Bihar Board 12th Economics Objective Important Questions Part 3

BSEB Bihar Board 12th Economics Important Questions Objective Type Part 3 are the best resource for students which helps in revision.

Bihar Board 12th Economics Objective Important Questions Part 3

प्रश्न 1.
आर्थिक क्रियाओं के अध्ययन के संदर्भ में अर्थशास्त्र के दो शाखाओं व्यष्टि तथा समष्टि में निम्न में से किस अर्थशास्त्री ने विभाजित किया है ?
(a) मार्शल
(b) रिकार्डो
(c) रैगनर फ्रिश
(d) पीगू
उत्तर:
(c) रैगनर फ्रिश

प्रश्न 2.
‘माइक्रो’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया ?
(a) मार्शल
(b) वोल्डिंग
(c) केन्स
(d) रैगनर फ्रिश
उत्तर:
(d) रैगनर फ्रिश

प्रश्न 3.
‘माइक्रोज’ जिसका अर्थ होता है छोटा, निम्न में कौन-सा शब्द है ?
(a) अरबी
(b) ग्रीक
(c) जर्मन
(d) अंग्रेजी
उत्तर:
(b) ग्रीक

प्रश्न 4.
‘मैक्रो’ जिसका अर्थ बड़ा होता है, निम्न में से कौन-सी भाषा से लिया गया है ?
(a) लैटिन
(b) अरबी
(c) जर्मन
(d) ग्रीक
उत्तर:
(d) ग्रीक

प्रश्न 5.
‘अर्थशास्त्र चयन का तर्कशास्त्र है।’ यह कथन किनका है ?
(a) रॉबिन्स का
(b) पीगू का
(c) जे० बी० से का
(d) मार्शल का
उत्तर:
(a) रॉबिन्स का

प्रश्न 6.
अर्थशास्त्र की कल्याण संबंधी परिभाषा के जन्मदाता कौन थे ?
(a) एडम स्मिथ
(b) मार्शल
(c) रॉबिन्स
(d) सैम्यूअलसन
उत्तर:
(b) मार्शल

प्रश्न 7.
व्यष्टि अर्थशास्त्र अध्ययन हैं
(a) राष्ट्रीय आय का
(b) राष्ट्रीय उत्पादन का
(c) एक विशिष्ट फर्म का
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(d) इनमें से सभी

प्रश्न 8.
व्यष्टि अर्थशास्त्र के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है
(a) व्यक्तिगत फर्म का
(b) व्यक्तिगत उद्योग का
(c) (a) और (b) दोनों का
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) (a) और (b) दोनों का

प्रश्न 9.
निम्न में से किसका अध्ययन व्यष्टि अर्थशास्त्र के अंतर्गत किया जाता है ?
(a) व्यक्तिगत परिवार
(b) व्यक्तिगत फर्म
(c) व्यक्तिगत उद्योग
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 10.
व्यष्टि अर्थशास्त्र के अंतर्गत शामिल करते हैं
(a) साधन एवं वस्तु कीमत निर्धारण को
(b) राष्ट्रीय आय की गणना को
(c) कुल रोजगार के स्तर को
(d) उपर्युक्त सभी को
उत्तर:
(a) साधन एवं वस्तु कीमत निर्धारण को

प्रश्न 11.
समष्टि अर्थशास्त्र के अंतर्गत निम्न में से किसका अध्ययन किया जाता है ?
(a) राष्ट्रीय आय
(b) पूर्ण रोजगार
(c) कुल उत्पाद
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(d) इनमें से सभी

प्रश्न 12.
समष्टि अर्थशास्त्र में सम्मिलित है
(a) रोजगार का सिद्धान्त
(b) मुद्रा स्फीति का सिद्धान्त
(c) राष्ट्रीय आय का सिद्धान्त
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 13.
समष्टि अर्थशास्त्र का सम्बन्ध है
(a) कुल राष्ट्रीय आय एवं उत्पादन से
(b) कुल उत्पादन एवं उपभोग से
(c) कुल बचत एवं विनियोग से
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(d) इनमें से सभी

प्रश्न 14.
समष्टि अर्थशास्त्र अध्यान करता है
(a) अर्थव्यवस्था के यौगिक चरों जैसे राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय बचत का
(b) सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था से संबंधित समस्याओं-बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि का
(c) सम्पूर्ण समाज में उत्पादन एवं आय के वितरण का
(d) इनमें से सभी का
उत्तर:
(a) अर्थव्यवस्था के यौगिक चरों जैसे राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय बचत का

प्रश्न 15.
उत्पादन तकनीक के चयन का अर्थ है
(a) क्या उत्पादन करें
(b) कैसे उत्पादन करें
(c) किसके लिये उत्पादन करें
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) कैसे उत्पादन करें

प्रश्न 16.
पेट्रोल की कीमत में वृद्धि से गाड़ी की माँग में
(a) वृद्धि होगी
(b) कमी होगी
(c) स्थिरता आयेगी
(d) परिणाम अस्पष्ट है
उत्तर:
(b) कमी होगी

प्रश्न 17.
यदि वस्तु की माँग में आनुपातिक परिवर्तन, वस्तु के मूल्य में आनुपातिक परिवर्तन के बराबर हो, तो माँग की लोच
(a) पूर्णतः लोचदार है
(b) पूर्णतः बेलोचदार है
(c) इकाई के बराबर है
(d) शून्य के बराबर है
उत्तर:
(c) इकाई के बराबर है

प्रश्न 18.
उत्पाद किसका फलन है ?
(a) वस्तु की कीमत का
(b) वस्तु की लागत का
(c) वस्तु की उत्पादित मात्रा का
(d) उत्पादन के संसाधनों का
उत्तर:
(d) उत्पादन के संसाधनों का

प्रश्न 19.
परिवर्तनशील अनुपातों का नियम लागू होता है क्योंकि कुछ संसाधन
(a) सीमित हैं
(b) असीमित हैं
(c) स्थिर है
(d) अत्यधिक हैं
उत्तर:
(c) स्थिर है

प्रश्न 20.
प्राचीन काल के सिक्कों की पूर्ति
(a) बेलोचदार है
(b) पूर्णतया बेलोचदार है
(c) लोचदार है
(d) पूर्णतया लोचदार है
उत्तर:
(b) पूर्णतया बेलोचदार है

प्रश्न 21.
व्यष्टि अर्थशास्त्र अध्ययन करता है
(a) व्यक्तिगत इकाई का
(b) आर्थिक समग्र का
(c) राष्ट्रीय आय का
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) व्यक्तिगत इकाई का

प्रश्न 22.
अवसर लागत क्या है ?
(a) वह विकल्प जिसका परित्याग कर दिया गया
(b) खोया हुआ अवसर
(c) हस्तांतरित आय
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(d) इनमें से सभी

प्रश्न 23.
औसत लागत वक्र का आकार होता है
(a) U अक्षर जैसा
(b) समकोणीय अतिपरवलय जैसा
(c) X अक्ष की समांतर रेखा
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) U अक्षर जैसा

प्रश्न 24.
उपभोक्ता की सर्वाधिक संतुष्टि के लिए
(a) वस्तु की सीमांत उपयोगिता उसके मूल्य के समान होनी चाहिए
(b) वस्तु की सीमांत उपयोगिता उसके मूल्य से अधिक होनी चाहिए
(c) सीमांत उपयोगिता और मूल्य का कोई संबंध नहीं है
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) वस्तु की सीमांत उपयोगिता उसके मूल्य के समान होनी चाहिए

प्रश्न 25.
निम्नलिखित में से किसके परिवर्तन से माँग में परिवर्तन नहीं होता ?
(a) मूल्य में परिवर्तन
(b) आय में परिवर्तन
(c) रुचि तथा फैशन में परिवर्तन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(d) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 26.
मूल्य वृद्धि से ‘गिफिन’ वस्तुओं की माँग
(a) बढ़ जाती है
(b) घट जाती है
(c) स्थिर रहती है
(d) अस्थिर हो जाती है
उत्तर:
(a) बढ़ जाती है

प्रश्न 27.
अक्षों के केन्द्र से निकलने वाली सीधी पूर्ति रेखा की लोच
(a) इकाई से कम होती है
(b) इकाई से अधिक होती है
(c) इकाई के बराबर होती है
(d) शून्य के बराबर होती है
उत्तर:
(c) इकाई के बराबर होती है

प्रश्न 28.
उत्पादन का सक्रिय साधन है
(a) पूँजी
(b) श्रम
(c) भूमि
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) श्रम

प्रश्न 29.
निम्नलिखित में से कौन पूर्ण प्रतियोगिता की विशेषता नहीं है ?
(a) क्रेताओं तथा विक्रेताओं की अत्यधिक संख्या
(b) वस्तु की एकरूपता
(c) विज्ञापन तथा विक्रय लागतें
(d) बाजार का पूर्ण ज्ञान
उत्तर:
(c) विज्ञापन तथा विक्रय लागतें

प्रश्न 30.
किस बाजार में औसत आय सीमांत आय के बराबर होती है ?
(a) पूर्ण प्रतियोगिता
(b) अल्पाधिकार
(c) अपूर्ण प्रतियोगिता
(d) एकाधिकार
उत्तर:
(a) पूर्ण प्रतियोगिता

प्रश्न 31.
जब सीमांत उपयोगिता ऋणात्मक होती है, तब कुल उपयोगिता
(a) अधिकतम होती है
(b) घटने लगती है
(c) घटती दर से बढ़ती है
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) घटने लगती है

प्रश्न 32.
यदि किसी वस्तु के मूल्य में 40% परिवर्तन के कारण माँग में 60% परिवर्तन हो माँग की लोच है
(a) 0.5
(b) -1.5
(c) 1
(d) 0
उत्तर:
(b) -1.5

प्रश्न 33.
विलासिता वस्तुओं की मांग
(a) बेलोचदार होती है
(b) लोचदार होती है
(c) अत्यधिक लोचदार होती है
(d) पूर्णतया बेलोचदार होती है
उत्तर:
(c) अत्यधिक लोचदार होती है

प्रश्न 34.
स्थायी पूँजी के उपभोग को क्या कहते हैं ?
(a) पूँजी निर्माण
(b) मूल्य ह्रास
(c) निवेश
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(b) मूल्य ह्रास

प्रश्न 35.
निम्न में से कौन सही है ?
(a) प्रयोज्य आय = व्यक्तिगत आय – प्रत्यक्ष कर
(b) प्रयोज्य आय = निजी आय – प्रत्यक्ष कर
(c) प्रयोज्य आय = व्यक्तिगत आय – अप्रत्यक्ष कर
(d) प्रयोज्य आय = निजी आय – अप्रत्यक्ष कर
उत्तर:
(a) प्रयोज्य आय = व्यक्तिगत आय – प्रत्यक्ष कर

प्रश्न 36.
मुद्रा वह वस्तु है
(a) जो मूल्य का मापक हो
(b) जो सामान्यतः विनिमय के लिए स्वीकार किया जाए
(c) जिसके रूप में धन-सम्पत्ति का संग्रह किया जाए
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(d) इनमें से सभी

प्रश्न 37.
मुद्रा की पूर्ति से हमारा अभिप्राय है
(a) बैंक में जमा राशि
(b) जनता के पास उपलब्ध रुपये
(c) डाकघर में जमा बचत खाता की राशि
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(d) इनमें से सभी

प्रश्न 38.
मुद्रा स्फीति वह स्थिति है जब
(a) मूल्य स्तर स्थिर रहता है
(b) मूल्य में ह्रास की प्रवृत्ति होती है
(c) मूल्य स्तर में निरंतर तीव्र वृद्धि हो
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) मूल्य स्तर में निरंतर तीव्र वृद्धि हो

प्रश्न 39.
किसने कहा, “मुद्रा वह है जो मुद्रा का कार्य करती है” ?
(a) हाटे
(b) किन्स
(c) हार्टले विदर्स
(d) राबर्टसन
उत्तर:
(c) हार्टले विदर्स

प्रश्न 40.
मुद्रा के प्राथमिक कार्य के अंतर्गत निम्न में से किसे शामिल किया जाता है ?
(a) विनिमय का माध्यम
(b) मूल्य का मापक
(c) (a) और (b) दोनों
(d) मूल्य का संचय
उत्तर:
(c) (a) और (b) दोनों

प्रश्न 41.
मुद्रा का प्राथमिक कार्य है
(a) मूल्य का संचय
(b) विलंबित भुगतान का मान
(c) मल्य का हस्तांतरण
(d) विनिमय का माध्यम
उत्तर:
(d) विनिमय का माध्यम

प्रश्न 42.
निम्नांकित में विधि ग्राह्य मुद्रा कौन है ?
(a) करेंसी नोट और सिक्के
(b) चेक
(c) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) करेंसी नोट और सिक्के

प्रश्न 43.
एक आधुनिक अर्थव्यवस्था में मुद्रा के अंतर्गत शामिल किया जाता है
(a) करेंसी नोट
(b) सिक्के
(c) माँग जमा
(d) इनमें सभी
उत्तर:
(d) इनमें सभी

प्रश्न 44.
मुद्रा स्फीति का प्रमुख कारण है
(a) मौद्रिक आय में कमी
(b) मौद्रिक आय में वृद्धि
(c) उत्पादन में वृद्धि
(d) निर्यात में वृद्धि
उत्तर:
(b) मौद्रिक आय में वृद्धि

प्रश्न 45.
साख मुद्रा का विस्तार होता है जब CRR-
(a) घटता है
(b) बढ़ता है
(c) (a) और (b) दोनों संभव
(d) उपर्युक्त कोई नही
उत्तर:
(a) घटता है

Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Short Answer Type Part 3 in Hindi

BSEB Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Short Answer Type Part 3 are the best resource for students which helps in revision.

Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Short Answer Type Part 3 in Hindi

प्रश्न 1.
सतत् विकास से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
व्यवसाय, उपक्रमों और उद्योग-धंधों की प्रगति को निरंतर बनाए रखना ही सतत् विकास कहलाता है। संसाधनों का पूर्ण उपयोग करके सतत् विकास की गति को बनाए रखा जाता है जिससे देश की अर्थव्यवस्था का समुचित विकास होता है।

प्रश्न 2.
उदारीकरण क्या है ?
उत्तर:
उदारीकरण एक ऐसी नीति है जिसके अनुसार साहसी कोई भी उद्योग-धंधे स्थापित कर सकता है। कोई उत्पाद बना सकता है और लाभ कमा सकता है। इस संबंध में सरकार उदार बनी रहती है और अपना हस्तक्षेप नहीं करती है।

प्रश्न 3.
निजीकरण क्या है ?
उत्तर:
जब निजी क्षेत्र में उपक्रमों और उद्योगों को लगाया जाता है और उत्पादन-कार्य किया जाता है तो इसे निजीकरण कहा जाता है। इसमें कोई भी उद्यमिता या उद्योगपति अपना निजी उद्योग लगा सकता है। ऐसे उद्योग सार्वजनिक क्षेत्र में नहीं होते हैं बल्कि निजी क्षेत्र में रहते हैं।

प्रश्न 4.
वैश्वीकरण क्या है ?
उत्तर:
वैश्वीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अनुसार विश्व स्तर पर विभिन्न देशों का आपस में व्यापारिक और औद्योगिक संबंध बना रहता है। इसमें विश्वस्तर पर विभिन्न देश एक-दूसरे से निकट बने रहते हैं। इसमें विदेशी व्यापार अधिक होता है। विभिन्न देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक संबंध स्थापित रहता है।

प्रश्न 5.
विविधीकरण का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
विविधीकरण का अर्थ है विभिन्न प्रकार के नए उत्पाद बनाना। उदाहरण के लिए टाटा समुदाय मुख्य रूप से लोहा एवं इस्पात उद्योग, रसायन, चाय, खाद, शक्ति, कपड़ा और ट्रक इत्यादि के लिए प्रसिद्ध था, लेकिन इस समुदाय ने अब नए क्षेत्रों में भी कदम रखा है, जैसे मोटरकार, कम्प्यूटर, गृह-निर्माण, वित्त और बीमा इत्यादि।

प्रश्न 6.
संगठन क्या है ?
उत्तर:
संगठन (Organisation) शब्द की उत्पत्ति ‘Organism’ से हुई है जिसका अर्थ शरीर के ऐसे टुकड़ों से है जो आपस में इस प्रकार संबंधित हैं कि एक पूर्ण इकाई के रूप में कार्य करते हैं। उदाहरणार्थ, मानव शरीर की रचना शरीर के विभिन्न अंगों (हाथ, पैर, मुँह, नाक, आँख, मस्तिष्क आदि) से हुई है। इन अंगों के निश्चित कार्य है। जैसे–हाथों का कार्य काम करना, मुँह का खाना, पेट का पचाना, आँखों का देखना, नाक का सूंघना, कान का सुनना।

ये सभी क्रियाएँ पारस्परिक रूप से एक-दूसरे अंग की क्रियाओं पर आश्रित रहती हैं। किन्तु इन विभिन्न अवयवों के अलावा मानव शरीर के मस्तिष्क में एक केन्द्रीय विभाग भी होता है, जो समस्त अंगों, की क्रियाओं को नियंत्रित करता है। इस प्रकार विभिन्न विभागों में प्रभावपूर्ण समन्वय स्थापित करने की कला को ही संगठन कहा जाता है।

प्रश्न 7.
प्रबन्ध के महत्त्व के क्या कारण हैं ?
अथवा, प्रबन्ध क्यों महत्त्वपूर्ण है ?
उत्तर:
प्रबन्ध प्रत्येक संगठन के लिए एक महत्त्वपूर्ण क्रियाकलाप है। निम्नलिखित कारणों से यह महत्त्वपूर्ण है-

  1. सामूहिक लक्ष्यों की प्राप्ति में यह सहायक है।
  2. यह क्षमता में वृद्धि करता है।
  3. यह गतिशील संगठन का निर्माण करता है।
  4. यह व्यक्तिगत उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक होता है।
  5. यह समाज के विकास में सहायक होता है।

प्रश्न 8.
स्कन्ध विनिमय बाजार के क्या कार्य हैं ?
अथवा, स्कन्ध विनिमय बाजार के कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर:
स्कन्ध विनिमय बाजार के निम्नलिखित कार्य हैं-

  1. प्रतिभूतियों में लेन-देन हेतु विपणन सुविधाएँ प्रदान करना।
  2. पूँजी बाजार में तरलता एवं गतिशीलता प्रदान करना।
  3. प्रतिभूतियों का उचित मूल्यांकन करना।
  4. व्यवहारों की सुरक्षा एवं उनमें समता प्रदान करना।
  5. पूँजी निर्माण में सहायता।
  6. बचतों को गतिशीलता प्रदान करना।
  7. मध्यस्थ के रूप में कार्य करना।
  8. सूचीयन द्वारा प्रतिभूतियों को सुदृढ़ता प्रदान करना।

प्रश्न 9.
विपणन मिश्रण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
विपणन मिश्रण उत्पादन, इसके वितरण के तरीके को बढ़ाना और इसका मूल्य निर्धारण के मिश्रण को कहा जाता है। यह कुछ ऐसे सोचे-समझे उपकरणों का समूह है जिनसे एक लक्षित मण्डी की आवश्यकताएँ पूरी की जाती हैं।

प्रश्न 10.
वित्तीय नियोजन के दो मुख्य उद्देश्य क्या हैं ?
उत्तर:
वित्त किसी भी व्यवसाय का जीवन-रक्त है। इसके बिना किसी व्यवसाय का संचालन नहीं हो सकता है। किसी भी व्यवसाय के वित्त का नियोजन ही वित्तीय नियोजन कहलाता है। इसके दो मुख्य उद्देश्य निम्नवत् हैं-

1. लाभों को अधिकतम करना- इसका मुख्य उद्देश्य व्यवसाय के लाभों को अधिकतम करना होता है। लाभों के अधिकतम होने के व्यवसाय का जीवन काल लम्बे समय तक बना रहता है। इससे व्यवसाय के स्वामियों को लाभ होता है। साथ-ही-साथ उसके एजेंटों को भी लाभ होता है।

2. जोखिमों को कम-से-कम करना- जोखिमों को कम करना भी इसका उद्देश्य है। जोखिम कम होने से व्यवसाय के स्वामी को व्यवसाय के संचालन में सुविधा होगी। साथ ही व्यवसाय का भी विकास होगा।

प्रश्न 11.
अवसर लागत तथा संयुक्त लागत क्या है ?
उत्तर:
अवसर लागत- अवसर लागत ऐसी लागत है जो किसी अन्य स्थान पर व्यय करने से भी प्राप्त हो सकती है। उदाहरण के लिए, अपनी इमारत (Building) को व्यवसाय में उपयोग कर लिया जाए तो किराया जो प्राप्त हो सकता था, यह अवसर लागत है। इस प्रकार की लागत को तभी ध्यान में रखा जाता है जब किसी परियोजना की लाभदायकता निकाली जाती है।

संयक्त लागत जब कभी सामग्री से दो या अधिक उत्पाद बनते हों, ऐसी लागत को सभी उत्पादों में बाँट देने को संयुक्त लागत कहा जाता है। उदाहरण के लिए, मिट्टी का तेल, ईंधन, गैस आदि कच्चे तेल से निकाले जाते हों तो संयुक्त लागत उस बिंदु तक होती है जहाँ से वे अलग अलग होती है। सामान्य लागत (common cost) और संयुक्त लागते (joint cost) एक-दूसरे के . साथ अदलती–बदलती रहती हैं।

प्रश्न 12.
नियंत्रण की प्रक्रिया में सम्मिलित विभिन्न कदमों को बताएं।
उत्तर:
नियंत्रण की प्रक्रिया में निम्नलिखित कदम शामिल होते हैं-

  1. प्रमापों का निर्धारण करना।
  2. वास्तविक निष्पादन का मापन करना।
  3. वास्तविक निष्पादन की तुलना प्रमापों से करना और विचलन का पता लगाना।
  4. आवश्यकतानुसार उचित सुधारात्मक कार्यवाही करना।

प्रश्न 13.
अवसर कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर:
सामान्य तौर पर अवसर दो तरह के होते हैं-
(i) पर्यावरण में विद्यमान अवसर (Existing Opportunities in the Environment)- कुछ अवसर ऐसे होते हैं जो पहले से ही मौजूद होते हैं; जैसे-कागज, कपड़ा, जूता आदि का कारखाना स्थापित करके इसी पुरातनता में कुछ नवीनता लाना। यहाँ साहसी को कुछ नयापन (Something -new) लाने का प्रयास करते रहना है। इसी में वह ऐसे अवसर ढूँढता है कि विद्यमान किस कमी को कैसे दूर करके कुछ नई चीज बाजार में पेश की जाय ?

(ii) निर्मित अवसर (Created Opportunities)- ऐसे अवसर पहले से मौजूद नहीं होते बल्कि ये उपभोक्ताओं की रुचि, फैशन, तकनीकी परिवर्तन, परिस्थिति के अनुसार नित्य नये-नये रूप में जन्म लेते रहते हैं। जैसे-सूचना तकनीक में विकास के चलते टेलीविजन, कम्प्यूटर, सॉफ्टवेयर आदि के क्षेत्र में नये-नये उपकरणों का कारोबार, बायोटेक्नोलोजी के क्षेत्र में विकास के चलते नई बीमारियों की जाँच उपकरण, दवाओं आदि की आवश्यकतायें आदि नये-नये अवसर निर्मित करती हैं।

प्रश्न 14.
उद्यमिता के लिए बाजार मूल्यांकन क्यों आवश्यक है ?
उत्तर:
वस्तुत: बाजार में उन वस्तुओं को प्रस्तुत किया जाता है जिनकी माँग ग्राहक करते है। किन्तु यह निर्धारित करना कि ग्राहक क्या चाहते हैं, एक जटिल काम है। बाजार में विविध प्रकार के ग्राहक होते हैं। उनकी पृष्ठमा शिक्षा, आय, चाहत, पसन्द आदि के सम्बन्ध में अलग-अलग होती है। ये विजातीय प्राक. उपक्रम के निकट एवं दूरस्थ में होते हैं जिसके परिणामस्वरूप उनकी माँगें भी भिन्न भिन्न होती हैं।

किसी भी उत्पादक के लिए असंभव नहीं तो कठिन अवश्य है कि इन विविध प्रकार के ग्राहकों के लिए विविध कोटि की वस्तुओं का उत्पादन करें। अतः एक उद्यमी को यह तय कर लेना चाहिए कि किस कोटि के ग्राहकों के लिए वह वस्तुओं का उत्पादन करना च.: इस बात का निर्धारण कर लेने के बाद सम्बन्धित समूह के ग्राहकों की माँग का अनुमान लगाया जा सकता है। इसलिए उद्यमिता के लिए बाजार मूल्यांकन आवश्यक है।

प्रश्न 15.
पैकेजिंग के चार कार्य बताइए।
उत्तर:
अधिकांश व्यक्ति उत्पाद सुरक्षा को ही पैकेजिंग का एकमात्र कार्य समझते हैं। वास्तव में ऐसा सोचना उचित नहीं है। बाटा इण्डिया अपने पैकेज से तीन कार्यों की अपेक्षा करता है- (i) उत्पाद सुरक्षा (Product Protection), (ii) उत्पाद की मूल्य वृद्धि (Increase in the Value of the Product) एवं (iii) उत्पाद का विज्ञापन (Product Advertisement)।

प्रश्न 16.
पर्यावरण के प्रति उद्यमी का दायित्व बताइए।
उत्तर:
उद्यमी वातावरण के सभी घटकों के प्रति उत्तरदायी है। यह नागरिक समुदाय, उपभोक्ताओं, कर्मचारियों, विनियोजकों, प्रतिस्पर्धी संस्थाओं, राजनीतिक या सरकारी व्यवस्था, अर्थव्यवस्था (राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय) आदि सभी वातावरण के घटकों के प्रति उत्तरदायी है। दूसरे शब्दों में, सभी उद्यमशील क्रियाओं के निर्णयों में इनके हितों को ध्यान में रखना जरूरी होता है।

प्रश्न 17.
सम-विच्छेद बिन्दु क्या है ?
उत्तर:
उद्यमी जो व्यवसाय में नया प्रविष्ट होता है, उसे तुरन्त लाभ नहीं होने लगता बल्कि कुछ दिनों तक उसे ‘न लाभ न हानि’ की नीति पर भी व्यवसाय चलाना पड़ता है। इसी नीति से सम्बन्धित आगणन (calculation) सम-विच्छेद विश्लेषण’ होता है जिसकी जानकारी रखना एक उद्यमी के लिये आवश्यक होता है।

बिक्री का वह बिन्दु जहाँ व्यवसाय को न लाभ न हानि, ‘सम-विच्छेद बिन्दु’ कहलाती है। यहाँ विक्रय मूल्य कुल लागत के बराबर होता है। कुल लागत में स्थायी (Fixed) तथा परिवर्तनशील (Variable) दोनों शामिल होते हैं। उद्यमी कोई भी बिक्री करते समय इस बिन्दु का ध्यान रखता . है क्योंकि इस बिन्दु से अधिक बिक्री लाभ प्रदान करेगी और इससे नीचे की बिक्री से हानि होगी।

प्रश्न 18.
उत्पाद मिश्रण क्या है ?
उत्तर:
उत्पाद से आशय किसी भौतिक वस्तु अथवा सेवा से है जिससे क्रेता की आवश्यकताओं की संतुष्टि होती है। यह विपणन व्यूहरचना है जिसमें उत्पाद के अंगों का विवेचन एवं निर्णयन होता है। फिलिप कोटलर (Philip Kotler) के अनुसार, “उत्पाद क्रेता को संतुष्टियाँ अवकाश प्रदान करने की क्षमता वाले भौतिक सेवा एवं चिह्नात्मक विवरण का पुलिन्दा है।”

प्रत्येक व्यावसायिक फर्म उत्पाद विक्रय का कार्य करती है, भले ही कोई दिखाई दे या नहीं। उदाहरण के लिए, एक लॉण्डी जो कि धोने की सेवा का विक्रय करती है, उसी प्रकार उत्पाद में है जिस प्रकार एक फुटकर विक्रेता उन धुलाई वह लॉण्ड्री कर रही है। कोई भी उत्पाद का विक्रय करती है, वास्तव में, उस उत्पाद के सेवाओं का भी विक्रय करती है। एक उपभोक्ता इसलिए करता हैं क्योंकि उसको उस उत्पाद से एवं भौतिक संतोष प्राप्त होते हैं। अतः एक विक्रेता वास्तव में किसी उत्पाद का विपणन नहीं करता बल्कि उसके माध्यम से इन भौतिक एवं मनोवैज्ञानिक संतोषों , का विपणन करता है।

प्रश्न 19.
नवप्रवर्तन क्या है ?
उत्तर:
नवप्रवर्तन का आशय है-

  • विद्यमान स्थिति का विश्लेषण
  • उपलब्ध संसाधनों का नया संयोजन
  • सृजनात्मक विचार एवं चतुराई
  • नई वस्तु व सेवाएँ प्रदान करनः।
  • उत्पादन की नई विधि का उपयाग करना।
  • उत्पादों के लिये नये बाजार खोलना।
  • कच्चे माल की पूर्ति के. नये स्रोत को प्राप्त करना।
  • औद्योगिक क्रियाओं का पुनर्गठन।

