Bihar Board Class 6 Social Science History Solutions Chapter 8 नए प्रश्न, नवीन विचार

Bihar Board Class 6 Social Science Solutions History Aatit Se Vartman Bhag 1 Chapter 8 नए प्रश्न, नवीन विचार Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 6 Social Science History Solutions Chapter 8 नए प्रश्न, नवीन विचार

Bihar Board Class 6 Social Science नए प्रश्न, नवीन विचार Text Book Questions and Answers

अभ्यास

आइए याद करें-

प्रश्न 1.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न :

प्रश्न (क)
गौतम बुद्ध का जन्म कब हुआ था ?
(i) 563 ई० पूर्व
(ii) 463 ई0 पूर्व
(iii) 540 ई0 पूर्व
(iv) 551 ई0 पूर्व
उत्तर-
(i) 563 ई० पूर्व

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प्रश्न (ख)
जैन धर्म के संस्थापक कौन थे?
(i) पार्श्वनाथ
(ii) ऋषभदेव
(iii) महावीर
(iv) गौतमबुद्ध
उत्तर-
(ii) ऋषभदेव

प्रश्न (ग)
महावीर ने कब निर्वाण (निधन) प्राप्त किया?
(i) 438 ई० पूर्व
(ii) 468 ई० पूर्व
(iii) 322 ई0 पूर्व
(iv) 298 ई0 पूर्व
उत्तर-
(ii) 468 ई० पूर्व

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प्रश्न (घ)
जल मंदिर कहाँ अवस्थित है ?
(i) पावापुरी
(ii) राजगृह
(iii) नालन्दा
(iv) वैशाली
उत्तर-
(i) पावापुरी

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों की सहायता से खाली स्थानों को भरिए :-

  1. महात्मा बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया। यह घटना ………………. कहलाती है।
  2. बुद्ध ने जीवन जीने के लिए …………. अपनाने की सलाह दी।
  3. नचिकेता की कहानी ………………. से ली गई है।
  4. उपनिषदों में ……………… विषयों पर चर्चा मिलती है।
  5. महावीर के लिए ……………..शब्द का प्रयोग हुआ है।
  6. बौद्ध और जैन संघों के अनुयायी ……… मांगकर खाते थे ।

उत्तर-

  1. महात्मा बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया। यह घटना धर्मचक्र प्रवर्तन कहलाती है।
  2. बुद्ध ने जीवन जीने के लिए विवेक अपनाने की सलाह दी।
  3. नचिकेता की कहानी कठोपनिषद से ली गई है।
  4. उपनिषदों में दार्शनिक विषयों पर चर्चा मिलती है।
  5. महावीर के लिए भगवान शब्द का प्रयोग हुआ है।
  6. बौद्ध और जैन संघों के अनुयायी भिक्षा मांगकर खाते थे ।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित को सुमेलित करें : –

  1. बोधगया – (क) बौद्ध धर्म का अनुयायी
  2. गार्गी – (ख) उपनिषद्
  3. त्रि-रत्न – (ग) एक प्रमुख स्त्री विचारक
  4. विचारों का संकलन – (घ) जैन धर्म
  5. बिम्बिसार – (ङ) महात्मा बुद्ध

उत्तर-

  1. बोधगया – (ङ) महात्मा बुद्ध
  2. गार्गी – (ग) एक प्रमुख स्त्री विचारक
  3. त्रि-रत्न – (घ) जैन धर्म
  4. विचारों का संकलन – (ख) उपनिषद्
  5. बिम्बिसार – (क) बौद्ध धर्म का अनुयायी

प्रश्न 4.
गौतम बुद्ध के अनुसार दुःख क्यों होता है ?
उत्तर-
गौतम बुद्ध के अनुसार दुःख का मुख्य कारण तृष्णा है। मनुष्य, जन्म, मृत्यु, रोग, इच्छित वस्तु को प्राप्त न करना ही दुःख का कारण है।

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प्रश्न 5.
महावीर के उपदेशों को लिखें।
उत्तर-
अहिंसा, सत्य बोलो, चोरी न करो, आवश्यकता से अधिक धन का संग्रह न करो, ब्रह्मचर्य का पालन करो।

प्रश्न 6.
उपनिषद् में किन विचारों का उल्लेख है ?
उत्तर-
उपनिषद् में कर्मकाण्ड और पशुबलि की निंदा, ब्रह्मा की प्राप्ति सच्चे मन से होती है। जन्म-भरण और मोक्ष की प्राप्ति. दार्शनिक

विषयों पर विचार जैसे-गुरु-शिष्य, ब्राह्मण-शिष्य, पति-पत्नी के बीच चर्चाएँ. समाज में लोगों की समस्याएँ। धर्म के नाम पर समाज में फैली बुराइयाँ, ऊँच-नीच, गरीबी-अमीरी ये सभी विचार उपनिषद् में उल्लेख हैं।

  1. सारनाथ स्तूप – यह सम्राट अशोक ने बनवाया। बुद्ध ने यहाँ सबसे पहले उपदेश दिया। यह ईंटों और पत्थरों से बनी अति सुन्दर है।
  2. यह सुन्दर मंदिर है – इस मंदिर के आस-पास झरनाएँ हैं। बातचीत कीजिए/आओ चर्चा करें।

प्रश्न 7.
क्या वास्तव में बुरे या अच्छे काम से कोई अंतर नहीं पड़ता है? आप अपने आस-पास के उदाहरणों को ध्यान में रखकर चर्चा कीजिए ।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें । कुछ करके देखिए/ आओ करके देखें ।

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प्रश्न 8.
कुछ ऐसे विचारकों का पता लगायें जिन्होंने सुख-सुविधाओं का त्याग कर समाज के लोगों को एक नई दिशा दी।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें ।

प्रश्न 9.
उपनिषद् में वर्णित कुछ ऐसी कहानियों का संकलन करें जिसके प्रमुख पात्र आप ही के जैसा कोई बालक था ।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें ।

Bihar Board Class 6 Social Science नए प्रश्न, नवीन विचार Notes

पाठ का सारांश

  • बुद्ध के अनुसार मनुष्य को चार प्रमुख आर्य सत्यों को हमेशा याद करना चाहिये। ये आर्य सत्य निम्न हैं-
    1. दुःख – बुद्ध जन्म, मृत्यु, रोग, इच्छित वस्तु की प्राप्ति न होना आदि को दुःख माना है।
    2. दुःख का कारण- बुद्ध के अनुसार दुःख का मुख्य कारण तृष्णा (इच्छा) है।
    3. दु:ख निरोध – बुद्ध के अनुसार तष्णाओं पर नियंत्रण कर सांसारिक दुःखों को दूर किया जा सकता है।
    4. दुःख निरोधक मार्ग- बुद्ध ने दुःखों को दूर करने का मार्ग भी बताया है जिसे आष्टांगिक मार्ग कहते हैं।
  • उपनिषदों का मुख्य विषय कार्मकाण्ड एवं पशबलि की निन्दा तथा आत्मा एवं परमात्मा में एकत्व की स्थापना करना है।
  • उपनिषद का संदेश है- ब्रह्म की प्राप्ति. सच्चे ज्ञान से होगी।
  • उपनिषदों मे दार्शनिक विषयों पर चर्चाएँ मिलती हैं।
  • उपनिषदों में जन्म-मरण की परेशानियों से मुक्त अर्थात मोक्ष ही अन्तिम लक्ष्य निर्धारित किया गया।
  • छठी शताब्दी ई० पू० में, जिस समय जनसाधारण में धर्म के प्रति लगाव कम होता जा रहा था तथा तत्कालीन समाज में कर्मकाण्डों की प्रधानता बढ़ती जा रही थी, उपनिषदों की शिक्षा ने नये विचारों के उदय के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
  • बुद्ध का जन्म आज से लगभग 2500 वर्ष पूर्व (563 ई. पू.) नेपाल की तराई में स्थित कपिलवस्तु के लम्बिनी वन में हुआ था।
  • बुद्ध के पिता का नाम शद्धोधन तथा माता का नाम मायादेवी था।
  • सिद्धार्थ ने ज्ञान की खोज में छ: वर्षों तक तपस्या की। ज्ञान की प्राप्ति के बाद उन्हें बुद्ध कहा जाने लगा और उनके शिष्य बौद्ध कहलाए।
  • महात्मा बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया।
  • 80 वर्ष की आयु में 483 ई०पू० में कुशीनगर (गोरखपुर) में उनका देहावसान हुआ।
  • बुद्ध ने जात-पात, ऊँच-नीच के भेदभाव तथा धार्मिक जटिलता को ‘गलत बताया
  • जैन शब्द जिन से बना हैं जिसका अर्थ है विजेता अर्थात इन्द्रियों पर नियंत्रण प्राप्त करने वाला।
  • जैन धर्म में कुल 26 तीर्थंकरों के होने की बात कही जाती है।
  • महावीर का मूल नाम वर्द्धमान था।
  • वर्द्धमान का जन्म 540 ई०पू० वैशाली के निकट कुंडग्राम में हुआ था।
  • 72 वर्ष की उम्र में 468 ई०पू० में, उन्होंने पावापुरी में निर्वाण (निधन) प्राप्त किया।

Bihar Board Class 6 Social Science History Solutions Chapter 7 प्रारंभिक राज्य

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Bihar Board Class 6 Social Science प्रारंभिक राज्य Text Book Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनें:

प्रश्न (क)
महाजनपदों का विवरण प्राप्त होता है
(i) ऋग्वेद
(ii) अंगुत्तर निकाय
(iii) चित्रित धूसर मृदभांड
(iv) ब्राह्मण ग्रंथ
उत्तर-
(ii) अंगुत्तर निकाय

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प्रश्न (ख)
कौन-सा महाजनपद बिहार में स्थित है ?
(i) अंग
(ii) कोसल
(iii) कौशाम्बी
(iv) अवन्ति
उत्तर-
(i) अंग

प्रश्न (ग)
राजा भूमि की उपज का कितना हिस्सा प्राप्त करता था ?
(i) छठा
(ii) सातवों
(iii) पाँचवाँ
(iv) चौथा
उत्तर-
(i) छठा

प्रश्न (घ)
मगध के शासक अजातशत्रु की राजधानी कहाँ थी?
(i) पाटलीपुत्र
(ii) गया
(iii) वैशाली
(iv) राजगृह
उत्तर-
(iv) राजगृह

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प्रश्न (ङ)
निम्नलिखित में से कौन गणराज्य था ?
(i) मगध
(ii) कोसल
(iii) वत्स
(iv) लिच्छिवी
उत्तर-
(iv) लिच्छिवी

प्रश्न 2.
खाली स्थान को भरो

  1. अवन्ति का राजा …………… था।
  2. वज्जि संघ की राजधानी ………..थी।
  3. पाटलिग्राम की स्थापना …………. ने की।
  4. नन्दवंश के शासक …………. के समय सिकन्दर का भारत पर आक्रमण हुआ।
  5. लिच्छवी ………….. संघ का एक गण था ।

उतर-

  1. अवन्ति का राजा अवन्ति था।
  2. वज्जि संघ की राजधानी वैशाली थी।
  3. पाटलिग्राम की स्थापना अजातशत्रु ने की।
  4. नन्दवंश के शासक घनानंद के समय सिकन्दर का भारत पर आक्रमण हुआ।
  5. लिच्छवी वैशाली संघ का एक गण था ।

प्रश्न 3.
आओ चर्चा करें :

प्रश्न (क)
राजा को कर की क्यों आवश्यकता पड़ी। उस काल में कौन-कौन लोग कर चुकाते थे ?
उत्तर-
राजा अपने शासन को चलाने के लिए कर्मचारी रखते थे। सुरक्षा के लिए सेना रखते थे। इन सबों को वेतन देने के लिए राजा ‘कर’ लेते थे। ‘कर’ चुकता करने वालों में किसान, शिल्पकार, व्यापारी, पशुपालक आदि थे।

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प्रश्न (ख)
महाजनपदों के राजा अपनी राजधानी को क्यों किलाबंदी करते थे ?
उत्तर-
महाजनपद अपने राजधानी का किलाबंदी कराते थे। इसका कारण था राजधानी से ही पुरे राज्य की देख-रेख होती, उनके और कर्मचारियों के परिवार रहते, इन सबों की सुरक्षा की दृष्टिकोण से ही राजधानियों की किलाबंदी कराते थे। साथ ही साथ यह भी ध्यान था, किलेबंदी होने पर कम सैनिक ही सुरक्षा प्रदान कर लेते थे।

