Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1

Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1 Text Book Questions and Answers.

BSEB Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1

Bihar Board Class 10 Maths त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1

Bihar Board 10th Class Maths Book Solution In Hindi प्रश्न 1.
ΔABC में, जिसका कोण B समकोण है, AB = 24 सेमी और BC = 7 सेमी है। निम्नलिखित का मान ज्ञात कीजिए-
(i) sin A, cos A
(ii) sin C, cos C

Bihar Board Class 10 Math Solution In Hindi
हल
समकोण ΔABC में ∠B = 90°
तब पाइथागोरस प्रमेय से,
AC2 = AB2 + BC2
AC2 = (24)2 + (7)2 = 576 + 49 = 625
AC = √625 = 25 सेमी
10 Class Ka Math Bihar Board

Bihar Board Class 10 Math Book Solution In Hindi Pdf Download प्रश्न 2.
आकृति में, tan P – cot R का मान ज्ञात कीजिए।
Bihar Board 10th Class Math Solution
हल
समकोण ΔPQR में,
पाइथागोरस प्रमेय से,
PQ2 + QR2 = PR2
⇒ (12)2 + QR2 = (13)2
⇒ QR2 = (13)2 – (12)2 = 169 – 144 = 25
⇒ QR = 5 सेमी
Class 10 Math Solution Bihar Board

Class 10th Math Solution In Hindi Bihar Board Pdf प्रश्न 3.
यदि sin A = \(\frac{3}{4}\), तो cos A और tan A का मान परिकलित कीजिए।
Bihar Board Class 10th Math Solution
हल
दिया है, किसी समकोण त्रिभुज में, sin A = \(\frac{3}{4}\)
Bihar Board Class 10 Maths Solution

Bihar Board Math Solution Class 10 प्रश्न 4.
यदि 15 cot A = 8 हो, तो sin A और sec A का मान ज्ञात कीजिए।
Class 10th Math Solution In Hindi Bihar Board
हल
Class 10 Bihar Board Math Solution
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1 Q4.2

Bihar Board Solution Class 10 Math प्रश्न 5.
यदि sec θ = \(\frac{13}{12}\) हो तो अन्य सभी त्रिकोणमितीय अनुपात परिकलित कीजिए।
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1 Q5
हल
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1 Q5.1
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1 Q5.2

Bihar Board Class 10th Math Solution In Hindi प्रश्न 6.
यदि ∠A तथा ∠B न्यूनकोण हों और cos A = cos B हो, तो दिखाइए कि: ∠A = ∠B
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1 Q6
हल
माना त्रिभुज ABC में ∠C समकोण है।
दिया है, ∠A तथा ∠B न्यूनकोण हैं।
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1 Q6.1

Class 10 Maths Bihar Board प्रश्न 7.
यदि cot θ = \(\frac{7}{8}\), तो (i) \(\frac{(1+\sin \theta)(1-\sin \theta)}{(1+\cos \theta)(1-\cos \theta)}\), (ii) cot2θ का मान निकालिए।
हल
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1 Q7
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1 Q7.1
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1 Q7.2

Bihar Board 10th Math Solution In Hindi प्रश्न 8.
यदि 3 cot A = 4, तो जाँच कीजिए कि \(\frac{1-\tan ^{2} A}{1+\tan ^{2} A}\) = cos2 A – sin2 A है या नही।
हल
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1 Q8
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1 Q8.1

Bihar Board Class 10 Math Book Solution In Hindi प्रश्न 9.
त्रिभुज ABC में, जिसका कोण B समकोण है, यदि tan A = \(\frac{1}{\sqrt{3}}\), तो निम्नलिखित के मान ज्ञात कीजिए :
(i) sin A cos C + cos A sin C
(ii) cos A cos C – sin A sin C
हल
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1 Q9
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1 Q9.1

Bihar Board Class 10 Math Solution प्रश्न 10.
ΔPQR में, जिसका कोण Q समकोण है, PR + QR = 25 सेमी और PQ = 5 सेमी है। sin P, cos P और tan P के मान ज्ञात कीजिए।
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1 Q10
हल
दिया है, समकोण ΔPQR में, ∠Q = 90°
पाइथागोरस प्रमेय से,
PQ2 + QR2 = PR2
⇒ (5)2 + QR2 = PR2
⇒ 25 = PR2 – QR2
⇒ 25 = (PR + QR) (PR – QR) [∵ a2 – b2 = (a + b)(a – b)]
⇒ 25 = 25 (PR – QR) (∵ PR + QR = 25, दिया है)
⇒ PR – QR = 1 ……..(1)
और PR + QR = 25 ……(2)
समीकरण (1) व (2) को हल करने पर,
PR = 13 सेमी तथा QR = 12 सेमी
समकोण ΔPQR में,
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1 Q10.1

Class 10th Math Bihar Board प्रश्न 11.
बताइए कि निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्या कारण सहित अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।
(i) tan A का मान सदैव 1 से कम होता है।
(ii) कोण A के किसी मान के लिए sec A = \(\frac{12}{5}\)
(iii) cos A, कोण A के cosecant के लिए प्रयुक्त एक संक्षिप्त रूप है।
(iv) cot A, cot और A का गुणनफल होता है।
(v) किसी भी कोण θ के लिए sin θ = \(\frac{4}{3}\)
हल
Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1 Q11
tan A का मान 1 से कम तभी हो सकता है जब ∠A की सम्मुख भुजा, ∠A की आधार भुजा से छोटी हो।
परन्तु ऐसा सदैव होना आवश्यक नहीं है।
अत: कथन “tan A का मान सदैव 1 से कम होता है” असत्य है।

Bihar Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.1 Q11.1
जिसका आशय है कि किसी ∠A के लिए समकोण त्रिभुज के कर्ण और ∠A के आधार का अनुपात 12 : 5 होता है।
परन्तु ऐसा सदैव होना आवश्यक नहीं है।
अत: कथन “कोण A के किसी मान के लिए sec A = \(\frac{12}{5}\)” असत्य है।

(iii) हम जानते हैं कि cos A, कोण A की cosine का संक्षिप्त रूप होता है जबकि cosecant A का अर्थ है cosec A
अतः दिया हुआ कथन असत्य है।

(iv) cot A का अर्थ ∠A के cotangent से है।
स्वतन्त्र रूप में cot का कोई अस्तित्व ही नहीं है। अत cot A, और cot A का गुणनफल कभी नहीं है।
अत: दिया हुआ कथन असत्य है।

(v) किसी समकोण त्रिभुज में कोण θ के लिए,
यदि sin θ = \(\frac{4}{3}\) तो इसका अर्थ है कि θ की सम्मुख भुजा और कर्ण का अनुपात 4 : 3 है।
परन्तु कर्ण, समकोण त्रिभुज की सबसे बड़ी भुजा होती है।
अतः दिया गया कथन असत्य है।

Bihar Board Class 10 History Solutions Chapter 7 व्यापार और भूमंडलीकरण

Bihar Board Class 10 Social Science Solutions History इतिहास : इतिहास की दुनिया भाग 2 Chapter 7 व्यापार और भूमंडलीकरण Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Social Science History Solutions Chapter 7 व्यापार और भूमंडलीकरण

Bihar Board Class 10 History व्यापार और भूमंडलीकरण Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

नीचे दिये गए प्रश्नों के उत्तर के रूप में चार विकल्प दिये गये हैं। जो आपको सर्वाधिक उपयुक्त लगे उनमें सही का चिह्न लगायें।

प्रश्न 1.
प्राचीन काल में किस स्थल मार्ग से एशिया और यूरोप का व्यापार होता था ?
(क) सूती मार्ग
(ख) रेशम मार्ग
(ग) उत्तरा पथ
(घ) दक्षिण पथ
उत्तर-
(ख) रेशम मार्ग

प्रश्न 2.
पहला विश्व बाजार के रूप में कौन-सा शहर उभर कर आया ?
(क) अलेक्जेन्ड्रिया
(ख) दिलमून
(ग) मैनचेस्टर
(घ) बहरीन
उत्तर-
(ख) दिलमून

प्रश्न 3.
आधुनिक युग में अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में होने वाली सबसे बड़ी क्रांति कौन सी थी?
(क) वाणिज्यिक क्रान्ति
(ख) औद्योगिक क्रान्ति
(ग) साम्यवादी क्रान्ति
(घ) भौगोलिक खोज
खाज
उत्तर-
(ख) औद्योगिक क्रान्ति

प्रश्न 4.
“गिरमिटिया मजदूर’ बिहार के किस क्षेत्र से भेजे जाते थे?
(क) पूर्वी क्षेत्र
(ख) पश्चिमी क्षेत्र
(ग) उत्तरी क्षेत्र
(घ) दक्षिणी क्षेत्र
उत्तर-
(ख) पश्चिमी क्षेत्र

प्रश्न 5.
विश्व बाजार का विस्तार आधुनिक काल में किस समय से आरंभ हुआ?
(क) 15वीं शताब्दी
(ख)-18वीं शताब्दी
(ग) 19वीं शताब्दी
(घ) 20वीं शताब्दी
उत्तर-
(ख)-18वीं शताब्दी

प्रश्न 6.
विश्वव्यापी आर्थिक संकट किस वर्ष आरंभ हुआ था?
(क) 1914
(ख) 1922
(ग) 1929
(घ) 1927
उत्तर-
(ग) 1929

प्रश्न 7.
आर्थिक संकट (मंदी) के कारण यूरोप में कौन सी नई शासन प्रणाली का उदय हुआ?
(क) साम्यवादी शासन प्रणाली
(ख) लोकतांत्रिक शासन प्रणाली
(ग) फासीवादी-नाजीवादी शासन प्रणाली
(घ) पूँजीवादी शासन प्रणाली
उत्तर-
(ग) फासीवादी-नाजीवादी शासन प्रणाली

प्रश्न 8.
ब्रेटन दुइस सम्मेलन किम वर्ष हुआ?
(क) 1945
(ख) 1947
(ग) 1944
(घ) 1952
उत्तर-
(ग) 1944

प्रश्न 9.
भूमंडलीकरण की शुरूआत किस दशक में हुआ?
(क) 1990 के दशक में
(ख) 1970 के दशक में
(ग) 1960 के दशक में
(घ) 1980 के दशक में
उत्तर-
(क) 1990 के दशक में

प्रश्न 10.
द्वितीय महायुद्ध के बाद यूरोप में कौन सी संस्था का उदय आर्थिक दुष्प्रभावों को समाप्त करने के लिए हुआ?
(क) सार्क
(ख) नाटो
(ग) ओपेक
(घ) यूरोपीय संघ
उत्तर-
(घ) यूरोपीय संघ

निम्नलिखित में रिक्त स्थानों को भरें :

प्रश्न 1.
अलेक्जेंड्रिया नामक पहला विश्व बाजार………….के द्वारा स्थापित किया गया।
उत्तर-
यूनानी सम्राट सिकन्दर

प्रश्न 2.
विश्वव्यापी आर्थिक संकट ……………………..देश से आरंभ हुआ।
उत्तर-
यूरोपीय

प्रश्न 3.
………………..नामक सम्मेलन के द्वारा विश्व बैंक और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना हुई।
उत्तर-
ब्रेटन वुड्स

प्रश्न 4.
आर्थिक संकट से विश्व स्तर पर……………………..नामक एक बड़ी सामाजिक समस्या उदित हुई ?
उतर-
बेरोजगारी

प्रश्न 5.
……………………….ने 1990 के बाद भूमंडलीकरण की प्रक्रिया को काफी तीव्र कर दिया ?
उत्तर-
जॉन विलियम्स

सही मिलान करें:

Bihar Board Class 10 History Solutions Chapter 7 व्यापार और भूमंडलीकरण - 1
उत्तर-
1. (ख)
2. (क)
3. (घ)
4. (ग)
5. (च)
6. (ङ)।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (20 शब्दों में उत्तर दें)

प्रश्न 1.
विश्व बाजार किसे कहते हैं ?
उत्तर-
बाजार जहाँ विश्व के सभी देशों की वस्तुएं आमलोगों को खरीदने के लिए उपलब्ध हों। जैसे, भारत की आर्थिक राजधानी ‘मुम्बई।

प्रश्न 2.
औद्योगिक क्रान्ति क्या है?
उत्तर-
उत्पादन के क्षेत्रों में मशीनों और वाष्प की शक्ति के उपयोग से जो व्यापक परिवर्तन हुए और इन परिवर्तनों के कारण लोगों की जीवन पद्धति और उनके विचारों में जो मौलिक परिवर्तन हुए उसे ही औद्योगिक क्रान्ति कहते हैं।

प्रश्न 3.
आर्थिक संकट से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
अर्थतंत्र में आनेवाली वैसी स्थिति जब उसके तीनों आधार कृषि, उद्योग और व्यापार का विकास अवरुद्ध हो जाए, आर्थिक संकट कहलाता है।

प्रश्न 4.
भूमंडलीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जीवन के सभी क्षेत्रों में एक अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप जिसने दुनिया के सभी भागों को आपस में जोड़ दिया है-सम्पूर्ण विश्व एक बड़े गाँव के रूप में परिवर्तित हो गया।

प्रश्न 5.
ब्रिटेन वुड्स सम्मेलन का उद्देश्य क्या था?
उत्तर-
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद औद्योगिक विश्व में आर्थिक स्थिरता एवं पूर्ण रोजगार बनाये रखना एवं विश्वशांति स्थापित करना।

प्रश्न 6.
बहुराष्ट्रीय कंपनी क्या है ?
उत्तर-
कई देशों में एक ही साथ व्यापार और व्यवसाय करने वाली कंपनियों को बहुराष्ट्रीय कंपनी कहा जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (60 शब्दों में उत्तर दें)

प्रश्न 1.
1929 के आर्थिक संकट के कारणों को संक्षेप में स्पष्ट करें।
उत्तर-

  • नवीन तकनीकी प्रगति तथा बढ़ते हुए मुनाफे के कारण उत्पादन में जो भारी वृद्धि हुई उससे ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई कि जो कुछ उत्पादित किया जाता था, उसे खरीद सकने वाले लोग बहुत कम थे।
  • विश्व के सभी भागों में कृषि उत्पादन एवं खाद्यान्नों के मूल्य की विकृति।

प्रश्न 2.
औद्योगिक क्रान्ति ने किस प्रकार विश्व बाजार के स्वरूप को विस्तत किया ?
उत्तर-
औद्योगिक क्रान्ति ने बाजार को तमाम आर्थिक गतिविधियों का केन्द्र बना दिया। इसी के साथ जैसे-जैसे औद्योगिक क्रान्ति का विकास हुआ बाजार का स्वरूप विश्वव्यापी होता चला गया और 20वीं शताब्दी के पहले तक तो इसने सभी महादेशों में अपनी उपस्थिति कायम कर ली।

प्रश्न 3.
विश्व बाजार के स्वरूप को समझावें।
उत्तर-
औद्योगिक क्रान्ति के फैलाव के साथ-साथ बाजार का स्वरूप विश्वव्यापी होता गया। इसने व्यापार, श्रमिकों का पलायन और पूंजी का प्रवाह इन तीन आर्थिक प्रवृत्तियों को जन्म दिया।
व्यापार मुख्यतः कच्चे मालों को इंगलैंड और अन्य यूरोपीय देशों तक पहुँचाने और वहाँ के कारखानों में निर्मित वस्तुओं को विश्व के कोने-कोने में पहुंचाने तक सीमित था।

प्रश्न 4.
भूमंडलीकरण में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के योगदान (भूमिका) को स्पष्ट करें।
उत्तर-
1980 के दशक के बाद आर्थिक रूप से काफी जर्जर हो चुकी स्थिति के प्रभाव को कम करने में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का योगदान काफी सराहनीय रहा जिसने भूमंडलीकरण को बढ़ावा दिया।

प्रश्न 5.
1950 के बाद विश्व अर्थव्यवस्था के पुनर्निमाण के लिए किए जाने वाले प्रयासो का उल्लेख करें।
उत्तर-
द्वितीय विश्वयुद्ध समाप्त होने के बाद उससे उत्पन्न समस्या को हल करने तथा व्यापक तबाही से निबटने के लिए पुनर्निर्माण का कार्य अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आरंभ हुआ। 1957 में यूरोपीय आर्थिक समुदाय, यूरोपीय इकॉनॉमिक कम्युनिटि (ई. ई. सी.) की स्थापना की गयी। इसमें फ्रांस, प. जर्मनी, बेल्जियम, हालैण्ड, लग्जमबर्ग और इटली शामिल हुआ। इन देशों ने एक साझा बाजार स्थापित किया। 1960 में ग्रेट ब्रिटेन इसका सदस्य बना। तत्कालीन विश्व के दोनों महत्वपूर्ण आर्थिक शक्तियाँ सं. रा. अमेरिका एवं सोवियत रूस अपना प्रभाव स्थापित करना चाहते थे। इस प्रयास में अमेरिका की सहायता, विश्व बैंक और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भरपूर सहायता की। जबकि रूस ने अपने विचारों और राजनैतिक शक्ति का इस्तेमाल ज्यादा किया। दोनों देशों ने अपनी नीतियों के अनुसार विश्व के दो देशों का सहयोग किया।

प्रश्न 6.
विश्व बाजार के लाभ-हानि पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर-
विश्व बाजार के लाभ-विश्व बाजार ने व्यापार और उद्योग को तीव्रगति से बढ़ाया। आधुनिक बैंकिंग व्यवस्था के उदय में सहायता की। औपनिवेशिक देशों में यातायात के साधनों, खनन, बागवानी जैसे संरचनात्मक क्षेत्र का विकास हुआ। कृषि उत्पादन में क्रांतिकारी परिवर्तन आया। नवीन तकनीकों को सृजित किया। शहरीकरण के विस्तार में सहायता की।

विश्व बाजार की हानि – इससे औपनिवेशिक देशों का शोषण और तीव्र हो गया। लघु तथा कुटीर उद्योग नष्ट होने लगे।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें)

प्रश्न 1
929 के आर्थिक संकट के कारण और परिणामों को स्पष्ट करें।
उत्तर-
आर्थिक संकट के कारण- इसका बुनियादी कारण स्वयं इसकी अर्थव्यवस्था के स्वरूप में ही समाहित था जो निम्न है-

  • बाजार आधारित अर्थव्यवस्था का विस्तार- यूरोप को छोड़कर शेष सभी देशों में बाजार आधारित अर्थव्यवस्था का विस्तार होता गया जिससे मुनाफे बढ़ते चले गये, दूसरी तरफ अधिकांश लोग गरीबी और अभाव में पिसते रहे।
  • उत्पादन में वृद्धि नवीन तकनीकी प्रगति तथा बढ़ते हुए मुनाफे के कारण उत्पादन में – तो भारी वृद्धि हुई लेकिन उसे खरीदने वाले लोग कम थे।
  • कृषि उत्पादन एवं खाद्यान्नों के मूल्य की विकृति-कृषि क्षेत्र में भी अति उत्पादन के कारण उत्पादों की कीमतें गिरने लगी जिससे किसानों की आय घटने लगी। अतः ज्यादा माल बेचकर अपनी आय स्तर को बनाए रखने के लिए किसानों में होड़ मच गयी।
  • कर्म का प्रभाव-1920 के मध्य में बहुत सारे देशों ने अमेरिका से कर्ज लेकर युद्ध  हो चुकी अपनी अर्थव्यवस्था को नए सिरे से विकसित करने का प्रयास किया। लेकिन में घरेल स्थिति में संकट के कुछ संकेत मिलने से वे लोग कर्ज वापस माँगने लगे। इससे के समक्ष गहरा आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ।
  • अमेरिका में संकट अमेरिका में संकट के लक्षण प्रकट होते ही उसने अपने संरक्षण के लिए आयात शुल्क में वृद्धि कर दी तथा आयात की मात्रा को सीमित कर दिया। संकट का असर धीरे-धीरे अन्य देशों में प्रकट होने लगा और वे प्रयास करने लगे कि अपनी आवश्यकता : अधिकांश वस्तुएँ स्वयं ही उत्पादित कर लें, जिसमें आर्थिक राष्ट्रवाद संकुचित होने लगा और व्यापार की कमर टूट गयी।

आर्थिक संकट के परिणाम-

  • मंदी के कारण बैंकों ने लोगों को कर्ज देना बन्द कर दिए। कों की वसूली तेज कर दी।
  • किसान अपनी उपज को नहीं बेच पाने के कारण बर्बाद हो गए।
  • कारोबार के ठप पड़ने से बेरोजगारी बढ़ी, कर्ज की वसूली नहीं होने से बैंक बर्बाद हो गए।
  • लगभग 110000 कंपनियाँ चौपट हो गई।

प्रश्न 2.
1945 से 1960 के बीच विश्वस्तर पर विकसित होने वाले आर्थिक संबंधों पर । प्रकाश डालें।
उत्तर-
1945 के बाद विश्व में दो भिन्न अर्थव्यवस्था का प्रभाव बढ़ा और दोनों ने विश्व स्तर पर अपने प्रभावों तथा नीतियों को बढ़ाने का प्रयास किया। इस स्थिति से विश्व में एकनवीन आर्थिक और राजनैतिक प्रतिस्पर्धा ने जन्म लिया। सम्पूर्ण विश्व मुख्यतः दो गुटों में विभाजित हो गया। एक साम्यवादी अर्थतन्त्र वाले देशों के गुट का नेतृत्व सोवियत रूस कर रहा था। दूसरा पूँजीवादी अर्थतन्त्र वाले देशों के गुट का नेतृत्व संयुक्त राज्य अमेरिका कर रहा था।

सोवियत रूस ने पूर्वी यूरोप और भारत जैसे नवस्वतंत्र देशों में अपनी आर्थिक व्यवस्था को फैलाने का गंभीर प्रयास किया, जिसमें पूर्वी यूरोप तथा उ. कोरिया वियतनाम जैसे देशों में उसे पूर्ण सफलता मिली। दूसरी ओर पूँजीवादी अर्थतन्त्र का मुखिया सं. रा. अमेरिका ने विश्व के दो क्षेत्रों दक्षिण अमेरिका और मध्य तथा पश्चिमी एशिया के तेल सम्पदा सम्पन्न देशों (ईरान, ईराक, सऊदी अरब, जार्डन, यमन, सीरिया, लेबनान) में जबरन अपनी नीतियों को थोपने का काम किया। दक्षिणी अमेरिकी महादेश के देशों में तो सं. रा. अमेरिका ने अपनी खूफिया संस्था सी. आई. ए. के माध्यम से सैनिक शक्ति के इस्तेमाल की हद तक जाकर अपना प्रभाव स्थापित किया। जबकि पश्चिमी मध्य एशिया के देशों पर अपने प्रभाव को बनाने के लिए अरब बहुल आबादी वाले फिलिस्तीन क्षेत्र में एक नये यहूदी राष्ट्र इजरायल को स्थापित करवाकर, उसका सहारा लिया।

पश्चिमी यूरोपीय देशों (ब्रिटेन, फ्रांस, प. जर्मनी, बाल्टिक देश स्पेन) में भी महत्वपूर्ण आर्थिक संबंधों का विकास हुआ। 1944 में नीदरलैंड बेल्जियम और लग्जमवर्ग ने ‘बेनेलेक्स’ नामक संघ बनाया। 1948 में ब्रेसेल्स संधि हुआ जिसमें यूरोपीय आर्थिक सहयोग की प्रक्रिया कोयला एवं इस्पात के माध्यम से शुरू किया।

1957 में यूरोपीय आर्थिक समुदाय यूरोपीय इकॉनॉमिक कम्यूनिटि की स्थापना हुई। इसमें फ्रांस, प. जर्मनी, बेल्जियम, हालैण्ड, लग्जमवर्ग और इटली शामिल हुए। इन देशों ने एक साझा बाजार स्थापित किया। ग्रेट ब्रिटेन 1960 में इसका सदस्य बना। इन सभी देशों पर सं. रा. अमेरिका  का प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ा।

प्रश्न 3.
भूमंडलीकरण के कारण आमलोगों के जीवन में आने वाले परिवर्तनों को स्पष्ट करें।
उत्तर-
भूमंडलीकरण राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक जीवन के विश्वव्यापी समायोजन की एक प्रक्रिया है जो विश्व के विभिन्न भागों के लोगों को भौतिक एवं मनोवैज्ञानिक स्तर पर एकीकृत करने का सफल प्रयास करती है। अर्थात जीवन के सभी क्षेत्रों में लोगों के द्वारा किए जाने वाले क्रियाकलापों में विश्वस्तर पर पायी जानेवाली (एकरूपता या समानता) भूमंडलीकरण के अन्तर्गत सम्मिलित होती है। भूमंडलीकरण के कारण जीविकोपार्जन के क्षेत्र में काफी बदलाव आया है। इसकी झलक शहर, कस्बा और गाँव सभी जगहों पर दिख रही है। इसके कारण जीविकोपार्जन के गई नए क्षेत्र खुले हैं जैसे-कॉल सेंट, शॉपिंग मॉल, होटल और रेस्टोरेंट, बैंक और बीमा क्षेत्र में दी जानेवाली सुविधा, दूरसंचार और सूचना तकनीक का विकास इत्यादि। इन क्षेत्रों में कई लोगों को रोजगार मिला है और मिल रहा है जिससे अच्छी आमदनी होती है।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि आर्थिक भूमण्डलीकरण ने हमारी आवश्यकताओं के दायरे को बढ़ाया है और उसी अनुरूप उसकी पूर्ति हेतु नयी-नयी सेवाओं का उदय हो रहा है जिससे जुड़कर लाखों लोग अपनी जीविका चला रहे हैं इससे उनका जीवन स्तर भी बढ़ा है।

प्रश्न 4.
1919 से 1945 के बीच विकसित होने वाले राजनैतिक और आर्थिक सम्बन्धों पर । टिप्पणी लिखें।
उत्तर-
1920 के बाद जो भी अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध विकसित हुए। उसमें आर्थिक कारकों का महत्वपूर्ण स्थान था। 1929 के आर्थिक मंदी को आधार वर्ष मानकर 1919-1945 के बीच बनने वाले आर्थिक सम्बन्धों को दो भागों में बाँटा जा सकता है।

1920 से 1929 तक का काल सामान्यतः आर्थिक समुत्थान और विकास का काल था! प्रथम विश्वयुद्ध के बाद विश्व पर से यूरोप का प्रभाव क्षीण हो गया। यद्यपि उपनिवेशों (एशिया-अफ्रीका) पर उसकी पकड़ बनी रही लेकिन इस दौर में सं. रा. अमेरिका, जापान और सोवियत रूस ये तीन देश विश्व की सर्वप्रमुख्न शक्ति के रूप में उभरे। सं. रा. अमेरिका में युद्ध के तुरंत बाद का दो वर्ष आर्थिक संकट का काल था। परंतु 1922 के बाद तकनीकी उन्नति के कारण औद्योगिक विकास हुआ। परन्तु इसका एक नकारात्मक परिणाम देखने को मिला कि देश की आर्थिक शक्ति और सता कुछ हाथों और कम्पनियों के पास केन्द्रित हो गयी।

रूस और जापान ने 1920-1929 के बीच आर्थिक क्षेत्र में काफी प्रगति की। जापान अपनी आर्थिक प्रगति को बनाए रखने के लिए साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षा को आक्रामक रूप दिया जिसका शिकार चीन हुआ। इसी समय भारत एवं अन्य और निवेशिक देशों में राष्ट्रीय चेतना का प्रसार हुआ।
इस काल में नए राजनैतिक संबंधों का भी विकास हुआ। 1932 ई. में अमेरिकी राजनीति में फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट का उदय हुआ। उसने ‘न्यू डील” नामक नवीन आर्थिक नीतियों को अमेरिका में लागः उसके अन्तर्गत रेलमार्ग, सड़क, पुल स्थानीय विकास हेतु ऋण वितग्नि किया गया। औद्योगिक क्षेत्र में व्यापार और उत्पादन का नियमन, मजदूरी में वृद्धि, काम के घण्टे तथ करना, मूल्यों में वृद्धि रोकना इत्यादि सम्मिलित थे। कृषि क्षेत्र में किसानों की क्रय शक्ति तथा सामान्य आर्थिक स्थिति को युद्ध के पूर्व के स्तर तक ले जाने का प्रयास हुआ।

आर्थिक मंदी के आलोक में यूरोप की राजनैतिक स्थिति में दो महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए। एक रूस में स्थापित साम्यवादी आर्थिक और राजनैतिक व्यवस्था का आकर्षण सम्पूर्ण विश्व में बढ़ा क्योंकि वही एक देश था, जिसपर इस मंदी का प्रभाव बिल्कुल नहीं पड़ा इससे उसका प्रभाव बहुत बढ़ा। इटली और जर्मनी में लोकतंत्र की विफलता और अधिनायकवादी तथा तानाशाही तंत्र के उदय ने यूरोप के कई और देशों को अपने लपेटे में ले लिया जैसे-स्पेन, आस्ट्रिया, यूनान इत्यादि। यूरोप में आर्थिक मंदी के बाद उदित होने वाली राजनैतिक व्यवस्था ने अपनी नीतियों से द्वितीय महायुद्ध को अवश्यम्भावी बना दिया।

Bihar Board Class 10 History व्यापार और भूमंडलीकरण Additional Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
रेशम माग कहाँ से आरंभ होता था?
उत्तर-
रेशम मार्ग का आरंभ चीन से होता था।

प्रश्न 2.
गुलामी प्रथा का प्रचलन किस देश में था?
उत्तर-
गुलामी प्रथा का प्रचलन इंगलैंड, जर्मनी एवं फ्रांस में था।

प्रश्न 3.
कॉर्न लॉ किस देश में पारित किया गया था ?
उत्तर-
कॉर्न लॉ को ब्रिटेन में पारित किया गया था।

प्रश्न 4.
अमेरिका में वृहत उत्पादन व्यवस्था किसने आरंभ की?
उत्तर-
हेनरी फोर्ड ने अमेरिका में वृहत उत्पादन व्यवस्था को आरंभ किया।

प्रश्न 5.
गिरमिटिया मजदूर किस देश से ले जाए जाते थे ?
उत्तर-
गिरमिटिया मजदूर भारत से ले जाए जाते थे।

प्रश्न 6.
अमेरिका के उपनिवेशीकरण में किसका महत्वपूर्ण योगदान था?
उत्तर-
अमेरिका के उपनिवेशीकरण में इंगलैंड का महत्वपूर्ण योगदान था।

प्रश्न 7.
अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमय किन तीन प्रवाहों पर आधृत है ?
उत्तर-
अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमय तीन प्रवाहों पर आधारित हैं वे हैं व्यापार, श्रम एवं पूंजी।

प्रश्न 8.
गिरमिटिया मजदूर कौन थे?
उत्तर-
औपनिवेशिक देशों के ऐसे मजदूर जिन्हें एक निश्चित समझौता द्वारा निश्चित समय के लिए अपने शासित क्षेत्रों में ले जाया जाता था, गिरमिटिया मजदूर कहलाते थे

प्रश्न 9.
ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में स्थापित दो वित्तीय संस्थाओं के नाम लिखें।
उत्तर-
ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में स्थापित दो वित्तीय संस्थाओं के नाम हैं-

  1. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं
  2. विश्व बैंक।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
साधारण शब्दों में वैश्वीकरण का अर्थ है अपनी अर्थव्यवस्था और विश्व अर्थव्यवस्था में सामंजस्य स्थापित करना। इसके अंतर्गत अनेक विदेशी उत्पाद अपना सामान और सेवाएं बेच सकते हैं। इसी प्रकार हम अपने देश से निर्मित माल और सेवाएँ दूसरे देशों में बेच सकते हैं। इस प्रकार वैश्वीकरण के कारण विभिन्न देश अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक-दुसरे से परस्पर रूप में निर्भर हते हैं।

प्रश्न 2.
भारत के सूती वस्त्र उद्योग में गिरावट के क्या कारण थे?
उत्तर-
18वीं शताब्दी तक भारतीय सूती कपड़े की मांग सारे विश्व में थी, परंतु 19वीं शताब्दी के आते-आते इस में गिरावट आती गयी जिसके निम्नलिखित प्रमुख कारण थे।

  • भारतीय सूती कपड़े के उद्योग की गिरावट का सबसे मुख्य कारण इंगलैंड की औद्योगिक क्रांति थी जिसके कारण अब उसने भारत से सूती कपड़े का आयात बंद कर दिया था।
  • औपनिवेशिक सरकार भारतीय बाजारों में ब्रिटिश निर्मित सूती वस्त्रों की भरमार कर  दी जो भारतीय वस्त्र के मुकाबले काफी सस्ते होते थे।
  • अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कम्पनी काफी कम कीमत में भारतीय कपास या रूई खरीदकर इंगलैंड भेज देती थी। जिससे भारतीय निर्माताओं को अच्छी कपास मिलना मुश्किल हो गया। तथा
  • भारतीय सूती कपड़े के निर्यात पर काफी कर लगा दिए गए।

प्रश्न 3.
सत्रहवीं शताब्दी के पूर्व होनेवाले आदान-प्रदान का एक उदाहरण एशिया से और एक अमेरिका से दें।
उत्तर-
विभिन्न देशों के संपर्क का एक अन्य महत्वपूर्ण परिणाम यह हुआ कि खाने-पीने की वस्तुएँ एक देश से दूसरे देश में जाने लगी। व्यापारी और यात्री अपने देश का सामान ले जाते थे और विदेशों की विशिष्ट वस्तुओं को अपने यहाँ लाते थे। नूइल्स के विषय में विद्वानों का मानना है कि यह चीनी मूल का था और वहाँ से ही यह पश्चिमी जगत में पहुँचा। क्रिस्टोफर कोलम्बस अमेरिका से आलु, सोया, मूंगफली, मक्का, टमाटर इत्यादि अपने साथ यूरोप ले गया जहाँ से वे एशिया आए।

प्रश्न 4.
ब्रिटेन में कॉन लॉ समाप्त करने के क्या कारण थे? इसके क्या परिणाम हुए ?
उत्तर-
18वीं शताब्दी से ब्रिटेन की जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई जिसके कारण खाद्यान्न की मांग बढ़ने लगी। शहरों के विकास और औद्योगीकरण ने भी खाद्यान्नों की मांग बढ़ा दी। खाद्यानों की बढ़ती मांग ने कृषि उत्पादों की मांग में तेजी ला दी। इससे कृषि उत्पादों का मूल्य बढ़ गया। इसका लाभ बड़े कृषकों एवं भूस्वामियों ने उठाया। अपने उत्पादों को बेचने के लिए इन दोनों ने सरकार पर दबाव डालकर ब्रिटेन में कॉर्न लॉ द्वारा मक्का के आयात को प्रतिबंधित करवा दिया। फलतः इंगलैंड में भू-स्वामी कृषि उत्पादों को ऊंची कीमत पर बेचकर लाभ कमाने लगे। दूसरी ओर अनाज की बढ़ी कीमतों से उद्योगपति और शहरों में रहने वाले लोग त्रस्त हो गए। इन लोगों ने कॉर्न लॉ का जबर्दस्त विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की। सरकार को बाध्य होकर कॉर्न लॉ को समाप्त करना पड़ा तथा खाद्यान्न के आयात की अनुमति देनी पड़ी।

प्रश्न 5.
न्यू डील से आप क्या समझते हैं ? इसे क्यों लागू किया गया?
उत्तर-
आर्थिक महामंदी के प्रभावों को समाप्त करने एवं उसे नियंत्रित करने के उद्देश्य से 1932 में अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रेंकलिन डी. रूजवेल्ट ने नई आर्थिक नीति अपनाई। इसे न्यू डील का नाम दिया गया। इस नई नीति के अनुसार जनकल्याण की व्यापक योजना के अंतर्गत आर्थिक, राजनीतिक एवं प्रशासनिक नीतियों को नियमित करने का प्रयास किया गया। नई योजना का उद्देश्य कृषि और उद्योग में संतुलन स्थापित करना तथा मानव समान और स्वाधीनता को सुरक्षित रखना था। जनकल्याण की नीति के अंतर्गत परिवहन के साधनों तथा स्थानीय विकास कार्यों के लिए . आर्थिक सहायता दी गयी जिससे रोजगार के लिए नए अवसर उपलब्ध हो सके। औद्योगिक क्षेत्र में व्यापक और उत्पादन में नियमन का प्रयास किया गया। श्रमिकों की मजदूरी में वृद्धि की गयी उनके काम के घंटे भी नियत किए गए। किसानों की क्रयशक्ति को बढ़ाने.तथा उनकी सामान्र ।
आर्थिक स्थिति को युद्ध के पूर्व की स्थिति तक ले जाने का प्रयास किया गया।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमय के तीन प्रवाहों का उल्लेख करें। भारत से संबद्ध तीनों प्रवाहों का उदाहरण दें।
उत्तर-
9वीं शताब्दी से नई विश्व अर्थव्यवस्था का विकास हुआ। इसमें आर्थिक विनिमयों की प्रमुख भूमिका थी। अर्थशास्त्रियों के अनुसार आर्थिक विनिमय तीन प्रकार के प्रवाहों पर आधारित है वे हैं-(i) व्यापार, (ii) श्रम तथा (ii) पूंजी। 19वीं सदी से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का तेजी से विकास हुआ। परंतु यह व्यापार मुख्यतः कपड़ा और गेहूँ जैसे खाद्यानों तक ही सीमित थे। दूसरा प्रवाह श्रम का था। इसके अंतर्गत रोजगार की तलाश में बड़ी संख्या में लोग एक स्थान या देश से दूसरे स्थान और देश की जाने लगे। इसी प्रकार कम अथवा अधिक अवधि के लिए दूर-दूर के क्षेत्रों में पूँजी निवेश किया गया। विनिमय के ये तीनों प्रवाह एक-दूसरे से जुड़े हुए थे, यद्यपि कभी-कभी ये संबंध टूटते भी थे। इसके बावजूद अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमय में इन  तीनों प्रवाहों की महत्वपूर्ण भूमिका थी।

भारत से संबंधित तीनों प्रवाह का उदाहरण इस प्रकार हैं –

भारत से श्रम का प्रवाह अंतर्राष्ट्रीय बाजार की माँग के अनुरूप उत्पादन बढ़ाने के लिए 19वीं शताब्दी से श्रम का प्रवाह भारत से दूसरे देशों की ओर हुआ। इन श्रमिकों को गिरमिटिया श्रमिक कहा जाता था क्योंकि इन्हें विदेशों में काम करने के लिए एक अनुबंध के तहत ले जाया गया।

वैश्विक बाजार में भारतीय पूंजीपति विश्व बाजार के लिए बड़े स्तर पर कृषि उत्पादों के लिए पूँजी की आवश्यकता थी। बागान मालिक बैंक और बाजार से अपने लिए पूँजी की व्यवस्था कर लेते थे परंतु असली कठिनाई छोटे किसानों की थी। अतः उन्हें साहूकारों और महाजनों की शरण में जाना पड़ा जो ऊँची सूद की दर पर किसानों को पूँजी उपलब्ध कराते थे। इससे महाजनी और साहूकारी का व्यवसाय चल निकला।

