Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 7 तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप

Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 7 तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 7 तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप

Bihar Board Class 12 Geography तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप Textbook Questions and Answers

(क) नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए:

चतुर्थक सेवाओं का वर्णन कीजिए Bihar Board Class 12 Geography प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन-सा एक तृतीयक क्रियाकलाप है?
(क) खेती
(ख) बुनाई
(ग) व्यापार
(घ) आखेट
उत्तर:
(ग) व्यापार

चतुर्थ सेवाओं का वर्णन कीजिए Bihar Board Class 12 Geography  प्रश्न 2.
निम्नलिखित क्रियाकलापों में कौन-सा द्वितीयक सेक्टर का क्रियाकलाप नहीं है?
(क) इस्पात प्रगलन
(ख) वस्त्र निर्माण
(ग) मछली पकड़ना
(घ) टोकरी बुनना
उत्तर:
(ग) मछली पकड़ना

तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप Bihar Board Class 12 Geography प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन-सा एक सेक्टर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में सर्वाधिक रोगजार प्रदान करता है?
(क) प्राथमिक
(ख) द्वितीयक
(ग) पर्यटन
(घ) सेवा
उत्तर:
(घ) सेवा

Chaturthak Sewaon Ka Varnan Kijiye Bihar Board Class 12 Geography प्रश्न 4.
वे काम जिनमें उच्च परिमाण और स्तर वाले अन्वेषण सम्मिलित होते हैं, कहलाते हैं –
(क) द्वितीयक क्रियाकलाप
(ख) पंचम क्रियाकलाप
(ग) चतुर्थ क्रियाकलाप
(घ) प्राथमिक क्रियाकलाप
उत्तर:
(ख) पंचम क्रियाकलाप

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से कौन-सा क्रियाकलाप चतुर्थ सेक्टर में संबंधित है?
(क) संगणन विनिर्माण
(ख) विश्वविद्यालयी अध्यापन
(ग) कागज और कच्ची लुगदी निर्माण
(घ) पुस्तकों का मुद्रण
उत्तर:
(घ) पुस्तकों का मुद्रण

प्रश्न 6.
निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सत्य नहीं है?
(क) वाह्यस्रोत दक्षता को बढ़ाता है और लागतों को घटाता है
(ख) कभी-कभार अभियांत्रिकी और विनिर्माण कार्यों की भी बाह्यस्रोतन की जा सकती
(ग) बी.पी. ओज के पास के.पी.ओज की तुलना में बेहतर व्यावसायिक अवसर होते हैं
(घ) कामों के बाह्यस्रोतन करने वाले देशों में काम की तलाश करने वालों में असंतोष पाया जाता है
उत्तर:
(घ) कामों के बाह्यस्रोतन करने वाले देशों में काम की तलाश करने वालों में असंतोष पाया जाता है

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
फुटकर व्यापार सेवा को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ये वह व्यापारिक क्रियाकलाप है जो उपभोक्ताओं को वस्तुओं के प्रत्यक्ष-विक्रय से संबंधित हैं। अधिकांश फुटकर व्यापार केवल विक्रय से नियत प्रतिष्ठानों और भंडारों में संपन्न होता है। फेरी, रेहड़ी, ट्रक, द्वार से द्वार, डाक आदेश, दूरभाष, स्वचालित बिक्री मशीनें तथा इंटरनेट फुटकर बिक्री के भंडार आदि उदाहरण हैं।

प्रश्न 2.
चतुर्थ सेवाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चतुर्थ क्रियाकलाप अनुसंधान और विकास पर आधारित होते हैं और विशिष्टीकृत ज्ञान प्रौद्योगिकी कुशलता और प्रशासकीय सामर्थ्य से संबद्ध सेवाओं के उन्नत नमूने के रूप में देखे जाते हैं। चतुर्थ क्रियाकलापों में से कुछ इस प्रकार है-सूचना का संग्रहण, उत्पादन और प्रकीर्णन अथवा सूचना का उत्पादन भी।

प्रश्न 3.
विश्व में चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से उभरते हुए देशों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत, थाइलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, स्विटजरलैंड और आस्ट्रेलिया। भारत, स्विटजरलैंड और आस्ट्रेलिया के अस्पताल विकिरण बिंबों के अध्ययन से लेकर चुंबकीय अनुनाद बिंबों के निर्वचन और पराश्राव्य परीक्षणों तक की विशिष्ट चिकित्सा सुविधाओं को उपलब्ध करा रहे हैं।

प्रश्न 4.
अंकीय विभाजक क्या है?
उत्तर:
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पर आधारित विकास से मिलने वाले अवसरों का वितरण पूरे ग्लोब पर असमान रूप से वितरित हैं। देशों में विस्तृत आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक भिन्नताएँ पाई जाती हैं। निर्णायक कारक यह है कि कोई देश कितनी शीघ्रता से अपने नागरिकों को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी तक पहुँच और उसके लाभ उपलब्ध करा सकता है। विकसिक देश, सामान्य रूप से, इस दिशा में आगे बढ़ गए हैं जबकि विकासशील देश पिछड़ गए हैं और इसी को अंकीय विभाजन कहा जाता है।

(ग) निम्न प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक में न दें –

प्रश्न 1.
आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की सार्थकता और वृद्धि की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
दैनिक जीवन में काम को सुविधाजनक बनाने के लिए लोगों को व्यक्तिगत सेवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं सेवाएँ विभिन्न स्तरों पर पाई जाती हैं। कुछ सेवाएँ उद्योगों को चलाती है, कुछ लोगों को और कुछ उद्योगों और लोगों दोनों को, उदाहरणतः परिवहन तंत्र। निम्नस्तरीय सेवाएँ जैसे- पंसारी की दुकानें, धोबी घाट, उच्चस्तरीय सेवाओं अथवा लेखाकार, परामर्शदाता और काय चिकित्सक जैसी अधिक विशिष्टीकृत सेवाओं की अपेक्षा अधिक सामान्य और विस्तृत हैं। सेवाएँ भुगतान कर सकने वाले व्यक्तिगत उपभोक्ताओं को उपलब्ध होती हैं। माली, धोबी और नाई मुख्य रूप से शारीरिक श्रम करते हैं। अध्यापक, वकील, चिकित्सक, संगीतकार और अन्य मानसिक श्रम करते हैं।

अनेक सेवाएँ अब नियमित हो गई हैं। महामार्गों एवं पुलों का निर्माण और अनुरक्षण, अग्निशमन विभागों का अनुरक्षण और शिक्षा की पूर्ति अथवा पर्यवेक्षण और ग्राहक-सेवा महत्वपूर्ण सेवाओं में से हैं, जिनका पर्यवेक्षण अथवा निष्पादन प्रायः सरकारों अथवा कंपनियों द्वारा किया जाता है। राज्य और संघ विधान ने परिवहन, दूरसंचार, ऊर्जा और जलापूर्ति जैसी सेवाओं के विपणन के पर्यवेक्षण और नियंत्रण के लिए निगमों की स्थापना की है। स्वास्थ्य की देखभाल, अभियांत्रिकी, विधि और प्रबंधन व्यावसायिक सेवाएँ हैं।

मनोरंजनात्मक और प्रमोद सेवाओं की स्थिति बाजार पर निर्भर करती है। मल्टीप्लेक्स और रेस्तराओं की स्थिति केन्द्रीय व्यापार क्षेत्र (सी.बी.डी.) के अंदर अथवा निकट हो सकती है। सेवाएँ सभी समाजों में उपलब्ध होती है। अधिक विकसित देशों में कर्मियों का अधिकतर प्रतिशत इन सेवाओं में लगा है, अल्पविकसित देशों में 10 प्रतिशत से भी कम लोग इस सेवा क्षेत्र में लगे हैं। इन सेक्टर में रोजगार की प्रवृति बढ़ रही है। जबकि प्राथमिक और द्वितीयक क्रियाकलापों में यह घट रही है। आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की सार्थकता में लगातार वृद्धि हो रही है।

प्रश्न 2.
परिवहन और संचार सेवाओं की सार्थकता को विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
परिवहन मनुष्य की गतिशीलता की मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने के लिए निर्मित एक संगठित उद्योग है। आधुनिक समाज वस्तुओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग में सहायता देने के लिए तीव्र और सक्षम परिवहन व्यवस्था चाहते हैं। इस जटिल व्यवस्था की प्रत्येक अवस्था में परिवहन द्वारा पदार्थ का मूल्य अत्यधिक बढ़ जाता है। परिवहन दूरी को किलोमीटर दूरी अथवा मार्ग लंबाई की वास्तविक दूरी, समय दूरी अथवा एक मार्ग पर यात्रा करने में लगने वाले समय, और लागत दूरी अथवा मार्ग पर यात्रा के खर्च के रूप में मापा जा सकता है। परिवहन के साधन के चयन में समय अथवा लागत के संदर्भ में एक निर्णायक कारक है।

परिवहन की माँग जनसंख्या के आकार से प्रभावित होती है। जनसंख्या का आकार जितना बड़ा होगा परिवहन की माँग उतनी ही अधिक होगी। नगरों, कस्बों, गाँवों, औद्योगिक केंद्रों और कच्चे माल, उनके मध्य व्यापार के प्रारूप, उनके भू-दृश्य की प्रकृति, जलवायु के प्रकार और मार्ग की लंबाई पर आने वाले व्यवधानों को दूर करने के लिए उपलब्ध निधियों पर मार्ग निर्भर करते हैं। संचार सेवाओं में शब्दों और संदेशों, तथ्यों और विचारों का प्रेषण सम्मिलित है। लेखक के आविष्कार ने संदेशों को संरक्षित किया और संचार को परिवहन के साधनों पर निर्भर करने में सहायता की। यही कारण है कि परिवहन के सभी रूपों को संचार पथ कहा जाता है।

जहाँ परिवहन जाल-तंत्र सक्षम होता है वहाँ संचार का फैलाव सरल होता है। मोबाइल दूरभाष और उपग्रहों जैसे कुछ विकासों ने संचार को परिवहन से मुक्त कर दिया है। लेकिन अभी भी सभी रूपों का साहचर्य पूर्ण रूप से समाप्त नहीं हुआ है। आज भी पूरे विश्व में विशाल मात्रा में डाक का निपटारन डाकघरों द्वारा हो रहा है। मोबाइन क्रांति ने संचार को प्रत्यक्ष और तत्काल बना दिया है। उपग्रह संचार पृथ्वी और अंतरिक्ष से सूचना का प्रसारण करता है। इंटरनेट ने वैश्विक संचार तंत्र में वास्तव में क्रांति ला दी है।

Bihar Board Class 12 Geography तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप Additional Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
निरौद्योगीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
विनिर्माण में रोजगार के अवसर घटने की प्रक्रिया को तथा सकल घरेलू उत्पाद में उनका अनुपात कम हो जाने की प्रक्रिया को सामान्यतः निरौद्योगीकरण कहा जाता है।

प्रश्न 2.
सेवाओं के प्रमुख वर्ग कौन-कौन से हैं?
उत्तर:

  1. वाणिज्यिक सेवाएँ
  2. वित बीमा, अचल संपत्ति का क्रय-विक्रय
  3. उत्पादक और उपभोक्ता को जोड़ने वाले थोक और फुटकर व्यापार
  4. परिवहन और संचार
  5. मनोरंजन
  6. विभिन्न स्तरीय प्रशासन और
  7. गैर-सरकारी संगठन आदि

प्रश्न 3.
निरौद्योगीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
सेवाओं में फुटकर बिक्री, स्वास्थ्य और कल्याण, शिक्षा, अवकाश, मनोरंजन और वाणिज्यिक सेवाएँ शामिल हैं। वाणिज्यिक सेवाएँ दूसरी कंपनियों की उत्पादकता या क्षमता में वृद्धि करती है। यही नहीं ये उनके विशेष कामों में स्तर को भी यथावत बनाए रखने में मदद करती है।

प्रश्न 4.
सूचना प्रौद्योगिकी का क्या अर्थ है?
उत्तर:
यह कई प्रकार की प्रौद्योगिकी का संयुक्त रूप है। इसमें सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिकी, कम्प्यूटर (मशीन और सॉफ्टवेयर), दूरसंचार, प्रसारण और आप्ट्रो-इलैक्ट्रोनिक्स शामिल हैं।

प्रश्न 5.
बीसवीं शताब्दी के अंत में सूचना पर आधारित अर्थव्यवस्था में कौन-से तीन नगरों की भूमिका उल्लेखनीय रही है?
उत्तर:
न्यूयार्क, लंदन और टोक्यो नगरों की भूमिका सूचना पर आधारित अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय रही है। ये नगर विश्व तंत्र के नियंत्रक केन्द्रों के रूप में काम करते हैं। इन नगरों में अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के मुख्यालय हैं। यहाँ कंपनियों के बड़े अधिकारियों से प्रत्यक्ष संपर्क, राजनीतिक संबंध बनाने और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के अवसर अनायास ही मिल जाते हैं।

प्रश्न 6.
सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में वृद्धि से क्या कारण रहे हैं?
उत्तर:
विकसित देशों में प्रति व्यक्ति आय के बढ़ने से विभिन्न प्रकार की सेवाओं की माँग में बहुत वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य, मनोरंजन और परिवहन ऐसी ही सेवाएँ हैं। समय के मूल्य में वृद्धि के कारण अनेक घरेलू कार्य बाजार से करवाए जाते हैं।

प्रश्न 7.
ज्ञान का उत्पादन और सूचना का प्रवाह किसे कहते हैं?
उत्तर:
अत्यधिक औद्योगिक देशों में सूचना पर आधारित भूमंडलीय अर्थव्यवस्था ने अधिक उन्नत और विशिष्ट सेवाओं को जन्म दिया है। ऐसी सेवाओं में मुख्य हैं – वित्त, बीमा, परामर्श, सूचना संग्रहण, शोध और विकास और वैज्ञनिकों द्वारा नई वस्तुओं का निर्माण या पुरानी वस्तुओं में उपयोगी परिवर्तन ये सेवाएँ सभी आर्थिक क्रियाकलापों की केन्द्र-बिंदु होती है। संक्षेप में इन्हें ज्ञान उत्पादन और सूचना प्रवाह कह सकते हैं।

प्रश्न 8.
चतुर्थक क्रियाकलाप क्या हैं?
उत्तर:
वे बौद्धिक व्यवसाय, जिनका दायित्व सोचना है और शोध और विकास के लिए नए विचार देना है। आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक विकसित देशों में अभी तो थोड़े ही लोग चतुर्थक क्रियाकलापों में लगे हैं लेकिन इनकी संस्था निरंतर बढ़ रही है। चतुर्थक क्रियाकलापों में लगे लोगों के वेतनमान ऊँचे होते हैं और ये अपनी पद प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए बहुत अधिक गतिशील है।

प्रश्न 9.
श्रृंखला भंडार क्या है?
उत्तर:
अत्यधिक मितव्ययता से व्यापारिक माल खरीद पाते हैं, यहाँ तक कि अपने विनिर्देश पर सीधे वस्तुओं का विनिर्माण करा लेते हैं। वे अनेक कार्यकारी कार्यों में अत्यधिक कुशल विशेषज्ञ नियुक्त कर लेते हैं। उनके पास एक भंडज़र के अनुभव के परिणामों को अनेक भंडारों में लागू करने की योग्यता होती है।

प्रश्न 10.
जाल तंत्र से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जैसे ही परिवहन व्यवस्थाएँ विकसित होती है विभिन्न स्थान आपस में जुड़कर जाल-तंत्र की रचना करते हैं। जाल-तंत्र तथा योजक से मिलकर बनते हैं। दो अथवा अधिक मार्गों का संधि-स्थल, एक उद्गम बिंदु, एक गंतव्य बिंदु अथवा मार्ग के सहारे कोई बड़ा करबा नोड अथवा शीर्ष होता है।

प्रश्न 11.
चतुर्थ सेक्टर क्या है?
उत्तर:
आर्थिक वृद्धि के आधार के रूप में तृतीयक सेक्टर के साथ चतुर्थक सेक्टर ने सभी प्राथमिक व द्वितीयक से रोजगारों को प्रतिस्थापित कर दिया है। कार्यालय भवनों, प्रारंभिक विद्यालयों, विश्वविद्यालयी कक्षाओं, अस्पतालों व डॉक्टरों के कार्यालयों, रंगमंचों, लेखाकार्य और दलाली की फर्मों में काम करने वाले कर्मचारी इस वर्ग की सेवाओं से संबंध रखते हैं।

प्रश्न 12.
पंचम क्रियाकलाप क्या हैं?
उत्तर:
पंचम क्रियाकलाप वे सेवाएँ है जो नवीन एवं वर्तमान विचारों की रचना, उनके पुनर्गठन और व्याख्या, आंकड़ों की व्याख्या और प्रयोग तथा नई प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन पर केंद्रित होती है।

प्रश्न 13.
इंटरनेट के द्वारा कौन-कौन से देश सबसे अच्छी तरह जुड़े हैं?
उत्तर:
कनाडा और ऑस्ट्रेलिया इंटरनेट के द्वारा सबसे अधिक अच्छी तरह से जुड़े हैं। इनके बाद यू. के. जर्मनी और जापान का स्थान है।

प्रश्न 14.
भारत के महानगरों में स्थित किसी भी एक वैश्विक कंपनी के मुख्यालय का नाम बताइये।
उत्तर:
संसार में 500 बड़ी-बड़ी वैश्विक कंपनियाँ हैं। भारत के महानगरों में तो इनमें से एक भी मुख्यालय नहीं हैं।

प्रश्न 15.
उत्पादन को किस रूप में मापा जाता है?
उत्तर:
उत्पादन को परोक्ष रूप से पारिश्रमिक और वेतन के रूप में मापा जाता है।

प्रश्न 16.
व्यापारिक केंद्र किसे कहते हैं?
उत्तर:
फुटकर और थोक व्यापार अथवा वाणिज्य की सभी सेवाओं का विशिष्ट उद्देश्य लाभ कमाना है। यह सारा काम कस्बों और नगरों में होता है जिन्हें व्यापारिक केंद्र कहा जाता है।

प्रश्न 17.
चिकित्सा पर्यटन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब चिकित्सा उपचार को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन गतिविधि से संबद्ध कर दिया जाता है। तो इसे सामान्यतः चिकित्सा पर्यटन कहा जाता है।

प्रश्न 18.
स्वर्ण कॉलर क्या है?
उत्तर:
स्वर्ण कॉलर कहे जाने वाले वे व्यवसाय तृतीयक सेक्टर का एक और उप-विभाग है। जो वरिष्ठ व्यावसायिक कार्यकारियों, सरकारी अधिकारियों, अनुसंधान वैज्ञानिकों, वित्त एवं विधि परामर्शदाताओं इत्यादि की विशेष और उच्च वेतन वाली कुशलताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
औद्योगीकोत्तर चरण की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
यह चरण सबसे अंत में आता है। इस चरण में संयुक्त राज्य अमेरिका ने सन् 1960 के आस-पास तथा इसके पश्चात् पश्चिमी यूरोप और जापान ने प्रवेश किया। इस चरण में जीवन स्तर को ऊँचा उठाने का प्रयास किया जाता है। प्राथमिक व्यवसाय अपनी न्यूनतम सीमा तक पहुँच जाता है। कृषि में बहुत कम श्रम संलग्न होता है क्योंकि तकनीकी विकास तथा कृषि में मशीनीकरण के कारण थोड़े से कृषि श्रमिक ही शेष जनसंख्या के लिए भोजन तथा अन्य कृषि उत्पादों की व्यवस्था कर सकते हैं। उद्योगों में स्वचालित मशीनों का अधिक प्रयोग होने लगता है जिससे औद्योगिक श्रम में भी कमी आनी शुरू हो जाती है।

औद्योगिक क्षेत्र में कम श्रम तथा अधिक पूँजी की मांग करने वाले उद्योगों को प्रोत्साहन मिलता है। जापान में तो कई क्षेत्रों में मशीनी मानव का प्रयोग होने लगा है। इस चरण में अधिक विशिष्टीकरण होता है और यह संतृप्त अवस्था को प्राप्त करता है, लेकिन चतुर्थ व्यवसाय में तेजी से वृद्धि होती है जिससे पूरे सामाजिक तथा आर्थिक ढाँचे में परिवर्तन आ जाता है। आज भारत के कुल उत्पादन का लगभग 40 प्रतिशत अन्य सेवाओं से. प्राप्त होता है। इससे भारत की अर्थव्यवस्था में होने वाले परिवर्तन का अनुमान लगाया जा सकता है।

प्रश्न 2.
अंतिम औद्योगिक चरण के विषय में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
इस चरण में कृषि-श्रम की संख्या तेजी से घटती है और इस चरण के अंत तक यह बहुत कम हो जाती है। संयुक्त राज्य अमेरिका में यह चरण सन् 1920 के आस-पास आरंभ हुआ था। इस चरण में औद्योगिक श्रम में निरंतर वृद्धि होती जाती है और इस चरण के अंत तक यह अधिकतम होती जाती है। इस बीच तृतीय व्यवसाय में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। इसका कारण यह है कि उद्योग तथा औद्योगिक श्रम की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कई प्रकार की सेवाएँ, जैसे-परिवहन, व्यापार आदि आरंभ हो जाती है। इस चरण के आरंभ में चतुर्थ व्यवसायों में कोई विशेष वृद्धि नहीं होती लेकिन बाद में ज्यों-ज्यों समाज तथा उसकी अर्थव्यवस्था अधिक जटिल होती जाती है, चतुर्थ श्रेणी के व्यवसायों का महत्त्व बढ़ता जाता है।

प्रश्न 3.
भूमंडलीय अर्थव्यवस्था के विस्तार पर संक्षेप में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
जैसे-जैसे भूमंडलीय अर्थव्यवस्था का विस्तार होता है – इसमें नई इकाइयाँ जुड़ती जाती हैं और नए संबंध बन जाते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका जॉर्जिया, नेब्रास्का जैसे राज्यों में सेवाओं के क्रियाकलापों के संसाधन के प्रादेशिक केन्द्र विकसित हो गए हैं। ऐसे ही केन्द्र यूरोप के बार्सीलोन, नाइस स्टटगार्ट तथा एशिया के मुंबई, बैंकाक और शंघाई में विकसित हो गए हैं। लेकिन ऐसे क्रियाकलापों के विकेन्द्रीकरण का संबंध मुख्य रूप से सहायक कार्यालयों से होता है। ऐसे कार्यालयों में बड़े पैमाने पर लेन-देन के सौदों का संसाधन होता है। इनमें उन्हीं रणनीतियों का क्रियान्वयन किया जाता है जिन्हें भूमंडलीय नगरों में स्थित कंपनियों के केन्द्रों और मुख्यालयों में तय किया जाता है। उदाहरण के लिए एक ही देश यू. के. में 500 सबसे बड़ी कंपनियों के मुख्यालयों में से 198 को पुन: लंदन में स्थापित किया गया है।

प्रश्न 4.
पूर्व औद्योगिक चरण क्या है?
उत्तर:
इस चरण में अधिकांश श्रम-शक्ति प्राथमिक व्यवसाय में कार्यरत होती है। द्वितीय व्यवसाय में बहुत कम लोग होते हैं और वे भी मुख्यतः दस्तकारी में ही व्यस्त रहते हैं। इन व्यवसायों को पुनः दो भागों में बाँटा जाता है – खुदरा व थोक व्यापार तथा अन्य साधारण तृतीय वर्ग के व्यवसायों में अपेक्षाकृत अधिक श्रम रहता है। इसका कारण व्यापार में कम दक्षता तथा कुछ अविकसित देशों में व्यक्तिगत तथा घरेलू सेवाओं का होना है। चतुर्थ व्यवसायों में भी कम श्रम लगता है।

प्रश्न 5.
प्रारम्भिक औद्योगिक चरण की संक्षिप्त में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
इस चरण में द्वितीय व्यवसाय की वृद्धि आरंभ हो जाती है। यह चरण औद्योगिक क्रांति के समान होता है। जब उद्योग-धंधे पूरी तरह स्थापित हो जाते हैं, तब इनमें और भी अधिक श्रमिकों की आवश्यकता होती है। इस चरण के अंत तक औद्योगिक श्रम का महत्व बहुत बढ़ जाता है। प्राथमिक व्यवसाय में कमी आनी आरंभ हो जाती है क्योंकि कृषि श्रम को अधिक दक्षतापूर्ण ढंग से प्रयोग किया जाता है। इस चरण में तृतीय एवं चतुर्थ व्यवसायों पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है क्योंकि ये सेवाएँ संबंधित क्षेत्र को सामान्यतः अन्य क्षेत्रों से प्राप्त होती है।

प्रश्न 6.
उच्च-स्तरीय व विशिष्ट सेवाएँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
अत्यधिक औद्योगिक देशों में सूचना पर आधारित भूमंडलीय अर्थव्यवस्था ने अधिक उन्नत और विशिष्ट सेवाओं को जन्म दिया है। ऐसी सेवाओं में मुख्य हैं – वित्त, बीमा, परामर्श, सूचना संग्रहण, सूचना सेवाओं का प्रबंधन, शोध तथा विकास और वैज्ञानिकों द्वारा नई वस्तुओं का निर्माण या पुरानी वस्तुओं में उपयोगी परिवर्तन । संक्षेप में इन सभी को ज्ञान उत्पादन और सूचना प्रवाह कह सकते हैं।

प्रश्न 7.
विकासशील देशों में सेवा क्षेत्र उन्नत देशों से किस प्रकार भिन्न हैं? व्याख्या करें।
उत्तर:
विकासशील देशों में भी विनिर्माण क्षेत्र की तुलना में सेवा क्षेत्र अधिक तेजी से बढ़ रहा है। राष्ट्रीय संपदा में भी इनके योगदान में वृद्धि हो रही है। लेकिन सेवाओं का लेखा-जोखा आज की अच्छी तरह से नहीं रखा जाता। इसका कारण है कि लोग असंगठित सेवाओं में लगे हैं। असंगठित सेवाओं को अनौपचारिक क्षेत्र में कार्य करने लगते हैं। इन्हें बहुत कम मजदूरी दी जाती है। अकुशल होने होने पर तो उनकी मजदूरी और घट जाती है। इनके अंतर्गत गृहणियाँ और बाल-मजदूर भी हैं जिनकी सेवाओं का कोई हिसाब-किताब नहीं रखा जाता।

अधिकतर देशों में विकास की प्रक्रिया का एक निश्चित घटनाक्रम होता है। प्रारंभ में प्राथमिक क्षेत्र का वर्चस्व होता है। इसके बाद द्वितीयक क्षेत्र का महत्व बढ़ता है तथा अंतिम अवस्थाओं में तृतीयक और चतुर्थक क्षेत्र महत्वपूर्ण बन जाते हैं। कुछ देशों में विनिर्माण क्षेत्र में अवनति होने की प्रक्रिया को रोका गया है। लेकिन इन देशों में भी अंततोगत्वा विनिर्माण में रोजगार के अवसर घटने लगते हैं और सकल घरेलू उत्पाद में उनका अनुपात कम हो जाता है। इस प्रक्रिया को सामान्यतः निरौद्योगीकरण कहा जाता है। विकसित देशों के विभिन्न प्रदेशों में भी निरौद्योगीकरण की इस प्रवृत्ति को देखा जा सकता है।

वास्तव में इस प्रक्रिया को पहले से बताया जा सकता है। विनिर्माण अवनति की इस प्रक्रिया के कारण अनेक कुशल श्रमिक बेकार हो जाते हैं, संगठन बिखर जाते हैं और दफ्तरों में ताले लग जाते हैं। सेवाओं के बढ़ते हुए महत्त्व ने इसे उत्पादक अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में एक विशिष्ट स्थान दिला दिया है। अब सेवाएँ विनिर्माण या सामान्य लोगों की सहायक मात्र नहीं रह गई हैं। ये अब निर्यातक बन गई हैं। कुछ देशों जैसे स्विट्जरलैंड यू. के. आदि के कुछ प्रदेशों और नगरों को सेवा क्षेत्र में प्रतियोगी लाभ मिला हुआ है।

प्रश्न 8.
भूमण्डलीकरण, उदारीकरण और निजीकरण के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र के आकार और भूमिका, दोनों में वृद्धि हो रही है क्यों?
उत्तर:
क्योंकि प्रायः सरकार ही सबसे अधिक लोगों को रोजगार देती है, और यह लोगों की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और सफाई तथा कानून व्यवस्था जैसी अनेक प्रकार की सेवाएँ प्रदान करती है। विकसित देशों के अंदर सेवा क्षेत्रों के स्तर में वृद्धि हुई है। यही नहीं सेवाओं का निर्यात भी किया जाता है। इसीलिए इन देशों में सेवा क्षेत्र में वृद्धि हो रही है। अनेक देश विदेशी ग्राहकों को सेवाएँ बेचकर भारी कमाई कर रहे हैं।

विश्व स्तर पर सेवाओं का बड़े पैमाने पर व्यापार हो रहा है तथा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में इनका 20 प्रतिशत का योगदान है। मुख्य रूप से पुरुष प्रधान विनिर्माण उद्योगों की तुलना में सेवा क्षेत्र में महिलाओं को अधिक संख्या में रोजगार मिला हुआ है। विकासशील देशों में कुल मिलाकर विनिर्माण उद्योगों की तुलना में सेवा क्षेत्र में कम वेतन दिया जाता है।

प्रश्न 9.
सेवाओं के प्रमुख वर्गों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सेवाओं के प्रमुख वर्ग निम्नलिखित हैं –

  1. वाणिज्यिक सेवाएँ-इसमें विज्ञापन, कानूनी सेवाएँ, जन-संपर्क और परामर्श आदि क्रियाकलाप आते हैं।
  2. वित्त, बीमा, वाणिज्यिक और आवासीय भूमि और भवनों जैसी अचल संपत्ति का क्रय-विक्रय ।
  3. उत्पादक और उपभोक्ता को जोड़ने वाले थोक और फुटकर व्यापार तथा रख-रखाव, सौंदर्य प्रसाधन तथा मरम्मत के कार्य जैसी सेवाएँ।
  4. परिवहन और संचार-रेल, सडक, जहाज और वायुयान सेवाएँ, डाक-तार सेवाएँ।
  5. मनोरंजन-दूरदर्शन, रेडियो, फिल्म और साहित्य।
  6. विभिन्न स्तरीय प्रशासन-स्थानीय, राजकीय तथा राष्ट्रीय प्रशासन, अधिकारी वर्ग, पुलिस, सेना तथा अन्य जन-सेवाएँ।
  7. गैर-सरकारी संगठन-शिशु चिकित्सा, पर्यावरण, ग्रामीण विकास आदि लाभ सहित सामाजिक क्रियाकलापों से जुड़े व्यक्तिगत या सामूहिक परोपकारी संगठन आदि।

प्रश्न 10.
यूरोप, उत्तर अमेरिका और जापान के अनुपात के सकल घरेलू उत्पाद में चिकित्सा सेवाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है। क्यों?
उत्तर:
ऐसी वृद्धि वास्तव में अत्यधिक औद्योगिकृत देशों की जनसंख्या में जनांकिकीय संरचना में परिवर्तन के फलस्वरूप ही हुई। प्रौढ़ लोगों में ही चिकित्सा सुविधाओं का माँग बढ़ी है। कार्य स्थलों पर साक्षरता, गणितीय साक्षरता और कम्प्यूटर कौशल की माँग में वृद्धि के कारण प्रत्येक स्तर पर शैक्षिक सेवाओं में भी माँग बढ़ी है।

प्रश्न 11.
सेवाओं का लेखा-जोखा आज भी अच्छी तरह से क्यों नहीं रखा जाता है?
उत्तर:
सेवाओं का लेखा-जोखा आज भी अच्छी तरह से नहीं रखा जाता। इसका कारण है कि लोग असंगठित सेवाओं में लगे हैं। असंगठित सेवाओं को अनौपचारिक क्षेत्र भी कहते हैं। ग्रामीण प्रवासी नगरों में आकार भारी संख्या में अनौपचारिक क्षेत्र में कार्य करने लगते हैं। इन्हें बहुत कम मजदूरी दी जाती है। अकुशल होने पर उसकी मजदूरी और घट जाती है। इनके अंतर्गत गृहणियों और बाल-मजदूर भी हैं जिनकी सेवाओं का कोई हिसाब-किताब नहीं रखा जाता।

प्रश्न 12.
उन्नत अर्थव्यवस्था के विशेषीकृत क्रियाकलापों जैसे वित्त और बीमा की अवस्थिति भूमंडल पर बिखरी हुई क्यों है? उनका प्रबंधन कैसे होता है?
उत्तर:
वर्तमान युग सूचना प्रौद्योगिकी का युग है। सूचनाओं के प्रवाह के कारण भूमंडर अर्थव्यवस्था का विकास हुआ है, जिससे विश्व की दूरियाँ सिमट गई है। जिस कारण अधिक उन्नत और विशिष्ट सेवाओं का जन्म हुआ है। संसार के सभी देश चाहे वे विकसित हों या विकासशील हों निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर हैं। सभी देशों में आर्थिक विकास के लिए उद्योग स्थापित हो चुके हैं, और निरंतर नई तकनीकों का प्रयोग करके उन्नतशील हैं विकसित देशों के पास तो सभी सुविधाएँ हैं, लेकिन विकासशील देशों के पास पर्याप्त प्रौद्योगिकी नहीं है अत: वहाँ उद्योग तो है लेकिन उन्नत सेवाओं की आवश्यकता है। जिस प्रकार नगरों में सेवाओं का पदानुक्रम पाया जाता है अर्थात् उच्चक्रम की सेवाएँ बड़े नगरों में केन्द्रित होती है और निम्न सेवाओं का फैलाव सभी छोटे नगरों में मिलता है। वर्तमान में भी शक्ति और कौशल दोनों ही दृष्टियों से उच्च स्तर के कार्य प्रमुख महानगरों में संकेन्द्रित है।

संकेन्द्रण का विशिष्ट प्रतिरूप वैश्विक नगरों के रूप में ही सामने आया है, इन नगरों का विकास अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में हुआ है। लेकिन, न्यूयार्क और टोकिया मिलकर संपूर्ण विश्व में वित्तीय व्यापार का संचालन करते हैं। संचार की 500 बड़ी वैश्विक कम्पनियों में से 59 के मुख्यालय न्यूयार्क में, 37 के लंदन में, 34 के टोकियो और 27 के पेरिस में है। संसार के विभिन्न देशों में इनके मुख्यालय हैं। नये प्रादेशिक केन्द्र उन क्षेत्रों में विकसित किये जा रहे हैं जहाँ सेवाओं में क्रियाकलापों के संसाधन हैं।

विशेषीकृत क्रियाओं का प्रबंधन:
सूचना प्रौद्योगिकी के द्वारा ही इन विशेषीकृत सेवाओं का प्रबंधन किया है। कार्य चाहे संसार के किसी भी कोने में हो लेकिन लेन-देन के सौदे इन वैश्विक नगरों में ही होते हैं, क्योंकि विभिन्न कंपनियाँ जो ये सेवाएं प्रदान करती हैं, के मुख्यालय इन नगरों में स्थित हैं। विभिन्न देशों में स्थित वैश्विक कम्पनियों के ये कार्यालय संचार सेवाओं के जाल द्वारा ही जुड़े हुए हैं और विश्वतंत्र के नियंत्रक केन्द्रों के रूप में कार्य कर रहे हैं । संचारतंत्र के द्वारा ही बैंक क्षणभर के नोटिस पर पूँजी को संसार के किसी भी कोने में हस्तांतरित कर सकते हैं। संचार के इलेक्ट्रानिक माध्यमों ने इस व्यवस्था को विकसित किया और भूमंडलीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों का संक्षेप में उत्तर दें –

  1. तृतीय क्रियाकलाप क्या हैं?
  2. उन्नत आर्थिक व्यवस्था में विनिर्माण का क्या ह्रास हुआ?
  3. सेवाओं के प्रमुख घटक क्या हैं?
  4. वैश्विक नगर क्या हैं? तीन वैश्विक नगरों के नाम लिखें।
  5. चतुर्थक क्रियाकलाप क्या हैं?
  6. इंटरनेट द्वारा सुसंबंधित विश्व के तीन राष्ट्रों के नाम बताइये।

उत्तर:
1. वे क्रियाकलाप जो अमूर्त सेवाओं से संबंधित है। इसमें मिस्त्री, प्लम्बर, रसोईया, वकील, शिक्षक आदि के व्यवसाय सम्मिलित हैं। सेवाएँ वे क्रियाकलाप हैं जिनमें वस्तुओं का उत्पादन नहीं होता है। इस प्रकार वे पदार्थों के प्रसंस्करण (नई वस्तु निर्माण) में प्रत्यक्ष रूप में शामिल नहीं होती। अतः ये विनिर्माण से भिन्न है। विनिर्माण के उत्पादों को तो वस्तुओं के रूप में देखा जो सकता है, लेकिन सेवाओं का कोई उत्पादन नहीं होता।

2. अधिकतर देशों के विकास की प्रक्रिया का एक निश्चित घटनाक्रम होता है। प्रारंभ में प्राथमिक क्षेत्र का वर्चस्व होता है। इसके बाद द्वितीयक क्षेत्र का महत्व बढ़ता है तथा अंतिम अवस्थाओं में तृतीयक और चतुर्थक क्षेत्र महत्वपूर्ण बन जाते हैं। विनिर्माण में रोजगार के अवसर घटने लगते हैं तथा सकल घरेलू उत्पाद में उनका अनुपात कम हो जाता है। इस प्रक्रिया को सामान्यत: निरौद्योगीकरण कहा जाता है।

विकसित देशों के विभिन्न प्रदेशों में भी निरौद्योगीकरण की इस प्रवृत्ति को देखा जा सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में सन् 1950 और 1960 में विनिर्माण में यह अवनति सबसे पहले न्यू-इंग्लैंड में दिखाई पड़ी थी। बाद में सन् 1970 में विनिर्माण की अवनति से मध्य अटलांटिक के वर्जीनिया, मैरीलैंड और डिलावियर राज्य प्रभावित हुए थे। मध्य पश्चिम के औद्योगिक जगत ने इसका सामना 1980 में जाकर किया। वास्तव में इस प्रक्रिया को पहले से बताया जा सकता है। विनिर्माण अवनति की इस प्रक्रिया के कारण अनेक कुशल श्रमिक बेकार हो जाते हैं, संगठन बिखर जाते हैं और दफ्तरों में ताले लग जाते हैं।

3. सेवाओं के प्रमुख वर्ग निम्नलिखित हैं –
(क) वाणिज्यिक सेवाएँ- विज्ञापन, कानूनी सेवाएँ, जन-संपर्क और परामर्श
(ख) वित्त, बीमा, वाणिज्यिक और आवासीय भूमि और भवनों जैसी अचल संपत्ति का क्रय-विक्रय।
(ग) उत्पादक और उपभेक्ता को जोड़ने वाले थोक और फुटकर व्यापार तथा रख-रखाव, सौंदर्य प्रसाधक तथा मरम्मत के कार्य जैसी सेवाएँ।
(घ) परिवहन और संचार-रेल, सड़क, जहाज और वायुयान सेवाएँ, डाक-तार सेवाएँ।
(ङ) मनोरंजन- दूरदर्शन, रेडियो, फिल्म और साहित्य।
(च) विभिन्न स्तरीय प्रशासन- स्थानीय, राजकीय तथा राष्ट्रीय प्रशासन अधिकारी वर्ग, पुलिस, सेना तथा अन्य जन-सेवाएँ।
(छ) गैर-सरकारी संगठन- शिशु चिकित्सा, पर्यावरण, ग्रामीण विकास आदि लाभ रहित सामाजिक क्रियाकलापों से जुड़े व्यक्तिगत या सामूहिक परोपकारी संगठन।

4. जो नगर अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में विकसित होते हैं और सूचनातंत्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को संचालित करते हैं ऐसे नगर वैश्विक नगर कहलाते हैं। न्यूयार्क, लंदन और टेकियो, ऐसे नगरों के उदाहरण हैं।

5. विगत कुछ वर्षों में आर्थिक क्रियाकलाप बहुत विशिष्ट और जटिल हो गए हैं। जिसके परिणामस्वरूप, चतुर्थक क्रियाकलापों का नया वर्ग बन गया है। चतुर्थक शब्द से तात्पर्य उन अधिक बौद्धिक व्यवसायों से है, जिनका दायित्व सोचना है और शोध और विकास के लिए नए विचार देना है। आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक विकसित देशों में अभी तो थोड़े ही लोग चतुर्थक क्रियाकलापों में लगे हैं, लेकिन इनकी संख्या निरंतर बढ़ रही है। चतुर्थक क्रियाकलापों में लगे लोगों के वेतनमान ऊँचे होते हैं और ये अपनी पद प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए बहुत अधिक गतिशील है।

6. स्कौडिनेविया के देश, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया इंटरनेट के द्वारा सबसे अधिक अच्छी तरह जुड़े हैं। इनके बाद यू. के. जर्मनी और जापान का स्थान है।

प्रश्न 2.
आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा-क्षेत्र के महत्व तथा वृद्धि की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
आर्थिक विकास के लिए सेवाएँ बहुत महत्वपूर्ण हैं। सेवाओं में फुटकर बिक्री, स्वास्थ्य और कल्याण, शिक्षा, अवकाश, मनोरंजन और वाणिज्यिक सेवाएँ शामिल है। वाणिज्यिक सेवाएँ दूसरी कंपनियों की उत्पादकता या क्षमता में वृद्धि करती हैं। यही नहीं ये उनके विशेष कामों के स्तर को भी यथावत् बनाए रखने में मदद करती है। विज्ञापन, कर्मचारियों का चयन और अधिकारियों का प्रशिक्षण इसके उदाहरण हैं। कुछ वर्ष पूर्व तक सेवा क्षेत्र की तुलना में वस्तुओं के उत्पादन पर अधिक ध्यान दिया जाता था लेकिन विकसित अर्थव्यवस्था में, सेवाओं पर आधारित विकास में बड़ी तेजी आई है। आँकड़ों से पता चलता है कि इन देशों के सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में निरंतर वृद्धि हो रही है।

