Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 8 जलमेव जीवनम्

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Amrita Bhag 1 Chapter 8 जलमेव जीवनम् Text Book Questions and Answers, Summary.

BSEB Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 8 जलमेव जीवनम्

Bihar Board Class 6 Sanskrit जलमेव जीवनम् Text Book Questions and Answers

अभ्यासः

मौखिकः –

प्रश्न 1.
निम्न शब्दों का अर्थ बतावें –
अस्माकम्, धारयति, शुष्यन्ति, क्वचिद्, क्षारम्, कूपान्, यन्त्रेण, क्षेत्राणाम्, जीवम्, सर्वेषाम् ।
उत्तर-
अस्माकम् – हमारा/हमारे/हमारी, धारयति -धारण करता है। शुष्यन्ति – सूख जाते हैं। क्वचिद् -कहीं। क्षारम् – खारा/नमकीन। कूपान् – कुओं को। यन्त्रेण – मशीन से। क्षेत्राणाम – खेतों को। जीवम -प्राणी।। सर्वेषाम् -सबों का।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 8 जलमेव जीवनम्

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों से वाक्य बनाएँ –

सूर्यः, पवनः, जलमेव, मधुरम्, अस्ति
उत्तर-

  1. सूर्यः – सूर्यः प्रकाशं ददाति।
  2. पवनः -पवनः मन्द-मन्दं चलति।
  3. जलमेव – जलमेव जीवनम्।
  4. मधुरम् – मधुरम् जलम् पेयम् भवति।
  5. अस्ति – अत्र विद्यालयः अस्ति।

लिखितः

प्रश्न 3.
इन वाक्यों में रिक्त स्थानों को सही शब्दों से भरें-

  1. ……………. जीवनम्।
  2. सर्वेषु जलस्य …………… वर्त्तते।
  3. भूमिः अपि ……….. ।
  4. नद्यां …………….. च जलं मधुरं भवति।
  5. वनस्पतयः वर्षाजलेन ………..।

उत्तर –

  1. जलमेव जीवनम्।
  2. सर्वेषु जलस्य प्रधानता वर्तते।।
  3. भूमिः अपि शुष्यति ।
  4. नंद्यां सरोवरे च जलं मधुरं भवति।
  5. वनस्पतयः वर्षाजलेन जीवन्ति ।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 8 जलमेव जीवनम्

प्रश्न 4.
पाठ के आधार पर जल की महत्ता पर पाँच वाक्य लिखें।
उत्तर-
जल ही जीवन है। जल के बिना मनुष्य जीव-जन्तु,पेड़-पौधे कुछ भी जीवित नहीं रह सकते हैं। जल के कारण ही मेघ बरसता है। जल से सिंचाई का काम होता है। जल से ही अन्न की उपज होती है।

प्रश्न 5.
संस्कृत में अनुवाद करें –

  1. जल मीठा है। (अस्ति)
  2. समुद्र का जल खारा होता है। (क्षारम्)
  3. नदी और तालाब का जल मीठा होता है। (मधुरं)
  4. मैं छठे वर्ग में पढ़ता हूँ। (पठामि)
  5. खेतों में अन्न होता है। (क्षेत्रेषु)

उत्तर-

  1. जलं मधुरं अस्ति ।
  2. सागरस्य जलं क्षारं भवति ।
  3. नद्याः तडागस्य जलं मधुरं भवति ।
  4. अहं षष्ठ वर्गे पठामि।।
  5. क्षेत्रेषु अन्नं भवति।

प्रश्न 6.
सन्धि-विच्छेद करेंसागरश्च, जलमपि, कोऽपि, जलमेव, तथापि।
उत्तर-
सागरश्च – सागरः च । जलमपि – जलम् अपि । कोऽपि – कः + अपि। जलमेव जलम् + एव। तथापि – तथा + अपि।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 8 जलमेव जीवनम्

प्रश्न 7.
सही विकल्प चुनिए

  1. खाना – भोजनम्, फलम, मिष्टानम्।
  2. जल – जलम्, जले, जलेन ।
  3. खेत में – क्षेत्राणि, क्षेत्रेषु, क्षेत्रम्।
  4. सूर्य – सूर्यः, सूर्यम्, सूर्याय । ।
  5. सूखता है – शुष्यन्ति, शुष्यति, शुष्यतः ।

उत्तर-

  1. खाना – भोजनम्।
  2. जल – जलम्।
  3. खेतों में – क्षेत्रेषु।
  4. सूर्य – सूर्यः ।
  5. सूखता है – शुष्यति ।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्दों का वर्ण विच्छेद करें –
जैसे – जले – ज् + अ + ल् + ए ।

  1. मेघः – …………………………
  2. पवनः – …………………………
  3. जनाः – ……………………….
  4. जीवनम्

उत्तर-

  1. मेघः – मे + घ।।
  2. पवन: – प + व + नः।
  3. जनाः – ज + नाः।
  4. जीवनम् – जी + व + नम् ।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 8 जलमेव जीवनम्

प्रश्न 9.
निम्नलिखित वर्गों को मिलाएँ –

जैसे -क् + र = क्रर् + क = क

  1. र् + प = पं
  2. प् + र प्र
  3. ल् + प = ल्प
  4. प् + ल = प्ल
  5. ज् + य = ज्य

उत्तर-

  1. पं
  2. प्र
  3. ल्प
  4. प्ल
  5. ज्य।

Bihar Board Class 6 Sanskrit जलमेव जीवनम् Summary

पाठ – अस्माकं जीवनस्य सुखाय प्रकृतिः नाना पदार्थान् धारयति। तेषु धनस्पतयः पशु-पक्षिणः मेघः,सूर्यः, भूमिः, पर्वतः, पवनः, जलम् इत्येते सन्ति। सर्वेषु च जलस्य प्रधानता वर्तते। जलं विना मानवो .. नजीवति, वनस्पतयः शुष्यन्ति, मेघाः न भवन्ति, अन्नं न जायतेाभूमिः अपि शुष्यति। अती जलं सर्वस्य जीवनम् अस्ति।

अर्थ -हम्मे जीवन के सुख के लिए प्रकृति अनेक पदार्थो को धारण करती है उनमें पेड़-पौधे, पशु-पक्षियों, मेघ, सूर्य, भूमि, पर्वत, हवा, पानी आदि : है और सबों में जल की प्रधानता है। जल के बिना मनुष्य नहीं जीवित .. रह सकता है, पेड़-पौधे सूख जाते हैं, मेघ नहीं होते हैं, अन्न नहीं उपजता है, धरती भी सूख जाती है। अतः जल सब का जीवन है।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 8 जलमेव जीवनम्

पाठ – भूमौ जलस्य नाना स्थानानि सन्ति। क्वचित् नदी, क्वचित् । सरोवरः, विशालः सागरश्च अस्ति। सागरे तु जलं क्षारम् । अस्ति। मेघः क्षारं जलं पीत्वा मधुरं जलं ददाति। नद्यां सरोवरे च जलं मधुरं भवति। जनाः कूपान् खनित्वा जलं निष्कासन्ति। क्वचित् कूपे मधुरं पेयं जलं भवति, क्वचित् क्षारम् अपेयं जलं भवति।

अर्थ – भूमि पर जल के अनेक स्थान हैं। कहीं नदी, कहीं तालाब और विशाल समुद्र हैं। समुद में पानी खारा (नमकीन) है। मेघ खारा पानी पीकर मीठा पानी देता है। लोग कुओं को खोदकर पानी निकालते हैं। कहीं कुओं में मीठा पानी पीने योग्य होता है, कहीं खारा नहीं पीने योग्य जल होता है।

पाठ – अधुना भूमिगतं जलमपि यन्वेण निष्कासन्ति क्षेत्राणां सेचने सर्वस्य जलस्य प्रयोगः भवति। सेचनात् क्षेत्रेषु अन्नं भवति। वनस्पतयः वर्षा जलेन जीवन्ति। अतः सर्वेषां जीवानां वनस्पतीनां भूमेश्च जीवनं जलमेव अस्ति।

अर्थ – आजकल भूमि के अन्दर के जल को भी मशीन के द्वार निकाले जाते हैं। खेतों को सींचने में सब प्रकार के जल का प्रयोग होता है। सिंचाई से खेतों में अन्न होता है। पेड़-पौधों
वर्ष के जल से जीवित रहते हैं। अतः सभी जीवों का, पेड़-पौधे का और भूमि का जीवन जल ही है।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 8 जलमेव जीवनम्

शब्दार्था : – अस्माकम् – हमारा/हमारी/हमारे । जीवनस्य – जीवन के, का, की । सुखाय – सुख के लिए। नाना – अनेक प्रकार के । पदार्थान् – वस्तुओं को । धारयति – धारण करती हैं। तेषु – उन सबों में । वनस्पतयः – पेड़-पौधे । इत्येते(इति एते) – ये सब। सर्वेषु – सबों में । शुष्यन्ति – सूख जाते/जाती हैं । जायते – होता/होती है/उत्पन्न होता है। अपि – भी। भूमौ – धरती पर । क्वचित् – कहीं। क्षारम् – खारा(नमकीन)। पीत्वा — पीकर। नद्यां – नदी में। कूपान् – कुओं को। खनित्वा – खोदकर। निष्कासन्ति – निकालते/निकालती हैं। पेयाम् – पीने योग्य। अपेयम् – नहीं पीने योग्य। अधुना – आजकल। भूमिगत – जमीन के अन्दर का। यन्त्रेण – मशीन के द्वारा। क्षेत्राणाम् – खेतों की/का/के। सेचने – सिंचाई में। सेचनात् – सिंचाई से। क्षेत्रेषु – खेतों में । जीवानाम् – जीवों का ।

व्याकरणम्

सन्धि-विच्छे दः

  • जलमेव – जलम् + एव
  • इत्येते – इति +एते
  • सागरश्च – सागरः + च भूमेश्च – भूमेः + च
  • जलमपि – जलम् + अपि।

वर्ण-विशेषाः

क्ष त्र ज्ञ – देवनागरी लिपि में ये तीनों संयुक्ताक्षर हैं
क् + ष = क्ष। त् + र = त्र। ज् + अ = ज्ञ।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 7 शश-सिंह कथा

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Amrita Bhag 1 Chapter 7 शश-सिंह कथा Text Book Questions and Answers, Summary.

BSEB Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 7 शश-सिंह कथा

Bihar Board Class 6 Sanskrit शश-सिंह कथा Text Book Questions and Answers

अभ्यासः

मौखिक –

प्रश्न 1.
निम्न शब्दों के अर्थ बताएँ –

(भयंकरः, भोजनाय, पशवः, भीताः, तदा, विलम्बेन, आगतः, सर्वान्, अरक्षत्, बलम्)
उत्तर-

  1. भयंकरः – भयानका
  2. भोजनाय – भोजन के लिए।
  3. पशवः – सभी पशु
  4. भीताः – डरा हुआ।
  5. तदा – उस समय।
  6. विलम्बेन – विलम्ब से।
  7. आगतः – आया।
  8. सर्वान् – सबों को।
  9. अरक्षत् – रक्षा किया।
  10. बलम् – बल।

प्रश्न 2.
इच्छानुसारेण’ के समान इन शब्दों को जोड़कर बताएँ –

  1. नियम + अनुसारेण
  2. कर्म + अनुसारेण
  3. विद्या + आलयः
  4. समय + अनुसारेण
  5. धर्म + अनुसारेण।

उत्तर-

  1. नियमानुसारेण
  2. कर्मानुसारेण
  3. विद्यालयः
  4. समयानुसारेण
  5. ध नुसारेण ।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 7 शश-सिंह कथा

प्रश्न 3.
इन शब्दों का पंचमी एकवचन में रूप बताएँ –

  1. सिंह
  2. शश
  3. शरीर
  4. कूप
  5. बल

उत्तर-

  1. सिंहात्श
  2. शात्श
  3. रीरात
  4. कूपात
  5. बलात्

प्रश्न 4.
‘तत्र’ शब्द से युक्त पाँच वाक्य बोलें ।
उत्तर-

  1. तत्र विद्यालयः अस्ति
  2. तत्र मम् गहं अस्ति
  3. तत्र रमेशः अपि पठति
  4. तत्र गणेशपूजनं अस्ति
  5. तत्र पुष्पाणि सन्ति।

लिखितः

प्रश्न 5.
इन वाक्यों में रिक्त स्थानों को सही शब्दों से भरें

  1. एकस्मिन् ………… एक: भयंकरः सिंहः वसति स्म ।
  2. सर्वे पशवः …………… अभवन् ।
  3. तदा सिंहः ……………. इति अवदत् ।
  4. सः विलम्बेन सिंहसमोपम् ………….. ।
  5. …………. बलं तस्य ।

उत्तर-

  1. एकस्मिन् वने एक: भयंकरः सिंहः वसति स्म ।।
  2. सर्वे पशवः भीताः अभवन् ।
  3. तदा सिंहः आम इति अवदत् ।
  4. सः विलम्बेन सिंहसमीपम् अगच्छत् ।
  5. बुद्धिर्यस्य बलं तस्य ।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 7 शश-सिंह कथा

प्रश्न 6.
संस्कृत में अनुवाद करें

  1. जंगल में एक सिंह था। (आसीत्)
  2. वह इच्छानुसार भोजन करता है। (भोजनं करोति)
  3. गुस्सा मत करो। (कुरू)
  4. वह गुफा में रहता है। (तिष्ठति)
  5. जिसके पास बुद्धि है उसी के पास बल है।

उत्तर-

  1. वने एकः सिंहः आसीत्।
  2. सः इच्छानुसारेण भोजनं करोति।
  3. क्रोधं मा कुरू।
  4. सः गुहायाम् तिष्ठति ।
  5. यस्य बुद्धिः तस्य बलम् ।

प्रश्न 7.
इन शब्दों से वाक्य बनाएँ –

  1. भयंकरः
  2. सिंहः
  3. तदा
  4. वने
  5. बुद्धिमान
  6. कुत्र।

उत्तर-

  1. भयंकर – भयंकरः सिंहः वने वसति।
  2. सिंह – सिंहः भयंकरः आसीत् ।
  3. तदा – तदा सः वनं अगच्छत् ।
  4. वने – वने पशवः वसन्ति ।
  5. बुद्धिमान् – बुद्धिमानः विजयी भवति ।
  6. कुत्र – कुत्र त्वम् गच्छसि?

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 7 शश-सिंह कथा

प्रश्न 8.
इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है ? पाँच वाक्यों में लिखें।
उत्तर-
खरगोश और सिंह की कहानी से शिक्षा मिलती है कि

  1. जिसके पास बुद्धि है उसी के पास बल है।
  2. जहाँ बल से काम नहीं हो वहाँ बुद्धि का प्रयोम करना चाहिए।
  3. छोटे शरीर वाले भी यदि बुद्धिमान हों तो बलशाली पर विजय प्राप्त कर सकता है।
  4. बल का घमण्ड नहीं करना चाहिए।
  5. गुस्सा करने से बुद्धि मारी जाती है।

प्रश्न 9.
इस कहानी के आधार पर कोई कहानी लिखें।
उत्तर-
किसी पेड़ पर कौवा-कौवी की जोड़ी रहता था। उसी पेड़ के खोखड़ में एक भयंकर काला सौंप भी रहता था। वह साँप कौवा-कौवी के अण्डे को खा जाता था। .. एक रोज कौवी ने कौवा से बोली- नाथ! हमदोनों इस पेड़ को छोड़कर अन्यत्र चलें। क्योंकि यहाँ हमदोनों के बच्चे का जीवन सुरक्षित नहीं है। काला साँप हमारे बच्चे को खा जाता है। कौवा बोला – डरो मत। मैंने उसके अपराध को बहुत सह लिया है। अब नहीं सहूँगा। कौवी बाली – उतने बलवान के साथ कैसे झगड़ा करोगे ।

कौवा बोला- चिन्ता मत करो, यहाँ के तालाब में राजकुमार स्नान करते समय अपना वस्त्र और सोने का सिकरी पत्थर पर रख देता है। जब वह पानी में स्नान के लिए प्रवेश करेगा. तब उसके सोने की सिकरी को चोंच से उठाकर खोखड़ में डाल दूँगा। सिपाही मेरे पीछे दौड़ते हुए खोखड़ के पास आयेंगे । वहाँ साँप को मारकर मिकरी ले जायेंगे । दूसरे दिन कौवा ने वैसा ही किया। साँप मारा गया। कौवी-कौवा निर्भय होकर पेड़ पर रहने लगे। अत: सही कहा गया है – बुद्धि से जो काम होता है वह बल से नहीं हो सकता है।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 7 शश-सिंह कथा

प्रश्न 10.
निम्नलिखित शब्दों का वर्ण-विच्छेद करें –
जैसे- वने – व + अ + न + अ + ए ।

प्रश्न (क)
वसति …….. ।
उत्तर-
व् + अ + स + अ + त+इ।

प्रश्न (ख)
गच्छतु …….. ।
उत्तर-
ग् + अ + च् + छ + अ + त् + उ ।

प्रश्न (ग)
क्रमश: ……… ।
उत्तर-
क् + र् + अ + म् + अ +श् +अ ।

प्रश्न (घ)
एकस्मिन् …….. ।
उत्तर-
ए + क् + अ + स् + म् ।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 7 शश-सिंह कथा

प्रश्न (ङ)
राजन् ……….. ।
उत्तर-
र् + आ + ज् + अ + न् ।

प्रश्न 11.
इनका सुमेल करें –

  1. सिंहः – (क) भीताः
  2. शशः – (ख) गर्जति
  3. पशवः – (ग) लघुः पशुः
  4. पशूनां संख्या – (घ) बलम्
  5. बुद्धिः – (ङ) क्षीणा

उत्तर

  1. सिंहः – (ख) गर्जति
  2. शशः – (ग) लघुः पशुः
  3. पशवः – (क) भीताः
  4. पशूनां संख्या – (ङ) क्षीणा
  5. बुद्धिः – (घ) बलम्

Bihar Board Class 6 Sanskrit शश-सिंह कथा Summary

(खरगोश और शेर की कहानी)

पाठ – एकस्मिन् वने एक: भयंकरः सिंहः वसति स्म । स वने इच्छानुसारेण पशून भोजनाय मारयति स्म। अतः सर्वे पशवः
भीताः अभवन् । ते मिलित्वा विचारम् अकुर्वन् –

अर्थ – एक वन में एक भयंकर सिंह रहता था। वह जंगल में इच्छा अनुकूल पशुओं को भोजन के लिए मारता था। अत: सभी पशु भयभीत हो गये । उन सबों ने मिलकर विचार किया

पाठ – प्रतिदिनम् एकैकः पशुः सिंहस्य भोजनाय स्वयं गच्छतु । स्वविचारं ते सिंहस्य समीपं अस्थापयत् । तदा सिंहः “आम्” इति अवदत् ।

अर्थ – प्रतिदिन एक-एक पशु सिंह के भोजन के लिए स्वयं जाय। अपना विचार वे सभी सिंह के समीप रखा। तब सिंह ने “हाँ” कह दिया।

पाठ – एवम् एकैकः पशुः सिंहस्य भोजनकाले प्रतिदिनम् अगच्छत्।वने पशव: निश्चिन्ताः अभवन् । किन्तु एव पशूनी संख्या क्रमशः क्षीणा अभवत् ।

अर्थ – इस प्रकार एक-एक पशु सिंह के भोजन के समय प्रतिदिन जाते थे। वन में सभी पशु निश्चिन्त हो गये। किन्तु इससे पशुओं की संख्या दिन-प्रतिदिन घटती गई।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 7 शश-सिंह कथा

पाठ – एकस्मिन् दिवसे एकस्य शशस्य वारः आसीत्। सः विलम्बेन सिंहसमीपम् अगच्छत् । तस्य अल्पशरीरेण, विलम्बेन आगमने च सिंहः कुपितः अभवत् । सः अवदत्रे दुष्ट ! कथं त्वम् एकाकी विलम्बेन च आगतः ? बुद्धिमान् शशः अवदत्- राजन् ! कोपं न कुरू । एक: अन्यः सिंहः मार्गे मिलितः। स गुहायां तिष्ठति ।