भारतीय व्यापार इंगलैंड में औद्योगिक क्रांति के पूर्व इंगलैंड को भारत से सूती वस्त्र और महीन कपास का निर्यात बड़ी मात्रा में किया जाता था। इसी बीच कृषि के विकास होने से ब्रिटेन में कपास का उत्पादन बढ़ गया साथ ही सरकार ने भारतीय सूती वस्त्र पर इंगलैंड में भारी आयात शुल्क लगा दिया। इसका असरं भारतीय निर्यात पर पड़ा। संती वस्त्र एवं कपास का निर्यात घट गया। दूसरी ओर मैनचेस्टर में बने वस्त्र का आयात भारत में बढ़ गया।

प्रश्न 2.
कैरीबियाई क्षेत्र में काम करनेवाले गिरमिटिया मजदूरों की जिंदगी पर प्रकाश डालें। अपनी पहचान बनाए रखने के लिए उन लोगों ने क्या किया ?
उत्तर-
गिरमिटिया मजदूर ऐसे मजदूरों को कहा जाता था जिन्हें विदेशों में काम करने के लिए एक अनुबंध अथवा एग्रीमेंट के अंतर्गत ले जाया गया। इन मजदूरों को कृषि, खाद्यानों, सड़क और रेल निर्माण कार्यों में लगाया गया। भारत से अधिकांश अनुबंधित श्रमिक पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य भारत और तमिलनाडु से ले जाए गए। भारत से श्रमिक मुख्यतः कैरीबियाई द्वीप समूह में स्थित त्रिनिदाद गुयाना, और सूरीनाम ले जाए गए। बहुतेरे जमैका, मॉरीशस एवं फिजी भी ले जाए गए। हालाकि ब्रिटिश सरकार ने 1921 में गिरिमिटिया श्रमिकों की व्यवस्था समाप्त कर दी।

इस प्रथा के समाप्त होने के बाद भी दशकों तक अनुबंधित मजदूरों के वंशज कैरीबियाई द्वीप समूह में कष्टदायक और अपमानपूर्ण जीवन व्यतीत करने को विवश किए गए। गिरमिटिया मजदूर सुखी-संपन्न जीवन की उम्मीद में अपना घर द्वार छोड़कर काम करने जाते थे लेकिन कार्य स्थल पर पहुँचकर उनका स्वप्न भंग हो जाता था। बागानों अथवा अन्य कार्यस्थलों पर उनका जीवन कष्टदायक था। उन्हें एक प्रकार की दासता की जंजीरों में जकड़ दिया गया था। इस स्थिति से ऊबकर अनेक मजदूर काम छोड़कर भागने का प्रयास करते थे परंतु मालिक के चंगुल से बच निकलना आसान नहीं था। पकड़े जाने पर उन्हें कठोर दंड दिया जाता था।

इस स्थिति स रहते हुए आप्रवासी भारतीयों ने जीवन की राह ढूँढी जिससे वे सहजता से नए परिवेश में खप सकें। इसके लिए उन लोगों ने अपनी मूल संस्कृति के तत्वों तथा नए स्थान के सांस्कृतिक तत्वों का सम्मिश्रण कर एक नई संस्कृति का विकास कर लिया। इसके द्वारा उन लोगों ने अपनी व्यक्तिगत और सामूहिक पहचान बनाए रखने का प्रयास किया। उदाहरण के लिए त्रिनिदाद में गिरमिटिया श्रमिकों ने वार्षिक मुहर्रम के जुलूस को एक भव्य उत्सव और मेले के रूप में परिवर्तित कर दिया।

इस मेले का नाम उन लोगों ने ‘होसे मेला रखा। यह मेला सांप्रदायिक एकता और सद्भावना का प्रतीक बन गया। इसमें त्रिनिदाद में रहने वाले सभी धर्मों और नस्लों के श्रमिक भाग लेते थे। इसी प्रकार त्रिनिदाद और गुयाना में विख्यात ‘चटनी म्यूजिक’ में भी स्थानीय और भारतीय संगीत के तत्वों का मिश्रण कर आप्रवासी भारतीयों ने इसे बनाया। इस प्रकार आप्रवासी भारतीयों ने कैरीबियाई द्वीप समूह के सांस्कृतिक तत्वों को अपनी विशिष्ट पहचान बनाए रखते हुए भी आत्मसात करने का प्रयास किया।

प्रश्न 3.
आर्थिक महामंदी के कारणों की व्याख्या करें? भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
1929 ई. की आर्थिक महामंदी के निम्नलिखित कारण थे
(i) बुनियादी कारण-1929 के आर्थिक संकट का बुनियादी कारण स्वयं इस अर्थव्यवस्था के स्वरूप में ही समाहित था। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद बाजार आधारित अर्थव्यवस्था का विस्तार हुआ तो दूसरी तरफ अधिकांश जनता गरीबी और अभाव में पिसती रही। नवीन तकनीकी प्रगति के कारण उत्पादन में तो भारी वृद्धि हुई लेनिन उत्पादित वस्तुओं के खरीदार बहुत कम थे।

(ii) कृषि उत्पादन एवं खाद्यानों के मूल में कमी-बढ़े हुए कृषि उत्पाद के खरीदार नहीं मिलने के कारण कृषि उत्पादों की कीमतें काफी गिर गयी जिससे किसानों की आय घट गयी। प्रमुख अर्थशास्त्री काडलिफ ने अपनी पुस्तक “दि कॉमर्स ऑफ नेशन” में लिखा कि विश्व के सभी भागों में कृषि उत्पादन एवं खाद्यानों के मूल की विकृति 1929-32 के आर्थिक संकटों के प्रमुख कारण थे।

(iii) यूरोपीय देशों के बीच संकुट-प्रथम विश्वयुद्ध के बाद यूरोप के बहुत सारे देशों में अपनी तबाह हो चुकी अर्थव्यवस्था को नए सिरे से विकसित करने के लिए अमेरिका से कर्ज लिया। अमेरिकी पूँजीपतियों ने कर्ज तो दिए लेकिन जब अमेरिका में घरेलु संक्रट के संकेत मिले तो वे कर्ज वापस माँगने लगे। इस परिस्थिति से यूरोपीय देशों के बीच गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया। परिणामस्वरूप यूरोप के कई बैंक डूब गये तथा कई देशों के मुद्रा मुल्य गिर गया।

(iv) सट्टेबाजी की प्रवृत्ति- इन उपरोक्त कारणों के अतिरिक्त अमेरिकी बाजारों में शुरू हुआ सट्टेबाजी की प्रवृत्ति भी आर्थिक मंदी में निर्णायक भूकिा निभाई। प्रथम महायुद्ध के पश्चात् अमेरिका की आर्थिक समृद्धि में वृद्धि के परिणामस्वरूप वहाँ के पूँजीपति अतिरिक्त पूँजी को सट्टा ।। लगाने की ओर आकर्षित हुए। शुरू में तो काफी लाभ हुआ बाद में संकट उभरकर सामने आ गया।

भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव-आर्थिक मंदी का प्रभाव विश्वव्यापी था। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। भारत पर आर्थिक मंदी के निम्नलिखित प्रभाव पड़े –

(i) व्यापार में गिरावट-महामंदी के पूर्व वैश्विक अर्थव्यवस्था में आयातक और निर्यातक के रूप में भारत की महत्वपूर्ण भागीदारी थी। महामंदी का प्रभाव इस आयात-निर्यात व्यापार पर पड़ा। यह काफी घट गया। 1928-34 के मध्य आयात-निर्यात घटकर आधा रह गया।

(ii) कृषि उत्पादों के मूल्य में कमी-विश्व बाजार में कृषि उत्पादों के मूल्य में कमी आने के पश्चात भारतीय कृषि उत्पादों के मूल्य में भी गिरावट आई। 1928-1934 के मध्य गेहूँ की कीमत में 50 प्रतिशत की कमी आई।

(iii) किसानों की दयनीय स्थिति-महामंदी का सबसे बुरा प्रभाव किसानों पर पड़ा। मूल्य में कमी आने तथा बिक्री कम हो जाने से उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय बन गई। वे लगान चुकाने में असमर्थ हो गए लेकिन सरकार ने न तो लगान की राशि घटाई और न ही लगान माफ की। जिससे किसानों में असंतोष की भावना बढ़ी। इसी आर्थि संकट के कारण महात्मा गांधी ने भारत में व्यापक सविनय अवज्ञा आंदोलन आरंभ किया।

प्रश्न 4.
ब्रिटेन वुड्स समझौता की व्याख्या करें।
उत्तर-
दो महायुद्धों के बीच आर्थिक अनुभवों से सीख लेकर अर्थशास्त्रियों और राजनेताओं ने आर्थिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए दो उपाय सुझाव ये थे- (i) आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक सरकारी हस्तक्षेप तथा (ii) अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंधों को सुनिश्चित करने में सरकार की भूमिका। इसे कार्यान्वित करने की प्रक्रिया पर विचार-विमर्श करने के लिए जुलाई 1944 में अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में बबन वुड्स नामक स्थान पर एक सम्मेलन आयोजित किया गया। विचार-विमर्श करने के बाद दो संस्थाओं का गठन किया गया। इनमें पहला अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) था और दूसरा अंतराष्ट्रीय पुनर्निमाण एवं विकास बैंक अथवा विश्व बैंक (World Bank)। इन दोनों संस्थानों को ‘ब्रेटन वुड्स ट्विन’ या ‘क्रेटनवुड्स की जुड़वाँ संतान’ कहा गया।

आई. एम. एफ. ने अंतराष्ट्रीय मौद्रिक व्यवस्था और राष्ट्रीय मुद्राओं तथा मौद्रिक व्यवस्थाओं को जोड़ने की व्यवस्था की। इसमें राष्ट्रीय मुद्राओं के विनिमय की दर अमेरिकी मुंद्रा ‘डॉलर’ के मूल्य पर निर्धारित की गयी। डॉलर का मूल्य भी सोने के मूल्य से जुड़ा हुआ था। विश्व बैंक चने विकसित देशों को पुनर्निर्माण के लिए कर्ज के रूप में पूँजी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की। इसी आधार पर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था को नियमित करने का प्रयास किया गया। ब्रेटनवुड्स संस्थानों ने औपचारिक रूप से 1947 से काम करना आरंभ कर दिया। इन संस्थानों के निर्णयों पर पश्चिमी औद्योगिक देशों का नियंत्रण स्थापित किया गया। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका को अई. एम. एफ. और विश्व बैंक के किसी भी निर्णय पर निषेधाधिकार (वीटो) प्रदान किया गया।

Bihar Board Class 10 History व्यापार और भूमंडलीकरण Notes

  • प्राचीन भारत में विकसित सिन्धुघाटी सभ्यता का व्यापारिक सम्बन्ध प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया की सभ्यता के साथ था।
  • 1919 में विश्व स्तर पर आर्थिक मंदी का दौर था क्योंकि 1929 के बाद ब्रिटेन के उत्पादन, निर्यात, रोजगार, आयात तथा जीवन निर्वाह स्तर, इन सब में तेजी से गिरावट आया।
  • 1932 में फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट (अमेरिकी राष्ट्रपति) ने जनकल्याण की एक बड़ी योजना से संबंधित नई नीति बनायी जिसे न्यू-डील कहते हैं। इसमें आर्थिक क्षेत्र के अलावा राजनीतिक और प्रशासनिक नीतियों को भी नियमित किया गया।
  • जुलाई 1944 में अमेरिका स्थित न्यू हैम्पशायर “ब्रेटन वुड्स’ नामक स्थान पर संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मेलन हुआ, जिसमें एक सहमति बनी जिसके बाद अन्तर्राष्ट्री मुद्राकोष एवं विश्व बैंक का गठन किया।
  • 1119 के बाद विश्वव्यापी अर्थतंत्र में यूरोप के स्थान पर संयुक्त राज्य अमारका और रूस का प्रभाव बढ़ा जो द्वितीय महायुद्ध के बाद विश्व व्यापार और राजनैतिक व्यवस्था में निर्णायक हो गया।
  • 1919 के बाद विश्व बाजार के अन्तर्गत ही एक नवीन आर्थिक प्रवृति भूमंडलीकरण का उत्कर्ष हुआ जो निजीकरण और आर्थिक उदारीकरण से प्रत्यक्षतः जुड़ा था।
  • भूमंडलीकरण ने सम्पूर्ण विश्व के अर्थतंत्र का केन्द्र बिन्दु संयुक्त राज्य अमेरिका को बना दिया। उसकी मुद्रा डॉलर पूरे विश्व की मानक मुद्रा बन गई।
  • आर्थिक मंदी का सबसे बुरा असर अमेरिका को ही झेलना पड़ा।
  • 1928 से 1934 के बीच भारत में गेहूँ की कीमत 50 प्रतिशत गिर गया।
  • अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलीन डी रूजवेल्ट ने 1932 में न्यूडील (नई व्यवस्था) नामक नवीन आर्थिक नीतियों को अमेरिका में लागू किया।
  • व्यापार को बढ़ाने के उद्देश्य से 1932 में लोजान सम्मेलन हुआ जिसमें जर्मनी के क्षतिपूर्ति राशि को कम कर दिया गया।
  • फ्रांस के विदेश मंत्री त्रिया ने पहली बार यूरोप में एक आर्थिक संघ बनाने का सुझाव दिया।
  • 1944 में अमेरिका स्थित न्यू हैल्थशायर में ‘ब्रेटनवुडस’ नामक स्थान पर संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मेलन हुआ।
  • 1948 में ब्रसेल्स संधि हुई जिसमें यूरोपीय आर्थिक सहयोग की प्रक्रिया कोयला एवं इस्पात के माध्यम से शुरू हुआ।
  • 1991 के बाद विश्व बाजार के अंतर्गत ही एक नवीन आर्थिक प्रवृत्तिं भूमंडलीकरण का उत्कर्ष हुआ जो निजीकरण और आर्थिक उदारीकरण से प्रत्यक्षतः जुड़ा था।
  • भौगोलिक खोजों पुनर्जागरण तथा राष्ट्रीय राज्यों के उदय से वाणिज्यक क्रांति हुई।
  • औद्योगिक क्रांति और उपनिवेशवाद के कारण अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का विकास हुआ।
  • रेशम मार्ग चीन से आरंभ होकर जमीनी मार्ग द्वारा मध्य एशिया होते हुए यूरोप से जुड़ जाता था।

Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1D खनिज संसाधन

Bihar Board Class 10 Social Science Solutions Geography भूगोल : भारत : संसाधन एवं उपयोग Chapter 1D खनिज संसाधन Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Social Science Geography Solutions Chapter 1D खनिज संसाधन

Bihar Board Class 10 Geography खनिज संसाधन Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

Khanij Sansadhan Question Answer Bihar Board प्रश्न 1.
भारत में लगभग कितने खनिज पाये जाते हैं ?
(क) 50
(ख) 100
(ग) 150
(घ) 200
उत्तर-
(ख) 100

मैंगनीज के उपयोग पर प्रकाश डालें Bihar Board प्रश्न 2.
इनमें से कौन लौह युक्त खनिज का उदाहरण है ?
(क) मैंगनीज
(ख) अभ्रक
(ग) बॉक्साइट
(घ) चूना-पत्थर
उत्तर-
(क) मैंगनीज

खनिज की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए Bihar Board प्रश्न 3.
निम्नलिखित में कौन अधात्विक खनिज का उदाहरण है?
(क) सोना
(ख) टीन
(ग) अभ्रक
(घ) ग्रेफाइट
उत्तर-
(ग) अभ्रक

खनिज की विशेषताएं Bihar Board प्रश्न 4.
किस खनिज को उद्योगों की जननी माना गया है ?
(क) सोना
(ख) तांबा
(ग) लोहा
(घ) मैंगनीज
उत्तर-
(ग) लोहा

खनिजों की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए Bihar Board प्रश्न 5.
कौन लौह अयस्क का एक प्रकार है ?
(क) लिगनाइट
(ख) हेमाटाइट
(ग) बिटुमिनस
(घ) इनमें से सभी
उत्तर-
(ख) हेमाटाइट

प्रश्न 6.
कौन भारत का सबसे बड़ा लौह उत्पादक राज्य है ?
(क) कर्नाटक
(ख) गोवा
(ग) उड़ीसा
(घ) झारखंड
उत्तर-
(क) कर्नाटक

प्रश्न 7.
छत्तीसगढ़ भारत का कितना प्रतिशत लौह अयस्क उत्यादन करता है ?
(क) 10
(ख) 20
(ग) 30
(घ) 40
उत्तर-
(ख) 20

प्रश्न 8.
मैंगनीज उत्पादन में भारत का विश्व में क्या स्थान है?
(क) प्रथम
(ख) द्वितीय
(ग) तृतीय
(घ) चतुर्थ
उत्तर-
(ग) तृतीय

प्रश्न 9.
उड़ीसा किस खनिज का सबसे बड़ा उत्पादक है ?
(क) लौह अयस्क
(ख) मैंगनीज
(ग) टीन
(घ) ताँबा
उत्तर-
(ख) मैंगनीज

प्रश्न 10.
एक टन इस्पात बनाने में कितने मैंगनीज का उपयोग होता है ?
(क) 5 किग्रा०
(ख) 10 किग्रा
(ग) 15 किग्रा
(घ) 20 किग्रा०
उत्तर-
(ख) 10 किग्रा

प्रश्न 11.
अल्युमिनियम बनाने के लिए किस खनिज की आवश्यकता पड़ती है?
(क) मैंगनीज
(ख) टीन
(ग) लोहा
(घ) बॉक्साइट
उत्तर-
(घ) बॉक्साइट

प्रश्न 12.
देश में तांबे का कुल भण्डार कितना है ?
(क) 100 करोड़ टन
(ख) 125 करोड़ टन
(ग) 150 करोड़ टन
(घ) 175 करोड़ टन
उत्तर-
(ख) 125 करोड़ टन

प्रश्न 13.
बिहार-झारखण्ड में देश का कितना प्रतिशत अभ्रक का उत्पादन होता है ?
(क) 60
(ख) 70
(ग) 80
(घ) 90
उत्तर-
(ग) 80

प्रश्न 14.
सीमेंट उद्योग का सबसे प्रमुख कच्चा माल क्या है ?
(क) चूना-पत्थर
(ख) बाक्साइट
(ग) ग्रेनाइट
(घ) लोहा
उत्तर-
(क) चूना-पत्थर

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
खनिज क्या है?
उत्तर-
खनिज निश्चित अनुपात में रासायनिक एवं भौतिक विशिष्टताओं के साथ निर्मित एक प्राकृतिक पदार्थ है। दूसरे शब्दों में, खनिज निश्चित रासायनिक संयोजन एवं विशिष्ट आंतरिक परमाण्विक संरचना वाले ठोस प्राकृतिक पदार्थ को कहा जाता है।

प्रश्न 2.
धात्विक खनिज के दो प्रमुख पहचान क्या हैं ?
उत्तर-

  1. ये कठोर एवं चमकीले होते हैं।
  2. इसे गलाने पर धातु प्राप्त होती है।

प्रश्न 3.
खनिजों की विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर-
खनिजों का वितरण असमान होता है। अधिक गुणवत्ता वाले खनिज कम तथा कम गुणवत्ता वाले खनिज अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। खनिज समाप्य संसाधन है। एक बार उपयोग करने के बाद पुन: उपयोग नहीं किया जा सकता है। अतः इसके संरक्षण की परम आवश्यकता है।

प्रश्न 4.
लौह अयस्क के प्रकारों के नामों को लिखिए।
उत्तर-
लौह अयस्क के प्रकार निम्न हैं-
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1D खनिज संसाधन - 1

प्रश्न 5.
लोहे के प्रमुख उत्पादक राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर-
कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, गोवा, झारखण्ड, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु इत्यादि।

प्रश्न 6.
झारखण्ड के मुख्य लौह उत्पादक जिलों के नाम लिखें।
उत्तर-
सिंहभूम, पलामू, धनबाद, हजारीबाग, संथाल परगना एवं राँची।

प्रश्न 7.
मैंगनीज के उपयोग पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
(i) जंगरोधी इस्पात बनाने में (ii) शुष्क सेल के निर्माण में (iii) फोटोग्राफी में (iv) चमड़ा एवं माचिस उद्योग में (v) पेंट तथा कीटनाशक दवाओं के उत्पादन में।

प्रश्न 8.
अल्यूमिनियम के उपयोग का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
(i) वायुयान निर्माण में (ii) विद्युत उपकरण के निर्माण में (iii) घरेलू साज-सज्जा के साधनों के निर्माण में (iv) बान बनाने में (v) सफेद सीमेंट तथा रासायनिक वस्तुएँ बनाने में।

प्रश्न 9.
अभ्रक का उपयोग क्या है ?
उत्तर-
(i) इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में (ii) आयुर्वेदिक दवाओं के उत्पादन में (iii) विद्युत रोधक होने के कारण विद्युत उपकरण बनाने में।

प्रश्न 10.
चूना-पत्थर की क्या उपयोगिता है ?
उत्तर-
(i) सीमेंट बनाने में (ii) लौह इस्पात बनाने में (iii) उर्वरक, कागज एवं चीनी उद्योग में।

प्रश्न 11.
खनिजों की मख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
खनिजों का वितरण असमान होता है। अधिक गुणवत्ता वाले खनिज कम तथा कम गुणवत्ता वाले खनिज अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। खनिज समाप्य संसाधन है। एक बार उपयोग करने के बाद पुनः उपयोग नहीं किया जा सकता है। अत: इसके संरक्षण की परम आवश्यकता है।

प्रश्न 12.
खनिजों के संरक्षण एवं प्रबंधन से क्या समझते हैं ?
उत्तर-
खनिज क्षयशील एवं अनवीकरणीय संसाधन है। इनकी मात्रा सीमित है। इनका पुनर्निर्माण असंभव है। खनिज उद्योगों का आधार है किन्तु औद्योगिक विकास के लिए खनिजों का अतिशय दोहन एवं उपयोग उनके अस्तित्व के लिए संकट है। अतः खनिजों का संरक्षण एवं प्रबंधन आवश्यक है। खनिज संसाधन के विवेकपूर्ण उपयोग तीन बातों पर निर्भर है-खनिजों के निरंतर दोहर पर नियंत्रण, उनका बचतपूर्वक उपयोग एवं कच्चे माल के रूप में सस्ते विकल्पों की खोज, खनिजों पर नियंत्रण के अलावे उनके विकल्पों को खोजना, खनिजों के अपशिष्ट पदार्थों को बुद्धिमतापूर्वक उपयोग, पारिस्थितिकी पर पड़ने वाले कुप्रभाव पर नियंत्रण, खनिज निर्माण के लिए चक्रीय पद्धति को अपनाना प्रबंधन कहलाता है। यदि खनिजों के संरक्षण के साथ-साथ प्रबंधन पर ध्यान दिया जाए तो खनिज संकट से निबटा जा सकता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
खनिज कितने प्रकार के होते हैं ? प्रत्येक का सोदाहरण परिचय दीजिए।
उत्तर-
खनिज सामान्यतः दो प्रकार के होते हैं
1. धात्विक खनिज इन खनिजों में धातु होती है जैसे लौह अयस्क, ताँबा, निकेल, मैंगनीज आदि। पुनः इसे दो भागों में बाँटा जा सकता है
(क) लौहयुक्त खनिज- जिन धात्विक खनिज में लोहे का अंश अधिक पाया जाता है वे लोहयुक्त खनिज कहलाते हैं, जैसे लौह अयस्क, निकेल, टंगस्टन।
(ख) अलोहयुक्त खनिज- वैसे खनिज जिनमें लोहे की मात्रा न्यून होती है या नहीं होती है, अलौहयुक्त खनिज कहलाते हैं; जैसे सोना, चाँदी, शीशा, बॉक्साइट ताँबा।

2. धात्विक खनिज- इसमें धातु नहीं होती है जैसे-चूना पत्थर, अभ्रक, जिप्सम आदि। अधात्विक खनिज भी दो प्रकार के होते हैं-
(क) कार्बनिक खनिज- इसमें जीवाश्म होते हैं, ये पृथ्वी में दबे प्राणी, पादप जीवों के परिवर्तन से बनते हैं, जैसे-कोयला, पेट्रोलियम आदि।
(ख) अकार्बनिक खनिज- इसमें जीवाश्म नहीं होते हैं जैसे–अभ्रक, ग्रेफाइट।

प्रश्न 2.
धात्विक एवं अधात्विक खनिजों में क्या अंतर है ? तुलना करें।
उत्तर-
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1D खनिज संसाधन - 2

प्रश्न 3.
भारत के खनिज पट्टियों का नाम लिखकर किन्हीं दो का वर्णन करें।
उत्तर-
भारत के अधिकांश खनिज तीन पट्टियों में पाये जाते हैं।(i) उत्तर-पूर्वी पठार (i) दक्षिणी-पश्चिमी पठार (iii) उत्तर-पश्चिमी प्रदेश।

(i) उत्तरी-पूर्वी पठार- यह देश की सबसे धनी खनिज पट्टी है जिसमें छोटानागपुर का पठार, उड़ीसा का पठार, छत्तीसगढ़ का पठार तथा पूर्वी आन्ध्रप्रदेश का पठार अवस्थित है। इस पटी में लौह अयस्क, मैंगनीज, अभ्रक, बॉक्साइट, चना पत्थर, डोलामाइट, ताँबाः थोरियम, यूरेनियम, क्रोमियम, सिलिमेनाइट तथा फास्फेट के विशाल भण्डार हैं।

(ii) दक्षिणी-पश्चिमी पठार- इस पट्टी का विस्तार खम्भात की खाड़ी से लेकर अरावली की श्रेणियों तक है। यहाँ तक अनेक अलौह धातुएँ, जैसे–चाँदी, सीसा, जस्ता, ताँबा आदि मिलते हैं। बालु पत्थर, ग्रेनाइट, संगमरमर, जिप्सम, मुलतानी मिट्टी, डोलोमाइट, चूना-पत्थर, नमक आदि के भी पर्याप्त भंडार हैं।

हिमालय एक अन्य खनिज पट्टी है जहाँ ताँबा, सीसा, जस्ता, कोबाल्ट आदि प्राप्त हैं।

प्रश्न 4.
लौह अयस्क का वर्गीकरण कर उनकी विशेषताओं को लिखें।
उत्तर-
लौह अयस्क का वर्गीकरण निम्न हैं-
(i) हेमेटाइट—इसमें 68% लौह अंश होता है, इसे लाल अयस्क भी कहते हैं।
(ii) मैग्नेटाइट–इसमें 60% लौह अंश होता है, इसे काला अयस्क भी कहते हैं।
(iii) लिमोनाइट-इसमें 40% लौह अंश होता है, इसे पीला अयस्क भी कहते हैं।
लौह अयस्क उद्योगों की जननी है। लोहा आधुनिक सभ्यता की रीढ़ है।

प्रश्न 5.
भारत में लौह अयस्क के वितरण पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
भारत में लौह अयस्क प्रायः सभी राज्यों में पाया जाता है परन्तु यहाँ के कुल भण्डार का 96% कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, गोवा, झारखण्ड, राज्यों में सीमित है। शेष भण्डार तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों में अवस्थित है। भारत में 1950-51 में 42 लाख टन लोहे का उत्पादन हुआ जो 2004-05 में बढ़कर 1427.1 लाख टन हो गया। अतः लोहे के उत्पादन में भारी विकास हुआ है।

कर्नाटक राज्य भारत का लगभग एक-चौथाई लोहा उत्पादन करता है। यहाँ बेल्लारी, हास्पेट, सुदूर क्षेत्रों में लौह अयस्क की खानें हैं। छत्तीसगढ़ देश का दूसरा उत्पादन राज्य है जो देश का करीब 20 प्रतिशत लोहा उत्पन्न करता है। दाँतेवाड़ा जिले का वैलाडिला तथा दुर्गा जिले के डल्ली एवं राजहरा प्रमुख उत्पादक हैं। रायगढ़, विलासपुर तथा सरगुजा अन्य उत्पादक जिले हैं। यहाँ का अधिकांश लोहा विशाखापट्नम बंदरगाह से जापान को निर्यात किया जाता है।

उड़ीसा देश का 19 प्रतिशत लोहा उत्पादन करता है। यहाँ की प्रमुख खाने गुरु माहिषानी, बादम पहाड़ (मगूरभंज) एवं किरिबुरू हैं।

गोवा देश का चौथा बड़ा लोहा उत्पादक राज्य है तथा 16 प्रतिशत देश का लोहा यहीं से प्राप्त होता है। यहाँ की प्रमुख खाने साहक्वालिम, संगयूम, क्यूपेम, सतारी, पौडा एवं वियोलिम में स्थित हैं। यहाँ के मर्मागांव पतन से लोहा निर्यात किया जाता है।

झारखण्ड देश का पांचवां बड़ा अयस्क उत्पादक राज्य है और 15% से अधिक लोहे का उत्पादन करता है। यहाँ के सिंहभूम, पलामू, धनबाद, हजारीबाग, संथालपरगना तथा राँची मुख्य उत्पादक जिले हैं।

महाराष्ट्र में लौह अयस्क की खाने चन्द्रपुर, रत्नागिरि और भण्डारा जिलों में स्थित हैं।
आन्ध्रप्रदेश के कसीमनगर, बारंगल, कुर्नुल, कड़प्पा आदि जिले लौह अयस्क उत्पादक हैं जबकि तमिलनाडु के तीर्थ मल्लाई पहाड़ियों (सलेम) एवं यादपल्ली (नीलगिरी) क्षेत्र में लोहे के भण्डार हैं।

प्रश्न 6.
मैंगनीज तथा बॉक्साइट की उपयोगिता तथा देश में इनके वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
मैंगनीज अयस्क- मैंगनीज के उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में रूस एवं द अफ्रीका के बाद तीसरा है। यह मुख्य रूप से जंगरोधी इस्पात बनाने तथा लोहा एवं मैंगनीज के मिश्रधातु बनाने के उपयोग में आता है। इसका उपयोग शुष्क बैटरियों के निर्माण में, फोटोग्राफी में, चमड़ा एवं माचिस उद्योग में भी होता है। साथ ही इसका उपयोग पेंट तथा कीटनाशक दवाओं के बनाने में भी किया जाता है। भारत के कुल उत्पादन का 85% मैंगनीज का उपयोग मिश्रधातु बनाने में किया जाता है।

वितरण- भारत में मैंगनीज का संचित भण्डार 1670 लाख टन है। विश्व में जिम्बाब्वे के बाद भारत में ही मैंगनीज का सबसे बड़ा संचित भण्डार है जो विश्व के कुल संचित भण्डार का 20 प्रतिशत है।

भारत के उत्पादन में मुख्य क्षेत्र उड़ीसा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं आन्ध्रप्रदेश हैं। भारत का 75% से ज्यादा मैंगनीज अयस्क के भण्डार महाराष्ट्र के नागपुर तथा भण्डारा जिलों से लेकर मध्यप्रदेश के बालघाट एवं छिन्दवाड़ा जिलों तक फैली पट्टी में मिलते हैं।

उड़ीसा भारत में मैंगनीज के उत्पादन में अग्रणीय है। यहाँ देश के कुल उत्पादन का 37.6% मैंगनीज उत्पन्न होता है। यहाँ मैंगनीज के मुख्य खादानें, सुन्दरगढ़, कालाहांडी, रायगढ़ बोलांगीर, क्योंझर, जालसुर एवं मयूरभंज जिलों में हैं। महाराष्ट्र भारत के कुल उत्पादन का लगभग एक चौथाई मैंगनीज उत्पादन करता है। इस राज्य की मुख्य मैंगनीज उत्पादन पट्टी नागपुर तथा भण्डारा जिले में हैं। इस पट्टी में उत्तम कोटि के मैंगनीज अयस्क मिलते हैं। रत्नागिरि में उच्चकोटि का मैंगनीज का उत्पादन होता है।

मध्यप्रदेश 21% मैंगनीज पैदा कर देश का तीसरा बड़ा उत्पादक राज्य है। बालघाट तथा छिन्दवाड़ा जिलों में मैंगनीज का उत्पादन होता है।

कर्नाटक में मैंगनीज शिमोगा, तुमकुर, बेलारी, धारवाड़, चिकमंगलूर और बीजापुर जिले मुख्य उत्पादक हैं। पहले यहाँ देश का एक चौथाई मैंगनीज उत्पादन होता था किन्तु अब उत्पादन कम हो रहा है।

आन्ध्रप्रदेश में देश के सकल उत्पादन का 6 प्रतिशत ही मैंगनीज का उत्पादन होता है। यहाँ । मुख्य उत्पादक जिला श्रीकाकुलम है। अन्य उत्पादक जिलों में विशाखापतनम, कुडप्पा, विजयनगर, गुंटूर हैं।

बॉक्साइट-यह एक अलौह धातु निक्षेप है जिससे एल्युमिनियम नामक धातु निकाली जाती है। भारत में बॉक्साइट का इतना भण्डार है कि अल्युमिनियम में हम आत्मनिर्भर हो सकते हैं। इसका बहुमुखी उपयोग वायुयान निर्माण, बर्तन बनाने, सफेद सीमेंट तथा रासायनिक वस्तुएं बनाने में किया जाता है। भारत में बॉक्साइट का अनुमानित भण्डार 3037 मिलियन टन है।

वितरण-बॉक्साइट भारत के अनेक क्षेत्रों में मिलता है किन्तु मुख्य रूप से इसका भण्डार उड़ीसा, गुजरात, झारखण्ड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं उत्तर प्रदेश में अवस्थित है। देश का आधा से अधिक भण्डार उड़ीसा में है। उड़ीसा भारत के कुल उत्पादन का 42% बॉक्साइट उत्पन्न करता है। कालाहांडी, बोलंगीर, कोशपुर, सुन्दरगढ़ तथा संभलपुर बॉक्साइट के मुख्य उत्पादक जिले हैं।

गुजरात भारत का 17.35 प्रतिशत बॉक्साइट उत्पन्न कर दूसरे स्थान पर है। जामनगर, कैरा, सबरकंठ तथा सूरत महत्वपूर्ण उत्पादक जिले हैं। झारखण्ड बॉक्साइट के उत्पादन में तीसरा स्थान रखता है तथा देश का 14 प्रतिशत बॉक्साइट उत्पन्न करता है। इसके लोहरदग्गा, राँची, लातेहार एवं पलामू मुख्य उत्पादक जिले हैं।

महाराष्ट्र के कोलावा, रत्नागिरि तथा कोल्हापुर जिलों में बॉक्साइट का खनन होता है तथा 12 प्रतिशत उत्पादन करता है।
छत्तीसगढ़ भारत का 6 प्रतिशत से अधिक बॉक्साइट उत्पादन करता है। सरगुजा का पठारी प्रदेश, रायगढ़ तथा विलासपुर जिले इसके उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं।

अन्य उत्पादन राज्यों में कर्नाटक में बॉक्साइट के प्रमुख निक्षेप बेलगाँव जिले में पाये जाते : हैं। तमिलनाडु के नीलगिरि, सलेम, मदुरई और कोयम्बटूर जिले, उत्तरप्रदेश के बांदा जिले बॉक्साइट के अन्य उत्पादक हैं। जम्मू और कश्मीर के पूंछ एवं उधमपुर जिलों में उत्तम कोटि के बॉक्साइट पाये जाते हैं। भारत विभिन्न देशों कों बॉक्साइट निर्यात करता है।
मुख्य आयातक देश इटली, यू. के., जर्मनी, जापान हैं।

प्रश्न 7.
अभ्रक की उपयोगिता एवं वितरण पर प्रकाश डालें।।
उत्तर-
भारत विश्व में शीट अभ्रक का अग्रणीय उत्पादक है। अब तक इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में इसका उपयोग होता रहा है। किन्तु कुछ कृत्रिम विकल्प आ जाने से अभ्रक के उत्पादन एवं निर्यात दोनों पर बुरा असर पड़ा है। वैसे तो प्राचीन काल से अभ्रक का प्रयोग आयुर्वेदिक दवाओं के लिए किया जाता रहा है, लेकिन विद्युत उपकरण में इसका खास उपयोग होता है। क्योंकि यह विद्युत रोधक होने के कारण उच्च विद्युत शक्ति को सहन कर सकता है।

भारत में उत्पादन की दृष्टि से अभ्रक निक्षेप की तीन पट्टियाँ हैं जो बिहार, झारखंड, आन्ध्रप्रदेश तथा राजस्थान राज्यों के अन्तर्गत आती हैं। भारत में अभ्रक के कुल भण्डार 59065 टन है। 2002-03 में इसका उत्पादन 1217 टन था। बिहार एवं झारखण्ड में उत्तम कोटि के रूबी अभ्रक का उत्पादन होता है। पश्चिम में गया जिले में हजारीबाग, मुंगेर होते हुए पूर्व में भागलपुर तक फैला हुआ है। इसके अतिरिक्त धनबाद, पलामू, राँची एवं सिंहभूम जिलों में भी अभ्रक के भण्डार मिले हैं। बिहार एवं झारखंड भारत का 80% अभ्रक का उत्पादन करते हैं। आन्ध्रप्रदेश के नैगूर जिले में अभ्रक का उत्पादन होता है। राजस्थान देश का तीसरा अभ्रक उत्पादक राज्य है। यहाँ जयपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर आदि जिलों में अभ्रक की पट्टी फैली हुई है। यू. एस. ए. भारतीय अभ्रक का मुख्य आयातक है।

प्रश्न 8.
खनिजों के संरक्षण के उपाय सुझायें।
उत्तर-
खनिज क्षयशील एवं अनवीकरणीय संसाधन है। इनकी मात्रा सीमित है। इनका पुनर्निर्माण असंभव है। खनिज उद्योगों का आधार है। किन्तु औद्योगिक विकास के लिए खनिजों का अतिशय दोहन एवं उपयोग उनके अस्तित्व के लिए संकट है। अतः खनिजों का संरक्षण एवं प्रबंधन आवश्यक है। खनिज संसाधन के विवेकपूर्ण उपयोग तीन बातों पर निर्भर है-खनिजों के निरंतर दोहन पर नियंत्रण, उनका बचतपूर्वक उपयोग एवं कच्चे माल के रूप में सस्ते विकल्पों की खोज। खनिजों पर नियंत्रण के अलावे उनके विकल्पों को खोजना, खनिजों के अपशिष्ट पदार्थों को बुद्धिमतापूर्ण उपयोग, पारिस्थितिकी पर पड़ने वाले कुप्रभाव पर नियंत्रण, खनिज निर्माण के लिए चक्रीय पद्धति को अपनाना प्रबंधन कहलाता है। यदि खनिजों के संरक्षण के साथ-साथ प्रबंधन पर ध्यान दिया जाए तो खनिज संकट से निबटा जा सकता है।

मानचित्र कार्य

प्रश्न 1.
भारत क एक मानचित्र पर महत्वपूर्ण खनिजों के वितरण को दर्शाइये।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
लौह अयस्क के मुख्य उत्पादक केन्द्रों को भारत के मानचित्र में अंकित कीजिये।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 3.
पूरे पृष्ठ पर भारत का मानचित्र बनाकर निम्नलिखित को दिखाइये : मैंगनीज, बॉक्साइट तथा ताँबा उत्पादक क्षेत्र।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 4.
विभिन्न चट्टानों तथा खनिजों के टुकड़े उपलब्ध कर भूगोल प्रयोगशाला में संग्रह कीजिये।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

Bihar Board Class 10 Geography खनिज संसाधन Additional Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्नांकित किस खनिज में भारत सुसम्पन्न है ?
(क) तांबा
(ख) लोहा
(ग) सोना
(घ) चाँदी
उत्तर-
(ख) लोहा

प्रश्न 2.
इनमें कौन लौह अयस्क नहीं है ?
(क) हेमाटाइट
(ख) मैग्नेटाइट
(ग) ऐंथ्रासाइट
(घ) लाइमोनाइट
उत्तर-
(ग) ऐंथ्रासाइट

प्रश्न 3.
इनमें कौन लोहे का निर्यात व्यापार नहीं करता है ?
(क) मुंबई
(ख) कोलकाता
(ग) पारादीप
(घ) विशाखापत्तनम
उत्तर-
(क) मुंबई

प्रश्न 4.
इनमें कौन मैग्नीज का महत्वपूर्ण उत्पादक नहीं है ?
(क) उड़ीसा
(ख) कर्नाटक
(ग) तमिलनाडु
(घ) महाराष्ट्र
उत्तर-
(ग) तमिलनाडु

प्रश्न 5.
झारखण्ड का कोडरमा किस खनिज उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है ?
(क) तांबा
(ख) बॉक्साइट
(ग) अबरख
(घ) लौह अयस्क
उत्तर-
(ग) अबरख

प्रश्न 6.
किस प्रकार की चट्टानों में खनिजों का जमाव परतों में मिलता है ?
(क) आग्नेय
(ख) अवसादी
(ग) रूपान्तरित
(घ) इनमें किसी में नहीं
उत्तर-
(ख) अवसादी

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्लोरीन, ब्रोमीन और आयोडीन का सामूहिक नाम क्या है ?
उत्तर-
क्लोरीन, ब्रोमीन और आयोडीन का सामूहिक नाम हैलोजन है।

प्रश्न 2.
पीतल और काँसे में किस मूल धातु का उपयोग होता है?
उत्तर-
पीतल में ताँबा और जस्ता नामक मूल धातु का उपयोग होता जबकि काँसे बनाने के लिए ताँबे में टिन की मिलावट की जाती है।

प्रश्न 3.
जहाजों के ढाँचे के निर्माण में किस.धातु का उपयोग होता है ?
उत्तर-
जहाजों के ढाँचे के निर्माण में बॉक्साइट धातु का उपयोग होता है।

प्रश्न 4.
स्टेनलेस स्टील में लोहे के साथ किस धातु को मिलाया जाता है ?
उत्तर-
स्टेनलेस स्टील में लोहे के साथ निकेल धातु को मिलाया जाता है।

प्रश्न 5.
दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना का नाम किस धातु की उपलब्धता के कारण रखा गया है?
उत्तर-
दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना का नाम चाँदी धातु के अयस्क अर्जेंटाइन की उपलब्धता के कारण रखा गया है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
खनिज से क्या तात्पर्य है ? खनिज के दो वर्ग कौन-कौन हैं ? उनके उदाहरण दें।
उत्तर-
भूतत्ववेत्ताओं के अनुसार प्रकृति में स्वतः पाए जाने वाले,ऐसे पदार्थ जिनकी एक निश्चित आंतरिक संरचना होती है, खनिज कहलाते हैं। ये चट्टानों में अयस्क के रूप में पाये जाते ‘ हैं। इसकी उत्पत्ति पृथ्वी के अन्दर विभिन्न भू-वैज्ञानिक प्रक्रियाओं द्वारा होती है। यह एक प्राकृतिक और अनवीकरणीय संसाधन है। इसे मनुष्य द्वारा बनाया नहीं जा सकता है।
सामान्यतः खनिज दो प्रकार के होते हैं
(i) धात्विक
(ii) अधात्विक

(i) धात्विक खनिज- ऐसे खनिज होते हैं जिन्हें शुद्ध करने के बाद चूर्ण बनाकर इच्छित रूप में ढाला जा सकता है। इसमें कठोरता और चमक होती है जैसे सोना, चाँदी, लोहा, तांबा, बॉक्साइट आदि। धात्विक खनिजों को पुनः लौह तथा अलौह खनिजों में बांटा गया है।

(ii) अधात्विक खनिज- इसमें चमक और कठोरता नहीं होती है। कूटने या पीटने पर ये पाउडर में बदल जाते हैं। उदाहरण के रूप में चूना पत्थर, नाइट्रेट, पोटाश, डोलोमाइट, अभ्रक, . जिप्सम आदि।.