कुछ सेवाएँ नए प्रकार के उद्योगों के विज्ञापन और विपणन जैसे कार्यों में लगी हैं। इनके अलग स्थानिक प्रतिरूप बन गए हैं। उनका एक विशिष्ट प्रतिरूप वैश्विक नगरों के रूप में दिखाई पड़ता है। ये नगर अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में ही विकसित हुए हैं। विश्व स्तर पर सेवाओं का बड़े पैमाने पर व्यापार हो रहा है तथा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में इनका 20 प्रतिशत का योगदान है। अत्यधिक औद्योगिक देशों में सूचना पर आधारित भूमंडलीय अर्थव्यवस्था में अधिक उन्नत और विशिष्ट सेवाओं को जन्म दिया है। ऐसी सेवाओं में मुख्य हैं- वित्त, बीमा, परामर्श, सूचना संग्रहण, शोध तथा विकास और वैज्ञानिकों द्वारा नई वस्तुओं का निर्माण या पुरानी बस्तुओं में उपयोगी परिवर्तन ये सेवाएँ सभी आर्थिक क्रियाकलापों के केन्द्र-बिंदु होते हैं। संक्षेप में इन्हीं ज्ञान उत्पादन और सूचना प्रवाह कह सकते हैं।

जैसे-जैसे भूमंडलीय अर्थव्यवस्था का विस्तार होता है:
इसमें नई इकाइयाँ जुड़ती जाती हैं और नए संबंध बन जाते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के ज्यार्जिया, नेब्रास्का जैसे राज्यों में सेवाओं के क्रियाकलापों के संसाधन के प्रादेशिक केन्द्र विकसित हो गए हैं। ऐसे ही केन्द्र यूरोप के बार्सीलोन, नाइस स्टटगार्ट तथा एशिया के मुंबई, बैंकाक और शंघाई में विकसित हो गए हैं। लेकिन ऐसे क्रियाकलापों के विकेन्द्रीकरण का संबंध मुख्य रूप से सहायक कार्यालयों से होता है। ऐसे कार्यालयों में बड़े पैमाने पर लेन-देन के सौदों का संसाधन होता है। इनमें उन्हीं रणनीतियों का क्रियान्वयन किया जाता है जिन्हें भूमंडलीय नगरों में स्थित कंपनियों के केन्द्रों और मुख्यालयों में तय किया जाता है।

प्रश्न 3.
चतुर्थक क्रियाकलापों के विषय में विवेचना कीजिए।
उत्तर:
विगत कुछ वर्षों में आर्थिक क्रियाकलाप बहुत विशिष्ट और जटिल हो गए हैं। जिसके परिणामस्वरूप, चतुर्थक के रूप में क्रियाकलापों का नया वर्ग बन गया है। अप्रत्यक्ष उत्पादों में भी, ज्ञान से संबंधिक क्रियाकलापों जैसे शिक्षा, सूचना, शोध और विकास को सेवाओं का एक भिन्न वर्ग मान लिया गया है। चतुर्थक शब्द से तात्पर्य उन अधिक बौद्धिक व्यवस्थाओं से है, जिनका दायित्व सोचना है और शोध और विकास के लिए नए विचार देना है।

विगत कुछ वर्षों में सूचना प्रौद्योगिकी में क्रांति के फलस्वरूप ज्ञान आधारित उद्योगों का विकास हुआ है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आधारित औद्योगिक संकुलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। संयुक्त राज्य अमेरिका के बोस्टन या चुसेट्स और केलीफोर्निया में ऐसे औद्योगक संकुलों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी पार्क कहा जाता है। सूचना प्रौद्योगिकी कई प्रकार की प्रौद्योगिकी का संयुक्त रूप है। इसमें सूक्ष्म इलैक्ट्रोनिकी, कम्प्यूटर, दूरसंचार, प्रसारण और आप्ट्रो-इलैक्ट्रोनिक्स शामिल हैं। दो दशकों में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से प्रौद्योगिकी में नए आविष्कार हुए हैं। आनुवंशिक इंजीनियरी इसका एक अच्छा उदाहरण है। इसके अलावा ऊर्जा संसाधनों, चिकित्सा अनुप्रयोगों, परिवहन और विनिर्माण की तकनीकों में बहुत नई उद्भावनाएं हैं।

बीसवीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में सूचना का अंकीकरण हो जाने पर दूरसंचार कम्प्यूटर में मिल गया है। इसमें संचार के एक समान्वित संजाल का निर्माण हुआ है। इस कार्य में इंटरनेट की भूमिका उल्लेखनीय है। सारे संसार में दूरसंचार के साधनों का विकास हुआ है। वित्तीय साधनों का इलैक्ट्रोनिक माध्यम से लेन-देन अब अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था का केन्द्र-बिंदु बन गया है। इस व्यवस्था के द्वारा बैंक क्षणभर के नोटिस पर पूँजी को संसार के किसी भी कोने में स्थानान्तरित कर सकते है। वित्तीय बाजार के अंतर्राष्ट्रीयकरण सबसे उल्लेखनीय प्रभाव वैश्विक नगरों के विकास के रूप में पड़ा है। लंदन, न्यूयार्क और टोक्यो ऐसे ही वैश्विक नगर हैं। सूचना पर आधारित अर्थव्यवस्था में इन तीन नगरों की भूमिका बहुत उल्लेखनीय रही है।

प्रश्न 4.
तृतीयक क्रियाकलापों के विषय में विवेचना कीजिए।
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलाप अमूर्त सेवाओं से संबंधित हैं। सेवाएँ, वे क्रियाकलाप हैं, जिनमें वस्तुओं का उत्पादन नहीं होता है। इस प्रकार के पदार्थों के प्रसंस्करण में प्रत्यक्ष रूप में शामिल नहीं होती। अतः ये विनिर्माण से भिन्न है। विनिर्माण उत्पाद और सेवा उत्पाद एक-दूसरे से बिल्कुल भिन्न हैं। सेवाओं से जो विशेषता मिलती है, उसका प्रत्यक्ष आधार कर्मचारियों का कौशल, अनुभव और ज्ञान होता है। इसके विपरीत विनिर्माण का आधार मशीनों को चलाने की तकनीक और उत्पादन की प्रक्रिया होती है।

आर्थिक विकास के लिए सेवाएँ बहुत महत्वपूर्ण हैं। वाणिज्यिक सेवाएँ दूसरी कंपनियों की उत्पादकता या क्षमता में वृद्धि करती है। यही नहीं ये सेवाएँ उनके विशेष कार्यों के स्तर को भी यथावत् बनाए रखने में मदद करती है। कुछ वर्ष पूर्व तक सेवा क्षेत्र की तुलना में वस्तुओं के उत्पादन पर अधिक ध्यान दिया जाता था लेकिन विकसित अर्थव्यवस्था में, सेवाओं पर आधारित विकास में बड़ी तेजी आई है। विकासशील देशों में भी विनिर्माण क्षेत्र की तुलना में सेवा क्षेत्र अधिक तेजी से बढ़ रहा है। राष्ट्रीय संपदा में भी इनके योगदान में वृद्धि हो रही है। लेकिन सेवाओं का लेखा-जोखा आज भी अच्छी तरह से नहीं रखा जाता। इसका कारण लोग असंगठित सेवाओं में लगे हैं।

अधिकतर देशों में विकास की प्रक्रिया का एक निश्चित घटनाक्रम होता है। प्रारंभ में प्राथमिक क्षेत्र का वर्चस्व होता है। इसके बाद द्वितीय क्षेत्र का महत्व बढ़ता है तथा अंतिम अवस्थाओं में तृतीयक और चतुर्थक क्षेत्र महत्वपूर्ण बन जाते हैं। कुछ देशों में विनिर्माण क्षेत्र में अवनति होने की प्रक्रिया को रोका गया है। विनिर्माण में रोजगार के अवसर घटने को तथा सकल घरेलू उत्पाद में उनका अनुपात कम हो जाने की प्रक्रिया को निरौद्योगीकरण कहा जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिमा में सन् 1950 और 1960 में विनिर्माण में यह अवनति सबसे पहले न्यू-इंग्लैंड में दिखाई पड़ी थी। बाद में सन् 1970 में विनिर्माण की अवनति से मध्य अटलांटिक के वर्जीनिया, मैरीलैंड और डिलावेयर राज्य प्रभावित हुए थे। मध्य पश्चिम के उद्योगों ने इसका सामना 1980 में जाकर किया।

सेवाओं के बढ़ते हुए महत्त्व ने इसे उत्पादक अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में एक विशिष्ट स्थान दिला दिया है। अब सेवाएँ विनिर्माण या सामान्य लोगों की सहायक मात्र नहीं रह गई हैं। ये अब निर्यातक बन गई हैं। कुछ देशों जैसे स्विट्जरलैंड, यू. के. आदि के कुछ प्रदेशों और नगरों को सेवा क्षेत्र में प्रतियोगी लाभ मिला हुआ है। पुरानी विचारधारा के अनुसार उद्योगों स्थानीयकरण में एक विशिष्ट भौगोलिक प्रतिरूप होता था। इसके विपरीत सेवा का वितरण जनसंख्या के वितरण से मेल खाता था। इस प्रकार लोहे और इस्पात उद्योग का एक निश्चित भूगोल होता था। लेकिन आजकल सेवाओं का संकेन्द्रण होने लगा है।

कुछ सेवाएँ नई प्रकार के उद्योगों के विज्ञापन और विपणन जैसे कार्यों में लगी है। इनके अलग से स्थानिक प्रतिरूप बन गए हैं। इनका एक विशिष्ट प्रतिरूप वैश्विक नगरों के रूप में दिखाई पड़ता है। ये नगर अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यस्था के संदर्भ में ही विकसित हुए हैं। जैसे-जैसे भूमंडलीय अर्थव्यस्था का विस्तार होता है। इसमें नई इकाइयाँ जुड़ती जाती हैं और नए संबंध बन जाते हैं। इन क्रियाकलापों को चलाने के लिए अर्द्धकुशल कर्मचारियों को कार्यालयों में काम पर रखा जाता है। प्रौद्योगिकी का विकास होने पर इन्हें काम से हटा दिया जाता है। उन्नत सेवा के क्रियाकलापों के स्थानिक तंत्र का महत्व इसके संजाल में छिपा होता है और यह संजाल सूचना प्रवाह पर आधारित है।

प्रश्न 5.
वैश्विक नगर विश्व-प्रणाली के आदेश और नियंत्रण केन्द्र के रूप में कार्य करते हैं। व्यवस्था करें।
उत्तर:
वित्तीय बाजार के अंतर्राष्ट्रीयकरण का सबसे उल्लेखनीय प्रभाव वैश्विक नगरों के विकास के रूप में पड़ा है। लंदन, न्यूयार्क और टोक्यो ऐसे ही वैश्विक नगर हैं। कुछ अन्य नगरों जैसे पेरिस, टोरंटो, रंगजिल्स, ओसाका, हांगकांग, सिंगापुर का भी अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान है। लेकिन बीसवीं शताब्दी के अन्त में सूचना पर आधारित अर्थव्यवस्था में इन तीन नगरों न्यूयार्क, लंदन और टोक्यो की भूमिका बहुत उल्लेखनीय रही है। ये विश्व तंत्र के नियंत्रक केन्द्रों के रूप में काम करते हैं। इन नगरों में अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के मुख्यालय हैं। यहीं पर वित्तीय कम्पनियों और व्यापारिक सेवाओं के कार्यालयों के बड़े-बड़े परिसर हैं। यहाँ कम्पनियों के बड़े अधिकारियों में प्रत्यक्ष संपर्क, राजनीतिक संबंध बनाने और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के अवसर अनायास ही मिल जाते हैं।

संक्षेप में दूर – संचार के द्वारा आज उच्च वेतन तथा उच्च मूल्य संबंधित सफेदपोश कार्यों को करने वाले कर्मचारी एक ही स्थान पर इकट्ठे होने लगे हैं। इसके विपरीत निम्न, निम्न मूल्य वृद्धि और कायिक कार्य करने वाले कर्मचारियों के विकेन्द्रीकरण को भी इससे प्रेरणा मिली है। नगरों और प्रदेशों पर इनके सकारात्मक और नकारात्मक कई प्रकार के प्रभाव पड़े हैं। दिनों-दिन जीवन में इलैक्ट्रोनिक तंत्र का बहुत उपयोग होता है। पासपोर्ट, करों के रिकॉर्ड, चिकित्सा रिपोर्ट, टेलीफोन और अपराध के आँकड़ों में इनका बहुत उपयोग होता है। इनके कारण सत्ता और संपत्ति तथा भौगोलिक केन्द्र और निकटवर्ती क्षेत्र के रूप में कुछ वर्ग बन गए हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेट के उपयोग में असमानता इसका एक उदाहरण है।

प्रति एक लाख लोगों पर इंटरनेट का उपयोग करने के आधार पर देशों के दो वर्ग बन गए हैं। एक विकासशील देशों का तथा दूसरा विकसित देशों का। स्कौडिनेविया के देश कनाडा और ऑस्ट्रेलिया इंटरनेट के द्वारा सबसे अधिक अच्छी तरह से जुड़े हैं। इस संदर्भ में इनके बाद यू. के. जर्मनी और जापान का स्थान है। इस मामले में सं. रा. अमेरिका का स्थान आश्चर्यजनक रूप से काफी नीचा है, क्योंकि इसकी काफी बड़ी जनसंख्या इंटरनेट का बहुत कम उपयोग करती है। लेकिन इंटरनेट के अंतर्राष्ट्रीय यातायात का उद्गम स्थान या लक्ष्य सं.रा. अमेरिका से होता है। एशिया, अफ्रीका, द. अमेरिका के अधिकतर लोग इंटरनेट का बहुत कम या बिल्कुल ही उपयोग नहीं करते हैं।

प्रश्न 6.
संसार में चतुर्थ सेवाओं की प्रकृति तथा वृद्धि की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
विगत कुछ वर्षों में आर्थिक क्रियाकलाप बहुत विशिष्ट और जटिल हो गए हैं। जिसके परिणामस्वरूप, चतुर्थक के रूप में क्रियाकलापों का नया वर्ग बन गया है। अप्रत्यक्ष उत्पादों में भी, ज्ञान से संबंधित क्रियाकलापों जैसे शिक्षा, सूचना, शोध और विकास को सेवाओं का एक भिन्न वर्ग मान लिया गया है। चतुर्थक शब्द से तात्पर्य उन अधिक बौद्धिक व्यवसायों से है, जिनका दायित्व सोचना है और शोध और विकास के लिए नए विचार देना है। आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक विकसित देशों में अभी तो थोड़े ही लोग चतुर्थक क्रियाकलापों में लगे लोगों के वेतनमान ऊँचे होते हैं और ये अपनी पद प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए बहुत अधिक गतिशील है। विगत कुछ वर्षों में सूचना प्रौद्योगिकी में क्रांति के फलस्वरूप ज्ञान आधारित उद्योगों का विकास हुआ है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आधारित औद्योगिक संकुलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। संयुक्त राज्य अमेरिका के बोस्टन सा चुसेट्स और केलीफोर्निया में ऐसे औद्योगिक संकुलों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी पार्क कहा जाता है। जॉन आधारित उद्योगों का एक उदाहरण साफ्टवेयर का विकास है।

सूचना प्रौद्योगिकी कई प्रकार की प्रौद्योगिकी का संयुक्त रूप है। इसमें सूक्ष्म इलेक्ट्रोनिकी, कम्प्यूटर, (मशीन और साफ्टवेयर) दूरसंचार, प्रसारण और आप्ट्रो-इलैक्ट्रोनिक्स शामिल हैं। बीसवीं शताब्दी के विगत दो दशकों में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से प्रौद्योगिकी में नए आविष्कार हुए हैं। आनुवंशिक इंजीनियरी इसका एक अच्छा उदाहरण है। इसके अलावा ऊर्जा संसाधनों, चिकित्सा अनुप्रयोगों, परिवहन और विनिर्माण की तकनीकों में बहुत नई उद्भावनाएँ हैं। दूसरे शब्दों में परिवर्तन के केन्द्र-बिंदु का अर्थ है सूचना संसाधन और संचार की प्रौद्योगिकियाँ। ज्ञान और सूचना का ज्ञान उत्पादन और सूचना संसाधन की युक्तियों में अनुप्रयोग, वर्तमान सूचना क्रांति की मुख्य विशेषता है। सूचना के इस युग में औद्योगिक समाज और अधिक तकनीकी होता जा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप वर्तमान आर्थिक क्रियाकलाप मुख्य रूप से अप्रत्यक्ष उत्पादों से प्रभावित है। इन अप्रत्यक्ष उत्पादों के उत्पादन में ज्ञान, सूचना और संचार बहुत अधिक महत्वपूर्ण हैं।

औद्योगिक देशों में अधिकतर नौकरियाँ विशेष रूप से ऊँचे वेतन वाली, सफेदपोश नौकरियाँ, किसी न किसी रूप में सूचना संग्रहण, संसाधन और प्रसारण से जुड़ी है। सूचना प्रौद्योगिकी के इन कार्यों का महत्व कम्प्यूटरों के सस्ते होने और अधिक सक्षम होने के कारण और अधिक बढ़ गया है। यही नहीं, तेजी से होने वाले प्रौद्योगिकीय परिवर्तनों के कारण उत्पादन में लगने वाला समय घट गया है। वैश्वीकरण और उदारीकरण के कारण बढ़ती प्रतिस्पर्धा और रोजगार के बाजार में अनिश्चितता ने वस्तुओं के उत्पादन और विपणन को अधिक सूचना प्रधान बना दिया है। इसलिए विश्व अर्थव्यवस्था के भूगोल में आंकड़ों के कारण ही विशेष तंत्र में अनेक स्थान सामान रूप से नहीं जुड़े पाए हैं, और वे पूँजी के अप्रत्यक्ष प्रवाह पर निर्भर हैं।

आर्थिक क्रियाकलाप पहले से कहीं अधिक दूरियों में फैल गए हैं। कभी-कभी इनका विस्तार महाद्वीपों के एक छोर से दूसरे छोर तक जाता है। इसलिए ये दूरसंचार के घनिष्ठ उपयोग से जुड़े हैं। बीसवीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में सूचना का अंकीकरण हो जाने पर दूरसंचार कम्प्यूटर में मिल गया है। इससे संचार के एक समन्वित संजाल का निर्माण हुआ है। इस कार्य में इंटरनेट की भूमिका उल्लेखनीय है। इसके परिणामस्वरूप पेशेवर अधिकारियों को नगर के केन्द्रीय भागों या दफ्तरों से दूर जाने का अवसर मिल गया है। अब वे अपने घरों में बैठकर लोगों के साथ प्रत्यक्ष सम्पर्क करके अच्छा काम कर सकते हैं। बैंक, जीवन बीमा कंपनियाँ तथा सुरक्षा से जुड़ी कंपनियाँ अत्यधिक सूचना प्रधान आर्थिक क्रियाकलाप है। इन्हीं के कारण संचार को ठेके पर दिया गया तथा निजी जालों के कारण, सारे संसार में दूरसंचार के साधनों का विकास हुआ है। वित्तीय साधनों का इलैक्ट्रोनिक माध्यम से लेन-देन अब अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था का केन्द्र-बिंदु बन गया है। इस व्यवस्था के द्वारा बैंक क्षण भर के नोटिस पर पूँजी को संसार के किसी भी कोने में स्थानान्तरित कर सकते हैं।

भौगोलिक कुशलताएँ

प्रश्न 1.
संसार के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाइए –

  1. उत्तरी अमेरिका, यूरोप तथा एशिया प्रत्येक से एक-एक वैश्विक नगर।
  2. हांग-कांग, शेनझेन, गागझाऊ-झुहाई-मकाऊ, विकसित मेगालो-पोलिस।

उत्तर:
Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 7 तृतीयक और चतुर्थ img 1a

परियोजना कार्य

प्रश्न 1.
यदि गम्य है तो निकटतम बी. पी. ओज में जाएँ और उनकी गतिविधियों का वर्णन करें।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
यात्रा अभिकर्ता से अपने विदेश जाने हेतु अनिवार्य दस्तावेजों का पता लगाएँ।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
निम्न में से तृतीयक क्रियाकलाप कौन-सा है?
(A) व्यापार
(B) परिवहन
(C) संचार और सेवाएँ
(D) सभी
उत्तर:
(D) सभी

प्रश्न 2.
विशिष्टीकृत बाजार कौन-सा है?
(A) श्रम बाजार
(B) आवासन
(C) अर्ध निर्मित
(D) सभी
उत्तर:
(D) सभी

प्रश्न 3.
निम्न में से फुटकर व्यापार सेवाएं कौन-सी हैं?
(A) फेरी
(B) रेहड़ी
(C) ट्रक
(D) दूरभाष
(E) सभी
उत्तर:
(E) सभी

प्रश्न 4.
परिवहन सेवाओं को प्रभावित करने वाला कारक कौन-सा है?
(A) भौगोलिक
(B) जनसंख्या का आकार
(C) प्रकृति
(D) संचार सेवा
उत्तर:
(B)
(B) जनसंख्या का आकार

प्रश्न 5.
उच्चस्तरीय सेवा कौन-सी है?
(A) चिकित्सक
(B) माली
(C) धोबी
(D) नाई
उत्तर:
(A) चिकित्सक

प्रश्न 6.
निम्नस्तरीय सेवा कौन-सी है?
(A) संगीतकार
(B) वकील
(C) मानसिक श्रम
(D) नाई
उत्तर:
(D) नाई

प्रश्न 7.
संयुक्त राज्य अमेरिका में कितने लोग सेवाओं में कार्यरत हैं?
(A) 60 प्रतिशत
(B) 75 प्रतिशत से अधिक
(C) 50 प्रतिशत
(D) 58 प्रतिशत
उत्तर:
(B) 75 प्रतिशत से अधिक

प्रश्न 8.
निम्न में से कौन-सी चीज व्यापार की बजाय प्रमोन के उद्देश्यों के लिए की जाती हैं?
(A) पर्यटन
(B) परिवहन
(C) मनोरंजन
(D) आवास
उत्तर:
(A) पर्यटन

प्रश्न 9.
‘घरों में रुकना’ एक लाभदायक व्यापार बनके उभरा है जैसे –
(A) गोवा में हेरीटेज होम्स
(B) कर्नाटक में मैडीकरे
(C) कूर्ग
(D) सभी
उत्तर:
(D) सभी

प्रश्न 10.
निम्न में से चतुर्थ क्रियाकलाप कौन-सा है?
(A) सूचना का संग्रहण
(B) उत्पादन और प्रकीर्णन
(C) अनुसंधान और विकास
(D) सभी
उत्तर:
(D) सभी

प्रश्न 11.
निम्न में से ज्ञान प्रकरण बाह्यस्त्रोतन (के.पी.ओ.) का कौन-सा उदाहरण है –
(A) ई. लर्निंग
(B) व्यवसयाय अनुसंधान
(C) बौद्धिक संपदा
(D) कानूनी व्यवसाय
(E) सभी
उत्तर:
(E) सभी

प्रश्न 12.
2005 में संयुक्त राज्य अमेरिका से उपचार के लिए कितने हजार रोगी भारत आए?
(A) 20
(B) 55
(C) 40
उत्तर:
(B) 55

प्रश्न 13.
निम्न में से चिकित्सा पर्यटन वाला देश कौन-सा है?
(A) भारत
(B) थाइलैंड
(C) सिंगापुर
(D) मलेशिया
(E) सभी
उत्तर:
(E) सभी

प्रश्न 14.
निम्न में से किस देश में अंकीय विभाजन पाया जाता है?
(A) भारत
(B) रूस
(C) दोनों में
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) दोनों में

Bihar Board 12th Hindi 100 Marks Objective Answers गद्य Chapter 7 ओ सदानीरा

Bihar Board 12th Hindi Objective Questions and Answers

Bihar Board 12th Hindi 100 Marks Objective Answers गद्य Chapter 7 ओ सदानीरा

O Sadanira Ka Objective Bihar Board 12th Hindi प्रश्न 1.
जगदीशचन्द्र माथुर का जन्म कब हुआ था ?
(A) 16 जुलाई 1917 को
(B) 16 जुलाई 1918 को
(C) 17 अगस्त 1919 को
(D) 20 सितम्बर 1917 को
उत्तर:
(A) 16 जुलाई 1917 को

ओ सदानीरा Objective Bihar Board 12th Hindi प्रश्न 2.
वैशाली महोत्सव का बीजारोपण किया
(A) अज्ञेय’ ने
(B) जगदीशचन्द्र माथुर ने
(C) श्री कृष्ण सिंह ने
(D) अशोक वाजपेयी ने
उत्तर:
(B) जगदीशचन्द्र माथुर ने

ओ सदानीरा Bihar Board 12th Hindi प्रश्न 3.
कौन-सी कृति माथुरजी की नहीं है ?
(A) मेरी बाँसुरी
(B) बंदी
(C) रेशमी टाई
(D) कोणार्क
उत्तर:
(C) रेशमी टाई

ओ सदानीरा जगदीश चंद्र माथुर Bihar Board 12th Hindi प्रश्न 4.
कौन-सी कृति माथुरजी की है ?
(A) जानवर और जानवर
(B) कहानी : नई कहानी
(C) यायावर रहेगा याद
(D) भोर का तारा
उत्तर:
(D) भोर का तारा

प्रश्न 5.
बराज कहाँ बन रहा था ?
(A) बेलगाँव में
(B) भितिहरवा में
(C) अमोलवा में
(D) भैंसालोटन में |
उत्तर:
(D) भैंसालोटन में |

प्रश्न 6.
आम्रपाली (अंबपाली) ने तथागत को क्या सौंपा था ?
(A) कदलीवन
(B) आम्रवन
(C) दस हजार स्वर्ण मुद्राएँ
(D) अपना भवन
उत्तर:
(B) आम्रवन

प्रश्न 7.
मेरठ के महंत ने गाँधीजी को कहाँ शरण दी?
(A) एक जामुन के पेड़ के नीचे
(B) अपने मठ में
(C) एक झोपड़ी में
(D) एक महुए के पेड़ के नीचे
उत्तर:
(D) एक महुए के पेड़ के नीचे

प्रश्न 8.
‘ओ सदानीरा’ के लेखक हैं
(A) जगदीशचन्द्र माथुर
(B) लक्ष्मीनारायण लाल
(C) लक्ष्मीनारायण मिश्र
(D) जयशंकर प्रसाद
उत्तर:
(A) जगदीशचन्द्र माथुर

प्रश्न 9.
‘कोणार्क’ के नाटककार कौन हैं?
(A) जयशंकर प्रसाद
(B) जगदीशचन्द्र माथुर
(C) हरेकृष्ण प्रेमी
(D) मैथिलीशरण गुप्त
उत्तर:
(B) जगदीशचन्द्र माथुर

प्रश्न 10.
‘दस तस्वीरें’ के रचनाकार कौन हैं ?
(A) रामवृक्ष बेनीपुरी
(B) जगदीशचन्द्र माथुर
(C) देवेन्द्र सत्यार्थी
(D) महादेवी वर्मा
उत्तर:
(B) जगदीशचन्द्र माथुर

प्रश्न 11.
‘सदानीरा’ किसको निमित्त बनाकर लिखा गया है ?
(A) कोसी को
(B) गंगा को
(C) गंडक को
(D) महानंदा को
उत्तर:
(C) गंडक को

प्रश्न 12.
बिहार के सुप्रसिद्ध सांस्कृतिक उत्सव ‘वैशाली महोत्सव’ का बीजारोपण किसने किया?
(A) जॉर्ज ग्रियर्सन ने
(B) सच्चिदानन्द सिन्हा ने
(C) जगदीशचन्द्र माथुर ने
(D) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने
उत्तर:
(C) जगदीशचन्द्र माथुर ने

प्रश्न 13.
‘ओ मेरे सपने’ क्या है?
(A) उपन्यास
(B) कहानी
(C) खंडकाव्य
(D) नाटक
उत्तर:
(D) नाटक

प्रश्न 14.
गौतम बुद्ध का आविर्भाव कब हुआ था ?
(A) दो हजार वर्ष पहले
(B) ढाई हजार वर्ष पहले
(C) तीन हजार वर्ष पहले
(D) पाँच सौ वर्ष पहले
उत्तर:
(B) ढाई हजार वर्ष पहले

प्रश्न 15.
राजा हरिसिंह देव को किसका मुकाबला करना पड़ा था ?
(A) गयासुद्दीन तुगलक का
(B) नादिरशाह का
(C) अहमदशाह का
(D) बाबर का
उत्तर:
(B) नादिरशाह का

प्रश्न 16.
‘बोलते क्षण’ किस साहित्यिक विधा की कृति है ?
(A) निबंध
(B) कहानी
(C) संस्मरण
(D) आलोचना
उत्तर:
(A) निबंध

प्रश्न 17.
‘ओ सदानीरा’ किसको निमित्त बनाकर लिखा गया है ?
(A) गंगा
(B) गंडक
(C) यमुना
(D) महानदी
उत्तर:
(B) गंडक

प्रश्न 18.
‘थारन’ शब्द किस शब्द से विकसित है?
(A) थल
(B) थार
(C) स्थल
(D) स्थान
उत्तर:
(B) थार

प्रश्न 19.
कर्णाट वंश के राजा हरिसिंह को किसका मुकाबला करना पड़ा?
(A) गयासुद्दीन तुगलक
(B) नादिरशाह
(C) अलाउद्दीन खिलजी
(D) कुतुबुद्दीन ऐबक
उत्तर:
(A) गयासुद्दीन तुगलक

प्रश्न 20.
चंपारण में थाँगड़ कहाँ से आए ?
(A) राँची
(B) जमशेदपुर
(C) छोटानागपुर
(D) आंध्र प्रदेश
उत्तर:
(C) छोटानागपुर

प्रश्न 21.
गाँधीजी चंपारण में कब आए ?
(A) अप्रैल 1918 में
(B) अप्रैल, 1920 में
(C) 20 जून, 1917 में
(D) अप्रैल, 1917 में
उत्तर:
(D) अप्रैल, 1917 में

प्रश्न 22.
तीनकठिया प्रथा का संबंध है1
(A) ईख से
(B) तम्बाकू से
(C) मसाला से
(D) नील से
उत्तर:
(D) नील से

प्रश्न 23.
पंडई नदी कहाँ तक जाती है ?
(A) भिखनाथोरी
(B) वगहा
(C) रामनगर
(D) भितिहवा
उत्तर:
(A) भिखनाथोरी

प्रश्न 24.
निम्नलिखित में कौन-सी रचना जगदीशचन्द्र माथुर की है?
(A) सिपाही की माँ
(B) जूठन
(C) ओ सदानीरा
(D) तिरिछ
उत्तर:
(C) ओ सदानीरा

प्रश्न 25.
‘ओ सदानीरा’ शीर्षक पाठ किस विद्या के अन्तर्गत आता है?
(A) निबन्ध
(B) कहानी
(C) कविता
(D) नाटक
उत्तर:
(A) निबन्ध

प्रश्न 26.
जगदीशचन्द्र माथुर मूलतः क्या थे?
(A) निबन्धकार
(B) कहानीकार
(C) नाटककार
(D) उपन्यासकार
उत्तर:
(C) नाटककार

प्रश्न 27.
‘ओ सदानीरा’ निबन्ध बिहार के किस क्षेत्र की संस्कृति पर लिखी गयी है?
(A) सारण
(B) तिरहुत
(C) मिथिला
(D) चंपारण
उत्तर:
(D) चंपारण

प्रश्न 28.
चम्पारण क्षेत्र में बाढ़ का मुख्य कारण क्या है?
(A) जंगलों का कटना
(B) नदियों की अधिकता
(C) नदियों की तीव्रधारा
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) जंगलों का कटना

प्रश्न 29.
माथुर जी किस राज्य के शिक्षा सचिव नियुक्त हुए?
(A) मध्य प्रदेश
(B) आन्ध्रप्रदेश
(C) बिहार
(D) उत्तर प्रदेश
उत्तर:
(A) मध्य प्रदेश

प्रश्न 30.
बारहवीं सदी के लगभग तीन सौ वर्ष तक किस वंश का शासन था?
(A) मौर्य वंश
(B) चालुक्य वंश
(C) गुप्त वंश
(D) कर्णाट वंश
उत्तर:
(D) कर्णाट वंश

प्रश्न 31.
अंग्रेज ठेकेदारों ने किस चीज की खेती का विस्तार किया?
(A) दलहन
(B) भील.
(C) गेहूँ
(D) तिलहन
उत्तर:
(B) भील.

प्रश्न 32.
राजा हरिसिंह देव को गयासुद्दीन तुगलक का सामना कब करना पड़ा?
(A) 1225 ई. में
(B) 1250 ई० में
(C) 1325 ई० में ।
(D) 1350 ई० में
उत्तर:
(C) 1325 ई० में ।

प्रश्न 33.
धाँगड़ों को नील की खेती के सिलसिले में कब लाया गया?
(A) 18वीं शताब्दी के अन्त में
(B) 17वीं शताब्दी के अन्त में
(C) 19वीं शताब्दी के अन्त में
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) 18वीं शताब्दी के अन्त में

प्रश्न 35.
पुंडलीक जी कौन थे?
(A) गाँव का मुखिया
(B) शिक्षक
(C) चिकित्सक
(D) राजनीतिक नेता
उत्तर:
(B) शिक्षक

प्रश्न 36.
निम्नलिखित में से कौन-सा नाटक जगदीशचन्द्र माथुर रचित है?
(A) दीपक
(B) आधे-अधूरे
(C) कोणार्क
(D) ओ मेरे मन
उत्तर:
(C) कोणार्क

प्रश्न 37.
निम्नलिखित में से कौन-सी उपाधि माथुर जी को मिली?
(A) विद्या प्रदक्षिणा
(B) विद्या वारिधि
(C) विद्या कामिनी
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) विद्या वारिधि

प्रश्न 38.
माथुर जी को भितिहरवा पहुंचने पर कौन मिले?
(A) गाँधी जी
(B) गोखले जी
(C) पुंडलीक जी
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(C) पुंडलीक जी

प्रश्न 39.
पुंडलीक जी ने निर्भिकता किससे सीखी?
(A) गोखले जी से
(B) गाँधी जी से
(C) कृपलानी जी से
(D) इनमें किसी से नहीं
उत्तर:
(B) गाँधी जी से

प्रश्न 40.
कर्णाट वंश के राजा हरिसिंह को किसका मुकाबला करना पड़ा?
(A) गयासुद्दीन तुगलक
(B) नादिरशाह
(C) अलाउद्दीन खिलजी
(D) कुतुबुद्दीन ऐबक
उत्तर:
(A) गयासुद्दीन तुगलक

प्रश्न 41.
चंपारन में धाँगड़ कहाँ से आए?
(A) राँची
(B) जमशेदपुर
(C) छोटानागपुर
(D) आंध्र प्रदेश
उत्तर:
(C) छोटानागपुर

प्रश्न 42.
गाँधीजी चंपारन में कब आए?
(A) अप्रैल 1918 में
(B) अप्रैल 1920 में
(C) 20 जून 1917 में
(D) अप्रैल 1917 में
उत्तर:
(D) अप्रैल 1917 में

प्रश्न 43.
‘तीनकठिया’ प्रथा का संबंध है
(A) ईख से
(B) तम्बाकू से
(C) मसाला से
(D) नील से
उत्तर:
(D) नील से

प्रश्न 44.
पंडई नदी कहाँ तक जाती है?
(A) भिखनाथोरी
(B) बगहा
(C) रामनगर
(D) भितिहरवा
उत्तर:
(A) भिखनाथोरी

प्रश्न 45.
बराज कहाँ बन रहा था?
(A) बेलगाँव
(B) भितिहरवा में
(C) अमोलवा में
(D) भैसालोटन में
उत्तर:
(D) भैसालोटन में

प्रश्न 46.
आम्रपाली (अंबपाली) ने तथागत को क्या सौंपा था?
(A) कदलीवन
(B) आम्रवन
(C) दस हजार स्वर्णमुद्राएँ
(D) अपना भवन
उत्तर:
(B) आम्रवन

प्रश्न 47.
मठ के महंत ने गाँधीजी को कहाँ शरण दी?
(A) एक जामुन के पेड़ के नीचे
(B) अपने मठ में
(C) एक झोपड़ी में
(D) एक महुए के पेड़ के नीचे
उत्तर:
(D) एक महुए के पेड़ के नीचे

प्रश्न 48.
जगदीशचंद्र माथुर का जन्म हुआ था
(A) 16 जुलाई 1917 को
(B) 16 जुलाई 1918 को
(C) 17 अगस्त 1917 को
(D) 20 सितंबर 1917 को
उत्तर:
(A) 16 जुलाई 1917 को

प्रश्न 49.
वैशाली महोत्सव का बीजारोपण किया
(A) ‘अज्ञेय’ ने
(B) जगदीशचंद्र माथुर ने
(D) अशोक वाजपेयी ने
उत्तर:
(B) जगदीशचंद्र माथुर ने

प्रश्न 50.
कौन-सी कृति माथरजी की नहीं है।
(A) मेरी बाँसुरी
(B) बंदी
(C) रेशमी-टाई
(D) कोणार्क
उत्तर:
(C) रेशमी-टाई

प्रश्न 51.
कौन-सी कृति माथुरजी की है?
(A) जानवर और जानवर
(B) कहानी : नई कहानी’
(C) यायावर रहेगा याद
(D) भोर का तारा
उत्तर:
(D) भोर का तारा

प्रश्न 52.
‘बोलते क्षण’ किस साहित्यिक विधा की कृति है?
(A) निबंध
(B) कहानी
(C) संस्मरण
(D) आलोचना
उत्तर:
(A) निबंध

प्रश्न 53.
‘ओ सदानीरा’ किसको निमित बनाकर लिखा गया है?
(A) गंगा
(B) गंडक
(C) यमुना
(D) महानदी
उत्तर:
(B) गंडक

प्रश्न 54.
‘थारन’ शब्द किस शब्द से विकसित है?
(A) थल
(B) थार
(C) स्थल
(D) स्थान
उत्तर:
(B) थार

प्रश्न 55.
बिहार के सुप्रसिद्ध सांस्कृतिक उत्सव ‘वैशाली महोत्सव’ का बीजारोपण किसने किया?
(A) जॉर्ज ग्रियर्सन ने
(B) सच्चिदानंद सिन्हा ने
(C) जगदीशचंद्र माथुर ने
(D) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने
उत्तर:
(C) जगदीशचंद्र माथुर ने

प्रश्न 56.
‘ओ मेरे सपने’ क्या है?
(A) उपन्यास
(B) कहानी
(C) खंडकाव्य
(B) जगदीशचंद्र माथुर
उत्तर:
(B) जगदीशचंद्र माथुर

प्रश्न 57.
गौतम बुद्ध का आविर्भाव कब हुआ था?
(A) दो हजार वर्ष पहले
(B) ढाई हजार वर्ष पहले
(C) तीन हजार वर्ष पहले
(D) पाँच सौ वर्ष पहले
उत्तर:
(B) ढाई हजार वर्ष पहले

प्रश्न 58.
राजा हरिसिंह देव को किसका मुकाबला करना पड़ा था?
(A) गयासुद्दीन तुगलक का
(B) नादिरशाह का
(C) अहमदशाह का
(D) बाबर का
उत्तर:
(A) गयासुद्दीन तुगलक का

प्रश्न 59.
‘ओ सदानीरा’ के लेखक है
(A) जगदीशचंद्र माथुर
(B) लक्ष्मीनारायण लाल
(C) लक्ष्मीनारायण मिश्र
(D) जयशंकर प्रसाद
उत्तर:
(A) जगदीशचंद्र माथुर

प्रश्न 60.
‘कोर्णाक’ के नाटककार कौन है?
(A) जयशंकर प्रसाद
(B) जगदीशचंद्र माथुर
(C) हरेकृष्ण प्रेमी
(D) मैथिलीशरण गुप्त
उत्तर:
(B) जगदीशचंद्र माथुर

प्रश्न 61.
‘दस तस्वीरे’ के रचनाकार कौन है?
(A) रामवृक्ष बेनीपुरी
(B) जगदीशचंद्र माथुर
(C) देवेंद्र सत्यार्थी
(D) महादेवी वर्मा
उत्तर:
(B) जगदीशचंद्र माथुर

Bihar Board 12th English 100 Marks Objective Answers Poem 3 Now the leaves are falling fast

Bihar Board 12th English Objective Questions and Answers 

Bihar Board 12th English 100 Marks Objective Answers Poem 3 Now the leaves are falling fast

Now The Leaves Are Falling Fast Objective Questions Bihar Board 12th English Question 1.
Who is the poet of ‘Now the Leaves Are Falling Fast’ ?
(A) John Keats
(B) W.H. Auden
(C) Rupert Brooke
(D) T.S. Eliot
Answer:
(B) W.H. Auden

Now The Leaves Are Falling Fast Question Answer Bihar Board 12th English Question 2.
W.H. Auden was born in ?
(A) 1917
(B) 1908
(C) 1907
(D) 1913
Answer:
(C) 1907

Now The Leaves Are Falling Fast Questions And Answers Bihar Board 12th English Question 3.
W.H. Auden died in ?
(A) 1963
(B) 1953
(C) 1973
(D) 1965
Answer:
(C) 1973

Question Answer Of Now The Leaves Are Falling Fast Bihar Board 12th English Question 4.
The prams are-
(A) Running
(B) Rolling
(C) Standing
(D) Broken
Answer:
(B) Rolling

