Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 5 उपक्रम का चुनाव एवं स्थापना

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 5 उपक्रम का चुनाव एवं स्थापना

प्रश्न 1.
उपक्रम का चुनाव निर्भर करता है :
(A) एकाकी व्यापार
(B) साहसी का अधिकार
(C) साहसी की स्वयं की योग्यता
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं |
उत्तर-
(C) साहसी की स्वयं की योग्यता

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 5 उपक्रम का चुनाव एवं स्थापना

प्रश्न 2.
स्थापना में आसान है : ।
(A) एकाकी व्यापार
(B) साझेदारी फर्म
(C) संयुक्त पूँजी कंपनी
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं |
उत्तर-
(A) एकाकी व्यापार

प्रश्न 3.
उपक्रम का चुनाव करते समय ध्यान देने योग्य बिन्दु है :
(A) उत्पाद
(B) विपणन
(C) पूँजी की उपलब्धता
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर-
(C) पूँजी की उपलब्धता

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 5 उपक्रम का चुनाव एवं स्थापना

प्रश्न 4.
निम्न में से किसको व्यावसायिक अवसरों की खोज के रूप में परिभाषित किया जाता है ?
(A) उत्पाद
(B) प्रवर्तन
(C) विपणन
(D) उत्पादन
उत्तर-
(B) प्रवर्तन

प्रश्न 5.
वे क्या हैं ? जिन्हें उपक्रम करती है। यह वैसी राय है जिस पर वह चलती है तथा यह वह निर्णय है जिसके द्वारा यह सफलता के निश्चित स्तर पर पहुँचती है।
(A) उत्पादन
(B) वितरण
(C) विपणन
(D) रणनीतियाँ
उत्तर-
(D) रणनीतियाँ

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 5 उपक्रम का चुनाव एवं स्थापना

प्रश्न 6.
बाजार में पूर्णता की स्थिति को क्या सृजित करता है जो अन्ततः बिक्री एवं लाभ में वृद्धि करता है ?
(A) आविष्कार
(B) प्रवर्तन
(C) विपणन
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर-
(A) आविष्कार

प्रश्न 7.
व्यवसाय की सामान्य योजना का निर्माण आप कैसे करेंगे?
(A) उत्पादन नियोजन करके
(B) लागत नियोजन करके
(C) वित्तीय नियोजन करके
(D) उपरोक्त सभी करके
उत्तर-
(D) उपरोक्त सभी करके

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 4 उद्यमितीय / साहसिक की पहचान एवं व्यवहार्थता अध्ययन

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 4 उद्यमितीय / साहसिक की पहचान एवं व्यवहार्थता अध्ययन

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 4 उद्यमितीय / साहसिक की पहचान एवं व्यवहार्थता अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्न में से कौन-सी उत्पाद या सेवा का चुनाव करते समय ध्यान रखना जरूरी है ?
(A) प्रतियोगिता
(B) उत्पादन लागत
(C) लाभ की सम्भावना
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर-
(D) उपरोक्त सभी

प्रश्न 2.
निम्न में से किसका उत्पाद या सेवा का चुनाव करते समय ध्यान रखना जरूरी नहीं है ?
(A) बाजार एवं निर्धारण
(B) व्यावहारिकता
(C) प्रतियोगिता
(D) उत्पादन नियोजन
उत्तर-
(D) उत्पादन नियोजन

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 4 उद्यमितीय / साहसिक की पहचान एवं व्यवहार्थता अध्ययन

प्रश्न 3.
उद्यमी को निम्न में से कौन-सा दायित्व पूरा करने का उत्तरदायित्व है ?
(A) सांविधिक
(B) प्रबंधकीय
(C) उपरोक्त में से न अ और ब
(D) उपरोक्त दोनों
उत्तर-
(A) सांविधिक

प्रश्न 4.
एक उद्यमी कामगार और…………..दोनों ही होता है ?
(A) निवेशक
(B) प्रबंधक
(C) स्वामी
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर-
(C) स्वामी

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 4 उद्यमितीय / साहसिक की पहचान एवं व्यवहार्थता अध्ययन

प्रश्न 5.
व्यवहार्यता अध्ययन में निम्न में से किसका अध्ययन किया जात है ?
(A) लागत
(B) मूल्य
(C) संचालन
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर-
(D) उपरोक्त सभी

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 3 विपणन / बाजार मूल्यांकन

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BSEB Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 3 विपणन / बाजार मूल्यांकन

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 3 विपणन / बाजार मूल्यांकन

प्रश्न 1.
बाजार की माँग को निम्न में से क्या कहते हैं ?
(A) माँग की भविष्यवाणी
(B) वास्तविक माँग
(C) पूर्ति
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर-
(A) माँग की भविष्यवाणी

प्रश्न 2.
“कंपनी का विपणन वातावरण उन सब घटकों और शक्तियों से होता है जिनका विपणन प्रबंध की क्षमता को विकसित करने तथा वांछित उपभोक्ताओं को सफलतापूर्वक विपणन क्रियाओं को करने से होता है।” यह कथन किसका है ?
(A) क्रेवेन्स
(B) कोटलर एवं आर्मस्ट्राँग
(C) मार्शल
(D) थॉमस
उत्तर-
(B) कोटलर एवं आर्मस्ट्राँग

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 3 विपणन / बाजार मूल्यांकन

प्रश्न 3.
निम्न में से कौन-सा घटक बाजार मूल्यांकन पर प्रभाव डालता है ?
(A) सूक्ष्म वातावरण
(B) उत्पाद की लागत
(C) माँग
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर-
(A) सूक्ष्म वातावरण

प्रश्न 4.
माँग पूर्वानुमान में क्या शामिल है ?
(A) ग्राहक
(B) उत्पाद नियोजन
(C) अल्पकालीन पूर्वानुमान
(D) उपभोक्ता पूर्वानुमान
उत्तर-
(C) अल्पकालीन पूर्वानुमान

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 3 विपणन / बाजार मूल्यांकन

प्रश्न 5.
विपणन के स्वभाव में क्या शामिल है ?
(A) उत्पाद नियोजन
(B) उत्पाद का वर्गीकरण
(C) उपभोक्ता
(D) ग्राहक
उत्तर-
(A) उत्पाद नियोजन

प्रश्न 6.
अल्पकालीन पूर्वानुमान कितने माह की अवधि को शामिल करता है ?
(A) 12 माह
(B) 24 माह
(C) 18 माह
(D) 36 माह
उत्तर-
(B) 24 माह

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 3 विपणन / बाजार मूल्यांकन

प्रश्न 7.
माँग पूर्वानुमान को निम्न में से किस रूप में जाना जाता है ?
(A) विपणन
(B) बाजार माँग
(C) माँग एवं पूर्ति
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर-
(A) विपणन

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 2 पर्यावरण अथवा वातावरण का सूक्ष्म अध्ययन

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BSEB Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 2 पर्यावरण अथवा वातावरण का सूक्ष्म अध्ययन

प्रश्न 1.
प्रेरणाएँ सम्बन्धित नहीं होती हैं :
(A) छूट
(B) कर से मुक्ति
(C) बीज पूँजी का प्रावधान
(D) एकमुश्त भुगतान
उत्तर-
(D) एकमुश्त भुगतान

प्रश्न 2.
सामाजिक ढाँचा की रचना होती है :
(A) समाज के क्रियात्मक विभाजन से
(B) जाति के क्रियात्मक विभाजन से
(C) समुदाय के क्रियात्मक विभाजन से
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर-
(C) समुदाय के क्रियात्मक विभाजन से

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 2 पर्यावरण अथवा वातावरण का सूक्ष्म अध्ययन

प्रश्न 3.
ज्ञान अर्जन प्रक्रिया में शामिल होते हैं :
(A) संचालन
(B) मनोभाव
(C) अनुक्रिया
(D) संचालन, मनोभाव एवं अनुक्रिया
उत्तर-
(D) संचालन, मनोभाव एवं अनुक्रिया

प्रश्न 4.
आर्थिक सहायता है
(A) रियायत
(B) बट्टा
(C) पुन: भुगतान
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(C) पुन: भुगतान

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 2 पर्यावरण अथवा वातावरण का सूक्ष्म अध्ययन

प्रश्न 5.
सामाजिक व्यवहार सम्बन्धित नहीं होता है :
(A) जनता हेतु वस्तुओं के उत्पादन से
(B) अनैतिक व्यवहार का परिवर्तन
(C) सामाजिक बाध्यता की पूर्ति
(D) लाभ अर्जन प्रक्रिया
उत्तर-
(D) लाभ अर्जन प्रक्रिया

प्रश्न 6.
व्यवसाय का नियामक ढाँचा किससे सम्बन्धित होता है :
(A) व्यवसाय की दिशा
(B) व्यवसाय की मात्रा
(C) व्यवस्थापन
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर-
(C) व्यवस्थापन

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 2 पर्यावरण अथवा वातावरण का सूक्ष्म अध्ययन

प्रश्न 7.
आर्थिक नीतियाँ क्या निर्धारित करती हैं ?
(A) व्यवसाय की दिशा
(B) व्यवसाय की मात्रा
(C) व्यवसाय की दिशा एवं मात्रा
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर-
(C) व्यवसाय की दिशा एवं मात्रा

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 1 उद्यमितीय / साहसिक अवसरों की अनुभूति एवं पहचान

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BSEB Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 1 उद्यमितीय / साहसिक अवसरों की अनुभूति एवं पहचान

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 1 उद्यमितीय / साहसिक अवसरों की अनुभूति एवं पहचान

प्रश्न 1.
उद्यमितीय/साहसिक अवसरों की अनुभूति एवं पहचान 1. क्या किसी निश्चित निर्णय के पूर्व आन्तरिक संसाधनों पर ध्यान देना आवश्यक होता है ?
(A) हाँ, जरूरी है
(B) नहीं, जरूरी नहीं
(C) बाह्य संसाधनों के लिए जरूरी
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर-
(A) हाँ, जरूरी है

प्रश्न 2.
निम्न में से कौन-सा अवसर बोध का तत्व है ?
(A) समझ की शक्ति
(B) परिवर्तन पर नजर
(C) नवप्रवर्तनीय गुण
(D) इनमें से सभी
उत्तर-
(D) इनमें से सभी

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 1 उद्यमितीय / साहसिक अवसरों की अनुभूति एवं पहचान

प्रश्न 3.
निम्न में से कौन-सा अवसर का प्रकार है ?
(A) प्रथम अवसर
(B) निर्मित अवसर
(C) अंतिम अवसर
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(B) निर्मित अवसर

प्रश्न 4.
निम्न में से कौन-सा व्यावसायिक अवसर की पहचान को प्रभावित करने वाला घटक है ?
(A) आन्तरिक माँग की मात्रा
(B) निर्मित अवसर
(C) पर्यावरण में विद्यमान अवसर
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर-
(A) आन्तरिक माँग की मात्रा

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 1 उद्यमितीय / साहसिक अवसरों की अनुभूति एवं पहचान

प्रश्न 5.
व्यावसायिक अवसर…………………से सम्बन्धित होता है।
(A) वाणिज्यिक सम्भाव्य परियोजनाओं से
(B) व्यक्तिगत सम्भाव्य परियोजनाओं
(C) उपरोक्त न अ और न ब
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर-
(A) वाणिज्यिक सम्भाव्य परियोजनाओं से

प्रश्न 6.
उत्पाद जिनकी माँग अधिक होती है, अधिक…………होते हैं।
(A) लाभप्रद
(B) हानिप्रद
(C) अधिक लाभदायक
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर-
(A) लाभप्रद

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 1 उद्यमितीय / साहसिक अवसरों की अनुभूति एवं पहचान

प्रश्न 7.
किसी निश्चित निर्णय के पूर्व आन्तरिक संसाधनों पर ध्यान देना………होता है।
(A) आवश्यक
(B) अनावश्यक
(C) हानिदायक
(D) लाभप्रद
उत्तर-
(A) आवश्यक

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 22 Entrepreneurial Discipline and Social Responsibility

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 22 Entrepreneurial Discipline and Social Responsibility

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 22 Entrepreneurial Discipline and Social Responsibility

Question 1.
Responsibility of entrepreneur’s are:
(A) Towards society
(B) Towards Governments
(C) Towards Environment
(D) All of these
Answer:
(D) All of these

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 22 Entrepreneurial Discipline and Social Responsibility

Question 2.
Duty of entrepreneur’s is:
(A) Over charging
(B) Tax-evasion
(C) Environmental pollution
(D) None of these
Answer:
(D) None of these

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 22 Entrepreneurial Discipline and Social Responsibility

Question 3.
“By social responsibility we mean to execute those policies, to take that decision or to do these activities which are desirable for social objectives and values.” This statement is:
(A) H. R. Boben
(B) Koontz and O’Donnel
(C) None of these
Answer:
(A) H. R. Boben

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 21 Possibilities and Strategies for Growth and Development in Business

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 21 Possibilities and Strategies for Growth and Development in Business

Question 1.
At decline stage of growth:
(A) The enterprise finds it difficult to survive
(B) The enterprise starts incurring losses at an increasing rate
(C) The enterprise prefers to close its shutters
(D) All the above
Answer:
(D) All the above

BSEB Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 21 Possibilities and Strategies for Growth and Development in Business

Question 2.
Merger means:
(A) Taking over one organisation by another organisation
(B) Combination of two or more business
(C) Acquiring controlling interest in other organisation
(D) None of the above
Answer:
(B) Combination of two or more business

Question 3.
Generally diversification is classified in :
(A) Two ways
(B) Three ways
(C) Four ways
(D) Five ways
Answer:
(C) Four ways

BSEB Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 21 Possibilities and Strategies for Growth and Development in Business

Question 4.
Under franchising:
(A) Control on the product remains in the hands of franchisor
(B) Control on the product goes in the hands of franchisee
(C) Above (a) and (b) both
(D) None of the above
Answer:
(A) Control on the product remains in the hands of franchisor

Question 5.
Conglomeration is a technique to:
(A) Expand in the same industry
(B) Diversify in other areas
(C) Taking over other units
(D) Divide the organisation in sub-units
Answer:
(B) Diversify in other areas

BSEB Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 21 Possibilities and Strategies for Growth and Development in Business

Question 6.
Integration means:
(A) Expanding internally
(B) Expanding externally
(C) Expanding internally and externally
(D) None of the above
Answer:
(B) Expanding externally

Question 7.
Under market penetration:
(A) An asset ‘scooter’ is exchange for another
(B) An assets Scooter’ is exchanged for new one
(C) An asset ‘scooter’ is sold for cash
(D) An asset ‘scooter’ is sold on line purchase system.
Answer:
(C) An asset ‘scooter’ is sold for cash

BSEB Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 21 Possibilities and Strategies for Growth and Development in Business

Question 8.
Element affecting growth rate is:
(A) Competition
(B) Change in technology
(C) Creativity
(D) All of these
Answer:
(D) All of these

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 20 Determination of Cost and Profit

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 20 Determination of Cost and Profit

Question 1.
Telephone Expense is……….
(A) Fixed
(B) Variable
(C) Semi-variable
(D) None of these
Answer:
(C) Semi-variable

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 20 Determination of Cost and Profit

Question 2.
The best example of variable cost is :
(A) Interest on Capital
(B) Material Cost
(C) Wealth Tax
(D)Rent
Answer:
(B) Material Cost

Question 3.
Fixed cost per unit increases when:
(A) Production decreases
(B) Production increases
(C) Production remains same
(D) None of these
Answer:
(A) Production decreases

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 20 Determination of Cost and Profit

Question 4.
Which of the following is not factory overhead:
(A) Factory Insurance
(B) Depreciation on Plant
(C) Drawing Office Salary
(D) Salary
Answer:
(D) Salary

Question 5.
Which of the following is an example of fixed cost:
(A) Direct Material Cost
(B) Chargeable Expenses
(C) Salary of Office Manager
(D) Direct Labour Cost
Answer:
(C) Salary of Office Manager

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 20 Determination of Cost and Profit

Question 6.
The element of cost is:
(A) Materia]
(B) Rent
(C) Labour
(D) Expenses
Answer:
(B) Rent

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 19 Financial Management

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 19 Financial Management

Question 1.
Divided on cumulative preference share is given :
(A) In the year of profit
(B) In the year of loss
(C) In the year of profit or loss
(D) None of these
Answer:
(C) In the year of profit or loss

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 19 Financial Management

Question 2.
Naked debentures are:
(A) Fully secured
(B) Partly secured
(C) Unsecured
(D) None of these
Answer:
(C) Unsecured

Question 3.
The rate of dividend on preference share is:
(A) Fixed
(B) Variable
(C) Semi-variable
(D) None of these
Answer:
(A) Fixed

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 19 Financial Management

Question 4.
SFC Act in India was passed in the year:
(A) 1948
(B) 1949
(C) 1950
(D) 1951
Answer:
(D) 1951

Question 5.
IFCI was established in the year:
(A) 1939
(B) 1948
(C) 1950
(D) 1956
Answer:
(B) 1948

Question 6.
IDBI was established in the year:
(A) 1944
(B) 1954
(C) 1964
(D) 1974
Answer:
(C) 1964

Bihar Board 12th Entrepreneurship Objective Answers Chapter 19 Financial Management

Question 7.
Dividend is:
(A) Net profit
(B) Appropriation of profit
(C) Reserve fund
(D) Part of undistributed profit
Answer:
(B) Appropriation of profit

Question 8.
Public deposits are the source of:
(A) Short term finance
(B) Long term finance
(C) Medium term finance
(D) Social investment
Answer:
(C) Medium term finance

Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 8 परिवहन एवं संचार

Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 8 परिवहन एवं संचार Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 8 परिवहन एवं संचार