प्रश्न 2.
किन अधात्विक खनिजों का उपयोग ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए किया जाता है ? ‘ किन्हीं दो धात्विक खनिजों का महत्व बताएँ।
उत्तर-
ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, अबरख, पोटाश तथा नाइट्रेट जैसे अधात्विक खनिजों का उपयोग किया जाता है। बॉक्साइट एक धात्विक खनिज है जिसका उपयोग वायु के निर्माण में किया जाता है। सोना भी एक धात्विक खनिज है जिसका . उपयोग बहुमूल्य आभूषण बनाने में किया जाता है। इसलिए इसका महत्व बहुत अधिक है।

प्रश्न 3.
भारत का लौह भण्डार कितना आँका गया है ? उच्च कोटि के दो लौह अयस्क । कौन-कौन हैं ?
उत्तर-
भारत में लौह अयस्क का संचित भण्डार 25,249 मिलियन टन आंका गया है। यह सारे संसार के ज्ञात लौह भण्डार का एक-चौथाई है। रूस, ब्राजील और आस्ट्रेलिया के बाद सबसे बड़ा लौह भण्डार भारत में ही है। यहाँ का लौह अयस्क सर्वोच्च कोटि का है जिसमें शुद्ध लोहे का अंश 60-70% तक होता है। हेमाटाइट और मैग्नेटाइट उच्च कोटि के लौह अयस्क हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
भारत किन खनिज संसाधनों में मुख्य रूप से सम्पन्न है ? विवरण सहित उत्तर दें।
उत्तर-
भारत कई प्रमुख खनिज संसाधनों में मुख्य रूप से सम्पन्न है जिसका विवरण इस प्रकार है

(i) अबरक- देश का आधा अबरक झारखण्ड राज्य से प्राप्त होता है। कोडरमा, डोमचाँच, मसनोडीह, ढाब और गिरिडीह में अबरक की खानें हैं। यहाँ का अबरक उच्च कोटि का होता है जिसे बंगाल रूबी कहा जाता है। दूसरा महत्त्वपूर्ण क्षेत्र राजस्थान राज्य में पाया जाता है। तीसरा क्षेत्र आन्ध्र प्रदेश में पाया जाता है। इस क्षेत्र में हरे रंग का अबरक पाया जाता है।

(ii) चूना पत्थर-यह अवसादी चट्टान है जिसमें चूने के अंश की प्रधानता रहती हैं। यह भारत के विभिन्न राज्यों में पाया जाता है। यह सीमेंट उद्योग का कच्चा माल है। लौह अयस्क गलाने में भी इसका प्रयोग होता है। कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, मेघालय, छत्तीसगढ़, , मध्यप्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र एवं उत्तराखण्ड में मुख्य रूप से यह पाया जाता है।

(iii) जिप्सम – यह मूलतः कैल्शियम सल्फेट है। इससे प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाया जाता है। अस्पतालों में पट्टी बाँधने, मूर्ति बनाने, घरों की दीवारों को चिकना करने में इसका उपयोग किया जाता है। भूमि निम्नीकरण की समस्या के निवारण के लिए इसका उपयोग किया जाता है।। इससे अनाज के उत्पादन में वृद्धि होती है। इसका वितरण राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, तमिलनाडु में पाया जाता है जिसमें राजस्थान पहले नम्बर पर और जम्मू-कश्मीर का स्थान दूसरा है।

(iv) कोयला- यह ऊर्जा का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। 2008 तक भारत में कोयला का . अनुमानित भण्डार 26454 करोड़ टन का अंदाजा था और कुल उत्पादन 456:37. मिलियन टन . हुआ था। यहाँ दो समूहों के कोयले का निक्षेप पाया जाता है जिसमें 96% कोयला गोंडवाना समूह का है जिसका विस्तार झारखण्ड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल राज्यों में पाया जाता है। दूसरे प्रकार के कोयला में टर्शियरी युगीन कोयला आता है। यह नया और घटिया किस्म का कोयला है जो असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और नागालैंड में मिलता है।

(v) लौह अयस्क भारत में लौह-अयस्क का वितरण कमोबेश सभी राज्यों में है। परंतु कुल लौह-अयस्क का 96% भाग केवल कर्नाटक, झारखण्ड, गोवा, उड़ीसा एवं छत्तीसगढ़ राज्यों । में पाया जाता है और शेष 4% भण्डार तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों में वितरित है।

(vi) ताँबा भारत में ताँबे का सबसे प्रमुख क्षेत्र झारखण्ड के छोटानागपुर पठार के सिंहभूम जिला में स्थित है। यह 130 किमी. लम्बी पेटी है। इसी पेटी से भारत का अधिकतर ताँबा प्राप्त होता है। घाटशिला और मोसाबानी प्रमुख खनन केन्द्र हैं।
राजस्थान दूसरा प्रमुख उत्पादक राज्य है। यहाँ खेतड़ी तथा सिहाना के पास प्रमुख खानें हैं। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के अलमोड़ा जिला, तमिलनाडु के नैल्लौर जिला, आन्ध्रप्रदेश के कुर्नूल एवं गुन्टूर, कर्नाटक के चितल-दुर्ग तथा हसन एवं मध्य प्रदेश के सलीमाबाद, बस्तर और होशंगाबाद जिलों में पाया जाता है।

(vi) बॉक्साइट. भारत में 3,290 मिलियन टन बॉक्साइट का विशाल भण्डार है। भारत इस खनिज में धनी माना जाता है। इसी खनिज से ऐलुमिनियम निकाला जाता है जिससे वायुयान का निर्माण किया जाता है। बॉक्साइट झारखण्ड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान और उत्तराखण्ड इत्यादि राज्यों में पाया जाता है।

(vii) मैंग्नीज भारत में 379 मिलियन टन मैंग्नीज का भण्डार है जो विश्व के कल मैंग्नीज भण्डार का 20% है। इसके उत्पादन में भारत का विश्व में द्वितीय स्थान है। इस खनिज के प्रमुख भण्डार उड़ीसा, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गोवा इत्यादि राज्यों में पाया जाता है।

प्रश्न 2.
रैट होल खनन का विवेचन करें।
उत्तर-
भारत में सभी खनिजों का राष्ट्रीयकरण किया गया है, अर्थात इनका उत्पादन या तो सरकारी संस्थाओं द्वारा किया जा सकता है अथवा सरकार की अनुमति तथा निगरानी में निजी संस्थाओं द्वारा हो सकता है। दक्षिणी पठार के पूर्वी भाग में खनिजों का भण्डार अधिक है और इसी पठार की उत्तरी-पूर्वी सीमा पर मेघालय स्थित है। स्वर्भावतः उसके समीपवर्ती क्षेत्रों में कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, डालोमाइट जैसे खनिजों के विशाल भण्डार हैं। परन्तु इन खनिजों को कारखानों तक पहुंचाने के लिए न तो स्थलीय परिवहन सुविधाजक है, न समुद्री परिवहन, वायु परिवहन बहुत खर्चीला है। रेल लाइन बांग्लादेश का चक्कर लगाने के बाद ही कोलकाता तक आ सकती है। अतः इस क्षेत्र के जनजातियों वाले क्षेत्रों में खनिजों का स्वामित्व व्यक्तियों, समूहों या अब ग्राम पंचायतों के पास है। शिलांग से लगभग 40 किमी. दूरी पर जोबाई और चेरापूंजी स्थित है। यहाँ जनजातियों के परिवार कोयले का खनन विभिन्न प्रकार से करते हैं। एक बड़ी झोपड़ी के नीचे पहले कुएँ जैसा गहरा गड्ढा खोदा जाता है। फिर कोयला प्राप्त होने पर धीरे-धीरे क्षैतिज सुरंगें खोदी जाती हैं। ये पतली सुरंगें कभी-कभी बहुत दूर तक चली जाती हैं। चूहे जमीन के भीतर इस प्रकार की बिल खोदते हैं। इसलिए इसे रैट होल खनन कहते हैं।

Bihar Board Class 10 Geography खनिज संसाधन Notes

  • खनिज निश्चित अनुपात में रासायनिक एवं भौतिक विशिष्टताओं के साथ निर्मित एक प्राकृतिक पदार्थ है।
  • भारत में लगभग 100 से अधिक खनिज पाये जाते हैं।
  • धरती खोदकर निकाले गये धात्विक तथा अधात्विक पदार्थ खनिज संसाधन के अन्तर्गत आते हैं, जैसे-लोहा, सोना, कोयला, अबरख।
  • खनिजों प्रकृति में स्वतः बनती हैं। विशिष्ट खनिजों के संयोजन से चट्टान विशेष का निर्माण होता है।
  • निम्न खनिजों से धातुओं का व्यापारिक उत्पादन या निष्कासन होता है, उन्हें अयस्क (Ore)कहा जाता है। ।
  • भारत में लगभग 3,000 खानें हैं।
  • गोवा से कानपुर के बीच सीधी रेखा खींचने पर इस रेखा के पूर्वी भाग में भारी धात्विक खनिजों की तथा पश्चिमी भाग में अधात्विक खनिजों की प्रधानता मिलती है।
  • भारत के प्रमुख खनिज क्षेत्र हैं- (i) पूर्वी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र (ii) पश्चिमोत्तर क्षेत्र (iii) दक्षिणी क्षेत्र।
  • भारत में खनिजों की खोज एवं विकास से जुड़े संगठन हैं- (i) भारतीय भूगर्भिक सर्वेक्षण संस्थान (ii) भारतीय खान व्यूरो (iii) भारतीय खनिज अन्वेषण निगम (iv) परमाणु खनिज विभाग (v) इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (vi) तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग।
  • कर्नाटक भारत का लगभग एक चौथाई लोहा उत्पादन करता है।
  • एंथ्रासाइट सर्वोच्च कोटि का कोयला है जिसमें 90% से अधिक कार्बन की मात्रा पायी जाती है।
  • जम्मू और कश्मीर में कालाकोट से कोयला निकाला जाता है।
  • लौह अयस्क का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कर्नाटक है।
  • मैंग्नीज का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य उड़ीसा है।
  • बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य उड़ीसा है।
  • बिहार-झारखण्ड भारत का 80% अभ्रक का उत्पादन करता है।
  • धात्विक खनिजों में मैंग्नीज अयस्क, क्रोमाइट, निकेल, कोबाल्ट, लौह अयस्क और ताँबा, सोना, बॉक्साइट,टिन अलौह अयस्क हैं।।
  • प्रायः सभी धात्विक खनिज अयस्क के रूप में पाए जाते हैं जिन्हें उपयोग में लाने के लिए शुद्ध करना पड़ता है।
  • मैग्नेटाइट में चुम्बक का गुण होता है।
  • मेघाहाता विश्व में लौह अयस्क की सबसे बड़ी खान है। यह उड़ीसा में स्थित है।
  • बेलाडिला आधुनिक यंत्रों और मशीनों से सुसज्जित एशिया की सबसे बड़ी खान है।
  • विश्व के लौह अयस्क उत्पादक देशों में भारत का स्थान पाँचवाँ है।
  • लौह अयस्क का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य-कर्नाटक है।
  • मैंगनीज का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य-उड़ीसा है।
  • बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य-उड़ीसा है।
  • बिहार-झारखंड भारत का 80% अभ्रक का उत्पादन करता है।

Bihar Board 10th English Objective Answers Chapter 1 The Pace for Living

Bihar Board 10th English Objective Questions and Answers

BSEB Bihar Board 10th English Objective Answers Chapter 1 The Pace for Living

The Pace For Living Bihar Board 10th English Question 1.
“The Pace for Living” is written by …………….
(A) Aung San Suu Kyi
(B) Toni Morrison
(C) R.C. Hutchinson
(D) Satyajit Ray
Answer:
(C) R.C. Hutchinson

The Pace For Living Objective Question Bihar Board 10th English Question 2.
Where did the writer of ‘The Pace for Living’ watch the play?
(A) Dubai
(B) Dublin
(C) Delhi
(D) London
Answer:
(B) Dublin

The Pace For Living Ka Objective Question Bihar Board 10th English Question 3.
R.C. Hutchinson was…………….
(A) American Novelist
(B) British Novelist
(C) French Novelist
(D) Italian Novelist
Answer:
(B) British Novelist

The Pace For Living Class 10 Question 4.
The main character in “Pace for Living”, which the author saw was a/an …………….corn merchant.
(A) elderly
(B) handicapped
(C) young
(D) diabetic
Answer:
(A) elderly

Pace For Living Bihar Board 10th English Question 5.
The author admits that quick travel does not give the traveller the real of travel.
(A) pains
(B) pleasure
(C) living
(D) holiday
Answer:
(B) pleasure

The Pace For Living Is Written By Bihar Board 10th English Question 6.
In “The Pace for Living”, the writer captures the agony of …………….man.
(A) modem
(B) ancient
(C) future
(D) uncivilized
Answer:
(A) modem

The Pace Of Living Bihar Board 10th English Question 7.
Where the author saw a play in which a corn-merchant was the chief character?
(A) Budapest
(B) Milan
(C) Dublin
(D) Conteburry
Answer:
(C) Dublin

The Pace For Living Meaning Bihar Board 10th English Question 8.
Who had the fantastic notion of spending £ 10 on a holiday?
(A) Son of corn-merchant
(B) Daughter of corn-merchant
(C) Father of corn-merchant
(D) Wife of corn-merchant
Answer:
(D) Wife of corn-merchant

Bihar Board Class 10th English Objective Question Question 9.
Who was cheating the corn-merchant?
(A) His Son
(B) His Nephew
(C) His Daughter
(D) His Wife
Answer:
(B) His Nephew

10th Class English Objective Questions Bihar Board Question 10.
Who did like fast travelling?
(A) The Corn-merchant
(B) The wife of Corn-merchant
(C) The Author
(D) None of these
Answer:
(C) The Author

In The Pace For Living The Author Saw A Bihar Board Question 11.
Who didn’t dislike the rapid movement of life?
(A) Corn-merchant
(B) Nephew of Corn-merchant
(C) The Author
(D) Wife of Corn-merchant
Answer:
(C) The Author

In The Pace For Living The Author Discusses Bihar Board Question 12.
Which word in the passage stands for worship?
(A) Adore
(B) Esprit
(C) Despair
(D) Escapiert
Answer:
(A) Adore

The Pace For Living Story In Hindi Bihar Board Question 13.
Which tribe did the author belong?
(A) Fast thinkers
(B) Slow thinkers
(C) Steady thinkers
(D) None of these
Answer:
(B) Slow thinkers

Class 10th English Objective Question Bihar Board Question 14.
How many girls were in film?
(A) Two
(B) Three
(C) Four
(D) Five
Answer:
(B) Three

Question 15.
The main character in the play which the author saw was a/an …………….corn-merchant.
(A) elderly
(B) handicapped
(C) young
(D) diabetic
Answer:
(A) elderly

Question 16.
Slow thinkers have a disadvantage when it comes to earning a…………….
(A) car
(B) factory
(C) living
(D) holiday
Answer:
(C) living

Question 17.
Who was a man of many anxieties and had a dicky heart?
(A) R.C. Hutchinson
(B) Com-merchant
(C) The nephew of the Com-merchant
(D) The wife of the Com-merchant
Answer:
(B) Com-merchant

Question 18.
Who exhibits an exceptional flair for touching the sensitive issues of the contemporary society?
(A) William Cowper
(B) Joan Lexau
(C) Walter dela Mare
(D) R.C. Hutchinson
Answer:
(D) R.C. Hutchinson

Question 19.
What was the most enchanting line in the play?
(A) Now that’s too much
(B) Now that’s too fast
(C) Is this the same girl as the one we saw at the beginning?
(D) I’esprit del’ escaliert
Answer:
(B) Now that’s too fast

Question 20.
The man’s complaint was so gloriously irrelevant to his
(A) Own character
(B) Own mind
(C) Own situation
(D) Own country
Answer:
(C) Own situation

Question 21.
The speaker goes in a car at…………….
(A) nineteen miles an hour
(B) fourteen miles an hour
(C) sixteen miles an hour
(D) ninety miles an hour
Answer:
(D) ninety miles an hour

Question 22.
The elderly corn-merchant was a man of…………….
(A) wealth
(B) property
(C) anxieties
(D) dicky
Answer:
(C) anxieties

Question 23.
The Irish get a subtle truth by the most unlikely…………….
(A) approaches
(B) reproaches
(C) illusration
(D) comic
Answer:
(A) approaches

Question 24.
To dine in London and ……………. in New York next day seems to me most satisfactory experiences.
(A) dinner
(B) breakfast
(C) toast
(D) lunch
Answer:
(D) lunch

Question 25.
Slow thinkers are terribly….. in the business of getting a living.
(A) capped
(B) handicapped
(C) disabled
(D) tortured
Answer:
(B) handicapped

Question 26.
All the tests, today are designed to measure…………….
(A) the speed of a bus
(B) the speed of a train
(C) the speed of mind
(D) none of these
Answer:
(C) the speed of mind

Question 27.
The chief character of the play was
(A) Dublin
(B) An elderly Com-merchant
(C) An old woman
(D) Narrator
Answer:
(B) An elderly Com-merchant

Question 28.
Altogether the pace of life was getting too much for
(A) The narrator
(B) Dublin
(C) Com merchant
(D) The girls
Answer:
(C) Com merchant

Question 29.
The agony of modern man is captured by
(A) Dublin
(B) Joan Lexau
(C) R. C. Hutchinson
(D) The Com-merchant
Answer:
(C) R. C. Hutchinson

Question 30.
The speaker adores the machines the hurl one about at
(A) Dublin
(B) Rapid movement
(C) Now York
(D) Battersea
Answer:
(D) Battersea

Question 31.
The elderly Corn-merchant lived in
(A) Dublin
(B) A small Irish country town
(C) England
(D) A big Irish country town
Answer:
(B) A small Irish country town

Question 32.
Who was a man of many anxieties?
(A) The narrator himself
(B) The elderly Com-merchant
(C) The Corn-merchant’s nephew
(D) The Corn-merchant’s wife
Answer:
(B) The elderly Com-merchant

Question 33.
To dine in London and lunch in New York next day seems to the narrator
(A) too fast
(B) a superficial sense of drama
(C) too slow
(D) a most satisfactory experience
Answer:
(D) a most satisfactory experience

Question 34.
Those who do not think fast in the High street nowadays may not get another chance in this world to
(A) think slow
(B) think fast
(C) think very fast
(D) think at all
Answer:
(D) think at all

Question 35.
‘Weak-hearted’ means same as
(A) Quicky
(B) Freaky
(C) Dicky
(D) Despair
Answer:
(D) Despair

Question 36.
He is going to fail in love with girls ……………. in that Order.
(A) A, B, C
(B) B, A, C
(C) C, B, A
(D) B. C, A
Answer:
(D) B. C, A

Question 37.
When the narrator goes to cinema, he finds himself in
(A) a peculiar seat
(B) great trouble
(C) a hopeless fog
(D) a cheerful mood
Answer:
(C) a hopeless fog

Question 38.
Illustration means same as
(A) painting
(B) drawing
(C) example
(D) fanciful
Answer:
(C) example

Question 39.
The correct meaning of ‘anxieties’ is
(A) happiness
(B) worries
(C) anger
(D) sadness
Answer:
(B) worries

Question 40.
The antonym of ‘rapid’ is
(A) fast
(B) slow
(C) hurl
(D) superficial
Answer:
(B) slow

Question 41.
The synonym of ‘prejudice’ is
(A) handicapped
(B) business
(C) bias
(D) love
Answer:
(C) bias

Question 42.
Which of the following words is an adjective?
(A) mentally
(B) mentality
(C) mind
(D) mental
Answer:
(D) mental

Question 43.
Who saw a play in Dublin not long ago?
(A) acorn-merchant
(B) a farmer
(C) R.C. Hutchinson
(D) none of these
Answer:
(C) R.C. Hutchinson

Question 44.
‘The Pace for Living’ is written by
(A) R. C. Hutchison
(B) William Cooper
(C) Vidyapati
(D) Joan Lexau
Answer:
(A) R. C. Hutchison

Question 45.
R. C. Huchinson was a …………
(A) American Novelist
(B) British Novelist
(C) French Novelist
(D) Italian Novelist
Answer:
(B) British Novelist

Question 46.
Where did the author see a play in which a corn- merchant was the chief character ?
(A) Budapest
(B) Milan
(C) Dublin
(D) Conteburry
Answer:
(C) Dublin

Question 47.
Who had the fantastic notion of spending £ 10 on a holiday ?
(A) Son of ConT-merchant
(B) Daughter of Corn-merchant
(C) Father of Corn-merchant
(D) Wife of Corn-merchant
Answer:
(D) Wife of Corn-merchant

Question 48.
Who was cheating the corn-merchant ?
(A) His Son
(B) His Nephew
(C) His Daughter
(D) His Wife
Answer:
(D) His Wife

Question 49.
Who didn’t dislike the rapid movement of life ?
(A) Com-merchant
(B) Nephew of Corn-merchant
(C) The Author
(D) Wife of Com-merchant
Answer:
(C) The Author

Question 50.
How many girls were in film ?
(A) Two
(B) Three
(C) Four
(D) Five
Answer:
(B) Three

Question 51.
In ‘The Pace for Living’, the writer captures the agony of man.
(A) Modem
(B) Ancient
(C) Future
(D) Uncivilized
Answer:
(A) Modem

Question 52.
The main character in the play which the author saw was a/an……. corn-merchant.
(A) Elderly
(B) Handicapped
(C) Young
(D) Diabetic
Answer:
(A) Elderly

Question 53.
The author admits that quick travel does not give the traveller the real…………..of travel.
(A) Pains
(B) Pleasure
(C) Dreams
(D) Knowledge
Answer:
(B) Pleasure

Question 54.
Slow thinkers have a disadvantage when it comes to earning a …………
(A) car
(B) factory
(C) living
(D) holiday
Answer:
(C) living

Question 55.
Who did like fast travelling ?
(A) The Com-merchant
(B) The wife of Com-merchant
(C) The Author
(D) None of these
Answer:
(C) The Author

Question 56.
Which word in the passage stands for worship ?
(A) Adore
(B) Esprit
(C) Escapiert
(D) Dispair
Answer:
(A) Adore

Question 57.
Which tribe did the author belong ?
(A) Fast thinkers
(B) Slow thinkers
(C) Steady thinkers
(D) None of these
Answer:
(B) Slow thinkers

Bihar Board Class 10 English Book Solutions Chapter 7 The Unity of Indian Culture

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Very Short Answer Type Questions

B.1.1. Write ‘T’ for true and ‘F’ for false statements

1. The vitality of Indian, culture is not amazing.
2. The ancient world threw up fine flowers of civilization in many lauds.
3. The old civilization and culture have grown up and changed only in Japan.
4. The Aryans were regarded as the earliest invaders of the land.
5. Give the opposite of the following words
6. (i) modem (ii) conquer (iii) unity (iv) possible (v) dead.
Answers:
1. T 2. F 3. T, 4. F 5. T
6. (i) Modem
(ii) Conquer
(iii) Unity
(iv) Possible
(v) Dead

B. 1.2. Answer the following questions briefly

The Unity Of Indian Culture Question Answer Bihar Board Question 1.
Who has delivered the speech “The Unity of Indian culture”?
Answer:
Humayun Kabir has delivered the Speech. “The Unit of Indian Cutlture”.

The Unity Of Indian Culture Bihar Board Question 2.
How were the Aryan regarded till recently?
Answer:
Till recently the Aryans were regarded as the earliest i aders of the land (India).

Unity Of Indian Culture Bihar Board Question 3.
How did the pre-Aryans build up a new civilization?
Answer:
The pre-Aryans had built up a new civilization which has asbtonished modem scholars by I am extent and depth.

Bihar Board Class 10 English Book Solution Question 4.
What according to author is the most remarkable feature of Indian culture?
Answer:
The most remarkable feature of Indian culture, according to the author is the underlying unity of spirit, informing Indian culture throughout the ages.

Class 10 English Book Bihar Board  Question. 5.
Where have old civilization and culture grown and changed?
Answer:
The old civilization and culture have grown and changed in India and to some extent in China.

B. 2.1. Answer the following questions briefly

The Unity Of India Bihar Board Class 10 English Question 1.
What has been the policy of the Indians in all spheres of life?
Answer:
The policy of the Indians in all spheres of life has been, “Live and let live”.

Bihar Board English Book Class 10 Pdf Download Question. 2.
What is preferable to fanatic devotion?
Answer:
Toleration is preferable to the fanatic devotion which leads to the denial and persecution of all other values but its own.

Bihar Board Class 10 English Book Solution Pdf Download Question. 3.
Which spirit underlines the changes of Indian history?
Answer:
The spirit of underlying unity, which informs the diverse expressions ‘ of its life, underlines the changes of Indian history.

Bihar Board 10th Class English Book Pdf Question 4.
How does Humayun Kabir detine culture?
Answer:
According tp Humayun Kabir, culture is a concept which cannot be simply or unitarily defined. It is always a complex of many strands of varying importance and vitality.

Bihar Board English Book Class 10 Question 5.
How does Humayun Kabir define civilization?
Answer:
Humayun Kabir defines civilization as the organisation of society which creates the condition of culture.

Question 6.
What does the experience of European countries give us?
Answer:
The experience of Europeon countries gives us cases of civilization without culture.

C. 1. Long Answer Questions 

Question. 1.
What in your opinion are the characteristics features of Indian culture?
Answer:
We find a remarkable unity of spirit mentioning Indian culture throughout the ages. Though there is derivation from many sources, following as a result, variety of forms and types. In my opinion, really the most remarkable features of Indian culture is this underlying unity. No any other civilization in comparison to Indian s civilisation has the vast area and long period. China may be an exception to some extent. The area of the land, the number of the people, the variety of the races and the length of the India’s history are rarely repeated elsewhere. Amidst many changes and variation, it has kept itself alive to the modem day due to its vitality. The sense of Indianness, imposing unity on all variety and stitching together different threads, colour and quality woven into one fabric of national life.

The old civilization and culture have grown and changed in India and to some extent in china. No other country retained the old civilization and are all dead and gone. The reason is that it has neve’ rown or changed at the
expense of an underlying unity. It has been done only through the capacity of readjustment shown by the indian society. So, in my opinion the characteristic features of Indian culture is remarkable unity of spirit with a message of Indian culture throughout the ages. The spirit of tolerance has also characterised Indian history. “Live and let live” has been the policy of the Indian in all spheres of life.

Question 2.
How is Indian culture different from the cultures of other countries?
Answer:
The unity and continuity of Indian culture is highly admirable. We find many examples of civilisation without culture in European countries. There is also a great difference in quality between the masses and the classes in those countries. It has shaken the faith of even all those democrats who show warmth of feeling on it. But in India such differences and evils are not found.

Unity is almost the characteristic of all culture. But the continuity is not found in all these countries, except in India. As such what specially distinguishes the culture of India is its unbrorken continuity. There have been a firmly fixed growth, developments and extension of culture which has gradually spread throughout in every class and section of the society.

Question 3.
Explain clearly the difference between culture and civilization.
Answer:
Culture is a result of combination of such organisation which forms civil societies. It (culture) expresses itself through language and art, philosophy and religion, social habits and customs and also through political institutions and economic organisations. All of them collectively constitute the expression of life which is desciibed as culture. Culture is also efflorescence of civilisation. On the other hand civilization is the organisation of society which creates the condition of culture. Therefore, we cannot think of culture without civilization. Thus culture and civilization are closely inter-related. Therefore the difference between both of them is quite evident such as
(i) Civilization is the organization of society. Which creates the conditions of culture.
(ii) There is not at all the seperate identity of culture.
(iii) There may be civilization in the places which have not yet developed their culture.
(iv) Culture is the bright radiant light (efflorescence) of civilization.

Question 4.
What is the capacity of readjustment exhibited in the Indian Society? Is it the stength or the weakness of Indian Sc-oty?
Answer:
The Indian society has always shown the capacity of readjustment. Such form of adjustment is done through our principle of “Live and let live”, which is found in the spirit of toleration. It has characterised Indian history throughout the ages and has been the policy of the Indians in all spheres of life. The rays of civilization fell and shone (sranftltr ?[f) I on many countries. But they are all dead and gone. But in India he old civilization and culture have grown and changed.

They have never grown or changed at the expense of underlying unity. The capacity of readjustment exhibited in the Indian Society is sometimes followed to such an extent that it creates an unfaourable condition. As such it appears that the capacity of readjustment exhibited is not the weakness of Indian society. It is the noble qualities which it preserves. In this sense it is rather the strength of our Indian society, as “Live and let live” has been the policy of the Indians in all spheres of life.

Question 5.
Discuss the main ideas contained in the text
Answer:
The main idea in the text is the unbroken unity and continuity of Indian culture. It is also significant that India was invaded by a hundred of tribes and races. The pre-Aryan invaders had displaced those people who were living there. The Aryan invasion repeated the process. Such attacks by wandering tribes continued for a longer time. The Greek, Saka and Hun invalders appeared on the scene as victor but were shortly being swallowed and mixed up in the Indian culture. It so happened due to our remarkable unity informing Indian culture throughout the ages. In volume and duration no civilisation can bear comparison with the civilization of India. The vitality of Indian culture is also admirable. It is also dueto our unity on all diversity, weaving together different threads into one fabric of national life.

The old civilization and culture had grown in many countries, but they . are all dead and gone. But Indian civilization arid culture have grown, flourished and remained intact, but never at the expense of an underlying unity. This has been the result of the capacity of readjustment exhibited by the indian society. The spirit of toleration has characterised Indian history throughout the ages. “Live and let live” has been the policy of the Indian in all spheres of life. We even do not care for our sufferings for other’s welfare. It is a fact that true and vital culture preserves unity and universality. Culture is a concept which cannot be simply or unitarily defined.

Civilization is the organisation of society which creates the condition of culture. Therefore except India not any civilised nation and races be regarded as cultured. In Europeon countries there is difference in quality between the masses and the classes, which is not found in India. The unbroken unity and continuity of Indian culture is admirable. Here there have been no violent or sudden breaks. The steady growth and extension of culture has flourished so far, which has gradually spread in every class and section of the society. Thus undoubtedly Indian culture is unparallel and great. Any other civilization is much inferior in all respect

C. 2. Group Discussion

Discuss the following in groups or pairs
1. Is the capaatty of readjustment on wane in contemporary society?
Answer:
No, basically, Indian culture is Hindu, with certain modifications have necessitated. Modernity ceexis its with orthodoxy, as does progressive thought with conservation and even reactionary treads. The broad features of the Hindu culture is not fixed or static but is constantly adapting itself to changed conditions, thus responding favourably to new challenges; tolerance of conflicting beliefs, liberalism and broadmindedness; emphasis on ethicat conduct and spiritualism, control of passion and temper; justice and truth, and disdain of wealth and the pleasures of the sense. So it was not due to on wane in contemporary society.

2. Live and let others live.
Answer:
Live and let others live bear a long meaning. Live means try to live happily and cheerfully. For this, you have to go on toiling and moiling in life. ‘Let others live’, give others, chance to live a happy life. Others must enjoy themselves in your pleasures. They should be given timely help. Every man has a right to decide how he is to live. Each community has its own – modes and manners of living which are quite different from those of other community. There would be violence and bloodshed unless each tolerates the other. Thus if you want to live peacefully allow others to live peacefully.

D. Word Study

D.1. Correct the spelling of the following words
infuson,  atitude,  fervant,  ecception,  consept, voilent, lenght. teksture,  socity
Answer:
Infusion, attitude, fervent, exception, concept, violent, length, texture, society.

D.2. Make ten words using the suffix ‘ion’
Hints: Mark the following words taken from the lesson:
tolerate — toleration
civilise — civilisation
infuse — infusion
organise — organisation.
Answer:
Action commutation  commission fixation hesitation impulsion injunction injection insertion notion

D.3. Find outfrom the lesshn words the neanings of which have been given on the left hand side. The last part of each word is given on the right hand side:
1. uncivilised…. rian
2. large kettle………….dron
3. structure……..trure
4. twisted threads making a fabric………………ands
3. blossoming of flowers………….. enees
6: tribes that keep moving from one place to another…..rdes.
Answer:
1.banmbadan 2. cauldron 3. texture 4. strands 5. efflorescence 6. hordes.

Ex. 2. Fill in the blanks with the words given below:
followed  amazingcivilisation remarkable efflorescence blend
1. The pre-Aryans built up a new……
2. The Greek invaders were………
3. We find a……………unity of spirit in Indian culture.
4. The vitality of Indian culture is equally……………………
5. Indian social custom is a……………..of many different strains and elements.
6. Culture is the….of civilisation.
Answer:
1. Civilisation
2. followed
3. remarkable
4. amazing
5. blend
6. effloresence

D. 4. Phrases

Read the lesson carefully and find out the sentences in which the following phrases have been used:
a blend of       on the other hand         in fact      at times       in spite of    on the contrary
Answer:
A blend of: — Whatever is Indian, whether it be an idea, a word, a form of art, a political institution or a social custom, is a blend of many different strains arid On the other.hand:—In India on the other hand, even the casual tourist has observed
In fact: — In fact, it is this underlying unity which is one of the most remarkable features of Indian culture.
At times: — There the difference in quality between the masses and the classes is, at times so great that it has shakan the faith of the most fervent of democrats.
In spite of:— In spite of this derivation from many sources and the consequent variety of forms and types
On the contrary:— On the contrary a steady growth and extension of culture which has gradually permeated every class and section of society

E. Grammar

Active and Passive Voice
Ex. 1. Read the following sentences taken from the lesson carefully
1. The Aryans were regarded as the earliest invaders.
2. The length of India’s history are hardly repeated elsewhere.
You see in these passive sentences, that the agent is not mentioned because the agent is either unknown or is too obvious. It is not a necessary piece of information.

Note: The agent (the preposition ’by’ and its subject) is to be mentioned when the meaning of the sentence would otherwise not be clear; complete or understandable.

Not look at the following sentences:
1. In Patna the traffic is controlled by the police.
2. English is taught in our school by Mr. Sinha.
(In these sentences the agent is mentioned to supply necessary information)

Ex.1.1. Now change the following sentences into passive voice :
1. People loved Gandhiji.
2. Police caught the thief red-handed.
3. thieves took away all the money.
4. Some one stole my watch.
5. People think that the earth is round
Answer.
1. Gandhiji was loved.
2. The thief was caught red handed by the police.
3. All the money was taken away by thieves.
4. My watch was stolen.
5. It is thought that the earth is round.

Sentences with two objects:

Ex.2. Read the following sentences carefully:
1. I gave the boy a pen.
2. Tom gave me the money.

Note : When sentences with two objects in Active Voice are changed into their passive equivalents, either object may become the subject of the verb in the passive sentences. However, the direct object is usually prefered as the subject of the passive sentence.

So the passive form of above two sentences will be as:

1. The boy was given a pen by me.
2. I was given the money by Tom.
The construction can be presented as follows:
Bihar Board Class 10 English Book Solutions Chapter 7 The Unity of Indian Culture

Note: NP = Noun Phrase

Ex.2.1. Now change these sentences in Active voice into Passive voice
1. She teaches me English.
2. He gave me a book
3. Mohan asked me several questions.
4. They offered me a good job.
5. I taught him Sanskrit.
Answer:
1. I am taught English by her.
2. I was given a book by him.
3. I was asked several question by Mohan.
4. I was offered a good job by them.
5. Sanskrit was taught him by me.