Now The Leaves Are Falling Fast Ka Question Answer Bihar Board 12th English Question 5.
Who disturb the ‘real delight’ of the ageing persons-
(A) Nurse’s flowers
(B) Starving people
(C) Whispering neighbours
(D) Cold
Answer:
(C) Whispering neighbours

Now The Leaves Are Falling Fast Meaning In Hindi Bihar Board 12th English Question 6.
W.H. Auden won the Pulitzer Prise in the year ?
(A) 1947
(B) 1958
(C) 1948
(D) 1946
Answer:
(C) 1948

12th English Objective Questions And Answers Pdf 2020 Question 7.
What are falling fast ?
(A) Snow
(B) Flowers
(C) Leaves
(D) Ball
Answer:
(C) Leaves

Bihar Board 12th English Objective Question Question 8.
In the second line of the poem, Now The Leaves Are Falling Fast’ ‘Nurse’ stands for—
(A) a plant
(B) a fruit
(C) a tree
(D) None of these
Answer:
(C) a tree

12th English Objective Questions And Answers Pdf Question 9.
In the poem, ‘Now The Leaves Are Falling Fast’ ‘Whispering neighbours’ stand for—
(A) agents of Life Insurance
(B) agents of State Bank of India
(C) agents of Sahara India
(D) agents of death
Answer:
(D) agents of death

Now The Leaves Are Falling Fast Bihar Board 12th English Question 10.
‘Trolls’ mentioned in the poem, ‘Now The Leaves are Falling Fast’ are mythological creatures.
(A) Scandinavian
(B) Indian
(C) Russian
(D) None of these
Answer:
(A) Scandinavian

12th English Objective Question Answer Question 11.
‘Now the Leaves are Falling Fast’ is poem.
(A) a pessimistic
(B) optimistic
(C) a pessimistic-cum-optimistic
(D) None of these
Answer:
(C) a pessimistic-cum-optimistic

English Class 12 Objective Questions Question 12.
Who has composed the poem, Now The Leaves Are Falling Fast’?
(A) W.H. Auden
(B) Walter de la Mare
(C) D.H. Lawrence
(D) Rupert Brooke
Answer:
(A) W.H. Auden

Now The Leaves Are Falling Fast Talks About The Of Human Life Question 13.
Auden won the Pulitzer prize in—
(A) 1947
(B) 1948
(C) 1949
(D) 1950
Answer:
(B) 1948

Class 12th English Objective Question Question 14.
For Auden poetry was—
(A) a light game
(B) an interesting game
(C) a serious game
(D) None of these

Question 15.
Auden was—
(A) a poet
(B) a verse dramatist
(C) a serious game
(D) All of these
Answer:
(D) All of these

Question 16.
‘Now The Leaves are Falling’ is
(A) a lyric
(B) an ode
(C) a sonnet
(D) an elegy
Answer:
(A) a lyric

Question 17.
‘Now The Leaves Are Falling Fast the ………….. frustration inherent in human life.
(A) reacts
(B) enacts
(C) accepts
(D) protests
Answer:
(B) enacts

Question 18.
W.H. Auden has written the poem—
(A) John Keats
(B) Walt Whitman
(C) W.H. Auden
(D) T.S. Eliot
Answer:
(C) W.H. Auden

Question 19.
The prams are —
(A) running
(B) standing
(C) lying
(D) rolling
Answer:
(D) rolling

Question 20.
The travellers are we beings, moving towards our death.
(A) human
(B) animal
(C) urbon
(D) rural
Answer:
(A) human

Question 21.
Human life is no better than —
(A) life
(B) death
(C) journey
(D) None of these
Answer:
(B) death

Question 22.
The leaves are falling —
(A) slow
(B) soon
(C) fast
(D) None of these
Answer:
(C) fast

Question 23.
Trees shed their leaves in —
(A) rain
(B) summer
(C) winter
(D) autumn
Answer:
(D) autumn

Question 24.
The ………….. has become dumb to see the leafless trees.
(A) hen
(B) sparrow
(C) nightingale
(D) peacock
Answer:
(C) nightingale

Question 25.
……………….. waterfall could bless the travellers passing through that way.
(A) Yellow
(B) White
(C) Red
(D) Grey
Answer:
(B) White

Question 26.
The falling of ………….. refer to the speedy arrival of death.
(A) leaves
(B) stones
(C) snows
(D) None of these
Answer:
(A) leaves

Question 27.
The ………….. of death are the whispering neighbour.
(A) messenger
(B) friends
(C) enemies
(D) God
Answer:
(A) messenger

Question 28.
‘Whispering neighbours, left and right’ is a line from the poem—
(A) An Epitaph
(B) Song of Myself
(C) Now the Leaves Are falling Fast
(D) Snake
Answer:
(C) Now the Leaves Are falling Fast

Question 29.
‘Nurse’s flowers will not last’ is a line written by—
(A) John keats
(B) John Donne
(C) Walt Whitman
(D) W.H. Auden
Answer:
(D) W.H. Auden

Question 30.
Who is the poet of ‘Now The Leaves Are Falling Fast ?
(A) John Keats
(B) W. H. Auden
(C) Rupert Brooke
(D) T.S. Eliot
Answer:
(B) W. H. Auden

Question 31.
The prams were……….
(A) big
(B) still
(C) rolling
(D) Lost
Answer:
(C) rolling

Question 32.
W. H. Auden was born in ?
(A) 1917
(B) 1900
(C) 1907
(D) 1910
Answer:
(C) 1907

Question 33.
W.H. Auden died in?
(A) 1968
(B) 1958
(C) 1973
(D) 1965
Answer:
(C) 1973

Question 34.
W. H. Auden won the Pulitzer prize in
(A) 1937
(B) 1958
(C) 1948
(D) 1842
Answer:
(C) 1948

Question 35.
The travellers are the persons.
(A) young
(B) old
(C) sick
(D) orphan
Answer:
(B) old

Question 36.
Travellers will be blessed with the
(A) river
(B) waterfall
(C) pond
(D) lake
Answer:
(B) waterfall

Question 37.
Diseases make human life……….
(A) miser
(B) mouser
(C) miserable
(D) wealthier
Answer:
(C) miserable

Question 38.
The leaves were fast
(A) snowing
(B) cut
(C) falling
(D) growing
Answer:
(C) falling

Bihar Board 12th English 100 Marks Objective Answers Chapter 1 Indian Civilization and Culture

Bihar Board 12th English Objective Questions and Answers 

Bihar Board 12th English 100 Marks Objective Answers Chapter 1 Indian Civilization and Culture

Indian Civilization And Culture Class 12 Objective Questions Bihar Board Question 1.
India’s glory is that it-
(A) Remains movable
(B) Remains immovable
(C) Always flourish
(D) Never give up hope
Answer:
(B) Remains immovable

Indian Civilization And Culture Objective Bihar Board Question 2.
The charge against India is that-
(A) Her civilization is very old
(B) Her people are so uncivilized, ignorant and stolid
(C) It ignored to writings of the Greeks
(D) Its ancestors dissuaded people from luxuries and pleasures
Answer:
(B) Her people are so uncivilized, ignorant and stolid

Indian Civilization And Culture Objective Question Answer Bihar Board Question 3.
Gandhi dominated Indian politics during
(A) 1869-1948
(B) 1919-1948
(C) 1915-1948
(D) 1916-1948
Answer:
(C) 1915-1948

Indian Civilization And Culture Ka Objective Bihar Board Question 4.
The Western civilization has the tendency to privilege-
(A) Paternity
(B) Morality
(C) Materiality
(D) Dominancy
Answer:
(C) Materiality

Indian Civilization And Culture Objective Question Bihar Board Question 5.
Indian civilization elevates the-
(A) Foundation
(B) Independence
(C) Spiritual
(D) Moral being
Answer:
(D) Moral being

Indian Civilization And Culture Ka Objective Question Bihar Board Question 6.
Machinery makes us slaves and we lose our-
(A) Moral fibre
(B) Own strength
(C) Ideology
(D) Character
Answer:
(A) Moral fibre

12th English Objective Questions And Answers Pdf 2021 Bihar Board Question 7.
Modern civilization is mainly the worship of-
(A) Idols
(B) Material
(C) Arts
(D) Politics
Answer:
(D) Politics

Indian Civilization And Culture Objective Pdf Download Bihar Board Question 8.
Indian Civilization And Culture’ is written by-
(A) Zakir Husain
(B) Kamala Das
(C) Mahatma Gandhi
(D) Rabindranath Tagore
Answer:
(C) Mahatma Gandhi

Indian Glory Is That It Is Bihar Board Question 9.
Modern Civilization is based on-
(A) Imperialism
(B) Materialism
(C) Dissatisfaction
(D) Non-violence
Answer:
(D) Non-violence

Indian Civilization And Culture Bihar Board Question 10.
‘My Experiments with Truth’ is-
(A) Story
(B) Autobiography
(C) Novel
(D) Biography
Answer:
(D) Biography

Bihar Board 12th English Objective Question Question 11.
He was more a spiritual leader than a politician-
(A) Jawahar Lai Nehru
(B) Lai Bahadur Shastri’
(C) Mohan Das Karamchand Gandhi
(D) Lokmanya Ti lak
Answer:
(C) Mohan Das Karamchand Gandhi

Class 12 English Objective Question Bihar Board Question 12.
Which cfvfiization is not beaten in the world ?
(A) Greek
(B) Indian
(C) Pharaohs
(D) Chinese
Answer:
(B) Indian

12th English Objective Question Answer Bihar Board Question 13.
Who imagined, that (Hey will avoid the mistakes of Greece and Rome ?
(A) Indian
(B) Chinese
(C) Japanese
(D) Europeans
Answer:
(D) Europeans

12th English Objective Questions And Answers Pdf Bihar Board Question 14.
Mahatma Gandhi has written the lesson—
(A) I Have a Dream
(B) The Artist
(C) Indian Civilization and Culture
(D) The Earth

English Class 12 Objective Questions Bihar Board Question 15.
Pharaohs were rulers were ancient—
(A) Russia
(B) Egypt
(C) India
(D) Greece

Bihar Board 12th English Objective Question 2021 Question 16.
…………….. were rulers of Egypt.
(A) Americans
(B) Africans
(C) Iranians
(D) Pharaohs
Answer:
(D) Pharaohs

Question 17.
Civilization is the state of development of a
(A) people
(B) animal
(C) bird
(D) non-living things
Answer:
(A) people

Question 18.
Gibbon is associated with -[2018A, I.A.]
(A) Italy
(B) Sweden
(C) Russia
(D) America
Answer:
(A) Italy

Question 19.
Europeon civilization will mean ………… for India. [18A, I.A.|
(A) want
(B) living
(C) real
(D) ruin
Answer:
(D) ruin

Question 20.
‘Simple living and high thinking’ is the base of –
(A) American Civilization
(B) Indian Civilization
(C) European Civilization
(D) None of these
Answer:
(B) Indian Civilization

Question 21.
Indian glory is that it is—
(A) immovable
(B) movable
(C) uncivilised
(D) ignorant
Answer:
(A) immovable

Question 22.
…………. was a spiritual leader than a politician
(A) Nehruji
(B) Sardar Patel
(C) Mahatma Gandhi
(D) Indira Gandhi
Answer:
(C) Mahatma Gandhi

Question 23.
‘My Experiments with Truth’ was written by—
(A) Nehruji
(B) Mahatma Gandhi
(C) Maulana Abdul Kalam Azad
(D) Sardar Patel
Answer:
(B) MahatmaGandhi

Question 24.
The mind is a restlessthe more it gets the more it wants.
(A) bird
(B) dog
(C) cow
(D) monkey
Answer:
(A) bird

Question 25.
The people of Europe learn their lesson from the writing of the man of ………….
(A) Germany
(B) Britain
(C) Greece or Rome
(D) Spain.
Answer:
(C) Greece or Rome

Question 26.
“Plain living and high thinking’ is the motto of –
(A) Western philosopher
(B) Eastern philosopher
(C) North philosopher
(D) None of these
Answer:
(A) Western philosopher

Question 27.
Sacrifice is the sole aim of our –
(A) Philosopher
(B) farmers
(C) righis
(D) scientists
Answer:
(C) righis

Question 28.
…………… is dead against blind imitation civilization.
(A) Nehruji
(B) Gandhiji
(C) Patel
(D) Ambedkar
Answer:
(B) Gandhiji

Question 29.
…………… were satisfied with small villages.
(A) Our ancestors
(B) Germans
(C) Romans
(D) Italians
Answer:
(A) Our ancestors

Question 30.
Has civilization taught us to be more ……….. another?
(A) enemy
(B) angry
(C) upset
(D) friendly
Answer:
(B) angry

Question 31.
Our ancestors enjoyed ………….. Rule.
(A) Nice
(B) Society
(C) Home
(D) Nation

Question 32.
Wealth and luxuries do not make a …………… happy
(A) bird
(B) man
(C) cow
(D) dog
Answer:
(C) cow

Question 33.
Gandhiji went to Champaran in …………….
(A) 1915
(B) 1916
(C) 1917
(D) 1918
Answer:
(C) 1917

Question 34.
The people of Europe are inspired by …………… and Roman writers.
(A) British
(B) Greek
(C) German
(D) Indian
Answer:
(B) Greek

Question 35.
The invention of ……….. proved a milestone in our development.
(A) fire
(B) agriculture
(C) carpentry
(D) None of these
Answer:
(A) fire

Question 36.
He wrote different articles for –
(A) ‘The Hindu’
(B) ‘The Timesof India’
(C) ‘The Blitze’
(D)’YoungIndia’
Answer:
(D)’YoungIndia’

Question 37.
Civilization points out to man –
(A) how to make money
(B) how to win the enemy
(C) the path of duty
(D) the way of living
Answer:
(C) the path of duty

Question 38.
To observe morality is to attain mastery over –
(A) economic growth
(B) political ability
(C) minds and passions
(D) art
Answer:
(C) minds and passions

Question 39.
The mind is a restless bird which always remains—
(A) hungry
(B) unsatisfied
(C) thirsty
(D) sick
Answer:
(B) unsatisfied

Question 40.
Happiness is largely a –
(A) mental condition
(B) Physical Condition
(C) disease
(D) imagination
Answer:
(A) mental condition

Question 41.
Mahatma Gandhi was more a—
(A) politician
(B) economist
(C) social reformer
(D) spiritual leader
Answer:
(D) spiritual leader

Question 42.
He used as the chief weapons—
(A) swords
(B) nuclear weapons
(C) guns
(D) truth and non-violence
Answer:
(D) truth and non-violence

Question 43.
Our ancestors dissuaded us from –
(A) politics
(B) luxuries and pleasure
(C) morality
(D) spirituality
Answer:
(B) luxuries and pleasure

Question 44.
Poeple in ancient days were satisfied with –
(A) towns
(B) cities
(C) mega cities
(D) villages
Answer:
(D) villages

Question 45.
Our forefathers saw that kings and their swords were inferior to –
(A) the swords of ethics
(B) the swords of politics
(C) the swords of economics
(D) the swords of treachery
Answer:
(A) the swords of ethics

Question 46.
In ancient days the common people followed –
(A) business
(B) agriculture
(C) industry
(D) politics
Answer:
(B) agriculture

Question 47.
Modern civilization is the worship of—
(A) material
(B) ethics
(C) brotherhood
(D) equality
Answer:
(A) material

Question 48.
‘Indian Civilization and Culture’ has been written by –
(A) Pt. Nehru
(B) M. Gandhi
(C) Hussain
(D) None of these
Answer:
(B) M. Gandhi

Question 49.
In ancient days the common people enjoyed –
(A) courts rule
(B) slavery
(C) true home rule
(D) foreign rule
Answer:
(C) true home rule

Question 50.
The tendency of Indian civilization is to elevate –
(A) immorality
(B) partiality
(C) moral being
(D) dishonesty
Answer:
(C) moral being

Question 51.
Indian civilization is –
(A) godless
(B) based on belief in God
(C) based on partiality
(D) based on matter
Answer:
(B) based on belief in God

Question 52.
‘Indian Civilization And Culture’ is written by …………….
(A) Mahatma Gandhi
(B) Manohar Malgaonkar
(C) Shiga Naoya
(D) Dr. Jakir Hussain
Answer:
(B) Manohar Malgaonkar

Question 53.
Gandhi was born in …………….
(A) 1865
(B) 1872
(C) 1869
(D) 1870
Answer:
(C) 1869

Question 54.
Gandhiji has said that mind is a ……………. bird.
(A) resting
(B) flying
(C) restless
(D) chirping
Answer:
(C) restless

Question 55.
Modern Civilization is based on …………….
(A) realistic
(B) materialism
(C) artistic
(D) ever-making
Answer:
(B) materialism

Question 56.
Truth and non-violence were the chief …………….
(A) books
(B) essays
(C) culture
(D) weapons
Answer:
(D) weapons

Question 57.
The western civilization has the tendency to privilege …………….
(A) inventions
(B) capital
(C) materiality
(D) mankind
Answer:
(C) materiality

Question 58.
……………. makes us slaves and we lose our moral fibre.
(A) culture
(B) science
(C) machinery
(D) civilization
Answer:
(C) machinery

Question 59.
We have been …………. west since long.
(A) copy
(B) copying
(C) copied
(D) copier
Answer:
(B) copying

Question 60.
Gandhi died in
(A) 1947
(B) 1948
(C) 1946
(D) 1945
Answer:
(B) 1948

Question 61.
Gandhiji was more a …………. leader than a politican.
(A) passionate
(B) spiritual
(C) popular
(D) numerous
Answer:
(B) spiritual

Question 62.
Gandhiji dominated Indian politics during …………….
(A) 1915 till 1947
(B) 1915 till 1948
(C) 1912 till 1948
(D) 1913 till 1947
Answer:
(B) 1915 till 1948

Question 63.
Indian Civilization has …………. it alive till now.
(A) keep
(B) keeping
(C) kept
(D) done
Answer:
(C) kept

Question 64.
We have ……………. many things from the west.
(A) borrow
(B) borrowing
(C) borrowed
(D) borrow on
Answer:
(C) borrowed

Question 65.
My Experiments with Truth’ was Gandhiji’s …………….
(A) biography
(B) autobiography
(C) essay
(D) confession
Answer:
(B) autobiography

Question 66.
India’s glory is that elemains …………….
(A) immovable
(B) movable
(C) passions
(D) sovareigns
Answer:
(B) movable

Bihar Board Class 12th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 8 उषा

Bihar Board Class 12th Hindi Book Solutions

Bihar Board Class 12th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 8 उषा

 

उषा वस्तुनिष्ठ प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के बहुवैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर बताएँ

उषा कविता के प्रश्न उत्तर Bihar Board प्रश्न 1.
ऊषा’ कविता के कवि कौन हैं?
(क) रघुवीर सहाय
(ख) शमशेर बहादुर सिंह
(ग) जयशंकर प्रसाद
(घ) अशोक वाजपेयी
उत्तर-
(ख)

उषा’ कविता के प्रश्न उत्तर Bihar Board प्रश्न 2.
शमशेर बहादुर सिंह का जन्म कब हुआ था?
(क) 13 जनवरी, 1911 ई.
(ख) 15 जनवरी, 1910 ई.
(ग) 20 फरवरी, 1920 ई.
(घ) 20 जनवरी, 1915 ई.
उत्तर-
(क)

उषा आ रही है कविता के प्रश्न उत्तर Bihar Board प्रश्न 3.
शमशेर की ‘प्रतिनिधि कविताएँ’ नामक काव्य कृति का संपादन किसने किया है?
(क) डॉ. नामवर सिंह
(ख) डॉ. काशीनाथ सिंह
(ग) डॉ. दूधनाथ सिंह
(घ) डॉ. बच्चन सिंह
उत्तर-
(क)

उषा कविता का भावार्थ Bihar Board प्रश्न 4.
शमशेर बहादुर सिंह को हिन्दी साहित्य में क्या कहा जाता है?
(क) कवियों के कवि
(ख) कवि शिरोमणि
(ग) कवि भूषण
(घ) कवि रत्न
उत्तर-
(क)

Usha Hindi Class 12 Bihar Board प्रश्न 5.
काल तुझसे होड़ है मेरी, टूटी हुई बिखरी हुई, कहीं बहुत दूर से सुन रहा हूँ, सुकून की तलाश आदि किनकी रचनाएँ हैं?
(क) शमशेर बहादुर सिंह
(ख) नामवर सिंह
(ग) मैनेजर पाण्डेय
(घ) विश्वनाथ तिवारी
उत्तर-
(क)

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

Class 12 Hindi Usha Question Answer Bihar Board प्रश्न 1.
स्लेट पर या लाल खड़िया……….. मल दी हो किसी ने
उत्तर-
चाक

उषा कविता का काव्य सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए| Bihar Board प्रश्न 2.
बहुत काली सिल जरा से लाल……….. से कि जैसे घुल गई हो।
उत्तर-
केसर

उषा कविता का सारांश Bihar Board प्रश्न 3.
राख से लीप हुआ…………. अभी गीला पड़ा है।
उत्तर-
चौका

प्रातः काल का नाम कैसा था Bihar Board प्रश्न 4.
नील जल में या किसी की गौर…….. देह जैसे हिल रही हो।
उत्तर-
झिलमिल

Usha Question Answer Bihar Board प्रश्न 5.
प्रात नभ था बहुत नीला……… जैसे मोर का नभ।
उत्तर-
शंख

Usha Class 12 Question Answer Bihar Board प्रश्न 6.
और………… जादू टूटता है इस…….. का अब सूर्योदय हो रहा है।
उत्तर-
उषा गोल्डेन सीरिज पासपोर्ट

उषा अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Usha Kavita Class 12 Bihar Board प्रश्न 1.
उषा का जादू कब टूट जाता है?
उत्तर-
सूर्योदय होने पर।

प्रश्न 2.
शमशेर बहादुर सिंह की कविता का क्या नाम है?
उत्तर-
उषा।

प्रश्न 3.
प्रातःकाल का नभ कैसा था?
उत्तर-
नीले राख के समान।

प्रश्न 4.
शमशेर बहादुर सिंह का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर-
13 जनवरी, 1911, देहरादून, उत्तराखण्ड।

प्रश्न. 5.
शमशेर बहादुर सिंह ने किस स्थान से बी.ए. किया?
उत्तर-
इलाहाबाद।

प्रश्न 6.
शमशेर बहादुर सिंह ने निम्नलिखित में से किस कोण का संपादन कार्य किया?
उत्तर-
उर्दू–हिन्दी कोष।

प्रश्न 7.
शमशेर बहादुर सिंह की रचना किस सप्तक में आनी शुरू हुई?
उत्तर-
दूसरा सप्तक।

प्रश्न 8.
शमशेर बहादुर सिंह का संबंध किस विश्वविद्यालय से रहा है?
उत्तर-
विक्रम विश्वविद्यालय से।।

उषा पाठ्य पुस्तक के प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
प्रातःकाल का नभ कैसा था?
उत्तर-
प्रात:काल का नभ पवित्र, निर्मल और उज्ज्वल था। उसका रंग अत्यधिक नीला था और वह शंख जैसा प्रतीत हो रहा था ! उस समय नभ देखने में.ऐसा लग रहा था जैसे लीपा हुआ चौका हो। पूरब से बिखरी सूर्योदय के पहले की लालिमा के कारण नभ ऐसा लग रहा था मानो किसी ने काली सिल को लाल केसर से धो दिया हो।

प्रश्न 2.
‘राख से लीपा हुआ चौका’ के द्वारा कवि ने क्या कहना चाहा है?
उत्तर-
‘राख से लीपा हुआ चौका’ के माध्यम से कवि यह कहना चाहता है कि प्रातः कालीन नभ पवित्र एवं निर्मल है। जिस प्रकार लीपने के तुरंत बाद गीले चौके में किसी को इसलिए नहीं चलने– फिरने दिया जाता कि उससे चौके में पैरों के निशान पड़ जाएंगे और वह पवित्र तथा निर्मल नहीं रह पाएगा, उसी प्रकार भोर के नभ में भी प्रात: की ओस के कारण गीलापन है और वह बिल्कुल पवित्र एवं निर्मल है।

प्रश्न 3.
बिम्ब स्पष्ट करें–.
‘बहुत काली सिल जरा से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो’..
उत्तर-
यहाँ दो तरह का बिम्ब दिखाई पड़ता है। पहला जीवन का बिम्ब है. जिसमें सुबह चौका लीपने के बाद गृहिणी सिलवट पर मशाला पीसती है और केसर पीसने के बाद सिलवट धुल जाने के बाद भी उसमें थोड़ी देर तक लाली बनी रहती है। दूसरा यह कि समस्त दिगंत सूर्य की लाली से भर गया है जो लगता है कि बहुत काली सिल जरा से लाल केसर से धुल गई हो। आकाश की थोड़ी लालिमा ऐसी लगती है जैसे जिस समय सर्योदय की शुरूआत हुई हो।

प्रश्न 4.
उषा का जादू कैसा है?
उत्तर-
उषा का उदय आकर्षक होता है। नीले गगन में फैलती प्रथम सफेद लाल प्रात:काल की किरणें हृदय को बरबस अपनी ओर आकृष्ट कर लेती है। उसका बरबस आकृष्ट करना ही जादू है। सूर्य उदित होते ही यह भव्य प्राकृतिक दृश्य सूर्य की तरुण किरणों से आहत हो जाता है। उसका सम्मोहन और प्रभाव नष्ट हो जाता है।

प्रश्न 5.
‘लाल केसर’ और ‘लाल खड़िया चाक’ किसके लिये प्रयुक्त है?
उत्तर-
लाल केसर–सूर्योदय के समय आकाश की लालिमा से कवि ने लाल केसर से तुलना की है। रात्रि की उन्होंने काली सिलवट से तुलना की है। काली सिलवट को लाल केसर से मलने पर सिलवट साफ हो जाता है। उसी प्रकार सूर्योदय होते ही अंधकार दूर हो जाता है एवं आकाश में लालिमा छा जाती है।

लाल खड़िया चाक–लाल खड़िया चाक उषाकाल के लिये प्रयुक्त हुआ है। उषाकाल में हल्के अंधकार के आवरण में मन का स्वरूप ऐसा लगता है मानो किसी ने स्लेट पर लाल खली घिस दी हो।

प्रश्न 6.
व्याख्या करें
(क) जादू टूटता है इस उषा का अब सूर्योदय हो रहा है।
(ख) बहुत काली सिल जरा से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो।
उत्तर-
(क) प्रस्तुत पंक्तियाँ नयी कविता के कवि शमशेर बहादुर सिंह द्वारा रचित हैं। कवि उषा का जादू उषाकाल नभ की प्राकृतिक सुन्दरता के रूप में वर्णन करता है। कवि को यह दृश्य बहुत मोहित करता है परन्तु उषा का जादू सूर्योदय होने पर टूट जाता है। तब सूर्योदय का होना कवि के लिए उषा का जादू टूटना है। सूर्योदय के पूर्व तक ही आकाश को गोद में सौन्दर्य के जादू का यह खेल चलता रहता है। सूर्योदय होने पर उससे निकले प्रकाश से सारा दृश्य बदल जाता है। यहाँ उषा के जादू का टूटना है।

(ख) प्रस्तुत पंक्तियाँ नयी कविता के कवि शमशेर बहादुर सिंह द्वारा रचित हैं। कवि ने प्रात:कालीन उषा के सौन्दर्य में अभिभूत होकर उसे भिन्न–भिन्न उपमानों की सहायता से चित्रित किया है। कवि सूर्योदय होने से पूर्व आकाश में सूर्य की लाली छिटकने पर कहता है कि आकाश मानो काला पत्थर थोड़े से लाल केसर से धूल गया है। उषाकालीन आकाश के प्राकृतिक सौन्दर्य का प्रभावपूर्ण चित्रण है। कवि ने बड़ा ही सहज सरल एवं सुबोध भाषा का प्रयोग किया है। कवि की मुख्य चिन्ता उषाकालीन प्राकृतिक सौन्दर्य का चित्रण से है। इसलिए कवि उपमानों द्वारा बिम्ब की रचना करता है। इस तरह उषा का सौन्दर्य और बढ़ जाता है।

प्रश्न 7.
इस कविता की बिम्ब योजना पर टिप्पणी लिखें। उत्तर-सारांश देखें।। प्रश्न 8. प्रातः नभ की तुलना बहुत नीला शंख से क्यों की गई है?..
उत्तर-
प्रातः नभ की तुलना बहुत नीला शंख से की गयी है क्योंकि कवि के अनुसार प्रात:कालीन आकाश (नभ) गहरा नीला प्रतीत हो रहा है। वह नीले शंख के समान पवित्र और उज्ज्वल है। नीला शंख पवित्रता का प्रतीक है। प्रांत:कालीन नभ भी पवित्रता का प्रतीक है।

लोग उषाकाल में सूर्य नमस्कार करते हैं। शंख का प्रयोग भी पवित्र कार्यों में होता है। अतः यह तुलना युक्तिसंगत है।

प्रश्न 9.
नील जल में किसकी गौर देह हिल रही है?..
उत्तर-
नीले आकाश में सूर्य की प्रात:कालीन किरण झिलमिल कर रही है मानो नीले जल में किसी गौरांगो का गौर शरीर हिल रहा है।

उषा भाषा की बात

प्रश्न 1.
कविता से संयुक्त क्रियाओं को चुनें।
उत्तर-
कविता में प्रयुक्त संयुक्त क्रियाएँ निम्नलिखित हैं–लीपा हुआ, धुल गई, मल दी हो, हिल रही हो, हो रहा आदि।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों से वाक्य बनाएँ नभ, राख, चौका, देह, उषा।
उत्तर-
शब्द – वाक्य प्रयोग
नभ अतुल, बाहर देखना नभ को काली घटाओं ने ढंक लिया है।
राख सूखी मालाएँ तथा राख फेंककर हमें नदियों को और अधिक प्रदूषित नहीं करना चाहिए।
जूते पहनकर चौके में मत आना। संत कबीर ने मानव देह को पानी के बुलबुले के समान क्षणभंगुर बताया है।
उषा हमें उषा काल में ही भ्रमण के लिए चल देना चाहिए।

प्रश्न 3.
व्युत्पत्ति की दृष्टि से इन शब्दों की प्रकृति बताएँ नीला, शंख, भोर, चौका, स्लेट, जल, गौर, देह, जादू, उषा।
उत्तर-

  • शब्द – व्युत्पत्ति की दृष्टि से शब्दों की प्रकृति
  • नीला – तद्भव
  • शंख – तत्सम
  • भोर – तद्भव
  • स्लेट – विदेशी
  • गौर – तत्सम
  • जादू – तद्भव
  • उषा – तत्सम

प्रश्न 4.
कविता में प्रयुक्त उपमानों को चुनें।
उत्तर-
नीला शंख, राख से लीपा हुआ चौका, काली सिल जरा से लाल केसर से, धुली काली सिल, खड़िया लगी स्लेट आदि।।

प्रश्न 5.
सूर्योदय का सन्धि–विच्छेद करें।
उत्तर-
सूर्योदय – सूर्य + उदय

उषा कवि परिचय शमशेर बहादुर सिंह (1911–1993)

जीवन–परिचय–
स्वच्छंद चेतना के प्रयोगशील कवि शमशेर बहादुर सिंह का जन्म 13. जनवरी, 1911 को देहरादून, उत्तराखण्ड में हुआ था। इनके पिता का नाम तारीफ सिंह तथा माता का नाम प्रभुदेई था। इनकी आरंभिक शिक्षा देहरादून में हुई। इन्होंने संन् 1928 में हाईस्कूल सन् 1931 में इंटर तथा. सन् 1933 में बी.ए. की परीक्षा इलाहाबाद से उत्तीर्ण की। सन् 1938 में एम.ए. (पूर्वार्द्ध) किया किन्तु आगे की शिक्षा पूरी न कर सके। इनका विवाह सन् 1929 में धर्म देवी से हुआ, जिनकी मृत्यु सन् 1933 में हो गई। इनका विवाह सन् 1929 में धर्म देवी से हुआ, जिनकी मृत्यु सन् 1933 में हो गई।

श्री सिंह रूपाभ, कहानी, माया, नया साहित्य, नया पथ एवं मनोहर कहानियाँ के संपादन कार्य से जुड़े रहे। इसके अलावा इन्होंने उर्दू–हिन्दी कोश का संपादन किया। ये सन् 1981–85 तक ‘प्रेमचन्द सृजनपीठ’ विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के अध्यक्ष पद को सुशोभित करते रहे। इनकी मृत्यु सन् 1993 में हुई।

रचनाएँ–सन् 1932–33 में लेखनकार्य शुरू करने वाले शमशेर बहादुर सिंह की रचनाएँ सन् 1951 के आसपास प्रकाशित शुरू हुई। इनकी प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं

दूसरा सप्तक (1951), कुछ कविताएँ (1959), कुछ और कविताएँ (1961),चुका भी नहीं हूँ मैं (1975), इतने पास अपने (1980), उदिता (1980), बात बोलेगी (1981), काल तुझसे होड़ है मेरी (1982) टूटी हुई बिखरी हुई, कहीं बहुत दूर से सुन रहा हूँ, सुकून की तलाश (गजलें)। इसके अलावा इन्होंने डायरी, विविध प्रकार के निबन्ध एवं आलोचनाएँ भी लिखीं।

उषा कविता का सारांश

शमशेर बहादुर सिंह द्वारा रचित कविता ‘उषा’ में प्रात:काल के प्राकृतिक सौन्दर्य का. गतिशील चित्रण बिंबों द्वारा प्रस्तुत किया गया है। यह चित्रण एक प्रभाववादी चित्रकार की तरह किया गया है। प्रभाववादी चित्रकार वस्तु या दृश्य के मन और संवेदना पर पड़े प्रभावों का उनकी विशिष्ट रंग–रेखाओं के सहारे चित्रित करता है।

‘उषा’ कविता में कवि ने प्रात:कालीन आकाश की पवित्रता, निर्मलता और उज्ज्वलता की विभिन्न उपमाओं से तुलना या समता की है। इसमें प्रात:कालीन नीले आकाश को शंख जैसा बताया गया है। सूर्योदय के पहले की लालिमा के प्रभाव से आकाश ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने काली सिल को केसर से धो दिया हो या काली स्लेट पर लाल खड़िया मल दी हो या नीले जल में किसी की उज्ज्वल गोरी देह (शरीर) हिल रही हो, किन्तु सूर्योदय हो जाने से उषा सुन्दरी का वह जादू धीरे–धीरे कम होता जाता है।

कविता का भावार्थ 1.
प्रातः नभ था बहुत नीला, शंख जैसे
भोर का नभ
राख से लीपा हुआ चौका
(अभी गीला पड़ा है)
बहुत काली सिल
जरा से लाल केसर से
कि जैसे धुल गई हो
स्लेट पर या लाल खड़िया चाक
मल दी हो किसी ने

व्याख्या–प्रस्तुत काव्यांश सिद्ध प्रयोगवादी कवि शमशेर सिंह द्वारा रचित कविता ‘उषा’ से अवतरित है। इसमें कवि सूर्योदय से ठीक पहले के प्राकृतिक सौन्दर्य का चित्र उकेरता है। इसमें पल–पल परिवर्तित होती प्रकृति का शब्द–चित्र है।

इस काव्यांश में कवि ने भोर के वातावरण का सजीव चित्रण किया है। प्रात:कालीन आकाश. गहरा नीला प्रतीत हो रहा है। वह शंख के समान पवित्र और उज्ज्वल है। भोर (सूर्योदय) के समय आकाश में हल्की लालिमा बिखर गई है। आकाश की लालिमा अभी पूरी तरह छंट भी नहीं पाई है, पर सूर्योदय की लालिमा फूट पड़ना चाह रही है।

आसमान के वातावरण में नमी दिखाई दे रही है और वह राख में लीपा हुआ गीला चौड़ा सा लग रहा है। इससे उसकी पवित्रता झलक रही है। भोर का दृश्य काले और लाल रंग के अनोखे मिश्रण से भर गया है। ऐसा लगता है कि गहरी काली सिल को केसर से अभी–अभी धो दिया गया हो अथवा काली स्लेट पर लाल खड़िया मल दी गई हो।

कवि ने सूर्योदय से पहले के आकाश को राख से लीपे चौके के समान इसलिए बताया है ताकि वह उसकी पवित्रता को अभिव्यक्त कर सके। राख से लीपे चौके में कालापन एवं सफेदी का मिश्रण होता है और सूर्योदय की लालिमा बिखरने से पूर्व आकाश ऐसा प्रतीत होता है। गीला चौका पवित्रता को दर्शाता है। इस काव्यांश में प्रकृति का मनोहारी चित्रण किया गया है। इसमें ग्रामीण परिवेश भी साकार हो गया है।

2. नील जल में या किसी की
गौर, झिलमिल देह
जैसे हिल रही हो।
और ………………
जादू टूटता है उस उषा का अब
सूयोदय हो रहा है।

व्याख्या–प्रस्तुत काव्यांश प्रसिद्ध प्रयोगवादी कवि शमशेर बहादुर सिंह द्वारा रचित कविता ‘उषा’ से अवतरित है। यहाँ कवि प्रात:कालीन दृश्य का मनोहारी चित्रण कर रहा है। प्रात:काल आकाश में जादू होता–सा प्रतीत होता है जो पूर्ण सूर्योदय के पश्चात् टूट जाता है।

कवि सूर्योदय से पहले आकाश के सौन्दर्य में पल–पल होते परिवर्तनों का सजीव अंकन करते हुए कहता है कि ऐसा लगता है कि मानो नीले जल में किसी गोरी नवयुवती का शरीर झिलमिला रहा है। नीला आकाश नीले जल के समान है और उसने सफेद चमकता सूरज सुन्दरी की गोरी देह प्रतीत होता है। हल्की हवा के प्रवाह के कारण यह प्रतिबिंब हिलता–सा प्रतीत होता है।

इसके बाद उषा का जादू टूटता–सा लगने लगता है। उषा का जादू यह है कि वह अनेक रहस्यपूर्ण एवं विचित्र स्थितियाँ उत्पन्न करता है। कभी पुती स्लेट, कभी गीला चौका, कभी शंख के समान आकाश तो कभी नीले जल में झिलमिलाती देह–ये सभी दृश्य जादू के समान प्रतीत होते हैं। सूर्योदय होते ही आकाश स्पष्ट हो जाता है और उषा का जादू समाप्त हो जाता है।

इस प्रकार कवि ने उषाकालीन वातावरण को हमारी आँखों के सम्मुख साकार कर दिया है। इसमें बिंब योजना हुई है। इसमें उत्प्रेक्षा एवं मानकीकरण का प्रयोग हुआ है। भाषा चित्रात्मक है।

Bihar Board 12th Hindi 100 Marks Objective Answers गद्य Chapter 3 संपूर्ण क्रांति

Bihar Board 12th Hindi Objective Questions and Answers

Bihar Board 12th Hindi 100 Marks Objective Answers गद्य Chapter 3 संपूर्ण क्रांति

Sampurn Kranti Ka Question Answer Bihar Board प्रश्न 1.
किसे ‘लोकनायक’ के नाम से जाना जाता है?
(A) महात्मा गाँधी को
(B) जयप्रकाश नारायण को
(C) महाकवि जायसी को
(D) बाल गंगाधर तिलक को
उत्तर:
(B) जयप्रकाश नारायण को

Sampoorna Kranti Question Answer Bihar Board प्रश्न 2.
जयप्रकाश नारायण का जन्म कब हुआ था?
(A) 11 अक्टूबर, 1902 को
(B) 8 अक्टूबर, 1904 को
(C) 8 सितम्बर, 1903 को
(D) 18 अक्टूबर, 1902 को
उत्तर:
(A) 11 अक्टूबर, 1902 को

Sampoorna Kranti Ka Nara Kisne Diya Tha Bihar Board प्रश्न 3.
जयप्रकाश नारायण की पत्नी का नाम था
(A) लीलावती देवी
(B) अमरावती प्रभा
(C) प्रभावती देवी
(D) प्रभव
उत्तर:
(C) प्रभावती देवी

Sampurn Kranti Ka Nara Kiska Tha Bihar Board प्रश्न 4.
सिन्हा जयप्रकाश जी को किसका भाषण सुनकर अमेरिका जाने की प्रेरणा मिली?
(A) स्वामी रामतीर्थं
(B) स्वामी सत्यदेव
(C) स्वामी विवेकानंद
(D) स्वामी सहजानंद
उत्तर:
(B) स्वामी सत्यदेव

Sampoorna Kranti Ka Nara Kisne Diya Bihar Board प्रश्न 5.
फ्री प्रेस के मालिक कौन थे?
(A) आत्मानंदजी
(B) शिवानंद गोस्वामी
(C) सदानंदजी
(D) शारदानंद गुप्त
उत्तर:
(C) सदानंदजी

संपूर्ण क्रांति का नेतृत्व किसने किया Bihar Board  प्रश्न 6.
‘ब्रेन ऑफ बांबे’ कहा जाता था?
(A) जयशंकर दीक्षित को
(B) शीला दीक्षित को
(C) सुरेन्द्र दीक्षित को
(D) हृदयनारायण दीक्षित को
उत्तर:
(B) शीला दीक्षित को

संपूर्ण क्रांति का नारा किसने दिया Bihar Board प्रश्न 7.
जयप्रकाश नारायण ने आई. एस. सी. की परीक्षा कहाँ से पास की?
(A) पटना कॉलेज
(B) पटना साइंस कॉलेज
(C) हिन्दू विश्वविद्यालय
(D) बिहार विद्यापीठ
उत्तर:
(C) हिन्दू विश्वविद्यालय

प्रश्न 8.
लेनिन की मृत्यु कब हुई थी?
(A) 1925 में
(B) 1932 में
(C) 1938 में
(D) 1924 में
उत्तर:
(A) 1925 में

प्रश्न 9.
जयप्रकाश जी मार्क्सवादी कब बने ?
(A) 1928 में
(B) 1927 में
(C) 1941 में
(D) 1924 में
उत्तर:
(D) 1924 में

