Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 10 चलें मण्डी घूमने

Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 2 Chapter 10 चलें मण्डी घूमने Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 10 चलें मण्डी घूमने

Bihar Board Class 7 Social Science चलें मण्डी घूमने Text Book Questions and Answers

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
इस रेखा चित्र के अनुसार बड़े शहर की मंडी तक चावल पहुंचने के क्या-क्या तरीके हैं ?
उत्तर-
इस रेखा चित्र के अनुसार बड़े शहर की मंडी तक चावल पहुँचने के दो तरीके हो सकते हैं

  1. पहले चावल किसान के पास से चावल मिल में जाता है और फिर वहाँ से सीधे बड़े शहर के थोक विक्रेता के पास जाता है।
  2. चावल किसान के पास से छोटे पिल में जाता है, फिर वहाँ से स्थानीय छोटे व्यापारी के पास और फिर वहाँ से स्थानीय मंडी के थोक व्यापारी के पास और फिर वहाँ से बड़े शहर के थोक विक्रेता के पास जाता है।

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प्रश्न 2.
थोक और खुदरा बाजार में क्या अंतर है?
उत्तर-
थोक बाजार में किसी भी वस्तु की खरीद या बिक्री बड़े पैमाने पर होती है। यहाँ कोई भी. समान किलो या पाव के हिसाब से नहीं मिलता हे । जैसे – अगर हम थोक बाजार में चावल खरीदंगे तो वे हमें टन के हिसाब या बोरियों से मिलता है। खुदरा बाजार में किसी भी वस्तु की खरीद-बिक्री छोटे पैमाने पर ही होती है। यहाँ पर किलो या पाव के हिसाब से भी मिलता है। जैसे- अगर हमें पाव भर चावल की भी आवश्यकता हो तो हमें यहाँ पर मिल जाएगी।

प्रश्न 3.
थोक बाजार की जरूरत क्यों होती है ? चर्चा करें।
उत्तर-
कोई भी सामान किसान के पास से सीधे खदरा व्यापारियों तक नहीं पहुंच पाता है। खुदरा व्यापारियों को समान खरीदने के लिए थोक बाजार जाना होता है। मोडयों से माल सीधे थोक बाजार में आता है और वहाँ से खुदरा व्यापारियों के पास ।

थोक बाजार के होने की वजह से खदरा व्यापारियों को सामान खरीदने के मंडी नहीं जाना पड़ता, बल्कि उन्हें अपने शहर के थोक बाजार में ही सारा सामान मिल जाता है। हमें भी अगर किसी समाहरोह के लिए अधिक सामान की जरूरत होती है, तो भी थोक बाजार से सामान ले सकते हैं और अधिक मात्रा में सामान लेने पर हमें सामान कुछ सस्ता भी मिलता है।

प्रश्न 4.
छोटे किसान को चावल का कम मूल्य क्यों मिलता है?
उत्तर-
टोटे किसान को चावल का कम मूल्य मिलता है क्योंकि वे अपने चावल को चावल खरीदने वाले छोटे व्यापारी को बेच देते हैं। जिससे उन्हें – पैसे तो तुरंत मिल जाते हैं, पर उतने नहीं मिलते जितने मिलने चाहिए।

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प्रश्न 5.
इन फसलों में से दो फसलों के बाजार की कड़ियों (किसान से उपभोक्ता) का रेखा-चित्र बनाएँ, जो आपके इलाके में उगाया जाता है।

  1. गेहूँ
  2. मक्का
  3. दलहन
  4. सरसों।

उत्तर-
(i) गेहूँ-किसान के पास से → स्थानीय छोटे व्यापारी → स्थानीय मंडी के थोक व्यापारी → बड़े शहर के थोक विक्रेता → खुदरा विक्रेता → उपभोक्ता।

(ii) सरसों-किसान के पास से → मिल में → वहाँ से तेल पेराई के लिए→ वहाँ से थोक मंडी में → बड़े शहर के थोक विक्रेता →खुदरा विक्रेता → उपभोक्ता।

प्रश्न 6.
तुम्हारे आस-पास कोई मिल है क्या ? वहाँ फसल कैसे पहुँचती है ? पता लगाओ।
उत्तर-
हाँ, मेरे आस-पास में एक मिल है। वहाँ एक फसल थोक मंडी से मंगवाए जाते हैं या फिर सीधे तौर पर बड़े किसानों से ही फसल खरीद लेते हैं।

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प्रश्न 7.
सरकार द्वारा चलायी गयी नियंत्रित मंडी क्या है ? शिक्षक के साथ चर्चा करें।
उत्तर-
सरकार द्वारा चलायी गयी नियंत्रित मंडी में किसानों को अपने उत्पाद को खुली नीलामी द्वारा बेचने का मौका मिलता है। खली नीलामी द्वारा उत्पाद बेचने पर किसानों को अपने उत्पाद का उचित मूल्य मिलता है। पर नियंत्रित मंडी की व्यवस्था न होने की वजह से किसानों को अपनी फसल स्थानीय व्यवसायियों या निजी मिलों को बेचना पड़ता है और उनकी इसी मजबूरी का फायदा उठाकर ये व्यवसायी उन्हें उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं देते हैं।

प्रश्न 8.
शीतगृहों के निर्माण से किसे फायदा हो सकता है ? चर्चा करें।”
उत्तर-
शीतगृहों के निर्माण से सब्जियों एवं फलों का व्यापार करने वाले को फायदा हो सकता है। जब इनके व्यापारियों के पास सब्जियाँ या फल ज्यादा मात्रा में आ जाते हैं और उस हिसाब से उनकी खपत नहीं होती पाती है तो इस वजह से वह धीरे-धीरे या तो सूखने लगती है या फिर सड़ जाती है। इससे उनका कोई खरीददार नहीं मिलता और व्यापारियों को बहुत नुकसान होता है।

अगर. शीतगहाँ का निर्माण हो जाए तो उसमें फलों और सब्जियों को रख दिया जाएगा। जिससे फल या सब्जियाँ न तो सूखेंगी और न ही सड़ेंगी। शीत गृहों में इनका सुरक्षित भंडारण हो पाएगा और व्यापारियों को नुकसान भी नहीं होगा।

प्रश्न 9.
बिहार में फल प्रसंस्करण आधारित उद्योग लगाने की क्या-क्या संभावनाएं हैं? चर्चा करें।
उत्तर-
बिहार में फल प्रसंस्करण आधारित उद्योग लगाने की संभावनाएँ अधिक है, क्योंकि बिहार में फलों की पैदावार बहुत अच्छी होती है। भारत में कुल लौची उत्पादन का 80 प्रतिशत बिहार में ही होता है। यहाँ केले और गन्ने की उपज भी अच्छी होती है। यहाँ फल प्रसंस्करण आधारित उद्योगों को कच्चा माल आसानी से प्राप्त हो जाएगा। इन उद्योगों में इन फलों से जूस, जेली, जैम, मधु आदि बनाए जाते हैं। इससे लोगों को कम लागत में अधिक मुनाफा होने की संभावना है।

प्रश्न 10.
अपने घर के आस-पास सर्वे करें कि पिछले 15 वर्षों में लोगों की फल को खपत में क्या-क्या परिवर्तन आए और क्यों ?
उत्तर-
पिछले 15 वर्षों में लोगों की फल की खपत में बहुत परिवर्तन आया है। लोगों के बीच फल की खपत बहुत कम हो गयी। बढ़ती महंगाई के चलते फल इतने महंगे हो गए हैं कि अब लोग अपने भोजन में फलों को शामिल नहीं कर पाते । जितनी आमदनी थोड़ी अधिक हैं, उन लोगों की थाली में फल कभी नजर भी आ जाए। पर गरीब लोगों के लिए फल खाना मुमकिन नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में फलों के दाम में इतनी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है कि जो लोग पहले टोकड़े के हिसाब से फल लेते थे, अब किलो के हिसाब से फल लेने को मजबूर है।

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प्रश्न 11.
स्वतंत्रता के पूर्व बिहार को देश का चीनी का कटोरा कहा जाता था। 1942-43 में राज्य में कुल 32 चीनी मिलें थीं जबकि देश मे मिर्फ 140 चीनी मिलें थीं। वहीं 2000 तक राज्य में चीनी मिलों की संख्या घटकर सिर्फ 10 रह गयी जबकि भारतवर्ष में चीनी मिलों की संख्या बढ़कर 495 हो गयी।
उत्तर-
बिहार में चीनी मिलों की संख्या घटती गयी। पहले यहाँ के गन्नों में रस बहुत अधिक होता था, जिससे कम गन्ने में भी अधिक चीनी बनता था और कम लागत में अधिक मुनाफा होता है पर आज के समय में यहाँ पैदा होने वाले गन्नों में रस बहुत कम मात्रा होता है, जिससे बहुत अधिक गन्नों से भी बहुत थोड़ा-सा चीनी बनता है। इससे लोगों को अधिक लागत में भी उतना मुनाफा नहीं होता था। उन्हें घाटा लगने लगा। सरकार की तरफ से भी चीनी मिलों को कोई प्रोत्साहन नहीं मिला । जिससे धीरे-धीरे राज्य की ज्यादातर चीनी मिलें बंद हो गयीं।

प्रश्न 12.
बिहार में चम्पारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, शाहबाहू, पूर्णिया, पटना एवं सहरसा प्रमुख गन्ना उत्पादक जिले हैं इन्हें मानचित्र में दिखाएँ।
उत्तर-
छात्र इसे स्वयं करें।

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प्रश्न 13.
बिहार में मक्का उद्योग लगाने की काफी संभावनाएं हैं। इन इकाइयों के द्वारा मक्के के विभिन्न उत्पाद जैसे – स्टार्च, बेबीकान, पॉपकार्न, कार्न-फ्लेक्स, मक्के का आटा, मुर्गियों का चारा, मक्के का तेल । आदि बनाया जा सकता है। इनके क्या फायदे नुकसान है, चर्चा
करें।
उत्तर-
इन उत्पादों से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है। ये उत्पाद हमारे खाने के उपयोग में आते हैं, मुर्गियों का चारा मुर्गियों के खाने में काम आता है। इन सभी उत्पादों को खाने से हमारे सेहत को नुकसान नहीं पहुंचता है।

बिहार में मक्के की उपज अच्छी होती है, इसलिए इन उत्पादों को बनाने के लिए कच्चे माल आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। जिससे लोगों को इन उत्पादों को बनाने कम लागत आता है, मुनाफा अधिक होता है। ये उत्पाद बिहार से दूसरे राज्यों में भी भेजा जाता है।

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आपके अनुसार अरहर किसान से किस प्रकार आपके घरों में दाल के रूप में पहुँचता है ? दिये गये विकल्पों में से खाली बॉक्स भरें। विकल्प

  1. दाल मिल
  2. खुदरा व्यवसायी
  3. स्थानीय छोटे व्यवसायी
  4. बड़ी मंडी के थोक व्यवसायी
  5. स्थानीय मंडी के थोक व्यवसायी

उत्तर-
किसान → दाल मिल →स्थानीय छोटे व्यवसायी → स्थानीय मंडी के थोक व्यवसायी → बड़ी मंडी के थोक व्यवसायी → खुदरा व्यवसायी।

प्रश्न 2.
स्तंभ ‘क’ को स्तंभ ‘ख’ से मिलान करें।
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उत्तर-

    1. शाही लीची → मुजफ्फरपुर
    2. दुधिया मालदह → दीघा (पटना)
    3. मखाना → दरभंगा
    4. जर्दालु आम → भागलपुर

प्रश्न 3.
कृषि उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य से आप क्या समझते हैं ? इससे किसानों को क्या फायदा होता है?
उत्तर-
कृषि उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य वह मूल्य होता है, जो सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलवाने के लिए तय किया जाता है। इसमें सरकार किसानों के फसल के लिए एक न्यूनतम मूल्य निर्धारित करती है। न्यूनतम समर्थन मूल्य का उद्देश्य होता है किसानों की हितों की रक्षा करना। इससे किसानों को उनके फसल का उचित मल्य मिलता है. वे फसल उपजाने में जितनी मेहनत करते हैं, उन्हें उसका फल मिलता है। उन्हें घाटा नहीं होता है।

प्रत्येक किसान को अपने फसल के लिए सरकारी दर की उम्मीद होती है। किसानों से उनकी फसल सरकारी एजेंसियाँ निर्धारित न्यूनतम मूल्य पर ही फसल खरीदती है। अगर सरकार द्वारा यह मूल्य तय नहीं किया जाता तो किसानों से उनके फसलों को कम कीमत पर ही खरीद लिया जाता, जिससे किसान को अपनी मेहनत का उचित फल नहीं मिलता । लेकिन बिहार में इस योजना का पूरा लाभ किसानों को नहीं मिल पाता है। जिससे किसानों को उनका हक नहीं मिल पाता है।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित फसलों से बनाये जाने वाले विभिन्न उत्पादों को लिखें। इन उत्पादों को बनाने के लिए क्या किया जाना चाहिए?
उत्तर-

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गेहूँ से सूजी, मैदा और आटा बनाने के लिए गेहूँ को मिल में भेजा जाता है, मक्का से भी सत्तू, आटा या दर्रा बनाने के मिल की आवश्यकता होती है। लीची से जुस, जैम, जेली या मधु बनाने के लिए इसे प्रसंस्करण उद्योग में भेजते हें। गन्ना से चीनी बनाने के लिए हम गन्ने को चीनी मिल भेजते हैं और गड बनाने के लिए गन्ना की पेड़ाई करती हैं। जूट से मशीनों द्वारा थैला बनाया जाता है।

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पाठ का सार संक्षेप

मण्डी कई प्रकार के होते हैं जैसे -अनाज की मंडी, फल की मंडी, सब्जी मंडी। ये मंडियाँ भी अलग-अलग भामों में बंटी होती है, जैसे फल की मंडी, में चारों तरफ ही देखने को मिलती है पर कहीं पर सिर्फ सेव को कहीं सिर्फ केले। इसी तरह अनाज और सब्जियों की मंडियों में भी जगह बंटी होती है।

हमें जगह-जगह पर ट्रक से माल उतारते या ट्रक पर माल लादते हुए लोग दिख जाएँगे। चावल बिहार का मुख्य खाद्यान्न है। चावल चम्पारण, सिवान, औरंगाबाद, वैशाली आदि जगहों से आती है। छोटे किसान अपने उपयोग भर चावल रखने के बाद शेष चावल छोटे व्यापारियों को बेच देते हैं। फिर छोटे व्यापारी चावल को स्थानीय मंडी के थोक व्यापारी को बेच देते हैं। फिर इन थोक व्यापारियों से चावल शहर के थोक व्यापारियों के पास आता है, फिर वहाँ से खुदरा व्यापारी के पास ।

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किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलवाने के लिए सरकार द्वारा फसल के लिए एक न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया जाता है। जिसे न्यूनतम समर्थन मूल्य कहा जाता है, इसका उद्देश्य किसानों के हितों की रक्षा करना होता है। सरकारी एजेंसियों द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही फसल खरीदी जाती है। पर बिहार के किसानों को इस योजना का पूरा फायदा नहीं मिल जाता है।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 18 जन्तुओं में रक्त पससिंचरण एवं उत्सर्जन

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 18 जन्तुओं में रक्त पससिंचरण एवं उत्सर्जन Text Book Questions and Answers, Notes.

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Bihar Board Class 7 Science जन्तुओं में रक्त पससिंचरण एवं उत्सर्जन Text Book Questions and Answers

अभ्यास

A. सही उत्तर चुनिए –

प्रश्न 1.
रक्त जन्तुओं के किस भाग के द्वारा प्रवाहित होता है –
(i) रक्त वाहिनियों में
(ii) काशिकाओं में
(iii) ऊतकों में
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(i) रक्त वाहिनियों में

प्रश्न 2.
रक्त का लाल रंग किस वर्णक के कारण होता है –
(i) ऑक्सीजन
(ii) कार्बन डाइऑक्साइड
(iii) लाल रंग
(iv) हीमोग्लोबीन
उत्तर:
(iv) हीमोग्लोबीन

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प्रश्न 3.
रक्त की वे कोशिकाएँ जो रोगाणुओं को नष्ट करते हैं –
(i) RBC
(ii) WBC
(iii) प्लेटलेट्स
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(iii) प्लेटलेट्स

प्रश्न 4.
रक्त का थक्का बनना किस कोशिका की उपस्थिति के कारण होता है –
(i) RBC
(ii) WBC
(iii) प्लेटलेट्स
(iv) इनमें से कोई नहीं
Answer:
(iii) प्लेटलेट्स

प्रश्न 5.
विश्राम की अवस्था में एक व्यस्क व्यक्ति की नाड़ी स्पंदन होती है –
(i) 27
(ii) 72
(iii) 82
(iv) 92
उत्तर:
(ii) 72

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रिक्त स्थज्ञानों की पूर्ति करें –

  1. वे रक्त वाहिनियाँ जो हृदय से ऑक्सीजन समृद्ध रक्त को शरीर के सभी भागों में ले जाती है, …………. कहलाती है।
  2. वे रक्त वाहिनियाँ जो कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध रक्त को शरीर के सभी भागों से वापस हृदय में ले जाती हैं …………. कहलाती है ।
  3. डॉक्टर हृदय धड़कन को मापने के लिए …………. नामक यंत्र इस्तेमाल करते हैं।
  4. अपशिष्ट पदार्थो को शरीर से बाहर निकालने की प्रक्रिया ……… कहलाती है।
  5. हमारे शरीर में लगभग …………. लीटर रक्त होता है।

उत्तर:

  1. धमनी
  2. शिग
  3. स्टेथोस्कोप
  4. उत्सर्जन
  5. पाँच।

C. सही उत्तर के सामने (✓) एवं गलत उत्तर के सामने (×) का चिह्न लगाएँ….

  1. हमारा हृदय चार कक्षों में बँटा होता है। (✓)
  2. गुर्दे की आकृति गेंद जैसी होती है। (×)
  3. स्पंज एवं हाइड्रा जैसे जन्तुओं में रक्त नहीं पाया जाता है। (✓)
  4. धमनियाँ ऑक्सीजन समृद्ध होती हैं। (✓)
  5. शिराएँ कार्बन डाइऑक्साइड विहीन होती हैं। (×)

D. मिलान कीजिए –
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उत्तर:
(i) (ङ)
(ii) (क)
(iii) (घ)
(iv) (ख)

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E. निम्न प्रश्नों के उत्तर लगभग 50 से 100 शब्दों में दीजिए –

प्रश्न 1.
धमनी किसे कहते हैं ? इसका क्या कार्य है ? बताएँ।
उत्तर:
हमारे शरीर में दो प्रकार की रक्त वाहिनियाँ पाई जाती हैं – (1) धमनी (2) शिरा।
धमनी रक्त को शरीर में एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाता है। धमनियाँ हृदय से ऑक्सीजन युक्त रक्त को शरीर के सभी भागों में ले जाती है। रक्त का प्रवाह तेजी से और अधिक दाब पर होता है। धमनियों की दीवार मोटी और लचीली होती है। धमनी में स्पंदन होता है। फेफड़ा धमनी हृदय से रक्त को ले जाती है। इसलिए इसे शिरा नहीं धमनी कहते हैं। धमनी से रक्त का प्रवाह हृदय से सभी अंगों में होता है। प्रति मिनट धमनी में उत्पन्न । धड़कन, हृदय दर को बताती है।

प्रश्न 2.
शिरा को परिभाषित कीजिए एवं यह धमनी से कैसे भिन्न है ?
उत्तर:
शिरा रक्तवाहिनियाँ हैं। शिराएँ कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रक्त को शरीर के सभी भागों से वापस हृदय में लाती हैं। धमनियाँ ऑक्सीजन समृद्ध होती हैं जबकि शिराएँ कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध, धमनियों के द्वारा रक्त के प्रवाह की दिशा हृदय से शरीर के सभी अंगों की ओर होता है जबकि रक्त प्रवाह की दिशा शरीर के सभी अंगों से वापस हृदय की ओर होता है। अर्थात् ठीक एक-दूसरे के विपरीत होता है। धमनियों की दीवारें मोटी और . लचीली होती है जबकि शिराएँ पतली होती हैं।

प्रश्न 3.
गुर्दे का मुख्य कार्य बताइए।
उत्तर:
गुर्दा या किडनी, शरीर में पानी और नमक की मात्रा को संतुलित रखना तथा रक्त को शुद्ध करना और मूत्र को मूत्राशय में पहुँचाना है। किडनी की आकृति सेम जैसी होती है। जब रक्त गुद्म में पहुँचता है तो इसमें हानिकारक और उपयोगी दोनों प्रकार के पदार्थ होते हैं। उपयोगी पदार्थों को रक्त में अवशोषित कर लिया जाता है और हानिकारक पदार्थ जल में धूलकर मूत्र के रूप में अलग हो जाता है और मत्राशय में पहँच जाता है। यह एक उत्सर्जन तंत्र है । मानव के लिए उपयोगी है । इसके खराब होने पर हम ज्यादा दिनों तक जिंदा नहीं रह सकते हैं।

