Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

BSEB Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

Bihar Board Class 9 Science गुरुत्वाकर्षण InText Questions and Answers

प्रश्न शृंखला # 01 (पृष्ठ संख्या 149)

प्रश्न 1.
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम लिखिए।
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, द्रव्यमान M व m के दो पिण्ड जो एक-दूसरे से दूरी d पर स्थित हैं, उनके बीच लगने वाला आकर्षण बल F, उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा दोनों पिण्डों के बीच की दूरी (d) के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात्, .
F ∝ M x m
F ∝ \(\frac{1}{d^{2}}\)
F ∝ Mm \(\frac{\mathrm{M} m}{d^{2}}\)

प्रश्न 2.
पृथ्वी तथा उसके पृष्ठ पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
अगर M पृथ्वी का द्रव्यमान है व m उसके पृष्ठ पर रखी किसी वस्तु का, r पृथ्वी की त्रिज्या है तो गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, पृथ्वी व वस्तु के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल निम्न सूत्र द्वारा व्यक्त होगा –
F = GMm/r2
यहाँ G सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक है।
G = 6.67 x 10-11 Nm2kg-2

प्रश्न श्रृंखला # 02 (पृष्ठ संख्या 152)

प्रश्न 1.
मुक्त पतन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
पृथ्वी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। पृथ्वी के इस आकर्षण बल को गुरुत्वीय बल कहते हैं। अतः जब वस्तुएँ पृथ्वी की ओर केवल इसी बल के कारण गिरती हैं, हम कहते हैं कि वस्तुएँ मुक्त पतन में हैं।

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प्रश्न 2.
गुरुत्वीय त्वरण से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर किसी ऊँचाई से मुक्त पतन करती है तब पृथ्वी के आकर्षण बल के कारण उसके वेग के परिमाण में परिवर्तन होता है। वेग में कोई भी परिवर्तन त्वरण उत्पन्न करता है। जब यह त्वरण पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण है इसलिए इस त्वरण को गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं। इस g से निर्दिष्ट करते हैं (g = 9.8 ms-2)।

प्रश्न शृंखला # 03 (पृष्ठ संख्या 153) 

प्रश्न 1.
किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
द्रव्यमान तथा भार में अन्तर –
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प्रश्न 2.
किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी के भार का 1 गुना क्यों होता है ?
उत्तर:
चन्द्रमा का भार पृथ्वी के 1/100 गुना व त्रिज्या 1/4 गुणा है। चन्द्रमा पर किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे चन्द्रमा वस्तु को आकर्षित करता है। चूंकि चन्द्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी की अपेक्षा काफी कम है अतः वह वस्तुओं पर कम आकर्षण बल लगाता है। अतः किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी के भार का है गुणा है।

प्रश्न शृंखला # 04 (पृष्ठ संख्या 157)

प्रश्न 1.
एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों ?
उत्तर:
एक पतली डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है क्योंकि पतला पट्टा कन्धों पर अधिक दाब लगाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि दाब उस वस्तु के क्षेत्रफल के अनुक्रमानुपाती होता है जिस पर बल लग रहा है। जितना कम क्षेत्रफल होगा उतना ज्यादा दाब लगेगा। पतली पट्टी पर लगने वाला दाब अधिक होगा क्योंकि उसका क्षेत्रफल कम है। अत: कन्धों पर लगने वाला दाब अत्यधिक होगा।

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प्रश्न 2.
उत्प्लावकता से आप क्या समझते है ?
उत्तर:
किसी वस्तु को तरल में डुबोने पर तरल द्वारा उस वस्तु पर ऊपर की तरफ लगने वाला बल उत्प्लावक बल कहलाता है व यह प्रक्रिया उत्प्लावकता कहलाती है।

प्रश्न 3.
पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है ? .
उत्तर:
पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु तैरती है अगर उसका घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है। अगर वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक होता है तो वस्तु पानी में डूब जाती है।

प्रश्न शृंखला # 05 (पृष्ठ संख्या 158)

प्रश्न 1.
एक तुला (Weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं। क्या आपका द्रव्यमान 42 kg से अधिक है या कम ?
उत्तर:
तुला पर खड़े होने पर उस पर नीचे की ओर बल लगता है व साथ ही ऊपर की तरफ भी एक बल कार्य करता है जिसे उत्प्लावक बल कहते हैं। अतः वस्तु थोड़ा ऊपर की ओर खिसक जाती है जिसके कारण उसके भार में कमी आती है। अतः भारमापी का पाठ्यांक असल पाठ्यांक से कम होगा।

प्रश्न 2.
आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100 kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक दूसरे से भारी है। क्या आप बता सकते हैं कि कौन-सा भारी है और क्यों ?
उत्तर:
रुई का बोरा लोहे की छड़ से अधिक भारी है। रुई के बोरे पर लगने वाला हवा का उत्प्लावक बल लोहे की छड़ की तुलना में अधिक होगा क्योंकि उसका क्षेत्रफल अधिक है। अतः भारमापी उसके वास्तविक द्रव्यमान से कम द्रव्यमान दर्शाएगा।

क्रियाकलाप 10.3 (पृष्ठ संख्या 150)

प्रश्न 1.
कागज की एक शीट तथा एक पत्थर लीजिए। दोनों को किसी इमारत की पहली मंजिल से एक साथ गिराइए। क्या दोनों धरती पर एक साथ पहुँचते हैं ?
उत्तर:
कागज धरती पर पत्थर की अपेक्षा कुछ देर से पहुँचता है। ऐसा वायु के प्रतिरोध के कारण होता है। गिरती हुई गतिशील वस्तुओं पर घर्षण के कारण वायु प्रतिरोध लगाती है। कागज पर लगने वाला वायु का प्रतिरोध पत्थर पर लगने वाले प्रतिरोध से अधिक होता है।

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क्रियाकलाप 10.4 (पृष्ठ संख्या 155)

प्रश्न 2.
क्या पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल पानी में डूबी बोतल पर कार्यरत है ? यदि ऐसा है तो बोतल छोड़ देने पर पानी में डूबी ही क्यों नहीं रहती ? आप बोतल को पानी में कैसे डुबो सकते हैं ?
उत्तर:
पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल बोतल पर नीचे की दिशा में लगता है। इसके कारण बोतल नीचे की दिशा में खिंचती है। लेकिन पानी बोतल पर ऊपर की ओर बल लगाता है। अत: बोतल ऊपर की दिशा में धकेली जाती है। वस्तु का भार पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के बराबर होता है।

जब बोतल डुबोई जाती है तो बोतल पर पानी द्वारा लगने वाला पर राखए। ऊपर की दिशा में बल इसके भार से अधिक है। इसलिए छोड़ने पर यह ऊपर उठती है। बोतल को पूरी तरह डुबोए रखने के लिए नीचे की तरफ बाहर से बल लगाना होगा। यह बल पानी द्वारा ऊपर की ओर लगने वाले बल तथा बोतल के भार के अन्तर के बराबर होना चाहिए।

क्रियाकलाप 10.5 (पृष्ठ संख्या 156)

प्रश्न 3.
पानी से भरा एक बीकर लीजिए। एक लोहे की कील लीजिए और इसे पानी के पृष्ठ पर रखिए। देखिए क्या होता है ?
उत्तर:
कील डूब जाती है क्योंकि कील पर नीचे की ओर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल, कील पर पानी द्वारा लगाए गए उत्प्लावन बल से अधिक है।

क्रियाकलाप 10.6 (पृष्ठ संख्या 156)

प्रश्न 4.
पानी से भरा बीकर लीजिए।
एक कील तथा समान द्रव्यमान का एक कॉर्क का टुकड़ा लीजिए। इन्हें पानी के पृष्ठ पर रखिए। .. देखिए क्या होता है ?
उत्तर:
कॉर्क तैरता है जबकि कील डूब जाती है। ऐसा कॉर्क व कील के घनत्वों में अन्तर के कारण है। कॉर्क का घनत्व पानी के घनत्व से कम है अतः कॉर्क पर पानी का उत्प्लावन बल, कॉर्क के भार से अधिक है। इसलिए यह तैरता है। लोहे की कील का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक है। या पानी का उत्प्लावन बल लोहे की कील के भार से कम है। इसलिए यह डूब जाती है।

क्रियाकलाप 10.7 (पृष्ठ संख्या 157)

प्रश्न 5.
पत्थर के भार के कारण रबड़ की डोरी की लम्बाई में वृद्धि या कमानीदार तुला का पाठ्यांक नोट कीजिए।
उत्तर:
पत्थर के भार के कारण रबड़ की डोरी की लम्बाई में वृद्धि होती है।

प्रश्न 6.
अब पत्थर को एक बर्तन में रखे पानी में धीरे से डुबोइए। प्रेक्षण कीजिए कि डोरी की लम्बाई में या तुला की माप में क्या परिवर्तन होता है ?
उत्तर:
जैसे ही पत्थर को धीरे-धीरे पानी में नीचे ले जाते हैं, डोरी की लम्बाई में भी कमी आती है। जब पत्थर पूरी तरह पानी में डूब जाता है तो कोई परिवर्तन दिखाई नहीं देता।

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प्रश्न 7.
डोरी के प्रसार या तुला की माप में कमी से आप क्या निष्कर्ष निकालते हैं ?
उत्तर:
रबड़ की डोरी की लम्बाई में वृद्धि, पत्थर के भार के कारण होती है। पत्थर को पानी में डुबोने पर लम्बाई में वृद्धि में कमी आती है क्योंकि पत्थर पर ऊपर की दिशा में पानी का उत्प्लावन बल लगता है जिसके कारण रबड़ की डोरी पर लगने वाला नेट बल कम हो जाता है। इसलिए डोरी की लम्बाई में वृद्धि में कमी आती है।

Bihar Board Class 9 Science गुरुत्वाकर्षण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा ?
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, द्रव्यमान M व m के दो पिण्डों पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती व उनके बीच की दूरी d के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
F ∝ \(\frac{\mathrm{M} m}{d^{2}}\)
या F α \(\frac{\mathrm{GMm}}{d^{2}}\)
अब अगर दूरी d को आधा कर दिया जाए तो दो वस्तुओं के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल होगा –
F ∝ \(\frac{4 \times \mathrm{GMm}}{d^{2}}\)
F = 4F
अतः अगर दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल चार गुना बढ़ जाएगा।

प्रश्न 2.
सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेजी से क्यों नहीं गिरती ?
उत्तर:
सभी वस्तुएँ पृथ्वी पर एक स्थिर त्वरण से, जिसे गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं, गिरती हैं। हवा की अनुपस्थिति में गुरुत्वीय त्वरण का मान स्थिर होता है व वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता। अतः भारी वस्तुएँ हल्की वस्तुओं के मुकाबले तेजी से नहीं गिरती।

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प्रश्न 3.
पृथ्वी तथा उसके पृष्ठ पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 x 1024 kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4 x 10 m है)।
हल:
दिया है, वस्तु का द्रव्यमान, m = 1 kg
पृथ्वी का द्रव्यमान, M = 6 x 1024 kg
पृथ्वी की त्रिज्या, r = 6 4 x 106 m
पृथ्वी तथा वस्तु के बीच लगने वाला गुरुत्वीय बल
F = \(\frac{\mathrm{GMm}}{r^{2}}\)
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= 9.8 N (approx.)

प्रश्न 4.
पृथ्वी तथा चन्द्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चन्द्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चन्द्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर है ? बताइए। क्यों ?
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, दो वस्तुएँ एक-दूसरे को बराबर बल से आकर्षित करती हैं, किन्तु विपरीत दिशाओं में पृथ्वी चन्द्रमा को उतने ही बल से आकर्षित करती है जितने बल से चन्द्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है।

प्रश्न 5.
यदि चन्द्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है तो पृथ्वी चन्द्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती ?
उत्तर:
गति के तीसरे नियम के अनुसार चन्द्रमा भी पृथ्वी को आकर्षित करता है। लेकिन गति के दूसरे नियम के अनुसार, किसी दिए हुए बल के लिए त्वरण वस्तु के द्रव्यमान के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
F ∝ ma
a ∝ \(\frac {F}{ M }\)
अत: पृथ्वी का द्रव्यमान चन्द्रमा से बहुत अधिक होने के कारण पृथ्वी का चन्द्रमा की ओर त्वरण बहुत कम या नगण्य होता है। यही कारण है कि पृथ्वी चन्द्रमा की ओर गति नहीं करती।

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प्रश्न 6.
दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि
1. एक वस्तु का द्रव्यमान दो गुना कर दिया जाए ?
2. वस्तुओं के बीच की दूरी दो गुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए?
3. दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दो गुने कर दिए जाएँ ?
उत्तर:
दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल (F) को निम्न सूत्र द्वारा व्यक्त किया जाता है –
F = \(\frac{\mathrm{GMm}}{r^{2}}\)
जहाँ M, m दो वस्तुओं के द्रव्यमान हैं व r उनके बीच की दूरी है, G गुरुत्वीय स्थिरांक है।

1. एक वस्तु का द्रव्यमान दो गुना करने पर
M = 2M
F = \(\frac{\mathrm{2GMm}}{r^{2}}\)
या F = 2F
अतः इस स्थिति में गुरुत्वाकर्षण बल दो गुना हो जाएगा।

2. वस्तुओं के बीच की दूरी दो गुनी करने पर
या r = 2r
F = \(\frac{\mathrm{2GMm}}{r^{2}}\)
F = \(\frac {1}{ 4 }\)F
अतः वस्तुओं के बीच की दूरी दो गुनी करने पर गुरुत्वाकर्षण बल F = \(\frac {1}{ 4 }\) हो जाएगा।
वस्तुओं के बीच की दूरी तीन गुनी करने पर
r = 3r
F = \(\frac{\mathrm{GMm}}{3r^{2}}\)
= \(\frac {1}{9}\)\(\frac{\mathrm{GMm}}{r^{2}}\)
F = \(\frac {1}{9}\)F
अतः वस्तुओं के बीच की दूरी तीन गुनी करने पर गुरुत्वाकर्षण बल गुने जाएगा।

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3. दोनों वस्तुओं के द्रव्यवमान दो गुने करने पर या जब M= 2M, m = 2m
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F’ = 4F
अत: दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दो गुने करने पर उनके बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल चार गुना हो जाएगा।

प्रश्न 7.
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्व हैं ?
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम अनेक ऐसी परिघटनाओं की सफलतापूर्वक व्याख्या करता है जो असम्बद्ध मानी जाती थीं

  1. हमें पृथ्वी से बाँधे रखने वाला बल;
  2. पृथ्वी के चारों ओर चन्द्रमा की गति;
  3. सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति; तथा
  4. चन्द्रमा तथा सूर्य के कारण ज्वार-भाटा।

प्रश्न 8.
मुक्त पतन का त्वरण क्या है ?
उत्तर:
जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है तो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण उसके वेग के परिमाण में परिवर्तन होता है। वेग में कोई भी परिवर्तन त्वरण उत्पन्न करता है। जब भी कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है, त्वरण कार्य करता है। इस त्वरण को मुक्त पतन का त्वरण कहते हैं जो पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण होता है।

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प्रश्न 9.
पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे?
उत्तर:
पृथ्वी द्वारा किसी वस्तु पर लगाया जाने वाला आकर्षण बल गुरुत्वीय बल कहलाता है। इसको वस्तु का भार कहते हैं।

प्रश्न 10.
एक व्यक्ति A अपने मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत वृत पर अपने मित्र को देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से सन्तुष्ट होगा ? यदि नहीं, तो क्यों ? (संकेत : ध्रुवों पर g का मान विषुवत् वृत्त की अपेक्षा अधिक है।)
उत्तर:
पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार = x वस्तु का द्रव्यमान
W = mg
m = वस्तु का द्रव्यमान
g = गुरुत्वीय त्वरण
गुरुत्वीय त्वरण का मान ध्रुवों पर विषुवत वृत्त की अपेक्षा अधिक होता है। अतः विषुवत वृत्त पर सोने का भार ध्रुवों की अपेक्षा कम होगा। इसी कारण अमित का मित्र खरीदे हुए सोने के भार से सन्तुष्ट नहीं होगा।

प्रश्न 11.
एक कागज की शीट उसी प्रकार की शीट को मरोड़कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है ?
उत्तर:
जब एक कागज की शीट को मरोड़कर गेंद बनाई जाती है तो उसका घनत्व बढ़ जाता है। अतः हवा द्वारा उसकी गति पर लगाया गया प्रतिकर्षण कम हो जाता है जिससे वह कागज की शीट की अपेक्षा तेज गति से नीचे गिरती है।

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प्रश्न 12.
चन्द्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा 1/6 गुना है। एक 10 kg की वस्तु का चन्द्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा?
हल:
चन्द्रमा की सतह पर वस्तु का भार
= \(\frac { 1 }{ 6 }\) x वस्तु का पृथ्वी पर भार
W = M x g
g = 9.8 m/s2
अत: 10 kg की वस्तु का पृथ्वी पर भार
= 10 x 9.8 = 98N
उसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार = \(\frac {98}{ 6 }\)
= 16.3N

प्रश्न 13.
एक गेंद ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49 m/s के वेग से फेंकी जाती है। परिकलन कीजिए
1. अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक कि गेंद पहुँचती है।
2. पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय।
हल:
1. हम जानते हैं,
v2 = u2 + 2gs
जहाँ u = गेंद का प्रारम्भिक वेग
v = गेंद का अन्तिम वेग
s = गेंद की ऊँचाई
g = गुरुत्वीय त्वरण
अधिकतम ऊँचाई पर अन्तिम वेग v = 0
व दिया है, u = 49 m/s
ऊर्ध्वाधर दिशा में,

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g =- 9.8 m/s2
अगर अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक गेंद पहुँचती है = h
समीकरण, v2 – u2 = 2gs से
02 – (49)2 = 2 x (-9.8) x h
h = \(\frac{49 \times 49}{2 \times 9 \cdot 8}\) = 122.5 m
अतः गेंद 122.5 m की अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचती

2. पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया समय अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने वाला समय यदि यह समय t है तो गेंद को ऊँचाई 122.5 m तक पहुँचने में लगने वाला समय निम्न समीकरण द्वारा ज्ञात किया जा सकता है –
v = u + gt
0 = 49 + (-9.8) x t
9.8t = 49
t = \(\frac {49}{9.8}\) = 55
चूँकि गिरने व ऊँचाई तक पहुँचने वाला समय बराबर होता है अतः गेंद द्वारा पृथ्वी की सतह पर लौटने में लिया गया कुल समय
= 5 +5 = 10s