प्रश्न 10.
फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ की पुस्तक है
(A) सत्यकाम
(B) कुरुक्षेत्र
(C) उस जनपद का कवि हूँ
(D) मैला आँचल
उत्तर:
(C) उस जनपद का कवि हूँ

प्रश्न 11.
1974 में बिहार प्रदेश के मुख्यमंत्री कौन थे ?
(A) कृष्णवल्लभ सहाय
(B) अब्दुल गफूर
(C) अनुग्रहनारायण सिंह
(D) महामाया प्रसाद
उत्तर:
(A) कृष्णवल्लभ सहाय

प्रश्न 12.
जयप्रकाश नारायण का बचपन का क्या नाम था ?
(A) बिटू
(B) किटू
(C) बाउल
(D) मोनू
उत्तर:
(D) मोनू

प्रश्न 13.
जयप्रकाश नारायण ने किस साल छात्र-आंदोलन का नेतृत्व किया था?
(A) 1973 में
(B) 1976 में
(C) 1974 में
(D) 1977 में
उत्तर:
(D) 1977 में

प्रश्न 14.
जयप्रकाश नारायण के पिताजी का क्या नाम था ?
(A) दीनदयाल
(B) हरसूदयाल
(C) रामदयाल
(D) सर्वेशदयाल
उत्तर:
(B) हरसूदयाल

प्रश्न 15.
लेनिन की मृत्यु कब हुई थी?
(A) 1924 में
(B) 1920 में
(C) 1930 में
(D) 1936 में
उत्तर:
(D) 1936 में

प्रश्न 16.
दिनकर जी किसलिए प्रसिद्ध हैं ?
(A) साहित्यिक रचना के लिए
(B) संगीत के लिए
(C) मूर्ति-निर्माण के लिए
(D) उपन्यास-लेखन के लिए
उत्तर:
(B) संगीत के लिए

प्रश्न 17.
जयप्रकाश नारायण को भारत की जनता किस नाम से याद करती है?
(A) समाजनायक’ के
(B) ‘देशनायक’ के
(C) लोकनायक’ के
(D) जननायक’ के
उत्तर:
(A) समाजनायक’ के

प्रश्न 18.
जयप्रकाश नारायण ने ‘सम्पूर्ण क्रांति’ वाला ऐतिहासिक भाषण कहाँ और कब दिया था ?
(A) इलाहाबाद में 5 जून 1977 को
(B) राँची में 5 जून 1975 को
(C) जमशेदपुर में 5 जून, 1973 को
(D) पटना में 5 जून 1974 को
उत्तर:
(D) पटना में 5 जून 1974 को

प्रश्न 19.
‘रिकंस्ट्रक्शन ऑफ इंडियन पॉलिटी’ किसकी रचना है?
(A) जवाहरलाल नेहरू
(B) राममोहर लोहिया
(C) मदनमोहन मालवीय
(D) जयप्रकाश नारायण
उत्तर:
(D) जयप्रकाश नारायण

प्रश्न 20.
प्रजा सोशलिस्ट पार्टी का गठन कब हुआ?
(A) 1952 में
(B) 1949 में
(C) 1947 में
(D) 1962 में
उत्तर:
(A) 1952 में

प्रश्न 21.
जयप्रकाश नारायण को ‘भारत रत्न’ की उपाधि दी गई
(A) 1990 में
(B) 1998 में
(C) 1978 में
(D) 1974 में
उत्तर:
(B) 1998 में

प्रश्न 22.
‘उर्वशी’ किसकी रचना है?
(A) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(B) मोहनलाल महतो ‘वियोगी’
(C) सुमित्रानंदन ‘पंत’
(D) जयशंकर प्रसाद
उत्तर:
(A) रामधारी सिंह ‘दिनकर’

प्रश्न 23.
‘माटी की मूरतें’ रचना किसकी है ?
(A) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(B) रामवृक्ष बेनीपुरी
(C) गजानन माधव मुक्तिबोध
(D) आरसी प्रसाद सिंह
उत्तर:
(B) रामवृक्ष बेनीपुरी

प्रश्न 24.
किसने कहा था-“अभी न जाने कितने मीलों इस देश की जनता को जाना है?”
(A) महात्मा गाँधी
(B) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
(C) जवाहरलाल नेहरू
(D) लालबहादुर शास्त्री
उत्तर:
(C) जवाहरलाल नेहरू

प्रश्न 25.
किस अस्पताल में ‘दिनकर’ का निधन हुआ था?
(A) अपोलो अस्पताल
(B) श्रीराम नर्सिंग होम
(C) पी. एम. सी. एच., पटना
(D) विलिंगडन नर्सिंग होम
उत्तर:
(D) विलिंगडन नर्सिंग होम

प्रश्न 26.
जयप्रकाश नारायण को किसका दलाल कहा गया ?
(A) रूस
(B) ब्रिटेन
(C) जापान
(D) अमेरिका
उत्तर:
(D) अमेरिका

प्रश्न 27.
जयप्रकाश नारायण के स्वास्थ्य पर निगरानी रखनेवाले डॉक्टर का नाम था
(A) डॉ. रहमान
(B) डॉ. इरफान
(C) डॉ. मकबूल
(D) डॉ. एजाज
उत्तर:
(A) डॉ. रहमान

प्रश्न 28.
किसने कहा था-“अभी न जाने कितने मीलों इस देश की जनता को जाना है”?
(A) महात्मा गाँधी
(B) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
(C) जवाहरलाल नेहरू
(D) लालबहादुर शास्त्री
उत्तर:
(C) जवाहरलाल नेहरू

प्रश्न 29.
किस अस्पताल में ‘दिनकर’ का निधन हुआ था?
(A) अपोलो अस्पताल
(B) श्रीराम नर्सिंग होम
(C) पी०एम०सी०एच०, पटना
(D) विलिंगडन नर्सिंग होम
उत्तर:
(D) विलिंगडन नर्सिंग होम

प्रश्न 30.
जयप्रकाश नारायण को किसका दलाल कहा गया? ‘
(A) रूस
(B) ब्रिटेन
(C) जापान
(D) अमेरिका
उत्तर:
(D) अमेरिका

प्रश्न 31.
जयप्रकाश नारायण के स्वास्थ्य पर निगरानी रखनेवाले डॉक्टर का नाम था
(A) डॉ. रहमान
(B) डॉ० इरफान
(C) डॉ० मकबूल
(D) डॉ० एजाज
उत्तर:
(A) डॉ. रहमान

प्रश्न 32.
जयप्रकाश जी को किसका भाषण सनकर अमेरिका जाने की प्रेरणा मिली? .
(A) स्वामी रामतीर्थ
(B) स्वामी सत्यदेव
(C) स्वामी विवेकानंद
(D) स्वामी सहजानंद
उत्तर:
(B) स्वामी सत्यदेव

प्रश्न 33.
फ्री प्रेस के मालिक कौन थे?
(A) आत्मानंदजी
(B) शिवानंद गोस्वामी
(C) सदानंद जी
(D) शारदानंद गुप्त
उत्तर:
(C) सदानंद जी

प्रश्न 34.
‘ब्रेन ऑफ बांबे’ किसे कहा जाता था?
(A) उमाशंकर दीक्षित को
(B) शीला दीक्षित को
(C) सुरेन्द्र दीक्षित को
(D) हृदयनारायण दीक्षित को
उत्तर:
(A) उमाशंकर दीक्षित को

प्रश्न 35.
जयप्रकाश नारायण ने आई०एस-सी० की परीक्षा कहाँ से पास की?
(A) पटना कॉलेज
(B) पटना साइंस कॉलेज
(C) हिन्दू विश्वविद्यालय
(D) बिहार विद्यापीठ
उत्तर:
(D) बिहार विद्यापीठ

प्रश्न 36.
लेनिन की मृत्यु कब हुई थी?
(A) 1925 में
(B) 1932 में
(C) 1938 में
(D) 1924 में
उत्तर:
(D) 1924 में

प्रश्न 37.
जयप्रकाशजी मार्क्सवादी कब बने?
(A) 1928 में
(B) 1927 में
(C) 1938 में
(D) 1924 में
उत्तर:
(D) 1924 में

प्रश्न 38.
फणीश्वरनाथ रेणु’ की पुस्तक है-
(A) सत्यकाम
(B) कुरुक्षेत्र
(C) उस जनपद का कवि हूँ
(D) मैला आँचल
उत्तर:
(D) मैला आँचल

प्रश्न 39.
1974 में बिहार प्रदेश के मुख्यमंत्री कौन थे?
(A) कृष्णवल्लभ सहाय
(B) अब्दुल गफूर
(C) अनुग्रहनारायण सिंह
(D) महामाया प्रसाद
उत्तर:
(B) अब्दुल गफूर

प्रश्न 40.
किसे ‘लोकनायक’ के नाम से जाना जाता है?
(A) महात्मा गाँधी को
(B) जयप्रकाश नारायण को
(C) महाकवि जायसी को
(D) बाल गंगाधर तिलक को
उत्तर:
(B) जयप्रकाश नारायण को

प्रश्न 41.
जयप्रकाश नारायण का जन्म कब हुआ था?
(A) 11 अक्टूबर, 1902 को
(B) 8 अक्टूबर, 1904 को
(C) 8 सितंबर, 1903 को
(D) 18 अक्टूबर, 1902 को
उत्तर:
(A) 11 अक्टूबर, 1902 को

प्रश्न 42.
जयप्रकाश नारायण की पत्नी का नाम था..
(A) लीलावती देवी
(B) अमरावती प्रभा
(C) प्रभावती देवी
(D) प्रभा सिन्हा
उत्तर:
(C) प्रभावती देवी

प्रश्न 43.
“रिकंस्ट्रक्शन ऑफ इंडियन पॉलिटी’ किसकी रचना है?
(A) जवाहरलाल नेहरू
(B) राममनोहर लोहिया
(C) मदनमोहन मालवीय
(D) जयप्रकाश नारायण
उत्तर:
(D) जयप्रकाश नारायण

प्रश्न 44.
प्रजा सोशलिस्ट पार्टी का गठन कब हुआ?
(A) 1952 में
(B) 1949 में
(C) 1947 में
(D) 1962 में
उत्तर:
(A) 1952 में

प्रश्न 45.
जयप्रकाश नारायण को ‘भारत रल’ की उपाधि दी गई
(A) 1990 में
(B) 1998 में
(C) 1978 में
(D) 1974 में
उत्तर:
(B) 1998 में

प्रश्न 46.
‘उर्वशी’ किसकी रचना है?
(A) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(B) मोहनलाल महतो ‘वियोगी’ ।
(C) सुमित्रानंदन ‘पंत’
(D) जयशंकर प्रसाद
उत्तर:
(A) रामधारी सिंह ‘दिनकर’

प्रश्न 47.
‘माटी की मूरतें’ रचना किसकी है?
(A) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(B) रामवृक्ष बेनीपुरी
(C) गजानन माधव मुक्तिबोध
(D) आरसी प्रसाद सिंह
उत्तर:
(B) रामवृक्ष बेनीपुरी

प्रश्न 48.
दिनकरजी किसलिए प्रसिद्ध है?
(A) साहित्यिक रचना के लिए
(B) संगीत के लिए
(C) मूर्ति-निर्माण के लिए
(D) उपन्यास-लेखन के लिए
उत्तर:
(A) साहित्यिक रचना के लिए

प्रश्न 49.
जयप्रकाश नारायण को भारत की जनता किस नाम से याद करती
(A) ‘समाजनायक’
(B) ‘देशनायक’
(C) लोकनायक’
(D) ‘जननायक’
उत्तर:
(C) लोकनायक’

प्रश्न 50.
जयप्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति’ वाला ऐतिहासिक भाषण कहाँ और कब दिया था?
(A) इलाहाबाद में 5 जून 1977 को
(B) राँची में 5 जन 1975 को
(C) जमशेदपुर में 5 जून 1973 को
(D) पटना में 5 जन 1974 को
उत्तर:
(D) पटना में 5 जन 1974 को

प्रश्न 51.
जयप्रकाश नारायण के बचपन का क्या नाम था?
(A) बिटु
(B) किटू
(C) बाउल
(D) मोनू
उत्तर:
(C) बाउल

प्रश्न 52.
जयप्रकाश नारायण ने किस साल छात्र आंदोलन का नेतृत्व किया था?
(A) 1973 ई. में
(B) 1976 ई. में
(C) 1974 ई. में
(D) 1977 ई. में
उत्तर:
(C) 1974 ई. में

प्रश्न 53.
जयप्रकाश नारायण के पिताजी का क्या नाम था?
(A) दीनदयाल
(B) हरसूदयाल
(C) रामदयाल
(D) सर्वेशदयाल
उत्तर:
(B) हरसूदयाल

प्रश्न 54.
जयप्रकाश नारायण रचित पाठ का नाम क्या है?
(A) उसने कहा था।
(B) जूठन
(C) सम्पूर्ण क्रांति
(D) शिक्षा
उत्तर:
(C) सम्पूर्ण क्रांति

प्रश्न 55.
‘सम्पूर्ण क्रांति’ क्या है?
(A) निबन्ध
(B) नेताओं
(C) कहानी
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) नेताओं

प्रश्न 56.
‘सम्पूर्ण क्रांति’ किसकी देन है?
(A) राम मनोहर लोहिया
(B) डॉ० अम्बेडकर
(C) कर्पूरी ठाकुर
(D) जयप्रकाश नारायण
उत्तर:
(D) जयप्रकाश नारायण

प्रश्न 57.
‘सम्पूर्ण क्रांति’ पाठ में दिया गया भाषण किसका है?
(A) जयप्रकाश नारायण का
(B) रामधारी सिंह दिनकर का
(C) भगत सिंह का
(D) इनमें किसी का नहीं
उत्तर:
(A) जयप्रकाश नारायण का

प्रश्न 58.
जयप्रकाश नारायण का जन्म कहाँ हुआ था?
(A) राघोपुर दियारा
(B) सिताब दियारा
(C) बलिया
(D) छपरा
उत्तर:
(B) सिताब दियारा

प्रश्न 59.
1974 में छात्र आन्दोलन का नेतृत्व किसने किया?
(A) जॉर्ज फर्नान्डीस
(B) देवीलाल
(C) कर्पूरी ठाकुर .
(D) जयप्रकाश नारायण
उत्तर:
(D) जयप्रकाश नारायण

प्रश्न 60.
‘सम्पूर्ण क्रांति’ की शुरूआत कब हुई थी?
(A) 1974 में
(B) 1975 में
(C) 1976 में
(D) 1977 में
उत्तर:
(A) 1974 में

प्रश्न 61.
जयप्रकाश नारायण को समाज सेवा के लिए किस पुरस्कार से सम्मानित किया गया?
(A) अर्जुन पुरस्कार
(B) नोबल पुरस्कार
(C) मैग्सेसे सम्मान
(D) गाँधी सम्मान
उत्तर:
(C) मैग्सेसे सम्मान

प्रश्न 62.
जयप्रकाश नारायण मद्रास में अपने किस मित्र के साथ रूके थे?
(A) गंगा बाबू
(B) दिनकर जी
(C) ईश्वर अय्यर
(D) भगवान अय्यर
उत्तर:
(C) ईश्वर अय्यर

प्रश्न 63.
जयप्रकाश नारायण के अनुसार देश का भविष्य किसके हाथों में है?
(A) नेताओं के
(B) नई पीढ़ी के
(C) पुरानी पीढ़ी के
(D) पूंजीपतियों के
उत्तर:
(B) नई पीढ़ी के

प्रश्न 64.
दिनकर जी को किसके घर पर दिल का दौरा पड़ा था?
(A) रामनाथ जी गोयनका के
(B) गंगा बाबू के
(C) जयप्रकाश नारायण के
(D) ईश्वर अय्यर के
उत्तर:
(A) रामनाथ जी गोयनका के

प्रश्न 65.
संपूण क्रांति का नारा किसने दिया था?
(A) दिनकर
(B) जयप्रकाश नारायण
(C) मोरारजी देसाई
(D) ईश्वर अय्यर
उत्तर:
(B) जयप्रकाश नारायण

प्रश्न 66.
जयप्रकाश नारायण ने बिहार विद्यापीठ में कौन-सी परीक्षा दी?
(A) मैट्रिक की
(B) आई०एस०सी० की
(C) बी०ए०की
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(B) आई०एस०सी० की

प्रश्न 67.
पुलिस के बड़े उच्चाधिकारी ने किसके मुंह से सुना था कि ‘जय प्रकाश नारायण नहीं होते तो बिहार जल गया होता?”
(A) दिनकर जी के
(B) बेनीपुरी जी के
(c) गोयना जी के
(D) दीक्षित जी के
उत्तर:
(D) दीक्षित जी के

प्रश्न 68.
जय प्रकाश नारायण किस मित्रता को ठोस मानते थे?
(A) पुराने जमाने की
(B) नये जमाने की
(C) अंडरग्राउंड जमाने की
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) अंडरग्राउंड जमाने की

प्रश्न 69.
जयप्रकाश नारायण किसको भाई कहते थे?
(A) दिनकर जी को
(B) जवाहरलाल जी को
(C) रामनाथ गोयनका को
(D) गंगाबाबू को
उत्तर:
(B) जवाहरलाल जी को

Bihar Board 12th English 100 Marks Objective Answers Poem 4 Ode to Autumn

Bihar Board 12th English Objective Questions and Answers 

Bihar Board 12th English 100 Marks Objective Answers Poem 4 Ode to Autumn

Ode To Autumn Objective Questions Bihar Board 12th English Question 1.
‘Ode to Autumn’ is written by-
(A) John Donne
(B) John Keats
(C) Kamala Das
(D) T.S. Eliot
Answer:
(B) John Keats

Ode To Autumn Quiz Bihar Board 12th English Question 2.
‘Ode To Autumn’ is a-
(A) Drama
(B) Story
(C) Poetry
(D) Essay
Answer:
(C) Poetry

Ode To Autumn Pdf Bihar Board 12th English Question 3.
‘Ode to Autumn’ is a poem of-
(A) Love
(B) War
(C) Nature
(D) Struggle
Answer:
(C) Nature

To Autumn Multiple Choice Answers Bihar Board 12th English Question 4.
John Keats died in the year-
(A) 1820
(B) 1821
(C) 1815
(D) 1825
Answer:
(B) 1821

Autumn Starts After The Departure Of Bihar Board 12th English Question 5.
John Keats was born in-
(A) 1785
(B) 1765
(C) 1795
(D) 1805
Answer:
(C) 1795

Ode To Autumn Poem Pdf Bihar Board 12th English Question 6.
Autumn starts after the departure of-
(A) Rains
(B) Summer
(C) Winter
(D) Cold
Answer:
(C) Winter

Ode To Autumn Questions And Answers Class 8 Bihar Board 12th English Question 7.
New leaves and fruits grow on trees in-
(A) Summer
(B) Autumn
(C) Winter
(D) Rainy Season
Answer:
(C) Winter

Autumn Questions And Answers Bihar Board 12th English Question 8.
……….. twitter in the sky ?
(A) Eagles
(B) Flowers
(C) Swallows
(D) Kites
Answer:
(C) Swallows

Autumn Starts With The Departure Of Which Season Bihar Board 12th English Question 9.
Autumn is the close friend of the maturing-
(A) Moon
(B) Flowers
(C) Sun
(D) People
Answer:
(C) Sun

Autumn Poem Class Ix Question And Answers Bihar Board 12th English Question 10.
Who has composed the poem, ‘Ode To Autumn’?
(A) Keats
(B) Wordsworth
(C) Coleridge
(D) Shelley
Answer:
(A) Keats

Question 11.
‘Ode To Autumn’ is written in—
(A) October 1819
(B) September 1819
(C) November 1819
(D)December 1819 Ans. (B)

Question 12.
‘Ode To Autumn’ is—
(A) an epic
(B) an elegy
(C) an ode
(D) a ballad
Answer:
(C) an ode

Question 13.
In ‘Ode to Autumn’ Keats deals with in detail.
(A) Spring
(B) Winter
(C) Summer
(D) Autumn
Answer:
(D) Autumn

Question 14.
‘Ode To Autumn’ consists of —
(A) four stanzas
(B) three stanzas
(C) five stanzas
(D) six stanzas
Answer:
(B) three stanzas

Question 15.
The theme of Autumn is –
(A) scarcity
(B) abundance
(C) fulfilment/maturity
(D) None of these
Answer:
(C) fulfilment/maturity

Question 16.
Keats was………. poet.
(A) a romantic
(B) a victorian
(C) modern
(D) None of these
Answer:
(A) a romantic

Question 17.
Who called ‘Ode To Autumn’Keats’ most satisfying of all the odes?
(A) Dryden
(B) Coleridge
(C) Wordsworth
(D) Arthur Compton-Rickett.
Answer:
(D) Arthur Compton-Rickett.

Question 18.
Each stanza of ‘Ode To Autumn’ consists
(A) 11 lines
(B) 12 lines
(C) 13 lines
(D) 14 lines
Answer:
(A) 11 lines

Question 19.
Who has been personified in ‘Ode To Autumn’?
(A) Spring
(B) Autumn
(C) Winter
(D) Summer
Answer:
(B) Autumn

Question 20.
John Keats has written the poem
(A) An Epitaph
(B) Ode To Autumn
(C) The Soldier
(D) Fire-Hymn
Answer:
(B) Ode To Autumn

Question 21.
Autumn is a season of mellow
(A) no wind
(B) fruitlessness
(C) fruitfulness
(D) None of these
Answer:
(C) fruitfulness

Question 22.
Autumn starts with the departure of the …………… season.
(A) winter
(B) spring
(C) rainy
(D) summer
Answer:
(D)

Question 23.
……….. was a great lover of nature.
(A) John Keats
(B) John Donne
(C) W.H. Auden
(D) Walt Whitman
Answer:
(A) John Keats

Question 24.
In ……….. new leaves and fruits come out on trees.
(A) spring
(B) autumn
(C) summer
(D) winter
Answer:
(B) autumn

Question 25.
And gathering swallows twitter in the skies’ is taken from [2018 A, I.A.]
(A) snake
(B) The soldier
(C) ode to Autumn
(D) An Epitaph
Answer:
(C) ode to Autumn

Question 26.
Season of mists and mellow fruitfulness’ is written by
(A) John Donne
(B) Walt Whitman
(C) W.H. Auden
(D) John Keats
Answer:
(D) John Keats

Question 27.
‘Ode To Autumn’ is written by-
(A) John Donne
(B) John Keats
(C) Walt Whitman
(D) T.S. Eliot
Answer:
(B) John Keats

Question 28.
John keats died to the year-
(A) 1821
(B) 1822
(C) 1815
(D) 1825
Answer:
(A) 1821

Question 29.
‘Ode to Autumn’ is a-
(A) Drama
(B) Poetry
(C) Story
(D) Essay
Answer:
(B) Poetry

Question 30.
John Keats was born in-
(A) 1795
(B) 1765
(C) 1785
(D) 1805
Answer:
(A) 1795

Question 31.
‘Ode to Autumn’ is a poem of-
(A) Love
(B) War
(C) Nature
(D) Sadness
Answer:
(C) Nature

Question 32.
Autumn is the close friend of the maturing-
(A) Moon
(B) Flowers
(C) Sun
(D) Fruits
Answer:
(C) Sun

Question 33.
………….. twitter in the sky ?
(A) Eagles
(B) Swallows
(C) Flowers
(D) Kites
Answer:
(B) Swallows

Question 34.
New leaves and fruits grow on trees in-
(A) Summer
(B) Autumn
(C) Winter
(D) Rainy Season
Answer:
(B) Autumn

Question 35.
Autumn starts after the departure of-
(A) Cold
(B) Summer
(C) Winter
(D) Rains
Answer:
(B) Summer

Bihar Board Class 12 History Solutions Chapter 5 यात्रियों के नज़रिए : समाज के बारे में उनकी समझ

Bihar Board Class 12 History Solutions Chapter 5 यात्रियों के नज़रिए : समाज के बारे में उनकी समझ Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 12 History Solutions Chapter 5 यात्रियों के नज़रिए : समाज के बारे में उनकी समझ

Bihar Board Class 12 History यात्रियों के नज़रिए : समाज के बारे में उनकी समझ Textbook Questions and Answers

उत्तर दीजिए (लगभग 100 से 150 शब्दों में)

Class 12 History Notes Bihar Board प्रश्न 1.
किताब-उल-हिन्द पर एक लेख लिखिए।
उत्तर:
किताब-उल-हिन्द:
इस ग्रंथ की रचना उज्बेकिस्तान के यात्री अल-बिरूनी द्वारा अरबी भाषा में की गई। इसकी भाषा सरल और स्पष्ट है। इसमें कुल 80 अध्याय हैं। इसके मुख्य विषय-धर्म और दर्शन, त्यौहार, खगोल विज्ञान, कीमिया, रीति-रिवाज तथा प्रथायें, सामाजिक जीवन, भार तौल, मापन विधियाँ, मूर्तिकला, कानून, मापतंत्र, विज्ञान आदि हैं।

उसने प्रत्येक अध्याय में एक विशिष्ट शैली का प्रयोग किया है। प्रारम्भ में एक प्रश्न फिर संस्कृतवादी परम्पराओं पर आधारित वर्णन और अंत में अन्य संस्कृतियों की एक तुलना है। अल-बिरूनी गणित का भी प्रेमी था इसलिए गणित का भी जिक्र है। उसने अपने लेखन में अरबी भाषा का प्रयोग किया है। उसकी कृतियाँ उपमहाद्वीप के सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए समर्पित हैं।

Syllabus Of History Class 12 Bihar Board प्रश्न 2.
इन-बतूता और बनियर ने जिन दृष्टिकोणों से भारत में अपनी यात्राओं के वृत्तांत लिखे थे, उनकी तुलना कीजिए तथा अंतर बताइए।
उत्तर:
इब्नबतूता और बर्नियर के यात्रा वृत्तांत में तुलना और अंतर:
मोरक्को यात्री इब्न-बतूता 14वीं शताब्दी में भारत आया था। उसके यात्रा वृत्तांत को रिहला कहा गया है। इसमें भारतीय उपमहाद्वीप के सामाजिक तथा सांस्कृतिक जीवन के विषय में सुन्दर झांकी मिलती है। वह पुस्तकीय ज्ञान की अपेक्षा यात्रा से प्राप्त ज्ञान को महत्त्व देता था। इसलिए उसने विभिन्न देशों की लम्बी यात्रायें की। उसने 1332-33 में भारत की यात्रा की।

वह दिल्ली के सुल्तान मुहम्मद-बिन-तुगलक से प्रभावित था। सुल्तान ने उसकी विद्वता से प्रभावित होकर उसे दिल्ली का काजी बना दिया। इस पद पर उसने कई वर्ष कार्य किया। उसने मालद्वीप में भी न्यायाधीश का कार्य किया। उसने विभिन्न संस्कृतियों, लोगों, आस्थाओं और मान्यताओं आदि के विषय में विस्तृत जानकारी दी है। वह बड़ा साहसी व्यक्ति था।

उसने यात्राओं में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। चोर तथा डाकुओं से भी उसका पाला पड़ा परन्तु उसने कभी थी धैर्य नहीं खोया। 17 वीं शताब्दी में फ्रांस का निवासी वर्नियर भारत आया था और हाँ 1665 से 1668 तक रहा। मुगल की यात्रा की और यात्रा-संस्मरण तैयार किए। उसने भारत के विभिन्न भागों की यात्रा की और यात्रा-संस्मरण तैयार किए।

उसने यूरोपीय समाज की तुलना भारत में तैयार किए गए सामाजिक परिवेश के साथ थी उसने अपना वृत्तांत अपने शासक और उच्च अधिकारियों को दिया इन सभी विवरणों में उसने भारत और यूरोपीय में हुए विकास की तुलना की। उसके यात्रा-संस्मरणे की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी और उनका कई भाषाओं में प्रकाशन हुआ।

Bihar Board 12th History Book Pdf प्रश्न 3.
बर्नियर के वृत्तांत से उभरने वाले शहरी केन्द्रों के चित्र पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
बर्नियर के वृत्तांत से उभरने वाले शहरी केन्द्रों के चित्र:
बर्नियर ने मुगलकालीन शहरों को शिविर नगर कहा है। ये नगर अपने अस्तित्व के लिए राजकीय सहायता का शिविर पर निर्भर थे। बर्नियर का यह कथन विश्वसनीय नहीं लगता है। क्योंकि उस काल में भारत में सभी प्रकार के नगर अस्तित्व में थे। ये नगर उत्पादन केन्द्र व्यापारिक नगर, बंदरगाह नगर, धार्मिक केन्द्र और तीर्थ स्थान आदि के रूप में थे।

उसके अनुसार व्यापार समृद्ध था तथा नगर के व्यापारियों में एकता थी और वे समूहों में संगठित थे। पश्चिमी भारत में ऐसे समूहों को महाजन कहा जाता था। इनका मुख्यिा सेठ कहलाता था। इनके अलावा शहरी समूहों में चिकित्सक, अध्यापक, अधिवक्ता, चित्रकार, वास्तुविद्, संगीतकार और सुलेखन कार थे। इस प्रकार भारतीय नगर आकर्षण के केन्द्र थे।

Bihar Board Class 12 History Book प्रश्न 4.
इन-बतूता द्वारा दास प्रथा के संबंध में दिए गए साक्ष्यों का विवेचन कीजिए।
उत्तर:
इन-बतूता एवं दास प्रथा:
इब्नबतूता ने दास प्रथा के विषय में विस्तृत विवरण दिया है। दास खुले बाजार में आम वस्तुओं की तरह बेचे और उपहार स्वरूप दिये जाते थे। उदाहरण के लिए इब्नबतूता सिंध पहुँचा तो उसने सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक को भेंट के रूप में घोड़े और ऊँट के साथ दास भी दिए थे। उसने मुल्तान के गवर्नर को भी एक दास भेंट किया था। इब्नबतूता के अनुसार मुहम्मद बिन तुगलक ने नसीरूद्दीन नामक धर्मोपदेशक से प्रसन्न होकर उसे एक लाख टके (मुद्रा) तथा दो दास उपहारस्वरूप दिये।

इब्नबतूता के विवरण से पता चलता है कि सुल्तान के दरबार में ऐसी दासिया होती थी जो संगीत और गायन के कार्यक्रम में भाग लेती थी। उसने अपने अमीरों पर नजर रखने के लिए भी दासियों की नियुक्ति की थी। इस प्रकार दास और दासियां कई प्रकार के थे। दासों को श्रमशील कार्य में लगाया जाता था। वे पालकी ढोते थे। श्रमशील कार्य करने वाले दास-दासियों की कीमत बहुत कम होती थी। उन्हें सामान्य लोग भी रख सकते थे।

Bihar Board Class 12 History Syllabus प्रश्न 5.
सती प्रथा के कौन-से तत्त्वों ने बर्नियर का ध्यान अपनी ओर खींचा?
उत्तर:
बर्नियर का ध्यान आकृष्ट करने वाले सती प्रथा के तत्त्व:

  1. सभी समकालीन यूरोपीय यात्रियों तथा लेखकों की तरह बर्नियर ने भी महिलाओं के साथ किये जाने वाले दुर्व्यवहार का वर्णन किया है।
  2. उसके अनुसार कुछ महिलायें प्रसन्नता से मृत्यु को गले लगा लेती थी जबकि अन्य को मरने के लिए विवश किया जाता था।
  3. वस्तुतः इस प्रथा के अन्तर्गत यदि किसी महिला का पति युद्ध में मारा जाता था या किसी अन्य कारण से मर जाता था तो उसे अपने शरीर को अग्नि के हवाले करना पड़ता था।
  4. बर्नियर ने एक 12 वर्षीय बच्ची को चिता की आग में जलते हुए देखा। उसके हाथ पैर बंधे हुए थे। बर्नियर को इससे काफी धक्का लगा और क्रोधित हुआ परन्तु कुछ न कर सका।

निम्नलिखित पर एक लघु निबन्ध लिखिए। (लगभग 250 से 300 शब्दों में)

Bihar Board History प्रश्न 6.
जाति प्रथा के संबंध में अल-बिरूनी की व्याख्या पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
जाति प्रथा के संबंध में अल-बिरूनी की व्याख्या:

  1. अल-बिरूनी ने भारतीय प्रथाओं को समझने के लिए विभिन्न स्थानों की यात्रा करने के साथ वेदो, पुराणे, भागवद्गीता, पतंजलि की कृतियों तथा मनुस्मृति आदि का भी अध्ययन किया।
  2. उसने विभिन्न समुदायों के प्रतिकथ्यों के माध्यम से जाति प्रथा को समझने का प्रयास किया। उसने बताया कि फारस में चार सामाजिक वर्गों की मान्यता थी। ये वर्ग निम्नलिखित है –
    • (अ) घुड़सवार और शासक वर्ग
    • (आ) भिक्षु, आनुष्ठानिक पुरोहित तथा चिकित्सक
    • (इ) खगोल शास्त्री तथा वैज्ञानिक
    • (ई) कृषक तथा शिल्पकार। इसके माध्यम से वह यह बताना चाहता था कि ये सामाजिक वर्ग, केवल भारत ही सीमित नहीं थे।
  3. उसने यह भी दर्शाया कि इस्लाम में सभी लोगों को समान माना जाता था और उनमें भिन्नतायें केवल धार्मिक अनुष्ठानों को संपन्न करने की थी।
  4. जाति प्रथा के सन्दर्भ में वह ब्राह्मणवादी व्याख्या मानता था परन्तु अपवित्रता की मान्यता को उसने स्वीकार नहीं किया। उसका मानना था कि प्रत्येक वस्तु जो अपवित्र हो जाती है, पवित्र होने का प्रयास करती है और ऐसा होता भी है।
  5. पवित्रता के सम्बन्ध में वह उदाहरण देता है। उसके अनुसार सूर्य हवा को स्वच्छ करता है और समुद्र में नमक पानी को गंदा होने बचाता है। उसका कहना है कि यदि ऐसा नहीं होता तो पृथ्वी पर जीवन असंभव हो जाता।
  6. उसके अनुसार जाति व्यवस्था से जुड़ी अपवित्रता की धारणा प्रकृति के नियमों के प्रतिकूल है।

12th History Book Bihar Board प्रश्न 7.
क्या आपको लगाता है कि समकालीन शहरी केन्द्रों में जीवन शैली की सही जानकारी प्राप्त करने में इन-बतूता का वृत्तांत सहायता है? अपने उत्तर के कारण दीजिए।
उत्तर:
शहरी केन्द्रों में जीवन शैली की सही जानकारी प्राप्त करने में इन-बतूता का वृत्तान्त निश्चित रूप से सहायक है। इसके निम्नलिखित कारण है –

  1. इनबतूता 14 वीं शताब्दी में भारत आया था। उस समय तक पूरा उपमहाद्वीप एक ऐसी वैश्विक संचार तंत्र का हिस्सा बन चुका था जो पूर्व में यौन से लेकर पश्चिम में उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका तथा यूरोपीय देश तक फैला हुआ था।
  2. इब्न-बतूता ने स्वयं इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर यात्रायें की, पवित्र पूजा स्थलों को देखा, विद्वानों तथा शासको के साथ समय बिताया और कई बार काजी के पद पर कार्य किया।
  3. उसने शहरी केन्द्रों की उस विश्ववादी संस्कृति का गहन अध्ययन किया जहाँ अरबी,फारसी, तुर्की तथा अन्य भाषायें बोलने वाले लोग विचारों, सूचनाओं तथा उपाख्यानों का आदान-प्रदान करते थे।
  4. उसने धार्मिक लोगों, निर्दयी तथा दयावान् शासकों के साथ विचार-विमर्श किया।
  5. इब्न-बतूता ने यह भी देखा कि भारतीय उपमहाद्वीप के शहर उन लोगों के लिए लाभदायक है, जिनके पास आवश्यक इच्छा साधन तथा कौशल है। उसके पर्याप्त विकास की संभावनाएँ इस उप-महाद्वीप में थी।
  6. भारतीय शहरों में घनी आबादी थी और वे समृद्ध थे। कभी-कभी युद्ध अभियानों से इन्हें हानि होती थी। इन शहरों में अनेक सड़कें थीं और भीड़-भाड़ वाले बाजार थे। इनमें सभी सामान उपलब्ध था।
  7. वह बाजारों की आर्थिक विनिमय के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक गतिविधयों के केन्द्र भी बताता है। अधिकांश बाजारों में एक मस्जिद तथा एक मंदिर होता था। शहरों में मनोरंजन के लिए नर्तक भवन, संगीतकार भवनों का निर्माण किया गया था।
  8. इब्न-बतूता के अनुसार शहरी केन्द्रों का व्यापार विकसित था। भारतीय उपमहाद्वीप का व्यापार अंतर-एशियाई तंत्रों से सुव्यवस्थित रूप से जुड़ा था। भारतीय माल की मध्य तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के बाजारों में बहुत मांग थी। शिल्पकारों तथा व्यापारियों को माल की बिक्री से भारी मुनाफा होता था।

Bihar Board Solution Class 12th History प्रश्न 8.
चर्चा कीजिए कि बर्नियर का वृत्तांत किस सीमा तक इतिहासकारों को समकालीन ग्रामीण समाज को पुननिर्मित करने में सक्षम करता है?
उत्तर:
समकालीन ग्रामीण समाज को पुनर्निर्मित करने में बर्नियर के वृत्तांत का योगदान –
1. बनियर ने समकालीन ग्रामीण समाज पर भी प्रकाश डाला है। वह भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के विषय में लिखता है कि यहाँ की भूमि रेतीली और बंजर है और यहाँ की खेती अच्छी नहीं है। इन इलाकों की आबादी भी कम है।

2. कृषि योग्य सभी क्षेत्रों में खेती नहीं होती है क्योंकि श्रमिकों का अभाव है। गवर्नरों द्वारा किये गये बुरे व्यवहार के कारण कई श्रमिक मर जाते है।

3. लोभी स्वामियों की मांगों को पूरा कर पाने में असमर्थ निर्धन ग्रामिणों को ने केवल जीवन निर्वाह के साधनों से वंचित कर दिया जात है बल्कि उन्हें अपने बच्चों से भी हाथ धोना पड़ता है। उसके बच्चों को दास बना लिया जाता है। कभी-कभी तंग आकर किसान गाँव भी छोड़ देते है।

4. बर्नियर एक अन्य स्थान पर विपरीत विवरण देता है। उसके अनुसार बंगाल का विशाल राज्य मिस्र से कई दृष्टियों से आगे है। वह चावल मक्का तथा जीवन की आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन में आगे है। वह ऐसी अनेक वाणिज्यिक वस्तुओं का उत्पादन करता है जिनका उत्पादन मिस्र में नहीं होता है। वह रेशम कपास और नील के उत्पादन में आगे है।

5. भारत के कई ऐसे भाग भी है जहाँ जनसंख्या पर्याप्त है. और भूमि पर खेती अच्छी होती है।

6. बर्नियर का कहना है कि मुगल साम्राज्य में सम्राट सम्पूर्ण भूमि का स्वामी था और इसको अपने अमीरों के बीच बाँटता था। उसके अनुसार भूमि पर निजी स्वामित्व न रहने के कारण किसान अपने बच्चों को भूमि नहीं दे सकते थे। उन्होंने उत्पादन में रुचि लेना बंद कर दिया। उसका यह विवरण विश्वसनीय नहीं हैं क्योंकि राज्य केवल राजस्व या लगान वसूल करता था। भूमि पर उसका अधिकार नहीं था।

Bihar Board Class 12 History Book Solution प्रश्न 9.
यह बर्नियर से लिया गया एक उद्धरण है: ऐसे लोगों द्वारा तैयार सुंदर शिल्पकारीगरी के बहुत उदाहरण है जिनके पास औजारों का अभाव है और जिनके विषय में यह भी नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने किसी निपुण कारीगर से कार्य सीखा है। कभी-कभी वे यूरोप में तैयार वस्तुओं की इतनी निपुणता से नकल करते हैं कि असली और नकली के बीच अंतर कर पाना मुश्किल हो जाता है।

अन्य वस्तुओं में, भारतीय लोग बेहतरीन बंदूकें और ऐसे सुंदर स्वर्णाभूषण बनाते हैं कि संदेह होता है कि कोई यूरोपीय स्वर्णकार कारीगरी के उत्कृष्ट नमूनों से बेहतर बना सकता है। अक्सर इनके चित्रों की सुन्दरता, मृदुलता तथा सक्षमता से आकर्षित हुआ है। उसके द्वारा उल्लिखित शिल्पकार्यों को सूचीबद्ध कीजिए तथा इसकी तुलना अध्याय में वर्णित शिल्प गतिविधियों से कीजिए।

उत्तर:

  1. गलीचा बनाना
  2. जरी का कार्य
  3. कसीदाकारी
  4. कढ़ाई
  5. सोने और चाँदी के वस्त्र
  6. विभिन्न प्रकार के रेशम तथा सूती वस्त्र
  7. सोने और चांदी की वस्तुएँ

इब्नबतूता ने भी भारतीय कपड़ों की प्रशंसा की है। इसके अनुसार विशेष रूप से सूती कपड़ा नहीन मलमल, रेशम जरी तथा साटन को विदेशों में मांग बहुत अधिक थी। उसके अनुसार महीन मलमल की कई किस्में इतनी अधिक महंगी थी कि उन्हें अमीर वर्ग तथा बहुत धनाढ्य लोग ही पहन सकते थे। उसने उस कालीन का वर्णन किया है जो दौलतमंद के बाजारों में विशाल गुंबदों में बिछायी जाती थी।

मानचित्र कार्य

प्रश्न 10.
विश्व के सीमारेखा मानचित्र पर उन देशों को चिह्नित कीजिए जिनकी यात्रा इब्नबतूता ने की थी। कौन-कौन के समुदों को उसने पार किया होगा?
Bihar Board Class 12 History Book Solution
उत्तर:
इनबतूता के यात्रा के देश –

  1. मोरक्को
  2. मक्का
  3. सीरिया
  4. इराक
  5. फारस
  6. यमन
  7. ओमान
  8. पूर्वी अफ्रीका
  9. मध्य एशिया
  10. सिंध
  11. मुल्तान
  12. कच्छ
  13. भारत
  14. श्रीलंका
  15. सुमात्रा
  16. चीन। उसने लाल सागर, अरब सागर और हिन्दमहासागर आदि समुद्रों को पार किया होगा।

परियोजना कार्य (कोई एक)

प्रश्न 11.
अपने ऐसे किसी बड़े संबंध (माता / पिता / दादा-दादी तथा नाना-नानी / चाचा-चाची) का साक्षात्कार कीजिए जिन्होंने आपके नगर अथवा गाँव के बाहर की यात्राएँ की हो? पता कीजिए।

  1. (क) ये कहाँ गये थे?
  2. (ख) उन्होंने कैसी यात्रा की?
  3. (ग) उन्हें कितना समय लगा?
  4. (घ) उन्होंने यात्रा क्यों की?
  5. (ङ) क्या उन्होंने किसी कठिनाई का सामना किया?

