपचयन की प्रक्रिया में
(a) ऑक्सीजन का ह्रास होता है
(b) हाइड्रोजन का ह्रास होता है
(c) ऑक्सीजन का योग होता है
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) ऑक्सीजन का ह्रास होता है

प्रश्न 4.
2FeCl3+ 2 H2O + y → 2FeCl2 + H2 SO4 + 2 HCI
रासायनिक अभिक्रिया में है (2018)
(a) S
(b) H2S
(c) SO2
(d) Cl2
उत्तर:
(c) SO2

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रासायनिक संघटन किसे कहते हैं?
उत्तर:
दो या दो से अधिक परमाणुओं अथवा अणुओं का संयोग जिससे रासायनिक यौगिक बनता है, उस यौगिक का रासायनिक संघटन कहलाता है।

प्रश्न 2.
अभिकारक तथा उत्पाद को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
जो पदार्थ रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग लेते हैं, अभिकारक कहलाते हैं तथा इन अभिक्रियाओं में उत्पन्न होने वाले नए पदार्थ उत्पाद कहलाते हैं।

प्रश्न 3.
रासायनिक समीकरण में अभिकारक तथा उत्पाद किस प्रकार लिखे जाते हैं?
उत्तर:
रासायनिक समीकरण में अभिकारक बाईं ओर लिखे जाते हैं। एक से अधिक अभिकारक होने पर इनके मध्य ‘+’ का चिह्न लगाया जाता है। उत्पादों को समीकरण के दाईं ओर लिखा जाता है तथा इनके मध्य भी ‘+’ का चिह्न लगा दिया जाता है। अभिकारकों तथा उत्पादों के मध्य एक तीर लगाया जाता है जिसकी दशा उत्पादों की ओर होती है। यह तीर अभिक्रिया की दिशा का बोध कराता है।
उदाहरणार्थ:
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 4.
असन्तुलित समीकरण क्या है?
उत्तर:
एक असन्तुलित समीकरण में अभिकारकों तथा उत्पादों के तत्वों में से एक या एक से अधिक तत्वों के परमाणुओं की संख्या असमान होती है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 5.
सन्तुलित रासायनिक समीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारक तथा प्राप्त उत्पादों में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या समान होने पर समीकरण सन्तुलित रासायनिक समीकरण कहलाती है।

प्रश्न 6.
विद्युत वियोजन क्या होता है?
उत्तर:
जब किसी पदार्थ का विद्युत धारा प्रवाहित करने पर अपघटन हो जाता है तो यह प्रक्रम विद्युत वियोजन कहलाता है।

प्रश्न 7.
उपचयन किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह अभिक्रिया जिसमें एक रासायनिक स्पीशीज इलेक्ट्रॉनों का ह्रास करती है, उपचयन कहलाती है।

प्रश्न 8.
अपचयन क्या है?
उत्तर:
वह अभिक्रिया जिसमें एक रासायनिक स्पीशीज इलेक्ट्रॉन प्राप्त करती है, अपचयन कहलाती है।

प्रश्न 9.
उपचायक किसे कहते हैं?
उत्तर:
अभिक्रिया में वह पदार्थ जो अन्य पदार्थ को उपचयित कर देता है, उपचायक कहलाता है।

प्रश्न 10.
अपचायक किसे कहते हैं?
उत्तर:
अभिक्रिया में वह पदार्थ जो अन्य पदार्थ को अपचयित करता है, अपचायक कहलाता है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए –
(i) जिंक धातु जलीय हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया कर जिंक क्लोराइड का विलयन तथा हाइड्रोजन गैस बनाती है।।
(ii) जब ठोस मरकरी (II) ऑक्साइड को गर्म करते हैं, तब द्रव मरकरी तथा ऑक्सीजन गैस उत्पन्न होती हैं।
उत्तर:
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 2.
निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए
1. सल्फ्यूरिक अम्ल और सोडियम हाइड्रॉक्साइड के जलीय विलयन परस्पर अभिक्रिया करके जलीय सोडियम सल्फेट और जल बनाते हैं।
2. फॉस्फोरस क्लोरीन गैस में जलकर फॉस्फोरस पेंटाक्लोराइड निर्मित करता है।
उत्तर:
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
प्रश्न 3.
निम्नलिखित समीकरणों को सन्तुलित कीजिए –

  1. Ba(OH)2 (aq) + HBr(aq) → BaBr2(aq) + H2O(l)
  2. KCN(aq)+ H2SO4(aq) + K2SO4(aq)+ HCN(g)
  3. Al(s) + HCl(aq) → AICl3(aq) + H2(g)
  4. 4CH4(g)+ O2(g) → CO2(g)+ H2O(l)

उत्तर:
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
प्रश्न 4.
(a) क्या होता है जब सोडियम सल्फेट विलयन को बेरियम क्लोराइड विलयन में मिलाया जाता है?
(b) उपर्युक्त अभिक्रिया की सन्तुलित समीकरण लिखिए। (2010)
उत्तर:
(a) जब सोडियम सल्फेट विलयन को बेरियम क्लोराइड विलयन में मिलाया जाता है तो Baso, का सफेद अवक्षेप बनता है। सोडियम क्लोराइड अन्य उत्पाद के रूप में प्राप्त होता है जो विलयन में शेष रह जाता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
प्रश्न 5.
संयोजन और वियोजन अभिक्रियाओं में क्या अन्तर है? प्रत्येक अभिक्रिया का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
संयोजन तथा वियोजन अभिक्रियाओं में अन्तर –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 6.
ऊष्मीय वियोजन तथा आयनिक वियोजन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ऊष्मीय वियोजन तथा आयनिक वियोजन में अन्तर –

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रासायनिक समीकरण क्या है? इससे क्या-क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर:
रासायनिक समीकरण जिस प्रकार प्रतीक किसी तत्व के एक परमाणु और सूत्र पदार्थ के एक अणु को व्यक्त करता है, उसी प्रकार रासायनिक समीकरण से वास्तविक रासायनिक अभिक्रिया व्यक्त होती है। किसी रासायनिक अभिक्रिया में भिन्न-भिन्न अणु भाग लेते हैं और उनमें उपस्थित परमाणुओं अथवा मूलकों की अदला-बदली के पश्चात् नए प्रकार के अणु बनते हैं। इन सब अणुओं को सूत्रों द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है।
उदाहरणार्थ:
सोडियम क्लोराइड और सिल्वर नाइट्रेट की अभिक्रिया को सूत्रों की सहायता से निम्नलिखित प्रकार से निरूपित किया जा सकता है –Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
यहाँ पर AgNO3 और NaCl अभिकारक तथा AgCl और NaNO3 परिणामी अथवा उत्पाद हैं। रासायनिक अभिक्रिया को इस प्रकार निरूपित करने को रासायनिक समीकरण (chemical equation) कहते हैं। इस प्रकार “किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारकों तथा अभिक्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाले उत्पादों या परिणामी पदार्थों को प्रतीकों तथा सूत्रों द्वारा निरूपित करने को रासायनिक समीकरण कहते हैं।” कैल्सियम कार्बोनेट पर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया से कैल्सियम क्लोराइड और जल बनते हैं तथा कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है। इस अभिक्रिया के लिखने का स्वरूप अर्थात् रासायनिक समीकरण निम्नवत् है।
CaCO3 + 2HCl → CaCl2 + H2O + CO2
रासायनिक समीकरण से निम्नलिखित तथ्यों की जानकारी प्राप्त होती है

  1. रासायनिक समीकरण से, रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों का ज्ञान हो जाता है।
  2. रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न उत्पादों का ज्ञान हो जाता है।
  3. रासायनिक समीकरण में अभिकारकों तथा उत्पादों के परमाणुओं तथा अणुओं की संख्या का बोध होता है। दूसरे शब्दों में, उनकी मोल संख्या का बोध होता है; क्योंकि किसी पदार्थ के प्रतीक या सूत्र से उस पदार्थ के एक मोल का बोध होता है।
  4.  रासायनिक अभिक्रिया के अभिकारकों तथा उत्पादों की मोल संख्या ज्ञात होने पर उनके द्रव्यमान की जानकारी प्राप्त होती है।
  5. रासायनिक अभिक्रिया में यदि कोई अभिकारक या उत्पाद गैसीय अवस्था में है तो उसके आयतन की जानकारी प्राप्त होती है। क्योंकि किसी गैस के एक ग्राम अणुभार का आयतन मानक ताप तथा दाब पर 22.4 लीटर होता है; अत: गैसीय पदार्थों के अणुओं की संख्या को 22.4 लीटर से गुणा करके उसका आयतन ज्ञात कर लेते हैं।
  6. रासायनिक अभिक्रिया के अभिकारकों का कुल द्रव्यमान, उत्पादों के कुल द्रव्यमान के बराबर होता है। इससे द्रव्यमान संरक्षण के नियम (पदार्थों के अविनाशिता के नियम) की पुष्टि होती है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 2.
रासायनिक अभिक्रिया किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार की होती है? प्रत्येक को उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
रासायनिक अभिक्रिया जब एक या एक-से-अधिक पदार्थ परस्पर अभिक्रिया करके नए पदार्थ बनाते हैं तो ऐसी अभिक्रिया को ‘रासायनिक अभिक्रिया’ कहते हैं।
उदाहरणार्थ:
मैग्नीशियम जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया करता है तो मैग्नीशियम क्लोराइड व हाइड्रोजन गैस बनती है। इस अभिक्रिया को निम्नलिखित समीकरण से प्रदर्शित करते हैं –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
इस अभिक्रिया में, मैग्नीशियम तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल को अभिकारक (reactants) तथा मैग्नीशियम क्लोराइड व हाइड्रोजन को परिणामी या उत्पाद (resultants or product) कहते हैं। इस सम्पूर्ण क्रिया को रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं। रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों (अभिकारकों) तथा बनने वाले पदार्थों (उत्पादों) को रासायनिक सूत्रों द्वारा समीकरण के रूप में दर्शाने को अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण कहते हैं।

रासायनिक अभिक्रिया के प्रकार:
मुख्य रूप से रासायनिक अभिक्रिया निम्नलिखित प्रकार की होती है –
1. संयोजन अभिक्रिया संयोजन अभिक्रिया वह रासायनिक अभिक्रिया है, जिसमें दो या दो-से-अधिक प्रकार के पदार्थों के अणु परस्पर जुड़कर केवल एक ही प्रकार के पदार्थ के अणु बनाते हैं। उदाहरणार्थ:
(i) सोडियम (Na) धातु, क्लोरीन (Cl) में जलकर सोडियम क्लोराइड (NaCl) बनाती है –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
(ii) कार्बन मोनोक्साइड (CO) तथा क्लोरीन (Cl2) की क्रिया से कार्बोनिल क्लोराइड (COCl2) बनता है –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
(iii) मैग्नीशियम (Mg), वायु अथवा ऑक्सीजन में जलकर मैग्नीशियम ऑक्साइड (Mgo) बनाता है –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
मैग्नीशियम ऑक्सीजन मैग्नीशियम ऑक्साइड संयोजन अभिक्रियाओं में असंतृप्त हाइड्रोकार्बन; जैसे-ऐल्कीन अथवा ऐल्काइन अणु का किसी परमाणु अथवा परमाणु समूह से योग होता है तथा असंतृप्त अणु का कोई भाग अणु से पृथक् नहीं होता है। एथिलीन (C2H4) तथा ऐसीटिलीन (C2 H2) हैलोजेन, हाइड्रोजन, सल्फ्यूरिक अम्ल, हाइड्रोजन सायनाइड, ऐल्कोहॉल आदि से संयोजन अभिक्रियाएँ करते हैं।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
इनमें असंतृप्त यौगिक असंतृप्तता कम करके संतृप्त यौगिकों में परिवर्तित हो जाता है।

2. वियोजन अभिक्रिया वियोजन अभिक्रिया वह रासायनिक अभिक्रिया है, जिसमें कोई यौगिक
अपने अवयवी तत्वों अथवा छोटे-छोटे सरल यौगिकों में वियोजित हो जाता है। यह अभिक्रिया ऊष्मा, प्रकाश अथवा विद्युत द्वारा सम्पन्न होती है। वियोजन अभिक्रिया निम्नलिखित दो प्रकार की होती है
(a) ऊष्मीय-वियोजन (Thermal decomposition) “जब किसी पदार्थ के वियोजन की अभिक्रिया ऊष्मा देने पर होती है तो उसे ऊष्मीय वियोजन कहते हैं।”
उदाहरणार्थ:
(i) पोटैशियम क्लोरेट का वियोजन पोटैशियम क्लोरेट (KClO) को गर्म करने पर यह पोटैशियम क्लोराइड (KCI) तथा ऑक्सीजन में वियोजित होता है –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण - 26
(ii) कैल्सियम कार्बोनेट का वियोजन कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करने पर यह कैल्सियम ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड में वियोजित होता है –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
(iii) फेरस सल्फेट का वियोजन फेरस सल्फेट को गर्म करने पर यह फेरिक ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड तथा सल्फर ट्राइऑक्साइड में वियोजित होता है –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
(iv) मरकरी ऑक्साइड का वियोजन मरकरी ऑक्साइड को गर्म करने पर यह मरकरी तथा ऑक्सीजन में वियोजित होता है –

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

(b) विद्युत वियोजन (Electrolysis or electrolytic decomposition) “जिस रासायनिक अभिक्रिया में यौगिक (गलित अवस्था में या जलीय विलयन में) का विद्युत प्रवाहित करने पर वियोजन होता है, उसे विद्युत वियोजन कहते हैं।’
उदाहरणार्थ:
(i) सोडियम क्लोराइड का विद्युत-वियोजन गलित सोडियम क्लोराइड में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर यह सोडियम तथा क्लोरीन में वियोजित हो जाता है
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
(ii) जल का विद्युत-वियोजन जब अम्लीय जल में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो जल हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन में वियोजित हो जाता है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
(iii) ऐलुमिनियम ऑक्साइड का विद्युत-वियोजन गलित ऐलुमिनियम ऑक्साइड में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर यह ऐलुमिनियम तथा ऑक्सीजन में वियोजित हो जाता है –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

3. विस्थापन या प्रतिस्थापन अभिक्रिया विस्थापन वह रासायनिक अभिक्रिया है, जिसमें किसी यौगिक के अणु के किसी एक परमाणु अथवा समूह (मूलक) के स्थान पर कोई दूसरा परमाणु अथवा समूह (मूलक) आ जाता है।
उदाहरणार्थ:
(i) लोहा (Fe), कॉपर सल्फेट (CuSO4) विलयन में से कॉपर को विस्थापित करके स्वयं आ जाता है। फलस्वरूप, फेरस सल्फेट तथा कॉपर (Cu) बनते हैं।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
(ii) मैग्नीशियम (Mg), क्यूप्रिक क्लोराइड के विलयन से कॉपर को विस्थापित करके स्वयं उसका स्थान ले लेता है तथा कॉपर और मैग्नीशियम क्लोराइड बनते हैं।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
(iii) जब जिंक (Zn), सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ क्रिया करता है तो सल्फ्यूरिक अम्ल की हाइड्रोजन को विस्थापित करके उसका स्थान स्वयं ले लेता है। इसके फलस्वरूप, जिंक सल्फेट बनता है तथा हाइड्रोजन गैस मुक्त होती है –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
(iv) साधारण अवस्था में ओलीफिन (olefins) विस्थापन अभिक्रिया नहीं देते हैं किन्तु उच्च ताप पर इनमें भी प्रतिस्थापन हो जाता है; जैसे-एथिलीन को क्लोरीन के साथ 450-650°C ताप पर गर्म करने से एथिलीन का एक हाइड्रोजन परमाणु क्लोरीन के परमाणु द्वारा प्रतिस्थापित हो जाता है –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

4. उभय-प्रतिस्थापन या द्वि-विस्थापन अभिक्रिया:
जिस रासायनिक अभिक्रिया में यौगिकों के आयनों अथवा घटकों की अदला-बदली (विनिमय) हो जाती है तथा नए यौगिक बनते हैं, वह उभय-प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहलाती है। यह अभिक्रिया यौगिकों के विलयनों के मध्य होती है।
उदाहरणार्थ:
(i) जब बेरियम क्लोराइड के विलयन में सोडियम सल्फेट का विलयन मिलाते हैं तो बेरियम सल्फेट व सोडियम क्लोराइड बन जाते हैं –

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

(ii) जब कॉपर सल्फेट के विलयन में सोडियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन मिलाते हैं तो कॉपर हाइड्रॉक्साइड व सोडियम सल्फेट बन जाते हैं Cuso. + 2NaOH
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

(iii) जब फेरिक क्लोराइड के विलयन में अमोनियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन मिलाते हैं –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

(iv) जब सिल्वर नाइट्रेट के विलयन में सोडियम क्लोराइड का विलयन मिलाते हैं तो सिल्वर क्लोराइड व सोडियम नाइट्रेट बन जाते हैं –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 3.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं में पहचान कीजिए कि किस पदार्थ का उपचयन (ऑक्सीकरण) और किस पदार्थ का अपचयन होता है? पदार्थ के उपचयन और अपचयन की आयनिक अभिक्रियाएँ लिखिए –

  1. H2(g) + Cl2(g) → 2HCl(g)
  2. H2(g) + Cuo(s) → Cu(s) + H2O(l)
  3. 2H2S(g) + SO2(g) → 3S(s)+2H2O(l)
  4. Zn(s) + 2AgNO3(aq) → Zn(NO3)2(aq) + 2Ag(s)
  5. 2Al(s)+6HCl(aq) → 2AICI3(aq) + 3H2(g)

