Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 1 मानव बनो

Bihar Board Class 7 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 2 Chapter 1 मानव बनो Text Book Questions and Answers and Summary.

BSEB Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 1 मानव बनो

Bihar Board Class 7 Hindi मानव बनो Text Book Questions and Answers

पाठ से –

मानव बनो कविता का प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 7 प्रश्न 1.
‘मानव बनो शीर्षक कविता के कवि कौन हैं ?
उत्तर:
शिव मंगल सिंह “सुमन”।

मानव बनो कविता का अर्थ Bihar Board Class 7 प्रश्न 2.
मानव बनने के लिए हमें कौन-कौन सा कार्य करना चाहिए?
उत्तर:
मानव बनने के लिए हमें किसी का आसरा नहीं करना चाहिए, आँसू नहीं बहाना चाहिए, किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना चाहिए । हुँकार करना चाहिए। अपने आँसूओं को जन-कल्याण में लगाना चाहिए।

Manav Bano Kavita Ka Question Answer Bihar Board प्रश्न 3.
कवि के अनुसार सबसे बड़ी भूल क्या है ?
उत्तर:
मानव का सबसे बड़ी भूल है किसी पर आसरा करना । अर्थात् आशा लगाना।

Bihar Board Class 7 Hindi Book Solution प्रश्न 4.
अर्थ स्पष्ट कीजिए –
(क) अब अश्रु दिखलाओ नहीं, अब हाथ फैलाओ नहीं।
उत्तर:
किसी के सामने मत रोओ कि हमें इस चीज की कमी है तथा किसी चीज के लिए भी हाथ मत फैलाओ।

(ख) अब हाथ मत अपने मलो, जलना, अगर ऐसो जलो।
अपने हृदय की भस्म से, कर दो धरा को उर्वरा।
उत्तर:
मनुष्य को अपनी भूल पर पछताना नहीं चाहिए। किसी से जलना भी नहीं चाहिए। यदि जलना हो तो अगर (धूप) की तरह जलो। हे मानव अपने हृदय भस्म से पृथ्वी को उर्वरा बना दो। अर्थात् अपने जलन को भी सार्थक कर दो।

पाठ से आगे –

Manav Bano Kavita Ka Bhavarth Bihar Board प्रश्न 1.
मानव बनने की बात जो कवि द्वारा बतायी गयी है, इसके अतिरिक्त आप मानव में और कौन-कौन-सा गुण देखना चाहेंगे?
उत्तर:
कवि मानव बनने के लिए अनेक बातें बतायी हैं। इसके अतिरिक्त हम मानव में निम्नलिखित गुणों को देखना चाहते हैं –
मानव कर्मशील बने । मानव समय का महत्त्व दे।
मानव में परोपकार का गुण हो। मानव सत्य-अहिंसा का प्रिय हो तथा अनुशासन युक्त हो।

Bihar Board Class 7 Hindi प्रश्न 2.
अगर कोई समस्या आपके सामने आती है, तो इस समस्या का समाधान आप कैसे करते हैं ? उदाहरण’ सहित समझाइए।
उत्तर:
मानव के सम्मुख समस्याएँ अनेक आती हैं लेकिन उन समस्याओं से घबराना नहीं चाहिए और हाथ पर हाथ रखकर चुपचाप बैठना भी नहीं चाहिए। भाग्य भरोसे तो कायर पुरुष रहते हैं। अतः आयी समस्या का समाधान करने के लिए कर्त्तव्यपरायण होना चाहिए।

उदाहरण में – हमें वर्ग में प्रथम स्थान पाना है लेकिन हमारे सम्मुख एक समस्या है कि परीक्षा के समय ही हमारे घर में बहन की शादी है। घर में बहुत आदमी जुटेंगे। कोलाहल होगा, बाजे बजेंगे । मंगल-गीत होगा। पढाई में दिक्कतें होंगी। लेकिन हमारे विचार से यह समस्या कोई बड़ी नहीं, अगर. मनुष्य मनोयोग से अध्ययन करे तो गीत-बाजे की ध्वनि नहीं सुनाई पड़ती हैं।

मनुष्य को दृढ़ संकल्प होना चाहिए तथा अपने कर्त्तव्य में लगा रहना चाहिए। जहाँ तक हो अध्ययन कक्ष शांत जगह चुनकर पढ़ना चाहिए ।

Hindi Class 7 Bihar Board Solution प्रश्न 3.
मानव होने का अर्थ है अपने जीवन पर खुद का अधिकार इस विचार की तर्कपूर्ण समीक्षा कीजिए।
उत्तर:
जब तक मानव के जीवन पर दूसरों का अधिकार होता है तब तक मनुष्य पशु तुल्य रहता है। क्योंकि दूसरों के अधिकार में रहकर मनुष्य कोई भी कार्य स्वेच्छापूर्वक नहीं कर सकता है। ऐसा मानव अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए भी दूसरों पर आश्रित होता है। जैसे एक पशु भोजन के लिए भी मालिक पर आश्रित होता है। जब तक मनुष्य के जीवन पर स्वयं का अधिकार नहीं होगा उसमें मानवीय गुण नहीं आयेंगे । अर्थात् मानव अपनी समस्या का निदान स्वयं कर ले तो वह ही सच्चा मानव कहलायेगा ।

व्याकरण-

मानव बनो कविता Bihar Board Class 7 प्रश्न 1.
“हाथ फैलाना” एक मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है –
कुछ माँगना । इस प्रकार शरीर के विभिन्न अंगों से जुड़े अनेक मुहावरे हैं। किन्हीं पाँच मुहावरों को लिखकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:

(क) हाथ मलना समय गँवाने से हाथ मलना पड़ता है।
(ख) पाँव फैलाना….नेता लोग जनता के बीच आसानी से अपन! पाँव फैला लेते हैं।
(ग) आँख मारना-लड़कियाँ भी लड़के पर आँख मारती हैं।
(घ) कान देना-बच्चे शिक्षक की बातों पर कान नहीं देते हैं।
(ङ) हाथ बढ़ाना-आजकल बच्चे भी माता-पिता के कामो में हाथ बँटाते हैं।

मानव बनो मानव जरा Bihar Board Class 7 प्रश्न 2.
इन शब्दों के विपरीतार्थक शब्द लिखिए(क) फैलाना, (ख) प्यार, (ग) मानव, (घ) भूल।
उत्तर:

(क) फैलाना – समेटना
(ख) प्यार – नफरत
(ग) मानव-दानव
(घ) भूल-याद ।

मानव बनो Summary in Hindi

कविता का अर्थ:

है भूल करना भी ………………… मानव जरा।
अर्थ – प्यार करना भी भूल है। किसी को मनाना भी भूल है। लेकिन __ सबसे बड़ी भूल है किसी का आसरा करना । हे मानव ! जरा मानव तो बनो।

अब अश्रु दिखलाओ ……………………. मानव जरा।
अर्थ – हे मानव ! किसी के सामने मत रोना, किसी के सामने हाथ भी मत फैलाना । अब एक हुँकार कर दो जिससे पृथ्वी काँप जाय । हे मानव जरा मानव तो बनो।

उफ, हाय कर देना ……………………. मानव जरा।
अर्थ – उफ या हाय करना अर्थात् हार मान लेना मनुष्य को शोभा नहीं देता है। अपनी भूल पर आँसू बहाना भी मनुष्य का कर्म नहीं है। अगर ये आँसू बहे भी तो इन आँसूओं से विश्व का कण-कण सींच दो, जिससे वह हरा हो जाय।

अब हाथ मत अपने ………………….. मानव जरा।
अर्थ-अपनी भूल पर पछताना या बेवसी दिखाना मानव का कर्तव्य नहीं। जलना हो तो ऐसा जलो कि तुम्हारे हृदय की भस्म से धरती उपजाऊ हो जाये । हे मानव ! जरा मानव तो बनो ।

Bihar Board Class 10 Hindi Solutions गद्य Chapter 1 श्रम विभाजन और जाति प्रथा

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solutions Godhuli Bhag 2 गद्य खण्ड Chapter 1 श्रम विभाजन और जाति प्रथा Text Book Questions and Answers, Summary, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Hindi Solutions गद्य Chapter 1 श्रम विभाजन और जाति प्रथा

Bihar Board Class 10 Hindi श्रम विभाजन और जाति प्रथा Text Book Questions and Answers

बोध और अभ्यास

पाठ के साथ

श्रम विभाजन और जाति प्रथा क्लास 10th Bihar Board  प्रश्न 1.
लेखक किस विडंबना की बात करते हैं ? विडंबना का स्वरूप क्या है ?
उत्तर-
लेखक महोदय आधुनिक युग में भी “जातिवाद” के पोषकों की कमी नहीं है जिसे विडंबना कहते हैं।
विडंबना का स्वरूप यह है कि आधुनिक सभ्य समाज “कार्य-कुशलता” के लिए श्रम विभाजन को आवश्यक मानता है। चूंकि जाति प्रथा भी श्रम विभाजन का ही दूसरा रूप है इसलिए . इसमें कोई बुराई नहीं है।

श्रम विभाजन और जाति प्रथा प्रश्न उत्तर Class 10 Bihar Board प्रश्न 2.
जातिवाद के पोषक उसके पक्ष में क्या तर्क देते हैं ?
उत्तर-
जातिवाद के पोषक ‘जातिवाद’ के पक्ष में अपना तर्क देते हुए उसकी उपयोगिता को सिद्ध करना चाहते हैं- .

  • जातिवादियों का कहना है कि आधुनिक सभ्य समाज कार्य कुशलता’ के लिए श्रम-विभाजन को आवश्यक मानता है क्योंकि श्रम-विभाजन जाति प्रथा का ही दूसरा रूप है। इसीलिए श्रम-विभाजन में कोई बुराई नहीं है।
  • जातिवादी समर्थकों का कहना है कि माता-पिता के सामाजिक स्तर के अनुसार ही यानी गर्भधारण के समय से ही मनुष्य का पेशा निर्धारित कर दिया जाता है।
  •  हिन्दू धर्म पेशा-परिवर्तन की अनुमति नहीं देता। भले ही वह पेशा अनुपयुक्त या अपर्याप्त ही क्यों न हो। भले ही उससे भूखों मरने की नौबत आ जाए लेकिन उसे अपनाना ही होगा।
  • जातिवादियों का कहना है कि परंपरागत पेशे में व्यक्ति दक्ष हो जाता है और वह अपना कार्य सफलतापूर्वक संपन्न करता है।
  • जातिवादियों ने ‘जातिवाद’ के समर्थन में व्यक्ति की स्वतंत्रता को अपहृत कर सामाजिक बंधन के दायरे में ही जीने-मरने के लिए विवश कर दिया है। उनका कहना है कि इससे सामाजिक व्यवस्था बनी रहती है और अराजकता नहीं फैलती।

श्रम विभाजन और जाति प्रथा Class 10 Bihar Board प्रश्न 3.
जातिवाद के पक्ष में दिए गए तर्कों पर लेखक की प्रमुख आपत्तियाँ क्या हैं ?
उत्तर-
‘जातिवाद’ के पक्ष में दिए गए तको पर लेखक ने कई आपत्तियाँ उठायी हैं जो चिंतनीय

  • लेखक के दृष्टिकोण में जाति प्रथा गंभीर दोषों से युक्त है।
  • जाति प्रथा का श्रम विभाजन मनुष्य की स्वेच्छा पर निर्भर नहीं करता।
  • मनुष्य की व्यक्तिगत भावना या व्यक्तिगत रुचि का इसमें कोई स्थान या महत्त्व नहीं रहता।
  • आर्थिक पहलू से भी अत्यधिक हानिकारक जाति प्रथा है।
  • जाति प्रथा मनुष्य की स्वाभाविक प्रेरणा, रुचि व आत्मशक्ति को दबा देती है। साथ ही अस्वाभाविक नियमों में जकड़ कर निष्क्रिय भी बना देती है।

श्रम विभाजन और जाति प्रथा का प्रश्न उत्तर Bihar Board प्रश्न 4.
जाति भारतीय समाज में श्रम विभाजन का स्वाभाविक रूप क्यों नहीं कही जा सकती?
उत्तर-
भारतीय समाज में जाति श्रम विभाजन का स्वाभाविक रूप नहीं कही जा सकती है। श्रम के नाम पर श्रमिकों का विभाजन है। श्रमिकों के बच्चे को अनिच्छा से अपने बपौती काम करना पड़ता है। जो आधुनिक समाज के लिए स्वभाविक रूप नहीं है।

श्रम विभाजन और जाति प्रथा के प्रश्न उत्तर Bihar Board प्रश्न 5.
जातिप्रथा भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख और प्रत्यक्ष कारण कैसे बनी हुई है।
उत्तर-
जातिप्रथा मनुष्य को जीवनभर के लिए एक ही पेशे में बांध देती है। भले ही पेशा अनुपयुक्त या अपर्याप्त होने के कारण वह भूखों मर जाए। आधुनिक युग में उद्योग-धंधों की प्रक्रिया तथा तकनीक में निरंतर विकास और अकस्मात् परिवर्तन होने के कारण मनुष्य को पेशा बदलने की आवश्यकता पड़ सकती है। किन्तु, भारतीय हिन्दू धर्म की जाति प्रथा व्यक्ति को पारंगत होने के बावजूद ऐसा पेशा चुनने की अनुमति नहीं देती है जो उसका पैतृक पेशा न हो। इस प्रकार पेशा परिवर्तन की अनुमति न देकर जाति प्रथा भारतीय समाज में बेरोजगारी का एक प्रमुख और प्रत्यक्ष कारण बनी हुई है।

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solution प्रश्न 6.
लेखक आज के उद्योगों में गरीबी और उत्पीड़न से भी बड़ी समस्या किसे मानते हैं और क्यों?
उत्तर-
लेखक आज के उद्योगों में गरीबी और उत्पीड़न से भी बड़ी समस्या जाति प्रथा को मानते हैं। जाति प्रथा के कारण पेशा चुनने में स्वतंत्रता नहीं होती। मनुष्य की व्यक्तिगत भावना तथा व्यक्तिगत रूची का इसमें कोई स्थान नहीं होता। मजबुरी बस जहाँ काम करने वालों का न दिल लगता हो न दिमाग कोई कुशलता कैसे प्राप्त की जा सकती है। अतः यह निर्विवाद रूप से सिद्ध हो जाता है कि आर्थिक पहलू से भी जाति प्रथा हानिकारक प्रथा है।

श्रम विभाजन और जाति प्रथा Pdf Bihar Board प्रश्न 7.
लेखक ने पाठ में किन प्रमुख पहलुओं से जाति प्रथा को एक हानिकारक प्रथा के रूप में दिखाया है ?
उत्तर-
जाति प्रथा के कारण श्रमिकों का अस्वभाविक विभाजन हो गया है। आपस में ऊँच-नीच की भावना भी विद्यमान है। .
जाति प्रथा के कारण अनिच्छा से पुस्तैनी पेशा अपनाना पड़ता है। जिसके कारण मनुष्य की पूरी क्षमता का उपयोग नहीं होता। आर्थिक विकास में भी जातिप्रथा बाधक है।

Shram Vibhajan Aur Jati Pratha Question Answer Bihar Board प्रश्न 8.
सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए लेखक ने किन विशेषताओं को आवश्यक माना है:
उत्तर-
डॉ. भीमराव अंबेदकर ने सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए निम्नांकित विशेषताओं का उल्लेख किया है –

  • सच्चे लोकतंत्र के लिए समाज में स्वतंत्रता, समानता और भ्रातृत्व भावना की वृद्धि हो।
  • समाज में इतनी गतिशीलता बनी रहे कि कोई भी वांछित परिवर्तन समाज के एक छोर से दूसरे छोर तक संचालित हो सके।
  • समाज में बहुविध हितों में सबका भाग होना चाहिए और सबको उनकी रक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए।
  • सामाजिक जीवन में अबाध संपर्क के अनेक साधन व अवसर उपलब्ध रहने चाहिए।
  • दूध-पानी के मिश्रण की तरह भाईचारा होना चाहिए।

इन्हीं गुणों या विशेषताओं से युक्त तंत्र का दूसरा नाम लोकतंत्र है।
“लोकतंत्र शासन की एक पद्धति नहीं है, लोकतंत्र मूलतः सामूहिक जीवनचर्या की एक रीति तथा समाज सम्मिलित अनुभवों के आदान-प्रदान का नाम है। इसमें यह आवश्यक है कि अपने साथियों के प्रति श्रद्धा व सम्मान भाव हो।”

भाषा की बात

श्रम विभाजन और जाति प्रथा का सारांश Bihar Board प्रश्न 1.
पाठ से संयुक्त, सरल एवं मिश्र वाक्य चुनें।
उत्तर-
सरल वाक्य-पेशा परिवर्तन की अनुमति नहीं है। तकनीकी में निरंतर विकास होता है। विश्व के किसी भी समाज में नहीं पाया जाता है।
संयुक्त वाक्य – मैं जातियों के विरूद्ध हूँ फिर मेरी दृष्टि में आदर्श समाज क्या है?
लोकतंत्र सामूहिक जीवनचर्या की एक रीति तथा समाज के सम्मिलित अनुभवों के आदान-प्रदान का नाम है।
जातिप्रथा कम काम करने और टालू काम करने के लिए प्रेरित करता है।

मिश्र वाक्य-विडंबना की बात है कि इस युग में भी ‘जातिवाद’ के पोषकों की कमी नहीं है।
जाति प्रथा की विशेषता यह है कि यह श्रमिकों का अस्वाभाविक विभाजन करती है। कुशल व्यक्ति का निर्माण करने के लिए यह आवश्यक है कि हम व्यक्तियों की क्षमता को सदा विकसित करें।

Shram Vibhajan Aur Jati Pratha Class 10 Question Answer प्रश्न 2.
निम्नलिखित के विलोम शब्द लिखें-
उत्तर-
सभ्य – असभ्य
विभाजन – संधि
निश्चय – अनिश्चय
ऊंचा – नीच
स्वतंत्रता – परतंत्रता
दोष – निर्दोष
सजग – निर्जग
रक्षा – अरक्षा
पूर्णनिर्धारण – पर निर्धारण

प्रश्न 3.
पाठ से विशेषण चुनें तथा उनका स्वतंत्र वाक्य प्रयोग करें।
उत्तर-
सभ्य = यह सभ्य समाज है।
मैतृक = मोहन के पास पैतृक संपत्ति है।
पहली = गीता पहली कक्षा में पढ़ती है।
यह = यह निर्विवाद रूप से सिद्ध है।
प्रति = साथियों के प्रति श्रद्ध हो।
हानिकारक = जाति हानिकारक प्रथा है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित के पर्यायवाची शब्द लिखें –
उत्तर-
दूषित = गंदा, अपवित्र .
श्रमिक = मजदूर, श्रमजीवी
पेशा = रोजगार, नौकरी
अकस्मात = एकाएक, अचानक
अनुमति = आदेश, निर्देश
अवसर – मौका, संयोग
परिवर्तन = बदलाव, रूपान्तर
सम्मान = प्रतिष्ठा, मान

गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण-संबंधी प्रश्नोत्तर

1. यह विडंबना की ही बात है कि युग में भी ‘जातिवाद’ के पोषकों की कमी नहीं है, इसके पोषक कई आधारों पर इसका समर्थन करते हैं। समर्थन का एक आधार वह कहा जाता है कि आधुनिक सभ्य समाज कार्य-कुशलता के लिये श्रम विभाजन को आवश्यक मानता है और चूंकि जाति प्रथा भी श्रम विभाजन का ही दूसरा रूप है इसलिये इसमें कोई बुराई नहीं है, इस तर्क के संबंध में पहली बात तो यही आपत्तिजनक है कि जाति प्रथा श्रम विभाजन के साथ-साथ श्रमिक विभाजन का भी रूप लिये हुये है, श्रम विभाजन निश्चय ही सभ्य समाज की आवश्यकता है, परन्तु किसी भी सभ्य समाज में श्रम विभाजन की व्यवस्था श्रमिकों के विभिन्न वर्गों में अस्वाभाविक विभाजन नहीं करती। भारत की जाति प्रथा की एक और विशेषता यह है कि यह श्रमिकों का अस्वाभाविक विभाजन ही नहीं करती बल्कि विभाजित वर्गों को एक-दूसरे की अपेक्षा ऊँच-नीच भी करार देती है जो कि विश्व के किसी भी समाज में नहीं पाया जाता।