प्रश्न 20.
एक उद्यमी को अपने पदार्थों के विपणन हेतु क्यों उचित ध्यान देना चाहिए?
उत्तर:
विपणन आधुनिक व्यवसाय का एक आवश्यक कार्य है। इसमें विस्तृत प्रतिस्पर्धा, अत्यधिक विविधीकरण तथा अन्तर्राष्ट्रीय वितरण है।

विपणन पर उचित ध्यान देने की आवश्यकता निम्न लाभों के कारण है-

  • यह उपभोक्ताओं की संतुष्टि हेतु संसाधनों का उपयोग करने में व्यावसायिक इकाई को मदद करता है।
  • उपभोक्ता क्या चाहता है, उसके अनुसार उत्पादन करने में यह सहायता प्रदान करता है और लाभदायकता में वृद्धि करता है।
  • यह इकाई के दीर्घकालीन विकास, ख्याति, उत्कर्ष तथा जीवित रहने के लिए पथ प्रदर्शन करता है।
  • यह उत्पादन के विविधीकरण, जोखिम को न्यूनतम करने, उत्पाद-विशिष्टीकरण तथा ग्राहक समर्थन के अवसरों को प्रदान करता है।

प्रश्न 21.
कोष-प्रवाह विवरण व आय विवरण के एक अन्तर बताएँ।
उत्तर:
कोष-प्रवाह विवरण एक विशेष लेखांकन अवधि में चालू वर्ष व गत वर्ष के स्थिति विवरणों की तुलना करके शुद्ध कार्यशील पूँजी में होने वाले परिवर्तन की व्याख्या करता है जबकि आय विवरण एक अवधि विशेष की क्रियाओं का परिणाम प्रस्तुत करता है।

प्रश्न 22.
गैस्-चालू सम्पत्तियाँ क्या होती हैं ? इनके उदाहरण दें।
उत्तर:
ऐसी-सम्पत्तियाँ जो व्यापार चलाने के उद्देश्य से खरीदी जाती है, बेचने के लिए नहीं, गैर चालू सम्पत्तियाँ कहलाती है। जैसे-ख्याति, भूमि, मशीनरी आदि।

प्रश्न 23.
पर्यावरण के सूक्ष्म परीक्षण के किन्हीं तीन उद्देश्यों को बताएं।
उत्तर:
पर्यावरण सूक्ष्म परीक्षण के तीन मुख्य उद्देश्य हैं-

  • उन्नत वित्तीय निष्पादन हेतु संसाधनों का प्रभावपूर्ण उपयोग प्राप्त करना।
  • उपभोक्ता के व्यवहार, बाजार प्रतिस्पर्धा, सरकार की नीति इत्यादि में निरन्तर होने वाले परिवर्तनों पर पैनी निगाह रखना।
  • उभरती समस्याओं तथा संवृद्धि को सुरक्षित रखने की दिशा में रणनीति विकसित करना।
  • व्यवसाय के क्षेत्रों एवं अवसरों की पहचान करना।
  • प्रबन्धकीय निर्णयों को दिशा-निर्देश देना।
  • भविष्य की घटनाओं का पूर्वानुमान करना तथा तद्नुसार समायोजन करना।

प्रश्न 24.
एक उपक्रम को सहायता प्रदान करने के लिए आवश्यक किन्हीं तीन तलरचनात्मक (इन्फ्रास्ट्रक्चर) सुविधाओं को बताएँ।
उत्तर:
बिना अनुकूल तलरचना (आधारभूत ढाँचा) के कोई भी उपक्रम सही ढंग से संचालित नहीं हो सकता है। यह व्यावसायिक कुशलता के लिए आवश्यक है।

आधारभूत ढाँचागत (तलरचनात्मक) सुविधाएँ उपक्रम को सहायता करने के लिए आवश्यक है। ये सुविधाएँ हैं-

  • उपयुक्त आकार एवं भूमि की स्थिति
  • संसाधनों के आगमन व बहिर्गमन के लिए परिवहन का पर्याप्त साधन
  • उचित संयंत्र एवं मशीनरी
  • निर्बाध रूप से विधुत की आपूर्ति
  • जल की उचित उपलब्धता
  • प्रशिक्षित एवं निपुण कारीगरों को प्राप्त करने के अवसर।

प्रश्न 25.
कोष प्रवाह विवरण क्या है ?
उत्तर:
कोष प्रवाह विवरण दर्शाता है-

  • एक विशेष अवधि में रोकड़ अन्तर्वाह एवं रोकड़ बहिर्वाह को
  • व्यवसाय द्वारा मुख्य स्रोतों को जिनसे कोष प्राप्त किये गये हैं और व्यवसाय में इन कोषों के प्रयोग की।
  • एक दी हुई अवधि में व्यवसाय की कार्यशील पूँजी में कमी या वृद्धि।
  • व्यवसाय की वित्तीय स्थिति में परिवर्तन के कारण।
  • संसाधनों की गति तथा वित्तीय परिणामों पर उसके शुद्ध प्रभाव।
  • व्यवसाय में कोषों को उगाहने एवं उपयोग के तरीके।
  • व्यवसाय की वित्तीय स्थिति की प्रमुख प्रवृति जिसका और विश्लेषण होना. आवश्यक है।
  • अधिक लाभप्रद तरीके जिनका प्रयोग लाभांश के निर्णय, निवेश निर्णय तथा वित्तीय निर्णयों में किया जा सकता है।

प्रश्न 26.
वित्त की व्यवसाय को क्या आवश्यकता है ?
उत्तर:
आधुनिक समय में वित्त की आवश्यकता व्यवसाय के लिए ठीक उसी प्रकार से है जिस प्रकार मनुष्य के जीवन के लिए रक्त की आवश्यकता होती है। जिस प्रकार बिना रक्त के शरीर काम नहीं कर सकता है। उसी प्रकार बिना वित्त के व्यावसायिक क्रियाओं को चलाना कठिन होता है। अतः व्यवसाय के कार्यों को निरंतर गति से चलाने के लिए वित्त या पूँजी की आवश्यकता पड़ती है।

प्रश्न 27.
व्यावसायिक सम्वृद्धि के मुख्य सूचक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
सम्वृद्धि प्रबंधन उद्यमी का मुख्य दायित्व है। व्यावसायिक संस्था में वित्तीय स्वस्थता और अनुकूल लाभ का होना आवश्यक है। व्यवसाय द्वारा प्राप्त विकास. या सम्वृद्धि स्तर निम्नलिखित घटकों द्वारा प्रदर्शित होती है-

  • लाभ का अधिकोष या बचत जिससे आगे की निवेश जरूरतें पूरी हो सकें।
  • परिसम्पत्तियों व जायदादों का मूल्य जो शोधान क्षमता एवं मजबूत स्थिति को प्रस्तुत करता है।
  • तकनीकी सुधार जिसमें उत्पादन के गुण एवं मात्रा में वृद्धि होती है।
  • चतुर एवं प्रशिक्षित कर्मचारी।
  • संगठनात्मक कार्यकुशलता।
  • बिक्री की बढ़ती मात्रा।

ये तत्व बाह्य कारकों से भी प्रभावित होते हैं। अतः ये सदैव बदलते रहते हैं। वे परिवर्तनशील हैं। इसलिए सम्वृद्धि स्थिर (Static) नहीं होती।

प्रश्न 28.
एक सफल उद्यमी के क्या गुण हैं ?
उत्तर:
एक सफल उद्यमी के निम्न लक्षण या गुण हैं-

  • व्यावसायिक अवसर बाजार या उत्पादक को मान्यता देने की योग्यता ( Talent)
  • वित्तीय एवं गैर वित्तीय संसाधानों को संग्रह करने या जुटाने की क्षमता (Ability)
  • विचारों को व्यावहारिक रूप (कार्यरूप) देने के प्रति उत्साह ( Zeal)
  • कार्य के प्रति समर्पण (Dedication)
  • विपरीत परिस्थितियों में भी लक्ष्य प्राप्त करने की इच्छा ( Desire)
  • उपभोक्ताओं की वास्तविक आवश्यकताओं एवं इच्छाओं को चिह्नित करने की क्षमता एवं उन्हें प्रभावशाली ढंग से पूरा करने के लिए पद्धतियाँ
  • जोखिम एवं चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए तत्पर रहना
  • शीघ्रता से और सही निर्णय लेने की तत्परता
  • दूर दृष्टि के लिए चतुराई, सम्वृद्धि के लिए पूर्वानुमान एवं भावी नियोजन।

प्रश्न 29.
एक उद्यमी की क्या मुख्य विशेषताएँ (लक्षण) हैं ?
उत्तर:
एक उद्यमी की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  • भविष्य की अनिश्चितताओं की जोखित को उठाने की क्षमता।
  • लाभदायक अवसर के रूप में किसी नये उत्पाद के नवप्रवर्तन की क्षमता।
  • विद्यमान वातावरण के अनुरूप वस्तु और सेवाओं का निर्माण करना।
  • वांछित फल प्राप्त करने के लिए संगठन करने की क्षमता।
  • एक उच्च प्रतिस्पर्धात्मक बाजार की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता।

प्रश्न 30.
‘आदेश की एकता’ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
यह सिद्धांत प्रबंध का महत्वपूर्ण सिद्धांत है जिसका संबंध आदर्श प्राप्त करने वालों से है। “एक व्यक्ति दो स्वामियों की एक साथ सेवा नहीं कर सकता” की कहावत को प्रबंध पर लागू किया गया है तथा कार्य-कुशलता के लिए कर्मचारी को एक ही उच्चाधिकारी से आदेश मिलना चाहिए। संस्था के सफल संचालन एवं कार्य के कुशल संपादन के लिए यह आवश्यक है कि कर्मचारी विशेष को अधिकारी विशेष से ही आदेश प्राप्त हो। इस प्रकार एक व्यक्ति जो एक से अधिक व्यक्तियों से आदेश प्राप्त करता है। आवश्यक रूप से अकुशल, अनुशासनहीन, भ्रमपूर्ण तथा अनुत्तरदायी होता है।

प्रश्न 31.
एक नये व्यावसायिक उपक्रम का चुनाव करते समय किन-किन घटकों या कारकों पर ध्यान दिया जाना चाहिए ?
उत्तर:
नये व्यावसायिक उपक्रम के चुनाव के संबंधा में निम्न घटकों या कारकों पर ध्यान दिया जाना चाहिए-

  • परियोजना लागत को पूरा करने के लिए आवश्यक निवेश का आकार।
  • इकाई का स्थान जिससे प्रबंधन में सुविधा हो सके।
  • प्रस्तावित वस्तु और सेवाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक तकनीकी स्तर।
  • कच्चे माल की आपूर्ति के स्रोत।
  • श्रम शक्ति की उपलब्धता, उपकरण के गुण जो उत्पादन प्रक्रिया को मदद करते हैं।
  • बाजार में प्रतिस्पर्धा की स्थिति।

प्रश्न 32.
प्रबंध के मुख्य कार्य क्या हैं ?
उत्तर:
व्यावसायिक संगठन के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए व्यवसाय के साधनों के कुशल नियोजन, संगठन, निर्देशन एवं समन्वय ही प्रंबध है। प्रबंध के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं-
1. नियोजन-पहले से ही निर्णय करना कि क्या करना है, क्यों करना है, कहाँ करना है, कैसे करना है तथा किस व्यक्ति द्वारा करना है, इन सभी बातों पर ध्यान देते हुए प्रबंध के उक्त कार्य के लिए कार्यक्रम तैयार करना होता है, उद्देश्य एवं नीतियाँ भी निर्धारित करनी होती हैं। इसी को नियोजन कहा जाता है।

2. संगठन-संगठन का आशय योजना द्वारा निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति करने वाले तंत्रों से है अतः संगठन कर्तव्यों को निर्धारित करता है। यह संबंध, उत्तरदायित्व तथा अधिकार निर्धारित करता है।

3. नियुक्तियाँ-प्रबंध के इस कार्य के अन्तर्गत आवश्यक पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति करना और उनको आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करना शामिल है।

4. निर्देशन-प्रबंध का एक महत्वपूर्ण कार्य निर्देशन है। अतः दूसरे व्यक्तियों से कार्य कराने के लिए यह आवश्यक है कि उनके कार्यों को निर्धारित उद्देश्यों एवं लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिया जाए।

5. नियंत्रण कार्य सही ढंग से निष्पादित हो रहा है या नहीं इसके लिए नियंत्रण की आवश्यकता होती है। कार्य निष्पादन का मूल्यांकन, कार्य के स्तर में सुधार के लिए उपाय करना इस कार्य के प्रमुख अंश हैं।

प्रश्न 33.
बाजार अवलोकन क्या है ?
उत्तर:
विभिन्न उत्पाद सम्बन्धी ज्ञान बाजार सर्वेक्षण से प्राप्त हो सकता है। संकलित सूचनाओं के आधार पर विभिन्न उत्पादों की भावी माँग एवं पूर्ति का विश्लेषण किया जा सकता है। भावी अनुमानित माँग की जानकारी के बाद संभावित परिवर्तन, कीमत, फैशन, आय-स्तर, प्रतिस्पर्धा, तकनीक इत्यादि के सम्बन्ध में आवश्यक प्रावधान किये जा सकते हैं। उत्पादों की भावी माँग के सम्बन्ध में अनुभवी विक्रेताओं, विज्ञापन एजेंसियों, वाणिज्य परामर्शदाताओं आदि की राय ली जा सकती है। इस प्रकार संकलित सूचनाओं के आधार पर एक भावी प्रवर्तक एक ऐसे उत्पाद का चुनाव कर सकता है जिसकी भावी माँग अधिक हो और अन्ततः लाभप्रद हो।

प्रश्न 34.
उपभोक्ता सर्वेक्षण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
किसी व्यवसाय की सफलता भावी उपभोक्ताओं के ऊपर निर्भर करती है। उपभोक्ता सर्वेक्षण के माध्यम से उनकी रुचि, फैशन, पसन्द, गैर-पसन्द, वे कब खरीदेंगे, कहाँ खरीदेंगे, कितनी कीमत पर खरीदेंगे सम्बन्धी सूचनाएँ प्राप्त की जा सकती हैं। इस प्रकार, कोई ऐसा उत्पाद बाजार में प्रस्तुत किया जाना चाहिए जो ग्राहकों (उपभोक्ताओं) की चाहत के अनुकूल हो। उस उद्देश्य की पूर्ति हेतु उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया जानने के लिए स्वाद-परीक्षण की तकनीक अपनायी जानी चाहिए।

इससे उत्पाद की कमियों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है और जिन्हें उत्पाद को बाजार में प्रस्तुत करने के पूर्व समाप्त किया जा सकता है। प्रारम्भ में किसी कम्पनी को एक या दो उत्पादों को ही बाजार में प्रस्तुत करना चाहिए तथा उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया जानने के बाद ही उत्पादों की संख्या में वृद्धि की जानी चाहिए अन्यथा कम्पनी को भारी क्षति हो सकती है।

प्रश्न 35.
विपणन वातावरण की परिभाषा लिखें।
उत्तर:
विपणन वातावरण की परिभाषाएँ (Definitions of Marketing Environment) विपणन वातावरण की मुख्य परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं-

  1. कोटलर एवं आर्मस्ट्राँग के अनुसार, “किसी कम्पनी के विपणन वातावरण का सामंजस्य उन समस्त बाह्य घटकों एवं शक्तियों से है जिनका सम्बन्ध विपणन प्रबन्ध की क्षमता को वांछित उपभोक्ताओं के साथ विकसित करने से होता है।”
  2. क्रेवेन्स एवं अन्य के अनुसार, “विपणन वातावरण, जिसमें विपणन प्रबन्ध के बाह्य कार्यों का निष्पादन किया जाता है जो अनियंत्रित निर्णय लेने से सम्बन्धित एवं बदलाव तथा सुधारात्मक प्रकृति के होते हैं।”

प्रश्न 36.
नेटवर्क तकनीक क्या है ?
उत्तर:
नेटवर्क तकनीकें पारम्परिक दण्ड-चार्ट की तुलना में अधिक परिस्कृत हैं। यह एक तकनीक है जो परियोजना क्रियाओं, घटनाओं एवं उनके बीच सम्बन्ध को नेटवर्क डायग्राम के माध्यम से प्रस्तुत करती है। नेटवर्क तकनीक जटिलता परियोजनाओं को शुरू से अंत तक, तैयार करने के रूप में जाना जा सकता है, हालाँकि यह कार्य कागज के टुकड़े पर डायग्राम के आधार पर किया जाता है। यह तकनीक शिक्षाप्रद एवं प्रकटित दोनों हो सकती है। यह शिक्षाप्रद है क्योंकि इससे यह पता चलता है कि दूसरे क्रियात्मक विभाग के कार्य कैसे पूरे किये जाते हैं। यह प्रकटित भी है क्योंकि यह परियोजना की रूप-रेखा को भी स्पष्ट करती है।

प्रश्न 37.
स्थिर पूँजी क्या है ?
उत्तर:
स्थिर पूँजी उस पूँजी का प्रतिनिधित्व करती है जिसकी आवश्यकता दीर्घकालीन उत्पादन सुविधाओं को प्राप्त करने हेतु होती है। इसके अन्तर्गत भूमि, भवन, मशीन, फर्नीचर आदि के क्रय पर विनियोग की राशि शामिल की जाती है।

ह्वीलर के अनुसार, “स्थिर पूँजी स्थिर एवं दीर्घकालीन सम्पत्तियों में विनियोजित होती है। स्थिर पूँजी की राशि उत्पादक द्वारा स्थिर सम्पत्तियों के प्रयोग के अनुसार आनुपातिक दर से बदलती है।’

प्रश्न 38.
कोषों के कौन-कौन स्रोत हैं, बतायें।
उत्तर:
कोषों के निम्न स्रोत हैं-

  • संचालन से कोष (Funds from Operations)
  • अंश पूँजी का निर्गमन (Issue of Share Capital)
  • ऋणपत्रों का निर्गमन (Issue of Debentures)
  • ऋण लिया जाना (Raising of Loans)
  • स्थायी सम्पत्तियों की बिक्री (Sale of Fixed Assets)
  • प्राप्त लाभांश (Dividend Received)
  • कार्यशील पूँजी में शुद्ध कमी (Net Decrease in Working Capital)।

प्रश्न 39.
खंड सम-विच्छेद विश्लेषण की परिभाषा दें।
उत्तर:

  • चार्ल्स टी० हॉनग्रेन के अनुसार, “खंड-सम बिन्दु विक्रय मात्रा का वह बिन्दु है जिस पर कुल आगम और कुल व्यय बराबर हों, इसे शून्य लाभ एवं शून्य हानि का बिन्दु भी कहते हैं।”
  • केलर तथा फरेरा के शब्दों में, “किसी फर्म अथवा इकाई का खंड-सम बिन्दु विक्रय आय का वह स्तर है जो कि इसकी स्थिर तथा परिवर्तनशील लागतों के योग के बराबर हो।”
  • जी० आर० क्राउनिंगशिल्ड के अनुसार, “खंड-सम बिन्दु वह बिन्दु होता है जिस पर विक्रय आगम वस्तु को उत्पादित करने तथा विक्रय की लागत के बराबर हो और न तो कोई लाभ हो और न हानि हो।”

प्रश्न 40.
बुनियादी ढाँचे के महत्त्व को लिखें।
उत्तर:
बुनियादी ढाँचा उत्पादकता वृद्धिकर एवं सुविधाओं के प्रसारण द्वारा जीवन शैली को प्रभावित करते हुए आर्थिक विकास में योगदान करता है। ये सेवाएँ उत्पादन के विकास को कई प्रकार से प्रभावित करती हैं-

  • बुनियादी सुविधाएँ उत्पादन का अन्तरंग अंग (Intermediate input) हैं तथा इनकी लागतों में कमी करके उत्पादन की लाभदायकता को बढ़ाती हैं। साथ ही उत्पाद, आय एवं रोजगार के उच्च स्तरों को जन्म देती हैं।
  • बुनियादी सेवाएँ अन्य घटकों जैसे श्रम एवं पूँजी की उत्पादकता बढ़ाती हैं। इसलिए बुनियादी ढाँचे को उत्पादन का नि:शुल्क घटक भी कहा जाता है क्योंकि इसकी उपलब्धता दूसरे घटकों को उच्चतर प्रत्याय प्रदान करती है।

प्रश्न 41.
प्रबन्ध का अर्थ क्या है ?
अथवा, प्रबन्ध की परिभाषा लिखें।
उत्तर:
‘प्रबन्ध’ शब्द को कई अर्थों में प्रयोग किया गया है। कभी-कभी एक संगठन में कार्यरत “प्रबन्धकीय कर्मिकों के समूह” का प्रबन्ध करने के लिए किया जाता है। अन्य समयों में प्रबन्ध का तात्पर्य नियोजन, संगठन, कार्मिकता, निर्देशन, समन्वयन एवं नियंत्रण प्रक्रिया के रूप में लिया जाता है। ‘ संबोधन के आधार पर प्रबन्ध की कुछ एक परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं-
1. मेरी पार्कर फॉलेट्टज (Mary Parker Follett) के अनुसार, “प्रबन्ध अन्य व्यक्तियों से काम लेने की कला है।”

2. फ्रेड्रिक विन्सेला टेयलर (Frederick Winston Taylor) के अनुसार, “प्रबंन्ध सर्वप्रथम यह ज्ञात करना कि आप व्यक्तियों से क्या (कार्य) करवाना चाहते हैं तथा पुनः यह निश्चित करना कि वे इसे किस प्रकार सस्ते एवं श्रेष्ठतम तरीके से करें।”

इन परिभाषाओं के अवलोकन के पश्चात्, प्रबन्ध को अन्यों द्वारा कार्य सम्पन्न कराने के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। अन्य शब्दों में, यह विभिन्न कार्यों के निष्पादन तथा नियोजन, संगठन, समन्वयन, नेतृत्व एवं व्यावसायिक परिचालनों को इस प्रकार सम्पन्न करने की प्रक्रिया है ताकि व्यावसायिक फर्म के उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके। इसके अन्तर्गत वे सभी क्रियाएँ सम्मिलित हैं जो व्यावसायिक नियोजन से लेकर इसके वास्तविक संपादन तक व्यापक हो।

Bihar Board 12th Economics Objective Important Questions Part 2

BSEB Bihar Board 12th Economics Important Questions Objective Type Part 2 are the best resource for students which helps in revision.

Bihar Board 12th Economics Objective Important Questions Part 2

प्रश्न 1.
निम्न में से भुगतान शेष की परिभाषा किसने दी ?
(a) मार्शल
(b) बेन्हम
(c) कीन्स
(d) कैनन
उत्तर:
(c) कीन्स

प्रश्न 2.
भुगतान शेष के अन्तर्गत निम्न में कौन-सी मदें सम्मिलित हैं ?
(a) दृश्य मदें
(b) अदृश्य मदें
(c) पूंजी अन्तरण
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 3.
भुगतान सन्तुलन की निम्नलिखित में कौन-सी विशेषता है ?
(a) क्रमबद्ध रेखा रिकार्ड
(b) निश्चित समय-अवधि
(c) व्यापकता
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 4.
पूँजी खाते के अन्तर्गत निम्नलिखित में किसे शामिल किया जाता है ?
(a) एकपक्षीय अंतरण
(b) निजी सौदे
(c) विदेशी प्रत्यक्ष विनियोग
(d) दोनों (b) और (c)
उत्तर:
(d) दोनों (b) और (c)

प्रश्न 5.
व्यापार संतुलन का क्या अर्थ है ?
(a) पूँजी का लेन-देन
(b) वस्तुओं का आयात एवं निर्यात
(c) कुल क्रेडिट तथा डेबिट
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 6.
निम्न में से किसका अध्ययन व्यष्टि अर्थशास्त्र में किया जाता है ?
(a) व्यक्तिगत परिवार
(b) व्यक्तिगत फर्म
(c) व्यक्तिगत उद्योग
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी

प्रश्न 7.
ऐसी वस्तुएँ जिनका एक-दूसरे के बदले प्रयोग किया जाता है
(a) पूरक वस्तुएँ
(b) स्थापन्न वस्तुएँ
(c) आरामदायक वस्तुएँ
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) स्थापन्न वस्तुएँ

प्रश्न 8.
किसी वस्तु में मानवीय आवश्यकता की पूर्ति की क्षमता को कहते हैं
(a) उत्पादकता
(b) संतुष्टि
(c) उपयोगिता
(d) लाभदायकता
उत्तर:
(c) उपयोगिता

प्रश्न 9.
उपयोगिता का गणनावाचक सिद्धान्त किसने प्रस्तुत किया ?
(a) मार्शल
(b) माल्थस
(c) पीगू
(d) हिक्स
उत्तर:
(c) पीगू

प्रश्न 10.
घिसावट व्यय सम्मिलित रहता है।
(a) GNPMP
(b) NNPMP
(c) NNPFC
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(a) GNPMP

प्रश्न 11.
केन्स के अनुसार विनियोग से अभिप्राय है
(a) वित्तीय विनियोग
(b) वास्तविक विनियोग
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) (a) और (b) दोनों

प्रश्न 12.
केन्स का रोजगार सिद्धान्त किस पर आधारित है ?
(a) प्रभावपूर्ण माँग
(b) आपूर्ति
(c) उत्पादन क्षमता
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(a) प्रभावपूर्ण माँग

प्रश्न 13.
‘रोजगार, सूद और मुद्रा का सामान्य सिद्धान्त’ नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं ?
(a) ए० सी० पीगू
(b) जे० बी० से
(c) जे० एम० केन्स
(d) रिकार्डो
उत्तर:
(c) जे० एम० केन्स

प्रश्न 14.
MPC का मान होता है
(a) 1
(b) 0
(c) 0 से अधिक किन्तु 1 से कम
(d) ¥
उत्तर:
(c) 0 से अधिक किन्तु 1 से कम

प्रश्न 15.
अपस्फीतिक अन्तराल की दशाएँ
(a) माँग में तेजी से वृद्धि
(b) पूँजी में तेजी से वृद्धि
(c) माँग और पूर्ति दोनों में बराबर
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(a) माँग में तेजी से वृद्धि

प्रश्न 16.
सरकार के कर राजस्व में शामिल हैं
(a) आय कर
(b) निगम कर
(c) सीमा शुल्क
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 17.
माँग की लोच का मान होता है
(a) धनात्मक
(b) ऋणात्मक
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) ऋणात्मक

प्रश्न 18.
उत्पत्ति ह्रास नियम लागू होने के मुख्य कारण क्या हैं ?
(a) साधनों की सीमितता
(b) साधनों का अपूर्ण स्थापन्न
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) (a) और (b) दोनों

प्रश्न 19.
अवसर लागत का वैकल्पिक नाम है
(a) आर्थिक लागत
(b) साम्य कीमत
(c) सीमान्त लागत
(d) औसत लागत
उत्तर:
(b) साम्य कीमत

प्रश्न 20.
पूर्ण प्रतियोगिता में ………….. लाभ की प्राप्ति होती है।
(a) सामान्य
(b) अधिकतम
(c) शून्य
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) सामान्य

प्रश्न 21.
कीमत उस बिन्दु पर निर्धारित होती है जहाँ
(a) माँग अधिक हो
(b) पूर्ति अधिक हो
(c) माँग और पूर्ति बराबर हो
(d) उपर्युक्त कोई नहीं
उत्तर:
(c) माँग और पूर्ति बराबर हो

प्रश्न 22.
‘किसी वस्तु की कीमत माँग और पूर्ति द्वारा निर्धारित होता है।’ यह किसका कथन है ?
(a) जेवन्स का
(b) वालरस का
(c) मार्शल का
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) मार्शल का

प्रश्न 23.
यदि किसी वस्तु की कीमत में 60 प्रतिशत की वृद्धि तथा पूर्ति में 5 प्रतिशत की वृद्धि हो ऐसी वस्तु की पूर्ति होगी
(a) अत्यधिक लोचदार
(b) लोचदार
(c) बेलोचदार
(d) पूर्णतः लोचदार
उत्तर:
(c) बेलोचदार

प्रश्न 24.
एकाधिकार की विशेषता है
(a) एक विक्रेता अधिक क्रेता
(b) निकट स्थानापन्न का अभाव
(c) नई फर्मों के प्रवेश पर रोक
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी

प्रश्न 25.
मूल्य विभेद किस बाजार में पाया जाता है ?
(a) शुद्ध प्रतियोगिता
(b) पूर्ण प्रतियोगिता
(c) एकाधिकार
(d) एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता
उत्तर:
(b) पूर्ण प्रतियोगिता

प्रश्न 26.
फर्म के संतुलन की शर्त है।
(a) MC = MR
(b) MR = TR
(c) MR = AR
(d) AC = AR
उत्तर:
(a) MC = MR

प्रश्न 27.
निम्नलिखित में कौन एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता की विशेषता है ?
(a) विभेदीकृत उत्पादन
(b) विक्रय लागत
(c) बाजार का अपूर्ण ज्ञान
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 28.
प्राथमिक क्षेत्र में सम्मिलित है।
(a) कृषि
(b) खुदरा व्यापार
(c) लघु उद्योग
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 29.
प्रवाह में किसे शामिल किया जाता है ?
(a) उपभोग
(b) विनियोग
(c) आय
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 30.
कौन सत्य है ?
(a) GNP = GDP + ह्रास
(b) NNP = GNP + ह्रास
(c) NNP = GNP – ह्रास
(d) GNP = NNP – ह्रास
उत्तर:
(c) NNP = GNP – ह्रास

प्रश्न 31.
राष्ट्रीय आय की माप हेत किस विधि को अपनाया जाता है ?
(a) उत्पादन विधि
(b) आय विधि
(c) व्यय विधि
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 32.
प्राथमिक क्षेत्र में कौन शामिल है ?
(a) भूमि
(b) वन
(c) खनन
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी

प्रश्न 33.
मुद्रा का कार्य है
(a) विनिमय का माध्यम
(b) मूल्य का मापन
(c) मूल्य का संचय
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 34.
भारत में बैंकिंग क्षेत्र सुधार प्रारम्भ हुआ
(a) 1969 में
(b) 1981 में
(c) 1991 में
(d) 2001 में
उत्तर:
(c) 1991 में

प्रश्न 35.
व्यावसायिक बैंक का एजेन्सी कार्य क्या है ?
(a) ऋण देना
(b) जमा स्वीकार करना
(c) ट्रस्टी का काम करना
(d) लॉकर सुविधा देना
उत्तर:
(b) जमा स्वीकार करना

प्रश्न 36.
व्यावसायिक बैंक के प्राथमिक कार्य है
(a) जमा स्वीकार करना
(b) ऋण देना
(c) साख निर्माण
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 37.
केन्द्रीय बैंक माख नियंत्रण करता है
(a) बैंक दर द्वारा
(b) खुले बाजार द्वारा
(c) CRR के द्वारा
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 38.
केन्द्रीय बैंक के कौन-से कार्य हैं ?
(a) नोट निर्गमन
(b) सरकार का बैंक
(c) विदेशी विनिमय कोष का संरक्षक
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 39.
अतिरिक्त माँग उत्पन्न होने के कारण कौन हैं ?
(a) सार्वजनिक व्यय में वृद्धि
(b) मुद्रा की पूर्ति में वृद्धि
(c) करों में कमी
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 40.
प्रो० पैटन के अनुसार उपभोक्ता की बचत उत्पन्न होती है
(a) आनन्दमयी आर्थिक दशा में
(b) द:खमय आर्थिक दशा में
(c) (a) और (b) दोनों में
(d) दोनों में से किसी में नहीं
उत्तर:
(a) आनन्दमयी आर्थिक दशा में

प्रश्न 41.
मार्शल ने माँग की लोच को कितने भागों में बाँटा है ?
(a) दो
(b) चार
(c) पाँच
(d) सात
उत्तर:
(c) पाँच

प्रश्न 42.
यदि मूल्य तथा माँग में समान दर से परिवर्तन हो, तो उसे कहते हैं
(a) इकाई माँग की लोच
(b) पूर्णत: लोचदार माँग
(c) सापेक्षिक लोचदार माँग
(d) सापेक्षिक बेलोचदार माँग
उत्तर:
(a) इकाई माँग की लोच

प्रश्न 43.
अन्तिम इकाई की लागत को ही कहते हैं
(a) कुल लागत
(b) औसत लागत
(c) सीमान्त लागत
(d) ये सभी
उत्तर:
(c) सीमान्त लागत

प्रश्न 44.
स्थिर लागत को कहते हैं
(a) पूरक लागत
(b) प्रमुख लागत
(c) सीमान्त लागत
(d) अवसर लागत
उत्तर:
(a) पूरक लागत

प्रश्न 45.
सर्वप्रथम किसने उपभोक्ता की बचत की धारणा को व्यक्त किया था ?
(a) प्रो० ड्यूपिट
(b) प्रो० मार्शल
(c) प्रो० हिक्स
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) प्रो० ड्यूपिट

Bihar Board 12th Economics Objective Important Questions Part 1

BSEB Bihar Board 12th Economics Important Questions Objective Type Part 1 are the best resource for students which helps in revision.