उत्तर:
1. H2(g) + Cl2(g) → 2HCl(g)
इस अभिक्रिया में हाइड्रोजन का उपचयन (ऑक्सीकरण) होता है और क्लोरीन का अपचयन होता है।
आयनिक अभिक्रिया –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

2. H2(g) + Cu0(s) → Cu(s) + H2O(l)
इस अभिक्रिया में H2 उपचयित होती है और Cu0 अपचयित होता है।
आयनिक अभिक्रिया –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

3. 2H2S(g)+ SO2(g) → 3S(s) + 2H2O(l)
इस अभिक्रिया में H2S उपचयित होता है और SO2 अपचयित होती है।
आयनिक अभिक्रिया –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

4. Zn(s) + 2AgNO3(aq) → Zn(NO3)2(aq) + 2Ag(s)
इस अभिक्रिया में AgNO का अपचयन होता है तथा जिंक उपचयित होता है।
आयनिक अभिक्रिया –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

5. 2Al(s) + 6HCl(aq) → 2ACl3(aq) + 3H2(g)
इस अभिक्रिया में ऐलुमिनियम उपचयित होता है तथा हाइड्रोजन अपचयित होती है।
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
आयनिक अभिक्रिया –
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण अलंकार

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solutions Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण अलंकार Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण अलंकार

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण अलंकार Questions and Answers

प्रश्न 1.
अलंकार किसे कहते हैं ? साहित्य में इनकी क्या उपयोगिता है ?
उत्तर-
अलंकार का शाब्दिक अर्थ है-सजावट, शृंगार, आभूषण, गहना आदि। साहित्य में । अलंकार शब्द का प्रयोग काव्य-सौंदर्य के लिए होता है। संस्कृत के विद्वानों के अनुसार ‘अलंकरोति इति अलंकारः’ अर्थात् जो अलंकृत करे या शोभा बढ़ाए, उसे अलंकार कहते हैं। दूसरे शब्दों में, काव्य की सुंदरता बढ़ाने वाले गुण-धर्म अलंकार कहलाते हैं।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण अलंकार

प्रश्न 2.
अलंकारों के कितने भेद हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
मुख्यतः अलंकारों के दो भेद हैं शब्दालंकार और अर्थालंकारा

शब्दालकार

शब्दालंकार शब्द द्वारा काव्य में चमत्कार उत्पन्न करते हैं। यदि जिस शब्द द्वारा चमत्कार उत्पन्न हो रहा है, उसे हटाकर अन्य समान शब्द वहाँ रख दिया जाए, तो वहाँ अलंकार नहीं रहता। अनुप्रास, यमक,ग्लेष आदि शब्दालंकार हैं। इनमें सौंदर्य ‘शब्द’ पर आश्रित रहता है।

1. अनुप्रास

प्रश्न
अनुप्रास अलंकार की परिभाषा देते हुए कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर-
जहाँ व्यंजनों की आवृत्ति ध्वनि-सौंदर्य को बढ़ाए, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। व्यंजनों की आवृत्ति एक विशेष क्रम से होनी चाहिए। सौंदर्य-वर्धक व्यंजन शब्दों के प्रारंभ, मध्य या अंत में आने चाहिए।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण अलंकार

उदाहरणतया-

  1. कल कानन कुंडल मोरपखा उर पै बनमाल बिराजति है।
  2. जो खग हौं तो बसैरो करौ मिलि-
    कालिंदी कुल कदंब की डारनि।

स्पष्टीकरण-इन उदाहरणों में ‘क’, ‘ब’, ‘र’ तथा ‘क’ वर्गों की आवृत्ति से सौंदर्य में वृद्धि

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण अलंकार
अन्य उदाहरण-

  1. कायर क्रूर कपूत कुचाली यों ही मर जाते हैं। (‘क’ की आवृत्ति)
  2. मुदित महीपति मंदिर आए।
    सेवक सचिव सुमंत बुलाए। (‘स’ की आवृत्ति)
  3. कंकन किकिन नुपूर धुनि सुनि।
    कहत लखन सन राम हृदय गुनि।। (‘क’ तथा ‘न’ की आवृत्ति)
  4. तरनि-तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए। (‘त’ की आवृत्ति)
  5. मधुर-मधुर मुस्कान मनोहर, मनुज वेश का उजियाला। (‘म’ की आवृत्ति)
  6. कानन कठिन भयंकर भारी, घोर घाम वारि बयारी। (‘क’, ‘र’ तथा ‘म’ की आवृत्ति)
  7. चारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रही हैं जल थल में। (‘च’ तथा ‘ल’ की आवृत्ति)
  8. भुज भुजगेस की बै संगिनी भुगिनी-सी
    खेदि खेदि खाती दीह दारुन दलन को
  9. मुदित महीपति मंदिर आए।
  10.  बाल बिलोकि बहुत मैं बाँचा।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण अलंकार

2. यमक

प्रश्न
यमक अलंकार की परिभाषा देते हुए कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
‘यमक’ का शाब्दिक अर्थ है ‘जोड़ा’। ‘वहै शब्द पुनि-पुनि परै अर्थ भिन्न-ही-भिन्न। अर्थात् जब कविता में एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आता है किंतु हर बार अर्थ भिन्न होता है, वहाँ यमक अलंकार होता है। उदाहरणार्थ-

1. काली घटा का घमंड घटा।
स्पष्टीकरण-यहाँ ‘घटा’ शब्द दो बार आया है। दोनों जगह अर्थ में भिन्नता है।
घटा-वर्षाकालीन घुमड़ती हुई बादलों की माला।
घटा-कम हुआ।
2. कहै कवि बेनी-बेनी ब्याल की चुराई लीनी।
-यहाँ पहले बेनी का तात्पर्य है ‘कवि बेनी प्रसाद’ तथा दूसरे का तात्पर्य है ‘चोटी’।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण अलंकार

अन्य उदाहरण

  1. कनक-कनक तै सौगुनी मादकता अधिकाय।
    वा खाए बौराए जग या पाए बौराया।
  2. माला फेरत युग भया, मिटा न मन का फेर।
    करका मनका डारि दे, मन का मनका फेर।।
  3. जेते तुम तारे, तेरे नभ में न तारे हैं।
  4. खग-कुल कुल-कुल सा बोल रहा।
  5. पच्छी परछीने ऐसे परे पर छीने बीर।
    तेरी बरछी ने बर छीने हैं खलन के।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण अलंकार

3. श्लेष

प्रश्न
श्लेष अलंकार की परिभाषा देते हुए कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए। अथवा, श्लेष अलंकार का एक उदाहरण दीजिए। .
उत्तर-
श्लेष’ का शाब्दिक अर्थ है- ‘चिपकना’। अतः जहाँ एक शब्द से दो या दो से अधिक अर्थ प्रकट होते हैं, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

उदाहरणतया –

1. मधुवन की छाती को देखो.
सूखी कितनी इसकी कलियाँ।
यहाँ ‘कलियाँ’ शब्द का प्रयोग एक बार हुआ है, किंतु इसमें अर्थ की भिन्नता है।
(क) खिलने से पूर्व फूल की दशा।
(ख) यौवन-पूर्व की अवस्था।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण अलंकार

2. जो रहीम गति दीप की कुल कपूत गति सोय।।
बारे उरियारो करै बढ़े अंधेरा होय।।
यहाँ ‘बारे’ और ‘बढ़े’ शब्दों में श्लेष है।
‘बारे’ का एक अर्थ है-‘जलाने पर’ तथा दूसरा अर्थ है ‘बचपन में।
‘बढ़े’ के दो अर्थ हैं-‘बुझने पर’ तथा ‘बड़े होने पर।

अन्य उदाहरण

  1. ‘रहिमन’ पानी रखिए बिन पानी सब सून।
    पानी गए न ऊबरै, मोती मानुष चून।।
    इस दोहे में ‘पानी’ के तीन अर्थ हैं-चमक, प्रतिष्ठा और जल।
  2. मेरी भव-बाधा हरों राधा नागरि सोइ।
    जा तन की झाई परै स्यामु हरित दुति होय।।
  3. सुबरन को ढूँढे फिरत, कवि, व्यभिचारी चोर।

अर्थालंकार

अर्थालंकार में सौंदर्य ‘भाव’ से संबंधित होता है, ‘शब्द’ से नहीं। अर्थालंकार चमत्कार की. बजाय भाव की अनुभूति में तीव्रता लाते हैं अथवा भाव संबंधी चमत्कार उत्पन्न करते हैं। उपमा. रूपक, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति, अन्योक्ति आदि अर्थालंकार है।

4. उपमा

प्रश्न
‘उपमा’ की परिभाषा देते हुए उसके तत्त्वों का परिचय दीजिए तथा उदाहरणों द्वारा अलंकार स्पष्ट कीजिए। .
उत्तर-
उपमा का अर्थ है ‘समानता’। जहाँ किसी वस्तु अथवा प्राणी के गुण, धर्म, स्वभाव । और शोभा को व्यक्त करने के लिए उसी के समान गुण, धर्म वाली किसी अन्य प्रसिद्ध वस्तु अथवा प्राणी से उसकी समानता की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है। जैसे- ‘चाँद-सा सुंदर मुख’।

उपमा अलंकार को समझने के लिए निम्नलिखित चार अंगों को समझना आवश्यक है
(क) उपमेय_जिसकी उपमा दी जाए अर्थात् जिसका वर्णन हो रहा है, उसे उपमेय या प्रस्तुत कहते हैं। ‘चाँद-सा सुंदर मुख’ में ‘मुख’ उपमेय है।
(ख) उपमान- वह प्रसिद्ध वस्तु या प्राणी जिससे उपमेय की समानता प्रकट की जाए, उपमान कहलाता है। उसे अप्रस्तुत भी कहते हैं। ऊपर के उदाहरण में ‘चांद’ उपमेय है।
(ग) साधारण धर्म- उपमेय और उपमान के समान गुण या विशेषता व्यक्त करने वाले शब्द साधारण धर्म कहलाते हैं। ऊपर के उदाहरण में ‘सुंदर’ साधारण धर्म को बता रहा है।
(घ) वाचक शब्द- जिन शब्दों की सहायता से उपमेय और उपमान में समानता प्रकट की जाती है और उपमा अलंकार की पहचान होती है उन्हें वाचक शब्द कहते हैं। सा, सी, सम, जैसी, ज्यों, के समान-आदि शब्द वाचक शब्द कहलाते हैं।
यदि ये चारों तत्त्व उपस्थित हों तो ‘पूर्णोपमा’ होती है; परंतु कई बार इसमें से एक या दो लुप्त भी हो जाते हैं, तब उसे ‘लुप्तोपमा’ कहते हैं।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण अलंकार

पूर्णोपमा का उदाहरण-

  1. हाय फूल-सी कोमल बच्ची। हुई राख की थी ढेरी।
    -यहाँ ‘फूल’ उपमान, ‘बच्ची’ उपमेय, ‘कोमल’ साधारण धर्म तथा ‘सी’ वाचक शब्द है। अतः पूर्णोपमा अलंकार है।
  2. रति सम रमणीय मूर्ति राधा की।
    -यहाँ ‘राधा की मूर्ति’ उपमेय, ‘रति’ उपमान, ‘रमणीय’ साधारण धर्म तथा ‘सम’ वाचक शब्द है। अतः पूर्णोपमा अलंकार है।

अन्य उदाहरण-

  1. पीपर पात सरिस मन डोला।
  2. मुख बाल रवि सम लाल होकर ज्वाला-सा बोधित हुआ।

लुप्तोपमा के उदाहरण-
1. यह देखिए, अरविंद से शिशुवृंद कैसे सो रहे।
-यहाँ ‘शिशुवृंद’ उपमेय, अरविंद’ उपमान तथा ‘से’ वाचक शब्द है। साधारण धर्म लुप्त है। अतः ‘लुप्तोपमा अलंकार है।

2. पड़ी थी बिजली-सी विकराला .
-यहाँ बिजली’ उपमान, ‘विकराल’ साधारण धर्म तथा ‘सी’ वाचक शब्द है, परंतु ‘उपमेय’ लुप्त है। अतः लुप्तोपमा अलंकार है।

अन्य उदाहरण-

  1. वह नव नलिनी से नयन वाला कहाँ है ?
  2. नदियाँ जिनकी यशधारा-सी,
    बहती हैं अब भी निशि-बासर।
  3. मखमल के झूल पड़े हाथी-सा टीला।
  4. असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ विकीर्ण दिव्य दाह-सी।
  5. जो नत हुआ, वह मृत हुआ, ज्यों वृंत से झरकर कुसुम।
  6. सूरदास अबला हम भोरी, गुर चाँदी ज्यौं पागी।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण अलंकार

5. रूपक

प्रश्न
रूपक अलंकार की परिभाषा देते हुए उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर- जहाँ गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय पर उपमान का आरोप किया जाए, वहाँ रूपक अलंकार होता है। यह आरोप कल्पित होता है। इसमें उपमेय और उपमान में अभिन्नता होने पर भी दोनों साथ-साथ विद्यमान रहते हैं। यथा

1. चरण कमल बंदौं हरिराई।
यहाँ सादृश्य के कारण उपमेय ‘चरण’ पर उपमान ‘कमल’ का आरोप कर दिया गया है। चरण पर कमल का आरोप कल्पित है। चरण वास्तव में कमल नहीं बन सकता, परंतु सदृश्य के कारण यहाँ चरण को कमल मान लिया गया है। दोनों की अभिन्नता स्थापित होने पर भी दोनों साथ-साथ विद्यमान हैं, अत: रूपक अलंकार है।

2. मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहौं।
-यहाँ चंद्रमा (उपमेय) पर खिलौना (उपमान) का आरोप है। .. अन्य उदाहरण
(क) सक-प्राणियों वत्तमनोमयूर अहा नचा रहा।
(ख) संत-हस गन गहहिं पय, परिहतारि विकार।
(ग) पायो जी मनम-रतन धन पायो।
(घ) सुख चपला-सुःख घन में,
उलझा है चंचलन कुरंग।
(ङ) बीती विभावरी जागरी
अंबर पनघट में डुबो रही
तारा-घट ऊषा-नागरी।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण अलंकार

6. उत्प्रेक्षा

प्रश्न
उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा देते हुए दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
जहाँ उपमेय में उपमान की संभावना की जाए, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।
दोनों वस्तुओं में कोई समान धर्म होने के कारण ऐसी संभावना करने के लिए कुछ शब्दों का प्रयोग किया जाता है, जो उत्प्रेक्षा के वाचक शब्द कहलाते हैं, यथा-
मानो, मनो, मनु, मनहुँ, जानो, जनु आदि।
उदाहरण- कहती हुई यों उत्तरा के, नेत्र जल से भर गए।
हिम के कणों से पूर्ण मानो, हो गए पंकज नए।।

प्रस्तुत पाश में उत्तरा के अरु-पूरित नेत्र उपमेय हैं, जिनमें कमल की पंखुड़ियों पर पड़े हुए ओस-कणों की (उपमान की) कल्पना की गई है। इसी प्रकार निम्नलिखित पंक्तियों में भी उत्प्रेक्षा अलंकार देखा जा सकता है-

उस काल मारे क्रोध के, तनु काँपने उनका लगा।
मानो हवा के जोर से सोता हुआ सागर जगा।।

अन्य उदाहरण-

सोहत ओढ़े पीत पट, श्याम सलोने गात!
मनो नीलमणि सैल पर, आतप परयौ प्रभात।।

प्रस्तुत दोहे में ‘पीत पट’ में ‘नीलमणि सैल’ पर ‘प्रभात’ के ‘आतप’ के आरोप की ‘मानो’ । शब्द द्वारा संभावना की गई है, अतः उत्प्रेक्षा अलंकार है।

पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के संवर के।।

7. मानवीकरण

जहाँ जड़ प्रकृति या वस्तु पर मानवीय भावनाओं या क्रियाओं का आरोप हो, वहाँ मानवीकरण अलंकार होता है। सरल शब्दों में, जहाँ किसी अचेतन वस्तु को मानत की तरह गतिविधि करता दिखाया जाए, वहाँ मानवीकरण अलंकार होता है।

उदाहरण. 1.
मेघ आए बड़े बन-ठन के संवर के
माधीकरण यहाँ मेघों को सजा-संवरा और बना-ठना दिखाया गया है।

उदाहरण 2.
दिवसावसन का समय
मेघमय आसमान से उतर रही
संध्या-सुंदरी परी-सी धीरे-धीरे

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण अलंकार

सायीकरण यहाँ संध्या को एक सुंदरी के रूप से धीरे-धीरे आसमान से उतरता हुआ दिखाया गया है। अतः मानवीकरण है।
अन्य उदाहरण-
(क) खग-कुल कुल-कुल सा बोल रहा
किसलय का अंचल डोल रहा।
लो यह लतिका भी भर लाई
मधु मुकुल नवल रस गागरी।।

(ख)तनकर भाला यह बोल उठा-
राणा मुझको विश्राम न दे
मुझको शोणित की प्यास लगी
बढ़ने दे, शोणित पीने दे।
(ग) मैं तो मात्र मृत्तिका हूँ।
(घ) कार्तिक की एक हँसमुख सुबह
नदी-तट से लौटती गंगा नहाकर।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण मुहावरे और लोकोक्तियाँ