Ex. 3. Look at the sentences given below and then do the exercise that follows:
(i) I m to do it. (Active)
It is to be done by me. (Passive)

H. Picture Composition

Work in pairs or in small groups:
Picture of the ruins of Nalanda University.
1. Look at the picture and write at least ten sentences about it
Answer:
Nalanda university was renowned ancient university. Nalanda was the symbol of the most glorious period of our history. Nalanda university was bom with the help of liberal public charity and donationc. The remains of Nalanda university discovered by archaeological excavations fully bear out the truth of these descriptions. Nalanda university had at that timesix large Viharas. The high spires of the Viharas in a row, seemed to be sky high, and around them were tanks of clear water, in which floated red and yellow lotuses, inters persed by the cool shade of the mango groves.
(ii) Sonu has to give me money. (Active)
I have to given money by sonu (Passive)
(iii) He was to help the poor. (Active)
The poor were to be helped by him. (Passive)
(iv) Ravi had to feed meal. (Active)
I had to be fed by Ravi (Passive)

Ex.3.1. Change into Passiver
(i) My teacher has to teach me.
(ii) Robin had to buy a car.
(iii) Vinayak was to close the door.
(iv) My father is to plant the tree.
(v) Reopple have to save the forest.
(vi) We have to help the blind.
(vii) Kamal Kishor is to sing a song.
Answer:
(i) I have to be tanght by my teacher.
(ii) A car had to be bought by Robin.
(iii) The door was to be closed by Vinayak.
(iv) The tree is to be planted by my father.
(v) The forest has to be saved by Reopple.
(vi) The blind have to be helped by us.
(vii) A song is to be sung by Kamal Kishor.

Ex. 4. Now study the sentences given below and then do the exercise. that follows:
(i) Who did it? (Active)
By whom was it done? (Passive)
(ii) When dc you take milk? (Passive)
When is milk taken by you? (Passive)
(iii) Do you sing a song? (Active).
A song is sung by you? (Passive)
(iv) Help me (Active)
Let me be helped or I should be helped (Passive)
(v) Give me your book. Please. (Active)
You are requested to give me your book (Passive)

Ex. 4.1. Change into Passive:
(i) Who helps the blind?
(ii) Is he writing a story?
(iii) Why do you want to do it?
(iv) Did Rekha buy a car?
(v) Close the door.
(vi) Solve the problem. Please.
(vii) Post the letter.
Answer:
(i) By whom is the bird helped?
(ii) Is a story being written by him?
(iii) Why does it want to be done by you?
(iv) Was a car bought by Rekha?
(v) The door should be closed.
(vi) You are requested to solve the problem.
(vii) Let the letter be posted. .

F. Activities

1. Collect a few folk songs which the people of your community sing on different festive occasions.
‘ Do it your self. ‘
2. Write a short report on the preservation of the cultural heritage of your state. ‘

REPORT

From
A. K. Singh
‘Kadamkuan’
Patna

To
Minister of Tourism Govt, of Bihar Patna.
3rd March, 2012
Preservation of the Cultural heritage of our state

Sir
There are many ancient building or cultural heritages in our state some of them are in ruinled condition. It should be preserved at any cost.

A.K Singh
Class – X

G. Translation

Translate the following passage from the lesson into Hindi or your mother tongue:

Culture is the efflorescence of civilisation. Civilisation is the organisation of society which creates the condition of culture. There can, therefore, be no culture without civilisation, but there may be civilisation which have not yet developed their culture. Perhaps what is more often the case is that there are civilised people among whom only a small section have achieved culture. We have, therefore, had and still have races and nations that are civilised; but, except for India, we have not yet had any nation or race that could be regarded as cultured in all its sections and classes, for here in India, culture is almost as extensive as civilisation.

संस्कृति सभ्यता का फूल है। सभ्यता समाज का मंगठन है जो संस्कृति की शर्ता का निर्माण करता है। ऐसा हो सकता है, इसलिए सभ्यता के बिना संस्कृति नहीं। लेकिन सभ्यता हो सकती है, जो अबतक अपनी संस्कृति का विकास नहीं कर पायी है। संभवत: और बहुधा ऐसा है कि सभ्य लोगों के बीच कुछ ही लोग संस्कृति को प्राप्त कर सके हैं। इसलिए, पहले भी और अभी भी ऐसी जातियाँ और गष्ट्र हैं जो सभ्य हैं, लेकिन भारत को छोड़कर, अब तक दूसरा देश नहीं मिल पाया है जा सभी क्षेत्रों और वर्गों में सुसंस्कृत हो । भारत में संस्कृति सभ्यता की तरह विस्तृत है।

Comprehension Based Questions With Answers

Read thefollowing extracts carefully and answer the questions thatfollow each

1. Till recently, the Aryans were regarded as the earliest invaders of the land. It was thought that they came to a country which was incivilised and barbarian, but modem research has proved that there were invaders even before the Aryans poured into this land. They had evolved a civilisation higher than that of the Aryan hordes who came in their wake. These Pre Aryans had displaced still earlier people and built up new civilisation which has astdnished modem scholars by its extent and depth.

The Aryan invasion repeated the process and led to fresh infusion of the old with the new. This continued with the successive inroads of fighting races who came to conquer but remained to lose themselves in the Indian racial cauldron. Hie Greek invaders were followed by Sakas and Huns and a hundred other nameless tribes. They all appeared on the scene as victors but were soon absorbed in the ranks of the vanquished.
Questions:
(i) From which piece has this extract been taken?
(ii) How were the Aryans regarded till recently?
(iii) What has modem research proved?
(iv) How did the pre-Aryans build up a new civilization?
(v) What does the word ‘invaders’ mean?
Answers:
(i) This extract has been taken from the piece ‘The Unity of Indian Culture’
(ii) Till recently, the Aryans were regarded as the earliest invaders of India.
(iii) Modem research has proved that there were invaders even before the Aryans came to India.
(iv) The pre-Aryans displaced earlier people and built up a new civilization which Was remarkable for its extent and depth.
(v) The word ‘invaders’ means ‘people who attack or. enter a country in order to occupy it’.

2. Today, whatever is Indian, whether it be an idea, a word, a form of art,
a political institution or a social custom, is a blend of many different strains and elements, In spite of this derivation from many sources and the consequent vari¬ety of forms and types we find a remarkable unity of spirit informing Indian culture throughout the ages. In fact, it is this underlying unity which is one of the most remarkable features of Indian culture. In volume and duration no civilisation i with the possible exception of the Chinese) can bear comparison with the civilisation of India.
Questions:
(i) From which piece has this extract been taken?
(ii) What is a blend of many elements?
(iii) What, according to the author, is one of the most remarkable features of Indian culture?
(iv) What does he say about the volume and duration of the civilization of India?
(v) Which word in the passage means following something as a result’?
Answers:
(i) This extract has been taken from the piece ‘The Unity of Indian ‘ Culture’.
(ii) Whatever is Indian, whether it be an idea, a form of art, a political institution or a social custom, is a blend of many elements.
(iii) According to the author, the underlyng unity of spirit is one of the most remarkable features of Indian culture.
(iv) He says that in volume and duration, no civilization (except that of China) can bear comparison with the civilization of India.

3. The ancient world threw up fine flowers of civilisation in many lands. With the exception of India and China, they are all dead and gone. It is only in India and to some extent in China that the old civilisation and culture have grown and changed but never grown or changed at the expense of an underlying unity. This has been possible only through the capacity of readjustment exhibited by the Indian society.

One ground of this adjustment is found in the spirit of toleration that has characterised Indian history throughout the ages “Live and let live” has been the policy of the Indians in all spheres of life. Sometimes this has been carried so far that contrary, if not contradictory, attitudes have been allowed to survive simultaneously. Toleration had led to the sufference, of civil and even indifference to the values of life.

This however, is at worst the defect of a virtue. Such toleration is perhaps preferable to the fanatic devotion which leads to the denial and persecution of all other values but its own. Throughout the changes of Indian history we therefore find a spirit of underlying unity which informs the diverse expressions of its life, but the unity was never a dead uniformity, a living unity never is.
Questions:
(i) Who is the author of this extract?
(ii) What happened to ancient civilizations?
(iii) Where have the old civilization and culture grown and changed?
(iv) What has the Indian society exhibited during the growth of Indian civilization and culture?
(v) Make nouns from the following words.
(i) possible (ii) dead.
Answers:
(i) Humayun Kabir is the author of this extract.
(ii) Ancient civilizations except those of India and China are all dead and gone.
(iii) It is only in India and to some extent in China that the old civilization and culture have grown and changed.
(iv) The Indian society has exhibited the capacity of readjustment during the growth of Indian civilization and cukure.
(v) (i) possibility (ii) death.

4. Unity and universality must belong to any culture that is true and vital. Now culture is a concept which cannot be simply or unitarily defined. There is no single character or mark which can be regarded as the essence or distinctive feature of culture. It is always a complex of many strands of varying importance and vitality. If we attempt to differentiate between culture and civilisation of life which makes civil society possible, culture, on the other hand, is the resultant of such organisation and expresses itself through language and art, through philosophy and religion, through social habits and customs and through political institutions and economic organisations. No one of them is separately culture, but collectively they constitute the expression of life which we describe as culture.
Questions:
(i) What are necessary for any culture?
(ii) What does ‘culture ’ mean?
(iii) Are pilosophy and religion regarded as culture?
(iv) Find out a word from the passuge which means “traditions”?
Answers:
(i) Unity and universality are necessary for any culture, they are true and vital.
(ii) Culture is the resultant of organisation expresses it through language and art, pholosophy and religion, social habits and customs and through political institutions and economic organisations.
(iii) No, only philosophy and religion are not separately regarded as culture.
(iv) “customs”

5. Culture is the efflorescence of civilsation. Civilisation is the organisation of society which creates the condition of culture. There can, there for q be no culture without civilisation, but there may be civilisation which have not yet developed their culture. Perhaps what is more often the case is that there are civilised people among whom only a small section have achieved culture. We have, therefore, had and still have races and nations that are y civilised; but, except for India, we have not yet had any nation or race that could be regarded as cultured in all its sections and classes, for here in India, culture is almost as extensive as civilisation.
Questions:
(i) Define culture in one sentence.
(ii) Is there possibility of culture without civilisation?
(iii) What does the author say about Indian culture?
(iv) Find the word from the passage which means:’gained’.
Answers:
(i) Culture is the efflorescence of civilisation.
(ii) No, culture without civilisation.
(iii) In India, culture is almost as exenstve as civilisation itself.
(iv) The word is : achieved.

6. The experience of European countries gives us cases of civilisation without culture. In India, on the other hand, even the casual tourist has ob-served that the difference between the masses and classes is not one of quality and can be explained in terms of information and opportunity. It is often otherwise in Europe. There the difference in quality between the masses and the classes is at times so great that it has shaken the faith of the most fervent of democrats.

The remarkable phenomenon can be explained only in terms of the unity and continuity of Indian culture. Unity is in one sense, the common characteristic of all culture. What specially distinguishes the culture of India is its unbroken continuity. Here, there have been no violent or sudden breaks, but on the contrary, a steady growth and extension of culture which has gradually permeated every class and section of society.
Questions:
(i) Name the piece from which this exract has been taken.
(ii) What does the experience of European countries given us?
(iii) What has even the casual tourist observed in India?
(iv) What are the distinguishing features of the culture of India?
(v) Give the opposites of the following words
(i) broken (ii) unity.
Answers:
(i) This extract has been taken from the piece ‘The Unity of Indian Culture’.
(ii) The experience of European countries gives us cases of
civilization without culture.
(iii) In India, even the casual tourist has observed that the difference between the masses and classes is not one of quality and can be explained in terms of information and opportunity.
(iv) The distinguishing features of the culture of India are unity and continuity.
(v) (i) unbroken (ii) disunity

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Bihar Board Class 10 Hindi Solutions गद्य Chapter 9 आविन्यों

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solutions Godhuli Bhag 2 गद्य खण्ड Chapter 9 आविन्यों Text Book Questions and Answers, Summary, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Hindi Solutions गद्य Chapter 9 आविन्यों

Bihar Board Class 10 Hindi आविन्यों Text Book Questions and Answers

बोध और अभ्यास

पाठ के साथ

Class 10 Hindi Chapter 1 Bihar Board प्रश्न 1.
आविन्यों क्या है और वह कहाँ अवस्थित है?
उत्तर-
आविन्यों एक स्थान का नाम है। दक्षिण फ्रांस में रोन नदी के किनारे बसा एक पुराना शहर है। ।

Abhinav Manushya Poem Summary In Hindi Bihar Board Class 10 प्रश्न 2.
बरस आविन्यों में कब और कैसा समारोह हुआ करता है ?
उत्तर-
गर्मियों में फ्रांस और यूरोप का एक अत्यन्त प्रसिद्ध और लोकप्रिय रंग-समारोह हर बरस होता है।

Abhinav Manushya Question Answer Bihar Board Class 10 प्रश्न 3.
लेखक आविन्यों किस सिलसिले में गए थे ? वहाँ उन्होंने क्या देखा-सुना?
उत्तर-
पीटर ब्रुके का विवादास्पद ‘महाभारत’ पहले पहल प्रस्तुत किया जाने वाला था। उसी के निमन्त्रण पर लेखक आविन्यों गये थे। वहाँ उन्होंने देखा कि समारोह के दौरान वहाँ के अनेक चर्च और पुराने स्थान रंगस्थलियों में बदल जाते हैं।

Abhinav Manushya Bihar Board Class 10 प्रश्न 4.
ला शबूज क्या है और वह कहाँ अवस्थित है ? आजकल उसका क्या उपयोग होता है?
उत्तर-
दरअसल फ्रेंच शासकों ने पोप की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किला बनवाया था। यह आविन्यों में है। उसमें एक कलाकेन्द्र की स्थापना की गई है। यह केन्द्र इन दिनों रंगमंच और लेखन से जुड़ा हुआ है।

Bihar Board 10th Class Result  प्रश्न 5.
ला शत्रूज का अंतरंग विवरण अपने शब्दों में प्रस्तुत करते हुए यह स्पष्ट कीजिए कि लेखक ने उसके स्थापत्य को ‘मौन का स्थापत्य’ क्यों कहा है ?
उत्तर-
ला शत्रूज फ्रेंच शासकों द्वारा निर्मित किला में काथूसियन सम्प्रदाय का एक ईसाई मठ है। उसके भीतरी भाग में ईसाई सन्तों के चैम्बर्स बने हुए हैं। दो-दो कमरों के चैम्बर सुसज्जित हैं। चौदहवीं सदी के फर्नीचर लगे हैं। चैम्बरों के मुख्य द्वार कब्रगाह के चारों ओर बने गलियारों में खुलते हैं। कार्थसियन सम्प्रदाय मौन में विश्वास करता है। उसके द्वारा ला शत्रूज में सारा स्थापत्य मौन का ही स्थापत्य है। अतः लेखक ने इसे ‘मौन का स्थापत्य’ की संज्ञा दी है।

प्रश्न 6.
लेखक आविन्यों क्या साथ लेकर गए थे और वहाँ कितने दिनों तक रहे ? लेखक की उपलब्धि क्या रही?
उत्तर-
लेखक आविन्यों अपने साथ हिन्दी का टाइपराइटर, तीन चार पुस्तकें और कुछ संगीत के टेप्स लेकर गए थे और वहाँ वे उन्नीस दिन 24 अक्टूबर से 10 नवम्बर, 1994 की दोपहर तक रहे। कुल उन्नीस दिनों में वहाँ रहकर उन्होंने पैंतीस कविताएँ और सत्ताईस गद्य की रचना की।

प्रश्न 7.
‘प्रतीक्षा करते हैं पत्थर’ शीर्षक कविता में कवि क्यों और कैसे पत्थर का मानवीकरण करता है ?
उत्तर-
कवि महोदय का एकान्त वास मौन में विश्वास रखने वाले सम्प्रदाय के स्थान में था। उनके ऊपर भी मौन साधना का प्रभाव हुआ। वे एकाएक मौन रूप से प्रतीक्षा कर रहे पत्थर को ही मानवीकरण कर डाला।

प्रश्न 8.
आविन्यों के प्रति लेखक कैसे अपना सम्मान प्रदर्शित करते हैं ?
उत्तर-
वे सुन्दर, निविड़, सघन, सुनसान दिन और रातें थीं, भय, पवित्रता और आसक्ति से भरी हुई। यह पुस्तक उन सबकी स्मृति का दस्तावेज है। आविन्यों को उसी के मठ में रहकर लिखी गई, कवि प्रजति भी। जो पाया उसके लिए गहरी कृतज्ञता मन में है।

प्रश्न 9.
मनुष्य जीवन से पत्थर की क्या समानता और विषमता है ?
उत्तर-
मानवीय जीवन में सुख और दुःख के समय व्यतीत होते हैं। जीवन परिवर्तनशील पथ पर अग्रसर होता है। मानव उतार-चढ़ाव देखता है। पत्थर भी मानव की तरह परिवर्तनशील समय का सामना करता है। पत्थर भी शीत और ताप दोनों का सान्निध्य पाता है। मानव अपनी प्राचीन गाथा को गाता है। पत्थर भी प्राचीनता को अपने में सहेजे रखता है। मानव अपनी भावनाओं को प्रकट करता है। अपने अनुभव को व्यक्त करता है। परन्तु पत्थर मूक रहता है। हर स्थिति से गुजरते हुए अभिव्यक्त नहीं करता है। मनुष्य की कविता में शब्द होते हैं लेकिन पत्थर निःशब्द कविता रचता है। मनुष्य झुककर नमन करता है लेकिन पत्थर बिना माथा झुकाए प्रार्थना करता है। इस प्रकार मनुष्य जीवन से पत्थरों की समानता और विषमता दोनों है।

प्रश्न 10.
इस कविता से आप क्या सीखते हैं।
उत्तर-
इस कविता से हमलोग सीखते हैं कि अपने लक्ष्य के प्रति मौन रहकर कर्म करना। अनेक प्रकार के झंझावातों को सहन करते हुए लक्ष्य को प्राप्त करना।

प्रश्न 11.
नदी के तट पर बैठे हुए लेखक को क्या अनुभव होता है ?
उत्तर-
नदी के तट पर बैठे हुए लेखक को लगता है कि जल स्थिर है और तट ही बह रहा है। उन्हें अनुभव हो रहा है कि वे नदी के साथ बह रहे हैं। नदी के पास रहने से लगता है कि स्वयं नदी हो गये हैं। स्वयं में नदी की झलक देखते हैं।

प्रश्न 12.
नदी तट पर लेखक को किसकी याद आती है और क्यों ?
उत्तर-
नदी तट पर लेखक को विनोद कुमार शुक्ल की एक कविता याद आती है। क्योंकि लेखक नदी तट पर बैठकर अनुभव करते हैं कि वे स्वयं नदी हो गये हैं। इसी बात की पुष्टि करते हुए शुक्ल जी ने “नदी-चेहरा लोगों” से मिलने जाने की बात कहते हैं। उनकी रचना लेखक को प्रासंगिक लगी। अतः लेखक को शुक्ल की कविता याद आती है।

प्रश्न 13.
नदी और कविता में लेखक क्या समानता पाता है ?
उत्तर-
जिस प्रकार नदी सदियों से हमारे साथ रही है उसी प्रकार कविता भी मानव की जीवन-संगिनी रही है। नदी में विभिन्न जगहों से जल आकर मिलते हैं और वह प्रवाहित होकर सागर में समाहित होते रहते हैं। हर दिन सागर में समाहित होने के बावजूद उसमें जल का टोटा नहीं पड़ता। कविता में भी विभिन्न विडम्बनाएँ, शब्द भंगिमाओं, जीवन छवियाँ और प्रतीतियाँ आकर मिलती हैं और तदाकार होती रहती हैं। जैसे नदी जल-रिक्त नहीं होती, वैसे ही कविता शब्द-रिक्त नहीं होती। इस प्रकार नदी और कविता में लेखक अनेक समानता पाता है।

प्रश्न 14.
किसके पास तटस्थ रह पाना संभव नहीं हो पाता और क्यों?
उत्तर-
नदी और कविता के पास रहकर तटस्थ रह पाना संभव नहीं है। नदी किसी को अनदेखा नहीं करती वह सबको भिगोती है, अपने साथ करती है। कविता में भी न जाने कहाँ से कैसी-कैसी बिम्बमालाएँ शब्द भंगिमाएँ, जीवन छवियाँ और प्रतीतियाँ आकर मिलती और तदाकार होती रहती हैं। हम इसकी अभिभूति से बच नहीं सकते।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
निम्नांकित के लिंग-निर्णय करते हुए वाक्य बनाएं उत्तर-आवास आवास पुराना है।
उत्तर-
बन्दिश = बन्दिश याद है।
इमारत = इमारत पुरानी है।
रंगकर्मी = रंगकर्मी आते हैं।
अवधि = अवधि लंबी है।
नहानघर = नहानघर आधुनिक है।
ऑगन = ऑगन बड़ा है।
आसक्ति = आसक्ति बढ़ गई है।
प्रणति = प्रणति किया जाता है।

प्रश्न 2.
निम्नांकित के समास-विग्रह करते हुए भेद बताएँ
उत्तर-
यथासंभव = संभव भर (अव्ययीभाव)
पहले-पहल = पहला-पहला (अव्ययीभाव)
लोकप्रिय = लोगों में प्रिय (सप्तमी तत्पुरूष)
रंगकर्मी = नाटक करने वाला (कर्मधारय)
पचासेक = पचास का समूह (द्विगु)
कवियित्री = कविता करने वाली (कर्मधारय)
कविप्रणति = कवि का प्रणम (षष्ठी तत्पुरूष)
प्रतीक्षारत = प्रतीक्षा में रत (सतत्पुरूष)
अपलक = न पलक (नब्)
तदाकार = वस्तु के आकार (षष्ठी तत्पुरूष)

प्रश्न 3.
पाठ से अहिन्दी स्रोत के शब्द एकत्र कीजिए।
उत्तर-
आविन्यों, रोन, पीटर बुक, आर्कबिशप, वीलननव्व, कार्यसियन, ला शत्रूज, चैम्बर्स, डिपार्टमेंटल स्टोर, रेस्तराँ, ल मादामोजेल द आविन्यों, आन्द्रे ब्रेता, रेने शॉ, पालएलुआर, आदि।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के वचन बदलें।
उत्तर-
रंगकर्मी = रंगकर्मियों
कविताएँ = कविता
उसकी = उसके
सामग्री = सामग्रियों
अनेक = एक
सुविधा = सुविधाएँ
अवधि = अवाधियों
पीड़ा = पीड़ाएँ
पत्तियाँ = पत्ती
यह = यें

गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण-संबंधी प्रश्नोत्तर

1. लगभग दस-बरस पहले पहली बार आविन्यों गया था। दक्षिण फ्रांस में रोन नदी के किनारे बसा एक पुराना शहर है जहाँ कभी कुछ समय के लिए पोप की राजधानी थी और अब गर्मियों में फ्रांस और यूरोप का एक अत्यन्त प्रसिद्ध और लोकप्रिय रंग-समारोह हर बरस होता है। उस बरस वहाँ भारत केन्द्र में था। पीटर ब्रुक का विवादास्पद ‘महाभारत’ पहले पहल प्रस्तुत किया जानेवाला था और उन्होंने मुझे निमंत्रण भेजा था। पत्थरों की एक खदान में, आविन्यों से कुछ मिलीमीटर दूर, वह भव्य प्रस्तुति हुई थी; सच्चे अर्थों में महाकाव्यात्मक। कुछ दिनों और ठहरा रहा था-कुमार गन्धर्व आए थे और उन्होंने एक आर्कबिशप के पुराने आवास के बड़े से आँगन में गया था। एक बन्दिश भी याद है : द्रुमद्रुम लता-लता। इस समारोह के दौरान वहाँ के अनेक चर्च और पुराने स्थान रंगस्थलियों में बदल जाते हैं।

प्रश्न
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखिए।
(ख) लेखक पहली बार आविन्यों कब गया था?
(ग) आविन्यों क्या है और यह किस देश में है ?
(घ) आविन्यों आने का निमन्त्रण लेखक को किसने भेजा था और वहाँ पहले-पहल किसकी प्रस्तुति थी?
(ङ) लेखक ने किनके आने की बात कही है और वह कहाँ गया था?
(च) लेखक को कौन-सा बन्दिश याद है तथा उनके अनुसार समारोह की क्या विशेषता होती है?
उत्तर-
(क) पाठ का नाम – आविन्यों।
लेखक का नाम – अशोक वाजपेयी।
(ख) लेखक लगभग दस बरस पहले पहली बार आविन्यों गया था।
(ग) आविन्यों रोन नदी के किनारे बसा एक पुराना शहर है। यह दक्षिण फ्रांस में है। ।
(घ) लेखक को आविन्यों आने का निमन्त्रण पीटर ब्रुक ने भेजा था। वहाँ पीटर बुक का विवादास्पद ‘महाभारत’ पहले-पहल प्रस्तुत किया जाने वाला था।
(ङ) लेखक ने, कुमार गंधर्व को आने की बात कही है और उन्होंने एक आर्कबिशप के पुराने आवास के बड़े से आँगन में गया था।
(च) लेखक को एक बन्दिश याद है-“द्रुम द्रुम लता-लता”। इस समारोह के दौरान वहाँ । के अनेक चर्च और पुराने स्थान रंग-स्थलियों में बदल जाते हैं।

2. फ्रेंच सरकार के सौजन्य से ला शत्रूज में रहकर अपना कुछ काम करने का एक न्यौता मुझे पिछली गर्मियों में मिला था। तब नहीं जा पाया था। यों अवधि तो एक महीने की थी पर इतना समय निकालना कठिन था। सो कुछ उन्नीस दिन वहाँ रहा, 24 अक्टूबर से 10 नवम्बर 1994 की दोपहर तक। अपने साथ हिन्दी का टाइपराइटर, तीन-चार पुस्तकें और कुछ संगीत के टेप्स भर ले गया था। सिर्फ अपने में रहने और लिखने के अलावा प्रायः कुछ और करने की कोई विवशता न होने का जीवन में यह पहला ही अवसर था। इतने निपट एकान्त में रहने का भी कोई अनुभव नहीं था। कुलं उन्नीस दिनों में पैंतीस कविताएँ और सत्ताईस गद्य रचनाएँ लिखी गई।

प्रश्न
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखिए।
(ख) लेखक को किसके द्वारा और किसलिए पिछली गर्मियों में निमन्त्रण मिला था।
(ग) लेखक ला शत्रूज में कब से कब तक रहे ?
(घ) लेखक अपने साथ मुख्यतः क्या ले गए थे?
(ङ) लेखक के जीवन में कैसा अवसर पहले-पहल मिला था ?
(च) किस तरह का अनुभव लेखक को नहीं था और उन्होंने उन्नीस दिनों में कितने कविताएँ और गद्य की रचना की।
उत्तर-
(क) पाठ का नाम-आविन्यों।
लेखक का नाम- अशोक वाजपेयी।
(ख) लेखक को फ्रेंच सरकार के सौजन्य से ला शत्रूज़ में रहकर अपना कुछ काम करने का निमन्त्रण पिछली गर्मियों में मिला था।
(ग) लेखक ला शत्रूज में 24 अक्टूबर से 10 नवम्बर, 1994 की दोपहर तक रहे।
(घ) लेखक अपने साथ हिन्दी का टाइपराइटर, तीन-चार पुस्तकें और कुछ संगीत के टेप्स ले गये थे।
(ङ) सिर्फ अपने में रहने और लिखने के अलावा प्रायः कुछ और करने की कोई विवशता न होने का जीवन में यह लेखक के लिए पहला अवसर था।
(च) लेखक को सुनसान एकान्त स्थान में रहने का कोई पूर्व अनुभव नहीं था। उन्होंने कुल उन्नीस दिनों में पैंतीस कविताएँ और सत्ताइस गद्य की रचना की।

3. आविन्यों फ्रांस का एक प्रमुख कलाकेन्द्र रहा है। पिकासो क्री विख्यात कृति का शीर्षक है ‘ल मादामोजेल द आविन्यों’। कभी अति यथार्थवादी कवित्रयी आन्द्रे ब्रेताँ, रेने शॉ और पाल ‘एलुआर ने मिलकर लगभग तीस संयुक्त कविताएँ आविन्यों में साथ रहकर लिखी थीं। ला शत्रूज के निदेशक ने जब इस पुस्तक की सामग्री देखी थी तो उन्हें इतनी अल्पावधि में इतने काम पर अचरज हुआ था। अचरज मुझे भी कम नहीं है। वे सुन्दर, निविड़, सघन, सुनसान दिन और रातें थी: भय, पवित्रता और आसक्ति से भरी हुई। यह पुस्तक उन सबकी स्मृति का दस्तावेज है। आविन्यों को, उसी के एक मठ में रहकर लिखी गई, कविप्रणति भी। हर जगह हम कुछ पाते, बहुत सा गंवाते हैं। ला शत्रूज में जो पाया उसके लिए गहरी कृतज्ञता मन में है और जो गवाया उसकी गहरी पीड़ा भी।

प्रश्न
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखिए।
(ख) लेखक ने कवियत्री की संज्ञा किन्हें दिया है?
(ग) कवित्रयी द्वारा लगभग कितनी कविताओं की रचना आविन्यों में की गई ?
(घ) ला शत्रूज के निदेशक को अचरज क्यों हुआ?
(ङ) लेखक ने आविन्यों में रचित पुस्तक को कैसी स्मृति का दस्तावेज माना है ?
(च) लेखक के द्वारा किसके लिए मन में गहरी कृतज्ञता एवं गहरी पीड़ा होने की बात कही गई है।
उत्तर-
(क) पाठ का नाम-आविन्यों।
लेखक का नाम अशोक वाजपेयी।
(ख) लेखक ने आर्दै ब्रेता, रेने शॉ और पाल एलुआर को कवित्रयी की संज्ञा दी है।
(ग) कवित्रयी के द्वारा लगभग तीस संयुक्त कविताएँ आविन्यों में रहकर लिखी गई थीं।
(घ) बहुत कम समय में पुस्तक हेतु अत्यधिक तैयार सामग्री को देखकर ला शत्रूज के निदेशक को अचरज हुआ।
(ङ) लेखक ने कहा है कि सुन्दर, निविड़; सुनसान और भय, पवित्रता, आसक्ति से भरी हुई दिन एवं रातें थीं। पुस्तक को उन सबकी स्मृति का दस्तावेज माना है।
(च) लेखक ने कहा है कि ला शत्रूज में जो पाया उसके लिए मन में गहरी कृतज्ञता है और जो गवाया उसकी गहरी पीड़ा है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. सही विकल्प चुनें

प्रश्न 1.
‘आविन्यों’ पाठ का लेखक कौन है ?
(क) नलिन विलोचन शर्मा ।
(ख) रामविलास शर्मा
(ग) अशोक वाजपेयी
(घ) यतीन्द्र मिश्र
उत्तर-
(ग) अशोक वाजपेयी

प्रश्न 2.
‘आविन्यों’ पाठ गद्य की कौन-सी विधा है ?
(क) कहानी
(ख) यात्रा-वृत्तांत
(ग) उपन्यास
(घ) रेखा चित्र।
उत्तर-
(ख) यात्रा-वृत्तांत

प्रश्न 3.
‘आविन्यों’ किस नदी के किनारे बसा है ?
(क) गंगा
(ख) नील
(ग) दोन
(घ) रोन
उत्तर-
(घ) रोन

प्रश्न 4.
‘ला शत्रूज’ क्या है ?
(क) नगर
(ख) गाँव
(ग) ईसाई मठ
(घ) महाविद्यालय
उत्तर-
(ग) ईसाई मठ

प्रश्न 5.
पिकासो क्या थे?
(क) कवि
(ख) चित्रकार
(ग) नाटककार
(घ) उपन्यासकार
उत्तर-
(ख) चित्रकार

प्रश्न 6.
‘आविन्यों’ की ख्याति किस रूप में है ?
(क) कला केन्द्र
(ख) सिनेमाघर
(ग) रंगमंच
(घ) नदी
उत्तर-
(ग) रंगमंच

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति

प्रश्न 1.
रोन नदी के दूसरी ओर ………… का एक और हिस्सा है।
उत्तर-
आवियों

प्रश्न 2.
दो-दो कमरों के ……… सुरक्षित हैं।
उत्तर-
चैम्बर

प्रश्न 3.
वीलनव्व ल एक छोटा-सा ………… है।
उत्तर-
गाँव

प्रश्न 4.
नदी तट पर बैठने का अर्थ नदी के साथ …….. है।
उत्तर-
बहना

प्रश्न 5.
कविता ………. नहीं होती।
उत्तर-
शब्द-रिक्त

प्रश्न 6.
नदी और …………. में हम बरबस शामिल हो जाते हैं।
उत्तर-
कविता

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आविन्यों के दूसरे हिस्से का क्या नाम है ?
उत्तर-
आविन्यों के दूसरे हिस्से का नाम वीलनव्य ‘ल’ आविन्यों अर्थात् आविन्यों का नया गाँव या नई बस्ती है।

प्रश्न 2.
“वीलनव्य ल” में कौन-कौन सी सुविधाएँ हैं?
उत्तर-
“वीलनव्य ल” में पत्र-पत्रिकाओं की एक दुकान, एक डिपार्टमेन्टल स्टोर और कई रेस्तराएँ आदि हैं।

प्रश्न 3.
लेखक ‘आविन्यों” क्यों गए थे?
उत्तर-
लेखक को फ्रेंच सरकार के सौजन्य से ला शत्रुज में रहकर कुछ काम करने का आमंत्रण प्राप्त हुआ था।

प्रश्न 4.
लेखक “ला शत्रुज” में कितने दिनों तक रहे?
उत्तर-
लेखक “ला शत्रुज” में 24 अक्टूबर से 10 नवम्बर तक उन्नीस दिनों तक रहे।

प्रश्न 5.
लेखक ने “ला शत्रुज” के अपने प्रवास काल में कौन से कार्य सम्पादित किए?
उत्तर-
लेखक ने अपने प्रवास काल में ला शत्रुज में रहकर पैंतीस कविताएँ और सत्ताइस गद्य की रचनाएँ की।

प्रश्न 6.
पिकासो कौन थे और उनकी विख्यात कृति का नाम क्या है ?
उत्तर-
पिकासो फ्रांस के महान चित्रकार थे तथा उनकी विख्यात अमर कृति “ल मादामोजेल द आविन्यों” है।

प्रश्न 7.
“ला शत्रुज” का ऐतिहासिक महत्व क्या है ?
उत्तर-
“ला शत्रुज” में फ्रेंच-शासकों ने पोप की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक किला बनवाया था।

प्रश्न 8.
लेखक आविन्यों जाकर क्यों अभिभूत था ?
उत्तर-
लेखक आविन्यों जाकर वहाँ के प्राकृतिक दृश्य, ऐतिहासिक स्थल रोन नदी की अपूर्व छटा तथा सौंदर्य को देखकर अभिभूत था।

प्रश्न 9.
कौन सी दो वस्तुएँ सदा से हमारे साथ रही हैं ?
उत्तर-
नदी और कविता ऐसी दो वस्तुएं हैं जो सदा से हमारे साथ अथवा पास रही हैं।

प्रश्न 10.
आविन्यों क्या है और वह कहाँ अवस्थित है ?
उत्तर-
आविन्यों एक पुराना शहर है और वह दक्षिण फ्रांस में रोन नदी के किनारे बसा है।

प्रश्न 11.
हर बरस आविन्यों में कब और कैसा समारोह हुआ करता है ?
उत्तर-
हर बरस गर्मियों में फ्रांस और यूरोप का एक अत्यन्त प्रसिद्ध और लोकप्रिय रंग-समारोह आविन्यों में हुआ करता है।

आविन्यों लेखक परिचय

अशोक वाजपेयी का जन्म 16 जनवरी 1941 ई० में दुर्ग, छत्तीसगढ़ में हुआ, किंतु उनका ‘ मूल निवास सागर, मध्यप्रदेश है । उनकी माता का नाम निर्मला देवी और पिता का नाम परमानंद वाजपेयी है । उनकी प्रारंभिक शिक्षा गवर्नमेंट हायर सेकेंड्री स्कूल, सागर से हुई । फिर सागर विश्वविद्यालय से उन्होंने बी० ए० और सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली से अंग्रेजी में एम० ए० किया। उन्होंने वृत्ति के रूप में भारतीय प्रशासनिक सेवा को अपनाया । वे भारतीय प्रशासनिक सेवा के कई पदों पर रहे और महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति पद से सेवानिवृत्त हुए । संप्रति, वे दिल्ली में भारत सरकार की कला अकादमी के निदेशक हैं।

अशोक वाजपेयी की लगभग तीन दर्जन मौलिक और संपादित कृतियाँ प्रकाशित हैं। ‘शहर अब भी संभावना है’, एक पतंग अनंत में’, ‘तत्पुरुष’, ‘कहीं नहीं वहीं’, ‘बहुरि अकेला’, थोड़ी सी जगह’, ‘दुख चिट्ठीरसा है’ आदि उनके कविता संकलन हैं । ‘फिलहाल, ‘कुछ पूर्वग्रह’, ‘समय से बाहर’,’कविता का गल्प’, ‘कवि कह गया है’ आदि उनकी आलोचना की पुस्तकें हैं । उनके द्वारा संपादित पुस्तकों की सूची भी लंबी है – ‘तीसरा साक्ष्य’, ‘साहित्य विनोद’, ‘कला विनोद’, ‘कविता का जनपद’, मुक्तिबोध, शमशेर और अज्ञेय की चुनी हुई कविताओं का संपादन आदि। उन्होंने कई पत्रिकाओं का भी संपादन किया है जिनमें ‘समवेत’, ‘पहचान’, ‘पूर्वग्रह’, ‘बहुवचन’ ‘कविता एशिया’, ‘समास’ आदि प्रमुख हैं । अशोक वाजपेयी को साहित्य अकादमी पुरस्कार दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान, फ्रेंच सरकार का ऑफिसर आव् द आर्डर आव् क्रॉस 2004 सम्मान आदि प्राप्त हो चुके हैं।

सर्जक साहित्यकार अशोक वाजपेयी द्वारा रचित प्रस्तुत पाठ में एक संश्लिष्ट रचनाधर्मिता की अंतरंग झलक है । यह पाठ उनके ‘आविन्यों’ नामक गद्य एवं कविता के सर्जनात्मक संग्रह से संकलित है । इसी नाम के संग्रह में उनकी सर्जनात्मक गद्य की कुछ रचनाएँ और कविताएँ हैं जिनमें से दोनों विधाओं की दो रचनाओं के साथ पुस्तक की भूमिका भी किंचित संपादित रूप में यहाँ प्रस्तुत है । आविन्यों दक्षिणी फ्रांस का एक मध्ययुगीन इसाई मठ है जहाँ लेखक ने बीस-एक दिनों तक एकांत रचनात्मक प्रवास का अवसर पाया था ।