प्रश्न
(क) प्रस्तुत अवतरण किस पाठ से लिया गया है और इसके लेखक कौन हैं ?
(ख) इस युग में किसके पोषकों की कमी नहीं है और क्यों?
(ग) भारत की जाति प्रथा की सबसे बड़ी विशेषता क्या है?
(घ) सभ्य समाज की क्या आवश्यकता है?
(ङ) श्रम-विभाजन में आपत्तिजनक कौन-सी बात है ?
उत्तर-
(क)प्रस्तुत अवतरण श्रम विभाजन और जाति प्रथा शीर्षक लेख से लिया गया है। इसके लेखक डॉ. भीमराव अम्बेदकर जी हैं।
(ख) इस युग में जातिवाद के पोषकों की कमी नहीं है। जातिवाद श्रम विभाजन का एक अभिन्न अंग है। श्रम विभाजन के आधार पर ही जातिवाद की आधारशिला रखी गयी है।
(ग)भारत की जाति प्रथा की सबसे प्रमुख विशेषता है कि वह श्रमिकों का अस्वाभाविक विभाजन ही नहीं करती बल्कि विभाजित वर्गों को एक-दूसरे की अपेक्षा ऊँच-नीच भी करा देती . है। ऐसी व्यवस्था विश्व के किसी भी समाज में नहीं है।
(घ)समर्थन के आधार पर सभ्य समाज कार्य-कुशलता के लिये श्रम विभाजन में आवश्यक अंग मानता है। जाति प्रथा श्रम विभाजन का ही दूसरा रूप है। यदि श्रम विभाजन न हो तो सभ्य समाज की परिकल्पना ही नहीं की जा सकती है।
(ङ) श्रम-विभाजन सभ्य समाज के लिये अत्यंत आवश्यक अंग है। जाति प्रथा श्रमिक विभाजन का ही रूप है। किसी भी सभ्य समाज में श्रम विभाजन की व्यवस्था श्रमिकों के विभिन्न वर्गों में अस्वाभाविक विभाजन नहीं करती है। सभ्य समाज की ऐसी व्यवस्था ही श्रम-विभाजन की आपत्तिजनक बातें हैं।

2. जाति प्रथा को यदि श्रम-विभाजन मान लिया जाए तो यह स्वाभाविक विभाजन नहीं है, क्योंकि यह मनुष्य की रुचि पर आधारित नहीं है। कुशल व्यक्ति या सक्षम श्रमिक समाज का निर्माण करने के लिए यह आवश्यक है कि हम व्यक्तियों की क्षमता इस सीमा तक विकसित करें, जिससे वह अपने पेशा या कार्य का चुनाव स्वयं कर सके। इस सिद्धांत के विपरीत जाति प्रथा
का दूषित सिद्धात यह है कि इससे मनुष्य के प्रशिक्षण अथवा उसकी निजी क्षमता का विचार किए बिना, दूसरे ही दृष्टिकोण, जैसे माता-पिता के सामाजिक स्तर के अनुसार, पहले से ही, अर्थात
गर्भधारण के समय से ही मनुष्य का पेशा निर्धारित कर दिया जाता है।

प्रश्न
(क) गद्यांश के पाठ एवं लेखक का नाम लिखिए।
(ख) लेखक के अनुसार जाति प्रथा को स्वाभाविक श्रम-विभाजन क्यों नहीं माना जा सकता?
(ग) लेखक के अनुसार सक्षम श्रमिक समाज का निर्माण करने के लिए क्या आवश्यक है?
(घ) जाति प्रथा का दूषित सिद्धांत क्या है ?
(ङ) किस प्रथा को श्रम विभाजन मान लेना स्वाभाविक विभाजन नहीं है।
उत्तर-
(क) पाठ का नाम-श्रम विभाजन और जाति प्रथा
लेखक का नाम-डॉ. भीमराव अंबेदकर।
(ख)क्योंकि यह मनुष्य की रुचि पर आधारित नहीं है।
(ग)सक्षम श्रमिक समाज का निर्माण करने के लिए यह आवश्यक है कि व्यक्तियों की क्षमता का विकास इस सीमा तक किया जाए जिससे वे अपने पेशा या कार्य का चुनाव स्वयं कर सकें।
(घ)सामाजिक स्तर के अनुसार गर्भधारण के समय से ही मनुष्य का पेशा निर्धारित कर .देना जाति प्रथा का दूषित सिद्धांत है।
(ङ)जाति प्रथा को श्रम विभाजन मान लेना स्वाभाविक विभाजन नहीं है।

3. श्रम विभाजन की दृष्टि से भी जाति प्रथा गंभीर दोषों से युक्त है।
जाति प्रथा का श्रम विभाजन मनुष्य की स्वेच्छा पर निर्भर नहीं रहता। मनुष्य की व्यक्तिगत भावना तथा व्यक्तिगत रुचि का इसमें कोई स्थान अथवा महत्व नहीं रहता। इस आधार पर हमें यह स्वीकार करना पड़ेगा कि आज के उद्योगों में गरीबी और उत्पीड़न इतनी बड़ी समस्या नहीं जितनी यह कि बहुत-से लोग निर्धारित कार्य को अरुचि के साथ केवल विवशतावश करते हैं। ऐसी स्थिति स्वभावतः मनुष्य को दुर्भावना से ग्रस्त रहकर टालू काम करने और कम करने के लिए प्रेरित करती है। ऐसी स्थिति में जहाँ काम करने वालों का न दिल लगता हो न दिमाग, कोई कुशलता कैसे प्राप्त की जा सकती है। अतः यह निर्विवाद रूप से सिद्ध हो जाता है कि आर्थिक पहलू से भी जाति प्रथा हानिकर प्रथा है। क्योंकि यह मनुष्य की स्वाभाविक प्रेरणारुचि व आत्मशक्ति को दबाकर उन्हें अस्वाभाविक नियमों में जकड़कर निष्क्रिय बना देती है।

प्रश्न
(क) गद्यांश के पाठ एवं लेखक का नाम लिखिए।
(ख) श्रम-विभाजन की दृष्टि से भी जाति प्रथा गंभीर दोषों से युक्त क्यों है ?
(ग) आज उद्योगों में गरीबी और उत्पीड़न से भी बड़ी समस्या क्या है ?
(घ) जाति प्रथा में कुशलता प्राप्त करना कठिन क्यों है ?
(ङ) जाति प्रथा आर्थिक पहलू से भी हानिकर है, क्यों?
उत्तर-
(क) पाठ का नाम– श्रम विभाजन और जाति प्रथा
लेखक का नाम– डॉ. भीमराव अंबेदकर।
(ख) श्रम विभाजन की दृष्टि से भी जाति प्रथा गंभीर दोषों से युक्त है, क्योंकि इसमें मनुष्य की व्यक्तिगत रुचि का कोई स्थान नहीं रहता है। यह मानवीय स्वेच्छा पर निर्भर नहीं रहता।
(ग) जातिगत निर्धारित कार्य को लोग अरुचि के साथ विवशतावश करते हैं। ऐसा करना … गरीबी और उत्पीड़न से भी बड़ी समस्या है।
(घ) जाति प्रथा में परंपरागत कार्य से लोग आजीवन जुड़े रहते हैं। यह प्रथा दुर्भावना से ग्रस्त रहकर दिल-दिमाग का उपयोग किये बिना कार्य करने के लिए प्रेरित करती है जिसके चलते कुशलता प्राप्त करना कठिन है।
(ङ) जाति प्रथा आर्थिक पहलू से भी हानिकर है, क्योंकि यह मनुष्य की स्वाभाविक प्रेरणा रुचि व आत्मशक्ति को दबाकर उन्हें अस्वाभाविक नियमों में जकड़कर निष्क्रिय बना देती है।

4. किसी भी आदर्श समाज में इतनी गतिशीलता होनी चाहिये जिससे कोई भी वांछित परिवर्तन समाज के एक छोर से दूसरे छोर तक संचरित हो सके। ऐसे समाज के बहुविध हितों में सबका भाग होना चाहिये तथा सबको उनकी रक्षा के प्रति सजग रहना चाहिये। सामाजिक जीवन में अबाध संपर्क के अनेक साधन व अवसर उपलब्ध रहने चाहिये। तात्पर्य यह है कि दूध पानी के मिश्रण की तरह भाईचारे का यही वास्तविक रूप है और इसी का दूसरा नाम लोकतंत्र है क्योंकि लोकतंत्र केवल शासन की एक पद्धति ही नहीं है, लोकतंत्र मूलतः सामूहिक जीवनचर्या की एक रीति तथा समाज के सम्मिलित अनुभवों के आदान-प्रदान का नाम है, इसमें यह आवश्यक है कि अपने साथियों के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव हो।

प्रश्न
(क) लोकतंत्र कैसे समाज की परिकल्पना करना चाहता है ?
(ख) लोकतंत्र का स्वरूप कैसा होना चाहिये।
(ग) भाईचारे का संबंध दूध और पानी के मिश्रण-सा क्यों बताया गया है?
(घ) किनकी रक्षा के प्रति सजग रहना चाहिये।
उत्तर-
(क) लेखक एक आदर्श समाज की स्थापना चाहता है, ऐसा समाज जो जाति प्रथा . से ऊपर उठकर स्वतंत्रता, समता, भ्रातृत्व पर आधारित हो। आदर्श समाज में इतनी गतिशीलता होनी चाहिये जिससे कोई भी वांछित परिवर्तन समाज के एक छोर से दूसरे छोर तक संचारित हो सके।
(ख) लोकतंत्र केवल शासन पद्धति ही नहीं है, लोकतंत्र मूलतः सामूहिक दिनचर्या की एक रीति तथा समाज के सम्मिलित अनुभवों के आदान-प्रदान का नाम है। इसमें ऐसी व्यवस्था होनी चाहिये कि अपने साथियों के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव हो।
(ग) दूध और पानी दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। दोनों में विच्छेदन नहीं किया जा सकता है। शुद्ध दूध में भी पानी का कुछ-न-कुछ अंश रहता ही है। सभ्य समाज ने जाति प्रथा के नाम पर श्रम का भी विभाजन कर दिया है। विविध जातियों का मिश्रण ही लोकतंत्र है। लोकतंत्र की ऐसी व्यवस्था ही भाईचारा है। विविध धर्म, सम्प्रदाय के होकर भी हम भारतीय हैं। हमारा संबंध. अक्षुण्ण है। यही कारण है कि भारत में भाईचारे का संबंध दूध और पानी की तरह है।
(घ) सभ्य समाज ने जाति प्रथा के नाम पर समाज को विभक्त कर दिया है। ऐसे समाज में सबको भाग लेना चाहिये तथा एक-दूसरे की रक्षा के लिये सजग रहना चाहिये।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. सही विकल्प चुनें –

प्रश्न 1.
श्रम-विभाजन और जाति-प्रथा के लेखक कौन हैं ? ।
(क) महात्मा गाँधी
(ख) जवाहरलाल नेहरू
(ग) राम मनोहर लोहिया
(घ) भीमराव अम्बेदकर
उत्तर-
(घ) भीमराव अम्बेदकर

प्रश्न 2.
भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका किसकी है ?
(क) भीमराव अंबेदकर
(ख) ज्योतिबा फूले
(ग) राजगोपालाचारी
(घ) महात्मा गाँधी
उत्तर-
(क) भीमराव अंबेदकर

प्रश्न 3.
सभ्य समाज की आवश्यकता क्या है ?
(क) जाति-प्रथा
(ख) श्रम-विभाजन
(ग) अणु-बम
(घ) दूध-पानी
उत्तर-
(ख) श्रम-विभाजन

प्रश्न 4.
निम्नलिखित रचनाओं में से कौन सी रचना डॉ. अम्बेदकर की है
(क) द कास्ट्स इन इंडिया
(ख) द अनटचेबल्स, यू आर दे
(ग) हू आर शूद्राज
(घ) इनमें से सभी
उत्तर-
(घ) इनमें से सभी

प्रश्न 5.
भीमराव अंबेदकर के चिंतन तथा रचनात्मकता के इनमें से कौन प्रेरक व्यक्ति माने जाते हैं?
(क) महात्मा बुद्ध
(ख) कबीर दास
(ग) ज्योतिबा फूले
(घ) सभी
उत्तर-
(घ) सभी

रिक्त स्थानों की पूर्ति

प्रश्न 1.
इस युग में भी जातिवाद के……….. की कमी नहीं है।
उत्तर-
पोषकों

प्रश्न 2.
जाति-प्रथा मनुष्य की….. पर आधारित नहीं है।
उत्तर-
रुचि

प्रश्न 3.
भारत में जाति-प्रथा…….का कारण है।
उत्तर-
बेरोजगारी

प्रश्न 4.
भाई-चारे का दूसरा नाम…… है।
उत्तर-
लोकतंत्र

अतिलघु उत्तरीय

प्रश्न 1.
श्रम-विभाजन कैसे समाज की आवश्यकता है?
उत्तर-
श्रम-विभाजन आज के सभ्य समाज की आवश्यकता है।

प्रश्न 2.
जाति-प्रथा स्वाभाविक विभाजन नहीं है। क्यों?
उत्तर-
रुचि पर आधारित नहीं होने के कारण जाति-प्रथा स्वाभाविक विभाजन नहीं है।

प्रश्न 3.
बाबा साहब भीमराव अंबेदकर की दृष्टि में आदर्श समाज कैसा होगा? ..
उत्तर-
बाबा साहब भीमराव अंबेदकर की दृष्टि में आदर्श समाज स्वतंत्रता समता और . बंधुत्व पर आधारित होगा।

प्रश्न 4.
भीमराव अम्बेदकर का जन्म किस प्रकार के परिवार में हुआ था?
उत्तर-
भीमराव अम्बेदकर का जन्म एक दलित परिवार में हुआ था।

प्रश्न 5.
“बुद्धिज्म एण्ड कम्युनिज्म” नामक पुस्तक किसने लिखी?
उत्तर-
“बुद्धिज्म एण्ड कम्युनिज्म’ नामक पुस्तक भीमराव अम्बेदकर ने लिखी थी।

श्रम विभाजन और जाति प्रथा लेखक परिचय

बाबा साहेब भीमराव अंबेदकरका जन्म 14 अप्रैल 1891 ई० में मह, मध्यप्रदेश में एक दलित परिवार में हुआ था । मानव मुक्ति के पुरोधा बाबा साहेब अपने समय के सबसे सुपठित जनों में से एक थे । प्राथमिक शिक्षा के बाद बड़ौदा नरेश के प्रोत्साहन पर उच्चतर शिक्षा के लिए न्यूयार्क (अमेरिका), फिर वहाँ से लंदन (इंग्लैंड) गए । उन्होंने संस्कृत का धार्मिक, पौराणिक और पूरा वैदिक वाङ्मय अनुवाद के जरिये पढ़ा और ऐतिहासिक-सामाजिक क्षेत्र में अनेक मौलिक स्थापनाएँ प्रस्तुत की। सब मिलाकर वे इतिहास मीमांसक, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री, शिक्षाविद् तथा धर्म-दर्शन के व्याख्याता बनकर उभरे । स्वदेश में कुछ समय उन्होंने वकालत भी की। समाज और राजनीति में बेहद सक्रिय भूमिका निभाते हुए उन्होंने अछूतों, स्त्रियों और मजदूरों को मानवीय अधिकार व सम्मान दिलाने के लिए अथक संघर्ष किया। उनके चिंतन व रचनात्मकता के मुख्यत: तीन प्रेरक व्यक्ति रहे – बुद्ध, कबीर और ज्योतिबा फुले ! भारत के संविधान निर्माण में उनकी महती भूमिका और एकनिष्ठ समर्पण के कारण ही हम आज उन्हें भारतीय संविधान का निर्माता कह कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं । दिसंबर, 1956 ई० में दिल्ली में बाबा साहेब का निधन हो गया ।

बाबा साहेब ने अनेक पुस्तकें लिखीं । उनकी प्रमुख रचनाएँ एवं भाषण हैं – ‘द कास्ट्स’ इन इंडिया : देयर मैकेनिज्म’, जेनेसिस एंड डेवलपमेंट’, ‘द अनटचेबल्स, हू आर दे’, ‘हू आर शूद्राज’, बुद्धिज्म एंड कम्युनिज्म’, बुद्धा एण्ड हिज धम्मा’, ‘थाट्स ऑन लिंग्युस्टिक स्टेट्स’, ‘द राइज एंड फॉल ऑफ द हिन्दू वीमेन’, ‘एनीहिलेशन ऑफ कास्टआदि । हिंदी में उनका संपूर्ण वाङ्मय भारत सरकार के कल्याण मंत्रालय से ‘बाबा साहब अंबेदकर संपूर्ण वाङ्मय’ नाम से
21 खंडों में प्रकाशित हो चुका है।

यहाँ प्रस्तुत पाठ बाबा साहेब के विख्यात भाषण ‘एनीहिलेशन ऑफ कास्ट’ के ललई सिंह यादव द्वारा किए गए हिंदी रूपांतर ‘जाति-भेद का उच्छेद’ से किंचित संपादन के साथ लिया गया है । यह भाषण ‘जाति-पाति तोड़क मंडल’ (लाहौर) के वार्षिक सम्मेलन (सन् 1936) के अध्यक्षीय भाषण के रूप में तैयार किया गया था, परंतु इसकी क्रांतिकारी दृष्टि से आयोजकों की पूर्णत: सहमति न बन सकने के कारण सम्मेलन स्थगित हो गया और यह पढ़ा न जा सका । बाद में बाबा साहेब ने इसे स्वतंत्र पुस्तिका का रूप दिया । प्रस्तुत आलेख में वे भारतीय समाज . में श्रम विभाजन के नाम पर मध्ययुगीन अवशिष्ट संस्कारों के रूप में बरकरार जाति प्रथा पर मानवीयता, नैसर्गिक न्याय एवं सामाजिक सद्भाव की दृष्टि से विचार करते हैं । जाति प्रथा के विषमतापूर्वक सामाजिक आधारों, रूढ़ पूर्वग्रहों और लोकतंत्र के लिए उसकी अस्वास्थ्यकर प्रकृति पर भी यहाँ एक संभ्रांत विधिवेत्ता का दृष्टिकोण उभर सका है । भारतीय लोकतंत्र के भावी नागरिकों के लिए. यह आलेख अत्यंत शिक्षाप्रद है।

श्रम विभाजन और जाति प्रथा Summary in Hindi

पाठ का सारांश :

प्रस्तुत पाठ में लेखक महोदय ने जाति प्रथा के कारण समाज उत्पन्न रूढ़िवादिता एवं लोकतंत्र पर खतरा को चित्रित किया है।

आज के वैज्ञानिक युग में भी “जातिवाद” के पोषकों की कमी नहीं है। उनका तर्क है कि आधुनिक समाज ‘कार्य-कुशलता’ के लिए श्रम विभाजन को आवश्यक मानता है। चूंकि जाति-प्रथा भी श्रम-विभाजन का दूसरा रूप है। परन्तु जाति-प्रथा के कारण श्रमिकों का अस्वाभाविक विभाजन, विभाजित वर्गों को एक-दूसरे की अपेक्षा ऊँच-नीच भी करार देती है, . जो विश्व के किसी भी समाज में नहीं पाया जाता।

अस्वाभाविक श्रमविभाजन के कारण मनुष्य स्वतंत्र रूप से अपनी पेशा का चुनाव नहीं कर सकता। माता-पिता के सामाजिक स्तर के अनुसार पेशा निर्धारित कर दिया जाता है। मनुष्य को जीवन भर के लिए एक पेशे में बाँध भी देती है। भले ही पेशा अनुपयुक्त और अपर्याप्त होने के कारण वह. भूखों मर जाए। पैतृक पेशा में वह पारंगत नहीं हो इसके बाद भी चुनाव करना पड़ता है। जाति-प्रथा भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख व प्रत्यक्ष कारण बनी हुई है।

