Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 14 पौधों में संवहन

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 14 पौधों में संवहन Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 14 पौधों में संवहन

Bihar Board Class 7 Science पौधों में संवहन Text Book Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों को भरें –
(i) पौधों में जल एवं खनिज पदार्थों का अवशोषण …………… द्वारा होता है।
(ii) जल एवं खनिज पदार्थों का संवहन …………. ऊतक द्वारा होता है।
(iii) पौधों में भोजन के संवहन के लिए……… नामक ऊतक होते हैं।
(iv) वाष्य के रूप में पत्तियों से जल का उत्सर्जित होना ………. कहलाता है।
उत्तर:
(i) मूलरोमां
(ii) जाइलम
(iii) प्लाएम
(iv) वाष्पोत्सर्जन ।

प्रश्न 2.
पौधों में पदार्थों का संवहन क्यों आवश्यक है ?
उत्तर:
पौधे जल एवं खनिज पदार्थों का अवशोषण करते हैं। अवशोषण मूल रोमों द्वारा होता है। जल एवं खनिज पदार्थ जाइलम ऊतक द्वारा संवहन क्रिया के फलस्वरूप ही पत्तियों तक पहुँचता है। पत्तियाँ या भोजन बनाती हैं, अगर ये पदार्थ न पहुँचंग तो पत्नियाँ भोजन न बनाएगी और पौधों का विकास रूक जाएगा।

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प्रश्न 3.
जाइलम तथा प्लोएम ऊतकों के क्या कार्य हैं?
उत्तर:
जाइलम संवहन ऊतक है। पौधों के मूलरामा के द्वारा जल और खनिज तत्वों के अवशोषण करते हैं। ये पदार्थ पत्तियों तक पहुँचाने के लिए जाइलम ऊतक जो संवहन ऊतक कहलाता है कार्य करते हैं। जब पत्तियाँ सूर्य के प्रकाश में अपना भोजन बनाती है तो उस भोजन को पौधे के विभिन्न अंगों तक पहुँचाने का कार्य प्लोएम ऊतक करते हैं।

प्रश्न 4.
वाष्पोत्सर्जन से क्या समझते हैं ? क्या पौधों में यह क्रिया जरूरी है ?
उत्तर:
जैव क्रियाओं में जल का कुछ भाग उपयोग नहीं होता है। ये अतिरिक्त जल पनियों के छिद्रो, रंध्र द्वारा वाष्प के रूप में उत्सर्जित हो जाता है। वाष्प के रूप में पत्तियों से जल का उत्सर्जन वाष्पोत्सर्जन कहलाता है। तापमान बढ़ने पर वाष्पोत्सर्जन की क्रिया तीव्र हो जाती है। यह क्रिया जरूरी है।

प्रश्न 5.
एक प्रयोग द्वारा बताइये कि पौधे जल का संवहन करते हैं।
उत्तर:
दो गिलास लेते हैं। दोनों में आधा भाग पानी भर देते हैं। एक गिलास वाले पानी में थोड़ा लाल रंग डाल देते हैं। अब दो पौधे जिनके मूलराम सुरक्षित हो एक एक पौधं दोनों गिलास में रखते हैं करीब चार पाँच घंटे बाद दोनों पौधों को निकालकर जनों को अनुप्रस्थ एवं अनुदेध्यं काटकर देखने हैं. कि रंगीन गिलास वाले तने में लाल धब्बे आते हैं दूसरे में नहीं, अत: यह स्पष्ट है कि मूलरामां के द्वारा जल का अवशोषण होता है।

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Bihar Board Class 7 Science पौधों में संवहन Notes

पौधे मिट्टी में उगते हैं। मिट्टी से पानी और खनिज तत्व पौधे अवशोषित करत हैं। पौधों की जड़ों में धागे जैसी संरचना “मूल रोम” होती है। मूल रोम ही मिट्टी में उपस्थित जल का अवशोषण करते हैं और पत्तियों तक पहुँचाते हैं। पत्तियों तक जल और पोषक तत्वों को पहुँचाने के लिए वाहिकाएँ होती हैं। संवहन क्रिया द्वारा पत्तियों तक पहुँचता है। वाहिकाएँ विशेष प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर संवहन ऊतक का निर्माण करती है। जल एवं खनिज पदार्थों को पत्तियों तक ले जाने के लिए पौधों के अंगों में जाइलम नामक उतक होते हैं। जल एवं खनिज पदार्थों को पौधों के विभिन्न अंगों तक ले जाने वाला संवहन उतक जाइलम है।

पौधों के संवहन उत्तक दो प्रकार के होते हैं – जाइलम, प्लोएम; पौधों की वृद्धि के लिए जल खनिज के अलावा भोजन की आवश्यकता होती है। पत्तियों से भोजन का संवहन पौधों के विभिन्न अंगों तक फ्लोएम नामक ऊतक द्वारा होता है। पौधे जल को अवशोषित करते हैं। वाष्प के रूप में जल पत्तियों में पाये जाने वाले स्टोमाटा के द्वारा उत्सर्जित होता है। वाष्प के रूप में अवशोषित जल का उत्सर्जन वाष्पोत्सर्जन कहलाता है। दिन में वाप्पोत्सर्जन को दर बढ़ जाती है क्योंकि रुध्र खुले रहते हैं। जबकि सूर्य की अनुपस्थिति में रन्ध्र बंद हो जाता है। रात में वाष्पोत्सर्जन की दर कम हो जाती है।

गर्मियों में तापमान में वृद्धि से वाष्पोत्सर्जन की दर बढ़ जाती है जबकि जाड़े में कम रहती है। हवा बहने को दर बढ़ने से वाष्पोत्सर्जन की दर बढ़ जाती है। साथ ही साथ हवा में आर्द्रता बढ़ने से वाष्पोत्सर्जन की दर घट जाती है।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 13 मिट्टी

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 13 मिट्टी Text Book Questions and Answers, Notes.

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Bihar Board Class 7 Science मिट्टी Text Book Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
सबसे उपयुक्त उत्तर को चिह्नित करें।
(i) जल धारण क्षमता सबसे अधिक होती है –
(क) दोमट मिट्टी में
(ख) चिकनी मिट्टी में
(ग) बलुई मिट्टी में
उत्तर:
(ख) चिकनी मिट्टी में

(ii) धान की फसल की उपर्युक्त मिट्टी है-
(क) बलुई मिट्टी
(ख) केवल दोमट मिट्टी
(ग) चिकनी एवं दोमट मिट्टी
(घ) केवल चिकनी मिट्टी
उत्तर:
(ग) चिकनी एवं दोमट मिट्टी

(iii) किस प्रकार की मिट्टी में अन्तःस्रवण दर सबसे अधिक होती है ?
(क) चिकनी मिट्टी
(ख) दोमट मिट्टी
(ग) बलुई मिट्टी
उत्तर:
(ग) बलुई मिट्टी

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प्रश्न 2.
मिट्टी का निर्माण किस प्रकार होता है ? समझाइए।
उत्तर:
जब तेज धूप चट्टानों पर पड़ती है तो गर्म हो जाती है और दरारें -पड़ जाती हैं । ठंड या वर्षा होने पर चट्टानें टूटने लगती हैं। पवन, जल और जलवायु की क्रिया से चट्टानों के टूटने पर मिट्टी का निर्माण होता है। यह प्रक्रिया अपक्षय कहलाती है। मिट्टी बनने में समय अधिक लगता है।

प्रश्न 3.
बलुई मिट्टी, दोमट मिट्टी तथा चिकनी मिट्टी में अन्तर स्पष्ट करें
उत्तर:
बलुई मिट्टी, दोमट मिट्टी तथा चिकनी मिट्टी में अन्तर –
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प्रश्न 4.
अंतःस्रवण दर से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
अंत:स्रवण का अर्थ – पानी का ग्रहण (अवशोषण) मिट्टी द्वारा जल का अंत:स्रावित होने में लगने वाले समय के आधार पर अंत:स्रवण दर की गणना करना ही अंत:स्रवण दर है। मिट्टी के नमूनों की अंत:स्रवण दर इस सूत्र से निकालते हैं।
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प्रश्न 5.
जल धारण क्षमता से आपका क्या अभिप्राय है ? अंतःसवण दर और जल धारण की क्षमता में क्या अन्तर होता है ?
उत्तर:
मिट्टी द्वारा जल का अवशोषण होता है। इसकी क्षमता मिट्टी के कणों पर निर्भर करता है। यदि मिट्टी के कण बड़े होते हैं तो वे जल को अवशोषण करते हैं। ये मिट्टी शुष्क होते हैं नमी नहीं रहती है। अतः जल धारण क्षमता कम है। जिस मिट्टी में जल की मात्रा अधिक होती है इसमें ह्युमस अधिक होता है। इसका मतलब जल धारण क्षमता अधिक है।

मिट्टी में पानी कितनी तेजी से अन्दर जाता है, अन्त:स्रवण दर कहलाता है। बलुई मिट्टी में अन्त:स्रवण सबसे अधिक और चिकनी मिट्टी में कम होता है। बलुई मिट्टी में ह्यूमस नहीं होता, ये शुष्क होते हैं। इनके कणों के बीच हवा होती है। इनके कण आपस में नहीं मिलते हैं।

प्रश्न 6.
समझाइए कि मिट्टी के अपरदन तथा मिट्टी प्रदूषण को किस प्रकार रोका जा सकता है ?
उत्तर:
मिट्टी का अपरदन पवन पानी अथवा बर्फ, वर्षा, नदियों का तेज बहाव के कारण होता है। इसको अधिक संख्या में पेड़, पौधों को लगाना चाहिए । पेड़ की जड़ मिट्टी को जकड़े रहती है और मिट्टी के अपरदन होने से बचाती है। मिट्टी प्रदूषण को बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। खेत बंजर होने लगे हैं। इसका कारण अधिक उर्वरक का उपयोग, कल-कारखानों की गंदगी। मिट्टी में साबुन, अपमार्जक का पानी मिट्टी में जाना, न्यूक्लीयर कपड़ों को जमीन में छुपाना, मिट्टी के प्रदूषण होने का कारण है।

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Bihar Board Class 7 Science मिट्टी Notes

जीवन के लिए मिट्टी पृथ्वी पर होना अनिवार्य है । मिट्टी के बिना जीवन संभव नहीं है। बिना मिट्टी के न पेड़ न घास उग सकते हैं। पृथ्वी पर सभी प्राणियों के पोषण के लिए.सभी सामग्री मिट्टी से ही प्राप्त होती हैं। मिट्टी पर सभी जीव-जन्तुओं का निवास है। चट्टानों के टूटने से मिट्टी का निर्माण होता है। तेज धूप के कारण चट्टानें गर्म होती हैं और उसमें दरारें पड़ जाती हैं। ठंड और वर्षा के कारण घट्टानें टूटने लगती है। पवन जल और जलवायु की क्रिया से चट्टानों के टूटने पर मिट्टी का निर्माण होता है। मिट्टी के रावसे ऊपर वाली परत में ह्यूमस और खनिज रहता है। यह उर्वरक होता है। यह जल का धारण अधिक करता है। इस शीर्ष मिट्टी कहते हैं। पौधे के जर्ड शीर्ष मिट्टी में ही रहती हैं। मध्य परत शीर्ष के नीचे जिसमें ह्यूमस कम और खनिज ज्यादा होते हैं। यह परत अधिक कठोर और धनी होती है। मध्य परत के नीचे तीसरी परत जो काफी कठोर होता है। इस परत के नीचे आधार शैल होता है। मिट्टी कई प्रकार की होती है-मिट्टी में पाये जाने वाले चट्टान के कणों के आकार पर मिट्टी को वर्गीकृत किया जाता है। यदि मिट्टी में बड़े कणों का अनुपात अधिक होता है तो वह बलुई मिट्टी कहलाती है और सूक्ष्म कणों का अनुपात अधिक हो तो चिकनी मिट्टी कहते हैं। यदि बड़े और छोटे कणों की मात्रा समान हो तो दोमट मिट्टी कहलाती है। मिट्टी का गुण उसके कणों पर निर्भर करता है।

बलुई मिट्टी हल्की और शुष्क होती है। इनके कण बड़े होते हैं। ये आपस में आसानी से जुड़ नहीं पाते बालू के कणों के बीच के स्थान से जल की निकासी तेजी से होती है। चिकनी मिट्टी में कण सूक्ष्म होते हैं ये आसानी से आपस में जुड़े रहते हैं। इनके बीच रिक्त स्थान कम होता है। ये जल अधिक ग्रहण करते हैं । चिकनी मिट्टी भारी होती है। पादपों को उगाने के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी है। दोमट मिट्टी में ह्यूमस अधिक होती है। जल धारण की क्षमता है। चिकनी मिट्टी का उपयोग बर्तनों, खिलौनों और मूर्तियों को बनाने के लिए किया जाता है। हम प्रायः खेतों में गर्मी के दिनों में वायु चमकते नजर आते हैं। लगता है वह कम्पन कर रहा है। ऐसा मिट्टी में उपस्थित जल के कारण लगता है। गर्मी के दिनों में मिट्टी के जल का वाष्पन होता है और ऊपर उठता है। जलवायु को सघन बना देती है सूर्य के प्रकाश के अपवर्तन के कारण मिट्टी के ऊपर की वायु कम्पन करते हुए चमकीला दिखाई पड़ती है। मिट्टी जल का अवशोषण करती है। जल के मिट्टी में अंतस्रावित होने में लगने वाले समय के आधार पर अंत:सवण दर की गणना इस सूत्र से करते हैं।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 13 मिट्टी 3

जगहों पर मिट्टी भिन्न-भिन किस्म की होती है। अपने बिहार राज्य में, विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की मिट्टी पाई जाती है। कुछ क्षेत्रों में बलुई तो कुछ क्षेत्रों में दोमट और चिकनी मिट्टी पाई जाती है । जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक, जैसे पवन, वर्षा, आर्द्रता और मिट्टी के प्रकार के कारण फसलों की किस्में भिन्न भिन्न होती हैं। चिकनी और दोमट मिट्टी में गेहूँ, मक्का, चना, धान की खेती की जाती है। जैसे पदार्थ और जल धारण करने वाली मिट्टी अच्छी किस्म की होती है। आलू, दालों की फसल दोमट और बलुई मिट्टी में की जाती है। क्योंकि जल को निकासी आसानी से की जा सके । मिट्टी के ऊपरी सतह का हटना मिट्टी की अपरदन कहलाता है। पवन, पानी, वर्षा, बर्फ मिट्टी का अपरदन करते हैं। मिट्टी का अपरदन को रोकने के लिए अधिक से अधिक पेड़ों को लगाना चाहिए । बंजर और मरुभूमि स्थानों पर मिट्टी का अपरदन अधिक होता है।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 3 शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की भूमिका

Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 2 Chapter 3 शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की भूमिका Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 3 शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की भूमिका

Bihar Board Class 7 Social Science शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की भूमिका Text Book Questions and Answers

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
अनुप्रिया एवं उसकी सहेलियाँ क्यों परेशान थीं, उन सबकी परेशानी कैसे दूर हुई ?
उत्तर-
अनुप्रिया एवं उसकी सहेलियाँ परेशान थीं क्योंकि उन्हें लग रहा था कि वे मध्य विद्यालय से आगे की पढ़ाई नहीं कर पाएँगी क्योंकि मध्य विद्यालय तो उनके घर से नजदीक था इसलिए उन्हें विद्यालय जाने में कोई कठिनाई नहीं होती थी पर उच्च विद्यालय उनके गाँव से लगभग 5 किमी. था, जिस कारण उन्हें विद्यालय जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता।

सरकार द्वारा साइकिल योजना शुरू करने से उन सबकी परेशानी दूर हो गयी, क्योंकि साइकिल योजना के तहत उनलोगों को साइकिल दी गयीं और वे आसानी से आगे की जारी रख सकती थी और उच्च विद्यालय आसानी से आ-जा सकती थी।

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प्रश्न 2.
लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है ऐसा क्यों? कारण सहित लिखें।
उत्तर-
लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कितने परिवारों में आज भी लड़कियों को पढ़ाया नहीं जाता है और अगर पढ़ाया गया तो उन्हें उच्च शिक्षा नहीं दिलवाई जाती है। कई जगहों पर लड़कियों को न पढ़ाने का कारण होता है स्कूल का उनके घर से दूर होना। अगर विद्यालय घर से नजदीक होता है  तो उन्हें विद्यालय जाने पर कोई परेशानी नहीं होती पर विद्यालय का घर से दूर होना उनके शिक्षा पाने के रास्ते में रूकावट बन जाता है।

उनके माता-पिता उन्हें दूर जाकर पढ़ाई की अनुमति नहीं देते, क्योंकि वो उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित होते हैं । बहुत से जगहों पर लड़कियों को उच्च विद्यालय की शिक्षा दिलवाने के बाद कॉलेज की पढ़ाई करने घर से दूर दूसरे शहरों में जाने की अनुमति दी जाती है और कारण बताया जाता है अकेली लड़कियों घर से दूर शहर में कैसे रहेंगी। इन सारी वजहों से लड़कियों की शिक्षा में बहुत रूकावट आती है।

प्रश्न 3.
आपकी समझ में ऐसी क्या व्यवस्था हो सकती है जिससे लड़कियों की परेशानी न हो?
उत्तर-
मेरी समझ से हर गाँव में मध्य विद्यालय के साथ-साथ उच्च विद्यालय भी होना चाहिए, जिससे लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए घर से बहुत दूर नहीं जाना पड़े। हर जगह पर कॉलेज की भी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे लड़कियों को उच्च विद्यालय तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद

आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूसरी जगह जाना पड़े। अपने शहरों में उच्च शिक्षा दिलवाने वाले किसी अच्छे कॉलेजों के होने की वजह से विद्यार्थियों को दूसरे शहरों में जाना पड़ता है और लड़कियों की इसकी अनुमति बहुत कम ही मिल पाती है।

प्रश्न 4.
सुमित की चिन्ता का क्या कारण थी? यदि सुमित की जगह आप होते तो आपके मन में क्या-क्या विचार आते ? आपस में चर्चा करें।
उत्तर-
सुमित की चिन्ता का कारण था किताबों का समय पर न मिलना । उसकी किताबें बाजार में नहीं मिलती थी, इसलिए वह चाहकर भी अपनो किताबें बाजार से नहीं खरीद सकता था। किताब नहीं मिलने की वजह से वह कुछ पढ़ाई भी नहीं कर पाया था और उसे इस बात का डर था कि आने वाले अर्द्धवार्षिक परीक्षा में वह क्या लिखेगा। यदि सुमित की जगह मैं भी होती तो मेरे मन में भी वही विचार आता जो सुमित के मन में आया था।

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प्रश्न 5.
आपको समय पर किताब नहीं मिलने की स्थिति में प्रधानाध्यापक ने क्या प्रयास किया?
उत्तर-
समय पर किताब नहीं मिलने की स्थिति में हमारे प्रधानाध्यापक किताब नहीं मिलने की वजहों की जानकारी लेते हैं और जल्द से जल्द उन रूकावटों को दूर कर हमें कम से कम समय में किताब दिलवाते हैं।

प्रश्न 6.
मध्याह्न भोजन योजना, पोशाक योजना, भवन निर्माण योजना, आँगनबाड़ी केन्द्र इत्यादि योजनाओं के विषय में शिक्षकों से चर्चा करें कि आखिर इनकी जरूरत क्यों हैं?
उत्तर-
इन योजनाओं की जरूरत निम्नलिखित कारणों से है

1. मध्याह्न भोजन योजना – मध्याह्न भोजन योजना से बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ भोजन भी मिल जाता है और इस योजना से स्कूलों में बच्चों की संख्या भी बढ़ी है। कितने बच्चे भी भूखे ही स्कूल चले आते थे जिससे पढ़ाई में उनका मन नहीं लगता था, पर इस योजना में भोजन मिलने से बच्चों का पेट भरा रहता है और पढ़ाई में उनका मन भी लगता है।

2. पोशाक योजना – पोशाक योजना में बच्चों को स्कूल के पोशाक बनवाने के लिए पैसे दिए जाते हैं। इस योजना से उन बच्चों को बहुत लाभ हुआ है जो स्कूल की पोशाक न होने की वजह से स्कूल नहीं जा पाते थे।

3. भवन निर्माण योजना – इस योजना से भी बहत लाभ हआ है, वैसे स्कूल जो जर्जर-जर्जर भवनों में चलाए जाते थे उनकी मरम्मत भी होने लगती है जो स्कूल खुले मैदान में चलाए जाते थे उन्हें अब स्कूल के लिए भवन भी मिल गए।

4. आँगनवाड़ी केन्द्र – आँगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों को शुरूआत की शिक्षा मिलती है। इससे उनकी नींव मजबूत होती है।

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प्रश्न 7.
क्या आप अपने विद्यालयों की पढ़ाई व्यवस्था से संतुष्ट हैं ? अपने विचार लिखें।
उत्तर-
हाँ, मैं अपने विद्यालय की पढ़ाई व्यवस्था से संतुष्ट हूँ। मेरे विद्यालय में सभी शिक्षक अपने-अपने विषयों को बहुत ही अच्छे से पढ़ाते हैं, जो हम बच्चों को बहुत ही आसानी से समझ में आ जाता है।

अगर हमें कुछ पढ़ाई समझ में नहीं आती तो हमारे शिक्षक उसे फिर से पढ़ाकर हमें अच्छे से समझाते हैं। हमें किसी प्रकार की परेशानी होने पर हमारे शिक्षक हमारी मदद करते हैं। शिक्षकों द्वारा पाठ्य-पुस्तक जल्दी से जल्दी दिलवाने की कोशिश की जाती है, पोशाक राशि भी दी जाती है। मध्याह्न भोजन की व्यवस्था भी है। पढ़ाई के अलावे मेरे स्कूल में खेलने की भी उचित व्यवस्था है।

प्रश्न 8.
यह दोनों स्थितियाँ क्यों उत्पन्न होती हैं ? इसके पीछे क्या-क्या कारण है?
उत्तर-
पहली स्थिति जिसमें कहा गया है कि 1000 पैदा होने वाले बच्चों में से 300 बच्चों का वजन बहुत कम होता है और 143 बच्चों की पाँच वर्ष के अंदर मृत्यु हो जाती है। ये स्थिति तब उत्पन्न होती है जब किसी गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान संतुलित भोजन नहीं मिल पाता। संतुलित भोजन की कमी से उनके अंदर खून की कमी यानी एनीमिया की बीमारी हो जाती है।

जिस वजह गर्भवति महिला का वजन ही बहुत कम हो जाता है, जिस वजह से होने वाले बच्चे का वजन भी कम होता है और कमजोर शरीर होने की वजह से उन्हें कई तरह की परेशानियाँ होती हैं, जिससे कभी-कभी उनकी मृत्यु हो जाती है। इसका कारण है पैसे जानकारी के अभाव में गर्भवती महिला को संतुलित आहार और आयरन की गोली का नहीं मिल पाना।

दूसरी स्थिति जिसमें कहा गया है कि 100000 औरतों में से 400 औरतों की बच्चे के जन्म देते समय मौत हो जाती है। ऐसी स्थिति तब होती है जब गर्भवती महिला को प्रसव के लिए अस्पताल न ले जाकर घर में ही प्रसव कराने की कोशिश की जाती है। घर में प्रसव कराने के लिए शिक्षित नर्स की जगह किसी महिला से प्रसव कराने से कई तरह की इनफेक्शन होने की संभावना होती है, जिससे गर्भवती महिला की मौत हो सकती है।

इसका कारण है कम उम्र की लड़कियों का गर्भवती हो जाना और पैसे के अभाव में उन्हें अस्पताल न ले जाना और कभी-कभी गाँव की महिलाओं को तो प्रसव के लिए शहर लाते-लाते रास्ते में ही उनकी मौत हो जाती है।

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प्रश्न 9.
इन दोनों स्थितियों में बच्चों और औरतों को कैसे बचाया जा सकता है?
उत्तर-
इन दोनों स्थितियों में बच्चों और औरतों को बचाने के लिए सबसे आवश्यक है कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को संतुलित भोजन दिया जाए। उनके भोजन में हरी सब्जियाँ, दाल, दूध, फल, चावल, रोटी आदि सभी कुछ शामिल हो। उन्हें जो भी आवश्यक टीके हो वो लगवाए जाएँ। उन्हें आयरन की गोलियाँ दी जाए, जिससे उन्हें एनीमिया की बीमारी से बचाया जा सके। अगर माँ स्वस्थ रहेगी तो होने वाले बच्चे का वजन भी सही होगा।

इस तरह से प्रसव के लिए गर्भवती महिला को अस्पताल लेकर जाना चाहिए। उन्हें घर में प्रसव के दौरान थोड़ी-सी भी चूक से माँ और बच्चे दोनों की जान जा सकती हैं। इसलिए प्रसव डॉक्टरों की देख-रेख में ही करवाना चाहिए । घर में प्रसव करवाने से उतनी साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता, जिससे कई प्रकार के इंफेक्शन्स लगने का खतरा रहता है। जो माँ और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक होता है।

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
सबके लिए स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध करने के लिए सरकार कौन-कौन से कदम उठा सकती है? चर्चा करें।
उत्तर-
सबके लिए स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध करने के लिए सरकार को सबसे पहले पीने की उचित पानी की व्यवस्था करनी चाहिए । स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने वाली संस्थाओं स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला अस्पताल आदि को सुचारू ढंग से कार्य करने के निर्देश देने चाहिए। सभी अस्पतालों में बच्चों को लगाए जाने वाले जीवनरक्षक टीके और दवाएँ मुफ्त में मिलने चाहिए ।

गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को दूर करने के आयरन की गोली देनी चाहिए । अस्पतालों में बेड की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। डॉक्टरों की कमी को भी दूर करने की कोशिश करनी चाहिए । गाँव में भी अस्पताल खलवाने चाहिए और डॉक्टरों की व्यवस्था करनी चाहिए। जिससे गाँव के लोगों के बीमार होने पर वहीं उनका इलाज हो सके, क्योंकि ज्यादातर लोगों को बीमारी के दौरान शहर लाने के दौरान रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो जाती है।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 3 शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की भूमिका

प्रश्न 2.
शिक्षा की स्थिति बेहतर करने के लिए सरकार की क्या भूमिका होनी चाहिए? –
उत्तर-
शिक्षा की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सरकार को शिक्षा को कानून का रूप देना चाहिए । शिक्षा पाना सबका हक है, पर जिसे शिक्षा नहीं मिल पा रही है, वो न्यायालय का सहारा ले सकं ! शिक्षा के लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए। सबसे पहले स्कूल की व्यवस्था को ठीक करना चाहिए, क्योंकि शिक्षा पाने के लिए यह पहला पड़ाव है। स्कूलों की व्यवस्था ठीक होने से बच्चों की पढ़ाई की नींव सही होगी। इसके लिए जरूरी है कि हर जगह गाँव में भी मध्य विद्यालय के साथ ही उच्च विद्यालय भी है।

कॉलेजों की भी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए घर से बहुत दूर नहीं जाना पड़े। क्योंकि कुछ विद्यार्थियों खासकर लड़कियों को घर से दूर जाकर पढ़ाई करने की अनुमति नहीं दी जाती है और उनकी पढ़ाई बीच में ही छूट जाती है। रोजगार के क्षेत्र में बढ़ोतरी करने से भी लोग शिक्षा की ओर आकर्षित होंगे। इन सबके साथ ही सरकार को जनता के लिए शिक्षा के महत्व को भी बताते रहे।

प्रश्न 3.
सर्वे क्यों किया जाता है ? आपने इस पाठ में किए गए सर्वे से क्या समझे?
उत्तर-
किसी विषय के बारे में जनता की क्या राय है, उस विषय के बारे में उनके बीच कितनी जानकारी है और इन बातों का उनके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है। इन सारी बातों की जानकारी के लिए सर्वे किया जाता है। इस पाठ में किए गए सर्वे का मुख्य विषय है बच्चों के स्कूल नहीं जाने ‘के कारण का पता लगाना ।

इस सर्वे में यह पता लगाने की कोशिश की गयी थी कि जो बच्चे कभी स्कूल नहीं गये उनके स्कूल नहीं जाने का कारण, ओ। बच्चे विद्यालय जाते थे पर बीच में ही उन्होंने विद्यालय जाना छोड़ दिया इसका क्या कारण है जो बच्चे बाल मजदूर हैं पढ़ने-लिखने के समय में काम करते हैं, इसका क्या कारण है?