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solutions Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण मुहावरे और लोकोक्तियाँ Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण मुहावरे और लोकोक्तियाँ

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण मुहावरे और लोकोक्तियाँ Questions and Answers

मुहावरे की परिभाषा:

‘मुहावरा’ का अर्थ है अभ्यास। कभी-कभी निरंतर प्रयोग एवं अभ्यास से कोई उक्ति विशेष चमत्कारपूर्ण अर्थ देने लगती है। अतः ऐसा वाक्यांश जो सामान्य अर्थ की प्रतीति न करा कर किसी विशेष अर्थ का बोध कराए, मुहावरा कहलाता है।

मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर बहुत-से लोग मुहावरे तथा लोकोक्ति में कोई अंतर ही नहीं समझते। दोनों का अंतर निम्नलिखित बातों से स्पष्ट होता है-

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण मुहावरे और लोकोक्तियाँ

(क)लोकोक्ति लोक में प्रचलित उक्ति होती है जो भूतकाल का लोक-अनुभव लिए हुए
होती है, जबकि मुहावरा अपने रूढ़ अर्थ के लिए प्रसिद्ध होता है।
(ख)लोकोक्ति पूर्ण वाक्य होती है, जबकि मुहावरा वाक्य का अंश होता है।
(ग)पूर्ण वाक्य होने के कारण लोकोक्ति का प्रयोग स्वतंत्र एवं अपने-आप में पूर्ण इकाई के रूप में होता है, जबकि मुहावरा किसी वाक्य का अंश बनकर आता है।
(घ)पूर्ण इकाई होने के कारण लोकोक्ति में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं होता, जबकि मुहावरे में वाक्य के अनुसार परिवर्तन होती है।

I. मुहावरे

1. अंगूठा दिखाना साफ इनकार कर देना)-जब मैंने मंदिर के लिए सेठ जी से दान माँगा तो उन्होंने अंगूठा दिखा दिया।
2, अंगारे उगलना(क्रोध में कठोर शब्द कहना)-अपने पुत्र को जुआ खेलते हुए देखकर मोहन अंगारे उगलने लगा।
3. अक्ल पर पत्थर पड़ना बुद्धि भ्रष्ट होना)-तुम्हारी अक्ल पर तो पत्थर पड़ गए हैं, बार-बार समझाने पर भी तुम नहीं मानते।
4. अपनी खिचड़ी अलग पकाना साथ मिलकर न रहना)-भारत के मुसलमान व राजपूत अपनी खिचड़ी अलग पकाते रहे, इसीलिए विदेशी लोग यहाँ शासन जमाने में सफल हो गए।
5. अंधेरे घर का उजाला(इकलौता पुत्र, जिस पर आशाएँ टिकी हों)-मोहन की मृत्यु उसके पिता से सही नहीं जाएगी। वह उनके अँधेरे घर का उजाला था।
6. अंधे की लकडी(एकमात्र सहारा)-सेठ जी के मरने के पश्चात अब यह लड़का ही सेठानी जी के लिए अंधे की लकड़ी है।
7. अपने पैरों पर खड़ा होना आत्म-निर्भर होना)-लालबहादुर शास्त्री ने बाल्यावस्था से ही अपने पैरों पर खड़ा होना सीख लिया था।
8 आंखें खलना(होश आना)-जब सभी कुछ जुए में लुट गया, तब कहीं जाकर उसकी आँखें खुलीं।
9. आंखों का तारा(बहुत प्यारा)-श्याम अपनी माँ की आँखों का तारा है।
10. आंखें फेर लेना(प्रतिकूल होना, पहले-सा प्रेम न रखना)-जब से मेरी नौकरी छूटी है, दोस्तों-मित्रों की तो क्या, घरवालों ने भी मुझसे आँखें फेर ली हैं।
11. आँखें नीली-पीली करना नाराज होना)-तुम व्यर्थ ही आँखें नीली-पीली कर रहे हो, मैंने कोई अपराध नहीं किया है।
12. आंखों से गिरना(सम्मान नष्ट होना)-अपराधी व्यक्ति समाज की ही नहीं, स्वयं अपनी आँखों से भी गिर जाता है।
13. आंसू पोंछना (सांत्वना देना)-कश्मीर से लाखों लोग उजड़ कर बर्बाद हो गए हैं किंतु इन खद्दरधारी नेताओं में से कोई उनके आँसू तक पोंछने नहीं गया।
14. आंच न आने देना (तनिक भी कष्ट न होने देना)-तुम निर्भय होकर अपने कर्तव्य का पालन करो, मैं तुम पर आंच न आने दूंगा।
15. आकाश से बातें करना (बहुत ऊँचा होना)-कुतुबमीनार आकाश से बातें करती है।
16. आकाश को छूना (बहुत ऊंचा होना)-दिल्ली की भव्य अट्टालिकाएं आकाश को छूती नजर आती हैं।
17. आकाश-पाताल एक करना (बहुत परिश्रम करना)-परीक्षा का समय समीप आने पर छात्र आकाश-पाताल एक कर देते हैं।
18. आटे-दाल का भाव मालूम होना (कष्ट अनुभव होना)-पिता ने पुत्र से कहा कि जब अपने पैरों पर खड़ा होना पड़ेगा तब तुझे आटे-दाल का भाव मालूम होगा।
19. आगे-पीछे फिरना (चापलूसी करना)-अफसरों के आगे-पीछे फिर कर अपना काम निकालने में रामलाल बड़ा दक्ष है।
20. आस्तीन का साँप (धोखा देने वाला साथी)-मित्र, मैं तुम्हें सचेत कर रहा हूँ कि उससे दोस्ती करना हितकर नहीं है। वह आस्तीन का साँप है, तुम्हें मीठी-मीठी बातों में डस लेगा।
21. इधर-उधर की हाँकना (गप्पें मारना)-इधर-उधर की हाँकने से काम नहीं चलता, काम तो करने से ही होता है।
22. ईद का चांद (बहुत कम दिखाई देने वाला)-मित्र, आजकल तो तुम ईद के चाँद हो गए हो। कभी मिलते तक नहीं।
23. उँगली उठाना (लांछन लगाना)-सीता-सावित्री जैसी देवियों के चरित्र पर उंगली उठाना अनुचित है।
24. उलटी गंगा बहाना (विपरीत कार्य करना)-लोग प्रात:काल जल्दी उठ कर पढ़ते हैं, तुम रात-भर पढ़कर प्रातः सोते हो। तुम्हें उलटी गंगा बहाने की क्या सूझी?
25. कंठ का हार होना (बहुत प्रिय होना)-राजा दशरथ कैकेयी को कंठ का हार समझते थे, परंतु उसी ने उनकी पीठ में छुरा घोंप दिया।
26. कमर कसना (तैयार होना)-कमर कस लो; पता नहीं, कब शत्रुओं से लोहा लेना पड़े।
27. कठपुतली होना (पूर्णतः किसी के वश में होना)-प्रायः अच्छे-से-अच्छे पुरुष शादी के बाद पत्नी के हाथों की कठपतली हो जाते हैं।
28. कलेजे का टुकड़ा (बहुत प्रिय)-मां बच्चों को अपने कलेजे का टुकड़ा मानती है, फिर
भी बच्चे माँ का सम्मान नहीं करते।
29. कलेजे पर सांप लोटना (ईर्ष्या से जलना)-जब से मेरे लड़के की नौकरी लगी है, तब से मोहन की माँ के कलेजे पर साँप लोटने लगा है।
30. कलेजा ठंडा होना (संतोष होना)-जिस दिन तुमसे मैं अपनी पराजय का बदला ले लँगा, उस दिन मेरा कलेजा ठंडा होगा।
31. काँटे बिछाना (मार्ग में मुसीबतें खड़ा करना)-रावण ने राम के लिए कितने ही कॉटे बिछाए, किंतु राम ने धैर्यपूर्वक उन काँटों पर चलकर अपना मार्ग प्रशस्त किया।
32. काम आना (वीरगति प्राप्त करना)-गुरु गोविंदसिंह के चारों पुत्र युद्ध में काम आ गए तो भी उनका उत्साह मंद न हुआ।
33. कान भरना (चुगली करना)-किसी ने मेरे विरुद्ध मालिक के कान भर दिए, अतः मुझे नौकरी से निकाल दिया गया है।
34. काया पलट होना (बिल्कुल बदल जाना)-घर के वातावरण से निकल कर छात्रावास का नियमित जीवन जीने से छात्रों की काया पलट हो जाती है।
35. किताब का कीड़ा(हर समय पढ़ते रहना)-किताब का कीड़ा बनने से स्वास्थ्य नष्ट हो जाता है, थोड़ा खेला भी करो।
36. खरी-खोटी सुनाना(बुरा-भला कहना)-खरी-खोटी सुनाने से क्या लाभ, शांति से
समझौता कर लो।
37. खाक में मिल जाना(नष्ट हो जाना)-हिंदू जाति की गरिमा उसके असंगठित होने के कारण खाक में मिल गई।
38. खून खौलना(जोश में आना)-निर्दोष को पिटते देखकर मेरा खून खौल उठा।
39. खिल्ली उड़ाना(हँसी उड़ाना)-अपंग को देखकर खिल्ली उड़ाना भले लोगों का काम नहीं।
40. गुलछरें उड़ाना(मौज उड़ाना)-वह अपने पिता की परिश्रम से अर्जित की हुई संपत्ति के बलबूते पर गुलछरें उड़ा रहा है।
41. गज भर की छाती होना(उत्साहित होना)-पुत्र की सफलता का समाचार सुनकर पिता की छाती गज भर की हो गई।
42. गागर में सागर भरना(बड़ी बात को थोड़े शब्दों में कहना)-बिहारी के संबंध में वह उक्ति पूर्णतया उचित है कि उन्होंने अपने दोहों में गागर में सागर भर दिया है।
43. गिरगिट की तरह रंग बदलना(सिद्धांतहीन होना)-आजकल के नेता इतने गिर चुके हैं कि वे नित्य गिरगिट की तरह रंग बदल लेते हैं, इसलिए उनके किसी कथन पर विश्वास नहीं होता।
44. गुदड़ी का लाल(निर्धन परिवार में जन्मा गुणी व्यक्ति)-‘जय जवान, जय किसान’ का उद्घोष करने वाले हमारे स्वर्गीय प्रधानमंत्री श्री लालबहादुर शास्त्री वास्तव में गुदड़ी के लाल थे।
45. घड़ों पानी पड़ जाना (बहुत शर्मिंदा होना)-अपनी ईमानदारी की बातें करने वाले नेताजी को जब मैंने रिश्वत लेते हुए पकड़ा तो उन पर घड़ों पानी पड़ गया।
46. घाव पर नमक छिड़कना(दुखी को और दुखी करना)-वह अनुत्तीर्ण होने के कारण पहले दुखी है, तुम जली-कटी सुनाकर उसके घाव पर नमक छिड़क रहे हो।
47. घी के दिए जलाना(खुशियाँ मनाना)-भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने पर प्रजा ने घी के दिए जलाए थे।
48. घोड़े बेचकर सोना(निश्चित होना)-दिन-भर थकने के बाद मजदूर रात को घोड़े बेचकर सोते हैं।
49. चाँद पर थूकना(निर्दोष पर दोष लगाना)-अरे, उस संत-महात्मा पर व्यभिचार का आरोप लगाना चाँद पर थूकना है।
50. चिराग तले अंधेरा(महत्त्वपूर्ण स्थान के समीप अपराध या दोष पनपना)-महात्मा जी के साथ रहकर भी चोरी करता है। सच है, चिराग तले अंधेरा होता है।
51. चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना (घबरा जाना)-जब चोर ने सामने से आते थानेदार को
अपनी ओर लपकते देखा तो उसके चेहरे पर हवाइयाँ उड़ गई।
52. छक्के छुड़ाना (हराना)-भारत ने युद्ध में पक के छक्के छुड़ा दिए।
53. छाती पर साँप लोटना (जलना)-मुझे प्रथम आया देखकर मेरी पड़ोसिन की छाती पर साँप लोट गए।
54. छाती पर मूंग दलना(कष्ट पहुँचाना, सम्मुख अनुचित कार्य करना)-पिता ने नालायक पुत्र को घर से निकाल दिया, फिर भी वह उसी मुहल्ले में रहकर उनकी छाती पर मूंग दलता रहता है।
55. छोटा मुँह बड़ी बात (अपनी सीमा से बढ़कर बोलना)-उस भ्रष्टाचारी लाला द्वारा आदर्शों और सिद्धांतों पर दिया गया भाषण छोटा मुँह बड़ी बात है, और कुछ नहीं।
56. जान पर खेलना (जोखिम उठाना)-आजादी प्राप्त करने के लिए क्रांतिकारी वीर जान पर खेल जाते थे।
57. टका-सा जवाब देना (साफ इनकार करना)-मुसीबत पड़ने पर मैंने उससे थोड़ी-सी सहायता मांगी तो उसने टका-सा जवाब दे दिया। तब से मेरा दोस्ती का भ्रम टूट गया है।
58. टांग अडाना (व्यर्थ में दखल देना)-अपना काम करो, दूसरों के मामलों में क्यों टाँग अड़ाते हो?”
59. टोपी उछालना (अपमानित करना)-बड़े-बूढों की टोपी उछालना भले लोगों का काम नहीं है।
60. डींगें हांकना (शेखियाँ जमाना)-उसे आता-जाता कुछ है नहीं, व्यर्थ में डींगे हाँकता
61. तारे गिनना (व्यग्रता से प्रतीक्षा करना)-प्रेमी अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए तारे गिन रहा है और प्रेमिका को श्रृंगार से फुरसत नहीं।
62. तिल का ताड बनाना (छोटी-सी बात को बढ़ा देना)-अरे, कुछ बात नहीं है। माँ की तो तिल का ताड़ बनाने की आदत है।
63. तती बोलना (बहुत प्रभाव होना)-स्वतंत्रता आंदोलन के समय सारे देश में महात्मा गाँधी की तूती बोलती थी।
64. थक कर चाट जाना (कहकर अपने कथन से हट जाना)-वही व्यक्ति हमारे दिल पर प्रभाव छोड़ पाते हैं, जो अपनी बात पर पक्के रहते हैं। थूक कर चाटने वालों की कोई इज्जत नहीं होती।
6. दाँत कटी रोटी होना (पक्की दोस्ती होना)-तुम मोहन और सोहन में फूट नहीं डाल सकते। उनकी तो दाँत कटी रोटी है।
66. दाल में कछ काला (कुछ रहस्य होना)-दाल में कुछ काला है, तभी तो मेरे समीप पहुंचते ही उन्होंने बातें करना बंद कर दी।
67. दाहिना हाथ (बहुत बड़ा सहायक)-पंडित जवाहरलाल नेहरू महात्मा गाँधी के दाहिने हाथ थे।
68. दिन दनी रात चौगनी उन्नति करना (अधिकाधिक उन्नति करना)-प्रत्येक माँ अपने बेटे को यही आशीर्वाद देती है कि बेटा दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति करे।
69. दम दबाकर भागना (डर कर भाग जाना)-पुलिस को आते देखकर चोर दुम दबाकर भाग गया।
70. दर के ढोल सहावने लगना (पूरे परिचय के अभाव में कोई वस्तु आकर्षक लगना)-अपने देश को छोड़कर विदेशों में मत भागो। वहाँ भी कम कष्ट नहीं हैं। याद रखो, दूर के ढोल सुहावने लगते हैं।
71. दो दिन का मेहमान (मरने के बहुत निकट)-यह बूढ़ा आदमी तो अब दो दिन का मेहमान दिखाई देता है।
72. धरती पर पाँव न पडना (अभिमान से भरा होना)-जब से सुबोध मंत्री बना है तब से उसके पाँव धरती पर नहीं पड़ते।
73. नमक हलाल होना (कृतज्ञ होना)-रामू नमक हलाल नौकर है। वह कभी मालिक से धोखा नहीं कर सकता।
74. नानी याद आना (संकट में पड़ना)-भारत-पाक युद्ध में पाक सेना को नानी याद आ गई।
75. नाक रखना (मान रखना)-कठिन समय में सहायता कर उसने समाज में मेरी नाक रख ली।
76. नाक कटना (इज्जत जाना)-चोरी के अपराध में अदालत की ओर से दंडित होने पर उसकी नाक कट गई।
77. नाक पर मक्खी न बैठने देना (अपने पर आक्षेप न आने देना)-अफसर लोग चाहे कितने ही आरोपों से घिरे हों, पर वे अपनी नाक पर मक्खी नहीं बैठने देते। वे चालाकी से साफ निकल जाते हैं।
78. नाक में नकेल डालना (अच्छी तरह नियंत्रण में रखना)-रामलाल की पत्नी उसकी नाक में नकेल डालकर रखती है, परंतु वह उसकी तनिक चिंता नहीं करता।
79. नीचा दिखाना (पराजित करना)-पाकिस्तान ने जब कभी हमारी सीमाओं का उल्लंघन कर हम पर आक्रमण किया, हमने सदैव उसे नीचा दिखाया।
80. पहाड़ टूटना (बहुत भारी कष्ट आ पड़ना)-अरे, जरा-सी खरोंच ही आई है। तुम तो ऐसे रो रहे हो जैसे पहाड़ टूट गया हो।
81. पत्थर की लकीर (पक्की बात)-मैंने जो कुछ भी कहा है, उसे पत्थर की लकीर समझना।
82. पांव उखड़ जाना (स्थिर न रहना, युद्ध में हार जाना)-शिवाजी की छापामार रणनीति से औरंगजेब की सेना के पाँव उखड़ जाते थे।
83. पारा उतरना (क्रोध शांत होना)-मैं जानता हूँ कि माँ का पारा तभी उतरेगा जब वह अपने एकाध बच्चे पर गरज-बरस लेंगी।
84. पापड़ बेलना (कष्ट उठाना)-नौकरी पाने के लिए मैंने कितने ही पापड़ बेले परंतु मुझे सफलता नहीं मिली।
85. पीठ दिखाना (हार कर भागना)-भारतीय वीरों ने युद्ध में मरना सीखा है, पीठ दिखाना नहीं।
86. पैरों तले से जमीन निकल जाना (स्तब्ध रह जाना)-अपने भाई की हृदय-गति रुकने से मृत्यु हुई जानकर उसके पैरों तले से जमीन निकल गई।
87. फूंक-फूंक कर कदम रखना (बड़ी सावधानी से काम करना)-व्यक्ति लाख फूंक-फूंक कर कदम रखे, परंतु जो होनी में लिखा है, वह होकर रहता है।
88. फूला न समाना (बहुत खुश होना)-परीक्षा में सफल होने का समाचार सुनकर छात्र फूला न समाया।
89. बंदर घुड़की (थोथी धमकी)-भारत चीन की बंदर घुड़कियों से डरने वाला नहीं, सैनिक दृष्टि से अब हमारी पूर्ण तैयारी है।
90. बहती गंगा में हाथ धोना (अवसर का लाभ उठाना)-1977 के चुनावों में सरकार के विरोध की ऐसी लहर थी कि उस बहती गंगा में जो भी हाथ धो गया, वह मंत्री या नेता बन गया।
91. बाल की खाल उतारना (बहुत नुक्ताचीनी करना)-व्यर्थ में क्यों बाल की खाल उतार रहे हो, जूता खरीदना हो तो लो, वरना अपनी राह लो। 92. बाल भी बांका न होना (कुछ भी न बिगड़ना)-ईश्वर जिसका रक्षक है, उसका कोई भी बाल बांका नहीं कर सकता।
93. बांसों उछलना (अत्यंत प्रसन्न होना)-इस बार युवक समारोह का आयोजन अपने विद्यालय में होने का समाचार सुनकर छात्र बाँसों उछलने लगे।
94. भीगी बिल्ली बनना (भय के कारण दबकर रहना)-यह रमेश विद्यालय में जितनी डींगें हाँकता है, घर में उतना ही भगी बिल्ली बनकर रहता है।
95. मक्खियाँ मारना (बेकार बैठना)-आज सुबह से लगातार वर्षा होने के कारण सभी व्यापारी बैठे मक्खियाँ मार रहे हैं।
96. माथा ठनकना(शक हो जाना)-घर में चारों ओर छाई चुप्पी को देखकर मेरा माथा ‘ठनका कि कहीं-न-कहीं कोई गड़बड़ अवश्य है।
97. माता का दूध लजाना(कायरता दिखाना)-वीर पुत्र ने अपनी माँ से कहा-“माँ ! युद्धभूमि में माता का दूध लजाना कायरों का काम है, मैं ऐसा कदापि नहीं करूंगा।”
98. मुंह फुलाना (कुपित होना)-क्या कारण है कि आज तुम प्रातः से मुंह फुलाए बैठे
हो।
99. मुंह पीला पड़ना(भयभीत होना)-पिता ने जब पुत्र की चोरी पकड़ ली, तो पुत्र का चेहरा पीला पड़ गया
100. मुंह में पानी भर आना(ललचाना)-गर्म-गर्म हलवा देखकर उसके मुँह में पानी भर
आया।
101. मुट्ठी गरम करना(रिश्वत देना)-बिना मुट्ठी गरम किए आजकल नौकरी नहीं मिलती।
102. रंगा सियार होना(धूर्त, परदापोश व्यक्ति)-तुम उसकी सज्जनता पर मत जाना। वह रँगा सियार है।
103. राई का पहाड़ बनाना(छोटी बात को बढ़ा-चढ़ा कर कहना)-तुम तो राई का पहाड़ बनाकर प्रतिदिन नया झगड़ा खड़ा कर देती हो। 104. लकीर का फकीर होना(पुराने रीति-रिवाजों का दृढ़तापूर्वक पालन करना)-उस पोंगे पंडित को इससे मतलब नहीं कि अमुक रिवाज हितकर है या नहीं। वह तो लकीर का फकीर है।
105. लाल-पीला होना(क्रोध करना)-तुम व्यर्थ में क्यों लाल पीले होते हो, पहले यह । तो जान लो कि मैं देरी से आया क्यों हूँ?
106. वेद वाक्य मानना (सत्य मानना, ईश्वर की वाणी मानना)-गाँधी जी का भारतीय जनता पर ऐसा प्रभाव था कि लोग उनके वचनों को वेद वाक्य मानते थे।
107. सिर से पानी गजर जाना (सहनशीलता की सीमा टूट जाना)-भारतीय जनता इतनी सहनशील है कि सिर से पानी गुजर जाने पर भी हिंसक नहीं होती।
108. सिर पर खून सवार होना (किसी की जान लेने पर उतारू होना)-व्यर्थ उससे क्यों उलझते हो, उसके सिर पर तो सदैव खून सवार रहता है।
109. सिर पर चढना (गुस्ताख बनाना)-बच्चों को सिर पर चढ़ाना ठीक नहीं है।
110. श्रीगणेश करना(आरंभ करना)-नया वर्ष आरंभ हो गया है, अतः अभी से अगली कक्षा की पढ़ाई का श्रीगणेश कर दो।
111. हवा लगना(असर पड़ना)-इस निर्धन स्त्री को भी जमाने की हवा लग गई है। घर में खाने को है नहीं, फिर भी देखो कितना शृंगार किए हैं।
112. हथियार डालना(हार मान लेना)-पंजाब के आतंकवादियों ने लंबे संघर्ष से थककर हथियार डाल दिए हैं।
113. हाथ धोकर पीछे पडना (किसी को परेशान करने के लिए हमेशा तैयार रहना)-जब से प्राचार्य ने छात्रों को डराया-धमकाया है, तब से वे हाथ धोकर प्राचार्य के पीछे पड़ गए हैं।
114. हाथ मलना (पश्चाताप करना)-परिश्रम न करने के कारण यदि तुम अनुत्तीर्ण हो गए तो हाथ मलते रह जाओगे।
115. हाथ फैलाना (भीख मांगना)-वह गरीब हुआ तो क्या हुआ ? उसने किसी के सामने हाथ न फैलाकर परिश्रम करना सीखा है।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण मुहावरे और लोकोक्तियाँ