प्रश्न 4.
अपशिष्ट पदार्थ क्या है ? इन्हें हमारे शरीर से बाहर निकालने वाले उत्सर्जन अंगों के नाम बताइए।
उत्तर:
श्वसन प्रक्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड बनता है. जो अवशिष्ट पदार्थ है। इसी प्रकार भोजन का अपचित भाग अवशिष्ट पदार्थ कहलाता है। हमारे शरीर की कोशिकाएँ जब अपना कार्य करती है तो अवशिष्ट पदार्थ बनते हैं। ये अवशिष्ट पदार्थ विषैले होते हैं। अवशिष्ट पदार्थ को बाहर निकालने की प्रक्रिया को उत्सर्जन कहते हैं। रक्त में अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से निकलना जरूरी है। उत्सर्जन करने वाले अंगों के समूह को उत्सर्जन तंत्र कहते हैं। गुर्दा, मूत्राशय, मूत्रनली उत्सर्जन के अंग हैं।

प्रश्न 5.
हृदय स्पंद से आप क्या समझते हैं ? एक स्वस्थ व्यक्ति में हृदय स्पंद की संख्या बताइए।
उत्तर:
हृदय वक्ष गुहा में स्थित है। इसकी दीवार मांसपेशियों की बनी होती है। ये पेशियाँ लयबद्ध रूप से सिकुड़ती और फैलती हैं। लयबद्ध . सिकुड़ने और फैलने की क्रिया मिलकर हृदय स्पंद कहलाती है। हृदय स्पंद प्रत्येक क्षण होता रहता है। हृदय धड़कन को महसूस कर सकते हैं। डॉक्टरों द्वारा हृदय स्पंद सुनने के लिए स्टेथोस्कोप यंत्र का प्रयोग करते हैं। प्रतिदिन लगभग एक लाख बार धड़कता है। हृदय मानव का महत्वपूर्ण अंग है, धडकन रूकने का मतलब मृत्यु।

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Bihar Board Class 7 Science जन्तुओं में रक्त पससिंचरण एवं उत्सर्जन Notes

शरीर की कोशिकाओं में श्वसन क्रिया होती है। रक्त ऑक्सीजन द्वारा कोशिकाओं में पहुँचता है। श्वसन क्रिया के फलस्वरूप CO2 फेफड़ों तक पहुँचकर उच्छवसन के बाहर निकलना रक्त के संचरण से होता है। मांसपेशी और स्नायु में अपशिष्ट पदार्थ बनते हैं। इनका उत्सर्जन शरीर के उत्सर्जन तंत्र से होता है। अपशिष्ट पदार्थों के मांसपेशियों से उत्सर्जन तंत्र तक पहुँचाने का कार्य रक्त परिसंचरण से होता है। नाड़ी धड़कन रक्त परिसंचरण के कारण होता है। सामान्य और स्वस्थ व्यक्ति का स्पंदन दर 72 से 80 स्पंदन प्रति मिनट होता है। हृदय शरीर का आंतरिक अंग है। यह हमेशा धड़कता है। यह बिना रूके जीवन भर रक्त के साथ पदार्थों का पंप करता रहता है। हृदय वक्ष गुहा में स्थित होता है जिसका निचला सिरा थोड़ी बायीं ओर झुका रहता है। हृदय चार कक्षों में बंटा होता है। ऊपर दो कक्ष आलिन्द और निचली दो कक्ष निलय कहलाते हैं। हमारे शरीर में कई प्रकार के रक्त वाहिनियाँ होती है जो रक्त को शरीर में एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने का कार्य करती है। शरीर में दो प्रकार की रक्त वाहिनियाँ पाई जाती हैं-धमनी एवं शिरा (Vain)। धमनियाँ हृदय से ऑक्सीजन युक्त रक्त को शरीर के सभी भागों में ले जाती हैं।

रक्त का प्रवाह तेजी से और अधिक दाब पर होता है। धमनियों की दीवार मोटी और लचीली होती है। शिराएँ कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रक्त को शरीर के सभी भागों से वापस हृदय में जाती है और CO2 बाहर निकलता है। डॉक्टर हृदय की धड़कन की आवाज सुनने के लिए स्टेथोस्कोप यंत्र का. प्रयोग करते हैं। सभी जीवों में रक्त नहीं पाया जाता है। जैसे – स्पंज और हाइड़ा। हमारे शरीर में कोशिकाएँ अपना कार्य करती है। अवशिष्ट पदार्थ बनते हैं। अत: इन्हें शरीर से बाहर निकालने की आवश्यकता होती है। सजीव द्वारा कोशिकाओं में बनने वाले अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने की प्रक्रिया को उत्सर्जन कहते हैं और निकालने वाले अंगों के समूह को उत्सर्जन तंत्र कहते हैं। उत्सर्जन तंत्र द्वारा रक्त में उपस्थित अपशिष्ट पदार्थों जैसे नाइट्रोजन युक्त विषैले पदार्थ है। गुर्दा, मूत्राशय, मूत्र नली आदि उत्सर्जन अंग है। किटनी जो स्त्री और पुरुष के शरीर में होते हैं। जब रक्त किटनी में जाता है तो हानिकारक और उपयोगी दोनों प्रकार के पदार्थ होते हैं। उपयोगी पदार्थ अवशोषित हो जाता है और अपशिष्ट पदार्थ मत्र केम्प में अलग हो जाता है। मंत्र मंत्राशय में पहुँचता है और मत्र मार्ग द्वारा शरीर से बाहर निकल जाता है।

त्वचा हमारे शरीर का तापमान को नियंत्रित करती है। त्वचा की निचली परत पर स्वेद ग्रंथियाँ होती हैं जिससे हमें पसीना आता है। स्वंद में जल और लवण होते हैं। गर्मियों के दिनों में पसीनों के रूप में बाहर निकलते हैं । पसीना हमारे शरीर को ठंडा बनाए रखने में मदद करता है । जब किडनी काम करना बंद कर देता है तो रक्त में अपशिष्ट पदार्थों की मात्रा बढ़ जाती है। किडनी खराब होने के कारण या तो संक्रमण अथवा चोट लगना है। किडनी खराब व्यक्ति को अधिक दिनों तक जीवित नहीं रखा जा सकता है। अतः कृत्रिम किडनी लगाकर रक्त में उपस्थित अपशिष्ट पदार्थों को हटा दिया जाता है। समय-समय पर यह क्रिया करायी जाती है। कृत्रिम किडनी लगाकर रक्त को साफ करने की विधि को डायलाइसिस कहते हैं। शरीर के विभिन्न अंगों को हिलाने-डुलाने के लिए मांसपेशियों की जरूरत होती है और मांसपेशियाँ तभी कार्य करती हैं. जब लगातार रक्त का संचरण हो। रक्त का लाल रंग हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण है और रक्त का थक्का होना प्लेटलेट्स का कारण है।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 9 बाजार श्रृंखला खरीदने और बेचने की कड़ियाँ

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पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
सलमा को सहकारी समिति से तालाब क्यों नहीं मिला ?
उत्तर-
सलमा को सहकारी समिति से तालाब इसलिए नहीं मिला क्योंकि सहकारी समितियाँ छोटे मछुआरे को छोटे तालाब नहीं देती। इन लोगों को बड़े तालाबों का हिस्सा ही लेना होता है, जिसके लिए अधिक पूँजी की आवश्यकता होती है और सलमा इतने पैसे नहीं दे सकती है।

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प्रश्न 2.
सलमा सहकारी समिति से तालाब लेती तो क्या फर्क पडता?
उत्तर-
सलमा अगर सहकारी समिति से तालाब लेती तो उसे बड़े आकार में तालाब लेना पड़ता, जिससे उसे दूसरे से ज्यादा कर्ज लेना पड़ता । सहकारी समितियाँ छोटे मछुआरों को तालाब नहीं देती, क्योंकि वो हमेशा तालाब का बड़ा टुकड़ा देती है, जिसे लेना छोटे किसानों के लिए मुश्किल होता है।

प्रश्न 3.
सलमा को इस बार अच्छे फसल की उम्मीद क्यों थी?
उत्तर-
पिछले साल बाढ़ आने की वजह से तालाब में से मखाना के बीज बह गए थे, जिस वजह से मखाना का उत्पादन बहुत कम हुआ था। पर इस बाढ़ नहीं आयी थी और फिर सलमा ने मखाना उपजाने में बहुत मेहनत की थी। उसने समय पर कीटनाशक, खाद तथा पानी का उचित इंतजाम किया था। इसलिए सलमा को इस बार अच्छे फसल की उम्मीद थी।

प्रश्न 4.
सलमा ने मखाने की फसल के लिए क्या-क्या तैयारी की?
उत्तर-
सलमा ने मखाने की फसल के लिए अच्छे खाद की व्यवस्था की। उसने कीटनाशक तथा पानी की भी उचित व्यवस्था की और इन सबके अलावे सलमा ने मखाने की उपज में बहुत मेहनत भी की और उसे उम्मीद थी कि इस बार मखाने की अच्छी उत्पादन होगी।

प्रश्न 5.
तालाब से गुडी निकालने का काम कौन करता है?
उत्तर-
तालाब से गुड़ी निकालने का काम मछुआरे ही करते हैं, जो कि इस काम में बहुत कुशल होते हैं। तालाब से गुड़ी निकालने के लिए एक साथ कई लोगों की आवश्यकता होती है। ये लोग तालाब के अंदर से गडी निकालते हैं। यह काम तीन बार में होता है। पहली बार में अधिक गडिया निकलती है पर दूसरी और तीसरी बार में गुड़ी की संख्या कम हो जाती है, इसलिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है।

प्रश्न 6.
गुड़ी में मखाना कैसे बनाया जाता है? अपने शब्दों में समझाओ।
उत्तर-
गुड़ी से मखाना बनाने के लिए खास कुशलता और मेहनत की आवश्यकता होती है। गुंड़ी से मखाना बनाने के लिए पहले गुड़ियों को कराही में बालू डालकर भुना जाता है। फिर जब यह बहुत गर्म हो जाता है तब इसे कड़ाही में से निकालकर पीठ पर रखते हैं और फिर लकड़ी के हथौड़े से जोड़ से पीटा जाता है। ऐसे करने पर उन गुड़ियों से लावा निकलता है, जिसे हम मखाना कहते हैं।

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प्रश्न 7.
मखाने बनाने तक सलमा ने किन-किन चीजों पर खर्च किया। सची बनाओ।
उत्तर-
मखाने बनाने तक सलमा ने निम्न चीजों पर खर्च किया। सबसे पहले उसने 15 कट्टे तालाब को 400 रु० सलाना की दर से किराए पर लिया। इसके लिए उसे अपने रिश्तेदारों से कर्ज लेना पड़ा। उसने खाद, कीटनाशक की व्यवस्था की। फिर उसने तालाब से गुडिया निकलवाने के लिए मजदूरों को 6800 रुपये मजदूरी दी और फिर गुड़ियों से लावा निकलवाने पर भी उसका काफी पैसा खर्च हुआ।

प्रश्न 8.
सलमा को मखाना बेचने की जल्दी क्यों थी?
उत्तर-
सलाम को मखाना बेचने की जल्दी इसलिए थी, क्योंकि उसके पास जगह की कमी थी और इस वजह से वह मूल्य बढ़ने तक मखाने को अपने पास नहीं रख सकती थी। फिर उसे रिश्तेदारों के कर्ज भी वापस करने थे, जो उसने तालाब किराए पर लेने के लिए उनसे ली थी। उसे तालाब के मालिक को तालाब का किराया भी देना था।

प्रश्न 9.
सलमा ने जो सोचा था क्या उसे वह पूरा कर सकती है? चर्चा करें।
उत्तर-
सलाम ने सोचा था कि इस बार बाढ़ नहीं आने की वजह से मखाना की उपज अच्छी होगी। उसने इसकी उपज पर काफी मेहनत भी की थी। फिर उसने सुना था कि मखाना का बाजार निरन्तर बढ़ रहा है। मखाना आधारित उद्योगों में मखाना से विभिन्न प्रकार कीमती उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं, इसका लाभ उसे भी मिलेगा और उसे इस बार मखाने की अच्छी कीमत मिलेगी और अधिक पैसा मिलने पर वह अपने टूटे घर की मरम्मत भी करवा – लंगी और अगले साल बिंना कर्ज लिए ही मखाना ही खेती कर लेगी।

पर जब उसने आढ़तिया को अपना मखाना दिया तो आढ़तिया ने उसे 200 किलो मखाना के लिए 100 रु प्रति किलो के हिसाब से 2000 रु. दिए और उसने बताया कि मखाना का उत्पादन बहुत अच्छा हआ है. इसलिए मखाना का मूल्य नहीं बढ़ा । इस कारण अब वह अपना सोचा हुआ काम जैसे-घर की मरम्मत और बिना कर्ज के मखाने की खेती नहीं कर पाएगी। क्योंकि 20000 में से 15000 का खर्च उसे मखाना की खेती पर आया उसे सिर्फ 500 रूका फायदा हुआ।

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प्रश्न 10.
अपने आस-पास के अनुभवों द्वारा पता करें कि छोटे किसान अपना उत्पादन किन्हें बेचते हैं ? उन्हें किन समस्याओं का सामना करना होता है ?
उत्तर-
छोटे किसान ज्यादातर अपना उत्पाद आढ़तिया को ही बेचते हैं। क्योंकि सीधे मंडी में अपना उत्पाद बेचने का साधन नहीं होता और उनके पास इतने पैसे नहीं होता और उन्हें अपना कर्ज चुकाने के लिए तुरंत पैसे की आवश्यकता होती है।

इससे उन्हें अपने उत्पाद का सही मूल्य नहीं मिलता। आढ़तिया उनके उत्पादों को मंडी में ले जाकर ऊँचे मूल्यों पर बेचता है और इनसे प्राप्त रुपये में से 6 से 8 प्रतिशत तक अपना कमीशन काटकर शेष पैसा किसानों को देता है। कई बार आढ़तिया कम दामों पर किसानों से उनका उत्पाद खरीद लेता है और फिर मूल्य बढ़ने पर उन्हें बेचकर ज्यादा लाभ कमाता है।

प्रश्न 11.
मखाने की खेती करने वाले किसान अपनी फसल को खुद मंडी में ले जाकर क्यों नहीं बेचते?
उत्तर-
मखाने की खेती करने वाले किसानों के पास ज्यादातर अपना तालाब नहीं होता है, वे किराए पर तालाब लेकर मखाने की खेती करते हैं। उसके बाद फिर इसके लिए खाद, कीटनाशक आदि की व्यवस्था करना, गुड़ी निकलवाना, फिर गड़ियों से लावा निकलवाने आदि में उनका काफी खर्च आता है। जिस कारण उन्हें पैसे की तुरंत जरूरत होती है। फिर मखाने को मंडी तक लाने में लगने वाला भाड़ा, फिर मखानों की पैकिंग का खर्च भी अधिक होता है। इसलिए वे लोग मखाने को आढतिया को ही बेच देते हैं।

प्रश्न 12.
थोक व्यापारी और खुदरा व्यापारी में क्या अंतर है?
उत्तर-
थोक व्यापारी एक बार में ही बहुत अधिक समान खरीद लेते हैं और फिर खुदरा दुकानदारों को प्रति किलो 10 से 12 रु. लाभ लेकर सामान बेचते हैं। थोक व्यापारी लाभ भी अधिक कमाते हैं क्योंकि ये लोग बड़ी मात्रा में खरीद-बिक्री करते हैं।

खुदरा दुकान थोक व्यापारी से एक बार में अधिक समान खरीद लेते हैं और फिर उपभोक्ताओं को 30 से 40 रु. प्रति किलो या इससे कम लाभ पर सामान बेचते हैं। खुदरा दुकानदार का लाभ थोक व्यापारी की अपेक्षा कम होता है क्योंकि ये छोटी मात्रा में खरीद-बिक्री करते हैं।

प्रश्न 13.
थोक व्यापारी और खुदरा व्यापारी में कौन अधिक लाभ कमाता है और क्यों?
उत्तर-
थोक व्यापारी और खुदरा व्यापारी में थोक व्यापारी अधिक लाभ कमाता है। क्योंकि थोक व्यापारी बडी मात्रा में सामानों की खरीद-बिक्री करता है और खुदरा व्यापारी छोटी मात्रा में सामानों की खरीद-बिक्री करता

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प्रश्न 14.
आपके घर पर उपयोग की जाने वाली किन्हीं दो वस्तओं के बारे में पता करें कि वे किन कड़ियों से गजरकर आपके पास पहुँचती है?
उत्तर-
(i) चावल → किसान → छोटे मिल में चावल → स्थानीय छोटे व्यापारी → स्थानीय मंत्री के थोक व्यापारी → बड़े शहर के थोक विक्रेता । → खुदरा विक्रेता → उपभोक्ता । चावल → किसान → चावल मिल → बड़े शहर के थोक विक्रेता → खुदरा विक्रेता → उपभोक्ता।

(ii) गेहूँ→किसान → स्थानीय छोटे व्यापारी स्थानीय मंडी के थोक विक्रेता → बड़े शहर के थोक विक्रेता → खुदरा विक्रेता → उपभोक्ता ।

प्रश्न 15.
क्या इस बेहतर भाव का लाभ उत्पादक को प्राप्त हो सकता है? यदि हाँ तो कैसे?
उत्तर-
हाँ, इस बेहतर भाव का लाभ उत्पादक को भी प्राप्त हो सकता है। अगर वह अपने उत्पादक को सीधे शहर के थोक विक्रेताओं को बेचे, क्योंकि आढ़तिए को उत्पाद बेचने से वे किसानों को उनके उत्पादों का सही कीमत भी नहीं देता है। जिससे इनलोगों को अपने उत्पाद का सही कीमत नहीं मिलता है।

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्या सलमा को अपने मेहनत का उचित पारिश्रमिक प्राप्त हुआ? यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर-
नहीं, सलमा को अपने मेहनत का उचित परिश्रमिक प्राप्त नहीं हुआ। क्योंकि सलमा ने मखाने को खुद मंडी में न बेचकर आढतियाँ को बेचा था, जिसकी वजह से उसे मखाने का उचित मूल्य नहीं मिला । उसे पैसे की

जरूरत थी क्योंकि उसे अपने रिश्तेदार का चर्क चुकाना था। तालाब के मालिक को किराया देना था। अपने टूटे घर की मरम्मत करानी थी और फिर उसके पास जगह की कमी थी, इस कारण वह मखाने को अपने पास रखकर मूल्य बढ़ने पर उसे बेचकर मुनाफा भी नहीं कमा सकती थी। आढ़तिया को मखाना बेचने से उसे मखाने का कम मूल्य मिला और आढ़तिए ने कहा कि अच्छी फसल होने की वजह से मखाने का मूल्य नहीं बढ़ा।

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प्रश्न 2.
आर्थिक रूप से सम्पन्न बड़े मखाना उत्पादक किसान अपने फसल को कहाँ बेचेंगे ?
उत्तर-
आर्थिक रूप से सम्पन्न बड़े मखाना उत्पादक किसान अपने फसल को शहर के बड़े मंडियों में बेचेंगे। इससे उन्हें अपने उत्पाद की सही कीमत प्राप्त होगी। उन्हें उनके मेहनत का सही फल मिलेगा। बड़े मखाना उत्पादकों के पास सुविधा होने की वजह से वे लोग आसानी से अपने मखाने को लेकर शहर की मंडी में आ सकते हैं और अपने मखाने को बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं। वे लोग अपने मखाने को अपने पास रख सकते हैं और मूल्य बढ़ने पर इन्हें बेच सकते हैं, जिससे उन्हें अधिक लाभ होगा।

प्रश्न 3.
मखाना उत्पादक किसान एवं उनसे जुड़े मजदूरों के काम के हालात और उन्हें प्राप्त होने वाले लाभ या मजदूरी का वर्णन करें ? क्या आप सोचते हैं कि उनके साथ न्याय होता है?
उत्तर-
मखाना उत्पादक किसान एवं उनसे जुड़े मजदूरों के काम बहुत कठिन होते हैं। मखाना उत्पादन करना, उनकी गुंडियों तालाब से निकालकर फिर उनका लावा तैयार करना बहुत मुश्किल का काम होता है, इसके लिए मजदूरों का कुशल होना आवश्यक है। कुछ छोटे किसान ही कर्ज लेकर मखाना उत्पादन करते हैं।

छोटे किसानों को पैसे की आवश्यकता तुरंत होती है और उनके पास जगह की कमी के कारण वे मखाने को अपने पास रखकर मूल्य बढ़ने पर बेच भी नहीं सकते। इसी कारण वे लोग अपना मखाना आढ़तिए को बेच देते हैं, जिससे उन्हें मखाने का सही मूल्य नहीं मिलता। जिससे उन्हें बहुत नुकसान होता है और उन्हें अपने मेहनत का फल भी नहीं मिलता ।