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 3 शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की भूमिका

प्रश्न 4.
एक ही बच्चे में जो सरकारी स्कूल, निजी स्कूल, निजी स्कूल या अन्य किसी स्कूल में पढ़ते हैं उनसे बातचीत करके पता करें कि इन स्कूलों में क्या समान और क्या अन्तर है।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

Bihar Board Class 7 Social Science शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की भूमिका Notes

पाठ का सार संक्षेप

दुगी हुई सरकार से लोगों की यह अपेक्षा होती है कि वह जनता की लोकतांत्रिक अधिकार जैसे सड़क, बिजली; कानून व्यवस्था, आपदा के समय लोगों को राहत दिलवाने का कार्य करें। इस अध्याय में हमलोग यही जानेंगे की सरकार के कामों से शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी कार्य कैसे जुड़ी हुई है।

हमारे जीवन के विकास के लिए शिक्षा. बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। शिक्षा के द्वारा हमें दुनिया को समझने का मौका मिलता है, शिक्षा से हमें आत्मविश्वास मिलता है और हम खुद को और दुनिया को बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं। एक शिक्षित व्यक्ति अपनी रूचि से काम कर पाने में सक्षम होता है।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 3 शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की भूमिका

समाज की किसी समस्या पर लोग मिल-जुलकर बातचीत करते और उस समस्या पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देते हैं, फिर उस समस्या का समाधान निकालते हैं। शिक्षित व्यक्ति अदालत में अपना बचाव करने का कार्य, बैंक से ऋण लेना, वैज्ञानिक ढंग से संग करना और सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी लेने का कार्य आसानी से कर सकता है। एक शिक्षित व्यक्ति आधुनिक सामाजिक कार्यों में भागीदारी करने में तथा राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने में खुद को सक्षम महसूस करते हैं।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 11 रेशों से वस्त्र तक

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 11 रेशों से वस्त्र तक Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 11 रेशों से वस्त्र तक

Bihar Board Class 7 Science रेशों से वस्त्र तक Text Book Questions and Answers

अभ्यास

सही उत्तर पर (✓) का निशान लगाइये –

प्रश्न 1.
जाड़े के दिनों में किस प्रकार के वस्त्र पहनते हैं ?
(a) सूती वस्त्र
(b) रेशमी वस्त्र
(c) ऊनी वस्त्र
(d) नॉयलन वस्त्र
उत्तर:
(c) ऊनी वस्त्र

प्रश्न 2.
इनमें से कौन जन्तुओं से प्राप्त होते हैं ?
(a) सूती और ऊनी
(b) ऊनी और रेशमी
(c) रेशमी और सूती
(d) नॉयलन और सूती
उत्तर:
(b) ऊनी और रेशमी

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 11 रेशों से वस्त्र तक

प्रश्न 3.
रेशम प्राप्त करने के लिए रेशम कीटों का पालन कहलाता है ?
(a) फ्लोरीकल्चर (पुष्पकृषि)
(b) सिल्वीकल्चर (वनवर्धन)
(c) एपीकल्चर (मधुमक्खी पालन)
(d) सेरोकल्चर (रेशम कीट पालन)
उत्तर:
(d) सेरोकल्चर (रेशम कीट पालन)

प्रश्न 4.
बेमेल शब्द पर घेरा लगाएँ तथा चुनाव का कारण बताएँ
(a) अभिमार्जन, बालों की कटाई
(b) भेड़, लामा रेशम कीट
(c) तसर, अंगोरा, पश्मीना
(d) सूत, ऊन, रेशम ।
उत्तर:
(a) रीलिंग – अभिमार्जन और बालों की कटाई रोयेदार जानवरों की होती है। रीलिंग रेशम के धागे बनाने की प्रक्रिया है।
(b) रेशम कीट – भेड और लामा ऊन प्रदान करते हैं। रेशम कीट रेशम के रेशे प्रदान करते हैं।
(c) तसर-तसर सिल्क कपड़े हैं जबकि अंगोरा पश्मीना ऊनी कपड़े ।
(d) सुत-ऊन रेशम जीव-जन्तुओं से प्राप्त होते हैं जबकि सूत वनस्पति से प्राप्त किये जाते हैं।

प्रश्न 5.
हम अलग-अलग ऋतु में अलग-अलग कपड़े पहनते हैं। क्यों ?
उत्तर:
जाड़े के दिनों में हम ऊनी कपड़े पहनते हैं क्योंकि हमारे शरीर का ताप वातावरण के ताप से अधिक होता है। जब शरीर का ताप वातावरण में जाने लगता है तो हमें ठंड लगने लगती है। ऊनी कपड़ा ऊष्मारोधक है। ऊनी कपड़ा पहनने पर शरीर का तापक्रम संतुलित रहता है।

गर्मी के दिनों में वातावरण का ताप शरीर के ताप से अधिक होता है। हमारे शरीर में वातावरण के ताप पहुँचने पर हमें अधिक गर्म लगती है। हम चाहते हैं कि हल्के और सूती कपड़े पहनें ताकि आराम मालूम हो ।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 11 रेशों से वस्त्र तक

प्रश्न 3.
ऊन प्रदान करनेवाले जन्तुओं के शरीर पर बालों की मोटी परत क्यों होती है ?
उत्तर:
जन्तुओं के शरीर पर बालों की मोटी परत इन्हें ठंड से बचाती है। बालों में वायु आसानी से भर जाती हैं। वायु ऊष्मा के कुचालक होते हैं और इन्हें ठंड से बचाते हैं।

प्रश्न 4.
कोकून को एक सही समय पर पानी में उबालना क्यों चाहिए?
उत्तर:
कोकून को सही समय पर पानी में उबालना चाहिए ताकि उससे रेशम के रेशे अलग हो जाए। यदि सही समय का चनाव कर पाते हैं तो व्यस्क कीट में परिवर्तित हो जाते हैं और रेशे प्राप्त नहीं हो पाते हैं।

प्रश्न 5.
रेशम कीट के जीवन चक्र का एक रेखाचित्र बनाएँ।
उत्तर:
Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 11 रेशों से वस्त्र तक 1

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 11 रेशों से वस्त्र तक

Bihar Board Class 7 Science रेशों से वस्त्र तक Notes

जाड़े के दिनों में ऊनी कपड़ों की आवश्यकता होती है। ये ऊन हमें भेड़, पहाड़ी बकरी, ऊँट, लामा, याक एवं एल्पेका के बालों से प्राप्त होता है। ऊन एवं रेशम जांतव रेशे हैं। जांतव रेशा प्रदान करने वाले जन्तु के शरीर से बालों को काटकर, धुलाई, सफाई और छंटाई की जाती है और फिर उसे सुखाने के बाद रंगाई की जाती है और फिर सुलझाया जाता है और तब ऊन प्राप्त किये जाते हैं। हाथों या मशीन द्वारा प्राप्त ऊनों की बुनाई कर कपड़े तैयार किये जाते हैं। ऊनी कपड़े ऊष्मारोधी की तरह कार्य करते हैं, ऊनी कपड़े पहनने – पर हम गर्मी महसूस करते हैं।

रेशम के कपड़े मुलायम, हल्के और आरामदायक होते हैं। रेशम के कीट रेशम के रेशों को बनाते हैं जिसके कारण रेशम के रेशे भी जातंव रेशे कह जाते हैं। रेशम प्राप्त करने के लिए रेशम के कीटों को पालना रेशम कीट पालन या सेरीकल्चर कहलाता है।

रेशम कीट के जीवन की चार अवस्थाएँ होती हैं। मादा रेशम कीट अंडे देती है जिनसे लार्वा निकलता है। लार्वा शहतूत की पत्ती को खाते रहते हैं और बड़े हो जाते हैं। लार्वा एक पदार्थ स्रावित करता है जो कठोर होकर रेशा बन जाता है। लार्वा इन रेशों से स्वयं को पूरी तरह से ढंक लेता है और अंदर ही परिवर्तित होते रहता है। इसी आवरण को कोकून कहते हैं। कीट का अब विकास कोकून के भीतर होता है। जब पूर्ण विकसित होता है तो कोकून तोड़कर कीट बाहर आता है। मादा एक बार में सैकड़ों अंडे देती है। इन अंडे को सावधानी के साथ पाला जाता है और विकसित किया जाता है। कई तरह के रेशम कीट होते हैं, कोकूनों को धूप या भाप में सुखाया जाता है जिससे रेशे अलग होते हैं और धागे बनाये जाते हैं और फिर बुनकरों द्वारा रेशमी वस्त्रों की बुनाई की जाती है। रेशम वस्त्र ताना-बाना बुनावट होती है। ऊनी वस्त्र पंदे की बुनावट होती है।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 10 विद्युत धारा और इसके प्रभाव

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 10 विद्युत धारा और इसके प्रभाव Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 10 विद्युत धारा और इसके प्रभाव

Bihar Board Class 7 Science विद्युत धारा और इसके प्रभाव Text Book Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
विद्युत धारा के किन्हीं दो प्रभावों का उपयोग बताइए।
उत्तर:
(a) जब किसी तार में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो चुम्बक – की तरह कार्य करता है।
(b) जब किसी बल्ब या CFL में था बिजली उपकरण में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो ऊष्मा के साथ-साथ प्रकाश भी उत्पन्न करता है।

प्रश्न 2.
बैटरी और सेल में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सेल में दो टर्मिनल होते हैं-ऋण टर्मिनल और धन टर्मिनल । इसमें टर्मिनल का संयोजन नहीं हो पाता है।

बैटरी कई सेलों को जोड़कर बनाया जाता है। एक सेल के ऋण टर्मिनल को दूसरे धन टर्मिनल से दूसरे के ऋण टर्मिनल को तीसरे के धन टर्मिनल से जोड़कर बनाया जाता है।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 10 विद्युत धारा और इसके प्रभाव 1

सेल से विद्युत धारा का प्रवाह कम और बैटरी से विद्युत धारा का प्रवाह अधिक होता है।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 10 विद्युत धारा और इसके प्रभाव

प्रश्न 3.
जब किसी सुई चुम्बक को B विद्युत धारा प्रवाहित तार के समीप लाने पर वह
उत्तर:
दक्षिण ही दिशा में विक्षेपित हो जाती है क्यों ?
उत्तर:
चुम्बकीय सुई पर विद्युत धारा का प्रभाव पड़ता है। इसका कारण है किसी तार में विद्युत धारा प्रवाह के कारण उसमें चुम्बकीय गुण आ जाता है। चुम्बक में दो ध्रुव-उत्तर और दक्षिण ध्रुव होता है और इसका गुण है कि हमेशा चुम्बक उत्तर और दक्षिण दिशा को सूचित करते हैं अत: चुम्बकीय सुई. उत्तर और दक्षिण दिशा में विक्षेपित होता है।

प्रश्न 4.
विद्युत चुम्बक का प्रयोग कचरे के ढेर से किस प्रकार की वस्तुओं को अलग करने के लिए किया जाता है।
उत्तर:
विद्युत चुम्बक का प्रयोग चुम्बकीय वस्तुओं को अलग करते हैं। इस तरह उपयोगी चुम्बकीय वस्तु को अलग कर कचरे को फेंक या जला देते

प्रश्न 5.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित सुरक्षा युक्ति ……………….. कहते हैं।
(ख) दो या दो से अधिक सेलों के संयोजन को ……………….. कहते
(ग) विद्युत सेल. के प्रतीक में लम्बी रेखा, उसके ……………….. टर्मिनल को निरूपित करती है।
(घ) जब किसी विद्युत हीटर के स्विच को ऑन किया जाता है तो उसकी ……………….. तप्त होकर लाल हो जाती है।
(ङ) बल्ब का ……………….. तप्त होकर प्रकाश देता है।
उत्तर:
(क) फ्यूज
(ख) बैटरी
(ग) ऋण टर्मिनल
(घ) एलिमेन्ट
(ङ) तन्तु।

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प्रश्न 6.
निम्नलिखित कथन सत्य/असत्य है –
(क) जब किसी फ्यूज से निश्चित सीमा से अधिक विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो वह पिघलकर टूट या जल जाता है। (सत्य/असत्य)
(ख) विद्युत चुम्बक चुम्बकीय पदार्थ को आकर्षित करते हैं। (सत्य/असत्य)
(ग) सुई चुम्बक विद्युत प्रवाहित तार के निकट लाने पर विक्षेपित नहीं होती। (सत्य/असत्य)
(घ) सी० एफ० एल० में अपेक्षाकृत कम विद्युत ऊर्जा खर्च होती है । (सत्य/असत्य)
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) सत्य
(ग) असत्य
(घ) सत्य ।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 10 विद्युत धारा और इसके प्रभाव

Bihar Board Class 7 Science विद्युत धारा और इसके प्रभाव Notes

किसी सेल को तार से जोड़कर बल्ब जलाया जाता है। बल्ब को जलाने के लिए जितने अवयवों का प्रयोग करते हैं, सभी का संयोजन ही परिपथ कहलाता है। विद्युत के अवयव विद्युत सेल, बल्ब स्वीच और बैटरी के। दो या दो से अधिक सेलों को बैटरी के संयोजन के बैटरी कहते हैं ।

बैटरी का उपयोग रेडियो, रिमोट, खिलौने आदि में प्रयोग करते हैं। सेल में दो टर्मिनल होते हैं। ऋण टर्मिनल और धन टर्मिनल ।

बैटरी का उपयोग रेडियो, रिमोट, खिलौने आदि में प्रयोग करते हैं। सेल में दो टर्मिनल होते हैं। ऋण टर्मिनल और धन टर्मिनल।

एक सेल के ऋण टर्मिनल दूसरे सेल के धन टर्मिनल से जोड़ते हैं तो बैटरी कहलाता है। ट्रकों, बसों या घरों में उपयोग की जाने वाली बड़ी-बड़ी बैटियाँ, सेलों के संयोजन से बनता है।

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जब सेल के दोनों टर्मिनल से चित्रानुसार उपकरण सजाते हैं और स्वीच को ऑन करते हैं तो बल्ब जल उठता है। स्वीच ऑन होने पर इसे बंद परिपथ और स्वीच ऑफ रहने पर खुला परिपथ कहते हैं। यदि बल्ब फ्यूज हो जाए तो बल्ब नहीं जलता है । बल्ब फ्यूज होने पर विद्युत धारा का प्रवाह रूक जाता है। जब बल्ब जलता है इसका मतलब विद्युत परिपथ में विद्युत धारा का प्रवाह हो रहा है। कुछ देर बाद हल्के हाथों से बल्ब को छूते हैं तो बल्ब गर्म रहता है। इसका अर्थ है विद्युत धारा ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित हुआ है। इस प्रकार ऊष्मीय ऊर्जा प्रदान करने वाले वस्तु विद्युत आयरन हीटर आदि जो विद्युत ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित करती है। जब विद्युत परिपथ में धारा का प्रवाह एकाएक बढ़ जाता है तो बल्ब फ्यूज कर जाते हैं।

बल्ब को फ्यूज होने से . बचाने के लिए परिपथ में एक फ्यूज लगाते हैं जो विशेष प्रकार की तार – (पतली) होती है। अधिक विद्युत धारा प्रवाहित होने पर यह गल जाती है और परिपथ में धारा का बहाव रूक जाता है, बल्ब फ्यूज होने से बच जाती है। फ्यूज एक सुरक्षा युक्ति है जो दुर्घटना से बचाता है। बड़े-बड़े विद्युत उपकरणों में इसका प्रयोग करते हैं।