प्रश्न 14.
19.6 m ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अन्तिम वेग ज्ञात कीजिए।
हल:
गति के समीकरण द्वारा,
v2 – u2 = 2gs
यहाँ पत्थर का प्रारम्भिक वेग, u = 0
ऊँचाई, s = 19.6 m
गुरुत्वीय त्वरण, g = 9.8 m/s2
अन्तिम वेग, v = ?
समीकरण में उपर्युक्त मान रखने पर
v2 = 02 + 2 x 9.8 x 19.6 = (19.6)2
⇒ v = \(\sqrt{(19 \cdot 6)^{2}}\)
= 19.6 m/s
अतः पृथ्वी पर पहुँचने से पहले पत्थर का अन्तिम वेग 19.6 m/s है।

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प्रश्न 15.
कोई पत्थर ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारम्भिक वेग से फेंका गया है। g = 10 m/s2 लेते हुए पत्थर द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी?
हल:
गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में गति के समीकरण से,
v2 – u2 = 2gs
जहाँ, u = पत्थर का प्रारम्भिक वेग = 40 m/s
v = पत्थर का अन्तिम वेग = 0
s = पत्थर की ऊँचाई
g= गुरुत्वीय त्वरण = -10 m/s2
माना कि पत्थर की अधिकतम ऊँचाई h है।
अतः v2 – u2 = 2gh से
0- (40)2 = 2 x (-10) x h
h = 40 x 40 = 80 m
अतः ऊपर जाने व नीचे आने में पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी = 80 + 80 = 160 m
ऊपर जाने व नीचे आने में पत्थर का कुल विस्थापन = 80 + (- 80) = 0

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प्रश्न 16.
पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 x 1024 kg तथा सूर्य का द्रव्यमान = 2 x 1030 kg। दोनों के बीच औसत दूरी 1.5 x 1011 m है।
हल:
दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान, ME = 6 x 1024 kg
सूर्य का द्रव्यमान, Ms = 2 x 1030 kg
पृथ्वी तथा सूर्य के बीच की औसत दूरी, d=1.5 x 1011m
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम से,
F = \(\frac{\mathrm{GM}_{\mathrm{E}} \mathrm{M}_{\mathrm{s}}}{d^{2}}\)
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= 3.56 x 1022 N

प्रश्न 17.
कोई पत्थर 100 m ऊँची किसी मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25 m/s के वेग से ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलन कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहाँ मिलेंगे।
हल:
माना कि दोनों पत्थर बिन्दु t पर मिलते हैं व उनकी जमीन से ऊँचाई h है। मीनार की ऊँचाई, h = 100 m. पहला पत्थर जो मीनार की छत से गिराया गया उसके द्वारा तय की गई दूरी x निम्न समीकरण द्वारा ज्ञात की जा सकती है –
s = ut + \(\frac {1}{2}\) gt2
5 = 100 – x
100 – x = ut + \(\frac {1}{2}\) gt2  ….(1)
ऊपर की तरफ फेंके गए पत्थर द्वारा तय की गई दूरी
x = ut – \(\frac {1}{2}\) gt2
यहाँ प्रारम्भिक वेग,
u = 25 m/s

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अतः x = 25t – \(\frac {1}{2}\) gt2 …(2)
समीकरण (1) व (2) को जोड़ने पर
100 = 25t
या t = 4s
t के इस मान को समीकरण (2) में रखने पर
x = 25 x 4 – \(\frac {1}{2}\) 9.8 x (4)2
= 100 – 78.4
= 21.6 m.
अतः दोनों पत्थर 4s के पश्चात् दूरी 21.6 m पर मिलेंगे।

प्रश्न 18.
ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6 s पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए
(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई।
(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई; तथा
(c) 4s पश्चात् गेंद की स्थिति।
हल:
(a) ऊपर जाने में लगने वाला समय = नीचे आने में लगने वाला समय गेंद ऊपर जाने व नीचे आने में कुल 6s लेती है। अत: यह अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में 3 s लेगी।
अधिकतम ऊँचाई पर अन्तिम वेग, v = 0
गुरुत्वीय त्वरण, g = – 9.8 m/s2
समीकरण, v = u + gt से
0 =u + (-9.8 x 3)
u = 9.8 x 3 = 29.4 m/s
अत: गेंद 29.4 m/s वेग से ऊपर फेंकी गई।

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(b) माना गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई h है। प्रारम्भिक वेग, ऊपर जाने में
u = 29.4 m/s
अन्तिम वेग, v = 0
गुरुत्वीय त्वरण, g = – 9.8 m/s2
गति के समीकरण,
s = ut+ \(\frac {1}{2}\) at2 से
h = 29.4 x 3 + \(\frac {1}{2}\) x (-9.8) x 32
= 44.1 m

(c) गेंद अधिकतम ऊँचाई 3 s में ग्रहण करती है। इस ऊँचाई तक पहुँचने के पश्चात् यह नीचे गिरती है। इस स्थिति में,
u = 0
4s के पश्चात् गेंद की स्थिति गेंद द्वारा 4 s – 3 s = 1 s में तय की गई दूरी होगी।
s = ut + \(\frac {1}{2}\) gt2 से
s = 0 x t + \(\frac {1}{2}\) x 9.8 x 12
= 4.9 m

कुल ऊँचाई = 44.1 m
4s के पश्चात् गेंद की ऊँचाई = 44.1 – 4.9 = 39.2 m
अतः 4 s के पश्चात् गेंद पृथ्वी से 39.2 m की ऊँचाई पर

प्रश्न 19.
किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?
उत्तर:
किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल ऊपर की दिशा में कार्य करता है।

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 20.
पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी के पृष्ठ पर क्यों आ जाता है ?
उत्तर:
जब किसी वस्तु को पानी में डुबोया जाता है तो उस पर दो बल कार्य करते हैं
1. गुरुत्वाकर्षण बल जो वस्तु को नीचे की ओर खींचता है।
2. उत्प्लावन बल जो वस्तु को ऊपर की ओर धकेलता है।
यहाँ प्लास्टिक के गुटके पर लगने वाला उत्प्लावन बल गुरुत्वाकर्षण बल से अधिक है।
अतः पानी के भीतर इसे छोड़ने पर यह पानी के पृष्ठ पर आ जाता है।

प्रश्न 21.
50g के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm है। यदि पानी का घनत्व 1gcm-3 हो तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा?
हल:
अगर वस्तु का घनत्व तरल के घनत्व से अधिक होता है तो वह उसमें डूब जाती है अन्यथा उसमें तैरती है।
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण
= \(\frac {50}{20}\) = 2.5 g/cm
वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व (1 g/cms) से अधिक है।
अत: वह पानी में डूब जाएगी।

प्रश्न 22.
500 g के एक मोहरबन्द पैकेट का आयतन 350 cm है। पैकेट 1 g cm-3 घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा ? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा ?
हल:
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण
\(\frac {500}{350}\) = 1.428 g cm-3
पैकेट का घनत्व पानी के घनत्व (1g cm-3) से अधिक है अतः यह पानी में डूब जायेगा। पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान उसके आयतन (350 cm-3) के बराबर होगा = 350 g.

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

BSEB Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

Bihar Board Class 9 Science बल तथा गति के नियम InText Questions and Answers

प्रश्न श्रृंखला # 01 (पृष्ठ संख्या 131)

प्रश्न 1.
निम्न में किसका जड़त्व अधिक है :
(a) एक रबर की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर
(b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी
(c) र पाँच का एक सिक्का एवं र एक का सिक्का।
उत्तर:
(a) पत्थर
(b) एक रेलगाड़ी
(c) ₹ पाँच का सिक्का।
किसी वस्तु का जड़त्व उसके द्रव्यमान से मापा जाता है। अधिक द्रव्यमान वाली वस्तुओं का जड़त्व अधिक होता है।

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए उदाहरण में गेंद का वेग कितनी बार बदलता है, जानने का प्रयास करें “फुटबॉल का एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुँचाता है। दूसरा खिलाड़ी उस गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है। विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है। इसके साथ ही उस कारक की भी पहचान करें जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है।”
उत्तर:
फुटबॉल का वेग चार बार बदलता है। पहली बार, जब फुटबॉल का एक खिलाड़ी गेंद को दूसरे खिलाड़ी की तरफ पहुँचाता है। दूसरी बार, जब खिलाड़ी गेंद को किक लगाकर गोल की तरफ पहुँचाने का प्रयास करता है। तीसरी बार, जब गोलकीपर बॉल को रोकता है। चौथी बार, जब गोलकीपर गेंद को टीम के खिलाड़ी की। ओर किक करता है। कारक जो बल प्रदान करता हैपहली अवस्था पहला खिलाड़ी, दूसरी अवस्था दूसरा खिलाड़ी, तीसरी अवस्था-गोलकीपर चौथी अवस्था-गोलकीपर।

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प्रश्न 3.
किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं, क्यों ?
उत्तर:
इसका कारण न्यूटन के गति के प्रथम नियम से समझा जा सकता है। पत्तियाँ व पेड़ दोनों विरामावस्था में हैं। पर जब पेड़ को तीव्रता से हिलाया जाता है तब पेड़ गतिमान होता है व पत्तियाँ विरामावस्था में। अतः विरामावस्था में रहने के कारण पेड़ को हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं।

प्रश्न 4.
जब कोई गतिशील बस अचानक रुक जाती है तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं और जब विरामावस्था से गतिशील होती है तो आपं पीछे की ओर हो जाते हैं, क्यों ?
उत्तर:
चलती हुई बस में, हम बस की गति की दिशा में गतिमान होते हैं। ब्रेक लगाने पर बस रुक जाती है। परन्तु हमारा शरीर जड़त्व के कारण गतिज अवस्था में ही बने रहने की प्रवृत्ति रखता है। अतः हम आगे की ओर झुक जाते हैं। जब बस विरामावस्था से गतिशील होती है तो हमारा पैर जो बस के फर्श के सम्पर्क में रहता है, गति में आ जाता है। परन्तु शरीर का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण इस गति का विरोध करता है। अतः हम पीछे की ओर हो जाते हैं।

प्रश्न शृंखला # 02 (पृष्ठ संख्या 140)

प्रश्न 1.
यदि क्रिया सदैव प्रतिक्रिया के बराबर हैतो स्पष्ट कीजिए कि घोड़ा गाड़ी को कैसे खींच पाता है ?
उत्तर:
घोड़ा पृथ्वी पर पीछे की ओर बल लगाता है या धकेलता है। इसकी प्रतिक्रिया में वह आगे की ओर बढ़ता है। यहाँ घोड़ा गाड़ी को आगे की दिशा में खींचता है किन्तु गाड़ी घोड़े पर विपरीत दिशा में बल लगाती है। चूँकि घोड़ा गाड़ी पर असमान बल लगाता है अत: वह उसे खींच पाता है।

प्रश्न 2.
एक अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति से बहुतायात मात्रा में पानी फेंकने वाली रबड़ की नली को पकड़ने में कठिनाई क्यों होती है ? स्पष्ट करें।
उत्तर:
पानी फेंकने वाली रबड़ की नली में से जब बहुतायात मात्रा में तीव्र गति से पानी निकलता है तो गति के तीसरे नियम के अनुसार वह नली पर पीछे की ओर समान बल लगाता है। अतः अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति से बहुतायत मात्रा में पानी फेंकने वाली रबड़ की नली को पकड़ने में कठिनाई होती है।

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प्रश्न 3.
एक 50g द्रव्यमान की गोली 4 kg द्रव्यमान की रायफल से 35 ms-1 के प्रारंभिक वेग से छोड़ी जाती है। रायफल के प्रारंभिक प्रतिक्षेपित वेग की गणना कीजिए।
हल:
दिया है, रायत्रफल का द्रव्यमान m1 = 4 kg
रायफल का प्रारंभिक वेग (u1) = 0
गोली का द्रव्यमान (m2) = 50 g
= \(\frac { 50 }{ 1000 }\) = 0.05 kg
गोली का प्रारंभिक वेग (u2) = 0
गोली का अंतिम वेग (v2) = 35.m/s
रायफल का प्रारंभिक प्रतिक्षेपित वेग (v1) = ?

हम जानते हैं,
m1 U1 + m2u2 = m1V1 + m2V2
⇒ 4kg x 0 + 0.5 kg
⇒ 0.4kg x v1 + 0.05.kg x 35 ms-1
⇒ -4kg x v1 + 1.75 kg ms-1
v1 = \(\frac{1 \cdot 75 \mathrm{kg} \mathrm{m} / \mathrm{s}}{-4 \mathrm{kg}}\)
= – 0.4375 m/s
≈ 4-044 m/s
यहाँ ऋणात्मक चिह्न दर्शाता है कि रायफल गोली की विपरीत दिशा में चलती है। अतः रायफल का प्रतिक्षेपित वेग = 0.44 m/s है।

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प्रश्न 4.
100 g और 200g द्रव्यमान की दो वस्तुएँ एक ही रेखा के अनुदिश एक ही दिशा में क्रमश: 2 ms-1और 1 ms-1 के वेग से गति कर रही हैं। दोनों वस्तुएँ टकरा जाती हैं। टक्कर के पश्चात प्रथम वस्तु का वेग 1.67 ms-1 हो जाता है, तो दूसरी वस्तु का वेग ज्ञात करें।
हल : दिया गया है, पहली वस्तु का द्रव्यमान (m) = 100g
\(\frac { 100 }{ 1000 }\) Kg = 0.1 kg
पहली वस्तु का प्रारंभिक वेग (u1) = 2 m/s
टक्कर के पश्चात पहली वस्तु का अंतिम वेग (v1) = 1.67 m/s
दूसरी वस्तु का द्रव्यमान (m2) = 200 g
\(\frac { 200 }{ 1000 }\) = 0.2 kg
दूसरी वस्तु का प्रारंभिक वेग (u2) = 1 m/s
टक्कर के बाद दूसरी वस्तु का अंतिम वेग (v2) = ?
हम जानते हैं,
m1u1 + m2u2 = m1V1 + m1V2
⇒ 0.1 kg x 1.67 m/s + 0.2kg x v2
⇒ 0.2 kg m/s + 0.2 kg m/s = 0.167 kg m/s + 0.2 kg x v2
⇒ 0.4 kg m/s – 0.167 m/s = 0.2 kg x v2
⇒ v2 = \(\frac{0 \cdot 233 \mathrm{kg} \mathrm{m} / \mathrm{s}}{0 \cdot 2 \mathrm{kg}}\) 0.4 kg m/s -0.167 kg m/s = 0.2 kg x v2
⇒ v2 = 1.165 m/s
अतः टक्कर के बाद दूसरी वस्तु का वेग = 1.165 m/s

क्रियाकलाप 9.3 (पृष्ठ संख्या 130)

प्रश्न 1.
पानी से भरा गिलास ट्रे पर रखिए।
ट्रे को हाथ से पकड़कर जितनी तेजी से हो सके, घूम जाइए। हम देखते हैं कि गिलास लुढ़क जाता है और पानी छलक जाता है, क्यों ?
उत्तर:
ट्रे को हाथ से पकड़कर घूम जाने से ट्रे में गति आ जाती है व पानी से भरा गिलास जो ट्रे के सम्पर्क में है, उसका तल गति में आ जाता है। परन्तु गिलास का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण इस गति का विरोध करता है व आगे की ओर लुढ़क जाता है और पानी छलक जाता है।

क्रियाकलाप 9.4 (पृष्ठ संख्या 136)

प्रश्न 2.
क्या बालू के थैले को फेंकने (क्रिया) के कारण उनमें से प्रत्येक ताक्षणिक प्रतिक्रिया का अनुभव करते हैं ?
उत्तर:
हाँ, बालू के थैले को फेंकने (क्रिया) के कारण प्रत्येक बच्चा पीछे की ओर तात्क्षणिक प्रतिक्रिया का अनुभव करता है।

प्रश्न 3.
आप गाड़ी के पहिए पर कोई सफेद रेखा खींच दें, ताकि जब वे दोनों बच्चे थैले को फेंकें तो गाड़ी की गति का अवलोकन किया जा सके।
उत्तर:
दोनों बच्चे जब थैले को आगे की ओर फेंकते हैं तो गाड़ी पीछे की गति करती है।

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प्रश्न 4.
अब दो बच्चों को किसी एक गाड़ी पर खड़ा करें तथा एक अन्य बच्चे को दूसरी गाड़ी पर। आप यहाँ गति के द्वितीय नियम को देख सकते हैं। क्योंकि इस अवस्था में यह · बल अलग-अलग त्वरण उत्पन्न करेगा।
उत्तर:
जब दो बच्चों को एक गाड़ी पर खड़ा किया जाता है तो उनका द्रव्यमान बढ़ जाता है अतः द्वितीय नियम द्वारा (aaF) गाड़ी में कम त्वरण उत्पन्न होता है। जिस गाड़ी पर एक बच्चा खड़ा है उसमें अपेक्षाकृत ज्यादा त्वरण उत्पन्न होता है।

क्रियाकलाप 9.5 (पृष्ठ संख्या 137)

प्रश्न 5.
स्ट्रा (अथवा गुब्बारे) की गति की दिशा का अवलोकन करें।
उत्तर:
जब गुब्बारे से हवा बाहर निकलती है तो स्ट्रॉ विपरीत दिशा में गति करती है। यह क्रिया संवेग संरक्षण व गति के तीसरे नियम को दर्शाती है।

क्रियाकलाप 9.6 (पृष्ठ संख्या 138)

प्रश्न 6.
परखनली कॉर्क की गत्ति की विपरीत दिशा में प्रक्षेपित होती है। कॉर्क तथा प्रक्षेपित परखनली के वेगों में अन्तर का भी अवलोकन करें।
उत्तर:
परखनली का पानी वाष्पित होकर कॉर्क पर आगे की दिशा में बल लगाता है जिस कारण कॉर्क परखनली से बाहर आ जाती है व परखनली को विपरीत दिशा में पीछे की ओर धकेलती है। ऐसा गति के तीसरे नियम के अनुसार होता है। कॉर्क का वेग परखनली के वेग से अधिक होगा क्योंकि परखनली का द्रव्यमान कॉर्क से अधिक है। ऐसा संवेग संरक्षण नियम के अनुसार हो रहा है। अतः उनका कुल संवेग संरक्षित रहता है।

Bihar Board Class 9 Science बल तथा गति के नियम Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कोई वस्तु शून्य बाह्य असंतुलित बल अनुभव करती है। क्या किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना सम्भव है ? यदि हाँ, तो वस्तु के वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगने वाली शर्तों का उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
उत्तर:
जब किसी वस्तु पर शून्य बाह्य असंतुलित बल लगाया जाता है तो वस्तु का अशून्य वेग से गति करना सम्भव है। दरअसल यदि किसी गतिमान वस्तु पर बाह्य बल कार्य नहीं करता तो वस्तु गतिमान रहेगी। इसके लिए यह आवश्यक है कि वस्तु एकसमान वेग से किसी निश्चित दिशा में गतिमान हो।