प्रवास के दौरान लगभग प्रतिदिन गद्य और कविताएँ लिखी गईं। इस तरह हिंदी ही नहीं, भारत से भिन्न स्थान और परिवेश के एकांत प्रवास में एक निश्चित स्थान और समय से अनुबद्ध मानस के सर्जनात्मक अनुष्ठान का साक्षी यह पाठ एक वैश्विक जागरूकता और संस्कृतिबोध से परिपूर्ण रचनाकार के मानस की अंतरंग झलक पेश करते हुए यह दिखाता है कि रचनाएँ कैसे रूप-आकार ग्रहण करती हैं। कोई भी रचना महज एक शब्द व्यवस्था भर नहीं होती, उसकी निर्माण प्रक्रिया में रचनाकार की प्रतिभा, उसके जटिल मानस के साथ स्थान और परिवेश की भूमिका भी महत्त्वपूर्ण होती है।

आविन्यों Summary in Hindi

पाठ का सारांश

लगभग दस बरस पहले पहली बार आविन्यों गया था। दक्षिण फ्रांस में रोन नदी के किनारे बसा एक पुराना शहर है जहाँ कमी कुछ समय के लिए पोप राजधानी थी और अब गर्मियों में फ्रांस ओर यूरोप का एक अत्यन्त प्रसिद्ध और लोकप्रिय रंग-समारोह हर बरस होता है। उस बरस वहाँ भारत केन्द्र में था। पीटर ब्रुक का विवादास्पद ‘महाभारत’ पहले पहल प्रस्तुत किया जानेवाला था और उन्होंने मुझे निमंत्रण भेजा था।

रोन नदी के दूसरी ओर आविन्यों का एक हिस्सा है जो लगभग स्वतंत्र है। नाम है वीलनव्वल आविन्यों-वहाँ दरअसल फ्रेंच शासकों ने पोप की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किला बनवाया था। उसी में काथूसियन सम्प्रदाय का एक ईसाई मठ बना ला शत्रूज। चौदहवीं सदी से फ्रेंच क्रांति तक उसका धार्मिक उपयोग होता रहा। अब इसमें एक कलाकेन्द्र स्थापित है। यह केन्द्र इन दिनों रंगमंच और लेखन से जुड़ा हुआ है।

मेरा प्रवास वहाँ उन्नीस दिन का था, 24 अक्टूबर से 10 नवम्बर 1994 की दोपहर तक। कुल उन्नीस दिनों में पैंतीस कविताएँ और सत्ताईस गद्य रचनाएँ लिखी गई। आविन्यों फ्रांस का एक प्रमुख कलाकेन्द्र रहा है। पिकासो की विख्यात कृति का शीर्षक है ‘लमादामोजेल द आविन्यों’

प्रतीक्षा करते हैं पत्थर

किसी देवता या काल की नहीं पता नहीं किसकी प्रतीक्षा करते हैं पत्थर-धीरज से रेशा-रेशा झिरते हुए, शिरा-शिरा घिलते हुए, प्रतीक्षारत रहते हैं एन्थर। बिना शब्द कविता लिखते हैं, पत्थर। पता नहीं किसकी प्रतीक्षा करते हैं पत्थर।

नदी के किनारे भी नदी है ।

यहाँ पास में ही रोन नदी है। इस तरफ वीलनव्व और दूसरी ओर आविन्यों। तट पर बैठो तो कई बार लगता है कि जल स्थिर है और तट ही बह रहा है। नदी तट पर बैठना भी नदी के साथ बहना है; कई बार नदी स्थिर होती है, हम तट पर बैठे रहते हैं। नदी के पास होना नदी होना है। नदी किसी को अनदेखा नहीं करती, वह सबको भिगोती है, अपने साथ करती है। उसी प्रकार कविता में हम बरबर ही शामिल हो जाते हैं।

शब्दार्थ

महाकाव्यात्मक : महाकाव्य की तरह व्यापक और गहरा
रंगस्थल : जहाँ नाटक मंचित हो
द्रुम : पेड़-पौधा
स्थापत्य : वास्तु-रचना, भवन-निर्माण की कला
जीर्णोद्धार : पुराने को नया करना
सुघर : सुंदर
चैम्बर्स : प्रकोष्ठ, कमरे
नीरव : शब्दहीन, ध्वनिहीन
निफ्ट : नंगा, निरा, स्पष्ट
निविद : घना, संघन
आसक्ति : गहरा भावात्मक लगाव
दस्तावेज : ऐसे कागजात जिनमें किसी वस्तु का सारा विवरण हो
कविप्रणति : कवि का कृतज्ञतापूर्ण प्रणाम
बियाबान : निर्जन, सुनसान
बेहद्दी चौगान : सीमाहीन खुला मैदान
तदाकार : किसी वस्तु के आकार में ढल जाना
अभिभूति : पराजय, अत्यंत प्रभावित होना ।
नश्वरता : भंगुरता, नाशशीलता

Bihar Board Class 10 Economics Solutions Chapter 3 मुद्रा, बचत एवं साख

Bihar Board Class 10 Social Science Solutions Economics अर्थशास्त्र : हमारी अर्थव्यवस्था भाग 2 Chapter 3 मुद्रा, बचत एवं साख Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Social Science Economics Solutions Chapter 3 मुद्रा, बचत एवं साख

Bihar Board Class 10 Economics मुद्रा, बचत एवं साख Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

I. रिक्त स्थानों को भरें:

मुद्रा बचत एवं साख Bihar Board Class 10 Economics प्रश्न 1.
आधुनिक युग की प्रगति का श्रेय ……….. को ही है।
उत्तर-
मुद्रा

Mudra Ke Karya Per Prakash Dalen Bihar Board Class 10 Economics प्रश्न 2.
मुद्रा हमारी अर्थव्यवस्था की…………..है।
उत्तर-
जीवन शक्ति

Mudra Ke Vikas Per Prakash Dalen Bihar Board Class 10 Economics प्रश्न 3.
मुद्रा के विकास का इतिहास मानव-सभ्यता के विकास का…………………. है।
उत्तर-
इतिहास

मुद्रा के विकास पर प्रकाश डालें Bihar Board Class 10 Economics प्रश्न 4.
एक बस्तु के बदले में दूसरी-वस्तु के आदान-प्रदान को.प्रणाली कहा जाता है।
उत्तर-
वस्तु-विनिमय

मुद्रा के आर्थिक महत्व पर प्रकाश डालें Bihar Board Class 10 Economics प्रश्न 5.
मुद्रा का आविष्कार मनुष्य की सबसे बड़ी. .है।
उत्तर-
उपलब्धि

मुद्रा और साख के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 10 Economics प्रश्न 6.
मुद्रा विनिमय का…………… है।
उत्तर-
माध्यम

साख का अर्थ In Economics Bihar Board Class 10 प्रश्न 7.
प्लास्टिक मुद्रा के चलते विनिमय का कार्य……………… है।
उत्तर-
सरल

Bihar Board Class 10 Social Science प्रश्न 8.
मुद्रा एक अच्छा …………..है।
उत्तर-
सेवक

मुद्रा और साख इन हिंदी Notes Bihar Board Class 10 Economics प्रश्न 9.
आय तथा उपभोग का अंतर ………. कहलाता है।
उत्तर-
बचत

Bihar Board Class 10 Social Science Solution प्रश्न 10.
साख का मुख्य आधार ………………… है।
उत्तर-
विश्वास

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Bihar Board Solution Class 10 Social Science प्रश्न 1.
वस्तु विनिमय प्रणाली क्या है ?
उत्तर-
वस्तु विनिमय प्रणाली उस प्रणाली को कहा जाता है जिसमें एक वस्तु के बदले में दूसरी वस्तु का आदान-प्रदान होता है। दूसरे शब्दों में, “किसी एक वस्तु का किसी दूसरी वस्तु के साथ बिना मुद्रा के प्रत्यक्ष रूप से लेन-देन वस्तु विनिमय प्रणाली कहलाता है। उदाहरण के लिए गेहूँ से चावल बदलना, सब्जी से तेल बदलना, दूध से दही बदलना आदि।

Bihar Board Class 10 Geography Solutions प्रश्न 2.
मौद्रिक प्रणाली क्या है ?
उत्तर-
मौद्रिक प्रणाली का आविष्कार वस्तु विनिमय की कठिनाइयों को दूर करने के लिए हुआ। मौद्रिक प्रणाली में विनिमय का सारा कार्य मुद्रा की सहायता से होने लगा है। इस प्रणाली में पहले कोई व्यक्ति अपनी वस्तु या सेवा को बेचकर मुद्रा प्राप्त करता है और फिर उस मुद्रा से अपनी जरूरत की अन्य वस्तुएँ प्राप्त करता है। चूंकि इस प्रणाली में मुद्रा विनिमय के माध्यम का कार्य करती है। इसलिए इसे मौद्रिक विनिमय प्रणाली कहा जाता है।

मुद्रा और साख की परिभाषा Bihar Board Class 10 Economics प्रश्न 3.
मुद्रा की परिभाषा दें।
उत्तर-
साधारण बोलचाल की भाषा में मुद्रा का अर्थ धातु के बने सिक्कों से समझा जाता है। मुद्रा शब्द का प्रयोग मुहर या चिह्न के अर्थ में भी किया जाता है। यही कारण है कि जिस वस्तु पर सरकारी चिह्न या मुहर लगायी जाती थी, उसे मुद्रा कहा जाता था। अर्थशास्त्र में मुद्रा की अनेक परिभाषाएँ दी गई हैं। कुछ परिभाषाएं संकुचित हैं तो कुछ विस्तृत हैं तथा कुछ परिभाषाएँ अन्य बातों पर आधारित हैं। प्रो. होटले विट्स ने बताया है कि “मुद्रा वह है जो मुद्रा का कार्य करती है।” कोलबर्न का कहना है कि मुद्रा वह है जो मूल्य का मापक और भुगतान का साध न है। नैप के अनुसार “कोई भी वस्तु जो राज्य द्वारा मुद्रा घोषित की जाती है, मुद्रा कहलाती है।”

सेलिगमैन का कहना है कि मुद्रा वह वस्तु है जिसे सामान्य स्वीकृति प्राप्त विधि ग्राह्य एवं स्वतंत्र रूप से प्रचलित कोई भी वस्तु जो विनिमय के माध्यम, मूल्य के सामान्य, मापक, ऋण के भुगतान का मापदण्ड तथा संचय के साधन के रूप में कार्य करती है, मुद्रा कहलाती है।

मुद्रा के कार्यों पर प्रकाश डालें Bihar Board Class 10 Economics प्रश्न 4.
ATM क्या है ?
उत्तर-
आर्थिक विकास के इस दौर में बैंकिंग संस्थाओं के द्वारा प्लास्टिक के एक टुकड़े को भी मुद्रा के रूप में उपयोग किया जाने लगा है। प्लास्टिक के मुद्रा का एक रूप एटीएम है। एटीएम का अर्थ है-स्वचालित टलर मशीन (Automatic Teller Machine)। यह मशीन 24 घंटे रुपये निकालने तथा जमा करने की सेवा प्रदान करता है।

Bihar Board Class 10 Sst Solution प्रश्न 5.
Credit Card क्या है ?
उत्तर-
क्रेडिट कार्ड भी प्लास्टिक मुद्रा का एक रूप है। क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत ग्राहक की वित्तीय स्थिति को देखते हुए बैंक उसकी साख की एक राशि निर्धारित कर देती है जिसके अन्तर्गत वह अपने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से निर्धारित, धनराशि के अन्दर वस्तुओं और सेवाओं को खरीद सकता है।

प्रश्न 6.
बचत क्या है?
उत्तर-
समाज के कुल आय को वस्तुओं एवं सेवाओं पर खर्च किया जाता है। वस्तुओं को दो भागों में बांटा जा सकता है।
(i) कुछ ऐसी वस्तुएँ होती हैं जिनका हम क्षणिक या तत्काल उपभोग करते हैं। इन्हें चालू वस्तुएँ (Current Goods) कहा जाता है। (ii) कुछ ऐसी वस्तुएँ होती हैं जो उत्पादन के कार्य में प्रयोग की जाती हैं। इन्हें टिकाऊ वस्तुएँ (Durable Goods) कहा जाता है। इस तरह समाज की कुल आय को इन्हीं दो तरह की वस्तुओं को खरीदने में खर्च किया जाता है। कुल आय का भाग जो चालू वस्तुओं पर खर्च किया जाता है उसे उपभोग (consumption) कहते हैं तथा कुल आय का वह भाग जो टिकाऊ वस्तुओं पर खर्च किया जाता है उसे बचत (saving) कहते हैं। अतः स्पष्ट है कि आय (Income) तथा उपभोग (consumption) का अंतर बचत कहलाता है।

प्रश्न 7.
साख क्या है ?
उत्तर-
साख का अर्थ है-विश्वास का भरोसा। जिस व्यक्ति पर जितना अधिक विश्वास या भरोसा किया जाता है उसकी साख उतनी ही अधिक होती है। अर्थशास्त्र में साख का मतलब ऋण लौटाने या भुगतान करने की क्षमता में विश्वास से होता है। यदि हम कहें कि अरूण की साख बाजार में अधिक है तो इसका मतलब है कि उसकी ऋण लौटाने की शक्ति में लोगों को अधिक विश्वास है। इसी विश्वास के आधार पर एक व्यक्ति या संस्था दूसरे व्यक्ति या संस्था को उधार देती है। प्रो. जीड (Gide) के अनुसार, “साख एक एक ऐसा विनिमय कार्य है जो एक निश्चित अवधि के बाद भुगतान करने के बाद पूरा हो जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाइयों पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
वस्तु विनिमय प्रणाली की निम्नलिखित कठिनाइयाँ हैं.-
(i) आवश्यकताओं के दोहरे संयोग का अभाव- वस्तु विनिमय तभी सम्भव हो सकता है जबकि दो विनिमय करने वाले व्यक्तियों के पास ऐसी वस्तुएँ हों जिनकी उन दोनों को आवश्यकता हो। यदि किसान को कपड़े की आवश्यकता हो तो जुलाहे को भी अनाज की आवश्यकता होनी चाहिए। ऐसा न होने पर उनके बीच विनिमय न हो सकेगा। परन्तु ऐसे व्यक्ति जिनकी आवश्यकताएँ एक-दूसरे से लि खाती हों आसानी से नहीं मिलते थे।

(ii) मूल्य के सामान्य मापक का अभाव- वस्तु विनिमय प्रणाली की दूसरी बड़ी कठिनाई मूल्य के मापने से संबंधित थी। कोई ऐसा सर्वमान्य मापक नहीं था जिसकी सहायता से सभी प्रकार की वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्य को ठीक प्रकार से मापा जा सके। उदाहरण के लिए, एक सेर चावल के बदले में कितना घी दिया जाए। एक गाय के बदले कितनी बकरियाँ दी जायें ? इत्यादि।

(iii) मूल्यं मंचय का अभाव- वस्तु विनिमय प्रणाली में लोगों के द्वारा उत्पादित वस्तुओं के संचय की सुविधा नहीं थी। व्यवहार में व्यक्ति ऐसी वस्तुओं का उत्पादन करता है जो शीघ्र ‘नष्ट हो जाती है। ऐसी शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुएं जैसे-मछली, फल, सब्जी इत्यादि का लंबी अवधि तक संचय करना कठिन था।

(iv) सह-विभाजन का अभाव-कुछ वस्तुएँ ऐसी होती हैं जिनका विभाजन नहीं किया जा सकता है। यदि उनका विभाजन कर दिया जाए तो उनकी उपयोगिता नष्ट हो जाती है। वस्तु । विनिमय प्रणाली में यह कठिनाई उस समय होती थी जब एक गाय के बदले तीन चार वस्तुएँ
लेनी होती थीं और वे वस्तुएँ अलग-अलग व्यक्तियों के पास होती थीं। इस स्थिति में गाय के तीन-चार टुकड़े नहीं किए जा सकते क्योंकि ऐसा करने से गाय की उपयोगिता ही समाप्त हो सकती है। ऐसी स्थिति में विनिमय का कार्य नहीं हो सकता।

(v) भविष्य में भुगतान की कठिनाई वस्तु विनिमय प्रणाली में उधार लेने तथा देने में कठिनाई होती थी। मान लिया जाए कि एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से दो वर्षों के लिए एक गाय उधार देता था और इस अवधि के बीतने पर वह गाय को लौटा देता था। लेकिन इन दो-वर्षों के अंदर उधार लेनेवाला व्यक्ति गाय का दूध पिया तथा उसके गोबर को जलावन में उपयोग किया। इस तरह इस प्रणाली में उधार देने वाले को घाटा होता था, जबकि उधार लेने वाला फायदे में रहता था।

(vi) मूल्य हस्तांतरण की समस्या वस्तु विनिमय प्रणाली में मूल्य के हस्तांतरण में कठिनाई होती थी। कठिनाई उस समय और अधिक बढ़ जाती थी जब कोई व्यक्ति एक स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान पर बसना चाहता था। ऐसी स्थिति में उसे अपनी सम्पत्ति छोड़कर जाना पड़ता था, क्योंकि उसे बेचना कठिन था।

प्रश्न 2.
मुद्रा के कार्यों पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
मुद्रा के निम्नलिखित कार्य हैं

1. विनिमय का माध्यम- मुद्रा विनिमय का एक माध्यम है। क्रय तथा विक्रय दोनों में ही मुद्रा मध्यस्थ का कार्य करती है। मुद्रा के आविष्कार के कारण अब आवश्यकताओं के दोहरे संयोग के अभाव की कठिनाई उत्पन्न नहीं होती है। अब वस्तु या सेवा को बेचकर मुद्रा प्राप्त की जाती है तथा मुद्रा से अपनी जरूरत की अन्य वस्तुएं खरीदी जाती हैं। इस तरह मुद्रा ने विनिमय के कार्य को बहुत ही आसन बना दिया है। चूंकि मुद्रा विधि ग्राह्य (Legal Tender) भी होती है। इस कारण इसे स्वीकार करने में कोई कठिनाई नहीं उत्पन्न होती है। मुद्रा के द्वारा किसी भी समय विनिमय किया जा सकता है।

2. मूल्य का मापक-मुद्रा मूल्य का मापक है। मुद्रा के द्वारा वस्तुओं का मूल्यांकन करना सरल हो गया है। वस्तु विनिमय प्रणाली में एक कठिनाई यह थी कि वस्तुओं का सही तौर पर मूल्यांकन नहीं हो पाता था। मुद्रा ने इस कठिनाई को दूर कर दिया है। किस वस्तु का कितना मूल्य होगा, मुद्रा द्वारा यह पता लगाना सरल हो गया है। चूंकि प्रत्येक वस्तु को मापने के लिए एक मापदण्ड होता है। वस्तुओं का मूल्य मापने का मापदण्ड मुद्रा ही है। मुद्रा के इस महत्वपूर्ण कार्य के कारण विनिमय करने की सुविधा हो गयी है, क्योंकि बिना मूल्यांकन के विनिमय का कार्य उचित रूप से संपादित नहीं हो सकता है।

3. बिलंबित भुगतान का मान-आधुनिक युग में बहुत से आर्थिक कार्य उधार पर होते हैं और उसका भुगतान बाद में किया जाता है। दूसरे शब्दों में, भुगतान विलंबित या स्थगित होता है। मुद्रा विलंबित भुगतान का एक सरल साधन है। इसके द्वारा ऋण के भुगतान करने में भी काफी सुविधा हो गई है। मान लीजिए राम ने श्याम से एक साल के लिए 100 रुपये उधार लिया। अवधि समाप्त हो जाने पर राम श्याम को 100 रुपये मुद्रा के रूप में वापस कर दे सकता है। इस तरह मुद्रा के रूप में ऋण के भुगतान तथा विलंबित भुगतान की सुविधा हो गई। चूंकि साख अथवा उधार (credit) आधुनिक व्यवसाय की रीढ़ है और मुद्रा ने उधार देने तथा लेने के कार्य को काकी सरल बना दिया है। इस तरह की सुविधा विनिमय प्रणाली में नहीं थी।

4. मूल्य का संचय- मनुष्य भविष्य के लिए कुछ बचाना चाहता है। वर्तमान आवश्यकताओं के साथ भविष्य की आवश्यकताएँ भी महत्वपूर्ण हैं। इस कारण, यह जरूरी है कि भविष्य के लिए कुछ बचा करके रखा जाए। मुद्रा में यह गुण और विशेषता है कि इसे संचित या जमा करके रखा जा सकता है। वस्तु विनिमय प्रणाली में संचय करके रखने की कठिनाई थी। वस्तुओं के सड़-गल जाने या नष्ट हो जाने का डर बना रहता था। लेकिन मुद्रा ने इस कठिनाई थी। वस्तुओं के सड़-गल जाने या नष्ट हो जाने का डर बना रहता था। लेकिन मुद्रा ने इस कठिनाई को दूर कर दिया। मुद्रा को हम बहुत दिनों तक संचित करके रख सकते हैं। लम्बी अवधि तक संचित करके रखने पर भी मुद्रा खराब नहीं होती।

5. क्रय शक्ति का हस्तांतरण- मुद्रा का एक आवश्यक कार्यक्रम-शक्ति का हस्तांतरण भी है। आर्थिक विकास के साथ-साथ विनिमय के क्षेत्र में भी विस्तार होता चला गया है। वस्तुओं का क्रय-विक्रय अब दूर-दूर तक होने लगा है। इस कारण क्रय-शक्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान को हस्तांतरित करने की जरूरत महसूस की गई। चूकि मुद्रा में सामान्य स्वीकृति या गुण विद्यमान है। अतः कोई भी व्यक्ति किसी एक स्थान पर अपनी संपत्ति बेचकर किसी अन्य स्थान पर नयी संपत्ति खरीद सकता है। इसके अलावे, मुद्रा के ही रूप में धन का लेन-देन होता है। अतः मुद्रा के माध्यम से क्रय-शक्ति को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित किया जा सकता है।

6. साख का आधार- वर्तमान समय में मुद्रा साख के आधार पर कार्य करती है। मुंद्रा के कारण ही साख पत्रों का प्रयोग बड़े पैमाने पर होता है। बिना मुद्रा के साथ पत्र जैसे चेक, ड्राफ्ट, हुण्डी आदि प्रचलन में नहीं रह सकते। उदाहरण के लिए, जमाकतों चेक का प्रयोग तभी कर सकता है, जब बैंक में उसके खाता में पर्याप्त मुद्रा हो। व्यापारिक बैंक भी शाखा का सृजन नगद कोष के आधार पर ही कर सकते हैं। यदि नगद मुद्रा का कोष अधिक है तो अधिक साख का निर्माण हो सकता है। नगद मुद्रा के कोष में कमी होने से साख की मात्रा भी कम हो जाती है। इस तरह मुद्रा साख के आधार पर कार्य करती है।

प्रश्न 3.
मुद्रा के आर्थिक महत्व पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
आधुनिक आर्थिक व्यवस्था में मुद्रा का काफी महत्व है। यदि मुद्रा को वर्तमान समाज से हट दिया जाए तो हमारी सारी आर्थिक व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो जाएगी। यदि मुद्रा न होती तो विश्व के विभिन्न देशों में इतनी आर्थिक प्रगति कभी भी संभव नहीं होती। चाहे पूंजीवादी अर्थव्यवस्था हो या समाजवादी अर्थव्यवस्था हो या मिश्रित अर्थव्यवस्था हो, सभी में मुद्रा अधिक विकास के मार्ग में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। मुद्रा के आर्थिक महत्व के बारे में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ट्रेस्कॉट (Trescoft) ने कहा है कि “यदि मुद्रा हमारी अर्थव्यवस्था का हृदय नहीं तो रक्त-स्रोत तो अवश्य है।”

आज का आर्थिक जगत मुद्रा के बिना एक क्षण भी जीवित नहीं रह सकता। इसलिए प्रो. मार्शल (Marshal) ने कहा है “मुद्रा वह धूरी है जिसके चारों तरफ सम्पूर्ण आर्थिक विज्ञान चक्कर काटता है।” मुद्रा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए क्राउथर (Crowther) ने कहा है कि “ज्ञान की प्रत्येक शाखा की अपनी-अपनी मूल खोज होती है। जैसे यंत्रशास्त्र में चक्र, विज्ञान में अग्नि, राजनीतिशास्त्र में वोट, ठीक उसी प्रकार, मनुष्य के आर्थिक एवं व्यावसायिक जीवन में मुद्रा सर्वाधिक उपयोगी आविष्कार है जिस पर सम्पूर्ण व्यवस्था ही आधारित है।”

अतः स्पष्ट है कि आधुनिक जीवन प्रत्येक दिशा में मुद्रा के द्वारा प्रभावित होता है। प्रो. पीगू (Pigou) का कहना सही लगता है कि “आधुनिक विश्व में उद्योग मुद्रा रूपी वस्त्र धारण किए हुए हैं।” फलत: मुद्रा का आर्थिक जगत में महत्वपूर्ण स्थान है।

प्रश्न 4.
मुद्रा के विकास पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
मुद्रा के क्रमिक विकास को निम्न शीर्षकों के अन्तर्गत रखते हैं-

1. वस्तु विनिमय-इसमें वस्तु का वस्तु से लेन-देन होता है।

2. वस्तु मुद्रा-प्रारंभिक काल में किसी एक वस्तु को मुद्रा के कार्य सम्पन्न करने के लिए चुन लिया गया था। शिकारी युग में खाल या चमड़ा, पशुपालन युग में कोई पशु जैसे-गाय या बकरी तथा कृषि युग में कोई अनाज़ जैसे-कपास, गेहूँ आदि को मुद्रा का कार्य सम्पन्न करने के लिए चुना गया तथा इन्हें मुद्रा के रूप में प्रयोग किया गया।

3.धात्विक मुद्रा-वस्तु मुद्रा द्वारा विनिमय करने में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अब धातुओं का प्रयोग मुद्रा के रूप में होने लगा। मुद्रा जो पीतल और ताँबा इत्यादि धातुओं से बना होता है, उसे धात्विक मुद्रा कहते हैं।

4. सिक्के-धातु मुद्रा के प्रयोग में धीरे-धीरे कुछ कठिनाइयाँ आने लगी। इन कठिनाइयों को दूर करने के लिए सिक्के का प्रयोग किया जाने लगा। सोने-चाँदी आदि से बना वह वस्तु जो देश की सार्वभौम सरकार की मुहर से चलित होती है उसे सिक्का कहते हैं।

5. पत्र मुद्रा-सिक्का मुद्रा ने भी कुछ दोष थे। इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने में कठिनाई होती थी। इसलिए पत्र मुद्रा का प्रचलन हुआ। वर्तमान समय में विश्व की प्रायः सभी देशों में पत्र-मुद्रा का ही प्रचलन है। देश की सरकार तथा देश के केन्द्रीय बैंक के द्वारा जो कागज का नोट प्रचलित किया जाता है, उसे पत्र मुद्रा कहते हैं। चूँकि यह कागज का बना होता है इसलिए इसे कागजी मुद्रा भी कहते हैं। भारत में एक रुपया के कागजी नोट अथवा सभी सिक्के केन्द्र सरकार के वित्त विभाग के द्वारा चलाये जाते हैं। दो रुपये या इसके अधिक के सभी कागजी नोट देश के केन्द्रीय बैंक-रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा चलाये जाते हैं। इस तरह अपने देश में केन्द्रीय सरकार एक रुपये के नोट जारी करती है. तथा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 2, 5, 10, 20, 50, 100, 500 तथा 1000 रुपये का नोट जारी करती है।

6.साख मुद्रा- आर्थिक विकास के साथ साख मुद्रा का भी उपयोग होने लगा है। आधुनिक समय में चेक, हुण्डी आदि विभिन्न प्रकार की साख-मुद्रा का कार्य करते हैं। इनको साख-मुद्रा कहा जा सकता है। अन्तर्राष्ट्रीय लेन-देन अधिकांश रूप में साख मुद्रा द्वारा होता है। देश के आंतरिक व्यापार में भी धातु या पत्र-मुद्रा की अपेक्षा चेक तथा हुण्डी आदि साख-पत्रों का अधिक उपयोग होता है।
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7. प्लास्टिक मुद्रा–आजकल प्लास्टिक मुद्रा का प्रचलन जोरों पर है। प्लास्टिक मुद्रा में एटीएम सह-डेबिट कार्ड तथा क्रेडिट कार्ड प्रसिद्ध हैं।

प्रश्न 5.
साख पत्र क्या है ? प्रमुख साख पत्रों पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
साख पत्र से हमारा मतलब उन साधनों से है जिनका उपयोग साख मुद्रा के रूप में किया जाता है। साख पत्र के आधार पर साख-या ऋण या आदान-प्रदान होता है। वे वस्तुओं एवं सेवाओं के क्रय-विक्रय में विनिमय के माध्यम के कार्य करते हैं। अतः साख पत्र ठीक मुद्रा की तरह कार्य करता है। लेकिन मुद्रा एवं साख पत्रों में एक प्रमुख अन्तर यह है कि मुद्रा कानूनी ग्राह्य होते हैं, जबकि साख पत्रों को कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं रहती है। अतः सान पत्रों के लेन-देन के कार्यों में स्वीकार करने के लिए किसी को भी बाध्य नहीं किया जा सकता। कुछ प्रमुख पत्र इस प्रकार हैं-

1. चेक-चेक सबसे अधिक प्रचलित साख पत्र है। चेक एक प्रकार का लिखित आदेश है जो बैंक में रुपया जमा करने वाला अपने बैंक को देता है कि उसमें लिखित रकम उसमें लिखित ‘ च्यक्ति को दे दी जाए।

2. बैंक ड्राफ्ट- बैंक ड्राफ्ट वह पत्र है जो एक बैंक अपनी किसी शाखा या अन्य किसी बैंक को आदेश देता है कि उस पत्र में लिखी हुई रकम उसमें अंकित व्यक्ति को दे दी जाए। बैंक ड्राफ्ट के द्वारा आसानी से कम खर्च में ही रुपया एक स्थान से दूसरे स्थान भेजा जा सकता है। यह देशी तथा विदेशी दोनों ही प्रकार का होता है।

3. यात्री चेक- यात्रियों की सुविधा के लिए यात्री चेक बैंकों द्वारा जारी किये जाते हैं। कोई भी यात्री बैंक में निश्चित रकम जमा कर देने पर यात्री बैंक की किसी भी शाखा में यात्री चेक प्रस्तुत कर मुद्रा प्राप्त कर सकता है। इस चेक पर यात्री के हस्ताक्षर के नमूने भी अकित रहते हैं। जिसके चलते कोई दूसरा व्यक्ति रुपया नहीं प्राप्त कर सकता है।

4.प्रतिज्ञा पत्र- यह भी एक प्रकार का साख पत्र होता है। इस पत्र में ऋणी की मांग पर या एक निश्चित अवधि के बाद उसमें अंकित रकम ब्याज सहित देने का वादा करता है।

Bihar Board Class 10 Economics मुद्रा, बचत एवं साख Additional Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
किसने कहा था कि आधुनिक विश्व में उद्योग मुद्रा रूपी वस्त्र धारण किए हुए हैं ?
(क) क्राउथर
(ख) मार्शल
(ग) पीगू
(घ) ट्रेस्कॉट
उत्तर-
(ग) पीगू

प्रश्न 2.
निम्न में से कौन साख-पत्र के अंतर्गत नहीं आता?
(क) चेक
(ख) बैंक ड्राफ्ट
(ग) हुण्डी
(घ) कागजी मुद्रा
उत्तर-
(घ) कागजी मुद्रा

प्रश्न 3.
वस्तु-विनिमय प्रणाली की मुख्य कठिनाई थी?
(क) आवश्यकताओं के दोहरे संयोग का अभाव
(ख) मूल्यवान की कठिनाई
(ग) दोनों
(घ) इनमें कोई नहीं
उत्तर-
(ग) दोनों

प्रश्न 4.
मुद्रा का प्राचीनतम रूप है
(क) धातु-मुद्रा
(ख) सिक्के
(ग) वस्तु-मुद्रा
(घ) पत्र-मुद्रा
उत्तर-
(ग) वस्तु-मुद्रा

प्रश्न 5.
किस धातु का मुद्रा के रूप में सर्वाधिक प्रयोग हुआ है ?
(क) लोहा
(ख) ताँबा
(ग) पीतल
(घ) चाँदी और सोना
उत्तर-
(घ) चाँदी और सोना

प्रश्न 6.
मुद्रा का प्राथमिक कार्य कौन-सा है ?
(क) मूल्य का संचय
(ख) विलंबित भुगतान का मान
(ग) मूल्य का हस्तांतरण
(घ) विनिमय का माध्यम
उत्तर-
(घ) विनिमय का माध्यम

प्रश्न 7.
बचत को प्रभावित करनेवाले प्रमुख तत्व है ?
(क) बचत करने की क्षमता
(ख) बचत करने की इच्छा
(ग) बचत करने की सुविधाएँ ।
(घ) इनमें तीनों ही
उत्तर-
(घ) इनमें तीनों ही

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर :

प्रश्न 1.
किसने कहा था कि “यदि मुद्रा हमारी अर्थव्यवस्था का हृदय नहीं तो रक्त-प्रवाह अवश्य है।”
उत्तर-
ट्रेस्कॉट ने।

प्रश्न 2.
चीन में सिक्कों का प्रचलन का प्रमाण कब से मिलता है ?
उत्तर-
300 वर्ष पूर्व से।

प्रश्न 3.
आवश्यकताओं के दोहरे संयोग से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
वस्तु-विनिमय प्रणाली की एक कठिनाई आवश्यकताओं के दोहरे संयोग का अभाव है अर्थात् ऐसे दो व्यक्तियों में संपर्क होना आवश्यक है जिनके पास एक-दूसरे की आवश्यकता की वस्तुएँ हो या अभाव है।

प्रश्न 4.
आवश्यकताओं के दोहरे संयोग से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
आवश्यकताओं के दोहरे संयोग से तात्पर्य व्यक्तियों के आवश्यकताओं में भिन्नता का होना है। जिससे वस्तुओं के वस्तु-विनिमय प्रणाली में कठिनाई आती है।

प्रश्न 5.
किस धातु का धातु-मुद्रा के रूप में सर्वाधिक प्रयोग हुआ है ?
उत्तर-
चाँदी और सोना धातु का।

प्रश्न 6.
ऐसे प्रमुख अर्थशास्त्रियों का उल्लेख करें जिनकी मुद्रा की परिभाषा उसकी सर्वमान्यता पर आधारित है।
उत्तर-
मार्शल, रॉबर्टसन और सेलिगमैन की परिभाषा।

प्रश्न 7.
मुद्रा की वैधानिक परिभाषा क्या है ?
उत्तर-
मुद्रा की वैधानिक परिभाषा मुद्रा के राजकीय सिद्धांत पर आधारित है। जर्मन अर्थशास्त्री प्रो० नैप (Knapp) के अनुसार, “कोई भी वस्तु जो राज्य द्वारा मुद्रा घोषित कर दी जाती है, मुद्रा कहलाती है।

प्रश्न 8.
मुद्रा का प्रधान या प्राथमिक कार्य क्या है ?
उत्तर-
मुद्रा का प्रधान या प्राथमिक कार्य विनिमय का माध्यम होना है।

प्रश्न 9.
मद्रा से उपभोक्ताओं को क्या लाभ होता है ?
उत्तर-
उपभोक्ता अपनी इच्छा एवं सुविधानुसार मुद्रा खर्च कर सकता है। तथा अपनी सीमित आय से अधिकतम संतोष प्राप्त कर सकता है। उपभोक्ता मुद्रा के द्वारा ही वस्तुओं से मिलनेवाली उपयोगिताओं की तुलना कर संतोष प्राप्त करता है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
मुद्रा आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की समस्या का कैसे समाधान करती है ? सोदाहरण स्पष्ट करें।
उत्तर-
मुद्रा के आविष्कार के पूर्व वस्तु-विनिमय का प्रचलन था। परंतु, इसके अंतर्गत वस्तुओं का आदान-प्रदान तभी किया जा सकता है, जब दो व्यक्तियों की पारस्परिक आवश्यकताओं में समानता हो। उदाहरण के लिए एक समय में एक व्यक्ति की आवश्यकता एक गाय की है, परंतु दूसरे व्यक्ति के पास एक बकरी है तो इस अवस्था में विनिमय संभव नहीं है। इस प्रकार मुद्रा के प्रयोग से आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की समस्या समाप्त हो गई।

प्रश्न 2.
वस्तु-मुद्रा से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
अति प्राचीनकाल में जब मुद्रा का प्रचलन नहीं था उस समय मनुष्य मुद्रा के रूप में वस्तुओं का प्रयोग किया गया। आखेट युग में जानवरों के खाल या चमड़े का पशुपालन युग में गाय, बैल या बकरी का तथा कृषि युग में कृषि पदार्थों का मुद्रा के रूप में उपयोग किया गया इसे वस्तु मुद्रा कहा गया।

प्रश्न 3.
मुद्रा के प्रयोग से वस्तुओं का विनिमय कैसे सरल हो जाता है ?
उत्तर-
वस्तु-विनिमय प्रणाली में आवश्यकताओं के दोहरे संयोग का अभाव था। जिससे वस्तुओं का विनिमय संभव नहीं था। मुद्रा से वस्तु-विनिमय करने में तथा वस्तुओं के मूल्य मापने में आसानी हो गई। मुद्रा के प्रयोग से आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की समस्या भी दूर हो गई।

प्रश्न 4.
किसी व्यक्ति की बचत करने की क्षमता को प्रभावित करनेवाला सबसे महत्वपूर्ण तत्व क्या है?
उत्तर-
बचत करने की शक्ति या क्षमता को प्रभावित करनेवाला सबसे महत्वपूर्ण तत्व व्यक्ति की आय तथा आय का समाज में वितरण है। जिस देश में राष्ट्रीय आय का वितरण असमान होता है, वहाँ बचत करने की शक्ति अधिक होती है।

प्रश्न 5.
किसी व्यक्ति की बचत करने की इच्छा किन बातों से प्रभावित होती है ?
उत्तर-
बचत करने की मात्रा बचत करने की इच्छा पर निर्भर करती है। बचत करने की इच्छा मनुष्य, अनिश्चित भविष्य को देखकर और सोचकर, पारिवारिक स्नेह के कारण, धनी व्यक्तियों के प्रतिष्ठा और सम्मान-देखकर करता है। कुछ व्यक्ति स्वभाव से कंजूस होते हैं उनमें बचत करने की इच्छा अधिक होती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
साख के मुख्य आधार क्या है ? विस्तार पूर्वक चर्चा करें।
उत्तर-
साख के निम्नलिखित मुख्य आधार है

  • विश्वास साख का मुख्य आधार विश्वास है। कोई भी व्यक्ति ऋण लेने वाले के ऊपर भरोसे के आधार पर ही ऋण देता है।
  • चरित्र ऋणदाता ऋणी व्यक्ति के चरित्र के आधार पर ऋण देता है। यदि ऋणी व्यक्ति चरित्रवान तथा ईमानदार है तो उसे आसानी से ऋण दे दी जाती है।
  • ऋण चकाने की क्षमता ऋणदाता किसी व्यक्ति को उधार तब देता है जब उस व्यक्ति के भुगतान करने की क्षमता पर पूर्ण विश्वास हो।
  • पूंजी एवं संपत्ति-जिस व्यक्ति के पास जितनी ही अधिक पूँजी अथवा संपत्ति होगी, उसे उतना ही अधिक ऋण मिल सकता है।
  • ऋण की अवधि ऋण की अवधि का प्रभाव भी साख देने की क्षमता पर पड़ सकता है। ऋण देने वाले को यह भय लगा रहता है कि समय अधिक बीतने पर ऋणी की क्षमता, चरित्र और आर्थिक स्थिति बदल न जाए। सभी बातें साख देने के मुख्य आधार