Bihar Board Class 12 Geography परिवहन एवं संचार Textbook Questions and Answers

(क) नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए:

प्रश्न 1.
पारमहाद्वीपीय स्टुवर्ट महामार्ग किनके मध्य से गुजरता है?
(क) डार्विन और मेलबोर्न
(ख) एडमंटन और एंकॉरेज
(ग) बैंकूवर और सेंट जॉन नगर
(घ) चेगडू और ल्हासा
उत्तर:
(क) डार्विन और मेलबोर्न

Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 8 परिवहन एवं संचार

प्रश्न 2.
किस देश में रेलमार्गों के जाल का सघनतम घनत्व पाया जाता है?
(क) ब्राजील
(ख) कनाडा
(ग) संयुक्त राज्य अमेरिका
(घ) रूस
उत्तर:
(घ) रूस

प्रश्न 3.
वृहद् टंक मार्ग होकर जाता है।
(क) भूमध्य सागर हिंद महासागार से होकर
(ख) उत्तर अटलांटिक महासागर से होकर
(ग) दक्षिण अटलांटिक महासागर से होकर
(घ) उत्तर प्रशांत महासागर से होकर
उत्तर:
(ख) उत्तर अटलांटिक महासागर से होकर

Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 8 परिवहन एवं संचार

प्रश्न 4.
“बिग इंज’ पाइपलाइन के द्वारा परिवहित किया जाता है।
(क) दूध
(ख) जल
(ग) तरल पेट्रेलियम गैस (LPG)
(घ) पैट्रोलियम
उत्तर:
(घ) पैट्रोलियम

प्रश्न 5.
चैनल टनल जोड़ता है।
(क) लंदन बर्लिन
(ख) बर्लिन-पेरिस
(ग) पेरिस-लंदन
(घ) बार्सीलोना- बर्लिन
उत्तर:
(ग) पेरिस-लंदन

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए:

प्रश्न 1.
पर्वतों, मरुस्थलों तथा बाढ़ संभावित प्रदेशों में स्थल परिवहन की क्या-क्या समस्याएं हैं?
उत्तर:
पर्वतों, मरुस्थलों तथा बाढ़ संभावित प्रदेशों में भौगोलिक कारणों एवं सड़क एवं रेल परिवहन निर्माण सामग्री का आसानी से प्राप्त न होना तथा भारी वर्षा, घने वन, मरुस्थल तथा बाढ़ें सड़क निर्माण में बाधक हैं। इन क्षेत्रों में जनसंख्या का कम घनत्व भी सड़कों के (स्थल परिवहन के साधनों) कम होने का एक कारण है।

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प्रश्न 2.
पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग क्या होता है?
उत्तर:
पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग पूरे महाद्वीप से गुजरते हुए इसके दोनों छोरों को जोड़ते हैं। इनका निर्माण आर्थिक, राजनीतिक कारणों से विभिन्न दिशाओं में लंबी यात्राओं की सुविधा प्रदान करने के लिए किया गया था।

प्रश्न 3.
जल परिवहन के क्या लाभ हैं?
उत्तर:

  1. जल परिवहन के महत्त्वपूर्ण लाभों में से एक यह है कि इसमें मार्गों का निर्माण नहीं करना पड़ता।
  2. यह बहुत सस्ता पड़ता है क्योंकि जल का घर्षण स्थल की अपेक्षा बहुत कम होता है।
  3. जल परिवहन की ऊर्जा लागत की अपेक्षाकत कम होती है।
  4. जल परिवहन को महासागरीय मार्गों और आंतरिक जलमार्गों में बांटा जा सकता है।

(ग) निम्न प्रश्नों का 150 शब्दों में उत्तर दीजिए।

प्रश्न 1.
‘एक सुप्रबंधित परिवहन प्रणाली में विभिन्न एक दूसरे की संपूरक होती है’ इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
परिवहन, संचार एवं व्यापार, उत्पादन केंद्रों और उपभोग केंद्रों को जोड़ते हैं। परिवहन समाज की आधारभूत आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए रचा गया एक संगठित सेवा उद्योग है। इसके अंतर्गत परिवहन मार्गों, लोगों और वस्तुओं के वहन के लिए गाडियों, मार्गों के रख-रखाव और लदान, उतराव तथा वितरण का निपटान करने के लिए संस्थाओं का समावेश किया जाता है। विश्व परिवहन की प्रमुख विधाएं हैं – स्थल, जल, वायु और पाइपलाइन आदि। इनका प्रयोग अंतादेशिक तथा अंतरा- प्रादेशिक परिवहन के लिए किया जाता है और पाइपलाइन को छोड़कर प्रत्येक यात्रियों और माल दोनों का वहन करता है।

किसी विधा की सार्थकता परिवहित की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के प्रकार, परिवहन की लागतों और उपलब्ध विधा पर निर्भर करता है। वस्तुओं के अंतर्राष्ट्रीय संचलन का निपटान भारी वाहन जलयानों द्वारा किया जाता है। कम दूरी एवं एक घर से दूसरे घर की सेवाएं प्रदान करने में सड़क परिवहन सस्ता एवं तीव्रगामी है। किसी देश के भीतर स्थूल पदार्थों के विशाल परिणाम को लंबी दूरियों तक परिवहन करने के लिए रेल सर्वाधिक अनुकूल साधन है। उच्च मूल्य वाली; हल्की तथा नाशवान वस्तुओं का वायुमार्गों द्वारा परिवहन सर्वश्रेष्ठ होता है। परिवहन के लिए वायु यातायात अच्छी विधि है। एक सुप्रबंधित परिवहन तंत्र में ये विभिन्न विधाएं एक-दूसरे की पूरक होती है।

Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 8 परिवहन एवं संचार

प्रश्न 2.
विश्व के वे कौन-से प्रमुख प्रदेश हैं जहां वायुमार्ग का सघन तंत्र पाया जाता है?
उत्तर:
उत्तरी गोलार्द्ध में अंतर-महाद्वीपीय वायुमार्गों की एक सुस्पष्ट पूर्व-पश्चिम पट्टी है। पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और दक्षिण-पूर्वी एशिया में वायुमार्गों का सघन जाल पाया जाता है। विश्व के कुल वायुमार्गों के 60 प्रतिशत भाग का प्रयोग अकेला संयुक्त राज्य अमेरिका करता है। न्यूयार्क, लंदन, पेरिस, एमस्टर्डम और शिकागो नोडीय बिंदु हैं। जहां अभिसरित होते हैं अथवा सभी महाद्वीपों की ओर विकरित होते हैं।

प्रश्न 3.
वे कौन सी विधाएं हैं जिनके द्वारा साइबर स्पेस मनुष्यों के समकालीन आर्थिक और सामाजिक स्पेस की वृद्धि करेगा?
उत्तर:
साइबर स्पेस लोगों के समकालीन आर्थिक और सामाजिक स्पेस को ई. मेल, ई. वाणिज्य, ई. शिक्षा और ई. प्रशासन के माध्यम से विस्तृत करेगा। फैक्स, टेलिविजन और रेडियो के साथ इंटरनेट समय और स्थान की सीमाओं को लांघते हुए अधिक लोगों तक पहुंचेगा। ये आधुनिक संचार प्रणालियां हैं जिन्होंने परिवहन से कहीं ज्यादा वैश्विक ग्राम की संकल्पना को साकार किया है।

ऑप्टिक फइबर तारों के प्रयोग ने साइबर स्पेस में क्रांति ला दी हैं। इन तारों के प्रयोग से आंकड़ों की विशाल मात्राओं की तीव्रता से सुरक्षापूर्वक और त्रुटिहीन संप्रेषण संभव होता है। टेलीफोन अमेरिका के नगरीकरण का एक क्रांतिक कारक बना। आज भी टेलीफोन सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली विधा है। विकासशील देशों में उपग्रहों द्वारा संभव बनाया गया सेलफोन का प्रयोग ग्रामीण संपर्क के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।

Bihar Board Class 12 Geography परिवहन एवं संचार Additional Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
परिवहन के साधनों के नाम बताओ।
उत्तर:
जल, स्थल एवं वायु परिवहन के साधन हैं।

प्रश्न 2.
पाइपलाइनों का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर:
पाइपलाइनों का उपयोग कमी वाले क्षेत्रों से जल और पैट्रोलियम जैसे तरल पदार्थों के परिवहन के लिए किया जाता है।

Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 8 परिवहन एवं संचार

प्रश्न 3.
परिवहन किसे कहते हैं?
उत्तर:
एक स्थान से दूसरे स्थान तक वस्तुओं और यात्रियों को लाना ले जाना परिवहन कहलाता है।

प्रश्न 4.
जल परिवहन का क्या लाभ है?
उत्तर:
इसमें किसी मार्ग के निर्माण की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

प्रश्न 5.
जलमार्गों को कितने समूहों में विभक्त किया जाता है?
उत्तर:
जलमार्गों को दो समूहों में विभक्त किया जाता है – आंतरिक जलमार्ग तथा सामुद्रिक जलमार्ग।

प्रश्न 6.
परिवहन जाल क्या होता है?
उत्तर:
अनेक स्थान जिन्हें परस्पर मार्गों की श्रेणियों द्वारा जोड़ दिए जाने पर जिस प्रारूप का निर्माण होता है उसे परिवहन जाल कहते हैं।

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प्रश्न 7.
पार-कैनोडियन रेलमार्ग क्या हैं?
उत्तर:
यह कनाडा की 7050 किमी. लंबी रेल लाइन पूर्व में है लिफैक्स से शुरु होकर मॉट्रियल, ओटांका, विनिपेंग और कैलगैरी से होती हुई पूर्व प्रशांत तट पर स्थित बैंकूबर तक जाती है।

प्रश्न 8.
मिसीसिपी जलमार्ग क्या है?
उत्तर:
मिसीसिपी-उनोहियो जलमार्ग सं. राज्य अमेरिका के आंतरिक भागों को दक्षिण में मैक्सिको की खाड़ी के साथ जोड़ता है।

प्रश्न 9.
व्यापार का क्या अर्थ है?
उत्तर:
बाजार के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान व्यापार कहलाता है।

प्रश्न 10.
महामार्ग क्या होते हैं?
उत्तर:
महामार्ग वे पक्की सड़के हैं, जो दूरस्थ स्थानों को मिलती हैं।

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प्रश्न 11.
भारत में सबसे लंबा महामार्ग कौन-सा हैं?
उत्तर:
भारत में राष्ट्रीय महामार्ग सं. 7 भारत की सबसे लंबा महामार्ग है। यह वाराणसी को कन्याकुमारी जोड़ता है।

प्रश्न 12.
भारत में रेलमार्गों की कुल लंबाई कितनी है?
उत्तर:
भारत में रेलमार्गों की कुल लंबाई 63000 किमी. है।

प्रश्न 13.
अफ्रीका के प्रमुख रेलमार्ग बताएं।
उत्तर:
अफ्रीका के प्रमुख रेलमार्ग हैं – बेनगुएला रेलमार्ग अगाोला से कटंगा – जाम्बिया की तांबा पट्टी तक जाता है। तनजानिया रेलमार्ग जाम्बिया की तांबा पट्टी से समुद्रतट पर स्थित दार-ए-सलाम जाता है।

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प्रश्न 14.
संसार का सघनतम रेलमार्गों का जाल कहां पाया जाता है?
उत्तर:
यूरोप में, यहां लगभग 440000 किमी. लंबे रेलमार्ग हैं। इनमें से अधिकतर दोहरे या बहुलाइनों वाले रेलमार्ग हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
रेलमार्गों के प्रारूप को प्रभवित करने वाले कारकों का संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर:
भारत में रेलमार्गों के विकास को निम्नलिखित कारकों ने प्रभावित किया है –

  1. भौतिक कारक: भारत में समतल मैदानी भागों में रेलमार्गों का अधिक विकास हुआ है, जैसे उत्तरी मैदान में। पंरतु पर्वतीय दुर्गम प्रदेशों में रेलमार्ग कम हैं। जैसे असम तथा हिमालय प्रदेश में।
  2. आर्थिक कारक: बड़े-बड़े औद्योगिक, व्यापारिक नगरों तथा प्रमुख पत्तनों के समीप रेलमार्गों का अधिक विस्तार हुआ है, परंतु राजस्थन में कम आर्थिक विकास के कारण रेलमार्ग कम हैं।
  3. राजनीतिक कारक: ब्रिटिश प्रशासन ने देश के संसाधनों के शोषण की नीति के कारण प्रमुख पत्तनों को देश के आतिरिक भागों से रेलमार्गों द्वारा जोड़ दिया।

प्रश्न 2.
‘उत्पादन एवं उपभोग को जोड़ने में परिवहन-तंत्र का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है।’ व्याख्या करो।
उत्तर:
किसी देश के औद्योगिक विकास के लिए परिवहन-तंत्र की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। परिवहन सेवाएं कृषि उत्पाद, खनिज व कच्चे माल को निर्माण केन्द्रों तक पहुंचाती है। निर्मित वस्तुओं को फिर उपभोक्ता तक परिवहन साधनों द्वारा ही पहुँचाया जाता है। परिवहन-तंत्र की सहायता से स्थानीय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक माल व सेवाओं को पहुंचाया जा सकता है। इस प्रकार परिवहन-तंत्र उत्पादन एवं उपयोग को एक-दूसरे से जोड़ता है।

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प्रश्न 3.
ब्रिटिश प्रशासन द्वारा पत्तन नगरों को पृष्ठ प्रदेशों से रेलमार्गों को जोड़ने से क्या प्रभाव पड़े?
उत्तर:
ब्रिटिश प्रशासन का पत्तन नगरों को पृष्ठ प्रदेशों से रेलमार्गों द्वारा जोड़ने का उद्देश्य साम्राज्यवादी प्रशासन को मजबूत करना तथा देश के आर्थिक संसाधनों का शोषण करना था। इससे भारत के कई व्यापारिक केंद्रों का हास हो गया। रेलवे जंक्शन नए केन्द्रों के रूप में विकसित हुए। नदियों द्वारा परिवहन कम हो गया। नदी मार्गों के साथ-साथ स्थित व्यापार केन्द्रों तथा घाट नगरों का पतन हो गया।

प्रश्न 4.
भारतीय सड़क मार्गों को विभिन्न प्रकारों में बांटो।
उत्तर:
भारत में चार प्रकार के सड़क मार्ग हैं –

  1. राष्ट्रीय महामार्ग (National Highways) जो देश के प्रमुख नगरों को मिलाते हैं। इनका निर्माण केन्द्रीय लोक निर्माण विभग करता है। इनकी कुल लंबाई 33.689 किमी है।
  2. राजकीय मार्ग (State Highways) जो राजधानियों को अन्य नगरों से मिलाते हैं। इनकी कुल लंबाई 4 लाख किमी है।
  3. जिला सड़क मार्ग (District Roads) जो किसी राज्य के मुख्यालयों को अन्य नगरों से जोड़ते हैं। इनकी लंबाई 6 लाख किमी है।
  4. ग्रामीण सड़कें (Village Roads) जो ग्रामीण केंद्रों को नगरों से मिलाती हैं।

प्रश्न 5.
भारतीय अर्थव्यवस्था में रेलों का क्या योगदान है? भारतीय रेलमार्गों द्वारा दी जाने वाली पांच वस्तुओं के उदाहरण दो।
उत्तर:
भारतीय रेल तंत्र कितना सामान ढोता है बल्कि इस बात का भी पता चलता है कि देश का अर्थिक विकास किस स्तर तक हुआ है। 1950-51 की अपेक्षा 1987-88 में रेल द्वारा ढोये जाने वाले खाद्यान्न की मात्रा लगभग चार गुना बढ़ गई है। यह इस बात का द्योतक है कि देश में खाद्यान्न के उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि हुई है। इसी प्रकार रेल द्वारा ढोये जाने वाले उर्वरक की मात्रा में भी बहुत वृद्धि हुई है।

इससे यह स्पष्ट होता है कि कृषि में उर्वरकों का उपयोग बढ़ा है जिससे कृषि विकास को एक दृढ़ आधार मिला है। रेलों द्वारा कोयला सिर्फ उसके अपने उपयोग के लिए नहीं बल्कि बड़ी मात्रा में ताप बिजली घरों के लिए भी लाया जाता है। इन ताप घरों में उत्पन्न की गई बिजली, देश के औद्योगिक विकास के लिए काम में लाई जाती है। 1950 51 से अब तक रेल द्वारा ढोये जाने वाली तेल की मात्रा की वृद्धि हुई है।

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प्रश्न 6.
वायु परिवहन के क्या लाभ हैं? इसका प्रयोग किसलिए किया जाता है तथा इसके दोष भी बताइये?
उत्तर:
वायु परिवहन सबसे तीव्र किंतु महंगा माध्यम है। वायुयानों के निर्माण तथा इन्हें चलाने में हैंगर, उड़ान भरने और उतरने, ईधन तथा रख-रखाव की समुचित व्यवस्था करनी पड़ती है। वायु परिवहन के कुछ विशेष लाभ भी हैं। कीमती सामानों को विश्वस्तर पर शीघ्रता से पहुंचाया जा सकता है। तीव्र गति होने के कारण लंबी दूरी की यात्रा के लिए इसे ही पसंद किया जाता है। कुछ कठिनाई वाले क्षेत्रों जैसे ब्राजील या उत्तरी कनाडा जाने के लिए बहुधा वायु परिवहन ही एकमात्र साधन है। वायु परिवहन का प्रयोग महंगी वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन के लिए जाता है। वायु परिवहन की सहायता से न्यूयार्क तथा लंदन के बीच की दूरी को मात्र साढ़े तीन घंटे में ही तय किया जा सकता है।