आजकल फ्यूज की जगह विभिन्न क्षमता के एम० सी० बी० लगाए जाते हैं। ये अधिक सुरक्षित होते हैं। सॉर्ट सर्किट अथवा उच्च धारा के कारण अपने आप एम० सी० बी० नीचे गिर जाता है। बिजली ‘के बचाव के लिए CFL लैम्प इसका पुरा नाम कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेन्ट लैम्प कहते हैं। पुराने बल्बों में प्रकाश के साथ-साथ कुछ ऊष्मा भी निकलती है। प्रकाशीय यंत्र से ऊष्मा पैदा होना वांछनीय नहीं है और इससे ऊर्जा की खपत भी ज्यादा होती है। चुम्बक लोहे की बनी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। लोहे के टुकड़े को भी चुम्बक बनाया जा सकता है। जब किसी लोहे की छड़ पर तार की कुण्डली लपेटी जाती है और तार के दोनों छोड़ पर विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है और लोहे के छोटे-छोटे टुकड़े लोहे की छड़ के पास लाते हैं तो पाते हैं कि वह आकर्षित हो गया और विद्युत धारा बंद करने पर लोहे का टुकड़ा अलग हो जाता है। अतः विद्युत धारा के कारण लोहे का टुकड़ा चुंबक बन जाता है।

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कुण्डली के फेरों को बढ़ाकर एवं विद्युत धारा का परिमाप बढ़ाकर चुम्बकों को और प्रबल बनाया जा सकता है। चुम्बकीय सुई पर चुम्बक का प्रभाव पड़ता है। चुम्बकीय सुई पर विद्युत धारा का भी प्रभाव पड़ता है। हैंस क्रिश्चियन ने बताया कि जब किसी तार से विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो उसके पास रखे चुम्बक में विक्षेप होता है। यह विद्युत धारा का चुम्बकीय ‘प्रभाव है।

विद्युत घंटी में विद्युत चुम्बक लगी होती है। इसमें लोहे टुकड़े पर ताँबे की विद्युतरोधी लगे तार की कुण्डली लपेटी रहती है। विद्युत चुम्बक के निकट लोहे की पत्ती लगी रहती है जिसके एक सिरे से हथौड़ा जुड़ा रहता है लोहे की पत्ती के समीप एक सम्पर्क पेंच होता है। जब लोहे की पत्ती इस पेंच के सम्पर्क में आती है तो परिपथ पूरा हो जाता है और कुण्डली में विद्युत धारा प्रवाहित होती है। लोहे का टुकड़ा विद्युत चुम्बक बन जाता है। तब लोहे की पत्ती को अपनी ओर खींचती है। हथौडा घंटी से टकराता है और ध्वनि उत्पन्न करता है।

आजकल इलेक्ट्रॉनिक घंटियों का प्रयोग किया जाने लगा है।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 2 राज्य सरकार

Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 2 Chapter 2 राज्य सरकार Text Book Questions and Answers, Notes.

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Bihar Board Class 7 Social Science राज्य सरकार Text Book Questions and Answers

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्नों के उत्तर दें –

प्रश्न 1.
अपने आस-पास सरकार द्वारा किये जाने वाले कार्यों की एक सूची बनाएँ।
उत्तर-
हमारे आस-पास सरकार द्वारा अनेकों कार्य किए गए हैं जेसे-जगह-जगह चापाकल लगवाएँ गए जिससे लोगों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े। सड़क के किनारे पेड़ लगाए गए जिससे लोगों को छाँव के साथ ही शुद्ध वायु भी मिले। सड़कें बनवाई गयीं । सड़कें के किनारे बहने वालों नलियों पर ढक्कन लगवाएँ गए, जिससे वातावरण दूषित न हो।

प्रश्न 2.
शिक्षक की सहायता से अपने जिले के मानचित्र में अपने विधान सभा क्षेत्र को दर्शाएँ एवं ‘उम्मीदवार’ व ‘पार्टी’ का अर्थ समझाएँ।
उत्तर-
छात्र इसे स्वयं करें।

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प्रश्न 3.
चुनाव प्रचार क्यों किया जाता है? चर्चा करें।
उत्तर-
चुनाव प्रचार द्वारा उम्मीदवारों का प्रचार होता है। यह प्रचार हर । गाँव, कस्बा आदि में किया जाता है। इस प्रचार के जरिए सभी पार्टी अपने-अपने विचारों को लोगों तक पहुँचाती है और अपने उम्मीदवारों के लिए वोट माँगती है। चुनाव प्रचार के दौरान सभी पार्टियों के द्वारा अपने-अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए ढेर सारे वादे किए जाते हैं।

प्रश्न 4.
अलग-अलग उम्मीदवार क्यों होते हैं ? इससे क्या फायदा होता है ?
उत्तर-
अलग-अलग उम्मीदवार इसलिए होते हैं, ताकि मतदाता के सामने अपने मतदान के लिए अनेक विकल्प मौजूद हों और एक ही उम्मीदवार को अपना मत देना उनकी मजबूरी नहीं होती। वे अपने पसंद के उम्मीदवार को मत दे सकते हैं। अलग-अलग उम्मीदवार के होने से जनता अपने पसंद के उम्मीदवार को अपना मत देगी और जिस उम्मीदवार को सबसे अधिक मत प्राप्त होगा, वही जनता का प्रतिनिधि चुना जाएगा। इससे यह भी पता चलेगा कि जनता किस उम्मीदवार पर सबसे अधिक भरोमा करती है।

प्रश्न 5.
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के द्वारा मत कैसे दिया जाता है?
उत्तर-
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन एक आयताकार मशीन होती है। जिसमें एक तरफ सभी पार्टियों के चुनाव चिह्न अंकित रहते हैं। सभी चनाव चिह्नों के बगल में एक बटन लगा होता है। मतदाता को जिस पार्टी को वोट करना होता है वह उस पार्टी के चुनाव चिह्न के सामने वाली बटन को दबा देता है। उस बटन को दबाते ही पों की आवाज आती है और हमारा मतदान हो जाता है।

प्रश्न 6.
आप अपने क्षेत्र के वर्तमान एवं पर्व विधायक के नाम बताएँ।
उत्तर-
छात्र इसे स्वयं करें।

प्रश्न 7.
चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से समाहित तक पूरी प्रक्रिया को विद्यालय में टोली बनाकर नाटक के रूप में प्रस्तुत करें।
उत्तर-
छात्र इसे स्वयं करें।

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प्रश्न 8.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 68 सदस्य है। किसी भी दल या गठबंधन को बहुमत प्राप्त करने के लिए कितने सदस्यों की – आवश्यकता होगी?
उत्तर-
हिमाचल प्रदेश विधान सभा में 68 सदस्य हैं, तो यहाँ किसी भी दल या गठबंधन को बहुमत प्राप्त करने 35 सदस्यों की आवश्यकता होगी क्योंकि बहुमत प्राप्त करने के लिए किसी पार्टी के पास विधान सभा सदस्यों की आधी संख्या से एक अधिक होनी चाहिए। यह संख्या अधिक की भी हो सकती है।

प्रश्न 9.
किस दल या गठबंधन की सरकार बनेगी यह तय करने के लिए – बहुमत के नियम से क्यों चलना चाहिए? चर्चा करें।
उत्तर-
किस दल या गठबंधन को सरकार बनेगी यह पता तय करने के लिए बहुमत के नियम से चलनी चहिए क्योंकि सरकार तो उसी दल की बननी चाहिए जिन्हें ज्यादा से ज्यादा लोग चाहते हों। किस पार्टी को लोग ज्यादा पसंद करते हैं, इसे तय करने के लिए पार्टी के हिसाब से सूची बनाई जाती है।

जिस दल के पास आधे से अधिक विधायक होते हैं, इससे पता चलता है कि उस दल को लोग ज्यादा चाहते हैं पर कई बार ऐसा होता है कि किसी दल के पास विधायक तो अधिक होते हैं, पर आधे से अधिक नहीं । यानी बाकी दलों की तुलना में उनके पास बहुमत नहीं होता और ऐसी स्थिति में गठबंधन वाली सरकार बनती है।

प्रश्न 10.
क्या कुछ ऐसे उदाहरण दे सकते हैं जहाँ आपको लगता है कि बहुमत दो अनुसार निर्णय होना चाहिए? चर्चा करें।
उत्तर-
बहुमत के अनुसार निर्णय होना चाहिए-इसके लिए तो लोकतंत्र में उदाहरण भरे पड़े हैं । सर्वप्रथम तो विधायक का चुनाव ही ऐसा उदाहरण ‘है, जिसका निर्वाचन बहुमत से होता है । इसके बाद बहुमत के आधार पर मुख्यमंत्री का चुनाव होता है । विधान सभा में जितने कार्य होते हैं, वे सभी बहुमत से ही निर्णय होता है । इस प्रकार स्पष्ट है कि हमें लगता है कि व्यवस्थापिका में सभी कार्य बहुमत के अनुसार ही होना चाहिए

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प्रश्न 11.
अपने शिक्षक की सहायता से बिहार विधान सभा चुनाव के वर्ष 2010 में विभिन्न राजनीतिक दल के परिणाम की जानकारी प्राप्त कर तालिका के रूप में दर्शाइए
उत्तर-
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प्रश्न 12.
अगर आप विधायक होते तो अपने क्षेत्र की कौन-सी समस्या उठाते और क्यों?
उत्तर-
अगर मैं विधायक होती तो अपने क्षेत्र की पेयजल संकट, बेरोजगारी, बिजली, सड़क आदि की समस्या को उठाती। इसी के साथ अपहरण भी एक प्रमुख समस्या है। पेयजल की संकट की वजह से लोगों को दूषित पानी पीने को मजबूर होना पड़ता है। जिसकी वजह से उन्हें कितनी बीमारियों का शिकार होना पड़ता है, जिसमें सबसे प्रमुख हैं पेट की बीमारियाँ ।

बेरोजगारी भी हमारे क्षेत्र की प्रमुख समस्या है, लोगों को रोजगार नहीं मिल पाता, जिससे उनके और उनके परिवार के सामने भूखों मरने की नौबत आ जाती हैं। बेरोजगारी की वजह से कितने लोग आत्महत्या करने की कोशिश भी करते हैं। बिजली भी हमारे क्षेत्र की प्रमुख समस्या है।

बिजली की कमी की वजह से कितने कल-कारखाने अपने सही समय पर काम शुरू नहीं कर पाते हैं। इससे लोगों की दिनचर्या भी प्रभवित होती है। बिजली हमारे जीवन की आधारभूत संरचना है। सड़कों का सही होना भी आवश्यक होता है। सड़कें टूटी हुई हो तो अपने गन्तव्य स्थान पहुंचने में लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

जिसकी वजह से वह कभी-कभी अपने किसी आवश्यक काम के लिए भी देर से पहुंचते हैं और उनका बहुत नुकसान हो जाता है। हमारे बोझ में अपहरण भी एक मुख्य समस्या है। सबसे ज्यादा अपहरण स्कूली बच्चों का होता है। अपहरण के बाद उनके माता-पिता से

उनकी रिहाई के बदले मोटी रकम की मांग की जाती है और रकम न मिलने पर उन्हें मार दिया जाता है।

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प्रश्न 13.
आपकी नजर में एक विधायक और उस विधायक में, जो मंत्री भी हैं क्या अंतर हैं?
उत्तर-
एक विधायक जो सिर्फ विधायक है मंत्री नहीं वह सिर्फ जनता की परेशानियों को सरकार के आगे रख सकता है। संबंधित विषय पर प्रश्न पूछ सकता है और अपने सुझाव भी दे सकते हैं। किसी भी चीज की परेशानी के लिए या किसी खास विषय पर ध्यान न देने की वजह से अगर उसके क्षेत्र की जनता को परेशानियाँ हो रही हैं तो वह उस विभाग से संबंधित मंत्री से इसकी वजह पूछ सकती है और वह विधायक जो मंत्री भी है वह सदन में विधेयक पास करवा सकता है तथा अनुकूल कार्यवाही न होने पर कोई कड़ा रूख भी अपना सकता है।

प्रश्न 14.
विधान सभा में बहस करने की आवश्यकता क्यों हैं?
उत्तर-
विधान सभा में विधायक और मंत्री के बीच में बहस होती है। विधायक अपने क्षेत्र की जनता की परेशानियों को सरकार के सामने रखता है और संबंधित प्रश्न पूछता है और जिस विषय से संबंधित प्रश्न वह पूछता है उस विभाग के मंत्री उसका जवाब देते हैं। इससे हर क्षेत्र से जुड़ी परेशानियाँ सामने आती हैं। यहाँ मंत्री और विधायकों के बीच बहस होती है। विधायकों द्वारा प्रश्न पूछने पर मंत्री उन्हें बनाते हैं कि काम हो रहा और उन्हें और सदन को आश्वस्त करते हैं कि इस क्षेत्र में और भी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। इसी तरह बहस होती है और कई समस्याओं का हल निकलता है। ।

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अपने शिक्षक को सहायता से पता लगाइये कि निम्नांकित सरकारी विभाग क्या काम करते हैं और उन्हें तालिका में दिये गये रिक्त स्थानों में भरिए।
उत्तर-
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प्रश्न 2.
निर्वाचन क्षेत्र व प्रतिनिधि शब्दों का प्रयोग करते हुए स्पष्ट कीजिए की विधायक कौन होता है और उनका चनाव किस प्रकार होता है?
उत्तर-
निर्वाचन क्षेत्र से कई अलग-अलग प्रतिनिधि चुनाव लड़ने के लिए खड़े होते हैं और जनता से अधिक से अधिक वोट की उम्मीद करते हैं और जनता जिस उम्मीदवार को सबसे अधिक पसंद करती है उन्हें सबसे अधिक. वोट देते हैं और जिस उम्मीदवार को सबसे अधिक वोट मिलता है वह विजयी घोषित किया है, फिर उसे जनता का प्रतिनिधि बनाकर संसद में भेजते हैं और जो प्रतिनिधि आपस में मिलकर सरकार बनाते हैं, उसे विधायक कहते हैं।

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प्रश्न 3.
विधान सभा सदस्य द्वारा विधायिका में किए गए कार्यों और शासकीय विभागों द्वारा किए गए कार्यों के बीच क्या अन्तर है?
उत्तर-
विधान सभा में बहस कुछ अर्थों में उपयोगी होती है क्योंकि अगर बहस नहीं होगी तो कोई पक्ष अपनी बात सामने कैसे रखेगा। जब कोई विधायक अपनी बात पूछता है तो उस विभाग के मंत्री उसका जवाब देते हैं। उन दोनों के बीच बहस होती है और उस समस्या का समाधान होता है । बहस से हर किसी को उसका हक मिलता है।