प्रश्न 2.
वस्तु-विनिमय प्रणाली में मुख्य कठिनाई क्या थी ? मुद्रा ने इस कठिनाई को कैसे दूर किया है?
उत्तर
वस्तु-विनिमय प्रणाली में मुख्य कठिनाई निम्नलिखित थी।

  • दोहरे संयोग का अभाव वस्तु-विनिमय प्रणाली में आवश्यकताओं के दोहरे संयोग का अभाव था। इसके अंतर्गत ऐसे दो व्यक्तियों में संपर्क होना आवश्यक है जिनके – पास एक-दूसरे की आवश्यकता की वस्तुएँ हों। वास्तविक जीवन में इस प्रकार का संयोग बहुत कठिनाई से होता है।
  • मापन की कठिनाई एक समान मापदंड के अभाव के कारण दो वस्तुओं के बीच विनिमय का अनुपात निश्चित करना कठिन था। जैसे-एक किलोग्राम गेहूँ के बंदले – कितने गाय या कपड़े दिया जाए यह तय करना मुश्किल था।
  • अविभाज्य वस्तुओं के विनिमय में उत्पन्न समस्याएँ, पशुओं को विनिमय करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। क्योंकि इनको विभाज्य करने पर इनकी उपयोगिता नष्ट हो जाती है। जैसे-एक मीटर कपड़े के बदले घोड़े या गाय का विनिमय। इसमें घोड़े के काटने के बाद उसकी उपयोगिता ही समाप्त हो जाएगी।
  • मूल्य संचयन का अभाव- उत्पादित वस्तुओं का दीर्घकाल तक संचित करके नहीं रख सकते। जैसे-फल, फूल, सब्जी, मछली इत्यादि।
  • भविष्य में भुगतान की कठिनाई- कुछ ऐसी वस्तएँ जो उधार के तौर पर दूसरे व्यक्ति से ली गई हैं यदि उसे कुछ वर्षों बाद वापस कर दी जाती है तो उसकी उपयोगिता या तो घट जाती है या समाप्त हो जाती है।

मूल्य हस्तांतरण की समस्या-यदि कोई व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता है तो ऐसी स्थिति में उसे सारी सम्पत्ति छोड़ कर जाना पड़ सकता है। वस्तु-विनिमय प्रणाली की कठिनाइयों ने ही मुद्रा को जन्म दिया। मुद्रा के विनिमय के माध्यम होने से वस्तु-विनिमय प्रणाली के आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की कठिनाई दूर हो गई। मुद्रा के द्वारा वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य मापने में आसानी हो गयी। मुद्रा के द्वारा अविभाज्य वस्तुओं का आसानी से मूल्य मापन से उनकी समस्या का समाधान भी हो गया। मुद्रा के रूप में संपत्ति का संचय आसानी से होने लगा। इस प्रकार मुद्रा के प्रचलन में आने से वस्तु-विनिमय प्रणाली की सभी कठिनाइयों का समाधान आसानी से संभव हुआ।

प्रश्न 3.
बैंक किस प्रकार साख का सृजन करते हैं ? क्या इनकी साख-सृजन अथवा साख-निर्माण की क्षमता असीमित है ?
उत्तर-
आधुनिक अर्थव्यवस्था में साख का स्थान अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। साख को वर्तमान । आर्थिक प्रणाली की आधारशिला माना गया है। – साख अथवा बैंक-मुद्रा का निर्माण देश के व्यावसायिक बैंकों द्वारा किया जाता है। बैंक प्रायः

उत्पादकों एवं व्यापारियों के लिए अल्पकालीन ऋण या साख की व्यवस्था करते हैं। परंतु, बैंक इन्हें किस आधार पर साख प्रदान करते हैं ? साख का निर्माण बैंकों में जनता द्वारा जमा किए गए धन के आधार पर होता है। बैंकों के साथ निर्माण की पद्धति को एक उदाहरण द्वारा अधिक पष्ट किया जा सकता है। मान लीजिए कि कोई व्यक्ति बैंक के अपने खाता में 10,000 रुपये की राशि जमा करता है। चूंकि ग्राहक बैंक में जमा अपने धन को किसी समय भी निकाल सकते हैं, इसलिए बैंक को इतनी रकम हर समय अपने पास रखनी चाहिए। परंतु, बैंक व्यवहार में ऐसा नहीं करते। अपने अनुभव से वे जानते हैं कि जमाकर्ता अपनी संपूर्ण जमाराशि की माँग एक ही समय नहीं करते। मान लें कि एक निश्चित समय में कुल जमाराशि के 10 प्रतिशत भाग की ही जमाकर्ताओं द्वारा मांग की जाती है।

ऐसी स्थिति में 10,000 रुपये के जमा में से 1,000 रुपये नकद रखकर बैंक शेष 9,000 रुपये दूसरों को ऋण या साख के रूप में दे सकता है। बहुत संभव है कि ऋण-प्राप्तकर्ता इस 9,000 रुपये को पुनः उसी बैंक अथवा किसी अन्य बैंक में जमा कर दे। दूसरे शब्दों में, यह राशि बैंकिंग-प्रणाली को फिर जमा के रूप में प्राप्त हो जाती है। अतएव, बैंक इस जमा का भी 10 प्रतिशत, अर्थात 900 रुपये अपने नकद कोष में रखकर शेष 8,100 रुपये पुनः उधार दे सकता है। इस प्रकार, बैंक का यह क्रम चलता रहेगा और वह अपनी मूल जमाराशि से कई गुना अधिक साख का निर्माण कर सकता है।

परंतु, बैंकों की साख-निर्माण की क्षमता असीमित नहीं होती। नकद मुद्रा साख-सृजन का मुख्य आधार है। अतएव, केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की गई मुद्रा की मात्रा जितनी अधिक होगी, व्यावसायिक बैंक उतनी ही अधिक साख का निर्माण कर सकते हैं। यही कारण है कि जब केंद्रीय – बैंक मुद्रा की पूर्ति को घटा देता है तब बैंकों की साख-सृजन की शक्ति भी स्वतः घट जाती है।

इसके अतिरिक्त बैंकों के साख-निर्माण की क्षमता केंद्रीय बैंक में रखें जानेवाले नकद कोष के : अनुपात, जनता की बैंकिंग संबंधी आदतों तथा साख अथवा ऋण की मोग आदि बातों पर भी निर्भर करती है।

Bihar Board Class 10 Economics मुद्रा, बचत एवं साख Notes

प्रारंभिक अवस्था में मनुष्य का व्यापार वस्तु-विनिमय पर आधारित है।

  • विनिमय के दो रूप है-(i) वस्तु विनिमय प्रणाली एवं (ii) मौद्रिक विनियम प्रणाली।
  • वस्तु विनिमय प्रणाली के अंतर्गत किसी वस्तु या सेवा का विनिमय किसी अन्य वस्तु या सेवा के साथ प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है।
  • वस्तु विनिमय प्रणाली में आवश्यकताओं के दोहने संयोग का अभाव था।
  • एक सामान्य मापदंड के अभाव में वस्तु-विनिमय प्रणाली के अंतर्गत दो वस्तुओं के बीच विनिमय का अनुपात निश्चित करना कठिन था।
  • इस प्रणाली में धन या संपत्ति के संचय का कार्य भी अत्यंत कठिन था।
  • वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाइयों ने ही मुद्रा को जन्म दिया।
  • मुद्रा का विकास मानव आविष्कारों में एक महान आविष्कार है।
  • मुद्रा न वस्तु विनिमय प्रणाली के दोषों को दूर कर दिया।
  • मुद्रा विनिमय का माध्यम है तथा आज सभी वस्तुओं का विनिमय मुद्रा के माध्यम से होता है।
  • मुद्रा मूल्यमापन तथा संपत्ति के संचय का कार्य भी करती है।
  • मुद्रा वह धुरी है जिसके चारों ओर अर्थविज्ञान घूमता है।
  • बचत आय का वह भाग है जिसका वर्तमान में उपभोय नहीं किया जाता है।
  • बचत को प्रभावित करनेवाला सबसे महत्वपूर्ण तत्व आय का स्तर है।
  • आय में वृद्धि होने से बचत के अनुपात में भी वृद्धि होता है।
  • साख का संबंध भरोसा या विश्वास करने से है।
  • आर्थिक दृष्टि से किसी व्यक्ति या संस्था की साख से उसकी ईमानदारी तथा ऋण लौटाने की क्षमता काम्बोध होता है।
  • मुद्रा के विस्तार के बाद साख प्रणाली का बहुत अधिक विस्तार हुआ है।
  • व्यावसायिक बैंकों द्वारा दिए जानेवाले ऋण को साख-मुद्रा कहते हैं।
  • व्यावसायिक बैंक अपनी नकद जमाराशि के आधार पर ही साख का निर्माण करते हैं।
  • आय तथा उपभोग का अंतर बचत कहलाता है।
  • आजकल प्लास्टिक मुद्रा (ए.टी.एम. सह डेबिट कार्ड तथा क्रेडिट कार्ड) का प्रचलन है।
  • दो रुपये तथा इससे अधिक के सभी कागजी मुद्रा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा चलाया जाता है।
  • एक रुपया का कागजी मुद्रा तथा सभी प्रकार के सिक्के केन्द्र सरकार के वित्त विभाग द्वारा चलाया जाता है।

Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 2 कृषि

Bihar Board Class 10 Social Science Solutions Geography भूगोल : भारत : संसाधन एवं उपयोग Chapter 2 कृषि Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Social Science Geography Solutions Chapter 2 कृषि

Bihar Board Class 10 Geography कृषि Text Book Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 10 Social Science Solution प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।
(क) भारत के दो सबसे महत्वपूर्ण अनाजों के नाम बतायें।
उत्तर-
धान एवं गेहूँ।

(ख) भारत में कौन से प्रमुख मोटे अनाज उगाए जाते हैं ?
उत्तर-
ज्वार, बाजरा एवं रागी।

(ग) भारत की तीन नकदी फसलों के नाम बताओ।
उत्तर-
आम, संतरा, केला।

(घ) हमारे देश की सबसे प्रमुख रोपण फसल कौन-सी है ?
उत्तर-
चाया

Class 10 Geography Chapter 2 Notes In Hindi प्रश्न 2.
अंतर बताओ :
(क) नकदी और रोपण फसल
उत्तर-
वैसी फसल जिसके उत्पादन को सीधे बाजार में बेचकर नकद पैसा प्राप्त किया जाता है नकदी फसल कहलाती है। जैसे-आम, केला, लीची इत्यादि। वैसी फसल जिसे एक बार लगाकर कई वर्षों तक उत्पादन प्राप्त किया जाता है, रोपण कृषि कहलाती है। जैसे–चाय, कॉफी।

(ख) व्यापारिक और निर्वाहक कृषि।
उत्तर-
वैसी कृषि जिसे मुख्यतः व्यापारिक उद्देश्य के लिए उगाया जाता है, व्यापारिक कृषि कहलाती है। जैसे-चाय, कॉफी, रबर इत्यादि।
वैसी कृषि जिसका मुख्य उद्देश्य होता है जीवन का निर्वहन करना, निर्वाहक कृषि कहलाती है जैसे-धाना

Class 10th Geography Chapter 2 Notes In Hindi प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से पत्येक के लिए एक शब्द लिखो: ।
(क) हमारे देश में मानसून के आरंभ में बोई जाने वाली और शरद ऋतु में काटी जाने वाली फसल।
उत्तर-
खरीफ फसला

(ख) वर्षा के पश्चात जाड़े में बोई जाने वाली और वसंत में काटी जाने वाली फसलें।
उत्तर-
रबी फसला

(ग) भूमि जिसे खेती करके छोड़ दिया गया है ताकि उर्वरता लौट सके और उसपर पुनः खेती हो सके।
उत्तर-
चालू परती भूमि।

(घ) कारखाने के उत्पादन से मिलती-जुलती वैज्ञानिक तथा व्यापारिक ढंग से की जाने वाली एक फसली खेती।
उत्तर-
चाया

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Bihar Board Solution Class 10 Social Science प्रश्न 1.
(क) भारत में उपजने वाली दो खांद्य; नकदी एवं रेशेवाली फसलों का नाम लिखें। ।
उत्तर-
दो खाद्य फसल-धान, गेहूँ। . दो नकदी-फसल-आम, संतरा दो रेशेवाली फसल-कपास, जूट।

(ख) उपर्युक्त फसलों के उत्पादन करने वाले दो प्रमुख राज्यों का नाम लिखो।
उत्तर-
खाद्य फसल उत्पादन राज्य-धन-पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, गेहूँ पंजाब, उत्तर प्रदेश। नकदी फसल उत्पादक राज्य आम-उ. प्र., आंध्रप्रदेश संतरा-महाराष्ट्र, मेघालया रेशेवाली फसल उत्पादक राज्य कपास—महाराष्ट्र, गुजरात
जूट-पश्चिम बंगाल।

(ग) भारत में उपजाई जाने वाली वर्षाधीन फसलों के नाम लिखो।
उत्तर-
धान, गेहूँ, जूट, ज्वार इत्यादि। . . कारण बताओ।

(क) कपास की खेती दक्कन प्रदेश की काली मिट्टी में अधिकांशतः होती है।
उत्तर-
भारत में कपास की खेती दक्कन प्रदेश की काली मिट्टी वाले क्षेत्र में अधिक की जाती है क्योंकि काली मिट्टी में अधिक समय तक नमी को धारण करने की क्षमता होती है जो . कपास की फसल के लिए जरूरी है।

(ख) गन्ने की उपज उत्तरी भारत की अपेक्षा दक्षिण भारत में अधिक है ?
उत्तर-
दक्षिण भारत में गन्ने के उत्पादन के लिए उत्तर भारत से अधिक अनुकूल परिस्थितिय, उपलब्ध हैं। साथ ही दक्षिण भारत में उत्पन्न गन्ने का रस अधिक मीठा होता है जबकि उत्तर . भारत में इसकी मिठास कम होती है।

(ग) भारत कपास का आयात एवं निर्यात दोनों करता है ?
उत्तर-
भारत में उत्पादित कपास छोटे रेशेवाली होती है जिसकी गुणवत्ता भी कम होती है अतः ऐसे कपास को कम कीमत पर निर्यात कर उच्च गुणवत्ता एवं लम्बे रेशेवाली कपास का भारत आयात करता है।

(घ) भारत विश्व का एक अग्रणी चाय निर्यातक देश है।
उत्तर-
भारत चाय उत्पादन में विश्व का दूसरा बड़ा देश है। यह अपने कुल उत्पादन का 75% भाग निर्यात कर देता है। भारत से लगभग 20 देशों में चाय का निर्यात होता है। भारतीय चाय की गुणवत्ता अच्छी होती है जिसकी माँग विदेशों में अधिक है। इसका मुख्य आयातक देश ग्रेट ब्रिटेन है।

पारिभाषिक शब्द :

वर्धान काल : फसल के बोने, बढ़ने और पकने के लिए उपर्युक्त मौसम वाला समय।
हरित क्रांति : हमारे देश की कृषि में क्रांतिकारी विकास। इसमें मुख्यतः नए बीजों, खादों और उर्वरकों का प्रयोग तथा सुनिश्चित जलापूर्ति की व्यवस्था के फलस्वरूप कुछ अनाजों की उपज में अधिक वृद्धि हुई।
रोपण कृषिः बड़ी-बड़ी आर्थिक इकाइयों में व्यापारिक उत्पादन के लिए एक या एक से अधिक किस्म के पौधों के रोपण की पद्धति।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 10 Geography Solutions प्रश्न 1.
शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन में कृषि के योगदान की चर्चा करें।
उत्तर-
भारत कषि प्रधान देश होने के कारण भारतीय कषि अर्थव्यवस्था में नींव के पत्थर की भाँति महत्व रखती है। हमारे सकल राष्ट्रीय उत्पादन का 40 प्रतिशत अंश कृषि से ही प्राप्त होता है। भारतीय कृषि को उद्योग का दर्जा प्राप्त है क्योंकि यहाँ की 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर ही निर्भर है। परन्तु स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सकल घरेलू उत्पादन में कृषि का योगदान लगातार घट रहा है।

Class 10th History Chapter 1 Notes Bihar Board प्रश्न 2.
भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता के कारणों को संक्षेप में लिखिए।
उत्तर-
भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता के कारण निम्न हैं

  • भारतीय किसानों का अशिक्षित एवं निर्धन होना।
  • कृषि का मानसून पर निर्भर होना।
  • कृषि में आधुनिक कृषि तकनीकों का बहुत कम प्रयोग।
  • कृषि पर जनसंख्या का अधिक दबाव।
  • घटता कृषि भूमि क्षेत्र।
  • खेतों का छोटा आकार।
  • कृषि उत्पादों का उचित मूल्य न मिलना।
  • कृषि में वाणिज्यीकरण का अभाव।

Bihar Board Class 10th Social Science Solution प्रश्न 3.
हरित क्रांति से आपं क्या समझते हैं ?
उत्तर-
आधुनिक कृषि प्रणालियों जैसे-उन्नत बीजों, खादों और उर्वरकों का प्रयोग तथा सुनिश्चित जलापूर्ति की व्यवस्था के द्वारा कृषि में क्रांतिकारी विकास को हरित क्रांति कहा जाता है। हमारे देश में इसकी शुरूआत 1960 के दशक में हुई थी। इसके द्वारा सर्वप्रथम गेहूँ उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई।

Bihar Board Class 10 History Chapter 1 प्रश्न 4.
भारतीय कृषि की पाँच प्रमुख विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर-

  • यह देश की आर्थिक जीवन का प्राण है। भारत में लगभग 2/3 लोगों की जीविका कृषि पर आधारित है।
  • यहाँ की कृषि मुख्यतः मानसून पर आधारित है।
  • कृषि की आंतरिक एवम् अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका है।
  • कई कृषिजन्य कच्चे माल उद्योगों को प्राप्त होते हैं, जैसे—कपास-सूती वस्त्रोद्योग को, . गन्ना—चीनी उद्योग को, रेशमकीट रेशम उद्योग को इत्यादि।
  • राष्ट्रीय आय का 24% भाग कृषि से ही प्राप्त होता है।

Class 10 Geography Chapter 2 Bihar Board प्रश्न 5.
भारत में उपजाई जानेवाली प्रमुख खाद्य एवं व्यावसायिक फसलों के नाम लिखिए।
उत्तर-
भारत की, प्रमुख खाद्य फसलें धान, गेहूँ, मक्का, ज्वार, बाजरा, रागी, अरहर, मूंग इत्यादि। भारत की प्रमुख व्यावसायिक फसलें-चाय, काफी, रबर, गन्ना, केला इत्यादि।

Bihar Board Class 10 Geography कृषि Additional Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

Class 10 Geography Chapter 2 Questions And Answers Bihar Board प्रश्न 1.
इनमें कौन गेहूँ का प्रमुख उत्पादक नहीं है ?
(क) पश्चिम बंगाल
(ख) मध्य प्रदेश
(ग) तमिलनाडु
(घ) राजस्थान
उत्तर-
(ग) तमिलनाडु

Bihar Board Class 10 History Solution Chapter 2  प्रश्न 2.
किस राज्य में धान के संचित क्षेत्र अधिक मिलते हैं ?
(क) पश्चिम बंगाल में
(ख) तमिलनाडु में
(ग) आन्ध्र प्रदेश में
(घ) उत्तर प्रदेश में
उत्तर-
(ख) तमिलनाडु में

Geography Class 10 Chapter 2 Bihar Board प्रश्न 3.
भारत में ग्वार की सबसे अधिक खेती कहाँ होती है ?
(क) महाराष्ट्र में
(ख) गुजरात में
(ग) उत्तर प्रदेश में
(घ) तमिलनाडु में
उत्तर-
(क) महाराष्ट्र में

प्रश्न 4.
अधिक दिनों तक वर्षा का वियोग सहना किस फसल के लिए घातक होता है ?
(क) धान
(ख) गेहूँ
(ग) चाय
(घ) कपास
उत्तर-
(ग) चाय

प्रश्न 5.
किस फसल की खेती के लिए ढालू भूमि आवश्यक है ?
(क) गेहूँ
(ख) कपास
(ग) कहवा
(घ) गन्ना
उत्तर-
(ग) कहवा

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
स्थानांतरी कृषि को झारखण्ड में किस नाम से पुकारा जाता है ? ।
उत्तर-
झारखण्ड में स्थानांतरी कृषि को कुरूवा के नाम से पुकारा जाता है।

प्रश्न 2.
भूदान आन्दोलन के प्रवर्तक कौन थे?
उत्तर-
आचार्य विनोबा भावे भूदान आन्दोलन के प्रवर्तक थे।

प्रश्न 3.
भारत के किन राज्यों को मसालों का राज्य कहा जाता है?
उत्तर-
केरल और कर्नाटक राज्यों को मसालों का राज्य कहा जाता है।

प्रश्न 4.
रबर का पौधा किस देश से लाकर भारत में उगाया गया था? .
उत्तर-
1826 ई. में सर हेनरी विलियम ने ब्राजील के पेरू क्षेत्र से खरके बीजों को लाकर भारत में इसका उत्पादन प्रारंभ किया। .

प्रश्न 5.
ग्रामदान से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
ग्रामदान का अर्थ होता है- भूमिदान। यानी अपनी स्वेच्छा से किसी मजबूर को दान में भूमि देना ग्रामदान या भूमिदान कहलाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
भारत में कृषि के लिए कौन-सी भौगोलिक सुविधाएँ प्राप्य हैं ?
उत्तर-
भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत में कृषि के लिए निम्नलिखित भौगोलिक सुविधाएँ प्राप्य हैं

  • भारत में कृषि के लिए विशाल भूमि-क्षेत्र है।
  • भारत में कृषि का प्रतिशत भी उच्च मिलता है। .
  • भारत में बहुत उपजाऊ मिट्टी उपलब्ध है।
  • भारत में जलवायु की अनुकूलता पायी जाती है। .
  • भारत में फसलों के लिए लम्बा वर्द्धनकाल पाया जाता है। .

अतः उपर्युक्त विचार-बिन्दुओं के आधार पर यह कहा जा सकता है कि भारत में कृषि के के लिए अनुकूल भौगोलिक सुविधाएं प्राप्य हैं। इन भौगोलिक सुविधाओं के कारण ही भारत एक । कृषि प्रधान देश है।

प्रश्न 2.
भारत किन कृषि जन्य पदार्थों का निर्यात करता है ? किन्हीं पाँच का उल्लेख करें।
उत्तर-
भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ कृषि-कार्य करने के लिए अनेक भौगोलिक सुविधाएँ पायी जाती हैं। भारत में अनेक व्यावसायिक फसलों का भी उत्पादन होता है। इन व्यावसायिक फसलों के उत्पादन से न केवल यहाँ की जनता का भरण-पोषण होता है, बल्कि इनका निर्यात भी किया जाता है। इन व्यावसायिक फसलों के निर्यात से भारत को विदेशी मुफ्त
की प्राप्ति होती है।

भारत विभिन्न कृषि जन्य पदार्थों या फसलों का निर्यात करता है। इनमें से पांच इस प्रकार हैं-(i) गन्ना (ii) तेलहन (iii) तम्बाकू (iv) मसाले तथा (v) रबर। इसके अतिरिक्त भारत आलू, रबर, कपास, फलों, जूट इत्यादि का भी निर्यात करता है।

प्रश्न 3.
भारत में कृषि की दो प्रमुख ऋतुएं कौन-कौन हैं ? उनमें उगायी जानेवाली फसलों को किन अलग-अलग दो नामों से पुकारा जाता है ?
उत्तर-
भारत में कृषि की दो प्रमुख ऋतुएं खरीफ और रबी ऋतुएँ हैं। इन दोनों ऋतुओं का विवेचन इस प्रकार है-

(i) खरीफ मॉनसून पूर्व की ऋतु जिसमें खेत जोतकर धान की रोपायी के लिए खेतों में बीज डाल दिए जाते हैं और वर्षा की प्रतीक्षा की जाती है। वर्षा शुरू होते ही कृषि-कार्य जोर पकड़ने लगते हैं। जून-जुलाई में फसलों की खेती आरंभ होती है और मॉनसूनी वर्षा की समाप्ति ‘तक फसलें पककर तैयार हो जाती हैं। धान, ज्वार-बाजरा, मकई, मूंगफली, जूट, कपास और अरहर
(इस दलहन को पकने में अधिक समय लगता है) की फसलों की खेती इसी ऋतु में की जाती . है। ये खरीफ फसलें कहलाती हैं।

रबी-वर्षा ऋतु के बाद और जाड़ा आरंभ होने पर जिन फसलों की खेती की जाती है, वे रबी फसलें कहलाती हैं, जैसेगेहूँ, चना, मटर, सस्सों आदि। यह ऋतु रबी की ऋतु कहलाती. है जिसमें नवंबर में बुआयी और अप्रैल-मई में इन फसलों की कटायी की जाती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्वोत्तर

प्रश्न 1.
भारतीय अर्थतंत्र में कृषि का निम्नलिखित महत्त्व है?
उत्तर-
भारतीय अर्थतंत्र में कृषि का निम्नलिखित महत्त्व है।

  • भारत की 70% आबादी रोजगार और अजीविका के लिए कृषि पर आश्रित है।
  • देश के सकल राष्ट्रीय उत्पाद में कृषि का योगदान 22% ही है। फिर भी, बहुत सारे उद्योगों को कच्चा माल कृषि उत्पाद से ही मिलता है।
  • कृषि उत्पाद से ही देश की इतनी बड़ी जनसंख्या को खाद्यान्न की आपूर्ति होती है। अगर ऐसा न हो तो खाद्यान्न आयात करना पड़ेगा। आज देश खाद्यान्न में आत्म निर्भर है। इतना ही नहीं, विकट परिस्थिति के लिए खाद्यान्न का अच्छा भंडारण भी है।
  • कृषि के अनेक उत्पाद में भारत विश्व में पहले, दूसरे एवं तीसरे स्थान पर है।
  • अनेक कृषि उत्पाद का भारत निर्यातक है जिससे विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है।
  • कृषि ने अनेक उद्योगों को विकसित होने का अवसर प्रदान किया है।

भारतीय कृषि की विशेषताएं भारत का एक बड़ा भू-भाग कृषि योग्य है। यहाँ की जलवायु और उपजाऊ मिट्टी कृषि कार्य को बढ़ावा प्रदान करते हैं।

भारत में कहीं एक फसल, कहीं दो फसल और कहीं तीन-तीन फसल तक उगाई जाती है। भारत में फसलों की अदला-बदली भी की जाती है, यहाँ अनाज की फसलों के बाद दलहन की खेती की जाती है। इससे मिट्टी में उर्वरक शक्ति बनी रहती है। यहाँ मिश्रित कृषि का भी : प्रचलन है जिसमें गेहूँ, चना और सरसों की खेती एक साथ की जाती है।

प्रश्न 2.
निम्नांकित फसल की खेती के लिए उपयुक्त दशाओं और प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों का वर्णन करें गेहूँ, कपास, गन्ना, चाय, जूट।
उत्तर-
गेहूँ-गेहूँ दूसरी महत्त्वपूर्ण खाद्य फसल है। गेहूँ शीतोष्ण फसल है। चावल की तरह ही चीन के बाद भारत गेहूँ का दूसरा उत्पादक देश है। इसकी निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं

  • फसल-रबी तथा अनाज की फसल।
  • वर्षा-75 सेमी. से कम। फसल कटते समय वर्षा हानिकारक है।
  • तापमान-बोते समय ठंडा तथा आर्द्र तापमान आवश्यक है। तापमान 10° सें. से 15° सें. तक होना चाहिए। गेहूँ काटते समय तापमान 20° सें. से 30° सें के मध्य होना चाहिए।
  • मृदा-दोमट मिट्टी। जल निकास की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • उत्पादक राज्य-गेहूं की कृषि भारत की उत्तरी-पश्चिमी भागों तक सीमित है। पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, उत्तरी गुजरात तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश। अब,भारत गेहूँ के निर्यात की स्थिति में है। ।

कपास-भारत कपास का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद इसका स्थान है। कपास ऊष्ण तथा उपोष्ण क्षेत्रों में पैदा की जाती है। इसकी निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं-

  • फसल-खरीफ, रेशेवाली नकदी फसल।
  • वर्षा- इसे 100 सेमी. के लगभग वर्षा की आवश्यकता होती है। इसके लिए अधिक तथा समान वितरित वर्षा की आवश्यकता होती है।
  • तापमान-21° सें.। प्रचुर मात्रा में धूप के साथ एक समान उच्च तापमान। कपास के लिए 210 दिन पाला रहित होने चाहिए, क्योंकि पाला कपास की खेती के लिए हानिकारक है।
  • मृदा-अच्छे जल निकास वाली गहरी काली मिट्टी, जिसमें नमी बनाए रखने की क्षमता हो।
  • उत्पादक राज्य- महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, पंजाब, हरियाणा अग्रणी राज्य हैं।

गन्ना- गन्ना, चीनी और गुड़ खान्डसारी प्रमुख स्रोत हैं। इसके लिए निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं

  • फसल-खरीफ तथा नकदी फसल।
  • वर्षा- इसके लिए 75 से 100 सेमी. वर्षा उपयुक्त रहती है।
  • तापमान-21°C-27°C
  • मृदा-जलोढ़ तथा काली मृदा। गन्ने की कृषि के लिए श्रम की आवश्यकता अधिक होती है।
  • उत्पादक राज्य- उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक।

चाय-यह एक उष्ण तथा उपोष्ण जलवायु का पौधा है। इसके लिए निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं

  • फसल-खरीफ, पेय तथा नकदी फसल है।
  • वर्षा-वार्षिक वर्षा 150 सेमी. से अधिक की आवश्यकता है।
  • तापमान-चाय की पैदावार के लिए 20° सें. से 30° सें. के मध्य तापमान की – आवश्यकता होती है। उच्च आर्द्रता चाय की मुलायम पत्तियों के विकास के लिए अच्छी होती है।
  • मृदा-गहरी तथा जल निकास वाली जलोढ़ मृदा। चाय के रोपण कृषि प्रायः ढालू भूमि पर की जाती है। चाय के लिए अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है लेकिन उसकी जडों में पानी नहीं रुकना चाहिए। क्योंकि यह हानिकारक है।
  • उत्पादक राज्य-असम, पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिले, राँची पठार (झारखंड), उत्तरांचल की दून घाटी, तमिलनाडु तथा केरल उत्पादक राज्य हैं।

जूट-जूट उंष्ण और आर्द्र जलवायु की फसल है। इसके लिए निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं

  • फसल-खरीफ, रेशेवाली तथा नकदी फसल।
  • वर्षा_ इसके लिए अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है। यह उन प्रदेशों में उगाया जाता है जहाँ 200 सें.मी. से अधिक वर्षा होती है।
  • तापमान–20° सें. से 30° से. तापमान इसके उत्पादन के लिए उपयुक्त रहता है।
  • मृदा- जल निकास की अच्छी जलोढ़ दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है।
  • उत्पादक राज्य बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, उड़ीसा और मेघालय जूट उत्पादक राज्य हैं।

प्रश्न 3.
गेहूं की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियों की विवेचना करें।
उत्तर-
गेहूँ-गेहूँ दूसरी महत्त्वपूर्ण खाद्य फसल है। गेहूँ शीतोष्ण फ़सल है। चावल की तरह.. ही चीन के बाद भारत गेहूँ का दूसरा उत्पादक देश है। इसकी निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं-

  • फसल- रबी तथा अनाज की फसल।
  • वर्षा-75 सेमी. से कम। फसल कटते समय वर्षा हानिकारक है।
  • तापमान बोते समय ठंडा तथा आर्द्र तापमान आवश्यक है। तापमान 10° सें. से 15° से. तक होना चाहिए। गेहूँ काटते समय तापमान 20° सें. से 30° सें के मध्य होना चाहिए।
  • मदा-दोमट मिट्टी। जल निकास की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • उत्पादक राज्य गेहूँ की कृषि भारत की उत्तरी-पश्चिमी भागों तक सीमित है। पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, उत्तरी गुजरात तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश। अब भारत गेहूँ के निर्यात की स्थिति में है।

प्रश्न 4.
भारतीय कृषि पर भूमण्डलीकरण के प्रभाव पर एक निबंध लिखें।।
उत्तर-
भूमंडलीकरण का उद्देश्य है हमारे राष्ट्रीय अर्थतंत्र का विश्व अर्थतंत्र से जुड़ना। विश्व का बाजार सबके लिए मुक्त हो। इससे अच्छे किस्म का सामान उचित मूल्य पर कहीं भी पहुंचाया जा सकेगा। भारतीय कृषि के विकास के लिए उपयुक्त जलवायु, मिट्टी और श्रमिकों का सहारा लेकर किसान उन्नत किस्म के खाद्यान्नों तथा अन्य कृषि उत्पादों को विश्व बाजार में प्रवेश करा सकेंगे। इसमें प्रतिस्पर्धा का सामना होगा। सामना करने के लिए उन्नत तकनीकी उपायों का सहारा लेना होगा। भारतीय कृषि में अधिकाधिक विकास करने की आवश्यकता है।

भूमंडलीकरण भारत के लिए कोई नया कार्य नहीं है। प्राचीन समय से ही भारतीय सामान विदेशों में जाया करता था और विदेशों से आवश्यक सामग्री भारतीय बाजारों में बिकते थे। परंतु 1990 से वैधानिक रूप से भूमंडलीकरण और उदारीकरण की नीति अपनाने के बाद विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धा के कारण कृषि के क्षेत्र में उन्नत तकनीक और मशीनों का प्रयोग बढ़ रहा है। साथ ही खाद्यान्नों की अपेक्षा व्यापारिक फसल के उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है।

Bihar Board Class 10 Geography कृषि Notes

  • भारत कृषि की दृष्टि से एक संपन्न राष्ट्र है। यहाँ के 2/3 लोगों की जीविका कृषि पर आधारित है।
  • देश की 24% आय कृषि से ही प्राप्त होती है।
  • कृषि योग्य भूमि को चार भागों में बाँटा जाता है
    (i) शुद्ध बोया गया क्षेत्र (ii) चालू परती भूमि (iii) अन्य परती (iv) कृषि योग्य व्यर्थ भूमि।
    Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 2 कृषि - 1
  • भारत में विश्व का सबसे अधिक पशुधन है। यहाँ विश्व की 57% भैंस तथा विश्व की 14% गाय रहती हैं।
  • भारत विश्व में काजू का सबसे बड़ा निर्यातक देश है।
  • मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र मिलकर भारत का 90% सोयाबीन उत्पन्न करते हैं।
  • चाय की खेती की शुरुआत 1840 में अंग्रेजों ने ब्रह्मपुत्र की घाटी में किया था।
  • चाय में थीन (Then) नामक एक पदार्थ होता है जिसके कारण इसे पीने से हल्की ताजगी महसूस होती है।
  • भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की अर्थव्यवस्था के विकास में कृषि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • भारत कृषि की दृष्टि से एक सम्पन्न राष्ट्र है। यहाँ के = लोगों की जीविका कृषि पर आधारित है।
  • देश की 24% आय कृषि से ही प्राप्त होती है।
  • भारत की लगभग दो-तिहाई आबादी कृषिकार्यों से जुड़ी है।
  • पौधों के अंकुरण के लिए कम-से-कम 6°C तापमान जरूरी है।
  • देश में शुद्ध बोई गई भूमि 14 करोड़ हेक्टेयर है।
  • फसलों के प्रकार (क) आई फसलें- धान, गन्ना, जूट, साग-सब्जी (ख) शुष्क फसलें मकई, ज्वार, बाजरा, महुआ
  • प्राथमिक क्रिया के अंतर्गत कृषि, पशुपालन, मत्स्योत्पादन एवं वानिकी कार्य शामिल है।
  • स्थान बदल-बदलकर खेती करने की पद्धति को ‘स्थानांतरी कृषि’ कहा जाता है।
  • खरीफ फसलें—धान, ज्वार, बाजरा, मकई, मूंगफली, जूट, कपास, अरहर।
  • रबी फसलें-गेहूँ, चना, मटर, सरसों। , .
  • देश में चावल का प्रतिहेक्टेयर उत्पादन 2,000 किलोग्राम है।
  • रोपण कृषि में व्यापार की दृष्टि से खेती की जाती है।
  • रोपण कृषि में एक ही फसल का उत्पादन किया जाता है।
  • गहन या सघन कृषि में कम भूमि पर प्रतिहेक्टेयर उत्पादन अधिक लिया जाता है।
  • देश में चावल का वार्षिक उत्पादन लगभग 9 करोड़ टन है।
  • अमन, औस, और बोरो धान की तीन फसलें हैं।
  • देहरादून का बासमती चावल स्वाद और सुगंध के लिए विख्यात है।
  • गेहूँ की खेती के लिए पाला पड़ना नुकसानदायक है।
  • पंजाब देश का सर्वाधिक गेहूँ उत्पादक राज्य है।
  • भारत विश्व में मोटे अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
  • ज्वार की सबसे अधिक खेती महाराष्ट्र में होती है।
  • गुजरात और राजस्थान मिलकर देश का आधा बाजरा उत्पन्न करते हैं।
  • रागी का सर्वप्रमुख उत्पादक राज्य कर्नाटक है।
  • चाय रोपण कृषि की फसल है।
  • डार्जिलिंग क्षेत्र में उत्पादित चाय में सुगंध अधिक होती है।
  • चाय का. वार्षिक उत्पादन देश में 8 लाख टन है।
  • अरेबिका और रोबस्टा कहवा/कॉफी के दो प्रकार हैं।

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Very Short Answer Type Questions

B.1. Answer the following questions briefly

Once Upon A Time Class 10 Bihar Board Question 1.
How was the old woman?
Answer:
The old woman was blind but wise.

Bihar Board Class 10th English Solution Question 2.
Is this folk lore prevalent in one culture or many?
Answer:
This folk lore is prevalent in many culutures.

Bihar Board Solution Class 10 English Question. 3.
Who is the father of that old woman?
Answer:
The father of the old woman is a black American Slave.

Bihar Board Class 10 English Book Solution Question. 4.
Where does the old woman live?
Answer:
The old woman lives alone in a small house outside of town.

Once Upon A Time Summary In English Bihar Board Question 5.
How is her reputation for wisdom?
Answer:
Her reputation for wisdom is unquestionable and beyond any doubt.

Question Answer Of Once Upon A Time Bihar Board Question 6.
What is her position in the neighbourhood?
Answer:
The honour she is paid and the respect she commands and held reach beyond her neighbourhood, to places far away.

Bihar Board 10th Class English Book Pdf Question 7.
What position she hold among her people.
Answer:
Among her people she holds both the law and its transgression (the person who violates the law).

Bihar Board Class 10 English Book Solution Pdf Download Question 8.
What does the old woman know about those people?
Answer:
The old lady only knows the motive of those people. She is blind and cannot see her visitors. –

Bihar Board English Book Class 10 Pdf Download Question 9.
Who visited the old lady one day?
Answer:
One day some young people visited the old lady.