Bihar Board 12th Economics Objective Important Questions Part 1

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन उत्पत्ति का साधन नहीं है ?
(a) भूमि
(b) श्रम
(c) मुद्रा
(d) पूँजी
उत्तर:
(c) मुद्रा

प्रश्न 2.
अर्थव्यवस्था की केन्द्रीय समस्या कौन-सी है ?
(a) क्या उत्पादन हो ?
(b) कैसे उत्पादन हो ?
(c) उत्पादित वस्तु का वितरण कैसे हो ?
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(d) इनमें से सभी

प्रश्न 3.
किसने कहा “अर्थशास्त्र कभी वास्तविक विज्ञान होता है और कभी आदर्श विज्ञान” ?
(a) मार्शल
(b) फ्रेडमैन
(c) कीन्स
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) कीन्स

प्रश्न 4.
निम्न अर्थशास्त्री में से कौन कल्याणवादी विचारधारा के नहीं हैं ?
(a) जे० बी० से
(b) मार्शल
(c) पीगू
(d) कैनन
उत्तर:
(c) पीगू

प्रश्न 5.
उपयोगता का क्रमवाचक सिद्धांत निम्न में से किसने प्रस्तुत किया ?
(a) पीगू
(b) हिक्स एवं ऐलेन
(c) मार्शल
(d) सैम्यूलसन
उत्तर:
(b) हिक्स एवं ऐलेन

प्रश्न 6.
जब कुल उपयोगिता अधिकतम होती है, तब सीमांत उपयोगिता क्या होती है ?
(a) धनात्मक
(b) ऋणात्मक
(c) शून्य
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) धनात्मक

प्रश्न 7.
सम सीमांत उपयोगिता नियम का दूसरा नाम क्या है ?
(a) उपयोगिता ह्रास नियम
(b) प्रतिस्थापन का नियम
(c) गोसेन का प्रथम नियम
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) प्रतिस्थापन का नियम

प्रश्न 8.
कीमत या बजट रेखा की ढाल क्या होती है ?
Bihar Board 12th Economics Objective Important Questions Part 1, 1
उत्तर:
Bihar Board 12th Economics Objective Important Questions Part 1, 2

प्रश्न 9.
इनमें से कोई नहीं माँग में संकुचन तब होता है, जब
(a) कीमत बढ़ती है और माँग घटती है
(b) कीमत बढ़ती है और माँग भी बढ़ती हैं
(c) कीमत स्थिर रहती है और माँग घटती है
(d) कीमत घटती है लेकिन माँग स्थिर रहती है
उत्तर:
(a) कीमत बढ़ती है और माँग घटती है

प्रश्न 10.
माँग की लोच मापने के लिये प्रतिशत या आनुपातिक रीति का प्रतिपादन किसने किया ?
(a) मार्शल
(b) फ्लक्स
(c) हिक्स
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) मार्शल

प्रश्न 11.
यदि मूल्य में 40% परिवर्तन के फलस्वरूप वस्तु की माँग में 60% परिवर्तन होता है तो माँग की लोच क्या होगी ?
(a) 0.5
(b) -1.5
(c) 1
(d) 0
उत्तर:
(a) 0.5

प्रश्न 12.
दीर्घकालीन उत्पादन फलन का सम्बन्ध निम्न में से किससे है?
(a) मांग का नियम
(b) परिवर्तनशील अनुपातों का नियम
(c) पैमाने के प्रतिफल का नियम
(d) माँग की लोच
उत्तर:
(d) माँग की लोच

प्रश्न 13.
अल्पकालीन उत्पादन की दशा में एक विवेकशील उत्पादक किस अवस्था में उत्पादन करना पसन्द करेगा?
(a) प्रथम अवस्था
(b) द्वितीय अवस्था
(c) तृतीय अवस्था
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) द्वितीय अवस्था

प्रश्न 14.
मौद्रिक लागत में निम्नलिखित में किसे सम्मिलित किया जाता है ?
(a) सामान्य लाभ
(b) व्यक्त लागत
(c) अव्यक्त लागत
(d) उपयुक्त सभी
उत्तर:
(d) उपयुक्त सभी

प्रश्न 15.
औसत परिवर्तनशील लागत क्या है ?
(a) कुल परिवर्तनशील लागत × उत्पाद
(b) कुल परिवर्तनशील लागत + उत्पाद
(c) कुल परिवर्तनशील लागत – उत्पाद
(d) कुल परिवर्तनशील लागत ÷ उत्पाद
उत्तर:
(a) कुल परिवर्तनशील लागत × उत्पाद

प्रश्न 16.
फर्म का लाभ निम्नलिखित में किस शर्त को पूरा करने पर अधिकतम होगा ?
(a) सीमांत आगम = सीमांत्त लागत
(b) सीमांत लागत वक्र सीमांतं आगत रेखा को नीचे से काटती है
(c) दोनों (a) और (b)
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) दोनों (a) और (b)

प्रश्न 17.
निम्नांकित चित्र क्या प्रदर्शित करता है ?
Bihar Board 12th Economics Objective Important Questions Part 1, 3
(a) पूर्ति का विस्तार
(b) पूर्ति का संकुचन
(c) पूर्ति में वृद्धि
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) पूर्ति का विस्तार

प्रश्न 18.
पूर्ति की लोच क्या है, जब es = 0 है ?
(a) पूर्णतः लोचदार पूर्ति
(b) पूर्णतः बेलोचदार पूर्ति
(c) कम लोचदार पूर्ति
(d) इकाई लोचदार पूर्ति
उत्तर:
(a) पूर्णतः लोचदार पूर्ति

प्रश्न 19.
किस बाजार में फर्म का स्वतंत्र प्रवेश तथा बहिर्गमन होता है ?
(a) एकाधिकारी प्रतियोगिता बाजार
(b) अपूर्ण प्रतियोगिता बाजार
(c) पूर्ण प्रतियोगिता बाजार
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) पूर्ण प्रतियोगिता बाजार

प्रश्न 20.
निम्न में से कौन सही सम्बन्ध है ?
(a) सीमांत आगम (MR) = औसत आगम (AR) \(\left(\frac{\mathrm{e}-1}{\mathrm{e}}\right)\)
(b) कुल आगम (TR) = सीमांत आगम (MR) \(\left(\frac{\mathrm{e}-1}{\mathrm{e}}\right)\)
(c) दोनों (a) और (b)
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) दोनों (a) और (b)

प्रश्न 21.
निम्न में से कौन एकाधिकार की विशेषता नहीं है ?
(a) एक क्रेता और अधिक विक्रेता
(b) निकट स्थानापन्न का अभाव
(c) नए फर्मों के प्रवेश पर प्रतिबन्ध
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(a) एक क्रेता और अधिक विक्रेता

प्रश्न 22.
किस बाजार में वस्तु विभेद पाया जाता है ?
(a) शुद्ध प्रतियोगिता
(b) पूर्ण प्रतियोगिता
(c) एकाधिकार
(d) एकाधिकारी प्रतियोगिता
उत्तर:
(d) एकाधिकारी प्रतियोगिता

प्रश्न 23.
किसने कीमत निर्धारण प्रक्रिया में ‘समय तत्व’ का विचार प्रस्तुत किया ?
(a) वालरस
(b) जे० के० मेहता
(c) मार्शल
(d) रिकार्डो
उत्तर:
(b) जे० के० मेहता

प्रश्न 24.
बाजार मूल्य का सम्बन्ध निम्नलिखित में से किससे है ?
(a) स्थायी मूल्य
(b) अति अल्पकालीन मूल्य
(c) सामान्य मूल्य
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(c) सामान्य मूल्य

प्रश्न 25.
स्थायी पूँजी का उपभोग क्या है ?
(a) पूँजी निर्माण
(b) घिसावट
(c) निवेश
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(d) इनमें से सभी

प्रश्न 26.
घिसावट व्यय किसमें सम्मिलित रहता है ?
(a) GNPMP
(b) NNPMP
(c) NNPFC
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) GNPMP

प्रश्न 27.
द्वितीयक क्षेत्र में निम्नांकित में से कौन-सी सेवाएँ सम्मिलित है ?
(a) बीमा
(b) विनिर्माण
(c) व्यापार
(d) बैंकिंग
उत्तर:
(a) बीमा

प्रश्न 28.
राष्ट्रीय आय में निम्नलिखित में से किसे सम्मिलित किया जाता है ?
(a) हस्तान्तरण भुगतान
(b) शेयर और बॉण्ड की बिक्री से प्राप्त राशि
(c) काले धंधे से प्राप्त आय
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) हस्तान्तरण भुगतान

प्रश्न 29.
निम्नलिखित में किसके अनुसार “मुद्रा वह धरी है जिसके चारों ओर समस्त अर्थ विज्ञान चक्कर लगाता है” ?
(a) कीन्स
(b) रॉबर्टसन
(c) मार्शल
(d) हाटे
उत्तर:
(c) मार्शल

प्रश्न 30.
मुद्रा के स्थैतिक और गत्यात्मक कार्यो का विभाजन किसने किया ?
(a) रैगनर फ्रिश
(b) पॉल ऐंजिंग
(c) मार्शल
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) रैगनर फ्रिश

प्रश्न 31.
साख गुणक क्या है ?
Bihar Board 12th Economics Objective Important Questions Part 1, 4
उत्तर:
Bihar Board 12th Economics Objective Important Questions Part 1, 5

प्रश्न 32.
व्यावसायिक बैंक के प्रमुख कार्य क्या हैं ?
(a) ग्राहकों की जमा स्वीकार करना
(b) ग्राहकों को कर देना
(c) नोट निर्गमन
(d) केवल (a) और (b)
उत्तर:
(d) केवल (a) और (b)

प्रश्न 33.
निम्न में से किसका सम्बन्ध बैंकिग सुधार से है ?
(a) 1991
(b) नरसिंहम समिति
(c) वाई० वी० रेड्डी समिति
(d) केवल (a) और (b)
उत्तर:
(d) केवल (a) और (b)

प्रश्न 34.
किस वर्ष में भारत में 14 बड़े अनुसूचित व्यावसायिक बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया ?
(a) 1949
(b) 1955
(c) 1969
(d) 2000
उत्तर:
(c) 1969

प्रश्न 35.
निवेश के निर्धारक घटक कौन-से हैं ?
(a) पूंजी की सीमांत क्षमता
(b) ब्याज दर
(c) दोनों (a) और (b)
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) दोनों (a) और (b)

प्रश्न 36.
अगर सीमांत उपभोग प्रवृत्ति 0.5 है तो गुणक (K) क्या होगा ?
(a) \(\frac{1}{2}\)
(b) 0
(c) 1
(d) 2
उत्तर:
(a) \(\frac{1}{2}\)

प्रश्न 37.
कीन्स के अर्थव्यवस्था में न्यून माँग की दशा को निम्नलिखित में किस नाम से पुकारा जाता है ?
(a) पूर्ण रोजगार संतुलन
(b) अपूर्ण रोजगार संतुलन
(c) दोनों (a) और (b)
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) दोनों (a) और (b)

प्रश्न 38.
सीमान्त उपयोग प्रवृति निम्न में से कौन है ?
(a) \(\frac{\Delta \mathrm{Y}}{\Delta \mathrm{C}}\)
(b) \(\frac{\Delta \mathrm{C}}{\Delta \mathrm{Y}}\)
(c) \(\frac{\Delta \mathrm{Y}}{\Delta \mathrm{I}}\)
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) \(\frac{\Delta \mathrm{C}}{\Delta \mathrm{Y}}\)

प्रश्न 39.
गुणाधक साख नियंत्रण के अन्तर्गत निम्नलिखित में किसे शामिल किया जाता है?
(a) ऋणों की सीमान्त आवश्यकता में परिवर्तन
(b) साख की राशनिंग
(c) प्रत्यक्ष कार्यवाही
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 40.
निम्नलिखित में से कौन अप्रत्यक्ष कर है ?
(a) आय कर
(b) सम्पत्ति कर
(c) उत्पाद कर
(d) उपहार कर
उत्तर:
(d) उपहार कर

प्रश्न 41.
ऐसे व्यय जो सरकार के लिए किसी परिसम्पत्ति का सृजन नहीं करते हैं, क्या
(a) राजस्व व्यय
(b) पूँजीगत व्यय
(c) दोनों (a) और (b)
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) दोनों (a) और (b)

प्रश्न 42.
निम्न में से कौन राजकोषीय घाटे में होने वाला खतरा है ?
(a) अवस्फीतिकारी दबाव
(b) स्फीतिकारी दबाव
(c) दोनों (a) और (b)
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) दोनों (a) और (b)

प्रश्न 43.
निम्न में से कौन सरकार द्वारा उधार लेने के कारणों की ओर ध्यान आकर्षित करता है ?
(a) राजकोषीय घाटा
(b) प्राथमिक घाटा
(c) राजस्व घाटा
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 44.
निम्न में से कौन प्राथमिक घाटे का सही माप है ?
(a) राजकोषीय घाटा – राजस्व घाटा
(b) राजस्व घाटा – ब्याज का भुगतान
(c) राजकोषीय घाटा – ब्याज का भुगतान
(d) पूँजीगत व्यय – राजस्व व्यय
उत्तर:
(d) पूँजीगत व्यय – राजस्व व्यय

प्रश्न 45.
‘बजट’ निम्न में से कौन-सा शब्द है ?
(a) लैटिन
(b) जर्मन
(c) फ्रेंच
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) लैटिन

Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Long Answer Type Part 2 in Hindi

BSEB Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Long Answer Type Part 2 are the best resource for students which helps in revision.

Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Long Answer Type Part 2 in Hindi

प्रश्न 1.
एक उद्यमी किस प्रकार सही उत्पादन तथा उत्पादन के प्रवाह का सुनिश्चित कर सकता है ?
उत्तर:
प्रत्येक उद्यमी को वस्तु या सेवाओं के उत्पादन की योजना बनानी चाहिए। इस नियोजन का उद्देश्य निम्न को सुनिश्चित करना है-

  • सही गुण
  • सही मात्रा
  • सही समय
  • न्यूनतम लागत

उत्पादन ऐसा हो जो उपभोक्ता को अधिकतम संतुष्टि दे सके। इसके लिए गुणवत्ता, मात्र एवं सामग्रियों की पूर्ति, लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तरीके, श्रमशक्ति की आवश्यकता, संयंत्र के प्रकार, प्रयोग में लाये जाने वाले उपकरण आदि के सम्बन्ध में उचित निर्णय लेना आवश्यक है।

एक उचित उत्पादन नियोजन के लिए निम्न पर ध्यान देना आवश्यक है-

  • नियमित रूप से सामग्री प्राप्त करने की प्रक्रिया।
  • निर्बाध रूप से उत्पादन प्रवाह के लिए उत्पादन का क्रम एवं सूची तैयार करना।
  • मशीनों का संधारण/रख-रखाव।
  • किस्म नियंत्रण ताकि उत्पादन उपयोगिता के वांछित स्तर पर हो सके।
  • उत्पादन क्षमता का आदर्श उपयोग।
  • विक्रय पूर्वानुमान ताकि उत्पादन कार्यक्रम को मदद मिल सके।
  • बाजार की आवश्यकता व माँग के अनुरूप परिवर्तन लाना।

प्रश्न 2.
समता अंश तथा पूर्वाधिकार अंश में अन्तर्भेद कीजिए।
उत्तर:
समता अंश तथा पूर्वाधिकार अंश में मुख्य अन्तर निम्नलिखित है-
Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Long Answer Type Part 2, 1

प्रश्न 3.
पर्यावरण के सूक्ष्म परीक्षण को उद्यमिता का एक महत्वपूर्ण पहलू क्यों माना जाता है ?
उत्तर:
पर्यावरण में वे शक्तियाँ शामिल हैं जो व्यवसाय के परिचालन को प्रभावित करती हैं। ऐसी शक्तियाँ मुख्यतः बाहरी हैं और उद्यमी के नियंत्रण से परे हैं। एक व्यावसायिक उपक्रम को मौजूदा वातावरण में प्रभावपूर्ण ढंग से कार्य करना पड़ता है। इसकी चुनौतियों को समझना एवं उचित मूल्यांकन करना आवश्यक है।

व्यवसाय एवं पर्यावरण के संबंधों के तीन रूप हैं-

  • आदान- पर्यावरण संगठन को आवश्यक आदान प्रदान करता है जैसे भूमि, सामग्री मानव संसाधान, मुद्रा, मशीन इत्यादि।
  • परिवर्तन- एक दिये गये ढाँचे के अन्तर्गत वस्तु एवं सेवाओं के उत्पादन हेतु संसाधानों का प्रयोग किया जाता है।
  • उत्पादन- उत्पादित वस्तुएँ लोगों को बेची जाती हैं। यह पर्यावरण तथा उपक्रम के बीच सम्बन्ध प्रक्रिया का चक्र है।

वातावरणीय या पर्यावरणीय विश्लेषण के प्रमुख उद्देश्य निम्न हैं-

  • संसाधनों का प्रभावपूर्ण उपयोग
  • बाजार मांग में बदलती प्रवृत्तियों के सम्बन्धा में सूचना
  • उभरती समस्याओं का सामना करने के लिए संगठन के आधानिकीकरण, विविधीकरण की आवश्यकता
  • अवसरों की लाभप्रद खोज तथा बाधाओं को दूर करने के लिए रणनीति का विकास
  • प्रबन्धकीय कुशलता का उन्नत स्तर
  • भावी घटनाओं का पूर्वानुमान तथा प्रत्याशित विकास के लिए अग्रिम तैयारियाँ।

अतः सफल उद्यमिता पर्यावरण की सूक्ष्म जाँच सतत आधार पर करना चाहता है। ऐसा होने पर ही व्यावसायिक इकाई जीवित रह सकती है और इसकी सम्वद्धि होती रहेगी।

प्रश्न 4.
किसी उपक्रम को स्थापित करने के लिए किन-किन चरणों (कदमों) की आवश्यकता होती है ?
उत्तर:
उद्यमी के सामने कई विकल्प होते हैं जो लाभ प्रदान करते हैं। इन सभी विकल्पों का परीक्षण करना होता है ताकि एक ऐसे प्रोजेक्ट का चुनाव किया जा सके जिसमें न्यूनतम लागत, न्यूनतम जोखिम, अधिकतम लाभ, और संवृद्धि के अधिकतम अवसर निहित हो। एक उपक्रम स्थापित करने के लिए कई क्रियाओं का समन्वय करना पड़ता है जिससे हम विभिन्न चरण का नाम दे सकते हैं।

  1. उद्यमितीय कार्य का चयन।
  2. पूँजी प्राप्त करना और इसका उचित निवेश।
  3. वस्तु एवं सेवाओं का उत्पादन एवं वितरण।
  4. लाभ प्राप्त करना, लाभ अर्जन करना।
  5. बचत संसाधनों का विस्तार कार्यों में उपयोग करना।

दूसरे शब्दों में किसी उपक्रम की स्थापना के निम्नलिखित चरण होते हैं-

  1. संभावित अध्ययन के माध्यम से किसी औद्योगिक या व्यावसायिक कार्यों का चुनाव।
  2. विपणन, श्रम, विद्युत इत्यादि प्राप्त करने के लिए प्रयास करना।
  3. कोष (वित्त) जुटाना ताकि मशीन उपक्रम आदि खरीदी जा सके।
  4. उत्पादन के विक्रय हेतु बाजार की तलाश करना।
  5. लाभ का अर्जन।

प्रश्न 5.
उद्यमिता का अर्थ एवं महत्व बतावें।
उत्तर:
1. उद्यमिता का आशय है तीव्र गति से आर्थिक विकास सामाजिक विकास के लिए विकास विभिन्न साधनों की प्रभावपूर्ण गतिशीलता है। यह बेहतर जीवन स्तर प्राप्त करने की प्रक्रिया है।

2. विकास की प्रक्रिया मुख्यतः व्यावासयिक गृहों द्वारा प्रारम्भ किया जाता है जो लाभप्रद विकास का दोहन करता है। उद्यमिता आर्थिक व व्यावसायिक विचारों, अवसरों व प्रस्तावों को व्यावसायिक परियोजना में परिवर्तित करता है। यह ज्ञान को नीति में बदलता है।

3. उद्यमिता नियोजन, संगठन, परिचालन तथा व्यावसायिक उपक्रम के जोखिमों को ग्रहण करने की प्रक्रिया है।

4. उद्यमिता सृजनात्मक एवं नव प्रवर्तनीय विचारों एवं कार्यों को प्रबन्धकीय तथा संगठनात्मक ज्ञानों को एक साथ लाने की प्रक्रिया है। यह चिह्नित आवश्यकता को पूरा करने के लिए उचित लोगों, मुद्रा एवं संचालन संसाधनों को गतिशील बनाने तथा धन के निर्माण के लिए आवश्यक है।

5. उद्यमिता विकास है-

  • व्यावसायिक उपक्रम के निर्बाध संचालन के लिए प्रबन्धकीय चतुराई का।
  • कार्यकुशलता बनाये रखने के लिए प्रशासकीय ज्ञान का।।
  • संगठन को पर्यावरण/वातावरण के साथ सम्बन्धित करने के लिए सृजनात्मक चतुराई/नव प्रवर्तनीय ज्ञान का।

6. उद्यमिता एक सामूहिक प्रयास है जो चतुराई, ज्ञान, क्षमता द्वारा व्यवसाय को प्रारंभ करने एवं इसके संचालन में सहायक होता है।

प्रश्न 6.
एक व्यवसाय की स्थायी पूँजी की आवश्यकताओं को कौन-कौन कारक निर्धारित करते हैं?
उत्तर:
स्थायी पूँजी की आवश्यकता दीर्घकालीन परिसम्पत्तियों के क्रय के लिए पड़ती है। दीर्घकालीन सम्पत्तियों में भूमि, भवन, मशीन, उपकरण, संयंत्र आदि आते हैं। ये सम्पत्तियां स्थायी प्रकृति की होती हैं और इनका प्रयोग आय अर्जन के लिए किया जाता है।

व्यवसाय की दीर्घकालीन या स्थायी पूँजी की आवश्यकता निम्न घटकों पर निर्भर करती है-
(i) व्यावसायिक परिचालन की प्रकृति- लघु औद्योगिक इकाई को थोड़ी मात्र में स्थायी पूँजी की आवश्यकता पड़ती है। जबकि बड़े पैमाने वाले औद्यौगिक उपक्रमों को बड़े पैमाने पर दीर्घकालीन पूँजी चाहिए।

(ii) उत्पाद के प्रकार- उपभोक्ता वस्तुओं जैसे स्टेशनरी, वाशिग पाउडर इत्यादि के उत्पादन के लिए थोड़ी मात्रा में स्थायी पूँजी की आवश्यकता पड़ती है। जबकि विशालकाय वस्तुओं या महँगी वस्तुओं जैसे रेफ्रीजेरेटर, वांशिग मशीन, कार, ट्रक इत्यादि के उत्पादन के लिए बड़ी मात्रा में स्थायी पूँजी की आवश्यकता होती है।

(iii) औद्योगिक कार्य का आकार- एक वृहत स्तरीय उत्पादन इकाई जैसे-सूती वस्त्र उद्योग को विशाल संयंत्र एवं मशीनरी की आवश्यकता होती है जिसपर लघु औद्योगिक इकाई जैसे हैन्डलूम उत्पादों की तुलना में अधिक स्थायी पूँजी चाहिए होती है।

(iv) उत्पादन की प्रक्रिया- यदि व्यवसाय किसी उत्पाद के सभी अंगों का उत्पादन करता है (जैसे-टेलीविजन सेट) तो इसे बड़े पैमाने पर स्थायी पूँजी की आवश्यकता पड़ेगी। परन्तु यदि किसी उत्पाद का एक भाग या कुछ अंगों का उत्पादन किया जाना हो तो अपेक्षाकृत कम स्थायी पूँजी की आवश्यकता होगी।।

(v) स्थायी पूँजी प्राप्त करने की प्रणाली- स्थायी पूँजी की पूर्ति बिना भुगतान के प्राप्त करने की सुविधा।

(vi) व्यावसायिक उत्तरदायित्व- यदि फर्म वस्तु एवं सेवाओं के उत्पादन एवं वितरण दोनों में ही संलग्न हो तो ऐसे फर्म को उन फर्मों की तुलना में अधिक स्थायी पूँजी की आवश्यकता होती है जो सिर्फ उत्पादन कार्य में लगी होती है। इसी प्रकार एक ऐसे कार्य में स्थायी पूँजी की कम आवश्यकता होती है जो दूसरे के द्वारा उत्पादित वस्तु को बेचती है।

इस प्रकार व्यवसाय की स्थायी पूँजी की आवश्यकता अलग-अलग इकाइयों को अलगअलग होगी जो व्यवसाय की प्रकृति, आकार प्रणाली, प्रक्रिया और अन्य परिचालनों पर निर्भर करेगी।

प्रश्न 7.
पूर्वानुमान के उद्देश्यों का वर्णन करें।
उत्तर:
पूर्वानुमान के अलग-अलग प्रकार जैसे-अल्पकाल पूर्वानुमान एवं दीर्घकाल पूर्वानुमान के अनुसार इनके उद्देश्य भी अलग-अलग होते हैं।

अल्पकाल पूर्वानुमान के उद्देश्य (Purposes of Short Term Forecasting):
1. अति एवं अल्य उत्पादन को समाप्त करना (To Avoid over and Under Production)- उत्पाद का अति-उत्पादन अथवा अल्प उत्पादन दोनों ही व्यवसाय के लिए अहितकर होते हैं। अतः इस समस्या से बचने के लिए उत्पादन तालिका का निर्माण वांछनीय समझा जाता है।