इसी तरह गुड़ियो से लावा निकालने का काम करने वालों और गुड़ियो से लावा निकालने वाली को भी उनकी मेहनत के हिसाब से मजदूरी नहीं मिलती। 2.5 किलो गुड़ी का लावा निकालने पर उन्हें आधा किलो गुड़ी दी जाती है। नहीं उनके साथ न्याय नहीं होता, उन्हें उनके मेहनत के हिसाब से लाभ या मजदूरी नहीं मिलती।

प्रश्न 4.
पीने के लिए चाय बनाने में चीनी ध तथा चाय पत्ती का प्रयोग होता है। आपस में चर्चा करें कि ये वस्तुएँ बाजार की किस शृंखला से होते हुए आप तक पहुँचती है ? क्या आप उन सब लोगों के बारे में सोच सकते हैं जिन्होंने इन वस्तुओं के उत्पदन एवं व्यापार में मदद की होगी?
उत्तर-
चीनी गन्नों के द्वारा चीनी मिल में बनाई जाती है, फिर वहाँ से चीनी थोक मंडी में पहुँचती है वहाँ से खुदरा व्यापारी के पास पहुँचती है और वहाँ से उपभोक्ता के पास। चाय की खेती मुख्यतः आसाम में होती है। यह पत्ते के रूप में उपजाई जाती है, फिर इसे मन में डालकर छोटे-छोटे दानों का रूप देते हैं, पर इसे पैक कर थोक व्यापारियों के पास भेजा जाता है, वहाँ से खुदरा दुकान के पास और वहाँ से उपभोक्ता के पास। । दूध उत्पादन ग्वाले करते हैं और फिर ये हमारे घर पर आकर दूध देते हैं या फिर बाजारों में भी पाश्च्युकृत किया हुआ दूध पैकेटों में उपलब्ध होता है।

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प्रश्न 5.
यहाँ दिये गये कथनों का सही क्रम में सजाएं और फिर नीचे बने गोलों में सही क्रम के अंक भर दें। प्रथम दो गोलों में आपके लिए पहले से ही अंक भर दिये गये हैं।

  1. सलमा मखाना उपजाती है।
  2. स्थानीय आढ़तिया पटना के थोक व्यापारी को बेचता है।
  3. आशापुर में मखाना का लावा बनवाने लाती है।
  4. खाड़ी देशों को निर्यात करते हैं।
  5. दिल्ली के व्यापारियों को बेचते हैं।
  6. मजदूर गुड़ियों को इकट्ठा हलते हैं।
  7. सलमा आशापुर के आढ़तियों को मखाना बेचती है।
  8. आशापुर में गुड़िया से लावा बनाया जाता है।
  9. खुदरा व्यापारी को बेचते हैं।
  10. उपभोक्ता को प्राप्त होता है।

उत्तर-

  1. सलमा मखाना उपजाती है ।
  2. आशापुर में गुड़ियों से लावा बनाया जाता है।
  3. मजदूर गुड़िया इकट्ठा करते हैं।
  4. आशापुर में मखाना का लावा बनवाने लाती है।
  5. सलमा आशापुर के आढ़तियों को मखाना बेचती है।
  6. आढ़तिया पटना के थोक व्यापारी को मखाना बेचती है।
  7. दिल्ली के व्यापारियों को बेचते हैं।
  8. खाड़ी देशों को निर्यात करते हैं।
  9. खुदरा व्यापारी को बेचते हैं ।
  10. उपभोक्ता को प्राप्त होता है।

Bihar Board Class 7 Social Science बाजार श्रृंखला खरीदने और बेचने की कड़ियाँ Notes

पाठ का सार संक्षेप

किसी भी वस्तु को उसके उत्पादक से उपभोक्ता तक पहुँचने में बहत-सी – कड़ियों से गुजरना पड़ता है। ये कड़ियाँ कैसे बनती है ? और इन कड़ियों से जुड़े लोगों को एक सा लाभ प्राप्त हो पाता है ? इस अध्याय में हम इन्हीं बातों को समझने की कोशिश करेंगे मखाना की उपज, किसान तथा बाजार की श्रृंखला के उदाहरण द्वारा।”

मखाना – मखाना की खेती तालाब में की जाती है। इसकी खेती प्रायः मछुआरों द्वारा की जाती है। तालाबों का 60 प्रतिशत हिस्सा सरकार का तथा 40 प्रतिशत हिस्सा निजी व्यक्तियों का होता है। मखाना की खेती के ये तालाब मछुआरों द्वारा बनाई गई सहकारी समितियों को तीन से सात साल के लिए एक निश्चित लगान पर दी जाती है। मखना की खेती हर कोई नहीं कर सकता है। क्योंकि मखाना के उत्पादन एवं उसका लावा बनाने में जिस कुशलता की आवश्यकता होती है, वह मछुआरों के एक खास समूह में पायी जाती है।

पटना के बाजार – कुछ व्यापारी आढ़तियों से मखाना खरीदकर शहरों के थोक मंडी में बेचते हैं। फिर किसी दूसरे शहर के व्यापारी इन मंडियों से मखाना खरीदकर ले जाते हैं। इस क्रम में वे खरीदे गए मखाने का मूल्य, परिवहन का खर्च तथा पैकिंग का खर्च सभी जोड़ लेते हैं और अपने शहर की थोक मंडियों में वे 10 रु. प्रति किलो के लाभ पर बेचता है।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 9 बाजार श्रृंखला खरीदने और बेचने की कड़ियाँ

थोक विक्रेता बड़ी मात्रा में खरीद-बिक्री करता है इसलिए वह अधिक कमा लेता है। खुदरा व्यापारी प्रति किलो 30 से 40 रु. लाभ पर बेचता है। इस प्रकार शहरी उपभोक्ता को मिलने तक उसकी कीमत अधिक हो जाती है। इससे हमें पता चलता है कि किसानों को सबसे अधिक मेहनत करने के बावजूद उचित लाभ नहीं मिल पाता।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 17 पौधों में जनन

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 17 पौधों में जनन Text Book Questions and Answers, Notes.

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Bihar Board Class 7 Science पौधों में जनन Text Book Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
सही विकल्प पर (✓) निशान लगाएँ-

(क) पौधों का जनन अंग है –
(i) तना
(ii) जड़
(iii) फूल
(iv) पत्ती
उत्तर:
(iii) फूल

(ख) परागकण का वर्तिकान पर स्थानान्तरण कहलाता है –
(i) निषेचन
(ii) परागण
(iii) जनन
(iv) फल का बनना
उत्तर:
(ii) परागण

(ग) परिपक्व होने पर भ्रूण विकसित होकर बदल जाता है –
(i) फल में
(ii) बीज में
(iii) पुंकेसर में
(iv) जड़ में
उत्तर:
(i) फल में

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(घ) नर एवं मादा युग्मक का मिलना कहलाता है –
(i) परागकण
(ii) निषेचन
(ii) जनन
(iv) बीज निर्माण
उत्तर:
(ii) निषेचन

प्रश्न 2.
रिक्त स्थनों को भरें –
(क) जनन पौधों के कायिक भागों से नए पौधों का उत्पन्न होना ………………. कहलाता है।
(ख) जिन फूलों में केवल नर या मादा जनन अंग होते हैं वे ………………. फूल कहे जाते हैं।
(ग) पराग कोष से परागकणों का वर्तिकाग्र पर स्थानान्तरण की क्रिया ………………. कहलाती है।
(घ) नर एवं मादा युग्मकों के मिलने से ………………. का निर्माण होता है।
उत्तर:
(क) अलैंगिक
(ख) एकलिंगी
(ग) परागण
(घ) युग्मनज ।

प्रश्न 3.
पौधों में अलैंगिक जनन की विधियों की चर्चा करें।
उत्तर:
पौधों के जड़, तना, पत्तियाँ, कली आदि कायिक भागों से नए पौधे की उत्पत्ति होती है। कायिक प्रवर्धन एक प्रकार का अलैंगिक जनन है। आलू, गन्ना, ब्रायोफाइलम, गुलाब, चमेली अलैंगिक जनन प्रक्रिया करते हैं। अलैंगिक जनन की विधि इस प्रकार होता है।

(1) लेयरिंग विधि – इस विधि में पौधों की तना को मिट्टी में दबा दिया -जाता है। वहाँ पानी देते रहना चाहिए ताकि नमी रहे। 10-15 दिनों में वहाँ से जड़ें निकलने लगती हैं। काड़ेंकर दूसरी जगह लगा देते हैं।

(2) मुकुलन – यीस्ट एककोशिकीय जीव है। जब पावरोटी या बिस्कुट को छोड़ दिया जाए और उसे पोषण उपलब्ध हो तो तेजी से जनन करने लगता है। यीस्ट कोशिकाओं से छोटी-छोटी बल्ब जैली संरचना करने लगता है इसे मुकुल संरचना कहते हैं। वृद्धि के फलस्वरूप जनक कोशिका से बदलकर यीस्ट कोशिका में बदल जाता है और फिर नई कोशिकाएँ उत्पन्न करता है।

खंडन – शैवाल को जब जल और पोषक तत्व प्राप्त होते हैं तो खंडन द्वारा तेजी से बढ़ते हैं। शैवाल दो या दो से अधिक भागों में खंडित हो जाते हैं जो कुछ दिनों में अपने जनकों के समान हो जाते हैं।

बीजाणु – अनुकूल परिस्थिति में बीजाणु अंकुरित होते हैं और नये जीव में विकसित होते हैं। माँस तथा फर्न निम्न स्तरीय पौधों में भी जनन बीजाणुओं द्वारा ही होता है।

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प्रश्न 4.
बीजों के बनने के लिए लैंगिक जनन आवश्यक है। क्यों ?
उत्तर:
लैंगिक जनन में नर युग्मक मादा युग्मक से बीजाण्ड में मिलते हैं। मिलन के फलस्वरूप निषेचन होता है। निषेचन के कारण युग्मनक भ्रूण में विकसित होता है और भ्रूण विकसि होकर बीज बनते हैं। अण्डाशय का आकार बढ़ता है और फल के रूप में विकसित होता है। निषेचन के लिए लैंगिक जनन आवश्यक है।

प्रश्न 5.
स्व-परागण तथा पर परागण में अन्तर बताएँ ?
उत्तर:
परागकण का वर्तिकाग्र तक जाने की क्रिया को परागण कहते हैं। जब परागकण अपने ही फूल के वर्तिकाग्र तक जाता है तो इसे स्व-परागण कहते हैं और यदि परागकणों का अपने ही पौधों के दूसरे फूलों के वर्तिकाग्र तक अपने जाति या दूसरे फूलों के वर्तिकाग्र तक ले जाने की क्रिया को पर – परागण कहते हैं।

प्रश्न 6.
बीजों के प्रकीर्णन से क्या समझते हैं ? ये किस प्रकार होते हैं, चर्चा करें।
उत्तर:
अधिकांश पौधे बीजों के कारण नये पौधे उगते हैं। पौधों के विकास के लिए पर्याप्त मात्रा में धूप, जल खनिज एवं स्थान की आवश्यकता होती है। एक स्थान पर ज्यादा पौधे विकसित नहीं हो पाते हैं। बीजों का दूर-दूर तक विभिन्न स्थानों तक पहुँचना बीजों का प्रकीर्णन कहलाता है। बीज हवा, पानी से बहकर तथा जन्तुओं द्वारा बीजों का प्रकीर्णन होता है। सूर्यमुखी, घास, नारियल के बीज पानी में बहकर । काँटेदार एवं हुक जैसी आकृति वाले बीज जन्तुओं के माध्यम से पीपल, बरगद के बीज पक्षियों द्वारा प्रकीर्णन होता है।

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प्रश्न 7.
फूल का चित्र बनाकर उनके प्रमुख अंगों को नामांकित करें।
उत्तर:
Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 17 पौधों में जनन 1

प्रश्न 8.
जिन पौधों में कायिक प्रवर्धन होता है उनकी एक सूची बनाएँ ?
उत्तर:
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प्रश्न 9.
यदि पौधों में बीजों का निर्माण न हो तो क्या होगा? कक्षा में चर्चा करें।
उत्तर:
नये पौधों का उगना ज्यादातर बीजों के द्वारा ही होता है। अगर बीज का निर्माण न होगा तो पृथ्वी पर पौधों की संख्या कम होगी और CO2 और O2 का संतुलन बिगड़ जाएगा। जंगल खत्म हो जाएँगे। पौधों की कमी मानव के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न होगा। गेहूँ, धान, मक्का बहुत सारे खाद्य पदार्थों का खात्मा हो गया । इस तरह कई तरह की कठिनाइयाँ उत्पन्न हो सकती हैं।

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Bihar Board Class 7 Science पौधों में जनन Notes

सभी जीव और पौधे अपने वंश को कायम रखने की प्रवृत्ति होती है। जनकों द्वारा संतति उत्पन्न करना अथवा जन्म देना ‘जनन’ कहलाता है। जनन के फलस्वरूप ही अपनी जाति को बनाये रखते हैं। पौधों की उत्पत्ति बीज के अलावा अन्य भागों से भी होती है। पौधों में जड़, तना तथा पत्तियाँ होती हैं इन्हें कायिक अंग कहते हैं। पौधों की वृद्धि के बाद फूल निकलते हैं। फूलों से फल और फल से बीज प्राप्त होते हैं। बीजों से एक नये पौधे उत्पन्न होते हैं। कायिक अंगों जैसे जड़, तना, पत्ती से भी नये पौधे उत्पन्न होते हैं। पौधे दो प्रकार से जनन क्रिया करते हैं और संतति उत्पन्न करते हैं। जनन के प्रकार अलैंगिक जनन और लैंगिक जनन । अलैंगिक जनन में पौधे बिना बीजों के ही नए पौधे उत्पन्न करते हैं। पौधों के जड़, तना और पत्तियों से नये पौधों की उत्पत्ति अलौंगक विधि कहलाती है। कायिक भागों द्वारा जनन होने के कारण इसे कायिक प्रवर्धन (Vegetative Propagation) कहते हैं। गुलाब का तना, ब्रायोफाइलम को पनियाँ, मुकुलन द्वारा नये पौधे की उत्पत्ति होती हैं। लैंगिक जनन-फूलों में पुंकेसर नर जनन अंग और स्त्री केसर (Pistil) मादा जनन अंग होते हैं।

जिन फूलों में दोनों जनन अंग होते हैं उसे द्विलिंगी फूल, कहते हैं। एक ही जनन अंग वाले फूल एकलिंगी (Unisexual) फूल कहते हैं। पँकेसर के ऊपर परागकोष होते हैं इनमें परागकण रहते हैं। ये नर युग्मक बनाते हैं। स्वीकंसर के अण्डाशय में एक या अधिक बीजाण्ड होते हैं जो मादा युग्मक बनाते हैं। लैंगिक जनन प्रक्रिया में नर युग्मक मादा युग्मक से बीजाण्ड में मिलते हैं और एक संरचना का निर्माण होता है वह युग्मनज कहलाता है। रागकणों का, स्थानान्तरण परागकोष से वर्तिकान तक होता है। परागकणों का वर्तिकान पर स्थानान्तरण वायु, कीट, जल आदि के माध्यम से होता है। परागकण हल्के होते हैं। जब हवा बहती है तो उड़कर वर्तिकार तक पहुँच जाते हैं। कीटों के द्वारा भी वर्तिकाग्र एक पहुँच जाते हैं। परागकण वर्तिकाग्र के चिपचिपा होने के कारण चिपक जाते हैं।

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इस प्रकार परागकण वर्तिकाग्र तक पहुंच जाता है। परागकण का वर्तिकान तक आना परागकण कहलाता है। जल पराग कण अपने ही फूल के वर्तिकान तक पहुँचता है तो इसे स्वयं परागकण कहते हैं । यदि परागकणों अपने ही पौधों के दूसरे फूलों के वर्तिकाग्र तक हो या अपने जाति के दूसरे के फूलों के वर्तिकाग्र तक हो तो परागण कहते हैं। जब वर्तिकान पर परागकण चिपकते हैं तो पागकण में अंकुर निकलता है और पराग नलिका का निर्माण करता है जो स्त्रीकेसर के वर्तिका से होते हुए बोजाण्ड तक जाता है इसी नली से पराग नर युग्मक के रूप में बीजाण्ड (मादा युग्मक) से मिलता है। इस मिलन को क्रिया को निषेचन कहते हैं। निषेचन के कारण युग्मनक भ्रूण में विकसित होने लगता है और चीज बनता है। अण्डाशय का आकार बढ़ने लगता है, फल बन जाता है। बीजों को दूर दूर तक दूसरे स्थानों तक पहुँचाना बीजों का प्रकोर्णन कहलता है । जल, वायु तथा जन्तुओं द्वारा स्थानान्तरण होता है। पीपल, बरगद वृक्षों के बीज चिड़ियों द्वारा होता है। काँटेदार एवं हक जैसी आकृति वाले बीज जन्तुओं के माध्यम से दूर-दूर तक जाते हैं।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 8 हमारे आस-पास के बाजार

Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 2 Chapter 8 हमारे आस-पास के बाजार Text Book Questions and Answers, Notes.

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पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
रामजी की दुकान से लोग किन-किन कारणों से सामान खरीदते हैं ?
उत्तर-
रामजी की दुकान नजदीक होने के कारण गाँव के ज्यादातर लोग : यहाँ से सामान खरीदते हैं। इनकी दुकान में नमक, गुड़, चाय, चीनी, माचिस आदि रोजमर्रा की सामान मिलते हैं। रामजी गाँव के अधिकतर लोगों को पहचानते हैं इसलिए कभी-कभी उधार सामान भी दे देते हैं। इनके दुकान में सामान के बदले सामान भी मिलता है।

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प्रश्न 2.
किराने के सामान के लिए जलहरा के कछ लोग ही रामजी की दुकान पर बार-बार आते हैं। ऐसा क्यों?
उत्तर-
जलहरा गाँव में रामजी की दुकान के अलावे किराने की और भी ‘2-3 दुकाने हैं। जिसके घर से जो दुकान ज्यादा नजदीक पड़ती है, तो उस दुकान पर चले आते हैं और रामजी अपने पहचान वालों को उधार भी दे देता है।

प्रश्न 3.
बहुत कम मात्रा में सामान खरीदने पर महँगा मिलता है। उदाहरण देते हुए अपना मत रखिए।
उत्तर-
बहुत कम मात्रा में सामान खरीदने पर सामान महँगा मिलता है। उदाहरण के लिए-जैसे हम कभी कोई सामान एक साथ 5 kg. खरीदते हैं तो उसकी कीमत हमें 45 रु. बताई जाती है यानि 9.रु. 91 kg. पर अगर हम वही समान ! kg. खरीदते हैं, तो हमें उसकी कीमत 10 रु. p/kg. बताई जाती है। इससे प्रति किलो रु. ज्यादा देना पड़ता है।

प्रश्न 4.
जलहरा की दुकान और तिथरा के बाजार में क्या अंतर है?
उत्तर-
जलहरा एक छोटा गाँव है, जिसके कारण यहाँ दुकानों की संख्या भी कम है। यहाँ किराने की 3-4 दुकाने ही हैं। लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए इन दुकानों पर आश्रित होते हैं। जबकि तियरा एक बड़ा गाँव है। यहाँ लगभग 500 घर है। यहाँ पर 15-20 दुकाने हैं, जिसमें 7-8-दुकानें किराना की है। इसके अलावा कपड़ा, मिठाई, सब्जी-फल, चाय, नाश्ता आदि मिलते हैं।

प्रश्न 5.
आस-पास के गाँवों के लोग किन कारणों से तिथरा के बाजार आते हैं ?
उत्तर-
तियरा एक बड़ा गाँव है। यहाँ 15-20 दुकाने हैं जिसमें 78 दुकानें किराना की होती है। यहाँ कपडे, चाय-नाश्ता, फल-सब्जी आदि भी मिल जाती है। यहाँ ठेले पर छोटे, भंजा आदि भी मिलते हैं। इसलिए आस-पास के छोटे गाँव के लोग यहाँ आकर खरीदारी करते हैं। उन्हें इस बाजार में सभी समान मिल जाते हैं। इन बाजारों में समान की अच्छी बिक्री होती है।

प्रश्न 6.
उधार लेना कभी तो मजबूरी है, तो कभी सुविधा । उदाहरण देकर ‘समझाएँ।
उत्तर-
जब कभी अगर हम बाजार गए और हमारे पास पैसे नहीं है और हमें कोई वस्तु सस्ते दामों पर मिल जाए तो, हम कोशिश करते हैं कि उस वक्त हमें वे समान उधार में मिल जाए और अगर हमें वह वस्तु उधार में मिल जाता है तो उस वक्त उधार हमारे लिए सुविधा बन जाता है। पर अगर हमें किसी वस्तु की सख्त जरूरत हो पर उस वक्त हमारे पास पैसे नहीं हो तो उधार लेना हमारी मजबूरी बन जाती है जबकि हमें पता होता है कि उधार लेने की वजह से हमें उस वस्तु की थोड़ी अधिक कीमत चुकानी पड़ती है।