II. लोकोक्तियाँ

1. अंत भले का भला (अच्छे काम का परिणाम अच्छा ही होता है)-उसने तुम्हें कितनी ही हानि पहुँचाई हो, परंतु तुम सदैव उसके लाभ की बात ही सोचो क्योंकि ‘अंत भले का भला।
2. अंधी पीसे कुत्ता खाए (कमाए कोई, खाए कोई)-हमारे समाज में ‘अंधी पीसे कुत्ता खाए’ वाली स्थिति है। मेहनत मजदूर करता है और उसकी कमाई पर पूँजीपति विलासिता का जीवन व्यतीत करता है।
3. अपनी-अपनी उपली अपना-अपना राग (सबका अलग-अलग मत होना)-कई विरोधी दल होने के कारण कोई किसी की नहीं सुनता, सबकी अपनी-अपनी ढपली अपना-अपना राग’ है।
4..अधजल गगरी छलकत जाए (थोड़ा ज्ञान या धन रखने वाले अधिक अभिमान का प्रदर्शन करते हैं)-इस किसान के पास कुल पाँच बीघे जमीन है, परंतु भूमिपति होने की डींग मारता फिरता है। इसे ही कहते हैं- अधजल गगरी छलकत जाए।’
5. अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता (अकेला आदमी कुछ नहीं कर सकता)-मैंने इस संस्था को ऊँचा उठाने के लिए जी जान एक कर दिया परंतु मेरे अकेले के किए क्या हो सकता है ? अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
6. अकेली मछली सारा तालाब गंदा कर देती है (दुष्ट आदमी सारे वातावरण को दूषित कर देता है)-मैंने पहले कहा था कि उस दुष्ट नरेश को सभा में मत बुलाओ। उसने आकर सारी सभा में गड़बड़ मचा दी। तुम जानते नहीं अकेली मछली सारा तालाब गंदा कर देती है।
7. अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत (पहले परिश्रम न करके बाद में व्यर्थ पछताना)-पहले तो तुम मौज से सोते रहे, अब अनुत्तीर्ण होने पर पछता रहे हो। अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।
8. अशर्फियों लटें कोयलों पर मोहर (बड़े-बड़ें खौँ पर तो ध्यान न देना और छोटे-छोटे खचों के लिए कंजूसी दिखाना)-तुमने लड़के की शादी में तो अनाप-शनाप खर्च कर डाला, परंतु आज मित्रों को पार्टी देने में इतना संकोच ! वाह ! ‘अशर्फियाँ लुटें कोयलों पर मोहर’।
9. अपना हाथ जगन्नाथ (स्वयं का कार्य सबसे अच्छा होता है)-प्रिय रमेश ! मेरी तुम्हें यही सलाह है कि सरकारी नौकरी का लोभ छोड़कर अपना काम-धंधा करो। अपना हाथ जगन्नाथा
10. आप भला तो जग भला (अच्छे को सभी अच्छे लगते हैं)-युधिष्ठिर ने हर किसी में अच्छाई के दर्शन किए जबकि दुर्योधन को सब लोग दुष्ट नजर आते थे। सच ही कहा है-आप भला तो जग भला।
11. आधी छोड़ सारी को धावै, आधी मिले न सारी पावै (लालच छोड़कर थोड़े में ही संतोष करना चाहिए, लालची को कुछ भी नहीं मिलता)-मुझे दस रुपए वाले शेयर के बीस मिल रहे थे, लेकिन मैं तीस पाने के चक्कर में बैठा रहा। अब उसके कोई सात रुपए भी नहीं देता। सच ही कहा है-आधी छोड़ सारी को धावै, आधी मिले न सारी पावै।
12. आए थे हरिभजन को ओटन लगे कपास (आवश्यक कार्य को छोड़कर अनावश्यक कार्य में उलझ जाना)-मैं पुस्तकालय में निबंध खोजने गया था, किंतु वहाँ जाकर कहानियाँ पढ़ने लगा। वही बात हुई-आए थे हरिभजन को ओटन लगे कपास।
13. आगे कुआँ पीछे खाई (सभी ओर से विपत्ति आना)-शोभा आजकल विपत्तियों से घिरी है। ससुराल में सास ताने देती है-और मायके में भाभी दुत्कारती-फटकारती है। बेचारी की यह स्थिति है-‘आगे कुआँ पीछे खाई।’
14. आम के आम गुठली के दाम (दोहरा लाभ)-अखबार पढ़ भी लिए, फिर रद्दी में बेचकर दाम भी प्राप्त किए। इसे कहते हैं-‘आम के आम गुठली के दाम।’
15. ऊँट के पंह में जीरा (आवश्यकता अधिक लेकिन मिलना बहुत कम)-पहलवान को दो रोटी खिलाना तो ऊँट के मुँह में जीरा देने वाली बात है।
16 ऊंची दकान फीका पकवान(दिखावा अधिक और तत्त्व कम)-नाम तो है ‘सुगंधित मिष्ठान भंडार’ पर मिठाई में से दुर्गंध आ रही है। इसी को कहते हैं-‘ऊंची दुकान फीका पकवान।’
17. उल्टा चोर कोतवाल को डॉटे(अपना दोष स्वीकार न करके पूछने वाले को दोषी ठहराना)-एक तो मेरी पुस्तक चुराई, दूसरे अपराध स्वीकार करने की अपेक्षा मुझे ही आँखें दिखाता है। ‘उल्टा चोर कोतवाल को डॉटे’।
18. एक तंदरुस्ती हजार नियामत(स्वास्थ्य बहुत बड़ी चीज है)-मेरे पास करोड़ों रुपया हुआ तो क्या हुआ। बीमारी के कारण बिस्तर से उठा तक नहीं जाता। सच ही कहा है-एक तंदुरुस्ती हजार नियामत।
19. एक तो चोरी, दसरे सीना जोरी(अपराधी होकर उलटे अकड़ दिखाना)-एक तो मुझे टक्कर मारी। ऊपर से गुर्राता है। वाह रे ! एक तो चोरी, दूसरे सीना जोरी।
20. एक तो करेला कडुआ दूसरे नीम चढा(स्वाभाविक दोषों का किसी कारण से बढ़ जाना)-राम जुआरी तो था ही, अब शराबी की संगत में रहने लग गया। इसी को कहते हैं- एक तो करेला कडुआ दूसरे नीम चढ़ा।’
21. एक हाथ से ताली नहीं बजती(झगड़े में दोनों पक्ष कारण होते हैं)-मैं कैसे मान लूँ कि तुमने राम को अपशब्द नहीं कहे और उसने तुम्हें पीट दिया। एक हाथ से कभी ताली नहीं बजती।
22. एक म्यान में दो तलवारें समा नहीं सकती एक वस्तु के दो समान अधिकारी नहीं हो सकते)-नीलिमा को जब यह पता चला कि उसके पति की पहली पत्नी अभी जीवित है तो उसने अपने पति को स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि एक म्यान में दो तलवारें नहीं समा सकती।
23. एक अनार सौ बीमार(एक वस्तु के अनेक ग्राहक)-यहाँ विद्यालय में एक स्थान रिक्त है, किस-किस को रखू ? स्थिति तो ठीकं वैसी ही है कि एक अनार सौ बीमार।
24. एक पंथ दो काज(एक काम से दोहरा लाभ)-मुझे दफ्तर के काम से पटना जाना ही है, तुम्हारी भाभी से भी मिलता आऊँगा। एक पंथ दो काज हो जाएंगे।
25. एक अकेला दो ग्यारह(एकता लाभदायक होती है)-मैं अकेला था तो उत्साहहीन होकर काम कर रहा था। तुम्हारे आने से मेरा उत्साह कई गुना बढ़ गया है। सच ही कहा है एक अकेला दो ग्यारहा
26. ओछे की प्रीत बाल की भीत(दुष्ट व्यक्तियों की मित्रता शीघ्र समाप्त हो जाती है)-वह तो अपना उल्लू सीधा करने के लिए आपका मित्र बना था, काम बनते ही चल निकला। सच कहा है, ओछे की प्रीत बालू की भीत।
27. ओखली में सिर दिया तो मसलों से क्या डर(किसी कार्य को करने की ठान ली तो कष्टों से क्या डरना)-जब समाज-सुधार का बीड़ा उठाया है, तो विरोध तथा अपवाद झेलने ही पड़ेंगे, ‘ओखली में सिर दिया तो मूसलों से क्या डर।’
28. कंगाली में आटा गीला(दुखी व्यक्ति पर और दुख आना)-वह पहले से विधवा थी। अब उसका इकलौता पुत्र भी चल बसा। कहते हैं न, कंगाली में आटा गीला।
29.कबह निरामिष होय न कागा दुष्ट दुष्टता नहीं छोड़ता)-मैंने रंगा की मीठी-मीठी बातों में आकर उस पर विश्वास कर लिया, किंतु उसने अवसर आने पर अपनी दुष्टता दिखा ही दी। सच कहा है, कबहुँ निरामिष होय न कागा।
30. कहाँ राजा भोज कहाँ गंग वेली (दो असमान व्यक्तियों की तुलना)-अरे ! तुम अपने सरपंच को महात्मा गाँधी के साथ मिला रहे हो। यह भी कोई बात हुई। कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली।
31. कभी नाव गाड़ी पर कभी गाड़ी नाव पर (एक-दूसरे की सहायता लेनी ही पड़ती है)-जीवन भर माँ-बाप बच्चे की सहायता करते रहे। आज वही माँ-बाप बच्चे की सहायता से दिन काट रहे हैं। यह तो ऐसा ही है-कभी नाव गाड़ी पर कभी गाड़ी नाव पर।
32. कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा भानुमती ने कुनबा जोड़ा (असंगत वस्तुओं का मेल बैठाना, बिना सिर-पैर का काम करना)-अरे, जनता दल भी कोई दल है। इसमें किसी के विचार दूसरे से नहीं मिलते। ‘कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा भानुमती ने कुनबा जोड़ा’ वाली कहावत इस पर खरी उतरती है।
33. काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती (बेईमानी बार-बार नहीं,चलती)-दूधिया दूध में प्रतिदिन पानी मिलाता था, एक दिन रंगे हाथों पकड़ा ही गया। ठीक ही कहा है-काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।
34. काला अक्षर भैंस बराबर (बिल्कुल अनपढ़)-रामलाल बिल्कुल अनपढ़ है। वास्तव में उसके लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर है।
35. का बरर्खा जब कृषि सुखाने (काम बिगड़ने पर सहायता व्यर्थ होती है)-रोगी के मरने के पश्चात् डॉक्टर वहाँ पहुँचा, अब क्या करना था? का बरखा जब कृषि सुखाने।
36. कोयले की दलाली में मुंह काला (दुर्जनों की संगति से कलंक लगता है)-चोर की संगति में रहने के कारण निर्दोष श्याम भी पुलिस की गिरफ्त में आ गया। कोयले की दलाली । में मुंह काला होता ही है। –
37. खग जाने खग की भाषा (चालाक ही चालाक की भाषा समझता है)-ये दोनों बच्चे न जाने इशारों में क्या बातें करते हैं! मुझे तो कुछ भी समझ में नहीं आता। खग जाने खग की भाषा।
38. खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है (बुरी संगति का प्रभाव अवश्य पड़ता है)-कॉलेज में जाते ही मेरा भोला-भाला भाई न जाने क्या अफलातून हो गया है। जब देखो, फिल्म, वीडियो की बातें करते हुए उसका मन नहीं भरता। सच ही है, खरबूजे को देखकर खबूजा रंग बदलता है।
39. खिसियाई बिल्ली खंभा नोचे (अपनी शर्म छिपाने के लिए व्यर्थ का काम करना, अपनी खीझ निकालना)-श्रीमान् शर्मा जी अपने बॉस से तो कुछ कह नहीं पाए। अब घर आकर पत्नी पर गुस्सा निकाल रहे हैं। खिसियाई बिल्ली खंभा नोचे।
40. खोदा पहाड़ निकली चुहिया (परिश्रम अधिक, फल कम)-ज्योतिषी के कहने पर सारा घर खोद डाला, पर निकली केवल एक पीतल की लुटिया ही। क्या बताऊँ खोदा पहाड़ निकली चुहिया।
41. गंगा गए तो गंगादास, जमना गए तो जमनादास (परिस्थिति के अनुसार विचार बदलने वाला अस्थिर व्यक्ति)-आजकल के नेताओं का कोई एक सिद्धांत नहीं है। वे निपट अवसरवादी हैं। गंगा गए तो गंगादास, जमना गए तो जमनादास।
42. गुरु गुड़ ही रहे, चेले शक्कर हो गए (चेला गुरु से भी आगे बढ़ गया)-शास्त्री जी उसी विद्यालय में संस्कृत पढ़ा रहे हैं, जबकि उनका पढ़ाया हुआ छात्र विद्यालय शिक्षा बोर्ड का चेयरमैन हो गया है। सच ही कहा है-गुरु गुड़ ही रहे, चेले शक्कर हो गए।
43. घर फूंक तमाशा देखना (शान के लिए औकात से बाहर खर्च करना)-लड़की वाले बेचारे क्या करें। उनहें बरात तथा लड़के वालों को प्रसन्न करने के लिए घर फूंक तमाशा देखना ही पड़ता है।
44. चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए(बहुत कंजूस होना)-भला यह सेठ मंदिर के निर्माण के लिए क्या दान देगा? इसका तो यह हाल है, चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए।
45. चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात(थोड़े दिन की मौज, फिर वही कष्ट)-बच्चू अशोक, हो लो खुश शादी के अवसर पर। खुश होने का यही अवसर है। चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी राता
46. चोर के पैर नहीं होते (पापी सदा भयभीत रहता है)-चोरी के संबंध में पूछताछ करने पर मोहन का मुंह पीला पड़ गया। ठीक ही कहा गया है-‘चोर के पैर नहीं होते।
47. चोर की दाढ़ी में तिनका (अपराधी व्यक्ति हमेशा सशंकित रहता है)-इधर घर में चोरी हुई। उधर नौकर गायब हो गया। मैं समझ गया कि चोरी में नौकर का हाथ अवश्य है। चोर की दाढ़ी में तिनका।
48. चौबे गए छब्बे बनने, दूबे ही रह गए (लाभ के स्थान पर हानि होना)-मैंने सोचा था कि इस बार भारत विश्व कप जीतकर लाएगा परंतु हमारी टीम प्रतियोगिता में सबसे पीछे । रह गई। चौबे गए छब्बे बनने, दूबे ही रह गए।
49. छछंदर के सिर में चमेली का तेल (किसी अयोग्य व्यक्ति को ऐसी वस्तु मिल जाना जिसके वह योग्य नहीं है)-सरस्वती जैसी गुणवती और रूपवती कन्या का विवाह अनपढ़ अनिल
के साथ ! यह तो ऐसे ही हुआ जैसे छडूंदर के सिर में चमेली का तेल।
50. जंगल में मोर नाचा, किसने देखा (योगयता एवं वैभव का ऐसे स्थान पर प्रदर्शन जहाँ कद्र करने वाला कोई न हो)-भाई पहलवान जी, माना तुम विश्व के सर्वाधिक शक्तिशाली पहलवान हो परंतु यहाँ गाँव में पड़े रहने से क्या लाभ ? जंगल में मोर नाचा, किसने देखा। जरा किसी प्रसिद्ध प्रतियोगिता में अपने हाथ दिखाओ।
51. जल में रहकर मगरमच्छ से बैर (आश्रय देने वाले से बैर करना)-प्राचार्य महोदय की अब कुशल नहीं। प्रबंधक समिति के सदस्य उन्हें अवश्य नौकरी से निकाल देंगे। ‘जल में रहकर मगरमच्छ से बैर अच्छा नहीं होता।’
52. जाके पैर न फटे बिवाई सो क्या जाने पीर पराई (जिसने दुख नहीं भोगा, वह दुखी जनों का कष्ट नहीं समझ सकता)-आलीशान कोठियों में रहने वाले सफेदपोश लोग तो खोखले नारे लगाते हैं। वे गरीबों के कष्टों को क्या समझें? जाके पैर न फटे बिवाई सो क्या जाने पीर । पराई।
53. जाको राखे साइयाँ मार सके ना कोय (जिसका भगवान रक्षक है, उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता)-बच्चा चलती रेलगाड़ी से गिरने के बाद भी बच गया। सच है, जाको राखे साइयाँ मार सके ना कोय।
54. जिसकी लाठी उसकी भैंस (बलवान की ही विजय होती है)-वह धन-जन के बल पर संसद सदस्य बन ही गया। किसी ने ठीक ही कहा है, जिसकी लाठी उसकी भैंस।
55. जिस पत्तल में खाना, उसी में छेद करना (अपने हितैषी को हानि पहुँचाना)-रामलाल ने तुम्हें नौकरी दिलवाई, अब उसी की दूसरों के सामने बुराई करते हो। तुम्हारा तो यह किसाब है-‘जिस पत्तल में खाना, उसी में छेद करना।’
56. जैसी करनी वैसी भरनी (किए का फल भोगना पड़ेगा)-उसने जीवन भर चोरी-डकैती करके लोगों को परेशान किया। अब उसके लड़के उसी पर हाथ साफ कर रहे हैं। अब इस पर क्या कहूँ ? जैसी करनी वैसी भरनी।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण मुहावरे और लोकोक्तियाँ