इस प्रकार हम देखते हैं कि श्रम विभाजन की दृष्टि से भी जाति प्रथा गंभीर दोषों से युक्त है। आज के उद्योगों में गरीबी और उत्पीड़न इतनी बड़ी समस्या नहीं जितनी यह कि बहुत से लोग ‘निर्धारित कार्य को ‘अरूचि’ के साथ विवशतावश करते हैं। ऐसी परिस्थिति में स्वभावतः मनुष्य को दुर्भावना से ग्रस्त रहकर टालू काम करने और कम काम करने के लिए प्रेरित करती है। आर्थिक पहलू से भी जाति प्रथा हानिकारक प्रथा है।

लेखक की दृष्टि में आदर्श समाज स्वतंत्रता, समता, भ्रातृत्व पर आधारित होगा। भ्रातृत्व अर्थात् भाईचारे में किसी को क्या आपत्ति हो सकती है। आदर्श समाज में गतिशीलता होनी चाहिए कि वांछित परिवर्तन समाज के एक छोर से दूसरे छोर तक संचारित हो सके। दूध-पानी के मिश्रण की तरह भाईचारे का यही वास्तविक रूप है। और इसी का दूसरा नाम लोकतंत्र मूलतः सामूहिक जीवनचर्या की एक रीति तथा समाज के सम्मिलित अनुभवों के आदान-प्रदान का नाम है। इसमें यह आवश्यक है कि अपने साथियों के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव हो।

शब्दार्थ :

विडंबना : उपहास
पोषक : समर्थक, पालक, पालनेवाला
पूर्वनिर्धारंण : पहले ही तय कर देना
अकस्मात . , : अचानक
प्रक्रिया : किसी काम के होने का ढंग या रीति
प्रतिकूल : विपरीत, उल्टा
स्वेच्छा : . अपनी इच्छा
उत्पीड़न : बहुत गहरी पीड़ा पहुँचाना, यंत्रणा देना
संचारित : प्रवाहित ..
बहुविध : अनेक प्रकार से
प्रत्यक्ष : सामने, समक्ष
भ्रातृत्व : भाईचारा, बंधुत्व.
वांछित : आकांक्षित, चाहा हुआ

Bihar Board Class 10 History Solutions Chapter 1 यूरोप में राष्ट्रवाद

Bihar Board Class 10 Social Science Solutions History इतिहास : इतिहास की दुनिया भाग 2 Chapter 1 यूरोप में राष्ट्रवाद Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Social Science History Solutions Chapter 1 यूरोप में राष्ट्रवाद

Bihar Board Class 10 History यूरोप में राष्ट्रवाद Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

नीचे दिये गए प्रश्नों के उत्तर के रूप में चार विकल्प दिये गये हैं। जो आपको सर्वाधिक उपयुक्त लगे उनमें सही का चिह्न लगायें।

Bihar Board Class 10 History Chapter 1 प्रश्न 1.
इटली एवं जर्मनी वर्तमान में किस महादेश के अंतर्गत आते हैं ?
(क) उत्तरी अमेरिका
(ख) दक्षिणी अमेरिका
(ग) यूरोप
(घ) पश्चिमी एशिया
उत्तर-
(ग) यूरोप

Class 10th History Chapter 1 Notes Bihar Board प्रश्न 2.
फ्रांस में किस शासक वंश की पुनर्स्थापना वियना कांग्रेस द्वारा की गई थी?
(क) हैब्सवर्ग
(ख) आर्लिया वंश
(ग) बूर्वो वंश
(घ) जार शाही
उत्तर-
(ग) बूर्वो वंश

यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय प्रश्न उत्तर Class 10 प्रश्न 3.
मेजनी का संबंध किस संगठन से था ?
(क) लाल सेना
(ख) कर्बोनरी
(ग) फिलिक हेटारिया
(घ) डायट
उत्तर-
(ख) कर्बोनरी

Bihar Board Class 10 History Notes In Hindi प्रश्न 4.
इटली एवं जर्मनी के एकीकरण के विरुद्ध निम्न में कौन था ?
(क) इंगलैंड
(ख) रूस
(ग) आस्ट्रिया
(घ) प्रशा
उत्तर-
(ग) आस्ट्रिया

Bihar Board Class 10 History Solution प्रश्न 5.
‘काउंट काबूर’ को विक्टर इमैनुएल ने किस पद पर नियुक्त किया ?
(क) सेनापति
(ख) फ्रांस में राजदूत
(ग) प्रधानमंत्री
(घ) गृहमंत्री
उत्तर-
(ग) प्रधानमंत्री

Bihar Board Class 10 History Notes Pdf प्रश्न 6.
गैरीबाल्डी पेशे से क्या था ?
(क) सिपाही
(ख) किसान
(ग) जमींदार
(घ). नाविक
उत्तर-
(घ). नाविक

Bihar Board Solution Class 10 Social Science प्रश्न 7.
जर्मन राईन राज्य का निर्माण किसने किया था ?
(क) लुई 18वाँ
(ख) नेपोलियन बोनापार्ट
(ग) नेपोलियन III
(घ) बिस्मार्क
उत्तर-
(ख) नेपोलियन बोनापार्ट

Bihar Board Class 10 History Notes प्रश्न 8.
“जालवेरिन” एक संस्था थी?
(क) क्रांतिकारियों की
(ख) व्यापारियों की
(ग) विद्वानों की
(घ) पादरी सामंतों का
उत्तर-
(ख) व्यापारियों की

Bihar Board Class 10 History Book Solution प्रश्न 9.
“रक्त एवं लौह” की नीति का अवलम्बन किसने किया था?
(क) मेजनी
(ख) हिटलर
(ग) बिस्मार्क
(घ) विलियम I
उत्तर-
(ग) बिस्मार्क

Bihar Board Class 10 Social Science Solution प्रश्न 10.
फ्रैंकफर्ट की संधि कब हुई?
(क) 1864
(ख) 1866
(ग) 1870
(घ) 1871
उत्तर-
(घ) 1871

Bihar Board Solution Class 10 प्रश्न 11.
यूरोपवासियों के लिए किस देश का साहित्य एवं ज्ञान-विज्ञान प्रेरणास्रोत रहा?
(क) जर्मनी
(ख) यूनान
(ग) तुर्की
(घ) इंग्लैंड
उत्तर-
(ख) यूनान

Bihar Board Class 10th History Solution प्रश्न 12.
1829 ई. की एड्रियानोपुल की संधि किस देश के साथ हुई ?
(क) तुर्की
(ख) यूनान
(ग) हंगरी
(घ) पोलैंड
उत्तर-
(क) तुर्की

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (60 शब्दों में उत्तर दें)

प्रश्न 1.
1848 के फ्रांसीसो क्रांति के कारण क्या थे?
उत्तर-

  • मध्यम वर्ग का शासन पर असीम प्रभाव
  • समाजवाद का प्रसार
  • गीजों नामक कट्टर एवं प्रतिक्रियावादी प्रधानमंत्री का विरोध
  • लुई फिलिप की नीतियों का विरोध।

प्रश्न 2.
इटली, जर्मनी के एकीकरण में आस्ट्रिया की भूमिका क्या थी?
उत्तर-
आस्ट्रिया द्वारा इटली के कुछ भागों पर आक्रमण किया जाने लगा जिसमें सार्डिनिया के शासक चार्ल्स एलबर्ट की पराजय हो गयी। ऑस्ट्रिया के हस्ताक्षेप से इटली में जनवादी आन्दोलन को कुचल दिया गया और मेजनी की हार हुई। धीरे-धीरे इटली में जनजागरुकता और राष्ट्रीयता की भावना बढ़ने लगी। जर्मन राज्यों में बढ़ते हुए विद्रोह को आस्ट्रिया और प्रशा ने मिलकर दबाया।

प्रश्न 3.
यूरोप में राष्ट्रवाद को फैलाने में नेपोलियन बोनापार्ट किस तरह सहायक हुआ?
उत्तर-
नेपोलियन बोनापार्ट प्रथम ने जब इटली पर अधिकार किया तो उसने छोटे-छोटे राज्यों का अंत कर दिया। उसने रिगाओ, फेर्रारा, बोलोना तथा मोडेना को मिलाकर एक छोटे से गणराज्य की स्थापना कर दी थी। इसे “ट्रांसपार्निका गणतंत्र” कहा गया था। इससे वहाँ के लोगों में राष्ट्रीयता की भावना का प्रादुर्भाव हुआ।

प्रश्न 4.
गैरीबाल्डी के कार्यों की चर्चा करें!
उत्तर-
गैरीबाल्डी पेशे से एक नाविक और मेजनी के विचारों का समर्थक था परंतु बाद में काबूर के प्रभाव में आकर संवैधानिक राजतंत्र का पक्षधर बन गया। गैरीबाल्डी ने अपने कर्मचारियों तथा स्वयंसेवकों की सशस्त्र सेना बनायी जिसे ‘लाल कुर्ती’ के नाम से जाना जाता है। इसकी सहायता से 1860 ई. में नेपल्स के राजा को पराजित किया। इसके बाद सिसली पर विजय पायी। इन रियासतों की अधिकांश जनता बूर्वो राजवंश के निरंकुश शासन से तंग आकर गैरीबाल्डी का समर्थक बन गयी। गैरीबाल्डी ने यहाँ गणतंत्र की स्थापना की तथा विक्टर इमैनुएल के प्रतिनिधि के रूप में वहाँ की सत्ता सम्भाली। बाद में उसने काबूर के परामर्श पर पोप पर कब्जा कर लिया। इसके बाद उसने अपने सारे जीते हुए इलाकों को विक्टर इमैनुएल को सौंप दिया। उसने विक्टर को संयुक्त इटली का राजा घोषित कर दिया और सार्डिनिया का नाम बदलकर इटली राज्य कर दिया।

प्रश्न 5.
विलियम के बगैर जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क के लिए असंभव था, कैसे?
उत्तर-
जनवरी 1830 में विलियम प्रथम प्रशा का शासक बना। वह साहसी, व्यवहारकुशल और योग्य सैनिक था। सिंहासन पर बैठते ही उसने सैन्यशक्ति बढ़ानी शुरू कर दी और उसने जर्मन राष्ट्रों को एकता के सूत्र में बाँधने के उद्देश्य को ध्यान में रखकर महान कूटनीतिज्ञ बिस्मार्क को अपना चांसलर नियुक्त किया। अतः विलियम प्रथम के बिना जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क के लिए असंभव था।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें)

प्रश्न 1.
इटली के एकीकरण में मेजनी काबुर और गैरीबाल्डी के योगदानों को बतायें।
उत्तर-
मेजनी काबूर का योगदान मेजनी साहित्यकार, गणतांत्रिक विचारों का समर्थक और योग्य सेनापति था। मेटरनिख युग के पतन के बाद भिन्न परिस्थिति में इटली में मेजिनी का प्रादुर्भाव हुआ। उसका योगदान निम्न है-

उसने “यंग इटली” नामक संस्था का गठन किया और युवा शक्ति में विश्वास करता था तथा कहा करता था कि “यदि समाज में क्रांति लानी है तो विद्रोह का नेतृत्व युवकों के हाथों में दे दो।” “यंग इटली” का एक मात्र उद्देश्य इटली को आस्ट्रिया के प्रभाव से मुक्त कर उसका एकीकरण करना था। उसने ‘जनता जनार्दन तथा इटली’ का नारा बुलंद किया। इससे युवाओं में एकता का सूत्रपात हुआ और दो वर्षों के भीतर “यंग इटली” के सदस्यों की संख्या साठ हजार तक पहुँच गयी। उग्रराष्ट्रवादी विचारों के कारण मेजिनी को निर्वासित होकर इंगलैंड जाना पड़ा। वहाँ से अपनी रचनाओं द्वारा इटली के स्वाधीनता संग्राम को प्रेरित करता रहा। इटली के एकीकरण में उसे पैगम्बर कहा गया है।

गैरीबाल्डो का योगदान-
काबूर का योगदान

गैरीबाल्डी को इटली का तलवार कहा जाता है, उसने “लाल कुर्ती” नामक नवयुवकों का एक संगठन कायम किया। इसकी सहायता से उसने 1860 ई. में नेपल्स के राजा को पराजित किया। बाद में सिसली और पोप को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद गैरीबाल्डी ने अपने सारे जीते हुए इलाकों को विक्टर इमैनुएल को सौंप दिया और विक्टर को इटली का राजा घोषित कर दिया। पिडमौंट, सार्डिनिया का नाम बदलकर इटली राज्य कर दिया गया।

प्रश्न 2.
जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर-
1848 ई. को क्रांति के बाद यह स्पष्ट हो गया कि जर्मनी का एकीकरण क्रांतिकारियों के प्रत्यनों से नहीं होना था। उसका एकीकरण एक सैन्य शक्तिप्रधान साम्राज्य के रूप में शासकों द्वारा होना था और इस कार्य को पूरा किया बिस्मार्क ने।

जनवरी, 1830 में विलियम प्रथम प्रथा का शासक बना और उसने बिस्मार्क को चांसलर नियुक्त किया। बिस्मार्क प्रशा के नेतृत्व में जर्मनी का एकीकरण करना चाहता था, पर आस्ट्रिया उसका विरोध कर रहा था। बिस्मार्क जर्मन एकीकरण के लिए सैन्य शक्ति के महत्व को समझता था। अतः इसके लिए उसने ‘रक्त और लौह नीति’ का अवलम्बन किया। उसने अपने देश में अनिवार्य सैन्य सेवा लागू कर दी! बिस्मार्क ने अपनी नीतियों से प्रशा का सुदृढीकरण किया और इस कारण प्रशा, आस्ट्रिया से किसी मायने में कम नहीं रह गया। तब बिस्मार्क ने डेनमार्क, आस्ट्रिया और फ्रांस के साथ युद्ध कर जर्मनी का एकीकरण करने में सफलता प्राप्त की।

प्रश्न 3.
राष्ट्रवाद के उदय के कारणों एवं प्रभावों की चर्चा करें।
उत्तर-
राष्ट्रवाद आधुनिक विश्व की राजनैतिक जागृति का प्रतिफल है। यह एक ऐसी भावना है जो किसी विशेष भौगोलिक, सांस्कृतिक या सामाजिक परिवेश में रहने वाले लोगों में एकता की वाहक बनती है। राष्ट्रवाद के उदय के कारण निम्न हैं

(i) यूरोप में पुनर्जागरण- पुनर्जागरण के कारण कला, साहित्य, विज्ञान इत्यादि पर गहरा प्रभाव पड़ा और लोगों के दृष्टि कोण में परिवर्तन हुए जिसने राष्ट्रवाद का बीजारोपण किया।

(ii) फ्रांस की राज्य क्रांति- इसने राजनीतिक को अभिजात्यवर्गीय परिवेश से बाहर कर उसे अखबारों, सड़कों और सर्वसाधारण की वस्तु बना दिया।

(iii) नेपोलियन का आक्रमण- नेपोलियन ने जर्मनी और इटली के राज्यों को भौगोलिक नाम की परिधि से बाहर कर उसको वास्तविक एवं राजनैतिक रूपरेखा प्रदान की। जिससे इटली और जर्मनी के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ। दूसरी तरफ नेपोलियन की नीतियों के कारण फ्रांसीसी प्रभुता और आधिपत्य के विरुद्ध यूरोप में देशभक्तिपूर्ण विक्षोभ भी जगा।

नेपोलियन के पतन के बाद यूरोप की विजयी शक्तियाँ आस्ट्रिया की राजधानी वियना में 1814-15 में एकत्र हुई। जिनका उद्देश्य यूरोप में पुनः उसी व्यवस्था को स्थापित करना था, जिसे नेपोलियन के युद्धों.और विजयों ने अस्त-व्यस्त कर दिया था।

प्रश्न 4.
जुलाई 1830 की क्रांति का विवरण दें।
उत्तर-
चार्ल्स दशम् एक निरंकुश एवं प्रतिक्रियावादी शासक था, जिसने फ्रांस में उभर रही राष्ट्रीयता तथा जनतंत्र भावनाओं को दबाने का कार्य किया। उसने अपने शासनकाल में संवैधानिक लोकतंत्र की राह में कई गतिरोध उत्पन्न किये। उसके द्वारा प्रतिक्रियावादी पोलिग्नेक को प्रधानमंत्री बनाया गया। पोलिग्नेक ने लूई 18वें द्वारा स्थापित समान नागरिक संहिता के स्थान पर शक्तिशाली अभिजात्यवर्ग की स्थापना तथा उसे विशेषाधिकारों से विभूषित करने का प्रयास किया।

उसके इस कदम को उदारवादियों ने चुनौती तथा क्रांति के विरुद्ध षड्यंत्र समझा। प्रतिनिधि सदन एवं दूसरे उदारवादियों ने पोलिग्नेक के विरुद्ध गहरा असंतोष प्रकट किया। चार्ल्स दशमा ने इस विरोध की प्रतिक्रियास्वरूप-25 जुलाई 1830 ई. को चार अध्यादेशों के विरोध में पेरिस में क्रांति की लहर दौड़ गई और फ्रांस में 28 जुलाई से गृहयुद्ध प्रारम्भ हो गया। इसे ही जुलाई 1830 की क्रांति कहते हैं। इसके साथ ही चार्ल्स दशम फ्रांस की राजगद्दी को त्याग कर इंगलैंड चला गया और इस प्रकार फ्रांस में बूर्वो वंश के शासन का अंत हो गया और आर्लेयेस वंश के लुई फिलिप को सत्ता राप्त हुई।

प्रश्न 5.
यूनानी स्वतंत्रता आन्दोलन का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर-
यूनान तुर्की साम्राज्य के अधीन था। फलतः तुर्की शासन से स्वयं को अलग करने के लए आन्दोलन चलाये जाने लगे। यूनान सारे यूरोपवासियों के लिए प्रेरणा एवं सम्मान का पर्याय था, जिसकी स्वतंत्रता के लिए समस्त यूरोप के नागरिक अपनी सरकार की तटस्थता के बावजूद भी उद्यत थे। इंगलैंड का महान कवि लार्ड बायरन यूनानियों की स्वतंत्रता के लिए यूनान में ही शहीद हो गया। इससे यूनान की स्वतंत्रता के लिए सम्पूर्ण यूरोप में सहानुभूति की लहर दौड़ने लगी। इधर रूस भी अपनी साम्राज्यवादी महत्वकांक्षा तथा धार्मिक एकता के कारण यूनान की स्वतंत्रता का पक्षधर था।

यूनान में स्थिति तब विस्फोटक बन गयी जब तुर्की शासकों द्वारा यूनानी स्वतंत्रता संग्राम में संलग्न लोगों को बुरी तरह कुचलना शुरू किया गया। 1821 ई. में अलेक्जेंडर चिप-सिलांटी के नेतृत्व में यूनान में विद्रोह शुरू हो गया। परन्तु वह मेटरनिख के दबाव में खुलकर सामने नहीं आ पा रहा था। परन्तु जब जार निकोलस आया तो उसने खुलकर यूनानियों का समर्थन किया। अप्रैल 1826 में ग्रेट ब्रिटेन और रूस में एक समझौता हुआ कि वे तुर्की-यूनान विवाद में मध्यस्थता करेंगे।