Question 10.
What was the purpose of visit of those people?
Answer:
The purpose of visit of those people was their inclination to prove wrong whatever they were seeing from their eyes, showing her up for the fraud they believed she was and to disclose her clairvoyance.

Question 11.
What was the plan of those people?
Answer:
There plan was simple. They entered her house and asked the answer of their question for which they had come.

Question 12.
What is the difference between the old woman and those people? Ans. There is a difference between the old lady and those people (visitors). She has deep inability due to her blindness, whereas those people have eyesight and are young.

Question 13.
What was the reaction of the young people when woman was silent for long?
Answer:
When woman was silent for long, the young people felt trouble in holding their langhter. They laughed at her.

Question. 14.
What was the answer of the old woman?
Answer:
The old woman replied that she did not know whether the bird he (the young boy) was holding was dead or alive. She further said that she only knew that the bird was in his hands.

Question 15.
The young visitors are reprimanded for which conduct of theirs?
Answer:
The young visitors are reprimanded (scolded severly) for parading their power and her helplessness.

Question 16.
What one understand by‘bird’ and woman in terms of the Nobel Laureate?
Answer:
In terms of the Nobel laureate the bird is language dnd the woman is a “practised writer”.

B. 2. Short Answer Type Questions

Question 1.
Who are ‘they’ according to the writer’s perception?
Answer:
‘They’ are the young people, the visitors who come to the old blind woman.

Question 2.
According to the writer the future of language was in whose hands?
Answer:
According to the writer the future of language was in the hands of young visitors or the young generation.

Question 3.
What according to the writer could have been the purpose of visit of such young people?
Answer:
According to the writer, the purpose of visit of such young people to the old lady’s house could have been a fraud or a trick to get to be spoken to.

Question 4.
When one is young then how one sees language?
Answer:
When one is young he sees language as meditation.

Question 5.
How is language interpreted by the old woman?
Answer:
The old woman has interpreted the language to be the bird that is not in the hands of one of those young people.

C. 1. Long Answer Questions

Question.1.
Enumerate the traits of the old woman.
Answer:
The old woman is blind but wise, who is living alone in a small house, outside the town. She is the daughter of black American slaves. She is spending her life in a most simple way and her reputation is undisputedly far and wide for her wisdom. She had acquired undue honour, not only in her neighbourhood but even in far away city, She possesses extraordinary keen insight. She is a clarvoyant. The old woman does not feel irritated when some young people visit her and put some questions. Telling that one bird is in his hands he asks that whether it is living or dead.

The question was irrelevant as the old lady is blind. When he has repeated the same question she calmly says that she does not know whether, the bird is dead or alive. The only thing what she can say is that it is in his hands. The young visitors even scold her for her such reply, but she does not react. Thus, the old lady has much tolerance and justification. She does not loose her temper. As such she commands the respect and sympathy of all, those come in her contact.

Question. 2.
Have you recently heard a story which is interesting? Write down in 100 words?
Answer:
It is a fact that good and interesting story provides pleasure and substantial lesson. Such story imparts a deep impression which remains t throughout the life. “Gillu” written by Mahadevi Verma is most interesting and the real story of her life. I have gone through (he story in the text. “Gillu” was a tiny baby squirted. It had fallen down from the nest of a tree in her garden and was wounded. Out of her genercusity, she brought it in her room and gave it proper nursing and care. She arranged a flower basket, as its nest on her window.

It was given delicious and nutrient food like Kaju, biscuits etc. During the course of her indisposition he vould sit near her head and gently stroke her forehead by its bushy tail. She had so much affection for Gillu that it was most unbearable for her to lose its company. But unfortunately, Gillu died in about two years. It was great shock to her. But it was her belief that on some spring day she would find, Gillu in the guise of a tiny yellow flower. The story is the example of compassionate feeling of Mahadevi Verma and throw a light on the sense of humanity. Really, the art of story-telling is gradually going down.

Question 3.
Do you think that language is crucial to a writer ? Give any three reasons.
Answer:
Yes, Language is crucial to a writer. It plays a dominant role in taking any decision by him. His course of action and tender sentiments are guided by the concept or general notion of the language. The three reason behind its being crucial may be cited by the following facts :

  • it is language that tells us how to see without pictures. It means, we can know the situation of an event or incident through the language, without the help of the pictures,
  • it is language which alone protects us from the frightening or causing fear of things,
  • Language is the only means of meditation. It creates the act of meditating. Thus language is crucial to a writer for his profound expression of facts.

Question 4.
Quote a few lines from the text which highlights the plight of woman and depressed classes.
Answer:
The following few lines from the text, very well highlight the plight of woman and depressed classes

  • “Old woman, I hold in my hand a bird, tell me whether it is living or r dead”.
  • For parading their power and her helplessness, the young visitors are reprimanded, told they are responsible not only for the act of mockery’ but also for the small bundle of life sacrificed to achieve its aims. The – blind
  • woman shifts her attention away from assertions of power to the instrument through which that power is exercised.
  • Perhaps what the children heard was, “It is not my problem. ‘I am old female, black, blind. What wisdom I have now is in knowing I cannot help you. The future of language is yours.”
  • Tell us what it is to be a woman sp that we may know what it is to be a man. What it is to have no home to this place. To be set adrift from the one you know; What if is to live at the edge of towns that cannot bear your company.
  • Tellus about hwagonload of slaves, howthey sangso softly their breath was’ indistinguishable from the falling snow. How they knew from the lunch of the nearest Shoulder that the next stop would be their last.

These are the few lines from the text which highlight the plight of woman and depressed classes.

Question 5.
Write a paragraph on a character, in the story that has impresed you.
Answer:
I liked the character of the old woman. I like her reputation for wisdom which was without peer and without questions among the people she was both the laws and its trangression. The honour she is paid and the awe in which, she is held is reached beyond her nighbouthood to places far away to city where intelligence of rubral prophets is the source of much amusement.

C.2. Discussion

1 Discuss any modern story which highlights recent cultural events and development.
Answer:
Mrs. Kumud was the victim of neglect and ill-treatment by her husband Mr. S. Sinha, her son Goel and her daughter Priya. She discussed her problem with her fortunes-telling neighbour Mrs. Riya. The bold and firm neighbour advised her to take a bold step and refuse to dance to their tune. Since Mrs. Kumud was too weak and docile to displease her family. She did let her neighbour to the same.

They exchanged personalities for some time Mrs. Riya rebuked all the three and showed them their places. They were shocked and became subdued. They submitted meekly to the wishes of their mother. It was Mrs. Kumud’s day of victory. This story raises a vital issue that concerns in every modem house.

2. Stories that we bear as children are remembered for even. Relate any such story from your memory.
Answer:
I have heard some stories when I was a child. But one of them was extremely fine. The story teller’s description has magical charms, his imagination is delicate and fanciful His speciality lies in his capacity of transporting his listeners into the land of faries and dreams. The unreal became very real. The story produce both music and thrill.

The story. An old aunty alongwith the three children was travelling by a train. A young man was sitting opposite to her. The aunt started telling a story. She was unable to satisfy the curiosity of the children. The young man intervented and told a different kind of story. It fed the curiosity and imagination of the children- The good girl in the story was devoured by g wolf but the children felt delighted it is thrilling.

C. 3. Composition

1. You received a prize for writing story. Prepare a speech to be delivered while accepting the prize.
Answer:
Our revered Princpal, Teacher and Dear, Friends.

I feel privileged to got an opportunity to speak on he. occasion of haying received a prize for writing a story. I am proud of getting this award. It is also a matter of pride for our school. It was an inter school competition. The Headmaster of my school gave a grand tea party in honour of my brilliant success.

The memory of this day is still fresh in my mind.
Thank all of you.

2. Write a paragraph on a character from his story which impressed
Answer:
Only the character of old woman impressed me much.  A slave’s daughter was famous for her wisdom. Though she was old black and blind but wise. She was known to ail. Some young people visited her to make a mockery. But she was not nervous. She spoke to them in soft but stem voice. The visitors considered her as practiced writer.

D. 1. Word Study

Correct the spelling of the following words:
assersion, Instrument, speculison movee, riputation, Lach Slinece, vertion
Answer:
Assertion instrument speculation motive interruption latch Silence version.

D.2. Word Meaning.

Match the words or phrases in column (A) with their meanings in column (B)

A B
Amusement statement of account
Version Pastime
Violate mental view
Speculation to break

Answer:
Amuseirent …….. pastime
version ………. statement of account
Violate ………… to break
Speculation ……… mental view.

D. 3. Phrase

‘Once upon a time’ is a phrase used in the text. Find out more phrases from the text and use in sentence of your own.
Answers:
(i) In the lorce of: This story is famous in the lore of many cultures.
(ii) Without question: He is known to all without question.
(iii) Responsible for: Ramu was the only man who was responsible for that work.
(iv) Mouth to mouth: Wine was passed from month to mouth.
(v) Glance into: They glanced into each other’s eyes.

E. Grammar

Ex. 1. Punctuation Marks are essential in the language composition. In class IX you have already studied about few punctuation marks. Here below few other punctuation marks are given. See them minutely and learn these marks
(1) !’ = Note of Exclamation
(2) ” ” = Inverted commas.
(3) ( ) = Bracket parenthesise

Now locate the punctuation marks from the passage given below
Raman: Hello! How do you do?
Ali: Hello! I am fine Raman. Well done! you have brought a laureate for the school.
Raman: Ali,’ I always remember your advice, perfection is essential for success in every walk of life my grandfather told me. “True devotion bear a delicious fruit”, it means (true) result.
Answer:
Raman: T Note of exclamation, interrogation mark.
Ali: T Note of exclamation (.) Full stop.
Raman: (‘) comma,”” inverted commas.

Ex. 2. Different punctuation marks have been used in this paragraph from the text. Identify in the passage given below
“Old woman, I hold in my hand a bird. Tell me whether it is living or dead”.
Now in the given passage use the punctuation marks to make meaningful sentences.
She does not answer and the question is repeated is the bird I am holding living or dead still she does not answer she is blind and can not see her visitors let alone what is in their hand she does not.

G. Translation

Translate into Hindi/your mother language:
One day the woman is visited by some young people who seem bent on disproving her clairvoyance and showing her up for the fraud they believe she is. Their plan is simple: they enter her house and ask the one question the answer to which rides solely on her difference from them, a difference they regard as a profound disability: her blindness. They stand before her, and one of them says, “old woman, I hold in my hand a bird. Tell me whether it is living or dead.”

Answer:
एक दिन कुछ नवयुवक बुढ़िया के यहाँ भ्रमण करते हैं, जिनका मकसद होता है – यह सिद्ध करना कि वह अन्तर्यामी नहीं है तथा एक धोखेबाज है। उसकी योजना साधारण है। वे लोग उसके घर में प्रवेश करते हैं और एक प्रश्न पूछता है। उसका उत्तर उन लोगों के विचार से पूर्णता भिन्न रहता है। इतनी भिन्नता कि वे उसकी अयोग्यता का कारण अंधापन मानते है। वे लोग उसके पास खड़े रहते हैं और उनमें से एक प्रश्न करता है, “बूढ़ी औरत, मैंने अपने हाथ .. में एक चिड़ियी पकड़ी है, मुझे बताओ, यह जीवित है या मृत।”.

Comprehension Based Questions With Answers

4 Read the following extracts carefully and answer the questions that follow each

1. “Once upon a time there was an old woman. Blind. Wise.”
In the version I know, the woman is the daughter of slaves, black, Ameri¬can, and lives alone in a small house outside of town. Her reputation for wisdom is without peer and without question Among her people, she is both the law and its transgression. The honour she is paid and the awe in which she is held reach beyond her neighbourhood to places for away; to the City where the intelligence of rurgl prophets is the source of much amusement.
Questions:
(i) Name the piece from which this extract has been taken.
(ii) Where does the old woman live?
(iii) How is her reputation for wisdom?
(iv) What is her position in the neighbourhood?
(v) Which word in the passage means ‘the violation of a law’?
Answers:
(i) This extract has been taken from the piece‘Once Upon a Time’.
(ii) The old woman lives alone in a small house outside of town.
(iii) Her reputation for wisdom is without peer and without question.
(iv) She is both the law and its violation among her people. She is honoured as a rural prophet in the neighbourhood.
(v) The word ‘transgression’ means ‘the violation of a law’.

2. One day the woman is visited by some young people who seem bent on disproving her clairvoyance and showing her up for the fraud they believe she is. Their plan is simple: they enter her house and ask the one question the answer to which rides solely on her difference from them, a difference they regard as a profound disability: her blindness. They stand before her, and one of them says.
“Old woman, I hold in my hand a bird. Tell me whether it is living or dead.”

She does not answer, and the question is repeated. “Is the bird I am holding living or dead?” Still she does not answer. She is blind and cannot see her visitors, Let alone what is in their hands. She does not know their colour, gender or homeland. She only knows their motive. The old woman’s silence is so long, the young people have trouble holding their laughter. Finally she speaks, and her voice is soft but stem. I don’t know,” she says. “I don’t know whether the bird you are holding is dead or alive, but what I do know is that it is in your hands. It is in your hands.”
Questions:
(i) Who is the author of this extract?
(ii) Who came to the woman?
(iii) What was the purpose of the visitors?
(iv) What did one of them ask the woman?
(v) What does the word ‘clairvoyance’ mean?
Answers:
(i) Toni Morrison is the author of this extract.
(ii) Some young people came to the woman.
(iii) The purpose of the visitors was to show that the woman was a fraud who did not possess the power of seeing mentally what was happening.
(iv) One of them asked the woman whether the Bird which he was holding in his hand was living or dead.
(v) The word ‘clairvoyance’ means ‘the power of seeing mentally future events or things that are happening’.

3. For parading their power and her helplessness, the young visitors are reprimanded, told they are responsible not only for the act of mockery but also for the small bundle of life sacrificed to achieve its aims. The blind woman shifts attention away from assertions of power to the instrument through which that power is exercised.

Speculation on what (other than its own frail body that bird in the hand might signify has always been attractive to me, but especially so now, think¬ing as I have been about work I do that has brought me to this company. So I choose to read the bird as “language” and the woman as a “practiced, writer.”
Questions:
(i) Why were the young visitors reprimanded?
(ii) What did, the woman do?
(iii) What did the visitors think?
(iv) Find the word from the passage which means: affirmation.
Answers:
(i) The young men reprimanded for parading their power and her helplessness.
(ii) The woman derived her attention away from assertions of power
to the instrument through which that power was exercised.
(iii) The visitors thought that it was better they should read the bird as language and the woman as a practiced writer.
(iv) The word is assertions.

4. “Once upon a time “Visitors ask an old woman a question. Who are they, these children? What did they make of that encounter? What did they hear in those final words: “The bird is in your hands?” A sentence that gestures towards possibility, or one that drops aItch? Perhaps what the children heard was, “It is not my problem. I am old, female, black, blind. What wisdom I have now is in knowing I cannot help you.

The future of language is yours.” They stand there. Suppose nothing was in their hands. Suppose the visit was only a ruse, trick to get to be spoken to, taken seriously as they have not been before. A chance to interrupt, to violate the adult world, its miasma of discourse about them.
Questions:
(i) What did the old woman answer to the visitors questions?
(ii) How did the visitors feel?
(iii) What did interrupt the visitors?
(iv) Find the word from the passage which means: ‘unheaity envi-ronment.
Answers:
(i) The old woman replied that the children were not her problem, she was old female black and blind She further said that her wisdom did not help her because future language was theirs.
(ii) The visitors felt that nothing was in their hands. Their visit was merely a ruse.
(iii) Miasma of discourse about them interrupted them.?
(iv) The word is miasma.

5. “You, old woman, blessed with blindness, can speak the language that tells us what only language can: how to see without pictures. Language
alone protects us from the scariness of things with no names. Language alone is meditation. “Tell us what it is to be a woman r.o that we may know what it is to be a man. What moves at the margin. What it is to have no home in this place. To be set adrift from the one you knew. What it is to live at the edge of towns that cannot bear your company.
Questions:
(i) Name the lesson from which this extract has been taken.
(ii) Who was blind?
(iii) What can language do?
(iv) Who asked4he woman these questions?
(v) Which word in the passage means ‘lacking direction?
Answers:
(i) This extract has been taken from the lesson Once Upon a Time’
(ii) The old woman who was regarded as a wise person was blind.
(iii) Language can enable us tc see without pictures. It protects us from the scariness of thing’ with no names.
(iv) The young visitors asked the woman these questions.
(v) The word‘adrift’ means ‘lacking direction’.

6. “The girl offers bread, pieces of meat and something more: a glance into the eyes of the one she serves. One helping for each man, two for each woman. And a look. They look back. The next stop will be their last. But not this one. This one is warmed. It’s quiet again when the children finish speaking, until the woman breaks into the silence. “Finally,” she says. “I trust you now. I trust you with the bird that is not in your hands because you have truly caught it. Look. How lovely it is, this thing we have done together.”
Questions:
(i) Who is the author of this extract?
(ii) What does the girl offer?
(iii) Who is the woman referred to here?
(iv) What does she tell the children?
(v) Which word in the passage means ‘a quick look’?
Answers:
(i) Toni Morrison is the author of the extract.
(ii) The girl offers bread, pieces of meat and a glance into the eyes of the person she serves.
(iii) The woman referred to here is an old, blind and wise woman who is supposed to have the power of seeing mentally what is happening.
(iv) She tells the children that she trusts them with the bird that is not in their hands because they have truly caught it.
(v) The word ‘glance’ means ‘a quick look’.

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Bihar Board Class 10 Political Science Solutions Chapter 5 लोकतंत्र की चुनौतियाँ

Bihar Board Class 10 Social Science Solutions Political Science राजनीति विज्ञान : लोकतांत्रिक राजनीति भाग 2 Chapter 5 लोकतंत्र की चुनौतियाँ Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Social Science Political Science Solutions Chapter 5 लोकतंत्र की चुनौतियाँ

Bihar Board Class 10 Political Science लोकतंत्र की चुनौतियाँ Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

सही विकल्प चुनें।.

Loktantra Ki Chunotiya Question Answer Bihar Board प्रश्न 1.
लोकतंत्र की सफलता निभी करती है
(क) नागरिकों की उदासीनता पर
(ख) नागरिकों की गैर-कानूनी कार्रवाई पर
(ग) नागरिकों की विवेकपूर्ण सहभागिता पर
(घ) नागरिकों द्वारा अपनी जाति के हितों की रक्षा पर
उत्तर-
(ग) नागरिकों की विवेकपूर्ण सहभागिता पर

लोकतंत्र की चुनौतियां Class 10 Notes Bihar Board प्रश्न 2.
15वीं लोकसभा चुनाव से पूर्व लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी थी-
(क) 10 प्रतिशत
(ख) 15 प्रतिशत
(ग) 33 प्रतिशत
(घ) 50 प्रतिशत
उत्तर-
(क) 10 प्रतिशत

आतंकवाद लोकतंत्र की चुनौती है कैसे Bihar Board प्रश्न 3.
‘लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा तथा जनता के लिए शासन है’ यह कथन है
(क) अरस्तू का
(ख) अब्राहम लिंकन का
(ग) रूसो का
(घ) ग्रीन का
उत्तर-
(ख) अब्राहम लिंकन का

Aatankwad Loktantra Ki Chunauti Hai Kaise Bihar Board प्रश्न 4.
नए विश्व सर्वेक्षण के आधार पर भारतवर्ष में मतदाताओं की संख्या है लगभग
(क) 90 करोड़
(ख) 71 करोड़
(ग) 75 करोड़
(घ) 95 करोड़
उत्तर-
(ख) 71 करोड़

लोकतंत्र की चुनौतियां Class 10 Bihar Board प्रश्न 5.
क्षेत्रवाद की भावना का एक परिणाम है-
(क) अपने क्षेत्र से लगाव
(ख) राष्ट्रहित
(ग) राष्ट्रीय एकता
(घ) अलगाववाद
उत्तर-
(घ) अलगाववाद

II. रिक्त स्थानों की पर्ति करें।

Bihar Board Solution Class 10 Social Science प्रश्न 1.
भारतीय लोकतंत्र ……………… लोकतंत्र है। (प्रतिनिध्यात्मक/एकात्मक)
उत्तर-
प्रतिनिध्यात्मक

Bihar Board Class 10 Geography Solutions प्रश्न 2.
न्यायपालिका में…………..”के प्रति निष्ठा होनी चाहिए।
उत्तर-
सत्य

लोकतंत्र के मार्ग की बाधाओं का उल्लेख करें Bihar Board प्रश्न 3.
भारतीय राजनीति में महिलाओं को……….प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की गई है।
उत्तर-
33 प्रतिशत 1

Bihar Board Class 10 Social Science Solution प्रश्न 4.
वर्तमान में नेपाल की शासन-प्रणाली…………… है।
उत्तर-
लोकतंत्रात्मक

Loktantra Ki Chunotiya Bihar Board प्रश्न 5.
15वीं लोकसभा चुनाव में यू. पी. ए. द्वारा…………..”सीटों पर विजय प्राप्त की गई।
उत्तर-
265

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Loktantra Ki Chunautiyan Bihar Board प्रश्न 1.
लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा तथा जनता के लिए शासन है। कैसे ?
उत्तर-
लोकतंत्र शासन का वह रूप है जिसके शासन की सम्पूर्ण शक्ति जनता में निहित रहती है। दूसरे शब्दों में, लोकतंत्र उस शासन व्यवस्था को कहते हैं जहाँ जनता शासन-कार्यों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेती है। शासन जनता की इच्छाओं तथा आकांक्षाओं के अनुरूप संचालित होता है। अतः लोकतंत्र जनता द्वारा संचालित, जनता का एवं जनता के लिए शासन है।

Social Science Class 10th Bihar Board प्रश्न 2.
केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच आपसी टकराव से लोकतंत्र कैसे प्रभावित होता है?
उत्तर-
केन्द्र और राज्यों के बीच आपसी टकराव से आतंकवाद से लड़ने और जनकल्याणकारी योजनाओं (शिक्षा, जाति भेदभाव, लिंग भेद, नारी शोषण, बाल मजदूरी एवं सामाजिक कुरीतियों) इत्यादि के सुचारु क्रियान्वयन में बाधा पहुंचती है, जबकि कोई भी अपेक्षित लक्ष्य हासिल करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर सामंजस्य एवं तालमेल आवश्यक है।

Bihar Board Class 10 History Book Solution प्रश्न 3.
परिवारवाद क्या है ?
उत्तर-
परिवारवाद ऐसी मानसिकता है जिससे राजनीति भी प्रभावित हुई है। इसके अन्तर्गत राजनीतिक दल के सुप्रीमों या अध्यक्ष चुनाव में अपने ही परिवार के ज्यादा-से-ज्यादा सदस्यों को टिकट देते हैं। अत: परिवारवाद राजनीति को काफी हद तक प्रभावित करती है।

Bihar Board Class 10th Geography Solution प्रश्न 4.
आर्थिक अपराध का अर्थ स्पष्ट करें।
उत्तर-
वैसा अपसमजो आर्थिक कारणों के लिए होती है जैसे बैंक डकैती, क्लर्क, अफसर द्वारा घूस लेना, सरकारी खजाने का दुरुपयोग करना एवं सरकारी सम्पत्ति को हड़पना इत्यादि।

Bihar Board Class 10 History Chapter 1 प्रश्न 5.
सूचना का अधिकार कानून लोकतंत्र का रखवाला है, कैसे?
उत्तर-
सूचना का अधिकार कानून द्वारा लोगों को जानकार बनाने और सरकार के काम-काज एवं उसकी नीति जानने का अधिकार जनता को दिया गया है। ऐसा कानून भ्रष्टाचार पर रोक लगाता है। सूचना का अधिकार होने से लोग सरकार की प्रत्येक नीति एवं कार्य के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। अतः सूचना का अधिकार कानून लोकतंत्र का रखवाला है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 10 History Notes Pdf प्रश्न 1.
लोकतंत्र से क्या समझते हैं ?
उत्तर-
लोकतंत्र या प्रजातंत्र आंग्ल भाषा के डिमोक्रेसी शब्द का हिन्दी रूपान्तर है। “डिमोक्रेसी’ शब्द दो यूनानी शब्दों के योग से बना है, ‘डेमोस’ और ‘क्रेशिया’, जिसका अर्थ है ‘जनता’ और ‘शासन’। इस प्रकार व्युत्पति की दृष्टि से लोकतंत्र का अर्थ है-जनता का शासन।
अतः लोकतंत्र शासन का वह रूप है जिसमें शासन की सम्पूर्ण शक्ति जनता में निहित रहती है। दूसरे शब्दों में, लोकतंत्र उस शासन व्यवस्था को कहते हैं, जहाँ जनता शासन-कार्यों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेती है। शासन जनता की इच्छाओं तथा आकांक्षाओं के अनुरूप संचालित होता है। अब्राहम लिंकन के शब्दों में “लोकतंत्र जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन है।’ डायसी के अनुसार”, “लोकतंत्र शासन का वह रूप है जिसमें शासक वर्ग सारे राष्ट्र की जनता का एक बड़ा अंश है।” सीले के विचारानुसार, “लोकतंत्र वह शासन है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति का भाग हो।” स्पष्ट है कि लोकतंत्र में शासन को जनता द्वारा निश्चित किया जाता है। आधुनिक समय में लोकतंत्र केवल शासन का रूप नहीं है, अपितु जीवन-दर्शन है।

Bihar Board Class 10 History Notes प्रश्न 2.
गठबंधन की राजनीति कैसे लोकतंत्र को प्रभावित करती है?
उत्तर-
स्पष्ट बहुमत नहीं आने पर सरकार बनाने के लिए छोटी-छोटी क्षेत्रीय पार्टियों का आपस में गठबंधन करना, वैसे उम्मीदवारों को भी चुन लिया जाना, दो दागी प्रवृत्ति या आपराधिक पृष्ठभूमि के होते हैं, लोकतंत्र के लिए एक अलग ही चुनौती है। गठबंधन में शामिल राजनीतिक दल अपनी आकांक्षाओं और लाभों की संभावनाओं के मद्देनजर ही गठबंधन करने के लिए प्रेरित होते हैं, जिससे प्रशासन पर सरकार की पकड़ ढीली हो जाती है।

गठबंधन में राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि सरकार के कार्यक्रमों, कार्यों एवं नीतियों में हस्तक्षेप करते हैं जिससे सरकार को कल्याणकारी कामों में मुश्किल आती है जिससे काम-काज सुचारु रूप से चलाना मुश्किल हो जाता है। लोकतांत्रिक तरीके से काम-काज नहीं हो पाता अतः मठबंधन की राजनीति लोकतंत्र को प्रभावित करती है।

Bihar Board Class 10 Sst Solution प्रश्न 3.
नेपाल में किस तरह की शासन व्यवस्था है ? लोकतंत्र की स्थापना में वहाँ क्या-क्या बाधाएँ हैं?
उत्तर-
नेपाल में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था है। प्रयोग सफलता एवं असफलता के बीच फंस गया है। लोकतंत्र की स्थापना में वहाँ सख्त राजनीतिक दल का अभाव, योग्य एवं कर्मठ राष्ट्रीय नेता का अभाव एवं राष्ट्रशाही के प्रति जनता की स्थायी भक्ति इत्यादि बाधाएं लोकतंत्र की बहाली के मुद्दे हैं।

प्रश्न 4.
क्या शिक्षा का अभाव लोकतंत्र के लिए चुनौती है ?
उत्तर-
अशिक्षा दुर्गुणों की जननी है। लोकतंत्र की सफलता के लिए शिक्षित नागरिक का होना अत्यन्त आवश्यक है। शिक्षित नागरिक ही अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में सही जानकारी रख सकते हैं और उनका सही उपयोग कर सकते हैं। लोकतंत्र का सफल परिचालन विभिन्न कार्यक्षेत्रों में नागरिक की सक्रिय सहभागिता पर ही निर्भर है। यह सहभागिता तभी प्रभावी हो सकती है जब नागरिक शिक्षित हों, उनमें उचित और अनुचित का विभेद कर सकने का विवेक हो, उन्हें अपने अधिकारों एवं दायित्वों का ज्ञान हो। यह विवेक, ज्ञान, शिक्षा के बिना सम्भव नहीं है। अशिक्षित व्यक्ति और पशु में कोई अधिक अन्तर नहीं होता।

वह अच्छे और बुरे की सही पहचान नहीं कर पाता। वह रूढ़ियों, अन्धविश्वासों और पाखण्ड की दुनिया से ऊपर उठकर आधुनिक वैज्ञानिक युग को समझ भी नहीं सकता। विज्ञान ने मानव-प्रगति के लिए जो विविध साधन खोज निकाले हैं, कृषि के वैज्ञानिक विधियों का समावेश किया है, मानव स्वास्थ्य पर नवीन प्रयोग किए हैं इन सबका लाभ भला अशिक्षित व्यक्ति क्या उठा सकता है ? अतएव अशिक्षित नागरिकों का लोकतंत्र लोकतंत्र का माखौल ही होगा। वास्तव में लोकतंत्र की ईमारत शिक्षा रूपी नींव पर ही खड़ा हो सकती है। अतः लोकतंत्र की सफलता के लिए शिक्षित नागरिकों का होना अत्यन्त आवश्यक है। अतः हम कह सकते हैं कि शिक्षा का अभाव लोकतंत्र के लिए चुनौती है।

प्रश्न 5.
आतंकवाद लोकतंत्र की चुनौती है। कैसे?
उत्तर-
किसी स्थापित व्यवस्था का विनाश कर अव्यवस्था तथा आतंक फैलाना आतंकवाद है। आतंकवाद के जन्म के मूल कारणों में धार्मिक कट्टरता या आर्थिक विषमता होती है। हिंसा किसी भी राजनीतिक व्यवस्था के लिए अच्छी नहीं होती है। लोकतंत्र में हिंसा या आतंक होने से राजनीतिक अस्थिरता एवं असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिससे लोकतांत्रिक काम-काज पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अतः आतंकवाद लोकतंत्र के लिए चुनौती होता जा रहा है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वर्तमान भारतीय राजनीति में लोकतंत्र की कौन-कौन-सी चुनौतियाँ हैं ? विवेचना करें।
उत्तर-
भारतीय प्रजातंत्र के सामने अनेक चुनौतियाँ हैं जो निम्नलिखित हैं

  • शिक्षा का अभाव- भारत में शिक्षा की कमी है, ज्यादा लोग अशिक्षित हैं। फलस्वरूप जनता प्रजातंत्र का महत्व नहीं समझती हैं उसे अपने अधिकारों और कर्तव्यों की सही जानकारी नहीं होने के कारण सरकार के कामों में दिलचस्पी नहीं ले पाती।
  • सामाजिक असमानता- प्रजातंत्र की सफलता के लिए सामाजिक समानता जरूरी है। हमारे देश में जाति, धर्म, ऊँच-नीच का भेदभाव बहुत अधिक है। समाज के लोगों में सहयोग का अभाव है। समाज के सभी लोग अपनी भलाई पर विशेष ध्यान देते हैं।
  • आर्थिक असमानता- भारत में आर्थिक असमानता बड़े पैमाने पर है। कुछ लोग ही अमीर हैं, अधिकतर लोग गरीब हैं।
  • मतदान का दुरुपयोग भारतीय प्रजातंत्र में भारतीय जनता मतदान के महत्व को नहीं समझ पाती, अत: अपने मतदान का दुरुपयोग करती है। बूथ छापामारी या असामाजिक तत्वों के उपद्रव के कारण लोग अपना मतदान ठीक से नहीं कर पाते।
  • अव्यवस्थित राजनीतिक दल राजनीतिक दल प्रजातंत्र का प्राण होता है। राजनीतिक ग का नहीं होना भारतीय प्रजातंत्र के लिए दुर्भाग्य की बात है। छोटे-छोटे ‘राजनीतिक दल भारतीय प्रजातंत्र के लिए गंभीर समस्या हैं।

प्रश्न 2.
बिहार की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी लोकतंत्र के विकास में कहाँ तक सहायक है?
उत्तर-
लोकतंत्र की सफलता के लिए महिलाओं का राजनीति में भागीदारी लोकतंत्र के विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण है। देश की आधी आबादी महिलाओं की है। इसलिए महिलाओं ने आजादी ‘ के समय बढ़-चढ़कर भाग लिया था। उस समय की महत्वपूर्ण नारी नेता सरोजनी नायडू, अरुणा आसिफ अली, विजय लक्ष्मी पण्डित इत्यादि ने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

हमारे राज्य बिहार में स्वतंत्रता के समय महिलाएं अंग्रेजों के सामने डटी रहीं। इस प्रदेश में महिलाएं राजनीति के क्षेत्र में अपना नाम रौशन कर रही हैं। जिसका ज्वलंत उदाहरण वर्तमान में -15वीं लोकसभा के अध्यक्ष मीरा कुमार हैं। इससे पूर्व बिहार में राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री पद को सुशोभित किया है। महिला आरक्षण के लिए महिलाओं ने बिहार में आंदोलन किया है जिससे यह पता चलता है कि राजनीति की समझ महिलाओं में पैदा हुई है। बिहार की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी इस बात को लेकर और बढ़ी है कि महिला आरक्षण विधेयक संसद में पारित होने के लिए राज्य सभा में गया तो महिलाओं ने इस पर खुशी जाहिर की।

किसी भी देश के विकास के लिए महिलाओं को शिक्षित होना और सशक्त होना ज्यादा जरूरी है, क्योंकि महिलाओं की संख्या देश की आबादी की आधी है। बिहार की लगभग सभी पार्टियों ने चुनाव में लड़ने के लिए महिलाओं को टिकट दी है जिससे यह पता चलता है कि लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में महिलाएँ राजनीति के क्षेत्र में अपना योगदान अच्छी तरह से दे सकती हैं। अतः बिहार की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बहुत ही महत्वपूर्ण होगी।

बिहार की महिलाएं राष्ट्र की प्रगति के लिए पुरुषों के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। खेतीबारी से लेकर वायुयान उड़ाने और अंतरिक्ष तक जा रही है। इसके बावजूद वे दोयम दर्जे की शिकार हैं। ग्रामीण महिलाओं के लिए सरकार ने नई पंचायती राजव्यवस्था में आरक्षण का प्रावधान किया है। गाँवों में आज महिलाएं पंच और सरपंच चुनी जा रही हैं। अतः हम कहते हैं कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी से बिहार राज्य का निरन्तर विकास होगा और लोकतंत्र की जड़ बिहार में और मजबूत होगी।

प्रश्न 3.
परिवारवाद और जातिवाद बिहार में किस तरह लोकतंत्र को प्रभावित करता है ?
उत्तर-
बिहार में परिवारवाद और जातिवाद लोकतंत्र को कई मायने में प्रभावित कर रहा है। हाल के दशकों में यहाँ पर परम्परा बनी कि जिस जनप्रतिनिधि के निधन या इस्तीफे के कारण कोई सीट खाली हुई उसके ही परिवार के किसी व्यक्ति को चुनाव का टिकट दे दिया जाये। यह बिहार के लोकतंत्र के साथ-साथ भारतीय लोकतंत्र को भी प्रभावित करता है। जातिवाद के आधार पर बिहार का जाति के आधार पर बंटवारा यहाँ के लोकतंत्र को एक खतरा है।

बिहार की राजनीति के परिप्रेक्ष्य में हम कह सकते हैं कि जातिवाद और परिवारवाद लोकतंत्र को कमजोर बनाता है। चुनाव के समय परिवारवाद और जातिवाद के आधार पर टिकटों का बँटवारा होता है जिससे योग्य प्रतिनिधि या उम्मीदवार नहीं आ पाते हैं। जातीय समीकरण बनाने के चक्कर में कभी-कभी अयोग्य उम्मीदवार का चयन हो जाता है जो लोकतंत्र के लिए काफी घातक है। उसी तरह परिवारवाद लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। उदाहरण के लिए 2009 में सम्पन्न बिहार विधान सभा के उपचुनाव के दौरान जनता दल यू. ने परिवार को तरजीह नहीं दिया जिससे पार्टियों में आंतरिक कलह उत्पन्न हो गया और लोकतंत्र को उससे काफी नुकसान पहुंचा।

प्रश्न 4.
क्या चुने हुए शासक लोकतंत्र में अपनी मर्जी से सब कुछ कर सकते हैं ?
उत्तर-
लोकतंत्र में जनता अपने प्रतिनिधियों को चुनाव के माध्यम से संसद या विधानसभा में भेजती है। चुने हुए प्रतिनिधि जनता की समस्याओं को सरकार के समक्ष प्रस्तुत करते हैं और उन समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार से मांग करते हैं। प्रतिनिधि अपनी मर्जी से सब कुछ नहीं कर सकते हैं क्योंकि लोकतंत्र में जनता सर्वमान्य होती है। यदि शासक अपनी मर्जी का काम करते हैं तो जनता उसके विरुद्ध आंदोलन करती है जिससे शासक को खतरा होने लगता है कि ‘ वे सरकार से बाहर हो सकते हैं या जनता भविष्य में उसे नकार न दें। यह भय शासक को अपनी मर्जी से काम करने से बचाता है। परन्तु हाल के वर्षों में यह देखने में आया है कि शासक वर्ग अपनी मनमानी करते हैं जिससे लोकतंत्र को खतरा होने लगता है। वास्तव में लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है साथ ही ताकतबर होती है। वह चाहे तो शासक को अपनी मर्जी का काम करने से रोक सकती है।

प्रश्न 5.
न्यायपालिका की भूमिका लोकतंत्र की चुनौती है कैसे? इसके सुधार के उपाय क्या हैं?
उत्तर-
भारतीय लोकतंत्र प्रतिनिध्यात्मक लोकतंत्र है। इसमें शासन का संचालन जन-प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है। भारतीय लोकतंत्र के तीन अंग हैं-कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका। लोकतंत्र में न्यायपालिका की भूमिका लोकतंत्र के लिए चुनौती बनती जा रही है। वह अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर कार्यपालिका एवं विधायिका को प्रभावित करती है जिससे संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जब विधायिका कानून पारित करती है तो न्यायपालिका उस कानून को व्यावहारिक-सौर पर उसमें फेर-बदल के लिए विधायिका पर दबाव डालने की कोशिश करती है जिससे टकराव की स्थिति उत्पन्न होती है।

न्यायपालिका को विधायिका द्वारा बनाये गये कानून पर मनन करना चाहिए जिससे तीनों अंग कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका सामंजस्य बनाकर लोकतंत्र को मजबूत कर सकते हैं।

प्रश्न 6.
आतंकवाद लोकतंत्र की चुनौती है। स्पष्ट करें।
उत्तर-
किसी स्थापित व्यवस्था का विनाश कर अव्यवस्था तथा आतंक फैलाना आतंकवाद है। आतंकवाद के जन्म के मूल कारणों में धार्मिक कट्टरता या आर्थिक विषमता होती है। हिंसा किसी भी राजनीतिक व्यवस्था के लिए अच्छी नहीं होती है। लोकतंत्र में हिंसा या आतंक उत्पन्न हो जाता है जिससे लोकतांत्रिक काम-काज पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अतः आतंकवाद लोकतंत्र के लिए चुनौती होता जा रहा है।