प्रश्न (ग)
मगध के उत्थान में प्राकृतिक संसाधनों की मुख्य भूमिका क्या थी?
उत्तर-
मगध के निकटवर्ती क्षेत्रों में लोहे की खानें थीं जो हथियार के लिए सहायक, गंगा नदी के कारण उपजाऊ भूमि थी जो कृषि के लिए उपयोगी थी। जंगलों में हाथियों की संख्या अधिक थी जो युद्ध के लिए सहायक था। राजगीर पहाड़ियों से घिरा था तो पाटलीपत्र नदियों से जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से सवोपरि था। नदियों से व्यापार में सुविधा मिली। इस तरह मगध के उत्थान में प्रत्येक क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों की मुख्य भूमिका थी।

प्रश्न (घ)
द्वितीय नगरीकरण के विकास पर चर्चा करें
उत्तर-
छात्र स्वयं करें

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आइए करके देखें 

प्रश्न (क)
के आधार पर. यह पता लगायें कि आज लोग किन-किन करों को चुकाते हैं ? इसकी एक सूची बनायें।
उत्तर-

  • पहले – किसान, शिल्पी, व्यापारी, पशुपालक, व्यवसाय
  • आज – किसान, व्यापारी, सड़क कर, भवन कर, व्यवसाय कर, ऑटो कर

प्रश्न (ख)
गणराज्यों के शासन में लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका होती थी। आज के प्रजातंत्र में लोगों की भूमिका से इसकी तुलना करें ।
उत्तर-
यह बात सही है कि पहले ” गणराज्यों में लोकमत की प्रवृत्ति दिखाई देती है।” यह कथन आज भी है। आज लोकतंत्र है किसी भी प्रकार का कानून यदि आज, बनाना है तो उसे लोकसभा में पारित करना होता है, उस पर विचार-विमर्श होता है और बहुमत के आध पार पर कानून का निर्माण होता है।

आज बदली हई परिस्थितियों में विध न सभा जो राज्य के कानून बनाते हैं । इसमें भी बहुमत के द्वारा कानून बनता है। पहले भी राजाओं की एक जगह सभा होती और विचार-विमर्श के बाद किसी मुद्दे पर फैसला लिया जाता था। इस प्रकार हम कहते हैं कि पहले गणराज्यों में लोकमत की प्रवृत्ति थी।

Bihar Board Class 6 Social Science प्रारंभिक राज्य Notes

पाठ का सारांश

  • आज से लगभग 3000 वर्ष पूर्व गंगा नदी घाटी क्षेत्र में लोहे के बने औजार एवं अस्त्रों के प्रमाण खुदाई से प्राप्त हुये हैं।
  • अधिकांश जन अकेले ही जनपद की अवस्था प्राप्त कर लिए – मत्स्य, चेदी, काशी, कौशल।
  • कुछ जनों ने आपस में मिलकर जनपद का रूप लिया ।
  • पांचाल जनपद इसका एक उदाहरण है।
  • अनेक जन, अधिक शक्तिशाली जनों से पराजित होने के बाद मिला लिये गये।
  • महाजनपदों में शासन का स्वरूप एक जैसा नहीं था, कुछ में राजतंत्रात्मक शासन था तो कुछ में गणतंत्रात्मक ।।
  • मगध महाजनपद का फैलाव मुख्यतः आधुनिक बिहार राज्य के
  • पटना एवं मगध प्रमण्डल (मुख्यालय गया) तक था।
  • मगध के चारों ओर प्राकृतिक सुरक्षा के साधन थे।
  • मगध में बिम्बिसार, अजातशत्रु, महापदमनंद जैसे योग्य शासक हुये, जिन्होंने अपने साहस और शक्ति से राज्य का विस्तार किया।
  • मगध का प्रथम महान शासक बिम्बिसार था।
  • बिम्बिसार का पुत्र अजातशत्रु अपने पिता के बाद मगध का राजा बना।
  • अजातशत्रु के बाद उदयिन मगध का राजा हुआ।
  • मगध के नजदीक वज्जि राज्य था. जिसकी राजधानी वैशाली थी।
  • वज्जि राज्य आठ गणों का संघ था, जिसमें लिच्छवी, विदेह, वज्जि प्रमुख थे।
  • लगभग 2600 वर्ष पूर्व (अर्थात् छठी शताब्दी ईसा पूर्व) में उत्तरी भारत मैं शहरीकरण की प्रवृति का विकास हुआ।
  • शिल्प-व्यवसाय और व्यापार के केन्द्र के रूप में नगरों का विकास हुआ।
  • गंगा नदी के आस-पास के क्षेत्रों में श्रावस्ती, चंपा, पाटलीपुत्र, राजगृह, अयोध्या, कौशाम्बी, काशी जैसे महत्वपूर्ण नगरों का उद्भव हुआ।

Bihar Board Class 6 Social Science History Solutions Chapter 6 जीवन के विभिन्न आयाम

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Bihar Board Class 6 Social Science जीवन के विभिन्न आयाम Text Book Questions and Answers

अभ्यास

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न (क)
वेदों की कुल संख्या कितनी है ?
(i) 3
(ii) 4
(iii) 5
(iv) 8
उत्तर-
(ii) 4

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प्रश्न (ख)
पुरुषसुक्त का उल्लेख किस वेद में है ?
(i) ऋग्वेद
(ii) सामवेद
(iii) यजुर्वेद
(iv) अथर्ववेद
उत्तर-
(i) ऋग्वेद

प्रश्न (ग)
ऋग्वैदिक काल का प्रमुख व्यवसाय क्या था?
(i) कृषि
(ii) पशुपालन
(iii) शिल्प
(iv) उद्योग
उत्तर-
(i) कृषि

प्रश्न (घ)
इनामगाँव किस राज्य में स्थित है?
(i) बिहार
(ii) उत्तर प्रदेश
(iii) पजाब
(iv) महाराष्ट्र
उत्तर-
(iv) महाराष्ट्र

II. खाल स्थान भर

  1. का विस्तार बिहार के ………….. नदी तक था।
  2. यस प्राचीन वद ……………… है। ।
  3. वदिक आय ………. अनाज पैदा करत या
  4. इनामगाँव एक …………….. बस्ती है।
  5. वैदिक कबीले के प्रधान को …………… कहा जाता था।

उत्तर-

  1. आर्यों का विस्तार बिहार के गंडक नदी तक था।
  2. सबसे प्राचीन वेद ऋग्वेद है।
  3. ऋग्वैदिक आर्य ‘यव’ अनाज पैदा करते थे।
  4. इनामगाँव एक ताम्रपाषाण बस्ती बस्ती है।
  5. वैदिक कबीले के प्रधान को सरदार कहा जाता था ।

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III. अपने उत्तर “हाँ” या “नहीं ” में, दें :

  1. ऋग्वैदिक आर्य पशुपालन करते थे। – (हाँ)
  2. आर्यों के जीवन में गाय एवं घोड़ा का महत्वपूर्ण स्थान था। – (हाँ)
  3. वैदिक क्षेत्र तमिलनाडु तक विस्तृत था। – (नहीं)
  4. आर्य लोग नगरों में निवास करते थे। – (नहीं)
  5. इनामगाँव के लोग मृतकों को जला देते थे। – (हाँ)

IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखें।

प्रश्न (क)
वेदों के नाम लिखें
उत्तर-
ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद

प्रश्न (ख)
आर्य लोग भारत के किन-किन क्षेत्रों में निवास करते थे ?
उत्तर-
आर्य लोग भारत के पंजाब, गंगा और यमुना के क्षत्रों तथा बिहार के गंडक नदी के क्षेत्र तक निवास करते थे।

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प्रश्न (ग)
उत्तरवैदिक कालीन समाज का उल्लेख करें।
उत्तर-
उत्तरवैदिक काल में लोग सबसे ज्यादा कृषि पर ध्यान देते थे। जनपदों का उदय हुआ। लोग खेती करते थे, चावल, गेहें जो मुख्य था। व्यवसाय जिनमें धातुकर्म, धातुशोधन, रथकार, स्वर्णकार, कुम्हार ये व्यापारी थे। धार्मिक आस्थाएँ थीं। ब्राह्मणों द्वारा यज्ञ अनुष्ठान होता था। ब्राह्मणों का बोल-वाला था। ऊँच-नीच का भेद-भाव था।

प्रश्न (घ)
इनामगाँव के लोग मृतकों का अंतिम संस्कार किस प्रकार करते थे । प्रकाश डालें।
उत्तर-
इनामगाँव की ताम्रपाषाण संस्कृति के लोगों का सबस रोचक पहलू मृतकों को दफन करने का तरीका था । सामान्यतः मृतका को मिट्टी के बर्तनों के साथ दफनाया जाता है, जिनमें शायद खान-पान की वस्तुएं रखी होती थीं। कडा में मृतक के साथ औजार एव हाधयार गहने आदि भी खुदाई में मिल है।

V. आआ चर्चा करें

प्रश्न (1)
आर्य जिन देवताआ की पूजा करत थ उनम कुछ की सूची बनायें तथा यह बताये कि इनमें किन-किन देवताओं को पूजा आजकल की जाती ?
उत्तर-
हन्द्र, वरूण, आदिती. अग्नि, सोम, सूर्य वाय देवा-वदता का पूजा करता
इन् वरुण, अग्नि. सूर्य की पूजा आज माहाता है।

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प्रश्न (2)
ऋग्वैदिक आयं खेती नही करते । इसक कारण बताय।
उत्तर-
ऋग्वैदिक काल में आर्य खेती नहीं करते थे। इसका कारण है कि व पशुपालन पर ज्यादा ध्यान देते थे, पशुआ के भोजन के लिए वे एक जगह पर ज्यादा दिन तक ठहर नहीं पाते। बार-बार स्थान . बदलना पडता, यही मुख्य कारण था।

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पाठ का सारांश

  • राजत्व की दैवी उत्पत्ति के सिद्धांत की चर्चा उत्तर वैदिक काल के साहित्य में मिलती है।
  • ऋग्वेद के परवर्तीकालीन (अंत के समय में) पुरुष सूक्त में ब्राह्मण, राजन्य (क्षत्रिय), वैश्य एवं शूद्र, अर्थात चार वर्ण, की कल्पना की गई।
  • उत्तर वैदिक काल स्पष्टतः वर्ण व्यवस्था पर आधारित था।
  • वैदिक काल में शिक्षा मौखिक रूप से दी जाती थी, शिक्षार्थियों से वेदों के मूल पाठ को कंठस्थ करवाया जाता था।
  • विद्यार्थियों को गुरु के आश्रम में 12 वर्षों तक रहना पड़ता था।
  •  वेद चार हैं-ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद तथा अथर्ववेद।
  • वेद को श्रुति (सुना हुआ) भी कहते हैं।
  • वेद की भाषा को प्राक् संस्कृत या वैदिक संस्कृत कहते हैं।
  • संस्कृत भाषा भारोपीय (भारत-यूरोप) भाषा वर्ग का अंग है।
  • भारत की अनेक भाषाएँ- असमिया, गुजराती, हिन्दी, कश्मीरी और सिंधी तथा यूरोप की बहुत-सी भाषाएँ जैसे-अंग्रेजी, फ्रांसीसी, जर्मन, ग्रीक (यूनानी) स्पैनिश आदि इसी परिवार से जुड़ी हुई है। इन्हें भाषा परिवार इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनके अनेक शब्द एक जैसे थे।
  • वैदिक साहित्य के आधार पर वैदिक युग को दो कालखंडों में विभाजित
    किया जाता हैऋग्वैदिक युग (1500 B.C. से 1000 B.C.) एवं उत्तर वैदिक युग (1000 B.C. से 600 B.C.)
  • वैदिक आर्य कई समूहों में भारत आये।
  • ऋग्वेद में आर्य निवास स्थल के लिए सप्तसैन्धवः शब्द का प्रयोग किया गया है।

Bihar Board Class 6 Social Science History Solutions Chapter 9 प्रथम साम्राज्य

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अभ्यास

प्रश्न 1.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न :

प्रश्न (क)
सम्राट अशोक कहाँ का शासक था?
(i) काशी
(ii) मगध
(iii) वैशाली
(iv) कलिंग
उत्तर-
(ii) मगध

Bihar Board Class 6 Social Science History Solutions Chapter 9 प्रथम साम्राज्य

प्रश्न (ख)
किसके उपदेश ने सम्राट अशोक को प्रभावित किया?
(i) महावीर
(ii) महात्मा बुद्ध
(iii) कन्फ्यूसियस
(iv) ईसा मसीह
उत्तर-
(ii) महात्मा बुद्ध

प्रश्न (ग)
अशोक के साम्राज्य में जनपदीय न्यायालय के न्यायाधीश को कहा जाता था –
(i) ग्रामक
(ii) समाहर्ता
(iii) पुरोहित
(iv) राजुक
उत्तर-
(iv) राजुक

प्रश्न (घ)
किस युद्ध की जीत के बाद अशोक का मन दुःख से भर गया?
(i) तक्षशिला
(ii) कलिंग
(iii) उज्जयिनी
(iv) सुवर्णगिरी
उत्तर-
(ii) कलिंग