प्रश्न 7.
भूमध्य सागर, लाल सागर तथा हिंद महासागर, पूर्वी अफ्रीका, दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्वी एशिया से किस प्रकार जुड़े हुए हैं?
उत्तर:
भूमध्य सागर तथा हिंद महासागर का समुद्री जलमार्ग यूरोप के औद्योगिक रूप से विकसित देश भूमध्य सागर, लाल सागर तथा हिंद महासागर जलमार्ग द्वारा पूर्वी अफ्रीका, दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्वी एशिया से जुड़े हुए हैं। वास्तव में यूरोप से अफ्रीका, एशिया और आस्ट्रेलिया को जाने वाले सभी समुद्री यातायात इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं। पूर्व की ओर जाने वाले सामानों में मुख्य रूप से मशीनी तथा औद्योगिक उत्पाद होते हैं। पश्चिम की ओर कृषि उत्पाद जैसे कपास, रबड़ चाय, कहवा, चीनी और खनिज तेल भेजे जाते हैं।

प्रश्न 8.
परिवहन राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का महत्त्वपूर्ण खंड क्यों है?
उत्तर:
किसी देश के आर्थिक तथा सामाजिक विकास के लिए सड़कों, रेलों, जलमार्गों एवं वायुमार्गों के एक सक्षम परिवहन जाल की बहुत आवश्यकता है। परिवहन व्यवस्था के आधार पर ही किसी देश में कृषि तथा उद्योगों में विकास किया जा सकता है। परिवहन-तंत्र औद्योगिक उत्पादों के लिए एक विशाल बाजार प्रदान करता है। परिवहन साधनों का प्रयोग कच्चे माल, ईंधन तथा मशीनरी को कारखानों तक पहुंचाने के लिए किया जाता है।

उत्पादन एवं उपभोग को जोड़ने में परिवहन-तंत्र का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। कई प्रदेश कृषि, वन, खनिज आदि संसाधनों में समृद्ध होते हैं, परंतु परिवहन-तंत्र के बिना उनका उपयोग नहीं किया जा सकता। परिवहन सेवाओं के विकास से औद्योगीकरण में वृद्धि होती है क्योंकि इससे रेल इंजन, जलपोत, मोटर-वाहन आदि यंत्रों की मांग बढ़ जाती है। भारत जैसे विकासशील देशों के आर्थिक विकास के लिए परिवहन-तंत्र का विकास आवश्यक है। किसी देश की आर्थिक प्रगति का मापदंड वहां के परिवहन-तंत्र द्वारा ही किया जा सकता है।

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प्रश्न 9.
‘पाइपलाइन परिवहन में गुणों की तुलना में अवगुण अधिक हैं’ इस कथन के पक्ष में चार प्रमुख तर्क प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
प्राकृतिक गैस तथा खनिज तेल के परिवहन का पाइप लाइन एक सुगम साधन है। यह एक सस्ता साधन है जो दुर्गम क्षेत्रों, घने वनों, मरुस्थलों तथा पर्वतों पर से गुजरता है। परंतु इसके गुणों की तुलना में अवगुण अधिक हैं:

  1. इस साधन में लोच का न होना एक प्रमुख अवगुण है।
  2. एक बार पाइपलाइन बिछा देने के पश्चात् इसकी क्षमता में वृद्धि नहीं की जा सकती।
  3. पाइपलाइन की सुरक्षा करना भी कठिन कार्य है।
  4. भूमिगत पाइपलाइन की मरम्मत में कठिनाई होती है तथा रिसाव का पता लगाना भी कठिन होता है।

प्रश्न 10.
संचार प्रणली क्या है? इसका प्रयोग कहां किया जाता है?
उत्तर:
मानव ने संदेश भेजने के लिए अलग-अलग माध्यम अपनाए हैं। आधुनिक प्रौद्योगिक विकास ने संचार के साधनों के रूप में मनुष्यों के प्रत्यक्ष संपर्क को परिवर्तित नहीं किया है। संचार प्रणली में पहला आविष्कार दूरसंचार था। पश्चिमी अमेरिका के उपनिवेशीकरण के लिए उन्नीसवीं सदी के अन्त में तार ही माध्यम बना। टेलीफोन अमेरिका के नगरीकरण में एक निर्णायक कारक था क्योंकि इससे बड़ी कम्पनियों के मुख्यालयों पर ही कार्यों का संकेन्द्रण संभव हुआ तथा उनकी शाखाएं छोटे नगरों में स्थापित की गई। आज भी टेलीफोन ही सर्वाधिक प्रयुक्त दूरसंचार का माध्यम है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
(अ) विश्व के प्रमुख वायुमार्गों का उल्लेख करो तथा इन्हें मानचित्र पर दिखाओ।
(ब) वायु परिवहन के मुख्य दोष क्या हैं?
उत्तर:
(अ) विश्व के वायुमार्गों का वितरण बहुत ही असमान है। वायुमान निश्चित मार्गों पर चलते हैं। कुछ मुख्य वायुमार्ग निम्नलिखित हैं –

(क) अमेरिका तथा यूरोप के बीच वायुमार्ग (अटलांटिक महासागर के पार) –

  • न्यूयार्क अथाव ओटावा-लंदन।
  • न्यूयार्क बर्मुडा-लिस्बन, पेरिस अथवा लंदन
  • न्यूयार्क अथवा ओटावा-रेकजाविक-ओसलो-स्टाकहोम
  • ब्यूनस आएर्स-रियो डी जनेरो-सेलेवेर्डार-नटाल, लिस्बन-लंदन।

(ख) अमेरिका तथा सुदूर पूर्व के बीच वायुमार्ग (प्रशांत महासागर के पार) –

  • सॉन फ्रांसिस्को अथवा लॉस एन्जलिस अथवा सियेटल-होनोलूलू, मनीला-हांगकांग टोकियो।
  • सॉन फ्रांसिस्को अथवा लॉस एन्जलिस अथवा सियेटल-वलिंगटन।
  • सॉन फ्रांसिस्को अथवा लॉस एन्जलिस अथवा सियेटल-सिंगापुर।

(ग) अन्य वायुमार्ग –

  • लंदन-पेरिस-रोम-बेरुत-कराची-दिल्ली।
  • लंदन-रोम-काहिरा-खारतुम-जोहन्सबर्ग।
  • लंदन-एलजियर्स-मानो-किन्सहा-जोहन्सबर्ग-केपटाउन।
  • मास्को-ताशकंद-बैंकाक-सिंगापुर।
  • मास्को-इर्कटस्क-बीजिंग-शंघाई।

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चित्र: विश्व के प्रमुख वायुमार्ग

(ब) परिवहन के दोष –

  • परिवहन का सबसे महंगा साधन है, अत: इसका लाभ केवल धनी लोग ही उठा पाते हैं।
  • खराब मौसम में वायु सेवा उपलब्ध नहीं होती।
  • वायुयानों की दुर्घटनाएँ एवं अपहरण जैसी समस्याएँ कई बार भयंकर रूप धारण कर लेती हैं।

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प्रश्न 2.
‘उपग्रह संचार प्रणली’ का विस्तारपूर्वक वर्णन करें।
उत्तर:
1970 के दशक के प्रारंभ में उपग्रह संचार प्रणाली’ के प्रयोग, संचार मूल्य और समय में कमी आई है। उपग्रह के माध्यम से संदेश भेजने का खर्च 500 किमी. से 5000 किमी. तक लगभग समान हो गया है। अंतरिक्ष-शोध संयुक्त राज्य अमेरिका एवं पूर्व सोवियत संघ द्वारा ही कृत्रिम उपग्रहों के पृथवी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किये जाने के प्रयास से संचार के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए। भारत ने भी अंतरिक्ष शोध में अत्यधिक प्रगति की है। प्रथम भारतीय संचार उपग्रह आर्यभट्ट 19 अप्रैल, 1975 को पूर्वकालिक सोवियत संघ के इंटरकॉसमास रॉकेट द्वारा छोड़ा गया। जून, 1979 को भास्कर-1 तथा 18 जुलाई, 1980 को भारत के कास्मोड्रोम श्री हरि कोटा से रोहणी उपग्रह का प्रक्षेपण किया।

इसी प्रकार 19 जून, 1981 को उपग्रह एप्पल एश्यिन रॉकेट के द्वारा छोड़ा गया। भास्कर-2 का प्रक्षेपण 20 नवम्बर, 1981 को हुआ जो भास्कर-1 की भांति ही दूर संवेदन उपग्रह था। 10 अप्रैल, 1982 को इन्सेट-1ए उपग्रह छोड़ा गया परंतु सितंबर, 1982 से इसने कार्य करना बंद कर दिया। 30 अगस्त, 1983 को इन्सेट-1बी अंतरिक्ष शटल चैलेंजर द्वारा छोड़ा गया। इन्सेट-1बी से रेडियो, टेलीविजन तथा दूरसंचार के अन्य माध्यमों में क्रांतिकारी क्षमता आ गई है। आज हम टेलीविजन पर मौसम की जानकारी प्राप्त करते हैं तथा आंधी और तूफानों की पूर्व सूचना भी दी जाती है।

उपग्रह संचार प्रणाली के माध्यम से अत्यधिक दूरी से भौगोलिक सूचनाओं का संग्रह, संचयन तथा शोधन किया जाता है। नासा के लैंडसाट उपग्रह द्वारा उपलब्ध हो रहे हैं। प्रथम इ.आर.टी.एस. (अर्थ रिसोर्सेज टैक्नोलॉजी सेटेलाइट) (पृथ्वी संसाधन प्रौद्योगिक उपग्रह) को 1972 में अतिरक्ष में छोड़ा गया था। इन उपग्रहों ने पृथ्वी से संबंधित विस्तृत सूचनाएं प्रदान की हैं। टोही उपग्रहों द्वारा मौसम के पूर्वानुमान निर्वनीकरण के क्षेत्रों की स्थिति का निर्धारण और खनिजों के भंडार भौतिक प्रारुपों तथा प्रतिक्रियाओं की पहचान करने के साथ-साथ प्रदूषण का अनुमान तथा ग्रह-स्थलों के विश्लेषण में अधिकाधिक उपयोग किया जा रहा है।

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प्रश्न 3.
संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए –

  1. साइबेरियापारीय रेलमार्ग
  2. यूरोप के अंतरिक जलमार्ग
  3. स्वेज नहर
  4. उपग्रह संचार

उत्तर:
1. साईबेरियापारीय रेलमार्ग:
साइबेरियापारीय रेलमार्ग एशिया व विश्व का सबसे लंबा व महत्त्वपूर्ण रेलमार्ग है जो यूरोपीय रूस के पश्चिम में स्थित लेनिनग्राद से एशियाई रूस के पूर्व ब्लाडी बॉस्टक तक 9332 किमी. लंबा है। इस प्रकार यह रेलमार्ग रूस के पूर्व व पश्चिम को जोड़ता है। यह दोहरा रेलमार्ग है। इसका निर्माण सन् 1891 में शुरू हुआ। इसे बनने में 14 वर्ष लगे और सन् 1905 में यह महत्त्वपूर्ण रेलमार्ग बनकर तैयार हो गया।

इस रेलमार्ग पर मास्को, उफा नोवोसिबिर्क, इर्कुटस्क्क, चीता और खनारोवस्क प्रमुख स्टेशन हैं। चीता नगर के पश्चात् यह मार्ग दो मुख्य शाखाओं में बंट जाता है। इस रेलमार्ग से शाखा रेलमार्ग दक्षिण में यूक्रेन स्थित ओडेसा, केस्पियन सागर के तट पर बाकू, उजबेकिस्तान में ताशकंद, मंगोलिया में उलनबटोर, मंचूरिया में शेनयांग (मुकदेन) तथा चीन में वीपिंग तक जाते हैं। इस रेलमार्ग का निर्माण साइबेरिया के सामाजिक तथा आर्थिक विकास के उद्देश्य से किया गया था। इसके बनने से साइबेरिया का सामाजिक आर्थिक विकास तेज गति से हुआ।

2. यूरोप के अंतरिक जलमार्ग:
यूरोप के पश्चिमी भाग में आंतरिक जलमार्गों का बहुत विकास हुआ है। इन जलमार्गों की सर्वाधिक संघनता फ्रांस तथा जर्मनी में पाई जाती है। उत्तर सागर में गिरने वाली नदियां जैसे सीन, राइन, एल्न तथा उनको मिलाने वाली नहरों ने पश्चिमी यूरोप में आंतरिक जल परिवहन का सघन जाल विकसित किया है। इस भाग में कोई भी व्यक्ति भूमध्यसागर से उत्तरी सागर तक नदियों तथा नगरों से होकर यात्रा कर सकता है। इस प्रदेश के देशों जैसे फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड तथा बेल्जियम ने आंतरिक परिवहन की महत्त्वपूर्ण नदी राइन है। दूसरी आंतरिक जल परिवहन डेन्यूब नदी तथा उसकी सहायक नदियों से मिलकर बनी है। रूस में वोल्गा जलमार्ग मुख्य आतिरिक जलमार्गों पर एक नजर।

राइन जल मार्ग:
राइन इस प्रदेश में नौ-परिवहन के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण नदी है। यह संसार का सबसे अधिक व्यस्त जलमार्ग है। इसका लगभग 900 किमी. लंबा भाग जल मार्ग के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके मुहाने पर नीदरलैंड में राटरडम स्थित है। इसका पृष्ठ प्रदेश राइन नदी के ऊपरी भाग तक फैला है।

डेन्यूब जलमार्ग:
डेन्यूब नदी आस्ट्रिया, हंगरी, रोमानिया, यूगोस्लाविया, चेकोस्लोवाक आदि देशों में से होकर बहती है। यह जर्मनी के ब्लैक फॉरेस्ट से निकलकर पूर्व में ब्लैक सागर में गिरती है। इसकी नाव्य लंबाई राइन नदी से अधिक है, परंतु इस मार्ग पर यातायात कम है।

वोल्गा जलमार्ग:
वोल्गा सबसे महत्त्वपूर्ण जलमार्गों में से एक है। वोल्गा नदी प्रणाली का जल केस्पियन सागर में गिरता है। इसके अंतर्गत 11200 किमी. नौगम्य जलमार्ग उपलब्ध है बोल्गा-मास्को नहर इसे मास्को प्रदेश से जोड़ती है। बोल्गा डॉन नहर द्वारा यह जलमार्ग काला सागर से जुड़ा है। कड़ाके की सर्दी के कारण ये जलमार्ग वर्ष में लगभग 8 मास तक प्रयोग होते हैं। ब्रिटेन में टेम्स, टाइन तथा क्लाइड नदियों का प्रयोग जल यातायात के लिए किया जाता है।

3. स्वेज नहर:
स्वेज नहर मिश्र, में भमध्य सागर और लाल सागर को मिलाने के लिए बनाया गया एक मानव निर्मित जलमार्ग है। इसका निर्माण स्वेज जलडमरु मध्य को काटकर किया गया है। इसके निर्माण का कार्य 1859 में एक फ्रांसीसी इंजीनियर फर्दीनव-द-लेपेप्स को सौंपा. गया और यह नहर 1869 में बनकर तैयार हो गई। इस नहर की लंबाई 108 किमी. औसत गहराई 16.15 मी. तथा अधिकतम चौड़ाई 365 मीटर है। समुद्र तल पर बनाई गई इस नहर में कोई जलपाश नहीं है।

स्वेज नहर के खुल जाने पर पश्चिमी यूरोप और दक्षिणी पूर्वी एशिया के देशों के बीच की दूरी घटकर लगभग आधी रह गई। इस नहर पर भूमध्य सागर की ओर पोर्ट सईप तथा लाल सागर की ओर पोर्ट स्वेज इसके दो सिरे हैं। यह नहर ग्रेट बिटर झील, लिटिल झील तथा टिमसा झीलों में से होकर गुजरती है। ये सभी खारे पानी की झीलें हैं। स्वेज नहर के साथ-साथ रेलवे मार्ग भी हैं और इसके पश्चिमी किनारे पर इस्माइल नगर है। इसके अतिरिक्त एल-कन्तारा, एल बलक तथा एल-कुबरा मुख्य चेक पोस्ट बनाई गई है।

इस नहर में दो गलियारे हैं। एक जहाज आने और दूसरा जाने का। प्रतिदिन इस नहर से 90 जहाज गुजरते हैं। स्वेज नहर यातायात और नौचालन में मानव की सफलता का एक महत्त्वपूर्ण प्रमाण हैं। इसके बनने से पूर्व यूरोप व एशिया महाद्वीपों के बीच लगभग 8000 किमी. दूरी कम हो गई। इस नहर के निर्माण से यूरोपीय देशों विशेषतया ब्रिटेन को बहुत लाभ हुआ। इस नहर को ब्रिटेन की स्नायु-नाड़ी माना जाता था। (“Suez route has long been called the jujular vein of the British Empire”)

4. उपग्रह संचार:
आधुनिक तकनीकी ज्ञान के बलबूते पर मनुष्य ने संचार व्यवस्था के लिए उपग्रह का प्रयोग करना शुरू कर दिया है। अंतरिक्ष में कृत्रिम उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करके तरंगों के चित्रों के माध्यम से संदेश के आदान-प्रदान करने की संचार प्रणाली को उपग्रह संचार कहते हैं। 1970 के दशक से उपग्रह संचार प्रणाली का प्रारंभ हुआ। दूरी के संदर्भ के नूतय और समय एक जैसा है। उपग्रह के माध्यम ने संदेश भेजने का खर्च 500 किमी. से 5000 किमी तक लगभंग समान हो गया है।