अर्थ – एक दिन एक खरगोश की बारी थी। वह विलम्ब से सिंह के समीप गया। उसके छोटे शरीर देखकर और देर से आने के कारण सिंह गुस्सा में आ गया। वह बोला -रे दुष्ट! क्यों तुम अकेले और विलम्ब से आया है? बुद्धिमान खरगोश कहा- हे राजन! गुस्सा नहीं करें। एक अन्य शेर रास्ते में मिला। वह गुफा में रहता है।

पाठ – सिंहः अवदत्-कुत्र सः ? नय मां तत्र । हनिष्यामि तं – दुष्टम् । शशः सिंह कूपसमीपम् अनयत् । तत्र कूपे स्वच्छायाम् सिंह अपश्यत् । अन्यं सिंह मत्वा कोपेन सः कूपे अकूर्दत् । तत्र स कालेन मृतः एवं शशस्य बुद्धिः सर्वान् पशून् अरक्षत् । अतः कथयन्ति-बुद्धिर्यस्य बलं तस्य।

अर्थ – शेर बोला- कहाँ है वह ? मझे वहाँ ले चलो। मैं उस दृष्ट को मार दूंगा। खरगोश सिंह को कुआँ के समीप ले गया। वहाँ कुआँ में अपनी छाया सिंह ने देखा। दूसरा शेर मानकर गुस्सा से वह कुआँ में कूद गया। उसी समय वह मर गया। इस प्रकार खरगोश की बुद्धि ने सभी पशुओं की रक्षा की । इसलिए कहा गया है- जिसके पास बुद्धि है उसी के पास बल है।

शब्दार्थाः– एकस्मिन् – एक (वस्तु) में। वसति स्म – निवास करता था। पशुन् – पशुओं को। भीता अभवन – डर गये थे। मिलित्वा – मिलकर। भोजनाय – भोजन के लिए। गच्छतु – जाय। क्षीणा – कम(नष्ट)। वारः – बारी, पारी। एकाकी – अकेला। विलम्बेन – विलम्ब से। कुपितः – क्रोध से भरा हुआ। अभवत् – हो गया (हुआ)। अवदत् – बोला। कथम् क्यों/कैसे। कुरु – करो। मार्गे – रास्ते में। हनिष्यामि – मार दूंगा । तं दुष्टम् – उस दृष्ट को। कूप-समीपम् – कुएँ के पास । अनयत् – ले गया। स्वच्छायाम् – अपनी परिछाई को । अपश्यत् – देखा । मत्वा – समझकर, कोपेन – गुस्सा से, अकूर्दत् -कूद गया । सर्वान् – सभी को। कथयन्ति – कहते/कहती हैं। बुद्धिर्यस्य (बुद्धिः + यस्य)- जिसके पास बुद्धि है। बलंतस्य – उसी के पास बल

व्याकरणम्

एकस्मिन् – एक (सप्तमी एकवचन (पुं./नपुं.) ।
इच्छानुसारेण – इच्छा + अनुसोरण(तृतीय एकवचन)

  1. एकैक: – एक + एक:।
  2. निश्चिन्ताः – निः + चिन्ताः ।
  3. बुद्धिर्यस्य – बुद्धिः + यस्य ।
  4. आसीत् – अस् + लड्. लकार ।
  5. हनिष्यामि – हन् + लृट् लकार ।
  6. अकूर्दत् – कुर्द + लड् लकार ।
  7. अगच्छत् गम् + लड् लकार ।
  8. अपश्यत् – दृश + लड्लकार।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 6 सुभाषितानि

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Amrita Bhag 1 Chapter 6 सुभाषितानि Text Book Questions and Answers, Summary.

BSEB Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 6 सुभाषितानि

Bihar Board Class 6 Sanskrit सुभाषितानि Text Book Questions and Answers

अभ्यास

मौखिक –

प्रश्न 1.
निम्नलिखित भावार्थ को बताने वाले सुभाषित बताएँ।

  1. भूखा व्यक्ति क्या नहीं कर सकता ?
  2. राजा को अपने देश में सम्मान मिलता है, जबकि विद्वान् सभी जगह पूजे जाते हैं।
  3. उदार विचार वालों के लिए संसार ही कुटुम्ब है ।
  4. अपने से विपरीत आचरण दूसरों के लिए न करें ।
  5. आचरण के विना ज्ञान व्यर्थ है।
  6. महान् व्यक्ति सदा एक-सा रहता है।
  7. सज्जनों की सम्पत्ति दूसरों के उपकार के लिए होती है।

उत्तर-

  1. बुभुक्षितः किं न करोति पापम्।
  2. स्वदेशे पूज्यते राजा विद्वान सर्वत्र पूज्यते।
  3. उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्।
  4. आत्मनः प्रतिकूलानि न परेषां समाचरेत्।
  5. ज्ञानं भारः क्रियां विना।
  6. सम्पत्तौ च विपत्तौ च महतामेकरूपता।
  7. परोपकाराय सतां विभूतयः

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 6 सुभाषितानि

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ बताएँ –

(परोपकाराय, कुटुम्बकम्, सुखार्थिनः, निरामयाः; स्वदेशे )
उत्तर-

  • परोपकाराय -दूसरों की भलाई
  • कुटम्बकम् – परिवार
  • सुखार्थिन: – सुख चाहनेवाले को
  • निरामयाः – नीरोग
  • स्वदेशे – अपना देश।

प्रश्न 3.
ऊपर लिखे गए सुभाषितों का पाठ करें।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें। लिखितः

प्रश्न 4.
दिये गए प्रश्नों के उत्तर लिखें

प्रश्न (क)
किसके लिए सम्पूर्ण पृथ्वी परिवार के समान है ?
उत्तर-
उदार हृदय वालों के लिए सम्पूर्ण पृथ्वी परिवार के समान है।

प्रश्न (ख)
विद्या किसे प्राप्त नहीं होती?
उत्तर-
सुख चाहने वालों को विद्या प्राप्त नहीं होती है।

प्रश्न (ग)
किस प्रकार की वाणी बोलनी चाहिए ?
उत्तर-
सत्य एवं प्रिय वाणी बोलनी चाहिए।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 6 सुभाषितानि

प्रश्न (घ)
कौन सभी जगह पूजे जाते हैं ?
उत्तर-
विद्वान सभी जगह पूजे जाते हैं।

प्रश्न (ड.)
विद्या से क्या प्राप्त होती है ?
उत्तर-
विद्या से विनय प्राप्त होती है।

प्रश्न 5.
विलोम (विपरीतार्थक) शब्द लिखें –

  1. सत्यम्
  2. प्रियम्
  3. सुखम्
  4. विद्वान्
  5. ज्ञानम
  6. पापम्
  7. आत्मनः

उत्तर-

  1. असत्यम्
  2. अप्रियम्
  3. दु:खम्
  4. मूर्खः
  5. अज्ञानम्
  6. पुण्यम्
  7. परात्मनः।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 6 सुभाषितानि

प्रश्न 6.
रिक्त स्थानों को भरें

  1. …………………….. सतां विभूतयः ।
  2. विद्वान् ……………. पूज्यते । । ।
  3. सर्वे सन्तु …………………….. ।
  4. ……………….. परं सुखम् । ।
  5. विद्या ……………….. विनयम् ।

उत्तर-

  1. परोपकाराय सतां विभूतयः ।
  2. विद्वान् सर्वत्र पूज्यते ।
  3. सर्वे सन्तु निरामयः ।
  4. न संतोषात् परं सुखम् ।
  5. विद्या ददाति विनयम् ।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों को सुमेलित करें –

  1. परोपकाराय – (क) वसुधैव कुटुम्बकम्
  2. उदारचरितानां तु – (ख) सतां विभूतयः
  3. स्वदेशे पूज्यते – (ग) विनयम्
  4. बुभुक्षितः किं न – (घ) राजा
  5. विद्या ददाति – (ड.) करोति पापम्

उत्तर-

  1. परोपकाराय – (ख) सतां विभूतयः
  2. उदारचरितानां तु – (क) वसुधैव कुटुम्बकम्
  3. स्वदेशे पूज्यते – (घ) राजा
  4. बुभुक्षितः किं न – (ड.) करोति पापम्
  5. विद्या ददाति – (ग) विनयम्

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 6 सुभाषितानि

प्रश्न 8.
निम्नांकित शब्दों से वाक्य बनाएँ –
(राजा, विद्वान्, स्वदेशे, सुखिनः, विद्या।)
उत्तर-

  • राजा – राजा स्वदेशे पूज्यते ।
  • विद्वान् – विद्वान् सर्वत्र पूज्यते ।
  • स्वदेशे – स्वदेशे पूज्यते राजा ।
    सुखिनः – सुखिनः सर्वे भवन्तु ।
  • विद्या – विद्या सर्वत्र पूज्यते ।

ज्ञानविस्तार

निवार . संस्कृत भाषा में सुभाषित उपयोगी वाक्यों की अधिकता है। ये जीवन में पालन करने योग्य तो हैं ही इनका प्रयोग किसी भी भाषण, बातचीत या लेख को सुन्दर बना देता है। इन्हें सुभाषित कहते हैं। सुभाषित का अर्थ है-सुन्दर कथन, अच्छी बातें। कहीं कहीं सुभाषित पूरे श्लोक के रूप में हैं और कहीं श्लोक के खण्ड के रूप में हैं। प्रस्तुत पाठ में श्लोकांश के रूप में सुभाषित हैं। इनका भावार्थ इस प्रकार है

1. सज्जन परोपकार को अपना धर्म समझते हैं। अपनी सारी सम्पत्ति तथा समय को वे परोपकार में लगा देते हैं। विपत्ति में पड़े हुए व्यक्ति की सहायता करना ही परोपकार है।

2 जो व्यक्ति हृदय से उदार अर्थात् सबको अपना समझने वाले हैं, उन्हें सर्वत्र अपना परिवार ही दिखाई पड़ता है। सारी पृथ्वी उन्हें बन्धु-बान्धव जैसी लगती है। ऐसा सबको होना चाहिए। किसी से वैर-भाव नहीं रखना चाहिए।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 6 सुभाषितानि

3. विद्या अर्जन करने में सुख-दुःख का विचार नहीं करना चाहिए । विद्यार्थी का जीवन एक तपस्या है। केवल सुख की खोज करने वाला विद्यार्थी नहीं हो सकता।

4. सत्य को प्रिय वाणी से जोड़ना चाहिये। ऐसा सत्य न बोलें कि किसी को अप्रिय लगे । इसलिए सत्य तथा प्रिय दोनों में समझौता होना चाहिए।

5. बड़े होने का लक्षण है कि सुख-दु:ख में एक समान रहें। सुख के समय अहंकार से भर जाएँ और विपत्ति के समय कायर या दीन-हीन हो जाएँ, – यह बड़े होने की पहचान नहीं है।

6. राजा और विद्वान् में अन्तर है। राजा वहीं सम्मानित होता है जहाँ उसका राज्य है। किन्तु विद्वान को उन सभी स्थानों में सम्मान मिलता है जहाँ ज्ञान को आदर दिया जाता है।

7. भारत के सन्तों की यह मुख्य कामना रहती है कि सभी लोग सुखी और नीरोग रहें। एक-एक व्यक्ति यही चाहता है।

8. लोष दु:ख का कारण है और सन्तोष सुख देता है।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 6 सुभाषितानि

9. जो बात हमें प्रतिकूल (कष्टकारक) लगती है वह दूसरों को भी वैसी. ही लगती है। इसलिए हम ऐसी बात किसी के प्रति न करें जो उसे कष्ट

10. भूखा व्यक्ति विवश होता है। वह नियम-विरुद्ध कार्य भी कभी-कभी करने लगता है। इसमें उसकी परिस्थिति का दोष है, अपना नहीं।

11. विद्या का फल है विनम्रता । सच्चा विद्वान् वही है जो विनम्र हो । उद्दण्डता विद्वान् का लक्षण नहीं है। विद्या में कहीं कमी होने से ही कोई उग्र होता

12. ज्ञान की सार्थकता तभी है जब इसके अनुकूल आचरण किया जाये । आचरण के बिना कोरा ज्ञान व्यर्थ है।

Bihar Board Class 6 Sanskrit सुभाषितानि Summary

  1. परोपकाराय सतां विभूतयः
  2. उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ।
  3. सुखार्थिनः कुतो विद्या विद्यार्थिनः कुतः सुखम् ।
  4. सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् न ब्रूयात् सत्यमप्रियम् ।
  5. सम्पत्ती च विपत्तौ च महतामेकरूपता ।
  6. स्वदेशे पूज्यते राजा विद्वान् सर्वत्र पूज्यते ।
  7. सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः ।
  8. न लोभेन समं दुःखं न सन्तोषात् परं सुखम् ।
  9. आत्मनः प्रतिकूलानि न परेषां समाचरेत्।
  10. बुभुक्षितः किं न करोति पापम् ।।
  11. विद्या ददाति विनयम् ।
  12. ज्ञानं भारः क्रियां विना ।

अर्थ-

  1. सज्जनों की सम्पत्तियाँ परोपकार के लिए होती है।
  2. ऊँचे विचार वालों के लिए सारी धरती परिवार है।
  3. सुख चाहने वालों को विद्या कहाँ? और विद्या चाहने वालों को सख कहाँ।
  4. सत्य बोलना चाहिए, प्रिय बोलना चाहिए, अप्रिय सत्य नहीं बोलना चाहिए।
  5. सुख-दु:ख दोनों में महान व्यक्ति एक समान रहते हैं।
  6. राजा अपने देश में पूजित होते हैं लेकिन विद्वान की पूजा सब जगह होती है। होती है।
  7. सभी सुखी हों, सभी नीरोग हों।
  8. लोभ के समान कोई दु:ख नहीं और संतोष के बराबर काई सुख नहीं।
  9. अपने से विपरीत (भिन्न) दूसरों के लिए आचरण नहीं करना चाहिए।
  10. भूखा व्यक्ति कौन-सा पाप नहीं करता है।
  11. विद्या विनम्रता देती है।
  12.  क्रिया के बिना ज्ञान भार बन जाता है।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 6 सुभाषितानि

शब्दार्था :-सुभाषितानि – सुन्दर कथन। परोपकाराय – दूसरों के उपकार के लिए (पर + उपकाराय) सतां -सज्जनों की। विभूतयः – ध न-सम्पत्तियाँ। उदारचरितानाम् – ऊँचे (उदार) विचार वालों का। वसुधैव – (वसुधा+एव) पृथ्वी /संसार ही। कुटुम्बकम् -परिवार (कुटुम्ब)। सुखार्थिनः – (सुख अर्थिन:) सुख चाहने वाले को। कुतो (कुतः) – कहाँ । विद्यार्थिन:- विद्या चाहने वालों को। ब्रूयात् – बोलना चाहिए। सत्यमप्रियम् -(सत्यम् + अप्रियम्) अप्रिय सत्य। सम्पत्तौ- सुख में। विपत्ती- दुःख में। महताम् – महान व्यक्ति। स्वदेशे – अपने देश में। पूज्यते – पूजा जाता है। आदर पाता है। भवन्तु- होवें/हों । सन्तु – हों/ होवें। निरामयः – (निर+ आमय:) नीरोग। लोभेन समम् -लोभ के बराबर । सर्वे – सभी। सन्तोषात् – संतोष से। परम् – बढ़कर। अत्मनः – अपने से। प्रतिकूलानि – भिन्न/विपरीत। परेषा – दूसरों के । को लिए। न- नहीं। समाचरेत् – (सम्+आचरेत्) आचरण करना चाहिए। बुभुक्षितः – भूखा। करोति – करता है। ददाति – देता है/देती है। विनयम् – विनम्रता। भारः – भार (बोझ)।

व्याकरणम्

पर + उपकाराय -परोपकाराय । वसुधा + एव – वसुधैव । सुख अर्थिन: – सुखार्थिनः । विद्या + अर्थिनः – विद्यार्थिनः सत्यम् + अप्रियम् – सत्यमप्रियम् । पूज्यते -पूज् + लट्लकार समाचरेत् – सम् + आ + चर+ विधि लिड्. । करोति – कृलिट् लकार ददाति – दा+लट् लकार

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 4 क्रियापदपरिचयः

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Amrita Bhag 1 Chapter 4 क्रियापदपरिचयः Text Book Questions and Answers, Summary.

BSEB Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 4 क्रियापदपरिचयः

Bihar Board Class 6 Sanskrit क्रियापदपरिचयः Text Book Questions and Answers

अभ्यास

मौखिकः

प्रश्न 1.
उच्चारण करें –

प्रश्न (क)
धातुरूप – लट् लकार प्रथम पुरुष तीनों वचनों में –

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 4 क्रियापदपरिचय 1

प्रश्न (ख)
शब्द रूप प्रथमा विभक्ति तीनों वचनों में –

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 4 क्रियापदपरिचय 2

लिखित

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

प्रश्न (i)
पठसि – पठथः

  1. _______ – लिखथः – _______
  2. गच्छसि – _______ – _______
  3. _______ – हसथ: – _______
  4. क्रीडसि – _______ – _______

उत्तर- मध्यम पुः तीनों वचन में –

  1. लिखसि – लिखथः – लिखथ
  2. गच्छसि – गच्छथ: – गच्छथ
  3. हससि – हसथः – हसथ
  4. क्रीडसि – क्रीडथ: – क्रीडथ:

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 4 क्रियापदपरिचयः

प्रश्न (ii)
तीनों वचनों में भरें –

जैसे- खादामि – खादाव: – खादामः

  1. चलामि – _______ – _______
  2. वदामि – _______ – _______
  3. ______ – ______ – पिबामः
  4. ______ – हसाव: – ______

उत्तर-

  1. चलामि – चलाव: – चलाम:
  2. वदामि – वदावः – वदामः
  3. पिबामि – पिबावः – पिबामः
  4. हसामि – हसाव: – हसामः

प्रश्न 3.
मिलान करें

  1. अहम् – (क) खादथ
  2. बालक: – (ख) खेलामः
  3. यूयम् – (ग) पिबन्ति
  4. बालिका – (घ) कूर्दन्ति
  5. वयम् – (ड.) खादसि
  6. त्वम् – (च) लिखामि
  7. गजाः – (छ) गच्छति

उत्तर-

  1. अहम् – (च) लिखामि
  2. बालक: – (छ) गच्छति
  3. यूयम् – (क) खादथ
  4. बालिकाः – (घ) कूर्दन्ति
  5. वयम् – (ख) खेलामः
  6. त्वम् – (ड.) खादसि
  7. गजाः – (ग) पिबन्ति

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 4 क्रियापदपरिचयः

प्रश्न 4.
क्रियापदों से वाक्य बनाएँ –

पठामि – लिखसि – गच्छन्ति
हसामः – आगच्छथ – खादाव:
उत्तर-
अहं पठामि । त्वं लिखसि । ते गच्छन्ति । वयम् हसामः । यूयम् आगच्छथ। आवाम् खादावः

प्रश्न 5.
उचित शब्दों से खाली जगहों को भरें त्वम्, अहम्, बालिका, वयम्, यूयम्

प्रश्न (क)
………………. क्रीडति।
उत्तर-
बालिका क्रीडति।

प्रश्न (ख)
…………………पठामः।
उत्तर-
वयम् पठामः।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 4 क्रियापदपरिचयः

प्रश्न (ग)
………………..पिबसि।
उत्तर-
त्वम् पिबसि।

प्रश्न (घ)
…………………वदामि।
उत्तर-
अहम् वदामि।

प्रश्न (ङ)
…………………गच्छ था ।
उत्तर-
यूयम् गच्छथा

प्रश्न 6.
रिक्त स्थानों में ‘अस्ति, स्तः, सन्ति’ में से उचित क्रियापद भरें
यथा-
एकम् पुस्तकम् अस्ति ।

प्रश्न-

(क) द्वे पुस्तके स्तः ।
(ख) त्रीणि पुस्तकानि सन्ति ।

प्रश्न (ग)
एका बालिका……..।
उत्तर-
एका बालिका अस्ति।

प्रश्न (घ)
द्वे बालिके …….. ।
उत्तर-
द्वे बालिके स्तः ।

प्रश्न (ड.)
तिस्रः बालिकाः ……।
उत्तर-
तिम्र: बालिका: सन्ति।

प्रश्न (च)
पञ्च फलानि …….. ।
उत्तर-
पञ्च फलानि सन्ति।

प्रश्न (छ)
द्वौ हस्तौ …………. ।
उत्तर-
द्वौ हस्तौ स्तः ।

प्रश्न 7.
वर्गों को संयोजित करके शब्द लिखें –

प्रश्न (i)
म् + अ + न् + ओ + ह् + अ + र् + अः
उत्तर-
मनोहर:

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 4 क्रियापदपरिचयः

प्रश्न (क)
स् + अ + ञ् + ज् + अ + य् + अ
उत्तर-
संजय

प्रश्न (ख)
म् + अ + न् + त् + र + ई
उत्तर-
मन्त्री या मंत्री

प्रश्न (ग)
क् +आ +र् +य् + अ + क् + र् +अ +म् +अ:
उत्तर-
कार्यक्रम

प्रश्न (घ)
द् + ए + व् + ए+ न् + द् + र् + अ: ।
उत्तर-
देवेन्द्रः

प्रश्न (ii)
अपने पाँच मित्रों के नाम के वर्णों को अलग-अलग करें
उत्तर-

  • रमेशः = र् + अ + म् + ए + श् + अः।
  • मदनः = म् + अ + द् + अ + न्. अः।
  • सोहनः = स् + ओ + ह् + अ + न् + अः।
  • महेशः = म् + अ + ह + ए + श् + अः।
  • सुरेशः = स् + उ + र् + ए + श् + अः।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित वाक्यों को बहुवचन में बदलें

उदाहरण सः पठति । ते पठन्ति ।
(क) बालकः धावति । ________
(ख) पुष्पं पतति । ________
(ग) बालिका वदति । ________
(घ) मृगः चरति । ________
(ड.) खगः उत्पतति । ________
उत्तर-
Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 4 क्रियापदपरिचय 3

Bihar Board Class 6 Sanskrit क्रियापदपरिचयः Summary

बालकः धावति।
अर्थ –
एक लड़का दौड़ता है।

बालको धावतः ।
अर्थ –
दो लड़के दौड़ते हैं।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 4 क्रियापदपरिचयः

बालकाः धावन्ति ।
अर्थ –
लड़के दौड़ते हैं।

त्वम् हससि ।
अर्थ-
तुम हँसते हो।

युवाम् हसथः ।
अर्थ –
तुम दोनो हँसती हो।

यूयम् हसथ ।
अर्थ –
तुम सब हँसती हो।

अहं पठामि ।
अर्थ –
मैं पढ़ता हूँ।

आवाम पठावः ।
अर्थ –
हम दोनों पढ़ते हैं।

वयम् पठामः।
अर्थ –
हमसब पढ़ते हैं।

बालिका लिखति ।
अर्थ –
लड़की लिखती है।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 4 क्रियापदपरिचयः

बालिके धावतः।
अर्थ –
दो लड़कियाँ दौड़ती हैं।

बालिकाः पठन्ति ।
अर्थ –
लड़कियाँ पढ़ती हैं।

पुष्पम् अस्ति ।
अर्थ-
एक फूल है।

पुष्प स्तः।
अर्थ –
दो फूल हैं।

पुष्पाणि सन्तिा मोहनः
अर्थ-
तीन फूल हैं।

विद्यालयम् गच्छति ।
अर्थ –
मोहन स्कूल जाता है।

बालिके अत्र आगच्छतः ।
अर्थ –
दो लड़किय यहाँ अती हैं

वयम् जलम् पिबामः ।
अर्थ –
हमसब जल पीते हैं।

घोटक: धावति ।
अर्थ-
घोड़ा दौड़ता है।

घोटको धावतः ।
अर्थ-
दो घोड़े दौड़ते हैं।

घोटकाः धावन्ति ।
अर्थ –
घोड़े दौड़ते हैं।

गजः गच्छति ।
अर्थ –
हाथी जाता है।

गजौ गच्छतः।
अर्थ –
दो हाथी जाते हैं।

गजाः गच्छन्ति।
अर्थ-
तीन हाथी जाते हैं।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 4 क्रियापदपरिचयः

एतत् किम् अस्ति।
अर्थ –
यह क्या है।

एतत् फलम् अस्ति।
अर्थ –
यह फल है।

एते के स्तः।
अर्थ-
ये दोनों कौन हैं।

एते फले स्तः।
अर्थ-
ये दोनों फल हैं।

एतानि कानि सन्ति।
अर्थ –
ये सब कौन हैं।

एतानि फलानि सन्ति।
अर्थ-
ये सब फल हैं।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 4 क्रियापदपरिचयः

शब्दार्था:- बालकः – लड़का/ एक लड़का । बालको- दो लड़के। बालकाः – लड़के (बहुवचन) त्वम् – तुम। युवाम् – तुम दोनों । यूयम् – तुम सब तुम लोग । अहम् – मैं । आवाम् – हम दोनों । वयम् – हम सब / हमलोग। बालिका – लड़की/ एक लड़की। बालिके – दो लड़कियाँ। बालिकाः – (दो से अधिक) लड़कियाँ। पुष्पम् – एक फूल। पुष्ये – (दो) फूल। पुष्पाणि – (अनेक) फूल। धावति – (एक) दौड़ता है। धावतः – (दो) दौड़ते हैं। धावन्ति – (अनेक) दौड़ते हैं। हससि – (तुम) हँसते हो । हसथः – (तुम दोनों) हँसते हो। हसथ – (तुम सब / तुमलोग) हँसते हो। पठामि – पढ़ता / पढ़ती हूँ। पठावः – (हम दोनों) पढ़ते हैं। पठामः – (हम सब) पढ़ते हैं। लिखति – लिखता है। अस्ति – है। स्तः – (दो) हैं। सन्ति – हैं । घोटक:- घोड़ा । गजः- हाथी। एतत् – यह। एते – ये दो। दो एतानि – ये सब। आगच्छति – आता है।

व्याकरण

पुरुष-संस्कृत क्रियारूपों के प्रसंग में ‘पुरुष’ की चर्चा होती है। सभी क्रियारूप (धातुरूप) पुरुष और वचन के अनुसार पृथक्-पृथक् होते हैं। तीन पुरुष और तीन वचन से विभक्त होने के कारण प्रत्येक काल (लकार) में नौ-नौ रूप होते हैं।

पुरुष का अर्थ है वक्ता, श्रोता या चर्चित व्यक्ति । वक्ता को उत्तम पुरुष (अहम्, आवाम्, वयम्), श्रोता को मध्यम पुरुष (त्वम्, युवाम्, यूयम्) तथा चर्चित व्यक्ति को प्रथम पुरुष (सः, तौ, ते, अयम्, इमौ, इमे) कहते हैं । पुरुप और वचन का प्रभाव धातुरूपों पर पड़ता है। इसलिए पुरुष-विशेष और वचन-विशेष के कारण क्रियापदों में भेद होता है। नीचे के उदाहरण में देखें

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 4 क्रियापदपरिचय 4

विशेष – संस्कृत क्रियापदों का प्रयोग सभी लिंगों के लिए एकसमान होता है। इसलिए लड़की के पढ़ने के विषय में भी – सा पठति, त्वम् पठसि (तुम पढ़ती हो), अहम् पठामि (मैं पढ़ती हूँ) इत्यादि प्रयोग होते हैं।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 3 संख्याज्ञानम्

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Amrita Bhag 1 Chapter 3 संख्याज्ञानम् Text Book Questions and Answers, Summary.

BSEB Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 3 संख्याज्ञानम्

Bihar Board Class 6 Sanskrit संख्याज्ञानम् Text Book Questions and Answers

अभ्यासः

मौखिक-

प्रश्न 1.
उच्चारण करें –

प्रश्न (क)

  1. एक: – एका – एकम्
  2. दो: – दू  – दोऊ
  3. त्रयः – तितः – त्रीणि
  4. चत्वारः – चतस्रः – चत्वारि
  5. पञ्च
  6. षट्
  7. सप्त
  8. अप्ट
  9. नव
  10. दश
  11. एकादश
  12. द्वादश
  13. त्रयोदश
  14.  चतुर्दश
  15. पञ्चदश
  16. पोडश
  17. सप्तदश
  18. अष्टदश
  19. नवदश (एकोनविंशतिः ऊनविंशतिः)
  20. विंशतिः।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 3 संख्याज्ञानम्

प्रश्न (ख)
प्रथमा विभक्ति में-

शब्द – लिङ्ग-एकवचन-द्विवचन-बहुवचन
बालक – पुल-बालकः-बालकौ-बालकाः
उत्तर-

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 3 संख्याज्ञानम् 1

लिखिति

प्रश्न 2.
चित्र को देखकर संख्या लिखें
उत्तर-

  1. चत्वारि कन्दुकानि ।
  2. द्वे पुष्पे।
  3. द्वौ बालको।
  4. एका बालिका।
  5. पञ्च कदली-फलानि ।

प्रश्न 3.
नीचे लिखी संख्याओं के संस्कृतपद लिखें-
यथा-

  1. ग्यारह – एकादश
  2. सात – सप्त
  3. पाँच – पञ्च
  4. तेरह – त्रयोदश
  5. उन्नीस – एकोनविंशति
  6. आठ – अष्ट
  7. अठारह – अष्टादश

प्रश्न 4.
निम्नांकित संख्याओं को बढ़ते क्रम में पुनः लिखें –
(पञ्च, अष्टादश, द्वादश, नव, त्रयोदश, सप्त, एकादश, अष्ट।)
उत्तर-
पञ्च, सप्त, अष्ट, नव, एकादश, द्वादश, त्रयोदश, अष्टादश ।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 3 संख्याज्ञानम्

प्रश्न 5.
वर्गों को जोड़कर शब्द :- यथा-क् + ऋ + प् + ण् + अः
उत्तर-
कृष्णः

(क) ब् + आ + ल् + अ + क् + अ:
उत्तर-
वालकः।

(ख) प् + अ + त् + अ + न् + त् + इ
उत्तर-
पतन्ति ।

(ग) न् + ऋ + त् + य् + अ + म्
उत्तर-
नृत्यम्।

(घ) व् + अ + र् + ष् + आ
उत्तर-
वर्षा ।

प्रश्न 6.
उचित संख्यावाचक शब्दों से रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-

  1. मम …………. कर्णो स्तः ।
  2. गजस्य …………… पादाः भवन्ति ।
  3. मम …………… नासिका अस्ति ।
  4. द्विचक्रिकायां ………….. चक्रे भवतः।
  5. दशरथस्य …………… पुत्राः आसन् ।

उत्तर-

  1. दौ
  2. चत्वारः
  3. एका
  4. द्वे
  5. चत्वारः

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 3 संख्याज्ञानम्

प्रश्न 7.
रेखा खींचकर मिलान करें

  1. पट – (क) देवाः
  2. पञ्च – (ख) हस्ती
  3. द्वौ – (ग) मुखम्
  4. एकम् – (घ) वेदाः
  5. त्रयः – (ङ) ऋतवः
  6. चाजारः – (च) पाण्डवाः

उत्तर-

  1. पट् – (ङ) ऋतवः
  2. पञ्च – (च) पाण्डवाः
  3.  द्वौ – (ख) हस्तौ
  4. एकम् – (ग) मुखम्
  5. त्रयः – (क) देवाः
  6. चत्वारः – (घ) वेदाः

Bihar Board Class 6 Sanskrit संख्याज्ञानम् Summary

एक: बालकः पठति (पु.)
अर्थ –
एक लड़का पढ़ता है।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 3 संख्याज्ञानम्

एका बाला पठति (स्त्री)
अर्थ –
एक लड़की पढ़ती है।

एक पुष्पं विकसति (नपु०)
अर्थ –
एक फूल खिलता है।

द्वौ अश्वौ धावतः (पु.)
अर्थ –
दो घोडे. दौड़ते हैं।

द्वे महिले गायतः (स्त्री०)
अर्थ –
दो महिलाएँ गाती हैं।

द्वे चक्रे भ्रमतः (नपु०)
अर्थ –
दो चक्के घूमते हैं।

त्रयः खगाः कूजन्ति (पु.)
अर्थ –
तीन पक्षियाँ बोलते हैं।

तिम्रः बालिकाः क्रीडन्ति (स्त्री)
अर्थ –
तीन लड़कियाँ खेलती हैं।

त्रीणि पत्राणि पतन्ति (नपु.)
अर्थ –
तीन पत्ते गिरते हैं।

खट्वायाः चत्वारः पादाः सन्ति (पु.)
अर्थ –
खटिया के चार पैर हैं।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 3 संख्याज्ञानम्

चतस्रः महिलाः भ्रमन्ति (स्त्री०)
अर्थ –
चार महिलाएं घूमती हैं।

अत्र चत्वारि पुष्पाणि सन्ति (नपु०)।
अर्थ –
यहाँ चार फूल हैं।

पाञ्च पाण्डवाः गच्छन्ति(पु.)
अर्थ –
पाँच पाण्डव जाते हैं।

‘भ्रमरस्य पट् पादाः सन्ति ।
अर्थ –
भौरा के छः पैर हैं।

सप्त तारकाः गगने भान्ति।
अर्थ –
सात तारे आकाश में चमकते हैं।

अत्र अप्टो फलानि सन्ति
अर्थ –
यहाँ आठ फल हैं।

नव पतंगा:
अर्थ-
नौ पतंगें।

दश मोटरयानानि सन्ति।
अर्थ-
दस मोटरगाड़ियाँ हैं।

एकादशा फलानि गुच्छे सन्ति।
अर्थ –
ग्यारह फल गुच्छा में हैं।

अत्र द्वादश कन्दुकानि सन्ति।
अर्थ-
यहाँ बारह गेन्दें हैं।

तत्र त्र्यांदश पुस्तकानि तिष्ठन्ति।
अर्थ –
वहाँ तेरह पुस्तकें रखी हैं।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 3 संख्याज्ञानम्

चतुर्दश छात्रः नृत्यन्ति।
अर्थ –
चौदह छात्र नाच रहे हैं।

जले पञ्चदश मीनाः तरन्ति।
अर्थ –
जल में पन्द्रह मछलियाँ तैरती हैं।

पुरा भारते षोडश जनपदाः आसन्
अर्थ –
प्रचीनकाल में भारत में सोलह जनपद थे।

इमानि सप्तदश चक्राणि चलन्ति।
अर्थ –
ये सतरह चक्के चलते हैं।

पुराणानि अष्टादश सन्ति।
अर्थ –
पुराणे अठारह हैं।

ऊनविंशति भ्रमराः भ्रमन्ति।
अर्थ –
उन्नीस भौरें घूमते हैं।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 3 संख्याज्ञानम्

विंशति चटकाः बिहरन्ति।
अर्थ –
बीस चिड़ियाँ बिहार करती हैं।

शब्दार्था:-एकः (पु०) -एका बालकः -लड़का/बालक। पठति -पढ़ता है/पढ़ती है। एका (स्त्री०)-एका बाला – लड़की/बालिका। एकम् (नंपु०) – एका द्वौ (पुं०) – दो। अश्वौ – दो घोड़े। धावत: – दौड़ते हैं। द्वे (स्त्री0) दो, महिले – दो स्त्रियाँ/महिलाएँ। चक्रे – (दो) पहिये। द्वे (नंपु०) – दो। भ्रमतः (द्विवचन)- घूमते हैं। त्रयः(पुं०) – तीन। खगाः – चिड़ियाँ/पक्षियाँ। तिम्रः (स्त्री०) – तीन। क्रीडन्ति – खेलती हैं।खेलती हैं। त्रीणि (नंपु०) – तीन। पत्राणि – पत्ते। पतन्ति – गिरते हैं। चत्वारः (पुं०) – चार। पादाः – पैर। सन्ति – हैं। चतम्रः (स्त्री०) – चार। भ्रमन्ति – घूमती/घूमते हैं। वृक्ष – पेड़ में। चत्वारि (नंपु०)– चार। पुष्पाणि – फूल। पञ्च – पाँच। पाण्डवाःपाण्डव। भ्रमरस्य – भ्रमर का/भौर का। घट् – छः। सप्त- सात। तारकाः – तारे।

गगने – आकाश में। भान्ति -चमकते हैं। अष्टौ – आठ। नव – नौ। पतंगा: – पतंग/फतिंगे। दश – दस। मोटरयानानि – मोटरगाड़ियाँ। एकादश – ग्यारह। गुच्छे – गुच्छा में। द्वादश – बारह। अत्र – यहाँ। कन्दुकानि – गेंदें। तत्र – वहाँ। त्रयोदश – तेरह। पुस्तकानि – पुस्तकें। तिष्ठन्ति – रखी हैं। चतुर्दश- चौदह। नृत्यन्ति – नाचते हैं/नाचती हैं। जले- जल में । पञ्चदश – पन्द्रह। मीनाः – मछलियाँ। तरन्ति – तैरते हैं । तैरती हैं। पुरा – पहले/प्राचीन काल में। षोडश – सोलह। जनपदाः – जनपदें। आसन् – थे। इमानि (नंपु०) – ये। सप्तदश – सतरह। चक्राणि – चक्के। चलन्ति – चलते हैं। चलती हैं। एतानि (नप०) – ये। अष्टादश – अठारह। पुराणानि – पुराणे। ऊनविंशतिः – उन्नीस। विंशतिः – बीस। चटकाः -पक्षियाँ/चिड़ियाँ। विहरन्ति – बिहार करती हैं। विहार करते हैं।

व्याकरणम् 

लिङ्ग-संस्कृत शब्द तीन लिंगों में विभक्त हैं –

पुंल्लिङ्ग, स्त्रीलिङ्ग और नपुंसकलिङ्ग । लिङ्ग सभी सुबन्त शब्दों में अनिवार्य रूप से रहता है। कुछ शब्द केवल पुल्लिङ्ग हैं। जैसे-गज, मीन,. साधु, मुनि, राम, बालक, नर इत्यादि। कुछ शब्द केवल स्त्रीलिङ्ग हैं। जैसे-बालिका, लता, रमा, शाला (घर), विद्या, शिक्षिका, देवी, धेनु (गाय), भूमि इत्यादि । कुछ शब्द केवल नपुंसकलिङ्ग में होते हैं। जैसे-फल, धन, पात्र, अंग, गृह, उपवन, वारि, दधि इत्यादि । कोश ग्रन्थों में संस्कृत शब्दों के लिङ्ग बताये जाते हैं। विशेषण शब्दों का लिङ्ग उनके विशेष्य के अनुसार होता है।

जैसे –

पुँल्लिङ्ग –

1. अयम् बालकः चतुरः अस्ति।
(बालक पल्लिंग है अतः उसके साथ जुड़े अयम् और चतरः दोनों .. पुंल्लिंग हैं।)

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 3 संख्याज्ञानम्

2 अयम् गजः विशालः अस्ति ।
(गज के पुंल्लिग होने से अयम् और विशालः पुंल्लिंग हैं।)

स्त्रीलिङ्ग –

1. इयम् महिला कुशला अस्ति ।
(महिला स्त्रीलिंग है अतः उसकी विशेषता बतानेवाला कुशला शब्द तथा निर्देशक इयम् शब्द स्त्रीलिंग में हैं।)

2 इमाः बालिकाः सुरूपाः सन्ति।
(बालिकाः के अनुसार इमाः और सुरूपाः स्त्रीलिंग बहुवचन में)

नपुंसकलिङ्ग –

1. इदम् पुष्पम् सुन्दरम् अस्ति।
(पुष्प नपुंसकलिंग में है अतः इदम् और सुन्दरम् भी उसी लिंग)

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 3 संख्याज्ञानम्

2. इमॉनि फलानि पक्वानि सन्ति ।
(फलानि के अनुसार इमानि, पक्वानि हैं।)
वचन – संस्कृत भाषा में शब्दों के तीन वचनों में प्रयोग होते हैं
एकवचन, द्विवचन और बहुवचन । सभी लिङ्गों में ये वचन होते हैं।

जैसे-

  • पुल्लिङ्ग – बालकः – बालको – बालकाः।
  • स्त्रीलिंग – बालिका – बालिके – बालिकाः ।
  • नपुंसकलिङ्ग – फलम् – फले – फलानि।

इनके निर्देशक सर्वनाम शब्द इस प्रकार हैं-

  • पुल्लिङ्ग – अयम् – इमो – इमे।
  • स्त्रीलिङ्ग – इयम् – इमे – इमाः ।
  • नपुंसकलिङ्ग – इदम् – इमे – इमानि ।

क्रियापदों में भी वचन इन शब्दों के कारण ही आते हैं। कुछ

उदाहरण देखें-

पुल्लिङ्ग –

  • अयम् बालक : पठति (एकवचन)।
  • इमौ बालको धावत: (द्विवचन)।
  • इमे गजाः चलन्ति (बहुवचन)।

स्त्रीलिङ्ग –

  • इयम् लता पतति (एकवचन)।
  • इमे बालिके धावतः (द्विवचन)।
  • इमाः महिलाः गायन्ति (बहुवचन)।

नपुंसकलिङ्ग –

  • इदम् पुष्पम् शोभनम् अस्ति (एकवचन)।
  • इमे पत्रे पततः (द्विवचन)।
  • इमानि फलानि पक्वानि सन्ति (बहुवचन) ।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 3 संख्याज्ञानम्

नोट- हिन्दी में संख्यावाचक शब्दों के लिङ्ग में समानता है।
संस्कृत में एक से चार तक की संख्याएँ तीनों लिङ्गों में पृथक्-पृथक् होती हैं।

  • जैसे- पुलिङ्ग – स्त्री० – नपु०
  • एक- एकः – एका – एकम्
  • दो – द्वौ – द्वे – द्वे
  • तीन – त्रयः – दिसः – त्रीणि
  • चार – चत्वारः – चतस्रः – चत्वारि

नोट- पाँच से आगे को संख्याएँ तीनों लिंगों में एक समान होती हैं।

  • जैसे – पुलिङ्ग – स्त्री० – नपुः
  • पाँच – पञ्च – पञ्च – पञ्च
  • छ: – पटं – पट् – षद्

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 2 सरलपदपरिचयः

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Amrita Bhag 1 Chapter 2 सरलपदपरिचयः Text Book Questions and Answers, Summary.