प्रश्न 7.
लोग साप्ताहिक बाजार क्यों आना पसन्द करते हैं?
उत्तर-
साप्ताहिक बाजार सप्ताह में एक बार, एक दिन और एक जगह पर लगने वाला बाजार होता है। यहाँ रोजमर्रा के उपयोग की सभी चीजें मिल जाती हैं। यहाँ एक ही समान कई दुकानों में मिलता है। इसलिए अगर कोई विक्रेता अपनी वस्तु का अधिक दाम बताता है, तो लोगों के पास दूसरे दुकान से समान खरीद लेने का विकल्प होता है।

खरीददारों के पास मोल-भाव कर वस्तु की कीमत करवाने का मौका भी होता है। यहाँ पर ज्यादातर वस्तुएँ सस्ती एवं एक ही स्थान पर मिल जाता है। अलग-अलग सामान खरीदने के लिए अलंग-अलग स्थानों पर जाने की जरूरत नहीं होती है।

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प्रश्न 8.
साप्ताहिक बाजार में वस्तुएँ सस्ती क्यों होती है?
उत्तर-
साप्ताहिक बाजार में एक ही वस्तु कई दुकानों में मिलती हैं, इसके कारण दुकानदारों में आपस में कड़ी प्रतियोगिता होती है।

प्रश्न 9.
मोल-भाव कैसे और क्यों किया जाता है ? अपने अनुभव के आधार घर टोलियाँ बनाकर नाटक करें।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 10.
साप्ताहिक बाजार में जाने का अनुभव लिखें।
उत्तर-
मैं एक बार अपने माता-पिता के साथ साप्ताहिक बाजार गई थी। ये बाजार क्योंकि सप्ताह में एक ही दिन लगता है इसलिए बाजार में बहुत भीड़ थी। वहाँ रोजमर्रा के सभी सामान उपलब्ध थे। एक ही जैसे सामान कई दुकानों में मिल रहे थे। सभी लोग अपनी-अपनी जरूरतों के समान खरीदने में व्यस्त थे। कुछ दुकानदार अपनी वस्तु का दाम अधिक बता रहे. थे तो लोग दूसरे दूकान की ओर जा रहे थे, तो कुछ लोग उसी दूकानदार से वस्तु का मूल्य कम करने को कह रहे थे।

सभी लोग खरीदारी करने में व्यस्त थे। वहाँ आस-पास के गाँव के लोग भी खरीददारी करने आए थे। वे लोग जल्दी-जल्दी अपने जरूरत की समान खरीद रहे थे क्योंकि उन्हें शाम तक’

अपने गाँव वापस भी लौटना था और अगर किसी का कोई परिचित व्यक्ति मिल गया तो वो बातें भी कर रहे थे और खरीददारी भी। मेरे माता-पिता ने भी अपने जरूरतों के सामान की खरीददारी की और फिर हम अपने घर लौट आए।

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प्रश्न 11.
आपके घर के आस-पास या कोई शहर के मोहल्ले की दुकानों का विवरण लिखें।
उत्तर-
मेरे घर के पास एक दुकान है। वहाँ रोजमर्रा के उपयोग में आने वाले सभी सामान उपलब्ध होते हैं। वहाँ सौंदर्य प्रसाधन से लेकर खाद्य सामग्री सभी कुछ मिलता है। उस दुकान के बाहर में फोन बूथ भी है, जहाँ से लोग फोन भी करते हैं। वहाँ के दुकानदार बहुत ही अच्छे हैं। घर के पास दुकान होने के कारण मोहल्ले के सभी लोगों से उनकी जान-पहचान हो गई है।

सभी लोग अपने उपयोग के समान वहीं से लेते हैं। उनके दुकान का सामान भी बहुत अच्छे किस्म का होता है जरूरत पड़ने पर वे हमलोगों को उधार भी देते हैं और बाद में हम उन्हें पैसे दे देते हैं। उनके दुकान में बिक्री भी अच्छी होती है।

प्रश्न 12.
साप्ताहिक बाजार और गाँव की दकानों में क्या अन्तर है?
उत्तर-
साप्ताहिक बाजार सप्ताह में एक ही दिन लगता है। यहाँ पर कोई. भी व्यक्ति अपनी वस्तुएँ बेच सकता है। यहाँ पर रोजमर्रा के उपयोग के समान के साथ ही अन्य भी बहुत सारी वस्तएँ मिलती हैं। यहाँ पर लोगों को मोल-भाव कर सामान के दाम कम कराने का मौका मिलता है। अगर उन्हें लगता है कि दुकानदार वस्तुओं की कीमत कम नहीं कर रहा है, तो लोग दूसरी दुकान से सामान खरीद लेते हैं। यहाँ पर दूसरे गाँवों से लोग खरीददारी करने आते हैं।

पर मोहल्ले के दुकानों में उस मोहल्ले के लोग या उसके आस-पास के लोग ही खरीददारी करने आते हैं। यहाँ के दुकानों में रोजमर्रा के उपयोग के समान भी मिलते हैं। यहाँ पर वस्तुओं का मोल-तोल कम किया जाता है। वह दुकानें स्थायी होती हैं और प्रतिदिन खुलली है। यहाँ पर जान-पहचान की वजह से आपको उधार सामान भी मिल सकता है पर साप्ताहिक बाजार में ऐसा नहीं होता है।

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प्रश्न 13.
पूरन और जूही उस रामजी की दुकान से ही सामान क्यों खरीदते हैं?
उत्तर-
पूरन और जूही हमेशा उस दुकान से ही सामान खरीदते हैं, क्योंकि वह दुकान उनके मोहल्ले में ही हैं और वहाँ के सामान भी अच्छे किस्म के होते हैं। उस दुकान से उनके घर में एक बार में एक महीने का राशन जाता है। पूरन और जूही सामानों की लिस्ट बनाकर दुकान में दे देते हैं और सामान मिलने पर वह दुकानदार से सामानों के दाम लिखकर एक कागज पर ले लेते हैं और जब उनके पापा को वेतन मिलता है तो वे दुकानदार को पैसे दे देते हैं। दुकानदार के रजिस्टर पर भी उनके द्वारा लिए गए सामानों की लिस्ट होती है।

अपनी वस्तुओं को ज्यादा से ज्यादा बेचने के लिए वे लोग दाम कम करते हैं। जैसे-अगर कोई दुकानदार अपनी किसी वस्तु का मूल्य 10 रु. बताता है और खरीददार उसे नहीं खरीदता है तो दूसरा दुकानदार अपनी उसी वस्तु का दाम 9 रु. बताकर उसे बेच देता है। फिर यहाँ पर अलग-अलग दुकान होने से खरीददारों को मोल-भाव करने का भी पूरा मौका मिलता है और वे वस्तुओं का दाम कम करवा लेते हैं। फिर दुकानदारों को सुबह दुकान लगाकर शाम तक हटाना भी होता है इसलिए वे लोग वस्तुओं का दाम कर ज्यादा से ज्यादा वस्तुएँ बेचने की कोशिश करते हैं।

प्रश्न 14.
शहरों में कॉम्प्लेक्स या मॉल में लोग मोल-भाव नहीं करते हैं, क्यों?
उत्तर-
कॉम्प्लेक्स या मॉल में लोग मोल-भाव नहीं करते, क्योंकि वहाँ पर सभी सामान ब्रांडेड कंपनियों की होती है और उन सब पर एक पर्ची रहती है जिस पर उनका निश्चित दाम लिखा रहता है।

प्रश्न 15.
मॉल के दुकानदार और मोहल्ले के दुकानदार में क्या अंतर है?
उत्तर-
मॉल के दुकानदार और मोहल्ले के दुकानदार में बहुत अंतर होता । है। मॉल के दुकानदार से आप वस्तुओं के कीमत को कम करवाने के लिए मोल-भाव नहीं कर सकते हैं। मॉल के दुकानदार आपको एक बार में महीने… भर का सामान देकर बाद में पैसे नहीं ले सकते, उन्हें तुरंत ही पैसा चाहिए। मॉल के दुकानदार से आप उधार सामान भी नहीं ले सकते हैं।

वहीं मोहल्ले के दुकानदार से आप वस्तुओं के मोल-भाव भी कर सकते हैं और उनसे वस्तुओं के दाम कम भी करवा सकते हैं। मोहल्ले के दुकानदार आपको एक बार में महीने भर का सामान देकर बाद में पैसे नहीं ले सकते,

उन्हें तुरंत ही पैसा चाहिए। मॉल के दुकानदार से आप उधार सामान भी नहीं

ले सकते हैं। वहीं मोहल्ले के दुकानदार से आप वस्तुओं के मोल-भाव भी कर सकते हैं और उनसे वस्तुओं के दाम कम भी करवा सकते हैं। मोहल्ले के दुकानदार से हम महीने भर का सामान एक बार में ले सकते हैं और फिर पैसे मिलने पर उन्हें पैसे दे सकते हैं। मोहल्ले के दुकानदार जान-पहचान वाले होने के कारण कभी-कभी जरूरत पड़ने पर हमें उधार भी देते हैं।

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प्रश्न 16.
ब्रांडेड सामान किन कारणों से महंगा होता है?
उत्तर-
ब्रांडेड सामान के महँगे होने का सबसे बड़ा कारण होता है उनके ब्रांड का नाम । ब्रांडेड कंपनियाँ अपने सामानों का बड़ा-बड़ा विज्ञापन करवाती है, वे अपने सामानों के अच्छे क्वालिटी के होने के दावे करती है।

जिसमें कंपनियों का बहुत पैसा खर्च होता है। फिर अपने ब्रांडेड सामानों को बेचने के लिए कंपनियाँ बड़े-बड़े शोरूम का उपयोग करते हैं। इसमें भी उनका बहुत पैसा खर्च होता है। इन्हीं सब कारणों से ब्रांडेड सामान बिना ब्रांड वाले सामान से महंगे होते हैं।

प्रश्न 17.
दुकान या बाजार एक सार्वजनिक जगह है। शिक्षक के साथ चर्चा करें।
उत्तर-
दुकान या बाजार एक सार्वजनिक जगह है क्योंकि यहाँ पर सभी तरह के लोग आ-जा सकते हैं। अपनी जरूरतों के सामान खरीद सकते हैं। यहाँ आने-जाने को लेकर किसी के ऊपर कोई बंदिश नहीं होती। सभी जाति-धर्म आदि के लोग यहाँ एक साथ आकर खरीददारी करते हैं। यहाँ शिक्षित-अशिक्षित, अमीर-गरीब किसी के ऊपर कोई बंदिश नहीं होती है। – यहाँ कोई भी आकर सामान बेच सकता और खरीद सकता है।

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
बाजार क्या है? यह कितने प्रकार होता है?
उत्तर-
बाजार वह जगह होती है, जहाँ हम अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जाते हैं। हमारे चारों तरफ बाजार होते हैं। बाजार में हमारी जरूरतों के सभी सामान उपलब्ध होते हैं। बाजार में कई तरह दुकानों होते हैं, जिसमें हमें तरह-तरह के सामान मिलते हैं जैसे कपड़ा, चावल मसाला, अखबार, टी-बी-, मोबाईल, कॉपी-किताब, दवा आदि।

बाजार कई प्रकार के होते हैं-गाँव की दुकान, गाँव का बाजार, साप्ताहिक बाजार या हाट, मोहल्ले का दुकान, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मॉल और थोक बाजार।

इन बाजारों में हम अपनी जरूरतों के हिसाब से खरीददारी करने जाते हैं। जब हमें कम सामान खरीदना होता है तो हम छोटी दुकानों से ही सामान खरीद लेते हैं और ज्यादा समान लेना होता है तो हम थोक बाजार से भी सामान खरीदते हैं।

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प्रश्न 2.
ग्राहक सभी बाजारों में समान रूप से खरीददारी क्यों नहीं पाते?
उत्तर-
ग्राहक सभी बाजार में समान रूप से खरीददारी नहीं पाते क्योंकि कछ बाजारों जैसे-साप्ताहिक बाजार में ग्राहकों को वस्तुओं के दाम के माल-भाव करने का मौका मिलता है और वे वस्तुओं के दाम कम करवा सकते हैं और दुकानदार वस्तुओं के दाम कम नहीं करता है तो वे दूसरी दुकान से सामान ले लेते हैं।

मोहल्ले के दुकानदारों से जान-पहचान की वजह से कभी-कभी उधार समान भी मिल जाता है। पर यही अगर ग्राहक चाहे की वे शॉपिंग कॉम्प्लेक्स या मॉल में वस्तुओं का मोलभाव करें तो यह संभव नहीं होता क्योंकि मॉल में सामान बहुत महंगे और ब्रांडेड होते हैं। थोक बाजार में ग्राहक आसानी से मोल-भाव करते हैं, क्योंकि एक बार में ज्यादा सामान लेने पर सामानों की कीमत कुछ कम होती है।

प्रश्न 3.
बाजार में कई छोटे दुकानदार से बातचीत करके उनके काम और आर्थिक स्थिति के बारे में लिखें।
उत्तर-
बाजार में कई छोटे दुकानदार भी होते हैं, वो लोग मंडी से सामान लाकर बेचते हैं। पर उनके पास सामानों की मात्रा बहुत कम होती है। वे लोग छोटी मात्रा में खरीद-बिक्री करते हैं। उनके दुकानों में रोजमर्रा के उपयोग की सभी सामान उपलब्ध होती है। वे लोग जान-पहचान वालों को कभी-कभी उबार सामान भी द देते हैं और बाद में उनसे पैसे ले लेते हैं।

इनकी आर्थिक स्थिति कुछ खास अंच्छी नहीं होती है। क्योंकि उन्हें – ज्यादा जाम नहीं होता । वे बड़े दुकानों की तरह सामानों को आधुनिक तरीके से पैकिंग करवाकर नहीं बेचते हैं। उनके दुकानों की साज-सज्जा भी अच्छी नहीं होती है। इसलिए उनकी आर्थिक स्थिति भी साधारण ही रहती है।

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प्रश्न 4.
बाजार को समझने के लिए अपने माता-पिता के साथ आपके – आस-पास के बाजारों का परिभ्रमण करके संक्षिप्त लेख लिखिए।
उत्तर-
मैं अपने पिताजी के साथ एक बार अपने घर के पास वाले बाजार में गई थी। वहाँ सभी वस्तुएँ मिल रही थीं। कछ दुकानें छोटी थी और कछ दुकानें बड़ी थी। छोटी दुकानों में सामानों की मात्रा बहुत ज्यादा नहीं थी और वह दुकान भी बहुत ही साधारण-सी थी। वहाँ पर से आस-पास के लोग सामानों की खरीददारी कर रहे थे।

वहीं कुछ दूकानें बहुत बड़ी और आकर्षित ढंग से सजी हुई थी। वहीं कुछ दुकानों में ब्रांडेड कपडे, कुछ में ब्रांडेड जूते आदि मिल रहे थे। वहीं कुछ ठेले आदि पर भो जूते और कपड़े बेच रहे थे। वहीं पास में सब्जी और फल भी मिल रहे थे। ठेले पर चाट-पकौड़े, भुंजा ‘आदि मिल रहे थे। सभी लोग खरीददारी करने में व्यस्त थे।

प्रश्न 5.
किसी साप्ताहिक बाजार में दुकानें लगाने वालों से बातचीत करके अनुभव लिखें कि उन्होंने यह काम कब और कैसे शुरू किया? पैसों की व्यवस्था कैसे की? कहाँ-कहाँ दकानें लगाता/लगाती हैं? सामान कहाँ से खरीदता/खरीदती है ?
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

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पाठ का सार संक्षेप

हमारे आस-पास के बाजार – हमें अपने आस-पास दुकानें देखने को मिलती है। बाजार में भी दुकानें देखने को मिलती है और इन दुकानों में तरह-तरह के सामान मिलते हैं। अपने आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हमलोग बाजार जाते हैं। बाजार के कई रूप होते हैं जैसे नजदीक की दुकान, साप्ताहिक बाजार, बड़ी दुकान तथा शॉपिंग कॉम्पलेक्स आदि । इस अध्याय में हम बाजार के विभिन्न रूपों को जानेंगे।

गाँव की दूकान – गाँव में ज्यादातर छोटी-छोटी दूकानें होती है। इन दुकानों में किराने का समान जैसे – माचिस, नमक, गड, चीनी, चाय, तेल आदि मिलता है। इन दुकानों में थोड़ा बहुत उधार सामान मिलता है, पैसा न होने पर यहाँ से लोगों का काम चल जाता है बशर्ते की दुकानदार आपको पहचानता हो। इन दुकानों में सामान के बदले सामान भी मिलता है, जिसे हम ‘वस्तु “विनिपय प्रणाली’ कहते हैं। यहाँ के लोग छोटी-छोटी जरूरतों के लिए इन दुकानों पर निर्भर रहते हैं।

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शहर में मोहल्ले की दुकान – हमारे मोहल्ले में भी किराने करदकान होती है । मोहल्ले में होने के कारण ज्यादातर लोग यहीं से सामान खरीदते हैं। यहाँ भी अलग-अलग ब्रांड के साबुन, दंत मंजन, पाउडर, केश तेल आदि रखे थे। मोहल्ले की दुकान होने के लोग उससे एक महीने का सामान एक बार में ही ले लेते हैं और फिर वेतन मिलने पर एक बार में ही पूरा पैसा दे देते हैं। दुकानदार हिसाब की एक पर्ची खरीददार को दे देता है और दूसरी अपनी रजिस्टर में लिख .ना है। गेहल्ले में ऐसी भी कई दुकानें होती हैं जहाँ दूध, फल, सब्जी, खाइ पदार्थ, हा स्टेशनरी आदि वस्तुएँ मिलती है। ये स्थायी एवं प्रतिदिन खुलने – जानें होती हैं।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 16 प्रकाश Text Book Questions and Answers, Notes.

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Bihar Board Class 7 Science प्रकाश Text Book Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।

(क) जिस प्रतिबिम्ब को पर्दे पर प्राप्त किया जा सके, वह ……………. प्रतिबिम्ब कहलाता है।
(ख) उत्तल दर्पण ……………. प्रतिबिम्ब बनाता है।
(ग) यदि प्रतिबिम्ब सदैव वस्तु के आकार का बने तो दर्पण ……………. होगा।
(घ) जिस प्रतिबिम्ब को पर्दे पर न प्राप्त किया जा सके …………….. कहलता है।
उत्तर:
(क) वास्तविक
(ख) आभासी
(ग) समतल
(घ) आभासी ।

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प्रश्न 2.
अपना नाम अंग्रेजी भाषा में लिखकर उसका प्रतिबिम्ब समतल दर्पण में देखकर पता लगाएँ कि किन अक्षरों का प्रतिबिम्ब समान तथा किन का प्रतिबिम्ब भिन्न है?
उत्तर:
अपना नाम लिखें –
A B C D E F G H I J K L M N O P Q R S T U V W X Y Z .
A B C F G J L N P Q R S Y Z के प्रतिबिम्ब उल्टे बनते हैं।
ध्यान देकर अपना नाम लिखें।

प्रश्न 3.
उत्तल तथा अवतल दर्पण का उपयोग लिखिए।
उत्तर:
उत्तल दर्पण का उपयोग मोटरगाड़ियों के साइडमिरर के रूप में इसका उपयोग किया जाता है। अवतल दर्पण टॉर्च, गाड़ियों के हेडलाइट, डॉक्टरी द्वारा आँख, कान, नाक, गला के निरीक्षण में इसका उपयोग करते हैं।

प्रश्न 4.
उत्तल और अवतल लेंस में क्या अन्तर है?
उत्तर:
उत्तल लेंस के किनारा पतला और बीच में मोटा होता है। जब प्रकाश पड़ता है तो अन्दर की ओर मुड़ जाती है। अवतल लेंस का किनारा मोटा और बीच में पतला होता है जब प्रकाश – की किरण पड़ती है तो किरण बाहर की ओर चली जाती है।

प्रश्न 5.
वास्तविक प्रतिबिम्ब किस प्रकार का दर्पण बना सकता है ?
उत्तर:
वास्तविक प्रतिबिम्ब अवतल दर्पण बना सकता है।

प्रश्न 6.
आभासी प्रतिबिम्ब किसे कहते हैं ? उदाहरण द्वारा बताएँ।
उत्तर:
आभासी प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनता है। समतल दर्पण और उत्तल दर्पण में प्रतिबिम्ब हमेशा आभासी बनता है। जब हम अपना चेहरा समतल दर्पण में देखते हैं तो ऐसा प्रतीत होता है कि मेरे चेहरे के बराबर सीधा प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बन रहा है।

प्रश्न 7.
समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब की विशेषता लिखिए।
उत्तर:
समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब वस्तु के बराबर सीधा और दर्पण के पीछे जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने रखी है उतनी ही दूरी पर दर्पण के पीछे बनती है। यह प्रतिबिम्ब आभासी कहलाता है।