प्रश्न 4.
आपके विचार में क्या विधान सभा में बहस कछ अर्थों में उपयोगी रही? कैसे । चर्चा कीजिए।
उत्तर-
विधान सभा सदस्य द्वारा विधायिका में किए गए कार्यों और शासकीय विभागों द्वारा किए गए कार्यों के बीच अंतर विधान सभा सदस्य के द्वारा जो काम किए जाते हैं, वो जनता के हित में होते हैं उनमें जनता की भलाई होती है। जनता को जिस भी क्षेत्र में कोई परेशानी होती है, उस विभाग के मंत्री द्वारा उस परेशानी को दूर करने की कोशिश की जाती है और उस परेशानी के दुर होने पर उसकी वजह तलाशी जाती है और फिर उस पर कड़ी कार्यवाही की जाती है।

Bihar Board Class 7 Social Science राज्य सरकार Notes

पाठ का सार संक्षेप

पिछले कक्षा में हमने सरकार के तीन स्तरों स्थानीय, राज्य और केन्द्र के बारे में जाना । पिछली कक्षा में हमने स्थानीय स्तर के बारे में विस्तार से जाना था और इस कंक्षा में हमलोग राज्य स्तर के बारे में विस्तार से जानेगें। राज्य स्तर पर सरकार किस प्रकार से कार्य करती है, विधायक कौन होता है, विधान सभा के सदस्यां और मंत्रियों की क्या भूमिका होती है और सरकार के सामने जनता अपनी लात कैसे रखती है।

विधायक का चुनाव – भारत के सभी राज्यों में एक विधान सभा है। इसके सदस्यों को विधायक (एम. एल. ए.) कहते हैं। प्रत्येक राज्य भी कई विधान सभा क्षेत्रों में बंटा होता है। एक क्षेत्र से कई चुनाव लड़ते हैं और अपनी किस्मत आजमाते हैं। ये सभी लोग उम्मीदवार कहलाते हैं। ये उम्मीदवार लोग अलग-अलग पार्टियों से खड़े होते हैं, जैसे कोई कांग्रेस पार्टी से, कोई भा.ज.पा. से, कोई राजन्द० से तो कोई जन्दव्यू. या लोज-पा० से । कुछ लोग निर्दलीय भी होते हैं, जो किसी पार्टी से नहीं बल्कि अपने दम पर चुनाव लड़ते

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हैं। सभी उम्मीदवार पहले नामांकन पत्र भरते हैं। फिर अपने प्रचार के लिए विधान सभा क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर अपनी-अपनी पार्टी के नेताओं का कार्यक्रम आयोजित करवाते हैं। इस तरह से अपनी-अपनी पार्टी के विचारों को जनता के बीच पहुँचाया जाता है और अपने उम्मीदवारों के लिए वोट मांगे जाते हैं।

फिर चुनाव का दिन आता है। लोग सुबह से मतदान के लिए लम्बी-लम्बी कतारों में खड़े रहते हैं और अपनी बारी आने पर अपने पसंद के उम्मीदवार को जीताने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीन द्वारा अपना मत देते हैं। शाम 5 बजे तक मतदान का कार्य होता है। उसके बाद फिर वोटों की गिनती का दिन आता है और गिनती समाप्त होने पर सभी उम्मीदवारों में से जिस उम्मीदवार को सबसे अधिक मत मिलता है, उन्हें जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा विजयी घोषित किया जाता है और चनाव जीतने वाला उम्मीदवार विधायक बन जाता है। ये पाँच वर्षों के लिए निर्वाचित किए जाते हैं।

सरकार की कार्यप्रणाली सरकार में शामिल लोग जैसे मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री इत्यादि । इन सभी लोगों की समस्याओं पर कार्यवाई करनी होती है। इन मंत्रियों को विधान सभा में उठाए गए सवालों का जवाब देकर होता है और प्रश्नकर्ता को आश्वस्त करना होता है। इन विभागों द्वारा जो भी कार्य किया जाता है, उसका बजट सदन द्वारा स्वीकृत करवाया जाता है और उसके बाद उस योजना की । पूर्ति के लिए बजट में धन का प्रावधान कर अनुमोदन लिया जाता है।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 9 गंदे जल का निपटान

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 9 गंदे जल का निपटान Text Book Questions and Answers, Notes.

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अभ्यास

A. सही विकल्प चुनें –

प्रश्न 1.
अपशिष्ट जल है-
(i) पीने योग्य
(ii) स्नान योग्य
(iii) दुषित जल
(iv) भोजन बनाने योग्य
उत्तर:
(iii) दुषित जल

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प्रश्न 2.
विश्व जल दिवस मनाया जाता है –
(i) 22 जनवरी को
(ii) 22 फरवरी को
(iii) 22 मार्च को
(iv) 22 अप्रैल को
उत्तर:
(iii) 22 मार्च को

प्रश्न 3.
दूषित जल से होने वाली बिमारी नहीं है-
(i) पेचिस
(ii) पीलिया
(iii) खुजली
(iv) कैंसर
उत्तर:
(iv) कैंसर

प्रश्न 4.
पीलिया रोग का कारण है –
(i) दूषित जल का व्यवहार
(ii) गंदे कपड़ा पहनना
(iii) गरिष्ठ भोजन करना
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(i) दूषित जल का व्यवहार

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प्रश्न 5.
चापाकल या कुएँ के पास जल जमाव से पेयजल होता है-
(i) स्वच्छ
(ii) दूषित
(iii) स्वच्छ एवं दृषित
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ii) दूषित

B. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें –

  1. हैजा एक ……………. जनित बीमारी है।
  2. बायोगैस का उपयोग ……………. के स्रोत के रूप में किया जाता है।
  3. वाहित मल घर, स्कूल, होटल, अस्पताल आदि से उपयोग के बाद बहने वाला ……………. जल होता है।
  4. वाहित मल एक जटिल मिश्रण है जिसमें निलोबत ठोस, मतजीवी और रोगवाहक जीवाणु कार्बनिक और ……………. अशुद्धियाँ पाई जाती हैं।
  5. पाँच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण है …………. वीमारियाँ।

उत्तर:

  1. जल
  2. ऊर्जा
  3. अपशिष्ट
  4. अकार्बनिक,
  5. जल जनित।

C. सही वक्तव्य के सामने सही (✓) एवं गलत उत्तर के सामने गलत (✗) का चिह्न लगावें।

  1. संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2005-15 की अवधि को “जीवन के लिए जल” पर कार्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय दशक के रूप में घोषित किया है। (✓)
  2. हैजा और. टायफाइड वायरस के कारण होने वाले गंग हैं। (✗)
  3. जल जनित रोगों के प्रमुख कारण दषित जल है। (✓)
  4. वायो गैस संयंत्र मानव मल निबटान को वैकल्पिक व्यवस्था है। (✓)
  5. कचरा प्रबंधन हेतु प्रत्येक व्यक्ति को एक जागरूक नागरिक की भूमिका निभानी चाहिए। (✓)

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 9 गंदे जल का निपटान

D. निम्न प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दें –

प्रश्न 1.
अपशिष्ट जल से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
वैसे जल जो प्रयोग करने के बाद जल जैसे झाग, तेल मिश्रित,अस्पतालों और उद्योगों से निकले काले, भरे रंग का जल जो नालियों में जाता है ‘अपशिष्ट’ जल कहते हैं।

प्रश्न 2.
वाहित पल क्या है ? उनमें कौन-कौन सी अशुद्धियाँ होती है ?
उत्तर:
वाहित मल घरों, स्कूलों, होटलों, अस्पतालों, उद्योगों और कार्यालय में उपयोग करने के बाद वाहित अपशिष्ट जल है। इसमें द्रवरूपी अवशिष्ट होता है जिसमें घुले हुए और निलंबित अपद्रव्य होते हैं।

प्रश्न 3.
जल जनित बीमारी क्या है ? इनसे होनेवाली किन्हीं तीन बीमारी के नाम एवं उनके लक्षण बताएँ।
उत्तर:
दूषित जल के सेवन से उत्पन्न रोग जनजनित बीमारी कहते हैं। पेचिश, पीलिया और हैजा जो दूषित जल के सेवन से होता है। पेचिश के लक्षण बार-बार दस्त होना, पेट में मरोड़ के साथ दस्त होना । पीलिया रोग में आँख, नाखुन एवं पेशाब का पीला हो जाना, भूख कम लगना । हैजा के लक्षण-अधिक और लगातार के दस्त हाना!

प्रश्न 4.
बायोगैस क्या है ? इसके क्या लाभ हैं?
उत्तर:
जानवरों, जीव-जन्तुओं के अवशिष्ट पदार्थ बायो संयंत्र में इकट्ठा होकर गैल बनाता है जिसे बायो गैस कहते हैं। बायो गैस ईंधन का काम करता है इससे खाना पका सकते हैं घरों और सड़कों पर लाइट जला सकते हैं और गैस उपयोग करने के बाद बचे अवशिष्ट पदार्थ खाद के रूप में उपयोग किए जाते हैं।

प्रश्न 5.
एक जागरूक नागरिक के रूप में हम कचरा एवं गंदे जल के प्रबंधन में क्या योगदान दे सकते हैं।
उत्तर:
यदि किसी व्यक्ति के घर से वाहित जल या आसपास कडा-कर्कट फेंके तो इसके लिए कार्यालय में निवेदन करना चाहिए। उसे समझाना चाहिए। किसी सार्वजनिक स्थान का सफाई-सुथरा करने में सहयोग करना चाहिए। कचरा हमेशा कूड़ेदान में फेंकना चाहिए। इस प्रकार हम योगदान कर सकते हैं।

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 9 गंदे जल का निपटान

Bihar Board Class 7 Science गंदे जल का निपटान Notes

गंदै जल नालियों में बहता है, जिसमें झाग, तंल मिश्रित, काले, भरे रंग का जल जा शौचालय, दुकान, होटल और रमाईधर आदि स नालियों में जाता है जिसे “अपशिष्ट जल” कहते हैं। वाहित मल, घरों, स्कूलों, होटलों, अस्पतालों, उद्योगों आदि जगहों में उपयोग के बाद वाहित अपशिष्ट जल होता है। वाहित मल द्रवरूपी अपशिष्ट होता है । इसमें अधिकांश जल होता है और घुले हुए निलंबित अपद्रव्य होते हैं। ऐसे अपद्रव्य संदृषक कहलाते हैं। वाहित मल एक जटिल मिश्रण होता है जिसमें निलंबित ठोस कार्बनिक और अकार्बनिक अशुद्धियाँ, पापक तत्व, मृतजीवी और रोगवाहक जीवाणु तथा अन्य सूक्ष्म जीव होते हैं। कार्बनिक अशुद्धियाँ मानव मल, मूत्र, जैविक अशिष्ट, तेल, फल और सब्जी का कचरा आदि। अकार्बनिक अशद्धियाँ नाइट्रेट, फॉस्फेट धातुएँ आदि । हैजा और टायफॉयड़ आदि रोग उत्पन्न करने वाले जीवाणु । पेचिश रोग उत्पन्न करने वाले सूक्ष्मजीव रहते हैं। सोख्ता गड्ढे का प्रयोग करना चाहिए। दूषित जल से कई तरह के रोग उत्पन्न होते हैं। उनका रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए। एक तालिका बनाते हैं।

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Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 9 गंदे जल का निपटान

मानव मल निपटान के लिए वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए। आज सैप्टिक टैंक, सूखा मोबाइल शौचालय का निर्माण किया जाता है। गंदे जल से निपटान के लिए भी शहरों में व्यवस्था की जाती है। शहरों में तीन प्रकार का नाला, पक्का नाला कच्चा नाला और भूगर्भ नाला । प्रदेश के सभी शहरी क्षेत्रों में भूगर्भ नालो. के साथ वाहित मल उपचार संयंत्र स्थापित करना चाहिए ताकि शहरी क्षेत्र गंदे जल से मुक्त हो सके और गंदे जल का निकास सीधा नदी में न हो। क्योंकि कई तरह की बीमारियाँ तथा जलीय जीव-जन्तुओं का नुकसान होता है। गाँवों में भी गंदे जल का निपटान के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए। मानव मल से उन्नत खाद ‘बनाया जा सकता है। वायो संयंत्रों का उपयोग कर ऊर्जा की प्राप्ति की जाती है। नागरिकों को जागरूक होना चाहिए। सार्वजनिक स्थानों को सफाई करनी चाहिए।

Bihar Board Class 7 Social Science Geography Solutions Chapter 13 मौसम सम्बन्धी उपकरण

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Bihar Board Class 7 Social Science मौसम सम्बन्धी उपकरण Text Book Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें :

प्रश्न 1.
दैनिक तापमान से क्या समझते हैं ?
उत्तर-
दिन-प्रतिदिन के अधिकतम और न्यूनतम तापमान को दैनिक तापमान कहते हैं।

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प्रश्न 2.
सोचकर बताइए कि किसी जगह पर दिन भर के तापमान में भिन्नता क्यों होती है ?
उत्तर-
किसी जगह पर दिन भर के तापमान में भिन्नता के कारण हैं सूर्य से मिलने वाला ताप । प्रात:काल में तापमान कम रहता है । जैसे-जैसे दिन चढ़ता जाता है वैसे-वैसे तापमान बढ़ता जाता है । 2 बजे दिन में तापमान सर्वाधिक होता है । अब जैसे-जैसे सूर्य पश्चिम की ओर ढलते जाता है, वैसे-वैसे तापमान भी कमता जाता है। संध्या में वह सर्वाधिक कम हो जाता है । फिर जैसे-जैसे रात बीतती जाती है वैसे-वैसे तापमान कम होते जाता है। इस प्रकार सुबह चार बजे का तापमान न्यूनतम हो जाता है ।

प्रश्न 3.
अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्या होता है ? किसी अखबार में देखकर आज का अधिकतम और न्यूनतम तापमान लिखिए।
उत्तर-
किसी दिन के 24 घंटे के तापमान में जो आंकड़ा अधिकतम बताता है और जो आंकड़ा न्यूनतम बताता है वही उस दिन का अधिकतम और न्यूनतम तापमान होता है ।

आज बिहार के विभिन्न शहरों का तापमान निम्नलिखित रहा :

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प्रश्न 4.
मौसम संबंधी उपकरणों के नाम लिखिए तथा बताइए कि वे किस-किस काम आते हैं ?
उत्तर-
मौसम संबंधी उपकरणों के नाम निम्नलिखित हैं:

  1. थर्मामीटर
  2. विंडबेन तथा
  3. रेनगंज ।

1. थर्मामीटर – से अधिकतम और न्यूनतम तापमान मापा जाता है।
2. विंडबेन – से हवा की दिशा ज्ञात की जाती है ।
3. रेनगेज – से वर्षा की मात्रा मापी जाती है ।

Bihar Board Class 7 Social Science Geography Solutions Chapter 13 मौसम सम्बन्धी उपकरण