ऐसी समानताओं और भिन्नताओं को सूचीबद्ध कीजिए जो उन्होंने अपने रहने के स्थान और यात्रा किए गए स्थानों के बीच देखी, विशेष रूप से भाषा, पहनावा, खानपान, रीति-रिवाज, इमारतों सड़कों तथा पुरुषों और महिलाओं की जीवन शैली के संदर्भ में। अपने द्वारा हासिल जानकारियों पर एक रिपोर्ट तैयार कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 12.
इस अध्याय में उल्लिखित यात्रियों में से एक के जीवन तथा कृतियों के विषय में और अधिक जानकारी हासिल कीजिए। उसकी यात्राओं पर एक रिपोर्ट तैयार कीजिए। विशेष रूप से इस बात पर जोर देते हुए कि उन्होंने समाज का कैसा विवरण किया है तथा इनकी तुलना अध्याय में दिए गए उद्धरणों से कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

Bihar Board Class 12 History यात्रियों के नज़रिए : समाज के बारे में उनकी समझ Additional Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
अब्दुर रज्जाक समरकंदी कौन था?
उत्तर:

  1. यह हैरात से आया यात्री था। यह एक राजनयिक था और 15 वीं शताब्दी में भारत आया था।
  2. इसने अपने विवरण में विजयनगर शहर का विस्तृत विवरण दिया है।

प्रश्न 2.
अल-बिरूनी की भाषा और साहित्य के क्षेत्र में क्या देन है?
उत्तर:

  1. कई भाषाओं में दक्षता हासिल करने के कारण अल-बिरूनी भाषाओं की तुलना तथा ग्रंथो का अनुवाद करने में सक्षम रहा।
  2. उसने पंतजलि के व्याकरण सहित कई संस्कृत ग्रंथों का अरबी में अनुवाद किया। अपने ब्राह्मण मित्रों के लिए उसने यूक्लिड (यूनानी गणिगज्ञ) की पुस्तकों का संस्कृत में अनुवाद किया।

प्रश्न 3.
अल-बिरूनी की यात्रा का क्या उद्देश्य था?
उत्तर:

  1. अल-बिरूनी ने स्वयं कहा है कि वह लोगों से धार्मिक चर्चा करना चाहता था।
  2. वह ऐसे लोगों को जानकारी देना चाहता था जो उसके साथ जुड़ना चाहते थे।

प्रश्न 4.
इन-बतूता को यात्रा में कौन-सी प्रमुख कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?
उत्तर:

  1. इब्नबतूता के कारवों को कई बार डाकुओं के आक्रमण का सामना करना पड़ा।
  2. रह-रह कर घर से निकलना उसे अच्छा नहीं लग रहा था। उसे एकाकीकरण महसूस हो रहा था और कई बार बीमार भी पड़ा।

प्रश्न 5.
फारसी और अरबी में ‘हिन्दु’ शब्द का प्रयोग किस प्रकार किया गया?
उत्तर:

  1. ई.पू. छठवीं-पाँचवी शताब्दी में फारसी में ‘इन्दू’ शब्द का प्रयोग सिंधु नदी (Indus) के पूर्व के क्षेत्र के लिए होता था।
  2. अरबी लोगों में फारसी शब्द को जारी रखा और इस क्षेत्र को ‘अल-हिंद’ तथा यहाँ के निवासियों को ‘हिन्दू’ कहा।

प्रश्न 6.
इन जुजाई कौन था?
उत्तर:

  1. इन जुजाई को इनबतूता के श्रुतलेखों को लिखने के लिए नियुक्त किया गया था।
  2. राजा ने उसको इब्नबतूता द्वारा एकत्रित की गई सूचनाओं को लिखने का निर्देश दिया। उसका लिखा गया कथानक अत्यन्त मनोरंजक एवं शिक्षाप्रद था।

प्रश्न 7.
बनियर के कार्यों का महत्त्व बताइए।
उत्तर:

  1. बनियर की सूचनायें अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसकी पुस्तकें फ्रांस में (1670-71) में प्रकाशित होने के बाद अगले पाँच वर्ष के भीतर ही अंग्रेजी, डच, जर्मन तथा इटालवी भाषाओं में अनूदित हो गई थी।
  2. यहीं नहीं 1670 और 1725 के बीच उसका वृत्तांत फ्रेंच भाषा में आठ बार पुनर्मुद्रित हो चुका था और 1684 तक यह तीन बार अंग्रेजी में पुनर्मुद्रित हुआ था।

प्रश्न 8.
दूरते बरवोसा कौन था?
उत्तर:

  1. यह यूरोप का एक प्रसिद्ध लेखक था।
  2. इसने दक्षिण भारत के व्यापार की दशा और समाज का विस्तृत विवरण लिखा है।

प्रश्न 9.
ज्यौं बैप्टिस्ट तैवर्नियर के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:

  1. यह एक प्रसिद्ध फ्रांसीसी जौहरी था जिसने कम से कम छ: बार भारत की यात्रा की।
  2. वह भारत की व्यापारिक स्थितियों से प्रभावित था और उसने भारत की तुलना ईरान और आटोमन साम्राज्य से की।

प्रश्न 10.
फ्रांस्वा बीयर का आरम्भिक परिचय दीजिए।
उत्तर:

  1. फ्रोस्वा बर्नियर फ्रांस का निवासी और भारत की यात्रा करने वाला प्रसिद्ध यात्री थी। वह चिकित्सक, राजनीतिक, दार्शनिक तथा एक इतिहासकार था।
  2. वह मुगल साम्राज्य के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए भारत आया था। वह 1656 से 1668 ई० तक भारत में रहा और मुगल वंश के साथ निकट से जुड़ा रहा। वह दारा शिरोह का चिकित्सक बना और बाद में उसने मुगल दरबार के आर्मीनियाई अमीर दानिशमंद खान के साथ एक बुद्धिजीवी तथा वैज्ञानिक के रूप में कार्य किया।

प्रश्न 11.
इब्नबतूता भारतीय शहरों की क्या विशेषता बताता है?
उत्तर:

  1. इब्नबतूता के अनुसार भारतीय शहरों में घनी जनसंख्या थी और सड़कें तथा रंगीन बाजार भीड़ से भरे होते थे।
  2. वह दिल्ली को भारत का सबसे बड़ा शहर तथा विशाल आबादी वाला बताता है।

प्रश्न 12.
इनबतूता ने नारियल का वर्णन किस प्रकार किया है?
उत्तर:

  1. ये पेड़ स्वरूप से सबसे अनोखे तथा प्रकृति में सबसे आश्चर्यजनक वृक्षों में से एक हैं। ये सर्वथा खजूर के वृक्ष जैसे दिखते हैं।
  2. नारियल के वृक्ष का फल मानव सिर से मेल खाता है क्योंकि इसमें भी दो आँखें तथा एक मुख है और अंदर का भाग हरा होने पर मस्तिष्क जैसा दिखता है। इसका रेशा बालों जैसा दिखाई देता है।

प्रश्न 13.
अल-बिरूनी ने कौन से तीन अवरोधों की चर्चा की है?
उत्तर:

  1. उसकी समझ से पहला अवरोध भाषा थी। उसके अनुसार अरबी और फारसी की तुलना में संस्कृत इतनी भिन्न थी कि उसमें वर्णित विचारों और सिद्धांतों को अन्य भाषाओं में अनुवादित करना आसान नहीं था।
  2. दूसरा अवरोध धार्मिक अवस्था और प्रथा में भिन्नता का था।
  3. तीसरा अवरोध लोगों में अभिमान की भावना का रहना था। वे दूसरों के साथ ज्ञान बाँटने में बिल्कुल भी रुचि नहीं लेते थे।

प्रश्न 14.
अल-बिरूनी ने जातिप्रथा के सम्बन्ध में अपवित्रता की मान्यता को क्यों नहीं स्वीकार किया?
उत्तर:

  1. उसके अनुसार प्रत्येक वह वस्तु जो अपवित्र हो जाती है, अपनी पवित्रता की मूल स्थिति को पुनः प्राप्त करने का प्रयास करती है और सफल होती है।
  2. सूर्य हवा को स्वच्छ करता है और समुद्र में नमक पानी को गंदा होने से बचाता है। अल-बिरूनी यह देखकर कहता है कि यदि ऐसा नहीं होता तो पृथ्वी पर जीवन असंभव होता।

प्रश्न 15.
इन-बतूता भारत की सम्पन्नता के क्या कारण बताता है?
उत्तर:

  1. भारतीय कृषि अच्छी थी क्योंकि यहाँ की मिट्टी उर्वर थी। उससे वर्ष में दो बार फसलें उगाई जाती थी।
  2. भारतीय उपमहाद्वीपीय व्यापार तथा वाणिज्य के मामले में एशिया के सभी देशों के साथ जुड़ा हुआ था।

प्रश्न 16.
बर्नियर का भारत का चित्रण द्वि-विपरीतता के नमूने पर आधारित है? पुष्टि कीजिए।
उत्तर:

  1. उसने भारत को यूरोप के प्रतिलोम या यूरोप को भारत के प्रतिलोम रूप में दर्शाया है। अर्थात् उसने यूरोप एवं वहाँ के निवासियों को श्रेष्ठ तथा भारत और भारतवासियों को तुच्छ, संस्कारहीन दर्शाने के लिए तुलनात्मक विश्लेषण का आधार लिया है।
  2. उसने जो भिन्नतायें महसूस की उन्हें भी पदानुक्रम के अनुसार क्रमबद्ध किया और यूरोप में यह दर्शाने की कोशिश की कि भारत एक निम्नकोटि का देश है।

प्रश्न 17.
लोगों की यात्राओं के क्या उद्देश्य थे?
उत्तर:

  1. काम की तलाश में
  2. साहस की भावना से प्रेरित होकर
  3. व्यापार, युद्ध, कर्मकाण्ड तथा तीर्थ भ्रमण के लिए
  4. प्राकृतिक आपदा में सुरक्षा के लिए

प्रश्न 18.
इब्नबतूता के अनुसार दासियाँ क्या कार्य करती थीं?
उत्तर:

  1. इनबतूता के अनुसार दासियों को सफाई कर्मचारी के रूप में रखा जाता था और वे बिना हिचक घरों में घुस जाती थीं:
  2. दासियाँ राजाओं को गुप्त सूचनाएँ देती थी तथा उसने अन्य कई कार्य भी कराए जाते थे।

प्रश्न 19.
मध्यकाल में भारत में यात्रा करने वाले चार विदेशी यात्रियों के नाम बताइए।
उत्तर:

  1. हेरात से अब्दुर रज्जाक समरकंदी।
  2. उज्बेकिस्तान से अल-बिरूनी।
  3. मोरक्को से इब्न-बतूता।
  4. फ्रांस से फ्रांस्वा बर्नियर।

प्रश्न 20.
बर्नियर भारत में किन आर्थिक वर्गों का उल्लेख करता है?
उत्तर:

  1. भारतीय समाज दरिद्र लोगों के समूह से बना है। यह अल्पसंख्यक अति अमीर तथा शक्तिशाली शासक वर्ग के अधीन है।
  2. गरीबों में सबसे गरीब तथा अमीरों में सबसे अधिक अमीर व्यक्ति के बीच नाममात्र को भी कोई सामाजिक समूह या वर्ग नहीं था अर्थात् मध्यम वर्ग नहीं था। बर्नियर बहुत विश्वास से कहता है, “भारत में मध्यम वर्ग के लोग नहीं हैं।”

प्रश्न 21.
मांटेस्क्यू का प्राच्य निरकुशवाद क्या है?
उत्तर:

  1. बर्नियर ने बताया कि भारत में निजी स्वामित्व का अभाव है। इसका प्रयोग मांटेस्क्यू ने अपने प्राच्य निरंकुशवाद में किया।
  2. इसके अनुसार एशिया (प्राच्य या पूर्व) में राजा अपनी प्रजा के ऊपर स्वतंत्र प्रभुत्व का उपभोग करते थे। इसका आधार यह था कि सम्पूर्ण भूमि पर राजा का स्वामित्व था तथा निजी संपत्ति अस्तित्त्व में नहीं थी।

प्रश्न 22.
बर्नियर के ‘शिविर नगर’ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:

  1. ये नगर अपने अस्तित्त्व में बने रहने के लिए राजकीय सत्ता पर निर्भर थे।
  2. ये राजकीय दरबार के आगमन के साथ अस्तित्व में आते थे और इसके कहीं और चले जाने के बाद शीघ्र समाप्त हो जाते थे।

प्रश्न 23.
17 वीं शताब्दी में स्त्रियों का कार्य क्षेत्र विस्तृत था। दो तर्क दीजिए।
उत्तर:

  1. 17 वीं शताब्दी में महिलाएँ कृषि कार्यों तथा अन्य उत्पादक कार्यों में भाग लेती थीं।
  2. व्यापारियों की महिलायें व्यापारिक कार्यों को करती थीं। कभी-कभी वे वाणिज्यिक विवादों को अदालत में भी ले जाती थीं।

प्रश्न 24.
अल-बिरूनी के लेखन की दो विशेषतायें कौन-सी थीं?
उत्तर:

  1. उसने लेखन कार्य में प्रारंभ में प्रश्न, संस्कृतवादी परंपरा पर आधारित वर्णन और अंत में अन्य संस्कृतियों के साथ तुलना वाली विशिष्ट शैली अपनाई थी।
  2. अल-बिरूनी ने अपने लेखन कार्य में अरबी भाषा का प्रयोग किया।

प्रश्न 25.
इल-बतूता की यात्रा के क्या उद्देश्य थे?
उत्तर:

  1. वह नये-नये देशों और वहाँ के निवासियों के विषय में जानना चाहता था।
  2. वह पुस्तकीय ज्ञान से संतुष्ट नहीं था और यात्रा के द्वारा ज्ञान अर्जित करना चाहता था।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
यात्रियों के वृत्तान्तों की सामान्य विशेषतायें बताइए।
उत्तर:
यात्रियों के वृत्तान्तों की सामान्य विशेषतायें –

  1. वे विभिन्न स्थानों या देशों के भू-दृश्य या भौतिक परिवेश और लोगों के प्रयासों, भाषाओं, आस्था तथा व्यवहार का वर्णन करते हैं। ये सभी जो भिन्नताओं से भरे होते हैं।
  2. इनमें कुछ भाषाएँ एवं व्यवहार आदि इन भिन्नताओं के अनुरूप ढल जाते हैं और अन्य जो कुछ विशिष्ट किस्म के शेष रहते हैं, उन्हें ध्यानपूर्वक अपने वृत्तान्तों में लिखा गया है।
  3. वृत्तान्तों में असामान्य तथा उल्लेखनीय बातों को ही अधिक महत्त्व दिया गया है।
  4. यद्यपि महिलाओं ने भी यात्रा की थी परंतु उनके द्वारा छोड़े गये वृत्तान्त उपलब्ध नहीं हैं।
  5. सुरक्षित वृत्तान्त अपनी विषय वस्तु के सन्दर्भ में अलग-अलग प्रकार के हैं। कुछ दरवार की झलकियों का वर्णन करते हैं, जबकि अन्य धार्मिक विषयों या स्थापत्य के तत्त्वों और स्मारकों पर केन्द्रित होते हैं।

प्रश्न 2.
अल-बिरूनी भारत की यात्रा करना क्यों चाहता था?
उत्तर:
अल-बिरूनी की भारत की यात्रा के कारण –

  1. गजनी में ही अल-बिरूनी ने भारत के बारे में कई रोचक बातें चुनी धी अत: वह भारत का भ्रमण करना चाहता था।
  2. 8 वीं शताब्दी से संस्कृत में रचित खगोल विज्ञान, गणित और चिकित्सा जैसे विषयों पर लिखे गए पथों का अरबी भाषा में अनुवाद होने लगा था। अल-बिरूनी के लिए अब भारत के बारे में जानकारी प्राप्त करने में सुविधा हो गयी थी।
  3. पंजाब को महमूद द्वारा अपने अधिकार में लिए जाने के बाद स्थानीय लोगों के साथ संपर्क बनने लगे थे अतः उनसे जानकारी एकत्रित करना आसान हो गया था।

प्रश्न 3.
अल-बिरूनी के आरंभिक जीवन का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अल-बिरूनी का आरंभिक जीवन –

  1. अल-बिरूनी का जन्म आधुनिक उज्बेकिस्तान में स्थित ख्वारिज्म नामक स्थान में 973 ई० में हुआ था।
  2. उसकी शिक्षा-दीक्षा ख्वारिज्म में दुई। वस्तुतः ख्वारिज्म शिक्षा का महत्वपूर्ण केन्द्र था।
  3. उसने कई भाषायें सीरियाई, फारसी, हिब्रू तथा संस्कृत आदि सीख ली। यूनानी भाषा का ज्ञान न होते हुए भी वह प्लेटो तथा अन्य यूनानी दार्शनिकों के कार्यों से परिचित था।
  4. 1017 ई० में ख्वारिज्म पर आक्रमण के पश्चात् सुल्तान महमूद अल-बिरूनी सहित यहाँ के कई विद्वानों तथा कवियों को बंधक बनाकर अपने साथ अपनी राजधानी ले गया।
  5. वह बंधक के रूप में गजनी आया परंतु धीरे-धीरे उसे इस शहर में अच्छा लगने लगा। वह अपनी मृत्यु तक (70 वर्ष की आयु) यहीं बना रहा।

प्रश्न 4.
अल-बिरूनी जाति व्यवस्था की कई मान्यताओं से सहमत नहीं था। विवेचना कीजिए।
उत्तर:

  1. ब्राह्मणवाद की जाति व्यवस्था की व्याख्या से सहमत होने पर भी इब्न-बतूता ने अपवित्रता की मान्यता को अस्वीकार कर दिया। उसने कहा कि प्रत्येक वस्तु जो अपवित्र हो जाती है, अपनी खोई हुई पवित्रता को पुनः प्राप्त करने का प्रयास करती है और इस प्रयास में अन्ततः सफल होती है।
  2. उसके अनुसार पवित्र और अपवित्र होने की प्रक्रिया प्रकृति में चलती रहती है। पेड़ पौधे गंदी हवा (कार्बन डाईआक्साइड) ग्रहण करके शुद्ध हवा (ऑक्सीजन) छोड़ते हैं। समुद्र में नमक पानी को गंदा होने से बचाता है।
  3. अल-बिरूनी के अनुसार जाति व्यवस्था में शामिल अपवित्रता की अवधारणा प्रकृति के नियमों के विरुद्ध है।

प्रश्न 5.
हिंदू, अल-हिंद और हिंदी किसके लिए प्रयोग किया गया। बाद में इसका रूपान्तर किस प्रकार हुआ?
उत्तर:

  1. “हिंदू” शब्द लगभग 6-5वीं शताब्दी ई० पू० में प्रयुक्त होने वाले एक प्राचीन फारसी शब्द से निकला है। इस शब्द का प्रयोग सिंधु नदी (Indus) के पूर्व के क्षेत्र के लिए होता था।
  2. अरबी लोगों ने फारसी शब्द को जारी रखा और इस क्षेत्र को ‘अल-हिंद’ तथा यहाँ के निवासियों को ‘हिंदी’ कहा।
  3. बाद में तुर्कों ने सिंधु से पूर्व में रहने वाले लोगों को ‘हिंदु, उनके निवास क्षेत्र को ‘हिंदुस्तान’ तथा उसकी भाषा को ‘हिंदवी’ का नाम दिया।
  4. इनमें से कोई भी शब्द लोगों की धार्मिक पहचान का द्योतक नहीं था। बाद में इसका धार्मिक संदर्भ में प्रयोग किया जाने लगा।

प्रश्न 6.
इन-बतूता को भारत की यात्रा के समय किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उसे हठी यात्री क्यों कहा गया है?
उत्तर:

  1. इन-बतूता ने ऐसे समय (14वीं सदी) यात्रा की, जब आज की तुलना में यात्रा करना अधिक कठिन तथा जोखिम भरा कार्य था।
  2. उसे मुल्तान से दिल्ली की यात्रा में 40 और सिंध से दिल्ली की यात्रा में लगभग 50 दिन का समय लगा था।
  3. यात्रा करना सुरक्षित भी नहीं था अतः इब्नबतूता को कई बार डाकुओं के आक्रमण झेलने पड़े। वह अपने साथियों के साथ कारवाँ में चलता था परंतु राजमार्ग के लुटेरे फिर भी लूट ले जाते थे।
  4. मुल्तान से दिल्ली की यात्रा के दौरान उसके कारवां पर आक्रमण हुआ था और उसके कई साथी यात्रियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। इब्नबतूता सहित अन्य कई यात्री घायल हुए थे।
  5. उसने उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका में अपने निवास स्थान मोरक्को वापस जाने से पूर्व कई वर्ष उत्तरी अफ्रीका, पश्चिम एशिया, मध्य एशिया के कई भू-भागों भारतीय उपमहाद्वीपीय तथा चीन की यात्रा की थी। विषम परिस्थितियों में भी यात्रा करने का उसका साहस उसकी “जिद” या “हठ” कहा जा सकता है।

प्रश्न 7.
किताब-उल-हिन्द की साहित्यिक परम्परा का वर्णन कीजिए।
उत्तर:

  1. इसकी भाषा सरल और स्पष्ट है। यह 80 अध्यायों का एक विस्तृत ग्रंथ है जिसमें विविध विषयों पर चर्चा की गयी है।
  2. सामान्य रूप से अल-बिरूनी ने प्रत्येक अध्याय में एक विशिष्ट शैली का प्रयोग किया है जिसमें आरम्भ एक प्रश्न होता था फिर संस्कृतवादी परम्पराओं पर आधारित वर्णन और अंत में इसकी अन्य संस्कृतियों के साथ तुलना की जाती थी।
  3. इस पुस्तक का लेखन ज्यामितीय संरचना का है जो अपने तथ्यपरक पूर्वानुमान पर आधारित है। अल-बिरूनी का गणित की ओर रूझान रहने को यह बाद सिद्ध करती है।
  4. उसने अरबी भाषा का प्रयोग किया है। वह संस्कृत, पाली तथा प्राकृत के ग्रंथों का अरबी भाषा में अनुवाद करने में दक्ष था।

प्रश्न 8.
“18वीं शताब्दी के बनियर के यात्रा-संस्मरण ने यूरोपीय लेखकों को प्रभावित किया।” इस कथन के समर्थन में तर्क दीजिए।
उत्तर:
यूरोपीय लेखकों पर बर्नियर के विवरण का प्रभाव –
1. मुगल काल में भूमि सुधार के प्रति किसान लापरवाह थे क्योंकि सम्पूर्ण भूमि पर सम्राट का स्वामित्व था। कृषक वर्ग इस अधिकार से वंचित था। इस तथ्य ने फ्रांसीसी दार्शनिक मान्टेस्क्यू को प्रभावित किया। उसने इस तथ्य के आधार पर अपने प्राच्य (पूर्व) निरंकुशवाद के सिद्धांत को विकसित किया। उसके अनुसार यह प्राच्य देशों का निरंकुशवाद ही था जिसने लोगों को गरीबी और दासता की स्थितियों में रखा था।

2. बर्नियर के विचार ने कार्ल मार्क्स को भी प्रभावित किया। उसने इस विचार को एशियाई उत्पादन का सिद्धांत नाम दिया। उसने यह तर्क दिया कि भारत तथा अन्य एशियाई देशों में उपनिवेशवाद से पूर्व उपज अधिशेष का ग्रहण राज्य द्वारा होता था। इससे एक ऐसे समाज का उदय हुआ जो बड़ी संख्या में स्वायत्त तथा समतावादी ग्रामीण समुदायों से बना था। इन समुदायों पर राजदरबार का नियंत्रण था। जब तक अधिशेष की आपूर्ति बिना किसी बाधा होती रही तब तक स्वायत्तता सम्मानित रही। कार्ल मार्क्स के अनुसार यह निष्क्रिय प्रणाली थी।

प्रश्न 9.
इन-बतूता के बाद भारत यात्रा करने वाले यात्रियों का नामोल्लेख कीजिए।
उत्तर:
इब्नबतूता के बाद भारत यात्रा करने वाले यात्री –

  1. इनमें सबसे प्रसिद्ध यात्री अब्दुर रज्जाक समरकंदी था। उसने 1440 के दशक में दक्षिण भारत की यात्रा की।
  2. 1620 के दशक में महमूद वली बल्खी ने भी भारत की यात्रा की।
  3. शेख अली हाजिन 1740 के दशक में उत्तर भारत आया था।
  4. भारत आने वाले अन्य यात्री थे-अफानासी निकितिच निकितिन, दूरते बारबोसा, समदी अली रेहल, अंतोनियो मानसेरेते, पीटर मुंडी, ज्यौं बैप्टिस्ट तैवर्नियर तथा फ्रांस्वा बर्नियर।

प्रश्न 10.
इन-बतूता की यात्रा का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
इन-बतूता की यात्रा का संक्षिप्त विवरण –

  1. इब्न-बतूता यात्रा को विशेष महत्त्व देता था क्योंकि वह इसको ज्ञान का साधन मानता था।
  2. 1332-33 में उसने भारत के लिए प्रस्थान किया लेकिन इससे पहले वह मक्का की सीरिया, इराक, फ्रांस, यमन, ओमान तथा पूर्वी अफ्रीका के कई तटीय व्यापारिक बन्दरगाहों की यात्रा कर चुका था।
  3. वह भारत के मुहम्मद बिन तुगलक से मिलने को आतुर था। इसलिए 1333 ई० में मध्य एशिया के रास्ते स्थलमार्ग से सिंध पहुँचा। यहाँ से मुल्तान और कच्छ के रास्ते अन्ततः दिल्ली पहुंच गया।
  4. इब्न-बतूता मध्य भारत के रास्ते मालाबार से मालद्वीप गया। वहाँ 18 माह रहकर उसने बंगाल और असम की यात्रा भी की।
  5. असम से वह सुमात्रा गया और वहाँ से एक अन्य जहाज से चीन पहुँचा । 1347 ई० में उसने घर जाने का निश्चय किया।

प्रश्न 11.
अल-बिरूनी ने भारत की वर्ण-व्यवस्था की विषय में क्या जानकारी दी है?
उत्तर:
अल-बिरूनी द्वारा भारत की वर्णव्यवस्था की जानकारी –

  1. हिंदू ग्रंथों के आधार से उसका कहना है कि सबसे ऊँची जाति ब्राह्मणों की है जो ब्रह्मा के सिर से उत्पन्न हुए थे। क्योंकि ब्रह्म प्रकृति नामक शक्ति का ही दूसरा नाम है और सिर शरीर का ऊपरी भाग है। इसलिए ब्राह्मण पूरी प्रजाति का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग है। यही कारण है कि उन्हें मानव जाति में सर्वश्रेष्ठ समझा जाता है।
  2. ब्राह्मण के बाद क्षत्रिय आते हैं जिनका जन्म शास्त्रों के अनुसार ब्रह्मा के कंधों और हाथों से हुआ है। वह लगभग ब्राह्मणों के समकक्ष हैं।
  3. क्षत्रिय के बाद वैश्य आते हैं जिनका उद्भव ब्रह्मा की जंघाओं से हुआ था।
  4. शूद्र का सृजन ब्रह्मा के पैरों से हुआ था।

प्रश्न 12.
बर्नियर को मुगल सेना के साथ कौन-कौन सी सुविधायें दी गई?
उत्तर:
बर्नियर को मुगल सेना के साथ दी जाने वाली सुविधायें –

  1. भारतीय प्रथा के अनुसार दो अच्छे तुर्की घोड़े चुनने का मौका दिया गया। उसे एक शक्तिशाली फारसी ऊँट तथा चालक अपने घोड़ों के लिए साईस, एक खानसामा तथा जलपात्र ढोने वाला सेवक दिया गया।
  2. आराम करने के लिए एक औसत आकार का तंबू, एक दरी, एक छोटा बिस्तर, एक तकिया तथा एक बिछौना दिया गया।
  3. भोजन के समय प्रयोग में आने वाला गोलाकार चमड़े का मेजपोश, रंगीन कपड़े के कुछ अंगोछे या नैपकिन, खाना बनाने के सामान से भरे तीन छोटे झोले तथा एक बड़ा झोला तथा दुहरी सुतली या चमड़े के पट्टों से बना जाल दिया गया।
  4. बढ़िया चावल, सौंफ की सुगन्ध वाली मीठी रोटी, नींबू तथा चीनी का भण्डार भी साथ में दिया गया।
  5. उसे दही और नींबू का शरबत भी दिया गया।
  6. लोहे के अंकुश वाला झोला भी दिया गया। यह अंकुश पानी निकालने और दही टाँगने में प्रयोग होता था।

प्रश्न 13.
संस्कृत भाषा के विषय में अल-बिरूनी ने क्या लिखा है?
उत्तर:

  1. वह संस्कृत को कठिन भाषा मानता है। उसके अनुसार इसे सीखना आसान नहीं है।
  2. अल-बिरूनी के अनुसार अरबी भाषा की तरह इसके शब्द और विभक्तियाँ अनेक हैं।
  3. संस्कृत में एक ही वस्तु के लिए कई मूल तथा व्युत्पन्न दोनों तरह के शब्द प्रयोग होते हैं और एक ही शब्द का प्रयोग कई वस्तुओं के लिए होता है।
  4. इसको समझने के लिए विभिन्न विशेषक संकेतपदों के माध्यम से पदों एवं शब्दों को एक-दूसरे से अलग किया जाना आवश्यक है।

प्रश्न 14.
बर्नियर ने भूमि स्वामित्व के कौन-कौन से दुष्परिणाम बताये हैं?
उत्तर:
भूमि स्वामित्व के दुष्परिणाम –

  1. बनियर के अनुसार भारत में निजी भू-स्वामित्व का अभाव था। वह भूमि पर राजकीय स्वामित्व को राज्य तथा उसके निवासियों दोनों के लिए हानिकारक मानता था।
  2. बनियर लिखता है कि भूमि पर सम्पूर्ण अधिकार सम्राट का था जिसे वह अपने अमीरों में बाँटता था। अमीरों द्वारा किसानों और कृषि कामों से खेती कराई जाती थी। इस पद्धति के अर्थव्यवस्था और समाज दोनों पर हानिकारक प्रभाव पड़ते थे।
  3. चूंकि भूमिस्वामी अपने बच्चों को विरासत में भूमि नहीं दे सकते थे। इसलिए वे उत्पादन का स्तर बनाये रखने और उत्पादन बढ़ाने के लिए निवेश करने से कतराते थे।
  4. निजी स्वामित्व के अभाव ने भूमि के रख-रखाव व बेहतरी के प्रति सजग रहने वाले भू-स्वामियों को प्रोत्साहित नहीं किया।
  5. राज्य का भूमि पर स्वामित्व रहने के कारण कृषि का विनाश और कृषकों का उत्पीड़न हुआ तथा समाज के सभी वर्गों के जीवन-स्तर में गिरावट आई।

प्रश्न 15.
ताराबबाद का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:

  1. इब्नबतूता के अनुसार दौलताबाद में पुरुष और महिला गायकों के लिए एक बाजार है जिसे ताराबबाद कहते हैं। यह सबसे विशाल और सुन्दर बाजारों में से एक था।
  2. यहाँ अनेक दुकानें हैं और प्रत्येक दुकान में एक ऐसा दरवाजा है जो मालिक के आवास में खुलता है। अर्थात मकान में दुकान और घर दोनों थे।
  3. दुकानों को कालीनों से सजाया गया है और दुकान के मध्य में एक झूला है जिस पर गायिका बैठती है। वह पूरी सजी होती है और सेविकायें उसे झूला झुलाती हैं।
  4. बाजार के मध्य में एक गुंबद खड़ा है जिसमें कालीन बिछाए गए हैं और सजाया गया है। इसमें प्रत्येक गुरुवार सुबह की इबादत के बाद संगीतकारों के प्रमुख अपने सेवकों और दासों के बीच में स्थान ग्रहण करते हैं।

प्रश्न 16.
बर्नियर द्वारा भारत के कृषि और शिल्प उत्पादन के बारे में दिये गये विवरण क्या हैं?
उत्तर:
बर्नियर द्वारा भारत के कृषि और शिल्प उत्पादन के विषय में दिया गया विवरण –

  1. भारत की अधिकाँश भूमि अत्यधिक उपजाऊ है।
  2. बंगाल के विशाल राज्य में चावल, मकई तथा अन्य खाद्य वस्तुएँ और रूई, पटसन आदि मिस्र से भी अधिक उगाई जाती है।
  3. यहाँ रेशम, कपास तथा नील मिस्र से भी अधिक पैदा होता है।
  4. भारत में गलीचा, जरी, कसीदाकारी, कढ़ाई, सोने, चाँदी के तारों के कढ़ाईदार वस्त्रों, रेशम तथा सूती वस्त्रों का उत्पादन अधिक होता है और इनका विदेशों में निर्यात होता है।
  5. यहाँ के शिल्पकार कार्य-कुशल हैं और वाणिज्यिक पैमाने पर वस्तुओं का विनिर्माण करते हैं।

प्रश्न 17.
यूरोपीय शासकों को मुगल ढाँचे के अनुसरण के प्रति बनियर क्या चेतावनी देता है? यूरोपीय शासकों को मुगल ढाँचे के अनुसरण के प्रति बनियर क्या चेतावनी देता है?
उत्तर:
बर्नियर द्वारा यूरोपीय शासकों को मुगल ढांचे के अनुसरण के प्रति दी जाने वाली चेतावनी –

  1. उसका कहना है कि यूरोपीय शासकों को मुगल ढाँचे का अनुसरण नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से उनके व्यवस्थित, निर्मित, समृद्ध, सुशिष्ट और विकसित राज्य नष्ट हो सकते हैं।
  2. यूरोप के शासक अमीर और शक्तिशाली हैं लेकिन मुगल ढाँचे का अनुकरण करने को दशा में वे रेगिस्तान तथा निर्जन स्थानों के भिखारियों तथा निर्दयी लोगों के राजा मात्र रह जायेंगे।
  3. यूरोप के महान् शहर और नगर प्रदूषित और नष्ट हो सकते हैं।
  4. शहरों और नगरों का जीर्णोद्धार असंभव हो जाएगा और वे शीघ्र ही नष्ट हो जाएँगे।

प्रश्न 18.
भारत में अनेक व्यावसायिक वर्ग थे। बनियर के विवरण से इसकी पुष्टि कीजिए।
उत्तर:

  1. व्यापारी प्राय: मजबूत सामुदायिक अथवा बंधुत्व के संबंधों से जुड़े हुए थे और अपनी जाति तथा व्यावसायिक संस्थाओं के माध्यम से संगठित रहते थे।
  2. पश्चिमी भारत में ऐसे समूह को महाजन और उनके मुखिया को सेठ कहा जाता है।
  3. अहमदाबाद जैसे शहरी केन्द्रों में सभी महाजनों का सामूहिक प्रतिनिधित्व व्यापारिक समुदाय को मुखिया करते थे। इनको नगर सेठ कहा जाता था।
  4. अन्य व्यावसायिक वर्ग जैसे चिकित्सक (हकीम), अध्यापक (पंडित या मुल्ला), अधिवक्ता (वकील), चित्रकार, वास्तुविद्, संगीतकार, सुलेखक आदि शामिल थे।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
इब्नबतूता कौन था? उसने भारत के बारे में क्या लिखा है? अथवा, इब्नबतूता के यात्रा विवरण का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
इब्नबतूता का आरम्भिक जीवन-इब्नबतूता अफ्रीका के एक देश मोरक्को का रहने वाला था। वह मिन, फिलस्तीन, अरब तथा ईरान से होता हुआ 1333 ई० में दिल्ली पहुँचा। वह भिन्न-भिन्न धर्मों का ज्ञाता तथा न्याय शास्त्री था। जब वह भारत में पहुँचा तो मुहम्मद तुगलक ने उसको राज्य का मुख्य काजी नियुक्त कर दिया।

इससे इब्नबतूता को सम्राट के दरबार तथा इसके दैनिक काम-काज को निकट से देखने का सुंदर अवसर मिला। उसने सभी बातों का अपनी पुस्तक में वर्णन किया है। उसने भारत की सामाजिक स्थिति का भी आँखों-देखा वर्णन किया है। इब्नबतूता द्वारा दिया गया वृत्तांत बहुत रोचक तथा मूल्यवान है।

1. सामाजिक स्थिति:
उसने अनुभव किया कि हिंदू.जाति प्रधा का बहुत कठोरता से पालन करते थे लेकिन अतिथियों का सत्कार करने में हमेशा आगे रहते थे। लोगों में धन एकत्रित करने की लालसा थी। इब्नबतूता ने भी मार्कोपोलो की भाँति ऋण वापिस लेने के अनोखे कानून का वर्णन किया है। यदि कोई उच्च वर्ग का व्यक्ति, ऋण वापिस न करता तो उसके ऋणदाता उसका रास्ता रोक कर उसे अपने महल में नहीं जाने देते थे।

वे अपनी फरियाद ऊँचे स्वर में सुल्तान सं किया करते थे। ऋणी व्यक्ति अपनी बदनामी के डर से ऋण बापस कर देता था या फिर धन वापस करने का नया वचन देता था। सुल्तान इस झगड़े में हस्तक्षेप करके ऋणदाता को उसका धन बापस दिलवा देता था। इब्नबतूता ने मालावार में प्रचलित मारमाकट्टवम (Marmakatavam) या उत्तराधिकार नियम के बारे में भी वर्णन किया है।

इस कानून के अनुसार संपत्तिधारक पुत्र के स्थान पर अपने भाँजे को भी कानूनी रूप में संपत्ति का उत्तराधिकारी बना सकता था । इब्नबतूता यह देखकर चकित रह गया कि पश्चिमी तट के निकट रहने वाले लोग अपने बच्चों को शिक्षा दिलाने के बहुत इच्छुक थे। उदाहरण के लिए-होनाबर (Honavar) में इब्नबतूता ने लड़कियों के तेरह तथा लड़कों के तेइस स्कूल देखें। उसने यह भी देखा कि विश्व के सभी भागों से व्यापारी कालीकट बंदरगाह पर उतरते थे।

2. आर्थिक स्थिति:
इनबतूता लिखता है कि बंगाल, भारत का सबसे समृद्ध तथा उपजाऊ राज्य था। भारत के अन्य भागों की भाँति बंगाल में आवश्यक वस्तुओं के मूल्य बहुत कम थे तथा कम आय वाले व्यक्ति भी सुखदायी जीवन व्यतीत कर सकते थे। वह लिखता है कि बंगाल की भूमि इतनी उपजाऊ थी कि यहाँ वर्ष में दो फसलें उगाई जा सकती थी तथा चावल की फसल वर्ष में तीन बार उगाई जाती थी। तिल, गन्ना तथा कपास की फसलें भी उगाई जाती थी। तेल निकालने, कपड़ा बुनने तथा चीनी और गुड़ बनाने के गृह-उद्योग इन्हीं फसलों पर आधारित थे।

3. दिल्ली की स्थिति:
इनबतूता दिल्ली को पूर्वी इस्लामिक देशों का सबसे बड़ा नगर बताता है। वह मुहम्मद तुगलक के महल के बारे में लिखता है कि सुल्तान से मिलने के लिए उत्सुक प्रत्येक व्यक्ति को तीन बड़े ऊँचे द्वारों में से होकर गुजरना पड़ता था। यहाँ पर बहुत से सुरक्षा सैनिक पहरा देते थे। इनबतूता ने ‘हजार स्तंभों के दरबार’ (Court of thousand pillars) में प्रवेश किया। यह बड़े-बड़े लकड़ी के स्तंभों पर बना एक बहुत विशाल कक्ष था। इन लकड़ी के स्तंभों को बढ़िया पालिश करके सुंदर रंगों से सजाया गया था। इसी विशाल कक्ष में सुल्तान का दरबार लगता था।

4. डाक व्यवस्था:
इब्नबतूता कहता है कि मुहम्मद तुगलक ने डाक को देश के एक भाग से दूसरे भाग तक शीघ्र पहुँचाने के व्यापक प्रबंध किए थे। इस कार्य के लिए एक-एक मील की दूरी पर बुर्ज बने हुए थे। यहाँ पर घोड़े और डाक ले जाने वाले संदेशवाहक खड़े होते थे। इनका काम डाक को अगले पड़ावों तक पहुँचाना होता था। संदेशवाहक दौड़ते हुए लगातार घंटी बजाते जाते थे ताकि अगले पड़ाव पर खड़े संदेशवाहक को उनके आने की सूचना मिल सके और वे आगे जाने के लिए तैयार हो जाएँ।