BSEB Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 2 सरलपदपरिचयः

Bihar Board Class 6 Sanskrit सरलपदपरिचयः Text Book Questions and Answers

अभ्यासः

मौखिकः

प्रश्न 1.
उच्चारण करें-

  1. कम्बल
  2. कबूतर
  3. आम
  4. लीची
  5. कछुआ।

उत्तर-

  1. कम्बल – कम्बलम्
  2. कबूतर – कपोतः
  3. आम – आम्रम्
  4. लीची – लीचिका
  5. कछुआ- कच्छपः

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित का संस्कृत रूप बताएं
घड़ा, तालाब, लाल, अमरूद, गर्म।
उत्तर-
घड़ा -घट: तालाब-तडाग: लाल- रक्तम् अमरूद – अमृत-फलम गर्म -उष्णम्।

प्रश्न 3.
निम्न शब्दों का वर्ण-विच्छेद करें –

  1. नरः
  2. घट:
  3. नेत्रम्
  4. गजः
  5. अंश्व:
  6. पुष्यम्

उत्तर-

  1. नरः -न् + अ + र् + अः
  2. घट: – + अ + ट् + अः
  3. नेत्रम् -न् + ए + त् + र + अ + म्
  4. गजः -ग् + अ + ज् + अ।
  5. अश्वः – अ + श् + व् + अः
  6. पुष्पन्:- प् + उ + + प + अ + म्

लिखितः

प्रश्न 4.
उपयुक्त शब्दों को मिलाकर वाक्य की रचना करें

  1. गजा: – गच्छतः
  2. वयम् – गायति
  3. बालको – पतति
  4. वृक्षः – धावति
  5. अश्वः – चलन्ति
  6. गायकः – पठामः

उत्तर-

  1. गजाः – चलन्ति
  2. वयम् – पठामः
  3. बालको – गच्छतः
  4. वृक्षः – पतति।
  5. अश्वः – धावति
  6. गायकः – गायति।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 2 सरलपदपरिचयः

प्रश्न 5.
वर्गों को मिलाकर शब्द बनाएँ

प्रश्न  (क)
न् + अ + र् + अः
उत्तर-
नरः।

प्रश्न (ख)
घ् + अ + ट् + अः
उत्तर-
घटः।

प्रश्न (ग)
व् + ऋ + क्ष् + अ
उत्तर-
वृक्षः।

प्रश्न (घ)
भ् + र् + अ + म् + अ +
उत्तर-
भ्रमरः।

प्रश्न (ङ)
ब् + आ + ल् + अ
उत्तर-
बालः।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 2 सरलपदपरिचयः

प्रश्न (च)
प् + अ + ल् + अ + त् + इ
टतर-पठति।

प्रश्न 6.
कोष्ठक में से उपयुक्त शब्द चुन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति
करें-

यथा – बालिका पठति – (बालिका/बालिकाः)

  1. अयम् ………………. (बालकाः/बालक: बालको)
  2. सा ………………. । (धावति/धावत:/धावन्ति)
  3. …………… नृत्यन्ति । (मयूरौ/मयूरा:/मयूरः)
  4. पुष्पाणि …….. । (विकसति/विकसन्ति/विकसत:)
  5. आवाम् …………. (पठामि/पठावः/पठाम:)
  6. कूर्दति । (नृपः/मण्डूक:/वानरः)

उत्तर-

  1. अयम् बालकः।
  2. सा धावति।
  3. मयूरा: नृत्यन्ति ।
  4. पुष्पाणि विकसन्ति ।
  5. आवाम् पठावः।
  6. वानरः कूर्दति।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 2 सरलपदपरिचयः

प्रश्न 7.
उदाहरण के अनुसार रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 2 सरलपदपरिचयः 1
उत्तर-
(क) देवः – देवाः
(ख) नरः – नरौ – नराः
(ग) नृपः – नृपौ – नृपाः
(घ) पुष्पम् – पुष्पे – पुष्पाणि
(ङ) गृहम् – गृहे – गृहाणि
(च) बालिका – बालिके – बालिकाः

प्रश्न 8.
संस्कृत में अनुवाद करें

  1. यह लड़का है। – (अस्ति )
  2. यह विद्यालय है। – (विद्यालय:)
  3. आम मीठा होता है। – (भवति)
  4. वे लड़कियाँ हैं। – (बालिका:)
  5. वह कौन है? – (कः)

उत्तर-

  1. अयम् बालकः अस्ति।
  2. अयम् विद्यालयः अस्ति।
  3. आम्रम् मधुरं भवति।
  4. ताः बालिकाः सन्ति।
  5. सः कः अस्ति।

Bihar Board Class 6 Sanskrit सरलपदपरिचयः Summary

गृहोपकरणानि –

  • एषा खट्टा अस्ति। – अर्थ – यह खटिया है।
  • कम्बलम् उष्णं भवति। अर्थ – कम्बल गर्म होता है।
  • घटः पूर्णः अस्ति। – अर्थ – घड़ा भरा है।
  • पर्यः विस्तृतः अस्ति। अर्थ – पलंग बड़ा है।
  • अयं दर्पणः अस्ति – अर्थ – यह ऐनक है।
  • वर्तिका प्रज्वलिता अस्ति। अर्थ – बत्ती जल रही है।

पशव –

  • अश्वः धावति । – अर्थ – घोड़ा दौड़ता है।
  • अजा चरति। – अर्थ – बकरी चर रही है।
  • गजः विशालः भवति। – अर्थ – हाथी विशाल है।
  • उष्ट्रः मरुस्थलस्य यानम् अस्ति। – अर्थ- ऊँट रेगिस्तान की सवारी है।
  • कच्छपः मन्दं चलति। – अर्थ – कछुआ धीरे चलता है।
  • कुक्कुरः बुषकतिः – अर्थ-कुत्ता भुंकता है।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 2 सरलपदपरिचयः

पक्षिण –

  • मयूरः नृत्यति। – अर्थ – मयूर नाचता है।
  • कोकिल: कूजति। – अर्थ – कोयल कूकती है।
  • कपोतः तिष्ठति। – अर्थ- कबूतर बैठा है।
  • कुक्कुटः अन्नं खादति। – अर्थ – मुर्गा अनाज खाता है।
  • हंसः तडागे तरति। – अर्थ – हंस तालाब में तैरता है।

पुष्पाणि –

  • कमलं राष्ट्रीय पुष्पम् अस्ति। – अर्थ-कमल राष्ट्रीय फूल है।
  • पाटलपुष्पं रक्तम् अस्ति। – अर्थ- गुलाब का फूल लाल है।
  • इदं चम्पक-पुष्पम् अस्ति। – अर्थ – यह चम्पा का फूल है।
  • मल्लिका विकसति। – अर्थ – चमेली खिलती है।
  • इदं जपा-पुष्पम् अस्ति। – अर्थ- यह उड़हुल का फूल है।

फलानि –

  • आनं मधुरं फलं भवति। – अर्थ -आम मीठा फल होता है।
  • अमृतफलं पक्वम् अस्ति। – अर्थ-अमरूद पका है।
  • सः जम्बू फलानि खादति। – अर्थ-वह जामुन खाता है।
  • द्राक्षा अम्ला अस्ति। – अर्थ – अंगूर खट्टा है।
  • लीचिका मधुरा कामला च अस्ति। – अर्थ-लौची मीठी और मुलायम है।
  • सेवम् शोणं भवति। – अर्थ-सेब लाल होता है।

शरीरावयवा-

  • तस्य ललाटं विशालम् अस्ति। – अर्थ- उसका ललाट विशाल है।
  • नासिका तुगा अस्ति। – अर्थ-चाक लम्बी है।
  • तस्य कर्णो विस्तृतो स्तः। – अर्थ-उसके दोनों कान बड़े हैं।
  • नेत्रम् आकर्षकम् अस्ति। – अर्थ – आँख आकर्षक है।
  • रामस्य दन्ताः स्वस्थाः सन्ति। – अर्थ- राम के दाँते नौरोग हैं।
  • रमेशस्य हस्ती लम्बी स्तः। – अर्थ-रमेश के दोनों हाथ लम्बे हैं।

शब्दार्था:- एषा(स्त्री०) – यह। खट्वा – खटिया (स्त्री०)। कम्बलम् -कम्बला उष्णम् – गर्म । भवति – होता है । होती है। घटः – घड़ा। पूर्णः – पूरा/भरा हुआ। अस्ति – है। पर्यङ्कः – पलंग। विस्तृतः – बड़ा/फैला हुआ। अयम्(पु०)-यह। दर्पणः – दर्पण/ऐनक। वर्तिका – मोमबत्ती/बत्ती/दीपक। प्रज्वलिता – जलती हुई/जल रही । अश्वः – घोड़ा । धावति – दौड़ता है। अजा – बकरी । चरति – चरती है/चरता है। गजः – हाथी। विशालः – बड़ा। उष्ट्रः – ऊंट। मरुस्थलस्य – रेगिस्तान का। यानम् – गाड़ी/सवारी/वाहन। कच्छपः कछुआ। मन्दम् – धीरे। कुक्कुरः – कुत्ता। बुक्कति – कता है। मयूरः – मोर। नृत्यति – नाचती है/नाचता है। कोकिलः

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 2 सरलपदपरिचयः

कोयला कूजति – कूकता है। कपोतः – कबूतर। तिष्ठति – बैठा है/बैठता है। कुक्कुटः – मुर्गा। अन्नम् – अनाज। खादति – खाता है/खाती है। तडागे – तालाब में। तरति – तैरता है, तैरती है। पुष्पम् – फूला पाटलपुष्पम् – गुलाब का फूल। रक्तम् – लाल। इदम् (नंपु०)- यह। चम्पकपुष्पम् – चम्पा का फूल। मल्लिका – चमेली। जपापुष्पम् – उड़हुल का फूल है, विकसति – खिलता है। आमम् – आम। मधुरम् – मीठा। अमृतफलम् – अमरूद। पक्वम् – पका। जम्बुफलानि ‘- जामुन। द्राक्षा – अंगूर। अम्ला – खट्टी। लीचिका – लीची। सेवम् – सेब। शोणम् – लाला ललाटम् – मस्तक। नासिका – नाका तुझा – ऊँची/लम्बी। तस्य – उसका। कर्णः -कान। नेत्रम् – आँख। आकर्षकम् – आकर्षक/सुन्दर। दन्ताः – दाँत। स्वस्थः – मजबूत/नीरोग स्वस्था सन्ति- हैं। हस्तौ -हाथ(द्वि०)। लम्बी – लम्बे। स्तः (द्विव०)- हैं। नरः – पुरुषा

Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 6 स्थानीय सरकार

Bihar Board Class 6 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 1 Chapter 6 स्थानीय सरकार Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 6 स्थानीय सरकार

Bihar Board Class 6 Social Science स्थानीय सरकार Text Book Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
संजना की बहन जिसकी उम्र 22 वर्ष है। शादी के बाद पास के गाँव में रहती है। क्या उसका नाम मतदातासूची में लिखा जाएगा?
उत्तर-
नहीं, संजना की बहन का नाम मतदान सूची में नहीं लिखा जाएगा। क्योंकि वह पास के गाँव में रहती है। उसका नाम उस गाँव के वार्ड सदस्य के पास लिखा जाएगा।

Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 6 स्थानीय सरकार

प्रश्न 2.
मतदाता सूची की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर-
ग्राम पंचायत के चुनाव होनेवाले हैं। इसलिए इस पंचायत के वोट डालने वाले लोगों के नामों को लिखने के लिए इन नामों की सूची को मतदान सूची की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 3.
आरक्षण व्यवस्था क्यों आवश्यक है? कक्षा में शिक्षक के साथ चर्चा करें।
उत्तर-
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 4.
पंचायत के क्षेत्र को वार्डों में क्यों बाँटा जाता है?,
उत्तर-
प्रत्येक ग्राम पंचायतों को क्षेत्रों में बाँट दिया जाता है। “अगर सभी वार्ड सदस्य एक ही टोले/मोहल्ले के हो जाएँ, तो दूसरे मोहल्ले/टोले के बारे में कौन ध्यान देगा?” इसलिए पंचायत के क्षेत्र को वार्डों में बाँट दिया जाता है।

प्रश्न 5.
मुखिया का चुनाव कैसे होता है?
उत्तर-
ग्राम पंचायत का प्रधान मुखिया होता है। बिहार पंचायती राज अधिनियम के अनुसार मुखिया का चुनाव वयस्क मतदाताओं द्वारा प्रत्यक्ष रूप से होता है । मुखिया का कार्यकाल भी 5 वर्ष का होता है। वार्ड सदस्य अपने ही सदस्यों में से एक को ही उपमुखिया चुनते हैं। मुखिया के परामर्श के अनुसार उपमुखिया सभी कार्य कर सकता है।

प्रश्न 6.
शहर कैसे बनते हैं ? आसपास के उदाहरण के साथ चर्चा करें।
उत्तर-
शहर में जनसंख्या के आधार पर प्रशासन का निर्माण किया जाता है। शहर बनने की जनसंख्या चालीस हजार से दो लाख के बीच होती है। उसी प्रकार छोटे शहर जो गाँव से शहर का रूप लेने लगते हैं वहाँ अधिकांश लोग अपनी जीविका कृषि से नहीं बल्कि व्यापार, नौकरी, उद्योग आदि करते

बिहार में पटना नगर निगम की स्थापना 1952 में की गई थी। बिहार के अन्य शहरों मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा, गया, आरा और बिहार शरीफ में भी नगर निगम की स्थापना की गई है।

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प्रश्न 7.
नगर पंचायत और नगर निगम में क्या अंतर है ? पता करें।
उत्तर-
नगर पंचायत-छोटे शहर जो गाँव से शहर का रूप लेने लगते हैं वहाँ नगर पंचायत बनाई जाती है। यह नगर पंचायत इन शहरों के कार्य करते नगर निगम-नगर निगम आबादी के अनुसार कई भागों में बाँटा गया है जिसे वार्ड कहते हैं। यह नगर निगम अधिकांश कार्यों को करती है।

प्रश्न 8.
पार्षद को चुनाव द्वारा क्यों चुना जाता है ?
उत्तर-
नगर को आबादी के अनुसार कई भागों में बाँटा गया है जिसे . वार्ड कहा जाता है। पटना नगर 72 क्षेत्रों में बाँटा गया है। सभी वाडों से एक-एक व्यक्ति चुनकर आते हैं, वे वार्ड काउंसलर या पार्षद कहलाते हैं। सभी पार्षदों का चुनाव पाँच वर्षों के लिए होता है।

प्रश्न 9.
नगर निगम के पार्षद और कर्मचारी के काम में क्या अंतर
उत्तर-
नगर निगम के पार्षद के प्रशासन के लिए एक नगर आयुक्त होता है, जो आमतौर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा स्तर का पदाधिकारी होता है। नगर आयुक्त, नगर निगम का मुख्य प्रशासक है। नगर निगम परिषद एवं समितियों द्वारा लिए गए निर्णयों के तहत कार्य संपादन करना आयुक्त एवं कर्मचारियों का काम है। उदाहरण के लिए जल व्यवस्था, विकास संबंधी कार्य, सार्वजनिक सुविधा के कार्य इत्यादि ।

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प्रश्न 10.
अलग-अलग समितियाँ बनाने की जरूरत क्यों है?
उत्तर-
अलग-अलग समितियों के द्वारा ही हम अपने कार्यों को सुव्यवस्थित तरीके से कर सकते हैं और वह कार्य आसानी स किया जा सकता है। निगम ‘परिषद एवं समितियों द्वारा ही कार्य को संपादन किया जाता है।

प्रश्न 11.
क्या इन परिषदों से स्थानीय समस्याओं का हल हो सकता है? अपने इलाके के उदाहरण से समझाएँ।
उत्तर-
हाँ, इन परिपदों से स्थानीय समस्याओं का हल हो सकता है। उदाहरण-हमारे नगर में पानी की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी तो वहाँ नगर निगम परिपद ने अपने तरीके से जल मुहैया कराया जिससे अब जल की व्यवस्था सही रहती है।

प्रश्न 12.
ग्राम एवं नगर दोनों जगह वार्ड बनाये गये हैं। ऐसे क्यों ? चर्चा करें।
उत्तर-
ग्राम एवं नगर दोनों जगह वार्ड बनाये जाते हैं। ताकि ग्राम की समस्या और उसका निदान गाँव के वार्ड आपसी सहयोग और प्रशासनिक उणयों के द्वारा कर सकें।

प्रश्न 13.
आपके आसपास के शहरों में सफाई की सुविधा कैसी है ? आपस में चर्चा करें।
उत्तर-
हमारे आसपास के शहरों में सफाई की सुविधा बहुत अच्छी नहीं है। नगर-निगम समय-समय पर सभी सविधाओं का ध्यान रखती है जिससे किसी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता है । लेकिन कई जगहों पर सड़कों एवं नालियों की सफाई करना जरूरी है। वहाँ से गंदगी नहीं निकलने से बीमारियां का भी सामना करना पड़ता है। जल, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संबंधी भी सुविधाओं को ध्यान में रखना चाहिए।

प्रश्न 14.
कर की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर-
नगर निगम को अपने कार्य करने के लिए देश को आगे बढ़ाकर उन्नित करने के लिए इतने सार काम करने के लिए बहुत सारा पैसा चाहिए। निगम यह राशि अलग-अलग तरीकों से इकट्ठा करता है। इस राशि का बड़ा भाग सरकार द्वारा अनुदान से आता है। जो लोग कर देते हैं उसी से सरकार इस राशि को उपलब्ध कराती है।

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प्रश्न 15.
पता करें कि नगर निगम/नगर परिषद/नगर पंचायत को लोगों द्वारा.कर के रूप में आय उपलब्ध हो पाता है या नहीं?
उत्तर-
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

अभ्यास

प्रश्न 1.
अपने क्षेत्र या अपने पास के ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत द्वारा किये गये किसी एक कार्य का उदाहरण दीजिए और उसके बारे में निम्न बातें पता कीजिए।

प्रश्न (i)
यह काम क्यों किया गया?
उत्तर-
गाँव की सफाई करना यह काम गाँव की सुरक्षा के लिए किया गया।

प्रश्न (ii)
पैसा कहाँ से आया?
उत्तर-
पैसा ग्राम पंचायत में दिये गये अनुदान से आया।

प्रश्न (iii)
काम पूरा हुआ या नहीं?
उत्तर-
काम पूरा हो गया, क्योंकि पूरे ग्राम पंचायत के लोगों में एकता थी।