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प्रश्न 2.
जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है, तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। स्पष्ट करें।
उत्तर:
छड़ी से दरी को पीटने पर, दरी अचानक गतिमान हो जाती है जब उसके छिद्रों में फंसे धूल के कण विरामावस्था में रहते हैं। अपनी विरामावस्था को बनाए रखने के लिए वे दरी से बाहर आ जाते हैं। यह न्यूटन के गति के प्रथम नियम के कारण होता है जिसके अनुसार प्रत्येक वस्तु अपनी स्थिर अवस्था या सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में बनी रहती है जब तक कि उस पर कोई बाहरी बल कार्यरत न हो।

प्रश्न 3.
बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बाँधा जाता है ?
उत्तर:
बस की छत पर रखे सामान की बस की विराम स्थिति में अपनी विरामावस्था में रहने की प्रवृत्ति होती है व अपनी गतिज अवस्था में रहने की प्रवृत्ति होती है जब बस गतिमान होती है। यह न्यूटन के गति के प्रथम नियम के कारण होता है। जब बस अपनी विरामावस्था से गतिमान अवस्था में आती है तब सामान अपनी विरामावस्था की स्थिति में रहने के कारण गिर सकता है। इसी प्रकार, गतिमान बस के विरामावस्था में आने पर या ब्रेक लगने के कारण उसके वेग में परिवर्तन होने के कारण भी सामान, अपनी गतिमान अवस्था में रहने की प्रवृत्ति के कारण, गिर सकता है। अत: बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से बाँधा जाता है जिससे कि वह गिरने से बच सके।

प्रश्न 4.
किसी बल्लेबाज द्वारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद जमीन पर लुढ़कती है। कुछ दूरी चलने के पश्चात् गेंद रुक जाती है। गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि
(a) बल्लेबाज ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है।
(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है।
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
(d) गेंद पर कोई असंतुलित बल कार्यरत नहीं है, अतः गेंद विरामावस्था आने के लिए प्रयासरत है।
(सही विकल्प का चयन करें।)
उत्तर:
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।

कारण – जब गेंद जमीन पर लुढ़कती है तो घर्षण बल उसकी गति की दिशा के विपरीत कार्य करता है और कुछ समय के पश्चात् गेंद रुक जाती है।

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प्रश्न 5.
एक ट्रक विरामावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना शुरू करता है। यह 20 s में 400 m की दूरी तय करता है। इसका त्वरण ज्ञात करें। अगर इसका द्रव्यमान 7 टन है तो इस पर लगने वाले की गणना करें। (1 टन = 1000 kg)।
हल:
दिया गया है,
ट्रक का प्रारंभिक वेग (u) = 0 (ट्रक विरामावस्था से चलता है।)
दूरी, s = 400 m
समय, 1 = 20 s
त्वरण, a = ?
हम जानते हैं,
s = ut + 1/2 at2
⇒ 400 m = 0 x 20s +\(\frac { 1 }{ 2 }\) x a x (20s)2
400 m = 0 + \(\frac { 1 }{ 2 }\) x a x 400 s2
400 m = a x 200 s2
a = \(\frac{400 m}{200 s^{2}}\) = 2 ms-2
ट्रक पर लगने वाला बल = ?
ट्रक का द्रव्यमान = 7 ton =7 x 1000 kg = 7000 kg

हम जानते हैं, बल F = ma
⇒ F = 7000 kg x 2 ms-2
⇒ F = 14000 newton
अतः ट्रक पर लगने वाला त्वरण = 2 ms-2 व बल = 14000 N.

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प्रश्न 6.
1 kg द्रव्यमान के एक पत्थर को 20 ms-1 के वेग से झील की जमीनी सतह पर फेंका जाता है। पत्थर 50 m की दूरी तय करने के बाद रुकता है। पत्थर और बर्फ के बीच लगने वाले घर्षण बल की गणना करें।
हल:
दिया गया है,
पत्थर का द्रव्यमान = 1 kg
प्रारंभिक वेग, u = 20 m/s
अंतिम वेग, v = 0 (चूँकि पत्थर विरामावस्था में आ जाता है।)
दूरी, s = 50 m
घर्षण बल = ?

हम जानते हैं,
v2 = u2 + 2as
⇒ 02 = (20 m/s)2 + 2a x 50 m
⇒ -400 m2s-2 = 100 m x a
a = \(\frac{-400 m^{2} s^{-2}}{100 m}\) =-4ms-2
हम जानते हैं कि बल, F = m x a
या, F = 1 kg x -4 ms-2
F = -4kg ms-2
अतः पत्थर पर लगने वाला घर्षण बल F = -4 kg ms-2
यहाँ चिह्न दर्शाता है कि बल पत्थर की गति की विपरीत दिशा में कार्य कर रहा है।

प्रश्न 7.
एक 8000 kg द्रव्यमान का रेल इंजन प्रति 2000 kg द्रव्यमान वाले पाँच डिब्बों को सीधी पटरी पर खींचता है। यदि इंजन 40000 N का बल आरोपित करता है तथा यदि पटरी 5000 N का घर्षण बल लगाती है, तो ज्ञात करें –
(a) नेट त्वरण बल
(b) रेल का त्वरण, तथा
(c) डिब्बे 1 द्वारा डिब्बे 2 पर लगाया गया बल।
हल:
दिया गया है, इंजन का बल = 40000 N
घर्षण बल = 5000 N
इंजन का द्रव्यमान = 8000 kg
पाँच डिब्बों का द्रव्यमान = 5 x 2000 kg
= 10000 kg

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(a) नेट त्वरण बल = इंजन द्वारा लगाया गया बल – घर्षण बल
= 40000 N – 5000 N
= 35,000 N

(b) रेल का त्वरण
हम जानते हैं,
F = m x a
या, 35000 N = (इंजन का द्रव्यमान + 5 डिब्बों का द्रव्यमान) x a
या, 35,000 N = (8,000 kg + 10,000kg) x a
या, 35,000 N = 18,000 kg x a
या, = \(\frac{35000 \mathrm{N}}{18000 \mathrm{kg}}\)
या, =1.944 ms-2

(c) डिब्बे 1 द्वारा डिब्बे 2 पर लगाया गया बल
नेट त्वरण बल = 35000 N
5 डिब्बों का द्रव्यमान = 10000 kg
हम जानते हैं, F = m x a

अतः, 35,000 N = 10,000 kg x a
a = \(\frac{35,000 \mathrm{N}}{10,000 \mathrm{kg}}\) = 3.5 ms-2
अतः डिब्बों का त्वरण = 3.5 m/s2
डिब्बे 1 द्वारा डिब्बा 2 पर लगाया गया बल
= 4 डिब्बों का द्रव्यमान – त्वरण
F = 4 x 2000 kg x 3.5 ms-2 = 8000 kg x 3.5 ms-2
F = 28000 N

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प्रश्न 8.
एक गाड़ी का द्रव्यमान 1500 kg है। यदि गाड़ी को 1.7 ms-2 के ऋणात्मक त्वरण (अवमंदन) के साथ विरामावस्था में लाना है, तो गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा?
हल:
दिया गया है,
गाड़ी का द्रव्यमान = 1,500 kg
त्वरण, a = – 1.7 ms-2
गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल = ?
हम जानते हैं, F = m x a
अतः, F = 1,500 kg x 1.7 ms-2
F = – 2550 N
अतः गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल – 2550 N है। यहाँ ऋणात्मक चिह्न दर्शाता है कि बल गाड़ी की विपरीत दिशा में लग रहा है।

प्रश्न 9.
किसी m द्रव्यमान की वस्तु जिसका वेग। है, का संवेग क्या होगा?
(a) (mv)2
(b) m2
(c) \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv2
(d) mv.
(उपर्युक्त में से सही विकल्प चुनें।)
उत्तर:
(d) mv.
हम जानते हैं,
संवेग p = mv.

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प्रश्न 10.
हम एक लकड़ी के बक्से को 200 N बल लगाकर नियत वेग से फर्श पर धकेलते हैं। बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा?
उत्तर:
चूँकि 200 N का बल बक्से को धकेलने में लग रहा है अतः 200 N का घर्षण बल बक्से पर लगेगा। न्यूटन के गति के तीसरे नियम के अनुसार बक्से पर विपरीत दिशा में समान परिमाण का बल आरोपित होगा।

प्रश्न 11.
दो वस्तुएँ, प्रत्येक का द्रव्यमान 1.5 kg है, एक ही सीधी रेखा में एक-दूसरे के विपरीत दिशा में गति कर रही हैं। टकराने के पहले प्रत्येक का वेग 2.5 ms-1 है। टकराने के बाद यदि दोनों एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं तब उनका सम्मिलित वेग का क्या होगा?
हल:
चूँकि दोनों वस्तुओं का द्रव्यमान बराबर है व वे समान वेग से विपरीत दिशा में चल रही हैं अतः टकराने के बाद जब दोनों एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं, उनका सम्मिलित वेग शून्य होगा।
व्याख्या:
दिया गया है, पहली वस्तु का द्रव्यमान m1 = 1.5 kg
दूसरी वस्तु का द्रव्यमान m2 = 1.5 kg
पहली वस्तु का प्रारंभिक वेग (11) = 2.5 m/s
दूसरी वस्तु का प्रारंभिक वेग (up) =- 2.5 m/s
(दूसरी वस्तु पहली के विपरीत दिशा में गतिमान है। टकराने के बाद वस्तुओं का सम्मिलित वेग, जो आपस में जुड़ जाती है, v = ?)
m1u1 + m2u2 = m1v1 + m2V2
⇒ 1.5 kg x 2.5 ms-1 + 1.5 kg x (-2.5 ms-1) = 1.5 kg x v+ 1.5 kg x v
⇒ 3.75 kg ms-1 – 3.75 kg ms-1 = 3.0 kg x v
0 = v x 3.0 kg
⇒ v = 0
अत: दोनों वस्तुओं का टकराने के बाद अंतिम वेग शून्य होगा।

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प्रश्न 12.
गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं, तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह वस्तु एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है; संभवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा। एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं एवं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं। इस तर्क पर अपने विचार दें और बताएँ कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता ?
उत्तर:
ट्रक के अत्यधिक द्रव्यमान के कारण उसका घर्षण बल भी बहुत अधिक होगा। विद्यार्थी द्वारा ट्रक पर लगाया जाने वाला बल इस घर्षण बल से बहुत कम है अतः वह ट्रक को गतिशील नहीं कर पाता। यहाँ, दोनों दिशाओं में लगने वाला नेट बल शून्य है जिसके कारण ट्रक गतिमान नहीं होता। विद्यार्थी द्वारा आरोपित बल व घर्षण बल एक-दूसरे को निरस्त कर रहे हैं। अतः विद्यार्थी द्वारा दिया गया तर्क सही है।

प्रश्न 13.
200 g द्रव्यमान की एक हॉकी की गेंद 10 ms-1 से गति कर रही है। यह एक हॉकी स्टिक से इस प्रकार टकराती है कि यह 5 ms-1 के वेग से अपने प्रारम्भिक मार्ग पर वापस लौटती है। हॉकी स्टिक द्वारा आरोपित बल द्वारा हॉकी की गेंद में आये संवेग परिवर्तन के परिमाप का परिकलन कीजिए।
हल:
दिया गया है,
हॉकी की गेंद का द्रव्यमान m = 200 g = 0.2 kg
हॉकी की गेंद का प्रारम्भिक वेग v1 = 10 ms-1
प्रारम्भिक संवेग = mv1 = 0.2 x 10 = 2 kg ms-1
हॉकी स्टिक से टकराने के बाद गेंद का विपरीत दिशा में वेग v2 = – 5 ms-1
अन्तिम संवेग = mv1 = 0.2 x (-5) = -1 kg ms-1 अतः अभीष्ट संवेग परिवर्तन = mv1 – mv2
= 2 – (-1) = 3 kg ms-1

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प्रश्न 14.
10 g द्रव्यमान की एक गोली सीधी रेखा में 150 ms-1 के वेग से चलकर एक लकड़ी के गुटके से टकराती है और 0.03 5 के बाद रुक जाती है। गोली लकड़ी को कितनी दूरी तक भेदेगी ? लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल के परिमाण की गणना करें।
हल:
दिया है, गोली का द्रव्यमान, m = 10 g = 1000 kg = 0.01 kg
गोली का प्रारंभिक वेग, u = 150 m/s
गोली का अंतिम वेग, v = 0
समय, t = 0.3 s
भेदने वाली दूरी, s = ?
गुटके द्वारा लगाया गया बल = ?
हम जानते हैं, v = u + at
⇒ 0 = 150 ms-1 + a x 0.03 s
⇒  – 150 ms-1 = a x 0.03 s
⇒ a = \(\frac{-150 \mathrm{ms}^{-1}}{0.03 \mathrm{s}}\)
= – 5000 m/s2
जानते हैं, s = ut + 1/2 at2
⇒ s = 150 m/s x 0.03 s + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(-500 ms-2) x (0.03 s)2
⇒ s = 4.5 m – 2500 ms-2 x 0.000952)
⇒ s = 4.5 m – 2.25 m
⇒ s = 2.25 m
हम जानते हैं, F = m x a
⇒ F = 0.01 kg x (-5000 ms-2) =-50N
यहाँ ऋणात्मक चिह्न दर्शाता है कि बल गोली की विपरीत दिशा में लग रहा है।

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 15.
एक वस्तु जिसका द्रव्यमान 1 kg है, 10 ms-1 के वेग से एक सीधी रेखा में चलते हुए विरामावस्था में रखे 5kg द्रव्यमान के एक लकड़ी के गुटके से टकराती है। उसके बाद दोनों साथ-साथ उसी सीधी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पहले तथा बाद के कुल संवेगों की गणना करें। आपस में जुड़े हुए संयोजन के वेग की भी गणना करें।
हल:
वस्तु का द्रव्यमान m1 = 1 kg
लकड़ी के गुटके का द्रव्यमान m2 = 5 kg
वस्तु का प्रारंभिक बेग, u1 = 10 m/s
लकड़ी के गुटके का प्रारंभिक वेग, u2 = 0
वस्तु के गुटके का अंतिम वेग, v = ?
‘संघट्ट के पहले तथा बाद में कुल वेग = ?

हम जानते हैं,
m1u1 + m2u2= m1v1 + m2v2
⇒ 1 kg x 10 m/s + 5 kg x 0 = 1 kg x v + 5 kg x v
⇒ 10 kg m/s = v (1 kg + 5 kg)
⇒ 10 kg m/s = v x 6 kg
⇒ v = \(\frac{10 \mathrm{kg} \mathrm{ms}^{-1}}{6 \mathrm{kg}}\)
⇒ v = 1.66 m/s
टकराने से पहले कुल संवेग
= m1u1 + m2v2
= 1 kg x 10 ms-1 +5 kg x 0
= 10 kg ms-1
टकराने के बाद संवेग = m1v1 + m2v2
= m1v + m2v = v (m1 + m2)
[क्योंकि दोनों वस्तुओं का वेग टकराने के बाद एक समान है।
= (1 kg + 5 kg) x \(\frac { 10 }{ 6 }\) m/s [(i) से]
= 6 kg x \(\frac { 10 }{ 6 }\) m/s
= 10 kg m/s

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 16.
100 kg द्रव्यमान की एक वस्तु का वेग समान त्वरण से चलते हुए 6 5 में 5 ms-1 से 8 ms-1 हो जाता है। वस्तु के पहले और बाद के संवेगों की गणना करें। उस बल के परिमाण की गणना करें जो उस वस्तु पर आरोपित है।
हल:
दिया है, प्रारम्भिक वेग, u = 5 m/s
अन्तिम वेग, v = 8 m/s
वस्तु का द्रव्यमान, m = 100 kg
समय t = 6s
प्रारम्भिक व अन्तिम संवेग = ?
वस्तु पर आरोपित बल = ?
हम जानते हैं,
संवेग = द्रव्यमान x वेग
प्रारम्भिक संवेग = द्रव्यमान x प्रारम्भिक वेग
= 10 kg x 5 m/s
= 500 kg m/s

अन्तिम संवेग = द्रव्यमान x अन्तिम वेग
= 100 kg x 8 m/s
= 800 kg m/s

हम जानते हैं,
v = u + at
⇒ 8 m/s = 5 m/s + a x 6s
8 m/s -5 m/s =a x 6s
3 m/s =a x 6s
a = \(\frac{3 \mathrm{m} / \mathrm{s}}{6 \mathrm{s}}\) = 0.5 ms-2
वस्तु पर आरोपित बल = द्रव्यमान x त्वरण
= 100 kg x 0.5 ms-2
= 50 N

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 17.
अख्तर, किरण और राहुल किसी राजमार्ग पर बहुत तीव्र गति से चलती हुई कार में सवार हैं। अचानक उड़ता हुआ कोई कीड़ा, गाड़ी के सामने के शीशे से आ टकराया और वह शीशे से चिपक गया। अख्तर और किरण इस स्थिति पर विवाद करते हैं। किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है। (क्योंकि कीड़े के वेग में परिवर्तन का मान कार के वेग में परिवर्तन के मान से बहुत अधिक है।) अख्तर ने कहा कि चूँकि कार का वेग बहुत अधिक था अतः कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया जिसके कारण कीड़े की मौत हो गई। राहुल ने एक नया तर्क देते हुए कहा कि कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा और दोनों के संवेग में बराबर परिवर्तन हुआ। इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया दें।
उत्तर:
राहुल का तर्क सही प्रतीत होता है क्योंकि पूरे तन्त्र पर कोई भी बाहरी बल नहीं लगा है तथा संवेग संरक्षण के सिद्धान्त के अनुसार त्वरण के समय तन्त्र का कुल संवेग संरक्षित रहता है, अतएव कीड़ा एवं कार दोनों पर समान बल लगेगा तथा दोनों के संवेग में बराबर परिवर्तन होगा।

प्रश्न 18.
एक 10 kg द्रव्यमान की घंटी 80 cm की ऊँचाई से फर्श पर गिरी। इस अवस्था में घंटी द्वारा फर्श पर स्थानान्तरित संवेग के मान की गणना करें। परिकलन में सरलता हेतु नीचे की ओर दिष्ट त्वरण का मान 10 ms-2 लें।
हल:
दिया है,
घंटी का द्रव्यमान = 10 kg
दूरी, s = 80 cm = \(\frac {80}{ 100 }\) = 0.8 m
त्वरण, a = 10 ms-2
घंटी का प्रारम्भिक वेग, u = 0
– संवेग = ?
हम जानते हैं,
u2 = u2 + 2as
v2 = 0 + 2 x 10 x 0.8
v2 = 16 m2s2
v = 16 m s-2
v = \(\sqrt{16 m^{2} s^{-2}}\) = 4 m/s

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हम जानते हैं,
संवेग p = m x v
p = 10 kg x 4 m/s =40 kg m/s

अतिरिक्त अभ्यास
प्रश्न A1.
एक वस्तु की गति की अवस्था में दूरी-समय सारणी निम्नवत् है –
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम
(a) त्वरण के बारे में आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं ? क्या यह नियत है ? बढ़ रहा है ? या शून्य है ?
(b) आप वस्तु पर लगने वाले बल के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं ?
हल: (a)

उपर्युक्त सारणी दर्शाती है कि वेग परिवर्तन की दर बढ़ रही है.अतः वस्तु का त्वरण लगातार बढ़ रहा है।
(b) चूँकि बल, वस्तु में उत्पन्न त्वरण के समानुपाती होता है, इसलिए वस्तु पर लगने वाला बल भी लगातार बढ़ रहा है।

प्रश्न A2.
1200 kg द्रव्यमान की कार को एक समतल सड़क पर दो व्यक्ति समान वेग से धक्का देते हैं। उसी कार को तीन व्यक्तियों द्वारा धक्का देकर 0-2 ms-2 का त्वरण उत्पन्न किया जाता है। कितने बल के साथ प्रत्येक व्यक्ति कार को धकेल पाते हैं। (मान लें कि सभी व्यक्ति समान पेशीय बल के साथ कार को धक्का देते हैं।)
हल:
दिया है:
कार का द्रव्यमान m = 1200 kg
तीन व्यक्तियों द्वारा धक्का देने पर उत्पन्न त्वरण a = 0.2 ms-1
तीसरे व्यक्ति द्वारा लगाया गया बल
F = ma = 1200 x 0.2 = 240N
चूँकि तीनों व्यक्तियों में से प्रत्येक समान पेशीय बल का उपयोग कर रहा है, इसलिए प्रत्येक समान बल से कार को धकेल पाते हैं।
अतः कार को धकेलने में प्रत्येक व्यक्ति द्वारा आरोपित अभीष्ट बल %D240 N.