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प्रश्न 8.
कॉलम A में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम B में एक अथवा अधिक सही कथनों से कीजिए।
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उत्तर:
(क) समतल दर्पण – (iii) सीधा तथा वस्तु के आकार से छोटा प्रतिबिम्ब बनाता है।
(ख) उत्तल दर्पण – (i) सीधा तथा वस्तु के आकार के आकार का प्रतिबिम्ब बनाता है।
(ग) अवतल दर्पण – (iv) दाँतों का आवर्धित प्रतिबिम्ब बनाता है जिसके कारण दंत चिकित्सक उपयोग करते हैं।
(घ) अवतल दर्पण – (i) उल्टा तथा आवर्धित प्रतिबिम्ब बना सकता है।
(च) उत्तल दर्पण – (vi) अधिक क्षेत्र का प्रतिबिम्ब बना सकता है।

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किसी वस्तु को देखने के लिए प्रकाश जरूरी है। बिना प्रकाश के हम कोई भी वस्तु देख नहीं पाते हैं। प्रकाश सीधी रेखा में गमन करती है। प्रकाश जिस पथ पर चलती है उस पथ को किरण कहते हैं। किरणों के समूह को प्रकाश पुंज कहते हैं। टॉर्च, गाड़ियों के हेडलाइट से निकलने वाली प्रकाश किरणपुंज के रूप में होती है। जिस वस्तु से प्रकाश आर-पार हो जाए उस पदार्थ को पारदर्शक कहते हैं। जिस वस्तु से प्रकाश आर-पार न हो वैसी वस्तु को अपारदर्शक कहते हैं और जिस वस्तु से प्रकाश का कुछ अंश आर-पार और कुछ न हो तो उस वस्तु को पारभाषी पदार्थ कहते हैं।

जब कोई प्रकाश अपारदर्शक वस्तु पर पड़ती है तो प्रकाश अपना पथ बंदल देती है या लौट जाती है जिसे प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।
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समतल दर्पण पारदर्शक पदार्थ के बने होते हैं जिसकी एक सतह पर कलई (पेन्ट) किया हुआ हो और दूसरा प्रकाश का परावर्तक, सतह समतल हो, समतल दर्पण कहलाता है।

समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब सीधा होता है। आभासी होता है और वस्तु के बराबर होता है। कोई भी पॉलिश किया हुआ अथवा चमकदार सतह दर्पण की तरह कार्य करता है। समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे होता है।

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गोलीय दर्पण – गोलीय दर्पण की सतह समतल नहीं होती है। गोलीय दर्पण पारदर्शक गोले का भाग है जिसकी एक सतह पर कलई (पेन्ट) कर बनाया जाता है। कटे गोला की बाहरी सतह पेन्ट किया हो तो अवतल दर्पण और भीतरी सतह पेन्ट किया हआ हो तो उत्तल दर्पण बनता है।
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अतः जिस गोलीय दर्पण की बाहरी सतह कलई किया हुआ हो और भीतरी सतह प्रकाश का परावर्तक उसे अवतल दर्पण कहते हैं। जिस गोलीय दर्पण की भीतरी सतह कलई की हुई हो तथा बाहरी सतह प्रकाश का परावर्तक हो उसे उत्तल दर्पण कहते हैं। प्रतिबिम्ब दो प्रकार के होते हैं। वास्तविक प्रतिबिम्ब और आभासी प्रतिबम्ब । जब प्रतिबिम्ब पर्दे पर बनता है और देखा जाता है वैसे प्रतिबिम्ब को वास्तविक प्रतिबिम्ब कहते हैं। वास्तविक प्रतिबिम्ब दर्पण के सामने बनता है।। अवतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब प्रायः वास्तविक होता है। दर्पण के सामने भिन्न-भिन्न दूरियों पर वस्तु को रखने पर बना प्रतिबिम्ब की प्रकृति भिन्न-भिन्न होती है। वस्तु से बड़ा या छोटा बन सकता है। वस्तु के उल्टा और सीधा भी बन सकता है।

उत्तल दर्पण के सामने वस्तु रखने पर प्रतिबिम्ब हमेशा वस्तु से छोटा और सीधा तथा आभासी होता है। उत्तल दर्पण के विस्तृत दृष्टि क्षेत्र होते हैं ! अतः चालक दूरी से आती गाडियों को देख लेता है।

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चश्मा, दूरबीन, कैमरा में लेंस का प्रयोग होता है। लेंस पारदर्शी पदार्थों के बने होते हैं। इसके दो सतह होते हैं। वे लेंस जिनके किनारे पतले और -बीच में मोटा हो उत्तल लेंस कहते हैं। वैसे लेंस जिनके किनारा मोटा और बीच में पतला हो अवतल लेंस कहलाते हैं। जब उत्तल लेंस पर प्रकाश पड़ती है तो अन्दर की ओर मुड़ जाता है और अवतल लेंस पर प्रकाश पर किरणें पड़ती हैं तो बाहर की ओर फैल जाती हैं।

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उत्तल लेंस को अभिसारी और अवतल लेंस को अपसारी लेंस भी कहते हैं। उत्तल लेंस को आवर्धक लेंस भी कहते हैं। श्वेत प्रकाश जब प्रिज्म पर पड़ता है तो अपवर्तन के बाद सात रंगों में विभक्त होता है। श्वेत प्रकाश का सात रंगों में अलग होना वर्ण-विक्षेपण कहलाता है। श्वेत रंग सात रंगों का मिश्रण है।

वर्षा के बाद सूर्य के विपरीत दिशा में इन्द्रधनुष दिखाई पड़ता है, जिनमें सात रंग होते हैं। अतः सूर्य की किरणों में सात रंग हैं।

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अभ्यास

प्रश्न 1.
सही उत्तर पर सही का निशान (✓) लगाएँ।

(क) अन्तः श्वसन के समय पसलियाँ
(i) बाहर की ओर गति करती है
(ii) नीचे की ओर गति करती है
(iii) ऊपर और बाहर की ओर गति करती है
(iv) गति बिल्कुल नहीं करती है
उत्तर:
(iii) ऊपर और बाहर की ओर गति करती है

(ख) उच्छश्वसन के समय पसलियाँ
(i) नीचे और अन्दर की ओर गति करती हैं
(ii) नीचे की ओर गति करती है
(iii) ऊपर की ओर गति करती है
(iv) बाहर की ओर गति करती है।
उत्तर:
(i) नीचे और अन्दर की ओर गति करती हैं

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(ग) मछली में श्वसन के लिए अंग हैं –
(i) फेफड़ा
(ii) त्वचा
(iii) श्वास रन्ध्र
(iv) गलफड़ा
उत्तर:
(iv) गलफड़ा

(घ) श्वसन के फलस्वरूप गैस निकलती है –
(i) हाइड्रोजन
(ii) नाइट्रोजन
(iii) ऑक्सीजन
(iv) कार्बन डाइऑक्साइड
उत्तर:
(iii) ऑक्सीजन

प्रश्न 2.
कॉलम A के शब्दों को. कॉलम B के शब्दों से मिलान करें –
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उत्तर:
(i) 2
(ii) (4)
(iii) (1)
(iv) (3)

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प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों को भरें –
(i) अन्तःश्वसन में ……….. गैस प्रयुक्त होता है तथा उच्छश्वसन में ………… विमुक्त होता है।
(ii) कार्बन डाइऑक्साइड चूने के पानी को ……….. कर देता है ।
(iii) ऑक्सीजन की उपस्थिति में होनेवाला श्वसन ………… कहलाता है।
(iv) अनॉक्सी श्वसन ………….. की अनुपस्थिति में होता है।
उत्तर:
(i) ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड,
(ii) दुधिया,
(iii) ऑक्सी श्वसन
(iv) ऑक्सीजन

प्रश्न 4.
श्वसन कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर:
श्वसन मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। ऑक्सी श्वसन और अनॉक्सी श्वसन।

प्रश्न 5.
अनॉक्सी श्वसन क्या है ?
उत्तर:
ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ग्लुकोज का अपघटन अनॉक्सी श्वसन कहलाता है । इस क्रिया के फलस्वरूप अल्कोहल कार्बन डाइऑक्साइड तथा ऊर्जा प्राप्त होती है।
कार्बन डाइऑक्साइड तथा ऊर्जा प्राप्त होता है।
ग्लूकोज → अल्कोहल + कार्बन डाइऑक्साइड + ऊर्जा

प्रश्न 6.
श्वसन की क्रिया में ऑक्सीजन का महत्व बताएँ।
उत्तर:
ऑक्सीजन जीवन के लिए उपयोगी है जो ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं वह कोशिकीय श्वसन की क्रिया करता है। इन्जाइमों की सहायता करता है। रक्त शरीर के विभिन्न भागों की कोशिकाओं में पहुँचाता है। ऑक्सीजन रक्त के साथ मिलकर ऑक्सी हीमोग्लोबीन बनाता है। ऑक्सीजन ग्लूकोज के – साथ अभिक्रिया कर CO2 प्रदान करता है और ऊर्जा होता है।

प्रश्न 7.
अन्तःश्वसन तथा उच्छश्वसन में क्या अन्तर है?
उत्तर:
अन्तःश्वसन एक यात्रिक क्रिया है। अन्तःश्वसन के समय पसलियाँ ऊपर और बाहर की ओर गति करती है तथा डायाफ्राम नीचे की ओर गति करता है जिस कारण वक्ष गुहा का आयतन बढ़ जाता है और वायु फेफड़ों में प्रवेश कर जाती है। अतः साँस लेने की प्रक्रिया को अन्त:श्वसन कहते हैं।

उच्छश्वसन भी यांत्रिक क्रिया है। जब ऑक्सीजन में फेफड़ा में पहुँचता है तो पसलियाँ नीचे अन्दर की ओर चला जाता है. और डायफ्राम पहले की स्थिति में आ जाता है। साँस बाहर छोड़ते हैं। अत: साँस छोड़ने की क्रिया को उच्छश्वसन कहते हैं।

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प्रश्न 8.
साँस लेने छोड़ने एवं श्वसन में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
साँस के रूप में ऑक्सीजन युक्त हवा का उपयोग करते हैं। नासाद्वार द्वारा ऑक्सीजन ग्रहण कर श्वासनली से होते हुए फेफड़ों तक जाती है और अन्तःश्वसन की क्रिया होती हैं जिसे साँस लेने और जब ऑक्सीजन, ग्लूकोज के साथ अभिक्रिया कर CO2 गैस बनता है और उच्छश्वसन क्रिया के फलस्वरूप साँस छोड़ते हैं। श्वसन क्रिया में साँस लेना और छोड़ना दोनों आता है । श्वसन क्रिया के फलस्वरूप ऑक्सीजन लेना और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ना । ऑक्सीजन, ग्लूकोज के साथ अभिक्रिया कर कार्बन डाइऑक्साइड जल और ऊर्जा प्रदान करता है।

प्रश्न 10.
अपने परिवार के सदस्यों की श्वसन दर माऐं और उनमें अन्तर के कारणों का पता लगाएँ।
उत्तर:
शारीरिक सक्रियता बढ़ने से श्वसन की दर बढ़ जाती है। हमारे परिवार में दस वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 60 वर्ष के ऊपर भी 0 सदस्य है।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 15 जीवों में श्वसन 1
ऊपर के अवलोकनों से पता चलता है कि उम्र बढ़ने से सक्रियता बढ़ती है और 60 वर्ष के बाद सक्रियता घटती है। अत: वयस्क में सक्रियता कम उम्र और अधिक उम्र की अपेक्षा अधिक होती है।

प्रश्न 11.
यदि धरती से पौधों को समाप्त कर दिए जाए तो क्या होगा? कक्षा में चर्चा करें।
उत्तर:
पौधे कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं। अपना भोजन प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा करते हैं और ऑक्सीजन गैस छोड़ते हैं। ऑक्सीजन गैस जीव-जन्तुओं द्वारा ग्रहण करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड गैस छोड़ते हैं। पौधे नहीं रहने पर कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा वायुमण्डल में बढ़ जाएगा । वातावरण असंतुलित हो जाएगा। वायुमण्डल में CO2 की मात्रा बढ़ जाने पर वायुमण्डल गर्म हो जाएगा और पहाड़ों पर के बर्फ पिघलने लगेगा और समुद्र का जलस्तर बढ़ जाएगा। ओजोन परत जो पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करता है। उस परत को नुकसान पहुँचेगा। धरती से पौधों को समाप्त करने पर पृथ्वी पर जीव-जन्तुओं का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।

प्रश्न 12.
रात्रि में पौधों के निकट नहीं सोना चाहिए क्यों?
उत्तर:
पौधे सूर्य के प्रकाश में CO2 ग्रहण कर प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करते हैं। CO2 पौधों द्वारा ग्रहण और O2 छोड़ना, O2 जीव-जन्तुओं द्वारा ग्रहण और CO2 छोड़ने की क्रिया होती है। इसके कारण ही CO2 और O2 का अनुपात संतुलित रहता है। रात्रि में सूर्य का प्रकाश नहीं होता । अतः प्रकाश संश्लेषण की क्रिया भी नहीं होती। ऑक्सीजन की मात्रा वातावरण में कम हो जाती और CO2 की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण वृक्षों के नीचे साँस लेने में कठिनाई होती है और गर्मी भी अधिक लगती है।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 15 जीवों में श्वसन

Bihar Board Class 7 Science जीवों में श्वसन Notes

सभी जीव-जन्तु साँस लेते हैं। साँस के रूप में ऑक्सीजन गैस का उपयोग करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड हवा का त्याग करते हैं। तेज चलने, -दौड़ने, कठिन कार्य करते समय साँस जल्दी-जल्दी लेते और छोड़ते हैं। ऑक्सीजन युक्त हवा शरीर के अन्दर ले जाने की क्रिया अन्त:श्वसन तथा कार्बन डाइऑक्साइड युक्त हवा को शरीर से बाहर निकालने की क्रिया ‘उच्छवसन कहलाती है। पेड़-पौधे प्रकाश संश्लेषण के फलस्वरूप CO2 गैस लेते हैं और O2 छोड़ते हैं। इस प्रकार CO2 और O2 वातावरण में संतुलित रहती है। नियमित रूप से भोजन करते हैं भोजन में ऊर्जा संग्रहित रहती है जो जैव रसायनिक अभिक्रिया श्वसन से लिए गये ऑक्सीजन के साथ करता है और ऊर्जा मुक्त करता है साथ ही साथ जल और CO2 प्रदान करता है। अंत:श्वसन एवं उच्छवश्न एक यांत्रिक क्रिया है जिसमें ऑक्सीजन अन्त:श्वसित और CO2 उच्छवासित होता है। यह कोशिकाओं के बाहर होनेवाली क्रिया है। इस क्रिया में ऊर्जा खर्च होती है। इस क्रिया में इंजाइम की सहभागिता नहीं होती है। श्वसन जैव रासायनिक क्रिया है जिसमें ग्लुकोज ऑक्सीकृत होकर CO2, जल और ऊष्मा देता है। यह कोशिकाओं के अन्दर होने वाली क्रिया है। इसे कोशिकीय श्वसन भी कहते हैं। इस क्रिया में ऊर्जा मुक्त होती है। इस क्रिया के निष्पादन में इंजाइम की सहभागिता होती है। जब ग्लुकोज का अपघटन ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है तो इस प्रकार का श्वसन ऑक्सी श्वसन कहलाता है।
Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 15 जीवों में श्वसन 2
इस प्रकार का श्वसन पौधे और जन्तुओं में होता है। ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ग्लुकोज का अपघटन अनॉक्सी श्वसन कहलाता है।
Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 15 जीवों में श्वसन 3
यह क्रिया किण्वन कहलाती है। इस तरह की श्वसन क्रिया सूक्ष्म जीवों तथा जीवाणुओं में होता है।

मानव में श्वसन प्रक्रिया में कई अंग भाग लेते हैं। (i) नासाद्वार, नासागुहा, मुखगुहा, ग्रसनी, श्वसनली और फेफड़ा।
Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 15 जीवों में श्वसन 4
ऑक्सीजन युक्त हवा नासाद्वार से ग्रहण कर नासा गुहा से होते हुए श्वसनली से होकर फेफड़ों में जाती है। फेफड़ा वक्ष गुहा में स्थित होते हैं। वक्ष गुहा को आधार प्रदान करने के लिए डायफ्राम होती है। अन्तःश्वसन के समय डायाफ्राम के कारण पसलियाँ ऊपर नीचे करती हैं। श्वसन की क्रिया ऑक्सीजन की उपस्थिति में अनेक इन्जाइमों की सहायता से कई चरणों में होता है । रक्त, शरीर के विभिन्न भागों में पहुंचाने वाला ऑक्सीजन है। ऑक्सीजन का वहन लाल रक्त कोशिकाओं में पाये जाने वाले वर्णक हीपोग्लोबीन के द्वारा होता है। यह ऑक्सीजन से मिलकर ऑक्सी. हीमोग्लोबीन बनाता है और ऑक्सीजन विभिन्न कोशिकाओं में फैल जाता है। पुनः कोशिकाओं से हीमोग्लोबीन, कार्बन डाइऑक्साइड से मिलकर कार्बोक्सी हीमोग्लोबीन बनाता है।

हीमोग्लोबीन + ऑक्सीजन → ऑक्सी हीमोग्लोबीन
हीमोग्लोबीन + CO2 → कार्बोक्सी-हीमोग्लोबीन

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इस CO2 को बाहर निकलने के लिए रक्त CO2 को फेफड़ों तक लाता । है और CO2 नासाद्वार से बाहर निकल जाता है। तेलचट्टे एवं अन्य कीटों । में श्वसन के लिए उनके शरीर पर छिद्र होते हैं जिसे श्वास रन्ध्र कहते हैं। रन्ध्रों से गैसों विनिमय होता है। मेढ़क जल और स्थल दोनों पर पाया जाने वाला जन्तु है इसमें श्वसन की क्रिया फेफड़ों तथा त्वचा के द्वारा होती है। जलीय जीव मछली श्वसन क्रिया गलफड़ा के द्वारा होता है। ये घुलनशील . ऑक्सीजन का श्वसन कर कार्बन डाइआक्साइड छोड़ते हैं।

जन्तुओं की तरह पौधे भी साँस लेते और छोड़ते हैं। इन्हें भी जीवित रहने के लिए श्वसन क्रियाएँ करते हैं। पौधों में साँस लेने और छोड़ने के लिए : जन्तुओं की तरह अंग नहीं होते बल्कि पत्तियों में पाये जाने वाली रन्ध्रों से कार्बन डाइऑक्साइड लेते और ऑक्सीजन छोड़ते हैं। रात में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया नहीं होती है। कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। रात में पेड़ों के नीचे इसलिए नहीं सोना चाहिए। पौधों की कोशिकाएँ जन्तु की कोशिकाओं की तरह ग्लूकोज का अपघटन करती है।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 7 विज्ञापन की समझ

Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 2 Chapter 7 विज्ञापन की समझ Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 7 विज्ञापन की समझ

Bihar Board Class 7 Social Science विज्ञापन की समझ Text Book Questions and Answers

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
विज्ञापन कौन देता है ? संचार माध्यम इस पर क्यों निर्भर है?
उत्तर-
किसी विषय वस्तु पर हमारा ध्यान आकर्षित करने के लिए विज्ञापन किया जाता है। विज्ञापन मुख्यत: व्यापारिक संस्थान द्वारा दिए जाते हैं।

संचार माध्यमों को अधिक-से-अधिक लोगों तक पहुँचाने में आधुनिक तकनीक से बहुत मदद मिलती है। पर इन आधुनिक संचार माध्यमों के संचालन के लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता होती है, जो किसी एक व्यक्ति के द्वारा लगा पाना संभव नहीं होता है। इसके लिए वे विज्ञापन पर निर्भर रहते हैं, क्योंकि विज्ञापन उनके आय का मुख्य स्रोत होता है। वे अपने खर्चे के लिए विज्ञापन के ऊपर ही आश्रित होते हैं।

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प्रश्न 2.
आपके पसंदीदा विज्ञापन कौन-कौन से है? वे आपको किस तरह आकर्षित करते हैं? शिक्षक के साथ चर्चा करें।
उत्तर-
मुझे पर्यटन स्थल से जुड़े विज्ञापन बहुत अधिक पसंद है क्योंकि मुझे घूमना अच्छा लगता है। मुझे ऐसे विज्ञापन भी बहुत पसंद है जिसमें किसी जगह से जुड़ी कुछ खास बात बताई जाती है। इसके अलावे मुझे खाद्य पदार्थ से जुड़े विज्ञापन काफी पसंद है, क्योंकि मैं खाने की बहुत शौकीन हूँ।

प्रश्न 3.
गोरेपन या सांवलेपन से सुन्दरता को आँकना क्या तुम्हें सही लगता है?
उत्तर-
नहीं, गोरेपन या सांवलेपन से सुन्दरता को आँकना सही नहीं होता । गोरापन या साँवलापन हमारे हाथ की चीज नहीं होती है। किसी का गोरा रंग या सांवला रंग भगवान की देन होती है। इसे किसी क्रीम से बदला नहीं जा सकता है और किसी का रंग साँवला है इस वजह से उसे औरों से कम आँकना या उसे हेय दृष्टि से देखना गलत होता है। इंसान अपने गोरेपन या सांवलेपन से अच्छा नहीं बनता बल्कि वे अपने गुणों से अच्छा बनता है।