इस तकनीक में संयुक्त राज्य अमेरिका व पूर्व सोवियत संघ अग्रणी हैं। इन देशों के अंतरिक्ष कार्यक्रमों की सफलता से संचार के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव हुए। उपग्रह संचार इसी का परिणाम है। हमारे देश ने भी अंतरिक्ष शोध में भी अत्यअधिक प्रगति की है। प्रथम भारतीय संचार उपग्रह आर्यभट्ट 19 अप्रैल 1975 को पूर्वकालिक सोवियत संघ के इंटरकासमास राकेट द्वारा छोड़ा गया।

उपग्रह संचार द्वारा रेडियो, दूरदर्शन तथा दूरसंचार के अन्य माध्यमों में क्रांतिकारी क्षमता आ गई है। मौसम की पूर्व-सूचना भी प्रभावशाली तरीके से दी जा रही है। दूरसंवेदन द्वारा लक्ष्य को बिना स्पर्श किए ही बहुत अधिक दूरी से भूगोल से संबंधित सूचनाओं का संग्रहण-शोधन व विश्लेषण आसानी से हो रहा है तथा बड़े क्षेत्र के आंकड़े प्राप्त होते हैं। उपग्रहों द्वारा पृथ्वी से संबंधित विस्तृत सूचनाएं प्रदान हो रही हैं जिनका प्रयोग विभिन्न वैज्ञानिकों तथा मानचित्र निर्माणकर्ताओं द्वारा हो रहा है। सबसे अच्छे उपग्रह चित्र, नासा के लैंडसाट उपग्रहों द्वारा उपलब्ध हो रहे हैं।

उपग्रह संचार द्वारा प्राप्त जानकारी व आंकड़ों का उपयोग सैन्य व असैन्य जैसे मौसम के पूर्वानुमान, वनोन्मूलन अनुप्रयोग कुल वन क्षेत्र, क्षेत्र की स्थिति का निर्धारण और खनिजों के भंडार और सैकड़ों भौतिक लक्षणों की पहचान, वायुमंडलीय खतरों से प्रदूषण, ओजोन रिक्तीकरण के अनुमान तथा गृहस्थलों के विवेकपूर्ण व न्यायोचित विश्लेषण में किया जाता है उपग्रह संचार की सहायता से विश्व के किसी भी कोने में होने वाली घटनाओं का सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर देख सकते हैं। जैसे-जैसे मानव की तकनीकी क्षमता व प्रौद्योगिकी का विकास हो रहा है वैसे-वैसे जीवन के नये-नये क्षेत्रों में बुद्धिजीवियों व वैज्ञानिकों द्वारा उपग्रह संचार का प्रयोग करने की संभावनाएं बढ़ी हैं। उपग्रह संचार ने विश्व के विभिन्न क्षेत्रों को एक-दूसरे के निकट ला दिया है।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए:

  1. परिवहन के तीन मुख्य माध्यमों के नाम बताइए।
  2. परिवहन और संचार में अंतर स्पष्ट कीजिए।
  3. पाइपलाइनों का विस्तृत उपयोग खनिज तेल और प्राकृतिक गैस जैसी सामग्रियों का परिवहन करने के लिए क्यों होता है?
  4. महामार्ग क्या हैं?
  5. रेलमार्ग क्या हैं?
  6. अंतर्महाद्वीपीय रेलमार्ग क्या हैं?
  7. जल परिवहन के क्या लाभ हैं?
  8. उत्तर अमेरिका के दो प्रमुख आंतरिक जलमागों के नाम बताइए।
  9. उत्तर प्रशांत मार्ग किन प्रमुख पत्तनों को जोड़ता है?
  10. संसार के वायुमार्गों के अति सघन जाल वाले तीन मुख्य प्रदेश कौन से हैं?
  11. इंटरनेट क्या है?

उत्तर:
1. स्थल, जल और वायु मार्ग। स्थल-सड़क रेलमार्ग, जल-समुद्री, आंतरिक (नदी, नहरें) वायु-हवाई जहाज।

2. परिवहन:
वस्तुओं और यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाना-ले जाना परिवहन कहलाता है। सड़क, रेल जल तथा वायु परिवहन के मुख्य साधन हैं।

संचार: सूचनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर किसी चैनल के माध्यम से पहुँचाना संचार कहलाता है। डाक सेवायें, टेलीफोन, तार और फैक्स सेवायें, इंटरनेट और उपग्रह संचार के साधन हैं।

3. पाइपलाइनों का अधिक प्रयोग तरल तथा गैरू पदार्थ जैसी सामाग्रियों का परिवहन करने के लिए किया जाता है, क्योंकि इनमें प्रवाह सतत बना रहता है और यह सस्ता साधन है।

4. महामार्ग वे पक्की, चौड़ी सड़के हैं, जो दूरस्थ स्थानों को मिलाती है। इनकी चौड़ाई अधिक होती है, ताकि दोनों तरफ से वाहन बिना किसी रूकावट के आ जा सकें।

5. रेलमार्गों के विकास निम्न कारकों का योगदान है –
(क)जहां नगरीकरण तथा औद्योगीकरण अधिक होता है वहां व्यापार तथा वाणिज्य का भी विकास होता है, जिससे रेलतंत्र का विकास होता है।
(ख)समतल भूमि रेलमार्गों के विकास प्रोत्साहित करती है, क्योंकि रेल बिछाना, आसान होता है।
(ग) जनसंख्या का घनत्व जहां अधिक होता है, वहां रेलमार्ग बनाना आर्थिक दृष्टि से लाभप्रद होता है।

6. अंतर्महाद्वीपीय रेलमार्ग:
महाद्वीप के एक छोर को दूसरे छोर से जोड़ने वाले रेलमार्गों को अंतर्महाद्वीपीय रेलमार्ग कहते हैं इनका निर्माण आर्थिक और राजनीतिक उद्देश्य से किया जाता है। कनाडियन, पैसिफिक रेलमार्ग का निर्माण राजनैतिक तथा ट्रांस साईबेरियन का निर्माण आर्थिक उद्देश्य से किया गया है।

7. जल परिवहन के लाभ –
(क) यह परिवहन का सस्ता साधन है।
(ख)इनसे भारी सामान आसानी से ढोया जा सकता है।
(ग) इनका रख-रखाव नहीं करना पड़ता है।
(घ) जलमार्गों के लिए सड़क तथा रेल पटरी की भांति मार्ग नहीं बनाने पड़ते।

8. उत्तर अमेरिका के दो आंतरिक जलमार्ग –
महान झीलें – सैट लारेंस जलमार्ग। मिसिसिपी जलमार्ग।

9. उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित बैंकूवर, सियाटिल पोर्टलैंड, सैन फ्रांसिसिको को पूर्व के देशों के योकोहामा, कोबे, शंघाई, हांगकांग, मनीला और सिंगापुर से मिलाता है।

10. संसार से सघन वायु मार्गों के जाल वाले क्षेत्र –

  • पश्चिमी यूरोप।
  • पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका।
  • दक्षिणी पूर्वी एशिया।

11. इंटरनेट इंटरनेशल नेटवर्क का संक्षिप्त नाम है। इंटरनेट में विभिन्न देशों के लाखों कम्प्यूटरों का एक मुक्त संयोजन होता है। (तथा इन कम्प्यूटरों के प्रयोगकार्ता सूचनाओं का अदान-प्रदान करते हैं।) कोई भी व्यक्ति माइक्रोकम्प्यूटर और मोडम के माध्यम से सूचना संचार से जुड़ सकता है।

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प्रश्न 5.
उत्तर एवं दक्षिण अटलांटिक मार्ग का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अटलांटिक मार्ग-विश्व का सबसे अधिक प्रयोग में आने वाला सामुद्रिक जलमार्ग उत्तरी अटलांटिक का है जो पश्चिमी यूरोपीय देशों और उत्तरी अमेरिका के बीच स्थित है। विश्व के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का लगभग एक चौथाई भाग उत्तरी अटलांटिक मार्ग से होता है। इस मार्ग पर प्रथम स्टीमर जलपोत 1938 में चालू हुआ था, तबसे इस मार्ग के परिवहन का इतना विकास हुआ है कि अब लगभग 300 कंपनियों के जलपोत इस मार्ग पर चलते रहते हैं।

विश्व के दो सबसे उन्नत क्षेत्रों के बीच संपर्क स्थापित करने वाले इस मार्ग में दोनों ही तटों पर अच्छे पत्तनों व पोताश्रयों की सुविधा है। विश्व के 55 बंदरगाहों में से 28 बड़े बंदरगाह इसी मार्ग पर स्थित हैं। उत्तरी अमेरिका की ओर प्रसिद्ध बंदरगाह न्यूयार्क, मॉण्टियल, क्यूबेक, हैलीफैक्स, बोस्टर, सेण्टजान फिलाडेल्फिया, पार्टलैंड, बाल्टीमोर आदि हैं। यूरोपीय पट पर प्रसिद्ध बंदरगाह लंदन, लिवरपूल, ग्लासगो, मानचेस्टर साउस एम्पटन, रोटरडैम, हेम्बर्ग, लिस्बन, कोपेनहेगन तथा ओसलो है।

यूरोप के पत्तनों से निर्मित उत्पाद जैसे रसायन, स्टील, उर्वरक, वस्त्र, शराब आदि निर्मात किये जाते हैं। उत्तरी अमेरिका के पत्तनों से यूरोप को खाद्य पदार्थ तथा कच्चे माल जैसे लुग्दी गेहूं तथा पशुचारा भेजा जाता है।

दक्षिण अटलांटिक महासागरीय जलमार्ग:
यह जलमार्ग पश्चिमी यूरोप के देश तथा पश्चिमी अफ्रीका को दक्षिण अमेरिका के देशों जैसे ब्राजील अर्जेन्टाइन तथा यूरुग्वे से जोड़ा है। यह मार्ग बहुत महत्त्वपूर्ण नहीं हैं, क्योंकि अफ्रीका के पश्चिमी तट के देश आर्थिक रूप से विकसित नहीं हैं। अतः इन देशों और दक्षिणी अमेरिका के देशों के मध्य व्यापार बहुत कम होता है। यूरोप से मशीनरी एवं औद्योगिक उत्पादों तथा दक्षिण अमेरिकी देशों से कहवा, कच्चा माल व अन्य पदार्थों का परिवहन इस मार्ग द्वारा किया जाता है। दक्षिण अमेरिका के पूर्वी तटीय बंदरगाहों में पारस्परिक व्यापार भी बहुत भारी मात्रा में होता है। पेटागोनिया से व्यूनस आयर्स को पेट्रोलियम आता है। गहरा अर्जेन्टाइना से पूर्वी ब्राजील को गेहूं, आटा, समशीतोष्ण फल और शराब का निर्यात होता है। ब्राजील में अर्जेन्टाइना को केला, कॉफी, लौह अयस्क और लकड़ी का निर्यात होता है।

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प्रश्न 6.
विश्व में सड़कों और महामार्गों के वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विश्व में सड़कों व महामार्गों का वितरण:
सड़कें अपेक्षाकृत छोटी दूरियों के लिए परिवहन का सबसे सस्ता साधन है। द्वारा से द्वार तक सेवा प्रदान करने के कारण रेलों की तुलना में सड़कों द्वारा सामान का परिवहन दिनोंदिन महत्त्वपूर्ण होता जा रहा है। विश्व में सड़कों की लंबाई रेलों की तुलना में 15 गुनी है। विकसित देशों में बहुत अच्छी सड़कों का निर्माण हुआ है।

महामार्ग वे पंक्की सड़कें हैं जो दूरस्थ स्थानों को मिलाती हैं। ये सड़कें 60 मीटर तक चौड़ी होती हैं ताकि इन पर वाहन बिना रुकावट के दौड़ते रहें। विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों में वाहनों की संख्या अधिक होती है तथा सड़कों का जाल घना होता है। मोटर गाड़ियों के चलाने लायक सड़कों का घनत्व (U.S.A.) कनाडा, यूरोप, जापान, भारत व दक्षिण पूर्व दक्षिणी अमेरिका में मिलता है। (U.S.A.) में विश्व के कुल मोटर चलाने योग्य मार्ग का लगभग एक तिहाई भाग पाया जाता है। उत्तरी अमेरिका के पूर्वी तथा पश्चिमी तटों पर स्थित नगर महामार्गों द्वारा जुड़े हैं। उत्तर में कनाडा के नगर भी महामार्गों द्वारा दक्षिण में मैक्सिको के नगरों से जुड़े हैं।

  1. कनाडापारीय महामार्ग ब्रिटिश कोलंबिया, जो पश्चिमी तट पर स्थित है, के वैकुवर नगर की फाउंडलैंड (पूर्वी तट) में स्थित सेंट जॉन नगर से जोड़ता है।
  2. अलास्का महामार्ग कनाडा के एडमारन नगर को अलास्का एंकरेज से जोड़ता है।
  3. चीन में उत्तर दक्षिण पूर्व और पश्चिम के नगरों को महामार्गों से जोड़ा गया है वियतनाम सीमा के पास स्थित सुसो नगर महामार्ग द्वारा बीजिंग से जुड़ा है। हाल ही में लहासा और येंगडू को जोड़ने के लिए एक महामार्ग बनाया गया है।
  4. भारत में प्रमुख नगरों को जोड़ने वाले अनेक महामार्ग हैं। राष्ट्रीय महामार्ग सं. 7 भारत का सबसे लंबा महामार्ग है जो वाराणसी को कन्याकुमारी से जोड़ता है। चार महानगरों, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई को जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुष्कोण नामक महामार्ग बनाए जा रहे हैं।
  5. अफ्रीका में स्थलाकृति में विविधता के कारण सड़क परिवहन महत्त्वपूर्ण माध्यम है। अफ्रीका में एक महामार्ग अल्जीयर्स को एटलस पर्वत और सहारा मरुस्थल के पार गिनी में स्थित कोनाक्री से जोड़ता है। इसी प्रकार केरों और केपटाउन को भी जोड़ा गया है।
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विकसित व विकासशील देशों की सड़कों की गुणवत्ता में निर्माण व रख-रखाव की दृष्टि से बुहत अंतर पाया जाता है। परिवहन के रूप में रेलमार्गों का महत्त्व व उनके वितरण प्रारूप सड़कों की तुलना में रेलमार्ग भारी मात्रा में सामान को अधिक दूरी तक ले जाने के लिए एक ही समय में बहुत सारे यात्रियों के आवागमन के लिए परिवहन का अपेक्षाकृत सस्ता व अधिक सुविधाजनक माध्यम है। रेलों का विकास सड़कों के विकास के काफी बाद हुआ। पहला स्टीम इंजन सन् 1825 में इंग्लैंड में स्टांकटन व डार्लिंगटन के मध्य चली थी।

परिवहन के रूप में रेलमार्गों का महत्त्व –

  1. रेल स्थल पर तीव्र गति से चलने वाला परिवहन का साधन है।
  2. रेलमार्गों द्वारा मोटरों एवं ट्रकों की अपेक्षा अधिक माल एवं यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाया जाता है।
  3. रेलमार्गों द्वारा अधिक भार वाले माल को ढोना आसान होता है।
  4. रेलमार्ग लंबी दूरी के लिए उत्तम परिवहन साधन है।
  5. यात्री रेलगाड़ियों में यात्रियों को सभी सुख-सुवधिाएं उपलब्ध होती हैं।
  6. सड़क परिवहन की अपेक्षा रेल परिवहन से समय व धन की बचत होती है।
  7. शीघ्र खराब होने वाली वस्तुओं को उनके गन्तव्य स्थान पर शीघ्रता से पहुंचाया जा सकता है।
  8. औद्योगिक विकास के साथ-साथ रेलें किसी भी देश की राजनैतिक स्थिरता बनाए रखने में बहुत सहयोग देती हैं।

रेलमार्गों का विश्व वितरण प्रारूप:
स्थलीय परिवहन में रेलवे महत्त्वपूर्ण साधन है विश्व के अधिकांश रेलमार्ग, उन्नत देशों द्वारा बनाए गए हैं। विभिन्न महाद्वीपों और देशों में निर्मित रेलमार्गों के वितरण में बड़ी भिन्नता है। विश्व में सर्वाधिक सघन रेलमार्गों का जाल यूरोप तथा पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में पाया जाता है। विश्व में रेलमार्गों की सर्वाधिक लंबाई संयुक्त राज्य अमेरिका में है।

यहां विश्व के संपूर्ण रेलमार्ग का 25 प्रतिशत मिलता है। यूरोप, पूर्व सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका में समस्त संसार के 65 प्रतिशत रेलमार्ग हैं। भारत, चीन, जापान आदि एशिया में 12 प्रतिशत, लैटिन अमेरिका में 12 प्रतिशत, अफ्रीका महाद्वीप में 5 प्रतिशत और आस्ट्रेलिया एवं न्यूजीलैंड में 3 प्रतिशत रेलमार्ग हैं।

दक्षिणी गोलार्द्ध के तीन महाद्वीपों अफ्रीका, आस्ट्रेलिया तथा दक्षिण अमेरिका में रेलमार्गों का विकास वहां की प्राकृतिक सम्पदा का दोहन करने के लिए किया गया है। अफ्रीका में फ्रांसीसियों ने जिबूती से आदिस अबाबा तक तथा इटलियनों ने मसावा के अगोरदत तक रेलमार्ग बनाये गये थे। दक्षिणी अमेरिका में अर्जेन्टाइना के पम्पास तथा ब्राजील के कहवा के फेजिण्टा क्षेत्रों में घने रेल जाल हैं। आस्ट्रेलिया के मुख्य रेलमार्ग दक्षिणी तथा पूर्वी तट के साथ हैं।

अंतर्महाद्वीपीय रेलमार्ग –

1. ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग:
वर्तमान में विश्व का सबसे लंबा रेलमार्ग है, जिसकी कुल लंबाई 9332 किमी. है। यह रेलमार्ग पश्चिम में स्थित सेंट पीटर्सबर्ग को पूर्व में ब्लाडी वोस्टक से जोड़ती है।