Bihar Board Class 6 Social Science History Solutions Chapter 9 प्रथम साम्राज्य

प्रश्न (ङ)
सर्वप्रथम ब्राह्मी लिपि को किसने पढ़ा ?
(i) जेम्स प्रिंसेप
(ii) हेनरी
(iii) शैम्पेल्यो
(iv) वाणभट्ट
उत्तर-
(i) जेम्स प्रिंसेप

प्रश्न 2.
निम्नलिखित सही वाक्यों के आगे (✓) व गलत वाक्यों के आगे (✗) चिह्न लगायें।

  1. तक्षशिला उत्तर-पश्चिम और मध्य के लिए आने-जाने का मार्ग था।
  2. सम्राट अशोक ने अपने संदेश पुस्तकों में लिखवाये थे।
  3. कलिंग बंगाल का प्राचीन नाम था।
  4. अशोक के धम्म में पूजा-पाठ करना अनिवार्य था।
  5. 1837 ई० में जेम्स प्रिंसेप नामक अंग्रेज विद्वान सर्वप्रथम ब्राह्मी लिपि को पढ़ा।
  6. अशोक के प्रशासन में प्रांतों को जिलों में बाँटा गया था।

उत्तर-

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में ‘द :

प्रश्न (i)
सम्राट अशोक की राजधानी कहाँ थी ?
उत्तर-
सम्राट अशोक की राजधानी पाटलीपुत्र थी ।

Bihar Board Class 6 Social Science History Solutions Chapter 9 प्रथम साम्राज्य

प्रश्न (ii)
आज कलिंग भारत के किस राज्य में है ?
उत्तर-
आज कलिंग भारत के उड़ीसा राज्य में है।

प्रश्न (iii)
अशोक के धम्म में निहित एक अच्छी बात को लिखें ।
उत्तर-
राजा और उच्चपदाधिकारी हर क्षण प्रजा के हित के बारे में सोचें।

प्रश्न (iv)
राजस्व संग्रहकर्ता के क्या कार्य थे?
उत्तर-
राजस्व संग्रहकर्ता का काम ‘कर’ इकट्ठा करना था।

प्रश्न (v)
भारत का राष्ट्रीय चिह्न कहाँ से लिया गया है ?
उत्तर-
भारत का राष्ट्रीय चिह्न सारनाथ के स्तम्भ से लिया गया था।

प्रश्न (vi)
अशोक के ज्यादातर अभिलेख किस भाषा में लिखे गये हैं?
उत्तर-
अशोक के ज्यादातर अभिलेख ब्राह्मी लिपि में लिखे गये हैं।

प्रश्न 4.
अशोक के धम्म में निहित मानव मूल्यों को लिखें।
उत्तर-
कलिंग के युद्ध के बाद अशोक को मानव के प्रति संवेदना उत्पन्न हुआ। ‘मानव’ जो युद्ध में मारे जाते हैं निर्दोष ज्यादा होते हैं। मनुष्य को शांतिपूर्ण और सदाचारी बना सकते हैं। बड़ों का आदर करना चाहिए। छोटों को सम्मान, माता-पिता एवं गुरुजनों का आदर करना चाहिए। साथी, दास सभी से उचित व्यवहार करना चाहिए। वृद्धों की सेवा करनी चाहिए।

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प्रश्न 5.
आओ चर्चा करें :

प्रश्न (i)
अशोक ने अपने विचार, प्राकृत भाषा में ही क्यों खुदवाये ?
उत्तर-
अशोक के साम्राज्य में अनेक प्रांत थे, लेकिन ज्यादातर प्रांतों में ब्राह्मी लिपि थी, प्राकृत भाषा संरल थी। अतः उसने अपने विचारों को प्राकृत भाषा में खुदवाये।

प्रश्न (ii)
अशोक के प्रशासन की कौन-कौन-सी बातें आज के प्रशासन में भी देखने को मिलती हैं ? चर्चा करें ।
उत्तर-
न्याय की व्यवस्था, ‘कर इकट्ठा करने की व्यवस्था, प्रजा का ध्यान, सड़कों और यात्रियों पर ध्यान।

प्रश्न (iii)
अशोक अपने से पहले आने वाले राजाओं से किन बातों में अलग लगते हैं ?
उत्तर-
अशोक के पहले राजाओं में कर्मकाण्डों , धर्म पर ज्यादा विश्वास करते, प्रजा की भलाई के लिए काम करते. साम्राज्य के विस्तार पर ज्यादा ध्यान देते। अशोक ही एक ऐसा सम्राट था जो कलिंग पर विजय पाने के बाद साम्राज्य का विस्तार न करने, युद्ध न करने की प्रतिज्ञा ली और मानव कल्याण की बात सोची।

प्रश्न 6.
आओ करके देखें :

प्रश्न (i)
उन वस्तुओं की सूची बनायें जिन पर अशोक चिह्न आपको मिलते हैं?
उत्तर-
सिक्के पर, नोट पर, राष्ट्रीय झंडे पर, पुरस्कारों पर, विशिष्ट स्थानों पर।

प्रश्न (ii)
अशोक के धम्म में तुम और कौन-कौन बातों को जोड़ना चाहोगे ?
उत्तर-
शिक्षा पर विशेष ध्यान, सभी धर्मों का आदर करना, ऊँच-नीच का भेद-भाव न करना।

Bihar Board Class 6 Social Science History Solutions Chapter 9 प्रथम साम्राज्य

प्रश्न (iii)
बिहार में अशोक से जुड़े अभिलेखों की सूची बनाये।
उत्तर-
जहानाबाद की पहाड़ी की तीन गुफाओं की दीवारों पर अभिलेख, सारनाथ के अभिलेख, राजपुरवा के स्तम्भ।

Bihar Board Class 6 Social Science प्रथम साम्राज्य Notes

पाठ का सारांश

  • अशोक महात्मा बुद्ध के उपदेशों से काफी प्रभावित था।
  • 1837 ई. में जेम्स प्रिंसेप नामक अंग्रेज विद्वान ने सर्वप्रथम ब्राम्ही लिपि को पढ़ा।
  • भ्राबरू अभिलेख से अशोक का बौद्ध धर्मावलम्बी होना और धम्म तथा संघ में विश्वास करना सिद्ध होता है।
  • मौर्य सम्राज के भीतर कई छोटे क्षेत्र या प्रांत थे, इनमें चार प्रांत मगध, तक्षशिला, उज्जैन एवं स्वर्णगिरी प्रमुख थे।
  • अशरेल पहला शासक था जिसने अभिलेखों द्वारा अपना संदेश आम लोगों तक पहुंचाया।
  • जब राज्य बहुत बड़ा हो जाता है तब उसे साम्राज्य कहते हैं।
  • अशोक का साम्राज्य पश्चिम में हिन्दुकुश से लेकर पूर्व में बंगाल की खाड़ी तक और उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में कर्नाटक तक फैला था।
  • कलिंग की विजय से मौर्य साम्राज्य अपने विस्तार की चरम सीमा पर पहुंच गया था।
  • अशोक ने जिस धम्मे का रूप संसार के सामने रखा उसमें कई अच्छी बातें निहित थी। अशोक के धम्म में न तो कोई देवी-देवता थे और न ही उसमें कोई व्रत, उपवास या यज्ञ करने की बात कही गई थी।

Bihar Board Class 6 Social Science History Solutions Chapter 5 प्रारंभिक शहर प्रथम नगरीकरण

Bihar Board Class 6 Social Science Solutions HistoryAatit Se Vartman Bhag 1 Chapter 5 प्रारंभिक शहर प्रथम नगरीकरण Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 6 Social Science History Solutions Chapter 5 प्रारंभिक शहर प्रथम नगरीकरण

Bihar Board Class 6 Social Science प्रारंभिक शहर प्रथम नगरीकरण Text Book Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न :

प्रश्न (क)
निम्नलिखित में से कौन हड़प्पा कालीन स्थल नहीं है?
(i) मोहनजोदड़ो
(ii) कालीबंगा
(iii) लोथल
(iv) हस्तिनापुर
उत्तर-
(iv) हस्तिनापुर

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प्रश्न (ख)
किस शहर से बन्दरगाह के अवशेष मिले हैं ?
(i) लोथल
(ii) रापेड़
(iii) कालीबंगा
(iv) धौलावीरा
उत्तर-
(i) लोथल

प्रश्न (ग)
निम्न में से कौन हड़प्पा सभ्यता की विशेषता नहीं है ?
(i) शहरी जीवन
(ii) ग्रामीण जीवन
(iii) विदेशों के साथ व्यापार
(iv) सुनियोजित नगर निर्माण
उत्तर-
(iii) विदेशों के साथ व्यापार

प्रश्न (घ)
हड़प्पा सभ्यता की खोज किस वर्ष हुई थी?
(i) 1921
(ii) 1925
(iii) 1927
(iv) 1940
उत्तर-
(i) 1921

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प्रश्न (ङ)
महास्नानागार किस नगर से प्राप्त हुआ है?
(i) हड़प्पा
(ii) लोथल
(iii) मोहनजोदड़ो
(iv) कालीबंगा
उत्तर-
(iii) मोहनजोदड़ो

प्रश्न 2.
निम्नलिखित का सुमेल करें

  1. सोना – गुजरात
  2. फिरोजा – कर्नाटक
  3. चौदो – मध्य एशिया
  4. सीपियाँ – ईरान

उत्तर-

  1. सोना – कर्नाटक
  2. फिरोजा – मध्य एशिया
  3. चाँदी – ईरान
  4. सीपियाँ – गुजरात

प्रश्न 3.
आइए विचार करें –

प्रश्न (i)
ड़प्पा सभ्यता के नगरीय जीवन पर प्रकाश डालें ।
उत्तर-
हड़प्पाई नगरों में पाई गई रिहाइशी इमारतें, सड़कें, गलियों एवं नालियों की सुनियोजित व्यवस्था इस तथ्य को उजागर करती है कि हड़प्या के शहरों की योजना में कुशल शासक वर्ग का हाथ रहा । शासक शहर के लिए जरूरी धातुओं बहुमूल्य पत्थर एवं अन्य उपयोगी चीजों को .मैंगवाने के लिए लोगों को दूर-दूर के प्रदेशों में भेजा जाता था । लोग व्यापक पैमाने पर ईंट बनाने का काम भी करते थे । इन नगरों में लिपिक भी होते थे जो भोजपत्र या कपड़े पर लेखन-कार्य करते थे जो अब नष्ट

हो चुके हैं। उनके द्वारा मुहरों, हाथी-दांत आदि पर लिखे अभिलेख प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा नगरों में सोनार, पत्थर काटने वाले, बुनकर, नाव-निर्माता जैसे शिल्पकार भी रहते थे जो अपने घरों या उद्योग-स्थल पर तरह-तरह की चीजें बनाते थे ।

हड़प्पाई नगरों के निवासी सूती वस्त्रों तथा गरम कपड़ों का उपयोग करते थे । स्त्री-पुरुष हार, बाजूबन्द, अंगूठी, चूड़ी, करमबन्द, कान की बाली तथा पायल जैसे गहने पहनते थे। इनके निर्माण में सामान्यतः सोना-चाँदी, हाथी-दाँत तथा ताँबों का प्रयोग होता था । गहनों के निर्माण में गोमेद, स्फाटिक जैसे बहुमूल्य पत्थरों का भी इस्तेमाल किया जाता था ।

लोग चाक पर निर्मित आग में पके हुए मिट्टी के सादा तथा चित्रकारी वाले बर्तन का इस्तेमाल करते थे | ताँबा, कांस्य, चाँदी तथा चीनी-मिट्टी के बर्तनों का भी उनके द्वारा उपयोग किया जाता था | सख्त पत्थरों से नाप-तौल के लिए बाट तथा गहने के तौर पर इस्तेमाल के लिए मनके का निर्माण किया जाता था । बच्चों के खिलौनों में छोटे चक्के वाली बैलगाड़ियाँ, पशुमूर्तियों आदि प्रमुख रूप से बनायी जाती थीं । लोग पासे का खेल भी खेलते थे ।

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प्रश्न (ii)
हडप्पा संस्कृति को हडप्पा सभ्यता क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
हड़प्पा संस्कृति, छोटी-छोटी नई संस्कृतियों के मिलने पर विकसित हुआ । जैसे-लेखन कला का विकास, शहर का निर्माण, व्यापार, कारीगरी, कलाकारी और विज्ञान सभी का विकास | यह सभी हड़प्पा संस्कृति में विकसित थी। इसी आधार पर हड़प्पा संस्कृति को हड़प्पा सभ्यता कहते हैं।