5. दास व्यवस्था:
समकालीन सामाजिक रीतियों तथा शिष्टाचार के बारे में वह लिखता है कि उस समय दास प्रथा बहुत प्रचलित थी तथा लड़कों और लड़कियों को दास रखने का रिवाज था। सती होने का एक भयानक दृश्य का वर्णन करते हुए वह लिखता है कि एक स्त्री को विवश करके चिता पर बैठाया गया। उस समय बड़ी ऊँची आवाज में ढोल बजाए जा रहे थे ताकि उसकी चीजों की आवाज न सुनाई दे। इनबतूता लिखता है कि स्त्री को सती करवाने से पहले सुल्तान की आज्ञा लेनी पड़ती थी।

6. ऋण व्यवस्था:
इब्नबतूता लिखता है कि ऋणदाता अपना ऋण की राशि वसूल करने के लिए सुल्तान की शरण लेता था। किसी बड़े अमीर या सरदार से ऋण राशि की वसूली के लिए ऋणदाता उस अमीर का राजमहल जाने का रास्ता रोक लेता था और ऊँची आवाज में सुल्तान से धन राशि वापस दिलवाने की गुहार लगाता था। ऋणी व्यक्ति उस समय बहुत कठिन स्थिति में फंस जाता था। ऐसी दशा में ऋण की राशि तुरंत लौटानी पड़ती थी या भविष्य में किसी समय लौटाने का वचन देना पड़ता था। कई बार सुल्तान स्वयं हस्तक्षेप करके ऋणी को ऋणदाता को राशि वापिस करने के लिए विवश कर देता था। इब्नबतूता सुल्तान तथा उस समय के आम-लोगों के जीवन के ढंग की जानकारी भी देता है। इससे हमें सुल्तान और उसकी प्रजा के बीच संबंधों का ज्ञान प्राप्त होता है।

7. सुल्तान का स्वभाव:
इब्नबतूता लिखता है कि सुल्तान की उपहार और दण्डनीति थी। उसके द्वारा लूटे गए और भिखारी के स्तर पर पहुँचाए गए लोग ही दरबार के मुख्य द्वार पर भीख माँगने के लिए खड़े रहते थे। यहाँ उसके द्वार पर मरवाए गए किसी व्यक्ति की लाश लटकी होती थी। उसकी दयालुता और वीरता के साथ ही उसकी निर्दयता और क्रूर दण्ड व्यवस्था के समाचार सर्वत्र फैले थे। इन अनोखी प्रवृत्तियों के बावजूद वह एक नम्र व्यक्ति था। वह स्वयं को सत्य का पालन तथा निष्पक्ष न्याय करने वाला सिद्ध करने की चेष्टा करता था। वह अपने धर्म के सभी रीति-रिवाजों का पूर्ण पालन करता था। वह निश्चित समय पर नमाज पढ़ता था और नमाज न पढ़ने वालों को दण्ड देता था। अकाल पड़ने पर वह सरकारी अनाज भंडार से दिल्ली के लोगों को निःशुल्क अनाज बांटता था।

प्रश्न 2.
“भारत में संचार की एक अनूठी प्रणाली थी” इब्नबतूता के वृत्तान्त से इसकी पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
इब्नबतूता द्वारा वर्णित भारत की अनूठी संचार प्रणाली:
लगभग सभी व्यापारिक मार्गों पर सराय तथा विश्रामगृह स्थापित किये गये थे। इब्नबतूता भारत की अद्भुत डाक व्यवस्था देखकर चकित रह गया था। इसके कारण व्यापारियों को सुदूर स्थानों पर सूचना भेजने की सुविधा ही नहीं बल्कि उधार भेजना भी संभव हो गया। व्यापारी आसानी से अपना माल ठीक समय पर भेज देते थे। डाक प्रणाली इतनी कुशल थी कि जहाँ सिंध से दिल्ली की यात्रा में 50 दिन लगते थे वहीं गुप्तचरों की खबरें सुल्तान तक सिर्फ 5 दिन में पहुँच जाती थी।

इनबतूता के अनुसार भारत में डाक व्यवस्था दो प्रकार की थी:

  1. अश्व डाक व्यवस्था (उलुक)
  2. पैदल डाक व्यवस्था (दावा)।

अश्व डाक व्यवस्था या उलुक प्रत्येक चार मील की दूरी पर रखे गए राजकीय घोड़ों द्वारा संचालित होती थी। पैदल डाक व्यवस्था या दावा में प्रत्येक तीन मील पर विश्राम और अन्य डाकिए को आगे रवाना करने की व्यवस्था थी। पैदल डाक व्यवस्था अश्व डाक व्यवस्था से अधिक तीव्र थी। इसकी प्रक्रिया अद्भुत थी। इसमें प्रत्येक तीन मील पर एक गाँव होता था। इस गाँव के बाहर तीन मंडप होते थे जिनमें लोग कार्य आरंभ के लिए तैयार बैठे रहते थे। उनमें प्रत्येक के पास दो साथ (40 इंच) लंबी एक छड़ होती थी जिसके ऊपर तांबे की घंटियाँ लगी होती थी।

डाक प्रणाली में सन्देशवाहक शहर से यात्रा आरंभ करता था। वह एक हाथ में पत्र तथा दूसरे हाथ में घंटियों वाली छड़ लेकर अपनी क्षमतानुसार तेज भागता था। अगले मंडप में बैठे लोग घंटियों की आवाज सुनकर उसके हाथ का पत्र लेने के लिए तैयार हो जाते थे। जैसे ही संदेशवाहक उनके पास पहुँचता था, उनमें एक उससे पत्र लेता था और वह छड़ हिलाते हुए उस समय तक पूरी सामर्थ्य से दौड़ता था जब तक वह अगले दावा तक नहीं पहुँच जाता था। पत्र के गंतव्य स्थान तक पहुँचने तक यही प्रक्रिया लगातार चलता रहती थी।

प्रश्न 3.
बर्नियर ने भारत के बारे में क्या विवरण दिया है?
उत्तर:
भारत के बारे में बर्नियर के विवरण – बर्नियर ने शाहजहाँ तथा औरंगजेब के शासन काल में भारत में जो कुछ भी देखा, उसका रोचक वर्णन किया है। उसके यात्रा-वृत्तांत का उल्लेख निम्नलिखित शीर्षकों में किया जा सकता है:
1. मुगल दरबार:
बर्नियर ने मुगल दरबार और लोगों के जीवन के बारे में जानकारी कई स्रोतों से प्राप्त की। यह जानकारी उसके अनुभवों तक सीमित न थी। उसने मुगल शासकों को अत्याचारी बताया है। वे प्रजा पर मनमानी कर लगाते थे और बेगार कराते थे। उसका इरादा यूरोप के देशों की तुलना में भारत की शासन-व्यवस्था को घटिया दर्जे की साबित करने का था।

2. उत्तराधिकार युद्ध:
उत्तराधिकार के लिए शाहजहाँ के पुत्रों में युद्ध के बारे में जानकारी उसने स्वयं दी है क्योंकि जब राजकुमार दारा को कैदी बनाकर नगर के बाजारों में घुमाया गया तो यह दृश्य उसने स्वयं देखा। वह लिखता है कि वहाँ पर लोगों के झुंड, दारा के पक्ष में थे तथा उसे दु:खी देखकर चिल्ला रहे थे परंतु किसी में भी इतनी हिम्मत नहीं थी कि आगे बढ़कर उसे बचाने के लिए तलवार चला सके। यद्यपि बर्नियर विदेशी था फिर भी वह दारा की दुर्दशा देखकर बहुत दुःखी हुआ।

3. शाहजहाँ का प्रशासन:
बर्नियर का वृत्तांत शाहजहाँ के प्रशासन पर प्रकाश डालता है। वह लिखता है कि “मुगल सम्राट भारत में एक विदेशी है। वह अपने-आपको एक विरोधी देश का शासक समझता है। वह कहता है कि प्रांतीय सूबेदार, निरंकुश और अत्याचारी हैं। उसने प्रांतीय सूबेदारों द्वारा किए गए अत्याचारों का वर्णन किया है। वह लिखता है कि किसानों और शिल्पकारों पर इतने अत्याचार होते थे कि वे अपनी आजीवका कमाने के योग्य भी नहीं रह पाते थे।

4. उद्योग एवं व्यापार:
बर्नियर लिखता है कि मुगलकाल में बहुत से कारखाने होने के कारण देश में कारीगरों की संख्या बहुत अधिक थी। बड़े-बड़े दरबारी और अमीर उन पर दबाव डालकर अपना काम करवाते थे। बर्नियर लिखता है कि, कारीगर यह अपना सौभाग्य समझते थे कि कम से कम काम करवाने के बाद उनकी पिटाई तो नहीं की गई। बंगाल बहुत समृद्ध प्रांत था और यहाँ पर व्यापार काफी प्रोन्नत दशा में था। रूई, रेशम, कपड़ा तथा शोरा जैसी वस्तुएँ भारत से निर्यात की जाती थी। बर्नियर कहता है कि दिल्ली में कोई मध्य वर्ग नहीं है जबकि ऐसा कदापि नहीं था। वहाँ पर लोग बहुत अमीर हैं या बहुत निर्धन। बर्नियर आगे लिखता है कि लोग सुंदर चेहरे की स्त्रियों को पसंद करते थे। बड़े-बड़े अधिकारी कश्मीरी स्त्रियों से विवाह करना पसंद करते थे।

5. अन्य विवरण:
बर्नियर आगे लिखता है कि पुर्तगाली लोग बहुत निडर थे। वे कई बार गाँव में रहने वाले सभी लोगों को उठाकर ले जाते थे और कई बार बूढ़े लोगों को बेच भी देते थे। वे कई लोगों को बलपूर्वक ईसाई बना लेते थे। बर्नियर शाहजहाँ के समय की राजनीतिक घटनाओं का उल्लेख भी करता है। वह शाहजहाँ हुगली पर आक्रमण तथा छोटे तिब्बत पर विजय का वर्णन करता है। वह शाहजहाँ मंदिरों को नष्ट करने के आदेशों का भी वर्णन करता है। उसने मुगलों की अकुशल सैन्य-व्यवस्था के बारे में भी ठीक लिखा है परंतु सैनिकों की संख्या के बारे में दिए गए उसके विवरण पर विश्वास नहीं किया जा सकता । उसने दिल्ली, आगरा और कश्मीर का बड़ा रोचक वर्णन किया है और ताजमहल की भी बहुत प्रशंसा की है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
विजयनगर का वर्णन किसने किया है?
(अ) अल-बिरूनी
(ब) इब्नबतूता
(स) फ्रांस्वा बर्नियर
(द) अब्दुर रज्जाक समरकंदी
उत्तर:
(द) अब्दुर रज्जाक समरकंदी

प्रश्न 2.
किताब-उल-हिन्द का लेखक कौन था?
(अ) अल-बिरूनी
(ब) इब्न-बतूता
(स) फ्रांस्वा बार्नेयर
(द) अब्दुर रज्जाक समरकंदी
उत्तर:
(अ) अल-बिरूनी

प्रश्न 3.
यूक्लिड के कार्यों का अनुवाद संस्कृत में किसने किया?
(अ) इब्नबतूता
(ब) अल-बिरूनी
(स) फ्रांस्वा बनियर
(द) अब्दुर रज्जाक समरकंदी
उत्तर:
(ब) अल-बिरूनी

प्रश्न 4.
“हिंदुस्तान’ नाम किसने दिया?
(अ) अंग्रेजों ने
(ब) फ्रांसीसियों ने
(स) तुकों ने
(द) अरबी लोगों ने
उत्तर:
(स) तुकों ने

प्रश्न 5.
अपने को घोंसले से निकला पक्षी किसने कहा है?
(अ) अल-बिरूनी
(ब) इन-बतूता
(स) फ्रांस्वा बर्नियर
(द) अन्दुर रज्जाक
उत्तर:
(ब) इन-बतूता

प्रश्न 6.
इब्नबतूता को सिंध से दिल्ली पहुँचने में कितने दिन लगे?
(अ) 40
(ब) 30
(स) 50
(द) 60
उत्तर:
(स) 50

प्रश्न 7.
इब्नबतूता किस महाद्वीप में नहीं गया?
(अ) एशिया
(ब) अफ्रीका
(स) यूरोप
(द) उत्तरी अमेरिका
उत्तर:
(द) उत्तरी अमेरिका

प्रश्न 8.
अल-बिरूनी और इनबतूता के पद चिह्नों का अनुसरण किसने नहीं किया?
(अ) अब्दुर रज्जाक समरकंदी
(ब) महमूद वली बल्खी
(स) शेख अलीहाजिन
(द) बर्नियर
उत्तर:
(द) बर्नियर

प्रश्न 9.
निम्नलिखित में कौन-सा स्थान इब्नबतूता के यात्रा मार्ग में नहीं आता है?
(अ) सिंध
(ब) मुल्तान
(स) दिल्ली
(द) बगदाद
उत्तर:
(द) बगदाद

प्रश्न 10.
फ्रांस्वा बर्नियर में कौन-सा गुण नहीं था?
(अ) राजनीतिक
(ब) धार्मिक
(स) दार्शनिक
(द) इतिहासकार
उत्तर:
(ब) धार्मिक

प्रश्न 11.
निम्नलिखित में किस भारतीय ने यूरोप की यात्रा की?
(अ) गोस्वामी तुलसीदास
(ब) सूरदास
(स) मिर्जा अबु तालिब
(द) गुरु गोविन्द सिंह
उत्तर:
(स) मिर्जा अबु तालिब

प्रश्न 12.
अल-बिरूनी किस भाषा को विशाल पहुँच वाली भाषा कहता है?
(अ) हिन्दी
(ब) संस्कृत
(स) अंग्रेजी
(द) उर्दू
उत्तर:
(ब) संस्कृत

प्रश्न 13.
भारत के सामाजिक वर्गों में भिन्नता होते हुए भी वे एक साथ शहरों और गाँवों में रहते हैं। यह किसका कथन है?
(अ) अल-बिरूनी
(ब) इब्नबतूता
(स) बनियर
(द) बरनी
उत्तर:
(अ) अल-बिरूनी

प्रश्न 14.
इल-बतूता किन दो शाकाहारी उपजों के बारे में लिखता है?
(अ) आम और केला
(ब) पान और नारियल
(स) सेब और अंगूर
(द) चावल और गेहूँ
उत्तर:
(अ) आम और केला

प्रश्न 15.
इन-बतूता के अनुसार भारत का सबसे प्रसिद्ध कपड़ा कौन-सा था?
(अ) ऊनी
(ब) रेशमी
(स) साटन
(द) मलमल
उत्तर:
(ब) रेशमी

प्रश्न 16.
पेलसर्ट कहाँ का यात्री था?
(अ) डच
(ब) पुर्तगाल
(स) इंग्लैंड
(द) फ्रांस
उत्तर:
(द) फ्रांस

Bihar Board 12th Hindi 100 Marks Objective Answers गद्य Chapter 1 बातचीत

Bihar Board 12th Hindi Objective Questions and Answers

Bihar Board 12th Hindi 100 Marks Objective Answers गद्य Chapter 1 बातचीत

बातचीत कहानी का Objective Bihar Board प्रश्न 1.
बालकृष्ण भट्ट का जन्म हुआ था
(A) 23 जून, 1884 को
(B) 23 जून, 1844 को
(C) 20 जुलाई, 1902 को
(D) 18 सितम्बर, 1834 को
उत्तर:
(A) 23 जून, 1884 को

बातचीत बालकृष्ण भट्ट Bihar Board प्रश्न 2.
बालकृष्ण भट्ट किस युग के निबंधकार थे?
(A) प्रसाद युग
(B) भारतेन्दु युग
(C) द्विवेदी युग
(D) स्वातंत्र्योत्तर युग
उत्तर:
(B) भारतेन्दु युग

Batchit Ka Objective Bihar Board प्रश्न 3.
मनुष्य की बातचीत का उत्तम तरीका क्या है?
(A) विद्वतापूर्ण बात करना
(B) तर्कपूर्ण बात करना
(C) भीड़ से बात करना
(D) अवाक् होकर अपने से बातचीत करना
उत्तर:
(D) अवाक् होकर अपने से बातचीत करना

Batchit Ka Objective Question Answer Bihar Board प्रश्न 4.
‘संवाद’ में सबसे महत्वपूर्ण क्या है?
(A) तर्क
(B) जिज्ञासा
(C) आत्मीयता
(D) प्रवाहपूर्ण भाषा
उत्तर:
(C) आत्मीयता

बालकृष्ण भट्ट Bihar Board प्रश्न 5.
बालकृष्ण भट्ट ने कौन-सा मासिक पत्र निकाला था ?
(A) प्रताप नामक
(B) कर्मवीर नामक
(C) हिन्दी प्रदीप नामक
(D) ज्योत्स्ना नामक
उत्तर:
(C) हिन्दी प्रदीप नामक

Batchit Balkrishna Bhatt Bihar Board प्रश्न 6.
‘संयोगिता स्वयंवर’ किसकी रचना है ?
(A) श्रीनिवास दास की
(B) श्यामसुंदर दास की
(C) रामचन्द्र शुक्ल की
(D) लाला भगवान दीन की
उत्तर:
(A) श्रीनिवास दास की

बातचीत निबंध Bihar Board प्रश्न 7.
कौन-सी कृति बालकृष्ण भट्ट की लिखी हुई नहीं है ?
(A) ‘सौ अजान एक सुजान’
(B) ‘नूतन ब्रह्मचारी’
(C) ‘शिशुपाल वध’
(D) प्रभावती’
उत्तर:
(D) प्रभावती’

बालकृष्ण भट्ट की रचना बातचीत Bihar Board प्रश्न 8.
कौन-सी कृति बालकृष्ण भट्ट की लिखी हुई है ?
(A) रेणुका’
(B) ‘रेल का विकट खेल’
(C) वैशाली का नगरवधू’
(D) आर्यावर्त’
उत्तर:
(B) ‘रेल का विकट खेल’

Balkrishna Bhatt Kis Yug Ke The Bihar Board प्रश्न 9.
बालकृष्ण भट्ट किस युग के साहित्यकार हैं ?
(A) द्विवेदी युग के
(B) भारतेंदु युग के
(C) प्रेमचंद युग के
(D) छायावाद युग के
उत्तर:
(C) प्रेमचंद युग के

Balkrishna Bhatt Ki Rachna Bihar Board प्रश्न 10.
‘बातचीत’ किस विधा की रचना है ?
(A) आलोचना
(B) गीत
(C) शोध
(D) निबंध
उत्तर:
(D) निबंध

बालकृष्ण भट्ट का जन्म कब हुआ था Bihar Board प्रश्न 11.
रॉबिसन क्रूसो ने 16 वर्ष के उपरांत किसके मुख से एक बात सूनी ?
(A) फ्राइडे के
(B) सन्डे के
(C) एडीसन के
(D) स्टील के
उत्तर:
(A) फ्राइडे के

बालकृष्ण भट्ट का जन्म Bihar Board  प्रश्न 12.
‘बातचीत’ शीर्षक निबंध के निबंधकार हैं
(A) जयप्रकाश नारायण
(B) मोहन राकेश
(C) नामवर सिंह
(D) बालकृष्ण भट्ट
उत्तर:
(D) बालकृष्ण भट्ट

बालकृष्ण भट्ट का जन्म कब हुआ Bihar Board प्रश्न 13.
बातचीत के माध्यम से बालकृष्ण भट्ट क्या बतलाना चाहते हैं ?
(A) बातचीत की शैली
(B) भाषण की शैली
(C) संवाद की शैली
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(A) बातचीत की शैली

बालकृष्ण भट्ट का निधन कब हुआ था Bihar Board प्रश्न 14.
‘संयोगिता स्वयंवर’ रचना है
(A) बालकृष्ण भट्ट की
(B) प्रताप नारायण मिश्र की
(C) श्रीनिवास दास की
(D) मैथिलीशरण गुप्त की
उत्तर:
(C) श्रीनिवास दास की

प्रश्न 15.
कौन-सी रचना बालकृष्ण भट्ट की नहीं है ?
(A) नूतन ब्रह्मचारी
(B) सौ अजान एक सुजान
(C) सद्भाव का अभाव
(D) परीक्षा गुरु
उत्तर:
(D) परीक्षा गुरु

प्रश्न 16.
कौन-सी रचना बालकृष्ण भट्ट की है?
(A) रेल का विकट खेल
(B) कछुआ भरम
(C) रेणुका
(D) प्राच्यविद्या
उत्तर:
(A) रेल का विकट खेल

प्रश्न 17.
भट्टजी को किसने अंग्रेजी साहित्य के एडीसन और स्टील की श्रेणी में रखा है ?
(A) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(B) डॉ. नागेन्द्र
(C) रामचंद्र शुक्ल
(D) रामविलास शर्मा
उत्तर:
(C) रामचंद्र शुक्ल

प्रश्न 18.
बालकृष्ण भट्ट की रचना बातचीत क्या है?
(A) एकांकी
(B) कहानी
(C) यात्रा संस्मरण
(D) ललित निबंध
उत्तर:
(D) ललित निबंध

प्रश्न 19.
बालकृष्ण भट्ट किस युग के निबंधकार थे?
(A) प्रसाद युग
(B) भारतेंदु युग
(C) द्विवेदी युग
(D) स्वातंत्र्योत्तर युग
उत्तर:
(B) भारतेंदु युग

प्रश्न 20.
मनुष्य की बातचीत का उत्तम तरीका क्या है?
(A) विद्वतापूर्ण बात करना
(B) तर्कपूर्ण बात करना
(C) भीड़ से बात करना
(D) अवाक् होकर अपने से बातचीत करना
उत्तर:
(D) अवाक् होकर अपने से बातचीत करना

प्रश्न 21.
‘संवाद’ में सबसे महत्त्वपूर्ण क्या है?
(A) तर्क
(B) जिज्ञासा
(C) आत्मीयता
(D) प्रवाहपूर्ण भाषा
उत्तर:
(C) आत्मीयता

प्रश्न 22.
बालकृष्ण भट्ट का जन्म हुआ था
(A) 23 जून, 1884 को
(B) 23 जून, 1844 को
(C) 20 जुलाई, 1902 को
(D) 18 दिसम्बर, 1834 को
उत्तर:
(B) 23 जून, 1844 को

प्रश्न 23.
‘संयोगिता स्वयंबर’ रचना है
(A) बालकृष्ण भट्ट की
(B) प्रतापनारायण मिश्र की
(C) श्रीनिवास दास की
(D) मैथिलीशरण गुप्त की
उत्तर:
(C) श्रीनिवास दास की

प्रश्न 24.
कौन-सी रचना बालकृष्ण भट्ट की नहीं है?
(A) नूतन ब्रह्मचारी
(B) सौ अजान एक सुजान
(C) सद्भाव का अभाव
(D) परीक्षा गुरु
उत्तर:
(D) परीक्षा गुरु

प्रश्न 25.
कौन-सी रचना बालकृष्ण भट्ट की है?
(A) रेल का विकट खेल
(B) कछुआ धरम
(C) रेणुका
(D) प्राच्यविद्या
उत्तर:
(A) रेल का विकट खेल

प्रश्न 25.
बालकृष्ण भट्ट ने कौन-सा मासिक पत्र निकाला था?
(A) प्रताप
(B) कर्मवीर
(C) हिन्दी प्रदीप
(D) ज्योत्सना
उत्तर:
(C) हिन्दी प्रदीप

प्रश्न 26.
‘बातचीत’ किस विद्या की रचना है?
(A) आलोचना
(B) गीत
(C) शोध
(D) निबंध
उत्तर:
(D) निबंध

प्रश्न 27.
रोबिंसन क्रूसो ने 16 वर्ष के उपरांत किसके मुख से एक बात सुनी?
(A) फ्राइडे के
(B) सन्डे के
(C) एडीसन के
(D) स्टील के
उत्तर:
(A) फ्राइडे के

प्रश्न 28.
‘बातचीत’ शीर्षक निबंध के निबंधकार है
(A) जयप्रकाश नारायण
(B) मोहन राकेश
(C) नामवर सिंह
(D) बालकृष्ण भट्ट
उत्तर:
(D) बालकृष्ण भट्ट

प्रश्न 29.
बातचीत के माध्यम से बालकृष्ण भट्ट क्या बतलाना चाहते है?
(A) बातचीत की शैली
(B) भाषण की शैली
(C) संवाद की शैली
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) संवाद की शैली

प्रश्न 30.
भट्टजी को किसने अँगरेजी साहित्य के एडीसन और स्टील की श्रेणी में रखा है?
(A) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(B) डॉ० नगेंद्र
(C) रामचंद्र शुक्ल
(D) रामविलास शर्मा
उत्तर:
(C) रामचंद्र शुक्ल

प्रश्न 31.
बालकृष्ण भट्ट का निवास स्थान कौन-सा है?
(A) लखनऊ, उत्तरप्रदेश
(B) इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश
(C) मथुरा, उत्तरप्रदेश
(D) वाराणसी, उत्तरप्रदेश
उत्तर:
(B) इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश

प्रश्न 32.
बालकृष्ण भट्ट ने किस पत्रिका का सम्पादन किया?
(A) आर्यावर्त
(B) हुँकार
(C) हिन्दी प्रदीप
(D) पंजाब केसरी
उत्तर:
(C) हिन्दी प्रदीप

प्रश्न 33.
बालकृष्ण ने ‘हिन्दी प्रदीप’ नामक मासिक पत्रिका निकालना कब प्रारम्भ किया?
(A) 1877
(B) 1888
(C) 1890
(D) 1894
उत्तर:
(A) 1877

प्रश्न 34.
कौन-सी रचना बालकृष्ण भट्ट द्वारा रचित नहीं है?
(A) पद्मावती
(B) वेणी संहार
(C) मेघदूतम् ।
(D) मेघनाथ वध
उत्तर:
(C) मेघदूतम् ।

प्रश्न 35.
कौन-सा उपन्यास बालकृष्ण भट्ट द्वारा रचित है?
(A) मैला आँचल
(B) गोदान
(C) सौ अजान एक सुजान
(D) अंतराल
उत्तर:
(C) सौ अजान एक सुजान

प्रश्न 36.
नाटक के प्रारम्भ में होनेवाले मंगल पाठ को क्या कहा जाता है?
(A) भजन
(B) नांदी पाठ
(C) मंगलाचरण
(D) आरती
उत्तर:
(B) नांदी पाठ

प्रश्न 37.
रॉबिंसन क्रूसो को कब तक मनुष्य का मुख देखने को नहीं मिला?
(A) 10 वर्ष तक
(B) 12 वर्ष तक
(C) 16 वर्ष तक
(D) 18 वर्ष तक
उत्तर:
(C) 16 वर्ष तक

प्रश्न 38.
‘बोलने से ही मनुष्य के रूप का साक्षात्कार होता है। यह किसने कहा?
(A) एडीसन
(B) बेन जानसन
(C) स्पेंसर
(D) मिल्टन
उत्तर:
(B) बेन जानसन

प्रश्न 39.
‘असल बातचीत सिर्फ दो व्यक्तियों में ही हो सकती है।’ यह किसका मत है?
(A) एडीसन
(B) बेन जानसन
(C) मिल्टन
(D) स्पेंसर
उत्तर:
(A) एडीसन

प्रश्न 40.
‘असल बातचीत सिर्फ दो व्यक्तियों में ही हो सकती है।’ यह किसका मत है?
(A) एडीसन
(B) बेन जानसन
(C) मिल्टन
(D) स्पेंसर
उत्तर:
(A) एडीसन

प्रश्न 41.
एडीसन के अनुसार असल बातचीत कितने लोगों के बीच हो सकती
(A) दो
(B) तीन
(C) चार
(D) पाँच
उत्तर:
(A) दो

प्रश्न 42.
बातचीत से मन किस प्रकार का हो जाता है?
(A) क्रोधपूर्ण
(B) भारी और बोझिल
(A) दो
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) दो

प्रश्न 43.
किसके न होने से सृष्टि गूंगी प्रतीत होती है?
(A) श्रवणशक्ति
(B) वाशक्ति
(C) दिव्यशक्ति
(D) स्मरणशक्ति
उत्तर:
(B) वाशक्ति

प्रश्न 44.
‘आर्ट ऑफ कनवरसेशन’ कहाँ के लोगों में सर्वाधिक प्रचलित है?
(A) अफ्रीका के
(B) भारत के
(C) यूरोप के .
(D) कनाडा के
उत्तर:
(C) यूरोप के

प्रश्न 45.
बालकृष्ण किस काल के रचनाकार है?
(A) आदिकाल
(B) भक्तिकाल
(C) रीतिकाल
(D) आधुनिक काल
उत्तर:
(D) आधुनिक काल

Bihar Board 12th English 100 Marks Objective Answers Poem 1 Sweetest Love I do not Goe

Bihar Board 12th English Objective Questions and Answers 

Bihar Board 12th English 100 Marks Objective Answers Poem 1 Sweetest Love I do not Goe

Sweetest Love I Do Not Goe Objective Question Bihar Board 12th Question 1.
John Done was born in-
(A) 1562
(B) 1672
(C) 1572
(D) 1570
Answer:
(D) 1570

Sweetest Love I Do Not Goe Objective Question Answer Bihar Board 12th Question 2.
John died in-
(A) 1641
(B) 1631
(C) 1702
(D) 1615
Answer:
(B) 1631

Sweetest Love I Do Not Goe Objective Question Pdf Download Bihar Board 12th Question 3.
John Donne was the pioneer of new kind of lyrical and satirical verse called-
(A) Metaphorical
(B) Free verse
(C) New school verse
(D) Metaphysical
Answer:
(D) Metaphysical

Sweetest Love I Don’t Go Objective Bihar Board 12th Question 4.
The poet intends to go on a longer Journey than-
(A) Earth
(B) Moon
(C) Sun
(D)Athelete
Answer:
(C) Sun

Sweetest Love I Do Not Goe Ka Objective Question Bihar Board 12th Question 5.
Man’s power is-
(A) Strong
(B) Weak
(C) Unknown
(D) Very strong
Answer:
(B) Weak

Sweetest Love I Do Not Goe Objective Bihar Board 12th Question 6.
Whom the poet loves so intensely that he wants to come back soon-
(A) His son
(B) His daughter
(C) Beloved
(D) Earth
Answer:
(C) Beloved

Sweetest Love I Do Not Goe Question Answer Bihar Board 12th Question 7.
Who is the poet of ‘Sweetest Love, I Do Not Goe’-
(A) Joan of Arc
(B) John Donne
(C) John Keats
(D) T.S.Eliot
Answer:
(B) John Donne

Sweetest Love I Do Not Goe Ka Objective Bihar Board 12th Question 8.
Doune present himself in ‘Sweetest Love, I Do Not Goe’ in—
(A) the first person singular number
(B) the first person plural number
(C) the third person singular number
(D) None of these
Answer:
(A) the first person singular number

12th English Objective Questions And Answers Pdf 2021 Bihar Board Question 9.
‘Sweetest Love, ‘I Do Not Goe’ is—
(A) a didactic poem
(B) an allegorical poem
(C) a love poem
(D) None of these
Answer:
(C) a love poem

Sweetest Love I Don’t Go Bihar Board 12th Question 10.
Donne is well-known for his—
(A) songs and sonnets
(B) satires
(C) sermons
(D) All of these
Answer:
(D) All of these

Sweetest Love I Do Not Goe Bihar Board 12th Question 11.
ln the poem, ‘Sweetest Love, I Do Not Goe’ ‘dye’ stands for—
(A) to die
(B) to paint
(C) both (A) and (B)
(D) None of these
Answer:
(A) to die

Bihar Board 12th English Objective Question Bihar Board 12th Question 12.
‘Sweetest Love, I Do Not Goe’ may be compared with Shakespeare’s—
(A) ‘All the World’s Stage’
(B) ‘The Marriage of True Minds’
(C) ‘Blow Blow Thou Winter Wind’
(D) None of these
Answer:
(B) ‘The Marriage of True Minds’

12th English Objective Question Answer Bihar Board 12th Question 13.
Who has composed the poem, ‘Sweetest Love, I Do Not Goe’?
(A) John Donne
(B) Andrew Marvell
(C) George Herbert
(D) None of these
Answer:
(A) John Donne

12th English Objective Questions And Answers Pdf Bihar Board 12th Question 14.
John Donne was the pioneer of—
(A) Elizabethan poetry
(B) Metaphysical poetry
(C) Restoration poetry
(D) Neo-classical poetry
Answer:
(B) Metaphysical poetry

Class 12 English Objective Question Bihar Board 12th Question 15.
‘Sweetest Love, I Do Not Goe’ is—
(A) a sonnet
(B) an ode
(C) a lyric
(D) a ballad
Answer:
(C) a lyric

English Class 12 Objective Questions Bihar Board 12th Question 16.
‘Sweetest Love, I Do Not Goe’ has been addressed to—
(A) Donne’s sistet
(B) Donne’s mother
(C) Donne’s friend
(D) Donne’s wife
Answer:
(D) Donne’s wife

Question Answer Of Sweetest Love I Do Not Goe Bihar Board 12th Question 17.
The occasion of the poem, ‘Sweetest Love, I Do Not Goe’ is Donne’s—
(A) continental trip
(B) space tour
(C) voyage
(D) None of these
Answer:
(A) continental trip

Sweetest Love I Do Not Goe By John Donne Bihar Board 12th Question 18.
John Donne has written the poem—
(A) Song of Myself
(B) An Epitaph
(C) Sweetest Love I Do Not Goe
(D) The Soilder
Answer:
(C) Sweetest Love I Do Not Goe

Class 12th English Objective Question Bihar Board 12th Question 19.
The poet in Sweetest Love I Do Not Goe is his beloved.
(A) tired of
(B) angry with
(C) sad for
(D) happy for
Answer:
(C) sad for

Question 20.
John Donne is going to ……….. leaving his wife behind.
(A) France
(B) Germany
(C) Italy
(D) England
Answer:
(B) Germany

Question 21.
John Donne thinks that is certain.
(A) death
(B) work
(C) life
(D) None of these
Answer:
(A) death

Question 22.
John Donne wants to go away because he is not tired of his
(A) mother
(B) father
(C) beloved
(D) sister
Answer:
(C) beloved

Question 23.
The poet (John Donne) is better than the —
(A) moon
(B) sun
(C) earth
(D) sky
Answer:
(B) sun

Question 24.
John Donne feels that a ………….. is very hopeless.
(A) animal
(B) goat
(C) bird
(D) man
Answer:
(D) man

Question 25.
………… has been described as a metaphysical poet.
(A) John Keats
(B) T.S. Eliot
(C) John Donne
(D) Walt Whitman
Answer:
(B) T.S. Eliot

Question 26.
wants to gladly accept death.
(A) Walt Whitman
(B) John Keats
(C) John Donne
(D) T.S. Eliot
Answer:
(C) John Donne

Question 27.
John Donne had seen the sun setting night.
(A) today
(B) yesterday
(C) tomorrow
(D) None of these
Answer:
(B) yesterday

Question 28.
The poet of ‘Sweetest Love, I Do Not Goe’
(A) Walt Whitman
(B) John Donne
(C) John Keats
(D) T.S. Eliot
Answer:
(B) John Donne

Question 29.
Whom the poet loves so intensely that he wants to come back soon ?
(A) son
(B) daughter
(C) beloved
(D) mother
Answer:
(C) beloved

Question 30.
John Donne was born in
(A) 1527
(B) 1672
(C) 1572
(D) 1570
Answer:
(C) 1572

Question 31.
Man’s power is
(A) strong
(B) weak
(C) known
(D) strong
Answer:
(B) weak

Question 32.
John Donne was the pioneer of a new kind of lyrical and satirical verse called
(A) Metaphorical
(B) New School verse
(C) Free verse
(D) Metaphysical
Answer:
(D) Metaphysical

Question 33.
The poet intends to go on a longer journey than
(A) sun
(B) moon
(C) earth
(D) sea
Answer:
(A) sun

Question 34.
John Donne died in
(A) 1621
(B) 1631
(C) 1602
(D) 1615
Answer:
(B) 1631

Bihar Board Class 12 History Solutions Chapter 1 ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ : हड़प्पा सभ्यता

Bihar Board Class 12 History Solutions Chapter 1 ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ : हड़प्पा सभ्यता Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 12 History Solutions Chapter 1 ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ : हड़प्पा सभ्यता

Bihar Board Class 12 History ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ : हड़प्पा सभ्यता Textbook Questions and Answers

उत्तर दीजिए (लगभग 100-150 शब्दों में)

ईंटें मनके तथा अस्थियाँ हड़प्पा सभ्यता Question Answer Bihar Board प्रश्न 1.
हड़प्पा सभ्यता के शहरों में लोगों को उपलब्ध भोजन सामग्री की सूची बनाइए। इन वस्तुओं को उपलब्ध कराने वाले समूहों की पहचान कीजिए।
उत्तर:
हड़प्पा सभ्यता के शहरों में लोगों को उपलब्ध भोजन सामग्री की सूची:-

  1. अनेक प्रकार के अनाज: गेहूँ, जौ, चावल, दाल, सफेद चना, तिल और बाजरे का भोजन सामग्री के रूप में उपयोग करते थे।
  2. पेड़-पौधों से प्राप्त उत्पाद: फल, पत्ती आदि।
  3. दूध: दूध एवं उसके अन्य उत्पाद।
  4. मांस: विशेष रूप से मछली खाते थे। इसके अलावा मांस भेड़, बकरी तथा सूअर आदि पशुओं का मांस भी खाया जाता था। भोजन सामग्री उपलब्ध करने वाले समूह:
      • किसान।
      • मछुआरे।
      • पशुपालक यथा गड़रिये।

Bihar Board 12th History Book Pdf प्रश्न 2.
पुरातत्त्वविद हड़प्पाई समाज में सामाजिक-आर्थिक भिन्नताओं का पता किस प्रकार लगाते हैं। वे कौन-सी भिन्नाताओं पर ध्यान देते हैं?
उत्तर:
पुरातत्त्वविदों द्वारा हड़प्पाई समाज में सामाजिक-आर्थिक भिन्नताओं का पता लगाने के तरीके और भिन्नतायें:

सामाजिक भिन्नताओं के दर्शन शवाधानों और विलासिता की वस्तुओं में होते हैं। मिस्र के शवाधानों (पिरामिड) की भाँति हड़प्पा स्थलों से भी शवाधान मिले हैं। हड़प्पाई लोग अपने मृतकों को गों में दफनाते थे। शवाधानों में भिन्नता मिलती है। कुछ शवाधानों या कब्रों से मिट्टी के बर्तन और आभूषण भी मिले हैं। आभूषण स्त्री और पुरुष दोनों धनी लोगों की कब्रों से मिले हैं। मृत्यु के बाद भी मनुष्य की आत्मा द्वारा इन वस्तुओं का प्रयोग करने की धारणा इस साक्ष्य से पुष्ट होती है। कुछ शवाधानों से छल्ले, मनके और दर्पण भी मिले हैं।

सामाजिक भिन्नता का एक अन्य प्रमाण विलासिता की वस्तुओं का मिलना है। दैनिक उपयोग की वस्तुएँ यथा-चक्कियाँ, मृद्भाण्ड, सूइयाँ, झांवा आदि भी मिले हैं। ये वस्तुएँ लगभग सभी बस्तियों से मिली हैं। कुछ कीमती पात्र भी मिले हैं। यह ध्यान देने योग्य बात है कि महँगे पदार्थों से निर्मित दुर्लभ वस्तुएं सामान्य रूप से मोहनजोदड़ो और हड़प्पा जैसी बस्तियों में ये विरले ही मिलते हैं। स्वर्णाभूषण केवल हड़प्पा स्थलों से मिले हैं। इन आधारों पर विद्वानों का विचार है कि हड़प्पा सिन्धु घाटी सभ्यता की राजधानी थी।

12th History Book Bihar Board प्रश्न 3.
क्या आप इस तथ्य से सहमत हैं कि हड़प्पा सभ्यता के शहरों की जल निकास प्रणाली, नगर योजना की ओर संकेत करती है? अपने उत्तर के कारण बताइए।
उत्तर:
हड़प्पा सभ्यता के शहरों की जल निकाल प्रणाली और नगर योजना-हड़प्पा सभ्यता के शहरों की नगर योजना विशिष्ट थी। इन नगरों की मुख्य विशेषता इसका जल निकास प्रबंध था। इस नगर की नालियाँ, मिट्टी के गारे, चूने और जिप्सन की बनी हुई थी। इनको बड़ी ईंटो और पत्थरों से ढका जाता था। जिसको ऊपर उठाकर उन नालियों की सफाई की जा सकती थी। घरों से बाहर की छोटी नालियाँ सड़कों के दोनों ओर बनी हुई थीं। जो बड़ी और पक्की नालियों में आकर मिल जाती थीं।

वर्षा जल के निकास की बड़ी नालियों का घेरा एक से दो मीटर तक था। घरों से गंदे पानी के निकास के लिए सड़क के दोनों ओर गड्ढे बने हुए थे। इन सब तथ्यों से प्रतीत होता है कि हड़प्पा सभ्यता के लोग अपने नगरों की सफाई की ओर अधिक ध्यान देते थे। नालियों के विषय में मैके लिखे हैं “निश्चित रूप से यह अब तक खोजी गई सर्वथा संपूर्ण प्राचीन प्रणाली है।” ए, डी. पुल्सकर (A. D. Pulsakar) के अनुसार मोहनजोदड़ों नगर के खण्डहरों को देखने वाला व्यक्ति नगर के योजनाबद्ध निर्माण और सफाई प्रणाली को देखकर चकित हो जाता है। यह निकास प्रणाली निश्चित रूप से नगर योजना की ओर संकेत करती है।

Bihar Board Class 12 History Book प्रश्न 4.
हड़प्पा सभ्यता में मनके बनाने के लिए प्रयुक्त पदार्थों की सूची बनाइए। कोई भी एक प्रकार का मनका बनाने की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हड़प्पा सभ्यता में मनके बनाने के लिए प्रयुक्त पदार्थ –