आतंकवाद पूरे विश्व में एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है। जिसका समाधान विश्व स्तर पर भी हो रहा है। फिर भी आतंकवाद दुनिया के लोकतंत्रात्मक शासन व्यवस्था में चुनौती है। यह चुनौती लोकतंत्र के लिए घातक बनता जा रहा है।

Bihar Board Class 10 History लोकतंत्र की चुनौतियाँ Additional Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
महिला आरक्षण बिल विधेयक में महिलाओं के लिए कितने प्रतिशत आरक्षण की बात ‘कही गई है?
(क) 22 प्रतिशत
(ख) 33 प्रतिशत
(ग) 10 प्रतिशत
(घ) 44 प्रतिशत
उत्तर-
(ख) 33 प्रतिशत

प्रश्न 2.
एनक्रुमा कहाँ के राष्ट्रपति चुने गए थे?
(क) पोलैण्ड
(ख) मैक्सिको
(ग) चीन
(घ) घाना
उत्तर-
(घ) घाना

प्रश्न 3.
इनमें कौन लोकतंत्र की चुनौती का उदाहरण नहीं है ?
(क) दक्षिण अफ्रीका में गोरे अल्पसंख्यकों को दी गई रियायतें वापस लेने का दबाव
(ख) सऊदी अरब में महिलाओं को सार्वजनिक गतिविधियों में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं
(ग) भारत में अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा
(घ) श्रीलंका में सरकार और तमिलों के बीच तनाव
उत्तर-
(क) दक्षिण अफ्रीका में गोरे अल्पसंख्यकों को दी गई रियायतें वापस लेने का दबाव

प्रश्न 4.
लोकतंत्र की सफलता के लिए एक आवश्यक शर्त क्या हैं ?
(क) शिक्षा का अभाव
(ख) बेरोजगारी
(ग) लोकतंत्र में आस्था
(घ) मतदान का दुरुपयोग
उत्तर-
(ग) लोकतंत्र में आस्था

प्रश्न 5.
लोकतंत्र के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा क्या है ?
(क) लोकतंत्र में आस्था
(ख) अशिक्षा
(ग) सामाजिक समानता
(घ) राजनीतिक जागृति
उत्तर-
(ख) अशिक्षा

प्रश्न 6.
स्विट्जरलैंड में महिलाओं को मताधिकार किस वर्ष प्राप्त हुआ?
(क) 1848 में
(ख) 1871 में
(ग) 1971 में
(घ) 1991 में
उत्तर-
(ग) 1971 में

प्रश्न 7.
भारतीय लोकतंत्र की कमजोरियों को दूर करने के लिए सर्वश्रेष्ठ उपाय क्या है ?
(क) आर्थिक असमानता
(ख) मीडिया पर नियंत्रण
(ग) सुधारात्मक कान्नों का निर्माण
(घ) बूथ छापामारी
उत्तर-
(ग) सुधारात्मक कान्नों का निर्माण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्षेत्रवाद क्या है ?
उत्तर-
यह पक्षपात से उत्पन्न ऐसी सोच है, जो किसी क्षेत्र विशेष की जनता से यह भावना उत्पन्न करती है कि उसका क्षेत्र ही सर्वश्रेष्ठ है और बाकी सब साधारण। इसके कारण सामाजिक विषमताएं पैदा हो जाती है जो किसी भी लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

प्रश्न 2.
विधि का शासन क्या है ?
उत्तर-
विधि के शासन से तात्पर्य यह है कि लोकतंत्र में सरकार संविधान द्वारा निर्दिष्ट अधिकारों के अनुसार ही जनता पर शासन करे। इस सिद्धांत के अनुसार सरकार को जनता के प्रति उत्तरदायी बनाया गया। पहले राजतंत्रात्मक व्यवस्था में राजा ही समस्त शक्तियों का स्रोत होता था लेकिन लोकतंत्र में सरकार मनमानी नहीं कर सकती है।

प्रश्न 3.
बूथ-छापामारी से क्या समझते हैं ?
उत्तर-
चुनावी दंगल में बूथ छापामारी वह दाँव है जिसे कोई उम्मीदवार दूसरे उम्मीदवार को हराने के लिए लगाता है। जिस उम्मीदवार के पास तरकत है, जिसका बोलवाला है उसके समर्थक , बूथों पर छापामारी करके सारे मत अपने पक्ष में डलवाने में समर्थ हो जाते हैं।

प्रश्न 4.
व्यक्ति की गरिमा का उल्लेख संविधान के किस भाग में है।
उत्तर-
व्यक्ति की गरिमा का उल्लेख संविधान की प्रस्तावना में है।

प्रश्न 5.
लोकतंत्र से जनता की सबसे बड़ी अपेक्षा क्या है ?
उत्तर-
लोकतंत्र से जनता की अनेक अपेक्षाएँ हैं लेकिन जो सबसे बड़ी अपेक्षा है वह है जनता को लोकतांत्रिक व्यवस्था में आर्थिक समस्याओं से जूझना नहीं पड़े। आर्थिक स्वतंत्रता ही लोकतंत्र का आधार है। भूखे व्यक्ति के लिए लोकतंत्र का कोई महत्व नहीं रह जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के समक्ष उपस्थित तीन चुनौतियों का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर-
लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के समक्ष उपस्थित तीन चुनौतियां निम्नलिखित हैं

  • मौलिक आधार बनाने की चुनौती- अनेक देश आज भी राजशाही, तानाशाही और फौजी शासन के अधीन है जहां लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था को अपनाने का प्रयास चल रहा है। ऐसे देशों में लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के लिए तैयार कराने के लिए मौलिक आधार बनाना आवश्यक है जिससे लोकतांत्रिक सरकार का गठन किया जा सके।
  • विस्तार की चुनौती- लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के सामने दूसरी चुनौती इसके विस्तार की है। केंद्र, इकाइयों, स्थानीय निकायों, पंचायतों, प्रशासनिक इकाइयों की सभी संस्थाओं को लोकतांत्रिक बनाने की आवश्यकता है। इतना ही नहीं सत्ता में भागीदारी को भी विस्तृत बनाना है।
  • सशक्त बनाने की चुनौती-लोकतंत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौती उसे सशक्त बनाने की है। जनता की प्रतिनिधि संस्थाओं और उसके सदस्यों का जनता के प्रति जो व्यवहार – है, उसे मजबूत करने की चुनौती बहुत नहीं है।

प्रश्न 2.
लोकतांत्रिक सुधार की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?
उत्तर-
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की सबसे बड़ी विशेषता यह होता है कि इसमें अपनी कमजोरियों को सुधारने की क्षमता है। लोकतांत्रिक शासन की चुनौतियों को लोकतांत्रिक सुधार द्वारा डटकर सामना किया जा सकता है। प्रत्येक लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था की अपनी अलग-अलग कमजोरियाँ होती हैं और उसमें अलग-अलग लोकतांत्रिक सुधारों की भी आवश्यकता है। लोकतांत्रिक सुधार के द्वारा लोकतंत्र की चुनौतियों या कमजोरियों को दूर किया जा सकता है।

प्रश्न 3.
लोकतंत्र से जनता की अपेक्षाओं का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर-
लोकतंत्र को शासन का सर्वश्रेष्ठ रूप माना जाता है। यह जनता का जनता के लिए और जनता द्वारा शासनं ही। स्वाभाविक है कि इससे जनता की अपेक्षाएँ भी अधिक होगी। लोकतंत्र से जनता की अपेक्षा यह है कि प्रत्येक व्यक्ति से समान व्यवहार हो। समानता को लोकतांत्रिक व्यवस्था की आत्मा कहा जाता है। लोकतंत्र से जनता को जो सबसे बड़ी अपेक्षा है वह यह है कि उसे आर्थिक समस्याओं से जुझना नहीं पड़े। लोकतंत्र से जनता की एक अपेक्षा यह भी है कि इस शासन व्यवस्था में उनका जीवन सुरक्षित हो। लोकतंत्र में घृणा, स्वार्थ, द्वेष, ईर्ष्या, जैसी बुराइयों के पनपने से नैतिकता समाप्त हो जाती है। लोकतंत्र से जनता की तक अपेक्षा यह भी है कि उसकी शासन व्यवस्था में उसकी गरिमा का भी संवर्धन हो।

प्रश्न 4.
बिहार में लोकतंत्र की जड़ें कितनी गहरी हैं.?
उत्तर-
बिहार भी भारतीय लोकतंत्र का एक अंग है। बिहार में लोकतांत्रिक व्यवस्था प्राचीनकाल में ही विद्यमान थी। बिहार के ही वैशाली जिले में लिच्छवियों का गणतंत्र था। लिच्छवियों की शासन प्रणाली गणतांत्रिक पद्धति पर आधारित थी। राज्य की शक्ति जनता में निहित थी। अत: यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि बिहार में लोकतंत्र की जड़ें काफी गहरी थी। भारत की तरह बिहार में भी लोकतंत्र सफलता के मार्ग पर अग्रसर है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का वर्णन करें।
उत्तर-
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के समक्ष विभिन्न तरह की चुनौतियाँ हैं जो निम्नलिखित हैं

i. मौलिक आधार बनाने की चनौती यह सही है कि इक्कीसवीं सदी लोकतंत्र की शताब्दी है। परंतु अभी भी विश्व के अनेक देश राजशाही, तानाशाही और फौजी शासन . के अधीन है। वे उनके शासन से मुक्ति चाहते हैं और लोकतंत्र को अपनाना चाहते हैं। इसके लिए बहुत से देशों में प्रयास तेजी से चल रहे हैं। ऐसे देशों में लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के लिए तैयार कराने के लिए मौलिक आधार बनाना आवश्यक है। मौलिक आधार बनाकर ही वहाँ लोकतांत्रिक सरकार का गठन किया जा सकता है।

ii. विस्तार की चुनौती-जहाँ लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की स्थापना हो चुकी है और जहाँ मौलिक आधारों को बनाया गया है उसे सर्वत्र लागू करना है। इसका मतलब है कि लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के सामने विस्तार की चुनौती है। केंद्र, इकाइयों,स्थानीय निकायों, पंचायतों, प्रशासनिक इकाइयों की सभी संस्थाओं को लोकतांत्रिक  बनाने की आवश्यकता है। इतना ही सत्ता में भागीदारी को भी विस्तृत बनाना है। इसमें . . वंश, लिंग, जाति, धर्म, संप्रदाय भाषा, स्थान आदि के आधार पर किसी को वंचित नहीं करना है। आधुनिक युग में विकसित अथवा विकासशील दोनों प्रकार की लोकतांत्रिक
शासन-व्यवस्थाओं के लिए यह चुनौती एकसमान है।

iii. सशक्त बनाने की चुनौती- लोकतंत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौती उसे सशक्त बनाने की है। यह चुनौती प्रत्येक लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के सामने किसी-न-किसी रूप में विद्यमान है। जनता की प्रतिनिधि संस्थाओं और उसके सदस्यों का जनता के प्रति जो व्यवहार है, उसे मजबूत करने की चुनौती बहुत बड़ी है। लोकतांत्रिक शासन की जितनी संस्थाएं हैं, उसकी कार्य पद्धति में सुधार लाना आवश्यक है। ऐसा करने पर ही संस्थाएँ भी सशक्त बनेंगी और लोकतंत्र भी।

प्रश्न 2.
लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था की कमजोरियों को दूर करने के उपायों का वर्णन करें।
उत्तर-
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि इसमें अपनी कमजोरियों को सुधारने की क्षमता है। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की कमजोरियों को दूर करने के उपाय निम्नलिखित हैं- शिक्षा का प्रसार शिक्षा का प्रमार कर लोकतंत्र के कमजोरियों को दूर किया जा सकता है। लोकतंत्र के विकास में मार्ग में अशिक्षा सबसे बड़ी बाधा है। इसलिए शिक्षा का प्रसार किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा 1986 में ही नई शिक्षा नीति की घोषणा कर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाया जा रहा है।

ii. बेरोजगारों को रोजगार – बेरोजगारी की समस्या भी लोकतंत्र की एक कमजोरी है। अब बेरोजगारी दूर करने के काफी प्रयास किए जा रहे हैं। लघु एवं कुटीर उद्योगों के विकास पर जोर दिया जा रहा है। पंचवर्षीय योजनाओं में बेरोजगारी की समस्या के समाधान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

iii. पंचायती राज-सतत जागरूकता ही लोकतंत्र को सफलता के मार्ग पर ले जा सकती ‘ है। पंचायती राज की स्थापना इसी उद्देश्य से की गई है। ग्राम पंचायतें लोकतंत्र के मुख्य आधार है। ग्राम पंचायतों के कामों में भाग लेने से सामान्य लोगों में भी लोकतंत्र के प्रति दिलचस्पी बढ़ी है।

iv. सुधारात्मक कानूनों का निर्माण- लोकतंत्रात्मक सुधार में सुधारात्मक कानूनों के निर्माण की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। सरकार कानून बनाते समय इस बात पर विशेष ध्यान रखती है कि राजनीति पर इसका प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े तथा वैसे कानूनों का निर्माण हो जिससे जनता के स्वतंत्रता के अधिकार में वृद्धि हो।

v. आंदोलन हित समूहों और मीडिया की स्वतंत्रता- लोकतांत्रिक सुधार के लिए। लोकतांत्रिक आंदोलनों और संघर्षों, विभिन्न हित समूहों और मीडिया की स्वतंत्रता अवश्य सुनिश्चित की जानी चाहिए।

vi. निष्पक्ष निर्वाचन पद्धति- देश में निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए एक निष्पक्ष निर्वाचन आयोग का गठन किया गया है। निष्पक्ष चुनाव पर ही लोकतंत्र का भविष्य निर्भर है। भारत सहित अन्य लोकतांत्रिक देश इन्हीं उपायों से अपनी कमजोरियों को दूर कर सकते हैं लोकतंत्र की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।

प्रश्न 3.
भारत लोकतंत्र जनता की उन्नति, सुरक्षा और गरिमा के संवर्द्धन में कहाँ तक सहायक है?
उत्तर-
लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता अपनी उन्नति की आकांक्षा रखती है और साथ-साथअपनी सुरक्षा एवं गरिमा को बनाए रखने की भी अपेक्षा रखती है। लोकतंत्र कहां तक इसमें सहायक है-

i. निम्नलिखित तर्कों के द्वारा इसको स्पष्ट किया जा सकता है जनता की उन्नति भारतीय लोकतंत्र का उद्देश्य अपने नागरिकों का अधिकतम कल्याण है। इसे कल्याणकारी स्वरूप प्रदान किया गया है। भारतीय लोकत्र को समाजवादी स्वरूप देने के उद्देश्य से ही भारतीय संविधान में राज्य के नीति निदक तत्व के अंतर्गत अनेक प्रावधान किए गए हैं। इन प्रावधानों का उद्देश्य नागरिकों की ‘अधिकतम उन्नति है। ये प्रावधान हैं

राज्य के सभी नागरिकों की जीविका के साधन प्राप्त करने का समान अधिकार है। पुरुषों और स्त्रियों को समान कार्यों के लिए समान वेतन मिले।

ii. जनता की सुरक्षा-भारतीय लोकतंत्र जनता को सुरक्षा प्रदान करने में भी सफल नहीं हो पा रही है। भारत की जनता आतंकवाद, नक्सलवाद, अपहरण, हत्या, अपराध जैसी घटनाओं से त्रस्त है। स्वाभाविक है कि जबतक नागरिकों को जीवन ही सुरक्षित नहीं रहेगा तबतक वे उन्नति के पक्ष पर अग्रसर कैसे हो सकेंगे। भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी-बड़ी चुनौती सुरक्षा की है। ऐसा नहीं है कि भारतीय लोकतंत्र इस चुनौती को नजरअंदाज कर रहा है। सुरक्षा नहीं तो विकास नहीं’ के कथन से भारतीय लोकतंत्र पूर्णरूपेण अवगत है और भारत को विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने के लिए सतत प्रयत्नशील है।

iii. व्यक्ति की गरिमा व्यक्ति की गरिमा के संवर्द्धन के लिए भी भारतीय लोकतंत्र सजग है। जातिवाद, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद, लैंगिक विभेद अमीर-गरीब का विभेद, ऊँच-नीच का भेदभाव व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले तत्व हैं। भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ही इसे स्पष्ट कर दिया गया है कि व्यक्ति की गरिमा को बनाए रखा जाएगा। संविधान ने जातिगत भेदभाव, अस्पृश्यता और अन्य ऐसे भेदभाव का निषेध
कर दिया है जिससे समाज में रहनेवाले विभिन्न वर्ग के लोगों में दुर्भावना नहीं पनप सको स्पष्ट है कि भारतीय लोकतंत्र के मार्ग में अनेक बाधाओं के रहते हुए भी जनता की उन्नति, सुरक्षा और गरिमा के संवर्द्धन में यह बहुत हद तक सहायक है।

प्रश्न 4.
लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं पर एक निबंध लिखें।
उत्तर-
लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं को हम निम्नांकित शीर्षकों के अंतर्गत रख सकते हैं-

  • लोकतंत्र जनता का शासन है। यह शासन का वह स्वरूप है जिसमें जनता को ही शासकों के चयन का अधिकार प्राप्त है।
  • जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों को ही लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के लिए निर्णय लेने का अधिकार है।
  • निर्वाचन के माध्यम से जनता को शासकों को बदलने तथा अपनी पसंद व्यक्त करने का बिना किसी भेदभाव के पर्याप्त अवसर और विकल्प प्राप्त होना चाहिए।
  • विकल्प के प्रयोग के बाद जिस सरकार का गठन किया जाए उसे संविधान में निश्चित किए गए मौलिक नियमों के अनुरूप कार्य करना चाहिए। साथ ही नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
  • नागरिकों को मताधिकार निर्वाचन में खड़े होने का अधिकार जैसे राजनीतिक अधिकार के अलावा कुछ आर्थिक अधिकार भी दिए जाने चाहिए। जीविका का साधन प्राप्त करने, काम पाने का अधिकार, उचित पारिश्रमिक पाने का अधिकार जैसे आर्थिक अधिकार जब तक नागरिकों को नहीं मिलेंगे तबतक राजनीतिक अधिकार निरर्थक सिद्ध होंगे।
  • सत्ता में भागीदारी का अवसर सबों को बिना भेदभाव के मिलना चाहिए। सत्ता में जितना अधिक भागीदारी बढ़ेगी, लोकतंत्र उतना ही सशक्त बनेगा।
  • लोकतंत्र को बहुमत की तानाशाही से दूर रखा जाना चाहिए। अल्पसंख्यकों के हितों पर ध्यान देना आज को लोकतंत्र की पुकार है।
  • लोकतंत्र को सामाजिक भेदभाव से भी दूर रखा जाना चाहिए। इसको जातिवाद, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद, धर्मवाद जैस भयंकर रोगों से मुक्त किया जाना चाहिए।

Bihar Board Class 10 History लोकतंत्र की चुनौतियाँ Notes

  • नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार भारत में 71 करोड़मतदाता है।
  • दुनिया के एक चौथाई हिस्से में अभी भी लोकतांत्रिक व्यवस्थानहीं है।
  • भारतीय लोकतंत्र प्रतिनिधियात्मक लोकतंत्र है। इसका संचालन जनप्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है।
  • भारतीय लोकतंत्र के तीन अंग हैं. विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका।
  • किसी भी लोकतंत्र की सफलता में स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका की भूमका सर्वमान्य सत्य है।
  • अमेरिका तथा ब्रिटेन में लोकतांत्रिक व्यवस्थाकी सफलता बहुत हद तक उनकी न्यायपालिका की सफलता है।
  • भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।
  • ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों म राष्ट्राध्यक्ष रबर स्टाम्पकी तरह होते हैं।
  • नेपाल में 240 साले पुराने राजशाही को समाप्त कर लोकतांत्रिक देशबनाया गया।
  • अमेरिकी संविधान निर्माताओं में से एक अलेक्जेंडर हैमिलटन ने कहा था कि, “कार्यपालिका में ऊर्जा होनी चाहिए तो विधायिका मेंदूरदर्शिता जबकि न्यायपालिका में सत्य के प्रति निष्ठा और संयम होना चाहिए।”
  • पंद्रहवें लोकसभा चुनाव में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) द्वारा लोकसभा की 543 सीटों में से 265 सीटों पर विजय प्राप्त की। कांग्रेस पार्टी को 202 सीटें ही प्राप्त हो सकी।
  • ब्रिटेन की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी की संख्या 19.3 प्रतिशत अमेरिका में 163 प्रतिशत, इटलीमें 16.01 प्रतिशत, आयरलैंड में 14.2 प्रतिशत तथा फ्रांसमें 13.9 है।
  • 15वीं लोकसभा चुनाव के बाद महिलाओं की भागीदारी 10 प्रतिशतसे अधिक हो गई है।
  • राजनीतिक भ्रष्टाचार और अपराध, अफसरशाही, लूटतंत्र, आर्थिक पिछड़ापन, शिक्षा का अभाव, प्राकृतिक आपदा नारियों की दयनीय स्थिति, पंचायतों और प्रखंडों में फैला भ्रष्टाचार यें सभी बिहार में स्थापित लोकतंत्र की चुनौतियां हैं।
  • सूचना का अधिकार का कानूनलोगों को जानकार बनाने और लोकतंत्र के रखवाले के तौर पर सक्रिय करने का अच्छा उदाहरण है।
  • लोकतांत्रिक सुधार मुख्यतः राजतिक दल ही करते हैं। अतः राजनीतिक सुधारों का जोर – मुख्यतः लोकतांत्रिक कामकाजपर ज्यादा मजबूत बनाने पर होना चाहिए।

Bihar Board Class 10 Hindi Solutions Varnika Chapter 3 माँ

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solutions Varnika Bhag 2 Chapter 3 माँ Text Book Questions and Answers, Summary, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Hindi Solutions Varnika Chapter 3 माँ

Bihar Board Class 10 Hindi माँ Text Book Questions and Answers

बोध और अभ्यास

मां कहानी का सारांश प्रस्तुत करें Bihar Board प्रश्न 1.
मंगु के प्रति मां और परिवार के अन्य सदस्यों के व्यवहार में जो फर्क है उसे अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर-
मंगु जन्म से पागल और गूंगी बालिका थी। माँ के लिए कोई कैसी-भी संतान हो उसकी वात्सल्यता फूट ही पड़ती है। मंगु की देख-रेख करनेवाली माँ को अपनी पुत्री एवं ईश्वर से कोई शिकायत नहीं है। ममता की प्रतिमूर्ति माँ स्वयं अपना सुख को भूलकर-पुत्री के लिए समर्पित हो जाती है। उसकी नींद उड़ गई है। रात-दिन अपनी असहाय बच्ची के लिए सोचती रहती है। मंगु के अलावा माँ के लिए तीन संतानें थीं। वे भी अपनी माँ के व्यवहार से अनमने-सा दुःखी रहते हैं।

माँ को ऐसी बात नहीं कि मंगू के अतिरिक्त अन्य संतानों से लगाव नहीं है परन्तु परिस्थिति ऐसी है कि मंगू के बिना उसका जीवन अधूरा है। दो बेटे के साथ-साथ घर में उनकी बहुएँ और पोते-पोतियाँ भी है। एक अन्य पुत्री जो ससुराल चली गई है। छुट्टियों में जब भी पोते-पोतियाँ आते हैं तो आशा लगाते हैं कि उन्हें दादी माँ का भरपूर प्यार मिलेगा किन्तु माँ का समग्र मातृत्व मंगु पर निछावर हो गया है। मातृत्व के स्नेह में खिंची बहुएँ माँ जी के प्रति अन्याय कर बैठती हैं। माँ के अतिरिक्त परिवार के अन्य सदस्य मंगु को पागलखाना में भर्ती कराकर निश्चित हो जाना चाहते हैं किन्तु माँ बराबर इनका विरोध करती रहती हैं।

माँ जी अस्पताल को गौशाला समझती थीं। इसलिए माँ जी घर में ही डॉक्टरों को बुलाकर इलाज कराती है। लोगों के बहुत कहने-सुनने के बाद वह मंगु को अस्पताल में भर्ती कराकर लौटती तो है किन्तु वह भी मंगु की तरह व्यवहार करने लगती है।

मां कहानी ईश्वर पेटलीकर Bihar Board प्रश्न 2.
माँ मंगु को अस्पताल में क्यों नहीं भर्ती कराना चाहती? विचार करें?
उत्तर-
माँ अस्पताल की व्यवस्था से मन-ही-मन काँप जाती थी। वह लोगों को अस्पताल के लिए गौशालाओं की उपमा देती थीं। मंगु विस्तर पर पाखाना-पेशाब कर देती थी। खिलाने पर ही खाती थी। माँ जी को आत्मविश्वास था कि अस्पताल में डॉक्टर नर्स आदि सभी अपना कोरम पूरा करेंगे। बिस्तर भींगने पर कौन उसके कपड़े और विस्तर बदलेंगे। माँ जी के मन में इन्हीं तरह के विविध प्रश्न उठा करते थे। इन्हीं कारणों से वह मंगु को अस्पताल में भर्ती नहीं कराना चाहती थी।

माँ कहानी का सारांश Bihar Board प्रश्न 3.
क्सम के पागलपन में सुधार देख मंग के प्रति माँ परिवार और समाज की प्रतिक्रिया को अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर-
कुसुम एक पढ़ने-लिखने वाली लड़की है। उसकी माँ चल बसी है। अचानक वह भी पागल की तरह आचरण करने लगती है। उसे भी टट्टी-पेशाब का ध्यान नहीं रहता है। कुसुम को अस्पतालों में भर्ती की बात सुनकर माँ जी को लगा कि यदि उसकी माँ जीवित होती तो अस्पताल में भर्ती न करने देती। कुसुम अस्पताल में भर्ती कर दी जाती है। डाक्टर, नर्स आदि की देख-रेख में कुसुम धीरे-धीरे ठीक होने लगती है। कुसुम ठीक होने पर घर आती है। सभी उससे मिलने के लिए जाती है। माँ जी उससे विशेष रूप से मिलती है।

कुसुम की बातों से माँ जी का हृदय बदल जाता है। उन्हें भी अस्पताल के प्रति श्रद्धा उत्पन्न हो गई। गाँव के लोगों ने माँ जी को समझाने लगा कि एक बार अस्पताल में भर्ती कराकर तो देख लें। यदि ठीक नहीं हुई तो मंगु को वापस बुला लेंगी। अंत में माँ जी ने भर्ती कराने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने बड़े पुत्र के पास पत्र भेजा। पत्र लिखते ही बड़ा पुत्र आ गया और माँ जी के साथ मंगू को लेकर अस्पताल गया। अस्पताल में भर्ती कराकर माँ जी लौट आती हैं।

मां की कहानी Bihar Board प्रश्न 4.
कहानी के शीर्षक की सार्थकता पर विचार करें।
उत्तर-
किसी भी कहानी का शीर्षक धुरी होता है जिसके इर्द-गिर्द कहानी घूमती रहती है। किसी भी कहानी के शीर्षक की सफलता औचित्य एवं मुख्य विचार, लघुता, भाव-व्यंजना आदि पर निर्झर है।

आलोच्य कहानी का शीर्षक इस कहानी के मृत्यु कृत्तित्वछाया छितराया हुआ है। समग्र मातृत्व का बोझ सहनेवाली माँ जी इस कहानी का मुख्य पात्र है। जन्म से पागल और गूंगी लड़की की संवा तन-मन से करती है। जन्मदात्री होने का वह अक्षरशः पालन करती है। माँ को अपनी पुत्री और ईश्वर से कोई शिकायत नहीं है। ममता की पूर्तिमूर्ति माँ स्वयं अपना सूख को भूलकर पुत्री के लिए समर्पित हो गई है। घर में बेटी-बेटे-बहू, पोता-पोतियों के साथ उसका संबंध बुरा नहीं है फिर वे माँ जी से खुश नहीं रहते हैं। वे समझते हैं कि माँ जी पागल बेटी के लिए स्वयं पागल हो गई हैं।

पढ़ने-लिखने वाली कुसुम भी जब पागल की तरह आचरण करने लगती है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया जाता है तो मन-ही-मन दुःखी हो जाती है। वे सोचती हैं कि मातृहीन कुसुम आज विवश हो गई है। यदि उसकी माँ होती तो शायद अस्पताल में भर्ती नहीं कराने देती है। कुसुम के ठीक होने एवं गाँव के लोगों के कहने-सुनने माँ जी की अंतत: मंगू को अस्पताल में भर्ती करा देती हो किन्तु स्वयं पागल हो जाती है। एक माँ ही अपनी संतान को समझ सकती है। संतान कैसी भी हो किन्तु उसकी ममता में कहीं कोई कमी नहीं आती है। वस्तुतः इन दृष्टान्तों से स्पष्ट होता है कि प्रस्तुत कहानी का शीर्षक सार्थक और समीचीन है।

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solution प्रश्न 5.
मंगु जिस अस्पताल में भर्ती की जाती है, उस अस्पताल के कर्मचारी व्यवहार कुशल हैं या संवेदनशील? विचार करें।
उत्तर-
मंगु जिस अस्पताल में भर्ती की जाती है उस अस्पताल के कर्मचारी संवेदनशील हैं। अस्पताल कर्मियों का काम मरीजों के साथ अच्छे से व्यवहार करना और सेवा करना है। किन्तु इस अस्पताल के कर्मी व्यवहार कुशल ही नहीं संवेदनशील भी हैं। अस्पताल में अनेक मरीज आते हैं। उन्हें परिजनों से क्या प्रयोजन ? मंगु उनका मरीज अवश्य है किन्तु माँ जी की वात्सलयता और ममत्व से वे प्रभावित हो जाते हैं। वे माँ जी को आश्वस्त कर घर भेजना चाहते हैं कि उनकी बंटी को कोई कष्ट नहीं होगा। माँ जी के रूदन को देखकर डॉक्टर, मेट्रन और परिचारिकाओं कं हृदय भर गये। वे मन-ही-मन सोचने लगे कि किसी पागल का ऐसा स्वजन अभी तक कोई नहीं आया है। एक अधेड़ परिचारिका उसे अपनी बेटी मानने लगती है। ऐसा व्यवहार कोई कर्मचारी नहीं संवेदनशील ही कर सकता है।

Class 10 Hindi Chapter 1 Bihar Board प्रश्न 6.
माँ का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर-
‘माँ’ कहानी की नायिका अपने घर की मुखिया और सहनशील नारी है। वह सब कुछ ‘ करती है और लोग यदि उसकी आलोचना भी करते हैं तो चुपचाप सुनती है, कुछ कहती नहीं। वह अथक सेविका है। अपनी पागल पुत्री की देखभाल बड़ी लगन से करती है, उसे अपने पास सुलाती, नहलाती-धुलाती, खिलाती और उसका मल मूत्र भी खुशी-खुशी साफ करती है। वह ऊबती नहीं अपितु उसकी जुदाई की आशंका से व्याकुल हो उठती है। वह अपने सभी बच्चों को बहुत प्यार करती है। माँ व्यवहार-कुशल भी है। वह अपनी बहुओं की अपने प्रति शिकायत से परिचित हैं, किंतु परिवार को विखंडित होने से बचाने के लिए कुछ नहीं कहती। उसका व्यवहार सभी लोगों से सौहार्द्रपूर्ण है। माँ अत्यन्त ममतामयी है। ममता के अतिरेक में ही, मंगु की जुदाई सहन नहीं कर पाती और पागल हो जाती है।

Bihar Board Solution Class 10 Hindi प्रश्न 7.
कहानी का सारांश प्रस्तुत करें।
उत्तर-
गुजराती साहित्य के धनी ईश्वर पेटलीकर एक लोकप्रिय कथाकार हैं। इनके कथा साहित्य में गुजरात का समय और समाज, नये-पुराने मूल्य, दर्शन और कला आदि रच-पचकर एक नई आस्वादकता के साथ उपस्थित होते हैं। प्रस्तुत कहानी में माँ की वात्सलयता और ममत्व का सजीवात्मक चित्रण किया गया है। जन्म से पागल और गूंगी बेटी को माँ जी ने जिस तरह पाल-पोस रही है वह अकथनीय है। अपना समस्त सुख भूलकर बेटी का सुख ही उसका अपना सुख है। ऐसी बातें सोचनेवाली कोई साधारण माँ नहीं होती हो। समग्र मातृत्व उड़लनेवाली माता निश्चय ही आदरणीया होती हैं। माँ जी को मंगु के अतिरिक्त बेटा-बेटी पोता-पोती और बहुएँ हैं। माँ जी को ऐसा नहीं है कि अन्य सदस्यों से लगाव नहीं है किन्तु वह तो मंगु समर्पिता हैं।

अन्य सदस्य माँ जी को दूसरे नजरों से देखते हैं फिर भी ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। पागल की अस्पतालों में वह भर्ती नहीं कराना चाहती है। कुसुम के ठीक होने एवं लोगों के कहने-सुनने पर वह मंगु को अस्पताल में भर्ती कराने जाती है। अस्पताल कर्मियों की संवेदनशीलता वें प्रभावित हो जाती हैं। मंगु को अस्पताल में भर्ती कराकर लौट आती है। माँ जी को आँखों के सामने मंगु का प्रतिबिम्ब झलकने लगता है। रात्रि में उन्हें नींद नहीं आती है। माँ की सिसककियों से बेटे की आँखों में अश्रुधारा बहने लगी। माँ के प्रति बेटे के मन में विविध भाव उठने लगे। माँ को सोता समझकर बेटा भी अपनी पलकें गिरा लीं। माँ जी अचानक,मंगु की तरह आचरण करने लगती है। मंगु की सहकर्मियाँ आज स्वयं मंगु बन गई थीं। वस्तुतः इस कहानी में लेखक माँ की ममता का सजीवात्मक विश्लेषण किया है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. सही विकल्प चुनें

Bihar Board Hindi Book Class 10 Pdf Download प्रश्न 1.
‘माँ’ कहानी है ………………..
(क) राजस्थानी
(ख) गुजराती
(ग) तमिल
(घ) उड़िया
उत्तर-
(ख) गुजराती

बिहार बोर्ड हिंदी बुक 10  प्रश्न 2.
‘माँ’ कहानी के रचनाकार हैं
(क) साँवर दइया
(ख) श्री निवास
(ग) ईश्वर पेटलीकर
(घ) सुजाता
उत्तर-
(ग) ईश्वर पेटलीकर

Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 1 प्रश्न 3.
मंगु जन्म से ही …………. है।
(क) अंधी
(ख) बहरी
(ग) पागल
(घ) गूंगी
उत्तर-
(ग) पागल

Class 10th Hindi Chapter 1 Question Answer Bihar Board प्रश्न 4.
मां की ………….संतानें थीं।
(क) तीन
(ख) दो
(ग) पाँच
(घ) चार
उत्तर-
चार

प्रश्न 5.
मंग को अस्पताल ले जाते समय माँ …………..थीं।
(क) प्रसन्न
(ख) उदास
(ग) पागल
(घ) उद्विग्न
उत्तर-
(घ) उद्विग्न

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

प्रश्न 1.
‘माँ’ कहानी के रचयिता ……..है।
उत्तर-
ईश्वर पटलीकर

प्रश्न 2.
मंगु …………………… से ही पागल है।
उत्तर-
जन्म

3. ‘माँ’ …………… कहानी है।
उत्तर-
गुजराती

प्रश्न 4.
माँ की …………. संतानें हैं।
उत्तर-
चार

प्रश्न 5.
मंगु गूगी है पर ………….. नहीं है।
उत्तर-
बहरी

प्रश्न 6.
पराई ……. ही कान छेदती है।
उत्तर-
माँ

प्रश्न 7.
पुत्र का …………… भी भर आया था।
उत्तर-
हृदय

प्रश्न 8.
माँ को यह ………. असह्य हो गया।
उत्तर-
घाव

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मंगु कौन थी?
उत्तर-
मंगु जन्म से पागल और गूंगी लड़की थी।

प्रश्न 2.
मंगु की देख-रेख कौन और कैसे करता था? ।
उत्तर-
मंगु की देख-रेख उसकी माँ बड़े यत्न से करती थी। वह उसे अपने पास सुलाती, खाना खिलाती और मल-मूत्र साफ करती थी।

प्रश्न 3.
मंगु की माँ उसे अस्पताल में क्यों नहीं भर्ती कराना चाहती थी?
उत्तर-
मंगु की माँ सोचती थी कि अस्पताल में मंगु की देख-भाल ठीक से न होगी। इसलिए उसे भर्ती कराना नहीं चाहती थी।

प्रश्न 4.
अस्पताल में भर्ती कराकर आने के बाद मंगु के भाई ने क्या प्रण किया ?
उत्तर-
अस्पताल में भर्ती कराकर आने के बाद मंगु के भाई ने प्रण किया कि वह मंगु पालेगा। बहू मल-मूत्र न धोएगी तो वह स्वयं धोएगा।’

प्रश्न 5.
मंग को अस्पताल में भर्ती करा कर आने के बादं माँ की क्या दशा हई?
उत्तर-
मंगु को अस्पताल में भर्ती कराकर आने के बाद माँ रात भर सिसकती रही और सवेरे चीत्कार सुनकर परिवार एवं पड़ोस के लोग घबड़ाकर वहाँ आए तो सबने देखा कि मंगु की माँ खुद पागल हो गई।

प्रश्न 6.
ईश्वर पेटलीकर कौन हैं?
उत्तर-
ईश्वर पेटलीकर गुजराती के जाने-माने कथाकार हैं।

प्रश्न 7.
ईश्वर पेटलीकर के साहित्य की क्या विशेषता है ?
उत्तर-
ईश्वर पेटलीकर के साहित्य में गुजरात का समाज, उसके मूल्य, दर्शन आदि साकार होते हैं।

प्रश्न 8.
मंग की माँ उसे अस्पताल में भर्ती कराने को कैसे राजी हुई ?
उत्तर-
गाँव की लड़की कुसुम का पागलपन जब अस्पताल जाने से दूर हो गया तो मंगु की माँ मंगु को अस्पताल में भर्ती कराने को राजी हुई।

प्रश्न 9.
मंगु को अस्पताल ले जाने के समय माँ की स्थिति कैसी थी?
उत्तर-
अस्पताल ले जाने के पूर्व की रात माँ को नींद नहीं आई। उसे लेकर घर से निकलने लगी तो लगा कि ब्रह्माण्ड का भार उसके ऊपर आ गया। आँखों से सावन-भादो शुरू हो गया।

माँ लेखक परिचय

ईश्वर पेटलीकर गुजराती के लोकप्रिय कथाकार हैं । इनके कथा साहित्य में गुजरात का समय और समाज, नये-पुराने मूल्य, दर्शन और कला आदि रच-पककर एक नई आस्वादकता के साथ उपस्थित होते हैं । ‘खून की सगाई’ इनकी प्रसिद्ध कहानी है और ‘काला पानी’ इनका लोकप्रिय उपन्यास है । साहित्य के अलावा श्री पेटलीकर सामाजिक-राजनीतिक जीवन में भी सक्रिय रहे हैं। इनकी दर्जनों पुस्तकें पुरस्कृत और बहुप्रशंसित हो चुकी हैं । यह कहानी गोपालदास नागर द्वारा संपादित एवं अनूदित कहानी संग्रह ‘माँ’ से साभार संकलित है।