प्रश्न 4.
आइए चर्चा करें –

प्रश्न (i)
किसी समाज का नगरीकरण के लिए जिन तत्वों की आवश्यकता होती है, उन तत्वों की एक सूची बनाओ।
उत्तर-
यातायात के साधन, बिजली, सफाई , पक्के और ऊँचे मकान, आवासीय कॉलोनी, शिक्षा, ज्ञान, विज्ञान, चिकित्सा की समुचित व्यवस्था। खान-पान, वस्त्र, व्यवसाय संबंधी कार्यालय, सुरक्षा, रोजगार आदि तत्व जरूरी हैं।

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प्रश्न (ii)
हड़प्पाई लोग देवी-देवता, पशु आदि की पूजा करते थे. उनकी एक सूची बनाओ।
उत्तर-
हड़प्पाई लोग देवी, देवता और पशु की पूजा करते थे। पृथ्वी, पशुपति महादेव, वृक्ष, गैंडा, साँड़ की पूजा विशेष रूप से करते थे। जादू-टोना में भी विश्वास करते थे।

प्रश्न (iii)
हड़प्पाई लोग जिन फसलों से परिचित थे, उनकी एक सूची बनाओ और तुम जिन फसलों के बारे में जानते हो, उनकी एक सूची बनाओ।
उत्तर-
हड़प्पाई लोग गेहूँ, जौ, मटर, धान, तिल, सरसों आदि से , परिचित थे। मैं जानता हूँ- गेहूँ, जौ, मटर, धान, तिल, सरसों, मसूर, चना, मकई, सोयाबीन, राजमा, बाजरा, मूंग, राई. तिसी, खेसाड़ी आदि।

प्रश्न 5.
आइए करके देखें –

प्रश्न (i)
हड़प्पा शहर जिस तरह बसा हुआ था, उसका एक नक्शा बनाओ और तुम अपने गाँव या शहर का एक नक्शा बनाओ । दोनों नक्शों में समानता और असमानता को चिन्हित करें ।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें ।

Bihar Board Class 6 Social Science प्रारंभिक शहर प्रथम नगरीकरण Notes

पाठ का सारांश

  • भारतीय संस्कृति काफी पुरानी है।
  • आग के आविष्कार ने उनके जीवन की राह को आसान बनाया ।
  • आग से अपने भोजन को पकाकर खाने लगे, खूखार जंगली जानवरों से खुद की रक्षा की और आग तापने के लिए वे एक दूसरे के पास पहुँचे ।
  • नवपाषाणयुग में मानव-संस्कृति सरल से जटिल हो गई ।
  • मानव सांस्कृतिक विकास ने वन्यावस्था से ग्राम जीवन में प्रवेश किया ।
  • हड़प्पा संस्कृति को हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है।
  • संस्कृति से तात्पर्य व्यक्ति के परिष्कृत व्यवहार से है जिसे समाज द्वारा सीखा जाता है और जिसका हस्तांतरण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में होता रहता है।
  • पुरातत्वविदों ने अनेक नगरों का पता लगाया जिनमें मोहनजोदड़ों, कालीबांगा, बनवली, लोथल और धौलावीरा प्रमुख शहर हैं।
  • खुदाईयों के आधार पर वर्तमान में 2800 हड़प्पा सभ्यता के स्थल प्रकाश में आए हैं।
  • हड़प्पा सभ्यता के सभी शहरों का निर्माण लगभग 4700 साल पहले हुआ था।
  • हड़प्पा सभ्यता के अधिकांश नगर दो हिस्सों में विभाजित थे।
  • कुछ नगरों के नगर-दुर्ग वाले हिस्से में बड़ी इमारते और आवासीय ढांचे मिले है।
  • मोहनजोदड़ों, हड़प्पा, कालिबंगन और लोथल में एक समान विशेषताओं वाली संरचनाएं मिली है।
  • हड़प्पाई नगरों के घर प्रायः एक या दो मंजिलें और कुछ तीन मंजिलें भी होते थे।
  • नगर ग्रिड प्रणाली के अनुसार योजनाबद्ध तरीके से बसाए गए थे जिसकी गलियाँ तथा सड़कें एक दूसरे को लगभग समकोण पर काटती थी।
  • हड़प्पाई नगर गाँवों से घिरा होता था । गाँव के लोग ही शहर में रहने वाले लोगों के लिए खाने का सामान उपलब्ध कराते थे । हड़प्पा संस्कृति में व्यापार का बड़ा महत्त्व था
  • हड़प्पाई लोग धरती को उवर्रता की देवी समझते थे और उनमें मातृदेवी की पूजा का खूब प्रचलन था ।
  • हड़प्पा में पकी हुई मिट्टी की स्त्री-मूर्तिकाएँ भारी संख्या में मिली है।
  • नगरीय जीवन पद्धति से तात्पर्य नगर में निवास करने वाले लोगों के वस्त्र, आभूषण, खान-पान, बात-चीत, संबंध व्यवहार, पेशा इत्यादि से है।

Bihar Board Class 6 Social Science History Solutions Chapter 4 प्रथम कृषक एवं पशुपालक

Bihar Board Class 6 Social Science Solutions History Aatit Se Vartman Bhag 1 Chapter 4 प्रथम कृषक एवं पशुपालक Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 6 Social Science History Solutions Chapter 4 प्रथम कृषक एवं पशुपालक

Bihar Board Class 6 Social Science प्रथम कृषक एवं पशुपालक Text Book Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न –

प्रश्न (क)
सबसे पहले किस जानवर को आदमी ने पालतू बनाया ?
(i) कुत्ता
(ii) बंदर
(iii) गाय
(iv) बकरी
उत्तर-
(i) कुत्ता

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प्रश्न (ख)
गेहूँ का प्राचीन साक्ष्य कहाँ से प्राप्त हुआ है ?
(i) मेहरगढ़
(ii) महागढ़
(iii) हल्लूर
(iv) पैयमपल्ली
उत्तर-
(i) मेहरगढ़

प्रश्न 2.
निम्नलिखित का सुमेल करें :

  1. चिरांद – आधुनिक उत्तरप्रदेश
  2. मेहरगढ़ – आधुनिक बिहार
  3. बुर्जहोम – आधुनिक पाकिस्तान
  4. कोल्डिहवा – आधुनिक काश्मीर

उत्तर-

  1. चिरांद – आधुनिक बिहार (छपरा)
  2. मेहरगढ़ – आधुनिक पाकिस्तान
  3. बुर्जहोम – आधुनिक काश्मीर
  4. कोल्डिहवा – आधुनिक उत्तरप्रदेश

आइए करके देखें 

प्रश्न (i)
खेती की शुरुआत कैसे हुई ?
उत्तर-
मानव जब भोजन की खोज के लिए इधर-उधर एक स्थान – से दूसरे स्थान तक जाते रहते थे। इसी क्रम में मानव को पौधों के फल पकने का ज्ञान हुआ। उनके बीज से सदृश पौधे को उगते देखा होगा, इसी प्रकार गेहूँ, जौ और मटर के पौधे से प्राप्त अनाज और उसके गिर जाने सदृश्य पौधे की उत्पत्ति होते देखा और धीरे-धीरे बीजों का गह कर फसलों को नियमित रूप से उपजाने लगा।

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प्रश्न (ii)
मानव जीवन में खेती के बाद क्या परिवर्तन आया?
उत्तर-
खेती की शुरुआत ने मानव-जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया। खाद्य संग्राहक से खाद्य उत्पादक बन गया। एक निश्चित जगह पर समूहों में रहने लगा। गाँव का विकास हुआ। सहयोग की भावना का जन्म हुआ। नाते-रिश्तेदारी पर आधारित जन जातीय समुदाय का उदय हुआ। रहने के लिए छप्पड़ वाली झोपड़ियाँ बनने लगीं। कपड़े पहनने लगे।

प्रश्न (iii)
नवपाषाण युग के औजारों की क्या विशेषता थी ?
उत्तर-
पुरापाषाण युग की औजारों की अपेक्षा नवपाषाणयुग की औजारों के आकार छोटे, दृढ़, पहले से ज्यादा धारदार एवं चमकदार थे।

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पाठ का सारांश

  • सबसे पहले कुत्ता, सुअर, भेड़-बकरी और मवेशी को पालतू बनाया गया।
  • पालतू जानवर उसे कहते हैं जिसे मनुष्य अपने लाभ के लिए अपने पास रखता है और उसका उपयोग करता है।
  • पशु पालन के माध्यम से भी भोजन की समस्या का समाधान हुआ।
  • कृषि एवं पशुपालन से मानव जीवन में प्रथम क्रांति हुई।
  • प्रारंभिक मानव अपने भोजन का उत्पादन स्वयं नहीं करते थे ।
  • कृषि से कृषकों के बीच सहयोग की भावना पनपी और स्थायी रूप से एक जगह रहने लगे एवं लोगों के बीच आपसी संबंध कायम हुए।
  • नव पाषाण युग में मानव के खाने, रहने आदि के अंदाज में मूलभूत परिवर्तन हुए इसलिए इसे ‘क्रांतिकाल’ कहा जाता है ।
  • नवं पाषाण युग में ग्राम आधारित सामाजिक संगठन का विकास हुआ।
  • लगभग 12,000 वर्ष पहले दुनिया की जलवायु में परिवर्तन आया और शिकारी संग्रहकर्ता के लिए प्रकृति ने भोजन के अनेक अवसर उपलब्ध कराए ।
  • जलवायु परिवर्तन के फलस्वरूप जनसंख्या में वृद्धि होने लगी।
  • शिकारी संग्रहकर्ता अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए फसलों को बोना शुरू किया।

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 18 ठोस कचरा प्रबंधन

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 18 ठोस कचरा प्रबंधन Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 18 ठोस कचरा प्रबंधन

Bihar Board Class 6 Science ठोस कचरा प्रबंधन Text Book Questions and Answers

अभ्यास और प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
रोजमर्रा के जीवन में प्लास्टिक इस्तेमाल करने के लाभ और हानियों को बताएँ।
उत्तर:
रोजमर्रा के जीवन में प्लास्टिक इस्तेमाल करने का लाभ – प्लास्टिक किस तरह हमारे जीवन में घुल-मिल गया है कि बताना बहुत ही मुश्किल तो नहीं है। प्लास्टिक से हमें बहुत से फायदे तो हुए हैं। जैसे- वर्षा – के दिनों में अगर वर्षा होती हैं तो कोई भी वस्तु को ढंक देने में उसमें पानी का प्रवेश नहीं होता है। अनाज, गेहूँ, चावल इत्यादि चीजों को हम लोग इन प्लास्टिक से ढंक कर ही बचाते हैं। प्लास्टिक के खिलौनों को देखिए, बच्चों को कितना भाता है और यह डर भी नहीं रहता है कि बच्चों के हाथ-पैर कट जाएँ या किसी प्रकार का नुकसान हो सकता है। हम लोग टेबल, कुर्सी, कूलर इत्यादि इन सभी चीजें जो प्लास्टिक से बनती हैं उसी का उपयोग करते हैं क्योंकि इनका वजन लकड़ी या लोहे की अपेक्षा काफी कम होता है।

रोजमर्रा के जीवन में प्लास्टिक इस्तेमाल करने की हानियाँ इस प्रकार हैं –

प्लास्टिक इस्तेमाल करने से हमें काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्लास्टिक की कई चीजों की उपयोगिता बहुत कम समय तक के लिए ही होती हैं और वह जल्द ही कूड़े में फेंक दी जाती है। हमलोग अपने घर के कचड़े को प्लास्टिक की थैलियों में भरकर बाहर फेंक देते हैं जो गली, मोहल्लों के आवारा पशु भोजन की खोज में जब इन थैलियों को देखते हैं तो. प्रायः प्लास्टिक की थैली को भी निगल जाते हैं। कभी-कभी तो इस कारण उनकी मृत्यु भी हो जाती है। सड़कों तथा अन्य स्थानों पर असावधानीपूर्वक फेंकी गई ये प्लास्टिक की थैलियाँ अक्सर बहकर नालों अथवा सीवर में पहुँच जाती हैं। इसके फलस्वरूप नाले अवरूद्ध हो जाते हैं और गंदा जल सड़को पर फैलने लगता है।

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 18 ठोस कचरा प्रबंधन

प्रश्न 2.
कचरे के प्रबंधन के लिए हम क्या कर सकते हैं?
उत्तर:
कचरे के प्रबंधन के लिए हम यह जान चुके हैं कि आजकल “विभिन्न प्रकार के कचरों से काफी परेशानियाँ खड़ी हो रही हैं। आने वाले समय में इनके निपटान की समस्या और भी गंभीर हो जाएगी। इसलिए इन कचरे को जिनमें प्लास्टिक भी शामिल है, के निपटारे के लिए निम्न “चार आर” सुझाए गए हैं –

“चार “R” को हम अपनाएंगे
कचरे से छुटकारा पाएंगे।
Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 18 ठोस कचरा प्रबंधन 1