फ्रांस का राजा चार्ल्स दशम भी यूनानी स्वतंत्रता में दिलचस्पी लेने लगा। 1827 में लंदन में एक सम्मेलन हुआ जिसमें इंगलैंड, फ्रांस तथा रूस ने मिलकर तुर्की के खिलाफ तथा यूनान के समर्थन में संयुक्त कार्यवाही करने का निर्णय लिया। इस प्रकार तीनों देशों की सेना नावारिनो की खाड़ी में तुर्की के खिलाफ एकत्र हुई। युद्ध में तुर्की की सेना पराजित हुई और अंततः 1829 में एड्रियानोपल की संधि हुई। जिसके तहत तुर्की की नाममात्र की प्रभुता में यूनान को स्वायत्तता देने की बात हुई। परन्तु यूनानी राष्ट्रवादियों ने संधि की बातों को मानने से इंकार कर दिया। उधर इंगलैंड तथा फ्रांस भी यूनान पर रूस के प्रभाव की अपेक्षा इसे स्वतंत्र देश बनाना बेहतर मानते थे। फलतः 1832 में यूनान को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया गया। बवेरिया के शासक ओटो’ को स्वतंत्र यूनान का राजा घोषित किया गया।

Bihar Board Class 10 History यूरोप में राष्ट्रवाद Additional Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘रक्त और तलवार’ की नीति किसने अपनाई ?
उत्तर-
बिस्मार्क ने जर्मनी के एकीकरण के लिए ‘रक्त और तलवार’ की नीति अपनाई।

प्रश्न 2.
अन्सर्ट रेनन ने राष्ट्रवाद को किस रूप में परिभाषित किया ?
उत्तर-
अन्सर्ट रेनन ने राष्ट्रवाद की नई व्याख्या की जिसके अनुसार राष्ट्र एक बड़ी और व्यापक एकता है।

प्रश्न 3.
वियना कांग्रेस (सम्मेलन) में फ्रांस में किस राजवंश की पुनर्स्थापना की गई?
उत्तर-
वियना कांग्रेस 1815 द्वारा फ्रांस में बूबों राजवंश की पुनर्स्थापना की गई।

प्रश्न 4.
जर्मन राइन महासंघ की स्थापना किसने की?
उत्तर-
जर्मन राइन महासंघ की स्थापना नेपोलियन ने की।

प्रश्न 5.
चार्टिस्ट आंदोलन किस देश में हुआ?
उत्तर-
चार्टिस्ट आंदोलन इंगलैंड में हुआ था।

प्रश्न 6.
1830 की जुलाई क्रांति का फ्रांस पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
1830 ई. की जुलाई क्रांति के परिणामस्वरूप फ्रांस में निरंकुश राजशाही का स्थान सांविधानिक गणतंत्र ने ले लिया।

प्रश्न 7.
फ्रैंकफर्ट संसद की बैठक क्यों बुलाई गई ? इसका क्या परिणाम हुआ ?
उत्तर-
फ्रैंकफर्ट ससंद की बैठक का मुख्य उद्देश्य जर्मन राष्ट्र के निर्माण की योजना बनाना था। इसके अनुसार जर्मन राष्ट्र का प्रधान एक राजा को बनाना था जिसे संसद के नियंत्रण में काम करना था तथा जर्मनी का एकीकरण उसी के नेतृत्व में होना था। लेकिन जब प्रशा के राजा फ्रेडरिक विलियम चतुर्थ ने यह प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया तो एसेंबली भंग हो गई, जर्मनी
का एकीकरण पूरा नहीं हो सका।

प्रश्न 8.
अन्सर्ट रेनन ने राष्ट्रवाद को किस रूप में परिभाषित किया ?
उत्तर-
फ्रांसीसी दार्शनिक अन्सर्ट रेनन ने राष्ट्रवाद की एक नई और व्यापक परिभाषा दी। उनके अनुसार राष्ट्र समान भाषा, नस्ल, धर्म या क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है। राष्ट्रवाद के लिए अतीत में समान गौरव का होना, वर्तमान में एक समान इच्छा, संकल्प का होना, साथ मिलकर महान काम करना और आगे, ऐसे काम और करने की इच्छा एक जनसमूह होने की यह सब जरूरी शर्ते हैं। अतः, राष्ट्र एक बड़ी और व्यापक एकता है …….. उसका अस्तित्व रोज होनेवाला जनमत-संग्रह है ……….।

प्रश्न 9.
फ्रांसीसी क्रांति के बाद राष्ट्र का निर्माण कैसे हुआ?
उत्तर-
फ्रांसीसी क्रांति के बाद पुरातन युग का अंत हुआ और नए आधुनिक युग का आरंभ हुआ। फ्रांसीसी क्रांति के बाद राष्ट्र का निर्माण राष्ट्रवादी विचारों के आधार पर हुआ। निरंकुश राजतंत्र का अंत हुआ और प्रजातंत्र की स्थापना की गई। मानव एवं नागरिक अधिकारों की घोषण कर सामाजिक एवं आर्थिक समानता स्थापित की गई। स्वतंत्रता, समानता तथा बंधुत्व के सिद्धांत पर राष्ट्र का निर्माण किया गया।

प्रश्न 10.
उदारवादी राष्ट्रवाद को किस रूप में देखते थे?
उत्तर-
उदारवादी राष्ट्रवाद को ‘आजाद’ के अर्थ में देखते थे। उदारवादी राष्ट्रवाद के लिए व्यक्ति की स्वतंत्रता और कानून के समक्ष सभी की बराबरी, निरंकुश राजतंत्र के स्थान पर संविधान
और प्रतिनिधि सरकार की स्थापना, निजी संपत्ति की सुरक्षा, प्रेस की आजादी, आर्थिक क्षेत्र में मुक्त व्यापार आदि राष्ट्रीय से संबंधित विचार के समर्थक थे।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने सामूहिक पहचान का भाव बढ़ाने के लिए क्या किया ?
उत्तर-
फ्रांसीसी क्रांति आरंभ होने के साथ ही क्रांतिकारियों ने राष्ट्रीय और सामूहिक पहचा की भावना जगाने वाले कार्य किए। पितृभूमि और नागरिक जैसे शब्दों द्वारा फ्रांसीसियों में एक सामूहिक भावना और पहचान बढ़ाने का प्रयास किया गया। क्षेत्रीय भाषा के स्थान पर फ्रेंच भाषा को प्रोत्साहित किया गया।

प्रश्न 2.
यूनानी स्वतंत्रता संग्राम के कारणों और परिणामों का उल्लेख करें?
उत्तर-
यूनान एक प्राचीन और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राष्ट्र था। इसका अतीत गौरवमय था। पुनर्जागरण काल में यूनानी सभ्यता-संस्कृति अनेक राष्ट्रों के लिए प्रेरणादायक बन गई। लेकिन 15वीं शताब्दी में यूनान ऑटोमन साम्राज्य के अंतर्गत आ गया। इस साम्राज्य के अन्तर्गत विभिन्न भाषा, धर्म और नस्ल के निवासी थे। तुर्की के ऑटोमन साम्राज्य के प्रति उनमें लगाव की भावना नहीं थी क्योंकि उन्हें तुर्की ने अपने साम्राज्य में आत्मसात करने का प्रयास नहीं किया।

यूनानी स्वतंत्रता आंदोलन के निम्नलिखित कारण थे18वीं सदी के अंतिम चरण तक यूनान में राष्ट्रवादी भावना बलवती होने लगी। नेपोलियन के युद्धों और वियना काँग्रेस ने इस विचारधारा को आगे बढ़ाया। राष्ट्रवादी भावना के विकास में धर्म की भूमिका भी महत्वपूर्ण थी। 18वीं शताब्दी के अंत में यूनान में बौद्धिक आन्दोलन भी हुआ। करेंइस नामक दार्शनिक ने यूनानियों में राष्ट्रप्रेम की भावना का प्रचार किया। कान्सेटेण्टाइन रीगास नामक एक नेता ने गुप्त समाचारपत्रों का प्रकाशन कर यूनानियों में तुर्की से स्वतंत्र होने की भावना प्रज्जवलित की।

यूनानी स्वतंत्रता संग्राम के निम्न परिणाम हुए यूनानियों ने लंबे और कठिन संघर्ष के बाद ऑटोमन साम्राज्य के अत्याचारी शासन से मुक्ति पाई। यूनान के स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र का उदय हुआ। यद्यपि गणतंत्र की स्थापना नहीं हो सकी परन्तु एक स्वतंत्र राष्ट्र के उद्देश्य मेटरनिक की प्रतिक्रियावादी नीति को गहरी ठेस लगाई। यूनानियों के विजय से 1830 के क्रांतिकारियों को प्रेरणा मिली। बोस्कन क्षेत्र के अन्य इसाई राज्यों में भी राष्ट्रवादी आंदोलन आरंभ करने की चाह बढ़ी।

प्रश्न 3.
जर्मनी के एकीकरण के लिए बिस्मार्क ने कौन-सी नीति अपनाई। इसका क्या परिणाम हुआ?
उत्तर-
जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क के प्रयासों का फल था। उसने अपनी कूटनीति और सैनिक शक्ति के सहारे जर्मनी का एकीकरण किया। वह प्रशा के नेतृत्व में जर्मनी का एकीकरण करना चाहता था। अतः, उसने प्रशा को सैनिक रूप से सशक्त करने का प्रयास किया। जर्मनी ‘ को एक सूत्र में बाँधने के लिए बिस्मार्क ने रक्त और तलवार की नीति अपनाई। उसका विचार था कि जर्मनी के एकीकरण में सफलता राजकुमारों द्वारा ही प्राप्त की जा सकती है न कि लोगों द्वारा। बिस्मार्क के जर्मन एकीकरण का उद्देश्य तीन युद्धों द्वारा पूर्ण हुआ जो 1864 से 1870 के सात वर्ष के अल्प समय में लड़े गए। जर्मनी के एकीकरण में प्रशा के राजा विलियम प्रथम का बहुत हाथ रहा। बिस्मार्क के नीतियों के परिणामस्वरूप यूरोप के नक्शे पर एकीकृत जर्मन राष्ट्र का उदय हुआ।

प्रश्न 4.
फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने सामूहिक पहचान का भाव बढ़ाने के लिए क्या किया ?
उत्तर-
यूरोप में राष्ट्रवाद की पहली स्पष्ट अभिव्यक्ति 1789 में फ्रांसीसी क्रांति के साथ फ्रांस में हुई। फ्रांसीसी क्रांति के प्रारंभ के साथ ही फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने राष्ट्रीय और सामूहिक पहचान की भावना जगानेवाले अनेक कार्य किए

  • पितृभूमि और नागरिक जैसे विचारों के द्वारा संयुक्त समुदाय के रूप में फ्रांसीसियों में एक सामूहिक भावना और पहचान बढ़ाने का प्रयास किया गया।
  • एक नया संविधान बनाकर सभी नागरिकों को समान अधिकार देकर समानता की
    स्थापना पर बल दिया गया।
  • एक नया फ्रांसीसी झंडा-तिरंगा चुना गया जिसने पहले के राजध्वज की जगह ले ली।
  • राष्ट्र के नाम पर एकजुटता के लिए राष्ट्रभक्ति गीत एवं राष्ट्रगान अपनाया गया।
  • पुरानी संस्था स्टेट्स जेनरल का चुनाव सक्रिय नागरिकों के समूह द्वारा किया गया और उसका नाम बदलकर नेशनल एसेंबली कर दिया गया।
  • पेरिस की फ्रेंच भाषा को राष्ट्रभाषा के रूप में अपनाया गया।
  • आंतरिक आयात-निर्यात शुल्क समाप्त कर दिए गए। नाप-तौल के लिए एक तरह की व्यवस्था की गई।

प्रश्न 5.
नेपोलियन की राष्ट्रवाद के विकास में क्या भूमिका थी?
उत्तर-
नेपोलियन बोनापार्ट (1789-1821) ने अपने शासनकाल में राष्ट्रवास के प्रसार के लिए अनेक सुधार संबंधी कार्य किए

  • नेपोलियन ने विशेषाधिकार तथा आर्थिक असामानता को दूर कर समानता की स्थापना की।
  • करों में समानता स्थापित की गई।
  • नेपोलियन ने 1804 में नेपोलियन संहिता लागू कर कानून के समक्ष सबको बराबरी का अधिकार दिया।
  • देशभक्तों, विद्वानों और कलाकारों को सम्मानित करना प्रारंभ किया।
  • नेपोलियन ने एक समान शुल्क, समान माप तौल प्रणाली और एक मुद्रा के द्वारा राष्ट्र को संगठित करने का प्रयास किया।
  • नागरिकों की संपत्ति संबंधी अधिकारों को सुरक्षा प्रदान की।
  • यातायात और संचार व्यवस्था में सुधार लाने का प्रयास किया।
  • सामंती व्यवस्था समाप्त कर किसानों को भू-दासत्व से मुक्ति दिलाया।
  • नेपोलियन राष्ट्र निर्माण में शिक्षा को महत्वपूर्ण मानता था। अतः, शिक्षा प्रणाली की पुनर्व्यवस्था की। सेकेंडरी स्कूल तथा विश्वविद्यालयों से शिक्षित होने के कारण विद्यार्थियों में राष्ट्रप्रेम एवं देशभक्ति जैसे राष्ट्रवादी भावना का विकास हुआ।
  • उसने कई धार्मिक सुधार किए। चर्च की संपत्ति को जब्त किया और उस पर राज्य का नियंत्रण स्थापित किया। उसने अनेक सुधारों द्वारा फ्रांस में राष्ट्रवादी भावना का विकास किया जिससे प्रेरणा लेकर यूरोप के अन्य देशों में राष्ट्रवादी भावना जागृत हुई।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
यूरोपीय राष्ट्रवाद के विकास में संस्कृति का क्या योगदान था?
उत्तर-
यूरोप में राष्ट्रवाद के विकास में संस्कृति की अहम भूमिका रही। कला, साहित्य और संगीत ने राष्ट्रवादी भावनाओं को गढ़ने और व्यक्त करने में सहयोग दिया। इसके कई उदाहरण हमें फ्रांस, इटली, यूनान और जर्मनी में देखने को मिलते हैं। राष्ट्रप्रेम की भावना का प्रसा कलाकारों, विचारकों, साहित्यकारों, कवियों, संगीतकारों आदि ने संस्कृति को आधार बनाउ किया। इसके निम्नलिखित उदाहरण यूरोप में देखने को मिलते हैं।

(i) फ्रेडरिक सारयू का कल्पनादर्श–फ्रांसीसी कलाकार फ्रेंडिक सारयू ने एक कल्पनादश की रचना अपने चित्रों के द्वारा की जिसमें आदर्श समाज की कल्पना की गई। इन चित्रों में विभिन्न राष्ट्रों की पहचान कपड़ों और प्रतीक चिह्नों द्वारा एक राष्ट्र राज्य के रूप में की गई। इस प्रकार 19वीं शताब्दी में यूरोप में राष्ट्रीयता के विकास में सारयू की कल्पनादर्श ने प्रेरणा का काम किया। कलाकारों ने मानवीय रूप में राष्ट्र को प्रस्तुत किया। राष्ट्र की कल्पना नारी रूप में की। फ्रांस में मारीआन को एवं जर्मनी में जर्मेनिया को राष्ट्रवाद के प्रतीक रूप में नारी का चित्रांकन हुआ।

(ii) रूमानीवाद-रूमानीवाद एक ऐसा सांस्कृतिक आंदोलन था जो एक विशिष्ट प्रकार के राष्ट्रवाद का प्रचार किया। आमतौर पर रूमानी कलाकारों और कवियों ने तर्क-वितर्क और विज्ञान के महिमामंडन की आलोचना की और उसकी जगह भावनाओं, अंतर्दृष्टि और रहस्यवादी भावनाओं पर अधिक बल दिया। उनका प्रयास था कि सामूहिक विरासत और संस्कृति को राष्ट्र का आधार बनाया जाए।

(iii) लोक परंपराएँ-जर्मनी के चिंतक योहान गॉटफ्रीड का मानना था कि सच्ची जर्मन संस्कृति आम लोगों में निहित थी। राष्ट्र की अभिव्यक्ति लोकगीतों, लोकनृत्यों और जनकाव्य से प्रकट होती थी इसलिए राष्ट्र निर्माण के लिए इनका संकलन आवश्यक था। निरक्षर लोगों में राष्ट्रीय भावना संगीत, लोककथा के द्वारा जीवित रखी गई। कैरोल कुर्पिस्की ने राष्ट्रीय संघर्ष का अपने ऑपेरा और संगीत से गुणगान किया।

(iv) भाषा भाषा ने भी राष्ट्रीय भावनाओं के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। रूसी कब्जे के बाद पोलिश भाषा को स्कूलों में बलपूर्वक हटाकर रूसी भाषा को जबरन लादा गया। 1831 के पोलिश विद्रोह को यद्यपि रूस ने कुचल दिया। परंतु राष्ट्रवाद के विरोध के लिए भाषा को एक हथियार बनाया। धार्मिक शिक्षा और चर्च में पोलिश भाशा का व्यवहार किया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि पादरियों और विशपों को दंडित कर साइबेरिया भेज दिया गया। पोलिश भाषा रूसी प्रभुत्व के विरुद्ध संघर्ष
के प्रतीक के रूप में देखी जाने लगी।

प्रश्न 2.
1848 में उदारवादी क्रांतिकारियों ने किन राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को बढ़ावा दिया?
उत्तर-
यूरोप में 1848 का वर्ष क्रांतियों का वर्ष था इस वर्ष फ्रांस, ऑस्ट्रिया, हंगरी, इटली, पोलैंड, जर्मनी आदि देशों में क्रांतियाँ हुई। इन क्रांतियों के होने में अनेक परिस्थितियों ने योगदान किया

  • निरंकुश शासकों का निकम्मा शासन
  • यूरोप की आर्थिक दशा शोचनीय
  • राजनीतिक जीवन अस्थायी
  • यूरोप में राष्ट्रीयता की भावना का विकास
  • सामाजिक विद्वेष
  • राजनीतिक दलों द्वारा प्रजा में उत्तेजनात्मक भावना जागृत करना

1848 की क्रांति का यूरोपीय देशों की सरकार द्वारा दमन कर दिया गया और इसे आशातीत सफलता प्राप्त नहीं हुई। परंतु इसे पूर्णरूप से असफल भी नहीं कहा जा सकता। इस क्रांति से यूरोप की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा। उदारवादी क्रांतिकारियों की 1848 की क्रांति का अर्थ था राजतंत्र का अंत और गणतंत्र की स्थापना। इसके बाद उदारवादी क्रांतिकारियों ने निम्नलिखित विचारों को बढ़ावा दिया।

उदारवादियों ने जनता के असंतोष का फायदा उठाया और एक राष्ट्र के निर्माण की मांगों को आगे बढ़ाया। यह राष्ट्र-राज्य संविधान, प्रेस की स्वतंत्रता और संगठन बनाने की स्वतंत्रता जैसे संसदीय सिद्धांतों पर आधारित था। उदारवादी क्रांतिकारियों द्वारा सार्वजनिक मताधिकार पर आधारित जनप्रतिनिधि सीमाओं के निर्माण, भू-दास और बंधुआ मजदूरी की प्रथा समाप्त करने की मांग की गई। उदारवादी आंदोलन के अंदर महिलाओं को राजनीतिक अधिकार प्रदान करने की मांग बढ़ने लगी। उदारवादी मध्यमवर्ग के स्त्री-पुरुष ने संविधानवाद की माँग को राष्ट्रीय एकीकरण की माँग से जोड़ दिया। इसी समय समाजवादी (साम्यवादी) विचार का प्रचार उदारवादियों द्वारा की गई। 1848 में खाद्य सामग्री का अभाव तथा बेरोजगारी की बढ़ती हुई समस्या से आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। इस संकट के समाधान के लिए उदारवादी क्रांतिकारियों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया।

प्रश्न 3.
इटली के एकीकरण के विभिन्न चरणों को इंगित करें।
उत्तर-
इटली का एकीकरण चार चरणों में पूरा हुआ। आरंभिक चरण में इटली के एकीकरण के पैगंबर मेजिनी का महत्त्वपूर्ण योगदान था। विक्टर इमैनुएल के शासनकाल से इटली के एकीकरण का वास्तविक प्रयास आरम्भ हुआ। जिसमें कावूर और गैरीबाल्डी का महत्त्वपूर्ण योगदान था। इटली के एकीकरण के चार चरण निम्नलिखित हैं-