2. कनाडा:
प्रशांत रेलमार्ग-यह रेलमार्ग कनाडा के अटलांटिक तट पर स्थित हैलिफैक्स को प्रशांत महासागर के तट पर स्थित बैंकवूर से मिलता है। इसकी लंबाई 7050 किमी. है यह रेलमार्ग कनाडा की अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा है।

3. आस्ट्रेलियाई अंतर्महाद्वीपीय रेलमार्ग:
यह आस्ट्रेलिया का सबसे लंबा रेलमार्ग है जो पूर्व में स्थित सिडनी को पश्चिमी में स्थित पर्थ से मिलाती है। इसके प्रमुख स्टेशन ब्रोकेन हिल पीटरखेरो, पार्टपिरी, पोर्ट आगस्टा, किगून्या कालगुर्ली तथा कूलगार्डी है।

4. केप काहिरा रेलमार्ग:
इस प्रस्तावित रेलमार्ग की कुल लंबाई 14000 किमी. होगी। अभी इस मार्ग के कुछ टुकड़े ही बनाये गये हैं। यह रेलमार्ग मिश्र की राजधानी काहिरा को दक्षिणी अफ्रीका की राजधानी केपटाउन से मिलायेगा।

5. एशिया पारीय रेलमार्ग-यह प्रस्तावित रेलमार्ग है जो टर्की के कास्टेनटिनपोल नगर से थाईलैंड के बैंकाक तक बनाया जायेगा।Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 8 परिवहन एवं संचार img 3

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
निम्न में से स्थलीय परिवहन का भाग कौन सा है?
(A) सड़कें और रेलमार्ग
(B) जलमार्ग
(C) वायुमार्ग
(D) पाईपलाइनें
उत्तर:
(A) सड़कें और रेलमार्ग

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प्रश्न 2.
निम्न में से परिवहन की विधाएं कौन-सी हैं?
(A) स्थल
(B) जल
(C) वायु
(D) सभी
उत्तर:
(D) सभी

प्रश्न 3.
संभवतः प्रथम सार्वजनिक रेलमार्ग कब प्रारंभ हुआ था।
(A) 1925
(B) 2005
(C) 1825
(D) 1725
उत्तर:
(C) 1825

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प्रश्न 4.
खनिज तेल, जल, दूध अवमल आदि का परिवहन, परिवहन की किस विधा द्वारा किया जाता है?
(A) स्थल
(B) जल
(C) पाइपलाइन
(D) वायु
उत्तर:
(C) पाइपलाइन

प्रश्न 5.
विश्व की कुल मोटर वाहन चलाने योग्य सड़कों की लंबाई कितनी है?
(A) 150 लाख किलोमीटर
(B) 200 लाख किलोमीटर
(C) 50 लाख किलोमीटर
(D) 350 लाख किलोमीटर
उत्तर:
(A) 150 लाख किलोमीटर

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प्रश्न 6.
दक्षिणी अमेरिका, मध्य अमेरिका, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कनाडा किस महामार्ग के निर्माण पूरा होने पर आपस में जुड़ जाएंगे?
(A) पान-अमेरिकन महामार्ग
(B) साईबेरियन महामार्ग
(C) एशियन-यूरोपीय महामार्ग
(D) ट्रांस-कनाडियन महामार्ग
उत्तर:
(A) पान-अमेरिकन महामार्ग

प्रश्न 7.
दैनिक आवागमन की रेलें निम्न में से किस देश में अधिक लोकप्रिय हैं?
(A) ब्रिटेन
(B) भारत
(C) जापान
(D) अमेरिका
(E) सभी
उत्तर:
(E) सभी

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प्रश्न 8.
चीन में महामार्ग क्रिस-कॉस करते हुए किन प्रमुख नगरों को परस्पर जोड़ते हैं?
(A) शांसो (वियतनाम सीमा के पास)
(B) शंघाई (मध्य चीन)
(C) ग्वांगजाओ (दक्षिण)
(D) बींजिग उत्तर को
(E) सभी को
उत्तर:
(E) सभी को

प्रश्न 9.
भारत में वाराणसी को कन्याकुमारी से जोड़ने वाला राष्ट्रीय महामार्ग संख्या कौन-सी है?
(A) महामार्ग संख्या 7
(B) महामार्ग संख्या 8
(C) महामार्ग संख्या 9
(D) महामार्ग संख्या 10
उत्तर:
(A) महामार्ग संख्या 7

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प्रश्न 10.
निर्माणाधीन स्वर्णिम चतुर्भुज दुतमार्गों के द्वारा किन प्रमुख नगरों को जोड़ने की योजना हैं?
(A) नई दिल्ली
(B) हैदराबाद
(C) मुंबई
(D) कोलकाता
(E) सभी
उत्तर:
(E) सभी

प्रश्न 11.
अफ्रीका में एक महामार्ग उत्तर में किसको जोड़ता है?
(A) अल्जियर्स को गुयाना के कोनाक्री
(B) केरो को केपटाउन से
(C) इथोपिया को कांगो से
(D) सभी
उत्तर:
(A) अल्जियर्स को गुयाना के कोनाक्री

प्रश्न 12.
यूरोप में रेलमार्ग की लंबाई लगभग कितने किलोमीटर है?
(A) 4 लाख 40 हजार
(B) 4 लाख
(C) 2 लाख
(D) 3 लाख
उत्तर:
(A) 4 लाख 40 हजार

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प्रश्न 13.
अफ्रीका में रेलमार्गों की लंबाई कितनी है?
(A) 40 हजार
(B) 60 हजार
(C) 20 हजार
(D) 10 हजार
उत्तर:
(A) 40 हजार

प्रश्न 14.
महाद्वीप का प्रमुख रेलमार्ग कौन-सा है?
(A) वेंगुएला रेलमार्ग
(B) तंजानिया रेलमार्ग
(C) केपटाउन से प्रेटोरिया
(D) सभी
उत्तर:
(D) सभी

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प्रश्न 15.
एशिया का सबसे महत्त्वपूर्ण और विश्व का सर्वाधिक लंबा रेलमार्ग कौन-सा है?
(A) पार-साइबेरियन
(B) पार-कैनेडियन
(C) संघ और प्रशांत रेलमार्ग
(D) सभी
उत्तर:
(A) पार-साइबेरियन

प्रश्न 16.
कौन सी लाइन पेरिस से स्ट्रेस्वर्ग, म्यूनिख, विएना, बुडापेस्ट और बेलग्रेड होती हुई इंस्ताबूत तक जाती है?
(A) ओरिएंट एक्सप्रेस
(B) यूरोपिय एक्सप्रेस
(C) इंस्ताबूल एक्सप्रेस
(D) विएना एक्सप्रेस
उत्तर:
(A) ओरिएंट एक्सप्रेस

प्रश्न 17.
कौन-सा व्यापारिक जलमार्ग पश्चिम यूरोप को पश्चिम अफ्रीका, दक्षिण-पूर्वी एशिया, आस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड को आपस में जोड़ता है?
(A) भूमध्य सागर हिंद महासागरीय मार्ग
(B) उत्तरी अटलांटिक समुद्री मार्ग
(C) दक्षिणी प्रशांत समुद्री मार्ग
(D) उत्तमाशा अंतरीय समुद्री मार्ग
उत्तर:
(A) भूमध्य सागर हिंद महासागरीय मार्ग

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प्रश्न 18.
किस नगर के द्वारा समुद्री मार्ग से न्यूयार्क से सैनफ्रांसिस्को के बीच की दूरी लगभग 13,000 किमी. कम हो गई?
(A) इंदिरा गांधी नहर
(B) पनामा नहर
(C) नील नदी
(D) स्वेज नहर
उत्तर:
(B) पनामा नहर

प्रश्न 19.
संयुक्त राज्य अमेरिका के आंतरिक भागों को दक्षिण में मैक्सिको की खाड़ी के साथ कौन-सा जलमार्ग जोड़ता है?
(A) मिसीसिपी जलमार्ग
(B) वोल्गा जलमार्ग
(C) डेन्यूब जलमार्ग
(D) सेंट लारेंस जलमार्ग
उत्तर:
(A) मिसीसिपी जलमार्ग

प्रश्न 20.
किस देश में फार्मों से फैक्ट्रियों तक दूध को पाइपलाइनों द्वारा भेजा जाता है?
(A) आस्ट्रेलिया
(B) भारत
(C) न्यूजीलैंड
(D) स. रा. अमेरिका
उत्तर:
(C) न्यूजीलैंड

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प्रश्न 21.
बिग इंच तेल पाइपलाईन किस देश में है?
(A) सं. रा. अमेरिका
(B) इराक
(C) इरान
(D) भारत
उत्तर:
(A) सं. रा. अमेरिका

प्रश्न 22.
वायुमार्ग के नोडीय बिंदु कौन से हैं?
(A) न्यूयार्क
(B) लंदन
(C) पेरिस
(D) एमस्टर्डम
(E) शिकागो
(F) सभी
उत्तर:
(F) सभी

प्रश्न 23.
आज इंटरनेट पृथ्वी पर कितने देशों देशों को कितने लोगों के साथ जोड़ता है?
(A) 100 देशों के 1000 करोड़ लोगों को
(B) 200 देशों के 2000 करोड़ लोगों को
(C) 50 देशों के 50 लाख लोगों को
(D) 200 देशों के 2 करोड़ लोोगें को
उत्तर:
(A) 100 देशों के 1000 करोड़ लोगों को

Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ

Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

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Bihar Board Class 12 Geography द्वितीयक क्रियाएँ Textbook Questions and Answers

(क) नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए

प्रश्न 1.
निम्न में से कौन-सा कथन असत्य है?
(क) हुगली के सहारे जूट के कारखाने सस्ती जल यातायात की सुविधा के कारण स्थापित हुए
(ख) चीनी, सूती वस्त्र एवं वनस्पति तेल उद्योग स्वच्छंद उद्योग हैं
(ग) खनिज तेल एवं जलविद्युत शक्ति के विकास ने उद्योगों की अवस्थिति कारक के रूप में कोयला शक्ति के महत्व को कम किया है
(घ) पत्तन नगरों ने भारत में उद्योगों को आकर्षित किया है।
उत्तर:
(घ) पत्तन नगरों ने भारत में उद्योगों को आकर्षित किया है।

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प्रश्न 2.
निम्न में से कौन-सी एक अर्थव्यवस्था में उत्पादन का स्वामित्व व्यक्तिगत होता है?
(क) पूँजीवाद
(ख) मिश्रित
(ग) समाजवाद
(घ) कोई भी नहीं
उत्तर:
(क) पूँजीवाद

प्रश्न 3.
निम्न में से कौन-सा एक प्रकार का उद्योग अन्य उद्योगों के लिए कच्चे माल का उत्पादन करता है?
(क) कुटीर उद्योग
(ख) छोटे पैमाने के उद्योग
(ग) आधारभूत उद्योग
(घ) स्वच्छंद उद्योग
उत्तर:
(ग) आधारभूत उद्योग

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प्रश्न 4.
निम्न में से कौन-सा एक जोड़ा सही मेल खाता है?
(क) स्वचालित वाहन उद्योग-लॉस एंजिल्स
(ख) पोत निर्माण उद्योग-लूसाका
(ग) वायुयान निर्माण उद्योग-फलोरेंस
(घ) लौह-इस्पात उद्योग-पिर्ट्सबर्ग
उत्तर:
(घ) लौह-इस्पात उद्योग-पिर्ट्सबर्ग

(ख) निम्नलिखित पर लगभग 30 शब्दों में टिप्पणी लिखिए:

प्रश्न 1.
उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग
2. विनिर्माण उद्योग
3. स्वच्छंद उद्योग
उत्तर:
1. उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग:
उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग में यंत्रमानव, कंप्यूटर आधारित डिजाइन (कैड) तथा निर्माण, धातु पिघलाने एवं शोधन के इलेक्ट्रोनिक नियंत्रण एवं नए रासायनिक व औषधीय उत्पाद प्रमुख स्थान रखते हैं। इन उद्योगों के साफ-सुथरे, बिखरे कार्यालय एवं प्रयोगशालाएँ देखने को मिलती हैं। वे उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग जो प्रादेशिक संकेंद्रीत हैं, आत्मनिर्भर एवं उच्च विशिष्टता लिए होते हैं उन्हें प्रौद्योगिक ध्रुव कहा जाता है।

2. विनिर्माण उद्योग:
विनिर्माण का शाब्दिक अर्थ है हाथ से बनाना फिर भी इसमें यंत्रों द्वारा बनाया गया सामान भी सम्मिलित किया जाता है। यह एक परमावश्यक प्रक्रिया है। जिसमें कच्चे माल को स्थानीय या दूरस्थ बाजार में बेचने के लिए ऊँचे मूल्य के तैयार माल में परिवर्तित कर दिया जाता है। वैचारिक दृष्टिकोण से उद्योग एक निर्माण इकाई होती है जिसकी भौगोलिक स्थिति अलग होती है एवं प्रबंध तंत्र के अंतर्गत लेखा-बही एवं रिकार्ड का रखरखाव रखा जाता है। हस्तशिल्प कार्य से लेकर लोहे व इस्पात को गढ़ना, प्लास्टिक के खिलौने बनाना, कंप्यूटर के अति सूक्ष्म घटकों को जोड़ना एवं अंतरिक्ष यान निर्माण इत्यादि सभी प्रकार के उत्पादन को निर्माण के अंतर्गत माना जाता है।

3.स्वच्छंद उद्योग:
स्वच्छंद उद्योग व्यापक विविधता वाले स्थानों में स्थित होते हैं। ये किसी विशिष्ट कच्चे माल जिनके भार में कमी हो रही है अथवा नहीं, पर निर्भर नहीं रहते हैं। यह उद्योग संघटक पुों पर निर्भर रहते हैं, जो कहीं से भी प्राप्त किए जा सकते हैं। इसमें उत्पादन कम मात्रा में होता है, एवं श्रमिकों की भी कम आवश्यकता होती है। सामान्यतः ये उद्योग प्रदूषण नहीं फैलाते। इनकी स्थापना में महत्वपूर्ण कारक सड़कों के जाल द्वारा अभिगम्यता होती है।

II. निम्न प्रश्नों का 150 शब्दों में उत्तर दीजिए।

प्रश्न 1.
प्राथमिक एवं द्वितीयक गतिविधियों में क्या अंतर है?
उत्तर:
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Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ

प्रश्न 2.
विश्व के विकसित देशों के उद्योगों के संदर्भ में आधुनिक औद्योगिक क्रियाओं, मुख्य प्रवृतियों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
आधुनिक निर्माण की विशेषताएँ हैं –

  1. एक एक जटिल प्रौद्योगिकी यंत्र
  2. अत्यधिक विशिष्टीकरण एवं श्रम विभाजन के द्वारा कम प्रयास एवं अल्प लागत से अधिक माल का उत्पादन करना
  3. अधिक पूँजी
  4. बड़े संगठन एवं
  5. प्रशासकीय अधिकारी-वर्ग।

आधुनिक निर्माण के मुख्य संकेन्द्रण कुछ ही स्थानों में सीमित हैं। विश्व के कुल स्थलीय भाग के 10 प्रतिशत से कम भू-भाग पर इनका विस्तार है। यह देश आर्थिक एवं राजनीतिक शक्ति के केन्द्र बन गए हैं। कुल क्षेत्र को आच्छादित करने की दृष्टि से विनिर्माण स्थल, प्रक्रियाओं की अत्यधिक गहनता के कारण बहुत कम स्पष्ट है तथा कृषि की अपेक्षा बहुत छोटे क्षेत्रों में संकेन्द्रित हैं।

विकसित देशों के उद्योगों में आधुनिक स्वचालित यंत्रीकरण की विकसित अवस्था है। जिससे उद्योग अपनी लागत घटाकर लाभ को बढ़ाते हैं। इनके पास व्यापक बाजार है। पश्चिमी यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका के पूर्वी भागों में अत्यधिक परिवहन तंत्र विकसित होने के कारण सदैव इन क्षेत्रों में उद्योगों का संकेंद्रण हुआ है। आधुनिक उद्योग अपृथक्करणीय ढंग से परिवहन तंत्र से जुड़े हैं। इन उद्योग को कच्चा माल अपेक्षाकृत सस्ता एवं सरलता से मिल जाता है।

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प्रश्न 3.
अधिकतर देशों में उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग प्रमुख महानगरों के परिधि क्षेत्रों में ही क्यों विकसित हो रहे हैं। व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
विगत कुछ दशकों से औद्योगीकरण में नवीन प्रवृत्तियों का विकास हुआ है, अतः उच्च प्रौद्योगिक उद्योगों का तीव्रता से विकास और विस्तार हो रहा है। उच्च तकनीकी उद्योग स्वच्छंद उद्योगों की श्रेणी में आते हैं और स्वच्छंद उद्योग की प्रवृत्ति उद्देश्य आधारित औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित होने की होती है। अत: ये उद्योग मुख्य महानगरों के परिधि क्षेत्र में विकसित हो रहे हैं। परिधि क्षेत्र, नगर के आंतरिक भाग की तुलना में अधिक लाभ प्रदान करते हैं।

  1. जहाँ तक मंजिलें कारखाने तथा भविष्य में विस्तार के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध होता है।
  2. नगर-परिधि पर भूमि का मूल्य कम होता है अतः भूमि सस्ते दामों पर मिल जाती है।
  3. यह मुख्य सड़कों तथा वाहन मार्गों द्वारा नगर से जुड़ा होता है।
  4. यहाँ का पर्यावरण शांत और सुखद होता है, क्योंकि यह हरित पट्टी क्षेत्र होता है।
  5. यहाँ निकटवर्ती आवासीय क्षेत्र एवं पड़ोसी ग्रामों से प्रतिदिन आने-जाने वाले लोगों से श्रम की आपूर्ति होती है।