आइये इनके बारे में एक-एक करके जानकारी प्राप्त करते हैं।

(क) मना कीजिए (Refuse)-जैसा कि ऊपर हमलोगों ने जान लिया है कि प्लास्टिक की बनी थैलियों या सामानों का उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अतः प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के लिए सभी को मना Refuse कराने हेतु जागरुकता लाने हेतु अभियान चलाना चाहिए।

(ख) उपयोग कम (Reduce)-आजकल चीजों को इस्तेमाल करके फेंक दना बहुत आम बात हो गई है। हम बहुत-सी ऐसी चीजें भी इस्तेमाल करते है जिसके बिना भी काम चलाया जा सकता है। यानि जो बहुत जरूरी नहीं होना है। जैसे -जैसे हम अपनी जरूरतें बढ़ाते हैं वैसे-वैसे कचरे भी बढ़ते चलं जान हैं। जैसे- दुकान में कमीज प्लास्टिक में रखी होती है ताकि वह गंदा न हो। जब हम उसे खरीदते हैं तब दुकानदार उसे अलग थैली में देता है जिस पर दुकान का नाम आदि लिखा होता है। जब हम पहनने के लिए कमीज निकाल लेते हैं तब दोनों थैलियों को फेंक देते हैं। हमें ध्यान भी नहीं रहता कि कमीज के फट जाने के कई साल बाद तक भी ये दोनों थैलियों कचरे का हिस्सा बनी रहेंगी।

(ग) पुन. उपयोग (Refuse) – कुछ कचरा ऐसे होते हैं जिसका पुनः – उपयोग किया जा सकता है, आइए ऐसी कुछ चीजों की सूची बनाइऐ जो आपने हाल ही में कूड़े दान में फेकी हो या कबाड़ी से बंची हो। आपस में चर्चा – कीजिए कि उन चीजों को कैसे दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सकता था। इस प्रकार चीजों को फेंकने के बजाए उन्हें दुबारा इस्तेमाल करने से कचरे के निपटान में मदद हो जाती है।

(घ) पुन:चक्रण (Recycle)-आपने कबाड़ी वाले को घरों से पुराने अखबार, शीशियाँ, प्लास्टिक और धातु से बनी चीजें खरीदते देखा होगा। इन चीजों को वे ले जाकर बेचते हैं और कारखाना में उन चीजों को कुछ प्रक्रियाओं द्वारा नए रूप में परिवर्तित कर दिया जाता है। इसे पुनः चक्रण कहते हैं।

पुन: चक्रण के लिए हमें क्या करना चाहिए?

  1. हम ऐसी चीजें खरीदें जिनका पुन:चक्रण हो सके।
  2. हम ऐसी चीजें खरीदें जिनका पुन:चक्रण से बनी हो। जैसे- पुनः चक्रण द्वारा बनाया गया कागजा
  3. ऐसी चीजें हम इस्तेमाल करें जिसका पुन:चक्रण हो सके।

कम्पोस्ट खाद – कम्पोस्ट खाद रसोई और बगीचे से निकलने वाले कचरे का पुनःचक्रण करने का सबसे अच्छा तरीका है। कम्पोस्ट का अर्थ है- पौधों और जन्तुओं के मृत शरीर और जैव निम्नीकरणीय पदार्थों का सूक्ष्म जीवों द्वारा मिट्टी जैसे पदार्थ में बदलना (यह पदार्थ मिट्टी को उपजाऊ बनाता है और खाद के रूप में पेड़-पौधों की वृद्धि में सहायक होता है। इससे हमें दो फायदे हैं-एक तो खाद मिल जाती है और दूसरा कचरे का भी निपटारा हो जाता है।

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 18 ठोस कचरा प्रबंधन

प्रश्न 3.
पुनःचक्रण का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कबाड़ी वाले को घरों से पुराने अखबार, शीशियाँ, प्लास्टिक और धातु से बनी चीजें खरीदते देखा होगा। इन चीजों को वे ले जाकर बेचते हैं और कारखानों में उन चीजों को कुछ प्रक्रियाओं द्वारा नए रूप में परिवर्तित कर दिया जाता है। इसे पुन:चक्रण कहते हैं।

प्रश्न 4.
पॉलिथीन का बहुत ज्यादा उपयोग करने से हमें किस प्रकार के नुकसानों का सामना करना पड़ रहा है?
उत्तर:
पॉलिथीन का बहुत ज्यादा उपयोग करने से हमें परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्लास्टिक की. कई चीजों की उपयोगिता वहुत कम समय तक के लिए ही होती है और वह जल्द ही कड़े में फेंक दी जाती है। हम अपने घर के कचरे को प्लास्टिक की थैलियों में भरकर बाहर फेंक देते हैं। गली-मोहल्ले के आवारा पशु भोजन की खोज में जब इन थैलियों को देखते हैं तो प्रायः प्लास्टिक की थैली को भी निगल जाते हैं। कभी-कभी तो इस कारण उनकी मृत्यु भी हो जाती है।

सड़कों तथा अन्य स्थानों पर असावधानीपूर्वक फेकी गई ये प्लास्टिक की थैलियाँ अक्सर बहकर नालों अथवा सीवर प्रणाली में पहुँच जाती हैं। फलस्वरूप नाले अवरुद्ध हो जाते हैं और गंदा जल सड़कों पर फैलने लगता है। भारी वर्षा के समय तो बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जमीन या मिट्टी में भी प्लास्टिक के जमा होने से मिटटी पौधों के लिए कम उपयोगी ‘हो जाती है। क्योंकि ऐसे में मिट्टी में पानी का सही निकास नहीं हो पाता है। इन्हीं सभी प्रकारों से नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

प्रश्न 5.
आप पॉलिथीन के अत्यधिक उपयोग को कम करने में कैसे मदद कर सकते हैं?
उत्तर:
पॉलिथीन के अत्यधिक उपयोग को कम करने में निम्न प्रकार से मदद कर सकते हैं- प्लास्टिक की इन्हीं सब हानियों को ध्यान में रखकर सरकार ने प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने का निश्चय किया है। इस अभियान में स्कूल के बच्चे भी बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं। प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल न करना इसी अभियान का एक हिस्सा है।

आइए हम देखें कि प्लास्टिक का उपयोग कम करने के लिए हम क्या कर सकते हैं।

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 18 ठोस कचरा प्रबंधन

(क) बाजार जाते समय घर से कपड़े अथवा जूट की थैली लेकर जाएँ।
(ख) दुकानदार से प्लास्टिक की थैली न लें। उनको समझाएं कि वे कागज की थैलियों का इस्तेमाल करें।
(ग) हम खाद्य पदार्थों को रखने के लिए प्लास्टिक की थैलियों यानि पॉलिथीन का उपयोग न करें।
(घ) पॉलिथीन की थैलियों को सडक और नालियों में न फेंके।
(ङ) हम प्लास्टिक को कभी भी जलाएँ नहीं. क्योंकि जलाने पर इनसे हानिकारक गैसें निकलती हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। पालिथीन के कम उपयोग करने से हमें मदद मिल सकती है।

प्रश्न 6.
निम्न कथनों में सत्य के सामने (सत्य) तथा असत्य कथन के सामने (असत्य) का चिह्न लगाएँ।
(क) कचरे के कारण वायु, जल एवं भूमि दुषित हो जाते हैं।
(ख) पदार्थ जिनका विघटन आसानी से हो जाता है जैव निम्नीकरणीय पदार्थ कहलाती है।
(ग) पदार्थ जिनका विघटन आसानी से नहीं हो सकता, जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ कहलाती है।
(घ) पुराने अखबार, शीशियों, प्लास्टिक और धातु से बनी चीजों को कुछ प्रक्रियाओं द्वारा नए रूप में परिवर्तित करना “पुन:चक्रण” कहलाती है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) सत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य।

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 18 ठोस कचरा प्रबंधन

Bihar Board Class 6 Science ठोस कचरा प्रबंधन Notes

अध्ययन सामग्री:

आम तौर पर प्रत्येक व्यक्ति अपने दिनचर्या में कुछ-न-कुछ पदार्थों को – जहाँ-तहाँ छोड़ते चले जाते हैं जिसमें कुछ वस्तुएँ ऐसी होती हैं जिनका प्रयोग हम दुबारा नहीं कर सकते हैं। लेकिन कुछ ऐसे पदार्थ होते हैं। जिसका प्रयोग हम अन्य कार्यों में कर सकते हैं। लेकिन जहाँ-तहाँ छोड़ने पर यह बेकार हो जाते हैं तथा यही कचरा कहलाता है। यानि वे अपशिष्ट पदार्थ जो हमारे पर्यावरण के लिए प्रदूषक का काम करता हो उसे कचरा कहते हैं।

कचरा के रूप में फैले पदार्थों के अध्ययन से पता चलता है कि कुछ ऐसे पदार्थ हैं जो सड़-गल जाते हैं। कुछ सड़ते-गलते नहीं हैं। जो पदार्थ सड़-गल जाते हैं वे जैव निम्नीकरणीय पदार्थ कहलाते हैं। जैसे- फलों एवं सब्जियों के छिलके, कागज, गत्ता, पत्ती आदि। जो पदार्थ सड़ते-गलते नहीं हैं यानि जिसका जैविक विघटन नहीं हो पाता है उसे जैव अनिम्नीकरणीय – पदार्थ कहते हैं। जैसे- प्लास्टिक, धातु, काँच और सीमेंट आदि।

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 18 ठोस कचरा प्रबंधन

अपशिष्ट पदार्थ जैसे टूटे खिलौने, पुराने कपड़े, जूते, चप्पल, पॉलीथीन आदि को हमलोग जहाँ-तहाँ फेंक देते हैं जिससे वातावरण दूषित हो जाता है। इन अपशिष्ट पदार्थों के निम्नलिखित दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

  • वायु, जल एवं भूमि प्रदूषित होती है।
  • स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • वातावरण की सुन्दरता नष्ट हो जाती है। आदि।

वर्तमान में प्रदूषण अपने भयावह रूप को धारण करते जा रहा है जिससे पूरा सजीव-जगत के जीव-जन्तु तथा पेड़-पौधे प्रभावित हो रहे हैं। यदि यही स्थिति रही तो पूरे सजीव जगत का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। आजकल पूरे संसार के अधिकांश गाँव और शहर कूड़े के निपटान की समस्या का सामना कर रहे हैं। कचरे को निपटाने के लिए ऐसे तरीके सोचें जा रहे हैं जो पर्यावरण को नुकसान न पहुँचाए एवं गाँव/शहर को भी साफ-सुथरा रख सके।

आजकल तो कचरा से कम्पोस्ट खाद आदि बनाया जाने लगा है। पूर्णत: गलने वाला कचरा, जिससे दुर्गध नहीं आती है। परिवर्तित यानि जैविक विघटन के माध्यम से विघटित होकर खाद बनाता हो। खाद बनाने की प्रक्रिया को. कम्पोस्टिंग कहते हैं।

प्रदूषण को रोकने के लिए हमें सरकार तथा गैर सरकारी संस्थान ने अनेक कदम उठाए हैं लेकिन यह सफल तभी होगा जबतक हम-आप जागरूक नहीं होंगे।

अतः हमें ऐसी चीजें इस्तेमाल करना चाहिए जिसका पुन:चक्रण हो सके। कम्पोस्ट खाद रसोई तथा बगीचे से निकलनेवाले कचरे का पुन:चक्रण करने का सबसे अच्छा तरीका है। कम्पोस्ट बनाने का अर्थ -पौधों और जन्तुओं के मृत शरीर और जैव-निम्नीकरणीय पदार्थों का सूक्ष्म जीवों द्वारा मिट्टी जैसे पदार्थ में बदलना। यह खेत को उपजाऊ बनाता है। खाद के रूप में पेड़-पौधों की वृद्धि में सहायक होता है। इससे हमें दो लाभ होते हैं- एक तो खाद मिल जाती है और दूसरा कचरे का भी निपटारा हो जाता है।

इस प्रकार हम-आप मिलकर कचरा कम फैलाएँ ताकि हमारा पर्यावरण साफ एवं स्वच्छ रह सके।

Bihar Board Class 6 Social Science History Solutions Chapter 2 क्या, कब, कहाँ और कैसे?

Bihar Board Class 6 Social Science Solutions History Aatit Se Vartman Bhag 1 Chapter 2 क्या, कब, कहाँ और कैसे? Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 6 Social Science History Solutions Chapter 2 क्या, कब, कहाँ और कैसे?