(i) ज्युसेपे मेसिनी के नेतृत्व में मेजिनी गणतंत्रात्मक दल का नेता था। उसने अपने निर्वासन काल में गणतंत्रवादी उद्देश्यों के प्रचार के लिए ‘यंग इटली’ नामक और ‘यंग यूरोप’ की स्थापना की थी। यद्यपि इटली के एकीकरण के लिए 1831 तथा 1848 में दो क्रांतिकारी प्रयास किए गए थे, परंतु वे दोनों असफल रहे।

(ii) काउंट काबूर के नेतृत्व में काबूर 1858 में पीडमौंट का मंत्री प्रमुख था। उसका मुख्य लक्ष्य ऑस्ट्रिया से इटली के उद्धार को प्रभावित करना था। वह न तो क्रांतिकारी था और न ही गणतंत्रवादी परंतु उसे इटली का वास्तविक निर्माता माना जाता है। उसने फ्रांस के साथ एक चतुर कूटनीतिक गठबंधन कायम किया और इसके माध्यम से 1859 में ऑस्ट्रियाई सेवाओं को परास्त करने में सफलता प्राप्त की।

(iii) गैरीबाल्डी के नेतृत्व में- गैरीबाल्डी ‘लाल कुर्ती’ नामक क्रांतिकारी आंदोलन का नायक था। 1860 में उसने दक्षिणी इटली तथा दो सिसलियों की राजधानी में पदयात्रा की और स्थानीय कृषकों का समर्थन प्राप्त कर स्पेन के शासकों को हटाने में सफल हुआ।

(iv) विक्टर इमैनुएल द्वितीय 1861 में रोम और वेनेशिया को छोड़कर समस्त इटली की इतालवी संसद के प्रतिनिधि तूरिन में एकत्र हुए और उन्होंने इटली के राजा के रूप में विक्टर इमैनुएल द्वितीय को विधिवत रूप से स्वीकार किया। 1870 में विक्टर इमैनुएल ने रोम पर आक्रमण कर उस पर अधिकार कर लिया। 1875 में रोम को इटली की राजधानी बनाया गया।

प्रश्न 4.
जर्मनी के एकीकरण की प्रक्रिया का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करें।
उत्तर-
जर्मन का एकीकरण निम्न प्रकार हुआ-
(i) 1848 की फ्रैंकफर्ट संसद- प्रशा ने नरेश फ्रेडरिक विलियम चतुर्थ के नेतृत्व में फ्रैंकफर्ट संसद ने जर्मनी के एकीकरण के लिए भरसक प्रयास किए परंतु वे असफल रहे। यद्यपि जर्मन लोगों में 1848 के पहले ही राष्ट्रीयता की भावना जागृत हो चुकी थी। राष्ट्रीयता की भावना मध्यवर्गीय जर्मन लोगों में बहुत अधिक है।

(ii) प्रशा के नेतृत्व में एकीकरण– राष्ट्र निर्माण की इस उदारवादी विचारधारा को राजशाही और फौजी ताकतों के विरुद्ध कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा जिन्हें प्रशा के बड़े भूस्वामियों (Junkers) ने भी समर्थन दिया था उसके बाद प्रशा ने राष्ट्रीय एकीकरण के आंदोलन का नेतृत्व अपने हाथ में ले लिया। प्रशा का प्रधानमंत्री ऑटो वॉन बिस्मार्क इस प्रक्रिया का जनक था जिसने प्रशा की सेना और नौकरशाही की मदद ली।

(iii) बिस्मार्क का योगदान बिस्मार्क प्रशा के उन महान सपूतों में से एक था जिसने सेना और नौकरशाही की मदद से जर्मनी के एकीकरण का उत्कृष्ट प्रयास किया। उसका मानना था कि जर्मनी के एकीकरण में सफलता राजकुमारों द्वारा ही प्राप्त की जा सकती है न कि लोगों द्वारा। वह प्रशा के जर्मनी में विलय द्वारा नहीं बल्कि प्रशा का जर्मनी तक विस्तार के द्वारा इस उद्देश्य
को पूरा करना चाहता था।

(iv) तीन युद्ध – बिस्मार्क के जर्मन-एकीकरण का उद्देश्य सात वर्ष में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और फ्रांस से तीन युद्धों द्वारा पूर्ण हुआ जो 1864 से 1870 के बीच लड़े गए।

(v) जर्मनी के एकीकरण की अंतिम प्रक्रिया- उपर्युक्त युद्धों का परिणाम प्रशा की जीत के रूप में आया जिससे एकीकरण की प्रक्रिया पूरी हुई। 18 जनवरी 1871 में, वर्साय में हुए एक समारोह में प्रशा के राजा काइजर विलियम प्रथम को जर्मनी का सम्राट बनाया गया और नए जर्मन साम्राज्य की घोषणा की गई।

प्रश्न 5.
“ब्रिटेन में राष्ट्रवाद का इतिहास शेष यूरोप की तुलना में भिन्न था।” स्पष्ट करें। .
उत्तर-
ब्रिटेन में राष्ट्र-राज्य का निर्माण किसी क्रांति का परिणाम नहीं था बल्कि शांतिपूर्वक संसद के माध्यम से हुआ। अतः, ब्रिटेन में राष्ट्रवाद का इतिहास यूरोप के शेष देशों से भिन्न था। इसके कई कारण थे

(i) 18वीं शताब्दी के पहले ब्रिटेन राष्ट्र नहीं था। ब्रितानी द्वीपसमूह में रहनेवाले निवासी अंग्रेज, वेल्स, स्कॉटिश या आयरिश की मुख्य पहचान नृजातीय थी। इन सभी की अपनी-अपनी अलग सांस्कृतिक और राजनीतिक परंपराएँ थी।

(ii) ब्रिटिश राष्ट्र की राजनैतिक शक्ति और आर्थिक समृद्धि में जैसे-जैसे वृद्धि हुई वैसे-वैसे वह द्वीपसमूहों के अन्य राष्ट्रों पर अपना नियंत्रण स्थापित करते हुए वहाँ आंग्ल संस्कृति का विकास किया।

(iii) एक लंबे संघर्ष के बाद 1688 में रक्तहीन या गौरवपूर्ण क्रांति के माध्यम से समस्त शक्ति आंग्ल संसद के हाथों में आ गई। संसद के द्वारा ब्रिटेन में राष्ट्र-राज्य का निर्माण हुआ जिसका केंद्र इंगलैंड था।

(iv) स्कॉटलैंड और आयरलैंड पर प्रभाव स्थापित कर इंगलैंड ने स्कॉटलैंड के साथ 1707 के ऐक्ट ऑफ यूनियन द्वारा ‘यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन का गठन हुआ।

(v) ब्रितानी पहचान के विकास के लिए स्कॉटलैंड की खास संस्कृति एवं राजनीतिक संस्थाओं.को दबाया गया। उन्हें अपनी गोलिक भाषा बोलने और अपनी राष्ट्रीय पोशाक पहनने से रोका गया। अनेकों स्कॉटिशों को अपना वतन छोड़ने को बाध्य किया गया।

Bihar Board Class 10 History यूरोप में राष्ट्रवाद Notes

  • राष्ट्रवाद आधुनिक विश्व की राजनैतिक जागृति का प्रतिफल है। यह एक ऐसी भावना है जो किसी विशेष भौगोलिक सांस्कृतिक या सामाजिक परिवेश में रहने वाले लोगों में एकता की वाहक बनती है।
  • यूरोप में राष्ट्रीयता की भावना के विकास में फ्रांस की राज्यक्रांति तत्पश्चातनेपोलियन के आक्रमणों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • फ्रांस में वियना व्यवस्था के तहत क्रांति के पूर्व की व्यवस्था को स्थापित करने के लिएबर्वो राजवंश को पुनर्स्थापित किया गया तथा लुई 18वाँ फ्रांस का राजा बना।
  • 28 जून 1830 ई. से फ्रांस में गृहयुद्ध आरम्भ हो गया। इसे ही जुलाई 1830 की फ्रांस क्रांति कहते हैं। परिणमतः चार्ल्स-X फ्रांस की राजगद्दी त्याग कर इंगलैंड पलायन कर गया और इस प्रकारबुर्बो वंश के शासन का अन्त हो गया।
  • बूर्वो वंश के स्थान पर आर्लियस वंश को गद्दी सौंपी गयीलुई फिलिप उसका शासक बना।
  • 1871 ई. तक इटली का एकीकरण मेजनी, काबूर, गैरी-बाल्डी जैसे राष्ट्रवादी नेताओं एवं विक्टर इमैनुएल जैसे शासक के योगदानों के कारण पूर्ण हुआ।
  • 1871 में ही जर्मनी एक एकीकृत राष्ट्र के रूप में यूरोप के राजनैतिक मानचित्र में पाया जिसमेंजालवेरिन विस्मार्क की भूमिका मुख्य थी।
  • राष्ट्रवाद की भावना का बीजारोपण यूरोप में पुनर्जागरण के काल से प्रारंभ हो चुका या परंतु उन्नत रूप में 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रांति से प्रकट हुई।
  • नेपोलियन ने जर्मनी और इटली के राज्यों को भौगोलिक नाम की परिधि से बाहर कर उसे वास्तविक एवं राजनैतिक रूपरेखा प्रदान की जिससेइटली और जर्मनी का एकीकरण हुआ।
  • नेपोलियन के पतन के बाद यूरोप की विजयी शक्तियाँऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में 1815 में एकत्र हुई।
  • वियना काँग्रेस (1815) का मुख्य उद्देश्य यूरोप में पुनः उसी व्यवस्था को स्थापित करना
    था जिसेनेपोलियन ने समाप्त कर दिया था।
  • सन् 1815 ई. केवियना सम्मेलन की मेजबानी आस्ट्रिया के चांसलर मेटरनिख ने किया जो घोर प्रतिक्रियावादी था।
  • वियना सम्मेलन में शामिल हुए देशों में ब्रिटेन रूसप्रशा औरऑस्ट्रिया मुख्य थे।
  • गणतंत्र एवं प्रजातंत्र जो फ्रांसीसी क्रांति की देन थी, उसका विरोध करना और पुरातन व्यवस्था की पुनर्स्थापना करना मेटरनिख व्यवस्था का उद्देश्य था।
  • 1848 ई. की फ्रांसीसी क्रांति नेमेटरनिख युग का अंत कर दिया।
  • विलियम प्रथम प्रशा का शासक था जिसने. विस्मार्क को अपना चांसलर नियुक्त किया।
  • “रक्त और लौह की नीति” का अवलम्बन बिस्मार्क ने किया।
  • ऑस्ट्रिया एवं प्रशा के बीच 1866 ई. में सेंडोवा का युद्ध’ हुआ।

Bihar Board Class 12th Hindi Book Solutions गद्य Chapter 1 बातचीत

Bihar Board Class 12th Hindi Book Solutions

Bihar Board Class 12th Hindi Book Solutions गद्य Chapter 1 बातचीत

 

बातचीत अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Batchit Ka Question Answer Bihar Board प्रश्न 1.
‘बातचीत’ शीर्षक निबन्ध के निबंधकार हैं :
उत्तर-
बालकृष्ण भट्ट।

बातचीत कहानी का प्रश्न उत्तर Bihar Board प्रश्न 2.
बालकृष्ण भट्ट किस युग के रचनाकार हैं?
उत्तर-
भारतेन्दु युग।

Batchit Question Answer Bihar Board प्रश्न 3.
‘सौ अज्ञान एक सुजान’ उपन्यास के लेखक कौन हैं :
उत्तर-
बालकृष्ण भट्ट।

Bihar Board Class 12 Hindi Book Solution प्रश्न 4.
आर्ट ऑफ कनवरसेशन कहाँ के लोगों में सर्वाधिक प्रचलित है?
उत्तर-
यूरोप के।

बातचीत कहानी का सारांश Bihar Board प्रश्न 5.
बालकृष्ण भट्ट ने किस पत्रिका का संपादन किया था?
उत्तर-
प्रदीप।

Baatchit Summary In Hindi Bihar Board प्रश्न 6.
बातचीत के माध्यम से बालकृष्ण भट्ट क्या बतलाना चाहते हैं?
उत्तर-
बातचीत की शैली।

Batchit Class 12 Bihar Board प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से बालकृष्ण भट्ट का निवास स्थान कौन-सा है?
उत्तर-
इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश।

Bihar Board Hindi Book Class 12 Pdf Download Bihar Board  प्रश्न 8.
बालकृष्ण भट्ट द्वारा कौन-सा उपन्यास रचित है?
उत्तर-
अपने-अपने अजनबी।

बातचीत वस्तुनिष्ठ प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के बहुवैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर बताएँ

Class 12 Hindi Book Bihar Board Bihar Board प्रश्न 1.
बालकृष्ण भट्ट के पिता कौन थे?
(क) बेनी प्रसाद भट्ट
(ख) रामप्रसाद भट्ट
(ग) शिवप्रसाद भट्ट
(घ) गौरीशंकर भट्ट
उत्तर-
(क)

Batchit Ka Question Answer Subjective Bihar Board प्रश्न 2.
बालकृष्ण भट्ट का जन्म कब हुआ था?।
(क) 23 जून, 1844
(ख) 12 अप्रैल, 1805
(ग) 21 मई, 1812
(घ) 15 जनवरी, 1806
उत्तर-
(क)

Digant Hindi Book Class 12 Pdf Download Bihar Board प्रश्न 3.
बालकृष्ण भट्ट की मृत्यु कब हुई थी?
(क) 20 जुलाई, 1914
(ख) 10 जून, 1905
(ग) 15 मार्च, 1909.
(घ) 20 सितम्बर, 1917
उत्तर-
(क)

बिहार बोर्ड हिंदी बुक Class 12 Bihar Board प्रश्न 4.
बालकृष्ण भट्ट की माँ का क्या नाम था?
(क) सावित्री देवी
(ख) पार्वती देवी
(ग) राधिका देवी
(घ) श्यामा देवी
उत्तर-
(ख)

बिहार बोर्ड हिंदी बुक 12th Bihar Board प्रश्न 5.
बालकृष्ण भट्ट जी ने किस शब्द कोष का संपादन किया?
(क) अंग्रेजी शब्दकोश
(ख) उर्दू शब्दकोश
(ग) संस्कृत शब्दकोश
(घ) हिन्दी शब्दकोश
उत्तर-
(घ)

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

बातचीत निबंध का सारांश Bihar Board प्रश्न 1.
मनुष्यों में …………. न होती तो हम नहीं जानते कि इस गूंगी सृष्टि का क्या हाल होता।
उत्तर-
वाशक्ति

Bihar Board Class 12 Hindi Chapter 1 Bihar Board प्रश्न 2.
घरेलू बातचीत …………. का ढंग है।
उत्तर-
मन रमाने

बिहार बोर्ड हिंदी बुक Class 12 Pdf Bihar Board प्रश्न 3.
सच है, जबतक मनुष्य बोलता नहीं तबतक उसका ……… प्रकट नहीं होता।
उत्तर-
गुण-दोष

Class 12th Hindi Book Bihar Board प्रश्न 4.
बेन जॉन्सन के अनुसार बोलने से ही मनुष्य के रूप का ……… होता है।
उत्तर-
साक्षात्कार

प्रश्न 5.
…….. यहाँ तक बढ़ा है कि स्पीच और लेख दोनों इसे नहीं पाते।
उत्तर-
आर्ट ऑफ कनवरसेशन

बातचीत पाठ्य पुस्तक के प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
अगर हममें वाशक्ति न होती तो क्या होता?
उत्तर-
अगर हममें वाशक्ति न होती तो यह समस्त सृष्टि गूंगी प्रतीत होती। सभी लोग चुपचाप बैठे रहते और हम जो बोलकर एक-दूसरे के सुख-दुख का अनुभव करते हैं वाशक्ति न होने के कारण एक-दूसरे से कह-सुन. भी नहीं पाते और न ही अनुभव कर पाते।

प्रश्न 2.
बातचीत के संबंध में वेन जॉनसन और एडीसन के क्या विचार हैं?
उत्तर-
बातचीत के संबंध में वेन जॉनसन का मत है कि बोलने से ही मनुष्य के सही रूप का साक्षात्कार होता है। यह बहुत ही उचित जान पड़ता है।।

एडीसन का मत है कि असल बातचीत सिर्फ दो व्यक्तियों में हो सकती है जिसका तात्पर्य हुआ जब दो आदमी होते हैं तभी अपना दिल एक-दूसरे के सामने खोलते हैं। जब तीन हुए तब वह दो बात कोसों दूर गई। कहा भी है कि छह कानों में पड़ी बात खुल जाती है। दूसरे यह कि किसी तीसरे आदमी के आ जाते ही या तो वे दोनों अपनी बातचीत से निरस्त हो बैठेंगे या उसे निपट मूर्ख अज्ञानी, समझा बना लेंगे। जैसे गरम दूध और ठंडे पानी के दो बर्तन पास-पास असर होगा ३ आर्ट ऑफ कनवरशन बातचीत करने की एकमा काव्यकला प्रवीण मिलता गोल्डेन सीरिज पासपोर्ट सेटा के रखे जाएँ तो एक का असर दूसरे में पहुँच जाता है अर्थात् दूध ठंडा हो जाता है और पानी गरम। वैसे ही दो आदमी आपस पास बैठे हों तो एक का गुप्त असर दूसरे पर पहुँच जाता है। चाहे एक दूसरे को देखें भी नहीं। तब बोलने को कौन कहे एक के शरीर की विद्युत दूसरे में प्रवेश करने लगती है। जब पास बैठने का इतना असर होता है तब बातचीत में कितना अधिक असर होगा इसे कौन नहीं स्वीकार करेगा।

प्रश्न 3.
‘आर्ट ऑफ कनवरशेसन’ क्या है?
उत्तर-
‘आर्ट ऑफ कनवरसेशन’ बातचीत करने की एक कला (प्रविधि) है जो योरप के लोगों में ज्यादा प्रचलित है। इस बातचीत की प्रविधि की पूर्ण शोभा काव्यकला प्रवीण विद्वमंडली में है। ऐसी चतुराई के साथ इसमें प्रसंग छोड़े जाते हैं कि जिन्हें सुन कान को अत्यन्त सुख मिलता है। साथ ही इसका अन्य नाम शुद्ध गोष्ठी है। शुद्ध गोष्ठी की बातचीत को यह तारीफ है कि बात करनेवालों की जानकारी अथवा पंडिताई का अभिमान या कपट कहीं एक बात में ही प्रकट नहीं होता वरन् कर्ण रसाभास पैदा करने वाले शब्दों को बरकते हुए चतुर सयाने अपने बातचीत को सरस रखते हैं। दयनीय स्थिति यह है कि हमारे यहाँ के पंडित आधुनिक शुष्क बातचीत में जिसे शास्त्रार्थ कहते हैं, वैसा रस नहीं घोल सकते।

इस प्रकार आर्ट ऑफ कनवरशेसन मनुष्य के द्वारा आपस में बातचीत करने की उत्तम कला है जिसके द्वारा मनुष्य बातचीत को हमेशा आनंदमय बनाये रखता है।