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प्रश 2.
पंचायत सचिव कौन होता है? पंचायत सचिव और ग्राम-पंचायत के प्रमुख के कार्यों में क्या अन्तर है?
उत्तर-
ग्राम पंचायत का एक सचिव होता है, जो ग्राम सभा का भी सचिव होता है। उसे पंचायत सचिव कहा जाता है। सचिव का चुनाव नहीं होता है यह सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है।

पंचायत सचिव का कार्य ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत की बैठक बुलाना एवं चर्चा में उठे बिन्दुओं को एक रजिस्टर पर अंकित करना तथा उनका रिकार्ड रखना होता है । वह ग्राम पंचायत के रोकड़, पास बुक, अभिलेख एवं पंजियों का संधारण करता है। वह ग्राम पंचायत के सभी कार्यों का कार्यन्वयन करने में मुखिया को सहयोग करता है।

ग्राम पंचायत कृषि, पशुपालन, सिंचाई, मछली पालन आदि को बढ़ावा देना । ग्रामीण आवास, बिजली की व्यवस्था का प्रबंध करना। सहकारिता, कृषि भंडारण तथा बिक्री की व्यवस्था करना।

प्रश्न 3.
गाँव में भूमि विवाद है लेकिन आपस में झगड़ा नहीं हो। इसके लिए इस विवाद को कैसे सुलझायेंगें ? इसमें हल्का कर्मचारी की क्या भूमिका होगी?
उत्तर-
गाँव के जमीन को नापना और उसका अभिलेख रखना हल्का कर्मचारी का काम होता है । यह जमीन का लेखा-जोखा रखने वाले कर्मचारी को हल्का कर्मचारी कहते हैं। अगर गाँव में भूमि विवाद है तो इसे आपस में बिना झगड़े के हल्का कर्मचारी शांतिपूर्वक बिना मुकर्मो के सुलझा सकता है। कर्मचारी नक्शे के आधार पर जमीन को नापकर देखता है जिससे पता चलता है कि किसके तरफ जमीन अधिक है किसके तरफ कम है। ।

इस प्रकार गाँव के भूमि विवाद को हल्का कर्मचारी अपनी भूमिका के द्वारा भृमि विवाद मामलों को सुलझा जा सकता है।

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प्रश्न 4.
‘एक बिटिया की चाह’ कविता में किस मुद्दे को उठाने की कोशिश की गई है? क्या आपको यह मुद्दा महत्वपूर्ण लगता है ? क्यों?
उत्तर-
एक बिटिया की चाह’ कविता में यह मुद्दे के बारे में बताया जा रहा है कि बेटी की भी चाह है कि उसे भी अपना एक घर है। भले ही इसके बदले उसे कोई दहेज में मिलनेवाली चीजें लेने का अरमान नहीं है। पर उसे एक अपना घर मिलना चाहिए । वह अपने पिता से एक घर अपना जो केवल उसी का हो ।

इसमें दहेज प्रथा की कुरीतियों के बारे में कहा जा रहा है । दहेज प्रथा के विरुद्ध आवाज लगायी जा रही है। जिससे सभी बेटियों को समान अधिकार मिलने का अवसर प्राप्त हो । यह मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसी पर सभी बेटियों का भविष्य निर्धारित है। उसे भी समान अधिकार प्राप्त होना चाहिए।

प्रश्न 5.
नगर परिषद् एवं नगर पंचायत में क्या अन्तर हैं?
उत्तर-
नगर परिषद-जिस शहर की जनसंख्या 5 लाख से अधिक हो उसकी नगरीय स्वशासन इकाई को नगर परिषद् कहते हैं। निगम परिषद् के काम करने के लिए अलग-अलग समितियाँ बनाई जाती हैं। जैसे–शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा, लोक निर्माण, उद्यान आदि ।

नगर पंचायत-छोटे, कस्बाई शहरों के लिए वहाँ नगर पंचायत बनाई – जाती है। नगर पंचायत के भी कई कार्य होते हैं। वह उन कार्यों को करते हैं। वे अपनी जीविका व्यापार, नौकरी उद्योग आदि से चलाते हैं। यह नगरपंचायत इन शहरों के काम करते हैं। जैसे – शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा आदि ।

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प्रश्न 6.
नगर निगम के आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है और उसके कार्य क्या हैं?
उत्तर-
निगम परिषद् के काम करने के लिए अलग-अलग समितियाँ बनाई जाती है। नगर निगम के प्रशासन के लिए एक नगर आयुक्त की नियुक्ति की जाती है। जो आमतौर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा स्तर का पदाधिकारी होता है। नगर आयुक्त, नगर-निगम का मुख्य प्रशासक है। निगम परिषद् एवं समितियों द्वारा लिए गये निर्णयों के तहत कार्य संपादन करना आयुक्त एवं कर्मचारियों का काम है

  1. जल, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संबंधी कार्य ।
  2. सार्वजनिक सुविधा के कार्य । जैसे – सडक साफ करना, कचरा उठाने की व्यवस्था करना एवं नालियों की सफाई, सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था आदि ।
  3. विकास संबंधी कार्य जैसे-सड़क बनाना, नालियाँ खुदवाना, सड़कों पर प्रकाश व्यवस्था करना।
  4. शिक्षा संबंधी कार्य।
  5. प्रशासनिक कार्य । जैसे-जन्म-मृत्य पंजीयन आदि।
  6. अपातकालीन कार्य । जैसे – आग लगने पर बुझाना ।
  7. पर्यावरण सुरक्षा । जैसे-वृक्षारोपण एवं देखभाल करना।

प्रश्न 7.
एक ग्रामीण क्षेत्र है, दूसरा नगरीय क्षेत्र है, इनको आप। किन-किन रूपों में अन्तर करते हैं ! शिक्षक के साथ चर्चा करें।
उत्तर-
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 8.
ग्राम पंचायत और नगर प्रशासन का मुख्य कार्य क्या-क्या हैं ? अपने अनुभव के आधार पर दो-दो उदाहरण देकर समझायें।
उत्तर-
ग्राम पंचायत के मुख्य कार्य ग्रामीण आवास, परिवार कल्याण, स्वास्थ्य सेवा, अनुसूचित और पिछड़ी जनजातियों के कल्याण के लिए, कार्य करना । कृषि भूमि-सुधार, सिंचाई, ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग आदि। नगर प्रशासन का मुख्य कार्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संबंधी कार्य, सार्वजनिक सुविधा का कार्य, पशु चिकित्सा का कार्य, विकास संबंधी कार्य, शिक्षा सम्बंधी कार्य, जन कल्याण, प्रशासनिक कार्य, अपातकालीन कार्य आदि ये सभी कार्य नगर प्रशासन अपनी देख-रेख में करते हैं।

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प्रश्न 9.
ग्राम पंचायत और नगर निगम के आय के कौन-कौन से साधन हैं, सूची बनायें।
उत्तर-
ग्राम पंचायत के आय के साधन निम्न हैं

  1. ग्राम पंचायत निधि।
  2. सरकार द्वारा लगाए गए कर ।
  3. केन्द्र एवं राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान ।

नगर निगम के आय के साधन निम्न हैं

  1. कर।
  2. सरकार से प्राप्त अनुदान ।।
  3. आवश्यकता पड़ने पर नगर प्रशासन कर्ज भी ले सकता है।
  4. अन्य विभिन्न तरीकों से लिए जाने वाले शुल्क । जैसे-होर्डिंग, मोबाईल टॉवर आदि।

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पाठ का सारांश

गाँव की समस्या का समाधान स्थानीय सरकार के द्वारा किया जाता है। इसकी सर्वोच्च संस्था पंचायत होती है। पंचायत का अर्थ होता है । पाँच पंचों की समिति । पंचायत का मुख्य उद्देश्य गाँवों की समस्याओं को दूर कर उन्हें उन्नत एवं आत्मनिर्भर बनाना । सार्वजनिक चीजों की देख-रेख कौन करेगा? ये जब खराब हो जाएँगे तो कौन ठीक करवायेगा ? इनकी सुरक्षा कौन करेगा? कोई व्यक्ति जबरदस्ती करे तो समस्या को कौन सुलझाएगा? इसलिए इस प्रकार की समराओं के निदान के लिए ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत की स्थापना की जाती है।

बिहार राज्य में पंचायत की स्थापना जनसंख्या के घनत्व के अधार पर की जाती है। वहाँ की जनसंख्या कम से कम 7.000 या उससे अधिक हो। पंचों का चुनाव का काम राज्य निर्वाचन आयोग करता है । गाँव में एक मतदाता सूची होती है जिनमें उन्हीं लोगों के नाम होते हैं जो कम-से-कम 18 साल के हों तथा कम-से-कम 180 दिन तक उस क्षेत्र में रह रहे हों ।

मतदान ही वार्ड सदस्य, मुखिया पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद् सदस्य, पंच या सरपंच का चुनाव करते हैं। ग्राम पंचायत की बैठक हर तीन माह पर एक आम सभा की तरह होती है जो मुखिया के द्वारा बुलाई जाती है। यह बैठक पंचायत भवन में बुलाई जाती हैं। ग्राम पंचायत द्वारा स्थानीय स्तर पर विभिन्न प्रकार के कार्य किये जाते हैं। उनमें से कुछ प्रमुख निम्न हैं

  • ग्रामीण विकास योजनाओं का ग्राम सभा द्वारा चर्चा के बाद क्रियान्वयन करना।
  • कृषि, पशुपालन, सिंचाई, मछली पालन, आदि को बढ़ावा देना।
  • ग्रामीण आवास पेयजल, सड़क, घाट, बिजली की व्यवस्था, बाजार एवं मेला इत्यादि का समुचित प्रबंध करना ।
  • स्वास्थ्य सेवा, परिवार कल्याण, विकलांग कल्याण की योजनाओं में मदद करना।
  • कुआँ, तालाबों, पोखरों आदि का निर्माण।
  • सहकारिता, कृषि भंडारण तथा बिक्री की व्यवस्था करना।

ग्राम पंचायत के आय के साधन – ग्राम पंचायत के आय के दो प्रमख स्रोत हैं। एक कर के रूप में जो वह खद लगाती है और दूसरा अनुदान के रूप में, जो सरकार द्वारा उसे मिलता है। उदाहरण के लिए पंचायत अपनी क्षेत्र की दुकानदारों से कर वसूल करती है। इसका खुद का स्रोत हैं और पंचायत के किसी भी जरूरी काम पर इसे खर्च किया जा सकता है। ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम के लिए या आवास योजना के लिए पंचायत को सरकार द्वारा पैसे प्राप्त होते हैं।

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हमारे देश में 6 लाख से भी अधिक गाँव हैं। उनकी समस्याओं को सुलझाना आसान काम नहीं है। गाँव में भी बेहतर व्यवस्था के लिए एक प्रशासन होता है। प्रत्येक पुलिस थाना का एक क्षेत्र होता है जिसमें चोरी, दुर्घटना, मारपीट, झगड़े आदि का केश (रपट) दर्ज करके थाना प्रशासनिक कार्रवाई करता है। गाँव के जमीन को नापना और उसका अभिलेख रखना हल्का कर्मचारी की नियुक्ति राज्य सरकार करती है। हल्का कर्मचारी किसानों की भूमि कर कर जमा करवाता है तथा सरकार को अपने क्षेत्र में उगने वाले फसलों के बारे में जानकारी देता है। इसका काम अवलोकन कई लोग करते

बिहार राज्य कई जिलों में बँटा हुआ है। जमीन का लेखा-जोखा रखने हेतु जिलों को भी प्रखण्ड और अनुमण्डल में बाँटा गया है। जिला में सबसे ऊपर जिलाधिकारी उसके बाद उपसमाहर्ता (भूमि सुधार) अंचलाधिकारी, अंचल निरीक्षक और अंत में हल्का कर्मचारी होता है।

नगर प्रशासन -गाँव की अपेक्षा शहरों की आबादी अधिक होती है इसलिए उनकी समस्याएँ भी अधिक होती हैं। शहरों में जनसंख्या के आधार पर स्थानीय प्रशासन का निर्माण किया जाता है। महानगरों के लिए महानगर. निगम, बड़े शहरों के लिए नगर निगम एवं छोटे शहरों के लिए नगरपालिकाएँ तथा कस्बाई शहरों के लिए पंचायत की स्थापना की गई है । हमारे बिहार राज्य । में कंवल नगर निगम, नगरपालिकाएँ तथा नगर-पंचायतें ही हैं।

बिहार में पटना नगर निगम की स्थापना 1952 में की गई थी। भागलपुर, दरभंगा, आरा तथा बिहार शरीफ में नगर-निगम की स्थापना 2006 में की गई थी। नगर की आबादी के अनुसार कई भागों में बाँटा गया है, जिसे वार्ड कहते हैं।

पटना नगर को 72 वार्डों में बाँटा गया है। सभी वार्डों में एक व्यक्ति चुनकर आते हैं जो वार्ड काउंसलर कहलाते हैं। इनका चुनाव 5 वर्षों के लिए होता है। इसकी बैठक प्रत्येक माह होती है। निगम परिपद अपने सदस्यों में से एक महापौर एवं एक उपमहापौर चुनता है। इनका कार्यकाल 5 वर्षों तक का होता है ।

महापौर की अनुपस्थिति में उपमहापौर ही सारे कार्य को संभालता है। दूसरा अंग स्थायी समिति है जिसमें 7 सदस्य होते हैं। यह समिति अधिकांश कार्यों का करती है। तीसरा अंग परामर्शदाता समितियाँ हैं जो सभी विषयों पर सलाह देती हैं। चौथा अंग नगर आयुक्त होता है जो नगर निगम के कर्मचारियों की देखभाल तथा नियुक्ति करता है।

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पटना नगर-निगम के मुख्य कार्य

  • जल, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संबंधी कार्य जैसे -पानी की व्यवस्था ।
  • सार्वजनिक सुविधा के कार्य । जैसे – सड़क साफ करना, कचरा उठाने की व्यवस्था करना, सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था आदि ।
  • विकास संबंधी कार्य । जैसे – सड़क बनाना, नालियाँ खुदवाना, सडकों पर प्रकाश व्यवस्था एवं वाहन ठहराव की व्यवस्था करना।
  • शिक्षा संबंधी कार्य।
  • प्रशासनिक कार्य। जैसे-जन्म-मृत्य पंजीयन आदि के कार्य ।
  • अपातकालीन कार्य । जैसे – आग लगने पर बुझाना. बाद आने पर रोकने के प्रयास करना.।
  • पर्यावरण सुरक्षा।
  • विविध कार्य । जैसे-जमीन एवं मकान का सर्वेक्षण एवं नक्शा बनाना, जनगणना की व्यवस्था आदि । इसी प्रकार अन्य शहरों में भी नगर परिषद् या नगर पंचायत परिषद् बनाकर काम किया जाता है।

इतने सारे कामों को करने के बहुत सारा पैसा चाहिए। निगम यह राशि अलग-अलग तरीकों से इकट्ठा करता है। इस राशि का बड़ा भाग सरकार द्वारा अनुदान से आता है। लोग जो कर (Tax) देते हैं। वह सरकार इस राशि को उपलब्ध कराती है।

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अतः नगर-निगम के आय के साधन इस प्रकार हैं

  • मकान एवं दुकान तथा अन्य आदि से प्राप्त कर ।
  • सरकार द्वारा प्राप्त होने वाले अनुदान ।
  • अन्य विभिन्न तरीकों से लिए जानेवाले शुल्क जैसे-होर्डिंग, मोबाइल टॉवर आदि।
  • नगर-निगम कर्ज भी ले सकती है।

Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 5 हमारी सरकार

Bihar Board Class 6 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 1 Chapter 5 हमारी सरकार Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 5 हमारी सरकार

Bihar Board Class 6 Social Science हमारी सरकार Text Book Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
ऊपर दिये गये अखबारों के मुख्य समाचार सरकार के किन-किन कार्यों को दर्शाते हैं? आपस में चर्चा करें।
उत्तर-
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

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प्रश्न 2.
सरकार क्या-क्या काम करती है ? अपने शब्दों में समझाएँ।
उत्तर-
सरकार-सरकार देश को आगे बढ़ाने और उन्नति करने के लिए अनेक कार्य करती है। सड़क का निर्माण, स्कल का निर्माण, बहत ज्यादा महंगाई हो जाने पर किसी चीज के दाम कैसे घटाया जाए अथवा बिजली की आपूर्ति को कैसे बढ़ायी जाए, सरकार कई समाजिक मुद्दों पर भी कार्रवाई करती है। सरकार गरीबों की मदद करने के लिए कई कार्यक्रम चलाती है। इनके अलावा वह अन्य महत्वपूर्ण काम भी करती है, जैसे-तार. फोन.

रेल सेवाएँ आदि । सरकार का काम देश की सीमाओं की सुरक्षा करना और दूसरे देशों से शांतिपूर्ण संबंध बनाए रखना, देश के सभी नागरिकों को पर्याप्त भोजन, शिक्षा और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ, प्राकृतिक आपदा, सूखा, बाढ़ या भूकंप से पीड़ित लोगों की सहायता करना है। सरकार कई तरह के काम करती है। वह नियम बनाती है और निर्णय लेती है और अपनी सीमा में रहने वाले लोगों पर उन्हें लागू करती है।

प्रश्न 3.
सरकार के कुछ ऐसे कार्यों का उदाहरण दें जिसकी चर्चा यहाँ नहीं की गई है।
उत्तर-
सरकार अपने देश को विकास में आगे बढ़ने के लिए अनेक नये तरीकों के द्वारा देश को विकासशील बनाने का हर संभव प्रयास करती है। सरकार महत्वपूर्ण योजनाएं लागू कर अपने राष्ट्र को विकसित करने में अपना योगदान देती है।

सरकार के द्वारा चलाये गये योजनाओं को समय-समय पर लागू करके विभिन्न क्षेत्रों में अपना विशेष योगदान देती है। भारत सरकार गरीबों पर विशेष ध्यान में रखकर उसे आगे बढ़ने को प्रोत्साहित करने का भी काम करती है। राज्य सरकार राज्य स्तर पर कार्य करती है। स्थानीय सरकार केवल एक ही स्थान जैसे पटना की सरकार पटना के लिए कार्य करती

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प्रश्न 4.
लोकतंत्र और राजतंत्र की तीन मुख्य अंतर को रेखांकित करें।
उत्तर-
लोकतंत्र-

  1. लोकतंत्र में जनता अपनी इच्छा से मताधिकार का प्रयोग कर सरकार को चुनती है।
  2. लोकतंत्र में अपने किये गये कार्यों पर सफाई देनी पड़ती है।
  3. लोकतंत्र में सभी वयस्क लोगों को चुनाव प्रक्रिया में शामिल होने का अधिकार प्राप्त होता है।

राजतंत्र-

  1. राजतंत्र में राजा अपने वंश परम्परा से आते हैं।
  2. वे स्वयं निर्णय लेते हैं, जिनके लिए उन्हें कोई सफाई नहीं देनी पड़ती
  3. राजतांत्रिक सरकार में सत्ता की सारी शक्ति राजा में निहित होती

प्रश्न 5.
दोनों में क्या बहस हई होगी? अभिनय द्वारा दर्शाएँ।
उत्तर-
छात्र शिक्षक की मदद से स्वयं करें।

प्रश्न 6.
शिक्षक की मदद से ऊपर दिये गए तरीकों के कुछ उदाहरण ढूंढें और चर्चा करें कि उनका क्या प्रभाव पड़ सकता है।
उत्तर-
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

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प्रश्न 7.
अपने अध्यापक की सहायता से ऊपर लिखित विवादों के पीछे क्या कारण थे समझें और उसके समाधान के रास्ते क्या हैं ? चर्चा करें।
उत्तर-
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

अभ्यास

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों को भरें

  1. सरकार राज्य का ………………… रूप है।
  2. राज्य अपना कार्य ………….. के माध्यम से करती है।
  3. सरकार के ……………….. अंग हैं।
  4. कानून …………….. बनाती है।
  5. राजतंत्र में शक्ति …………….. के हाथ में होता है।

उत्तर-

  1. मूर्त
  2. राज्य सरकार
  3. तीन
  4. विधायिका
  5. राजा।

प्रश्न 2.
सरकार से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित निर्णय लेने एवं काम करने के लिए सरकार की जरूरत होती है। ये निर्णय कई विषयों से संबंधित हो सकते हैंसड़क और स्कूल कहाँ बनाये जाएँ, अधिक से अधिक बच्चे स्कूल कैसे पहुँचे, बहुत ज्यादा महँगाई हो जाने पर किसी चीज के दाम कैसे घटाए जाएँ अथवा बिजली की आपूर्ति को कैसे बढ़ाई जाए. आदि ।