Bihar Board Class 6 Social Science क्या, कब, कहाँ और कैसे? Text Book Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न –

प्रश्न (क)
मिट्टी के बर्तन की प्राचीनता का निर्धारण किस विधि से करते हैं ?
(i) कार्बन – 14 पद्धति
(ii) ताप संदीप्ति विधि
(ii) पोटैशियम -आर्गन विधि
(iv) बी0 सी0 विधि
उत्तर-
(iv) बी0 सी0 विधि

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प्रश्न (खा)
उत्तर भारत को दक्षिण भारत से कौन पर्वत अलग करती है ?
(i) हिमालय पर्वत
(ii) विन्ध्य पर्वत
(ii) पूर्वी घाट
(iv)पश्चिमी घाट
उत्तर-
(ii) विन्ध्य पर्वत

प्रश्न (ग)
चावल का प्राचीन प्रमाण कहाँ से मिला है?
(i) कोलडिहवा
(ii) ब्रह्मगिरि
(iii) मेहागढ़
(iv) बुर्जहोम
उत्तर-
(i) कोलडिहवा

प्रश्न 2.
खाली स्थान भरें

  1. ……….. क्षेत्र के अधीन विशाल साम्राज्य की स्थापना हुई।
  2. भौगौलिक दृष्टिकोण से भारत को ………. विभाजित किया जा सकता है।
  3. ………… ने कुम्हरार नामक स्थान की खुदाई करवाई।
  4. आधुनिक काल का प्रारंम्भ …………..से हुआ।
  5. महापाषाणी संस्कृति का निर्माण……….भारत के लोगों ने किया।

उत्तर-

  1. दक्षिण क्षेत्र के अधीन विशाल साम्राज्य की स्थापना हुई।
  2. भौगौलिक दृष्टिकोण से भारत को चार भागों में विभाजित किया जा सकता है।
  3. डॉo स्पूनर ने कुम्हरार नामक स्थान की खुदाई करवाई।
  4. आधुनिक काल का प्रारंम्भ 18वीं शताब्दी से हुआ।
  5. महापाषाणी संस्कृति का निर्माण 3000 वर्ष पूर्व भारत के लोगों ने किया।

Bihar Board Class 6 Social Science History Solutions Chapter 2 क्या, कब, कहाँ और कैसे?

प्रश्न 3.
निम्नलिखित का सुमेल करें

  1. खासी – अनाज का प्रमाण
  2. अफ्रीका – दक्षिण भारत
  3. मगध – महादेश
  4. मेगालिथ – प्रथम बड़ा साम्राज्य
  5. चोपानीमांडो – जनजाति

उत्तर-

  1. खासी – जनजाति
  2. अफ्रीका – महादेश
  3. मगध – प्रथम बड़ा साम्राज्य
  4. मेगालिथ – दक्षिण भारत
  5. चोपानीमांडो – अनाज का प्रमाण

Bihar Board Class 6 Social Science History Solutions Chapter 2 क्या, कब, कहाँ और कैसे?

आइए चर्चा करें

प्रश्न 1.
इतिहास के अध्ययन से हमें क्या जानकारी प्राप्त होती है ?
उत्तर-
इतिहास, प्रागैतिहासिक काल और ऐतिहासिक काल के अतीत को बतलाता है। भारत अथवा विश्व के अतीत. सभ्यता और संस्कृति के बारे में बताता है। मनुष्य ने प्राचीन संसाधनों की खोज किस प्रकार की। अपनी समस्याओं का निदान किस प्रकार किया? देश. विदेश के शासकों का जीवन-शैली तथा कार्य क्या थे?

प्रश्न 2.
पुरातत्त्व किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वैसी वस्तुएँ जिनके माध्यम से अतीत की जानकारी प्राप्त होती है। जैसे – पत्थर, ईट से बनी इमारतों के अवशेष, औजार, हथियार, बर्तन, आभूषण, मूर्तियाँ, चित्र और सिक्के हैं।

प्रश्न 3.
इतिहास के अध्ययन से अपने अतीत के बारे में क्या-क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर-
हमारा अतीत यानि भारतवर्ष का अतीत बहुत पुराना है। अतीत की जानकारी हमें इतिहास से प्राप्त होती है । इतिहास उत्खनन से प्राप्त अवशेषों को संग्रह कर पुरातत्त्ववेत्ता क्रमबद्ध रूप से इतिहास का संकलन करते हैं । प्रागैतिहासिक काल और ऐतिहासिक काल इतिहास के दो भाग हैं ।

इतिहास हमें बताता है कि भारत में सभ्यता और संस्कृति कब और कैसे, कहाँ विकसित हुई । मनुष्य ने प्राकृतिक संसाधनों की खोज कैसे की, किस प्रकार गाँव, नगर और राज्यों की स्थापना हुई। अपनी समस्याओं के निदान के लिए नये-नये आविष्कार किस प्रकार किये । वर्तमान का बदलाव अतीत की ही देन है।

प्रश्न 4.
अतीत की जानकारी जिन-जिन स्रोतों के माध्यम से हो सकती है, उसकी एक सूची बनायें।
उत्तर-
पत्थर, ईंट से बनी इमारतों के अवशेष, औजार, हथियार, बर्तन आभूषण, मूर्तियाँ, चित्र और सिक्के।

प्रश्न 5.
देश का नाम भारत और इण्डिया कैसे हुआ ?
उत्तर-
इण्डिया शब्द इण्डस से निकला है। संस्कृत में सिंधु कहते हैं। लगभग 2500 वर्ष पूर्व उत्तर-पश्चिम की ओर से आने वाले इरानियों और यूनानियों ने सिंधु को हिंदोस कहा। इसे इंडोस भी कहते थे और नदी के पूर्व स्थित प्रदेश को इण्डिया कहते थे। भारत नाम भरत नामक मानव समूह के नाम पर पड़ा। यह भी धारणा है कि राजा दुष्यंत एवं रानी शकुन्तला के पुत्र का नाम भरत था जो काफी बुद्धिमान और शक्तिशाली था। इसी के नाम पर देश का नाम भारत पडा।

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प्रश्न 6.
काल निर्धारण के कार्बन-14 पद्धति को बतायें ।
उत्तर-
C14 (कार्बन-14) पद्धति द्वारा प्राप्त प्राचीन अवशेषों का सही उम्र का अंदाजा लगाते हैं। इस पद्धति में सभी जीवित जीवों एवं पेड-पौध गों में c14 की निश्चित मात्रा रहती है और जब जीव की मृत्यु हो जाती है तो 14 का हास होता है और C 14 स्थिर रहता है और तुलना कर सही-सही उम्र का पता लगाते हैं। 5730 वर्ष में किसी जीव में पाये जाने वाले C14 की मात्रा आधी रह जाती है।

आओ करके देखें 

प्रश्न 1.
पुरातत्त्वविदों द्वारा उत्खनन में प्राप्त वस्तुओं की सूची बनाइए।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें ।

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प्रश्न 2.
भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित स्थानों को दिखाए ।
(i) नर्मदा नदी
(ii) गंगा नदी
(iii) विंध्य पर्वत
(iv) सतपुडा पहाड़ियाँ ।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

Bihar Board Class 6 Social Science क्या, कब, कहाँ और कैसे? Notes

पाठ का सारांश

  • सिक्कों आ अध्ययन मुद्राशास्त्र कहलाता है।
  • डा० स्पूनर ने पटना के कुम्हरार नामक स्थान में खुदाई द्वारा ‘ चन्द्रगुप्त के राजमहल के स्तंभ खोज निकाले हैं।
  • पूरे विश्व में एक मानक के रूप में तिथि की गणना ईसा मसीह के जन्म तिथि से की जाती है ।
  • भौगोलिक दृष्टिकोण से भारत को मुख्यतः चार भागों में विभाजित किया जा सकता है-उत्तर के पर्वतीय प्रदेश, उत्तर का मैदान,
  • दक्षिण का पठार और सूदूर दक्षिण के मैदान ।
  • दुष्यन्त पुत्र भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा है।
  • ईरानियों और यूनानियों ने सिन्धु नदी को हिंदोस अथवा इंडोस और इस नदी के पूर्व स्थित प्रदेश को ‘इण्डिया’ कहा ।
  • इतिहास के माध्यम से हम अपने अतीत के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
  • शिकारियों, पशुपालकों, कृषकों, शासकों, व्यापारियों, वैज्ञानिकों आदि के जीवन के बारे में इतिहास से हमें पता चलता है ।
  • मानव जीवन के इतिहास को तीन काल खंडों में विभाजित किया गया है-
    1. प्राचीन काल
    2. मध्य काल
    3. आधुनिक काल ।
  • प्राचीनकाल के अध्ययन का समय मानव जाति के विकास से लेकर 8 वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध तक माना जाता है ।
  • वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध से लगभग 18वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध तक के काल को माना जाता है।
  • आधुनिक काल का प्रारंभ 18वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध से होता है।
  • भारत में आधुनिक शिक्षा स्वास्थ्य, संचार तथा शासन की नवीन प्रणाली का विकास 18 वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में हुआ था।
  • भारत को 1947 ई० में आजादी मिली।
  • अतीत की जानकारी हमें पुरातात्विक अवशेषों, महाकाव्यों, अभिलेखों आदि से मिलती है।

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 17 वायु

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 17 वायु Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 17 वायु

Bihar Board Class 6 Science वायु Text Book Questions and Answers

अभ्यास और प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
(क) श्वसन के लिए आवश्यक होती है –
(i) जल
(ii) वायु
(iii) आग
(iv) खली जगह
उत्तर:
(ii) वायु

(ख) पर्वतारोही ऊँचे पर्वतों पर चढ़ते समय किस गैस सिलेंडर को अपने साथ ले जाते हैं –
(i) नाइट्रोजन
(ii) ऑक्सीजन
(iii) कार्बनडाइऑक्साइड
(iv) आर्गन
उत्तर:
(ii) ऑक्सीजन

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 17 वायु

(ग) वायु एक मिश्रण है –
(i) गैसों का
(ii) जलवाष्य का
(iii) धुल-कणों का
(iv) उपर्युक्त सभी का
उत्तर:
(iv) उपर्युक्त सभी का

(घ) मोमबत्ती का जलना वायु में उपस्थित किस गैस के कारण संभव है –
(i) कार्बन डाइऑक्साइड
(ii) नाइट्रोजन
(iii) आर्गन
(iv) ऑक्सीजन
उत्तर:
(iv) ऑक्सीजन

(ङ) चूना जल में फूंकने पर इसका दुधिया रंग में बदलना किस गैस के कारण होता है?
(i) ऑक्सीजन
(ii) नाइट्रोजन
(iii) कार्बनडाइऑक्साइड
(iv) क्लोरीन
उत्तर:
(iii) कार्बनडाइऑक्साइड

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें –

(क) पृथ्वी के चारों तरफ घिरी हुई वायु की परत को ……… कहते हैं।
(ख) गोताखोर जब भी समुद्र की गहराई तक जाते हैं तब ……… गैस का सिलेंडर ले जाते हैं।
(ग) वायु में नाइट्रोजन की मात्रा …….. प्रतिशत होती है।
(घ) पौधे श्वसन में ……….गैस लेते हैं।
(ङ) जो जीव पानी में रहते हैं वे श्वसन के लिए पानी में घुली हुई …………..का उपयोग करते हैं ।
उत्तर:
(क) वायुमंडल
(ख) ऑक्सीजन
(ग) 78 .
(घ) कार्बनडाइऑक्साइड
(ङ) ऑक्सीजन

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 17 वायु

प्रश्न 3.
वायु मिश्रण है, कैसे?
उत्तर:
वायु एक मिश्रण है। क्योंकि इसमें जलवाष्प, धूलकण, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड एवं अन्य गैसों की मिलावट होती है।

वायु में जलवाष्प विद्यमान होता है। इसके लिए गिलास में बर्फ के कुछ टुकड़े डालकर ढक देने के बाद हम पाते हैं कि गिलास के बाहरी सतह पर जल की बूंदें दिखाई देती हैं। जब वायु किसी ठंडे पृष्ठ से संपर्क में आती है तो इसमें उपस्थित जलवाष्प ठंडी होकर संघनित हो जाता है तथा जल की बूंदें ठंडे पृष्ठ पर दिखाई देती हैं। इससे स्पष्ट होता है कि वाय में जलवाष्प उपस्थित . होते हैं। ठीक इसी प्रकार अन्य क्रिया-कलाप से साबित हो चुका है कि वायु में 78% नाइट्रोजन 21% ऑक्सीजन, शेष 1% कार्बन डाइऑक्साइड,कुछ अन्य गैसें,, जलवाष्प तथा धूलकण होते हैं। इस प्रकार वायु एक मिश्रण है।

प्रश्न 4.
कौन-सी गैस श्वसन के लिए आवश्यक है?.
उत्तर:
ऑक्सीजन गैस श्वसन के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 5.
उन क्रिया-कलापों की सूची बनाइए, जो वायु की उपस्थिति के कारण संभव है।
उत्तर:
(क) वृक्ष के पत्ते का हिलना।
(ख) किसी भी चीज का जलना।
(ग) सजीव जगत के जीव-जन्तुओं के श्वसन प्रक्रिया।
(घ) गाड़ी के पहिया के अन्दर ट्यूब को हवा से भरना।
(ङ) वायुमंडल दबाव के कारण शरीर में खून का दौड़ना आदि।