प्रश्न 5.
मौसम केन्द्र पर दैनिक तापमान कैसे मापते हैं ? लिखिए।
उत्तर-
मौसम केन्द्र पर दैनिक तापमान मापने के लिए तापमापी अर्थात् थर्मामीटर नामक एक उपकरण रहता है । इस उपकरण को काँच की नली से बनाया जाता है । इसका आकार अंग्रेजी के U अक्षर जैसा होता है । न्यूनतम ताप नली से लगी काँच की एक और धुंडी होती है, जिसमें पारा भरा रहता है। अधिकतम ताप वाली नली में अल्कोहल भरा होता है । जैसे-जैसे तापमान – बढ़ता है, वैसे-वैसे पारा फैलता है और अधिकतम तापवाली नली का अल्कोहल ऊपर चढ़ता है ।

स्केल को देख कर पता करते हैं कि अभी का अधिकतम तापमान क्या है । तब ताप के बाद चुम्बक से पारा को नीचे कर लिया जाता है । फिर पारा ऊपर चढने लगता हैं न्यूनतम तापमान पर रूक जाता है । दिन विशेष का अधिकतम और न्यूनतम तापमान नोट कर लिया जाता है और रेकॉर्ड बुक में चढ़ा लिया जाता है । यह क्रिया प्रतिदिन दी जाती है।

प्रश्न 6.
हवा की दिशा किस उपकरण से पता की जाती है । चित्र बनाकर नाम लिखिए।
उत्तर-
हवा की दिशा ‘विंडवेन’ नामक उपकरण से पता की जाती है।

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प्रश्न 7.
वर्षा मापक यंत्र का चित्र बनाइए ।
उत्तर-
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प्रश्न 8.
आपके यहाँ मौसम सम्बन्धी आँकड़े कहाँ एकत्र किये जाते हैं ? पता कर के लिखिए। .
उत्तर-
हमारे राज्य बिहार में पटना अवस्थित वेधशाला में मौसम सम्बन्धी । आँकड़े एकत्र किये जाते हैं ।

(ख) मिलान कीजिए:

  1. रेनगेज – तापमान
  2. विंडवेन – वर्षा की मात्रा
  3. थर्मामीटर – पवन की दिशा

उत्तर-

  1. रेनगेज – वर्षा की मात्रा
  2. विंडवेन – पवन की दिशा
  3. थर्मामीटर – तापमान

(ग) खाली जगहों को भरिए :

  1. दैनिक तापमान …………………. में मापते हैं ।
  2. शरीर का तापमान …………………. में मापते हैं।
  3. तापमान की मानक इकाई …………
  4. वायुदिशा दर्शक में तीर की पूँछ……………………. की दिशा में हो जाती है।
  5. वर्षा की मात्रा ………………………. से मापते हैं ।

उत्तर-

  1. सेल्सियस पैमाने
  2. फारेनहाइट पैमाने
  3. सेल्सियस
  4. वायु चलने
  5. रेनगेज ।

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क्रियाशीलन 

पवन दिशा दर्शक बनाइए एवं उन तरीकों की सची बनाकर कक्षा में प्रकाशित कीजिए जिनसे हम हवा की दिशा का अनुमान लगा सकते
संकेत : छात्र स्वयं करें ।

Bihar Board Class 7 Social Science मौसम सम्बन्धी उपकरण Notes

पाठ का सार संक्षेप

स्थान-स्थान का तापमान अलग-अलग होता है । दिन में तापमान अधि क रहता है, जबकि रात में तापमान कम रहता है। . तापमान मापने वाले यंत्र को थर्मामीटर कहते हैं । यह दो तरह का होता है। एक फारेनहाइट पैमाने का और दूसरा सेल्सियस पैमाने का । फारेनहाइट पैमाने के थर्मामीटर को डॉक्टरी थर्मामीटर कहते हैं । इससे किसी व्यक्ति का बुखार मापा जाता है । सेल्सियस पैमाने के थर्मामीटर को प्रयोगशाला या वेध शाला थर्मामीटर कहते हैं । इससे दिन और रात का तापमान मापा जाता है। यह प्रायः प्रयोगशालाओं या वेधशालाओं में रहता है । यहीं से अख पर काले अधिकतम और न्यूनतम तापमान की जानकारी प्राप्त कर अखबारों में छापते हैं । डाक्टरी थर्मामीटर में केवल पारा भरा रहता है, जबकि प्रयोगशाला

थर्मामीटर में पारा के साथ अल्कोहल भी भरा होता है। दोनों ही थर्मामीटर U आकार का होता है । . वायु की दिशा क्या है इसे भी जानने का एक उपकरण है। यह एक । छड़ के सहारे छत के काफी ऊपर तक रखा जाता है । एक छड़ के एक ओर तीर तथा दूसरी ओर मछली की पूँछ के आकार का चपटा उपकरण लगा रहता है । जब हवा चलती है तो यह चपटा उपकरण घूम जाता है । तीर की दिशा देखकर पता कर लेते हैं कि किस दिशा में हवा बह रही है।

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वेधशाला में वर्षा मापने का भी यंत्र होता है । बोतल में एक कीप लगा होता है, जिससे होकर वर्षा जल बोतल में एकत्र होता है । बोतल में सेंटीमीटर का निशान बना होता है। उसी को देखकर पता कर लिया जाता है कि कितना सेंटीमीटर वर्षा हुआ है ।

Bihar Board Class 7 Social Science Geography Solutions Chapter 12 मौसम और जलवायु

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Bihar Board Class 7 Social Science मौसम और जलवायु Text Book Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें:

प्रश्न (i)
मौसम के अन्तर्गत किन-किन तत्वों का अवलोकन किया जाता है?
उत्तर-
मौसम के अन्तर्गत निम्नलिखित तत्वों का अवलोकन किया जाता है :

  1. तापमान
  2. वर्षा
  3. आर्द्रता
  4. वायु का वेग

यदि एक वाक्य में कहें तो हम कह सकते हैं कि “किसी निश्चित स्थान पर निश्चित समय में वायुमंडल की तत्कालीन दशा को मौसम कहते हैं।”

प्रश्न (ii)
जलवायु को परिभाषित करें। इसका निर्धारण कैसे होता है ?
उत्तर-
किसी क्षेत्र विशेष में लम्बे समय तक मौसम की औसत दशा को – जलवायु कहते हैं।” मौसम का निर्धारण करने के लिए एक लम्बे समय (सामान्यत: 33 वर्ष) तक वहाँ के तापमान की स्थिति, वर्षा की मात्रा, पवन की दिशा अदि का आंकड़ा एकत्र कर समय से भाग देकर उसका औसत निकाला जाता है।

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प्रश्न (iii)
जलवायु को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक हैं
उत्तर-
जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं:

  1. अक्षांश
  2. समुद्र तट से दूरी
  3. पर्वत की दिशा और अवरोध
  4. समुद्री धाराओं की दिशा
  5. पवन की दिशा
  6. समुद्र तल से ऊँचाई तथा
  7. तापमान।

प्रश्न (iv)
पृथ्वी पर विभिन्न स्थानों का तापमान अलग-अलग क्यों होता है?
उत्तर-
किसी भी स्थान का तापमान का आधार वहाँ प्राप्त होने वाली सूर्य की किरणें हैं । जहाँ सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं वहाँ का तापमान अधि’ क होता है। जहाँ-जहाँ सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं, वहाँ-वहाँ का तापमान कम होते जाता है। अतः स्पष्ट है कि सूर्य की किरणों की कमी-बेसी तथा सीधी-तिरछी पड़ने के कारण पृथ्वी पर विभिन्न स्थानों का तापमान अलग-अलग होता है।

प्रश्न (v)
“तापमान का प्रभाव मौसम पर पड़ता है ।” उचित उदाहरण सहित पुष्टि कीजिए।
उत्तर-
ऐसे तो मौसम को प्रभावित करने वाले अनेक कारक हैं लेकिन उन सभी कारकों में प्रमुख कारक तापमान है । तापमान को बढ़ाने या घटाने में प्रमुख भूमिका सौर ऊर्जा की होती है । कारण कि मुख्य रूप से सौर-ऊर्जा जिन स्थानों पर अधिक मिलती है, वहाँ का वातावरण गर्म हो जाता है । जहाँ

पर सौर ऊर्जा कम मिलती है वहाँ का वातावरण ठंडा हो जाता है । गर्म और ठंडा, वातावरण से वहाँ का मौसम प्रभावित होता है।

प्रश्न (vi)
पृथ्वी पर कितने ताप कटिबंध हैं ? इसका क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
पृथ्वी पर कुल पाँच ताप कटिबंध हैं । विषुवत रेखा के दोनों तरफ ऊष्णकटिबंध हैं। यहाँ पर सूर्य की सीधी किरणें पड़ती हैं । इससे उस रेखा के दोनों ओर का क्षेत्र उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में आता है । इसके उत्तर में उत्तरी समशीतोष्ण कटिबंध है । इसे 239 डिग्री कर्क वृत्त के नाम से भी जाना जाता है । इसके उत्तर में उत्तर शीत कटिबंध है । इसे 66/2 डिग्री उत्तर ध्रुववृन के नाम से जानते हैं। विषुवत रेखा के दक्षिण में दक्षिण समशीतोष्ण कटिबंध है ।

इसे 2314 डिग्री मकर वृत्त कहते हैं। इसके दक्षिण में दक्षिण शीतकटिबंध है । इसे 66% डिग्री दक्षिण ध्रुव वृत्त कहते हैं। इन कटिबंधों का महत्त्व है कि विषुवत रेखा के उत्तर-दक्षिण उष्ण कटिबंध के पास तापमान अधिक रहता है । समशीतोष्ण कटिबंधों के आसपास तापमान सामान्य रहता है । उत्तर-दक्षिण शीत कटिबंधों के पास बर्फ जमी रहती है।

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प्रश्न (vii)
वायु में गति के क्या कारण हैं ?
उत्तर-
पृथ्वी पर जहाँ कहीं तापमान अधिक हो जाता है वहाँ की हवा गर्म होकर ऊपर चली जाती है । इससे वहाँ निम्न दाब का क्षेत्र बन जाता है । इस निम्न दाब को भरने के लिए उच्च दाब के क्षेत्र से हवा चल देती है। जिस चाल से हवा चलती है उसे वायु की गति कहते हैं । वायु की गति के ये ही कारण हैं।

प्रश्न (viii)
पवन के कितने प्रकार हैं ? प्रत्येक का नाम सहित वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पवन के तीन प्रकार हैं-

  1. स्थायी पवन
  2. मौसमी पवन तथा
  3. स्थानीय पवन ।

1. स्थायी पवन-स्थायी पवन हमेशा एक निश्चित दिशा में चलता है । यह पृथ्वी की घूर्णन गति के कारण उत्पन्न होता है । स्थायी पवन अधि क दाब पेटियों से कम दाब वाली पेटियों की ओर चलता है । पछुआ, पूर्वी तथा व्यापारिक पवन स्थायी पवन के उदाहरण हैं।

2. मौसमी पवन-जिस पवन की दिशा मौसम के अनुसार बदलती रहती है, उसे मौसभी पवन कहते हैं । यह पवन ऋतु के अनुसार अपनी दिशा बदल लेता है । भारत में मौसमी पवन से ही वर्षा होती है।

3. स्थानीय पवन-वर्षा के खास समय और खास भू-खंड (स्थान) पर चलने वाली हवाएँ स्थायी पवन कहलाती है। उदाहरण है उत्तर भारत के मैदानी भाग में मई-जून महीनों में चलने वाली गर्म हवा पछुआ पवन । इस पवन के साथ कभी-कभी लू भी चलता है । लूका विभिन्न स्थानों पर विभिन्न नाम है।

प्रश्न (ix)
स्थलीय समीर एवं समुदी समीर में क्या अंतर है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
जब हवा स्थल की ओर से समुद्र की ओर चलती है तब इस हवा को स्थलीय समीर कहते हैं । ठीक इसके विपरीत जब हवा समुद्र की ओर से स्थल की ओर चलने लगती है तब इसे समुद्री समीर कहते हैं । स्थलीय समीर सदैव रात में चलता है, वहीं समुद्री समीर सदा दिन में चला करता है।

प्रश्न (x)
चक्रवात क्या है ? इसके प्रभावों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
तूफानी हवाओं के अति शक्तिशाली भंवर को चक्रवात कहते है। . चक्रवात के प्रभाव से भारी आँधी आती है और जन-जीवन को काफी कुप्रभावित करती है । हवा नाचते-नाचते काफी ऊँचाई पर चली जाती है और भारी वर्षा कराती है । चक्रवात यदि जमीन पर आते हैं तो आँधी-वर्षा लाते हैं और यदि समुद्र में आते हैं तो उसकी लहरें काफी ऊँचाई तक उठ जाती है।

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प्रश्न (xi)
वर्षा कैसे होती है ? इसके कितने प्रकार हैं ?
उत्तर-
ऊँचाई पर जलवाष्प के संघनन होने से वर्षा होती है। यह सदैव चलते रहने वाली प्रक्रिया है। वर्षा होती है पृथ्वी पर पानी पहुँचता है फिर ताप प्राप्त कर पानी वाष्प बनकर ऊपर चला जाता है । संघनन होता और वर्षा होती है । सदैव चलते रहने वाले इसी प्रक्रम को ‘जलचक्र’ कहते हैं । वर्षा तीन प्रकार की होती है

  1. संताइनिक वर्षा
  2. पर्वतीय वर्षा तथा
  3. चक्रवातीय वर्षा ।

प्रश्न (xii)
अत्यधिक वर्षा से क्या-क्या नकसान हो सकते हैं?
उत्तर-
अत्यधिक वर्षा से सबसे पहले तो बाढ़ आ जाती है। बाढ़ में घर-के-घर ही क्या गाँव-के-गाँव बह जाते हैं । आदमी के साथ जीव जंतु भी ऊँचे स्थानों की ओर भागते हैं । लगी-लगाई फसल, यहाँ तक कि कभी-कभी तैयार फसल भी बह जाती है। सरकार तथा गैरसरकारी संस्थओं को आदमियों के रहने तथा खाने-पीने की व्यवस्था में जुट जाना पड़ता है।

प्रश्न (xiii)
अधिक वर्षा एवं कम वर्षा वाले क्षेत्रों के जन-जीवन में क्या-क्या अंतर होंगे?
उत्तर-
जहाँ अधिक वर्षा होती है वहाँ के लोग घर के छप्पर की ढाल अधिक रखते हैं, ताकि पानी जल्दी बह जाय । कम वर्षा वाले क्षेत्रों में घर के छप्पर की ढाल कम रहती है या रहती ही नहीं। अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में तरह-तरह के वृक्ष पाये जाते हैं और फसलें भी तरह-तरह की होती है और खूब होती हैं ।