प्रश्न 4.
मनुष्य की बातचीत का उत्तम तरीका क्या हो सकता है? इसके द्वारा वह कैसे अपने लिए सर्वथा नवीन संसार की रचना कर सकता है?
उत्तर-
मनुष्य में बातचीत का सबसे उत्तम तरीका उसका आत्मवार्तालाप है। मनुष्य अपने अन्दर ऐसी शक्ति विकसित करे जिसके कारण वह अपने आप से बात कर लिया करे। आत्मवार्तालाप से तात्पर्य क्रोध पर नियंत्रण है जिसके कारण अन्य किसी व्यक्ति को कष्ट न पहुँचे। क्योंकि हमारी भीतरी मनोवृति प्रशिक्षण नए-नए रंग दिखाया करती है। वह हमेशा बदलती रहती है। लेखक बालकृष्ण भट्टजी इस मन को प्रपंचात्मक संसार का एक बड़ा आइना के रूप में देखते हैं जिसमें जैसा चाहो वैसी सूरत देख लेना कोई असंभव बात नहीं। अतः मनुष्य को चाहिए कि मन के चित्त को एकाग्र कर मनोवृत्ति स्थिर कर अपने आप से बातचीत करना सीखें। इससे आत्मचेतना का विकास होगा। उसी वाणी पर नियंत्रण हो जायेगा जिसके कारण दुनिया से किसी से न बैर रहेगा और बिना प्रयास के हम बड़े-बड़े अजेय शत्रु पर भी विजय पा सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो हम सर्वथा एक नवीन संसार की रचना कर सकते हैं। इससे हमारी वाशक्ति का दमन भी नहीं होगा। अत: व्यक्ति को चाहिए कि अपनी जिह्वा को काबू में रखकर मधुरता से भरी वाणी बोले। जिससे न किसी से कटुता रहेगी न बैर। इससे दुनिया खूबसूरत हो जायेगी। मनुष्य के बातचीत करने का यही सबसे उत्तम तरीका है।

प्रश्न 5.
व्याख्या करें :
(क) हमारी भीतरी मनोवृत्ति प्रतिक्षण नए-नए रंग दिखाया करती है। वह प्रपंचात्मक संसार का एक बड़ा भारी आइना है, जिसमें जैसी चाहो वैसी सूरत देख लेना कोई दुर्घट बात नहीं है।
(ख) सच है, जब तक मनुष्य बोलता नहीं तब तक उसका गुण-दोष प्रकट नहीं होता।
उत्तर-
व्याख्या-
(क) प्रस्तुत व्याख्येय पंक्तियाँ हमारे पाठ्यपुस्तक दिगंत भाग-2 के महान् विद्वान लेखक बालकृष्ण भट्ट द्वारा रचित ‘बातचीत’ शीर्षक निबन्ध से उद्धृत है। इन पंक्तियों में लेखक ने लिखा है कि जब मनुष्य समाज में रहता है तो समाज से ही भाषा सीखता है। भाषा उसके विचार अभिव्यक्ति का माध्यम बन जाती है। परन्तु उसके अन्दर की मनोवृत्ति स्थिर नहीं रहती है। कहा भी गया है कि चित्त बड़ा चंचल होता है। इसकी चंचलता के कारण एक मनुष्य दूसरे मनुष्य को दोस्त और दुश्मन मान लेता है। वह कभी क्रोध कर बैठता है, कभी-कभी मीठी बातें करता है। इस द्वन्द्व स्थिति में मनुष्य की असली चरित्र का पता नहीं चलता। मनुष्य के मन की स्थिति गिरगिट के रंग बदलने जैसी होती है। इसी स्थिति के कारण लेखक इस मन के प्रपंचों को जड़ मानता है। वह कहता है कि यह आइना के समान है। इस संसर में छल-प्रपंच झूठ फरेब सब होते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण मन की चंचलता ही है। विद्वान लेखक इस दुर्गुण को दूर करने के लिए सलाह भी देता है कि इससे बचने के लिए अपनी जिह्वा (मन) पर नियंत्रण रखना होगा। अपने चित्त को एकाग्र करना होगा। माना कि हमारी जिह्वा स्वच्छन्द चला करती है परन्तु उस पर यदि हमारा नियंत्रण हो गया तो बड़े-बड़े क्रोधादिक अजेय शत्रु को बिना प्रयास अपने वश में कर लेंगे।

अतः हमारी मनोवृत्ति पर नियंत्रण करना होगा जिससे हमें न किसी से वैर-झगड़ा शत्रुता होगी और हम अपने नवीन संसार की रचना कर सकेंगे तथा साथ ही बातचीत के माध्यम से जीवन
का रस ले सकेंगे।

(ख) प्रस्तुत व्याख्येय पंक्तियाँ हमारे पाठ्यपुस्तक दिंगत भाग-2 के बालकृष्ण भट्ट रचित निबन्ध ‘बातचीत’ से ली गयी हैं लेखक इस निबन्ध के माध्यम से यह बताना चाहता है कि बातचीत ही एक विशेष तरीका होता है जिसके कारण मनुष्य आपस में प्रेम से बातें कर उसका आनन्द उठाते हैं। परन्तु मनुष्य जब वाचाल हो जाता है अथवा बातचीत के दौरान अपने आप पर काबू नहीं रख पाता है तो वह ‘दोष’ है, परन्तु जब वह बड़ी सजींदगी से सलीके से बातचीत करता है तो वह गुण है। मनुष्य के मूक रहने के कारण उसको चरित्र का कुछ पता नहीं चलता है परन्तु वह जैसे ही कुछ बोलता है तो उसकी वाणी के माध्यम से गुण-दोष प्रकट होने लगते हैं। जब दो आदमी साथ बातचीत करते हैं तो दोनों अपने दिल एक-दूसरे के सामने खोलते हैं। इस खुलेपन में किसी की शिकायत, किसी की अच्छाई किसी की बुराई होती है और इससे व्यक्ति का गुण-दोष प्रकट हो जाता है। वेन जॉनसन इस संदर्भ में कहते हैं कि बोलने से मनुष्य का साक्षात्कार होता है, उसकी पहचान सामने आती है। यहाँ आदमी की अपनी जिन्दगी मजेदार बनाने के लिए खाने-पीने चलने-फिरने आदि की जरूरत होती है। वहाँ बातचीत की अत्यन्त आवश्यकता है जहाँ कुछ मवाद (गंदगी) या धुआँ जमा रहता है। यह बातचीत के जरिए भाप बनकर बाहर निकल पड़ता है। कहने का आशय यह है कि मनुष्य के मन के अन्दर बहुत भी परतें जमी रहती हैं जिनमें कुछ अच्छी और कुछ बुरी होती हैं और यह बातचीत के दौरान हमारी जिह्वा (विचार) से प्रकट हो जाता है। अत: बोलने से ही मनुष्य के गुण-दोष की पहचान होती है।

प्रश्न 6.
इस निबन्ध की क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर-
इस निबंध (बातचीत) के माध्यम से विद्वान निबंधकार ने बातचीत करने के लिए ईश्वर द्वारा दी गई वाक्शक्ति को अनमोल बताया है और कहा है कि मनुष्य इसी शक्ति के कारण पशुओं से अलग है, बढ़कर है। बातचीत के विभिन्न तरीके जैसे आर्ट ऑफ कनवरसेशन, हृदय गोष्ठी आदि के बारे में बताया गया है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से उत्तम तरीके से बातचीत करता हुआ उनकस आनन्द ले सकता है। इस निबंध में दो विदेशी निबन्धकारों का एडीसन एवं वेन जॉनसन मत दिया गया है जिसमें एडीसन ने यह कहा है कि जब तक मनुष्य बोलना नहीं बोलता उसके गुण-दोष नहीं प्रकट होते। वेन जॉनसन का मत है कि बोलने से ही मनुष्य के सही रूप का साक्षात्कार होता है। निबंध में यह भी बताया गया है कि मनुष्य को अपने हृदयं (मन) पर काबू रखकर बोलना या बातचीत करनी चाहिए। यदि ऐसा हो तो वह सर्वथा नवीन संसार की रचना कर सकता है। उसे कोई दु:ख विषाद नहीं झेलना पड़ेगा। बातचीत मनुष्य को अपनी जिन्दगी मजेदार बनाने का एक जरिया भी है। लोग यदि बातचीत के दौरान चुकीली बात कह दें तो लोग हँसने लगते हैं जिससे प्रच्छन्न सुख भाव का बोध होता है। बातचीत मन बहलाव का माध्यम तो है ही, उत्तम बातचीत मनुष्य के व्यक्तित्व के विकसित करने का एक माध्यम भी है जिसके कारण व्यक्ति लोकप्रिय एवं प्रसिद्ध हो जाता है।

बातचीत भाषा की बात

प्रश्न 1.
‘राम-रमौवल’ का क्या अर्थ है? इसका वाक्य में प्रयोग करें।
उत्तर-
राम-रमौवल-चार से अधिक व्यक्तियों की बातचीत राम-रमौवल कहलाती है। ‘राम-श्याम मोहन और सोहन रेलगाड़ी में राम-रमौवल कर रहे थे।

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए वाक्यों में सर्वनाम छाँटें और बताएं कि वे सर्वनाम के किस भेद के अन्तर्गत आते हैं?
(क) कोई चुटीली बात आ गई हँस पड़े।
उत्तर-
कोई-अनिश्चयवाचक सर्वनाम

(ख) इसे कौन न स्वीकार करेगा।
उत्तर-
कौन-प्रश्नवाचक सर्वनाम

(ग) इसकी पूर्ण शोभा काव्यकला प्रवीण विद्वमंडली में है।
उत्तर-
इसकी-निश्चयवाचक

(घ) वह प्रपंचात्मक संसार का एक बड़ा भारी आईना है।
उत्तर-
वह-निश्चवाचक

(ङ) हम दो आदमी प्रेमपूर्वक संलाप कर रहे हैं।
उत्तर-
हम-पुरुषवाचक सर्वनाम।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्द संज्ञा के किन भेदों के अन्तर्गत आते हैं धुआँ, आदमी, त्रिकोण, कान, शेक्सपीयर, देश मीटिंग, पत्र, संसार, मुर्गा, मन्दिर।
उत्तर-

  • धुआँ – भाववाचक
  • आदमी – जातिवाचक
  • त्रिकोण – जातिवाचक
  • कान – जातिवाचक
  • शेक्सपीयर – व्यक्तिवाचक
  • देश – जातिवाचक
  • मीटिंग – समूहवाचक।
  • पत्र – भाववाचक संसार
  • संसार – जातिवाचक
  • मुर्गा – जातिवाचक
  • मन्दिर – जातिवाचक

प्रश्न 4.
वाक्य प्रयोग द्वारा लिंग-निर्णय करें शक्ति, उद्देश्य, बात, लत, नग, अनुभव, प्रकाश, रंग, विवाह, दाँत।
उत्तर-
शक्ति (स्त्री.)-ईश्वर की शक्ति अपरम्पार है।
उद्देश्य (पु.)-आपका उद्देश्य महान होना चाहिए।
बात (स्त्री.)-हमें संजीदगी से बात करनी चाहिए।
लत (पु.)-उसे शराब की लत पड़ गयी।
नग (पु.)-राम की अंगूठी में नग चमकता है।
अनुभव (स्त्री.)-ईश्वर का अनुभव करो।
प्रकाश (पु.)-सूर्य का प्रकाश बड़ा तीक्ष्ण था।
रंग (पु.)-उसका रंग काला है।।
विवाह (पु.)-राम-सीता का विवाह हुआ।
दाँत (पु.)-उसका दाँत टूट गया।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यों से विशेषण चुनें।
(क) हम दो आदमी प्रेमपूर्वक संलाप कर रहे हैं।
उत्तर-
हम दो-संख्यावाचक विशेषण

(ख) इसकी पूर्ण शोभा काव्यकला प्रवीण विद्वानमंडली में है।
उत्तर-
इसकी-सार्वजनिक विशेषण

(ग) सुस्त और बोदा हुआ तो दबी बिल्ली का सा स्कूल भर को अपना गुरु ही मानेगा।
उत्तर-
सुस्त, बोदा, दबी-गुणवाचक विशेषण।

बातचीत लेखक परिचय बालकृष्ण भट्ट (1844-1914)

जीवन-परिचय :
हिन्दी के प्रारंभिक युग के प्रमुख पत्रकार, निबन्धकार तथा हिन्दी के आधुनिक आलोचना के प्रवर्तकों में अग्रगण्य बालकृष्ण भट्ट का जन्म 23 जून, सन 1844 ई. के दिन हुआ इनके पिता का नाम बेनी प्रसाद भट्ट था जो एक व्यापारी थे तथा माता का नाम पार्वती देवी था जो एक सुसंकृत महिला थी। इन्होंने ही बालकृष्ण भट्ट के मन में अध्ययन की रुचि जगाई। भट्ट जी का निवास स्थान इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश था। इन्होंने प्रारंभ में संस्कृत का अध्ययन किया तथा सन् 1867 में प्रयाग के मिशन स्कूल में एंट्रेंस की परीक्षा दी। ये सन् 1869 से 1875 तक प्रयाग के मिशन स्कूल में अध्यापन में कार्यरत रहे।

सन् 1885 में प्रयाग के सी.ए, वी. स्कूल में संस्कृत का अध्यापन किया। सन् 1888 में प्रयाग की कायस्थ पाठशाला इंटर कॉलेज में अध्यापक नियुक्त हुए, किन्तु अपने उग्र स्वभाव के कारण इन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी और फिर ये लेखन कार्य में लग गए। पिता के निधनोपरांत इन्हें विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। इन्होंने भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की प्रेरणा से सन् 1877 में ‘हिन्दी प्रदीप’ नामक मासिक पत्रिका निकालनी प्रारंभ की और इसे 33 वर्षों तक निकालते रहे। इन्होंने घोर आर्थिक संकटों से जूझते हुए हिम्मत से काम लिया और साहित्य के बालकृष्ण भट्ट का निधन 20 जुलाई, सन् 1914 के दिन हुआ, जो कि हिन्दी साहित्य के लिए एक अपूरणीय क्षति थी।

रचनाएँ :
बालकृष्ण भट्ट की प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं

उपन्यास-
रहस्य कथा, नूतन ब्रह्मचारी, गुप्त वैरी, सौ अजान एक सुजान, रसातल यात्रा, उचित दक्षिणा, हमारी घड़ी, सद्भाव का अभाव। .

नाटक-
पद्मावती, किरातार्जुनीय, वेणी संहार, शिशुपाल वध, नल दमयंती या दमयंती स्वयंवर, शिक्षादान, चन्द्रसेन, सीता वनवास, पतित पंचम, मेघनाद वध, वृहन्नला, इंग्लैंडेश्वरी और भारत जननी, कट्टर सूम की एक नकल, भारतवर्ष और कलि, दो दूरदेशी, एक रोगी और एक वैद्य, बाल विवाह, रेल का विकट खेल आदि।

प्रहसन-
जैसा काम वैसा परिणाम, नई रोशनी का विषय, आचार विडंबन आदि। निबंध-लगभग 1000 निबन्ध जो कि हिन्दी साहित्य की अनमोल धरोहर है। ‘भट्ट निबन्ध माला’ नाम से दो खंडों में प्रकाशित एक संग्रह।

इसके अतिरिक्त सन् 1881 में की गई वेदों की युक्तिपूर्ण समीक्षा तथा सन् 1886 में लाला श्रीनिवास दास के ‘संयोगिता स्वयंवर’ की आलोचना।

साहित्यिक विशेषताएँ :
बालकृष्ण भट्ट भारतेन्दु युग के प्रमुख सहित्यकारों में से एक है। इन्होंने आधुनिक हिन्दी साहित्य को अपने जनधर्मी व्यक्तित्व और लेखन से एक नवीन धरातल, दिशा तथा रंग-रूप प्रदान किया। ये अपने युग के सर्वाधिक मुखर, तेजस्वी तथा सक्रिय गोल्डेन सीरिज पासपोर्ट सौहित्यकार रहे। इन्होंने बाल विवाह, स्त्री शिक्षा, महिला स्वातंत्र्य, कृषकों की पीड़ा, अंग्रेजी शिक्षा, देश प्रेम अंधविश्वास आदि सामाजिक विषयों पर खुलकर साहित्य सृजन किया।

बातचीत पाठ के सारांश

प्रस्तुत कहानी ‘बातचीत’ के लेखक महान् पत्रकार बालकृष्ण भट्ट हैं : बालकृष्ण भट्ट आधुनिक हिन्दी गद्य के आदि निर्माताओं और उन्नायक रचनाकारों में एक हैं। बालकृष्ण भट्ट जी बातचीत निबन्ध के माध्यम से मनुष्य की ईश्वर द्वारा दी गई अनमोल वस्तु वाकशक्ति का सही इस्तेमाल करने को बताते हैं। महान् लेखक बताते हैं कि यदि मनुष्य में वाक्शक्ति न होती तो हम नहीं जानते कि इस गूंगी सृष्टि का क्या हाल होता। सबलोग मानों लुंज-पुंज अवस्था में एक कोने में बैठा दिए गए होते। लेखक बातचीत के विभिन्न तरीके भी बताते हैं। यथा घरेलू बातचीत मन रमाने का ढंग है। वे बताते हैं कि जहाँ आदमी की अपनी जिन्दगी मजेदार बनाने के लिए खाने, पीने, चलने, फिरने आदि की जरूरत है, उसी प्रकार बातचीत की भी अत्यन्त आपयकता है। हमारे मन में जो कुछ मवाद (गंदगी) या धुआँ जमा रहता है वह बातचीत के जरिए भाप बनकर हमारे मन में बाहर निकल पड़ता है।

इससे हमारा चित्त हल्का और स्वच्छ हो परम आनंद में मग्न हो जाता है। हमारे जीवन में बातचीत का भी एक खास तरह का मजा होता है। यही नहीं, भट्टजी बतलाते हैं कि जब तक मनुष्य बोलता नहीं तबतक उसका गुण-दोष प्रकट नहीं होता। महान् विद्वान वेन जानसन का कहना है कि बोलने से ही मनुष्य के रूप का सही साक्षात्कार हो पाता है। वे कहते हैं कि चार से अधिक की बातचीत तो केवल राम-रमौवल कहलाएगी। योरप (यूरोप) के लोगों से बातचीत का हुनर है जिसे आर्ट ऑफ कनवरसेशन कहते हैं। इस प्रसंग में ऐसे चतुराई से प्रसंग छोड़े जाते हैं कि जिन्हें कान को सुन अत्यन्त सुख मिलता है। हिन्दी में इसका नाम सुहृद गोष्ठी है। बालकृष्ण भट्ट बातचीत का उत्तम तरीका यह मानते हैं कि हम वह शक्ति पैदा करें कि अपने आप बात कर लिया करें। इस प्रकार आर्ट ऑफ कनवरसेशन मनुष्य के द्वारा आपस में बातचीत की उत्तम कला है जिसके द्वारा बातचीत को हमेशा आनन्दमय बनाए रहते हैं।

Bihar Board 12th Business Studies Objective Important Questions Part 7

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Bihar Board Class 12th Business Studies Objective Important Questions Part 7

Question 1.
In the beginning scientific management is …………. by works:
(a) favoured
(b) opposed
(c) both
(d) helpful
Answer:
(c) both

Question 2.
Mental work is …………:
(a) Production
(b) Management
(c) Marketing
(d) None
Answer:
(b) Management

Question 3.
Which of the following does not characterise the business environment:
(a) uncertainty
(b) employees
(c) relativity
(d) complexity
Answer:
(b) employees

Question 4.
Globalisation signifies ………..:
(a) Integration among various economic of the world
(b) Investment in public sector
(c) Investment in private sector
(d) All of these
Answer:
(a) Integration among various economic of the world

Question 5.
Which of the following is an example of social environment?
(a) composition of families
(b) consumer protection act
(c) business law
(d) privatisation
Answer:
(a) composition of families

Question 6.
Economic environment of business is influenced by ………….:
(a) economic system
(b) liberalisation
(c) globalisation
(d) privatisation
Answer:
(a) economic system

Question 7.
The main objective of budgeting is
(a) Planning
(b) Co-ordinating
(c) Control
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Question 8.
Which of the following is not a limitation of planning?
(a) Wastage of time
(b) Basis of control
(c) Rigidity
(d) Huge cost
Answer:
(b) Basis of control

Question 9.
Organising process involves
(a) Grouping of identical work
(b) Division of a work
(c) Assigning work to appropriate persons
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Question 10.
Delegation can be done of
(a) Authority
(b) Responsibility
(c) Accountability
(d) None of these
Answer:
(a) Authority

Question 11.
Comprehensive plan for accomplishing an organisation’s objectives is known as
(a) Policy
(b) Programme
(c) Objective
(d) Strategy
Answer:
(d) Strategy

Question 12.
Centralisation refers to …………
(a) Rotation of authority
(b) Dispersal of authority
(c) Creating profit centre
(d) Opening new centre
Answer:
(a) Rotation of authority