सरकार ही पूरी व्यवस्था को बनाये रखती है। उसकी जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करती है कि देश के सभी नागरिकों को पर्याप्त भोजन, शिक्षा और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ मिले । जब प्राकृतिक विपदा घेरती है, जैसे सूखा, बाढ़ या भूकंप तो मुख्य रूप से सरकार ही पीडित लोगों की सहायता करती है।

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प्रश्न 3.
लोकतांत्रिक सरकार क्या है?
उत्तर-
भारत एक लोकतांत्रिक देश है। लोकतंत्र की प्रमुख बात यह है कि इसमें जनता अपना प्रतिनिधि मतदान के द्वारा चुनती है। वही प्रतिनिधि शासन भी चलात हैं। लोकतंत्र की महत्वपूर्ण बात यह है कि लोग खुद सरकार में अपने प्रतिनिधि द्वारा शामिल होकर शासन करते हैं लोकतांत्रिक सरकार कहलाते हैं।

प्रश्न 4.
लोकतांत्रिक सरकार में कौन-कौन तत्व हैं? व्याख्या करें।
उत्तर-
लोकतांत्रिक सरकार तीन अधारभूत सिद्धान्तों पर काम करती है।

  1. लोगों की भागीदारी
  2. समस्याओं का समाधान
  3. समानता एवं न्याय इसके प्रमुख सिद्धान्त हैं।

1. भागीदारी लोकतांत्रिक सरकार चुनने में जनता की सबसे अहम, भागीदारी होती है। जनता अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपने लिए प्रतिनिधि चुनती है और प्रतिनिधि के जरिए अपनी हर समस्याओं को सरकार के सामने रखती है ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके । अगर जनता सरकार के कार्यों से संतुष्ट नहीं होती है तो, धरने, जुलुस, हड़ताल, सत्याग्रह आदि के द्वारा अपनी बात सरकार तक पहुँचाती है और शासन में भागीदार बनती है। लोकतांत्रिक सरकार में सरकार बनाने से लेकर सरकार के कार्यों की समीक्षा में भी भागीदारी रहती है।

2. समस्याओं का समाधान हमारा देश लोकतांत्रिक है। यहाँ विभिन्न प्रकार के विवाद उत्पन्न होते रहते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं। जहाँ लोगों के बीच मतभिन्नता होती है लोग अपने-अपने कार्यों की स्वार्थसिद्धि में रहते है। दूसरे के हितों का ख्याल नहीं रखते है, आपसी समझ का उपयोग नहीं करते हैं लोगों के बीच सामंजस्य का अभाव होता है।

इन सभी कारणों से ही विवाद उत्पन्न होते हैं। कुछ लोग इन विवादों को अपने ढंग से सुलझाना चाहते हैं जिससे कभी-कभी विवादों का समाधान होने की जगह ये और बढ़ जाते हैं तथा हिंसात्मक रूप ले लेता है। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह विवादों का सामाधान करे। विवाद कई स्तरों पर होते हैं. ग्रामीण या राष्ट्रीय अथवा अन्तर्राष्ट्रीय । जैसे-कृष्णा-कावेरी विवाद, दो राज्य तमिलनाडु कर्नाटक के बीच, कोशी नदी विवाद, दो देशों नेपाल-भारत के बीच, पाकिस्तान-भारत के बीच । सरकार प्रायः विवादों का समाधान दो पक्षीय वार्ता के आधार पर करती है।

3. समानता और न्याय-समानता के बिना न्याय संभव नहीं हो सकता है। लोकतात्रिक सरकार समानता एवं न्याय के लिए कटिबद्ध होती है। सरकार द्वारा कानून के माध्यम से महिलाओं को विशेष दर्जा देकर समान अवसर प्रदान किया गया है, जैसे-पैतृक धन-सम्पत्ति में बाँटना । लडकों को समाज में अधिक महत्व दिया जाता है, लेकिन अब लड़कियों को भी समान अधिकार दिये गये हैं। सरकार ने छुआ-छूत पर भी रोक लगायी है जिससे अभिवंचित वर्ग के लोगों को भी समाज में समान अवसर मिले।

सरकार ने लड़के-लड़कियों के बीच होने वाले भेद-भाव पर विशेष ध्यान देते हुए लड़कियों की शिक्षा के लिए सरकारी विद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षा निशुल्क कर दी है। ताकि उन्हें भी समाज में समान अवसर मिल सके और वे भी आगे बढ़े। लोकतांत्रिक सरकार लोक कल्याण की भावना पर आधारित होती है जो स्वतंत्रता, समानता न्याय एवं बंधुत्व की अवधारणाओं को प्रश्रय देती है।

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प्रश्न 5.
नचे दिये गये प्रश्न आपके विद्यालय से संबंधित हैं। इन प्रश्नों के उत्तर खोजने का प्रयास शिक्षक अथवा अभिभावक के साथ करें।

प्रश्न (i)
आपके विद्यालय भवन बनाने के लिए राशि कहाँ से प्राप्त हई?
उत्तर-
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न (ii)
मध्याह्न भोजन की व्यवस्था कौन करता है?
उत्तर-
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न (iii)
आपके विद्यालय तथा गाँव या मोहल्ले के बीच की सड़क किसने बनवायी है ?
उत्तर-
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

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प्रश्न (iv)
आपको मिलने वाले पुस्तकों की व्यवस्था कौन करता है ?
उत्तर-
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

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पाठ का सारांश

हम अक्सर सरकार का शब्द सुनते हैं। सरकार क्या है ? लोकतांत्रिक सरकार की विशेषतायें।

विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित निर्णय लेने का काम करने के लिए सरकार की आवश्यकता होती है। सरकार कई समाजिक, राजनीतिक आर्थिक तथा महत्वपूर्ण कार्यों पर भी ध्यान देती है। जैसे-डाक, तार, फोन, रेल सेवाएँ आदि । देश की सीमाओं की सुरक्षा करना और दूसरे देशों से शांतिपूर्ण संबंध बनाए रखने का भी काम सरकार ही करती है। उसकी जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि सभी नागरिकों को पर्याप्त भोजन, शिक्षा और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ मिले।

जब प्राकृतिक विपदा घेरती है, जैसे सूखा, बाढ़ या भूकंप तो मुख्य रूप से सरकार ही पीड़ित लोगों की सहायता करती है।

सरकार हमारे देश में शान्ति-व्यवस्था बनाए रखना भी लोकतंत्र की जिम्मेदारी है। निर्णय लेना, कानून बनाना, उनको लागू करना, उनकी समीक्षा करना, उनमें परिवर्तन करना इत्यादि सभी सरकार के द्वारा संचालित होते हैं। सरकार के नियमों को भंग करने वालों को सरकार दंडित भी करती है।

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सरकार की आवश्यकता हमारे जीवन को सहज, सखद एवं नियमित बनाने के लिए होती है।

बिहार राज्य में सरकार पूरे बिहार के लोगों के लिए कार्य करती है। उसी प्रकार झारखण्ड, उत्तरप्रदेश, अन्य राज्यों की सरकार अपने प्रदेश के निवासियों के लिए कार्य करती है।

मतदान के द्वारा सरकार की नियुक्ति की जाती है। लोग अपने मताधिकार का उपयोग कर मतदान देकर लोग सरकार का निर्माण करती है। ऐसी सरकार को लोकतांत्रिक सरकार कहते हैं। इससे अलग भी एक और सरकार होती है, जिसे राजतंत्र कहते हैं। राजतंत्र में सत्ता की सारी शक्ति राजा में निहित · होतो है। राजतंत्र में राजा के द्वारा शासन चलता है।

लोकतंत्र में जनता अपनी इच्छा से मताधिकार का प्रयोग कर सरकार को चुनती है और अपने किये गये कार्यों की सफाई भी देनी होती है। जबकि राजतंत्र में राजा अपने वंश परम्परा से आते हैं। वे स्वयं निर्णय लेते हैं, जिनके लिए उन्हें कोई सफाई नहीं देनी पड़ती है।

भारत एक लोकतांत्रिक देश हैं । लोकतंत्र की प्रमुख बात यह है कि इसमें जनता अपना प्रतिनिधि मतदान द्वारा चुनती है। वही प्रतिनिधि शासन भी चलाते हैं। लोकतंत्र की महत्वपूर्ण बात है । लोकतंत्र में सभी वयस्क लोगों को चुनाव प्रक्रिया में शामिल होने का अधिकार है।

लोकतांत्रिक सरकार-सरकार जनता के लिए कुछ कायदे बनाती है जो संसद में बहुमत से पारित होने के पश्चात कानून बन जाते हैं। लोकतांत्रिक सरकार जनता के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करती है। हर नागरिक जो 18 वर्ष से ज्यादा का है, मतदान करने का अधिकार प्राप्त है।

लोकतांत्रिक सरकार – सरकार के मुख्य तत्वों में भागीदारी समस्याओं का समाधान, संमानता एवं न्याय प्रमुख होते हैं। भागीदारी मतदान से जनता शासन चलाने में भागीदार बन सकती है। अगर वह जनता के भले के लिए कार्य नहीं करती तो जनता धरने, जुलूस, हड़ताल, हस्ताक्षर अभियान, सत्याग्रह आदि के माध्यम से अपनी बात सरकार तक पहुँचा सकती है। जनता सरकार बनाने से लेकर उसके कार्यों की समीक्षा तक में भागीदारी होती है।

समानता – समानता का सवाल तभी उठता है। जब कही भेदभाव या असमानता होती है। असमानता भी दो प्रकार की होती है

प्राकृतिक असमानता जा प्रकृति की देन होती है तथा जिसमें बदलाव संभव नहीं होता है। दूसरी असमानता समाज द्वारा उत्पन्न की हुई होती है जैसे छुआ-छूत, लिंग-भेद, आर्थिक असमानता, अमीर-गरीब आदि । समानता तभी आ सकती है जब राज्य द्वारा सभी व्यक्तियों को विकास के लिए समान अवसर मिले।

न्याय – समानता के अधिकार के बगैर न्याय संभव नहीं है। छुआछत पर रोक लगाकर सरकार ने निम्न वर्ग के लोगों को समान अवसर प्रदान करने का प्रयास किया। लड़कियों को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी विद्यालयों एवं कॉलेजों में फीस माफ कर दी गई है। पोशाक योजना आरंभ की गई है। महादलित बच्चे-बच्चियों के लिए छात्रावृति योजना का आरंभ किया गया है। सरकार द्वारा कानून के माध्यम से महिलाओं को विशेष दर्जा देकर समान अवसर प्रदान किया गया है।

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जैसे – पैतृक धन-सम्पत्ति में समान बँटवारा । सरकार नियम, कायदे बनाती है। कोई व्यक्ति यदि किसी दूसरे व्यक्ति की सम्पत्ति को क्षति या नुकसान पहुंचाता है, उसके चीजों की चोरी करता है. तो सरकार द्वारा बनाए गए कानून के तहत उसे न्यायलय की प्रक्रिया द्वारा दण्डित किया जा सकता है। सरकार को भी अपने बनाये नियमों का पालन करना होता है।

लोकतांत्रिक सरकार लोक कल्याण की भावना पर अधारित होती है जो स्वतंत्रता, समानता, न्याय एवं बंधुत्व की अवधारणाओं को प्रश्रय देती है।

Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 4 लेन-देन का बदलता स्वरूप

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पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्या आपने या आपके परिवार के किसी सदस्य ने वस्तु देकर किसी वस्तु को खरीदा है ? यदि हाँ तो वर्णन करें।
उत्तर-
हाँ हमारे परिवार में दादाजी ने वस्तु देकर वस्तु को खरीदा है। एक बार दादाजी ने एक गरीब किसान से अनाज लेकर उसके बदले में उसे खाद, बीज और कीटनाशक दवाईया दी थी। इस तरह वे अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वस्तुओं की अदला-बदली करते थे।

Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 4 लेन-देन का बदलता स्वरूप

प्रश्न 2.
यदि आपको बाजार से कुछ बर्तन और चादर खरीदना हो तो आप इसे पैसे से खरीदना चाहेंगे या वस्तु के माध्यम से और क्यों?
उत्तर-
यदि हमको बाजार से कुछ बर्तन और चादर खरीदना होगा तो मैं इस पैसे से खरीदना चाहूँगी । क्योंकि रुपयों के चलन शुरू होने से लेन-देन, वस्तुओं की खरीद-बिक्री तथा व्यापार में काफी सहूलियत होती है और इसी सहूलियत के लिए मैं वस्तुओं की खरीद रुपयों के माध्यम से करना पसंद करूँगा।

प्रश्न 3.
गाँवों/शहरों में वस्तु-विनिमय प्रणाली का और कौन-कौन-सा उदाहरण दिखता है?
उत्तर-

  1. लहार को चमड़े की किसी वस्तु या चप्पल की आवश्यकता हो तो वह चर्मकार उसे उस वस्तु को खरीदता है। इसके बदले वह उसे लोहे की निर्मित कोई वस्तु या कहीं से प्राप्त अनाज उसे देता है।
  2. यदि लहार खेती कार्य के लिए कदाल या हल बनाता है। तो किसान उसे अनाज देकर भी उससे खरीद लेता है। अनाज की मात्रा या वस्तुओं की संख्या निर्धारण आपसी बातचीत से तय होते है। उसे ही वस्तु विनियम प्रणाली कहा जाता है।

प्रश्न 4.
क्या इसके अतिरिक्त भी कोई अन्य परम्परा जिसके माध्यम से लेन-देन देखने को मिलता है? जैसे शादी विवाह के समय?
उत्तर-
दहेज प्रथा एक ऐसी परम्परा है जिसके माध्यम से लेन-देन देखने को मिलता है।

प्रश्न 5.
क्या आप आपस में लेन-देन कर सकते हैं?
उत्तर-
ऊपर के चित्र से स्पष्ट है। यदि किसी के पास गेहूँ है और उसके बदले वह आम चाहता है तो उसे ऐसे व्यक्ति की खोज करनी होगी जिसके पास आम हो और वह उसके बदले गेहूँ चाहता है। लेकिन सामान्यता इस प्रकार के दोहरे संयोग का अभाव होता है।

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प्रश्न 6.
दोनों के बीच मूल्य कैसे तय होगा?
उत्तर-
दोनों के बीच मूल्य मुद्रा के द्वारा तय होगा। मुद्रा के चलने से वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाईयों को दूर करना शुरू कर दिया तथा लेन-देन मुद्रा के माध्यम से होने लगा। इससे व्यापार में भी सुविधा होने लगी।

प्रश्न 7.
उपरोक्त चित्रों तथा विवरण से आप वस्तु विनिमय की कठिनाईयों को अपने शब्दों में समझाएँ।
उत्तर-
मान लें कि अविनाश का मकान सहरसा में है जिसे बेचकर वह ‘ पटना जाकर बसना चाहता है । वस्तु विनिमय प्रणाली में मकान का जो मूल्य वस्तु (गाय, अनाज आदि) के रूप में प्राप्त होगा उसे पटना ले जाना काफी कठिन होगा। अर्थात इस प्रणाली में मूल्य के हस्तांतरण का अभाव होता है जिससे वस्तु विनिमय प्रणाली में अनेक प्रकार की कठिनाईयाँ आती थी। उन कठिनाईयों के कारण व्यापार में भी दिक्कतें आने लगी थीं।

प्रश्न 8.
लेन-देन के माध्यम के रूप में पैसा सभी द्वारा स्वीकार किया जाता है। पैसे द्वारा किसी भी वस्तु का मूल्य आसानी से तय किया जा सकता है। इसका संग्रह, संचय या बचत करना सविधाजनक है। इसे एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना आसान होता है। समझाएँ।
उत्तर-
जब किसी वस्तु की खरीद-बिक्री मुद्रा अथवा रुपये-पैसे के माध्यम से किया जाता है तो मुद्रा विनिमय प्रणाली कहा जाता है। मुद्रा के चलन से वस्तु विनिमय प्रणाली में आ रही कठिनाईयों को दूर कर दिया तथा लेन-देन मुद्रा के माध्यम से व्यापार में भी काफी सुविधा होने लगी है और उसे इस स्थान से उस स्थान ले जाना और लाना भी काफी सहूलियत होने लगी है। एक स्थान से दूसरे स्थान पर वस्तुओं का व्यापार भी बढ़ने लगा।

Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 4 लेन-देन का बदलता स्वरूप

प्रश्न 9.
रचित और दुकानदार को क्या सुविधा प्राप्त हुई?
उत्तर-
रचित अपने मुहल्ले की दुकान पर कॉपी, किताब, पेंसिल एवं रबर खरीदने के लिए जाता है। उसके सभी मूल्यों को जोड़कर 50 रुपये होता है। रचित दुकानदार को 50 रुपये का नोट देता है । यहाँ रचित मुद्रा देकर वस्तुओं को खरीदता है। दुकानदार मुद्रा लेकर वस्तुओं को बेचता है। दुकानदार को बिक्री से जो रुपये प्राप्त हुए उसका प्रयोग वह आगे दुकान में बिक्री के लिए सामान खरीदने में करता है। आमदनी के कुछ रुपयों से वह अपनी तथा अपने परिवार की जरूरत की वस्तुओं को खरीदता है तथा कुछ रुपये वह भविष्य के लिए बचाकर रखता है।

प्रश्न 10.
यहाँ मुद्रा विनिमय का कौन-सा गुण दिखाई दिया जो वस्तु विनिमय में नहीं है ?
उत्तर-
मुद्रा विनिमय करने की क्रिया से बचत करने की क्रिया भी सम्पन्न हुई। जब मौद्रिक विनिमय प्रणाली का प्रचलन शुरू हो गया तब आमदनी के रुपयों का संग्रह आसान हो गया। जो बाद में मार रुपयों को सरक्षित रखने के लिए बैंक की अवधारणा शुरू हो गई। ज. पस्तु विनिमय में नहीं है।

प्रश्न 11.
चेक द्वारा लेन-देन कैसे किया जाता है? परिवार एवं शिक्षक के साथ चर्चा करें।
उत्तर-
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 4 लेन-देन का बदलता स्वरूप

प्रश्न 12.
एटीएम मशीन के आने से क्या सुविधा मिली ? इसके प्रयोग में क्या सावधानी बरतनी चाहिए? शिक्षक के साथ चर्चा करें।
उत्तर-
ए टी एम-सह-डेबिट कार्ड जारी होता है। इसे प्लास्टिक मुद्रा भी कहा जाता है । इसके द्वारा कोई बिना पास में रुपया रखे बैंक में जमा रुपये के आधार पर किसी वस्तु को खरीद सकता है। लेकिन आपको ए टी एम कार्ड को संभाल कर रखना चाहिए और पासवर्ड का अंक किसी को नहीं बताना चाहिए।

प्रश्न 13.
क्या चेक से लेन-देन करने में पत्र मद्रा की आवश्यकता होती है?
उत्तर-
नहीं चेक से लेन-देन करने में पत्र मद्रा की आवश्यकता नहीं होती है।

अभ्यास

प्रश्न 1.
बिना पैसे के लेन-देन में ‘भाव’ कैसे तय होता है?
उत्तर-
अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति की वे वस्तुओं की अदला-बदली के द्वारा करते हैं। अनाज की मात्रा या वस्तुओं की संख्या का निर्धारण परम्परा या आपसी बातचीत से तय होते हैं। इस प्रणाली को वस्तु विनिमय प्रणाली कहा जाता है।

Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 4 लेन-देन का बदलता स्वरूप

प्रश्न 2.
पैसे के माध्यम से लेन-देन में किस प्रकार की सहूलियत होती है?
उत्तर-
पैसे के माध्यम से लेन-देन वस्तुओं की खरीद-बिक्री तथा व्यापार में काफी सहूलियत होने लगी और इसी सहलियत के लिए लोग मुद्रा माध्यम से लेन-देन करने लगे। जिसके बदले में जरूरत की सभी चीजें वह असानी से खरीद सकता है और वह अपनी आमदनी को बचाकर बैंक में भी जमा कर सकता है। इससे व्यापार करने में काफी आसान हो गया। मुद्रा के चलन से व्यापार में सुविधा होने लगी।