कम वर्षा वाले क्षेत्रों में मात्र बाजरा जैसे मोटे अनाज ही उपज पाते हैं। अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पानी की कोई किल्लत नहीं होती, जबकि कम वर्षा वाले क्षेत्र के लोगों को पीने के पानी के भी लाले पड़े रहते हैं। इन्हें दूर-दूर से पानी लाना पड़ता है। अधिक वर्षा वाले क्षेत्र के लोग अपेक्षाकृत अधिक आराम से जीवन व्यतीत करते हैं जबकि कम वर्षा वाले क्षेत्र के लोगों का जीवन मशक्कत से भरा रहता है।

प्रश्न (xiv)
यदि वर्षा कम हो तो क्या-क्या परेशानी होती है?
उत्तर-
वर्षा कम होने पर फसलें नहीं उपजतीं । अन्न की कमी हो जाती है। गर्मी आते-आते कुएँ तालाब सूख जाते हैं । नदियों में भी पानी नहीं रहता। अतः दूर-दूर से पानी लाना पड़ता है। लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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प्रश्न (xv)
हमें वर्षा जल का संरक्षण क्यों करना चाहिए?
उत्तर-
हमें वर्षा जल का संरक्षण इसलिये करना चाहिए ताकि हमें सालों भर पानी मिल सके । इस संरक्षित जल से पीने से लेकर सिंचाई तक के काम हो सकते हैं।

प्रश्न 2.
पता कीजिए कि ये पवन कहाँ बहते हैं ?
(लू, चिनूक, गरजता चालिसा, दहाड़ता पचासा, हरिकेन, टॉरनेडो, टाइफून, विलीविली, कैटरिना, काल वैशाखी।)
उत्तर-
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प्रश्न 3.
एक माह तक प्रतिदिन मौसम का अवलोकन कर अभिलेख तैयार कर कक्षा में प्रदर्शित कीजिए ।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

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पाठ का सार संक्षेप

किसी निश्चित स्थान पर निश्चित समय में वायुमंडल की तत्कालीन दशा मौसम कहलाती है । तापमान तथा वर्षा दोनों ही मौसम के अन्तर्गत आते हैं। एक ही समय में अलग-अलग स्थानों का तापमान तथा वर्षा की मात्रा अलग-अलग रह सकती है । वायुमंडलीय दशा में भी अंतर आ सकता है ।

वायुमंडलीय दशा का अर्थ है-आकाश की स्थिति । इसके तहत धूप, बादल, वर्षा, आर्द्रता, वायु वेग तथा वायु की दिशा । इन सबका विवरण अखबारों में नित्य छपता है । जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक हैं-

  1. अक्षांश
  2. समुद्र से दूरी
  3. पर्वतों की दिशा और अवरोध
  4. समुद्री धाराओं की दिशा
  5. पवन की दिशा
  6. समुद्र तल से ऊंचाई तथा
  7. तापमान ।

लेकिन इसके बावजूद जलवायु को प्रभावित करने में सौर-ऊर्जा की विशेष भूमिका होती है । जिन स्थानों पर सौर ऊर्जा कम मिलती है वह स्थान अधिक गर्म होता है और जिन स्थानों पर सौर ऊर्जा कम मिलती है वहाँ ठंड होता है । इस प्रकार हम देखते हैं कि पृथ्वी पर ताप का मुख्य स्रोत सूर्य का ताप है। सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा पर सीधी पड़ती है । इस कारण इसके आसपास गर्मी अधिक पड़ती है। लेकिन भूमध्यरेखा के उत्तर या दक्षिण जाने पर तापमान कम होते जाता है, क्योंकि यहाँ सूर्य की किरणें क्रमश: तिरछी होती जाती है । तापमान के कम होने का यही कारण है ।

Bihar Board Class 7 Social Science Geography Solutions Chapter 12 मौसम और जलवायु

उत्तर और दक्षिण दोनों ध्रवों पर सालों भर बर्फ जमी रहती है। वायुमंडल का तापमान, सर्य की किरणों का झुकाव, दिन की लम्बाई, प्रचलित हवाओं, जल और थल के वितरण आदि के कारण भी मौसम प्रभावित होता है । पृथ्वी की सतह पर पड़नेवाले वायु के भार को वायुदाब कहते हैं। जैसे-जैसे ऊँचाई पर जाते हैं, वैसे-वैसे वायुदाब घटता जाता है। पृथ्वी पर सर्वत्र वायुदाब समान नहीं होता । हवा सदैव उच्च दाब से निम्नदाब की ओर बहती है। भूगोल की भाषा में बहने वाली हवा को पवन कहते हैं ।

पवन तीन प्रकार के होते हैं-

  1. स्थायी पवन
  2. मौसमी पवन तथा
  3. स्थानीय पवन

कुछ सामान्य मौसमी घटनाएँ हैं-

  1. चक्रवात
  2. प्रतिचक्रवात तथा
  3. वर्षा

लेकिन वर्षा भी तीन प्रकार की होती है-

  1. संवाहनिक वर्षा
  2. पर्वतीय वर्षा तथा
  3. चक्रवातीय वर्षा

Bihar Board Class 7 Social Science Geography Solutions Chapter 11 मानव पर्यावरण अंतःक्रिया : तटीय प्रदेश केरल में जन-जीवन

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अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
केरल प्रदेश की जलवायु और वनस्पति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
केरल प्रदेश की जलवायु ऊष्ण-आर्द्र मानसूनी प्रकार की है । यहाँ औसत वार्षिक वर्षा 200 सेमी या इससे अधिक होती है । यहाँ ग्रीष्म ऋतु में औसत तापमान 32°C तथा शीत ऋत में 23°C रहता है । वार्षिक तापान्तर 2°C से 5°C तक रहता है।

वनस्पति के क्षेत्र में देखा जाए तो राज्य का 1/4 भाग वनों से ढंका है। यहाँ सदाबहार वन पाये जाते हैं । सागवान, चन्दन, सुपारी, नारियल, रबर, बाँस प्रमुख वनस्पतियाँ हैं । यहाँ केले भी खूब होते हैं।

प्रश्न 2.
पी. वेल्लू सुंदरम् ने केरल की किन-किन विशेषताओं का जिक्र किया ?
उत्तर-
पी० वेल्लू सुन्दरम् ने केरल की विभिन्न विशेषताओं का जिक्र किया है। सबसे पहले इन्होंने केरल की अवस्थिति का जिक्र किया । उन्होंने प्राकृतिक तथा भौतिक विशेषताएँ बताई । अधिकतम तथा न्यूनतम ताप को बताया है और उसके बाद वर्षा की मात्रा का वर्णन किया है। वन, वनस्पति तथा वन्य जीवों की चर्चा की। लोगों के आर्थिक जीवन के साथ खान-पान तथा पहनावे की बात बताई। जो खनिज मिलते हैं उनके नाम बताएँ । उन्होंने आवागमन के साधनों की विशेषता बताई।

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प्रश्न 3.
केरल मसालों का प्रदेश है। कैसे?
उत्तर-
केरल में अनेक तरह के मशाले उपजाय जात हैं । काली मिर्च, इलायची, गरम मसाले, जैसे जावत्री, दालचीनी, कबाब चीनी आदि खूब होते हैं । इसी कारण केरल को मसालों का प्रदेश कहते हैं ।

प्रश्न 4.
लोग पर्यटन के लिये केरल जाना क्यों पसंद करते हैं ?
उत्तर-
लोग पर्यटन के लिये केरल जाना इसलिए पसन्द करते हैं, क्योंकि यहाँ नौका दौड़ का आयोजन होता है । कत्थकली यहाँ का विश्व प्रसिद्ध नृत्य नाटिका है । मोहनी अट्टम यहाँ का प्रसिद्ध नृत्य है । मार्शल आर्ट के रूप में कलारीपयट्ट शैली है। मलखम्भ यहाँ का प्रसिद्ध खेल है। सबरीमाला एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। इन्हीं सब आकर्षणों से पर्यटक यहाँ खींचे चले आते हैं ।

यहाँ कश्मीर की तरह हाउस वोट मिलते हैं । विदेशी पर्यटक इन्हीं में रहना पसन्द करते हैं। वे विलासिता युक्त नौकाओं में भ्रमण करना विशेष पसंद करते हैं। यहाँ के लोग सेवा भाव से पूर्ण होते हैं। अत: पर्यटकों को कोई परेशानी नहीं होती।

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प्रश्न 5.
अपने मुहल्ले के दुकानदार से मसालों की आपूर्ति के स्रोत का वर्णन करें।
उत्तर-
हमने अपने मुहल्ले के दुकानदार से मसालों की आपूर्ति के स्रोत का पता किया । उन्होंने बताया कि हम तो थोक मंडी से मसाल लाते हैं ।

लेकिन वे लोग प्रायः दक्षिण भारत के राज्यों, खासकर केरल से ट्रकों द्वारा मसाले मँगवाते हैं।

प्रश्न 6.
केरल के खान-पान बनाने में किन खाद्य पदार्थों की जरूरत होगी? सूची बनाइए।
उत्तर-
केरल के खान-पान बनाने में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों की जरूरत होगी:
चावल, मिर्च मसाला, नमक, आलू, नारियल, नारियल का तेल आदि ।

प्रश्न 7.
बिहार और केरल के पहनावा में क्या-क्या अंतर है?
उत्तर-
बिहार की महिलाएँ साड़ी, पेटीकोट तथा ब्लाऊज पहनती हैं तो केरल की महिलाएं भी यही पहनती है। बिहार में पुरुष धोती, कुरता, गंजी, गमछा का व्यवहार करते हैं, लेकिन केरल के पुरुष हाफ कमीज और लुंगी पहनते हैं । लुंगी तो बिहार के लोग भी पहनते हैं, लेकिन तब जब वे घर पर रहते हैं या रात में । बिहार में पायजामा कुरता का विशेष चलन हो गया है । फुलपैंट-शर्ट दोनों राज्यों के लोग पहनते हैं।

प्रश्न 8.
केरल के नौका दौड़ का आयोजन अपने राज्य में करने के लिये आप क्या करेंगे? .
उत्तर-
बिहार में केरल जैसा नौका दौड़ करने के लिए हमें किसी सीध बहती नदी का चुनाव करना होगा । नौका चालकों को ट्रेंड करना होगा । तभी हम केरल जैसा नौका दौड़ का आयोजन कर सकते हैं।

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प्रश्न 9.
केरल व बिहार के भोजन में कौन-सा खाद्यान्न समान है ?
उत्तर-
केरल व बिहार के भोजन में चावल समान है।

प्रश्न 10.
राष्ट्रीय सेवा योजना के बारे में पता कीजिए।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें ।
प्रश्न-सही मिलान करें:

  1. मलखंभ – एक प्रकार की भाषा
  2. पश्चिमी घाट – एक प्रकार की चिकित्सा पद्धति
  3. केरली मसाज – एक प्रकार का खाद्य पदार्थ
  4. उत्पम – एक खेल
  5. मलयालम – नीलगिरि की पहाड़ियाँ

उत्तर-

  1. ‘मलखंभ – एक खेल
  2. पश्चिमी घाट – नीलगिरि की पहाड़ियाँ
  3. केरली मसाज – एक प्रकार की चिकित्सा पद्धति
  4. उत्पम – एक प्रकार का खाद्य पदार्थ
  5. मलयालम – एक प्रकार की भाषा

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प्रश्न 11.
सही विकल्प पर (✓) का निशान लगाएँ :

प्रश्न (i)
केरल प्रदेश की जलवायु है:
(क) उष्ण
(ख) शीतोष्ण
(ग) समशीतोष्ण
उत्तर-
(क) उष्ण

प्रश्न (ii)
केरल में नहीं उपजाया जाता है :
(क) कहवा
(ख) काजू
(ग) जूट
(घ) इलायची
उत्तर-
(ग) जूट

प्रश्न (iii)
साइलेंट वैली स्थित है:
(क) पूर्वी घाट में
(ख) पश्चिमी घाट में
(ग) य० एन० ओ० में
उत्तर-
(ख) पश्चिमी घाट में

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प्रश्न (iv)
केरल में सबरीमाला क्या है ?
(क) तीर्थ स्थान
(ख) पर्यटन स्थल
(ग) नौका दौड़
(घ) एक प्रकार का नृत्य
उत्तर-
(क) तीर्थ स्थान

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पाठ का सार संक्षेप

केरल प्रदेश भारत के पश्चिमी तट पर सूदुर दक्षिण की ओर एक लम्बी संकरी पट्टी के रूप में फैला है । यह अरब सागर के तट पर तो है ही. इसका दक्षिणी छोर हिन्द महासागर में घुसा हुआ है । इसके पूरब में पश्चिमी घाट की नीलगिरि और अन्नामलाई की पहाड़ियाँ हैं। केरल संकरा मैदान है जिसकी अधिकतम चौड़ाई 100 किमी है । मैदान नदियों द्वारा बहाकर लाई मिट्टी से बना है। मैदान के तीन भाग हैं :

(1) तटीग भाग, जो बलुई है । (2) बलूई भाग के पूरब में उपजाऊ काँप मिट्टी का मैदान है । (3) मैदान के पूरब की ओर पहाड़ी भाग है, जो प्राचीन चट्टानों से बना है । यहाँ दो बार वर्षा होती है । पहली वर्षा मानसून आने के शुरुआत में और दूसरी मानसून के लौटते समय । ऐसे समुद्री तट पर अवस्थित होने के कारण सालों भर वर्षा होती ही रहती है ।

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ग्रीष्म ऋतु में औसत तापमान 32°C तथा शीत ऋतु में 23°C रहता है । यहाँ वार्षिक तापांतर 2°C से 5°C तक रहता है । इस प्रकार यहाँ की जलवायु सम और नम है। यहाँ न तो जाड़े में अधिक जाड़ा पड़ता है और न गर्मी में अधिक गर्मी पड़ती है । यहाँ वार्षिक औसत वर्षा 200 सेमी या इससे भी अधिक पड़ती है । यहाँ की जलवायु उष्ण-आर्द्र मानसूनी प्रकार की है।

प्रदेश का 1/4 भाग वनाच्छादित है । उच्च तापमान और अधिक वर्षा के कारण यहाँ सघन सदाबहार बन पाये जाते हैं । सागवान, चंदन, सुपारी, नारियल, रबर, बाँस यहाँ के मुख्य पेड़- पाने हैं ।

यहाँ केला भी खूब होता है। यहाँ की मुख्य उपज चावल, नारियल, का-‘ मिर्च, कहवा, काज, इलायची, रबर, चाय, सुपारी, गरम मसाले आदि हैं। तटीय क्षेत्र में मछलियाँ पकड़ी जाती हैं । यहाँ धान के खेत में मछली पालन का भी काम होता है । चावल और मछली यहाँ का मुख्य भोजन है। सुपारी, मसाले, अन्नानास, गन्ना आदि नकदी फसलें हैं। यहाँ के वनों में अनेक