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प्रश्न A3.
500g द्रव्यमान के एक हथौड़े द्वारा 50 ms-1 वेग से एक कील पर प्रहार किया जाता है। कील द्वारा हथौड़े को बहुत कम समय 0.01 s में ही रोक दिया जाता है। कील के द्वारा हथौड़े पर लगाए गए बल का परिकलन करो।
हल:
दिया है:
हथौड़े का द्रव्यमान m = 500 g = 0.5 kg
हथौड़े का प्रारम्भिक वेग u = 50 ms-1
हथौड़े पर अन्तिम वेग v = 0 ms-1
समय अन्तराल t = 0.01 s
हम जानते हैं कि,
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम
= \(\frac{m v-m u}{t}\)
= \(\frac{0 \cdot 5 \times 0-0 \cdot 5 \times 50}{0 \cdot 01}\)
= – \(\frac{25}{0 \cdot 01}\) = – 2500 N
(ऋणात्मक चिह्न बल की दिशा बताता है कि बल कील ने लगाया)
अतः, कील द्वारा हथौड़े पर लगा अभीष्ट बल = 2500 N.

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प्रश्न A4.
एक 1200 kg द्रव्यमान की मोटरकार 90 km/h की वेग से एक सरल रेखा के अनुदिश चल रही है। उसका वेग बाहरी असन्तुलित बल लगने के कारण 4s में घटकर 18 km/h हो जाता है। त्वरण और संवेग में परिवर्तन का परिकलन करें। लगने वाले बल के परिमाण का भी परिकलन करें।
हल:
दिया है:
मोटरकार का द्रव्यमान m = 1200 kg
कार का प्रारम्भिक वेग u = 90 km / h
कार का अन्तिम वेग v = 18 km / h
समय अन्तराल t =4s
वेग में परिवर्तन v – u = (90 – 18) km /h
= 72 x 5/18 = 20 m/s
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम
= \(\frac {20}{4}\) = 5 ms-2
संवेग परिवर्तन p = m (v – u)
= 1200 x 20
= 24000 kg ms-1
बल (F) = द्रव्यमान (m) x त्वरण (a)
= 1200 x 5 = 6000 N
अत: अभीष्ट त्वरण = 5 ms-2, संवेग में परिवर्तन = 24000 kg ms-1 एवं लगने वाला बल = 6000 N.

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.2

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.2 Text Book Questions and Answers.

BSEB Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.2

प्रश्न 1.
एक समद्विबाहु त्रिभुज ABC में जिसमें AB = AC है. ∠B और ∠C के समद्विभाजक परस्पर बिन्दु O पर प्रतिभेद करते हैं। A और O को जोथिए। दर्शाए कि-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.2 1
(i) OB = OC
(ii) AO, ∠A को समद्विभाजित करता है।
उत्तर:
(i) ∆ARC में,
AB = AC (दिया है।
अतः ∠ACB = ∠ABC
तो, \(\frac{1}{2}\) ∠ACB = \(\frac{1}{2}\) ∠ABC
∠OCA = ∠OBA
∠OCB = ∠OBC …. (1)
(∵ OB तथा 0C क्रमश: ∠B तथा ∠C के समद्विभाजक है)
⇒ OB = OC. …… (2)
(∵ समान कोणों के सम्मुख भुजाएँ बराबर होती है।)

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.2

(ii) ∆OBA और ∆OCA में,
AB = AC (दिया है)
∠OBA = ∠OCA [समी. (1) से]
⇒ OB = OC. [सनी. (2) से]
∴ SAS सर्वांगसमता गुणधर्म से
∆OBA ≅ ∆OCA
⇒ ∠BAO – ∠CAO ( सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग बराबर होते हैं)
अत: AO, ∠BAC को समद्विभाजित करता है।

प्रश्न 2.
∆ABC में AD भुजा BC का लम्ब समद्विभाजक है (देखिए आकृति) दहिए कि ∆ABC एक समद्धि आहु त्रिभुज है, जिसमें AB = AC है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.2 2
उत्तर:
∆ABD और
∆ACD में,
AD = AD (उभयनिष्ठ)
∠ADB =∠ADC = 90°
(∵ AD भुजा BC पर लम्ब है)
BD = DC (दिया है)
∴ SAS सर्वांगसमता गुणधर्म से,
∆ABD ≅ ∆ACD
⇒ AB = AC (सर्वागसम विभुज के संगत भाग बराबर होते हैं)
आत: ∆ARC समद्विबाहु त्रिभुज है।

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प्रश्न 3.
ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है, जिसमें बराबर भुजाओं AC और AR पर क्रमशः शीर्षलम्ब BE और CF खींचे गए हैं (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि ये शीर्षलम्ब बराबर है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.2 3
उत्तर:
∆ABE और ∆ACF में,
∠A – ∠A (उभयनिष्ठ)
(∵ BE ⊥ AC तथा CF ⊥ AB)
∠AED – ∠ARC = 90°
AB = AC (दिया है)
∴ AAS सर्वांगसमता गुणधर्म से,
∆ABE = ∆ACF
⇒ BE = CF (∵ सर्वागतम त्रिभुजों के संगत भाग बराबर होते ई)
अत: शीर्षलम्ब बराबर हैं।

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प्रश्न 4.
ABC एक त्रिभुज है जिसमें AC और AB पर खींचे गए शीघलम्ब BE और CF बराबर हैं (देखिए आकृति) वाइए कि-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.2 4
(i) ∆ABE ≅ ∆CFB
(ii) AB = AC,
अर्थात् ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
उत्तर:
(i) ∆ABE और ∆ACF में,
∠A = ∠A (उभयनिष्न)
BE = CF (दिया है।
∠AEB = ∠AFC = 90°
(∵ BE ⊥ AC, CF ⊥ AB)
∴ AAS सर्वांगसमता गुणधर्म से,
∆ABE ≅ ∆ACE. ……..(1)

(ii) ∵ ∆ABE ≅ ∆ACF (समी. (1) से]
⇒ AB = AC. (∵ सर्वांगसम विभुगों के संगत भाग बराबर होते हैं।)
आतः ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।

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प्रश्न 5.
ABC और DBC समान आधार BC पर स्थित दो समद्धि बाहु त्रिभुज है (देखिए आवृति) दशदिए कि ∠ABD = ∠ACD है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.2 5
उत्तर:
∆ABC में,
AB = AC (दिया है।)
अतः ∠ABC = ∠ACB ……… (1)
(∵ समान भुजाओं के सम्मुख कोण बराबर होते हैं।)
∆BCD में, BD = CD (दिया है।)
अतः ∠CBD = ∠BCD ………. (2)
(∵ समान भुजाओं के सम्मुख कोष बराबर होते हैं)
समी- (1) व समो. (2) को जोड़ने पर,
∠ABC + ∠CBD = ∠ACB + ∠BCD
∠ABD = ∠ACD.

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प्रश्न 6.
ABC एक समदिवाह त्रिभुज है, जिसमें AB = AC है। भुजा BA बिंदूत D क इस प्रकार बढ़ाई गई है कि AD = AB है (देखिए आकृति)
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.2 6
दशहिए कि ∠BCD एक समकोण है।
उत्तर:
∆ABC में,
AB = AC (दिया है।)
∠ABC = ∠ACB ……. (1)
(समान भुजाओं के सम्मुख कोण)
∆ACD में,
AC = AD (दिया है।
∠ADC = ∠ACD ……… (2)
(समान भुनाओं के सम्मुख कोण)
समी- (1) और समी. (2) को जोड़ने पर
∠ABC + ∠ADC = ∠ACB + ∠ACD
∠ABC + ∠ADC = ∠BCD ……… (3)
∆BCD में, ∠DBC + ∠BDC + ∠BCD = 180°
समी (3) से, ∠BCD + ∠BCD = 180°
⇒ 2∠BCD = 180°
⇒ ∠BCD = 90°
अत: ∠BCD एक समकोण है।

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प्रश्न 7.
ABC एक समकोण त्रिभुजई, जिसमें ∠A = 90° और AB = AC है। ∠B और ∠C ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
∆ABC में, AB = AC (दिया है।)
⇒ ∠B = ∠C (समान भुजाओं के सम्मुखा कोण)
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.2 7
अब. ∠ABC + ∠BCA + ∠CAD = 180°
∠ABC + ∠ABC + 90° = 180°
(∵ ∠CAB = 90° तथा ∠BCA = ∠ABC)
2∠ABC = 180° – 90°
∠ABC = ∠BCA = \(\frac{90°}{2}\) = 45°.

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प्रश्न 8.
दर्शाइए कि किसी समबाहु त्रिभुज का प्रत्येक कोण 60° होता है।
उत्तर:
माना ∆ABC एक समबाहु त्रिभुज है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.2 8
अत: AB = BC = CA
यहाँ, AB = AC
अत: ∠B = ∠C …….. (1)
(समान भुजाओं के सम्मुख कोण)
यहाँ, BC = AC
अत: ∠A = ∠B ……. (2)
(समान भुजाओं के सम्मुख कोण)
समी. (1) व (2) से,
∠A = ∠B = ∠C
∆ABC में, ∠A + ∠B + ∠C = 180°
3∠A = 180°
∠A = 60° = ∠B = ∠C
अत: समबाहु त्रिभुज के सभी कोण 60 के होते हैं।

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Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.1

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.1 Text Book Questions and Answers.

BSEB Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.1

प्रश्न 1.
चतुर्भुज ACBD में, AC = AD है और AB कोण A को समद्विभाजित करता है (देखिए आकृति)। दाइए कि ∆ABC ≅ ∆ABD है। BC और BD के बारे में आप क्या कह सकते हैं?
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.1 1
उत्तर:
∆ABC और ∆ABD में,
AC = AD (दिया है।)
∠CAB = ∠BAD (दिया है।)
और AB = AB (उभयनिष्ठ)
∴ SAS सर्वांगसमता गुणधर्म से.
∆ABC ≅ ∆ABD
⇒ BC = BD. (∵ सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग बराबर होते हैं)

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प्रश्न 2.
ABCD एक चतुर्भुज है, जिसमें AD = BC और ∠DAB = ∠CBA है (देखिए आकृति)। सिद्ध कीजिए कि-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.1 2
(i) ∆ABD = ∆BAC
(ii) BD = AC
(iii) ∠ABD = ∠BAC
उत्तर:
(i) ∆ABD और ∆BAC में,
∠DAB = ∠CBA (दिया है)
AD = BC (दिया है)
और AB = AB (उभयनिष्ठ)
∴ SAS सर्वासमता गुणधर्म से,
∆ABD ≅ ∆ABAC.

(ii) ∵ ∆ABD ≅ ∆BAC
अतः BD = AC.(∵ सशंगसम त्रिभुजों के संत भाग बाबर होते हैं)

(iii) ∵ ∆ABD ≅ ∵ ∆BAC
अत: ∠ARD = ∠BAC.
(∵ सांगसम त्रिभुजों के संगत भाग बराबर होते हैं)

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प्रश्न 3.
एक रेखाखंड AB पर AD और BC दो बराबर लम्ब रेखाखण्ड है (देखिए आकृति)। दशाइए कि CD रेखाखंड AB को समद्विभाजित करता है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.1 3
उत्तर:
∆OBC और ∆OAD में.
∠OAD = ∠OBC = 900
BC = DA (दिया है)
∠BOC = ∠AOD (शीर्षाभिमुख कोण)
∴ AAS सर्वांगसमता गुणधर्म से,
∆OBC ≅ ∆OAD
⇒ AO = BO (∵ सांगसम त्रिभुजों के संगत भाग बराबर होते हैं।)
⇒ AB का मध्य बिन्दु O है।
अत: रेखाखण्ड CD, AB को समद्विभाजित करता है।

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प्रश्न 4.
l और m दो समांतर रेखाएँ हैं जिन समानर रेखाओं p और q का एक अन्य युग्म प्रतिच्छेच करता है (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि ∆ABC ≅ ∆CDA है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.1 4
उत्तर:
यहाँ AD || BC (दिया है, l और m समान्तर है)
AB || DC (दिया है. P और q समान्तर है)
अत: ABCD एक समांतर चतुर्भुज है।
अब ∆ABC और ∆CDA में,
AB = DC
तथा BC = AD
और AC = AC (उभयनिष्ठ)
∴ SSS सांगसमता गुणधर्म से,
∆ABC ≅ ∆CDA.

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प्रश्न 5.
रेखा l ∠A को समद्विभाजित करती है B और रेखा l पर स्थित कोई बिन्दु है। BP और BQ. ∠A की भुजाओं पर B से डाले गए लम्ब हैं (देखिए आकृति) दांडा कि
(i) ∆APB ≅ ∆AQB
(ii) BP = BQ, अर्थात् बिन्दु B कोण की भुजाओं से समदूरस्थ है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.1 5
उत्तर:
(i) ∆APB तथा ∆AQR में,
∠PAB = ∠QAB
(रेका l ∠A को समद्विभाजित करती है)
और ∠APB = ∠AQB = 90 (दिया है।)
तथा AB = AB (उभयनिष्ठ)
∴ AAS सांगसमता गुणधर्म से,
∆APB ≅ ∆AQB.

(ii) ∵ ∆APB = ∆AQB में,
BP = BQ. (∆ सांगसम त्रिभुजों के संगत भाग बरावर होते हैं)
अत: विन्दु B कोण की भुजाओं से समदूरस्थ है।

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प्रश्न 6.
आकृति में, AC = AE, AB = AD और ∠BAD = ∠EAC है। दाइए कि BC = DE है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.1 6
उत्तर:
∆ABC और ∆ADE में,
AB = AD (दिया है।)
AC = AE (दिया है)
∠BAD = ∠EAC (दिया है)
∴ SAS सर्वांगसमता गुणधर्म से,
∆ABC ≅ ∆ADE
⇒ BC = DE (∵ सर्वागमस विभुजों के संगत भाग बराबर होते हैं)

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.1

प्रश्न 7.
AB एक रेखाखण्ड है और इसका मध्य-बिन्दु है। D और E रेखाखण्ड AB के एकही और स्थित दो बिन्दु इस प्रकार हैं कि ∠BAD = ∠ABE और ∠EPA = ∠DPB है (देखिए आकृति) दर्शाइए कि-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.1 7
(i) ∆DAP = ∆EBP
(ii) AD = BE.
उत्तर:
(i) दिया है. p रेखाखण्ड AB का मध्य विन्दु है।
अत: AP = PB …….. (1)
दिया है, ∠EPA = ∠DPB
दोनों तरफ ∠EPD जोड़ने पर,
∠EPA + ∠EPD = ∠EPD + ∠DPB
∠DPA = ∠EPB …….. (2)
∆DAP और ∆EBP मैं.
∠DAP – ∠EBP (दिया है।)
AP = PB (समी. (1) से)
∠DPA = ∠EPB (समी. (2) से)
∴ AAS सांगसमता गुणधर्म से,
∆DAP ≅ ∆EBP.

(ii) ∵ ∆DAP ≅ ∆EBP,
AD = BE. (सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग बराबर होते हैं)

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प्रश्न 8.
एक समकोण त्रिभुज ABC में, जिसमें कोण C समकोण है, M कर्ण AB का मध्य-विन्दु है। C को M से मिलाकर D इस प्रकार बहाया गया है कि DM = CM है। बिन्दुको बिन्दु से मिला दिया जाता है। (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex Q 7.1 8
(i) ∆AMC ≅ ∆BMD
(ii) ∠DBC एक समकोण है
(iii) ∆DBC ≅ ∆ACB
(iv) CM = \(\frac{1}{2}\) AB.
उत्तर:
(i) ∆AMC और ∆BMD में,
AM = BM (M रेखा AB का मध्य बिन्दु है)
CM = DM
∠AMC = ∠DMB (शीर्षाभिमुख कोण)
∴ SAS सांगसमता गुणधर्म से,
∆AMC ≅ ∆BMD.

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.1

(ii) यदि ∆AMC ≅ ∆BMD
⇒ BD = AC ……… (1)
और ∠BDM = ∠ACM (∵ सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग बराबर होते है)
अतः BD || CA
ते ∠CBD + ∠BCA = 180 (∵ तिर्यक रेखा के एक ही ओर के आंतरिक कोणों का योग 180% होता है।)
⇒ ∠CBD + 90 = 180 ⇒ ∠DBC = 90′.