प्रश्न 4.
इन विज्ञापनों और पूर्व के दोनों विज्ञापनों में क्या अंतर है ?
उत्तर-
इन विज्ञापनों और पूर्व केन्द्रोनों विज्ञापनों में अंतर-दो विज्ञापन सामाजिक है, इनमें पोलियो उन्मूलन और रक्तदान के बारे में जानकारी उदी। गई है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे अपने पाँच साल तक के बच्चों को पोलियो का टीका जरूर लगवाएँ और उन्हें पोलियो जैसी बीमारी से बचाएँ और रक्तदान के लिए लोगों को कही जा रही है कि जो स्वस्थ हैं वो अपना रक्तदान करें जिससे किसी व्यक्ति को नई जिन्दगी मिल सके और पूर्व के दोनों विज्ञापन व्यवसायिक है। इनमें वस्तु को बेचने के लिए बढ़ा-चढ़ाकर उनकी तारीफ हो रही है। जिससे लोग ज्यादातर इसकी ओर आकर्षित हों और इन्हें खरीदें।

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अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
विज्ञापन से हम किस प्रकार प्रभावित होते हैं?
उत्तर-
किसी भी वस्तु के विज्ञापन को इतने खूबसूरत ढंग से तैयार किया जाता है कि हम उस वस्तु की ओर आकर्षित होते हैं। विज्ञापन में किसी वस्तु की इतनी सारी अच्छाइयाँ, गुण बताए जाते हैं जिससे हमें लगता है कि सच में ये वस्तु बहुत अच्छे होते हैं। जैसे कभी-कभी किसी क्रीम, कपड़े, परफ्यूम आदि के विज्ञापन में फिल्म स्टारों या टी.वी. स्टारों को शामिल किया जाता है, जिससे हमें लगने लगता है ये लोग इसी क्रीम, कपड़े आदि के इस्तेमाल से इतने अच्छे लगते हैं इसलिए भी सुंदर दिखने के लिए इन चीजों का उपयोग करना चाहिए ।

कभी-कभी खाने की वस्तुओं को हमारे सेहत से जोड़कर यह दिखाना जाता है कि इन्हीं वस्तुओं को अगर खुले तौर पर खरीदकर इस्तेमाल करने पर हमारे सेहत को हानि होती है और इन्हीं वस्तुओं को पैक कर और किसी ब्रांड का देकर बेचा जाता है और कहा जाता है कि ये वस्तुएँ हमारे सेहत के लिए फायदेमंद है।

प्रश्न 2.
पैकेट वाली वस्तु और खुली वस्तु में आप किसे खरीदना पसन्द करते हैं? क्यों?
उत्तर-
पैकेट वाली वस्तु और खुली वस्तु में पैकेट वाली वस्तु ज्यादा – अच्छी होती है। खुली वस्तुओं में मिलावट की संभावना अधिक होती है। खुली वस्तुएँ जैसे सत्तू आदि को लोग बर्तन में रखकर बेचते हैं, जिसकी वजह से उनमें धूल-मिट्टी आदि पड़ते हैं और वे खाने के लिए सही नहीं होते हैं, उनके खाने से हमारे सेहत को नुकसान पहुंचता है।

इसी तरह खुला तेल भी खाने के लिए सही नहीं होता है, उसमें भी कई तरह के मिलावट किए रहते हैं, जो हमारी सेहत के लिए काफी नुकसानदेह होती है। जबकि पैकेट वाली वस्तुएँ पैक होती हैं, उनमें मिलावट की संभावना खुली वस्तुओं की अपेक्षा बहुत कम होती है और उनसे हमारी सेहत को नुकसान भी नहीं पहुँचता । इसलिए मैं खुली वस्तुओं की अपेक्षा पैकेट वानी वस्तुओं को ज्यादा पसंद करती हैं।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 7 विज्ञापन की समझ

प्रश्न 3.
विज्ञापन को बार – प्रसारित क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
विज्ञापन को बार-बार प्रसारित इसलिए किया जाता है, ताकि लोगों को ज्यादा से ज्यादा ध्यान उस वस्तु की ओर जाए। एक बार किसी चीज को देखकर अनदेखा किया जा सकता है, पर बार-बार अगर हम एक ही चीज को देखते हैं तो हमारा ध्यान उस ओर चला ही जाता है। बार-बार अगर हम किसी वस्तु के बारे में सिर्फ अच्छी बातें ही सुनते हैं, तो हमें थोड़ी देर के लिए ही सही पर वह वस्तु अच्छी लगने लगती है और हम उस वस्तु को खरीद लेते हैं।

प्रश्न 4.
आप विज्ञापन से प्रेरित होकर कौन-सी वस्तुएँ खरीदते हैं ? पाँच वस्तुओं के बारे में लिखें।
उत्तर-
मैंने विज्ञापन से प्रेरित होकर खाद्य सामग्री, ब्रांडेड कपडे, सते. साबुन, टी.वी. आदि खरीदें।

मैंने विज्ञापन से प्रेरित होकर ही खाद्य सामग्री के लिए खले वस्तुओं की अपेक्षा पैकेट वाली वस्तुओं को प्राथमिकता दी । क्योंकि इनमें मिलावट की संभावना बहुत होती है। इसके अलावे ब्रांडेड कपड़े और जूते के विज्ञापन भी मैंने टी.वी. पर देखा और मैं इसकी ओर आकर्षित हुई। साबुन के विज्ञापन

जिसमें डॉक्टर भी उस साबुन के उपयोग की सलाह देते हैं और वह हमारी – सेहत के लिए अच्छा होता है। टी.वी. में L.G. के विज्ञापन में दिखाया जाता है कि ये हमारी आँखों की रोशनी को प्रभावित नहीं करता।

प्रश्न 5.
विज्ञापित वस्तु की कीमत गैर-विज्ञापित वस्तु की तुलना में अधिक क्यों होती है?
उत्तर-
विज्ञापित वस्तु की कीमत गैर-विज्ञापित वस्तु की तलना में अधिक होती है क्योंकि किसी वस्तु का विज्ञापन कराने में कंपनी वाले को बहुत अधिक खर्चा करना पड़ता है। खासकर अगर किसी विज्ञापन से फिल्मी कलाकार या गैर फिल्मी कलाकार को जोड़ा जाता है तो कंपनी का और अधिक पैसा खर्च

होता है। इसलिए वे वस्तुओं के दाम में उन्हें बनाने का लागत और विज्ञापन का खर्च दोनों जोड़ते हैं जिससे उस वस्तु की कीमत बढ़ जाती है।

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प्रश्न 6.
इनमें से कौन-से विज्ञापन सार्वजनिक हैं और कौन से व्यावसायिक ? नीचे दी गयी तालिका में भरें। फिर अपने अनुभव के आधार पर
कुछ और उदाहरण जोड़ें।
कोल्डड्रिंक्स का विज्ञापन
पल्स पोलियो का विज्ञापन
मोबाइल का विज्ञापन ।
असुरक्षित रेलवे क्रासिंग को पार करने का विज्ञापन ।

व्यावसायिक विज्ञापन सार्वजनिक विज्ञापन
1. 1.
2. 2.
3. 3.

उत्तर-

व्यावसायिक विज्ञापन सार्वजनिक विज्ञापन
1. कोल्डड्रिंक्स का विज्ञापन 1. पल्स पोलियो का विज्ञापन
2. मोबाईल का विज्ञापन 2. असुरक्षित रेलवे क्रासिंग को पार करने का विज्ञापन
3. सौंदर्य प्रसाधन का विज्ञापन 3. रक्तदान का विज्ञापन

Bihar Board Class 7 Social Science विज्ञापन की समझ Notes

पाठ का सार संक्षेप

किसी खास विषय-वस्तु पर हमारा ध्यान आकर्षित करने के लिए, विज्ञापन का सहारा लिया जाता है। कोई भी संस्था जैसे-अखबार या टी. वी. आदि अपनी आमदनी के लिए विज्ञापन’ पर निर्भर है।

किसी भी कार्यक्रम या घटना को प्रकाशित या प्रसारित करने के लिए आधुनिक मशीनों के साथ ही कुशल कर्मियों की भी आवश्यकता होती है। आधुनिक तकनीक की वजह से संचार माध्यमों को अधिक लोगों तक पहुँचाना आसान हो जाता है। इन संचार के साधनों के संचालन में बहुत अधिक धन की आवश्यकता होती है, जो किसी एक व्यक्ति के द्वारा लगा पाना संभव नहीं – होता है, इसी कारण से टी.वी., अखबार, रेडियो आदि किसी बड़े व्यवसायिक द्वारा संचालित किए जाते हैं।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 7 विज्ञापन की समझ

अपने खर्चों को पूरा करने एवं धन कमाने के लिए संचार माध्यम विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें सबसे मुख्य हैं विज्ञापन जो कि उनके आय का मुख्य स्रोत होता है। विज्ञापन मुख्यतः व्यापारिक संस्थान वाले ही देते हैं। अपने फायदे के लिए वे संचार माध्यमों को प्रभावित भी करते हैं।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 6 मीडिया और लोकतंत्र

Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 2 Chapter 6 मीडिया और लोकतंत्र Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 6 मीडिया और लोकतंत्र

Bihar Board Class 7 Social Science मीडिया और लोकतंत्र Text Book Questions and Answers

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
आप पाँच ऐसी खबरों की सूची बनाएँ जो भारत के किसी अन्य राज्यों (बिहार को छोड़कर) की हैं और इसकी जानकारी आपको टी.वी: से प्राप्त हुई है।
उत्तर-
पाँच ऐसी खबरें जो बिहार को छोड़कर किसी अन्य राज्य की हैं और जिनकी जानकारी हमें टी.वी. से प्राप्त हुई, इस प्रकार है

  1. गुजरात का भूकम्प
  2. मुम्बई में हुआ आतंकवादी हमला
  3. कश्मीर का आतंकवाद
  4. मुम्बई में आया भयंकर बाढ़
  5. केरल का सुनामी ।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 6 मीडिया और लोकतंत्र

प्रश्न 2.
ऊपर दिए गए चित्र को देखकर यह बताओ कि मीडिया के तकनीक में क्या बदलाव आए और इनका क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
ऊपर दिए गए चित्र को देखकर यह कहा जा सकता है कि मिडिया के तकनीक में बहुत बदलाव हुए हैं। पहले छपाई का काम हाथों से किया जाता था, जिसमें बहुत ज्यादा समय में बहुत कम काम हो पाता था। पर आज तकनीक में हुए परिवर्तन की वजह से अब छपाई का काम करने के लिए मशीन उपलब्ध है जिससे बहुत कम समय में बहुत ज्यादा काम आसानी से होता है। ये मशीनें कई आदमियों का काम अकेले कर देती हैं।

इन मशीनों के जाने से कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। ये मशीन जहाँ समय की बचत करती हैं साथ ही कई लोगों का कार्य अकेले कर देती हैं, जिससे हमें फायदा हैं पर दूसरी ओर इन मशीनों के आ जाने से बेरोजगारी ‘बहुत अधिक बढ़ गई है। बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

प्रश्न 3.
आपके क्षेत्र में केवल टी.वी. का प्रयोग कब शुरू हुआ? इससे क्या फर्क पड़ा?
उत्तर-
हमारे क्षेत्र में केवल टी.वी. का प्रयोग बहुत पहले से शुरू हो चुका है। इसका प्रसारण काफी पहले से हमारे क्षेत्र में हो रहा है।

केवल टी.वी. में बहुत सारे चैनल होते हैं, जिसमें से कुछ चैनल पर सिर्फ समाचार दिखाए जाते हैं। कुछ चैनल पर देश-विदेश के समाचार तो कुछ पर क्षेत्रिय समाचार दिखाए जाते हैं। इसमें अलग-अलग क्षेत्रिय भाषाओं के चैनल भी होते हैं। समाचार के अलग-अलग चैनल होने से किसी भी न्यूज की विस्तारपूर्वक जानकारी मिलती है। क्षेत्रिय चैनल से अलग अलग भाषी लोग

अपनी भाषाओं में टी.वी. देख सकते हैं। मनोरंजन का साधन बढ़ा । जिसे जो देखना है कि वे देख सकते हैं। खेल के लिए अलग चैनल है, समाचार के लिए अलग और जंगलों की जानकारी के लिए अलग तथा विभिन्न विषयों के लिए अलग चैनल है।

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प्रश्न 4.
पिछले पन्ने पर दिए गए चित्र में आप किन-किन तरह के विरोध करने के तरीके पहचान सकते हैं ? इनका मीडिया के साथ क्या संबंध है?
उत्तर-
पिछले पन्ने पर दिए गए चित्र में विरोध के रूप में धरना, कैंडिल मार्च, भूख हड़ताल, जुलूस आदि को दिखाया गया है।

मीडिया के द्वारा इन खबरों को विशेष रूप से कवर किया जाता है। इन खबरों को फिर जनता और सरकार बीच पहुँचाया जाता है। जिससे सरकार तक ये खबरें पहुँचती हैं कि जनता किन बातों का विरोध कर रही है और सरकार द्वारा इन बातों पर विशेष ध्यान दिया जाता है कि जनता इन बातों का विरोध क्यों कर रही है और फिर उसकारण को दूर करने की कोशिश की जाती है और जनता से ऐसा न करने की अपील की जाती है।

प्रश्न 5.
पटना के समीप गाँव में मनरेगा कार्यक्रम के तहत चल रहे काम में मीडिया द्वारा क्या किया गया और इसका क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
पटना के समीप के एक गांव में मनरेगा कार्यक्रम के तहत मिट्टी कटाई का काम किया जा रहा था और इस कार्य के लिए मजदूरों की जगह बड़ी मशीनों का प्रयोग किया जा रहा था। जबकि इस कार्यक्रम में लोगों को रोजगार देने पर अधिक बल दिया जाता है और इसमें मशीनों का इस्तेमाल वर्जित है। इसमें मशीनों की जगह गाँव में रहने वाले लोगों को कम से कम 100 दिनों के रोजगार की गारंटी दी गई है। पर यहाँ पर इन नियमों की अवहेलना हो रही थी।

मीडिया कर्मियों द्वारा इस खबर को अखबारों एवं न्यूज चैनलों पर प्रमुखता के साथ प्रसारित किया गया, जिससे इस खबर की. जानकारी आम लोगों के साथ ही उच्च अधिकारियों को हुई और गाँव पहुँच उनलोगों ने तुरंत मशीनों से किए जा रहे काम को बंद करने का आदेश दिया। फिर इस मामले की जाँच कराई गई जिससे यह पता चला कि मजदूरों की जाली उपस्थिति दर्ज करके आवंटित राशि आपस में बाँट ली जाती है। जाँच अधिकारियों द्वारा लोगों के खिलाफ कार्यवाई की गई और मजदूरों को उनका हक दिलवाया गया।

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प्रश्न 6.
क्या कभी मीडिया द्वारा गलत खबरें भी पहुँचायी जाती है? चर्चा करें।
उत्तर-
हाँ, मीडिया कभी-कभी अपनी प्रसिद्धि का गलत फायदा उठाती है। वह अपनी साख को बढ़ाने के लिए कभी-कभी खबरों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती है और इस वजह से जनता तक गलत बातें पहुँचती हैं। जिससे कभी-कभी जनता गुमराह हो जाती है !

प्रश्न 7.
“न्यूज ऑफ बिहार” की खबर में किस बात की प्रमुखता दी गयी है ?
उत्तर-
“न्यूज ऑफ बिहार” की खबर में इस बात को प्रमुखता दी गयी। कि बारिश होने की वजह से मौसम बहुत सुहाना हो गया। गर्मी की वजह से परेशान लोगों को बारिश से थोड़ी राहत मिली। भयानक गर्मी के बीच अचानक से मौसम का मिजाज बदला और आकाश में काले-काले बादल आ गए और बिजलियाँ चमकने लगी और तेज हवा ओले के साथ बारिश शुरू। हो गई। बारिश होने की वजह से तापमान में गिरावट दर्ज की गयी।

पर एक तरफ बारिश की वजह से मौसम तो सुहावना हुआ पर मौसम के बदलते मिजाज ने बहुत तबाही भी मचाई। सड़कों पर कितने लोगों को भिंगते देखा गया और जगह-जगह पेड़ गिर जाने से आवागमन भी बाधित हुआ था।

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प्रश्न 8.
दोनों रपट में क्या अंतर है? चर्चा करें।
उत्तर-
दोनों रपट में एक ही तरह के खवर को अलग-अलग तरीके से लिखा गया है।

न्यूज ऑफ बिहार की रिपोर्ट में बारिश से मौसम में आए परिवर्तन को ज्यादा फोकस किया गया है। इसमें लिखा गया है कि गर्मी की भयंकर तपिश झेल रहे लोगों को अचानक हुई वारिश से बहुत तंबाही भी मची। कई लोग सड़कों पर भिंगते नजर आए और कई जगह पेड़ गिर जाने से आवागमन भी बाधित हुआ।

दूसरी ओर बिहार रोजाना की रिपोर्ट में नगर-निगम की पोल पट्टी भी खोली गयी है। हर साल नगर निगम की ओर से नालियों व सड़कों की सफाई आदि पर लाखो करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं, पर यहाँ आम नागरिकों की हर वही दुर्गति होती है। थोड़ी ही बारिश में सड़कों पर नालियों का गंदा पानी

व मलमूत्र फैल जाता है। मुख्य सड़कों के साथ ही गली, मुहल्ले की सड़क – आदि में भी गंदा पानी भर जाता है।

इस दोनों खबरों में ‘न्यूज ऑफ बिहार’ में बारिश से मिलने वाली राहत – को बताया गया है और ‘बिहार रोजाना की रिपोटों’ में बारिश से आम लोगों – को होने वाली परेशानी और नगर निगम की पोल खोली गई हैं।

प्रश्न 9.
संचार के वैकल्पिक माध्यमों में हस्तलिखित अखबार, सामुदायिक रेडियो, लघु पत्रिका इत्यादि का चलन बढ़ा है। शिक्षक की मदद से चर्चा करें।
उत्तर-
संचार के वैकल्पिक माध्यमों में हस्तलिखित अखबार, सामूहिक रेडियो, लघु पत्रिका इत्यादि का चलन बढ़ने का एक मुख्य कारण है कि छपाई वाले अखबार गाँव में नहीं मिलते हैं। इनका दायरा सीमित होता है और. अखबारों का एकछत्र राज्य कायम होने से वे कभी-कभी अपनी प्रसिद्ध का. फायदा उठाते हुए किसी खबर को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं और अपनी साख को और बढ़ाने की कोशिश करते हैं। इसमें खेल, सिनेमा आदि को

विस्तारपूर्वक बताया जाता है पर गरीब लोगों, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों जो मूलभूत सरकारी सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं, जिन्हें ये सुविधाएँ उपलब्ध कराना सरकार की चुनौती है-इन सब बातों पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है पर ऊपर लिखित वैकल्पिक माध्यम आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और इससे काफी छोटी-छोटी बातों को जानकारी मिलती हैं। ”

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प्रश्न 10.
कुछ अखबारों को पढ़कर समझाओ कि आपके इलाके के बारे में छपी खबरों में किन बातों पर ध्यान दिया जा रहा है?
उत्तर-
छात्र इसे स्वयं करें।

प्रश्न 11.
आपके विचार से क्या कुछ बातों पर मीडिया का कम ध्यान है?
उत्तर-
हाँ, मेरे विचार से कुछ बातों पर मीडिया का कम ध्यान है। मीडिया रोजगार, शिक्षा, गरीबी आदि से जुड़ी खबरों पर ज्यादा ध्यान नहीं देती। जबकि इन बातों को विस्तारपूर्वक लोगों के सामने लाना चाहिए, जिससे जनता की तकलीफ लोगों के सामने आए और लोगों का ध्यान उस ओर आकर्षित हो सके। जबकि मीडिया उन बातों पर ज्यादा ध्यान देती हैं जिससे उनकी प्रसिद्धी और बढ़े।

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अगर आपको कैमरा दे दिया जाए तो आप इसका कैसे प्रयोग करेंगे?
उत्तर-
अगर मुझे कैमरा दिया जाए तो मैं उसमें अपने आस-पास की घटनाओं को कैद करना चाहूँगी। हमारे आस-पास क्या अच्छा क्या बुरा, क्या सही या क्या गलत हो रहा है इसे कैद कर सकते हैं और दूसरों को दिखा सकते हैं। हम अपनी आस-पास की खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य को कैद कर सकते हैं।

इसे दूसरों को दिखाने से उन्हें हमारे आस-पास के क्षेत्रों की जानकारी मिलेगी। लोगों का ध्यान उस ओर आकर्षित होगा। लोगों को इन्हें दिखाने से लोगों का ध्यान उस ओर आकर्षित होगा। लोगों को इन्हें दिखाने से लोगों का ध्यान हमारे क्षेत्र की ओर जाएगा। अगर मेरे पास कैमरा होता और मैं कहीं घूमने जाऊँ तो वहाँ के दृश्यों को कैमरे में कैद करके लाऊँगी ‘और अपने आस-पास को दिखाऊँगी, जिससे उन लोगों को भी उस जगह की