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 17 वायु

प्रश्न 6.
पौधे वायुमंडल में गैसों का संतुलन बनाने में सहायक होते हैं, कैसे?
उत्तर:
पौधे, वायुमंडल में उपस्थित कार्बन-डाइऑक्साइड को अपने श्वसन में उपयोग करते हैं तथा इसके अलावे प्रकाश की उपस्थिति में प्रकाशसंश्लेषण क्रिया के द्वारा अपने भोजन बनाने के काम में कार्बन-डाइऑक्साइड का उपयोग करते हैं तथा ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं। इस वायुमंडल में कार्बन-डाइऑक्साइड की मात्रा की कमी होती हैं तथा ऑक्सीजन की मात्रा में वृद्धि होती है। यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है और हमारे वायुमंडल का संतुलन बना रहता है।

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 17 वायु

Bihar Board Class 6 Science वायु Notes

अध्ययन-सामग्री :

सजीव जगत के जीव-जन्तुओं तथा पौधों को जीवित रहने के लिए श्वसन क्रिया आवश्यक होती है। श्वसन के लिए वायु की आवश्यकता होती है। इतना ही नहीं जन्म से लेकर मृत्यु तक वायु की जरूरत होती है। वायु के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। वायु से अनेक गतिविधियाँ हमारे चारों तरफ संचालित होती हैं। जैसे- पत्ते का हिलना, पतंग का उड़ना, घिरनी का नाचना, आग का जलना, पानी से बुलबुले का बाहर आना आदि।

पृथ्वी वायु की एक पतली परत से घिरी हुई है। इस परत का विस्तार पृथ्वी की सतह से कई किलोमीटर ऊपर तक है जिसे वायुमंडल कहते हैं। वायु स्थान घेरती है। वाय हमारे चारों ओर उपस्थित है। वाय का कोई रंग नहीं होता। वायु पारदर्शी होता है। वाय अनेक गैसों का मिश्रण होता है जिसमें प्रत्येक गैस की अपनी गुणवता होता है और अलग-अलग रूपों में हम सजीव जगत के जीव-जन्तुओं एवं पौधों के काम आती है। जहाँ ऑक्सीजन मानव के श्वसन – के लिए आवश्यक है। वहीं कार्बनडाइ ऑक्साइड पौधों के श्वसन के लिए आवश्यक होते हैं। नाइट्रोजन मानव एवं पेड़-पौधों के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप में आवश्यक तत्व माने जाते हैं।

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 17 वायु

वायु की संरचना

  • नाइट्रोजन – 78%
  • ऑक्सीजन – 21%
  • कार्बन-डाइऑक्साइड एवं अन्य – 1%

वायु की संरचना में नाइट्रोजन सर्वप्रमुख अवयव है। इसके बाद ऑक्सीजन प्रमुख अवयव है। शेष सभी अवयव वाय में नगण्य मात्रा में रहते हैं। नाइटोजन की मात्रा वायु का लगभग 4/5वाँ भाग होती है। नाइट्रोजन तथा ऑक्सीजन दोनों गैसें मिलकर वायु का 99% भाग बनाती है।

इस प्रकार वायु में कुछ गैसें, जल-वाष्प तथा धूल के कण विद्यमान होते हैं। वायु की संरचना में स्थानीय भिन्नता हो सकती है।

वायु में ऑक्सीजन का स्थान अतिमहत्वपूर्ण है। सामान्यतः सभी जीव ऑक्सीजन को अपने श्वसन क्रिया को पूरा करने के लिए लेते हैं। पौधे भी श्वसन में ऑक्सीजन का प्रयोग करते हैं। मछली पानी में घुले ऑक्सीजन को श्वास के रूप में अवशोषित करते हैं। ऑक्सीजन मानव शरीर में अनेक क्रिया में मदद करती है। जैसे- खून का बनना। किसी भी वस्तु को जलने में ऑक्सीजन मदद करती है। ऑक्सीजन खुद जलती नहीं है बल्कि जलने में मदद करती है। यानि ऑक्सीजन दहनशील नहीं होती है। परन्त दहन के पोषक होते हैं।

वर्तमान में विज्ञान के प्रचार एवं प्रसार के कारण वायु प्रदूषित हो रही है जिसका मुख्य कारण मानवीय गतिविधियाँ हैं। यानि वायु में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जा रही है जिसके कारण वायु की संरचना असंतुलित होती जा रही है। बहुत हद तक पेड़-पौधे इस संतुलन को बनाए रखने में सहायक हैं। परन्तु वनों की कटाई, बढ़ती अबादी, बढ़ते उद्योग-धंधे बढ़ती मोटर-गाड़ियों की तादाद, आदि गतिविधियों ने वायु संतुलन को असंतुलित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यदि यही रफ्तार से प्रदूषण होता रहा और समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो वह दिन दूर नहीं होगा, जब प्रदूषण अपनी आगोश में मानव-जीवन की लीला को समाप्त कर देगी।

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 16 जल

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 16 जल Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 16 जल

Bihar Board Class 6 Science जल Text Book Questions and Answers

अभ्यास और प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें –
(क) जल को वाष्प में बदलने की क्रिया को ………… कहते हैं।
(ख) जलवाष्प को जल में बदलने की क्रिया को ………….. कहते हैं।
(ग) एक वर्ष या इससे अधिक समय तक वर्षा न होने से उस क्षेत्र में ………. होने की सम्भावना होगी।
(घ) अत्यधिक वर्षा से ……….. आती है।
उत्तर:
क – वाष्पन
ख – संघनन
ग – अकाल तथा भूखमरी
(घ) बाढ़।

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 16 जल

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से प्रत्येक का सम्बन्ध क्या वाष्पन अथवा संघनन से है?

(क) गीले कपड़ों पर इस्त्री करने प भाप का ऊपर उठना।
उत्तर:
वाप्पन।

(ख) सर्दियों में प्रातःकाल कोहरे का दिखना।
उत्तर:
संघनन

(ग) गीले कपड़े से पोंछने के पाद श्याम पट्ट कुछ समय बाद सूख जाता है।
उत्तर:
वाष्पना

(घ) गर्म छड़ पर जल छिड़कने से भाप का ऊपर उठना।
उत्तर:
वाष्पन।

प्रश्न 3.
बादल कैसे बनते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी का 2/3 भाग जल से घिरा है जिसमें कहीं तालाब तो कहीं नदी तो कहीं विशलकाय समुद्र तथा महासागर जल से भरा पड़ा है। ये जलाशय के जल सूर्य की गर्मी के करण वाष्प में बदल जाते हैं और यही वाष्प काफी ऊँचाई पर पहुंचकर संघनित होकर बादल बन जाते हैं। दूसरी तरफ पेड़-पौधे जमीन से जल को खींचकर पत्तियों के माध्यम से वाष्पोत्सर्जित करते हैं और ये जल-कणिकाएँ ऊपर जाकर ठंड पाकर आपस में संघनित होकर बादल का निर्माण करते हैं यानि वाष्पन तथा वाष्पोत्सर्जन प्रक्रिया के उपरांत जल – कणिकाएँ ऊपर जाकर संघनित होकर बादल का निर्माण करती हैं।

प्रश्न 4.
गाँव में जल का संग्रहण कैसे करेंगे?
उत्तर:
वर्षा के जल को एकत्र करना तथा भंडारण करने के बाद उपयोग में लाना, जल की उपलब्धता में वृद्धि करना आदि को जल संग्रहण का आयाम कहते हैं।

गाँव में प्रायः घर मिट्टी तथा कच्चे गाड़ों पर या ईटों का बना होता है। जिसपर खपड़ा या छत रहता है। खपरैल के मकान में ओहाढ़ी के द्वारा जल को एक जगह पर गिराते हैं। फिर नाली के द्वार एक बड़े गड्ढों में जमा कर लेते हैं। दूसरी तरफ छत वाले मकान से नाली के माध्यम से गड्ढों में जल को जमा करते हैं। और अपनी आवश्यकता अनुसार इस जल का प्रयोग पीने से लेकर सिंचाई तक करते हैं।

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 16 जल

प्रश्न 5.
वर्षा के दिनों में कपड़े जल्दी क्यों नहीं सूखते हैं?
उत्तर:
वर्षा के दिनों में हवा में आर्द्रता या नमी की मात्रा बहुत अधिक रहती है। यदि हवा चलती भी है तो उसमें उपस्थित जलवाष्प कपड़े फिर से सोख लेती है। यानि वायुमंडल में उपस्थित नमी के कारण वर्षा-ऋतु में कपड़े जल्दी नहीं सूख पाते हैं।

Bihar Board Class 6 Science जल Notes

अध्ययन सामग्री:

“जल ही जीवन है” किसी ने ठीक ही कहा है। हम आप सोच सकते हैं यदि जल नहीं होता तो क्या होता। और यदि जल की मात्रा अधिक (बाढ़) हो जाए तो क्या तबाही होती है। इस अध्याय में जल हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है इसके साथ-साथ हमारे पर्यावरण में इसकी कमी से बचने के लिए हमें क्या कदम उठाने होंगे तथा इसकी कमी यानी घटता जल-स्तर के कारणों पर विशेष चर्चा होगी।

“पंच तत्व मिल बना शरीरा” में एक तत्व जल है। एक तरफ वायु जहाँ हमें जीवन जीने के लिए होती है तो वहीं जल मानव, जीव-जन्त, पेड़-पौधे आदि को जीवन के हर पल-पल में काम आता है। हमारे शरीर में 70% जल है। सोकर उठने के बाद शौच करते हैं, मुँह धोते हैं, दाँत की सफाई, स्नान, भोजन आदि में जल का प्रयोग होता. है।

जल का स्रोत–जल हमें प्राप्त कहाँ से होता है ? भूमि के अन्दर मिलने वाले जल को भूमिगत जल कहते हैं। भूमि के अन्दर वर्षा के जल का कुछ भाग रिस-रिसकर जमा होता रहता है जो भूमि के अन्दर विशाल जल-राशि का निर्माण कर देता है। यही जल कुँआ से चापाकल तथा बोरिंग से होते हुए घर के नलों में आता है। यह जल मुख्य रूप से पेयजल होता है तथा इस जल की मात्रा भूमि के अन्दर सीमित है। इसके अलावे नदी, झील, समुद्र जल के मुख्य स्रोत हैं।

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 16 जल

जब जल को गर्म करते हैं तो गर्मी पाकर जलवाष्पं में बदल जाता है, इस क्रिया को वाष्पन कहते हैं। यही वाष्प पुनः ठंडा होकर जल में बदल जाता हैं तो इस क्रिया को संघनन कहते हैं। सूर्य के प्रकाश की गर्मी पाकर नदी, तालाबों, झरनों, समुद्र आदि जलाशयों के जल वाष्पित हो जाते हैं और काफी ऊँचाई पर वाष्प के इकट्ठा होने से वाष्प के छोटे-छोटे बन्द एक-दूसरे के समीप आकर बादल का रूप ले लेते हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं, वाष्प के छोटे-छोटे बुन्द संघनित होकर बादल का निर्माण करते हैं। जल कणिकाएँ आपस में मिलकर बड़े आकार का जल-बूंद बनाती हैं। अपने वजन के कारण वे जमीन पर गिरने लगती हैं जिसे हम वर्षा कहते हैं।

प्रकृति में जल से वाष्प बनना, वाष्प से बादल बनना तथा वर्षा के रूप में जल का जमीन पर आना तथा इस क्रिया को दुहराते रहना ही जल चक्र कहलाता है। कभी-कभी जल की बूंदें बादल में तैरते रहते हैं और काफी ठंडी होकर छोटे-छोटे गोले बनाता है। जब इसका आकार बड़ा हो जाता है तो यह वर्षा की बूंदों के साथ जमीन पर गिरने लगता है। बर्फ के इन टुकड़ों को ओला कहते हैं।

जलाशयों तथा महासागरों के अलावा पेड़-पौधे की पत्तियों से जलवाष्प के रूप में निकलती रहती है। पत्तियों से निकलने वाली वाप्प की क्रिया को वाष्योत्सर्जन कहते हैं।

अत्यधिक वर्षा होने से तथा ऊँचे पर्वतों पर जमें बर्फ के पिघलने से नदियों में जल का स्तर बढ़ जाता है और यह बढ़ते-बढ़ते बड़े क्षेत्र में फैल जाता है। यह खेतों, वनों, गाँवों को जलमग्न कर देता है जिसे हम बाढ़ कहते हैं। बाढ़ से हमारे देश में फसलें; सम्पदा तथा मानव जीवन की काफी क्षति होती है।