प्रश्न 3.
नीचे दी गयी तालिका देखकर समझाएँ कि किसी भी दो व्यक्तियों के बीच सौदा क्यों नहीं हो पा रहा है?
उत्तर-
Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 4 लेन-देन का बदलता स्वरूप 1

राजन गुड़ खरीदना चाहता है और बकरी बेचता है।
रंजीत बकरी खरीदना चाहता है और चावल बेचना चाहता है।
रबीन चावल खरीदना चाहता है और गड बेचना चाहता है।
दो व्यक्तियों के बीच अलग-अलग सामग्री होने के कारण दोनों के बीच में सौदा नहीं हो पा रहा है।

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प्रश्न 4.
रचित तथा दुकानदार को लेन-देन में क्या सहूलियत हुई ?
उत्तर-
रचित दुकानदार से मुद्रा के द्वारा वस्तु को खरीदता है । इस प्रकार दुकानदार को बिक्री से जो रुपये प्राप्त हाः उसका प्रयोग वह दुकान की बिक्री के लिए सामान खरीदता है। आमदनी के कुछ रुपयों से वह अपनी तथा अपने परिवार के लिए जरूरत की वस्तुओं को भी खरीदता है और कुछ पैसे भविष्य के लिए बचाकर रखता है। इससे दोनों को ही सामान खरीदने और बेचने में आसानी होती है। मुद्रा के लेन-देन की क्रिया भुगतान करने की क्रिया तथा बचत करने की क्रिया भी आसान हो गई। इसमें वस्तु के बदले कितनी कीमत चुकायी जाए, यह भी निर्धारित किया गया।

प्रश्न 5.
मुद्रा का चलन कैसे शुरू हुआ?
उत्तर-
प्राचीन काल से आज तक मुद्रा का स्वरूप निरंतर बदलता ही रहा. है। वस्तु-मुद्रा के बाद सर्वप्रथम् धातु मुद्रा का चलन शुरू हुआ। इसमें लोहा, तांबा, पीतल, सोना, चाँदी आदि का प्रयोग किया जाता था। लेकिन धातु मुद्रा के बाद सिक्कों का चलन शुरू हुआ। भारत में सबसे पहले चांदी के सिक्के बने । दिल्ली की गद्दी पर बैठे शेरशाह सूरी ने चांदी के सिक्के को चलाया जिसे ‘रुपया’ नाम दिया । रुपया तथा ताँबे का बना दाम चलता था परंतु आज जो सिक्के चलते हैं वे एल्यूमीनियम तथा निकिल के बने होते हैं। इन सिक्कों की लागत इनके मूल्य से कम होती है।

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प्रश्न 6.
पत्र मुद्रा कैसे शुरू हुई होगी?
उत्तर-
सिक्कों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में होने वाली परेशानी एवं सिक्कों को घिस-घिस कर अपना फायदा बनाने की आदत को देखते हुए कागज के नोट का चलन शुरू हुआ । इसे पत्र या कागजी मुद्रा कहा जाता है। भारत में कागज के नोट को छपवाने तथा जारी करने का अधिकार सिर्फ भारतीय रिजर्व बैंक को ही है।

प्रश्न 7.
आप अपनी कक्षा के दोस्तों के साथ वस्तुओं की अदला-बदली द्वारा लेन-देन या अदान-प्रदान करते हैं। इनकी सूची बनाएँ। क्या यह वस्तु विनिमय प्रणाली का उदाहरण है ?
उत्तर-
छा शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

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प्रश्न 8.
इस पाठ में वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाईयों से सम्बंधित कुछ चित्र दिये गये हैं। इन कठिनाईयों को दर्शाते हुए कुछ अन्य चित्र बनाएँ।
उत्तर-
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

Bihar Board Class 6 Social Science लेन-देन का बदलता स्वरूप Notes

पाठ का सारांश

जब किसी वस्तु की खरीद बिक्री दूसरी वस्तु के माध्यम से की जाती है तो उसे वस्तु विनिमय प्रणाली कहा जाता है।

प्राचीन काल से आज तक मुद्रा का स्वरूप निरंतर बदलता रहा है। वस्तु-मुद्रा के बाद सर्वप्रथम धातु मुद्रा का चलन शुरू हुआ। इसमें लोहा, तांबा,पीतल, सोना, चाँदी आदि का प्रयोग किया जाता था। यह भारी होता था लेन-देन के बीच हमेशा संदेह बना रहता था क्योंकि इनका वजन और शुद्धता जाँचना कठिन था।

इसके बाद सिक्कों का चलन शुरू हुआ। भारत में सबसे पहले चाँदी के सिक्के बने।

दिल्ली की गद्दी पर बैठे शेरशाह सूरी ने ऐसा ही एक चाँदी का सिक्का चलाया जिसे उसने ‘रुपया’ नाम दिया सिक्के के आने से हर बार वजन करना और शुद्धता जाँचने की जरूरत नहीं रही।

उस समय ताँबे का बना सिक्के का चलन या आज जो सिक्के चलते हैं वे एल्यूमीनियम तथा निकल के बने होते हैं। इन सिक्कों की लागत इनके मूल्य से कम होती है। पत्र-मुद्रा या कागजी मुद्रा-सिक्कों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में होने वाली परेशानी को देखते हुए कागज के नोट का चलन शुरू हुआ। इसे पत्र या कागजी मुद्रा कहते हैं।

Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 4 लेन-देन का बदलता स्वरूप

भारत में कागज के नोट छपवाने तथा जारी करने का अधिकार सिर्फ भारतीय रिजर्व बैंक को है। हमारे देश में दो रुपये, पाँच रुपये, दस रुपये, बीस रुपये, पचास रुपये, सौ रुपये, पाँच सौ रुपये तथा एक हजार रुपये का नोट भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाता है। बाजार एवं व्यापार के फैलने के साथ मुद्रा के स्वरूप में बदलाव आते गया। मुद्रा के विकास के साथ-साथ बाजार का विकास हुआ। एक स्थान से दूसरे स्थान पर वस्तुओं का व्यापार बढ़ने लगा। इस प्रकार खरीद-बिक्री का रूप भी बदला।

जब मौद्रिक विनिमय प्रणाली का प्रचलन शुरू हो गया तब आमदनी या अर्जित रुपयों का संग्रह आसान हो गया।

बाद में संग्रहित रुपयों को सुरक्षित रखने के लिए बैंक की अवधारणा शुरू हुई।

इसके अतिरिक्त वर्तमान समय में लेन-देन अथवा खरीद-बिक्री के लिए बैंक अपने ग्राहकों को ए टी एम–सह-डेबिट कार्ड जारी करने लगा। इसे प्लास्टिक मुद्रा भी कहा जाता है। इसके द्वारा कोई बिना पास में रुपया रखे, बैंक में जमा रुपये के आधार पर किसी वस्तु को खरीद सकता है । इस प्रकार शुरू से अंत तक लेन-देन का यह स्वरूप बदलता रहा।

Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 3 शहरी जीवन-यापन के स्वरूप

Bihar Board Class 6 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 1 Chapter 3 शहरी जीवन-यापन के स्वरूप Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 3 शहरी जीवन-यापन के स्वरूप

Bihar Board Class 6 Social Science शहरी जीवन-यापन के स्वरूप Text Book Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
किन आधारों पर कहेंगे कि फुटपाथ या पटरी पर काम करने वाले स्वरोजगार में लगे होते हैं ?
उत्तर-
फुटपाथ या पटरी पर काम करने वाले लोग अपना व्यवसाय खुद चलाते हैं । वे स्वयं योजना बनाते हैं कि किन-किन चीजों को बेचें, माल कितना खरीदें, कहाँ से खरीदे, अपनी दुकान कहाँ लगाएँ । वह अपनी सड़क के किनारे चादर या चटाई बिछाकर दुकान लगाते हैं। ये रोज खरीदते हैं, रोज बेचते हैं, इनकी कमाई कम होती है। इनकी आय मजदूरों जैसी है। पर ये अपना रोजगार स्वयं करते हैं। ये सभी लोग स्वरोजगार में लगे होते हैं। उनको कोई दूसरा व्यक्ति रोजगार नहीं देता है। उन्हें अपना काम स्वयं ही संभालना पड़ता है।

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प्रश्न 2.
अपने आस-पास के फुटपाथ पर फल की दूकान लगाने वाले व्यक्ति से पूछ कर बताएँ कि उसकी दिनचर्या, जैसे वह फल कहाँ से एवं कब खरीदता है ? वह सुबह दुकान कब लगाता है ? शाम को दुकान कब उठाता है ? यानी वे दिन भर में कितने घंटे काम करते हैं? इस काम में उनके परिवार के सदस्य उसकी क्या मदद करते हैं ?
उत्तर-
फुटपाथ पर फल की दूकान लगाने वाला व्यक्ति फल बाजार समिती से वह सुबह ही खरीदता है। वह सुबह दुकान 5-6 के बीच में लगाता है। शाम को वह दुकान 8-9 के बीच उठाता है। वह 15-16 घंटे काम करता है। इस काम में उनके घर परिवार भी उनकी सहायता करते हैं।

प्रश्न 3.
श्याम नारायण कुछ समय शहर में रहता है एवं कुछ समय गाँव में क्यों?
उत्तर-
श्याम नारायण एक कृषक मजदूर है। उसके पास जमीन नहीं है। गाँवों में साल भर खेती में मजदूरों की आवश्यकता नहीं होती है। ये फसल के कटाई-बुवाई के समय गाँवों में काम करते हैं। इस काम से जो कमाई होती है उससे परिवार का खर्च नहीं चल पाता है। इसलिए जब खेतों में काम नहीं मिलता है तो ये शहर में आकर रिक्शा चलाते हैं।’

प्रश्न 4.
श्यामनारायण रैन-बसेरा में क्यों रहता है?
उत्तर-
श्याम नारायण रेन बसेरा में रहता है। रोज उसकी कमाई 200300 रु. होती है जिसमें उसे प्रतिदिन रिक्शा का भाडा 30-50 रु. देना पड़ता है। प्रतिदिन 600-100 रू खाने के एवं अन्य जरूरतों में खर्च होता है जिससे उसकी अच्छी कमाई नहीं हो पाने की वजह से श्याम नारायण रैन-बसेरा में रहता है।

प्रश्न 5.
जो बाजार में सामान बेचते हैं और जो सड़कों पर सामान बेचते हैं उनमें क्या अंतर है?
उत्तर-
जो बाजार में सामान बेचते हैं ये दुकान पक्की होती है। बाजार की दुकानें रविवार, सोमवार को बंद रहती हैं। ये दुकानें वह स्वयं चलाते हैं। जरूरत पड़ने पर वे नौकर भी रखते हैं। वे दुकान किराये पर लेते हैं। उनकी कमाई भी अच्छी होती है। इन बाजारों में दुकान होने से बहुत लाभ होता है। उनका जीवन सुखमय होता है। जो सड़कों पर सामान बेचते हैं, ये दुकान कच्ची होती है। उसे रोज लगाना एवं उठाना पड़ता है। उसे रोज काम करना पड़ता है। वह स्वयं योजना बनाते हैं। सामान खरीदते एवं बेचते हैं। और उसके घर परिवार भी उसकी सहायता करते हैं । इन व्यापारियों के पास कोई सुरक्षा नहीं होती है। उनको अक्सर दुकान हटाने के लिए कहा जाता है। उनका जीवन-यापन कष्टमय बीतता है।

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प्रश्न 6.
प्रमोद और अंशु ने एक बड़ी दकान क्यों शरू की? उनको यह दुकान चलाने के लिए कौन-कौन से कार्य करने पड़ते हैं ?
उत्तर-
प्रमोद और अंशु ने दोनों मिलकर एक बड़ी दुकान शोरूम खोला है। बड़ी दुकान में उसे बहुत मेहनत मिलजुल कर करते हैं। इससे व्यापार में बढ़ोत्तरी हुई है। इसके लिए उसे प्रचार-प्रसार के लिए विज्ञापन देना पड़ता है और वह अपने दुकान में दूसरों को नौकरी भी देता है। इनके पास नगर-निगम के लाईसेंस होते हैं। इस दुकान की कमाई अच्छी होती है।

प्रश्न 7.
आकांक्षा जैसे लोगों की नौकरी की कोई सुरक्षा नहीं है। ऐसा आप किस आधार पर कह सकते हैं?
उत्तर-
आकांक्षा की तरह बहुत सारे लोग कारखाने में व अन्य जगहों पर हैं जिन्हें वर्ष भर काम नहीं मिलता। ये अनियमित रूप से काम में लगे होते. हैं, इन्हें बचे हुए समय में दूसरा काम ढूँढना पड़ता है। ऐसे लोगों की नौकरियाँ स्थाया नहीं होता । अगर कारीगर अपनी तनख्वाह या परिस्थितियों के बारे में शिकायत करते हैं, तो उन्हें निकाल दिया जाता है। इस तरह आकांक्षा जैसे लोगों की नौकरी की कोई सुरक्षा नहीं है।

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प्रश्न 8.
आकांक्षा जैसे लोगं अनियमित रूप से काम पर रखे जाते हैं। ऐसा क्यों है ?
उत्तर-
आकांक्षा जैसे लोग अनियमित रूप से काम पर रखे जाते हैं। यह कारीगरों को बरसात में कार्यमुक्त कर दिया जाता है। करीब तीन से चार महोने के लिए उनके पास काम नहीं रहता है। इन्हें बचे हुए समय में दूसरा काम’ ढूँढ़ना पड़ता है।

प्रश्न 9.
दूसरों के घरों में काम करने वाली एक कामगार महिला के दिन र के काम का विवरण दीजिए।
उत्तर-
सरला दूसरों के घरों में काम करती है। वह दूसरों के घर जाकर बर्तन साफ करना, झाडू देना, पोछा लगाना आदि काम करती है और वह बच्चों को समय पर स्कूल जाने के लिए बस स्टैण्ड तक छोड़ने तथा लाने का काम करती है।

प्रश्न 10.
दफ्तर में काम करने वाली महिला और कारखानों में काम करने वाली महिला में क्या-क्या अंतर है?
उत्तर-
दफ्तर में काम करने वाली महिला प्रतिदिन साढे नौ बजे काम पर जाती है, और साढ़े पांच बजे वापस आती है। वह एक स्थायी कर्मचारी होती है, उनके वेतन का एक हिस्सा भविष्य निधि में जमा होता है। बचत पर ब्याज भी मिलता है। रविवार और अन्य पर्व त्योहारों में छुट्टी मिलती है। उनको समय पर वेतन मिलता है, उन्हें काम नहीं होने पर अनियमित मजदूरों की तरह निकाला नहीं जाता है। कारखानों में काम करने वाली महिला प्रतिदिन काम करती है। उसे कोई छुट्टी नहीं मिलती है । वह एक अस्थायी रूप से काम करती है । उनको समय के अनुसार वेतन भी नहीं मिल पाता है। उन्हें काम नहीं होने पर अनियमित मजदूरों की तरह काम से निकाल दिया जाता है। पर्व-त्योहारों पर साल में एक बार इन्हें कपड़ा दिया जाता है।

प्रश्न 11.
क्या भविष्यनिधि, अवकाश या चिकित्सा सुविधाहर में स्थायी नौकरी के अलावा दूसरे काम करने वालों को मिल सकती है? चर्चा करें।
उत्तर-
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

अभ्यास

प्रश्न 1.
अपने अनुभव तथा बड़ों से चर्चा कर शहरों में जीवन-यापन के विभिन्न स्वरूपों की सूची बनायें।
उत्तर-
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

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प्रश्न 2.
अपने अनुभव के आधार पर नीचे दी गई तालिका के खाली स्थान को भरें
उत्तर-
Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 3 शहरी जीवन-यापन के स्वरूप 1
प्रश्न 3.
पटरी पर दुकानदार एवं अन्य दुकानदारों की स्थिति में क्या अंतर है?
उत्तर-
पटरी पर दुकानदारों की स्थिति दयनीय होती है। वह अपना दुकान रोज लगाते एवं उठाते हैं उनकी दुकानें अस्थायी होती हैं वे रोज योजना बनाते हैं। रोज समान खरीदते और बेचते है। वे अपना व्यवसाय स्वयं चलाते हैं। उनके पास कोई सुरक्षा नहीं होती है। पुलिस या नगर निगम वाले इन्हें तंग करते रहते हैं। उनको अक्सर दुकान हटाने के लिए कहा जाता है।

उनकी आय भी बहुत कम होती है। _अन्य दुकानदारों की स्थिति अच्छी होती है। उनकी दुकानें स्थायी होती हैं। वह अपना व्यापार खुद संभालते हैं। वे किसी दूसरे की नौकरी नहीं करते बल्कि दूसरों को नौकरी पर रखते हैं। इनके पास सुरक्षा के तौर पर गार्ड रखते हैं। सहायता के लिए सहायक, मैनेजर, साफ-सफाई के लिए कर्मचारी आदि की भी व्यवस्था होती है। ये दुकानें पक्की होती हैं। इनके पास नगर-निगम के लाईसेंस होते हैं।

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प्रश्न 4.
एक स्थायी और नियमित नौकरी, अनियमित काम से किस तरह अलग हैं।
उत्तर-
एक स्थायी और नियमित नौकरी होने से उन्हें नियमित और स्थायी कर्मचारी की तरह रोजगार मिलता है। उनका विभाग एवं कार्य तय होता है। काम नहीं होने पर भी उन्हें मजदूरों की तरह निकाला नहीं जाता है। उन्हें सही समय पर वेतन भी मिलता है। अनियमित मजदूरों की तरह उसे दूसरे कामों को करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस तरह एक स्थायी नौकरी और – एक अनियमित काम से अलग है।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित तालिका को पूरा कीजिए।
उत्तर-
Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 3 शहरी जीवन-यापन के स्वरूप 2

प्रश्न 6.
एक स्थायी एवं नियमित नौकरी करने वालों के वेतन के अलावा और कौन-कौन से लाभ मिलते हैं ?
उत्तर-
एक स्थायी एवं नियमित नौकरी करने वालों को वेतन के अलावे और कई लाभ मिलते है। जैसे बुढ़ापे के लिए बचत – उनके वेतन का एक हिस्सा भविष्य निधि में. जमा होता है। उसको बचत पर ब्याज भी मिलता है। उसे पेंशन भी सरकार देती है। रविवार और अन्य पर्व त्योहारों में छुट्टी मिलती. है। वार्षिक छुट्टी के रूप में कुछ दिन भी मिलते हैं। परिवार के लिए चिकित्सा की सुविधाएँ-सरकार एक सीमा तक कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्यों के इलाज का खर्च उठाती है।

Bihar Board Class 6 Social Science शहरी जीवन-यापन के स्वरूप Notes

पाठ का सारांश

भारत में पाँच हजार से ज्यादा शहर हैं और कई महानगर हैं। इन महानगरों में दस लाख से भी ज्यादा लोग रहते हैं और काम करते हैं। शहर की जिन्दगी कभी रुकती नहीं। वे नौकरी करते हैं या अपने व्यवसाय में लगे रहते हैं। वे अपना जीवन रोजगार और कमाई के द्वारा चलाते हैं।

यह बिहार की राजधानी पटना है। यह बहत बड़ा शहर है। में अक्सर यहाँ आती हूँ। देखती!