(iii) ∆DBC और ∆ACB में,
∠DBC = ∠ACB = 90 (प्रत्येक 90)
BC = BC (उभयनिष्ठ)
और BD = AC समी. (1) से]
∴ SAS सर्वागसमता गुणधर्म से,
∆DBC ≅ ∆ACB.
∆DBC ≅ ∆ACB ⇒ AB = CD
⇒ \(\frac{1}{2}\) AB = \(\frac{1}{2}\)CD
∴ \(\frac{1}{2}\)AB = CM. इति सिद्धम्

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Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3 Text Book Questions and Answers.

BSEB Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3

प्रश्न 1.
आकृति में, ∆PQR की भुजाओं OP और RQ को क्रमश: बिन्दुओं S और T तक बढ़ाया गया है। यदि ∠SPR = 135° है, और तो ∠PQT = 110° है, तो ∠PRQ ज्ञात कीजिए।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3
उत्तर:
∵ ∠SPR + ∠RPQ = 180° (रेखा युग्म)
∴ 135° + ∠RPQ = 180°
[∵ ∠SPR = 135° (दिया है)]
⇒ ∠RPQ = 180° – 135° = 45°
∠TQP + ∠PQR = 180° (रेखा युग्म)
∴ 110° + ∠PQR = 180°
[∵ ∠PQT = 110° (दिया है)]
⇒ ∠PQR = 180° – 110° = 70°
अब, APQR में,
∵ ∠PQR + ∠QRP+ ∠RPQ = 180°
∴ 70° + ∠QRP + 45° = 180°
∠QRP = 180° – 115° = 65°.

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3

प्रश्न 2
आकृति में, ∠x = 62° और ∠XYZ = 54 है। यदि YO और ZO क्रमशः ∠XYZ. और ∠XYZ के सपद्विभाजक हैं, तो ∠OZY, ∠YOZ ज्ञात कीजिए।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3
उत्तर:
∆XYZ में,
∠XYZ + ∠YZX – ∠ZXY = 180°
⇒ 54 + ∠YZX + 62° = 180°
⇒ ∠YZX = 180° – 116° = 64°
दिया है, YO नया ZO क्रमश: ∠XYZ तथा ∠XZY के समद्विभाजक है।
इसलिए ∠OYZ = \(\frac{1}{2}\) × ∠XYZ = \(\frac{1}{2}\) × 54° = 27°
तथा ∠OZY = \(\frac{1}{2}\) × ∠XZY = \(\frac{1}{2}\) × 64° = 32°
अब, ∆YOZ में,
∠OYZ + ∠OZY + ∠YOZ = 180°
27° + 32° + ∠YOZ = 180°
∠YOZ = 180° – 59° = 121°.

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प्रश्न 3.
आकृति में, यदि AB || DE ∠BAC = 35° और ∠CDE = 53° है, तो ∠DCE ज्ञात कीजिए।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3
उत्तर:
यहाँ AB || DE (दिया है।)
⇒ ∠BAE = ∠DEC (एकान्तर कोण)
∴ ∠DEC = 35°
अब, ∆CDE मैं.
∠CDE + ∠DEC + ∠ECD = 180°
53° + 35° + ∠ECD = 180°
∠ECD = ∠DCE = 180° – 88°
अत: ∠DCE = 92°.

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प्रश्न 4.
आकृति में यदि रेखाएँ PQ और RS बिन्दु T पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करती हैं कि ∠PRT = 40°, ∠RPT = 95° और ∠TSQ = 75° हैं, तो ∠SQT ज्ञात कीजिए।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3
उत्तर:
∆PRT में,
∠RPT + ∠PTR + ∠TRP = 180°
⇒ 95° + ∠PTR + 40° = 180°
⇒ ∠PTR = 180° – 135°
∠PTR = 45°
तथा ∠PTR = ∠STQ (शीर्षाभिमुख कोग)
∠STQ = 45°
∆TQS में,
∠SQT + ∠STQ – ∠TSQ = 180°
⇒ ∠SQT + 45° + 75° = 180°
अतः ∠SQT = 180° – 120° = 60°.

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प्रश्न 5.
आकृति में, यदि PQ ⊥ PS. PQ || SR, ∠SQR = 28° और ∠QRT = 65° है, तो x और y का मान ज्ञात कीजिए।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3
उत्तर:
PQ|| SR (दिया है।)
अतः ∠PQR = ∠QRT (एकानर कोप)
⇒ ∠PQS + ∠SQR = 65°
⇒ x + 28° = 65° [∵ ∠SQR = 28°]
⇒ x = 65° – 28° = 37°
∴ x = 37°
अब ∆POS में,
∠PSQ + ∠SQP + ∠QPS = 180°
⇒ y + x + 90° = 180°
⇒ y = 180° – 90° – 37°
∴ y = 53°
अत: x = 37° तथा y = 53°.

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प्रान 6.
आकृति में, ∆PQR की भुजा QR को बिंदु S तक बढ़ाया गया है। यदि ∠PQR तथा ∠PRS के समद्विभाजक बिन्दु पर मिलते हैं, तो सिद्ध कीजिए कि ∠QTR = \(\frac{1}{2}\) ∠QPR है।
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उत्तर:
∆PQR मैं, ∠PRS = ∠P+ ∠Q
(∵ बहिष्कोग सम्मुख अन्त:कोणों के योग के बराबर होता है।)
⇒ \(\frac{1}{2}\) ∠PRS = \(\frac{1}{2}\) ∠P + \(\frac{1}{2}\) ∠Q
⇒ ∠TRS = \(\frac{1}{2}\) ∠P + ∠TOR ……(1)
(∵ QT तथा RT क्रमशः ∠PQR तथा ∠PRS के समद्विभाजक है)
अब, ∆QRT में, ∠TRS = ∠TQR + ∠T
समी. (1) से \(\frac{1}{2}\) ∠P + ∠TQR = ∠TQR + ∠T
⇒ \(\frac{1}{2}\) ∠P = ∠T
अत: ∠QTR = \(\frac{1}{2}\) ∠QPR. इति सिद्धम्

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Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

BSEB Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

Bihar Board Class 9 Science कार्य तथा ऊर्जा InText Questions and Answers

प्रश्न श्रृंखला # 01 (पृष्ठ संख्या 164)

प्रश्न 1.
किसी वस्तु पर 7 N का बल लगता है। मान लीजिए बल की दिशा में विस्थापन 8 m है (चित्र)। मान लीजिए वस्तु के विस्थापन के समय लगातार वस्तु पर बल लगता रहता है। इस स्थिति में किया गया कार्य कितना होगा?
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा
हल:
किसी वस्तु पर लगने वाले बल द्वारा किया गया कार्य बल के परिमाण तथा बल की दिशा में चली गई दूरी के गुणनफल के बराबर होता है।
कार्य = बल x विस्थापन
W = F x S
यहाँ,
F = 7N
S = 8 m
अतः, किया गया कार्य W = 7 x 8 = 56 Nm = 56J

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प्रश्न श्रृंखला # 02 (पृष्ठ संख्या 165)

प्रश्न 1.
हम कब कहते हैं कि कार्य किया गया है ?
उत्तर:
कार्य करने के लिए निम्न दो दशाओं का होना आवश्यक है
1. वस्तु पर कोई बल लगना चाहिए।
2. वस्तु विस्थापित होनी चाहिए।
यदि इनमें से कोई भी दशा पूरी नहीं होती तो कार्य नहीं किया गया। विज्ञान में हम कार्य को इसी दृष्टि से देखते हैं।

प्रश्न 2.
जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो किये गये कार्य का व्यंजक लिखिए।
उत्तर:
जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल F उसे दूरी S तक विस्थापित करता है तो किया गया कार्य W, बल तथा विस्थापन के गुणनफल के बराबर होता है।
किया गया कार्य = बल – विस्थापन
W = F x S

प्रश्न 3.
1 J कार्य को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
1 J किसी वस्तु पर किए गए कार्य की वह मात्रा है जब 1 N का बल वस्तु को बल की क्रियारेखा की दिशा में 1 m विस्थापित कर दे।

प्रश्न 4.
बैलों की एक जोड़ी खेत जोतते समय किसी हल पर 140 N बल लगाती है। जोता गया खेत 15 m लम्बा है। खेत की लम्बाई को जोतने में कितना कार्य किया गया ?
हल:
बैलों द्वारा किया गया कार्य
w = F xd
जहाँ लगाया गया बल F = 140 N
विस्थापन, d = 15 m
⇒W = 140 x 15 = 2100J
अतः खेत की लम्बाई को जोतने में किया गया कार्य 2100J

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प्रश्न श्रृंखला # 03 (पृष्ठ 169 पर)

प्रश्न 1.
किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा क्या होती है ?
उत्तर:
किसी वस्तु में उसकी गति के कारण निहित ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते हैं। प्रत्येक गतिशील वस्तु में गतिज ऊर्जा होती है। गतिशील कार, लुढ़कता हुआ पत्थर, उड़ता हुआ हवाई जहाज, बहता हुआ पानी आदि सभी में गतिज ऊर्जा विद्यमान

प्रश्न 2.
किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक लिखो।
उत्तर:
यदि कोई वस्तु जिसका द्रव्यमान m है व वेग। से गतिशील है तो उसकी गतिज ऊर्जा E, निम्न व्यंजक द्वारा प्रदर्शित होगी
Ek = Ima इसका SI मात्रक जूल (J) है।

प्रश्न 3.
5 ms-1 के वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 25 J है। यदि इसके वेग को दो गुना कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी ? यदि इसके वेग को तीन गुना बढ़ा दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी ?
हल:
वस्तु की गतिज ऊर्जा, E = 25 J
वस्तु का वेग, v = 5 m/s
∴ Ek = \(\frac {1}{2}\)mv2
m = \(\frac{2 \mathrm{E}_{\mathrm{K}}}{v^{2}}\) = \(\frac{2 \times 25}{5^{2}}\) = 2 kg

अगर वेग दुगना है तो,
v = 2 x 5 = 10 m/s
∴ Ek (v = 10 m/s के लिए) = \(\frac {1}{2}\)mv2
\(\frac {1}{2}\) x 2 x 10 x 10 = 100 J

यदि वेग तीन गुना है,
v = 3 x 5 = 15 m/s
∴ Ek (v = 15 m/s) के लिए
= \(\frac {1}{2}\)mv2
= \(\frac {1}{2}\) x 2 x 15 x 15 = 225 J

प्रश्न श्रृंखला # 04 (पृष्ठ संख्या 174)

प्रश्न 1.
शक्ति क्या है ?
उत्तर:
कार्य करने की दर या ऊर्जा रूपान्तरण की दर को शक्ति कहते हैं। यदि कोई अभिकर्ता (एजेन्ट) t समय में w कार्य करता है तो शक्ति का मान होगा –
शक्ति = कार्य / समय
या P = W/t
शक्ति का मात्रक वाट है तथा इसका प्रतीक W है।

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प्रश्न 2.
1 वाट शक्ति को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
1 वाट उस अभिकर्ता (एजेन्ट) की शक्ति है जो 1 सेकण्ड में 1 जूल कार्य करता है। हम यह भी कह सकते हैं कि यदि ऊर्जा के उपयोग की दर 1 Js-1 हो तो शक्ति 1 W होगी।
1 वाट = 1 जूल / सेकण्ड
1W = 1 Js-1

प्रश्न 3.
एक लैम्प 1000 J विद्युत ऊर्जा 10 s में व्यय करता है। इसकी शक्ति कितनी है ?
हल:
शक्ति = कार्य / समय।
लैम्प द्वारा ली गई ऊर्जा = 1000 J
समय = 10s
शक्ति = 1000 / 10 = 100w

प्रश्न 4.
औसत शक्ति को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
किसी एजेण्ट की औसत शक्ति, कुल लिए गए समय में, कुल किया गया कार्य है। औसत शक्ति को हम कुल उपयोग की गई ऊर्जा को कुल लिए गए समय से विभाजित कर प्राप्त कर सकते हैं।
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क्रियाकलाप 11.1 (पृष्ठ संख्या 163)

प्रश्न 1.

  1. किस वस्तु पर कार्य किया गया ?
  2. वस्तु पर क्या घटित हो रहा है?
  3. कार्य कौन (क्या) कर रहा है ?

उत्तर:
सीढ़ियों पर चढ़कर इमारत की ऊपरी मंजिल पर पहुँचना, एक ऊँचे पेड़ पर चढ़ना क्रियाकलाप दैनिक जीवन में किये गये कार्यों के उदाहरण हैं। इमारत की ऊपरी मंजिल पर पहुँचने में

  1. सीढ़ियों पर चढ़ने में कार्य किया गया
  2. हम ऊँचाई पर पहुंच रहे हैं।
  3. हम स्वयं कार्य कर रहे हैं।

ऊँचे पेड़ पर चढ़ने में –

  1. पेड़ पर कार्य हो रहा है।
  2. हम ऊपर चढ़ रहे हैं; हमारा शरीर विस्थापित हो रहा है।
  3. हम स्वयं कार्य कर रहे हैं।

क्रियाकलाप 11.3 (पृष्ठ संख्या 164)

प्रश्न 1.
कुछ स्थितियों पर विचार कीजिए जब वस्तु पर बल लगने के बावजूद वह विस्थापित नहीं होती। ऐसी स्थिति पर भी विचार कीजिए जब कोई वस्तु बल लगे बिना ही विस्थापित हो जाए। प्रत्येक के लिए जितनी स्थितियाँ आप सोच सकें, उनकी सूची बनाइए।
उत्तर:
एक चट्टान पर बल लगाना, एक दीवार को धकेलना, एक मजबूत पेड़ को धकेलने की कोशिश करना, एक ट्रक को बल लगाकर धकेलने की कोशिश करना आदि वे स्थितियाँ हैं जब वस्तु पर बल लगने के बावजूद वह विस्थापित नहीं होती। जब कोई वस्तु स्थिर वेग से चलती है तो उस पर कोई बल नहीं लग रहा होता, जैसे कि स्थिर वेग से चलती हुई गेंद।

प्रश्न 2.
अपने मित्रों से विचार-विमर्श कीजिए कि क्या इन स्थितियों में कोई कार्य हुआ है।
उत्तर:
नहीं, वैज्ञानिक भाषा में इन स्थितियों में कोई कार्य नहीं हुआ। कार्य करने के लिए दो दशाओं का होना आवश्यक है –
1. वस्तु पर कोई बल लगना तथा
2. वस्तु विस्थापित होना।

क्रियाकलाप 11.4 (पृष्ठ संख्या 164)

किसी वस्तु को ऊपर उठाइए। आपके द्वारा वस्तु पर लगाए गए बल के द्वारा कार्य किया गया। वस्तु ऊपर की ओर चलती है। आपके द्वारा लगाया गया बल विस्थापन की दिशा में है। तथापि वस्तु पर गुरुत्वीय बल भी कार्यरत है।

प्रश्न 3.
इनमें से कौन-सा बल धनात्मक कार्य कर रहा है?
उत्तर:
हमारे द्वारा लगाया गया बल धनात्मक कार्य कर रहा है क्योंकि वह विस्थापन की दिशा में है।

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प्रश्न 4.
कौन-सा बल ऋणात्मक कार्य कर रहा है ?
उत्तर:
गुरुत्वीय बल ऋणात्मक कार्य कर रहा है।

प्रश्न 5.
कारण बताइए।
उत्तर:
गुरुत्वीय बल वस्तु पर नीचे की ओर लग रहा है, अर्थात् उसके विस्थापन की दिशा के विपरीत। अत: वह ऋणात्मक कार्य कर रहा है।

क्रियाकलाप 11.5 (पृष्ठ संख्या 166)

प्रश्न 6.
ऊर्जा के कुछ स्रोतों को अध्याय में दिया गया है। ऊर्जा के अनेक अन्य स्रोत भी हैं। उनकी सूची बनाइए।
उत्तर:
ऊर्जा के कुछ अन्य स्रोत हैं-तेल, कोयला, प्राकृतिक गैस, वायु, विद्युत ऊर्जा, हाइड्रो ऊर्जा, बायोमास ऊर्जा।

प्रश्न 7.
क्या ऊर्जा के कुछ स्रोत ऐसे भी हैं जो सूर्य के कारण नहीं हैं ?
उत्तर:
हाँ, नाभिकीय ऊर्जा, तेल, कोयला, प्राकृतिक गैस, वायु, विद्युत ऊर्जा, हाइड्रो पावर ऊर्जा के ऐसे स्रोत हैं जो सूर्य के कारण नहीं हैं।

क्रियाकलाप 11.6 (पृष्ठ संख्या 167)

प्रश्न 8.
इनमें से कौन-सी गर्त सबसे अधिक गहरी है ?
उत्तर:
वह गर्त जिस पर 1.5 m की ऊँचाई से गेंद गिराई जाती है, अधिक गहरी है।

प्रश्न 9.
कौन-सा गड्डा सबसे अधिक उथला है ? ऐसा क्या है?
उत्तर:
जिस गड्डे पर 25 cm की ऊँचाई से गेंद गिराई जाती है वह सबसे अधिक उथला है क्योंकि इस ऊँचाई से गिराने पर गेंद का वेग कम होगा। अत: उसकी गतिज ऊर्जा भी कम होगी।

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 10.
गेंद ने किस कारण से गड्ढा गहरा बनाया ?
उत्तर:
गेंद ने अपनी गतिज ऊर्जा के कारण गड्ढा गहरा बनाया (EK = Tmv2)। जितनी ज्यादा ऊँचाई से गेंद को गिराया जायेगा उसकी स्थितिज ऊर्जा उतनी अधिक होगी (P.E. = mgh)। गेंद के गिरने पर यही स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में रूपान्तरित होती है।

क्रियाकलाप 11.7 (पृष्ठ संख्या 167)

प्रश्न 11.
यह ऊर्जा कहाँ से आई ?
उत्तर:
गतिशील ट्रॉली गुटके से टकराने पर अपनी गतिज ऊर्जा उसमें स्थानान्तरित कर देती है। अतः गुटके में ऊर्जा ट्रॉली से आई।

प्रश्न 12.
पलड़े पर रखे द्रव्यमान को बढ़ाकर इस प्रयोग को दोहराइए। किस अवस्था में विस्थापन अधिक है ? किस अवस्था में किया गया कार्य अधिक होगा? .
उत्तर:
जब पलड़े पर द्रव्यमान बढ़ाया जाता है तब गुटके का विस्थापन अधिक होता है व किया गया कार्य भी अधिक होगा। द्रव्यमान बढ़ाने से ट्रॉली पर अधिक बल लगेगा व वह और तेज गति से गुटके पर टकराएगी जिससे गुटके का विस्थापन अधिक होगा व कार्य भी अधिक होगा (W = F x S)

क्रियाकलाप 11.8 (पृष्ठ संख्या 169)