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solutions Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण Questions and Answers

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

प्रश्न
विशेषण किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं।
उदाहरणतया – लाल कपडा, मोटा लडका, काली गाय, ऊँचा मकान, लंबा वह। इनमें लाल, मोटा, काली और ऊँचा शब्द क्रमश: कपड़ा, लड़का, गाय और मकान नामक संज्ञा-शब्दों की विशेषता बता रहे हैं। इसलिए ये विशेषण हैं। इसी प्रकार ‘लंबा’ शब्द ‘वह’ सर्वनाम की विशेषता बता रहा है। यह भी विशेषण है।

प्रश्न
विशेष्य किसे कहते हैं ? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
विशेषण जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करता है उसे विशेष्य कहते हैं। उदाहरणतया—काली गाय, मोटा लड़का। इनमें ‘काली’ और ‘मोटा’ विशेषण क्रमशः ‘गाय’ और ‘लड़का’ की विशेषता प्रकट कर रहे हैं। अत: गाय और लड़का विशेष्य हुए।

प्रश्न
विशेषण के कितने भेद हैं ? सबका सोदाहरण परिचय दो।
उत्तर-
विशेषण के सामान्यतया चार भेद माने जाते हैं

  1. गुणवाचक विशेषण
  2. परिमाणवाचक विशेषण
  3. संख्यावाचक विशेषण
  4. सार्वनामिक विशेषण

1.गुणवाचक विशेषण
संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, रूप, रंग, आकार, प्रकार, स्थान, काल, दशा, स्थिति, शील, स्वभाव, स्वाद, गंध आदि का बोध कराने वाले शब्द गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं। उदाहरणतया-

सरल, भला, कुशल, उचित, पवित्र, साफ (गुण)।
कुटिल, जटिल, बुरास, लचर, अनुचित, गंदा (दोष)।
गोल, चौकोर, तिकोना, लंबा, चौड़ा, ठिगना (आकार)।
लाल, पीला, नीला, मैला, उजला, गोरा (रंग)।
बलवान, कमजोर, रोगी, पतला, गाढ़ा (अवस्था, दशा)।
भीतरी, बाहरी, पिछला, अगला, अग्रिम (स्थिति)।
पंजाबी, जापानी, देहलवी, भारतीय (स्थान)।
मीठा, नमकीन, तिक्त, कषाय (स्वाद)।
सुगंधित, तीखा, भीनी (गंध)।
मुलायम, चिकना, भारी, हल्का, गर्म, ठंडा, पालत जंगली (अन्य)

कुछ वाक्य-प्रयोग
(क) वह सुंदर कन्या है। (गुणवाचक)
(ख) इस घर का मालिक मोटा आदमी है।(आकारबोधक)
(ग) तुमने मेरी लाल कमीज पहनी है।(रंगबोधक)
(घ) मैं फटी पेंट नहीं पहना करता।(दशाबोधक)
(ङ) आधुनिक युग कंप्यूटर-युग है।(कालबोधक)

2. परिमाणवाचक विशेषण

जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम के माप, तोल, परिमाण को प्रकट करते हैं; परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं। परिमाणवाचक विशेषण दो प्रकार के होते हैं-
(क) निश्चित परिमाणवाचक विशेषण किसी संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का बोध कराते हैं। जैसे–चार लिटर दूध, एक क्विंटल गेहूँ, दस मीटर कपड़ा, दस ग्राम सोना। कभी-कभी बाद में ‘भर’ लगाने से भी निश्चित परिमाण का बोध होता है। जैसे—सेर भर।

वाक्य प्रयोग- पहाड़ों पर 5 इंच वर्षा हुई।
इस साल एक हजार पेड़ उगे।

(ख) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण- जिन विशेषणों से संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का ज्ञान न होकर अनिश्चित माप-तोल का ज्ञान हो, उन्हें अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे—कुछ, बहुत, अधिक, थोड़ा, तनिक, इतना, उतना, जितना, कितना, ढेर, सारा आदि। कभी-कभी इनके साथ सा-से-सी का प्रयोग भी कर दिया जाता है। जैसे थोड़ा-सा।

वाक्य-प्रयोग-
चाय मेंथोड़ी चीनी डाल दीजिए।
जरा-सा दूध भी मिला दीजिए।
तनिक गर्म पानी भी डालो।
अबकुछ घूटे पीकर देखो।
आजसारा परिवार चाय पिएगा।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

3. संख्यावाचक विशेषण
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की संख्या या गणना संबंधी विशेषता का बोध कराते हैं, संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं। इसके दो भेद होते हैं निश्चित संख्यावाचक तथा अनिश्चित संख्यावाचका।
निश्चित संख्यावाचक विशेषण- ये विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की किसी निश्चित संख्या का बोध कराते हैं। जैसे—दो लड़के, चौथी मंजिल, दर्जन पैंसिलें, तिगुना, प्रत्येक आदि।संख्या के आधार पर इसके आगे भेद किए जा सकते हैं –

(क) पूर्ण संख्याबोधक विशेषण 1, 2, 3 आदि पूर्णांक संख्याएँ इसके अंतर्गत आती हैं। इन्हें गणनावाचक विशेषण भी कहते हैं।

(ख) अपूर्ण संख्याबोधक विशेषण- 1/4 (पाव), 1/2 (आधा), 3/4 (पौन), 1 1/4 (सवा), 1 1/2 (डेढ), 1 3/4 (पौन दो), 2 1/2 (ढाई), 3 1/2 (साढ़े तीन) आदि विशेषण विशेषतया माप-तोल में काम आते हैं।

(ग) क्रमवाचक विशेषण- क्रम का बोध कराने वाले विशेषण-जैसे-
पहला, दूसरा, तीसरा, चौथा, पाँचवाँ, छठा, सातवाँ आदि क्रमवाचक विशेषण कहलाते हैं।

(घ) आवृत्तिवाचक विशेषण- विशेष्य की तहों या गुणन को बताने वाले विशेषण जैसे
दुहरा, तिहरा, दुगुना, तिगुना, चौगुना आदि आवृत्तिवाचक विशेषण कहलाते हैं।

(ङ) समुदायवाचक विशेषण- जहाँ संख्या के समुदाय को विशेषण के रूप में प्रयुक्त किया जाता है, वहाँ समुदायवाचक विशेषण होता है। जैसे-
दोनों, तीनों, चारों या तीनों के तीनों, चारों के चारों आदि।

(च) समुच्चयवाचक विशेषण– विशेष्य के समुच्चय को प्रकट करने वाले विशेषण समुच्चयवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे-
दर्जन (12), युग्म, जोड़ा, पच्चीसी, सैकड़ा, शतक, चालीसा, सतसई (700) आदि।।

(छ) प्रत्येकबोधक विशेषण- हर, प्रत्येक, प्रति आदि विशेषण प्रत्येकबोधक कहलाते हैं।
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण- ये शब्द (विशेषण) संज्ञा या सर्वनाम की किसी निश्चित संख्या का बोध नहीं कराते, बल्कि उसका अस्पष्ट अनुमान प्रस्तुत करते हैं। जैसे
कुछ, कई, सब, सैकड़ों, दस-बीस, काफी, थोड़े, बहुत आदि।

वाक्य-प्रयोग-

कुछ बच्चे चंदा माँगने आए हैं।
तुम्हारी थैली मेंबहुत संतरे हैं, मेरी में थोड़े।
किताब लगभग पूरी पढ़ ली है, बसथोड़े पन्ने बाकी हैं।
वहाँकोई पाँच सौ खिलाड़ी होंगे।
रैली मेंहजारों लोग पहुंचे।
पचास एक संतरे बचे हुए थे।
दस-बीस रोटियाँ खाना मेरे बाएँ हाथ का खेल है।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

4. सार्वनामिक विशेषण
जो सर्वनाम अपने सार्वनाकि रूप में ही संज्ञा के विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। ये विशेषण चार प्रकार के होते हैं

(क) निश्चयवाचक/संकेतवाचक सार्वनामिक विशेषण- ये विशेषण संज्ञा की ओर निश्चयार्थी संकेत करते हैं। इसलिए इन्हें संकेतवाचक या निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण कहा। जाता है। उदाहरणतया –

यह किताब वहाँ से मिली है।
उस कलम को उठा लाओ।

(ख) अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण- ये विशेषण संज्ञा की ओर अनिश्चयार्थी संकेत करते हैं। उदाहरणतया –
कोई सज्जन आए हुए हैं।
घर मेंकुछ भी खाने को नहीं है।

(ग) प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण ये सार्वनामिक विशेषण संज्ञा की प्रश्नात्मक विशेषता को प्रकट करते हैं। जैसे-
कौन आदमी आया है ?
तुम्हेंकौन-सी किताब चाहिए?
तम्हेंकिस लडके ने बचाया है?
तुम इनमें सेक्या चीज लोगे?