जानकारी मिलेगी, वे लोग भी उस जगह को जान पाएंगे।

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प्रश्न 2.
आपके विद्यालय में होने वाले किसी कार्यक्रम पर एक खबर तैयार करें।
उत्तर-
छात्र इसे स्वयं करें।

प्रश्न 3.
आपके विचार से संचार का कौन-सा माध्यम ज्यादा लोकप्रिय है? कारण सहित बताएँ।
उत्तर-
मेरे हिसाब से संचार के सभी माध्यमों में टी.वी. सबसे लोकप्रिय है। क्योंकि टी.वी. पर हम खबरों को सुनने के साथ ही देख सकते हैं। टी. वी. पर कभी-कभी घटना स्थल से सीधे ही खबरों को प्रसारित किया जाता

है। जिससे हम घटना स्थल के दृश्य को देख सकते हैं। वहाँ के लोगों के – बातचीत को सुन सकते हैं। वहाँ पर लोगों को किन मुसीबतों का सामना करना पड़ता है, उसे देख सकते हैं और सुन भी सकते हैं। टी.वी. पर बहुत सारे चैनल होने के कारण हमें हर तरह के खबरे देखने के साथ सुनने को भी मिलती है। टी.वी. हमें देश-विदेश के खबरें के साथ ही क्षेत्रिय खबरें भी विस्तारपूर्वक देखने को मिलती है। टी.वी. मनोरंजन का भी बहुत अच्छा साधन है।

प्रश्न 4.
किसी बड़ी घटना की जानकारी आपको किन-किन माध्यमों से हुई। चर्चा करें।
उत्तर-
गुजरात में आए भूकंप की जानकारी मुझे अखबार, रेडियो और टी.वी. से प्राप्त हुई थी। हमारे कुछ रिश्तेदारों ने फोन में भी हमें इस घटना की जानकारी दी थी। फिर टी.वी. पर गुजरात से सीधा प्रसारण दिखाया जा रहा था। रेडियो पर भी खबरें सुनने को मिल रही थी। पर टी.वी. पर वहाँ का सीधा दृश्य दिखाया जा रहा था।

किस तरह बड़े-बड़े बिल्डिंग भूकंप की वजह से मलबे में बदल गए थे। चारो ओर लोगों की चीखने-चिल्लाने की आवाजें आ रही थी। सभी अपनी जान बचाने की कोशिश से लगे हुए थे। सेना के जवान मलबे में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे थे। साथ ही आम नागरिक भी उनकी मदद को तैयार थे। अखबार और रेडियो से हमें खबर पढ़ने को और सुनने को मिली पर टी.वी. पर वहाँ की स्थिति को सीधे-सीधे देखने पर उन लोगों के तकलीफ को महसूस करने पर मेरे रोंगटे खड़े हो गये।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 6 मीडिया और लोकतंत्र

प्रश्न 5.
सूचना के आधुनिक संचार माध्यमों से क्या फर्क पड़ा?
उत्तर-
सूचना के आधुनिक संचार माध्यमों का हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ा । जैसे – पहले अगर हमें कोई खबर लोगों तक पहुँचानी होती थी, तो लोग कबूतर उड़ाकर, डुगडुगी बजाकर या फिर ढोलक पीटकर खबरें पहुँचाई जाती थी। पर आज संचार माध्यमों की वजह से ये लाखों लोगों तक आसानी से पहुँच जाती है। आज अखबार, टी.वी., रेडियो आदि से किसी भी खबर को लाखों लोगों तक पहुँचाना भी बहुत आसान होता है। मोबाइल की वजह से लोग देश-विदेश में रहने वाले लोगों से भी आसानी से बात कर लेते

हैं। पहले के जमाने में लोग खबरों को सिर्फ सुन पाते थे, पर आज के समय में वे खबरों को पढ़ सकते हैं, सुन सकते हैं और साथ ही देख भी सकते हैं

और कभी-कभी तो घटना स्थल से सीधे प्रसारित होने वाले खबरों में वे उस जगह की स्थिति भी देख सकते हैं, जहाँ कोई घटना घटी हो ।

मोबाइल फोन की वजह से लोग जब चाहें, जहाँ चाहे आसानी से बात कर सकते हैं। उन्हें.. किसी बात की जानकारी दे सकते हैं। इंटरनेट भी संचार माध्यम का बहुत अच्छा रूप है और इसका प्रचलन आपके समय में बहुत तेजी से बढ़ रहा ।

प्रश्न 6.
किसी दो प्रमुख समाचार पत्रों के प्रथम पृष्ठ पर दिये गये शीर्षकों की खबर का विवरण तैयार करें और देखें कि उनकी खबरों में क्या समानता और भिन्नता है?
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

Bihar Board Class 7 Social Science मीडिया और लोकतंत्र Notes

पाठ का सार संक्षेप

मीडिया और लोकतंत्र अंग्रेजी शब्द ‘मिडियम’ से ‘मिडिया’ शब्द लिया गया है। मीडियम का अर्थ होता है ‘माध्यम’। मीडिया के द्वारा ही समाज के विचारों एवं खबरों का आदान-प्रदान आसानी से होता है। समाचार-पत्र, पत्रिकाओं, टी.वी. चैनल, रेडियो. फोन-फैक्स. इंटरनेट आदि संचार के विभिन्न माध्यम है जिससे हम देश-विदेश में रहने वाले अपने सगे-संबंधियों से आसानी से बात कर सकते और देश-विदेश में होने वाली हर छोटी-मोटी घटनाओं को देख, सुन और पढ़ सकते हैं। इसकी पहुँच देश-विदेश के जनसमूहों तक होती है, इसलिए इसे मास-मिडिया या जनसंचार माध्यम कहते हैं।

मीडिया के तकनीक में बदलाव-संचार माध्यम आज के समय में हमारी जिंदगी के महत्त्वपूर्ण अंग बन गये हैं। आज के दौर में मोबाइल, टी.. वी., अखबार. आदि के बिना रोजमर्रा के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। इन माध्यमों के प्रयोग में आने वाली तकनीक हमेशा बदलती रहती है। बहुत समय पहले डुगडुगी बजाकर, ढोल पीटकर, तुरही बजाकर लोगों तक संदेश पहुँचाया जाता था। पर आज के समय में तकनीकी बदलाव के प्रभाव

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 6 मीडिया और लोकतंत्र

से हम अखबार, रेडियो, टी.वी. के द्वारा खबरों और सूचनाओं को आसानी से लोगों तक पहुँचा सकते हैं। कई बार तो घटना स्थल से सीधा प्रसारण किया जाता है जिससे हम वहाँ के लोगों से हो रही बातों को सुन सकते हैं और वहाँ के दृश्य को देख सकते हैं।
हम संचार माध्यमों की चर्चा दो रूपों में करते हैं-

  1. छपे हुए माध्यम के रूप में और
  2. इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के रूप में।

छपे हुए माध्यम के अंतर्गत अखबार, पत्र-पत्रिकाओं आदि आते हैं और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के अंतर्गत टी.बी., रेडियो, इंटरनेट आदि आते हैं। तकनीक के इस बदलाव से हमारी जिंदगी और समाज भी प्रभावित हुआ है। टी.वी. के आने से पूरी दुनिया की खबरों को सुनने के साथ ही देख भी सकते हैं। संचार माध्यमों के विकसित होने से दुनिया बिल्कुल सिमट गयी हैं।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 5 समानता के लिए महिला संघर्ष

Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 2 Chapter 5 समानता के लिए महिला संघर्ष Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 5 समानता के लिए महिला संघर्ष

Bihar Board Class 7 Social Science समानता के लिए महिला संघर्ष Text Book Questions and Answers

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
आपके ख्याल से वे काम जिन्हें आमतौर पर परुष करते हैं, क्या महिलाएँ नहीं कर सकती है? और जो काम आमतौर पर महिलाएँ करती हैं, क्या पुरुष नहीं कर सकते ? चर्चा करें । ऐसा बंटवारा क्यों .. है। इसका उनके जीवन पर किस तरह का प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
नहीं, ऐसा नहीं है की जो काम आमतौर पर पुरुष करते हैं, वे काम महिलाएं नहीं कर सकती है। आज के समय में पुरुष जो काम करते हैं वे काम महिलाएँ भी करती है। पहले हमारे समाज के लोगों की मानसिकता थी कि महिलाएं घर से बाहर जाकर काम नहीं कर सकती, पर आज ऐसा नहीं है आज महिलाएँ भी घर से बाहर जाकर काम करती हैं और पैसे कमाती हैं।

आज वे हर क्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करते हैं। पहले लोगों का ऐसा मानना था कि महिलाएँ तकनीकी कार्य नहीं कर सकती हैं चो सेना में भर्ती नहीं हो सकती हैं पर आज ऐसा नहीं हैं महिलाएं भी आज तकनीकी कार्य करती हैं, वे भी कम्प्यूटर इंजीनियर वैज्ञानिक,

मैकेनिकल इंजिनियर बनती है और सेना में भी भर्ती होकर ऊँचे पदों पर कार्य करती हैं। महिला, आज राजनीति में जाकर देश की बागडोर भी संभाल रही है। इन सबके साथ ही महिलाएं अपने घर और परिवार को भी संभालती है और लोगों की यह भी सोच गलत है कि जो काम महिलाओं द्वारा किए जाते हैं वो पुरुष नहीं कर सकते । आज पुरुष घरों को संभालते हैं।

महिलाओं की तरह पुरुष भी आज खान बना लेते हैं। हमारे देश के बड़े-बड़े होटल और रेस्टॉरेंट पुरुषों के द्वारा ही चलाए जाते हैं।.एक सेफ के रूप में पुरुषों को समाज में बहुत खास जगह मिली। बहुत से लडके या पुरुष पढ़ाई या काम के दौरान अपने घर से बाहर रहते हैं और अपने केयरल करते हैं और अपने खाना भी बनाते

हैं अपने सारे समान को संभालकर रखते हैं और साथ ही अपने काम पर भी . पूरा ध्यान देता है। ये बँटवारा हमारे समाज द्वारा किया गया है, भगवान ने कामों का बँटवारा नहीं किया है। हमने खुद यह तय किया है कि कौन से काम लड़के करेंगे,

और कौन से काम लड़की करेंगी। इसका प्रभाव उनके जीवन पर यह पड़ता है कि अगर लड़कियों को पढ़ाई नहीं करने दिया जाए तो उनमें योग्यता होने के बावजूद भी वे कुछ नहीं कर पाएंगी और अगर लड़कों को यह कहा जाए कि वे खाना नहीं बना सकते तो वे इच्छा होते हुए भी एक सेफ का जॉव कर सकते।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 5 समानता के लिए महिला संघर्ष

प्रश्न 2.
गुड़िया और पूजा क्या चाहती थीं और इसे पूरा करने के लिए क्या. किया?
उत्तर-
गुड़िया और पूजा पढ़ाई करना चाहती थी, पर उनके माता-पिता उन्हें पढ़ाना नहीं चाहते थे। इसके लिए एक दिन गुड़िया ने अपने माता-पिता का घर में बंद कर 13 किमी० पेदल चलकर उत्प्रेरण केन्द्र नोखा रोहतास चली गयी और अपना नामांकन करा लिया। इस बारे उसके माता-पिता को दो दिन बाद पता चला और वे उसे लाने उत्प्रेरण केन्द्र भी गए पर गुड़िया वापस नहीं आना चाहती थी और आखिरकार गुड़िया के पिता उसके जिद के आगे झुक गए और पढ़ने की अनुमति दे दी।

इसी तरह पूजा भी पढ़ाई करना चाहती थी। अपने उम्र के बच्चों को विद्यालय जाते देख उसे भी विद्यालय जाने की इच्छा होती थी और इसके लिए वह अपने घर का सारा काम निपटाकर चोरी-छीपे एक वर्ष तक लगातार मध्य विद्यालय जाती रही और अंत में उसने पुलिस में कार्यरत अपने पिताजी को मना लिया।

प्रश्न 3.
अपने आस-पास से कुछ महिलाओं से बात कर के अनभव लिखो। उन्होंने स्कूल की पढ़ाई कहाँ तक की, किन समस्याओं का सामना करना पड़ा और किस तरह का प्रोत्साहन मिला आदि।
उत्तर-
मेरे आस-पास में कुछ ऐसी महिलाएँ हैं जिन्होंने अपनी पढ़ाई बहुत ही मुश्किल से पूरी की। उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए घर से काफी दूर जाना पड़ता था। स्कूल जाने से पहले वे घर का सारा काम करती थी उसके बाद स्कूल जाती थी और स्कूल से आने के बाद भी घर का काम करने के बाद ही अपनी पढ़ाई कर पाती थी। कुछ तो अपनी स्कूल की फीस

देने के लिए सिलाई का काम भी करती थीं। स्कूल घर से दूर होने के कारण , उन्हें पैदल ही स्कूल जाना पड़ता था। परीक्षाओं के समय भी उन्हें घर के कामों से छुट्टी नहीं दी जाती थी, इसलिए वे दिनभर काम करने के बाद रात में जागकर अपनी पढ़ाई करती थी।

अपने स्कूल के शिक्षक से, अपने सहपाठियों से उन्हें बहुत प्रोत्साहन मिलता था। उनके शिक्षक और सहपाठी पढ़ाई में उनकी बहुत मदद करते थे।

कभी-कभी तो उनके स्कूल की फीस उनकी मित्रों के द्वारा भर दिया जाता था। उनके मित्र कॉपी-किताबों से भी उनकी मदद करते थे और उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते थे।

प्रश्न 4.
शाहुबनाथ को बस चालक बनने के लिए कठिनाइयाँ क्यों आयीं ? शिक्षक के साथ चर्चा करें।
उत्तर-
शाहुबनाथ एक महिला थी पर उनका शौख था औरों से कुछ अलग काम करने की। इसलिए उन्हें बस चालक बनना पसंद आया। पर महिला होने का कारण बस चालक बनने में उन्हें बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उनके लिए बस चलाना जितना मुश्किल नहीं था उससे भी ज्यादा मुश्किल था अधिकारियों को यह विश्वास दिलाना की वे भी एक बस चालक बन सकती हैं। पर जब शाहुबनाथ बस की ड्राईवर की सीट पर बैठती तो उन्हें देखते ही यात्री बस से नीचे उतर जाते। कुछ यात्री तो टिकट लेने के बावजूद भी उस बस में यात्रा नहीं करते थे, जिसे शाहुबनाथ द्वारा चलाना होता था।

एक बार तो उनके चलाए बस में सिर्फ एक ही यात्री ने सफर किया था। एक दिन शाहुबनाथ को बहुत रोना भी आया था। पर उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी और अपने काम में पूरे लगन के साथ लगी रही। फिर धीरे-धीरे यात्रियों ने उनकी ड्राइविंग की प्रशंसा की और फिर वे पूरे आत्मविश्वास के साथ यात्रियों से भरी बसें भी चलाने लगीं।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 5 समानता के लिए महिला संघर्ष

प्रश्न 5.
पृष्ठ 48 के नीचे बायीं ओर के चित्र में आपको क्या दिख रहा है? क्या आपके इलाके में ऐसी समस्या है?
उत्तर-
इस चित्र में औरतें एक लाईन बनाकर बैठी हई है और ये शराब विरोधी आंदोलन कर रही है। इस आंदोलन में औरतें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं और शराब की भट्ठियों पर धरना देकर उसे बंद करवाते हैं। ये लोग शराब की दुकानों को भी बंद करवा देती है। … हमारे इलाके में ऐसी कोई समस्या नहीं है।

प्रश्न 6.
पृष्ठ 48 के नीचे दाहिनी ओर की औरतें ऐसा क्यों कर रही हैं? शिक्षक के साथ चर्चा करें।
उत्तर-
यह औरतें पेड़ से चिपककर खडी है. इसे चिपको आंदोलन कहते हैं। पेड़ों को कटने से बचाने के लिए ये ऐसा कर रही हैं। क्योंकि पेड़ कटने से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ता है और लोगों की जीविका भी बंद हो जाती है। लोगों को जलावन कहाँ से मिलेगा।

प्रश्न 7.
पृष्ठ 49 पर दिखलाए गए पोस्टर द्वारा क्या कहने की कोशिश की जा रही है?
उत्तर-
इस पोस्टर द्वारा लोगों से यह अपील की जा रही है, वे बेटियों को बचाएँ। लोग अल्ट्रासाउण्ड द्वारा ये पता लगा लेते हैं कि उनके होने वाला बच्चा बेटा है बेटी और वह बच्चा बेटी है तो लोग उसे इस दुनिया में आने से पहले पेट में मार डालते हैं, जिसे हम भ्रूण हत्या कहते हैं। भ्रूण हत्या की वजह से हमारे समाज में लड़कों के अनुपात में लड़कियों की संख्या बहुत कम है।

इसलिए लोगों से अपील है कि बेटियों से इस दुनिया को देखने का हक न छीने, उन्हें इसको देखने से पहले मौत के मुंह में न धकेलें । लोगों का ऐसा मानना होता है कि बेटियाँ माता-पिता के ऊपर बोझ होती है। उन्हें पालना-पोसना, फिर उनकी पढ़ाई-लिखाई और फिर उनके विवाह के लिए. दहेज इकट्ठा करना पड़ता है, इस वजह से ज्यादातर लोग उसे दुनिया में आने से पहले ही मार देते हैं। पर आज के समय बेटियाँ अपने माता-पिता पर बोझ न होकर उनका सहारा बनती है। इस बेटियों की भ्रूण हत्या न की जाए।

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अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आपके विचार से महिलाओं के बारे में यह प्रचलित धारणा है कि पुरुषों के समान कार्य नहीं कर सकती है, आपके विचार से यह । महिलाओं के अधिकार को कैसे प्रभावित करता है।
उत्तर-
महिलाओं के बारे में यह प्रचलित धारणा कि वे पुरुषों के समान कार्य नहीं कर सकती है, की वजह से महिलाओं के अधिकतर प्रभावित होते. हैं। लोगों की इस सोच की वजह से तो पहले लड़कियों की पढ़ाई में ही दो भेद होता है। लड़कियों को अधिक पढ़ाया-लिखाया नहीं जाता क्योंकि लड़कियों को तो बड़ा होकर दूसरों के घर को संभालना है और चूल्हा ही फूंकना है तो फिर ज्यादा पढ़ने की क्या जरूरत है। अगर लड़की पढ़ने में अच्छी है और उसमें योग्यता है कि वे कुछ कर दिखाए।

फिर उसे पढ़ाई नहीं करने दिया जाता है और उन्हें शादी के लिए प्रेरित किया जाता है। अगर कोई लड़की तकनीकी क्षेत्र में जाना चाहे, तकनीकी क्षेत्र से जुड़े किसी विषय की पढ़ाई करना चाहें या फिर सेना में भर्ती होना चाहे तो ऐसा नहीं करने दिया जाता क्योंकि लोगों के हिसाब से तो ये सारे कार्य पुरुष ही कर सकते हैं महिलाएँ नहीं।

लोगों की इसी सोच की वजह से अगर कोई महिला नौकरी करती है, तो उसे अपने पदोन्नति के लिए मुरुषों से कहीं ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और खुद को साबित करना पड़ता है क्योंकि आज भी महिलाओं को पुरुषों से कमतर माना जाता है। किसी भी जगह पर महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों पर पहले ध्यान दिया जाता है।

अगर कोई महिला कुछ अलग करना चाहती है तो उसके लिए उस काम को करने से कहीं ज्यादा मुश्किल होता है लोगों को ये यकीन दिलाना की वह भी ये काम कर सकती हैं और उसे भी मौका दिया

जाना चाहिए। आज भी बहुत सारे क्षेत्र हैं जहाँ महिलाओं को लोगों की इस -सोच का शिकार होना पड़ता है, जैस गाँव में पुरुष और महिलाएं दोनों खेतों

पर काम करते हैं, पर महिलाओं को दी जाने वाली मजदुरी पुरुषों को दी जाने वाली मजदूरी से कम होती है। इसलिए लोगों को अपनी सोच बदलनी चाहिए और महिलाओं और पुरुषों को समानता की नजर से देखना चाहिए।

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प्रश्न 2.
महिला आंदोलन द्वारा अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए किन्हीं दो प्रयासों का उल्लेख करें।
उत्तर-
महिला आंदोलन द्वारा अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए ‘किए गए दो प्रयासों में ‘दहेज के खिलाफ किया गया आर्दालन’ और ‘घरेलू हिंसा’ के खिलाफ आंदोलन शामिल है।
दहेज की वजह से औरतों से मार-पीट करना, उन्हें जलाना एक आम बात रही है। दहेज की वजह से कितने औरतों ने अपनी जान गंवाई। इसके