प्रश्न 4.
अफ्रीका में अपरिमित प्राकृतिक संसाधन हैं फिर भी औद्योगिक दृष्टि से यह बहुत पिछड़ा महाद्वीप है। समीक्षा कीजिए।
उत्तर:
कच्चे माल को कारखाने तक लाने के लिए और परिष्कृत सामग्री को बाजार तक पहुँचाने के लिए तीव्र और सक्षम परिवहन सुविधाएँ औद्योगिक विकास के लिए अत्यावश्यक है। परिवहन लागत किसी औद्योगिक इकाई की अवस्थिति को निश्चित करने में महत्वपूर्ण कारक हैं। किसी उद्योग का आकार उसमें निवेदित पूँजी, कार्यरत, श्रमिकों की संख्या एवं उत्पादन की मात्रा पर निर्भर करता है। उद्योगों की अवस्थिति में श्रम एक प्रमुख कारक है। उद्योगों के लिए कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होती है।

जबकि अफ्रीकी देशों के पास इन सभी संसाधनों के साथ कुशल श्रमिकों की कमी भी है। उद्योगों की स्थापना में सबसे प्रमुख कारक उसके द्वारा उत्पादित माल के लिए उपलब्ध बाजार का होना आवश्यक है। उस क्षेत्र में तैयार वस्तुओं की मांग एवं वहाँ के निवासियों में खरीदने की क्षमता होनी चाहिए। लेकिन अफ्रीकी देश गरीब होने के कारण महंगे उत्पाद नहीं खरीद सकते। इनके अतिरिक्त विद्युत, जल आपूर्ति की कमियों, भौगोलिक परिस्थितियों, आधुनिक तकनीक, शिक्षा आदि की कमी होने के कारण अपरिमित प्राकृतिक संसाधन होते हुए भी अफ्रीका औद्योगिक दृष्टि से बहुत पिछड़ा महाद्वीप है।

Bihar Board Class 12 Geography द्वितीयक क्रियाएँ Additional Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
आधारभूत उद्योग किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऐसे उद्योग जिनके उत्पादों का प्रयोग अन्य प्रकार के उत्पादन प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 2.
आधारभूत उद्योग का एक उदाहरण दो।
उत्तर:
लौह-इस्पात उद्योग।

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प्रश्न 3.
भारत के पाँच लोहा तथा इस्पात केन्द्रों वाले नगरों के नाम लिखो।
उत्तर:
जमशेदपुर (झारखण्ड), बोकारो (झारखंड), भिलाई (छत्तीसगढ़), राऊरकेला (उड़ीसा), भद्रावती (कर्नाटक)।

प्रश्न 4.
उद्योगों की अवस्थिति का निर्माण करते समय महत्त्वपूर्ण कारक क्या हैं?
उत्तर:
मात्रा तथा गुणवता के रूप में जल आपूर्ति महत्वपूर्ण कारक हैं।

प्रश्न 5.
उद्योगों की स्थापना करते समय किन सुविधाओं को वरीयता दी जानी चाहिए?
उत्तर:
उद्योगों की स्थापना करते समय रहन-सहन की सभी सुविधाओं को वरीयता दी जानी चाहिए।

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प्रश्न 6.
विनिर्माण की परिभाषा क्या है?
उत्तर:
विनिर्माण की परिभाषा है – जैविक अथवा अजैविक पदार्थों का एक नए उत्पाद के रूप में यांत्रिक तथा रसायनिक परिवर्तन।

प्रश्न 7.
उद्योगों का वर्गीकरण किस प्रकार किया जा सकता है?
उत्तर:
आकार, उत्पाद तथा कच्चे माल की प्रकृति एवं स्वामित्व।

प्रश्न 8.
विनिर्माण की सबसे छोटी इकाई क्या है?
उत्तर:
कुटीर या गृह उद्योग विनिर्माण की सबसे छोटी इकाई है।

प्रश्न 9.
यंत्रीकरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
यंत्रीकरण से तात्पर्य है किसी कार्य को पूर्ण करने के लिए मशीनों का प्रयोग करना।

प्रश्न 10.
कृषि कारखाने किसे कहते हैं?
उत्तर:
कृषि व्यापार एक प्रकार की व्यापारिक कृषि है जो औद्योगिक पैमाने पर की जाती है इसका वित्त-पोषण प्रायः वह व्यापार करता है जिसकी मुख्य रुचि कृषि के बाहर हो। कृषि व्यापार फार्म से आकार में बड़े, यंत्रीकृत, रसायनों पर निर्भर एवं अच्छी संरचना वाले होते हैं। इनको ‘कृषि कारखाने’ भी कहते हैं।

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प्रश्न 11.
प्रौद्योगिक ध्रुव किसे कहा जाता है? प्रौद्योगिक ध्रुव के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
इस समय जो भी प्रादेशिक व स्थानीय विकास की योजनाएँ बन रही हैं उनमें नियोजित व्यवसाय पार्क का निर्माण किया जा रहा है। वे उच्च प्रौद्योगिक उद्योग जो प्रादेशिक संकेंद्रित है, आत्मनिर्भर एवं उच्च विशिष्टता लिए होते हैं उन्हें प्रौद्योगिक ध्रुव कहा जाता है। सेन फ्रांसिस्को के समीप सिलीकन घाटी एवं सियटल के समीप सिलीकन वन प्रौद्योगिक ध्रुव के अच्छे उदाहरण हैं।

प्रश्न 12.
पृथ्वी पर सबसे अधिक पाई जाने वाली किसी एक धातु का नाम बताओ।
उत्तर:
लोहा विशिष्ट – चुम्बकीय गुण सहित।

प्रश्न 13.
खनिज तेल पर आधारित परिष्करणशालाओं के कुछ सामान्य उपयोगी नाम बताओ।
उत्तर:
उर्वरक, प्लास्टिक और कृत्रिम रेशे जैसे रेयान आदि मुख्य उद्योग हैं।

प्रश्न 14.
सिलिकन घाटी किसका प्रतिफल है?
उत्तर:
सिलिकन घाटी का विकास फ्रेडरिक टरमान के कार्यों का प्रतिफल है।

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प्रश्न 15.
विनिर्माण का शाब्दिक अर्थ क्या है?
उत्तर:
‘हाथ से बनाना’ फिर भी इसमें यंत्रों द्वारा बनाया गया सामान सम्मिलित किया जाता है। यह एक परमावश्यक प्रक्रिया है।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
भारी उद्योग किसे कहते हैं?
उत्तर:
भारी उद्योग (Heavy Industry) खनिज पदार्थों का प्रयोग करने वाले आधारभूत उद्योगों को भारी उद्योग कहते हैं। इन उद्योगों में भारी पदार्थों का आधुनिक मिलों में निर्माण किया गया है। ये उद्योग किसी देश के औद्योगिकरण की आधारशिला लोहा-इस्पात उद्योग, मशीनरी, औजार तथा इंजीनियरिंग सामान बनाने के उद्योग भारी उद्योग के वर्ग में गिने जाते हैं।

प्रश्न 2.
विनिर्माण उद्योग से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
कच्चे माल (Raw material) को मशीनों की सहायता से रूप बदलकर अधिक उपयोगी तैयार माल प्राप्त करने की क्रिया को निर्माण उद्योग कहते हैं। यह मनुष्य का एक सहायक या गौण या द्वितीयक (Secondary) व्यवसाय है। इसलिए निर्माण उद्योग में जिस वस्तु का रूप बदल जाता है, वह वस्तु अधिक उपयोगी हो जाती है तथा निर्माण द्वारा उस पदार्थ की मूल्य वृद्धि हो जाती है। जैसे लड़की की लुग्दी तथा कागज बनाया जाता है। कपास से धागा और कपड़ा बनाया जाता है। खनिज लोहे से इस्पात तथा कलपुर्जे बनाए जाते हैं।

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प्रश्न 3.
‘संसाधनों के उपयोग में निर्माण उद्योगों की एक प्रधान भूमिका है।’ व्याख्या करो।
उत्तर:
कच्चा माल एक संसाधन का रूप धारण करते हैं, जब उन्हें उद्योगों में उपयोग करके निर्मित वस्तुएँ तैयार की जाती हैं। निर्माण उद्योगों में प्रयोग से वस्तुएँ अधिक मूल्यवान तथा उपयोगी हो जाती है। जो देश निर्माण उद्योगों द्वारा वस्तुएँ तैयार करके निर्यात करते हैं, उनकी राष्ट्रीय आय बढ़ जाती है। जो देश वस्तुओं का निर्माण करने में असमर्थ है, वे कच्चा माल कम मूल्य पर निर्यात कर देते हैं तथा अधिक मूल्य पर तैयार माल आयात करते हैं। इस प्रकार निर्माण उद्योगों द्वारा ही संसाधनों का उपयोग करके देश में धन की वृद्धि की जा सकती है।

प्रश्न 4.
उद्योगों का वर्गीकरण किन विभिन्न प्रकारों से किया जा सकता है?
उत्तर:
उद्योगों का वर्गीकरण निम्नलिखित आधार पर किया जाता है –
1. उद्योगों के आकार तथा कार्य क्षमता के आधार पर उद्योग दो प्रकार के होते हैं –
(क) बड़े पैमाने के उद्योग।
(ख) छोटे पैमाने के उद्योग।

2. औद्योगिक विकास के आधार पर उद्योग दो प्रकार के होते हैं –
(क) कुटीर उद्योग।
(ख) आधुनिक शिल्प उद्योग।

3. स्वामित्व के आधार पर उद्योग तीन प्रकार के होते हैं –
(क) सार्वजनिक उद्योग (जिनकी व्यवस्था सरकार स्वयं करती है)
(ख) निजी उद्योग।
(ग) सरकारी उद्योग।

4.  कच्चे माल के आधार पर उद्योग दो प्रकार के होते हैं –
(क) कृषि पर आधारित उद्योग।
(ख) खनिजों पर आधारित उद्योग।

5. वस्तुओं के आधार पर उद्योग दो प्रकार के होते हैं –
(क) हल्के उद्योग।
(ख) भारी उद्योग।

6. इसी प्रकार उद्योगों को अनेक विभिन्न वर्गों में रखा गया है। जैसे- हस्तकला, ग्रामीण उद्योग, घरेलू उद्योग आदि।

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प्रश्न 5.
औद्योगिक निवेश और उत्पादन में क्या अंतर है?
उत्तर:
औद्योगिक निवेश (Inputs) आधुनिक निर्माण उद्योग को स्थापित करने के लिए कच्चा माल, शक्ति, पूँजी, श्रमिक तथा मशीनरी की आवश्यकता पड़ती है। इन सभी कारकों को उत्पादन अपने उद्योग में लगाकर इच्छित वस्तुओं का निर्माण करता है। इन सभी कारकों को औद्योगिक निवेश पर ही किसी उद्योग के उत्पादन तथा लाभ का पता चलता है। प्रत्येक उद्योग के लिए कच्चा माल विभिन्न प्रकार का हो सकता है। परंतु श्रमिक तथा पूँजी सभी प्रकार के उद्योगों के लिए आवश्यक निवेश हैं।

उत्पादन (Outputs):
किसी निर्माण उद्योग से बनकर तैयार वस्तुओं (Finished products) को उस उद्योग का उत्पादन कहते हैं। यह बड़े पैमाने पर मशीनों द्वारा तथा कम लागत पर किया जाता है ताकि अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो। उत्पादन गुणवत्ता तथा लागत एक अच्छे लाभकारी स्थानीयकरण पर निर्भर करता है जहाँ उस उद्योग के लिए कच्चे माल, शक्ति के साधन, कुशल श्रमिक, बाजार और यातायात की सुविधाएँ प्राप्त हो।

प्रश्न 6.
उद्योगों का स्थायीकरण किन तत्त्वों पर निर्भर करता है? उदाहरण सहित व्याख्या करो।
उत्तर:
किसी स्थान पर उद्योगों की स्थापना के लिए कुछ भौगोलिक, सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक तत्वों का होना आवश्यक है। उदाहरण के लिए कच्चा माल, शक्ति के साधन, श्रम, पूँजी और बाजार उद्योगों के महत्वपूर्ण निर्धारक है। इन्हें उद्योगों के आधारभूत कारक भी कहते हैं। ये सभी कारक मिलजुलकर प्रभाव डालते हैं। प्रत्येक कारक का महत्व समय, स्थान और उद्योगों के अनुसार बदलता रहता है। इन अनुकूल तत्वों के कारण किसी स्थान पर अनेक उद्योग स्थापित हो जाते हैं। यह क्षेत्र एक औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Region) बन जाता है। उद्योगों के स्थानीयकरण के कारकों को दो वर्गों में बांटा जाता है –

  1. भौगोलिक कारक
  2. गैर-भौगोलिक कारक।

प्रश्न 7.
राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय उद्योग से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
अपने ही देश की सरकार द्वारा सथापित किए गए उद्योग को राष्ट्रीय उद्योग कहते हैं। परंतु जब कोई उद्योग अन्य देश के सहयोग से स्थापित किया जाए तो उसे बहुराष्ट्रीय (Multi national) उद्योग कहते हैं। इस उद्योग में कच्चा माल, श्रमिक तथा बाजार की सुविधा स्थानीय देश द्वारा की जाती है जहाँ पर यह उद्योग स्थापित किया जाता है, परंतु उद्योग के लिए विदेशी पूँजी तथा तकनीकी ज्ञान की सहायता विदेश से प्राप्त होती है। संसार के विकसित देशों में भारत तथा कई विकासशील देशों में ऐसे उद्योग स्थापित किए गए हैं। उदाहरण के लिए कोका कोला एक बहुराष्ट्रीय उद्यम है।

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प्रश्न 8.
औद्योगिक क्रांति के भारत के औद्योगिक क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़े?
उत्तर:
18 वीं शताब्दी में यूरोप में औद्योगिक क्रांति के प्रभाव भारत में भी पड़े। देश में परम्परागत हस्तशिल्प तथा घरेलू उद्योग लगभग समाप्त हो गए क्योंकि उद्योग फैक्टरी उद्योग का मुकाबला न कर सके। औद्योगिक कामगारों की संख्या में वृद्धि होने लगी। नगरीय क्षेत्रों में कामगार प्रवास करने लगे, जैसे मुम्बई तथा कोलकाता में। उद्योगों के लिए बाजार अर्थव्यवस्था का महत्व बढ़ गया। देश के कच्चे माल यूरोपीय देशों को भेजे जाने लगे तथा भारत यूरोपीय माल की एक मंडी बन कर रह गया।

प्रश्न 9.
सूती वस्त्र उद्योग की क्या समस्याएँ हैं?
उत्तर:
सूती वस्त्र उद्योग भारत का सबसे बड़ा संगठित उद्योग है परंतु इस उद्योग की कई समस्याएँ हैं –

  1. देश में लंबे रेशे वाली कपास का उत्पादन कम है। यह कपास विदेशों से आयात करनी पड़ती है।
  2. सूती कपड़ा मिलों की मशीनरी पुरानी है जिससे उत्पादकता कम है तथा लागत अधिक है।
  3. मशीनरी के आधुनिकीकरण के लिए स्वचालित मशीनें लगाना आवश्यक है। इसके लिए पर्याप्त पूँजी की आवश्यकता है।
  4. देश में हथकरघा उद्योग से स्पर्धा है तथा विदेशी बाजार में चीन तथा जापान के तैयार वस्त्र से स्पर्धा तीव्र है।

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प्रश्न 10.
वे कौन-से वृहत् कारक हैं जो उद्योग-धंधों की अवस्थिति पर अपना प्रभाव डाल रहे हैं?
उत्तर:
किसी उद्योग की स्थापना भौगोलिक तथा अभौगोलिक दोनों प्रकार के कारकों पर निर्भर करती है। कच्चे माल से निकटता, शक्ति के साधन, जलवायु, श्रमिक, परिवहन साधन, जल साधन आदि भौगोलिक तत्व हैं। परंतु निम्नलिखित अभौगोलिक कारक (Non-geographic factors) भी उद्योगों की स्थापना में सहायक होते हैं –

  1. पर्याप्त पूँजी का उपलब्ध होना।
  2. कुशल प्रबंध व्यवस्था।
  3. बाजार से निकटता।
  4. माँग का अधिक होना।
  5. सरकारी नीति।
  6. ऐतिहासिक कारणों से उद्योगों का आरंभ होना।

प्रश्न 11.
(क) लोहा-इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग क्यों कहा जाता है?
(ख) निरौद्योगीकरण किसे कहते हैं?
(ग) पुनरौद्योगीकरण की अत्यधिक विकसित देशों में क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर:
(क) लोहा-इस्पात उद्योग अन्य सभी उद्योगो को आधार प्रदान करता है, इसलिए उसे आधारभूत उद्योग भी कहा जाता है। इसे भारी उद्योग भी कहा जा सकता है। क्योंकि इसमें भारी कच्चे पदार्थों का अधिक मात्रा में प्रयोग करते हैं तथा इसके उत्पाद भी भारी होते हैं। यह उद्योग भारी तथा अधिक स्थान घेरने वाले कच्चे पदार्थों जैसे- कोयला, लौह अयस्क, मैगनीज और चूना पत्थर पर आधारित है।

(ख) निर्माण उद्योग हास को निरौद्योगीकरण कहा जाता है। विकसित देशों में निरौद्योगीकरण के लिए उत्तरदायी कारक निम्नलिखित हैं।