Question 13.
Development of employees involves
(a) Promotion
(b) Transfer
(c) Training
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Question 14.
Human resource management includes
(a) Recruitment
(b) Selection
(c) Training
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Question 15.
“Needs hierarchy theory” of motivation is given by
(a) Herzberg
(b) Maslow
(c) Eltor
(d) None of them
Answer:
(b) Maslow

Question 16.
Planning is:
(a) Past
(b) Future
(c) Present
(d) All time
Answer:
(d) All time

Question 17.
Planning involves ………….:
(a) What to do
(b) When to do
(c) How to do
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Question 18.
Which of the following is not a limitation of planning?
(a) Wastage of time
(b) Basis of control
(c) Rigidity
(d) Huge cost
Answer:
(b) Basis of control

Question 19.
Of all managerial activities planning is the:
(a) Beginning
(b) End
(c) Both
(d) None of these
Answer:
(c) Both

Question 20.
Planning is:
(a) Goal-oriented
(b) Objective oriented
(c) Mental process
(d) All of above
Answer:
(d) All of above

Question 21.
Management is
(a) Art
(b) Science
(c) Both
(d) None of these
Answer:
(c) Both

Question 22.
Management has social responsibility towards whom?
(a) Society as a whole
(b) The Government
(c) Organisation
(d) None of these
Answer:
(a) Society as a whole

Question 23.
Which of the following is the function of management?
(a) Planning
(b) Organising
(c) Directing
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Question 24.
The father of scientific management was
(a) Gilbreth
(b) Taylor
(c) Robertson
(d) None of these
Answer:
(b) Taylor

Question 25.
Fourteen principles of management was given by
(a) Henry Fayol
(b) F. w. Taylor
(c) Peter Drucker
(d) A. H. Maslow
Answer:
(a) Henry Fayol

Question 26.
Henry Fayol’s principles of management are
(a) 10
(b) 3
(c) 14
(d) 15
Answer:
(c) 14

Question 27.
Principles of management are
(a) Universal
(b) Flexible
(c) Absolute
(d) Behavioural
Answer:
(c) Absolute

Question 28.
Which of the following Is an example of social environment?
(a) Money supply
(b) Consumer Protection Act
(c) The Indian Constitution
(d) Composition of family
Answer:
(d) Composition of family

Question 29.
Business environment does not help
(a) Threats
(b) Opportunities
(c) Resources
(d) Certainty
Answer:
(d) Certainty

Question 30.
Planning is
(a) Past
(b) Future
(c) Present
(d) All time
Answer:
(d) All time

Question 31.
The father of scientific management was:
(a) Gilbreth
(b) Taylor
(c) Robertson
(d) Watson
Answer:
(b) Taylor

Question 32.
The propounder of administrative management were:
(a) Fayol
(b) Taylor
(c) Terry
(d) Watson
Answer:
(a) Fayol

Question 33.
A good plan is:
(a) Expensive
(b) Time consuming
(c) Flexible
(d) Rigid
Answer:
(c) Flexible

Question 34.
Responsibility is of:
(a) Subordinate
(b) Officer
(c) Both (a) and (b)
(d) None of these
Answer:
(b) Officer

Question 35.
Authority can not be delegated of:
(a) Routine work
(b) Secret work
(c) Ordinary work
(d) Easy work
Answer:
(b) Secret work

Question 36.
“A plan is a trap to capture the future.” This statement is of:
(a) Newnan
(b) Hurley
(c) Allen
(d) Terry
Answer:
(c) Allen

Question 37.
Organising process involves:
(a) Grouping of identical work
(b) Division of a work
(c) Assigning work to appropriate persons
(d) None
Answer:
(d) None

Question 38.
Authority can not be delegated of ………..:
(a) Routine work
(b) Secret work
(C) Ordinary work
(d) Easy work
Answer:
(b) Secret work

Question 39.
Centralisation refers to:
(a) Retention or authority
(b) Dispersal or authoriry
(c) Creating profit centre
(d) Opening new centre
Answer:
(a) Retention or authority

Question 40.
Comprehensive plan for accomplishing an organisation’s objectives is known as:
(a) Policy
(b) Programme
(c) Objective
(d) Strategy
Answer:
(a) Policy

Bihar Board 12th Business Studies Objective Important Questions Part 6

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Bihar Board Class 12th Business Studies Objective Important Questions Part 6

Question 1.
For stock exchange the services of SEBI is:
(a) Voluntary
(b) Necessary
(c) Unnecessary
(d) Compulsory
Answer:
(d) Compulsory

Question 2.
Marketing includes:
(a) Purchase
(b) Sales
(c) Warehousing
(d) All of the above
Answer:
(d) All of the above

Question 3.
Consumer rights under consumer protection act are:
(a) 6
(b) 7
(c) 8
(d) 9
Answer:
(a) 6

Question 4.
Essentials of a good brand are:
(a) Short name
(b) Easy to remember
(c) Attractive design
(d) All of the above
Answer:
(d) All of the above

Question 5.
Labelling is compulsory in packed consumer products:
(a) All
(b) few
(c) None
(d) None of these
Answer:
(a) All

Question 6.
Which is not an element of promotion mix:
(a) Advertisement
(b) Personal selling
(c) Sales promotion
(d) Product development
Answer:
(d) Product development

Question 7.
Advertisement is deemed as:
(a) Wastage
(b) Investment
(c) Luxury
(d) None of these
Answer:
(b) Investment

Question 8.
Objectives of sales promotion are:
(a) To introduce with new product only
(b) To attractive new customers only
(c) To counter competitor only
(d) All the above
Answer:
(d) All the above

Question 9.
Which of the following is not sales promotion tool?
(a) Samples
(b) Prize to pack
(c) Coupons
(d) Warranty
Answer:
(d) Warranty

Question 10.
Media of advertising is:
(a) Samples
(b) Premium
(c) Calendar
(d) Demonstration
Answer:
(c) Calendar

Question 11.
Costliest means of advertising is:
(a) Advertising
(b) Personal selling
(c) Necessary
(d) Public relation
Answer:
(b) Personal selling

Question 12.
Consumer Protection Act in India was passed in:
(a) 1886
(b) 1986
(c) 1996
(d) None of these
Answer:
(a) 1886

Question 13.
Consumer Protection Act covers:
(a) Dispute relating service
(b) Dispute relating do defective products services
(c) Claims relating to industrial accidents
(d) All the above
Answer:
(b) Dispute relating do defective products services

Question 14.
Consumer court under Consumer Protection Acts means:
(a) District Forum
(b) State Commission
(c) National Commission
(d) All the above
Answer:
(d) All the above

Question 15.
The machinery for settlement of consumer disputes is:
(a) One-tier
(b) Three-tier
(c) Two-tier
(d) None of these
Answer:
(b) Three-tier

Question 16.
The disputes comes under consumer protection act are:
(a) Dispute as to sale of shares by a company
(b) Dispute of penal nature
(c) Disputes as to sales of defective goods by the seller
(d) Service disputes
Answer:
(c) Disputes as to sales of defective goods by the seller

Question 17.
District Forum can settle disputes:
(a) Upto 5 Lakh
(b) Upto 10 Lakh
(c) Upto 15 Lakh
(d) Upto 20 Lakh
Answer:
(d) Upto 20 Lakh

Question 18.
State commission can settle disputes:
(a) Upto 5 Lakh
(b) Upto 10 Lakh
(c) Upto 20 Lakh
(d) Above 20 Lakh
Answer:
(d) Above 20 Lakh

Question 19.
Under the Consumer Protection Act, complaintee means:
(a) Consumer
(b) State Government
(c) Central Government
(d) All the above
Answer:
(d) All the above

Question 20.
Entrepreneurship fails to lead:
(a) Partnership firm
(b) New corporate division
(c) New subsidiary venture
(d) None of the above
Answer:
(a) Partnership firm

Question 21.
In India entrepreneurial development programme is:
(a) Necessary
(b) Unnecessary
(c) Wastage of time
(d) Wastage of money
Answer:
(a) Necessary

Question 22.
In India, entrepreneurial development programme has been:
(a) Successful
(b) Unnecessary
(c) Need to improvement
(d) None of the above
Answer:
(c) Need to improvement

Question 23.
An entrepreneur is
(a) Born
(b) Made
(c) Born and made both
(d) All of these
Answer:
(c) Born and made both

Question 24.
Which of the following sentence is not a characteristic of entrepreneurship:
(a) Risk taking
(b) Innovation
(c) Creative activity
(d) Managerial training
Answer:
(d) Managerial training

Question 25.
Which of the following sentence is inconsistent in the context of entrepreneur:
(a) He is owner of the business
(b) He is risk taker
(c) He operates production activities
(d) He searches out business opportunities
Answer:
(c) He operates production activities

Question 26.
An entrepreneur is said to be:
(a) Promotor of economic development
(b) Motivator of economic development
(c) Both the above
(d) None of the (a) and (b)
Answer:
(c) Both the above

Question 27.
Which of the following attitudes is not generally associated with successful entrepreneurship:
(a) Competition and co-operation
(b) Desire to influence others
(c) Innovation and product improvement
(d) Status quo in business
Answer:
(b) Desire to influence others

Question 28.
The nature of management is:
(a) as an inborn ability
(b) as an acquired ability
(c) as inborn ability and as an acquired ability both
(d) None of these
Answer:
(c) as inborn ability and as an acquired ability both

Question 29.
According to George R. Terry the functions of management are:
(a) 2
(b) 4
(c) 6
(d) 7
Answer:
(b) 4

Question 30.
Co-ordination is:
(a) Voluntary
(b) Necessary
(c) Unnecessary
(d) Wastage of time
Answer:
(b) necessary

Question 31.
Management in India is:
(a) Necessary
(b) Unnecessary
(c) Luxury
(d) None
Answer:
(a) Necessary

Question 32.
According to ………….., “Management is the development of people and not the direction of things.”:
(a) Henry Fayol
(b) Lawrence Appley
(c) F. W. Taylor
(d) R. C. Davis
Answer:
(b) Lawrence Appley

Question 33.
The main cause of slow progress of India is the lack of:
(a) efficient management
(b) man power
(c) resources
(d) all of these
Answer:
(d) all of these

Question 34.
Primary element of success of management is:
(a) Satisfied employee
(b) Large capital
(c) Big market
(d) Maximum production
Answer:
(a) Satisfied employee

Question 35.
Production in scientific management is:
(a) Maximum
(b) Minimum
(c) Normal
(d) Average
Answer:
(a) Maximum

Question 36.
Who was the father of scientific management:
(a) H.S. Person
(b) Diemer
(c) F. W. Taylor
(d) Charles Babbage
Answer:
(c) F. W. Taylor

Question 37.
Management should find one best way to perform a task. Which technique of scientific management is defined in this sentence:
(a) Universal
(b) Flexible
(c) Absolute
(d) Behaviour
Answer:
(d) Behaviour

Question 38.
The essence of scientific management is …………:
(a) mental revolution
(b) remuneration
(c) not mental revolution
(d) all of these
Answer:
(a) mental revolution

Question 39.
Scientific management ………….. workers remuneration:
(a) increases
(b) decrease
(c) both
(d) neither increase nor decrease
Answer:
(a) increases

Question 40.
The scientific management is ………… owners:
(a) in favour
(b) against
(c) both
(d) helpful
Answer:
(a) in favour

Bihar Board 12th Business Studies Objective Important Questions Part 5

BSEB Bihar Board 12th Business Studies Important Questions Objective Type Part 5 are the best resource for students which helps in revision.

Bihar Board Class 12th Business Studies Objective Important Questions Part 5

Question 1.
The steps of organisation process are:
(a) 2
(b) 4
(c) 6
(d) 8
Answer:
(d) 8

Question 2.
There is no favouritism in organisation:
(a) Formal organisation
(b) Informal organisation
(c) Divisional organisation
(d) Functional organisation
Answer:
(a) Formal organisation

Question 3.
Depends on the sweet will of employees:
(a) Formal organisation
(b) Informal organisation
(c) Functional organisation
(d) Divisional organisation
Answer:
(b) Informal organisation

Question 4.
In case of informal organisation authority are:
(a) Decentralised
(b) Centralised
(c) Equally distributed
(d) None of these
Answer:
(d) None of these

Question 5.
Organisation is automatically formed:
(a) Functional
(b) Informal
(c) Formal
(d) Divisional
Answer:
(b) Informal

Question 6.
For delegation to be effective, it is essential that responsibility is accompanied with necessary:
(a) Authority
(b) Man power
(c) Incentives
(d) Promotions
Answer:
(a) Authority

Question 7.
Responsibility is of:
(a) Subordinate
(b) Officer
(c) Both a and b
(d) None of these
Answer:
(b) Officer

Question 8.
Management itself expands:
(a) Through delegation
(b) Through centralisation
(c) Through decentralisation
(d) Through all
Answer:
(a) Through delegation

Question 9.
In a large size enterprise delegation is:
(a) Compulsory
(b) Voluntary
(c) Necessary
(d) None of these
Answer:
(a) Compulsory

Question 10.
For effective delegation is necessary:
(a) Facility to contact
(b) Atmosphere of Co-operation and Co-ordination
(c) Clear explanation of authorities
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Question 11.
Development of employees involves:
(a) Continuous
(b) Promotion
(c) Training
(d) All
Answer:
(d) All

Question 12.
Henry fayol was born in:
(a) Japan
(b) France
(c) Germany
(d) America
Answer:
(b) France

Question 13.
New economic policy was declared in:
(a) July 1990
(b) July 1991
(c) July 1992
(d) July 2001
Answer:
(b) July 1991

Question 14.
Main components of new Economic Policy are:
(a) Liberalisation
(b) Globalisation
(c) Privatisation
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Question 15.
Which of the following is an example of social environment?
(a) Money supply
(b) Consumer protection
(c) The Indian constitution
(d) Composition of family
Answer:
(d) Composition of family

Question 16.
Which of the following does not characterise the business environment:
(a) Uncertainty
(b) Employees
(c) Relativity
(d) Complexity
Answer:
(b) Employees

Question 17.
Methods of training are:
(a) Conference
(b) Lectures
(c) Apprenticeship
(d) All above
Answer:
(d) All above

Question 18.
Employees training is:
(a) Unnecessary
(b) Necessary
(c) Compulsory
(d) Luxury
Answer:
(b) Necessary

Question 19.
Motley spent on staffing is:
(a) Necessary
(b) Wastage
(c) Investment
(d) None of these
Answer:
(d) None of these

Question 20.
Staffing is the responsibilities of:
(a) Top Management
(b) Middle Management
(c) Lower Management
(d) All
Answer:
(d) All

Question 21.
Human resource management includes:
(a) Recruitment
(b) Selection
(c) Training
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Question 22.
Main elements of direction are:
(a) 2
(b) 3
(c) 4
(d) 6
Answer:
(c) 4

Question 23.
Direction is related to employees:
(a) Top Level
(b) Middle Level
(c) Lower Level
(d) All Level
Answer:
(d) All Level

Question 24.
Direction is:
(a) Compulsory
(b) Necessary.
(c) Unnecessary
(d) Wastage of Time
Answer:
(a) Compulsory

Question 25.
Supervision is:
(a) Necessary
(b) Unnecessary
(c) Wastage of Time
(d) None of these
Answer:
(a) Necessary

Question 26.
Supervision is an element of:
(a) Leadership
(b) Planning
(c) Direction
(d) None of these
Answer:
(c) Direction

Question 27.
The types of communication network are:
(a) 2
(b) 4
(c) 6
(d) 8
Answer:
(b) 4

Question 28.
Barrier in effective communication is:
(a) Language
(b) Distance
(c) Individual Difference
(d) All the above
Answer:
(d) All the above

Question 29.
Types of communication are
(a) Written
(b) Verbal
(c) Formal
(d) All the above
Answer:
(d) All the above

Question 30.
In effective communication language should not be used:
(a) Express
(b) Impressive
(c) Ambiguous
(d) Courtesy
Answer:
(d) Courtesy

Question 31.
Controlling is necessary:
(a) For small Enterprise
(b) For medium sized Enterprise
(c) For large sized enterprise
(d) For all the above
Answer:
(d) For all the above

Question 32.
Controlling is the aspect of management:
(a) Theoretical
(b) Practical
(c) Mental
(d) Physical
Answer:
(b) Practical

Question 33.
In a business enterprise controlling is needed:
(a) At the time of Establishment of Business
(b) At the time of Direction of Business
(c) At the end of the year
(d) Continuously
Answer:
(d) Continuously

Question 34.
Effective controlling is:
(a) Static
(b) Pre-determined
(c) Dynamic
(d) All the above
Answer:
(d) All the above

Question 35.
Control is the function of the management:
(a) First
(b) Last
(c) Third
(d) Second
Answer:
(b) Last

Question 36.
Control is managerial function:
(a) Compulsory
(b) Necessary
(c) Optional
(d) Nope of these
Answer:
(a) Compulsory

Question 37.
Money market deals in:
(a) Short-term funds
(b) Medium-term funds
(c) Long-term funds
(d) None of these
Answer:
(a) Short-term funds

Question 38.
Legally SEBI was established in:
(a) 1988
(b) 1990
(c) 1992
(d) 1994
Answer:
(c) 1992

Question 39.
In new issued shares deals:
(a) Secondary market
(b) Primary market
(c) Secondary and Primary market both
(d) None of these
Answer:
(b) Primary market

Question 40.
Regional Office of SEBI is situated in:
(a) Delhi
(b) Kolkata
(c) Chennai
(d) All these three
Answer:
(d) All these three

Bihar Board 12th Business Studies Objective Important Questions Part 4

BSEB Bihar Board 12th Business Studies Important Questions Objective Type Part 4 are the best resource for students which helps in revision.