2. लागत कम करना (Reducing Cost)- सामग्री क्रय की लागत को कम करना तथा भावी आवश्यकताओं का निर्धारण कर स्कन्ध नियंत्रण करना।

3. मूल्य नीति का निर्धारण (Determination of Price Policy)- समुचित मूल्य नीति का निर्धारण करना ताकि जब बाजार की स्थिति खराब हो वृद्धि की समस्या टाली जा सके तथा जब बाजार की स्थिति ठीक हो कम कीमत की समस्या को दूर करना।

4. बिक्री का लक्ष्य निर्धारित करना (Setting Sales Targets)- बिक्री का लक्ष्य निर्धारित करना भी इसका उद्देश्य है। बिक्री का लक्ष्य संतुलित होना चाहिए। यदि बिक्री का लक्ष्य अत्यधिक निर्धारित होता है और जिसे विक्रेता पूरा नहीं कर पाते हैं तो वे हतोत्साहित होंगे। इसके विपरीत यदि बिक्री का लक्ष्य अत्यधिक कम निर्धारित होता है तो विक्रेता उसे बहुत ही सरलता से प्राप्त कर लेंगे जिससे प्रेरणाएँ अर्थहीन साबित हो जाएँगी।

5. विज्ञापन एवं सम्वर्द्धन (Advertising and Promotion)- उपयुक्त विज्ञापन एवं सम्वर्द्धन योजना तैयार करना अथवा शामिल करना भी पूर्वानुमान का एक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य है।

6. अल्पकालीन वित्तीय आवश्यकता (Short-term Financial Requirement)- रोकड़ की आवश्यकता विक्रय स्तर एवं उत्पादन संचालन पर निर्भर करती है। हालाँकि, सरल शर्तों पर कोष की व्यवस्था करने में थोड़ा समय अवश्य लगता है। अत: बिक्री पूर्वानुमान सहज शर्तों पर पूर्व में । ही व्यवस्था करने में सहायक होता है।

दीर्घकालीन पूर्वानुमान के उद्देश्य (Purpose of Long-term Forecasting)- दीर्घकालीन पूर्वानुमान के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
1. नई इकाई का नियोजन एवं विद्यमान इकाई का विस्तार (Planning of a New Unit or Expansion of an Existing Unit)- इसके लिए सम्बन्धित उत्पादन की संभावित दीर्घकालीन माँग स्थिति का ही अध्ययन नहीं कर व्यक्तिगत उत्पादों की माँग का अनुमान करना चाहिए। यदि किसी कम्पनी को उसकी प्रतियोगी कम्पनी की तुलना में अच्छा ज्ञान हो तो कम्पनी की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति सृदृढ़ होगी।

2. दीर्घकालीन वित्तीय आवश्यकताओं का नियोजन (Planning Long Term Financial Requirements)- दीर्घकालीन वित्तीय आवश्यकताओं का नियोजन करने के लिए पूर्व में ही सूचना की उपलब्धता आवश्यक होती है। इसके लिए दीर्घकालीन-विक्रय पूर्वानुमान अति आवश्यक होता है।

3. मानवशक्ति का नियोजन (Planning Manpower Requirements)- प्रशिक्षण एवं सेवावर्गीय विकास की प्रक्रिया दीर्घकालीन प्रक्रिया होती है, जिसको पूरा करने में लम्बी अवधि की आवश्यकता होती है। ये क्रियाएँ पूर्व में ही प्रारम्भ की जा सकती हैं जिसके लिए मानवशक्ति का पूर्वानुमान आवश्यक होगा।

प्रश्न 8.
प्रेरणा को परिभाषित करें।
उत्तर:
प्रेरणा का अर्थ (Meaning of Motivation)- प्रबन्ध का एक विशिष्ट कार्य है, “अन्य लोगों के प्रयत्नों से कार्य पूरा कराना।” किन्तु कार्य कराना मुख्यतः इस बात पर निर्भर है कि क्या कार्य करने वाले व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक दृष्टि से कार करने को तत्पर है? ‘कार्य करने की क्षमता’ और ‘कार्य कराने की इच्छा’ दोनों अलग-अलग बातें हैं। भले ही कोई व्यक्ति किसी कार्य को करने के लिए दैहिक, मानसिक और तकनीकी क्षमताएँ रखता हो किन्तु नियोक्ता के लिए उस व्यक्ति का तब तक कोई महत्व नहीं, जब तक कि वह अपनी क्षमताओं का उपक्रम की उन्नति के लिए प्रयोग करने को तत्पर न हो अर्थात् मानसिक दृष्टि से कार्य करने के लिए तत्पर न हो।

आप किसी व्यक्ति के समय खरीद सकते हैं, एक दिन हुए स्थान प्रवर उसकी दैहिक उपस्थिति खरीद सकते हैं किन्तु उसके उत्साह, उसकी पहल शक्ति और निष्ठा को नहीं खरीद सकते। उसमें उत्साह अथवा कार्य करने को तत्पर करने हेतु हमें प्रेरित करना पड़ता है। इसे ही हम प्रबन्ध विज्ञान में ‘अभिप्रेरण’ कहते हैं। दूसरे शब्दों में, सहयोग प्राप्त करने की कला को ही अभिप्रेरण कहते हैं। वास्तव में देखा जाए तो कर्मचारियों को अधिकाधिक कार्य करने की प्रेरणा देना तथा कार्य संतुष्टि की उपलब्धि कराना ही अभिप्रेरणा है। अतएव यह ठीक ही कहा गया है कि “प्रेरणा प्रबंध मानवीय पहलू है।” प्रेरणा को रेन्सिस लिकर्ट ने ‘प्रबंध का हृदय’ माना है।

प्रश्न 9.
माँग पूर्वानुमान की विधियों का वर्णन करें।
उत्तर:
सर्वप्रथम इस बात पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है कि माँग पूर्वानुमान की कोई भी विधि सरल नहीं है और न कोई सरल सूत्र है जिसके माध्यम से ठोस रूप में भविष्य का अनुमान लगा सकें तथा सोचने की कठिन प्रक्रिया से मुक्त हो सकें। पूर्वानुमान की विधियों के सम्बन्ध में दो खतरों से सावधान होना आवश्यक है। पहला खतरा यह कि सांख्यिकीय अथवा गणितीय विधियों पर अत्यधिक बल नहीं दिया जाना चाहिए। हालाँकि सांख्यिकीय विधियाँ सम्बन्धों को स्पष्ट करने हेतु आवश्यक होती हैं। दूसरा खतरा यह है कि हम विपरीत दिशा की ओर अग्रसर हो सकते हैं क्योंकि पूर्वानुमान के सम्बन्ध में तथाकथित विशेषज्ञ द्वारा दिये गये निर्णय में कुछ छूट भी सकता है। माँग पूर्वानुमान के लिए सबसे अधिक प्रयुक्त होने वाली विधियों का विवेचन नीचे किया जा रहा है-

1. सर्वेक्षण विधि (Survey Method)- माँग पूर्वानुमान के लिए सर्वाधिक प्रचलित विधि सर्वेक्षण विधि ही है। यह विधि संभावित ग्राहकों से आँकड़ों के संकलन पर आधारित है। इस विधि के अन्तर्गन यदि ग्राहकों एवं डीलर्स की संख्या कम है तो आँकड़ों का संकलन व्यक्तिगत स्तर पर संभव हो सकता है। किन्तु यदि उनकी संख्या अत्यधिक है तो सभी ग्राहकों से व्यक्तिगत स्तर पर आँकड़ों का संकलन संभव नहीं हो सकता है। वैसी परिस्थिति में प्रतिनिधित्व करने वाले ग्राहकों . से ही आँकड़े संकलित किये जा सकते हैं और तब उक्त आँकड़ों से निकाले गये निष्कर्ष में परिशुद्धता का र तुलनात्मक कम होगा।

2. सांख्यिकीय विधियाँ (Statistical Methods)- माँग पूर्वानुमान के लिए कुछ सांख्यिकीय विधियाँ भी हैं जैसे-काल श्रेणी, प्रतीपगमन, आन्तर-गणन एवं बाह्य गणन आदि। काल श्रेणी विश्लेषण विधि वहाँ प्रयुक्त होती हैं जहाँ भावी प्रवृत्ति जानने के लिए भूतकालीन आँकड़े प्रयुक्त होते हैं। प्रतीपगमन विश्लेषण विधि का प्रयोग तब उपयुक्त समझा जाता है जब सम्बन्धित चरों के बीच निश्चित सम्बन्ध होता है और जो स्थापित आय एवं माँग को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए यदि उपभोक्ता की आय एवं स्थापित माँग के बीच सम्बन्ध जानना हो तो प्रतीपगमन विश्लेषण विधि का प्रयोग किया जायेगा। यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस विधि का कुशलतम प्रयोग के लिए सांख्यिकीय विषय का ज्ञान होना आवश्यक होता है।

3. मार्गदर्शन निदेशक विधि (Leading Indicator Method)- यह विधि इस तथ्य पर आधारित है कि कुछ निदेशक दूसरों से ऊपर अथवा नीचे घूमते रहते हैं। उनकी गति का अध्ययन कर, जो घटना उनका अनुकरण करती है, का अनुमान लगाया जा सकता है। उदाहरण के लिए वर्षा के द्वारा बादल के जमाव का अनुकरण किया जाता है।

प्रश्न 10.
सफल उपक्रम की आवश्यक शर्तों का वर्णन करें।
उत्तर:
सफलता को प्राप्त करने के लिए, एक उपक्रम को निम्नलिखित शर्ते पूरी करनी होती हैं-
1. सुपरिभाषित संस्थागत लक्ष्य (Well Defined Organisational Goals)- एक उद्यमी को चाहिए कि वह उद्देश्य को परिभाषित करें जिसे प्राप्त करने हेतु व्यावसायिक उपक्रम की स्थापना की गई है। इन उद्देश्यों में मुख्य उद्देश्य, सहायक उद्देश्य एवं अन्य उद्देश्य शामिल होने चाहिए। इसके अतिरिक्त उत्पाद की प्रकृति, इकाई के आकार को ध्यान में रखते हुए क्रियात्मक क्षेत्र का भी निध रिण होना चाहिए।

2. प्रभावपूर्ण नियोजन (Effective Planning)- नियोजन में निर्णयन शामिल होता है जिसका अर्थ है विभिन्न विकल्पों में से सर्वश्रेष्ठ एवं लाभप्रद विकल्प का चुनाव किया जाना। अतः एक उद्यमी को चाहिए कि वह विभिन्न क्रियाओं के सम्बन्ध में वांछित नियोजन कर ले। यह प्रक्रिया व्यावसायिक पूर्वानुमान से नियंत्रित होता है। नियोजन में उद्देश्य, नीतियाँ, कार्यक्रम, तालिकाएँ, बजट आदि शामिल किये जाते हैं।

3.प्रभावपूर्ण संगठन प्रणाली (Effective Organisation System)- प्रभावपूर्ण संगठन समूह प्रक्रिया पर आधारित होता है। यह किसी संस्था की संरचना तैयार करता है जिसके अन्तर्गत श्रमिक व प्रबन्धक अपने कार्यों का निष्पादन करते हैं। यह कार्य के संचालन में समन्वय स्थापित करता है तथा व्यावसायिक उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक होता है। उद्यमी को चाहिए कि वह एक प्रभावपूर्ण संगठन संरचना विकसित करे जो अधिकार एवं उत्तरदायित्वों को सही ढंग से निरूपित कर सके।

4. वित्तीय संसाधन (Financial Resources)- उद्यमी को चाहिए कि वह एक प्रभावपूर्ण वित्त कार्य का प्रबन्ध विकसित करे जैसे-विनियोग निर्णय, वित्तीय निर्णय एवं लाभांश निर्णय ऐसे होने चाहिए जो संस्था के उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायक हो सकें। इसके लिए आदर्श पूँजी संरचना का होना आवश्यक होता है।

5.संयंत्र आकार, विन्यास एवं स्थान निर्धारण (Plant size, Layout and Location)- आदर्श आकार प्रति इकाई निम्नतम औसत लागत सुनिश्चित करता है। समुचित विन्यास कार्य-क्षमता विकसित करता है तथा संसाधनों के क्षम को नियंत्रित करता है। इस प्रकार, स्थान-निर्धारण संचालन की लागत को कम करता है। ये निर्णय अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते हैं अतः उद्यमी को चाहिए कि वह इन निर्णयों को सावधानीपूर्वक ले क्योंकि ये संस्था की व्यवहार्यता को प्रभावित करते हैं।

6. पेशेवर प्रबन्ध (Professional Management)- यह उपक्रम के उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायक होता है। पेशेवर प्रबन्धक संख्या में सेवारत कर्मचारियों से वांछित परिणाम सुनिश्चित करता है तथा विभिन्न क्रियात्मक क्षेत्रों के बीच समन्वय स्थापित करता है।

7. विपणन (Marketing)- ग्राहकों एवं उपक्रमों के बीच अच्छा सम्बन्ध फर्म के लिए दीर्घकाल में अत्यन्त लाभप्रद साबित होता है। अतः विपणन व्यूह रचना ग्राहक-आधारित होनी चाहिए। उद्यमी को चाहिए कि उत्पाद की किस्म एवं ब्रांड के अनुसार वितरण-मार्ग निर्धारित करे जिससे उत्पाद में ग्राहकों का विश्वास बढ़े।

8. मानव सम्बन्ध (Human Relation)- कर्मचारियों एवं प्रबन्धकों के बीच एक प्रभावपूर्ण द्विपक्षीय संवादवाहन की समुचित प्रणाली होनी चाहिए। कर्मचारियों की प्रतिक्रियाएँ, सुझाव एवं शिकायत आदि को दूर करने के लिए उचित व्यवस्था उचित समय के अन्तर्गत होनी चाहिए। प्रबन्धकों का श्रमिकों के साथ मानवीय व्यवहार होना चाहिए तथा सामाजिक सुरक्षा की भी समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।

9.आविष्कार (Innovation)- एक उद्यमी परिवर्तन का प्रतिनिधि होता है। लगातार शोधकार्य, विकास क्रियाओं के आधार पर संस्था में आविष्कार बाजार में पूर्णता की स्थिति सृजित करता है जिससे बिक्री एवं लाभ दोनों बढ़ते हैं।

प्रश्न 11.
व्यवसाय नियोजन के महत्त्व का वर्णन करें।
उत्तर:
सुदृढ़ व्यवसाय नियोजन के अभाव में व्यवसाय दुःस्वप्न है। अत: किसी उपक्रम को प्रारम्भ करने के पूर्व सुदृढ़ नियोजन तैयार कर लेना आवश्यक होता है। व्यवसाय नियोजन निम्नलिखित उद्देश्यों से लाभप्रद होता है-

1. दिशा-निर्देश देना (Provide Guidelines)- व्यवसाय नियोजन सड़क-मानचित्र की तरह होता है। व्यवसाय का लक्ष्य क्या है, यह लक्ष्य कैसे प्राप्त किया जायेगा तथा निर्धारित लक्ष्य की ओर व्यवसाय कैसे आगे बढ़ेगा के सम्बन्ध में नियोजन निर्देशन देता है। इतना ही नहीं उद्यमी इसके आधार पर यह जान सकता है कि व्यवसाय सही दिशा में जा रहा है या नहीं।

2. डॅन स्टेनहॉफ एवं जॉन० एफ० बेरगिज के अनुसार, “बिना सोचे-समझे निर्धारित लक्ष्य एवं संचालन विधियों की स्थिति में अधिकांश व्यवसाय बुरे दिनों में चट्टानों से ढंक जाते हैं।”

3. निवेशकर्ताओं को आकर्षित करना (Attract Investor)- समुचित ढंग से तैयार किया. गया नियोजन भावी निवेशकों, ऋणदाताओं, आपूर्तिकर्ताओं, ग्राहकों एवं योग्य कर्मचारियों को उपक्रम की ओर आकर्षिक करता है। वैसे उपक्रमों में कोई भी व्यक्ति अपना धन विनियोग नहीं करना चाहता जहाँ उचित प्रत्याय दर एवं शीघ्र ऋण वापसी की संभावना नहीं हो। व्यवसाय के सम्बन्ध में अनुकूल सूचना के अभाव में न तो कोई निवेशकर्ता आकर्षित होगा और न कोई दक्ष एवं कार्यकुशल कर्मचारी।

4. उत्तोलन (शक्ति) प्रदान करना (Provide Leverage)- नियोजन उपक्रम को आवश्यकता की घड़ी में बैंकों से ऋण लेने की शक्ति प्रदान करता है जिससे कार्यशील पूँजी की आवश्यकता की पूर्ति की जा सके। प्रत्येक व्यवसाय को देर-सबेर कार्यशील पूँजी की समस्या झेलनी पड़ती है। व्यवसाय के दैनिक संचालन हेतु आवश्यक पूँजी को कार्यशील पूँजी कहते हैं।

5. मनोवैज्ञानिक प्रभाव (Psychological Impact)- साझेदार एक साथ काम करते हैं ताकि वे व्यवसायं नियोजन तैयार कर सकें, संशोधित कर सकें एवं उसमें परिवर्तन ला सकें। नियोजन उन्हें योजना को वास्तविकता में बदलने के लिए वचनबद्ध करता है। इससे साझेदारों के बीच मिल-जुलकर काम करने की भावना जागृत होती है। संयुक्त नियोजन के परिणामस्वरूप व्यवसाय संचालन का सिरदर्द घटना है। यह सामान्य मनोवैज्ञानिक तथ्य है।

6. व्यूह-रचना का पुनर्मूल्यांकन (Re-evaluation of the Strategy)- व्यवसाय नियोजन का निर्माण उद्यमी को समय-समय पर व्यूह-रचना का मूल्यांकन अथवा पुनर्मूल्यांकन करने के लिए बाध्य करता है। उद्यमी को इस जटिल प्रश्न का उत्तर देना होगा-वास्तव में, हम लोग किस व्यवसाय में हैं ? चूँकि व्यवसाय की परिस्थितियाँ बदलती रहती हैं अतः उद्यमी को समय-समय पर प्रश्न करना चाहिए एवं उत्तर भी देना चाहिए। ये उत्तर व्यवसाय के सफल संचालन में सहायक सिद्ध होते हैं।

ए० स्टेनियर के शब्दों में, “उद्यमी अपने व्यवसाय का भविष्य सृजित/निर्माण करते हैं तथा असफलता की संभावना को निम्नतम करते हैं।”

प्रश्न 12.
उत्पाद चुनाव को प्रभावित करने वाले तत्त्वों का उल्लेख करें।
उत्तर:
उत्पाद का चुनाव करते समय एक उद्यमी को निम्नलिखित तत्त्वों को ध्यान में रखना चाहिए-
1. तकनीकी ज्ञान (Technical Knowledge)- उद्यमी में तकनीकी ज्ञान उत्पाद के चुनाव में किसी विशेष तकनीकी क्षेत्र में सहायक होता है। इसी प्रकार, यदि उद्यमी उत्पादन एवं विपणन के क्षेत्र में पर्याप्त अनुभव रखता है तो यह भी उत्पाद-चुनाव में उसे सहायक होगा।

2. बाजार की उपलब्धता (Availability of Market)- बाजार की उपलब्धता भी उत्पाद चुनाव में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एक वृहत बाजार उत्पाद की अधिक माँग सृजित करता है, साथ ही जोखिम की मात्रा को भी कम करता है। उद्यमी को बाजार की सही जानकारी होनी चाहिए जैसे–कैसे एवं कहाँ बिक्री होगी। हालाँकि, छोटी इकाइयों के लिए क्षेत्रीय बाजार उपयुक्त होते हैं। किन्तु बाद में बाजार के विस्तारीकरण की आवश्यकता होती है।

3. वित्तीय सृदृढ़ता (Financial Strength)- किसी उत्पाद की उत्पादन प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में पूँजी की आवश्यकता होती है, जैसे-आदि प्रारूप विकास (Prototype Development), शोध एवं विकास, कार्यशील पूँजी तथा अधिकार शुल्क आदि के भुगतान पर व्यय। उद्यमी को, यह तय कर लेना चाहिए कि वह किस हद तक इन व्ययों का वहन कर सकेगा तथा इसमें तरलता कायम रख सकेगा।

4. प्रतिस्पर्धा की स्थिति (Position of Competition)- उत्पाद-चुनाव बाजार में विद्यमान प्रतिस्पर्धा की स्थिति पर भी निर्भर करता है। प्रतियोगियों के उत्पादन की बाजार में व्याप्त स्थिति भी उत्पाद-चुनाव को प्रभावित करती है।

5. उत्पाद की प्राथमिकता (Priority of Products)- कुछ खास परिस्थितियों में उत्पाद प्राथमिक क्षेत्र उद्योगों के अन्तर्गत आते हैं और कुछ लघु पैमाने क्षेत्र में। इन क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा की स्थिति सामान्य उत्पादों के बाजार की तुलना में कम होती है। इसी प्रकार, कुछ उत्पाद ऐसे होते हैं जिनका क्रय सरकार द्वारा निर्धारित लघु-पैमाने क्षेत्रों से ही किया जा सकता है। इस प्रकार, जो उत्पाद इन श्रेणियों के अन्तर्गत आते हैं उनका चुनाव किया जाना अधिक उपयुक्त एवं जोखिम मुक्त होता है।

6. मौसमी स्थायित्व (Seasonal Stability)- ऐसे उत्पाद जिनकी माँग पूरे वर्ष होती रहती है उनका बाजार वैसे उत्पाद की तुलना में स्थिर होता है जिनकी माँग मौसमी (सामयिक) होती है। एक उत्पाद की मौसमी आलोचनीयता उत्पाद के चुनाव पर अनुकूल प्रभाव डालती है। साथ ही साथ उत्पाद की बिक्री असामान्य उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होनी चाहिए। एक उद्यमी को वैसे उत्पादों का चुनाव करना चाहिए जिनकी बाजार में निरन्तर माँग हो।

7.आयात पर प्रतिबन्ध (Restriction on Imports)- आयात पर प्रतिबन्ध का लगाया जाना उद्यमियों के हित में होता है। दूसरे शब्दों में उद्यमियों को वैसे उत्पादों का चुनाव करना चाहिए जिनकी वैकल्पिक वस्तुओं पर आयात प्रतिबन्ध हो।

8. कच्ची सामग्री की आपूर्ति (Supply of Raw Materials)- किसी उत्पाद के निरन्तर उत्पादन के लिए पर्याप्त सामग्री की आपूर्ति आवश्यक होती है। अतः किसी उत्पाद का चुनाव करते समय उद्यमी को अश्वस्त हो लेना चाहिए कि सामग्री की पर्याप्त आपूर्ति वर्ष भर होती रहेगी। यदि पूरे वर्ष सामग्री की आपूर्ति नहीं होगी तो उद्यमी को उत्पादन के निरन्तर संचालन के लिए अधिक मात्रा में सामग्री का स्थायी स्टॉक बनाये रखना होगा, परिणामतः कोष की भी अधिक आवश्यकता होगी साथ ही कोष भी अवरोधित रहेगा।

9. प्रेरण एवं आर्थिक सहायता की उपलब्धता (Availability of Incentive and Subsidy)- सामान्यतया सरकार आयात-विकल्प एवं अति आवश्यक वस्तुओं के सम्बन्ध में उत्पादक को कुछ विशेष प्रकार की सुविधाएँ प्रदान करती हैं जैसे-प्रेरणाएँ, रियायत, कर-मुक्ति, कर में छूट आदि। स्वाभाविकतः उद्यमी इस प्रकार के उत्पाद का चुनाव करेगा क्योंकि ऐसे उत्पादों के सम्बन्ध में माँग एवं लाभ की निश्चितता होगी, साथ ही जोखिम की मात्रा भी कम होगी ।

10. सहायक उत्पाद (Ancillary Products)- यदि उत्पाद मूल उद्योग (Parent Industry) के लिए महत्त्वपूर्ण अवयव के रूप में है तो ऐसे उत्पाद की माँग सुनिश्चित होगी और उद्यमी ऐसे उत्पादों का नि:संकोच चुनाव करेंगे।

11. स्थान सम्बन्धी लाभ (Locational Advantages)- कुछ ऐसे उत्पाद होते हैं जिनका उत्पादन क्षेत्र विशेष में ही किया जाता है जैसे-स्वतंत्र व्यापार क्षेत्र, निर्यात संवर्द्धन क्षेत्र, विशेष निर्यात संवर्द्धन क्षेत्र आदि। इन क्षेत्रों में सरकार द्वारा उद्यमियों को विशेष प्रकार की सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं जैसे-कर रियायत, आर्थिक सहायता आदि। अतः उत्पादन के उद्देश्य से इन उत्पादों का चुनाव उद्यमियों के लिए लाभप्रद होगा। बगल के क्षेत्रों में बड़े उपभोक्ता बाजार का होना भी उत्पाद के चुनाव पर अनुकूल प्रभाव डालता है।

12.अनुज्ञा प्रणाली (Licensing System)- औद्योगिक नीति के अनुसार, सरकार समय-समय पर अनुज्ञा नीति निर्धारित करती है। कुछ खास उत्पादों के सम्बन्ध में उद्यमी को सरकार से अनुज्ञा पत्र लेना आवश्यक होता है। यदि अनुज्ञा प्रणाली किसी खास उत्पाद के सम्बन्ध में अधिक कठोर है तो ऐसे उत्पादों का चुनाव करना उद्यमियों के लिए एक जटिल कार्य होगा। अर्थात्, अनुज्ञा प्रणाली भी उत्पाद के चुनाव को प्रभावित करती है।

13. सरकारी नीति (Government Policy)- किसी उत्पाद का चुनाव करते समय सरकारी नीति का विश्लेषण आवश्यक होता है। यदि उत्पाद के सम्बन्ध में सरकारी नीति अनुकूल है तो उद्यमी को वैसे उत्पादों का चुनाव करना चाहिए। यदि कोई उत्पाद समाज के हित में नहीं है तो वैसी स्थिति में उद्यमी को सरकारी नीति का लाभ नहीं मिल सकेगा।

उपरोक्त विश्लेषण के आधार पर यह कहा जा सकता है कि एक उद्यमी को किसी उत्पाद का चुनाव करते समय उपरोक्त बातों को ध्यान में अवश्य रखना चाहिए। यदि गलत उत्पाद का चुनाव कर लिया जाता है तो यह उद्यमी के लिए भविष्य में सबसे बड़ा सिरदर्द का कारण बन जायेगा। अत: उत्पाद का चुनाव करते समय उसे काफी सावधानी बरतनी चाहिए।

प्रश्न 13.
स्थिर पूँजी के स्रोतों का वर्णन करें।
उत्तर:
स्थिर पूँजी के विभिन्न स्रोत निम्नलिखित हैं-
1. समता अंश (Equity Shares)- समता अंशधारी व्यवसाय के मालिक होते हैं तथा उनके लगायी जाती है तथा आवश्यक शेष पूँजी बाजार में अंशों के निर्गमन से प्राप्त की जाती है। समता अंशधारी ही व्यवसाय के जोखिम का वहन करते हैं। कम्पनी की वित्तीय संरचना समता अंश पूँजी से ही सशक्त होती है समता अंशधारियों के दायित्व सीमित होते हैं तथा उन्हें वोट देने का भी अधिकार होता है। वे अधिकार में बोनस अंशों का निर्गमन कर कम्पनी पर नियंत्रण कायम रख सकते हैं। समता पूँजी स्थिर पूँजी होती है तथा कम्पनी के समापन के पूर्व इनका भुगतान नहीं करना होता है। इनके लाभांश का भुगतान भी अनिवार्य (Obligatory) नहीं होता है।

2. पूर्वाधिकार अंश (Preference Shares)- पूर्वाधिकार अंश वे अंश होते हैं जिनका पूँजी की वापसी एवं लाभांश पर पूर्वाधिकार होता है। वैसे निवेशक जो अपने विनियोग पर सीमित प्रत्याय की चाहत रखते हैं वे पूर्वाधिकार अंश क्रय करते हैं। पूर्वाधिकार अंश पूँजी में समता अंश पूँजी एवं ऋणगत पूँजी की विशेषताओं का मिश्रण होता है। पूर्वाधिकार अंशधारी समता अंशधारियों की ही तरह लाभांश प्राप्त करते हैं। इसी प्रकार वे ऋणदाता की तरह होते हैं क्योंकि उनके लाभांश की राशि पूर्व निर्धारित होती है।

समता अंशधारियों का लाभांश पूर्व निर्धारित होता है पूर्वाधिकार अंश संस्था के लिए स्थायी दायित्व नहीं होता क्योंकि लाभांश का भुगतान उन्हें तभी किया जाता है जब संस्था में लाभ होता है। एक कम्पनी अपनी पूँजी संरचना में लोचनीयता लाने के लिए शोधनीय पूर्वाधिकार अंशों का निर्गमन कर सकती है जिनका शोधन लाभ होने की स्थिति में किया जा सकता है। इस प्रकार के अंश भारत में अधिक प्रचलित नहीं हैं किन्तु संचयी परिवर्तनशील पूर्वाधिकार अंशों का निर्गमन कर इसका प्रचलन बढ़ाया जा सकता है।