कभी-कभी वाष्पन तथा वाष्पोत्सर्जन की सामान्य प्रक्रिया के बावजूद महासागरों के ऊपर बने बादल जिस स्थान पर आकर बरसना चाहिए, वहाँ हवा के विपरीत दिशा में चलने के कारण वर्षा नहीं होती है। वर्षा के नहीं होने से उस क्षेत्र में सभी जलाशय सूख जाते हैं। जमीन तथा मिट्टी सूख जाती है। वर्षा न होने की स्थिति में कुंआ का जल सूखने, चापाकल में पानी न आने तथा बोरिंग से पानी का नहीं आना आदि समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं जिसे सुखाड़ कहते हैं। सुखाड़ के कारण फसल नष्ट हो जाते हैं जिसका अनेक कुप्रभाव हमारे सजीव जगत पर पड़ता है। परिणामस्वरूप अकाल तथा भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

वर्तमान में इसी समस्याओं से हम संसार के लोग जुझ रहे हैं या आने वाली पीढ़ी को जुझना पड़ेगा। अत: हम और आप मिलकर जल-संग्रह करने का प्रयास करें।

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 16 जल

जल के घटते जल-स्तर रोकने के लिए विभिन्न कदम उढ़ाना आवश्यक है –

(क) अनावश्यक रूप से पानी को नहीं बहाना चाहिए।
(ख) ज्यादा से ज्यादा पानी स्नान और कपड़ा धोने में बर्बाद नहीं करना चाहिए।
(ग) वर्षा के पानी को संग्रह करना चाहिए।
(घ) अधिक-से-अधिक पेड़-पौधे लगाना चाहिए।
(ङ) वन-की कटाई पर रोक लगाना चाहिए।
(च) जलाशयों को साफ-सुथरा रखना चाहिए।
(छ) वायुमंडल तथा पृथ्वी के तापमान को बढ़ने से रोकने के उपाय करना चाहिए।

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 15 चुम्बक

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 15 चुम्बक Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 15 चुम्बक

Bihar Board Class 6 Science चुम्बक Text Book Questions and Answers

अभ्यास और प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें –
(क) जो वस्तु चुम्बक की ओर खिंचती है ……………….. कहलाता है।
(ख) चुम्बक के जिन स्थानों पर ‘लोहे का बुरादा सबसे अधिक चिपकता है, चुम्बक का ……………कहलाता है।
(ग) स्वतंत्र रूप से लटका हुआ चुम्बक सदा …………… की दिशा में ही रूकता है।
(घ) जब दो समान ध्रुव आमने-सामने रहते हैं तब ………… होता है।
(ङ) जब दो असमान ध्रुव आमने-सामने होते हैं तब ……….. होता है।
उत्तर:
(क) चुम्बकीय पदार्थ
(ख) ध्रुव
(ग) उत्तर-दक्षिण
(घ) विकर्षण
(ङ) आकार्षणः

प्रश्न 2.
मिलान कीजिए –
(1) मैग्नेटाइट – (क) उत्तरी एवं दक्षिणी
(2) लोहा, निकिल, कोबाल्ट – (ख) अचुम्बकीय पदार्थ
(3) दो ध्रुव – (ग) यूनान का चरवाहा
(4) लकड़ी – (घ) चुम्बकीय पदार्थ
(5) मेग्नस – (ङ) प्राकृतिक चुम्बक
उत्तर:
(1) – (ङ)
(2) – (घ)
(3) – (क)
(4) – (ख)
(5) – (ग)

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प्रश्न 3.
निम्न वाक्यों में जो सही हो उनके सामने (सही) का चिह्न एवं गलत कथन के सामने (गलत) का चिह्न लगायें।
(क) प्लास्टिक एक चुम्बकीय पदार्थ है।
(ख) कृत्रिम चुम्बक का आविष्कार यूनान में हुआ था।
(ग) जो वस्तु चुम्बक की ओर आकर्पित होती है। चुम्बकीय वस्तु कहलाती है।
(घ) चुम्बक के दो ध्रुव होते हैं।
उत्तर:
(क) गलत
(ख). सही
(ग) सही
(घ) सही

प्रश्न 4.
चुम्बक के किन्हीं दो गुणों को लिखिए।
उत्तर:
चुम्बक के दो प्रमुख गुण –
(क) स्वतंत्र रूप से लटका हुआ चुम्बक हमेशा उत्तर-दक्षिण दिशा में रूकता है।
(ख) चुम्बक, चुम्बकीय पदार्थ को अपनी ओर आकर्षित करता है।

प्रश्न 5.
छड़ चुम्बक के ध्रुव कहाँ स्थित होते हैं ?
उत्तर:
छड़ चुम्बक को प्रयोग में लाने के बाद पाया गया कि इसके दोनों सिराओं पर आकर्षण शक्ति सबसे ज्यादा होती है जिसे ध्रुव कहते हैं यानि छड़ चुम्बक के ध्रुव दोनों सिराओं पर स्थित होते हैं।
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प्रश्न 6.
आप लोहे की पत्ती को चुम्बक कैसे बनायेंगे?
उत्तर:
एक लोहा की पत्ती तथा एक चुम्बक लेंगे। चुम्बक को लोहे की पत्ती पर कुछ देर तक रगड़ते रहेंगे। कुछ देर के बाद पत्ती जब हटाते हैं तो उसमें चुम्बकीय गुण आ जाते हैं। इस प्रकार चुम्बक से रगड़ कर लोहे की पत्ती को चुम्बक बनाया जा सकता है।

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प्रश्न 7.
दिशा सूचक में कंपास का किस प्रकार प्रयोग होता है?
उत्तर:
घड़ी के केश या डायल की तरह का होता हैं जिसमें चारों दिशा अंकित रहते हैं। उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम। उसके ठीक केन्द्र पर एक कील होता है। जिस पर चुम्बक का बना हुआ सूई लगा होता है। जिसके एक तरफ लाल रंग चढ़ा होता है। यह सूई किसी भी दिशा में घूमने के लिए स्वतंत्र होता है। जब इसको हिला-डुला कर छोड़ देते हैं तो यह हमेशा उत्तर-दक्षिण दिशा में आकर रूक जाती है। इससे दिशा का निर्धारण हो जाता है। इसलिए इसे “दिक् सूचक सूई” या चुम्बक दिक्सूचक यंत्र कहते हैं।

प्रश्न 8.
नीचे लिखी चीजों में से कौन-सी एक छड़ चुंबक के दोनों ध्रुवों की ओर आकर्षित होगी ? हरेक का कारण भी बताइए ।
(क) किसी दूसरे छड़ चुम्बक का उत्तर ध्रुव
(ख) किसी दूसरे छड़ चुम्बक का दक्षिणी ध्रुव
(ग) लोहे का टुकड़ा
(घ) लकड़ी का गुटका
उत्तर:
लोहे का टुकड़ा क्योंकि उसमें कोई ध्रुव नहीं होता है ।

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Bihar Board Class 6 Science चुम्बक Notes

अध्ययन सामग्री :

आज से लगभग 2500 वर्ष पहले यूनान में क्रीट नामक द्वीप पर एक बूढ़ा चरवाहा मेगनस रहता था। उसकी छड़ी के निचले हिस्से में लोहा लगा हुआ था। एक भेड़-बकरी चराने के क्रम में उसकी छड़ी के निचले हिस्से में (लोहे की भाँति देखने) कोई पदार्थ चिपक गया जिसमें लोहे को आकर्षित करने के प्राकृतिक गुण में हैं। उस वस्तु (पत्थर) का नाम “लोडस्टोन” है जो लोहे का ही एक रूप है, पर इसमें प्राकृतिक रूप से ही चुम्बकीय गुण होते हैं। आगे चलकर महान वैज्ञानिक विलियम गिलर्बट ने अनेक प्रयोग कर चुम्बक के अनेके गुणों का विवरण किया। ईसा के जन्म के लगभग 600 वर्ष पूर्व से ज्ञात है कि “मैगनेटाइट” नामक खनिज पदार्थ के टुकड़ों में लोहे के पदार्थों को आकर्षित करने का गुण है। ऐसे पदार्थों को चुम्बक कहा गया।

प्रकृति में मिलने के कारण इसे प्राकृतिक चुम्बक कहते हैं। रासायनिक रूप से यह लोहे का ऑक्साइड (Fe2O4) होता है। इसकी कोई निश्चित आकृति नहीं होती है। कुछ पदार्थों को कृत्रिम विधियों द्वारा चुम्बक बनाया जा सकता है। जैसे लोहा, इस्पात, कोबाल्ट आदि इन्हें कृत्रिम चुम्बक कहते हैं। ये विभिन्न आकृति की होती है, जैसे – छड़-चुम्बक, घोड़ा-नाल चुम्बक, चुम्बकीय सूई आदि।

चुम्बक में लोहे, इस्पात आदि धातुओं को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता होती है। यदि किसी चुम्बक को लौह बुरादों के पास लाया जाय, तो बुरादा चुम्बक में चिपक जाता है। चिपके हए बरादे को मात्रा, चुम्बक के दोनों सिरों पर सबसे अधिक एवं मध्य में सबसे कम होती है। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि चुम्बक की आकर्षण शक्ति उसके दोनों किनारों पर सबसे अधिक एवं मध्य में सबसे कम होती है। चुम्बक के किनारे के दोनों सिरों को नुम्बक के ध्रुव कहते हैं।

यदि किसी चुम्बक को धागे से बाँधकर मुक्त रूप से लटका दिया जाय, तो स्थिर होने पर उसका एक ध्रुव उत्तर की ओर और दूसरा ध्रुव दक्षिण की ओर हो जाता है। उत्तर दिशा सूचित करने वाले ध्रुव को चुम्बक का उत्तरी ध्रुव N तथा दक्षिण दिशा सूचति करने वाले ध्रुव को चुम्बक का दक्षिणी ध्रुव S कहते हैं। दंड चुम्बक के दोनों ध्रुवों से होकर गुजरने वाली काल्पनिक सरल रेखा को उस चुम्बक का चुम्बकीय अक्ष कहते हैं। दोनों ध्रुवों के बीच की दूरी को चुम्बकीय लम्बाई कहते हैं।

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दो चुम्बकों के असमान ध्रुव एक-दूसरे को आकर्पित करते हैं तथा दो समान ध्रुव एक-दूसरे को प्रतिकर्पित करते हैं। किसी चुम्बक को बीच से तोड़ देने पर इसके ध्रुव अलग-अलग नहीं होते, बल्कि टूटे हुए भाग पुनः चुम्बक बन जाते हैं तथा प्रत्येक भाग में उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव उत्पन्न हो जाते हैं। अतः एक अकेले चुम्बकीय ध्रुव का कोई अस्तित्व नहीं होता है। – चुम्बक के चारों ओर वह क्षेत्र जिसमें चुम्बक के प्रभाव का अनुभव होता है, उसे चुम्बकीय क्षेत्र कहते हैं।

चुम्बकीय क्षेत्र में बल रेखाएँ वे काल्पनिक रेखाएँ हैं, जो उस स्थान में चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को अविरल प्रदर्शन करती है।

चुम्बकीय बल रेखाओं के गुण –

  • चुम्बकीय बल रेखाएँ सदैव चुम्बक के उत्तरी ध्रुव से निकलती हैं तथा वक्र बनाती हुई दक्षिणी ध्रुव में प्रवेश कर जाती हैं और चुम्बक के अन्दर से होती हुई पुनः उत्तरी ध्रुव पर वापस आती हैं।
  • दो बल रेखाएँ एक-दूसरे को कभी नहीं काटती।
  • चुम्बकीय क्षेत्र जहाँ प्रबल होती है, वहाँ बल रेखाएँ पास-पास होती हैं।
  • एक समान चुम्बकीय क्षेत्र की बल रेखाएँ परस्पर समान्तर एवं बराबर-बराबर दूरियों पर होती हैं।

चुम्बक के आकर्षण के आधार पर सभी पदार्थों को दो भागों में विभाजित किया गया है।
(क) चुम्बकीय पदार्थ।
(ख) अचुम्बकीय पदार्थ।

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वे सभी पदार्थ जो चुम्बक के द्वारा आकर्षित हो जाते हैं उसे चुम्बकीय पदार्थ कहते हैं जैसे- लोहा, स्टील, निकेल आदि।

वे सभी पदार्थ जो चुम्बक के द्वारा आकर्षित नहीं होते हैं उसे अचुम्बकीय पदार्थ कहते हैं। जैसे- कागज, लकड़ी, पत्थर, अल्युमिनियम आदि।

चुम्बक का प्रयोग मोटर, पंखा, टेलीविजन, दिशा सूचक यंत्र आदि में किया जाता है।