  1. कार्नीलियन (सुन्दर लाल रंग का)
  2. जैस्पर
  3. स्फाटिक,
  4. क्वार्ट्ज
  5. सेलखड़ी जैसे पत्थर,
  6. तांबा
  7. कोसा,
  8. सोने जैसे धातुएँ
  9. शंख
  10. फयॉन्स
  11. पकी मिट्टी।

मनका बनाने की एक विधि की प्रक्रिया: मनके बनाने की तकनीकों में प्रयुक्त पदार्थ के अनुसार भिन्नताएँ थी। सेलखड़ी पत्थर से आसानी से मनके बनाये जा सकते थे, क्योंकि यह मुलायम पत्थर होता था। कुछ मनके सेलखड़ी चूर्ण के लेप को साँचे में ढालकर तैयार किए जाते थे। ठोस पत्थरों से बनने वाले केवल ज्यामितीय आकारों छोड़कर इससे अन्य कई आकारों के मनके बनाए जा सकते थे। सेलखड़ी के सूक्ष्म मनकों के निर्माण की विधि स्पष्ट नहीं है।

ईट मनके तथा अस्थियां हड़प्पा सभ्यता Bihar Board प्रश्न 5.
चित्र 1.1 को देखिए और उसका वर्णन कीजिए। शव किस प्रकार रखा गया है? उसके समीप कौन-सी वस्तुएँ रखी गई हैं? क्या शरीर पर कोई पुरावस्तुएँ हैं? क्या इनसे कंकाल के लिंग का पता चलता है?
उत्तर:
शव का वर्णन: शव को एक गर्त में दफनाया गया है और उसे उत्तर-दक्षिण दिशा में रखा गया है। शव का सिर उत्तर की ओर है जो धर्मशास्त्र के अनुसार उचित दिशा में है। शव की मांसपेशियाँ, कपड़े आदि सड़ गये हैं और केवल कंकाल ही दिखाई दे रहा है।
ईंटें मनके तथा अस्थियाँ हड़प्पा सभ्यता Question Answer Bihar Board

  1. शव के निकट विशेष रूप से सिर के निकट दैनिक उपयोग की वस्तुएँ घड़ा, फ्लास्क, थूकदान आदि रखे गये हैं।
  2. शरीर पर रखी गई पुरावस्तुएँ स्पष्ट नहीं हैं। सम्भवतः हाथ में कड़े डाल रखे हैं।
  3. सम्भवतः यह कंकाल पुरुष का है क्योंकि इसका ललाट चौड़ा है।

निम्नलिखित पर एक लघु निबंध लिखिए। (लगभग 500 शब्दों में)

Bihar Board Class 12 History Book Solution प्रश्न 6.
मोहनजोदड़ों की कुछ विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मोहनजोदड़ों की विशिष्टताएँ:
1. मोहनजोदड़ों विश्व का सर्वाधिक प्राचीन योजनाबद्ध नगर है। यह पाकिस्तान में सिंध प्रांत के लरकाना जिले में सिंधु नदी के किनारे है। मोहनजोदड़ों का शाब्दिक अर्थ है-मृतकों का शहर। यहाँ खुदाइयों में मुर्दो के अस्थिपंजर मिले थे। आर्य सभ्यता से पूर्व यह नगर सिंधु घाटी के लोगों की सामाजिक गतिविधियों का मुख्य केन्द्र था। इसका क्षेत्रफल लगभग एक वर्ग किलोमीटर था। इस समय यह नगर. दो टीलों पर स्थित है।

2. मोहनजोदड़ों में वर्तमान नगरों के समान योजनानुसार बनाई गई चौड़ी सड़कें थीं । इसकी मुख्य सड़क 33 फुट चौड़ी है और दूसरी सड़कें 13.5 फुट चौड़ी है। सभी पूर्व से पश्चिम या उत्तर-दक्षिण की ओर आपस में जुड़ी हुई हैं और एक-दूसरे को समकोण पर काटती हैं। मैके (Machay) के अनुसार इन सड़कों को इस प्रकार से बनाया गया था कि यहाँ पर चलने वाली हवायें एक पंप की भाँति प्रदूषित हवाओं को खींच सकें जिससे वातावरण स्वच्छ रहे। इन बातों से यह प्रतीत होता है कि इस नगर का योजनाबद्ध ढंग से विकास करने के लिए एक उच्चाधिकारी नियुक्ति किया जाता होगा। भवनों के निर्माण के नियमों को कठोरता से लागू किया जाता होगा और यह भी ध्यान में रखा जाता होगा कि कोई भी भवन सड़कों के ऊपर न बने।

3. इस नगर की एक मुख्य विशेषता जल निकास व्यवस्था (Drainage System) थी। इस नगर की नालियाँ मिट्टी के गारे, चूने और जिप्सम की बनी हुई थीं। इनको बड़ी ईंटों और पत्थरों से ढका गया है। इन्हें ऊपर उठाकर उन नालियों की सफाई की जा सकती थी। घरों से बाहर की छोटी नालियाँ सड़कों के दोनों ओर बनी हुई थीं जो बड़ी और पक्की नालियों में आकर मिल जाती थीं। घरों से गंदे पानी के निकास के लिए मार्गों के दोनों ओर गड्ढे बने हुए थे।

4. गृह-वास्तु: मोहनजोदड़ों का गृहवास्तु विशिष्ट था। कई भवनों के केन्द्र में आगन था जिसके चारों ओर कमरे बने थे। संभवतः आँगन खाना पकाने और कताई करने जैसे गतिविधियों का केन्द्र था। गर्म और शुष्क मौसम में इसका पर्याप्त उपयोग किया जाता था। भूमितल पर बने कमरों में कोई खिड़की नहीं होती थी।

इसके अलावा मुख्य द्वार (आँगन) दिखाई नहीं देता था। इससे पता चलता है कि लोग एकांतप्रिय थे। प्रत्येक घर में ईंटों के फर्श से बना स्नानघर था। जिसकी नालियाँ सड़क की नालियों से जुड़ी हुई थी। छत पर जाने के लिए कई घरों में सीढ़ियाँ भी थीं। कई घरों में कुएँ भी थे।

5. दुर्ग: मोहनजोदड़ों में बस्तियों की सुरक्षा के लिए दुर्ग था। बस्ती का पश्चिमी भाग छोटी ऊँचाई वाला भाग होता था तथा पूर्वी भाग कम ऊंचाई वाला होता था। दुर्ग ऊँचे स्थान पर होता था। इसके अन्दर बड़े-बड़े सरकारी भवन, खाद्यान्न भंडार और बड़े स्नानघर बने होते थे। इनके ईंटों से बने ढाँचे आज भी देखे गए हैं। लकड़ी से बने ऊपरी हिस्से बहुत पहले सड़ चुके होंगे।

Bihar Board Solution Class 12th History प्रश्न 7.
हड़प्पा सभ्यता में शिल्प उत्पादन के लिए आवश्यक कच्चे माल की सूची बनाइये तथा चर्चा कीजिए कि ये किस प्रकार प्राप्त किए जाते होंगे?
उत्तर:
हड़प्पा सभ्यता में शिल्प उत्पादन के लिए आवश्यक कच्चा माल: शिल्प उत्पादन का अर्थ है-माला के मनके बनाना, सीपियाँ काटना, धातु की वस्तुएँ बनाना, मोहरे बनाना तथा बाट बनाना। सिंधु घाटी में माला के मनके बनाने में प्रयुक्त सामग्री निम्नलिखित थी।

  1. सुन्दर लाल रंग का कार्नीलियन
  2. जैस्पर
  3. क्वार्ट्ज
  4. ताँबा
  5. कांसा
  6. सोने जैसी धातुएँ
  7. सीपियाँ
  8. टेराकोटा या आग में पकी हुई चूना-मिट्टी
  9. विभिन्न प्रकार के पत्थर।

प्राप्ति के तरीके: शिल्प उत्पादन के लिए अनेक प्रकार के कच्चे माल का प्रयोग किया जाता था। मिट्टी स्थानीय स्तर पर उपलब्ध थी परन्तु पत्थर, लकड़ी तथा धातु बाहर से मँगाना पड़ता था। कच्चा माल प्राप्त करने के लिए हड़प्पा सभ्यता के लोग कई प्रकार की नीतियाँ अपनाते थे।

1. उपमहाद्वीप तथा आगे से आने वाला माल: कच्चा माल प्राप्त करने में हड़प्पाइयों ने कई स्थानों पर बस्तियाँ बसायी, जैसे शंख प्राप्त करने के लिए नागेश्वर और बालाकोट में, नीले रंग की लाजवर्द मणि के लिए सूदूर अफगानिस्तान के शोर्तुघई में। ये लोग कच्चे माल के विभिन्न स्थानों का खोज-अभियान भी जारी रखते थे। ये अभियान दल स्थानीय समुदायों के सम्पर्क में रहते थे।

2. सुदूर क्षेत्रों के सम्पर्क: कच्चे माल के लिए हड़प्पाई लोग सुदूर क्षेत्रों सम्पर्क में भी रहते थे। उदाहरण के लिए ये लोग तांबा अरब से मंगाते थे।

Bihar Board History Class 12 History प्रश्न 8.
चर्चा कीजिए कि पुरातत्वविद् किस प्रकार अतीत का पुनर्निर्माण करते हैं?
उत्तर:
अतीत के पुनर्निर्माण में पुरातत्त्वविदों का योगदान:
अतीत के पुनर्निर्माण में पुरातत्त्वविदों का महत्त्वपूर्ण योगदान निम्नवत रहा है –

  1. हड़प्पा सभ्यता की लिपि आज तक पढ़ी नहीं जा सकी है। ऐसे में उस नगर के भौतिक साक्ष्य यथा-मृद्भाण्ड, औजार, आभूषण और खुदाई के समय तक अक्षत सामान हड़प्पाई जीवन का पुनर्निर्माण आधिकारिक और विश्वसनीय ढंग से करने में सहायक बनते हैं।
  2. मूर्तियों जैसी खुदाई से प्राप्त आकृतियाँ अतीत के सामाजिक जीवन को समझने में सहायक बनती हैं।
  3. कीमती आभूषणों से आर्थिक प्रास्थिति/अर्थव्यवस्था की जानकारी मिलती है।
  4. विभिन्न प्रकार की मूर्तियों यथा-मातृदेवी की मूर्ति या मुहर पर बने ‘आद्य शिव’ से लोगों के धार्मिक जीवन की जानकारी होती है।
  5. बैलगाड़ीनुमा खिलौने यह बताते हैं कि हड़प्पाई लोग आने-जाने या सामान ढोने के लिए परिवहन साधनों का भी प्रयोग करते हैं।
  6. शवाधानों से प्राप्त विभिन्न सामग्रियों से सामाजिक भिन्नता की जानकारी मिलती है।

ईंटें मनके तथा अस्थियाँ हड़प्पा सभ्यता Notes Bihar Board प्रश्न 9.
हड़प्पाई समाज में शासकों द्वारा किए जाने वाले संभावित कार्यों की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
हड़प्पाई समाज में शासकों द्वारा किए जाने वाले संभावित कार्य:
हड़प्पा सभ्यता के विभिन्न स्थलों से कोई ऐसा स्पष्ट साक्ष्य नहीं मिला है जिसके आधार पर शासकों द्वारा किये गये कार्यों का विवरण दिया जा सके। पुरातात्विक साक्ष्यों का भी अभाव है। मोहनजोदड़ों में एक विशाल भवन को प्रासाद कहा गया है परन्तु वहाँ शासकों से सम्बद्ध कोई वस्तु नहीं मिली है। पुरातत्त्वविदों ने एक पत्थर की मूर्ति को मेसोपोटामिया के इतिहास के आधार पर पुरोहित-राजा की संज्ञा दी है।

हड़प्पाई शासक संभवत:
आनुष्ठानिक कार्य कराते थे और उनकी याद बनाये रखने के लिए उनके चित्र मुहरों पर उत्कीर्ण कराते थे। ऐसा प्रतीत होता है राजनीतिक सत्ता वालों को ही अनुष्ठान करवाने का अधिकार था।

कुछ विद्वानों का विचार है कि हड़प्पाई समाज में कोई शासक नहीं था तथा सभी की सामाजिक स्थिति समान थी। पुरातत्त्वविदों के एक वर्ग का कहना है कि यहाँ एक से अधिक शासक थे। उनके अनुसार हड़प्पा, मोहनजोदड़ों और चहुँदड़ों आदि के अलग-अलग शासक थे। पुरात्त्वविदों का एक अन्य वर्ग कहता है कि सम्पूर्ण हड़प्पा सभ्यता एक राज्य की थी। इसका प्रमाण पुरावस्तुओं में पर्याप्त समानता का रहना है। ईंटों के आकार में निश्चित अनुपात है तथा कच्चे माल के स्रोतों के समीप ही बस्तियों का विकसित होना स्पष्ट है।

प्रश्न 10.
मानचित्र 1.2 पर उन स्थलों पर पेंसिल से घेरा बनाइए जहाँ से कृषि के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। उन स्थलों के आगे क्रॉस का निशान बनाइए जहाँ शिल्प उत्पादन के साक्ष्य मिले हैं। उन स्थलों पर ‘क’ लिखिए जहाँ कच्चा माल मिलता था।
उत्तर:
संकेत: कृषि के साक्ष्य वाले स्थल Ο
शिल्प उत्पादन के साक्ष्य वाले स्थल ⊗
कच्चे माल वाले स्थल Bihar Board Class 12 History Solutions Chapter 1 ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ हड़प्पा सभ्यता img 2

Bihar Board 12th History Book Pdf

परियोजना कार्य (कोई एक)

प्रश्न 11.
पता कीजिए कि क्या आपके शहर में कोई संग्रहालय है। उनमें से एक को देखने जाइए और किन्हीं दस वस्तुओं पर एक रिपोर्ट लिखिए, जिसमें बताइए कि वे कितनी पुरानी हैं वे कहाँ से मिली थीं, और आपके अनुसार उन्हें क्यों प्रदर्शित किया गया है?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 12.
वर्तमान समय में निर्मित तथा प्रयुक्त पत्थर, धातु तथा मिट्टी की दस वस्तुओं के रेखाचित्र एकत्रित कीजिए। इनकी तुलना इस अध्याय में दिये गये हड़प्पा सभ्यता के चित्रों से कीजिए तथा आपके द्वारा उनमें पाई गई समानताओं एवं भिन्नताओं पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

Bihar Board Class 12 History ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ : हड़प्पा सभ्यता Additional Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
सिन्धु घाटी सभ्यता को हड़प्पा संस्कृति क्यों कहते हैं?
उत्तर:

  1. सिन्धु घाटी सभ्यता की सर्वप्रथम खोज हड़प्पा नामक स्थान पर हुई। इसलिए इसे हड़प्पा संस्कृति कहते हैं।
  2. इसकी सर्वप्रथम खोज दयाराम साहनी ने 1921 ई. में की।

प्रश्न 2.
आरम्भिक तथा परवर्ती हड़प्पा संस्कृतियों से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:

  1. सिन्धु घाटी क्षेत्र में हड़प्पा सभ्यता से पहले और बाद में भी संस्कृतियाँ अस्तित्व में थीं जिन्हें क्रमशः आरम्भिक तथा परवर्ती हड़प्पा कहा जाता है।
  2. इन संस्कृतियों से हड़प्पा सभ्यता को अलग करने के लिए कभी-कभी इसे विकसित हड़प्पा संस्कृति भी कहा जाता है।

प्रश्न 3.
हड़प्पा संस्कृति का विस्तार बताइये।
उत्तर:
हड़प्पा संस्कृति का विस्तार उत्तर में जम्मू से लेकर दक्षिण में नर्मदा के तट तक और पश्चिम में बलुचिस्तान के मकरान समुद्रतट से लेकर उत्तर पूर्व में मेरठ तक था। यह सम्पूर्ण क्षेत्र त्रिभुजाकार है और इसका क्षेत्रफल लगभग 1,299,600 वर्ग कि.मी. है।

प्रश्न 4.
हड़प्पा स्थल की दुर्दशा के क्या कारण हैं?
उत्तर:

  1. हड़प्पा स्थल की कई प्राचीन संरचनायें ईंट चुराने वालों की अशिष्टता का शिकार हो चुकी हैं। अर्थात्-लुप्तप्राय हैं।
  2. 1875 में ही भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के पहले जनरल अलेक्जेंडर कनिंघम ने लिखा है कि ईंट चोरों ने इतनी ईंटें चुरा ली थी कि वे लाहौर और मुल्तान के बीच 100 मील लम्बी रेल की पटरी तैयार करने के लिए पर्याप्त होती।

प्रश्न 5.
अवतल चक्कियों का क्या उपयोग था?
उत्तर:

  1. विद्वानों का अनुमान है कि इनकी सहायता से अनाज पीसा जाता था।
  2. सालन या तरी बनाने के लिए जड़ी-बूटियों तथा मसालों को कूटने के लिए भी विशेष प्रकार की अवतल चक्कियों का प्रयोग किया जाता था।

प्रश्न 6.
हड़प्पा संस्कृति में वर्णित विभिन्न जानवरों के नाम बताइए।
उत्तर:

  1. पालतू मवेशियों में भेड़, बकरी, भैंस तथा सूअर आदि प्रमुख थे।
  2. जंगली प्रजातियों में हिरण, घड़ियाल, सूअर आदि थे। मछली और पक्षियों जैसे जलचर और नभचर प्राणियों के अवशेष भी प्राप्त हुए हैं।

प्रश्न 7.
उन छः स्थलों के नाम बताइये जहाँ हड़प्पा संस्कृति उन्नत और परिपूर्ण थी। सम्बन्धित प्रदेशों के नाम भी बताइये।
उत्तर:

  1. हड़प्पा (पंजाब)
  2. मोहनजोदड़ो (सिन्ध)
  3. चहुँदडा (सिन्ध)
  4. लोथल (गुजरात)
  5. कालीबंगन (राजस्थान)
  6. बनावली (हरियाणा)।

प्रश्न 8.
आप किन तथ्यों के आधार पर कह सकते हैं कि सिन्धुवासी सफाई और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखते थे?
उत्तर:

  1. हड़प्पा संस्कृति के लोगों के मकान पक्के और सड़कों तथा गलियों के किनारे स्थित थे। ये ऊँचे तथा खिड़कियों वाले हवादार घर थे।
  2. घरों का गन्दा जल बाहर निकलने के लिए भूगत नालियाँ बनी हुई थीं । इन नालियों का पानी नगर से बाहर तक जाता था।
  3. अधिकांश मकानों में स्नानघर तथा कुएँ आदि प्राप्त हुए हैं।
  4. कूड़ा-करकट एकत्र करने के लिए जगह-जगह टैंक बने हुए थे।

प्रश्न 9.
हड़प्पा संस्कृति का ज्ञान हमें किन स्रोतों से होता है?
उत्तर:
हड़प्पा संस्कृति की जानकारी के अनेक स्रोत हैं:

  1. विभिन्न स्थलों की खुदाई से प्राप्त सड़कों, गलियों, भवनों, स्नानागारों आदि के द्वारा नगर योजना, वास्तुकला और लोगों के रहन-सहन के विषय में जानकारी मिलती है।
  2. तकलियाँ, मिट्टी के खिलौने, धातु की मूर्तियाँ, आभूषण, मृद्भाण्ड जैसी कला एवं शिल्प की जानकारी कराने वाली वस्तुएँ विभिन्न व्यवसायों एवं सामाजिक दशा की जानकारी भी कराती है।
  3. मिट्टी की मुहरों से धर्म, लिपि आदि का ज्ञान होता है।

प्रश्न 10.
मोहनजोदड़ो के सार्वजनिक स्नानागार के विषय में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:

  1. यह सिन्ध प्रांत के मोहनजोदड़ो नामक शहर में पाया गया है। यह एक विशाल स्नानागार है। इसका जलाशय दुर्ग के टीले में है।
  2. यह स्थापत्य कला का सुन्दर नमूना है। इसकी लम्बाई 11.88 मी., चौड़ाई 7.01 और गहराई 2.43 मी. है। इसके साथ सीढ़ियाँ, कपड़े बदलने के कमरे और कुँआ भी बना हुआ है। गंदे पानी के निकास की गहरी और चौड़ी नालियाँ भी हैं।
  3. यह धार्मिक अवसरों पर प्रयोग किया जाता होगा।

प्रश्न 11.
हड़प्पा संस्कृति की काल गणना कीजिए।
उत्तर:
यह संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक और भारत की सर्वाधिक प्राचीन विकसित नगर सभ्यता है। इसकी लिपि अभी तक न पढ़ी जाने के कारण इसकी निश्चित तिथि नहीं बतायी जा सकती है। मेसोपोटामिया और बेबीलोनिया की खुदाई से मिले बर्तन, मोहरों आदि की तुलना सैन्धव सभ्यता की इन सामग्रियाँ से की गयी है। इस आधार पर इसका काल 2600 सा०यु०पू० से 1900 सा०यु०पू० ठहरता है।

प्रश्न 12.
हड़प्पा काल की तौल और माप पद्धति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:

  1. नगरवासियों ने व्यापार और आदान-प्रदान की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए माप और तौल का प्रयोग किया।
  2. ये लोग ‘तौल’ में बाटों का प्रयोग करते थे। ये बाट 16 या उसके गुणकों यथा -4, 8, 16, 64, 80, 160, 320 और 640 आदि में मानकीकृत थे।
  3. मापने के लिए पैमाने का प्रयोग करते थे। माप के निशान वाले लकड़ी और कांसे के डंडे प्राप्त हुए हैं।

प्रश्न 13.
हड़प्पा के शवाधानों में कौन-कौन सी वस्तुएँ मिली हैं और क्यों?
उत्तर:

  1. हड़प्पा के शवाधानों में दैनिक प्रयोग की वस्तुएँ, बर्तन, मटके, आभूषण, ताँबे के दर्पण आदि मिले हैं।
  2. इसके पीछे संभवतः ऐसी मान्यता थी कि इन वस्तुओं का मृत्योपरांत प्रयोग किया जा सकता था। पुरुषों और महिलाओं दोनों के शवाधानों से आभूषण मिले हैं।

प्रश्न 14.
कानीलियन से मनके किस प्रकार तैयार किये जाते थे?
उत्तर:
पीले रंग के एक कच्चे माल को आग में पकाने से लाल रंग का कार्नीलियन बनता था। अब इसके मनके तैयार किए जाते थे। इसके लिए पत्थर के टुकड़ों को पहले अपरिष्कृत आकारों में तोड़ा जाता था और फिर बारीकी से शल्क निकालकर इन्हें अंतिम रूप दिया जाता था। घिसाई, पॉलिश और इनमें छेद करने के साथ ही यह प्रक्रिया पूरी होती थी। चहुँदड़ों, लोथल और हाल ही में धोलाविरा से छेद करने के विशेष उपकरण मिले हैं।

प्रश्न 15.
क्या सैन्धव सभ्यता एक नगर सभ्यता थी? अथवा, इस सभ्यता के नागरिक जीवन की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सिन्धु की सभ्यता एक नगर सभ्यता थी। यह निम्नलिखित बातों से स्पष्ट है –

  1. इस संस्कृति में, नगरों में सड़कों का निर्माण किया गया था जो एक-दूसरे को समकोण पर काटती थी और चौराहों का निर्माण करती थी।
  2. मकानों का विन्यास एक महाजाल (dragnet) की तरह है। इन मकानों में आराम की सभी व्यवस्थायें थी। मकान पक्की ईंटों के थे।
  3. नगरों के गन्दे पानी को निकालने के लिए भूगत पक्की नालियों की व्यवस्था की गई थी।
  4. अनेक घरों में स्नान आदि के लिए कुएँ मिले हैं।
  5. विशेष अवसरों के लिए सार्वजनिक स्नानागार बनाए गए थे।

प्रश्न 16.
कनिंघम के बारे में क्या जानते हैं?
उत्तर:

  1. ये भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के प्रथम डायरेक्टर जनरल थे। उन्होंने 19 वीं शताब्दी के मध्य में पुरातात्विक उत्खनन आरम्भ किये।
  2. कनिंघम की मुख्य रूचि आरम्भिक ऐतिहासिक (लगभग छठी शताब्दी सा०यु०पू०) से चौथी शताब्दी ई.) तथा उसने बाद के कालों से सम्बन्धित पुरातत्त्व में थी।

प्रश्न 17.
उत्पादन केन्द्रों की पहचान के लिए पुरातत्त्वविद् किन वस्तुओं को ढूंढ़ते हैं?
उत्तर:
उत्पादन केन्द्रों की पहचान के लिए पुरातत्वविद् निम्नलिखित वस्तुओं को ढूंढते हैं:

  1. प्रस्तर पिंड
  2. पूर्ण शंख
  3. तांबा-अयस्क जैसा कच्चा माल
  4. औजार
  5. अपूर्ण वस्तुएँ
  6. परित्यक्त माल
  7. कूड़ा-करकट।

प्रश्न 18.
ओमान (अरब) के हड़प्पा सभ्यता के संबंध के क्या प्रमाण हैं?
उत्तर:

  1. ओमान अरब प्रायद्वीप के दक्षिण-पश्चिम छोर पर स्थित था। संभवतः हड़प्पा में ताँबा यहीं से आता था। रासायनिक विश्लेषण से ज्ञात होता है कि ओमानी ताँबे तथा हड़प्पाई पुरावस्तुओं दोनों में निकल के अंश मिले हैं जो इस सभ्यता के उभयनिष्ठ या समकालिक उद्भव को दर्शाते हैं।
  2. काली मिट्टी की परत चढ़ा हुआ एक हड़प्पाई मर्तबान ओमान नामक पुरातत्व स्थल में भी प्राप्त हुआ है।

प्रश्न 19.
हड़प्पन लिपि की दो विशेषतायें बताइये।
उत्तर:

  1. यद्यपि हड़प्पन लिपि आज तक पढ़ी नहीं जा सकी है तथापि यह निश्चित रूप से यह वर्णमालीय नहीं है क्योंकि वर्णमालीय के प्रत्येक चिह्न एक स्वर अथवा व्यंजन को दर्शाता है।
  2. यह लिपि दाई से बांई ओर लिखी जाती थी क्योंकि दाई ओर चौड़ा अंतराल है और बांई ओर यह संकुचित है।

प्रश्न 20.
हड़प्पा स्थलों से कौन-कौन से अनाज प्राप्त हुए हैं?
उत्तर:

  1. गेहूँ
  2. जौ
  3. दाल
  4. सफेद चना
  5. तिल
  6. बाजरा
  7. चावल।

प्रश्न 21.
हड़प्पाई पुरातत्त्व में क्या उन्नति हुई है?
उत्तर:

  1. 1990 के दशक में हड़प्पाई पुरातत्त्व में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर लोगों की रूचि बढ़ती जा रही है। उदाहरणार्थ-हड़प्पा और मोहनजोदड़ो दोनों स्थानों पर भारतीय उपमहाद्वीप तथा विदेशी विशेषज्ञ संयुक्त रूप से कार्य कर रहे हैं।
  2. वे आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग करते हैं। इन तकनीकों में मिट्टी, पत्थर, धातु की वस्तुएं, वनस्पति और जानवरों के अवशेष प्राप्त करने हेतु धरातल (स्थल) का अन्वेषण और साथ ही उपलब्ध साक्ष्य के प्रत्येक सूक्ष्म टुकड़े का विश्लेषण शामिल है।

प्रश्न 22.
संस्कृति से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:

  1. संस्कृति शब्द का प्रयोग पुरावस्तुओं के ऐसे समूह के लिए करते हैं जो एक विशिष्ट शैली के होते हैं और प्रायः एक साथ, एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र तथा काल खण्ड से सम्बद्ध पाये जाते हैं।
  2. हड़प्पा सभ्यता के संदर्भ में इन विशिष्ट पुरावस्तुओं के मुहरे, मनक, बाट, पत्थर के फलक और पकी हुई ईंटें शामिल हैं।

प्रश्न 23.
हड़प्पाई लिपि की लिखावट कहाँ मिलती है?
उत्तर:

  1. मुहरें
  2. ताँबे के औजार
  3. मर्तबानो के, अॅबठ
  4. ताँबे तथा मिट्ठी की लघु पटिट्कायें
  5. आभूषण
  6. आस्थि – छड़ें
  7. सूचनापट्ट।

प्रश्न 24.
हड़प्पा के शवाधानों की मुख्य विशेषतायें क्या हैं?
उत्तर:

  1. यहाँ के शवाधानों में प्रायः मृतकों को गड्ढों में दफनाया गया था।
  2. कभी-कभी शवाधान गर्त की बनावट एक-दूसरे भिन्न होती थी। कुछ स्थानों पर गर्त की सतहों पर ईंटों की चिनाई की गई थी।

प्रश्न 25.
फयॉन्स क्या है? ये कहाँ मिलते हैं?
उत्तर:

  1. घिसी हुई रेत अथवा बालू तथा रंग और चिपचिपे पदार्थ के मिश्रण को पकाकर बनाये गये पदार्थ को फयॉन्स कहते हैं। यह हड़प्पा की विलासी वस्तु मानी जाती थी।
  2. संगधि त द्रव्यों को रखने के पात्र जैसी फयान्स की वस्तुएँ मोहनजोदड़ो और हड़प्पा जैसे बड़े नगरों की खुदाई से प्राप्त हुई हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
हड़प्पा सभ्यता की कृषि प्रौद्योगिकी का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हड़प्पा सभ्यता की कृषि प्रौद्यौगिकी:

  1. प्राप्त प्रमाणों से ज्ञात होता है कि हड़प्पा सभ्यता के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि था क्योंकि यहाँ के कई स्थलों से अनाज के दाने प्राप्त हुए हैं।
  2. मुहरों पर वृषभ या बैल का अंकन रहना तथा बैलों की कई मृणमूर्तियों का मिलना खेत जोतने और बैलगाड़ी के लिए वृषभ का प्रयोग किए जाने का स्वतः साक्ष्य है।
  3. चोलिस्तान के कई स्थलों यथा-बनावली (हरियाणा) में मिट्टी निर्मित हल के अवशेष मिलना यह अधि कारिक जानकारी बनता है कि खेतों की जुताई हल से होती थी। कालीबंगन (राजस्थान) में जुते हुए खेत के साक्ष्य भी मिले हैं।
  4. फसलों की कटाई के लिए लकड़ी के हत्थों में जड़े/फँसाए गए पत्थर के फलक (धार) या धातु फलक से पता चलता है कि उन्हें कृषि उपकरणों का ज्ञान था।
  5. सिंचाई के लिए नहरों और कुँओं का प्रयोग किया जाता था। अफगानिस्तान के शोर्तुघई में नहरों के अवशेष मिले है।

प्रश्न 2.
शिल्प और तकनीक के क्षेत्र में हड़प्पाई लोगों की उपलब्धियाँ बताएँ। अथवा, हड़प्याई संस्कृति की कला का उल्लेख 100 शब्दों में करें।
उत्तर:
हड़प्पा लोगों की शिल्प और तकनीकी अत्यन्त विकसित थी। इस क्षेत्र में उनकी निम्नलिखित उपलब्धियाँ थीं –

  1. हड़प्पा के लोग कांस्य निर्माण और प्रयोग से अच्छी तरह परिचित थे। तांबे में टिन मिलाकर कांसा बनाते थे। हड़प्पाई स्थलों से प्राप्त कांस्य के औजार और हथियारों में टिन की मात्रा कम है। वस्तुतः टिन उन्हें मुश्किल से मिलता होगा। उनके धातु-शिल्प-मूर्ति विनिर्माण एवं औजार विनिर्माण के थे। वे कुल्हाड़ी, आरी, छुरा आदि बनाते थे।
  2. ये लोग बुनाई कला से भी परिचित थे। वे कपड़े बनाते थे। सूत कातने के लिए तकली का प्रयोग करते थे। बुनकरों का समूह सूती और ऊनी कपड़ा तैयार करता था।
  3. हड़प्पाई लोग अच्छे राजगीर भी थे। उनकी कला विशाल इमारतों में देखने को मिलती है।
  4. ये नाव बनाने का काम भी करते थे।
  5. इनका महत्त्वपूर्ण शिल्प मिट्टी की मुहरें और मूर्ति बनाने तक सीमित था।
  6. समाज में चंद लोग स्वर्णकार या आभूषण विनिर्माता थे। स्वर्णाभूषण, रजत-भूषण और रत्नाभूषण बनाए जाते थे।
  7. हड़प्पाई कारीगर मणियों के निर्माण में भी निपुण थे।
  8. वे कुम्हारी कला से भी परिचित थे । चाक की सहायता से बर्तन चिकने और चमकीले बनाये जाते थे।

प्रश्न 3.
हड़प्पा नगरों का विन्यास कैसा था? इसकी विलक्षणताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हड़प्पा नगरों का विन्यास तथा प्रमुख विलक्षणतायें:
हड़प्पा सभ्यता का नगर का विन्यास जाल की भांति था। नगर एक निश्चित योजना के अनुसार बसाये गये थे। इसकी प्रमुख विलक्षणतायें या विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

  1. नगरों में सड़कें बनायी गयी थी जो एक-दूसरे को समकोण पर काटती थीं। सड़कें गलियों से सम्बद्ध थीं। सड़कों और गलियों के कारण नगर कई खण्डों में विभक्त था।
  2. मकान, सड़कों और गलियों के किनारे बनाये गये थे। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो दोनों नगर-दुर्ग (Garrison) थे। इन दुर्गों में शासक वर्ग रहता था। दुर्गों से बाहर पक्की ईंटों के मकान बने थे जिनमें सामान्य लोग रहते थे।
  3. मोहनजोदड़ो के प्रमुख सार्वजनिक स्थल दुर्ग में एक विशाल स्नानागार है। यह 11.88 मीटर लम्बा, 7.01 मी. चौड़ा तथा 2.43 मीटर गहरा है। अनुमान है कि इसका प्रयोग महत्त्वपूर्ण अवसरों पर किया जाता होगा।
  4. अनाज के गोदाम भी बनाये गये हैं। हड़प्पा नगर के ऐसे एक गोदाम में 6 अन्तः कक्ष हैं।
  5. इन नगरों की जल-निकास व्यवस्था अति-सुधड़ और योजनाबद्ध थी। घरों का पानी भूगत और स्थान-स्थान पर ढक्कन-बंद नालियों से होता हुआ बस्ती सीमा से बाहर एक बड़े नाले का रूप लेता था और ऐसे कई नाले समूचे नगर की सीमा से बाहर त्यक्त-स्थान में मल-व्ययन एवं विसर्जन करते थे।
  6. लगभग सभी घरों में स्नानागार, कुएँ व आँगन आदि थे। इस प्रकार हड़प्पा नगरों का विन्यास अत्यन्त उच्चकोटि का था।

प्रश्न 4.
हड़प्पाई लोगों के मुख्य काम-धंधे क्या थे? उपलब्ध भौतिक साक्ष्यों के आधार पर वर्णन कीजिए। अथवा, “सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगों की आजीविका के साधन” शीर्षक से 100 शब्दों की सीमा में एक अवतरण लिखिए।
उत्तर:
हड़प्पाई सभ्यता के लोगों को आजीविका के विविध साधनों का विशेष ज्ञान था इसीलिए वे समृद्ध और सुखी थे। इनका मुख्य व्यवसाय खेती था। ये लोग गेहूँ, जौ आदि की खेती करते थे। दूसरा मुख्य व्यवसाय पशुपालन था। पालतू पशुओं में बैल, बकरी, सुअर, भैंस और ऊँट आदि प्रमुख थे। जंगली जानवरों में बन्दर, रीछ, खरगोश, चीता और गैंडा आदि थे। उनका तीसरा मुख्य व्यवसाय कपड़े तैयार करने (विनिर्माण) का था । आभूषण बनाना, मिट्टी के बर्तन बनाना और व्यापार करना भी उनके प्रमुख व्यवसायों में शामिल थे। उत्खनन में प्राप्त बाटों से हड़प्पाई लोगों की व्यापारप्रियता स्पष्ट झलकती है। उनका व्यापार भारत तक सीमित न होकर विदेशों में भी फैला था। जल और स्थल दोनों मार्गों से यह व्यापार सुमेरिया और बेबीलोन आदि दूर-दूर के देशों के साथ किया जाता था।

प्रश्न 5.
सिन्धु घाटी के लोगों द्वारा बनाए जाने वाले मिट्टी के बर्तनों की मुख्य विशेषताएं कौन-कौन सी थी?
उत्तर:
सिन्धु घाटी के लोगों द्वारा बनाए जाने वाले मिट्टी के बर्तनों की निम्नलिखित विशेषताएँ थी –

  1. सिन्धु घाटी के लोगों द्वारा प्रयुक्त होने वाले बर्तन चाक पर बने हुए होते थे। यह बात अपने में स्पष्ट करती है कि यह संस्कृति पूर्णतया विकसित थी।
  2. रूप और आकार की दृष्टि से इन बर्तनों की विविधता आश्चर्यजनक है।
  3. पतली गर्दन वाले बड़े आकार के घड़े तथा लाल रंग के बर्तनों पर काले रंग की चित्रकारी आदि हड़प्पा के बर्तनों की दो मुख्य विशेषताएँ हैं।
  4. इन बर्तनों पर अनेक प्रकार के वृक्षों, त्रिभुजों, वृत्तों और बेलों आदि का प्रयोग करके अनेक प्रकार के नमूने बनाये गये हैं।

प्रश्न 6.
“पकी मिट्टी की मूर्तियाँ और सीलें हड़प्पाई लोगों की धार्मिक प्रथाओं पर प्रचुर प्रकाश डालती हैं।” विवेचन करें। अथवा, हड़प्पाई मुहरों का धार्मिक महत्त्व 100 शब्दों में लिखें।
उत्तर:
पकी मिट्टी की मूर्तिकाएँ और सीलों या मुहरों का हड़प्पाई लोगों की धार्मिक प्रथाओं को जानने में विशेष महत्त्व है। हड़प्पा में पकी मिट्टी की मूर्तिकायें भारी संख्या में मिली हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि ये मूर्तियाँ मातृदेवी की मूर्तिकायें हैं क्योंकि एक स्त्री मूर्तिका के पेट से निकलता हुआ पौधा दिखाया गया है। यह देवी की प्रतीक भी मानी जाती है।

सीलों पर धर्म से सम्बन्धित अनेक आकृतियाँ मिलती है। एक सील पर एक पुरुष देवता अंकित है जिसके तीन सींग हैं और इसके आस-पास अनेक पशु अंकित किये गए हैं। इसकी पहचान पशुपति या शिव से की गयी है। सीलों पर पशुओं के अंकन से ज्ञात होता है कि लोग पशुओं की भी पूजा करते थे।

प्रश्न 7.
अन्य सभ्यता की तुलना में सिन्धु घाटी की सभ्यता के विषय में अधिक जानकारी नहीं मिलती है। क्यों?
उत्तर:
स्वल्प जानकारी मिलने के कारण (हेतुक):

  1. इसकी निश्चित तिथि ज्ञात नहीं है। तुलना के आधार पर इसकी तिथि निश्चित की गई हैं। इसको लेकर इतिहासकारों में मतभेद है।
  2. हड़प्पा संस्कृति की लिपि अभी तक पढ़ी नहीं जा सकी है जिससे इसकी तिथि नहीं हो पाती तथा विभिन्न क्षेत्रों में विस्तृत जानकारी नहीं मिलती।
  3. तिथि के अभाव में साहित्य, रीति-रिवाज, रहन-सहन, धार्मिक क्रिया-कलापों के विषय में निश्चित जानकारी प्राप्त नहीं होती।
  4. हड़प्पा संस्कृति के नागरिकों के विषय में कोई निश्चित ज्ञान नहीं है । ये मूल निवासी कहाँ के थे, पता नहीं चलता।
  5. हड़प्पा संस्कृति के प्राचीन साहित्यिक साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं।
  6. चित्रलिपि की गूढ़ता अभी तक पुरातत्त्वविदों और भाषाविदों की समझ से बाहर बनी हुई है।

प्रश्न 8.
सिन्धु घाटी के विभिन्न केन्द्रों से जो मुहरें (Seals) मिली हैं उनका क्या महत्त्व है? अथवा, “पकी मिट्टी की मूर्तिकाएँ और मुहरें हड़प्पाई लोगों की धार्मिक प्रथाओं पर प्रचुर प्रकाश डालती हैं।” विवेचना करें।
उत्तर:
सिन्धु घाटी के लोगों की पकी मिट्टी की मूर्तियाँ और मुहरें वहाँ की संस्कृति का विशिष्ट उदाहरण हैं। यह हड़प्पाई लोगों की धार्मिक आस्थाओं पर प्रकाश डालती है। शिव, मातृदेवी आदि की पूजा करने के ध्वंसावशेष बताते हैं कि पुरुष और प्रकृति की अदृष्ट शक्तियों का उन्हें संज्ञान, अभिज्ञान या बोध था। कला की दृष्टि से ये अपना जवाब नहीं रखती। इन मुहरों पर खुदे हुए साँड, गेंडा, हाथी, बारहसिंघा के चित्र देखते ही बनते हैं। ये चित्र अपनी वास्तविकता एवं सुन्दरता के लिए अद्वितीय हैं। एक अन्य प्रकार से भी यह मुहरें प्रसिद्ध हैं। कुछ मुहरों पर अभिलेख खुदे हैं जो ऐतिहासिक दृष्टि से बड़े महत्वपूर्ण हैं। अभी उन पर खुदी लिपि पढ़ी नहीं जा सकी है। जब साहित्यकार इसे पढ़ने में सफल हो जायेंगे तो इन मुहरों का महत्त्व और भी बढ़ जायेगा-इस बात से कौन इंकार कर सकता है।

प्रश्न 9.
हड़प्पा संस्कृति के प्रमुख स्थलों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अभी तक हड़प्पा संस्कृति के लगभग 1000 स्थलों की जानकारी मिल पाई है। हड़प्पा संस्कृति के आधिकारिक तौर पर प्रमुख स्थल केवल एक दर्जन हैं। ये निम्नलिखित हैं