3.ऋण पत्र(Debentures)- ऋण पत्र जनता में दीर्घकालीन ऋण प्राप्त करने का अन्य विकल्प है। ऋण पत्र सामान्यतः पूर्णतया सुरक्षित एवं एक स्थिर ब्याज दर से आय प्राप्त करने वाले होते हैं। ये कम जोखिम के होते हैं तथा ऋण पत्रधारियों को सतत् प्रत्याय देते हैं। ऋण पत्र निर्गत होने से अंशधारी कम्पनी पर नियंत्रण कायम रख सकते हैं तथा अधिक धन अर्जित कर सकते हैं। ऋण पत्र बुरे दिनों में कम्पनी पर वित्तीय बोझ बढ़ा देते हैं साथ ही दिवालिया घोषित होने की भी संभावना बढ़ाते हैं। विगत वर्षों में विभिन्न भारतीय कम्पनियों ने परिवर्तनशील ऋण पत्र एवं आशिक परिवर्तनशील ऋण पत्र निर्गमित किए हैं ताकि उन्हें समता अंशों में परिवर्तित किया जा सके।

4. मियाद ऋण (Term Loan)- ये वैसे ऋण होते हैं जो बैंकों तथा वित्तीय संस्थाओं से प्राप्त किये जाते हैं तथा वित्त के मुख्य स्रोत होते हैं। मियाद ऋण सामान्यतया 10 वर्ष या अधिक वर्षों की अवधि के होते हैं तथा उन पर ब्याज दर निश्चित होती है। ऋणदाता संस्थाएँ पार्श्व मुद्रा पर अधिक बल देती हैं जो कि प्रवर्तकों से प्राप्त किया जाता है तथा शेष भुगतान को गर्भावधि (Gestation Period) तक लंबित करने की स्वीकृति देती हैं। मियाद ऋण स्थिर एवं कार्यशील पूँजी की आवश्यकता की पूर्ति हेतु लिए जाते हैं। दीर्घकालीन ऋण समता पर व्यापार में सहायक होते हैं तथा अंशधारियों के हाथ में नियंत्रण रहने की स्थिति सृजित करते हैं।

5. रोकी गयी आय (Retained Earnings)- आय (लाभ) का वह भाग जो अंशधारियों के बीच नहीं बाँटा जाता है और व्यवसाय में अवितरित रूप में रखा जाता है, उसे रोकी गयी आय कहते हैं। इस राशि का व्यवसाय के विस्तार में प्रयोग किया जा सकता है। वस्तुतः इस प्रकार की पूँजी की लागत शून्य होती है साथ ही किसी दायित्व का सृजन भी नहीं होता है।

6. पूँजी सहायता (Capital Subsidy)- पिछड़े इलाकों में उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए केन्द्रीय सरकार पूँजी सहायता की व्यवस्था करती है। इसी प्रकार कुछ राज्य सरकारें भी निर्देशित क्षेत्रों में उद्योग स्थापित करने के लिए विकास ऋण की व्यवस्था करती हैं।

प्रश्न 14.
कार्यशील पूँजी से आप क्या समझते हैं ? इसके विभिन्न प्रकार का वर्णन करें।
उत्तर:
नित्य-प्रतिदिन की व्यावसायिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु जिस पूँजी की आवश्यकता होती है, उसे कार्यशील पूँजी कहते हैं।

शुबिन के अनुसार, “कार्यशील पूँजी वह राशि है जो उपक्रम को संचालित करने के लिए आवश्यक होती है।”

सकल कार्यशील पूँजी चालू सम्पत्तिायों में कुल विनियोग को प्रदर्शित करती है जिसे लेखांकन वर्ष के अन्तर्गत रोकड़ में परिवर्तित किया जा सकता है। इसी प्रकार, चालू दायित्वों के ऊपर चालू सम्पत्तियों के आधिक्य को कार्यशील पूँजी कहते हैं। चालू सम्पत्तियों के अन्तर्गत हाथ में रोकड़, बैंक में रोकड़, देनदार, प्राप्य बिल, स्टॉक, अल्पकालीन अग्रिम की राशि, पूर्ववत् व्यय इत्यादि आते हैं। दूसरी ओर चालू दायित्व के अन्तर्गत-लेनदार, देय बिल, अदत्त व्यय, बैंक अधिविकर्ष, अल्पकालीन ऋण, देय लाभांश, आयकर के लिए प्रावधान आदि शामिल किये जाते हैं।

कार्यशील पूँजी की पर्याप्त राशि उपक्रम की तरलता के लिए आवश्यक होती है। साथ ही यह व्यवसाय के सफल संचालन के लिए आवश्यक होती है। यहाँ तरलता का अभिप्राय यह है कि संस्था के पास इतनी तरल सम्पत्ति होनी चाहिए जिससे चालू दायित्वों का समय पर भुगतान हो सके। यह व्यवसाय के ख्याति निर्माण में सहायक होती है। कार्यशील पूँजी की पर्याप्तता संस्था के. सतत् संचालन एवं स्थापित क्षमता के प्रयोग को सफल बनाती है। अपर्याप्त कार्यशील पूँजी होने पर संस्था के संचालन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

कार्यशील पूँजी के प्रकार
(Types of Working Capital)
कार्यशील पूँजी विभाजित की जा सकती है-
Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Long Answer Type Part 2, 2

1. स्थायी कार्यशीलता पूँजी (Permanent Working Capital)- स्थायी कार्यशील पूँजी विनियोग की वह निम्नतम राशि है जिसकी आवश्यकता व्यवसाय में स्थायी सुविधाओं के प्रयोग हेतु एवं चालू सम्पत्तियों के संचार हेतु होती है। इस पूँजी को ही स्थायी कार्यशील पूँजी कहते हैं। यह दो प्रकार की होती है-

(i) नियमित कार्यशील पूँजी (Regular Working Capital)- नियमित कार्यशील पूँजी आवश्यक कार्यशील पूँजी की वह निम्नतम राशि है जो चालू सम्पत्ति जैसे-रोकड़ से स्टॉक, स्टॉक से प्राप्य एवं प्राप्य से रोकड़ एवं इसी प्रकार संचार के लिए आवश्यक होती है।

(ii) संचित कार्यशील पूँजी (Reserve Working Capital)- संचित कार्यशील पूँजी आवश्यक कार्यशील पूँजी पर आधिक्य है जिसका प्रयोग भावी संभाव्यों जैसे-कीमत में वृद्धि, मंदी आदि के लिए किया जा सकता है।

2. परिवर्तनशील कार्यशील पूँजी (Variable Working Capital)- परिवर्तनशील कार्यशील पूँजी वह है जो विभिन्न समयों पर अतिरिक्त सम्पत्तियों के लिए आवश्यक होती है। परिवर्तनशील कार्यशील पूँजी की आवश्यकता अल्पकाल में होती है। यह व्यवसाय में स्थायी रूप से प्रयुक्त नहीं हो सकती है। यह दो प्रकार की होती है-

  • मौसमी कार्यशील पूँजी (Seasonal Working Capital)- मौसमी कार्यशील पूँजी वह है जो मौसमी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रयुक्त होती है।
  • विशिष्ट कार्यशील पूँजी (Special Working Capital)- विशिष्ट कार्यशील पूँजी वह है जो विशिष्ट आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रयुक्त होती है।

Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Short Answer Type Part 2 in Hindi

BSEB Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Short Answer Type Part 2 are the best resource for students which helps in revision.

Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Short Answer Type Part 2 in Hindi

प्रश्न 1.
साहसी के दो मुख्य कार्य बताएँ।
उत्तर:
साहसी के दो कार्य निम्नलिखित हैं- (i) व्यावसायिक अवसरों की पहचान तथा (ii) नवप्रवर्तन।

प्रश्न 2.
साझेदारी क्या है ?
उत्तर:
जब दो या दो से अधिक व्यक्ति आपस में मिलकर समझौता करके जिस व्यवसाय की स्थापना करते हैं उसे साझेदारी व्यवसाय कहा जाता है। यह व्यक्तियों का एक संघ है। साझेदार आपस में मिलकर ही व्यवसाय का संचालन करते हैं। वे आपस में मिलकर लाभालाभ अनुपात में लाभ-हानियों को बाँटते हैं।

प्रश्न 3.
संयुक्त पूँजी कम्पनी क्या है ?
उत्तर:
संयुक्त पूँजी कम्पनी विधान द्वारा निर्मित एक कृत्रिम व्यक्ति है जिसकी पूँजी अंशों के विभाजित रहती है। अंशधारी कम्पनी के सदस्य होते हैं। लेकिन कम्पनी का अस्तित्व अंशधारियों से अलग रहता है। कम्पनी अपने अंशधारियों के बीच लाभांश के वितरण करती है। कम्पनी का एक सार्वमुद्रा भी होती है।

प्रश्न 4.
परियोजना प्रतिवेदन के विभिन्न तत्व या अंग कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
परियोजना प्रतिवेदन के विभिन्न तत्व या अंग इस प्रकार हैं-

  • प्रवर्तकों का विवरण,
  • उद्यम का विवरण,
  • आर्थिक जीवन योग्यता,
  • तकनीकी सुविधाएँ,
  • वित्तीय सुविधाएँ,
  • लाभदायकता विश्लेषण और
  • संबंधित प्रपत्र इत्यादि।

प्रश्न 5.
कार्यशील पूँजी क्या है ?
उत्तर:
कार्यशील पूँजी एक ऐसी पूँजी है जिससे कच्चा माल को खरीदा जाता है और उत्पादन कार्य में होने वाले खर्चों को पूरा किया जाता है। यह व्यवसाय के कार्यों को करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।

प्रश्न 6.
परियोजना प्रतिवेदन के क्या लाभ हैं ?
उत्तर:
परियोजना प्रतिवेदन उपक्रम को सुचारू रूप से चलाने के लिए बहुत आवश्यक है। इसके विभिन्न लाभ हैं, जैसे-यह उद्यमों के साथ-साथ वित्तीय संस्थाओं और सरकार के लिए लाभदायक होती है।

प्रश्न 7.
वित्तीय नियोजन क्या है ?
उत्तर:
वित्तीय नियोजन किसी संगठन की पूँजी की आवश्यकता को निर्धारित करता है। यह निश्चित नीतियाँ बनाती हैं जिससे पूँजी का उपयोग और प्रशासन एक निश्चित योजना के द्वारा होता है।

प्रश्न 8.
वित्तीय नियोजन के कौन-कौन उद्देश्य हैं ?
उत्तर:
वित्तीय नियोजन के उद्देश्य इस प्रकार हैं-

  • वित्तीय साधनों का निर्धारण करना,
  • पूँजी के स्रोतों का निर्धारण,
  • वित्तीय नीतियों का निर्धारण,
  • वित्तीय नियंत्रण का निर्धारण,
  • उच्च प्रबंध को प्रतिवेदन करना,
  • लोचपूर्ण,
  • सरलता का तत्त्व।

प्रश्न 9.
अदृश्य सम्पत्ति के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
अदृश्य सम्पत्तियों के उदाहरण इस प्रकार हैं-परावर्तन व्यय, कानूनी धर्म, वित्तीय निर्गमन व्यय, ख्याति और पेटेंस इत्यादि।

प्रश्न 10.
स्थायी पूँजी से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
स्थायी पूँजी किसी कम्पनी या उपक्रम की स्थायी आवश्यकताओं की पूर्ति करती है। यह वैसी पूँजी होती है जो स्थायी सम्पत्तियों में लगी होती है। यह व्यावसायिक संस्था के लिए लाभ अर्जित करती है।

प्रश्न 11.
सम-सीमान्त बिंदु क्या है ?
उत्तर:
सम-सीमान्त बिंदु एक ऐसा बिंदु होता है जहाँ आय और व्यय बराबर होते हैं। साथ ही लाभ और हानि भी नहीं होगा। बिक्री और उत्पादन की मात्रा सम-सीमान्त बिन्दु से अधिक होने पर लाभ होता है। दूसरी ओर सम-सीमान्त बिन्दु से नीचं बिक्री की मात्रा तथा उत्पादन की मात्रा की स्थिति में सदा हानि होती है।

प्रश्न 12.
एक नया उद्यम स्थापित करते समय किन-किन बातों पर ध्यान दिया जाता है ?
उत्तर:
एक नया उद्यम या उपक्रम को स्थापित करने के लिए विभिन्न बातों पर ध्यान दिया जाता है। इन तत्त्वों को ध्यान में रखकर ही उद्यम को स्थापित किया जा सकता है और संचालन किया जाता है।

उद्यम स्थापित करना- एक उद्यमी को निम्नलिखित अवस्थाओं में से गुजरना पड़ता है-

  • उत्पाद/उद्योग का चयन,
  • पंजीकरण,
  • भूमि/आवास व्यवस्था,
  • वित्तीय सहायता,
  • तकनीकी जानकारी,
  • विपणन सहायता,
  • आयात व निर्यात। इस प्रकार इन सभी अवस्थाओं से गुजर कर एक उद्यमी नया उपक्रम स्थापित करके उसका प्रबंध और संचालन करता है।

प्रश्न 13.
राज्य वित्त निगम क्या है ?
उत्तर:
राज्य वित्त निगम उद्योग-धंधों को वित्त प्रदान करने वाली एक प्रमुख संस्था है। यह भूमि खरीदने, फैक्ट्री के उत्पाद कार्य करने और मशीनों और यंत्रों को खरीदने के लिए ऋण प्रदान करता है। यह निगम नए उद्योगों को स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता देता है। साथ ही विद्यमान उद्योगों का विस्तार और उसका आधुनिकीकरण करने के लिए भी यह ऋण देता है।

प्रश्न 14.
प्रबंध का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
प्रबंध शब्द को कई अर्थों में प्रयोग किया जाता है। कभी-कभी एक संगठन में कार्यरत प्रबंधकीय कर्मियों के समूह का प्रबंध करने के लिए किया जाता है। अन्य समयों में प्रबंध का तात्पर्य नियोजन, संगठन, कार्मिकता, निर्देशन, समन्वयन एवं नियंत्रण प्रक्रिया के रूप में लिया जाता है। इसे ज्ञान के स्वरूप, व्यवहार एवं अनुशासन में जाना जाता है। अनेक लोग हमें इसे नेतृत्व एवं निर्णयन का तकनीक मानते हैं अथवा समन्वयन का साधन तथा कुछ लोग प्रबंध को एक आर्थिक साधन, उत्पादन का एक घटक अथवा अधिग्रहण की व्यवस्था मानते हैं।

प्रश्न 15.
हेनरी फियोल द्वारा दी गयी प्रबंध की परिभाषा को लिखें।
उत्तर:
हेनरी फियोल ने प्रबंध की परिभाषा देते हुए कहा है कि प्रबंध ने एक योजना होती है। संगठन होता है आज्ञा होती है, समन्वय होता है, नियंत्रण होता है, वित्तीय साधनों को एकत्र करना होता है, आगे देखना होता है तथा भविष्य की परीक्षा और कार्य करने के लिए योजना बनायी जाती है।

प्रश्न 16.
उद्यमशीलता क्या है ?
उत्तर:
उद्यमशीलता एक ऐसी व्यवस्थित नवीनता है जो परिवर्तनों के लिए की गयी उद्देश्यपूर्ण एवं संगठित खोज में अंतर्निहित होती है और सुअवसरों के प्रणालीबद्ध विश्लेषण में ऐसे परिवर्तन कम खर्च वाली और सामाजिक नवीनताएँ प्रदान कर सकती हैं।

प्रश्न 17.
संगठन क्या है ?
उत्तर:
संगठन किसी उद्यम के सदस्यों के बीच संबंध स्थापित करने की प्रक्रिया है। यह संबंध अधिकार और कर्तव्यों के हिसाब से बनाए जाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को एक विशेष कार्य सौंपा जाता है। साथ ही उस कार्य को करने का अधिकार भी दिया जाता है।

प्रश्न 18.
संचार से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
संचार शब्द लैटिन भाषा के शब्द Communis से निकला है जिसका अर्थ होता है-सामान्य। अत: Communication अर्थात् संचार का मतलब हुआ कि सामान्य रूप से विचारों में भागीदारी। अर्थात् दो या दो से अधिक लोगों के बीच तथ्यों, विचारों, मतों और भावनाओं को समझने के लिए साझी भूमिका निभाना संचार है।

प्रश्न 19.
उत्पादन का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
माल और सेवाओं का निर्माण करना ही उत्पादन कहलाता है। उत्पादन के अंतर्गत वस्तुओं और सेवाओं का निर्माण होता है। जबकि अर्थशास्त्र के अनुसार किसी पदार्थ की उपयोगिता को बढ़ाना, उत्पादन कहलाता है।

प्रश्न 20.
स्कंध नियंत्रण से आप क्या समझते हैं ? .
उत्तर:
स्कंध नियंत्रण उस प्रणाली को कहा जाता है जो उत्पादन के उपयुक्त समय उचित मूल्य पर आवश्यकता के अनुसार तालिकाएँ उपलब्ध कराता है। प्रबंधकों को यह सुनिश्चित करना है कि स्कंद की मात्रा न तो बहुत कम हो जिससे उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़े और न ही इतनी अधिक हो कि पूँजी ब्लॉक हो जाए।

प्रश्न 21.
ABC विश्लेषण क्या है ?
अथवा, ABC विश्लेषण की परिभाषा बताइए।
उत्तर:
विभिन्न वर्गों में माल का विश्लेषण ही ABC विश्लेषण कहलाता है। मालं पर नियंत्रण की ABC तकनीक को सदा उत्तम नियंत्रण तरीका माना जाता है। A श्रेणी में अधिक उपयोग वाली वस्तुओं को रखा जाता है। जबकि । श्रेणी में मध्यम उपयोग वाली वस्तुओं को रखा जाता है और C श्रेणी में कम उपयोग वाली वस्तुओं को रखा जाता है।

प्रश्न 22.
विपणन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
जिस प्रक्रिया से माल उपभोक्ता तक पहुँचता है, उसे विपणन कहा जाता है। यह वैसी प्रणाली है जिससे व्यापार की गतिविधियाँ आपस में चलती हैं और योजना, मूल्य, बिक्री में वृद्धि और माल के वितरण को उपभोक्ताओं तक पहुँचाया जाता है। वास्तव में, विपणन के आधार पर माल की क्रय-विक्रय की सारी क्रियाएँ पूरी की जाती हैं।

प्रश्न 23.
विपणन प्रबंधन की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
विपणन प्रबंधन प्रबंध के विशाल क्षेत्र की एक शाखा होती है। इसका संबंध उद्देश्यपूर्ण कार्य से है जिससे विपणन लक्ष्य की प्राप्ति होती है। इसके अंतर्गत उपभोक्ता संतुष्टि, लाभ में वृद्धि और बिक्री के मूल्य में वृद्धि इत्यादि बातें शामिल रहती हैं।

प्रश्न 24.
थोक व्यापारी से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
थोक व्यापारी एक ऐसा व्यापारी है जो उत्पादकों से माल खरीदकर उन्हें थोक रूप में फुटकर व्यापारियों के हाथ में बेचता है।

प्रश्न 25.
फुटकर व्यापारी क्या है ?
उत्तर:
फुटकर व्यापारी एक ऐसा व्यापारी है जो थोक व्यापारियों से माल खरीदकर अपने दुकान में रखता है और उन्हें ग्राहकों को खुदरा रूप में बेचता है।

प्रश्न 26.
विज्ञापन क्या है ?
उत्तर:
विज्ञापन एक ऐसी विधि है जिसके अनुसार लोगों का ध्यान किसी वस्तु की ओर आकृष्ट करना है। लोग विज्ञापन पढ़ या सुनकर अपनी मनपसंद की वस्तुएँ खरीदने के लिए तैयार हो जाते हैं। अत: विज्ञापन के द्वारा बिक्री में वृद्धि होती है।

प्रश्न 27.
विज्ञापन के दो उद्देश्यों को लिखें।
उत्तर:
विज्ञापन के दो उद्देश्य इस प्रकार हैं-

  • नये उत्पादों की जानकारी-विज्ञापन के माध्यम से लोगों को नये उत्पादों की जानकारी प्राप्त होती है। लोग विज्ञापन देखकर किसी नई वस्तु को खरीदने के लिये तैयार हो जाते हैं।
  • माँग उत्पन्न होना-विज्ञापन के माध्यम से किसी विशेष वस्तु के सम्बन्ध में माँग उत्पन्न की जाती है। वस्तु के गुणों के बारे में जानकारी देकर विज्ञापन उस वस्तु के लिये नया ग्राहक तैयार करते हैं। माँग में वृद्धि होने से बिक्री में वृद्धि होती है।

प्रश्न 28.
विज्ञापन के साधनों के नाम लिखें।
उत्तर:
विज्ञापन के विभिन्न साधन हैं जो ये हैं-

  • समाचार पत्र द्वारा विज्ञापन,
  • पत्रपत्रिकाओं द्वारा विज्ञापन,
  • प्रसारण विज्ञापन,
  • सिनेमा विज्ञापन,
  • विज्ञापन बोर्ड द्वारा विज्ञापन,
  • सिनेमा स्लाइड द्वारा विज्ञापन,
  • मेले प्रदर्शनी द्वारा विज्ञापन,
  • पम्पलेट या हैण्डबिल द्वारा विज्ञापन एवं लाउडस्पीकर द्वारा विज्ञापन इत्यादि।

प्रश्न 29.
संवर्धन क्या है ?
उत्तर:
संवर्धन का अर्थ उत्पादन और सेवा के प्रति ग्राहक की रुचि बढ़ाना है और उत्पादन के विषय में जानकारी देना है।

प्रश्न 30.
विक्रय कला का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
विक्रय कला एक ऐसी कला है जिसके आधार पर विक्रेता वस्तुओं की बिक्री करते हैं। इस कला के माध्यम से विक्रेता ग्राहकों को. वस्तुएँ खरीदने के लिए तैयार कर लेते हैं। इसमें ग्राहकों का दिल और विश्वास जीता जाता है।

प्रश्न 31.
वित्त की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
पूँजी या धन को वित्त कहा जाता है। वित्त को धन का विज्ञान माना जाता है। वित्त को प्रशासनिक क्षेत्र या प्रशासनिक क्रियाओं जिनका संबंध नगद और साख को संगठित करने से है जिससे संगठन के कार्यों को किया जा सके और वांछित उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके। वास्तव में वित्त किसी संस्था के लिए रक्त की तरह होती है, क्योंकि इसके माध्यम से ही उपक्रम का कार्य सुचारू रूप से चलाया जाता है।

प्रश्न 32.
पूर्वाधिकार अंश क्या है ?
उत्तर:
पूर्वाधिकार अंश कम्पनी द्वारा पूँजी प्राप्त करने का एक साधन है। इस प्रकार के अंशों . पर कुछ प्राथमिकता होती है जो दूसरे अंशधारियों को नहीं मिलती है, जैसे-कम्पनी के समापन के समय इनका भुगतान समता अंशों से पहले मिलता है तथा निश्चित दर से लाभांश अवश्य दिया जाता है। भले ही कम्पनी को लाभ न हो, लेकिन इस प्रकार के अंशधारियों को मताधिकार नहीं होता है।

प्रश्न 33.
समता अंश से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
यह भी कम्पनी द्वारा पूँजी प्राप्त करने का एक साधन है। समता अंशधारी ही कम्पनी के वास्तविक स्वामी होते हैं जिन्हें मताधिकार भी प्राप्त रहता है। यह कम्पनी के कार्यकलापों पर नियंत्रण रखते हैं। इन्हें लाभांश पूर्वाधिकार अंशों के लाभांश के बाद ही दिया जाता है। प्रत्येक वर्ष की लाभांश पर बदलती रहती है। यानी कभी कम और कभी अधिक भी हो सकती है। कम्पनी का समापन होने पर पूर्वाधिकार अंशधारियों के बाद ही इन्हें पूँजी वापस की जाती है।

प्रश्न 34.
कुल लागत क्या है ?
उत्तर:
किसी भी वस्तु के उत्पादन कार्य में लागत विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनके कुल योग को कुल लागत कहा जाता है। इसमें प्रारंभिक लागत, कारखाना लागत, कार्यालय लागत इत्यादि शामिल रहते हैं।

प्रश्न 35.
कारखाना लागत क्या है ?
उत्तर:
कारखाना लागत का अर्थ उस लागत से है जो मूल लागत में कारखने के खर्च जोड़ने से प्राप्त होती है। इसे Work cost या Factory cost भी कहा जाता है।

प्रश्न 36.
कार्यालय लागत क्या है ?
उत्तर:
कार्यालय के खर्चों को कारखाने की लागत में जोड़कर कार्यालय लागत प्राप्त की जाती है। इसमें बिक्री और वितर। के व्यय शामिल नहीं किए जाते हैं। इसे Office cost या Production cost भी कहा जाता है।

प्रश्न 37.
कोहलर और आर्मस्ट्रांग द्वारा विपणन वातावरण की परिभाषा को लिखें।
उत्तर:
विपणन वातावरण की परिभाषा देते हुए कोहलर और आर्मस्ट्रांग ने यह कहा है कि किसी कंपनी के विपणन वातावरण के उन सब घटकों और शक्तियों से है जिनका विपणन प्रबंध की क्षमता को विकसित करने तथा वांछित उपभोक्ताओं को सफलतापूर्वक विपणन क्रियाओं को करने से होता है।

प्रश्न 38.
सूक्ष्म वातावरण क्या है ?
उत्तर:
सूक्ष्म वातावरण में उन शक्तियों का वर्णन होता है जिनसे कंपनी के ग्राहकों को प्रभावित किया जाता है। यह शक्ति बाध्य होती है। लेकिन कंपनी के बाजार व्यवस्था इसे प्रभावित करती है। इन शक्तियों में माल की पूर्ति देने वाले मध्यस्थ, ग्राहक तथा जनता इत्यादि आते हैं।

प्रश्न 39.
बिक्री मूल्य से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
यदि कुल लागत में एक निश्चित प्रतिशत लाभ जोड़ दिया जाता है, तब उसे बिक्री मूल्य कहते हैं। इस प्रकार बिक्री मूल्य में लाभ सम्मिलित कर लिया जाता है।

प्रश्न 40.
सीमान्त लागत से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
सीमान्त लागत ऐसी लागत होती है जो एक अतिरिक्त इकाई के उत्पादन करने पर कुल लागत को प्रभावित करती है। कुल लागत में वृद्धि या कमी केवल चल लागत के कारण होती है।

प्रश्न 41.
वितरण व्यय (Distribution expenses) क्या है ?
उत्तर:
वितरण व्ययों में वे व्यय आते हैं जहाँ उत्पादन क्रिया पूरी हो जाती है वहाँ से लेकर जब तक उत्पाद उपभोक्ता तक पहुँचता है तब तक के व्यय आते हैं। जैसे-गोदाम के खर्चे, माल ढोने वाली गाड़ी के व्यय, बैंकिंग के व्यय, भेजने के व्यय आदि।

Bihar Board 12th Psychology Objective Important Questions Part 4

BSEB Bihar Board 12th Psychology Important Questions Objective Type Part 4 are the best resource for students which helps in revision.