  • अधिकांश निर्माण उद्योगों में मनुष्य के स्थान पर मशीनों का प्रयोग।
  • विदेशों में अत्यंत सस्ती दर उत्पन्न औद्योगिक उत्पादों से प्रतिस्पर्धा।
  • निम्न श्रमिक उत्पादकता (प्रति व्यक्ति उत्पादन) तथा नयी मशीनों के लिए निवेश में कमी के फलस्वरूप इन उत्पादनों का मूल्य अधिक ऊँचा होगा।
  • उच्च योग्यता प्राप्त लोगों द्वारा तृतीयक तथा चतुर्थक क्षेत्र के कार्यों का वरीयता देने में अधिक पसंद करना।
  • उच्च ब्याज दर के कारण विदेशों से खरीदी जाने वाली वस्तुओं का महंगी होना।

(ग) पुनरौद्योगीकरण से तात्पर्य नए उद्योगों के कुछ क्षेत्रों में विकास करना है। जहाँ परम्परागत उद्योगों में हास हो गया है। पुनरौद्योगीकरण की विशेषताएँ निम्न हैं –

  • उच्च प्रौद्योगिकी फर्मों की वृद्धि-ये ऐसी फर्म है जहाँ पर उच्च वैज्ञानिक शोध एवं विकास पर आधारित अति उन्नत उत्पादों का उत्पादन होता है, जैसे दवाइयों तथा सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिक्स का सामान।
  • ऐसी नई फर्म जो बहुधा, उच्च कुशलता वाले कम श्रम शक्ति के आधार पर विनिर्माण की स्थापना करते हैं।
  • वे नई फमैं जो अपेक्षाकृत अल्प औद्योगिक क्षेत्रों में अथवा महानगरों में सीमांतों पर अवस्थित है।

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प्रश्न 12.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये –

  1. छोटे पैमाने के उद्योग।
  2. सिलिकन घाटी।

उत्तर:
1. छोटे पैमाने के उद्योग-देखें

2. भाग 1 ( अभ्यास प्रश्न) का उत्तर। सिलिकन घाटी का विकास फ्रेंडरिक टरमान के कार्यों का प्रतिफल है। 1930 में टरमान ने अपने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्रों को उसी क्षेत्र में रहकर अपने कारखाने स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया। ऐसी एक कम्पनी हालिट और डेविड पैकर्ड द्वारा विश्वविद्यालय परिसर के निकट एक गैराज में स्थापित किया गया था।

आज यह विश्व का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक फर्म है। 1950 के दशक के अंत में टरमान ने स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय को तकनीकी फर्म के रूप में विकसित करने के लिए आग्रह किया। इसने दूसरे तकनीकी उद्योगों को भी आकर्षित किया है। विश्वविद्यालयों में शोधकार्य तथा उच्च तकनीक क्रियाओं के बीच संबंध ही इन उद्योगों की सफलता की कुंजी है।

प्रश्न 13.
उद्योगों की परम्परागत अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारकों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
उद्योगों की अवस्थिति को विभिन्न कारक नियंत्रित करते हैं। इन्हें भौगोलिक तथा अभौगोलिक कारकों में बाँटा जाता है। भौगोलिक कारकों में उच्चावच, जलवायु, कच्चा माल, ऊर्जा-स्रोत, श्रम, बाजार तथा परिवहन के साधन सम्मिलित किए जाते हैं। जबकि अभौगोलिक कारकों में सरकारी नीतियों, पूँजी, बाजार तथा प्रबंध-व्यवस्था आते हैं।

उदाहरण के लिए लंकाशायर (यू.के.) में सूती वस्त्रोद्योग की अवस्थिति, यहाँ पर आई जलवायु, स्वच्छ पानी, कोयले की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता के संदर्भ में नहीं समझाया जा सकता है। लंकाशायर को इसलिए निरपेक्ष कारकों की अपेक्षा समय तथा स्थान का अधिक लाभ प्राप्त था। इन कमियों से छुटकारा पाने के लिए आज औद्योगिक अवस्थिति की विवेचना अब कच्चे माल का संस्करण तथा वितरण, सरकार, पर्यावरण, औद्योगिक प्रोत्साहन जड़त्व तथा मानवीय कारकों के संदर्भ में की जाती है। ये सभी कारक एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। इन कारकों का सापेक्ष महत्व समय, स्थान, उद्योगों तथा अर्थव्यवस्था के प्रकार के अनुसार परिवर्तित होता रहता है।

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प्रश्न 14.
लोहा-इस्पात उद्योग तथा पेट्रोरसायन उद्योग के विश्व वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
लोहा-इस्पात उद्योग:
लोहा विशिष्ट-चुम्बकीय गुण सहित एक अपेक्षाकृत सघन धातु है। यह पृथ्वी पर सबसे अधिक मात्रा में पायी जाने वाली धातु है, किंतु यह प्रकृति में शुद्ध रूप से नहीं पायी जाती बल्कि अयस्क या यौगिक रूप में मिलती है। खनिज तेलों का परिवहन बड़े-बड़े टैंकरों तथा पाइप लाइनों द्वारा आंतरिक अवस्थित स्थानों तक होता है। शिकागो, टोलडो फिलाडोफ्रिया डेलावेयर एवं लॉस एंजिल्स में वृहत् आकार के पेट्रोरसायनिक संकुल स्थापित किए गए हैं।

यूरोप के पेट्रोरसायन संकुलों की अवस्थिति मुख्य रूप से बाजारों के निकट है। मुख्य संकुलां की अवस्थिति दक्षिणी-उत्तर सागर तथा इंग्लिश चैनल के तटीय क्षेत्र में जर्मनी के रुर क्षेत्र, फ्रांस में हात्रे की रोबिन तथा मार्सेल्स क्षेत्र है। भारत में ट्राम्बे, बड़ोदरा तथा बोंगाई गाँव में स्थापित है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
(क) लोहा-इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग क्यों कहा जाता है?
(ख) निरौद्योगीकरण किसे कहते हैं?
(ग) पुनरौद्योगीकरण की अत्यधिक विकसित देशों में क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर:
(क) लोहा-इस्पात उद्योग अन्य सभी उद्योगों को आधार प्रदान करता है, इसलिए उसे आधारभूत उद्योग भी कहा जाता है। इसे भारी उद्योग भी कहा जा सकता है। क्योंकि इसमें भारी कच्चे पदार्थों का अधिक मात्रा में प्रयोग करते हैं तथा इसके उत्पाद भी भारी होते हैं। यह उद्योग भारी तथा अधिक स्थान घेरने वाले कच्चे पदार्थों जैसे- कोयला, लौह अयस्क, मैगनीज और चूना पत्थर पर आधारित है।

(ख) निर्माण उद्योग ह्रास को निरौद्योगीकरण कहा जाता है। विकसित देशों में निरौद्योगीकरण के लिए उत्तरदायी कारक निम्नलिखित हैं।

  • अधिकांश निर्माण उद्योगों में मनुष्य के स्थान पर मशीनों का प्रयोग।
  • विदेशों में अत्यंत सस्ती दर उत्पन्न औद्योगिक उत्पादों से प्रतिस्पर्धा।
  • निम्न श्रमिक उत्पादकता (प्रति व्यक्ति उत्पादन) तथा नयी मशीनों के लिए निवेश में कमी के फलस्वरूप इन उत्पादनों का मूल्य अधिक ऊँचा होगा।
  • उच्च योग्यता प्राप्त लोगों द्वारा तृतीयक तथा चतुर्थक क्षेत्र के कार्यों को वरीयता देने में अधिक पसंद करना।
  • उच्च ब्याज दर के कारण विदेशों से खरीदी जाने वाली वस्तुओं का महंगी होना।

(ग) पुनरौद्योगीकरण से तात्पर्य नए उद्योगों के कुछ क्षेत्रों में विकास करना है। जहाँ परम्परागत उद्योगों में हास हो गया है। पुनरौद्योगीकरण की विशेषताएँ निम्न हैं –

  • उच्च प्रौद्योगिकी फर्मों की वृद्धि-ये ऐसी फर्म है जहाँ पर उच्च वैज्ञानिक शोध एवं विकास पर आधारित अति उन्नत उत्पादों का उत्पादन होता है, जैसे दवाइयों तथा सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिक्स का सामान।
  • ऐसी नई फर्म जो बहुधा, उच्च कुशलता वाले कम श्रम शक्ति के आधार पर विनिर्माण की स्थापना करते हैं।
  • वे नई फमें जो अपेक्षाकृत अल्प औद्योगिक क्षेत्रों में अथवा महानगरों में सीमांतों पर अवस्थित है।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित से आप क्या समझते हैं –
(क) प्राकृतिक रेशा उद्योग
(ख) कृत्रिम रेशा उद्योग
(ग) व्यक्तिगत क्षेत्र
(घ) सार्वजनिक क्षेत्र
(ङ) भारी उद्योग
(च) कृषि उद्योग
उत्तर:
(क) प्राकृतिक रेशा उद्योग-वस्त्र निर्माण मानव का एक प्राथमिक उद्योग है। आरंभ में यह उद्योग कुटीर उद्योग के रूप में उन्नत हुआ। उस समय प्राकृतिक साधनों से प्राप्त रेशों द्वारा वस्त्र बनाए जाते थे। प्राकृतिक रेशे कृषि साधनों, वन साधनों और पशु साधनों से प्राप्त होते हैं। जैसे –

  • कृषि साधनों से प्राप्त रेशे, कपास, फ्लैक्स तथा पटसन।
  • पशुओं से प्राप्त रेशे, ऊन।
  • वन साधनों से प्राप्त रेशे, रेशम।

इन सभी रेशों को प्राकृतिक रेशा कहा जाता है जिनका प्रयोग सूती, ऊनी तथा रेशमी वस्त्र उद्योग में किया जाता है। संसार में तीन-चौथाई उद्योग प्राकृतिक रेशों का होता है।

(ख) कृत्रिम रेशा उद्योग-आजकल कृत्रिम रेशों का उपयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। ये रेशे कोणधारी वनों से लकड़ी की लुग्दी, खराब रुई और रसायनिक पदार्थों के मेल से बनाए जाते हैं। ये रेशे अनेक अनुसंधानों द्वारा नवीनतम खोज है। इनमें रेयन, नाइलोन, डेक्रोन, टेरीलीन आदि रेशे कृत्रिम रेशे कहलाते हैं।

(ग) व्यक्तिगत क्षेत्र-जब किसी उद्योग की सारी पूँजी, लाभ, हानि, सम्पत्ति एक ही व्यक्ति की होती है तो उसे व्यक्तिगत क्षेत्र कहा जाता है। भारत में कई पूँजीपतियों द्वारा चलाए गए संगठन या उद्योग व्यक्तिगत क्षेत्र में गिने जाते हैं।

(घ) सार्वजनिक क्षेत्र-जब किसी उद्योग या उद्यम की पूँजी और सम्पत्ति के अधिकार जनता तथा समुदाय के हाथ में होते हैं तो उसे सार्वजनिक क्षेत्र कहा जाता है। उस सम्पत्ति का स्वामित्व सारे समुदाय का होता है। जैसे- सरकारी भवन, स्कूल, राष्ट्रीय उद्योग इसी क्षेत्र में आते हैं। भारत में भिलाई आदि लोहा-इस्पात उद्योग सार्वजनिक क्षेत्र में स्थापित किए गए हैं।

(ङ) भारी उद्योग-भारी उद्योग वे उद्योग हैं जिनमें शक्तिचालित मशीनों का अधिक प्रयोग होता है। लोहा-इस्पात भारी रसायन, वायुयान, इंजीनियरिंग, जलयान उद्योगों को भारी उद्योग कहते हैं। इन उद्योगों में बड़े पैमाने पर विषय यंत्र तथा मशीनें बनाई जाती हैं। इन उद्योगों में अधिक स्थान पर बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियाँ लगाई जाती हैं। इनमें नियमित प्रबंध तथा संगठन की आवश्यकता होती है।

(च) कृषि उद्योग-कृषि उद्योग मुख्यतः प्राथमिक उद्योग (Primary Industries) होते हैं। इन उद्योगों द्वारा कृषि पदार्थों का रूप बदलकर उन्हें उपयोगी तथा मूल्यवान बनाया जाता है। जैसे- सूती कपड़ा ये उद्योग कृषि पदार्थों पर निर्भर करते हैं। जैसे – पटसन उद्योग, चीनी उद्योग आदि । एशिया के अधिकतर देशों में कृषि उद्योग का विकास हुआ है। लेकिन भारी उद्योगों की कमी है।

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प्रश्न 3.
उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग कई देशों में मुख्य महानगरों के परिधि क्षेत्रों की ओर क्यों आकर्षित हो रहे हैं, इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
विगत कुछ दशकों से औद्योगीकरण में नवीन प्रवृत्तियों का विकास हुआ है, अत: उच्च प्रौद्योगिक उद्योगों का तीव्रता से विकास और विस्तार हो रहा है। उच्च तकनीकी उद्योग स्वच्छंद उद्योगों की श्रेणी में आते हैं और स्वच्छेद उद्योग की प्रवृत्ति उद्देश्य आधारित औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित होने की होती है। अतः ये उद्योग मुख्य महानगरों के परिधि क्षेत्रों में विकसित हो रहे हैं। परिधि क्षेत्र, नगर के आंतरिक भाग की तुलना में अधिक लाभ प्रदान करते हैं।

  1. जहाँ एक मंजिले कारखाने तथ भविष्य में विस्तार के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध होता है।
  2. नगर-परिधि पर भूमि का मूल्य कम होता है अत: भूमि सस्ते दामों पर मिल जाती है।
  3. यह मुख्य सड़कों तथा वाहन मार्गों द्वारा नगर से जुड़ा होता है।
  4. यहाँ का पर्यावरण शांत और सुखद होता है, क्योंकि यह हरित पट्टी क्षेत्र (green belt area) होता है।
  5. यहाँ निकटवर्ती आवासीय क्षेत्रों एवं पड़ोसी ग्रामों से प्रतिदिन आने-जाने वाले लोगों से श्रम की आपूर्ति होती है।

प्रश्न 4.
आधुनिक औद्योगिक क्रियाकलापों की प्रमुख प्रवृत्तियों की व्याख्या विशेष रूप से विकसित औद्योगिकी देशों के संदर्भ में कीजिए।
उत्तर:
आधुनिक औद्योगिक क्रियाकलाप एवं इसके स्थानिक वितरण में कई प्रकार के परिवर्तन हुए हैं। एक विकास की अवधि में बहुत से लक्षण एक ही दिशा में बढ़ते हुए पहले शीर्ष और बाद में गर्त बनाते हैं। ये लक्षण इस प्रकार हैं –

(अ) आर्थिक विकास दर
(ब) सामाजिक असमानता का स्तर
(स) क्षेत्रीय असमानता का स्तर
(द) स्थानीय या भौगोलिक सेकेंडरा का स्तर
(च) जनांकिकाय संक्रमण में जनसंख्या की वृद्धि – ये सभी पाँचों लक्षण आपस में अंतर्संबंधित हैं, इनमें एक ही साथ उठाव या गिरावट नहीं आती है।

इस प्रकार विकसित देशों के पास उन्नत पुर्जी वाले उद्योगों को ही रखा जा रहा है जबकि निम्न प्रौद्योगिकी युक्त श्रमिक इकाइयों को निर्धन देशों को निर्यात किया जा रहा है। नए केन्द्रों में नए उद्योगों की स्थापना हुई तथा अल्प मांग वाले परिधि उद्योगों को सीमांत क्षेत्रों में स्थापित किया गया। यदि भूतकाल में जर्मनी से इस्पात बनाने के लिए ब्राजील द्वारा लौह अयस्क का उत्पादन किया गया था, तो आज ब्राजील इस्पात बनायेगा और जर्मनी इसके आधार पर अभियांत्रिकी उत्पाद, जैसे कार बनायेगा। लोहा-इस्पात उद्योग अन्य सभी उद्योगों को आधार प्रदान करता है, इसलिए इसे आधारभूत उद्योग भी कहा जाता है। इसे भारी उद्योग भी कहा जाता है क्योंकि इसमें भारी कच्चे पदार्थों का अधिक मात्रा में प्रयोग करते हैं तथा इसके उत्पाद भी भारी होते हैं।

लोहा-इस्पात उद्योग विस्तृत रूप से वितरित है। मुख्य उत्पादक देश संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली आदि हैं। इनके अतिरिक्त चेक रिपब्लिक, स्लोवाकिया, पोलैण्ड, कनाडा, चीन, स्वीडन, भारत, आस्ट्रेलिया, हंगरी, ब्राजील, दक्षिणी अफ्रीका आदि में भी लोहा-इस्पात उद्योग स्थापित किया गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व का लगभग 15 प्रतिशत लोहा-इस्पात पैदा करता है। यहाँ पर ग्रेट-लेक क्षेत्र सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र है। यूरोप में ग्रेट ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, बेल्जियम, लक्समबर्ग तथा यूक्रेन लोहा-इस्पात उत्पादन के प्रमुख देश हैं। फ्रांस यूरोप का एक महत्वपूर्ण लोहा-इस्पात उत्पादक देश है। फ्रांस के तीन क्षेत्रों में लोहा-इस्पात के केन्द्र स्थापित हैं –

  1. लोरेन क्षेत्र।
  2. साम्ब्रेम्यूज क्षेत्र।
  3. सार बेसिन।

जर्मनी में लोह अयस्क फ्रांस, स्पेन तथा स्वीडन आदि से आयात किया जाता है। यूक्रेन का लोहा-इस्पात उद्योग किवाय रॉग तथा क्रीमिया के कर्च प्रायद्वीप के लौह-अयस्क पर आधारित है। भूतपूर्व सोवियत संघ के विघटन के बाद यूराल क्षेत्र रूस का सबसे बड़ा लोहा-इस्पात उत्पादक क्षेत्र बन गया है।

जापान में लोहा:
इस्पात उद्योग आयातित कच्चे माल पर निर्भर है। इसलिए अधिकांश लोहा-इस्पात केन्द्र समुद्र तट के आसपास ही विकसित हुए हैं। भारत में इस समय दस लोहा-इस्पात केन्द्र हैं, जिनमें से दो निजी क्षेत्र में तथा आठ सार्वजनिक क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। पेट्रोरसायन उद्योग-रसायनों का उपयोग कृषि, धात्विक, चमड़ा, वस्त्र, कागज आदि बनाने में किया जाता है। खनिज तेलों के परिष्करण के साथ ही, उनको उपलब्ध अवस्थापनात्मक सुविधाओं का प्रयोग करते हुए पेट्रोलियम केन्द्रों के पास ही अनगिनत उद्योगों का विकास हुआ, ऐसे सभी संकुल वृहत् है तथा बाजार अथवा पत्तनों के समीप अवस्थित हैं।

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रश्नों का संक्षेप में उत्तर दीजिए –

  1. द्वितीयक क्रियाकलाप किसे कहते हैं और उन्हें द्वितीयक क्यों कहा जाता है?
  2. विनिर्माण उद्योग किसे कहते हैं?
  3. उद्योगों के वर्गीकरण के आधार क्या हैं?
  4. आधारभूत और उपभोक्ता उद्योगों के दो-दो उदाहरण दीजिए।
  5. लोहा-इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग क्यों कहा जाता है?
  6. संयुक्त राज्य अमेरिका में पेट्रोरसायन संकुल अधिकतर तटों पर स्थित क्यों हैं?
  7. प्रौद्योगिक (तकनीकी) ध्रुव किसे कहते हैं?