सडके के किनारे फल, सब्जी बेचने वाले अपने ठेले पर सब्जी एवं फल सजाकर अपना ठेला लेकर जा रहा होता है। सड़क के दूसरी ताफ एक व्यक्ति टेबल पर कई तरह के अखबार रखकर बेच रहा होता है।

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फुटपाथ, पटरी पर काम करने वाले की संख्या काफी अधिक होती है। सभी लोग स्वरोजगार में लगे होते हैं ! उनको कोई दूसरा व्यक्ति रोजगार नहीं देता है। वे स्वयं ही योजना के अनुसार अपना रोजगार करके अपना खुद का । व्यवसाय चलाते हैं। इन सभी व्यापारी को पटरीवाला व्यापारी कहा जाता है। ये व्यापारी सड़कों के किनारे फुटपाथ पर रखकर अपना सामान बेचते हैं। इनके द्वारा बेची जाने वाली वस्तुएँ दैनिक उपयोग की होती हैं। उदाहरण के लिए सड़कों पर गुप-चुप, समोसे, चाट, भंजा आदि इन व्यापारियों के पास कोई सुरक्षा नहीं होती है। पुलिस या नगरनिगम वाले इन्हें तंग भी करते हैं। उनको अक्सर दुकान हटाने के लिए कहा जाता है।

हमारे देश के शहरी इलाकों में लगभग एक करोड़ लोग फुटपाथ और ठेलों पर सामान बेचते हैं।

एक रिक्शा चालक-श्यामनारायण एक कृषक मजदूर हैं। जो गाँवों में खेती की फसल कटाई-बुवाई के समय गाँवों में काम करते हैं। जब खेतों में काम नहीं मिलता है तो ये शहर आकर रिक्शा चलाते हैं और रैन बसेरा में रात गुजारते हैं। इनके घर की महिलायें भी घर-घर के कार्य करती हैं।

परिवार के लिए चिकित्सा की सविधाएँ-सरकार एक सीमा तक कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्यों के इलाज का खर्च उठाती है। इस तरह के कई कर्मचारी को बीमार पड़ने पर उसका इलाज का खर्च उठाती है।

इसी तरह सरकारी कर्मचारी को सुविधा दी जाती है। हमारे सहकर्मी के यहाँ काम करने वाली सरला घरों में अपनी सेवा देती है। ये दूसरे के घर जाकर बर्तन साफ करना, झाडू देना, पोछा लगाना आदि काम करती है। इसी प्रकार शहर में इतने सारे लोग इतनी तरह का काम करके अपना जीवन-यापन करते हैं। वे कभी एक-दूसरे से मिलते भी नहीं, मगर उनका काम उन्हें बांधता है और शहरी जीवन को बनाए रखता है।

Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 2 ग्रामीण जीवन-यापन के स्वरूप

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पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें –

प्रश्न 1.
एक मध्यम किसान परिवार को आमतौर पर आजीवन चलाने हेतु कितनी भूमि की आवश्यकता होती है, शिक्षक के साथ चर्चा करें।
उत्तर-
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 2 ग्रामीण जीवन-यापन के स्वरूप

प्रश्न 2.
मध्यम किसान दूसरे के खेतों में काम क्यों नहीं करते हैं?
उत्तर-
मध्यम किसान जैसे लोगों को थोड़ी-सी जमीन होती है और वह उसी में दो फसलों को उपजाता है। मजदूरों की कमी के कारण काम समय पर नहीं हो पाता है जिससे उसे बैंक का कर्ज चुकाने के लिए फसल जल्दी बेचना पड़ता है। इसमें उनके परिवार का गुजारा तो हो जाता है, इसलिए मध्यम किसान दूसरों के खेतों में मजदूरी नहीं करनी पड़ती है।

प्रश्न 3.
ललन की पारिवारिक आय में वृद्धि होने के अन्य तीन स्रोत बताएँ।
उत्तर-
ललन की पारिवारिक आय में वृद्धि होने के अन्य तीन स्रोत निम्न

  1. ललन कृषि करने के लिए खाद-बीज-कीटनाशक आदि चीजों को खरीदने के लिए बैंक से ऋण भी लेता है।
  2. खेती के साथ वह मुर्गी फार्म भी चलाता है। ललन को खेती के लिए खाद बीज के पैसे के०सी०सी० (किसान क्रेडिट कार्ड) के माध्यम से मिल जाता है।

प्रश्न 4.
सीमान्त किसान कृषि कार्य के अलावे कौन-कौन से कार्य करते हैं, सूची बनाएँ।
उत्तर-
सीमान्त किसान कृषिकार्य के अलावे निम्नलिखित कार्य करते हैं।

  1. सीमान्त किसान जैसे कृपाशंकर को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वह बाकी समय में चावल मिल पर भी काम करता है।
  2. उसके पास दो गाय और एक भैंस भी है जिसका दूध वह दुकानदारों एवं सहकारी समिति में बेचता है जिससे कुछ आय प्राप्त हो सके।
  3. और उसे दूसरों के खेतों में भी खेती करना पड़ता है।

प्रश्न 5.
कृपाशंकर जैसे किसानों को खाद-बीज के लिए कर्ज कहाँ-कहाँ से मिल जाता है ? इस कर्ज को कब और कैसे वापस करना होता है?
उत्तर-
कृपाशंकर जैसे किसानों को खाद-बीज के लिए महाजन या साहूकार से ऊँची ब्याज पर कर्ज लेना पड़ता है। क्योंकि इस कारण फसल कटते ही उसे बेचकर ब्याज समेत लिए कर्ज की रकम को लौटाने की जल्दी होती है। इस कर्ज को किसान अपने फसलों को समय से पहले ही उसे बेच देते हैं। पैसे की कमी के कारण वह भाव बढ़ने का भी इन्तजार नहीं कर पाते हैं। अगर समय पर कर्ज की रकम वापस नहीं की गई तो अत्यधिक ब्याज के कारण कर्ज की रकम को वापस करना संभव नहीं होता है और वह अपनी फसल को कम समय और उधार को चुकाने के लिए उस फसल को बेच कर ही वापस करना होता है।

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प्रश्न 6.
कृपाशंकर को डेयरी में दूध बेचने से कितनी आय प्राप्त होती होगी, अनुमान लगायें।
उत्तर-
कृपाशंकर को डेयरी में दूध बेचने से कुछ ही आय प्राप्त होता होगा, जिससे उसका घर परिवार के लिए कुछ ही बच पाता होगा। इसके लिए वह कहीं दूसरों के खेतों पर खेती करना पड़ता होगा। खेती और घर खर्च के लिए उन्हें समय-समय पर कर्ज लेना भी पड़ता होगा।

प्रश्न 7.
मध्यम किसान और कृपाशंकर के काम में क्या अन्तर है?
उत्तर-
मध्यम किसान-मध्यम किसान को फसल के लिए समय पर खाद-बीज खरीदने के लिए पैसे किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मिल जाता है और उसके पास थोड़ी-सी जमीन होती है। इसमें उसके परिवार का गुजारा हो जाता है। लेकिन उसके पास इतने पैसे ही नहीं होते की वह खेती के लिए खाद-बीज-कीटक आदि समय पर खरीद नहीं पाते हैं और वह अपनी दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए खेती के साथ वह मुर्गी फार्म भी चलाता है।

कृपाशंकर किसान यह किसान के पास खेती करने के लिए खाद, बीज, कीटनाशक दवा सब कुछ उधार लेना पड़ता है। पर उधार चुकाने के लिए वह अपनी फसल समय से जल्दी बेच देता है। वह फसल का भाव बढ़ने का भी इन्तजार नहीं कर पाता है। कृपाशंकर की आमदनी कम होने के कारण वह खेती के नये-नये उपकरण का इस्तेमाल भी नहीं कर पाता है। उसे खेती और घर खर्च के लिए दूसरे के खेतों पर काम भी करना पड़ता है। वह दूध को सहकारी दुकानों पर बेचता है जिससे कुछ ही आय प्राप्त हो पाती है।

प्रश्न 8.
सीमान्त किसान, मध्यम किसान, बड़ा किसान जरूरत पड़ने पर कर्ज कहाँ से लेते हैं?
उत्तर-
सीमान्त किसान सीमान्त किसानों को आसानी से कर्ज नहीं मिल पाता है उन्हें महाजन या साहूकार से ऊँचा ब्याज पर कर्ज लेना पड़ता है। मध्यम किसान-मध्यम किसानों को खेती करने के लिए के सी०सी० (किसान क्रेडिट कार्ड) के माध्यम से मिल जाता है। बड़ा किसान-बड़ा किसान के पास 30-40 एकड़ तक की जमीन उपलब्ध होती है। वह बैंक से लोन लेकर मोटर पंप, थ्रेसर और ट्रैक्टर-ट्राली जैसी कई चीजें खरीदते हैं और वह निश्चित समय पर लोन भी चुका देते हैं।

प्रश्न 9.
आप अपने अनुभव से बताइए कि आप के यहाँ जोतदार किसान खेती के अलावे क्या-क्या करते हैं?
उत्तर-
जोतदार किसान खेती के अलावे चावल के मिल से चावल को वह शहर के व्यापारियों को बेचने का भी काम करता है। वह मुर्गी फार्म में भी काम करता है। अवकाश मिलने पर वह घर परिवार के लिए अन्य भी काम कर सकता है।

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प्रश्न 10.
एक बड़े किसान और सीमान्त किसान के खेती के कार्य के तरीकों में क्या अन्तर है?
उत्तर-
एक बड़े किसान के पास 30-40 एकड तक की जमीन होती है। वह आधुनिक उपकरणों के द्वारा खेतों में सिंचाई करता है। नई मशीनों जैसेमोटरपंप, थ्रेसर और ट्रैक्टर-ट्राली के द्वारा खेती करना काफी आसान हो गया है सीमान्त किसान के पास | एकड़ जमीन ही हो पाती है। उसके पास खेती करने के लिए आधुनिक उपकरण नहीं हैं। उसे खेती करने के लिए खाद-बीज-दवा सब उधार लेना पड़ता है। नहरों से सिंचाई तथा समय पर बारिश का इन्तजार करना पड़ता है। उन्हें कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।

प्रश्न 11.
एक बड़े किसान उत्पादित अनाज को क्या करते हैं, शिक्षक के साथ चर्चा करें।
उत्तर-
एक बड़े किसान उत्पादित अनाज को अपने पास रखता है। इसके लिए उसके पास घर होता है। फसल की कीमतों का भाव बढ़ने का इन्तजार करता है। फिर उसे बजारों में बेच देता है । इससे उसे कई गुणा फायदा मिलता है।

प्रश्न 12.
कृषक मजदूर एवं सीमान्त किसान में क्या समानता और अंतर है?
उत्तर-
कृषक मजदूर-इन कृषक मजदूर के पास बिल्कल जमीन नहीं होती है। वह मजदूर परिवार अपने खेतों से नहीं बल्कि पूरी तरह दूसरे के खेतों पर जीवन-यापन करते हैं। कृषक मजदूर मजदूरी करके अपने घर-परिवार का जीवन यापन करते हैं।

सीमान्त किसान-सीमान्त किसान के पास केवल | एकड़ जमीन ही होती है। उसे खेती करने के लिए खाद-बीज सभी चीजों के लिए उधार लेना पड़ता है और कृषक मजदूर एवं सीमान्त किसान में यही समानता है कि मजदूर किसान दूसरों की जमीन पर मजदूरी करते हैं। उसकी अपनी जमीन नहीं होती है। लेकिन सीमान्त किसान को अपनी जमीन होने के बावजूद भी घर परिवार के खर्चे के लिए दूसरों के खेतों में खेती करना पड़ता है।

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प्रश्न 13.
आमतौर पर कृषक मजदर को कर्ज कहाँ और कैसे प्राप्त होता है?
उत्तर-
आमतौर पर कृषक मजदूर को कर्ज महाजन से तथा जमींदारों से मिल जाता है और गैर कृषि-कार्य (टोकरी बनाना, मिट्टी के बर्तन, ईंट, झाड़, सूप, पंखा, चटाई) बनाकर अपना जीवन यापन करते हैं।

प्रश्न 14.
पशु पालने का क्या कारण है?
उत्तर-कृषक मजदूर को फसलों की कटाई के समय ही काम आसानी से मिलता है। परंतु साल के बाकी दिनों में मजदूर को मजदूरी नहीं मिलने पर वे लोग गाय तथा भैंस को पालते हैं और पशुपालन करके अपने परिवार का खर्च निकाल पाते हैं। इसलिए मजदूर किसान पशु पालने का भी काम करते हैं।

प्रश्न 15.
कृषक मजदूरों को किन-किन महीनों में काम नहीं मिलता है? अपने कक्षा के चार-पाँच सहपाठियों की टोली बनाकर सर्वेक्षण कीजिए।
उत्तर-
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

अभ्यास

प्रश्न 1.
आपके गाँव में किन-किन फसलों की खेती की जाती है ? सूची बनाएं।
उत्तर-
हमार गाँव में निम्नलिखित फसलों की खेती की जाती है

  1. गेहूँ
  2. चावल
  3. बाजरा
  4. जो
  5. मक्का
  6. दलहन की खेती भी की जाती है।

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प्रश्न 2.
मध्यम किसान खेती के काम के लिए किन-किन माध्यमों से धन उपलब्ध करते हैं?
उत्तर-
मध्यम किसान खेती के लिए पैसा के सी सी० (किसान क्रेडिट कार्ड) के माध्यम से धन उपलब्ध हो जाता है। बैंक से कर्ज भी मिल जाता है। इस तरह इन माध्यमों के द्वारा मध्यम किसान खेती के काम को आसानी कर पाता है।

प्रश्न 3.
आमतौर पर आपके गाँव में एक किसान परिवार को खेती से गुजारा करने के लिए कितनी एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है, जिससे उन्हें या उनके परिवार के सदस्यों को दूसरे के यहाँ मजदूरी नहीं करनी पड़े?
उत्तर-
आमतौर पर हमारे गाँव में एक किसान परिवार को खेती करके गुजारा करने के लिए 30-40 एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है, जिससे उन्हें या उनके परिवार के सदस्यों को दूसरे के यहाँ मजदूरी नहीं करनी पड़े।

प्रश्न 4.
महाजन या साहूकार के यहाँ कर्ज की ब्याज दर ऊंची क्यों होती है?
उत्तर-
महाजन या साहूकार के यहाँ कर्ज की ब्याज दर हमेशा ऊँची होती है जब छोटे सीमान्त किसानों को आसानी से कर्ज नहीं मिल पाता है और इसका फायदा महाजन लोग उसे ऊँची ब्याज की दर पर आसानी से कर्ज दे देते हैं। जिससे किसानों को खेती करने में सहायता मिल जाती है और इसलिए महाजन या साहुकार के यहाँ ब्याज दर ऊँची होती है।

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प्रश्न 5.
एक व्यक्ति को अमूमन एक वर्ष में कितने समय कषक मजदूर के रूप में काम मिलता है एवं बाकी दिनों में वह आजीविका संबंधी कौन-कौन से कार्य करते हैं?
उत्तर-
एक व्यक्ति को अमूमन. एक वर्ष सिर्फ फसलों की कटाई के समय में ही कृषक मजदूर के रूप में काम मिल पाता है एवं बाकी दिनों में वह गाँव

में मजदूरी नहीं मिलने पर वह शहर में मिट्टी ढोने, बालू ढोने तथा निर्माणाधीन -मकानों में मजदूरी का काम करते हैं और वे लोग गाय तथा भैंस को भी पालते हैं। ग्रामीण मजदुर गैर कृषि कार्य (टोकरी बनाना, मिट्टी के बर्तन, ईंट, सूप, पंखा, चटाई आदि) बना कर वह अपना जीवन-यापन करते हैं।

प्रश्न 6.
संतोष और प्रमोद के परिवारों में क्या अंतर है?
उत्तर-
संतोष का परिवार – संतोष का परिवार बहुत ही गरीब है। वह मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। गाँव में मजदूरी नहीं मिलने पर संतोष, पली और बच्चों के साथ पास के शहर में मिट्टी ढोने, बालू ढोने तथा निर्माणाधीन मकानों में मजदूरी का काम करते हैं। संतोष की पत्नी घरों के घरेलू काम करती है। गाय, भैंस भी पालती है। कृषक मजदूर का गुजारा नहीं हो पाता है, तो वह गैर कृषि कार्य करके अपना जीवन यापन करते हैं।

प्रमोद का परिवार – प्रमोद का परिवार खुशहाल है और उन्नति करके वह अपने परिवार का भरण-पोषण उचित तरीके से करता है। उसके पास 300-40 एकड़ तक जमीन है। वह अपनी फसल की कीमत बढ़ जाने पर ही बेचता है जिससे उसे बहुत अच्छी आमदनी हो जाती है। अपने खेतों की कमाई से उसके परिवार का गुजारा अच्छी तरह हो जाता है। उनको और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को अपने खेतों पर काम करने की जरूरत नहीं होती। प्रमोद अपने पास एक या दो मजदूर साल भर के लिए रखते है। वह अपने खता । बागवानी भी करता है। वह सुखी सम्पन्न जीवन यापन करता है।

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प्रश्न 7.
गैर कृषि कार्य के अन्तर्गत आपके गाँव के लोग कौन-कौन-सा कार्य करते हैं?
उत्तर-
गैर कृषि कार्य के अन्तर्गत हमारे गाँव के लोग निम्न कार्य करते हैं। जैसे हस्तशिल्प, सिलाई का काम, जरी-गोटा लगाने का काम, दीया, टोकरी, सूप, दौरी, पंखा, मिट्टी के बर्तन, ईंट, दर्जी, राजमिस्त्री, लोहारगिरी, खिलाना इत्यादि बनाकर अपनी आजीविका चलाते हैं। इन हस्तनिर्मित सामानों को गाँवों में बेचकर अपने परिवार का जीवन-यापन करते हैं।

प्रश्न 8.
गैरकृषि-कार्य किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित उत्तर दें।
उत्तर-
ग्रामीण परिवारों जो मजदूर ऐसे भी हैं जो थोड़ा पैसा कमाते हैं, जिससे उनका भरण-पोषण नहीं हो पाता है। इस कारण वह मजदूर अपने जीविका उपार्जन के लिए गैर कृषि कार्य करते हैं। जैसे-टोकरी बनाना, मिट्टी के बर्तन, झाडू, सूप, पंखा, चटाई, खिलौना, हस्तशिल्प, सिलाई का काम, जरी-गोटा लगाने का काम, बढ़ईगिरी, लोहारगिरी, राजमिस्त्री, दर्जी इसके अलाये कृषक मजदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग हाथ से कम्बल, लाई, चादर इत्यादि कार्यों को करते हैं।

प्रश्न 9.
आप बड़ा होकर जीवन-यापन सम्बंधी कौन-से कार्य करना चाहते हैं और क्यों?
उत्तर-
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

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प्रश्न 10.
आपने पाठ में अलग-अलग किसानों के बारे में जाना। खाली स्थानों पर उनकी स्थितियों के बारे में भरें।
उत्तर-
Bihar Board Class 6 Social Science Civics Solutions Chapter 2 ग्रामीण जीवन-यापन के स्वरूप 1

Bihar Board Class 6 Social Science ग्रामीण जीवन-यापन के स्वरूप Notes

पाठ का सारांश

  • भारत गाँवों का देश है, यहाँ छहलाख से भी अधिक गाँव है।
  • गाँव के लोग अपनी आजीविका कई तरीकों से करते हैं।
  • खेती में भी कई प्रकार के काम है जैसे खेत तैयार करना, रोपाई, बुवाई, निराई एवं कटाई।
  • बिहार में अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न तरह की खेती की जाती है।
  • मुर्गी पालन का उनका उद्देश्य खेती के साथ आय को बढ़ाना है ।
  • गाँव में कुछ परिवार बड़ी-बड़ी जमीनों पर खेती, व्यापार और अन्य काम कर रहे हैं।
  • ज्यादातर छोटे किसान, खेतीहर मजदूर, पशुपालक, दुग्ध उत्पादन कर्ता, मुर्गी पालक, हस्तशिल्प का काम करनेवाले लोगों को पूरे साल जीवन यापन करने के लिए काम नहीं मिल पाता है।
  • घरेलू सेवा से जुड़े असंगठित श्रमिक, झग्मी-झोपड़ियों में रहते हैं या – बेघर हैं।
  • शहरों में घरेलू सेवा, नौकरी, व्यवसाय की तरह ही अजीविका का बड़ा” साधन है। शहरों में हाऊसिंग सोसाइटी या निजी कोठियों में रहनेवाले लोगों के रोजमर्रा के काम करने के लिए ऐसे लाखों घरेलू कामगर हैं, जिनकी सेवाओं को मान्यता भी नहीं मिलती ।
  • घरेलू कामगर आकर घर में झाडू-पोछा करते हैं, कपड़े धोते हैं खाना पकाते हैं और बरतन धोते हैं।
  • बिहार में 85 प्रतिशत श्रमिक असंगठित क्षेत्र से जुड़े हैं।
  • भारत में पांच हजार से ज्यादा शहर और सत्ताइस’ महानगर हैं ।
  • दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई जैसे कई शहरों में दस लाख से भी ज्यादा लोग रहते और काम करते है।
  • बिहार के शहरी इलाको में लाखों लोग फुटपाथ और ठेलों पर समान बेचते हैं।