Bihar Board 12th Psychology Objective Important Questions Part 4

प्रश्न 1.
किसने कहा कि, “अमूर्त चिन्तन की योग्यता ही बुद्धि है’?
(a) बिने
(b) टरमन
(c) रेबर
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) रेबर

प्रश्न 2.
परामर्श का उद्देश्य होता है
(a) विकासात्मक
(b) निरोधात्मक
(c) उपचारात्मक
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(d) इनमें से सभी

प्रश्न 3.
जिन व्यक्तियों की बुद्धि लब्धि 80-89 के बीच होती है उन्हें कहते हैं
(a) प्रतिभाशाली
(b) मूढ़
(c) सुस्त
(d) औसत
उत्तर:
(a) प्रतिभाशाली

प्रश्न 4.
शरीर भाषा में निम्न में से कौन-से कारक शामिल हैं?
(a) हावभाव
(b) हाथ की गति
(c) भंगिमा
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(d) उपरोक्त सभी

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से कौन शेल्डन के व्यक्तित्व प्रकार के अंतर्गत समझा जाता है?
(a) अन्तर्मुखी
(b) बहिर्मुखी
(c) गोलाकार
(d) उभयमुखी
उत्तर:
(d) उभयमुखी

प्रश्न 6.
व्यक्तित्व के नैतिक पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है।
(a) इदं
(b) अहम
(c) पराहम
(d) अचेतन
उत्तर:
(a) इदं

प्रश्न 7.
बुद्धि संरचना मॉडल किसने विकसित किया?
(a) गार्डेनर
(b) गिलफोर्ड
(c) जेनसन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(d) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 8.
एडलर के मनोविज्ञान को कहा जाता है
(a) गत्यात्मक मनोविज्ञान
(b) वैयक्तिक मनोविज्ञान
(c) मानवतावादी मनोविज्ञान
(d) विश्लेषणात्मक मनोविज्ञान
उत्तर:
(c) मानवतावादी मनोविज्ञान

प्रश्न 9.
सेवार्थी केन्द्रित चिकित्सा को किसने प्रतिपादित किया?
(a) मास्लो
(b) रोजर्स
(c) फ्रायड
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) रोजर्स

प्रश्न 10.
नलिकाविहीन ग्रंथि का नाम है
(a) बहिःस्रावी ग्रंथि
(b) अन्तःस्रावी ग्रंथि
(c) एड्रीनल ग्रंथि
(d) कंठ ग्रन्थि
उत्तर:
(c) एड्रीनल ग्रंथि

प्रश्न 11.
मानसिक आयु के सम्प्रत्यय को प्रस्तावित किया है
(a) टरमन
(b) बिने
(c) स्टर्न
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) स्टर्न

प्रश्न 12.
किस चिकित्सा पद्धति में सीखने के सिद्धान्तों का प्रयोग होता है ?
(a) मनोविश्लेषण चिकित्सा
(b) समूह चिकित्सा
(c) समह चिकित्सा
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) समह चिकित्सा

प्रश्न 13.
किसी सामान्य प्रक्रिया को व्यक्ति द्वारा असामान्य रूप से बार-बार दुहराने की व्याधि को क्या कहते हैं?
(a) आतंक
(b) दुर्भीति
(c) सामान्यीकृत दुश्चिता
(d) मनोग्रसित बाध्यता
उत्तर:
(d) मनोग्रसित बाध्यता

प्रश्न 14.
कौन थार्नडाइक के सीखने का नियम नहीं है?
(a) साहचर्य नियम
(b) तत्परता का नियम
(c) अभ्यास का नियम
(d) प्रभाव का नियम
उत्तर:
(d) प्रभाव का नियम

प्रश्न 15.
सीखने के सूझ सिद्धान्त के अनुसार प्राणी को सफलता मिलती है
(a) संयोगवश
(b) क्रमशः
(c) एकाएक
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) क्रमशः

प्रश्न 16.
मनोविज्ञान की वस्तुनिष्ठ निरीक्षण विधि का प्रवर्तक कौन है?
(a) उंट
(b) विलियम जेम्स
(c) वाटसन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) उंट

प्रश्न 17.
निम्नांकित बुद्धि परीक्षणों में से कौन-सा शाब्दिक परीक्षण है?
(a) पास एलौंग परीक्षण
(b) स्टेनफोर्ड-बिने परीक्षण
(c) घन निर्माण परीक्षण
(d) ब्लॉक डिजाइन परीक्षण
उत्तर:
(b) स्टेनफोर्ड-बिने परीक्षण

प्रश्न 18.
विचारों, प्रेरणाओं, आवश्यकताओं एवं उद्देश्यों के परस्पर विरोध के फलस्वरूप पैदा हुई विक्षोभ या तनाव की स्थिति क्या कहलाती है?
(a) द्वंद्व
(b) तर्क
(c) कुण्ठा
(d) दमन
उत्तर:
(c) कुण्ठा

प्रश्न 19.
वैयक्तिक भिन्नता का अर्थ होता है –
(a) व्यक्तियों की विशेषताओं में अंतर
(b) व्यक्तियों के व्यवहार पैटर्न में विभिन्नता से
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) (a) और (b) दोनों

प्रश्न 20.
बुद्धि के किनके सिद्धांत को एक-कारकीय सिद्धांत कहा गया है?
(a) गिलफोड
(b) जेन्सन
(c) थर्स्टन
(d) बिने
उत्तर:
(d) बिने

प्रश्न 21.
निम्नांकित में से कौन स्व का एक प्रकार नहीं है?
(a) पहचान स्व
(b) व्यक्तिगत स्व
(c) सामाजिक स्व
(d) संबंधात्मक स्व
उत्तर:
(b) व्यक्तिगत स्व

प्रश्न 22.
निम्नांकित में किसे स्व का भावात्मक पहलू माना गया है?
(a) आत्म क्षमता को
(b) आत्म सम्मान को
(c) आत्म संप्रत्यय को
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) आत्म सम्मान को

प्रश्न 23.
टाईप-सी व्यक्तित्व का प्रतिपादन किसने किया?
(a) ऑलपोर्ट ने
(b) मारिस ने
(c) फ्रीडमैन ने
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) फ्रीडमैन ने

प्रश्न 24.
कथानक आत्मबोध परीक्षण के निर्माता कौन हैं?
(a) रोशांक एवं मरे
(b) मर्रे एवं मार्गेन
(c) मार्गन एवं रोजेनबिग
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) मर्रे एवं मार्गेन

प्रश्न 25.
व्यक्तित्व के शीलगुण उपागम के अग्रणी मनोवैज्ञानिक किसे कहा गया है?
(a) कैटेल को
(b) आलपोर्ट को
(c) थार्नडाइक को
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) कैटेल को

प्रश्न 26.
एकध्रुवीय विषाद का दूसरा नाम क्या है?
(a) विषादी मनोविकृति
(b) उन्माद
(c) उन्मादी विषादी मनोविकृति
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) विषादी मनोविकृति

प्रश्न 27.
कैटेटोनिक स्टूपर एक लक्षण है
(a) मनोविदलिता का
(b) रूपांतर मनोविकृति का
(c) रोगभ्रम का
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) मनोविदलिता का

प्रश्न 28.
जिस बच्चे की बुद्धि लब्धि 35-39 होती है, उसे किस श्रेणी में रखा जा सकता है?
(a) सौम्य मानसिक दुर्बलता
(b) साधारण मानसिक दुर्बलता
(c) गंभीर मानसिक दुर्बलता .
(d) अति गंभीर मानसिक दुर्बलता
उत्तर:
(d) अति गंभीर मानसिक दुर्बलता

प्रश्न 29.
किस चिकित्सा में आद्यानुकूलन के नियम प्रयुक्त होते हैं?
(a) मनोगत्यात्मक चिकित्सा
(b) रोगी केन्द्रित चिकित्सा
(c) लोगो चिकित्सा
(d) व्यवहार चिकित्सा
उत्तर:
(d) व्यवहार चिकित्सा

प्रश्न 30.
पारस्परिकता अवरोध का नियम का आधार होता है
(a) टोकेन इकोनॉमी
(b) मॉडलिंग
(c) क्रमबद्ध असंवेदीकरण
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(d) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 31.
मनोवृत्ति परिवर्तन में संतुलन मॉडल का प्रतिपादन किसने किया?
(a) फेस्टिंगर
(b) हाईडर
(c) मोहसीन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) हाईडर

प्रश्न 32.
श्रेणी आधारित स्कीमा को कहा जाता है
(a) आदि रूप
(b) रूढिबद्ध
(c) दर्शक प्रभाव
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) रूढिबद्ध

प्रश्न 33.
अगर किसी व्यक्ति की मनोवृत्ति प्रतिकूल से बदल कर अधिक प्रतिकूल या अनुकूल से बदलकर और अधिक अनुकूल हो जाती है तो यह एक उदाहरण होगा
(a) असंगत परिवर्तन का
(b) संगत परिवर्तन का
(c) साधारण परिवर्तन का
(d) जटिल परिवर्तन का
उत्तर:
(b) संगत परिवर्तन का

प्रश्न 34.
मनोवृत्ति निर्माण को कौन तत्व प्रभावित नहीं करता?
(a) श्रोता की विशेषताएँ
(b) विश्वसनीय सूचनाएँ
(c) सामाजिक सीखना
(d) आवश्यकता पूर्ति
उत्तर:
(a) श्रोता की विशेषताएँ

प्रश्न 35.
निम्न में से कौन कारक पूर्व धारणा को कम नहीं करता?
(a) अंतर्समूह सम्पर्क
(b) पूर्वाग्रह विरोधी प्रचार
(c) शिक्षा
(d) रूढिबद्ध
उत्तर:
(d) रूढिबद्ध

प्रश्न 36.
भूकम्प एक संकट है
(a) प्राकृतिक
(b) राजनैतिक
(c) सामाजिक
(d) धार्मिक
उत्तर:
(a) प्राकृतिक

प्रश्न 37.
समूह निर्माण की किस अवस्था में अंतर्समूह द्वंद्व होता है?
(a) निर्माणावस्था में
(b) हो-हंगामा की अवस्था में
(c) मानक स्थापित करने की अवस्था में
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(d) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 38.
निम्नांकित में कौन-समूह संरचना का तत्व नहीं है?
(a) भूमिका
(b) मानक
(c) पदवी
(d) समूह लोच
उत्तर:
(b) मानक

प्रश्न 39.
कोलमैन के अनुसार सामाजिक प्रभाव का कौन एक प्रकार नहीं है?
(a) अनुपालन
(b) आज्ञापालन
(c) तादात्म्य
(d) आंतरीकरण
उत्तर:
(b) आज्ञापालन

प्रश्न 40.
निम्नांकित में से किस मात्रक से ध्वनि को मापा जाता है?
(a) बेल
(b) माइक्रोबेल
(c) डेसिबेल
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) डेसिबेल

प्रश्न 41.
किसने कुंठा आक्रामकता सिद्धांत का प्रतिपादन किया है?
(a) फ्रायड
(b) युग
(c) एडलर
(d) मिलर तथा डोलार्ड
उत्तर:
(d) मिलर तथा डोलार्ड

प्रश्न 42.
गार्डनर के अनुसार निम्नांकित में किसे बुद्धि की एक श्रेणी नहीं माना गया है?
(a) तार्किक गणितीय
(b) जी कारक
(c) स्थानिक
(d) अंतरावैयक्तिक
उत्तर:
(a) तार्किक गणितीय

प्रश्न 43.
पास मेडल का विस्तारित रूप क्या है?
(a) योजना, अवधान भाव प्रबोधन, सहकालिक, अनुक्रमिक
(b) अवधान भाव प्रबोधन, सहकालिक अनुक्रमिक, योजना
(c) सहकालिक, अनुक्रमिक, योजना, अवधान भाव प्रबोधन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) योजना, अवधान भाव प्रबोधन, सहकालिक, अनुक्रमिक

प्रश्न 44.
किसने संज्ञानात्मक मूल्यांकन प्रणाली विकसित किया?
(a) जे० पी० दास एवं नागलेवरी
(b) स्टर्नबर्ग
(c) गिलफोर्ड
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) जे० पी० दास एवं नागलेवरी

प्रश्न 45.
किसने प्राथमिक मानसिक योग्यता सिद्धांत विकसित किया?
(a) थर्स्टन
(b) स्पीयरमैन
(c) गार्डनर
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) थर्स्टन

प्रश्न 46.
निम्न में से कौन व्यक्तित्व विशेषता है?
(a) बुद्धि
(b) अभिप्रेरणा
(c) सृजनात्मकता
(d) संवेग
उत्तर:
(d) संवेग

प्रश्न 47.
आगमनात्मक तर्कना को किसने बुद्धि का एक कारक माना है?
(a) जेन्सन
(b) स्पीयरमैन
(c) थर्स्टन
(d) गिलफोर्ड
उत्तर:
(c) थर्स्टन

Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Short Answer Type Part 1 in Hindi

BSEB Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Short Answer Type Part 1 are the best resource for students which helps in revision.

Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Short Answer Type Part 1 in Hindi

प्रश्न 1.
नियोजन की तीन विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
नियोजन की तीन विशेषताएँ ये हैं-

  • नियोजन विभिन्न वैकल्पिक क्रियाओं में से सर्वोत्तम का चयन है।
  • नियोजन एक निरंतर एवं लोचयुक्त प्रक्रिया है।
  • नियोजन का एक महत्वपूर्ण विशेषता इसकी पारम्परिक निर्भरता का होना है।

प्रश्न 2.
उद्यमिता को सृजनशील क्रियाकलाप क्यों समझा जाता है ?
उत्तर:
उद्यमिता को सृजनशील क्रियाकलाप कहा जाता है, क्योंकि उद्यमिता अतिरिक्त धन सृजित करने की गतिशील प्रक्रिया है। यह धन व्यक्तियों द्वारा सृजित किया जाता है, जो पूँजी, समय तथा वृत्ति की वचनबद्धता द्वारा किसी उत्पादन अथवा सेवा में मूल्य प्रदान करते हैं। उद्यमिता विशेष रूप से एक व्यापार का एक नया विचार वाला कार्य है। इस क्रिया में निम्न गतिविधियाँ आती हैं-

  • किसी नए उत्पादन को शुरू करना।
  • किसी उत्पादन की नई विधि का उपयोग करना।
  • किसी नए बाजार क्षेत्र में प्रविष्ट होना।
  • सामग्री को किसी नए स्रोत से प्राप्त करना।
  • एक नए ढंग का संगठन बनाना। अतः कहा जा सकता है कि उद्यमिता एक सृजनशील क्रियाकलाप है।

प्रश्न 3.
क्या प्रबंध एक पेशा है ?
उत्तर:
प्रबंध पेशे की विशेषताओं (विशिष्ट ज्ञान एवं तकनीकी चातुर्य, प्रशिक्षण एवं अनुभव प्राप्त करने की औपचारिक व्यवसाय, सेवा भावना को (प्राथमिकता) को तो पूरा करता है तथा कुछ अन्य विशेषताओं (प्रतिनिधि पेशेवर संघ का होना, आचार संहिता) का इसमें अभी पूरा विकास नहीं हुआ है। भारत में अभी प्रबंध का पेशे के रूप में विकास अपनी शैशवास्था में है तथा धीमी गति से चल रहा है। जैसे-जैसे विकास की गति में तेजी आएगी वैसे-वैसे प्रबंध को पेशे के रूप में स्वीकृति मिलती जाएगी।

प्रश्न 4.
प्रबंध के विभिन्न स्तरों का वर्णन करें।
उत्तर:
सामान्यतः प्रबंध के तीन स्तर होते हैं
(i) उच्च स्तरीय प्रबंध (Top level management) – इसके अंतर्गत संचालक मण्डल, अध्यक्ष, प्रबंधकीय संचालक, जनरल मैनेजर आदि आते हैं, ये शक्ति का अंतिम स्रोत है। ये उद्देश्यों को निर्धारित करके परिणामों की जाँच करते हैं।

(ii) मध्य स्तरीय प्रबंध (Middle level management) – मध्यम प्रबंधक, विभागीय, अध्यक्षों, सुपरिटेंडेंट आदि अधिकारियों से बनता है। इसके अंतर्गत उप-प्रबंधक, उत्पादन प्रबंधक, शाखा प्रबंधक तथा श्रम अधिकारी आते हैं। ये प्रबंधक प्रतिदिन के कार्य की जाँच करके अपने उच्च प्रबंधकों को बतलाते रहते हैं।

(iii) निम्न स्तरीय प्रबंध (Lower level management) – इसके अंदर कार्यालय, फैक्टरी, व्यापार आदि के कार्यों में निरीक्षण करने वाले व्यक्तियों का अध्ययन किया जाता है। निरीक्षण वर्ग में फोरमैन, इंस्पेक्टर तथा सुपरवाइजर्स आते हैं। इनका कार्य श्रमिकों की देखभाल करना, प्रत्येक श्रमिक को कार्य सौंपना, कार्य की योजना बनाना इत्यादि है।

प्रश्न 5.
उद्यमिता की परिभाषा दें। अथवा, उद्यमिता क्या है ?
उत्तर:
नए विचार का सृजन करने की प्रक्रिया और नए उद्यम की स्थापना करने की क्रिया को उद्यमिता कहा जाता है। उद्यमिता की प्रक्रिया उद्यमि द्वारा संचालित होती है। उद्यमिता के अंतर्गत उद्यमी या साहसी द्वारा साधनों का एकत्रीकरण, निपुणता का संयोजन तथा व्यवसाय को सफल बनाने के लिए नेतृत्व प्रदान करना इत्यादि बातें शामिल रहती हैं।

प्रश्न 6.
साहसी से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
वाणिज्य, व्यवसाय और उद्योग-धन्धों के क्षेत्र में जो व्यक्ति या व्यापारी जोखिम उठाते हुए साहस करके व्यवसाय को चलाता है उसे ही साहसी कहा जाता है। उद्योगों में साहसी अनिश्चिताओं और जोखिमों को वहन करके उत्पादन कार्य करता है। इस कार्य से वे लाभ रूप में आय प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 7.
साहसी के कार्यों को लिखें।
उत्तर:
साहसी के कार्य निम्नलिखित हैं- (i) जोखिम उठाना (ii) व्यापार प्रबंध तथा निर्णय लेना (iii) व्यवसाय चयन (iv) उत्पादन का चयन (v) संयंत्र के आकार का चयन (vi) उत्पादन के स्थान का चयन (vii) विक्रय संगठन (viii) नवीन प्रवर्तन विधि को चलाना (ix) समन्वय स्थापित करना (x) साहसी द्वारा कच्चे उत्पाद का प्रबंध।

प्रश्न 8.
साहस का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
साहस शब्द फ्रेंच शब्द से बना है जिसे फ्रेंच मापन में एन्ट्रीप्रीन्डर (Entreprendre) कहा जाता है जिसका अर्थ होता है किसी कार्य को हाथ में लेना।

प्रश्न 9.
वातावरण का सूक्ष्म अध्ययन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
व्यवसाय और उद्योगों के क्षेत्र में साहसी द्वारा किए गए वातावरण का बारीकी से अध्ययन करना ही वातावरण का सूक्ष्म अध्ययन कहलाता है। इसके अंतर्गत सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अन्य सहायक तत्त्वों का अध्ययन उद्यमी या साहसी द्वारा किया जाता है।

प्रश्न 10.
वातावरण का सूक्ष्म अध्ययन किन कारणों से करना आवश्यक है ?
उत्तर:
कुछ ऐसे कारण है जिनके चलते वातावरण को सूक्ष्म अध्ययन करना आवश्यक है। ये कारण हैं- (i) संसाधनों का प्रभावशाली प्रयोग (ii) वातावरण का लगातार अध्ययन (iii) व्यूह-रचना बनाने में सहायक (iv) खतरों और अवसरों की पहचान (v) प्रबंधकों के लिए सहायक (vi) भविष्य का अवलोकन करने में सहायक, इत्यादि।

प्रश्न 11.
विचार का जन्म किस प्रकार हो सकता है ?
उत्तर:
विचार विभिन्न प्रकार से आ सकते हैं, जैसे-दिमागी हलचल, विपणन अनुसंधान, विभिन्न प्रकाशनों से सूचनाएँ प्राप्त करना, दूसरे साहसियों से सहायता लेना, प्रिय व्यापार द्वारा विचार प्राप्त करना, मनुष्यों से बात करना और उन्हें सुनना तथा दिवास्वप्न इत्यादि।

प्रश्न 12.
नियोजन की परिभाषा दें।
उत्तर:
नियोजन का अर्थ निर्धारित करना है कि क्या करना है, कैसे और कब करना है, किसे करना है तथा परिणामों का मूल्यांकन कैसे किया जाना है।

प्रश्न 13.
व्यवसाय का प्रवर्तन क्या है ?
उत्तर:
व्यवसाय के प्रवर्तन का तात्पर्य व्यवसाय का अधिक-से-अधिक विकास करने से है। वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री और व्यवसाय का विकास करने के लिए विज्ञापन, नमूने, मेले, नुमाइशें प्रतिस्पर्धा और प्रदर्शन का सहारा लिया जाता है । इसी से व्यवसाय का प्रवर्तन होता है। परिणामस्वरूप व्यवसाय अपने लक्ष्य को प्राप्त करती है।

प्रश्न 14.
वातावरण का क्या महत्व है ?
उत्तर:
वातावरण का महत्व निम्न से है-

  • अवसर की खोज में
  • अस्तित्व बनाए रखने में
  • सफलता प्राप्त करने में।

प्रश्न 15.
विक्रय के बाद सेवा क्या है ?
उत्तर:
उपभोक्ता को संतुष्ट रखने के लिए वस्तु के विक्रय के बाद सेवा प्रदान की जाती है, जैसे-वस्तु पसंद न आने पर बदलने की सुविधा, मुफ्त मरम्मत, गारंटी देना आदि को विपणन के क्षेत्र के अन्तर्गत सम्मिलित किया जाता है।

प्रश्न 16.
संयत्र विन्यास क्या है ?
उत्तर:
संयत्र विन्यास का मुख्य उद्देश्य कार्यक्षमता में वृद्धि करना एवं उत्पादन प्रक्रिया को मितव्ययी बनाना होता है। एक सफल संयंत्र विन्यास वह है जिसमें कम-से-कम समय में सामग्री को विभिन्न संचालन चरणों में से होकर गुजरने की गति उत्पन्न करता है। संयंत्र विन्यास ऐसा होना चाहिए जो, श्रमिकों, मशीन, औजार एवं स्थान का सर्वोतम उपयोग निश्चित कर सके।

प्रश्न 17.
परियोजना पहचान क्या है ?
उत्तर:
एक साहसी के लिए परियोजना को पहचान करना एक कठिन कार्य है साहसी के पास अनेक विकल्प विद्यमान हैं उन विकल्पों के आधार पर ही साहसी परियोजना की पहचान करता है। दूसरे शब्दों में साहसी स्थान, वातावरण, तकनीक, कच्चा माल, संयंत्र और बाजार के आधार पर परियोजना की पहचान करता है।

प्रश्न 18.
गर्भावधि क्या है ?
उत्तर:
सामान्य बोलचाल की भाषा में गर्भावधि का अर्थ होता है वह समय जो प्रकट रूप में सामने नहीं रहती है, बल्कि समय गर्भ में रहता है। उद्यमवृत्ति में कारोबार के सिलसिले में कुल अवधि गर्भ में भी हो सकती है जिसकी जानकारी प्रकट रूप में सामने आती है।

प्रश्न 19.
अल्पकालीन पूर्वानुमान क्या है ?
उत्तर:
वैसा पूर्वानुमान जो बहुत कम समय में तथा बहुत कम समय के लिए लगाई जाती है, उसे अल्पकालीन पूर्वानुमान कहा जाता है। उद्यम या व्यवसाय वर्तमान में भविष्य के लिए पूर्वानुमान लगाकर उसी के अनुसार व्यापार या उद्यम की योजना बनाई जाती है उसी योजना के अनुसार व्यापार को संचालित किया जाता है और लाभ कमाने का उद्देश्य पूरा किया जाता है।

प्रश्न 20.
विस्तार परियोजना से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
विस्तार संबंधी परियोजनाओं के अन्तर्गत नवीन वस्तुओं का उत्पादन, नवीन उत्पादन की इकाइयों की स्थापना करना, वस्तुओं की उत्पादन क्षमता में वृद्धि करना आदि परियोजनाओं को सम्मिलित किया जाता है।

प्रश्न 21.
शुद्ध कार्यशील पूँजी कैसे ज्ञात की जाती है ?
उत्तर:
कार्यशील पूँजी से आशय शुद्ध कार्यशील पूँजी से है। यदि चालू सम्पत्तियों के योग से चालू दायित्व के योग को घटा दिया जाये तो जो शेष बचेगा वह शुद्ध कार्यशील पूँजी होगी।
शुद्ध कार्यशील पूँजी = चालू संपत्तियाँ – चालू दायित्व।

प्रश्न 22.
कोष प्रवाह विवरण क्या है ?
उत्तर:
कोष प्रवाह विवरण एक ऐसा विवरण है जिसमें धन के प्रवाह के स्रोतों को दिखाया जाता है। यह स्रोत कहाँ से आए और एक निश्चित अवधि में कहाँ उपयोग किए गए इसके बारे में जानकारी प्राप्त होती है। वास्तव में यह ऐसा विवरण है जो संपत्तियों और दायित्वों में परिवर्तन को स्पष्ट करता है।

प्रश्न 23.
शोधन क्षमता अनुपात क्या व्यक्त करता है ?
उत्तर:
शोधन क्षमता अनुपात से आशय किसी फर्म की उस क्षमता से है जिससे दीर्घकालीन ऋणों का भुगतान किया जाता है। सरल शब्दों में, संपत्ति में से दायित्वों के भुगतान करने की क्षमता को ही संस्था की शोधन क्षमता अनुपात कहते हैं।

प्रश्न 24.
विपणन की आधुनिक विचारधारा की कोई दो विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
आधुनिक बाजार विचारधारा की दो विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

  • इसमें ग्राहकों की संतुष्टि पर अधिक बल दिया गया है।
  • विपणन में सम्पूर्ण व्यावसायिक क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है।

प्रश्न 25.
परियोजना चक्र के तत्व क्या हैं ?
उत्तर:
परियोजना चक्र के तत्व या अंग इस प्रकार हैं- (i) प्रवर्तकों का विवरण (ii) उद्यम का विवरण, (iii) आर्थिक जीवन योग्यता, (iv) तकनीकी सुविधाएँ, (v) वित्तीय सुविधाएँ, (vi) लाभदायकता विश्लेषण और (vii) संबंधित प्रपत्र, इत्यादि।

प्रश्न 26.
स्थायी और कार्यशील पूँजी में अंतर बताएँ।
उत्तर:
कार्यशील पूँजी एक ऐसी पूँजी है जिससे कच्चा माल को खरीदा जाता है और उत्पादन-कार्य में होने वाले खर्चों को पूरा किया जाता है। यह व्यवसाय के कार्यों को करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है जबकि स्थायी पूँजी एक ऐसी पूँजी है जिससे भवन, फर्नीचर, मशीन, औजार तथा यातायात के साधन खरीदे जाते हैं जिन्हें लम्बी अवधि के लिए व्यवसाय में प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 27.
साहसिक पूँजी का क्या महत्व है ?
उत्तर:
जो व्यक्ति किसी नए व्यवसाय को शुरू करने का जोखिम उठाता है या साहस करता है उसे उद्यमी या साहसी कहते हैं। जब उस व्यवसाय को प्रारंभ करने में जो उद्यमी के द्वारा विनियोग के रूप में उद्योग या व्यापार में लगाया जाता है तो उसे उद्यमी या साहसिक पूँजी कहा जाता है।

प्रश्न 28.
परियोजना क्या है ?
उत्तर:
परियोजना अथवा प्रोजेक्ट से आशय पूँजी का विनियोग किसी ऐसे व्यावसायिक अवसरों में करने से है जिसमें लाभ की संभावनाएँ अधिक मात्रा में नजर आती है।

प्रश्न 29.
चालू अनुपात क्या है ?
उत्तर:
यह अनुपात चालू सम्पत्तियों एवं चालू दायित्वों के सम्बन्ध को बताता है। व्यवसाय को उस अनुपात में होना चाहिए कि वह चालू दायित्वों का भुगतान चालू-सम्पत्तियों से कर सके। इन चालू -दायित्वों का भुगतान करने के लिए स्थायी स्रोतों पर आश्रित नहीं होना चाहिए। इसे कार्यशील अनुपात भी कहते हैं।
Current Ratio = \(\frac{\text { Current Assets }}{\text { Current Liabilities }}\)

प्रश्न 30.
पूँजी गहन प्रौद्योगिकी क्या है ?
उत्तर:
पूँजी गहन तकनीक को ऐसी तकनीक के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें अपेक्षाकृत अधिक पूँजी मात्रा प्रयोग की जाती है जबकि श्रम की अल्प मात्रा प्रयुक्त होती है।

प्रश्न 31.
कोष क्या है ?
उत्तर:
कोष शब्द का आशय चालू सम्पत्तियों एवं चालू दायित्वों का अन्तर है
कोष = चालू-सम्पत्तियाँ – चालू दायित्व

प्रश्न 32.
तरलता अनुपात क्या है ?
उत्तर:
ये अनुपात किसी भी संस्था की शोधन क्षमता का पता लगाने के लिए प्रयोग किये जाते हैं। ये व्यवसाय की तरलता के मापदण्ड होते हैं। इन अनुपातों में प्रमुख अनुपात हैं- (i) चालू अनुपात अथवा कार्यशील पूँजी अनुपात तथा (ii) शीघ्र अनुपात।

प्रश्न 33.
विक्रय संवर्द्धन की परिभाषा दें।
उत्तर:
विक्रय संवर्द्धन का अभिप्राय उन सभी क्रियाओं से है जो विक्रय वृद्धि के लिए विज्ञापन, वैयक्तिक विक्रय एवं प्रचार के अतिरिक्त की जाती है।

अमरीकन विपणन परिवाद के वाक्यों में “व्यक्तिगत विक्रय, विज्ञापन एवं प्रसारण को छोड़ सभी विपणन क्रियाओं तथा प्रस्तुति एवं प्रदर्शनी एवं अन्य विक्रय प्रयास जो साधारतया न किए जाएँ जिनका उद्देश्य उपभोक्ता क्रम एवं दुकानदार प्रभाविकता को बढ़ावा देना हो, को विक्रय संर्वन कहते हैं।

प्रश्न 34.
क्या विक्रय एवं विपणन में अन्तर है ? ।
उत्तर:
हाँ, विक्रय और विपणन में अंतर है। विपणन बाजार का अभिन्न अंग है। बाजार वह स्थान है जहाँ विक्रेता एवं क्रेता अपने उत्पाद को मुद्रा (उसके विपरीत भी) के बदले विनिमय करने हेतु एकत्रित होते हैं। विपणन के अंतर्गत उत्पादन से. उपभोग तक की सभी क्रियाएँ सम्मिलित हैं। जबकि विक्रय का संबंध केवल वस्तु एवं सेवाओं की खरीद-बिक्री से है।

प्रश्न 35.
आधारभूत सेवाएँ क्या है ?
उत्तर:
आधारभूत सेवाओं से आशय शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, संचार आदि से है। इसमें सुधार कर मानवीय संसाधन की गुणवत्ता को सुधारा जाता है। मानवीय संसाधन उत्पादन का सक्रिय साधन है।

प्रश्न 36.
सूक्ष्म वातावरण क्या है ?
उत्तर:
सूक्ष्म वातावरण में उन शक्तियों का वर्णन होता है जिनसे कम्पनी के ग्राहकों को प्रभावित किया जाता है। यह शक्ति बाध्य होती है, लेकिन कम्पनी के बाजार व्यवस्था इसे प्रभावित करती है। इन शक्तियों से माल की पूर्ति देने वाले मध्यस्थ, प्रतियोगी, ग्राहक तथा जनता इत्यादि आते हैं।

प्रश्न 37.
एक उद्यम का चुनाव से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
जब एक उद्यमी या साहसी किसी नए उपक्रम की स्थापना करने के लिए जो विचार रखता है और उसी के अनुसार उपक्रम का चयन करता है तो उसको एक उद्यम का चुनाव करना कहा जाता है।

प्रश्न 38.
अवसर कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर:
अवसर प्रमुख रूप से तीन प्रकार के होते हैं, जो इस प्रकार हैं- (i) आदत संबंधी अवसर (ii) पूरक अवसर (iii) रुकावट वाले अवसर।

प्रश्न 39.
विचार का चुनाव से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
जब साहसी या उद्यमी किसी नए उपक्रम को स्थापित करने का विचार मन में लाता है और इसके संबंध में चयन की प्रक्रिया अपनाता है तो इसे विचार का चुनाव कहा जाता है। उचित विचार का चयन करने से साहसी एक अच्छे नए उपक्रम की स्थापना कर सकता है और उसमें अधिक-से-अधिक लाभ अर्जित कर सकता है।

प्रश्न 40.
व्यावसायिक संगठन के तीन प्रमुख स्वरूप कौन-कौन हैं ?
उत्तर:
व्यावसायिक संगठन के तीन प्रमुख स्वरूप इस प्रकार हैं-

  • एकाकी व्यापार,
  • साझेदारी व्यवसाय,
  • संयुक्त पूँजी कम्पनी।

प्रश्न 41.
एकाकी व्यापार क्या है ?
उत्तर:
एकाकी व्यापार व्यावसायिक संगठन का एक ऐसा स्वरूप है जिसकी स्थापना एक ही व्यक्ति द्वारा पूँजी लगाकर की जाती है। एकाकी व्यापारी ही अपने व्यापार का अकेला मालिक होता है और वह अपने व्यवसाय का प्रबंध और संचालन करता है। वह स्वयं ही अपने व्यापार के लाभ-हानियों को ग्रहण करता है।

Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Long Answer Type Part 1 in Hindi

BSEB Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Long Answer Type Part 1 are the best resource for students which helps in revision.

Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Long Answer Type Part 1 in Hindi

प्रश्न 1.
बाजार मूल्यांकन से आप क्या समझते हैं ? बाजार मूल्यांकन पर प्रभाव डालने वाले घटक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
बाजार मूल्यांकन- उत्पाद और सेवाओं का चयन माँग और पति के घटकों के अतिरिक्त अन्य अनेक घटकों पर भी निर्भर करता है। जैसे-उत्पाद की गुणवत्ता पूर्ति के लिए स्रोत एवं वितरण’ के तंत्र। बाजार मूल्यांकन करते समय एक साहसी को निम्न रूपरेखा बना लेनी चाहिए-

  • माँग
  • पूर्ति और प्रतियोगिता
  • उत्पादन की लागत और कीमत एवं
  • परियोजना की नवीनीकरण तथा परिवर्तन।

बाजार मल्यांकन पर प्रभाव डालने वाले घटक- किसी कम्पनी के बाह्य वातावरण के अग्र भागों में बाँटा जा सकता है-
(i) सक्ष्म वातावरण- सूक्ष्म वातावरण में उन शक्तियों का वर्णन होता है जिनसे कम्पनी के ग्राहकों को प्रभावित किया जाता है। ये शक्तियाँ बाह्य होती हैं परंतु कम्पनी की बाजार व्यवस्था को प्रभावित करती हैं। इन शक्तियों में माल की पूर्ति देने वाले मध्यस्थ, प्रतियोगी, ग्राहक तथा जनता आती है। साधारणतया इन घटकों को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।

(ii) पर्ति करने वाले- उत्पाद और सेवाओं को बनाने और देने में किसी कम्पनी को बहुत-से चरों को देखना होता है। वस्तुओं/सेवाओं की पूर्ति देने वालों को ही सुपुर्दगीदाता कहा जाता है। इनका कम्पनी की सफलता व असफलता से सीधा संबंध होता है। विपणन कर्मचारियों का वस्तु की पूर्ति देने वालों से कोई संबंध नहीं होता। हालांकि जब माल की कमी होती है, तब इन्हें भी परेशानी होती है। विपणन की सफलता के लिए पर्याप्त मात्रा, अच्छी किस्म का सामान हर समय उपलब्ध होना चाहिए। जितने अधिक पूर्तिकर्ता, उतनी ही अधिक निर्भरता होगी। अतः पूर्तिकर्ता विपणन को प्रभावित कर सकता है। विपणन प्रबंधकों को सामान की नियमित पूर्ति पर ध्यान देना चाहिए। माल की कमी तथा देरी बिक्री को प्रभावित करती है। ऐसा होने से कम्पनी की ख्याति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

(iii) विपणन मध्यस्थ- विपणन मध्यस्थ वे स्वतंत्र व्यक्ति अथवा फर्म हैं जो कम्पनी को प्रत्यक्ष सेवाएँ देकर उसकी बिक्री बढ़ाने में सहायता करती हैं तथा उत्पादों को शीघ्र से शीघ्र अंतिम उपभोक्ताओं तक पहुँचाते हैं।

(iv) प्रतियोगी- विपणन के सही अर्थ में एक सफल कम्पनी को ग्राहकमुखी होना चाहिए। उसको इस बात का प्रयत्न करना चाहिए कि अपने ग्राहकों की इच्छा और आवश्यकताओं का ध्यान अपने प्रतियोगी फर्म से अधिक अच्छा हो। किसी संस्था के विपणन निर्णय केवल ग्राहकों को ही प्रभावित नहीं करते वरन् उस कम्पनी के प्रतियोगी की विपणन व्यूह-रचना पर प्रभाव डालते हैं। परिणामस्वरूप विपणनकर्ताओं को बाजार की प्रतियोगिता, उत्पादों की गुणवत्ता, विपणन माध्यम तथा मूल्यों पर ध्यान रखते हुए विक्रय संवर्द्धन करना चाहिए।

(v) ग्राहक- प्रत्येक कम्पनी को अपने ग्राहकों को पाँच प्रकार के वर्ग में रखना होता है-

  • उपभोक्ता बाजार- इस श्रेणी में वे संस्थाएँ आती हैं जो वस्तुओं और सेवाओं का क्रय केवल भविष्य में उत्पादन क्रिया में उपयोग के लिए करती हैं, आज के लिए नहीं।
  • औद्योगिक बाजार- इस श्रेणी में वे संस्थाएँ आती हैं जो वस्तुओं और सेवाओं का क्रय केवल भविष्य में उत्पादन क्रिया में उपयोग के लिए करती हैं, आज के लिए नहीं।
  • सरकारी बाजार- इस श्रेणी में सरकारी कार्यालय अथवा अन्य एजेंसी जो वस्तुओं और सेवाओं का क्रय करके उन्हें बेचते हैं जिन्हें उनकी आवश्यकता होती है।
  • पुनः बिक्री बाजार- इस श्रेणी में वे व्यक्ति अथवा संस्थाएँ आती हैं जो वस्तुओं और सेवाओं को खरीदकर दूसरों को बेचकर लाभ कमाती हैं। ये फुटकर व्यापारी अथवा थोक व्यापारी हो सकते हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय बाजार- व्यक्ति/संगठन भी ग्राहक हो सकते हैं, यहाँ क्रेता दूसरे देशों के होते हैं। इसमें उपभोक्ता, उत्पादक, पुनः विक्रेता तथा सरकार भी क्रेता हो सकती है।
  • जनता- जनता से हमारा अभिप्राय ऐसे व्यक्ति के समुदाय से है जिसका वर्तमान तथा भविष्य कम्पनी की स्थिरता से जुड़ा हो और कम्पनी के उत्पादों को खरीदकर कम्पनी के उद्देश्यों को पूरा करने में सहयोग दे।

प्रश्न 2.
कोष प्रवाह विवरण आर्थिक चिट्ठे से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर:
कोष प्रवाह विवरण तथा चिट्ठे में मुख्य अन्तर इस प्रकार है-
Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Long Answer Type Part 1, 1

प्रश्न 3.
उद्यमिता की परिभाषा दें एवं इसकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
उद्यमिता या साहसिक कार्य की परिभाषा देते हुए यह कहा जा सकता है कि कार्यो को देखना, विनयोग करना, उत्पादन के अवसरों को देखना, उपक्रम को संगठित करना, नयी विधि से उत्पादन करना, पूँजी प्राप्त करना, श्रम और सामग्री को एकत्रित करना और उच्च पद के अधिकारी, प्रबंधकों का चयन को संगठन के दिन-प्रतिदिन के कार्यों को करेंगे।

1. उद्यमिता से अभिप्राय निवेश तथा उत्पादन अवसरों को खोजना, एक नई उत्पादन प्रक्रिया को स्वीकार कर एक नये उद्यम का गठन करना, पूँजी जुटाना, श्रम उपलब्ध करना, कच्चे माल की आपूर्ति की व्यवस्था करना, स्थान का चयन, नई तकनीकी सामग्री के स्रोत की जानकारी प्राप्त करना तथा उद्यम के दैनिक कार्य हेतु उच्च प्रबन्धकों की नियुक्ति आदि क्रियाओं का संयोजन है।

यह परिभाषा उद्यमी के कार्यों से सम्बन्धित है। इन क्रियाओं के अन्तर्गत आर्थिक क्रियाओं व्यवहरण, जोखिम वहन, कुछ नया सृजन तथा साधनों का गठन एवं समन्वय सम्मिलित है।

2. उद्यमिता की परिभाषा के अन्तर्गत मूल रूप से ऐसे कार्य किये जाते हैं जो कि व्यवसाय के साधारण व्यवहार में नहीं किये जाते हैं।

इस परिभाषा ने शुम्पीटर के नव-सृजन प्रक्रिया जो उद्यमी द्वारा संचालित होती है, पर बल दिया है। उसके द्वारा साधनों का एकत्रण, निपुणता का संयोजन तथा व्यवसाय को सफल बनाने हेतु नेतृत्व प्रदान करना शामिल है।

3. उद्यमिता अतिरिक्त धन सृजित करने को गतिशील करने की गतिशील प्रक्रिया है। यह धन व्यक्तियों द्वारा सृजित किया जाता है जो पूँजी, समय तथा वृत्ति की वचनबद्धता द्वारा किसी उत्पादन अथवा सेवा में मूल्य प्रदान करते हैं। उत्पाद अथवा सेवा स्वयं में एकाकी न भी हो, परन्तु उद्यमी द्वारा आवश्यक गुणों एवं साधनों के संयोजन, द्वारा उनमें मूल्य (Value) सृजित किया जाता है।

इन परिभाषा में उद्यमिता प्रक्रिया का अन्तिम परिणाम, अतिरिक्त धन का सृजन है। मूल्य सृजन जोखिमी प्रक्रिया है परन्तु उद्यमी को पूँजी व समय की संलग्नता में जोखिमों को कम करना आवश्यक है।

4.”उद्यमिता तब उजागर होती है जब साधनों का पुन: निर्देशन, अवसरों की प्रगति की और प्रशासनिक कार्यशीलता समृद्ध करते हुए सुनिश्चित की जाती है। उद्यमिता स्वाभाविक नहीं होती, यह कार्य करने में निहित है। उद्यमिता जोखिम के प्रबन्धन से जुड़ी है।

उपरोक्त परिभाषा में, ड्रकर उद्यमिता को प्रबन्धन उन्मुख बताते हैं वे पुनः स्पष्ट करते हैं कि उद्यमितीय संगठन अपनी सफलता के लिए वर्तमान प्रबन्ध की अपेक्षा भिन्न प्रबन्धन को अनिवार्य मानते हैं। परन्तु वर्तमान के अनुरूप, प्रबंधन उसी प्रकार तंत्र युक्त, संगठित एवं उद्देश्यपूर्ण होना चाहिए। समूह नियम प्रत्येक उद्यम के लिए समान होते हुए भी वर्तमान व्यवसाय, लोक सेवा संस्थाएँ तथा नए उद्यम भिन्न-भिन्न चुनौतियाँ एवं समस्याएँ प्ररस्तुत करते हैं, उसके ऊपर उनमें विघटनकारी प्रवृतियों पर रोक लगाने की चेष्टा अनिवार्य है। व्यक्तिगत उद्यमियों को अपनी भूमिका एवं समर्पिताओं हेतु निर्णय लेने चाहिए।

उद्यमिता की विशेषता- उद्यमिता की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-

  • उद्यमिता एक प्रक्रिया है।
  • उद्यमिता सृजन की प्रक्रिया है।
  • उद्यमिता एक कार्य-योजना है।
  • उद्यमिता प्रशासन एवं नियंत्रण है।
  • उद्यमिता उत्पादन के साधनों को प्रयोग करने की प्रक्रिया है।
  • उद्यमिता जोखिम के साधनों को प्रयोग करने की प्रक्रिया है।

प्रश्न 4.
आर्थिक चिट्ठा का काल्पनिक प्रारूप तैयार करें।
उत्तर:
Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Long Answer Type Part 1, 2

प्रश्न 5.
नियोजन प्रक्रिया में प्रबन्ध द्वारा लिये गये कदम क्या हैं ?
उत्तर:
नियोजन प्रक्रिया में प्रबन्ध द्वारा लिये गये कदम निम्नलिखित हैं-

  • समस्या का विश्लेषण।
  • उद्देश्यों की स्पष्ट व्याख्या।
  • आवश्यक सूचनाओं का एकत्रीकरण।
  • एकत्रित सूचनाओं का विश्लेषण और वर्गीकरण।
  • नियोजन की आधारभूत धारणाएँ एवं सीमाएँ निश्चित करना।
  • विभिन्न कार्यों तथा दशाओं का निर्णय।
  • विभिन्न विकल्पों का मूल्यांकन।
  • नियोजन क्रम और समय निश्चित करना।
  • सहायक योजनाओं का निर्माण।
  • नियोजन की उपलब्धियों का मूल्यांकन।
  • नियोजन कार्य पर नियंत्रण।

प्रश्न 6.
केन्द्रीयकरण तथा विकेन्द्रीकरण के बीच अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:
जब प्रबंधक या उच्च अधिकारी अपने कार्य भार को स्वयं अपने पास रखता है तथा प्रबन्ध और संचालक की सम्पूर्ण क्रियाएँ स्वयं करता है तो उसे केन्द्रीकरण’ कहा जाता है। इसमें उत्तरदायित्व का वितरण अधीनस्थ कर्मचारियों के बीच नहीं किया जाता है।

इसके ठीक विपरीत विकेन्द्रीकरण में अधिकार एवं दायित्वों का वितरण छोटी-से-छोटी इकाई को किया जाता है।

कीथ डेविस ने विकेन्द्रीकरण को परिभाषित करते हुए कहा है कि “संगठन की छोटी-से-छोटी इकाई तक, जहाँ तक व्यावहारिक हो, अधिकार एवं दायित्व का वितरण विकेन्द्रीकरण कहलाता है।”

इस प्रकार यह स्पष्ट है कि केन्द्रीकरण और विकेन्द्रीकरण दोनों अलग-अलग चीजें हैं और दोनों में स्पष्ट अंतर है।

प्रश्न 7.
प्रबन्ध के आधारभूत विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर:
प्रबन्ध की आधारभूत विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  • यह एक उद्देश्यपूर्ण क्रिया है।
  • यह एक सामाजिक प्रक्रिया है।
  • यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो निरंतर चलती रहती है।
  • यह एक क्रियाशील कार्य है।
  • यह एक सार्वभौमिक प्रक्रिया है।
  • यह एक पेशा है।
  • यह कला एवं विज्ञान दोनों है।
  • यह मानवीय प्रयासों से संबंधित है।
  • इसका कार्य दूसरों से कार्य कराना है।
  • यह कार्य करने सम्बन्धी वातावरण उत्पन्न करने की युक्ति है।

प्रश्न 8.
पूंजी बाजार और मुद्रा बाजार में अंतर बताइए।
उत्तर:
पूँजी बाजार से अभिप्राय उस बाजार से है जहाँ पर दीर्घकालीन वित्त का क्रय-विक्रय या माँग और पूर्ति की जाती है। पूँजी बाजार वह केन्द्र है जहाँ पर दीर्घकालीन पूँजी की माँग एवं पूर्ति का परस्पर समायोजन होता है। यह वह स्थान है जहाँ पर किसी राष्ट्र की उधार देय पूँजी का संचय किया जाता है तथा जहाँ पर दीर्घकालीन पूँजी के साथ व्यवहार किया जाता है। इस बाजार में विशेष रूप से निजी उद्यमियों जिन्होंने नये औद्योगिक संस्थान या पुराने औद्योगिक संस्थानों के विस्तार के लिए दीर्घकालीन पूँजी की माँग की जाती है। दीर्घकालीन पूँजी की पूर्ति सरकार, अर्द्ध-सरकारी संस्थाएँ, व्यापारिक तथा औद्योगिक कंपनियाँ आदि करती है, जबकि उधार देने वालों में व्यापारिक बैंक, औद्योगिक वित्तीय संगठन तथा देशी साहूकार आदि आते हैं।

दीर्घकालीन पूँजी की माँग एवं पूर्ति का स्रोत पूँजी बाजार के अंतर्गत अंश, ऋण-पत्र आदि का क्रय-विक्रय होता है। इसके अंतर्गत दीर्घकालीन पूँजी का बड़े पैमाने पर व्यवहार किया जाता है। पूँजी बाजार संगठित और असंगठित होता है। पूँजी बाजार वित्तीय स्रोतों को प्रोत्साहन देता है। किसी भी देश की समृद्धि एवं प्रगतिशील अर्थव्यवस्था का बैरोमीटर. पूँजी बाजार है। शासन की नीति पूँजी बाजार को प्रभावित करती है।

भारतीय मुद्रा बाजार संगठित तथा असंगठित भागों का एक मिश्रण है। भारतीय मुद्रा बाजार के विभिन्न अंगों में एक ही समय पर ब्याज की भिन्न दरें विद्यमान रहती हैं। भारतीय मुद्रा बाजार के संगठित भाग में रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया तथा इसके सात सहायक बैंक, विदेशी तथा भारतीय अनुसूचित बैंक सम्मिलित है। इसके अलावे बीमा कंपनी, अर्द्ध सरकारी संस्थाएँ तथा मिश्रित पूँजी कम्पनियों भी मुद्रा बाजार में उधारदाताओं के रूप में प्रवेश करती है। इन संस्थाओं के अतिरिक्त मुद्रा बाजार में ऋण दलाल, सामान्य वित्त एवं पूँजी दलाल तथा हामीदार भी वित्तीय मध्यस्थों के रूप में कार्य करते हैं। इसके अतिरिक्त भारतीय मुद्रा बाजार में स्वीकृत व्यापार भी कोई विशेष मात्रा में नहीं होता है।

प्रश्न 9.
विपणन मिश्रण के आवश्यक तत्त्व क्या हैं ?
उत्तर:
विपणन मिश्रण शब्द का प्रयोग जेम्स कुलिशन ने किया, जिसे नील एच. ब्राउन ने लोकप्रिय बनाया। ऐसे समस्त विपणन निर्णय जो कि विक्रय को प्रेरित या प्रोत्साहित करते हैं विपणन मिश्रण कहलाते हैं। विपणन मिश्रण के आवश्यक तत्त्व चार हैं जो P अक्षर से आरम्भ होते हैं। इसलिए प्रसिद्ध अमेरिकन प्रोफेसर जेरोम मेककारटी ने विपणन मिश्रण को चार ‘P’ कहा है, जो इस प्रकार है-

  1. उत्पाद (Product)- उत्पाद से आशय किसी भौतिक वस्तु या सेवा से है जिससे क्रेता की आवश्यकताओं की संतुष्टि होती है।
  2. मूल्य (Price)- मूल्य से आशय किसी उत्पाद या सेवा के लिए ग्राहक से वसूल की जाने वाली मुद्रा से है।
  3. स्थान (Place)- स्थान से आशय उस स्थान से है जहाँ वस्तुएँ और सेवाएँ उचित मूल्य पर विक्रय के लिए रखा जाता है। बिना स्थान के विपणन संभव नहीं है।
  4. संवर्द्धन (Promotion)- संवर्द्धन से आशय उन सभी क्रियाओं से है जो ग्राहकों को उत्पाद या सेवा के सम्बन्ध में सूचना देने तथा उन्हें क्रय करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु सम्पन्न की जाती है। इन सभी का उद्देश्य उत्पाद या सेवा की बिक्री में वृद्धि करना होता है।

प्रश्न 10.
उपक्रम के चुनाव में साहसी को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
अथवा, व्यावसायिक उपक्रम के प्रवर्तन में ध्यान देने योग्य तत्त्व का वर्णन करें।
उत्तर:
एक उपक्रम के चुनाव में साहसी को निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए-
1. व्यवसाय का चयन- जब साहसी या उद्यमी में कोई व्यावसायिक विचार उत्पन्न होता है उसी समय नए उपक्रम की स्थापना की प्रक्रिया शुरू हो जाती है उसे व्यवसाय की लाभदायकता, उसमें सन्निहित जोखिम एवं आवश्यक पूँजी का विश्लेषण कर व्यवसाय का चयन करना चाहिए।

2. संगठन के प्रारूप का चुनाव- बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए कम्पनी प्रारूप और छोटे या मध्यम आकार के व्यवसाय के लिए एकांकी या साझेदारी प्रारूप उपयुक्त होता है। परन्तु आजकल छोटे एवं मध्यम वर्ग के उद्यमी भी कम्पनी प्रारूप को पसंद करते हैं, क्योंकि इसमें लोचनीयता एवं असीमित स्वीकृति का गुण होता है।

3. वित्तीय साधन- उद्यमी यदि पूँजी जुटाने में स्वयं सक्षम है तो उसे एकांकी व्यापार का उपक्रम चुनना चाहिए। यदि ऐसा नहीं है तो साझेदारी उपयुक्त होगी। किन्तु इससे भी अधिक पूँजी की आवश्यकता होने पर कम्पनी प्रारूप वाला उपक्रम ठीक होगा।

4. प्लाण्ट का स्थान निर्धारण- उद्यमी को व्यवसाय के लिए ऐसे स्थान की खोज करनी चाहिए जहाँ कच्चा माल, श्रम, शक्ति, बाजार एवं अन्य सहायक सुविधाएँ उचित मात्रा में उपलब्ध हो।

5. इकाई का आकार- यदि उद्यमी अपने उत्पाद की बिक्री एवं आवश्यक वित्त की व्यवस्था करने में समर्थ है तो बड़े पैमाने पर उत्पादन अच्छा विकल्प होगा।

6. संयंत्र विन्यास- संयंत्र विन्यास ऐसा होना चाहिए जो श्रमिकों, मशीन, औजार एवं स्थान का सर्वोत्तम उपयोग निश्चित कर सके।

7. श्रमशक्ति की उपलब्धता- उद्यमी को कुशल श्रमिकों को नियुक्त करना चाहिए, क्योंकि अच्छी श्रमशक्ति की उपलब्धता उपक्रम के सफल संचालन के लिए आवश्यक है।

8. प्रक्रियागत औपचारिकताओं की पूर्ति- एकांकी व्यापार एवं साझेदारी संस्थाओं को केवल सामान्य औपचारिकताएँ पूरी करनी होती है, किन्तु कम्पनी संगठन के अंतर्गत उद्यमी को रजिस्ट्रेशन, अंशों को सूचीबद्ध कराना, उत्पादों का रजिस्ट्रेशन कराना आदि औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती है।

9. उपक्रम आरम्भ करना- उद्यमी श्रम, सामग्री, मशीन, मुद्रा, प्रबंधकीय कौशल आदि की व्यवस्था कर संस्था की संरचना विकसित कर सकता है तथा प्रबंधक एवं कर्मचारियों के बीच कार्य का विभाजन करेगा। साहसिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए क्रियात्मक संगठन संरचना से काफी मदद मिलती है।

प्रश्न 11.
एक व्यवसाय की दीर्घकालिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु वित्त के कौन-कौन से प्रमुख स्रोत हैं ?
उत्तर:
व्यवसाय में दीर्घकालीन कोषों की आवश्यकता सामान्यतः इसकी स्थिर पूँजी की प्रकृति की होती है।

दीर्घकालीन पूँजी प्राप्त करने के मुख्य स्रोत निम्नलिखित हैं-
(i) अंश- एक कम्पनी दीर्घकालीन एवं स्थायी वित्त प्राप्त करने के लिए समता एवं पूर्वाधिकार अंशों का निर्गमन कर सकती है।

(ii) ऋण पत्र- एक कम्पनी अपने वित्तीय साधनों को बढ़ाने के लिए ऋणपत्रों को जारी कर सकती है। ऋणपत्रों पर ब्याज की दर निश्चित हो सकती है। इसका शोधान एक निश्चित तिथि पर किया जा सकता है। इसका निर्गमन मूल्य निश्चित हो सकता है।

(iii) ऋण- व्यावसायिक संस्था बैंक या विशिष्ट संस्थाओं से ऋण प्राप्त कर सकती है। ऋण की स्वीकृति की शर्ते हो सकती हैं और स्वीकृत ऋण का सवितरण समय-समय पर किया जा सकता है।

(iv) प्राप्त लाभों का पुनर्विनियोग- यह अर्थ प्रबन्धन का आन्तरिक स्रोत है। बहुत सी संस्थाएँ अपने व्यवसाय के वित्त की व्यवस्था के लिए अवितरित लाभ, संचय आदि को पूँजी के रूप में प्रयोग कर लेती है। इसे लाभों का पुनर्विनियोग कहा जाता है।

प्रत्येक व्यवसाय को सर्वप्रथम अपनी दीर्घकालीन वित्तीय आवश्यकताओं की प्रकृति राशि, अवधि एवं उद्देश्य को चिह्नित करना चाहिए और तब संसाधानों का प्रयोग करना चाहिए ताकि उनका लाभप्रद उपयोग हो सके।

प्रश्न 12.
प्रबन्ध की प्रकृति का उल्लेख करें।
उत्तर:
प्रबंध की प्रकृति को निम्न रूप में समझ सकते हैं-
1. प्रबंध विज्ञान एवं कला दोनों है।
प्रबंध कला के रूप में,
प्रबंध को सामान्यतया कला समझा जाता है क्योंकि कला का अर्थ किसी कार्य को करने अथवा किसी उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए ज्ञान एवं कुशलता का प्रयोग करना है। वास्तव में कला सिद्धांतों को व्यावहारिक रूप प्रदान करने की विधि है। जार्ज टैरी का कथन है कि “चातुर्य के प्रयोग से इच्छित परिणाम प्राप्त करना ही कला है।”

प्रबंध विज्ञान के रूप में,
व्यवस्थित ज्ञान जो किसी सिद्धांतों पर आधारित हो, विज्ञान कहलाता है। अर्थात् विज्ञान ज्ञान का वह रूप है जिसमें अवलोकन तथा प्रयोग द्वारा कुछ सिद्धांत निर्धारित किये जाते हैं। विज्ञान को दो भागों में विभक्त किया जा सकता है। वास्तविक विज्ञान और नीति प्रधान विज्ञान। वास्तविक विज्ञान के अन्तर्गत हम केवल वास्तविक अवस्था का ही अध्ययन करते हैं जबकि नीति प्रधान विज्ञान के अन्तर्गत हम आदर्श भी निर्धारित करते हैं। व्यावसायिक प्रबंध भी निश्चित सिद्धांतों पर आधारित सुव्यवस्थित ज्ञान का भंडार है। विद्वानों ने समय-समय पर अनेक सिद्धांतों का प्रतिपादन किया है जो प्रबंध को विज्ञान की कोटि में रखने के लिए पर्याप्त उदाहरणार्थ, वैज्ञानिक प्रबंध, विवेकीकरण, विज्ञापन व बिक्री कला के सिद्धांत आदि।

प्रबंध विज्ञान एवं कला दोनों के रूप में, उपरोक्त अध्ययन करने के उपरांत हम कह सकते हैं कि प्रबंध कला और विज्ञान दोनों है। वास्तव में उसके वैज्ञानिक एवं कलात्मक रूप को अलग नहीं कर सकते हैं। सैद्धांतिक ज्ञान व्यावहारिक ज्ञान के बिना अधूरा है तथा व्यावहारिक ज्ञान सैद्धांतिक ज्ञान के बिना अपूर्ण है। अर्थात् एक कुशल प्रबंधक के लिए प्रबंध का ज्ञान और अनुभव दोनों आवश्यक है।

प्रबंध एक पेशा है। आधुनिक प्रबंध विद्वानों का मत है कि प्रबंध एक पेशा है तथा उसी रूप में उसका धीरे-धीरे विकास होता जा रहा है। उनके अनुसार विकसित शब्द जैसे अमरीका, जापान, ब्रिटेन, जर्मनी अन्य उद्योग प्रधान देशों में व्यावसायिक प्रबंध एक तंत्र देश के रूप में विकसित हो चुका है तथा प्रबंधकों को उनकी प्रबंध योग्यता के आधार पर ही कार्य सौंपा जाता है। भारत में भी अब पूँजी प्रबंधकों का स्थान धीरे-धीरे पेशेवर प्रबंधक ग्रहण करते जा रहे हैं।

प्रश्न 13.
बतायें कि प्रबंधन को निर्णय लेने की प्रक्रिया के रूप में क्यों जाना जाता है ?
उत्तर:
एक व्यावसायिक उपक्रम का संवर्द्धन, परिचालन एवं विस्तार मुख्यतः प्रबन्धन की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। प्रबन्धन सदैव कुशलता के लिए चिन्तित व जागरूक रहती है। कुशलता प्राप्त करने के लिए प्रबन्ध निम्न कार्यों को सम्पन्न करता है-

  • नियोजन
  • संगठन
  • नियुक्तिकरण
  • निर्देशन
  • नियंत्रण
  • समन्वय

इसके अन्य कार्य भी है जैसे-सम्वादवाहन, प्रेरित करना एवं नेतृत्व प्रदान करना।

प्रबन्धन के इन सभी चरणों में निर्णयन या निर्णय लेना एक सतत समस्या है। यह किसी समस्या के समाधान हेतु विभिन्न विकल्पों में से सर्वश्रेष्ठ को चयन करने की प्रक्रिया है। प्रबन्ध में विभिन्न प्रकार के निर्णय लेने पड़ते हैं और उनकी प्रकृति भी भिन्न-भिन्न होती है। ये निर्णय निम्न हैं-

  • उद्यमी के रूप में निर्णय- अवसरों की पहचान एवं चुनाव, नीतियों में परिवर्तन लाने की आवयश्यकता, उन परिवर्तनों को लागू करना।
  • धमकियों का सामना करना- गैर अनुमानित समस्याओं जैसे हड़ताल या दुर्घटना आदि से निपटने के लिए सुधार के उपाय करना।
  • संसाधनों के आवंटन के सम्बन्ध में निर्णय- संसाधनों का अनुमान लगाना, पर्याप्त संसाधान जुटाने के लिए इसकी आपूर्ति पर ध्यान देना।
  • संगठनात्मक प्रतिनिधि के रूप में निर्णय करना- अंशधारियों, कर्मचारियों, लेनदारों, समाज, व्यापारियों, सरकार तथा देश के हितों की रक्षा करना।

इस प्रकार प्रबन्धन निर्णय लेने की प्रक्रिया है। इसका अर्थ यह है कि विभिन्न विकल्पों में से उचित एवं सही विकल्प का चुनाव करना है ताकि आवश्यक कदम उठाया जा सके।

प्रश्न 14.
स्थायी (स्थिर) लाग्न तथा परिवर्तनशील लागत में अंतर बताइये।
उत्तर:
स्थायी लागत तथा परिवर्तनशील लागत में निम्नलिखित अंतर है-
Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Long Answer Type Part 1, 3

Bihar Board 12th Political Science Objective Important Questions Part 1

BSEB Bihar Board 12th Political Science Important Questions Objective Type Part 1 are the best resource for students which helps in revision.