खिलाफ 1980 में औरतों के द्वारा एक जोरदार आंदोलन शुरू किया गया। इसमें महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया । खासकर उन महिलाओं ने जिन्होंने दहेज की वजह से अपने बेटियों और बहनों को खोया था। इस आंदोलन के जरिए जगह-जगह नुक्कड़ नाटक किए और पीड़ित महिला व उनके परिवार वालों को कानूनी सलाह के साथ-साथ मानसिक बल भी दिया गया।

महिलाओं ने कचहरी में अपनी मांगों को रखा । आंदोलन की वजह से दहेज समाज का एक बड़ा मुद्दा बन गया और समाचार पत्रों में इसके खिलाफ बहस हुई। जिसके परिणामस्वरूप दहेज कानून बना जिसके तहत वैसे लोगों

को दंड दिया जा सके, जो इस प्रकार के अपराध में शामिल होते हैं। घरेलू हिंसा जैसे-महिलाओं के साथ मार-पीट, गाली-गलौज और छोटी-छोटी बातों पर उन्हें प्रताड़ित करना एक आम बात हो गयी है। यह एक आम बात होने के साथ ही एक गंभीर समस्या भी है।

घरेलू हिंसा के तहत महिलाओं को शारीरिक जाति के साथ ही मानसिक क्षति पहुँचाने की कोशिश भी की जाती है। इसके खिलाफ महिला समूह बहुत ही लंबे समय से संघर्ष करती आ रही है। उनके इस संघर्ष के फलस्वरूप 2006 में घरेलू हिंसा उत्पीड़न कानून पारित हुआ। जिसके तहत महिलाओं के ऊपर घर में.हाने वाले शारीरिक और मानसिक हिंसा को रोका जाएगा।

प्रश्न 3.
समाज में महिलाओं की स्थिति में सधार करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाये जा सकते हैं? उल्लेख करें।
उत्तर-
समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार करने के लिए उनमें और पुरुषों में भेदभाव नहीं होना चाहिए। महिलाओं को भी अपने इच्छा अनुसार पढ़ाई करने की अपने पसंद के क्षेत्र में काम करने की छूट मिलनी चाहिए। काम करने से वे अपने पैरों पर खड़ी हो पाएँगी और आत्मनिर्भर बनेंगी। उन्हें किसी को ऊपर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा। महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्हें नौकरी में पुरुषों के समान अवसर मिलने चाहिए। उन्हें पोषण का बराबर अधिकार देना चाहिए।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 5 समानता के लिए महिला संघर्ष

प्रश्न 4.
किसी ऐसी महिला की कहानी लिखें, जिसने अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए विशेष प्रयास किया हो।
उत्तर-
मेरे घर के पास में एक परिवार रहता था, जिसमें तीन बेटियाँ और दो बेटे थे। उनकी मम्मी गृहणी और पिताजी एक छोटा-सा ढाबा चलाते थे। पूरा परिवार मिल-जुलकर काम करता था आर्थिक तंगी के कारण उनके परिवार वाले सिर्फ बेटों को पढ़ाते थे और बेटियों को नहीं पढ़ाते पर उनकी बेटियाँ पढ़ने में बहुत अच्छी थी, बेटों से भी ज्यादा ।

वे पूरी दिन घर का काम करती थीं और पापा की मदद भी करती थी तथा रात में अपनी पढ़ाई करती. थी। इतनी तकलीफों के बावजूद भी उनलोगों ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और सभी परीक्षाओं में अच्छे नम्बरों के साथ उत्तीर्ण हुई और आज वह एक दफ्तर में उच्च पद पर कार्यरत है।

Bihar Board Class 7 Social Science समानता के लिए महिला संघर्ष Notes

पाठ का सार संक्षेप-

हमारे समाज में कामों को भी दो भागों में बाँट दिया गया है। आज भी समाज में लड़के और लड़कियों को समान नजरों से देखने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है। आज भी बहुत से लोग ऐसे हैं महिला और पुरुषों का समानता का दर्जा नहीं देते । लोगों के हिसाब से कुछ काम जैसे-शिक्षक का कार्य, किसान का कार्य और सैनिक का कार्य सिर्फ पुरुष ही कर सकते हैं, महिलाएँ नहीं ।

बहुत से लोगों का यह मानना होता है कि महिलाएँ नर्स का कार्य अच्छे से कर सकती है, क्योंकि उनमें सहनशीलता और विनम्रता का गुण ‘ होता है। इस तरह लोगों की यह भी धारणा होती है कि तकनीकी कार्यों को करने में लड़कियाँ और महिलाएँ सक्षम नहीं होती है।

इन्हीं धारणाओं के कारण बहुत-सी लड़कियों को उनकी योग्यता के अनुसार पढ़ाई करने और प्रशिक्षण लेने की अनुमति नहीं दी जाती है। बहुत से लड़कियों में कुछ दिखाने की योग्यता होने के बावजूद उन्हें स्कूली शिक्षा से आगे की शिक्षा नहीं दिलवाई जाती है और उन्हें विवाह के लिए प्रेरित किया जाता है।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 5 समानता के लिए महिला संघर्ष

महिलाओं और पुरुषों में अगर काम करने की योग्यताएँ अलग-अलग है तो इनमें यह फर्क उनके लड़की या लड़का होने से नहीं आता है। बल्कि उनमें यह फर्क हमारी सोच से आता है कि हम उनके बारे में कैसे सोचते हैं, उन्हें कैसे मौके देते हैं । इन बातों से ही यह तय होता है कि कौन किस काम के योग्य हो सकता है।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 4 समाज में लिंग भेद

Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 2 Chapter 4 समाज में लिंग भेद Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 4 समाज में लिंग भेद

Bihar Board Class 7 Social Science समाज में लिंग भेद Text Book Questions and Answers

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
अगर आप श्यामा की जगह पर होते तो क्या करते?
उत्तर-
अगर मैं श्यामा की जगह पर होती तो अपने परिवार को मनाने की कोशिश करती की वह मुझे भी पढ़ाई के लिए स्कूल जाने दें। मुझे भी पढ़ने-लिखने में सहयोग करें और मुझे भी दौड प्रतियोगिता आदि में भाग लेने दें और इनकी इस सोच को बदलने की कोशिश करती की लड़कियाँ सिर्फ घर के ही कार्य कर सकती है और पढ़-लिखकर वे क्या करेंगी, उन्हें तो बड़ी होकर चूल्हा ही फूंकना है।

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प्रश्न 2.
श्यामा के परिवार की सोच का श्यामा के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता हैं?
उत्तर-
श्यामा के परिवार की सोच की लडकियाँ तो बडी होकर चल्हा ही फूंकेंगी। इससे श्यामा की जिंदगी बिल्कुल घर में कैद हो गयी है। उसे पढ़ाई नहीं करने दिया जाने से वह कभी अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पाएगी और जिंदगी को अपने ढंग से नहीं जी पाएगी। उसे हमेशा दूसरों पर आश्रित रहना पड़ेगा। वह कभी बाहर की दुनिया को नहीं देख पाएगी, कभी आत्मनिर्भर नहीं हो पाएगी। उसकी जिंदगी घर के अंदर चहारदीवारी में ही बंद होकर रह जाएगी।

प्रश्न 3.
शबाना, जावेद, श्यामा और गोविन्द के जीवन में किस तरह का फर्क है?
उत्तर-शबाना, जावेद, श्यामा और गोविन्द जिस तरह के माहौल में बडे हए हैं, उसमें बहुत अंतर है। शबाना और जावेद बहुत ही खले माहौल के बीच

बडे हए हैं। उनके घर में उनके माता-पिता दोनों काम करते हैं, इसलिए उन्हें  ज्यादा समय नहीं मिल पाता । इस कारण घर के कार्यों को सभी मिल-जुलकर

कार्य करते हैं। शबाना, जावेद अपनी पढ़ाई के साथ ही घर का कार्यों को करने में भी अपने माता-पिता का सहयोग करते हैं। वे दोनों बड़े होकर देश की ओर से क्रिकेट खेलना चाहते हैं और उनके माता-पिता इस सपने को पूरा करने में उनका पूरा सहयोग करते हैं।

श्यामा के साथ ऐसा नहीं हैं। उसके घर का माहौल ऐसा नहीं है। उसके यहाँ लड़के और लड़कियों में भेद किया जाता है। उसे पढ़ने नहीं दिया जाता, किसी प्रतियोगिता में भाग नहीं लेने दिया जाता है। उसे आत्मनिर्भर बनने का। मौका नहीं दिया जा रहा है।

गोविन्द के घर में उसके माता-पिता दोनों मजदूरी करते हैं। उसकी माँ थक जाने के कारण कभी-कभी घर का काम नहीं कर पाती है। जिस कारण उसके माता-पिता के बीच झगड़ा भी होता है। गोविन्द को ये सब पसंद नहीं है, इसलिए वह घर का कुछ काम जैसे – बरतन साफ करना, जलावन की लकड़ी लाना, झाडू लगाना आदि वह खुद ही कर लेता है । जिस कारण उसके दोस्त उसका मजाक भी उड़ाते हैं।

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प्रश्न 4.
गोविन्द के दोस्त उसे क्यों चिढ़ाते हैं? क्या उनका चिढाना उचित है?
उत्तर-
गोविन्द के दोस्त उसे इसलिए चिढ़ाते हैं, क्योंकि वो अपने घर का कार्य जैसे झाड़ लगाना, बरतन साफ करना, जलावन की लकड़ी लाना आदि करता है। गोविन्द के दोस्तों को गोविन्द का चिढाना सही नहीं है। क्योंकि अपने घरों के कार्य दरने में कोई बुराई नहीं है। अगर लड़कियाँ घर के कामों में अपनी माँ का हाथ बँटा सकती है, तो फिर लड़के क्यों नहीं।

प्रश्न 5.
आप गोविन्द के दोस्त होते तो क्या करते?
उत्तर-
अगर हम गोविन्द के दोस्त होते तो उसे चिढ़ाते नहीं बल्कि उसकी तरह ही हम भी अपने घरों में अपने माँ की कामों में हाँथ बँटाते । घर के छोटे-मोटे कामों को कर देते जिससे हमारी माँ को थोड़ा आराम मिलता। घर के छोटे-मोटे कामों को करने में कोई बुराई नहीं है। जिस तरह बेटियाँ अपने घरों के काम में माँ का हाथ बँटाती है, उसी तरह बेटों को उनके काम में हाथ बँटाना चाहिए।

प्रश्न 6.
पीछे दिए गए उदाहरणों के आधार पर आप किस रूप में बड़ा होना पसंद करेंगे और क्यों?
उत्तर-
पीछे दिए गए उदाहरणों के आधार पर मैं “जावेद और शबाना’ की तरह बड़ा होना चाहूँगी।
‘जावेद और शबाना’ के घर का माहौल बहुत ही खला है। वहाँ बच्चों – को घर के कार्य करने के साथ-साथ पढ़ने-लिखने का छूट भी दिया गया है।

वे लोग पढ़ाई के साथ-साथ अपनी माँ का घर के कामों में हाथ बँटाते हैं। उन लोगों का सपना है कि बड़े होकर वे लोग देश की तरफ से क्रिकेट खेलें।

उनके माता-पिता भी उनके इस सपने को पूरा करने में उनका सहयोग करते हैं। ऐसा नहीं है कि उनके घर में बेटा होने के कारण जावेद को पढ़ने का

हक है और शबाना बेटी है इसलिए उसकी पढ़ाई बंद करवाकर उसे घर का काम करने को कहा जाए। उनके घर में बेटे और बेटियों के समान रूप से व्यवहार किया जाता है और दोनों के सपनों की कद्र की जाती है।

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प्रश्न 7.
लड़के एवं लड़कियों के पहनावे और खिलौने में फर्क क्यों हैं? चर्चा करें।
उत्तर-
लड़के एवं लड़कियों के पहनावे और खिलौने में फर्क समाज के लोगों की सोच के कारण है। समाज ही लड़के और लड़कियों में अंतर करता है। समाज के द्वारा ही यह तय किया जाता है लड़कियों और लड़कों के कपड़े और खिलौने कैसे होंगे। बचपन से लडके और लड़कियों के खिलौनों में भी फर्क किया जाता है जैसे-लड़के को खेलने के लिए कारें दी जाती है और लड़कियों की गुड़िया ।

इन खिलौनों के माध्यम से यह दर्शाने के कोशिश की जाती है कि जब वे बड़े होकर स्त्री या पुरुष होंगे तो उनके जीने का तरीका अलग-अलग होगा। बचपन से इस तरह की बातों को देखते हए उन्हें ऐसा लगने लगता है कि स्वी व पुरुष की भूमिकाओं को निभाना उनका प्राकृतिक गुण है और उन्हें जीवन भी उसी आधार पर जीना चाहिए।

प्रश्न 8.
आपके घर के ज्यादातर काम कौन करता है, और क्यों ?
उत्तर-
मेरे घर के ज्यादातर काम मेरी माँ करती है। क्योंकि मेरे पिताजी सुबह में ही ऑफिस चले जाते । मेरी माँ एक गृहणी हैं। वह घर के सारे काम को बहुत ही अच्छे ढंग से करती हैं। वह घर की देखभाल करती है, हमारी सेहत का भी ध्यान रखती है। वह सबसे पहले रसोई घर के कामों को निपटाती हैं, फिर घर के झाडू-पोंछा करती हैं बिस्तर ठीक करती है। इन सारे कार्यों

के अलावा वह हमारे पढ़ाई का भी ध्यान रखती है। हमारे होमवर्क पूरा करने में भी हमारी मदद करती है। इसके अलावे वे घर के बाहर का सारा कार्य भी करती है, जैसे-घर के लिए कुछ सामान लाना, बैंक का कार्य, बिजली का बिल आदि। मेरे पिताजी सुबह ऑफिस जाते हैं और रात आते हैं। उनके

ऑफिस जाते वक्त दुकानें बंद रहती है और उनके आते वक्त आधे से अधिक दुकानें बंद हो जाती हैं। इसलिए मेरी माँ को ये सारे कार्य करने पड़ते हैं।

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अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
सामान्यतः एक घर में ‘लड़का’ और ‘लड़की’ के रूप में कौन ये काम करेगा ?

  1. मेहमान के लिए एक गिलास पानी लाना ।
  2. माँ के बीमर होने पर डॉक्टर को बुलाना।
  3. घर के खिड़की दरवाजे की सफाई करना।
  4. पिताजी की मोटर साइकिल साफ करने में मदद करना।
  5. बाजार से चीनी खरीदना।
  6. किसी आगंतुक के आने पर दरवाजा खोलना।

उत्तर-

  1. लड़का
  2. लड़का
  3. लड़की
  4. लड़का
  5. लड़का
  6. लड़की।

प्रश्न 2.
आपके परिवार या पास-पड़ोस में क्या लड़कियों और लड़कों में भेद होता है ? आपकी समझ में से यह भेद किस प्रकार का होता है ?
उत्तर-
हाँ, मैंने अपने घर के आस-पड़ोस में लड़के और लड़कियों में भेद होते देखा है। लोग अपने लडकियों और लडकों में भेद करते हैं। वे उनके पहनावे, खान-पान, खेल-कूद आदि में भेद भाव करते हैं। वे अपने बेटों के ऊपर ज्यादा ध्यान देते हैं। वे अपने लड़के को अपने हैसियत के हिसाब से हर खुशी देने की कोशिश करते हैं। वे अपने लडकों को पढ़ाई भी कराते हैं। उन्हें घर का कोई भी काम नहीं करने देते, क्योंकि उनका मानना होता है कि ।

स्कूल से पढ़ाई कर के आया है, थक गया होगा। उसे बिल्कल ताजा खाना दिया जाता है, उसके खाने में मौसमी फल होने चाहिए। खाने में दूध का भी होना जरूश्री होता है। खाली समय में उन्हें पढ़ाई के अलावा खेल-कूद में भी आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। उनके सारे फरमाइशों को तुरंत पूरा किया जाता है। अगर कुछ गलत भी करता है तो टाल दिया जाता है।

लड़कियों के ऊपर इतना ध्यान नहीं दिया जाता है। उनकी पसंद-नापसंद का कुछ खास ध्यान नहीं दिया जाता हैं। उन्हें बहुत ज्यादा पढ़ाई भी नहीं करवाई जाती। उनसे घर के कार्यों को कहा जाता है। उनके खान-पान पर भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है। उनके खाने में फल-फूल, दूध आदि का होना न होना कुछ खास मायने नहीं रखता ।

खाली समय में भी कुछ समय ही पढाई कर पाती हैं, बाकी के समय में कछ न काम करने को बोल दिया जाता है। लड़कों की तरह उनको किसी बात को तुरंत पूरा नहीं किया जाता है। लड़कियों को हमेशा यह सिखाया जाता है कि उन्हें बड़े होकर दूसरे के घर जाना है, इसलिए उन्हें घर के सारे काम-काज आने चाहिएं।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 4 समाज में लिंग भेद

प्रश्न 3.
महिलाओं की तुलना में पुरुषों का काम, क्या ज्यादा मूल्यवान होता है ? अगर नहीं तो क्यों?
उत्तर-
मेरे हिसाब से महिलाओं की तुलना में पुरुषों का काम ज्यादा मूल्यवान नहीं होता है। हमारे समाज में पुरुषों के काम को ज्यादा मूल्यवान इसलिए माना जाता है, क्योंकि वे घर से बाहर जाकर काम करते हैं इसके लिए उन्हें पढ़ाई करनी पड़ती है, काम को सीखना पडता है जिसमें पैसा भी खर्च होता है।

पर महिलाएँ घर का काम करती है. इसके लिए उनका ज्यादा पढ़ा-लिखा होना भी जरूरी नहीं होता है। घरेलू कार्यों को सीखने के लिए उन्हें पैसे खर्च नहीं करने पड़ते । इन कामों को करना तो महिलाओं का स्वाभाविक गुण होता है। इसलिए महिलाओं का कार्य मूल्यवान नहीं माना।।

पर आज के समय में महिलाएं पुरुषों की तरह पढ़ाई भी करती है, कामों को सीखती भी है और उन्हीं तरह घर से बाहर जाकर काम भी करती है और पैसे भी कमाती है। आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधा से कंधा मिलाकर कार्य करती है। आज के समय ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहाँ सिर्फ पुरुष ही काम करते हैं, महिलाएँ नहीं।

इन सारे कार्यों के साथ-साथ वे घर के कार्यों को भी संभालती है और अपने परिवार को भी। इसलिए मेरे हिसाब से पुरुषों से ज्यादा महिलाओं का कार्य मूल्यवान होता है।

प्रश्न 4.
घरेलू मजदूरी करने वाली महिलाओं से बातचीत कर उनके कार्यों का विवरण काम के घंटे,समस्याएँ एवं मजदूरी आदि की सूची तैयार करें।
उत्तर-
छात्र इसे स्वयं करें

प्रश्न 5.
अगर आपकी माँ घर का काम दो दिनों के लिए आपको सौंप दे तो उन कार्यों को करने में क्या समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं?
उत्तर-
अगर मेरी माँ घर का काम दो दिनों के लिए मुझे सौंप दे, तो उन कार्यों करने में सबसे बड़ी समस्या है कि माँ की तरह जल्दी-जल्दी सारा काम नहीं कर पाती हूँ। मैं माँ की तरह स्वादिष्ट खाना नहीं बना पाती हूँ और घर की सफाई भी अच्छे से नहीं कर पाते हैं।

Bihar Board Class 7 Social Science समाज में लिंग भेद Notes

पाठ का सार संक्षेप

हमारी पहचान आमतौर पर एक स्त्री या एक पुरुप के रूप में होती है। इस अध्याय में यह पढ़ना की हमारे समाज में स्त्री और पुरुष की भूमिका कैसे तय होती है।

लिंग मनुष्य की जैविक संरचना है। किसी मनुष्य में प्रजनन अंग यह निर्धारित करता है कि मनुष्य स्त्री है या पुरुष । महिलाओं के कुछ गुण जैसे बच्चे को जन्म देना और उसे स्तनपान कराना उनके विशिष्ट एवं प्रकृतिक गुण है। मनुष्यों में यह फर्क जैविक संरचना के कारण होती है। हमारे समाज में ज्यादातर लोग ‘जेंडर’ शब्द का अर्थ लिंग यानी स्त्रीलिंग व पुलिंग के लिए करते हैं, जो कि एक गलत धारणा है। ‘जेंडर’ से हमारी सामाजिक व्यवहार को दर्शाया जाता है।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 4 समाज में लिंग भेद

किसी महिला या किसी पुरुष को क्या पहनना चाहिए.. क्या काम करना चाहिए, कैसा व्यवहार करना चाहिए यह सभी सामाजिक रूप से तय होते हैं। ये बातें लिंग भेद, जेण्डर या सामाजिक लिंग कहलाते हैं। लेकिन समय के साथ-साथ समाज बदल रहा है और साथ ही सामाजिक लिंग की परिभाषा बदल रही है। जैसे- कुछ वर्ष पहले तक लड़कियों को स्कूल नहीं जाने दिया जाता था। लेकिन समय के साथ लोगों को इस सोच में भी बदलाव आया है और अब लोग लड़कियों को भी स्कूल जाने की आजादी देने लगे हैं।