प्रश्न 13.
एक रबड़ बैंड (रबड़ का छल्ला) लीजिए। इसके एक सिरे को पकड़कर दूसरे सिरे से खींचिए। छल्ला खिंच जाता है। छल्ले के एक सिरे को छोड़िए। क्या होता है ?
उत्तर:
छल्ला अपनी प्रारम्भिक लम्बाई प्राप्त करने का प्रयत्न करेगा। छल्ला अपनी खिंची हुई स्थिति में कुछ ऊर्जा उपार्जित कर लेता है।

प्रश्न 14.
खींचने पर यह ऊर्जा किस प्रकार उपार्जित कर लेता है ?
उत्तर:
रबड़ बैंड को खींचने पर हम इसमें कुछ ऊर्जा स्थानान्तरित करते हैं। बैंड में स्थानान्तरित की गई ऊर्जा इसमें स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाती है।

क्रियाकलाप 11.9 (पृष्ठ संख्या 169)

प्रश्न 15.
स्लिंकी को छोड़ने पर क्या होता है ?
उत्तर:
स्लिंकी अपनी प्रारम्भिक लम्बाई प्राप्त करने का प्रयत्न करती है।

प्रश्न 16.
खींचने पर स्लिकी ने किस प्रकार ऊर्जा उपार्जित की?
उत्तर:
स्लिकी को खींचने पर हम इसमें ऊर्जा स्थानान्तरित करते हैं। स्लिकी में स्थानान्तरित की गई ऊर्जा इसमें स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाती है।

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 17.
क्या सम्पीडित करने पर भी स्लिकी ऊर्जा उपार्जित करेगी?
उत्तर:
हाँ, संपीडित करने पर भी स्लिकी में हम ऊर्जा स्थानान्तरित करेंगे जो इसमें स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जायेगी।

क्रियाकलाप 11.10 (पृष्ठ संख्या 169)

प्रश्न 18.
एक खिलौना कार लीजिए। इसमें चाबी भरिए। कार को जमीन पर रखिए। क्या यह चलती है ?
उत्तर:
हाँ यह चलती है।

प्रश्न 19.
इसने ऊर्जा कहाँ से उपार्जित की ?
उत्तर:
खिलौना कार में चाबी भरते समय हम कार्य करते हैं। इसके अन्दर चाबी से स्थानान्तरित की गई ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाती है। यही स्थितिज ऊर्जा कार के चलने पर गतिज ऊर्जा में रूपान्तरित हो जाती है।

प्रश्न 20.
क्या उपार्जित ऊर्जा चाबी द्वारा भरे गए लपेटनों की संख्या पर निर्भर है ?
उत्तर:
हाँ, उपार्जित ऊर्जा चाबी द्वारा भरे गए लपेटनों की संख्या पर निर्भर करती है। जितने ज्यादा लपेटन होंगे, ऊर्जा उतनी ही अधिक होगी क्योंकि चाबी भरने में किया गया कार्य उतना ही अधिक होगा।

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 21.
आप इसकी जाँच कैसे कर सकते हैं ?
उत्तर:
कम चाबी भरने पर खिलौना कार कम दूरी तक चलेगी व ज्यादा चाबी भरने पर कार ज्यादा दूरी तक जायेगी। अत: ज्यादा लपेटनों की संख्या ज्यादा ऊर्जा संचित करेगी।

क्रियाकलाप 11.11 (पृष्ठ संख्या 169)

प्रश्न 22.
किसी वस्तु को एक निश्चित ऊँचाई तक उठाइए। इसे ऊर्जा कहाँ से प्राप्त होती है ? सोचिए तथा विचार-विमर्श कीजिए।
उत्तर:
वस्तु को किसी ऊँचाई तक उठाने में उसकी ऊर्जा में वृद्धि होती है। इसका कारण है कि इसको ऊपर उठाने में इस पर गुरुत्व बल के विरुद्ध कार्य किया जाता है। इस प्रकार की वस्तु में विद्यमान ऊर्जा उसकी गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा है।

क्रियाकलाप 11.13 (पृष्ठ संख्या 172)

प्रश्न 23.
हरे पौधे खाना कैसे बनाते हैं ?
उत्तर:
हरे पौधों में हरित लवक (क्लोरोफिल) होता है जो कार्बन डाइऑक्साइड एवं जल का उपयोग कर व सूर्य की रोशनी से ऊर्जा लेकर भोजन का निर्माण करता है। इस क्रिया को फोटोसिन्थेसिस कहते हैं।

प्रश्न 24.
उन्हें ऊर्जा कहाँ से प्राप्त होती है ?
उत्तर:
उन्हें ऊर्जा सूर्य की रोशनी से प्राप्त होती है।

प्रश्न 25.
वायु एक स्थान से दूसरे स्थान को क्यों बहती है ?
उत्तर:
वायु उच्च दाब से निम्न दाब वाले क्षेत्र की ओर बहती है। गर्म हवा हल्की होती है और वह ऊपर उठ जाती है और उसका स्थान ठंडी हवा ले लेती है। इसी प्रकार हवा का बहाव होता रहता है।

प्रश्न 26.
कोयला तथा पेट्रोलियम जैसे ईंधन कैसे | बने ?
उत्तर:
कोयला तथा पेट्रोलियम जैसे ईंधन फॉसिल (fossil) ईंधन है। ये कई सौ वर्ष पूर्व मृत पादपों पर दाब के कारण उत्पन्न हुए हैं।

प्रश्न 27.
किस प्रकार के ऊर्जा रूपान्तरण जल चक्र को बनाए रखते हैं ?
उत्तर:
जल चक्र में सौर ऊर्जा द्वारा पृथ्वी की सतह पर उपस्थित जल का वाष्पीकरण होता है। जब जलवाष्प बादलों में संघनित (condense).होती है तो अत्यधिक ऊर्जा, जो कि वाष्पित होने में ग्रहण की है, वातावरण को प्रदान करती है। वाष्पीकरण के दौरान जल वातावरण से ऊर्जा लेता है तथा वातावरण को ठण्डा कर देता है जबकि वाष्पित जल संघनित (condense) होकर वातावरण को ऊर्जा प्रदान करता है व उसे गर्म कर देता है। यही ऊर्जा का रूपान्तरण मौसम में बदलाव लाता है।

क्रियाकलाप 11.14 (पृष्ठ संख्या 172)

प्रश्न 28.
अनेक मानव क्रियाकलापों तथा हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले जुगतों में ऊर्जा रूपान्तरण सम्मिलित है। इस प्रकार के क्रियाकलापों तथा जुगतों की एक सूची बनाइए।
प्रत्येक क्रियाकलाप या जुगत पहचानिए कि किस प्रकार ऊर्जा का रूपान्तरण हो रहा है।
उत्तर:

  1. टोस्टर विद्युत ऊर्जा को ऊष्मीय ऊर्जा में रूपान्तरित करता है।
  2. ब्लैडर विद्युत ऊर्जा को मशीनी ऊर्जा में रूपान्तरित करता है।
  3. सूर्य नाभिकीय ऊर्जा को विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा में रूपान्तरित करता है।
  4. हमारा शरीर खाने से प्राप्त रासायनिक ऊर्जा को मशीनी व विद्युत ऊर्जा में रूपान्तरित करता है जिसके कारण हम चल पाते हैं।
  5. प्राकृतिक गैस चूल्हा जलने से प्राप्त रासायनिक ऊर्जा को ऊष्मीय ऊर्जा में रूपान्तरित करता है जिससे खाना बनता

क्रियाकलाप 11.15 (पृष्ठ संख्या 172)

प्रश्न 29.
20 kg द्रव्यमान का कोई पिण्ड 4m की ऊँचाई से मुक्त गिराया जाता है। निम्न सारणी के अनुसार प्रत्येक स्थिति में स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा की गणना करके सारणी में रिक्त स्थानों को भरिए। (परिकलन की सुविधा के लिए g का मान 10 ms-2 लीजिए).
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा
हल:
(i) दिया है, h = 4 m, m = 20 kg, g= 10 ms-2 स्थितिज ऊर्जा,
Ep = 20 x 10 x 4 = 800 kg ms-2 = 800J
h = 4 m पर प्रारम्भिक वेग, υ = अन्तिम वेग, v = ?
∴ Ek = \(\frac {1}{2}\)mv2
= \(\frac {1}{2}\) x 20 x 0 = 0
Ep + Ek = 800 + 0 = 800 J

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

(ii) Ep = mgh,
यहाँ h = 3 m
Ep = 20 x 10 x 3 = 600 J

हम जानते हैं,
v2 – u2 = 2gh
यहाँ, u = 0
∴ v2= 0 + 2 x 10 x 3
v2 = 60
∴ Ek = \(\frac {1}{2}\)mv2
= \(\frac {1}{2}\) x 20 x 60 = 600J
Ep + Ek = 600 + 600 = 1200J

(iii) Ep = mgh
यहाँ h = 2m
Ep = 20 x 10 x 2 = 400J

हम जानते हैं,
v2 + u2 = 2gh
यहाँ प्रारम्भिक वेग, u = 0
अतः v2 = 2 x 10 x 2 = 40
Ek = \(\frac {1}{2}\)mv2
=\(\frac {1}{2}\) x 20 x 40 = 400J
Ep + Ek = 400 + 400 = 800 J

(iv) यहाँ h = 1 m, m = 20 kg, g = 10 ms-2
∴ Ep = mgh
= 20 x 10 x 1 = 200 J

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

हम जानते हैं,
v2 + u2 = 2gh
यहाँ u = 0
v2 = 2 x 10 x 1
v2 = 20
Ek = \(\frac {1}{2}\)mv2
= \(\frac {1}{2}\) x 20 x 20 = 200J
Ep + Ek = 200 + 200 = 400J

(v) भूमि से ठीक ऊपर h = 0 अतः
Ep = mgh = 0
यहाँ समस्त स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में रूपान्तरित होगी।
अतः Ep + Ek = 800 J
Ep = 0
अतः Ek = 800 J
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

क्रियाकलाप 11.16 (पृष्ठ संख्या 173)

प्रश्न 30.
प्रत्येक बच्चे द्वारा किया गया कार्य कितना है ?
उत्तर:
प्रत्येक बच्चे द्वारा किया गया कार्य समान है क्योंकि वे समान ऊँचाई तक पहुँचते हैं अतः उनका विस्थापन (d) समान है (W = Fx d)। द्रव्यमान समान है अतः बल (F = mg) भी समान लगा।

प्रश्न 31.
किस बच्चे ने दिए हुए समय, मान लीजिए 1s में अधिक कार्य किया ?
उत्तर:
A ने दिये हुए समय में अधिक कार्य किया। शक्ति, P = W/t यहाँ कार्य के समान है।
A के द्वारा लिया गया समय = 15 s
अतः A की क्षमता, P = \(\frac {W}{15}\)
W = 1J तो
P = \(\frac {1}{15}\) = 0.067 Js-1

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

B द्वारा लिया गया समय = 20 s
अतः B की क्षमता = 1 = 0.05 Js-1
अतः A की क्षमता B की तुलना में ज्यादा है। स्पष्ट है कि A ने B से दिये गए समय में अधिक कार्य किया।

Bihar Board Class 9 Science कार्य तथा ऊर्जा Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्न सूचीबद्ध क्रियाकलापों को ध्यान से देखिए। अपनी कार्य शब्द की व्याख्या के आधार पर तर्क दीजिए कि इनमें कार्य हो रहा है अथवा नहीं।

  1. सूमा एक तालाब में तैर रही है।
  2. एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझा उठा रखा है।
  3. एक पवन चक्की (विंड मिल) कुएँ से पानी उठा रही है।
  4. एक हरे पौधे में प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है।
  5. एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है।
  6. अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं।
  7. एक पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है।

उत्तर:
निम्न दो शर्तों के पूर्ण होने पर कार्य किया जाता है –

  1. वस्तु पर बल लग रहा हो।
  2. बल की दिशा या उसकी विपरीत दिशा में बल लगाने पर वस्तु का विस्थापन हो।

(a) तैरते समय, पानी को पीछे धकेलने के लिए बल लगाती है। अतः पानी भी सूमा पर उतना ही प्रतिक्रिया बल विपरीत दिशा में लगाता है जिसके प्रभाव से वह आगे बढ़ती है। यहाँ बल द्वारा विस्थापन होता है। अतः सूमा द्वारा तैरते समय कार्य किया जाता है।
(b) बोझा उठाते समय गधे को ऊपर की दिशा में बल लगाना पड़ता है। किन्तु बल द्वारा कोई विस्थापन नहीं हो रहा अतः गधे द्वारा शून्य कार्य हो रहा है।
(c) एक पवन चक्की कुएँ से पानी निकालने में गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध कार्य कर रही है। अतः पवन चक्की द्वारा कार्य किया जा रहा है।
(d) यहाँ पौधे की पत्तियों का विस्थापन नहीं हो रहा अतः कार्य नहीं हो रहा।
(e) इंजन द्वारा ट्रेन पर बल लगाया जा रहा है जिसके फलस्वरूप ट्रेन का बल की दिशा में विस्थापन हो रहा है। अतः इंजन द्वारा कार्य हो रहा है।
(f) अनाज के दाने सूर्य के प्रकाश में विस्थापित नहीं हो रहे। अतः उनके सूर्य की धूप में सूखने में शून्य कार्य हो रहा है।
(g) पवन ऊर्जा के द्वारा लगाए जाने वाले बल के कारण पाल – नाव गति करती है। अत: पाल-नाव का विस्थापन बल की दिशा में हो रहा है। अत: पवन द्वारा नाव पर कार्य हो रहा है।

प्रश्न 2.
एक पिण्ड को धरती से किसी कोण पर फेंका जाता है। यह एक वक्र पथ पर चलता है और वापस धरती पर आ गिरता है। पिण्ड के पथ के प्रारम्भिक तथा अन्तिम बिन्दु एकही क्षैतिज रेखा पर स्थित है। पिण्ड पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया गया ?
उत्तर:
किसी वस्तु पर गुरुत्वीय बल द्वारा किया गया कार्य ऊर्ध्वाधर विस्थापन पर निर्भर करता है। ऊर्ध्वाधर विस्थापन वस्तु की प्रारम्भिक व अन्तिम ऊँचाई के बीच के अन्तर द्वारा ज्ञात किया जाता है। यहाँ वह शून्य है। गुरुत्वीय बल द्वारा किया गया कार्य W = mgh
जहाँ, h = ऊर्ध्वाधर विस्थापन = 0
w = mg = 0J
अतः पिण्ड पर गुरुत्वीय बल द्वारा किया गया कार्य शून्य है।

प्रश्न 3.
एक बैटरी बल्ब जलाती है। इस प्रक्रम में होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जब बल्ब को बैटरी से जोड़ा जाता है तो बैटरी की रासायनिक ऊर्जा विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित होती है। बल्ब इस विद्युत ऊर्जा को प्रकाश व ऊष्मीय ऊर्जा में परिवर्तित करता है। अतः प्रक्रम में ऊर्जा परिवर्तन हुए।
रासायनिक ऊर्जा → विद्युत ऊर्जा → प्रकाश → ऊष्मा

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प्रश्न 4.
20 kg द्रव्यमान पर लगने वाला बल इसके वेग को 5 ms-1 से 2 ms-1 में परिवर्तित कर देता है। बल द्वारा किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
हल:
बल द्वारा किया गया कार्य वस्तु की गतिज ऊर्जा के अन्तर के बराबर होता है।
यहाँ m = 20 kg, u = 5 ms-1,v= 2 ms-1
गतिज ऊर्जा का अन्तर, W = \(\frac {1}{2}\)mv2 – \(\frac {1}{2}\)mu-1
w = \(\frac {1}{2}\) m (v2 – u2)
\(\frac {1}{2}\) x 20 (22 – 52)
W =-210 J
यहाँ ऋणात्मक चिह्न यह दर्शाता है कि कार्य वस्तु की गति को धीमा करने में किया गया है।

प्रश्न 5.
10 kg द्रव्यमान का एक पिण्ड मेज पर A बिन्दु पर रखा है। इसे B बिन्दु तक लाया जाता है। यदि A तथा B को मिलाने वाली रेखा क्षैतिज है तो पिण्ड पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
यहाँ शून्य कार्य हुआ क्योंकि गुरुत्वीय बल व विस्थापन एक-दूसरे के क्षैतिज (perpendicular) हैं।

प्रश्न 6.
मुक्त रूप से गिरते हुए पिण्ड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है। क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन करती है ? कारण बताइए।
उत्तर:
नहीं, इस प्रक्रम में ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन नहीं होता। क्योंकि जब कोई वस्तु गिरती है तो उसकी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में रूपान्तरित हो जाती है। स्थितिज ऊर्जा में कमी गतिज ऊर्जा में बढ़त के बराबर होती है। इस प्रक्रम में कुल ऊर्जा संरक्षित रहती है। अत: ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन नहीं होता।

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प्रश्न 7.
जब आप साइकिल चलाते हैं तो कौन-कौन से ऊर्जा रूपान्तरण होते हैं ?
उत्तर:
साइकिल चलाते समय चलाने वाले की पेशीय ऊर्जा, ऊष्मीय ऊर्जा व साइकिल की गतिज ऊर्जा में रूपान्तरित होती है। ऊष्मीय ऊर्जा चालक के शरीर को गर्म करती है व गतिज ऊर्जा साइकिल को गति प्रदान करती है। ऊर्जा रूपान्तरण को निम्न प्रकार दर्शाया जा सकता है
पेशीय ऊर्जा → ऊष्मीय ऊर्जा + गतिज ऊर्जा
इस पूरे प्रक्रम में कुल ऊर्जा संरक्षित रहती है।

प्रश्न 8.
जब आप अपनी सारी शक्ति लगाकर एक बड़ी चट्टान को धकेलना चाहते हैं और इसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो क्या इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानान्तरण होता है ? आपके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा कहाँ चली जाती
उत्तर:
जब हम एक चट्टान को धकेलने की कोशिश करते हैं तो हमारी पेशीय ऊर्जा का चट्टान पर स्थानान्तरण नहीं होता। ऊर्जा का व्यय भी नहीं होता क्योंकि पेशीय ऊर्जा ऊष्मीय ऊर्जा में रूपान्तरित हो जाती है जिसके कारण हमारा शरीर गर्म हो जाता है।

प्रश्न 9.
किसी घर में एक महीने में ऊर्जा की 250 यूनिटें व्यय हुईं। यह ऊर्जा जूल में कितनी होगी ?
हल:
1 यूनिट ऊर्जा = 1 किलोवाट घण्टा (kWh)
1 kWh = 3.6 x 106 J
अतः, 250 यूनिट ऊर्जा = 250 x 3.6 x 106
= 9.0 x 108J