(घ) संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण – ये विशेषण एक संज्ञा या सर्वनाम का संबंध वाक्य में प्रयुक्त दूसरे संज्ञा या सर्वनाम के साथ जोड़ते हैं। उदाहरणतया-
जो आदमी कल आया था,वह बाहर खड़ा है।
वह बच्चा सामने जा रहा है,जिसने तुम्हारी किताब चुराई थी।
सार्वनामिक विशेषण और सर्वनाम में अंतर- कई जगह निश्चयवाचक सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण इतने समान रूप से प्रयुक्त होते हैं कि उन्हें पहचानने में भ्रम हो जाता है। ठीक पहचान के लिए ध्यान देना आवश्यक है कि यदि सर्वनाम का प्रयोग संज्ञा से पहले हुआ है, तो वह सार्वनामिक विशेषण होगा। यदि वह अकेले प्रयुक्त होगा, तो सर्वनाम कहलाएगा।

उदाहरणतया- यह पुस्तक अभी छपी है।
यह अभी छपी है।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

प्रथम वाक्य में ‘यह’ सार्वनामिक विशेषण है, क्योंकि ‘यह’ पुस्तक की विशेषता बतला रहा है। दूसरे वाक्य में ‘यह’ संज्ञा की जगह प्रयुक्त हुआ है, अतः निश्चयवाचक सर्वनाम है। कुछ अन्य उदाहरण देखिए-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण - 1

वह पुस्तक अच्छी है।  (वह-विशेषण)
वह अवश्य आएगा। (वह-सर्वनाम)
यह मेरे साथ खेलता है। (यह-सर्वनाम), (मेरे-विशेषण)
उस घर में मेरा मित्र रहता है। (उस-विशेषण), (मेरा-विशेषण)
उसने बालक को बचाया।  (उसने-सर्वनाम)
यह फल पका है और वह कच्चा । (यह-विशेषण), (वह-सर्वनाम)
इस घर में कौन रहता है। (इस-सार्व. विशेषण)

विशेषणों की रूप-रचना

विशेषणों की रूप-रचना संबंधी कुछ नियम इस प्रकार हैं-

(क) कुछ आकारांत विशेषणों में विशेष्य के लिंग-वचन बदलने के साथ-साथ बदलाव आता है। जैसे-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण - 2

इसी प्रकार- बड़ा नगर, बड़ी नगरी, बड़े नगरों में।
छोटा डंडा, छोटी डंडी, छोटे डंडे।

ध्यातव्य-  यह परिवर्तन केवल कुछ आकारांत पुल्लिंग विशेषणों में आता है। अन्य प्रकार के विशेषणों में कोई परिवर्तन नहीं होता। जैसे-
सुदर लड़का (एकवचन, पुल्लिंग)
सुंदर लड़के (बहुवचन, पुल्लिंग)
सुंदर लड़की (एकवचन, स्त्रीलिंग)
सुंदर लड़कियाँ (बहुवचन, पुल्लिंग)

(ख) यदि विशेष्य के पीछे कोई विभक्ति लगी हो, या संबोधन कारक हो तो आकारांत विशेषण के अंतिम ‘आ’ का ‘ए’ हो जाता है। जैसे-
बड़े लड़के ने मुझे बुलाया।
ए छोटे बच्चे, इधर आना।

अन्य विशेषण यथावत रहते हैं। जैसे-
चंचल लड़का, चंचल लड़की, चंचल लड़के, चंचल लड़कियाँ।
विशेषणों का संज्ञा-रूप में प्रयोग कई बार विशेषणों को संज्ञा-रूप में प्रयुक्त कर दिया जाता है।
उदाहरणतया-
उस मोटे को देखो!
वीरों की पूजा भी करते हैं।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

गुणियों का सर्वत्र सम्मान होता है।
इन उदाहरणों में ‘मोटे’, ‘वीरों’ और ‘गुणियों’ शब्द संज्ञा-रूप में प्रयुक्त हुए हैं। अत: इनके लिंग, वचन, कारक भी संज्ञा-पदों के समान बदलेंगे।
अन्य उदाहरण-
इन गरीबों को देखिए।
बड़ों का कहना मानना चाहिए।
उस बेचारे ने कुछ नहीं किया।

विशेषणों की रचना

कुछ शब्द मूलतः विशेषण होते हैं तथा कुछ की रचना शब्दों में प्रत्यय, उपसर्ग आदि लगाने से होती है। जैसे –
पव्यय _चायवाला, सुखद, बलशाली, ईमानदार, नश्वर आदि।
उपसर्ग से दुबैल, लापता, बेहोशी, निडर आदि।
सोनों पयोग दुनाली; निकम्मा आदि।
विशेषण कई प्रकार के शब्दों से बनते हैं-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण - 3

आगे छात्रों की सुविधा के लिए अन्य महत्त्वपूर्ण विशेषण दिए जा रहे हैं –
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण - 4
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण - 5

उद्देश्य-विशेषण और विधेय-विशेषण

प्रश्न
उद्देश्य विशेषण और विधेय-विशेषण किसे कहते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
जो विशेषण विशेष्य शब्दों से पहले प्रयुक्त होते हैं, उन्हें उद्देश्य-विशेषण कहते हैं। जैसे-
गोरी लड़की नाच रही है।
काला घोड़ा दौड़ रहा है।
यहाँ ‘गोरी’ और ‘काला’ दोनों उद्देश्य विशेषण हैं।
कुछ स्थितियों में विशेषण विशेष्य के पश्चात् लगता है। इन्हें ‘विधेय विशेषण’ कहते हैं। जैसे
वह लड़की गोरी है।
घोड़ा काला है।
उसका पैन नीला है। आदि

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

यहाँ गोरी, काला और नीला विशेषण विशेष्यों के पश्चात् लगे हैं। ये वाक्य के विधेय भाग के अंश हैं। इसीलिए इन्हें विधेय-विशेषण कहा जाता है। .
ध्यातव्य – विशेषण चाहे उद्देश्य-विशेषण हों, चाहे विधेय-विशेषण; उनके रूप का निर्धारण संज्ञा या सर्वनाम के अनुसार होता है। अर्थात् विशेषण का वही लिंग, वचन, परसर्ग होगा जो विशेष्य संज्ञा का होगा। उदाहरणतया-

उद्देश्य-विशेषणों के रूप-

मोटा लड़का कूद रहा है। (विशेषण-विशेष्य दोनों पुं. एकवचन)
मोटे लड़के को देखो। (विशेषण-विशेष्य दोनों पुं. बहुवचन)
मोटे लड़के कूद रहे हैं। (विशेषण-विशेष्य दोनों पुं. बहुवचन)
मोटे लड़कों को देखो। (विशेषण-विशेष्य दोनों पुं. बहुवचन)
मोटी लड़की को देखो। (विशेषण-विशेष्य दोनों स्त्री. एकवचन)
मोटी लड़कियों को देखें। (स्त्रीलिंग विशेषण अपरिवर्तित रहता है। एकवचन)

अब नीचे विधेय-विशेषण के रूप देखिए। ये भी बिल्कुल उद्देश्य-विशेषणों के समान रहेंगे। विधेय-विशेषणों के रूप-
वह लड़का मोटा है। (विशेषण-विशेष्य दोनों पुं. एकवचन)
वे लड़के मोटे हैं। (विशेषण-विशेष्य दोनों पुं. बहुवचन) ।
वह लड़की मोटी है। (विशेषण-विशेष्य दोनों स्त्री. एकवचन)
वे लड़कियाँ मोटी हैं। (स्त्रीलिंग विशेषण अपरिवर्तित है।)

विशेषणों का तुलना में प्रयोग

विशेषण मात्र संज्ञा-सर्वनाम की विशेषता ही नहीं बतलाते, अपितु विशेष्य शब्दों की विशेषता की तुलनात्मक अधिकता या न्यूनता को भी प्रकट करते हैं। यह विशेषणों की तुलना कहलाती है।)
तुलना-अवस्था तीन प्रकार की होती है—मूलावस्था, उत्तरावस्था तथा उत्तमावस्था।

1.मलावस्था इसमें किसी प्रकार की तुलना न होकर विशेष्य की सामान्य विशेषता प्रकट र की जाती है। जैसे
यह आम मीठा है।
मोहन पढ़ने में निपुण है।

2. उत्तरावस्था इसमें दो व्यक्तियों या वस्तुओं की तुलना द्वारा एक को दूसरे से अधिक . या न्यून दिखाया जाता है। जैसे-
मोहन श्याम से अधिक बलवान है। ध्यान देने योग्य तथ्य है कि उत्तरावस्था में दो विशेष्य होते हैं। उनमें तुलना प्रकट करने के लिए से, से बढ़कर, से घटकर, से कम, की अपेक्षा, की तुलना में, के मुकाबले, से अधिक आदि वाचक शब्दों का भी प्रयोग किया जाता है। उदाहरणतया-

मेरी मेज तुम्हारी मेज से काफीबड़ी है।
मोहन श्याम से बढ़करबलवान है।
मोहन श्याम की अपेक्षा अधिक बलवान है।
मोहन श्याम की तलना में अधिक बलवान है।
सोहन मोहन से बरालड़का है।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

3. उत्तमावस्था इसमें दो से अधिक व्यक्तियों, प्राणियों या वस्तुओं की तुलना की जाती है तथा उनमें से किसी एक को सबसे अधिक या सबसे कम बताया जाता है। जैसे-
राजीव सबसे बुरालड़का है।

ध्यान देने योग्य है कि उत्तमावस्था में सबसे अधिक, सर्वाधिक, सभी में, सभी से, सबसे आदि वाचक शब्दों का प्रयोग किया जाता है। कुछ उदाहरण देखिए-

मोहन कक्षा के सभीबच्चों सेबलवान है।
मोहन कक्षा में सबसे अधिक बलवान है।
मोहन कक्षा के बच्चों में सर्वाधिकबलवान है।

तुलनाबोधक प्रत्यय

विशेषताओं की तुलना को व्यक्त करने के लिए विशेषणों के पीछे तुलनाबोधक प्रत्ययों का प्रयोग होता है। हिंदी भाषा में संस्कृत और फारसी से आए प्रत्यय ही प्रयुक्त होते हैं। संस्कृत में उत्तरावस्था के लिए ‘तर’ और उत्तमावस्था के लिए ‘तम’ प्रत्यय का प्रयोग होता है। कुछ उदाहरण देखिए-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण - 6
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण - 7
प्रविशेषण

प्रश्न
प्रविशेषण किसे कहते हैं? कुछ उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
ऐसे विशेषण, जो किसी विशेषण या क्रिया-विशेषण की भी विशेषता हैं, प्रविशेषण . कहलाते हैं। उदाहरणतया-
रमेशबहुत अच्छा लड़का है।
इस वाक्य में ‘अच्छा’, ‘लड़का’ (विशेष्य) का विशेषण है तथा ‘बहुत’, ‘अच्छा’ (विशेषण) की भी विशेषता प्रकट कर रहा है। अतः ‘बहुत’ प्रविशेषण है। प्रविशेषण प्रायः विशेषण या क्रिया-विशेषण से पूर्व लगते हैं। ये विशेषण की अधिकता या निश्चितता-अनिश्चितता को प्रकट करते हैं। हिंदी में प्रायः बहुत, बहुत अधिक, अत्यधिक, अत्यंत, बड़ा, खूब, बिल्कुल, ठीक, थोड़ा, कम, पूर्ण, लगभग आदि प्रविशेषणों का प्रयोग होता है। कुछ उदाहरण देखिए।

(i) रामअति , सुंदर है। (‘अति’ प्रविशेषण)
(ii) वहअत्यंत परिश्रमी बालक है। (‘अत्यंत प्रविशेषण)
(iii) तनिक धीरे-धीरे चलो। (‘तनिक’ प्रविशेषण)
(iv) वहबड़ा होनहार बालक है। (‘बड़ा’ प्रविशेषण)
(v) मैंपूर्णतः स्वस्थ हूँ। (‘पूर्णतः’ प्रविशेषण)
(vi) आपबड़े भोले हैं। (‘बड़े’ प्रविशेषण)
(vii) मोहनबहुत अधिक चतुर है। (‘बहुत अधिक प्रविशेषण)
(viii) सोहन अबविल्कुल स्वस्थ है। (‘बिल्कुल’ प्रविशेषण)
(ix) वह शाम कोठीक सात बजे आएगा। (‘ठीक’ प्रविशेषण)
(x) वहाँलगभग बीस आदमी थे। (‘लगभग’ प्रविशेषण)
(xi) मोहनबड़ा ईमानदार व्यक्ति है। (‘बड़ा’ प्रविशेषण)
(xii) चंद्रशेखर आजादमहान पराक्रमी क्रांतिकारी थे। (‘महान’ प्रविशेषण)

संबंधवाची विशेषण- कई बार संज्ञा और सर्वनाम के संबंधवाची रूपों को विशेषण के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। जैसे –
यहमोहन की किताब सोहन को दे देना।
मेरी किताब कल ले आना।
यहाँ ‘मोहन की’ तथा ‘मेरी’ दोनों संबंधवाची विशेषण हैं।
कृदंती रूप-कई बार विशेषण एक शब्द के रूप में न आकर क्रिया-पदबंध के रूप में आता है। में जाता है। जैसे –

थका हुआ आदमी छाया पाकर सो गया।
बहता हआ पानी अचानक कागया:

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

यहाँ ‘थका हुआ’ और ‘बहता हुआ’ कृदंती रूप विशेषण की भूमिका निभा रहे हैं।

सादृश्यवाची विशेषण-सा’, ‘जैसा’, ‘के समान’ आदि सादृश्यवाची शब्दों से युक्त विशेषण सादृश्यवाची कहलाते हैं। जैसे –
उसका रूप मोहन जैसाहै।
सीता-सारूप अचानक कुरूप हो उठा।
यहाँ ‘मोहन जैसा’ और ‘सीता-सा’ सादृश्यवाची विशेषण हैं।

II. क्रियाविशेषण

जो अविकारी शब्द क्रिया की विशेषता बतलाते हैं, उन्हें क्रियाविशेषण कहते हैं। जैसे
मोहन धीरे-धीरेचल रहा है।
यहाँ ‘धीरे-धीरे द्वारा ‘चलने’ की विशेषता प्रकट हो रही है। अतः यह क्रियाविशेषण है। कुछ अन्य उदाहरण-

मोहन बिल्कलथक गया है।
वह प्रतिदिनपढ़ता है।
मोहन मीठाबोलता है।

क्रियाविशेषण के भेद क्रियाविशेषण के निम्नलिखित चार भेद हैं-

  1. कालवचाचक क्रियाविशेषण
  2. स्थानवाचक क्रियाविशेषण
  3. रीतिवाचक क्रियाविशेषण
  4. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण

1. कालवाचक क्रियाविशेषण-वे शब्द जिनसे क्रिया के होने या करने का समय सचित होता है, कालवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे
वह अभी-अभीगया है। यहाँ ‘अभी-अभी’ ‘गया’ क्रिया के समय को सूचित कर रहा है।

कुछ अन्य उदाहरण-संजय परसों जयपुर गया था।
शीला प्रतिदिन स्कूल जाती है।
आजकल महंगाई बढ़ती जा रही है।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

कालवाचक क्रिया-विशेषण के निम्नलिखित तीन प्रकार होते हैं-

(क) कालबिंदवाचक आज, कल, अब, जब, अभी, कभी, सायं, प्रातः, परसों, कब, तब, . जब, पश्चात्।
(ख) अवधिवाचक सदैव, दिनभर, आजकल, नित्य, लगातार, निरंतर, सदा, आदि।
(ग) बारंबारतावाचक-प्रतिदिन, रोज, हर बार, बहुधा, प्रतिवर्ष आदि।

2. स्थानवाचक क्रियाविशेषण जो क्रियाविशेषण क्रिया के स्थान या दिशा का बोध कराते हैं, वे स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे-
वह अंदर बैठा है। (स्थान)
वह ऊपर गया है। (दिशा)
यहाँ ‘अंदर’ और ‘ऊपर’ क्रमशः क्रिया के ‘स्थान’ और ‘दिशा’ का बोध करा रहे हैं।
अन्य उदाहरण-वह यहाँ रहता है।

माता जी बाहर गई हैं।
तुम इधर-उधर मत जाओ।

स्थान और दिशा के आधार पर इसके दो भेद हैं-
(क) स्थितिवाचक यहाँ, वहाँ, कहाँ, आगे, पीछे, मध्य, नीचे, ऊपर, तहाँ, जहाँ, अंदर, बाहर, आर-पार, चारों ओर, आस-पास, निकट आदि।
(ख) दिशावाचक- इधर, उधर, ऊपर, नीचे, दाहिने, बाएँ, की तरफ, की ओर, सामने, आमने-सामने, किधर आदि।

3. रीतिवाचक क्रियाविशेषण_जो क्रियाविशेषण क्रिया के होने की रीति या विधि का बोध कराते हैं, उन्हें रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। जैसे-
मोहन तेजी से दौड़ा।
-इसमें ‘तेजी से’ क्रियाविशेषण ‘दौड़ने’ की रीति का बोध करा रहा है।
‘अन्य उदाहरण- आप कहते जाइए, मैं ध्यानपर्वक सुन रहा हूँ।
अब वह भलीभांति नाच लेता है।
राकेशमधर गाता है।

कछ प्रचलित रीतिवाचक क्रियाविशेषण- कैसे, ऐसे, वैसे, जैसे, सुखपूर्वक, ज्यों-त्यों, उचित, अनुचित, धीरे-धीरे, सहसा, ध्यानपूर्वक, सच, तेज, झूठ, यथार्थ, अस्तु, अवश्य, न, नहीं, मत, अतएव, वृथा, जल्दी, शीघ्र इत्यादि।

रीतिवाचक क्रिया-विशेषण कई प्रकार के होते हैं। इसके कुछ भेद इस प्रकार हैं –
(क) निश्चयात्मक-अवश्य, बेशक, सचमुच, वस्तुतः आदि।
(ख) अनिश्चयात्मक कदाचित्, बहुधा, प्रायः, अकसर, शायद आदि।
(ग) कारणात्मक क्योंकि, अतएव आदि।
(घ) आकस्मिकतात्मक सहसा, अचानक, एकाएक, अकस्मात् आदि।
(ङ) स्वीकारात्मक हाँ, सच, बिल्कुल, ठीक आदि।
(च) निषेधात्मकन, मत, नहीं, बिल्कुल, ठीक आदि।
(छ) आवयात्मक गटागट, धड़ाधड़, खुलमखुल्ला आदि।
(ज) अवधारक हो, तो, भर, तक आदि।

4. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण परिमाणवाचक क्रियाविशेषण क्रिया की मात्रा या उसके परिमाण का बोध कराता है। यह बताता है कि क्रिया कितनी मात्रा में हुई। जैसे-
वह बिल्कुल/थोड़ा/बहुत थक गया है।
यहाँ ‘बिल्कुल’, थोड़ा’,’बहुत आदि क्रियाविशेषण ‘थकना’ क्रिया की मात्रा का बोध करा . रहे हैं। कुछ अन्य उदाहरण-
मैं घोडा जरा चला ही था कि रिक्शा आ गया।
बंगाल में चावल अधिक खाया जाता है।
तुमकम बोलो।
पहनना ही खाता है, जितना कि डॉक्टर बताता है।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

अन्य प्रचलित परिमाणवाचक क्रियाविशेषण –
अति, अत्यंत, कई, एक, कम, थोड़ा-सा, अधिक, कुछ, तनिक, बस, इतन किंचित, सर्वथा, लगभग, निपट, पर्याप्त, खूब आदि।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solutions Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद Questions and Answers