उत्तर:
1. द्वितीयक क्रियाकलाप:
औद्योगिक क्रांति के साथ जल-कोयला तथा पेट्रोलियम जैसे – अजैव ऊर्जा के उपयोग से प्राथमिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निर्माण प्रणाली के विकास में, प्राथमिक क्षेत्र के उत्पादों का उपयोग द्वितीयक क्रियाकलाप कहलाता है। प्राथमिक क्रियाकलापों से अलग करने के लिए, उद्योग को द्वितीयक क्रियाकलाप भी कहा जाता है।

2. विनिर्माण उद्योग:
कच्चे माल (Raw material) को मशीनों की सहायता से रूप बदलकर अधिक उपयोगी तैयार माल प्राप्त करने की क्रिया को निर्माण उद्योग कहते हैं। यह मनुष्य का एक सहायक या गौण या द्वितीयक (Secondary) व्यवसाय है। इसलिए निर्माण उद्योग में जिस वस्तु का रूप बदल जाता है, वह वस्तु अधिक उपयोगी हो जाती है तथा निर्माण द्वारा उस पदार्थ की मूल्य वृद्धि हो जाती है। जैसे लकड़ी की लुग्दी तथा कागज बनाया जाता है। कपास से धागा और कपड़ा बनाया जाता है। खनिज लोहे से इस्पात तथा कलपुर्जे बनाए जाते हैं।

3. उद्योगों के वर्गीकरण:
उद्योगों का वर्गीकरण निम्नलिखित आधार पर किया जाता है –

(I) उद्योगों के आकार तथा कार्य क्षमता के आधार पर उद्योग दो प्रकार के होते हैं –
(क) बड़े पैमाने के उद्योग।
(ख) छोटे पैमाने के उद्योग।

(II)  औद्योगिक विकास के आधार पर उद्योग दो प्रकार के होते हैं –
(क) कुटीर उद्योग।
(ख) आधुनिक शिल्प उद्योग।

(III) स्वामित्व के आधार पर उद्योग तीन प्रकार के होते हैं –
(क) सार्वजनिक उद्योग (जिनकी व्यवस्था सरकार स्वयं करती है)
(ख) निजी उद्योग।
(ग) सरकारी उद्योग।

(IV) कच्चे माल के आधार पर उद्योग दो प्रकार के होते हैं –
(क) कृषि पर आधारित उद्योग।
(ख) खनिजों पर आधारित उद्योग।

(V) वस्तुओं के आधार पर उद्योग दो प्रकार के होते हैं –
(क) हल्के उद्योग।
(ख) भारी उद्योग।

(VI) इसी प्रकार उद्योगों को अनेक विभिन्न वर्गों में रखा गया है। जैसे- हस्तकला, ग्रामीण उद्योग, घरेलू उद्योग आदि।

4. कुछ उद्योग ऐसे होते हैं जिनके उत्पादों का प्रयोग अन्य प्रकार के उत्पादन प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इन्हें आधारभूत उद्योग कहा जाता है। लोहा-इस्पात उद्योग एक आधारभूत उद्योग है। कुछ उद्योग उन उत्पादों का निर्माण करते हैं, जिन्हें सीधे उपभोग के लिए प्रयोग किया जाता है, जैसे चाय, डबल रोटी, साबुन तथा टेलीविजन, इन्हें उपभोक्ता उद्योग कहते हैं।

5. लोहा-इस्पात उद्योग का आधारभूत उद्योग कहता है, क्योंकि इसके उत्पादित इस्पात का उपयोग अन्य उद्योगों में कच्चे माल के रूप में किया जाता है।

6. संयुक्त राज्य अमेरिका में खनिज तेलों के परिष्करण तथा उनको उपलब्ध अवस्थापनात्यक सुविधाओं का प्रयोग करते हुए पेट्रोरसायन संकुल समुद्र तट पर स्थापित किए गए हैं। खनिज तेलों का परिवहन बड़े-बड़े टैंकरों तथा पाइप लाइनों द्वारा आंतरिक अवस्थित स्थानों तक होता है।

7. (तकनीकी) ध्रुव-तकनीकी ध्रुव अथवा प्रौद्योगिक ध्रुव संकेन्द्रित क्षेत्र के भीतर अभिनव प्रौद्योगिकी व उद्योगों से संबंधित उत्पादन के लिए नियोजित विकास है। प्रौद्योगिकी ध्रुव में विज्ञान अथवा प्रौद्योगिकी पार्क, विज्ञान नगर तथा दूसरे उच्च तकनीक औद्योगिक संकुल सम्मिलित किये जाते हैं।

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प्रश्न 6.
मानचित्रावली की सहायता से संसार के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित स्थानों की स्थिति दिखाइए-

  1. ग्रेट-लेक क्षेत्र में लौह एवं इस्पात केन्द्र।
  2. एण्टवर्थ, रॉटरडम तथा साउथैम्पटन के पेट्रोरसायन संकुला।
  3. सिलिकन घाटी।

उत्तर:
Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ img 2

चित्र: विश्व में लोहा-इस्पात उद्योग के क्षेत्र
Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ img 3

चित्र: पेट्रोरसायन एवं रसायन उद्योग केन्द्र

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प्रश्न 7.
अंतर स्पष्ट कीजिए –

  1. कुटीर उद्योग और बड़े पैमाने के उद्योग।
  2. धात्विक और अधात्विक खनिज।
  3. निरौद्योगिकरण और पुनरौद्योगिकरण।
  4. लचीला उत्पादन और लचीला विशिष्टीकरण।

उत्तर:
1. कुटीर उद्योग और बड़े पैमाने के उद्योग:
कुटीर या गृह उद्योग सबसे छोटी विनिर्माण की इकाइयाँ है। इसके हस्तकार या शिल्पकार अपने परिवार के सदस्यों की सहायता, स्थानीय कच्चे माल तथा साधारण उपकरणों की सहायता से अपने घर में ही वस्तुएँ बनाता है। उत्पादन की दक्षता एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित रहती है। औजार तथा उपकरण साधारण होते हैं। उत्पादित वस्तुओं को सामान्यतः स्थानीय बाजार में बेच दिया जाता है। एशिया एवं अफ्रीका में अभी भी कुटीर उद्योगों के उत्पाद बहुत महत्त्वपूर्ण हैं।

बड़े पैमाने के उद्योगों में भारी मशीनों का प्रयोग करते हैं, बड़ी संख्या में श्रमिकों को लगाते हैं तथा काफी बड़े बाजार के लिए समान का उत्पादन करते हैं। इन उद्योगों में उत्पाद की गुणवत्ता तथा विशिष्टीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इन उद्योगों में बहुत बड़े संसाधन-आधार की आवश्यकता पड़ती है। कच्चा माल दूर-दूर स्थित विभिन्न स्थानों से मंगाया जाता है तथा उत्पाद दूर-दूर बाजारों में भेजा जाता है। इन उद्योगों को अनेक सुविधाओं जैसे सड़क, रेल तथा ऊर्जा आपूर्ति की आवश्यकता पड़ती है। लोहा-इस्पात, पेट्रोरसायन उद्योग इस श्रेणी के अंतर्गत आते हैं।

2. धात्विक और अधात्विक खनिज:
जिन उद्योगों में खनिज धातुओं का उपयोग होता है उन्हें धात्विक उद्योग कहते हैं। इन्हें लौह धात्विक उद्योगों एवं अलौह धातु उद्योगों में बाँटते हैं। लौह धात्विक उद्योग जैसे लौह-इस्पात उद्योग। ऐसी धातुओं पर आधारित उद्योग जिनमें लौहांश नहीं होता है, उन्हें अलौह-धातु उद्योग कहते हैं। जैसे ताँबा, एल्यूमिनियम आधारित उद्योग।

3. निरौद्योगिकरण और पुनरौद्योगिकरण:
निर्माण उद्योग ह्रास को निरौद्योगीकरण कहा जाता है। विकसित देशों में निरौद्योगीकरण के लिए उत्तरदायी कारक निम्नलिखित हैं –

  • अधिकांश निर्माण उद्योगों में मनुष्य के स्थान पर मशीनों का प्रयोग।
  • विदेशों में अत्यंत सस्ती दर उत्पन्न औद्योगिक उत्पादों से प्रतिस्पर्धा।
  • निम्न श्रमिक उत्पादकता (प्रति व्यक्ति उत्पादन) तथा नयी मशीनों के लिए निवेश में कमी के फलस्वरूप इन उत्पादनों का मूल्य अधिक ऊँचा होगा।
  • उच्च योग्यता प्राप्त लोगों द्वारा तृतीयक तथा चतुर्थक क्षेत्र के कार्यों को वरीयता देने में अधिक पसंद करना।
  • उच्च ब्याज दर के कारण विदेशों से खरीदी जाने वाली वस्तुओं का महंगी होना।

पुनरौद्योगीकरण:
पुनरौद्योगीकरण से तात्पर्य नए उद्योगों के कुछ क्षेत्रों में विकास करना है। जहाँ परम्परागत उद्योगों में ह्रास हो गया है। पुनरौद्योगीकरण की विशेषताएँ निम्न हैं –

(I) उच्च प्रौद्योगिकी फर्मा की वृद्धि:
ये ऐसी फर्म है जहाँ पर उच्च वैज्ञानिक शोध एवं विकास पर आधारित अति उन्नत उत्पादों का उत्पादन होता है, जैसे दवाइयाँ तथा सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिक्स का सामान।

(II) ऐसी नई फर्म जो बहुधा, उच्च कुशलता वाले कम श्रम शक्ति के आधार पर विनिर्माण की स्थापना करते हैं।

(III) वे नई फर्मे जो अपेक्षाकृत अल्प औद्योगिक क्षेत्रों में अथवा महानगरों में सीमांतों पर अवस्थित है।

4. लचीला उत्पादन और लचीला विशिष्टीकरण:
लचीला उत्पादन में स्वचालित मशीनों का उपयोग होता है। जिसकी सहायता से डिजाइनों में तीव्र परिवर्तन करना सम्भव होता है। इस प्रणाली में उत्पादन के अवयवों को कारखानों में इकट्ठा नहीं किया जाता अपितु उन्हें मांग के आधार पर निकटवर्ती कारखानों में लाया जाता है, ताकि अगले कुछ घंटों में ही उत्पादन की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। उत्पादों का नियंत्रण सरल होता है।

लचीला विशिष्टीकरण:
ऐसा लोचदार उत्पादन तंत्र है जिसमें उर्ध्वलग्नता क्षैतिजलग्नता दोनों सम्मिलित है। उर्ध्वलग्नता के अंतर्गत पहले स्तर पर अवयवों के उत्पादन हैं, तथा दूसरे स्तर पर संकलन कर्ता है। ऐसी प्रणाली में लोचता कार्य को विभिन्न विशेषीकृत फर्मों में बाँटने की सुविधा के कारण आती है। यदि व्यापार करने वाली इकाई को बहुत बड़ी मात्रा में सामान की पूर्ति का ऑर्डर मिला है और वह सारा सामान एक साथ देने में असमर्थ है तो वह उसी तरह की अन्य सहयोगी फर्मों से सामान लेकर ऑर्डर की पूर्ति कर सकती है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
विनिर्माण का शाब्दिक अर्थ है –
(A) हाथ से बनाना
(B) मशीनों से बनाना
(C) दोनों A और B
(D) दोनों में से कोई नहीं
उत्तर:
(C) दोनों A और B

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प्रश्न 2.
उद्योगों का वर्गीकरण निम्नलिखित के आधार पर किया जाता है –
(A) आकार
(B) उत्पाद
(C) कच्चे माल की प्रकृति
(D) सभी A, B और C
उत्तर:
(D) सभी A, B और C

प्रश्न 3.
संसार के कुल औद्योगिक उत्पादों में से कितने प्रतिशत भाग संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान तथा जर्मनी का है?
(A) 60 प्रतिशत
(B) 40 प्रतिशत
(C) 50 प्रतिशत
(D) 100 प्रतिशत
उत्तर:
(C) 50 प्रतिशत

प्रश्न 4.
आधुनिक निर्माण की विशेषता क्या है?
(A) एक जटिल प्रौद्योगिकी यंत्र
(B) अधिक पूँजी
(C) बड़े संगठन
(D) प्रशासनिक अधिकारी वर्ग
(E) सभी
उत्तर:
(E) सभी

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प्रश्न 5.
उद्योगों की स्थिति को कौन-से कारक प्रभावित करते हैं?
(A) बाजार तक अभिगम्यता
(B) कच्चे माल की प्राप्ति एक अभिगम्यता
(C) श्रम आपूर्ति तक अभिगम्यता
(D) सभी
उत्तर:
(D) सभी

प्रश्न 6.
विनिर्माण उद्योग का वर्गीकरण किस आधार पर किया जाता है?
(A) आकार
(B) कच्चा माल
(C) उत्पाद
(D) स्वामित्व
(E) सभी
उत्तर:
(E) सभी

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प्रश्न 7.
कुटीर उद्योग में कौन-सी वस्तुएँ आती हैं?
(A) खाद्य पदार्थ
(B) कपड़ा
(C) फर्नीचर
(D) लघु मूर्तियाँ
(E) सभी
उत्तर:
(E) सभी

प्रश्न 8.
बड़े पैमाने के उद्योग के लिए क्या आवश्यक है?
(A) विशाल बाजार
(B) कच्चा माल
(C) कुशल श्रमिक
(D) सभी
उत्तर:
(D) सभी

प्रश्न 9.
कच्चे माल पर आधारित उद्योग कौन-से हैं?
(A) कृषि आधारित
(B) खनिज आधारित
(C) रसायन आधारित
(D) वन आधारित
(E) सभी
उत्तर:
(E) सभी

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प्रश्न 10.
प्रमुख कृषि आधारित उद्योग कौन-सा है?
(A) शक्कर
(B) अचार
(C) फलों के रस
(D) पेय पदार्थ
(E) सभी
उत्तर:
(E) सभी

प्रश्न 11.
खनिज आधारित उद्योग कौन-सा है?
(A) एल्युमिनियम
(B) ताँबा
(C) जवाहरात
(D) सीमेंट
(E) सभी
उत्तर:
(E) सभी

प्रश्न 12.
जर्मनी के इस्पात उत्पादन का कितने प्रतिशत रूहर से प्राप्त किया जाता है?
(A) 80 प्रतिशत
(B) 70 प्रतिशत
(C) 60 प्रतिशत
(D) 100 प्रतिशत
उत्तर:
(A) 80 प्रतिशत

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प्रश्न 13.
विश्व में लौह इस्पात उद्योग का केंद्रीकरण कहाँ पर है?
(A) उत्तरी अमेरिका
(B) यूरोप
(C) एशिया के विकसित देश
(D) सभी
उत्तर:
(D) सभी

प्रश्न 14.
सूती कपड़े का निर्माण कहाँ किया जाता है?
(A) हथकरघा
(B) बिजली करघा
(C) कारखानों में
(D) सभी
उत्तर:
(D) सभी

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प्रश्न 15.
जिन उद्योगों का वनों से प्राप्त उत्पादों का कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया है –
(A) वन आधारित उद्योग
(B) आकार आधारित उद्योग
(C) कृषि आधारित उद्योग
(D) लघु उद्योग
उत्तर:
(A) वन आधारित उद्योग

परियोजना कार्य

प्रश्न 1.
आपके विद्यालय परिसर का सर्वेक्षण कीजिए एवं सभी व्यक्तियों उपयोग में लाए गए कारखाना निर्मित सामान की जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
जैव अपघटनीय एवं अजैव अपघटनीय शब्दों के क्या अर्थ हैं। इनमें से कौन-से प्रकार का पदार्थ उपयोग के लिए अच्छा है और क्यों?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

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प्रश्न 3.
अपने चारों ओर दृष्टि दौड़ाइए एवं सार्वभौम ट्रेडमार्क उनके भाव चिह्न एवं उत्पाद की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।