Bihar Board Class 12th Business Studies Objective Important Questions Part 4

Question 1.
Capital market deals in:
(a) Long-term funds
(b) short-term fund
(c) Medium-term funds
(d) None of these
Answer:
(a) Long-term funds

Question 2.
The foremost stock exchange was established in ………….:
(a) India
(b) America
(c) Japan
(d) London
Answer:
(d) London

Question 3.
The characteristics of a good brand are:
(a) Short name
(b) Memorable
(c) Attractive
(d) All of these
Answer:
(b) Memorable

Question 4.
The birth place or marketing management is:
(a) American
(b) Japan
(c) England
(d) France
Answer:
(a) American

Question 5.
Advertising is:
(a) Unnecessary
(b) Investment
(c) Wastage of money
(d) None of these.
Answer:
(b) Investment

Question 6.
Labelling is:
(a) Necessary
(b) Compulsory
(c) Voluntary
(d) wastage of money
Answer:
(a) Necessary

Question 7.
Consumer Protection Act is effective in India with effect from:
(a) 15 April, 1987
(b) 15 April, 1986
(c) 15 April. 1988
(d) None of these
Answer:
(a) 15 April, 1987

Question 8.
Entrepreneurial development institute of India is situated in:
(a) Mumbai
(b) Kolkata
(c) Ahmedabad
(d) New Delhi
Answer:
(c) Ahmedabad

Question 9.
How many levels of management are?
(a) 3
(b) 4
(c) 5
(d) 6
Answer:
(a) 3

Question 10.
“Financial management is the application of the planning and control function to the finance function.” This statement of:
(a) J. L. Massie
(b) Donnell
(c) Howard & Upton
(d) fayol
Answer:
(c) Howard & Upton

Question 11.
Financial management Is:
(a) Art
(b) Science
(c) Art and Science both
(d) None of these
Answer:
(c) Art and Science both

Question 12.
Supervisor is of the workers:
(a) Friends
(b) Philosopher
(c) All of these
(d) Guide
Answer:
(c) All of these

Question 13.
Direction is not the aspect of management:
(a) Theoretical
(b) Practical
(c) Inter-personal
(d) Positive
Answer:
(a) Theoretical

Question 14.
Human resource management includes:
(a) Recruitment
(b) Training
(c) Selection
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Question 15.
There Is no discipline in organisation:
(a) Informal organisation
(b) normal organisation
(c) Divisional organisation
(d) functional organisation
Answer:
(a) Informal organisation

Question 16.
By Scientific management workers:
(a) Benefitted
(b) Suffer loss
(c) No effect
(d) None of these
Answer:
(a) Benefitted

Question 17.
The social responsibility or management is:
(a) Towards all
(b) Towards employee
(c) Towards Government
(d) Towards society
Answer:
(a) Towards all

Question 18.
The foremost need or development in a country is of:
(a) Physical Resources
(b) Economic Resources
(c) Human Resources
(d) Efficient Management
Answer:
(d) Efficient Management

Question 19.
Co-ordination is established:
(a) Between groups
(b) Between departments
(c) Between management and workers
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Question 20.
The main functions of management according to Koontz O’Donel are:
(a) 5
(b) 4
(c) 6
(d) 8
Answer:
(a) 5

Question 21.
Maximum incentive giving function of management to employees is:
(a) Staffing
(b) Motivation
(c) Organisation
(d) Controlling
Answer:
(b) Motivation

Question 22.
which of the following statement is inconsistent?
(a) Purposeful
(b) Instinct process
(c) Universal
(d) Not separate from ownership
Answer:
(d) Not separate from ownership

Question 23.
Henry Fayol’s principles of management are:
(a) 5
(b) 10
(c) 14
(d) 16
Answer:
(c) 14

Question 24.
Wages given to workers in traditional management was:
(a) Low
(b) High
(c) Maximum
(d) Normal
Answer:
(a) Low

Question 25.
The experiments done by Taylor under scientific management were:
(a) Motion study
(b) Fatigue study
(c) Time study
(d) All
Answer:
(d) All

Question 26.
Mental revolution is the essence of:
(a) Scientific Management
(b) Combination
(c) Rationalisation
(d) Profession
Answer:
(a) Scientific Management

Question 27.
Henry Fayol was born in:
(a) Japan
(b) France
(c) Germany
(d) America
Answer:
(b) France

Question 28.
Principles of management are:
(a) Universal
(b) Flexible
(c) Dynamic
(d) All the above
Answer:
(d) All the above

Question 29.
New Economic Policy was declared in:
(a) 1990
(b) 1991
(c) 1992
(d) 1993
Answer:
(b) 1991

Question 30.
Example of Social Environment is:
(a) Composition or Family
(b) Consumer Protection Act
(c) Employee
(d) Economic Development
Answer:
(a) Composition or Family

Question 31.
Which one of the following is not the feature or Business Environment?
(a) Uncertainty
(b) Employee
(c) Relativity
(d) Complexity
Answer:
(b) Employee

Question 32.
Liberalisation Policy of India has been:
(a) Success
(b) Unsuccessful
(C) Partially Successful
(d) None of these
Answer:
(a) Success

Question 33.
Components of New Economic Policy are:
(a) Liberalisation
(b) Globalisation
(c) Privatisation
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Question 34.
Which one of the following is not the limitation of planning:
(a) Wastage of time
(b) Rigidity
(c) Basis of Control
(d) Huge Cost
Answer:
(c) Basis of Control

Question 35.
A good plan is:
(a) Rigid
(b) Expensive
(c) Flexible
(d) Time Consuming
Answer:
(c) Flexible

Question 36.
Planning is:
(a) Long-term
(b) Middle-term
(c) Short-term
(d) All the term
Answer:
(d) All the term

Question 37.
“A Plan is a trap to capture the future.” This statement is of:
(a) Newman
(b) Hurley
(c) Allen
(d) Terry
Answer:
(c) Allen

Question 38.
According to George R. Terry, the types of planning are:
(a) 8
(b) 6
(c) 4
(d) 2
Answer:
(c) 4

Question 39.
Planning if for:
(a) Present
(b) Future
(c) Past
(d) All
Answer:
(b) Future

Question 40.
Of all managerial activities planning is the:
(a) Beginning
(b) End
(c) Beginning and End
(d) None of these
Answer:
(b) End

Bihar Board 12th Business Studies Objective Important Questions Part 3

BSEB Bihar Board 12th Business Studies Important Questions Objective Type Part 3 are the best resource for students which helps in revision.

Bihar Board Class 12th Business Studies Objective Important Questions Part 3

Question 1.
Capital market deals in
(a) Short-term funds
(b) Medium-term funds
(c) Long-term funds
(d) None of these
Answer:
(a) Short-term funds

Question 2.
Taxes levied on imports into a country are called
(a) Tariffs
(b) Quota
(c) Duties
(d) Barriers
Answer:
(c) Duties

Question 3.
The first stock exchange in India was established in
(a) In 1857
(b) In 1887
(c) In 1877
(d) In 1987
Answer:
(c) In 1877

Question 4.
A product which you can touch is
(a) A service
(b) A Goods
(c) An Expression
(d) A Concept
Answer:
(b) A Goods

Question 5.
What is/are the stage(s) of a product life cycle?
(a) Introduction
(b) Growth
(c) Decline
(d) All of these
Answer:
(b) Growth

Question 6.
Advertising is
(a) Important
(b) Wastage
(c) Compulsory
(d) None of these
Answer:
(d) None of these

Question 7.
At break even point total cost is equal to
(a) Fixed Cost
(b) Selling Price
(c) Total Revenue
(d) None of these
Answer:
(c) Total Revenue

Question 8.
Marketing expenditure is a burden on
(a) Industry
(b) Businesmen
(c) Consumers
(d) None of these
Answer:
(c) Consumers

Question 9.
Marketing mix includes
(a) Product
(b) Price
(c) Place
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Question 10.
For business marketing is
(a) Compulsory
(b) Luxury
(c) Necessary
(d) Unnecessary
Answer:
(a) Compulsory

Question 11.
Wholesalers sell goods to
(a) Consumers
(b) Retailers
(c) Authorised Dealers
(d) None of them
Answer:
(b) Retailers

Question 12.
Consumer Protection Act was passed on
(a) In 1996
(b) In 1786
(c) In 1880
(d) None of these
Answer:
(d) None of these

Question 13.
National commission can settle disputes
(a) Upto Rs. 5 lakh
(b) Upto Rs. 10 lakh
(c) Upto Rs. 1 crore
(d) Above Rs. 1 crore
Answer:
(d) Above Rs. 1 crore

Question 14.
The responsibility of consumer in India is
(a) To be quality conscious
(b) To obtain receipt for purchase
(c) To be aware of his rights
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Question 15.
Which one of the following is not a consumer product?
(a) Raw material
(b) Refrigerator
(c) Old statue
(d) Shoes
Answer:
(a) Raw material

Question 16.
In India entrepreneurial development programmer is
(a) Necessary
(b) Unnecessary
(c) Coastage of time
(d) Wastage of money
Answer:
(a) Necessary

Question 17.
The objective of entrepreship include
(a) Self employment
(b) Skin enhancement
(c) Education & Training
(d) All of these
Answer:
(a) Self employment

Question 18.
The future of entrepreneurial in India is
(a) In dark
(b) Bright
(c) In difficulty
(d) None of these
Answer:
(b) Bright

Question 19.
Control is the function of the management
(a) First
(b) Last
(c) Third
(d) Second
Answer:
(b) Last

Question 20.
Grapevine Communication is
(a) Informal
(b) Formal
(c) Written
(d) None of these
Answer:
(a) Informal

Question 21.
The essence of Management is:
(a) Co-ordination
(b) Staffing
(c) Organization
(d) None
Answer:
(a) Co-ordination

Question 22.
The Propounder of administrative management were:
(a) Fayol
(b) Taylor
(c) Terry
(d) None
Answer:
(a) Fayol

Question 23.
Higher-level-management spend on planning part of his time:
(a) 75%
(b) 35%
(c) 50%
(d) 80%
Answer:
(b) 35%

Question 24.
Production is scientific management is:
(a) Normal
(b) Minimum
(c) Maximum
(d) None
Answer:
(c) Maximum

Question 25.
Planning is:
(a) Goal-oriented
(b) Objective oriented
(c) Mental process
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Question 26.
“Management is the development of men and not direction of things” This statement is of:
(a) George R. Terry
(b) Lowrence A. Appley
(c) R.C. Davis
(d) Keith and Gubelline
Answer:
(b) Lowrenee A. Appley

Question 27.
Delegation can be done of:
(a) Responsibility
(b) Accountability
(c) Authority
(d) None of these
Answer:
(c) Authority

Question 28.
In an enterprise organization is established by:
(a) Board of directors
(b) Middle management
(c) Lower management
(d) Top management
Answer:
(d) Top management

Question 29.
Money spent on staffing
(a) Wastage of money
(b) Necessary
(c) Investment
(d) None of these
Answer:
(c) Investment

Question 30.
Employee’s training is:
(a) Necessary
(b) Unnecessary
(c) Compulsary
(d) Wastage of money
Answer:
(a) Necessary

Question 31.
Development of employees involves:
(a) Promotion
(b) Transfer
(c) Training
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Question 32.
Human Resource managment includes:
(a) Recruitment
(b) Selection
(c) Training
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Question 33.
Supervision is the level of management:
(a) Top
(b) Middle
(c) Low
(d) All of these
Answer:
(c) Low

Question 34.
Element of direction are:
(a) Supervision
(b) Motivation
(c) Leadership
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Question 35.
For efficient direction motivation is:
(a) Wastage of time
(b) Necessary
(c) Unnecessary
(d) Wastage of money
Answer:
(b) Necessary

Question 36.
The minimum parties to communication are:
(a) 16
(b) 4
(c) 2
(d) 8
Answer:
(c) 2

Question 37.
Supervision Is the level of management:
(a) Low
(b) Top
(c) Middle
(d) All of these
Answer:
(a) Low

Question 38.
Control is an activity:
(a) Uneconomic
(b) Cheap
(c) Costly
(d) None
Answer:
(c) Costly

Question 39.
Control is a …………. looking activity:
(a) Back
(b) Forward
(c) Both
(d) None
Answer:
(b) Forward

Question 40.
Financial management takes decision as to
(a) Investment
(b) Dividend
(c) Finance
(d) All of these
Answer:
(d) All of these

Bihar Board 12th Business Studies Objective Important Questions Part 1

BSEB Bihar Board 12th Business Studies Important Questions Objective Type Part 1 are the best resource for students which helps in revision.

Bihar Board Class 12th Business Studies Objective Important Questions Part 1

Question 1.
Henri Fayol was a ………….
(a) Scientist
(b) Mining engineer
(c) Accountant
(d) Production engineer
Answer:
(b) Mining engineer

Question 2.
Of all managerial activities planning is the
(a) Begining
(b) End
(c) Begining and End both
(d) None of these
Answer:
(b) End

Question 3.
Staffing is
(a) Part of organisation
(b) Function of Management
(c) Part of personnel Management
(d) All of the above
Answer:
(d) All of the above

Question 4.
How are the principles of Management formed?
(a) In a laboratory
(b) By experiences of managers
(c) By experiences of customers
(d) By propagation of social scientists
Answer:
(b) By experiences of managers

Question 5.
The following is not an objective of Management
(a) Earning profits
(b) Growth of the organisation
(c) Providing employment
(d) Policy making
Answer:
(c) Providing employment

Question 6.
Controlling is the aspect of management
(a) theoretical
(b) practical
(c) mental
(d) physical
Answer:
(b) practical

Question 7.
Commercial bill is written
(a) by purchaser
(b) by seller
(c) by bank
(d) by the government
Answer:
(b) by seller

Question 8.
Marketing concept is
(a) Production-oriented
(b) Sales-oriented
(c) Customer-oriented
(d) All of three
Answer:
(d) All of three

Question 9.
Which of the following statements best describes the principle of ’Division of work’?
(a) Work should be divided into small tasks
(b) Labour should be divided
(c) Resources should be divided among jobs
(d) It leads to specialisation
Answer:
(d) It leads to specialisation

Question 10.
Management control is done
(a) by lower level managers
(b) by middle level managers
(c) by top level managers
(d) It leads to specialisation
Answer:
(d) It leads to specialisation

Question 11.
Money market deals in
(a) Short term funds
(b) Medium term funds
(c) Long term funds
(d) None of these
Answer:
(a) Short term funds

Question 12.
Treasury Bills are basically
(a) An instrument to borrow short term funds
(b) An instrument to borrow long term funds
(c) An instrument of capital market
(d) None of the above
Answer:
(a) An instrument to borrow short term funds

Question 13.
Policy formulation is the function of
(a) top level managers
(b) middle level managers
(c) operational management
(d) all of the above
Answer:
(a) top level managers

Question 14.
Consumer dispute settlement agencies are
(a) District Forum
(b) State commission
(c) National commission
(d) All of the above
Answer:
(d) All of the above

Question 15.
There is no discipline in ……….. Organisation.
(a) formal
(b) divisional
(c) functional
(d) informal
Answer:
(d) informal

Question 16.
Goods may be purchased on the basic of
(a) inspection
(b) pattern and sample
(c) desciption and brand
(d) all of the above
Answer:
(d) all of the above

Question 17.
The cheapest source of Finance is
(a) debenture share
(b) equity share capital
(c) preference share
(d) retained earning
Answer:
(b) equity share capital

Question 18.
Supervisor is ……….. of the workers.
(a) friend
(b) guide
(c) philosopher
(d) all of these
Answer:
(d) all of these

Question 19.
Budget refers to
(a) Planned target of performance
(b) Use of handling future activities
(c) Systematic action and allocation of resources
(d) Statement of expected results expressed in numerical terms
Answer:
(d) Statement of expected results expressed in numerical terms

Question 20.
In which form of Management science is?
(a) Pure science
(b) Soft Science
(c) Semi Science
(d) None of these
Answer:
(a) Pure science

Question 21.
Recruitment in the life of Organisation is done
(a) Once
(b) Twice
(c) Occasionally
(d) Continuously
Answer:
(d) Continuously

Question 22.
Marketing means
(a) Transfer of ownership
(b) Formation of marketing policies
(c) Salesmanship and sales promotion
(d) All of the above
Answer:
(c) Salesmanship and sales promotion

Question 23.
Which of the following is not a principle of Management given by Taylor?
(a) Science, not rule of thumb
(b) Functional foremanship
(c) Co-operation, not individualism
(d) Harmony, not discord
Answer:
(b) Functional foremanship

Question 24.
Which of the following is not a controlling technique?
(a) Break-even analysis
(b) Cash flow statement
(c) Budget
(d) Managerial Audit
Answer:
(b) Cash flow statement

Question 25.
In India Entrepreneurial development programme is
(a) Necessary
(b) Unnecessary
(c) Wastage of time
(d) Wastage of money
Answer:
(a) Necessary

Question 26.
The disputes coming under Consumer Protection Act are
(a) dispute as to shares of company
(b) Dispute as to service
(c) Dispute as to sale of defective goods by the seller
(d) None of these
Answer:
(c) Dispute as to sale of defective goods by the seller

Question 27.
Stock exchange protects the interest of
(a) Investors
(b) Company
(c) Government
(d) None of these
Answer:
(a) Investors

Question 28.
Which of the following is not an element of promotion mix?
(a) Advertisement
(b) Personal selling
(c) Sales Promotion
(d) Product Development
Answer:
(c) Sales Promotion

Question 29.
Co-ordination is
(a) Voluntary
(b) Necessary
(c) Unnecessary
(d) Wastage of time
Answer:
(b) Necessary

Question 30.
Principles of Management are
(a) Dynamic
(b) Flexible
(c) Universal
(d) All of the above
Answer:
(d) All of the above

Question 31.
……….. refers to those general statements which are decided for the guidance of the employees while taking decision.
(a) Objectives
(b) Strategy
(c) Policies
(d) All of the above
Answer:
(c) Policies

Question 32.
In the process of delegation, accountability can not be
(a) shared
(b) delegated
(c) neither (a) and nor (b)
(d) both (a) and (b)
Answer:
(d) both (a) and (b)

Question 33.
Management itself expands
(a) Through delegation
(b) Through centralisation
(c) Through decentralisation
(d) Through all
Answer:
(d) Through all

Question 34.
Control is the …………. function of the Management.
(a) first
(b) last
(c) third
(d) second
Answer:
(b) last

Question 35.
The leader takes work from his subordinates
(a) by tact
(b) by rod
(c) by threatening
(d) none of these
Answer:
(a) by tact

Question 36.
The foremost need of development in a country is of
(a) Physical Resources
(b) Economic Resources
(c) Human Resources
(d) Efficient Management
Answer:
(d) Efficient Management

Question 37.
A good plan is
(a) Rigid
(b) Expensive
(c) flexible
(d) Time consuming
Answer:
(c) flexible

Question 38.
Which of the following is not a staffing function?
(a) Planning
(b) Recruitment
(c) Selection
(d) Training
Answer:
(a) Planning

Question 39.
Effective controlling is
(a) Static
(b) Determined
(c) Dynamic
(d) All the above
Answer:
(c) Dynamic

Question 40.
Liquidity is created by
(a) Organised market
(b) Unorganised market
(c) Primary Market
(d) Secondary Market
Answer:
(d) Secondary Market

Character Sketch of Uriah Heep in David Copperfield

Character Sketch of Uriah Heep in David Copperfield

Uriah Heep is an important figure in the novel David Copperfield by Charles Dickens. He is the villain of die novel. He is a mischievous and black-hearted man. He is the logo of Dickens. He is a hypocrite. His meanness is incomparable. He betrays everybody. He is dishonest and ungrateful.

Uriah Heep is a man of cunning and treacherous nature! He very cunningly and deceitfully learns from David the secrets of Mr. Wickfield’s business and private life. Uriah Heep is a thorough hypocrite and cheat. He is a slimy, creepy imposter. He pretends humility. He poses to be a humble man. But all his humility is a mere show. He is highly ambitious, but his ambition is very bad. His ambition is only to get money, position, and power. For that, he is going to stoop to any extent. He displaces his master. He causes misery and suffering to all.

Uriah Heep practices cheating in cold blood. Firstly, he tries to know all about his master’s private life and his business secrets. He invites David to his house where he and his mother try to get information from him in a very clever manner. Then he studies law till late hours. Not that he wants to become a lawyer, but because he wants to master the legal intricacies and technicalities so as to use them in his plot against Wickfield. He, then, proceeds very cunningly to enmesh Mr. Wickfield. He forges his signatures on certain important documents with the result that the poor man is soon under his thumb. Then he blackmails him and forces him to make him a partner in the firm. He also commits more forgeries. He forces Mr. Wickfield into using Mrs.Betsey’s money for meeting business commitments that either does not exist or have already been provided for. He shows Mr. Wickfield that he is trying to save him from imminent degradation, while, in fact, he is himself pocketing all the money. He also draws a bill of sale on all his household furniture, in return for which Heep is to pay him an annuity, thus making Mr. Wickfield financially dependent on Heep. The whole plot shows his cruelty, unscrupulousness, and mischievousness. Thus he is the cause of the downfall of his own master who has firm faith in him.

Hypocrisy is the second nature of Uriah Heep. He is a source of misery and suffering to many persons. Being frustrated and unhappy from childhood, he gives suffering and cruelty to his society. He is the source of all the miseries to his master and his daughter, Agnes. In fact, she knows full well that he is a devil incarnate yet she is helpless. He becomes a rival to David and creates obstacles in his marriage with Agnes. He takes out by fraudulent means all the money of Miss Betsey. The result is that not only Betsey but also David has to undergo a lot of economic difficulties and troubles. David has to give up his plans of studying law. He has to work as a secretary on account of Miss Betsey’s loss of money. When this calamity takes place David is engaged to Dora and hopes to marry her very soon. But his poverty becomes a hindrance though Dora continues to love him, her father Mr. Spenlow tells him not to visit his daughter anymore. All this suffering is caused to David on account of Uriah Heep’s villainy. Thus Uriah Heep is a black-hearted villain.

To conclude, Uriah Heep is a heap of rubbish and dirt, of cruelty and villainy. He is selfish, greedy, and hypocritical. He causes misery and suffering to those persons who come in contact with him.

Bihar Board Class 12th English Important Questions