Bihar Board 12th Political Science Objective Important Questions Part 1

प्रश्न 1.
किस समिति की अनुशंसा पर भारत में प्रथम बार पंचायती राज संस्थाओं का गठन किया गया था?
(a) अशोक मेहता समिति
(b) गिरधारी लाल व्यास समिति
(c) सादिक अली समिति
(d) बलवंत राय मेहता समिति
उत्तर:
(d) बलवंत राय मेहता समिति

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन भारतीय संघीय व्यवस्था की विशेषता नहीं है?
(a) दोहरी नागरिकता
(b) शक्तियों का विभाजन
(c) स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था
(d) संविधान की सर्वोच्चता
उत्तर:
(a) दोहरी नागरिकता

प्रश्न 3.
भारतीय संविधान के द्वारा कितने मौलिक अधिकार प्रदान किये गये है ?
(a) 5
(b) 6
(c) 7
(d) 8
उत्तर:
(b) 6

प्रश्न 4.
भारतीय संविधान का कौन-सा अनुच्छेद निर्वाचन के लिए प्रावधान करता है?
(a) अनु० 320
(b) अनु० 321
(c) अनु० 322
(d) अनु० 324
उत्तर:
(d) अनु० 324

प्रश्न 5.
राज्य सभा में प्रतिनिधित्व होता है
(a) केन्द्र का
(b) राज्यों का
(c) (a) और (b) दोनों का
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) राज्यों का

प्रश्न 6.
भारतीय संघीय व्यवस्था में किसे अधिक शक्तियाँ प्राप्त है ?
(a) केन्द्र को
(b) राज्यों को
(c) जिलों को
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) केन्द्र को

प्रश्न 7.
राज्य सभा में मनोनीत सदस्यों की संख्या है
(a) 12
(b) 13
(c) 21
(d) 11
उत्तर:
(a) 12

प्रश्न 8.
भारत में पहला नगर निगम स्थापित किया गया था?
(a) पटना
(b) मुंबई
(c) मद्रास
(d) कोलकाता
उत्तर:
(c) मद्रास

प्रश्न 9.
किस राज्य को हाल में विभक्त कर भारत के 29वें राज्य के रूप में तेलंगाना की स्थापना की गयी है ?
(a) आंध्र प्रदेश
(b) तमिलनाडु
(c) केरल
(d) कर्नाटक
उत्तर:
(a) आंध्र प्रदेश

प्रश्न 10.
केन्द्र-राज्य संबंधों में प्रमुख अड़चन क्या रही है?
(a) राज्यपाल की भूमिका
(b) अनुच्छेद 356
(c) राज्यों की केन्द्र पर निर्भरता
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(d) इनमें से सभी

प्रश्न 11.
भारतीय संविधान का 73वाँ संशोधन सम्बन्धित है।
(a) ग्राम पंचायत से
(b) पंचायती राज से
(c) नगरपालिका से
(d) नगर निगम से
उत्तर:
(b) पंचायती राज से

प्रश्न 12.
भारत में गैर-कांग्रेस सरकार के पहले प्रधानमंत्री कौन थे ?
(a) चन्द्रशेखर
(b) मोरारजी देसाई
(c) वी० पी० सिंह
(d) आई० के० गुजराल
उत्तर:
(b) मोरारजी देसाई

प्रश्न 13.
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति कौन करता है ?
(a) प्रधानमंत्री
(b) मंत्रिमंडल
(c) राष्ट्रपति
(d) उप-राष्ट्रपति
उत्तर:
(c) राष्ट्रपति

प्रश्न 14.
भारतीय संविधान का कौन-सा अनुच्छेद संसद के संयुक्त अधिवेशन की अनुमति देता है ?
(a) अनु० 105
(b) अनु० 108
(c) अनु० 111
(d) अनु० 113
उत्तर:
(c) अनु० 111

प्रश्न 15.
निम्नलिखित में से कौन एक संवैधानिक संस्था नहीं है ?
(a) नीति आयोग
(b) वित्त आयोग
(c) संघ लोक सेवा आयोग
(d) चुनाव आयोग
उत्तर:
(a) नीति आयोग

प्रश्न 16.
भारतीय संविधान के किस भाग को संविधान की आत्मा कहा जाता है ?
(a) प्रस्तावना
(b) मौलिक अधिकार
(c) निर्देशक सिद्धान्त
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) प्रस्तावना

प्रश्न 17.
संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे?
(a) डॉ० अम्बेडकर
(b) डॉ० राजेन्द्र प्रसाद
(c) डॉ० राधा कृष्णन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) डॉ० राजेन्द्र प्रसाद

प्रश्न 18.
संविधान द्वारा किस भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया है ?
(a) अंग्रेजी
(b) उर्दू
(c) हिन्दी
(d) हिन्दुस्तानी
उत्तर:
(c) हिन्दी

प्रश्न 19.
भारत संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य कब बना?
(a) 1945 में
(b) 1947 में
(c) 1950 में
(d) 1952 में
उत्तर:
(a) 1945 में

प्रश्न 20.
किस देश ने नाटो में अमेरिकी नेतृत्व का विरोध किया ?
(a) ब्रिटेन
(b) फ्रांस
(c) पश्चिम जर्मनी
(d) इटली
उत्तर:
(b) फ्रांस

प्रश्न 21.
सौराष्ट्र किस राज्य का अंग है ?
(a) महाराष्ट्र
(b) राजस्थान
(c) कर्नाटक
(d) गुजरात
उत्तर:
(d) गुजरात

प्रश्न 22.
किस देश के प्रभुत्व से एक ध्रुवीयता कायम हुई ?
(a) रूसी संघ
(b) चीन
(c) फ्रांस
(d) अमेरिका
उत्तर:
(d) अमेरिका

प्रश्न 23.
दक्षेस (सार्क) में कितने देश हैं ?
(a) 5
(b) 6
(c) 7
(d) 8
उत्तर:
(d) 8

प्रश्न 24.
सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यों की संख्या कितनी है?
(a) 5
(b) 6
(c) 7
(d) 14
उत्तर:
(d) 14

प्रश्न 25.
पूना पैक्ट संबंधित था
(a) दलित वर्ग से
(b) हिन्दू-मुस्लिम एकता से
(c) संवैधानिक विकास से
(d) शैक्षिक सुधार से
उत्तर:
(a) दलित वर्ग से

प्रश्न 26.
संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर में कितनी धाराएँ है ?
(a) 111
(b) 112
(c) 115
(d) 120
उत्तर:
(a) 111

प्रश्न 27.
संविधान के किस अनुच्छेद में केन्द्र और राज्य के बीच विधायी संबंधों का उल्लेख है ?
(a) अनु० 245-255
(b) अनु० 240-250
(c) अनु० 352-360
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) अनु० 245-255

प्रश्न 28.
मुख्यमंत्री की नियुक्ति कौन करता है ?
(a) राष्ट्रपति
(b) प्रधानमंत्री
(c) राज्यपाल
(d) उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
उत्तर:
(c) राज्यपाल

प्रश्न 29.
भारतीय संविधान में कितने मौलिक कर्त्तव्य हैं ?
(a) 8
(b) 9
(c) 10
(d) 11
उत्तर:
(d) 11

प्रश्न 30.
राज्यों के संवैधानिक प्रमुख कौन है ?
(a) राज्यपाल
(b) मुख्यमंत्री
(c) उप-मुख्यमंत्री
(d) विधान सभा के अध्यक्ष
उत्तर:
(a) राज्यपाल

प्रश्न 31.
कौन संविधान संशोधन शहरी स्थानीय शासन से जुड़ा है ?
(a) 75वाँ
(b) 74वाँ
(c) 73वाँ
(d) 72वाँ
उत्तर:
(b) 74वाँ

प्रश्न 32.
किस देश का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है ?
(a) यू० एस० ए०
(b) रूस
(c) दक्षिणी अफ्रीका
(d) भारत
उत्तर:
(d) भारत

प्रश्न 33.
किस वर्ष श्रीमती इंदिरा गाँधी ने ‘आपात काल’ की घोषणा की?
(a) 1975
(b) 1976
(c) 1977
(d) 1974
उत्तर:
(a) 1975

प्रश्न 34.
भारतीय संविधान के किस भाग में राज्य के नीति-निर्देशक तत्व निहित हैं ?
(a) भाग II
(b) भाग III
(c) भाग IV
(d) भाग V
उत्तर:
(c) भाग IV

प्रश्न 35.
बजट का संबंध किस पक्ष के साथ है ?
(a) आय
(b) व्यय
(c) आय एवं व्यय
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) आय एवं व्यय

प्रश्न 36.
भारत में वित्त आयोग का कार्यकाल कितना है ?
(a) पाँच वर्ष
(b) चार वर्ष
(c) छः वर्ष
(d) कोई सीमा नहीं
उत्तर:
(a) पाँच वर्ष

प्रश्न 37.
बिहार विधान परिषद के सदस्यों का कार्यकाल क्या है ?
(a) 6 वर्ष
(b) 5 वर्ष
(c) 4 वर्ष
(d) 7 वर्ष
उत्तर:
(b) 5 वर्ष

प्रश्न 38.
किस भारतीय राज्य का अपना संविधान है ?
(a) मणिपुर
(b) नागालैण्ड
(c) हिमाचल प्रदेश
(d) जम्मू और कश्मीर
उत्तर:
(d) जम्मू और कश्मीर

प्रश्न 39.
मुस्लिम लीग की स्थापना कब हुई थी?
(a) 1905
(b) 1906
(c) 1907
(d) 1908
उत्तर:
(b) 1906

प्रश्न 40.
1885 में किस राजनीतिक दल की स्थापना हुई थी?
(a) भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
(b) मुस्लिम लीग
(c) बी० जे० पी०
(d) जनता पार्टी
उत्तर:
(a) भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस

प्रश्न 41.
भारत में हरित क्रांति के जनक कौन हैं ?
(a) एम० एस० स्वामीनाथन
(b) कुरियन
(c) यू० आर० राव
(d) बी० जी० देशमुख
उत्तर:
(a) एम० एस० स्वामीनाथन

प्रश्न 42.
भारत की पहली महिला राष्ट्रपति कौन थी ?
(a) राबड़ी देवी
(b) सोनिया गाँधी
(c) प्रतिभा पाटिल
(d) इंदिरा गाँधी
उत्तर:
(c) प्रतिभा पाटिल

प्रश्न 43.
केन्द्र में जनता पार्टी किस वर्ष सत्ता में आई ?
(a) 1975
(b) 1977
(c) 1979
(d) 1980
उत्तर:
(b) 1977

प्रश्न 44.
2015 के बिहार विधान सभा चुनाव में किस राजनीतिक दल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया ?
(a) जनता दल (यू)
(b) काँग्रेस
(c) बी० जे० पी०
(d) राजद
उत्तर:
(d) राजद

प्रश्न 45.
18वाँ सार्क सम्मेलन कहाँ हुआ था ?
(a) भारत
(b) काठमांडू
(c) पाकिस्तान
(d) श्रीलंका
उत्तर:
(b) काठमांडू

प्रश्न 46.
सी० टी० बी० टी० प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा कब स्वीकारा गया ?
(a) 1995
(b) 1996
(c) 1997
(d) 1998
उत्तर:
(b) 1996

प्रश्न 47.
भारत द्वारा दूसरा सफल परमाणु परीक्षण कब किया गया ?
(a) 1971
(b) 1974
(c) 1980
(d) 1998
उत्तर:
(d) 1998

प्रश्न 48.
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे ?
(a) अम्बेडकर
(b) सरदार पटेल
(c) पं० नेहरू
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) पं० नेहरू

Bihar Board 12th Political Science Objective Important Questions Part 9

BSEB Bihar Board 12th Political Science Important Questions Objective Type Part 9 are the best resource for students which helps in revision.

Bihar Board 12th Political Science Objective Important Questions Part 9

प्रश्न 1.
1974 का छात्र आंदोलन कहाँ हुआ ?
(a) बिहार में
(b) उत्तर प्रदेश में
(c) बंगाल में
(d) मद्रास में
उत्तर:
(a) बिहार में

प्रश्न 2.
बिहार आंदोलन का नेतृत्व किसने किया ?
(a) कर्पूरी ठाकुर ने
(b) जयप्रकाश नारायण ने
(c) सत्येन्द्र नारायण सिंह ने
(d) विश्वनाथ प्रताप सिंह ने
उत्तर:
(b) जयप्रकाश नारायण ने

प्रश्न 3.
बिहार में नीतिश सरकार किस वर्ष शराब बन्दी कानून लागू किया था ?
(a) 2016
(b) 2017
(c) 2014
(d) 2015
उत्तर:
(a) 2016

प्रश्न 4.
देश में घटित 26-11-2008 की घटना किससे संबंधित है ?
(a) क्षेत्रवाद
(b) जातिवाद
(c) नक्सलवाद
(d) आतंकवाद
उत्तर:
(d) आतंकवाद

प्रश्न 5.
संविधान की प्रस्तावना में बन्धुता का आदर्श क्यों रखा गया ?
(a) सामाजिक विकास हेतु
(b) सामाजिक न्याय हेतु
(c) स्वतंत्रता हेतु
(d) राष्ट्रीय एकता हेतु
उत्तर:
(d) राष्ट्रीय एकता हेतु

प्रश्न 6.
संविधान में भारत के किस राज्य को विशेष दर्जा प्राप्त है ?
(a) जम्मू-कश्मीर
(b) सिक्किम
(c) नागालैंड
(d) अरुणाचल प्रदेश
उत्तर:
(a) जम्मू-कश्मीर

प्रश्न 7.
नीति आयोग की स्थापना कब हुई थी ?
(a) 2014
(b) 2006
(c) 2015
(d) 2017
उत्तर:
(a) 2014

प्रश्न 8.
बिहार में सर्वप्रथम किस मुख्यमंत्री ने शराब बन्दी लागू किया था ?
(a) नीतिश कुमार
(b) कर्पूरी ठाकुर
(c) लालू प्रसाद
(d) जगन्नाथ मिश्रा
उत्तर:
(b) कर्पूरी ठाकुर

प्रश्न 9.
स्वतंत्र भारत की प्रथम सरकार में गृहमंत्री कौन था ?
(a) सरदार बल्लभ भाई पटेल
(b) चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
(c) जगजीवन राम
(d) डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी
उत्तर:
(a) सरदार बल्लभ भाई पटेल

प्रश्न 10.
1917 में रूस में समाजवादी राज्य की स्थापना किसने की ?
(a) कार्ल मार्क्स
(b) फ्रेडरिक एंजिल्स
(c) लेनिन
(d) स्टालिन
उत्तर:
(c) लेनिन

प्रश्न 11.
हमारी नियोजन व्यवस्था किस विचारधारा पर आधारित है ?
(a) उदारवाद
(b) साम्यवाद
(c) लोकतांत्रिक समाजवाद
(d) गाँधीवाद
उत्तर:
(c) लोकतांत्रिक समाजवाद

प्रश्न 12.
शीतयुद्ध काल में वारसा पैक्ट का संबंध किस गठबंधन से था ?
(a) सोवियत गठबंधन
(b) अमेरिकी गठबंधन
(c) गुटनिरपेक्ष गठबंधन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) सोवियत गठबंधन

प्रश्न 13.
किसने पेरेस्त्रोइका और ग्लासनोस्त की नीति प्रतिपादित की ?
(a) लियोनिड ब्रेजनेव
(b) निकिता खुश्चेव
(c) मिखाईल गोर्वाचोव
(d) बोरिस येल्तसीन
उत्तर:
(c) मिखाईल गोर्वाचोव

प्रश्न 14.
सोवियत संघ के अंतिम राष्ट्रपति कौन थे ?
(a) जोसेफ स्टालीन
(b) कोसीजीन
(c) वुल्गानीन
(d) मिखाईल गोर्वाचोव
उत्तर:
(d) मिखाईल गोर्वाचोव

प्रश्न 15.
सुरक्षा परिषद् में निषेधाधिकार संपन्न देश कौन नहीं है ?
(a) चीन
(b) रूस
(c) फ्रांस
(d) जापान
उत्तर:
(d) जापान

प्रश्न 16.
पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी को विभाजित करनेवाली बर्लिन की दिवाल कब गिरा दी गई ?
(a) 1989
(b) 1990
(c) 1991
(d) 1992
उत्तर:
(a) 1989

प्रश्न 17.
चीन द्वारा विदेश व्यापार हेतु खुले द्वार की नीति कब अपनाई गई ?
(a) 1975
(b) 1978
(c) 1985
(d) 1990
उत्तर:
(b) 1978

प्रश्न 18.
1992 में विश्व पर्यावरण के मुद्दे पर पृथ्वी सम्मेलन कहाँ हुआ ?
(a) रियो द जनेरियो
(b) न्यूयार्क
(c) जेनेवा
(d) टोकियो
उत्तर:
(a) रियो द जनेरियो

प्रश्न 19.
भारतीय संसद पर आक्रमण किया गया था।
(a) 2005
(b) 2006
(c) 2001
(d) 2002
उत्तर:
(c) 2001

प्रश्न 20.
नरेन्द्र मोदी की सरकार में गृहमंत्री कौन हैं ?
(a) श्रीराम नाथ कोविंद
(b) श्री लालकृष्ण आडवाणी
(c) श्री राजनाथ सिंह
(d) श्री मुरली मनोहर जोशी
उत्तर:
(c) श्री राजनाथ सिंह

प्रश्न 21.
भारत व पाकिस्तान के मध्य कारगिल युद्ध कब हुआ था ?
(a) 1995
(b) 1996
(c) 1999
(d) 1998
उत्तर:
(c) 1999

प्रश्न 22.
भारत व श्रीलंका के बीच मुक्त व्यापार समझौता कब लागू हुआ ?
(a) मार्च, 2000
(b) जून, 2000
(c) मार्च, 1999
(d) मार्च, 1998
उत्तर:
(a) मार्च, 2000

प्रश्न 23.
भारत की विकास की योजना में प्रथम प्राथमिकता किससे संबंधित है ?
(a) उद्योग
(b) कृषि
(c) आधारभूत संरचना
(d) विदेश नीति
उत्तर:
(b) कृषि

प्रश्न 24.
आत्मनिर्भरता, सामाजिक न्याय तथा गरीबी के उन्मूलन के साथ ही आर्थिक विकास रूपी उद्देश्य केवल निम्न के भीतर ही संभव है
(a) तानाशाही
(b) राजतंत्र
(c) अराजकता
(d) लोकतंत्रात्मक ढाँचा
उत्तर:
(d) लोकतंत्रात्मक ढाँचा

प्रश्न 25.
यूरोपीय संघ के घड़े में कितने सितारे हैं ?
(a) 13
(b) 12
(c) 14
(d) 15
उत्तर:
(b) 12

प्रश्न 26.
साम्यवादी चीन का उदय कब हुआ ?
(a) 1949
(b) 1939
(c) 1957
(d) 1849
उत्तर:
(a) 1949

प्रश्न 27.
शीतयुद्ध सबसे बड़ा प्रतीक थी
(a) बर्लिन दीवार का खड़ा किया जाना
(b) 1989 में पूर्वी जर्मनी की आम जनता द्वारा बर्लिन दीवार का गिराया जाना
(c) जर्मनी में द्वितीय विश्वयुद्ध से पूर्व एडोल्फ हिटलर के नेतृत्व में नाजी पार्टी का उत्थान
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(a) बर्लिन दीवार का खड़ा किया जाना

प्रश्न 28.
देश का कौन राजनीतिक दल लोकसभा के प्रथम आम चुनाव में 16 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रहा है ?
(a) भारतीय जनसंघ
(b) सी० पी० आई०
(c) स्वतंत्र पार्टी
(d) गणतंत्र परिषद्
उत्तर:
(b) सी० पी० आई०

प्रश्न 29.
भारत के आर्थिक विकास की योजना अर्थात् ‘बाम्बे प्लान’ में कितने उद्योगपति थे ?
(a) दस
(b) आठ
(c) पाँच
(d) तीन
उत्तर:
(b) आठ

प्रश्न 30.
स्वतंत्रता के बाद भारत के समक्ष राष्ट्रनिर्माण की कौन-सी चुनौती थी ?
(a) विविधताओं से भरे भारतीय समाज को एकता के सूत्र में बांधे रखने की चुनौती
(b) लोकतंत्र को बनाए रखने की चुनौती
(c) आर्थिक विकास और गरीबी उन्मूलन की चुनौती
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 31.
1967 के चुनाव के संबंध में निम्नलिखित कथनों में कौन सही है ?
(a) कांग्रेस लोकसभा के चुनाव में विजयी रही, लेकिन अन्य राज्यों में विधानसभा के चुनाव में हार गई।
(b) कांग्रेस लोकसभा और विधान सभा दोनों चुनाव हार गई।
(c) कांग्रेस को लोकसभा में बहुमत नहीं मिला, लेकिन अन्य राजनीतिक दलों के गठबंधन से सरकार का निर्माण किया।
(d) केन्द्र में कांग्रेस सत्तासीन रही और उसका प्रभाव भी बढ़ा।
उत्तर:
(a) कांग्रेस लोकसभा के चुनाव में विजयी रही, लेकिन अन्य राज्यों में विधानसभा के चुनाव में हार गई।

प्रश्न 32.
निम्नलिखित में कौन कथन सही है ?
(a) 25 जून, 1975 की इंदिरा गांधी ने आपातकाल की उद्घोषणा की
(b) आपातकाल के दौरान सभी विपक्षी दलों के नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया
(c) लोकनायक जयप्रकाश ने संपूर्ण क्रांति का नारा दिया
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 33.
‘भारतीय किसान यूनियन’ किस प्रदेश के किसानों का संगठन था ?
(a) उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा के किसानों का
(b) बिहार और झारखंड के किसानों का
(c) गुजरात के किसानों का
(d) दक्षिण भारत के किसानों का
उत्तर:
(a) उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा के किसानों का

प्रश्न 34.
ई० बी० रामास्वामी नायकर ‘पेरियार’ ने किस आंदोलन का नेतृत्व किया ?
(a) द्रविड़ आंदोलन का
(b) ताड़ी-विरोधी आंदोलन का
(c) बिहार आंदोलन का
(d) उपर्युक्त सभी का
उत्तर:
(a) द्रविड़ आंदोलन का

प्रश्न 35.
वैश्वीकरण के अन्य नाम हैं
(a) भूमंडलीकरण
(b) विश्वव्यापी कारण
(c) वैश्वीकरण
(d) सभी
उत्तर:
(d) सभी

प्रश्न 36.
6 दिसम्बर, 1992 को इनमें से कौन-सी घटना हुई ?
(a) बाबरी मस्जिद का विध्वंस
(b) जनता दल का गठन
(c) राजग सरकार का गठन
(d) गोधरा काण्ड
उत्तर:
(a) बाबरी मस्जिद का विध्वंस

प्रश्न 37.
राजीव गाँधी की हत्या कब हुई ?
(a) अक्टूबर, 1984
(b) मई, 1991
(c) जुलाई, 1993
(d) अगस्त, 1996
उत्तर:
(b) मई, 1991

प्रश्न 38.
संयुक्त राष्ट्र का व्यापार व विकास सम्मेलन कब स्थापित हुआ ?
(a) 1945 में
(b) 1950 में
(c) 1964 में
(d) 1977 में
उत्तर:
(c) 1964 में

प्रश्न 39.
किस अमेरिकी राष्ट्रपति ने नयी विश्व व्यवस्था का चित्र प्रस्तुत किया ?
(a) रिचर्ड निक्सन
(b) जिम्मी कार्टर
(c) रोनाल्ड रीगन
(d) जार्ज बुश
उत्तर:
(d) जार्ज बुश

प्रश्न 40.
1972 का शिमला समझौता किन दो देशों के बीच हुआ ?
(a) भारत व नेपाल
(b) भारत व पाकिस्तान
(c) भारत व बांग्लादेश
(d) पाकिस्तान व बांग्लादेश
उत्तर:
(b) भारत व पाकिस्तान

प्रश्न 41.
दक्षिण एशिया के किस राज्य में माओवादियों ने उथल-पुथल मचाई ?
(a) भारत
(b) पाकिस्तान
(c) बांग्लादेश
(d) नेपाल
उत्तर:
(d) नेपाल

प्रश्न 42.
किस देश ने 2003 में संयुक्त राष्ट्रसंघ की उपेक्षा करके इराक पर आक्रमण किया ?
(a) अमरीका
(b) चीन
(c) फ्रांस
(d) रूस
उत्तर:
(a) अमरीका

प्रश्न 43.
भारत व पाकिस्तान के बीच ताशकन्द का समझौता कराने में किस सोवियत नेता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ?
(a) स्टालिन
(b) खुश्चेव
(c) कोसीजिन
(d) वेजनेव
उत्तर:
(c) कोसीजिन

प्रश्न 44.
किस भारतीय प्रधानमंत्री ने गुटनिरपेक्षता को एक आंदोलन का रूप दिया ?
(a) जवाहरलाल नेहरू
(b) मोरारजी देसाई
(c) अटल बिहारी वाजपेयी
(d) इंदिरा गाँधी
उत्तर:
(d) इंदिरा गाँधी

प्रश्न 45.
सद्दाम हुसैन को कब पकड़ा गया ?
(a) 13 दिसम्बर, 2003
(b) 25 अक्टूबर, 2004
(c) 13 जनवरी, 2003
(d) 27 अक्टूबर, 2004
उत्तर:
(a) 13 दिसम्बर, 2003

प्रश्न 46.
पूर्वी जर्मनी के लोगों ने बर्लिन दीवार गिरायी थी
(a) 1946 ई० में
(b) 1947 ई० में
(c) 1989 ई० में
(d) 1991 ई० में
उत्तर:
(c) 1989 ई० में

प्रश्न 47.
लेनिन का जीवन काल माना जाता है
(a) 1870-1924
(b) 1870-1954
(c) 1870-1934
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(a) 1870-1924

प्रश्न 48.
दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा देश कौन है ?
(a) भारत
(b) पाकिस्तान
(c) श्रीलंका
(d) बांग्लादेश
उत्तर:
(a) भारत

प्रश्न 49.
एक साथ कितने निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया ?
(a) 8
(b) 10
(c) 12
(d) 14
उत्तर:
(d) 14

प्रश्न 50.
CTBT का पूर्ण रूप लिखिए।
उत्तर:
Comprehensive Test Ban Treaty

प्रश्न 51.
ASEAN का पूर्ण लिखिए।
उत्तर:
Association for South Asian Nations

प्रश्न 52.
UNESCO का पूर्ण रूप लिखिए।
उत्तर:
United Nations Educational Scientific and Cultural Organisation