वन्य जीव पाये जाते हैं । हाथी, बंदर, किंग कोबरा, विभिन्न प्रकार के पक्षियों की बहुलता है । यहाँ हिन्दू, इस्लाम तथा इसाई धर्म को मानने वाले हैं, जो सभी धार्मिक प्रवृति के हैं । इस्लाम यहाँ का मुख्य धर्म है । यहाँ गंगा-यमुना संस्कृति अत्यंत महत्त्वपूर्ण है । यहाँ की नौका दौड़ विश्व में प्रसिद्ध है । ‘कत्थकली’ नृत्य नाटिका है । मोहनी अट्टम प्रसिद्ध नृत्य है। मलखम्भ यहाँ का मुख्य खेल है । सबरीमाला के मंदिर प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं। मंदिर ऊँची पहाड़ी पर अवस्थित हैं। भारत के अन्य राज्यों की अपेक्षा साक्षरता दर यहाँ सर्वाधिक है । यहाँ मोनोजाइट, जिप्सम, थोरियम, यूरेनियम आदि खनिज पाये जाते हैं ।

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यहाँ चीनी मिट्टी, चूना-पत्थर और ग्रेफाइट भी मिलता है । तिरुवनन्तपुरम, अलवाये, पुन्नलूर, कोजीकोड केरल के प्रमुख औद्योगिक नगर । हैं। केरल की अधिकांश जनसंख्या गाँवों में निवास करती है। यहाँ का

जनघनत्व 2000 से 4000 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है । यहाँ सड़क, रेल और . वायु मार्ग की सुविधा तो है ही, जल मार्ग का उपयोग भी खूब होता है । तट पर बन चुके लेंगून झीलों को एक में मिलाकर जल मार्ग बनाया गया है । फलस्वरूप नाव से भी एक कोने से दूसरे कोने में जाया जा सकता है ।

केरल का मुख्य नाश्ता और भोजन चावल, इडली, डोसा, सांभर, पट, उत्पम, अवियल, उपमा, अटपम तथा नारियल से बनी खाद्य सामग्री, मछली और समुद्री उत्पाद है। यहाँ केले के पत्ते पर भोजन परोसा जाता है।

महिलाएँ पेटीकोट, साडी, ब्लाउज पहनती हैं । परुष कमीज और लुंगी पहनते हैं । पुरुष धोती कुरता भी पहनते हैं । पुरुप चंदन का तिलक लगाते हैं। महिलाएँ फूलों से बालों को सजाती हैं। छाता सबके हाथ में दिखाई देता है।

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Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Geography Hamari Duniya Bhag 2 Chapter 10 मानव पर्यावरण अंतःक्रिया : अपना प्रदेश बिहार Text Book Questions and Answers, Notes.

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Bihar Board Class 7 Social Science मानव पर्यावरण अंतःक्रिया : अपना प्रदेश बिहार Text Book Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
बिहार की भौगोलिक दशाओं की जानकारी दीजिए।
उत्तर-
बिहार गंगा के मध्य मैदान में अवस्थित है । इसके पूरब में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर-प्रदेश तथा दक्षिण में झारखंड राज्य है । यहाँ की जलवायु उष्ण कटिबंधीय है । यहाँ मानसून के समय वर्षा होती है । वार्षिक 100 से 150 मार्ग के बीच होती है । गर्मी के मौसम में तापमान 40° सेल्सियस तक चला जाता है । जाड़े के मौसम में यहाँ का अधिकतम तापमान 29° से 30° सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 8° सेल्सियस के लगभग रहता है।

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प्रश्न 2.
बिहार में लोगों का मुख्य पेशा क्या है ?
उत्तर-
बिहार में लोगों का मुख्य पेशा कृषि है । वैसे नौकरी करने वालों की संख्या भी कम नहीं हैं।

प्रश्न 3.
बिहार को किन प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है ? इसका जन-जीवन पर कैसा प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
बिहार को बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है । प्रायः कोसी क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित होते ही रहता है । जन-जीवन पर इसका बड़ा बुरा प्रभाव पड़ता है । जमी-जमाई गृहस्थी अस्त-व्यस्त हो जाती है । घर और घर का अधिकांश सामान योंहीं छोड़ इन्हें अन्यत्र शरण लेना पड़ता हैं । जो लोग दूसरों को खिलाते रहते हैं वे अब दूसरों की कृपा पर निर्भर हो जाते हैं ।

सरकारी और गैर-सरकारी सहायता का उन्हें बेसब्री से इन्तजार करना पड़ता है । कभी-कभी बिहार को सूखे जैसही आपदा को भी झेलना पड़ता है ।

प्रश्न 4.
बिहार की सांस्कृतिक विशेषताएं लिखिए ।
उत्तर-
बिहार की सांस्कृतिक विशेषताओं में यहाँ के पर्व-त्योहारों की प्रमुखता है । दशहरा का त्योहार सार्वजनिक रूप में मनाया जाता है वही

दीपावली घर-घर व्यक्तिगत रूप में मनाते हैं। ईद पर व्यक्तिगत और सामहिक दोनों का समाहार देखने को मिलता है । वैसे ही होली मिल-जुलकर मनाया जाने वाला पर्व है। बिहार की मधुबनी पेंटिंग विश्व प्रसिद्ध है । मिथिला क्षेत्र की यह खास है जिसमें प्राकृतिक रंगां और प्रतीकों का उपयोग किया जाता है । बहुतों को यह रोजगार मुहैया कराता है ।

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प्रश्न 5.
बिहार की मुख्य फसलें क्या-क्या हैं ?
उत्तर-
बिहार की मुख्य फसल धान है । अन्य फसलों में गेहँ, मकई.. मडुआ, चना, अरहर, मसूर, मटर आदि दलहन; सरसों, तीसी, सूर्यमुखी जैसे तेलहन; हल्दी, जीरा, धनिया, मिरचाई, प्याज, लहसुन आदि मसालों की भी खंती होती है । कुछ जिलों में पान, मखाना, लीची, तंबाकू की भी खंती होती है । आम भी यहाँ खूब होता है । दीघा का दुधिया तथा भागलपुर का जर्दाल माल्दह प्रसिद्ध है । कला के लिये हाजीपुर तथा शाही लीची के लिए मुजफ्फरपुर प्रसिद्ध है ।

प्रश्न 6.
बिहार किन-किन खाद्य पदार्थों के लिए प्रसिद्ध है ?
उत्तर-
बिहार का मुख्य भाजन चावल, दाल और सब्जी है । रोटी-सब्जी भी चाव से खाई जाती है । छपरा जिला में सत्त, लिटटी-चोखा मशहूर है। मैथिली क्षेत्र में दही-चूड़ा- चाव से खाया जाता है ।

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प्रश्न 7.
मिथिला पेंटिंग की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं ?
उत्तर-
मिथिला पेंटिंग की मुख्य विशेषताएँ हैं कि चित्र के लिए स्थानीय परिवेश तथा प्रतीकों को अपनाया जाता है । चित्रकार रंग स्वयं बनाते हैं । रंग बनाने के लिए प्राकृतिक साधनों खासकर रंगीन फूलों का उपयोग किया जाता है । इस कला को पारंपरिक धरोहर के रूप में माना जाता है ।

प्रश्न 8.
बिहार के मानचित्र में नदियों की दर्शाए ।
उत्तर-
Bihar Board Class 7 Social Science Geography Solutions Chapter 10 मानव पर्यावरण अंतःक्रिया अपना प्रदेश बिहार 1

प्रश्न 9.
मैंगो शावर से आपके घर-मोहल्ले में क्या परिवर्तन दिखता है ? बताइए।
उत्तर-
अप्रैल-मई की पहली वर्षा को मैंगो-शावर कहते हैं । मैंगो-शावर से आम को बढ़ने की गति मिलती ही है । हमारे घर-मोहल्ले के लांग जेठ की लू वाली गर्मी से निजात महसूस करते हैं । इस वर्षा से सर्वत्र खुशियाँ छा जाती हैं । बच्चे वर्षा में उछल-कूद मचाने और नहाने का मजा लेते हैं

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प्रश्न 10.
नीचे ग्यारह किस्म के आमों के नाम दिए गए हैं उन्हें ढूँढें :
उत्तर-

  1. बीज़
  2. चौसा
  3. डंका
  4. बम्बइया
  5. जर्दालु
  6. शुकुल
  7. मिदुआ
  8. दशहर्ग
  9. गुलाबखास
  10. तोतापुरी
  11. मालदह

प्रश्न 11.
सही विकल्प पर (✓) का निशान लगाएँ :

प्रश्न (i)
बिहार के पूरब में है :
(क) पश्चिम बंगाल
(ख) उत्तर प्रदेश
(ग) सोन नदी
(घ) छत्तीसगढ़
उत्तर-
(क) पश्चिम बंगाल

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प्रश्न (ii)
मधुबनी पेंटिंग जुड़ी है :
(क) मगध क्षेत्र में
(ख) अंग क्षेत्र में
(ग) भोजपुरी क्षेत्र में
(घ) मिथिला क्षेत्र में
उत्तर-
(घ) मिथिला क्षेत्र में

प्रश्न (iii)
जमालपुर में है :
(क) सिगरेट कारखाना
(ख) जूट कारखाना
(ग) बारूद कारखाना
(घ) रेलवे कार्यशाला
उत्तर-
(घ) रेलवे कार्यशाला

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प्रश्न 12.
सही मिलान करें :

  1. चूना पत्थर – भागलपुर
  2. रेलवे वैगन प्लांट – बरौनी
  3. जर्दालु – कैमूर
  4. तेलशोधन कारखाना – मोकामा

उत्तर-

  1. चूना पत्थर – कैमूर
  2. रेलवे वैगन प्लांट – मोकामा
  3. जर्दालु – भागलपुर
  4. तेलशोधन कारखाना – बरौनी

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पाठ का सार संक्षेप

बिहार गंगा के मध्य मैदान में अवस्थित है। इसके उत्तर में नेपाल तथा हिमालय पहाड़ का दक्षिणी भाग तथा तराई क्षेत्र है । इसके पूरब में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर-प्रदेश तथा दक्षिण में झारखंड राज्य है । झारखंड प्रायद्वीपीय पठार का दक्षिणी भाग हैं । गंगा बिहार की मुख्य नदी है । गंगा की सहायक नदियों में सरयू (घाघरा), गंडक, बढी गंडक, कोसी, महानंदा उत्तर की ओर से आकर मिलती है । दक्षिण से सोन, पुनपुन, फल्गू आदि नदियाँ मिलती हैं ।

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जाड़े के मौसम में यहाँ का अधिकतम तापमान 29° से 30° सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 8° सेल्सियस के लगभग रहता है । गर्मी में पछुआ हवा के साथ लू चलती है तब तापमान कभी-कभी 40° सेल्सियस से भी अधिक हो जाता है । बंगाल की खाडी से लौटती मानसून से यहाँ वर्षा होती है । यदि सामान्य वर्षा हो तो वह औसतन वार्षिक 100 से 150 सेमी तक हो जाती है। अप्रैल-मई में पहली वर्षा के साथ आम का आकार बढ़ने लगता है और वह पकने की ओर अग्रसर होने लगता है । लीची पक जाती है और

उसमें रस आ जाता है। कभी-कभी आंधी आती है, जिससे आम की फसल कुप्रभावित होती है । हिमालय पर और उसकी तराइयों में होने वाली भारी वर्षा से बिहार की कुछ नदियों में बाढ़ का कहर आम बात हो गई है । समुद्र के तल से बिहार की ऊँचाई लगभग 100 मीटर है। जनसंख्या का घनत्व सघन है।

बिहार की समस्त भूमि का 75% कृषि योग्य है । 12% भूमि बंजर है। दक्षिण पूर्व के कुछ जिलों को छोड़कर वनों का अभाव है । पश्चिम चम्पारण का उत्तर भाग वनों से पूर्णतः आच्छादित है। बिहार की कृषि मानसून का मुहताज है । हालाँकि कुछ जिलों में नहरों की सुविधा है । यहाँ के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि ही है । धान यहाँ की मुख्य फसल है । लेकिन गहें, मकई, मआ, दलहन, तेलहन, गन्ना, मिरचाई, हल्दी, धनिया, प्याज, लहसुन आदि मसालें भी उपजा लिये जाते हैं।

उत्तर बिहार के खास-खास जिलों में आम, लीची, केला, तम्बाकू, पान तथा मखाना की खेती खूब होती है । भागलपुर में सिल्क तथा पूर्णिया में जूट, गया में सूती वस्त्र तथा पूर्वो चरण में सीप का बटन बनाने का गृह उद्योग चलता है । मुंगेर में सिगरेट कारखाना, बरौनी में उर्वरक तथा तेलशोधन

का कारखाना है। मुजफ्फरपुर और मोकामा में रेलवे वैगन प्लांट है । जमालपुर में रेलवे की कार्यशाला है । रेलवे तथा बारूद के कारखाने अभी प्रगति पर हैं।

खनिज का बिहार में अभाव है । बिहार के दक्षिणी जिलों में कहीं, टीन, कहीं अभ्रक पाया जाता है ! कमर की पहाड़ियों में चूना-पत्थर, बालू पत्थर और थाइराईट मिलते हैं।

बिहार में पहले जहाँ हल-बैल उपयोग होता था, अब अधिकतर ट्रैक्टर भी दिखाई पड़ने लगे हैं। सिंचाई में डीजल इंजन चालित पम्प का उपयोग . होने लगा है । यहाँ का मुख्य भोजन चावल, गेहूँ, दाल, आलू और हरी सब्जियाँ

है । पेयजल का मुख्य स्रोत परम्परागत कुंआ तथा चापाकल है । पुरुष सामान्यतः धोती, कुरता, शर्ट, पैंट, गमछा, लँगी, पायजामा तथा औरतें साड़ी, ब्लाउज, सलवार, समीज पहनती हैं । यातायात के लिये सड़क और रेल मुख्य हैं । पटना तथा गया हवाई मार्ग से भी जुड़े हैं । खपड़ापोश मकानों की अधि कता है। गाय तथा भैंस दूध के मुख्य स्रोत हैं । बकरियाँ भी पाली जाती है । लेकिन वह दूध के लिए कम और मांस के लिए अधिक ।

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लिट्टी-चोखा जल्दी तैयार हो जानेवाला भोजन है । एक-दो खास जिलों में दही-चूड़ा या सत्तू खाने का विशेष रिवाज हे । पों में छठ की प्रमुखता है । इसके पहले दशहरा और दीपावली बीत चुकी होती है । होली बड़े उल्लास से मनाई जाती है । मधुबनी की पेंटिंग विश्व में प्रसिद्ध है । यहाँ की मेधा शक्ति का लोहा दुनिया मानती है ।