प्रश्न 10.
40 kg द्रव्यमान का एक पिण्ड धरती से 5 m की ऊँचाई तक उठाया जाता है। इसकी स्थितिज ऊर्जा कितनी है ? यदि पिण्ड को मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो जब पिण्ड ठीक आधे रास्ते पर है उस समय इसकी गतिज ऊर्जा का परिकलन कीजिए। (g= 10 ms-2)
हल:
स्थितिज ऊर्जा को निम्न समीकरण द्वारा व्यक्त किया जाता है –
W = mgh
h = ऊर्ध्वाधर विस्थापन = 5 m
m = वस्तु का द्रव्यमान = 40 kg
g = गुरुत्वीय त्वरण = 10 m/s-2
W = 40 x 5 x 10 = 2000 J
जब पिण्ड ठीक आधे रास्ते पर होगा तब उसकी स्थितिज ऊर्जा = 2000 / 2 = 1000 J, इस बिन्दु पर उसकी स्थितिज ऊर्जा, गतिज ऊर्जा के बराबर होगी। यह ऊर्जा संरक्षण नियम के अनुसार है। अत: ठीक आधे रास्ते पर उसकी गतिज ऊर्जा 1000J होगी।

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प्रश्न 11.
पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया जाएगा ? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।
उत्तर:
पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर लगने वाले गुरुत्वीय बल की दिशा उसके विस्थापन के क्षैतिज (perpendicular) होती है। अत: उपग्रह पर पृथ्वी के गुरुत्वीय बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा।

प्रश्न 12.
क्या किसी पिण्ड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में इसका विस्थापन हो सकता है ? सोचिए। इस प्रश्न के बारे में अपने मित्रों तथा अध्यापकों से विचार-विमर्श कीजिए।
उत्तर
हाँ, एक समान गति से गतिशील पिण्ड में बल की अनुपस्थिति में विस्थापन हो सकता है। यदि कोई पिण्ड स्थिर वेग से गतिशील है तो उस पर लगने वाला नेट बल शून्य होगा। परन्तु पिण्ड की गति की दिशा में विस्थापन होगा। अतः बल के बिना भी विस्थापन सम्भव है।

प्रश्न 13.
कोई मनुष्य भूसे के एक गट्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहता है और थक जाता है। क्या उसने कुछ कार्य किया या नहीं ? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।
उत्तर:
कार्य करने के लिए दो दशाओं का होना आवश्यक है –
(i) वस्तु पर कोई बल लगना चाहिए
(ii) वस्तु विस्थापित होनी चाहिए, बल की या उसके विपरीत दिशा में। – जब कोई मनुष्य भूसे के एक गट्ठर को अपने सिर पर रखे रहता है तो भूसे के ढेर में कोई विस्थापन नहीं होता। गट्ठर पर गुरुत्वीय बल कार्य कर रहा है, पर मनुष्य उस पर कोई बल नहीं लगा रहा। अतः बल की अनुपस्थिति में मनुष्य द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा।

प्रश्न 14.
एक विद्युत हीटर (ऊष्मक) की घोषित शक्ति 1500 W है। 10 घंटे में यह कितनी ऊर्जा उपयोग करेगा ?
हल:
विद्युत हीटर द्वारा उपयोग की गई ऊर्जा को निम्न व्यंजक द्वारा ज्ञात किया जा सकता है
P = \(\frac {W}{T}\)
हीटर की घोषित शक्ति, P = 1500 W = 1.5kw
हीटर के उपयोग का समय, T = 10 h
किया गया कार्य = उपयोग की गई ऊर्जा
उपयोग की गई ऊर्जा = शक्ति x समय
= 1.5 x 10 = 15 kWh
अतः हीटर 15 kWh ऊर्जा 10 घण्टे में उपयोग करेगा।

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 15.
जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं तो यह दोलन करने लगता है। इसमें होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करते हुए ऊर्जा संरक्षण के नियम को स्पष्ट कीजिए। गोलक कुछ समयपश्चात् विराम अवस्था में क्यों आ जाता है ? अंततः इसकी ऊर्जा का क्या होता है ? क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन है ?
उत्तर:
ऊर्जा संरक्षण नियम के अनुसार, ऊर्जा केवल एक रूप से दूसरे रूप में रूपान्तरित हो सकती है। न तो इसकी उत्पत्ति की जा सकती है और न ही विनाश। रूपान्तरण के पहले व रूपान्तरण के पश्चात् कुल ऊर्जा सदैव अचर रहती है। सरल लोलक के गोलक का उदाहरण लेते हैं –
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

जब गोलक अपनी प्रारम्भिक स्थिति P से स्थिति A या B पर पहुँचता है तो यह अपनी स्थिति P से h ऊँचाई तक जाता है। इस बिन्दु पर उसकी समस्त गतिज ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। गतिज ऊर्जा शून्य हो जाती है व स्थितिज ऊर्जा शेष रहती है। अब जब गोलक बिन्दु P पर वापस आता है तो उसकी स्थितिज ऊर्जा शून्य हो जाती है व गतिज ऊर्जा शेष रहती है। ऊर्जा का यह रूपान्तरण गोलक के दोलन के दौरान चलता रहता है।

गोलक का दोलन हमेशा नहीं चलता, वरन् कुछ समय पश्चात् वह विराम अवस्था में आ जाता है। हवा उसकी गति का प्रतिरोध करती है। गोलक की गतिज ऊर्जा घर्षण के प्रभाव के कारण कम होती है व वह कुछ समय पश्चात् रुक जाता है। यहाँ ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन नहीं होता क्योंकि गोलक द्वारा घर्षण को पार करने में व्यय ऊर्जा वातावरण द्वारा प्राप्त की जाती है। अतः गोलक व वातावरण की कुल ऊर्जा संरक्षित रहती है।

प्रश्न 16.
m द्रव्यमान का एक पिण्ड नियत वेग । से गतिशील है। पिण्ड पर कितना कार्य करना चाहिए कि वह विराम अवस्था में आ जाए ?
उत्तर:
m द्रव्यमान का एक पिण्ड जो एक नियत वेग v से गतिशील है, उसकी गतिज ऊर्जा होगी
Ek = \(\frac {1}{2}\)mv2
पिण्ड को विराम अवस्था में लाने के लिए उस पर 1 / 2 mv2 जितना कार्य करना होगा।

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प्रश्न 17.
1500 kg द्रव्यमान की कार को, जो 60 km/h के वेग से चल रही है, रोकने के लिए किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
हल:
गतिज ऊर्जा, Ek = \(\frac {1}{2}\)mv2
यहाँ, m = 1500 kg, v = 60 km/hr = 60 x\(\frac {5}{8}\) m/s
Ek = \(\frac {1}{2}\) x 1500 x (60 x \(\left(60 \times \frac{5}{18}\right)^{2}\)
= 20.8 x 104J
अतः, कार को रोकने के लिए 20.8 x 104 J कार्य करना होगा।

प्रश्न 18.
निम्न में से प्रत्येक स्थिति में m द्रव्यमान के एक पिण्ड पर एक बल F लग रहा है। विस्थापन की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर है जो एक लम्बे तीर से प्रदर्शित की गई है। चित्रों को ध्यानपूर्वक देखिए और बताइए कि किया गया कार्य ऋणात्मक है, धनात्मक है या शून्य है।
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा
उत्तर:
I दशा – इस दशा में बल की दिशा पिण्ड के विस्थापन के लम्बवत् (perpendicular) है। अत: पिंड पर बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा।
II दशा – इस दशा में, बल विस्थापन की दिशा में लग रहा है। अत: बल द्वारा पिण्ड पर किया गया कार्य धनात्मक होगा।
III दशा – इस दशा में बल विस्थापन की विपरीत दिशा में लग रहा है। अतः पिण्ड पर किया गया कार्य ऋणात्मक होगा।

प्रश्न 19.
सोनी कहती है कि किसी वस्तु पर त्वरण शून्य हो सकता है चाहे उस पर कई बल कार्य कर रहे हों। क्या आप उससे सहमत हैं ? बताइए, क्यों ?
उत्तर:
किसी वस्तु पर त्वरण शून्य हो सकता है चाहे उस पर कई बल कार्य कर रहे हों। ऐसा तब होता है जब उस पर लगने वाले सभी बल एक-दूसरे के विपरीत हों या नेट बल शून्य हो। एकसमान गति से गतिमान वस्तु पर लगने वाला नेट बल शून्य होता है। अतः वस्तु पर शून्य त्वरण लगता है। सोनी का कथन सही है।

प्रश्न 20.
चार युक्तियाँ जिनमें प्रत्येक की शक्ति 500W है, 10 घण्टे तक उपयोग में लाई जाती हैं। इनके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा kWh में परिकलित कीजिए।
हल:
किसी युक्ति द्वारा व्यय की ऊर्जा शक्ति के सूत्र से ज्ञात की जा सकती है।
P = \(\frac {W}{T}\)
जहाँ शक्ति, P = 500 W = 0.50 kW
समय, T = 10 h
किया गया कार्य = व्यय की गई ऊर्जा
अत: व्यय की गई ऊर्जा = शक्ति x समय
= 0.50 x 10 = 5 kWh
अतः चार समान शक्ति वाली युक्तियों द्वारा व्यय की गई ऊर्जा
= 5 x 4 = 20 kWh = 20 यूनिट

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 21.
मुक्त रूप से गिरता एक पिण्ड अंततः धरती तक पहुँचने पर रुक जाता है। इसकी गतिज ऊर्जा का क्या होता है ?
उत्तर:
जब कोई पिण्ड मुक्त रूप से धरती पर गिरता है तब उसकी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में परिवर्तित होती है। उसकी स्थितिज ऊर्जा कम होती है व गतिज ऊर्जा बढ़ती है। जब पिण्ड धरती पर पहुँचने वाला होता है तो ऊँचाई h = 0 तथा इस अवस्था में वस्तु का वेग अधिकतम होगा। अत: गतिज ऊर्जा अधिकतम तथा स्थितिज ऊर्जा न्यूनतम होगी। किन्तु जैसे ही पिण्ड धरती को स्पर्श करेगा, उसकी गतिज ऊर्जा ऊष्मीय ऊर्जा व ध्वनि में रूपान्तरित हो जाती है। यह पृथ्वी के तल को नुकसान भी पहुंचा सकता है यदि इसकी गतिज ऊर्जा काफी अधिक है या पृथ्वी का तल नर्म है।

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 Text Book Questions and Answers.

BSEB Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2

प्रश्न 1.
पाठ्य पुस्तक में दी गई आकृति में x और । के मान ज्ञात कीजिए और फिर दाइए कि AB || CD है।
उत्तर:
गाना जो रेखा AB और CD को काटही नह नियंक रेखा PQ है तषा वह AB और CD को क्रमशः R तथा S पर काली है जैसा आकृति में दर्शाया गया है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2
∴ x = y (एकान्तर कोण)
तथा y = ∠CSQ (शीर्षाभिमुख कोण)
अत: y = 130°
⇒ x = y = 130°
अत: AB || CD
ABCD.

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प्रश्न 2.
पाठ्य-पुस्तक में दी गई आकृति में, यदि AB || CD, CD || EF और y : z = 3 : 7 है तो x का मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
माना तिर्षक रेखा PQ, AB, CD तथा EF को क्रमशः L, M तथा N पर काटती है।
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∠CMN = 180° – ∠CML
∠CMN – 180° – y
तथा ∠CMN – ∠FNM (एकान्तर कोप)
180° – y = z
y + z = 180° ……..(1)
दिया गया है, y : z = 3 : 7
अत: y = 3λ, z = 7λ
ये मान समी. (1) में रखने पर,
y + z = 180°
3λ + 7λ = 180° ⇒ 10λ = 180°
λ – \(\frac{180°}{10°}\) = 18°
⇒ y = 3 × 18° = 54°
z = 7 × 18 = 126°
x + y = 180°
(लगातार अभ्यंतर कोण सम्पूरक होते हैं)
⇒ x = 180° – 54°
x = 126°.

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प्रश्न 3.
आकृति में, यदि ” AB || CD, EF ⊥ CD और ∠GED ∠AGE, ∠GEF और ∠FGE ज्ञात कीजिए।
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उत्तर:
∠AGE = ∠GED (एकान्तर कोग)
∠AGE = 126° (∵ ∠GED = 126°)
∠GEF + ∠FED = 126°
∠GEF = 126° – 90° = 36°
अब, ∆GEF में.
∠GEF + ∠EFG + ∠FGE = 180°
360° + 90° + ∠FGE = 180°
∠FGE = 180 – 126° = 54°
अत: ∠AGE = 126°, ∠GEF = 36° ∠FGE = 54°.

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प्रश्न 4.
पाठ्य पुस्तक में दी गाई आकृति में, यदि PQ || ST, ∠PQR = 110° और ∠RST = 130° है, तो ∠QRS ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
रेखा PQ को बनाया तथा जहाँ यह रेखा RS को काटे इस बिंदु को L मान लिया। (देखें आकृति)
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2
PL || ST
तथा ∠SLQ = ∠LST (एकान्तर कोग)
⇒ ∠SLQ = 130°
∴ ∠QLR + ∠QLS = 180° (रेखायुग्म)
⇒ ∠QLR = 180° – ∠QLS
= 180° – 130° = 50
तथा ∠PQR + ∠LQR = 180° (रेखा बुग्म)
⇒ ∠LQR = 180° – 110° = 70°
अब, ∆QRL में,
∠QRL + ∠RLQ + ∠LQR = 180°
⇒ ∠QRL + 50° + 70 = 180°
⇒ ∠QRL = 180° – 120° = 60°
अत: ∠QRS = ∠QRL = 60°. (∵ PL || ST)

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प्रश्न 5.
आकृति में, यदि AB || CD, ∠APQ = 50° और ∠PRD = 127° है. तो x और y ज्ञात कीजिए।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2
उत्तर:
दो गई आकृति में
∠APQ = ∠PQR (एकान्तर कोण)
∠PQR = 50°
अत: x = 50°
अब, ∠APR – ∠PRD (एकान्तर कोण)
⇒ ∠APQ + ∠QPR = 127°
⇒ 50° + y = 127°
y = 77°
अतः x = 50° तथा y = 77°.

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प्रश्न 6.
पाठ्य पुस्तक में दी गई आकृति में, PQ और RS दो दर्पण है जो एक दूसरे के समानर रखे गए हैं। एक आपतन किरण (incident ray) AB, दर्पण PQ से B पर टकराती है और परावर्तित किरण (reflected ray) पथ BC पर चलकर दर्पण RS से C पर टकराती है तथा पुनः CD के अनूदिश परावर्तित हो जाती है। सिद्ध कीजिए कि AB || CD है।
उत्तर:
दिया गया है. PQ और RS दो दर्पण है, जो एक दूसरे के समान्तर है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2
अत: PQ || RS
माना, BN ⊥ PQ तथा CM ⊥ RS. (आकृति)
आकृति में, माना ∠DCM = ∠1, ∠MCB = ∠2, ∠CBN = ∠3 तथा ∠NBA = ∠4.
तथा ∠2 = ∠3(एकान्तर कोण) …….. (1)
तथा ∠1 = ∠2 व ∠3 = ∠4
(परावर्तन के नियम के अनुसार) …….. (2)
अतः समी. (1) व (2) से,
∠1 = ∠4
समी. (1) व (3) को जोड़ने पर,
∠1 + ∠2 = ∠3 + ∠4
∠DCB = ∠CBA
अर्थात् एकान्तार कोण बराबर है।
अतः AB ||CD. इति सिद्धम्

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Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.1

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.1 Text Book Questions and Answers.

BSEB Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.1

प्रश्न 1.
आकृति 61 में रेखाएँ AB और CD बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करती हैं। यदि ∠AOC + ∠BOE = 70° है और ∠BOD = 40° है, तो ∠BOE और प्रतिवर्ती ∠COE ज्ञात कीजिए।
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उत्तर:
दिया है : AB एक सरल रेखा है, अत:
∠AOC + ∠COE + ∠BOE = 180°
∠COE + 70° = 180°
(∵ ∠AOC – ∠BOE = 70°)
∠COE = 110°
प्रतिवर्ती ∠COE = 360° – 110°
अतः प्रतिवर्ती ∠COE = 250°
दिया है : CD एक सरल रेखा है, अतः
∠ROD + ∠BOE + ∠COE =180°
40° + ∠BOE + 110° = 180° (∵ ∠BOD = 40°)
∠BOE = 180° – 150°
अतः, ∠BOE = 30°
अत: ∠BOE = 30° तथा प्रतिवर्ती ∠COE = 250°.

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प्रश्न 2.
आकृति 6.2 में रेखाएँ XY और MN बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करती है। यदि ∠POY = 90° और a : b = 2 : 3 है, तो c ज्ञात कीजिए।
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उत्तर:
दिया है :
a : b = 2 : 3
माना, a = 2x तो b = 3x
XYएक सरल रेखा है,
∠XOM + ∠MOP + ∠POY = 180°
b + a + 90° = 180°
3x + 2x = 90°
x = 18°
अतः a = 2x = 2 × 18° = 36°
b = 3x = 3 × 18° = 54°
अब, MN एक सरल रेखा है।
तो ∠MOX + ∠XON = 180°
b + c = 180°
c = 180° – 54° = 126°
अत: c = 126°.