  1. हड़प्पा: यह स्थल पश्चिमी पंजाब में मॉटगोमरी जिले में स्थित है। इसके उत्तर क्षेत्र से एक विशाल और समृद्ध नगर का ध्वंसावशेष प्राप्त हुआ है।
  2. मोहनजोदड़ो: यह सिन्ध के लरकाना जिले में सिन्धु नदी के तट पर स्थित है। यहाँ से समृद्ध नगर के साथ-साथ एक विशाल सार्वजनिक स्नानागार भी प्राप्त हुआ है।
  3. चहुँदड़ो: यह मोहनजोदड़ो से दक्षिण-पूर्व दिशा में 130 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यहाँ से भी एक नगर का ध्वंसावशेष मिला है।
  4. लोथल: यह स्थल काठियावाड़ में स्थित है। विद्वानों के अनुसार यह हड़प्पा संस्कृति का एक बन्दरगाह था। स्रोतों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस संस्कृति में सती-प्रथा भी प्रचलित थी।
  5. कालीबंगन: यह राजस्थान के गंगानगर जिले की घाघरा नदी के किनारे स्थित है। यहाँ से भी पूर्ण नगर का अवशेष मिला है।
  6. बनावली: यह हरियाणा के हिसार जिले में है । यहाँ से हड़प्पा-पूर्व और हड़प्पा-कालीन संस्कृतियों के अवशेष मिले हैं।
  7. सुतकार्गेडोर और सुरकोतड़ा: इन समुद्रतटीय नगरों में हड़प्पा की विकसित और समृद्ध संस्कृति के अवशेष मिले हैं।
  8. रंगपुर और रोजड़ी: ये काठियावाड़ प्रायद्वीप में है। यहाँ उत्तर हड़प्पा के अंश मिले हैं।

प्रश्न 10.
हड़प्पा निवासियों के व्यापार और वाणिज्य का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
हड़प्पा निवासियों का व्यापार और वाणिज्य:
इन लोगों का आंतरिक और विदेशी व्यापार उन्नत था। हड़प्पा सभ्यता के अधिकांश नगरों में तैयार की जाने वाली वाणिज्यिक वस्तुओं के उत्पादन का कच्चा माल उपलब्ध नहीं था। अन्य देशों व विदेशों से आयात करके इस जरूरत। को पूरा किया जाता था। उदाहरण के लिए-तांबे का आयात मुख्यतः खेतड़ी से होता था। सीप, शंख, कौड़ी आदि काठियावाड़ के समुद्र तट से आयात की जाती थी। जल और स्थल दोनों मार्गों से व्यापार विकसित था। अवशेषों में मुहर पर एक समुद्री जहाज की आकृति चित्रित है जो इस बात का द्योतक है कि इस समय नौका व छोटे जहाजों का प्रयोग होता था। स्थल-मार्ग द्वारा आवागमन के लिए घोड़े व गधे के अलावा बैलगाड़ियों का भी प्रयोग होता था। मोहनजोदड़ो और हड़प्पा के अवशेषों में मिट्टी की अनेक गाड़ियाँ भी मिली हैं। हड़प्पा के अवशेषों में कांसे का बना हुआ एक इक्का भी मिला है जिससे पता चलता है कि इस युग में इक्कों का प्रयोग होता था।

प्रश्न 11.
हड़प्पा लोगों के धार्मिक रीति-रिवाजों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हड़प्पाई लोगों के धार्मिक रीति-रिवाजों का अनुमान उनकी कुछ मूर्तियों, बर्तनों और ताम्रपत्रों के चित्रों से मिलता है। मातृदेवी की अनेक मूर्तियाँ मिली हैं। इनसे पता चलता है कि मातृदेवी ही उनकी पूज्य देवी थी। एक मूर्ति ऐसी मिली है जो बिल्कुल नग्न है। हाथ में कटार तथा गले में नर-मुंडों की माला है। इससे पता चलता है कि लोग देवी, देवताओं को प्रसन्न करने के लिए नरबलि भी देते थे। यह नहीं कहा जा सकता है कि मातृदेवी के लिए मन्दिर भी बनाये जाते थे अथवा नहीं मोहनजोदड़ो से इनके एक देवता की मूर्ति मिली है जो कि आजकल के शिव देवता से मिलती-जुलती है। सम्भवतः ये लोग वृक्षों तथा पशुओं (सांड आदि), सांपों और पत्थरों की भी पूजा करते थे। यह धर्म आजकल के हिन्दू धर्म का उदयी रूप था। बड़ी संख्या में प्राप्त ताबीज उनकी भूत-प्रेत में विश्वास रखने और अदृष्ट एवं अशरीरी शक्तियों से डरने की मनोवृत्ति के परिचायक हैं। ताबीज वस्तुतः अज्ञान भय की आशंका से मुक्त करने वाले मंत्र या बीज-मंत्र प्रतिष्ठित कण्ड-गंड के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 12.
हड़प्पा संस्कृति व आर्य सभ्यता की तुलना कीजिए। दोनों के प्रमुख भेदों .. को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हड़प्पा संस्कृति और आर्य सभ्यता में अंतर –

  1. आर्य एक ग्रामीण सभ्यता थी जबकि हड़प्पा संस्कृति एक शहरी सभ्यता थी।
  2. हड़प्पा संस्कृति के लोग शांतिप्रिय थे जबकि आर्य युद्ध को पसंद करते थे। वे विभिन्न प्रकार के हथियारों से भलीभाँति परिचित थे।
  3. घोड़ा, आर्यों के लिए युद्ध, यातायात और आर्थिक दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण था जबकि हड़प्पा संस्कृति के लोग इससे अपरिचित थे।
  4. आर्य लोग गाय को पवित्र मानते थे जबकि हड़प्पाई लोगों ने यह स्थान सांड को दिया था।
  5. हड़प्पाई लोग मूर्ति-पूजक थे जबकि आर्य मूर्ति-पूजा से अपरिचित थे।
  6. हड़प्पा संस्कृति का व्यापार आर्य संस्कृति के व्यापार से अधिक विकसित था।

प्रश्न 13.
हड़प्पा संस्कृति के सामाजिक जीवन पर प्रकाश डालिये।
उत्तर:
हड़प्पा संस्कृति का सामाजिक जीवन –

  1. भोजन: इस सभ्यता के लोग शाकाहारी और मांसाहारी दोनों थे। फलों का प्रयोग अतिरिक्त भोजन के रूप में किया जाता था। गेहूँ और जौ प्रमुख खाद्यान्न थे।
  2. वस्त्र: विभिन्न स्थलों की खुदाई से प्राप्त बुने हुए और तकली पर कटे हुए बहुत से वस्तु अवशेषों, सुइयों व ताँबे के बटनों से उनके कताई और बुनाई शिल्प में जानकार होने का पता चलता है। सूती और ऊनी कपड़ों का प्रयोग किया जाता था। ये लोग रंगीन वस्त्र पहनते थे। स्त्री और पुरुषों की पोशाक में विशेष अन्तर नहीं था।
  3. आभूषण: स्त्री-पुरुष दोनों ही आभूषणों का प्रयोग करते थे। धनी वर्ग चाँदी आदि बहुमूल्य धातुओं परन्तु निर्धन वर्ग हड्डी और ईंटों के बने आभूषण धारण करता था। हार, कुण्डल, बाजूबंद, कटिबंद, अंगूठी आदि प्रमुख आभूषण थे।
  4. सफाई एवं स्वास्थ्य: हड़प्पा संस्कृति के लोग शरीर और घर की सफाई पर अधिक ध्यान देते थे। कुँओं और स्नानागारों के अवशेषों से पता चलता है कि लोग स्नान करते थे एवं घरेलू वस्तुओं की सफाई करते थे। खुदाई में कूड़ा एकत्रित करने के टैंक भी मिले हैं।
  5. मनोरंजन: ये लोग आखेट, पक्षी पालन, मछली पकड़ना, शतरंज, नृत्य, चित्रकला आदि से मनोरंजन करते थे।
  6. श्रृंगार प्रसाधन: उत्खनन से प्राप्त हाथीदाँत की वस्तुएँ, पीतल की फ्रेम वाले शीशे, लिपस्टिक आदि से पता चलता है कि शृंगार और केश-सज्जा का भी शालीन ज्ञान रखते थे।

प्रश्न 14.
हड़प्पा सभ्यता कैसे समाप्त हुई? विवेचना करें।
उत्तर:
हड़प्पा सभ्यता के अवसान को लेकर विद्वानों में मतभेद है। अभी तक ज्ञात कुछ कारण इस प्रकार हैं –

  1. सिन्धु क्षेत्र में आगे चलकर जलवायु परिवर्तन की स्थिति उत्पन्न हुई और जल-स्तर घटने लगा, वर्षा भी कम होने लगी अतः कृषि और पशुपालन का मुख्य व्यवसाय कर पाना असंभव हो गया होगा।
  2. कुछ विद्वानों के अनुसार सम-सीमान्त उपयोगिता हास नियम के अनुसार अति-भोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति क्षीण होने लगी और ऊसर क्षेत्र बढ़ने लगा। सिन्धु घाटी के पतन का यह भी एक प्रमुख कारण रहा होगा।
  3. कुछ लोगों के अनुसार यहाँ भूकम्प आने से बस्तियाँ समाप्त हो गयीं।
  4. कुछ दूसरे लोगों का कहना है कि यहाँ भीषण बाढ़ आ गयी और पानी जमा हो जाने के कारण भारी मात्रा में विस्थापन हुआ।
  5. एक विचार म ए गोल्डेन सीरिज पासपोर्ट टू यह भी माना जाता है कि सिन्धु नदी की धारा बदल गयी और सभ्यता का क्षेत्र नदी से दूर हो गया।

प्रश्न 15.
हड़प्पा सभ्यता के पशुपालन व्यवसाय का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हड़प्पा सभ्यता का पशुपालन व्यवसाय –

  1. हड़प्पा स्थलों से प्राप्त अवशेषों से। ज्ञात होता है कि यहाँ के लोगों का एक मुख्य व्यवसाय पशुपालन का था।
  2. प्राप्त अवशेषों में भेड़, बकरी, भैंस तथा सुअर की हड्डियाँ मिली हैं। पुरा-प्राणिविज्ञानियों द्वारा किये गये अध्ययनों से संकेत मिलता है कि ये सभी जानवर पालतू थे।
  3. हड़प्पाई मुद्राओं पर वृषभ (बैल) का अंकन है। बैल का प्रयोग कृषि कार्यों में किया जाता था।
  4. जंगली प्रजातियों जैसे वराह (सूअर), हिरण तथा घड़ियाल की हड्डियों मिली हैं। यह निश्चित नहीं है कि हड़प्पाई लोग इन जानवरों का स्वयं शिकार करते थे या इनका मांस अन्य शिकारी समुदाय के लोगों से प्राप्त करते थे।
  5. मछली तथा पक्षियों की हड्डियाँ भी मिली हैं। इससे पता चलता है कि वे इनका मांस भी खाते थे।

प्रश्न 16.
भारतीय सभ्यता को हड़प्पा संस्कृति की क्या देन है? अथवा, सैन्धव सभ्यता अथवा हड़प्पा संस्कृति के उन तत्त्वों का वर्णन कीजिए जो आज भी भारतीय जीवन में परिलक्षित होते हैं।
उत्तर:
सैन्धव सभ्यता अथवा हड़प्पा संस्कृति की आधुनिक भारतीय जीवन को देन:
हड़प्पा संस्कृति में भारतीय जीवन के अनेक तत्त्व विद्यमान थे। भारतीय जीवन के हड़प्पा संस्कृति में दृष्ट कुछ तत्व निम्नलिखित हैं:

1. नगर विन्यास:
हड़प्पाई नगर एक निश्चित योजना के अनुसार बसाये गये थे । नगर में लम्बी चौड़ी सड़कें एक-दूसरे को समकोण पर काटकर चौराहों का निर्माण करती थी । यह लक्षण आधुनिक जीवन में भी दिखाई पड़ते हैं।

2. मकान:
सैन्धव सभ्यता के लगभग प्रत्येक घर, सड़कों और गलियों के किनारे पर थे। भारतीय घरों में आज भी आँगन, स्नान-कक्ष तथा छत पर जाने के लिए सीढ़ियाँ ठीक वैसी ही दिखाई पड़ती हैं जैसी हड़प्पा संस्कृति के मकानों में रही होंगी। घरों में दरवाजों और खिड़कियों का प्रयोग आज भी होता है।

3. आभूषण एवं श्रृंगार प्रसाधन:
आधुनिक भारतीय स्त्रियों के समान हड़प्पा स्त्रियाँ आभूषण पहनती थीं और अधर-रंजक (Lipstick), उबटनों का लेपन और सुगंधित द्रव्य (Powder) आदि का प्रयोग करती थीं।

4. धार्मिक समानता:
आधुनिक भारतीय, सैन्धव निवासियों की तरह शिव, मातृदेवी, तथा पशु आदि की पूजा करते हैं।

प्रश्न 17.
सिन्धु घाटी की सभ्यता का अन्य सभ्यताओं से सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए। अथवा, हड़प्पा संस्कृति और मेसोपोटामिया की सभ्यता का आपसी सम्बन्ध क्या है?
उत्तर:
हड़प्पा संस्कृति के स्थलों से प्राप्त अवशेषों से ज्ञात होता है कि यहां के निवासियों का सम्बन्ध चीन, मिस्र, क्रीट और मेसोपोटामिया आदि के साथ भी था। ये अवशेष एक विकसित सभ्यता के समस्त लक्षणों को रखते हैं। हड़प्पा संस्कृति व मेसोपोटामिया से प्राप्त बर्तन और मोहरें स्पष्ट साक्ष्य हैं कि सिन्धु-घाटी की सभ्यता के लोगों (भारतीयों) का मेसोपोटामिया के साथ व्यापार संबंध था। केश-सज्जा की समानता भी दिखाई पड़ती है। मिस्र की सभ्यता के आभूषण इस सभ्यता से मिलते-जुलते हैं।

इन समानताओं के साथ असमानताएँ भी दिखाई देती हैं। नगर-विन्यास और स्थापत्य-कला (Architecture) की दृष्टि से हड़प्पा संस्कृति अन्य स्थानों की सभ्यताओं से उच्चकोटि की थी। हड़प्पाई लोग अध्यात्मिक और धार्मिक क्षेत्र में भी अन्य सभ्यताओं से आगे थे। हड़प्पा सभ्यता के धारणा-तत्व हिन्दु-धर्म से मेल खाते हैं।

प्रश्न 18.
हड़प्पा संस्कृति गृह स्थापत्य की प्रमुख विशेषतायें कौन-कौन सी थीं।
उत्तर:
गृह-स्थापत्य की विशेषतायें:

  1. प्रायः सभी घरों में आँगन होता या जिसके चारों ओर कमरे बने होते थे। आँगन का उपयोग खाना बनाने और सूत कातने जैसे कुटीर-उद्योगों को चलाने में होता था।
  2. लोग सम्भवतः एकांत को महत्त्व देते थे। भूतल पर बनी दीवारों में खिड़कियाँ नहीं थीं। इसके अलावा मुख्य द्वार से आंतरिक भाग अथवा आँगन को सीधा नहीं देखा जा सकता था।
  3. प्रत्येक घर में ईंटों के फर्श से बना अपना एक स्नानकक्ष होता था जिसकी नालियाँ सड़क की नालियों से जुड़ी होती थी।
  4. कुछ घरों में छत पर जाने के लिए सीढ़ियों के अवशेष मिले थे।
  5. कई आवासों में कुएँ। ये ऐसे कक्ष में बनाए गए थे जिसका मुँह सड़क की ओर खुलता था। इनमें दरवाजा नहीं रहता था अतः राहगीर इनसे जल ले सकते थे।

प्रश्न 19.
हड़प्पाई लोगों की सिंचाई व्यवस्था का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
सिंचाई व्यवस्था:

  1. अधिकांश हड़प्पा स्थल अर्द्ध-शुष्क या परिच्छाया क्षेत्रों में स्थित हैं जहाँ संभवतः कृषि के लिए सिंचाई की आवश्यकता पड़ती होगी।
  2. अफगानिस्तान के शोर्तुघई नामक हड़प्पा स्थल से नहरों के कुछ अवशेष मिले हैं, परन्तु पंजाब और सिंध से नहीं मिले हैं। हो सकता है कि प्राचीन नहरें बाढ़ से भर गई हों।
  3. सम्भवतः कुँओं से भी सिंचाई होती होगी।
  4. जलाशयों से भी खेतों की सिंचाई की जाती थी। धौलावीरा (गुजरात) की खुदाई में एक जलाशय मिला है।

प्रश्न 20.
हड़प्पा सभ्यता में मनके किस प्रकार बनाये जाते थे?
उत्तर:
मनकों का निर्माण:

  1. हड़प्पा सभ्यता में शिल्प उत्पादन में मनकों का विशेष महत्त्व था। ये विभिन्न पदार्थों से बनाये जाते थे। इनमें कार्नीलियन (सुन्दर लाल रंग का), जैस्पर, स्फटिक, क्वार्टज तथा सेलखड़ी जैसे पत्थर, ताँबा, काँसा, सोना, शंख, फयॉन्स, पकी मिट्टी आदि थे।
  2. कुछ मनके दो या उससे अधिक पत्थरों को आपस में जोड़कर बनाये जाते थे और कुछ स्वर्णजटित पत्थर के होते थे।
  3. मनके चक्राकार, बेलनाकार, गोलाकार, ढोलाकार तथा कुछ मनके सममिति रहित पाए गए हैं।
  4. कुछ मनकों में चित्र उत्कीर्ण है जबकि कुछ में केवल रेखाचित्र हैं।
  5. मिट्टी के मनकों को भाड़ में पकाया जाता था। पत्थर के पिंडों को पहले अपरिष्कृत आकारों में तोड़ा जाता था और बारीकी से तराशकर अंतिम रूप दिया जाता था। यह कार्यविधि घिसाई, पालिश और इनमें छेद करने के साथ पूरी होती थी।

प्रश्न 21.
हड़प्पा सभ्यता के नगर नियोजन की विशेषतायें बताइए।
उत्तर:
हड़प्पा सभ्यता के नगर नियोजन की विशेषतायें –

  1. बस्ती दो भागों में विभाजित थी-एक भाग छोटा परन्तु ऊँचाई पर बनाया गया और दूसरा कहीं अधिक बड़ा लेकिन नीचे बनाया गया। पुरातत्त्वविदों ने इन्हें क्रमश: दूकी और निचला शहर का नाम दिया है। दोनों बस्तियों को अलग-अलग दीवारों से घेर कर दूरी रखी गई थी।
  2. बस्ती का नियोजन करने के बाद ही उसके निर्माण का कार्य आरंभ किया जाता था। यह सभ्य लोगों की नियोजित बस्तियाँ थी।
  3. मकान धूप में सुखाई गई अथवा भट्टी में पकाई गई ईंटों के मिले हैं। इन ईंटों की लम्बाई, ऊँचाई की चार गुनी और चौड़ाई ऊँचाई की दुगुनी होती थी। इस प्रकार की ईंटें सभी हड़प्पाई बस्तियों में प्रयोग में लाई गई थीं।
  4. सड़कों तथा गलियों को लगभग एक ‘ग्रिड’ पद्धति (जालीनुमा) से बनाया गया था। ये एक-दूसरे को समकोण पर काटती थी।
  5. उनके पार्श्व भागों में आवासों का निर्माण किया गया था।

प्रश्न 22.
अवतल चक्कियों के बारे में क्या जानते हैं?
उत्तर:
अवतल चक्कियाँ –

  1. इनमें चाक के नीचे वाला गोल पत्थर अंदर की ओर धंसा हुआ है।
  2. इनका प्रयोग अनाज पीसने के लिए किया जाता था।
  3. ये चक्कियाँ प्रायः कठोर, उबड़-खाबड़, चकमक अथवा बलुआ पत्थर से निर्मित थीं।
  4. अवतल होने से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इन्हें घर्षण के समय स्थिर रखने के लिए जमीन अथवा मिट्टी में जमाकर रखा जाता होगा।
  5. ये चक्कियाँ प्रायः दो प्रकार की हैं-एक वे हैं जिनमें एक बड़े शिला-खण्ड पर दूसरे छोटे टुकड़े को आगे-पीछे चलाया जाता होगा। नीचे के बड़े शिलाखण्ड का घिसने से अवतल होना इस तथ्य का प्रथम दृष्ट्या साक्ष्य है। दूसरी वे हैं जिनका प्रयोग केवल सालन या तरी बनाने के लिए जड़ी बूटियाँ तथा मसाले कूटने के लिए किया जाता था। इन्हें ‘सालन पत्थर’ भी कहा गया है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
हड़प्पा संस्कृति की विभिन्न विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
हड़प्पा संस्कृति की मुख्य विशेषतायें –
1. काल:
इस सभ्यता में प्रचलित भाषा आज तक नहीं पढ़ी जा सकी अतः इस सभ्यता का सही काल-क्रम निश्चित करने के लिए हमें दूसरे देशों में पाए जाने वाली सभ्यताओं पर निर्भर रहना पड़ता है। बेबीलोन और मेसोपोटामिया में ठीक सिन्धु-घाटी की सभ्यता के भग्नावशेषों से प्राप्त कुछ बर्तन और मोहरें मिली हैं। इन देशों की प्राचीन सभ्यता का काल ईसा से लगभग 3000 वर्ष पहले का माना जाता है। इसलिए यह सभ्यता आज से 500 वर्ष पहले की मानी गई है।

सिन्धु घाटी की खोजों से पता चलता है कि उस समय लोग प्रायः नगरों में रहते थे। डॉ. वी. डी. पुलस्कर के अनुसार मोहनजोदड़ो की खुदाई में सात संस्त प्राप्त हुए हैं। इनके आधार पर इस सभ्यता को 3250 से 2750 और 220 सा०यु०पू० के मध्य की सभ्यता माना जाता है। इन स्तरों में तीन स्तर उत्तरकालीन तीन मध्यकालीन और एक प्राचीन है। सम्भवतः यहाँ और भी प्राचीन स्तर रहे हों परन्तु वे पाताल या जल के गर्त में विलीन हो गये हैं। ज्ञात स्तरों में प्रत्येक के लिए 500 वर्ष की अवधि निश्चित की गयी है। इस आधार पर सिन्धु-घाटी की सभ्यता का जीवन काल निकालने का प्रयास किया गया है। कार्बन-विधि से भी इसकी तिथि निकालने का प्रयास किया गया है। समस्त आधारों पर कहा जा सकता है कि इस सभ्यता का प्रारम्भ 2800 सा०यु०पू० से 2200 सा०यु०पू० तक हुआ होगा। यह भी माना जाता है कि इस सभ्यता का प्रारम्भ बहुत पहले रहा होगा। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो का विकसित जन-जीवन निश्चित रूप से शताब्दियों के क्रमिक प्रयास का फल रहा होगा। इस प्रकार इस सभ्यता को आज से 5009 वर्ष पूर्व का माना जा सकता है।

2. नगर निर्माण योजना:
स्थलों के उत्खनन दर्शाता है कि उस समय के लोग नगरों में रहते थे। डॉ. पुलस्कर के अनुसार मोहनजोदड़ो में जाने वाले व्यक्ति उनके नगर निर्माण को देखकर चकित रह जाते होंगे। इन खण्डहरों में आकर ऐसा प्रतीत होता है कि हम लंकाशायर के किसी आधुनिक नगर में खड़े हैं। नगर का निर्माण सुनियोजित है। डॉ. मैले ने इस सम्बन्ध में लिखा है –

“It is interesting to note that these ancient cities of the Indus and earliest yet disocovered had a scheme of town planning existed.”

नगर में बड़ी-बड़ी सड़कें थी जो एक-दूसरे से मिलकर आधुनिक सड़कों जैसे चौराहे (crossing, roundabout) बनाती थी। मैके के विचार में यह सड़कें और गलियाँ इस प्रकार बनी हुई थीं कि आने वाली वायु एक कोने से दूसरे कोने तक शहर को स्वयं साफ कर दे। यह कहना कठिन है कि शहर की सफाई एक व्यक्ति के हाथ में थी अथवा एकाधिक के, परन्तु इतना अवश्य कहा जा सकता है कि इस सभ्यता जितनी नागरिक सुख-सुविधाएँ अन्य किसी भी प्राचीन सभ्यता में नहीं दिखाई दी है। गलियों में रोशनी का विशेष प्रबंध था। शहर की गन्दगी को शहर से बाहर खाइयों में फेंका जाता था। आजकल की तरह ये लोग जल निष्कासन की सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक पद्धति का ज्ञान रखते थे। उन्होंने यह नालियाँ खड़िया-मिट्टी, चूने और एक प्रकार के सीमेंट से बनाई थी। वे अपनी नालियों को ऊपर से खुली नहीं छोड़ते थे। वर्षा का पानी शहर से बाहर जाने के लिए एक बड़ा नाला बनाया गया था। सिन्धु घाटी के निवासियों की जल-निष्कासन व्यवस्था से यह पता चलता है कि वे सफाई का विशेष ध्यान रखते थे।

3. भवन-निर्माण कला:
सिन्धु घाटी की खुदाई करने से यह पता चलता है कि उस काल में एक कमरे के मकान से लेकर बड़े-बड़े भवन तक बनाये जाते थे। यह भवन प्रायः तीन प्रकार के होते थे –

  • आवास-गृह
  • पूजा गृह या बैठक-कक्ष (Drawing Room)
  • सार्वजनिक स्नानागार।

प्रायः पक्की ईंटों और मिट्टी के बने विभिन्न आकार-प्रकार के मकान मिले हैं। मकान कई तलों के होते थे। ऊपर जाने के लिए प्रायः सीढ़ियों का प्रयोग किया जाता था। मकानों में हवा और धूप जाने के लिए रोशनदान तथा दरवाजों का प्रयोग किया जाता था। प्रत्येक घर में रसोई घर व स्नानागृह होता था। दूसरे प्रकार के भवन को पूजा गृह या बैठक कक्ष जाना जाता था जो राज-काज चलाने के प्रयोग में आते थे। तीसरे प्रकार के भवन सार्वजनिक स्नानागार थे। इनमें सम्भवतः सबसे बड़ा स्नानागार मोहनजोदड़ो में था। प्राचीन काल में ऐसे जलाशयों के चारों ओर बरामदे तथा कमरों का विशेष प्रबन्ध था। तालाब में उतरने के लिए सीढ़ियाँ बनी हुई थी। गंदा पानी बाहर निकालने के लिए नालियाँ बनी थी । हजारों वर्ष से आजतक यह तालाब अपने जीवन्त रूप में है। इस विषय में डॉ. मुखर्जी का कहना है –

“The construction of such a swimming bath reflects great crediton engi neering of those days.”

4. शिल्प एवं तकनीकी:
भवन-निर्माण कला के अतिरिक्त सिन्धु घाटी के लोगों ने मूर्तिकला, नक्काशी की कला, मिट्टी के बर्तन बनाने की कला तथा चित्रकला में विशेष उन्नति कर रखी थी। मूर्तिकला की यहाँ जो मनुष्यों तथा पशुओं की मूर्तियाँ मिली हैं उनसे स्पष्ट होता है कि सिन्धु-घाटी के लोग मूर्तिकला में बड़े चतुर थे। बहुत-सी मोहरों पर जोकि खुदाई से प्राप्त हुई हैं, बड़े सुन्दर ढंग से और विभिन्न प्रकार के चित्र खुदे हैं। सांड, बैल, बारहसिंगा तथा हाथी जैसे पशुओं के चित्र उकेरे गए हैं । मोहनजोदड़ो तथा हड़प्पा के लोगों ने तरह-तरह के मिट्टी ” के बर्तन बनाए हैं जिन्हें आज की भाँति रोगन तथा पालिश करके रखा जाता था। यह पालिश किये हुए बर्तन संसार में मृदा-शिल्प का एक बेजोड़ नमूना है।

5. लेखन कला:
मिस्र और सुमेरिया की भाँति सिन्धु घाटी के लोग भी लेखन कला की जानकारी नहीं रखते थे। उनकी मुद्राओं में जहाँ मनुष्य और विभिन्न पशुओं के चित्र थे, वहीं कुछ लेख भी अंकित हैं। 400 से अधिक संकेतों वाली चित्रलिपि प्राप्त हुई है। इस लिपि को कई वर्षों तक पढ़ने का प्रयत्न किया गया लेकिन अभी तक कोई सफल नहीं हो सका। मिस्त्र और सुमेरिया की चित्र-लिपि पढ़ी जा चुकी है अत: उम्मीद की जाती है कि सिन्धु-घाटी की लिपि का रहस्य भी एक-न-एक दिन खुल जाएगा।

6. कृषि तथा उद्योग:
सिन्धु-घाटी के निवासियों का भोजन बहुत ही सादा था। वे गेहूँ, जौ और दूध से बनी हुई चीजों का अधिक प्रयोग करते थे। सब्जियाँ भी उनके भोजन का प्रमुख अंग थीं। उनका सबसे मुख्य व्यवसाय खेती-बाड़ी था। अधिकतर जौ या गेहूँ की खेती की जाती थी। उनका दूसरा मुख्य व्यवसाय पशुओं को पालना था। पालतू पशुओं में बैल, बकरी, सूअर, भैंस तथा ऊँट और जंगली जानवरों में बंदर, रीछ, खरगोश, हिरण और गेंडा मुख्य पशु थे। उनका तीसरा मुख्य व्यवसाय कपड़े तैयार करने का था। आभूषण बनाना, मिट्टी के बर्तन बनाना और व्यापार करना आदि भी उनके मुख्य व्यवसायों में से थे। खुदाई में जो अनेक बाट प्राप्त हुए हैं उनसे सिन्धु-घाटी के लोगों की व्यापारप्रियता स्पष्ट झलकती है। उन लोगों का व्यापार भारत तक सीमित न रहकर विदेशों तक फैला हुआ था। जल और स्थल दोनों मार्गों से सुमेरिया और बेबीलोन आदि दूर-दूर के देशों के साथ भी व्यापार किया जाता था।

7. धर्म:
प्राप्त उपकरणों से ज्ञात होता है कि सिन्धु नदी की घाटी के निवासी मूर्तिपूजक थे। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो में एक स्त्री के बहुत-से चित्र प्राप्त हुए हैं। उसकी कमर में एक करधनी बंधी है और सिर के ऊपर भी वह कुछ पहने हुए है। अनुमान है कि ये सब पृथ्वी माता के चित्र होंगे। उसकी पूजा संसार के एक विस्तृत क्षेत्र में होती है। यह भी कहा जाता है कि यह काली देवी का आरंभिक या आदि स्वरूप है। इसके अतिरिक्त एक देव की मूर्ति भी मिली है। इसके तीन मुख हैं और वह योगासन में बैठी है जिसके सिर पर विस्तृत प्रसाधन थे।

प्रश्न 2.
हड़प्या सभ्यता और आर्य सभ्यता में तुलना कीजिए। अथवा, हड़प्पा सभ्यता और आर्य सभ्यता में क्या अंतर है?
उत्तर:
हड़प्पा की सभ्यता एवं आर्य सभ्यता (Harappan Civilization and Aryan Civilization):
हड़प्पा के लोग उतने ही भारतीय हैं जितने कि आर्य सभ्यता के लोग। अब यह स्वाभाविक प्रश्न उठता है कि इस सभ्यता का आर्य सभ्यता से क्या सम्बन्ध है? कुछ इतिहासकारों ने यह सिद्ध करने की चेष्टा की है कि हड़प्पा की सभ्यता भी आर्य सभ्यता की ही एक शाखा है परन्तु ऐसा करने में उन्हें कोई विशेष सफलता नहीं मिली है। वास्तव में हड़प्पा की सभ्यता और आर्य सभ्यता में कुछ ऐसी असमानताएँ हैं जो आसानी से भुलाई नहीं जा सकती जैसे:

  1. दोनों सभ्यताओं में पहला अन्तर यह है कि आर्य प्रायः ग्रामीण थे जबकि सिन्धु घाटी के लोग शहरी थे।
  2. दूसरा बड़ा अन्तर यह है कि हड़प्पा के निवासी शान्ति-प्रिय थे। वे तलवार, कवच और शिरस्त्राण से अपरिचित थे जबकि आर्य शूरकर्मा थे और प्रायः युद्ध में उलझे रहते थे। वे आक्रमण करने और आक्रमण से बचने की रणनीतियों से भली प्रकार परिचित थे।
  3.  तीसरा अन्तर यह है कि घोड़ा, जो आर्यों के आर्थिक जीवन का एक महत्त्वपूर्ण अंग था, हड़प्पा के लोगों के लिए इतना महत्त्व नहीं रखता था और सम्भवतः वे इससे लगभग अपरिचित थे।
  4. चौथा अन्तर यह है कि आर्य लोग गाय को पवित्र मानते थे जबकि हड़प्पा के लोगों ने यह स्थान सांड (Bull) को दे रखा था।
  5. पाँचवा मुख्य अन्तर यह है कि हड़प्पा के लोग मूर्तिपूजक थे और शिव तथा अधिष्ठात्री देवी (Mother Goddess) उनके आराध्य थे। आर्य मूर्तिपूजा से अपरिचित थे। वे प्रकृति के भिन्न-भिन्न रूपों की उपासना करते थे।
  6. छठा बड़ा अन्तर यह है कि हड़प्पा के लोग घरेलू खेलों जैसे नाच व गाने को, तथा आर्य बाहर के खेलों जैसे शिकार और रथ दौड़ाना इत्यादि को अधिक महत्त्व देते थे। इन तर्कों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि आर्य सभ्यता हड़प्पा की सभ्यता से भिन्न थी जिसमें द्रविड़ सभ्यता के लक्षण थे।

यद्यपि आर्य सभ्यता और हड़प्पा की सभ्यता दो भिन्न सभ्यताएँ थी फिर भी बहुत-से इतिहासकारों के अनुसार हड़प्पा के लोगों से आर्य लोग परीचित थे –

  1. ऋग्वेद में आर्यों के जिन विपक्षियों का उल्लेख है, वे वास्तव में हड़प्पा के लोगों की ओर संकेत करते हैं।
  2. आर्य ग्रन्थों में भगवान इन्द्र को नगरों का नाश करने वाला कहा गया है। आर्यों के नगर नहीं थे, इसलिए सम्भव है कि ये नगर हड़प्पा सभ्यता के लोगों ने बसाए होंगे।
  3. ऋग्वेद में चपटी नाक और काले रंग वाले लोगों का उल्लेख है। वे अवश्य ही हड़प्पा में रहने वाले लोग होंगे।
  4. भेड़, बकरी, गाय, बैल और कुता आदि पशु जो आर्य तथा हड़प्पा के लोग दोनों पालते थे। इससे स्पष्ट होता है कि आर्य लोग तथा हड़प्पा के लोग साथ-साथ रहे या आर्य कुछ समय बाद में आए होंगे किन्तु उन दोनों के बीच परिचय अवश्य था।
  5. सोना, चाँदी जैसी धातुओं की जानकारी आर्य तथा हड़प्पा के लोगों को समान रूप से थी। अँगूठी और गले का हार दोनों लोग एक जैसे बनाते थे।
  6. स्त्रियों की वेशभूषा का ढंग लोगों का एक जैसा जान पड़ता है। इन बातों से सिद्ध होता है कि दोनों सभ्यताओं में कुछ मेल अवश्य था।

प्रश्न 3.
हड़प्पाई समाज पर प्रकाश डालिए। अथवा, हड़प्पा संस्कृति के सामाजिक जीवन का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सामाजिक जीवन-प्राप्त अवशेषों से हड़प्पा संस्कृति के सामाजिक जीवन के विषय में निम्नलिखित जानकारी मिलती है –

1. सामाजिक गठन:
सैन्धव सभ्यता का समाज निम्नलिखित चार वर्गों में विभाजित था (क) विद्वान: इस वर्ग में पुरोहित, वैद्य, ज्योतिषी आते थे। (ख) योद्धा: इस वर्ग में सैनिक तथा राजकीय अधिकारी आते थे। (ग) व्यवसायी: इस वर्ग में व्यापारी और अन्य धंधों में लगे लोग आते थे। (घ)श्रमजीवी: इस वर्ग में घरेलू नौकर एवं मजदूर लोग आते थे।

2. भोजन:
हड़प्पा संस्कृति के लोगों का भोजन सादा और पौष्टिक था। उनके भोजन में गेहूँ, चावल, खजूर, फल, सब्जियाँ, दूध, दुग्ध पदार्थ, मिठाई, मांस और मछली आदि की प्रधानता थी। खुदाई में सिल-बट्टे भी मिले हैं। सम्भवतः ये लोग चटनी तथा स्वादिष्ट भोजन खाने के शौकीन थे।

3. वस्त्र:
सैन्धव सभ्यता के लोग ऋतुओं के अनुसार सूती तथा ऊनी दोनों प्रकार के कपड़ों का प्रयोग करते थे। कहा जाता है कि कपास की उत्पत्ति सबसे पहले भारत में ही हुई। प्राप्त मूर्तियों तथा खिलौनों से यह अनुमान लगाया जाता है कि ये साधारण ढंग से कपड़े पहनते थे। पुरुष प्रायः शाल की तरह का वस्त्र शरीर पर लपेटते थे। ऐसा लगता है कि शरीर के ऊपरी और निचले भाग को ढकने के लिए दो प्रकार के वस्त्र पहनते होंगे। सम्भवतः स्त्रियाँ तथा पुरुषों के वस्त्रों में कोई विशेष अन्तर नहीं होता था। इस सभ्यता से प्राप्त अनेक नग्न मूर्तियों के आधार पर कहा जा सकता है कि वहाँ के लोग नग्न भी रहते होंगे। हड़प्पा की खुदाई से प्रमाणित होता है कि औरतें सिर पर एक विशेष प्रकार का वस्त्र पहनती थीं जो पीछे की ओर पंख की तरह उठा रहता था।

4. आभूषण, केश- शृंगार तथा सौंदर्य प्रसाधन:
सिन्धु घाटी सभ्यता के स्त्री-पुरुष दोनों ही आभूषणों के बड़े शौकीन थे। हार, भुजबंद, कर-कंगन और अंगूठी स्त्री-पुरुष दोनों पहनते थे। गरीब लोगों के आभूषण तांबे, अस्थि और सीप आदि के बने होते थे। त्रियों में लम्बे-लम्बे बाल रखने, माँग भरने तथा जूड़ा बाँधने की प्रथा थी। पुरुष छोटी दाढ़ी और मूंछे रखते थे। स्त्रियाँ होठों पर लाली (Lipstick) तथा चेहरे पर पाउडर (Powder) लगाती थीं । वे काजल, सुरमा और सिन्दूर का भी प्रयोग करती थीं।

5. आमोद-प्रमोद:
सिन्धु घाटी के लोग नाच-गाने के बड़े शौकीन थे। घर में खेले जाने वाले खेलों (Indoor Game) का अधिक प्रचलन था। ये लोग शिकार और जुआ खेलने के बड़े शौकीन थे। पासा खेलना और पशु पक्षी आदि उनके मनोरंजन के अन्य प्रमुख साधन थे। बच्चों के मन-बहलाव के लिए खिलौने, झुनझुने, सीटियाँ, बैलगाड़ी के छोटे नमूने आदि होते थे।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
किस पत्थर की मुहरें बनाई जाती थीं?
(अ) सेलखड़ी पत्थर
(ब) लाल पत्थर
(स) बलुआ पत्थर
(द) काला पत्थर
उत्तर:
(अ) सेलखड़ी पत्थर

प्रश्न 2.
हड़प्पा सभ्यता के अवशेष कहाँ से नहीं मिले हैं?
(अ) अफगानिस्तान
(ब) जम्मू
(स) बलूचिस्तान
(द) केरल
उत्तर:
(द) केरल

प्रश्न 3.
भारतीय पुरातत्त्व का जनक किसको माना जाता है?
(अ) जान मार्शल
(ब) दयाराम साहनी
(स) जनरल अलैक्जेंडर कनिंघम
(द) ह्वीलर
उत्तर:
(स) ह्वीलर

प्रश्न 4.
मोहनजोदड़ो में कितने कुएँ मिले हैं?
(अ) 400
(ब) 500
(स) 600
(द) 700
उत्तर:
(द) 700

प्रश्न 5.
दुर्ग में स्थित मालगोदाम किसका बना था?
(अ) ईंटों का
(ब) ईंट और लकड़ी दोनों का
(स) पत्थर
(द) लकड़ी का
उत्तर:
(ब) ईंट और लकड़ी दोनों का

प्रश्न 6.
शवाधानों में निम्नलिखित कौन-सी वस्तु नहीं है?
(अ) मनके
(ब) आभूषण
(स) ताँबे के दर्पण
(द) ताँबे के घड़े
उत्तर:
(द) ताँबे के घड़े

प्रश्न 7.
शंख से क्या नहीं बनता था?
(अ) मनके
(ब) चूड़ियाँ
(स) करछियाँ
(द) पच्चीकारी की वस्तुएं
उत्तर:
(अ) मनके

प्रश्न 8.
गठोश्वर-जोधपुरा संस्कृति कहाँ पनपी थी?
(अ) पंजाब
(ब) राजस्थान
(स) गुजरात
(द) महाराष्ट्र
उत्तर:
(ब) राजस्थान

प्रश्न 9.
हड़प्पा लिपि के कितने चिह्न मिले हैं?
(अ) 100 से 150 तक
(ब) 150 से 200 तक
(स) 200 से 250 तक
(द) 375 से 400 तक
उत्तर:
(द) 375 से 400 तक

प्रश्न 10.
हड़प्पा सभ्यता का अंत कब हुआ?
(अ) 1600 सा०यु०पू० में
(ब) 1700 सा०यु०पू० में
(स) 1800 सान्यु०पू० में
(द) 2000 सा०यु०पू० में
उत्तर:
(स) 1800 सान्यु०पू० में