प्रश्न-
क्रिया किसे कहते हैं ? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
जिस शब्द या पद से किसी कार्य के करने या होने का बोध होता है, उसे क्रिया कहते हैं। उदाहरणतया निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त काले पद देखिए
चिड़िया आकाश में उड़ रही है।
मोहन पार्क में दौड़ता है।
विनोद दूध अवश्य पीता है।
तुमने शाम को किताब दी थी।
बर्फ पिघल रही है।
तुम्हारी किताब मेज पर है।
ये सभी पद किसी-न-किसी कार्य के करने (दौड़ना, पीना, देना, पिघलना) या होने (उड़ना, होना) के सूचक हैं। अत: ये क्रिया-पद हैं।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद

धातु

प्रश्न
धातु की परिभाषा देते हुए उसे उदाहरणों से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-क्रिया के मूल अंश को धातु कहते हैं।जैसे-पढ़, लिख, सो, रो, हँस, खेल, देख आदि।
स्पष्टीकरण – पढ़ धातु से अनेक क्रिया-रूप बनते हैं। जैसे-
पदूंगा, पढ़ता है, पढ़ा, पढ़ रहा होगा, पढ़े, पढ़ो, पढ़ना चाहिए, पढ़ा था, पढ़िए, पढ़ी थी आदि।
परंतु इन सब में सामान्य रूप है-‘पढ़’। यही मूल धातु है।
मूल धातु की पहचान मूल धातु की पहचान का एक तरीका है—मूल धातु का प्रयोग ‘तू’ के साथ आज्ञार्थक क्रिया के रूप में किया जाए। जैसे-
तू खा, तू पी, तू हँस, तू खेल आदि।
इनमें खा, पी, हँस, खेल आदि मूल धातु हैं।
क्रिया के सामान्य रूप धातु में ‘ना’ प्रत्यय लगाने से क्रिया के सामान्य रूप बन जाते हैं। जैसे-
पढ़ + ना = पढ़ना; सो + ना = सोना; हँस + ना = हँसना; खेल + ना = खेलना आदि।

क्रिया के भेद : अकर्मक-सकर्मक

प्रश्न-
क्रिया के कितने भेद होते हैं ? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
मुख्य रूप से क्रिया दो प्रकार की होती है-
(क) अकर्मक और (ख) सकर्मक।
(क) अकर्मक क्रिया…वाक्य में प्रयोग करते समय जिस क्रिया में कर्म की आवश्यकता नहीं होती, उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे
हँसना, रोना, उठना, गिरना, ठहरना, रुकना, बैठना, चलना, झुकना, जागना, ऊँघना, छींकना, जीना, मरना, टूटना, आना, जाना, दौड़ना आदि।
अकर्मक क्रिया का प्रभाव सीधे कर्ता पर पड़ता है। उदाहरणतया-
श्याम दौड़ता है।
यहाँ ‘दौड़ना’ क्रिया का फल सीधे कर्ता श्याम पर पड़ रहा है। दूसरे, इस वाक्य में कोई ‘कर्म’ नहीं है। न ही उसकी आवश्यकता है।
अन्य उदाहरण
पक्षी उड रहे हैं।
शीला रोएगी।
बच्चे हँस रहे हैं।
सुभाषचंद्र बोस देश के लिए उठ खड़े हुए।
कितने नेता लालच के कारण गिर जाते हैं।
गाड़ी ठहर गई है।
वह तुम्हारे लिए रुका हुआ है।
गाड़ी में सीधे बैठो।
आओ, दिल्ली चलें।
कुछ पाना है तो डाको।
अतिथि जाग गया है।
बच्चे बड़ी देर से ऊँध रहे हैं।
सर्दी के कारण सभी छींक रहे हैं।
वह घर आ चुका है।
मेहमान जा चुके हैं।
चोर-चोरी करते-करते मर गया।
नेहरू जी 14 नवंबर के दिन जन्मे।
गिलास मेरे हाथों से टूट गया।
सुशीला बहुत तेज दौड़ती है।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद

(ख) सकर्मक क्रिया-जिस क्रिया के प्रयोग में ‘कर्म’ की आवश्यकता पड़ती है और उसका सीधा प्रभाव कर्म पर पड़ता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। उदाहरणतया-
अनुराग ने पुस्तक खरीदी।
‘खरीदी’ क्रिया के प्रयोग में ‘कर्म’ (पुस्तक) की आवश्यकता अनिवार्य रूप से बनी हुई है। अगर ‘पुस्तक’ का लोप कर दिया जाए तो अर्थ अस्पष्ट या अपूर्ण रह जाएगा। उदाहरणतया अनुरांग ने खरीदी। इस वाक्य में जिज्ञासा बनी ही हुई है कि क्या खरीदी ? दूसरे, ‘खरीदी’ क्रिया का फल पुस्तक पर पड़ रहा है। अतः यह सकर्मक क्रिया है।
कुछ महत्त्वपूर्ण सकर्मक क्रियाएँ इस प्रकार हैं-
देख, सुन, पढ़, लिख, कर, हो, कह, सूंघ, खा, पी, ले, दे, मार, छोड़, काट, पीट, तोड़, बेच आदि। इन्हीं से बनने वाली प्रेरक क्रियाएँ भी सकर्मक होती हैं। जैसे-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद - 01

सकर्मक क्रिया के कुछ वाक्य-प्रयोग
शीला ने संतरा खाया।
उसने बच्चे को संतरा खिलाया।
मोहन दुध पी रहा है।
माँ मोहन को दध पिला रही है।
लड़के फिल्म देखते हैं।
अध्यापक बच्चों को फिल्म दिखा रहे हैं।
मैंने कहानी सुनी।
मैंने बच्चों को कहानी सुनाई/सुनवाई।
मैंने उपन्यास पढ़ा।
मैंने लोगों को उपन्यास पढ़वाया/पढ़ाया।
उसने कविता लिखी।
उसने लड़कियों से कविता लिखवाई।
मैंने परिश्रम किया।
मने सबसे परिश्रम करवाया।
अध्यापक ने कठोर वचन कहे/कहलवाए।
मैंने फल संचा।

अकर्मक-सकर्मक के भेद

प्रश्न-
अकर्मक क्रिया के भेद स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
अकर्मक क्रिया तीन प्रकार की होती है-
(क) स्थित्यर्थक पर्ण अकर्मक क्रिया – यह क्रिया बिना कर्म के पूर्ण अर्थ देती है और कर्ता की स्थिर दशा का बोध कराती है। जैसे-
श्याम सो रहा है। (सोने की दशा)
मोहन हँसता है। (हँसने की दशा)
श्यामा रो रही है। (रोने की दशा)

खिलना, अनुभव करना आदि ऐसी ही क्रियाएं हैं। अस्तित्ववाची क्रियाएं भी इसी भेद के . अंतर्गत आती हैं। जैसे—’परमात्मा है। यहाँ ‘है’ क्रिया स्वयं में पूर्ण तथा स्थित्यर्थक है।

(ख) गत्यर्थक पर्ण अकर्मक क्रिया यह क्रिया भी बिना कर्म के पूर्ण होती है और कर्ता . की गतिमान दशा का बोध कराती है।

उदाहरणतया-
मोहन दिल्ली जा रहा है।
यहाँ ‘जा रहा है’ क्रिया कर्ता की गतिमान दशा की द्योतक है। यह बिना कर्म के भी पूर्ण अर्थ व्यक्त कर रही है। अतः यह गत्यर्थक पूर्ण अकर्मक क्रिया है। कुछ अन्य उदाहरण
चिड़िया आकाश में उड़ रही है।
सोहन कमरे से निकल रहा है।
सूरज पश्चिम में डूबेगा।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद

(ग) अपूर्ण अकर्मक क्रिया- अपूर्ण अकर्मक क्रियाएँ वे होती हैं जिन्हें ‘कर्म’ की तो आवश्यकता नहीं होती किंतु कर्ता से संबंधित किसी-न-किसी ‘पूरक’ शब्द की अवश्य आवश्यकता होती है। पूरक शब्द के बिना वाक्य अधूरा बना रहता है। उदाहरणतया

‘मैं हूँ।’
यह वाक्य कर्ता और क्रिया की दृष्टि से पूरा है। परंतु इसमें ‘मैं’ से संबंधित किसी पूरक की कमी है। पूरक के लगते ही वाक्य पूर्ण हो जाएगा। जैसे-

मैं स्वस्थ हूँ।
‘स्वस्थ’ पूरक से वाक्य स्वयं में पूरा हो गया है। कुछ अन्य उदाहरण देखिए –
मोहन (होशियार) है।
श्याम (वकील) बनेगा
पड़ोसी (चालाक) निकला।

होना, बनना, निकलना आदि अपूर्ण अकर्मक क्रियाएँ हैं। इनमें कर्ता-पूरक की आवश्यकता होती है। इसलिए इन्हें ‘कर्तृपक’ या ‘उद्देश्यपूरक’ भी कहा जाता है।

प्रश्न
सकर्मक क्रिया के भेदों का परिचय कीजिए।
उत्तर-
सकर्मक क्रिया के निम्नलिखित तीन भेद होते हैं. .
(क) पूर्ण एककर्मक क्रियाएँ- इन्हें सामान्यतः ‘सकर्मक क्रिया’ के नाम से जाना जाता है। इन क्रियाओं में एक कर्म की आवश्यकता होती है। उदाहरणत:

कुत्ते ने बकरी को काटा।

यहाँ ‘काटा’ क्रिया ‘कर्म’ (बकरी को) के बिना अधूरी है, तथा इस कर्म के समावेश से अर्थ भी पूरा हो गया है। अब और किसी कर्म की आवश्यकता नहीं रही है। इसलिए यह ‘पूर्ण एककर्मक क्रिया’ है। कुछ अन्य उदाहरण देखिए-
सीमा खाना खा रही है।
दर्जी कपड़े सिएगा।
अब्दुल पत्र लिखेगा।

(ख) पूर्ण हिकर्मक क्रियाएँ- पूर्ण द्विकर्मक क्रियाएँ वे होती हैं जिनमें दो कर्मों की आवश्यकता होती है। उदाहरणार्थ-
संतोष ने बेटे को पता बताया था।
इस वाक्य में दो कर्म हैं-बेटे को’ तथा ‘पता’। यदि इनमें से एक कर्म हटा लिया जाए . . तो अर्थ अस्पष्ट रह जाएगा। अन्य उदाहरण देखिए-
मोहन ने सोहन को अपनी घड़ी दी।
शीला ने रमा को गाना सुनाया।
राम ने मोहन को किताब दी।
विनोद ने मनोज को कार बेची।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद

प्रायः देना, लेना, बताना आदि प्रेरणार्थक क्रियाएं इसी कोटि के अंतर्गत आती हैं। ‘देना’ क्रिया
में दो कर्म नहीं होते। एक कर्म जैसे ‘मोहन को’ संप्रदान कारक के अंतर्गत आता है। परंतु मोटे . तौर पर उसे कर्म मान लिया जाता है।

(ग) अपूर्ण सकर्मक क्रियाएँ – ये वे क्रियाएँ हैं जिनमें कर्म रहते हुए भी कर्म के किसी पूरक शब्द की आवश्यकता बनी रहती है। वरना अर्थ अपूर्ण रहता है। चुनना, मानना, समझना, बनाना आदि ऐसी ही क्रियाएँ हैं। उदाहरणतया –
सोहन अमित को मूर्ख समझता है।.
इस वाक्य में अमित को’ कर्म है। परंतु यह कर्म अकेले अधूरा अर्थ देता है। ‘मूर्ख’ पूरक के आने पर अर्थ स्पष्ट होता है। ‘मूर्ख’ का संबंध ‘अमित’ (कर्म) से होने के कारण हम उसे ‘कर्मपूरक’ कहते हैं। कुछ अन्य उदाहरण देखिए-
छात्रों ने दीपक को अपना प्रतिनिधि चुना।
वह तुम्हें मित्र मानता है।
सभी लड़के इंद्रपाल को पागल बनाते हैं।

अकर्मक-सकर्मक में परिवर्तन (अंतरण)
क्रियाओं का अकर्मक होना या सकर्मक होना प्रयोग पर निर्भर करता है, न कि उनके धातु-रूप पर। यही कारण है कि कभी-कभी अकर्मक क्रियाएँ सकर्मक रूप में प्रयुक्त होती हैं
और कभी सकर्मक क्रियाएँ अकर्मक रूप में प्रयुक्त होती हैं। जैसे-

पढ़ना (सकर्मक)-श्याम किताब पढ़ रहा है।
पढ़ना (अकर्मक) श्याम आठवीं में पढ़ रहा है।
खेलना (सकर्मक)-बच्चे हॉकी खेलते हैं। .
खेलना (अकर्मक)-बच्चे रोज खेलते हैं।

“हँसना’, ‘लड़ना’ आदि कुछ अकर्मक क्रियाएँ सजातीय कर्म आने पर सकर्मक रूप में प्रयुक्त होती हैं। जैसे-
बाबर ने अनेक लड़ाइयाँ लड़ीं।
वह मस्तानी चाल चल रहा था।
ऐंठना, खुजलाना आदि क्रियाओं के दोनों रूप मिलते हैं। जैसे-
पानी में रस्सी ऐंठती है। (अकर्मक)
नौकर रस्सी ऐठ रहा है। (सकर्मक)
उसका सिर खुजलाता है। (अकर्मक)
वह अपना सिर खुजलाता है। (सकर्मक)

संयुक्त क्रिया

प्रश्न
संयुक्त क्रिया किसे कहते हैं ? उसके भेद लिखिए।
उत्तर
दो या दो से अधिक धातुओं के योग से बनी हुई क्रियाएँ संयुक्त क्रिया कहलाती हैं। जैसे—मैं पढ़ लिया करता हूँ।
वह बढ़ता चला आ रहा है।
उसे आने दिया जा सकता है।
उपर्युक्त उदाहरणों में एकाधिक क्रिया-पदों के योग से क्रिया का कार्य संपन्न हुआ है। अतः ये संयुक्त क्रियाएँ हैं।

भेद- संयुक्त क्रियाएँ जिन-जिन क्रियाओं के मेल से बनती हैं, वे चार प्रकार की होती हैं मुख्य क्रिया, सहायक क्रिया, संयोजी क्रिया और रंजक क्रिया।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद

मुख्य क्रिया- संयुक्त क्रियाओं में एक क्रिया मुख्य होती है। वह कर्ता या कर्म के मुख्य व्यापार को लक्षित करती है। उदाहरणतया उपर्युक्त उदाहरणों में पढ़, बढ़ता और आने मुख्य क्रियाएँ हैं।

सहायक क्रिया- मुख्य क्रिया के अतिरिक्त क्रिया के अन्य पक्षों-काल, वृत्ति, पक्ष, वाच्य आदि की सूचना देने वाले क्रिया-रूपों को सहायक क्रिया कहते हैं। इन्हें संयोजी क्रिया तथा रंजक क्रिया नाम के अन्य दो भेदों में भी बाँटा जा सकता है।

संयोजी क्रियाएँ संयोजी क्रियाएँ मुख्य क्रिया के पक्ष, वृत्ति और वाच्य की सूचना देती हैं।
(क) पक्ष का उद्घाटन करने वाले कुछ उदाहरण देखिए-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद - 1

(ख) संयोजी क्रियाएँ कर्ता की इच्छा, अनिच्छा, विवशता या समर्थता आदि वृत्तियों को भी प्रकट करती हैं। उदाहरणतया-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद - 2

(ग) संयोजी क्रियाएँ वाक्य के वाच्य का भी बोध कराती हैं। प्रायः ‘जा’ धातु से वाच्य का प्रकटीकरण होता है। उदाहरणतया-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद - 3

(घ) अनुमति देने में भी हिंदी में संयोजी क्रिया ‘दे’ का प्रयोग किया जाता है। जैसे-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद - 4

रंजक क्रियाएँ – रंजक क्रियाएँ मुख्य क्रिया के अर्थ को रजित करती हैं अर्थात् विशिष्ट अर्थ-छवि प्रदान करती हैं। सामान्यत: ये आठ हैं—आना, जाना, उठना, बैठना, लेना; देना, पड़ना, डालना आदि। उदाहरणतया-

1.आना रो आना, कर आमा, बन आना। (अनायासता का भाव)
वाक्य-प्रयोग- दुखिया का करुण-क्रंदन सुनकर मुझे रुलाई आ गई।
मैं पानी भरने गई थी, उल्टे बाल्टी दान कर आई।

2. जाना पी जाना, आ जाना, खाना (क्रियापूर्णता/शीघ्रता का भाव)
वाक्य प्रयोग गर्मी के मारे मैं तीन-चार कैंपा-कोला पी गया। .
मैं जा रहा हूँ, तुम जल्दी आ जाना।
तुम यहाँ आकर बैठ जाओ।

3. उठना रो उठना, गा उठना, चिल्ला उठना (आकस्मिकता का भाव)
वाक्य-प्रयोग- लक्ष्मण-मूर्छा का दृश्य देखकर मेरा हृदय रो उठा।
चोर के हाथ में चाकू देखकर मैं सहायता के लिए चिल्ला उठा।

4. बैठना मार बैठना, खो बैठना, चढ़ बैठना। (आकस्मिकता का भाव)
वाक्य-प्रयोग- गुस्से में आकर मैं बच्चे को मार बैठा।
लाभ के चक्कर में मैं अपना नुकसान कर बैठा।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद

5. लेना-पी लेना, सो लेना, ले लेना। (क्रियापूर्णता/क्विशता का भाव)
वाक्य-प्रयोग- उसने दूध पी लिया है।(क्रियापूर्णता)
मजबूरी में उसने जहर का चूंट पी लिया। (विवशता)

6. देना-चल देना, रो देना, फेंक देना। (क्रियापूर्णता/विवशता का भाव)
वाक्य-प्रयोग– बालक बैग उठाकर स्कूल चल दिया।
स्कूल से आकरे बालक ने बैग एक और फेंक दिया।
उसे मोहन आता दिखाई दिया।

7. पडना रो पड़ना, हँस पड़ना, चौंक पड़ना। (स्वतः/शीघ्रता का भाव)
वाक्य-प्रयोग- बच्चा माँ की मृत्यु का समाचार सुनकर रो पडा। .
सामने से अचानक आए शेर को देखकर मैं चौंक पड़ा।
वह विद्यालय की ओर चल पडा।

8. डालना-मार डालना, तोड़ डालना, काट डालना। (बलात्भाव/क्रिया-पूर्णता का भाव)
वाक्य-प्रयोग- राम ने रावण को मार डाला।
गुस्से में आई भीड़ ने सरकारी ढाँचे को तहस-नहस कर डाला।

9.मरना-डूब मरना।
वाक्य-प्रयोग-माँ ने दुत्कारते हुए कहा- डूब मर! नकल करने से अच्छा तू डूब मरता।

10. मारना-लिख मारा।
वाक्य-प्रयोग–आजकल के अनाड़ी पत्रकार बिना आने-बूझे कुछ-का-कुछ लिख मारते हैं।

11.निकलना चल निकलना।
वाक्य-प्रयोग-यह नया समाचार-पत्र भी चल निकला है।

12. बसना-चल बसना।
वाक्य-प्रयोग पिछले वर्ष मोहन के पिताजी चल बसे थे।

13. लगना आरंभधोतका
वाक्य-प्रयोग मोहन विद्यालय जाने लगा।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद

संयुक्त क्रियाओं के बारे में कछ महत्त्वपूर्ण बातें
1. कहीं-कहीं संयुक्त क्रिया के दोनों पदों का क्रम तथा रूप बदलने पर उनके अर्थ में – परिवर्तन आ जाता है। उदाहरणतया
(क) मोहन ने उसे मार दिया। (जान से मार दिया)
(ख) मोहन ने उसे दे मारा। (अचानक चोट कर दी)

2. निषेधात्मक वाक्यों में मुख्य क्रिया के साथ रंजक क्रिया का प्रयोग नहीं होता। यथा-
उसे भूख लग आई। – उसे भूख नहीं लगी।
मोहन चिल्ला उठा। – मोहन नहीं चिल्लाया।
सुरेश ने काम कर दिया। – सुरेश ने काम नहीं किया।

संयुक्त क्रिया में से मुख्य क्रिया की पहचान –
संयुक्त क्रिया में से मुख्य क्रिया की पहचान करना सावधानी का काम है। उदाहरणतया-
मैं पढ़ लेता हूँ।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद

यहाँ ‘पढ़’ और ‘लेता’ में से मुख्य क्रिया की पहचान करनी है। इसके लिए प्रश्न करें कि कर्ता (मैं) क्या करता है ? ‘पढ़ने का काम’ या लेने का काम’। उत्तर मिलेगा पढ़ने का काम। अतः यहाँ मुख्य क्रिया हुई ‘पढ़ना’। ‘लेता हूँ’ सहायक क्रिया हुई।
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद - 5
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण क्रिया-भेद - 6

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण लिंग

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solutions Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण लिंग Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण लिंग

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण लिंग Questions and Answers

प्रश्न
लिंग की परिभाषा दीजिए। उसके कितने भेद हैं ?
उत्तर-
लिंग संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘चिह्न’ या निशान। जिन चिह्न से शब्दों का स्त्रीवाचक या पुरुषवाचक होना प्रकट हो, उन्हें लिंग कहते हैं।
लिंग के भेद हिन्दी भाषा में दो लिंग होते हैं-(i) पुलिंग, (ii) स्त्रीलिंग।
(i) पुलिंग- पुरुषत्व का बोध कराने वाले शब्दों या चिह्नों को पुलिंग कहते हैं। जैसे-पिता, घोड़ा।
(ii) स्त्रीलिंग- स्त्री जाति के बोध करानेवाले शब्दों को स्त्रीलिंग कहते हैं; जैसे-गायिका। लिंग-भेद
एक ही प्रकार के दीखने वाले शब्दों में इतना लिंग-भेद है कि विद्वानों को भी सरदर्द हो जाता है। लिंग-भेद कई स्थितियों में संभव है; इसके प्रायः सभी नियमों में अपवाद पाए जाते हैं। कारण यह है कि सुपरिचित प्राणिवाचक संज्ञाओं की पहचान करना तो सरल है, किन्तु अपरिचित जीवों तथा अप्राणिवाचक संज्ञाओं का लिंग-निर्धारण करना अत्यन्त कठिन है। वे न तो पुरुषवाचक होते हैं और न स्त्रीवाचक। जैसे पहाड़, नदी। पहाड़ को पुलिंग मान लेना केवल एक रूढ़ि है।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण सर्वनाम

लिंग-निर्णय के कुछ सामान्य नियम

1. पुलिंग शब्दों की पहचान-
(क) मनुष्य और बड़े पशुओं में नर पुलिंग होते हैं और । नारियाँ स्त्रीलिंग। जैसे—लड़का, युवक, बूढा, हाथी, ऊँट आदि नर हैं, अतः पुलिंग हैं।
(ख) छोटे पक्षियों, कीड़ों आदि का या जिनमें जोड़ों का भेद करना कठिन है उन प्राणियों का लिंग-निर्णय व्यवहार के आधार पर होता है। जैसे-कौआ, खटमल, गिरगिट, गीदड़, चीता, छछूदर, बटेर, भेडिया, बिच्छू, मच्छर आदि शब्द पुंलिंग हैं; परंतु कोयल, गिलहरी, मछली, मैना, गौरैया आदि स्त्रीलिंगा :
(ग) द्वंद्वसमास के प्राणिवाचक शब्द पुलिंग होते हैं। जैसे-नर-नारी, भाई-बहन, मां-बाप, राधा-कृष्ण आदि। ,
(घ) संस्कृत के अकारान्त तत्सम शब्द प्रायः पुलिंग होते हैं। जैसे-अध्याय, अभिप्राय, उपाय, इतिहास, अध्यक्ष, अंधकार, उपहार, उपचार, व्यय आदि। ‘पुस्तक’ का स्त्रीलिंग में व्यवहार होता है। .
(ङ) अप्राणिवाचक संज्ञाओं का लिंग-निर्णय रूप के आधार पर होता है। जैसे-ये तमाम शब्द पुलिंग हैं
वनस्पति- अनार, आम, खजूर, पीपल, ताड़, अशोक, बाँस आदि।
तरल पदार्थ– दूध, दही, तेल, पानी, शर्बत आदि।
धातु- अल्युमीनियम, पीतल, रजत, लोहा, सोना आदि।
मसाला- जीरा, तेजपात आदि।
अन्न- उड़द, गेहूँ, चना, दाल आदि।
पर्वत-हिमालय, अमरकण्टक, हिन्दूकुश आदि।
दिन- रवि, सोम, मंगल आदि। . .
रत्न- हीरा, मोती, नीलम, मूंगा आदि।
वनस्पति आदि में से कुछ शब्द-इमली, मूंगफली आदि-स्त्रीलिंग में प्रयुक्त होते हैं।
(च) हिन्दी की वे भाववाचक संज्ञाएँ पुलिंग होती हैं, जिनके अंत में आ, आव, आवा, ना, पा अथवा पन पाया जाता है; जैसे-घेरा, बचाव, भुलावा, मरना, बुढ़ापा, लड़कपन आदि।
(छ) तत्सम शब्दों को छोड़कर हिन्दी की वे संज्ञाएँ जिसके अंत में आकार हो (परन्तु ‘इया’ प्रत्यय न हो) पुलिंग होती हैं; जैसे—रुपया, बच्चा, छाता, आटा, कपड़ा आदि।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण सर्वनाम

2. स्त्रीलिंग शब्दों की पहचान-(क) जिन संस्कृत-संज्ञाओं के अंत में आ, इ अथवा उ । हो वे स्त्रीलिंग होती हैं; जैसे-
आ-क्षमता, दया, छाया, कृपा, करुणा, वन्दना, याचना आदि। इ-सिद्धि, रीति, मति, केलि आदि। उ मृत्यु, रेणु, धेनु आदि।
(ख) ट, आवट और आहट प्रत्ययान्त संज्ञाएं स्त्रीलिंग हैं; जैसे-झंझट, बनावट, रुकावट, सजावट, चिकनाहट आदि।
(ग) हिन्दी की वे संस्कृत से भिन्न भाववाचक संज्ञाएं जिनके अन्त में ‘अ’ अथवा ‘न’ हो; जैसे—चमक, दमक, पुकार, समझ, दौड़, चाल, उलझन, जलन आदि।
(घ) संस्कृत को छोड़कर हिन्दी की वे संज्ञाएँ जिनके अन्त में ई, इया, ऊ, ख, त अथवा
स हो और संस्कृत को छोड़कर दोड, चाल, उलझन, जनक
ई – उदासी, टोपी, लड़की, धोती, चोटी आदि।
इया-खटिया, पुड़िया, बुढ़िया आदि।
ऊ-गेरू, लू आदि।
ख-ईख, भूख, आँख, साख, राख, कोख आदि।
त-बात, रात, लात, छत आदि।
स-आस, प्यास, साँस आदि।
प्रश्न-पुलिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम बताएँ।
पुलिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम-
जिन प्रत्ययों के योग से पुलिंग शब्द स्त्रीलिंग में बदल जाते हैं, उन्हें स्त्रीवाची प्रत्यय कहते हैं।
हिन्दी में मुख्य स्त्री प्रत्यय हैं—आ, ई, नी, आनी, आइन, इनी, इका, इया, इन, वती, मती। इन प्रत्ययों का प्रयोग करते समय मूल शब्द के अन्तिम स्वर को हटा दिया जाता है। कई बार :
मूल शब्द का मूलतः ही परिवर्तन हो जाता है। प्रत्ययों के योग से बने स्त्रीलिंग शब्दों के कुछ रूप आगे दिए जा रहे हैं-

(i) अकारान्त तत्सम शब्दों के अन्तिम ‘अ’ को ‘आ’ कर देते हैं। जैसे-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण लिंग-1

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण सर्वनाम

(ii) कुछ अकारान्त शब्दों के अन्तिम ‘अ’ को ‘ई’ कर देते हैं। जैसे-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण लिंग-2

(iii) कुछ आकारान्त शब्दों के अन्तिम ‘आ’ की ‘ई’ हो जाती है। जैसे-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण लिंग-3

(iv) कुछ अकारान्त तथा आकारान्त शब्दों के अन्तिम ‘आ’ को ‘इया’ करके पहला स्वर .. ह्वस्व कर दिया जाता है। जैसे-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण लिंग-4

(v) अन्तिम शब्द को परिवर्तित कर ‘इन’ कर देते हैं। जैसे-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण लिंग-5

(vi) उपनाम या पदवीवाचक शब्दों के अन्त में स्वर को ‘आइन’ कर दिया जाता है। जैसे-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण लिंग-6

(vii) कुछ पुलिंग शब्दों के अन्त में ‘नी’ लंगा देते हैं। जैसे-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण लिंग-7

(viii) कुछ अकारान्त शब्दों के अन्त में ‘आनी’ करने से स्त्रीलिंग बनते हैं। जैसे-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण लिंग-8
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण सर्वनाम

(ix) संस्कृत के ‘वान्’ और ‘मान्’ शब्दों में ‘ कथा ‘मान’ को ‘वती’ और ‘मती’ कर देने से स्त्रीलिंग बनाया जाता है। जैसे-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण लिंग-9

(x) जिन पुलिंग शब्दों के अन्त में अक’ होता है, उनमें ‘अक’ के स्थान पर ‘इका’ कर देने से शब्द स्त्रीलिंग बन जाते हैं। जैसे-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण लिंग-10

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण सर्वनाम

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solutions Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण सर्वनाम Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण सर्वनाम

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण सर्वनाम Questions and Answers

‘प्रश्न 1.
सर्वनाम क्या है ? उदाहरण सहित लिखिये।
उत्तर-
संज्ञा के बदले जिन शब्दों का प्रयोग होता है, उन्हें सर्वनाम कहते हैं। जैसे-वह, उसे, उसने, मैं, मेरा, मेरे, वे, हमलोग, आदि।”
उदाहरण-
राम एक लड़का है।
वह पढ़ने में तेज है।
उसने कड़ी मेहनत की है।
उसे अवश्य सफलता मिलेगी।
मोटे अक्षरवाले शब्द सर्वनाम हैं, क्योंकि ये राम (संज्ञा) के बदलें आये हैं।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण सर्वनाम

प्रश्न 2.
सर्वनाम के भेदों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
सर्वनाम के भेद :
सर्वनाम के छः भेद हैं-
(i) पुरुष-वाचक सर्वनाम
(ii) निश्चय-वाचक सर्वनाम
(iii) अनिश्चय-वाचक सर्वनाम
(iv) सम्बन्ध-वाचक सर्वनाम
(v) प्रश्न-वाचक सर्वनाम
(vi) निंज-वाचक सर्वनाम

(i) परुष-वाचक सर्वनाम_जो ‘सर्वनाम’ पुरुषवाचक या स्त्रीवाचक संज्ञाओं के नाम के बदले में आता है, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम’ कहा जाता है। जैसे-मैं, हम, तुम, वह आदि।
पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद हैं-
(क) प्रथम परुष_’प्रथम पुरुष’ को उत्तम परुष भी कहा जाता है। जिस ‘सर्वनाम’ का प्रयोग कहने या बोलने वाला अपने लिए करता है, उसैप्रथम परुष कहा जाता है। जैसे-मैं, हम।
(ख) मध्यम परुष सुनने वाले के लिए जिस ‘सर्वनाम’ का प्रयोग किया जाता है, उसे मध्यम पुरुष कहा जाता है। जैसे-तू, तुम, आप, तुम्हें, आपको आदि।
(ग) अन्य परुष जिस ‘सर्वनाम’ का प्रयोग ऐसी ‘संज्ञा’ के लिए हो, जिसके विषय में बात की जा रही हौ, किन्तु जो वहाँ उपस्थित न हो, ऐसे ‘सर्वनाम’ को अन्य पुरुष कहा जाता है। जैसे—वह, वे, उसकी, उनकी, उसका आदि।
(ii) निश्चय-वाचक सर्वनाम जिससे ‘निश्चित व्यक्ति, वस्तु या भाव का बोध हो, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहा जाता है। जैसे—यह, वह, ये, वे, आप आदि।
(iii) अनिश्चय-वाचक सर्वनाम जिससे किसी ‘निश्चित’ व्यक्ति, वस्तु या भाव का बोध न हो, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-कोई, कुछ।
(iv)सम्बन्ध-वाचक सर्वनाम_जिस सर्वनाम से वाक्य में आये ‘संज्ञा’ के साथ ‘सम्बन्ध . ‘स्थापित किया जाय, उसे सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहा जाता है जैसे-जो, सो, जौन, तौन। इस प्रकार के ‘सर्वनाम’ वाक्य. में एक-दूसरे के बाद आते हैं। जैसे—जो करेगा सो मरेगा।
(v) प्रश्न-वाचक सर्वनाम जिस ‘सर्वनाम’ का प्रयोग. प्रश्न’ करने के लिए किया जाता है, उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहा जाता है। जैसे-कौन, क्या।
(vi)निज-वाचक सर्वनाम जिस ‘सर्वनाम’ से ‘स्वयं या निज’ का बोध हो. उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे आप, स्वयं| ‘निजवाचक सर्वनाम का प्रयोग ‘वक्ता’ अपने लिए करता है। जैसे-मैं स्वयं यह काम करूंगा।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण सर्वनाम

सर्वनाम रूपावली (वचन और कारक के साथ)

1.(क) पुरुषवाचक सर्वनाम उत्तमपुरुष ‘मैं’ शब्द
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण सर्वनाम-1
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण सर्वनाम-2
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण सर्वनाम-3
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण सर्वनाम-4

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण सर्वनाम

सर्वनामों के पुनरुक्त रूप

कुछ सर्वनाम पुनरुक्ति के साथ प्रयोग में आते हैं और तब उनके अर्थ में कुछ विशिष्टता भी होती है। कुछ सर्वनाम संयुक्त रूप में भी आते हैं। जैसे-जो कोई।
जो-जो : जो-जो आए, उसे खिलाओ।
कोई-कोई : कोई-कोई तो बिना बात बहस करते हैं।
क्या-क्या : आपने वहाँ क्या-क्या देखा?
कौन-कौन : कौन-कौन आ रहा है। किंस-किस कमरे में छात्र बीमार हैं।
कुछ-कुछ : अब कुछ-कुछ याद आ रहा है।
कोई-न-कोई : जाओ, वहाँ कोई-न-कोई तो मिल ही जाएगा।
कुछ-न-कुछ : कुछ-न-कुछ करते ही रहना चाहिए।
जो कोई-जो कुछ : जो कोई आए, उसे रोक लो। जो कुछ मिले, रख लो।
अपना-अपना : अपना-अपना बस्ता उठाओ और घर जाओ।