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प्रश्न 3.
आकृति 6.3 में, यदि ∠PQR = ∠PRQ है. तो सिद्ध कीजिए कि ∠PQS = ∠PRT है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.1
उत्तर:
यहाँ ST एक संरल रेखा है तथा QP, ST पर स्थित है।
∴∠PQS + ∠PQR = 180°
∠PQS = 180° – ∠PQR …… (1)
तथा RP, ST पर स्थित है।
∴ ∠PRQ + ∠PRT = 180°
∠PRT = 180°- ∠PRQ
⇒ ∠PRT = 180° – ∠PQR …….. (2)
[∵ ∠PQR = ∠PRQ]
समी. (1) तथा समी- (2) से,
∠PQS = ∠PRT. इति सिद्धम्

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प्रश्न 4.
आकृति 6.4 में, यदि x + y = w + z है,तो सिद्ध कीजिए कि AOB एक रेखा है।
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उत्तर:
चित्र से, ∠AOC + ∠BOC + ∠BOD + ∠AOD = 360°
y + x + w + z = 360°
(x + y) + (w + z) = 360°
(x + y) – (x + y) = 360°
[∵ x + y = w + z]
x + y = \(\frac{360°}{2}\) = 180°
⇒ x + y = w + z = 180° (रैखिक युग्म है)
अत: AOB एक रेखा है। इति सिद्धम्

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प्रश्न 5.
आकृति में 6.5 में, POQ एक सरल रेखा है। किरण OR रेखा PQ पर लष्य है। किरणों OP और OR के बीच OS एक अन्य किरण आकृति है। सिद्ध कीजिए-
∠ROS = \(\frac{1}{2}\) ∠QOS – ∠POS).
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उत्तर:
यदि OR, रेखा PQ पर लम्ब है,
सो ∠POR – ∠QOR
∠POS + ∠ROS = ∠QOS – ∠ROS
∠ROS + ∠ROS = ∠QOS – ∠POS
2∠ROS = ∠QOS – ∠POS
∠ROS = \(\frac{1}{2}\) (∠QOS – ∠POS) इति सिद्धम्

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प्रश्न 6.
यह दिया है कि ∠XYZ = 64° है और XY को बिन्दु P तक बढ़ाया गया है। दी हुई सूचना से एक आकृति खींचिए। यदि किरण YQ, ∠ZYP को समद्विभाजित करती है, तो ∠XYQ और प्रतिवर्ती ∠QYP के मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
XY को बिन्दु P तक बढ़ाया गया है, इसलिए XP एक सीधी रेखा है। इसे आकृति 6.6 द्वारा दर्शाया गया है-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.1
यहाँ XP एक सरल रेखा है।
तो ∠XYZ + ∠ZYP = 180°
64° + ∠ZYP = 180°
⇒ ∠ZYP = 180° – 64° = 116°
दिया है: YQ, ∠ZYP को समद्विभाजित करती है।
अतः ∠ZYQ = ∠QYP = \(\frac{1}{2}\) ∠ZYP
∠ZYQ = \(\frac{1}{2}\) × 116° = 58°
प्रतिवर्ती ∠QYP = 360° – ∠QYP
= 360° – 58° = 302°
तथा ∠XYQ = ∠XYZ + ∠ZYQ
= 64° + 58°= 122°
आत: ∠XYQ = 122° तथा प्रतिवर्ती ∠QYP = 302°

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.1

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex  5.2

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex  5.2 Text Book Questions and Answers.

BSEB Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex  5.2

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex  5.2

प्रश्न 1.
आप यूक्लिड की पाँच: अभिधारणा को किस प्रकार लिखेंगे ताकि वह सरलता से समझी जा सके?
उत्तर:
किसी रेखा के समांतर किसी अन्य बिंदु (जो रेखा पर स्थित न हो) से केवल एक समांतर रेखा स्त्रीची जा सकती है।

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प्रश्न 2.
क्या यूक्लिड की पांचवीं अभिधारणा से समांतर रेखाओं के अस्तित्व का औचित्य निर्धारित होता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हाँ, अस्तित्व का औचित्य निर्धारित होता है। प्रत्येक l रेखा और उस पर न स्थित प्रत्येक बिंदु p के लिए, एक अद्वितीय रेखा m ऐसी होती है जो p से होकर जाती है और l के समांतर होती है।

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex  5.2

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex  5.1

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex  5.1 Text Book Questions and Answers.

BSEB Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex  5.1

प्रश्न 1.
निम्नलिखित कथनों में से कौन-से कथन सत्य हैं और कौन-से कञ्चन असत्य हैं? अपने उतारों के लिए कारण दीजिए।
(i) एक बिंदु से होकर केवल एक ही रेखा खींची जा सकती है।
(ii) दो भिन्न बिंदुओं से होकर जाने वाली असंख्य रेखाएँ हैं।
(iii) एक सांत रेखा दोनों ओर अनिश्चित रूप से बढ़ाई जा सकती है।
(iv) यदि दो वृत्त बराबर हैं, तो उनकी त्रिज्याएँ बराबर होती हैं।
(v) आकृति 5.1 में, यदि AB = PQ और PQ= XY है, तो AB = XY होगा।
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उत्तर:
(i) असत्य, हम एक बिन्दु से अनन्त रेखाएं लांच सकते है।
(ii) असत्य, दो भिन बिन्दुओं से केवल एक ही रेखा खींनी जा सकती है।
(iii) सत्य, बढ़ाई जा सकती है।
(iv) सत्य. दो बराबर चूतों की त्रिज्यार हमेश बराबर होती
(v) सत्य,
∴ AB = PQ = XY
अत: AB = XY

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित पदों में से प्रत्येक की परिभाषा दीजिए। क्या इनके लिए कुछ ऐसे पद है.जिन्हें परिभाषित करने की आवश्यकता है? वे क्या हैं और आप इनें कैसे परिभाषित कर पाएंगे?
(i) समांतर रेखाएँ
(ii) लम्ब रेखाएँ
(i) रेखाखंड
(iv) वृत्त की त्रिज्या
(v) वर्ग।
उत्तर:
(i) यदि दो रेखाएँ आपस में कभी प्रतिच्छेद न करें तो वह समांतर रेखार होती हैं।
(ii) यदि दो रेखाएँ एक दूसरे को केवल एक ही समकोण पर प्रतिक्छेद करती है तो वे लम्ब रेखाएँ होती हैं।
(iii) यदि हम एक रेखा पर दो बिन्दु लेते हैं तो दोनों बिन्दुओं के मध्य भाग को रेखाखंड कहते हैं।
(iv) वृत्त के केन्द्र से उसकी परिधि के बीच की दूरी त्रिज्या कहलाती है।
(v) वह चतुर्भुज जिसकी चारों भुजाएँ बराबर हों तथा प्रत्येक कोण समकोण हो, वर्ग कहलाता है।
इनमें प्रयोग हुए पद हम पहले ही पड़ चुके है अतः इन्हें परिभाषित करने की आवश्यकता नहीं है। यदि किसी विद्यार्थी को कोई पद नहाँ जात है तो वह अपने सहपाठी से चर्चा करके जात करे।

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प्रश्न 3.
नीचे दी ईदो अभिधारणाओं पर विचार कीजिए
(i) दो भिन्न बिन्दु A और B दिए रहने पर, एक तीसरा C बिन्दु ऐसा विद्यमान है जो A और B के बीच स्थित होता
(ii) यहाँ कम से कम ऐसे तीन बिन्दु विद्यमान है कि वे एक रेखा पर स्थित नहीं हैं।
क्या इन अभिधारणाओं में कोई अपरिभाषित शब्द है? क्या ये अभिधारणाएँ अविरोधी हैं? क्या ये चूक्लिड की अविधारणाओं से प्राप्त होती हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यहाँ कुछ अपरिभाषित शब्द है जिन्हें विद्यार्थी स्वयं लिखें। ये अभिधारणाएँ विरोधी नहीं हैं। अतः अविरोधी है। ये यूबिलड की अभिधारणाओं से प्राप्त नहीं है। फिर भी ये मभिगृहीतों का अनुसरण करती हैं।

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प्रश्न 4.
यदि दो बिन्दुओं A और B के बीच एक बिन्दु C ऐसा स्थित है कि AC = RC है, तो सिद्ध कीजिए कि AC = \(\frac{1}{2}\) AB है। एक आकृति खींचकर इसे स्पष्ट कीजिए।
हल :
माना बिंदु C, AB के मध्य में स्थित है।
अत:
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दोनों तरफ AC जड़ने पर
AC + AC = AC + BC
⇒ 2AC = AB
अतः AC = \(\frac{1}{2}\) AB. इति सिद्धम्

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प्रश्न 5.
प्रश्न 4 में C रेखाखंड AB का एक मध्य-बिंदु कहलाता है। सिद्ध कीजिए कि एक रेखाखंड का एक और केवल एक ही मध्य-विन्दु होता है।
हल :
माना AB का एक और मध्य विन्दु है
अतः AD = DB ………(1)
दिया है : C, AB का मध्य बिन्दु है।
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AC = CB ……..(2)
समो. (1) को समो. (2) से घटाने पर,
AC – AD = CB – DB
DC = DC
2DC = 0
DC = 0
∴ C तथा सम्पाती हैं। अत: प्रत्येक रेखाखंड का केवल एक ही मध्य बिंदु होता है। इति सिद्धम्

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प्रश्न 6.
आकृति 5.4 में, यदि AC = BD है, तो सिद्ध कीजिए कि AB = CD है।
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उत्तर:
दिया है, AC = BD
दोनों तरफ से BC घटाने पर,
⇒ AC – BC = BD- BC
अतः AD = CD इति सिद्धम्

प्रश्न 7.
यूक्लिड की अभिगृहीतों की सूची में दिया हुआ अभिगृहीत 5 एक सर्वव्यापी सत्य क्यों माना जाता है? (ध्यान दीजिए कि यह प्रश्न पाँचवीं अभिधारणा से संबंधित नहीं है।)
उत्तर:
हमें ज्ञात है कि अभिगृहीत-5’पूर्ण अपने भाग से बड़ा होता है। ब्रह्माण्ड की किसी भी वस्तु के लिए सत्य है। अत: यह सर्वव्यापी सत्य है।

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Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex 4.3

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex 4.3 Text Book Questions and Answers.

BSEB Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex 4.3

प्रश्न 1.
दो चारों वाले निम्नलिखित रैखिक समीकरणों में से प्रत्येक का आलेख खींचिए
(i) x + y = 4
(ii) x – y = 2
(iii) y = 3x
(iv) 3 = 2x + y
उत्तर:
(i) x + y = 4
⇒ y = 4 – x
यदि: x = 0 है, तो y = 4 – 0 = 4
यदि x = 4 है. तो y = 4 – 4 = 0

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अत: हमारे पास निम्नलिखित सारणी है-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex Q 4.3 1
उपयुका मानों से आलेख बोचने पर निम्न आकृति 4.2 जैसी रेखा प्राप्त होती है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex Q 4.3 2

(ii) x – y = 2 ⇒ y = x – 2
यदि x = 0 है, तो y = 0 – 2 = -2
यदि x = 2 है, ते y = 2 – 2 = 0
अतः हमारे पास निम्नलिखित सारणी है-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex Q 4.3 3
उपयुक्त मानों से आलेख खौचने पर निम्म आवृति 4-3 जैसी रेखा प्राप्त होती है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex Q 4.3 4

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(iii) y = 3
यदि x = 0 है तो y = 30 × 0 = 0
यदि x = 1 है तो 1 = 3 × 1 = 3
अत: हमारे पास अनलिखित सारणी है-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex Q 4.3 5
जपर्युक्त मानों से आलेख सींचने पर निम्न आकृति 44 जैसी रेखा प्राप्त होती है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex Q 4.3 6

(iv) 3 = 2x + y ⇒ y = 3 – 2x
यदि x = 0 है, तो y = 3 – 2 × 0 = 3
यदि x = 2 है, ते y = 3 – 2 × 1 = 1
अत: हमारे पास निम्नलिरिकता सारणी है-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex Q 4.3 7
उपयुक्त मानों से आलेख खोचने पर निम्न आकृति 4-5 जैसी रेशा प्राण होती है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex Q 4.3 8

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प्रश्न 2.
बिंदु (2,14) से होकर जाने वाली दो रेखाओं के समीकरण लिखिए। इस प्रकार की और कितनी रेखाएँ हो सकती हैं, और क्यों?
उत्तर:
यहाँ हमें पता है कि बिन्दु (2, 14), समीकरण 7x – y = o, x + y – 16 = 0, x – y + 12 = 0 आदिको सन्तुष्ट करेगा।
अत: बिन्दु (2, 14) से अनन्त रेखाएँ गुजर सकती हैं।

प्रश्न 3.
बदि बिन्दासमीकरण 3y = ax + 7 के आलेखा पर स्थित है, तो का मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
यदि बिन्दु (3, 4) समीकरण 3y = ax + 7 के आलेख पर स्थित है, तो वह इसे सन्तुष्ट करेगा।
अत: 3 × 4 = a × 3 + 7
12 = 3a + 7
12 – 7 = 3a
5 = 3a
a = 5/3

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प्रश्न 4.
एक नगर में टैक्सी का किराया निम्नलिखित है: पहले किलोमीटर का किराया Rs 8 है और आके बाद की दूरी के लिए प्रति किलोमीटर का किराया Rs 5 है यदि तय की गई दूरी x किलोमीटर हो, और कुल किराया Rs y हो, तो इसका एक रैखिक समीकरण लिखिए और उसका आलेख बीबिए।
उत्तर:
कुल तय की गई दूरी = x किमी
पहले किलोमीटर का किराया = Rs 8
बाकी बची हुई दूरी का किराया = Rs(x – 1)5
अत: कुल किराम = Rs [8 + 5(x – 1)]
∴ y = 8 + 5x – 5
⇒ y = 5x + 3
⇒ 5x – y + 3 = 0
यदि x = 0 है, तो y = 5 × 0 + 3 = 3
यादि x = 1 है, तो y = 5 × 1 + 3 = 8
अत: हमारे पास निम्नलिखित सारणी है-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex Q 4.3 9
उपर्युक्त मानों से आलेख खाँचने पर हमें आकृति 4.6 जैसी रेखा प्राप्त होती है-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex Q 4.3 10

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित आलेखों में से प्रत्येक आलेख के लिए दिए गए विकल्पों में से सही समीकरण का चयन कीजिए
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex Q 4.3 11
उत्तर:
(i) रेखा पर बिन्दु (-1, 1), (0, 0) तथा (1, -1) दिए गए ई अत: यह दिए गए विकल्पों में से समीकरण x + y = 0 को सन्तुष्ट करते है।
आत: आकृति (a) समीकरप x + y = 0 का आलेख है।
(ii) रेखा पर बिन्दु (-1, 3), (0, 2) तथा (2, 0) दिए गए है अत: यह दिए गए विकल्पों में से समीकरण y = -x + 2 को सन्तुष्ट करते है।
अतः आकृति (b) समाकरण y = -x + 2 का आलेख है।

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प्रश्न 6.
एक अचर बल लगाने पर एक पिंड द्वारा किया गया कार्य पिंड द्वारा तय की दूरी के अनुक्रमानुपाती है। इस कधन को दो चरों वाले एक समीकरण के रूप में व्यक्त कीजिए और अचर बलमात्रक लेकर इसका आलेख बाँधिए। यदि पिंड द्वारा तय की गई दूरी (i) 2 मात्रक (ii) 0 मात्रक हो, तो आलेख से किया हुआ कार्य ज्ञान कीजिए।
उत्तर:
माना कि तय की गई दूरी तथा किया गया काय क्रमशः x और y हैं।
y = 5x
आलेख खौचने के लिए,
यदि x = 0 है, तो y = 5 × 0 = 0
यदि x = 1 है, ते y = 5 × 1 = 5
यदि x = 2 है, ते y = 5 × 2 = 10
अतः हमारे पास निम्नलिखित सारणी है-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex Q 4.3 12
उपर्युक्त मानों से आलेख खींचने पर आकृति 4.8 जैसा आलेख प्राप्त होता है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex Q 4.3 13
आलेख में देखने पर,
(i) यदि तय की गयी दूरी = 2 इकाई
तो किया गया कार्य = 10
(ii) यदि तय की गयी दूरी = 0 इकाई
तो किया गया कार्य = 0.

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex 4.3

प्रश्न 7.
एक विद्यालय की कक्षा IX की छात्राएँ यामिनी और फातिमा ने मिलकर भूकंप पीड़ित व्यक्तियों की सहायता के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में Rs 100 अंशदान दिया। एक रैखिक समीकरण लिखिए जो इन आंकड़ों को संतुष्ट करती हो। (आप अका अंशदान Rs x और Rs y मान सकते हैं)। इस समीकरण का आलेख खींचिए।
उत्तर:
माना डात्राएँ यामिनी और फातिमा ने क्रमश: Rs x और Rs y का अंशदान प्रधानमंत्री राहत कोष को दिया। अत: उपरिलिखित आँकड़े के लिए रैखिक समीकरण
⇒ x + y = 100
अत: y = 100 – x
आलेख खाँचने के लिए,
यदि x = 0 है, जो y = 100 – 0 = 100
यदि x = 50 है, जो y = 100 – 50 = 50
यदि x = 100 है, जो y = 100 – 100 = 0
अतः हमारे पास निम्नलिखित सारणी है-
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex Q 4.3 14
उपर्युक्त मानों से आलेख खोंचने पर आकृति 4.9 जैसा आलेल प्राप्त होता है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex Q 4.3 15

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प्रश्न 8,
अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में तापमान फारेनहाइट में मापा जाता है, जबकि भारत जैसे देशों में नापमान सेरिलायस में मापा जाता है। यहाँ फारेनहाइट को सेल्सियस में रूपांतरित करने वाला एक रैखिक समीकरण दिया गया है:
F = (\(\frac{9}{5}\)) C + 32
(i) मेल्मिषस को x – अक्ष और फारेनहाइट को y – अक्ष मानकर ऊपर दिए गए रैखिक समीकरण का आलेख खोंचने है।
(ii) यदि तापमान 30°C है, तो फारेनहाइट में तापमान क्या होगा?
(iii) यदि तापमान 95°F है, तो सेल्सियस में तापमान क्या होगा?
(iv) यदि तापमान 0°C है तो फारेनहाइट में तापमान क्या होगा? और यदि तापमान 0°F है, तो सेलिायम में तापमान क्या होगा?
(v) क्या ऐसा भी कोई तापमान है जो फारेनहाइट और सेल्सियस दोनों के लिए संख्यात्मकतः समान है? यदि हाँ, तो उसे ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
(i) दिया गया समीकरण, F = (\(\frac{9}{5}\)) C + 32
यदि C = 0 है तो F = \(\frac{9}{5}\) × 0 + 32 = 32
यदि C = 10 है तो F = \(\frac{9}{5}\) × 10 + 32 = 50
अतः हमारे पास निम्नलिखित सारणी है
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex Q 4.3 16
अत: सेल्सियस को x – अथ पर तथा फारेनहाइट को y – अक्ष पर लेकर उपर्युक्त मानों सहायता से आलेख खींचन पर आकृति 4.10 प्राप्त होती है।
Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex Q 4.3 17

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex 4.3

(ii) यदि C = 30 है, तो F = \(\frac{9}{5}\) × 30 + 32
= 54 + 32 = 86°F.

(iii) यदि F = 95°F है, तो 95 = \(\frac{9}{5}\) × C + 32
= 63 = \(\frac{9}{5}\) × C ⇒ C = 35°C.

(iv) यदि तापमान 0°C है तो F = \(\frac{9}{5}\) × 0 + 32
= 32°F.
तथा यदि नापमान है तो 0 = \(\frac{9}{5}\) × C = 32
C = -17.8°C.

(v) आलेख देखने पर स्पष्ट है कि यह तापमान जो संख्यात्मक रूप से फारेनहाइट और सोस्किायस में बराबर है, वह -40°C अर्थात् -40°C = -40F है।

Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex 4.3